Author name: Prasanna

HBSE 9th Class Science Notes in Hindi Medium & English Medium Haryana Board

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HBSE 9th Class Science Important Questions and Answers

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HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 10 क्षेत्रमिति InText Questions

Haryana State Board HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 10 क्षेत्रमिति InText Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Maths Solutions Chapter 10 क्षेत्रमिति InText Questions

प्रयास कीजिए (पृष्ठ सं. 222 से)

प्रश्न 1.
अपनी अध्ययन टेबल के ऊपरी चारों सिरों की लंबाइयों को मापिए तथा उन्हें लिखिए।
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 10 क्षेत्रमिति InText Questions 1
AB = ………….. सेमी
BC = ……….. सेमी
CD = …………… सेमी
DA = ………… सेमी
अब चारों भुजाओं की लंबाइयों का योगफल
= AB + BC + CD + AD
= …….. सेमी + …. सेमी + …. सेमी + ……. सेमी
= …………….. सेमी
क्या आप बता सकते हैं कि परिमाप कितना है?
हल :
अध्ययन टेबल के ऊपरी चारों सिरों की लम्बाइयाँ मापने पर,
AB = 90 सेमी
BC = 60 सेमी
CD = 90 सेमी
DA = 60 सेमी
अब चारों भुजाओं की लम्बाइयों का योगफल
= AB + BC + CD + DA
= 90 सेमी + 60 सेमी + 90 सेमी + 60 सेमी
= 300 सेमी
परिमाप 300 सेमी है। उत्तर

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 10 क्षेत्रमिति InText Questions

प्रश्न 2.
अपनी नोटबुक के एक पृष्ठ की चारों भुजाओं की लंबाइयों को मापिए और उन्हें लिखिए। चरों भुजाओं की लंबाइयों का योगफल
= AB + BC + CD + DA
= ….. सेमी + ….. सेमी + ….. सेमी + ….. सेमी
= …… सेमी पृष्ठ का परिमाप कितना है?
हल :
नोटबुक के एक पृष्ठ की चारों भुजाओं की लंबाइयाँ मापने पर, AB = 30 सेमी, BC = 20 सेमी, CD = 30 सेमी, DA = 20 सेमी
चारों भुजाओं की लम्बाइयों का योगफल
= AB + BC + CD + DA
= 30 सेमी + 20 सेमी + 30 सेमी + 20 सेमी
= 100 सेमी
पृष्ठ का परिमाप 100 सेमी है।

प्रश्न 3.
मीरा 150 मीटर लम्बाई तथा 80 मीटर चौड़ाई वाले एक पार्क में जाती है। वह इस पार्क का पूरा एक चक्कर लगाती है। उसके द्वारा तय की गई दूरी ज्ञात कीजिए।
हल :
पार्क का पूरा चक्कर लगाने पर मीरा द्वारा तय की गई दूरी = पार्क की चारों भुजाओं को लम्बाइयों का योग
= 150 मीटर + 80 मीटर + 150 मीटर + 80 मीटर
= 460 मीटर, जो कि परिमाप है। उत्तर

प्रश्न 4.
निम्न आकृतियों के परिमार ज्ञात कीजिए :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 10 क्षेत्रमिति InText Questions 2
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 10 क्षेत्रमिति InText Questions 3
हल :
(a) परिमाप = AB + BC + CD + DA
= 40 सेमी + 10 सेमी + 40 सेमी + 10 सेमी
= 100 सेमी उत्तर

(b) परिमाप = AB + BC + CD + DA
= 5 सेमी + 5 सेमी + 5 सेमी + 5 सेमी
= 20 सेमी उत्तर

(c) परिमाप = AB + BC + CD + DE + EF + FG + GH + HI + IJ + JK + KL + LA
= (1 + 3 + 3 + 1 + 3 + 3 + 1 + 3 + 3 + 1 + 3 + 3) सेमी
= 28 सेमी उत्तर

(d) परिमाप = AB + BC + CD + DE + EF + FA
= 100 मी + 120 मी + 90 मी + 45 मी + 60 मी + 80 मी
= 495 मी उत्तर

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 10 क्षेत्रमिति InText Questions

पृष्ठ सं. 224 से

प्रश्न 1.
निम्नलिखित आयतों के परिमाप ज्ञात कीजिए।
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 10 क्षेत्रमिति InText Questions 4
हल :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 10 क्षेत्रमिति InText Questions 5

पृष्ठ सं. 234 से

प्रश्न 1.
ग्राफ पेपर पर कोई एक वृत्त खींचिए। इस वृत्त में उपस्थित वर्गों की संख्या को गिनकर वृत्ताकार क्षेत्र का अनुमानित क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
हल :
ग्राफ पेपर पर कोई एक वृत्त खींचा जिसका प्रत्येक वर्ग 1 सेमी × 1 सेमी माप का है।
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 10 क्षेत्रमिति InText Questions 6
पूर्ण वर्ग जो वृत्त में है = 1
आधे से ज्यादा भरे वर्ग = 1
आधे से कम भरे वर्ग = 4
पूरे वर्गों द्वारा घेरा गया क्षेत्रमा = (1 × 1) वर्ग सेमी
= 1 वर्ग सेमी
आधे से ज्यादा भरे वर्गों द्वा: करा गया क्षेत्रफल
= (4 × \(\frac{1}{2}\)) वर्ग सेमी
= 2 वर्ग सेमी
आधे से कम भरे वर्गों द्वारा घेरा गया क्षेत्रफल
= 4 × 0 वर्ग सेमी
= 0 सेमी
∴ कुल क्षेत्रफल = 1 + 4 + 0 वर्ग सेमी
= 5 वर्ग सेमी उत्तर

प्रश्न 2.
ग्राफ पेपर पर पत्तियों, फूल की पंखुड़ियों तथा ऐसी ही अन्य वस्तु को छायांकित कीजिए और उनका क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
नोट :
छात्र स्वयं करें।

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 10 क्षेत्रमिति InText Questions

आयत का क्षेत्रफल

(पृष्ठ सं. 235 से)

प्रश्न 1.
कुछ आयतों की भुजाओं की मापें दी गई हैं। इन्हें ग्राफ पेपर पर रखकर तथा वर्गों की संख्या को गिनकर, इनका क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।

लम्बाई

चौड़ाई

क्षेत्रफल

3 सेमी2 सेमी…………..
5 सेमी4 सेमी…………..
6 सेमी5 सेमी…………..

इससे हर क्या निष्कर्ष निकालते हैं ?
हल:
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 10 क्षेत्रमिति InText Questions 7
इस तालिका से स्पष्ट है कि
आयत का क्षेत्रफल = लम्बाई × चौड़ाई
इससे हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि बिना आलेख कागज का प्रयोग किए भी आयत का क्षेत्रफल ज्ञात कर सकते हैं।

वर्ग का क्षेत्रफल

(पृष्ठ सं. 236 से)

प्रश्न 1.
कुछ वर्गों की एक भुजा की लम्बाई दी गई है। ग्राफ पेपर की सहायता से उनके क्षेत्रफलों को ज्ञात कीजिए।

एक भुजा की लम्बाईवर्ग का क्षेत्रफल
3 सेमी…………..
7 सेमी…………..
5 सेमी…………..

इससे हम क्या निष्कर्ष निकालते हैं ?
हल:

भुजा1 सेमी वर्गों की संख्याक्षेत्रफलभुजाओं के रूप में क्षेत्रफल
3 सेमी99 वर्ग सेमी(3 × 3) वर्ग सेमी
7 सेमी4949 वर्ग सेमी(7 × 7) वर्ग सेमी
5 सेमी2525 वर्ग सेमी(5 × 5) वर्ग सेमी

इस तालिका से स्पष्ट है कि
वर्ग का क्षेत्रफल = भुजा × भुजा
इससे हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि ग्राफ पेपर का प्रयोग किए बिना भी वर्ग का क्षेत्रफल ज्ञात कर सकते हैं।

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 10 क्षेत्रमिति InText Questions

एक चुनौती

(पृष्ठ सं. 239 से)

प्रश्न 1.
एक सेण्टीमीटर वर्गांकित पेपर पर आप जितने भी आयत बना सकते हैं बनाइए, जिससे कि आयत का क्षेत्रफल 16 वर्ग सेमी हो जाए (केवल पूर्ण संख्या की लम्बाई पर ही विचार करना है):
(a) किस आयत का परिमाप सबसे अधिक है ?
(b) किस आयत का परिमाप सबसे कम है ?
यदि आप एक ऐसा आयत लें जिसका क्षेत्रफल 24 वर्ग सेमी हो, तो आपके उत्तर क्या होंगे?
दिए हुए क्षेत्रफल के लिए, क्या अधिकतम परिमाप के आयत के आकार को बताना सम्भव है? क्या सबसे कम परिमाप के आयत के बारे में बता सकते हैं? उदाहरण दीजिए और कारण बताइए।
हल :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 10 क्षेत्रमिति InText Questions 8
एक सेण्टीमीटर वर्गांकित पेपर लेते हैं, जिस पर 16 वर्ग सेमी वाले सम्भव आयत निम्नलिखित भुजाओं वाले बनाए जा सकते हैं :
(i) 16 सेमी × 1 सेमी
(ii) 8 सेमी × 2 सेमी
(iii) 4 सेमी × 4 सेमी
इन्हें ABCD, EFGH और IJKL आयतों द्वारा दर्शाया गया है :
आयत ABCD में,
परिमाप = 2 × (AB + BC)
= 2 × (1 + 16) सेमी
= 2 × 17 सेमी = 34 सेमी
[∵ क्षेत्रफल = 1 × 16 वर्ग सेमी = 16 वर्ग सेमी]
आयत EFGH में,
परिमाप = 2 × (EF + FG)
= 2 × (2 + 8) सेमी
=2 × 10 सेमी = 20 सेमी
[∵ क्षेत्रफल = 2 × 8 वर्ग सेमी = 16 वर्ग सेमी]
आयत IJKL में,
परिमाप = 2 × (IJ + JK)
= 2 × (4 + 4) सेमी
= 2 × 8 सेमी = 16 सेमी
[∵ क्षेत्रफल = 4 × 4 वर्ग सेमी = 16 वर्ग सेमी]
इस प्रकार, यहाँ 3 आयत बनेंगे, जिनमें प्रत्येक का क्षेत्रफल 16 वर्ग सेमी समान है।
(a) आयत ABCD का परिमाप सबसे अधिक है।
(b) आयत IJKL का परिमाप सबसे कम है।
स्थिति : जब आयत का क्षेत्रफल 24 वर्ग सेमी हो:
सम्भव आयत 4 होंगे:
(i) 24 सेमी × 1 सेमी
(ii) 12 सेमी × 2 सेमी
(iii) 8 सेमी × 3 सेमी
(iv) 6 सेमी × 4 सेमी
इनका परिमाप क्रमशः 50 सेमी, 28 सेमी, 22 सेमी और 20 सेमी होगा।
इस प्रकार, (a) आयत (i) का परिमाप सबसे बड़ा है, जिसकी भुजाएँ 24 सेमी × 1 सेमी हैं।
(b) आयत (iv) का परिमाप सबसे कम है जिसकी भुजाएँ 6 सेमी × 4 सेमी हैं।
हाँ, दिए हुए क्षेत्रफल से सबसे बड़े परिमाप वाले और सबसे छोटे परिमाप वाले आयत के आकार को बता सकते हैं। दिए गए क्षेत्रफल के अनुसार बनाए गए आयतों में जिस आयत की लम्बाई अधिकतम तथा चोड़ाई न्यूनतम होगी उसी आयत का परिमाप सबसे ज्यादा होगा।

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HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना InText Questions

Haryana State Board HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना InText Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना InText Questions

पृष्ठ सं. 51 से (प्रयास कीजिए)

प्रश्न 1.
45, 30 और 36 के सम्भावित गुणनखण्ड ज्ञात कीजिए।
हल :
45 के सम्भावित गुणनखण्डों के लिए,
45 = 1 × 45
45 = 3 × 15
45 = 5 × 9
45 = 9 × 5
यहाँ पर रुकें, क्योंकि 5 तथा 9 पहले आ चुके हैं।
अत: 45 के सम्भावित गुणनखण्ड 1, 3, 5, 9, 15 तथा 45 हैं। उत्तर

30 के सम्भावित गुणनखण्डों के लिए,
30 = 1 × 30
30 = 2 × 15
30 = 3 × 10
30 = 5 × 6
30 = 6 × 5
यहाँ पर रुकें, क्योंकि 5 तथा 6 पहले आ चुके हैं।
अतः 30 के सम्भावित गुणनखण्ड 1, 2, 3, 5, 6, 10, 15 तथा 30 है। उत्तर

अब, 36 के सम्भावित गुणनखण्ड के लिए,
36 = 1 × 36
36 = 2 × 18
36 = 3 × 12
36 = 4 × 9
36 = 6 × 6
यहाँ पर रूकें, क्योंकि दोनों गुणज 6 समान हैं।
अत: 36 के सम्भावित गुणनखण्ड 1, 2, 3, 4, 6, 9, 12, 18 तथा 36 हैं। उत्तर

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना InText Questions

पृष्ठ सं. 55 से

प्रश्न 1.
ध्यान दीजिए कि 2 × 3 + 1 = 7 एक अभाज्य संख्या है। यहाँ के एक गुणज में 1 जोड़कर एक अभाज्य संख्या प्राप्त की गई है। क्या आप इस प्रकार से कुछ और अभाज्य संख्याएँ ज्ञात कर सकते हैं?
हल :
इसी प्रकार की कुछ और अभाज्य संख्याएँ –
2 × 1 + 1 = 3, जो कि एक अभाज्य संख्या है।
2 × 2 + 1 = 5, जो कि एक अभाज्य संख्या है।
2 × 5 + 1 = 11, जो कि एक अभाज्य संख्या है।
2 × 6 + 1 = 13, जो कि एक अभाज्य संख्या है।
2 × 8 + 1 = 17, जो कि एक अभाज्य संख्या है।
2 × 9 + 1 = 19, जो कि एक अभाज्य संख्या है।

पृष्ठ सं. 59 से

प्रश्न 1.
क्या 7221 संख्या 3 से विभाज्य है?
हल:
संख्या के अंकों का योग = 7 + 2 + 2 + 1 = 12, जो कि 3 से विभाज्य है।
∴ 7221 संख्या 3 से विभाज्य है। उत्तर

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना InText Questions

पृष्ठ सं. 60 से

प्रश्न 1.
क्या 73512 संख्या 8 से विभाज्य है?
हल :
73512 में 512.8 से विभाज्य है। इसलिए 73512 संख्या 8 से विभाज्य है। [∵ हम जानते हैं कि यदि किसी संख्या के इकाई, दहाई और सैकड़े के अंकों से बनी संख्या 8 से विभाज्य हो, तो वह संख्या 8 से विभाज्य होती है। यहाँ पर 512 ÷ 8 = 64]

पृष्ठ सं. 62 से

प्रश्न 1.
निम्न युग्मों के उभयनिष्ठ या सार्व गुणनखण्ड क्या हैं?
(a) 8, 20
(b) 9, 15
हल :
(a) 8 के गुणनखण्ड = 1, 2, 4 और 8 और
20 के गुणनखण्ड = 1, 2, 4, 5, 10 और 20
∴ 8 और 20 के उभयनिष्ठ गुणनखण्ड 1, 2 और 4 हैं। उत्तर

(b) 9 के गुणनखण्ड = 1, 3 और 9
15 के गुणनखण्ड = 1, 3, 5 और 15
∴ 9 और 15 के उभयनिष्ठ गुणनखण्ड 1 और 3 हैं। उत्तर

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना InText Questions

प्रश्न 2.
निम्न के सार्व गुणनखण्ड ज्ञात कीजिए।
(a) 8, 12, 20
(b) 9, 15, 21
उत्तर :
(a) 8, 12, 20
हम देखते हैं कि
8 = 1 × 8
8 = 2 × 4
∴ 8 के सभी गुणनखण्ड 1, 2, 4 और 8 हैं।
अब,
12 = 1 × 12
12 = 2 × 6
12 = 3 × 4
∴ 12 के सभी गुणनखण्ड 1, 2, 3, 4, 6 और 12 हैं।
पुनः,
20 = 1 × 20
20 = 2 × 10
20 = 4 × 5
∴ 20 के सभी गुणनखण्ड 1, 2, 4, 5, 10 और 20 हैं।
अत: 8, 12 और 20 के सार्व गुणनखण्ड 1, 2, 4 हैं उत्तर

(b) 9, 15, 21 हम देखते हैं कि
9 = 1 × 9
9 = 3 × 3
∴ 9 के सभी गुणनखण्ड 1, 3 और 9 हैं।
अब, 15 = 1 × 15
15 = 3 × 5
∴ 15 के सभी गुणखण्ड 1, 3, 5 और 15 हैं।
पुनः, 21 = 1 × 21
21 = 3 × 7
∴ 21 के सभी गुणनखण्ड 1, 3, 7 और 21 हैं।
अतः 9, 15 और 21 के सार्व गुणनखण्ड 1 और 3 हैं।

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना InText Questions

पृष्ठ सं. 65 से

प्रश्न 1.
16, 28 और 38 के अभाज्य गुणनखण्ड लिखिए।
हल:
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना InText Questions 1
अत:, 16 के अभाज्य गुणनखण्ड = 2 × 2 × 2 × 2
28 के अभाज्य गुणनखण्ड = 2 × 2 × 7
38 के अभाज्य गुणनखण्ड = 2 × 19

पृष्ठ सं. 66 से

प्रश्न 1.
गुणनखण्ड वृक्ष बनाइए-
(a) 8
(b) 12
हल :
(a) 8 का गुणनखण्ड. वृक्ष
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना InText Questions 2
(b) 12 का गुणनखण्ड वृक्ष
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना InText Questions 3

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना InText Questions

पृष्ठ सं. 68 से

प्रश्न 1.
निम्न का म.स. ज्ञात कीजिए
(i) 24 और 36
(ii) 15, 25 और 30
(iii) 8 और 12
(iv) 12, 16 और 28
हल :
(i) दी गई संख्याओं के अभाज्य गुणनखण्ड करने पर,
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना InText Questions 4
दी गई संख्याओं में सार्व गुणनखण्ड 2, 2 और 3 हैं।
∴ अभीष्ट म.स. = 2 × 2 × 3 = 12. उत्तर

(ii) दी गई संख्याओं के अभाज्य गुणनखण्ड करने पर,
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना InText Questions 5
दी गई संख्याओं में सार्व गुणनखण्ड 5 है।
∴ अभीष्ट म.स. = 5 उत्तर

(iii) दी गई संख्याओं के अभाज्य गुणनखण्ड करने पर,
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना InText Questions 6
दी गई संख्याओं में सार्वगु नखण्ड 2 दो बार आ रहा
∴ अभीष्ट म.स. = 2 × 2 = 4. उत्तर

(iv) दी गई संख्याओं के अभाज्य गुणनखण्ड करने पर
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना InText Questions 7
दी गई संख्याओं में सार्व गुणनखण्ड 2 दो बार आ रहा है।
∴ अभीष्ट म.स. = 2 × 2 = 4. उत्तर

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना InText Questions

पृष्ठ सं. 69 से

प्रश्न 1.
(a) 8 और 12 ल.स. क्या है?
(b) 4 और 9 का ल.स. क्या है?
(c) 6 और 9 का ल.स. क्या है?
हल :
(a) 8 और 12 का ल.स.
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना InText Questions 8
8 और 12 का ल.स. = 2 × 2 × 2 × 3 = 24. उत्तर

(b) 4 और 9 का ल.स.
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना InText Questions 9
4 और 9 का ल.स. = 2 × 2 × 3 × 3
= 36 उत्तर

(c) 6 और 9 का ल.स.
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना InText Questions 10
6 और 9 का ल.स. = 2 × 3 × 3 = 18. उत्तर

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HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 12 अनुपात और समानुपात Ex 12.3

Haryana State Board HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 12 अनुपात और समानुपात Ex 12.3 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Maths Solutions Chapter 12 अनुपात और समानुपात Exercise 12.3

प्रश्न 1.
यदि 7 मीटर कपड़े का मूल्य ₹ 1470 हो, तो 5 मीटर कपड़े का मूल्य ज्ञात कीजिए।
हल :
7 मीटर कपड़े का मूल्य = ₹ 1470
∴ 1 मीटर कपड़े का मूल्य = ₹ \(\frac{1470}{7}\) = ₹ 2160
∴ 5 मीटर कपड़े का मूल्य = 210 × 5.
= ₹ 1050 उत्तर

प्रश्न 2.
एकता 10 दिन में ₹ 3000 अर्जित करती है। 30 दिन में वह कितना अर्जित करेगी?
हल :
∵ 10 दिनों में एकता अर्जित करती है = ₹ 3000
∴ 1 दिन में एकता अर्जित करेगी = \(\frac{₹ 3000}{10}\) = ₹ 300
∴ 30 दिनों में एकता अर्जित करेगी = 300 × ₹ 30
= ₹ 9000। उत्तर

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 12 अनुपात और समानुपात Ex 12.3

प्रश्न 3.
यदि पिछले 3 दिन में 276 मिमी वर्षा होती है, तो एक सप्ताह (7 दिन) में कितने सेमी वर्षा होगी? यह मानते हुए कि वर्षा उसी गति से हो रही है।
हल :
∵ 3 दिन में बारिश = 276 मिमी
1 दिन में बारिश = \(\frac{276}{3}\) मिमी = 92 मिमी
∴ 1 सप्ताह (7 दिन) में बारिश = 92 × 7 मिमी
= 644 मिमी। उत्तर

प्रश्न 4.
5 किग्रा गेहूँ का मूल्य ₹ 91.50 है, तो :
(a) 8 किग्रा गेहूँ का मूल्य क्या होगा?
(b) ₹ 183 में कितना गेहूँ खरीदा जा सकता है ?
हल :
(a) ∵ 5 किग्रा गेहूँ का मूल्य = ₹ 91.50
∴ 1 किग्रा गेहूँ का मूल्य = ₹ \(\frac{91.30}{5}\) = ₹ 18.30
∴ 8 किग्रा गेहूँ का मूल्य = 18.30 × 8 रु. = 146.40 रु.। उत्तर

