HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

Haryana State Board HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक Important Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या पौधों और जन्तुओं में एक ही प्रकार के ऊतक होते हैं?
उत्तर:
नहीं अलग-अलग प्रकार के।

प्रश्न 2.
नई कोशिकाएँ कैसे बनती हैं?
उत्तर:
कोशिका विभाजन प्रक्रिया से।

प्रश्न 3.
एककोशी जीव किसे कहते हैं?
उत्तर:
जिन जीवों में सभी जैव प्रक्रियाएँ एक ही कोशिका के द्वारा संपन्न हों, उन्हें एककोशी जीव कहते हैं।

प्रश्न 4.
श्रम-विभाजन किन जीवों में मिलता है?
उत्तर:
बहुकोशी जीवों में।

प्रश्न 5.
पौधों में कितने प्रकार के ऊतक पाए जाते हैं?
उत्तर:
दो प्रकार के-

  • विभज्योतक तथा
  • स्थायी ऊतक।

प्रश्न 6.
विभज्योतक कहाँ पाए जाते हैं?
उत्तर:
पौधे के वृद्धि वाले भागों; जैसे प्ररोह की चोटी तथा जड़ की चोटी पर विभज्योतक पाए जाते हैं।

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प्रश्न 7.
विभज्योतक का प्रमुख कार्य क्या है?
उत्तर:
नई कोशिकाओं का निर्माण करना।

प्रश्न 8.
क्या स्थायी ऊतकों में भी विभाजन की क्षमता पाई जाती है?
उत्तर:
नहीं।

प्रश्न 9.
पादप स्थायी ऊतक कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
दो प्रकार के-

  • सरल ऊतक और
  • जटिल ऊतक।

प्रश्न 10.
मृदु ऊतक क्या हैं?
उत्तर:
मृदु ऊतक कोशिकाएँ सजीव तथा अंडाकार, गोल, लंबी या बहुपृष्ठीय हो सकती हैं। इनकी कोशिका भित्ति पतली और कोशिकाएँ समव्यासी होती हैं।

प्रश्न 11.
स्थूलकोणक ऊतक क्या है?
उत्तर:
इन ऊतकों के कोने सैल्यूलोज और पेक्टिन जमा होने के कारण मोटे हो जाते हैं। इन ऊतकों में अंतर कोशिकीय स्थान नहीं होता।

प्रश्न 12.
दृढ़ोत्तक किसे कहते हैं?
उत्तर:
ये कोशिकाएँ मृत होती हैं। इन कोशिकाओं के बीच भी अंतर्कोशिकीय स्थान नहीं होता। ये पादप अंगों को दृढ़ता प्रदान करते हैं।

प्रश्न 13.
सरल स्थायी ऊतक क्या हैं?
उत्तर:
ये ऊतक मृदु ऊतक कोशिकाओं के बने होते हैं। इनकी उत्पत्ति, संरचना और कार्य एक-समान होते हैं।

प्रश्न 14.
मृदु ऊतक पौधे के किस भाग में पाए जाते हैं?
उत्तर:
पौधे के हरे भाग में।

प्रश्न 15.
रक्षी ऊतक कितने ऊतकों से बनते हैं?
उत्तर:
दृढ़ोत्तकों से।

प्रश्न 16.
रक्षी ऊतक पौधे के किन भागों में पाए जाते हैं?
उत्तर:
पत्तियों, फूलों, तनों व जड़ों में।

प्रश्न 17.
स्केलेरीडस का दूसरा नाम क्या है?
उत्तर:
पाषाण कोशिकाएँ।

प्रश्न 18.
जटिल ऊतक किसे कहते हैं?
उत्तर:
विभिन्न आकार व माप की कोशिकाएँ मिलकर एक ऐसा समूह बनाती हैं जो एक विशेष कार्य करता है, उसे जटिल ऊतक कहते हैं।

प्रश्न 19.
जटिल ऊतक कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
दो-

  • फ़्लोएम व
  • ज़ाइलम।

प्रश्न 20.
उस ऊतक का नाम बताएँ जो पौधों में भोजन का संवहन करता है।
उत्तर:
फ्लोएम (पोषवाह)।

प्रश्न 21.
जंतु ऊतक कितने प्रकार के होते हैं? नाम लिखो।
उत्तर:
चार प्रकार के-

  • एपिथीलियमी ऊतक
  • संयोजी ऊतक
  • पेशीय ऊतक
  • तंत्रिका ऊतक।

प्रश्न 22.
एपीथीलियमी ऊतक कहाँ पर पाए जाते हैं?
उत्तर:
जंतुओं के बाहरी तथा आंतरिक सतहों पर।

प्रश्न 23.
जंतुओं में ‘रक्षी अस्तर’ किस ऊतक को कहते हैं?
उत्तर:
एपीथीलियमी ऊतक।

प्रश्न 24.
प्राणियों में शुक्राणु और अंडाणु किस ऊतक के द्वारा बनाए जाते हैं?
उत्तर:
एपीथीलियमी ऊतक द्वारा।

प्रश्न 25.
पेशीय ऊतक कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
तीन प्रकार के-

  • रेखित
  • अरेखित व
  • हृदय पेशी।

प्रश्न 26.
हमारी इच्छानुसार कौन-सी पेशियाँ कार्य करती हैं?
उत्तर:
ऐच्छिक पेशियाँ (रखित पेशियाँ)।

प्रश्न 27.
हृदय की पेशियाँ किस प्रकार की पेशियाँ होती हैं?
उत्तर:
अनैच्छिक पेशियाँ।

प्रश्न 28.
संयोजी ऊतक कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
तीन।

प्रश्न 29.
संयोजी ऊतकों के दो मुख्य कार्य लिखो।
उत्तर:
विभिन्न अंगों को जोड़ना व सुरक्षा प्रदान करना।

प्रश्न 30.
कंकाल संयोजी ऊतक कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
दो-

  • अस्थि और
  • उपास्थि।

प्रश्न 31.
अस्थि को अस्थि से जोड़ने का कार्य कौन-सा ऊतक करता है?
उत्तर:
स्नायु।

प्रश्न 32.
कंडरा ऊतक किसको जोड़ते हैं?
उत्तर:
पेशी को अस्थि से।

प्रश्न 33.
शरीर में पाए जाने वाले तरल ऊतक का नाम लिखो।
उत्तर:
रुधिर।

प्रश्न 34.
रुधिर में कितने प्रकार की कणिकाएँ पाई जाती हैं?
उत्तर:
तीन-

  • लाल रुधिर कणिका
  • श्वेत रुधिर कणिका तथा
  • प्लेटलैटस।

प्रश्न 35.
रुधिर के तरल भाग को क्या कहते हैं?
उत्तर:
प्लाज्मा।

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प्रश्न 36.
रुधिर में कितने प्रतिशत जल होता है?
उत्तर:
90%।

प्रश्न 37.
मस्तिष्क, मेरुरज्जु तथा तंत्रिकाएँ किस ऊतक से बनी होती हैं?
उत्तर:
तंत्रिका ऊतक से।

