HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा

Haryana State Board HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा Important Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा

वस्तुनिष्ठ प्रश्न:

प्रश्न 1.
भारत में घरों में भेजे जाने वाली AC के लिये आवृत्ति व विभवान्तर है:
(अ) 50 Hz, 220 V
(ब) 60Hz, 220 v
(स) 60Hz, 110 v
(द) 50Hz, 110 v
उत्तर:
(अ) 50 Hz, 220 V

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प्रश्न 2.
प्रत्यावर्ती धारा को दिष्ट धारा अमीटर से नहीं नापा जा सकता, क्योंकि
(अ) प्रत्यावर्ती धारा अमीटर में नहीं गुजर सकती
(ब) एक सम्पूर्ण चक्र के लिये धारा का औसत मान शून्य होता है
(स) प्रत्यावर्ती धारा की कुछ मात्रा अमीटर में नहीं हो जाती है।
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) एक सम्पूर्ण चक्र के लिये धारा का औसत मान शून्य होता है

प्रश्न 3.
एक प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में धारा I = 5 sin (100t – \(\frac{\pi}{2}\) ) ऐम्पियर तथा प्रत्यावर्ती विभवान्तर V = 200 sin (100 t) वोल्ट है। परिपथ में व्यय शक्ति है-
(अ) 1000 वाट
(ब) शून्य वाट
(स) 40 वाट
(द) 20 वाट
उत्तर:
(ब) शून्य वाट

प्रश्न 4.
एक AC परिपथ में वोल्टता का अधिकतम मान 282 V है। इस परिपथ में वोल्टता का प्रभावी मान है:
(अ) 200 V
(ब) 300 V
(स) 400 V
(द) 564 V
उत्तर:
(अ) 200 V

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प्रश्न 5.
L, C एवं R क्रमशः भौतिक राशियाँ प्रेरकत्व, धारिता तथा प्रतिरोध को निरूपित करती हैं। निम्न में से कौन-सा संयोजन समय की विमा रखता है:
(अ) \(\frac{C}{L}\)
(ब) \(\frac{1}{RC}\)
(स) \(\frac{L}{R}\)
(द) \(\frac{RL}{C}\)
उत्तर:
(स) \(\frac{L}{R}\)

प्रश्न 6.
प्रत्यावर्ती धारा उत्पन्न की जाती है:
(अ) ट्रांसफॉर्मर से
(ब) चोक कुण्डली से
(स) डायनमो से
(द) बैटरी से
उत्तर:
(स) डायनमो से

प्रश्न 7.
प्रत्यावर्ती वोल्टता V = 200sin (100rt + \(\frac{\pi}{2}\)) में, वोल्टता का वर्ग माध्य मूल मान है:
(अ) 100 √2 v
(ब) 200 √2 v
(स) 200 v
(द) 100V
उत्तर:
(अ) 100 √2 v

प्रश्न 8.
किसी प्रतिरोध में 4 A की दिष्ट धारा प्रवाहित हो रही है। धारा का वर्ग माध्य मूल मान होगा:
(अ) 4 A
(ब) \(\frac{4}{\sqrt{2}} \mathrm{~A}\)
(स) 4√2A
(द) दिष्ट धारा का वर्ग माध्य मूल मान नहीं होता।
उत्तर:
(अ) 4 A

प्रश्न 9.
एक विद्युत बल्ब 12 v de पर कार्य करने के लिए निर्मित किया गया है। बल्ब को एक ac स्रोत के साथ लगाने पर यह सामान्य चमक देता है। ac स्रोत की शिखर वोल्टता क्या होगी:
(अ) 12 V
(ब) 17 V
(स) 24 V
(द) 8.4 V
उत्तर:
(ब) 17 V

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प्रश्न 10.
प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में आरोपित विभवान्तर V = 10 cos ωt है तथा प्रवाहित धारा I = 2 sin ωt है तो शक्ति क्षय का मान होगा:
(अ) शून्य
(ब) 10W
(स) 5 W
(द) 1.25 W
उत्तर:
(अ) शून्य

प्रश्न 11.
संलग्न चित्र में अनुनादी अवस्था को प्रदर्शित करने वाला बिन्दु
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा 1
(अ) A
(ब) B
(स) C
(द) D
उत्तर:
(अ) A

प्रश्न 12.
उच्च आवृत्ति के लिये संधारित्र का प्रतिरोध-
(अ) उच्च होता है
(ब) निम्न होता है।
(स) शून्य
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) निम्न होता है।

प्रश्न 13.
एक धारित्र के साथ एक शुद्ध प्रतिरोध जुड़ा है तो परिपथ में कलान्तर θ की स्पर्शज्या (tan θ) का मान होगा:
(अ) \(\mathrm{C} \omega / \mathrm{R}\)
(ब) \(\mathrm{R} / \mathrm{C} \omega\)
(स) \(1 / \mathrm{C} \omega \mathrm{R}\)
(द) CωR
उत्तर:
(स) \(1 / \mathrm{C} \omega \mathrm{R}\)

प्रश्न 14.
प्रेरकत्व L और प्रतिरोध R वाले परिपथ की प्रतिबाधा प्रदर्शित करते हैं:
(अ) LR
(ब) \(\mathrm{L} / \mathrm{R}\)
(स) \(\sqrt{L^2 \omega^2+R^2}\)
(द) \(\sqrt{\mathrm{R}^2 \omega^2+\mathrm{L}^2}\)
उत्तर:
(स) \(\sqrt{L^2 \omega^2+R^2}\)

प्रश्न 15.
अनुनाद की अवस्था में LCR परिपथ का शक्ति गुणांक होता है:
(अ) शून्य
(ब) 40.5
(स) 1.0
(द) L, C व R के मानों पर निर्भर करता है।
उत्तर:
(स) 1.0

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प्रश्न 16.
एक श्रेणी LR परिपथ में आरोपित प्रत्यावर्ती वोल्टता का अधिकतम मान 5 V है। यदि प्रतिरोध के सिरों पर उत्पन्न अधिकतम वोल्टता 3V है तो प्रेरकत्व के सिरों पर उत्पन्न वोल्टता का अधिकतम मान होगा-
(अ) 2 V
(ब) 4V
(स) 5√2
(द) शून्य।
उत्तर:
(ब) 4V

प्रश्न 17.
एक श्रेणी LC – R परिपथ में प्रतिरोध, प्रेरकत्व तथा धारिता तीनों पर विभवान्तर का मान 100V है। यदि प्रतिरोध को लघुपथित कर दिया जाये तो परिपथ में धारा का मान होगा:
(अ) शून्य
(ब) अनन्त
(स) 10 A
(द) 20 A
उत्तर:
(ब) अनन्त

प्रश्न 18.
एक विद्युत हीटर को क्रमशः दिष्ट धारा तथा प्रत्यावर्ती धारा से गर्म करते हैं। दोनों धाराओं के लिए हीटर के सिरों पर लगाये गये विभवान्तर समान हैं। प्रति सेकण्ड उत्पन्न ऊष्मा अधिक होगी:
(अ) प्रत्यावर्ती धारा स्रोत से गर्म करने पर
(ब) दिष्ट धारा स्रोत से गर्म करने पर
(स) दोनों से समान
(द) उपर्युक्त में से कोई भी नहीं।
उत्तर:
(स) दोनों से समान

प्रश्न 19.
प्रत्यावर्ती धारा तथा विद्युत वाहक बल के बीच कलान्तर \(\frac{\pi}{2}\) है। निम्नलिखित में से कौनसा परिपथ का अवयव नहीं हो सकता है?
(अ) L, C
(ब) केवल L
(स) केवल C
(द) R, L
उत्तर:
(द) R, L