(b) ∵ ₹ 91.50 रु. में गेहूं खरीदा = 5 किग्रा
∴ ₹ 1 में गेहूं खरीदा = \(\frac{5}{91.5}\) किग्रा
= \(\frac{50}{915}\) किग्रा = \(\frac{10}{183}\) किग्रा
∴ ₹ 183 में गेहूँ खरीदा = \(\left(\frac{10}{183} \times 183\right)\) किग्रा
. = 10 किग्रा। उत्तर

प्रश्न 5.
पिछले 30 दिनों में तापमान 15° सेल्सियस गिरता है। यदि तापमान की गिरावट इसी गति से जारी रहे तो, अगले 10 दिनों में तापमान कितने डिग्री गिरेगा?
हल :
30 दिन में तापमान गिरता है = 15° सेल्सियस
∴ 1 दिन में तापमान गिरता है = \(\left(\frac{15}{30}\right)^{\circ}\) से.
= \(\left(\frac{1}{2}\right)^{\circ}\)
∴ अगले 10 दिन में तापमान गिरेग = \(\left(\frac{1}{2} \times 10\right)^{\circ}\)
= 5° संल्सियस। उत्तर

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 12 अनुपात और समानुपात Ex 12.3

प्रश्न 6.
शाइना 3 महीने का किराया ₹ 15000 देती है। उसे पूरे वर्ष का किराया कितना देना होगा, यदि वर्ष भर किराया समान रहे ?
हल :
∵ 3 माह का किराया = ₹ 15000
∴ 1 माह का किराया = ₹ \(\frac{15000}{3}\) = 5000
∴ 1 साल (12 माह) का किराया = ₹ (5000 × 12)
= ₹ 60,000। उत्तर

प्रश्न 7.
4 दर्जन केलों का मूल्य ₹ 180 है। ₹ 90 में कितने केले खरीदे जा सकते हैं ?
हल :
₹180 में केले खरीदे जाते हैं = 4 दर्जन
= 48 केले
∴ 1 रु. में केले खरीदे जाते हैं = \(\frac{48}{180}\)
∴ ₹ 90 में केले खरीदे जा सकते हैं = \(\frac{48}{180}\) × 90
= 24 केले उत्तर

प्रश्न 8.
72 पुस्तकों का भार 9 किग्रा है। ऐसी 40 पुस्तकों का भार कितना होगा?
हल :
∵ 72 पुस्तकों का भार = 9 किग्रा
∴ 1 पुस्तक का भार = \(\frac{9}{72}\) किग्रा
∴ 40 पुस्तकों का भार = \(\left(\frac{1}{8} \times 40\right)\) किग्रा
= 5 किग्रा। उत्तर

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 12 अनुपात और समानुपात Ex 12.3

प्रश्न 9.
एक ट्रक में 594 किमी चलने पर 108 लीटर डीजल लगता है। 1650 किमी की दूरी तय करने में कितने लीटर डीजल लगेगा?
हल :
∵ 594 किमी चलने पर डीजल का खर्चा
= 108 लीटर
∴ 1 किमी चलने पर डीजल का खर्चा = \(\frac{108}{594}\) लीटर
= \(\frac{2}{11}\) लीटर
∴ 1650 किमी चलने पर डीजल खर्चा = \(\left(\frac{2}{11} \times 1650\right)\)
= (2 × 150) ली.
= 300 लीटर। उत्तर

प्रश्न 10.
राजू ने ₹ 150 में 10 पेन और मनीष ने ₹ 84 में 7 पेन खरीदे। ज्ञात कीजिए किसने पेन सस्ते खरीदे ?
हल :
∵ राजू ने 10 पेन खरीदे = ₹ 150 में
∴ राजू ने 1 पेन खरीदा = ₹ \(\frac{150}{10}\) = ₹ 15 में
∵ मनीष ने 7 पेन खरीदे = ₹ 84 में
∴ मनीष ने 1 पेन खरीदेगा = ₹ \(\frac{84}{7}\) = ₹ 12 में
अतः 12 < 15
∴ मनीष ने पेन सस्ते खरीदे। उत्तर

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 12 अनुपात और समानुपात Ex 12.3

प्रश्न 11.
अनीश ने 6 ओवर में 42 रन बनाए और अनूप ने 7 ओवर में 63 रन बनाए। एक ओवर में किसने अधिक रन बनाए ?
हल :
∵ अनीश ने 6 ओवर में रन बनाए = 42
∴ अनीश ने 1 ओवर में रन बनाए = \(\frac{42}{6}\) = 7
∵ अनूप ने 7 ओवर में रन बनाए = 63
∴ अनूप ने 1 ओवर में रन बनाए = \(\frac{63}{7}\) = 9
अतः 9 > 7
∴ अनूप ने प्रति ओवर ज्यादा रन बनाए। उत्तर

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HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 11 बीजगणित InText Questions

Haryana State Board HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 11 बीजगणित InText Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Maths Solutions Chapter 11 बीजगणित InText Questions

एक समीकरण क्या है?

(पृष्ठ सं. 258 से)

प्रश्न 1.
समीकरणों के कुछ उदाहरण नीचे दिए जा रहे हैं (कुछ समीकरणों में समबद्ध चर भी दिए गये है) :
वांछित रिक्त स्थानों को भरएि :
x + 10 = 30 (चर x)
p – 3 = 7 (चर p)
3n = 21 (चर …)
\(\frac{t}{5}\) = 4 (चर …)
2l + 3 = 7 (चर …)
2m – 3 = 5 (चर …)
हल :
रिक्त स्थान निम्न प्रकार भरे जाएँगे :
x + 10 = 30 (चर x)
p – 3 = 7 (चर p)
3n = 21 (चर n)
\(\frac{t}{5}\) = 4 (चर t)
2l + 3 = 7 (चर l)
2m – 3 = 5 (चर m)

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 11 बीजगणित InText Questions

एक समीकरण का इल

(पृष्ठ सं. 259 से)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित सारणी की प्रविष्टियों को पूरा कीजिए और स्पष्ट कीजिए कि आपके उत्तर हाँ/नहीं क्यों हैं ?

समीकरणचर का नामहल (हाँ/नहीं)
1. x + 10 = 30x = 10नहीं
2. x + 10 = 30x = 30नहीं
3. x + 10 = 30x = 20हाँ
4. p – 3 = 7p = 5नहीं
5. p – 3 = 7p = 15नहीं
6. p – 3 = 7p = 10हाँ
7. 3n = 21n = 9नहीं
8. 3n = 21n = 7हाँ
9. \(\frac{t}{5}\) = 4t = 25नहीं
10. \(\frac{t}{5}\) = 4t = 20हाँ
11. 2l + 3 = 7l = 5नहीं
12. 2l + 3 = 7l = 1नहीं
13. 2l + 3 = 7l = 2हाँ

स्पष्टीकरण :
1. x = 10 के लिए : x + 10 = 10 + 10 ⇒ 20 ≠ 30
2. x = 30 के लिए : x + 10 = 30 + 10 ⇒ 40 ≠ 30
3. x = 20 के लिए : x + 10 = 20 + 10 ⇒ 30 = 30
4. p = 5 के लिए : p – 3 = 5 – 3 ⇒ 2 ≠ 7
5. p = 15 के लिए : p – 3 = 15 – 3 = 15 ≠ 7
6. p = 10 के लिए : p – 3 = 10 – 3 ⇒ 7 = 7
7. n = 9 के लिए : 3n = 3 × 9 ⇒ 27 ≠ 21
8. n = 7 के लिए : 3n = 3 × 7 ⇒ 21 = 21
9. t = 25 के लिए : \(\frac{t}{5}\) = \(\frac{25}{5}\) ⇒ 5 ≠ 4
10. t = 20 के लिए : \(\frac{t}{5}\) = \(\frac{20}{5}\) ⇒ 4 = 4
11. l = 5 के लिए : 2l + 3 = 2 × 5 + 3 ⇒ 13 ≠ 7
12. l = 1 के लिए : 2l + 3 = 2 × 1 + 3 ⇒ 5 ≠ 7
13. l = 2 के लिए : 2l + 3 = 2 × 2 + 3 ⇒ 7 = 7

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HBSE 12th Class Geography Solutions Chapter 8 निर्माण उद्योग

Haryana State Board HBSE 12th Class Geography Solutions Chapter 8 निर्माण उद्योग Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Geography Solutions Chapter 8 निर्माण उद्योग

अभ्यास केन प्रश्न

नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए

1. कौन-सा औद्योगिक अवस्थापना का एक कारण नहीं है?
(A) बाज़ार
(B) जनसंख्या घनत्व
(C) पूँजी
(D) ऊर्जा
उत्तर:
(B) भारत

2. में सबसे पहले स्थापित की गई लौह-इस्पात कंपनी निम्नलिखित में से कौन-सी है?
(A) भारतीय लौह एवं इस्पात कंपनी (आई.आई.एस.सी.ओ.)
(B) टाटा लौह एवं इस्पात कंपनी (टी.आई.एस.सी.ओ.)
(C) विश्वेश्वरैया लौह तथा इस्पात कारखाना
(D) मैसूर लोहा तथा इस्पात कारखाना
उत्तर:
(B) टाटा लौह एवं इस्पात कंपनी (टी.आई.एस.सी.ओ.)

HBSE 12th Class Geography Solutions Chapter 8 निर्माण उद्योग

3. मुंबई में सबसे पहला सूती वस्त्र कारखाना स्थापित किया गया, क्योंकि-
(A) मुंबई एक पत्तन है
(B) मुंबई एक वित्तीय केंद्र था
(C) यह कपास उत्पादक क्षेत्र के निकट स्थित है
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

4. हुगली औद्योगिक प्रदेश का केंद्र है-
(A) कोलकाता-हावड़ा
(B) कोलकाता मेदनीपुर
(C) कोलकाता-रिशरा
(D) कोलकाता-कोन नगर
उत्तर:
(A) कोलकाता-हावड़ा

5. निम्नलिखित में से कौन-सा चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है?
(A) महाराष्ट्र
(B) पंजाब
(C) उत्तर प्रदेश
(D) तमिलनाडु
उत्तर:
(C) उत्तर प्रदेश

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।

प्रश्न 1.
लोहा-इस्पात उद्योग किसी देश के औद्योगिक विकास का आधार है, ऐसा क्यों?
उत्तर:
लोहा-इस्पात उद्योग आधुनिक औद्योगिक और आर्थिक विकास की धुरी बन गया है। यह देश के औद्योगिक विकास की बुनियाद की रचना करता है। इसके उत्पाद से ही अन्य उद्योगों की मशीनों व जन-संरचना का निर्माण होता है। इसी कारण यह उद्योग किसी देश के औद्योगिक विकास का आधार है। इसलिए इसे अन्य उद्योगों की जननी भी कहा जाता है।

प्रश्न 2.
सूती वस्त्र उद्योग के दो सेक्टरों के नाम बताइए। वे किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:
सूती वस्त्र उद्योग के दो सेक्टर निम्नलिखित हैं-

  1. संगठित सेक्टर
  2. असंगठित सेक्टर

संगठित सेक्टर में मिल क्षेत्र से प्राप्त होने वाले सूती कपड़े के उत्पादन में कमी आई है, जबकि असंगठित सेक्टर के अंतर्गत हैंडलूम व पॉवरलूम क्षेत्र में बनने वाले सूती वस्त्र उत्पादन में वृद्धि हुई है।

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प्रश्न 3.
चीनी उद्योग एक मौसमी उद्योग क्यों है?
उत्तर:
भारत में चीनी उद्योग एक मौसमी उद्योग है। चीनी की मिलें गन्ने की कटाई के बाद केवल 4-5 महीने अर्थात् नवंबर से अप्रैल तक चलती हैं। वर्ष के बाकी 7-8 महीने ये मिलें बंद रहती हैं। इससे श्रमिकों को रोजगार की समस्या रहती है और चीनी की उत्पादन लागत भी बढ़ती है।

प्रश्न 4.
पेट्रो-रासायनिक उद्योग के लिए कच्चा माल क्या है? इस उद्योग के कुछ उत्पादों के नाम बताइए।
उत्तर:
पेट्रो-रासायनिक उद्योग के लिए कच्चा माल, कच्चा खनिज तेल व प्राकृतिक गैस होता है। इस उद्योग से प्लास्टिक, संश्लेषित रेशा, संश्लेषित रबड़ व संश्लेषित अपमार्जक (Detergent) आदि उत्पाद बनाए जाते हैं।

प्रश्न 5.
भारत में सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति के प्रमुख प्रभाव क्या हैं?
उत्तर:
सूचना प्रौद्योगिकी एक ज्ञान आधारित उद्योग है। इसके विकास ने न केवल लोगों की जीवन-शैली को बदला है, बल्कि इससे उत्पादन, वितरण और निर्यात की संपूर्ण प्रक्रिया में तेजी और विश्वसनीयता आई है। आज भारत का सॉफ्टवेयर उद्योग अर्थव्यवस्था को तेजी से उभारता हुआ क्षेत्र बन गया है। इसने आर्थिक एवं सामाजिक रूपांतरण के लिए अनेक नई संभावनाएँ उत्पन्न की हैं।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 150 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
‘स्वदेशी’ आंदोलन ने सूती वस्त्र उद्योग को किस प्रकार विशेष प्रोत्साहन दिया?
उत्तर:
सूती वस्त्र उद्योग भारत का सबसे बड़ा प्राचीन उद्योग है। 18वीं शताब्दी तक भारत में सूती वस्त्र निर्माण हथकरघों की सहायता से कुटीर स्तर पर प्रचलित था। यूरोप की औद्योगिक क्रांति से इस उद्योग को बहुत बड़ा धक्का पहुँचा। मशीनी युग ने इस उद्योग को और भी जर्जर बना दिया। भारत में आधुनिक ढंग से सूती वस्त्र बनाने की पहली मिल सन् 1818 में कोलकाता के निकट फोर्ट ग्लॉस्टर नामक स्थान पर लगाई गई, किंतु यह प्रयास असफल रहा। पहली सफल मिल मुंबई में सन् 1854 में लगाई। इस मिल की स्थापना से भारत में आधुनिक सूती वस्त्र उद्योग का सूत्रपात हुआ। अनुकुल भौगोलिक दशाओं के कारण मुंबई व निकटवर्ती क्षेत्रों में कई मिलें स्थापित होने लगीं। अहमदाबाद में सन् 1861 में शाहपुर मिल लगाई गई। स्वदेशी आंदोलन ने भारतीय सूती वस्त्र उद्योग को बहुत प्रोत्साहन दिया।

इस आंदोलन से विदेशी कपड़ों का बहिष्कार जन-जन द्वारा किया गया व सूती वस्त्रों के प्रयोग पर बल दिया गया। ब्रिटेन में बने वस्त्रों को आम जनता के सामने जलाया गया, ताकि लोग ब्रिटिश वस्त्रों को त्यागकर भारतीय सूती वस्त्रों को अपनाएँ। परिणामस्वरूप सूती वस्त्रों की माँग बढ़ी। दो विश्व युद्धों के कारण भी इस उद्योग को प्रोत्साहन मिला। ब्रिटेन के बने वस्त्रों का बहिष्कार करके भारतीय वस्त्रों को उपयोग में लाने का आह्वान किया गया। सन् 1921 के बाद रेलमार्गों के विकास के साथ सूती वस्त्र केंद्रों का तेजी से विस्तार हुआ। भारत के अनेक भागों में सूती वस्त्रों की मिलें स्थापित की गई। अतः स्पष्ट है कि स्वदेशी आंदोलन ने सूती वस्त्र उद्योग को विशेष रूप से स्थापित करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।

प्रश्न 2.
आप उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण से क्या समझते हैं? इन्होंने भारत के औद्योगिक विकास में किस प्रकार से सहायता की है?
उत्तर:
1. उदारीकरण-उदारीकरण से अभिप्राय नियमों व प्रतिबंधों में ढील देने या उनमें उदारता बरतने से है ताकि उद्योगों के विकास में बाधा डाल रहे गैर-जरूरी नियंत्रणों से मुक्ति मिल सके।

औद्योगिक विकास पर प्रभाव-

  • उदारीकरण की नीति से औद्योगिक विकास में तेजी आई है।
  • देश की सुरक्षा तथा पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील छः उद्योगों को छोड़कर अन्य सभी उद्योगों के लिए लाइसेंस की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है।
  • उद्योगों के विकेंद्रीकरण की सुविधा से दुर्गम और अविकसित क्षेत्रों में उद्योग लगने लगे।

2. निजीकरण-निजीकरण वह सामान्य प्रक्रिया है जिसके द्वारा निजी लोग किसी सरकारी उद्यम का मालिक बन जाता है या उसका प्रबंध करता है।

औद्योगिक विकास पर प्रभाव-

  • सन् 1956 की औद्योगिक नीति में सार्वजनिक क्षेत्र के लिए 17 उद्योगों की सूची बनाई गई थी, लेकिन अब उसमें केवल चार उद्योग रह गए हैं। अन्य उद्योगों को निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया गया है।
  • भारतीय सेना के लिए सुरक्षा सामग्री बनाने वाले उद्योगों को भी निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया गया है।
  • निजीकरण से न केवल सरकार का आर्थिक भार घटता है, बल्कि कार्यकुशलता में भी वृद्धि होती है।
  • नए आविष्कारों के प्रोत्साहन एवं वस्तु की गुणवत्ता बढ़ने से औद्योगिक विकास के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय बाजार भी विकसित होता है।

3. वैश्वीकरण वैश्वीकरण का अर्थ देश की अर्थव्यवस्था को विश्व की अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत करना है।

औद्योगिक विकास पर प्रभाव-

  • बहुराष्ट्रीय कंपनियों को प्रतिरक्षा सहित सभी क्षेत्रों में निवेश की अनुमति मिल गई है।
  • लाइसेंस पद्धति को समाप्त करके आयात को बहुत ही उदार बना दिया गया है।
  • भारतीय रुपए को चालू खाते पर पूरी तरह परिवर्तनीय बना दिया गया है।
  • निवेश का मुख्य भाग प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में ही लगाया गया है।
  • घरेलू व प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का ज्यादातर हिस्सा विकसित राज्यों को मिला है।

निर्माण उद्योग HBSE 12th Class Geography Notes

→ विनिर्माण/निर्माण उद्योग (Manufacturing Industries) : संसाधनों को अति महत्त्वपूर्ण एवं उपयोगी वस्तुओं में बदलने की प्रक्रिया जिन उद्योगों में की जाती है, उन्हें विनिर्माण उद्योग कहते हैं। इनके संचालन में चालक-शक्ति का प्रयोग किया जाता है। ये किसी देश की अर्थव्यवस्था के स्तर का मापदंड होते हैं।

→ उदारीकरण (Liberalisation) : उदारीकरण से अभिप्राय नियमों व प्रतिबंधों में ढील देने या उनमें उदारता बरतने से है ताकि उद्योगों के विकास में बाधा डाल रहे गैर-जरूरी नियंत्रणों से मुक्ति मिल सके।

→ निजीकरण (Privatisation) : निजीकरण वह सामान्य प्रक्रिया है जिसके द्वारा निजी लोग किसी सरकारी उद्यम का मालिक बन जाता है या उसका प्रबंध करता है।

HBSE 12th Class Geography Solutions Chapter 8 निर्माण उद्योग

→ वैश्वीकरण (Globalisation) : वैश्वीकरण का अर्थ देश की अर्थव्यवस्था को विश्व की अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत करना है।

→ उद्योगों का वर्गीकरण-

  • श्रमिकों की संख्या के आधार पर बड़े पैमाने के उद्योग, छोटे पैमाने के उद्योग।
  • स्वामित्व के आधार पर-निजी क्षेत्र के उद्योग, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग, संयुक्त क्षेत्र के उद्योग तथा सहकारी क्षेत्र के उद्योग। प्रमुख भूमिका के आधार पर-आधारभूत उद्योग और उपभोक्ता उद्योग।
  • कच्चे माल के स्रोत के आधार पर-कृषि आधारित उद्योग और खनिज आधारित उद्योग।
  • कच्चे तथा तैयार माल की मात्रा व भार के आधार पर-हल्के उद्योग और भारी उद्योग।

प्रमुख औद्योगिक प्रदेश (Major Industrial Regions):

  • हुगली औद्योगिक प्रदेश
  • मुम्बई-पुणे औद्योगिक प्रदेश
  • गुजरात औद्योगिक प्रदेश
  • बंगलौर-तमिलनाडु औद्योगिक प्रदेश
  • छोटा नागपुर औद्योगिक प्रदेश
  • गुडगाँव-दिल्ली-मेरठ औद्योगिक प्रदेश

सार्वजनिक उद्योग (Public Industries): इन उद्योगों का संचालन सरकार करती है; जैसे भिलाई लौह-इस्पात केंद्र, नंगल उर्वरक कारखाना, टेलीफोन उद्योग आदि।

निजी उद्योग (Private Industries) : ये उद्योग व्यक्ति-विशेष चलाते हैं; जैसे टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी।

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HBSE 12th Class Geography Solutions Chapter 4 मानव बस्तियाँ

Haryana State Board HBSE 12th Class Geography Solutions Chapter 4 मानव बस्तियाँ Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Geography Solutions Chapter 4 मानव बस्तियाँ

अभ्यास केन प्रश्न

नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए

1. निम्नलिखित में से कौन-सा नगर नदी तट पर अवस्थित नहीं है?
(A) आगरा
(B) पटना
(C) भोपाल
(D) कोलकाता
उत्तर:
(C) भोपाल

2. भारत की जनगणना के अनुसार निम्नलिखित में से कौन-सी एक विशेषता नगर की परिभाषा का अंग नहीं है?
(A) जनसंख्या घनत्व 400 व्यक्ति प्रति वर्ग कि०मी०
(B) नगरपालिका, निगम का होना
(C) 75% से अधिक जनसंख्या का प्राथमिक खंड में संलग्न होना
(D) जनसंख्या आकार 5000 व्यक्तियों से अधिक
उत्तर:
(C) 75% से अधिक जनसंख्या का प्राथमिक खंड में संलग्न होना

HBSE 12th Class Geography Solutions Chapter 4 मानव बस्तियाँ

3. निम्नलिखित में से किस पर्यावरण में परिक्षिप्त ग्रामीण बस्तियों की अपेक्षा नहीं की जा सकती?
(A) गंगा का जलोढ़ मैदान
(B) हिमालय की निचली घाटियाँ
(C) राजस्थान के शुष्क और अर्ध-शुष्क प्रदेश
(D) उत्तर-पूर्व के वन और पहाड़ियाँ
उत्तर:
(A) गंगा का जलोढ़ मैदान

