HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

Haryana State Board HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि Important Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
ध्वनि क्या है?
उत्तर:
ध्वनि एक प्रकार की ऊर्जा है, जो कंपन द्वारा उत्पन्न होती है।

प्रश्न 2.
ध्वनि उत्पन्न कर रही वस्तु किस अवस्था में होती है?
उत्तर:
कंपन अवस्था में।

प्रश्न 3.
वायु में ध्वनि संचरण कैसे होता है?
उत्तर:
वायु में ध्वनि संचरण संपीडन व विरलन के रूप में होता है।

प्रश्न 4.
ध्वनि की गति ठोस, द्रव और गैसों में से किसमें अधिक होती है?
उत्तर:
ठोसों में।

प्रश्न 5.
वायु में 0°C पर ध्वनि का वेग कितना होता है?
उत्तर:
331 मीटर प्रति सेकंड।

प्रश्न 6.
वायु में 22°C पर ध्वनि का वेग कितना होता है?
उत्तर:
344 मीटर प्रति सेकंड।

प्रश्न 7.
आसुत जल में 25°C पर ध्वनि का वेग कितना होता है?
उत्तर:
1498 मीटर प्रति सेकंड।

प्रश्न 8.
ध्वनि का वेग 20°C पर 5100 मीटर प्रति सेकंड किसमें होता है-
(1) स्टील
(2) ऐलुमिनियम
(3) ऐल्कोहॉल
(4) पारा।
उत्तर:
(2) ऐलुमिनियम।

प्रश्न 9.
प्रकाश का वेग कितना है?
उत्तर:
3 x 108 मीटर प्रति सेकंड।

HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 10.
ऊर्जा के दो रूप के नाम बताओ।
उत्तर:

  1. ऊष्मा ऊर्जा
  2. प्रकाश ऊर्जा।

प्रश्न 11.
माध्यम किसे कहते हैं?
उत्तर:
द्रव्य या पदार्थ में जिससे होकर ध्वनि संचरित होती है माध्यम कहलाता है।

प्रश्न 12.
ध्वनि संचरण में माध्यम के कण आगे बढ़ते हैं या विक्षोभ आगे बढ़ता है?
उत्तर:
विक्षोभ आगे बढ़ता है।

प्रश्न 13.
ध्वनि तरंगें यांत्रिक तरंगें क्यों कहलाती हैं?
उत्तर:
क्योंकि ध्वनि की तरंगें माध्यम के कणों द्वारा अभिलक्षित की जाती हैं, इसीलिए ध्वनि तरंगें यांत्रिक तरंगें कहलाती हैं।

प्रश्न 14.
संपीडन किसे कहते हैं?
उत्तर:
माध्यम में उच्च दाब का क्षेत्र संपीडन (C) कहलाता है।

प्रश्न 15.
विरलन किसे कहते हैं?
उत्तर:
माध्यम में निम्न दाब का क्षेत्र विरलन (R) कहलाता है।

प्रश्न 16.
स्वरित्र द्विभुज (ट्यूनिंग फोक) पर 256 लिखा होने का क्या अर्थ है?
उत्तर:
स्वरित्र द्विभुज पर 256 लिखा होने का अर्थ है कि उसकी आवृत्ति 256 हज़ है।

प्रश्न 17.
विद्युत् चुंबकीय तरंग क्या होती है?
उत्तर:
वह तरंग जो बिना किसी माध्यम के गमन कर सकती है, विद्युत् चुंबकीय तरंग कहलाती है।

प्रश्न 18.
क्या निर्वात में भी ध्वनि तरंगें संचरण कर सकती हैं?
उत्तर:
नहीं, निर्वात में ध्वनि तरंगें संचरण नहीं कर सकतीं।

प्रश्न 19.
कौन-सी तरंगों द्वारा चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री आपस में बातचीत करते हैं?
उत्तर:
रेडियो तरंगों द्वारा चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री आपस में बातचीत करते हैं।

प्रश्न 20.
तरंग के वेग की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
इकाई समय में तरंग द्वारा चली गई दूरी को तरंग का वेग कहते हैं।

प्रश्न 21.
आवृत्ति तथा आवर्तकाल में क्या संबंध है?
उत्तर:
आवृत्ति आवर्तकाल के विलोम के बराबर है अर्थात् v = \(\frac { 1 }{ T }\)

प्रश्न 22.
किसी तरंग के वेग, तरंगदैर्ध्य और आवृत्ति में क्या संबंध है?
उत्तर:
तरंग का वेग, आवृत्ति और तरंगदैर्ध्य के गुणनफल के बराबर है, अर्थात् υ = vi.

प्रश्न 23.
स्लिंकी कितने प्रकार की तरंगें उत्पन्न कर सकती है?
उत्तर:
स्लिंकी तीन प्रकार की तरंगें उत्पन्न कर सकती है

  • अनुप्रस्थ तरंगें।
  • अनुदैर्ध्य तरंगें।
  • आवर्ती तरंगें।

प्रश्न 24.
तरंगें किस भौतिक राशि का संचरण करती हैं?
उत्तर:
तरंगें ऊर्जा का संचरण करती हैं।

प्रश्न 25.
आवृत्ति की S.I. इकाई क्या है?
उत्तर:
आवृत्ति की S.I. इकाई हर्ट्ज़ है।

प्रश्न 26.
तरंगदैर्ध्य की S.I. इकाई क्या है?
उत्तर:
तरंगदैर्ध्य की S.I. इकाई मीटर है।

प्रश्न 27.
तरंग के वेग की S.I. इकाई क्या है?
उत्तर:
तरंग के वेग की S.I. इकाई मीटर/सेकंड है।

प्रश्न 28.
स्पंद किसे कहते हैं?
उत्तर:
अल्पकालिक तरंगों को स्पंद कहते हैं।

प्रश्न 29.
जब कोई तरंग गति करती है तो माध्यम के कणों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
जब कोई तरंग गति करती है तो माध्यम के कण केवल दोलन गति करते हैं, तरंग के साथ गति नहीं करते।

प्रश्न 30.
अनुदैर्ध्य तरंगें किसे कहते हैं?
उत्तर:
वे तरंगें जिनमें माध्यम के कण तरंग की गति की दिशा में कंपन करते हैं, अनुदैर्ध्य तरंगें कहलाती हैं।

प्रश्न 31.
तरंगें कितनी प्रकार की होती हैं?
उत्तर:
तरंगें तीन प्रकार की होती हैं-

  • अनुप्रस्थ तरंगें
  • अनुदैर्ध्य तरंगें
  • आवर्ती तरंगें।

प्रश्न 32.
निम्नलिखित में से अनुदैर्ध्य तरंगें कौन-सी हैं?
(1) तालाब के जल की लहरें
(2) ध्वनि तरंगें
(3) प्रकाश तरंगें।
उत्तर:
(2) ध्वनि तरंगें।

प्रश्न 33.
अनुप्रस्थ तरंगें किसे कहते हैं?
उत्तर:
वे तरंगें जिनमें माध्यम के कण तरंग के संचरण की दिशा के लंबवत् दिशा में दोलन करते हैं, अनुप्रस्थ तरंगें कहलाती हैं।

प्रश्न 34.
ध्वनि का संचरण कौन-सी तरंग का उदाहरण है?
उत्तर:
ध्वनि का संचरण अनुदैर्ध्य तरंग का उदाहरण है।

प्रश्न 35.
तालाब के जल पर उत्पन्न उर्मियाँ कौन-सी तरंगें हैं?
उत्तर:
तालाब के जल पर उत्पन्न उर्मियाँ अनुप्रस्थ तरंगें हैं।

प्रश्न 36.
अनुदैर्ध्य तरंगें कैसे गति करती हैं?
उत्तर:
अनुदैर्ध्य तरंगें संपीडन तथा विरलन के रूप में गति करती हैं।

प्रश्न 37.
गर्त किसे कहते हैं?
उत्तर:
आवर्ती तरंगों के ग्राफ में Y-अक्ष में ऋणात्मक दिशा की ओर अधिकतम विस्थापन को गर्त कहते हैं।

प्रश्न 38.
तारत्व किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी उत्सर्जित ध्वनि की आवृत्ति को मस्तिष्क किस प्रकार अनुभव करता है, उसे तारत्व कहते हैं।

प्रश्न 39.
स्वर किसे कहते हैं?
उत्तर:
अनेकों आवृत्तियों के मिश्रण से उत्पन्न ध्वनि को स्वर कहते हैं।

प्रश्न 40.
ध्वनियों में अंतर होने का क्या कारण होता है?
उत्तर:
ध्वनियों में अंतर का मुख्य कारण ध्वनि प्रबलता, गुणता, ध्वनि तारत्व तथा आवृत्ति हैं।

प्रश्न 41.
हमारे कानों की श्रव्यता परिसर कितनी है?
उत्तर:
20 हर्ट्ज़ से 20,000 हज़ं।

प्रश्न 42.
पराश्रव्य ध्वनि से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
20,000 हर्ट्ज़ से अधिक आवृत्ति वाली ध्वनि को पराश्रव्य ध्वनि कहते हैं।

प्रश्न 43.
भूकंप व ज्वालामुखी विस्फोट के समय किस आवृत्ति की ध्वनियाँ उत्पन्न होती हैं?
उत्तर:
20 हज़ से कम आवृत्ति की ध्वनियाँ उत्पन्न होती हैं।

प्रश्न 44.
20 हर्ट्ज़ से कम आवृत्ति की ध्वनियाँ उत्पन्न करने वाले दो प्राणियों के नाम लिखो।
उत्तर:

  • व्हेल
  • हाथी।

प्रश्न 45.
पराश्रव्य ध्वनि उत्पन्न करने वाले दो जीवों के नाम लिखो।
उत्तर:

  • चमगादड़
  • कुत्ते।

प्रश्न 46.
चमगादड़ों को कौन-सी ध्वनि से अपने गमन पथ का आभास होता है?
उत्तर:
पराश्रव्य ध्वनि से।

प्रश्न 47.
अनुरणन किसे कहते हैं?
उत्तर:
ध्वनि का बारम्बार परावर्तन जिसके कारण ध्वनि निबंध हो जाती है, अनुरणन कहलाता है।

प्रश्न 48.
पराध्वनिक चाल से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
जब कोई पिंड ध्वनि की चाल से अधिक चाल से गति करता है तब उसकी चाल को पराध्वनिक चाल कहा जाता है।

प्रश्न 49.
कौन-से वायुयान वायु में प्रघाती तरंगें उत्पन्न करते हैं?
उत्तर:
पराध्वनिक वायुयान वायु में प्रघाती तरंगें उत्पन्न करते हैं।