प्रश्न 20.
श्रेणी परिपथ में किसी प्रेरक कुण्डली के सिरों पर वोल्टता व धारिता के सिरों पर वोल्टता के मध्य कलान्तर रेडियन में होता है:
(अ) π
(ब) \(\pi / 2\)
(स) शून्य
(द) 2π
उत्तर:
(अ) π

प्रश्न 21.
किसी परिपथ का प्रतिरोध 1252 तथा प्रतिबाधा 1552 है। परिपथ का शक्ति गुणांक होगा:
(अ) 0.4
(ब) 0.8
(स) 0.125
(द) 1.25
उत्तर:
(ब) 0.8

प्रश्न 22.
अर्द्ध शक्ति बिन्दु पर परिपथ में धारा का मान होता है:
(अ) Imax√2
(ब) Imax/√2
(स) 2Imax
(द) Imax/2
उत्तर:
(ब) Imax/√2

प्रश्न 23.
एक R-L-C परिपथ के लिए अनुनाद की स्थिति में प्रत्यावर्ती धारा की आवृत्ति क्या होगी:
(अ) \(\frac{1}{2 \pi} \sqrt{\frac{L}{C}}\)
(ब) \(\sqrt{\frac{L}{C}}\)
(स) \(\frac{1}{\sqrt{\mathrm{LC}}}\)
(द) \(\frac{1}{2 \pi \sqrt{\mathrm{LC}}}\)
उत्तर:
(द) \(\frac{1}{2 \pi \sqrt{\mathrm{LC}}}\)

प्रश्न 24.
एक प्रत्यावर्ती परिपथ में धारा की कला वोल्टता की कला से कोण पीछे है तो परिपथ में अवयव है:
(अ) L तथा C
(ब) R तथा L
(स) R तथा C
(द) केवल R
उत्तर:
(ब) R तथा L

प्रश्न 25.
एक R – LC परिपथ का शक्ति गुणांक 1 होने के लिए क्या प्रतिबन्ध होगा:
(अ) R = Lω – \(\frac{1}{\mathrm{C} \omega}\)
(ब) Lω = \(\frac{1}{\mathrm{C} \omega}\)
(स) L = C
(द) R = 0
उत्तर:
(ब) Lω = \(\frac{1}{\mathrm{C} \omega}\)

प्रश्न 26.
LC परिपथ में L या C में से किसी को भी अधिक करने पर अनुनादी आवृत्ति:
(अ) बढ़ती है
(ब) घटती है
(स) वही रहती है।
(द) शंट प्रतिरोध पर निर्भर करती है।
उत्तर:
(ब) घटती है

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प्रश्न 27.
एक लैम्प जिसका प्रतिरोध 280 ओम है, 200 वोल्ट के प्रत्यावर्ती स्रोत से जोड़ा गया है। लैम्प में प्रवाहित धारा का शिखर मान होगा:
(अ) 1.0 ऐम्पियर
(ब) 2.0 ऐम्पियर
(स) 0.7 ऐम्पियर
(द) 1.4 ऐम्पियर
उत्तर:
(अ) 1.0 ऐम्पियर

प्रश्न 28.
प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में विभवान्तर V = 20 sin ωt वोल्ट तथा प्रवाहित धारा I = 5 cos ωt ऐम्पियर है, तो शक्ति क्षय का मान वाट में होगा-
(अ) शून्य
(ब) 10
(स) 5
(द) 100
उत्तर:
(अ) शून्य

प्रश्न 29.
ट्रांसफार्मर में क्रोड बनाने के लिए निम्नलिखित पदार्थों में से कौनसा अधिक उपयुक्त होता है:
(अ) नर्म लोहा
(ब) निकल
(स) ताँबा
(द) स्टेनलेस स्टील
उत्तर:
(अ) नर्म लोहा

प्रश्न 30.
एक ट्रांसफार्मर 220 वोल्ट प्रत्यावर्ती सप्लाई को बढ़ाकर 2200 वोल्ट करता है। यदि ट्रांसफार्मर के द्वितीयक कुण्डली में 2000 चक्कर हों, तो प्राथमिक कुण्डली में चक्कर की संख्या होगी:
(अ) 100
(ब) 50
(स) 200
(द) 30
उत्तर:
(स) 200

प्रश्न 31.
ट्रांसफॉर्मर में प्राथमिक तथा द्वितीयक कुण्डलियों में फेरों की संख्या क्रमशः 100 तथा 300 है। यदि निवेशी शक्ति 60 वाट हो, तो निर्गत शक्ति होगी:
(अ) 60W
(ब) 20 W
(स) 180W
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) 60W

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1.
समीकरण E = E0 sinωt प्रत्यावर्ती धारा विद्युत वाहक बल को प्रदर्शित करती है। इसकी आवृत्ति, आयाम तथा आवर्तकाल ज्ञात कीजिये।
उत्तर:
कोणीय आवृत्ति ω = 2πf
आवृत्ति (f) = \(\frac{\omega}{2 \pi}\)
आयाम = वोल्टता का शिखर मान = E0
आवर्तकाल T = \(\frac{1}{\mathrm{f}}\) = \(\frac{2 \pi}{\omega}\)

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प्रश्न 2.
एक प्रत्यावर्ती धारा I = Io sinωt किसी प्रतिरोध R में T = \(\frac{2 \pi}{\omega}\) समय में कुछ ऊष्मा H उत्पन्न करती है। उस दिष्ट धारा का मान लिखिये जो इसी प्रतिरोध में इतने ही समय में यही ऊष्मा उत्पन्न करे।
उत्तर:
प्रत्यावर्ती धारा के वर्ग माध्य मूल मान की परिभाषा से वांछित दिष्ट धारा = प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान
Irms = \(\frac{\mathrm{I}_0}{\sqrt{2}}\)
जहाँ पर I0 = प्रत्यावर्ती धारा का शिखर मान

प्रश्न 3
प्रत्यावर्ती वोल्टता के शिखर मान तथा वर्ग माध्य मूलमान में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
वर्ग माध्य मूल मान ErmS = \(\frac{\mathrm{E}_0}{\sqrt{2}}\)
जहाँ पर E = प्रत्यावर्ती वोल्टता का शिखर मान

प्रश्न 4.
एक पूर्ण चक्र में प्रत्यावर्ती धारा का औसत मान क्या होगा?
उत्तर:
शून्य।

प्रश्न 5.
शुद्ध प्रेरकत्व वाले दिष्ट धारा परिपथ में प्रेरणिक प्रतिघात का मान क्या होगा?
उत्तर:
शून्य, चूँकि XL = ωL तथा दिष्ट धारा में ω = 0

प्रश्न 6.
यदि किसी विद्युत परिपथ में धारा की कला, विभवान्तर की कला में 90° पश्चगामी है, तो परिपथ की प्रतिघात किस प्रकार की होगी?
उत्तर:
प्रेरणिक

प्रश्न 7.
क्या प्रत्यावर्ती धारामापी द्वारा प्रत्यावर्ती व दिष्ट दोनों धारायें मापी जा सकती हैं?
उत्तर:
हाँ, क्योंकि यह ऊष्मीय सिद्धान्त पर कार्य करता है।

प्रश्न 8.
एक प्रत्यावर्ती धारा स्रोत एक संधारित्र को पूरे एक चक्र में कितनी औसत शक्ति देगी?
उत्तर:
संधारित्र में धारा तथा वोल्टता के बीच कलान्तर = 90° अतः औसत शक्ति P = Erms Irms cos ¢ = 0
∵ cos 90° = 0