4. निम्नलिखित में से नगरों का कौन-सा वर्ग अपने पदानुक्रम के अनुसार क्रमबद्ध है?
(A) बृहन मुंबई, बंगलौर, कोलकाता, चेन्नई
(B) कोलकाता, बृहन मुंबई, चेन्नई, कोलकाता
(C) दिल्ली, बृहन मुंबई, चेन्नई, कोलकाता
(D) बृहन मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई
उत्तर:
(D) बृहन मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
गैरिसन नगर क्या होते हैं? उनका क्या प्रकार्य होता है?
उत्तर:
सुरक्षा की दृष्टि से विकसित छावनी नगर गैरिसन नगर कहलाते हैं; जैसे अम्बाला, जालंधर, महू, बबीना, उधमपुर, मेरठ आदि। इन नगरों का विकास ब्रिटिशकाल में सुरक्षा सेवाओं की छावनी के रूप में हुआ था। इनका प्रमुख कार्य सुरक्षा प्रदान करना है।

प्रश्न 2.
किसी नगरीय संकुल की पहचान किस प्रकार की जा सकती है?
उत्तर:
नगरीय संकुल निम्नलिखित तीन में से कोई एक हो सकता है-

  1. नगर तथा उससे जुड़ा विस्तार।
  2. विस्तार सहित या विस्तार रहित दो या दो से अधिक सटे नगर।
  3. एक नगर या एक-से-अधिक संटे नगर और उनके क्रमिक विस्तार।

HBSE 12th Class Geography Solutions Chapter 4 मानव बस्तियाँ

प्रश्न 3.
मरुस्थली प्रदेशों में गाँवों की अवस्थिति के कौन से मुख्य कारक होते हैं?
उत्तर:
गाँवों की अवस्थिति में अनेक भौतिक कारक प्रभाव डालते हैं; जैसे धरातल, जल की सुविधा, जलवायु, मिट्टी आदि। मरुस्थलीय प्रदेशों में जहाँ पानी मिलता है, वहाँ बस्तियाँ शीघ्रता से बढ़ने व बसने लगती हैं। इसके अतिरिक्त सुरक्षा कारक भी गाँवों की अवस्थिति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

प्रश्न 4.
महानगर क्या होते हैं? ये नगरीय संकुलों से किस प्रकार भिन्न होते हैं?
उत्तर:
जिन नगरों की जनसंख्या 10 से 50 लाख तक होती है, उन्हें महानगर कहा जाता है। महानगरों की अपेक्षा नगरीय संकुल अधिक बड़े होते हैं, क्योंकि इनमें आस-पास के नगरीय विस्तार को भी जोड़ा जाता है।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 150 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
विभिन्न प्रकार की ग्रामीण बस्तियों के लक्षणों की विवेचना कीजिए। विभिन्न भौतिक पर्यावरणों में बस्तियों के प्रारूपों के लिए उत्तरदायी कारक कौन-से हैं?
उत्तर:
विभिन्न प्रकार की ग्रामीण बस्तियाँ हैं गुच्छित, अर्ध-गुच्छित, पल्लीकृत एवं परिक्षिप्त बस्तियाँ। इन बस्तियों के मुख्य लक्षण या विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

गुच्छित या संकुलित बस्तियों के लक्षण-

  • गुच्छित बस्तियों में मकान छोटे और एक-दूसरे से सटे हुए होते हैं।
  • ये बस्तियाँ नदी, घाटियों और जलोढ़ उपजाऊ मैदानों में पाई जाती हैं।
  • इन बस्तियों में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था नहीं होती।

अर्ध-गुच्छित या विखंडित बस्तियों के लक्षण-

  • अर्ध-गुच्छित बस्तियों में मकान एक-दूसरे से दूर होते हैं परंतु एक ही बस्ती में होते हैं।
  • इनमें बस्तियाँ अनेक पुरवों में बँटी होती हैं।
  • निम्न कार्यों में संलग्न लोग इन बस्तियों में रहते हैं।

पल्लीकृत बस्तियों के लक्षण-

  • पल्लीकृत बस्तियों में मकान अधिक सटे होते हैं।
  • इन बस्तियों को देशों के विभिन्न भागों में स्थानीय स्तर पर पान्ना, पाड़ा, पाली, नगला, ढाँणी आदि कहा जाता है।
  • इन बस्तियों का विस्तार अपेक्षाकृत बड़े क्षेत्र में होता है।

परिक्षिप्त बस्तियों के लक्षण-

  • परिक्षिप्त बस्तियों में मकान बड़े और एक-दूसरे से दूर-दूर होते हैं।
  • ये बस्तियाँ उच्च भूमि, पर्वतीय क्षेत्रों और मरुस्थलीय क्षेत्रों में पाई जाती हैं।
  • इन बस्तियों में पानी की निकासी की अच्छी व्यवस्था होती है।

प्रारूपों के लिए उत्तरदायी कारक-ग्रामीण बस्तियों के प्रारूपों को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं-
1. भौतिक कारक बस्तियों के आकार तथा विस्तार पर अनेक भौतिक कारक; जैसे धरातल की बनावट, मिट्टी, जल-स्तर, जलवायु, ढलान, अपवाह तंत्र आदि गहरा प्रभाव डालते हैं। पहाड़ी भागों में विरल तथा मरुस्थलीय भागों में किसी तालाब के चारों ओर बस्तियों का विकास होता है।

2. सांस्कृतिक कारक-एक ही जाति या जनजाति या धर्म के लोग एक ही गाँव में रहते हैं। बस्ती के मध्य में गाँव के मुखिया या ज़मींदारों के मकान होते हैं तथा बाहर की ओर सेवा करने वाले समुदायों के मकान या झोंपड़े होते हैं। हरिजनों के घर बस्ती से दूर बसाए जाते हैं।

3. ऐतिहासिक कारक-मध्य युग में बाहर से होने वाले आक्रमणों तथा सेना के आतंक से बचने के लिए संहत बस्तियाँ बनाई जाती थीं। इनमें सुरक्षा और इकट्ठा रहने की स्थिति बनती थी।

HBSE 12th Class Geography Solutions Chapter 4 मानव बस्तियाँ

प्रश्न 2.
क्या एक प्रकार्य वाले नगर की कल्पना की जा सकती है? नगर बहप्रकार्यात्मक क्यों हो जाते हैं?
उत्तर:
एक प्रकार्य वाले नगर की कल्पना नहीं की जा सकती। कोई भी नगर कोई एक काम नहीं करता। सभी नगरों में थोड़ा या बहुत प्रशासनिक, औद्योगिक, व्यापारिक, शैक्षणिक तथा परिवहन से संबंधित काम होता है। अतः उसके प्रधान व्यवसाय के आधार पर ही नगर का वर्गीकरण किया जा सकता है; जैसे कुरुक्षेत्र एक धार्मिक नगर है और रोहतक एक शैक्षणिक नगर है, लेकिन यह वर्गीकरण एक सामान्य अवलोकन है। वैज्ञानिक विश्लेषण पर आधारित तथ्य-परक अवलोकन नहीं है।

अपने केंद्रीय स्थान की भूमिका के अतिरिक्त अनेक शहर और नगर विशेषीकृत सेवाओं का निष्पादन करते हैं। कुछ शहरों और नगरों को कुछ निश्चित प्रकार्यों में विशिष्टता प्राप्त होती है और उन्हें कुछ विशिष्ट क्रियाओं, उत्पादनों अथवा सेवाओं के लिए जाना जाता है। फिर भी प्रत्येक नगर अनेक प्रकार्य करता है। उनके प्रमुख या विशेषीकृत कार्य के आधार पर उसका वर्गीकरण किया जाता है; जैसे जो नगर उच्चतर क्रम में प्रशासनिक मुख्यालय होते हैं उन्हें प्रशासनिक नगर कहते है; जैसे चंडीगढ़, दिल्ली, जयपुर आदि। मुम्बई, सेलम, मोदीनगर, हुगली आदि औद्योगिक नगरों के रूप में प्रसिद्ध हैं। नैनीताल, मसूरी, शिमला, जोधपुर, माऊंट आबू, पर्यटन नगरों के रूप में विकसित हैं।

विशेषीकृत नगर भी महानगर बनने पर बहुप्रकार्यात्मक नगर बन जाते हैं, जिनमें उद्योग, व्यवसाय, प्रशासन, परिवहन आदि महत्त्वपूर्ण हो जाते हैं। ये प्रकार्य इतने अंतर्ग्रथित हो जाते हैं कि नगर को किसी विशेष प्रकार्य वर्ग में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता।

मानव बस्तियाँ HBSE 12th Class Geography Notes

→ बस्ती या अधिवास (Settlements) : मानव निवास की मूलभूत इकाई को घर कहते हैं। एक क्षेत्र के घरों के समूह को बस्ती कहते हैं। इसमें 6 से 12 झोंपड़ियाँ हो सकती हैं या सैकड़ों घरों का एक बड़ा गांव हो सकता है। ये नगरों तथा शहरों की तरह घरों के बड़े समूह हो सकते हैं। इनका एक अभिन्यास प्लान होता है। बस्ती में आवासीय भवन तथा विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के भंडार-गृह होते हैं।

→ ग्रामीण बस्ती (Rural Settlement) : इन बस्तियों में मकानों तथा गलियों का योग पाया जाता है तथा इनके चारों ओर खेत होते हैं। ये विभिन्न ढंग की होती हैं।

→ ग्रामीण बस्तियों के प्रकार (Types of Rural Settlements):

  • गुच्छित अथवा केंद्रीकृत बस्ती
  • अर्द्ध-गुच्छित अथवा विखंडित बस्ती
  • पल्लीकृत बस्ती
  • परिक्षिप्त अथवा एकाकी बस्ती।

→ शहरी/नगरीय बस्ती (Urban Settlement) : ग्रामीण बस्तियों के विपरीत नगरीय बस्तियाँ सामान्यतया संहत एवं विशाल आकार की होती हैं। नगरीय क्षेत्रों में जीवन का ढंग जटिल और तीव्र होता है और सामाजिक संबंध भी औपचारिक व व्यक्तिगत होते हैं। ये बस्तियाँ द्वितीयक एवं तृतीयक क्रियाओं में विशेषीकृत होती हैं।

HBSE 12th Class Geography Solutions Chapter 4 मानव बस्तियाँ

→ प्रशासनिक नगर (Administration Towns) : इस प्रकार के नगर प्रशासनिक कार्यों के लिए विकसित होते हैं। देश की राजधानी तथा राज्यों की राजधानियाँ इन नगरों के अंतर्गत आती हैं। चंडीगढ़, दिल्ली, शिमला, भोपाल तथा शिलांग आदि ऐसे नगरों के उदाहरण हैं।

→ औद्योगिक नगर (Industrial Towns) : अनेक प्रकार के उद्योगों की अवस्थिति ही ऐसे नगरों की प्रेरक-शक्ति होती है; जैसे मुंबई, कोयंबटूर, भिलाई, हुगली, जमशेदपुर, सेलम तथा फरीदाबाद इत्यादि।

→ परिवहन नगर (Transport Towns) : ये नगर मुख्य रूप से आयात और निर्यात की गतिविधियों के कार्यों में सक्रिय रहते हैं; जैसे कांडला, कोच्चि, विशाखापट्टनम तथा कालीकट इत्यादि। कुछ नगर आंतरिक परिवहन के केंद्र भी होते हैं; जैसे आगरा, मुगलसराय, इटारसी तथा कटनी आदि।

→ छावनी/गैरिसन नगर (Cantt/Garrison Towns) : सुरक्षा की दृष्टि से विकसित छावनी नगर गैरिसन नगर कहलाते हैं; जैसे अम्बाला, जालंधर, महू, बबीना, उधमपुर, मेरठ आदि। इन नगरों का विकास ब्रिटिशकाल में सुरक्षा सेवाओं की छावनी के रूप में हुआ था। इनका मुख्य कार्य सुरक्षा प्रदान करना है।

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HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7

Haryana State Board HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Exercise 3.7

प्रश्न 1.
रेणु 75 किग्रा और 69 किग्रा भारों वाली दो खाद की बोरियों खरीदती है। भार के उस बट्टे का अधिकतम मान ज्ञात कीजिए जो दोनों बोरियों के भारों को पूरा-पूरा माप ले।
हल :
75 किग्रा और 69 किग्रा भार वाली दो खाद की बोरियों के लिए भार के उस बट्टे का अधिकतम मान 75 और 69 का म.स. होगा।
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7 - 1
∴ 75 = 3 × 5 × 5
69 = 3 × 23
अभीष्ट म.स. = 3
अतः भार के उस बट्टे का अधिकतम मान जो दोनों बोरियों के भारों को पूरा-पूरा माप ले = 3 किया। उत्तर

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7

प्रश्न 2.
तीन लड़के एक ही स्थान से एक साथ कदम उठाकर चलना प्रारम्भ करते हैं। उनके कदमों की माप क्रमश: 63 सेमी, 70 सेमी और 77 सेमी है। इनमें से प्रत्येक कितनी न्यूनतम दूरी तय करे कि वह दूरी पूरे-पूरे कदमों में तय हो जाए?
हल :
तीन लड़के एक ही स्थान से एक साथ चलते हैं व उनके कदमों की माप क्रमशः 63 सेमी, 70 सेमी, 77 सेमी है। न्यूनतम दूरी के लिए ल.स. ज्ञात करना होगा :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7 - 2
∴ अभीष्ट ल.स. = 2 × 3 × 3 × 5 × 7 × 11
= 6930 सेमी
= 69.30 मीटर
∴ प्रत्येक द्वारा तय की गई न्यूनतम दूरी
= 69.30 मीटर। उत्तर

प्रश्न 3.
किसी कमरे की लम्बाई, चौड़ाई और ऊंचाई क्रमशः 825 सेमी,675 सेमी और 450 सेमी है। ऐसा सबसे लम्बा फीता (tape) ज्ञात कीजिए जो कमरे की तीनों विमाओं (dimensions) को पूरा-पूरा माप ले।
हल :
सबसे बड़ा फीता जो तीनों विमाओं को पूरा-पूरा माप सके 825,675 और 450 का म.स. होगा।
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7 - 3
∴ 450 = 2 × 3 × 3 × 5 × 5
675 = 3 × 3 × 3 × 5 × 5 और
825 = 3 × 5 × 5 × 11
∴ 450, 675 और 825 का म.स. = 3 × 5 × 5 = 75
∴ सबसे बड़े फीते की अभीष्ट लम्बाई = 75 सेमी। उत्तर

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7

प्रश्न 4.
6, 8 और 12 से विभाज्य तीन अंकों की सबसे छोटी संख्या ज्ञात कीजिए।
हल :
6, 8 और 12 से विभाज्य तीन अंकों की सबसे छोटी संख्या ज्ञात करने के लिए ल.स. ज्ञात करना होगा :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7 - 4
अभीष्ट ल.स. = 2 × 2 × 2 × 3 = 24
∵ तीन अंकों की सबसे छोटी संख्या 100 है।
अब 100 को 24 से भाग देने पर,
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7 - 5
∴ 100 से बड़ी (3 अंकों वाली) जो कि 24 से विभाज्य हो, वह संख्या
= 100 + (24 – 4) = 120
अतः अभीष्ट संख्या = 120. उत्तर

प्रश्न 5.
8, 10 और 12 से विभाज्य तीन अंकों की सबसे बड़ी संख्या ज्ञात कीजिए।
हल :
8, 10 और 12 से विभाज्य संख्या उनका ल.स. ही होगा :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7 - 6
ल.स. = 2 × 2 × 2 × 3 × 5 = 120
अब तीन अंकों की सबसे बड़ी संख्या 999 है। इसमें 120 का भाग देने पर,
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7 - 7
∴ 3 अंकों की सबसे बड़ी संख्या जो 120 से पूर्णतया विभाज्य हो, वह संख्या = 999 – 39 = 960
अतः अभीष्ट संख्या = 960. उत्तर

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7

प्रश्न 6.
तीन विभिन्न चौराहों की ट्रैफिक लाइट (traffic lights) क्रमशः प्रत्येक 48 सेकण्ड, 72 सेकण्ड और 108 सेकण्ड बाद बदलती है। यदि वे एकसाथ प्रातः 7 बजे बदलें, तो वे पुनः एक साथ कब बदलेंगी?
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7 - 8
हल :
जब ट्रैफिक लाइटें पुनः अपने आप बदलेंगी, का अभीष्ट समय 48, 72 और 108 का ल.स. होगा :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7 - 9
ल. स. = 2 × 2 × 2 × 2 × 3 × 3 × 3
= 432 सेकण्ड
अत: अभीष्ट समय = 432 सेकण्ड या 7 मिनट 12 सेकण्ड
अतः ट्रैफिक लाइट पुनः एकसाथ 7 बजकर 7 मिनट 12 सेकण्ड बाद बदलेंगी। उत्तर

प्रश्न 7.
तीन टैंकरों में क्रमशः 403 लीटर, 434 लीटर और 465 लीटर डीजल है। उस बर्तन की अधिकतम धारिता ज्ञात कीजिए जो इन तीनों टैंकरों के डीजल को पूरा-पूरा माप देगा।
हल :
बर्तन की अधिकतम धारिता 403, 434 और 465 लीटर का म.स. है,
हम देखते हैं कि
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7 - 10
∴ 403 = 13 × 31,
434 = 2 × 7 × 31
और 465 = 3 × 5 × 31
अभीष्ट म.स. = 31
अत: उस बर्तन की अधिकतम धारिता = 31 लीटर। उत्तर

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7

प्रश्न 8.
वह सबसे छोटी संख्या ज्ञात कीजिए जिसे 6, 15 और 18 से भाग देने पर प्रत्येक दशा में 5 शेष रहे।
हल :
6, 15 और 18 से विभाजित होने वाली सबसे छोटी संख्या उनका ल स. होगा परन्तु अभीष्ट संख्या ल.स. से 5 अधिक होनी चाहिए।
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7 - 11
ल.स. = 2 × 3 × 3 × 5 = 90
इस प्रकार अभीष्ट संख्या = (90 + 5) = 95. उत्तर

प्रश्न 9.
चार अंकों की वह सबसे छोटी संख्या ज्ञात कीजिए जो 18, 24 और 32 से विभाज्य है।
हल :
चार अंकों की सबसे छोटी संख्या जो 18, 24 और 32 से विभाजित हो, उनका ल.स. होगा,
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7 - 12
ल.स. = 2 × 2 × 2 × 2 × 2 × 3 × 3 = 288.
अब, चार अंकों की सबसे छोटी संख्या 1000 है। इसमें 288 का भाग देने पर,
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7 - 13
∴ चार अंकों की सबसे छोटी संख्या जो 288 से पूर्णतया विभाज्य हो।
= 1000 + (288 – 136)
= 1000 + 152
= 1152
अत: 4 अंकों की सबसे छोटी संख्या जो 18, 24 तथा 32 से विभाज्य है = 1152. उत्तर

प्रश्न 10.
निम्नलिखित संख्याओं का ल.स. ज्ञात कीजिए जिनमें एक संख्या सदैव 3 का एक गुणज है :
(a) 9 और 4
(b) 12 और 5
(c) 6 और 5
(d) 15 और 4
प्राप्त ल.स. में एक सामान्य गुण का अवलोकन कीजिए। क्या ल.स. प्रत्येक स्थिति में दोनों संख्याओं का गुणनफल है? क्या हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि दो संख्याओं का ल.स. सदैव 3 का एक गुणज है ?
हल :
पहले हम संख्याओं का ल.स. ज्ञात करते हैं।
(a)
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7 - 14
ल.स. = 2 × 2 × 3 × 3 = 36.

(b)
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7 - 15
ल.स. = 2 × 2 × 3 × 5 = 60.

(c)
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7 - 16
ल.स. = 2 × 3 × 5 = 30.

(d)
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7 - 17
ल.स. = 2 × 2 × 3 × 5 = 60
इस प्रकार हम देखते हैं कि सभी प्रश्नों से प्राप्त ल.स. दो संख्याओं का गुणनफल है और यह सदैव 3 का गुणज भी है।

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7

प्रश्न 11.
निम्नलिखित संख्याओं का ल.स.ज्ञात कीजिए जिनमें एक संख्या दूसरी संख्या का एक गुणनखण्ड है।
(a) 5, 20
(b) 6, 18
(c) 12, 48
(d) 9, 45
प्राप्त परिणामों में आप क्या देखते हैं?
हल :
(a) पहले हम संख्याओं का ल.स. ज्ञात करते हैं।
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7 - 18
∴ ल.स. = 2 × 2 × 5 = 20.

(b)
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7 - 19
∴ ल.स. = 2 × 3 × 3 = 18.

(c)
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7 - 20
∴ ल.स. = 2 × 2 × 2 × 2 × 3 = 48.

