Haryana State Board HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य Important Questions and Answers.
Haryana Board 12th Class Physics Important Questions Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य
वस्तुनिष्ठ प्रश्न:
प्रश्न 1.
एक दण्ड चुम्बक उत्तर-दक्षिण दिशा में इस प्रकार रखा जाता है कि उसका उत्तरी ध्रुव उत्तर की ओर है। शून्य चुम्बकीय क्षेत्र के बिन्दुओं की दिशा चुम्बक के केन्द्र से किस ओर होगी
(अ) उत्तर-दक्षिण
(ब) पूर्व-पश्चिम
(स) उत्तर-पूर्व तथा दक्षिण-पश्चिम
(द) उत्तर-पश्चिम तथा दक्षिण-पूर्व
उत्तर:
(ब) पूर्व-पश्चिम
प्रश्न 2.
पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का ऊर्ध्वाधर घटक शून्य होता है:
(अ) चुम्बकीय ध्रुवों पर
(ब) भौगोलिक ध्रुवों पर
(स) प्रत्येक स्थान पर
(द) चुम्बकीय निरक्ष पर
उत्तर:
(द) चुम्बकीय निरक्ष पर
प्रश्न 3.
किसी चुम्बकीय क्षेत्र के समान्तर रखी चुम्बकीय सूई को 60° घुमाने में W कार्य करना पड़ता है। इस स्थिति में सूई को बनाये रखने के लिये आवश्यक बल आघूर्ण होगा:
(अ) √3W
(ब) W
(स) \(\frac{\sqrt{3}}{2}\) W
(द) 2W
उत्तर:
(अ) √3W
प्रश्न 4.
एक r त्रिज्या की वृत्ताकार कुण्डली में i धारा बह रही है। इसमें तार के n फेरे हैं। इसका चुम्बकीय आघूर्ण. r के साथ परिवर्तित होता है। जैसे:
(अ) \(\frac{1}{\mathrm{r}^2}\)
(ब) \(\frac{1}{r}\)
(स) r
(द) r2
उत्तर:
(द) r2
प्रश्न 5.
एक चुम्बकीय लोहे के तार की लम्बाई । एवं चुम्बकीय आघूर्ण m है । यदि इसे L आकृति में मोड़ने पर इसकी प्रत्येक भुजा समान लम्बाई की रहती है तो नवीन आकृति का चुम्बकीय आघूर्ण होगा:
(अ) m
(ब) \(\frac{\mathrm{m}}{2}\)
(स) √2m
(द) \(\frac{\mathrm{m}}{\sqrt{2}}\)
उत्तर:
(द) \(\frac{\mathrm{m}}{\sqrt{2}}\)
प्रश्न 6.
एक पतले दण्ड चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण M है। यदि इसे पहले लम्बाई के लम्बवत् और फिर चौड़ाई के लम्बवत् काटा जाये तो प्राप्त टुकड़े का चुम्बकीय आघूर्ण होगा:
(अ) \(\frac{\mathrm{m}}{2}\)
(ब) \(\frac{\mathrm{m}}{4}\)
(स) m
(द) 2m
उत्तर:
(ब) \(\frac{\mathrm{m}}{4}\)
प्रश्न 7.
यदि दो एकांक प्रबलता (1-Am) के चुम्बकीय ध्रुव के मध्य की दूरी 1 मीटर है अतः इनके मध्य लगने वाले बल का मान है:
(अ) 4π x 107 N
(ब) \(\frac{4 \pi}{10^{-7}}\) N
(स) 107 N
(द) \(\frac{10^{-7}}{4 \pi}\) N
उत्तर:
(स) 107 N
प्रश्न 8.
एक छोटे चुम्बक के कारण r दूरी पर उसकी अक्षीय एवं पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र की निरक्षीय स्थिति में स्थित बिन्दुओं तीव्रताओं का अनुपात होगा:
(अ) 1 : 2
(ब) 2 : 1
(स) 1 : 4
(द) 4 : 1
उत्तर:
(ब) 2 : 1
प्रश्न 9.
चुम्बकीय आघूर्ण \(\overrightarrow{\mathrm{m}}\) के एक चुम्बक दण्ड को \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) तीव्रता के चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर लगने वाले बल आघूर्ण का मान होगा:
(अ) \(\overrightarrow{\mathrm{m}}\) × \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\)
(ब) \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) × \(\overrightarrow{\mathrm{m}}\)
(स) \(\overrightarrow{\mathrm{m}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{B}}\)
(द) \(\frac{\overrightarrow{\mathrm{m}} \times \overrightarrow{\mathrm{B}}}{\sqrt{2}}\)
उत्तर:
(अ) \(\overrightarrow{\mathrm{m}}\) × \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\)
प्रश्न 10.
नाभिक के चारों ओर घूमते इलेक्ट्रॉन का चुम्बकीय आघूर्ण मुख्य क्वान्टम संख्या n पर किस प्रकार निर्भर करता है?
(अ) μ α n
(ब) μ α 1/n
(स) μ α n2
(द) μ α \(\frac{1}{\mathrm{n}^2}\)
उत्तर:
(अ) μ α n
प्रश्न 11.
एक वर्गाकार धारावाही लूप एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में लटकाया गया, जो इसके तल में कार्यरत है। यदि लूप की एक भुजा पर बल \(\overrightarrow{\mathrm{F}}\) है, तो शेष तीन भुजाओं पर परिणामी बल होगा:
(अ) 3 \(\overrightarrow{\mathrm{F}}\)
(ब) \(-\vec{F}\)
(स) \(-3 \vec{F}\)
(द) \(\overrightarrow{\mathrm{F}}\)
उत्तर:
(ब) \(-\vec{F}\)
प्रश्न 12.
किसी स्थान पर चुम्बकीय याम्योत्तर एवं भौगोलिक याम्योत्तर के मध्य कोण कहलाता है:
(अ) नमन कोण
(ब) क्रान्तिक कोण
(स) दिक्पात कोण
(द) नति कोण।
उत्तर:
(स) दिक्पात कोण
प्रश्न 13.
चुम्बकीय ध्रुवों पर नति का कोण होता है:
(अ) 0°
(ब) 30°
(स) 45°
(द) 90°
उत्तर:
(द) 90°
प्रश्न 14.
यदि किसी स्थान पर पृथ्वी के क्षैतिज घटक Bv के मान समान हैं। अतः उस स्थान पर नमन क्षेत्र के ऊर्ध्वाधर घटक BH एवं कोण का मान है अतः उस स्थान पर नमन कोण का मान है:
(अ) 30°
(ब) 45°
(स) 60°
(द) 90°
उत्तर:
(ब) 45°
प्रश्न 15.
चुम्बकीय सुई सुरक्षित रह सकती है:
(अ) लोहे के बक्से में
(ब) लकड़ी के बक्से में
(स) धातु के बक्से में
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) लोहे के बक्से में
प्रश्न 16.
विद्युत चुम्बक में क्रोड कच्चे इसकी लोहे की बनायी जाती है, क्योंकि इसकी
(अ) प्रवृत्ति तथा धारणशीलता अधिक होती है।
(ब) प्रवृत्ति अधिक तथा धारणशीलता कम होती है।
(स) प्रवृत्ति व धारणशीलता दोनों कम होती हैं।
(द) धारणशीलता अधिक व प्रवृत्ति कम होती है।
उत्तर:
(ब) प्रवृत्ति अधिक तथा धारणशीलता कम होती है।
प्रश्न 17.
ताँबा कैसा पदार्थ है?