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प्रश्न 9.
किसी प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में तात्क्षणिक धारा तथा वोल्टता क्रमशः I = losin 300t ऐम्पियर तथा V = 200 sin 300 t वोल्ट से व्यक्त की गयी है। परिपथ में व्यय औसत शक्ति क्या है?
उत्तर:
दी गयी समीकरणों से स्पष्ट है कि धारा तथा वोल्टता के बीच कलान्तर
Φ = 0°
अतः
\(\overline{\mathrm{P}}\) = Vrms Irms cos ¢
= \(\frac{V_0}{\sqrt{2}}\) × \(\frac{I_0}{\sqrt{2}}\) × 0° = \(\frac{200}{\sqrt{2}}\) × \(\frac{10}{\sqrt{2}}\) × 1
= 1000 वाट

प्रश्न 10.
प्रेरणिक प्रतिघात (X), प्रत्यावर्ती स्रोत की आवृत्ति के साथ किस प्रकार परिवर्तित होता है? आलेख द्वारा प्रदर्शित करें।
उत्तर:
XL = ωL
X α ω
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प्रश्न 11.
L-C-R परिपथ के लिये अनुनादी अवस्था में शक्ति गुणांक का मान क्या होता है?
उत्तर:
1 (चूँकि L-C-R परिपथ के लिये अनुनादी अवस्था में धारा व विभवान्तर के बीच कलान्तर शून्य होता है)।

प्रश्न 12.
प्रत्यावर्ती धारा के स्रोत से एक बल्ब तथा एक संधारित्र श्रेणीक्रम में जुड़े हैं स्रोत की आवृत्ति अधिक करने पर बल्ब के प्रकाश का क्या होगा?
उत्तर:
प्रकाश तीव्र हो जायेगा।
∵ आवृत्ति ० अधिक करने पर प्रतिघात Xc = \(\frac{1}{\omega C}\) जायेगा, जिससे बल्ब को अधिक धारा मिलेगी।

प्रश्न 13.
क्या प्रत्यावर्ती धारा से बैटरी चार्ज की जा सकती है?
उत्तर:
नहीं, प्रत्यावर्ती धारा में दिशा एकान्तर क्रम में बदलती रहती है।

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प्रश्न 14.
क्या प्रत्यावर्ती धारा से विद्युत अपघटन हो सकता है? प्रत्यावर्ती धारा में दिशा एकान्तर क्रम में बदलती
उत्तर:
नहीं, रहती है, जबकि विद्युत अपघटन में विद्युत धारा समय के सापेक्ष परिमाण व दिशा में परिवर्तित नहीं होती है।

प्रश्न 15.
एक प्रेरकत्व तथा एक प्रतिरोध किसी प्रत्यावर्ती स्रोत से श्रेणीक्रम में जुड़े हैं। इन दोनों के सिरों पर विभवान्तरों में कलान्तर क्या होगा?
उत्तर:
रेडियन।

प्रश्न 16.
एक प्रत्यावर्ती धारा परिपथ का शक्ति गुणांक 0.5 है। परिपथ में धारा तथा वोल्टता में कितना कलान्तर होगा?
उत्तर:
cos ¢ =0.5 = 1/2 = cos 60° = \(cos \frac{\pi}{3}\)
∵ अर्थात् कलान्तर \(\frac{\pi}{3}\) रेडियन होगा।

प्रश्न 17.
एक प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में धारा तथा वोल्टता के तात्क्षणिक मान क्रमश: दिये गये हैं:
I = 10 sin 314 t ऐम्पियर तथा V = 50 sin (314t + cos \(\frac{\pi}{2}\) ) वोल्ट परिपथ में औसत शक्ति का व्यय क्या होगा ?
उत्तर:
दी गयी समीकरणों से स्पष्ट है कि धारा तथा वोल्टता
के बीच कलान्तर ¢ = \(\frac{\pi}{2}\)
अतः cos ¢ = cos \(\frac{\pi}{2}\) = 0
परिपथ में औसत व्यय \(\overline{\mathrm{P}}\) = Vrms Irms cos ¢
= Vrms x Irms x 0 = 0

प्रश्न 18.
समान वोल्टता की प्रत्यावर्ती तथा दिष्ट धारा में कौन- सी अधिक खतरनाक होगी?
उत्तर:
प्रत्यावर्ती धारा (चूँकि प्रत्यावर्ती धारा का शिखर मान विभव दिष्ट धारा विभव से ज्यादा होता है)।

प्रश्न 19.
श्रेणी अनुनादी L-C-R परिपथ में प्रतिबाधा का मान होता है।
उत्तर:
प्रतिरोध के बराबर।
∴ Z = \(\sqrt{R^2+\left(X_L-X_C\right)^2}\) में, अनुनाद स्थिति में XL = Xc
Z = R

प्रश्न 20.
एक चक्र में प्रत्यावर्ती धारा की दिशा बदलती है।
उत्तर:
दो बार।

प्रश्न 21.
L-C-R श्रेणी अनुनादी परिपथ में अनुनादी आवृत्ति से कम आवृत्ति पर परिपथ की प्रकृति क्या होगी?
उत्तर:
धारितीय, क्योंकि इस स्थिति में 1/ωC > ωL हो जायेगा।

प्रश्न 22.
प्रत्यावर्ती परिपथ में L-C-R श्रेणी अनुनाद की स्थिति में परिपथ की प्रतिबाधा होती है।
उत्तर:
न्यूनतम, क्योंकि अनुनाद में XL = XC तथा Z = R

प्रश्न 23.
L-C-R श्रेणी अनुनादी परिपथ में प्रेरकत्व तथा धारिता पर विभवान्तर के मध्य कलान्तर क्या होता है?
उत्तर:
180° या π

प्रश्न 24.
L-C-R श्रेणी परिपथ में क्या यह सम्भव है कि किसी परिपथ अवयव पर विभवान्तर का मान आरोपित प्रत्यावर्ती विभवान्तर के अधिकतम मान से अधिक हो सकता है?
उत्तर:
हाँ, प्रेरकत्व या संधारित्र पर।

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प्रश्न 25.
वैद्युत अवयव X जब किसी प्रत्यावर्ती धारा परिपथ से जोड़ा जाता है तो इसके अन्दर धारा वोल्टता से \(\frac{\pi}{2}\) रेडियन अप्रगामी है। X को पहचानिये तथा इसके प्रतिघात के लिये व्यंजक लिखिये।
उत्तर:
अवयव X संधारित्र होगा जिसका प्रतिघात
= \(\frac{1}{\omega \mathrm{C}}\) = \(\frac{1}{2 \pi \mathrm{fC}}\)

प्रश्न 26.
यदि प्रत्यावर्ती परिपथ में R = 100Ω, X = 400Ω तथा Xc = 400Ω हो तो परिपथ की कुल प्रतिबाधा क्या होगी?
उत्तर:
प्रतिबाधा
Z = (R2 + (XL – XC)2)1/2
जब
XL = XC
तब प्रतिबाधा Z = (R2 + 0)1/2 = R
Z = 1002Ω

प्रश्न 27.
शुद्ध प्रेरकत्व या धारिता का शक्ति गुणांक का मान क्या होता है?
उत्तर:
शून्य। ∵ शुद्ध प्रेरकत्व या धारिता में कला कोण ± \(\frac{\pi}{2}\)

प्रश्न 28.
एक प्रतिरोध, प्रेरकत्व तथा धारिता को किसी दिष्ट धारा स्रोत के साथ जोड़ा गया है। परिपथ की प्रतिबाधा का मान क्या होगा?
उत्तर:
अनन्त।
∵ दिष्ट धारा में ω = 0
∴ प्रतिबाधा = \(\sqrt{\mathrm{R}^2+\left(\omega L-\frac{1}{\omega C}\right)^2}\)
∴ Z = ∞

