Class 12

HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 विलयन

Haryana State Board HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 विलयन Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 विलयन

प्रश्न 2.1.
विलयन को परिभाषित कीजिए। कितने प्रकार के विभिन्न विलयन संभव हैं? प्रत्येक प्रकार के विलयन के संबंध में एक उदाहरण देकर संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:
विलयन (Solution) – दो या दो से अधिक पदार्थों (अवयवों) का समांगी मिश्रण विलयन कहलाता है।
समांगी मिश्रण का अर्थ है कि मिश्रण के सभी भागों का संघटन (composition) तथा गुण समान हैं। विलायक की भौतिक अवस्था के आधार पर विलयन मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं-
(1) गैसीय विलयन
(2) द्रव विलयन
(3) ठोस विलयन |
इन्हें पुनः वर्गीकृत किया जा सकता है जो कि विलेय की भौतिक अवस्था के आधार पर होता है। अतः विलयन वास्तव में 9 प्रकार के होते हैं, जो निम्नलिखित हैं-
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प्रश्न 2.2.
एक ऐसे ठोस विलयन का उदाहरण दीजिए जिसमें विलेय कोई गैस हो ।
उत्तर:
हाइड्रोजन का पैलेडियम में विलयन ।

HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 विलयन

प्रश्न 2.3.
निम्न पदों को परिभाषित कीजिए-
(i) मोल – अंश
(ii) मोललता
(iii) मोलरता
(iv) द्रव्यमान प्रतिशत ।
उत्तर:
(i) मोल अंश (Mole fraction ) (x) – एक मिश्रण में उपस्थित किसी अवयव का मोल अंश उस अवयव के मोल तथा मिश्रण में उपस्थित सभी अवयवों के कुल मोलों का अनुपात होता है।
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(ii) मोललता (Molality) (m) – 1000 g (1 kg) विलायक में घुले हुए विलेय के मोलों की संख्या को उस विलयन की मोललता कहते हैं।
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(iii) मोलरता (Molarity) (M) – एक लीटर (1 क्यूबिक डेसीमीटर) विलयन में घुले हुए विलेय के मोलों की संख्या को उस विलयन की मोलरता कहते हैं।

(iv) द्रव्यमान प्रतिशत ( Mass Percentage ) – किसी विलेय के भार भागों की वह संख्या जो विलयन के 100 भार भागों में उपस्थित होती है, उसे द्रव्यमान प्रतिशत कहते हैं।
विलयन में किसी अवयव का द्रव्यमान %

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प्रश्न 2.4.
प्रयोगशाला कार्य के लिए प्रयोग में लाया जाने वाला सांद्र नाइट्रिक अम्ल द्रव्यमान की दृष्टि से नाइट्रिक अम्ल का 68% जलीय विलयन है। यदि इस विलयन का घनत्व 1.504 gmL-1 हो तो अम्ल के इस नमूने की मोलरता क्या होगी ?
उत्तर:
68% (द्रव्यमान) HNO3 का अर्थ है 68g HNO3, 100 g विलयन में उपस्थित है।
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विलेय ( HNO3) का भार = 68g HNO3, विलेय का मोलर द्रव्यमान = 1 + 14 + 48 = 63
विलयन का आयतन = 66.49 ml
∴ M = \(\frac{68 \times 1000}{63 \times 66.49}\)
M = 16.23
अतः HNO3 के इस नमूने की मोलरता = 16.23 M इसे निम्नलिखित सूत्र द्वारा भी ज्ञात किया जा सकता है-
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प्रश्न 2.5.
ग्लूकोस का एक जलीय विलयन 10% (w/w) है । विलयन की मोललता तथा विलयन में प्रत्येक घटक का मोल- अंश क्या है? यदि विलयन का घनत्व 1.2 gmL-1 हो तो विलयन की मोलरता क्या होगी ?
उत्तर:
10% (w/ w) ग्लूकोस विलयन का अर्थ है कि 10g ग्लूकोस 100g विलयन में उपस्थित है जिसमें 90 ग्राम जल है।
(1) अतः विलयन की मोललता (m)
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m = \(\frac{10}{180 \times 90 \times 10^{-3}}\)
मोललता: = 0.617m
यहाँ ग्लूकोस का मोलर द्रव्यमान ( C6H12O6) = 180
विलायक की द्रव्यमान = 90g = 90 × 10-3 kg

(2) ग्लूकोस के मोल = 10/180
जल के मोल = \(\frac { 90 }{ 18 }\) = 5
अतः ग्लूकोस का मोल अंश = HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 9
ग्लूकोस का मोल अंश = \(\frac { 0.055 }{ 5.055 }\) = 0.01
अतः जल का मोल अंश = 1 – 0.01 = 0.99
(3) HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 10

प्रश्न 2.6.
यदि 1 g मिश्रण में Na2CO3 एवं NaHCO3 के मोलों की संख्या समान हो तो इस मिश्रण से पूर्णतः क्रिया करने के लिए 0.1 M HCl के कितने mL की आवश्यकता होगी ?
उत्तर:
माना 1 g मिश्रण में Na2CO3 का द्रव्यमान = x g
Na2CO3 का मोलर द्रव्यमान = (2 × 23 ) + 12 + (3 × 16 ) = 106
अतः Na2CO3 के मोल (n1) = \(\frac { x }{ 106 }\) mol
अतः मिश्रण में NaHCO3 का द्रव्यमान = (1 – x)g
NaHCO3 का मोलर द्रव्यमान = 23 + 1 + 12 + 48 = 84
अतः NaHCO3 के मोल (n2) = \(\frac{1-x}{84}\) mol
Na2CO3 तथा NaHCO3 की HCl से क्रिया के संतुलित समीकरण निम्नलिखित हैं-
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 15
चूंकि दिए गए मिश्रण में Na2CO3 तथा NaHCO3 के मोलों की संख्या समान है अतः
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 16
Na2CO3 तथा NaHCO3 दोनों से क्रिया के लिए आवश्यक HCl के मोल
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 17
यदि आवश्यक HCl का आयतन V है तो
मोलरता × आयतन (L) = मोल
0.1 × V(L) = 0.01578
V (लीटर) = 0.1578 L
अतः HCl का आवश्यक आयतन = 157.8mL

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प्रश्न 2.7.
द्रव्यमान की दृष्टि से 25% विलयन के 300g एवं 40% के 400g को आपस में मिलाने पर प्राप्त मिश्रण का द्रव्यमान प्रतिशत सांद्रण निकालिए ।
उत्तर:
25% (w/w), 300 g विलयन में विलेय का भार = (25 × 3) 75g
40% (w/w), 400g विलयन में विलेय का भार = (40 × 4) = 160 g
दोनों विलयनों को मिलाने पर विलेय का कुल भार = 75 + 160 = 235 g
तथा विलयन का कुल भार= 300 + 400 = 700 g
अतः मिश्रण में विलेय का द्रव्यमान
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प्रश्न 2.8.
222.6g एथिलीन ग्लाइकॉल, C2H4(OH)2 तथा 200g जल को मिलाकर प्रतिहिम मिश्रण बनाया गया । विलयन की मोललता की गणना कीजिए। यदि विलयन का घनत्व 1.072 g mL-1 हो तो विलयन की मोलरता निकालिए।
उत्तर:
(i) मोललता (m) =HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 19
एथिलीन ग्लाइकॉल (विलेय) का द्रव्यमान = 222.6 g
एथिलीन ग्लाइकॉल [C2H4(OH)2] का मोलर द्रव्यमान = 62
विलायक (जल) का द्रव्यमान = 200g = 0.2 kg
अतः m = \(\frac{222.6}{62 \times 0.2}\) = 17.95 mol Kg-1

(ii) विलयन की मोलरता
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 11
विलयन का कुल द्रव्यमान = 200 + 222.6 = 422.6
विलयन का घनत्व = 1.072 g mL-1
अतः विलयन का आयतन (V) = HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 12
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 20

प्रश्न 2.9.
एक पेय जल (drinking water) का नमूना क्लोरोफॉर्म (CHCl3) से, कैंसरजन्य समझे जाने की सीमा तक बहुत अधिक संदूषित (Contaminated) है। इसमें संदूषण की सीमा 15 ppm (द्रव्यमान में ) है –
(i) इसे द्रव्यमान प्रतिशत में व्यक्त कीजिए ।
(ii) जल के नमूने में क्लोरोफॉर्म की मोललता ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
(i) 15 ppm CHCl3 का अर्थ है कि 106 भाग विलयन में 15 भाग CHCl3 है।
अतः विलेय का द्रव्यमान (भार) = 15 g
विलयन का द्रव्यमान = 106 g
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 21
द्रव्यमान % = \(\frac{15 \times 100}{10^6}\) = 15 × 10-4 = 1.5 × 10-3%

(ii) विलायक का द्रव्यमान = विलयन का द्रव्यमान – विलेय का द्रव्यमान
= 106 – 15 = 999985g
= 9.99985 × 105
विलयन की मोललता (m)
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 23
CHCl3 का मोलर द्रव्यमान = 12 + 1 + (3 × 35.5)
= 119.5 g mol-1
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m = 0.0125 × 10-2
m = 1.25 x 10-4
अतः जल के नमूने में CHCl3 की मोललता = 1.25 x 10-4 m

प्रश्न 2.10.
ऐल्कोहॉल एवं जल के एक विलयन में आण्विक अन्योन्य क्रिया (Molecular Interaction) की क्या भूमिका है?
उत्तर:
ऐल्कोहॉल एवं जल का विलयन धनात्मक विचलन दर्शाता है। क्योंकि ऐल्कोहॉल तथा जल दोनों में अन्तराअणुक हाइड्रोजन बन्ध होते हैं। लेकिन दोनों को मिलाने पर ऐल्कोहॉल तथा जल के मध्य बना हाइड्रोजन बन्ध, शुद्ध जल के हाइड्रोजन बन्ध की तुलना में दुर्बल होता है।
अतः इस विलयन के लिए △H(मिश्रण) = +ve तथा △V (मिश्रण) = +ve होंगे। अतः मिश्रण का वाष्प दाब अधिक होगा तथा क्वथनांक कम होगा। इसलिए यह राउल्ट के नियम से धनात्मक विचलन का उदाहरण है।

प्रश्न 2.11.
ताप बढ़ाने पर गैसों की द्रवों में विलेयता में, हमेशा कमी आने की प्रवृत्ति क्यों होती है ?
उत्तर:
ताप बढ़ाने पर गैसों की द्रवों में विलेयता कम होती है क्योंकि घोले जाने पर गैसों के अणु द्रव प्रावस्था में विलीन होकर उसमें उपस्थित होते हैं अतः यह संघनन अभिक्रिया के समान है तथा इस प्रकिया में ऊष्मा उत्सर्जित (ऊष्माक्षेपी प्रक्रम) होती है। गैसों की द्रव में विलेयता गतिक साम्य है अतः ले – शातैलिए के नियम के अनुसार ताप बढ़ने पर विलेयता घटेगी अर्थात् साम्य पश्च दिशा में जाएगा।

प्रश्न 2.12.
हेनरी का नियम तथा इसके कुछ महत्वपूर्ण अनुप्रयोग लिखिए।
उत्तर:
हेनरी का नियम-
(i) स्थिर ताप पर किसी गैस की द्रव में विलेयता, उस गैस के दाब के समानुपाती होती है। किसी द्रवीय विलयन में गैस की विलेयता गैस के आंशिक द पर निर्भर करती है तथा विलयन में गैस की विलेयता को मोल अंश में व्यक्त किया जाता है।

(ii) किसी विलयन में गैस का मोल अंश, उस विलयन के ऊपर उपस्थित गैस के आंशिक दाब के समानुपाती होता है ।

(iii) किसी गैस का वाष्प अवस्था में आंशिक दाब (p), उस विलयन में गैस के मोल अंश (x) के समानुपाती होता है।
p = KHX जहाँ KH = हेनरी स्थिरांक
हेनरी के नियम के महत्वपूर्ण अनुप्रयोग — इसके लिए पाठ्यपुस्तक का भाग संख्या 2.3.2 देखें।

प्रश्न 2.13.
6.56 × 10-3 g एथेन युक्त एक संतृप्त विलयन में एथेन का आंशिक दाब 1 bar है। यदि विलयन में 5.00 × 10-2 g एथेन हो तो गैस का आंशिक दाब क्या होगा ?
उत्तर:
हेनरी के नियम के अनुसार p = KH x
गैस का मोल अंश उसके द्रव्यमान (m) के समानुपाती होता है।
अतः m ∝ x
अतः हेनरी के नियम का वैकल्पिक रूप
m = KHP
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 25

प्रश्न 2.14.
राउल्ट के नियम से धनात्मक एवं ऋणात्मक विचलन का क्या अर्थ है तथा △मिश्रण H के चिह्न इन विचलनों से कैसे सम्बन्धित हैं?
उत्तर:
जब कोई विलयन सभी सांद्रताओं पर राउल्ट के नियम का पालन नहीं करता तो वह अनादर्श विलयन (Non Ideal Solution) कहलाता है। इन विलयनों का वाष्पदाब राउल्ट के नियम द्वारा परिकलित किए गए वाष्प दाब से या तो अधिक होता है या कम । यदि यह अधिक होता है तो राउल्ट नियम से धनात्मक विचलन प्रदर्शित करता है और यदि यह कम होता है तो ऋणात्मक विचलन प्रदर्शित करता है।
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 26

प्रश्न 2.15.
विलायक के सामान्य क्वथनांक पर एक अवाष्पशील विलेय के 2% जलीय विलयन का 1.004 bar वाष्प है । विलेय का मोलर द्रव्यमान क्या है?
उत्तर:
शुद्ध जल का वाष्प दाब (p10) = 1.013 bar होता है।
विलयन का वाष्प दाब (p1) = 1.004 bar
विलेय का 2% जलीय विलयन है अतः
W2 = 2 gm तथा (W1+ W2) = 100g.
W1 = 98g
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प्रश्न 2.16.
हेप्टेन एवं ऑक्टेन एक आदर्श विलयन बनाते हैं। 373 K पर दोनों द्रव घटकों के वाष्प दाब क्रमश: 105.2 kPa तथा 46.8 kPa हैं। 26.0g हेप्टेन एवं 35.0g ऑक्टेन के मिश्रण का वाष्प दाब क्या होगा ?
उत्तर:
हेप्टेन (C7H16) का मोलर द्रव्यमान = (7 × 12) + 16 = 100
ऑक्टेन का मोलर द्रव्यमान ( C8H18 ) = (8 × 12 ) +18 = 114
हेप्टेन के मोल (n1) = \(\frac { 26 }{ 100 }\) = 0.26
ऑक्टेन के मोल (n2) = \(\frac { 35 }{ 114 }\) = 0.307
हेप्टेन की मोल भिन्न (x1) = \(\frac{0.26}{0.26+0.307}\)
x1 = \(\frac{0.26}{0.567}\) = 0.458

ऑक्टेन की मोल भिन्न (x2) = 1 – x1
= 1 – 458 = 0.542
विलयन में हेप्टेन का वाष्प दाब (P1) = P10x1
= 105.2 × 0.458 (P10 = 105.2k Pa) = 48.18 kPa

विलयन में ऑक्टेन का वाष्प दाब (P2) = P20x2
P2 = 46.8 × 0.542 = 25.36kPa (p) (P02 = 46.8k Pa)

मिश्रण का कुल वाष्प दाब (p) = P1 + P2
p = 48.18 + 25.36
p = 73.54 kPa

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प्रश्न 2.17.
300K पर जल का वाष्प दाब 12.3 kPa है। इसमें बने अवाष्पशील विलेय के एक मोलल विलयन का वाष्प दाब ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
शुद्ध जल का वाष्प दाब p10 (H2O) = 12.3kPa
चूंकि 1 मोलल विलयन है अतः विलेय के मोल (n2) = 1 मोल
विलायक (H2O) के मोल (n1) = \(\frac { 1000 }{ 18 }\) = 55.5
जल की मोल भिन्न (x1) = \(\frac { 55.5 }{ 55.5 + 1 }\) = 0.982
विलयन का वाष्प दाब (P1) = x1 × P10
P1 = 0.982 × 12.3
P1 = 12.08 k Pa
अतः विलयन का वाष्प दाब = 12.08 pk Pa

प्रश्न 2.18
114 g ऑक्टेन में किसी अवाष्पशील विलेय (मोलर द्रव्यमान 40 g mol-1) की कितनी मात्रा घोली जाए कि ऑक्टेन का वाष्प दाब घट कर मूल का 80% रह जाए ?
उत्तर:
विलयन का वाष्प दाब (P1) = P10 का 80% है।
अतः P1 = P10 × 0.8
माना विलेय का द्रव्यमान = w g,
मोलर द्रव्यमान = 40g mol-1
विलेय के मोल = \(\frac { w }{ 40 }\)
ऑक्टेन (C8H18) का मोलर द्रव्यमान = 114 g mol-1
विलेय का द्रव्यमान = 114 g
ऑक्टेन (विलायक) के मोल = \(\frac { 114 }{ 114 }\) = 1 mol
विलेय की मोल भिन्न (x2)
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 28

प्रश्न 2.19.
एक विलयन जिसे एक अवाष्पशील ठोस के 30g को 90g जल में विलीन करके बनाया गया है। उसका 298K पर वाष्प दाब 2.8 kPa है । विलयन में 18 g जल और मिलाया जाता है जिससे नया वाष्प दाब 298K पर 2.9 kPa हो जाता है। निम्नलिखित की गणना कीजिए-
(i) विलेय का मोलर द्रव्यमान
(ii) 298 K पर जल का वाष्प दाब।
उत्तर:
(i) विलेय का द्रव्यमान = 30g तथा माना विलेय का मोलर द्रव्यमान = M
अतः विलेय के मोल (n2) = \(\frac { 30 }{ M }\)
विलायक (H2O) का द्रव्यमान = 90 g,
मोलर द्रव्यमान: = 18 g mol-1
अतः विलायक के मोल = \(\frac { 90 }{ 18 }\) = 5
\(\frac{5}{5+(\tilde{3} 0 / \mathrm{M})}\) = \(\frac{5 \mathrm{M}}{5 \mathrm{M}+30}\)
x1 = \(\frac{M}{6+M}\)
विलयन का आंशिक दाब, P1 = P10x1
2.8 = P10 × \(\frac{M}{6+M}\) …..(1)

विलयन में 18 g (1 मोल) जल और मिलाया जाता है
तब जल के मोल = 5 + 1 = 6
इस स्थिति में विलायक (H2O) की मोल भिन्न
x1 = \(\frac{6}{6+(30 / \mathrm{M})}\) = \(\frac{M}{5+M}\)
विलयन का आंशिक दाब, (P11) = P01x11
2.9 = P10 × \(\frac{M}{5+M}\) …..(2)
समीकरण (2) में समीकरण (1) का भाग देने पर,
\(\frac { 2.8 }{ 2.9 }\) = \(\frac { 5 + M }{ 6 + M }\)
2.8 (6 + M) = 2.9 (5 + M)
16.8 + 2.8 M = 14.5 + 2.9 M
0.1M = 2.3
M = 23 g mol-1
अतः विलेय का मोलर द्रव्यमान = 23g mol-1

(ii) समीकरण (2) में M का मान रखने पर
2.9 = P10 × \(\frac { 23 }{ 5 + 23 }\)
2.9 = \(\frac{p_1^0 \times 23}{28}\)
23P10 = 2.9 × 28
23P10 = 81.2
P10 = 81.2/23 = 3.53KPa
अतः 298 K पर जल का वाष्प दाब = 3.53 kPa

प्रश्न 2.20
शक्कर के 5% (द्रव्यमान) जलीय विलयन का हिमांक 271K है। यदि शुद्ध जल का हिमांक 273.15K है तो ग्लूकोस के 5% जलीय विलयन के हिमांक की गणना कीजिए ।
उत्तर:
हिमांक अवनमन (△Tf) = \(\frac{\mathrm{K}_{\mathrm{f}} \times \mathrm{w}_2 \times 1000}{\mathrm{M}_2 \times \mathrm{w}_1}\)
शक्कर के 5% (द्रव्यमान) विलयन का अर्थ है 5 g शक्कर + 95g H2O
△Tf = 273.15 – 271 = 2.15
शक्कर का द्रव्यमान (W2) =5g
W1 = 95 g.
M2 = शक्कर का (C12H22O11) मोलर द्रव्यमान = 342
Kf = ?
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 29

प्रश्न 2.21.
दो तत्व A एवं B मिलकर AB2 एवं AB4 सूत्र वाले दो यौगिक बनाते हैं। 20g बेन्जीन में घोलने पर 1 g AB2 हिमांक को 2.3K अवनमित ( कम ) करता है। जबकि 1.0g AB4 से 1.3K का अवनमन होता है। बेन्जीन के लिए मोलर अवनमन स्थिरांक 5.1 K kg mol-1 है । A एवं B के परमाण्वीय द्रव्यमान की गणना कीजिए ।
उत्तर:
हिमांक अवनमन-
△Tf = \(\frac{\mathrm{K}_{\mathrm{f}} \times \mathrm{w}_2 \times 1000}{\mathrm{M}_2 \times \mathrm{w}_1}\)
मोलर द्रव्यमान, M2 = \(\frac{\mathrm{K}_{\mathrm{f}} \times \mathrm{w}_2 \times 1000}{\Delta \mathrm{T}_{\mathrm{f}} \times \mathrm{w}_1}\)
M2 = MAB2 = AB2 का मोलर द्रव्यमान = ?
Kf = 5.1 K kg mol-1
w2 = 1g, w1 = 20g, △Tf = 2.3K
MAB2 = \(\frac{5.1 \times 1 \times 1000}{2.3 \times 20}\) = 110.869
MAB2 = 110.87g mol-1
इसी प्रकार AB4 का मोलर द्रव्यमान –
MAB4 = \(\frac{\mathrm{K}_{\mathrm{f}} \times \mathrm{w}_2 \times 1000}{\Delta \mathrm{T}_{\mathrm{f}} \times \mathrm{w}_1}\)
△Tf = 1.3K
MAB4 = \(\frac{5.1 \times 1 \times 1000}{1.3 \times 20}\) = 196.15
MAB4 = 196.15 g mol-1
माना x तथा y, A तथा B के परमाणु द्रव्यमान हैं।
तो MAB2 = x + 2y
110.87 = x +2y …………..(1)
MAB4 = x + 4y
196.15 = x + 4y
समीकरण ( 2 ) में से समीकरण (1) घटाने पर,
196.15 – 110.87 = 2y
85.28 = 2y
У = 42.64 u

y का मान समीकरण (1) में रखने पर,
110.87 = x + 2 × 42.64
110.87 = x + 85.28
x = 110.87 – 85.28
x = 25.59 u
अतः A का परमाणु द्रव्यमान = 25.59 u तथा
B का परमाणु द्रव्यमान = 42.64 u

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प्रश्न 2.22.
300K पर 36 g प्रति लीटर सांद्रता वाले ग्लूकोस के विलयन का परासरण दाब 4.98 bar है। यदि इसी ताप पर विलयन का परासरण दाब 1.52 bar हो तो उसकी सांद्रता क्या होगी ?
उत्तर:
परासरण दाब (Π) = CRT
चूंकि R तथा T नियत हैं अतः
Π ∝ C
अतः किसी पदार्थ के दो विभिन्न सान्द्रता वाले विलयनों के लिए
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 30

ग्लूकोस (C6H12O6) का मोलर द्रव्यमान = 180
C1 = \(\frac{36}{180 \times 1}\) = 0.2mol L-1
अब Π1 = 4.98bar, Π2 = 1.52bar
C1 = 0.2 mol L-1, C2 = ?

उपर्युक्त सूत्र में Π1, Π2 तथा C2 का मान रखने पर
\(\frac{4.98}{1.52}\) = \(\frac{0.2}{C_2}\)
C2 = \(\frac{1.52 \times 0.2}{4.98}\) = 0.061mol L-1
अतः द्वितीय स्थिति में विलयन की सान्द्रता = 0.061 mol L-1

प्रश्न 2.23.
निम्नलिखित युग्मों में उपस्थित सबसे महत्वपूर्ण अतंरआण्विक आकर्षण बलों का सुझाव दीजिए-
(i) n – हेक्सेन तथा n – ऑक्टेन
(ii) I2 तथा CCl4
(iii) NaClO4 तथा H2O
(iv) मेथेनॉल तथा ऐसीटोन
(v) ऐसीटोनाइट्राइल (CH3CN) तथा ऐसीटोन (C3H6O)
उत्तर:
(i) n – हेक्सेन व n ऑक्टेन- ये दोनों ही अध्रुवीय अणु हैं। अतः इनके मध्य वान्डरवाल बल होता है जो कि प्रकीर्णन बल (Dispersion force) या लण्डन बल है। इसे तात्कालिक द्विध्रुव-प्रेरित द्विध्रुव आकर्षण बल भी कहते हैं।

(ii) I2 तथा CCl4 के मध्य भी उपर्युक्त प्रकार का वान्डरवाल बल ही पाया जाता है।

(iii) NaClO4 तथा H2O के मध्य आयन- द्विध्रुव आकर्षण बल होता है। क्योंकि NaClO4, Na+ तथा CIO4 में वियोजित हो जाता है।

(iv) मेथेनॉल तथा ऐसीटोन के मध्य द्विध्रुव- द्विध्रुव आकर्षण बल पाया जाता है तथा इनमें कुछ मात्रा में हाइड्रोजन बन्ध भी होता है।

(v) ऐसीटोनाइट्राइल (CH3CN) तथा ऐसीटोन (CH3COCH3) के मध्य भी द्विध्रुव-द्विध्रुव आकर्षण बल होता है।

प्रश्न 2.24.
विलेय-विलायक आकर्षण के आधार पर निम्नलिखित को n ऑक्टेन में विलेयता के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए – KCI, CH3OH, CH3CN, साइक्लोहेक्सेन ।
उत्तर:
n- ऑक्टेन, अध्रुवीय विलायक है अतः विलेयता के सामान्य सिद्धान्त “समान, समान को घोलता है,” के अनुसार जब विलेय की ध्रुवता कम होगी तो n – ऑक्टेन में उसकी विलेयता बढ़ेगी। अतः उपर्युक्त यौगिकों की n – ऑक्टेन में विलेयता का बढ़ता क्रम निम्न प्रकार होगा-
KCI < CH3OH < CH3CN < साइक्लोहेक्सेन

प्रश्न 2.25.
पहचानिए कि निम्नलिखित यौगिकों में से कौनसे जल में अत्यधिक विलेय, आंशिक रूप से विलेय तथा अविलेय हैं-
(i) फीनॉल
(ii) टॉलूईन
(iii) फार्मिक अम्ल
(iv) एथिलीन ग्लाइकॉल
(v) क्लोरोफॉर्म
(vi) पेन्टेनॉल
उत्तर:
जल, एक ध्रुवीय विलायक है जिसमें अणुओं के मध्य हाइड्रोजन बन्ध पाया जाता है।
(a) (ii) टॉलूईन तथा (v) क्लोरोफॉर्म जल में अविलेय हैं क्योंकि ये. सहसंयोजी यौगिक हैं, अतः ये जल के साथ हाइड्रोजन बन्ध नहीं बनाते।

(b) (i) फीनॉल तथा (vi) पेन्टेनॉल जल में आंशिक रूप से विलेय हैं क्योंकि इन यौगिकों में ध्रुवता होती है लेकिन इनका अध्रुवीय भाग बड़ा है। अतः ये जल के साथ बहुत दुर्बल हाइड्रोजन बन्ध बनाते हैं।

(c) (iii) फार्मिक अम्ल तथा (iv) एथिलीन ग्लाइकॉल जल में अत्यधिक विलेय हैं क्योंकि ये जल के साथ प्रबल हाइड्रोजन बन्ध बनाते हैं।

प्रश्न 2.26.
यदि किसी झील के जल का घनत्व 1.25 g mL-1 है तथा उसमें 92 g Na+ आयन प्रति किलोग्राम जल में उपस्थित हैं, तो झील में Na+ आयन की मोललता ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 31
= \(\frac { 92 }{ 23 }\) = 4
अतः m = \(\frac { 4 }{ 1 }\) = 4
अतः Na+ आयन की मोललता = 4 m.

प्रश्न 2.27.
अगर CuS का विलेयता गुणनफल 6 × 10-16 है तो जलीय विलयन में उसकी अधिकतम मोलरता ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
CuS का विलेयता गुणनफल (ksp) = [Cu2+][s2-] Cus की अधिकतम मोलरता = CuS की विलेयता
CuS का ksp = 6 × 10-16
तथा इसके लिए (Ksp) = S2
S = mol L-1 में विलेयता
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 32
अतः जलीय विलयन में CuS की अधिकतम विलेयता = 2.45 × 10-8 M

प्रश्न 2.28.
जब 6.5g, ऐस्पिरीन (C9H8O4) को 450 g ऐसिटोनाइट्राइल (CH3CN) में घोला जाए तो ऐस्पिरीन का ऐसीटोनाइट्राल में भार प्रतिशत (द्रव्यमान प्रतिशत) ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
भार प्रतिशत = HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 33 × 100
अवयव (ऐस्पिरीन) का भार = 6.5 g
विलायक का भार = 450 g
विलयन का कुल भार = 450 + 6.5 g = 456.5 g
अतः ऐस्पिरीन का भार % = \(\frac { 6.5 }{ 456.5 }\) × 100 = 1.4238 = 1.424%

प्रश्न 2.29.
नैलॉफ़न (C19H21NO3) जो कि मॉर्फीन जैसी होती है, का उपयोग स्वापक उपभोक्ताओं (narcotic users) द्वारा स्वापक छोड़ने से उत्पन्न लक्षणों को दूर करने में किया जाता है। सामान्यतया नैलॉफ़न की 1.5 mg खुराक दी जाती है। उपर्युक्त खुराक के लिए 1.5 × 10-3 m जलीय विलयन का कितना द्रव्यमान आवश्यक होगा?
उत्तर:
मोललता (m)
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 34
विलेय का भार = 1.5 mg =1.5 × 10-3(g)
विलेय (C19H21NO3) का मोलर द्रव्यमान
=(12×19)+(1×21) +14+ (3×16) =228 +21+14 + 48 =311
m = 1.5 × 10-3, विलायक का द्रव्यमान = ?
मान रखने पर,
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 35
विलायक का द्रव्यमान = 3.215 g
विलयन का द्रव्यमान = 3.215(g) + 1.5 × 10-3 (g)
= 3.215 + 0.0015
= 3.2165 = 3.217(g)

प्रश्न 2.30.
बेन्जोइक अम्ल का मेथेनॉल में 250 mL, 0.15 M विलयन बनाने के लिए आवश्यक मात्रा की गणना कीजिए।
उत्तर:
मोलरता (M) = HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 36
विलेय का द्रव्यमान = ?
विलेय [बेन्जोइक अम्ल (C6H5COOH)] का मोलर द्रव्यमान
=(6 × 12) + 5 + 12 + 16 + 16 + 1 = 122
M = 0.15
अतः 1.15 = HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 37
विलेय का द्रव्यमान = \(\frac{0.15 \times 250 \times 122}{1000}\)
विलेय का द्रव्यमान = 4.575 g

प्रश्न 2.31.
ऐसीटिक अम्ल, ट्राइक्लोरोऐसीटिक अम्ल एवं ट्राइफ्लुओरो ऐसीटिक अम्ल की समान मात्रा से जल के हिमांक में अवनमन इनके उपर्युक्त दिए गए क्रम में बढ़ता है। संक्षेप में समझाइए |
उत्तर:
हिमांक अवनमन कणसंख्यक अणुसंख्यक गुण है अर्थात् कणों की संख्या बढ़ने पर हिमांक अवनमन भी बढ़ेगा।

ऐसीटिक अम्ल (CH3COOH), ट्राइक्लो रो ऐसीटिक अम्ल (CCl3COOH) एवं ट्राइफ्लुओरो ऐसीटिक अम्ल (CF3COOH) का यह क्रम अम्लीय गुण का बढ़ता क्रम है अर्थात् वियोजन का भी बढ़ता क्रम है अतः कणों की संख्या बढ़ेगी। इसलिए उपर्युक्त क्रम ही हिमांक में अवनमन का बढ़ता क्रम है।

प्रश्न 2.32.
CH3 – CH2 – CHCl – COOH के 10g को 250 g जल में मिलाने से होने वाले हिमांक का अवनमन परिकलित कीजिए। ( Ka = 1.4 × 10-3, Kf = 1.86K kg mol-1 तथा विलयन का घनत्व = 0.904g mL-1 )
उत्तर:
विलयन की मोलरता
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 38
विलयन का द्रव्यमान = 250 + 10 = 260 g

HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 39
(V) = 287.6 mL
CH3 – CH2 – CHCl – COOH (C4H7O2Cl) का मोलर
द्रव्यमान = 36 +7 32 + 35.5 = 122.5
∴ M = \(\frac{10 \times 1000}{122.5 \times 287.6 \mathrm{~mL}}\)
M = 0.2838 = 0.284mol L-1
वान्ट हॉफ गुणांक (i) ज्ञात करना-
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 40

प्रश्न 2.33.
CH2FCOOH के 19.5 g को 500g H2O में घोलने पर जल के हिमांक में 1.0°C का अवनमन देखा गया। फ्लुओरोऐसीटिक अम्ल का वान्ट हॉफ गुणक तथा वियोजन स्थिरांक परिकलित कीजिए, यदि Kf = 1.86 K kg mol-1 तथा विलयन का घनत्व = 1.124 g mL-1
उत्तर:
(i) विलयन की मोललता = HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 41
विलेय का भार = 19.5g
CH2FCOOH का मोलर द्रव्यमान = 12 + 2 + 19 + 12 + 16 + 16 + 1 = 78
विलायक का द्रव्यमान = 500 g
अतः m = \(\frac{19.5 \times 1000}{78 \times 500}\) = 0.5
हिमांक अवनमन △Tf = 1.0°

(ii) △Tf = i × Kf × m
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 42
वान्ट हॉफ गुणक (i) = 1.0753

(iii) अम्ल की वियोजन की मात्रा α = \(\frac{i-1}{n-1}\)
α = \(\frac{1.0753 – 1}{2 – 1}\) = 0.0753

(iv) वियोजन की मात्रा (α) = \(\sqrt{\frac{\mathrm{K}_{\mathrm{a}}}{\mathrm{C}}}\)
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 43

प्रश्न 2.34.
293 K पर जल का वाष्प दाब 17.535 mm Hg है। यदि 25 g ग्लूकोस को 450 g जल में घोलें तो 293 K पर जल का वाष्प दाब परिकलित कीजिए।
उत्तर:
जल का वाष्प दाब p10 = 17.535mm Hg
माना विलयन का वाष्प दाब = P1
वाष्प दाब में आपेक्षिक अवनमन = \(\frac{p_1^0-p_1}{p_1^0}\) = x2
n1 = विलायक (जल) के मोल = \(\frac{450}{18}\)
ग्लूकोस (C6H12O6) का मोलर द्रव्यमान = 180
n2 = विलेय के मोल = \(\frac{25}{180}\)
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 44

प्रश्न 2.35.
298K पर मेथेन की बेन्जीन में मोललता का हेनरी स्थिरांक 4.27 × 105 mm Hg है । 298K तथा 760 mm Hg दाब पर मेथेन की बेन्जीन में विलेयता परिकलित कीजिए।
उत्तर:
दिया हुआ है KH = 4.27 × 105 mm Hg,
p = 760mm Hg
हेनरी के नियम के अनुसार p = KH.x
मेथेन की मोल भिन्न (x) = \(\frac{\mathrm{p}}{\mathrm{K}_{\mathrm{H}}}\)
x = \(\frac{760}{4.27 \times 10^5}\)
x = 177.9 × 10-5
x = 178 × 10-5
अतः मेथेन की बेन्जीन में विलेयता (मोल भिन्न के रूप में) = 178 × 10-5

HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 विलयन

प्रश्न 2.36.
100g द्रव A (मोलर द्रव्यमान 140 gmol-1) को 1000 g द्रव B ( मोलर द्रव्यमान 180gmol- 1 ) में घोला गया। शुद्ध द्रव B का वाष्प दाब 500 Torr पाया गया। शुद्ध द्रव A का वाष्प दाब तथा विलयन में उसका वाष्प दाब परिकलित कीजिए यदि विलयन का कुल वाष्प दाब 475 Torr हो ।
उत्तर:
माना द्रव A का शुद्ध अवस्था में वाष्प दाब = PA0 तथा शुद्ध
अवस्था में द्रव B का वाष्प दाब PB0 = 500 Torr
द्रव A के मोल
(nA) = HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 45 = \(\frac { 100 }{ 140 }\) = 0.714
द्रव B के मोल
(nB) = \(\frac { 1000 }{ 180 }\) = 5.55
द्रव A की मोल भिन्न
(xA) = \(\frac{\mathrm{n}_{\mathrm{A}}}{\mathrm{n}_{\mathrm{A}}+\mathrm{n}_{\mathrm{B}}}\)
xA = \(\frac{0.714}{0.714+5.55}\)
xA = \(\frac { 0.714 }{ 6.264 }\) = 0.1139 = 0.114

द्रव B की मोल भिन्न
(XB) = (1 − xA) = (1 − 0.114) = 0.886
डाल्टन के आंशिक दाब के नियम से
कुल दाब (p) = PA + PB
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 46

प्रश्न 2.37.
328 K पर शुद्ध ऐसीटोन एवं क्लोरोफॉर्म के वाष्प दाब क्रमशः 741.8 mm Hg तथा 632.8 mm Hg हैं। यह मानते हुए कि संघटन के सम्पूर्ण परास में ये आदर्श विलयन बनाते Pकुल’ Pक्लोरोफॉर्म, तथा Pऐसीटोन को X ऐसीटोन के फलन के रूप में
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 47
उपर्युक्त आंकड़ों को भी उसी ग्राफ में आलेखित कीजिए और इंगित कीजिए कि क्या इसमें आदर्श विलयन से धनात्मक अथवा ऋणात्मक विचलन है?
उत्तर:
दिए गए आंकड़ों से कुल दाब ज्ञात करके विभिन्न आंकड़ों के लिए प्राप्त सारणी निम्न प्रकार है-
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 48
यहाँ कुल दाब (Pकुल) = Pऐसीटो + PCHCl3
इन आंकड़ों से xऐसीटोन के फलन के रूप में (x अक्ष पर), Pकुल, Pक्लोरोफॉर्म तथा Pऐसीटोन (y अक्ष पर) को आलेखित करने पर प्राप्त ग्राफ निम्नलिखित प्रकार का होता है। (ग्राफ बनाते समय, दोनों अक्षों के लिए भिन्न-भिन्न पैमाना माना जाता है)-
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 49
ग्राफ से यह ज्ञात होता है कि सभी संघटनों पर विलयन का कुल दाब, आदर्श विलयन के वाष्प दाब से कम है अतः इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि विलयन ऋणात्मक विचलन दर्शाता है। जिसके लिए
ΔΗमिश्रण = -ve तथा △Vमिश्रण = -ve

प्रश्न 2.38.
संघटनों के सम्पूर्ण परास (Range) में बेन्जीन तथा टॉलूईन आदर्श विलयन बनाते हैं। 300 K पर शुद्ध बेन्जीन तथा टॉलूईन का वाष्प दाब क्रमश: 50.71 mm Hg तथा 32.06 mm Hg है। यदि 80g बेन्जीन को 100g टॉलूईन में मिलाया जाये तो वाष्प अवस्था में उपस्थित बेन्जीन के मोल-अंश परिकलित कीजिए ।
उत्तर:
माना वाष्प अवस्था में बेन्जीन का मोल अंश = Y2 तो
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 50
टॉलूईन (C7H8) का मोलर द्रव्यमान = 92
अतः टॉलूईन के मोल (n1) = \(\frac { 100 }{ 92 }\) = 1.086
विलयन में बेन्जीन का मोल अंश
x2 = \(\frac{n_2}{n_1+n_2}\) = \(\frac{1.025}{1.086+1.025}\)
x2 = \(\frac{1.025}{2.111}\) = 0.485
टॉलूईन का मोल अंश (x1) = 1 – x2
x1 = 1 – 0.485
x1 = 0.515
वाष्प अवस्था में बेन्जीन का मोल अंश
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 51
अतः वाष्प अवस्था में बेन्जीन का मोल अंश
(y2) = 0.60
तथा वाष्प अवस्था में टॉलूईन का मोल अंश
(y1) = 1 – y2 = 1 – 0.60 = 0.40

प्रश्न 2.39.
वायु अनेक गैसों की मिश्रण है। 298 K पर आयतन में मुख्य घटक ऑक्सीजन और नाइट्रोजन लगभग 20% एवं 79% के अनुपात में हैं। 10 वायुमंडल दाब पर जल वायु के साथ साम्य में है। 298 K पर यदि ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन के हेनरी स्थिरांक क्रमश: 3.30 × 107 mm तथा 6.51 × 107 mm है, तो जल में इन गैसों का संघटन ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
माना 1 मोल वायु का 10 वायुमण्डल दाब ( atm P) पर आयतन = V
वायु में 20% O2 (आयतन से) है,
अतः O2 का आयतन = \(\frac{V \times 20}{100}\) = 0.2V
N2 का वायु में प्रतिशत (आयतन से) = 79%
अतः N2 का आयतन = \(\frac{\mathrm{V} \times 79}{100}\) = 0.79V
किसी गैस का आंशिक दाब = HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 52 × कुल दाब
O2 का आंशिक दाब, PO2 = \(\frac{0.2 \mathrm{~V}}{\mathrm{~V}}\) × 10 = 2atm
N2 का आंशिक दाब, PN2 = \(\frac{0.79 \mathrm{~V}}{\mathrm{~V}}\) × 10 = 7.9atm
अतः विलयन में O2 की विलेयता (मोल अंश के रूप में)
हेनरी के नियम से :
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 53
अतः जल में O2 की विलेयता ( मोल भिन्न) = 4.606 × 10-5
तथा N2 की विलेयता (मोल भिन्न) = 9.22 × 10-5

प्रश्न 2.40.
यदि जल का परासरण दाब 27° C पर 0.75 वायुमण्डल हो तो 2.5 लीटर जल में घुले CaCl2 (i= 2.47 ) की मात्रा परिकलित कीजिए।
उत्तर:
परासरण दाब (Π) = iCRT
Π = 0.75atm. i = 2.47
C=?, R = 0.0821 L atm mol-1 K-1
T = 27°C = 27°C + 273.15 = 300.15K
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 54
विलेय के मोल = मोलरता (सान्द्रता ) × आयतन (L)
= 0.0123 × 2.5L = 0.030
अतः 2.5 लीटर जल में घुले CaCl2 की मात्रा = 0.030 मोल

प्रश्न 2.41.
2 लीटर जल में 25°C पर K2SO4 के 25 mg, को घोलने पर बनने वाले विलयन का परासरण दाब, यह मानते हुए ज्ञात कीजिए कि K2SO4 पूर्णतः वियोजित हो गया है।
उत्तर:
K2SO4 का पूर्ण वियोजन माना गया है अतः
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 55
अतः आयनन से प्राप्त आयनों की संख्या (i) = 3
परासरण दाब (π) = iCRT
R = 0.0821 L atm mol-1 K-1
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 Img 56

HBSE 12th Class Chemistry विलयन Intext Questions

प्रश्न 2.1.
यदि 22 g बेन्जीन 122g कार्बनटेट्राक्लोराइड में घुली हो तो बेन्जीन एवं कार्बन टेट्राक्लोराइड के द्रव्यमान प्रतिशत की गणना कीजिए।
उत्तर:
किसी अवयव का द्रव्यमान
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 विलयन 57
विलयन में बेन्जीन का द्रव्यमान = 22 g
कार्बन टेट्राक्लोराइड का द्रव्यमान = 122 g
(i) अतः बेन्जीन का द्रव्यमान प्रतिशत = \(\frac { 22 }{ 122+22 }\) x 100
= \(\frac { 22 }{ 144 }\) × 100
= 15.277%
= 15.28%

(ii) कार्बनटेट्राक्लोराइड का द्रव्यमान प्रतिशत = \(\frac { 122 }{ 144 }\) x 100
= 84.72%
अतः बेन्जीन का द्रव्यमान %= 15.28% तथा कार्बनटेट्राक्लोराइड का द्रव्यमान % = 84.72% है।

प्रश्न 2.2.
एक विलयन में बेन्जीन का 30% द्रव्यमान कार्बन टेट्राक्लोराइड में घुला हुआ हो तो बेन्जीन के मोल- अंश की गणना कीजिए।
उत्तर:
विलयन में किसी अवयव का मोल अंश (Mole fraction) (x)
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 विलयन 58
बेन्जीन का 30% द्रव्यमान कार्बन टेट्राक्लोराइड में घुला हुआ है। जिसका अर्थ है कि 30 g बेन्जीन (C6H6), 70g कार्बनटेट्राक्लोराइड (CC14) में घुली हुई है।
किसी पदार्थ के मोलों की संख्या
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 विलयन 59
(i) C6H6 का मोलर द्रव्यमान
= 78gmol-1 (C = 12,H = 1)
CCl4 का मोलर द्रव्यमान
= 154 g mol<sup<-1 (Cl = 35.5)
C6H6 के मोल (nb = \(\frac { 30 }{ 78 }\) = 0.3846 mol
C4H4 के मोल (nc = \(\frac { 70 }{ 154 }\) = 0.4545 mol
कुल मोल = nb + nc = 0.3846 + 0.4545 = 0.8391

(ii) बेन्जीन का मोल अंश (xb) = \(\frac{n_b}{n_b+n_c}\)
xb = \(\frac{0.3846}{0.8391}\) = 0.459
कार्बनटेट्राक्लोराइड का मोल अंश
(xc) = \(\frac{0.4545}{0.8391}\)
= 0.54165
= 0.541
अतः C6H6 का मोल अंश = 0.459
CCl4 का मोल अंश = 0.541

प्रश्न 2.3.
निम्नलिखित प्रत्येक विलयन की मोलरता की गणना कीजिए-
(क) 30 g, Co (NO3)2.6H2O 4.3 लीटर विलयन में घुला हुआ हो
(ख) 30mL 0.5M H2SO4 को 500 ml तक तनु करने पर।
उत्तर:
(क) किसी विलयन की मोलरता
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 विलयन 60
Co(NO3)2.6H2O का द्रव्यमान 30 g
तथा इसका मोलर द्रव्यमान = 297 g mol-1 होता है।
अतः Co(NO3)2.6H2O के मोल = \(\frac{30 \mathrm{~g}}{297 \mathrm{~g} \mathrm{~mol}^{-1}}\)
विलयन का आयतन = 4.3 लीटर
अतः Co(NO3)2.6H2O की मोलरत
(M) = \(\frac{30 \mathrm{~g}}{297 \mathrm{~g} \mathrm{~mol}^{-1} \times 4.3 \mathrm{~L}}\)
M = 0.02349 = 0.0235 = 0.024
अतः विलयन की मोलरता = 0.024 M.

(ख) किसी विलयन को तनु करने पर उसकी परिणामी मोलरता निम्नलिखित सूत्र से ज्ञात कर सकते हैं-
M1V1 = M2V2
30ml 0.5 H2SO को 500ml तक त किया गया है अतः
M1 = 0.5. V1 = 30ml, V2 = 500mL, M2 = ?
\(\frac{\mathrm{M}_1 \mathrm{~V}_1}{\mathrm{~V}_2}=\frac{0.5 \times 30}{500}\) = 0.03
अतः H2SO4 के विलयन की परिणामी मोलरता 0.03M

प्रश्न 2.4
यूरिया (NH2CONH2) के 0.25 मोलर, 2.5 kg जलीय विलयन को बनाने के लिए आवश्यक यूरिया के द्रव्यमान की गणना कीजिए।
उत्तर:
जल का घनत्व \(\simeq\) 1 g cm-3
अतः 2.5 kg जलीय विलयन = 2500 g विलयन
= 2500 mL विलयन = 2.5 L विलयन
चूंकि विलयन अति है (0.25) अतः विलयन का घनत्व, जल के घनत्व के समान मान सकते हैं।
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 विलयन 60a

प्रश्न 2.5.
20% ( w / w ) जलीय KI का घनत्व 1202 gm-1 हो तो KI विलयन की (क) मोललता, (ख) मोलरता, (ग) मोल अंश की गणना कीजिए।
उत्तर:
(क) विलयन की मोललता
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 विलयन 61
20% w/w जलीय KI विलयन का अर्थ है कि 20 g KI, 80 g जल में विलेय है
KI का मोलर द्रव्यमान = 39 + 127 = 166
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 विलयन 62
20% w/w जलीय KI विलयन का अर्थ है कि 20 g KI, 80 g जल में विलेय है
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 विलयन 63

प्रश्न 2.6.
सड़े हुए अंडे जैसी गंध वाली विषैली गैस H2 गुणात्मक विश्लेषण में उपयोग की जाती है। यदि H2S गैस की जल में STP पर विलेयता 0.195 M हो तो हेनरी स्थिरांक की गणना कीजिए।
उत्तर:
हेनरी के नियमानुसार p = KH.x
KH = हेनरी स्थिरांक
p = दाब = 1bar (STP)
x = विलेय की मोल भिन्न
H2S के मोल = 0.195M
तथा जल का मोल = 55.5 होता है।
अतः
xH2s = \(\frac{0.195}{0.195+55.5}\)
= \(\frac{0.195}{55.695}\) = 0.0035 = 3.5 x 10-3
हेनरी स्थिरांक KH = \(\frac { P }{ x }\)
= \(\frac{1 \text { bar }}{3.5 \times 10^{-3}}\) = 285.7 bar
अतः H2S के लिए हेनरी स्थिरांक (KH) = 285.7 bar

प्रश्न 2.7.
298K पर CO2 गैस की जल में विलेयता के लिए हेनरी स्थिरांक का मान 1.67 x 108 Pa है। 500mL सोडा जल 2.5 atm दाब पर बंद किया गया। 298K ताप पर घुली हुई CO2 की मात्रा की गणना कीजिए।
उत्तर:
हेनरी के नियम के अनुसार
X = \(\frac{\mathrm{p}}{\mathrm{K}_{\mathrm{H}}}\)
p = 2.5 atm, KH = 1.67 × 108 Pa
CO2 की मोल भिन्न (x) = \(\frac{2.5 \mathrm{~atm}}{1.67 \times 10^8 \mathrm{~Pa}}\)
चूंकि 1 atm = 101325 Pa
अतः XCO2 = \(\frac{2.5 \times 101325 \mathrm{~Pa}}{1.67 \times 10^8 \mathrm{~Pa}}\)
= 1.516 x 10-3
XCO2= 1.516 x 10-3
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 विलयन 65
हेनरी का नियम अति तनु विलयन पर ही लागू होता है अतः nCO2 << nH2O
इस प्रकार
XCO2 = \(\frac{\mathrm{n}_{\mathrm{CO}_2}}{\mathrm{n}_{\mathrm{H}_2 \mathrm{O}}}\)
चूंकि जल का मोल = 55.5 होता है
तथा XCO2 = 1.516 × 10-3
1.516 × 10-3 = \(\frac{\mathrm{n}_{\mathrm{CO}_2}}{55.5}\)
nCO2 = 1.516 x 10-3 x 55.5
= 84.13 x 10-3 L-1
चूंकि विलयन का आयतन = 500mL
अतः CO2 के 500mL विलयन (0.5L) में उपस्थित मोल = \(\frac{84.13 \times 10^{-3}}{2}\)
= 42.06 x 10-3
CO2 का द्रव्यमान = मोल x मोलर द्रव्यमान
CO2 का मोलर द्रव्यमान 12 + (2 x 16) = 44
अतः CO2 का द्रव्यमान = 42.06 x 10-3 x 44
CO2 का द्रव्यमान = 1.85 g

प्रश्न 2.8.
350 K पर शुद्ध द्रवों A एवं B के वाष्पदाब क्रमश: 450 एवं 750mm Hg हैं। यदि कुल वाष्पदाब 600 mm Hg हो तो द्रव मिश्रण का संघटन ज्ञात कीजिए। साथ ही वाष्प प्रावस्था का संघटन भी ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
मिश्रण का कुल वाष्प दाब = Pकुल = PA + PB
PA = xAA, PB = xBB
अतः Pकुल = xAA + xBB
Pकुल = 600mm Hg, p°A = 450mm Hg
तथा p°B = 750 mm Hg.
अतः Pकुल= 450xA + 700xB (xB =1 – xA)
600 = 450xA + 700 (1 – xA)
600 = 450xA + 700 – 700xA
200xA= 100
xA = \(\frac { 100 }{ 250 }\) = 0.4
xA + xB = 1
अतः xB = 1 – 0.4 = 0.6
अतः द्रव मिश्रण का संघटन = xA = 0.4, xB = 0.6
वाष्प अवस्था में
PA = yAPकुल
yA = \(\frac{\mathrm{p}_{\mathrm{A}}}{\mathrm{y}_{\text {कुल }}}=\frac{\mathrm{x}_{\mathrm{A}} \mathrm{p}_{\mathrm{A}}^{\mathrm{o}}}{\mathrm{p}_{\text {कुल }}}=\frac{450 \times 0.4}{600}\)
yA = 0.3
yB = 1 – yA = 1 – 0.3 = 0.7
अतः वाष्प अवस्था में मिश्रण का संघटन
= YA = 0.3, yB = 0.7

प्रश्न 2.9.
298 K पर शुद्ध जल का वाष्पदाब 23.8 mm H है। 850g जल में 50g यूरिया (NH2CONH2) घोला जाता है। इस विलयन के लिए जल के वाष्पदाब एवं इसके आपेक्षिक अवनमन का परिकलन कीजिए।
उत्तर:
वाष्प दाब में आपेक्षिक अवनमन विलेय की मोल अंश के बराबर होता है।
\(\frac{\mathrm{p}_1^0-\mathrm{p}_1}{\mathrm{p}_1^0}=\frac{\mathrm{n}_2}{\mathrm{n}_1+\mathrm{n}_2}\)
n2 = विलेय के मोल
= \(\frac { 50g }{ 60 }\)(यूरिया का मोलर द्रव्यमान = 60)
n1 = विलायक के मोल = \(\frac { 850 g }{ 18 }\)
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 विलयन 66
शुद्ध जल का वाष्प दाब p°1 = 23.8mm Hg
अतः p1 = 23.8 x 0.983 = 23.39mm Hg
अतः
इस विलयन के लिए जल का वाष्प दाब
= 23.39 mm Hg
= 23.4 mm Hg
तथा वाष्प दाब का आपेक्षिक अवनमन = 0.017

प्रश्न 2.10
750 mm Hg दाब पर जल का क्वथनांक 99.63°C है। 500 g जल में कितना सुक्रोस मिलाया जाए कि इसका 100° C पर क्वथन हो जाए।
उत्तर:
क्वथनांक उन्नयन ∆Tb = 100 – 99.63 = 0.37°
क्वथनांक उन्नयन ∆Tb = \(\frac{\mathrm{K}_{\mathrm{b}} \times 1000 \times \mathrm{w}_2}{\mathrm{M}_2 \times \mathrm{w}_1}\)
Kb = क्वथनांक उन्नयन स्थिरांक ( मोलल उन्नयन स्थिरांक)
= 0.52 kg mol-1
M2 = विलेय का मोलर द्रव्यमान = 342 (सुक्रोस) C12H22O11
w2 = विलेय का भार = ?
w1 = विलायक का भार = 5000 g
∆Tb = 0.37 = \(\frac{0.52 \times 1000 \times \mathrm{w}_2}{342 \times 500}\)
w2 = \(\frac{0.37 \times 342 \times 500}{0.52 \times 1000}\)
w2 = 121.67 g
अतः 121.67g सुक्रोस मिलाना पड़ेगा।

HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 2 विलयन

प्रश्न 2.11.
ऐस्कार्बिक अम्ल (विटामिन C, C6H8O6) के उस द्रव्यमान का परिकलन कीजिए, जिसे 75g ऐसीटिक अम्ल में घोलने पर उसके हिमांक में 1.5°C की कमी हो जाए। Kf = 3.9 K kg mol-1
उत्तर:
हिमांक अवनमन, ∆Tf = \(\frac{\mathrm{K}_{\mathrm{f}} \times \mathrm{w}_2 \times 100}{\mathrm{M}_2 \times \mathrm{w}_1}\)
∆Tf = 1.5°C, Kf = 3.9 K kg mol-1 w2 = ?
w1 = 75g, M2 = 176 (C6H8O6)
1.5 = \(\frac{3.9 \times w_2 \times 1000}{176 \times 75}\)
w2 = \(\frac{1.5 \times 176 \times 75}{3.9 \times 1000}\)
w2 = 5.0769 g
अतः ऐस्कॉर्बिक अम्ल का द्रव्यमान 5.077g

प्रश्न 2.12.
185,000 मोलर द्रव्यमान वाले एक बहुलक के 1.0 g को 37°C पर 450 mL जल में घोलने से उत्पन्न विलयन के परासरण दाब का पास्कल में परिकलन कीजिए।
उत्तर:
परासरण दाब II = CRT
II = \(\frac{\mathbf{n}_2}{\mathrm{~V}}\)RT
II = परासरण दाब
n2 = पदार्थ के मोल = 1.0 g/185000
R = 0.083 L bar mol-1K-1
T = 37°C + 273.15 = 310.15
V = 450mL = 0.45L
परासरण दाब (II) = \(\frac{1.0 \times 0.083 \times 310.15}{0.450 \times 185,000}\) = 3.09 x 10-4
= 3.09 × 10-4 x 101325 Pa
= 31.309 Pa

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HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 ठोस अवस्था

Haryana State Board HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 ठोस अवस्था Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 ठोस अवस्था

प्रश्न 1.1.
‘अक्रिस्टलीय’ पद को परिभाषित कीजिए। अक्रिस्टलीय ठोसों के कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
वे ठोस जिनमें अवयवी कणों (परमाणुओं, अणुओं या आयनों) की व्यवस्था केवल लघु परासी (short range) होती है तथा इनमें केवल कुछ दूरी तक ही नियमित एवं पुनरावृत्त पैटर्न (Repeating Pattern) होता है, उन्हें अक्रिस्टलीय ठोस कहते हैं। काँच, रबर तथा प्लास्टिक अक्रिस्टलीय ठोसों के उदाहरण हैं।

प्रश्न 1.2.
काँच, क्वार्ट्ज जैसे ठोस से किस प्रकार भिन्न है? किन परिस्थितियों में क्वार्ट्ज को काँच में रूपांतरित किया जा सकता है?
उत्तर:
काँच, सिलिका का अक्रिस्टलीय रूप है। इसका गलनांक निश्चित नहीं होता क्योंकि इसमें दीर्घ परासी नियमित संरचना नहीं होती। गर्म करने पर यह मुलायम हो जाता है। क्वार्ट्ज सिलिका (SiO2) का क्रिस्टलीय रूप है। इसका गलनांक निश्चित होता है तथा इसमें दीर्घ परासी नियमित व्यवस्था होती है। जब क्वार्ट्ज को गर्म करते हैं तथा गलित अवस्था में इसको तेजी से ठंडा किया जाता है तो यह काँच में रूपान्तरित हो जाता है।

HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 ठोस अवस्था

प्रश्न 1.3.
निम्नलिखित ठोसों का वर्गीकरण आयनिक, धात्विक, आण्विक, सहसंयोजक या अक्रिस्टलीय में कीजिए:
(i) टेट्राफॉस्फोरस डेकॉक्साइड (P4O10)
(ii) अमोनियम फॉस्फेट, (NH4)3PO4
(iii) SiC
(iv) I2
(v) P4
(vi) प्लास्टिक
(vii) ग्रेफाइट
(viii) पीतल
(ix) Rb
(x) LiBr
(xi) Si
उत्तर:
(i) टेट्राफॉस्फोरस डेकॉक्साइड (P4O10) – आण्विक ठोस
(ii) अमोनियम फॉस्फेट, (NH4)3 PO4 – आयनिक ठोस
(iii) SiC (सिलिकन कार्बाइड) – सहसंयोजी ठोस (नेटवर्क ठोस)
(iv) I2 ( आयोडीन ) – आण्विक ठोस
(v) P4 (फॉस्फोरस) – आण्विक ठोस
(vi) प्लास्टिक – अक्रिस्टलीय
(vii) ग्रेफाइट – सहसंयोजी ठोस (नेटवर्क ठोस)
(viii) पीतल – धात्विक ठोस
(ix) Rb (रूबिडियम ) – धात्विक ठोस
(x) LiBr ( लीथियम ब्रोमाइड) – आयनिक ठोस
(xi) Si ( सिलिकन) – सहसंयोजी ठोस ( नेटवर्क ठोस )।

प्रश्न 1.4.
(i) उपसहसंयोजन संख्या का क्या अर्थ है ?
(ii) निम्नलिखित परमाणुओं की उपसहसंयोजन संख्या क्या होती है?
(क) एक घनीय निविड संकुलित संरचना
(ख) एक अंत: केंद्रित घनीय संरचना।
उत्तर:
(i) किसी ठोस संरचना में एक कण (परमाणु, अणु या आयन) के निकटतम कणों (गोलों) की संख्या को उपसहसंयोजन संख्या कहते हैं।
(ii) (क) एक घनीय निविड संकुलित संरचना में उपसहसंयोजन संख्या 12 होती है।
(ख) एक अंत: केंद्रित घनीय संरचना में उपसहसंयोजन संख्या 8 होती है।

प्रश्न 1.5.
यदि आपको किसी अज्ञात धातु का घनत्व एवं एकक कोष्ठिका की विमाएं ज्ञात हैं तो क्या आप उसके परमाण्विक द्रव्यमान की गणना कर सकते हैं? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
जब किसी अज्ञात धातु का घनत्व एवं एकक कोष्ठिका की विमाएं (dimension) ज्ञात हैं तो उसके परमाणु द्रव्यमान की गणना निम्नलिखित सूत्र से कर सकते हैं-
घनत्व (d) = \(\frac{\mathrm{z} \times \mathrm{M}}{\mathrm{a}^3 \times \mathrm{N}_{\mathrm{A}}}\)
यहाँ z = एक एकक कोष्ठिका में परमाणुओं की संख्या
M = परमाणु द्रव्यमान a= एकक कोष्ठिका के कोर की लम्बाई
NA = आवोगाद्रो संख्या
M के अलावा अन्य, मान सूत्र में रखकर, परमाणु द्रव्यमान (M) ज्ञात किया जा सकता है।

प्रश्न 1.6.
किसी क्रिस्टल की स्थिरता उसके गलनांक के परिमाण (magnitude) द्वारा प्रकट होती है’, टिप्पणी कीजिए। किसी आँकड़ा पुस्तक (data book) से जल, एथिल ऐल्कोहॉल, इथिल ईथर तथा मेथेन के गलनांक एकत्र करें। इन अणुओं के मध्य अंतराआण्विक बलों के बारे में आप क्या कह सकते हैं?
उत्तर:
किसी ठोस में कणों के मध्य आकर्षण बल अधिक होगा तो उसका गलनांक भी उच्च होगा तथा वह अधिक स्थायी होगा। इस प्रकार हम क्रिस्टल के स्थायित्व को गलनांक के परिमाण से समझा सकते हैं। अत: क्रिस्टलों का स्थायित्व, उसके गलनांक के समानुपाती होता है।

जल, एथिल ऐल्कोहॉल, डाइएथिल ईथर तथा मेथेन के गलनांक का क्रम निम्न प्रकार होता है:
मेथेन < डाइएथिल ईथर < एथिल ऐल्कोहॉल < जल।
अतः इन यौगिकों में अन्तराआण्विक आकर्षण बल का क्रम भी गलनांक जैसा ही होगा। जल में प्रबलतम अन्तराअणुक आकर्षण बल हाइड्रोजन बन्ध है अतः इसका गलनांक उच्चतम है, जबकि मेथेन में अन्तराअणुक आकर्षण बल सबसे दुर्बल है अतः इसका गलनांक न्यूनतम है।

प्रश्न 1.7.
निम्नलिखित युग्मों के पदों में कैसे विभेद करोगे?
(i) षट्कोणीय निविड संकुलन एवं घनीय निविड संकुलन
(ii) क्रिस्टल जालक एवं एकक कोष्ठिका
(iii) चतुष्फलकीय रिक्ति एवं अष्टफलकीय रिक्ति।
उत्तर:
(i) षट्कोणीय निविड संकुलन ( hexagonal close. packing) में प्रत्येक तीसरी परत, पहली परत के समान होती है अतः इसे AB, AB….. संरचना भी कहते हैं। इसमें एक गोला, 6 गोलों से घिरा होता है जिनके केन्द्रों को मिलाने पर षट्कोण बनता है, अतः इसे षट्कोणीय निविड संकुलन कहते हैं; जबकि घनीय निविड संकुलन (cubic close packing) में प्रत्येक चौथी परत, पहली परत के समान होती है अत: इसे ABC, ABC….. संरचना कहते हैं।

(ii) जब क्रिस्टल में प्रत्येक कण को बिन्दु द्वारा दर्शाया जाए तब इन अवयवी कणों की त्रिविमीय व्यवस्था के आरेख को क्रिस्टल जालक कहते हैं अर्थात् अन्तराल या दिक् स्थान (space) में कणों (बिन्दुओं) की नियमित त्रिविमीय व्यवस्था को क्रिस्टल जालक कहते हैं जबकि एकक कोष्ठिका (unit cell) किसी क्रिस्टल जालक का वह सबसे छोटा भाग है जिसकी विभिन्न दिशाओं में पुनरावृत्ति से पूर्ण जालक का निर्माण होता है।

(iii) चार गोलों से बनी रिक्ति को चतुष्फलकीय रिक्ति कहते हैं। इन चार गोलों के केन्द्र को मिलाने पर एक चतुष्फलक बनता है। दो त्रिकोणीय रिक्तियों से बनी रिक्ति को अष्टफलकीय रिक्ति कहते हैं । यह रिक्ति छः गोलों से घिरी होती है लेकिन इसमें दो त्रिकोणीय रिक्तियों का अतिव्यापन नहीं होता।

प्रश्न 1.8.
निम्नलिखित जालकों में से प्रत्येक की एकक कोष्ठिका में कितने जालक बिंदु होते हैं?
(i) फलक-केंद्रित घनीय,
(ii) फलक – केंद्रित चतुष्कोणीय,
(iii) अंतःकेन्द्रित।
उत्तर:
(i) फलक- केन्द्रित घनीय तथा
(ii) फलक – केन्द्रित चतुष्कोणीय दोनों जालकों की एकक कोष्ठिका में चार जालक बिन्दु (परमाणु) होते हैं लेकिन
(iii) अन्तः केन्द्रित जालक की एकक कोष्ठिका में दो जालक बिन्दु होते हैं ।

अंतः केन्द्रित घनीय एकक कोष्ठिका (Body Centred Cubic Unit Cell):
अंतः केन्द्रित घनीय जालक की एकक कोष्ठिका में कुल दो परमाणु होते हैं जिसको निम्न प्रकार समझा सकते हैं

एक अंत: केंद्रित घनीय (bcc) एकक कोष्ठिका में एक परमाणु उसके प्रत्येक कोने पर और इनके अतिरिक्त एक परमाणु उसके अंत: केंद्र में होता है। इसमें अंत: केंद्र का परमाणु पूर्णतया उस एकक कोष्ठिका से ही सम्बन्धित होता है तथा कोने के परमाणु एकक कोष्ठिकाओं के मध्य सहभाजित होते हैं अतः

(a) 8 कोने के परमाणु × \(\frac { 1 }{ 8 }\) परमाणु प्रति एकक कोष्ठिका = 8 × \(\frac { 1 }{ 8 }\) = 1 परमाणु
(b) 1 अंत: केंद्र परमाणु = 1 × 1 = 1 परमाणु
अतः एक एकक कोष्ठिका में परमाणुओं की कुल संख्या = 2 परमाणु
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 Img 1

फलक- केन्द्रित घनीय एकक कोष्ठिका (Face Centred Cubic Unit Cell):
फलक – केन्द्रित घनीय जालक की एकक कोष्ठिका में कुल चार परमाणु होते हैं जिसे निम्न प्रकार समझा सकते हैं।
फलक- केंद्रित घनीय (fcc) एकक कोष्ठिका में एक-एक परमाणु- सभी कोनों पर और घन के सभी फलकों के केंद्रों पर पाए जाते हैं। फलक के केंद्र पर उपस्थित प्रत्येक परमाणु दो निकटवर्ती एकक कोष्ठिकाओं के मध्य सहभाजित होता है अतः प्रत्येक परमाणु का केवल 1/2 भाग एक एकक कोष्ठिका में सम्मिलित होता है तथा कोने के परमाणु 8 एकक कोष्ठिकाओं के मध्य सहभाजित होते हैं अतः

(a) 8 कोने के परमाणु × \(\frac { 1 }{ 8 }\) परमाणु प्रति एकक कोष्ठिका = 8 × \(\frac { 1 }{ 8 }\) = 1 परमाणु
(b) 6 फलक-केंद्रित परमाणु × \(\frac { 1 }{ 2 }\) परमाणु प्रति एकक कोष्ठिका = 6 × \(\frac { 1 }{ 2 }\) = 3 परमाणु
अतः एक एकक कोष्ठिका में परमाणुओं की कुल संख्या = 1 + 3 = 4 परमाणु
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 Img 2

HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 ठोस अवस्था

प्रश्न 1.9.
समझाइए:
(i) धात्विक एवं आयनिक क्रिस्टलों में समानता एवं विभेद का आधार।
(ii) आयनिक ठोस कठोर एवं भंगुर होते हैं।
उत्तर:
(i) धात्विक एवं आयनिक क्रिस्टलों में समानता एवं विभेद निम्नलिखित हैं।
समानताएँ:
(1) धात्विक ठोस तथा आयनिक ठोस दोनों ही कठोर होते हैं।
(2) धात्विक ठोस तथा आयनिक ठोस दोनों के गलनांक उच्च होते हैं।
(3) धात्विक ठोस तथा आयनिक ठोस दोनों ही गलित अवस्था में विद्युत के चालक होते हैं।

विभेद:
(1) धात्विक क्रिस्टल में अवयवी कण धनायन होते हैं जो मुक्त तथा गतिशील इलेक्ट्रॉनों के समुद्र में डूबे रहते हैं। जबकि आयनिक ठोस में अवयवी कण धनायन तथा ऋणायन होते हैं।
(2) धात्विक ठोस में धात्विक बन्ध होता है जबकि आयनिक ठोस में आयनिक बन्ध होता है।
(3) धात्विक ठोस आघातवर्धनीय एवं तन्य होते हैं जबकि आयनिक ठोस भंगुर होते हैं।
(4) धात्विक ठोस विद्युत के अच्छे चालक होते हैं जबकि आयनिक ठोस कुचालक होते हैं, क्योंकि आयन गतिशील नहीं होते।

(ii) आयनिक ठोस कठोर तथा भंगुर होते हैं क्योंकि इनमें आयनों के मध्य प्रबल स्थिर विद्युत आकर्षण बल होता है तथा बल लगाने पर समान आवेश की पर्तें एक-दूसरे के सामने आ जाती हैं जिससे प्रतिकर्षण होता है तथा यौगिक टुकड़े-टुकड़े हो जाता है अर्थात् भंगुर होता है।

प्रश्न 1.10.
निम्नलिखित के लिए धातु के क्रिस्टल में संकुलन क्षमता की गणना कीजिए:
(i) सरल घनीय,
(ii) अंत: केंद्रित घनीय,
(iii) फलक के न्द्रित घनीय।
( यह मानते हुए कि परमाणु एक-दूसरे के संपर्क में हैं ।)
उत्तर:
(i) सरल घनीय धातु क्रिस्टल की संकुलन क्षमता 52.4%,
(ii) अन्तः केन्द्रित घनीय धातु क्रिस्टल की संकुलन क्षमता 68% तथा
(iii) फलक- केन्द्रित घनीय धातु क्रिस्टल की संकुलन क्षमता 74% होती है।

षट्कोणीय निविड संकुलन (hcp) तथा घनीय निवि संकुलन (ccp या fcc) संरचनाओं में संकुलन क्षमता:
घनीय निविड संकुलन (ccp) क्रिस्टल की संकुलन क्षमता 74% होती है जिसकी गणना निम्न प्रकार की जाती है
hcp तथा fcc (ccp) की संकुलन क्षमता समान होती है। चित्र के अनुसार एकक कोष्ठिका के कोर (Edge) या किनारे की लम्बाई ‘a’ हो तथा फलक विकर्ण AC = b हो, तो
△ABC में,
AC2 = b2 = BC2 + AB2
= a2 + a2 = 2a2
या b = √2 a
यदि गोले का अर्धव्यास (त्रिज्या ) r हो, तो
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 Img 3
b = 4r = √2 a
या a = \(\frac { 4r }{ √2 }\) = 2√2r
या r = \(\frac { a }{ 2√2 }\)
ccp संरचना में प्रति एकक कोष्ठिका 4 गोले होते हैं । अतः चार गोलों का कुल आयतन 4 × (4/3) πr3 के बराबर होगा और घन का आयतन a3 या (2√2r)3 होता है । अतः
संरचना की संकुलन क्षमता
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 Img 4

अन्तःकेन्द्रित ( काय- केन्द्रित ) (bec) घनीय संरचनाओं की संकुलन क्षमता (Packing Efficiency of Body- centred Cubic Structure):
अंत: केंद्रित घनीय क्रिस्टल की संकुलन क्षमता 68% होती है जिसकी गणना निम्न प्रकार की जाती है
चित्र से स्पष्ट है कि केंद्र में स्थित परमाणु विकर्ण पर स्थित अन्य दो परमाणुओं के संपर्क में हैं।
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 Img 5
△EFD में,
b2 = a2 + a2 = 2a2
b = √2 a
अब △AFD में,
c2 = a2 + b2 = a2 + 2a2 = 3a2
c=√3a
काय विकर्ण (Body diagonal) ‘c’ की लंबाई 4r के बराबर है, जहाँ गोले का अर्धव्यास (त्रिज्या) है, क्योंकि विकर्ण पर स्थित तीनों गोले एक-दूसरे के संपर्क में हैं । अतः
√3a = 4r
a = \(\frac { 4r }{ √3 }\)
अतः r = \(\frac { √3 }{ 4 }\)a
इस संरचना में परमाणुओं की कुल संख्या 2 है अतः उनका आयतन
2 × (4/3)πr3 होगा तथा घन का आयतन a3 = \(\left(\frac{4}{\sqrt{3}} \mathrm{r}\right)^3\) है।
अतः, संरचना की संकुलन क्षमता
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 Img 6

HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 ठोस अवस्था

सरल घनीय संरचना की संकुलन क्षमता (Packing Efficiency of Simple Cubic Structure):
सरल घनीय क्रिस्टल की संकुलन क्षमता 52.4 प्रतिशत होती है जिसकी गणना निम्नलिखित है।
एक सरल घनीय जालक में परमाणु केवल घन के कोनों पर स्थित होते हैं। घन के किनारों पर स्थित कण एक-दूसरे के सम्पर्क में रहते हैं।
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 Img 7

इसलिए घन की भुजा की लंबाई ‘a’ और प्रत्येक कण की त्रिज्या, r में निम्न संबंध है।
a = 2r
अतः घनीय एकक कोष्ठिका का आयतन = a3 = (2r)3 = 8r3 चूँकि सरल घनीय एकक कोष्ठिका में केवल 1 परमाणु उपस्थित व्होता है।
इसलिए घेरे गए त्रिविमीय स्थान का आयतन = \(\frac { 4 }{ 3 }\)πr3
अतः, संरचना की संकुलन क्षमता
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 Img 8

प्रश्न 1.11.
चाँदी का क्रिस्टलीकरण fice जालक में होता है। यदि इसकी कोष्ठिका के कोरों की लंबाई 4.07 × 10-8cm तथा घनत्व 10.5 g cm-3 हो तो चाँदी का परमाण्विक द्रव्यमान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
प्रश्नानुसार, एकक कोष्ठिका के कोर (edge) की लम्बाई a = 4.07 × 10-8 cm तथा घनत्व (d) = 10.5 g cm-3
z = 4 क्योंकि fcc की एकक कोष्ठिका में परमाणुओं की संख्या 4 होती है। NA = आवोगाद्रो संख्या = 6.022 × 10-23
घनत्व (d) = \(\frac{\mathrm{zM}}{\mathrm{a}^3 \mathrm{~N}_{\mathrm{A}}}\)
परमाणु द्रव्यमान ज्ञात करना है अतः 10-23
M = \(\frac{\mathrm{d} \times \mathrm{a}^3 \times \mathrm{N}_{\mathrm{A}}}{\mathrm{z}}\) = \(\frac{10.5 \times\left(4.07 \times 10^{-8}\right)^3 \times 6.022 \times 10^{23}}{4}\) = 106.57
अतः चाँदी का परमाणु द्रव्यमान = 106.57

प्रश्न 1.12.
एक घनीय ठोस दो तत्वों P एवं Q से बना है। घन के कोनों पर Q परमाणु एवं अंत:- केंद्र पर P परमाणु स्थित हैं । इस यौगिक का सूत्र क्या है? P एवं Q की उपसहसंयोजन संख्या क्या है?
उत्तर:
एकक कोष्ठिका में घन के कोनों पर स्थित परमाणु का योगदान \(\frac { 1 }{ 8 }\) होता है जबकि अंत: केन्द्र पर स्थित परमाणु का योगदान 1 होता है।
अतः एक एकक कोष्ठिका में:
Q परमाणुओं की संख्या = 8 ( कोनों पर ) × \(\frac { 1 }{ 8 }\) = 1
P परमाणुओं की संख्या = 1 ( कायकेन्द्रित या अन्तः केन्द्रित ) × 1 = 1
अतः यौगिक का सूत्र PQ होगा।
अंत:केन्द्र (कायकेन्द्रित) पर स्थित परमाणु, कोनों पर स्थित सभी परमाणुओं के सम्पर्क में रहता है अतः P की उपसहसंयोजन संख्या 8 होगी। इसी प्रकार Q की उपसहसंयोजन संख्या भी 8 होगी।

