Haryana State Board HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण Important Questions and Answers.
Haryana Board 9th Class Science Important Questions Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण
अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
गुरुत्वाकर्षण से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
पृथ्वी की सभी वस्तुएँ एक-दूसरे को आकर्षित करती हैं, वस्तुओं के बीच इस आकर्षण बल को गुरुत्वाकर्षण कहते हैं।
प्रश्न 2.
गुरुत्वाकर्षण बल को सबसे पहले किसने बताया?
उत्तर:
सर आइजक न्यूटन ने।
प्रश्न 3.
दो वस्तुओं के बीच का गुरुत्वाकर्षण बल किस दिशा में कार्य करता है?
उत्तर:
दो वस्तुओं के बीच का गुरुत्वाकर्षण बल उनके द्रव्यमान केंद्रों को मिलाने वाली रेखा की दिशा में कार्य करता है।
प्रश्न 4.
हमारे सौरमंडल के अस्तित्व के लिए कौन-सा बल उत्तरदायी है?
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण बल सौरमंडल के लिए उत्तरदायी है।
प्रश्न 5.
‘G’ किसे व्यक्त करता है?
उत्तर:
‘G’ गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक (नियतांक) को व्यक्त करता है।
प्रश्न 6.
‘G’ का मान कितना है?
उत्तर:
‘G’ का मान 6.673 x 10-11 Nm²/kg² है।
प्रश्न 7.
पृथ्वी का द्रव्यमान कितना है?
उत्तर:
पृथ्वी का द्रव्यमान (Me) = 6 x 1024 kg (लगभग)।
प्रश्न 8.
पृथ्वी का अर्द्धव्यास कितना है?
उत्तर:
पृथ्वी का अर्द्धव्यास (Re) = 6.4 x 106 m है।
प्रश्न 9.
पृथ्वी के किस भाग पर ‘g’ का मान अधिक तथा किस भाग पर कम होता है?
उत्तर:
‘g’ का मान पृथ्वी के ध्रुवों पर अधिक तथा भूमध्य रेखा पर कम होता है।
प्रश्न 10.
R दूरी पर रखी क्रमशः m1 तथा m2 द्रव्यमान वाली दो वस्तुओं के बीच आकर्षण बल का सूत्र लिखें।
उत्तर:
F = \(\frac{\mathrm{Gm}_1 \mathrm{~m}_2}{\mathrm{R}^2}\)
प्रश्न 11.
गुरुत्वीय त्वरण (g) किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह त्वरण जिसके द्वारा पृथ्वी किसी वस्तु को अपने केंद्र की ओर आकर्षित करती है, ‘गुरुत्वीय त्वरण’ कहलाता है।
प्रश्न 12.
क्या पृथ्वी की ओर गिरते हुए पिंड का त्वरण उसके द्रव्यमान पर निर्भर करता है?
उत्तर:
नहीं, पृथ्वी की ओर गिरते हुए पिंड का त्वरण उसके द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता।
प्रश्न 13.
दो वस्तुओं के बीच की दूरी दुगुनी कर देने पर उनके बीच लगने वाला आकर्षण बल कितना होगा?
उत्तर:
आकर्षण बल एक-चौथाई रह जाएगा।
प्रश्न 14.
चंद्रमा पर किसी वस्तु का भार पृथ्वी की तुलना में कितना होता है?
उत्तर:
1/6 गुना।
प्रश्न 15.
अभिकेंद्र त्वरण क्या है?
उत्तर:
जब कोई वस्तु वृत्ताकार पथ पर गति करती है तो उसमें वेग परिवर्तन के कारण त्वरण उत्पन्न होता है जिसे अभिकेंद्र त्वरण कहते हैं।
प्रश्न 16.
अभिकेंद्र बल किसे कहते हैं?
उत्तर:
अभिकेंद्र त्वरण को उत्पन्न करने वाले बल को अभिकेंद्र बल कहते हैं। यह सदैव केंद्र के अनुदिश होता है।
अर्थात् F = \(\frac{\mathrm{mv}^2}{\mathrm{r}}\)
प्रश्न 17.
‘g’ किसको व्यक्त करता है?
उत्तर:
‘g’ गुरुत्वीय त्वरण को व्यक्त करता है।
प्रश्न 18.
‘g’ का मान पृथ्वी तल के निकट कितना है?
उत्तर:
‘g’ (गुरुत्वीय त्वरण) का मान पृथ्वी तल के निकट 9.8 m/s² है।
प्रश्न 19.
किस स्थान पर ‘g’ का मान शून्य होता है?
उत्तर:
पृथ्वी के केंद्र पर ‘g’ का मान शून्य होता है।
प्रश्न 20.
‘g’ तथा ‘G’ का संबंध सूत्र लिखें।
उत्तर:
g = \(\frac{\mathrm{G} \times \mathrm{M}_{\mathrm{e}}}{\mathrm{R}^2}\)
प्रश्न 21.
गुरुत्वाकर्षण बल किन बातों पर निर्भर करता है?
उत्तर:
- वस्तुओं के द्रव्यमान पर।
- वस्तुओं के बीच की दूरी पर।
प्रश्न 22.
पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी कितनी है?
उत्तर:
पृथ्वी की त्रिज्या का 60 गुना = 384000 km
प्रश्न 23.
यदि कोई वस्तु किसी ऊँचाई से शून्य वेग से छोड़ी जाए तो t सेकंड में वह कितनी दूरी तय करती है?
उत्तर:
तय की गई दूरी h = \(\frac { 1 }{ 2 }\) gt²
प्रश्न 24.
‘g’ तथा G में से किसका मान स्थिर रहता है और किसका मान स्थिर नहीं रहता है?
उत्तर:
G का मान पृथ्वी के सभी स्थानों पर स्थिर रहता है, परंतु ‘g’ का मान ध्रुवों पर अधिक तथा भूमध्य रेखा पर कम हो जाता है।
प्रश्न 25.
पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करने में कितना समय लेती है?
उत्तर:
पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करने में 365\(\frac { 1 }{ 4 }\) दिन लेती है।
प्रश्न 26.
चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करने में कितना समय लेता है?
उत्तर:
चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करने में 27 दिन, 8 घंटे लेता है।
प्रश्न 27.
द्रव्यमान से क्या अभिप्राय है? इसकी इकाई भी लिखें।
उत्तर:
वस्तु में विद्यमान पदार्थ की मात्रा को द्रव्यमान कहते हैं, इसकी इकाई किलोग्राम है।
प्रश्न 28.
किसी वस्तु के भार से क्या अभिप्राय है? इसकी मानक इकाई क्या है?
उत्तर:
पृथ्वी जिस बल से किसी वस्तु को अपनी ओर खींचती है, उस बल को वस्तु का भार कहते हैं। इसकी मानक इकाई न्यूटन है।
प्रश्न 29.
भारहीनता से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
यह वस्तु की वह अवस्था है जब किसी ग्रह (पृथ्वी) का गुरुत्व क्रिया करना बंद कर देता है तो अंतरिक्षयान में बैठा व्यक्ति भारहीनता की स्थिति में होता है।
प्रश्न 30.
द्रव्यमान केंद्र से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
किसी वस्तु का द्रव्यमान केंद्र वह बिंदु है जिस पर वस्तु का समस्त द्रव्यमान आपेक्षित है।
प्रश्न 31.
गुरुत्व केंद्र से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
किसी वस्तु का गुरुत्व केंद्र वह बिंदु है जिस पर समस्त गुरुत्व बल कार्य करता है।
प्रश्न 32.
नियमित आकार की वस्तुओं का गुरुत्व केंद्र कहाँ होता है?
उत्तर:
नियमित आकार व एक समान घनत्व वाली वस्तुओं का गुरुत्व केंद्र उनके ज्यामितीय केंद्र पर होता है।
प्रश्न 33.
क्या होगा यदि दो वस्तुओं के द्रव्यमान और त्वरण दोनों बराबर हो जाएँ?
उत्तर:
यदि दो वस्तुओं के द्रव्यमान और त्वरण दोनों बराबर हो जाएँ तो वे एक-दूसरे की ओर चलती हुई दिखाई देंगी।
प्रश्न 34.
गुरुत्व बल से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
पृथ्वी और किसी वस्तु के बीच के आकर्षण बल को गुरुत्व बल कहते हैं।
प्रश्न 35.
भार को मापने के लिए किस तुला का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:
भार को मापने के लिए कमानीदार तुला का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 36.
द्रव्यमान को मापने के लिए किस तुला का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:
द्रव्यमान को मापने के लिए भौतिक तुला का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 37.
वस्तु का भार चंद्रमा पर पृथ्वी की तुलना में कम क्यों होता है?
उत्तर:
क्योंकि चंद्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण पृथ्वी की तुलना में कम होता है।
प्रश्न 38.
25 kg द्रव्यमान तथा 2 kg द्रव्यमान के दो पत्थरों को एक मीनार की चोटी से एक साथ नीचे गिराने पर कौन-सा पत्थर पहले जमीन पर पहुंचेगा?
उत्तर:
गुरुत्वीय त्वरण वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर न होने के कारण दोनों पत्थर एक-साथ पृथ्वी पर पहुंचेंगे।
प्रश्न 39.
मेज पर रखी हुई दो वस्तुओं के बीच गुरुत्वाकर्षण बल होता है। इस बल के होते हुए भी वे एक-दूसरे की ओर गति क्यों नहीं करते?
उत्तर:
दोनों वस्तुओं के बीच गुरुत्वाकर्षण बल इतना क्षीण होता है जिससे वस्तुएँ गति नहीं कर पातीं।
प्रश्न 40.