प्रश्न 50.
पराध्वनिक वायुयानों द्वारा तेज गति के कारण उत्पन्न धमाके की ध्वनि को क्या कहते हैं?
उत्तर:
ध्वनि बूम।

प्रश्न 51.
ध्वनि परावर्तन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
ध्वनि का किसी सतह से टकराकर दिशा बदलना; ध्वनि परावर्तन कहलाता है।

प्रश्न 52.
गहरे कुँओं, बड़ी इमारतों, पहाड़ों आदि में ध्वनि उत्पन्न करने पर मूल ध्वनि के अतिरिक्त थोड़ी देर बाद जो ध्वनि सुनाई पड़ती है, उसे क्या कहते हैं?
उत्तर:
प्रतिध्वनि (Echo)।

प्रश्न 53.
मेगाफोन किस सिद्धांत पर कार्य करता है?
उत्तर:
मेगाफोन ध्वनि-परावर्तन के सिद्धांत पर कार्य करता है।

प्रश्न 54.
प्रतिध्वनि सुनने के लिए मूल ध्वनि तथा प्रतिध्वनि के बीच कम-से-कम कितना समय होना चाहिए?
उत्तर:
0.1 सेकंड अर्थात् \(\frac { 1 }{ 10 }\) सेकंड।

प्रश्न 55.
प्रतिध्वनि सुनने के लिए परावर्तक वस्तु ध्वनि के स्रोत से कम-से-कम कितनी दूर होनी चाहिए?
उत्तर:
17.2 मीटर।

प्रश्न 56.
ध्वनि द्वारा तय की गई कम-से-कम दूरी कितनी होनी चाहिए ताकि प्रतिध्वनि सुनाई दे सके?
उत्तर:
34.4 मीटर।

प्रश्न 57.
सोनार (Sonar) क्या है?
उत्तर:
सोनार (Sound Navigation and Ranging) का अर्थ है-ध्वनि द्वारा संचालन तथा परिसर निर्धारण करना।

प्रश्न 58.
सोनार का उपयोग कहाँ किया जाता है?
उत्तर:
सोनार का उपयोग समुद्र में डूबी वस्तुओं का पता लगाने में किया जाता है।

प्रश्न 59.
सोनार की कार्य-प्रणाली में किन तरंगों का उपयोग किया जाता है?
उत्तर:
पराश्रव्य तरंगों का।

प्रश्न 60.
चमगादड़ कितनी आवृत्ति तक की पराश्रव्य ध्वनियाँ उत्पन्न कर सकता है?
उत्तर:
चमगादड़ 120 किलो-हर्ट्ज़ आवृत्ति तक की पराश्रव्य ध्वनियाँ उत्पन्न कर सकता है।

प्रश्न 61.
शरीर के पीड़ाग्रस्त जोड़ों को किन तरंगों से उद्भाषित करने पर मालिश के समान सुखद अनुभूति होती है?
उत्तर:
पराश्रव्य तरंगों से उद्भाषित करने पर।

प्रश्न 62.
एक्स-रे किरणों के स्थान पर शरीर के अंदर का चित्र लेने के लिए पराश्रव्य ध्वनि का उपयोग क्यों लाभकारी होता है?
उत्तर:
क्योंकि पराश्रव्य ध्वनि के प्रयोग से ऊत्तकों तथा कोशिकाओं पर प्रभाव नहीं पड़ता।

प्रश्न 63.
अल्ट्रासोनोग्राफी से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
पराश्रव्य ध्वनि तरंगों की सहायता से त्रिविमीय चित्र प्राप्त करने की तकनीक को अल्ट्रासोनोग्राफी कहते हैं।

प्रश्न 64.
आंखों में ट्यूमर का पता लगाने तथा उसका इलाज करने में कौन-सी तरंगें प्रयोग की जाती हैं?
उत्तर:
पराश्रव्य तरंगें।

प्रश्न 65.
पराश्रव्य ध्वनि का कौन-सा गुण फोटोग्राफी फिल्म बनाने में काम आता है?
उत्तर:
पराश्रव्य ध्वनि द्वारा अमिश्रणीय द्रवों को मिश्रित करने का गुण फोटोग्राफी फिल्म बनाने में काम आता है।

प्रश्न 66.
श्वसन थरेपी में किन ध्वनि तरंगों का उपयोग होता है?
उत्तर:
पराश्रव्य ध्वनि तरंगों का।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

पूश्न 1.
सिद्ध करो कि यनि ऊर्जा का रूप है।
उत्तर:
जब हम अधिक समय तक बोलते हैं या ऊँचा बोलते हैं तो थक जाते हैं। बोलते समय हम अपनी ऊर्जा खर्च करते हैं। यह ऊर्जा गले में कंपन पैदा करती है। इससे यह सिद्ध होता है कि ध्वनि ऊर्जा का रूप है।

HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 2.
संपीडन और विरलन किसे कहते हैं? ध्वनि तरंगों के कारण वायु के परमाणुओं के घनत्व को ग्राफ द्वारा प्रदर्शित करो।
उत्तर:
संपीडन-ध्वनि संचरण के दौरान वायु के अणु जिन स्थानों पर इकट्ठे हो जाते हैं, उन्हें संपीडन कहते हैं। विरलन-ध्वनि संचरण के दौरान जिन स्थानों पर वायु के अणुओं की संख्या बहुत कम हो जाती है, उन्हें विरलन कहते हैं। ध्वनि के लिए इकाई अंतराल में वायु के घनत्व तथा दूरी के बीच ग्राफ खींचा जा सकता है।
HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 1
चित्र में ध्वनि तरंग के संचरण से वायु के अणुओं के वितरण की किसी व्यवस्था का स्वरूप प्रदर्शित किया गया है। घनत्व तथा दूरी के बीच ग्राफ भी दिखाया गया है।

प्रश्न 3.
एक प्रयोग द्वारा समझाओ कि कंपित वस्तु के पास बने संपीडन और विरलन माध्यम में कैसे गति करते हैं?
उत्तर:
प्रयोग-एक सर्पिलाकार कमानी लीजिए। जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। कमानी के एक सिरे को अपने हाथ से एक समान रूप से धीरे-धीरे दबाओ और छोड़ दो। हम देखते हैं कि कमानी में संपीडन और विरलन बन जाते हैं और वे कमानी के एक सिरे से दूसरे सिरे तक संचरित हो जाते हैं। संपीडन और विरलन की इस संचरण गति को तरंग गति कहते हैं। ठीक इसी प्रकार से वायु में भी उत्पन्न संपीडन तथा विरलन वायु की एक परत से दूसरी परत में संचरित होते हैं और इस प्रकार ध्वनि एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँच जाती है।
HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 2

प्रश्न 4.
वायु में ध्वनि प्रक्रिया को स्वरित्र द्विभुज की सहायता से स्पष्ट करो।
उत्तर:
स्वरित्र द्विभुज को रबड़ पैड पर मारने से इसकी भुजाएँ कंपन करने लगती हैं। कंपित भुजा वायु के कणों पर दबाव डालकर उन्हें विस्थापित करती है। वायु के कण विरामावस्था से गति में आते हैं और निकटवर्ती कणों को विस्थापित करने के पश्चात् स्वयं अपनी मूल अवस्था में आ जाते हैं। वायु में जिस क्षेत्र के कण कंपन के दबाव के कारण पास आ जाते हैं।

वहाँ उच्च दाब का क्षेत्र संपीडन बनता है और कंपन का दबाव हटने पर वायु के कण दूर-दूर अपनी मूल अवस्था में आ जाते हैं। इस क्षेत्र को निम्न दाब का क्षेत्र विरलन कहते हैं। माध्यम के कण स्वयं आगे नहीं बढ़ते, बल्कि संपीडन और विरलन से कणों का विक्षोभ आगे बढ़ता है इसे ही ध्वनि की तरंग कहते हैं। ध्वनि संचरण के लिए वायु सबसे अधिक सामान्य माध्यक है।
HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 3

प्रश्न 5.
क्या ध्वनि एक प्रकाश धब्बे को नृत्य करा सकती है। स्पष्ट करो।
उत्तर:
एक दोनों सिरों से खुला डिब्बा लो। गुब्बारे की झिल्ली को एक सिरे पर तानकर बांध दो। समतल दर्पण का एक छोटा टुकड़ा लो और इसे गुब्बारे की झिल्ली पर ऐसे चिपकाओ कि इसकी चमकदार सतह ऊपर की ओर हो और एक झिरी से आने वाले प्रकाश की किरणें दर्पण पर पड़ें और परावर्तन के पश्चात् प्रकाश का धब्बा दीवार पर पड़े। डिब्बे के खुले सिरे से जोरदार आवाज लगाइए। आप देखेंगे कि दीवार पर धब्बा नाचता हुआ नजर आएगा।

कारण आवाज के कंपन से झिल्ली और इस पर लगा दर्पण कंपन करता है जिसके कारण दीवार पर बनने वाला प्रतिबिंब हिलता हुआ नजर आता है। आवाज लगानी बंद करो। धब्बा एक जगह पर स्थिर नजर आएगा क्योंकि झिल्ली का कंपन बंद हो गया है।

प्रश्न 6.
अनुप्रस्थ और अनुदैर्ध्य तरंगों की परिभाषाएँ लिखो।
उत्तर:

  • अनुप्रस्थ तरंगें वे तरंगें जिनमें माध्यम के कण तरंग के संचरण की दिशा के लंबवत् दिशा में दोलन करते हैं, अनुप्रस्थ तरंगें कहलाती हैं।
  • अनुदैर्ध्य तरंगें वे तरंगें जिनके माध्यम के कणों की दोलन की दिशा तथा संचरण की दिशा एक ही होती है, अनुदैर्ध्य तरंगें कहलाती हैं।

प्रश्न 7.
ग्राफ द्वारा एक अनुप्रस्थ तरंग के लिए श्रृंग, गर्त तथा आयाम को प्रदर्शित करो तथा इनकी परिभाषा दो।
उत्तर:
एक अनुप्रस्थ तरंग के लिए शृंग, गर्त तथा आयाम चित्र में दिए गए हैं।

  • श्रृंग-अनुप्रस्थ तरंग गति के दौरान बने उभारों को शृंग कहते हैं।
  • गर्त-अनुप्रस्थ तरंग गति के दौरान बने गड्ढों को गर्त कहते हैं।
  • आयाम-तरंग गति के दौरान माध्यम के कणों द्वारा अपनी मध्य स्थिति से, कंपन करते समय, चली गई अधिकतम दूरी आयाम कहलाती है। आयाम का मानक मात्रक मीटर है।
    HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 4

प्रश्न 8.
अनुप्रस्थ तथा अनुदैर्ध्य तरंगों में क्या अंतर है?
उत्तर:
अनुप्रस्थ तथा अनुदैर्ध्य तरंगों में निम्नलिखित अंतर हैं-