प्रश्न 1.13.
नायोबियम का क्रिस्टलीकरण अंतःकेन्द्रित घनीय संरचना में होता है । यदि इसका घनत्व 8.55 g cm-3 हो तो इसके परमाण्विक द्रव्यमान 93 u का प्रयोग करके परमाणु त्रिज्या की गणना कीजिए।
उत्तर:
अंतःकेंद्रित घनीय संरचना ( bcc) में एक एकक कोष्ठिका में परमाणुओं की संख्या 2 होती है।
अतः
z = 2, M = 93 u, NA = 6.022 × 1023
d = 8.55 g cm-3
घनत्व (d) = \(\frac{z \times M}{a^3 \times N_A}\)
चूंकि परमाणु त्रिज्या ज्ञात करनी है अतः
a3 = \(\frac{\mathrm{z} \times \mathrm{M}}{\mathrm{d} \times \mathrm{N}_{\mathrm{A}}}\)
a3 = \(\frac{2 \times 93}{8.55 \times 6.022 \times 10^{23}}\)
a3 = 3.61 × 10-23 cm3
a = 3.305 × 10-8 cm = 3.305 × 10-10 m
a = 3.305 × 102 pm (पिकोमीटर) = 330.5 pm
लेकिन bcc की एकक कोष्ठिका में विकर्ण, परमाणु की त्रिज्या का चार गुना होता है।
अतः
4r = √3a
4r = √3 × 330.5
r = \(\frac{\sqrt{3} \times 330.5}{4}\) = 143.1 pm.
अतः नायोबियम की परमाणु त्रिज्या = 143.1pm

प्रश्न 1.14.
यदि अष्टफलकीय रिक्ति की त्रिज्या हो तथा निविड संकुलन में परमाणुओं की त्रिज्या R हो, तो r एवं R में संबंध स्थापित कीजिए।
उत्तर:
संलग्न चित्र में एक अष्टफलकीय रिक्ति को दिखाया गया है। सुविधा के लिए 6 में से केवल 4 गोलों को ही दिखाया गया है। रिक्ति के ऊपर व नीचे के गोलों को नहीं दर्शाया गया है।
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 Img 9
माना कि वर्ग ABCD की प्रत्येक भुजा की लम्बाई = a cm समकोण त्रिभुज ABC में, विकर्ण AC है तो-
AC = \(\sqrt{A B^2+B C^2}\) = \(\sqrt{a^2+a^2}\) = √2.a.
लेकिन AC = 2R + 2r
∴ 2R + 2r = √2a
लेकिन a = 2R
∴ 2R + 2r = √2.2R
इस समीकरण को 2R से भाग देने पर,
1 + \(\frac { r }{ R }\) = √2
\(\frac { r }{ R }\) = √2 – 1 = 1.414 – 1 = 0.414
अतः = \(\frac { r }{ R }\) = 0.414
r = अष्टफलकीय रिक्ति की त्रिज्या
R = परमाणु (गोले ) की त्रिज्या

HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 ठोस अवस्था

प्रश्न 1.15.
कॉपर fcc जालक के रूप में क्रिस्टलीकृत होता है जिसके कोर की लंबाई 3.61 × 10-8 cm है। यह दर्शाइए कि गणना किए गए घनत्व के मान तथा मापे गए घनत्व 8.92 g cm-3 में समानता है।
उत्तर:
fcc संरचना में z = 4 (एकक कोष्ठिका में परमाणुओं की संख्या)
Cu का परमाणु द्रव्यमान (M) = 63.5 होता है।
कोर की लम्बाई a = 3.61 × 10-8 cm
घनत्व (d) = \(\frac{M \times z}{N_A \times a^3}\)
d = \(\frac{63.5 \times 4}{\left(6.022 \times 10^{23}\right) \times\left(3.61 \times 10^{-8}\right)^3}\)
d = \(\frac{63.5 \times 4}{6.022 \times 10^{23} \times 47.04 \times 10^{-24}},\)
d = 8.966 = 8.97 g cm-3
चूंकि मापा गया घनत्व 8.92 g cm-3 है। अतः गणना किए गए घनत्व तथा मापे गए घनत्व में समानता है।

प्रश्न 1.16.
विश्लेषण द्वारा ज्ञात हुआ कि निकैल ऑक्साइड का सूत्र Ni0.98O1.00 है । निकैल आयनों का कितना अंश Ni2+ और Ni-3+ के रूप में विद्यमान है?
उत्तर:
निकल ऑक्साइड का सूत्र Ni0.98O1.00 है जिसमें Ni2+ तथा Ni3+ दोनों आयन उपस्थित हैं।
सूत्रानुसार Ni = 98 तथा O-2 = 100 है।
माना Ni2+ आयन = x
अतः Ni3+ आयन = 98 – x
अतः कुल धनावेश = (x × 2) + [(98 – x) × 3]
तथा कुल ऋणावेश = 100 × 2
यौगिक उदासीन होता है अतः कुल धनावेश = कुल ऋणावेश होगा
(x × 2) + [(98 – x) × 3] = 100 × 2
(2x) + (294 – 3x) = 200
– x = – 94
x = 94
अतः Ni2+ आयनों का अंश (प्रतिशत)
\(\frac { 94 }{ 98 }\) × 100 = 95.9 = 96%
Ni3+ आयनों का अंश (प्रतिशत) = 100 – 96 = 4%

प्रश्न 1.17.
अर्धचालक क्या होते हैं? दो मुख्य अर्धचालकों का वर्णन कीजिए एवं उनकी चालकता – क्रियाविधि में विभेद कीजिए।
उत्तर:
अर्धचालक (Semiconductors) – अर्धचालक वे ठोस होते हैं जिनकी चालकता 10-6 से 104 ohm m-1 के बीच की होती है अर्थात् इनकी चालकता चालकों से कम तथा विद्युतरोधी से अधिक होती है। अर्धचालकों में संयोजक बैंड एवं चालक बैंड के मध्य ऊर्जा अंतराल कम होता है। अतः कुछ इलेक्ट्रॉन चालक बैंड में जा सकते हैं अतः ये अल्प चालकता दर्शा सकते हैं। ताप बढ़ने के साथ अर्धचालकों की विद्युत चालकता बढ़ती है, क्योंकि अधिक संख्या में इलेक्ट्रॉन चालक बैंड में चले जाते हैं। उदाहरण-सिलिकन एवं जरमेनियम, इन्हें आंतर या नैज अर्धचालक (Intrinsic semiconductors) कहते हैं। नैज-अर्धचालकों की चालकता व्यवहारिक उपयोग की दृष्टि से बहुत कम होती है।
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 Img 17

प्रश्न 1.18.
नानस्टॉइ कियोमीट्री क्यूप्रस ऑक्साइड, (Cu2O) प्रयोगशाला में बनाया जा सकता है। इसमें कॉपर तथा ऑक्सीजन का अनुपात 2 : 1 से कुछ कम है। क्या आप इस तथ्य की व्याख्या कर सकते हैं कि यह पदार्थ p- प्रकार का अर्धचालक है?
उत्तर:
नॉनस्टॉइकियोमीट्री क्यूप्रस ऑक्साइड (Cu2O) में कॉपर तथा ऑक्सीजन का अनुपात 2:1 से कुछ कम है। अतः कुछ क्यूप्रस आयन (Cu+) अपने स्थान से गायब होकर पीछे धनात्मक छिद्र छोड़ देते हैं, लेकिन विद्युत उदासीनता को बनाए रखने के लिए कुछ Cu+1 आयन, Cu+2 में परिवर्तित हो जाते हैं। (Cu, Cu+ तथा Cu+2 दोनों ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाता है।) इसमें धनात्मक छिद्र होते हैं अतः यह p-प्रकार का चालक है।

प्रश्न 1.19.
फेरिक ऑक्साइड, ऑक्साइड आयन के षट्कोणीय निविड संकुलन में क्रिस्टलीकृत होता है जिसकी तीन अष्टफलकीय रिक्तियों में से दो पर फेरिक आयन होते हैं । फेरिक ऑक्साइड का सूत्र ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
फेरिक ऑक्साइड में ऑक्साइड आयन षट्कोणीय निविड संकुलन व्यवस्था में है जिसमें प्रत्येक ऑक्साइड आयन के लिए एक अष्टफलकीय रिक्ति होती है जिनमें तीन में से दो रिक्तियाँ Fe+3 आयन द्वारा भरी होती हैं । अतः प्रत्येक O2- आयन के लिए Fe+3 आयनों की संख्या =2/3
अतः Fe+3 तथा O-2 का अनुपात = \(\frac { 2 }{ 3 }\):1 (Fe: O)
अतः फेरिक ऑक्साइड का सूत्र Fe2O3 होगा।

प्रश्न 1.20.
निम्नलिखित को p- प्रकार या n – प्रकार के अर्धचालकों में वर्गीकृत कीजिए।
(i) In से डोपित Ge
(ii) B से डोपित Si
उत्तर:
(i) In से डोपित Ge, p-प्रकार का अर्धचालक होता है क्योंकि Ge के संयोजी कोश में चार इलेक्ट्रॉन हैं (14वां वर्ग)। जब इसको In (13वें वर्ग) से डोपित करते हैं जिसके बाह्यतम कोश में तीन इलेक्ट्रॉन हैं, तो Ge केवल तीन बन्ध ही बनाता है अतः बन्ध बनाने के लिए एक इलेक्ट्रॉन की कमी है इसलिए यह इलेक्ट्रॉन न्यून (धनात्मक) छिद्र होगा, अतः यह p – प्रकार का अर्धचालक होगा।

(ii) यह भी (i) के समान p-प्रकार का अर्धचालक ही होगा क्योंकि B 13वें वर्ग का तथा Si. 14वें वर्ग का तत्व है।

प्रश्न 1.21.
सोना (परमाणु त्रिज्या = 0.144 nm ) फलक- केंद्रित एकक कोष्ठिका में क्रिस्टलीकृत होता है। इसकी कोष्ठिका के कोर की लंबाई ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
प्रश्नानुसार सोने (Au) की परमाणु त्रिज्या r = 0.144 nm. फलक – केन्द्रित एकक कोष्ठिका में, फलक विकर्ण =4r=√2a
अतः a = \(\frac { 4r }{ √2 }\) = 2√2 r
= 2 × 1.414 × 0.144 nm = 0.407 nm
अतः एकक कोष्ठिका के कोर (Edge) की लम्बाई = 0.407

प्रश्न 1.22.
बैंड सिद्धांत के आधार पर (i) चालक एवं रोधी (ii) चालक एवं अर्धचालक में क्या अंतर होता है?
उत्तर:
(i) चालक वे ठोस होते हैं जिनकी चालकता 104 से 107 ohm-1 m-1 के मध्य होती है तथा रोधी (विद्युतरोधी) वे ठोस होते हैं जिनकी चालकता बहुत ही कम 10-20 से 10-10 ohm-1 m-1 की परास में होती है।

चालकों में बैंड आंशिक रूप से भरा होता है या यह एक उच्च ऊर्जा वाले रिक्त चालकता बैंड के साथ अतिव्यापन करता है अतः विद्युत क्षेत्र में इलेक्ट्रॉन आसानी से प्रवाहित हो जाते हैं जिससे धातु (चालक) चालकता दर्शाती हैं। जबकि विद्युतरोधी में पूर्ण पूरित संयोजी बैंड एवं उच्च रिक्त बैंड (चालकता बैंड) में ऊर्जा अन्तराल अधिक होता है जिससे इलेक्ट्रॉन चालकता बैंड में नहीं जा सकते, अतः इनकी चालकता नगण्य होती है।

(ii) चालक में आंशिक भरे बैंड होते हैं या अतिव्यापित बैंड होते हैं जिनमें इलेक्ट्रॉन का प्रवाह आसानी से हो जाता है जबकि अर्धचालकों में संयोजी बैंड तथा चालन बैंड के मध्य अंतराल कम होता है अतः कुछ इलेक्ट्रॉन चालन बैंड में चले जाते हैं, अतः इनकी चालकता कम होती है।

प्रश्न 1.23.
उचित उदाहरणों द्वारा निम्नलिखित पदों को परिभाषित कीजिए:
(i) शॉट्की दोष,
(ii) फ्रेंकेल दोष,
(iii) अंतराकाशी दोष,
(iv) F-केंद्र।
उत्तर:
(b) शॉट्की दोष या शॉट्की त्रुटि (Schottky defect) – यह मुख्य रूप से आयनिक ठोसों का रिक्तिका दोष (vacancy defect) है। विद्युत उदासीनता को बनाए रखने के लिए क्रिस्टल से गायब होने वाले धनायनों और ऋणायनों की संख्या बराबर होती है अर्थात् धनायन तथा ऋणायन दोनों ही अपने स्थान से गायब हो जाते हैं। सरल रिक्तिका दोष की भाँति, शॉट्की दोष से भी पदार्थ का घनत्व कम हो जाता है। आयनिक ठोसों के ऐसे दोषों में संख्या महत्वपूर्ण हो ती है।
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 Img 18
जैसे NaCl में कमरे के ताप पर लगभग 106 शॉट्की युगल प्रति cm3 होते हैं। एक cm3 में करीब 1022 आयन होते हैं। इस प्रकार प्रति 1016 आयनों में एक शॉट्की दोष होता है। शॉट्की दोष उन आयनिक पदार्थों में होता है जिनमें धनायन और ऋणायन लगभग समान आकार के होते हैं तथा जिनकी समन्वयी संख्या उच्च होती है। उदाहरण NaCl, KCl, CsCl | AgBr में फ्रेंकेल तथा शॉट्की दोनों ही प्रकार के दोष होते हैं।

(ii) किसी क्रिस्टल जालक में जब कुछ अवयवी कण अंतरांकाशी स्थल पर उपस्थित होते हैं तो इसे अंतराकाशी दोष कहते हैं। इससे पदार्थ का घनत्व बढ़ जाता है। रिक्तिका दोष तथा अंतराकाशी दोष अनआयनिक ठोसों में पाए जाते हैं। आयनिक ठोसों में विद्युत उदासीनता रहना आवश्यक है। अतः इन दोषों को फ्रेंकेल तथा शॉट्की दोषों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 Img 12

(iii) अन्तराकाशी दोष (Interstitial defect ) – किसी क्रिस्टल जालक में जब कुछ अवयवी कण अंतरांकाशी स्थल पर उपस्थित होते हैं तो इसे अंतराकाशी दोष कहते हैं। इससे पदार्थ का घनत्व बढ़ जाता है। रिक्तिका दोष तथा अंतराकाशी दोष अनआयनिक ठोसों में पाए जाते हैं। आयनिक ठोसों में विद्युत उदासीनता रहना आवश्यक है। अतः इन दोषों को फ्रेंकेल तथा शॉट्की दोषों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।

(iv) F- केन्द्र–नानस्टॉइकियोमीट्री दोष में धातु का आधिक्य हो F-केन्द्र उत्पन्न होता है, जैसे NaCl के क्रिस्टल को सोडियम वाष्प के साथ गर्म करते हैं तो सोडियम परमाणु क्रिस्टल की सतह पर जम जाते हैं। Cl आयन क्रिस्टल की सतह में विसरित हो जाते हैं तथा Na के साथ मिलकर NaCl बनाते हैं, ऐसा होने पर Na, इलेक्ट्रॉन देकर Na+ बनाता है। यह निकला हुआ इलेक्ट्रॉन विसरण द्वारा क्रिस्टल के ऋणायनिक स्थान (CI के कारण रिक्त) में चला जाता है। इस अयुग्मित इलेक्ट्रॉनयुक्त ऋणायनिक रिक्तिका को F-केन्द्र कहते हैं। (यह रंग केंद्र के लिए जर्मन शब्द फारबेनजेनटर से आया है) इससे NaCl के क्रिस्टलों का रंग पीला हो जाता है।

HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 ठोस अवस्था

प्रश्न 1.24.
ऐलुमिनियम घनीय निविड संकुलित संरचना में क्रिस्टलीकृत होता है। इसका धात्विक अर्धव्यास 125 pm है।
(i) एकक कोष्ठिका के कोर की लंबाई ज्ञात कीजिए ।
(ii) 1.0 cm3 ऐलुमिनियम में कितनी एकक कोष्ठिकाएं होंगी?
उत्तर:
(i) घनीय निविड संकुलित संरचना में एकक कोष्ठिका का फलक विकर्ण (Face diagonal) परमाणु त्रिज्या (अर्धव्यास) का चार गुना होता है।
लेकिन, फलक विकर्ण = √2 × कोर की लम्बाई
कोर की लम्बाई = \(\frac { फलक विकर्ण }{ √2 }\)
फलक विकर्ण = 4 × 125 pm = 500 pm
अतः एकक कोष्ठिका के कोर की लम्बाई
= \(\frac { 500 }{ √2 }\) = 353.6 = 354 pm = a

(ii) एक एकक कोष्ठिका का आयतन = a3
a = 354 pm = 354 × 10-8 m
= 3.54 × 10-8 cm
अत: a3 = (3.54 × 10-8 cm)3

अत: 1cm3 ऐलुमिनियम में एकक कोष्ठिकाओं की संख्या
= \(\frac{1.00}{\left(3.54 \times 10^{-8}\right)^3}\) = 2.25 × 1022

प्रश्न 1.25.
यदि NaCl को SrCl2 के 103 मोल % से डोपित किया जाए तो धनायनों की रिक्तियों का सांद्रण क्या होगा?
उत्तर:
Na का आवेश +1 है जबकि Sr का आवेश +2 है अतः NaCl में SrCl2 मिलाने पर प्रति Sr2+ एक धनायन रिक्ति होगी क्योंकि 2Na+ के स्थान पर एक Sr2+ आएगा।
अतः 100 मोल NaCl में 10-3 मोल SrCh मिलाने पर 10-3 मोल धनायन रिक्ति उत्पन्न होगी। ( SrCl2 10-3 मोल % मिलाया गया है।) अतः NaCl के एक मोल में धनायन रिक्तियों की संख्या
= \(\frac{10^{-3}}{100}\) × 6.022 × 1023 ( आवोगाद्रो संख्या )
= 6.022 × 1018 धनायन रिक्ति प्रति मोल

प्रश्न 1.26.
निम्नलिखित को उचित उदाहरणों से समझाइए:
(i) लोहचुंबकत्व
(iii) फेरीचुंबकत्व
(ii) अनुचुंबकत्व
(iv) प्रतिलोहचुंबकत्व
(v) 12-16 और 13-15 वर्गों के यौगिक।
उत्तर:
(i) अनुचुम्बकीय (Paramagnetic): वे पदार्थ जो चुंबकीय क्षेत्र की ओर दुर्बलता से आकर्षित होते हैं उन्हें अनुचुंबकीय पदार्थ कहते हैं। ये चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में ही चुम्बकित हो जाते हैं। ये चुंबकीय क्षेत्र की अनुपस्थिति में अपना चुंबकत्व खो देते हैं अतः इनका चुम्बकीय गुण अस्थायी होता है, इस गुण को अनुचुम्बकत्व कहते है । अनुचुंबकत्व गुण के लिए पदार्थ में एक अथवा अधिक अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति आवश्यक है। जो कि चुम्बकीय क्षेत्र की ओर आकर्षित होते हैं। उदाहरण – O2, TiO, CuO, Cu2+, Fe3+, VO2, TiO2, Cr3+ आदि।

(ii) प्रतिचुंबकीय (Dimagnetic ): प्रतिचुंबकीय पदार्थ वे होते हैं जो चुंबकीय क्षेत्र में रखने पर दुर्बल रूप से प्रतिकर्षित होते हैं। ये चुंबकीय क्षेत्र की विपरीत दिशा में दुर्बल रूप से चुंबकित होते हैं। प्रतिचुंबकत्व उन पदार्थों में होता है जिनमें सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित होते हैं। इलेक्ट्रॉनों के युग्मन के कारण इनके चुंबकीय आघूर्ण आपस में निरस्त हो जाते हैं क्योंकि इलेक्ट्रॉनों का चक्रण विपरीत होता है, अतः इनका चुंबकीय गुण नष्ट हो जाता है । उदाहरण – V2O5, TiO2, Zn+2, Na+, K+, Mg2+, बेन्जीन (C6H6), सोडियम क्लोराइड (NaCl) तथा जल (H2O) आदि।

(iii) लोहचुम्बकीय (Ferromagnetic ): वे पदार्थ जिन्हें चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर उसकी ओर बहुत प्रबलता से आकर्षित होते हैं, उन्हें लोहचुम्बकीय पदार्थ तथा पदार्थों के इस गुण को लोहचुम्बकत्व कहते हैं। प्रबल आकर्षणों के अतिरिक्त ये स्थायी रूप से चुम्बकित किए जा सकते हैं। इनमें भी अयुग्मित इलेक्ट्रॉन पाए जाते हैं। ठोस अवस्था में, लोहचुम्बकीय पदार्थों के धातु आयन छोटे खण्डों के रूप में एक साथ समूह बना लेते हैं, इन्हें डोमेन कहते हैं।

प्रत्येक डोमेन छोटे चुम्बक की भाँति व्यवहार करता है। लोहचुम्बकीय पदार्थ के अचुम्बकीय भाग में डोमेन अनियमित रूप से व्यवस्थित होते हैं और उनका चुम्बकीय आघूर्ण निरस्त हो जाता है। पदार्थ को चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर सभी डोमेन चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में अभिविन्यासित ( Oriented) हो जाते हैं और प्रबल चुम्बकीय प्रभाव उत्पन्न करते हैं । चुम्बकीय क्षेत्र हटा लेने पर भी डोमेनों का क्रम वही रहता है और लोहचुम्बकीय पदार्थ स्थायी चुम्बक बन जाते हैं। उदाहरण– Fe, Co, Ni, Gd तथा CrO2 आदि। लोहचुम्बकीय गुण के कारण ही CrO2 को कैसेट की टेप बनाने में प्रयुक्त करते हैं।
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 Img 10

(iv) प्रतिलोहचुम्बकीय (Antiferromagnetic): ये पदार्थ भी डोमेन संरचना में लोहचुम्बकीय पदार्थों के ही समान होते हैं लेकिन इनके डोमेन एक-दूसरे की विपरीत दिशाओं में अभिविन्यासित होने के कारण इनका चुम्बकीय आघूर्ण नष्ट हो जाता है। इस गुण को प्रति लोहचुम्बकत्व कहा जाता है।
उदाहरण – V2O3, Cr2O3, Fe2O3, FeO, Col, NiO, MnO, Mn2O2, Mn2O3 आदि।
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 Img 11

(v) 12-16 और 13-15 वर्गों के यौगिक- वर्ग 13 तथा 15 एवं वर्ग 12 तथा 16 के तत्वों के मिश्रण से अनेक प्रकार के ठोस पदार्थ बनाए गए हैं। वर्ग 13-15 के यौगिक InSb, AlP तथा GaAs हैं। गैलियम आर्सेनाइड (GaAs) तथा त्वरित प्रतिसंवेदी (Fast response) अर्धचालक होते हैं; ZnS, Cas, Case तथा HgTe, वर्ग 12-16 के यौगिकों के उदाहरण हैं।  इन यौगिकों में बंध पूर्णतया सहसंयोजक नहीं होते तथा इनके आयनिक गुण दोनों तत्वों की विद्युत ऋणता पर निर्भर करते हैं। ये भी अर्धचालक होते हैं।

HBSE 12th Class Chemistry ठोस अवस्था Intext Questions

प्रश्न 1.1.
ठोस कठोर क्यों होते हैं?
उत्तर:
ठोसों में उपस्थित अवयवी कणों का निविड संकुलन (Close packing) होता है जिसके कारण इनमें कण पास-पास होते हैं तथा ये कण गति नहीं करते, केवल अपनी माध्य स्थिति के दोनों ओर कम्पन करते हैं; अतः ठोस कठोर होते हैं।

प्रश्न 1.2.
ठोसों का आयतन निश्चित क्यों होता है?
उत्तर:
ठोसों में कणों की व्यवस्था निश्चित दूरी पर होती है तथा इनके कणों में कोई गति नहीं होती एवं कणों के मध्य रिक्त स्थान बहुत ही कम होता है। इन पर दाब का भी कोई प्रभाव नहीं होता, अतः इनका आयतन निश्चित होता है।

प्रश्न 1.3.
निम्नलिखित को अक्रिस्टलीय तथा क्रिस्टलीय ठोसों में वर्गीकृत कीजिए।
पॉलियूरिथेन, नैफ्थैलीन, बेन्जोइक अम्ल, टेफ्लॉन, पोटैशियम नाइट्रेट, सेलोफेन, पॉलिवाइनिल क्लोराइड, रेशा काँच, ताँबा।
उत्तर:
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 Img 13

प्रश्न 1.4.
एक ठोस के अपवर्तनांक का सभी दिशाओं में समान मान प्रेक्षित होता है। इस ठोस की प्रकृति पर टिप्पणी कीजिए। क्या यह विदलन गुण प्रदर्शित करेगा?
उत्तर:
ठोस के अप्रवर्तनांक (भौतिक गुण) का मान सभी दिशाओं में समान प्रेक्षित हो रहा है, अतः यह ठोस समदैशिक (Isotropic) है इसी कारण यह अक्रिस्टलीय ठोस है। यह विदलन का गुण प्रदर्शित नहीं करेगा।

प्रश्न 1.5.
उपस्थित अंतराआण्विक बलों की प्रकृति के आधार पर निम्नलिखित ठोसों को विभिन्न संवर्गों में वर्गीकृत कीजिए-
पोटैशियम सल्फेट, टिन, बेन्जीन, यूरिया, अमोनिया, जल, जिंक सल्फाइड, ग्रेफाइट, रूबिडियम, ऑर्गन, सिलिकन कार्बाइड।
उत्तर:
अंतराआण्विक बलों की प्रकृति के आधार पर उपर्युक्त ठोसों के विभिन्न संवर्ग निम्न प्रकार होंगे-
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 Img 14

प्रश्न 1.6.
ठोस A, अत्यधिक कठोर तथा ठोस एवं गलित दोनों अवस्थाओं में विद्युतरोधी है और अत्यंत उच्च ताप पर पिघलता है। यह किस प्रकार का ठोस है?
उत्तर:
ठोस A, सहसंयोजक ठोस है तथा इसका उदाहरण हीरा है जो कि अत्यधिक कठोर है। यह ठोस एवं गलित दोनों ही अवस्थाओं में विद्युतरोधी है अर्थात् विद्युत का चालन नहीं करता और अत्यंत उच्च ताप पर पिघलता है क्योंकि इसका गलनांक उच्च होता है।

प्रश्न 1.7.
आयनिक ठोस गलित अवस्था में विद्युत चालक होते हैं परंतु ठोस अवस्था में नहीं, व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
आयनिक ठोस में, ठोस अवस्था में भी आयन तो होते हैं लेकिन ये आयन स्वतंत्र नहीं होते हैं, अत: ठोस अवस्था में ये विद्युत का चालन नहीं करते। गलित अवस्था में आयन स्वतंत्र हो जाते हैं, अत: इस अवस्था में इन स्वतंत्र आयनों के कारण ही विद्युत का चालन होता है।

HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 ठोस अवस्था

प्रश्न 1.8.
किस प्रकार के ठोस विद्युत चालक, आघातवध्र्य और तन्य होते हैं?
उत्तर:
धात्विक ठोस विद्युत चालक, आघातवर्ध्य तथा तन्य होते हैं क्योंकि धात्विक ठोस के उदाहरण धातुएँ हैं तथा धातुओं में ये सभी गुण पाए जाते हैं।

प्रश्न 1.9.
‘जालक बिन्दु’ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
किसी क्रिस्टल में अवयवी कणों (परमाणु, अणु या आयन) की त्रिविमीय व्यवस्था में प्रत्येक कण को एक बिंदु (point) द्वारा दर्शाया जाता है। इसे जालक बिन्दु कहते हैं।

प्रश्न 1.10.
एकक कोष्ठिका (unit cell) को अभिलक्षणित (characterise) करने वाले पैरामीटरों के नाम बताइए।
उत्तर:
एकक कोष्ठिका को अभिलक्षणित करने के लिए निम्नलिखित पैरामीटर आवश्यक होते हैं-

  • एकक कोष्ठिका में अवयवी कणों की संख्या
  • संकुलन क्षमता (packing efficiency)
  • उपसहसंयोजन संख्या (coordination number)
  • किनारे की लम्बाई या अक्षीय दूरी a,b तथा c.
  • अक्ष्षीय कोण α, β तथा γ ।

प्रश्न 1.11.
निम्नलिखित में विभेद कीजिए-
(i) षट्कोणीय और एकनताक्ष एकक कोष्ठिका
(ii) फलक-केंद्रित और अंत्य-कें द्रित एकक कोष्ठिका।
उत्तर:
(i) षट्कोणीय एकक कोष्ठिका केवल आद्य (primitive) प्रकार की होती है। इसमें एक भुजा की लंबाई दो अन्य भुजाओं से भिन्न होती है (a = b ≠ c) । इसमें अक्षीय कोण α = β = 90° तथा γ = 120° होता है। इसके फलकों पर चिह्नित कोण 60° हैं। एकनताक्ष कोष्ठिका में आद्य तथा अंत्य-केन्द्रित (end centred) विविधताएं होती हैं। इसमें भी एक भुजा की लंबाई, दो अन्य भुजाओं से भिन्न होती है (a = b ≠ c) । अक्षीय कोण α = β = 90° तथा β ≠ 120° होता है। इसमें असमान भुजाएँ दो फलकों के मध्य 90° से भिन्न हैं।

(ii) फलक-केन्द्रित एकक कोष्ठिका में अवयवी परमाणु सभी कोनों पर और घन के सभी फलकों के केंद्रों पर पाए जाते हैं जबकि अन्त्य-केन्द्रित एकक कोष्ठिका में अवयवी परमाणु सभी कोनों पर और घन के केवल दो समानान्तर फलकों के केंद्रों पर पाए जाते हैं। अतः फलक-केन्द्रित एकक कोष्ठिका में परमाणुओं की कुल संख्या 4 होती है जबकि अंत्य-केन्द्रित एकक कोष्ठिका में परमाणुओं की कुल संख्या 2 होती है।

प्रश्न 1.12.
स्पष्ट कीजिए कि एक घनीय एकक कोष्ठिका के-
(i) कोने और
(ii) अंतःकेन्द्र पर उपस्थित परमाणु का कितना भाग सन्निकट कोष्ठिका से सहभाजित होता है।
उत्तर:
एक घनीय एकक कोष्ठिका के कोने पर स्थित परमाणु आठ एकक कोष्ठिका से सम्पर्क में रहता है। अत: उसका एक एकक कोष्ठिका में योगदान \(\frac { 1 }{ 8 }\) होता है। अत: कोने वाले परमाणुओं का कुल योगदान
(i) 8 कोने × \(\frac { 1 }{ 8 }\) प्रति कोना परमाणु = 8 × \(\frac { 1 }{ 8 }\) = 1 परमाणु

(ii) अंतः केंद्र का परमाणु पूर्णतया उसी एकक कोष्ठिका से संबंधित होता है जिसमें वह उपस्थित होता है।
अत: 1 अंत:केन्द्र परमाणु = 1 × 1 = 1 परमाणु

प्रश्न 1.13.
एक अणु (परमाणु) की वर्ग निविड संकुलित परत में द्विविमीय उपसहसंयोजन संख्या क्या है?
उत्तर:
एक अणु की वर्ग निविड संकुलित (square close packing) परत में द्विविमीय उपसहसंयोजन संख्या 4 होती है क्योंक इसमें प्रत्येक गोला चार निकटवर्ती गोलों के सम्पर्क में रहता है।

प्रश्न 1.14.
एक यौगिक षट्कोणीय निविड संकुलित संरचना बनाता है। इसके 0.5 मोल में कुल रिक्तियों की संख्या कितनी है? उनमें से कितनी रिक्तियाँ चतुष्फलकीय हैं?
उत्तर:
षट्कोणीय निविड संकुलित संरचना (Hexagonal close packed structure) में प्रत्येक कण के लिए 2 चतुष्फलकीय रिक्तियाँ तथा एक अष्टफलकीय रिक्ति होती है। अत: इसके 0.5 मोल में-
रिक्तियों की कुल संख्या
= 0.5 × NA × 3, (NA = आवोगाद्रो संख्या)
= 1.5 × 6.022 × 1023
≈ 9.033 × 1023
तथा इनमें से चतुष्फलकीय रिक्तियाँ
= 0.5 × NA × 2
= 1 NA = 1 × 6.022 × 1023
≈ 6.022 × 1023

प्रश्न 1.15.
एक यौगिक, दो तत्वों M और N से बना है। तत्व N, ccp संरचना बनाता है और M के परमाणु चतुष्फलकीय रिक्तियों के 1/3 भाग को अध्यासित (ग्रहण) करते हैं। यौगिक का सूत्र क्या है?
उत्तर:
ccp संरचना में एकक कोष्ठिका में परमाणुओं की कुल संख्या 4 होती है। परमाणु N,ccp संरचना बना रहा है। अत: परमाणु N की संख्या = 4
चतुष्फलकीय रिक्तियों की कुल संख्या = 2 × 4 = 8
(क्योंक चतुष्फलकीय रिक्तियों की संख्या, परमाणुओं की संख्या की दुगुनी होती है।)
चूंकि चतुष्फलकीय रिक्तियों के \(\frac { 1 }{ 3 }\) भाग को परमाणु M अध्यासित कर रहा है अत: परमाणु M की संख्या = 8 × \(\frac { 1 }{ 3 }\)
इसलिए N : M
4 : \(\frac { 8 }{ 3 }\) = 12 : 8 = 3 : 2
अत: यौगिक का सूत्र N3M2 या M2N3 होगा।

प्रश्न 1.16.
निम्नलिखित में से किस जालक में उच्यतम संकुलन क्षमता है?
(i) सरल घनीय,
(ii) अंतःकेन्द्रित घन और
(iii) षट्कोणीय निविड संकुलित जालक।
उत्तर:
उपर्युक्त में से षट्कोणीय निविड संकुलित जालक की संकुलन क्षमता उच्चतम (74%) होती है। सरल घन की संकुलन क्षमता 52.4% तथा अन्तःकेन्द्रित घन की संकुलन क्षमता 68% होती है।

HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 ठोस अवस्था

प्रश्न 1.17.
एक तत्व का मोलर द्रव्यमान 2.7 × 10-2kg mol-1 है, यह 405 pm लंबाई की भुजा वाली घनीय एकक कोष्ठिका बनाता है। यदि उसका घनत्व 2.7 × 10-3 kg m-3 है तो घनीय एकक कोष्ठिका की प्रकृति क्या है?
उत्तर:
घनत्व, d = \(\frac{\mathrm{zM}}{\mathrm{a}^3 \cdot \mathrm{N}_{\mathrm{A}}}\)
घनत्व, d = 2.7 × 103 kg m-3
z = एक एकक कोष्ठिका में उपस्थित परमाणुओं की संख्यां
a3 = एकक कोष्ठिका का आयतन
a = एकक कोष्ठिका के कोर की लम्बाई = 405 pm
= 405 × 10-12m
NA = आवोगाद्रो संख्या = 6.022 × 1023
M = मोलर द्रव्यमान = 2.7 × 10-2 kg mol-1 मान रखने पर
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 Img 15
चूंकि एक एकक कोष्ठिका में परमाणुओं की संख्या 4 है अतः एकक कोष्ठिका ccp या fcc होगी।

प्रश्न 1.18.
जब एक ठोस को गरम किया जाता है तो किस प्रकार का दोष उत्पन्न हो सकता है ? इससे कौनसे भौतिक गुण प्रभावित होते हैं और किस प्रकार?
उत्तर:
जब एक ठोस को गर्म किया जाता है तो रिक्तिका दोष (vacancy defect) या शॉट्की दोष उत्पन्न हो सकता है। इससे कुछ जालक स्थल (lattice site) रिक्त हो जाते हैं इसलिए ठोस का घनत्व कम हो जाता हैं क्योंकि द्रव्यमान की तुलना में आयतन अधिक हो जाता है।

प्रश्न 1.19.
निम्नलिखित किस प्रकार का स्टॉइकियोमीट्री दोष दर्शाते हैं?
(i) ZnS
(ii) AgBr
उत्तर:
(i) ZnS में फ्रेंकेल दोष पाया जाता है क्योंकि धनायन तथा ऋणायन के आकार में अन्तर अधिक है।
(ii) AgBr फ्रेंकेल तथा शॉट्की दोनों प्रकार के दोष दर्शाता है।

प्रश्न 1.20.
समझाइए कि एक उच्च संयोजी धनायन को अशुद्धि की तरह मिलाने पर आयनिक ठोस में रिक्तिकाएं किस प्रकार प्रविष्ट होती हैं?
उत्तर:
एक उच्च संयोजी धनायन को अशुद्धि की तरह मिलाने पर आयनिक ठोस में रिक्तिकाएं प्रविष्ट हो जाती हैं क्योंक उच्च संयोजी धनायन मिलाने पर वह निम्न संयोजी धनायन की अधिक संख्या को विस्थापित करता है। जैसे NaCl में SrCl2 मिलाने पर एक Sr2+ दो Na+ को विस्थापित करता है जिसमें से एक Na+ के स्थान पर तो एक Sr2+ आ जाता है लेकिन एक रिक्तिका उत्पन्न हो जाती है।

प्रश्न 1.21.
जिन आयनिक ठोसों में धातु आधिक्य दो के कारण ऋणायनिक रिक्तिका होती हैं, वे रंगीन होते हैं। इं उपयुक्त उदाहरण की सहायता से समझाइए।
उत्तर:
जिन आयनिक ठोसों में धातु आधिक्य दोष के कार ऋणायनिक रिक्तिका होती हैं, वे रंगीन होते हैं। इसे निम्नलिखि उदाहरण द्वारा समझा सकते हैं-
जब NaCl के क्रिस्टल को सोडियम वाष्प के साथ किया जाता है, तो सोडियम परमाणु क्रिस्टल की सतह पर जम जा हैं। Cl आयन क्रिस्टल की सतह में विसरित हो जाते हैं और Na परमाणुओं के साथ मिलकर NaCl बना देते हैं। Na+ आयन बनाने लिए Na से एक इलेक्ट्रॉन निकलकर क्रिस्टल के ऋणायनिक स्था को ग्रहण करता है ।

जिससे क्रिस्टल में सोडियम का आधिक्य होता है अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों युक्त ऋणायनिक रिक्तिकाओं को F- केन्द्र कह हैं। ये NaCl के क्रिस्टलों को पीला रंग प्रदान करते हैं क्यों क्रिस्टल पर पड़ने वाले प्रकाश से ये इलेक्ट्रॉन ऊर्जा को अवशोष्षि करके उत्तेजित हो जाते हैं। इसी प्रकार लीथियम का आधिक्य LiCl क्रिस्टल को गुलाबी रंग देता है और पोटैशियम का आधिक्य KCl क्रिस्टल को बैंगनी बनाता है।

प्रश्न 1.22.
वर्ग 14 के तत्व को n – प्रकार के अर्धचालक में उपयुक्त अशुद्धि द्वारा अपमिश्रित (doping) करके रूपान्तरित करना है। यह अशुद्धि किस वर्ग से संबंधित होनी चाहिए?
उत्तर:
वर्ग 14 के तत्व को n- प्रकार के अर्धचालक में रूपान्तरित करने के लिए 15 वें वर्ग के तत्व के साथ अपमिश्रित करना होगा। जैसे Si के साथ P (फॉस्फोरस) मिलाते हैं क्योंक 15 वें वर्ग के बाह्यतम कोश में 5 इलेक्ट्रॉन होते हैं, उनमें से 4 इलेक्ट्रॉन तो बन्ध बनाने में प्रयुक्त हो जाते हैं तथा बचा हुआ पांचवाँ इलेक्ट्रॉन विस्थापित होता है। यहाँ चालकता में वृद्धि ऋणावेशित (Negative) इलेक्ट्रॉन के कारण होती है। अत: इसे n- प्रकार का अर्धचालक कहते हैं।

प्रश्न 1.23.
किस प्रकार के पदार्थों से अच्छे स्थायी चुंबक बनाए जा सकते हैं, लोह चुम्बकीय अथवा फेरीचुम्बकीय? अपने उत्तर का औचित्य बताइए।
उत्तर:
लौहचुंबकीय पदार्थों से अच्छे स्थायी चुंबक बनाए जाते हैं क्योंक ये चुंबकीय क्षेत्र की ओर प्रबलता से आकर्षित होते हैं। ठोस अवस्था में, लोहचुंबकीय पदार्थों के धातु आयन छोटे खंडों में एक साथ समूहित हो जाते हैं, इन्हें डोमेन कहते हैं।

प्रत्येक डोमेन एक छोटे चुंबक की तरह व्यवहार करता है। लोहचुंबकीय पदार्थ के अचुंबकीय टुकड़े में डोमेन अनियमित रूप से अभिविन्यासित (oriented) होते हैं अत: उनका चुंबकीय आघूर्ण निरस्त हो जाता है। इस पदार्थ को चुंबकीय क्षेत्र में रखने पर सभी डोमेन चुंबकीय क्षेत्र की दिशा में अभिविन्यासित हो जाते हैं जिससे प्रबल चुंबकीय प्रभाव उत्पन्न होता है तथा चुंबकीय क्षेत्र को हटा लेने पर भी डोमेनों का क्रम बना रहता है अतः लोहचुंबकीय पदार्थ (ferromagnetic substance) स्थायी चुंबक बन जाते हैं।
HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 1 Img 16

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HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 4 गतिमान आवेश और चुंबकत्व

Haryana State Board HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 4 गतिमान आवेश और चुंबकत्व Important Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Physics Important Questions Chapter 4 गतिमान आवेश और चुंबकत्व

वस्तुनिष्ठ प्रश्न:

प्रश्न 1.
एक आवेशित कण की समान चाल की गति से उत्पन्न होता है:
(अ) केवल विद्युत क्षेत्र
(ब) केवल चुम्बकीय क्षेत्र
(स) विद्युत व चुम्बकीय क्षेत्र दोनों
(द) विद्युत व चुम्बकीय क्षेत्र के साथ विद्युत चुम्बकीय तरंगें।
उत्तर:
(स) विद्युत व चुम्बकीय क्षेत्र दोनों

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 4 गतिमान आवेश और चुंबकत्व

प्रश्न 2.
एक इलेक्ट्रॉन त्रिज्या के वृत्ताकार पथ पर n चक्कर प्रति सेकण्ड की दर से परिक्रमण करता है। इलेक्ट्रॉन का चुम्बकीय आघूर्ण होगा:
(अ) शून्य
(ब) πr2ne
(स) πr2n2e
(द) \(\frac{\mu_0 r^2 n e}{2 \pi}\)
उत्तर:
(ब) πr2ne

प्रश्न 3.
एक वृत्ताकार कुण्डली में प्रवाहित धारा के कारण इसके केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र B है। इसी कुण्डली के अक्षीय बिन्दु पर, इसकी त्रिज्या के बराबर दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र B है तो
का मान होगा:
(अ) √2 : 1
(ब) 2√2 : 1
(स) 1 : 2√2
(द) 1 : √2
उत्तर:
(ब) 2√2 : 1

प्रश्न 4.
दो समरूप कुण्डलियों में समान विद्युत धारा बहती है। इनके केन्द्र उभयनिष्ठ तथा तल परस्पर लम्बवत् हैं। एक कुण्डली के कारण इसके केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र B है तो उभयनिष्ठ केन्द्र पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र होगा:
(अ) शून्य
(ब) \(\frac{B}{\sqrt{2}}\)
(स) √2 B
(द) 2B
उत्तर:
(स) √2 B

प्रश्न 5.
एक धारावाही वृत्ताकार त्रिज्या R की कुण्डली के कारण उसके अक्ष पर x दूरी (x >> R ) पर स्थित चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता B की x पर निर्भरता होगी:
(अ) B ∝ \(\frac{1}{x^{\frac{3}{2}}}\)
(ब) B ∝ \(\frac{1}{x^2}\)
(स) B ∝ \(\frac{1}{\mathrm{x}^3}\)
(द) B ∝ \(\frac{1}{x^{\frac{1}{2}}}\)
उत्तर:
(स) B ∝ \(\frac{1}{\mathrm{x}^3}\)

प्रश्न 6.
L लम्बाई के तार से एक लूप की कुण्डली बनाई जाती है तथा बाद में इसी तार से 2 लूप की कुण्डली बनाई जाती है तो केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्रों का अनुपात होगा:
(अ) 1 : 4
(ब) 1 : 1
(स) 1 : 8
(द) 4 : 1
उत्तर:
(अ) 1 : 4

प्रश्न 7.
दो समान्तर तारों में प्रत्येक में 1A धारा एक ही दिशा में प्रवाहित हो रही है और उनके मध्य दूरी 1m है तो परस्पर एकांक लम्बाई पर आकर्षण बल होगा:
(अ) 2 x 107 Nm-1
(ब) 4 x 10-7 Nm-1
(स) 8 x 10-7 Nm-1
(द) 10-7Nm-1
उत्तर:
(अ) 2 x 107 Nm-1

प्रश्न 8.
एक परिनालिका में धारा प्रवाह से उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र B है। परिनालिका की लम्बाई व फेरों की संख्या को दुगुना करने पर, वहीं चुम्बकीय क्षेत्र प्राप्त करने के लिए प्रवाहित धारा करनी पड़ेगी:
(अ) 2i
(ब) i
(स) \(\frac{\mathrm{i}}{2}\)
(द) \(\frac{\mathrm{i}}{4}\)
उत्तर:
(ब) i

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 4 गतिमान आवेश और चुंबकत्व

प्रश्न 9.
निश्चित अनुप्रस्थ काट के धारावाही टोरॉइड के लिए चुम्बकीय क्षेत्र का मान होता है:
(अ) सम्पूर्ण काट क्षेत्रफल पर समान
(ब) बाहरी किनारे पर अधिकतम
(स) आन्तरिक किनारे पर अधिकतम
(द) अनुप्रस्थ काट के केन्द्र पर अधिकतम।
उत्तर:
(स) आन्तरिक किनारे पर अधिकतम

प्रश्न 10.
ऐम्पियर के नियम का सही गणितीय रूप है:
(अ) \(\oint \mathrm{B} \cdot \mathrm{d} l=\Sigma \mathrm{i}\)
(ब) \(\oint \mathrm{H} \cdot \mathrm{d} l=\Sigma \mathrm{i}\)
(स) \(\oint \mathrm{B} \mathrm{d} l=\frac{\Sigma_{\mathrm{i}}}{\mu_{\mathrm{o}}}\)
(द) \(\oint \mathrm{H} \cdot \mathrm{d} l=\mu_{\mathrm{o}} \Sigma \mathrm{i}\)
उत्तर:
(ब) \(\oint \mathrm{H} \cdot \mathrm{d} l=\Sigma \mathrm{i}\)

प्रश्न 11.
d दूरी पर स्थित दो समान्तर चालक तारों में समान धारा विपरीत दिशा में प्रवाहित हो रही है तो तारों के मध्य बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता का मान होगा:
(अ) \(\frac{\mu_0 i}{2 \pi d}\)
(ब) \(\frac{2 \mu_0 \mathrm{i}}{\pi \mathrm{d}}\)
(स) \(\frac{\mu_0{ }^1}{\pi \mathrm{d}^2}\)
(द) शून्य।
उत्तर:
(ब) \(\frac{2 \mu_0 \mathrm{i}}{\pi \mathrm{d}}\)

प्रश्न 12.
1 टेसला, गाऊस के तुल्य है:
(अ) 107
(ब) 104
(स) 104
(द) 10-7
उत्तर:
(स) 104

प्रश्न 13.
किसी वृत्ताकार धारावाही चालक के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता का मान होता है:
(अ) न्यूनतम
(ब) केवल धारा के समानुपाती
(स) अधिकतम
(द) त्रिज्या के समानुपाती।
उत्तर:
(स) अधिकतम

प्रश्न 14.
लम्बे सीधे चालक में स्थिर धारा प्रवाहित हो रही है तो उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र B व दूरी के साथ परिवर्तन का ग्राफ है:

उत्तर:

प्रश्न 15.
एक धारावाही परिनालिका में चुम्बकीय क्षेत्र B है। फेरों की संख्या अपरिवर्तित रखते हुए यदि परिनालिका की लम्बाई तथा प्रवाहित धारा का मान दुगुना कर दिया जाये, तो परिनालिका में चुम्बकीय क्षेत्र का मान होगा:
(अ) B
(ब) 2B
(स) \(\frac{B}{4}\)
(द) 4B
उत्तर:
(ब) 2B

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प्रश्न 16.
किसी लम्बे धारावाही चालक के कारण किसी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा होती है:
(अ) धारा के समान्तर
(ब) धारा के विपरीत
(स) त्रिज्यीय बाहर की ओर
(द) चालक तथा बिन्दु को मिलाने वाली रेखा के लम्बवत् दक्षिण हस्त नियम के अनुसार।
उत्तर:
(द) चालक तथा बिन्दु को मिलाने वाली रेखा के लम्बवत् दक्षिण हस्त नियम के अनुसार।

प्रश्न 17.
अनन्त लम्बाई के एक तार में I धारा प्रवाहित हो रही है। तार पर चुम्बकीय क्षेत्र B है अग्र में से कौनसा से लम्बवत् दूरी सम्बन्ध सही है:
(अ) B ∝ \(\frac{\mathrm{I}}{\mathrm{r}^2}\)
(ब) B ∝ \(\frac{I}{r}\)
(स) B ∝\(\frac{\mathrm{I}}{\mathrm{r}^2}\)
(द) B ∝ \(\frac{\mathrm{I}}{\sqrt{\mathrm{r}}}\)
उत्तर:
(ब) B ∝ \(\frac{I}{r}\)

प्रश्न 18.
दो लम्बे सीधे तार समान्तर रखे गये हैं और उनके मध्य दूरी 2R है तथा प्रत्येक तार में विपरीत दिशा में धारा बह रही है। दोनों के मध्य एक बिन्दु पर जिसकी दूरी प्रत्येक तार से R है, चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण है:
(अ) शून्य
(ब) \(\frac{\mu_0 I}{4 \pi R}\)
(स) \(\frac{\mu_0 I}{2 \pi R}\)
(द) \(\frac{\mu_0 I}{\pi R}\)
उत्तर:
(द) \(\frac{\mu_0 I}{\pi R}\)

प्रश्न 19.
एक समान स्थिर चुम्बकीय क्षेत्र वाले प्रदेश में एक आवेशित कण चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा के प्रति समान्तर दिशा में अपने वेग के साथ प्रवेश करता है। इस कण की चाल होगी:
(अ) सीधी रेखा पथ में
(स) वृत्तीय पथ में
(ब) कुण्डलिनी पथ में
(द) दीर्घ वृत्तीय पथ में
उत्तर:
(अ) सीधी रेखा पथ में

प्रश्न 20.
टोरॉइड में प्रवाहित धारा के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र का मान:
(अ) अक्ष के सभी बिन्दुओं पर समान होता है।
(ब) बाहर की ओर अधिकतम होता है।
(स) केन्द्र पर शून्य होता है।
(द) अक्ष के सभी बिन्दुओं पर समान होता है।
उत्तर:
(अ) अक्ष के सभी बिन्दुओं पर समान होता है।

प्रश्न 21.
दो समान्तर सुचालक तारों में धारा एक ही दिशा में प्रवाहित हो रही है तो वे:
(अ) एक-दूसरे को आकर्षित करेंगे
(ब) एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करेंगे
(स) एक-दूसरे पर कोई बल नहीं लगायेंगे
(द) एक-दूसरे के लम्बवत् हो जायेंगे।
उत्तर:
(स) एक-दूसरे पर कोई बल नहीं लगायेंगे

प्रश्न 22.
परिनालिका के किसी आन्तरिक बिन्दु पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र का मान निर्भर करता है:
(अ) केवल परिनालिका में प्रवाहित होने वाली धारा पर
(ब) केवल परिनालिका की लम्बाई पर
(स) चक्करों की संख्या पर
(द) उपर्युक्त सभी पर।
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी पर।

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प्रश्न 23.
दो स्वतन्त्र समान्तर तार जिनमें धारा समान दिशा में प्रवाहित हो रही है तो वे:
(अ) एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।
(ब) प्रतिकर्षित करते हैं।
(स) एक-दूसरे को प्रभावित नहीं करते हैं।
(द) उनमें से किसी एक तार की धारा विलुप्त हो जाती है।
उत्तर:
(अ) एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।

प्रश्न 24.
एक चल कुण्डली धारामापी को वोल्टमीटर में बदलने के लिए उसके साथ:
(अ) एक कम प्रतिरोध को समान्तर क्रम में लगाना होगा
(ब) एक कम प्रतिरोध को श्रेणीक्रम में लगाना होगा
(स) एक बड़े प्रतिरोध को समान्तर क्रम में लगाना होगा
(द) एक बड़े प्रतिरोध को श्रेणीक्रम में लगाना होगा
उत्तर:
(द) एक बड़े प्रतिरोध को श्रेणीक्रम में लगाना होगा

प्रश्न 25.
एकदिशीय धारा वाले दो समान्तर चालकों के बीच आकर्षण बल लगने का कारण है:
(अ) उनके बीच विद्युत वाहक बल
(ब) उनके बीच अन्योन्य प्रेरण
(स) उनके बीच विद्युत बल
(द) उनके बीच चुम्बकीय बल
उत्तर:
(द) उनके बीच चुम्बकीय बल

प्रश्न 26.
चल कुण्डली धारामापी में प्रवाहित धारा I और विक्षेप 6 में सम्बन्ध है:
(अ) I ∝ tan θ
(ब) I ∝ θ
(स) I = \(\frac{1}{\theta}\)
(द) I ∝ cotθ
उत्तर:
(ब) I ∝ θ

प्रश्न 27.
किसी चल कुण्डली धारामापी को वोल्टमीटर में रूपान्तरित किया जा सकता है:
(अ) उच्च प्रतिरोध समान्तर क्रम में जोड़कर
(ब) अल्प प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जोड़कर
(स) उच्च प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जोड़कर
(द) अल्प प्रतिरोध समान्तर क्रम में जोड़कर
उत्तर:
(स) उच्च प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जोड़कर

प्रश्न 28.
टोराइड में प्रवाहित धारा के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र का मान:
(अ) अक्ष के सभी बिन्दुओं पर समान होता है।
(ब) बाहर की ओर अधिकतम होता है।
(स) केन्द्र पर शून्य होता है।
(द) अक्ष के सभी बिन्दुओं पर समान होता है।
उत्तर:
(अ) अक्ष के सभी बिन्दुओं पर समान होता है।

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1.
एक गतिमान आवेश (इलेक्ट्रॉन) कौन-कौनसे प्रकार के बल क्षेत्र उत्पन्न करता है? यदि इलेक्ट्रॉन स्थिर है तब किस प्रकार के क्षेत्र उत्पन्न करता है?
उत्तर:
गतिमान इलेक्ट्रॉन वैद्युत तथा चुम्बकीय क्षेत्र दोनों प्रकार केबल क्षेत्र उत्पन्न करता है, जबकि स्थिर इलेक्ट्रॉन केवल वैद्युत क्षेत्र उत्पन्न करता है।

प्रश्न 2.
कौनसी भौतिक राशि का मात्रक न्यूटन / ऐम्पियर मीटर है? क्या यह अदिश राशि है अथवा सदिश?
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र का (सदिश)।

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प्रश्न 3.
ऑस्टैंड प्रयोग के निष्कर्ष लिखो।
उत्तर:
धारावाही चालक अपने चारों ओर चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है, जिसका किसी बिन्दु पर परिमाण व दिशा चालक में प्रवाहित धारा के परिमाण व दिशा पर निर्भर करता है।

प्रश्न 4.
एक छल्ले को समान रूप से आवेशित किया गया है। छल्ले पर कुल आवेश q व उसकी त्रिज्या है यदि वह अपने अक्ष पर n चक्कर / सेकण्ड घूर्णन करे तो केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र का मान कितना होगा?
उत्तर:
B = \(\frac{\mu_{\mathrm{o}} \mathrm{i}}{2 \mathrm{r}}\) = \(\frac{\mu_o q}{2 r T}\)
= \(\frac{\mu_0 \omega \mathrm{q}}{4 \pi \mathrm{r}}\)

प्रश्न 5.
एक लम्बी धारावाही ताम्बे की खोखली नली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र कितना होगा?
उत्तर:
शून्य।

प्रश्न 6.
CGS पद्धति में K का मान समीकरण db = \(\frac{\mathrm{Kid} l \sin \theta}{\mathrm{r}^2}\) में कितना होगा?
उत्तर:
K = 1

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प्रश्न 7.
एक चुम्बकीय क्षेत्र में रखे चालक तार में धारा प्रवाहित करने पर ही चुम्बकीय बल क्यों लगता है?
उत्तर:
धारा प्रवाह से चालक तार के मुक्त इलेक्ट्रॉन एक निश्चित दिशा में अपवहन वेग से गति करने लगते हैं। इस कारण से चुम्बकीय बल लगने लगता है।
\(\overrightarrow{\mathrm{F}}\) = i\((\vec{L} \times \vec{B})\)

प्रश्न 8.
चित्र में बिन्दु O पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र कितना होगा?
उत्तर:
दोनों सीधे भागों के कारण शून्य होगा,
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 4 गतिमान आवेश और चुंबकत्व 3
अतः अर्द्धवृत्त के कारण जो कि परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र है,
B = \(\frac{\mu_o i}{4 r}\)

प्रश्न 9.
चित्र में O पर चुम्बकीय क्षेत्र कितना होगा?
उत्तर:
B = O (केन्द्र पर वृत्ताकार भाग के कारण परस्पर विपरीत दिशा में चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है, जिससे परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र शून्य होगा)।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 4 गतिमान आवेश और चुंबकत्व 4

प्रश्न 10.
किसी वैद्युत तथा चुम्बकीय क्षेत्र से गुजरने वाले आवेशित कण पर लगने वाले लॉरेन्स बल का सूत्र लिखिए ।
उत्तर:
\(\overrightarrow{\mathrm{F}}=\mathrm{q}(\overrightarrow{\mathrm{E}}+\vec{v} \times \overrightarrow{\mathrm{B}})\)

प्रश्न 11.
चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं को टायरॉइड के क्रोड में पूर्णतः परिरुद्ध किया जा सकता है, परन्तु इन्हें सीधी परिनलिका के भीतर परिरुद्ध नहीं किया जा सकता क्यों?
उत्तर:
एक टायरॉइड एक सिराहीन परिनलिका है इसलिए बल रेखायें बन्द होती हैं जिनकी न कोई शुरुआत होती है और न ही अन्त।

प्रश्न 12.
चुम्बकीय क्षेत्र में गतिमान आवेशित कण पर लगने वाले चुम्बकीय लॉरेंज बल द्वारा आवेशित कण पर कोई कार्य नहीं किया जाता है। प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
चूँकि आवेशित कण पर लॉरेंज बल \(\overrightarrow{\mathrm{F}}\) की दिशा कण के वेग \(\vec{v}\) अर्थात् उसके विस्थापन के लम्बवत् होती है।
\(\overrightarrow{\mathrm{F}}\) = q\((\vec{v} \times \overrightarrow{\mathrm{B}})\) अतः इस बल द्वारा किया गया कार्य W = \(\overrightarrow{\mathrm{F}}\). \(\overrightarrow{\mathrm{d}}\) = Fd cos 90° = 0 अर्थात् कोई भी कार्य नहीं किया जाता है।

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प्रश्न 13.
एक धारावाही परिनालिका को पृथ्वी के क्षैतिज तल में स्वतन्त्रतापूर्वक लटकाने पर स्थिरावस्था में उसकी दिशा क्या होगी?
उत्तर:
उत्तर-दक्षिण।
∵ (धारावाही परिनालिका चुम्बक की भांति व्यवहार करती है)।

प्रश्न 14.
वृत्ताकार धारावाही कुण्डली के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र तथा कुण्डली की त्रिज्या में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
B ∝ \(\frac{1}{\mathrm{R}}\)
∵ केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र B = \(\frac{\mu_0 \mathrm{NI}}{2 \mathrm{R}}\)

प्रश्न 15.
एक आवेशित कण समचुम्बकीय क्षेत्र में इसके समान्तर प्रवेश करता है तो कण का पथ कैसा होगा?
उत्तर:
ऋजुरेखीय। ∵ F = quBsinθ में θ = 0° होने पर बल शून्य होगा।

प्रश्न 16.
चुम्बकीय फ्लक्स का मात्रक वेबर है। इसका तुल्य विद्युत मात्रक बताइये।
उत्तर:
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प्रश्न 17.
किसी वृत्ताकार कुण्डली के व्यासाभिमुखी सिरों पर एक नियत वोल्टता की बैटरी संयोजित है। कुण्डली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र कितना होगा?
उत्तर:
शून्य।

प्रश्न 18.
किसी N फेरों वाली R त्रिज्या की धारावाही कुण्डली को खोलकर सीधे लम्बे तार में बदलने पर इससे R दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान कुण्डली के केन्द्र पर मान का कितना गुना होगा?
उत्तर:
केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र
B = \(\frac{\mu_0 N I}{2 R}\) …..(1)
तथा लम्बे सीधे तार के कारण चुम्बकीय क्षेत्र
B = \(\frac{\mu_0 I}{2 \pi R}\) ……….(2)
समीकरण (1) में समी (2) का भाग देने पर
\(\frac{B_0}{B}\) = \(\frac{\frac{\mu_0 N I}{2 R}}{\frac{\mu_0 I}{2 \pi R}}\) = Nπ

प्रश्न 19.
एक ऐम्पियर धारा की अन्तरराष्ट्रीय मात्रक पद्धति में परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
एक ऐम्पियर विद्युत धारा, वह धारा है जो निर्वात या वायु में परस्पर एक मीटर लाम्बिक दूरी पर स्थित दो लम्बे समान्तर व सीधे चालक तारों में प्रवाहित होने पर तारों की एक मीटर लम्बाई पर 2 x 102 न्यूटन / मीटर बल उत्पन्न करती है।

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प्रश्न 20.
एक परिनालिका के कोड की। मीटर लम्बाई पर 1000 फेरे हैं व उसमें 2A की धारा प्रवाहित हो रही है तो चुम्बकन क्षेत्र H का मान क्या होगा?
उत्तर:
दिया गया है:
N = 1000
L = 1m
I = 2A
चुम्बकन क्षेत्र H =\(\frac{\mathrm{NI}}{\mathrm{L}}\)
H = \(\frac{1000 \times 2}{1}\)
= 2000 A/m
= 2 × 103 A/m

प्रश्न 21.
किस दशा में चुम्बकीय क्षेत्र में गतिमान आवेशित कण पर बल (1) अधिकतम, (ii) न्यूनतम होगा?
उत्तर:
बल F =qVB sin θ से
(i) जब θ = 90° तो F =qVB होगा जो कि अधिकतम मान है।
(ii) जब θ = 0 अथवा θ = 180° तो F = 0 होगा जो कि न्यूनतम मान है।
अतः जब आवेशित कण चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् गति करता है तो उस पर लगने वाला बल अधिकतम तथा जब यह चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में अथवा विपरीत दिशा में गति करता है तो बल न्यूनतम (शून्य) होता है।

प्रश्न 22.
कोई इलेक्ट्रॉन किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र वाले स्थान से गुजरते समय विक्षेपित नहीं होता है। चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा क्या है?
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा इलेक्ट्रॉन के वेग की दिशा में अथवा इसकी विपरीत दिशा में है जिससे θ = 0° अथवा 180° अर्थात् F = evB sin θ = 0 इसलिए यह विक्षेपित नहीं होगा।

प्रश्न 23.
किसी धारामापी को उसी रूप में अमीटर की तरह उपयोग में क्यों नहीं लाते?
उत्तर:
क्योंकि उसकी कुण्डली का प्रतिरोध बहुत कम नहीं होता है तथा यह अपनी कुण्डली के अधिकतम सम्भव विक्षेप के संगम सीमित धारा को ही माप सकता है।

प्रश्न 24.
दो समान्तर तार एक-दूसरे के अति निकट स्थित हैं, ऊपर का तार स्थिर है तथा नीचे का तार मुक्त है। मुक्त तार को रोकने के लिये दोनों तारों में उपयुक्त मान की धारा किस दिशा में प्रवाहित की में जानी चाहिए? कारण दीजिये।
उत्तर:
समान दिशा में प्रवाहित की जानी चाहिए, आकर्षण बल के कारण।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 4 गतिमान आवेश और चुंबकत्व

प्रश्न 25.
बायो- सावर्ट के नियम ( Biot Savart’s Law) से धारावाही चालक के किसी अल्पांश के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र के व्यंजक को सदिश रूप में लिखिये।
उत्तर:
\(\overrightarrow{\delta B}\) = \(\frac{\mu_{\mathrm{o}} \mathrm{I}}{4 \pi \mathrm{r}} \frac{\overrightarrow{\delta l} \times \overrightarrow{\mathrm{r}}}{\mathrm{r}^3}\)
या
\(\overrightarrow{\delta B}\) = \(\frac{\mu_{\mathrm{o}} \mathrm{I}}{4 \pi \mathrm{r}} \frac{(\overrightarrow{\delta l} \times \hat{\mathrm{r}})}{\mathrm{r}^2}\)

प्रश्न 26.
दो समान्तर धारावाही चालकों के मध्य प्रतिकर्षण का बल उत्पन्न होता है। इनमें बहने वाली धाराओं की दिशा के बारे में क्या संकेत मिलता है?
उत्तर:
धारा परस्पर विपरीत दिशा में है।

प्रश्न 27.
किसी चालक में विद्युत धारा के कारण चालक के आस- पास कौनसा क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है?
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र

प्रश्न 28.
आवेश वाला कण \(\vec{v}\) वेग से चुम्बकीय क्षेत्र में गति कर रहा है। उस पर लगने वाले बल का मान क्या होगा?
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र में गतिमान आवेश पर बल
\(\overrightarrow{\mathrm{F}}\) = q\((\vec{v} \times \overrightarrow{\mathrm{B}})\)

प्रश्न 29.
चल कुण्डली धारामापी में एक मुलायम लोहे का क्रोड काम में क्यों लेते हैं?
उत्तर:
लोहे के क्रोड के कारण चुम्बकीय क्षेत्र तीव्र हो जाता है।

प्रश्न 30.
एक विद्युत लाइन में धारा उत्तर की ओर बह रही है। धारा के कारण विद्युत लाइन के ऊपर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा किधर होगी?
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा पूर्व की ओर होगी।

प्रश्न 31.
यदि किसी परिनालिका की लम्बाई, उसके कुल फेरों की संख्या तथा प्रवाहित धारा दुगुनी कर दी जाती है तो उसमें चुम्बकीय क्षेत्र कितना गुना हो जायेगा?
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र दोगुना हो जायेगा।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 4 गतिमान आवेश और चुंबकत्व

प्रश्न 32.
धारावाही परिनालिका के बाहर चुम्बकीय क्षेत्र का मान कितना होता है?
उत्तर:
लगभग शून्य होता है।

प्रश्न 33.
B का मान दूरी पर निर्भर करता है के बढ़ने पर B का मान घटता है। यदि r = ∞ हो तो B का मान क्या होगा?
उत्तर:
शून्य होगा।

प्रश्न 34.
2r दूरी पर दो सीधे समान्तर तारों में समान दिशा में I धारा प्रवाहित की जाती है। दोनों तारों के मध्य बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता कितनी होगी?
उत्तर:
दोनों तारों के कारण चुम्बकीय क्षेत्र परस्पर बराबर एवं विपरीत होने के कारण कुल चुम्बकीय क्षेत्र B = 0।

प्रश्न 35.
एक लम्बी तांबे की नली में धारा प्रवाहित की जाये तो नली के अन्दर चुम्बकीय क्षेत्र क्या होगा?
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र शून्य होगा।

प्रश्न 36.
लम्बे सीधे चालक में प्रवाहित धारा के कारण किसी बिन्दु पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र तार प्रवाहित धारा पर किस प्रकार निर्भर करता है?
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र B ∝ प्रवाहित धारा (i)।

प्रश्न 37.
किसी लम्बे सीधे धारावाही चालक के कारण किसी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा किधर होगी?
उत्तर:
चालक तथा बिन्दु को मिलाने वाली रेखा के लम्बवत् दक्षिण हस्त नियम के अनुसार होती है।

प्रश्न 38.
एक धारावाही टोरॉइड के किस भाग पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता का मान अधिकतम होगा?
उत्तर:
भीतरी किनारे पर।

प्रश्न 39.
किसी लम्बे धारावाही चालक के चारों ओर उत्पन्न चुम्बकीय बल रेखाओं की दिशा क्या होती है?
उत्तर:
चालक के चारों ओर बन्द वृत्त के रूप

प्रश्न 40.
किसी सोलेनाइड के अन्दर चुम्बकीय क्षेत्र का मान कैसा होता है?
उत्तर:
समान होता है।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 4 गतिमान आवेश और चुंबकत्व

प्रश्न 41.
चल कुण्डली धारामापी में स्प्रिंग (लटकाने वाला तार) निम्न ऐंठन नियतांक का होता है। क्यों?
उत्तर:
धारामापी की धारा सुग्राहिता और वोल्टता सुग्राहिता दोनों स्प्रिंग के ऐंठन नियतांक के व्युत्क्रमानुपाती होती हैं। अतः इस नियतांक का निम्न मान धारामापी की सुग्राहिता बढ़ाने के लिए रखा जाता है।

प्रश्न 42.
उन दो कारकों के नाम लिखिए जिनके द्वारा धारामापी की वोल्टता सुग्राहिता बढ़ाई जा सकती है।
उत्तर:
(i) कुण्डली में फेरों की संख्या N का मान बढ़ाकर।
(ii) स्प्रिंग का ऐंठन बल नियतांक C का मान कम करके।

प्रश्न 43.
एक ∝-किरण पुंज (+ X -अक्ष) के अनुदिश प्रक्षेपित किया जाता है। यह एक चुम्बकीय क्षेत्र के कारण + Y-अक्ष के अनुदिश बल का अनुभव करता है। चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा क्या होगी?
उत्तर:
चूँकि ∝ धनावेशित कण है अतः इसकी गति की दिशा ही धारा की दिशा होगी इसलिए फ्लेमिंग के बायें हाथ के नियम अथवा दायें हाथ की हथेली के नियम 2 के अनुसार चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा – Z-अक्ष के अनुदिश होगी।
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प्रश्न 44.
यदि G प्रतिरोध के धारामापी को अमीटर में परिवर्तित करने पर धारामापी से मुख्य धारा का 1% प्रवाहित होता है तो शण्ट का प्रतिरोध क्या होगा?
उत्तर:
S = \(\left(\frac{i_g}{I-i_g}\right)\)
G = \(\left(\frac{\frac{1}{100} I}{I-\frac{1}{100} I}\right) G\)

प्रश्न 45.
दिये गए चित्रों में बिन्दु P पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा ⊗ व के रूप में लिखिए।
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उत्तर:
A. ⊗ चूँकि कागज के तल में भीतर की ओर जाती विद्युत धारा अथवा विद्युत क्षेत्र को एक क्रॉस ⊗ द्वारा व्यक्त किया जाता है।
B. चूँकि कागज के तल से बाहर की ओर निर्गत विद्युत धारा अथवा क्षेत्र (विद्युत अथवा चुम्बकीय) को एक बिन्दु द्वारा व्यक्त किया जाता है।

प्रश्न 46.
आयताकार आकृति का कोई समतलीय लूप किसी ऐसे एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में गतिमान कराया जाता है जो इस लूप के तल के लम्बवत् है। इस लूप में प्रेरित धारा की दिशा और परिमाण क्या है?
उत्तर:
यदि कोई समतलीय लूप किसी ऐसे एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में गतिमान कराया जाता है जो इस लूप के तल के लम्बवत् है: तब लूप में कोई भी धारा नहीं बहेगी। इस कारण से लूप में प्रेरित धारा की कोई भी दिशा नहीं होगी।

लघुत्तरात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1.
किसी क्षेत्र से गुजरता एक इलेक्ट्रॉन विक्षेपित नहीं होता है। क्या यह संभव हो सकता है कि वहाँ कोई चुम्बकीय क्षेत्र नहीं हो? समझाइए।
उत्तर:
\(\vec{v}\) वेग से गतिमान इलेक्ट्रॉन पर चुम्बकीय क्षेत्र में कार्यरत बल
\(\overrightarrow{\mathrm{F}}\) = -e\((\vec{v} \times \overrightarrow{\mathrm{B}})\)
या
\(\overrightarrow{\mathrm{F}}\) = -evBsinθ
बल F का मान शून्य होगा यदि θ = 0°
या 180°
इसलिए इलेक्ट्रॉन चुम्बकीय क्षेत्र में विक्षेपित नहीं होगा यदि यह समानान्तर या प्रति समानान्तर गति करता हो। इस प्रकार हम नहीं कह सकते कि चुम्बकीय क्षेत्र अनुपस्थित है।

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प्रश्न 2.
यदि किसी वृत्ताकार कुण्डली में बहने वाली धारा दोगुनी एवं उसकी त्रिज्या आधी कर दी जाये तो कुण्डली के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र में क्या परिवर्तन होगा?
उत्तर:
वृत्ताकार कुण्डली के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र
B = \(\frac{\mu_0 \mathrm{NI}}{2 \mathrm{R}}\)
यदि धारा I’ = 21 और त्रिज्या r’ = 1/2 तो चुम्बकीय क्षेत्र
B = \(\frac{\mu_0 \mathrm{NI}^{\prime}}{2 \mathrm{R}^{\prime}}\)
= \(\frac{\mu_0 \mathrm{~N}(2 \mathrm{I})}{2(\mathrm{R} / 2)}\)
∴ B’ = 4B
अर्थात् चुम्बकीय क्षेत्र चार गुना हो जायेगा।

प्रश्न 3.
चुम्बकीय क्षेत्र \(\overrightarrow{\mathbf{B}}\) में वेग \(\overrightarrow{\mathbf{v}}\) से गतिशील आवेश q पर लगने वाले बल \(\overrightarrow{\mathbf{F}}\) के लिए सदिश रूप में व्यंजक लिखिए। इस व्यंजक की सहायता से शर्तें प्राप्त कीजिए जब यह बल (i) अधिकतम एवं (ii) न्यूनतम हो।
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र \(\overrightarrow{\mathbf{B}}\) में, वेग \(\overrightarrow{\mathbf{v}}\) से गतिशील आवेश q पर लगने वाला बल
\(\overrightarrow{\mathbf{F}}\) = q \((\vec{v} \times \overrightarrow{\mathrm{B}})\)
(i) \(|\vec{v} \times \overrightarrow{\mathrm{B}}|\) = vBsinθ
जब θ = 90° अर्थात् जब \(\vec{v} \perp \overrightarrow{\mathrm{B}}\) तो sin θ = 1 जो कि sin θ का अधिकतम मान है। अर्थात् जब \(\vec{v} \times \overrightarrow{\mathrm{B}}\) तो \(|\vec{v} \times \overrightarrow{\mathrm{B}}|\) अधिकतम
होगा। अतः \(\overrightarrow{\mathbf{F}}\) का मान भी अधिकतम होगा।

(ii) जब θ = 0° अर्थात् तो sinθ = 0
अतः
\(|\vec{v} \times \vec{B}|\) = 0
\(\overrightarrow{\mathbf{F}}\)
अर्थात् जब \(\vec{v}\) || \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) तो \(\vec{F}\) का मान न्यूनतम होगा।

प्रश्न 4.
समरूप चुम्बकीय क्षेत्र का मान न्यूनतम होगा। में गतिशील आवेशित कण की ऊर्जा में कोई परिवर्तन नहीं होता है, समझाइए। क्यों?
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र में गतिशील आवेशित कण पर लगने वाला बल कण के वेग के लम्बवत् होता है अतः चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा कण पर कोई कार्य नहीं किया जाता है अतः कण की चाल नियत रहेगी और इस प्रकार कण की गतिज ऊर्जा भी अपरिवर्तित रहेगी।

प्रश्न 5.
α – कणों एवं प्रोटॉनों का एक पुंज समान चाल से एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। चुम्बकीय क्षेत्र में उनके वृत्तीय पथों की त्रिज्याओं के अनुपात की गणना कीजिए।
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र में किसी आवेशित कण के वृत्तीय पथ की त्रिज्या
r = \(\frac{\mathrm{mv}}{\mathrm{qB}}\)
α -कण के लिए
= \(\frac{m_\alpha v}{2 \mathrm{e} . \mathrm{B}}\)
प्रोटॉन के लिए
= \(\frac{m_{\mathrm{p}} \cdot v}{\mathrm{e} . \mathrm{B}}\)
\(\frac{r_\alpha}{r_p}\) = \(\frac{m_\alpha}{2 m_p}\) = \(\frac{4 m_p}{2 m_p}\)
∵ mα = 4mp
या
\(\frac{r_\alpha}{r_p}\) = 2
∴ rα : rp = 2 : 1

प्रश्न 6.
एक इलेक्ट्रॉन पुंज E तीव्रता के विद्युत क्षेत्र एवं B तीव्रता के चुम्बकीय क्षेत्रों के क्रॉसित क्षेत्र (crossed region) में प्रवेश करता है। इलेक्ट्रॉन की किस चाल के लिए इलेक्ट्रॉन पुंज अविचलित रहेगा?
उत्तर:
इलेक्ट्रॉन पुंज तब अविचलित रहेगा जब उस पर लगने वाले वैद्युत एवं चुम्बकीय बल परिमाण में समान हों और दिशा में विपरीत हों। इसलिए
Fe = Fm
या
Ee = evB
या
E = VB

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प्रश्न 7.
चल कुण्डली धारामापी में त्रिज्य चुम्बकीय क्षेत्र का क्या महत्व है?
उत्तर:
बल युग्म
τ = NIAB sinθ
जब त्रिज्य चुम्बकीय क्षेत्र में कुण्डली को लटकाया जाता है तो कुण्डली की प्रत्येक स्थिति में उसका तल किसी न किसी बल रेखा के अनुदिश होता है, अतः 6 = 90°
अतः
sin θ = 1
τ = NIAB
अब
τ α I
अर्थात् कुण्डली पर बल युग्म उसमें प्रवाहित धारा के अनुक्रमानुपाती होता है। इस प्रकार धारामापी स्केल रेखीय बना सकते हैं।