पृथ्वी एक लौह पिन को गुरुत्वाकर्षण बल से नीचे की ओर आकर्षित करती है तो भी चुंबक लौह पिन को पृथ्वी के आकर्षण की दिशा के विपरीत ऊपर की ओर उठा लेता है। क्यों?
उत्तर:
क्योंकि चुंबक द्वारा लौह पिन पर लगाया गया आकर्षण बल, पिन पर लगे गुरुत्वाकर्षण बल की अपेक्षा अधिक होता है।
प्रश्न 41.
पृथ्वी पर उपस्थित दो वस्तुओं के बीच गुरुत्वाकर्षण बल अधिक होता है या वस्तु और पृथ्वी के बीच लगा गुरुत्वाकर्षण बल?
उत्तर:
वस्तु और पृथ्वी के बीच लगा गुरुत्वाकर्षण बल अधिक होता है।
प्रश्न 42.
किसी वस्तु का भार शून्य कहाँ होता है?
उत्तर:
पृथ्वी के केंद्र पर वस्तु का भार शून्य होता है।
प्रश्न 43.
u, v, g तथा t में क्या संबंध है?
उत्तर:
v = u + gt
प्रश्न 44.
कार्तीय (कार्टीजियन) निर्देश तंत्र की परिपाटी के अनुसार ‘g’ का चिहन क्या होता है?
उत्तर:
g सदैव ऋणात्मक लिया जाता है।
प्रश्न 45.
प्रक्षेप्य परास से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
किसी प्रक्षेप्य द्वारा तय की गई अधिकरण क्षैतिज दूरी को प्रक्षेप्य परास कहते हैं।
प्रश्न 46.
प्रक्षेप्य के उच्चतम बिंदु पर वेग तथा त्वरण के बीच कितना कोण होता है?
उत्तर:
समकोण (90°)।
प्रश्न 47.
पृथ्वी की सूर्य से दूरी कितनी है?
उत्तर:
1.5 x 1011 मीटर।
प्रश्न 48.
प्रणोद किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी वस्तु की सतह के लंबवत् लगने वाले बल को प्रणोद कहते हैं।
प्रश्न 49.
प्रणोद बल का दैनिक जीवन में एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
ड्राईंग बोर्ड पर पिन लगाते समय हमारे हाथ के अंगूठे द्वारा लगाया गया बल बोर्ड पर लंबवत् दिशा में कार्य करता है। अतः यह प्रणोद बल होता है।
प्रश्न 50.
दाब किसे कहते हैं? इसका S. I मात्रक क्या है?
उत्तर:
एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले प्रणोद को दाब कहते हैं ।
इसका S.I. मात्रक पास्कल (Pa) है।
प्रश्न 51.
प्रणोद का S. I. मात्रक क्या है ?
उत्तर:
न्यूटन (N)।
प्रश्न 52.
दाब का SI मात्रक पास्कल (Pa) किस वैज्ञानिक के सम्मान में रखा गया?
उत्तर:
वैज्ञानिक ब्लैस पास्कल के सम्मान में।
प्रश्न 53.
दाब के बड़े मात्रक को क्या कहते हैं ?
उत्तर:
किलो पास्कल (kPa)।
प्रश्न 54.
काटने, चीरने और सुराख निकालने वाले यंत्र हमेशा नुकीले क्यों रखे जाते हैं?
उत्तर:
काटने, चीरने और सुराख निकालने वाले यंत्र हमेशा नुकीले रखे जाते हैं ताकि प्रणोद कम-से-कम क्षेत्रफल को प्रभावित करे जिससे दाब बढ़ जाए और वस्तु आसानी से काटी, चीरी या सुराखी जा सके।
प्रश्न 55.
मनुष्य का दाब जमीन पर बैठे हुए अधिक पड़ता है अथवा एक जगह खड़े रहने पर, क्यों?
उत्तर:
मनुष्य का दाब एक जगह खड़े रहने पर अधिक पड़ता है, क्योंकि एक जगह खड़े रहने पर क्षेत्रफल बैठे हुए की अपेक्षा कम होता है।
प्रश्न 56.
गहराई का द्रव – दाब पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
गहराई के साथ- साथ द्रव – दाब बढ़ता जाता है।
प्रश्न 57.
नमकीन पानी में अंडा क्यों तैरता है?
उत्तर:
पानी में नमक मिलाने से पानी का घनत्व बढ़ जाता है जिससे पानी का उत्प्लावन बल अधिक हो जाता है और अंडा तैरता रहता है।
प्रश्न 58.
वस्तु किस अवस्था में तैरती है?
उत्तर:
यदि वस्तु द्वारा हटाए गए द्रव का भार वस्तु के भार के बराबर होता है तो वस्तु द्रव की सतह पर तैरती रहती है।
प्रश्न 59.
आर्किमिडीज के सिद्धांत पर बनने वाले दो यंत्रों के नाम लिखो।
उत्तर:
- जलयान
- पनडुब्बी।
प्रश्न 60.
दूध की शुद्धता मापने के लिए किस यंत्र का प्रयोग किया जाता है और उसका सिद्धांत क्या है?
उत्तर:
दूध की शुद्धता मापने के लिए लैक्टोमीटर का प्रयोग किया जाता है जोकि आर्किमिडीज के सिद्धांत पर कार्य करता है।
प्रश्न 61.
द्रवों के घनत्व को मापने के लिए यंत्र का नाम और उसका सिद्धांत लिखो।
उत्तर:
हाइड्रोमीटर, जोकि आर्किमिडीज़ के सिद्धांत पर कार्य करता है।
प्रश्न 62.
एकांक आयतन के द्रव्यमान को क्या कहा जाता है?
उत्तर:
घनत्व
प्रश्न 63.
घनत्व का SI मात्रक क्या है?
उत्तर:
किलोग्राम प्रति घनमीटर (kg/m³)।
लघुत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
यदि किसी पत्थर के टुकड़े को किसी निश्चित ऊँचाई से स्वतंत्र अवस्था में गिरने दिया जाए तो उसके वेग में कौन-कौन से परिवर्तन आएँगे?
उत्तर:
किसी पत्थर के टुकड़े को किसी निश्चित ऊँचाई से स्वतंत्र अवस्था में गिरने देने पर निम्नलिखित वेग परिवर्तन होंगे
- पत्थर का प्रारंभिक वेग शून्य होता है तथा नीचे की ओर आते समय बढ़ता चला जाता है।
- पृथ्वी के निकटतम पत्थर का वेग अधिकतम होता है।
- पृथ्वी पर गिर जाने के बाद पत्थर का वेग शून्य हो जाता है।
प्रश्न 2.
गुरुत्वाकर्षण क्या है? यह किस दिशा में कार्य करता है?
उत्तर:
ब्रह्मांड की प्रत्येक वस्तु दूसरी वस्तु को अपनी ओर आकर्षित करती है। किन्हीं दो वस्तुओं के बीच इस आकर्षण को गुरुत्वाकर्षण कहते हैं। दो वस्तुओं के बीच यह आकर्षण उनके केंद्रों को मिलाने वाली सरल रेखा के अनुदिश कार्य करता है।
प्रश्न 3.
सिद्ध करें कि पृथ्वी की ओर गिराई गई वस्तु में उत्पन्न त्वरण उसके द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता।
उत्तर:
यदि m द्रव्यमान की किसी वस्तु को पृथ्वी के केंद्र से ‘R’ दूरी से गिराएँ तो वस्तु पर पृथ्वी द्वारा लगाया गया बल
F = \(\frac{\mathrm{GM}_{\mathrm{e}} \mathrm{m}}{\mathrm{R}^2}\)
जिसमें Me = पृथ्वी का द्रव्यमान, G = गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक है।
अतः वस्तु में उत्पन्न त्वरण = F/m (F = ma; a = \(\frac { F }{ m }\))
= \(\frac{\frac{\mathrm{Gm}_{\mathrm{e}^{\mathrm{m}}}}{\mathrm{R}^2}}{\mathrm{~m}}\)
= \(\frac{\mathrm{GM}_{\mathrm{e}} \mathrm{m}}{\mathrm{R}^2} \times \frac{1}{\mathrm{~m}}=\frac{\mathrm{GM}_{\mathrm{e}}}{\mathrm{R}^2}\)
अतः किसी वस्तु में उत्पन्न त्वरण गिराई गई वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता।
प्रश्न 4.
न्यूटन की गति का तीसरा नियम क्या है? क्या यह नियम गुरुत्वाकर्षण बल पर भी लागू होता है? व्याख्या करो।
उत्तर:
इस नियम के अनुसार, “प्रत्येक क्रिया के समान तथा विपरीत प्रतिक्रिया होती है।” उदाहरणतया गेंद को दीवार पर मारते समय हम गेंद पर क्रिया करते हैं तथा दीवार की प्रतिक्रिया के कारण गेंद वापस आती है अर्थात् यदि कोई वस्तु A किसी दूसरी वस्तु B पर बल लगाती है, तो वस्तु B भी वस्तु A पर बराबर तथा विपरीत बल लगाती है। यह तथ्य गुरुत्वाकर्षण बल के लिए भी सत्य है।
जब कोई पत्थर का टुकड़ा पृथ्वी पर गिरता है तो ऐसा पृथ्वी द्वारा पत्थर के टुकड़े पर लगे गुरुत्व बल के कारण होता है। वास्तव में पत्थर का टुकड़ा भी पृथ्वी को अपनी ओर उतने ही गुरुत्व बल से आकर्षित करता है, परंतु पृथ्वी की तुलना में पत्थर का द्रव्यमान कम होने के कारण, पत्थर द्वारा पृथ्वी पर लगाया गया बल कम होता है। अतः पत्थर पृथ्वी की ओर खिंचता दिखाई देता है।
प्रश्न 5.
