Haryana State Board HBSE 9th Class Science Notes Chapter 4 परमाणु की संरचना Notes.
Haryana Board 9th Class Science Notes Chapter 4 परमाणु की संरचना
→ पदार्थ परमाणुओं और अणुओं से मिलकर बने हैं।
→ इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन की खोज क्रमशः जे.जे. टॉमसन और ई. गोल्डस्टीन ने की।
→ जे.जे. टॉमसन ने यह प्रस्तावित किया था कि इलेक्ट्रॉन धनात्मक गोले में फंसे हुए होते हैं।
→ प्रोटॉन का द्रव्यमान एक इकाई तथा आवेश +1 लिखा जाता है जबकि इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान नगण्य और आवेश -1 लिया जाता है।
→ रदरफोर्ड के अल्फा कणों के प्रकीर्णन प्रयोग ने परमाणु केंद्रक की खोज की।
→ रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल ने प्रस्तावित किया कि परमाणु के अंदर बहुत छोटा केंद्रक होता है और इलेक्ट्रॉन केंद्रक के चारों ओर घूमते हैं। परमाणु की स्थिरता की इस मॉडल से व्याख्या नहीं की जा सकी।
→ रदरफोर्ड के अनुसार, नाभिक की त्रिज्या परमाणु की त्रिज्या से 10 गुणा छोटी होती है।
→ नील्स बोर द्वारा दिया गया परमाणु का मॉडल अधिक सफल था। उन्होंने प्रस्तावित किया कि इलेक्ट्रॉन केंद्रक के चारों ओर निश्चित ऊर्जा के साथ अलग-अलग कक्षाओं में वितरित हैं। अगर परमाणु की सबसे बाहरीय कक्षाएँ भर जाती हैं, तो परमाणु स्थिर होगा और कम क्रियाशील होगा।
→ जे. चैडविक ने 1932 में परमाणु के अंदर न्यूट्रॉन की उपस्थिति को खोजा।
→ हाइड्रोजन के नाभिक में न्यूट्रॉन नहीं होता।
→ परमाणु के तीन अवपरमाणुक कण इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन व न्यूट्रॉन हैं।।
→ बोर और बरी के नियम अनुसार किसी कक्ष में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या 2n2 हो सकती है। यहां n कक्ष की संख्या है।
→ परमाणु के कक्षों को K, L, M, N……..नाम दिया गया है।
→ किसी परमाणु का बाह्यतम कक्ष अधिकतम 8 इलेक्ट्रॉन रख सकता है।
→ जिन तत्त्वों के बाह्यतम कक्ष पूर्ण भरे होते हैं वे रासायनिक रूप से सक्रिय नहीं होते हैं।
→ हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक प्रोटियम (1H1), ड्यूटीरियम (1H2) तथा ट्राइटियम (1H3) हैं।
→ क्लोरीन के दो समस्थानिक 17Cl35 तथा 17Cl37 हैं।।
→ समस्थानिकों के रासायनिक गुण समान लेकिन भौतिक गुण अलग-अलग होते हैं।
→ किसी प्राकृतिक तत्त्व के एक परमाणु का द्रव्यमान उस तत्त्व में विद्यमान सभी प्राकृतिक रूप में पाए जाने वाले परमाणुओं के औसत द्रव्यमान के बराबर होता है।
→ परमाणु भट्टी में ईंधन के रूप में यूरेनियम के समस्थानिक का उपयोग किया जाता है।
→ कोबाल्ट के समस्थानिक का उपयोग कैंसर के उपचार के लिए किया जाता है।
→ आयोडीन के समस्थानिक का उपयोग घेघा रोग के इलाज के लिए किया जाता है।
→ कैल्शियम व आर्गन समभारिक परमाणु हैं।
→ तत्त्वों को उनके प्रोटॉनों की संख्या के आधार पर परिभाषित किया जा सकता है।
→ संयोजकता-इलेक्ट्रॉन-किसी परमाणु के सबसे बाहरी कक्ष में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों को संयोजकता-इलेक्ट्रॉन कहा जाता है।
→ संयोजकता संयोजकता परमाणु की संयोजन शक्ति होती है।
→ अक्रिया तत्त्व-जिन तत्त्वों के बाह्यतम कक्ष पूर्ण होते हैं उन्हें अक्रिया तत्त्व कहा जाता है।
→ परमाणु संख्या-परमाणु के नाभिक में उपस्थित कुल प्रोटॉनों की संख्या, उसकी परमाणु संख्या (Z) कहलाती है।
→ द्रव्यमान संख्या: परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों की कुल संख्या के योग को द्रव्यमान संख्या (A) कहा जाता है।
→ न्यूक्लियॉन-परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन व न्यूट्रॉन न्यूक्लियॉन कहलाते हैं।
→ समस्थानिक-एक ही तत्त्व के ऐसे परमाणु जिनकी परमाणु संख्या समान हो, परंतु द्रव्यमान संख्या भिन्न हो, तत्त्व के समस्थानिक कहलाते हैं।
→ समभारिक-समभारिक वे परमाणु होते हैं जिनकी द्रव्यमान संख्या समान लेकिन परमाणु संख्या भिन्न-भिन्न होती है।