प्रश्न 8.
दो परस्पर लम्बवत् धारावाही लम्बे सीधे तारों के कारण किसी बिन्दु पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र शून्य कब हो सकता है?
उत्तर:
यदि x y तल में स्थित बिन्दु P के निर्देशांक (x, y) हैं तो परस्पर लम्बवत् धारावाही चालक तारों के कारण चुम्बकीय क्षेत्र
क्रमश:
B1 = \(\frac{\mu_0 i_1}{2 \pi x}\)
तथा
B2 = \(\frac{\mu_0 i_2}{2 \pi y}\)
जिनकी दिशायें Z अक्ष के अनुदिश होंगी।
यदि ये क्षेत्र बराबर तथा विपरीत हैं तो परिणामी क्षेत्र शून्य होने के लिये
B1 = B2
\(\frac{\mu_0 i_1}{2 \pi x}\) = \(\frac{\mu_0 i_2}{2 \pi y}\)
⇒ \(\frac{\mathrm{i}_1}{\mathrm{x}}\) = \(\frac{i_2}{y}\)
⇒ \(\frac{i_1}{\mathbf{i}_2}\) = \(\frac{x}{y}\)
जबकि ये धारायें मूल बिन्दु से बाहर की ओर इंगित हों।

प्रश्न 9.
ऐम्पियर की अन्तर्राष्ट्रीय परिभाषा को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
ऐम्पियर की परिभाषा – दो लम्बे सीधे तथा समान्तर धारावाही चालक तारों के मध्य प्रति एकांक लम्बाई पर कार्यरत चुम्बकीय
बल
\(\frac{\delta \mathrm{F}}{\delta l}\) = \(\frac{\mu_o i_1 \mathrm{i}_2}{2 \pi \mathrm{d}}\)
यदि i = 12 = 1 A तथा d = 1m है तो
\(\frac{\delta \mathrm{F}}{\delta l}\) = \(\frac{\mu_o(1 \mathrm{~A})(1 \mathrm{~A})}{2 \pi(1 \mathrm{~m})}\)
= \(\frac{4 \pi \times 10^{-7}}{2 \pi}\)
\(\frac{\delta \mathrm{F}}{\delta l}\) = 2 × 107 न्यूटन/मी.
1 ऐम्पियर विद्युत धारा, वह धारा है जो निर्वात या वायु में परस्पर 1 मीटर लाम्बिक दूरी पर स्थित दो लम्बे समान्तर व सीधे चालक तारों में प्रवाहित होने पर तारों की 1 मीटर लम्बाई पर 2 × 107 न्यूटन / मीटर बल उत्पन्न करती है।

प्रश्न 10.
न्यूट्रॉन को साइक्लोट्रॉन द्वारा त्वरित नहीं किया जा सकता क्यों?
उत्तर:
न्यूट्रॉन अनावेशित कण है, इसलिए त्वरित नहीं कर सकते हैं।

प्रश्न 11.
वोल्टमीटर की परास बदलने के लिये क्या करते हैं?
उत्तर:
RH = \(\left(\frac{V}{i_g}\right)\)  – G
इस उच्च प्रतिरोध को अभीष्ट धारामापी के श्रेणीक्रम में संयोजित करने पर यह V परास का वोल्टमीटर बन जायेगा। गैल्वेनोमीटर के श्रेणीक्रम में निर्धारित उच्च प्रतिरोध RH लगने पर बने वोल्टमीटर का प्रभावी प्रतिरोध Ry = (RHG) बहुत अधिक (G की तुलना में बहुत अधिक) हो जाता है। इस प्रकार परिपथ के किसी भाग में विभवान्तर मापन हेतु समान्तर क्रम में संयोजित वोल्टमीटर का स्वयं का प्रतिरोध बहुत अधिक हो जाने के कारण यह परिपथ में प्रवाहित धारा के न्यूनतम अंश को अपने से गुजार कर परिपथ में बहने वाली लगभग पूर्ण धारा के अनुरूप उत्पन्न विभवान्तर का यथेष्ठ मापन कर देता है।

प्रश्न 12.
आपको एक निम्न प्रतिरोध R1, एक उच्च प्रतिरोध R2 व एक धारामापी दिये गये हैं। सुझाइए कि इनमें ऐसा उपकरण किस प्रकार बनायेंगे जो (i) धारा नाप सके, (ii) विभवान्तर नाप सके।
उत्तर:
(i) धारा मापने के लिए कम प्रतिरोध R1 को धारामापी के समान्तर क्रम में जोड़ना होगा।
(ii) विभवान्तर नापने के लिए उच्च प्रतिरोध R2 को धारामापी के श्रेणीक्रम में जोड़ना होगा।

प्रश्न 13.
अमीटर एवं मिली अमीटर दोनों धारामापी से बनाये जाते हैं। इन दोनों धारामापक उपकरणों में से किसका प्रतिरोध अधिक होगा?
उत्तर:
हम जानते हैं:
S = \(\frac{I_g G}{I-I_g}\)
इस सूत्र से स्पष्ट है कि धारामापी को मिली अमीटर में बदलने के लिए बड़े प्रतिरोध के शण्ट S की आवश्यकता होती है अपेक्षाकृत अमीटर के शण्ट प्रतिरोध के
अमीटर का प्रतिरोध R = \(\frac{\mathrm{G} . \mathrm{S}}{\mathrm{G}+\mathrm{S}}\)
स्पष्ट है कि “मिली अमीटर का प्रतिरोध अधिक होगा।”

प्रश्न 14.
अमीटर तथा वोल्टमीटर में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
अमीटर:
अमीटर वह उपकरण होता है जिसकी सहायता से किसी विधुत परिपथ मे प्रवाहित विधुत धारा का मापन करते है। धारामापी को अमीटर मे बदलने के लिए उसकी कुण्डली के साथ समांतर क्रम मे कम प्रतिरोध का तार जोड़ देते है। इस तार को शण्ट कहते है। तथा एक आदर्श अमीटर के प्रतिरोध को शून्य होना चाहिए।
वोल्टमीटर:
वोल्टमीटर वह उपकरण होता है जिसकी सहायता से विद्युत् परिपथ के किन्हीं दो बिन्दुओं के मध्य विभवान्तर ज्ञात करते हैं। धारामापी को वोल्टमीटर में बदलने के लिए उसकी कुण्डली के साथ श्रेणी क्रम में उच्च मान का प्रतिरोध तार जोड़ देते हैं। एक आदर्श वोल्टमीटर के प्रतिरोध को अनन्त होना चाहिए।

प्रश्न 15.
बायो- सावर्ट का नियम लिखिए।
एक इलेक्ट्रॉन की गति का पथ लिखिए जबकि वह चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है, उसके
(a) लम्बवत्
(b) θ कोण पर।
उत्तर:
बायो- सावर्ट का नियम (Biot Savart’s Law): जब किसी चालक से धारा प्रवाहित होती है तो चालक के चारों ओर चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है। इस चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता का किसी बिन्दु पर मान ज्ञात करने के लिये बायो तथा सावर्ट ने प्रयोगों के आधार पर एक नियम प्रतिपादित किया जिसे बायो- सावर्ट का नियम कहते हैं। इस नियम के अनुसार किसी धारावाही चालक के अल्पांश δl के कारण किसी बिन्दु P पर चुम्बकीय प्रेरण या चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता δB का मान
(i) धारा के मान के अनुक्रमानुपाती होता है।
(ii) धारा अल्पांश की लम्बाई 8/ के अनुक्रमानुपाती होता है।
(iii) धारा अल्पांश के सापेक्ष प्रेक्षण बिन्दु के स्थिति सदिश \(\underset{\mathrm{r}}{\vec{r}}\)
व धारा अल्पांश \(\overrightarrow{\delta l}\) के मध्य कोण θ की ज्या अर्थात् sin θ के अनुक्रमानुपाती होता है।
(iv) धारा अल्पांश से प्रेक्षण बिन्दु की दूरी r के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
अर्थात्
δB ∝ \(\frac{I \delta l \sin \theta}{r^2}\)
निर्वात या अचुम्बकीय माध्यम से
δB = \(\left(\frac{\mu_0}{4 \pi}\right)\) \(\frac{I \delta l \sin \theta}{r^2}\)
जहाँ μo निर्वात की चुम्बकीय पारगम्यता कहलाती है। μo का मान 4 x 107 वेबर / ऐम्पियर या हेनरी / मी. होता है।
(a) वृत्ताकार
(b) सर्पिलाकार (कुण्डली के आकार में)।

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प्रश्न 16.
ऐम्पियर का परिपथीय नियम लिखिए। एक लम्बे सीधे वृत्ताकार काट (त्रिज्या a) के तार में स्थायी धारा प्रवाहित हो रही है। धारा तार में समान रूप से वितरित है तार के अन्दर क्षेत्र (r <a) पर चुम्बकीय क्षेत्र की गणना कीजिए।
उत्तर:
ऐम्पियर का परिपथीय नियम (Ampere’s Circular Law): “ऐम्पियर के नियम के अनुसार निर्वात (अथवा वायु) में किसी बन्द पथ के चुम्बकीय क्षेत्र में रेखा समाकलन का मान, निर्वात की चुम्बकशीलता (μ0) तथा उस बन्द पथ से गुजरने वाली धाराओं के बीजगणितीय योग के गुणनफल के बराबर होता है।”
अतः गणितीय रूप में
\(\oint \overrightarrow{\mathrm{B}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{d} l}=\mu_0 \Sigma \mathrm{I}\)
जहाँ
μ0 = निर्वात की चुम्बकशीलता
\(\oint \overrightarrow{\mathrm{B}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{d} l}\) = चुम्बकीय क्षेत्र \((\overrightarrow{\mathbf{B}})\) का रेखीय समाकलन कहलाता है।
यहाँ पर r < a पर चुम्बकीय क्षेत्र की गणना करनी है। इसके लिये ऐम्पियर पाश वह वृत्त है जिस पर 1 अंकित है। इस पाश के लिये वृत्त की त्रिज्या r लेने पर

L = 2πr
अब यहाँ पर परिबद्ध विद्युत धारा Ie का मान I नहीं है। लेकिन यह इस मान से कम है। चूँकि विद्युत धारा का विवरण एक समान रूप से है अतः परिबद्ध विद्युत धारा के अंश का मान
Ie = \(I\left(\frac{\pi r^2}{\pi a^2}\right)\) = \(\frac{\mathrm{Ir}^2}{\mathrm{a}^2}\) ……….(1)
ऐम्पियर के नियम का उपयोग करने पर
B × 2πr = \(\frac{\mu_0 \mathbf{I r}^2}{\mathrm{a}^2}\)
⇒ B = \(\frac{\mu_0 \mathbf{I r}^2}{\mathrm{a}^2}\) × \(\frac{1}{2 \pi r}\)
B = \(\left(\frac{\mu_0 \mathrm{I}}{2 \pi \mathrm{a}^2}\right)\)

प्रश्न 17.
दो सीधे समान्तर धारावाही चालकों के बीच प्रति इकाई लम्बाई पर बल का व्यंजक प्राप्त कीजिए किस अवस्था में यह बल आकर्षण व प्रतिकर्षण का होता है? विद्युत धारा के मानक मात्रक की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
दो समान्तर विद्युत धाराओं के बीच बल-ऐम्पियर (Force between Two Parallel Currents, the Ampere):
समान्तर धारावाही चालकों पर चुम्बकीय बल – चित्र में P1 तथा P2 दो अनन्त लम्बाई के धारावाही चालक हैं जो परस्पर d दूरी पर एक कागज के तल में स्थित हैं। दोनों तारों में धारा समान दिशा में i2 बह रही है, इस कारण से उनके चारों तरफ चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होगा। यहाँ पर एक धारावाही चालक दूसरे धारावाही चालक के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र में उपस्थित है।
P1 धारावाही चालक के कारण d दूरी पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र
B1 = \(\frac{\mu_0 i_1}{2 \pi \mathrm{d}}\) …….(1)
इस चुम्बकीय क्षेत्र में उपस्थित धारावाही चालक P2 की लम्बाई / पर कार्यरत चुम्बकीय बल
\(\overrightarrow{\mathrm{F}}_2\) = i2 \(\left(\vec{l} \times \overrightarrow{\mathrm{B}}_1\right)\)
F2 = i2lB1 sinθ
F2 = i2lB1
∵ \(\vec{l} \perp \vec{B}_1\) …..(2)
समीकरण (1) से B का मान रखने पर
F2 = i2l x \(\frac{\mu_0 \mathrm{i}_1}{2 \pi \mathrm{d}}\)
F2 = \(\frac{\mu_0 \mathrm{i}_1 \mathrm{i}_2 l}{2 \pi \mathrm{d}}\) न्यूटन …..(3)
इस बल F2 की दिशा धारावाही चालक P2 तथा उस पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र B1 के लम्बवत् है। इस प्रकार से यह बल चालक P1 की ओर तथा कागज के तल में है। बल की यह दिशा फ्लेमिंग के बायें हाथ के नियम से ज्ञात कर सकते हैं।
\(\frac{\mathrm{F}_2}{l}\) = \(\frac{\mu_o i_1 i_2}{2 \pi \mathrm{d}}\) न्यूटन / मीटर
यह धारावाही चालक P2 की इकाई लम्बाई पर कार्यरत चुम्बकीय बल है।
P2 धारावाही चालक के कारण दूरी पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र
B2 = \(\frac{\mu_{\mathrm{o}} i_2}{2 \pi \mathrm{d}}\)
इसी प्रकार से P2 के कारण P1 की लम्बाई l पर कार्यरत चुम्बकीय बल
\(\overrightarrow{\mathrm{F}}_1=\mathrm{i}_1\left(\vec{l} \times \overrightarrow{\mathrm{B}}_2\right)\)
या F1 = i1lB2
या
F1 = \(\frac{\mathrm{i}_1 l \mu_0 \mathrm{i}_2}{2 \pi \mathrm{d}}\)
B2 = \(\frac{\mu_{\mathrm{o}} \mathrm{i}_2}{2 \pi \mathrm{d}}\)

या
F1 = \( \frac{\mu_{\mathrm{o}} \mathrm{i}_1 \mathrm{i}_2 l}{2 \pi \mathrm{d}}\)
या
\(\frac{F_1}{l}=\frac{\mu_0 i_1 i_2}{2 \pi \mathrm{d}}\) न्यूटन / मीटर …(4)
समीकरण (3) तथा (4) से
\(\frac{\mathrm{F}_1}{l}\) = \(\frac{F_2}{l}\) = \(\frac{\mu_0 i_1 i_2}{2 \pi d}\) न्यूटन/मी.
चित्र से स्पष्ट है, यदि दो समान्तर धारावाही चालकों में धारा एक ही दिशा में हो तो उनके मध्य आकर्षण बल कार्य करता है।
विशेष स्थितियाँ: (i) यदि धारा परस्पर विपरीत दिशा में हो तो प्रतिकर्षण होगा।

(ii) यदि धारा परस्पर एक ही दिशा में होती है तो आकर्षण होता है।

दो समान्तर धारावाही तारों के बीच प्रत्येक तार की प्रति मीटर लम्बाई पर कार्यकारी पारस्परिक बल
\(\frac{\mathrm{F}_1}{l}\) = \(\frac{\mu_0}{2 \pi} \left(\frac{i_1 i_2}{d}\right)\) न्यूटन / मीटर
परन्तु
μ0 = 4π x 10-7 न्यूटन / ऐम्पियर2
\(\frac{\mathrm{F}_1}{l}\) = \(\frac{4 \pi \times 10^{-7}}{2 \pi} \left(\frac{\mathrm{i}_1 \mathrm{i}_2}{\mathrm{~d}}\right)\)
= (2 × 10-7) \(\left(\frac{\mathrm{i}_1 \mathrm{i}_2}{\mathrm{~d}}\right)\) न्यूटन / मीटर
यदि i1 = i2 = i ऐम्पियर और d = 1 मीटर तब
= (2 x 10-7) i2 न्यूटन / मीटर
अतः यदि इन तारों के बीच प्रति मीटर लम्बाई पर लगने वाली बल
2 x 10-7न्यूटन / मीटर हो, तो 2 x 10-7 न्यूटन / मीटर = (2 x 10-7) i2 न्यूटन / मीटर अर्थात् = 1
अतः 1 ऐम्पियर वह वैद्युत धारा है जो वायु (या निर्वात) में एक-दूसरे से एक मीटर दूर स्थित दो सीधे लम्बे एवं समान्तर तारों में प्रवाहित होने पर प्रत्येक तार की प्रति मीटर लम्बाई पर 2 x 10-7 न्यूटन का बल आरोपित करती है।

प्रश्न 18.
एक इलेक्ट्रॉन त्रिज्या की वृत्ताकार कक्षा में चाल से परिक्रमा कर रहा है। इसका घूर्णन चुम्बकीय अनुपात का व्यंजक प्राप्त कीजिए बोर मैग्नेट्रान किसे कहते हैं? इसका मान लिखिए।
उत्तर:
r त्रिज्या की वृत्ताकार कक्षा में चाल से परिक्रमा कर रहे इलेक्ट्रॉन का घूर्ण चुम्बकीय अनुपात:
इलेक्ट्रॉन (एक ऋणावेशित कण) किसी धनावेशित नाभिक के चारों ओर ठीक उसी प्रकार परिक्रमा करता है जिस प्रकार कोई ग्रह सूर्य की परिक्रमा करता है। किसी स्थिर भारी नाभिक जिसका आवेश + Ze है, के चारों ओर (-e) आवेश का इलेक्ट्रॉन (e = 1.6 x 10-19 C) एक समान वर्तुल गति करता रहता है। इससे विद्युत धारा I बनती है।
I = \(\frac{e}{T}\) …..(1)
यहाँ पर T परिक्रमण का आवर्त काल है। यदि इलेक्ट्रॉन की कक्षा की त्रिज्या तथा कक्षीय चाल है, तो
T = \(\frac{2 \pi r}{v}\) ……(2)
समीकरण (1) में T का मान रखने पर
I = \(\frac{e v}{2 \pi r}\) ………(3)
चुम्बकीय आघूर्ण m = IA = Iπr2
∴ m = \(\left(\frac{\mathrm{ev}}{2 \pi \mathrm{r}}\right)\) πr2
m = \(\frac{e v r}{2}\) …..(4)
∵ m = \(\frac{\mathrm{evr}}{2}\)
इस परिसंचारी विद्युत धारा के साथ एक चुम्बकीय आघूर्ण सम्बद्ध होगा जिसे प्राय: μl द्वारा निर्दिष्ट करते हैं। इसका परिमाण है μl = Iπr2 = \(\frac{e v r}{2} \)

चित्र में इस चुम्बकीय आघूर्ण की दिशा कागज के तल में भीतर की ओर है। [इस परिणाम पर हमें पहले वर्णन किए जा चुके दक्षिण- हस्त नियम तथा इस तथ्य के आधार पर पहुंचे हैं कि ऋणावेशित इलेक्ट्रॉन वामावर्त गति कर रहा है जिसके फलस्वरूप विद्युत धारा दक्षिणावर्त है। उपरोक्त व्यंजक के दक्षिण पक्ष को इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान me से गुणा एवं भाग करने पर हमें प्राप्त होता है
हाइड्रोजन जैसे परमाणुओं के बोर मॉडल में ऋणावेश युक्त इलेक्ट्रॉन केंद्रस्थ धनादेश युक्त (+ Ze) नामिक के चारों ओर एकसमान चाल घूम रहा है। इलेक्ट्रॉन की एकसमान वर्तुल गति एक धारा लूप बनाती चुम्बकीय आघूणों की दिशा कागज के तल के लंबवत भीतर की ओर है तथा इसे पृथक् रूप चिन्ह ⊗ द्वारा निर्दिष्ट किया गया है।
μl = \(\frac{\mathrm{e}}{2 \mathrm{~m}_{\mathrm{e}}}\) (mevr)
= \(\frac{\mathrm{e}}{2 \mathrm{~m}_{\mathrm{e}}}\) …..(5)
यहाँ l केन्द्रीय नाभिक के परितः इलेक्ट्रॉन के कोणीय संवेग का परिणाम है। सदिश रूप में
\(\overrightarrow{\mu_l}\)= \(-\frac{\mathrm{e}}{2 \mathrm{~m}_{\mathrm{e}}} \vec{l}\) ……….(6)
यहाँ ऋणात्मक चिन्ह यह संकेत देता है कि इलेक्ट्रॉन के कोणीय संवेग की दिशा चुम्बकीय आघूर्ण की दिशा के विपरीत है। यदि हमने इलेक्ट्रॉन (जिस पर आवेश है) के स्थान पर ( +9) आवेश का कोई कण लिया होता तो कोणीय संवेग तथा चुम्बकीय आघूर्ण दोनों की एक ही दिशा होती अनुपात
\(\frac{\mu_l}{l}\)=\(\frac{e}{2 m_e}\) ………..(7)
इसे घूर्ण चुम्बकीय अनुपात कहते हैं तथा यह एक नियतांक है। इलेक्ट्रॉन के लिए इस अनुपात का मान 8.8 x 102 C/kg है जिसे प्रयोगों द्वारा सत्यापित किया जा चुका है।

बोहर मैग्नेट्रॉन (Bohr Magnetron ): बोहर के परमाणु सिद्धान्त के अनुसार किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉन केवल उन्हीं कक्षाओं में परिक्रमण कर सकता है जिनमें उनका कोणीय संवेग
\(\left(\frac{\mathrm{h}}{2 \pi}\right)\) का पूर्ण गुणक हो,
जहाँ h = प्लांक नियतांक
∴ mvr = n\(\left(\frac{\mathrm{h}}{2 \pi}\right)\)
अर्थात्
l = \(\frac{\mathrm{nh}}{2 \pi}\)
जहाँ n = 1,2…………
l का यह मान समीकरण (5) में रखने पर
μl = \(\frac{\mathrm{e}}{2 \mathrm{~m}_{\mathrm{e}}}\left(\frac{\mathrm{nh}}{2 \pi}\right)\)
अर्थात्
μl = \(\mathrm{n}\left(\frac{\mathrm{eh}}{4 \pi \mathrm{m}_{\mathrm{e}}}\right)\) …………..(8)
यह एक सामान्य समीकरण है जो किसी परमाणु में नाभिक के चारों ओर nर्वी कक्षा में परिक्रमण करते हुये इलेक्ट्रॉन के कक्षीय चुम्बकीय आघूर्ण को व्यक्त करती है।
प्रथम कक्षा के लिये n = 1 अतः μl का न्यूनतम मान = \(\frac{\text { eh }}{4 \pi \mathrm{m}_{\mathrm{e}}}\)
\(\overrightarrow{\mu_l}\) के इस न्यूनतम मान को ही बोहर मेग्नेट्रॉन कहते हैं। इसको से प्रदर्शित करते हैं।
अतः
μl = \(\frac{\text { eh }}{4 \pi \mathrm{m}_{\mathrm{e}}}\)
इसको निम्न प्रकार परिभाषित किया जाता है-
“परमाणु की प्रथम कक्षा में परिक्रमण करते हुये इलेक्ट्रॉन का कक्षीय चुम्बकीय आघूर्ण एक बोहर मैग्नेट्रॉन कहलाता है।” इसका मान μB = 9.27 x 1024 ऐम्पियर मीटर2

आंकिक प्रश्न:

प्रश्न 1.
5 सेमी. त्रिज्या के वृत्ताकार लूप में 0.5 ऐम्पियर की धारा बह रही है। लूप के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र की गणना कीजिए।
उत्तर:
दिया है:
r = 5 सेमी = 5 x 10-2 मीटर
I = 0.5 ऐम्पियर
अतः लूप के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र
B = \(\frac{\mu_0}{4 \pi}\left(\frac{2 \pi \mathrm{I}}{\mathrm{r}}\right)\)
मान रखने पर
B = \(\frac{4 \pi \times 10^{-7}}{4 \pi}\left(\frac{2 \pi \times 0.5}{5 \times 10^{-2}}\right)\)
= 10-7 × 2 × 3.14 x 10
= 6.28 × 10-7 टेसला

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 4 गतिमान आवेश और चुंबकत्व

प्रश्न 2.
एक लम्बे सीधे तार में 5 ऐम्पियर की धारा बह रही है। उससे 10 सेमी. की दूरी पर कितना चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होगा? क्षेत्र का दिशा निर्धारण किस नियम से होगा?
उत्तर:
यहाँ दिया है:
लम्बे सीधे तार में वैद्युत धारा I = 5 ऐम्पियर
तार से प्रेक्षण बिन्दु की दूरी r = 10 सेमी = 0.10 मीटर
अतः इसके कारण प्रेक्षण बिन्दु पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र B का परिमाण
B = \(\frac{\mu_0}{4 \pi}\)\(\left(\frac{2 \mathrm{I}}{\mathrm{r}}\right)\)
मान रखने पर
= 10-7 \(\left(\frac{2 \mathrm{I}}{\mathrm{r}}\right)\)
[∵\(\frac{\mu_0}{4 \pi}\) = 10-7
B = 10-7 \(\left(\frac{2 \times 5}{0.10}\right)\) न्यूटन / ऐम्पियर मीटर
= 10-5 न्यूटन / ऐम्पियर मीटर
क्षेत्र \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) की दिशा का निर्धारण दायें हाथ की हथेली के नियम दक्षिणावर्त पेच नियम अथवा दायें हाथ के नं. 1 अथवा मैक्सवेल के दक्षिणावर्त पेच नियम अथवा दायें हाथ के अंगूठे के नियम किसी के भी द्वारा किया जा सकता है।

प्रश्न 3.
दो एक समान कुण्डलियाँ, प्रत्येक की त्रिज्या 8 सेमी. तथा फेरों की संख्या 100, समाक्षतः (coaxially) जिनके केन्द्र 12 सेमी. दूरी पर हैं, व्यवस्थित हैं। यदि प्रत्येक कुण्डली में 1 ऐम्पियर धारा एक ही दिशा में प्रवाहित हो तो अक्षीय रेखा पर ठीक मध्य में चुम्बकीय क्षेत्र ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
दिया है:
a = 8 सेमी = 0.08 मीटर
n = 100, x = 6 सेमी = 0.06 मीटर
एक कुण्डली के केन्द्र से 0.06 मीटर की दूरी पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र
B1 = \(\frac{\mu_0 \mathrm{nIa}^2}{2\left(\mathrm{a}^2+\mathrm{x}^2\right)^{3 / 2}}\)
मान रखने पर

= 4.02 x 104 टेसला
चूँकि दोनों कुण्डलियों में धारा एक ही दिशा में प्रवाहित हो रही है अतः अक्षीय रेखा पर कुण्डलियों के ठीक मध्य बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान होगा-
B = 2B1 = 2 × 4.02 x 10-4
= 8.04 x 104 टेसला

प्रश्न 4.
N फेरों की एक कुण्डली को एक सर्पिल के रूप में कसकर लपेटा गया है, जिसकी आन्तरिक व बाह्य त्रिज्या क्रमशः r1 तथा r2 हैं। कुण्डली में I धारा प्रवाहित है तो इसके केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
माना कि सर्पिलाकार कुण्डली की स्वेच्छ त्रिज्या पर अत्यन्त सूक्ष्म मोटाई Sr का एक लूप है तो इस लूप के कारण केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र

प्रश्न 5.
एक ∝-कण 0.2 वेबर / मीटर के चुम्बकीय क्षेत्र में 6.0 x 105 मीटर / सेकण्ड की चाल से क्षेत्र के लम्बवत् प्रवेश करता है कण का त्वरण और पथ की त्रिज्या ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
दिया है:
∝-कण
∴ q = 2e = 2 × 1.6 x 10-19
= 3.2 x 10-19 कूलॉम
m = 4 x 1.67 × 10-27
= 6.68 × 10-27 किग्रा.
B = 0.2 वेबर / मी.2
v = 6.0 x 105 मी./से.
θ = 90°
चुम्बकीय क्षेत्र के कारण Q-कण पर बल
F = qvB sinθ
मान रखने पर:
= 3.2 × 10-19 x 60 x 105 x 0.2 x sin 90°
= 3.2 × 1.2 × 10-14 × 1
= 3.84 x 10-14 न्यूटन
कण का त्वरण a =
= 5.75 x 1012 मी./से2
∝-कण के पथ की त्रिज्या r =
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 4 गतिमान आवेश और चुंबकत्व 16

प्रश्न 6.
दो लम्बे समान्तर तार परस्पर 8 सेमी. दूरी पर हैं। इनमें क्रमशः i तथा 3i मान की धारायें एक ही दिशा में बह रही हैं। दोनों के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र कहाँ पर शून्य होगा?
उत्तर:
माना धारा वाले तार से x सेमी दूरी पर दोनों तारों के कारण चुम्बकीय क्षेत्र शून्य है तो 3i धारा वाले तार से उसकी दूरी (8 – x) सेमी. होगी। अतः i धारा वाले तार के कारण x दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र
B1 = \(\frac{\mu_0 \mathrm{i}}{2 \pi \mathrm{x}}\) …..(1)
तथा धारा वाले तार के कारण (8 – x ) दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र
B1 = \(\frac{\mu_0(3 \mathrm{i})}{2 \pi(8-\mathrm{x})}\) ….(2)
लेकिन प्रश्नानुसार B1 – B2 = 0
या
B1 = B1
अतः समीकरण (1) तथा (2) से
\(\frac{\mu_0 \mathrm{i}}{2 \pi \mathrm{x}}=\frac{\mu_0(3 \mathrm{i})}{2 \pi(8-\mathrm{x})}\)
या
\(\frac{1}{x}=\frac{3}{8-x}\)
या
8 – x = 3x
या
8 = 4x
या
X = = 2 सेमी.
अतः i धारा वाले तार से 2 सेमी. की दूरी पर दोनों धारावाही तारों के उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र शून्य होगा।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 4 गतिमान आवेश और चुंबकत्व

प्रश्न 7.
एक साइक्लोट्रॉन की डीज की अधिकतम त्रिज्या 0.5 मीटर है जिसमें 1.7 टेसला का अनुप्रस्थ चुम्बकीय क्षेत्र कार्यरत है। इसमें प्रोटॉन द्वारा अर्जित अधिकतम गति ऊर्जा ज्ञात कीजिए। R = 0.5 मीटर
उत्तर:
प्रश्नानुसार,
R = 0.5 मीटर
B = 1.7 टेसला
तथा प्रोटॉन के लिए q = 1.6 x 10-19 कूलॉम
m= 1.67 x 10-27 किग्रा.
त्वरित प्रोटॉन द्वारा अर्जित अधिकतम ऊर्जा
Emax =\(\frac{1}{2}m\)\(\left(\frac{\mathrm{BqR}}{\mathrm{m}}\right)^2\) = \(\frac{B^2 q^2 R^2}{2 m}\)
मान रखने पर = \(\frac{(1.7)^2 \times\left(1.6 \times 10^{-19}\right)^2 \times(0.5)^2}{2 \times 1.67 \times 10^{-27}}\)
\(\frac{2.89 \times 2.56 \times 10^{-38} \times 0.25}{3.34 \times 10^{-27}}\)
= 0.554 × 10-11 = 5.54 x 10-12 जूल

प्रश्न 8.
एक परिनालिका में 500 फेरे / मीटर हैं तथा इसमें प्रवाहित धारा 5 ऐम्पियर है परिनालिका की लम्बाई 0.5 मीटर तथा त्रिज्या 1 सेमी. है। परिनालिका के अन्दर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
यहाँ परिनालिका की एकांक लम्बाई में फेरों की संख्या n = 500 प्रति मीटर है।
परिनालिका में धारा I = 5 ऐम्पियर
∴ परिनालिका के अन्दर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता B = μ0nI
B = \(\left(\frac{\mu_0}{4 \pi}\right)\) 4πnI
अथवा
B = \(\frac{4 \pi \times 10^{-7} \times 4 \times 3.14 \times 500 \times 5}{4 \pi}\)
= 3.14 x 10-3 वेबर / मीटर2
नोट- B के उपर्युक्त सूत्र में परिनालिका की लम्बाई और त्रिज्या की आवश्यकता नहीं होती है।

प्रश्न 9.
एक धारामापी का प्रतिरोध 30Ω है। इसमें 2mA की धारा पूर्ण स्केल विक्षेप देती है। इसका (0 – 0.3 A) परास का अमीटर बनाने के लिए आवश्यक प्रतिरोध की गणना कीजिए।
उत्तर:
दिया है:
G = 30Ω
Ig = 2 mA = 2 × 10-3 A
तथा I = 0.3A
इस धारामापी को (0 – 0.3A) परास का अमीटर बनाने के लिए आवश्यक इसके समान्तर क्रम में जोड़े जाने वाला शण्ट प्रतिरोध
S = \(\frac{I_g}{\left(I-I_g\right)} \cdot G\)
= \(\frac{\left(2 \times 10^{-3}\right) \times 30}{\left(0.3-2 \times 10^{-3}\right)}\)
= \(\frac{60 \times 10^{-3} \times 10^3}{(300-2)}\) = \(\frac{60}{298}\)
= 0.20Ω

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 4 गतिमान आवेश और चुंबकत्व

प्रश्न 10.
दो वृत्ताकार धारावाही कुण्डलियों की त्रिज्यायें संख्यायें क्रमशः r1 व r2 हैं। इन्हें श्रेणीक्रम में जोड़ा गया है तब सिद्ध कीजिए कि इनके केन्द्रों पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्रों का अनुपात n1r2 : n2r1 होगा। यदि कुण्डलियाँ समान्तर क्रम में जुड़ी हों तो सिद्ध कीजिए कि केन्द्रों पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्रों का अनुपात (r2/r1)2 के तुल्य होगा।
उत्तर:
श्रेणीक्रम में जुड़े होने से कुण्डलियों में धारा I समान होगी। अतः इनके केन्द्रों पर चुम्बकीय क्षेत्र होंगे
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 4 गतिमान आवेश और चुंबकत्व 17
⇒ B1 : B2 = n1r2 : n2r1
समान्तर क्रम में जुड़े होने पर उनमें धाराओं का अनुपात उनके प्रतिरोधों R1 व R2 के अनुपात के व्युत्क्रमानुपाती होगा अर्थात्

प्रश्न 11.
एक लम्बे सीधे तार AB में 4A की धारा बह रही है। एक प्रोटॉन P तार के समान्तर 4 x 106 मी./से. के वेग से तार से 0.2 मीटर दूरी पर धारा की दिशा के विपरीत चित्र की भाँति गति करता है। प्रोटॉन पर आरोपित बल का परिमाण ज्ञात कीजिए। इसकी दिशा भी बताइए।
उत्तर:
कागज के तल में स्थित लम्बे सीधे तार के कारण इससे r = 0.2 मी. दूरी पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र
B = \(\frac{\mu_0}{4 \pi}\left(\frac{2 \mathrm{I}}{\mathrm{r}}\right)\)
= 4 x 106 वेबर / मी2

दायें हाथ की हथेली के नियम 2 के अनुसार \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) की दिशा कागज के तल के लम्बवत् अन्दर की ओर होगी अतः स्पष्ट है कि इस चुम्बकीय क्षेत्र में प्रोटॉन इसके लम्बवत् गतिशील है।
अतः इस पर कार्य करने वाला चुम्बकीय बल
F= qvB sin 90° = qvB
मान रखने पर:
F = 1.6 × 10-19 × ( 4 x 106) x 4 x 106
= 1.6 × 16 × 10-19
= 25.6 × 10-19 = 2.56 x 10-18 न्यूटन
फ्लेमिंग के बायें हाथ के नियमानुसार प्रोटॉन पर बल की दिशा कागज के तल में तार के लम्बवत् इससे दूर अर्थात् दायीं ओर होगी।

प्रश्न 12.
एक प्रोटॉन पुंज इसकी दिशा के लम्बवत् क्रॉसित वैद्युत एवं चुम्बकीय क्षेत्रों में से अवक्षेपित गुजरता है। यदि वैद्युत तथा चुम्बकीय क्षेत्र के परिमाण क्रमश: 100kV/m तथा 50 mT हों तो ज्ञात कीजिए (i) प्रोटॉन पुंज का वेग v, (ii) वह बल जिससे यह पुंज पर्दे के किसी लक्ष्य पर टकराता है, जबकि प्रोटॉन पुंज धारा 0.80 mA है।
उत्तर:
दिया है:
B = 50 mT = 50 × 103 T
E = 100 kV/m = 100 x 103 V/m
(i) प्रोटॉन पुंज की अविक्षेपित दशा में, चुम्बकीय बल = वैद्युत बल
evB = e.E
अतः प्रोटॉन पुंज का योग v = \(\frac{E}{B}\)
= \(\frac{100 \times 10^3}{50 \times 10^{-3}}\)
= 2 × 106 m/s

(ii) प्रोटॉन पुंज धारा I = 0.80 x 10-3 ऐम्पियर
यदि पर्दे के लक्ष्य पर प्रति सेकण्ड टकराने वाले प्रोटॉन की
संख्या n हो, तो ne = I से
n = \(\frac{0.80 \times 10^{-3}}{1.6 \times 10^{-19}}\)
= 5 × 1015
mp = 1.675 × 10-27 kg
अतः वह बल जिससे प्रोटॉन पुंज लक्ष्य से टकराता है
F = \(\frac{\Delta \mathrm{P}}{\Delta \mathrm{t}}\) = \(\frac{\left(m_p v\right) n}{1}\)
= 1.675 × 10-27 × 2 × 106 × 5 × 1015
= 1.675 × 10-5 N

प्रश्न 13.
किसी साइक्लोट्रॉन के दोलित्र की आवृत्ति 10 MHz है। प्रोटॉनों को त्वरित करने के लिए प्रचालन चुम्बकीय क्षेत्र क्या होना चाहिए? यदि इसकी ‘डीज’ की त्रिज्या 60 cm है, तो त्वरक द्वारा उत्पन्न प्रोटॉन पुन्ज की गतिज ऊर्जा (MeV में) परिकलित कीजिए।
उत्तर:
साइक्लोट्रॉन के दोलित्र की आवृत्ति, प्रोटॉन साइक्लोट्रॉन की आवृत्ति के बराबर होनी चाहिए। तब चुम्बकीय क्षेत्र,
B = \(\frac{2 \pi \mathrm{m} v}{\mathrm{q}}\)
= \(\frac{2 \times 3.14 \times 1.67 \times 10^{-27} \times 10^7}{1.6 \times 10^{-19}}\)
∵ आवृत्ति v = 10 MHz
= 0.66 T
v = r = r x 2πv
= 0.6 × 2 × 3.14 x 107
∵ r = 60 cm = 0.6m
= 3.78 × 107 m/s
इसलिये गतिज ऊर्जा
K = mv
= \(\frac{1}{2}\) × 1.67 × 10-27 × (3.78 × 107)2 J
= \(\frac{1}{2}\) × \(\frac{1.67 \times 10^{-27} \times 14.3 \times 10^{14}}{1.6 \times 10^{-19} \times 10^6}\) MeV
= 7.4 MeV

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HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा

Haryana State Board HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा Important Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Physics Important Questions 3 विद्युत धारा

वस्तुनिष्ठ प्रश्न-

1. एक विद्युत परिपथ में आदर्श बैटरी को बाह्य प्रतिरोध से जोड़ने पर उसमें धारा प्रवाहित होती है। यदि उसी प्रकार की एक अन्य बैटरी को बैटरी के समान्तर क्रम में जोड़ दिया जाये तो प्रतिरोध में बहने वाली धारा का मान हो जायेगा-
(अ) 2i
(ब) i
(स) \( \frac{\mathrm{i}}{2}\)
(द) शून्य
उत्तर:
(ब) i

2. किसी विद्युत परिपथ के किसी बिन्दु से 0.5 सेकण्ड में 10 कूलॉम आवेश प्रवाहित हो रहा है तो परिपथ में विद्युत धारा का मान ऐम्पियर में होगा —
(अ) 10
(ब) 20
(स) 0.005
(द) 0.05
उत्तर:
(ब) 20

3. चालक का प्रतिरोध निर्भर करता है-
(अ) केवल चालक की लम्बाई पर
(ब) केवल चालक के अनुप्रस्थ काट पर
(स) केवल चालक के पदार्थ पर
(द) उपर्युक्त सभी पर
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी पर

4. एक चालक प्रतिरोध को बैटरी से जोड़ा गया है। शीतलन प्रक्रिया से चालक के ताप को परिवर्तित किया जाये तो प्रवाहित धारा का मान-
(अ) बढ़ेगा
(ब) घटेगा
(स) स्थिर रहेगा
(द) शून्य होगा
उत्तर:
(अ) बढ़ेगा

5. किसी चालक की प्रतिरोधकता व चालकता का गुणनफल निर्भर करता है-
(अ) काट क्षेत्रफल पर
(स) लम्बाई पर
(ब) ताप पर
(द) किसी पर नहीं
उत्तर:
(द) किसी पर नहीं

6. एक 40 ओम प्रतिरोध के समरूप काट क्षेत्रफल वाले तार को चार समान भागों में काटकर समान्तर क्रम में जोड़ दिया जाता है। संयोजन का तुल्य प्रतिरोध होगा-
(अ) 10 ओम
(ब) 4 ओम
(स) 2.5 ओम
(द) 40 ओम
उत्तर:
(स) 2.5 ओम

7. दो समान आकार के तारों, जिनकी प्रतिरोधकता P1 तथा P2 हैं, को श्रेणीक्रम में जोड़ा गया है। संयोजन की तुल्य प्रतिरोधकता होगी-
(अ) \(\sqrt{\rho_1 \rho_2}\)
(ब) 2 (p1 + p2)
(स) \(\frac{\rho_1+\rho_2}{2}\)
(द) p1 + p2
उत्तर:
(द) p1 + p2

8. चित्र में दो भिन्न-भिन्न तापों पर एक चालक के V- i वक्रों को दर्शाया गया है। यदि इन तापों के संगत प्रतिरोध क्रमशः R1 R2 हों तो निम्न में से कौनसा कथन सत्य है-
(अ) T1 = T2
(ब) T1 > T2
(स) T1 < T2
(द) इनमें से कोई नहीं
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 1
उत्तर:
(स) T1 < T2

9. अपवाह वेग vd की आरोपित विद्युत क्षेत्र E पर निर्भरता होगी-
(अ) vd नियत रहेगी
(ब) vd ∝ E
(स) vd ∝ \(\frac{1}{E}\)
(द) vd ∝ E
उत्तर:
(ब) vd ∝ E

10. धातुओं में यादृच्छिक गति में मुक्त इलेक्ट्रॉन के माध्य तापीय वेग Vsub>° की तुलना में अपवाह वेग vd का मान रहेगा-
(अ) vd ≈ V°
(ब) vd >> V°
(स) vd << V°
(द) अनिश्चित
उत्तर:
(स) vd << V°

11. ओम के नियम के अनुसार धारा घनत्व j व विद्युत क्षेत्र की तीव्रता E में सम्बन्ध होता है-
(अ) j = \(\frac{\mathrm{I}}{\sigma \mathrm{E}}\)
(ब) E = σj
(स) j = \(\frac{\sigma}{E}\)
(द) j = σE
उत्तर:
(द) j = σE

12. एक-समान n प्रतिरोधों के मान में कितनी गुणा बढ़ोतरी की जाये, ताकि श्रेणीक्रम को उसी तुल्य प्रतिरोध के समान्तर क्रम के संयोजन में बदला जा सके?
(अ) √n
(ब) n
(स) n2
(द) n-2
उत्तर:
(स) n2

13. 2R के प्रतिरोध में (चित्र में दिये परिपथ में) प्रवाहित धारा का मान होगा-
(अ) 2E/R
(ब) 2E/7R
(स) E/7R
(द) E/R
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 2
उत्तर:
(ब) 2E/7R

14. किसी बैटरी का आन्तरिक प्रतिरोध r है तथा विद्युत वाहक बल E है। बैटरी के सिरों को R = r ओम के बाह्य प्रतिरोध से सम्बन्धित करने पर उसके सिरों के मध्य विभवान्तर होगा-
(अ) 2E वोल्ट
(ब) E वोल्ट
(स) \(\frac{E}{2}\) वोल्ट
(द) \(\frac{E}{4}\) वोल्ट
उत्तर:
(स) \(\frac{E}{2}\) वोल्ट

15. एक वर्ग एक तार का बना हुआ है, जिसकी प्रत्येक भुजा का प्रतिरोध R ओम है। विकर्ण के सिरों पर बिन्दुओं के मध्य प्रभावी प्रतिरोध होगा-
(अ) R/2 ओम
(ब) R ओम
(स) 2R ओम
(द) 4R ओम
उत्तर:
(ब) R ओम

16. 10 ओम के चार प्रतिरोध चित्र मे दिखाये अनुसार जोड़े गये हैं। संयोजन का तुल्य प्रतिरोध होगा-
(अ) शून्य
(ब) 10 ओम
(स) 20 ओम
(द) 40 ओम
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 3
उत्तर:
(ब) 10 ओम

17. किसी तार की प्रतिरोधकता निर्भर करती है-
(अ) उसकी लम्बाई पर
(ब) उसके काट के क्षेत्रफल पर
(स) उसके पदार्थ पर
(द) उसकी आकृति पर
उत्तर:
(स) उसके पदार्थ पर

18. चित्र में बताये प्रतिरोध का मान मेगा ओम में होगा-
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 4
(अ) 5.6 MΩ ± 10%
(ब) 4.7 MΩ ± 10%
(द) 17 MΩ ± 5%
(स) 4.10 MΩ 5%
उत्तर:
(स) 4.10 MΩ 5%

19. प्रतिरोध मापन के लिए उपयोग में आने वाला उपकरण है-
(अ) प्रतिरोध
(ब) गेल्वेनोमीटर
(स) व्हीटस्टोन सेतु
(द) वोल्टमीटर
उत्तर:
(स) व्हीटस्टोन सेतु

20. दो प्रतिरोध तार A, B एक ही पदार्थ के बने हुए हैं। तार A की कुल लम्बाई व त्रिज्या B से दुगुनी है। A और B के प्रतिरोधों का अनुपात होगा-
(अ) 1 : 2
(ब) 1 : 1
(स) 2 : 1
(द) 4 : 1
उत्तर:
(अ) 1 : 2

21. ताँबे तथा जरमेनियम को कमरे के ताप से 30°K तक ठण्डा किया जाता है। इस क्रिया में प्रतिरोध का मान-
(अ) दोनों के लिए घटेगा
(ब) दोनों के लिए बढ़ेगा
(स) ताँबे का बढ़ेगा तथा जरमेनियम का घटेगा
(द) ताँबे का घटेगा तथा जरमेनियम का बढ़ेगा
उत्तर:
(द) ताँबे का घटेगा तथा जरमेनियम का बढ़ेगा

22. सेलों को समान्तर क्रम में जोड़ा जाता है, जबकि सेल का आन्तरिक प्रतिरोध है-
(अ) बाह्य प्रतिरोध के बराबर
(स) बाह्य प्रतिरोध से कम
(ब) बाह्य प्रतिरोध से अत्यधिक
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) बाह्य प्रतिरोध से अत्यधिक

23. एक ही पदार्थ के दो तार दिये हैं, पहले की लम्बाई और व्यास दूसरे से क्रमशः दुगुने के बराबर है। पहले का प्रतिरोध है, दूसरे के प्रतिरोध के
(अ) बराबर
(ब) दुगुना
(स) आधा
(द) चार गुना
उत्तर:
(ब) दुगुना

24. धारा (i) और अपवहन वेग vd में सम्बन्ध है-
(अ) i = neA vd
(ब) i = \(\frac{\text { neA }}{\mathrm{v}_{\mathrm{d}}}\)
(स) i = \(\frac{\text { nev }_{\mathrm{d}}}{\mathrm{A}}\)
(द) i = \(\frac{\text { ne }}{\mathrm{Av}_{\mathrm{d}}}\)
उत्तर:
(अ) i = neA vd

25. यदि एक चालक तार की लम्बाई दुगुनी एवं अनुप्रस्थ काट आधी कर दी जाए तो परिवर्तित तार के पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध-
(अ) अपरिवर्तित रहेगी
(ब) दुगुना हो जायेगा
(स) चार ग्ना हो जायेगा
(द) अपरिवर्तित रहता है।
उत्तर:
(द) अपरिवर्तित रहता है।

26. व्हीटस्टोन ब्रिज में बैटरी व धारामापी की स्थितियाँ परस्पर परिवर्तित करने पर नयी संतुलन स्थिति-
(अ) अपरिवर्तित रहेगी
(ब) परिवर्तित होगी
(स) बदल भी सकती है और नहीं भी, यह धारामापी व बैटरी के प्रतिरोधों पर निर्भर करेगा
(द) कुछ नहीं कहा जा सकता।
उत्तर:
(अ) अपरिवर्तित रहेगी

27. एक चालक में 2 ऐम्पियर की धारा 10 सेकण्ड तक प्रवाहित करने पर 80 J ऊष्मा उत्पन्न होती है। चालक का प्रतिरोध होगा-
(अ) 0.5 ओम
(ब) 2 ओम
(स) 4 ओम
(द) 4 ओम
उत्तर:
(ब) 2 ओम

28. मीटर ब्रिज का तार बना होता है-
(अ) लोहे का
(ब) कॉन्सटेन्टन का
(स) ताँबे का
(द) इस्पात तथा ऐलुमिनियम की मिश्रित धातु का
उत्तर:
(ब) कॉन्सटेन्टन का

29. R प्रतिरोध के तार में I ऐम्पियर की धारा प्रवाहित करने पर उत्पन्न ऊष्मा की दर (जूल में) होगी-
(अ) IR
(ब) \(\frac{\mathrm{R}}{\mathrm{I}} \)
(स) \(\frac{\mathrm{I}}{\mathrm{R}} \)
(द) I2R
उत्तर:
(द) I2R

30. निम्न कथन में से कौनसा कथन गलत है?
(अ) 1 वोल्ट व 1 कूलॉम का गुणा 1 जूल है।
(ब) 1 वोल्ट व 1 ऐम्पियर का गुणा 1 जूल / सेकण्ड है।
(स) 1 वोल्ट व 1 वाट का गुणा 1 अश्वशक्ति है।
(द) वाट आवर को इलेक्ट्रॉन वोल्ट के पदों में भी मापा जा सकता है ।
उत्तर:
(स) 1 वोल्ट व 1 वाट का गुणा 1 अश्वशक्ति है।

31. विभिन्न मान के प्रतिरोध तारों को श्रेणीक्रम में जोड़कर उन्हें विद्युत स्रोत से सम्बद्ध करने पर प्रत्येक प्रतिरोध में-
(अ) धारा और विभवान्तर का मान भिन्न-भिन्न होता है।
(ब) धारा और विभवान्तर का मान समान होता है।
(स) धारा समान बहती है लेकिन प्रत्येक का विभवान्तर भिन्न- भिन्न होता है।
(द) धारा का मान भिन्न-भिन्न होता है लेकिन सभी पर विभवान्तर समान होता है।
उत्तर:
(अ) धारा और विभवान्तर का मान भिन्न-भिन्न होता है।

32. दो ओम के तीन प्रतिरोध तारों को किस प्रकार संयोजित करें कि उनका परिणामी प्रतिरोध 3 ओम हो जाये?
(अ) तीनों को समान्तर क्रम में
(ब) तीनों को श्रेणीक्रम में
(स) दो को समान्तर क्रम में तथा एक को श्रेणीक्रम में
(द) दो श्रेणीक्रम में तथा एक समान्तर क्रम में
उत्तर:
(स) दो को समान्तर क्रम में तथा एक को श्रेणीक्रम में

33. विभिन्न मान के प्रतिरोधकों के समान्तर क्रम में जोड़ने पर
(अ) प्रत्येक प्रतिरोध में धारा समान होती है परन्तु विभवान्तर प्रत्येक पर भिन्न होता है।
(ब) धारा और विभवान्तर प्रत्येक प्रतिरोध में समान होता है।
(स) धारा और विभवान्तर प्रत्येक प्रतिरोध में भिन्न होते हैं।
(द) प्रत्येक प्रतिरोध में भिन्न मान की धारा प्रवाहित होती है परन्तु विभवान्तर सभी के लिए समान होता है।
उत्तर:
(द) प्रत्येक प्रतिरोध में भिन्न मान की धारा प्रवाहित होती है परन्तु विभवान्तर सभी के लिए समान होता है।

34. चित्र में दर्शाये गये परिपथ में बिन्दु और b के मध्य विभवान्तर का मान होगा-
(अ) R2 – R1
(ब) R1 – R2
(स) \(\frac{\mathrm{R}_1 \mathrm{R}_2}{\mathrm{R}_1+\mathrm{R}_2}\)
(द) शून्य
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 5
उत्तर:
(ब) R1 – R2

35. किरचॉफ का धारा नियम आधारित हाता ह-
(अ) ऊर्जा संरक्षण नियम पर
(ब) संवेग संरक्षण नियम पर
(स) कोणीय संवेग संरक्षण नियम पर
(द) आवेश संरक्षण नियम पर ।
उत्तर:
(द) आवेश संरक्षण नियम पर ।

36. किरचॉफ के नियमानुसार किसी विद्युत परिपथ में किसी सन्धि पर-
(अ) धाराओं का बीजगणितीय योग नगण्य होता है।
(ब) धाराओं का बीजगणितीय योग शून्य होता है।
(स) धाराओं का बीजगणितीय योग अनन्त होता है।
(द) धारा का मान शून्य होता है।
उत्तर:
(ब) धाराओं का बीजगणितीय योग शून्य होता है।

37. किरचॉफ का द्वितीय नियम किसी बन्द परिपथ में प्रदर्शित करता है-
(अ) ऊर्जा संरक्षण का नियम
(ब) आवेश के संरक्षण का नियम
(स) धारा के संरक्षण का नियम
(द) संवेग के संरक्षण का नियम
उत्तर:
(अ) ऊर्जा संरक्षण का नियम

38. किरचॉफ के द्वितीय नियम से निम्न में से कौनसा कथन सत्य है?
(अ) किसी बन्द परिपथ में प्रत्येक प्रतिरोध तथा उसमें से प्रवाहित धारा के गुणनफल का बीजगणितीय योग शून्य होता है।
(ब) किसी बन्द परिपथ में निश्चित दिशा में चलते हुए वोल्टताओं का बीजगणितीय योग शून्य होता है।
(स) किसी बन्द परिपथ में प्रत्येक प्रतिरोध तथा उसमें से प्रवाहित धारा के गुणनफल का बीजगणितीय योग अनन्त होता है।
(द) किसी बन्द परिपथ में प्रत्येक प्रतिरोध से प्रवाहित धारा का बीजगणितीय योग शून्य होता है।
उत्तर:
(ब) किसी बन्द परिपथ में निश्चित दिशा में चलते हुए वोल्टताओं का बीजगणितीय योग शून्य होता है।

39. यदि किसी चालक में प्रवाहित धारा का मान दुगुना कर दिया जावे तो अब इसमें उत्पन्न ऊष्मा पहले से-
(अ) दुगुनी होगी
(स) चार गुनी होगी
(ब) आधी होगी
(द) वही रहेगी
उत्तर:
(स) चार गुनी होगी

40. यदि एक चालक का प्रतिरोध आधा व धारा का मान दुगुना कर दिया जाये तो उत्पन्न ऊष्मा-
(अ) उतनी ही रहेगी
(स) दुगुनी होगी
(ब) आधी होगी
(द) चार गुनी होगी
उत्तर:
(स) दुगुनी होगी

41. किसी चालक तार में ऐम्पियर धारा 1 सेकण्ड तक प्रवाहित होती है। यदि चालक का प्रतिरोध R ओम हो तो जूल के नियम के अनुसार उत्पन्न ऊष्मा का जूल में मान होता है-
(अ) I2Rt
(ब) IR2t
(स) \(\frac{t}{I^2 R}\)
(द) \(\frac{I^2 R}{t}\)
उत्तर:
(अ) I2Rt

42. दो समरूप सेलों को चाहे समान्तर क्रम में जोड़ा जाये अथवा श्रेणीक्रम में, 2 ओम के बाह्य प्रतिरोध द्वारा धारा समान रहती है। प्रत्येक सेल का आन्तरिक प्रतिरोध है-
(अ) 1 ओम
(ब) 2 ओम
(स) 0.15 ओम
(द) 10 ओम
उत्तर:
(ब) 2 ओम

43. एक सुग्राही व्हीटस्टोन ब्रिज में, संतुलन की स्थिति से अल्प विचलन होने पर धारामापी में धारा होनी चाहिये-
(अ) शून्य
(ब) अधिक
(स) कम
(द) नगण्य
उत्तर:
(ब) अधिक

44. एक विभवमापी की विभव प्रवणता है-
(अ) तार के प्रति एकांक काट-क्षेत्र पर विभव का पतन
(ब) तार की एकांक लम्बाई पर विभव पतन
(स) एकांक काट-क्षेत्र के तार की एकांक लम्बाई पर विभव पतन
(द) तार के सिरों के बीच विभव पतन
उत्तर:
(ब) तार की एकांक लम्बाई पर विभव पतन

45. विभवमापी के तार पर शून्य विक्षेप बिन्दु प्राप्त करने के लिए प्राथमिक परिपथ में प्रयुक्त स्रोत का वि. वा. बल द्वितीयक परिपथ में प्रयुक्त सेल के वि.वा. बल से होना चाहिए-
(अ) थोड़ा अधिक
(स) थोड़ा कम
(ब) बहुत अधिक
(द) बहुत कम
उत्तर:
(अ) थोड़ा अधिक

46. यदि प्राथमिक परिपथ में धारा व विभवमापी के तार की लम्बाई की नियत रखकर उसकी त्रिज्या प्रवणता का मान हो जायेगा-
(अ) अपरिवर्तित रहेगा
(ब) एक-चौथाई
(स) आधा
(द) दुगुना
उत्तर:
(ब) एक-चौथाई

47. विभवमापी के प्रयोग में E विद्युत वाहक बल एक सिरे से L लम्बाई पर सन्तुलित होता है। दूसरा सेल जिसका विद्युत वाहक बल भी E है, प्रथम सेल के समान्तर क्रम में जोड़ा जाता है, संतुलन लम्बाई का मान होगा-
(अ) 2L
(ब) L
(स) \(\frac{\mathrm{L}}{2}\)
(द) \(\frac{L}{4}\)
उत्तर:
(ब) L

48. विभवमापी के तार पर विद्यमान विभव प्रवणता निर्भर करती है-
(अ) तार में प्रवाहित धारा के मान पर
(ब) तार की इकाई लम्बाई के प्रतिरोध पर
(स) प्रयुक्त तार की धातु पर
(द) उपर्युक्त सभी पर
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी पर

49. एक सूक्ष्मग्राही विभवमापी में-
(अ) तार की लम्बाई कम होनी चाहिये।
(ब) मुख्य बैटरी का वि. वा. बल अधिक होना चाहिये।
(स) तार की विभव प्रवणता अधिक होनी चाहिये।
(द) तार की विभव प्रवणता कम होनी चाहिये ।
उत्तर:
(द) तार की विभव प्रवणता कम होनी चाहिये ।

50. विभवमापी एक आदर्श वोल्टमीटर है क्योंकि-
(अ) इसमें सूक्ष्मग्राही धारामापी होता है।
(ब) यह एक विस्तृत व्यवस्था है।
(स) इसका प्रभावी आंतरिक प्रतिरोध अनन्त होता है।
(द) इसका प्रभावी आंतरिक प्रतिरोध शून्य होता है।
उत्तर:
(स) इसका प्रभावी आंतरिक प्रतिरोध अनन्त होता है।

51. आदर्श विभवमापी में प्रयुक्त तार के पदार्थ का प्रतिरोध ताप गुणांक होना चाहिए-
(अ) उच्च
(ब) न्यून
(स) शून्य
(द) अनन्त।
उत्तर:
(स) शून्य

52. किसी प्राथमिक सेल के आन्तरिक प्रतिरोध का सन्तुलित लम्बाई के रूप में सूत्र होता है-
(अ) r = \(\left(\frac{l_2-l_1}{l_1}\right)\) R
(ब) \(\left(\frac{l_1-l_2}{l_2}\right)\)R
(स) r = \(\frac{l_2-l_1}{l_2 \mathrm{R}}\)
(द) r = \(\frac{l_1-l_2}{l_2 \mathrm{R}}\)
उत्तर:
(ब) \(\left(\frac{l_1-l_2}{l_2}\right)\)R

53. विभवमापी का उपयोग उस समय सम्भव नहीं होता है, यदि विभवमापी के सिरों पर विभवान्तर-
(अ) अज्ञात विभवान्तर से कम हो
(ब) अज्ञात विभवान्तर से अधिक हो
(स) अज्ञात विभवान्तर के बराबर हो
(द) अज्ञात विभवान्तर से दुगुना हो
उत्तर:
(अ) अज्ञात विभवान्तर से कम हो

54. यदि विभवमापी तार की लम्बाई दुगुनी कर दी जाये तो अविक्षेप बिन्दु प्राप्त करने की सुग्रहिता-
(अ) बढ़ती है
(स) घटती है
(ब) अपरिवर्तित रहती है
(द) निश्चित नहीं है
उत्तर:
(अ) बढ़ती है

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1.
वैद्युत धारा में ऐम्पियर की परिभाषा कीजिए।
उत्तर:
यदि किसी चालक से होकर एक सेकण्ड में प्रवाहित आवेश एक कूलॉम हो, तो चालक में प्रवाहित धारा का मान एक ऐम्पियर होता है।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 52

प्रश्न 2.
वैद्युत धारा की दिशा की क्या अभिधारणा है?
उत्तर:
धात्वीय चालकों में वैद्युत धारा की दिशा इनमें मुक्त इलेक्ट्रॉनों की गति की दिशा के विपरीत ली जाती है। द्रवों तथा गैसों में धारा की दिशा धनआवेश वाहनों की गति की दिशा में अथवा ऋण आवेश वाहकों की गति की दिशा के विपरीत ली जाती है। धारा प्रवाह करने पर उसमें कितना

प्रश्न 3.
एक चालक तार में आवेश होता है ?
उत्तर:
शून्य, जितना आवेश चालक में प्रवेश करता है उतना ही आवेश चालक में से बाहर निकल जाता है।

प्रश्न 4.
एक पदार्थ की आकृति में विकृति उत्पन्न करने पर प्रतिरोध व प्रतिरोधकता के मान पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
प्रतिरोध परिवर्तित जायेगा क्योंकि प्रतिरोध पदार्थ की भौतिक अवस्था पर निर्भर करता है। परन्तु प्रतिरोधकता वही रहेगी क्योंकि प्रतिरोधकता पदार्थ की केवल प्रकृति पर निर्भर करती है।

प्रश्न 5.
किसी प्रतिरोध का ताप बढ़ाने पर तापीय प्रसार के कारण प्रतिरोध पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर:
ताप के अल्प परिवर्तन से तापीय प्रसार का प्रतिरोध के मान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता परन्तु प्रतिरोध के ताप में अधिक परिवर्तन करने से लम्बाई व काट क्षेत्रफल का अनुपात कम होगा जिससे प्रतिरोध का मान प्रभावित हो जाता है।

प्रश्न 6.
प्रतिरोधों को समान्तर क्रम में जोड़ने पर परिपथ में कुल प्रतिरोध का मान घटता है या बढ़ता है?
उत्तर:
कुल प्रतिरोध का मान घटता है।

प्रश्न 7.
ओम के नियम के प्रभावी होने के लिये आवश्यक प्रतिबन्ध क्या है ?
उत्तर:
चालक की भौतिक अवस्था (ताप, लम्बाई, काट का क्षेत्रफल) स्थिर होनी चाहिये ।

प्रश्न 8. ओम का नियम लिखिये।
उत्तर:
किसी चालक की भौतिक अवस्था (ताप, लम्बाई, अनुप्रस्थ काट) स्थिर रहे तो उस चालक के सिरों का विभवान्तर V का मान उस चालक में प्रवाहित धारा I के अनुक्रमानुपाती होता है।
V ∝ 1
V = IR
∴ I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\)
इसका मात्रक (R) ओम होता है।

प्रश्न 9.
धातुओं में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या, इनके ऊष्मीय वेग, अनुगमन वेग तथा श्रांतिकाल का मान किस कोटि का होता है?
उत्तर:
मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या ≅ 1029, ऊष्मीय वेग ≅ 105 मी./से. अपवाह वेग = 10-4 मी./से. तथा श्रान्तिकाल ≅ 10-14 सेकण्ड ।

प्रश्न 10.
यदि एक विद्युत सुचालक का ताप
(i) बढ़ता है
(ii) घटता है तो इसमें इलेक्ट्रॉनों का श्रान्तिकाल किस प्रकार परिवर्तित होगा?
उत्तर:
(i) घटेगा (ii) बढ़ेगा।

प्रश्न 11.
प्रतिरोधकता किसे कहते हैं ? इसका मात्रक लिखिये ।
उत्तर:
किसी 1 मीटर लम्बे व 1 वर्ग मीटर अनुप्रस्थ काट वाले चालक का प्रतिरोध उसकी प्रतिरोधकता के बराबर होता है इसका मात्रक ओम मीटर या ओम सेमी. होता है।

प्रश्न 12.
धारा घनत्व किसे कहते हैं? इसका सूत्र लिखिये।
उत्तर:
एकांक काट क्षेत्रफल के अभिलम्बवत् दिशा में प्रवाहित धारा के मान को धारा घनत्व J कहते हैं।
धारा घनत्व J = \(\frac{\mathrm{i}}{\Delta \mathrm{S}}\), यहाँ ∆S काट क्षेत्रफल है।
यदि आवेश के प्रवाह की दिशा क्षेत्रफल के अभिलम्ब से θ कोण बनाती है तो
धारा घनत्व J = \(\frac{i}{\Delta S \cos \theta}\) या ∆S काट क्षेत्रफल है।

प्रश्न 13.
τ को विश्रान्तिकाल ( relaxation time) कहते हैं। इसका मान किस पर निर्भर करता है और किस पर निर्भर नहीं करता है ? बताइये |
उत्तर:
विश्रान्तिकाल का मान चालक पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है और विद्युत क्षेत्र के परिमाण पर निर्भर नहीं करता है।

प्रश्न 14.
गतिशीलता किसे कहते हैं? इसका सूत्र लिखिये ।
उत्तर:
किसी चालक के लिये अपवहन वेग व चालक के अन्दर विद्युत क्षेत्र का अनुपात दिये गये ताप पर स्थिर रहता है। इस स्थिर राशि को धारावाहक (इलेक्ट्रॉन) की गतिशीलता (µ ) कहते हैं।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 6

प्रश्न 15. अपवहन वेग किसके अनुक्रमानुपाती होता है और किस पर निर्भर नहीं करता है ?
उत्तर:
अपवहन वेग चालक छड़ पर आरोपित विभवान्तर के अनुक्रमानुपाती होता है और चालक में इलेक्ट्रॉनों का अपवहन वेग चालक की लम्बाई पर निर्भर नहीं करता है।

प्रश्न 16.
किसी चालक के सिरों पर भिन्न-भिन्न विभवान्तर आरोपित कर उनके संगत धारा का मान प्राप्त कर आरेख खींचा जाये तो यह किस प्रकार का प्राप्त होता है ?
उत्तर:
यह एक सरल रेखा के रूप में प्राप्त होता है।

प्रश्न 17.
धातुओं में मुक्त इलेक्ट्रॉनों के अनुगमन वेग तथा आंतिकाल में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
vd = \(\left(\frac{e \tau}{m l}\right)\)V

प्रश्न 18.
ताप में वृद्धि के साथ किसी धात्विक चालक में मुक्त इलेक्ट्रॉनों का अपवाह वेग बढ़ेगा या घटेगा?
उत्तर:
अपवाह वेग vd = \(\frac{\mathrm{eV} \tau}{\mathrm{m} l}\)
=> vd ∝ τ तथा τ = \(\frac{\lambda}{\mathrm{V}_{\mathrm{rms}}}\)
ताप वृद्धि से मुक्त माध्य पथ λ घटने तथा Vrms बढ़ने से श्रान्तिकाल τ घटेगा। अतः अपवाह वेग बढ़ेगा।

प्रश्न 19.
यदि किसी चालक के सिरों का विभवान्तर V से 3V कर दिया जाये तो इलेक्ट्रॉन का अपवाह वेग किस प्रकार परिवर्तित होगा ?
उत्तर:
चूँकि अपवाह वेग Vd = \(\left(\frac{\mathrm{e} \tau}{\mathrm{m} l}\right)\)V
=> Vd ∝ V
(चालक के सिरों पर आरोपित विभवान्तर) अतः विभवान्तर को V से 3V करने पर अपवाह वेग तीन गुना हो जायेगा।

प्रश्न 20.
ताप बढ़ने पर श्रान्तिकाल पर क्या प्रभाव पड़ता है? इसका मुक्त इलेक्ट्रॉन के अपवहन वेग पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
ताप बढ़ाने पर श्रान्तिकाल तथा अपवहन वेग दोनों बढ़ जाते हैं।

प्रश्न 21.
किसी अर्ध चालक का चालकत्व ( Conductance) ताप में वृद्धि के साथ किस प्रकार परिवर्तित होता है?
उत्तर:
उत्तर-चूँकि ताप में वृद्धि के साथ अर्ध-चालक का प्रतिरोध घटता है, अतः उसका चालकत्व = \(\left(\frac{1}{R}\right)\) ताप वृद्धि के साथ बढ़ेगा।

प्रश्न 22.
किसी विद्युत अपघट्य की विशिष्ट चालकता पर ताप वृद्धि का क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
ताप बढ़ाने से विद्युत अपघट्य में आयनों की संख्या तथा उनकी गतिशीलता बढ़ने के कारण प्रतिरोधकता घटने से उसकी विशिष्ट चालकता बढ़ जायेगी।

प्रश्न 23.
वह शर्त लिखिए जबकि किसी बैटरी की टर्मिनल वोल्टता तथा इसका विद्युत वाहक बल बराबर होंगे।
उत्तर:
जब बैटरी का आन्तरिक प्रतिरोध शून्य हो अथवा यह खुले परिपथ में हो अर्थात् इससे कोई वैद्युत धारा न ली जा रही हो।

प्रश्न 24.
सेल का आन्तरिक प्रतिरोध किसे कहते हैं?
उत्तर:
सेल में प्रयुक्त विद्युत अपघट्य पदार्थ के आयनों द्वारा आवेश के प्रवाह में उत्पन्न किया गया अवरोध, सेल का आन्तरिक प्रतिरोध कहलाता है ।

प्रश्न 25.
सेलों का समान्तर संयोजन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
सेलों का ऐसा संयोजन जिसमें प्रत्येक सेल के एक जैसी ध्रुवता वाले टर्मिनल एक साथ जुड़े हों, उसे सेलों का समान्तर संयोजन कहते हैं।

प्रश्न 26.
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 7

प्रश्न 27.
एक कार्बन प्रतिरोध पर तीन रंगीन बैण्ड क्रमशः लाल, हरे तथा पीले हैं। इसके प्रतिरोध का मान लिखिए ।
उत्तर:
25 × 104 Ω = 0.25 × 106Ω = 0.25 MΩ

प्रश्न 28.
एक कार्बन प्रतिरोध का मान 47 KΩ है। इस पर बैण्ड के रंगों का क्रम क्या होगा?
उत्तर:
47 KΩ = 47 × 103
अतः रंगों का क्रम पीला, बैंगनी तथा नारंगी होगा।

प्रश्न 29.
यदि p प्रतिरोधकता वाले एक तार को खींचकर उसकी लम्बाई तीन गुनी कर दी जाये तो दूसरी नई प्रतिरोधकता क्या होगी?
उत्तर:
नई प्रतिरोधकता p ही रहेगी। चूँकि प्रतिरोधकता चालक के पदार्थ पर निर्भर करती है, उसकी विमाओं पर नहीं।

प्रश्न 30.
दिये गये चित्र में धारा I का मान क्या होगा ?
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 8
उत्तर:
किरचॉफ के प्रथम नियम से प्रवेश कर रही धाराओं का योग निकल रही धाराओं के योग के बराबर होगा।
0.7 A + 1.2 A = 0.1 A + 0.8 A + 1
⇒ 1.9 A = 0.9 A + 1
⇒ I = 1.9 A – 0.9 A = 1.0 A

प्रश्न 31.
विद्युत परिपथ सम्बन्धी किरचॉफ के नियमों का क्या महत्व है?
उत्तर:
जटिल विद्युत परिपथों जिनमें एक से अधिक विद्युत वाहक बल स्रोत उपस्थित हों, ओम का नियम प्रयुक्त नहीं किया जा सकता है। ऐसे परिपथों में केवल किरचॉफ के नियम ही प्रयुक्त किये जा सकते हैं।

प्रश्न 32.
मीटर ब्रिज किस सिद्धान्त पर कार्य करता है?
उत्तर:
व्हीटस्टोन ब्रिज के सिद्धान्त पर।

प्रश्न 33.
मीटर ब्रिज को इस नाम से क्यों जाना जाता है?
उत्तर:
क्योंकि इसमें 1 मीटर लम्बे तार का उपयोग होता है।

प्रश्न 34.
क्या व्हीटस्टोन ब्रिज की सहायता से कार की बैटरी का आन्तरिक प्रतिरोध ज्ञात किया जा सकता है?
उत्तर:
नहीं, चूँकि कार की बैटरी का प्रतिरोध बहुत कम होता है।

प्रश्न 35.
क्या किरचॉफ के नियम A. C. और D. C. दोनों तरह के परिपथों पर लागू होते हैं?
उत्तर:
हाँ।

प्रश्न 36.
मीटर सेतु का तार समान अनुप्रस्थ काट का क्यों होना चाहिये? इसका तार ताँबे का क्यों नहीं लेते हैं?
उत्तर:
(i) मीटर सेतु का तार समान अनुप्रस्थ काट का होने पर ही R ∝ l वाली शर्त लगती है।
(ii) ताँबे का प्रतिरोध बहुत कम होता है तथा प्रतिरोध का तापीय गुणांक अधिक होता है। इसलिये नहीं लेते हैं।

प्रश्न 37.
मीटर सेतु की कार्यप्रणाली का क्या सिद्धान्त है?
उत्तर:
मीटर सेतु की कार्यप्रणाली का सिद्धान्त व्हीटस्टोन सेतु के सिद्धान्त पर आधारित है, जिसके अनुसार
\(\frac{P}{Q}=\frac{R}{S}\)
⇒ S = \(\left(\frac{\mathrm{Q}}{\mathrm{P}}\right)\)R

प्रश्न 38.
व्हीटस्टोन सेतु कब सन्तुलित कहलाता है?
उत्तर:
जब व्हीटस्टोन सेतु में सेल तथा धारामापी दोनों की कुंजियाँ बन्द होने पर धारामापी में कोई विक्षेप नहीं आता अर्थात् इसकी भुजा में कोई धारा प्रवाहित न हो तो सेतु सन्तुलित कहलाता है।

प्रश्न 39.
किसी बन्द विद्युत परिपथ में प्रयुक्त बैटरियों के विद्युत वाहक बलों के बीजगणितीय योग का मान कितना होता है ?
उत्तर:
परिपथ में लगे प्रतिरोधों के सिरों पर उत्पन्न विभवान्तरों के योग के तुल्य ।

प्रश्न 40.
किरचॉफ के संधि नियम का गणितीय रूप लिखिये ।
उत्तर:
∑i = 0 “अर्थात् किसी संधि पर मिलने वाली धाराओं का बीजगणितीय योग शून्य होता है।”

प्रश्न 41.
व्हीटस्टोन सेतु से संचायक सेल का आन्तरिक प्रतिरोध ज्ञात नहीं किया जा सकता। क्यों?
उत्तर:
संचायक सेल का आन्तरिक प्रतिरोध 1 ओम से भी कम का होता है जिसको व्हीटस्टोन ब्रिज द्वारा ज्ञात नहीं किया जा सकता है।

प्रश्न 42.
किरचॉफ का प्रथम नियम तथा द्वितीय नियम किन संरक्षण नियमों पर आधारित है?
उत्तर:
प्रथम नियम आवेश के संरक्षण का नियम; द्वितीय नियम ऊर्जा के संरक्षण का नियम।

प्रश्न 43.
व्हीटस्टोन सेतु के सर्वाधिक सुग्राही होने की शर्त क्या है?
उत्तर:
इसकी चारों भुजाओं में लगे प्रतिरोध एक ही क्रम के होने चाहिए।

प्रश्न 44.
मीटर सेतु की सुग्राह्यता सर्वाधिक कब होती है?
उत्तर:
जब शून्य विक्षेप स्थिति मीटर सेतु के तार के मध्य बिन्दु के लगभग प्राप्त होती है।

प्रश्न 45.
किस स्थिति में किसी द्वितीयक सेल के सिरों पर टर्मिनल वोल्टता उसके विद्युत वाहक बल के तुल्य होती है?
उत्तर:
जब सेल खुले परिपथ में हो या सेल से बाह्य परिपथ में धारा न प्रवाहित हो रही हो।

प्रश्न 46.
सेल की टर्मिनल वोल्टता एवं विद्युत वाहक बल में अन्तर लिखिए ।
उत्तर:
टर्मिनलों के मध्य विभवान्तर सेल का विद्युत वाहक बल E कहलाता है तथा जब सेल बन्द परिपथ में हो तो उस समय सेल के टर्मिनलों के मध्य विभवान्तर को सेल की टर्मिनल वोल्टता (V) कहते हैं।

प्रश्न 47.
एक विद्युत स्रोत वाले परिपथ में किसी बिन्दु पर विद्युत धाराओं का बीजीय योग शून्य है तो वह बिन्दु क्या है?
उत्तर:
सन्धि ।

प्रश्न 48.
किसी सेल का आन्तरिक प्रतिरोध क्यों होता है?
उत्तर:
क्योंकि सेल के अन्दर आयनों की गति अपघट्य के अणुओं से टक्कर के कारण अवरुद्ध होती है।

प्रश्न 49.
मीटर ब्रिज में सन्तुलन बिन्दु आमतौर पर मध्य भाग में क्यों प्राप्त करना चाहिये ? समझाइये |
अथवा
मीटर ब्रिज में संतुलन बिन्दु सामान्यतया मध्य भाग में क्यों प्राप्त करना चाहिये ? समझाइये |
उत्तर:
मीटर ब्रिज के तार के सिरे तांबे की पट्टिका से टांकों द्वारा जुड़े होते हैं। इसलिये तार के सिरों पर तार के प्रतिरोध के अलावा टांकों का भी प्रतिरोध होता है जिनका मान ज्ञात नहीं होता है मीटर ब्रिज के तार पर प्रतिरोध के प्रभाव को कम करने के लिये हम संतुलन बिन्दु तार के मध्य प्राप्त करते हैं।

प्रश्न 50.
विभवमापी के प्राथमिक परिपथ में धारा का मान स्थिर रखा जाता है। क्यों?
उत्तर:
विभव प्रवणता का मान प्राथमिक परिपथ में धारा के मान पर निर्भर करता है अतः इसका स्थिर रहना आवश्यक है।