(d)
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 3 संख्याओं के साथ खेलना Ex 3.7 - 21
∴ ल.स. = 3 × 3 × 5 = 45
इस प्रकार हम देखते हैं कि दो संख्याओं का ल.स. बड़ी संख्या होगी यदि एक संख्या दूसरी का गुणनखण्ड है। उत्तर

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HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 12 अनुपात और समानुपात Ex 12.2

Haryana State Board HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 12 अनुपात और समानुपात Ex 12.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Maths Solutions Chapter 12 अनुपात और समानुपात Exercise 12.2

प्रश्न 1.
क्या निम्न राशियाँ समानुपात में हैं :
(a) 15, 45, 40, 120
(b) 33, 121, 9, 96
(c) 24, 28, 36, 48
(d) 32, 48, 70, 210
(e) 4, 6, 8, 12
(f) 33, 44, 75, 100
हल :
(a) 15 : 45 और 40 : 120
चरम पदों का गुणनफल = 15 × 120 = 1800
मध्य पदों का गुणनफल = 45 × 40 = 1800
अतः चरम पदों का गुणनफल = मध्य पदों का गुणनफल
∴ 15, 45, 40, 120 समानुपात में हैं। उत्तर

(b) 33 : 121 और 9 : 96
चरम पदों का गुणनफल = 33 × 96 = 3168
मध्य पदों का गुणनफल = 121 × 9 = 1089
स्पष्ट है, चरम पदों का गुणनफल ≠ मध्य पदों का गुणनफल
इसलिए 33 : 121 और 9 : 96 समानुपात में नहीं हैं। उत्तर

(c) 24 : 28 और 36 : 48
चरम पदों का गुणनफल = 24 × 48 = 1152
मध्य पदों का गुणनफल = 28 × 36 = 1008
चरम पदों का गुणनफल ≠ मध्य पदों का गुणनफल
∴ 24 : 28 : 36 : 48 समानुपात में नहीं हैं। उत्तर

(d) 32 : 48 और 70 : 210
चरम पदों का गुणनफल = 32 × 210 = 6720
मध्य पदों का गुणनफल = 48 × 70 = 3360
चरम पदों का गुणनफल ≠ मध्य पदों का गुणनफल
∴ 32 : 48 और 70 : 210 समानुपात में नहीं हैं। उत्तर

(e) 4 : 6 और 8 : 12
चरम पदों का गुणनफल = 4 × 12 = 48
मध्य पदों का गुणनफल = 6 × 8 = 48
चरम पदों का गुणनफल = मध्य पदों का गुणनफल
∴ 4 : 6 और 8 : 12 समानुपात में हैं। उत्तर

(f) 33 : 44 और 75 : 100
33 : 44 और 75 : 100
चरम पदों का गुणनफल = 33 × 100 = 3300
मध्य पदों का गुणनफल = 44 × 75 = 3300
चरम पदों का गुणनफल = मध्य पदों का गुणनफल
∴ 33 : 40 और 75 : 100 समानुपात में हैं। उत्तर

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 12 अनुपात और समानुपात Ex 12.2

प्रश्न 2.
निम्न में से प्रत्येक कथनों के आगे सत्य या असत्य लिखिए :
(a) 16 : 24 : : 20 : 30
(b) 21 : 6 : : 35 : 10
(c) 12 : 18 : : 28 : 12
(d) 8 : 9 : : 24 : 27
(e) 5.2 : 3.9 : : 3 : 4
(f) 0.9 : 0.36 : : 10 : 4
हल :
(a) सत्य [क्योकि 16 × 30 = 24 × 20 = 480]
(b) सत्य [क्योंकि 21 × 10 = 6 × 35 = 210]
(c) असत्य [क्योंकि 12 × 12 ≠ 18 × 28]
(d) सत्य [क्योंकि 8 × 27 = 9 × 24 = 216]
(e) असत्य [क्योंकि 5.2 × 4 ≠ 3.9 × 3]
(f) सत्य [क्योंकि 0.9 × 4 = 0.36 × 10 = 3.6]

प्रश्न 3.
क्या निम्न कथन सही हैं ?
(a) 40 व्यक्ति : 200 व्यक्ति = ₹ 15 : ₹ 75
(b) 7.5 लीटर : 15 लीटर = 5 किग्रा : 10 किग्रा
(c) 99 किग्रा : 45 किग्रा = ₹ 44 : ₹ 20
(d) 32 मीटर : 64 मीटर = 6 सेकण्ड : 12 सेकण्ड
(e) 45 किमी : 60 किमी = 12 घण्टे : 15 घण्टे।
हल :
(a) 40 व्यक्ति : 200 व्यक्ति = 40 : 200
= \(\frac{400}{200}=\frac{1}{5}\)
और ₹ 15 : ₹ 75 = 15 : 75 = \(\frac{15}{75}=\frac{1}{5}\)
स्पष्ट है, \(\frac{1}{5}=\frac{1}{5}\)
अतः दिया हुआ कथन सही है। उत्तर

(b) 7.5 लीटर : 15 लीटर = 7.5 : 15
\(\frac{7.5}{15}=\frac{75}{150}=\frac{1}{2}\)
और 5 किग्रा : 10 किग्रा = 5 : 10
= \(\frac{5}{10}=\frac{1}{2}\)
स्पष्ट है, \(\frac{1}{2}=\frac{1}{2}\)
अतः दिया हुआ कथन सही है। उत्तर

(c) 99 किग्रा : 45 किग्रा = 99 : 45 = \(\frac{99}{45}=\frac{11}{5}\)
और ₹ 44 : ₹ 20 = 44 : 20 = \(\frac{44}{20}=\frac{11}{5}\)
स्पष्ट है, \(\frac{11}{5}=\frac{11}{5}\)
अतः दिया हुआ कथन सही है। उत्तर

(d) 32 मी. : 64 मी. = 32 : 64 = \(\frac{32}{64}=\frac{1}{2}\)
और 6 सेकण्ड : 12 सेकण्ड = 6 : 12 = \(\frac{6}{12}=\frac{1}{2}\)
स्पष्ट है, \(\frac{1}{2}=\frac{1}{2}\)
अतः दिया हुआ कथन सही है। उत्तर

(e) 45 किमी : 60 किमी = 45 : 60 = \(\frac{45}{60}=\frac{3}{4}\)
और 12 घण्टे : 15 घण्टे = 12 : 15 = \(\frac{12}{15}=\frac{4}{5}\)
स्पष्ट है \(\frac{3}{4} \neq \frac{4}{5}\)
अतः दिया हुआ कथन सही नहीं है। उत्तर

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 12 अनुपात और समानुपात Ex 12.2

प्रश्न 4.
जाँचिए कि क्या निम्न अनुपात, समानुपात बनाते हैं। यदि समानुपात बनता हो, तो मध्य पद और चरम पद भी लिखिए :
(a) 25 सेमी: 1 मीटर और ₹ 40 : ₹ 160
(b) 39 लीटर : 65 लीटर और 6 बोतल : 10 बोतल
(c) 2 किग्रा : 80 किग्रा और 25 ग्राम : 625 ग्राम
(d) 200 मिली : 2.5 लीटर और ₹ 4 : ₹ 50।
हल :
(a) 25 सेमी : 1 मीटर = 25 सेमी : 100 सेमी
(∵ 1 मीटर = 100 सेमी)
= 25 : 100
= \(\frac{25}{100}=\frac{1}{4}\)
और ₹40 : ₹ 160 = 40 : 160
= \(\frac{40}{160}=\frac{1}{4}\)
स्पष्ट है, \(\frac{1}{4}=\frac{1}{4}\)
∴ 25 सेमी : 1 मीटर और ₹ 40 : ₹ 160 समानुपात में हैं।
इनके मध्य पद 100 और 40 तथा चरम पद 25 और 160 हैं। उत्तर

(b) 39 लीटर : 65 लीटर = 39 : 65 = \(\frac{39}{65}=\frac{3}{5}\)
और 6 बोतल : 10 बोतल = 6 : 10 = \(\frac{6}{10}=\frac{3}{5}\)
स्पष्ट है, \(\frac{3}{5}=\frac{3}{5}\)
इस प्रकार 39 लीटर : 65 लीटर और 6 बोतल : 10 : बोतल समानुपात में हैं।
∴ इनके मध्य पद 65 और 6 और चरम पद 39 और 10 हैं। उत्तर

(c) 2 किग्रा : 80 किग्रा = 2 : 80 = \(\frac{2}{80}=\frac{1}{40}\)
और 25 ग्रा. 625 ग्रा. = 25 : 625 = \(\frac{25}{625}=\frac{1}{25}\)
स्पष्ट है, \(\frac{1}{40} \neq \frac{1}{25}\)
∴ 2 किग्रा : 80 किग्रा और 25 ग्राम : 625 ग्राम समानुपात में नहीं हैं। उत्तर

(d) 200 मिली : 2.5 लीटर
(∵ 1 लीटर = 100 मिली)
= 200 मिली : 2500 मिली
= 200 : 2500
= \(\frac{200}{2500}=\frac{2}{25}\)
और ₹ 4 : ₹ 50 = 4 : 50
= \(\frac{4}{50}=\frac{2}{25}\)
स्पष्ट है, \(\frac{2}{25}=\frac{2}{25}\)
∴ 200 मिली : 2.5 लीटर और ₹4 : ₹ 50 समानुपात में हैं।
इनके मध्य पद 2.5 और 4 तथा चरम पद 200 और 50 हैं। उत्तर

ऐकिक विधि :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 12 अनुपात और समानुपात Ex 12.2 1
और अभीष्ट इकाइयों का मान = (1 इकाई का मान) × (इकाइयों की संख्या)

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HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

Haryana State Board HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन Important Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

A. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए

1. भारत में खनिज मुख्यतः कितनी विस्तृत पट्टियों में सांद्रित हैं? ।
(A) तीन
(B) पाँच
(C) चार
(D) आठ
उत्तर:
(A) तीन

2. राजस्थान भवन निर्माण के किस प्रकार के पत्थरों में समृद्ध है?
(A) संगमरमर
(B) ग्रेनाइट
(C) बलुआ पत्थर
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

3. धात्विक खनिज का उदाहरण नहीं है-
(A) ताँबा
(B) अभ्रक
(C) बॉक्साइट
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(B) अभ्रक

4. अधात्विक खनिज का उदाहरण नहीं है-
(A) जिप्सम
(B) नमक
(C) बॉक्साइट
(D) कोयला
उत्तर:
(C) बॉक्साइट

5. एल्यूमिनियम का मुख्य स्रोत है-
(A) ताँबा
(B) सोना
(C) बॉक्साइट
(D) अभ्रक
उत्तर:
(C) बॉक्साइट

6. भारत का कौन-सा राज्य बॉक्साइट उत्पादन में अग्रणी है?
(A) हरियाणा
(B) झारखंड
(C) ओडिशा
(D) महाराष्ट्र
उत्तर:
(C) ओडिशा

7. बाबाबदून की पहाड़ियों में किस खनिज पदार्थ का उत्पादन होता है-
(A) ताँबा
(B) सोना
(C) अभ्रक
(D) बॉक्साइट
उत्तर:
(C) अभ्रक

8. भारत में वर्तमान में कितने तेल शोधन कारखाने कार्यरत हैं?
(A) 13
(B) 17
(C) 22
(D) 28
उत्तर:
(C) 22

9. झारखंड में स्थित कोडरमा निम्नलिखित में से किस खनिज का अग्रणी उत्पादक है?
(A) बॉक्साइट
(B) अभ्रक
(C) लौह अयस्क
(D) ताँबा
उत्तर:
(B) अभ्रक

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

10. निम्नलिखित चट्टानों में से किस चट्टान के स्तरों में खनिजों का निक्षेपण और संचयन होता है?
(A) तलछटी चट्टानें
(B) कायांतरित चट्टानें
(C) आग्नेय चट्टानें
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(B) कायांतरित चट्टानें

11. मोनाजाइट रेत में निम्नलिखित में से कौन-सा खनिज पाया जाता है?
(A) खनिज तेल
(B) यूरेनियम
(C) थोरियम
(D) कोयला
उत्तर:
(C) थोरियम

12. भारत में तेल उत्पादक क्षेत्र है-
(A) गुजरात तट
(B) पश्चिमी अपतटीय क्षेत्र
(C) पूर्वी अपतटीय क्षेत्र
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

13. मुंबई हाई और बेसीन तेल क्षेत्र किस क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं?
(A) पश्चिमी अपतटीय क्षेत्र
(B) पूर्वी अपतटीय क्षेत्र
(C) गुजरात तट
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(A) पश्चिमी अपतटीय क्षेत्र

14. नामचिक-नामफुक कोयला क्षेत्र अवस्थित हैं-
(A) महाराष्ट्र में
(B) झारखण्ड में
(C) छत्तीसगढ़ में
(D) अरुणाचल प्रदेश में
उत्तर:
(D) अरुणाचल प्रदेश में

15. भारत में किस राज्य में कोयले के सर्वाधिक भंडार पाए जाते हैं?
(A) पंजाब में
(B) ओडिशा में
(C) झारखण्ड में
(D) केरल में
उत्तर:
(C) झारखण्ड में

16. इंदिरा गाँधी परमाणु ऊर्जा संयंत्र नाम से जाना जाता है?
(A) तारापुर परमाणु केंद्र
(B) नरोरा परमाणु केंद्र
(C) कलपक्कम परमाणु केंद्र
(D) कैगा परमाणु केंद्र
उत्तर:
(C) कलपक्कम परमाणु केंद्र

17. भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर कहाँ हैं
(A) केरल में
(B) कर्नाटक में
(C) झारखण्ड में
(D) महाराष्ट्र में
उत्तर:
(D) महाराष्ट्र में

18. अमरकंटक किस खनिज के लिए प्रसिद्ध है?
(A) सोना
(B) लोहा
(C) बॉक्साइट
(D) ताँबा
उत्तर:
(C) बॉक्साइट

19. सूर्य की गर्मी से प्राप्त ऊर्जा को कहा जाता है
(A) सौर ऊर्जा
(B) पवन ऊर्जा
(C) ज्वारीय ऊर्जा
(D) नाभिकीय ऊर्जा
उत्तर:
(A) सौर ऊर्जा

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

20. छत्तीसगढ़ की बेलाडिला पहाड़ियाँ किस अयस्क के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं?
(A) लौह अयस्क
(B) बॉक्साइट
(C) लौह-इस्पात
(D) अभ्रक
उत्तर:
(A) लौह अयस्क

21. ऊर्जा का परम्परागत स्रोत नहीं है
(A) कोयला
(B) बायोगैस
(C) पेट्रोलियम
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(B) बायोगैस

22. हजीरा-विजयपुर जगदीशपुर गैस पाइप लाइन की लंबाई है?
(A) 1750 कि०मी०
(B) 1500 कि०मी०
(C) 1220 कि०मी०
(D) 900 कि०मी०
उत्तर:
(A) 1750 कि०मी०

23. निम्नलिखित में से कौन-सा ऊर्जा खनिज है?
(A) कोयला
(B) पेट्रोलियम
(C) प्राकृतिक गैस
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

24. सबसे उत्तम किस्म का लोहा कौन-सा होता है?
(A) मैग्नेटाइट
(B) हेमेटाइट
(C) लिमोनाइट
(D) सिडेराइट
उत्तर:
(A) मैग्नेटाइट

25. उद्योगों में सबसे अधिक किस प्रकार के लोहे का उपयोग किया जाता है?
(A) मैग्नेटाइट का
(B) हेमेटाइट का
(C) लिमोनाइट का
(D) सिडेराइट का
उत्तर:
(B) हेमेटाइट का

26. मैंगनीज़ का उपयोग किस धातु का विनिर्माण करने में किया जाता है?
(A) इस्पात
(B) सोना
(C) चाँदी
(D) एल्यूमिनियम
उत्तर:
(A) इस्पात

27. निम्नलिखित में से कौन-सा ऊर्जा का गैर-परंपरागत स्रोत है?
(A) सौर ऊर्जा
(B) परमाणु ऊर्जा
(C) भू-तापीय ऊर्जा
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

28. ‘रैट होल’ उत्खनन किस राज्य में किया जाता है?
(A) गुजरात में
(B) राजस्थान में
(C) झारखण्ड में
(D) मेघालय में
उत्तर:
(D) मेघालय में

29. कृष्णा-गोदावरी बेसिन किस खनिज के भण्डारों के लिए प्रसिद्ध है?
(A) लौह-अयस्क के
(B) अभ्रक के
(C) प्राकृतिक गैस के
(D) कोयले के
उत्तर:
(C) प्राकृतिक गैस के

30. पृथ्वी से खनिज किस अवस्था में पाए जाते हैं?
(A) ठोस
(B) द्रव
(C) गैसीय
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

31. कोयला किन चट्टानों में बनता है?
(A) कायांतरित
(B) अवसादी
(C) आग्नेय
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(B) अवसादी

32. डिगबोई, नहारकटिया भारत के किस राज्य के महत्त्वपूर्ण तेल उत्पादक क्षेत्र हैं?
(A) महाराष्ट्र के
(B) गुजरात के
(C) मध्य प्रदेश के
(D) असम के
उत्तर:
(D) असम के

33. धात्विक खनिज का उदाहरण है
(A) नमक
(B) गंधक
(C) जिप्सम
(D) सोना
उत्तर:
(D) सोना

34. अधात्विक खनिज का उदाहरण है-
(A) टिन
(B) ऐल्यूमीनियम
(C) गंधक
(D) बॉक्साइट
उत्तर:
(C) गंधक

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

35. भारत के किस राज्य में सर्वाधिक थोरियम निकाला जाता है?
(A) कर्नाटक
(B) केरल
(C) तमिलनाडु
(D) आंध्र प्रदेश
उत्तर:
(B) केरल

36. भारत में उत्तम किस्म का लोहा कहाँ से प्राप्त होता है?
(A) जादूगुड़ा से
(B) बैलाडिला से
(C) किरीबुरु से
(D) क्योंझर से
उत्तर:
(B) बैलाडिला से

37. सबसे उत्तम किस्म का लौह-अयस्क होता है-
(A) सिडेराइट
(B) हैमेटाइट
(C) मैग्नेटाइट
(D) लिमोनाइट
उत्तर:
(C) मैग्नेटाइट

38. सबसे उत्तम किस्म का कोयला होता है
(A) लिग्नाइट
(B) एंथ्रासाइट
(C) बिटुमिनस
(D) पीट
उत्तर:
(B) एंथ्रासाइट

39. टरशरी किस्म का कोयला कितने वर्ष पुराना है?
(A) लगभग 2.5 करोड़ वर्ष
(B) लगभग 3.5 करोड़ वर्ष
(C) लगभग 4.5 करोड़ वर्ष
(D) लगभग 5.5 करोड़ वर्ष
उत्तर:
(D) लगभग 5.5 करोड़ वर्ष

40. गोंडवाना समूह का कोयला कितने वर्ष पुराना है?
(A) लगभग 10 करोड़ वर्ष
(B) लगभग 20 करोड़ वर्ष
(C) लगभग 25 करोड़ वर्ष
(D) लगभग 30 करोड़ वर्ष
उत्तर:
(B) लगभग 20 करोड़ वर्ष

41. एक ऐसा खनिज, जिसका भारत को सबसे अधिक आयात करना पड़ता है-
(A) कोयला
(B) पेट्रोलियम
(C) मैगनीज़
(D) लोहा
उत्तर:
(B) पेट्रोलियम

42. भारत में लौह-अयस्क का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है-
(A) गुजरात
(B) ओडिशा
(C) कर्नाटक
(D) राजस्थान
उत्तर:
(B) ओडिशा

43. मुंबई (बॉम्बे) हाई किसलिए प्रसिद्ध है?
(A) परमाणु रिएक्टर के लिए
(B) पेट्रोलियम भंडार के लिए
(C) पनडुब्बी निर्माण के लिए
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(B) पेट्रोलियम भंडार के लिए

44. बिजली के उपकरण बनाने में सबसे अधिक कौन-सी धातु का प्रयोग किया जाता है?
(A) लोहा
(B) ताँबा
(C) सीसा
(D) जस्ता
उत्तर:
(B) ताँबा

45. राष्ट्रीय ताप बिजली निगम की स्थापना कब की गई?
(A) सन् 1952 में
(B) सन् 1954 में
(C) सन् 1975 में
(D) सन् 1988 में
उत्तर:
(C) सन् 1975 में

46. मैंगनीज़ उत्पादन में कौन-सा राज्य अग्रणी है?
(A) राजस्थान
(B) ओडिशा
(C) गुजरात
(D) छत्तीसगढ़
उत्तर:
(B) ओडिशा

47. नरोरा परमाणु ऊर्जा केंद्र स्थित है
(A) तमिलनाडु
(B) कर्नाटक
(C) उत्तर प्रदेश
(D) पंजाब
उत्तर:
(C) उत्तर प्रदेश

48. नेवेली तापीय शक्ति केंद्र स्थित है-
(A) आंध्र प्रदेश
(B) महाराष्ट्र
(C) मध्य प्रदेश
(D) तमिलनाडु
उत्तर:
(D) तमिलनाडु

49. पेरियार जल विद्युत् उत्पादन केंद्र कहाँ स्थित है?
(A) आंध्र प्रदेश
(B) केरल
(C) कर्नाटक
(D) तमिलनाडु
उत्तर:
(B) केरल

B. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दीजिए

प्रश्न 1.
महाराष्ट्र राज्य में पेट्रोकैमिकल का मुख्य उत्पादन केंद्र कहाँ है?
उत्तर:
पुणे में।

प्रश्न 2.
सर्वप्रथम अपतटीय क्षेत्र में कहाँ तेल खोजा गया?
उत्तर:
गुजरात के अलियाबेट नामक द्वीप पर।

प्रश्न 3.
सर्वोत्तम किस्म का लौह अयस्क कौन-सा होता है?
उत्तर:
मैग्नेटाइट अयस्क।

प्रश्न 4.
किस प्रकार के लौह अयस्क का खनन अनार्थिक माना जाता है?
उत्तर:
सिडेराइट अयस्क का।

प्रश्न 5.
राजस्थान राज्य में परमाणु शक्ति केंद्र कहाँ है?
उत्तर:
रावतभाटा परमाणु शक्ति केंद्र (कोटा)।

प्रश्न 6.
ऊर्जा खनिज संसाधनों के कोई दो उदाहरण दें।
उत्तर:

  1. कोयला
  2. पेट्रोलियम

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 7.
बॉक्साइट किस काम आता है?
उत्तर:
बॉक्साइट से एल्यूमिनियम धातु बनाई जाती है।

प्रश्न 8.
केरल के कोई दो अभ्रक उत्पादक क्षेत्रों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. पुन्नालूर
  2. नय्यूर।

प्रश्न 9.
भारत के किस राज्य का अभ्रक उत्पादन में प्रथम स्थान है?
उत्तर:
आंध्र प्रदेश का।

प्रश्न 10.
भारत में विश्व का कितने प्रतिशत अभ्रक निकाला जाता है?
उत्तर:
लगभग 80%

प्रश्न 11.
पुरुलिया व बांकुरा में किस धातु का उत्पादन होता है?
उत्तर:
अभ्रक का।

प्रश्न 12.
भारत का सबसे बड़ा और सबसे पुराना परमाणु ऊर्जा केंद्र कौन-सा है?
उत्तर:
तारापुर परमाणु ऊर्जा केंद्र (महाराष्ट्र)।

प्रश्न 13.
धात्विक खनिजों के कोई दो उदाहरण दें।
उत्तर:

  1. लोहा
  2. ताँबा।

प्रश्न 14.
अधात्विक खनिजों के कोई दो उदाहरण दें।
उत्तर:

  1. अभ्रक
  2. पोटाश।

प्रश्न 15.
भारत में एक प्रकार के लौह-अयस्क का नाम लिखें।
उत्तर:
मेग्नेटाइट।

प्रश्न 16.
भारत के दो परमाणु शक्ति गृहों केंद्रों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. तारापुर
  2. कैगा।

प्रश्न 17.
भारत में डोलोमाइट के दो उत्पादक राज्यों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. राजस्थान
  2. गुजरात।

प्रश्न 18.
भारत में कल्पक्कम और हीराकुड किसलिए प्रसिद्ध है?
उत्तर:
अणु शक्ति और जल विद्युत के कारण।

प्रश्न 19.
भारत की पहली पाइपलाइन कहाँ बिछाई गई?
उत्तर:
भारत की पहली पाइपलाइन असम में नाहरकटिया से बरोनी तक बिछाई गई जिसकी लम्बाई लगभग 152 कि०मी० है।

प्रश्न 20.
भारत में पवन ऊर्जा के उत्पादन में किस राज्य का प्रथम स्थान है?
उत्तर:
तमिलनाडु का।

प्रश्न 21.
भारत में परमाणु कार्यक्रम के शुभारंभकर्ता कौन थे?
उत्तर:
डॉ० होमी जहाँगीर भाभा।

प्रश्न 22.
ओडिशा के कोरापुट जिले में पंचपतमाली निक्षेप किस धातु के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है?
उत्तर:
बॉक्साइट के।

प्रश्न 23.
कौन-सा कोयला सबसे उत्तम किस्म का होता है?
उत्तर:
एंथेसाइट।

प्रश्न 24.
कौन-सा कोयला निम्न किस्म का होता है?
उत्तर:
लिग्माइट।

प्रश्न 25.
परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना कब की गई?
उत्तर:
सन् 1948 में।

प्रश्न 26.
भारतीय परमाणु विद्युत निगम की स्थापना कब की गई?
उत्तर:
सन् 1987 में।

प्रश्न 27.
भारत का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र कहाँ स्थित है?
उत्तर:
गुजरात में भुज के निकट माधापुर में।

प्रश्न 28.
भारत के किस राज्य में एशिया का सबसे बड़ा पवन ऊर्जा संयंत्र स्थित है?
उत्तर:
गुजरात में।

प्रश्न 29.
तमिलनाडु में पवन ऊर्जा संयंत्र कहाँ है?
उत्तर:
तूतीकोरिन में।

प्रश्न 30.
भारत में ज्वारीय ऊर्जा संयंत्र कहाँ स्थित है?
उत्तर:
गुजरात के कच्छ क्षेत्र में।

प्रश्न 31.
भारत में प्राकृतिक गैस के भंडार कहाँ पाए जाते हैं?
उत्तर:
कृष्णा-गोदावरी नदी बेसिन में।

प्रश्न 32.
राजस्थान में खेतड़ी की खानें किस खनिज के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं?
उत्तर:
ताँबा के लिए।

प्रश्न 33.
भारत के दो पेट्रोलियम उत्पादक राज्यों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. महाराष्ट्र
  2. गुजरात।

प्रश्न 34.
ओडिशा के कोई दो लौह अयस्क क्षेत्रों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. मयूरभंज
  2. सुंदरगढ़।

प्रश्न 35.
कर्नाटक के कोई दो लौह अयस्क क्षेत्रों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. बेलारी
  2. शिमोगा।

प्रश्न 36.
ओडिशा के दो मुख्य कोयला उत्पादन क्षेत्रों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. तलचर
  2. रामपुर।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 37.
कोयला किस काम आता है?
उत्तर:
इसका उपयोग विद्युत उत्पादन और लौह अयस्क के प्रगलन के लिए किया जाता है।

प्रश्न 38.
महाराष्ट्र के एक अपतटीय पेट्रोलियम उत्पादन केंद्र का नाम लिखें।
उत्तर:
मुंबई हाई।

प्रश्न 39.
तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग (ONGC) की स्थापना कब की गई?
उत्तर:
सन् 1956 में।

प्रश्न 40.
खनिजों की आत्मनिर्भरता में भारत का विश्व में कौन-सा स्थान है?
उत्तर:
दूसरा।

प्रश्न 41.
भारत में ताँबा उत्पादन में किस राज्य का प्रथम स्थान है?
उत्तर:
मध्य प्रदेश का।

प्रश्न 42.
गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (GAIL) की स्थापना कब की गई?
उत्तर:
सन् 1984 में।

प्रश्न 43.
राणा प्रताप सागर ज उत्पादन केंद्र किस नदी पर स्थित है?
उत्तर:
चम्बल नदी पर।

प्रश्न 44.
भारत की किस नदी घाटी में गोंडवाना कोयला क्षेत्र है?
उत्तर:
दामोदर नदी घाटी में।

प्रश्न 45.
भारत में पहला परमाणु शक्ति केन्द्र कहाँ लगाया गया?
उत्तर:
मुम्बई में।

प्रश्न 46.
भारत में कोयला क्षेत्रों के दो समूहों के नाम लिखिए।
अथवा
कोयला मुख्यतः किन दो भूगर्मिक कालों की शैल क्रमों में पाया जाता है?
उत्तर:

  1. गोंडवाना निक्षेप समूह
  2. टर्शियरी निक्षेप समूह।

प्रश्न 47.
कलपक्कम परमाणु ऊर्जा केंद्र किस राज्य में स्थित है?
उत्तर:
तमिलनाडु में।

प्रश्न 48.
किस खनिज को ‘भूरा हीरा’ के नाम से भी जाना जाता है?
उत्तर:
लिग्नाइट।

प्रश्न 49.
भारत में लौह-अयस्क का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन-सा है?
उत्तर:
ओडिशा।

प्रश्न 50.
मैंगनीज उत्पादन करने वाले दो राज्य बताएँ।
उत्तर:

  1. ओडिशा
  2. मध्यप्रदेश।

प्रश्न 51.
नाभिकीय ऊर्जा उत्पादन में प्रयुक्त दो खनिजों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. यूरेनियम
  2. थोरियम।

प्रश्न 52.
झरिया किस खनिज उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है?
उत्तर:
कोयला उत्पादन।

प्रश्न 53.
झारखण्ड का कोई एक अभ्रक उत्पादक क्षेत्र का नाम बताएँ।
उत्तर:
हजारीबाग।

प्रश्न 54.
काकरापाड़ा परमाणु ऊर्जा केंद्र किस राज्य में स्थित है?
उत्तर:
गुजरात में।

प्रश्न 55.
नरोरा परमाणु ऊर्जा केंद्र किस राज्य में स्थित है?
उत्तर:
उत्तर प्रदेश में।

प्रश्न 56.
पेरियार जल विद्युत उत्पादन केंद्र किस राज्य में स्थित है?
उत्तर:
केरल में।

प्रश्न 57.
अंकलेश्वर में किस खनिज पदार्थ का उत्पादन होता है?
उत्तर:
खनिज तेल (पेट्रोलियम)।

प्रश्न 58.
रानीगंज में किस खनिज पदार्थ का उत्पादन होता है?
उत्तर:
कोयले का।

प्रश्न 59.
कोलार क्षेत्र में किस धातु का उत्पादन होता है?
उत्तर:
सोने (Gold) का।

प्रश्न 60.
हरियाणा में तेल परिष्करणशाला कहाँ है?
उत्तर:
पानीपत में।

प्रश्न 61.
असम राज्य के दो पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. डिगबोई
  2. नहारकटिया।

प्रश्न 62.
मुम्बई हाई कहाँ स्थित है?
उत्तर:
मुम्बई हाई मुम्बई के उत्तर:पश्चिम में लगभग 160 कि०मी० दूर अरब सागर में स्थित है।

प्रश्न 63.
निम्नलिखित का पूरा नाम लिखें GAIL, GSI, NMDC, BGML, NPCIL, NALCO, ONGC, MECL, HVJ, IBM, NTPC, IOCL
उत्तर:

  1. GAIL : Gas Authority of India Limited
  2. GSI : Geological Survey of India
  3. NMDC : National Mineral Development Corporation
  4. BGML : Bharat Gold Mines Limited
  5. NPCIL : Nuclear Power Corporation of India Limited
  6. NALCO : National Aluminium Company Limited
  7. ONGC : Oil and Natural Gas Corporation
  8. MECL : Mineral Exploration Corporation Limited
  9. HVJ : Hazira-Vijapur-Jagdishpur
  10. IBM : Indian Bureau of Mines
  11. NTPC : National Thermal Power Corporation Limited
  12. IOCL : Indian Oil Corporation Limited

अति-लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र कहाँ स्थित हैं?
उत्तर:
कर्नाटक में कैगा नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र। उत्तर प्रदेश में नरोरा नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र।

प्रश्न 2.
भारत के चार मुख्य कोयला उत्पादक राज्यों के नाम लिखें। अथवा झारखण्ड के चार कोयला उत्पादक क्षेत्रों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. झारखण्ड-रानीगंज, झरिया, बोकारो, गिरीडीह।
  2. महाराष्ट्र-वर्धा, काम्पटी, बांदेर।
  3. ओडिशा-तलचर, रामपुर।
  4. छत्तीसगढ़-कोरबा।

प्रश्न 3.
लौह में किन तत्त्वों का मिश्रण कर विभिन्न प्रकार का इस्पात बनाया जाता है?
उत्तर:
लौह में मैंगनीज, टंगस्टन और निकिल आदि तत्त्वों का मिश्रण कर विभिन्न प्रकार का इस्पात बनाया जाता है।

प्रश्न 4.
भारत के प्रमुख मैंगनीज उत्पादक राज्यों के नाम लिखें।
अथवा
ओडिशा व कर्नाटक के प्रमुख मैंगनीज उत्पादक क्षेत्रों के नाम लिखें।
अथवा
महाराष्ट्र के कोई दो मैंगनीज उत्पादक क्षेत्रों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. ओडिशा-कालाहंडी, केंदुझर, सुंदरगढ़, बोनाई।
  2. मध्य प्रदेश-बालाघाट, झाबुआ।
  3. कर्नाटक-बेल्लारी, बेलगाम, चित्रदुर्ग, तुमकुर।
  4. महाराष्ट्र-नागपुर, रत्नागिरी, भंडारा।

प्रश्न 5.
भारत के कोई चार ताँबा उत्पादक राज्यों के नाम लिखें।
अथवा
राजस्थान के कोई चार ताँबा उत्पादक क्षेत्रों के नाम लिखें।
अथवा
मध्य प्रदेश एवं झारखंड के दो-दो ताँबा उत्पादक क्षेत्रों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. मध्य प्रदेश-बालाघाट, बेतूल।
  2. राजस्थान-खेतड़ी, सिंघाना, झुंझुनु।
  3. झारखण्ड-सिंहभूम, हजारीबाग, परगना।
  4. कर्नाटक-चित्रदुर्ग, हासन।

प्रश्न 6.
भारत के कोई चार बॉक्साइट उत्पादक क्षेत्रों या राज्यों के नाम लिखें।
अथवा
ओडिशा (उड़ीसा) के कोई तीन बॉक्साइट उत्पादक क्षेत्रों के नाम लिखें।
अथवा
महाराष्ट्र के कोई चार बॉक्साइट उत्पादक क्षेत्रों के नाम लिखें। अथवा गुजरात के कोई चार बॉक्साइट उत्पादक क्षेत्रों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. ओडिशा-कालाहांडी, संभलपुर, कोरापुर।
  2. महाराष्ट्र-कोल्हापुर, सतारा, पुणे, रत्नागिरी।
  3. गुजरात-जामनगर, भावनगर, पोरबंदर, सूरत।
  4. मध्य प्रदेश-बालाघाट, कटनी, जबलपुर।

प्रश्न 7.
एल्यूमिनियम के कोई दो उपयोग लिखें।
उत्तर:

  1. इसका उपयोग कलपुर्जे बनाने में किया जाता है।
  2. इसका उपयोग दरवाजे, खिड़कियाँ और शटर आदि बनाने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 8.
खनिज ईंधन या शक्ति संसाधनों के मुख्य स्रोत बताइए।
उत्तर:

  1. कोयला
  2. खनिज तेल
  3. अणु शक्ति वाले खनिज; जैसे यूरेनियम, थोरियम आदि।

प्रश्न 9.
खनिज कितने प्रकार के होते हैं? नाम बताएँ।
अथवा
धात्विक खनिजों के कोई चार उदाहरण दें।
अथवा
अधात्विक खनिजों के कोई चार उदाहरण दें।
उत्तर:
खनिज मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं-

  1. धात्विक खनिज लौह अयस्क, मैंगनीज, सोना, ताँबा, बॉक्साइट आदि।
  2. अधात्विक खनिज-अभ्रक, पोटाश, जिप्सम, कोयला, पेट्रोलियम आदि।

प्रश्न 10.
भारत में कोई चार कोयला उत्पादक या भंडारक राज्यों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. झारखण्ड
  2. ओडिशा
  3. छत्तीसगढ़
  4. पश्चिम बंगाल।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 11.
जैव ऊर्जा किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह ऊर्जा जो जैविक उत्पादों से प्राप्त होती है, जैव ऊर्जा कहलाती है। इसमें कृषि अवशेष, औद्योगिक व अन्य अपशिष्ट शामिल होते हैं।

प्रश्न 12.
पवन ऊर्जा के लिए भारत के किन राज्यों में अनुकूल परिस्थितियाँ पाई जाती हैं?
उत्तर:
पवन ऊर्जा के लिए राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु व कर्नाटक आदि में अनुकूल परिस्थितियाँ पाई जाती हैं।

प्रश्न 13.
मैंगनीज के प्रमुख उपयोग क्या हैं?
उत्तर:

  1. मैंगनीज का उपयोग इस्पात बनाने में किया जाता है।
  2. इससे चीनी मिट्टी के बर्तन बनाए जाते हैं।
  3. इसका उपयोग रासायनिक उद्योग में भी किया जाता है।

प्रश्न 14.
ऊर्जा के परंपरागत या अनवीकरणीय स्रोत कौन-से हैं?
उत्तर:
ऊर्जा के परंपरागत स्रोत कोयला, लकड़ी, उपले, पेट्रोलियम/पेट्रोल आदि हैं। ये ऊर्जा के ऐसे अनवीकरणीय स्रोत हैं जो वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण फैलते हैं।

प्रश्न 15.
खनिज क्या है?
अथवा
खनिज की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
भू-वैज्ञानिकों के अनुसार खनिज एक प्राकृतिक रूप से विद्यमान समरूप तत्त्व है जिसकी एक निश्चित आंतरिक संरचना होती है। खनिज प्रकृति में अनेक रूपों में पाए जाते हैं, जिनमें कठोर हीरा व नरम चूना तक सम्मिलित हैं।

प्रश्न 16.
ऑयल इण्डिया लिमिटेड क्या कार्य करता है?
उत्तर:
ऑयल इण्डिया लिमिटेड खनिज तेल व प्राकृतिक गैस की खोज व उत्पादन करके उन्हें तेल शोधक कम्पनियों और उपभोक्ताओं तक पहुँचाने का कार्य करता है।

प्रश्न 17.
भारत के शीर्ष चार जल विद्युत एवं पवन ऊर्जा उत्पादक राज्यों के नाम लिखें।
अथवा
भारत के कोई चार जल विद्युत उत्पादक राज्यों के नाम लिखें।
अथवा
भारत के कोई चार पवन ऊर्जा उत्पादक राज्यों के नाम लिखें।
उत्तर:
जल विद्युत उत्पादक राज्य-

  • कर्नाटक
  • पंजाब
  • आंध्र प्रदेश
  • महाराष्ट्र
  • केरल।

पवन ऊर्जा उत्पादक राज्य-

  • तमिलनाडु
  • महाराष्ट्र
  • कर्नाटक
  • गुजरात
  • राजस्थान।

प्रश्न 18.
मुंबई (बॉम्बे) हाई और सागर सम्राट से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
मुंबई हाई, जो मुंबई नगर से 160 कि०मी० दूर अपतटीय क्षेत्र में पड़ता है, को सन् 1973 में खोजा गया था। इस तेल क्षेत्र में 19 फरवरी, 1974 को ‘सागर सम्राट’ नामक जहाज द्वारा खुदाई की गई। यह तेल क्षेत्र भारत में सबसे अधिक तेल का उत्पादन करता है।

प्रश्न 19.
भारत के किन्हीं तीन तेल शोधन कारखानों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. पानीपत इण्डियन ऑयल रिफाइनरी।
  2. डिगबोई इण्डियन ऑयल रिफाइनरी।
  3. चेन्नई पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड।

प्रश्न 20.
खनिजों की दो विशेषताएँ लिखें।
उत्तर:

  1. खनिजों की निश्चित आंतरिक संरचना होती है।
  2. खनिजों का मूल्य होता है।

प्रश्न 21.
खनिजों के दो उपयोग लिखें।
उत्तर:

  1. खनिज मशीनों के निर्माण में प्रयोग किए जाते हैं।
  2. खनिज हमारी ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं।

प्रश्न 22.
प्लेसर निक्षेप किसे कहते हैं?
उत्तर:
पहाड़ियों के आधार तथा घाटी तल की रेत में जलोढ़ जमाव के रूप में पाए जाने वाले खनिजों को प्लेसर निक्षेप कहते हैं।

प्रश्न 23.
वाणिज्यिक ऊर्जा के स्रोत क्या हैं?
उत्तर:
कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस तथा जल विद्युत वाणिज्यिक ऊर्जा के स्रोत हैं।

प्रश्न 24.
मुंबई हाई क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर:
भारत में कुल पेट्रोलियम उत्पादन का लगभग 60 प्रतिशत भाग मुंबई हाई में पाया जाता है जिसके कारण मुंबई हाई प्रसिद्ध है।

प्रश्न 25.
कोयले को काला सोना क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
कोयला एक अति महत्त्वपूर्ण ऊर्जा संसाधन है। यह कई उद्योगों का आधार है। इसके काले रंग और अत्यधिक उपयोगिता के कारण इसे काला सोना कहा जाता है।

प्रश्न 26.
गैर-परंपरागत ऊर्जा संसाधनों के दो लाभ बताइए।
उत्तर:

  1. इनके प्रयोग से पर्यावरण प्रदूषण नहीं होता
  2. इनकी उत्पादन लागत अपेक्षाकृत कम होती है।

प्रश्न 27.
बायोगैस कैसे बनाई जाती है?
उत्तर:
झाड़ियों, कृषि से पैदा कचरा, पशुओं और मानव द्वारा जनित अपशिष्ट पदार्थों को एक वैज्ञानिक विधि द्वारा गलाने, सड़ाने से बायोगैस बनाई जाती है।

प्रश्न 28.
गोबर गैस प्लांट के दो लाभ लिखिए।
उत्तर:

  1. इससे घरेलू कार्यों में ईंधन के रूप में ऊर्जा मिलती है
  2. इससे उन्नत प्रकार का उर्वरक मिलता है।

प्रश्न 29.
मैंगनीज़ को ‘Jack Mineral’ क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
अपने बहु-आयामी गुणों के कारण मैंगनीज़ को ‘Jack Mineral’ कहा जाता है। मैंगनीज़ का उपयोग इस्पात उद्योग, ब्लीचिंग पाउडर, कीटाणुनाशक दवाइयाँ, रंग-रोगन व शुष्क बैटरियाँ आदि बनाने में किया जाता है।

प्रश्न 30.
मैंगनीज के कोई दो लाभ लिखिए।
उत्तर:

  1. इसका प्रयोग लौह-अयस्क को गलाने व लौह-मिश्रधातुओं को बनाने में किया जाता है।
  2. शक दवाइयाँ, रंग-रोगन, शष्क बैटरियाँ तथा चीनी मिट्टी के बर्तन बनाने में प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 31.
उन चार नदी घाटियों के नाम बताइए जिनमें गोंडवाना कोयला पाया जाता है?
उत्तर:

  1. दामोदर घाटी
  2. सोन घाटी
  3. महानदी घाटी
  4. गोदावरी घाटी।

प्रश्न 32.
भारत की प्रमुख खनिज पट्टियों के नाम बताइए।
उत्तर:
भारत के पठारी भाग में पाई जाने वाली तीन प्रमुख खनिज पट्टियाँ निम्नलिखित हैं-

  1. उत्तर-पूर्वी पठार
  2. दक्षिण-पश्चिमी पठार
  3. उत्तर-पश्चिमी प्रदेश।

प्रश्न 33.
भारत में लौह अयस्क उत्पादन करने वाले चार राज्यों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. झारखंड
  2. ओडिशा
  3. मध्यप्रदेश
  4. कर्नाटक।

प्रश्न 34.
अपरंपरागत ऊर्जा स्रोत से आप क्या समझते हैं?
अथवा
गैर-परंपरागत या नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
ऊर्जा के वे स्रोत जिनके प्रयोग की पहले से परंपरा न रही हो वे अपरंपरागत ऊर्जा स्रोत कहलाते हैं। इसमें सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय तरंगों की ऊर्जा, बायोगैस आदि सम्मिलित हैं।

प्रश्न 35.
भारत की चार तेल परिष्करणशालाओं के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. पानीपत
  2. मथुरा
  3. मुम्बई
  4. बरौनी।

प्रश्न 36.
लौह अयस्क की मुख्य विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर:

  1. उद्योगों के विकास को आधार प्रदान करना।
  2. इस्पात बनाने के उत्तम गुण उपस्थित होना।
  3. विद्युत उद्योग के लिए आवश्यक चुम्बकीय गुण होना।

प्रश्न 37.
बहुमूल्य खनिज तथा ऊर्जा खनिज से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:

  1. बहुमूल्य खनिज – वे खनिज जिनका आर्थिक महत्त्व बहुत अधिक होता है, उन्हें बहुमूल्य खनिज कहते हैं। उदाहरण सोना, चाँदी, प्लेटिनम आदि।
  2. ऊर्जा खनिज – वे खनिज जो हमें ऊर्जा एवं शक्ति प्रदान करते हैं, उन्हें ऊर्जा खनिज कहते हैं। उदाहरण-कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस आदि।