प्रश्न 38.
तंत्रिका ऊतक की कोशिका को क्या कहते हैं?
उत्तर:
न्यूरॉन।

प्रश्न 39.
न्यूरॉन का प्रमुख कार्य क्या है?
उत्तर:
संदेशवाहक का।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
एककोशी जीव की तुलना में बहुकोशी जीव श्रेष्ठ हैं, क्यों?
उत्तर:
एककोशी जीव कुछ ही कार्यों को संपन्न कर सकते हैं और उन कार्यों को करने में बहुकोशी जीवों की तुलना में ये इतने दक्ष भी नहीं होते। बहुकोशी जीवों में लाखों कोशिकाएँ समूह बनाकर न केवल उन्हीं कार्यों को, बल्कि और अधिक कार्यों को पूरी दक्षता के साथ कर सकते हैं क्योंकि इनमें श्रम विभाजन का गुण पाया जाता है।

प्रश्न 2.
क्या पौधों और जंतुओं के ऊतकों में कुछ अंतर हैं?
उत्तर:
पौधों के ऊतक सहारा देने का कार्य करते हैं। पौधों के अधिकांश ऊतक मृत होते हैं। मृत ऊतक जीवित ऊतक की तरह ही यांत्रिक मजबूती प्रदान करते हैं। इन्हें कम रख-रखाव की आवश्यकता होती है। जबकि जंतु साथी भोजन और आश्रय की खोज में इधर-उधर घूमते रहते हैं। ये पौधों की अपेक्षा ऊर्जा की अधिक खपत करते हैं। इनके अधिकांश ऊतक जीवित होते हैं। पौधों की वृद्धि कुछ भागों में ही सीमित रहती है जबकि जंतुओं में ऐसा नहीं होता।

प्रश्न 3.
पौधों में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के ऊतक कौन-से हैं?
उत्तर:
पौधों में दो प्रकार के ऊतक पाए जाते हैं-
पादप ऊतक-

  • विभज्योतक (Meristematic Tissue)
  • स्थायी ऊतक (Permanent Tissue)

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प्रश्न 4.
विभज्योतक की विशेषताएँ लिखें।
उत्तर:
विभज्योतक की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  • विभज्योतक की कोशिकाएँ समान संरचना वाली हैं और इनकी कोशिका भित्ति पतली होती है।
  • कोशिकाओं का आकार गोल, अंडाकार या बहुपृष्ठीय होता है।
  • ये आपस में सघनता से जुड़ी रहती हैं और इसलिए इनके बीच में अंतर्कोशिकीय स्थान नहीं होता।
  • इन कोशिकाओं में सघन अथवा पर्याप्त कोशिका द्रव्य (साइटोप्लाज्म) और एक बड़ा केंद्रक होता है।
  • इनमें अपेक्षाकृत कम रिक्तिकाएँ होती हैं अथवा कोई रिक्तिका नहीं होती।

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प्रश्न 5.
पौधों में विभज्योतक कहाँ-कहाँ होता है?
उत्तर:
विभज्योतक पौधों में केवल वृद्धि करने वाले भागों; जैसे प्ररोह की चोटी और कैंबियम (ऐसा क्षेत्र जो मोटाई में वृद्धि करता है) में पाए जाते हैं।

प्रश्न 6.
स्थायी ऊतकों की विशेषताएँ लिखें।
उत्तर:
स्थायी ऊतकों की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • स्थायी ऊतक विभज्योतक से बनते हैं।
  • इनकी कोशिकाओं में विभाजन की क्षमता नहीं होती।
  • इनका आकार निश्चित होता है।
  • इनकी भित्ति मृत, पतली या फिर मोटी हो सकती है।
  • इनकी कोशिकाएँ बड़ी होती हैं तथा रिक्तिकामय कोशिका द्रव्य होता है।

प्रश्न 7.
विभज्योतक और स्थायी ऊतक में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर:
विभज्योतक और स्थायी ऊतक में निम्नलिखित अंतर हैं-

विभज्योतक [Meristematic Tissue] स्थायी ऊतक [Permanent Tissue]
1. इनमें अंतर्कोशिकीय स्थान नहीं होता। 1. इनमें यह हो भी संकता है और नहीं भी।
2. इनमें विभाजन की क्षमता होती है। 2. इनमें विभाजन की क्षमता नहीं होती।
3. ये वृद्धि के लिए उत्तरदायी हैं। 3. ये वृद्धि के लिए उत्तरदायी नहीं हैं।
4. ये महीन भित्ति वाले समव्यासी होते हैं। 4. ये महीन या मोटी भित्ति वाले परंतु समव्यासी नहीं होते।
5. इनका केंद्रक बड़ा होता है। 5. इनका केन्द्रक छोटा होता है।

प्रश्न 8.
स्थायी ऊतक किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
स्थायी ऊतक-स्थायी ऊतक विभज्योतकों से बनते हैं। इन ऊतकों में विभाजन क्षमता नहीं होती। इनका आकार व परिमाण निश्चित होता है। स्थायी ऊतक दो प्रकार के होते हैं-

  • सरल ऊतक
  • जटिल ऊतक।

प्रश्न 9.
पैरेन्काइमा (मृदु ऊतक) व कॉलेन्काइमा (स्थूलकोणक ऊतक) में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पैरेन्काइमा (मृदु ऊतक) और कॉलेन्काइमा (स्थूलकोणक ऊतक) में निम्नलिखित अंतर हैं-

मृदु ऊतक [Parenchyma] स्थूलकोणक ऊतक [Collenchyma]
1. ये जड़, तने व पत्तों में पाए जाते हैं। 1. ये तने व पत्ती की मध्य शिरा में पाए जाते हैं।
2. इनकी भित्तियों पर स्थूलन नहीं होता। 2. इनकी भित्तियों पर स्थूतन होता है।
3. ये गोल व महीन कोशिका भित्ति वाली कोशिकाओं से बने होते हैं। 3. इनकी कोशिका भित्ति मोटी ब लंबी होती है।
4. इनकी कोशिका भित्ति पेक्टिन व सैल्यूलोज की बनी होती है। 4. इनकी कोशिका भित्ति पर पेक्टिन के स्थूलक पाए जाते हैं।
5. ये खाद्य भंडारण व यांत्रिक सहारा देने का कार्य करते हैं। 5. ये केवल यांत्रिक सहारा देने का कार्य करते हैं।
6. इनके बीच अंतर्कोशिकीय स्थान पाया जाता है।
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6. इनमें यह अनुपस्थित होता है।
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प्रश्न 10.
सरल स्थायी ऊतक के विभिन्न प्रकार बताइए और प्रत्येक का कार्य लिखिए।
उत्तर-
सरल स्थायी ऊतक तीन प्रकार के होते हैं-(क) पैरेन्काइमा (ख) कॉलेन्काइमा (ग) स्क्लेरेन्काइमा।
(क) पैरेन्काइमा के कार्य-

  • भोजन का संचय और स्वांगीकरण करना।
  • पादप भागों को दृढ़ता प्रदान करना।
  • रेजिन, टैनिन, गोंद कण, अकार्बनिक व्यर्थ पदार्थों के रेजिन को संचित करना।
  • इनमें पर्णहरिम पाए जाने पर ये भोजन बनाते हैं।

(ख) कॉलेन्काइमा के कार्य-

  • यह पौधों को लचीलापन व दृढ़ता प्रदान करता है।
  • पर्णहरिम पाए जाने पर ये शर्करा व मंड बनाते हैं।