प्रश्न 51.
जॉकी कुंजी को दबाकर विभवमापी की तार पर नहीं खिसकाना चाहिये क्यों?
उत्तर:
दबाकर तार पर खिसकाने से उस जगह का अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल बदलेगा और एक समान नहीं रहेगा, जबकि विभवमापी में तार का प्रत्येक स्थान पर अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल समान होना चाहिये।

प्रश्न 52.
क्यों सेल का वि. वा. बल मापने के लिये वोल्टमीटर की तुलना में विभवमापी ज्यादा अच्छा उपकरण है?
उत्तर:
किसी विद्युत स्रोत का वि. वाहक बल मापते हैं तब संतुलन की अवस्था में स्रोत से उसमें कोई धारा नहीं बहती है और स्रोत का विभव नहीं बदलता है। इस कारण विभवमापी उसका सही विभव मापता है जबकि वोल्टमीटर से जब मापते हैं, तब स्रोत से विक्षेप के लिये उसमें से धारा प्रवाहित होती है, जिससे उसका विभव कम हो जाता है और वह कम हुए विभव को ही मापता है।

प्रश्न 53.
विभवमापी तार लम्बी क्यों ली जाती है?
उत्तर:
विभवमापी की विभव प्रवणता
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 9

विभवमापी के तार पर लगाया गया विभवान्तर वही रखकर यदि उसके तार की लम्बाई बढ़ायें तो उसकी विभव प्रवणता का मान कम हो जाता है। इससे उसकी सुग्राहिता बढ़ जायेगी. इसलिये विभवमापी तार लम्बी ली जाती है।

प्रश्न 54.
E विद्युत वाहक बल तथा आन्तरिक प्रतिरोध वाली सेल के आर-पार एक प्रतिरोध R जोड़ा गया है। अब एक विभवमापी सेल के सिरों का विभवान्तर V मापता है। E, V तथा R के पदों में के लिए व्यंजक लिखिए ।
उत्तर:
r = \(\left[\frac{E}{V}-1\right]\)R

प्रश्न 55.
विभवमापी के तार में वैद्युत धारा अधिक समय के लिए क्यों प्रवाहित नहीं करनी चाहिए ?
उत्तर:
क्योंकि अधिक समय तक धारा प्रवाहित करने से तार के गर्म होने से इसका प्रतिरोध बढ़ जायेगा। अतः तार की विभव प्रवणता का मान बदल जायेगा।

प्रश्न 56.
X = 4Ω एवं Y = 48 × 10-8 Ωm के चालकों की लम्बाई आधी करने पर X व Y के लिए संगत मान लिखिए।
उत्तर:
हम जानते हैं कि प्रतिरोध लम्बाई के अनुक्रमानुपाती होता है R ∝ l लम्बाई आधी करने पर प्रतिरोध का मान भी आधा हो जायेगा अर्थात् X’ = 2Ω
Y = 48 × 10-8 Ω-m है अर्थात् यह प्रतिरोधकता का मान है। प्रतिरोधकता किसी तार की लम्बाई व उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर निर्भर नहीं करती है। अतः Y’ = 48 × 10-8 Ω-m या समान होगा।

प्रश्न 57.
एक कार्बन प्रतिरोधक का मान 62 × 103Ω तथा सह्यता 5% है। इसके वर्ण कोड के नाम क्रम से लिखिए।
उत्तर:
वर्ण कोड के नाम क्रम से इस प्रकार से होंगे- नीला, लाल, नारंगी और सोना।

प्रश्न 58.
चित्र में एक ही धातु के दो चालकों की प्रतिरोधकता क्रमश: p1Ω-m एवं p2Ω-m है। p1 व p2 का मान लिखिए।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 10
उत्तर:
हम जानते हैं कि प्रतिरोधकता चालक के पदार्थ पर निर्भर करती है। यहाँ पर दोनों चालक एक ही धातु के हैं। इसलिये p1 व p2 का अनुपात 1 : 1 होगा।

प्रश्न 59.
किसी धातु के तार के दो विभिन्न तापों T1 और T2 पर V – I ग्राफ चित्र में दर्शाए अनुसार है। इन दोनों तापों में से कौन-सा उच्च है और क्यों?
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 11
उत्तर:
V- I ग्राफ का ढाल \frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}} = R । इसका अर्थ यह हुआ कम ढाल पर प्रतिरोध का मान अधिकतम होगा। किसी धातु का ताप बढ़ाने पर उस धातु का प्रतिरोध बढ़ता है तब T1 >T2

लघुत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1.
किसी चालक में इलेक्ट्रॉन बराबर गतिशील रहते हैं। और फिर भी चालक में कोई धारा प्रवाहित नहीं होती जब तक उसके सिरों पर वैद्युत स्रोत न लगाया जाये। कारण दीजिए ।
उत्तर:
चालक में इलेक्ट्रॉन की गति अनियमित होने के कारण किसी निश्चित दिशा में इलेक्ट्रॉन प्रवाह की नेट दर शून्य हो जाने के कारण चालक में कोई धारा प्रवाहित नहीं होती। इसके सिरों के बीच विभवान्तर लगने से चालक में एक वैद्युत क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है, जिसके कारण इलेक्ट्रॉनों पर एक बल वैद्युत क्षेत्र की दिशा के विपरीत लगाने से ये एक निश्चित दिशा में गति कर जाते हैं तथा चालक में धारा प्रवाहित होने लगती है।

प्रश्न 2.
एक चालक में I ऐम्पियर की धारा बह रही है। यही धारा अर्द्धचालक में भी बह रही है। यदि दोनों का ताप बढ़ा दिया जाये तो उनमें बहने वाली धारा के मान में क्या परिवर्तन होगा?
उत्तर:
चालक में धारा का मान घटेगा जबकि अर्द्धचालक में बढ़ेगा।

प्रश्न 3.
ताँबे के तार के विशिष्ट प्रतिरोध पर क्या प्रभाव पड़ेगा जबकि।
(i) लम्बाई को तिगुना कर दिया जाये?
(ii) अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल को तीन गुना कर दिया जाये?
(iii) त्रिज्या को तीन गुना कर दिया जाये?
(iv) ताप बढ़ा दिया जाये?
उत्तर:
हम जानते हैं कि विशिष्ट प्रतिरोध
p = \(\frac{m}{n e^2 \tau}\) से स्पष्ट है कि
(i) लम्बाई बढ़ाने से अपरिवर्तित,
(ii) अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल बढ़ाने से अपरिवर्तित
(iii) त्रिज्या परिवर्तन से विशिष्ट प्रतिरोध अपरिवर्तित
(iv) ताप बढ़ाने से विशिष्ट प्रतिरोध बढ़ जायेगा क्योंकि
p ∝ \(\frac{1}{\tau}\) ताप बढ़ाने पर τ घटता है।

प्रश्न 4.
धातु इलेक्ट्रॉनों के अपवाह वेग का मान अति लघु क्यों होता है?
उत्तर:
यदि हम किसी धातु चालक के सिरों के बीच पर कोई विद्युत विभव लगाते हैं तब उसके एक सिरे से दूसरे सिरे के बीच की तरफ उसमें एक विद्युत क्षेत्र स्थापित हो जाता है और हर मुक्त इलेक्ट्रॉन पर विद्युत क्षेत्र की विपरीत दिशा में बल लगता है, उसके कारण उसमें वेग उत्पन्न होता है। उसका वेग बढ़ता रहता है। तब तक गति करता रहता है, जब तक वह अपने मार्ग में आने वाले किसी धातु आयन से नहीं टकराता। धातु आयन से टकराने पर उसका वेग शून्य हो जाता है और इलेक्ट्रॉन पर बल लगाने के कारण उसका वेग बढ़ता रहता है। शून्य से अगली टक्कर तक और अगली टक्कर किसी इलेक्ट्रॉन के होने पर फिर शून्य हो जाता है। यदि इलेक्ट्रॉन की एक टक्कर से अगली टक्कर तक की चली गई मध्यमान दूरी λ हो और उसमें लगा समय τ हो तो तब-
अपवाह वेग (Vd) = \(\frac{\lambda}{\tau}\)
यहाँ पर λ का मान τ की अपेक्षा बहुत ही छोटा है। इसलिये अपवाह वेग का मान अति लघु होता है।

प्रश्न 5.
धातु की चालकता व गतिशीलता में सम्बन्ध लिखिये। उत्तर-किसी चालक के लिये अपवहन वेग व चालक के अन्दर विद्युत क्षेत्र का अनुपात दिये गये ताप पर स्थिर रहता है। इस स्थिर राशि को धारावाहक (इलेक्ट्रॉन) की गतिशीलता (µ) कहते हैं।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 12

प्रश्न 6.
एक बेलनाकार चालक में स्थायी धारा बह रही है। क्या चालक के भीतर विद्युत क्षेत्र है?
उत्तर:
चालक में धारा तभी बहती है जब चालक के भीतर स्थापित विद्युत क्षेत्र प्रत्येक मुक्त इलेक्ट्रॉनों पर बल आरोपित करता है। अतः चालक के भीतर विद्युत क्षेत्र है।

प्रश्न 7.
एक धात्वीय तार के लिए दो विभिन्न तापों T1 व T2 पर I – V ग्राफ चित्र में प्रदर्शित है। इनमें से किस तार का ताप ऊँचा है तथा क्यों?
उत्तर:
T2 ताप खींचे गये वक्र के ढाल \(\left(\frac{1}{V}\right)\) का मान कम है।
अतः परन्तु प्रतिरोध =
अतः इस ताप पर प्रतिरोध अधिक होगा। चूँकि ताप वृद्धि के साथ प्रतिरोध भी बढ़ता है, अतः T2 ताप ऊँचा होगा।

प्रश्न 8.
किसी ताँबे के तार में प्रवाहित धारा को समान मोटाई के लोहे के तार से प्रवाहित करने पर मुक्त इलेक्ट्रॉनों के अपवहन वेग पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
I = neAvd ⇒ vd = \(\frac{1}{\text { neA }}\)
यहाँ पर e व A तथा I नियत है।
इसलिए vd ∝ \(\frac{1}{n}\)
ताँबे की तुलना में लोहे में मुक्त इलेक्ट्रॉन घनत्व n कम होने के कारण ताँबे की अपेक्षा लोहे में अपवहन वेग अधिक होगा।

प्रश्न 9.
समान व्यास परन्तु भिन्न-भिन्न पदार्थों के दो चालक X तथा Y श्रेणीक्रम में एक बैटरी से जुड़े हैं। यदि X में इलेक्ट्रॉनों की संख्या घनत्व Y से दोगुना है तो इन दो तारों में इलेक्ट्रॉनों के अपवाह वेगों का अनुपात ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
I = neA vd से vd = \(\frac{1}{\text { neA }}\)
यहाँ पर दोनों तारों के व्यास समान होने से दोनों के लिए A नियत चूँकि दोनों तार एक ही बैटरी से श्रेणीक्रम में जुड़े हैं। इसलिए दोनों में समान धारा I बहेगी अर्थात् दोनों के लिए I नियत एवं e सार्वत्रिक नियतांक है, अतः अपवाह वेग
vd ∝ \(\frac{1}{n}\)
(यहाँ पर 1 इलेक्ट्रॉनों की संख्या घनत्व)
\(\frac{\left(v_{\mathrm{d}}\right)_{\mathrm{x}}}{\left(v_{\mathrm{d}}\right)_{\mathrm{y}}}=\frac{\mathrm{n}_{\mathrm{y}}}{\mathrm{n}_{\mathrm{x}}}=\frac{\mathrm{n}_{\mathrm{y}}}{2 \mathrm{n}_{\mathrm{y}}}=\frac{1}{2}\)
∵ nx = 2ny दिया है।
अतः (vd)x : (vd)y = 1 : 2

प्रश्न 10.
R1 तथा R2 प्रतिरोध के दो तापक तारों को जब नियत V वोल्टता के संभरण से क्रमशः जोड़ा जाता है तो प्रयुक्त
शक्तियाँ क्रमश: P1 तथा P2 हैं। जब इन तारों को क्रमशः
(i) श्रेणीक्रम में
(ii) समान्तर क्रम में परस्पर जोड़कर क्रमशः उसी सप्लाई से जोड़ा जाता है तो प्रयुक्त शक्तियों के लिए व्यंजक स्थापित कीजिए।
उत्तर:
यहाँ पर
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 13

प्रश्न 11.
एक ही पदार्थ के बने दो धात्विक तारों A व B की लम्बाई समान है परन्तु उनके अनुप्रस्थ काट 1 : 2 के अनुपात में हैं। इनको (i) श्रेणीक्रम में तथा (ii) समान्तर क्रम में जोड़ दिया जाता है। उपर्युक्त दोनों संयोजनों में दोनों तारों में इलेक्ट्रॉनों के अपवहन वेगों की तुलना कीजिए।
उत्तर:
दिया है-
A1 : A2 = 1 : 2
तथा l1 = l2 = 1
(i) श्रेणीक्रम में जोड़ने पर वैद्युत धारा समान होती है।
अतः IA = IB
⇒ neA1(vd)1 = neA2(vd)2
⇒ \(\frac{\left(v_{\mathrm{d}}\right)_1}{\left(v_{\mathrm{d}}\right)_2}=\frac{\mathbf{A}_2}{\mathrm{~A}_1}=\frac{2}{1}\) = 2 : 1
(ii) समान्तर क्रम में विभवान्तर समान रहता है।
अतः VA = VB ⇒ IA × RA = IB × RB
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 14

प्रश्न 12.
किसी चालक का प्रतिरोध किन-किन बातों पर निर्भर करता है?
उत्तर:
हम जानते हैं-
R = \(\frac{\mathrm{m} l}{\mathrm{ne}^2 \mathrm{~A} \tau}\)
से स्पष्ट है कि किसी चालक का प्रतिरोध R निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है-
(i) चालक की लम्बाई 1 पर (R ∝ l)
(ii) चालक के अनुप्रस्थ परिच्छेद A पर \(\left(\mathrm{R} \propto \frac{1}{\mathrm{~A}}\right)\)
(iii) चालक में मुक्त इलेक्ट्रॉन घनत्व n पर ( R ∝ n)
(iv) मुक्त इलेक्ट्रॉन के श्रान्तिकाल पर \(\left(\mathrm{R} \propto \frac{1}{\tau}\right)\)
चूँकि आन्तिकाल ताप पर निर्भर करता है अतः वैद्युत प्रतिरोध भी ताप पर निर्भर करता है ताप बढ़ाने पर श्रांतिकाल घटता है, अतः ताप बढ़ाने पर प्रतिरोध बढ़ेगा।

प्रश्न 13.
यूरेका के तार के प्रतिरोध में क्या परिवर्तन होगा, यदि इसकी त्रिज्या आधी तथा लम्बाई एक-चौथाई पर कर दी जाये?
उत्तर:
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 15

प्रश्न 14.
दिये गये परिपथ में यदि R1 तथा R2 प्रतिरोधों में शक्ति क्षय क्रमश: P1 तथा P2 है तो दिखाइए P1 : P2 = R2 : R1
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 16
उत्तर:
दिये गये परिपथ में R1 तथा R2 परस्पर समान्तरबद्ध हैं।
अतः इनके सिरों का विभवान्तर समान होगा जो आरोपित बैटरी के विभवान्तर V के बराबर होगा।
\(\frac{\mathrm{P}_1}{\mathrm{P}_2}=\frac{\mathrm{V}^2 / \mathrm{R}_1}{\mathrm{~V}^2 / \mathrm{R}_2}=\frac{\mathrm{R}_2}{\mathrm{R}_1}\)
⇒ p1 : p2 = R2 : R1

प्रश्न 15.
किसी चालक के प्रतिरोध एवं प्रतिरोधकता हेतु व्यंजक, चालक में प्रति एकांक आयतन मुक्त इलेक्ट्रॉन की संख्या व विश्रान्ति काल के पदों में प्राप्त करें।
उत्तर:
हम जानते हैं,
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 17

प्रश्न 16.
दो प्रतिरोध R1 व R2 का श्रेणीक्रम में तुल्य प्रतिरोध Rs व समान्तर क्रम में तुल्य प्रतिरोध Rp है। सिद्ध कीजिये-
RpRs = R1R2
उत्तर:
जब दो प्रतिरोध R1 तथा R2 को श्रेणीक्रम में जोड़ते हैं तो उनका तुल्य प्रतिरोध Rs को निम्न सूत्र से दिया जाता है-
Rs = R1 + R2 ………(1)
जब दो प्रतिरोध R1 तथा R2 को समान्तर क्रम में जोड़ते हैं तो उनका तुल्य प्रतिरोध Rp को निम्न सूत्र के द्वारा जोड़ते हैं-
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 18

प्रश्न 17.
धातुओं की प्रतिरोधकता ताप में वृद्धि से बढ़ती है, जबकि अर्द्धचालकों की प्रतिरोधकता घटती है, कारण स्पष्ट कीजिये ।
उत्तर:
कुछ मिश्र धातुयें, जैसे- मँगनिन, कान्सटेन्टन ऐसी हैं जिन पर ताप का प्रभाव बहुत ही कम होता है, अर्थात् इनका प्रतिरोध ताप गुणांक नगण्य है। इन मिश्र धातुओं का विशिष्ट प्रतिरोध अधिक और ताप गुणांक नगण्य होने के कारण ही प्रामाणिक प्रतिरोध, प्रतिरोध बॉक्स आदि बनाने में इन्हीं के तार का उपयोग किया जाता है। कार्बन, अभ्रक, शीशा, रबर तथा अर्द्धकुचालक, जैसे- सिलिकन व जरमेनियम की प्रतिरोधकता ताप के बढ़ने पर घटती है, अर्थात् इनका प्रतिरोध ताप गुणांक ऋणात्मक होता है। अर्द्धचालकों में ताप वृद्धि से आवेश वाहकों की संख्या बढ़ जाती है जिससे प्रतिरोधकता घट जाती है।

प्रश्न 18.
श्रेणीक्रम तथा समान्तर क्रम में जब प्रतिरोधों को जोड़ते हैं तो धारा, विभवान्तर तथा प्रतिरोध की तुलना कीजिये ।
उत्तर:
श्रेणीक्रम तथा समान्तर क्रम में संयोजन की तुलना-

राशिश्रेणी संयोजनसमान्तर संयोजन
1. धारापरिपथ में लगे प्रत्येक प्रतिरोध में बहने वाली धारा का मान समान होता है।समान्तर क्रम में लगे प्रत्येक प्रतिरोध में बहने वाली धारा का मान अलग-अलग होता है।
2. विभवान्तरप्रत्येक प्रतिरोध के सिरे पर विभवान्तर अलग-अलग होता है।प्रत्येक प्रतिरोध के सिरों पर विभवान्तर समान होता है।
3. प्रतिरोधतुल्य प्रतिरोध का मान अलग-अलग प्रतिरोधों के योग के बराबर होता है।तुल्य प्रतिरोध का मान सबसे कम प्रतिरोध से भी कम होता है।

प्रश्न 19.
वर्ण संकेत के आधार पर 0. 45 Ω ± 5% मान के कार्बन प्रतिरोधकों के लिये चारों रंगीन पट्टियों के क्रमिक रंगों के नाम ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
0.45 Ω ± 5%
⇒ 45 × 102 ± 5%
प्रथम सार्थक अंक 4 के लिये पीली पट्टी, द्वितीय सार्थक अंक 5 के लिये हरी पट्टी, गुणांक 10-2 के लिये चाँदीसा पट्टी, ± 5% सह्यता अंक के लिये सुनहरी पट्टी
अतः वर्ण संकेत के आधार पर 0.45 Ω ± 5% को प्रदर्शित करने के लिये पट्टियों के क्रम निम्न होंगे-
पीला, हरा, चाँदीसा तथा सुनहरी ।

प्रश्न 20.
विभव प्रवणता से आप क्या समझते हैं? यह किन कारकों पर निर्भर करती है?
अथवा
विद्युत परिपथ के लिए किरचॉफ के नियमों को लिखिए ।
उत्तर:
विभवमापी के तार की एकांक लम्बाई पर विभव पतन को विभव प्रवणता कहते हैं इसे x द्वारा व्यक्त करते हैं।

विभव प्रवणता का मान निम्न कारकों पर निर्भर करता है-
(अ) प्राथमिक परिपथ के सेल Ep के विद्युत वाहक बल एवं धारा नियंत्रक के प्रतिरोध पर
(ब) विभवमापी के तार की लम्बाई पर
(स) विभवमापी के तार के अनुप्रस्थ काट पर
(द) विभवमापी के तार की धातु पर
(य) विभवमापी के तार के ताप पर
अथवा
प्रथम नियम (सन्धि नियम ) – किसी बन्द विद्युत परिपथ के किसी बिन्दु (सन्धि) पर मिलने वाली सभी धाराओं का बीजगणितीय योग शून्य होता है।
अर्थात्
∑I = 0
द्वितीय नियम (लूप नियम ) – इस नियम के अनुसार किसी विद्युत परिपथ के किसी बन्द भाग (लूप) की धाराओं तथा प्रतिरोधों के गुणनफलों का बीजगणितीय योग, परिपथ के उस भाग (लूप) में कार्यरत विद्युत वाहक बलों के बीजगणितीय योग के बराबर होता है।
अर्थात् ∑E = ∑V = ∑IR

प्रश्न 21.
विभवमापी के उपयोग में लाने पर सावधानियाँ लिखिये ।
उत्तर:
(i) प्राथमिक परिपथ में लगाये गये वि.वा. बल का मान द्वितीयक परिपथ में लगाये गये वि. वा. बल या विभवान्तर के मानों से हमेशा अधिक होना चाहिये।
(ii) प्राथमिक तथा द्वितीयक परिपथ में जुड़े विभवान्तरों या वि. वा. बलों के सभी धन सिरे एक बिन्दु A पर जुड़े होने चाहिये जहाँ परिपथ के सभी धन सिरे जुड़े होते हैं।
(iii) संतुलित लम्बाई का मान हमेशा A सिरे से मापा जाना चाहिये।

प्रश्न 22.
विभवमापी तथा वोल्टमीटर में अन्तर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
विभवमापी तथा वोल्टमीटर में अन्तर

विभवमापीवोल्टमापी
(1) यह अविक्षेप विधि पर आधारित(1) यह विक्षेप विधि पर आधारित है।
(2) यह बहुत ही सुग्राही होता है(2) यह कम सुग्राही होता है।
(3) यह वि.वा. बल का मापन कम शुद्धता से करता है।(3) यह वि. वा. बल का मापन बहुत शुद्धता से करता है।
(4) इसके द्वारा वि.वा. बल के पाठ्यांक लेते समय सेल से कोई धारा नहीं ली जाती है।(4) इसके द्वारा वि. वा. बल का मापन में सेल से कुछ धारा ली जाती है।

प्रश्न 23.
अपवाह वेग के आधार पर ओम के नियम का समीकरण \(\overrightarrow{\mathbf{J}}=\sigma \vec{E}\)
(जहाँ संकेतों के सामान्य अर्थ हैं)
उत्तर:
लम्बाई के चालक पर विचार कीजिये जिसका क्षेत्रफल A है। इस चालक में प्रति इकाई आयतन आवेश वाहक मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या, अर्थात् संख्या घनत्व, n है अतः चालक में स्थित आवेश वाहकों की संख्या nAl होगी, जहाँ Al चालक का आयतन है यदि प्रत्येक आवेश वाहक पर आवेश है और इन आवेश वाहकों का अपवाह वेग (Drift Velocity) Vd है, तो चालक के आयतन में आवेश वाहकों का कुल आवेग होगा-
∆q = nAle जो ∆t = \(\frac{l}{v_{\mathrm{d}}}\) समय में
इस चालक के अनुप्रस्थ काट-क्षेत्र से गुजरेगा। इसलिये चालक में प्रवाहित धारा का मान होगा
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 19

प्रश्न 24.
दो सेलों के विद्युत वाहक बल E1 व E2 तथा आन्तरिक प्रतिरोध क्रमशः r1 व r2 हैं। इन्हें श्रेणीक्रम में जोड़ने पर तुल्य वि.वा. बल तथा तुल्य आन्तरिक प्रतिरोध का मान प्राप्त कीजिए ।
उत्तर:
सामने चित्र में E1 व E2 तथा आन्तरिक प्रतिरोध r1 तथा r2 वाले दो सेलों का श्रेणी संयोजन दिखाया गया है। इसके अन्त सिरों को एक बाह्य प्रतिरोध
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 20
R से जोड़ा गया है। यदि सेलों के संयोजन से प्रतिरोध R में प्रवाहित धारा का मान I है तो ओम के नियम से V = IR ……….(1)
तथा संयोजन के अन्त बिन्दुओं a व b के मध्य विभवान्तर का मान दोनों सेलों की टर्मिनल वोल्टता के योग के तुल्य होगा, अर्थात्
Va b = (E1 – Ir1) + (E2 – Ir2) ………..(2)
सिद्धान्त से टर्मिनल वोल्टता; प्रतिरोध R के सिरों पर उत्पन्न विभवान्तर V के बराबर होगी, अतः
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 21

यहाँ E0 = E1 + E2 सेलों के कुल वि.वा. बलों का मान तथा r0 = (r1 + r2) सेलों का कुल आन्तरिक प्रतिरोध है, इससे स्पष्ट है-
(i) श्रेणी संयोजन में कुल विद्युत वाहक बल का मान संयोजित सेलों के वि.वा. बलों के योग के तुल्य होता है।
(ii) यदि संयोजन में समान विद्युत वाहक बल व आन्तरिक प्रतिरोध के n सेल जुड़े हुए हों तो बाह्य प्रतिरोध R में प्रवाहित धारा का मान-
I = \(\frac{n E}{R+n r}=\frac{E}{r+\frac{R}{n}}\) …………(4)
अर्थात् बाह्य परिपथ में प्रवाहित धारा का मान एक सेल के कारण प्राप्त धारा के मान से अधिक होता है।
(iii) संयोजन में यदि एक बैटरी की ध्रुवता को उलट दिया जाये तो तुल्य वि.वा. बल का मान
(E1 – E2) या (E2 – E1) प्राप्त होता है।

प्रश्न 25.
मीटर सेतु द्वारा किसी अज्ञात प्रतिरोध का मान ज्ञात करने की विधि लिखकर आवश्यक सूत्र की व्युत्पत्ति कीजिए। परिपथ चित्र बनाइए।
उत्तर:
मीटर सेतु द्वारा किसी अज्ञात प्रतिरोध का मान-यह अज्ञात प्रतिरोध को मापने के लिये बनाया गया एक उपकरण है। इसका कार्य सिद्धान्त ह्हीट स्टोन सेतु के सिद्धान्त पर आधारित है।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 21
व्हीटस्टोन ब्रिज के चार प्रतिरोधों में से दो प्रतिरोध ( R तथा S ) तो खाली स्थानों में लगे रहते हैं तथा बाकी दो प्रतिरोध ( P व Q) तार AC पर (जोकी) के B बिन्दु के इधर-उधर होते हैं। R के किसी मान के लिए ‘जोकी’ को तार AC पर विभिन्न स्थितियों में रखकर उसकी नोक को दबाते हैं। जब इसकी किसी स्थिति पर धारामापी में कोई विक्षेप नहीं आता है तो हम कह सकते हैं कि ब्रिज संतुलित स्थिति में है ।

‘जोकी’ की यह स्थिति चित्र में ‘B’ बिन्दु द्वारा दर्शाई गई है। व्हीटस्टोन ब्रिज के P तथा Q प्रतिरोध अब क्रमश: AB और BC लम्बाई के तार के प्रतिरोध के बराबर होते हैं। यदि तार की एकांक लम्बाई का प्रतिरोध हो और AB की लम्बाई l हो तो P = pl तथा Q = p (100- l) होगी।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 23
प्रयोग द्वारा R व l का मान ज्ञात करके अज्ञात प्रतिरोध S का मान समीकरण (1) की सहायता से ज्ञात कर लेते हैं। प्रतिरोध बॉक्स से भिन्न-भिन्न प्रतिरोध निकालकर कई प्रेक्षण लेते हैं और प्रत्येक प्रेक्षण के लिए S का मान ज्ञात कर लेते हैं। इसके बाद अज्ञात प्रतिरोध S तथा प्रतिरोध बॉक्स के स्थानों को आपस में बदलकर प्रयोग को दोहराते हैं। इस दशा में R के पूर्व मान के लिए ही यदि अविक्षेप बिन्दु B तार की l1 लम्बाई पर आये तो इस स्थिति में
R = \(\mathbf{S}\left(\frac{100-l_1}{l_1}\right)\)
⇒ S = R \( \left(\frac{l_1}{100-l_1}\right)\) ………(2)
अतः समीकरण (2) के सूत्र से भी S का मान ज्ञात कर लेते हैं। गणना में दोनों बार के प्रेक्षणों से प्राप्त S के मानों का औसत ज्ञात कर लेते हैं। यही अज्ञात प्रतिरोध का मान होगा।

प्रश्न 26.
(a) विभव प्रवणता को परिभाषित कीजिए ।
(b) किरखोफ का संधि नियम लिखिए।
दिए गये चित्र में धारा I का मान लिखिए-
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 24
उत्तर:
(a) विभव प्रवणता (Potential Gradient) विभवमापी के तार की एकांक लम्बाई पर विभव पतन को विभव प्रवणता कहते हैं । इसे x द्वारा व्यक्त करते हैं। इसका मान निम्न पर निर्भर करता है
(i) प्राथमिक परिपथ के सेल Ep के विभवान्तर एवं धारा नियंत्रक के प्रतिरोध पर
(ii) विभवमापी के तार की लम्बाई, अनुप्रस्थ काट तार की धातु व तार के ताप पर निर्भर करता है।
(b) किरखोफ का संधि नियम—किसी बन्द विद्युत परिपथ के किसी बिन्दु (सन्धि ) पर मिलने वाली सभी धाराओं का बीजगणितीय योग शून्य होता है।
अर्थात् ∑I = 0
दिये गये चित्र में धारा I का मान निकालने के लिये किरखोफ का प्रथम नियम (संधि नियम) का प्रयोग करने पर,
5 + 2 – I – 4 = 0
⇒ I = 3 ऐम्पियर

प्रश्न 27.
एक परिवर्ती प्रतिरोधक R विद्युत वाहक बल ( emf), ६ तथा आन्तरिक प्रतिरोध के सेल के सिरों से आरेख में दर्शाए अनुसार संयोजित है R के फलन के रूप में (i) टर्मिनल वोल्टता, V तथा (ii) धार, I में विचरण को दर्शाने के लिए ग्राफ खींचिए।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 25

प्रश्न 28.
लम्बाई L तथा व्यास D के किसी चालक के सिरों पर विभवान्तर V अनुप्रयुक्त किया गया है। इस चालक में आवेश वाहकों के अपवाह वेग पर क्या प्रभाव होगा जब (i) V को आध् कर दिया जाए, (ii) L को दुगुना कर दिया जाए तथा (iii) D को आधा कर दिया जाए?
उत्तर:
अपवाह वेग
(i) V को आधा करने पर अपवाह वेग Vd का मान भी आधा हो जाता है।
(ii) l को दुगुना करने पर Vd का मान भी दुगुना हो जायेगा।
(iii) यदि D को आधा कर दिया जाये तो अपवाह वेग का मान अपरिवर्तित रहता है। चूँकि अपवाह वेग Vd का मान D पर निर्भर नहीं करता है।

आंकिक प्रश्न

प्रश्न 1.
एक इलेक्ट्रॉन वृत्ताकार कक्षा में 6 × 1015 बार प्रति सेकण्ड घूमता है। लूप में धारा का मान ज्ञात कीजिए।
हल- इलेक्ट्रॉन के एक बार वृत्ताकार कक्षा में घूमने में प्रवाहित
आवेश = e
∴ N = 6 × 1015 बार घूमने में प्रवाहित आवेश
q = Ne
q = (6 × 1015) × 1.6 × 1019 कूलॉम घूमने में लिया गया समय t = 1 सेकण्ड
अतः लूप में धारा
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 26

प्रश्न 2.
एक तार की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल 1.0 × 10-7 मीटर2 तथा तार में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या 2 x 1028 प्रति मीटर है। तार में 3.2 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो रही है। ज्ञात कीजिए (i) तार में धारा घनत्व (ii) मुक्त इलेक्ट्रॉनों का अपवहन वेग।
हल- दिया है – तार की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल A
= 1.0 × 10-7 मीटर2
तार में मुक्त इलेक्ट्रॉन घनत्व n = 2 × 1028 तथा तार में धारा I = 3.2 ऐम्पियर
(i) तार में धारा घनत्व j = I/A = 3.2 ऐम्पियर/ 1.0 × 10-7 मीटर2 = 3.2 × 107 ऐम्पियर / मीटर2
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 27

प्रश्न 3.
0.24 मीटर लम्बे चालक के सिरों के बीच 6 वोल्ट का विभवान्तर लगाया गया है। इलेक्ट्रॉनों का अनुगमन (अपवाह) वेग ज्ञात कीजिए। इलेक्ट्रॉन की गतिशीलता 5.6 × 10-6 मीटर2 वोल्ट2 सेकण्ड-1 है।
चालक की लम्बाई L= 0.24 मीटर
इसके सिरों का विभवान्तर V = 12 वोल्ट
अतः चालक के अन्दर वैद्युत क्षेत्र E = \(\frac{V}{L}\)
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 28

प्रश्न 4.
ताँबे का मुक्त इलेक्ट्रॉन घनत्व 8.5 × 1028 मीटर3 है। 0.1 मीटर लम्बे, 1 मिमी2 अनुप्रस्थ काट वाले ताँबे के तार में धारा ज्ञात कीजिए, जबकि इनके सिरों के बीच 3 वोल्ट की बैटरी जुड़ी है। ( दिया है, इलेक्ट्रॉन की गतिशीलता 4.5 × 10-6 मीटर2 – वोल्ट-1 सेकण्ड-1p तथा इलेक्ट्रॉन पर आवेश e = 1.6 × 10-19 कूलॉम)
हल दिया है-
मुक्त इलेक्ट्रॉन घनत्व n = 8.5 × 1028/मीटर3
तार की लम्बाई L= 0.1 मीटर
अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल A = 1 मिमी.2
= (10 )2 मीटर2
= 10-6 मीटर2
तार के सिरों के बीच वोल्टता V = 3 वोल्ट
इलेक्ट्रॉन की गतिशीलता μe = 4.5 × 10-6
मीटर2-वोल्ट1 – सेकण्ड-1
आवेश e = 1.6 × 10-19 कूलॉम
तार में वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता E = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{L}}=\frac{3 \text { वोल्ट }}{0.1}\)
E = 30 वोल्ट / मीटर
∵ वैद्युत धारा I= neAμeE
मान रखने पर-
I= (8.5 × 1028) (1.6 x 1019)
(10-6) (4.5 × 10-6) × 30
= 0.918 ऐम्पियर
= 918 × 10-3 ऐम्पियर
= 918 मिली ऐम्पियर ।

प्रश्न 5.
4 × 10-6 m-6 m2 काट-क्षेत्र के तार में 5A धारा प्रवाहित हो रही है। यदि तार में आवेश वाहकों (मुक्त इलेक्ट्रॉनों) का संख्या घनत्व 5 × 1026 m-3 ” है तो इलेक्ट्रॉनों का अपवाह वेग ज्ञात कीजिए ।
हल दिया गया है-
अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल A = 4 × 10-6 m2
धारा I = 5 ऐम्पियर
मुक्त इलेक्ट्रॉनों का संख्या घनत्व n = 5 × 1026 m-3
इसलिए Vd = \(\frac{\mathrm{I}}{\mathrm{nAe}}=\frac{5}{5 \times 10^{26} \times 4 \times 10^{-6} \times 1.6 \times 10^{-19}}\)
= \(\frac{1}{64}\) m/s

प्रश्न 6.
ताँबे का एक तार जिसकी त्रिज्या 0.1 मिमी. तथा प्रतिरोध 2 KΩ है एक 40 वोल्ट के संभरण (supply) से जोड़ दिया गया है। ज्ञात कीजिए – (a) संभरण तथा तार के एक सिरे के बीच प्रति सेकण्ड कितने इलेक्ट्रॉन हस्तानान्तरित होते हैं? (b) तार का धारा घनत्व क्या होगा?
हल दिया है-
तार की त्रिज्या r = 0.1 मिमी.
= 0.1 × 10-3 मीटर
r = 10-4 मीटर
तार का प्रतिरोध R = 2 kΩ = 2 × 103
तार के सिरों पर आरोपित वोल्टता V = 40 वोल्ट
(a) ओम के नियम से
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 29

प्रश्न 7.
ऐलुमिनियम की एक छड़, जिसका काट क्षेत्रफल 4.00 × 10-6 मीटर2 है; में 5.00 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित हो रही है छड़ में इलेक्ट्रॉन का अपवहन वेग ज्ञात कीजिए। ऐलुमिनियम का घनत्व 2.70 × 103 किप्रा./ मीटर3 तथा परमाणु भार 27 है तथा मान लीजिए कि प्रत्येक ऐलुमिनियम परमाणु से एक इलेक्ट्रॉन प्राप्त होता है।
हल-यहाँ काट क्षेत्रफल A = 4.00 × 10-6 m2, धारा I = 5.00 A,
घनत्व d = 2.7 × 103 kg/m3 तथा M = 27 × 10-3 kg
छड़ में इलेक्ट्रॉन घनत्व n = \(\frac{N}{V}\)
यहाँ N = छड़ में कुल इलेक्ट्रॉनों की संख्या
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 30

प्रश्न 8.
चित्र में असमान काट क्षेत्रफल का एक धारावाही चालक दर्शाया गया है। किन बिन्दुओं पर मान अधिकतम होगा।
(अ) धारा का
(ब) धारा घनत्व का तथा
(स) अपवहन वेग का।
हल-(अ) चालक में प्रवाहित धारा का परिमाण प्रत्येक बिन्दु पर समान होगा।
(ब) धारा घनत्व चालक के काट क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है। अतः बिन्दु B पर धारा घनत्व का मान अधिकतम होगा।
(स) चालक के प्रत्येक भाग में प्रवाहित धारा का मान समान होता है। सिद्धान्ततः यह तभी सम्भव है जब कम क्षेत्रफल काट के भाग में विद्युत क्षेत्र की तीव्रता अधिक हो। अतः बिन्दु B पर अपवहन वेग का मान अधिकतम होगा क्योंकि (vd ∝ E) होता है।

प्रश्न 9.
चित्र में एक आयताकार पदार्थ को दर्शाया गया है। जिसकी लम्बाई 1, चौड़ाई 0.5l व मोटाई 0.25l है। इसके प्रतिरोध का मापन करने के लिए विभवान्तर को दो प्रकार से आरोपित किया जाता है। [चित्र (अ) तथा (ब)] किस व्यवस्था में पदार्थ का प्रतिरोध अधिक होगा ?
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 32
यद्यपि पदार्थ का प्रतिरोध विभवान्तर व धारा पर निर्भर नहीं करता है परन्तु पदार्थ के जिस काट भाग से धारा प्रवेश करती है उसके क्षेत्रफल पर अवश्य निर्भर करता है।

प्रश्न 10.
एक धातु के तार की लम्बाई l मीटर और काट क्षेत्रफल A वर्ग मीटर है। ज्ञात कीजिए कि यदि तार को खींचकर इसकी लम्बाई दुगुनी कर दी जाये तो इसके प्रतिरोध में कितनी प्रतिशत वृद्धि होगी?
हल-हम जानते हैं-तार का प्रतिरोध R = \(p\frac{l}{\mathrm{~A}}\)
तार को खींचने पर इसकी लम्बाई में वृद्धि के साथ उसके काट क्षेत्रफल में कमी होगी लेकिन दोनों स्थितियों में द्रव्यमान समान रहेगा,
अतः Ald = (A) (2l)d जहाँ d पदार्थ का घनत्व है।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 34

प्रश्न 11.
दो तारें A तथा B समान धातु की बनी हैं। इनके अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल भी समान हैं तथा लम्बाइयों का अनुपात 2 : 1 है। यदि प्रत्येक तार की लम्बाई के सिरों पर समान विभवान्तर आरोपित किया जाए, तो दोनों तारों में प्रवाहित होने वाली धाराओं का अनुपात क्या होगा?
हल-समान विभवान्तर होने पर
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 35

प्रश्न 12.
किसी तार को खीचकर इसका व्यास आधा कर दिया जाता है। इसका नया प्रतिरोध का मान क्या होगा?
हल- माना वास्तविक लम्बाई = l1
वास्तविक व्यास = d1
नयी लम्बाई = l2
नया व्यास = d2
खींचने के बाद तार का आयतन (या घनत्व) समान ही रहता है अर्थात्
A1l1 = A2l2
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 36

प्रश्न 13.
एक 15 Ω के मोटे तार को खींचकर इसकी लम्बाई को तीन गुना कर दिया जाता है। यह मानते हुए कि खींचने पर इसका घनत्व अपरिवर्तित रहता है। नए तार के प्रतिरोध की गणना कीजिए।
हल-माना तार का खींचने से पहले अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल =A1 है और उसकी वास्तविक लम्बाई = l1
खींचने के पश्चात् तार का अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल =A2 है । और तार की नयी लम्बाई = l2 है।
चूँकि खींचने पर तार का घनत्व अपरिवर्तित रहता है, अतः खींचने से पहले का आयतन = खींचने के बाद का आयतन

प्रश्न 14.
एक कार्बन प्रतिरोधक जिस पर प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय छल्ले क्रमशः आसमानी, काले तथा पीले रंग के हैं, के आर-पार 30 वोल्ट की वोल्टता आरोपित की गई है। प्रतिरोधक में प्रवाहित वैद्यूत धारा ज्ञात कीजिए।
हल-चूँकि
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 38

प्रश्न 15.
एक सेल जिसका विद्युत वाहक बल 2 वोल्ट तथा आन्तरिक प्रतिरोध 0.1 ओम है, एक 3.9 ओम के बाह्य प्रतिरोध से जोड़ी गई है। सेल का टर्मिनल विभवान्तर ज्ञात कीजिए।
हल-दिया है-
E = 2 वोल्ट
सेल का आन्तरिक प्रतिरोध r = 0.1 ओम
R = 3.9 ओम
अतः सेल से प्राप्त धारा I = \(\frac{E}{R+r}\)
मान रखने पर
I = \(\frac{2}{3.9+0.1}\) = \(\frac{2}{4}\) = \(\frac{1}{2}\)
= 0.5 ऐम्पियर
इसलिए सेल का टर्मिनल विभवान्तर
V = E – Ir = 2 – 0.5 × 0.1
= 2 – 0. 05 = 1. 95 वोल्ट
अथवा V = IR = 0.5 × 3.9
= 1. 95 वोल्ट

प्रश्न 16.
दो प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम में जोड़ने पर उनका समतुल्य प्रतिरोध 18Ω तथा समान्तर क्रम में जोड़ने पर समतुल्य प्रतिरोध 4Ω है। दोनों प्रतिरोधों का मान ज्ञात कीजिए।
हल-दिया गया है- Rs = 18 Ω
Rs = R1 + R2 से
18 = R1 + R2 ………..(1)
समान्तर क्रम में जोड़ने पर समतुल्य प्रतिरोध Rp = 4Ω
अतः
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 39
समीकरण (1) तथा (2) को जोड़ने पर
2R1 = 24 Ω
⇒ R1 = 12 Ω
समीकरण (1) में मान रखने पर
12 + R2 = 18
या R2 = 18 – 12 = 6 Ω
अतः R1 = 12 Ω तथा R2 = 6 Ω

प्रश्न 17.
एक विद्यार्थी के पास दो प्रतिरोध तार हैं जिनका वह अलग-अलग तथा एक साथ प्रयोग करके, 3,4,12 व 16 ओम के प्रतिरोध प्राप्त कर सकता है। तारों के प्रतिरोध क्या होंगे?
हल-माना कि दो तारों का प्रतिरोध r1 ओम व r2 ओम है। यहाँ पर दो तारों का सबसे कम प्रतिरोध 3 ओम है। इसलिये दो तारों को समान्तर क्रम में जोडा गया है।
∴\(\frac{\mathrm{R}_1 \times \mathrm{R}_2}{\mathrm{R}_1+\mathrm{R}_2}\) = 3 ………(1)
इन्हीं दो तारों से अधिकतम प्रतिरोध 16 ओम प्राप्त किया गया है।
∴ यह तार श्रेणीक्रम में जोड़े गये हैं।
R1 + R2 = 16 ………….. (2)
समी. (2) का मान (1) में रखने पर
∴ \(\frac{\mathrm{R}_1 \mathrm{R}_2}{16}c\) = 3
∴ R1R2 = 48 ………… (3)
वह समीकरण जिसके r1 व r2 मूल हैं, वह है-
x2 – (मूलों का योग) x + मूलों का गुणनफल = 0
x2 – (R1 + R2) x + r1r2 = 0
x2 – (16)x + 48 = 0
(x – 12) (x – 4) = 0
x = 12, 4
अतः दो तार 4 ओम व 12 ओम के हैं

प्रश्न 18.
दिए गये चित्र में यदि हीटस्टोन सेतु संतुलित है तो अज्ञात प्रतिरोध X का मान ज्ञात कीजिए।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 40

प्रश्न 19.
चित्र में दर्शाये गये जालक के भाग में प्रवाहित धारा i का मान ज्ञात कीजिए।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 41
हल-यदि शाखा AB व BC में प्रवाहित धारायें क्रमशः x व y हों तो किरचॉफ के संधि नियम से
संधि A पर x + 2.0 + 2.5 = 0
या x = -(2.0 + 2.5) = -4.5A
अर्थात् 4.5 A धारा, A से B की ओर प्रवाहित होगी।
पुनः संधि B पर
4.5 – 1.0 + y = 0 या y = – 3.5A
अर्थात् B से C की ओर प्रवाहित धारा 3.5A होगी।
इसी प्रकार संधि C पर, 3.5 – 1.5 – i = 0 या i = 2.0A

प्रश्न 20.
चित्र में एक विद्युत परिपथ के एक भाग ABC को दर्शाया गया है। बिन्दु A,B व C के विभवों का मान क्रमश: VA, VB व VC हैं। बिन्दु O पर विभव का मान ज्ञात कीजिए।
हल-बिन्दु O पर संधि नियम से
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 42
-i1 -i2 -i3 = 0
या i1 + i2 + i3 = 0 ………(1)
यदि बिन्दु O पर विभव का मान V0 है तो ओम के नियमानुसार भिन्न-भिन्न शाखाओं में प्रवाहित धाराओं का मान क्रमशः होगा
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 43

प्रश्न 21.
चित्र में दर्शाये गये जालक के बिन्दु a व b के मध्य तुल्य प्रतिरोध का मान ज्ञात कीजिए।
हल-माना टर्मिनल a व b के मध्य V विभवान्तर की एक बैटरी को जोड़ा गया है। बैटरी से टर्मिनल a में i धारा प्रवेश करती है तथा इतनी ही धारा b से निर्गत होती है। बिन्दु O पर धारा का मान; तीन प्रतिरोधों में समान मात्रा
\(\left(\frac{1}{3}\right)\)
में विभक्त हो जायेगा। अतः a व b के मध्य विभवान्तर
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 51
V = Va0 + V0b = iR + \(\frac{1}{3}\)R
अतः तुल्य प्रतिरोध Req = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{i}}\) = \(\frac{4}{3}\)R

प्रश्न 22.
चित्र में बिन्दु A शून्य विभव पर है। B पर विभव ज्ञात करने के लिए किरचॉफ के नियमों का प्रयोग कीजिए।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 44
हल-संधि D पर किरचॉफ के प्रथम नियम से पाश BDCQ की भुजा DC में प्रवाहित धारा = (2 – 1) ऐम्पियर = 1 ऐम्पियर
शाखा ACDB में
VA – VB = (VA – VC) + (VC – VD) + (VD – VB)
VA – VB = (-1) + (-2) +2
0 – VB = -1
VB = 1 Volt

प्रश्न 23.
एक सेल का आन्तरिक प्रतिरोध ज्ञात करने के विभवमापी के प्रयोग में जब सेल से 2 ओम के प्रतिरोध में धारा प्रवाहित करते हैं तो सेल तार की 3.75 मीटर लम्बाई पर सन्तुलित होती है। जब सेल से 4 ओम प्रतिरोध में धारा प्रवाहित करते हैं, तो संतुलन बिन्दु 5.00 मीटर पर प्राप्त होता है। सेल का आन्तरिक प्रतिरोध ज्ञात कीजिये।
हल-सेल का आंतरिक प्रतिरोध
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 45

प्रश्न 24.
विभवमापी के प्रयोग में एक 5V विद्युत वाहक बल तथा नगण्य आन्तरिक प्रतिरोध की प्रामाणिक सेल इसके 5 मीटर लम्बे तार में स्थायी धारा देती है। E1 तथा E2 विद्युत वाहक बल वाली दो प्राथमिक सेल श्रेणीक्रम में जोड़ी गई हैं-(i) समान ध्रुवता के साथ, (ii) विपरीत धुवता के साथ। यह संयोजन एक धारामापी तथा सर्पी कुंजी के माध्यम से विभवमापी के तार से जोड़ा गया है। उक्त दोनों स्थितियों में सन्तुलन लम्बाइयाँ क्रमशः 350 सेमी. तथा 50 सेमी. प्राप्त होती हैं। (a) आवश्यक परिपथ आरेख खीचिए। (b) दोनों सेलों के विद्युत वाहक बलों के मान ज्ञात कीजिए।
हल-(a) आवश्यक परिपथ आरेख नीचे दर्शाये गये आरेख की भाँति होगा।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 46

प्रश्न 25.
IF Stage (मध्य आवृत्ति) (a) मीटर सेतु की सन्तुलन अवस्था में दिए गए परिपथ चित्र में अज्ञात प्रतिरोध S का मान ज्ञात कीजिए।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 48
(b) दिए गये परिपथ में X व Y के मध्य परिणामी प्रतिरोध का मान लिखिए यदि कुंजी K
(i) खुली हो
(ii) बन्द हो।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 49

(b) (i) परिणामी प्रतिरोध ज्ञात करना जबकि कुंजी K खुली हो प्रतिरोध 6Ω और 4Ω आपस में श्रेणीक्रम में जुड़े हैं, अतः इसका कुल प्रतिरोध
R1 = 6 + 4 = 10Ω
इसी तरह से 3Ω और 12Ω के प्रतिरोध श्रेणीक्रम में हैं, अतः इसका कुल
R2 = 3Ω + 12Ω
= 15Ω
अतः X व Y के मध्य परिणामी प्रतिरोध का मान
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 3 विद्युत धारा 50

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HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य

Haryana State Board HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य Important Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Physics Important Questions Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य

वस्तुनिष्ठ प्रश्न:

प्रश्न 1.
एक दण्ड चुम्बक उत्तर-दक्षिण दिशा में इस प्रकार रखा जाता है कि उसका उत्तरी ध्रुव उत्तर की ओर है। शून्य चुम्बकीय क्षेत्र के बिन्दुओं की दिशा चुम्बक के केन्द्र से किस ओर होगी
(अ) उत्तर-दक्षिण
(ब) पूर्व-पश्चिम
(स) उत्तर-पूर्व तथा दक्षिण-पश्चिम
(द) उत्तर-पश्चिम तथा दक्षिण-पूर्व
उत्तर:
(ब) पूर्व-पश्चिम

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य

प्रश्न 2.
पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का ऊर्ध्वाधर घटक शून्य होता है:
(अ) चुम्बकीय ध्रुवों पर
(ब) भौगोलिक ध्रुवों पर
(स) प्रत्येक स्थान पर
(द) चुम्बकीय निरक्ष पर
उत्तर:
(द) चुम्बकीय निरक्ष पर

प्रश्न 3.
किसी चुम्बकीय क्षेत्र के समान्तर रखी चुम्बकीय सूई को 60° घुमाने में W कार्य करना पड़ता है। इस स्थिति में सूई को बनाये रखने के लिये आवश्यक बल आघूर्ण होगा:
(अ) √3W
(ब) W
(स) \(\frac{\sqrt{3}}{2}\) W
(द) 2W
उत्तर:
(अ) √3W

प्रश्न 4.
एक r त्रिज्या की वृत्ताकार कुण्डली में i धारा बह रही है। इसमें तार के n फेरे हैं। इसका चुम्बकीय आघूर्ण. r के साथ परिवर्तित होता है। जैसे:
(अ) \(\frac{1}{\mathrm{r}^2}\)
(ब) \(\frac{1}{r}\)
(स) r
(द) r2
उत्तर:
(द) r2

प्रश्न 5.
एक चुम्बकीय लोहे के तार की लम्बाई । एवं चुम्बकीय आघूर्ण m है । यदि इसे L आकृति में मोड़ने पर इसकी प्रत्येक भुजा समान लम्बाई की रहती है तो नवीन आकृति का चुम्बकीय आघूर्ण होगा:
(अ) m
(ब) \(\frac{\mathrm{m}}{2}\)
(स) √2m
(द) \(\frac{\mathrm{m}}{\sqrt{2}}\)
उत्तर:
(द) \(\frac{\mathrm{m}}{\sqrt{2}}\)

प्रश्न 6.
एक पतले दण्ड चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण M है। यदि इसे पहले लम्बाई के लम्बवत् और फिर चौड़ाई के लम्बवत् काटा जाये तो प्राप्त टुकड़े का चुम्बकीय आघूर्ण होगा:
(अ) \(\frac{\mathrm{m}}{2}\)
(ब) \(\frac{\mathrm{m}}{4}\)
(स) m
(द) 2m
उत्तर:
(ब) \(\frac{\mathrm{m}}{4}\)

प्रश्न 7.
यदि दो एकांक प्रबलता (1-Am) के चुम्बकीय ध्रुव के मध्य की दूरी 1 मीटर है अतः इनके मध्य लगने वाले बल का मान है:
(अ) 4π x 107 N
(ब) \(\frac{4 \pi}{10^{-7}}\) N
(स) 107 N
(द) \(\frac{10^{-7}}{4 \pi}\) N
उत्तर:
(स) 107 N

प्रश्न 8.
एक छोटे चुम्बक के कारण r दूरी पर उसकी अक्षीय एवं पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र की निरक्षीय स्थिति में स्थित बिन्दुओं तीव्रताओं का अनुपात होगा:
(अ) 1 : 2
(ब) 2 : 1
(स) 1 : 4
(द) 4 : 1
उत्तर:
(ब) 2 : 1

प्रश्न 9.
चुम्बकीय आघूर्ण \(\overrightarrow{\mathrm{m}}\) के एक चुम्बक दण्ड को \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) तीव्रता के चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर लगने वाले बल आघूर्ण का मान होगा:
(अ) \(\overrightarrow{\mathrm{m}}\) × \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\)
(ब) \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) × \(\overrightarrow{\mathrm{m}}\)
(स) \(\overrightarrow{\mathrm{m}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{B}}\)
(द) \(\frac{\overrightarrow{\mathrm{m}} \times \overrightarrow{\mathrm{B}}}{\sqrt{2}}\)
उत्तर:
(अ) \(\overrightarrow{\mathrm{m}}\) × \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\)

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य

प्रश्न 10.
नाभिक के चारों ओर घूमते इलेक्ट्रॉन का चुम्बकीय आघूर्ण मुख्य क्वान्टम संख्या n पर किस प्रकार निर्भर करता है?
(अ) μ α n
(ब) μ α 1/n
(स) μ α n2
(द) μ α \(\frac{1}{\mathrm{n}^2}\)
उत्तर:
(अ) μ α n

प्रश्न 11.
एक वर्गाकार धारावाही लूप एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में लटकाया गया, जो इसके तल में कार्यरत है। यदि लूप की एक भुजा पर बल \(\overrightarrow{\mathrm{F}}\) है, तो शेष तीन भुजाओं पर परिणामी बल होगा:
(अ) 3 \(\overrightarrow{\mathrm{F}}\)
(ब) \(-\vec{F}\)
(स) \(-3 \vec{F}\)
(द) \(\overrightarrow{\mathrm{F}}\)
उत्तर:
(ब) \(-\vec{F}\)

प्रश्न 12.
किसी स्थान पर चुम्बकीय याम्योत्तर एवं भौगोलिक याम्योत्तर के मध्य कोण कहलाता है:
(अ) नमन कोण
(ब) क्रान्तिक कोण
(स) दिक्पात कोण
(द) नति कोण।
उत्तर:
(स) दिक्पात कोण

प्रश्न 13.
चुम्बकीय ध्रुवों पर नति का कोण होता है:
(अ) 0°
(ब) 30°
(स) 45°
(द) 90°
उत्तर:
(द) 90°

प्रश्न 14.
यदि किसी स्थान पर पृथ्वी के क्षैतिज घटक Bv के मान समान हैं। अतः उस स्थान पर नमन क्षेत्र के ऊर्ध्वाधर घटक BH एवं कोण का मान है अतः उस स्थान पर नमन कोण का मान है:
(अ) 30°
(ब) 45°
(स) 60°
(द) 90°
उत्तर:
(ब) 45°

प्रश्न 15.
चुम्बकीय सुई सुरक्षित रह सकती है:
(अ) लोहे के बक्से में
(ब) लकड़ी के बक्से में
(स) धातु के बक्से में
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) लोहे के बक्से में

प्रश्न 16.
विद्युत चुम्बक में क्रोड कच्चे इसकी लोहे की बनायी जाती है, क्योंकि इसकी
(अ) प्रवृत्ति तथा धारणशीलता अधिक होती है।
(ब) प्रवृत्ति अधिक तथा धारणशीलता कम होती है।
(स) प्रवृत्ति व धारणशीलता दोनों कम होती हैं।
(द) धारणशीलता अधिक व प्रवृत्ति कम होती है।
उत्तर:
(ब) प्रवृत्ति अधिक तथा धारणशीलता कम होती है।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य

प्रश्न 17.
ताँबा कैसा पदार्थ है?
(अ) प्रतिचुम्बकीय
(ब) अनुचुम्बकीय
(स) लौह चुम्बकीय
(द) अचुम्बकीय
उत्तर:
(अ) प्रतिचुम्बकीय

प्रश्न 18.
चुम्बकीय पदार्थों का वह व्यवहार जिसके फलस्वरूप चुम्बकीय प्रेरण B चुम्बकन क्षेत्र H से पीछे रहता है, कहलाता है:
(अ) चुम्बकीय प्रवृत्ति
(ब) चुम्बकीय शैथिल्य
(स) निग्राहिता
(द) धारणशीलता।
उत्तर:
(ब) चुम्बकीय शैथिल्य

प्रश्न 19.
विपरीत दिशा में चुम्बकन क्षेत्र H का यह मान जिस पर चुम्बकीय प्रेरण B का मान शून्य हो जाता है, कहलाता है:
(अ) शैथिल्य हास
(ब) धारणशीलता
(स) निग्राहिता
(द) चुम्बकशीलता
उत्तर:
(स) निग्राहिता

प्रश्न 20.
अनुचुम्बकीय पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृत्ति x एवं परम ताप T में सम्बन्ध है:
(अ) \(\chi \propto \frac{1}{T}\)
(ब) χ α T
(स) χ α \(\frac{1}{T^2}\)
(द) χ α T2
उत्तर:
(अ) \(\chi \propto \frac{1}{T}\)

प्रश्न 21.
अल्प चुम्बकन क्षेत्र (H) के लिए चुम्बकन I किस प्रकार निर्भर करता है:
(अ) I α H
(ब) I α \(1 / \mathrm{H}^2\)
(स) I α \(1 / \mathrm{H}\)
(द) I α H2
उत्तर:
(अ) I α H

प्रश्न 22.
चुम्बकीय प्रवृत्ति तथा चुम्बकनशीलता में सही सम्बन्ध है:
(अ) Xm = 14 – 1
(ब) Xm = 4 + 1
(स) X = +1
(द) Xm
उत्तर:
(अ) Xm = 14 – 1

प्रश्न 23.
पृथ्वी के चुम्बकीय ध्रुवों तथा विषुवत् पर नमन कोण क्रमशः होते हैं:
(अ) 0° तथा 90°
(ब) 90° तथा 0°
(स) 180° तथा 0°
(द) 0° तथा 180°
उत्तर:
(ब) 90° तथा 0°

प्रश्न 24.
एक विद्युत चुम्बक बना होता है:
(अ) Cu का
(ब) Al का
(स) स्टील का
(द) नरम लोहे का
उत्तर:
(द) नरम लोहे का

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य

प्रश्न 25.
निम्न में सही संबंध है:
(अ) \(\frac{B}{\mu_0}\) + I = H
(ब) \(\frac{B}{\mu_0}\) – 1 = H
(स) \(\frac{B}{\mu_0}\) + H = I
(द) \(\frac{B}{\mu_0}\) + H = -1
उत्तर:
(ब) \(\frac{B}{\mu_0}\) – 1 = H

प्रश्न 26.
लौह चुम्बकीय पदार्थों के लिये:
(अ) पारगम्यता बहुत अधिक तथा प्रवृत्ति धनात्मक व अधिक होती है।
(ब) पारगम्यता बहुत अधिक तथा प्रवृत्ति ऋणात्मक व कम होती है।
(स) पारगम्यता बहुत कम तथा प्रवृत्ति धनात्मक व अधिक होती है।
(द) पारगम्यता बहुत कम तथा प्रवृत्ति ऋणात्मक व कम होती है।
उत्तर:
(अ) पारगम्यता बहुत अधिक तथा प्रवृत्ति धनात्मक व अधिक होती है।

प्रश्न 27.
पृथ्वी के तल पर क्षैतिज क्षेत्र वाले बिन्दुओं को मिलाने वाली रेखा को कहते हैं:
(अ) चुम्बकीय याम्योत्तर
(ब) चुम्बकीय अक्ष
(स) चुम्बकीय रेखा
(द) चुम्बकीय निरक्ष
उत्तर:
(द) चुम्बकीय निरक्ष

प्रश्न 28.
चुम्बकीय याम्योत्तर और भौगोलिक याम्योत्तर के बीच के कोण को कहते हैं:
(अ) चुम्बकीय नति
(ब) चुम्बकीय दिक्पात
(स) चुम्बकीय आघूर्ण
(द) चुम्बकीय क्षेत्र की शक्ति
उत्तर:
(ब) चुम्बकीय दिक्पात

प्रश्न 29.
निम्न में से कौनसा कथन यथार्थ नहीं है?
(अ) प्रतिचुम्बकत्व सब पदार्थों का गुण है।
(ब) क्यूरी ताप पर लौह-चुम्बकीय पदार्थ अनुचुम्बकीय बन जाते हैं।
(स) वे परमाणु जिनकी आन्तरिक कक्षायें अपूर्ण होती हैं, अनुचुम्बकीय होते हैं।
(द) लौह-चुम्बकीय पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृत्ति X क्यूरी ताप पर शून्य होती है।
उत्तर:
(द) लौह-चुम्बकीय पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृत्ति X क्यूरी ताप पर शून्य होती है।

प्रश्न 30.
आपेक्षिक पारगम्यता की इकाई होती है:
(अ) वेबर/ मी.
(ब) इकाई रहित
(स) हेनरी/मीटर
(द) ऐम्पियर/मीटर
उत्तर:
(ब) इकाई रहित

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य

प्रश्न 31.
किसी पदार्थ की अनुचुम्बकीय प्रवृत्ति χ का मान 9 है तो आपेक्षिक पारगम्यता μr का मान होगा:
(अ) 10
(ब) 0.1
(स) 9
(द) 11
उत्तर:
(अ) 10

प्रश्न 32.
1 टेसला बराबर होता है:
(अ) 10-7 गाउस
(ब) 10-4 गाउस
(स) 104 गाउस
(द) 10-8 गाउस
उत्तर:
(ब) 10-4 गाउस

प्रश्न 33.
ताप जिससे नीचे चुम्बकीय पदार्थ लौह-चुम्बकीय तथा जिसके ऊपर अनुचुम्बकीय होता है, कहलाता है:
(अ) उत्क्रमण ताप
(ब) केल्विन ताप
(स) क्यूरी ताप
(द) उदासीन ताप
उत्तर:
(स) क्यूरी ताप

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1.
उस भौतिक राशि का नाम बताइये जिसका मात्रक न्यूटन मीटर टेसला है यह अदिश राशि है अथवा सदिश?
उत्तर:
τmax = mB = m = \(\frac{\tau_{\max }}{\mathrm{B}}\)
इस सूत्र के आधार पर M का SI मात्रक = न्यूटन मीटर टेसला-1
अतः न्यूटन मीटर टेसला-1 चुम्बकीय आघूर्ण का SI मात्रक है। अतः एक सदिश राशि है।

प्रश्न 2.
समरूप चुम्बकीय क्षेत्र में एक चुम्बकीय द्विध्रुव को किस प्रकार रखा जाये ताकि इसकी स्थितिज ऊर्जा अधिकतम हो?
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र के विसमान्तर अर्थात् इसका चुम्बकीय आघूर्ण \(\overrightarrow{\mathrm{m}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{B}}\) की दिशा के विपरीत दिशा में हो।
इस स्थिति में
θ = 180° तथा U = mB cosθ
U = -mB cos 180° = -mB x (-1) U = mB

प्रश्न 3.
चुम्बकीय याम्योत्तर किसे कहते हैं?
उत्तर:
दण्ड चुम्बक के चुम्बकीय अक्ष के लम्बवत् गुजरने वाले ऊर्ध्व तल को चुम्बकीय याम्योत्तर कहते हैं।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य

प्रश्न 4.
चुम्बकीय आघूर्ण को परिभाषित कीजिये।
उत्तर:
किसी चुम्बक की ध्रुव प्राबल्यता एवं प्रभावी लम्बाई के गुणनफल को चुम्बकीय आघूर्ण कहते हैं। यह एक सदिश राशि है जिसकी दिशा दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव की ओर होती है। इसका मात्रक ऐम्पियर मीटर होता है।

प्रश्न 5.
चुम्बकीय आघूर्ण \(\vec{m}\) के एक छोटे दण्ड चुम्बक से उसके अक्ष पर दूरी पर स्थित बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता का व्यंजक लिखिये
उत्तर:
\(\vec{B}\) = \(\frac{\mu_0}{4 \pi}\) × \(\frac{2 \overrightarrow{\mathrm{m}}}{\mathrm{r}^3}\)

प्रश्न 6.
चुम्बकीय आघूर्ण \(\vec{M}\) के छोटे दण्ड चुम्बक के निरक्ष पर r दूरी पर स्थित बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता का व्यंजक लिखिये।
उत्तर:
\(\vec{B}\) = \(\frac{\mu_0}{4 \pi}\) × \(\left(\frac{-\vec{m}}{r^3}\right)\)

प्रश्न 7.
लघुदण्ड चुम्बक के मध्य बिन्दु से अक्षीय तथा निरक्षीय स्थिति में समान दूरी पर स्थित बिन्दुओं पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रताओं में क्या अनुपात होता है?
उत्तर:
2 : 1
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य 1

प्रश्न 8.
‘चुम्बकीय बल रेखायें बन्द वक्र बनाती हैं क्यों?
उत्तर:
चूँकि एकल चुम्बकीय ध्रुव का कोई अस्तित्व नहीं होता है अर्थात् उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी ध्रुव साथ-साथ होते हैं एवं चुम्बकीय बल रेखायें उत्तरी ध्रुव से निकलती हैं तथा दक्षिणी ध्रुव में प्रवेश करती हैं इसलिये ये बन्द वक्र होती हैं।

प्रश्न 9.
उदासीन बिन्दु की परिभाषा दीजिये।
उत्तर:
ऐसे बिन्दु जिन पर चुम्बक का चुम्बकीय क्षेत्र तथा पृथ्वी का क्षैतिज चुम्बकीय क्षेत्र का परिणामी क्षेत्र शून्य होता है, उन्हें उदासीन बिन्दु कहते हैं।

प्रश्न 10.
पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक HE ऊर्ध्वाधर घटक ZE एवं इस स्थान पर नति कोण I के मध्य सम्बन्ध लिखिये।
उत्तर:
tan I = \(\frac{\mathrm{Z}_{\mathrm{E}}}{\mathrm{H}_{\mathrm{E}}}\)

प्रश्न 11.
वर्ष के किस माह में दिक्पात कोण का मान उत्तरी गोलार्द्ध में न्यूनतम एवं दक्षिणी गोलार्द्ध में अधिकतम होता है?
उत्तर:
अगस्त माह में

प्रश्न 12.
दिक्पात कोण किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी स्थान पर भौगोलिक याम्योत्तर तथा चुम्बकीय याम्योत्तर के बीच के कोण को दिक्पात कोण कहते हैं।

प्रश्न 13.
एक छड़ चुम्बक को किस प्रकार रखने पर उदासीन बिन्दु निरक्ष पर एवं अक्ष पर प्राप्त होगा?
उत्तर:
(i) चुम्बकीय याम्योत्तर में चुम्बक का उत्तरी ध्रुव उत्तर की ओर देखने पर उदासीन बिन्दु निरक्ष पर प्राप्त होता है।
(ii) चुम्बकीय याम्योत्तर में चुम्बक का दक्षिणी ध्रुव उत्तर की ओर रखने पर उदासीन बिन्दु अक्ष पर बनता है।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य

प्रश्न 14.
माध्यम की पारगम्यता एवं चुम्बकीय प्रवृत्ति में सम्बन्ध लिखो।
उत्तर:
μ = μ0(1 + x)

प्रश्न 15.
चुम्बकीय क्षेत्र B चुम्बकन क्षेत्र H एवं माध्यम की पारगम्यता μ के बीच सम्बन्ध लिखो।
उत्तर:
μ = \(\frac{\mathrm{B}}{\mathrm{H}}\)

प्रश्न 16.
पृथ्वी के चुम्बकीय तत्व क्या हैं?
उत्तर:
(1) दिक्पात कोण
(2) नति कोण
(3) क्षैतिज घटक।

प्रश्न 17.
पृथ्वी तल पर किस स्थान पर नति कोण का मान 90° होता है?
उत्तर:
पृथ्वी के ध्रुवों पर

प्रश्न 18.
पृथ्वी तल पर कहाँ पर नति कोण का मान शून्य होता हैं?
उत्तर:
चुम्बकीय निरक्ष पर।

प्रश्न 19.
पृथ्वी तल के किस स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का ऊर्ध्व घटक शून्य होता है तथा क्यों?
उत्तर:
चुम्बकीय निरक्ष पर (ZE = BEsin θ = BE sin 0° = 0]

प्रश्न 20.
चुम्बकीय पदार्थ जो किसी असमान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रतिकर्षण बल अनुभव करते हैं, क्या कहलाते हैं?
उत्तर:
प्रतिचुम्बकीय पदार्थ।

प्रश्न 21.
अनुचुम्बकीय पदार्थ लिये कोई दो उदाहरण लिखिये।
उत्तर:
(i) कॉपर, क्लोराइड
(ii) मैंगनीज डाइऑक्साइड

प्रश्न 22.
प्रतिचुम्बकीय पदार्थ के कोई दो उदाहरण लिखिये।
उत्तर:
(i) पानी
(ii) पारा।

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प्रश्न 23.
चुम्बकन तीव्रता की परिभाषा लिखिये।
उत्तर:
पदार्थ के एकांक आयतन में उत्पन्न चुम्बकीय आघूर्ण (m) को चुम्बकन की तीव्रता कहते हैं।
\(\overrightarrow{\mathrm{I}}\) = \(\frac{\overrightarrow{\mathrm{m}}}{\mathrm{V}}\)
यह सदिश राशि है इसका मात्रक A/m है।

प्रश्न 24.
चुम्बकीय पारगम्यता की परिभाषा लिखिये।
उत्तर:
पदार्थ के अन्दर उत्पन्न चुम्बकीय प्रेरण B एवं चुम्बकीय क्षेत्र H के अनुपात को पदार्थ की चुम्बकीय पारगम्यता कहते हैं।

प्रश्न 25.
चुम्बकीय प्रेरण B, चुम्बकीय क्षेत्र H एवं चुम्बकन तीव्रता I के मध्य का सम्बन्ध बतलाइये।
एवं
उत्तर:
B = (μ0)(H + I ) यहाँ μ0 = निर्वात् की चुम्बकशीलता।

प्रश्न 26.
आपेक्षिक पारगम्यता μr चुम्बकीय पारगम्यता μ निर्वात की चुम्बकीय पारगम्यता μ0 के मध्य का संबंध लिखिये।
उत्तर:
μr = \(\frac{\mu}{\mu_0}\) या μ = μ0 μr

प्रश्न 27.
धारणशीलता किसे कहते हैं?
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र H का मान शून्यं करने पर भी पदार्थ में चुम्बकत्व शेष बने रहने के गुण को धारणशीलता कहते हैं।

प्रश्न 28.
प्रतिचुम्बकीय पदार्थ के परमाणु का नेट चुम्बकीय आघूर्ण कितना होता है?
उत्तर:
शून्य।

प्रश्न 29.
किसी अनुचुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकन तीव्रता ताप साथ किस प्रकार परिवर्तित होती है?
उत्तर:
यह परम ताप के व्युत्क्रमानुपाती होती है।

प्रश्न 30.
विद्युत चुम्बक बनाने के लिये नर्म लोहा क्यों प्रयुक्त किया जाता है?
उत्तर:
नर्म लोहे की चुम्बकशीलता अधिक तथा धारणशीलता कम होने के कारण।

प्रश्न 31.
जब किसी प्रतिचुम्बकीय पदार्थ को ठण्डा किया जाता है तो इसके चुम्बकत्व (Magnetisation) पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
प्रतिचुम्बकीय पदार्थ का चुम्बकन तीव्रता ताप पर निर्भर नहीं करती। अतः ठण्डा करने का इसके चुम्बकन तीव्रता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

प्रश्न 32.
किसी B-H वक्र के लिये शैथिल्य हास ज्ञात करने का सूत्र लिखिये।
उत्तर:
शैथिल्य हास (B-H) वक्र का क्षेत्रफल x पदार्थ की आयतन आवृति।

प्रश्न 33.
स्थायी चुम्बक बनाने के लिये इस्पात का उपयोग करते हैं। क्यों?
उत्तर:
चूँकि इस्पात की निग्राहिता एवं धारणशीलता अधिक है। यही कारण है कि इसका उपयोग स्थाई चुम्बक बनाने में किया जाता है।

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प्रश्न 34.
क्यूरी का नियम क्या है?
उत्तर:
क्यूरी के नियम के अनुसार अनुचुम्बकीय पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृत्ति का मान उसके परम ताप के व्युत्क्रमानुपाती होता है। अर्थात्
χ α \(\frac{1}{\mathrm{~T}}\)
या χ = \(\frac{\mathrm{C}}{\mathrm{T}}\)
यहाँ ‘C’ एक नियतांक है जिसे क्यूरी नियतांक कहते हैं।

प्रश्न 35.
क्यूरी वाइस का नियम क्या है ?
उत्तर:
लौह-चुम्बकीय पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृत्ति की ताप पर निर्भरता क्यूरी – वाइस नियम द्वारा व्यक्त की जाती है।
x = \(\frac{C}{T-T_c}\)
यहाँ Tc = क्यूरी ताप है।

प्रश्न 36.
किसी चुम्बकीय पदार्थ का चुम्बकीय क्षेत्र में एक चक्र पूरा होता है तो उत्पन्न चुम्बकीय प्रेरण B, चुम्बकीय क्षेत्र H से पीछे रहता है। चुम्बकीय प्रेरण के पिछड़ने को क्या कहते हैं?
उत्तर:
शैथिल्यता।

प्रश्न 37.
क्यूरी ताप की परिभाषा दीजिए। लोहे के लिए इसका मान लिखिए।
उत्तर:
क्यूरी ताप – वह ताप जिस पर या जिसके नीचे के ताप पर लौह- चुम्बकीय पदार्थ लौह-चुम्बकीय पदार्थ की तरह व्यवहार करता है तथा उससे ऊपर के ताप पर लौह चुम्बकीय पदार्थ अनुचुम्बकीय पदार्थ में परिवर्तित हो जाता है, उस ताप को क्यूरी ताप कहते हैं। इसको हम Tc से प्रदर्शित करते हैं।
लोहे के लिए क्यूरी ताप Tc = 770°C (अर्थात 1043K) होता है।

प्रश्न 38.
लोहे का क्यूरी ताप कितना होता है?
उत्तर:
क्यूरी ताप 1043K

प्रश्न 39.
डोमेन सिद्धान्त (Domain Theory) के आधार पर कौनसे चुम्बकीय पदार्थों के चुम्बकत्व की व्याख्या की जाती है?
उत्तर:
लौह-चुम्बकीय पदार्थ।

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प्रश्न 40.
-0.2 चुम्बकीय प्रवृत्ति वाले चुम्बकीय पदार्थ की आपेक्षिक चुम्बकीय पारगम्यता ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
दिया गया है:
चुम्बकीय प्रवृत्ति x = 0.2
आपेक्षिक चुम्बकीय पारगम्यता μr = ?
μr = 1 + x
= 1 – 0.2
= 0.8

प्रश्न 41.
जब किसी छड़ चुम्बक को उसकी अक्ष के लम्बवत् दो बराबर भागों में काटा जाता है, तो छड़ चुम्बक के (i) ध्रुव सामर्थ्य तथा (ii) चुम्बकीय आघूर्ण में क्या परिवर्तन होगा?
उत्तर:
(i) यदि किसी दण्ड चुम्बक को उसकी लम्बाई के अनुदिश दो समान भागों में काटा जाये तो अनुप्रस्थ काट आधा हो जाने के कारण प्रत्येक टुकड़े के दोनों ध्रुवों की ध्रुव प्राबल्यता आधी हो जायेगी। (ii) ऐसी स्थिति में प्रत्येक टुकड़े का चुम्बकीय आघूर्ण
m = qm x 2l
यहाँ पर
qm= \(\frac{\mathrm{m}}{2}\) अतः
m = \(\frac{\mathrm{q}_{\mathrm{m}}}{2}\) x 2l = qml = \(\frac{\mathrm{m}}{2}\) होगी।
चुम्बकीय आघूर्ण आधा हो जायेगा।

प्रश्न 42.
स्थायी चुम्बक बनाने के लिये प्रयुक्त पदार्थों की निग्राह्यता उच्च क्यों होनी चाहिये?
उत्तर:
इसका कारण है कि उच्च निग्राहयता के कारण ही पदार्थ का चुम्बकत्व ताप परिवर्तन के कारण नष्ट नहीं होता है।

प्रश्न 43.
इस्पात (steel) या एलनिको का प्रयोग स्थायी चुम्बक बनाने के लिये क्यों किया जाता है?
उत्तर:
इनकी निग्राह्यता उच्च होती है।