(अ) प्रतिचुम्बकीय
(ब) अनुचुम्बकीय
(स) लौह चुम्बकीय
(द) अचुम्बकीय
उत्तर:
(अ) प्रतिचुम्बकीय
प्रश्न 18.
चुम्बकीय पदार्थों का वह व्यवहार जिसके फलस्वरूप चुम्बकीय प्रेरण B चुम्बकन क्षेत्र H से पीछे रहता है, कहलाता है:
(अ) चुम्बकीय प्रवृत्ति
(ब) चुम्बकीय शैथिल्य
(स) निग्राहिता
(द) धारणशीलता।
उत्तर:
(ब) चुम्बकीय शैथिल्य
प्रश्न 19.
विपरीत दिशा में चुम्बकन क्षेत्र H का यह मान जिस पर चुम्बकीय प्रेरण B का मान शून्य हो जाता है, कहलाता है:
(अ) शैथिल्य हास
(ब) धारणशीलता
(स) निग्राहिता
(द) चुम्बकशीलता
उत्तर:
(स) निग्राहिता
प्रश्न 20.
अनुचुम्बकीय पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृत्ति x एवं परम ताप T में सम्बन्ध है:
(अ) \(\chi \propto \frac{1}{T}\)
(ब) χ α T
(स) χ α \(\frac{1}{T^2}\)
(द) χ α T2
उत्तर:
(अ) \(\chi \propto \frac{1}{T}\)
प्रश्न 21.
अल्प चुम्बकन क्षेत्र (H) के लिए चुम्बकन I किस प्रकार निर्भर करता है:
(अ) I α H
(ब) I α \(1 / \mathrm{H}^2\)
(स) I α \(1 / \mathrm{H}\)
(द) I α H2
उत्तर:
(अ) I α H
प्रश्न 22.
चुम्बकीय प्रवृत्ति तथा चुम्बकनशीलता में सही सम्बन्ध है:
(अ) Xm = 14 – 1
(ब) Xm = 4 + 1
(स) X = +1
(द) Xm
उत्तर:
(अ) Xm = 14 – 1
प्रश्न 23.
पृथ्वी के चुम्बकीय ध्रुवों तथा विषुवत् पर नमन कोण क्रमशः होते हैं:
(अ) 0° तथा 90°
(ब) 90° तथा 0°
(स) 180° तथा 0°
(द) 0° तथा 180°
उत्तर:
(ब) 90° तथा 0°
प्रश्न 24.
एक विद्युत चुम्बक बना होता है:
(अ) Cu का
(ब) Al का
(स) स्टील का
(द) नरम लोहे का
उत्तर:
(द) नरम लोहे का
प्रश्न 25.
निम्न में सही संबंध है:
(अ) \(\frac{B}{\mu_0}\) + I = H
(ब) \(\frac{B}{\mu_0}\) – 1 = H
(स) \(\frac{B}{\mu_0}\) + H = I
(द) \(\frac{B}{\mu_0}\) + H = -1
उत्तर:
(ब) \(\frac{B}{\mu_0}\) – 1 = H
प्रश्न 26.
लौह चुम्बकीय पदार्थों के लिये:
(अ) पारगम्यता बहुत अधिक तथा प्रवृत्ति धनात्मक व अधिक होती है।
(ब) पारगम्यता बहुत अधिक तथा प्रवृत्ति ऋणात्मक व कम होती है।
(स) पारगम्यता बहुत कम तथा प्रवृत्ति धनात्मक व अधिक होती है।
(द) पारगम्यता बहुत कम तथा प्रवृत्ति ऋणात्मक व कम होती है।
उत्तर:
(अ) पारगम्यता बहुत अधिक तथा प्रवृत्ति धनात्मक व अधिक होती है।
प्रश्न 27.
पृथ्वी के तल पर क्षैतिज क्षेत्र वाले बिन्दुओं को मिलाने वाली रेखा को कहते हैं:
(अ) चुम्बकीय याम्योत्तर
(ब) चुम्बकीय अक्ष
(स) चुम्बकीय रेखा
(द) चुम्बकीय निरक्ष
उत्तर:
(द) चुम्बकीय निरक्ष
प्रश्न 28.
चुम्बकीय याम्योत्तर और भौगोलिक याम्योत्तर के बीच के कोण को कहते हैं:
(अ) चुम्बकीय नति
(ब) चुम्बकीय दिक्पात
(स) चुम्बकीय आघूर्ण
(द) चुम्बकीय क्षेत्र की शक्ति
उत्तर:
(ब) चुम्बकीय दिक्पात
प्रश्न 29.
निम्न में से कौनसा कथन यथार्थ नहीं है?
(अ) प्रतिचुम्बकत्व सब पदार्थों का गुण है।
(ब) क्यूरी ताप पर लौह-चुम्बकीय पदार्थ अनुचुम्बकीय बन जाते हैं।
(स) वे परमाणु जिनकी आन्तरिक कक्षायें अपूर्ण होती हैं, अनुचुम्बकीय होते हैं।
(द) लौह-चुम्बकीय पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृत्ति X क्यूरी ताप पर शून्य होती है।
उत्तर:
(द) लौह-चुम्बकीय पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृत्ति X क्यूरी ताप पर शून्य होती है।
प्रश्न 30.
आपेक्षिक पारगम्यता की इकाई होती है:
(अ) वेबर/ मी.
(ब) इकाई रहित
(स) हेनरी/मीटर
(द) ऐम्पियर/मीटर
उत्तर:
(ब) इकाई रहित
प्रश्न 31.
किसी पदार्थ की अनुचुम्बकीय प्रवृत्ति χ का मान 9 है तो आपेक्षिक पारगम्यता μr का मान होगा:
(अ) 10
(ब) 0.1
(स) 9
(द) 11
उत्तर:
(अ) 10
प्रश्न 32.
1 टेसला बराबर होता है:
(अ) 10-7 गाउस
(ब) 10-4 गाउस
(स) 104 गाउस
(द) 10-8 गाउस
उत्तर:
(ब) 10-4 गाउस
प्रश्न 33.
ताप जिससे नीचे चुम्बकीय पदार्थ लौह-चुम्बकीय तथा जिसके ऊपर अनुचुम्बकीय होता है, कहलाता है:
(अ) उत्क्रमण ताप
(ब) केल्विन ताप
(स) क्यूरी ताप
(द) उदासीन ताप
उत्तर:
(स) क्यूरी ताप
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
उस भौतिक राशि का नाम बताइये जिसका मात्रक न्यूटन मीटर टेसला है यह अदिश राशि है अथवा सदिश?
उत्तर:
τmax = mB = m = \(\frac{\tau_{\max }}{\mathrm{B}}\)
इस सूत्र के आधार पर M का SI मात्रक = न्यूटन मीटर टेसला-1
अतः न्यूटन मीटर टेसला-1 चुम्बकीय आघूर्ण का SI मात्रक है। अतः एक सदिश राशि है।
प्रश्न 2.
समरूप चुम्बकीय क्षेत्र में एक चुम्बकीय द्विध्रुव को किस प्रकार रखा जाये ताकि इसकी स्थितिज ऊर्जा अधिकतम हो?
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र के विसमान्तर अर्थात् इसका चुम्बकीय आघूर्ण \(\overrightarrow{\mathrm{m}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{B}}\) की दिशा के विपरीत दिशा में हो।
इस स्थिति में
θ = 180° तथा U = mB cosθ
U = -mB cos 180° = -mB x (-1) U = mB
प्रश्न 3.
चुम्बकीय याम्योत्तर किसे कहते हैं?