प्रश्न 38.
भारत में अपारंपरिक ऊर्जा के स्रोतों के विकास की आवश्यकता अधिक क्यों है?
उत्तर:
कोयला, खनिज तेल, प्राकृतिक गैस और परमाणु आदि परंपरागत ऊर्जा के स्रोतों पर हम सदैव निर्भर नहीं रह सकते, क्योंकि ये संसाधन प्रकृति में अनंत नहीं हैं, बल्कि समाप्य हैं। इसलिए गैर-परंपरागत ऊर्जा के साधनों को विकास आवश्यक है। सौर-ऊर्जा, ज्वारीय तरंगें, भू-तापीय ऊर्जा तथा जैव भार (Biomass) आदि अपारंपरिक ऊर्जा के महत्त्वपूर्ण उदाहरण हैं।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
धात्विक खनिज तथा अधात्विक खनिज में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:

धात्विक खनिजअधात्विक खनिज
1. ऐसे खनिज पदार्थों को, जिनके गलाने से विभिन्न प्रकार की धातुएँ प्राप्त होती हैं, धात्विक खनिज कहते हैं।1. ऐसे खनिज, जिनको गलाने से किसी प्रकार की कोई धातु प्राप्त नहीं होती, उसे अधात्विक खनिज कहते हैं।
2. लोहा, तांबा, मैगनीज़ तथा बॉक्साइट धात्विक खनिज हैं।2. कोयला, नमक, पोटाश तथा संगमरमर आदि अधात्विक खनिज हैं।
3. धात्विक खनिज प्राय: आग्नेय चट्टानों में पाए जाते हैं।3. अधात्विक खनिज परतदार चट्टानों में पाए जाते हैं।

प्रश्न 2.
लौह और लौह खनिज में क्या अंतर है?
उत्तर:
लौह तथा लौह खनिज में निम्नलिखित अंतर हैं-

लौह खनिजलौह खनिज
1. इन खनिज पदार्थों में लौह-अंश पाए जाते हैं।1. इनमें लौह-अंश का अभाव होता है।
2. इन खनिजों का प्रयोग लोहा-इस्पात उद्योग में होता है। लोहे को मजबूत बनाने के लिए विभिन्न धातुओं को मिलाया जाता है।2. इन खनिजों की अपनी-अपनी उपयोगिता होती है।
3. इनके मुख्यं उदाहरण लोहा, मैंगनीज़, क्रोमाइट तथा कोबाल्ट आदि हैं।3. इनके मुख्य उदाहरण सोना, तांबा, सीसा तथा निकिल आदि हैं।

प्रश्न 3.
ताप विद्युत और जल विद्युत में क्या अंतर है?
उत्तर:
ताप विद्युत और जल विद्युत में निम्नलिखित अंतर हैं-

ताप विद्युतजल विद्युत
1. इसमें बिजली बनाने के लिए कोयले, डीज़ल और प्राकृतिक गैस का उपयोग किया जाता है।1. इसमें बिजली बनाने के लिए प्रवाहित जल की उपलब्धता आवश्यक है।
2. ताप विद्युत उत्पादन में पर्यावरण दूषित होता है।2. जल विद्युत उत्पादन पर्यावरण हितैषी परियोजना है।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 4.
गोंडवाना और टरशरी कोयले में क्या अंतर है?
उत्तर:
गोंडवाना और टरशरी कोयले में निम्नलिखित अंतर हैं-

गोडवाना कोयलाटरशरी कोयला
1. यह कोयला गोंडवाना काल की चट्टानों में पाया जाता है।1. यह कोयला टरशरी युग की चट्टानों में मिलता है।
2. यह चट्टानें 20 करोड़ वर्ष पुरानी हैं।2. ये चट्टानें 5.5 करोड़ वर्ष पुरानी हैं।
3. भारत का 98.5% कोयला गोंडवाना काल की चट्टानों में पाया जाता है।3. इनमें भारत का 1.5% कोयला पाया जाता है।

प्रश्न 5.
हमें खनिजों के संरक्षण की क्यों आवश्यकता है?
उत्तर:
खनिज हमारे उद्योगों और कृषि का एक आधार हैं। खनिजों के भंडार सीमित हैं। यदि हम लापरवाहीपूर्वक और बिना नियोजन के खनिजों का प्रयोग करते रहे तो इनके वास्तविक भंडार अतिशीघ्र समाप्त हो जाएँगे और खनिजों का अकाल पड़ जाएगा। इससे हमारा औद्योगिक विकास रुक जाएगा और अर्थव्यवस्था तहस-नहस हो जाएगी। अतः आर्थिक गतिविधियों के समुचित संचालन के लिए हमें खनिजों के संरक्षण की आवश्यकता है।

प्रश्न 6.
ऊर्जा के किन्हीं चार स्रोतों/साधनों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
ऊर्जा के चार स्रोत निम्नलिखित हैं-
1. कोयला-यह शक्ति का प्रारंभिक साधन है। यह औद्योगिक कच्चे माल के रूप में भी प्रयोग होता है। विद्युत उत्पादन और अन्य उद्योगों में कोयले का प्रयोग किया जाता है।

2. जल-विद्युत-इसे पैदा करने के लिए गिरते हुए पानी की शक्ति प्राप्त करके टरबाइन को गतिमान किया जाता है। अभी तक शक्ति के साधनों में यह सबसे सस्ता साधन है। जल-विद्युत का सबसे बड़ा लाभ यह है कि निरंतर प्रयोगों के बावजूद भी इसके स्रोत समाप्त नहीं होते क्योंकि जल-संसाधन नवीकरण योग्य हैं।

3. खनिज तेल-यह अति दहनशील पदार्थ है। इसका प्रयोग अंतर्दहन इंजन में किया जाता है। खनिज तेल का परिष्करण करके डीज़ल, मिट्टी का तेल, पेट्रोल, उड्डयन स्पिरिट आदि प्राप्त किए जाते हैं। इससे सड़क परिवहन, जहाजों, वायुयानों आदि को चालक शक्ति प्राप्त होती है।

4. परमाणु ऊर्जा-इसे प्राप्त करने के लिए अणु पदार्थों को नियंत्रित परिस्थितियों में विखंडित करते हैं। इससे असीम ऊर्जा उत्पन्न होती है, जिसका उपयोग विविध उद्देश्यों के लिए किया जाता है।

प्रश्न 7.
ऊर्जा के गैर-परंपरागत स्रोतों का महत्त्व बताइए।
उत्तर:
ऊर्जा के गैर-परंपरागत स्रोतों में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायोगैस तथा कूड़े-कचरे से प्राप्त ऊर्जा सम्मिलित हैं। इनका महत्त्व निम्नलिखित है

  1. ये स्रोत नवीकरण योग्य हैं, इनका पुनः उपयोग किया जा सकता है।
  2. ये स्रोत प्रदूषण मुक्त और पारिस्थितिक अनुकूल हैं।
  3. ये साधन अपेक्षाकृत कम खर्चीले हैं।
  4. ऊर्जा के गैर-परंपरागत स्रोत; जैसे सौर ऊर्जा का प्रयोग घरों में पानी गरम करने, खाना पकाने, बिजली का उत्पादन करने के लिए किया जाता है।
  5. इसी तरह पवन ऊर्जा का उपयोग खेतों में सिंचाई करने, बिजली पैदा करने तथा पानी खींचने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 8.
भारत में सौर ऊर्जा का भविष्य उज्ज्वल है। कारण स्पष्ट करें।
उत्तर:
भारत एक उष्ण-कटिबंधीय देश है। यहाँ की जलवायु गर्म होने के कारण यहाँ पर सौर ऊर्जा के दोहन की अत्यन्त संभावनाएँ हैं। फोटोवोल्टाइक प्रौद्योगिकी द्वारा धूप को सीधे विद्युत में बदला जाता है। भारत के ग्रामीण तथा सुदूर क्षेत्रों में सौर ऊर्जा तेजी से लोकप्रिय हो रही है। भारत का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र भज के निकट माधापर में स्थित है. ज के बड़े बर्तनों को कीटाणुमुक्त किया जाता है। ऐसी अपेक्षा है कि सौर ऊर्जा के प्रयोग से ग्रामीण घरों में उपलों तथा लकड़ी पर निर्भरता को न्यूनतम किया जा सकेगा। फलस्वरूप यह पर्यावरण संरक्षण में योगदान देगा और कृषि में भी खाद्य की पर्याप्त आपूर्ति होगी। अतः हम कह सकते हैं कि भविष्य में सौर ऊर्जा भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रही है।

प्रश्न 9.
खनिज पदार्थ हमारे उद्योगों के लिए रीढ़ की हड्डी हैं स्पष्ट करें।
उत्तर:
किसी भी राष्ट्र के लिए खनिज पदार्थ अत्यधिक महत्त्वपूर्ण होते हैं। खनिज उद्योग-धंधों का जीवन-आधार हैं। इनकी उपयोगिता को देखते हुए ही तो किसी ने कहा है, “खनिज पदार्थ हमारे उद्योगों के लिए रीढ़ की हड्डी हैं।” किसी भी देश के आर्थिक विकास में खनिजों का महत्त्वपूर्ण योगदान है। इसके बिना राष्ट्र विकास नहीं कर सकता; जैसे मध्य-पूर्व के आज पेट्रोलियम उत्पादन में धनी होकर औद्योगिक विकास की ओर बढ़ रहे हैं और उनके निवासियों का जीवन-स्तर ऊपर उठ रहा है।

खनिजों का शोषण बड़ी सावधानी से किया जाता है क्योंकि ये अनापूर्ति साधन हैं। एक बार प्रयोग कर लेने के पश्चात् इनका कोई मूल्य नहीं। हमारे देश में इनकी उपयोगिता और आवश्यकता को देखते हुए देश में ‘राष्ट्रीय खनिज विकास समिति’ की स्थापना की गई है। यह समिति देश में उपयोगी खनिजों की खोज के लिए प्रयत्नशील है।

प्रश्न 10.
मुंबई हाई का देश की अर्थव्यवस्था में क्या योगदान है?
उत्तर:
मुंबई हाई भारत का सबसे बड़ा तेल उत्पादक क्षेत्र है। इस स्थान से तेल निकालने के लिए बहुत ही विकसित एवं उच्च स्तर की प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया गया है। भारतीय अर्थव्यवस्था में ‘मुंबई हाई’ का बहुत बड़ा योगदान है। यह हमारे पेट्रोलियम उत्पादों की आवश्यकताओं की बहुत बड़े भाग की पूर्ति करता है। इससे हमें बहुत बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा की बचत होती है।

प्रश्न 11.
खनिजों के वर्गीकरण की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
रासायनिक एवं भौतिक गुणधर्मों के आधार पर खनिजों को निम्नलिखित प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है
1. धात्विक खनिज-वे खनिज जिनसे हमें धातुएँ प्राप्त होती हैं, उन्हें धात्विक खनिज कहते हैं। लौह-अयस्क, ताँबा, सोना, चाँदी आदि इसके उदाहरण हैं।

लौह-खनिज-वे धात्विक खनिज जिनमें लोहे का अंश पाया जाता है, उन्हें लौह खनिज कहते हैं; जैसे लौह-अयस्क, निकिल, कोबाल्ट आदि।
अलौह खनिज-वे धात्विक खनिज जिनमें लौह का अंश नहीं पाया जाता, उन्हें अलौह खनिज कहते हैं; जैसे तांबा, जस्ता, बॉक्साइट आदि।

2. अधात्विक खनिज-वे खनिज जिनसे हमें धातुएँ नहीं प्राप्त होती, उन्हें अधात्विक खनिज कहते हैं। खनिज तेल, नमक, अभ्रक, पोटाश, चूना पत्थर आदि इसके उदाहरण हैं।

प्रश्न 12.
“कोयला ऊर्जा का महत्त्वपूर्ण स्रोत है।”-व्याख्या करें।
उत्तर:
कोयला महत्त्वपूर्ण खनिजों में से एक है। भारत अपनी व्यापारिक ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए कोयले पर निर्भर है। इसका मुख्य उपयोग ताप विद्युत उत्पादन और लौह अयस्क के प्रगलन के लिए किया जाता है। रेलवे और उद्योगों में भाप का इंजन चलाने के लिए इसे ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है। खाना बनाने वाले कोयले का प्रयोग लोहे की प्रगलन भट्टी में किया जाता है।

प्रश्न 13.
ऊर्जा के संरक्षण हेतु आप क्या सुझाव देंगे?
उत्तर:
ऊर्जा के संरक्षण हेतु निम्नलिखित सुझावों पर अमल करना चाहिए-

  1. सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था का अधिक-से-अधिक और निजी वाहनों का कम-से-कम उपयोग करना चाहिए।
  2. आवश्यकता न होने पर बिजली के स्विच बंद कर देने चाहिएँ।
  3. शक्ति बचाने की युक्तियाँ अपनानी चाहिएँ।
  4. अपने बिजली के उपकरणों को नियमित रूप से जाँचते रहना चाहिए।
  5. ऊर्जा के गैर-परंपरागत स्रोतों के उपयोग पर अधिक-से-अधिक बल देना चाहिए।

प्रश्न 14.
सौर संयंत्र पर एक संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर:
सौर संयंत्र, सौर ऊर्जा के सीधे अवशोषण से चलते हैं। इसमें परावर्तन करने वाली दर्पण प्रणाली का प्रयोग किया जाता है। कई गतिशील दर्पण, सूर्य की किरणों को केंद्रीय ऊंची मीनार के शीर्ष पर परावर्तित करते हैं, जहां भाप बायलर तथा विद्युत उत्पन्न करने वाले संयंत्र स्थापित होते हैं। सौर सैलों का उपयोग करके सौर विकिरण से सीधे विद्युत बनाई जा सकती है। यह सूर्य से विद्युत उत्पन्न करने का दूसरा तरीका है। इन सैलों में रवेदार सिलीकॉन जैसे पदार्थों का उपयोग होता है, जो सौर विकिरण को अवशोषित करके उसे सीधे विद्युत में बदल देते हैं।

प्रश्न 15.
प्राकृतिक गैस और बायोगैस में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर:
प्राकृतिक गैस और बायोगैस में निम्नलिखित अंतर हैं-

प्राकृतिक गैसबायोगैस
1. प्राकृतिक गैस एक खनिज है और यह धरातल के नीचे से निकाली जाती है।1. बायोगैस पशुओं के गोबर, मल-मूत्र और गली-सड़ी वस्तुओं से प्राप्त की जाती है।
2. यह प्रायः पेट्रोलियम के कुओं में पेट्रोलियम के ऊपर पाई जाती है।2. इस गैस का संयंत्र किसान अपने घर के पास आसानी से लगा सकता है।
3. यह गैस बायोगैस की तुलना में अधिक महंगी है।3. यह एक सस्ता ईंधन है।
4. यह स्वतन्त्र रूप से मिलती है।4. इसे बनाना पड़ता है।

प्रश्न 16.
परम्परागत और गैर-परम्परागत ऊर्जा संसाधनों में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर:
परम्परागत और गैर-परम्परागत ऊर्जा संसाधनों में निम्नलिखित अंतर हैं-

परम्परागत/अनवीकरणीय ऊर्जा संसाधनगैर-परम्परागत/नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन
1. परम्परागत ऊर्जा संसाधनों का विकास लम्बे समय पहले हुआ।1. गैर-परम्परागत ऊर्जा संसाधनों का विकास अभी किया गया है।
2. ये ऊर्जा के अनवीकरणीय संसाधन हैं।2. ये ऊर्जा के नवीकरणीय संसाधन हैं।
3. ये वायु एवं जल प्रदूषण फैलाते हैं।3. ये किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं फैलाते।
4. उदाहरण-कोयला, पेट्रोलियम, लकड़ी, उपले आदि।4. उदाहरण-सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल ऊर्जा आदि।

प्रश्न 17.
भारत में खनिज के अन्वेषण में संलग्न अधिकरण कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
भारत में खनिजों का व्यवस्थित सर्वेक्षण, पूर्वेक्षण तथा अन्वेषण के कार्य भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI), तेल व प्राकृतिक गैस कार्पोरेशन लिमिटेड (ONGC), खनिज अन्वेषण निगम लिमिटेड (MECL), राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (NMDC), इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंज (IBM), भारत गोल्डमाइंस लिमिटेड (BGML), राष्ट्रीय ऐल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (NALCO) और विभिन्न राज्यों के खदान एवं भू-विज्ञान विभाग करते हैं।

प्रश्न 18.
भारत में जल विद्युत् शक्ति के विकास के लिए पाई जाने वाली अनुकूल दशाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत में जल विद्युत शक्ति के विकास के लिए निम्नलिखित अनुकूल परिस्थितियाँ पाई जाती हैं-
1. भूमि का स्वभाव-भारत में पर्वतीय तथा पठारी क्षेत्र उपलब्ध हैं। जल विद्युत के उत्पादन के लिए तीव्र ढालू भूमि की आवश्यकता है। इसलिए भारत के पर्वत तथा पठार जल विद्युत उत्पन्न करने के लिए उचित क्षेत्र हैं। अधिक ऊंचाई से गिरने वाले जल से अधिक जल विद्युत उत्पन्न की जा सकती है।

2. जल की उपलब्धता-भारत अधिकतर नदियों का उद्गम पर्वतीय क्षेत्र है। यहाँ मानसून पवनों से काफी वर्षा होती है। इसलिए सारा वर्ष नदियों में जल उपलब्ध रहता है।

3. जल-प्रपातों की उपस्थिति-दक्षिणी भारत की अधिकतर नदियाँ जल-प्रपात बनाती हैं इसलिए वहाँ जल विद्युत उत्पन्न करने के लिए आदर्श परिस्थितियाँ हैं। उदाहरण के लिए उत्तरी अमेरिका में नियाग्रा जल-प्रपात से विद्युत उत्पन्न के

4. खपत क्षेत्रों की निकटता-जल विद्युत को प्रयोग में लाने वाले क्षेत्र जल विद्युत उत्पादित क्षेत्रों के निकट होने चाहिएँ, इससे जल विद्युत का ह्रास कम होता है।

5. विद्युत की मांग-जल विद्युत के विकास के लिए अधिक मांग का होना आवश्यक है। उदाहरण के लिए अफ्रीका महाद्वीप में विद्यत की मांग कम है। इसीलिए वहाँ उत्पादन भी कम होता है।

6. पूंजी-नदियों पर बांध बनाने तथा विद्युत निर्माण करने के लिए पर्याप्त पूंजी की आवश्यकता होती है। जल विद्यत विकास के लिए तकनीकी ज्ञान तथा विकसित यातायात के साधनों की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 19.
भारत में मैंगनीज़ के वितरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मैंगनीज़ एक महत्त्वपूर्ण खनिज पदार्थ है, जिसका उपयोग अधिकतर लोहा गलाने के लिए किया जाता है। एक टन इस्पात बनाने के लिए लगभग 6 किलोग्राम मैंगनीज़ की जरूरत पड़ती है। इसके अतिरिक्त इस पदार्थ का उपयोग रासायनिक उद्योगों में ब्लीचिंग पाउडर, रंग-रोगन, कीटनाशक दवाइयों, चीनी-मिट्टी के बर्तन तथा शुष्क बैटरियों के बनाने में किया जाता है। इसमें अनेक अशुद्धियाँ होती हैं। उनको दूर करके ही इसका प्रयोग किया जाता है। भारत में मैंगनीज का वितरण अग्रलिखित हैं

  1. ओडिशा यहाँ के मुख्य उत्पादक क्षेत्र सुंदरगढ़, संबलपुर, क्योंझर, कालाहांडी, कोरापुट तथा धेनकनाल जिले हैं।
  2. कर्नाटक यहाँ के महत्त्वपूर्ण उत्पादक जिले उत्तरी कनारा, चित्रदुर्ग, शिमोगा, बेल्लारी हैं। यहाँ की प्रमुख खानें उसकोंडा, लोंडा, सदरहली, शंकरगुधा, शीदरहली, कुसमी, रामदुर्ग तथा बीजापुर हैं।
  3. मध्य प्रदेश-इसके मुख्य उत्पादक क्षेत्र छिंदवाड़ा तथा बालाघाट हैं। अन्य उत्पादक जिले बस्तर, नीमाड, धार मांडला तथा जबलपुर हैं।
  4. महाराष्ट्र-यहाँ के मुख्य उत्पादक जिले नागपुर तथा भंडारा हैं। यहाँ उच्चकोटि का मैंगनीज मिलता है।
  5. आंध्र प्रदेश यहाँ के मुख्य उत्पादक जिले श्रीकाकुलम, विशाखापट्टनम, कुडप्पा, विजयनगर तथा गंटूर हैं।
  6. अन्य राज्य झारखंड (चाईबासा), गुजरात, गोवा व राजस्थान में भी मैंगनीज प्राप्त होता है।

प्रश्न 20.
भारत में बॉक्साइट के उत्पादन व वितरण पर एक संक्षिप्त लेख लिखें।
उत्तर:
बॉक्साइट का प्रयोग एल्यूमीनियम बनाने के लिए किया जाता है। वर्ष 2011-12 में भारत ने 116.97 लाख टन बॉक्साइट उत्पन्न किया। पहले भारत अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिए बॉक्साइट आयात करता था, परंतु अब भारत बॉक्साइट को आयात करने के स्थान पर निर्यात करता है। भारत में बॉक्साइट के प्रमुख उत्पादक राज्य इस प्रकार हैं

  1. ओडिशा-ओडिशा भारत का सबसे बड़ा बॉक्साइट उत्पादक राज्य है। यहाँ के कालाहांडी व संभलपुर ज़िले बॉक्साइट उत्पादन में अग्रणी हैं। सुंदरगढ़ और कोरापुट अन्य महत्त्वपूर्ण उत्पादक जिले हैं।
  2. झारखंड इस राज्य के लोहारड़ागा जिले की पैटलैंडस में बॉक्साइंट के समृद्ध भंडार हैं। राँची और पलामु यहाँ के प्रमुख उत्पादक जिले हैं।
  3. गुजरात-यह राज्य भारत देश का 20.1% बॉक्साइट पैदा करता है। इसके मुख्य क्षेत्र जामनगर, साबरकंठा, कच्छ तथा सूरत आदि हैं।
  4. महाराष्ट्र-यह राज्य भारत का लगभग 12% बॉक्साइट पैदा करता है। यहाँ कोलाबा, रत्नागिरि तथा कोल्हापुर जिले इसके मुख्य उत्पादक क्षेत्र हैं।
  5. अन्य उत्पादक क्षेत्र अन्य उत्पादक क्षेत्रों में कर्नाटक का बेलगांव जिला, तमिलनाडु में नीलगिरि, सेलम तथा मदुरै, उत्तर प्रदेश में चांदा तथा जम्मू कश्मीर में पुंछ तथा उद्धमपुर में बॉक्साइट के उत्पादक क्षेत्र हैं।