प्रश्न 44.
एक चुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृत्ति 1.9 x 105 है। यह किस प्रकार का पदार्थ है?
उत्तर:
क्योंकि चुम्बकीय प्रवृत्ति कम तथा धनात्मक है। अतः दिया गया पदार्थ अनुचुम्बकीय पदार्थ है।

प्रश्न 45.
एक स्थायी चुम्बक बनाने का सुगम तरीका संक्षेप में लिखिये स्थायी चुम्बक बनाने के लिये चुने गये उचित पदार्थों के दो गुण लिखिये।
उत्तर:
स्थायी चुम्बक बनाने का सबसे सुगम तरीका है कि एक फौलाद की छड़ को लेकर एक चुम्बक से रगड़ा जाये। स्थायी चुम्बक बनाने के लिये चुने गये उचित पदार्थ में निम्नलिखित दो गुण होने चाहिए
(i) उच्च धारणशीलता
(ii) उच्च निग्राहिता।

प्रश्न 46.
यदि चुम्बकीय एकल ध्रुवों का अस्तित्व होता तो चुम्बकत्व सम्बन्धी गाउस का नियम क्या रूप ग्रहण करता?
उत्तर:
किसी भी बंद सतह से गुजरने वाला कुल चुम्बकीय फ्लक्स इस स्थिति में शून्य न होकर ध्रुव) है।
\(\int_{\mathrm{S}} \overrightarrow{\mathrm{B}} \cdot \overrightarrow{d \mathrm{~S}}\) = μ0qm, जहाँ qm S से घिरा चुम्बकीय आवेश (एकल

प्रश्न 47.
प्रतिचुम्बकीय पदार्थ किसे कहते हैं ? एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
जो पदार्थ चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर क्षेत्र की विपरीत दिशा में मामूली रूप से चुम्बकित हो जाते हैं तथा किसी शक्तिशाली चुम्बक के सिरों के पास लाये जाने पर कुछ प्रतिकर्षित होते हैं, प्रतिचुम्बकीय पदार्थ कहलाते हैं। इन पदार्थों का यह गुण प्रतिचुम्बकत्व कहलाता है।
उदाहरण: जस्ता (Zn). ताँबा (Cu), चाँदी (Ag), सोना (Au), आदि।

लघुत्तरात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1.
एक चुम्बक की परिभाषा लिखिये और इसके दिशा निर्देशन व ध्रुव प्राबल्यता का गुण लिखिये।
उत्तर:
वह पदार्थ जो दूसरे चुम्बकीय पदार्थ लोहा आदि को आकर्षित कर सके और जब उसे स्वतन्त्र रूप से लटकाया जाए, तो यह उत्तर-दक्षिण दिशा में विराम कर सके इसके दो समान एवं विपरीत चुम्बकीय ध्रुव कुछ दूरी से विलगित होते हैं।
दिशा निर्देशन गुण: जब किसी छड़ चुम्बक को स्वतंत्रतापूर्वक निलम्बित किया जाता है तो यह निश्चित दिशा में स्थिर हो जाता है, इसका एक सिरा उत्तर की ओर और दूसरा सिरा दक्षिण की ओर संरेखित होता है जिन्हें कि क्रमशः उत्तरी ध्रुव (N-Pole) तथा दक्षिणी ध्रुव (S-Pole) कहते हैं छड़ चुम्बक सदैव उत्क्षण (NS) दिशा प्रदर्शित करती है।
ध्रुव प्राबल्यता: चुम्बकीय ध्रुवों की चुम्बकत्व की प्रबलता को ध्रुव प्राबल्यता कहते हैं। छड़ चुम्बक के दोनों ध्रुवों की ध्रुव प्राबल्य समान होती है। यदि छड़ चुम्बक को उसके अक्ष के लम्बवत् दो भागों में विभक्त कर दिया जाये तो प्रत्येक भाग के ध्रुवों की ध्रुव प्राबल्य लगभग पूर्ण समान होगी लेकिन यदि छड़ चुम्बक को उसके अक्ष के अनुदिश दो बराबर भागों में अलग कर दिया जाये तो प्रत्येक भाग की ध्रुव प्राबल्य मूल छड़ चुम्बक की ध्रुव प्राबल्य की आधी होगी।

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प्रश्न 2.
चुम्बकीय बल रेखायें किसकी सहायता से खींची जाती हैं? इनकी चार प्रमुख विशेषतायें लिखिये।
उत्तर:
चुम्बकीय बल रेखायें लोहे के बुरादे अथवा चुम्बकीय सूई की सहायता से खींची जा सकती हैं। इनकी प्रमुख विशेषतायें निम्न हैं
(1) चुम्बकीय क्षेत्र में जिस स्थान पर गुजरने वाली बल रेखाओं की संख्या जितनी अधिक होती है, उतना ही उस स्थान पर चुम्बकीय क्षेत्र होगा।
(2) दो बल रेखायें एक-दूसरे को नहीं काटती हैं।
(3) बल रेखा के किसी बिन्दु पर खींची गई स्पर्श रेखा उस बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा प्रदर्शित करती है।
(4) चुम्बक के बाहर ये चुम्बक के उत्तरी ध्रुव से चलकर दक्षिणी ध्रुव पर समाप्त होती हैं। चुम्बक के भीतर इनका मार्ग दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव की ओर होता है।

प्रश्न 3.
किसी m चुम्बकीय आघूर्ण वाले चुम्बक को पहले लम्बाई के लम्बवत् एवं फिर चौड़ाई के लम्बवत् n बराबर भागों में विभक्त किया जाये तो प्रत्येक भाग के चुम्बकीय आघूर्ण की गणना करो।
उत्तर:
प्रत्येक भाग का चुम्बकीय आघूर्ण
= \(\frac{\mathrm{m}}{\mathrm{n}}\) x \(\frac{L}{n}\) = \(\frac{\mathrm{mL}}{\mathrm{n}^2}\)

प्रश्न 4.
चुम्बकीय याम्योत्तर से क्या समझते हो?
उत्तर:
किसी स्थान पर चुम्बकीय याम्योत्तर वह काल्पनिक ऊर्ध्वाधर तल है जो कि स्वतन्त्रतापूर्वक लटके हुये चुम्बक या कीलकित चुम्बकीय अक्ष में से गुजरता है। यह उस स्थान पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को प्रदर्शित करता है तथा उसके चुम्बकीय ध्रुवों में से गुजरता है।

प्रश्न 5.
चुम्बकीय क्षेत्र स्थित छड़ चुम्बक के धुवों पर कार्यरत बल का मान व दिशा लिखो।
उत्तर:
जब किसी छड़ चुम्बक को चुम्बकीय क्षेत्र में स्वतन्त्रतापूर्वक लटकाया जाता है या कीलकित किया जाता है तो स्थिर अवस्था में इसके दोनों ध्रुवों पर एक बल कार्य करता है। इसकी दिशा चुम्बकीय क्षेत्र के समान्तर होती है। लेकिन ध्रुव N पर चुम्बकीय क्षेत्र की ओर जबकि ध्रुव S पर चुम्बकीय क्षेत्र के विपरीत दिशा में होती है। इस बल का मान \(\overrightarrow{\mathrm{F}}\) = qm \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) होता है। अतः qm का मात्रक न्यूटन /टेसला होगा।

प्रश्न 6.
चुम्बकीय फ्लक्स घनत्व क्या है? चुम्बकीय फ्लक्स एवं चुम्बकीय प्रेरण के मध्य संबंध स्थापित कीजिये।
उत्तर:
चुम्बकीय फ्लक्स घनत्व बल रेखाओं लम्बवत् रखे इकाई क्षेत्रफल के पृष्ठ से गुजरने वाली चुम्बकीय बल रेखाओं की संख्या को चुम्बकीय फ्लक्स घनत्व कहते हैं। यह एक सदिश राशि है
जिसे \(\vec{B}\) द्वारा व्यक्त किया जाता है। इसे चुम्बकीय क्षेत्र या चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता या चुम्बकीय प्रेरण भी कहते हैं। चुम्बकीय प्रेरण का मात्रक वेबर/ मीटर2 या टेसला या न्यूटन / ऐम्पियर मीटर है।
यदि \(\vec{B}\) तीव्रता वाले चुम्बकीय क्षेत्र में किसी बिन्दु पर अल्प क्षेत्रफल δS वाला पृष्ठ स्थित है, तो उससे पारित या सम्बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स δ¢B होगा।
δ¢B = \(\vec{B}\).δ\(\overrightarrow{\mathrm{S}}\) = Bδscosθ
तथा कुल सम्बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स ¢B = \(\int_S\) \(\vec{B}\)δ\(\overrightarrow{\mathrm{S}}\)
चुम्बकीय फ्लक्स एक अदिश राशि है जबकि चुम्बकीय फ्लक्स घनत्व एक सदिश राशि है।

प्रश्न 7.
एक दण्ड चुम्बक किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में इस प्रकार रखी है कि इसका चुम्बकीय आघूर्ण \(\vec{B}\) की दिशा से θ कोण पर है। इस विन्यास में इसकी स्थितिज ऊर्जा के लिये व्यंजक लिखिये यह कब न्यूनतम होगी?
उत्तर:
दण्ड चुम्बक के चुम्बकीय आघूर्ण की दिशा इसकी अक्ष के अनुदिश होती है तथा यह \(\vec{B}\) से θ कोण बनाये हुये है। अतः इस स्थिति में इसकी स्थितिज ऊर्जा U = -mB cosθ
U के न्यूनतम के लिये θ = 0° तथा Umin = -mB cos 0°
= -mB
अतः जब \(\vec{M}\) तथा \(\vec{B}\) एक-दूसरे के समान्तर होते हैं तब U न्यूनतम होगी।

प्रश्न 8.
एक स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक वहाँ पर ऊर्ध्वाधर घटक के बराबर है उस स्थान पर नति कोण का मान ज्ञात कीजिये। उस स्थान पर क्षैतिज घटक तथा कुल चुम्बकीय क्षेत्र का अनुपात क्या होगा?
उत्तर:
tan I = \(\frac{\mathrm{Z}_{\mathrm{E}}}{\mathrm{H}_{\mathrm{E}}}\) = \(\frac{Z_E}{Z_E}\)
I = tan 45°
∴ I = tan 45°
\(\frac{\mathrm{H}_{\mathrm{E}}}{\mathrm{B}_{\mathrm{E}}}\) = \(\frac{\mathrm{B}_E \cos \theta}{\mathrm{B}_{\mathrm{E}}}\)
= cos θ = cos 45° = \(\frac{1}{\sqrt{2}}\)[/latex]
∴ HE : BE = 1 : √2

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य

प्रश्न 9.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
(i) नति कोण का अधिकतम मान क्या है? यह किन-किन स्थानों पर होता है?
(ii) पृथ्वी के चुम्बकीय ध्रुवों पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक का मान कितना होता है?
उत्तर:
(i) 90°, पृथ्वी के उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुवों पर,
(ii) शून्य
∵ HE = BE cosθ
= BE cos90°
= 0

प्रश्न 10.
दो पदार्थों के नाम लिखिये जिनमें एक की चुम्बकीय प्रवृत्ति धनात्मक तथा दूसरे की ऋणात्मक हो । ऋणात्मक चुम्बकीय प्रवृत्ति क्या प्रदर्शित करती है?
उत्तर:
अनुचुम्बकीय पदार्थों (जैसे ऐलुमिनियम, कैल्सियम आदि) की चुम्बकीय प्रवृत्ति धनात्मक तथा प्रतिचुम्बकीय पदार्थों (जैसे- कॉपर, लैड आदि) की चुम्बकीय प्रवृत्ति ऋणात्मक होती है। ऋणात्मक चुम्बकीय प्रवृत्ति का अर्थ है कि ये पदार्थ बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र की विपरीत दिशा में चुम्बकित होते हैं।

प्रश्न 11.
भू-चुम्बकीय अवयवों के नाम लिखिए तथा उनमें से किन्हीं दो की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
किसी स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकत्व की जानकारी के लिये जिन राशियों की आवश्यकता होती है, उन्हें उस स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकत्व के अवयव कहते हैं, जो कि तीन हैं।
(i) दिक्पात का कोण ( Angle of declination)
(ii) नमन कोण (नति कोण) ( Angle of dip)
(iii) पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के घटक (Components of earth’s magnetic field)
(i) दिक्पात का कोण- किसी स्थान पर भौगोलिक याम्योत्तर तथा चुम्बकीय याम्योत्तर के बीच के न्यून कोण को दिक्पात का कोण कहते हैं। दिक्पात उच्चतर अक्षांशों पर अधिक एवं विषुवत् रेखा के पास कम होता है। भारत में दिक्पात का मान कम है।
(ii) नमन कोण (नति कोण) – यदि कोई चुम्बकीय सुई, एक क्षैतिज अक्ष पर इस प्रकार पूर्ण सन्तुलन में हो कि चुम्बकीय याम्योत्तर के तल में घूम सके तो यह सुई क्षैतिज से एक कोण बनायेगी, यह नमन कोण (नति कोण) कहलाता है। अतः नति कोण वह कोण है जो पृथ्वी का कुल चुम्बकीय क्षेत्र BE पृथ्वी
(iii) पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के स्थित किसी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र को की सतह से बनता है। घटक – पृथ्वी की सतह पर पूरी तरह निर्दिष्ट करने के लिए हमें तीन राशियों का विवरण देना होता है। ये हैं दिक्पात कोण D, नमन कोण I एवं पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज अवयव Hg ये पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के घटक कहलाते हैं।
यहाँ पर ऊर्ध्वाधर घटक ZE = BE sinI ……..(1)
क्षैतिज घटक HE = BE cos I ………(2)
समीकरण (1) में समीकरण (2) का भाग देने पर
tan I = \(\frac{\mathrm{Z}_{\mathrm{E}}}{\mathrm{H}_{\mathrm{E}}}\)
समीकरण (1) तथा (2) का वर्ग करके जोड़ने पर
ZE2 + HE2 = BE 2 (sin2I + cos2I) = BE 2

प्रश्न 12.
विभिन्न चुम्बकीय राशियों B, H, I, χ एवं के परस्पर सम्बन्ध लिखिये।
उत्तर:
चुम्बकीय प्रवृत्ति X- किसी अल्प चुम्बकन क्षेत्र में पदार्थ की चुम्बकन तीव्रता (I) का मान चुम्बकन क्षेत्र (H) के समानुपाती होता है, अर्थात् I H
या
I = χH
या
χ = 1/H
यहाँ χ एक नियतांक है जिसे पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृत्ति कहते हैं। चुम्बकीय पारगम्यता – किसी माध्यम में चुम्बकीय बल रेखाओं के गुजरने की क्षमता को उस माध्यम की चुम्बकीय पारगम्यता अथवा चुम्बकशीलता कहते हैं। गणितीय दृष्टि से इसका मान पदार्थ ( माध्यम ) के अन्दर उत्पन्न चुम्बकीय प्रेरण B एवं चुम्बकन क्षेत्र H के अनुपात के तुल्य होता है। इसे द्वारा व्यक्त करते हैं। यह एक अदिश राशि है।
μ = \(\frac{\mathrm{B}}{\mathrm{H}}\)
समीकरण (1) में (2) का भाग देने पर
\(\frac{\mu}{\chi}\) = \(\frac{\frac{\mathrm{B}}{\mathrm{H}}}{\frac{\mathrm{I}}{\mathrm{H}}} .\)

प्रश्न 13.
तीनों प्रकार के चुम्बकीय पदार्थों के लिये I-H आरेखों को प्रदर्शित कीजिये इनसे इनकी प्रवृत्तियों के बारे में क्या निष्कर्ष प्राप्त होते हैं? अनुचुम्बकीय पदार्थ की प्रवृत्ति ताप के साथ किस प्रकार बदलती है?
उत्तर:
लौह-चुम्बकीय, अनुचुम्बकीय तथा प्रतिचुम्बकीय पदार्थों के लिये आरेख को सामने चित्र में दिखाया गया है।
यदि
अर्थात् संख्यात्मक रूप में चुम्बकीय प्रवृत्ति उस पदार्थ में एकांक चुम्बकन क्षेत्र द्वारा प्रेरित चुम्बकन की तीव्रता के बराबर होती है। इसका मान धनात्मक ऋणात्मक होता है। विभिन्न पदार्थों के लिये इसका मान अलग-अलग होता है।
χ = 1/H
H = 1 एकांक हो तो
χ = 1
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प्रतिचुम्बकीय पदार्थों के लिये इसका मान अत्यल्प तथा ऋणात्मक होता है।
अनुचुम्बकीय पदार्थों के लिये अत्यल्प तथा धनात्मक होता है। लौह-चुम्बकीय पदार्थों के लिये अत्यधिक तथा धनात्मक होता है। पदार्थों के लिये प्रवृत्ति (X) का मान ताप पर निर्भर करता है। ताप के बढ़ाने पर x का मान कम हो जाता है।

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प्रश्न 14.
भू-चुम्बकीय अवयवों में होने वाले परिवर्तनों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भू-चुम्बकीय अवयवों में परिवर्तन: भू-चुम्बकीय अवयवों के मान पृथ्वी के भिन्न-भिन्न स्थानों पर भिन्न भिन्न ही नहीं होते बल्कि एक ही स्थान पर भी इनके मानों में नियमित एवं अनियमित रूप से परिवर्तन होते रहते हैं। ये परिवर्तन निम्न हैं-
(1) दीर्घकालिक परिवर्तन केल्विन के अनुसार भू-चुम्बकीय अवयवों के मान में समय के साथ-साथ धीरे-धीरे परिवर्तन आता है तथा लगभग हजार वर्ष बाद ये सभी अवयव पुनः अपने प्रारम्भिक मान पर आ जाते हैं। उनके अनुसार इस परिवर्तन का कारण चुम्बकीय ध्रुवों का भौगोलिक ध्रुवों के चारों ओर घूर्णन करना है।
(2) वार्षिक परिवर्तन: इन परिवर्तन चक्रों का चक्र एक वर्ष में पूरा होता है ये परिवर्तन एक विशेष माह में अधिकतम तथा एक अन्य विशेष माह में न्यूनतम होते हैं तथा इनकी प्रकृति उत्तरी एवं दक्षिणी गोलार्द्ध में परस्पर विपरीत प्रकार की होती है। उदाहरण के लिए, फरवरी माह में दिक्पात के कोण का मान उत्तरी गोलार्द्ध पर अधिकतम तथा दक्षिणी गोलार्द्ध पर न्यूनतम होता है। इसके विपरीत माह अगस्त में उत्तरी गोलार्द्ध पर न्यूनतम एवं दक्षिणी गोलार्द्ध पर अधिकतम होता है।
(3) दैनिक परिवर्तन: भू-चुम्बकीय अवयवों के मान में प्रतिदिन परिवर्तन होते हैं। दिन में एक विशेष समय पर ये परिवर्तन अधिकतम एवं दूसरे विशेष समय पर न्यूनतम होते हैं। ये समय तीनों अवयवों के लिए भिन्न-भिन्न होते हैं।
(4) अनियमित परिवर्तन: कभी-कभी भू-चुम्बकीय अवयवों के मानों में अचानक परिवर्तन भी होते हैं जिन्हें चुम्बकीय प्रक्षोभ कहते हैं। जब कभी भी सूर्य में उपस्थित काला धब्बा पृथ्वी की ओर होता है तो
भू-चुम्बकीय अवयवों में अचानक परिवर्तन होने लगता है तथा इनके मानों में अनियमित परिवर्तन देखने को मिलते हैं।

प्रश्न 15.
नमन कोण (आनति कोण) को परिभाषित कीजिए । नमन कोण का मान ज्ञात कीजिए जिसके लिए किसी बिन्दु पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक एवं ऊर्ध्वाधर घटक बराबर होते हैं।
उत्तर:
नमन कोण (आनति कोण) (Angle of dip): यदि किसी चुम्बकीय सूई को उसके गुरुत्व केन्द्र से स्वतंत्रतापूर्वक इस प्रकार लटका दिया जाये, जिससे कि वह ऊर्ध्वाधर तल में घूम सके तब चुम्बकीय याम्योत्तर में स्थिर होने पर चुम्बकीय सूई क्षैतिज दिशा से कुछ झुक जाती है। सूई की चुम्बकीय अक्ष पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को व्यक्त करती है। इस प्रकार किसी स्थान पर पृथ्वी के परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा तथा क्षैतिज दिशा के मध्य बने कोण को उस स्थान का नमन कोण (Angle of dip) कहते हैं।
ऊर्ध्वाधर घटक क्षैतिज घटक
ZE = BE sin 6
HE = BE Cos 6
tan θ = \(\frac{\mathrm{Z}_{\mathrm{E}}}{\mathrm{H}_{\mathrm{E}}}\)
लेकिन दिया गया है ZE = HE
∴ tan θ = \(\frac{\mathrm{H}_{\mathrm{E}}}{\mathrm{H}_{\mathrm{E}}}\)
∴ = 1 = tan 45°
θ = 45°

प्रश्न 16.
दिक्पात कोण (चुम्बकीय दिक्पात) को परिभाषित किसी स्थान के चुम्बकीय याम्योत्तर में पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज अवयव 0.25 गाउस है एवं नमन कोण 60° है। इस स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
दिक्पात कोण: किसी स्थान पर भौगोलिक याम्योत्तर तथा चुम्बकीय याम्योत्तर के बीच के न्यून कोण को दिक्पात का कोण कहते हैं। दिक्पात उच्चतर अक्षांशों पर अधिक एवं विषुवत रेखा के पास कम होता है।
दिया गया है:
पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज अवयव
HE = 0.25 गाउस
HE = 0.25 × 104 T
नमन कोण I = 60°
∴ HE = BE cos 60°
या
BE = \(\frac{\mathrm{H}_{\mathrm{E}}}{\cos 60^{\circ}}\) = \(\frac{0.25 \times 10^{-4}}{1 / 2}\)
= 2 × 0.25 × 10-4
= 0.5 × 10-4T
= 5 × 10-5 T

आंकिक प्रश्न:

प्रश्न 1.
5 cm2 क्षेत्रफल वाली एक कुण्डली 2.5 N/Am के एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में रखी है। इसमें फेरों की संख्या 100 है। यदि इसमें 0.2 A की धारा प्रवाहित हो रही हो, तो ज्ञात कीजिये:
(अ) चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण
(ब) अधिकतम बल आघूर्ण।
उत्तर:
कुण्डली के तल का क्षेत्रफल A = 5 cm2
= 5 × 104 m2
चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता B = 2.5 N/A m.
फेरों की संख्या N = 100,
कुण्डली में प्रवाहित धारा I = 0.2A
(अ) चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण m= NIA
m = 100 × 0.2 A × 5 x 104m2
= 0.01 A-m2
(ब) अधिकतम बल-आघूर्ण = τmax = mB
= 0.01 A-m2 x 2.5 N/A-m
= 0.025 N-m.

प्रश्न 2.
(अ) एक इलेक्ट्रॉन हाइड्रोजन परमाणु में नाभिक के चारों ओर 0.51A° त्रिज्या की कक्षा में 2 x 102m/s की चाल से गति करता है। इलेक्ट्रॉन का चुम्बकीय आघूर्ण ज्ञात कीजिये।
(ब) इलेक्ट्रॉन की कक्षीय गति के कारण तुल्य वैद्युत धारा
(स) नाभिक के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र।
उत्तर:
(अ) यहाँ पर त्रिज्या r = 0.51A°
= 0.51 x 10-10m चाल
v = 2 x 105 m/s
∴ चुम्बकीय आघूर्ण m = \(\frac{\mathrm{e} v \mathrm{r}}{2}\)
मान रखने पर
m = \(\frac{\left(1.6 \times 10^{-19}\right)\left(2 \times 10^5\right)\left(0.51 \times 10^{-10}\right)}{2}\)
= 8.16 × 10-25 Am2

(ब) तुल्य वैद्युत धारा
I = q/t
यहाँ
q = इलेक्ट्रॉन पर आवेश का परिमाण
= 1.6 × 10-19 C
तथा एक चक्कर में इस आवेश के प्रवाहित होने में लगा समय
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(स) वृत्ताकार कक्षा के केन्द्र (अर्थात् नाभिक के केन्द्र) पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र
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= 1.23A-m

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प्रश्न 3.
25 फेरों वाली एक 200 cm2 क्षेत्रफल वाली कुण्डली में 0.5 A की धारा प्रवाहित हो रही है। 10 cm लम्बाई के उस दण्ड चुम्बक की ध्रुव प्राबल्यता क्या होगी, जिसका चुम्बकीय आघूर्ण इस कुण्डली के चुम्बकीय आघूर्ण के बराबर है।
उत्तर:
दण्ड चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण = कुण्डली का चुम्बकीय आघूर्ण
∴ qm × 2l = NIA
अतः ध्रुव प्राबल्यता (qm) = \(\frac{\text { NIA }}{2 l}\)
मान रखने पर, = \(\frac{25 \times 0.5 \times\left(200 \times 10^{-4}\right)}{10 \times 10^{-2}}\)A-m
= 2.5 Am.

प्रश्न 4.
एक लघु दण्ड चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण 0.24 न्यूटन मीटर टेसला है। सेमी. की दूरी पर स्थित चुम्बक की अक्ष पर इसके केन्द्र से 10 बिन्दु पर चुम्बक के चुम्बकीय क्षेत्र की गणना कीजिये।
उत्तर:
दिया है:
m = 0.24 न्यूटन मीटर टेसला1
r = 10 सेमी = 0.10 मीटर
∴ अक्षीय स्थिति में
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प्रश्न 5.
किसी स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक 0.4 x 104 वेबर/मी2 है तथा नति कोण 30° है। पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का ऊर्ध्व घटक तथा सम्पूर्ण चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात कीजिये।
उत्तर:
दिया गया है:
Hg = 0.4 x 10-4 वेबर/मीटर2
I = 30°
पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का ऊर्ध्व घटक
ZE = HE tan I
= 0.4 x 10-4 tan 30°
= 0.4 × 10-4 x \(\frac{1}{\sqrt{3}}\)
= \(\frac{0.4 \times 10^{-4}}{1.732}\)
= 0.231 × 10-4 वेबर/मी2
सम्पूर्ण तीव्रता BE = \(\sqrt{\mathrm{Z}_{\mathrm{E}}^2+\mathrm{H}_{\mathrm{E}}^2}\)
= \(\sqrt{\left(\frac{0.4 \times 10^{-4}}{\sqrt{3}}\right)+\left(0.4 \times 10^{-4}\right)^2}\)
= 0.4 x 10-4 \(\sqrt{\frac{1}{3}+1}\)
= 0.4 x 10-4 \(\sqrt{\frac{4}{3}}\)
= \(\frac{0.8}{1.732}\) x 10-4 वेबर/मी2
= 0.462 × 10-4 वेबर/मी2

प्रश्न 6.
किसी स्थान पर नमन कोण 40.6° है तथा भू-चुम्बकीय क्षेत्र के ऊर्ध्वघटक की तीव्रता 6 x 10-5T है उस स्थान पर भू-चुम्बकीय क्षेत्र की सम्पूर्ण तीव्रता की गणना कीजिये।
(tan 40.6° = 0.8571)
उत्तर:
ZE = HE tan I
HE =
HE =
HE = 7 × 105 T
इसलिये भू-चुम्बकीय क्षेत्र की सम्पूर्ण तीव्रता
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प्रश्न 7.
यदि एक धारावाही वृत्ताकार कुण्डली की त्रिज्या दुगुनी एवं बहने वाली धारा की सामर्थ्य आधी कर दी जाये तो इसके चुम्बकीय आघूर्ण पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
यदि किसी धारावाही कुण्डली का क्षेत्रफल A मी2 और उसमें प्रवाहित धारा ऐम्पियर तब कुण्डली का चुम्बकीय आघूर्ण
m1 = A x i ऐम्पियर x मीटर2
यदि कुण्डली की प्रारम्भिक त्रिज्या r मी. और उसमें i ऐम्पियर धारा प्रवाहित हो रही है तब उसका चुम्बकीय आघूर्ण
m1 = A x i = πr2 x i
m1 = πr2i ………..(1)
अब कुण्डली की त्रिज्या दुगुनी यानी 21 मी. करने पर उसका क्षेत्रफल
= π(2r)2 = 4πr2 मी2
कुण्डली में प्रवाहित धारा का आधा करने पर
वि. धारा = i/2 ऐम्पियर
∴ अब कुण्डली का चुम्बकीय आघूर्ण
m2 = A x i
m2 = 4πr2 x i⁄2 ऐम्पियर × मी2
m2 = 2πr2 x i = 2πr2i ………..(2)
∴ \(\frac{m_2}{m_1}\) = \(\frac{2 \pi r^2 \mathrm{i}}{\pi r^2 \mathrm{i}}\) = \(\frac{2}{1}\)
अतः दिये हुए अनुसार कुण्डली की त्रिज्या और वि. धारा बदलने पर कुण्डली का चुम्बकीय आघूर्ण पहले के सापेक्ष दुगुना हो जायेगा।

प्रश्न 8.
एक दण्ड चुम्बक, जिसकी अनुप्रस्थ काट 0.25 सेमी2 है, को 5000 ऐम्पियर/मीटर तीव्रता के चुम्बकन क्षेत्र में रखा जाता है। यदि दण्ड से गुजरने वाले चुम्बकीय फ्लक्स का मान 2.5 x 105 वेबर है तो दण्ड के लिए गणना करो:
(अ) चुम्बकीय प्रेरण, (ब) चुम्बकीय प्रवृत्ति (स) चुम्बकन की तीव्रता
उत्तर:
(अ) दण्ड का अनुप्रस्थ काट
A = 0.25 सेमी5
A = 0.25 x 10-4 मीटर2
A = 25 x 106 मी2
छड़ के अनुप्रस्थ काट से गुजरने वाला चुम्बकीय फ्लक्स
ΦB = 2.5 x 105 वेबर
∴ चुम्बकीय प्रेरण B = \(\frac{\phi_B}{A}\) = \(\frac{2.5 \times 10^{-5}}{2.5 \times 10^{-6}}\)
= 1 वेबर/मी2

(ब) चुम्बकीय प्रेरण B = μH …..(1)
यहाँ B चुम्बकीय प्रेरण, H चुम्बकन क्षेत्र की तीव्रता जिसका मान 5000 ऐ. x मीटर दिया हुआ है।
μ छड़ के पदार्थ की पारगम्यता है।
∴ समी (1) से
μ = \(\frac{\mathrm{B}}{\mathrm{H}}\)

μ = HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य 7
= 0.0002 वेबर/ऐ. x मी.
= 2 × 10-4 A-m
μ = μo (1 + χm)
χm = \(\frac{\mu}{\mu_0}-1\)
= \(\frac{0.0002}{4 \pi \times 10^{-7}}-1\)
= 159.23-1
= 158.23

(स) चुम्बकन की तीव्रता m = χm x H
m = 158.23 x 5000
= 7.91 × 105 ऐम्पियर/मी.

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HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता

Haryana State Board HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता Important Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता

वस्तुनिष्ठ प्रश्न-

1. दो समान आवेश q एक-दूसरे से d दूरी पर रखे हैं। इनके मध्य दूरी पर स्थित बिन्दु पर विभव होगा-
(अ) शून्य
(ब) \(\frac{\mathrm{kq}^2}{\mathrm{~d}}\)
(स) \(4 \frac{\mathrm{kq}}{\mathrm{d}}\)
(द) \(\frac{\mathrm{kq}}{\mathrm{d}^2}\)
उत्तर:
(स) \(4 \frac{\mathrm{kq}}{\mathrm{d}}\)

2. पृथ्वी का विद्युत विभव माना गया है-
(अ) धनात्मक
(ब) ऋणात्मक
(स) शून्य
(द) 1000 बोल्ट
उत्तर:
(स) शून्य

3. एक E = 0 वाले विद्युत क्षेत्र की तीव्रता में विद्युत विभव का दूरी के साथ परिवर्तन होगा-
(अ) V ∝ r
(स) V ∝ \(\frac{1}{r}\)
(ब) V ∝ \(\frac{1}{\mathrm{r}^2}\)
(द) V = नियत
उत्तर:
(द) V = नियत

4. एक समबाहु त्रिभुज के तीन कोनों पर समान आवेश स्थित है। त्रिभुज के केन्द्र O पर विद्युत विभव V तथा विद्युत क्षेत्र की तीव्रता E के लिए सत्य कथन होगा-
(अ) V = 0, E = 0
(स) V=0, E≠ 0
(ब) V = 0, E≠ 0
(द) V≠ 0, E = 0
उत्तर:
(द) V≠ 0, E = 0

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता

5. जब दो आवेश के बीच की दूरी बढ़ाई जाती है तो आवेश की स्थितिज ऊर्जा-
(अ) बढ़ती है।
(स) नियत रहती है।
(ब) घटती है।
(द) बढ़ या घट सकती है।
उत्तर:
(द) बढ़ या घट सकती है।

6. यदि एक धन आवेश को निम्न विभव के क्षेत्र से उच्च विभव के क्षेत्र में ले जाया जाता है तो विद्युत स्थितिज ऊर्जा-
(अ) घटती है।
(स) स्थिर रहती है।
(ब) बढ़ती है।
(द) घट भी सकती है अथवा बढ़ भी सकती है।
उत्तर:
(ब) बढ़ती है।

7. दो बिन्दुओं के मध्य की दूरी 30 सेमी. है। यदि बिन्दु A पर 20 µC आवेश व B पर 10C आवेश पर रखा हुआ है तो A व B के बीच किस बिन्दु पर विभव शून्य होगा-
(अ) A से 20 सेमी. दूर
(स) A पर
(ब) B से 20 सेमी. दूर
(द) B पर।
उत्तर:
(अ) A से 20 सेमी. दूर

8. समविभव पृष्ठ में से पारित फ्लक्स हमेशा-
(अ) पृष्ठ के लम्बवत् होता है।
(ब) पृष्ठ के समान्तर होता है।
(स) शून्य होता है।
(द) पृष्ठ से 45° कोण पर होता है।
उत्तर:
(अ) पृष्ठ के लम्बवत् होता है।

9. पानी की आवेशित 64 बूंदों को मिलाकर एक बड़ी बूंद बना ली जाती है तो बड़ी बूंद पर विभव का मान पूर्ण मान से कितने गुना होगा-
(अ) 4 गुना
(ब) 16 गुना
(स) 64 गुना
(द) 8 गुना
उत्तर:
(ब) 16 गुना

10. धातु के एक आवेशित ठोस गोले के केन्द्र पर विद्युत विभव है-
(अ) शून्य
(ब) ठोस गोले की सतह पर विभव से आधा
(स) ठोस गोले की सतह पर विभव के बराबर
(द) ठोस गोले की सतह पर विभव से दुगुना
उत्तर:
(स) ठोस गोले की सतह पर विभव के बराबर

11. जब एक परीक्षण आवेश को किसी विद्युत द्विध्रुव के निरक्ष रेखा के अनुदिश अनन्त से द्विध्रुव के निकट लाया जाता है तो किया गया कार्य होगा-
(अ) धनात्मक
(ब) ऋणात्मक
(स) शून्य
(द) अनन्त
उत्तर:
(स) शून्य

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता

12. किसी माध्यम की परावैद्युताशक्ति 2KV mm-1 है। 50µm के नमूने में बिना बंधे कितना अधिकतम विभवान्तर स्थापित किया जा सकता है?
(अ) 10000 V
(ब) 1000 V
(स) 100 V
(द) 10 V
उत्तर:
(स) 100 V

13. समविभव पृष्ठ वह है-
(अ) जिसका विभव शून्य हो ।
(ब) जिसके समस्त बिन्दुओं पर विभव समान हो।
(स) जिस पर ऋण विभव विद्यमान हो।
(द) जिस पर धन- विभव विद्यमान हो।
उत्तर:
(ब) जिसके समस्त बिन्दुओं पर विभव समान हो।

14. एक आवेशित गोलाकार चालक के केन्द्र पर विद्युत विभव चालक के तल पर विभव की तुलना में-
(अ) कम होगा
(स) समान होगा
(ब) अधिक होगा
(द) शून्य होगा।
उत्तर:
(स) समान होगा

15. शंकु की आकृति के सुचालक वस्तु का आवेश घनत्व अधिकतम होगा-
(अ) नीचे की चौड़ी सतह पर
(ब) ऊपर की चोटी पर
(स) सम्पूर्ण सतह पर
(द) सिर्फ ऊपर की सतह पर
उत्तर:
(ब) ऊपर की चोटी पर

16. r1 और r2 त्रिज्याओं के दो गोलों पर आवेश q इस प्रकार बंटा है कि उनका पृष्ठ घनत्व समान है। उनके विभव में अनुपात –
(अ) \(\frac{\mathrm{r}_1}{\mathrm{r}_2}\)
(ब) \(\frac{r_1^2}{\mathrm{r}_2^2}\)
(स) \(\mathrm{I}_1^3\)
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) \(\frac{\mathrm{r}_1}{\mathrm{r}_2}\)

17. विभवान्तर V, आवेश Q तथा धारिता C में सम्बन्ध है-
(अ) V = CQ
(ब) C = VQ
(स) V = \(\frac{Q}{C}\)
(द) Q = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{C}}\)
उत्तर:
(स) V = \(\frac{Q}{C}\)

18. समान त्रिज्या के ताँबे के खोखले गोले A व ठोस गोले B को एक समान विभव से आवेशित किया गया है। सत्य कथन है-
(अ) गोले A पर आवेश अधिक होगा
(ब) गोले B पर आवेश अधिक होगा
(स) दोनों पर समान आवेश होगा
(द) निश्चित नहीं कहा जा सकता ।
उत्तर:
(स) दोनों पर समान आवेश होगा

19. एक समान्तर प्लेट संधारित्र को एक बैटरी से आवेशित करके बैटरी हटा ली जाती है। अब संधारित्र की प्लेटों के मध्य दूरी बढ़ा दी जाये तो अब संधारित्र में-
(अ) संधारित्र पर आवेश बढ़ जाता है व धारिता घट जाती है।
(ब) विभवान्तर में वृद्धि तथा धारिता कम हो जाती है।
(स) धारिता बढ़ जाती है।
(द) एकत्रित ऊर्जा के मान में कमी हो जाती है।
उत्तर:
(ब) विभवान्तर में वृद्धि तथा धारिता कम हो जाती है।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता

20. समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के मध्य के स्थान के आधे भाग में ∈r, परावैद्युतांक माध्यम भरा हुआ है। यदि हवा वाले भाग की धारिता C है तो सम्पूर्ण संधारित्र निकाय की धारिता होगी-
(अ) \(\frac{2 \epsilon_{\mathrm{r}} \mathrm{C}}{1+\epsilon_{\mathrm{r}}}\)
(ब) \(\frac{C\left(\epsilon_{\mathrm{r}}+1\right)}{2}\)
(स) \(\frac{C \epsilon_{\mathrm{r}}}{1+\epsilon_{\mathrm{r}}}\)
(द) ∈r
उत्तर:
(स) \(\frac{C \epsilon_{\mathrm{r}}}{1+\epsilon_{\mathrm{r}}}\)

21. तीन संधारित्रों को किस क्रम में जोड़ा जाए कि उनमें समान विभव पर संचित ऊर्जा अधिकतम हो-
(अ) दो समान्तर क्रम में एक श्रेणी क्रम में
(ब) तीनों समान्तर क्रम में
(स) तीनों श्रेणी क्रम में
(द) दो श्रेणी तथा एक समान्तर क्रम में
उत्तर:
(ब) तीनों समान्तर क्रम में

22. छोटी 64 बूँदें मिलकर एक बड़ी बूँद बनाती हैं। यदि प्रत्येक छोटी बूँद पर Q आवेश हो तो बड़ी बूँद पर आवेश होगा-
(अ) 64 Q
(ब) 8 Q
(स) 4 Q
(द) 2 Q
उत्तर:
(अ) 64 Q

23. कम से कम 2 µF धारिता वाले कितने संधारित्र 5 µF धारिता देंगे-
(अ) तीन
(ब) चार
(स) पाँच
(द) सात
उत्तर:
(ब) चार

24. एक संधारित्र की धारिता C है। इसे V विभवान्तर पर आवेशित किया गया है। यदि अब इसे प्रतिरोध से सम्बन्धित कर दिया जाये, ऊर्जा क्षय की मात्रा होगी-
(अ) \(\frac{1}{2}\)CV2
(ब) CV2
(स) \(\frac{\mathrm{CV}^2}{3}\)
(द) \(\frac{1}{2}\)QV2
उत्तर:
(अ) \(\frac{1}{2}\)CV2

25. एक वायु संधारित्र की धारिता 5 µF है। उसी संधारित्र में वायु के स्थान पर पूर्ण रूप से अभ्रक रख दिया जाये तो धारिता 30 µF हो जाती है, अभ्रक का परावैद्युतांक होगा-
(अ) 3
(ब) 6
(स) 12
(द) 24
उत्तर:
(ब) 6

26. 2uF के तीन संधारित्रों को समान्तर क्रम में जोड़ने पर तुल्यधारिता होगी-
(अ) 2μF
(ब) 6μF
(स) \(\frac{1}{3}\)μF
(द) \(\frac{2}{3}\)μF
उत्तर:
(ब) 6μF

27. एक आवेशित समान्तर प्लेट संधारित्र में U, विद्युत ऊर्जा संग्रहित है। संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी को दुगुना करने पर विद्युत ऊर्जा होगी-
(अ) U。
(ब) \(\frac{\mathrm{U}_0}{2}\)
(स) 2U。
(द) \(\frac{U_0}{4}\)
उत्तर:
(स) 2U。

28. एक समान त्रिज्या एवं समान आवेशयुक्त पानी को 27 छोटी बूंदें मिलकर एक बड़ी बूंद बनाती हैं। बड़ी बूंद की धारिता तथा एक छोटी बूंद की धारिता का अनुपात होगा-
(अ) 2 : 1
(ब) 3 : 1
(स) 4 : 1
(द) 16 : 1
उत्तर:
(ब) 3 : 1

29. दिये गये चित्र में प्रत्येक संधारित्र की धारिता x है बिन्दु A व B के मध्य तुल्यधारिता होगी-
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 1
(अ) 3x
(ब) \(\frac{x}{3}\)
(स) \(\frac{2}{3} x\)
(द) \(\frac{3}{2} x\)
उत्तर:
(स) \(\frac{2}{3} x\)

30. 3μF धारिता प्राप्त करने के लिए 2μF के तीन प्रकार संयोजित करेंगे?
(अ) तीनों को समान्तर क्रम में
(ब) तीनों को श्रेणीक्रम में
(स) दो संधारित्र श्रेणीक्रम में तथा तीसरा संधारित्र संयोजन के समान्तर क्रम में
(द) दो संधारित्र समान्तर क्रम में तथा तीसरा संधारित्र संयोजन के श्रेणीक्रम में।
उत्तर:
(स) दो संधारित्र श्रेणीक्रम में तथा तीसरा संधारित्र संयोजन के समान्तर क्रम में

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता

31. संधारित्र में ऊर्जा किस स्वरूप में उपस्थित होती है?
(अ) आवेश के रूप में
(ब) धारिता के रूप में
(स) विद्युत क्षेत्र के रूप में
(द) ऊष्मीय ऊर्जा के रूप में
उत्तर:
(स) विद्युत क्षेत्र के रूप में

32. तीन संधारित्र जिनकी धारिताएँ क्रमश: 2, 4 व 8 μF हैं। पहले श्रेणीक्रम में फिर समान्तर क्रम में जोड़े जाते हैं। दोनों स्थितियों में इनकी तुल्यधारिताओं का अनुपात होगा-
(अ) 49 : 4
(ब) 3 : 7
(स) 4 : 49
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ब) 3 : 7

33. दो संधारित्र जिनकी धारिताएँ C1 व C2 हैं। यदि उन्हें समान आवेश दिये जायें तो उनमें संग्रहित ऊर्जाओं का अनुपात होगा-
(अ) \(\frac{\mathrm{C}_2}{\mathrm{C}_1}\)
(ब) \(\frac{\mathrm{C}_1}{\mathrm{C}_2}\)
(स) \(\sqrt{\frac{C_2}{C_1}}\)
(द) \(\sqrt{\frac{C_1}{C_2}}\)
उत्तर:
(अ) \(\frac{\mathrm{C}_2}{\mathrm{C}_1}\)

34. 10μF धारिता के समान्तर प्लेट संधारित्र को 40μc आवेश देने पर उसकी कुल ऊर्जा का मान जूल में होगा-
(अ) 8 × 10-5
(ब) 800
(स) 8.00
(द) 2 × 10-3
उत्तर:
(अ) 8 × 10-5

35. 5 माइक्रो फैरड धारिता के एक आवेशित किया जाता है। संधारित्र पर संचित ऊर्जा होगी-(जूल में)
(अ) 2.5 × 10-3
(ब) 5.5 × 10-3
(स) 2.5
(द) 5.0 × 108
उत्तर:
(स) 2.5

36. दो संधारित्रों की धारितायें C1 तथा C2 में संग्रहित ऊर्जायें समान हैं। संधारित्रों पर विभवान्तर का अनुपात होगा-
(अ) C2 : C1
(ब) \(\sqrt{C_2}: \sqrt{C_1}\)
(स) C1 : C2
(द) \(\sqrt{C_1}: \sqrt{C_2}\)
उत्तर:
(ब) \(\sqrt{C_2}: \sqrt{C_1}\)

37. निम्नांकित परिपथ में तुल्यधारिता है-
(अ) \(\frac{5}{3}\) μF
(ब) \(\frac{3}{5}\) μF
(स) 15μF
(द) \(\frac{1}{15}\) μF
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 2
उत्तर:
(अ) \(\frac{5}{3}\) μF

38. संलग्न चित्र में बिन्दुओं A व B के बीच तुल्य धारिता का मान होगा-
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 3
(अ) 6μF
(ब) 4μF
(स) \(\frac{6}{11}\)
(द) \(\frac{11}{5}\)
उत्तर:
(अ) 6μF

39. आवेशित संधारित्र में संग्रहित ऊर्जा होती है-
(अ) धन आवेशित प्लेट पर
(ब) धन तथा ऋण आवेशित दोनों प्लेटों पर
(स) प्लेटों के मध्य क्षेत्र में
(द) संधारित्र के किनारे पर
उत्तर:
(स) प्लेटों के मध्य क्षेत्र में

40. C1 तथा C2 धारिता के दो संधारित्रों के समान्तर संयोजन को Q आवेश दिया जाता है। C1 पर Q1 तथा C2 पर Q2 आवेश होने पर \(\frac{\mathrm{Q}_1}{\mathrm{Q}_2}\) का अनुपात होगा-
(अ) \(\frac{\mathrm{C}_2}{\mathrm{C}_1}\)
(ब) \(\frac{C_1}{C_2}\)
(स) \(\frac{\mathrm{C}_1 \mathrm{C}_2}{1}\)
(द) \(\frac{1}{\mathrm{C}_1 \mathrm{C}_2}\)
उत्तर:
(ब) \(\frac{C_1}{C_2}\)

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता

41. समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता का मान कम करने के लिए प्लेटों के बीच रिक्त स्थान-
(अ) में परावैद्युत पदार्थ भर देते हैं।
(ब) को कम कर प्लेटों का क्षेत्रफल बढ़ा देते हैं।
(स) को बढ़ाकर प्लेटों का क्षेत्रफल घटा देते हैं।
(द) भी बढ़ा देते हैं तथा क्षेत्रफल भी बढ़ा देते हैं।
उत्तर:
(स) को बढ़ाकर प्लेटों का क्षेत्रफल घटा देते हैं।

42. एक आवेशित संधारित्र की दोनों प्लेटों को एक तार से जोड़ दिया जाये तो-
(अ) विभव अनन्त हो जायेगा।
(ब) आवेश अनन्त हो जायेगा।
(स) संधारित्र निरावेशित हो जायेगा।
(द) आवेश पूर्णमान का दुगुना हो जायेगा।
उत्तर:
(स) संधारित्र निरावेशित हो जायेगा।

43. ( 8 μF – 250V) अंकित अनेक संधारित्र दिये गये हैं। एक (16 μF – 1000V) की तुल्यधारिता प्राप्त करने के लिए आवश्यक संधारित्रों की न्यूनतम संख्या होगी-
(अ) 4
(ब) 16
(स) 32
(द) 64
उत्तर:
(स) 32

44. एक समान्तर पट्ट संधारित्र की प्लेटों के बीच समरूप क्षेत्र E वोल्ट/मीटर है। यदि प्लेटों के बीच की दूरी d (मी) तथा प्रत्येक प्लेट का क्षेत्रफल A (मी2) है तो उसमें संचित कल ऊर्जा है-
(अ) \(c\frac{1}{2} \epsilon_0 E^2 \mathrm{Ad}\)
(ब) \(\frac{\mathrm{E}^2 \mathrm{Ad}}{\epsilon_0} \)
(स) \(\frac{1}{2} \epsilon_0 E^2 \)
(द) ∈0AEd
उत्तर:
(अ) \(c\frac{1}{2} \epsilon_0 E^2 \mathrm{Ad}\)

45. एक C धारिता का तथा दूसरा \(\frac{C}{2}\) धारिता का संधारित्र एक V बोल्ट की बैटरी से चित्र के अनुसार जोड़े गये हैं। दोनों संधारित्रों को पूर्णतया आवेशित करने में किया गया कार्य है-
(अ) \(\frac{3}{4}\)CV2
(ब) \(\frac{1}{2}\)CV2
(स) \(\frac{1}{4}\)CV2
(द) 2CV-2

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 4
उत्तर:
(अ) \(\frac{3}{4}\)CV2

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
किसी बिन्दु पर विभव को परिभाषित कीजिए ।
उत्तर:
वैद्युत क्षेत्र में किसी बिन्दु पर विभव कार्य की वह मात्रा है जो एकांक धन आवेश को अनन्त से उस बिन्दु तक बिना त्वरण के लाने में करना पड़ता है।

प्रश्न 2.
विभवान्तर को परिभाषित करते हुए इसका मात्रक लिखिए।
उत्तर:
विद्युत क्षेत्र में दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर एक एकांक धन परीक्षण आवेश को एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक क्षेत्र के विपरीत ले जाने में किए गए कार्य से इसकी परिभाषा देते हैं। S. I. पद्धति में इसका मात्रक वोल्ट (V) या J/C

प्रश्न 3.
किसी क्षेत्र में वैद्युत विभव V नियत है। वहाँ पर आप वैद्युत क्षेत्र E के सम्बन्ध में क्या कह सकते हैं?
उत्तर:
हमारा कहना यह होगा कि उस क्षेत्र में वैद्युत क्षेत्र E शून्य होगा।

प्रश्न 4.
दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर 20 वोल्ट है। एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक 4 × 10-4 कूलॉम ले जाने में कितना कार्य करना होगा?
उत्तर:
कार्य (W) = आवेश (q) x विभवान्तर (V)
= 4 × 10-4 × 20 = 8 × 10-3 जूल

प्रश्न 5.
क्या निर्वात (vacuum) में किसी बिन्दु पर वैद्युत विभव शून्य हो सकता है, जबकि उस बिन्दु पर वैद्युत क्षेत्र शून्य नहीं है?
उत्तर:
हाँ, (i) दो समान परिमाण तथा विपरीत प्रकृति के आवेशों को मिलाने वाली रेखा के मध्य बिन्दु पर वैद्युत विभव शून्य होता है, वैद्युत क्षेत्र नहीं ।
(ii) वैद्युत द्विध्रुव की निरक्षीय स्थिति में वैद्युत विभव शून्य होता है, वैद्युत क्षेत्र नहीं।

प्रश्न 6.
क्या किसी बिन्दु पर वैद्युत क्षेत्र शून्य हो सकता है, जबकि उसी बिन्दु पर वैद्युत विभव शून्य न हो। उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
हाँ, (i) दो समान परिमाण तथा समान प्रकृति के आदेशों को मिलाने वाली रेखा के मध्य बिन्दु पर वैद्युत क्षेत्र शून्य होता है, वैद्युत विभव नहीं।
(ii) आवेशित गोलीय कोश के अन्दर वैद्युत क्षेत्र शून्य होता है, वैद्युत विभव नहीं।

प्रश्न 7.
उस भौतिक राशि का नाम बताइए जिसका मात्रक जूल / कूलॉम है क्या यह सदिश राशि है अथवा अदिश?
उत्तर:
वैद्युत विभव अथवा वैद्युत विभवान्तर अदिश ।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता

प्रश्न 8.
धातु के 5 cm त्रिज्या के एक खोखले गोले को इतना आवेशित किया गया है कि उसके पृष्ठ का विभव 10V हो जाता है। इस गोले के केन्द्र पर विभव कितना होगा?
उत्तर:
खोखले गोले के केन्द्र व पृष्ठ पर विद्युत विभव समान होता है। अतः गोले के केन्द्र पर विभव V = 10 वोल्ट होगा।

प्रश्न 9.
समविभव पृष्ठ किसे कहते हैं? बिन्दु धनात्मक आवेश के कारण समविभव पृष्ठ का चित्र बनाइए ।
उत्तर:
ऐसा पृष्ठ जिसके प्रत्येक बिन्दु पर विभव समान होता है, समविभव पृष्ठ कहलाता है।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 5

प्रश्न 10.
उस क्षेत्र के तदनुरूप तीन समविभव पृष्ठ खींचिये जिसके परिमाण में एकसमान वृद्धि होती है, परन्तु z-दिशा के अनुदिश नियत रहता है। ये पृष्ठ उन पृष्ठों से किस प्रकार भिन्न हैं जो किसी नियत विद्युत क्षेत्र के 2-दिशा के अनुदिश हैं?
उत्तर:
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 6
यदि E एकसमान हो तो d2 = d1
एकसमान क्षेत्र के लिए प्रत्येक तल पर विभव समान होगा।

प्रश्न 11.
एक समविभव पृष्ठ एक-दूसरे से 5 सेमी. दूरी पर स्थित बिन्दुओं के बीच 500 HC आवेश को ले जाने में कितना कार्य करना पड़ेगा?
उत्तर:
समविभव पृष्ठ के किन्हीं भी दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर ∆V = शून्य
अतः कार्य W = आवेश q × विभवान्तर (∆V)
= 100 µC × 0 = शून्य
अर्थात् कोई कार्य नहीं करना पड़ेगा।

प्रश्न 12.
वैद्युत विभव के मात्रक की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
वैद्युत विभव का मात्रक वोल्ट होता है, जिसको निम्न प्रकार परिभाषित किया जाता है-“यदि एक कूलॉम परीक्षण धनावेश को अनन्त से वैद्युत क्षेत्र के अन्तर्गत किसी बिन्दु तक क्षेत्र की दिशा के विपरीत लाने में एक जूल कार्य करना पड़े तो उस बिन्दु पर वैद्युत विभव का मान एक वोल्ट होगा।”

प्रश्न 13.
निम्नलिखित के कारण समविभव पृष्ठों की आकृति क्या होती है?
(a) बिन्दु आवेश के कारण
(b) एकसमान वैद्युत क्षेत्र के कारण।
उत्तर:
(a) बिन्दु आवेश को केन्द्र मानते हुए खींचे हुए संकेन्द्रीय गोले ।
(b) वैद्युत बल रेखाओं के लम्बवत् परस्पर समान्तर समतल तल ।

प्रश्न 14.
वैद्युत बल रेखाओं के अनुदिश जाने पर वैद्युत विभव घटता है अथवा बढ़ता है?
उत्तर:
विभव घटता है।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता

प्रश्न 15.
क्या इलेक्ट्रॉन अधिक विभव क्षेत्र में अथवा कम विभव- क्षेत्र में जाने का प्रयत्न करते हैं, क्यों?
उत्तर:
इलेक्ट्रॉन अधिक विभव क्षेत्र में जाने का प्रयत्न करते हैं। क्योंकि ऋणावेशित होते हैं।

प्रश्न 16.
एक वर्ग PQRS के केन्द्र पर 10 µC आवेश रखा है। इसके कोने P पर रखे 2 µC के बिन्दु आवेश को Q तक ले जाने में किया गया कार्य कितना होगा?
उत्तर:
शून्य, क्योंकि Vp = VQ एवं P तथा Q की केन्द्र 0 पर स्थित आवेश 10 µC से समान दूरी है।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 7

प्रश्न 17.
किसी समरूप विद्युत क्षेत्र में समविभव पृष्ठ खींचिये ।
उत्तर-
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 8

प्रश्न 18.
किन्हीं दो समान्तर पृष्ठों पर विभव समान हैं। इनके मध्य की दूरी है। यदि किसी q आवेश को एक पृष्ठ से दूसरे पृष्ठ तक ले जायें तो इस स्थिति में किया गया कार्य कितना होगा?
उत्तर:
किया गया कार्य शून्य होगा क्योंकि दोनों पृष्ठ समान विभव

प्रश्न 19.
दिए गए चित्र में किसी बिन्दु आवेश को x से क्रमशः y तथा z बिन्दुओं तक ले जाने में किया गया कार्य कितना होगा?
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 9
उत्तर:
बिन्दु 2 तथा y एक ही समविभव पृष्ठ पर स्थित हैं। आवेश को x से y तक ले जाने में किया गया कार्य, आवेश को x से 2 तक ले जाने में किए गए कार्य के समान होगा।
इसलिए Wy = Wz

प्रश्न 20.
क्या परीक्षण आवेश की प्रकृति पर धन या ऋण विद्युत विभव निर्भर करता है? समझाइए ।
उत्तर:
नहीं, यह परीक्षण आवेश की प्रकृति पर निर्भर नहीं करता है अपितु केवल स्रोत आवेश की प्रकृति पर निर्भर करता है।

प्रश्न 21.
दो समविभव पृष्ठ एक-दूसरे को नहीं काटते। क्यों?
उत्तर:
यदि दो समविभव पृष्ठ एक-दूसरे को काटते हैं तो इसका अर्थ है कि प्रतिच्छेद बिन्दु पर विद्युत विभव के दो अलग-अलग मान होंगे जो कि सम्भव नहीं है।

प्रश्न 22.
\(\overrightarrow{\mathrm{r}_1} \) तथा \(\overrightarrow{\mathrm{r}_2} \) पर क्रमशः Q1 तथा Q2 दो बिन्दु आवेशों के कारण किसी बिन्दु पर जिसका स्थिति सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{r}}\) है। वैद्युत विभव (\(\overrightarrow{\mathrm{r}}\)) के लिए व्यंजक लिखिए।
उत्तर:
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 58

प्रश्न 23.
मध्यवर्ती बिन्दु पर किसी वैद्युत द्विध्रुव के कारण स्थिर वैद्युत विभव क्या होता है?
उत्तर:
शून्य ।

प्रश्न 24.
जब कोई वैद्युत द्विध्रुव किसी वैद्युत क्षेत्र के लम्बवत् रखा जाता है, तो इसकी वैद्युत स्थितिज ऊर्जा क्या होगी ?
उत्तर:
U = -pE cos θ तथा
यहाँ θ = 90°
अतः U = – pE × 0 = 0

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता

प्रश्न 25.
वैद्युत बल रेखा के अनुदिश वैद्युत विभव घटता है अथवा बढ़ता है?
उत्तर:
वैद्युत बल रेखा की दिशा वैद्युत क्षेत्र की दिशा होती है। अतः इस दिशा में वैद्युत विभव घटता है।

प्रश्न 26.
एक परीक्षण आवेश १ को एक वैद्युत द्विध्रुव की मध्यवर्ती अक्ष ( equitorial axis) के अनुदिश एक सेमी ले जाने में कितना कार्य करना होगा?
उत्तर:
चूँकि द्विध्रुव की मध्यवर्ती अक्ष के प्रत्येक बिन्दु पर विभव शून्य होता है, अतः इसके किन्हीं दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर = 0.
अतः कार्य W=q × ∆V = q × 0 = 0

प्रश्न 27.
किसी बाह्य वैद्युत क्षेत्र में आवेश से q r दूरी पर स्थित बिन्दु पर इसकी स्थितिज ऊर्जा की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
किसी आवेश q की बाह्य वैद्युत क्षेत्र में इससे r दूरी पर इसकी स्थितिज ऊर्जा
U = q. V(r)

प्रश्न 28.
चालक तथा अचालक में क्या अन्तर है?
उत्तर:
चालक के सिरों पर वैद्युत विभवान्तर स्थापित करने पर इसमें आवेश का प्रवाह सुगमता से हो जाता है, जबकि ऐसा अचालक में नहीं होता है। चालकों में मुक्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या बहुत अधिक होती है जबकि अचालकों में यह संख्या नगण्य होती है।

प्रश्न 29.
परावैद्युत से क्या तात्पर्य है? सिलिकॉन, माइका तथा कार्बन में कौनसा परावैद्युत है?
उत्तर:
परावैद्युत वे अचालक पदार्थ होते हैं जिनमें वैद्युत प्रभाव बिना आवेशों की गति के संचारित हो जाते हैं माइका परावैद्युत पदार्थ है।

प्रश्न 30.
किसी चालक की वैद्युत धारिता से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
किसी चालक द्वारा वैद्युत आवेश ग्रहण करने की क्षमता उसकी वैद्युत धारिता कहलाती है।

प्रश्न 31.
धारिता का मात्रक और इसकी विमा सूत्र लिखो।
उत्तर:
धारिता का SI मात्रक फैरड, विमा सूत्र [M-1L-2T4+A2]

प्रश्न 32.
धारिता के SI मात्रक की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
यदि किसी चालक को एक कूलॉम आवेश देने से उसके विभव में एक वोल्ट की वृद्धि हो जाये तो उसकी धारिता एक फैरड कहलाती है।

प्रश्न 33.
एक संधारित्र की धनात्मक प्लेट पर + Q व ऋणात्मक प्लेट पर Q आवेश दिया जाता है। संधारित्र पर कुल आवेश क्या होगा? प्लेट पर – Q आवेश दिया जाता है। संधारित्र पर कुल आवेश क्या
उत्तर;
Q, जब हम संधारित्र की एक प्लेट को + Q आवेश देते हैं तब विद्युत प्रेरण के कारण दूसरी प्लेट धरती से जुड़े होने के कारण उस पर Q आवेश आ जाता है। संधारित्र पर कुल आवेश शून्य है।

प्रश्न 34.
समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के मध्य के स्थान को आंशिक रूप से परावैद्युत पदार्थ भरने पर धारिता का मान परावैद्युत पदार्थ की स्थिति पर किस प्रकार निर्भर करता है ?
उत्तर:
निर्भर नहीं करता।

प्रश्न 35.
एक समान्तर प्लेट संधारित्र की एक प्लेट का क्षेत्रफल आधा कर दिया जाये तो क्या युक्ति संधारित्र का कार्य करेगी ?
उत्तर;
नहीं, संधारित्र की एक प्लेट का क्षेत्रफल आधा करने से संधारित्र की धारिता आधी रह जायेगी इसलिये वह युक्ति कार्य नहीं करेगी।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता

प्रश्न 36.
धारिता C के संधारित्र को V विभवान्तर से आवेशित किया जाता है। संधारित्र के चारों ओर पृष्ठ से गुजरने वाले विद्युत फलक्स का मान क्या होगा ?
उत्तर:
शून्य, चूँकि विद्युत क्षेत्र संधारित्र की दो प्लेटों के मध्य में ही होता है।

प्रश्न 37.
एक फैरड विद्युत धारिता वाले चालक गोले की त्रिज्या क्या होगी ?
उत्तर:
दिया है-
C= 1 फैरड
R = ?
∵ C = 4π∈0R
∴ R = \(\frac{C}{4 \pi \epsilon_0}\) = \(\frac{1}{4 \pi \epsilon_0}\) × C
R = 9 × 109 × 1 = 9 × 109 मीटर

प्रश्न 38.
तीन संधारित्र जिनके प्रत्येक की धारिता 6 μF है, के संयोजनों से प्राप्त अधिकतम व न्यूनतम धारिताओं का मान क्या होगा?
उत्तर:
अधिकतम धारिता = 6 μF + 6 μF + 6 μF
= 18 μF
न्यूनतम धारिता \(\frac{1}{\mathrm{C}}\) = \(\frac{1}{\mathrm{6}}\) + \(\frac{1}{\mathrm{6}}\) + \(\frac{1}{\mathrm{6}}\) = \(\frac{3}{\mathrm{6}}\) = \(\frac{1}{\mathrm{2}}\)
C = 2 μF

प्रश्न 39.
संधारित्रों का उपयोग कम्प्यूटरों में किस उद्देश्य के लिये किया जाता है?
उत्तर:
मेमोरी संग्रहित करने के लिये ।

प्रश्न 40.
समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता का सूत्र लिखिये । धारिता पर प्लेटों के क्षेत्रफल का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता C = \(\frac{\epsilon_0 A}{d}\)
समीकरण से स्पष्ट है कि समान्तर संधारित्र की धारिता प्लेटों के क्षेत्रफल के समानुपाती और उनके मध्य की दूरी के प्रतिलोमानुपाती होती है। प्लेटों का क्षेत्रफल A बढ़ाकर धारिता बढ़ाई जा सकती है।

प्रश्न 41.
समान धारिता C की दो संधारित्रों को श्रेणीक्रम में जोड़ा गया है। संयोजन की धारिता क्या होगी?
उत्तर:
श्रेणीक्रम में संयोजन की धारिता \(\frac{1}{\mathrm{C}}\) = \(\frac{1}{C_1}+\frac{1}{C_2}\)
संयोजन की धारिता = \(\frac{C}{2}\) होगी।

प्रश्न 42.
संधारित्र की धारिता पर परावैद्युत माध्यम का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
परावैद्युत माध्यम की उपस्थिति में धारिता के मान में वृद्धि हो जाती है। लेकिन यह वृद्धि इस बात पर निर्भर करती है कि प्लेटों के मध्य का भाग परावैद्युत पदार्थ से पूर्णतः आंशिक या विभिन्न परतों के रूप में कैसे-कैसे भरा हुआ है।

प्रश्न 43.
3 μF व 5 μF धारिता के दो संधारित्रों के समान्तर संयोजन को Q आवेश दिया जाता है। यदि 3 μF पर आवेश Q1 तथा 5 μF पर Q2 हो तो \( \frac{\mathrm{Q}_1}{\mathrm{Q}_2}\) का मान क्या होगा ?
उत्तर:
\( \frac{\mathrm{Q}_1}{\mathrm{Q}_2}=\frac{\mathrm{C}_1}{\mathrm{C}_2}=\frac{3}{5}\)

प्रश्न 44.
एक संधारित्र की प्लेटों के बीच रखे पदार्थ का परावैद्युतांक 5 है और इसकी धारिता C है। यदि इसको परावैद्युतांक 20 वाले पदार्थ से प्रतिस्थापित कर दिया जाये तो संधारित्र की नई धारिता क्या होगी ?
उत्तर:
संधारित्र की नई धारिता का मान पहले वाली धारिता का चार गुना होगा।

प्रश्न 45.
नीचे दिखाये गये परिपथ में A, बिन्दु पर विभव 100 वोल्ट है। बिन्दु B पर विभव होगा-
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 10
उत्तर:
बिन्दु B पर विभव 50 वोल्ट होगा।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता

प्रश्न 46.
तीन संधारित्र, परिपथ चित्र में दिखाये अनुसार व्यवस्थित हैं। बिन्दु A व B के मध्य कुल धारिता 3 μF है, तो X संधारित्र की धारिता का मान होगा-
उत्तर:
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 12

प्रश्न 47.
दिये गये परिपथ चित्र में A व B के बीच तुल्यधारिता ज्ञात कीजिए।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 60
इसलिये A तथा B के बीच में तुल्यधारिता = 1+1=2pF उत्तर

प्रश्न 48.
एक आवेशित संधारित्र की प्लेटों को एक-दूसरे से दूर हटाने से प्लेटों के बीच विभवान्तर पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
प्लेटों के बीच में विभवान्तर बढ़ेगा।

प्रश्न 49.
क्या समान आयतन के दो चालकों के बीच विभवान्तर हो सकता है, जबकि दोनों पर समान धनावेश है ?
उत्तर:
हाँ, क्योंकि समान आयतन के दो चालकों का आकार भिन्न हो सकता है, जिसके कारण धारिता भिन्न होने के कारण विभव भिन्न-भिन्न होंगे अर्थात् उनके बीच विभवान्तर होगा ।

प्रश्न 50.
एक ग्राफ खींचिये जो धारिता के संधारित्र को दिये गये आवेश Q तथा उसके विभवान्तर V के बीच सम्बन्ध बताता हो।
उत्तर:
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 14

प्रश्न 51.
समविभव पृष्ठ को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
ऐसा पृष्ठ जिसके प्रत्येक बिन्दु पर विभव समान होता है, समविभव पृष्ठ कहलाता है। समविभव पृष्ठ के किन्हीं दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर का मान शून्य होता है अतः समविभव पृष्ठ के किसी एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक किसी आवेश को ले जाने में किया गया कार्य शून्य के बराबर होता है किन्तु किया गया कार्य शून्य तभी होता है जब आवेश को विद्युत क्षेत्र के लम्बवत् दिशा में ले जाया जाता है। अतः समविभव पृष्ठ विद्युत क्षेत्र के प्रत्येक बिन्दु पर लम्बवत् होता है।

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प्रश्न 52.
4 × 10-9C आवेश के कारण इससे 9 × 10-2 मी. दूरी पर स्थित किसी बिन्दु पर विभव परिकलित कीजिए ।
हल- दिया है-
q = 4 × 10-9 C
r = 9 × 10-2 मी.
हम जानते हैं
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 16

प्रश्न 53.
4 μF धारिता का मान कितना होगा यदि समांतर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के मध्य 2 परावैद्युतांक का परावैद्युत पूर्णतः भर दिया जाए?
हल – जब प्लेटों के बीच सम्पूर्ण स्थान में ∈r परावैद्युतांक का माध्यम भरा हुआ हो, तब C = C0r होता है।
इसलिये C = 4 × 2 = 8 μF

प्रश्न 54.
किसी माध्यम के परावैद्युतांक की परिभाषा लिखिये। इसका एस.आई. (S.I.) मात्रक क्या है ?
उत्तर:
हम जानते हैं
C = C0r
या ∈r = \(\frac{C}{C_0}\)
अतः किसी माध्यम के परावैद्युतांक का मान, परावैद्युत पदार्थ से पूर्णतया भरी समांतर प्लेट संधारित्र की धारिता का मान C, हवा या निर्वात धारिता C के अनुपात के बराबर होता है। इसका कोई भी मात्रक नहीं होता है।

लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
एक बिन्दु आवेश ‘q’ बिन्दु 0 पर चित्र में दिखाये अनुसार रखा है। क्या (VA – VB) धनात्मक, ऋणात्मक अथवा शून्य होगा यदि q (i) धनात्मक है (ii) ऋणात्मक ‘
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होगी इसलिए VA – VB का चिन्ह q के चिन्ह पर निर्भर करेगा ।
(∵ 4π∈0 = नियतांक)
अतः (i) q के धनात्मक होने पर (VA – VB) धनात्मक होगा।
(ii) q के ऋणात्मक होने पर (A – VB) ऋणात्मक होगा।

प्रश्न 2.
एक लघु वैद्युत द्विध्रुव के कारण अत्यधिक दूरी पर उत्पन्न वैद्युत विभव की दूरी पर निर्भरता बताइए, जबकि प्रेक्षण बिन्दु
(i) अक्षीय स्थिति में हो, तथा
(ii) निरक्षीय स्थिति में हो।
उत्तर:
(i) अक्षीय स्थिति में विभव (V) = \( \frac{1}{4 \pi \epsilon_0}\left(\frac{p}{r^2}\right)\)
अतः स्पष्ट है V ∝ \(\frac{1}{r^2}\)
(ii) निरक्षीय स्थिति में V = 0, अतः यह दूरी पर निर्भर नहीं करता है। अर्थात् इस स्थिति में प्रत्येक बिन्दु पर वैद्युत विभव शून्य होता है।

प्रश्न 3.
समविभव पृष्ठ की परिभाषा दीजिए। इसकी विशेषताएँ लिखिए ।
उत्तर:
परिभाषा – किसी वैद्युत क्षेत्र में वह पृष्ठ जिसके प्रत्येक बिन्दु का विभव समान होता है, समविभव पृष्ठ कहलाता है।
विशेषताएँ – (i) इसके किन्हीं भी दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर शून्य होता है।
(ii) इसके किन्हीं भी दो बिन्दुओं के बीच किसी आवेश को ले जाने में कोई कार्य नहीं करना पड़ता।
(iii) वैद्युत क्षेत्र सदैव समविभव पृष्ठ के लम्बवत् रहता है।

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प्रश्न 4.
वैद्युत विभव तथा वैद्युत स्थितिज ऊर्जा में भेद स्पष्ट कीजिए तथा इनके बीच सम्बन्ध बताइए ।
उत्तर:
वैद्युत विभव एकांक धन आवेश को बिना त्वरण के अनन्त से लाने में किया गया कार्य है जबकि वैद्युत स्थितिज ऊर्जा दिये गये आवेशों को अनन्त से उनकी स्थिति तक लाने में किया गया कार्य होती है।
वैद्युत विभव V = \(\frac{1}{4 \pi \epsilon_0}\left(\frac{\mathrm{q}_1}{\mathrm{r}}\right)\) तथा U = \(\frac{1}{4 \pi \epsilon_0}\left(\frac{q_1 q_2}{r}\right)\)
जहाँ प्रतीकों के सामान्य अर्थ हैं। उपर्युक्त व्यंजकों से स्पष्ट है कि
U = \(\frac{1}{4 \pi \epsilon_0}\left(\frac{q_1}{\mathrm{r}}\right)\) . q2
U = q2 . V
अतः q1 तथा q2आवेशों (जो परस्पर 1 दूरी पर स्थित ) बने निकाय की स्थितिज ऊर्जा
U = आवेश q2 x
(आवेश q1 के कारण q2 की स्थिति में विभव)

प्रश्न 5.
किसी बिन्दु आवेश से दूरी में परिवर्तन के संगत होने वाले विभव परिवर्तन दर्शाने वाला ग्राफ बनाइए चित्र में प्रदर्शित आवेश निकाय के लिए सिद्ध कीजिए कि बिन्दुओं A व B के मध्य विभवान्तर
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 18

प्रश्न 6.
इस सत्य की भौतिक व्याख्या कीजिए कि धन आवेश युग्म की स्थितिज ऊर्जा धनात्मक होती है।
उत्तर:
धन आवेश युग्म के दो आवेश आपस में प्रतिकर्षित करेंगे और त्वरित गति से एक-दूसरे से दूर हो जायेंगे जब तक उनके बीच की दूरी अनन्त नहीं हो जाये। उन आवेशों में गति उनके अन्दर स्थितिज ऊर्जा के कारण ही सम्भव है। इसलिए धन आवेश युग्म की स्थितिज ऊर्जा धनात्मक होती है।

प्रश्न 7.
ध्रुवण को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
आयतित विद्युत क्षेत्र में परावैद्युत में परमाणुओं को खींचकर आवेशों को पृथक करने के प्रक्रम को ध्रुवण कहते हैं। परमाणुओं का खिंचाव तब तक चलता है जब तक कि आवेशों पर विद्युत क्षेत्र द्वारा आयोजित बल प्रत्यानयन बल के तुल्य नहीं हो जाता। इस तनन के कारण नाभिक का धनात्मक गुरुत्व केन्द्र ऋणात्मक गुरुत्व केन्द्र, जो इलेक्ट्रॉनों के कारण बनता है, एक-दूसरे से अलग हो जाते हैं और इस प्रकार परमाणु द्विध्रुव आघूर्ण प्राप्त कर लेते हैं। अर्थात् किसी पदार्थ का प्रति एकांक आयतन द्विध्रुव आघूर्ण उसका ध्रुवण कहलाता है तथा इसे \(\vec{p}\) द्वारा निर्दिष्ट किया जाता है। रैखिक समदैशिक परावैद्युतों के लिए
\(\overrightarrow{\mathrm{p}}=\chi_0 \mathrm{E}\)
यहाँ Xo परावैद्युतका स्थिर अभिलक्षण है जिसे परावैद्युत माध्यम की वैद्युत प्रवृत्ति कहते हैं।

प्रश्न 8.
एक सीधी रेखा में समान दूरियों पर तीन आवेश q, Q तथा – q स्थित हैं। यदि तीनों आवेशों के निकाय की कुल स्थितिज ऊर्जा शून्य हो तो Q : q अनुपात का मान कितना होगा?
उत्तर:
निकाय की कुल स्थितिज ऊर्जा का मान होगा-
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प्रश्न 9.
तीन बिन्दु आवेशों से निर्मित किसी तंत्र की स्थितिज ऊर्जा ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
तीन आवेशों q1, q2 तथा q3 से निर्मित तंत्र को सामने चित्र में प्रदर्शित किया गया है। इस तंत्र की कुल स्थितिज ऊर्जा
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 20

प्रश्न 10.
एक गोलाकार चालक कोश की त्रिज्या R है व उस पर आवेश Q है। गोले के केन्द्र से (2R) दूरी पर विभव की तुलना \(\frac{\mathbf{R}}{\mathbf{2}}\) दूरी पर विभव से कीजिए।
उत्तर:
हम जानते हैं कि बाह्य बिन्दुओं के लिए आवेशित चालक कोश इस तरह से व्यवहार करता है जैसे उसका आवेश उसके केन्द्र पर स्थित हो अतः केन्द्र से (2R) दूरी पर विभव का मान माना V1 है।
अतः V1 = \(\frac{1}{4 \pi \epsilon_0} \frac{Q}{2 R}\) ………..(1)
गोलीय कोश के अन्दर विभव नियत होता है तथा वह उसके पृष्ठ पर विभव के तुल्य होता है। अतः केन्द्र से R/2 दूरी पर विभव का मान माना (V2) है।
V2 = \(\frac{1}{4 \pi \epsilon_0} \frac{Q}{R}\) …………(2)
अतः \(\frac{V_1}{V_2}\) = \(\frac{1}{2}\)

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प्रश्न 11.
किसी द्विध्रुव की विद्युत क्षेत्र में स्थितिज ऊर्जा के लिए सूत्र लिखिए तथा इनके न्यूनतम व अधिकतम मान ज्ञात कीजिए।
हल-विद्युत क्षेत्र \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) में क्षेत्र के लम्बव्त् द्विध्रुव की स्थिति θ = 90° को निर्देश स्थिति मानते हुए अन्य स्थिति पर स्थितिज ऊर्जा का मान
U = \(-\overrightarrow{\mathrm{P}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{E}}\) = – PE cos θ
θ = 0, अर्थात् क्षेत्र के समान्तर स्थिति में
U = Umin = – PE
θ = π, अर्थात् क्षेत्र के विरुद्ध दिशा में
U = Umax = + PE
∵ cos π = -1