उत्तर:
दण्ड चुम्बक के चुम्बकीय अक्ष के लम्बवत् गुजरने वाले ऊर्ध्व तल को चुम्बकीय याम्योत्तर कहते हैं।
प्रश्न 4.
चुम्बकीय आघूर्ण को परिभाषित कीजिये।
उत्तर:
किसी चुम्बक की ध्रुव प्राबल्यता एवं प्रभावी लम्बाई के गुणनफल को चुम्बकीय आघूर्ण कहते हैं। यह एक सदिश राशि है जिसकी दिशा दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव की ओर होती है। इसका मात्रक ऐम्पियर मीटर होता है।
प्रश्न 5.
चुम्बकीय आघूर्ण \(\vec{m}\) के एक छोटे दण्ड चुम्बक से उसके अक्ष पर दूरी पर स्थित बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता का व्यंजक लिखिये
उत्तर:
\(\vec{B}\) = \(\frac{\mu_0}{4 \pi}\) × \(\frac{2 \overrightarrow{\mathrm{m}}}{\mathrm{r}^3}\)
प्रश्न 6.
चुम्बकीय आघूर्ण \(\vec{M}\) के छोटे दण्ड चुम्बक के निरक्ष पर r दूरी पर स्थित बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता का व्यंजक लिखिये।
उत्तर:
\(\vec{B}\) = \(\frac{\mu_0}{4 \pi}\) × \(\left(\frac{-\vec{m}}{r^3}\right)\)
प्रश्न 7.
लघुदण्ड चुम्बक के मध्य बिन्दु से अक्षीय तथा निरक्षीय स्थिति में समान दूरी पर स्थित बिन्दुओं पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रताओं में क्या अनुपात होता है?
उत्तर:
2 : 1
∵
प्रश्न 8.
‘चुम्बकीय बल रेखायें बन्द वक्र बनाती हैं क्यों?
उत्तर:
चूँकि एकल चुम्बकीय ध्रुव का कोई अस्तित्व नहीं होता है अर्थात् उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी ध्रुव साथ-साथ होते हैं एवं चुम्बकीय बल रेखायें उत्तरी ध्रुव से निकलती हैं तथा दक्षिणी ध्रुव में प्रवेश करती हैं इसलिये ये बन्द वक्र होती हैं।
प्रश्न 9.
उदासीन बिन्दु की परिभाषा दीजिये।
उत्तर:
ऐसे बिन्दु जिन पर चुम्बक का चुम्बकीय क्षेत्र तथा पृथ्वी का क्षैतिज चुम्बकीय क्षेत्र का परिणामी क्षेत्र शून्य होता है, उन्हें उदासीन बिन्दु कहते हैं।
प्रश्न 10.
पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक HE ऊर्ध्वाधर घटक ZE एवं इस स्थान पर नति कोण I के मध्य सम्बन्ध लिखिये।
उत्तर:
tan I = \(\frac{\mathrm{Z}_{\mathrm{E}}}{\mathrm{H}_{\mathrm{E}}}\)
प्रश्न 11.
वर्ष के किस माह में दिक्पात कोण का मान उत्तरी गोलार्द्ध में न्यूनतम एवं दक्षिणी गोलार्द्ध में अधिकतम होता है?
उत्तर:
अगस्त माह में
प्रश्न 12.
दिक्पात कोण किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी स्थान पर भौगोलिक याम्योत्तर तथा चुम्बकीय याम्योत्तर के बीच के कोण को दिक्पात कोण कहते हैं।
प्रश्न 13.
एक छड़ चुम्बक को किस प्रकार रखने पर उदासीन बिन्दु निरक्ष पर एवं अक्ष पर प्राप्त होगा?
उत्तर:
(i) चुम्बकीय याम्योत्तर में चुम्बक का उत्तरी ध्रुव उत्तर की ओर देखने पर उदासीन बिन्दु निरक्ष पर प्राप्त होता है।
(ii) चुम्बकीय याम्योत्तर में चुम्बक का दक्षिणी ध्रुव उत्तर की ओर रखने पर उदासीन बिन्दु अक्ष पर बनता है।
प्रश्न 14.
माध्यम की पारगम्यता एवं चुम्बकीय प्रवृत्ति में सम्बन्ध लिखो।
उत्तर:
μ = μ0(1 + x)
प्रश्न 15.
चुम्बकीय क्षेत्र B चुम्बकन क्षेत्र H एवं माध्यम की पारगम्यता μ के बीच सम्बन्ध लिखो।
उत्तर:
μ = \(\frac{\mathrm{B}}{\mathrm{H}}\)
प्रश्न 16.
पृथ्वी के चुम्बकीय तत्व क्या हैं?
उत्तर:
(1) दिक्पात कोण
(2) नति कोण
(3) क्षैतिज घटक।
प्रश्न 17.
पृथ्वी तल पर किस स्थान पर नति कोण का मान 90° होता है?
उत्तर:
पृथ्वी के ध्रुवों पर
प्रश्न 18.
पृथ्वी तल पर कहाँ पर नति कोण का मान शून्य होता हैं?
उत्तर:
चुम्बकीय निरक्ष पर।
प्रश्न 19.
पृथ्वी तल के किस स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का ऊर्ध्व घटक शून्य होता है तथा क्यों?
उत्तर:
चुम्बकीय निरक्ष पर (ZE = BEsin θ = BE sin 0° = 0]
प्रश्न 20.
चुम्बकीय पदार्थ जो किसी असमान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रतिकर्षण बल अनुभव करते हैं, क्या कहलाते हैं?
उत्तर:
प्रतिचुम्बकीय पदार्थ।
प्रश्न 21.
अनुचुम्बकीय पदार्थ लिये कोई दो उदाहरण लिखिये।
उत्तर:
(i) कॉपर, क्लोराइड
(ii) मैंगनीज डाइऑक्साइड
प्रश्न 22.
प्रतिचुम्बकीय पदार्थ के कोई दो उदाहरण लिखिये।
उत्तर:
(i) पानी
(ii) पारा।
प्रश्न 23.
चुम्बकन तीव्रता की परिभाषा लिखिये।
उत्तर:
पदार्थ के एकांक आयतन में उत्पन्न चुम्बकीय आघूर्ण (m) को चुम्बकन की तीव्रता कहते हैं।
\(\overrightarrow{\mathrm{I}}\) = \(\frac{\overrightarrow{\mathrm{m}}}{\mathrm{V}}\)
यह सदिश राशि है इसका मात्रक A/m है।
प्रश्न 24.
चुम्बकीय पारगम्यता की परिभाषा लिखिये।
उत्तर:
पदार्थ के अन्दर उत्पन्न चुम्बकीय प्रेरण B एवं चुम्बकीय क्षेत्र H के अनुपात को पदार्थ की चुम्बकीय पारगम्यता कहते हैं।
प्रश्न 25.
चुम्बकीय प्रेरण B, चुम्बकीय क्षेत्र H एवं चुम्बकन तीव्रता I के मध्य का सम्बन्ध बतलाइये।
एवं
उत्तर:
B = (μ0)(H + I ) यहाँ μ0 = निर्वात् की चुम्बकशीलता।
प्रश्न 26.
आपेक्षिक पारगम्यता μr चुम्बकीय पारगम्यता μ निर्वात की चुम्बकीय पारगम्यता μ0 के मध्य का संबंध लिखिये।
उत्तर:
μr = \(\frac{\mu}{\mu_0}\) या μ = μ0 μr
प्रश्न 27.
धारणशीलता किसे कहते हैं?
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र H का मान शून्यं करने पर भी पदार्थ में चुम्बकत्व शेष बने रहने के गुण को धारणशीलता कहते हैं।
प्रश्न 28.