(ग) स्क्लेरेन्काइमा के कार्य-

  • ये कार्टेक्स, पिथ, कठोर बीजों को अधिक दृढ़ता प्रदान करता है।
  • ये रक्षी ऊतकों में रूपांतरित होकर भीतरी अंगों की रक्षा करते हैं।

प्रश्न 11.
मूदु ऊतक, स्थूलकोणक ऊतक, दृढ़ोत्तक में अंतर स्पष्ट करें।
अथवा
कोशिका भित्ति के आधार पर पैरेन्काइमा, कॉलेन्काइमा और स्क्लेरेन्काइमा के बीच भेद स्पष्ट करें।
उत्तर
मृदु ऊतक, स्थूलकोणक ऊतक तथा दृढ़ोत्तक में निम्नलिखित अंतर हैं-

मुदु ऊतक /पैरेन्काइमा स्थूलकोणक ऊतक/कॉलेन्काइमा दृढ़ोत्तक/स्क्लेरेन्काइमा
1. इनकी कोशिका भित्ति पेक्टिन सैल्यूलोज की बनी होती है। 1. इनकी कोशिका भी पेक्टिन व सैल्यूलोज से बनी होती है। 1. इनकी कोशिका भित्ति लिग्निन की बनी होती है।
2. ये सजीव कोशिकाएँ होती हैं। 2. इनकी कोशिकाएँ भी सजीव होती हैं। 2. इसकी कोशिकाएँ मृत होती हैं।
3. ये खाद्य-भंडारण व यांत्रिक सहारा देने का कार्य करती हैं। 3. ये यांत्रिक सहारा देने का कार्य करती हैं। 3. ये केवल सहारा देने का कार्य करती हैं।
4. ये जड़, तने तथा पत्ते में पाए जाते हैं। 4. ये तने तथा पत्ती की मध्य शिरा में पाए जाते हैं। 4. ये तने तथा फलों के गुद्दे में पाए जाते हैं।
5. ये गोल महीन कोशिका भित्ति वाली कोशिकाओं से बने होते हैं। 5. ये बहुभुजी कोशिकाओं से बने होते हैं। 5. ये मोटी भित्ति वाली कोशिकाओं से बने होते हैं।

प्रश्न 12.
स्क्लेरेनकाइमेटस ऊतक का वर्णन कीजिए।
उत्तर
स्क्लेरेनकाइमेटस (Sclerenchyma) ऊतक पौधे को कठोर एवं मजबूत बनाता है। हमने नारियल के रेशेयुक्त छिलके को देखा है। यह स्क्लेरेनकाइमेटस ऊतक से बना होता है। इस ऊतक की कोशिकाएँ मृत होती हैं। ये लम्बी और पतली होती हैं, क्योंकि इस ऊतक की भित्ति लिग्निन के कारण मोटी होती है।

ये भित्तियाँ प्रायः इतनी मोटी होती हैं कि कोशिका के भीतर कोई आन्तरिक स्थान नहीं होता। यह ऊतक तने में संबहन बण्डल के समीप, पत्तों की शिराओं में तथा बीजों और फलों के कठोर छिलके में उपस्थित होता है। यह पौधों के भागों को मजबूती प्रदान करता है।

प्रश्न 13.
ज़ाइलम (दारू ऊतक) में पाए जाने वाले विभिन्न अवयवों के नाम लिखिए।
उत्तर
ज़ाइलम (Xylem) में पाए जाने वाले निम्नलिखित चार प्रकार के अवयव हैं-

  • वाहिनीकाएँ (Trachieds)
  • वाहिकाएँ (Vessels)
  • दारू या काष्ठ मृदु ऊतक (Xylem or Wood Parenchyma)
  • काष्ठ तंतु (Wood or Xylem Fibres)।

प्रश्न 14.
फ्लोएम (पोषवाह) की पौधे के लिए उपयोगिता बताइए।
उत्तर:
फ्लोएम की उपयोगिता-यह पादप संवहन ऊतक है। यह पौधे की पत्तियों में निर्मित मंड (भोजन) को पौधे के विभिन्न भागों तक पहुँचाने का कार्य करता है।

प्रश्न 15.
जाइलम (दारू ऊतक) के कार्य लिखिए।
उत्तर:
ज़ाइलम के कार्य-यह भी पादप संवहन ऊतक है। पौधे की जड़ों द्वारा अवशोषित जल व घुलित खनिज लवणों को जड़ से लेकर पौधे के पत्तों और शीर्ष तक पहुंचाने का कार्य करता है। यह पौधे को यांत्रिक शक्ति भी प्रदान करता है।

प्रश्न 16.
रक्षी ऊतक पर संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर:
रक्षी ऊतक-पौधे के बाह्य भागों में पाए जाने वाले स्क्लेरेन्काइमा रक्षी ऊतकों में रूपांतरित हो जाते हैं। ये ऊतक पत्तों, तनों तथा जड़ों की बाह्य परत पर स्थित होते हैं। ये ऊतक पौधों के भीतरी ऊतकों की रक्षा करते हैं। ये ऊतक क्यूटिन द्वारा ढके होते हैं। कॉर्क की कोशिकाएँ मृत होती हैं। कॉर्क एक हल्का और सुरक्षात्मक ऊतक है, यह अधिक दाब वाला होता है और आग जल्दी नहीं पकड़ता।

प्रश्न 17.
स्टोमेटा क्या है? इसके कार्य लिखें।
उत्तर:
स्टोमेटा (Stomata)-पौधों की पत्तियों की निचली सतह पर बाह्य त्वचीय कोशिकाएँ (Epidermal Cells) पाई जाती हैं जिन्हें रंध्र छिद्र कहते हैं। रंध्र दो गार्ड कोशिकाओं के द्वारा सुरक्षित रहते हैं।
HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 5
कार्य-

  • स्टोमेटा पौधों के नाक होते हैं।
  • स्टोमेटा पौधों के लिए गैसों का आदान-प्रदान करते हैं और इनके द्वारा पौधों में स्थित जल का ह्रास होता है।

प्रश्न 18.
जंतुओं में पाए जाने वाले विभिन्न ऊतकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
जंतुओं के ऊतक-जंतुओं में निम्नलिखित चार प्रकार के ऊतक पाए जाते हैं-

  • उपकला या एपिथीलियमी ऊतक (Epithelial Tissue)
  • संयोजी ऊतक (Connective Tissue)
  • पेशी ऊतक (Muscular Tissue)
  • तंत्रिका ऊतक (Nervous Tissue)

प्रश्न 19.
जंतु ऊतकों के नाम और उनके प्रमुख कार्य लिखें।
उत्तर:
जंतु ऊतक (Animal Tissue)-

  • एपीथीलियम ऊतक कार्य : ये अवशोषण, स्रावण, सुरक्षा, उत्सर्जन आदि कार्य करते हैं।
  • संयोजी ऊतक कार्य : इस ऊतक का कार्य शरीर के विभिन्न अंगों को एक-दूसरे से जोड़ना, सहारा देना, बांधना, भंडारण, सुरक्षा और परिवहन हैं।
  • पेशीय ऊतक-कार्य : पेशीय ऊतक गति, प्रचलन, संकुचन, संचलन आदि का कार्य करते हैं।
  • तंत्रिका ऊतक-कार्य : ये ऊतक नियंत्रण और संचालन के प्रमुख कार्य करते हैं।

HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 20.
एपिथीलियम ऊतक पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
यह जंतु के शरीर को ढांपने या बाहरी रक्षा करने वाला ऊतक है। शरीर के अंदर भी बहुत से अंगों और गुहिकाओं को ढांपने का काम करता है। त्वचा, मुँह, आहारनली, रक्तवाहिनी नली का अस्तर, फेफड़ों की कूपिका, वृक्क नली आदि सभी इसी ऊतक से बने होते हैं। इन कोशिकाओं के बीच बहुत कम जगह होती है अर्थात् कोशिकाएँ सटी हुई होती हैं।
HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 6

प्रश्न 21.
एपिथीलियम ऊतक का वर्गीकरण करें।
उत्तर:
एपिथीलियम ऊतक की कोशिकाओं की आकृति एवं कार्य के आधार पर ये निम्नलिखित प्रकार की होती हैं-

  • शल्की एपिथीलियम-ये चौड़ी व चपटी कोशिकाएँ शरीर के अंगों को ढकने व सुरक्षा प्रदान करने का कार्य करती हैं।
  • घनाकार एपिथीलियम-ये घनाकार कोशिकाएँ लार ग्रंथि व वृक्क नलिकाओं में पाई जाती हैं।
  • स्तंभाकार एपिथीलियम-आमाश्य व आंत की परत में स्तंभ के आकार व चौड़ाई वाली कोशिकाएँ पाई जाती हैं।
  • सिलियरी एपिथीलियम-स्तंभाकार व घनाकार कोशिकाओं के सिरों से बाल जैसी संरचनाएँ रोम या सिलिया निकलती हैं।
  • ग्रंथि एपिथीलियम ये कोशिकाएँ स्रावी ग्रंथियों में पाई जाती हैं।

प्रश्न 22.
एपिथीलियम ऊतक के कार्य लिखो।
उत्तर:
एपिथीलियम ऊतक के कार्य-

  • यह अंगों की रक्षा व ढकने का कार्य करता है।
  • यह स्रावण का कार्य करता है। (आमाशय व लार ग्रंथियों में)
  • यह संवेदना उत्पन्न करता है। (आँख के रेटीना की कोशिकाएँ)
  • यह शुक्राणु व अंडाणु का निर्माण करता है।
  • ये पानी व अन्य लवणों को अवशोषित करती हैं।
  • ये उत्सर्जन का कार्य भी करती हैं।

प्रश्न 23.
संयोजी ऊतकों के कार्य लिखें।
उत्तर:
संयोजी ऊतकों के कार्य-

  • ये ऊतक शरीर के विभिन्न अंगों को एक-दूसरे से जोड़ने का कार्य करते हैं।
  • ये ऊतकों को बांधने का कार्य करते हैं।
  • ये ऊतक शरीर के अंगों को सहारा देते हैं।
  • अस्थि और उपास्थि शरीर का कंकाल बनाते हैं जो शरीर के कोमल अंगों का सुरक्षा कवच होता है।
  • वसा ऊतक वसा का भंडारण करते हैं।
  • रुधिर परिवहन का कार्य करता है।
  • रुधिर की श्वेत-कणिकाएँ रोगाणुओं से लड़ती हैं।
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प्रश्न 24.
रुधिर क्या है?
उत्तर:
रुधिर (Blood)-रुधिर एक संयोजी तरल ऊतक है। इसके तरल भाग को प्लाज्मा कहते हैं। इस ऊतक की कोशिकाएँ तरल प्लाज्मा (मैट्रिक्स) में तैरती रहती हैं। रुधिर कोशिकाओं को रुधिर कणिकाएँ कहते हैं। ये तीन प्रकार की होती हैं-

  • लाल रुधिर कणिकाएँ
  • श्वेत रुधिर कणिकाएँ तथा
  • प्लेटलैटस। रुधिर शरीर के प्रत्येक भाग में दौड़ता है और इस प्रकार यह सभी भागों को जोड़ता है।

प्रश्न 25.
रुधिर के क्या कार्य हैं? वर्णन करें।
उत्तर:
रुधिर के कार्य-

  • रक्त की लाल कणिकाएँ फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर शरीर के विभिन्न भागों में पहुंचाती हैं।
  • रक्त हार्मोंस ग्रंथियों से हार्मोन लेकर शरीर के विभिन्न भागों में पहुंचाता है।
  • अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में सहायक है।
  • रक्त की श्वेत कणिकाएँ रोगाणुओं से रक्षा करती हैं।
  • रक्त शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है।
  • रक्त की प्लेटलैटस कणिकाएँ रक्त को जमाकर, अधिक रक्त निकलने से रोक देती हैं।

प्रश्न 26.
अस्थि क्या है? यह कितने प्रकार की होती है?
उत्तर:
अस्थि (Bone)-अस्थि ऊतक एक संयोजी ऊतक है। इस ऊतक में 1/3 भाग कार्बनिक पदार्थ तथा 2/3 भाग अकार्बनिक पदार्थ पाया जाता है। इसकी आधात्री में विशेष प्रकार की प्रोटीन ‘ओसीन’ होती है जो कोलेजन तंतुओं के रूप में होती है। अस्थि में आधात्री ओसटिओ, साइटस, तंतुओं तथा आधात्री पदार्थ में कैल्शियम फास्फेट, कैल्शियम कार्बोनेट व कैल्शियम फ्लोराइड पाया जाता है। यह अस्थि को मज़बूती प्रदान करते हैं।

प्रश्न 27.
संहत अस्थि क्या है?
उत्तर:
संहत अस्थि (Compact Bone) यह अस्थि सख्त और कठोर होती है। अस्थि के मैट्रिक्स में कैल्शियम लवण अस्थि को कठोरता प्रदान करता है। संहत अस्थि गोल तथा अनियमित अस्थियों की सघन परतों से बनी होती है। संहत अस्थि लंबी अस्थियों की शाफ्ट जैसे फीमर में पाई जाती है। इसमें हेवरसियन नलिकाएँ पाई जाती हैं।

प्रश्न 28.
अस्थि और उपास्थि में दो-दो अंतर लिखिए।
उत्तर:
अस्थि और उपास्थि में निम्नलिखित अंतर हैं-

अस्थि [Bone] अस्थि [Bone]
1. इसका आधात्री (Matrix) कठोर व लचीला होता है। 1. इसका आधात्री (Matrix) कठोर व लचीला होता है।
2. इसका आधात्री कोंडिन का बना होता है। 2. इसका आधात्री कोंडिन का बना होता है।
3. यह पेरीकोंड्रियम से ढका होता है। 3. यह पेरीकोंड्रियम से ढका होता है।
4. इसमें हैवरसियन तंत्र नहीं पाया जाता। 4. इसमें हैवरसियन तंत्र नहीं पाया जाता।

प्रश्न 29.
कंडरा और स्नायु में अंतर लिखिए।
उत्तर:
कंडरा (Tendon) तथा स्नायु (Ligament) में निम्नलिखित अंतर हैं-