प्रश्न 12.
अधुवी व ध्रुवी परमाणुओं या अणुओं में अन्तर उदाहरण देकर समझाइए ।
उत्तर:
अधुवी परमाणुओं या अणुओं में ऋण व धन आवेशों के वितरण केन्द्र सम्पाती होते हैं, जिससे द्विध्रुव आघूर्ण शून्य रहता है। ध्रुवी अणुओं में इन आवेशों के वितरण केन्द्रों के मध्य अन्तराल होता है और अणु का स्थायी द्विध्रुव आघूर्ण होता है।
N2, CH4, OH2, O2 आदि अध्रुवी हैं जबकि H2O, NH3 HCI आदि ध्रुवी अणु हैं।

प्रश्न 13.
धुवी तथा अधुवी परावैद्युत में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
ध्रुवी तथा अधुवी परावैद्युत में अन्तर

ध्रुवी परावैद्युतअधुवी परावैद्युत
1. इनके अणु बाह्य वैद्युत क्षेत्र की अनुपस्थिति में भी नैट विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण रखते हैं।इनके अणुओं में कोई स्थायी वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण नहीं होता। बाह्य वैद्युत क्षेत्र में रखे जाने पर ध्रुवण अवस्था में यह आघूर्ण उत्पन्न होता है।
2. इनके अणुओं की रचना असममित होती है। उदाहरणार्थ- NH3इनके अणुओं की रचना सममित होती है। उदाहरणार्थ- O2

प्रश्न 14.
संधारित्र का सिद्धान्त लिखिए।
उत्तर:
आवेशित चालक का विभव उसके समीप एक अन्य भू- सम्पर्कित चालक को रखकर कम किया जा सकता है इस प्रकार चालक की आवेश संग्रहित करने की क्षमता जिसे हम धारिता कहते हैं, बढ़ जाती है। ऐसे समायोजन को संधारित्र कहते हैं।

प्रश्न 15.
संधारित्र की धारिता पर परावैद्युत माध्यम का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
परावैद्युत माध्यम की उपस्थिति में धारिता के मान में वृद्धि हो जाती है लेकिन यह वृद्धि इस बात पर निर्भर करती है कि प्लेटों के मध्य का भाग परावैद्युत पदार्थ से पूर्णतः आंशिक या विभिन्न परतों के रूप में किस प्रकार भरा हुआ है।

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प्रश्न 16.
क्या एक फैरड धारिता का समान्तर पट्ट संधारित्र आपकी आलमारी में रखना सम्भव है?
हल-चूँकि चालक की धारिता C = 4π∈0R होती है, इसलिए इसकी त्रिज्या का मान
R = \(\frac{C}{4 \pi \epsilon_0}\) = 9 × 109 मीटर/फैरड × 1 फैरड
= 9 × 109 मीटर = 9 × 106 किमी.
अतः यह त्रिज्या बहुत बड़ी है। अर्थात् 1 फैरड धारिता का गोलाकार चालक बनाना सम्भव नहीं है, जिसको अलमारी में रखना सम्भव नहीं है।

प्रश्न 17.
क्या 1 सेमी. त्रिज्या का धात्वीय गोला 1 कूलॉम आवेश ग्रहण कर सकता है?
हल – R = 1 सेमी = 1 × 10-2 मीटर त्रिज्या के गोले को Q = एक कूलॉम आवेश देने पर इसकी सतह पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता
E = \( \frac{1}{4 \pi \epsilon_0}\left(\frac{Q}{R}\right)=9 \times 10^9 \times\left(\frac{1}{10^{-2}}\right)\)
= 9 × 1011 न्यूटन/कूलॉम
= 9 × 1011 वोल्ट/मीटर
यह चालक की वैद्युत सामर्थ्य होगी, लेकिन वायु की परावैद्युत सामर्थ्य 3 × 106 वोल्ट / मीटर होती है इसलिए चालक के चारों ओर की निकटतम वायु आयनीकृत हो जायेगी, जिससे कि गोले के आवेश का वायु में क्षरण होने लगेगा अतः कहा जा सकता है कि एक सेमी. त्रिज्या का गोला एक कूलॉम आवेश ग्रहण नहीं कर सकता है।

प्रश्न 18.
A और B दो समान त्रिज्या के चालक गोले हैं, जिसमें A गोला ठोस है और B खोखला है। दोनों को समान विभव तक आवेशित किया जाता है। दोनों गोलों पर आवेशों में क्या सम्बन्ध होगा?
उत्तर:
गोला चाहे ठोस हो अथवा खोखला हो, आवेश उसके बाहरी पृष्ठ पर रहता है। चूँकि गोलाकार चालक की धारिता उसकी त्रिज्या के अनुक्रमानुपाती होती है। यहाँ पर दोनों गोलों की त्रिज्या समान है। अतः दोनों की धारितायें भी समान होंगी। अतः CA = CB = C माना दोनों गोलों पर समान विभव (माना V तक) आवेशित किया गया है।
अर्थात् VA = VB = V, अतः इनका आवेश क्रमश: QA= CAVA = CV, QB = CBVB = CV
∴ QA : QB = 1 : 1 अर्थात् दोनों पर आवेश समान होगा।

प्रश्न 19.
समान्तर पट्ट संधारित्र की प्लेटों के बीच एक धातु की पन्नी (foil) रखने पर उसकी धारिता पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
संधारित्र की प्लेटों के बीच वायु होने पर धारिता C0 = \( \frac{\epsilon_0 A}{\mathrm{~d}}\)
इसकी प्लेटों के बीच धातु की पन्नी रखने पर (चित्र) यह संधारित्र दो समान्तर पट्ट संधारित्र के श्रेणी संयोजन के तुल्य होगा, जिनमें प्रत्येक प्लेट का क्षेत्रफल A तथा प्लेटों के बीच की दूरी = \(\frac{\mathrm{d}}{2}\)
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प्रश्न 20.
संधारित्रों के समान्तर संयोजन व श्रेणी संयोजन में अन्तर लिखिये।
उत्तर:
(1) संधारित्रों का ऐसा संयोजन जिसमें प्रत्येक संधारित्र पर विभवान्तर का मान एकसमान हो, उसे समान्तर संयोजन कहते हैं। संधारित्रों का ऐसा संयोजन, जिसमें प्रत्येक संधारित्र पर आवेश का परिमाण एकसमान रहता है उसे श्रेणी संयोजन कहते हैं।

(2) संधारित्रों को समान्तर क्रम में संयोजित करने पर संयोजन की तुल्यधारिता, प्रत्येक संधारित्र की धारिता के योग के बराबर होती है। श्रेणी संयोजन में परिपथ की तुल्यधारिता का व्युत्क्रम, इस संयोजन में प्रयुक्त प्रत्येक संधारित्र की
धारिता के व्युत्क्रम के योग के बराबर होता है। श्रेणी संयोजन में प्राप्त तुल्यधारिता का मान किसी भी धारिता के मान से भी कम होता है।

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प्रश्न 21.
एक गोलीय चालक पर आवेश की मात्रा तीन गुनी करने पर उसकी धारिता में कितने प्रतिशत वृद्धि होगी ?
उत्तर:
चालक पर आवेश में परिवर्तन करने पर उसके विभव में उसी अनुपात में परिवर्तन हो जाता है अतः आवेश व विभव वृद्धि का अनुपात स्थिर रहता है। इसलिए चालक की धारिता के मान में कोई परिवर्तन नहीं होगा।

प्रश्न 22.
एक समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच दो परावैद्युत गुटके (जिनके परावैद्युतांक क्रमश: K1 तथा K2 हैं) चित्र में दर्शाये अनुसार भरे हुए हैं। संधारित्र की धारिता क्या होगी?
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 22

प्रश्न 23.
एक समान्तर पट्ट संधारित्र एक दिष्टधारा स्रोत से v विभवान्तर तक आवेशित किया गया है, जबकि प्लेटों के बीच वायु है। संधारित्र को बैटरी से अलग किये बिना वायु के स्थान पर K परावैद्युतांक का परावैद्युत माध्यम भर दिया गया है। कारण सहित बताइए कि निम्नलिखित में से क्या परिवर्तन होगा? उत्तरों का स्पष्टीकरण भी दो ।
(i) विभवान्तर
(ii) प्लेटों के बीच वैद्युत क्षेत्र
(iii) धारिता
(iv) आवेश
(v) ऊर्जा
उत्तर:
(i) चूँकि यहाँ पर संधारित्र को बैटरी से जोड़ा गया है, अतः वैद्युत विभवान्तर V अपरिवर्तित रहेगा।
(ii) चूँकि विभवान्तर और प्लेटों के मध्य की दूरी दोनों अपरिवर्तित हैं, अतः वैद्युत क्षेत्र \(E=\frac{V}{d} \) अपरिवर्तित रहेगा।
(iii) धारिता बढ़ जायेगी : ∵ C = KC0
(iv) चूँकि V नियत है और धारिता K गुनी हो जाती है, अतः आवेश Q भी K गुना हो जायेगा।
(v) प्रारम्भिक ऊर्जा \(\mathrm{U}_0=\frac{1}{2} \mathrm{C}_0 \mathrm{~V}_0^2\) और बाद में ऊर्जा U = \(\frac{1}{2} \mathrm{KC}_0 \mathrm{~V}_0^2=\mathrm{KU}_0\) अर्थात् ऊर्जा भी बढ़कर K गुनी हो जायेगी।

प्रश्न 24.
C धारिता के n संधारित्रों को श्रेणीक्रम में संयोजित करने पर तुल्यधारिता Cs तथा समान्तर क्रम में संयोजित करने पर तुल्यधारिता Cp है। सिद्ध कीजिए कि
उत्तर:
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 23

प्रश्न 25.
आवेशों के निकाय के कारण विद्युत विभव के मान की गणना कीजिए ।
उत्तर:
किन्हीं आवेशों q1, q2, q3 , …….. qn के ऐसे निकाय पर विचार करते हैं, जिनके किसी मूल बिन्दु के सापेक्ष स्थिति सदिश क्रमशः
\(\overrightarrow{\mathrm{r}_1}, \overrightarrow{\mathrm{r}_2}, \overrightarrow{\mathrm{r}_3} \ldots \ldots, \overrightarrow{\mathrm{r}_{\mathrm{n}}}\)
बिन्दु P पर आवेश q1 के कारण विभव
V1 = \(\frac{1}{4 \pi \epsilon_0} \frac{\mathrm{q}_1}{r_{1 \mathrm{P}}}\)
यहाँ r1p बिन्दु p तथा आवेश q1 के बीच की दूरी है।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 24
इसी प्रकार बिन्दु P पर आवेश q2 के कारण विभव V2 तथा आवेश q3 के कारण विभव V3 को भी व्यक्त कर सकते हैं-
V2 = \(\frac{1}{4 \pi \epsilon_0} \frac{q_2}{r_{2 P}}\)
V3 = \(\frac{1}{4 \pi \epsilon_0} \frac{q_3}{r_{3 \mathrm{P}}}\)
यहाँ r2p तथा r3p बिन्दु p की क्रमशः q2 तथा q3 से दूरियाँ हैं। इसी प्रकार हम अन्य आवेशों के कारण बिन्दु p पर विभव व्यक्त कर सकते हैं। अध्यारोपण सिद्धान्त के अनुसार, समस्त आवेश विन्यास के कारण बिन्दु P पर विभव V विन्यास के व्यष्टिगत आवेशों के विभवों के बीजगणितीय योग के बराबर होता है-
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 25

प्रश्न 26.
समविभव पृष्ठ किसे कहते हैं? बिन्दु आवेश के लिए समविभव पृष्ठ बनाइए और इनके गुण लिखिए ।
उत्तर:
चित्र में एक बिन्दु आवेश Q, O पर रखा है। O को केन्द्र मानकर r त्रिज्या का गोला बनायें तो गोले की धरातल का प्रत्येक बिन्दु O से समान दूरी पर होगा अतः इस धरातल के प्रत्येक बिन्दु पर विभव का मान \(\frac{\mathrm{KQ}}{\mathrm{r}}\) होगा। इस प्रकार के पृष्ठ को समविभव पृष्ठ कहते हैं।
“विद्युत क्षेत्र में ऐसे पृष्ठ जिनके प्रत्येक बिन्दु पर विद्युत विभव समान होता है, समविभव पृष्ठ कहलाते हैं।” समविभव पृष्ठ के प्रत्येक बिन्दु पर विभव समान होने के कारण किन्हीं भी दो बिन्दुओं के मध्य जो पृष्ठ पर स्थित हैं, विभवान्तर शून्य होता है।

अतः गोले के पृष्ठ पर किसी भी मान के आवेश को एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाने में सम्पन्न कार्य शून्य होगा। इस पृष्ठ पर बल रेखायें सदैव पृष्ठ के लम्बवत् होंगी। चित्र में S, S1, S2 बिन्दु आवेश Q के लिए समविभव पृष्ठ हैं। ये संकेन्द्रीय गोले हैं।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 26
यदि दो समान्तर प्लेटों के मध्य बैटरी जोड़कर निश्चित विभवान्तर स्थापित किया जाये तो प्लेटों के मध्य एकसमान विद्युत क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है। इस विद्युत क्षेत्र से समविभव पृष्ठ प्लेटों के समान्तर समतल पृष्ठ होते हैं। जैसा चित्र (b) में दिखाया गया है।
विभवान्तर की परिभाषा के अनुसार एकांक मान के परीक्षण आवेश को एक बिन्दु A से दूसरे बिन्दु B तक विस्थापित करने में किया गया कार्य विभवान्तर के तुल्य होता है।
अर्थात् VB – VA = WAB
यदि बिन्दु A और B एक समविभव तल पर स्थित हैं तो
VB = VA ∴ WAB = 0
अर्थात् समविभव तल पर किसी आवेश को एक बिन्दु से दूसरे तक विस्थापन में कार्य का मान शून्य होता है। रेखीय आवेश के लिए समविभव पृष्ठ बेलनाकार पृष्ठ होता है।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 27
समविभव पृष्ठ के गुण-

  1. पृष्ठ के प्रत्येक बिन्दु पर विभव एकसमान होता है।
  2. समविभव पृष्ठ पर किसी आवेश को एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक विस्थापन में किया गया कार्य का मान शून्य होता है।
  3. दो समविभव पृष्ठ एक-दूसरे को कभी भी नहीं काटते हैं।
  4. विद्युत बल रेखायें पृष्ठ के लम्बवत् होती हैं।
  5. किसी भी चाल की सतह हमेशा समविभव पृष्ठ होती है क्योंकि सतह के सभी बिन्दु एक-दूसरे से विद्युत सम्पर्क में होते हैं।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता

प्रश्न 27.
विद्युत क्षेत्र की तीव्रता \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) तथा वैद्युत विभव में सम्बन्ध स्थापित कीजिए ।
उत्तर:
(Relation between Intensity of Electric field \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) and potential V)
माना q0 परीक्षण आवेश एक समविभव पृष्ठ से dr दूरी पर स्थित दूसरी समविभव पृष्ठ पर विस्थापित होता है। परीक्षण आवेश पर क्षेत्र द्वारा किया गया कार्य
W = – q0dV ……………(1)
जहाँ dV = समविभव पृष्ठों के मध्य विभवान्तर है।
इसी कार्य को निम्न समीकरण द्वारा व्यक्त कर सकते हैं-
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 28
यहाँ पर आंशिक अवकलन इस बात को दर्शाता है कि समीकरण (3) में V का परिवर्तन उस दिशा में है जिसमें क्षेत्र \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) का घटक स्थित है।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 29

प्रश्न 28.
तीन बिन्दु आवेशों से निर्मित किसी तंत्र की विद्युत स्थितिज ऊर्जा ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
अनुच्छेद 2.7 में उदाहरणार्थ देखें ।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 61

प्रश्न 29.
बाह्य क्षेत्र में एकल आवेश की स्थितिज ऊर्जा की गणना कीजिए।
उत्तर:
एकल आवेश की स्थितिज ऊर्जा (Potential energy of a single charge) आवेशों के निकाय की वैद्युत स्थितिज ऊर्जा के लिए हम सूत्र स्थापित कर चुके हैं, जिसमें वैद्युत क्षेत्र के स्रोत अर्थात् आवेशों की स्थितियों को भी ध्यान में रखा गया था। अब यहाँ पर हमें बाहरी विद्युत क्षेत्र में किसी आवेश की वैद्युत स्थितिज ऊर्जा ज्ञात करनी है। यहाँ विद्युत क्षेत्र \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) उत्पन्न करने वाले आवेश अज्ञात हैं।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 30
बाहरी विद्युत क्षेत्र ([/latex]\overrightarrow{\mathrm{E}}[/latex]) और किसी बिन्दु पर विद्युत विभव (V) दोनों प्रेक्षण बिन्दु की स्थिति बदलने पर बदल सकते हैं। यदि किसी बिन्दु P पर विद्युत विभव \(V(\vec{r})\) है, जहाँ \(\vec{r}\) बिन्दु P की स्थिति सदिश है, तो विभव की परिभाषा से एकांक आवेश को अनन्त से P बिन्दु तक लाने में किया गया कार्य V जूल होगा। अतः किसी आवेश q को अनन्त से P बिन्दु तक लाने में किया गया कार्य W = q. \(V(\vec{r})\) यही कार्य आवेश में उसकी वैद्युत स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जायेगा।
अतः आवेश q की किसी बाहरी क्षेत्र /latex]\overrightarrow{\mathrm{E}}[/latex] में बिन्दु \(p(\vec{r})\) पर वैद्युत स्थितिज ऊर्जा = q . \(V(\vec{r})\)
यही कार्य आवेश में उसकी वैद्युत स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जायेगा।
अतः आवेश q की किसी बाहरी क्षेत्र \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) में बिन्दु \(\mathrm{P}(\overrightarrow{\mathrm{r}})\) पर वैद्युत स्थितिज ऊर्जा = q. \(\mathrm{q} \cdot \mathrm{V}(\overrightarrow{\mathrm{r}})\)

प्रश्न 30.
किसी बाह्य क्षेत्र में दो आवेशों के निकाय की स्थितिज ऊर्जा की गणना कीजिए। लिखिए।
उत्तर:
किसी बाह्य क्षेत्र में दो आवेशों के निकाय की स्थितिज ऊर्जा (Potential energy of a system of two charges in an external field)
माना किसी बाह्य क्षेत्र \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) में दो आवेश q1 तथा q2 क्रमशः \(\overrightarrow{\mathrm{r}_1}\)
तथा \(\overrightarrow{\mathrm{r}_2}\)
अब q1 आवेश को अनन्त से स्थिति \(\vec{r}_1 \) तक लाने में किया गया कार्य
W1 = q1V(\(\vec{r}_1 \)) …………..(1)
यहाँ पर V(\(\vec{r}_1 \)), \(\vec{r}_1 \) दूरी पर स्थित बिन्दु पर विभव का मान है।
जब q2 आवेश को अनन्त से स्थिति \(\overrightarrow{\mathrm{r}_2}\) तक लाया जाता है तब किया गया कार्य W2 बाह्य क्षेत्र \( \overrightarrow{\mathrm{E}}\) के विरुद्ध किया गया कार्य +q1 के कारण क्षेत्र के विरुद्ध किंया गया कार्य
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 31

प्रश्न 31.
संधारित्र की धारिता को प्रभावित करने वाले कारक
उत्तर:
संधारित्र की धारिता को प्रभावित करने वाले कारक (Factors effecting the Capacity of a Conductor)
किसी संधारित्र विशेष के लिए उसकी धारिता नियत होती है तथा यह निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करती है-

(i) प्लेटों (चालकों) के क्षेत्रफल पर-प्रयोगों के आधार पर यह देखा गया है कि किसी संधारित्र की धारिता उसकी प्लेटों के प्रभावी क्षेत्रफल A के अनुक्रमानुपाती होती है।
अर्थात् C ∝ A

(ii) प्लेटों के बीच की दूरी पर-यदि संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी d को बढ़ाया जाता है तो संधारित्र की धारिता का मान घट जाता है। चूँकि यह प्लेटों के बीच की दूरी d के व्युत्क्रमानुपाती होती है।

(iii) प्लेटों के बीच के माध्यम पर-यह देखा गया है कि यदि संधारित्र की प्लेटों के मध्य का स्थान किसी कुचालक पदार्थ जैसे पैराफिन, मोम, तेल, अभ्रक आदि से भर दिया जाये तो संधारित्र की धारिता बढ़ जाती है, यदि प्लेटों के बीच की दूरी को स्थिर रखा जाये। अतः संधारित्र की धारिता का मान प्लेटों के बीच स्थित परावैद्युत माध्यम के परावैद्युतांक K के अनुक्रमानुपाती होता है। यदि संधारित्र की प्लेटों के मध्य वायु होने पर संधारित्र की धारिता C हो तो प्लेटों के मध्य K परावैद्युतांक का माध्यम होने पर संधारित्र की विद्युत धारिता KC हो जाती है। अर्थात् धारिता K गुनी बढ़ जाती है।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता

प्रश्न 32.
संधारित्रों के उपयोग को लिखिए ।
उत्तर:
(1) आवेश के संचायक के रूप में (As a charge Accumulator):
संधारित्र का मुख्य कार्य आवेश को संचित करना होता है। यदि हम किसी परिपथ में क्षणिक (Instantaneous) परन्तु शक्तिशाली वैद्युत धारा प्रवाहित करना चाहें तो परिपथ के सिरे को एक आवेशित संधारित्र से सम्बन्धित कर देते हैं। स्पंदित वैद्युत चुम्बक जो क्षणिक परन्तु तीव्र चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करने के लिए प्रयुक्त किये जाते हैं, आवेशित संधारित्रों से ही विद्युत-धारा प्राप्त करते हैं।

(2) विद्युत स्थितिज ऊर्जा संचित करने के लिए (For storing Electrostatic P.E):
संधारित्र द्वारा ऊर्जा संग्रहित करने की दर धीमी होती है जबकि ऊर्जा विसर्जन की प्रक्रिया अतिशीघ्र होती है। इसी गुण के आधार पर न्यून समय में फ्लश से (फलश) परिपथ में संधारित्र का उपयोग करके प्रकाश प्राप्त कर कैमरे में चित्र लिये जाते हैं।

(3) रेडियो व टीवी में (In Radio and T.V.):
रेडियो व टीवी की संचार प्रणाली में प्रयुक्त दो प्रमुख परिपथों (ट्रान्समीटर व रिसीवर) में संधारित्रों का उपयोग किया जाता है। उपयुक्त धारिता मान के संधारित्रों का उपयोग कर इन परिपथों में विद्युत चुम्बकीय दोलन उत्पन्न किये जाते हैं। दोलनों से उत्पन्न विद्युत चुम्बकीय तरंगों का उपयोग, संकेतों के प्रसारण में किया जाता है। संधारित्रों के उपयोगों से इच्छित आवृत्ति के रेडियो या टीवी संकेतों को प्राप्त किया जा सकता है।

(4) वैज्ञानिक अध्ययन में (In Scientific Study):
वैज्ञानिक अध्ययन में संधारित्र अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हुए हैं। संधारित्र में भिन्नभिन्न आकार की प्लेटों का प्रयोग करके उनके मध्य भिन्न-भिन्न संरूपण (Configuration) के वैद्युत-क्षेत्र स्थापित किये जाते हैं। इन क्षेत्रों में विभिन्न परावैद्युत पदार्थ रखकर उनके व्यवहार के विषय में अध्ययन किया जाता है।

(5) चिकित्सा क्षेत्र में (In Medicine):
हृदय रोगी में छाती (Chest) पर विद्युत आघात (Electric shock) देकर हृदय की धड़कन को नियंत्रित किया जाता है। इस प्रक्रिया में जिस उपकरण का प्रयोग किया जाता है, उसे डेफिब्रीलेटर (defibrillator) कहते हैं। इसमें कई F कोटि की संधारित्र होती है, जिसे कई हजार वोल्ट पर आवेशित किया जाता है। संधारित्र में संचित ऊर्जा का उपयोग छाती पर विद्युत आघात देकर हृदय रोगी की हृदय मांसपेशियों की क्रियाप्रणाली को व्यवस्थित करते हैं, जो हृदय की धड़कन को नियंत्रित करने में सहायक होती है।

(6) विद्युत फिल्टरों में (In Electric Filters):
शक्तिप्रदाय स्रोतों में प्रयुक्त दिष्टकारी परिपथों से प्राप्त वोल्टता संकेत को smooth करने के लिए संधारित्रों का उपयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त श्रव्य यंत्रों में प्रयुक्त शक्ति प्रवर्धकों का युग्मन करने के लिए भी इनका उपयोग किया जाता है।

(7) कम्प्यूटर में (In Computers):
कम्प्यूटर के कुंजी पटल (Key Board) की कार्यप्रणाली धारिता के सिद्धान्त पर आधारित होती है। कुंजी पटल में कुंजी प्लैन्जर (Plunger) के एक सिरे पर स्थितं होती है। प्लैन्जर का दूसरा सिरा गतिक धातु की प्लेट से जुड़ा होता है। गतिक प्लेट को एक अन्य स्थिर प्लेट से परावैद्युत माध्यम के द्वारा अलग रखा जाता है, जिससे एक परिवर्तित संधारित्र की संरचना होती है। कुंजी को दबाने से प्लेटों के मध्य की दूरी कम होती है, जिससे धारिता के मान में वृद्धि होती है। इस परिवर्तन को कम्प्यूटर के इलेक्ट्रॉनिक परिपथों द्वारा संसूचित कर लिया जाता है। सूक्ष्म संधारित्रों का उपयोग कम्य्यूटरों में मैमोरी संग्रहित करने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 33.
10 संधारित्र प्रत्येक की धारिता 10 μF है, को श्रेणी संयोजन तत्पश्चात् समान्तर संयोजन में जोड़ने पर तुल्य धारिताओं का गुणनफल लिखिए।
हल – n संधारित्रों के श्रेणी संयोजन की तुल्यधारिता
\(\frac{1}{\mathrm{C}_{\mathrm{S}}}=\frac{1}{\mathrm{C}_{\mathrm{I}}}+\frac{1}{\mathrm{C}_2}+\frac{1}{\mathrm{C}_3}+\ldots \ldots \cdot \frac{1}{\mathrm{C}_{\mathrm{n}}}\) होगी
यहाँ पर 10 संधारित्र जिनकी प्रत्येक की धारिता 10 μF है। इन सभी को श्रेणी संयोजन में जोड़ा गया है। इसलिये तुल्यधारिता का मान 1 μF होगा।
इन सभी को श्रेणी संयोजन के बाद समान्तर संयोजन में जोड़ा गया है।
समान्तर संयोजन के लिये तुल्यधारिता का सूत्र
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 32

आंकिक प्रश्न-

प्रश्न 1.
(a) आवेश 4 × 10-7C के कारण इससे 9 cm दूरी पर स्थित किसी बिंदु P पर विभव परिकलित कीजिए।
(b) अब, आवेश 2 × 10-9C को अनंत से बिंदु P तक लाने में किया गया कार्य ज्ञात कीजिए। क्या उत्तर जिस पथ के अनुदिश आवेश को लाया गया है उस पर निर्भर करता है?
हल-दिया गया है-
(a) Q = 4 × 10-7C
r = 9 cm = 9 × 10-2m.
V = \(\frac{1}{4 \pi \epsilon_o} \frac{Q}{r}\)
मान रखने पर V = \(\frac{9 \times 10^9 \times 4 \times 10^{-7}}{9 \times 10^{-2}}\)
V = 4 × 104 Volt
(b) किया गया कार्य (W) = आवेश (q) × विभवान्तर (V)
W = 2 × 10-9 × 4 × 104
= 8 × 10-5
नहीं, कार्य पथ पर निर्भर नहीं होगा।

प्रश्न 2.
एक वर्ग की प्रत्येक भुजा 90 सेमी. लम्बी है। इसके कोने पर क्रमशः -2,+3,-4 तथा +5 माइक्रो कूलॉम आवेश रखे हैं। वर्ग के केन्द्र पर विद्युत विभव ज्ञात कीजिये।
हल-माना कि 90 सेमी. भुजा वाला वर्ग ABCD है और जिसके शीर्ष A,B,C,D पर क्रमश: -2, 3, -4, +5 माइक्रो कूलॉम मान के आवेश रखे हुए हैं।
यहाँ AC और BD वर्ग के विकर्ण हैं जो O पर काटते हैं जो कि वर्ग का केन्द्र है। वर्ग के केन्द्र O पर विभव V0 = वर्ग के शीर्षों पर रखे प्रत्येक आवेश के कारण उत्पन्न विभवों का बीजगणितीय योग
यहाँ पर (AC)2 = (AB)2 + (BC)2
(AC)2 = (90)2 + (90)2 = 2 × (90)2
∴ AC = 90√2 सेमी.
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प्रश्न 3.
एक बिन्दु आवेश के कारण किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता तथा वैद्युत विभव क्रमशः 30 न्यूटन/कूलॉम तथा 15 जूल/कूलॉम है। ज्ञात कीजिए कि
(i) प्रेक्षण बिन्दु से आवेश की दूरी तथा
(ii) आवेश का परिमाण।
हल-दिया है-
E = 30 न्यूटन/कूलॉम
V = 15 जूल/कूलॉम
(i) एक बिन्दु आवेश q के कारण इससे $r$ दूरी पर स्थित प्रेक्षण बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता
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प्रश्न 4.
+10 μC एवं -10 μC के दो बिन्दु आवेश वायु में परस्पर 40 cm की दूरी पर रखे हैं।
(a) निकाय की वैद्युत स्थितिज ऊर्जा की गणना कीजिए। यह मान लीजिए कि अनन्त पर विद्युत स्थितिज ऊर्जा शून्य होती है।
(b) निकाय के लिए समविभव पृष्ठ खींचिये।
(c) निकाय के दोनों आवेशों को अनन्त तक दूर करने में कितना कार्य करना होगा?
हल-(a) दिया है-
q1 = 10 μC = 10 × 10-6C
q2 = -10 μC = – 10 × 10-6C
r12 = 40 cm = 0. 40 m
दो आवेशों के निकाय की वैद्युत स्थितिज ऊर्जा
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(b) अनुच्छेद 2.6 में देखें।
(c) जब दोनों आवेशों को एक-दूसरे से अलग करते हुए अनन्त तक विस्थापित किया जायेगा तो दोनों की वैद्युत स्थितिज ऊर्जा शून्य हो जायेगी अर्थात्
U2 = 0
परन्तु U1 = -2. 25 J
इसलिए दोनों को विस्थापित करने में किया गया कार्य
W = U2 – U1 = 0 – (- 2. 25)
= 2. 25 J

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प्रश्न 5.
किसी बिन्दु P पर वैद्युत विभव V(x, y, z) = 6x -8xy2 -8 y + 6yz – 4z2। मूल बिन्दु पर स्थित 4 कूलॉम बिन्दु आवेश पर वैद्युत बल ज्ञात कीजिए।
हल-हम जानते हैं-
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प्रश्न 6.
10-6 मीटर व्यास तथा 880.5 किलोग्राम/मीटर3 घनत्व वाली एक तेल बूँद 10 मिलीमीटर में पृथक्कृत प्लेटों के मध्य स्थिर रहती है। प्लेटों के मध्य विभवान्तर 36 वोल्ट है। तेल बूँद पर इलेक्ट्रॉनों की संख्या ज्ञात कीजिए।
g = 10 मीटर/सेकण्ड2
हल-दिया है-
घनत्व d0 = 880.5 किग्रा./मी.3
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प्रश्न 7.
तीन सर्वसम (एक-जैसे) संधारित्रों को श्रेणीक्रम में संयोजित करने (जोड़ने) पर उनकी तुल्य (कुल) धारिता 1 μF है। यदि
उन्हें पार्श्वक्रम (समान्तर क्रम) में संयोजित किया (जोड़ा) जाये, तो उनकी कुल धारिता कितनी होगी? यदि दोनों दशाओं (संयोजनों) में संधारित्रों को एक ही स्रोत से जोड़ा जाये तो इन दो प्रकार के संयोजनों में संचित ऊर्जा का अनुपात ज्ञात कीजिए।
हल-माना कि प्रत्येक संधारित्र की धारिता C μF है। इसलिए श्रेणीक्रम में संयोजन की स्थिति में
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प्रश्न 8.
संधारित्र C की धारिता की गणना कीजिए यदि A व B के मध्य संयोजन की तुल्यधारिता 15 μF है।
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प्रश्न 9.
चित्र में दर्शाये गये संयोजन की बिन्दु P व N के मध्य तुल्यधारिता ज्ञात कीजिए।.
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हल-यहाँ 10 μF व 20 μF मान के संधारित्र समान्तर क्रम में जुड़े हुए हैं, अतः इनकी तुल्यधारिता जुड़े हुए हैं, अतः इनकी तुल्यधारिता
C = (C1 + C2) से C = (10 + 20) = 30 μF होगी।
अतः इन संधारित्रों को बिन्दु P व N के मध्य अन्य 30 μF मान के एक संधारित्र से प्रतिस्थापित कर सकते हैं। यह प्रतिस्थापित संधारित्र; पहले से ही लगे हुए 30 μF संधारित्र के श्रेणीक्रम में है जैसा आगे के चित्र में दर्शाया गया है।
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प्रश्न 10.
चित्र में दर्शाये गये संयोजन की बिन्दु P व N के मध्य तुल्यधारिता का मान ज्ञात कीजिए जबकि (अ) स्विच S खुला है, (ब) स्विच S बन्द है। यहाँ C1 = 1 µF व C2 = 2 µF हैं।
हल-(अ) दिये गये संयोजन में बिन्दु a व b के मध्य स्विच S खुला होने पर बिन्दु P व a के मध्य जुड़ी संधारित्र Cp बिन्दु a व N के मध्य जुड़ी संधारित्र C1 के साथ श्रेणी संयोजन में होगी। इस संयोजन की तुल्यधारिता

इसी प्रकार बिन्दु P व N के मध्य जुड़ी दोनों C2 मान वाली संधारित्र भी श्रेणी संयोजन में हैं। इस संयोजन की तुल्यधारिता
\(\frac{1}{\mathrm{C}^{\prime \prime}}=\frac{1}{\mathrm{C}_2}+\frac{1}{\mathrm{C}_2}=\frac{2}{\mathrm{C}_2}\)
या C” = \(\frac{\mathrm{C}_2}{2}\) = 1 μF
∵ C2 = 2 μF
अब बिन्दु P व N के मध्य संधारित्र C’ तथा C” परस्पर समान्तर संयोजन में हैं अतः तुल्यधारिता
C = \( \frac{1}{2}\) μF + 1 μF = \(\frac{3}{2}\) μF होगी।
(ब) बिन्दु a व b के मध्य स्विच S बन्द (on) होने पर ये बिन्दु समान विभव पर होंगे इसलिए संयोजन के दोनों खण्ड परस्पर श्रेणी क्रम में हो जायेंगे जिनमें प्रत्येक खण्ड की धारिता होगी-
Ct = Ctt = Ct + Ctt = 1 + 2 = 3 μF

प्रश्न 11.
एक समान्तर पट्ट वायु संधारित्र की धारिता 8 μF है। इसकी प्लेटों के बीच की दूरी आध् कर दी जाती है तथा प्लेटों के बीच का स्थान 5 परावैद्युतांक वाले माध्यम से भर दिया जाता है। दूसरी स्थिति में संधारित्र की धारिता ज्ञात कीजिए।
हल-समान्तर पट्ट वायु संधारित्र की धारिता
C = \(\frac{\epsilon_0 A}{\mathrm{~d}}\) = 8 μF (दिया है,)
प्लेटों के बीच की दूरी आधी अर्थात् d/2 करने पर तथा प्लेटों के बीच का स्थान K = 5 परावैद्युतांक वाले माध्यम से भरने पर संधारित्र की धारिता
Cm = \(\mathrm{K}\left(\frac{\epsilon_0 \mathrm{~A}}{\mathrm{~d} / 2}\right)=2 \mathrm{~K}\left(\frac{\epsilon_0 \mathrm{~A}}{\mathrm{~d}}\right)\)
इसलिए Cm = 2K × C
मान रखने पर Cm = 2 × 5 × 8 μF = 80 μF

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प्रश्न 12.
एक समान्तर पट्ट संधारित्र की दोनों प्लेटों के बीच की दूरी 4 मिमी. है। 3 पराव्द्युतांक वाली 3 मिमी. मोटी एक परावैद्युत पट्टी प्लेटों के बीच प्लेटों के समान्तर रख दी जाती है। प्लेटों के बीच की दूरी इस प्रकार व्यवस्थित की जाती है कि संधारित्र की धारिता प्रारम्भिक धारिता की 2/3 हो जाती है। प्लेटों के बीच नई दूरी क्या है?
हल-दिया गया है-प्रारम्भिक संधारित्र की धारिता का सूत्र,
C = \(\frac{\epsilon_0 \mathrm{~A}}{\mathrm{~d}}\)
यदि प्लेटों के बीच परावैद्युत रखने पर, इनके बीच नई दूरी d1 हो तो प्रश्नानुसार, संधारित्र की नई धारिता = \(\left(\frac{2}{3}\right)\) बिना परावैद्युत संधारित्र की प्रारम्भिक धारिता
परावैद्युत पट्टी रखने के उपरान्त धारिता का सूत्र
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प्रश्न 13.
C धारिता वाले अनेक संधारित्र चित्र में दर्शाये अनुसार अनन्त संख्या में संयोजित हैं। बिन्दु A व B के मध्य कुल धारिता का मान ज्ञात कीजिए।
हल-चूँकि श्रेणी अनन्त लम्बाई की है, अतः बिन्दुओं P व a के दाहिनी ओर की श्रेणी की धारिता का मान उतना ही होगा जो श्रेणी के बिन्दुओं A व B के दाहिनी ओर है। यदि श्रेणी की तुल्यधारिता C1 हो तो दिये गये चित्र के संयोजन को नीचे दिये गये चित्र द्वारा प्रतिस्थापित
कर सकते हैं। इस प्रकार A व B के मध्य तुल्यधारिता \(\left[\mathrm{C}+\frac{\mathrm{CC}_1}{\mathrm{C}+\mathrm{C}_1}\right]\)
होगी। परन्तु धारिता का यह मान मूल श्रेणी की तुल्यधारिता C1 के ही बराबर है। अतः
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प्रश्न 14.
एक गोलाकार संधारित्र के गोलों के बीच भरे माध्यम का परावैद्युतांक 7 है। इसके गोलों की त्रिज्यायें क्रमशः 50 सेमी. तथा 60 सेमी. हैं। संधारित्र की धारिता का मान ज्ञात कीजिए।
हल-गोलीय संधारित्र के आन्तरिक गोले की त्रिज्या a = 50 सेमी. = 0.50 मीटर, बाह्य गोले की त्रिज्या b = 60 सेमी. = 0.60 मीटर तथा दोनों गोलों के बीच माध्यम का परावैद्युतांक K = 7 इसलिए गोलीय संधारित्र की धारिता
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प्रश्न 15.
समान्तर पट्ट वायु संधारित्र की धारिता 10 μF है। इस संधारित्र को चित्र के अनुसार दो बराबर भागों में विभाजित करके \(\epsilon_{r_1}=2\) तथा \(\epsilon_{\boldsymbol{r}_2}=4\) परावैद्युतांक वाले माध्यम से भर दिया जाता है। इस निकाय की धारिता का मान ज्ञात कीजिए।
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हल-यहाँ पर प्रत्येक भाग को एक संधारित्र के तुल्य लिया जा सकता है। दोनों संधारित्रों की ऊपर वाली प्लेटें बैटरी के धनाग्र से व नीचे की प्लेटें ऋणाग्र से जुड़ी हैं। अतः कल्पित दोनों संधारित्रों को परस्पर समान्तर संयोजन में जुड़ा मानकर प्रथम संधारित्र की धारिता
C1 = द्वितीय संधारित्र की धारिता C2 = \(\frac{\epsilon_{\mathrm{r}_2} \in_0 \mathbf{A} / 2}{\mathrm{~d}}\) अतः संयोजन की कुल धारिता
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प्रश्न 16.
4 सेमी. व 7 सेमी. के दो चालक गोलों पर आवेश की मात्राएँ क्रमशः 500 माइक्रो कूलॉम और 60 माइक्रो कूलॉम हैं। चालकों को परस्पर जोड़ने पर विद्युत स्थितिज ऊर्जा हानि की गणना कीजिए।
हल-निकाय की कुल प्रारम्भिक विद्युत ऊर्जा
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प्रश्न 17.
दो समान आवेश घनत्व वाले चालकों A तथा B की त्रिज्याएँ क्रमशः R1 व R2 (R1 >R2) हैं। चालकों को नगण्य धारिता के चालक तार से जोड़ा जाता है तो ज्ञात कीजिए-
(अ) आवेश किस चालक से किसकी ओर प्रवाहित होगा?
(ब) आवेश पुनर्वितरण के पश्चात् चालकों पर आवेश का अनुपात क्या होगा?
हल-(अ) यदि आवेश पुनर्वितरण से पूर्व चालकों A व B पर
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समीकरण (iii) से \(\frac{\mathrm{Q}_1}{\mathrm{Q}_2}\) का मान रखने पर
यहाँ R1 > R2 है, अतः गोले A पर विभव का मान (V1) गोले B पर विभव के मान (V2) से अधिक होगा। अतः आवेश; उच्चविभव के चालक A से निम्न विभव के चालक B की ओर प्रवाहित होगा।
(ब) आवेश पुनर्वितरण के पश्चात् गोलों पर आवेश की मात्राओं का अनुपात उनकी धारिताओं के अनुपात के तुल्य होगा। अर्थात
\(\frac{Q_1}{Q_2}=\frac{C_1}{C_2}=\frac{4 \pi \epsilon_0 R_1}{4 \pi \epsilon_0 R_2}=\frac{R_1}{R_2}\)

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प्रश्न 18.
एक अनावेशित संधारित्र को बैटरी से जोड़ा जाता है। दर्शाइये कि संधारित्र को आवेशित करने के लिए बैटरी द्वारा प्रयुक्त की गई ऊर्जा का आधा भाग ऊष्मा के रूप में क्षय होता है।
हल-किसी V विद्युत वाहक बल की बैटरी द्वारा C धारिता के संधारित्र को Q आवेश से आवेशित करने के लिए बैटरी द्वारा किये गये कार्य का मान W = QV होगा।
वस्तुतः यह कार्य बैटरी द्वारा संधारित्र को आवेशित करने की प्रक्रिया में खर्च की गई ऊर्जा है। इसमें जो ऊर्जा संधारित्र में संचित ऊर्जा के तुल्य होगी, वह है U = \(\frac{1}{2}\)CV2 = \(\frac{1}{2}\)QV
तथा शेष ऊर्जा = QV – \(\frac{1}{2}\)QV = \(\frac{1}{2}\)QV जो ऊष्मा के रूप में क्षय हो जायेगी। अतः बैटरी द्वारा आवेशन प्रक्रिया में खर्च की गई ऊर्जा का आधा भाग ऊष्मा के ऊर्जा के रूप में क्षय होता है।

प्रश्न 19.
समान धारिता की दो संधारित्र चित्रानुसार (चित्र) एक बैटरी से जुड़ी हुई हैं। स्विच S प्रारम्भ में बन्द अवस्था में है। अब स्विच S को खुला कर संधारित्र की प्लेटों के मध्य ∈r = 3 परावैद्युतांक के पदार्थ को भरा जाता है। परावैद्युत पदार्थ को रखने से पूर्व व उसके पश्चात् संधारित्रों में संग्रहित विद्युत ऊर्जा के मानों का अनुपात ज्ञात कीजिए।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 2 स्थिर वैद्युत विभव तथा धारिता 51
हल-प्रारम्भ में स्विच S बन्द होने पर दोनों संधारित्रों के समान्तर क्रम में जुड़े होने के कारण, ये दोनों समान विभव V पर होंगे।
अर्थात् = Ui = \(\frac{1}{2}\)C1V2
= \(\frac{1}{2}\)(C1 + C2) V2 = CV2 ………..(i)
जब स्विच S को खुला रखकर संधारित्र की प्लेटों के मध्य परावैद्युत पदार्थ रखा जाता है तब प्रत्येक संधारित्र की धारिता ∈r गुणा हो जायेगी और चूँकि संधारित्र A अब भी बैटरी से जुड़ा है। अतः इस पर विभवान्तर का मान प्रारम्भिक विभवान्तर के मान V के तुल्य होगा जबकि संधारित्र B पर विभवान्तर का नया मान V’ = [/latex]\frac{\mathrm{V}}{\epsilon_{\mathrm{r}}}[/latex] हो जायेगा एवं आवेश स्थिर रहेगा। अतः इस स्थिति में निकाय की विद्युत ऊर्जा होगी-
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प्रश्न 20.
X एवं Y दो समान्तर प्लेट संधारित्र हैं, जिनकी प्लेटों का क्षेत्रफल एवं उनके बीच की दूरी समान है। X की प्लेटों के मध्य वायु है और Y की प्लेटों के मध्य K = 5 परावैद्युतांक वाला परावैद्युत माध्यम है। (चित्र में)
(a) X एवं Y की प्लेटों के मध्य विभवान्तर की गणना कीजिए।
(b) X एवं Y में संचित वैद्युत स्थितिज ऊर्जाओं का अनुपात क्या है?
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हल-(a) वायु संधारित्र X की धारिता
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प्रश्न 21.
चित्र में दर्शाए अनुसार तीन परिपथों, जिनमें प्रत्येक स्विच S और दो संधारित्र लगे हैं, को प्रारम्भ में आवेशित किया जाता है। स्विच को बन्द करने पर किस परिपथ में बार्यी ओर दिए गए संधारित्र में आवेश
(i) बढ़ेगा,
(ii) घटेगा और
(iii) अपरिवर्तित रहेगा? कारण दीजिए।
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हल-आवेश संरक्षण के नियम से
माना q1 तथा q2 दो आवेश हैं जो कि संधारित्र के बायीं तरफ तथा दायीं तरफ है।
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अतः बायें संधारित्र पर आवेश का मान अपरिवर्तित रहता है।
(b) दूसरे परिपथ के लिये
6Q + 3Q = CV + CV
उभयनिष्ठ विभवान्तर, V = \(\frac{9 \mathrm{Q}}{2 \mathrm{C}}\)
स्विच (S) की बन्द करने के बाद बायें संधारित्र पर संधारित्र का मान
q1 = CV
= C × \(\frac{9 \mathrm{Q}}{2 \mathrm{C}}\) = 4.5 Q
इसलिये परिपथ (b) में बायें संधारित्र पर आवेश का मान घटेगा।
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HBSE 12th Class Chemistry Solutions Haryana Board

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HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण

Haryana State Board HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण Important Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण

वस्तुनिष्ठ प्रश्न:

प्रश्न 1.
प्रेरित वि.वा. बल की दिशा ज्ञात की जाती है:
(अ) ऐम्पियर के नियम द्वारा
(ब) फ्लेमिंग के बायें हाथ के नियम से
(स) फ्लेमिंग के दायें हाथ के नियम से
(द) लेन्ज के नियम से
उत्तर:
(द) लेन्ज के नियम से

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण

प्रश्न 2.
लेन्ज का नियम देता है:
(अ) प्रेरित विद्युत वाहक बल का परिमाण
(ब) प्रेरित धारा की दिशा
(स) प्रेरित धारा का परिमाण व दिशा दोनों
(द) प्रेरित धारा का परिमाण
उत्तर:
(ब) प्रेरित धारा की दिशा

प्रश्न 3.
लेन्ज का नियम जिस भौतिक राशि के संरक्षण पर आधारित होता है, वह है:
(अ) आवेश
(ब) संवेग
(स) द्रव्यमान
(द) ऊर्जा
उत्तर:
(द) ऊर्जा

प्रश्न 4.
एक क्षेत्रीय रेखाचित्र में प्रदर्शित है। यह क्षेत्र प्रदर्शित नहीं करता:
(अ) चुम्बकीय क्षेत्र
(ब) स्थिर-वैद्युत क्षेत्र
(स) प्रेरित विद्युत क्षेत्र
(द) गुरुत्वीय क्षेत्र
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण 1
(संकेत-स्थिर-वैद्युत तथा गुरुत्वीय क्षेत्र बन्द लूप नहीं बनाते।)
उत्तर:
(ब) स्थिर-वैद्युत क्षेत्र

प्रश्न 5.
किसी क्षण ‘ t’ पर एक कुण्डली से सम्बन्धित फ्लक्स दिया गया है ¢ = 10t2 – 50t + 250 तो t= 3 ऊपर प्रेरित वि. वा. बल
(अ) 190 V
(ब) -190 V
(स) 10V
(द) 10V
उत्तर:
(स) 10V

प्रश्न 6.
ताँबे के तार की कुण्डली व एक तार AB चित्रानुसार तार में प्रवाहित धारा I का कागज के तल में स्थित है।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण 2
मान यदि बढ़ रहा हो तो कुण्डली में प्रेरित धारा की दिशा होगी:
(अ) वामावर्त
(ब) दक्षिणावर्त
(स) प्रेरित धारा उत्पन्न नहीं होगी
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) दक्षिणावर्त

प्रश्न 7.
संलग्न चित्र में चालक छड़ AB को धारावाही तार MN के द्वारा उत्पन्न चुम्बकीय में धारा के समान्तर दिशा में चलाया जा रहा है। छड़ AB में उत्पन्न प्रेरित धारा की दिशा होगी:
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण 3
(अ) A → B
(ब) B → A
(स) प्रेरित धारा उत्पन्न नहीं होगी
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) A → B

प्रश्न 8.
संलग्न चित्र में जब कुंजी k को बन्द किया जाता है तो कुण्डली B में प्रेरित धारा की दिशा होगी:
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण 4
(अ) वामावर्त तथा क्षणिक
(ब) दक्षिणावर्त तथा क्षणिक
(स) वामावर्त तथा लगातार
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) वामावर्त तथा क्षणिक

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण

प्रश्न 9.
निम्नलिखित में से किसके द्वारा अधिकतम वि.वा. बल उत्पन्न होगा:
(अ) 50A dc
(ब) 50A 50Hz ac
(स) 50 A 500 Hz ac
(द) 100 A dc.
उत्तर:
(स) 50 A 500 Hz ac

प्रश्न 10.
एक 2 मीटर लम्बा तार 0.5 वेबर/ मी2 के चुम्बकीय क्षेत्र लम्बवत 1 मीटर / से. के वेग से के गतिमान है। उसमें प्रेरित विद्युत वाहक बल का मान होगा:
(अ) 0.5 वोल्ट
(ब) 2 वोल्ट
(स) 0.1 वोल्ट
(द) 1 वोल्ट
उत्तर:
(द) 1 वोल्ट

प्रश्न 11.
L भुजा व R प्रतिरोध का वर्गाकार चालक लूप अपनी एक भुजा के लम्बवत एकसमान वेग से अपने तल में गति कर रहा है, जहाँ चुम्बकीय प्रेरण B है जो आकाश व समय में नियत है तथा लूप के तल के लम्बवत अन्दर की ओर है लूप में प्रेरित धारा है:
(अ) \(\frac{\mathrm{BL} v}{\mathrm{R}}\) दक्षिणावर्त
(ब) \(\frac{\mathrm{BL} v}{\mathrm{R}}\) वामावर्त
(स) \(\frac{2 \mathrm{BL} v}{\mathrm{R}}\) वामावर्त
(द) शून्य
उत्तर:
(द) शून्य

प्रश्न 12.
एक ताँबे की वलय को क्षैतिज रखा जाता है तथा एक छड़ चुम्बक को वलय की अक्ष की दिशा में गिराया जाता है। गिरते हुए चुम्बक का त्वरण होगा:
(अ) गुरुत्वीय त्वरण के बराबर
(ब) गुरुत्वीय त्वरण से कम
(स) गुरुत्वीय त्वरण से अधिक
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) गुरुत्वीय त्वरण से कम

प्रश्न 13.
चित्रानुसार एक चालक छड़ AB नियत वेग v से एकसमान चुम्बकीय नियत वेग क्षेत्र में गतिशील है:
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण 5
(अ) छड़ विद्युत आवेशित हो जायेगी
(ब) छड़ जूल ऊष्मा के कारण गर्म हो जायेगी
(स) छड़ का सिरा A धनावेशित होगा
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(स) छड़ का सिरा A धनावेशित होगा

प्रश्न 14.
एक चालक लूप को एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में इस प्रकार रखा जाता है कि इसका तल चुम्बकीय क्षेत्र के प्रेरित वि. वा. बल उत्पन्न होगा यदि:
(अ) लूप की क्षेत्र में गति स्थानान्तरीय हो
(ब) लूप अपनी अक्ष पर घूर्णन करे
(स) लूप अपने व्यास के सापेक्ष घूर्णन करे
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(स) लूप अपने व्यास के सापेक्ष घूर्णन करे

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण

प्रश्न 15.
चित्रानुसार एक चालक तार AB (लम्बाई l) दो समान्तर पटरियों P तथा Q पर वेग से गतिशील है। पटरियों के तल के लम्बवत् नीचे की ओर एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र लगाया लम्बवत् है, लूप में
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण 6
गया है। छड़ का वेग नियत बनाये रखने के लिए आवश्यक बल का मान होगा:
(अ) शून्य
(ब) I/B
(स) I/B sin θ
(द) इनमें से
उत्तर:
(अ) शून्य

प्रश्न 16.
निम्न में से किसकी विमा [M1 L2T-3 A-1] नहीं है:
(अ) \(\int \overrightarrow{\mathrm{E}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{d} l}\)
(ब) VBl
(स) \(\frac{\mathrm{d} \phi_{\mathrm{B}}}{\mathrm{dt}}\)
(द) \(\phi_{\mathrm{B}}\)
उत्तर:
(द) \(\phi_{\mathrm{B}}\)

प्रश्न 17.
दो कुण्डलियों के बीच अन्योन्य प्रेरण गुणांक का मान 2.5 H है। यदि एक कुण्डली में धारा का मान 1 A/s की दर से परिवर्तित होता हो तो द्वितीयक कुण्डली में प्रेरित वि. वा. बल का मान होगा-
(अ) 2.5 mV
(ब) 2.5 V
(स) 2.5 m
(द) शून्य
उत्तर:
(ब) 2.5 V

प्रश्न 18.
संलग्न चित्र में तार AB में एक नियत मान की धारा प्रवाहित हो रही है। कुण्डली A में प्रवाहित प्रेरित धारा की दिशा होगी:
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण 7
(अ) वामावर्त
(ब) दक्षिणावर्त
(स) प्रेरित धारा प्रवाहित नहीं होगी
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(स) प्रेरित धारा प्रवाहित नहीं होगी

प्रश्न 19.
प्रेरकत्व का कौन-सा मात्रक त्रुटिपूर्ण है:
(अ) \(\frac{\mathrm{Wb}}{\mathrm{A}}\)
(ब) \(\frac{V-s}{A^2}\)
(स) \(\frac{\mathrm{J}}{\mathrm{A}^2}\)
(द) Ω – s
उत्तर:
(ब) \(\frac{V-s}{A^2}\)

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण

प्रश्न 20.
संलग्न चित्र में एक इलेक्ट्रॉन A से B की ओर गतिशील हो तो लूप में प्रेरित धारा की दिशा होगी-
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण 8
(अ) पहले वामावर्त तथा C को पार करने के पश्चात् दक्षिणावर्त
(ब) पहले दक्षिणावर्त तथा C को पार करने के पश्चात् वामावर्त
(स) वामावर्त
(द) दक्षिणावर्त
उत्तर:
(अ) पहले वामावर्त तथा C को पार करने के पश्चात् दक्षिणावर्त

प्रश्न 21.
5 ओम प्रतिरोध वाले बन्द परिपथ से सम्बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स का तात्क्षणिक मान निम्न सम्बन्ध से व्यक्त किया जाता है:
¢B = 6t2 – 5t + 1
तो t = 0.25 सेकण्ड पर परिपथ में प्रेरित धारा का मान ऐम्पियर में होगा:
(अ) 2.4
(ब) 1.6
(स) 0.4
(द) 1.2
उत्तर:
(स) 0.4

प्रश्न 22.
दो कुण्डलियों को एक-दूसरे निकट रखा है, तो कुण्डली के युग्म का अन्योन्य प्रेरण गुणांक निर्भर करता है:
(अ) दोनों कुण्डलियों में धारा परिवर्तन की दर
(ब) दोनों कुण्डलियों की आपेक्षिक स्थिति पर
(स) दोनों कुण्डलियों के तारों के पदार्थ पर
(द) दोनों कुण्डलियों में धारा पर
उत्तर:
(ब) दोनों कुण्डलियों की आपेक्षिक स्थिति पर

प्रश्न 23.
l लम्बाई की धातु की छड़ को चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत रखकर f आवृत्ति से वृत्ताकार पथ पर घूर्णन कराने पर छड़ के किनारों के बीच विभवान्तर होगा:
(अ) \(\frac{B}{f}\)
(ब) \(\frac{\pi l^2 \mathrm{~B}}{\mathrm{f}}\)
(स) \(\frac{\mathrm{B} l}{\mathrm{f}}\)
(द) πl2Bf
उत्तर:
(द) πl2Bf

प्रश्न 24.
स्वप्रेरण गुणांक की विमा होती है:
(अ) ML2T-3A-2
(ब) M2LT-2A-2
(स) M0L2T-3 A-2
(द) ML2T-2A-2
उत्तर:
(द) ML2T-2A-2

प्रश्न 25.
समीपवर्ती दो कुण्डलियों का अन्योन्य प्रेरकत्व 4.0 H (हेनरी) है। यदि प्राथमिक कुण्डली में धारा 5 ऐम्पियर से 102 सैकण्ड में शून्य हो जाती है, तो द्वितीयक कुण्डली में प्रेरित वि. वा. बल का मान होगा:
(अ) 0.20 वोल्ट
(ब) – 2000 वोल्ट
(स) 2000 वोल्ट
(द) -0.20 वोल्ट
उत्तर:
(ब) – 2000 वोल्ट

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण

प्रश्न 26.
l भुजा का एक वर्गाकार लूप समरूप चुम्बकीय क्षेत्र B के लम्बवत् नियत वेग से चलाया जाता है। प्रेरित विद्युत वाहक बल का मान होगा:
(अ) VBI
(ब) \(\frac{\mathrm{B} l}{\mathrm{v}}\)
(स) \(\frac{\mathrm{v} l}{\mathrm{B}}\)
(द) शून्य
उत्तर:
(अ) VBI

प्रश्न 27.
चुम्बकीय ध्रुवों के बीच एक आयताकार कुण्डली समान कोणीय वेग से घूर्णन गति कर रही है, तो कुण्डली में से गुजरने वाले चुम्बकीय फ्लक्स व प्रेरित विद्युत वाहक बल (e) का समय (t) के साथ परिवर्तन का सही ग्राफ है:
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण 9
उत्तर:
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण 10

प्रश्न 28.
भँवर धाराओं का प्रयोग निम्नलिखित में से किसमें नहीं होता है:
(अ) चल कुण्डल धारामापी
(ब) विद्युत ब्रेक
(स) प्रेरण मोटर
(द) डायनामो
उत्तर:
(द) डायनामो

प्रश्न 29.
विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदला जाता है
(अ) विद्युत मोटर से
(ब) विद्युत इस्तरी से
(स) विद्युत जनित्र से
(द) सीसा संचायक सेल से
उत्तर:
(अ) विद्युत मोटर से

प्रश्न 30.
लम्बाई L की एक तांबे की छड़ एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र B में कोणीय वेग से घुमाई जाती है। घूर्णन अक्ष B के समानान्तर व छड़ के एक सिरे से पारित है। छड़ के सिरों के मध्य उत्पन्न वि. वा. बल होगा:
(अ) BπL2
(ब) 1⁄2- BoL2
(स) 1⁄2-BOL
(द) शून्य
उत्तर:
(ब) 1⁄2- BoL2

प्रश्न 31.
दो कुण्डलियों का अन्योन्य प्रेरकत्व M है। यदि पहली कुण्डली मेंt समय में धारा के मान में परिवर्तन I हो तो दूसरी कुण्डली में प्रेरित वि. वा. बल होगा:
(अ) MIt
(ब) \(\frac{\mathrm{MI}}{\mathrm{t}}\)
(स) \(\frac{\mathrm{Mt}}{\mathrm{I}}\)
(द) \(\frac{\mathrm{i}}{\mathrm{MIt}}\)
उत्तर:
(ब) \(\frac{\mathrm{MI}}{\mathrm{t}}\)

प्रश्न 32.
एक प्रेरण कुण्डली में जब धारा 1 मिली. सेकण्ड में 3 ऐम्पियर से 2 ऐम्पियर तक परिवर्तित होती है तो उसमें 5 वोल्ट का विद्युत वाष्प है। कुण्डली का स्व-प्रेरकत्व होगा:
(अ) शून्य
(ब) 5 मिली. हेनरी
(स) 5 किलो हेनरी
(द) 5 हेनरी
उत्तर:
(ब) 5 मिली. हेनरी

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण

प्रश्न 33.
किसी कुण्डली का स्व-प्रेरकत्व कम होगा, जबकि:
(अ) कुण्डली में प्रवाहित धारा कम हो
(ब) चुम्बकीय क्षेत्र बहुत दुर्बल हो
(स) कुण्डली का तल चुम्बकीय क्षेत्र के अनुदिश हो
(द) कुण्डली को प्रतिचुम्बकीय पदार्थ पर लपेटा जाये
उत्तर:
(द) कुण्डली को प्रतिचुम्बकीय पदार्थ पर लपेटा जाये

प्रश्न 34.
ट्रान्सफॉर्मर किस सिद्धान्त पर आधारित है:
(अ) चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धान्त पर
(ब) विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धान्त पर
(स) स्वप्रेरण के सिद्धान्त पर
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं

प्रश्न 35.
यदि एक कुण्डली में तात्कालिक चुम्बकीय फ्लक्स का मान BA cosωt हो, तो उसमें प्रेरित विद्युत वाहक बल का मान होगा:
(अ) sinωt
(ब) B ω/A sinωt
(स) BA sin ωt
(द) BA cos ωt
उत्तर:
(स) BA sin ωt

प्रश्न 36.
किसी पदार्थ में भँवर धारायें उत्पन्न होती हैं जब उसे:
(अ) गर्म किया जाता है
(ब) विद्युत क्षेत्र में रखा जाता है
(स) एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है
(द) समय के साथ परिवर्तनशील चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है।
उत्तर:
(द) समय के साथ परिवर्तनशील चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है।

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1.
जब किसी कुण्डली से गुजरने वाले चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन होता है तो क्या सदैव प्रेरित (i) विद्युत वाहक बल (ii) धारा उत्पन्न होती है?
उत्तर:
प्रेरित विद्युत वाहक बल सदैव उत्पन्न होता है, लेकिन प्रेरित विद्युत धारा तब ही उत्पन्न होती है जब कुण्डली का परिपथ बन्द होगा।

प्रश्न 2.
चुम्बकीय फ्लक्स का SI मात्रक और विमा सूत्र लिखिये।
उत्तर:
SI मात्रक वेबर और विमा सूत्र = ML2T-2A-1

प्रश्न 3.
किसी कुण्डली में प्रेरित धारा किन-किन बातों पर निर्भर करती है?
उत्तर:
यह निम्न बातों पर निर्भर करती है:
(i) कुण्डली में फेरों की संख्या,
(ii) कुण्डली का प्रतिरोध,
(iii) कुण्डली में फ्लक्स परिवर्तन की दर।

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प्रश्न 4.
किसी चुम्बकीय क्षेत्र में रखी किसी कुण्डली से सम्बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स किन-किन बातों पर निर्भर करता है?
उत्तर:
जब कोई कुण्डली किसी बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र में रखी जाती है, तो उससे संबद्ध चुम्बकीय फ्लक्स निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है-
∵ ΦB = NBA cos θ
(i) कुण्ड के तल के क्षेत्रफल A पर
(ii) चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता B पर
(iii) कुण्डली की अक्ष द्वारा चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा से बनाये गये कोण 6 पर
(iv) N फेरों की संख्या।

प्रश्न 5.
यदि किसी लूप का तल चुम्बकीय क्षेत्र के समान्तर रखा गया हो तो लूप से सम्बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स का मान क्या होगा?
उत्तर:
शून्य चूँकि ΦB = BdA cos 90° = 0

प्रश्न 6.
किसी कुण्डली में संग्रहित ऊर्जा का क्या रूप होता है?
उत्तर:
चुम्बकीय ऊर्जा।

प्रश्न 7.
क्या किसी कुण्डली में प्रेरित वि.वा. बल का मान परिपथ के प्रतिरोध पर निर्भर करता है?
उत्तर:
नहीं। (चूँकि प्रेरित विद्युत वाहक बल का मान सिर्फ चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन की दर पर निर्भर करता है। )

प्रश्न 8.
लेंज का नियम किस भौतिक राशि के संरक्षण पर आधारित होता है?
उत्तर:
ऊर्जा संरक्षण

प्रश्न 9.
प्रेरित वि. वा. बल की दिशा किस नियम से ज्ञात की जाती है?
उत्तर:
लेंज के नियम से।

प्रश्न 10.
किसी धातु को परिवर्ती चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर क्या भँवर धारायें उत्पन्न होंगी?
उत्तर:
हाँ, भँवर धारायें उत्पन्न होंगी।

प्रश्न 11.
किसी कुण्डली का स्वप्रेरकत्व या स्वप्रेरण गुणांक 1 H है। इससे आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
ε = -Ldl/dt
यहाँ पर L = 1 है।
∵ ε = -Ldl/dt
अर्थात् 1 ऐम्पियर / से की दर से धारा परिवर्तन होने पर । वोल्ट का विद्युत वाहक बल प्रेरित होगा।

प्रश्न 12.
दो एकसमान समाक्षीय वृत्ताकार कुण्डलियों में समान धारायें एक ही दिशा में प्रवाहित हो रही हैं। यदि दोनों कुण्डलियों को एक-दूसरे की ओर लाया जाये तो धाराओं में क्या परिवर्तन होगा?
उत्तर:
प्रत्येक कुण्डली में धारा घटेगी (लेंज के नियम से)।

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प्रश्न 13.
एक धातु का सिक्का तथा एक अधातु का सिक्का एक ही ऊँचाई से पृथ्वी तल के समीप छोड़े गये हैं। कौन-सा पहले पृथ्वी पर पहुँचेगा?
उत्तर:
गिरते हुए धातु के सिक्के में पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के कारण उत्पन्न भंवर धारायें टुकड़े की गति का विरोध करती हैं। अतः धातु का टुकड़ा (गुरुत्वीय त्वरण के सापेक्ष) कम त्वरण से गिरता है. परन्तु अधातु के टुकड़े में भँवर धारायें नहीं होंगी, अतः वह गुरुत्वीय त्वरण से गिरता है अतः अधातु का सिक्का पृथ्वी पर पहले पहुँचेगा।

प्रश्न 14.
एक ऋजुरेखीय चालक तार में विद्युत वाहक बल के एक स्रोत के कारण एक नियत धारा बायीं से दायीं ओर बह रही है। जब स्रोत का स्विच बन्द कर देते हैं, तो तार में प्रेरित धारा की दिशा होगी-
उत्तर:
बायीं से दायीं ओर (स्विच बन्द करने पर उत्पन्न प्रेरित वि. वा. बल की दिशा वही होती है जिस दिशा में धारा बहती है)।

प्रश्न 15.
प्रतिरोध बॉक्स में प्रयुक्त प्रतिरोध तार दुहरा मोड़ कर कुण्डली के रूप में लगाये जाते हैं क्यों?
उत्तर:
स्वप्रेरण प्रभाव के निराकरण के लिये।

प्रश्न 16.
जब किसी कुण्डली के पास छड़ चुम्बक का दक्षिणी ध्रुव लाया जाता है तो कुण्डली में प्रेरित धारा की दिशा क्या होगी ? कारण सहित समझाओ।
उत्तर:
दक्षिणावर्त होगी, क्योंकि इससे कुण्डली के सिरों पर दक्षिण ध्रुव बनेगा जो लेंज के नियम के अनुसार चुम्बक के दक्षिणी ध्रुव के आगे बढ़ने की गति का विरोध करेगा।

प्रश्न 17.
ट्रान्सफॉर्मर, डायनेमो इत्यादि की क्रोड पटलित क्यों होती है?
उत्तर:
क्रोड में भंवर धाराओं के कारण ऊर्जा का हास कम हो जाता है।

प्रश्न 18.
यदि किसी प्रेरकत्व में धारा का मान दुगुना कर दिया जाता है तो संग्रहित ऊर्जा कितने गुना हो जायेगी?
उत्तर:
हम जानते हैं कि किसी कुण्डली में संग्रहित चुम्बकीय ऊर्जा
U = \(\frac{1}{2}\) LI2θ
यदि धारा का मान दुगुना करने पर
U = \(\frac{1}{2}\) LI2I0 = 4 x \(\frac{1}{2}\) LI2
U’= 4U
अतः संग्रहित ऊर्जा का मान चार गुना होगा।

प्रश्न 19.
धारामापी के क्रोड में भँवर धाराओं के प्रभाव को किस प्रकार कम किया जा सकता है?
उत्तर:
क्रोड को पटलित लेकर।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण

प्रश्न 20.
क्या कारण है कि दोलन करती हुई चुम्बकीय सूई के ठीक नीचे ताँबे की प्लेट रखने पर चुम्बकीय सूई शीघ्रता से रुक जाती है, जबकि काँच की प्लेट नीचे रखने पर चुम्बकीय सूई नहीं रुकती है?
उत्तर:
इसका मुख्य कारण यह है कि ताँबे की प्लेट में भँवर धारायें प्रेरित होती हैं जो चुम्बकीय सूई के दोलनों का विरोध करती हैं, जबकि काँच की प्लेट में भँवर धारायें उत्पन्न नहीं होती हैं।

प्रश्न 21.
एक कुण्डली के मध्य में लोहे का क्रोड लगाने की स्थिति में उसके स्वप्रेरकत्व के मान पर क्या प्रभाव होगा?
उत्तर:
स्वप्रेरकत्व का मान बढ़ जायेगा।

प्रश्न 22.
तीन कारकों (factors) के नाम लिखिये जिन पर किसी कुण्डली का स्व-प्रेरण गुणांक निर्भर करता है।
उत्तर:
(i) कुण्डली की अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल,
(ii) कुण्डली में फेरों की संख्या,
(iii) कुण्डली के अन्दर रखी क्रोड की चुम्बकशीलता।

प्रश्न 23.
स्व-प्रेरकत्व पर क्रोड का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
बढ़ जाता है।

प्रश्न 24.
भँवर धाराओं का कोई एक उपयोग लिखिये।
उत्तर:
रुद्ध दोलन (dead beat ) चल कुण्डली धारामापी।

प्रश्न 25.
स्व-प्रेरण को विद्युत का जड़त्व क्यों कहते हैं?
उत्तर:
स्व-प्रेरण किसी कुण्डली का वह गुण है जिसके कारण यह इसके बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स को बनाये रखने के लिए प्रयत्नशील रहती है अर्थात् फ्लक्स में परिवर्तन का विरोध करती है। यह गुण यान्त्रिकी में जड़त्व के अनुरूप है अतः स्व-प्रेरण को विद्युत का जड़त्व कहते हैं।

प्रश्न 26.
दो कुण्डलियों को किस प्रकार लपेटना चाहिये कि प्रेरित वि. वा. बल का मान अधिकतम हो।
उत्तर:
एक कुण्डली के ऊपर दूसरी कुण्डली को लपेट लेना चाहिये जिससे प्रेरित वि.वा. बल अधिकतम हो जायेगा।

प्रश्न 27.
क्या रेलगाड़ी में बैठे व्यक्ति के द्वारा रेलगाड़ी की धुरी में उत्पन्न प्रेरित वि. वा. बल का मापन सम्भव है?
उत्तर:
नहीं, क्योंकि यात्री के सापेक्ष गाड़ी स्थिर है। = 0 होने से प्रेरित वि. वा. बल शून्य होगा।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण

प्रश्न 28.
यदि किसी चालक को चुम्बकीय क्षेत्र के समान्तर गतिशील किया जाये तो क्या इसमें प्रेरित धारा उत्पन्न होगी?
उत्तर:
नहीं, क्योंकि इस स्थिति में चालक से सम्बन्धित चुम्बकीय फ्लक्स का मान नहीं बदलता है।

प्रश्न 29.
किसी कुण्डली के स्व-प्रेरकत्व गुणांक का सूत्र लिखो।
उत्तर:
L = \(\frac{\mu_0 \pi \mathrm{N}^2 \mathrm{R}}{2}\) हेनरी

प्रश्न 30.
वोल्ट सेकण्ड किस भौतिक राशि का मात्रक है? समझाइये
उत्तर:
ε = \(\frac{\Delta \phi}{\Delta t}\)
से ∆Φ = ε x At
चुम्बकीय फ्लक्स का मात्रक = प्रेरित विद्युत वाहक बल ६ का मात्रक x समय का मात्रक = वोल्ट सेकण्ड

प्रश्न 31.
फैराडे का वैद्युतचुम्बकीय प्रेरण का नियम लिखिए।
उत्तर:
फैराडे ने विद्युत चुम्बकीय प्रेरण की घटना पर आधारित दो महत्त्वपूर्ण नियम दिये:
I. फैराडे का प्रथम नियम – “इस नियम के अनुसार जब किसी कुण्डली से सम्बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स के मान में परिवर्तन होता है तो कुण्डली में प्रेरित वि.वा. बल तथा प्रेरित धारा उत्पन्न होती है।” उत्पन्न प्रेरित वि. वा. बल तब तक ही उत्पन्न होता है जब तक कि चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन होता रहता है।
II. फैराडे का द्वितीय नियम- इस नियम के अनुसार कुण्डली में उत्पन्न प्रेरित वि. वा. बल फ्लक्स में परिवर्तन की दर के समानुपाती होता है।”

प्रश्न 32.
निम्न चित्र में दो कुंडली AB व CD के बीच एक छड़ चुम्बक NS को तीर की दिशा में चलाने पर किस कुंडली में प्रेरित धारा बायीं ओर से देखने पर वामावर्ती होगी?
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण 11
उत्तर:
AB ↑↓ वामावर्त्त।

लघुत्तरात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1.
किसी बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र में स्थित कुण्डली से संबद्ध चुम्बकीय फ्लक्स पर क्या प्रभाव पड़ेगा यदि-
(i) कुण्डली में फेरों की संख्या बढ़ा दी जाये?
(ii) कुण्डली के तल का क्षेत्रफल बढ़ा दिया जाये?
(iii) कुण्डली के चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता बढ़ा दी जाये?
उत्तर:
(i) चुम्बकीय फ्लक्स पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि चुम्बकीय फ्लक्स फेरों की संख्या पर निर्भर नहीं करता है।
(ii) चुम्बकीय फ्लक्स का मान बढ़ जायेगा क्योंकि
(iii) चुम्बकीय फ्लक्स बढ़ जायेगा
Φ α A
Φ α B

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण

प्रश्न 2.
किसी कुण्डली में उत्पन्न प्रेरित आवेश तथा प्रेरित धारा संबद्ध चुम्बकीय फ्लक्स परिवर्तन तेजी पर क्या प्रभाव पड़ेगा जब इससे से किया जाये अथवा धीरे-धीरे किया जाये?
उत्तर:
प्रेरित आवेश
q = \(\frac{\mathrm{N} \Delta \phi_{\mathrm{B}}}{\mathrm{R}}\)
तथा प्रेरित धारा I = \(\frac{N \Delta \phi_B}{\mathrm{R} \Delta \mathrm{t}}\) = \(\frac{N\left(\Delta \phi_{\mathrm{B}} / \Delta t\right)}{\mathrm{R}}\)
इन सूत्रों से स्पष्ट है कि प्रेरित आवेश केवल कुल फ्लक्स- परिवर्तन ∆ΦB पर निर्भर करता है, जबकि प्रेरित धारा फ्लक्स परिवर्तन की दर \(\left(\Delta \phi_{\mathrm{B}} / \Delta \mathrm{t}\right)\) पर निर्भर करती है अतः पलक्स परिवर्तन तेजी से अथवा धीरे से करने पर प्रेरित आवेश पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, जबकि धारा बदल जायेगी। फ्लक्स तेजी से करने पर धारा बढ़ेगी तथा धीरे से करने पर धारा घटेगी।

प्रश्न 3.
फैराडे एवं हेनरी के प्रयोग संख्या दो में विचार करके बताइए:
(a) धारामापी में अधिक विक्षेप प्राप्त करने के लिए आप क्या करेंगे?
(b) धारामापी की अनुपस्थिति में आप प्रेरित धारा की उपस्थिति किस प्रकार दर्शाएँगे?
उत्तर:
(a) अधिक विक्षेप प्राप्त करने के लिए निम्न में से एक या अधिक उपाय किए जा सकते हैं-
(i) कुण्डली C2 के अन्दर नर्म लोहे की छड़ का उपयोग करेंगे,
(ii) कुण्डली को एक उच्च शक्ति की बैटरी से जोड़ेंगे,
(iii) परीक्षण कुण्डली C1 की ओर संयोजन को अधिक तेजी से ले जाएंगे।
(b) धारामापी को टॉर्च में उपयोग किए जाने वाले छोटे बल्ब से बदल देंगे। दोनों कुण्डलियों के बीच सापेक्ष गति से बल्ब क्षणिक अवधि के लिए चमकेगा जो प्रेरित धारा के उत्पन्न होने का द्योतक है।

प्रश्न 4.
लेन्ज के नियम में ऋणात्मक चिन्ह का क्या अर्थ है?
उत्तर:
लेन्ज का नियम: “विद्युत चुम्बकीय प्रेरण की प्रत्येक अवस्था में प्रेरित विद्युत वा बल एवं धारा की दिशा सदैव इस प्रकार होती है कि वह उस कारण का विरोध करती है, जिससे उसकी उत्पत्ति हुई है।” फैराडे एवं लेंज के नियम से परिपथ में उत्पन्न प्रेरित विद्युत वाहक बल होगा
ε α – \(\frac{\mathrm{d} \phi}{\mathrm{dt}}\)
ε = – \(\frac{\mathrm{d} \phi}{\mathrm{dt}}\)
यहाँ पर K एक समानुपाती स्थिरांक है जिसका मान होता है। ऋण चिन्ह प्रदर्शित करता है कि प्रेरित वि.वा. बल सदैव फ्लक्स परिवर्तन का विरोध करता है।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण

प्रश्न 5.
एक आयताकार लूप तथा एक वृत्ताकार लूप एक समरूप (uniform) चुम्बकीय क्षेत्र से बाहर की ओर नियत वेग से सामने दिये गये चित्र की भाँति गति कर रहे हैं:
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण 12
चुम्बकीय क्षेत्र लूपों के तल के लम्बवत् है। समझाइए कि चुम्बकीय क्षेत्र से बाहर निकलते हुए किस लूप में प्रेरित विद्युत वाहक बल नियत रहेगा?
उत्तर:
आयताकार लूप को चुम्बकीय क्षेत्र से बाहर नियत वेग v से गति कराते समय इसके क्षेत्रफल परिवर्तन की दर \(\frac{\mathrm{dA}}{\mathrm{dt}}\) नियत
होगी जबकि यह वृत्ताकार लूप के लिये नियत नहीं रहेगी, अतः सूत्र
∈ = – \(\frac{\mathrm{d} \phi}{\mathrm{dt}}\)
= \(\frac{-\mathrm{d}}{\mathrm{dt}}\) (BA)
= – B \(\left(\frac{\mathrm{dA}}{\mathrm{dt}}\right)\)
के आधार पर नियत B के लिये आयताकार लूप में प्रेरित विद्युत बल नियत रहेगा।

प्रश्न 6.
एक संधारित्र C के आर-पार जुड़े एक धात्विक लूप की ओर दो दण्ड चुम्बक तेजी से चित्र की भाँति गति कराये जाते हैं। संधारित्र की धुवता बताइए।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण 13
उत्तर:
लूप का चुम्बक (1) के N ध्रुव की ओर वाला तल N ध्रुव की भाँति तथा चुम्बक (2) के S ध्रुव की ओर वाला तल S ध्रुव की भाँति व्यवहार करना चाहिए जिससे कि लेन्ज के नियमानुसार लूप में प्रेरित धारा चुम्बकों की इसकी ओर गति का विरोध प्रतिकर्षण बल लगाकर कर सके।
अतः चुम्बक (1) की ओर से देखने पर लूप में धारा A से B की ओर (वामावर्त) प्रवाहित होनी चाहिए तथा चुम्बक (2) की ओर से देखने पर धारा दक्षिणावर्त प्रवाहित होगी। अतः संधारित्र C की A प्लेट B प्लेट की अपेक्षा धनात्मक विभव पर होगी। इसलिए A धनात्मक तथा B ऋणात्मक विभव पर होंगे।

प्रश्न 7.
सामने दिये गये चित्र में दो कुण्डलियाँ P Q प्रदर्शित हैं। कुण्डली Q में क्षणिक प्रेरित धारा की दिशा क्या होगी जबकि (i) स्विच K को बन्द किया जाता है। (ii) स्विच
K को कुछ देर बाद पुनः खोला जाता है।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण 14
उत्तर:
(i) वामावर्त (ii) दक्षिणावर्त।

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प्रश्न 8.
एक साइकिल में लगा लैम्प, डायनेमो से जलता है। साइकिल को तेज चलाने पर लैम्प तेज प्रकाश से जलता है तथा धीरे चलाने पर धीमे प्रकाश से जलता है, क्यों?
उत्तर:
डायनेमो विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धान्त पर कार्य करता है। साइकिल को तेज चलाने से डायनेमो में चुम्बकीय फ्लक्स के परिवर्तन की दर \(\left(\frac{\Delta \phi_{\mathrm{B}}}{\Delta t}\right)\) बढ़ जाती है ε α \(\left(\frac{\Delta \phi_{\mathrm{B}}}{\Delta t}\right)\) जिससे प्रेरित वि. वा. बल का मान बढ़ जाता अतः बल्ब तेज प्रकाश से जलता है।
(डायनेमो में प्रेरित विद्युत वाहक बल का सूत्र e = (NBAω) sin ωt है। साइकिल तेज चलने से ७ का मान बढ़ता है तथा धीमे चलने से 60 का मान कम होता है ।)

प्रश्न 9.
चित्र त्रिज्या के वृत्ताकार लूप KLMN में प्रेरित धारा का परिमाण क्या होगा यदि सीधे तार PQ में 1 ऐम्पियर परिमाण की स्थायी धारा प्रवाहित की जाती है?
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण 15
उत्तर:
शून्य, क्योंकि PQ में धारा स्थायी होने से इसके निकट रखे लूप से संबद्ध चुम्बकीय फ्लक्स में कोई परिवर्तन नहीं होगा अतः कोई प्रेरित धारा उत्पन्न नहीं होगी।

प्रश्न 10.
संलग्न चित्र में वृद्धि हो प्रदर्शित तार xy में x से y की ओर वैद्युत धारा के परिमाण में रही है। तार के समीप रखे लूप में क्या कोई धारा प्रेरित होगी?
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण 16
उत्तर:
हाँ, प्रेरित धारा की दिशा दक्षिणावर्त होगी। दायें हाथ के अँगूठे के नियमानुसार तार xy में धारा के कारण लूप से गुजरने वाला चुम्बकीय क्षेत्र लूप के तल के लम्बवत् ऊपर की ओर होगा और लेंज के नियमानुसार लूप में धारा की दिशा ऐसी होगी जो इस क्षेत्र में धारा को बढ़ने (अर्थात् तार xy में धारा के बढ़ने का विरोध करे।

प्रश्न 11.
चुम्बकीय फ्लक्स Φ तथा वैद्युत धारा I के बीच ग्राफ दो प्रेरकों (Inductors) A तथा B के लिए चित्र में दिये गये हैं। किसके लिए स्व-प्रेरकत्व का मान अधिक होगा?
उत्तर:
चूँकि ¢ = LI⇒ L = ¢/I
तथा ¢ = LI ⇒ ó ∝ I, अतः तथा
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण 17
I के बीच ग्राफ सरल रेखा है तथा इसका ढाल 0/1 प्रेरक के स्व- प्रेरकत्व को प्रदर्शित करेगा। चूँकि A के लिए B की अपेक्षा ग्राफ का ढाल अधिक है। अतः A का स्व-प्रेरकत्व अधिक होगा।

प्रश्न 12.
भँवर धाराओं के कोई दो अनुप्रयोग समझाइए।
उत्तर:
भँवर धाराओं के दो अनुप्रयोग:
(1) अवमंदन में भँवर धाराओं के उपयोग से चल कुण्डली धारामापी को रुद्ध दोल बना दिया जाता है। ऐसा करने के लिए चल- कुण्डली धारामापी की कुण्डली को हल्की धातु (जैसे ऐलुमिनियम) की क्रोड पर लपेटा जाता है। जब कुण्डली स्थायी चुम्बक के क्षेत्र में घूमती है तो कुण्डली की क्रोड में भँवर धारायें उत्पन्न होती हैं ये भँवर धारायें लेंज के नियम का पालन करते हुए कुण्डली की घूर्णन गति का विरोध करती हैं जिससे कुण्डली शीघ्र ही विरामावस्था प्राप्त कर लेती है।
(2) प्रेरण भट्टी में प्रेरण भट्टी में जिस धातु को गरम करना या पिघलाना होता है, उसे तीव्र गति से परिवर्तनशील चुम्बकीय क्षेत्र में क्रूसिबल में रख दिया जाता है। यह चुम्बकीय क्षेत्र उच्च आवृत्ति की प्रत्यावर्ती धारा से उत्पन्न किया जाता है। इस विधि से जो भँवर धारायें उत्पन्न होती हैं. उनसे धातु इतनी गरम हो जाती है कि वह पिघल जाये। यह विधि अयस्क में से धातु निष्कर्षण के लिए काम में ली जाती है।

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प्रश्न 13.
L1 व L2 स्वप्रेरकत्व वाली कुण्डलियों के मध्य महत्तम अन्योन्य प्रेरकत्व क्या होगा ?
उत्तर:
जब एक कुण्डली पर दूसरी कुण्डली को लपेटा जाता है। तो दोनों कुण्डलियों के पूर्ण रूप से युग्मित होने के कारण अन्योन्य प्रेरण गुणांक का मान अधिकतम होता है। फलस्वरूप प्रेरित वि. वा. बल का मान भी अधिकतम होता है। जब दोनों कुण्डलियों को किसी अन्य प्रकार से लपेटने पर अन्योन्य प्रेरण गुणांक व प्रेरित वि.वा. बल अधिकतम नहीं हो पाते क्योंकि दोनों कुण्डलियों में फ्लक्स की सम्बद्धता पूर्ण रूप से नहीं होती है। दो कुण्डली जिनके प्रेरकत्व L1 तथा L2 हैं और उनका अन्योन्य प्रेरण M है। तब L1, L2 और M में सम्बन्ध
M = = K√L1L2
जहाँ K कुण्डलियों
(परिनालिकाओं) का युग्मन गुणांक है। आदर्श स्थिति में K = 1
इसलिये M का अधिकतम मान \(\sqrt{\mathrm{L}_1 \mathrm{~L}_2}\) होगा।

प्रश्न 14.
दो कुण्डलियों के बीच अन्योन्य प्रेरण गुणांक किन- किन कारकों पर निर्भर करता है?
उत्तर:
दो कुण्डलियों का अन्योन्य प्रेरण गुणांक जिन कारकों पर निर्भर करता है वे हैं:
(i) कुण्डलियों की ज्यामिति पर जैसे आकार, आकृति, उनके फेरों की संख्या, उनके अनुप्रस्थ काट आदि।
(ii) दो कुण्डलियों के बीच की दूरी।
(iii) दो कुण्डलियों की सापेक्ष दिशाओं पर
(iv) दो कुण्डलियों के क्रोडों के पदार्थ पर

प्रश्न 15.
वास्तविक ट्रान्सफॉर्मर में अल्प ऊर्जा क्षय के कोई दो कारण समझाइए।
उत्तर:
ट्रांसफार्मरों में निम्नलिखित कारणों से अल्प मात्रा में ऊर्जा क्षय होता है:
(i) फ्लक्स क्षरण कुछ फ्लक्स हमेशा क्षरित होता ही रहता है। अर्थात् क्रोड के खराब अभिकल्पन या इसमें रही वायु रिक्ति के कारण प्राथमिक कुण्डली का पूरा फ्लक्स द्वितीयक कुण्डली से नहीं गुजरता है। प्राथमिक और द्वितीयक कुण्डलियों को एक-दूसरे के ऊपर लपेटकर फ्लक्स क्षरण को कम किया जाता है।
(ii) कुण्डलनों का प्रतिरोध- कुण्डलियाँ बनाने में लगे हुए तारों का कुछ न कुछ प्रतिरोध होता ही है और इसलिए इन तारों में उत्पन्न ऊष्मा (I2R) के कारण ऊर्जा क्षय होता है। उच्च धारा, निम्न वोल्टता कुण्डलनों में मोटे तार का उपयोग करके इनमें होने वाली ऊर्जा क्षय को कम किया जा सकता है।
(iii) भँवर धाराएँ – प्रत्यावर्ती चुम्बकीय फ्लक्स लौह क्रोड में भँवर धाराएँ प्रेरित करके इसे गर्म कर देता है। स्तरित क्रोड का उपयोग करके इस प्रभाव को कम किया जाता है।
(iv) शैथिल्य क्षय-प्रत्यावर्ती चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा क्रोड का चुम्बकन बार-बार उत्क्रमित होता है। इस प्रक्रिया में व्यय होने वाली ऊर्जा क्रोड में ऊष्मा के रूप में प्रकट होती है। कम शैथिल्य क्षय वाले पदार्थ का क्रोड में उपयोग करके इस प्रभाव को कम रखा जाता है। (नोट – छात्र यहाँ पर अल्प ऊर्जा क्षय के कोई भी दो कारण दे सकते हैं।)

प्रश्न 16.
विद्युतचुम्बकीय प्रेरण के लेंज नियम का कथन लिखिए। पूर्व से पश्चिम दिशा में स्थित कोई 2 मी. लम्बा सीधा क्षैतिज चालक तार 0.3 x 104 टेसला के पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक के लम्बवत 5 मी/से की चाल से गिर रहा है। तार के सिरों के मध्य प्रेरित विद्युत वाहक बल के तात्क्षणिक मान की गणना कीजिए।
उत्तर:
लेंज का नियम:
“विद्युत चुम्बकीय प्रेरण की घटना में उत्पन्न प्रेरित वि. वा. बल की ध्रुवता इस प्रकार होती है कि इससे उत्पन्न प्रेरित विद्युत धारा द्वारा परिपथ में स्थापित चुम्बकीय फ्लक्स अपने कारण
का विरोध करता है या मूल चुम्बकीय फ्लक्स के उस परिवर्तन का विरोध करता है, जिसके कारण प्रेरित वि.वा. बल उत्पन्न होता है।”
E α – \(\frac{\mathrm{d} \phi}{\mathrm{dt}}\)
या
E = – \(\frac{\mathrm{kd} \phi}{\mathrm{dt}}\)
यहाँ पर k एक समानुपाती स्थिरांक है जिसका मान 1 होता है। ऋण चिन्ह प्रदर्शित करता है कि प्रेरित वि. वा. बल सदैव फ्लक्स परिवर्तन का विरोध करता है।
दिया गया है:
l = 2 मी.
BE = 0.3 x 104 टेसला
v = 5 मी/से
माना तार में प्रेरित तात्क्षणिक विद्युत वाहक बल का मान = E
= B/v sin 6 का प्रयोग करने पर
E = BElv sin 90°
मान रखने पर
E= (0.3 × 104) × 2 × 5 × 1
∴ sin 90° = 1
= 3 x 104 वोल्ट उत्तर

आंकिक प्रश्न:

प्रश्न 1.
जब किसी कुण्डली में 2 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित की जाती है, तो उसमें 40 मिली वेबर का चुम्बकीय फ्लक्स उत्पन्न होता है। कुण्डली का स्व-प्रेरकत्व क्या है?
उत्तर:
L = \(\frac{N \phi}{I}\) = HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण 17-1
= 20 x 10-3 वेबर प्रति ऐम्पियर
= 20 x 10-3 हेनरी
= 20 मिली. हेनरी

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण

प्रश्न 2.
यदि किसी परिनालिका में धारा परिवर्तन की दर 4 ऐम्पियर सेकण्ड होने पर उसमें 20 मिली वोल्ट का विद्युत वाहक बल प्रेरित होता है, तो परिनालिका का स्व-प्रेरकत्व क्या होगा?
उत्तर:
| ε | = L \(\frac{\Delta \mathrm{I}}{\Delta \mathrm{t}}\)
⇒ L = \(\frac{\frac{|\varepsilon|}{\Delta I}}{\frac{\Delta t}{\Delta t}}\)
L = HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण 18
= 5 × 10-3
= HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण 19
= 5 x 10-3 हेनरी = 5 मिली. हेनरी

प्रश्न 3.
2 हेनरी की एक चोक कुण्डली से प्रवाहित होने वाली धारा 5 ऐम्पियर प्रति सेकण्ड की दर से घट रही है। कुण्डली के सिरों के बीच उत्पन्न विद्युत वाहक बल ज्ञात कीजिये।
उत्तर:
यहाँ कुण्डली का स्वप्रेरण गुणांक L = 2 हेनरी तथा कुण्डली में धारा परिवर्तन की दर (\(\Delta \mathrm{I} / \Delta \mathrm{t}\)) = 5 ऐम्पियर/सेकण्ड (यहाँ. ऋण चिह्न धारा घटने का प्रतीक है)। अतः कुण्डली के सिरों के बीच उत्पन्न प्रेरित विद्युत वाहक बल
ε = – L(\(\Delta \mathrm{I} / \Delta \mathrm{t}\))
= -2 x (-5) वोल्ट
= 10 वोल्ट

प्रश्न 4.
R त्रिज्या की एक बड़ी कुण्डली तथा r त्रिज्या की छोटी कुण्डली एक-दूसरे के निकट रखी हैं। यदि इस युग्म के लिये अन्योन्य प्रेरण गुणांक 1 मिली. हेनरी हो तो बड़ी कुण्डली से संबद्ध चुम्बकीय फ्लक्स क्या होगा जबकि छोटी कुण्डली में 0.5A की धारा प्रवाहित होती है? जब छोटी कुण्डली में धारा शून्य हो तो बड़ी कुण्डली पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
दिया है:
M = 1 मिली. हेनरी I, = 0.5 A
= 10-3 हेनरी
∴ बड़ी कुण्डली से संबद्ध चुम्बकीय फ्लक्स
Φ2 = MI1 = 105 x 0.5
= 5.0 x 104 वेबर
जब छोटी कुण्डली में फ्लक्स में कमी के कारण बड़ी उत्पन्न होगा। धारा शून्य हो जाती है तो चुम्बकीय कुण्डली में प्रेरित विद्युत वाहक बल

प्रश्न 5.
किसी कुण्डली के तल से लम्बवत् गुजरने वाला चुम्बकीय फ्लक्स निम्नलिखित सम्बन्ध के अनुसार समय के साथ बदल रहा है Φ = (5t3 + 4t2 + 2t – 5) वेबर = 2 सेकण्ड पर कुण्डली में प्रेरित धारा का मान ज्ञात कीजिये, जबकि कुण्डली का प्रतिरोध 5 ओम है।
उत्तर:
कुण्डली में प्रेरित विद्युत वाहक बल का परिमाण
ε = \(\frac{\mathrm{d} \phi}{\mathrm{dt}}\) = \(\frac{\mathrm{d}}{\mathrm{dt}}\) (5t3 + 4t2 + 2t5)
= 5 × 3t2 + 4 × 2t + 2 × 1 – 0 = ( 15t2 + 8t + 2) वोल्ट
t = 2 सेकण्ड पर ε = 60 + 16 + 2 = 78 वोल्ट
वोल्टकुण्डली का प्रतिरोध R = 52
अतः कुण्डली में प्रेरित धारा I = \(\frac{\varepsilon}{\mathrm{R}}\)
= 15.6 ऐम्पियर

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण

प्रश्न 6.
ताँबे की एक वृत्ताकार चकती की त्रिज्या 10 सेमी. है। यह इसके केन्द्र से गुजरने वाली तथा इसके तल के लम्बवत् अक्ष के परितः 20 रेडियन/सेकण्ड की दर से घूम रही है। 0.2 टेस्ला का एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र चकती के लम्बवत् कार्य कर रहा है। (i) चकती की अक्ष तथा परिधि के बीच उत्पन्न विभवान्तर ज्ञात कीजिए। (ii) यदि चकती का प्रतिरोध 202 हो तो प्रेरितं धारा क्या होगी?
उत्तर:
यहाँ चकती की त्रिज्या R = 10 सेमी
= 0.10 मीटर,
चकती का कोणीय वेग = 20π रे/से,
चुम्बकीय क्षेत्र B = 0.2 टेस्ला, चकती का प्रतिरोध R = 2Ω है।
(i) चकती द्वारा चुम्बकीय क्षेत्र को काटते हुए एक चक्कर पूरा करने का समय ∆t = 2πω तथा एक चक्कर पूरा करने में तय किया गया क्षेत्रफल ∆A = πr2 होगा अतः इससे बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन के कारण इसकी अक्ष तथा परिधि के बीच उत्पन्न विभवान्तर
(गतिक विद्युत वाहक बल)
V= | ε | = \(\frac{\Delta \phi}{\Delta \mathrm{t}}\) = \(\frac{\Delta(\mathbf{B A})}{\Delta \mathrm{t}}\) = B.\(\frac{\Delta(\mathbf{B A})}{\Delta \mathrm{t}}\)
= \(\frac{\mathrm{B} \times \pi r^2}{2 \pi / \omega}\) = 1/2Br2ω
ज्ञात मान रखने पर,
V = 1⁄2(0.2)(0.10)ω x 20 वोल्ट
= 0.1 x (0.10)ω × 20 x 3.14 वोल्ट = 0.0628 वोल्ट

(ii) प्रेरित धारा I = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{R}}\) =
= HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण 20
= 0.0314 ऐम्पियर

प्रश्न 7.
10 सेमी. भुजा का धातु तार का एक वर्गाकार लूप जिसका प्रतिरोध 1 ओम है, एक चुम्बकीय क्षेत्र में नियत वेग Vg 200 वेबर / मीटर2 के एकसमान से चित्र की भाँति चलाया जाता है। चुम्बकीय क्षेत्र कागज के तल के लम्बवत् अन्दर की ओर है। यह लूप 362 मान के प्रतिरोधकों के एक नेटवर्क से जुड़ा है तार OS तथा तार PQ के प्रतिरोध नगण्य हैं। लूप में 1 ऐम्पियर की स्थायी धारा प्रवाहित होने के लिए लूप की चाल का मान क्या होना चाहिए? लूप में धारा की दिशा भी बताइए।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 6 वैद्युत चुंबकीय प्रेरण 21
उत्तर:
चित्र से स्पष्ट है कि प्रतिरोधों का नेटवर्क एक सन्तुलित व्हीटस्टोन सेतु है। अतः AC भुजा (विकर्ण) में लगा 302 प्रतिरोध प्रभावहीन होगा। QA व AS आपस में श्रेणीक्रम में हैं। इसलिये श्रेणी संयोजन का प्रतिरोध माना R1 है
∴ R1 = 3 + 3 = 62
और QC व CS के श्रेणीक्रम संयोजन का तुल्य प्रतिरोध R2 (माना) = 3 + 3 = 6Ω
अब R1 व R2 समान्तर क्रम में होंगे जिसका तुल्य प्रतिरोध
R = 3.002
अर्थात् लूप का प्रतिरोध 152 है।
अतः सम्पूर्ण परिपथ (नेटवर्क सहित लूप) का कुल प्रतिरोध R = R’ + 1 = 32 + 12 = 42
चुम्बकीय क्षेत्र में लूप की गति के कारण परिपथ में उत्पन्न
प्रेरित विद्युत वाहक बल ε = Bv0l
अतः
लूप में धारा I = ε/R = \(\frac{\mathrm{B} v_0 l}{\mathrm{R}}\)
∴ लूप की चाल Vo = \(\frac{\mathrm{I} \times \mathrm{R}}{\mathrm{B} \times l}\) …………(1)
यहाँ I = 1 मिली. ऐम्पियर = 10-3 ऐम्पियर, R = 4Ω, B = 2 वेबर/मीटर2 तथा l = 0.1 मीटर
ये सभी मान समीकरण (1) में रखने पर
v = \(\left(\frac{10^{-3} \times 4}{2 \times 0.1}\right)\) मी./से.
= 2.0 x 10-2
= 2 सेमी / से.

प्रश्न 8.
50/π वर्ग सेमी. आकार की 200 फेरों की वर्गाकार कुण्डली 2.0 वेबर / मीटर2 के चुम्बकीय क्षेत्र में 1200 चक्कर प्रति मिनट की दर से घुमायी जा रही है। कुण्डली में प्रेरित अधिकतम वि. वा. बल का मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
दिया गया है:
A = 50\(\frac{50}{\pi}\) वर्ग सेमी.
A = \(\frac{50}{\pi}\) x 104 वर्ग मीटर
N = 200 फेरे
B = 2.0 वेबर/मीटर2
f = \(\frac{1200}{60}\) चक्कर/से.
= 20 चक्कर/से.
अतः ω = 2πf = 2 x π x 20 = 40π रेडियन / से.
वि.वा. बल का अधिकतम मान ε0 = NBAω
∴ ε0 = 200 × 2 × \(\frac{50}{\pi}\) x 104 x 40
= 80 वोल्ट

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HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र

Haryana State Board HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र Important Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र

वस्तुनिष्ठ प्रश्न:

1. एक वस्तु को ऋणावेशित किया जा सकता है-
(अ) इसे अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन देकर
(ब) इसमें से कुछ इलेक्ट्रॉन निकालकर
(स) इसे कुछ प्रोटॉन देकर
(द) इसमें से कुछ न्यूट्रॉन निकालकर
उत्तर:
(अ) इसे अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन देकर

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र

2. साबुन के बुलबुले को ऋणावेशित करने पर उसकी त्रिज्या-
(अ) घट जायेगी
(ब) बढ़ जायेगी
(स) अपरिवर्तित रहेगी
(द) प्रारम्भ में घटेगी फिर बढ़ेगी और बुलबुला फूट जायेगा
उत्तर:
(ब) बढ़ जायेगी

3. एक चालक गोले पर 50e आवेश है तथा दूसरे समान गोले पर + 20e आवेश है। यदि दोनों गोलों को स्पर्श करवाकर अलग कर दिया जाये, तो प्रत्येक पर आवेश होगा-
(अ) – 15e
(स) 10e
(ब) + 15e
(द) 25e
उत्तर:
(अ) – 15e

4. यदि काँच की छड़ को सिल्क से रगड़ते हैं, तो यह धनावेश उत्पन्न करती है, क्योंकि-
(अ) प्रोटॉन इससे जुड़े होते हैं।
(ब) प्रोटॉन इससे अलग हो जाते हैं।
(स) इलेक्ट्रॉन इससे जुड़े रहते हैं।
(द) इलेक्ट्रॉन इससे अलग हो जाते हैं।
उत्तर:
(द) इलेक्ट्रॉन इससे अलग हो जाते हैं।

5. विजातीय आवेशों के
(अ) गुरुत्वीय बल
(ब) चुम्बकीय बल
(स) नाभिकीय आकर्षण
(द) कूलॉम का आकर्षण
उत्तर:
(द) कूलॉम का आकर्षण

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र

6. एक कूलॉम आवेश में कितने
(अ) 5.46 × 1029
(ब) 6.25 × 1018
(स) 1.6 × 1019
(द) 9 × 1011
उत्तर:
(ब) 6.25 × 1018

7. स्थिर विद्युतिकी से सम्बन्धित निम्न में से कौनसा कथन यथार्थ नहीं होता है–
(अ) आवेश संरक्षित होता है
(ब) आवेश क्वान्टीकृत होता है
(स) बल रेखा क्षेत्र की दिशा प्रदर्शित करती है।
(द) घर्षण से इलेक्ट्रॉन का उत्पादन होता है
उत्तर:
(द) घर्षण से इलेक्ट्रॉन का उत्पादन होता है

8. विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का मात्रक है-
(अ) वोल्ट मीटर
(ब) न्यूटन प्रति कूलॉम
(स) न्यूटन कूलॉम
(द) न्यूटन प्रति वोल्ट
उत्तर:
(ब) न्यूटन प्रति कूलॉम

9. आवेशित करने की परोक्ष विधि है-
(अ) प्रेरण द्वारा आवेशित करना
(ब) भौतिक सम्पर्क से आवेशित करना
(स) घर्षण द्वारा आवेशित करना
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) प्रेरण द्वारा आवेशित करना

10. दो इलेक्ट्रॉनों के वैद्युत बलों की तुलना में दो प्रोटॉनों के बीच
(अ) अधिक
(ब) कम
(स) शून्य
(द) वही है
उत्तर:
(द) वही है

11. आवेशों के मध्य बल F है। यदि उनके मध्य दूरी को तीन गुणा करने पर इन आवेशों के मध्य विद्युत बल होगा-
(अ) F
(ब) [/latex]\frac{1}{3}[/latex] F
(स) \(\frac{1}{9}\) F
(द) \(\frac{1}{27}\) F
उत्तर:
(स) \(\frac{1}{9}\) F

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र

12. निर्वात में रखे बिन्दुवत् आवेशों के मध्य बल 18 न्यूटन है। 6 परावैद्युतांक की एक काँच की पट्टिका इन आवेशों के मध्य रख दी जाये तो बल का मान होगा-
(अ) 108 न्यूटन
(ब) 18 न्यूटन
(स) 3 न्यूटन
(द) शून्य
उत्तर:
(स) 3 न्यूटन

13. दो आवेश + 2μC व + 8μC के एक मीटर दूरी पर स्थित हैं। उनको मिलाने वाली रेखा पर 2μC आवेश से कितनी दूरी पर विद्युत क्षेत्र शून्य होगा?
(अ) \(\frac{1}{8}\) मीटर
(ब) \(\frac{1}{4}\) मीटर
(स) \(\frac{1}{3}\) मीटर
(द) \(\frac{1}{2}\) मीटर
उत्तर:
(स) \(\frac{1}{3}\) मीटर

14. R1 व R2 त्रिज्या के दो आवेशित गोलों को एक तार द्वारा जोड़ा जाता है। गोलों के विद्युत क्षेत्रों का अनुपात है-
(अ) \(\mathrm{R}_2^2 / \mathrm{R}_1^2\)
(ब) \(\mathrm{R}_1^2 / \mathrm{R}_2^2\)
(स) \(\mathrm{R}_2 / \mathrm{R}_1\)
(द) \(\mathrm{R}_1 / \mathrm{R}_2\)
उत्तर:
(स) \(\mathrm{R}_2 / \mathrm{R}_1\)

15. किसी वर्ग के एक विकर्ण के दोनों कोनों पर + 10 कूलॉम आवेश वाले व अन्य दोनों कोनों पर तो वर्ग के केन्द्र पर-
(अ) E = 0, V = 0
(ब) E = 0, किन्तु V ≠ 0
(स) E ≠ 0, V ≠ 0
(द) E ≠ 0, V = 0
उत्तर:
(अ) E = 0, V = 0

16. विद्युत द्विध्रुव के कारण किसी बिन्दु पर उत्पन्न क्षेत्र की तीव्रता का मान अनुक्रमानुपाती है-
(अ) r2
(ब) r-2
(स) r-3
(द) r3
उत्तर:
(स) r-3

17. द्विध्रुव आघूर्ण का मात्रक है-
(अ) वोल्ट
(ब) जूल
(स) कूलॉम / मीटर
(द) कूलॉम – मीटर
उत्तर:
(द) कूलॉम – मीटर

18. विद्युत द्विध्रुव के कारण बल आघूर्ण का सूत्र है-
(अ) \(\vec{\tau}=\overrightarrow{\mathrm{p}} \times \overrightarrow{\mathrm{E}}\)
(ब) \(\vec{\tau}=\overrightarrow{\mathrm{E}} \times \overrightarrow{\mathrm{p}}\)
(स) \(\vec{\tau}=\frac{1}{4 \pi \epsilon_0} \overrightarrow{\mathrm{p}} \times \overrightarrow{\mathrm{E}}\)
(द) \(\vec{\tau}=\vec{p} \cdot \vec{E}\)
उत्तर:
(अ) \(\vec{\tau}=\overrightarrow{\mathrm{p}} \times \overrightarrow{\mathrm{E}}\)

19. HCI अणु में H तथा CI के बीच की दूरी 1.28 A° है तो इस अणु के विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण का मान होगा – ( कूलॉम – मीटर में)
(अ) 1.6 × 10-29
(ब) 1.28 × 10-29
(स) 2.05 × 10-19
(द) 2.05 × 10-29
उत्तर:
(द) 2.05 × 10-29

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र

20. एक विद्युत द्विध्रुव को किसी विद्युत क्षेत्र में रखा गया है तो उस पर लगने वाले बल आघूर्ण का मान होगा-
(अ) PE cos θ
(ब) PE sine θ
(स) pE (1 – cos θ)
(द) शून्य
उत्तर:
(ब) PE sine θ

21. एकसमान विद्युत क्षेत्र में रखा हुआ विद्युत द्विध्रुव अनुभव करता है-
(अ) केवल आघूर्ण
(ब) केवल एक बल
(स) बल व आघूर्ण
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) केवल आघूर्ण

22. यदि एक बन्द घन के अन्दर ±q आवेशों वाले दो द्विध्रुव एक-दूसरे के लम्बवत् रखे हों तो घन से निर्गत कुल विद्युत फ्लक्स होगी-
(अ) \(\frac{\mathrm{q}}{\epsilon_0}\)
(ब) \(\frac{2 \mathrm{q}}{\epsilon_0}\)
(स) \(\frac{\dot{4 q}}{\epsilon_0}\)
(द) शून्य
उत्तर:
(द) शून्य

23. गाउस का नियम किन क्षेत्रों के लिए यथार्थ होता है-
(अ) एकसमान क्षेत्रों के लिए
(ब) सभी क्षेत्रों के लिए
(स) व्युत्क्रम वर्ग के नियम का पालन करने वाले क्षेत्रों के लिए
(द) नियम का क्षेत्र से कोई सम्बन्ध नहीं होता है।
उत्तर:
(स) व्युत्क्रम वर्ग के नियम का पालन करने वाले क्षेत्रों के लिए

24. एक द्विध्रुव के कारण उसकी अक्षीय रेखा पर r दूरी पर क्षेत्र एवं उसके लम्ब अर्धक (निरक्षीय रेखा) पर r दूरी पर क्षेत्र की निष्पत्ति होगी-
(अ) 4 : 1
(ब) 1 : 4
(स) 2 : 1
(द) 1 : 2
उत्तर:
(स) 2 : 1

25. परावैद्युत माध्यम (∈r) में गाउस का नियम होता है-
(अ) \(\oint \epsilon_{\mathrm{r}} \mathrm{E} \cdot \mathrm{ds}=\frac{\mathrm{q}}{\epsilon_0}\)
(ब) \(\oint \mathrm{E} \cdot \mathrm{ds}=\frac{\mathrm{q}}{\epsilon_0}\)
(स) \(\oint \frac{E . d s}{\epsilon_r}=\frac{q}{\epsilon_0}\)
(द) \(\oint \mathrm{E} \cdot \mathrm{ds}=0\)
उत्तर:
(अ) \(\oint \epsilon_{\mathrm{r}} \mathrm{E} \cdot \mathrm{ds}=\frac{\mathrm{q}}{\epsilon_0}\)

26. यदि आवेश Q घन के केन्द्र पर स्थित है, तो धन की एक फलक से निकलने वाला विद्युत फ्लक्स होगा-
(अ) \(\frac{\mathrm{Q}}{\epsilon_0}\)
(ब) \(\frac{\mathrm{Q}}{2 \epsilon_0}\)
(स) \(\frac{\mathrm{Q}}{4 \epsilon_0}\)
(द) \(\frac{Q}{6 \epsilon_0}\)
उत्तर:
(द) \(\frac{Q}{6 \epsilon_0}\)

27. एक आवेशित चालक गोला विद्युत क्षेत्र उत्पन्न नहीं करता-
(अ) किसी आन्तरिक बिन्दु पर
(ब) किसी बाहरी बिन्दु पर
(स) 2 मीटर से अधिक दूरी पर
(द) 10 मीटर से अधिक दूरी पर
उत्तर:
(अ) किसी आन्तरिक बिन्दु पर

28. एक बन्द करने वाले पृष्ठ के अन्दर आवेश की स्थिति इस प्रकार से बदली जाती है कि कुल आवेश स्थिर रहता है, बन्द पृष्ठ से विद्युत पलक्स का अभिवाह-
(अ) बढ़ता है
(ब) कम होता है।
(स) अव्यवस्थित रूप से बदलता है।
(द) अपरिवर्तित रहता है
उत्तर:
(द) अपरिवर्तित रहता है

29. एक विद्युत द्विध्रुव को असमान विद्युत क्षेत्र में रखा जाये तो-
(अ) उस पर केवल बल आघूर्ण लगेगा।
(ब) उस पर कोई बल आघूर्ण नहीं लगेगा।
(स) उस पर परिणामी बल व बल आघूर्ण लगेगा।
(द) उस पर सिर्फ एक बल लगेगा।
उत्तर:
(स) उस पर परिणामी बल व बल आघूर्ण लगेगा।

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1.
किसी वस्तु के धनात्मक एवं ऋणात्मक आवेशित होने का क्या अर्थ है?
उत्तर:
सामान्य अवस्था की तुलना में किसी वस्तु में इलेक्ट्रॉन की कमी उसके धनावेशित होने को तथा इलेक्ट्रॉन की अधिकता उसके ऋणावेशित होने को प्रदर्शित करती है।

प्रश्न 2.
सिल्क से रगड़ी गई काँच की छड़ पर आवेश किस तरह का होता है और फर से रगड़ी गई रबड़ की छड़ पर आवेश किस तरह का होता है?
उत्तर:
क्रमशः धनात्मक आवेश एवं ऋणात्मक आवेश ।

प्रश्न 3.
q1 और q2 इस प्रकार के बिन्दु आवेश हैं कि q1 × q2 > 0 दोनों आवेशों के बीच बल की क्या प्रकृति है ?
उत्तर:
यहाँ पर q1 q2 > 0 है। इसका तात्पर्य है कि q1 > 0 और q2 > 0 या फिर q1, 92 < 0 जब दोनों 91 और 92 2 धनात्मक हों अथवा ऋणात्मक हों। इस प्रकार 91 एवं 92 के बीच बल प्रतिकर्षण का होगा।

प्रश्न 4.
q1 + q2 = 0 स्थिर वैद्युतिकी में क्या दर्शाता है?
उत्तर:
q1 + q2 = 0 ⇒ q1 = – q2 अर्थात् q1 तथा q2 परस्पर परिणाम में बराबर तथा प्रकृति में विपरीत हैं। स्थिर वैद्युतिकी में यह वास्तव में आवेश संरक्षण को दर्शाता है।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र

प्रश्न 5.
विद्युत आवेश का संरक्षण नियम लिखो ।
उत्तर:
किसी भी विलगित निकाय में आवेशों का कुल बीजीय योग अपरिवर्तित रहता है। गणितीय रूप में q = q+ q = नियत अर्थात् आवेश को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है। बल्कि उन्हें एक वस्तु से दूसरी वस्तु में स्थानान्तरित किया जा सकता है।

प्रश्न 6. आवेश संरक्षण नियम कौन-कौनसी क्रियाओं में होता है?
उत्तर:
(i) नाभिकीय अभिक्रियाओं में
(ii) युग्म उत्पादन प्रक्रिया में
(iii) घर्षण प्रक्रिया में।

प्रश्न 7.
आवेश का क्वांटीकरण क्या है?
उत्तर:
किसी भी आवेशित वस्तु पर आवेश की उत्पत्ति का कारण चाहे कुछ भी क्यों न हो, आवेश सदैव इलेक्ट्रॉन के आवेश का पूर्ण गुणक होता है, अंश गुणक नहीं होता है। गणितीय रूप q = ±ne जहाँ पर n = पूर्ण गुणक संख्या अर्थात् n = 0, 1, 2, 3 ….

प्रश्न 8.
एक स्थिर आवेश कौन-कौनसे बल क्षेत्र उत्पन्न करता है? यदि आवेश एकसमान वेग से गतिमान हो तब ?
उत्तर:
स्थिर आवेश केवल विद्युत क्षेत्र उत्पन्न करता है। एकसमान वेग से गतिमान आवेश विद्युत एवं चुम्बकीय क्षेत्र दोनों उत्पन्न करता है।

प्रश्न 9.
आवेशन का कारण क्या है?
उत्तर:
एक वस्तु से दूसरी वस्तु पर इलेक्ट्रॉनों का स्थानान्तरण ।

प्रश्न 10.
वैद्युत आवेश का न्यूनतम सम्भव मान क्या है ?
उत्तर:
e = (±) 1.6 × 10-19 कूलॉम

प्रश्न 11.
वैद्युत आवेश के SI मात्रक (कूलॉम) की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
एक कूलॉम आवेश वह आवेश है जो अपने समान आवेश को वायु या निर्वात् में अपने से 1 मीटर की दूरी पर रखने पर उसे 9 × 109 न्यूटन बल से प्रतिकर्षित करे।

प्रश्न 12.
क्या एक आवेशित पिण्ड समीपवर्ती अनावेशित पिण्ड को आकर्षित करेगा?
उत्तर;
हाँ, आवेशित पिण्ड प्रेरण द्वारा अनावेशित पिण्ड के समीपवर्ती पृष्ठ पर विपरीत प्रकृति तथा दूरस्थ पृष्ठ पर समान प्रकृति का आवेश उत्पन्न करता है जिससे इसके बीच नेट आकर्षण बल लगने लगता है।

प्रश्न 13.
एक कूलॉम आवेश कितने इलेक्ट्रॉनों के बराबर होता है।
उत्तर:
n = \(\frac{\mathrm{q}}{\mathrm{e}}=\frac{1}{1.6 \times 10^{-19}}\) = 6.25 × 10-18

प्रश्न 14.
निर्वात या वायु में कूलॉम के नियम का सूत्र लिखो ।
उत्तर:
\(\overrightarrow{F_{12}}=\frac{1}{4 \pi \epsilon_0} \frac{\mathrm{q}_1 \mathrm{q}_2}{\mathrm{r}_{12}^2} \mathrm{r}_{12}^{\wedge}\)
जहाँ पर \(\frac{1}{4 \pi \epsilon_0}\) = 9 × 109

प्रश्न 15.
कूलॉम का नियम लिखो ।
उत्तर:
दो बिन्दु आवेशों के मध्य आकर्षण या प्रतिकर्षण बल (F) आवेशों के परिमाण q1 तथा q2 के गुणनफल के समानुपाती होता है, तथा आवेशों के मध्य दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती \(\left(1 / r^2\right)\) होता है।
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प्रश्न 16.
दो बिन्दु आवेशों के मध्य बल किस प्रकार परिवर्तित होगा ? यदि उन्हें जिस माध्यम में रखा जाता है उसका परावैद्युतांक बढ़ जाए?
उत्तर:
यदि किसी एक माध्यम का परावैद्युतांक बढ़ता है, तो बिन्दु आवेशों के बीच में बल घट जाएगा।

प्रश्न 17.
दो वैद्युत आवेश q1 तथा q2 इस प्रकार के आवेश हैं कि (i) q1q2 > 0, (ii) q1q2 < 0 तो उनके बीच वैद्युत बल की प्रकृति क्या होगी?
उत्तर:

  1. प्रतिकर्षणात्मक (चूँकि इस दशा में दोनों आवेश समान प्रकृति के होंगे)
  2. आकर्षणात्मक (चूँकि इस दशा में दोनों आवेश विपरीत प्रकृति के होंगे)।

प्रश्न 18.
किसी माध्यम में दो वैद्युत आवेशों के बीच वैद्युत बल F है उनके बीच की दूरी d है इनको परस्पर कितनी दूरी पर रखा जाये ताकि वैद्युत बल (i) 3F (ii) \(\frac{F}{4}\) हो जाये?
उत्तर:
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प्रश्न 19.
किसी माध्यम के परावैद्युतांक की परिभाषा दीजिए। उत्तर – किसी माध्यम की निरपेक्ष विद्युतशीलता तथा वायु या निर्वात की विद्युतशीलता का अनुपात माध्यम का परावैद्युतांक (सापेक्ष विद्युतशीलता) कहलाता है।
अतः ∈ = \(\frac{\epsilon}{\epsilon_0}\) या ∈ = ∈0r है।

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प्रश्न 20.
समान आवेश से युक्त दो बिन्दु आवेश परस्पर 1 मीटर दूरी पर रखे होने पर 8N बल का अनुभव करते हैं। यदि ये आवेश इतनी ही दूरी पर जल में रख दिये जायें तो उनके बीच कितना बल अनुभव होगा?
उत्तर:
हम जानते हैं-
\(\mathrm{F}_{\mathrm{m}}=\frac{\mathrm{F}_{\mathrm{a}}}{\mathrm{m}}=\frac{8 \mathrm{~N}}{80}=0.1 \mathrm{~N}\)

प्रश्न 21. धातुओं के परावैद्युतांक का मान कितना होता है ?
उत्तर:
अनन्त ।

प्रश्न 22.
आवेशों के अध्यारोपण का सिद्धान्त क्या है ?
उत्तर:
इस सिद्धान्त के अनुसार आवेशों q1, q2, ….. qn के किसी निकाय में आवेश q1 पर q2 द्वारा लगा बल कूलॉम नियम द्वारा लगे बल के समान होता है अर्थात् यह अन्य आवेशों q3, q4, ……. qn की उपस्थिति से प्रभावित नहीं होता। आवेश q1 पर सभी आवेशों द्वारा लगा कुल बल \(\vec{F}_1\) में तब
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प्रश्न 23.
किसी बिन्दु \(\overrightarrow{\mathbf{r}}\) पर आवेश Q द्वारा उत्पन्न विद्युत क्षेत्र का मान कितना होता है?
उत्तर:
\( \overrightarrow{\mathrm{E}}=\frac{1}{4 \pi \epsilon_0} \frac{Q}{\mathrm{r}^2} \hat{\mathrm{r}}\)

प्रश्न 24.
विद्युत क्षेत्र E में रखे आवेश Q पर कार्यरत बल कितना होता है?
उत्तर:
बल \(\overrightarrow{\mathrm{F}}=\overrightarrow{\mathrm{QE}}\)

प्रश्न 25.
क्या वैद्युत क्षेत्र तीव्रता एक अदिश या एक सदिश राशि है ?
उत्तर:
वैद्युत क्षेत्र तीव्रता एक सदिश राशि है ।

प्रश्न 26.
उस भौतिक राशि को बताओ जिसका मात्रक न्यूटन / कूलॉम है।
उत्तर:
वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता ।

प्रश्न 27.
किसी बिन्दु पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
वैद्युत क्षेत्र के किसी बिन्दु पर एकांक परीक्षण धनावेश पर कार्य करने वाला वैद्युत बल उस बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता कहलाता है ।
E = \(\lim _{q_0 \rightarrow 0}\left(\frac{F}{q_0}\right)\)

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प्रश्न 28.
दो विद्युत बल रेखाएँ आपस में एक-दूसरे को क्यों नहीं काट सकती हैं?
उत्तर:
बल रेखायें परस्पर एक-दूसरे को नहीं काटती हैं, क्योंकि यदि वे परस्पर काटेंगी तो कटान बिन्दु पर दो स्पर्श रेखायें दो परिणामी क्षेत्र को व्यक्त करेंगी जो कि असम्भव है।

प्रश्न 29
बिन्दु आवेशों के कारण बल रेखाएँ खींचिए जब (i) q < 0 तथा (ii) q > 0
उत्तर:
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प्रश्न 30.
चित्र में रेखाओं द्वारा प्रदर्शित विद्युत क्षेत्र किस प्रकार का होता है?
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र 5
उत्तर:
विद्युत क्षेत्र का परिमाण तथा दिशा दोनों ही परिवर्ती हैं। अतः विद्युत क्षेत्र असमान (non-uniform ) है ।

प्रश्न 31.
वैद्युत फ्लक्स को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
किसी क्षेत्रफल अवयव \(\overrightarrow{\Delta S}\) से गुजरने वाले वैद्युत फ्लक्स ∆Φ की परिभाषा इस प्रकार करते हैं-
∆Φ = \(\overrightarrow{\mathrm{E}} \cdot \overrightarrow{\Delta \mathrm{S}}\) = E ∆S cos θ
यहाँ पर θ क्षेत्र अवयव \(\overrightarrow{\Delta \mathrm{S}}\) तथा \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) के बीच का कोण है।

प्रश्न 32.
एकसमान विद्युत क्षेत्र में विद्युत बल रेखाओं की प्रकृति
उत्तर:
एकसमान विद्युत क्षेत्र में बल रेखाएँ सरल रेखीय समानान्तर और समान दूरी पर होती हैं। जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है-
प्रश्न 30 का भी अवलोकन करें। वह असमान विद्युत क्षेत्र है।

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प्रश्न 33.
वैद्युत द्विध्रुव को परिभाषित कीजिए। इसका मात्रक लिखिए।
उत्तर:
दो परिमाण में समान तथा प्रकृति में विपरीत बिन्दु आवेशों के अति निकट स्थित युग्म को विद्युत द्विध्रुव कहते हैं। इसका मात्रक कूलॉम मीटर होता है।

प्रश्न 34.
किस विन्यास में एक वैद्युत द्विध्रुव किसी एकसमान वैद्युत क्षेत्र के अन्तर्गत रखा होने पर
(i) स्थायी तथा
(ii) अस्थायी सन्तुलन में होगा ?
उत्तर:
(i) जब वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण \(\overrightarrow{\mathrm{P}}\) तथा वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) की दिशा एक ही हो।
(ii) जब \(\overrightarrow{\mathrm{P}}\) तथा \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) परस्पर विपरीत दिशा में हों।

प्रश्न 35.
\(\overrightarrow{\mathrm{P}}\) द्विध्रुव आघूर्ण का एक द्विध्रुव एकसमान वैद्युत क्षेत्र \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) में रखा है। \(\overrightarrow{\mathrm{P}}\) तथा \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) के बीच के कोण का वह मान लिखिए जिसके लिए द्विध्रुव द्वारा अनुभव किया गया बल आघूर्ण न्यूनतम हो ।
उत्तर:
θ = 0°
( ∵ τ = PE sin θ तथा τ minके लिए sin θ = 0 ⇒ θ = 0°)

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र

प्रश्न 36.
विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण सदिश राशि की दिशा क्या होती है?
उत्तर:
ऋणात्मक से धनात्मक आवेश की ओर।

प्रश्न 37.
किसी समरूप विद्युत क्षेत्र में रखे विद्युत द्विध्रुव पर परिणामी बल कितना होता है?
उत्तर:
शून्य ।

प्रश्न 38. एक छोटे विद्युत द्विध्रुव के कारण इसके अक्ष तथा निरक्ष पर वैद्युत क्षेत्र तीव्रताओं में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर-
Eअबीय– = 2E निरक्षीय

प्रश्न 39.
जब एक वैद्युत द्विध्रुव को असमान विद्युत क्षेत्र में रखते हैं, तो क्या यह एक बल का अनुभव करता है?
उत्तर:
हाँ, यह असमान विद्युत क्षेत्र में बल का अनुभव करता है।

प्रश्न 40.
बल आघूर्ण का परिमाण का मान कितना होता है और इसकी दिशा भी बताइए ।
उत्तर:
बल आघूर्ण का परिमाण = qE . 2a sin θ
= 2qaE sin θ
इसकी दिशा \(\overrightarrow{\mathrm{P}}\) तथा \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) के तल के अभिलम्बवत् दायें हाथ के पेच के नियम से दी जाती है। लेकिन
p = 2ap
∴ बल आघूर्ण का परिमाण = pE sin θ

प्रश्न 41.
गाउस का नियम क्या है?
अथवा
गाउस नियम का कथन लिखिये।
उत्तर:
मुक्त आकाश में किसी बन्द पृष्ठ में से गुजरने वाले कुल विद्युत फ्लक्स का मान पृष्ठ द्वारा घेरे गए आवेश का \( \frac{1}{\epsilon_0}\)
किसी बन्द पृष्ठ S से गुजरने वाला वैद्युत फ्लक्स
Φ = \( \frac{\mathrm{q}}{\epsilon_0}\)
यहाँ q, पृष्ठ S द्वारा परिबद्ध कुल आवेश है।

प्रश्न 42.
गाउसियन पृष्ठ क्या है?
उत्तर:
किसी आवेश चारों ओर का वह गाउसियन पृष्ठ है जिसके सभी बिन्दुओं पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता समान हो और विद्युत फ्लक्स सदैव पृष्ठ के लम्बवत् हो ।

प्रश्न 43.
गाउसियन पृष्ठ का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
गाउसियन पृष्ठ के सिद्धान्त से सममित आवेश वितरण के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात करने में सहायता मिलती है।

प्रश्न 44.
क्या विद्युत फ्लक्स का मान गाउसीय पृष्ठ की आकृति पर निर्भर करता है?
उत्तर:
नहीं।

प्रश्न 45.
क्या एक खोखले गोले की अपेक्षा समान त्रिज्या के ठोस चालक गोले को अधिक आवेशित किया जा सकता है? कारण भी बताइए।
उत्तर:
नहीं, क्योंकि आवेशित चालक का सम्पूर्ण आवेश सदैव चालक के बाह्य पृष्ठ पर होता है।

प्रश्न 46.
किसी बन्द पृष्ठ में से विद्युत फ्लक्स का मान शून्य है। इसका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
इसका तात्पर्य है कि अन्दर की ओर विद्युत फ्लक्स का मान बाहर की ओर विद्युत फ्लक्स के बराबर है।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र

प्रश्न 47.
किसी गोले के पृष्ठ में से इसके बाहर स्थित बिन्दु आवेश के कारण विद्युत फ्लक्स का मान लिखो ।
उत्तर:
गाउस प्रमेय से
Φ = \(\frac{\mathrm{q}}{\epsilon_0}\)
∵ q = 0, इसलिए Φ = 0

प्रश्न 48.
किसी गाउसियन पृष्ठ में है। पृष्ठ में से परिणामी विद्युत फ्लक्स की गणना कीजिए।
उत्तर:
गाउसियन पृष्ठ द्वारा घेरा गया कुल आवेश
= -q + 3q – 2q = 0
अब Φ = \(\frac{q}{\epsilon_0}\) = 0
∵ q = 0

प्रश्न 49.
7.0 सेमी त्रिज्या के एक गुब्बारे में अन्दर की और फ्लक्स 2.0 × 103 NmC-1 है। यदि गुब्बारे की त्रिज्या दोगुनी कर दी जाए, तो फ्लक्स का मान कितना होगा?
उत्तर:
यह मान अपरिवर्तित रहेगा क्योंकि गाउसियन पृष्ठ द्वारा घेरा गया आवेश समान रहता है।

प्रश्न 50.
बिन्दु आवेश तथा रेखीय आवेश के कारण वैद्युत क्षेत्र दूरी के साथ कैसे परिवर्तित होता है?
उत्तर:
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प्रश्न 51.
एकसमान आवेशित अनन्त समतल चादर के कारण विद्युत क्षेत्र का मान ज्ञात करने का सूत्र लिखो ।
उत्तर:
\(\overrightarrow{\mathrm{E}}=\frac{\sigma}{2 \epsilon_0} \hat{n}\)
यहाँ तल के अभिलम्बवत् इससे दूर जाता हुआ इकाई सदिश है।

प्रश्न 52.
एकसमान आवेशित पतले गोलीय खोल के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का मान ज्ञात करने का सूत्र लिखो ।
उत्तर:
(i) खोल के बाहर विद्युत क्षेत्र
E = \(\frac{q}{4 \pi \epsilon_0 r^2}\)
यहाँ पर q = 4πR2σ गोलीय खोल पर कुल आवेश है।
सदिश रूप \(\vec{E}=\frac{q}{4 \pi \epsilon_0 r^2} \hat{r}\)

(ii) खोल के भीतर विद्युत क्षेत्र एकसमान आवेशित पतले गोलीय खोल के कारण उसके भीतर स्थित सभी बिन्दुओं पर विद्युत क्षेत्र शून्य है।

प्रश्न 53.
क्या एक मीटर त्रिज्या के धातु के गोले को 1 कूलॉम आवेश दिया जा सकता है?
उत्तर:
नहीं, क्योंकि गोले के पृष्ठ पर E = \(\frac{\mathrm{kq}}{\mathrm{R}^2}\)
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र 8

यह मान वायु में विद्युत क्षेत्र के 3 x 106 वोल्ट / मीटर से अधिक हो जाने पर वायु आयनित हो जायेगी जिससे हो जायेगा।

प्रश्न 54.
विद्युत क्षेत्र रेखाओं के कोई दो गुण लिखिए।
उत्तर:
(i) विद्युत बल रेखा के किसी बिन्दु पर खींची गई स्पर्श रेखा उस बिन्दु पर परिणामी विद्युत क्षेत्र की दिशा व्यक्त करती है।
(ii) विद्युत बल रेखायें धन आवेश चलकर ऋण आवेश पर समाप्त हो जाती हैं।
नोट – छात्र विद्युत क्षेत्र रेखाओं के अन्य गुण भी लिख सकते हैं।

प्रश्न 55.
01 सेमी त्रिज्या के गोलाकार गाउसीय पृष्ठ के अन्दर ± 1 µC आवेश का विद्युत द्विध्रुव स्थित है । गाउसीय पृष्ठ से निर्गत विद्युत फ्लक्स का मान लिखिए ।
उत्तर:
गाउसीय पृष्ठ से निर्गत विद्युत फ्लक्स
Φ = \(\frac{\mathrm{q}}{\epsilon_0}\)
यहाँ पर ∈0 वायु या निर्वात की विद्युतशीलता है। दिये गये प्रश्न में आवेशों का बीजगणितीय योग शून्य है। इसलिये गाउसीय पृष्ठ से निर्गत विद्युत फ्लक्स का मान शून्य होगा।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र

प्रश्न 56.
10 सेमी त्रिज्या के आवेशित गोलीय कोश की सतह पर 10 V विभव है। इसके केन्द्र से 5 सेमी दूर विभव का मान लिखिए।
उत्तर:
गोलीय पृष्ठ के भीतर सभी बिन्दुओं पर विभव एक समान होता है और इसका मान वही होता है जो कि गोलीय आवेश के पृष्ठ पर होता है अर्थात् इसके केन्द्र से 5 सेमी दूर विभव का मान 10 वोल्ट होगा।

लघुत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1.
दो बिन्दु आवेश एक-दूसरे से d दूरी पर रखे हैं। इनके कारण किसी बिन्दु पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता शून्य है। परन्तु बिन्दु इन आवेशों के बीच में नहीं है बल्कि उनको जोड़ने वाली रेखा पर है, ऐसा होने के लिए दो आवश्यक शर्तें लिखिए।
उत्तर:
(i) दोनों आवेश विपरीत प्रकृति के होने चाहिए।
(ii) बिन्दु के निकट स्थित आवेश का परिमाण कम तथा दूसरे आवेश का परिमाण अधिक होना चाहिए।

प्रश्न 2.
जब कागज़ के टुकड़े को किसी आवेशित वस्तु के पास ले जाया जाता है, तो यह उस वस्तु की ओर आकर्षित होता है, परन्तु वस्तु से स्पर्श करने के पश्चात् यह नीचे गिर जाता है। ऐसा क्यों होता है ?
उत्तर:
जब कागज के टुकड़े को आवेशित वस्तु के पास ले जाया जाता है, तो इसके परमाणु आवेश के द्वारा धुवित ( Polarised) हो जाते हैं, जिससे परिणामी आकर्षण बल उत्पन्न होता है, जैसे ही कागज आवेशित वस्तु से स्पर्श करता है, इसका ध्रुवण समाप्त हो जाता है। इस प्रकार आकर्षण बल की अनुपस्थिति में कागज का टुकड़ा गिर जाता है।

प्रश्न 3.
हाथ में ली हुई एबोनाइट छड़ को फ्लालेन से रगड़कर इसको आवेशित किया जा सकता है परन्तु ताँबे की छड़ इस तरह आवेशित नहीं की जा सकती, क्यों?
उत्तर:
ताँबे की छड़ और मानव शरीर दोनों ही विद्युत के सुचालक हैं अतः इनको रगड़ने पर इस पर उत्पन्न प्रेरित आवेश मानव शरीर से होता हुआ पृथ्वी में चला जाता है इसलिए इसको आवेशित नहीं किया जा सकता। इसके विपरीत ऐबोनाइट की छड़ विद्युत की कुचालक है अतः इस पर प्रेरित आवेश इसी पर ठहरा रहता है। इसलिए इसको आवेशित किया जा सकता है।

प्रश्न 4.
यदि हम कुछ समय तक नंगे पैर नायलॉन चटाई पर चलकर दरवाजे में लगे धातु के हत्थे (handle) को छू लें, तो हमें बिजली का सा झटका लगता है। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
चलते समय हमारे पैर चटाई पर रगड़ खाते हैं, जिससे हमारा शरीर आवेशित हो जाता है। हत्थे को छूने पर हमारे शरीर से आवेश उसमें प्रवाहित होता है जिससे हमें झटका लगता है।

प्रश्न 5.
आपको रेशमी कपड़े से रगड़ी हुई काँच की छड़ दी गई है तथा कुचालक स्टैण्डों पर रखे हुए दो अनावेशित गोले भी दिए गए हैं। आप इन गोलों को बराबर तथा विपरीत आवेशों से किस प्रकार आवेशित करेंगे?
उत्तर:
जब काँच की छड़ को रेशमी कपड़े के टुकड़े से रगड़ा जाता है, तो यह धनात्मक आवेशित हो जाता है। हम गोलों को सम्पर्क में रखकर तथा इनके निकट चित्र (a) में दर्शाए अनुसार काँच की छड़ को ले जाते हैं। गोले A का निकटवर्ती भाग ऋणात्मक आवेशित तथा गोले B का दूरवर्ती भाग धनात्मक आवेशित हो जाता है। गोलों को थोड़ा- सा दूर किया जाता है तथा अन्य में छड़ को पूर्णतया हटा लिया जाता है। चित्र (b) में दर्शाए अनुसार गोले पर बराबर और विपरीत आवेश प्राप्त हो जाते हैं।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र 9

प्रश्न 6.
यदि एक कंघा सूखे बालों से गुजारा जाये तो यह कागज के सूक्ष्म टुकड़ों को अपनी ओर आकर्षित करता है। क्यों? यदि बाल भीगे हों या बरसात हो रही हो तो क्या होगा?
उत्तर:
जब कंधे को सूखे बालों से गुजारते हैं तो घर्षण के कारण यह आवेशित हो जाता है। जब बाल भीगे हों या बरसात हो रही है तो घर्षण बहुत कम हो जाता है अतः कंघा आवेशित नहीं हो पाता है। इस कारण यह कागज के छोटे टुकड़ों को अपनी ओर आकर्षित नहीं कर पाता।

प्रश्न 7.
क्या दो धनात्मक आवेशित गेंदें एक-दूसरे को आकर्षित करती हैं?
उत्तर:
हाँ, जब पहली वाली गेंद पर आवेश दूसरी वाली गेंद की तुलना में अधिक है तो प्रेरण के कारण दूसरी गेंद पर विपरीत प्रकृति का कुछ आवेश प्रेरित हो जाता है। अतः दूसरी गेंद, पहली गेंद की ओर आकर्षण बल अनुभव करेगी।

प्रश्न 8.
किसी वैद्युत क्षेत्र में कोई इलेक्ट्रॉन रखा है। यदि इसके स्थान पर एक प्रोटॉन रख दिया जाये तो इनके द्वारा अनुभव किये बलों में क्या सम्बन्ध होगा?
उत्तर:
चूँकि F = qE तथा इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन प्रत्येक पर आवेश का परिमाण बराबर होता है तथा प्रकृति विपरीत होती है अतः प्रत्येक पर लगे बलों के परिमाण तो बराबर होंगे परन्तु दिशायें परस्पर विपरीत होंगी।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र

प्रश्न 9.
ठीक बराबर द्रव्यमान के सर्वसम धातु के दो गोले लिए गए हैं। एक को q ऋणावेश तथा दूसरे को उतने ही धनावेश से आवेशित किया गया है क्या दोनों गोलों के द्रव्यमान में कोई अन्तर आयेगा? यदि हाँ तो क्यों ?
उत्तर:
जिस गोले को धनावेश से आवेशित किया गया है, उससे कुछ इलेक्ट्रॉन निकाल लिए गए होंगे तथा जिस गोले को ऋणावेश से आवेशित किया गया है, उसको कुछ अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन बाहर से दे दिये गये होंगे अतः इसका अर्थ यह है कि गोलों के द्रव्यमानों में अन्तर आयेगा अर्थात् धनावेशित गोले का द्रव्यमान कम हो जायेगा और ऋणावेशित गोले का द्रव्यमान बढ़ जायेगा। चूँकि दोनों गोले समान परिमाण q के आवेश से आवेशित किये गये हैं तथा q = ne (जहाँ पर n= निकाले गये अथवा दिये गये इलेक्ट्रॉनों की संख्या है और e = इलेक्ट्रॉन के तुल्य आवेश = 1.6 × 10-19 कूलॉम) अतः धनावेशित गोले के द्रव्यमान में जितनी कमी आयेगी, ऋणावेशित गोले के द्रव्यमान में उतनी ही वृद्धि हो जायेगी।

प्रश्न 10.
दो आवेश वायु में कुछ दूरी पर रख दिये गये हैं-
(अ) यदि उनके बीच एक काँच की स्लेब जिसका परावैद्युतांक 8 है रख दी जाये तो उनके बीच कार्य करने वाले बल के परिमाण में क्या परिवर्तन होगा?
(ब) यदि पीतल का टुकड़ा रख दिया जाये तो क्या होगा ?
उत्तर:
एक-दूसरे सेr दूरी पर वायु में स्थित q1 व q2 परिमाण के आवेशों के बीच वैद्युत-बल क्रमशः होंगे-
Img-1
(अ) अतः आवेशों के बीच ∈r = 8 परावैद्युतांक की काँच की स्लेब
रखने पर बल प्रारम्भिक बल का \(\frac{1}{8}\) रह जायेगा।
(ब) पीतल के टुकड़े के लिए ६० अतः इस दशा में शून्य होगा।

प्रश्न 11.
दो प्रोटॉन व दो इलेक्ट्रॉन स्वतन्त्रतापूर्वक समान दूरियों पर लटके हुए हैं। प्रोटॉन व इलेक्ट्रॉन के बीच में प्रतिकर्षण बल की तुलना कीजिए ।
उत्तर:
दो प्रोटॉनों व दो इलेक्ट्रॉनों के बीच प्रतिकर्षण बल समान होंगे क्योंकि आवेश का परिमाण प्रोटॉन व इलेक्ट्रॉन पर समान होता है और साथ में दोनों के बीच की दूरियाँ भी समान हैं।

प्रश्न 12.
ज्वलनशील पदार्थ ले जाने वाले वाहन सामान्यतया धातु के रस्सों से इस प्रकार बंधे रहते हैं कि रस्सी पृथ्वी को स्पर्श करती है। क्यों?
उत्तर:
गति करते हुए वाहन हवा के घर्षण के कारण कुछ आवेशित हो जाते हैं। साथ ही टायर सड़क के घर्षण के कारण आवेशित हो जाते हैं। यह पृथ्वी के स्पर्श करते धातु के रस्से उत्पन्न आवेश को पृथ्वी को विसर्जित करते रहते हैं अन्यथा पदार्थ में आग लगने का भय रहता है।

प्रश्न 13.
क्या किसी आवेशित वस्तु ‘A’ का सम्पूर्ण आवेश अन्य किसी वस्तु ‘B’ को स्थानान्तरित किया जा सकता है? यदि हाँ तो कैसे सम्भव होगा, यदि नहीं तो क्यों ?
उत्तर:
हाँ, किसी वस्तु A का कुल आवेश अन्य किसी चालक वस्तु B को स्थानान्तरित किया जा सकता है जब वस्तु A को वस्तु B पूर्ण रूप से ढक तथा इसको किसी तार द्वारा सम्बन्धित कर दिया जाये। यह आवेश की मूल प्रकृति के कारण सम्भव है क्योंकि आवेश सदैव चालक की बाहरी सतह पर स्थिर रहता है।

प्रश्न 14.
साधारण रबर विद्युत की कुचालक होती है जबकि वायुयान के पहियों के टायर एक विशेष प्रकार की रबर के बने सूक्ष्म मात्रा में चालक होते हैं। ऐसा करना क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
वायुयान के टायरों को विशेष चालक रबर का बनाना इसलिए आवश्यक है कि टायर और पृथ्वी की सतह के मध्य घर्षण के कारण उत्पन्न विद्युत पृथ्वी में चली जाये। टायर सुरक्षित रहें।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र

प्रश्न 15.
आवेश और द्रव्यमान में दो अन्तर लिखिए।
उत्तर:
(i) आवेश शून्य, धनात्मक तथा ऋणात्मक कोई भी हो सकता है परन्तु द्रव्यमान सदैव धनात्मक होता है।
(ii) वैद्युत आवेश कण की गति के जबकि द्रव्यमान कण की गति के वेग परवेग पर निर्भर नहीं करता है। भी निर्भर करता है।

प्रश्न 16.
यदि लघु वैद्युत द्विध्रुव के केन्द्रीय बिन्दु से प्रेक्षण बिन्दु की दूरी आधी कर दी जाये तो वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता कितनी गुना हो जायेगी?
उत्तर:
लघु वैद्युत द्विध्रुव के अक्षीय तथा निरक्षीय दोनों स्थितियों में वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र 10

प्रश्न 17.
एक वैद्युत द्विध्रुव के अक्ष पर रखे एक बिन्दुवत आवेश पर F बल लगता है। यदि बिन्दुवत आवेश की द्विध्रुव से दूरी दुगुनी कर दी जाये तो उस पर क्या बल लगेगा? कारण भी स्पष्ट करें।
उत्तर:
विद्युत द्विध्रुव के कारण इससे r दूरी पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) का परिमाण E होगा ।
इसका मान E = \(\left(\frac{1}{4 \pi \epsilon_0}\right) \cdot\left(\frac{2 p}{r^3}\right)\)
इसलिए इस बिन्दु पर रखे बिन्दु आवेश पर बल का परिमाण \(\overrightarrow{\mathrm{F}}\) का परिमाण F = qE
अतः =\(\left(\frac{1}{4 \pi \in_0}\right) \cdot\left(\frac{2 \mathrm{pq}}{\mathrm{r}^3}\right) \Rightarrow F \propto \frac{1}{\mathrm{r}^3}\)
अतः दूरी r को दुगुनी करने पर \(\frac{1}{8}\) गुना हो जायेगा अर्थात् \(\frac{F}{8}\)

प्रश्न 18.
कूलॉम बल (F) का (r) के साथ विचरण का ग्राफ खीचिये । जहाँ प्रत्येक आवेश युग्म (1μC, 2μC) तथा (2μC, -3μC) के दोनों आवेशों के बीच की दूरी है। प्राप्त ग्राफ की विवेचना कीजिए।
हल – आवेश युग्म (1μC तथा 2μC) के आवेशों के बीच वैद्युत बल F प्रतिकर्षणात्मक होगा और आवेश युग्म (2μC, -3μC) के आवेशों के बीच वैद्युत बल F आकर्षणात्मक होगा।
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प्रश्न 19.
दो वैद्युत आवेश +Q तथा -Q(x – y) तल में क्रमशः बिन्दुओं (-x2, 0) तथा (x1, 0) पर रखे हैं। मूल बिन्दु (0,0) पर परिणामी वैद्युत क्षेत्र का परिमाण तथा दिशा ज्ञात कीजिए।
हल – दी गई आवेशों की स्थितियों को चित्र में दिखाया गया है। बिन्दु A पर + Q आवेश के कारण मूल बिन्दु O पर वैद्युत क्षेत्र की
तीव्रता \(\overrightarrow{\mathrm{E}_1}\) का परिमाण,
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र 12

प्रश्न 20.
एक बन्द पृष्ठ के अन्दर एक वैद्युत द्विध्रुव रखा है, जिसका द्विध्रुव आघूर्ण 20 × 10 -6 कूलॉम मीटर है इस पृष्ठ से निकलने वाला वैद्युत फ्लक्स कितना होगा?
उत्तर:
वैद्युत द्विध्रुव के सिरों पर समान परिमाण तथा विपरीत प्रकृति के आवेश होते हैं। अतः बन्द पृष्ठ के अन्दर कुल आवेश q शून्य होगा। इसलिए गाउस प्रमेय के अनुसार इस पृष्ठ से निकलने वाला वैद्युत फ्लक्स
Φ = \(\frac{q}{\epsilon_0}\)
Φ = शून्य

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प्रश्न 21.
धातु का एक छोटा गोला जिस पर +Q आवेश है, एक बड़े अनावेशित धातु के गोले की गुहिका (cavity) में रखा है।
जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। बिन्दुओं P1 तथा P2 पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता का मान गाउस के नियम से ज्ञात कीजिए ।
हल – P1 बिन्दु से गुजरते हुए एक गौसियन पृष्ठ की कल्पना करने पर इससे गुजरने वाला वैद्युत फ्लक्स
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र 14
चूँकि बिन्दु P2 धातु के गोले के अन्दर स्थित है तथा किसी चालक धातु के अन्दर प्रत्येक बिन्दु पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता शून्य होती है। अतः P2 पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता = शून्य

प्रश्न 22.
त्रिज्या r तथा लम्बाई l के एक बेलनाकार पृष्ठ आवेश घनत्व तथा अनन्त लम्बाई का पतला, सीधा चालक तार परिबद्ध है। बेलनाकार पृष्ठ की अक्ष तार की लम्बाई से संपाती है। बेलनाकार पृष्ठ से विद्युत फ्लक्स के लिए व्यंजक ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
अनन्त रेखीय आवेश के कारण उससे दूरी पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र 15
बेलनाकार पृष्ठ पर विद्युत क्षेत्र उसके लम्बवत् होगा।
अतः क्षेत्रफल सदिश व विद्युत क्षेत्र समान दिशा में होंगे।
अतः बेलनाकार पृष्ठ से निर्गत विद्युत फलक्स

प्रश्न 23.
1 KV से त्वरित एक इलेक्ट्रॉन 5 किमी. दूरी से एक अनन्त विस्तार की चालक प्लेट की ओर लम्बवत दिशा में गतिशील है। चालक प्लेट पर न्यूनतम पृष्ठ आवेश घनत्व की गणना कीजिए ताकि इलेक्ट्रॉन प्लेट से न टकरा सके।
उत्तर:
आवेशित चालक प्लेट के कारण विद्युत क्षेत्र
इलेक्ट्रॉन पर बल F = (e)E = \(\frac{\mathrm{e} \sigma}{\epsilon_0}\)

1 KV से त्वरित होने पर इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा = 1 Kev
= 1000 × 1.6 × 10-19 जूल
= 1.6 × 10-16 जूल
अतः Fd = 1.6 × 10-16जूल
चूँकि किया गया कार्य ही ऊर्जा होती है।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र 16

प्रश्न 24.
चित्र में प्रदर्शित गोले S1 तथा S2 से गुजरने वाले वैद्युत फ्लक्स की गणना कीजिए । चित्र में दिखाए गए तार AB के आवेश का रेखीय घनत्व λ = Kx है जहाँ x = तार के सिरे A से इसकी लम्बाई के अनुदिश मापी गई दूरी है।
उत्तर:
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र 18

प्रश्न 25.
L मीटर भुजा का वर्गाकार पृष्ठ कागज के तल में रखा हुआ है एक समान वैद्युत क्षेत्र \(\overrightarrow{\mathbf{E}}\) भी कागज के तल में ही है तथा यह चित्रानुसार पृष्ठ के निचले आधे भाग तक ही सीमित है। तल से बद्ध वैद्युत फ्लक्स कितना होगा?