प्रश्न 29.
किसी बल्ब के तन्तु से प्रवाहित होने वाली धारा प्रत्यावर्ती धारा है या दिष्ट धारा कैसे ज्ञात करोगे?
उत्तर:
चुम्बक निकट लाने पर यदि तन्तु में कम्पन होने लगे तो धारा प्रत्यावर्ती होगी।

प्रश्न 30.
एक श्रेणी L-R-C परिपथ में प्रेरक, संधारित्र तथा प्रतिरोध के सिरों के बीच वोल्टता क्रमशः 20V, 20V तथा 40V है। परिपथ में धारा तथा आरोपित वोल्टता के बीच कितना कलान्तर होगा?
उत्तर:
tan ¢ = \(\left(\frac{\mathrm{V}_{\mathrm{C}}-\mathrm{V}_{\mathrm{L}}}{\mathrm{V}}\right)\) = \(\sqrt{u_r \epsilon_r}\) = \(\left(\frac{20-20}{40}\right)\)
¢ = tan-1 (0) = 0

प्रश्न 31.
प्रत्यावर्ती वि.वा. बल का शिखर से शिखर तक का मान कितना होता है?
उत्तर:
धनात्मक शिखर मान और ऋणात्मक शिखर मान के परिमाण के योग के मान के बराबर होता है, अर्थात् वि.वा. बल का शिखर से शिखर तक का मान
= 2.Eg = 2√2Erms

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प्रश्न 32.
एक कुण्डली का प्रतिरोध 3 ओम है व उसका प्रतिघात 4 ओम है। कुण्डली का शक्ति गुणांक क्या होगा?
उत्तर:
शक्ति गुणांक = \(\frac{R}{Z}\)
लेकिन
Z = imm
= \(\sqrt{(3)^2+(4)^2}\) = 5
∴ शक्ति गुणांक = \(\frac{R}{Z}\) = \(\frac{3}{5}\)

प्रश्न 33.
एक 25 वाट का और एक 50 वाट का बल्ब श्रेणीक्रम में जुड़े हैं। किससे अधिक प्रकाश प्राप्त होगा और क्यों?
उत्तर:
25 वाट के बल्ब से, क्योंकि दोनों में धारा समान प्रवाहित होगी और 25 वाट बल्ब के फिलामेंट का प्रतिरोध अधिक होने से उसमें अधिक ऊष्मा उत्पन्न होगी।

प्रश्न 34.
प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में तात्क्षणिक शक्ति और औसत शक्ति से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में किसी क्षण या समय पर शक्ति मान को तात्क्षणिक शक्ति कहते हैं प्रत्यावर्ती परिपथ में एक चक्र के लिये तात्क्षणिक शक्ति के औसत मान को औसत शक्ति कहते हैं।

प्रश्न 35.
यदि प्रत्यावर्ती धारा का शिखर मान l है तो
(i) धारा का वर्ग माध्य का मूल मान
(ii) औसत मान होगा।
उत्तर:
(i) धारा का वर्ग माध्य मूल मान
Irms = \(\frac{\mathrm{I}_0}{\sqrt{2}}\)
(ii) औसत धारा का मान
I = 0

प्रश्न 36.
एक प्रत्यावर्ती वि.वा. बल स्रोत से एक संधारित्र तथा एक बल्ब श्रेणी क्रम में जुड़े हैं। यदि प्रत्यावर्ती वि. वा. बल की आवृत्ति बढ़ा दी जाती है, तो परिपथ में क्या प्रभाव होगा?
उत्तर:
आवृत्ति बढ़ाने \(\frac{1}{\mathrm{C} \omega}\) संधारित्र का प्रतिघ घट जाता है, जिससे परिपथ में धारा का मान बढ़ जाता है एवं बल्ब की चमक बढ़ जाती है।

प्रश्न 37.
घरों में विद्युत लाइन 220 वोल्ट पर कार्य करती है तो वि.वा. बल का शिखर मान (आयाम) क्या होगा?
उत्तर:
हम जानते हैं:
Er.m.s = \(\frac{E_0}{\sqrt{2}}\)
∴ E0 = \(\sqrt{2}\) Er.m.s
E0 = 1.414 × 220
= 310.2 वोल्ट

प्रश्न 38.
शुद्ध प्रतिरोध, शुद्ध प्रेरकत्व तथा शुद्ध धारिता में प्रत्यावर्ती वि.वा. बल एवं धारा के मध्य कलान्तर लिखो।
उत्तर:
कलान्तर ¢ = 0, वि. वा. बल से धारा \(\sqrt{u_r \epsilon_r}\) कोण से पीछे, वि. वा. बल से धारा कोण से आगे।

प्रश्न 39.
ट्रांसफॉर्मर किस सिद्धान्त पर कार्य करता है? क्या यह दिष्ट धारा परिपथ में प्रयुक्त हो सकता है?
उत्तर:
अन्योन्य प्रेरण के सिद्धान्त पर यह दिष्ट धारा परिपथ में कार्य नहीं कर सकती है, क्योंकि दिष्ट धारा ट्रांसफॉर्मर की क्रोड में ‘परिवर्ती’ चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न नहीं कर सकती है।

प्रश्न 40.
व्यावहारिक ट्रांसफॉर्मर में ऊर्जा हानि के लिये उत्तरदायी कोई दो कारक बताइये।
उत्तर:
(i) फ्लक्स हानि
(ii) भँवर धारा हानि।

प्रश्न 41.
ट्रांसफॉर्मर में कौनसी राशि नियत रहती है? धारा, विभव, आवृत्ति शक्ति।
उत्तर:
आवृत्ति।

प्रश्न 42.
बड़े ट्रांसफॉर्मर कुछ समय तक कार्य करते रहने पर गर्म हो जाते हैं तथा तेल के संचरण से ठण्डे किये जाते हैं ट्रांसफॉर्मर के गर्म होने का कारण लिखिये।
उत्तर:
शैथिल्य हास तथा धारा का ऊष्मीय प्रभाव दोनों।

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प्रश्न 43.
उच्चायी ट्रांसफॉर्मर का क्या कार्य है?
उत्तर:
निम्न वोल्टता की प्रबल प्रत्यावर्ती धारा को उच्च वोल्टता की निर्बल प्रत्यावर्ती धारा में बदलना।

प्रश्न 44.
यदि किसी ट्रांसफॉर्मर की प्राथमिक कुण्डली को एक बैटरी में जोड़ा जाये तो क्या घटना घटित होगी?
उत्तर:
द्वितीयक कुण्डली में प्रारम्भ में क्षणिक धारा प्रवाहित होगी फिर कोई धारा प्रवाहित नहीं होगी।

प्रश्न 45.
प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में होने वाले शक्ति क्षय की गणना करो जिसमें विभव एवं धारा के मान निम्न हैं:
V = 3000 sin (ωt + \(\frac{\pi}{2}\) ) एवं
I = 5 sin ωt
उत्तर:
∵ यहाँ पर ¢ = \(\frac{\pi}{2}\) है।
P = Erms Irms cos ¢
P = 0
∴ cos \(\frac{\pi}{2}\) = 0

प्रश्न 46.
निम्नलिखित की परिभाषा लिखिये:
(i) प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान।
(ii) विद्युत अनुनाद में गुणवत्ता गुणांक।
उत्तर:
(i) प्रत्यावर्ती धारा के तात्कालिक मान के वर्ग के माध्य के वर्गमूल को धारा का वर्ग माध्य मूल मान Irms कहते हैं।”
I2 = I2sin2 ωt
Irms = \(\frac{\mathrm{I}_0}{\sqrt{2}}\)
या Irms = 0.707 Io
प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान उसके शिखर (अधिकतम) को \(\frac{I}{\sqrt{2}}\) या 0.707 से गुणा करके प्राप्त होता है।