कंडरा [Tendon] स्नायु [Ligament]
1. यह लचीला और लोचदार होता है। 1. यह कठोर तथा लोचरहित होता है।
2. यह पेशी को अस्थि से जोड़ता है। 2. यह अस्थि को अस्थि से जोड़ता है।
3. यह पीत तंतु का बना होता है। 3. यह श्वेत तंतुओं संयोजी ऊतक का बना होता है।

प्रश्न 30.
अस्थि, उपास्थि, कंडरा तथा स्नायु के कार्य लिखिए।
उत्तर:

  • अस्थि-यह शरीर का ढाँचा बनाती है तथा कोमल अंगों की रक्षा करती है।
  • उपास्थि यह कार्टेलेजिनश मछलियों का अंतः कंकाल बनाती है। हमारे शरीर में नाक की चोटी और बाह्य कान इसी का बना होता है।
  • कंडरा-यह पेशी को अस्थि से जोड़ता है।
  • स्नायु–यह अस्थि को अस्थि से जोड़ता है।

प्रश्न 31.
अस्थि ऊतक के कार्य लिखो।
उत्तर:
अस्थि ऊतक-अस्थि ऊतक दृढ़ होता है, अस्थि के मैट्रिक्स में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम लवण पाए जाते हैं। अस्थि ऊतक के निम्नलिखित प्रमख कार्य हैं

  • अस्थि ऊतक शरीर को आकृति प्रदान करता है।
  • अस्थि ऊतक शरीर के कोमल अंगों की रक्षा करता है।
  • अस्थि ऊतक पेशियों को जोड़ने में सहायता प्रदान करता है।
  • यह ऊतक शरीर को गति प्रदान करता है।
  • अस्थि ऊतक के केंद्रीय भाग में लाल रुधिर कणिकाओं का निर्माण होता है।
  • यह पेशियों को संधि स्थान प्रदान करता है।

प्रश्न 32.
अंतरालिक ऊतक क्या है?
उत्तर:
अंतरालिक ऊतक (Areolar Tissue) यह ऊतक त्वचा के नीचे, पेशियों के बीच तथा रक्त वाहिकाओं के बीच व तंत्रिका ऊतक के चारों ओर पाया जाता है। इन कोशिकाओं में जैलीनुमा पारदर्शक तथा चिपचिपा आधात्री पाया जाता है। यह संयोजी ऊतक है। यह ऊतक शरीर गुहिका तथा अन्य अंगों को आपस में जोड़ता है।

प्रश्न 33.
पेशीय ऊतक क्या है? ये कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
पेशीय ऊतक-इन ऊतकों की कोशिकाएँ लंबी, बेलनाकार तथा अशाखित होती हैं। हृदय पेशियाँ शाखित होती हैं। पेशीय ऊतक विभिन्न मापों के होते हैं। पेशीय ऊतक शरीर के विभिन्न अंगों व भागों को गति प्रदान करते हैं। पेशीय ऊतक तीन प्रकार के होते हैं

  • रेखित पेशी (कंकाल या ऐच्छिक पेशी)।
  • अरेखित पेशी (चिकनी पेशी या अनैच्छिक पेशी)।
  • हृदय पेशी।

प्रश्न 34.
रेखित पेशी और हृदय पेशी में अंतर स्पष्ट करो।
उत्तर:
रेखित पेशी और हृदय पेशी में निम्नलिखित अंतर है-

रेखित पेशी हृदय पेशी
1. ये पेशियाँ इच्छानुसार कार्य करती हैं। 1. ये पेशियाँ अनैच्छिक होती हैं।
2. ये पेशियाँ अस्थियों से जुड़ी होती हैं। 2. ये पेशियाँ हृदय में पाई जाती हैं।
3. ये अशाखित होती हैं। 3. ये शाखित होती हैं।
4. इनमें बहुत सारे केंद्रक होते हैं। 4. इनमें एक या दो केंद्रक होते हैं।
5. इन पर हल्के और गहरे रंग के बंध होते हैं। 5. इनमें हल्के बंध परंतु आर-पार होते हैं।

प्रश्न 35.
रेखित तथा अरेखित पेशी में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:

रेखित पेशी [Striated Muscles] अरेखित पेशी [Unstriated Muscles]
1. ये दीर्घ, बेलनाकार तथा अशाखित होती हैं। 1. ये छोटी, तुरकाकार तथा नुकीले सिरे वाली होती हैं।
2. इनमें गहरे व हल्के रंग की पट्टिकाएँ होती हैं। 2. इनमें पट्टिकाएँ होती ही नहीं।
3. ये जल्दी थकान महसूस करती हैं। 3. ये थकान का अनुभव नहीं करतीं।
4. इनमें ऐच्छिक व थोड़े समय के लिए तेजी से संकुचन होता है। 4. इनमें संकुचन धीरे-धीरे व काफी समय तक होता है।
5. ये बहुकेंद्रीय होती हैं। 5. ये एक केंद्रीय होती हैं।
6. ये कंकाल से जुड़ी होती हैं; जैसे सिर, हाथ, पैर, जीभ आदि 6. ये शरीर में अंगों की दीवारों में पाई जाती हैं।
7. इनका पेशीचोल पतला व मज़बूत होता है। 7. इनमें पेशीचोल होता ही नहीं।

निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
ऊतक किसे कहते हैं? पादप ऊतक कितने प्रकार के होते हैं? विभज्योतक का वर्णन करो।
उत्तर:
ऊतक-एक समान उत्पत्ति, संरचना तथा कार्य करने वाली कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते हैं। पौधों में ऊतक दो प्रकार के होते हैं-
(1) विभज्योतक
(2) स्थायी ऊतक
HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 8
विभज्योतक (Meristematic Tissue)-इन ऊतकों में कोशिकाओं का निरंतर विभाजन होता रहता है तथा विभाजन की क्षमता वाली ये कोशिकाएँ, नई कोशिकाओं को उत्पन्न करती रहती हैं। विभज्योतक, केवल वृद्धि करने वाले भागों; जैसे प्ररोह का शीर्ष और जड़ की चोटी और कैंबियम में ही पाया जाता है। इन ऊतकों के कारण ही पौधों की लंबाई और मोटाई बढ़ती है।

उत्पत्ति के आधार पर विभज्योतक दो प्रकार के होते हैं-

  • प्राथमिक विभज्योतक
  • द्वितीय विभज्योतक

स्थिति के आधार पर विभज्योतक तीन प्रकार के होते हैं-
(क) शीर्षस्थ विभज्योतक ये जड़, तना व शाखाओं के शीर्ष पर पाए जाते हैं। ये भी तीन प्रकार के होते हैं-

  • त्वचाजन-ये ऊतक पौधे की बाह्य त्वचा बनाते हैं।
  • बल्कुटजन-ये ऊतक भरण तंत्र का निर्माण करते हैं।
  • रंभजन ये ऊतक संवहन ऊतकों, फ़्लोएम व जाइलम को बनाते हैं।

(ख) अंतर्वेशी विभज्योतक-यह ऊतक एक बीज पत्री तनों में पाया जाता है। इसकी सक्रियता के कारण लंबाई में वृद्धि होती है।