प्रतिचुम्बकीय पदार्थ के परमाणु का नेट चुम्बकीय आघूर्ण कितना होता है?
उत्तर:
शून्य।
प्रश्न 29.
किसी अनुचुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकन तीव्रता ताप साथ किस प्रकार परिवर्तित होती है?
उत्तर:
यह परम ताप के व्युत्क्रमानुपाती होती है।
प्रश्न 30.
विद्युत चुम्बक बनाने के लिये नर्म लोहा क्यों प्रयुक्त किया जाता है?
उत्तर:
नर्म लोहे की चुम्बकशीलता अधिक तथा धारणशीलता कम होने के कारण।
प्रश्न 31.
जब किसी प्रतिचुम्बकीय पदार्थ को ठण्डा किया जाता है तो इसके चुम्बकत्व (Magnetisation) पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
प्रतिचुम्बकीय पदार्थ का चुम्बकन तीव्रता ताप पर निर्भर नहीं करती। अतः ठण्डा करने का इसके चुम्बकन तीव्रता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
प्रश्न 32.
किसी B-H वक्र के लिये शैथिल्य हास ज्ञात करने का सूत्र लिखिये।
उत्तर:
शैथिल्य हास (B-H) वक्र का क्षेत्रफल x पदार्थ की आयतन आवृति।
प्रश्न 33.
स्थायी चुम्बक बनाने के लिये इस्पात का उपयोग करते हैं। क्यों?
उत्तर:
चूँकि इस्पात की निग्राहिता एवं धारणशीलता अधिक है। यही कारण है कि इसका उपयोग स्थाई चुम्बक बनाने में किया जाता है।
प्रश्न 34.
क्यूरी का नियम क्या है?
उत्तर:
क्यूरी के नियम के अनुसार अनुचुम्बकीय पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृत्ति का मान उसके परम ताप के व्युत्क्रमानुपाती होता है। अर्थात्
χ α \(\frac{1}{\mathrm{~T}}\)
या χ = \(\frac{\mathrm{C}}{\mathrm{T}}\)
यहाँ ‘C’ एक नियतांक है जिसे क्यूरी नियतांक कहते हैं।
प्रश्न 35.
क्यूरी वाइस का नियम क्या है ?
उत्तर:
लौह-चुम्बकीय पदार्थों की चुम्बकीय प्रवृत्ति की ताप पर निर्भरता क्यूरी – वाइस नियम द्वारा व्यक्त की जाती है।
x = \(\frac{C}{T-T_c}\)
यहाँ Tc = क्यूरी ताप है।
प्रश्न 36.
किसी चुम्बकीय पदार्थ का चुम्बकीय क्षेत्र में एक चक्र पूरा होता है तो उत्पन्न चुम्बकीय प्रेरण B, चुम्बकीय क्षेत्र H से पीछे रहता है। चुम्बकीय प्रेरण के पिछड़ने को क्या कहते हैं?
उत्तर:
शैथिल्यता।
प्रश्न 37.
क्यूरी ताप की परिभाषा दीजिए। लोहे के लिए इसका मान लिखिए।
उत्तर:
क्यूरी ताप – वह ताप जिस पर या जिसके नीचे के ताप पर लौह- चुम्बकीय पदार्थ लौह-चुम्बकीय पदार्थ की तरह व्यवहार करता है तथा उससे ऊपर के ताप पर लौह चुम्बकीय पदार्थ अनुचुम्बकीय पदार्थ में परिवर्तित हो जाता है, उस ताप को क्यूरी ताप कहते हैं। इसको हम Tc से प्रदर्शित करते हैं।
लोहे के लिए क्यूरी ताप Tc = 770°C (अर्थात 1043K) होता है।
प्रश्न 38.
लोहे का क्यूरी ताप कितना होता है?
उत्तर:
क्यूरी ताप 1043K
प्रश्न 39.
डोमेन सिद्धान्त (Domain Theory) के आधार पर कौनसे चुम्बकीय पदार्थों के चुम्बकत्व की व्याख्या की जाती है?
उत्तर:
लौह-चुम्बकीय पदार्थ।
प्रश्न 40.
-0.2 चुम्बकीय प्रवृत्ति वाले चुम्बकीय पदार्थ की आपेक्षिक चुम्बकीय पारगम्यता ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
दिया गया है:
चुम्बकीय प्रवृत्ति x = 0.2
आपेक्षिक चुम्बकीय पारगम्यता μr = ?
μr = 1 + x
= 1 – 0.2
= 0.8
प्रश्न 41.
जब किसी छड़ चुम्बक को उसकी अक्ष के लम्बवत् दो बराबर भागों में काटा जाता है, तो छड़ चुम्बक के (i) ध्रुव सामर्थ्य तथा (ii) चुम्बकीय आघूर्ण में क्या परिवर्तन होगा?
उत्तर:
(i) यदि किसी दण्ड चुम्बक को उसकी लम्बाई के अनुदिश दो समान भागों में काटा जाये तो अनुप्रस्थ काट आधा हो जाने के कारण प्रत्येक टुकड़े के दोनों ध्रुवों की ध्रुव प्राबल्यता आधी हो जायेगी। (ii) ऐसी स्थिति में प्रत्येक टुकड़े का चुम्बकीय आघूर्ण
m = qm x 2l
यहाँ पर
qm= \(\frac{\mathrm{m}}{2}\) अतः
m = \(\frac{\mathrm{q}_{\mathrm{m}}}{2}\) x 2l = qml = \(\frac{\mathrm{m}}{2}\) होगी।
चुम्बकीय आघूर्ण आधा हो जायेगा।
प्रश्न 42.
स्थायी चुम्बक बनाने के लिये प्रयुक्त पदार्थों की निग्राह्यता उच्च क्यों होनी चाहिये?
उत्तर:
इसका कारण है कि उच्च निग्राहयता के कारण ही पदार्थ का चुम्बकत्व ताप परिवर्तन के कारण नष्ट नहीं होता है।
प्रश्न 43.
इस्पात (steel) या एलनिको का प्रयोग स्थायी चुम्बक बनाने के लिये क्यों किया जाता है?
उत्तर:
इनकी निग्राह्यता उच्च होती है।
प्रश्न 44.
एक चुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृत्ति 1.9 x 105 है। यह किस प्रकार का पदार्थ है?
उत्तर:
क्योंकि चुम्बकीय प्रवृत्ति कम तथा धनात्मक है। अतः दिया गया पदार्थ अनुचुम्बकीय पदार्थ है।
प्रश्न 45.
एक स्थायी चुम्बक बनाने का सुगम तरीका संक्षेप में लिखिये स्थायी चुम्बक बनाने के लिये चुने गये उचित पदार्थों के दो गुण लिखिये।
उत्तर:
स्थायी चुम्बक बनाने का सबसे सुगम तरीका है कि एक फौलाद की छड़ को लेकर एक चुम्बक से रगड़ा जाये। स्थायी चुम्बक बनाने के लिये चुने गये उचित पदार्थ में निम्नलिखित दो गुण होने चाहिए
(i) उच्च धारणशीलता
(ii) उच्च निग्राहिता।
प्रश्न 46.
यदि चुम्बकीय एकल ध्रुवों का अस्तित्व होता तो चुम्बकत्व सम्बन्धी गाउस का नियम क्या रूप ग्रहण करता?
उत्तर:
किसी भी बंद सतह से गुजरने वाला कुल चुम्बकीय फ्लक्स इस स्थिति में शून्य न होकर ध्रुव) है।
\(\int_{\mathrm{S}} \overrightarrow{\mathrm{B}} \cdot \overrightarrow{d \mathrm{~S}}\) = μ0qm, जहाँ qm S से घिरा चुम्बकीय आवेश (एकल
प्रश्न 47.
