HBSE 9th Class Science Notes Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

Haryana State Board HBSE 9th Class Science Notes Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं Notes.

Haryana Board 9th Class Science Notes Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

→ शुद्ध पदार्थ एक ही प्रकार के कणों का बना होता है।

→ जल में घुले हुए सोडियम क्लोराइड को वाष्पीकरण या आसवन विधि द्वारा जल से पृथक् किया जा सकता है।

→ मिश्रण में एक से अधिक पदार्थ होते हैं।

→ कॉपर सल्फेट का जल में समांगी मिश्रण बनता है।

→ जल और तेल का मिश्रण विषमांगी मिश्रण है।

→ नींबू जल व सोडा जल विलयन के उदाहरण हैं।

→ चीनी और जल के विलयन में चीनी विलेय तथा जल विलायक होता है।

→ वायु मुख्यतः 21% ऑक्सीजन और 78% नाइट्रोजन का समांगी मिश्रण होती है।

→ विलयन के कण व्यास में 1 mm (1 × 10-9m) से भी छोटे होते हैं।

→ विलयन एक समांगी मिश्रण होता है जिसमें से छानना विधि द्वारा विलेय के कणों को विलयन से अलग नहीं किया जा सकता।

→ निलंबित कण 100 nm (10-7m) से बड़े होते हैं। ये कण आंखों से देखे जा सकते हैं।

→ कोलाइड के कण विलयन में समान रूप से फैले होते हैं।

→ दूध एक कोलाइडल विलयन है।

HBSE 9th Class Science Notes Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

→ कोलाइडल कणों द्वारा प्रकाश की किरणों को फैलाना टिनडल प्रभाव कहलाता है।

→ कोलाइड के कणों का आकार 1nm से 100 nm के बीच होता है।

→ कोलाइड के विभिन्न अवयवों को अपकेंद्रीकरण तकनीक द्वारा पृथक् किया जा सकता है।

→ दो अघुलनशील द्रवों को पृथक्करण कीप द्वारा अलग-अलग किया जा सकता है।

→ अमोनियम क्लोराइड, कपूर, नैफ्थलीन और एंथ्रासीन ऊर्ध्वपातित होने योग्य ठोस पदार्थ हैं।

→ दो घुलनशील द्रवों के मिश्रण को जिनके घटकों के क्वथनांकों के बीच काफी अंतर होता है को आसवन विधि द्वारा अलग किया जा सकता है।

→ क्रिस्टलीकरण विधि का प्रयोग ठोस पदार्थों को शुद्ध करने में किया जाता है।

→ रासायनिक परिवर्तन पदार्थ के रासायनिक गुणधर्मों में परिवर्तन लाता है।

→ रासायनिक संघटन के आधार पर पदार्थों को या तो तत्त्वों या यौगिकों में वर्गीकृत किया जा सकता है।

→ तत्त्वों को साधारणतया धातु, अधातु और उपधातु में बांटा जा सकता है।

→ दो तत्त्व पारा व ब्रोमीन कमरे के तापक्रम पर द्रव अवस्था में होते हैं।

→ यौगिकों के गुण उसमें निहित तत्त्वों के गुणों से अलग होते हैं, जबकि मिश्रण में उपस्थित तत्त्व और यौगिक अपने-अपने गुणों को दर्शाते हैं।

→ शुद्ध पदार्थ-एक ही प्रकार के कणों से बने पदार्थ को शुद्ध पदार्थ कहा जाता है।

→ मिश्रण-एक या एक से अधिक शुद्ध तत्त्वों या यौगिकों के मिलने से बना पदार्थ मिश्रण कहलाता है।

→ विलयन-दो या दो से अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण विलयन कहलाता है।

→ मिश्र धातुएँ-वे धातुओं के समांगी मिश्रण जिन्हें भौतिक क्रियाओं द्वारा अवयवों से अलग नहीं किया जा सकता, मिश्र धातुएँ कहलाती हैं।

→ विलायक-विलयन का वह घटक (जिसकी मात्रा दूसरे से अधिक होती है) जो दूसरे घटक को विलयन में मिलाता है, विलायक कहलाता है।

→ विलेय विलयन का वह घटक जो कि विलायक में घुला होता है, उसे विलेय कहते हैं।

संतृप्त विलयन-दिए गए निश्चित तापमान पर यदि विलयन में विलेय पदार्थ नहीं घुलता तो, उसे संतृप्त विलयन कहते हैं।

HBSE 9th Class Science Notes Chapter 2 क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं

→ घुलनशीलता-विलेय पदार्थ की वह मात्रा जो निश्चित तापमान पर संतृप्त विलयन में उपस्थित होती है, उसकी घुलनशीलता कहलाती है।

→ असंतृप्त विलयन यदि किसी विलयन में विलेय पदार्थ की मात्रा संतृप्तता से कम हो तो उसे असंतृप्त विलयन कहते हैं।

→ अति संतृप्त विलयन-यदि किसी विलयन में विलेय पदार्थ की सांद्रता संतृप्त सांद्रता से अधिक हो तो उसे अति संतृप्त विलयन कहते हैं।

→ विलयन की सांद्रता-विलायक की मात्रा (आयतन) में घुले हए विलेय पदार्थ की मात्रा को विलयन की सांद्रता कहते हैं।
अथवा
विलेय पदार्थ की मात्रा जो विलयन की मात्रा (आयतन) में उपस्थित हो उसे विलयन की सांद्रता कहते हैं।

→ निलंबन-निलंबन एक विषमांगी मिश्रण होता है, जिसमें विलेय पदार्थ के कण घुलते नहीं हैं, बल्कि माध्यम की समष्टि में निलंबित रहते हैं।

→ अपकेंद्रण विधि का सिद्धांत-अपकेंद्रण विधि में मिश्रण को तेजी से घुमाने पर भारी कण नीचे बैठ जाते और हल्के कण ऊपर आ जाते हैं।

→ क्रोमैटोग्राफी-क्रोमैटोग्राफी एक ऐसी विधि है जिसका प्रयोग उन विलेय पदार्थों को पृथक् करने में होता है जो एक ही तरह के विलायक में घुले होते हैं।

→ क्रिस्टलीकरण क्रिस्टलीकरण वह विधि है जिसके द्वारा क्रिस्टल के रूप में शुद्ध ठोस को विलयन से पृथक् किया जाता है।

→ तत्त्व-तत्त्व पदार्थ का वह मूल रूप है जिसे रासायनिक क्रिया द्वारा छोटे टुकड़ों में नहीं बाँटा जा सकता।

→ उपधातु-धातु और अधातु के बीच के गुण दर्शाने वाले तत्त्व उपधातु कहलाते हैं; जैसे बोरॉन व सिलिकॉन।

→ यौगिक-दो या दो से अधिक तत्त्वों के समान अनुपात में रासायनिक तौर पर मिलने से बना पदार्थ यौगिक कहलाता है।

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