(ii) अनुनाद आवृत्ति और परिपथ की बैण्ड चौड़ाई को अनुपात के परिपथ का विशेषता गुणांक कहते हैं। इसे हम Q से प्रदर्शित करते है।
Q = IMM = \(\frac{\omega_r}{\omega_2-\omega_1}\) = \(\frac{f_r}{f_2-f_1}\) = \(\frac{\omega_{\mathrm{r}} \mathrm{L}}{\mathrm{R}}\)

प्रश्न 47.
किसी प्रत्यावर्ती परिपथ में आरोपित वोल्टता 220 v है। यदि R = 8Ω, XL = XC = 6Ω है तो निम्न का मान लिखिए:
(a) वोल्टता का वर्ग माध्य मूल (rms) मान
(b) परिपथ की प्रतिबाधा।
उत्तर:
(a) Vrms = 220 v

(b) परिपथ की प्रतिबाधा Z =
यहाँ पर XL = XC तब Z = R होगा
अर्थात् परिपथ की प्रतिबाधा Z = 8Ω

प्रश्न 48.
प्रत्यावर्ती धारा के एक पूर्ण चक्र के लिए धारा का औसत मान लिखिए।
उत्तर:
एक सम्पूर्ण चक्र के लिये प्रत्यावर्ती धारा का औसत मान शून्य होता है।

लघुत्तरात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1.
प्रत्यावर्ती धारा के वर्ग माध्य मूल मान को परिभाषित कीजिये।
उत्तर:
वर्ग माध्य मूल मान- प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में एक सम्पूर्ण चक्र के लिए तात्क्षणिक धारा या वोल्टता के वर्ग (I2 या E2) के औसत मान के वर्गमूल को वर्ग माध्य मूल मान कहते हैं। प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल (r.m.s.) मान दिष्ट धारा के उस मान के तुल्य है जो कि उतना ही ऊष्मीय प्रभाव प्रदर्शित करता है, जितना कि प्रत्यावर्ती धारा। इसे Irms से प्रदर्शित किया जाता है।
Irms = \(\frac{\mathrm{I}_0}{\sqrt{2}}\) होता है।
Irms = 0.707I0 …..(1)
उपर्युक्त समीकरण (1) से स्पष्ट है कि प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान, धारा के शिखर मान (Im) का 70.7% होता है।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा

प्रश्न 2.
श्रेणी R-L-C परिपथ में अनुनादी अवस्था से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
R-L-C परिपथ को अनुनादी कहा जाता है जब किसी लगाये गये प्रत्यावर्ती वोल्टेज के लिये उसमें अधिकतम विद्युत धारा प्रवाहित हो, यह तब ही सम्भव होता है जब R-L-C परिपथ की प्रतिबाधा का मान न्यूनतम हो चूँकि R-LC परिपथ की प्रतिबाधा प्रत्यावर्ती वोल्टेज की कोणीय आवृत्ति पर निर्भर करती है। जिसके लिये परिपथ की प्रतिबाधा न्यूनतम हो।

प्रश्न 3.
अनुनाद की शर्तें लिखिए।
उत्तर:
अनुनाद की शर्तें:
(i) अनुनादी की स्थिति में परिपथ की प्रतिबाधा पूर्णतः प्रतिरोधीय होती है।
(ii) अनुनाद की स्थिति में धारा तथा वोल्टता एक ही दिशा में होते हैं। उनके बीच कलान्तर का मान शून्य होता है अर्थात् Φ = 0
(iii) अनुनाद की स्थिति में शक्ति गुणांक का मान अधिकतम अर्थात् एक के बराबर होता है।
(iv) अनुनाद की स्थिति में परिपथ में कुल प्रतिघात का मान शून्य होता है।
(v) अनुनाद की स्थिति में प्रतिबाधा का मान न्यूनतम होता है तथा इसका मान प्रतिरोध के मान के बराबर होता है।

प्रश्न 4.
शक्ति गुणांक क्या है? समझाइये।
उत्तर:
हम जानते हैं औसत शक्ति की समीकरण
\(\overline{\mathrm{P}}\) = Erms Irms cos Φ
जहाँ
cos Φ = \(\frac{\overline{\mathrm{P}}}{\mathrm{E}_{\mathrm{rms}} I_{\mathrm{rms}}}\)
cosΦ = \(\frac{\overline{\mathrm{P}}}{\mathrm{P}_{\mathrm{app}}}\)
Papp = आभासी शक्ति = Erms Irms
अर्थात् “औसत शक्ति तथा आभासी शक्ति (Papp) के अनुपात को शक्ति गुणांक कहते हैं।”
दूसरे शब्दों में “वि.वा. बल तथा धारा के मध्य के कलान्तर की कोज्या (cos Φ) को शक्ति गुणांक कहते हैं।”
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा 3
अर्थात् शक्ति गुणांक, प्रतिरोध तथा प्रतिबाधा के अनुपात के तुल्य होता है।
यदि Φ = 0° हो तो cos Φ + 1 अधिकतम शक्ति गुणांक
यदि ¢ = 90° हो तो cos ¢ = 0 न्यूनतम शक्ति गुणांक।

प्रश्न 5.
प्रत्यावर्ती धारा एवं वोल्टता में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जब किसी कुण्डली को प्रबल चुम्बकीय क्षेत्र में तेजी से घुमाया जाता है तो कुण्डली से सम्बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स में निरन्तर परिवर्तन होता है जिससे कुण्डली में वि.वा. बल प्रेरित होता है तथा प्रेरित धारा प्रवाहित होती है। प्रेरित वि.वा. बल तथा धारा का परिमाण तथा दिशा कुण्डली के घूर्णन के साथ परिवर्तित होते हैं। इस प्रकार की धारा को प्रत्यावर्ती धारा तथा वोल्टता को प्रत्यावर्ती वोल्टता कहते हैं। प्रत्यावर्ती धारा के वोल्टता का तात्क्षणिक मान निम्न समीकरण से प्रदर्शित करते हैं
E = E0 sin (ωt + ¢)
या
E= E0 cos (ωt + ¢)
यहाँ पर E को तात्क्षणिक मान E को शिखर मान = NBωA और (ωt + ¢) को कला कहते हैं।
इसी प्रकार प्रत्यावर्ती धारा के तात्क्षणिक मान को निम्न समीकरण द्वारा प्रदर्शित करते हैं
I = I0 sin (ωt + ¢)
या
I = Io cos (ωt + ¢)
I = तात्कालिक मान और I0 शिखर मान इसका मान के बराबर होता है। जहाँ पर \(\frac{N \omega B A}{R}\) कुण्डली का प्रतिरोध है।

प्रश्न 6.
कार्यहीन तथा कार्यकारी धारा में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
उत्तर:
जब किसी प्रतिबाधा वाले परिपथ पर प्रत्यावर्ती विभव लगाया जाता है तब परिपथ में से गुजरने वाली प्रत्यावर्ती धारा और परिपथ पर लगाये गये प्रत्यावर्ती विभव के बीच में कलान्तर होता है। यदि प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग माध्य मूल मान Irms हो और प्रत्यावर्ती विभव और धारा के बीच कलान्तर Φ हो तब प्रत्यावर्ती धारा के विभव की दिशा और विभव के लम्बवत् दो घटक क्रमश: Irmscos Φ व Irms sinΦ होंगे। प्रत्यावर्ती धारा का वह घटक जो प्रत्यावर्ती विभव की दिशा में, यानी Irms cos Φ परिपथ में से गुजरने में कार्य करता है। इस घटक को कार्यकारी धारा कहते हैं। प्रत्यावर्ती धारा का वह घटक जो परिपथ पर लगाये गये प्रत्यावर्ती विभव लम्बवत् होता है, यानी Irms sinΦ, वह परिपथ में से गुजरने में उसे कोई कार्य नहीं करना पड़ता है। इसलिये धारा के इस घटक को कार्यहीन धारा कहते हैं।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा

प्रश्न 7.
ट्रांसफार्मरों में वे कौनसे कारण हैं जिनसे अल्प मात्रा में ऊर्जा क्षय होता है?
अथवा
वास्तविक ट्रांसफार्मर में अल्प ऊर्जा क्षय के कोई दो कारण समझाइये
उत्तर:
ट्रांसफार्मरों में निम्नलिखित कारणों में अल्प मात्रा में ऊर्जा क्षय होता है:
(i) फ्लक्स क्षरण – कुछ फ्लक्स हमेशा क्षरित होता ही रहता है अर्थात् क्रोड के खराब अभिकल्पन या इसमें रही वायु रिक्ति के कारण प्राथमिक कुण्डली का पूरा फ्लक्स द्वितीयक कुण्डली से नहीं गुजरता है। प्राथमिक और द्वितीयक कुण्डलियों को एक-दूसरे के ऊपर लपेटकर फ्लक्स क्षरण को कम किया जाता है।
(ii) कुण्डलनों का प्रतिरोध- कुण्डलियाँ बनाने में लगे हुए तारों का कुछ न कुछ प्रतिरोध होता ही है और इसलिए इन तारों में उत्पन्न ऊष्मा (I2R) के कारण ऊर्जा क्षय होता है। उच्च धारा, निम्न वोल्टता कुण्डलनों में मोटे तार का उपयोग करके इनमें होने वाली ऊर्जा क्षय को कम किया जा सकता है।
(iii) भँवर धाराएँ – प्रत्यावर्ती चुम्बकीय फ्लक्स लौह क्रोड में भँवर धाराएँ प्रेरित करके इसे गर्म कर देता है। स्तरित क्रोड का उपयोग करके इस प्रभाव को कम किया जाता है।
(iv) शैथिल्य – प्रत्यावर्ती चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा क्रोड का चुम्बकन बार-बार उत्क्रमित होता है। इस प्रक्रिया में व्यय होने वाली ऊर्जा क्रोड में ऊष्मा के रूप में प्रकट होती है। कम शैथिल्य वाले पदार्थ का क्रोड में उपयोग करके इस प्रभाव को कम रखा जाता है।

प्रश्न 8.
ट्रांसफॉर्मर आदर्श ट्रांसफॉर्मर कब कहलाता है?
उत्तर:
एक आदर्श ट्रांसफॉर्मर में ट्रांसफॉर्मर की प्राथमिक कुण्डली से द्वितीय कुण्डली में ऊर्जा के हस्तान्तरण में ऊर्जा की कोई हानि नहीं होती है एवं तब प्राथमिक कुण्डली और द्वितीयक कुण्डली में शक्ति का मान भी समान होता है। ऐसे ट्रांसफॉर्मर की दक्षता 100% होनी चाहिये।

प्रश्न 9.
220v की प्रत्यावर्ती धारा 220V दिष्ट धारा की तुलना में अधिक खतरनाक क्यों है?
उत्तर:
हमारे घरों में प्रायः 220 वोल्ट पर प्रत्यावर्ती धारा बहती है इसका अर्थ यह हुआ कि प्रत्यावर्ती वोल्टेज का वर्ग माध्य-मूल मान 220 वोल्ट होता है।
अतः इसका शिखर मान होगा,
Eo = √2 x Erms
या
= √2 × 220 = 1.414 x 220
Eg = 311 वोल्ट
इस प्रकार कहा जा सकता है कि घरों में बहने वाली प्रत्यावर्ती धारा का वोल्टेज प्रत्येक चक्र में +311 वोल्ट से लेकर -311 वोल्ट तक परिवर्तित होता रहता है।
(एक चक्र में प्रत्यावर्ती वोल्टेज में होने वाला अधिकतम परिवर्तन 6.22 वोल्ट होता है।) यही कारण है कि 220 वोल्ट की प्रत्यावर्ती धारा (A.C.) 220 वोल्ट की दिष्ट धारा (D.C.) से अधिक खतरनाक है।

प्रश्न 10.
जब एक श्रेणी LR परिपथ के साथ एक संधारित्र श्रेणीक्रम में जोड़ दिया जाता है, तो परिपथ में प्रवाहित धारा बढ़ जाती है? समझाइये, क्यों?
उत्तर:
L-R परिपथ की प्रतिबाधा
Z1 = \(\sqrt{R^2+(\omega L)^2}\)
I1 = \(\frac{E}{Z_1}\)
संधारित्र को जोड़ देने पर L-C-R परिपथ की प्रतिबाधा
Z = \(\frac{\pi}{2}\)
∴ धारा I2 = \(\frac{E}{Z_2}\)
∴ \(\frac{I2}{I1}\) = \(\frac{Z1}{Z2}\)
∴ Z1 > Z2
∴ I2 > I1

प्रश्न 11.
LCR श्रेणी अनुनादी परिपथ में प्रत्यावर्ती धारा का आवृत्ति के साथ परिवर्तन दर्शाने वाला वक्र खींचिए तथा बैण्ड चौड़ाई के लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
प्रत्यावर्ती धारा का आवृत्ति के साथ वक्र
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा 4
अर्द्धशक्ति बिन्दु या आवृत्तियाँ (Half Power Points or Frequencies) श्रेणी R-LC परिपथ में Irms तथा f के मध्य खींचे गये ग्राफ (चित्र) में अनुनादी आवृत्ति के दोनों ओर दो आवृत्तियाँ f1 व f2 इस प्रकार ज्ञात की जाती हैं कि इन आवृत्तियों पर धारा का वर्ग माध्य मूल मान अपने अधिकतम (IRMS)max का \(\frac{1}{\sqrt{2}}\) होता हो या
शक्ति क्षय अपने अनुनादी मान का आधा होता है। इन आवृत्तियों (f) & f2) को अर्द्धशक्ति आवृत्तियाँ (half-power frequencies) कहते हैं। इन आवृत्तियों के संगत वक्र के बिन्दु A तथा B अर्द्धशक्ति बिन्दु कहलाते हैं।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा 5
बैण्ड चौड़ाई (Bandwidth β = ∆f): अर्द्धशक्ति बिन्दुओं Aव B के संगत आवृत्तियों के इस अन्तर (∆f = f2 – f1) को श्रेणी अनुनादी परिपथ की बैंड चौड़ाई कहा जाता है।
अतः बैण्ड चौड़ाई β या ∆f = f2 – f1
श्रेणी अनुनादी परिपथ का विशेषता गुणांक Q (Quality Factor ‘Q’ of a Series Resonant Circuit ) – अनुनादी आवृत्ति (f) तथा बैण्ड चौड़ाई (B) के अनुपात को परिपथ का विशेषता गुणांक कहते हैं।”
विशेषता गुणांक Q = \(\frac{f_r}{f_2-f_1}\)
इसका मात्रक इकाई रहित होता है।
अतः अर्द्ध शक्ति आवृत्तियाँ f1 व f2 के लिए:
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा 6
अर्द्धशक्ति बिन्दुओं A तथा B के बैण्ड चौड़ाई कहते हैं।

प्रश्न 12.
सुमेलित कीजिए:

कॉलम-I कॉलम-II
अनुनादी आवृत्ति (a)   VI cos Φ
गुणवत्ता गुणांक (b) \(\frac{1}{2}\) LI2
औसत शक्ति (c) \(\frac{1}{\sqrt{\mathrm{LC}}}\)
प्रतिबाधा (d)\(\sqrt{R^2+\left(X_L-X_C\right)^2}\)
चुम्बकीय स्थितिज ऊर्जा (e) \(\frac{-E}{\left(\frac{\mathrm{dI}}{\mathrm{dt}}\right)}\)
स्वप्रेरण गुणांक (f) \(\frac{\omega_0 L}{R}\)

उत्तर:
(i) का सुमेलित (c) होगा।
(ii) का सुमेलित (f) होगा।
(iii) का सुमेलित (a) होगा।
(iv) का सुमेलित (d) होगा।
(v) का सुमेलित (b) होगा।
(vi) का सुमेलित (e) होगा।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा

प्रश्न 13.
सुनीता और उसकी सहेलियों ने एक प्रदर्शनी का भ्रमण किया। यहाँ खड़े सिपाही ने उन्हें धातु संसूचक (मेटल डिटेक्टर) से गुजरने के लिए कहा। सुनीता की सहेलियाँ पहले इससे भयभीत हुई। परन्तु फिर सुनीता ने धातु संसूचक से गुजरने का कारण बताया और उसकी कार्यप्रणाली की व्याख्या की। निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(a) धातु संसूचक किस सिद्धान्त पर कार्य करता है?
(b) यदि उससे गुजरने वाले किसी व्यक्ति के पास कोई धातु की वस्तु है, तो यह संसूचक ध्वनि क्यों उत्पन्न करने लगता है?
(c) उन किन्हीं दो गुणों का उल्लेख कीजिए जिनका प्रदर्शन सुनीता ने संसूचक से गुजरने का कारण समझाते समय किया।
उत्तर:
(a) धातु संसूचक ac परिपथ में अनुनाद के सिद्धान्त पर कार्य करता है।
(b) परिपथ की प्रतिबाधा बदलती है। परिपथ में परिणामी धारा का मान बदलता है यही कारण है कि संसूचक ध्वनि उत्पन्न करने लगता है।
(c) (i) ज्ञान (ii) वैज्ञानिक मनोदशा।

आंकिक प्रश्न:

प्रश्न 1.
चित्र में प्रेरक L तथा प्रतिरोध R के सिरों के बीच वोल्टता क्रमशः 120 वोल्ट तथा 90 वोल्ट है तथा धारा का वर्ग-माध्य-मूल मान 3A है गणना कीजिये:
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा 7
(i) परिपथ प्रतिबाधा
(ii) वोल्टता तथा धारा के बीच कलान्तर।
उत्तर:
(i) परिपथ की परिणामी वोल्टता यहाँ
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा 8
VL = 120 वोल्ट
VR = 90 वोल्ट
तथा धारा I = 3 ऐम्पियर प्रतिबाधा
Z = ?
कलान्तर ¢ = ?
= 150 वोल्ट
परिपथ की प्रतिबाधा Z = \(\frac{\mathrm{V}}{\mathrm{I}}\) = \(\frac{150}{3}\)
= 50 ओम

(ii) यदि वोल्टता तथा धारा के बीच कलान्तर हो, तो
tan ¢ = \(\frac{\mathrm{V}_{\mathrm{L}}}{\mathrm{V}_{\mathrm{R}}}\) = \(\frac{120}{90}\) = \(\frac{4}{3}\)
¢ = tan-1 \(\frac{4}{3}\)

प्रश्न 2.
एक 122 का प्रतिरोध, एक 1452 प्रतिघात का संधारित्र तथा 0.1 हेनरी प्रेरकत्व का एक शुद्ध प्रेरक श्रेणीक्रम में जोड़े गये हैं तथा इससे 200 V 50Hz की प्रत्यावर्ती धारा जोड़ दी गयी है। गणना कीजिये
(i) परिपथ में धारा,
(ii) धारा तथा वोल्टता के बीच कला कोण (x = 3 लीजिये)।
उत्तर:
यहाँ पर दिया गया है:
R = 15Ω, XC = 14Ω L = 0.1 हेनरी
Erms = 200 वोल्ट
f = 50 हर्ट्ज
XL = 2πfL = 2 × 3 × 50 x 0.1
= 30Ω
∴ परिपथ की प्रतिबाधा Z = \(\sqrt{\mathrm{R}^2+\left(X_L-X_C\right)^2}\)
Z = \(\sqrt{(12)^2+(30-14)^2}\)
= \(\sqrt{144+256}\)
= √400 = 2052
अतः (i) परिपथ में धारा
Irms = Erms
= \(\frac{200}{20}\)
= 10 ऐम्पियर

(ii)
tan ¢ = \(\frac{x_L-x_C}{R}\) = \(\frac{30-14}{12}\) = \(\frac{16}{12}\)
¢ = tan-1 \(\left(\frac{4}{3}\right)\)
अतः परिणामी वोल्टता धारा से tan-1 \(\left(\frac{4}{3}\right)\) कोण अग्रगामी होगी।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा

प्रश्न 3.
एक प्रत्यावर्ती धारा जनित्र 3 मी2 अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल तथा 100 फेरों वाली कुण्डली से बना है। जो 0.04 टेसला के चुम्बकीय क्षेत्र में 60 रेडियन/से. के नियत कोणीय वेग से घुमायी जा रही है। कुण्डली का प्रतिरोध 500 ओम है। गणना कीजिये: (i) जनित्र से प्राप्त अधिकतम धारा (ii) कुण्डली में व्यय हुई अधिकतम शक्ति है।
उत्तर:
दिया है।
A = 3 मी2, N = 100.
B = 0.04 टेसला, ω = 60 रेडियन/से.
R = 500 ओम
(i) जनित्र से प्राप्त अधिकतम धारा
Io = \(\frac{E_0}{R}\) = \(\frac{\mathrm{NBA} \omega}{\mathrm{R}}\)
= \(\left(\frac{100 \times 0.04 \times 3 \times 60}{500}\right)\)
= 1.44 ऐम्पियर

(ii) व्यय हुई अधिकतम शक्ति
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा 9

प्रश्न 4.
एक प्रत्यावर्ती धारा परिपथ X तथा Y परिपथ अवयवों के श्रेणीक्रम संयोजन से बना है। धारा वोल्टता से कलान्तर अग्रगामी है। यदि अवयव X शुद्ध प्रतिरोध है जिसका मान 100Ω है, तो (i) परिपथ अवयव Y का नाम बताइये। (ii) यदि वोल्टता का वर्ग- माध्य-मूल मान 141 वोल्ट हो, तो धारा का वर्ग- माध्य-मूल मान ज्ञात कीजिये।
उत्तर:
(i)
∵ X-Y के श्रेणीक्रम संयोजन में X शुद्ध प्रतिरोध है और धारा वोल्टता से \(\frac{\pi}{4}\) व कलान्तर अग्रगामी है, अतः परिपथ Y संधारित्र होगा।
(ii)
cos ¢ = \(\frac{R}{Z}\)
Z = \(\mathrm{R} / \cos \phi\)
Z = \(\frac{100}{\cos \frac{\pi}{4}}\) = \(\frac{100}{\frac{1}{\sqrt{2}}}\) = \(100 \sqrt{2}\)
अतः
Irms = \(\frac{E_{\mathrm{rms}}}{Z}\) = \(\frac{141}{100 \sqrt{2}}\)
= \(\frac{141}{100 \times 1.414}\) ऐम्पियर