प्रतिचुम्बकीय पदार्थ किसे कहते हैं ? एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
जो पदार्थ चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर क्षेत्र की विपरीत दिशा में मामूली रूप से चुम्बकित हो जाते हैं तथा किसी शक्तिशाली चुम्बक के सिरों के पास लाये जाने पर कुछ प्रतिकर्षित होते हैं, प्रतिचुम्बकीय पदार्थ कहलाते हैं। इन पदार्थों का यह गुण प्रतिचुम्बकत्व कहलाता है।
उदाहरण: जस्ता (Zn). ताँबा (Cu), चाँदी (Ag), सोना (Au), आदि।
लघुत्तरात्मक प्रश्न:
प्रश्न 1.
एक चुम्बक की परिभाषा लिखिये और इसके दिशा निर्देशन व ध्रुव प्राबल्यता का गुण लिखिये।
उत्तर:
वह पदार्थ जो दूसरे चुम्बकीय पदार्थ लोहा आदि को आकर्षित कर सके और जब उसे स्वतन्त्र रूप से लटकाया जाए, तो यह उत्तर-दक्षिण दिशा में विराम कर सके इसके दो समान एवं विपरीत चुम्बकीय ध्रुव कुछ दूरी से विलगित होते हैं।
दिशा निर्देशन गुण: जब किसी छड़ चुम्बक को स्वतंत्रतापूर्वक निलम्बित किया जाता है तो यह निश्चित दिशा में स्थिर हो जाता है, इसका एक सिरा उत्तर की ओर और दूसरा सिरा दक्षिण की ओर संरेखित होता है जिन्हें कि क्रमशः उत्तरी ध्रुव (N-Pole) तथा दक्षिणी ध्रुव (S-Pole) कहते हैं छड़ चुम्बक सदैव उत्क्षण (NS) दिशा प्रदर्शित करती है।
ध्रुव प्राबल्यता: चुम्बकीय ध्रुवों की चुम्बकत्व की प्रबलता को ध्रुव प्राबल्यता कहते हैं। छड़ चुम्बक के दोनों ध्रुवों की ध्रुव प्राबल्य समान होती है। यदि छड़ चुम्बक को उसके अक्ष के लम्बवत् दो भागों में विभक्त कर दिया जाये तो प्रत्येक भाग के ध्रुवों की ध्रुव प्राबल्य लगभग पूर्ण समान होगी लेकिन यदि छड़ चुम्बक को उसके अक्ष के अनुदिश दो बराबर भागों में अलग कर दिया जाये तो प्रत्येक भाग की ध्रुव प्राबल्य मूल छड़ चुम्बक की ध्रुव प्राबल्य की आधी होगी।
प्रश्न 2.
चुम्बकीय बल रेखायें किसकी सहायता से खींची जाती हैं? इनकी चार प्रमुख विशेषतायें लिखिये।
उत्तर:
चुम्बकीय बल रेखायें लोहे के बुरादे अथवा चुम्बकीय सूई की सहायता से खींची जा सकती हैं। इनकी प्रमुख विशेषतायें निम्न हैं
(1) चुम्बकीय क्षेत्र में जिस स्थान पर गुजरने वाली बल रेखाओं की संख्या जितनी अधिक होती है, उतना ही उस स्थान पर चुम्बकीय क्षेत्र होगा।
(2) दो बल रेखायें एक-दूसरे को नहीं काटती हैं।
(3) बल रेखा के किसी बिन्दु पर खींची गई स्पर्श रेखा उस बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा प्रदर्शित करती है।
(4) चुम्बक के बाहर ये चुम्बक के उत्तरी ध्रुव से चलकर दक्षिणी ध्रुव पर समाप्त होती हैं। चुम्बक के भीतर इनका मार्ग दक्षिणी ध्रुव से उत्तरी ध्रुव की ओर होता है।
प्रश्न 3.
किसी m चुम्बकीय आघूर्ण वाले चुम्बक को पहले लम्बाई के लम्बवत् एवं फिर चौड़ाई के लम्बवत् n बराबर भागों में विभक्त किया जाये तो प्रत्येक भाग के चुम्बकीय आघूर्ण की गणना करो।
उत्तर:
प्रत्येक भाग का चुम्बकीय आघूर्ण
= \(\frac{\mathrm{m}}{\mathrm{n}}\) x \(\frac{L}{n}\) = \(\frac{\mathrm{mL}}{\mathrm{n}^2}\)
प्रश्न 4.
चुम्बकीय याम्योत्तर से क्या समझते हो?
उत्तर:
किसी स्थान पर चुम्बकीय याम्योत्तर वह काल्पनिक ऊर्ध्वाधर तल है जो कि स्वतन्त्रतापूर्वक लटके हुये चुम्बक या कीलकित चुम्बकीय अक्ष में से गुजरता है। यह उस स्थान पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को प्रदर्शित करता है तथा उसके चुम्बकीय ध्रुवों में से गुजरता है।
प्रश्न 5.
चुम्बकीय क्षेत्र स्थित छड़ चुम्बक के धुवों पर कार्यरत बल का मान व दिशा लिखो।
उत्तर:
जब किसी छड़ चुम्बक को चुम्बकीय क्षेत्र में स्वतन्त्रतापूर्वक लटकाया जाता है या कीलकित किया जाता है तो स्थिर अवस्था में इसके दोनों ध्रुवों पर एक बल कार्य करता है। इसकी दिशा चुम्बकीय क्षेत्र के समान्तर होती है। लेकिन ध्रुव N पर चुम्बकीय क्षेत्र की ओर जबकि ध्रुव S पर चुम्बकीय क्षेत्र के विपरीत दिशा में होती है। इस बल का मान \(\overrightarrow{\mathrm{F}}\) = qm \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) होता है। अतः qm का मात्रक न्यूटन /टेसला होगा।
प्रश्न 6.
चुम्बकीय फ्लक्स घनत्व क्या है? चुम्बकीय फ्लक्स एवं चुम्बकीय प्रेरण के मध्य संबंध स्थापित कीजिये।
उत्तर:
चुम्बकीय फ्लक्स घनत्व बल रेखाओं लम्बवत् रखे इकाई क्षेत्रफल के पृष्ठ से गुजरने वाली चुम्बकीय बल रेखाओं की संख्या को चुम्बकीय फ्लक्स घनत्व कहते हैं। यह एक सदिश राशि है
जिसे \(\vec{B}\) द्वारा व्यक्त किया जाता है। इसे चुम्बकीय क्षेत्र या चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता या चुम्बकीय प्रेरण भी कहते हैं। चुम्बकीय प्रेरण का मात्रक वेबर/ मीटर2 या टेसला या न्यूटन / ऐम्पियर मीटर है।
यदि \(\vec{B}\) तीव्रता वाले चुम्बकीय क्षेत्र में किसी बिन्दु पर अल्प क्षेत्रफल δS वाला पृष्ठ स्थित है, तो उससे पारित या सम्बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स δ¢B होगा।
δ¢B = \(\vec{B}\).δ\(\overrightarrow{\mathrm{S}}\) = Bδscosθ
तथा कुल सम्बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स ¢B = \(\int_S\) \(\vec{B}\)δ\(\overrightarrow{\mathrm{S}}\)
चुम्बकीय फ्लक्स एक अदिश राशि है जबकि चुम्बकीय फ्लक्स घनत्व एक सदिश राशि है।
प्रश्न 7.
