Haryana State Board HBSE 9th Class Science Notes Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण Notes.
Haryana Board 9th Class Science Notes Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण
→ पेड़ से किसी सेब का गिरना व चंद्रमा की गति का कारण गुरुत्व बल है।
→ गुरुत्वाकर्षण बल की व्याख्या करने वाले नियम की खोज सर आइज़क न्यूटन ने की थी।
→ सर आइज़क न्यूटन का जन्म 1642 ई० में हुआ था।
→ किसीr त्रिज्या के वृत्ताकार पथ में v वेग से गतिशील कोई वस्तु पृथ्वी के केंद्र की ओर \(\frac{v^2}{r}\) परिमाण से त्वरित होती है।
→ गुरुत्वीय बल पृथ्वी तल से ऊँचाई बढ़ने पर कम होता जाता है। यह पृथ्वी तल के विभिन्न स्थानों पर भी परिवर्तित होता है और इसका मान ध्रुवों से विषुवत वृत्त की ओर घटता जाता है।
→ सार्वत्रिक गुरुत्वीय स्थिरांक G का मान 6.673 × 10-11 Nm2/kg2 है।
→ न्यूटन के अनुसार ग्रहों की गति का कारण गुरुत्वाकर्षण का वह बल है जो सूर्य उन पर लगाता है। 8. नियमित आकार व एक समान घनत्व वाली वस्तुओं का गुरुत्व केंद्र उनके ज्यामितीय केंद्र पर होता है।
→ किसी वस्तु पर पृथ्वी का आकर्षण बल उसके (पृथ्वी के) केंद्र की दिशा में लगता है।
→ किसी वस्तु का भार द्रव्यमान व गुरुत्वीय त्वरण के गुणनफल के बराबर होता है।
→ किसी वस्तु का भार भिन्न-भिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न हो सकता है, किंतु द्रव्यमान स्थिर रहता है।
→ सभी वस्तुएँ किसी तरल में डुबाने पर उत्प्लावन बल का अनुभव करती है।
→ जिस द्रव में वस्तुओं को डुबोया जाता है उसके घनत्व की वस्तुएँ द्रव की सतह पर तैरती हैं। यदि वस्तु का घनत्व, डुबोए जाने वाले द्रव से अधिक है तो वे द्रव में डूबती हैं।
→ पृथ्वी तल के पास गुरुत्वीय त्वरण (g) का मान 9.8 m/s2 होता है।
→ किसी प्रक्षेप्य द्वारा तय की गई अधिकतम क्षैतिज दूरी परास कहलाती है।
→ वस्तु का भार सदैव ऊर्ध्वाधर दिशा में लगता है।
→ किसी वस्तु का चंद्रमा पर भार पृथ्वी की अपेक्षा \(\frac{1}{6}\) गुना होता है।
→ प्रणोद का SI मात्रक न्यूटन (N) होता है।
→ दाब का SI मात्रक न्यूटन प्रति वर्ग मीटर (N/m2) है। इसे ब्लैस पास्कल के सम्मान में पास्कल (Pa) के नाम से पुकारते हैं अर्थात दाब का मात्रक पास्कल है।
→ किसी पदार्थ का आपेक्षिक घनत्व उसके घनत्व तथा पानी के घनत्व का अनुपात है।
→ सभी वस्तुएँ किसी तरल (द्रव या गैस) में डुबाने पर उत्प्लावन बल का अनुभव करती हैं।
→ घनत्व का SI मात्रक किलोग्राम प्रति घन मीटर है।
→ किसी पदार्थ के नमूने का घनत्व उस पदार्थ की शुद्धता की जाँच में सहायता करता है।
→ सोने का आपेक्षिक घनत्व 19.3 है।
→ आपेक्षिक घनत्व का कोई मात्रक नहीं होता क्योंकि यह एक अनुपात है।
→ गुरुत्वाकर्षण बल-विश्व के कोई भी दो कण एक-दूसरे को बल लगाकर अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इस आकर्षण बल को गुरुत्वाकर्षण बल कहते हैं।
→ गुरुत्व बल-पृथ्वी द्वारा लगाए जाने वाले गुरुत्वाकर्षण बल को गुरुत्व बल कहते हैं।
→ अभिकेंद्र बल-वृत्तीय गति को बनाए रखने वाला त्वरण सदैव वृत्त के केंद्र के अनुदिश होता है, इसे अभिकेंद्र बल कहते हैं।
→ गुरुत्वाकर्षण के नियम के अनुसार-किन्हीं दो पिंडों अथवा कणों के बीच आकर्षण बल उन दोनों के द्रव्यमानों के गुणनफलों के समानुपाती व उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। यह नियम सभी पिंडों पर लागू होता है चाहे वह विश्व में कहीं भी हों। इस प्रकार के नियम को सार्वत्रिक नियम कहते हैं।
→ गुरुत्व केंद्र-किसी वस्तु पर लगे गुरुत्व बल को, उसमें स्थित एक बिंदु पर लगता हुआ मान सकते हैं। यह बिंदु वस्तु का गुरुत्व केंद्र कहलाता है।
→ भार-किसी वस्तु का भार वह बल है जिससे पृथ्वी उसे आकर्षित करती है।
→ प्रक्षेप्य-ऊर्ध्वाधर से किसी कोण पर प्रक्षेपित (या प्रमोचित) कण को प्रक्षेप्य कहते हैं। इसका पथ (माग) एक वक्र होता है जिसे परवलय कहते हैं।
→ द्रव्यमान-किसी वस्तु का द्रव्यमान उसके जड़त्व का माप होता है।
→ प्रणोद-किसी वस्तु की सतह के लंबवत् लगने वाले बल को प्रणोद कहते हैं।
→ दाब-एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले प्रणोद को दाब कहते हैं अर्थात् दाब
→ आर्किमिडीज के नियम के अनुसार-जब किसी वस्तु को पूर्ण या आंशिक रूप से किसी तरल में डुबोया जाता है तो उस पर ऊपर की ओर एक बल लगता है, जो वस्तु द्वारा हटाए गए तरल के भार के बराबर होता है।
→ उत्प्लावन बल-जब किसी वस्तु को किसी द्रव में डुबोया जाता है तो द्रव द्वारा उस वस्तु पर ऊपर की ओर एक बल लगाया जाता है जिसे उत्प्लावन बल कहते हैं।
→ घनत्व-किसी वस्तु का घनत्व उसके एकांक आयतन के द्रव्यमान को कहते हैं।