प्रश्न 21.
भारत में तांबा के उत्पादन तथा वितरण का संक्षिप्त वर्णन करें।
उत्तर:
तांबे का उपयोग हमारे देश में प्राचीनकाल से ही होता आ रहा है। तांबे के सिक्के तथा बर्तन काफी समय पहले से प्रचलन में रहे हैं लेकिन वर्तमान समय में विद्युत की बढ़ती हुई माँग के कारण इसका उपयोग अधिक बढ़ गया है।

भारत में तांबे का खनन तथा परिष्करण कार्य हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड करता है। जब से इस प्रतिष्ठान की स्थापना हुई है, देश में तांबे के उत्पादन में वृद्धि हुई है लेकिन अब भी हमें अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए विदेशों पर निर्भर रहना पड़ता है।

उत्पादन एवं वितरण-देश में तांबे का उत्पादन झारखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश तथा कर्नाटक आदि राज्यों में होता है। झारखंड में सिंहभूम प्रमुख उत्पादक ज़िला है। इसके अतिरिक्त हजारीबाग में भी थोड़ा तांबा निकाला जाता है। राजस्थान तांबे की खानें झुंझुनु ज़िले में सिंघाणा से खेतड़ी तक विस्तृत हैं। खेतड़ी नगर में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड का कारखाना तांबे का परिष्करण करके तांबे का उत्पादन करता है।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 22.
भारत में खनिजों के संरक्षण पर नोट लिखिए।
उत्तर:
खनिज पृथ्वी पर पाए जाने वाले अनवीकरणीय संसाधन हैं। इनको एक बार प्रयोग कर लिए जाने के बाद लंबे समय तक इनकी पूर्ति नहीं हो सकती। जिन खनिजों के निर्माण में लाखों वर्ष लग गए हैं हम उनका शीघ्रता से और लापरवाही के साथ प्रयोग कर रहे हैं। निम्नलिखित बातों से खनिजों का संरक्षण अनिवार्य है

  1. खनिज संसाधनों के भण्डार सीमित हैं और ये अनवीकरणीय हैं।
  2. खनिज हमारे उद्योगों और कृषि का आधार हैं। इनकी अनुपस्थिति में देश का आर्थिक विकास रुक जाएगा।
  3. हमारे देश में खनिजों के भण्डारों की कमी है।
  4. खनिज अयस्कों के लगातार खनन से इनकी उपलब्धता की गहराई बढ़ती जाती है जिससे उत्खनन की लागत बढ़ जाती है।
  5. ज्यों-ज्यों हम गहराई में उत्खनन करते जाते हैं तो खनिजों की गुणवत्ता कम होती जाती है।
  6. खनिज संसाधनों की कमी के कारण मानवता के विकास की गति रुक जाएगी।

दिए गए तथ्यों के आधार पर हम कह सकते हैं कि खनिज पदार्थों का संरक्षण आज हमारी सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण आवश्यकता बन गया है।

दीर्घ-उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में कोयले के उत्पादन तथा वितरण का वर्णन कीजिए।
अथवा
कोयले की विभिन्न किस्मों का वर्णन कीजिए तथा भारत में कोयले के उत्पादन व वितरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कोयला ऊर्जा शक्ति का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है। पहले-पहल कोयला घरेलू कामों के प्रयोग में लाया जाता था। 18वीं शताब्दी में इंजन के आविष्कार से यह एक महत्त्वपूर्ण ईंधन बन गया। यह एक ज्वलनशील ईंधन है जिसका निर्माण वनस्पतियों एवं जीव-जंतुओं के नीचे दबने, आंतरिक दबाव तथा ताप के कारण रूप परिवर्तन से होता है। कोयले का प्रयोग अनेक उद्योगों में कच्चे माल के रूप में किया जाता है। भारत में कोयला मुख्यतः गोंडवानालैण्ड तथा टरश्यरी प्रकार की चट्टानों से प्राप्त किया जाता है। कोयले को काला सोना भी कहा जाता है। अमोनिया सल्फेट कोयले का महत्त्वपूर्ण गौण पदार्थ है जिसको रेफ्रिजरेशन, विस्फोटक पदार्थ तथा रासायनिक उद्योगों में इस्तेमाल किया जाता है।

कोयले के प्रकार (किस्में) (Types of Coal) कार्बन और आर्द्रता के आधार पर कोयले को निम्नलिखित वर्गों में बांटा गया है
1. एन्थ्रासाइट कोयला–एन्थ्रासाइट लकड़ी से कोयला बनने की अन्तिम अवस्था को दर्शाता है। यह काला, कठोर, चमकीला, रवेदार तथा सर्वोत्तम श्रेणी का कोयला होता है। इसमें कार्बन की मात्रा 90 से 96 प्रतिशत होती है तथा आर्द्रता न्यूनतम होती है। यह अत्यन्त सख्त कोयला है तथा इसके खनन पर भी बहुत खर्च आता है। एन्थ्रासाइट कोयला शुरू में धीरे आग पकड़ता है लेकिन जलने पर यह अत्यधिक ऊष्मा देता है। जलते समय यह नीली लौ देता है तथा कम धुआँ छोड़ता है। जलने के बाद इसकी राख भी बहुत कम होती है। इससे उत्तम किस्म का कोक बनाया जाता है। विश्व में इस कोयले के भण्डार सीमित हैं।

2. बिटुमिनस कोयला-एन्थ्रासाइट के बाद यह एक उच्चकोटि का कोयला है जिसमें कार्बन का अंश 70 से 90 प्रतिशत तक होता है। इसमें थोड़ा-सा अंश नमी का भी पाया जाता है। काले रंग का यह कठोर कोयला जल्दी आग पकड़ता है। यह पीली लौ के साथ जलता है तथा धुआँ और राख छोड़ता है। कारखानों व रेलों में इसी कोयले का प्रयोग होता है। इससे कोक बनाकर लौह-भट्ठियों में जलाया जाता है। बिटुमिनस कृत्रिम रबड़ बनाने का कच्चा माल है। विश्व में इस कोयले के भण्डार अधिक हैं। प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश भागों में बिटुमिनस कोयला पाया जाता है।

3. लिग्नाइट कोयला-इसे भूरा कोयला (Brown Coal) कहते हैं क्योंकि इसमें मूल वनस्पति के रेशे विद्यमान होते हैं। इस कोयले में कार्बन का अंश 45 से 70 प्रतिशत तक होता है। इसमें आर्द्रता अधिक होती है। इसकी दहन क्षमता कम है तथा यह जलने पर धुआँ व राख दोनों अधिक छोड़ता है। इस कोयले का प्रयोग तारकोल, कृत्रिम पेट्रोल व कृत्रिम रबड़ बनाने तथा ताप-विद्युत् भट्ठियों में किया जाता है।

4. पीट कोयला-पीट लकड़ी से कोयला बनने की पहली अवस्था है। कहने को तो यह कोयला है लेकिन यह लकड़ी से अधिक मिलता-जुलता है। इसमें नमी व गैसों की मात्रा अधिक होती है। इसे सुखाकर जलाया जाता है और यह लकड़ी की तरह काबेन का अंश 40 से 60 प्रतिशत तक होता है। यह अधिक धुआं छोड़ता है और इसकी राख भी बहुत ज्यादा होती है। निम्न जलन क्षमता के कारण पीट कोयले का कम प्रयोग किया जाता है।

वितरण तथा उत्पादन (Production and Distribution)-भारत में कोयले की पहली खान सन् 1774 में पश्चिम बंगाल के रानीगंज में खोदी गई थी। सन् 1900 तक कोयले के उत्पादन में कोई खास वृद्धि नहीं हुई। सन् 1900 तक देश में कोयले का कुल उत्पादन मात्र 60 लाख टन था। इसका कारण था उद्योगों की कमी और माँग का अभाव। दो विश्व युद्धों में कोयला खनन के दिन फिरे। प्रथम विश्व युद्ध (1914) के आरम्भ होते ही कोयले का उत्पादन बढ़कर 160 लाख टन हो गया।

दूसरे विश्व युद्ध में कोयले की माँग और बढ़ी और सन् 1945 में भारत में 290 लाख टन कोयले का उत्पादन हुआ। स्वतन्त्रता-प्राप्ति तक कोयले का उत्पादन 300 लाख टन हो गया। स्वतन्त्रता-प्राप्ति के बाद उद्योग-धन्धों में प्रगति के कारण कोयला उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई जो सन् 2014-2015 में लगभग 3821.37 लाख टन तथा सन् 2017-18 में लगभग 56.74 करोड़ टन हो गई। इस प्रकार पिछले कुछ वर्षों में कोयला उत्पादन में ग्यारह गुना से अधिक वृद्धि हुई है। विश्व में कोयला उत्पादन में भारत का तीसरा स्थान है। यह विश्व उत्पादन का लगभग 7.2% भाग पैदा करता है।

भारत में कोयले के दो क्षेत्र हैं-

  • प्रायद्वीपीय गोंडवाना क्षेत्र
  • उत्तरी भारत का टर्शियरी क्षेत्र।

भारत का अधिकांश कोयला गोंडवाना क्षेत्र में तथा शेष टरश्यरी क्षेत्र में मिलता है। गोंडवाना क्षेत्र के अंतर्गत भारत में निम्नलिखित राज्यों में कोयले का उत्पादन होता है
1. मध्यप्रदेश मध्य प्रदेश में सिंगरौली, झबुआ, विजयपुर प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्र हैं।

2. झारखण्ड-कोयला उत्पादन में झारखण्ड का महत्त्वपूर्ण स्थान है। इस प्रदेश के महत्त्वपूर्ण कोयला क्षेत्र रानीगंज, झरिया, बोकारो, गिरीडीह एवं करनपुरा हैं।

3. पश्चिम बंगाल-उत्पादन तथा संचित राशि की दृष्टि से पश्चिम बंगाल भारत का तीसरा राज्य है, जहां देश का लगभग 8% कोयला उत्पन्न किया जाता है। बर्दमान, पुरुलिया तथा बांकुरा यहाँ के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र हैं।

4. ओडिशा-ओडिशा राज्य में भारत का लगभग 23% कोयला संचित है। यह भारत का लगभग 18% कोयला उत्पन्न करता है। तलचर की खाने कोयला उत्पादन के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। यह क्षेत्र ब्राह्मणी नदी की घाटी में 520 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है।

5. आंध्र प्रदेश-यह क्षेत्र गोदावरी की घाटी में फैला है। यहां पर पाण्डूर तथा कोटागुंडम प्रमुख खानें हैं। यह क्षेत्र ऊपरी गोंडवाना क्रम की चट्टानों में स्थित है। यहां पर कोयले की सतह की मोटाई 1 मीटर से 2 मीटर तक है।

उपर्युक्त कोयला क्षेत्र के अतिरिक्त तृतीय कल्प (Tertiary Era) में कोयला क्षेत्रों में देश का 3% कोयला उत्पन्न किया जाता है। इस प्रकार का कोयला असम, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु में मिलता है।

प्रश्न 2.
भारत में लौह-अयस्क की किस्मों/प्रकारों, उत्पादन तथा वितरण का वर्णन कीजिए।
अथवा
भारत में लौहा-अयस्क के उत्पादन तथा वितरण का वर्णन करें।
उत्तर:
लोहे को उद्योगों की रीढ़ की हड्डी कहा जाता है तथा किसी देश का औद्योगिक विकास का स्तर वहाँ लोहे के उपयोग की मात्रा पर आंका जाता है। यह अयस्क के रूप में पाया जाता है।

लौह-अयस्क के प्रकार (Types of Iron-ore)-लौह-अयस्क में लोहे की मात्रा के आधार पर इसको निम्नलिखित वर्गों में बांटा जाता है

  • मैग्नेटाइट-यह सबसे बढ़िया किस्म का लोहा होता है। इसमें 72 प्रतिशत शुद्ध लोहा होता है। इसमें चुंबकीय लक्षण होते हैं तथा यह तमिलनाडु तथा कर्नाटक में मिलता है।
  • हैमेटाइट-इस अयस्क में 60 प्रतिशत से 70 प्रतिशत तक शुद्ध लोहा होता है। भारत में अधिकतर यह लोहा पाया जाता है।
  • लिमोनाइट-इस लोहे में 40 से 60 प्रतिशत तक शुद्ध लोहा होता है तथा यह अधिकतर पश्चिमी बंगाल में मिलता है।
  • सिडेराइट-इस अयस्क में 40 से 50 प्रतिशत लोहांश होता है। इसका उपयोग कम होता है, क्योंकि इसमें अशुद्धियाँ अधिक पाई जाती हैं। यह चाकू, छुरियाँ आदि बनाने के काम आता है।

उत्पादन तथा वितरण (Production and Distribution) अनुमान है कि भारत में लगभग 2,017 करोड़ टन लोहे के भंडार दबे पड़े हैं, जो विश्व का लगभग 20 प्रतिशत भाग है। इसमें 68.2 प्रतिशत हैमेटाइट किस्म का लोहा है। सन् 1990 में इसका उत्पादन 4.9 करोड़ टन हुआ। सन् 2014-15 में लौह अयस्क का उत्पादन 1544 लाख टन हुआ और 2017-18 में यह उत्पादन बढ़कर लगभग 200 मिलियन टन हो गया। लोहे-उत्पादन में भारत वर्तमान में विश्व में चौथे स्थान पर है और विश्व उत्पादन का लगभग 10% पैदा करता है। लोहे के मुख्य उत्पादक राज्य निम्नलिखित हैं
1. झारखण्ड-ओडिशा की ही लौहयुक्त पहाड़ियों का विस्तार झारखण्ड में है जहाँ देश की सबसे प्राचीन लौह खदानें स्थित हैं। भारत के अधिकतर स्टील प्लांट भी इन्हीं खदानों के आसपास अवस्थित हैं। यहाँ पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम जिलों में अवस्थित कोल्हन श्रृंखला में नोटूबुरु, नोआमुंडी, पंसारीबुरू, गुआ और सासगंडा खानों से हैमेटाइट लोहा निकाला जाता है। पलामु ज़िले के डाल्टनगंज, धनबाद, हज़ारीबाग, रांची तथा संथाल परगना ज़िलों से भी मैग्नेटाइट लोहा प्राप्त होता है। कुल्टी व बर्नपुर के इस्पात कारखानों को लोहा झारखंड की गुआ खान से ही प्राप्त होता है। यहाँ का थोड़ा-सा लोहा निर्यात भी होता है।

2. ओडिशा-यह राज्य देश का लगभग लगभग 25 प्रतिशत लोहा पैदा करता है तथा उत्तम किस्म का लोहा उत्पन्न करता है। मुख्य उत्पादक जिले क्योंझर, मयूरभंज, संबलपुर, कटक तथा सुंदरगढ़ हैं।
खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

3. मध्य प्रदेश यहाँ के महत्त्वपूर्ण जिले हैं रायगढ़, जबलपुर, बिलासपुर, मांडला, बालाघाट तथा सरगुजा। इस राज्य की महत्त्वपूर्ण खाने बोलाडिला, डाली तथा रंपारा हैं।

4. गोवा-लोहे के उत्पादन में गोवा का महत्त्व बढ़ा है। सन् 1988-89 में यहाँ 130 लाख टन लोहा पैदा किया गया। यहाँ का लोहा घटिया किस्म का है, जिसके अयस्क में 40 से 60 प्रतिशत लोहांश होता है। यह लिमोनाइट तथा सिडेराइट किस्म का लोहा है। इस राज्य में 300 से अधिक लोहे की खानें हैं, जिनमें पीरना-अदोल, पाले-ओनडा तथा कुंदनेमसरूला आदि महत्त्वपूर्ण हैं।
HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन 1
5. कर्नाटक यहाँ लोहे के विस्तृत भंडार हैं। यहाँ के प्रमुख उत्पादक जिले बेलारी तथा चिकमंगलूर हैं। इनके अतिरिक्त चित्रदुर्ग, धारवाड़ तथा शिमोगा में भी लोहा प्राप्त होता है ।

6. महाराष्ट्र-यह राज्य भारत का कुछ प्रतिशत लोहा उत्पादन करता है। मुख्य उत्पादक जिले चंद्रपुर, भंडारा तथा रत्नागिरि हैं।

7. अन्य उत्पादक क्षेत्र अन्य उत्पादक राज्यों में तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा, गुजरात तथा केरल हैं। यह सब मिलकर भारत का 2 प्रतिशत लोहा पैदा करते हैं।

प्रश्न 3.
भारत में ऊर्जा के नवीकरणीय एवं अनवीकरणीय साधनों/स्रोतों का वर्णन करें।
अथवा
भारत में ऊर्जा के परम्परागत ऊर्जा साधनों या स्रोतों का वर्णन कीजिए। अथवा भारत में अपरम्परागत ऊर्जा के साधनों पर एक नोट लिखें।
अथवा
परम्परागत ऊर्जा स्रोतों से आप क्या समझते हैं? भारत में इसके साधनों/स्रोतों का वर्णन करें। अथवा अपरम्परागत या गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोतों से आप क्या समझते हैं? भारत में इसके साधनों/स्रोतों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
परम्परागत ऊर्जा स्रोत-ऊर्जा के वे स्रोत जिनके प्रयोग की पहले से परंपरा चल रही हो वे परंपरागत ऊर्जा स्रोत कहलाते हैं। इनको अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत भी कहा जाता है।
परम्परागत ऊर्जा के साधन-ऊर्जा के परंपरागत साधन/स्रोत इस प्रकार हैं-
1. कोयला, लकड़ी व उपले-कोयला शक्ति का एक प्राचीन तथा प्रमुख साधन है। इसका प्रयोग उद्योगों, यातायात तथा विद्युत उत्पादन के लिए किया जाता है। इसे औद्योगिक क्रांति का आधार कहा जाता है। रेलों, जलयानों आदि के चलाने में भी इसका उपयोग किया जाता है। लकड़ी व उपले भी परम्परागत ऊर्जा के स्रोत हैं।

2. खनिज तेल यह शक्ति का एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण साधन है। इसका उपयोग यातायात सड़क, रेल और वायु परिवहन तथा उद्योग-धंधों को चलाने के लिए किया जाता है।

3. जल-विद्यत-यह नदियों के जल से प्राप्त की जाती है। इसका उपयोग यातायात उद्योग, घरेल खपत आदि में होता है।

4. परमाणु शक्ति-परमाणु ऊर्जा को प्राप्त करने के लिए अणु पदार्थों को नियंत्रित परिस्थितियों में विखंडित किया जाता है और परमाणु विद्युत प्राप्त की जाती है। इसका उपयोग उद्योगों तथा अन्य कार्यों में किया जाता है।

अपरम्परागत ऊर्जा स्रोत-अपरम्परागत ऊर्जा स्रोत वे स्रोत हैं जिनका प्रयोग करना हमने हाल ही के वर्षों या कुछ वर्षों पहले शुरू किया है। इनको नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत भी कहा जाता है।
अपरम्परागत ऊर्जा के साधन-अपरम्परागत ऊर्जा के साधन निम्नलिखित हैं-
1. पवन ऊर्जा-यह स्रोत असमाप्य और प्रदूषण मुक्त स्रोत है। इसमें बहती पवनों से ऊर्जा उत्पन्न की जाती है । बहती पवन की गतिज ऊर्जा को टरबाइन के जरिए विद्युत ऊर्जा में बदला जाता है। इसमें सभी प्रकार की पवनों; जैसे सन्मार्गी पवनें, पछुवा पवनें, मानसून पक्नें, स्थलीय पवनें तथा जलीय पवनों को विद्युत उत्पन्न करने के लिए उपयोग किया जाता है।

2. सौर ऊर्जा-सौर तापीय ऊर्जा अन्य सभी ऊर्जा स्रोतों से अधिक लाभदायक है। इस ऊर्जा को पैदा करना बहुत आसान है। इसमें लागत भी कम आती है और पर्यावरण के अनुकूल है। सूर्य किरणों को फोटोवोल्टाइक सैलों में इकट्ठा करके ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है। इस ऊर्जा का प्रयोग फसलों को सुखाने, पानी गर्म करने, विद्युत उत्पादन जैसी कई प्रक्रियाओं में उपयोग किया जा
सकता है।

3. ज्वारीय तथा तरंग ऊर्जा-ज्वारीय तथा तरंग ऊर्जा का उत्पादन समुद्रों पर बाँध बनाकर किया जाता है। ज्वार के समय उठे जल को ऊर्जा बनाने के काम में लाया जाता है। इन तरंगों के पानी को टरबाइन द्वारा विद्युत उत्पादन के काम में लाया जाता है।

4. भू-तापीय ऊर्जा-धरती के निचले भाग में स्थित गर्मी से जो ऊर्जा प्राप्त होती है उसे भू-तापीय ऊर्जा कहा जाता है। पृथ्वी में स्थित लावा तथा मैगमा जब बाहर आता है तो उसमें से ऊष्मा निकलती है। उस ऊष्मा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है। भू-तापीय ऊर्जा का उत्पादन तपोवन और छोटा नागपुर में किया जाता है।

5. जैव ऊर्जा-जैविक उत्पादनों से प्राप्त की जाने वाली ऊर्जा को जैव ऊर्जा कहा जाता है। कृषि अवशेष, एकत्रित अवशेष, औद्योगिक व अन्य किसी प्रकार के अपशिष्ट। इन अपशिष्टों को बिजली, ताप ऊर्जा, खाना पकाने के लिए गैस में परिवर्तित किया जाता है।

प्रश्न 4.
भारत में खनिज तेल या पेट्रोलियम के वितरण तथा उत्पादन का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पेट्रोलियम लेटिन भाषा के दो शब्दों-पेट्रो तथा ओलियम से मिलकर बना है, जिसका अर्थ क्रमशः चट्टान व तेल है, अर्थात चट्टानों से प्राप्त तेल को ही खनिज तेल या पेट्रोलियम कहते हैं। खनिज तेल की उत्पत्ति टरश्यरी यग की चट्टानों के बीच करोड़ों वर्षों तक दबी हुई वनस्पति अंश तथा सागरीय जीवों से हुई है। इसलिए खनिज तेल अधिकतर डेल्टाई प्रदेशों, झीलों तथा सागरीय भागों में अवसादी शैलों के बीच मिलता है।

