Haryana State Board HBSE 12th Class Chemistry Solutions Chapter 15 बहुलक Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 12th Class Chemistry Solutions Chapter 15 बहुलक
प्रश्न 15.1.
बहुलक और एकलक पदों की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर:
- बहुलक उच्च आण्विक द्रव्यमान वाले बृहदाणु होते हैं। जिनमें बहुत अधिक संख्या में, एकलक अणुओं से बनी पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाइयाँ उपस्थित होती हैं।
- एकलक सरल तथा क्रियाशील अणु होते हैं जो बहुलकीकृत होने में सक्षम होते हैं तथा इनसे पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाई बनती है।
प्रश्न 15.2.
प्राकृतिक और संश्लिष्ट बहुलक क्या हैं? प्रत्येक के दो उदाहरण दीजिए ।
उत्तर:
- प्राकृतिक बहुलक उच्च आण्विक द्रव्यमान वाले बृहदाणु होते हैं जो प्रकृति (पादपों और जंतुओं) में पाए जाते हैं। प्रोटीन तथा न्यूक्लीक अम्ल इनके उदाहरण हैं।
- संश्लिष्ट बहुलक मानव निर्मित उच्च आण्विक द्रव्यमान वाले बृहदाणु होते हैं। संश्लिष्ट प्लास्टिक तथा रबर इनके उदाहरण हैं।
प्रश्न 15.3.
समबहुलक और सहबहुलक पदों (शब्दों) में विभेद कर प्रत्येक का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
समबहुलक – समान प्रकार की एकलक स्पीशीज़ के बहुलकीकरण से बने बहुलकों को समबहुलक कहते हैं। उदाहरण- पॉलिथीन ।
सहबहुलक – दो भिन्न प्रकार की एकलक स्पीशीज के बहुलकीकरण से बने बहुलकों को सहबहुलक कहा जाता है। उदाहरण- ब्यूना – S
प्रश्न 15.4.
एकलक की प्रकार्यात्मकता को आप किस प्रकार समझाएंगे ?
उत्तर:
एकलक में स्थित आबंधी स्थितियों की संख्या को एकलक की प्रकार्यात्मकता कहते हैं।
प्रश्न 15.5.
बहुलकन पद (शब्द) को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
बहुलकन (Polymerisation ) – एक अथवा अधिक (समान या भिन्न) छोटे तथा सरल अणु (एकलक) आपस में क्रिया करके उच्च आण्विक द्रव्यमान वाले वृहद अणु बनाते हैं इन्हें बहुलक कहते हैं तथा बहुलक बनने की इस क्रिया को बहुलकन कहते हैं।
प्रश्न 15.6.
(NH-CHR – CO) एक समबहुलक है या सहबहुलक?
उत्तर:
(NH-CHR-CO) इकाई एक ही प्रकार के एकलक अणु से बनी है अतः यह एक समबहुलक है।
प्रश्न 15.7.
प्रत्यास्थ बहुलकों में प्रत्यास्थ गुण किस कारण से होता है?
उत्तर:
प्रत्यास्थ बहुलकों में विभिन्न श्रृंखलाएं एक-दूसरे के साथ दुर्बल वान्डरवाल्स अन्योन्य क्रियाओं द्वारा जुड़ी होती हैं तथा कुंडलित संरचना बना लेती हैं इसलिए इन्हें स्प्रिंग की तरह खींचा जा सकता है अतः इन दुर्बल अन्तरा आण्विक बलों के कारण ही इनमें प्रत्यास्थ गुण होता है।
प्रश्न 15.8.
संकलन (योगात्मक) और संघनन बहुलकन के मध्य आप किस प्रकार विभेद करेंगे?
उत्तर:
संकलन या योगात्मक बहुलकन (बहुलकीकरण) में समान अथवा भिन्न अंसतृप्त एकलक अणु मिल कर बृहत् बहुलक अणु बनाते हैं जबकि संघनन बहुलकन में दो अथवा अधिक प्रकार के द्विक्रियात्मक एकलक अणु संघनन अभिक्रिया द्वारा बहुलक बनाते हैं, इस प्रक्रिया में छोटे अणु जैसे जल, ऐल्कोहॉल इत्यादि का विलोपन होता है। उदाहरण-प्रोपीन (CH3CH = CH2) से पॉलिप्रोपीन का बनना संकलन बहुलकन है जबकि हैक्सा मेथिलीन डाइऐमीन (NH2-(CH2)6NH2) तथा ऐडिपिक अम्ल (HOOC- (CH2)4COOH) के बहुलकन से नाइलॉन 6,6 का बनना संघनन बहुलकन है। इसमें H2O का विलोपन होता है।
प्रश्न 15.9.