(ग) पार्श्व विभज्योतक-यह ऊतक द्विबीज पत्री, तनों व जड़ के पार्श्व भागों में पाया जाता है।

HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

प्रश्न 2.
पौधे के साधारण ऊतक कितने प्रकार के हैं? उनका वर्णन करो।
उत्तर:
साधारण ऊतक (Simple Tissue)-जब विभज्योतकों में विभाजन की क्षमता नष्ट हो जाती है तो वे स्थायी ऊतकों में बदल जाते हैं। स्थायी ऊतक दो प्रकार के होते हैं-साधारण ऊतक व जटिल ऊतक।

साधारण ऊतक एक ही प्रकार की समान संरचना वाली कोशिकाओं से मिलकर बने होते हैं। इनका कार्य भी एक-समान होता है। संरचना के आधार पर ये ऊतक तीन प्रकार के होते हैं-
(1) मूदु ऊतक (Parenchyma)-ये ऊतक पौधों के प्ररोह तंत्र (तना, पत्तियां तथा फूल) तथा जड़ों में पाए जाते हैं। पौधे के हरे भाग में इनकी संख्या अधिक होती है। ये कोशिकाएँ गोल, लंबी या बहुपृष्ठीय आकार की हो सकती हैं। ये जीवित कोशिकाएँ होती हैं। इनकी कोशिका भित्ति महीन व सैल्यूलोज की बनी होती है। इन कोशिकाओं में जीवद्रव्य सघन होता है।
HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 9
इन ऊतकों का प्रमुख कार्य भोजन का संचय, स्वांगीकरण करना, दृढ़ता प्रदान करना, रेजिन, टैनिन, गोंद का संचय करना और कई बार भोजन बनाना भी होता है।

(2) स्थूलकोणक (Collenchyma)-ये कोशिकाएँ भी जीवित होती हैं। ये बहुभुजी अंडाकार तथा गोल आकार की होती हैं। इनकी कोशिका भित्ति पतली होती है, परंतु कोशिका के कोनों पर सैल्यूलोज व पेक्टिन जमा होने के कारण स्थूल हो जाती हैं। इन कोशिकाओं में प्रायः कुछ क्लोरोप्लास्ट होते हैं।
HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 10
यह ऊतक पौधों में लचीलापन व दृढ़ता प्रदान करता है तथा क्लोरोप्लास्ट पाए जाने पर स्टार्च व मंड बनाता है।

(3) दृढ़ोत्तक (Sclerenchyma)-ये कोशिकाएँ आकार में लंबी व पतली परंतु लिग्निनयुक्त होती हैं। ये कोशिकाएँ मृत होती हैं और ये एक-दूसरी से सटी होती हैं।
HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 11
ये कोशिकाएँ दोनों सिरों पर नुकीली होती हैं। दो निकटवर्ती कोशिकाओं के बीच सुस्पष्ट मध्य पट्टिका होती है। कोशिकाओं में तिरछे क्षेत्र पाए जाते हैं जिन्हें गर्त कहते हैं। ये कोशिकाएँ पौधों के भागों को दृढ़ता प्रदान करती हैं।

प्रश्न 3.
जटिल ऊतक किसे कहते हैं? पौधों में ये कितने प्रकार के होते हैं? प्रत्येक का वर्णन करें।
उत्तर:
जटिल ऊतक (Complex Tissue)-जटिल ऊतक एक-से-अधिक प्रकार की कोशिकाओं का कांच प्लेट ऐसा समूह होता है जो एक विशेष कार्य करता है। जटिल ऊतक दो प्रकार के होते हैं-
HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 12
1. दारू या जाइलम (Xylem)-ज़ाइलम एक संवहन ऊतक है। यह जल तथा उसमें घुले लवणों को जड़ से प्ररोह तंत्र के भाग पत्ते तक पहुँचाता है। इस ऊतक की सभी कोशिकाएँ मृत, मोटी भित्ति वाली तथा लिग्निन किरण युक्त होती हैं। यह ऊतक चार प्रकार की कोशिकाओं से कोशिका मिलकर बना होता है-

  • वाहिनीकाएँ (Trachieds)
  • वाहिकाएँ (Vessels)
  • दारू या काष्ठ मृदु ऊतक (Xylem or Wood Parenchyma) तथा
  • काष्ठ तंतु (Xylem Fibers)

2. पोषवाह या फ्लोएम (Phloem)-यह एक जीवित संवहन ऊतक है। प्रकाश-संश्लेषण क्रिया से तैयार मंड (स्टार्च) को यह पौधे के विभिन्न भागों तक पहुँचाता है। यह ऊतक भी चार प्रकार के अवयवों से मिलकर बना होता है-

  • चालनी नलिकाएँ (Sieve Tube)
  • सखी कोशिकाएँ (Companion Cells)
  • फ़्लोएम मृदु ऊतक (Phloem Parenchyma) एवं
  • फ़्लोएम तंतु (Phloem Fibers)

इनमें से सबसे प्रमुख चालनी नलिका है। इन चालनी नलिकाओं में छिद्रित भित्ति होती है जो पत्तियों से भोजन को पौधे के विभिन्न भागों तक पहुँचाती है।

प्रश्न 4.
तंत्रिका ऊतक किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार की होती है?
अथवा
तंत्रिका ऊतक का सचित्र वर्णन करें।
उत्तर:
तंत्रिका कोशिका-यह विशेष रूप से लंबी कोशिका है जो संदेशों के संवहन की मूल इकाई है।
HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 13
इस कोशिका में जीवद्रव्य से घिरा एक केंद्रक होता है। जीवद्रव्य से बहुत-सी छोटी-छोटी शाखाएँ निकलती हैं, जिन्हें डेंड्राइट कहते हैं। इनमें से एक शाखा बहुत लंबी होती है जिसे एक्सॉन कहते हैं। एक्सॉन संदेशों को कोशिका से दूर ले जाता है।

एक तन्त्रिका कोशिका सीधे ही दूसरे तंत्रिका कोशिका से नहीं जुड़ी होती। इनके बीच में कुछ खाली स्थान होता है जिसमें बहुत ही समीप का एक्सॉन संवहन होता है। इसे अंतर्ग्रथन (सिनेप्स) कहते हैं। यदि हमें हाथ में दर्द है तो यह सूचना हाथ में स्थित संवेदी तंत्रिका कोशिका के डेंड्राइट ग्रहण करते एक्साप्लाज्म हैं।

तंत्रिका कोशिका इसे विद्युत् सिग्नल (संकेत) में बदल देती है। यह संकेत तंत्रिकाक्ष द्वारा प्रवाहित होता है तथा अंतर्ग्रथन में होता हुआ मस्तिष्क तक पहुँचता है। मस्तिष्क संदेश को ग्रहण करके उस पर अनुक्रिया करता है। प्रेरक तंत्रिका इस अनुक्रिया को हाथ की पेशियों तक पहुँचाती है तथा हाथ की पेशियाँ उचित अनुक्रिया करती हैं।