एक ऊपर की ओर फेंकी गई वस्तु की गति पर विचार कीजिए।
उत्तर:
जब कोई वस्तु ऊपर की ओर फेंकी जाती है तो पृथ्वी उसे लगातार अपनी ओर आकर्षित करती रहती है, इसलिए गुरुत्वाकर्षण बल गति की दिशा के विपरीत लगता है, इसलिए वस्तु धीमी गति से चलने लगती है। चाल 9.8 ms-2 की दर से कम होती जाती है अर्थात् हर प्रति सेकंड के लिए चाल 9.8 m/s कम हो जाती है और अंत में जब वस्तु सबसे ऊँची स्थिति में पहुँच जाती है तो चाल शून्य हो जाती है। वह वस्तु फिर से पृथ्वी की ओर नीचे 9.8 ms-2 के त्वरण से गिरती है।
प्रश्न 6.
‘G’ का मात्रक ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
‘G’ बल (F) तथा \(\frac{\mathrm{M}_1 \mathrm{M}_2}{\mathrm{R}_2}\) का अनुपात है, इसलिए इसका मात्रक बल, द्रव्यमान तथा दूरी के मात्रकों पर निर्भर करता है। यदि द्रव्यमान को किलोग्राम में, दूरी को मीटर में तथा समय को सेकंड में मापा जाए तो बल का मात्रक न्यूटन (N) होता है, इसलिए
प्रश्न 7.
G को सार्वत्रिक स्थिरांक क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
हम जानते हैं कि F = G\(\frac{\mathrm{m}_1 \mathrm{m}_2}{\mathrm{R}_2}\)
इसमें ‘G’ स्थिरांक है। ‘G’ का मान m1, m2 या R के मान पर निर्भर नहीं करता। इसका मान इस बात पर भी निर्भर नहीं करता कि F को किसने मापा, कब मापा और कहाँ मापा। ब्रह्मांड में स्थित किन्हीं भी दो वस्तुओं के लिए G का मान स्थिर रहता है। F तथा \(\frac{\mathrm{m}_1 \mathrm{m}_2}{\mathrm{R}_2}\) का अनुपात जोकि G के बराबर होता है किन्हीं दो वस्तुओं के लिए समान होता है, इसलिए ‘G’ को सार्वत्रिक स्थिरांक कहा जाता है।
प्रश्न 8.
‘g’ तथा ‘G’ में क्या अंतर है?
उत्तर:
‘g’ तथा ‘G’ में निम्नलिखित अंतर हैं-
g | G |
1. यह गुरुत्वीय त्वरण को प्रदर्शित करता है। | 1. यह गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक को प्रदर्शित करता है। |
2. इसका मान भिन्न-भिन्न स्थानों पर भिन्न-भि है। | 2. इसका मान सभी स्थानों पर समान होता है, इसलिए इसे सार्वत्रिक स्थिरांक भी कहते हैं। |
3. इसका पृथ्वी पर मान 9.8 ms-2 है। | 3. इसका मान 6.673 x 10-11Nm²/kg² है। |
4. यह सदैव ऋणात्मक होता है। | 4. यह सदैव धनात्मक होता है। |
प्रश्न 9.
विभिन्न द्रव्यमानों की वस्तुएँ एक ही ऊँचाई से साथ-साथ नीचे गिराए जाने पर एक साथ नीचे गिरती हैं, सिद्ध करें। (यदि वायु का प्रतिरोध नगण्य मान लिया जाए)
हल:
माना दो विभिन्न द्रव्यमानों की वस्तुएँ ‘h’ ऊँचाई से साथ-साथ गिराई गईं
इस स्थिति में s = h, u = 0
सूत्रानुसार
s = ut + \(\frac { 1 }{ 2 }\) gt²
⇒ h = 0 x t + \(\frac { 1 }{ 2 }\) gt²
या h = \(\frac { 1 }{ 2 }\) gt²
या 2h = gt²
या gt² = 2h
या t² = \(\frac { 2h }{ g }\)
या t = \(\sqrt{\frac{2 h}{g}}\)
समीकरण से स्पष्ट है कि वस्तुओं द्वारा लिया गया समय द्रव्यमानों पर निर्भर नहीं करता अर्थात् दोनों वस्तुएँ समान समय में पृथ्वी पर गिरती हैं। उत्तर
प्रश्न 10.
पृथ्वी की ऊर्ध्वाधर दिशा से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
यदि हम पृथ्वी को एकसमान घनत्व का गोला मान लें तो इसका ऊर्ध्वाधर दिशा द्रव्यमान केंद्र इसके केंद्र पर होगा। अतः किसी वस्तु पर पृथ्वी का आकर्षण बल उसके (पृथ्वी के) केंद्र की दिशा में लगता है। यही वह दिशा है जिसे हम ‘ऊर्ध्वाधर दिशा’ कहते हैं।
प्रश्न 11.
स्वतंत्रतापूर्वक गिरती हुई वस्तुओं से संबंधित समीकरण कौन-कौन से हैं?
हल:
(i) v = u+ gt
(ii) v² – u² = 2gs
(iii) s = ut + \(\frac { 1 }{ 2 }\) gt²
यहाँ पर
u = प्रारंभिक वेग
v = अंतिम वेग
g = गुरुत्वीय त्वरण
s = दूरी या ऊँचाई; t = समय उत्तर
प्रश्न 12.
भार से क्या तात्पर्य है? भार का सूत्र लिखें।
उत्तर:
किसी वस्तु पर, पृथ्वी द्वारा लगाया गया आकर्षण बल उसका भार कहलाता है।
यदि m द्रव्यमान की वस्तु पर पृथ्वी ‘g’ त्वरण उत्पन्न करे तो पृथ्वी द्वारा वस्तु पर लगाया गया आकर्षण बल
F = mg
परंतु पृथ्वी द्वारा वस्तु पर लगाया गया आकर्षण बल (F) = वस्तु का भार (W)
∵ W = mg
प्रश्न 13.
पृथ्वी पर वस्तु का भार तथा किसी अन्य आकाशीय पिंड पर वस्तु के भार की तुलना करने के लिए सूत्र ज्ञात करें।
हल:
माना वस्तु का द्रव्यमान = m
पृथ्वी का द्रव्यमान = Me
पृथ्वी की त्रिज्या = Re
पृथ्वी द्वारा वस्तु पर लगा आकर्षण बल (भार) Fe = \(\frac{\text { GMe m }}{R^2}\) … (i)
माना आकाशीय पिंड का द्रव्यमान = Mm
आकाशीय पिंड की त्रिज्या = Rm
अन्य आकाशीय पिंड द्वारा वस्तु पर लगाया गया आकर्षण बल (भार)
Fm = \(\frac{\mathrm{G} \times \mathrm{Mm} \times \mathrm{m}}{\mathrm{Rm}^2}\) … (ii)
समीकरण (ii) को (i) से भाग देने पर
\(\frac{\mathrm{Fm}}{\mathrm{Fe}}=\frac{\mathrm{Mm}}{\mathrm{Me}} \times\left(\frac{\mathrm{Re}}{\mathrm{Rm}}\right)^2\)
प्रश्न 14.
गुरुत्वीय त्वरण (g) तथा सार्वत्रिक गुरुत्वीय स्थिरांक (G) में संबंध ज्ञात करो।
हल:
माना m द्रव्यमान की एक वस्तु पृथ्वी के केंद्र से ‘R’ दूरी पर रखी है। यदि ‘M’ पृथ्वी का द्रव्यमान हो तो पृथ्वी द्वारा उस वस्तु पर लगाया गया बल
F = G \(\frac{\mathrm{Mm}}{\mathrm{R}^2}\) … (i)
पृथ्वी जिस बल से वस्तु को अपने केंद्र की ओर खींचती है, वह उसका भार होता है । इसे भी ‘F’ द्वारा व्यक्त किया जाता है।
F = द्रव्यमान (m) x गुरुत्वीय त्वरण (g) … (ii)
अर्थात् F = mg
समीकरण (i) और (ii) से
mg = G \(\frac{\mathrm{Mm}}{\mathrm{R}^2}\)
यही अभीष्ट संबंध है। इसकी सहायता से ‘g’ का मान भी ज्ञात किया जा सकता है। उत्तर
प्रश्न 15.
द्रव्यमान किसे कहते हैं? इसको मापने की इकाई क्या है? द्रव्यमान मापने का नियम लिखो।
उत्तर:
द्रव्यमान-किसी वस्तु में पदार्थ का परिमाण उसका द्रव्यमान कहलाता है। यह एक अदिश तथा अचर राशि है। द्रव्यमान को मापने की इकाई किलोग्राम है। इसको भौतिक तुला द्वारा ज्ञात किया जाता है।
द्रव्यमान मापने का नियम – मान लीजिए हमारे पास दो वस्तुएँ हैं जिनके द्रव्यमान m1 तथा m2 हैं। मान लो, हम उन्हें पृथ्वी के केंद्र से समान दूरी पर रखते हैं तो पृथ्वी तथा m1 के बीच आकर्षण बल
F1 = \(\frac{\mathrm{GMem}_1}{\mathrm{R}^2}\)
यहाँ Me = पृथ्वी का द्रव्यमान तथा R = पृथ्वी के केंद्र से m1 द्रव्यमान की दूरी
इसी प्रकार पृथ्वी तथा m2 के बीच आकर्षण बल F2 = \(\frac{\mathrm{GMem}_2}{\mathrm{R}^2}\)
यदि ये दोनों बल समान हों तो F1 = F2
⇒ \(\frac{\mathrm{GMem}_1}{\mathrm{R}^2}\) = \(\frac{\mathrm{GMem}_2}{\mathrm{R}^2}\)
m1 = m2
अर्थात् यदि दोनों बल बराबर हों तो दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान भी बराबर होंगे तथा भौतिक तुला के पलड़े बराबर दिखाई देंगे।
प्रश्न 16.