सहबहुलकन शब्द (पद) की व्याख्या कीजिए और दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
सहबहुलकन या सहबहुलकीकरण – सहबहुलकीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें बहुलक के निर्माण में एक से अधिक प्रकार की एकलक स्पीशीज़ प्रयुक्त होती है। सहबहुलक में प्रत्येक एकलक की अनेक इकाइयाँ होती हैं। 1, 3 – ब्यूटाडाईन तथा स्टाइरीन और 1, 3 – ब्यूटाडाईन एवं ऐक्रिलोनाइट्राइल के सहबहुलक इसके उदाहरण हैं।
प्रश्न 15.10.
एथीन के बहुलकन के लिए मुक्त मूलक क्रियाविधि दीजिए ।
उत्तर:
एथीन के बहुलकन की मुक्तमूलक क्रियाविधि में निम्नलिखित तीन पद होते हैं-
(1) श्रृंखला प्रारंभक पद-
(2) श्रृंखला संचरण पद-
(3) शृंखला समापन पद-दीर्घ श्रृंखला के समापन के लिए मुक्त- मूलक विभिन्न प्रकार से जुड़कर पॉलिथीन बनाते हैं।
प्रश्न 15.11.
तापसुघट्य और तापदृढ़ बहुलकों को प्रत्येक के दो उदाहरण के साथ परिभाषित कीजिए ।
उत्तर:
आण्विक बलों पर आधारित वर्गीकरण (Classifcation based on Molecular Forces):
सभी प्रकार के अणुओं में अन्तराअणुक बल पाए जाते हैं लेकिन बहुलकों में ये बल आपस में मिलकर अधिक प्रभावी होते हैं जिससे इनमें विशिष्ट गुण उत्पन्न हो जाते हैं। जैसे- तनन सामर्थ्य प्रत्यास्था तथा चर्मलता। इन बलों द्वारा बहुलक श्रृंखलाएँ आपस में जुड़ी होती हैं। बहुलकों के यांत्रिक गुणों के आधार पर ही इन्हें दैनिक जीवन में विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग में लिया जाता है।
बहुलकों को उनमें उपस्थित अंतराआण्विक बलों के परिमाण के आधार पर इन्हें निम्नलिखित चार उपसमूहों में वर्गीकृत किया गया है-
(a) प्रत्यास्थ बहुलक (Elastomers ) – प्रत्यास्थ बहुलकों में बहुलक श्रृंखलाएँ आपस में दुर्बल अंतराआण्विक बलों द्वारा जुड़ी होती हैं। ये दुर्बल बल बहुलक को तनित होने देते हैं। श्रृंखलाओं के बीच कुछ ‘तिर्यकबंध’ भी होते हैं अतः ये बहुलक खींचने पर लम्बे हो जाते हैं तथा छोड़ देने पर पुनः अपनी पूर्व अवस्था में आ जाते हैं अर्थात् इनमें प्रत्यास्थता का गुण पाया जाता है। ये रबर के समान ठोस होते हैं। जैसे वल्कनीकृत रबर । ब्यूना – N, ब्यूना S तथा निओप्रीन भी प्रत्यास्थ बहुलकों के उदाहरण हैं।
(b) रेशे या रेशेदार बहुलक (Fibres or Fibrous Poly- mers ) – रेशेदार बहुलकों में तनन सामर्थ्य उच्च होता है क्योंकि इनमें बहुलक श्रृंखलाओं के मध्य असंख्य प्रबल अन्तराअणुक हाइड्रोजन बन्ध पाए जाते हैं। इसी कारण ये क्रिस्टलीय ठोस होते हैं तथा इनका गलनांक तीक्ष्ण होता है। ये बहुलक धागे बनाने में प्रयुक्त होते हैं।
उदाहरण-पॉलिएस्टर (टैरीलीन) तथा पॉलिऐमाइड (नाइलॉन- 6,6 ) इत्यादि ।
(c) तापसुघट्य बहुलक या ताप सुनम्य बहुलक (Thermo plastic Polymers) – ये बहुलक रेखीय अथवा अल्प शाखित लंबी श्रृंखला युक्त होते हैं, जिन्हें बार-बार गरम करने से मृदुल और ठंडा करने से कठोर हो जाते हैं अतः इन्हें साँचों में ढाला जा सकता है। इन बहुलकों में अंतराआण्विक आकर्षण बल प्रत्यास्थ बहुलकों से अधिक तथा रेशों से कम होता है। उदाहरण- पॉलिथीन, पॉलिस्टाइरीन, पॉलिवाइनिल क्लोराइड, पॉलिप्रोपिलीन इत्यादि ।
(d) तापदुढ़ बहुलक या थर्मोसेटिंग बहुलक (Thermoset- ting Polymers)-ये बहुलक तिर्यक बद्ध अथवा अत्यधिक शाखित होते हैं। इन्हें गर्म करने पर तिर्यक बन्धन बढ़ जाते हैं तथा इनकी संरचना त्रिविमीय जालक के समान हो जाती है अतः ये दुर्गलनीय ( Infusible ) हो जाते हैं। इसलिए इनका पुनः उपयोग नहीं किया जा सकता। ताप दृढ़ बहुलकों को सामान्यतः निम्न अणु भार वाले अर्ध तरल बहुलकों को गरम करके बनाया जाता है। उदाहरण-बैकेलाइट, यूरिया – फार्मेल्डिहाइड रेजिन इत्यादि ।
प्रश्न 15.12.