अनुप्रस्थ तरंगें अनुदैर्ध्य तरंगें
1. इनमें माध्यम के कण तरंग के गमन की दिशा के लंबवत् कंपन करते हैं। 1. इनमें माध्यम के कण तरंग के गमन की दिशा के आगे-पीछे कंपन करते हैं।
2. इनमें शृंग तथा गर्त बनते हैं। एक श्रृंग और एक गर्त को मिलाकर एक तरंग बनती है। 2. इनमें संपीडन तथा विरलन के मिलने पर एक तरंग बनती है।
3. इन तरंगों को उत्पन्न करने के लिए ठोस या द्रव माध्यम की आवश्यकता होती है। 3. ये तरंगें ठोस, द्रव तथा गैस किसी भी माध्यम में उत्पन्न की जा सकती हैं।
4. इन तरंगों का ध्रुवीकरण किया जा सकता है। 4. इन तरंगों का ध्रुवीकरण नहीं किया जा सकता है।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित के विषय में आप क्या जानते हो?
(1) ध्वनि की प्रबलता
(2) तारत्व
(3) आवृत्ति।
अथवा
ध्वनि तरंग की प्रबलता तथा तारत्व में दो अंतर लिखिए।
उत्तर:
(1) ध्वनि की प्रबलता-ध्वनि की उत्तेजना के दर्जे को ध्वनि की प्रबलता कहते हैं। यह उत्तेजना का दर्जा स्रोत के तेज या हल्के कंपनों पर निर्भर करता है। जब कंपन अधिक तेज होते हैं तब ध्वनि प्रबलता अधिक तथा जब कंपन हल्के होते हैं, तो ध्वनि प्रबलता भी कम होती है।

(2) तारत्व-यह ध्वनि की वह विशेषता है जिससे हम मोटी व पतली आवाज़ को पहचानते हैं। यह विशेषता ध्वनि स्रोत की आवृत्ति (प्रति सेकंड कंपन संख्या) पर निर्भर करती है। जब ध्वनि स्रोत की आवृत्ति अधिक होती है तब तारत्व भी अधिक होता है।

(3) आवृत्ति-किसी वस्तु द्वारा एक सेकंड में पूर्ण किए गए कंपनों की संख्या को आवृत्ति कहते हैं।

प्रश्न 10.
मच्छर की आवाज तथा शेर की आवाज में क्या अंतर है?
उत्तर:
मच्छर की आवाज (ध्वनि) की प्रबलता कम होती है, परंतु आवृत्ति अधिक होती है जबकि शेर की आवाज की प्रबलता अधिक होती है, परंतु आवृत्ति कम होती है। इसलिए मच्छर की आवाज शेर की आवाज से तीखी होती है।

प्रश्न 11.
ग्राफीय चित्र द्वारा दिखाओ कि ध्वनि तरंग जब किसी माध्यम में गति करती है तो घनत्व और दाब में कैसे परिवर्तन होता है?
उत्तर:
HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 5
किसी निश्चित समय पर माध्यम का घनत्व तथा दाब दोनों ही उनके औसत मान से ऊपर और नीचे दूरी के साथ परिवर्तित होते हैं। चित्र में संपीडन उच्च दाब क्षेत्र और विरलन निम्न दाब क्षेत्र दिखाया गया है। चित्र में शिखर को तरंग का शृंग तथा घाटी को गर्त कहते हैं।

प्रश्न 12.
किसी आरकेस्ट्रा में वायलन और बांसुरी की ध्वनि में क्या अंतर है?
उत्तर:
वायलन और बांसुरी दोनों एक माध्यम में चलती हैं, दोनों एक ही समय में कानों तक पहुँचती हैं, दोनों की चाल एक समान हैं, परंतु दोनों ध्वनियाँ अलग-अलग अभिलक्षणों के साथ प्राप्त की जाती हैं। वह भिन्न अभिलक्षण हैं-तारत्व। किसी उत्सर्जित ध्वनि की आवृत्ति को मस्तिष्क किस प्रकार अनुभव करता है, उसे तारत्व कहते हैं। इसीलिए वायलन और बांसुरी की ध्वनि अलग-अलग प्रकार से सुनाई देती है।

प्रश्न 13.
ग्राफ चित्र द्वारा निम्न व उच्च तारत्व की ध्वनि में अंतर स्पष्ट करो।
उत्तर:
HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 6

प्रश्न 14.
मृदु और प्रबल ध्वनि में प्रमुख कारण क्या है? इसे ग्राफ चित्र द्वारा स्पष्ट करो।
उत्तर:
ध्वनि की मृदुता और प्रबलता उसके आयाम पर निर्भर करती है। जैसे दरवाजे को धीरे-धीरे खटखकाने से कम आयाम की ध्वनि और जोर से खटखकाने से उच्च आयाम की ध्वनि उत्पन्न होती है। कम आयाम में कम ऊर्जा और उच्च आयाम में अधिक ऊर्जा संबद्ध होती है। यही कारण है कम आयाम की ध्वनि कम दूरी और उच्च आयाम की ऊर्जा अधिक दूरी तय करती है।
HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 7

प्रश्न 15.
एक प्रयोग द्वारा समझाओ कि ध्वनि की गति वायु की अपेक्षा द्रवों में अधिक होती है।
उत्तर:
पानी से भरा एक गुब्बारा लो और इसकी सतह को धीरे-से अपने हाथ से रगड़ो तो हमें ध्वनि सुनाई पड़ेगी। अब गुब्बारे को अपने कान के समीप रखो और गुब्बारे की दूसरी सतह को धीरे से अपने हाथ से रगड़ो। हमें ध्वनि स्पष्ट और अधिक सुनाई देगी। इससे सिद्ध होता है कि ध्वनि की गति वायु की अपेक्षा द्रवों में अधिक होती है।
HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 8

प्रश्न 16.
रेलवे लाइन के साथ कान लगाकर हम बहुत दूर से आती रेलगाड़ी की आवाज़ कैसे सुन सकते हैं?
उत्तर:
हम जानते हैं कि सामान्य तापमान पर लोहे में ध्वनि का वेग लगभग 5950 मीटर प्रति सेकंड है। इसलिए हम रेलवे लाइन, जो कि लोहे के गार्डरों की बनी होती है, से कान लगाकर बहुत दूर से आती हुई गाड़ी की आवाज़ सुन सकते हैं।

प्रश्न 17.
ध्वनि के परावर्तन को दर्शाने के लिए किसी एक प्रयोग का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्लास्टिक या गत्ते की बनी दो एक जैसी चौड़ी ट्यूबें लीजिए। धातु या प्लाईवुड की एक चादर भी लीजिए। चित्र के अनुसार इन्हें व्यवस्थित कीजिए। इनमें से किसी एक ट्यूब के एक सिरे पर टिक-टिक करने वाली एक घड़ी रख दीजिए। जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। दूसरी ट्यूब के सिरे के पास अपना कान रखिए।

दोनों ट्यूबों के बीच में एक मोटा पर्दा रखिए जिससे कि घड़ी की टिक-टिक की ध्वनि आपके कानों तक सीधे न पहुँच पाए। दूसरी ट्यूब के कोण को तब तक समायोजित कीजिए जब तक कि आपको टिक-टिक की स्पष्ट ध्वनि सुनाई न देने लगे। आप देखेंगे कि इस स्थिति में दोनों ट्यूबें अभिलंब के सामान कोण बनाती है। इससे सिद्ध होता है कि ध्वनि का परावर्तन होता है।
HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 9

प्रश्न 18.
ध्वनि के परावर्तन से आप क्या समझते हैं? ध्वनि परावर्तन का कान उपयोग समुद्र की गहराई को मापने में कैसे किया जाता है?
उत्तर:
ध्वनि का किसी सतह से टकराकर दिशा बदलना ध्वनि परावर्तन कहलाता है; जैसे जब किसी कुएँ के मुंह पर कोई ध्वनि उत्पन्न की जाती है तो उत्पन्न मूल ध्वनि की तरंगें कुएँ के अंदर जाती हैं और वे कुछ समय बाद पानी के तल से परावर्तित होकर फिर ऊपर कुएँ के मुंह तक आ जाती हैं और मूल ध्वनि की भांति प्रतिध्वनि के रूप में दोबारा सुनाई पड़ती हैं।
HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 10
ध्वनि परावर्तन से समुद्र की गहराई मापना-समुद्र की गहराई ‘थाईमापी’ नामक यंत्र द्वारा ज्ञात की जाती है। इस यंत्र द्वारा पहले जलयान से ध्वनि संकेत समुद्र की तह तक भेजा जाता है। यह संकेत समुद्र की तली से परावर्तन के बाद इसी यंत्र में लौट आता है। इस प्रकार जलयान से सतह पर पहुँचने और परावर्तित होकर वापस आने में लगे समय को माप लेते हैं। समुद्र के पानी में ध्वनि की गति से समुद्र की गहराई ज्ञात कर ली जाती है। अब समय तथा समुद्र के पानी में ध्वनि की गति के ज्ञान से समुद्र की गहराई की गणना कर ली जाती है।
HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 10a

प्रश्न 19.
पराश्रव्य ध्वनि और प्रतिध्वनि में क्या अंतर है?
उत्तर:
पराश्रव्य ध्वनि-20,000 कंपन प्रति सेकंड से अधिक आवृत्ति की ध्वनि को पराश्रव्य ध्वनि कहते हैं। यह ध्वनि हमें सुनाई नहीं पड़ती। कुछ पशुओं; जैसे कुत्तों में पराश्रव्य ध्वनि सुनने की क्षमता होती है। चमगादड़ों में पराश्रव्य ध्वनि को पैदा करने तथा इसे सुनने की क्षमता होती है।

प्रतिध्वनि-गहरे कुंओं, बड़ी इमारतों, पहाड़ों आदि में ध्वनि उत्पन्न करने पर मूल ध्वनि के अतिरिक्त थोड़ी देर बाद वैसी ही ध्वनि दोबारा सुनाई पड़ती है, जिसे प्रतिध्वनि (Echo) कहते हैं। प्रतिध्वनि हम तभी सुन सकते हैं जब मूल ध्वनि और परावर्तित ध्वनि के हमारे कानों तक पहुंचने में कम-से-कम 1/10 सेकंड का अंतर हो।

प्रतिध्वनि सुनने के लिए ध्वनि द्वारा चली गई दूरी कम-से-कम 34.4 मीटर होनी चाहिए। अतः वस्तु ध्वनि के स्रोत से 17.2 मीटर या उससे अधिक दूरी पर होनी चाहिए क्योंकि 22°C पर ध्वनि की चाल 344 m/s होती है। ध्वनि को अवरोधक तक जाने और वापिस श्रोता तक 1/10 सेकंड में पहुंचनी चाहिए। हमारे मस्तिष्क में ध्वनि की संवेदना 1/10 सेकंड तक बनी रहती है।