प्रक्षेप्य तथा प्रक्षेपण पथ को परिभाषित करें तथा प्रक्षेप्य गति के उदाहरण दें।
उत्तर:
प्रक्षेप्य क्षैतिज दिशा में फेंकी गई वस्तु को प्रक्षेप्य कहते हैं।
प्रक्षेपण पथ-प्रक्षेप्य के द्वारा चले गए वक्र पथ को प्रक्षेपण पथ कहते हैं।
प्रक्षेप्य गति के उदाहरण निम्नलिखित हैं-
- वायुयान से गिराई गई वस्तु का पथ। जैसे की चित्र में 80 m की ऊँची मीनार से गिरती गेंद दिखाई गई है।
- बंदूक से निकली गोली का पथ।
- खिलाड़ी द्वारा फेंके गए गोले का पथ।
प्रश्न 17.
अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में भारहीनता क्यों अनुभव करते हैं?
उत्तर:
जब अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में बैठकर पृथ्वी के गिर्द चक्कर लगाते हैं तो पृथ्वी और अंतरिक्षयान के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी के गिर्द चक्कर लगाने में प्रयुक्त बल के संतुलित हो जाता है जिससे अंतरिक्षयान में बैठे यात्रियों को भारहीनता अनुभव होती है। अंतरिक्षयान में गुरुत्वीय त्वरण का मान शून्य हो जाता है।
प्रश्न 18.
सामान्यतः यदि रुई की गेंद तथा समान आकार के पत्थर को किसी निश्चित ऊँचाई से छोड़कर नीचे गिरने दें तो पृथ्वी के तल पर कौन पहले गिरता है? गैलीलियो ने इस विषय में क्या बताया?
उत्तर:
सामान्यतः रुई की अपेक्षा पत्थर का टुकड़ा पृथ्वी के तल पर पहले पहुँचता है, परंतु सर्वप्रथम गैलीलियो ने यह बताया कि यदि वायु का प्रतिरोध शून्य कर दिया जाए तो रुई की गेंद तथा पत्थर का टुकड़ा दोनों ही समान त्वरण से पृथ्वी के तल पर पहुँचेंगे। गैलीलियो के मतानुसार, “पृथ्वी पर गिरती हुई वस्तुओं के त्वरण उनके द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करते।”
प्रश्न 19.
किसी स्थान पर गुरुत्वी प्रवेग कैसे बदलता है-
(1) ऊँचाई के कारण
(2) पृथ्वी के आकार के कारण।
उत्तर:
किसी स्थान पर गुरुत्वी प्रवेग निम्नलिखित प्रकार से बदलता है-
(1) ऊँचाई के कारण – पृथ्वी के तल पर ऊँचाई पर स्थित पहाड़ों पर ‘g’ का मूल्य कम होता है, जबकि मैदानों में यह कुछ अधिक होता है
∴ \(\frac{\mathrm{W}_{\mathrm{h}}}{\mathrm{W}}=\frac{\mathrm{g}_{\mathrm{h}}}{\mathrm{g}}=\frac{\mathrm{R}^2}{(\mathrm{R}+\mathrm{h})^2}\)
इसी प्रकार ऊँचाई बढ़ने के साथ-साथ ‘g’ का मान कम होता जाता है।
(2) पृथ्वी के आकार के कारण – पृथ्वी गेंद की तरह पूरी गोल नहीं है बल्कि यह भूमध्य रेखा के पास उभरी तथा ध्रुवों के पास पिचकी हुई है। पृथ्वी की भूमध्य रेखा और ध्रुवीय रेखा की त्रिज्या में लगभग 22 कि०मी० का अंतर है जिस कारण ‘g’ का मूल्य ध्रुवों पर अधिक तथा भूमध्य रेखा पर कम होता है। क्योंकि
g = \(\frac{\mathrm{GM}}{\mathrm{R}^2}\)
(जहाँ G तथा M स्थिरांक हैं) g ∝ \(\frac{\mathrm{1}}{\mathrm{R}^2}\)
प्रश्न 20.
‘चंद्रमा पृथ्वी की ओर गिरता रहता है’, इसका तात्पर्य क्या है? यह पृथ्वी तल पर क्यों नहीं गिर जाता?
उत्तर:
चंद्रमा, पृथ्वी की ओर गिरता रहता है, इसका तात्पर्य यह है कि पृथ्वी गुरुत्वाकर्षण बल के कारण चंद्रमा को अपनी ओर आकर्षित करती है।
परंतु चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर वृत्ताकार पथ में गति करने के कारण पृथ्वी तल पर नहीं गिरता, क्योंकि वृत्ताकार पथ पर घूमते हुए किसी पिंड का वेग प्रत्येक बिंदु पर बदलता है। वेग अथवा त्वरण में यह परिवर्तन पिंड की गति की दिशा में परिवर्तन के कारण होता है। इस त्वरण को उत्पन्न करने वाला अभिकेंद्र बल पिंड को वृत्तीय गति में बनाए रखता है, जो सदैव केंद्र के अनुदिश होता है।
प्रश्न 21.
पृथ्वी सेब को आकर्षित करती है तो क्या सेब भी पृथ्वी को आकर्षित करता है? यदि हाँ, तो पृथ्वी सेब की ओर गति क्यों नहीं करती ?
उत्तर:
निश्चित रूप से सेब भी पृथ्वी को अपनी ओर आकर्षित करता है, परंतु सेब का द्रव्यमान पृथ्वी की तुलना में नगण्य होने के कारण यह (पृथ्वी) सेब की ओर गति नहीं करती।
प्रश्न 22.
केप्लर के गति के तीन नियम कौन-से हैं?
उत्तर:
केप्लर की गति के तीन नियम निम्नलिखित हैं-
(1) प्रत्येक ग्रह की कक्षा से एक दीर्घवृत्त होती है और सूर्य इस दीर्घवृत्त के एक फोकस पर होता है। जैसा कि चित्र में सूर्य की स्थिति को 0 से दर्शाया गया है।
(2) सूर्य तथा ग्रह को मिलाने वाली रेखा समान समय में समान क्षेत्रफल तय करती है। इस प्रकार यदि A से B तक गति करने में लगा समय C से D तक गति करने में लगे समय के बराबर हो तो क्षेत्रफल OAB तथा क्षेत्रफल OCD बराबर होंगे।
(3) सूर्य से किसी भी ग्रह की औसत दूरी (r) का घन उस ग्रह के परिक्रमण काल T के वर्ग के समानुपाती होता है। अथवा r³/T² = स्थिरांक यह जानना बहुत महत्त्वपूर्ण है कि ग्रहों की गति की व्याख्या करने के लिए केप्लर कोई सिद्धांत प्रस्तुत नहीं कर सके। न्यूटन ने ही यह दिखाया कि ग्रहों की गति का कारण गुरुत्वाकर्षण का वह बल है जो सूर्य उन पर लगाता है।
प्रश्न 23.
कारों की अपेक्षा बसों या ट्रकों के टायर चौड़े क्यों रखे जाते हैं?
उत्तर:
बसों या ट्रकों में प्रणोद बल कारों की अपेक्षा अधिक होता है। यदि उनके टायर कारों के टायरों की तरह कम चौड़े रखे जाएँ तो उनका दबाव अधिक हो जाएगा और वे धरती में धंस जाएँगे। इसलिए बसों या ट्रकों के टायर अधिक चौड़े रखे जाते हैं ताकि प्रभावित क्षेत्रफल बढ़ जाए और धरती पर दबाव कम पड़े।
प्रश्न 24.
क्या कारण है कि मरुस्थल में ऊँट आसानी से चल सकता है, जबकि घोड़े के लिए चलना सुगम नहीं है?
उत्तर:
घोड़े के पैरों की अपेक्षा ऊँट के पैरों का क्षेत्रफल अधिक होता है जिससे प्रभावित क्षेत्रफल अधिक होता है और दाब कम हो जाता है। दाब कम होने के कारण ऊँट मरुस्थल से आसानी से चल पाता है। इसके विपरीत घोड़े के पैरों का क्षेत्रफल कम होता है जिससे दाब अधिक होता है। दाब अधिक होने से घोड़े द्वारा मरुस्थल में चलना कठिन हो जाता है।
प्रश्न 25.
उत्प्लावन बल किसे कहते हैं? यह कैसे मापा जाता है?
उत्तर:
जब किसी वस्तु को द्रव में डुबोया जाता है तो वस्तु पर ऊपर की ओर एक बल लगता है, जिसे उत्प्लावन बल कहते हैं।
उत्प्लावन बल का मापन-
एक ठोस बेलन लो। उसे कमानीदार तुला से लटकाओ तथा उसका भार नोट करो। मान लो उसका भार W1 ग्राम है। अब एक बीकर में पानी डालो और बेलन को बीकर में रखे पानी में धीरे-धीरे ले जाओ। आप देखोगे कि पानी में धीरे-धीरे रखने से बेलन का भार कम प्रतीत होने लगता है जो कि कमानीदार तुला के सूचक से प्रकट होता है। जब ठोस बेलन पूरी तरह से पानी में डूब जाए तो कमानीदार तुला के सूचक का पाठ्यांक नोट करो। मान लो यह पाठ्यांक
W2 ग्राम है अर्थात् पानी में ठोस बेलन का भार W2 ग्राम है।
दोनों भारों का अंतर ठोस बेलन के लिए पानी का उत्प्लावन बल होगा।
उत्प्लावन बल = बेलन का वायु में भार-बेलन का पानी में भार = (W1 – W2) ग्राम।
प्रश्न 26.