एक दण्ड चुम्बक किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में इस प्रकार रखी है कि इसका चुम्बकीय आघूर्ण \(\vec{B}\) की दिशा से θ कोण पर है। इस विन्यास में इसकी स्थितिज ऊर्जा के लिये व्यंजक लिखिये यह कब न्यूनतम होगी?
उत्तर:
दण्ड चुम्बक के चुम्बकीय आघूर्ण की दिशा इसकी अक्ष के अनुदिश होती है तथा यह \(\vec{B}\) से θ कोण बनाये हुये है। अतः इस स्थिति में इसकी स्थितिज ऊर्जा U = -mB cosθ
U के न्यूनतम के लिये θ = 0° तथा Umin = -mB cos 0°
= -mB
अतः जब \(\vec{M}\) तथा \(\vec{B}\) एक-दूसरे के समान्तर होते हैं तब U न्यूनतम होगी।
प्रश्न 8.
एक स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक वहाँ पर ऊर्ध्वाधर घटक के बराबर है उस स्थान पर नति कोण का मान ज्ञात कीजिये। उस स्थान पर क्षैतिज घटक तथा कुल चुम्बकीय क्षेत्र का अनुपात क्या होगा?
उत्तर:
tan I = \(\frac{\mathrm{Z}_{\mathrm{E}}}{\mathrm{H}_{\mathrm{E}}}\) = \(\frac{Z_E}{Z_E}\)
I = tan 45°
∴ I = tan 45°
\(\frac{\mathrm{H}_{\mathrm{E}}}{\mathrm{B}_{\mathrm{E}}}\) = \(\frac{\mathrm{B}_E \cos \theta}{\mathrm{B}_{\mathrm{E}}}\)
= cos θ = cos 45° = \(\frac{1}{\sqrt{2}}\)[/latex]
∴ HE : BE = 1 : √2
प्रश्न 9.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
(i) नति कोण का अधिकतम मान क्या है? यह किन-किन स्थानों पर होता है?
(ii) पृथ्वी के चुम्बकीय ध्रुवों पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक का मान कितना होता है?
उत्तर:
(i) 90°, पृथ्वी के उत्तरी तथा दक्षिणी ध्रुवों पर,
(ii) शून्य
∵ HE = BE cosθ
= BE cos90°
= 0
प्रश्न 10.
दो पदार्थों के नाम लिखिये जिनमें एक की चुम्बकीय प्रवृत्ति धनात्मक तथा दूसरे की ऋणात्मक हो । ऋणात्मक चुम्बकीय प्रवृत्ति क्या प्रदर्शित करती है?
उत्तर:
अनुचुम्बकीय पदार्थों (जैसे ऐलुमिनियम, कैल्सियम आदि) की चुम्बकीय प्रवृत्ति धनात्मक तथा प्रतिचुम्बकीय पदार्थों (जैसे- कॉपर, लैड आदि) की चुम्बकीय प्रवृत्ति ऋणात्मक होती है। ऋणात्मक चुम्बकीय प्रवृत्ति का अर्थ है कि ये पदार्थ बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र की विपरीत दिशा में चुम्बकित होते हैं।
प्रश्न 11.
भू-चुम्बकीय अवयवों के नाम लिखिए तथा उनमें से किन्हीं दो की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
किसी स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकत्व की जानकारी के लिये जिन राशियों की आवश्यकता होती है, उन्हें उस स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकत्व के अवयव कहते हैं, जो कि तीन हैं।
(i) दिक्पात का कोण ( Angle of declination)
(ii) नमन कोण (नति कोण) ( Angle of dip)
(iii) पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के घटक (Components of earth’s magnetic field)
(i) दिक्पात का कोण- किसी स्थान पर भौगोलिक याम्योत्तर तथा चुम्बकीय याम्योत्तर के बीच के न्यून कोण को दिक्पात का कोण कहते हैं। दिक्पात उच्चतर अक्षांशों पर अधिक एवं विषुवत् रेखा के पास कम होता है। भारत में दिक्पात का मान कम है।
(ii) नमन कोण (नति कोण) – यदि कोई चुम्बकीय सुई, एक क्षैतिज अक्ष पर इस प्रकार पूर्ण सन्तुलन में हो कि चुम्बकीय याम्योत्तर के तल में घूम सके तो यह सुई क्षैतिज से एक कोण बनायेगी, यह नमन कोण (नति कोण) कहलाता है। अतः नति कोण वह कोण है जो पृथ्वी का कुल चुम्बकीय क्षेत्र BE पृथ्वी
(iii) पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के स्थित किसी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र को की सतह से बनता है। घटक – पृथ्वी की सतह पर पूरी तरह निर्दिष्ट करने के लिए हमें तीन राशियों का विवरण देना होता है। ये हैं दिक्पात कोण D, नमन कोण I एवं पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज अवयव Hg ये पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के घटक कहलाते हैं।
यहाँ पर ऊर्ध्वाधर घटक ZE = BE sinI ……..(1)
क्षैतिज घटक HE = BE cos I ………(2)
समीकरण (1) में समीकरण (2) का भाग देने पर
tan I = \(\frac{\mathrm{Z}_{\mathrm{E}}}{\mathrm{H}_{\mathrm{E}}}\)
समीकरण (1) तथा (2) का वर्ग करके जोड़ने पर
ZE2 + HE2 = BE 2 (sin2I + cos2I) = BE 2
प्रश्न 12.
विभिन्न चुम्बकीय राशियों B, H, I, χ एवं के परस्पर सम्बन्ध लिखिये।
उत्तर:
चुम्बकीय प्रवृत्ति X- किसी अल्प चुम्बकन क्षेत्र में पदार्थ की चुम्बकन तीव्रता (I) का मान चुम्बकन क्षेत्र (H) के समानुपाती होता है, अर्थात् I H
या
I = χH
या
χ = 1/H
यहाँ χ एक नियतांक है जिसे पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृत्ति कहते हैं। चुम्बकीय पारगम्यता – किसी माध्यम में चुम्बकीय बल रेखाओं के गुजरने की क्षमता को उस माध्यम की चुम्बकीय पारगम्यता अथवा चुम्बकशीलता कहते हैं। गणितीय दृष्टि से इसका मान पदार्थ ( माध्यम ) के अन्दर उत्पन्न चुम्बकीय प्रेरण B एवं चुम्बकन क्षेत्र H के अनुपात के तुल्य होता है। इसे द्वारा व्यक्त करते हैं। यह एक अदिश राशि है।
μ = \(\frac{\mathrm{B}}{\mathrm{H}}\)
समीकरण (1) में (2) का भाग देने पर
\(\frac{\mu}{\chi}\) = \(\frac{\frac{\mathrm{B}}{\mathrm{H}}}{\frac{\mathrm{I}}{\mathrm{H}}} .\)
प्रश्न 13.
तीनों प्रकार के चुम्बकीय पदार्थों के लिये I-H आरेखों को प्रदर्शित कीजिये इनसे इनकी प्रवृत्तियों के बारे में क्या निष्कर्ष प्राप्त होते हैं? अनुचुम्बकीय पदार्थ की प्रवृत्ति ताप के साथ किस प्रकार बदलती है?
