Haryana State Board HBSE 9th Class Science Notes Chapter 3 परमाणु एवं अणु Notes.
Haryana Board 9th Class Science Notes Chapter 3 परमाणु एवं अणु
→ कोई भी यौगिक दो या दो से अधिक तत्त्वों से निर्मित होता है।
→ यौगिक जल में हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन के द्रव्यमानों का अनुपात सदैव 1 : 8 होता है चाहे जल का स्रोत कोई भी हो।
→ अमोनिया (NH3) में नाइट्रोजन एवं हाइड्रोजन द्रव्यमानों के अनुसार सदैव 14 : 3 के अनुपात में विद्यमान रहते हैं।
→ जॉन डॉल्टन का जन्म सन् 1766 में इंग्लैंड में हुआ था।
→ किसी भी यौगिक में परमाणुओं की सापेक्ष संख्या एवं प्रकार निश्चित होते हैं।
→ सभी द्रव्यों की रचनात्मक इकाई परमाणु होती है।
→ परमाणु त्रिज्या को नेनोमीटर (nm) में मापा जाता है। (1nm = 10-9m)
→ आजकल इंटरनेशनल यूनियन ऑफ प्योर एंड एप्लाइड केमिस्ट्री (IUPAC) तत्त्वों के नामों को स्वीकृति प्रदान करती है।
→ प्रत्येक तत्त्व का एक नाम एवं एक अद्वितीय रासायनिक प्रतीक होता है।
→ प्रत्येक तत्त्व का एक अभिलाक्षणिक परमाणु द्रव्यमान होता है।
→ हम परमाणु द्रव्यमान की इकाई को एक कार्बन परमाणु द्रव्यमान के बराबर मानते हैं।
→ कार्बन-12 समस्थानिक के एक परमाणु द्रव्यमान के सापेक्ष सभी तत्त्वों के परमाणु द्रव्यमान प्राप्त किए गए हैं।
→ साधारणतया अणु ऐसे दो या दो से अधिक परमाणुओं का समूह होता है जो आपस में रासायनिक बंध द्वारा जुड़ा होता हैं।
→ किसी तत्त्व के अणु एक ही प्रकार के परमाणुओं से बने होते हैं।
→ ऋण आवेशित कण को ऋणायन व धन आवेशित कण को धनायन कहते हैं।
→ प्रत्येक तत्त्व की संयोजकता द्वारा आण्विक यौगिकों के रासायनिक सूत्र निर्धारित होते हैं।
→ आयनिक यौगिकों में, प्रत्येक आयन के ऊपर आवेशों की संख्या द्वारा यौगिक के रासायनिक सूत्र ज्ञात करते हैं।
→ किसी पदार्थ के एक मोल में कणों (परमाणु, अणु अथवा आयन) की संख्या निश्चित होती है जिसका मान 6.022 × 1023 होता है।
→ द्रव्यमान संरक्षण नियम-द्रव्यमान संरक्षण के नियम के अनुसार, किसी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो सृजन किया जा सकता है न ही विनाश।
→ निश्चित अनुपात का नियम-एक शुद्ध रासायनिक यौगिक में तत्त्व हमेशा द्रव्यमानों के निश्चित अनुपात में विद्यमान होते हैं, इसे निश्चित अनुपात का नियम कहते हैं।
→ परमाणु-तत्त्व का सूक्ष्मतम कण परमाणु होता है, जो स्वतंत्र रूप से रह सकता है तथा उसके सभी रासायनिक गुणधर्मों को प्रदर्शित करता है।
→ अणु-अणु, किसी तत्त्व अथवा यौगिक का वह सूक्ष्मतम कण होता है जो सामान्य दशाओं में स्वतंत्र रह सकता है। यह उस यौगिक के सभी गुणधर्मों को प्रदर्शित करता है।
→ मानक परमाणु द्रव्यमान इकाई-कार्बन-12 समस्थानिक के एक परमाणु द्रव्यमान के 1/12वें भाग को मानक परमाणु द्रव्यमान इकाई के रूप में लेते हैं।
→ परमाणुकता किसी अणु की संरचना में प्रयुक्त होने वाले परमाणुओं की संख्या को इस अणु की परमाणुकता कहते हैं।
→ आयन-धातु एवं अधातु युक्त यौगिक आवेशित कणों से बने होते हैं। इन आवेशित कणों को आयन कहते हैं।
→ बहु-परमाणुक आयन-परमाणुओं का वह समूह जो आयन की तरह व्यवहार करता है बहु-परमाणुक आयन कहलाता है।
→ रासायनिक सूत्र-किसी यौगिक का रासायनिक सूत्र इसके संघटक का प्रतीकात्मक निरूपण होता है।
→ संयोजकता-किसी तत्त्व की संयोजन शक्ति (अथवा क्षमता) उस तत्त्व की संयोजकता कहलाती है।
→ द्विअंगी यौगिक-दो भिन्न-भिन्न तत्त्वों से निर्मित सरलतम यौगिकों को द्विअंगी यौगिक कहते हैं।
→ आण्विक द्रव्यमान किसी पदार्थ का आण्विक द्रव्यमान उसके सभी संघटक परमाणुओं के द्रव्यमानों का योग होता है। इसे परमाणु द्रव्यमान इकाई (w) द्वारा व्यक्त किया जाता है।
→ सूत्र इकाई द्रव्यमान-किसी पदार्थ का सूत्र इकाई द्रव्यमान उसके सभी संघटक परमाणुओं के परमाणु द्रव्यमानों का योग होता है।
→ मोल-मोल पदार्थ की वह मात्रा है जिसमें कणों (परमाणु, आयन, अणु या सूत्र इकाई) की संख्या कार्बन = 12 के ठीक 12g में विद्यमान परमाणुओं के बराबर होती है।
→ मोलर द्रव्यमान पदार्थ के एक मोल अणुओं का द्रव्यमान उसका मोलर द्रव्यमान कहलाता है।