क्या कारण है कि लोहे की सूई पानी में डूब जाती है, परंतु लोहे का बना जलयान पानी में तैरता रहता है?
उत्तर:
लोहे की सूई पानी में डूब जाती है, परंतु लोहे का बना हुआ जलयान पानी में तैरता रहता है। इसका कारण यह है कि सूई जितना पानी हटाती है उस पानी का भार सूई के भार से कम होता है। भारी होने के कारण सूई पानी में डूब जाती है। इसके विपरीत लोहे का बना जलयान जितना पानी हटाता है उसका भार जलयान के भार से अधिक होता है। जलयान का भार हटाए गए पानी के भार से कम होने के कारण वह पानी में तैरता रहता है।
प्रश्न 27.
नदी की अपेक्षा समुद्र के पानी में तैरना आसान क्यों होता है?
उत्तर:
नदी की अपेक्षा समुद्र के पानी में तैरना आसान इसलिए होता है, क्योंकि समुद्र के पानी का घनत्व नदी के पानी की अपेक्षा अधिक होता है। अतः समुद्री जल अधिक भारी होने के कारण मनुष्य के शरीर पर अधिक उत्प्लावन बल लगाता है। इसी कारण समुद्र में तैरने में आसानी होती है।
प्रश्न 28.
घनत्व किसे कहते हैं? इसका SI मात्रक क्या है? इसकी क्या महत्ता है?
उत्तर:
घनत्व-किसी वस्तु का घनत्व उसके एकांक आयतन के द्रव्यमान को कहते हैं। इसका SI मात्रक किलोग्राम प्रति घनमीटर (kg/m³) है। विशिष्ट परिस्थितियों में किसी पदार्थ का घनत्व सदैव समान रहता है। जैसे सोने का घनत्व 19300 kg/m³ तथा पानी का घनत्व 1000 kg/m³ है।
महत्त्व-किसी पदार्थ के नमूने का घनत्व, उस पदार्थ की शुद्धता की जाँच में सहायता करता है।
प्रश्न 29.
आपेक्षिक घनत्व से क्या अभिप्राय है? इसके आधार पर पानी में डूबने व तैरने की क्या शर्त है?
उत्तर:
आपेक्षिक घनत्व-किसी पदार्थ का आपेक्षिक घनत्व उस पदार्थ का घनत्व व पानी के घनत्व का अनुपात है। अर्थात्
क्योंकि, आपेक्षिक घनत्व एक अनुपात है, अतः इसका कोई मात्रक नहीं होता। सोने का आपेक्षिक घनत्व 19.3 है। यदि किसी ठोस या द्रव का आपेक्षिक घनत्व 1 से अधिक हो तो वह पानी में डूब जाएगा। यदि पदार्थ का आपेक्षिक घनत्व 1 से कम है तो इसका तात्पर्य है कि वह पदार्थ पानी में तैरेगा।
प्रश्न 30.
बर्फ पानी पर क्यों तैरती है?
उत्तर:
बर्फ पानी पर इसलिए तैरती है, क्योंकि बर्फ का घनत्व पानी के घनत्व से कम होता है। जब बर्फ का टुकड़ा पानी में डाला जाता है तो उसका भार उसके द्वारा हटाए गए पानी के भार से कम होता है।
प्रश्न 31.
आर्किमिडीज के सिद्धांत की परिभाषा लिखो तथा इसकी व्याख्या करो। इस नियम के कौन-कौन से उपयोग हैं?
अथवा
आर्किमिडीज का सिद्धांत लिखिए। आर्किमिडीज के सिद्धांत के दो अनुपयोग लिखिए।
उत्तर:
सिद्धांत की परिभाषा-जब किसी वस्तु को किसी द्रव में पूर्ण या आंशिक रूप से डुबोया जाता है तो इस वस्तु के भार में कमी आ जाती है। यह कमी वस्तु द्वारा हटाए गए द्रव के भार के बराबर होती है।
व्याख्या-जब कोई ठोस द्रव में डुबोया जाता है तो द्रव अपने उत्प्लावन बल द्वारा उसे ऊपर की ओर उठाता है जिससे उसका भार कम हो जाता है, क्योंकि उत्प्लावन बल ठोस द्वारा विस्थापित द्रव के भार के बराबर होता है। इसलिए द्रव में डुबोने पर ठोस के भार में कमी उसके द्वारा हटाए गए द्रव के भार के बराबर होती है।
आर्किमिडीज के सिद्धांत के दैनिक जीवन में निम्नलिखित अनुपयोग हैं-
- इस सिद्धांत पर जलयान व पनडुब्बियों के डिज़ाइन बनाए जाते हैं।
- दूध की शुद्धता मापने के लिए लैक्टोमीटर भी इसी सिद्धांत पर तैयार किया गया है।
- हाइड्रोमीटर इसी सिद्धांत पर कार्य करता है जो द्रवों का घनत्व मापने के काम आता है।
प्रश्न 32.
दो वस्तुओं के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का क्या होगा, यदिः
(1) वस्तुओं के बीच की दूरी एक तिहाई (1/3) कर दी जाए?
(2) दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान आधे (1/2) कर दिए जाएँ?
उत्तर:
(1) हम जानते हैं कि दो वस्तुओं के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। इसलिए वस्तुओं के बीच की दूरी एक-तिहाई (1/3) हो जाने पर उनके बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल नौ गुना हो जाएगा।
(2) हम जानते हैं कि दो वस्तुओं के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल उनके द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती होता है इसलिए दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान आधे (1/2) कर देने पर उनके बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल एक-चौथाई (1/4) रह जाएगा।
गणनात्मक प्रश्न
महत्त्वपूर्ण सूत्र एवं तथ्य:
1. स्वतंत्रतापूर्वक पृथ्वी की ओर गिर रही वस्तुओं के गति समीकरण
(1) v = u + gt, (2) s = ut + \(\frac { 1 }{ 2 }\)gt², (3) v² – u² = 2gh
2. m1 तथा m2 द्रव्यमानों वाली r दूरी पर स्थित दो वस्तुओं के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल
(F) = \(\frac{\mathrm{Gm}_1 \mathrm{~m}_2}{\mathrm{R}^2}\)
3. भार (W) = द्रव्यमान (m) x गुरुत्वीय त्वरण (g)
4. गुरुत्वीय त्वरण (g) =
5. गुरुत्वीय त्वरण (g) = 9.8 m/s² ≈10 m/s²
गुरुत्वीय स्थिरांक (G) = 6.673 x 10-11 Nm²/kg²
प्रश्न 1.
एक गोली क्षैतिज दिशा में 25 m/s से छोड़ी गई। पहले दो सेकंड में यह कितनी दूरी तक नीचे गिरेगी?
हल:
ऊर्ध्वाधर दूरी क्षैतिज वेग से स्वतंत्र होती है।
अतः प्रारंभिक वेग (u) = 0
गुरुत्वीय त्वरण (g) = 9.8 m/s²
समय (t) = 2s
दूरी (s) = ?
हम जानते हैं कि
s = ut + \(\frac { 1 }{ 2 }\)gt²
= 0 x 2 + \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 9.8 x (2)²
= 19.6 m उत्तर
प्रश्न 2.
5 kg द्रव्यमान वाले पिंड का भार ज्ञात कीजिए।
हल:
पिंड का द्रव्यमान (m) = 5 kg
गुरुत्वीय त्वरण (g) = 9.8 m/s²
पिंड का भार (W) = ?
हम जानते हैं कि
w = m x g
= 5 x 9.8 = 49 N उत्तर
प्रश्न 3.
यदि आप और आपके मित्र का द्रव्यमान 35 kg हो और आपके बीच की दूरी एक मीटर हो तो आप दोनों के बीच लगने वाला आकर्षण बल क्या होगा?
हल:
यहाँ पर
द्रव्यमान (m1) = 35 kg
द्रव्यमान (m2) = 35 kg
दूरी (r) = 1 m
गुरुत्वीय स्थिरांक (G) = 6.67 x 10-11 Nm²/kg²
आकर्षण बल (F) = ?
हम जानते हैं कि आकर्षण बल (F) = \(\frac{\mathrm{Gm}_1 \mathrm{~m}_2}{\mathrm{R}^2}\)
= \(\frac{6.67 \times 10^{-11} \times 35 \times 35}{(1)^2}\)
= 8.17 x 10-8 N उत्तर
प्रश्न 4.
यदि कोई ऐसा ग्रह हो जिसका द्रव्यमान पृथ्वी से दो गुना तथा अर्द्धव्यास तीन गुना हो तो उस ग्रह की सतह 10 kg द्रव्यमान की वस्तु का भार ज्ञात करो।
हल:
क्योंकि ग्रह के लिए M = 2Me, R = 3 Re
∴ g<sub>1</sub> = \(\frac{\mathrm{G}(2 \mathrm{Me})}{(3 \mathrm{Re})^2}=\frac{2 \mathrm{GMe}}{9 \mathrm{Re}^2}\)
= \(\frac { 2 }{ 9 }\)g
= \(\frac { 2 }{ 9 }\) x 9.8 = \(\frac { 19.6 }{ 9 }\) m/s² [∵ g = 9.8 m/s²]
अतः ग्रह पर 10 kg द्रव्यमान की वस्तु का भार (W) = m x g1
= 10 x \(\frac { 19.6 }{ 9 }\)
= \(\frac { 196 }{ 9 }\)
= 21.78N उत्तर
प्रश्न 5.
यदि किसी वस्तु का भार 49 N है तो उसका द्रव्यमान क्या होगा?
हल:
वस्तु का भार (W) = 49 N
गुरुत्वीय त्वरण (g) = 9.8 m/s²
भार = द्रव्यमान x गुरुत्वीय त्वरण
या W = mg
⇒ 49 = m x 9.8
या m = \(\frac { 49 }{ 9.8 }\) = 5 kg उत्तर
प्रश्न 6.