उत्तर:
लौह-चुम्बकीय, अनुचुम्बकीय तथा प्रतिचुम्बकीय पदार्थों के लिये आरेख को सामने चित्र में दिखाया गया है।
यदि
अर्थात् संख्यात्मक रूप में चुम्बकीय प्रवृत्ति उस पदार्थ में एकांक चुम्बकन क्षेत्र द्वारा प्रेरित चुम्बकन की तीव्रता के बराबर होती है। इसका मान धनात्मक ऋणात्मक होता है। विभिन्न पदार्थों के लिये इसका मान अलग-अलग होता है।
χ = 1/H
H = 1 एकांक हो तो
χ = 1
प्रतिचुम्बकीय पदार्थों के लिये इसका मान अत्यल्प तथा ऋणात्मक होता है।
अनुचुम्बकीय पदार्थों के लिये अत्यल्प तथा धनात्मक होता है। लौह-चुम्बकीय पदार्थों के लिये अत्यधिक तथा धनात्मक होता है। पदार्थों के लिये प्रवृत्ति (X) का मान ताप पर निर्भर करता है। ताप के बढ़ाने पर x का मान कम हो जाता है।
प्रश्न 14.
भू-चुम्बकीय अवयवों में होने वाले परिवर्तनों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भू-चुम्बकीय अवयवों में परिवर्तन: भू-चुम्बकीय अवयवों के मान पृथ्वी के भिन्न-भिन्न स्थानों पर भिन्न भिन्न ही नहीं होते बल्कि एक ही स्थान पर भी इनके मानों में नियमित एवं अनियमित रूप से परिवर्तन होते रहते हैं। ये परिवर्तन निम्न हैं-
(1) दीर्घकालिक परिवर्तन केल्विन के अनुसार भू-चुम्बकीय अवयवों के मान में समय के साथ-साथ धीरे-धीरे परिवर्तन आता है तथा लगभग हजार वर्ष बाद ये सभी अवयव पुनः अपने प्रारम्भिक मान पर आ जाते हैं। उनके अनुसार इस परिवर्तन का कारण चुम्बकीय ध्रुवों का भौगोलिक ध्रुवों के चारों ओर घूर्णन करना है।
(2) वार्षिक परिवर्तन: इन परिवर्तन चक्रों का चक्र एक वर्ष में पूरा होता है ये परिवर्तन एक विशेष माह में अधिकतम तथा एक अन्य विशेष माह में न्यूनतम होते हैं तथा इनकी प्रकृति उत्तरी एवं दक्षिणी गोलार्द्ध में परस्पर विपरीत प्रकार की होती है। उदाहरण के लिए, फरवरी माह में दिक्पात के कोण का मान उत्तरी गोलार्द्ध पर अधिकतम तथा दक्षिणी गोलार्द्ध पर न्यूनतम होता है। इसके विपरीत माह अगस्त में उत्तरी गोलार्द्ध पर न्यूनतम एवं दक्षिणी गोलार्द्ध पर अधिकतम होता है।
(3) दैनिक परिवर्तन: भू-चुम्बकीय अवयवों के मान में प्रतिदिन परिवर्तन होते हैं। दिन में एक विशेष समय पर ये परिवर्तन अधिकतम एवं दूसरे विशेष समय पर न्यूनतम होते हैं। ये समय तीनों अवयवों के लिए भिन्न-भिन्न होते हैं।
(4) अनियमित परिवर्तन: कभी-कभी भू-चुम्बकीय अवयवों के मानों में अचानक परिवर्तन भी होते हैं जिन्हें चुम्बकीय प्रक्षोभ कहते हैं। जब कभी भी सूर्य में उपस्थित काला धब्बा पृथ्वी की ओर होता है तो
भू-चुम्बकीय अवयवों में अचानक परिवर्तन होने लगता है तथा इनके मानों में अनियमित परिवर्तन देखने को मिलते हैं।
प्रश्न 15.
नमन कोण (आनति कोण) को परिभाषित कीजिए । नमन कोण का मान ज्ञात कीजिए जिसके लिए किसी बिन्दु पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक एवं ऊर्ध्वाधर घटक बराबर होते हैं।
उत्तर:
नमन कोण (आनति कोण) (Angle of dip): यदि किसी चुम्बकीय सूई को उसके गुरुत्व केन्द्र से स्वतंत्रतापूर्वक इस प्रकार लटका दिया जाये, जिससे कि वह ऊर्ध्वाधर तल में घूम सके तब चुम्बकीय याम्योत्तर में स्थिर होने पर चुम्बकीय सूई क्षैतिज दिशा से कुछ झुक जाती है। सूई की चुम्बकीय अक्ष पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को व्यक्त करती है। इस प्रकार किसी स्थान पर पृथ्वी के परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा तथा क्षैतिज दिशा के मध्य बने कोण को उस स्थान का नमन कोण (Angle of dip) कहते हैं।
ऊर्ध्वाधर घटक क्षैतिज घटक
ZE = BE sin 6
HE = BE Cos 6
tan θ = \(\frac{\mathrm{Z}_{\mathrm{E}}}{\mathrm{H}_{\mathrm{E}}}\)
लेकिन दिया गया है ZE = HE
∴ tan θ = \(\frac{\mathrm{H}_{\mathrm{E}}}{\mathrm{H}_{\mathrm{E}}}\)
∴ = 1 = tan 45°
θ = 45°
प्रश्न 16.
दिक्पात कोण (चुम्बकीय दिक्पात) को परिभाषित किसी स्थान के चुम्बकीय याम्योत्तर में पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज अवयव 0.25 गाउस है एवं नमन कोण 60° है। इस स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
दिक्पात कोण: किसी स्थान पर भौगोलिक याम्योत्तर तथा चुम्बकीय याम्योत्तर के बीच के न्यून कोण को दिक्पात का कोण कहते हैं। दिक्पात उच्चतर अक्षांशों पर अधिक एवं विषुवत रेखा के पास कम होता है।
दिया गया है:
पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज अवयव
HE = 0.25 गाउस
HE = 0.25 × 104 T
नमन कोण I = 60°
∴ HE = BE cos 60°
या
BE = \(\frac{\mathrm{H}_{\mathrm{E}}}{\cos 60^{\circ}}\) = \(\frac{0.25 \times 10^{-4}}{1 / 2}\)
= 2 × 0.25 × 10-4
= 0.5 × 10-4T
= 5 × 10-5 T
आंकिक प्रश्न:
प्रश्न 1.
5 cm2 क्षेत्रफल वाली एक कुण्डली 2.5 N/Am के एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में रखी है। इसमें फेरों की संख्या 100 है। यदि इसमें 0.2 A की धारा प्रवाहित हो रही हो, तो ज्ञात कीजिये:
(अ) चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण
(ब) अधिकतम बल आघूर्ण।
उत्तर:
कुण्डली के तल का क्षेत्रफल A = 5 cm2
= 5 × 104 m2
चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता B = 2.5 N/A m.
फेरों की संख्या N = 100,
कुण्डली में प्रवाहित धारा I = 0.2A
(अ) चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण m= NIA
m = 100 × 0.2 A × 5 x 104m2
= 0.01 A-m2
(ब) अधिकतम बल-आघूर्ण = τmax = mB
= 0.01 A-m2 x 2.5 N/A-m
= 0.025 N-m.
प्रश्न 2.