प्रश्न 20.
विभिन्न जंतुओं में श्रव्यता का परास क्या है?
उत्तर:
भिन्न-भिन्न जंतुओं में श्रव्यता का परास भिन्न-भिन्न है, जैसे-

  • मनुष्य में 20 Hz से 20,000 Hz तक।
  • कुत्ता व 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में 25 kHz तक।
  • राइनोसिरस (गेंडा) में 5 Hz तक।
  • व्हेल और हाथी में अवश्रव्य परास की ध्वनियाँ भी।
  • डालफिन, चमगादड़, पॉरपॉइज में 20 kHz से अधिक आवृत्ति वाली ध्वनियाँ।
  • शलभ में चमगादड़ों द्वारा उच्च आवृत्ति की चींची की ध्वनियाँ भी सुन सकते हैं।

HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 21.
क्या कारण है कि हम भूकंप से उत्पन्न तरंगों को नहीं सुन पाते जबकि चमगादड़ या कुत्ते सुन सकते हैं?
उत्तर:
हमारा कान 20 हर्ट्ज़ से 20,000 हज़ तक की आवृत्तियाँ वाली तरंगों को सुन सकता है। आवृत्ति का यह परास श्रवण परास (Audible Range) कहलाता है। भूकंप द्वारा पैदा हुई तरंगों की आवृत्ति इस परास (Range) में नहीं होती। इसीलिए हम इन तरंगों को नहीं सुन सकते, परंतु चमगादड़ और कुत्ते के कान भूकंप द्वारा पैदा हुई तरंगों के प्रति संवेदनशील होते हैं। इसीलिए वे इन तरंगों को सुन सकते हैं।

प्रश्न 22.
अवश्रव्य तरंगें, श्रव्य परास व पराश्रव्य तरंगें क्या हैं?
उत्तर:

  • अवश्रव्य तरंगें-वे तरंगें जिनकी आवृत्ति 20 हर्ट्ज़ से कम हो, उन्हें अवश्रव्य तरंगें कहते हैं। इन्हें हम नहीं सुन सकते; जैसे भूकंप से निकली तरंगें।
  • श्रव्य परास या श्रवण परास-वे तरंगें जिनकी आवृत्ति 20 हर्ट्ज़ से 20,000 हर्ट्ज़ के बीच हो, उन्हें श्रव्य परास कहते हैं। इन्हें हम सुन सकते हैं।
  • पराश्रव्य तरंगें-वे तरंगें जिनकी आवृत्ति 20,000 हर्ट्ज़ से अधिक हो, उन्हें पराश्रव्य तरंगें कहते हैं। इन्हें भी हम नहीं सुन सकते। इन्हें कुत्ते व चमगादड़ सुन सकते हैं।

प्रश्न 23.
पराश्रव्य ध्वनि के उपयोग लिखो।
उत्तर:
पराश्रव्य ध्वनि के उपयोग निम्नलिखित हैं-

  • रेडार इसी सिद्धांत पर कार्य करता है।
  • इससे प्रभावित दूध अधिक समय तक खराब नहीं होता।
  • इससे प्रभावित अनाज में अंकुरण अधिक होता है।
  • इसके द्वारा ढाली गई धातु की चादरों में दरारों का पता लगाया जाता है।
  • चमगादड़ इसी पराश्रव्य ध्वनि से अपने शिकार का पता लगा लेते हैं।
  • इसके प्रयोग से आधुनिक थाईमापी द्वारा समुद्र की गहराई मापी जा सकती है।
  • कपड़ों व प्लेटों को धोने में इसका प्रयोग होता है।
  • शरीर के भागों में कैंसर का पता लगाने में इसका प्रयोग होता है।
  • यह कठोर पदार्थों को काटने व ऐलुमिनियम आदि को जोड़ने के काम आती है।

प्रश्न 24.
एक व्यक्ति को ऐसे कमरे में बंद कर दिया गया है जिसके दरवाजे व खिड़कियाँ कांच के बने हैं। जब वह व्यक्ति कमरे के अंदर आवाज़ लगाता है तो कोई नहीं सुनता, परंतु जब वह खिड़की को खटखटाता है तो बाहर के व्यक्तियों को खटखटाहट सुनाई दे जाती है। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
जब कमरे में बंद व्यक्ति अंदर से आवाज़ लगाता है तो उससे उत्पन्न तरंगों का कांच द्वारा परावर्तन हो जाता है। इससे कांच में क्षीण कंपन उत्पन्न होते हैं जो कमरे के बाहर की वायु को कंपित करने में असमर्थ होते हैं। फलतः आवाज़ बाहर सुनाई नहीं देती।

इसके विपरीत खिड़की के कांच को खटखटाने से उत्पन्न तरंग कांच के बाह्य पृष्ठ पर पहुंचकर उसके संपर्क की वायु को कंपित कर देती है। परिणामस्वरूप खटखटाने की आवाज़ व्यक्तियों को सुनाई दे जाती है।

प्रश्न 25.
ध्वनि बूम से क्या अभिप्राय है? इससे क्या हानि हो सकती है?
उत्तर:
पराध्वनिक वायुयान वायु में प्रघाती तरंगें उत्पन्न करते हैं। ये प्रघाती तरंगें, पराध्वनिक चाल से चलती हैं और इनमें बहुत अधिक ऊर्जा होती है। इस प्रकार की प्रघाती तरंगों से संबद्ध वायुदाब में अत्यधिक परिवर्तन एक प्रकार का प्रस्फोट या कड़क ध्वनि उत्पन्न करता है, जिसे ‘ध्वनि बूम’ कहते हैं।

यह अप्रिय ध्वनि बूम, जो आप किसी पराध्वनिक वायुयान के निकट होने पर सुन सकते हैं, आसपास रखी कांच की प्लेटों, खिड़कियों के शीशों और यहाँ तक कि भवनों को भी क्षति पहुँचा सकता है। कई बार ध्वनि बूम से इतनी प्रबलता का शोर हो सकता है जो हमारी सहनशक्ति की सीमा से परे हो। ऐसे शोर से हमारे कानों में पीड़ा हो सकती है। याद रखिए, जब तक पराध्वनिक वायुयान उड़ता रहता है, वह निरंतर अपने चारों ओर के माध्यम में ध्वनि बूम उत्पन्न करता रहता है।

प्रश्न 26.
मरमर श्रावी गैलरी पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
लंदन में सैंट पॉल गिरजाघर के गुंबद की मरमर श्रावी गैलरी बहुत प्रसिद्ध है तथा यह ध्वनि के परावर्तन का एक रोचक उदाहरण प्रस्तुत करती है। यह गैलरी गुंबद के भीतर के चारों ओर वृत्तीय रूप में है। जब आप इस गैलरी की दीवारों के निकट किसी बिंदु पर कोई कानाफूसी करते हैं तो उत्पन्न ध्वनि गैलरी की दीवारों द्वारा सभी स्थानों पर परावर्तित हो जाती है।

दीवारों के निकट किसी भी स्थान पर यह ध्वनि स्पष्ट सुनाई देती है, किंतु केंद्र की ओर कुछ ही दूरी पर, जैसे बिंदु A पर, यह ध्वनि कदाचित् सुनाई नहीं देती। इस प्रकार की गैलरी भारत में भी कई ऐतिहासिक स्थानों पर देखी जा सकती है।
HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 11

प्रश्न 27.
सोनार (SONAR) से क्या तात्पर्य है? इसके उपयोग बताइए।
उत्तर:
सोनार-वह उपकरण, जो ध्वनि तरंगें उत्पन्न करता है तथा परावर्तित ध्वनि तरंगों का लघु समयांतर मापता है, सोनार कहलाता है।
उपयोग-

  • समुद्र की गहराई मापने में।
  • मछलियों के झुण्डों की दूरी ज्ञात करने में।
  • पनडुब्बी एवं शत्रु के टारपीडो की स्थिति निर्धारण में।
  • उद्योगों में धातु के विशाल गार्डरों, ब्लॉकों अथवा शीटों में संभावित दरारों अथवा अन्य दोषों का पता लगाने में।

प्रश्न 28.
सोनार के सिद्धांत का उपयोग कर गहन अंधकार में भी चमगादड़ कैसे मुक्त रूप से उड़ सकता है?
उत्तर:
सोनार के सिद्धांत का उपयोग चमगादड़ों द्वारा प्राकृतिक रूप में किया जाता है। चमगादड़ 120 kHz अथवा 1.2 x 105 Hz आवृत्ति तक की पराश्रव्य ध्वनियाँ उत्पन्न कर सकता है तथा उन्हें सुन सकता है। इतनी उच्च आवृत्तियों की संगत पराश्रव्य तरंगों की वायु में तरंगदैर्ध्य बहुत कम, लगभग 0.29 cm होती है। चमगादड़ वास्तव में दृष्टिहीन होता है, परंतु गहन अंधकार में उड़ते हुए अवरोधों से आसानी से बचता हुआ चलता है।

यह पराश्रव्य तरंगों का उपयोग अपने भोजन को खोजने में भी करता है। उड़ान के समय चमगादड़ उच्च आवृत्ति के पराश्रव्य स्पंदों को अल्प समय अंतराल में क्रम से उत्सर्जित करता है। ये स्पंद चमगादड़ के आसपास के पिंडों से टकराकर परावर्तित होते हैं। चमगादड़ के शरीर में उच्च-कोटि के अभिग्राही जैसी संरचना होती है जिसके द्वारा वह अपने समीप के पिंडों की उपस्थिति एवं अवस्थितियों का संसूचन कर लेता है। अतः चमगादड़, पराश्रव्य तरंगों द्वारा किसी पिण्ड से परावर्तित होकर वापस लौटने में लगे समय का संसूचन कर लेता है। इस प्रकार, गहन अंधकार में भी चमगादड़ मुक्त रूप से उड़ान भर सकता है।

प्रश्न 29.
ध्वनि की चाल कौन-कौन से कारकों पर निर्भर करती है?
उत्तर:
ध्वनि की चाल निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करती है-

  • माध्यम के घनत्व पर-ध्वनि की चाल माध्यम के घनत्व के समानुपाती होती है अर्थात् घनत्व बढ़ने से चाल बढ़ती है तथा घनत्व कम होने से चाल घटती है।
  • ताप पर-ताप बढ़ने पर ध्वनि की चाल बढ़ जाती है।
  • तरंगदैर्ध्य-ध्वनि की चाल तरंगदैर्ध्य के समानुपाती होती है।
  • माध्यम की अवस्था ध्वनि की चाल ठोस में सबसे अधिक, द्रवों में उससे कम तथा गैसों में सबसे कम होती है।