एक कार किसी कगार से गिर कर 0.5 s में धरती पर आ गिरती है। g = 10 ms-2 लीजिए।
(1) धरती पर टकराते समय कार की चाल क्या होगी?
(2) 1/2 सेकंड के दौरान इसकी औसत चाल क्या होगी?
(3) धरती से कगार कितनी ऊँचाई पर है?
हल:
समय (t) = 1/2 s
प्रारंभिक वेग (u) = 0 ms-1
गुरुत्वीय त्वरण (g) = 10 ms-2
कार का त्वरण (a) = + 10 ms-2
(अधोमुखी)
(1) चाल (v) = at
v = 10 ms-2 x 1/2 s
= 5 ms-1
(2) औसत चाल =\(\frac { u+v }{ 2 }\)
= (0 ms-1 + 5 ms-1)/2
= 2.5 ms-1
(3) चली गई दूरी (s) = 1/2 at²
= 1/2 x 10 ms-2 x (1/2 s)²
= 1/2 x 10 ms-2 x 1/4 s²
= 1.25 m
अतः
- धरती पर टकराते समय इसकी चाल = 5 ms-1 उत्तर
- 1/2 सेकंड के दौरान इसकी औसत चाल = 2.5 ms-1 उत्तर
- धरती से कगार की ऊँचाई = 1.25 m उत्तर
प्रश्न 7.
किसी पत्थर को किसी भवन की छत के किनारे से गिराया गया-
(1) 4.9 m दूरी तक गिरने में उसे कितना समय लगेगा?
(2) उस समय उसकी चाल क्या थी?
(3) 7.9 m दूरी तक गिरने के बाद उसकी चाल क्या थी?
(4) गिरने के 1 सेकंड तथा 2 सेकंड पश्चात् पत्थर का त्वरण कितना था?
हल:
(1) पत्थर का प्रारंभिक वेग (u) = 0
पत्थर के द्वारा तय की गई दूरी (s) = 4.9 m
g = 9.8 m/s² तथा t = ?
अब s = ut + \(\frac { 1 }{ 2 }\) gt²
4.9 = 0 x t + \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 9.8 x t²
या 4.9 = 0 + 4.9 t²
या 4.9 t² = 4.9
या t² = \(\frac { 4.9 }{ 4.9 }\) = 1 s
अतः t = \(\sqrt{1}\) = 1 सेकंड उत्तर
(2) माना उस समय पत्थर की चाल = v
अब v = u + gt
v = 0+ 9.8 x 1
v = 0 + 9.8 = 9.8 m/s उत्तर
(3) पत्थर का प्रारंभिक वेग (u) = 0
पत्थर के द्वारा तय की गई दूरी (s) = 7.9 मीटर
g = 9.8 m/s² तथा
v = ?
अब v² – u² = 2gs
या v² – (0)² = 2 x 9.8 x 7.9
या v² – 0 = 154.84
या v² = 154.84
या v = \(\sqrt{154.84}\) = 12.44 सेकंड उत्तर
(4) क्योंकि वस्तु गुरुत्व के प्रभाव अधीन स्वतंत्र रूप से नीचे गिर रही है।
∴ 1 सेकंड के बाद वस्तु का त्वरण = 9.8 m/s²
2 सेकंड के बाद वस्तु का त्वरण = 9.8 m/s² उत्तर
प्रश्न 8.
यदि ऊपर की ओर फेंकने पर कोई गेंद 100 m की ऊँचाई तक जाए तो उसकी प्रारंभिक चाल ज्ञात कीजिए।
हल:
यहाँ पर
प्रारंभिक चाल (u) = ?
अंतिम चाल (v) = 0
दूरी (s) = 100m
गुरुत्वीय त्वरण (g) = – 9.8 m/s²
हम जानते हैं कि v² – u² = 2gs
⇒ 0² – u² = 2 x (- 9.8) x 100
या – u² = – 1960
या u = \(\sqrt{1960}\) = 44.2m/s उत्तर
प्रश्न 9.
यदि पत्थर के किसी टुकड़े को किसी भवन की छत से मुक्त रूप से गिरते हुए जमीन पर पहुँचने में 4s का समय लगता हो तो भवन की ऊँचाई क्या होगी?
हल:
यहाँ पर
प्रारंभिक चाल (u) = 0
समय (t) = 4 sec
ऊँचाई या दूरी (s) = ?
गुरुत्वीय त्वरण (g) = 9.8 m/s²
हम जानते हैं कि
s = ut + \(\frac { 1 }{ 2 }\) gt²
= 0 x 4 + \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 9.8 x (4)²
= \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 9.8 x 4 x 4
= 78.4 m उत्तर
प्रश्न 10.
किसी 500g के सील किए हुए टिन (या डिब्बे) का आयतन 350 cm है। इस सील किए टिन का घनत्व कितना है? यह पानी में डूबेगा या तैरेगा? इस टिन के द्वारा हटाए गए पानी का भार कितना होगा?
हल:
टिन का द्रव्यमान (m) = 500g
= \(\frac { 500 }{ 1000 }\) kg
= 0.5 kg
टिन का आयतन = 350 cm³ = \(\frac{350}{100 \times 100 \times 100} \mathrm{~m}^3\)
= 35 x 10-5 m³
क्योंकि टिन का आपेक्षिक घनत्व 1 से अधिक है इसलिए टिन पानी में डूब जाएगा। अतः टिन द्वारा हटाए पानी का भार टिन के भार से कम होगा। उत्तर
प्रश्न 11.
एक लोहे के टुकड़े का आयतन 20 घन सें०मी० और द्रव्यमान 156 ग्राम है। उसका घनत्व बताओ।
हल:
लोहे का द्रव्यमान = 156
ग्राम लोहे का आयतन = 20 घन सें०मी०
घनत्व = \(\frac {संहति }{ आयतन}\)
= \(\frac {156}{ 20}\)
= 7.8 ग्राम/घन सें०मी० उत्तर
निबंधात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक ‘G’ की परिभाषा ज्ञात करो। एस० आई० मानक इकाइयों में ‘G’ के मात्रक लिखो।
उत्तर:
न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार,
F = G\(\mathrm{G} \frac{\mathrm{M}_1 \mathrm{M}_2}{\mathrm{R}^2}\) या \(\frac{\mathrm{FR}^2}{\mathrm{M}_1 \mathrm{M}_2}\)
यदि M1 = M2 = 1 इकाई तथा R = 1 इकाई हो तो
\(\mathrm{G}=\frac{\mathrm{F} \times 1^2}{1 \times 1}=\frac{\mathrm{F} \times 1}{1 \times 1}=\mathrm{F}\)
अतः सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक वह आकर्षण बल है जो इकाई द्रव्यमान वाली ऐसी दो वस्तुओं के बीच आरोपित होता है जो एक-दूसरे से इकाई दूरी पर स्थित हों।
G का एस० आई० मात्रक-
G = \(\frac{\mathrm{FR}^2}{\mathrm{M}_1 \mathrm{M}_2}\)
क्योंकि G बल F तथा M1M2/R² का अनुपात है। इसलिए इसका मात्रक बल, द्रव्यमान तथा दूरी के मात्रकों पर निर्भर करता है। यदि द्रव्यमान को किलोग्राम में, दूरी को मीटर में तथा समय को सेकंड में मापा जाए तो बल का मात्रक न्यूटन (N) होता है, इसलिए G का मात्रक Nm²/kg² होगा। सोने की गेंदों द्वारा किए गए प्रयोगों से G का निम्नलिखित मान प्राप्त हुआ
G = 0.000,000,000,066,734 Nm²/kg²
= 6.673 x 10-11 Nm²/kg²
प्रश्न 2.
गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम बताइए। M तथा m द्रव्यमान के दो पिण्ड A व B जो कि d दूरी पर स्थित हैं, के मध्य लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल के लिए समीकरण स्थापित कीजिए। 1\(\frac { 1 }{ 2 }\) + 2\(\frac { 1 }{ 2 }\) = 4
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम-विश्व का प्रत्येक पिंड अन्य पिंड को एक बल से आकर्षित करता है, जो दोनों पिंडों के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती तथा उनकी बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। यह बल दोनों पिंडों को मिलाने वाली रेखा की दिशा में लगता है।
मान लीजिए M तथा m द्रव्यमान के दो पिंड A तथा B एक-दूसरे से d दूरी पर स्थित हैं जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। मान लीजिए दोनों पिंडों के बीच आकर्षण बल F है। गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के अनुसार, दोनों पिंडों के बीच लगने वाला बल उनके द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती है। अर्थात्
F ∝ M x m …………. (i)
तथा दोनों पिंडों के बीच लगने वाला बल उनकी बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती है, अर्थात्
F ∝ \(\frac{1}{\mathrm{~d}^2}\) ……….. (ii)
समीकरणों (i) तथा (ii) से हमें प्राप्त होगा
F ∝ \(\frac{\mathrm{M} \times \mathrm{m}}{\mathrm{d}^2}\) ………… (iii)
या F = G\(\frac{\mathrm{M} \times \mathrm{m}}{\mathrm{d}^2}\) …………. (iv)
जहाँ G एक आनुपातिकता स्थिरांक है और इसे सार्वत्रिक गुरुत्वीय स्थिरांक कहते हैं।
प्रश्न 3.