इस प्रकार तंत्रिका कोशिका तीन प्रकार की होती हैं-

  • संवेदी तंत्रिका कोशिका-यह शरीर के विभिन्न भागों में संवेदनाएँ मस्तिष्क की ओर ले जाती हैं।
  • प्रेरक तंत्रिका कोशिका-यह मस्तिष्क से आदेश लेकर पेशियों तक पहुँचाती है।
  • बहुध्रुवी तंत्रिका कोशिका-यह संवेदनाओं को मस्तिष्क की ओर तथा मस्तिष्क के आदेशों को पेशियों की ओर ले जाने के दोनों कार्य करती है।

प्रश्न 5.
रुधिर (मानव रुधिर) क्या है? इसके घटकों का वर्णन करो।
उत्तर:
रुधिर (Blood)-रुधिर लाल रंग का तरल संयोजी ऊतक है। रुधिर शरीर के भागों में दौड़ता है, इसलिए कह सकते हैं कि यह शरीर के सभी भागों को आपस में जोड़ता है। मानव रक्त के प्रमुख दो घटक हैं-
(क) प्लाज्मा-यह रुधिर का हल्के पीले (धानी) रंग का पदार्थ होता है। इसमें 90% जल होता है, शेष लवण, ग्लूकोज एमीनो अम्ल, प्रोटीन, हार्मोन, ऑक्सीजन, कार्बन-डाइऑक्साइड गैस तथा कुछ पचे-अनपचे पदार्थ होते हैं।

कार्य-इसमें फाइब्रोजीन नामक प्रोटीन होता है जो रुधिर को जमाने में काम आता है। इसमें प्रतिरक्षी (प्रतिजन) भी पाए जाते हैं जो बाह्य पदार्थों-जीवाण आदि को निष्क्रिय कर देते हैं।

(ख) रुधिर कणिकाएँ-रुधिर में तीन प्रकार की कणिकाएँ पाई जाती हैं जिनका वर्णन निम्नलिखित प्रकार से है
1. लाल रुधिर कणिकाएँ-ये गोलाकार होती हैं। प्रत्येक लाल कणिका का जीवन लगभग चार महीने का होता है। इनके अंदर हीमोग्लोबिन नामक एक पदार्थ होता है जो रुधिर को लाल रंग प्रदान करता है। ये आकार में गोल, चपटी तथा छोटी लाल कणिका होती हैं। इनमें केंद्रक नहीं होता। इनकी संख्या सबसे अधिक होती है (50 लाख प्रति घन मिलीलीटर)।
HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 14
कार्य-

  • लाल रुधिर कणिकाएँ रक्त को लाल रंग प्रदान करती हैं।
  • इनका हीमोग्लोबिन सारे शरीर में ऑक्सीजन का वितरण करता है। ऑक्सीजन पाकर ये कणिकाएँ ऑक्सी हीमोग्लोबिन बन जाती हैं।

2. श्वेत रुधिर कणिकाएँ-श्वेत रुधिर कणिकाओं की संख्या लाल रुधिर कणिकाओं से कम होती है, परंतु माप में उनसे बड़ी होती हैं। इनका रंग सफेद होता है, क्योंकि इनमें हीमोग्लोबिन नहीं होता। अतः इनका आकार भी निश्चित नहीं होता। इनमें केंद्रक भी होता है। ये पाँच प्रकार की होती हैं।

कार्य-ये शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले रोगाणुओं को मार देती हैं और उन्हें निगल जाती हैं। इस प्रकार ये रोगों से हमारी रक्षा करती हैं।

(ग) पट्टिकाणु या थ्रोम्बोसाइट या प्लेटलैटस-ये बीच में से मोटी और किनारे पर से पतली होती हैं। ये बहुत छोटी होती हैं। इनमें भी केंद्रक होता है।

कार्य-ये रक्त को जमने में सहायता करती हैं। चोट लगने पर जब रक्त बाहर निकलता है, तो ये कणिकाएँ चोट लगे हुए स्थान पर इकट्ठी हो जाती हैं और एक रासायनिक क्रिया द्वारा वहाँ जम जाती हैं, ताकि और अधिक रक्त न बह सके।

प्रश्न 6.
कंकाल और हृदय पेशियों की संरचना का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कंकाल पेशी (ऐच्छिक पेशी)-कुछ पेशियों की हम इच्छानुसार गति करा सकते हैं। हाथ और पैर में विद्यमान पेशियों को हम अपनी इच्छानुसार आवश्यकता पड़ने पर गति करा सकते हैं या उनकी गति को रोक सकते हैं। इस तरह की पेशियों को ऐच्छिक पेशी कहा जाता है।

इन पेशियों को कंकाल पेशी भी कहा जाता है क्योंकि ये अधिकतर हड्डियों से जुड़ी होती हैं तथा शारीरिक गति में सहायक होती हैं। सूक्ष्मदर्शी से देखने पर ये पेशियाँ हलके तथा गहरे रंगों में एक के बाद एक रेखाओं या धारियों की तरह प्रतीत होती हैं। इसी कारण इसे रेखित पेशी भी कहते हैं। इस ऊत्तक की कोशिकाएँ लम्बी, बेलनाकार, शाखा-रहित और बहुनाभीय होती हैं।

हृदय पेशी-हृदय की पेशियाँ जीवनभर लयबद्ध होकर प्रसार एवं संकुचन करती रहती हैं। इन अनैच्छिक पेशियों को कार्डिक (हृदयक) पेशी कहा जाता है जैसाकि चित्र में दर्शाया गया है। हृदय की पेशी कोशिकाएँ बेलनाकार, शाखाओं वाली और एक केन्द्रकीय होती हैं। ये हृदय की दीवारों में पाई जाती हैं।

प्रयोगात्मक कार्य

क्रियाकलाप 1.
तने की संरचना को एक अनुप्रस्थ काट के द्वारा देखना।
कार्य-विधि-
(1) एक पौधे के पतले व नर्म तने का पतला अनुप्रस्थ काटकर सेफेनिन घोल में डाल दो।

(2) एक अनुप्रस्थ काट को स्लाइड पर सावधानीपूर्वक रखो और उस पर ग्लिसरीन की एक बूंद डालकर कवर स्लिप से ढक दो।

(3) तैयार स्लाइड का सूक्ष्मदर्शी से निरीक्षण करो तथा दिखाई देने वाली कोशिकाओं के विन्यास का रेखाचित्र बनाओ।
HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक 15

अध्याय का तीव्र अध्ययन

1. रक्त का वहन करता है-
(A) ऑक्सीजन
(B) भोजन
(C) हार्मोन व अपशिष्ट पदार्थ
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

2. ………………….. के अधिकांश ऊतक मृत होते हैं।
(A) पौधों
(B) प्राणियों
(C) (A) और (B) दोनों
(D) मृतोपजीवियों
उत्तर:
(A) पौधों

3. पौधों में नई कोशिकाएँ ………………….. द्वारा बनती हैं।
(A) मृदु उतक
(B) स्थूलकोणक ऊतक
(C) विभज्योतक
(D) दृढ़ोतक
उत्तर:
(C) विभज्योतक

4. विभज्योतक का गुण नहीं है-
(A) अत्यधिक क्रियाशील
(B) अधिक कोशिका द्रव्य
(C) रसधानी विद्यमान
(D) स्पष्ट केंद्रक
उत्तर:
(C) रसधानी विद्यमान