प्रश्न 30.
सुनने योग्य सीमा से क्या भाव है? इस सीमा से अधिक आवृत्ति की ध्वनियों के नाम लिखो तथा इनके कोई दो उपयोग लिखो।
उत्तर:
सुनने योग्य सीमा मनुष्य 20 हर्ट्ज़ से 20,000 हर्ट्ज़ आवृत्ति की तरंगों को सुन सकता है। इस सीमा को सुनने योग्य श्रव्यता का परिसर कहते हैं।

20,000 हर्ट्ज़ से अधिक आवृत्ति की ध्वनि को पराश्रव्य तरंगें या पराध्वनि कहते हैं। इसके उपयोग निम्नलिखित हैं-

  • इसके सिद्धांत पर रेडार बनाए जाते हैं।
  • शरीर के भागों में कैंसर का पता लगाने में इसका उपयोग होता है।

प्रश्न 31.
समुद्र तल की गहराई को हम किस प्रकार निर्धारित कर सकते हैं?
उत्तर:
समुद्र तल की गहराई मापने के लिए जहाज पर एक यंत्र लगा होता है जो समुद्र तल में पराश्रव्य तरंगें भेजता है। ये तरंगें समुद्र तल से परावर्तित होकर वापिस आ जाती हैं तथा जहाज पर स्थित रिसीवर इन परावर्तित किरणों को प्राप्त कर लेता है।

पराश्रव्य तरंगों को जहाज से समुद्र तल की यात्रा के लिए तथा जहाज पर वापिस आने का समय t तथा ध्वनि तरंगों के वेग υ से जहाज और समुद्र तल के मध्य की दूरी d की गणना की जा सकती है। हम जानते हैं कि
वेग = \(\frac { दूरी }{ समय }\)
या दूरी = वेग x समय यह एक निश्चित स्थान पर समुद्र की गहराई होगी।

निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
ध्वनि क्या है? प्रयोगों द्वारा सिद्ध करो कि ध्वनि कंपन द्वारा उत्पन्न होती है।
उत्तर:
ध्वनि-ध्वनि एक प्रकार की ऊर्जा है जो हमारे कानों में सुनने की संवेदना पैदा करती है। ध्वनि कंपन द्वारा उत्पन्न होती है। इसे निम्नलिखित प्रयोगों द्वारा सिद्ध कर सकते हैं-

प्रयोग 1.
एक चिमटा लो। इसे मुड़े हुए सिरे से पकड़कर इसकी एक भुजा को फर्श या पत्थर पर मारकर उठा लो। चिमटे की भुजाएँ हिलती हुई दिखाई देंगी। चिमटे की भुजाओं का हिलना ही कंपन कहलाता है। इसी कंपन के कारण चिमटे के हिलने की ध्वनि सुनाई देती है। यह क्रिया दोबारा दोहराओ तथा चिमटे को कान के निकट लाओ। चिमटे की ध्वनि साफ सुनाई देगी।
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प्रयोग 2.
एक लकड़ी के तख्ते पर दो कीलें गाढ़ो और दोनों के बीच में एक बारीक तार कसो। तार के नीचे एक लकड़ी का तिकोना टुकड़ा रखो। अब तार को पकड़कर थोड़ा ऊपर खींचकर छोड़ दो। ध्वनि सुनाई देगी। यदि एक कागज़ का टुकड़ा तार पर रखकर तार को खींचकर छोड़ें तो कंपन के कारण यह कागज़ का टुकड़ा नीचे गिर जाता है जो सिद्ध करता है कि ध्वनि कंपन द्वारा उत्पन्न होती है।
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प्रयोग 3.
एक स्वरित्र द्विभुज या ट्यूनिंग फार्क लो। इसकी एक चोट कार्क या रबड़ पैड पर मारो। अब इसको मेज पर सीधा खड़ा कर दो। ध्वनि उत्पन्न होगी। यह ध्वनि हमें सुनाई देगी। अब स्टैंड से लटकी एक गुदे की गुहिका या प्लास्टिक की हल्की गेंद को कंपित भुजाओं के किनारों के पास लाओ।

स्वरित्र द्विभुज की भुजा से गेंद बार-बार टकराती है। यह स्वरित्र द्विभुज की भुजा के कंपित होने का प्रमाण है। यदि इसकी भुजा को हम अंगुली के समीप लाएँ, तो इसका कंपन अनुभव होगा। छूने पर ध्वनि आनी बंद हो जाएगी जो सिद्ध करता है कि ध्वनि कंपन द्वारा उत्पन्न होती है।
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प्रश्न 2.
दो विभिन्न प्रकार की तरंग गतियों का वर्णन करो।
उत्तर:
दो विभिन्न प्रकार की तरंग गतियाँ निम्नलिखित हैं-
1. अनुप्रस्थ तरंगें-वे तरंगें जिनमें माध्यम के कण तरंग के संचरण की दिशा के लंबवत् दिशा में दोलन करते हैं, अनुप्रस्थ तरंगें कहलाती हैं।

उदाहरण-

  • स्लिंकी में उत्पन्न तरंगें
  • पानी की सतह पर उत्पन्न तरंगें।

(1) स्लिंकी में उत्पन्न तरंगें-एक स्लिंकी लो। इसके एक सिरे को दीवार में लगे हुक से बांध दो। अब दूसरे सिरे को खींचकर एक झटका मारो। स्लिंकी में उत्पन्न विक्षोभ हाथ से स्लिंकी की तरफ चलते हैं तथा स्लिंकी के कण अपनी मध्य स्थिति से ऊपर-नीचे गति करते हैं। इस प्रकार यह अनुप्रस्थ तरंगों का उदाहरण है।

(2) पानी की सतह पर बनी तरंगें तालाब के जल की शांत सतह पर किसी ऊंचाई से एक पत्थर फेंको तो जल की सतह पर उर्मियाँ उत्पन्न होती हैं जो चारों ओर फैलती हुई दिखाई देती हैं। उन उर्मियों पर कोई पत्ता रखो तो उर्मियाँ उसे उसी स्थान पर ऊपर-नीचे गतिशील करती हैं। इस प्रकार तरंग के उठे हुए भाग को शृंग तथा निचले दबे हुए भाग को गर्त कहते हैं।

2. अनुदैर्ध्य तरंगें-वे तरंगें जिनके माध्यम के कणों की दोलन की दिशा तथा तरंग के संचरण की दिशा एक ही होती है, अनुदैर्ध्य तरंगें कहलाती हैं।

उदाहरण-

  • स्लिंकी में उत्पन्न तरंगें
  • वायु में संचारित तरंगें।

(1) स्लिंकी में उत्पन्न तरंगें-स्लिंकी द्वारा अनुदैर्ध्य तरंगें भी उत्पन्न की जा सकती हैं। स्लिंकी के एक सिरे को दीवार पर लगे हुक से बांधों और दूसरे सिरे को हाथ से पकड़कर खींचो। अब स्लिंकी के हाथ के सिरे के पास किसी छोटे-से भाग में निहित कुंडलियों को अंगुलियों के बीच दबाकर छोड़ दो। संपीडन स्लिंकी के दूसरे सिरे तक पहुँच जाता है।

(2) वायु में संचरित तरंगें-एक स्वरित्र द्विभुज लो। इसे रबड़ के पैड से बलपूर्वक टकराओ। इसकी भुजाएँ दाएँ-बाएँ कंपन करने लगेंगी। इसकी एक भुजा कांपते हुए जब दाएँ ओर जाती है तो वायु के कणों को दबा देती है जिससे वायु के कण दाईं ओर संपीडित होते चले जाते हैं जिससे वायु के कणों के बीच की दूरी कम हो जाती है।

इसे संपीडन कहते हैं। कांपते समय स्वरित्र की भुजा जब वापस बाईं ओर जाती है तो दाईं ओर आंशिक निर्वात उत्पन्न हो जाता है जिसके भरने के लिए वायु के कण दाईं ओर खुल जाते हैं जिससे वायु के कणों के बीच की दूरी अधिक हो जाती है, जिसे विरलन कहते हैं।

प्रश्न 3.
आवर्ती तरंगों की विशेषताएँ कौन-कौन-सी हैं? किसी आवर्ती तरंग के लिए तरंग-वेग, आवृत्ति तथा तरंग-लंबाई में संबंध स्थापित कीजिए।
उत्तर:
आवर्ती तरंगों की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
1. आयाम-कंपन करने वाले कण की मध्य स्थिति से अधिकतम विस्थापन को दोलन का आयाम कहते हैं।

2. आवर्त काल-एक दोलन पूरा करने में किसी कण द्वारा लगा समय आवर्त काल कहलाता है।

3. आवृत्ति कंपन करने वाला कण, एक सेकंड में जितनी बार कंपन करता है, उसे तरंग की आवृत्ति कहते हैं। इसको ‘V’ द्वारा दशति हैं, इसका मात्रक हज़ (Hz) है।

4. तरंगदैर्ध्य-जितने समय में माध्यम के कण एक कंपन पूरा करते हैं, उतने ही समय में तरंग द्वारा चली गई दूरी तरंगदैर्ध्य कहलाती है। इसे λ (ग्रीक अक्षर लैम्डा) द्वारा दर्शाते हैं।

5. वेग-इकाई समय में तरंग द्वारा चली गई दूरी तरंग का वेग कहलाती है। इसे ‘υ’ द्वारा व्यक्त करते हैं।
आवृत्ति, तरंगदैर्ध्य तथा वेग में संबंध-परिभाषा के अनुसार,
T सेकंड में तरंग द्वारा तय की गई दूरी = λ
1 सेकंड में तय की गई दूरी = \(\frac { λ }{ T }\)
परंतु 1 सेकंड में तरंग द्वारा तय की गई दूरी = वेग (υ)
∴ υ = \(\frac { λ }{ T }\) … (i)
यदि एक कंपन में लगा समय T हो तो
T सेकंड में होने वाले कंपनों की संख्या = 1
1 सेकंड में होने वाले कंपनों संख्या = \(\frac { 1 }{ T }\)
लेकिन 1 सेकंड में होने वाले कंपनों की संख्या को आवृत्ति (v) कहते हैं।
∴ V = \(\frac { 1 }{ T }\)
v का मान समीकरण (i) में रखने पर,
υ = \(\frac { λ }{ T }\) = λ\(\frac { 1 }{ T }\) = λv (∵\(\frac { 1 }{ T }\) = v)
अतः υ = v λ
वेग = आवृत्ति x तरंगदैर्ध्य

HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 4.
ध्वनि के परावर्तन से क्या अभिप्राय है? इसके कोई तीन उपयोग लिखो।
उत्तर:
ध्वनि परावर्तन-ध्वनि का किसी सतह से टकराकर दिशा बदलना ध्वनि का परावर्तन कहलाता है।

ध्वनि परावर्तन के उपयोग-ध्वनि के परावर्तन के व्यावहारिक उपयोग निम्नलिखित हैं-
1. मेगाफोन-आपने मेलों या पर्यटन स्थलों पर एकत्रित भीड़ को संबोधित | करने के लिए मेगाफोन का प्रयोग करते हुए देखा होगा। मेगाफोन, सींग के आकार की एक नली है। इसके भीतरी पृष्ठों से बार-बार परावर्तन द्वारा ध्वनि की मेगाफोन तरंगें बाहर फैलने से रुक जाती हैं और नली के भीतर की वायु तक ही सीमित रहती हैं। यही कारण है कि लाउडस्पीकरों के मुख भी सींग के आकार के ही बनाए जाते हैं।
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2. कर्ण तूर्य या श्रवण सहाय-यह ऐसी युक्ति है जिसे वे लोग काम में लाते हैं, जिन्हें कम सुनाई देता है। किसी तूर्य या तुरही के चौड़े सिरे पर पड़ने वाली ध्वनि तरंगें परावर्तित होकर अपसाहत अत्यधिक संकीर्ण क्षेत्र में एकत्र होकर कान में पहुँचती हैं। इससे कान के अंदर की वायु की परतों के कंपन का आयाम बढ़ जाता है और ध्वनि की प्रबलता में वृद्धि के कारण सुनने में सहायता मिलती है।
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3. ध्वनि-पट्ट-ध्वनि का परावर्तन वक्राकार पृष्ठों से भी हो सकता है। इस तथ्य का उपयोग बड़े हॉलों में ध्वनि को पूरे हॉल में समान रूप से फैलाने में किया जाता है। इसके लिए ध्वनि-पट्टों को काम में लाया जाता है। वक्ता S ध्वनि-पट्ट के फोकस पर अवस्थित है।

अवतल परावर्तक ध्वनि पट्टों को बड़े हॉलों या सभा भवनों चित्र 12.22 की भांति वक्ता के पीछे रखा जाता है, ध्वनि-पट्ट ध्वनि को विभिन्न दिशाओं में फैलने से रोकते हैं। यह फोकस पर स्थित वक्ता की ध्वनि की तरंगों को श्रोताओं की ओर परावर्तित कर देता है, इनसे दूर बैठे श्रोताओं को भी वक्ता का भाषण स्पष्ट सुनाई देने में सहायता मिलती है।

प्रश्न 5.
मानव कर्ण के विभिन्न भागों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मानव कर्ण के मुख्य तीन भाग होते हैं-
1. बाह्य कर्ण-यह वह भाग है जो बाहर से दिखाई देता है। यह उपास्थि तथा मांसपेशियों का बना अर्धचंद्राकार भाग है। इसका निचला भाग लचीला व नर्म होता है।

बाह्य कर्ण के निम्नलिखित तीन भाग होते हैं-

  • पिन्ना
  • कर्णनाल
  • कर्णपट।

(1) पिन्ना-यह उपास्थि एवं मांसपेशियों का बना होता है। इसका निचला भाग लचीला और नर्म होता है। पिन्ना ध्वनि की तरंगों को इकट्ठा करने तथा उनको दिशा प्रदान करने का कार्य करता है। पिन्ना कर्णनाल से जुड़ा होता है।

(2) कर्णनाल-कर्णनाल लगभग 3-4 सें०मी० लंबी तिरछी नली होती है। इस नली की त्वचा में बाल एवं सूक्ष्म ग्रंथियाँ होती हैं जिनमें कुछ अर्धद्रव पदार्थ निकलता रहता है। इसे कर्ण मोम या कान का मैल कहते हैं। यह कान को धूल कण व कीड़ों से बचाता है।

(3) कर्णपट-कर्णनाल के अंतिम सिरे पर झिल्ली का बना पर्दा होता है जिसे कर्णपट कहते हैं। यह ध्वनि की तरंगों को मध्य कान में पहुँचाता है।

2. मध्य कर्ण-मध्य कर्ण एक ऐसे कक्ष के समान है जिसमें हवा भरी रहती है। मध्य कर्ण एक नली द्वारा कंठ के साथ मिला रहता है। इस नली को यूस्टेकीयन नली कहते हैं। यह नली कर्णपट के दोनों ओर वायु के दबाव को बराबर रखती है। मध्य कर्ण में कान के पर्दे की अंदर की सतह की ओर तीन-तीन छोटी-छोटी हड्डियों की लाइन होती है जो कि भीतरी कान के साथ जुड़ी रहती है। इन छोटी-छोटी हड्डियों के नाम हैं-

  • मैलियस
  • इन्कस तथा
  • स्टेपस।

3. आंतरिक कर्ण-यह कान का सबसे भीतरी भाग है और इसके मुख्य तीन भाग हैं-

  • कौकिल्या
  • कर्ण कुटी
  • अर्ध-वृत्ताकार नलिकाएँ।

(1) सैकुलस अथवा कौकिल्या-ये घोंघे के कवच तथा शंख के आकार का होता है। इसके अंदर एक तरल पदार्थ होता है, जिसे एंडोलिंफ कहते हैं। यह श्रवण क्रिया में सहायक होता है।

(2) कर्ण कुटी-यह एक छोटी-सी कोष्ठिका है जो सामने से कौकिल्या से तथा पीछे से अर्ध-वृत्ताकार नलियों से जुड़ा रहता है।

(3) अर्ध-वृत्ताकार नलिकाएँ यह संख्या में तीन होती हैं और एक-दूसरे के साथ समकोण बनाती हैं। इनके अंदर भी एंडोलिंफ भरा रहता है। ये शरीर का संतुलन बनाए रखने में सहायता करती हैं। एंडोलिंफ के अंदर श्रवण तंत्रिकाओं के सिरे तैरते रहते हैं।

महत्त्वपूर्ण सारणी
सारणी : विभिन्न माध्यमों में 25°C पर ध्वनि की चाल

अवस्था पदार्थ चाल m/s में
ठोस ऐलुमिनियम
निकेल
स्टील
लोहा
पीतल
कांच (फ्लिंट)
6420
6040
5960
5950
4700
3980
द्रव जल (समुद्री)
जल (आसुत)
इथेनॉल
मीथेनॉल
1531
1498
1207
1103
गैस हाइड्रोजन
हीलियम
वायु
ऑक्सीजन
सल्फर डाइऑक्साइड
1284
965
346
316
213

गणनात्मक प्रश्न

महत्त्वपूर्ण सूत्र एवं तथ्य:
(1) T = 2π\(\sqrt{\frac{L}{g}}\) (जहाँ g = 9.8m/s², L = लोलक की लंबाई, T = आवर्त काल)

(2) आवृत्ति v = \(\frac { 1 }{ T }\)

(3) यदि आवृत्ति = v (न्यू), तरंग वेग = υ, आवर्तकाल = T, तरंगदैर्ध्य = λ (लैम्डा) तो

  • v = \(\frac { 1 }{ T }\)
  • υ = v x λ
  • υ = \(\frac { λ }{ T }\)
    तरंग संख्या = \(\frac { 1 }{ λ }\)

प्रश्न 1.
किसी ध्वनि तरंग की आवृत्ति 2kHz और उसकी तरंगदैर्ध्य 25 cm है। यह 1.5 km दूरी चलने में कितना समय लेगी?
हल:
दिया हुआ है,
आवृत्ति (v) = 2 kHz = 2000 Hz
तरंगदैर्ध्य (λ) = 25 cm = 0.25 m
हम जानते हैं, तरंग वेग (υ) = तरंगदैर्ध्य x आवृत्ति
υ = λ v
υ = 0.25 m x 2000 Hz = 500 m/s
तरंग को 1.5 km दूरी तय करने में लगने वाला समय
t = \(\frac{\mathrm{d}}{v}=\frac{1.5 \times 1000 \mathrm{~m}}{500 \mathrm{~m} / \mathrm{s}}=\frac{15}{5} \mathrm{~s}\)=3s
ध्वनि 1.5 km दूरी चलने में 3s समय लेगी।

प्रश्न 2.
एक मनुष्य किसी खड़ी चट्टान के पास ताली बजाता है और उसकी प्रतिध्वनि 6s के पश्चात् सुनाई देती है। यदि ध्वनि की चाल 346ms-1 ली जाए, तो चट्टान तथा मनुष्य के बीच की दूरी कितनी होगी?
हल:
ध्वनि की चाल (υ) = 346ms-1
प्रतिध्वनि सुनने में लिया गया समय (t) = 6s
ध्वनि द्वारा चली गई दूरी = υ x t = 346 m/s x 6s = 2076m
6s में ध्वनि ने चट्टान तथा मनुष्य के बीच की दुगुनी दूरी तय की। अतएव चट्टान तथा मनुष्य के बीच
की दूरी = \(\frac { 2076 }{ 2 }\)m = 1038m उत्तर

प्रश्न 3.
एक जहाज पराध्वनि उत्सर्जित करता है तो समुद्र तल से परावर्तित होकर 3.42s के पश्चात् संसूचित की जाती है। यदि समुद्र जल में पराध्वनि की चाल 1531m/s हो, तो समुद्र तल से जहाज की कितनी दूरी होगी?
हल:
प्रेषण तथा संसूचन के बीच लगा समय (t) = 3.42s
समुद्र जल में पराध्वनि की चाल (υ) = 1531m/s
पराध्वनि द्वारा चली गई दूरी = 2 x समुद्र की गहराई = 2d
जहाँ 2d = ध्वनि की चाल x समय
= 1531m/s x 3.42s = 5236m
d = 5236 m/2 = 2618m
अतः जहाज से समुद्र तल की दूरी = 2618m या 2.62km है।

प्रश्न 4.
दो बालक किसी लोहे के दो विपरीत सिरों पर हैं। एक बालक नलिका के एक सिरे को पत्थर से ठोकता है। ध्वनि के लोहे और वायु से होकर दूसरे बालक तक जाने में लगे समयों का अनुपात ज्ञात कीजिए।
[यदि वायु में ध्वनि का वेग 344 m/s तथा लोहे में ध्वनि का वेग 5130 m/s है।]
हल:
माना नलिका की लंबाई = L मीटर
वायु में ध्वनि का वेग (υ1) = 344 m/s
लोहे में ध्वनि का वेग (υ2) = 5130 m/s
∴ वायु में ध्वनि के गमन में लगा समय (T1) = \(\frac{\mathrm{L}}{v_1}=\frac{\mathrm{L}}{344}\) सेकंड
और लोहे में ध्वनि के गमन में लगा समय (T2) = \(\frac{\mathrm{L}}{v_2}=\frac{\mathrm{L}}{5130}\) सेकंड
∴ दोनों समय में अनुपात = \(\frac{\mathrm{T}_1}{\mathrm{~T}_2}=\frac{\frac{\mathrm{L}}{344}}{\frac{\mathrm{L}}{5130}}\)
= \(\frac{\mathrm{L}}{344} \times \frac{5130}{\mathrm{~L}}\)
= \(\frac{14.9}{1}\)
⇒ T1 : T2 = 14.9 : 1 उत्तर