किसी वस्तु के भारों में तुलना करो यदि उसको पृथ्वी तथा चंद्रमा पर तोला जाए।
उत्तर:
प्रत्येक ग्रह पर गुरुत्वीय त्वरण (g) का मान उसके द्रव्यमान तथा उसके अर्द्धव्यास पर निर्भर करता है। इसी कारण से चंद्रमा पर किसी वस्तु का भार, उसके पृथ्वी के भार का \(\frac { 1 }{ 6 }\) गुना होता है।
माना वस्तु का द्रव्यमान ‘m’ है। यदि Me पृथ्वी का द्रव्यमान तथा Re पृथ्वी की त्रिज्या हो तो पृथ्वी पर वस्तु का भार (Fe) होगा
Fe = \(\frac{\mathrm{GM}_{\mathrm{e}} \mathrm{m}}{\mathrm{R}_{\mathrm{e}}{ }^2}\)
इसी प्रकार यदि Mm चंद्रमा का द्रव्यमान तथा Rmचंद्रमा की त्रिज्या हो तो चंद्रमा पर वस्तु का भार (Fm) होगा-
∴ पृथ्वी का द्रव्यमान चंद्रमा के द्रव्यमान से लगभग 100 गुना अधिक है तथा अर्द्धव्यास चार गुणा अधिक है।
अतः यह स्पष्ट हो गया है कि चंद्रमा पर वस्तु का द्रव्यमान ‘m’ ही रहता है, परंतु उसका भार चंद्रमा की अपेक्षा पृथ्वी पर 6 गुना अधिक होता है।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित में अंतर लिखो-
(1) गुरुत्वाकर्षण बल तथा गुरुत्व बल, (2) द्रव्यमान केंद्र तथा गुरुत्व केंद्र।
उत्तर:
(1) गुरुत्वाकर्षण बल तथा गुरुत्व बल में अग्रलिखित अंतर हैं-
गुरुत्वाकर्षण बल | गुरुत्व बल |
1. गुरुत्वाकर्षण बल, ब्रह्मांड की किन्हीं दो वस्तुओं के बीच आरोपित होने वाला बल है। | 1. पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच आरोपित होने वाला बल, गुरुत्व बल कहलाता है। |
2. दो वस्तुओं के बीच आरोपित गुरुत्वाकर्षण बल, उनके द्रव्यमानों के गुणनफलों के समानुपाती होता है। | 2. गुरुत्व बल वस्तु के द्रव्यमानों के समानुपाती होता है। |
3. दो वस्तुओं के बीच आरोपित गुरुत्वाकर्षण बल उनके केंद्रों के बीच की दूरी के व्युत्क्रमानुपाती होता है। | 3. गुरुत्व बल, गुरुत्वीय त्वरण (g) के समानुपाती होता है। |
(2) द्रव्यमान केंद्र तथा गुरुत्व केंद्र-
किसी विस्तृत आकार की वस्तु को हम बहुत-से कणों से मिलकर बना हुआ मान सकते हैं। तब, हमारे लिए वस्तु में उस बिंदु को परिभाषित करना संभव हो जाता है, जहाँ पर वस्तु का सम्पूर्ण द्रव्यमान केंद्रित माना जा सकता है। इस बिंदु को ‘द्रव्यमान केंद्र’ कहा जाता है। पृथ्वी की सतह पर अथवा इसके पास, जहाँ गुरुत्वीय बल स्थिर है, द्रव्यमान केंद्र ही, वह बिंदु हो जाता है, जहाँ सम्पूर्ण वस्तु पर लगे गुरुत्वीय बल को अनुभव किया जा सकता है।
इस स्थिति में द्रव्यमान केंद्र को ‘गुरुत्व केंद्र’ कहते हैं। अतः किसी वस्तु का ‘गुरुत्व केंद्र’ वह बिंदु है जहाँ सम्पूर्ण वस्तु पर लगा गुरुत्वीय बल, क्रिया करता हुआ माना जा सकता है। (चित्रानुसार) नियमित आकार व एकसमान घनत्व वाली वस्तुओं का गुरुत्व केंद्र उनके ज्यामितीय केंद्र पर होता है। इसकी पुष्टि किसी ऐसी वस्तु को, उसके ज्यामितीय केंद्र पर, एक सूई के ऊपर संतुलित करके की जा सकती है। जैसे कि, गोलाकार गेंद या आयताकार लकड़ी के टुकड़े या वृत्ताकार धातु की डिस्क (चक्रिका) का गुरुत्व केंद्र उसके केंद्र पर होता है।
प्रयोगात्मक कार्य
क्रियाकलाप 1.
चंद्रमा की पृथ्वी से चोर गति को समझने के लिए एक क्रियाकलाप का वर्णन करें। कार्य-विधि-
(1) धागे का एक टुकड़ा लीजिए। इसके एक सिरे पर एक छोटा सा पत्थर बांधिए।
(2) धागे के दूसरे सिर को पकड़िए और पत्थर को वृत्ताकार भाग में घुमाइए। जैसे चित्र में दिखाया गया है।
(3) पत्यर की गति की दिशा एक वृत्ताकार गति होगी।
(4) अब धागे को पकड़िए।
(5) फिर से पत्थर की गति की दिशा को देखिए।
धागे को छोड़ने से पहले पत्थर एक निश्चित चाल से वृत्ताकार मार्ग में गति करता है तथा प्रत्येक बिंदु पर उसकी गति की दिशा बदलती है। दिशा में परिवर्तन में वेग-परिवर्तन या त्वरण सम्मिलित है। जिस बल के कारण यह त्वरण होता है तथा जो वस्तु को वृत्ताकार पथ में गतिशील रखता है, वह बल केंद्र की ओर लगता है। इस बल को अभिकेंद्र बल कहते हैं।
क्रियाकलाप 2.
वस्तुओं के मुक्त पतन को समझने के लिए एक क्रियाकलाप का वर्णन करें।
कार्य-विधि-एक पत्थर लीजिए। इसे ऊपर की ओर फेंकिए। यह एक निश्चित ऊँचाई पर पहुँचकर है नीचे गिरने लगता है।
हम जानते हैं कि पृथ्वी वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है। पृथ्वी के इस आकर्षण बल को गुरुत्वीय बल कहते हैं। अतः जब भी वस्तुएँ पृथ्वी की ओर गिरती हैं, हम कहते हैं कि वस्तुएँ मुक्त पतन में है।
क्रियाकलाप 3.
प्रयोग द्वारा सिद्ध करो कि सामान्य द्रव्यमानों की दो वस्तुओं के बीच गुरुत्वाकर्षण बल का मान क्षीण होता है।
कार्य-विधि-एक चुंबक लो। उसे पत्थर के टुकड़े के समीप रखे लोहे के पिन के पास ले जाओ। आप देखोगे कि लोहे की पिन पत्थर के टुकड़े की ओर तो नहीं खिंचती, परंतु चुंबक की ओर खिंच जाती है। इससे सिद्ध होता है कि पत्थर तथा लोहे की पिन के बीच गुरुत्वाकर्षण बल बहुत ही क्षीण है, इसलिए लोहे की पिन पत्थर की ओर नहीं खिंचती है। वास्तव में, पत्थर के टुकड़े तथा लोहे की पिन के बीच का गुरुत्वाकर्षण बल चुंबकीय बल से भी बहुत कम होता है, इसलिए लोहे की पिन चुंबक की ओर तो खिंच जाती है, परंतु पत्थर के टुकड़े की ओर नहीं। इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि सामान्य द्रव्यमानों की दो वस्तुओं के बीच गुरुत्वाकर्षण बल बहुत क्षीण होता है।
क्रियाकलाप 4.
एक क्रियाकलाप द्वारा समझाएँ कि लोहा पानी में क्यों डूब जाता है जबकि कार्क तैरता रहता है?
कार्य-विधि-
(1) पानी से भरा बीकर लीजिए।
(2) एक कील तथा समान द्रव्यमान का एक कार्क का टुकड़ा लीजिए।
(3) इन्हें पानी की सतह पर रखिए। आप देखेंगे कि
(4) कार्क तैरती है जबकि कील डूब जाती है। ऐसा उनके घनत्वों में अंतर के कारण होता है। किसी पदार्थ का घनत्व, उसके एकांक आयतन के द्रव्यमान को कहते हैं। कार्क का घनत्व पानी के घनत्व से कम है। इसका अर्थ है कि कार्क पर लोहे पर पानी का उत्प्लावन बल, कार्क के भार से अधिक है। इसीलिए यह तैरती है।
अध्याय का तीव्र अध्ययन
1. पृथ्वी द्वारा किसी वस्तु पर लगाए जाने वाले बल को कहा जाता है-
(A) गुरुत्व बल
(B) गुरुत्वाकर्षण बल
(C) अभिकेंद्र बल
(D) चुंबकीय बल
उत्तर:
(A) गुरुत्व बल
2. विश्व का प्रत्येक पिंड अन्य पिंड को एक बल से आकर्षित करता है जो दोनों पिंडों के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती व उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। इस नियम को कहा जाता है-
(A) गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम
(B) गुरुत्व का नियम
(C) अभिकेंद्र का सार्वत्रिक नियम
(D) आर्किमिडीज का नियम
उत्तर:
(A) गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम
3. दो वस्तुओं के बीच की दूरी दुगुनी कर दी जाए, तो उनके मध्य लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल हो जाएगा-
(A) एक-चौथाई
(B) आधा
(C) दुगुना
(D) प्रभावित नहीं होगा
उत्तर:
(A) एक-चौथाई
4. G का मान होता है-
(A) 6.673 x 10-11 Nm²
(B) 6.673 x 1011 Nm²kg-2
(C) 6.673 x 10-11 Nm²kg-2
(D) 6.673 x 1011 Nm²
उत्तर:
(C) 6.673 x 10-11 Nm²kg-2
5. पृथ्वी का अर्द्धव्यास लगभग लिया जाता है-
(A) 6.4 × 105 m
(B) 6.4 × 106 m
(C) 6.4 × 107 m
(D) 6.4 × 108 m
उत्तर:
(A) 6.4 × 105 m
6. पृथ्वी के किस भाग पर गुरुत्वीय त्वरण (g) का मान अधिकतम होता है?