आज के युग में पेट्रोलियम का अत्यधिक महत्त्व है। युद्ध और शांति दोनों काल में पेट्रोलियम हमारे लिए प्रकृति द्वारा प्रदत्त एक अमूल्य संसाधन है जो आधुनिक जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक तथा परिहार्य है। कृषि, उद्योग तथा परिवहन में काम आने वाली आधुनिक मशीनों की क्षमता का श्रेय उच्चकोटि के तेलों की उपलब्धि को जाता है। नए प्रकार के इंजनों के आविष्कार से
खनिज तथा ऊर्जा संसाधन चालक शक्ति के रूप में खनिज तेल की उपयोगिता अत्यधिक बढ़ गई है। तरल ईंधन ठोस ईंधन की अपेक्षा सदैव श्रेष्ठ होता है। खनिज तेल का परिवहन भी कोयले की अपेक्षा सरल व सस्ता होता है।

पेट्रोलियम स्थान भी कम घेरता है तथा प्रति इकाई अधिक ताप प्रदान करता है। कच्चे माल के लिए अनेक रसायनिक उद्योग पेट्रोलियम पर निर्भर करते हैं। दुनिया के सभी शक्तिशाली राष्ट्रों के मध्य पैट्रोलियम क्षेत्रों पर अधिकार के लिए होड़ मची है। संसार के लगभग 60% खनिज तेल के सुरक्षित भण्डार एशिया के दक्षिणी पश्चिमी भाग में स्थित हैं।

वितरण तथा उत्पादन देश में सबसे पहली बार सन् 1967 में असम के माकुम क्षेत्र में 36 मीटर गहराई पर तेल मिला। सन् 1956 में तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग की स्थापना के पश्चात् तेल की खोज का अभियान तेज हुआ।

खनिज तेल के ज्ञात स्रोतों की दृष्टि से भारत की स्थिति अब संतोषजनक कही जा सकती है क्योंकि असम के अतिरिक्त खम्भात की खाड़ी तथा अरब सागर के क्षेत्रों में भी पर्याप्त मात्रा में खनिज तेल का उत्पादन हो रहा है। अब पश्चिमी राजस्थान एवं गोदावरी बेसिन में भी नवीन क्षेत्रों का पता लगा है। भारत का सबसे महत्त्वपूर्ण तेल उत्पादक क्षेत्र अपतटीय मुंबई हाई एवं बसीन क्षेत्र है।

भारत के विभिन्न राज्यों में खनिज तेल का वितरण तथा उत्पादन निम्न प्रकार से है-
1. असम तथा पूर्वी भारत-यह ब्रह्मपुत्र घाटी में लगभग 60000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। प्रमुख तेल क्षेत्र उत्तरी पूर्वी असम से सुरमा घाटी तक फैला है। इनमें नगालैंड, मेघालय के उत्तरी पठार, दक्षिणी मेघालय पठार, सिल्चर तथा कछार जिले, .. मणिपुर, मिजोरम तथा त्रिपुरा आते हैं। असम भारत का अग्रणी तेल उत्पादक राज्य है। यहां तेल सामान्यतया 500 से 300 मीटर की गहराई से प्राप्त किया जाता है। इस समय भारतीय खनिज तेल में असम का स्थान गुजरात तथा मुंबई हाई के पश्चात आता है। असम व पूर्वी भारत के मुख्य तेल क्षेत्र निम्नलिखित हैं

(i) डिगबोई क्षेत्र-वर्ष 1890 में पहली बार इस स्थान पर तेल मिला। लगभग 13 किलोमीटर लंबा तथा 1 किलोमीटर चौड़ा यह क्षेत्र नागा पहाड़ियों में लखीमपुर जिले की टीपम पहाड़ियों के पूर्व में फैला है। यहां तेल विभिन्न स्तरों में लगभग 1200 मीटर की गहराई तक पाया जाता है। यहां प्रमुख तेल केंद्र हस्सांपांग, बप्पापांग, डिगबोई और पानीटोला हैं। इस तेल को डिगबोई तेल शोधनशाला में साफ किया जाता है। यह शोधनशाला असम ऑयल कंपनी के अधिकार में है।

(ii) नहारकटिया क्षेत्र-डिगबोई के दक्षिण-पश्चिम में 40 किलोमीटर दूर दिहिंग नदी के किनारे नहारकटिया में 4000 से 5000 मीटर गहरे कुएं खोदे गए। इनकी उत्पादन क्षमता लगभग 25 लाख टन है। यहां से खनिज तेल को पाइप लाईन द्वारा बरौनी तथा नूनमती भेजा जाता है।

(iii) शिवसागर क्षेत्र-यह क्षेत्र नहारकटिया से 40 किलोमीटर दूर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। यहाँ के मोरान तथा हुगरीजन मुख्य क्षेत्र हैं। यहां से तेल बरौनी भेजा जाता है।

(iv) सुरमा नदी घाटी क्षेत्र इस क्षेत्र में तेल बदरपुर तथा पथरिया में निकाला जाता है। यह तेल हल्की श्रेणी का है।

2. गुजरात के तेल क्षेत्र-यह भारत का दूसरा महत्त्वपूर्ण राज्य है जहां से तेल प्राप्त किया जाता है। यहां खम्भात की खाड़ी का तटीय क्षेत्र तथा अंकलेश्वर क्षेत्र प्रधान है। खम्भात या लुनेज तेल क्षेत्र बड़ोदा से 50 किलोमीटर पश्चिम में बाड़सर में स्थित है। वैज्ञानिकों के अनुसार इस क्षेत्र में कम से कम 3 करोड़ टन तेल के सुरक्षित भण्डार हैं। यहां से लगभग 15 लाख टन तेल प्रतिवर्ष सरलता से निकाला जा सकता है। तेल के अतिरिक्त यहां से प्राकृतिक गैस भी प्राप्त की जाती है।

अंकलेश्वर क्षेत्र बड़ोदा के दक्षिण-पश्चिम में 30 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां तेल तथा प्राकृतिक गैस समुद्री धरातल से : लगभग 1200 मीटर की गहराई से प्राप्त होती है। यहां की तेल उत्पादन क्षमता लगभग 25 लाख टन वार्षिक है। यहां से कच्चा तेल कोयला शोधनशाला में भेजा जाता है। गुजरात में ही अहमदाबाद तथा उसके निकट कोसम्बा, सनन्द, कदी, ओल्पाद, महसाना आदि स्थानों पर भी तेल के नए स्रोतों का पता लगा है।

3. मुम्बई अपतटीय क्षेत्र भारत के पश्चिमी तट पर मुम्बई के निकट 160 किलोमीटर दूर समुद्र में मुंबई (बॉम्बे) हाई क्षेत्र तथा बसीन अपतटीय क्षेत्र विकसित हैं। इस क्षेत्र में वर्ष 1976 से तेल प्राप्त किया जा रहा है। यह भारत का सबसे बड़ा तेल उत्पादक क्षेत्र है। वर्तमान में मुंबई (बॉम्बे) हाई से 2 करोड़ टन कच्चा खनिज तेल प्राप्त किया जा रहा है जो देश के कुल उत्पादन का लगभग 60% है।

4. राजस्थान-जैसलमेर जिले में खोदे गए आठ कुओं में 1100 मीटर की गहराई पर खनिज तेल पाया गया है। ये कूप बाघेवाला, तावरीवाला तथा कालरेवाला में स्थित हैं। बाडमेर जिले के गुढामलानी तथा मग्गा की ढाणी में दोहन योग्य पैट्रोलियम के विशाल भण्डारों का पता लगा है। यह तेल 1800 मीटर गहराई पर 2000 मीटर मोटी परत के रूप में विद्यमान है।

5. अन्य क्षेत्र-पंजाब के लुधियाना, होशियारपुर तथा दासूजा क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश के ज्वालामुखी, धर्मशाला, नूरपुर तथा बिलासपुर सम्भावित क्षेत्र हैं। तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग के अनुसार देश के अन्य सम्भावित क्षेत्रों में कावेरी नदी घाटी, तमिलनाडु की पाक की खाड़ी, ओडिशा के अठगड़, पुरी, बालासोर, महानदी के डेल्टा, गोदावरी नदी बेसिन, पश्चिमी तट पर केरल राज्य, अण्डमान निकोबार द्वीपों के तटीय क्षेत्र, कोरोमण्डल तटीय भाग आदि प्रमुख हैं।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

प्रश्न 5.
भारत में खनिज पेटियों के वितरण का वर्णन करें।
उत्तर:
खनिज हमेशा कुछ निश्चित भूगर्भिक संरचनाओं में ही मिलते हैं और ऐसी संरचनाएँ कुछ निश्चित क्षेत्रों में ही पाई जाती हैं। भारत में ज्यादातर खनिज प्राचीन चट्टानों वाले इलाकों में पाए जाते हैं।

उदाहरणतया-

  • पेट्रोलियम टर्शियरी शैलों में पाया जाता है।
  • चूने का पत्थर, जिप्सम और डोलोमाइट ऊपरी शैल समूहों में पाए जाते हैं।
  • देश का लगभग 97 प्रतिशत कोयला, दामोदर, सोन, महानदी और गोदावरी बेसिन में संचित है।

वितरण-औद्योगिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण कुछ खनिज भारत में बहत कम मात्रा में पाए जाते हैं। भारत में खनिजों की तीन विस्तृत पेटियाँ हैं तथा एक का हाल ही में पता चला है।
HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन 2
1. उत्तर-पूर्वी पठार-

  • इस पट्टी में तीन क्षेत्र आते हैं-(i) छोटा नागपुर का पठार, (ii) ओडिशा का पठार तथा, (iii) पूर्वी आंध्र प्रदेश पठार।
  • यहाँ धातु उद्योग में काम आने वाले अनेक प्रकार के खनिज व्यापक रूप से पाए जाते हैं।
  • यहाँ उच्चतम कोटि का लोहा, मैंगनीज़, चूना पत्थर, अभ्रक पाए जाते हैं।
  • इसी क्षेत्र में स्थित दामोदर घाटी और छत्तीसगढ़ के कोयला भंडार ने देश के विकास में योगदान दिया।
  • भारत में अधिकतर लौह-इस्पात इसी पेटी में स्थित है।

2. दक्षिण-पश्चिमी पठार-

  • यह पेटी मुख्यतः लौह-अयस्क, मैंगनीज़ और बॉक्साइट के भंडार से भरपूर है।
  • इस खनिज पेटी का विस्तार कर्नाटक और निकटवर्ती तमिलनाडु के पठार पर है।
  • केरल में मोनाजाइट, थोरियम और बॉक्साइट क्ले के संचय पाए जाते हैं।
  • उत्तर पूर्वी पठारी प्रदेश की भाँति इस प्रदेश में अधिक विविधता नहीं पाई जाती है।
  • इसी पेटी में ही सोने की तीन खाने हैं।

3. उत्तर-पश्चिमी प्रदेश-

  • इस खनिज पेटी का विस्तार गुजरात में खंभात की खाड़ी से राजस्थान की अरावली श्रेणी तक है।
  • इस पेटी की चट्टानों में ताँबा और जस्ता प्रमुख रूप से पाए जाते हैं।
  • इमारती पत्थर, बलुआ पत्थर, ग्रेनाइट, मार्बल, जिप्सम, मुल्तानी मिट्टी पाई जाती है।
  • गुजरात में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के भंडार पाए जाते हैं।
  • यह पेटी अलौह धातुओं के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ अन्य खनिजों के भंडार कम और बिखरे हुए मिलते हैं।

4. प्रायद्वीपीय पठारी क्षेत्र-

  • इस पेटी में कहीं-कहीं खनिज पाए जाते हैं।
  • ऊपरी ब्रह्मपुत्र घाटी पेट्रोलियम उत्पादन के लिए विख्यात है।
  • हिमाचल के पूर्वी और पश्चिमी भागों में ताँबा, शीशा, जस्ता, कोबाल्ट और टंगस्टन पाए जाते हैं।

प्रश्न 6.
भारत में नाभिकीय ऊर्जा तथा उसके विकास का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जीवाश्म ईंधनों के विभिन्न भण्डारों में तेजी से होती हुई कमी के कारण देश में ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति हेतु नाभिकीय ऊर्जा का महत्त्व तेजी से बढ़ रहा है। वर्तमान में देश की कुल विद्युत क्षमता का केवल 2.4% भाग नाभिकीय अथवा परमाणु ऊर्जा से प्राप्त होता है। नाभिकीय ऊर्जा अथवा अणुशक्ति परमाणु खनिजों के विखण्डन से उत्पन्न होती है। एक अनुमान के अनुसार एक औंस यूरेनियम से उत्पन्न ऊर्जा सौ मीट्रीक टन कोयले की क्षमता के बराबर होती है। नाभिकीय ऊर्जा के उत्पादन तथा विकास के लिए अनेकों खनिजों की आवश्यकता होती है। इनमें प्रमुख रूप से यूरेनियम, थोरियम, मोनाजाइट आदि आते हैं।
1. यूरेनियम-यूरेनियम एक कठोर तथा भारी रेडियोधर्मी धातु है जो मुख्यतः पिचब्लैण्ड तथा यूरेनाइट खनिज अयस्कों से प्राप्त होती है। पिचब्लैण्ड (Pitchblende) में यूरेनियम की मात्रा 50 से 80% तक होती है जबकि यूरेनाइट में यह मात्रा 65 से 80% तक होती है। यूरेनियम गोल आकार के पिण्डों के रूप में मिलता है जो गहरे काले रंग का होता है।

यूरेनियम भारत में बहुत पहले से उपलब्ध था, परंतु द्वितीय विश्व युद्ध से पूर्व समाप्त हो गया था। 1950 में इसके दो नए क्षेत्रों का पता लगा। पहला क्षेत्र झारखण्ड के सिंहभूम में तांबा खनिज क्षेत्र से सम्बद्ध है जो 97 किलोमीटर लंबी पट्टी के रूप में है। दूसरा क्षेत्र राजस्थान के उदयपुर के निकट अमरा में स्थित है। भारत में ये खनिज मुख्यतः चार स्रोतों से मिलते हैं
(i) निम्न श्रेणी की धातु झारखण्ड के सिंहभूम तथा मध्य राजस्थान की धारवाड़ तथा आर्कियन चट्टानों से प्राप्त की जाती है। इनमें यूरेनियम की मात्रा 0.03 से 0.1% तक होती है। सामान्यतया यह धातु 1 टन चट्टानों में 300 ग्राम तक पाई जाती है।

(ii) पैग्मेटाइट्स शैलों से मिश्रित यूरेनियम प्राप्त किया जाता है। इन शैलों में यरेनियम 10% से 30% तक मिलता है। ये शैलें उत्तरी बिहार तथा मध्य राजस्थान के अभ्रक क्षेत्रों तथा आंध्र प्रदेश के नैलोर में मिलती हैं। झारखण्ड के सिंहभूम जिले में कुल अनुमानित भण्डार 40 लाख टन हैं। कर्नाटक तथा केरल राज्यों में भी ये चट्टानें मिलती हैं। राजस्थान के उदयपुर के निकट अमरा नामक स्थान पर उत्तम किस्म के निक्षेप पाए गए हैं। राजस्थान में दूसरा क्षेत्र भीलवाड़ा में भूनास के निकट है।

(iii) केरल तथा तमिलनाडु के तटीय भागों में मिलने वाली मोनाजाइट बालू मिट्टी से भी यूरेनियम प्राप्त किया जाता है। कुमारी अंतरीप तट के दोनों ओर लगभग 160 किलोमीटर की लंबाई में इस प्रकार की बालू मिट्टी पाई जाती है। केरल राज्य के तटीय भागों में मोनाजाइट के लगभग 25 लाख टन भण्डार का अनुमान है। भारतीय मोनाजाइट उत्तम श्रेणी का मोनाजाइट माना जाता है।

(iv) चैरालाइट भी यूरेनियम मिलने का स्रोत है जो केरल प्रदेश की बालू में पाया जाता है। इसमें यूरेनियम 2-4% तथा थोरियम 19 से 33% तक पाया जाता है। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले तथा उत्तराखण्ड के चमोली जिले में भी यूरेनियम के नए भण्डारों का पता चला है।

2. थोरियम-थोरियम प्राप्ति के मुख्य रूप से तीन खनिज हैं-
(i) थोरियेनाइट जो भारत में बिल्कुल नहीं मिलता।

(ii) एलैनाइट कई स्थानों पर मिलता है परंतु इसमें थोरियम की मात्रा बहुत कम लगभग 3% तक ही होती है। इसके प्रमुख क्षेत्रों में तमिलनाडु के मदुरै जिले का मलूर तालुका, आंध्र प्रदेश के मेंढक, करीमनगर, वारंगल तथा हैदराबाद जिलों में बालागुड़बा, तोरनाल, तीमापुर तथा बसावापुरम क्षेत्र, झारखण्ड के हजारीबाग जिले के पैटो, परसाबाद, बंसोधारवा क्षेत्र तथा राजस्थान के पाली जिले के भद्रावन तथा भीतवाड़ा और भीलवाड़ा जिले का सरदारपुर क्षेत्र सम्मिलित हैं।

(iii) थोरियम के लिए मोनाजाइट तमिलनाडु के कन्याकुमारी, थंजावूर तथा तिरुनलवैली जिलों में, आंध्रप्रदेश के वाल्टेयर, नरसीपट्टनम तथा विशाखापट्टनम जिलों में, ओडिशा में महानदी तथा चिल्का झील के मध्य तथा गंजाम जिले तथा झारखण्ड के रांची तथा पश्चिम बंगाल के पुरूलिया जिलों में पाया जाता है।

परमाणु ऊर्जा केंद्र (परमाणु विद्युत गृह)-भारत में नाभिकीय ऊर्जा के विकास के लिए 1948 में भारतीय नाभिकीय ऊर्जा आयोग की स्थापना की गई। भारत में अणुशक्ति के विकास का श्रेय डॉ० होमी जहाँगीर भाभा को जाता है। भारत का पहला आणविक अभिक्रियक मुम्बई के नजदीक ट्राम्बे द्वीप पर 1955 में स्थापित किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य विद्युत शक्ति उत्पन्न करना तथा कृषि और उद्योग के लिए अणुशक्ति का उपयोग करना था। वर्तमान में भारत में परमाणु ऊर्जा से प्राप्त होता है। भारत में अभी तक परमाणु शक्ति पर आधारित पांच विद्युत गृह स्थापित किए गए हैं
1. तारापुर विद्युत गृह भारत के पहले तथा एशिया के सबसे बड़े परमाणु विद्युत गृह की स्थापना सन् 1969 में अमेरिका के सहयोग से की गई थी। यह केंद्र महाराष्ट्र तथा गुजरात की सीमा पर तारापुर नामक स्थान पर स्थित है। इस विद्युत गृह में दो परमाणु भट्टियां हैं जिसमें प्रत्येक की विद्युत उत्पादन क्षमता 200 मेगावाट से अधिक है। शुरू में अमेरिका से आयातित यूरेनियम के द्वारा विद्युत उत्पादन होता था, परंतु अब प्लूटोनियम का उपयोग किया जा रहा है।

2. राजस्थान अणुशक्ति गृह भारत का दूसरा परमाणु विद्युत गृह राजस्थान राज्य के कोटा शहर के दक्षिण पश्चिम में 42 किलोमीटर दूर तथा राणा प्रताप सागर बांध के उत्तर पूर्व में 22 मील दूर पहाड़ियों के मध्य रावतभाटा नामक स्थान पर बनाया गया है। पास में बहने वाली चम्बल नदी से इस विद्युत गृह को जल प्राप्त होता है। इस विद्युत गृह में 220 मेगावाट क्षमता की दो परमाणु भट्टियां हैं। इस शक्ति केंद्र में राजस्थान में उपलब्ध यूरेनियम का उपयोग करने की योजना है। इस विद्युत गृह की तीसरी तथा चौथी इकाइयों की उत्पादन क्षमता 225 मेगावाट है।

3. कलपक्कम अणुशक्ति गृह-यह भारत का तीसरा परमाणु विद्युत गृह है जिसे तमिलनाडु में चेन्नई के निकट कलपक्कम में बनाया गया है। इसे 1983 में पूरा किया गया। यह भारत की पहली स्वदेशी परियोजना है जिसमें पूर्णतया स्वदेशी सामान तथा तकनीक का उपयोग हुआ है। इसमें दो परमाणु भट्टियां हैं तथा प्रत्येक की उत्पादन क्षमता 235 मेगावाट है।

4. नरौरा अणुशक्ति गृह-यह भारत का चौथा परमाणु विद्युत गृह है जो उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर के निकट नरौरा नामक स्थान पर स्थापित किया गया। इसमें भी दो परमाणु भट्टियां हैं जिसमें प्रत्येक की उत्पादन क्षमता 235 मेगावाट है। इसे 1986 में शुरू किया गया।

5. काकरापारा अणुशक्ति गृह-भारत का पांचवां परमाणु विद्युत गृह गुजरात राज्य के काकरापारा नामक स्थान पर बनाया गया। इस शक्ति गृह में भी दो परमाणु भट्टियां हैं जिनकी कुल क्षमता 470 मेगावाट होगी। यह शक्ति गृह भी पूर्णतया स्वदेशी तकनीक पर आधारित हैं।

6. कैगा अणुशक्ति गृह-कर्नाटक राज्य में स्थापित इस परमाणु शक्ति पर आधारित विद्युत गृह की भी कुल उत्पादन क्षमता 470 मेगावाट होगी।

इसके अलावा भी भारतीय नाभिकीय ऊर्जा निगम द्वारा अन्य स्थानों पर भी नाभिकीय ऊर्जा केंद्र स्थापित करने की योजनाएं हैं। इनमें से तमिलनाडु के कुडनकुलम तथा महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले के जैतपुर में संयत्र स्थापित करना प्रस्तावित है। एक अनुमान के अनुसार भारत में परमाणु शक्ति पर आधारित विद्युत शक्ति का उत्पादन वर्तमान में लगभग 25 लाख किलोवाट हैं।

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