5. जड़ व तने के अग्र भाग पर स्थित ऊतक है।
(A) पैरेन्काइमा
(B) विभज्योतक
(C) स्क्लेरेन्काइमा
(D) कॉलेन्काइमा
उत्तर:
(B) विभज्योतक

6. प्रकाश संश्लेषण में सहायक ऊतक है-
(A) पैरेन्काइमा
(B) कॉलेन्काइमा
(C) स्क्लेरेन्काइमा
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(A) पैरेन्काइमा

7. ………………….. भंडारण का कार्य करने वाला ऊतक है।
(A) कॉलेन्काइमा
(B) पैरेन्काइमा
(C) स्क्लेरेन्काइमा
(D) विभज्योतक
उत्तर:
(B) पैरेन्काइमा

HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

8. पौधे को कठोर व मजबूत बनाने वाला ऊतक होता है-
(A) क्लोरेन्काइमा
(B) स्क्लेरेन्काइमा
(C) पैरेन्काइमा
(D) दारू
उत्तर:
(B) स्क्लेरेन्काइमा

9. नारियल के रेशेयुक्त छिलके किस ऊतक से बने होते हैं?
(A) स्क्लेरेन्काइमा
(B) कॉलेन्काइमा
(C) पैरेन्काइमा
(D) पोषवाह
उत्तर:
(A) स्क्लेरेन्काइमा

10. स्क्लेरेन्काइमा पौधे के किस भाग में पाया जाता है?
(A) तने में
(B) संवहन बंडल के समीप
(C) पत्तों की शिराओं में व बीजों में
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

11. छिद्र पाए जाते हैं-
(A) पत्ती की सतह पर
(B) वाहिकाओं में
(C) जाइलम में
(D) फ्लोएम में
उत्तर:
(A) पत्ती की सतह पर

12. एपीडर्मिस का कार्य नहीं है-
(A) जल की हानि कम करती है
(B) जल हानि के विरुद्ध यांत्रिक आघात से रक्षा करती है
(C) परजीवी कवक के प्रवेश में सहायक है।
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(C) परजीवी कवक के प्रवेश में सहायक है

13. स्टोमेटा में रक्षी कोशिकाओं की आकृति होती है-
(A) यकृत जैसी
(B) वृक्क जैसी
(C) सेम के बीज जैसी
(D) चने के बीज जैसी
उत्तर:
(B) वृक्क जैसी

14. स्टोमेटा का कार्य है-
(A) वाष्पोत्सर्जन
(B) ऑक्सीजन ग्रहण करना व निष्कासन
(C) कार्बन डाइऑक्साइड का ग्रहण व निष्कासन
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

15. जड़ों में जल अवशोषण की क्षमता बढ़ती है-
(A) जड़ का आकार बढ़ने से
(B) जड़ की लंबाई बढ़ने से
(C) जड़ पर स्थित मूल रोमों के कारण
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(C) जड़ पर स्थित मूल रोमों के कारण

16. छाल को हवा व पानी के लिए अभेद्य बनाता है-
(A) मोमी आवरण
(B) छाल की मोटी सतह
(C) सुबरिन नामक रसायन
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(C) सुबरिन नामक रसायन

17. जटिल ऊतक का उदाहरण है-
(A) जाइलम
(B) विभज्योतक
(C) फ्लोएम
(D) (A) और (C) दोनों
उत्तर:
(D) (A) और (C) दोनों

18. निम्नलिखित में से संवहन ऊतक है-
(A) जाइलम
(B) फ्लोएम
(C) (A) और (B) दोनों
(D) (A) और (B) दोनों ही नहीं
उत्तर:
(C) (A) और (B) दोनों

19. जाइलम के भाग हैं-
(A) वाहिनिका
(B) वाहिका
(C) जाइलम पैरेन्काइमा व फाइबर
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

20. फ्लोएम के भाग हैं-
(A) चालनी नलिका
(B) साथी कोशिकाएँ
(C) फ्लोएम पैरेन्काइमा व रेशे
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

21. खनिज व जल वाहित किए जाते हैं-
(A) फ्लोएम से
(B) जाइलम से
(C) चालनी नलिका से
(D) साथी कोशिकाओं से
उत्तर:
(B) जाइलम से

22. फ्लोएम संवाहित करता है-
(A) संश्लेषित खाद्य
(B) खनिज लवण
(C) जल
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(A) संश्लेषित खाद्य

23. कौन-सा ऊतक सरल ऊतक नहीं है?
(A) स्क्लेरेन्काइमा
(B) फ्लोएम
(C) पैरेन्काइमा
(D) कॉलेन्काइमा
उत्तर:
(B) फ्लोएम

24. कौन-सा ऊतक जंतु ऊतक नहीं है?
(A) एपीथिलियल
(B) एपीडर्मल
(C) संयोजी
(D) पेशीय
उत्तर:
(B) एपीडर्मल

25. शरीर को ढकने व शरीर के अंदर विभिन्न अंगों के आवरण बनाने का कार्य कौन-सा ऊतक करता है?
(A) एपिथीलियमी
(B) संयोजी
(C) तंत्रिका
(D) पेशीय
उत्तर:
(A) एपिथीलियमी

26. एपिथीलियमी ऊतक का प्रकार नहीं है-
(A) शल्की
(B) घनाकार
(C) गोलाकार
(D) स्तंभाकार व स्तरित शल्की
उत्तर:
(C) गोलाकार

27. आहारनली तथा मुँह का अंतर किस एपिथीलियमी ऊतक से बना होता है?
(A) ग्रंथिल
(B) शल्की
(C) स्तंभाकार
(D) घनाकार
उत्तर:
(B) शल्की

28. रक्त किस प्रकार का ऊतक है?
(A) एपिथीलियमी
(B) संयोजी
(C) पेशीय
(D) तंत्रिका
उत्तर:
(B) संयोजी

29. रक्त की कौन-सी कोशिकाएँ ऑक्सीजन ग्रहण करने का कार्य करती हैं?
(A) RBC
(B) WBC
(C) प्लेटलेट्स
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(A) RBC

30. अस्थि किस प्रकार के ऊतक का उदाहरण है?
(A) एपिथीलियमी
(B) संयोजी
(C) पेशीय
(D) तंत्रिका
उत्तर:
(B) संयोजी

31. शरीर को गति प्रदान करने वाला ऊतक होता है-
(A) एपिथीलियमी
(B) संयोजी
(C) पेशीय
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(C) पेशीय

HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 6 ऊतक

32. ऐच्छिक पेशी का गुण है-
(A) आकार में लंबी
(B) बेलनाकार
(C) शाखारहित
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

33. अनैच्छिक पेशियाँ नहीं पाई जाती-
(A) अस्थियों में
(B) आँख की पलक में
(C) मूत्रवाहिनी में
(D) फेफड़ों की श्वसनी में
उत्तर:
(A) अस्थियों में

34. कौन-सी कोशिका सबसे लंबी हो सकती है?
(A) एपिथीलियमी
(B) तंत्रिका
(C) संयोजी
(D) पेशीय
उत्तर:
(B) तंत्रिका

35. हृदय में कौन-सा ऊतक होता है?
(A) पेशीय
(B) तंत्रिका
(C) एपिथीलियमी
(D) संयोजी
उत्तर:
(A) पेशीय

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