(अ) एक इलेक्ट्रॉन हाइड्रोजन परमाणु में नाभिक के चारों ओर 0.51A° त्रिज्या की कक्षा में 2 x 102m/s की चाल से गति करता है। इलेक्ट्रॉन का चुम्बकीय आघूर्ण ज्ञात कीजिये।
(ब) इलेक्ट्रॉन की कक्षीय गति के कारण तुल्य वैद्युत धारा
(स) नाभिक के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र।
उत्तर:
(अ) यहाँ पर त्रिज्या r = 0.51A°
= 0.51 x 10-10m चाल
v = 2 x 105 m/s
∴ चुम्बकीय आघूर्ण m = \(\frac{\mathrm{e} v \mathrm{r}}{2}\)
मान रखने पर
m = \(\frac{\left(1.6 \times 10^{-19}\right)\left(2 \times 10^5\right)\left(0.51 \times 10^{-10}\right)}{2}\)
= 8.16 × 10-25 Am2
(ब) तुल्य वैद्युत धारा
I = q/t
यहाँ
q = इलेक्ट्रॉन पर आवेश का परिमाण
= 1.6 × 10-19 C
तथा एक चक्कर में इस आवेश के प्रवाहित होने में लगा समय
(स) वृत्ताकार कक्षा के केन्द्र (अर्थात् नाभिक के केन्द्र) पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र
= 1.23A-m
प्रश्न 3.
25 फेरों वाली एक 200 cm2 क्षेत्रफल वाली कुण्डली में 0.5 A की धारा प्रवाहित हो रही है। 10 cm लम्बाई के उस दण्ड चुम्बक की ध्रुव प्राबल्यता क्या होगी, जिसका चुम्बकीय आघूर्ण इस कुण्डली के चुम्बकीय आघूर्ण के बराबर है।
उत्तर:
दण्ड चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण = कुण्डली का चुम्बकीय आघूर्ण
∴ qm × 2l = NIA
अतः ध्रुव प्राबल्यता (qm) = \(\frac{\text { NIA }}{2 l}\)
मान रखने पर, = \(\frac{25 \times 0.5 \times\left(200 \times 10^{-4}\right)}{10 \times 10^{-2}}\)A-m
= 2.5 Am.
प्रश्न 4.
एक लघु दण्ड चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण 0.24 न्यूटन मीटर टेसला है। सेमी. की दूरी पर स्थित चुम्बक की अक्ष पर इसके केन्द्र से 10 बिन्दु पर चुम्बक के चुम्बकीय क्षेत्र की गणना कीजिये।
उत्तर:
दिया है:
m = 0.24 न्यूटन मीटर टेसला1
r = 10 सेमी = 0.10 मीटर
∴ अक्षीय स्थिति में
प्रश्न 5.
किसी स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक 0.4 x 104 वेबर/मी2 है तथा नति कोण 30° है। पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का ऊर्ध्व घटक तथा सम्पूर्ण चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात कीजिये।
उत्तर:
दिया गया है:
Hg = 0.4 x 10-4 वेबर/मीटर2
I = 30°
पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का ऊर्ध्व घटक
ZE = HE tan I
= 0.4 x 10-4 tan 30°
= 0.4 × 10-4 x \(\frac{1}{\sqrt{3}}\)
= \(\frac{0.4 \times 10^{-4}}{1.732}\)
= 0.231 × 10-4 वेबर/मी2
सम्पूर्ण तीव्रता BE = \(\sqrt{\mathrm{Z}_{\mathrm{E}}^2+\mathrm{H}_{\mathrm{E}}^2}\)
= \(\sqrt{\left(\frac{0.4 \times 10^{-4}}{\sqrt{3}}\right)+\left(0.4 \times 10^{-4}\right)^2}\)
= 0.4 x 10-4 \(\sqrt{\frac{1}{3}+1}\)
= 0.4 x 10-4 \(\sqrt{\frac{4}{3}}\)
= \(\frac{0.8}{1.732}\) x 10-4 वेबर/मी2
= 0.462 × 10-4 वेबर/मी2
प्रश्न 6.
किसी स्थान पर नमन कोण 40.6° है तथा भू-चुम्बकीय क्षेत्र के ऊर्ध्वघटक की तीव्रता 6 x 10-5T है उस स्थान पर भू-चुम्बकीय क्षेत्र की सम्पूर्ण तीव्रता की गणना कीजिये।
(tan 40.6° = 0.8571)
उत्तर:
ZE = HE tan I
HE =
HE =
HE = 7 × 105 T
इसलिये भू-चुम्बकीय क्षेत्र की सम्पूर्ण तीव्रता
प्रश्न 7.
यदि एक धारावाही वृत्ताकार कुण्डली की त्रिज्या दुगुनी एवं बहने वाली धारा की सामर्थ्य आधी कर दी जाये तो इसके चुम्बकीय आघूर्ण पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
यदि किसी धारावाही कुण्डली का क्षेत्रफल A मी2 और उसमें प्रवाहित धारा ऐम्पियर तब कुण्डली का चुम्बकीय आघूर्ण
m1 = A x i ऐम्पियर x मीटर2
यदि कुण्डली की प्रारम्भिक त्रिज्या r मी. और उसमें i ऐम्पियर धारा प्रवाहित हो रही है तब उसका चुम्बकीय आघूर्ण
m1 = A x i = πr2 x i
m1 = πr2i ………..(1)
अब कुण्डली की त्रिज्या दुगुनी यानी 21 मी. करने पर उसका क्षेत्रफल
= π(2r)2 = 4πr2 मी2
कुण्डली में प्रवाहित धारा का आधा करने पर
वि. धारा = i/2 ऐम्पियर
∴ अब कुण्डली का चुम्बकीय आघूर्ण
m2 = A x i
m2 = 4πr2 x i⁄2 ऐम्पियर × मी2
m2 = 2πr2 x i = 2πr2i ………..(2)
∴ \(\frac{m_2}{m_1}\) = \(\frac{2 \pi r^2 \mathrm{i}}{\pi r^2 \mathrm{i}}\) = \(\frac{2}{1}\)
अतः दिये हुए अनुसार कुण्डली की त्रिज्या और वि. धारा बदलने पर कुण्डली का चुम्बकीय आघूर्ण पहले के सापेक्ष दुगुना हो जायेगा।
प्रश्न 8.
एक दण्ड चुम्बक, जिसकी अनुप्रस्थ काट 0.25 सेमी2 है, को 5000 ऐम्पियर/मीटर तीव्रता के चुम्बकन क्षेत्र में रखा जाता है। यदि दण्ड से गुजरने वाले चुम्बकीय फ्लक्स का मान 2.5 x 105 वेबर है तो दण्ड के लिए गणना करो:
(अ) चुम्बकीय प्रेरण, (ब) चुम्बकीय प्रवृत्ति (स) चुम्बकन की तीव्रता
उत्तर:
(अ) दण्ड का अनुप्रस्थ काट
A = 0.25 सेमी5
A = 0.25 x 10-4 मीटर2
A = 25 x 106 मी2
छड़ के अनुप्रस्थ काट से गुजरने वाला चुम्बकीय फ्लक्स
ΦB = 2.5 x 105 वेबर
∴ चुम्बकीय प्रेरण B = \(\frac{\phi_B}{A}\) = \(\frac{2.5 \times 10^{-5}}{2.5 \times 10^{-6}}\)
= 1 वेबर/मी2
(ब) चुम्बकीय प्रेरण B = μH …..(1)
यहाँ B चुम्बकीय प्रेरण, H चुम्बकन क्षेत्र की तीव्रता जिसका मान 5000 ऐ. x मीटर दिया हुआ है।
μ छड़ के पदार्थ की पारगम्यता है।
∴ समी (1) से
μ = \(\frac{\mathrm{B}}{\mathrm{H}}\)
μ =
= 0.0002 वेबर/ऐ. x मी.
= 2 × 10-4 A-m
μ = μo (1 + χm)
χm = \(\frac{\mu}{\mu_0}-1\)
= \(\frac{0.0002}{4 \pi \times 10^{-7}}-1\)
= 159.23-1
= 158.23
(स) चुम्बकन की तीव्रता m = χm x H
m = 158.23 x 5000
= 7.91 × 105 ऐम्पियर/मी.