(A) ध्रुवों पर
(B) भूमध्य रेखा पर
(C) केंद्र पर
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(A) ध्रुवों पर
7. पृथ्वी के किस भाग पर गुरुत्वीय त्वरण (g) का मान कम होता है?
(A) ध्रुवों पर
(B) भूमध्य रेखा पर
(A) गुरुत्वाकर्षण त्वरण
(D) गुरुत्वीय त्वरण
उत्तर:
(A) ध्रुवों पर
8. चन्द्रमा पर किसी वस्तु का भार पृथ्वी पर उसके भार की अपेक्षा कितना होता है?
(A) 6 गुना
(B) 3 गुना
(C) \(\frac { 1 }{ 2 }\) गुना
(D) \(\frac { 1 }{ 3 }\) गुना
उत्तर:
(C) \(\frac { 1 }{ 2 }\) गुना
9. वह त्वरण जिसके द्वारा पृथ्वी किसी वस्तु को अपने केंद्र की ओर आकर्षित करती है, उसे कहा जाता है-
(A) गुरुत्वाकर्षण त्वरण
(B) अभिकेंद्री त्वरण
(C) गुरुत्वीय त्वरण
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(C) गुरुत्वीय त्वरण
10. किसी व्यक्ति का पृथ्वी पर द्रव्यमान 60kg है, उसका द्रव्यमान चंद्रमा पर होगा-
(A) 60kg
(B) 30 kg
(C) 10 kg
(D) 360 kg
उत्तर:
(A) 60kg
11. किसी व्यक्ति का पृथ्वी पर भार 24 N हो तो चन्द्रमा पर उसका भार होगा
(A) 6 N
(B) 8 N
(C) 4 N
(D) 96 N
उत्तर:
(C) 4 N
12. जब कोई वस्तु वृत्ताकार पथ पर गति करती है तो उसमें वेग परिवर्तन के कारण उत्पन्न त्वरण कहलाता है-
(A) गुरुत्वाकर्षण त्वरण
(B) गुरुत्वीय त्वरण
(C) अभिकेंद्री त्वरण
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(C) अभिकेंद्री त्वरण
14. पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी है
(A) 384000m
(B) 384000km
(C) 38400km
(D) 38400m
उत्तर:
(B) 384000km
15. पृथ्वी जिस बल से किसी वस्तु को अपनी ओर आकर्षित करती है, उसे वस्तु का कहा जाता है-
(A) द्रव्यमान
(B) दाब
(C) प्रणोद
(D) भार
उत्तर:
(D) भार
16. भार को मापने के लिए किस तुला का प्रयोग होता है?
(A) भौतिक तुला
(B) कमानीदार तुला
(C) तराजू
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(B) कमानीदार तुला
17. यदि पृथ्वी का द्रव्यमान तथा अर्द्धव्यास दोनों आधे कर दिए जाएँ तो गुरुत्वीय त्वरण (g) का मान होगा-
(A) 4.9 m/s²
(B) 9.8 m/s²
(C) 19.6 m/s²
(D) 19.6 m/s²
उत्तर:
(C) 19.6 m/s²
18. u,v, g तथा t में संबंध होता है-
(A) v = u + gt
(B) v + u = gt
(C) v + gt = u
(D) \(\frac { v }{ g }\) = u + t
उत्तर:
(A) v = u + gt
19. कोई खिलाड़ी गेंद को क्षितिज के साथ किस कोण पर फेंके कि गेंद अधिकतम दूरी पर जा गिरे?
(A) 90°
(B) 0°
(C) 450
(D) 60°
उत्तर:
(C) 45°
20. निम्नलिखित में से कौन-सी सदिश राशि है?
(A) द्रव्यमान
(B) भार
(C) द्रव्यमान व भार दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(B) भार
21. पास्कल को किस संकेत के रूप में व्यक्त किया जाता है?
(A) Pa
(B) Ps
(C) Pcl
(D) P
उत्तर:
(A) Pa
22. दाब का SI मात्रक क्या है?
(A) N
(B) Pa
(C) kg
(D) kpa
उत्तर:
(B) Pa
23. यदि 300 N के बल को 20m- क्षेत्रफल पर लगाया जाए तो उत्पन्न दाब क्या होगा?
(A) 6000 Pa
(B) 30 Pa
(C) 15 Pa
(D) 7.5 Pa
उत्तर:
(C) 15 Pa
24. किसी वस्तु की सतह के लंबवत् लगने वाले बल को कहा जाता है-
(A) प्रणोद
(B) दाब
(C) उत्प्लावन
(D) गुरुत्व
उत्तर:
(A) प्रणोद
25. प्रणोद का S.I. मात्रक है-
(A) न्यूटन
(B) पास्कल
(C) किलो पास्कल
(D) किलोग्राम
उत्तर:
(A) न्यूटन
26. किसी पतली तथा मजबूत डोरी से बने बैग को पकड़ना कठिन होता है क्योंकि प्रणोद प्रभावित करता है-
(A) बड़े क्षेत्रफल को
(B) अधिक क्षेत्रफल को
(C) छोटे क्षेत्रफल को
(D) लंबे क्षेत्रफल को
उत्तर:
(C) छोटे क्षेत्रफल को
27. काटने, चीरने और सुराख करने वाले यंत्र हमेशा नुकीले रखे जाते हैं ताकि-
(A) दाब कम हो जाए
(B) दाब बढ़ जाए
(C) दाब सामान्य रहे
(D) क्षेत्रफल बढ़ जाए
उत्तर:
(B) दाब बढ़ जाए
28. पानी के घनत्व से ………………. घनत्व की वस्तुएँ पानी पर तैरती हैं।
(A) समान
(B) कम
(C) अधिक
(D) अत्यधिक
उत्तर:
(B) कम
29. यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल हो जाएगा-
(A) चार गुना
(B) दो गुना
(C) गुना
(D) गुना
उत्तर:
(A) चार गुना
30. पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी 1kg की वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वीय बल का परिमाण होगा-
(A) 4.9 N
(B) 9.8 N
(C) 19.6 N
(D) 29.4N
उत्तर:
(B) 9.8 N
31. यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को तीन गुना कर दिया जाए तो गुरुत्वाकर्षण बल हो जाएगा-
(A) तीन गुना
(B) 9 गुना
(C) \(\frac { 1 }{ 3 }\)गुना
(D) \(\frac { 1 }{ 9 }\)गुना
उत्तर:
(D) \(\frac { 1 }{ 9 }\) गुना
32. यदि दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दुगुने कर दिए जाएँ तो उनके बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल हो जाता है-
(A) 2 गुना
(B) 3 गुना
(C) 4 गुना
(D) 1 गुना
उत्तर:
(C) 4 गुना
33. एक गेंद ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 49m/s के वेग से फेंकी जाती है, तो अधिकतम ऊँचाई जहाँ तक वह पहुँचती है-
(A) 12.25 m
(B) 122.5 m
(C) 1225 m
(D) 1.225 m
उत्तर:
(B) 122.5 m
34. 100 N भार की एक वस्तु किसी द्रव पर तैर रही है, इस पर कार्यरत उत्प्लावक बल होगा-
(A) 10 N
(B) 20 N
(C) 100 N
(D) 50 N
उत्तर:
(C) 100 N
35. 19.6 m ऊँची मीनार की चोटी से छोड़े गए पत्थर का अंतिम वेग होगा-
(A) 19.6 m/s
(B) 9.8 m/s
(C) 4.9 m/s
(D) 98.0 m/s
उत्तर:
(A) 19.6 m/s
36. जल का आपेक्षिक घनत्व कितना होता है?
(A) 1 kg m-3
(B) 1
(C) 1000 kg m-3
(D) 1000
उत्तर:
(B) 1
37. ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंकी गई एक गेंद 6s के पश्चात् फेंकने वाले के पास लौट आती है, तो गेंद किस वेग से ऊपर फेंकी जाती है?
(A) 29.4 m/s
(B) 9.8 m/s
(C) 19.6 m/s
(D) 4.9 m/s
उत्तर:
(A) 29.4 m/s
38. 50g के किसी पदार्थ का आयतन 20 cm है तो पदार्थ का घनत्व होगा-
(A) 1000 g/cm³
(B) 5.2 g/cm³
(C) 2.5 g/cm³
(D) 2.5 kg/m³
उत्तर:
(C) 2.5 g/cm³
39. द्रवों के घनत्व को मापने वाले यंत्र का नाम है-
(A) हाइड्रोमीटर
(B) लैक्टोमीटर
(C) ओडोमीटर
(D) वोल्टामीटर
उत्तर:
(A) हाइड्रोमीटर
40. आपेक्षिक घनत्व का मात्रक होता है-
(A) kg/m³
(B) g/cm³
(C) m/s
(D) कोई मात्रक नहीं
उत्तर:
(D) कोई मात्रक नहीं
41. बर्फ पानी में तैरती है क्योंकि-
(A) बर्फ का घनत्व पानी के घनत्व से कम होता है
(B) बर्फ का घनत्व पानी के घनत्व से अधिक होता है
(C) बर्फ का घनत्व पानी के घनत्व के समान होता है
(D) बर्फ का द्रव्यमान पानी के द्रव्यमान से अधिक होता है
उत्तर:
(A) बर्फ का घनत्व पानी के घनत्व से कम होता है।
42. 5 kg द्रव्यमान वाले पिंड का पृथ्वी पर भार होगा-
(A) 4.9N
(B) 49N
(C) 5N
(D) 50 N
उत्तर:
(B) 49N