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र 38

उत्तर:
हम जानते हैं किसी तल से गुजरने वाला वैद्युत फ्लक्स
Φ = \(\oint \overrightarrow{\mathrm{E}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{d} s}\)
यहाँ पर वर्गाकार पृष्ठ के ऊपरी तल में कोई विद्युत क्षेत्र नहीं है। अतः E= O होने से इस भाग से कोई वैद्युत फ्लक्स नहीं गुजरेगा। वर्गाकार पृष्ठ के नीचे के आधे तल में क्षेत्रफल सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{ds}}\) वैद्युत क्षेत्र \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) के लम्बवत होगा। अतः
\(\overrightarrow{\mathrm{E}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{ds}}\) = Eds cos 90° = 0
इसलिए वर्गाकार पृष्ठ के निचले तल से भी कोई वैद्युत फ्लक्स नहीं गुजरेगा अर्थात् वैद्युत फ्लक्स शून्य होगा। इसलिए सम्पूर्ण वर्गाकार पृष्ठ से बद्ध वैद्युत फ्लक्स शून्य होगा ।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र

प्रश्न 26.
निम्नलिखित के कारण समविभव पृष्ठों का चित्रण कीजिए:
(i) कोई विद्युत् द्विध्रुव
(ii) किसी दूरी के पृथकन पर स्थित दो सर्वसम धनावेश ।
उत्तर:
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आंकिक प्रश्न-

प्रश्न 1.
(अ) 12.5 × 108 इलेक्ट्रॉन पर कितना आवेश होगा ?
(ब) 1 कूलॉम आवेश तथा 1 इलेक्ट्रॉन आवेश में कौन बड़ा है? 1 कूलॉम आवेश में कितने इलेक्ट्रॉनिक आवेश होंगे?
हल- (अ) 1 इलेक्ट्रॉन पर आवेश = 1.6 × 10-19 कूलॉम अतः n = 12.5 × 108 इलेक्ट्रॉनों पर आवेश
q = ne
= (12.5 × 108) × (1.6 × 10-19) कूलॉम
= 20.00 × 10-11 कूलॉम
= 2.0 × 10-10 कूलॉम (ऋणात्मक)
(ब) 1 इलेक्ट्रॉन के आवेश से 1 कूलॉम आवेश बड़ा होता है। q = 1 कूलॉम आवेश में यदि n इलेक्ट्रॉनिक आवेश हो तो
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प्रश्न 2.
दो बिन्दु आवेश + 3μC तथा -3μC एक-दूसरे से 20 सेमी. दूरी पर निर्वात में रखे हैं। (i) दोनों आवेशों को जोड़ने वाली रेखा के मध्य बिन्दु पर वैद्युत क्षेत्र क्या होगा ? (ii) यदि इस मध्य-बिन्दु पर एक 1.5 × 10 -9C का आवेश रखा जाये तो इस आवेश पर कितना बल लगेगा?
हल-
(i) q1 = 3μC
= 3 × 10-6 C आवेश से AB के मध्य बिन्दु
पर M पर उत्पन्न वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता है \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) जहाँ पर r = AM = 10 सेमी. = 0.10 मीटर का परिमाण
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र 21
\(\overrightarrow{\mathrm{E}_1}\) की दिशा धन आवेश से दूर अर्थात् M से B की ओर होगी। इसी प्रकार q2 – 3μC = -3 × 106C आवेश के कारण
वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता \(\overrightarrow{\mathrm{E}_2}\) का परिमाण 2.7 × 106 न्यूटन/कूलॉम ही होगी तथा E2 की दिशा (ऋणात्मक की ओर) अर्थात् M से B की ओर होगी।
बिन्दु M पर \(\overrightarrow{\mathrm{E}_1}\) तथा \(\overrightarrow{\mathrm{E}_2}\) दोनों एक ही दिशा में हैं। अतः M
पर परिणामी तीव्रता \(\overrightarrow{\mathrm{E}_1}\) का परिमाण \(\overrightarrow{\mathrm{E}_1}\) तथा \(\overrightarrow{\mathrm{E}_2}\) के परिमाणों के योग के बराबर होगा तथा इसकी दिशा भी M से B की ओर होगी।
इसलिए E = E1 + E2
= 2.7 × 106 + 2.7 × 106
= 5.4 × 106 न्यूटन/कूलॉम

(ii) बिन्दु M पर स्थित आवेश q = 1.5 × 10-9 कूलॉम
आवेश द्वारा अनुभव किये गये बल का परिमाण
F = qE से ज्ञात किया जा सकता है।
F = qE = 1.5 × 10-9 × 5.4 × 106
= 8.10 × 10-3 न्यूटन
चूँकि q धनावेश है, अतः इस पर बल \(\overrightarrow{\mathrm{F}}\) की दिशा भी \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) की दिशा में होगी
अर्थात् M से B की ओर होगी।

प्रश्न 3.
समान आवेश वाले दो धनायन एक-दूसरे को 3.7 × 10-9 न्यूटन बल से प्रतिकर्षित करते हैं जबकि उनके बीच की दूरी 5A है। प्रत्येक आयन में सामान्य अवस्था की तुलना में कितने इलेक्ट्रॉन कम हैं?
हल-माना प्रत्येक आयन पर धनावेश का परिमाण = q कूलॉम
उनके बीच प्रतिकर्षण बल F = 3.7 × 10-9 न्यूटन
उनके बीच की दूरी r = 5Å
= 5 × 10-10 मीटर
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र 22

प्रश्न 4.
दो विद्युतरोधी आवेशित ताँबे के गोले ‘A’ एवं ‘B’ जो आकार में सर्वसम हैं, के केन्द्रों के बीच की दूरी 50 सेमी. तथा दोनों पर पृथक्-पृथक् आवेश 6.5 × 107 C है। इसी आकार का एक तीसरा अनावेशित गोला ‘C’ सर्वप्रथम पहले गोले ‘A’ के सम्पर्क में तत्पश्चात् दूसरे गोले ‘B’ के सम्पर्क में लाकर अन्ततः दोनों से ही हटा लिया जाता है, तब ‘A’ व ‘B’ गोलों के मध्य लगने वाले प्रतिकर्षण बल का मान ज्ञात करो।
हल-माना गोला A पर सम्पर्क से पहले कुल आवेश = Q है। गोला C, जब A के सम्पर्क में आता है तब यह आवेश Q दोनों में बराबर-बराबर बँट जायेगा ।
अतः A पर सम्पर्क के पश्चात् आवेश = \(\frac{Q}{2}\)
गोला B व C सम्पर्क में आने पर दोनों पर कुल आवेश = \(Q+\frac{1}{2} Q=\frac{3}{2} Q\)
यह आवेश B व C पर बराबर-बराबर बँट जायेगा ।
अत: सम्पर्क के पश्चात् B पर आवेश का मान = \(\frac{1}{2}\left(\frac{3}{2} Q\right)\) = \(\frac{3}{4}\)Q
अन्ततय: गोले A व B के मध्य प्रतिकर्षण बल
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HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र

प्रश्न 5.
दो परमाणुओं को आयन बनाने के लिए उनमें प्रत्येक से 2 इलेक्ट्रॉन निकाले गये हैं। इन आयनों को निर्वात में रखने पर ये एक-दूसरे को 3.7 × 10-9 न्यूटन बल से प्रतिकर्षित करते हैं। उनके बीच की दूरी ज्ञात कीजिए।
हल-दिया गया है-
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प्रश्न 6.
दो बिन्दु आवेश +9e तथा +e एक-दूसरे से 16 सेमी. की दूरी पर स्थित हैं। इनके बीच एक आवेश q को कहाँ रखा जाये कि उस पर बल न लगे?
हल-आवेश +9e और q के बीच लगने वाला बल
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र 25

अतः आवेश (+9e) से 12 सेमी. की दूरी पर आवेश q को रखा जाये तब वह आवेश सन्तुलन की स्थिति में होगा।

प्रश्न 7.
हीलियम नाभिक के कारण उससे 1Å दूरी पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता की गणना करो।
हल-हीलियम के नाभिक पर आवेश (q) = 2 प्रोटॉन का आवेश
= 2 × 1.6 × 10-19 = 3.2 × 10-19कूलॉम
∴ नाभिक से 1Å या 10-10 मीटर पर विद्युत क्षेत्र
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प्रश्न 8.
समान प्रकृति के दो q आवेश परस्पर d दूरी पर स्थित हैं, इनको मिलाने वाली रेखा के मध्य बिन्दु पर तीसरा आवेश Q कूलॉम का रखा है। Q के किस मान के लिए निकाय संतुलन में होगा?
हल-समान प्रकृति के दो आवेश d दूरी पर रखे हुए हैं।
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इनके मध्य बिन्दु पर एक तीसरा आवेश Q रखा हुआ है, जिसकी q आवेश से दूरी \(\frac{\mathrm{d}}{2}\) होगी। कूलॉम नियम से आवेश q और Q के बीच लगने वाला बल
F1 = \(\frac{\text { k.Q.q }}{(\mathrm{d} / 2)^2}\) (यहाँ k = \(\frac{1}{4 \pi \epsilon_0}\))  ……….. (1)

आवेश q और q के बीच लगने वाला बल
F2 = \(\frac{\text { k.q.q }}{(\text { d })^2}\)  ………….. (2)

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र 28

प्रश्न 9.
एक 10 सेमी. व्यास के गोले को आवेशित किया जाता है जिससे इसके पृष्ठ पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता 5 × 106 वोल्ट प्रति मीटर हो जाती है। गोले के केन्द्र से 25 सेमी. दूरी पर स्थित 5 × 106इक्रो कूलॉम आवेश पर कितना बल लगेगा?
उत्तर:
हल-दिया गया है।
2r = 10 सेमी. = 0.1 मीटर
r = 0. 05 मीटर
E = 5 × 106 वोल्ट/मीटर
गोले के केन्द्र से 25 सेमी. दूरी पर स्थित 5 × 10-2 µC आवेश पर कितना बल होगा = ?
गोले के पृष्ठ पर आवेश का मान माना = q कूलॉम है। गोले के पृष्ठ पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र 29

प्रश्न 10.
किसी गोले के केन्द्र से 20 सेमी. दूर स्थित एक बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता 10 वोल्ट/मीटर है। उस गोले के केन्द्र से 8 सेमी. दूरी पर स्थित बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात कीजिये। गोले की त्रिज्या 5 सेमी. है।
उत्तर:
हल-दिया गया है।
E20 = 10 न्यूटन/कूलॉम
E8 = ?, r = 20 सेमी. = 0.2 मीटर यहाँ E8 का मान ज्ञात करना है।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र 30

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र

प्रश्न 11.
a मीटर भुजा वाले वर्ग के चारों कोनों पर क्रमशः
q, 2q, 3q व 4q कूलॉम आवेश स्थित हैं। सिद्ध कीजिए कि उसके केन्द्र पर विद्युत क्षेत्र \(4\sqrt{2} \frac{k q}{a^2}\) न्यूटन/कूलॉम होगा।
उत्तर:
हल-यहाँ पर a मीटर भुजा वाले वर्ग के चारों कोनों पर क्रमश: q, 2q, 3q व 4q आवेश रखे हैं।
यहाँ AC और BD वर्ग के विकर्ण है जो कि O पर काटते हैं जो कि वर्ग का केन्द्र है। विद्युत क्षेत्र
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प्रश्न 12.
+ 3.2 × 10-19कूलॉम तथा -3.2 × 10-19 कूलॉम के दो बिन्दु आवेश एक-दूसरे से 2.4 × 10 -10 मीटर की दूरी पर रखे हैं। यह द्विध्रुव 3 × 104 न्यूटन/कूलॉम तीव्रता के क्षेत्र में क्षेत्र की दिशा से 30° कोण पर रखा है। इस पर कार्य करने वाले बल-युग्म के आघूर्ण का मान ज्ञात कीजिए। इस आघूर्ण का अधिकतम मान क्या होगा?
उत्तर:
हल-दिया गया है
q = 3.2 × 10-19कूलॉम
2a = 2.4 × 10-10 मीटर, E = 3 × 104 न्यूटन/कूलॉम
तथा θ = 30°
अतः वैद्युत द्विध्रुव का द्विध्रुव आघूर्ण p = 2aq
p = 2.4 × 10-10 × 3.2 × 10-19
= 7. 68 × 10-29 कूलॉम मीटर
इसलिए बल-युग्म का आघूर्ण
τ = pE sin θ
= (7. 68 × 10-29) × (3 × 104) × sin 30° न्यूटन मीटर
= 7. 68 × 3 × 10-25 × \(\frac{1}{2}\) न्यूटन मीटर
= 1. 152 × 10-24 न्यूटन मीटर
τ का अधिकतम मान
τmax = pE sin 90° = pE
= 7.68 × 10-29 × 3 × 104 न्यूटन मीटर
= 2. 304 × 10-24 न्यूटन मीटर

प्रश्न 13.
दो बिन्दु आवेश 5µC तथा -5µC एक-दूसरे से 1 सेमी. की दूरी पर रखे हैं। इनके मध्य बिन्दु से 0.30 मीटर की दूरी पर
(i) अक्षीय स्थिति में,
(ii) निरक्षीय स्थिति में वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता की गणना कीजिए।
हल-यहों पर दिया है-
उत्तर:
q = 5 µC = 5 × 10-6 कूलॉम
2a = 1 सेमी. = 10-2मीटर
तथा r = 0.30 मीटर
द्विध्रुव आघूर्ण p = 2aq
= 10-2 × 5 × 10-6
= 5 × 10-8 कूलॉम मीटर यहाँ पर r >> 2a
अत: द्विध्रुव लघु वैद्युत द्विध्रुव है। इसलिए
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र 32

प्रश्न 14.
2 सेमी. लम्बाई का एक वैद्युत द्विध्रुव 105 न्यूटन/कूलॉम तीव्रता के वैद्युत क्षेत्र में इस प्रकार रखा है कि इसकी अक्ष क्षेत्र की दिशा से 30° कोण बनाती है। इस पर 10√3 न्यूटन मीटर का बल आघूर्ण कार्य करता है।
वैद्युत द्विधुव पर आवेश का परिमाण ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
हल-यहाँ दिया गया है
τ = 10√3 न्यूटन मीटर,
θ = 30° तथा E = 105 न्यूटन/कूलॉम
इसलिए बल आघूर्ण τ = pE sin θ
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र 33

प्रश्न 15.
किस्सी बन्द पृष्ठ से प्रवेशित्त फ्लक्स 2 × 103 न्यूटनमीटर2 कूलॉम तथा निर्गत फ्लक्स 8 × 103 न्यूटन-मीटर2 कूलॉम है। पृष्ठ में बन्द आवेश का मान झ्ञात करो।
उत्तर:
हल-प्रवेशित फ्लक्स = 2 × 103 न्यूटनमीटर2/ कूलॉम
तथा निर्गत फलक्स = 8 × 103 न्यूटनमीटर2/ कूलॉम
∴ कुल निर्गत फ्लक्स = 8 × 103 -2 × 103
= 6 × 10 3न्यूटनमीटर2/ कूलॉम
यदि बन्द पृष्ठ में आवेश q हो तब
\(\frac{\mathrm{q}}{\epsilon_0}\) = Φ
∴ q = ∈0 × Φ
⇒ q = 8.85 × 10-12 × 6 × 103
या q = 53. 1 × 10-9 कूलॉम
= 53.1 × 10-9 nC

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र

प्रश्न 16.
एक गोलीय गाउसीय पृष्ठ द्वारा परिबद्ध आवेश 8.85 × 10-8 कूलॉम है। गणना कीजिए (a) गाउसीय पृष्ठ से निकलने वाला वैद्युत फ्लक्स, (b) यदि गाउसीय पृष्ठ की त्रिज्या दोगुनी कर दी जाये तो वैद्युत फ्लक्स में क्या परिवर्तन होगा?
उत्तर:
हल-यहाँ
परिबद्ध आवेश का मान q = 8.85 × 10-8 कूलॉम
(a) Φ = \(\frac{\mathrm{q}}{\epsilon_0}=\frac{8.85 \times 10^{-8}}{8.85 \times 10^{-12}}\)
= 104 न्यूटन मी2कूलॉम
(b) चूँकि वैद्युत फ्लक्स Φ केवल गाउसीय पृष्ठ द्वारा परिबद्ध आवेश पर निर्भर करता है उसकी त्रिज्या पर नहीं अतः वैद्युत फलक्स में कोई परिवर्तन नहीं होगा।

प्रश्न 17.
एक बिन्दु आवेश q, एक a मीटर भुजा वाले घन
(i) की एक कोर के मध्य बिन्दु पर
(ii) के एक तल पर केन्द्रतः रखा है घन से सम्बद्ध कुल फ्लक्स की गणना कीजिये। यह भी ज्ञात कीजिए कि सम्बद्ध कुल फ्लक्स घन के कितने पृष्ठों से गुजरेगा ?
उत्तर:
(i) धन के कोर के जिस बिन्दु पर बिन्दु आवेश है उसे केन्द्र मानकर एक खोखले गोले की कल्पना करो जो घन की कोर को दो बिन्दुओं पर काटे। घन का वह आयतन जो ऐसे गोले के अन्दर पड़ेगा वह खोखले गोले के कुल आयतन का एक-चौथाई होगा, इसलिये बिन्दु आवेश पर घन के द्वारा बना ठोस कोण \(\left(\frac{360^{\circ}}{4}=90^{\circ}\right)\) बनेगा। यदि बिन्दु आवेश का मान q हो तब बिन्दु आवेश के कारण घन से गुजरने वाला विद्युत फ्लक्स
Φ = \(\frac{q}{4 \epsilon_0}\)
धन के दो फलक जिनकी कोर पर बिन्दु आवेश है उनसे कोई विद्युत फ्लक्स नहीं गुजरेगा क्योंकि विद्युत फ्लक्स की दिशा उन पर उनके समान्तर है और घम से गुजरने वाला विद्युत फ्लक्स बाकी अन्य 4 फलकों से गुजरेगा।

(ii) घन के जिस फलक पर बिन्दु आवेश रखा है उस बिन्दु को केन्द्र मानकर एक ऐसे खोखले गोले की कल्पना करो जो उसे एक पूर्ण वृत्त में काटे । खोखले गोले का आयतन जो घन के अन्दर होगा वह खोखले गोले के कुल आयतन का आधा होगा और वह बिन्दु आवेश पर 180° का ठोस कोण बनायेगा। यदि बिन्दु आवेश का मान q हो तब घन से गुजरने वाला विद्युत फ्लक्स q आवेश से निकलने वाले विद्युत फलक्स का आधा होगा।
इसलिये धन से गुजरने वाला विद्युत फ्लक्स
Φ = \(\frac{q}{2 \epsilon_0}\)
पुनः चूँकि जिस घन के फलक पर बिन्दु आवेश है उस पर विद्युत फ्लक्स की दिशा फलक के समान्तर है इसलिये उस पर विद्युत फ्लक्स का मान शून्य होगा और विद्युत फ्लक्स शेष अन्य फलकों से समान रूप से निकलेगा ।
इसलिये विद्युत फ्लक्स पाँच फलकों से गुजरता है।

प्रश्न 18.
एक इलेक्ट्रॉन एक अनन्त धनात्मक रेखीय आवेश के चारों ओर 0.5 मीटर त्रिज्या की वृत्ताकार कक्षा में चक्कर लगाता है। यदि रेखीय आवेश घनत्व 18.2 × 10-10 कूलाम/मीटर है, तो इलेक्ट्रॉन की चाल (मीटर/सेकण्ड में) ज्ञात कीजिए।
(इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान me = 9.1 × 10-31 kg)
उत्तर:
हल-हम जानते हैं-अनन्त लम्बाई के समान रूप से आवेशित सीधे तार के कारण वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता
E = \(\frac{\lambda}{2 \pi \epsilon_0 r}\)
और F = qE
∴ F = \(\frac{q \lambda}{2 \pi \epsilon_0 r}\) (E का मान रखने पर)
इस बल का मान \(\frac{\mathrm{mv}^2}{\mathrm{r}}\) के बराबर होगा।
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प्रश्न 19.
एक 17.7 × 10-4 कूलॉम का वैद्युत आवेश 200 मीटर2 क्षेत्रफल की बड़ी पतली चादर पर समान रूप से फैला हुआ है। इससे 20 सेमी. की दूरी पर वायु में वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
हल-दिया गया है-
q = 17.7 × 10-4 कूलॉम
और चादर का क्षेत्रफल S = 200 मीटर2
इसलिए चादर पर आवेश का पृष्ठ घनत्व
σ = \(\frac{\mathrm{q}}{\mathrm{S}}=\frac{17.7 \times 10^{-4}}{200}\)
σ = 8.85 × 10-6 कूलॉम/मीटर2
इससे 20 सेमी. दूरी पर इसके निकट वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता
= \(\frac{\sigma}{2 \epsilon_0}=\frac{8.85 \times 10^{-6}}{2 \times 8.85 \times 10^{-12}}\)
= 5.0 × 105 न्यूटन/कूलॉम

प्रश्न 20.
धातु के एक पतले खोखले गोले (गोलीय कोश) की त्रिज्या 30 सेमी. तथा उस गोलीय कोश पर 500 µC का आवेश है। कोश के केन्द्र से
(i) 1 मीटर की दूरी पर,
(ii) 30 सेमी. दूरी पर,
(iii) 10 सेमी. दूरी पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
हल-दिया है R = 30 सेमी = 0.30 मीटर
आवेश q = 500 µC = 500 × 10-6 = 5 × 10-4 कूलॉम
(i) यहाँ r = 1 मीटर > R, अत: प्रेक्षण बिन्दु कोश से बाहर है।
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प्रश्न 21.
12 सेमी. त्रिज्य बाले एक गोलीय वात्सक के पृष्ठ पर 1.6 × 10-7 C का आवेश एकसभम्न रूप से धित्रिस्ल है-
(a) गोले के अन्दर
(b) गोले के ठीक बाहर
(c) गोले के केन्द्र से 18 सेमी. पर अवस्थित किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र क्या हीगा?
उत्तर:
हल- (a) जब बिन्दु गोलीय चालक के भीतर हो, तो r त्रिज्या (r < R) के एक गाउसीय पृष्ठ की कल्पना करते हैं। इस पृष्ठ के अन्दर आवेश शून्य है।
अतः इस पृष्ठ के लिए गाउस नियम से इस पृष्ठ से निर्गत फ्लक्स
Φ = \(\oint \overrightarrow{\mathrm{E}} \cdot \overrightarrow{\Delta \mathrm{S}}=\frac{\Sigma \mathrm{q}}{\epsilon_0}=\frac{0}{\epsilon_0}\)
(b) गोलीय चालक के ठीक बाहर या पृष्ठ पर
E = \(\frac{\mathrm{kQ}}{\mathrm{R}^2}\)
मान रखने पर
यहाँ
K = 9 × 109 Nm2C-2
Q = 1.6 × 10-7C
R = 12 cm = 12 × 10-2m
r = 18 cm = 18 × 10-2m
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प्रश्न 22.
दो एकसमान आवेशित समान्तर अनन्त समतल चादरों ‘1’ व ‘2’ के आवेश घनत्य क्रमशः +σ और -2σ हैं।
(i) इन दोनों चादरों के बीच किसी बिन्दु पर तथा
(ii) इन दोनों चादरों के बाहर परन्तु चादर ‘1’ के निकट किसी बिन्दु पर नेट विद्युत्क्षेत्र का परिमाण और दिशा ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
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HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा

Haryana State Board HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा Important Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा

वस्तुनिष्ठ प्रश्न:

प्रश्न 1.
भारत में घरों में भेजे जाने वाली AC के लिये आवृत्ति व विभवान्तर है:
(अ) 50 Hz, 220 V
(ब) 60Hz, 220 v
(स) 60Hz, 110 v
(द) 50Hz, 110 v
उत्तर:
(अ) 50 Hz, 220 V

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा

प्रश्न 2.
प्रत्यावर्ती धारा को दिष्ट धारा अमीटर से नहीं नापा जा सकता, क्योंकि
(अ) प्रत्यावर्ती धारा अमीटर में नहीं गुजर सकती
(ब) एक सम्पूर्ण चक्र के लिये धारा का औसत मान शून्य होता है
(स) प्रत्यावर्ती धारा की कुछ मात्रा अमीटर में नहीं हो जाती है।
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) एक सम्पूर्ण चक्र के लिये धारा का औसत मान शून्य होता है

प्रश्न 3.
एक प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में धारा I = 5 sin (100t – \(\frac{\pi}{2}\) ) ऐम्पियर तथा प्रत्यावर्ती विभवान्तर V = 200 sin (100 t) वोल्ट है। परिपथ में व्यय शक्ति है-
(अ) 1000 वाट
(ब) शून्य वाट
(स) 40 वाट
(द) 20 वाट
उत्तर:
(ब) शून्य वाट

प्रश्न 4.
एक AC परिपथ में वोल्टता का अधिकतम मान 282 V है। इस परिपथ में वोल्टता का प्रभावी मान है:
(अ) 200 V
(ब) 300 V
(स) 400 V
(द) 564 V
उत्तर:
(अ) 200 V

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा

प्रश्न 5.
L, C एवं R क्रमशः भौतिक राशियाँ प्रेरकत्व, धारिता तथा प्रतिरोध को निरूपित करती हैं। निम्न में से कौन-सा संयोजन समय की विमा रखता है:
(अ) \(\frac{C}{L}\)
(ब) \(\frac{1}{RC}\)
(स) \(\frac{L}{R}\)
(द) \(\frac{RL}{C}\)
उत्तर:
(स) \(\frac{L}{R}\)

प्रश्न 6.
प्रत्यावर्ती धारा उत्पन्न की जाती है:
(अ) ट्रांसफॉर्मर से
(ब) चोक कुण्डली से
(स) डायनमो से
(द) बैटरी से
उत्तर:
(स) डायनमो से

प्रश्न 7.
प्रत्यावर्ती वोल्टता V = 200sin (100rt + \(\frac{\pi}{2}\)) में, वोल्टता का वर्ग माध्य मूल मान है:
(अ) 100 √2 v
(ब) 200 √2 v
(स) 200 v
(द) 100V
उत्तर:
(अ) 100 √2 v

प्रश्न 8.
किसी प्रतिरोध में 4 A की दिष्ट धारा प्रवाहित हो रही है। धारा का वर्ग माध्य मूल मान होगा:
(अ) 4 A
(ब) \(\frac{4}{\sqrt{2}} \mathrm{~A}\)
(स) 4√2A
(द) दिष्ट धारा का वर्ग माध्य मूल मान नहीं होता।
उत्तर:
(अ) 4 A

प्रश्न 9.
एक विद्युत बल्ब 12 v de पर कार्य करने के लिए निर्मित किया गया है। बल्ब को एक ac स्रोत के साथ लगाने पर यह सामान्य चमक देता है। ac स्रोत की शिखर वोल्टता क्या होगी:
(अ) 12 V
(ब) 17 V
(स) 24 V
(द) 8.4 V
उत्तर:
(ब) 17 V

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा

प्रश्न 10.
प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में आरोपित विभवान्तर V = 10 cos ωt है तथा प्रवाहित धारा I = 2 sin ωt है तो शक्ति क्षय का मान होगा:
(अ) शून्य
(ब) 10W
(स) 5 W
(द) 1.25 W
उत्तर:
(अ) शून्य

प्रश्न 11.
संलग्न चित्र में अनुनादी अवस्था को प्रदर्शित करने वाला बिन्दु
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा 1
(अ) A
(ब) B
(स) C
(द) D
उत्तर:
(अ) A

प्रश्न 12.
उच्च आवृत्ति के लिये संधारित्र का प्रतिरोध-
(अ) उच्च होता है
(ब) निम्न होता है।
(स) शून्य
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) निम्न होता है।

प्रश्न 13.
एक धारित्र के साथ एक शुद्ध प्रतिरोध जुड़ा है तो परिपथ में कलान्तर θ की स्पर्शज्या (tan θ) का मान होगा:
(अ) \(\mathrm{C} \omega / \mathrm{R}\)
(ब) \(\mathrm{R} / \mathrm{C} \omega\)
(स) \(1 / \mathrm{C} \omega \mathrm{R}\)
(द) CωR
उत्तर:
(स) \(1 / \mathrm{C} \omega \mathrm{R}\)

प्रश्न 14.
प्रेरकत्व L और प्रतिरोध R वाले परिपथ की प्रतिबाधा प्रदर्शित करते हैं:
(अ) LR
(ब) \(\mathrm{L} / \mathrm{R}\)
(स) \(\sqrt{L^2 \omega^2+R^2}\)
(द) \(\sqrt{\mathrm{R}^2 \omega^2+\mathrm{L}^2}\)
उत्तर:
(स) \(\sqrt{L^2 \omega^2+R^2}\)

प्रश्न 15.
अनुनाद की अवस्था में LCR परिपथ का शक्ति गुणांक होता है:
(अ) शून्य
(ब) 40.5
(स) 1.0
(द) L, C व R के मानों पर निर्भर करता है।
उत्तर:
(स) 1.0

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा

प्रश्न 16.
एक श्रेणी LR परिपथ में आरोपित प्रत्यावर्ती वोल्टता का अधिकतम मान 5 V है। यदि प्रतिरोध के सिरों पर उत्पन्न अधिकतम वोल्टता 3V है तो प्रेरकत्व के सिरों पर उत्पन्न वोल्टता का अधिकतम मान होगा-
(अ) 2 V
(ब) 4V
(स) 5√2
(द) शून्य।
उत्तर:
(ब) 4V

प्रश्न 17.
एक श्रेणी LC – R परिपथ में प्रतिरोध, प्रेरकत्व तथा धारिता तीनों पर विभवान्तर का मान 100V है। यदि प्रतिरोध को लघुपथित कर दिया जाये तो परिपथ में धारा का मान होगा:
(अ) शून्य
(ब) अनन्त
(स) 10 A
(द) 20 A
उत्तर:
(ब) अनन्त

प्रश्न 18.
एक विद्युत हीटर को क्रमशः दिष्ट धारा तथा प्रत्यावर्ती धारा से गर्म करते हैं। दोनों धाराओं के लिए हीटर के सिरों पर लगाये गये विभवान्तर समान हैं। प्रति सेकण्ड उत्पन्न ऊष्मा अधिक होगी:
(अ) प्रत्यावर्ती धारा स्रोत से गर्म करने पर
(ब) दिष्ट धारा स्रोत से गर्म करने पर
(स) दोनों से समान
(द) उपर्युक्त में से कोई भी नहीं।
उत्तर:
(स) दोनों से समान

प्रश्न 19.
प्रत्यावर्ती धारा तथा विद्युत वाहक बल के बीच कलान्तर \(\frac{\pi}{2}\) है। निम्नलिखित में से कौनसा परिपथ का अवयव नहीं हो सकता है?
(अ) L, C
(ब) केवल L
(स) केवल C
(द) R, L
उत्तर:
(द) R, L

प्रश्न 20.
श्रेणी परिपथ में किसी प्रेरक कुण्डली के सिरों पर वोल्टता व धारिता के सिरों पर वोल्टता के मध्य कलान्तर रेडियन में होता है:
(अ) π
(ब) \(\pi / 2\)
(स) शून्य
(द) 2π
उत्तर:
(अ) π

प्रश्न 21.
किसी परिपथ का प्रतिरोध 1252 तथा प्रतिबाधा 1552 है। परिपथ का शक्ति गुणांक होगा:
(अ) 0.4
(ब) 0.8
(स) 0.125
(द) 1.25
उत्तर:
(ब) 0.8

प्रश्न 22.
अर्द्ध शक्ति बिन्दु पर परिपथ में धारा का मान होता है:
(अ) Imax√2
(ब) Imax/√2
(स) 2Imax
(द) Imax/2
उत्तर:
(ब) Imax/√2

प्रश्न 23.
एक R-L-C परिपथ के लिए अनुनाद की स्थिति में प्रत्यावर्ती धारा की आवृत्ति क्या होगी:
(अ) \(\frac{1}{2 \pi} \sqrt{\frac{L}{C}}\)
(ब) \(\sqrt{\frac{L}{C}}\)
(स) \(\frac{1}{\sqrt{\mathrm{LC}}}\)
(द) \(\frac{1}{2 \pi \sqrt{\mathrm{LC}}}\)
उत्तर:
(द) \(\frac{1}{2 \pi \sqrt{\mathrm{LC}}}\)

प्रश्न 24.
एक प्रत्यावर्ती परिपथ में धारा की कला वोल्टता की कला से कोण पीछे है तो परिपथ में अवयव है:
(अ) L तथा C
(ब) R तथा L
(स) R तथा C
(द) केवल R
उत्तर:
(ब) R तथा L

प्रश्न 25.
एक R – LC परिपथ का शक्ति गुणांक 1 होने के लिए क्या प्रतिबन्ध होगा:
(अ) R = Lω – \(\frac{1}{\mathrm{C} \omega}\)
(ब) Lω = \(\frac{1}{\mathrm{C} \omega}\)
(स) L = C
(द) R = 0
उत्तर:
(ब) Lω = \(\frac{1}{\mathrm{C} \omega}\)

प्रश्न 26.
LC परिपथ में L या C में से किसी को भी अधिक करने पर अनुनादी आवृत्ति:
(अ) बढ़ती है
(ब) घटती है
(स) वही रहती है।
(द) शंट प्रतिरोध पर निर्भर करती है।
उत्तर:
(ब) घटती है

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा

प्रश्न 27.
एक लैम्प जिसका प्रतिरोध 280 ओम है, 200 वोल्ट के प्रत्यावर्ती स्रोत से जोड़ा गया है। लैम्प में प्रवाहित धारा का शिखर मान होगा:
(अ) 1.0 ऐम्पियर
(ब) 2.0 ऐम्पियर
(स) 0.7 ऐम्पियर
(द) 1.4 ऐम्पियर
उत्तर:
(अ) 1.0 ऐम्पियर

प्रश्न 28.
प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में विभवान्तर V = 20 sin ωt वोल्ट तथा प्रवाहित धारा I = 5 cos ωt ऐम्पियर है, तो शक्ति क्षय का मान वाट में होगा-
(अ) शून्य
(ब) 10
(स) 5
(द) 100
उत्तर:
(अ) शून्य

प्रश्न 29.
ट्रांसफार्मर में क्रोड बनाने के लिए निम्नलिखित पदार्थों में से कौनसा अधिक उपयुक्त होता है:
(अ) नर्म लोहा
(ब) निकल
(स) ताँबा
(द) स्टेनलेस स्टील
उत्तर:
(अ) नर्म लोहा

प्रश्न 30.
एक ट्रांसफार्मर 220 वोल्ट प्रत्यावर्ती सप्लाई को बढ़ाकर 2200 वोल्ट करता है। यदि ट्रांसफार्मर के द्वितीयक कुण्डली में 2000 चक्कर हों, तो प्राथमिक कुण्डली में चक्कर की संख्या होगी:
(अ) 100
(ब) 50
(स) 200
(द) 30
उत्तर:
(स) 200

प्रश्न 31.
ट्रांसफॉर्मर में प्राथमिक तथा द्वितीयक कुण्डलियों में फेरों की संख्या क्रमशः 100 तथा 300 है। यदि निवेशी शक्ति 60 वाट हो, तो निर्गत शक्ति होगी:
(अ) 60W
(ब) 20 W
(स) 180W
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) 60W

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1.
समीकरण E = E0 sinωt प्रत्यावर्ती धारा विद्युत वाहक बल को प्रदर्शित करती है। इसकी आवृत्ति, आयाम तथा आवर्तकाल ज्ञात कीजिये।
उत्तर:
कोणीय आवृत्ति ω = 2πf
आवृत्ति (f) = \(\frac{\omega}{2 \pi}\)
आयाम = वोल्टता का शिखर मान = E0
आवर्तकाल T = \(\frac{1}{\mathrm{f}}\) = \(\frac{2 \pi}{\omega}\)

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा

प्रश्न 2.
एक प्रत्यावर्ती धारा I = Io sinωt किसी प्रतिरोध R में T = \(\frac{2 \pi}{\omega}\) समय में कुछ ऊष्मा H उत्पन्न करती है। उस दिष्ट धारा का मान लिखिये जो इसी प्रतिरोध में इतने ही समय में यही ऊष्मा उत्पन्न करे।
उत्तर:
प्रत्यावर्ती धारा के वर्ग माध्य मूल मान की परिभाषा से वांछित दिष्ट धारा = प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान
Irms = \(\frac{\mathrm{I}_0}{\sqrt{2}}\)
जहाँ पर I0 = प्रत्यावर्ती धारा का शिखर मान

प्रश्न 3
प्रत्यावर्ती वोल्टता के शिखर मान तथा वर्ग माध्य मूलमान में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
वर्ग माध्य मूल मान ErmS = \(\frac{\mathrm{E}_0}{\sqrt{2}}\)
जहाँ पर E = प्रत्यावर्ती वोल्टता का शिखर मान

प्रश्न 4.
एक पूर्ण चक्र में प्रत्यावर्ती धारा का औसत मान क्या होगा?
उत्तर:
शून्य।

प्रश्न 5.
शुद्ध प्रेरकत्व वाले दिष्ट धारा परिपथ में प्रेरणिक प्रतिघात का मान क्या होगा?
उत्तर:
शून्य, चूँकि XL = ωL तथा दिष्ट धारा में ω = 0

प्रश्न 6.
यदि किसी विद्युत परिपथ में धारा की कला, विभवान्तर की कला में 90° पश्चगामी है, तो परिपथ की प्रतिघात किस प्रकार की होगी?
उत्तर:
प्रेरणिक

प्रश्न 7.
क्या प्रत्यावर्ती धारामापी द्वारा प्रत्यावर्ती व दिष्ट दोनों धारायें मापी जा सकती हैं?
उत्तर:
हाँ, क्योंकि यह ऊष्मीय सिद्धान्त पर कार्य करता है।

प्रश्न 8.
एक प्रत्यावर्ती धारा स्रोत एक संधारित्र को पूरे एक चक्र में कितनी औसत शक्ति देगी?
उत्तर:
संधारित्र में धारा तथा वोल्टता के बीच कलान्तर = 90° अतः औसत शक्ति P = Erms Irms cos ¢ = 0
∵ cos 90° = 0

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा

प्रश्न 9.
किसी प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में तात्क्षणिक धारा तथा वोल्टता क्रमशः I = losin 300t ऐम्पियर तथा V = 200 sin 300 t वोल्ट से व्यक्त की गयी है। परिपथ में व्यय औसत शक्ति क्या है?
उत्तर:
दी गयी समीकरणों से स्पष्ट है कि धारा तथा वोल्टता के बीच कलान्तर
Φ = 0°
अतः
\(\overline{\mathrm{P}}\) = Vrms Irms cos ¢
= \(\frac{V_0}{\sqrt{2}}\) × \(\frac{I_0}{\sqrt{2}}\) × 0° = \(\frac{200}{\sqrt{2}}\) × \(\frac{10}{\sqrt{2}}\) × 1
= 1000 वाट

प्रश्न 10.
प्रेरणिक प्रतिघात (X), प्रत्यावर्ती स्रोत की आवृत्ति के साथ किस प्रकार परिवर्तित होता है? आलेख द्वारा प्रदर्शित करें।
उत्तर:
XL = ωL
X α ω
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा 2

प्रश्न 11.
L-C-R परिपथ के लिये अनुनादी अवस्था में शक्ति गुणांक का मान क्या होता है?
उत्तर:
1 (चूँकि L-C-R परिपथ के लिये अनुनादी अवस्था में धारा व विभवान्तर के बीच कलान्तर शून्य होता है)।

प्रश्न 12.
प्रत्यावर्ती धारा के स्रोत से एक बल्ब तथा एक संधारित्र श्रेणीक्रम में जुड़े हैं स्रोत की आवृत्ति अधिक करने पर बल्ब के प्रकाश का क्या होगा?
उत्तर:
प्रकाश तीव्र हो जायेगा।
∵ आवृत्ति ० अधिक करने पर प्रतिघात Xc = \(\frac{1}{\omega C}\) जायेगा, जिससे बल्ब को अधिक धारा मिलेगी।

प्रश्न 13.
क्या प्रत्यावर्ती धारा से बैटरी चार्ज की जा सकती है?
उत्तर:
नहीं, प्रत्यावर्ती धारा में दिशा एकान्तर क्रम में बदलती रहती है।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा

प्रश्न 14.
क्या प्रत्यावर्ती धारा से विद्युत अपघटन हो सकता है? प्रत्यावर्ती धारा में दिशा एकान्तर क्रम में बदलती
उत्तर:
नहीं, रहती है, जबकि विद्युत अपघटन में विद्युत धारा समय के सापेक्ष परिमाण व दिशा में परिवर्तित नहीं होती है।

प्रश्न 15.
एक प्रेरकत्व तथा एक प्रतिरोध किसी प्रत्यावर्ती स्रोत से श्रेणीक्रम में जुड़े हैं। इन दोनों के सिरों पर विभवान्तरों में कलान्तर क्या होगा?
उत्तर:
रेडियन।

प्रश्न 16.
एक प्रत्यावर्ती धारा परिपथ का शक्ति गुणांक 0.5 है। परिपथ में धारा तथा वोल्टता में कितना कलान्तर होगा?
उत्तर:
cos ¢ =0.5 = 1/2 = cos 60° = \(cos \frac{\pi}{3}\)
∵ अर्थात् कलान्तर \(\frac{\pi}{3}\) रेडियन होगा।

प्रश्न 17.
एक प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में धारा तथा वोल्टता के तात्क्षणिक मान क्रमश: दिये गये हैं:
I = 10 sin 314 t ऐम्पियर तथा V = 50 sin (314t + cos \(\frac{\pi}{2}\) ) वोल्ट परिपथ में औसत शक्ति का व्यय क्या होगा ?
उत्तर:
दी गयी समीकरणों से स्पष्ट है कि धारा तथा वोल्टता
के बीच कलान्तर ¢ = \(\frac{\pi}{2}\)
अतः cos ¢ = cos \(\frac{\pi}{2}\) = 0
परिपथ में औसत व्यय \(\overline{\mathrm{P}}\) = Vrms Irms cos ¢
= Vrms x Irms x 0 = 0

प्रश्न 18.
समान वोल्टता की प्रत्यावर्ती तथा दिष्ट धारा में कौन- सी अधिक खतरनाक होगी?
उत्तर:
प्रत्यावर्ती धारा (चूँकि प्रत्यावर्ती धारा का शिखर मान विभव दिष्ट धारा विभव से ज्यादा होता है)।

प्रश्न 19.
श्रेणी अनुनादी L-C-R परिपथ में प्रतिबाधा का मान होता है।
उत्तर:
प्रतिरोध के बराबर।
∴ Z = \(\sqrt{R^2+\left(X_L-X_C\right)^2}\) में, अनुनाद स्थिति में XL = Xc
Z = R

प्रश्न 20.
एक चक्र में प्रत्यावर्ती धारा की दिशा बदलती है।
उत्तर:
दो बार।

प्रश्न 21.
L-C-R श्रेणी अनुनादी परिपथ में अनुनादी आवृत्ति से कम आवृत्ति पर परिपथ की प्रकृति क्या होगी?
उत्तर:
धारितीय, क्योंकि इस स्थिति में 1/ωC > ωL हो जायेगा।

प्रश्न 22.
प्रत्यावर्ती परिपथ में L-C-R श्रेणी अनुनाद की स्थिति में परिपथ की प्रतिबाधा होती है।
उत्तर:
न्यूनतम, क्योंकि अनुनाद में XL = XC तथा Z = R

प्रश्न 23.
L-C-R श्रेणी अनुनादी परिपथ में प्रेरकत्व तथा धारिता पर विभवान्तर के मध्य कलान्तर क्या होता है?
उत्तर:
180° या π

प्रश्न 24.
L-C-R श्रेणी परिपथ में क्या यह सम्भव है कि किसी परिपथ अवयव पर विभवान्तर का मान आरोपित प्रत्यावर्ती विभवान्तर के अधिकतम मान से अधिक हो सकता है?
उत्तर:
हाँ, प्रेरकत्व या संधारित्र पर।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा

प्रश्न 25.
वैद्युत अवयव X जब किसी प्रत्यावर्ती धारा परिपथ से जोड़ा जाता है तो इसके अन्दर धारा वोल्टता से \(\frac{\pi}{2}\) रेडियन अप्रगामी है। X को पहचानिये तथा इसके प्रतिघात के लिये व्यंजक लिखिये।
उत्तर:
अवयव X संधारित्र होगा जिसका प्रतिघात
= \(\frac{1}{\omega \mathrm{C}}\) = \(\frac{1}{2 \pi \mathrm{fC}}\)

प्रश्न 26.
यदि प्रत्यावर्ती परिपथ में R = 100Ω, X = 400Ω तथा Xc = 400Ω हो तो परिपथ की कुल प्रतिबाधा क्या होगी?
उत्तर:
प्रतिबाधा
Z = (R2 + (XL – XC)2)1/2
जब
XL = XC
तब प्रतिबाधा Z = (R2 + 0)1/2 = R
Z = 1002Ω

प्रश्न 27.
शुद्ध प्रेरकत्व या धारिता का शक्ति गुणांक का मान क्या होता है?
उत्तर:
शून्य। ∵ शुद्ध प्रेरकत्व या धारिता में कला कोण ± \(\frac{\pi}{2}\)

प्रश्न 28.
एक प्रतिरोध, प्रेरकत्व तथा धारिता को किसी दिष्ट धारा स्रोत के साथ जोड़ा गया है। परिपथ की प्रतिबाधा का मान क्या होगा?
उत्तर:
अनन्त।
∵ दिष्ट धारा में ω = 0
∴ प्रतिबाधा = \(\sqrt{\mathrm{R}^2+\left(\omega L-\frac{1}{\omega C}\right)^2}\)
∴ Z = ∞

प्रश्न 29.
किसी बल्ब के तन्तु से प्रवाहित होने वाली धारा प्रत्यावर्ती धारा है या दिष्ट धारा कैसे ज्ञात करोगे?
उत्तर:
चुम्बक निकट लाने पर यदि तन्तु में कम्पन होने लगे तो धारा प्रत्यावर्ती होगी।

प्रश्न 30.
एक श्रेणी L-R-C परिपथ में प्रेरक, संधारित्र तथा प्रतिरोध के सिरों के बीच वोल्टता क्रमशः 20V, 20V तथा 40V है। परिपथ में धारा तथा आरोपित वोल्टता के बीच कितना कलान्तर होगा?
उत्तर:
tan ¢ = \(\left(\frac{\mathrm{V}_{\mathrm{C}}-\mathrm{V}_{\mathrm{L}}}{\mathrm{V}}\right)\) = \(\sqrt{u_r \epsilon_r}\) = \(\left(\frac{20-20}{40}\right)\)
¢ = tan-1 (0) = 0

प्रश्न 31.
प्रत्यावर्ती वि.वा. बल का शिखर से शिखर तक का मान कितना होता है?
उत्तर:
धनात्मक शिखर मान और ऋणात्मक शिखर मान के परिमाण के योग के मान के बराबर होता है, अर्थात् वि.वा. बल का शिखर से शिखर तक का मान
= 2.Eg = 2√2Erms

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प्रश्न 32.
एक कुण्डली का प्रतिरोध 3 ओम है व उसका प्रतिघात 4 ओम है। कुण्डली का शक्ति गुणांक क्या होगा?
उत्तर:
शक्ति गुणांक = \(\frac{R}{Z}\)
लेकिन
Z = imm
= \(\sqrt{(3)^2+(4)^2}\) = 5
∴ शक्ति गुणांक = \(\frac{R}{Z}\) = \(\frac{3}{5}\)

प्रश्न 33.
एक 25 वाट का और एक 50 वाट का बल्ब श्रेणीक्रम में जुड़े हैं। किससे अधिक प्रकाश प्राप्त होगा और क्यों?
उत्तर:
25 वाट के बल्ब से, क्योंकि दोनों में धारा समान प्रवाहित होगी और 25 वाट बल्ब के फिलामेंट का प्रतिरोध अधिक होने से उसमें अधिक ऊष्मा उत्पन्न होगी।

प्रश्न 34.
प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में तात्क्षणिक शक्ति और औसत शक्ति से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में किसी क्षण या समय पर शक्ति मान को तात्क्षणिक शक्ति कहते हैं प्रत्यावर्ती परिपथ में एक चक्र के लिये तात्क्षणिक शक्ति के औसत मान को औसत शक्ति कहते हैं।

प्रश्न 35.
यदि प्रत्यावर्ती धारा का शिखर मान l है तो
(i) धारा का वर्ग माध्य का मूल मान
(ii) औसत मान होगा।
उत्तर:
(i) धारा का वर्ग माध्य मूल मान
Irms = \(\frac{\mathrm{I}_0}{\sqrt{2}}\)
(ii) औसत धारा का मान
I = 0

प्रश्न 36.
एक प्रत्यावर्ती वि.वा. बल स्रोत से एक संधारित्र तथा एक बल्ब श्रेणी क्रम में जुड़े हैं। यदि प्रत्यावर्ती वि. वा. बल की आवृत्ति बढ़ा दी जाती है, तो परिपथ में क्या प्रभाव होगा?
उत्तर:
आवृत्ति बढ़ाने \(\frac{1}{\mathrm{C} \omega}\) संधारित्र का प्रतिघ घट जाता है, जिससे परिपथ में धारा का मान बढ़ जाता है एवं बल्ब की चमक बढ़ जाती है।

प्रश्न 37.
घरों में विद्युत लाइन 220 वोल्ट पर कार्य करती है तो वि.वा. बल का शिखर मान (आयाम) क्या होगा?
उत्तर:
हम जानते हैं:
Er.m.s = \(\frac{E_0}{\sqrt{2}}\)
∴ E0 = \(\sqrt{2}\) Er.m.s
E0 = 1.414 × 220
= 310.2 वोल्ट

प्रश्न 38.
शुद्ध प्रतिरोध, शुद्ध प्रेरकत्व तथा शुद्ध धारिता में प्रत्यावर्ती वि.वा. बल एवं धारा के मध्य कलान्तर लिखो।
उत्तर:
कलान्तर ¢ = 0, वि. वा. बल से धारा \(\sqrt{u_r \epsilon_r}\) कोण से पीछे, वि. वा. बल से धारा कोण से आगे।

प्रश्न 39.
ट्रांसफॉर्मर किस सिद्धान्त पर कार्य करता है? क्या यह दिष्ट धारा परिपथ में प्रयुक्त हो सकता है?
उत्तर:
अन्योन्य प्रेरण के सिद्धान्त पर यह दिष्ट धारा परिपथ में कार्य नहीं कर सकती है, क्योंकि दिष्ट धारा ट्रांसफॉर्मर की क्रोड में ‘परिवर्ती’ चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न नहीं कर सकती है।

प्रश्न 40.
व्यावहारिक ट्रांसफॉर्मर में ऊर्जा हानि के लिये उत्तरदायी कोई दो कारक बताइये।
उत्तर:
(i) फ्लक्स हानि
(ii) भँवर धारा हानि।

प्रश्न 41.
ट्रांसफॉर्मर में कौनसी राशि नियत रहती है? धारा, विभव, आवृत्ति शक्ति।
उत्तर:
आवृत्ति।

प्रश्न 42.
बड़े ट्रांसफॉर्मर कुछ समय तक कार्य करते रहने पर गर्म हो जाते हैं तथा तेल के संचरण से ठण्डे किये जाते हैं ट्रांसफॉर्मर के गर्म होने का कारण लिखिये।
उत्तर:
शैथिल्य हास तथा धारा का ऊष्मीय प्रभाव दोनों।

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प्रश्न 43.
उच्चायी ट्रांसफॉर्मर का क्या कार्य है?
उत्तर:
निम्न वोल्टता की प्रबल प्रत्यावर्ती धारा को उच्च वोल्टता की निर्बल प्रत्यावर्ती धारा में बदलना।

प्रश्न 44.
यदि किसी ट्रांसफॉर्मर की प्राथमिक कुण्डली को एक बैटरी में जोड़ा जाये तो क्या घटना घटित होगी?
उत्तर:
द्वितीयक कुण्डली में प्रारम्भ में क्षणिक धारा प्रवाहित होगी फिर कोई धारा प्रवाहित नहीं होगी।

प्रश्न 45.
प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में होने वाले शक्ति क्षय की गणना करो जिसमें विभव एवं धारा के मान निम्न हैं:
V = 3000 sin (ωt + \(\frac{\pi}{2}\) ) एवं
I = 5 sin ωt
उत्तर:
∵ यहाँ पर ¢ = \(\frac{\pi}{2}\) है।
P = Erms Irms cos ¢
P = 0
∴ cos \(\frac{\pi}{2}\) = 0

प्रश्न 46.
निम्नलिखित की परिभाषा लिखिये:
(i) प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान।
(ii) विद्युत अनुनाद में गुणवत्ता गुणांक।
उत्तर:
(i) प्रत्यावर्ती धारा के तात्कालिक मान के वर्ग के माध्य के वर्गमूल को धारा का वर्ग माध्य मूल मान Irms कहते हैं।”
I2 = I2sin2 ωt
Irms = \(\frac{\mathrm{I}_0}{\sqrt{2}}\)
या Irms = 0.707 Io
प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान उसके शिखर (अधिकतम) को \(\frac{I}{\sqrt{2}}\) या 0.707 से गुणा करके प्राप्त होता है।

(ii) अनुनाद आवृत्ति और परिपथ की बैण्ड चौड़ाई को अनुपात के परिपथ का विशेषता गुणांक कहते हैं। इसे हम Q से प्रदर्शित करते है।
Q = IMM = \(\frac{\omega_r}{\omega_2-\omega_1}\) = \(\frac{f_r}{f_2-f_1}\) = \(\frac{\omega_{\mathrm{r}} \mathrm{L}}{\mathrm{R}}\)

प्रश्न 47.
किसी प्रत्यावर्ती परिपथ में आरोपित वोल्टता 220 v है। यदि R = 8Ω, XL = XC = 6Ω है तो निम्न का मान लिखिए:
(a) वोल्टता का वर्ग माध्य मूल (rms) मान
(b) परिपथ की प्रतिबाधा।
उत्तर:
(a) Vrms = 220 v

(b) परिपथ की प्रतिबाधा Z =
यहाँ पर XL = XC तब Z = R होगा
अर्थात् परिपथ की प्रतिबाधा Z = 8Ω

प्रश्न 48.
प्रत्यावर्ती धारा के एक पूर्ण चक्र के लिए धारा का औसत मान लिखिए।
उत्तर:
एक सम्पूर्ण चक्र के लिये प्रत्यावर्ती धारा का औसत मान शून्य होता है।

लघुत्तरात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1.
प्रत्यावर्ती धारा के वर्ग माध्य मूल मान को परिभाषित कीजिये।
उत्तर:
वर्ग माध्य मूल मान- प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में एक सम्पूर्ण चक्र के लिए तात्क्षणिक धारा या वोल्टता के वर्ग (I2 या E2) के औसत मान के वर्गमूल को वर्ग माध्य मूल मान कहते हैं। प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल (r.m.s.) मान दिष्ट धारा के उस मान के तुल्य है जो कि उतना ही ऊष्मीय प्रभाव प्रदर्शित करता है, जितना कि प्रत्यावर्ती धारा। इसे Irms से प्रदर्शित किया जाता है।
Irms = \(\frac{\mathrm{I}_0}{\sqrt{2}}\) होता है।
Irms = 0.707I0 …..(1)
उपर्युक्त समीकरण (1) से स्पष्ट है कि प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान, धारा के शिखर मान (Im) का 70.7% होता है।

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प्रश्न 2.
श्रेणी R-L-C परिपथ में अनुनादी अवस्था से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
R-L-C परिपथ को अनुनादी कहा जाता है जब किसी लगाये गये प्रत्यावर्ती वोल्टेज के लिये उसमें अधिकतम विद्युत धारा प्रवाहित हो, यह तब ही सम्भव होता है जब R-L-C परिपथ की प्रतिबाधा का मान न्यूनतम हो चूँकि R-LC परिपथ की प्रतिबाधा प्रत्यावर्ती वोल्टेज की कोणीय आवृत्ति पर निर्भर करती है। जिसके लिये परिपथ की प्रतिबाधा न्यूनतम हो।

प्रश्न 3.
अनुनाद की शर्तें लिखिए।
उत्तर:
अनुनाद की शर्तें:
(i) अनुनादी की स्थिति में परिपथ की प्रतिबाधा पूर्णतः प्रतिरोधीय होती है।
(ii) अनुनाद की स्थिति में धारा तथा वोल्टता एक ही दिशा में होते हैं। उनके बीच कलान्तर का मान शून्य होता है अर्थात् Φ = 0
(iii) अनुनाद की स्थिति में शक्ति गुणांक का मान अधिकतम अर्थात् एक के बराबर होता है।
(iv) अनुनाद की स्थिति में परिपथ में कुल प्रतिघात का मान शून्य होता है।
(v) अनुनाद की स्थिति में प्रतिबाधा का मान न्यूनतम होता है तथा इसका मान प्रतिरोध के मान के बराबर होता है।

प्रश्न 4.
शक्ति गुणांक क्या है? समझाइये।
उत्तर:
हम जानते हैं औसत शक्ति की समीकरण
\(\overline{\mathrm{P}}\) = Erms Irms cos Φ
जहाँ
cos Φ = \(\frac{\overline{\mathrm{P}}}{\mathrm{E}_{\mathrm{rms}} I_{\mathrm{rms}}}\)
cosΦ = \(\frac{\overline{\mathrm{P}}}{\mathrm{P}_{\mathrm{app}}}\)
Papp = आभासी शक्ति = Erms Irms
अर्थात् “औसत शक्ति तथा आभासी शक्ति (Papp) के अनुपात को शक्ति गुणांक कहते हैं।”
दूसरे शब्दों में “वि.वा. बल तथा धारा के मध्य के कलान्तर की कोज्या (cos Φ) को शक्ति गुणांक कहते हैं।”
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा 3
अर्थात् शक्ति गुणांक, प्रतिरोध तथा प्रतिबाधा के अनुपात के तुल्य होता है।
यदि Φ = 0° हो तो cos Φ + 1 अधिकतम शक्ति गुणांक
यदि ¢ = 90° हो तो cos ¢ = 0 न्यूनतम शक्ति गुणांक।

प्रश्न 5.
प्रत्यावर्ती धारा एवं वोल्टता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जब किसी कुण्डली को प्रबल चुम्बकीय क्षेत्र में तेजी से घुमाया जाता है तो कुण्डली से सम्बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स में निरन्तर परिवर्तन होता है जिससे कुण्डली में वि.वा. बल प्रेरित होता है तथा प्रेरित धारा प्रवाहित होती है। प्रेरित वि.वा. बल तथा धारा का परिमाण तथा दिशा कुण्डली के घूर्णन के साथ परिवर्तित होते हैं। इस प्रकार की धारा को प्रत्यावर्ती धारा तथा वोल्टता को प्रत्यावर्ती वोल्टता कहते हैं। प्रत्यावर्ती धारा के वोल्टता का तात्क्षणिक मान निम्न समीकरण से प्रदर्शित करते हैं
E = E0 sin (ωt + ¢)
या
E= E0 cos (ωt + ¢)
यहाँ पर E को तात्क्षणिक मान E को शिखर मान = NBωA और (ωt + ¢) को कला कहते हैं।
इसी प्रकार प्रत्यावर्ती धारा के तात्क्षणिक मान को निम्न समीकरण द्वारा प्रदर्शित करते हैं
I = I0 sin (ωt + ¢)
या
I = Io cos (ωt + ¢)
I = तात्कालिक मान और I0 शिखर मान इसका मान के बराबर होता है। जहाँ पर \(\frac{N \omega B A}{R}\) कुण्डली का प्रतिरोध है।

प्रश्न 6.
कार्यहीन तथा कार्यकारी धारा में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
जब किसी प्रतिबाधा वाले परिपथ पर प्रत्यावर्ती विभव लगाया जाता है तब परिपथ में से गुजरने वाली प्रत्यावर्ती धारा और परिपथ पर लगाये गये प्रत्यावर्ती विभव के बीच में कलान्तर होता है। यदि प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान Irms हो और प्रत्यावर्ती विभव और धारा के बीच कलान्तर Φ हो तब प्रत्यावर्ती धारा के विभव की दिशा और विभव के लम्बवत् दो घटक क्रमश: Irmscos Φ व Irms sinΦ होंगे। प्रत्यावर्ती धारा का वह घटक जो प्रत्यावर्ती विभव की दिशा में, यानी Irms cos Φ परिपथ में से गुजरने में कार्य करता है। इस घटक को कार्यकारी धारा कहते हैं। प्रत्यावर्ती धारा का वह घटक जो परिपथ पर लगाये गये प्रत्यावर्ती विभव लम्बवत् होता है, यानी Irms sinΦ, वह परिपथ में से गुजरने में उसे कोई कार्य नहीं करना पड़ता है। इसलिये धारा के इस घटक को कार्यहीन धारा कहते हैं।

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प्रश्न 7.
ट्रांसफार्मरों में वे कौनसे कारण हैं जिनसे अल्प मात्रा में ऊर्जा क्षय होता है?
अथवा
वास्तविक ट्रांसफार्मर में अल्प ऊर्जा क्षय के कोई दो कारण समझाइये
उत्तर:
ट्रांसफार्मरों में निम्नलिखित कारणों में अल्प मात्रा में ऊर्जा क्षय होता है:
(i) फ्लक्स क्षरण – कुछ फ्लक्स हमेशा क्षरित होता ही रहता है अर्थात् क्रोड के खराब अभिकल्पन या इसमें रही वायु रिक्ति के कारण प्राथमिक कुण्डली का पूरा फ्लक्स द्वितीयक कुण्डली से नहीं गुजरता है। प्राथमिक और द्वितीयक कुण्डलियों को एक-दूसरे के ऊपर लपेटकर फ्लक्स क्षरण को कम किया जाता है।
(ii) कुण्डलनों का प्रतिरोध- कुण्डलियाँ बनाने में लगे हुए तारों का कुछ न कुछ प्रतिरोध होता ही है और इसलिए इन तारों में उत्पन्न ऊष्मा (I2R) के कारण ऊर्जा क्षय होता है। उच्च धारा, निम्न वोल्टता कुण्डलनों में मोटे तार का उपयोग करके इनमें होने वाली ऊर्जा क्षय को कम किया जा सकता है।
(iii) भँवर धाराएँ – प्रत्यावर्ती चुम्बकीय फ्लक्स लौह क्रोड में भँवर धाराएँ प्रेरित करके इसे गर्म कर देता है। स्तरित क्रोड का उपयोग करके इस प्रभाव को कम किया जाता है।
(iv) शैथिल्य – प्रत्यावर्ती चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा क्रोड का चुम्बकन बार-बार उत्क्रमित होता है। इस प्रक्रिया में व्यय होने वाली ऊर्जा क्रोड में ऊष्मा के रूप में प्रकट होती है। कम शैथिल्य वाले पदार्थ का क्रोड में उपयोग करके इस प्रभाव को कम रखा जाता है।

प्रश्न 8.
ट्रांसफॉर्मर आदर्श ट्रांसफॉर्मर कब कहलाता है?
उत्तर:
एक आदर्श ट्रांसफॉर्मर में ट्रांसफॉर्मर की प्राथमिक कुण्डली से द्वितीय कुण्डली में ऊर्जा के हस्तान्तरण में ऊर्जा की कोई हानि नहीं होती है एवं तब प्राथमिक कुण्डली और द्वितीयक कुण्डली में शक्ति का मान भी समान होता है। ऐसे ट्रांसफॉर्मर की दक्षता 100% होनी चाहिये।

प्रश्न 9.
220v की प्रत्यावर्ती धारा 220V दिष्ट धारा की तुलना में अधिक खतरनाक क्यों है?
उत्तर:
हमारे घरों में प्रायः 220 वोल्ट पर प्रत्यावर्ती धारा बहती है इसका अर्थ यह हुआ कि प्रत्यावर्ती वोल्टेज का वर्ग माध्य-मूल मान 220 वोल्ट होता है।
अतः इसका शिखर मान होगा,
Eo = √2 x Erms
या
= √2 × 220 = 1.414 x 220
Eg = 311 वोल्ट
इस प्रकार कहा जा सकता है कि घरों में बहने वाली प्रत्यावर्ती धारा का वोल्टेज प्रत्येक चक्र में +311 वोल्ट से लेकर -311 वोल्ट तक परिवर्तित होता रहता है।
(एक चक्र में प्रत्यावर्ती वोल्टेज में होने वाला अधिकतम परिवर्तन 6.22 वोल्ट होता है।) यही कारण है कि 220 वोल्ट की प्रत्यावर्ती धारा (A.C.) 220 वोल्ट की दिष्ट धारा (D.C.) से अधिक खतरनाक है।

प्रश्न 10.
जब एक श्रेणी LR परिपथ के साथ एक संधारित्र श्रेणीक्रम में जोड़ दिया जाता है, तो परिपथ में प्रवाहित धारा बढ़ जाती है? समझाइये, क्यों?
उत्तर:
L-R परिपथ की प्रतिबाधा
Z1 = \(\sqrt{R^2+(\omega L)^2}\)
I1 = \(\frac{E}{Z_1}\)
संधारित्र को जोड़ देने पर L-C-R परिपथ की प्रतिबाधा
Z = \(\frac{\pi}{2}\)
∴ धारा I2 = \(\frac{E}{Z_2}\)
∴ \(\frac{I2}{I1}\) = \(\frac{Z1}{Z2}\)
∴ Z1 > Z2
∴ I2 > I1

प्रश्न 11.
LCR श्रेणी अनुनादी परिपथ में प्रत्यावर्ती धारा का आवृत्ति के साथ परिवर्तन दर्शाने वाला वक्र खींचिए तथा बैण्ड चौड़ाई के लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
प्रत्यावर्ती धारा का आवृत्ति के साथ वक्र
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा 4
अर्द्धशक्ति बिन्दु या आवृत्तियाँ (Half Power Points or Frequencies) श्रेणी R-LC परिपथ में Irms तथा f के मध्य खींचे गये ग्राफ (चित्र) में अनुनादी आवृत्ति के दोनों ओर दो आवृत्तियाँ f1 व f2 इस प्रकार ज्ञात की जाती हैं कि इन आवृत्तियों पर धारा का वर्ग माध्य मूल मान अपने अधिकतम (IRMS)max का \(\frac{1}{\sqrt{2}}\) होता हो या
शक्ति क्षय अपने अनुनादी मान का आधा होता है। इन आवृत्तियों (f) & f2) को अर्द्धशक्ति आवृत्तियाँ (half-power frequencies) कहते हैं। इन आवृत्तियों के संगत वक्र के बिन्दु A तथा B अर्द्धशक्ति बिन्दु कहलाते हैं।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा 5
बैण्ड चौड़ाई (Bandwidth β = ∆f): अर्द्धशक्ति बिन्दुओं Aव B के संगत आवृत्तियों के इस अन्तर (∆f = f2 – f1) को श्रेणी अनुनादी परिपथ की बैंड चौड़ाई कहा जाता है।
अतः बैण्ड चौड़ाई β या ∆f = f2 – f1
श्रेणी अनुनादी परिपथ का विशेषता गुणांक Q (Quality Factor ‘Q’ of a Series Resonant Circuit ) – अनुनादी आवृत्ति (f) तथा बैण्ड चौड़ाई (B) के अनुपात को परिपथ का विशेषता गुणांक कहते हैं।”
विशेषता गुणांक Q = \(\frac{f_r}{f_2-f_1}\)
इसका मात्रक इकाई रहित होता है।
अतः अर्द्ध शक्ति आवृत्तियाँ f1 व f2 के लिए:
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा 6
अर्द्धशक्ति बिन्दुओं A तथा B के बैण्ड चौड़ाई कहते हैं।

प्रश्न 12.
सुमेलित कीजिए:

कॉलम-Iकॉलम-II
अनुनादी आवृत्ति(a)   VI cos Φ
गुणवत्ता गुणांक(b) \(\frac{1}{2}\) LI2
औसत शक्ति(c) \(\frac{1}{\sqrt{\mathrm{LC}}}\)
प्रतिबाधा(d)\(\sqrt{R^2+\left(X_L-X_C\right)^2}\)
चुम्बकीय स्थितिज ऊर्जा(e) \(\frac{-E}{\left(\frac{\mathrm{dI}}{\mathrm{dt}}\right)}\)
स्वप्रेरण गुणांक(f) \(\frac{\omega_0 L}{R}\)

उत्तर:
(i) का सुमेलित (c) होगा।
(ii) का सुमेलित (f) होगा।
(iii) का सुमेलित (a) होगा।
(iv) का सुमेलित (d) होगा।
(v) का सुमेलित (b) होगा।
(vi) का सुमेलित (e) होगा।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा

प्रश्न 13.
सुनीता और उसकी सहेलियों ने एक प्रदर्शनी का भ्रमण किया। यहाँ खड़े सिपाही ने उन्हें धातु संसूचक (मेटल डिटेक्टर) से गुजरने के लिए कहा। सुनीता की सहेलियाँ पहले इससे भयभीत हुई। परन्तु फिर सुनीता ने धातु संसूचक से गुजरने का कारण बताया और उसकी कार्यप्रणाली की व्याख्या की। निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(a) धातु संसूचक किस सिद्धान्त पर कार्य करता है?
(b) यदि उससे गुजरने वाले किसी व्यक्ति के पास कोई धातु की वस्तु है, तो यह संसूचक ध्वनि क्यों उत्पन्न करने लगता है?
(c) उन किन्हीं दो गुणों का उल्लेख कीजिए जिनका प्रदर्शन सुनीता ने संसूचक से गुजरने का कारण समझाते समय किया।
उत्तर:
(a) धातु संसूचक ac परिपथ में अनुनाद के सिद्धान्त पर कार्य करता है।
(b) परिपथ की प्रतिबाधा बदलती है। परिपथ में परिणामी धारा का मान बदलता है यही कारण है कि संसूचक ध्वनि उत्पन्न करने लगता है।
(c) (i) ज्ञान (ii) वैज्ञानिक मनोदशा।

आंकिक प्रश्न:

प्रश्न 1.
चित्र में प्रेरक L तथा प्रतिरोध R के सिरों के बीच वोल्टता क्रमशः 120 वोल्ट तथा 90 वोल्ट है तथा धारा का वर्ग-माध्य-मूल मान 3A है गणना कीजिये:
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा 7
(i) परिपथ प्रतिबाधा
(ii) वोल्टता तथा धारा के बीच कलान्तर।
उत्तर:
(i) परिपथ की परिणामी वोल्टता यहाँ
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा 8
VL = 120 वोल्ट
VR = 90 वोल्ट
तथा धारा I = 3 ऐम्पियर प्रतिबाधा
Z = ?
कलान्तर ¢ = ?
= 150 वोल्ट
परिपथ की प्रतिबाधा Z = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}}\) = \(\frac{150}{3}\)
= 50 ओम

(ii) यदि वोल्टता तथा धारा के बीच कलान्तर हो, तो
tan ¢ = \(\frac{\mathrm{V}_{\mathrm{L}}}{\mathrm{V}_{\mathrm{R}}}\) = \(\frac{120}{90}\) = \(\frac{4}{3}\)
¢ = tan-1 \(\frac{4}{3}\)

प्रश्न 2.
एक 122 का प्रतिरोध, एक 1452 प्रतिघात का संधारित्र तथा 0.1 हेनरी प्रेरकत्व का एक शुद्ध प्रेरक श्रेणीक्रम में जोड़े गये हैं तथा इससे 200 V 50Hz की प्रत्यावर्ती धारा जोड़ दी गयी है। गणना कीजिये
(i) परिपथ में धारा,
(ii) धारा तथा वोल्टता के बीच कला कोण (x = 3 लीजिये)।
उत्तर:
यहाँ पर दिया गया है:
R = 15Ω, XC = 14Ω L = 0.1 हेनरी
Erms = 200 वोल्ट
f = 50 हर्ट्ज
XL = 2πfL = 2 × 3 × 50 x 0.1
= 30Ω
∴ परिपथ की प्रतिबाधा Z = \(\sqrt{\mathrm{R}^2+\left(X_L-X_C\right)^2}\)
Z = \(\sqrt{(12)^2+(30-14)^2}\)
= \(\sqrt{144+256}\)
= √400 = 2052
अतः (i) परिपथ में धारा
Irms = Erms
= \(\frac{200}{20}\)
= 10 ऐम्पियर

(ii)
tan ¢ = \(\frac{x_L-x_C}{R}\) = \(\frac{30-14}{12}\) = \(\frac{16}{12}\)
¢ = tan-1 \(\left(\frac{4}{3}\right)\)
अतः परिणामी वोल्टता धारा से tan-1 \(\left(\frac{4}{3}\right)\) कोण अग्रगामी होगी।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा

प्रश्न 3.
एक प्रत्यावर्ती धारा जनित्र 3 मी2 अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल तथा 100 फेरों वाली कुण्डली से बना है। जो 0.04 टेसला के चुम्बकीय क्षेत्र में 60 रेडियन/से. के नियत कोणीय वेग से घुमायी जा रही है। कुण्डली का प्रतिरोध 500 ओम है। गणना कीजिये: (i) जनित्र से प्राप्त अधिकतम धारा (ii) कुण्डली में व्यय हुई अधिकतम शक्ति है।
उत्तर:
दिया है।
A = 3 मी2, N = 100.
B = 0.04 टेसला, ω = 60 रेडियन/से.
R = 500 ओम
(i) जनित्र से प्राप्त अधिकतम धारा
Io = \(\frac{E_0}{R}\) = \(\frac{\mathrm{NBA} \omega}{\mathrm{R}}\)
= \(\left(\frac{100 \times 0.04 \times 3 \times 60}{500}\right)\)
= 1.44 ऐम्पियर

(ii) व्यय हुई अधिकतम शक्ति
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा 9

प्रश्न 4.
एक प्रत्यावर्ती धारा परिपथ X तथा Y परिपथ अवयवों के श्रेणीक्रम संयोजन से बना है। धारा वोल्टता से कलान्तर अग्रगामी है। यदि अवयव X शुद्ध प्रतिरोध है जिसका मान 100Ω है, तो (i) परिपथ अवयव Y का नाम बताइये। (ii) यदि वोल्टता का वर्ग- माध्य-मूल मान 141 वोल्ट हो, तो धारा का वर्ग- माध्य-मूल मान ज्ञात कीजिये।
उत्तर:
(i)
∵ X-Y के श्रेणीक्रम संयोजन में X शुद्ध प्रतिरोध है और धारा वोल्टता से \(\frac{\pi}{4}\) व कलान्तर अग्रगामी है, अतः परिपथ Y संधारित्र होगा।
(ii)
cos ¢ = \(\frac{R}{Z}\)
Z = \(\mathrm{R} / \cos \phi\)
Z = \(\frac{100}{\cos \frac{\pi}{4}}\) = \(\frac{100}{\frac{1}{\sqrt{2}}}\) = \(100 \sqrt{2}\)
अतः
Irms = \(\frac{E_{\mathrm{rms}}}{Z}\) = \(\frac{141}{100 \sqrt{2}}\)
= \(\frac{141}{100 \times 1.414}\) ऐम्पियर

प्रश्न 5.
एक संधारित्र तथा एक प्रतिरोध एक प्रत्यावर्ती धारा स्रोत से श्रेणीक्रम में जुड़े हैं। यदि C तथा R के सिरों के बीच वोल्टता क्रमशः 120 V, 90 V तथा धारा का वर्ग माध्य-मूल मान 3 A हो, तो ज्ञात कीजिये:
(i) प्रतिबाधा
(ii) परिपथ का शक्ति गुणांक
उत्तर:
दिया है:
(i) Vc = 120 वोल्ट, VR = 90 वोल्ट, Irms = 3 ऐम्पियर
Vrms = \(\sqrt{V_R^2+V_C^2}\)
= \(\sqrt{(120)^2+(90)^2}\)
= \(\sqrt{14400+8100}\)
= \(\sqrt{22500}\)
= 150 वोल्ट
Vrms = 150 वोल्ट या Erms = 150 वोल्ट
\(\frac{E_{\mathrm{rms}}}{I_{\mathrm{rms}}}\) = \(\frac{150}{3}\) = 50Ω

(ii) शक्ति गुणांक cos = \(\frac{\mathrm{V}_{\mathrm{R}}}{\mathrm{V}_{\mathrm{mms}}}\)
= \(\frac{90}{150}\) = 0.6

प्रश्न 6.
एक विद्युत बल्ब पर 220 V आपूर्ति एवं 100 वाट शक्ति अंकित है, तो
(a) बल्ब का प्रतिरोध
(b) स्रोत की शिखर वोल्टता एवं
(c) बल्ब में प्रवाहित होने वाली r.m.s. धारा।
उत्तर:
दिया है:
E = 220 V
P = 100W
बल्ब का प्रतिरोध R = ?
शिखर वोल्टता E0 = ?
r.m.s. धारा I<sub>rms</sub> = ?
(a) P = E x I = E x \(\frac{E}{R}\) = \(\frac{E^2}{R}\)
R = \(\frac{E^2}{R}\) = \(\frac{220 \times 220}{100}\)
R = 484Ω

(b) स्रोत की शिखर वोल्टता
E0 = √2E = 1.414 x 220
= 311.08 V = 311 V

(c) ∴ I या I<sub>rms</sub> = \(\frac{P}{E}\)
I = \(\frac{100}{220}\)
= 0.455 A

प्रश्न 7.
किस समय पर ज्यावक्रीय प्रत्यावर्ती धारा का मान अपने शिखर मान का (i) आधा (ii) \(\frac{1}{\sqrt{2}}\) गुना होगा?
उत्तर:
माना समय पर ज्यावक्रीय प्रत्यावर्ती धारा का मान शिखर
मान का आधा रह जाता है। अतः
I = \(\frac{\mathrm{I}_0}{2}\)
= I0 sin ωt
या
\(\frac{1}{2}\) = sin ωt ⇒ sin \(\frac{\pi}{6}\) = sin ωt1
या
ωt1 = \(\frac{\pi}{6}\)
= t1 = sin \(\frac{\pi}{6 \omega}\)
t1 = \(\frac{\pi}{2 \pi \mathrm{f} \times 6}\) = \(\frac{T}{12}\) सेकण्ड
इसी प्रकार यदि t2 समय पर I = \(\frac{\mathrm{I}_0}{\sqrt{2}}\) होता है तो
\(\frac{\mathrm{I}_0}{\sqrt{2}}\) = Io sin ωt2
या
⇒ \(\frac{1}{\sqrt{2}}\) = sin ωt2
⇒ sin ωt2 = sin \(\frac{\pi}{4}\)
या
ωt2 = \(\frac{\pi}{4}\)
या t2 = 4\(\frac{\pi}{4 \omega}\)
t2 = \(\frac{\pi}{4 \times 2 \pi \mathrm{f}}\)
= \(\frac{T}{8}\) सेकण्ड
∵ \(\frac{1}{f}\) = T

प्रश्न 8.
एक प्रत्यावर्ती परिपथ में आवृत्ति पर शक्ति गुणांक 0.707 है। आवृत्ति 120 हर्ट्ज हो जाये, तो शक्ति एक कुण्डली का 60 हर्ट्ज यदि प्रत्यावर्ती स्रोत की गुणांक क्या होगा?
उत्तर:
हम जानते हैं कि.
cos ¢ = \(\frac{\mathrm{R}}{\mathrm{Z}}\) = \(\frac{\mathrm{R}}{\sqrt{\mathrm{R}^2+\mathrm{X}_{\mathrm{L}}^2}}\)
दोनों तरफ वर्ग करने पर
cos2 ¢ = \(\frac{R^2}{R^2+X_L^2}\)
लेकिन दिया गया है cos ¢ = 0.707
(0.707)2 = \(\frac{\mathrm{R}^2}{\mathrm{R}^2+\mathrm{X}_{\mathrm{L}}^2}\)
0.5 = \(\frac{\mathrm{R}^2}{\mathrm{R}^2+\mathrm{X}_{\mathrm{L}}^2}\)
0.5 R2 + 0.5 XL2 = R2
0.5R2 = 0.5 XL2
R2 = XL2
∵ R = XL
cos ¢’= \(\frac{\mathrm{R}}{\sqrt{\mathrm{R}^2+\left(\mathrm{X}_{\mathrm{L}}{ }^{\prime}\right)^2}}\)
लेकिन दिया गया है XL = 2R
∵ अब आवृत्ति का मान दुगुना हो गया है।
cos ¢ = \(\frac{\mathrm{R}}{\sqrt{(\mathrm{R})^2+(2 \mathrm{R})^2}}\) = \(\frac{R}{\sqrt{5 R^2}}\)
cos ¢ = \(\frac{1}{\sqrt{5}}\) = \(\frac{\sqrt{5}}{5}\)
cos ¢ = 0.447
∵ शक्ति गुणांक cos ¢ = 0.447

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प्रश्न 9.
एक प्रत्यावर्ती परिपथ में किसी समय t पर विभव E = 200 sin 157 t cos 157 t वोल्ट और धारा I = sin ( 314t + \(\frac{\pi}{3}\) ) ऐम्पियर है। इस स्थिति में गणना कीजिये:
(अ) आवृत्ति
(स) परिपथ की प्रतिबाधा
उत्तर:
दिया गया है:
विभव E = 200 sin 157 t cos 157 t यहाँ Eo = 100 वोल्ट
E = 100 x 2 sin 157 t cos 157 t Io = I ऐम्पियर
हम जानते हैं कि:
sin 2t = 2 sin t cost
∴ E = 100 sin 2 x 157 t
¢ = \(\frac{\pi}{3}\) = 60°
E = 100 sin 314 वोल्ट

(अ) आवृत्ति f = \(\frac{\omega}{2 \pi}\) = \(\frac{314}{2 \times 3.14}\)
f = 50 हर्ट्ज
(ब) वर्ग माध्य मूल वोल्टता
Erms = \(\frac{E_0}{\sqrt{2}}\)
= 0.707 x 100
= 70.7 वोल्ट
Irms = \(\frac{I_0}{\sqrt{2}}\)
= 0.707 x 1
= 0.707 ऐम्पियर
(स) परिपथ की प्रतिबाधा
Z = \(\frac{E_{\text {r.m.s. }}}{\mathrm{I}_{\text {r.m.s. }}}\)
= \(\frac{70.7}{0.707}\)
= \(\frac{707 \times 1000}{707 \times 10}\)
Z = 100 ओम

(द) शक्ति गुणांक = cos ¢
cos 60° = \(\frac{1}{2}\) = 0.5

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