प्रश्न 5.
किसी लंगर (खड़ी नाव) से जल तरंगें लगातार टकरा रही हैं। यदि इन तरंगों के दो क्रमागत शृंगों के बीच की – 100 m तथा जल में तरंगों का वेग 20 m/s है तो तरंगों के नाव से टकराने की आवृत्ति क्या है?
हल:
यहाँ पर तरंग के दो क्रमागत शृंगों के बीच की दूरी = तरंगदैर्ध्य (λ)
= 100 m
तरंग का वेग (υ) = 20 m/s
∴ तरंग की आवृत्ति (v) = \(\frac{υ}{λ}\) = \(\frac{20}{100}\)Hz
= 0.2 Hz (हर्ट्ज़) उत्तर

प्रश्न 6.
कोई तरंग-स्रोत 0.4 सेकंड में 40 शृंग और 40 गर्त उत्पन्न करता है। तरंग की आवृत्ति ज्ञात कीजिए।
हल:
यहाँ पर
तरंग के शृंगों की संख्या = तरंग के गर्तों की संख्या = 40
समय = 0.4 सेकंड
∴ प्रति सेकंड शृंगों की संख्या = प्रति सेकंड गर्मों की संख्या =\(\frac{40}{0.4}\)
= 100
अतः तरंग की आवृत्ति = 100 हर्ट्ज़ उत्तर

प्रश्न 7.
सोनार द्वारा पानी के पृष्ठ पर ध्वनि स्पंद उत्सर्जित किए जाते हैं। ये स्पंद पानी की तली से परावर्तन के पश्चात् संसूचित किए जाते हैं। यदि उत्सर्जन व संसूचन के बीच समय अंतराल 2 सेकंड है, तो पानी की गहराई कितनी है? (संकेत : पानी में ध्वनि का वेग 1498 m/s लीजिए)
हल:
पानी में ध्वनि का वेग (υ) = 1498 m/s
स्पंद पैदा होकर जाने तथा आने में लगा समय = 2 सेकंड
अतः स्पंद के जाने में लगा समय = \(\frac{2}{2}\) = 1 सेकंड
∴ पानी की गहराई = वेग x समय
= 1498 x 1 = 1498 मीटर उत्तर

प्रश्न 8.
कोई बच्चा किसी शक्तिशाली पटाखे के फटने के 4 सेकंड बाद उसकी किसी खड़ी चट्टान के कारण प्रतिध्वनि सुनता है। बच्चे से चट्टान की दूरी क्या है?
हल:
ध्वनि के जाने तथा आने में लगा कुल समय = 4 सेकंड
∴ ध्वनि के जाने में लगा समय = \(\frac{4}{2}\) = 2 सेकंड
वायु में ध्वनि का वेग = 344 m/s
∴ अतः बच्चे व चट्टान के बीच की दूरी = वेग x समय
= 344 x 2 = 688 मीटर उत्तर

प्रश्न 9.
कोई पत्थर किसी 44.1 मीटर गहरे कुएँ में डाला जाता है। यदि पत्थर के पानी से टकराने पर उत्पन्न ध्वनि, पत्थर गिराने के 3.13 सेकंड बाद सुनाई देती है, तो ध्वनि का वायु में वेग ज्ञात कीजिए। हल:
यहाँ पर
कुएँ की गहराई (s) = 44.1 मीटर
माना पत्थर को कुएँ के पानी तक पहुँचने में लगा समय = t1 सेकंड
तथा ध्वनि को पानी से ऊपर तक आने में लगा समय = t2 सेकंड
प्रश्नानुसार t1 + t2 = 3.13 सेकंड, u = 0, g = 9.8 m/s²
हम जानते हैं कि
HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि 17

HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

प्रश्न 10.
यदि एक स्वरित्र द्विभुज 512 हज़ की आवृत्ति के साथ कंपन करके ऐसी ध्वनि तरंगें उत्पन्न करता है जो 330 मीटर प्रति सेकंड के वेग से चलती हैं तो उनकी तरंगदैर्ध्य क्या होगी?
हल:
यहाँ पर
आवृत्ति (v) = 512 हर्ट्ज़
तरंग वेग (υ) = 330 मीटर/सेकंड
तरंगदैर्ध्य (λ) = ?
हम जानते हैं कि
υ = vλ
या λ = \(\frac { υ }{v }\) = \(\frac { 330 }{512 }\) m = 0.645 m उत्तर

प्रश्न 11.
यदि किसी जल तरंग की तरंगदैर्ध्य 20 सें०मी० तथा आवृत्ति 20 हर्ट्ज़ हो तो उसका वेग क्या होगा?
हल:
यहाँ पर
तरंगदैर्ध्य (λ) = 20 सें०मी० = \(\frac { 20 }{ 100 }\) मीटर
= 0.2 मीटर
आवृत्ति (v) = 20 हज़
तरंग वेग (υ) = ?
हम जानते हैं कि
υ = vλ
= 20 x 0.2
= 4 मीटर/सेकंड उत्तर

प्रश्न 12.
किसी तरंग का आवर्तकाल 0.02 सेकंड हो तो उसकी आवृत्ति ज्ञात करो।
हल:
यहाँ पर
आवर्तकाल (λ) = 0.02 सेकंड
आवृत्ति (v) = ?
हम जानते हैं कि
v = \(\frac { 1 }{ T }\) = \(\frac { 1 }{ 0.02 }\)
= \(\frac { 100 }{ 2 }\) = 50 हर्ट्ज़ उत्तर

प्रश्न 13.
यदि किसी स्वरित्र द्विभुज की आवृत्ति 400 Hz है तथा हवा में ध्वनि की चाल 320 m/s है तो ध्वनि द्वारा तय की गई दूरी ज्ञात कीजिए जब स्वरित्र द्विभुज 20 कंपन पूरे करता है।
हल:
यहाँ पर
तरंग वेग (υ) = 320 मीटर/सेकंड
आवृत्ति (v) = 400 हर्ट्ज़
हज़ हम जानते हैं कि
υ = vλ
या λ = \(\frac { υ }{ v }\) = \(\frac { 320 }{ 400 }\) = 0.8 मीटर
अतः 1 कंपन में तय की दूरी = 0.8 मीटर
20 कंपनों में तय की गई दूरी = 20 x 0.8 = 16 मीटर उत्तर

प्रश्न 14.
एक वस्तु 1 मिनट में 6000 कंपन करती है। यदि वायु में उत्पन्न ध्वनि का वेग 330 m/s हो तो निम्नलिखित ज्ञात कीजिए।
(a) कंपनों की आवृत्ति
(b) उत्पन्न तरंगों की तरंगदैर्ध्य।
हल:
(a) 1 मिनट = 60 सेकंड में तय कंपनों की संख्या = 6000
∴ 1 सेकंड में तय कंपनों की संख्या = \(\frac { 6000 }{ 60 }\) = 100
अतः आवृत्ति (v) = 100 हर्ट्ज़

(b) यहाँ पर
तरंग वेग (υ) = 330 m/s
आवृत्ति (v) = 100 हज़
तरंगदैर्ध्य (λ) = ?
हम जानते हैं कि
υ = v λ
या λ = \(\frac { υ }{ v }\) = \(\frac { 330 }{ 100 }\) = 3.3 मीटर उत्तर

प्रश्न 15.
प्रकाशीय तरंग का वेग 3 x 105 km/s है तथा तरंगदैर्ध्य 6 x 10 मीटर है। इसकी आवृत्ति ज्ञात कीजिए।
हल:
यहाँ पर
तरंग वेग (υ) = 3 x 105 km/s
= 3 x 105 x 1000 m/s
= 3 x 108 m/s
तरंगदैर्ध्य (λ) = 6 x 10-7 m
आवृत्ति (v) = ?
हम जानते हैं कि
υ = v λ
या v = \(\frac{v}{\lambda}=\frac{3 \times 10^8}{6 \times 10^{-7}}\)
= 0.5 x 1015 हर्ट्ज़ उत्तर
अतः आवृत्ति 0.5 x 1015 हर्ट्ज़ है।

प्रश्न 16.
एक प्रेक्षक चट्टान के सामने 200 मीटर दूर खड़ा होता है। वह सीटी बजाता है। अगर ध्वनि 332 मीटर प्रति सेकंड के वेग से चलती हो तो वह सीटी की प्रतिध्वनि कितनी देर बाद सुन सकेगा?
हल:
चट्टान से प्रेक्षक की दूरी = 200 मीटर
इसलिए प्रतिध्वनि सुनने के लिए ध्वनि द्वारा
तय की गई कुल दूरी = 200 + 200 = 400 मीटर
ध्वनि की चाल = 332 मीटर प्रति सेकंड
समय =\(\frac { दूरी }{ चाल }\)
= \(\frac { 400 }{ 332 }\) सेकंड
= 1.2 सेकंड उत्तर
अतः प्रेक्षक अपनी ध्वनि उत्पन्न करने के 1.2 सेकंड बाद प्रतिध्वनि सुन सकेगा।

प्रश्न 17.
एक नाव से एक ध्वनि संकेत भेजा गया। यह संकेत समुद्र की तली से परावर्तन होने के 0.8 सेकंड के बाद नाव पर लौट आया। पानी में ध्वनि का वेग ज्ञात करो यदि समुद्र की गहराई 600 मीटर हो।
हल:
समुद्र की गहराई = 600 मीटर
इसलिए संकेत द्वारा समुद्र की तली से परावर्तित
होकर वापस आने में तय की गई कुल दूरी = 600 + 600 = 1200 मीटर
समय = 0.8 सेकंड
पानी में ध्वनि का वेग = \(\frac { दूरी }{ समय }\)
= \(\frac { 1200 }{ 0.8 }\) मीटर प्रति सेकंड
υ = 1500 मीटर प्रति सेकंड उत्तर

