HBSE 9th Class Science Notes Chapter 6 ऊतक

Haryana State Board HBSE 9th Class Science Notes Chapter 6 ऊतक Notes.

Haryana Board 9th Class Science Notes Chapter 6 ऊतक

→ कोशिका विभाजन जीव के विकास और वृद्धि के लिए आवश्यक है।

→ एक कोशिका जीवों में सभी जैव प्रक्रियाएँ एक कोशिका के द्वारा ही की जाती हैं।

→ बहुकोशिका जीवों में अलग-अलग कोशिकाओं के समूह भिन्न कार्य करते हैं, इसे श्रम विभाजन कहते हैं।

→ समान उद्भव, रचना और समान कार्य करने वाली कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते हैं।

→ पौधे और जंतु भिन्न-भिन्न गुणों वाले जीव हैं।

→ पौधों और जंतुओं में रचना और कार्य के आधार पर भिन्न-भिन्न ऊतक पाए जाते हैं।

HBSE 9th Class Science Notes Chapter 6 ऊतक

→ पौधों में दो प्रकार के ऊतक पाए जाते हैं

  • विभज्योतक तथा
  • स्थायी ऊतक।

→ विभज्योतक पौधे के शीर्ष एवं जड़ की चोटी पर ही पाया जाता है।

→ स्थायी ऊतक भी विभज्योतक से ही बनते हैं।

→ सरल ऊतक तीन प्रकार के होते हैं पैरेन्काइमा, कॉलेन्काइमा तथा स्क्लेरेन्काइमा।

→ स्क्लेरेन्काइमा (दृढ़ोत्तक) पौधे के भागों को दृढ़ता प्रदान करता है।

→ दृढ़ोत्तक ही रक्षी ऊतक में बदल जाता है।

→ स्टोमेटा (वातरंध्र) पौधे के लिए गैसों का आदान-प्रदान व वाष्पोत्सर्जन करता है।

→ जाइलम व फ्लोएम ऊतक जटिल ऊतकों के उदाहरण हैं।

→ ज़ाइलम व फ्लोएम संवहन ऊतक हैं।

→ एपिथीलियमी ऊतक रक्षी अस्तर जंतु ऊतक है।

→ पेशीय ऊतक, प्रमुख रूप से तीन प्रकार का होता है-रेखित पेशी (कंकाल या ऐच्छिक), अरेखित पेशी (चिकनी पेशी या अनैच्छिक पेशी) तथा हृदय पेशी।

→ रुधिर और अस्थि संयोजी ऊतक के प्रकार हैं।

→ रुधिर एक तरल ऊतक है।

→ अस्थि दृढ़ होती है, जबकि उपास्थि में लचीलापन होता है।

HBSE 9th Class Science Notes Chapter 6 ऊतक

→ मस्तिष्क, मेरुरज्जु तथा तंत्रिकाएँ सभी तंत्रिका ऊतक हैं।

→ स्थायी ऊतकों में विभाजन क्षमता नहीं होती।

→ तंत्रिका ऊतक की इकाई न्यूरॉन है। यह एक संदेशवाहक है।

→ विभज्योतक में लगातार विभाजन होता रहता है।

→ ऊतक-समान उद्भव, रचना और कार्य करने वाली कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते हैं।

→ विभज्योतक-विभाजन की क्षमता वाले ऊतक विभज्योतक कहलाते हैं।

→ विभेदीकरण ऊतकों द्वारा विशिष्ट कार्य करने के लिए स्थाई रूप और आकार लेने की क्रिया को विभेदीकरण कहते हैं।

→ स्थायी ऊतक-विभज्योतक विभाजन की क्षमता खोकर जो ऊतक बनते हैं, उन्हें स्थायी ऊतक कहते हैं।

→ सरल ऊतक-एक ही प्रकार की कोशिकाओं से बने ऊतकों को सरल ऊतक कहते हैं।

→ जटिल ऊतक-भिन्न प्रकार की रचना और कार्य करने वाली कोशिकाओं के समूह को जटिल ऊतक कहते हैं।

→ संरक्षी ऊतक-पौधे के शरीर की रक्षा करने वाले संरक्षी ऊतक कहलाते हैं।

→ फ्लोएम-जीवित संवाहक ऊतक को फ्लोएम कहते हैं।

→ उपकला ऊतक-जंतुओं में आवरणी ऊतक को उपकला ऊतक कहते हैं।

→ पेशीय ऊतक-जिन संरचनाओं से पेशियाँ बनी होती हैं, उन्हें पेशीय ऊतक कहते हैं।

→ संयोजी ऊतक-शरीर के विभिन्न अंगों को आपस में जोड़ने या आधार देने का कार्य करने वाले ऊतकों को संयोजी ऊतक कहते हैं।

→ तंत्रिका ऊतक-संवेदनाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने वाले ऊतक तंत्रिका ऊतक कहलाते हैं।

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