प्रश्न 5.
एक संधारित्र तथा एक प्रतिरोध एक प्रत्यावर्ती धारा स्रोत से श्रेणीक्रम में जुड़े हैं। यदि C तथा R के सिरों के बीच वोल्टता क्रमशः 120 V, 90 V तथा धारा का वर्ग माध्य-मूल मान 3 A हो, तो ज्ञात कीजिये:
(i) प्रतिबाधा
(ii) परिपथ का शक्ति गुणांक
उत्तर:
दिया है:
(i) Vc = 120 वोल्ट, VR = 90 वोल्ट, Irms = 3 ऐम्पियर
Vrms = \(\sqrt{V_R^2+V_C^2}\)
= \(\sqrt{(120)^2+(90)^2}\)
= \(\sqrt{14400+8100}\)
= \(\sqrt{22500}\)
= 150 वोल्ट
Vrms = 150 वोल्ट या Erms = 150 वोल्ट
\(\frac{E_{\mathrm{rms}}}{I_{\mathrm{rms}}}\) = \(\frac{150}{3}\) = 50Ω

(ii) शक्ति गुणांक cos = \(\frac{\mathrm{V}_{\mathrm{R}}}{\mathrm{V}_{\mathrm{mms}}}\)
= \(\frac{90}{150}\) = 0.6

प्रश्न 6.
एक विद्युत बल्ब पर 220 V आपूर्ति एवं 100 वाट शक्ति अंकित है, तो
(a) बल्ब का प्रतिरोध
(b) स्रोत की शिखर वोल्टता एवं
(c) बल्ब में प्रवाहित होने वाली r.m.s. धारा।
उत्तर:
दिया है:
E = 220 V
P = 100W
बल्ब का प्रतिरोध R = ?
शिखर वोल्टता E0 = ?
r.m.s. धारा I<sub>rms</sub> = ?
(a) P = E x I = E x \(\frac{E}{R}\) = \(\frac{E^2}{R}\)
R = \(\frac{E^2}{R}\) = \(\frac{220 \times 220}{100}\)
R = 484Ω

(b) स्रोत की शिखर वोल्टता
E0 = √2E = 1.414 x 220
= 311.08 V = 311 V

(c) ∴ I या I<sub>rms</sub> = \(\frac{P}{E}\)
I = \(\frac{100}{220}\)
= 0.455 A

प्रश्न 7.
किस समय पर ज्यावक्रीय प्रत्यावर्ती धारा का मान अपने शिखर मान का (i) आधा (ii) \(\frac{1}{\sqrt{2}}\) गुना होगा?
उत्तर:
माना समय पर ज्यावक्रीय प्रत्यावर्ती धारा का मान शिखर
मान का आधा रह जाता है। अतः
I = \(\frac{\mathrm{I}_0}{2}\)
= I0 sin ωt
या
\(\frac{1}{2}\) = sin ωt ⇒ sin \(\frac{\pi}{6}\) = sin ωt1
या
ωt1 = \(\frac{\pi}{6}\)
= t1 = sin \(\frac{\pi}{6 \omega}\)
t1 = \(\frac{\pi}{2 \pi \mathrm{f} \times 6}\) = \(\frac{T}{12}\) सेकण्ड
इसी प्रकार यदि t2 समय पर I = \(\frac{\mathrm{I}_0}{\sqrt{2}}\) होता है तो
\(\frac{\mathrm{I}_0}{\sqrt{2}}\) = Io sin ωt2
या
⇒ \(\frac{1}{\sqrt{2}}\) = sin ωt2
⇒ sin ωt2 = sin \(\frac{\pi}{4}\)
या
ωt2 = \(\frac{\pi}{4}\)
या t2 = 4\(\frac{\pi}{4 \omega}\)
t2 = \(\frac{\pi}{4 \times 2 \pi \mathrm{f}}\)
= \(\frac{T}{8}\) सेकण्ड
∵ \(\frac{1}{f}\) = T

प्रश्न 8.
एक प्रत्यावर्ती परिपथ में आवृत्ति पर शक्ति गुणांक 0.707 है। आवृत्ति 120 हर्ट्ज हो जाये, तो शक्ति एक कुण्डली का 60 हर्ट्ज यदि प्रत्यावर्ती स्रोत की गुणांक क्या होगा?
उत्तर:
हम जानते हैं कि.
cos ¢ = \(\frac{\mathrm{R}}{\mathrm{Z}}\) = \(\frac{\mathrm{R}}{\sqrt{\mathrm{R}^2+\mathrm{X}_{\mathrm{L}}^2}}\)
दोनों तरफ वर्ग करने पर
cos2 ¢ = \(\frac{R^2}{R^2+X_L^2}\)
लेकिन दिया गया है cos ¢ = 0.707
(0.707)2 = \(\frac{\mathrm{R}^2}{\mathrm{R}^2+\mathrm{X}_{\mathrm{L}}^2}\)
0.5 = \(\frac{\mathrm{R}^2}{\mathrm{R}^2+\mathrm{X}_{\mathrm{L}}^2}\)
0.5 R2 + 0.5 XL2 = R2
0.5R2 = 0.5 XL2
R2 = XL2
∵ R = XL
cos ¢’= \(\frac{\mathrm{R}}{\sqrt{\mathrm{R}^2+\left(\mathrm{X}_{\mathrm{L}}{ }^{\prime}\right)^2}}\)
लेकिन दिया गया है XL = 2R
∵ अब आवृत्ति का मान दुगुना हो गया है।
cos ¢ = \(\frac{\mathrm{R}}{\sqrt{(\mathrm{R})^2+(2 \mathrm{R})^2}}\) = \(\frac{R}{\sqrt{5 R^2}}\)
cos ¢ = \(\frac{1}{\sqrt{5}}\) = \(\frac{\sqrt{5}}{5}\)
cos ¢ = 0.447
∵ शक्ति गुणांक cos ¢ = 0.447

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 7 प्रत्यावर्ती धारा

प्रश्न 9.
एक प्रत्यावर्ती परिपथ में किसी समय t पर विभव E = 200 sin 157 t cos 157 t वोल्ट और धारा I = sin ( 314t + \(\frac{\pi}{3}\) ) ऐम्पियर है। इस स्थिति में गणना कीजिये:
(अ) आवृत्ति
(स) परिपथ की प्रतिबाधा
उत्तर:
दिया गया है:
विभव E = 200 sin 157 t cos 157 t यहाँ Eo = 100 वोल्ट
E = 100 x 2 sin 157 t cos 157 t Io = I ऐम्पियर
हम जानते हैं कि:
sin 2t = 2 sin t cost
∴ E = 100 sin 2 x 157 t
¢ = \(\frac{\pi}{3}\) = 60°
E = 100 sin 314 वोल्ट

(अ) आवृत्ति f = \(\frac{\omega}{2 \pi}\) = \(\frac{314}{2 \times 3.14}\)
f = 50 हर्ट्ज
(ब) वर्ग माध्य मूल वोल्टता
Erms = \(\frac{E_0}{\sqrt{2}}\)
= 0.707 x 100
= 70.7 वोल्ट
Irms = \(\frac{I_0}{\sqrt{2}}\)
= 0.707 x 1
= 0.707 ऐम्पियर
(स) परिपथ की प्रतिबाधा
Z = \(\frac{E_{\text {r.m.s. }}}{\mathrm{I}_{\text {r.m.s. }}}\)
= \(\frac{70.7}{0.707}\)
= \(\frac{707 \times 1000}{707 \times 10}\)
Z = 100 ओम

(द) शक्ति गुणांक = cos ¢
cos 60° = \(\frac{1}{2}\) = 0.5

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