प्रश्न 18.
एक नाव से एक ध्वनि संकेत भेजा गया। यह संकेत समुद्र की तली से परावर्तन होने के 0.8 सेकंड के बाद नाव पर लौट आया। यदि पानी में ध्वनि का वेग 1500 मीटर प्रति सेकंड हो तो समुद्र की गहराई ज्ञात करो।
हल:
पानी में ध्वनि का वेग = 1500 मीटर प्रति सेकंड
लगा समय = 0.8 सेकंड ध्वनि द्वारा कुल तय दूरी = ध्वनि का वेग x समय
= 1500 x 0.8 = 1200 मीटर
अतः समुद्र की गहराई = \(\frac { 1200 }{ 2 }\) = 600 मीटर उत्तर

प्रयोगात्मक कार्य

क्रियाकलाप 1.
स्वरित्र द्विभुज द्वारा उत्पन्न कंपनों का अध्ययन करना।
कार्य-विधि-

  • एक छोटी हल्की प्लास्टिक की गेंद को धागे से बांध कर लटकाओ।
  • पहले कंपन न करते हुए स्वरित्र द्विभुज को गेंद के पास ले जाओ तथा स्थिति का अवलोकन करो।
  • अब कंपन करते हुए स्वरित्र द्विभुज को गेंद के पास ले जाओ तथा स्थिति का अवलोकन करो।

पहली स्थिति में गेंद स्वरित्र द्विभुज से दूर नहीं भागती जबकि दूसरी स्थिति में गेंद स्वरित्र द्विभुज को पास ले जाने पर दूर भागती है क्योंकि कंपन करने से स्वरित्र द्विभुज की भुजा गेंद पर बल लगाकर पीछे की ओर धकेलती है।

क्रियाकलाप 2.
वाद्य यंत्रों में कंपन करने वाले भागों का अध्ययन करना।
कार्य-विधि-सुविधानुसार विद्यालय के संगीत कक्ष में जाओ और विभिन्न वाद्य यंत्रों में ध्वनि (संगीत) कैसे पैदा होती है अर्थात् किस भाग से होती है, के बारे में संगीत अध्यापक से जानो, जैसे

  • ढोल में झिल्ली में कंपन के द्वारा।
  • सितार में-तार में कंपन द्वारा।
  • एकतारा में तार में कंपन द्वारा।
  • बांसुरी में वायु स्तंभ द्वारा।
  • जल तरंग में जल द्वारा।

क्रियाकलाप 3.
स्लिंकी द्वारा अनुदैर्ध्य तरंग उत्पन्न करना।

कार्य-विधि-

  • एक स्लिंकी लो और इसका एक सिरा किसी विद्यार्थी को पकड़ाओ।
  • विद्यार्थी की ओर स्लिंकी को तेजी से धक्का दो। बार-बार ऐसा करने पर विशेष गति स्लिंकी में दिखाई देगी। स्लिंकी पर एक स्थान पर चिह्न लगाओ और एक बार फिर क्रिया को दोहराओ। स्लिंकी पर लगा चिह्न विक्षोभ के संचरण की दिशा के समानांतर आगे-पीछे गति करता है। यही अनुदैर्ध्य तरंग है।

अध्याय का तांत्र अध्ययन

1. घंटी की ध्वनि ……….. है।
(A) यांत्रिक ऊर्जा
(B) ध्वनि ऊर्जा
(C) ऊष्मीय ऊर्जा
(D) प्रकाश ऊर्जा
उत्तर:
(B) ध्वनि ऊर्जा

2. ध्वनि निम्नलिखित के कारण उत्पन्न होती है-
(A) टकराने से
(B) कंपन से
(C) पीटने से
(D) रगड़ने से
उत्तर:
(B) कंपन से

3. ध्वनि संचरण नहीं होता है-
(A) ठोसों में
(B) द्रवों में
(C) गैसों में
(D) निर्वात में
उत्तर:
(D) निर्वात में

4. तरंग एक ………………… है।
(A) विक्षोभ
(B) संपीडन
(C) विरलन
(D) कंपन
उत्तर:
(A) विक्षोभ

5. उच्च दाब का क्षेत्र कहलाता है-
(A) तरंग
(B) संपीडन
(C) विरलन
(D) विक्षोभ
उत्तर:
(B) संपीडन

6. निम्नलिखित में से किसमें ध्वनि की गति सर्वाधिक होगी?
(A) शुष्क वायु में
(B) स्टील में
(C) आर्द्र वायु में
(D) जल में
उत्तर:
(B) स्टील में

7. ध्वनि संचरण के लिए सबसे अधिक सामान्य माध्यम कौन-सा है?
(A) जल
(B) पृथ्वी
(C) वायु
(D) अंतरिक्ष
उत्तर:
(C) वायु

8. जल में उत्पन्न तरंगें कौन-सी होती हैं?
(A) अनुदैर्ध्य
(B) अनुप्रस्थ
(C) (A) व (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(B) अनुप्रस्थ

HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

9. तरंग संचरण में स्थानांतरण होता है-
(A) द्रव्यमान का
(B) ऊर्जा का
(C) द्रव्यमान व ऊर्जा दोनों का
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(B) ऊर्जा का

10. तरंग वेग का SI मात्रक है-
(A) m
(B) m/s
(C) km
(D) km/s
उत्तर:
(B) m/s

11. निम्नलिखित में से किसको λ (लैम्डा) द्वारा प्रदर्शित किया जाता है?
(A) तरंगदैर्ध्य
(B) तरंग वेग
(C) आवृत्ति
(D) आयाम
उत्तर:
(A) तरंगदैर्ध्य

12. अनुदैर्ध्य तरंगें उत्पन्न होती हैं-
(A) ठोसों में
(B) द्रवों में
(C) गैसों में
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

13. अनुप्रस्थ तरंगें उत्पन्न होती हैं-
(A) ठोस व द्रवों में
(B) द्रव व गैसों में
(C) गैस व ठोसों में
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(A) ठोस व द्रवों में

14. प्रकाश …………………….. तरंग है।
(A) अनुप्रस्थ
(B) यांत्रिक
(C) अनुदैर्ध्य
(D) विद्युत चुंबकीय
उत्तर:
(A) अनुप्रस्थ

15. किसी ध्वनि स्रोत की आवृत्ति 100 Hz है। आधे घंटे में यह कितनी बार कंपन करेगा?
(A) 1,80,000
(B) 90,000
(C) 60,000
(D) 1,00,000
उत्तर:
(A) 1,80,000

16. निम्नलिखित में से किसके बीच की दूरी तरंगदैर्ध्य कहलाती है?
(A) दो क्रमागत संपीडनों
(B) दो क्रमागत विरलनों
(C) एक संपीडन व एक विरलन
(D) (A) और (B) दोनों
उत्तर:
(D) (A) और (B) दोनों

17. तरंगदैर्ध्य का SI मात्रक …………………….. है।
(A) मीटर
(B) जूल
(C) अर्ग
(D) न्यूटन
उत्तर:
(A) मीटर

18. ध्वनि तरंग की आवृत्ति का मात्रक क्या है?
(A) हर्ट्ज़
(B) मी०
(C) अर्ग
(D) जूल
उत्तर:
(A) हर्ट्ज़

19. आवर्तकाल का SI मात्रक है-
(A) हज़
(B) मी०
(C) सेकंड
(D) Nm
उत्तर:
(C) सेकंड

20. किसी माध्यम में मूल स्थिति के दोनों ओर अधिकतम विक्षोभ को तरंग का/की …………………. कहते हैं।
(A) आवृत्ति
(B) आयाम
(C) वेग
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(B) आयाम

21. A के द्वारा किसको निरूपित किया जाता है?
(A) आवृत्ति
(B) वेग
(C) आयाम
(D) आवर्तकाल
उत्तर:
(C) आयाम

22. एकल आवृत्ति की ध्वनि को …………………. कहते हैं।
(A) स्वर
(B) टोन
(C) शोर
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(B) टोन

23. ………………. से कम आवृत्ति की ध्वनियों को अवश्रव्य ध्वनि कहते हैं।
(A) 20 Hz
(B) 200 Hz
(C) 2000 Hz
(D) 20000 Hz
उत्तर:
(A) 20 Hz

24. एकांक क्षेत्रफल से एक सेकंड में गुजरने वाली ध्वनि ऊर्जा को ध्वनि की ………………. कहते हैं।
(A) प्रबलता
(B) तीव्रता
(C) तारत्व
(D) आवृत्ति
उत्तर:
(B) तीव्रता

25. किस माध्यम में 25°C पर ध्वनि की चाल सर्वाधिक होती है?
(A) कांच
(B) स्टील
(C) ऐलुमिनियम
(D) निकेल
उत्तर:
(C) ऐलुमिनियम

26. किस द्रव में 25°C पर ध्वनि की चाल सर्वाधिक होती है?
(A) समुद्री जल
(B) आसुत जल
(C) इथेनॉल
(D) मीथेनॉल
उत्तर:
(A) समुद्री जल

27. किस गैस में ध्वनि की चाल 25°C पर सर्वाधिक होती है?
(A) ऑक्सीजन
(B) वायु
(C) हाइड्रोजन
(D) हीलियम
उत्तर:
(C) हाइड्रोजन

28. एकांक समय में होने वाले दोलनों की कुल संख्या को ………………. कहते हैं।
(A) आयाम
(B) तरंगदैर्ध्य
(C) आवर्ती
(D) आवर्तकाल
उत्तर:
(C) आवर्ती

29. ………………. को कम करने के लिए भवनों की दीवारों व छतों पर ध्वनि अवशोषक पदार्थ लगाए जाते हैं।
(A) प्रतिध्वनि
(B) ध्वनि परावर्तन
(C) अनुरणन
(D) पराध्वनि
उत्तर:
(C) अनुरणन

HBSE 9th Class Science Important Questions Chapter 12 ध्वनि

30. स्पष्ट प्रतिध्वनि सुनने के लिए परावर्तक स्रोत की न्यूनतम दूरी होनी चाहिए-
(A) 172 m
(B) 17.2 m
(C) 344 m
(D) 34.4 m
उत्तर:
(B) 17.2 m

31. ध्वनि परावर्तन सिद्धांत का उपयोग है-
(A) मेगाफोन व हॉर्न में
(B) स्टेथोस्कोप में
(C) कंसर्ट हॉल, सिनेमा हॉलों में
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

32. मनुष्य में ध्वनि की श्रव्यता का परिसर कितना है? (लगभग)
(A) 10-15 Hz
(B) 20-20,000 Hz
(C) 30,000 Hz से-40,000 Hz
(D) 45,000 Hz-50,000 Hz तक
उत्तर:
(B) 20-20,000 Hz

33. किसी ध्वनि तरंग की तरंगदैर्ध्य तथा आवृत्ति उसके वेग से किस प्रकार संबंधित है?
(A) λ = vυ
(B) v = \(\frac { υ }{ λ }\)
(C) υ = λ v²
(D) v = υ λ
उत्तर:
(D) v = υ λ

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