निम्न बहुलकों को प्राप्त करने के लिए प्रयुक्त एकलक लिखिए-
(i) पॉलिवाइनिल क्लोराइड
(ii) टेफ्लॉन
(iii) बैकेलाइट।
उत्तर:
उपर्युक्त बहुलकों को प्राप्त करने के लिए प्रयुक्त एकलक निम्न प्रकार हैं-
- पॉलिवाइनिल क्लोराइड का एकलक CH2=CH-CI (वाइनिल क्लोराइड) है।
- टेफ्लॉन का एकलक CF2 = CF2 (टेट्राफ्लुओरोएथिलीन) है।
- बैकेलाइट के बनने में प्रयुक्त होने वाले एकलक HCHO (फार्मेल्डिहाइड) और C6H5OH (फ़ीनॉल) हैं।
प्रश्न 15.13.
मुक्तमूलक योगज बहुलकन में प्रयुक्त एक सामान्य प्रारंभक का नाम और संरचना लिखिए।
उत्तर:
मुक्तमूलक योगज बहुलकन में सामान्यतः बेन्जॉयल परॉक्साइड को प्रारंभक के रूप में प्रयुक्त किया जाता है जिसकी संरचना निम्न प्रकार होती है-
प्रश्न 15.14.
रबर अणुओं में द्विबंधों की उपस्थिति किस प्रकार उनकी संरचना और क्रियाशीलता को प्रभावित करती है?
उत्तर:
संरचनात्मक रूप से प्राकृतिक रबर एक रेखीय सिस – 1, 4 – पॉलि आइसोप्रीन है। इसमें द्विआबंध, आइसोप्रीन इकाइयों के C, और C के मध्य स्थित होते हैं तथा द्विआबंध का सिस अभिविन्यास होता है अतः इसकी श्रृंखलाओं के मध्य दुर्बल अंतराआण्विक आकर्षण होने के कारण ये समीप नहीं आ पाती हैं। इस कारण प्राकृतिक रबर की कुंडलित संरचना होती है तथा यह प्रत्यास्थता का गुण प्रदर्शित करता है ।
प्रश्न 15.15.
रबर के वल्कनीकरण के मुख्य उद्देश्य की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
प्राकृतिक रबर उच्च ताप (> 335K ) पर नरम तथा निम्न ताप पर (< 283K) भंगुर हो जाता है तथा इसमें जल को अवशोषित करने की क्षमता होती है। यह अध्रुवीय विलायकों में विलेय होता है तथा ऑक्सीकारकों के प्रति प्रतिरोधी नहीं होता है।
रबर के इन भौतिक गुणों में सुधार करने के लिए रबर का वल्कनीकरण किया जाता है। वल्कनीकरण से, द्विबंधों की क्रियाशील स्थितियों पर सल्फर तिर्यक बन्ध बन जाते हैं। इससे रबर की कठोरता तथा प्रत्यास्थता बढ़ जाती है।
प्रश्न 15.16.
नाइलॉन – 6 और नाइलॉन – 6,6 में पुनरावृत्त एकलक इकाइयाँ क्या हैं?
उत्तर:
नाइलॉन 6 की पुनरावृत्त एकलक इकाई [-NH(CH2)5-CO-] है तथा नाइलॉन – 6,6 बहुलक की पुनरावृत्त एकलक इकाई दो एकलकों हैक्सामेथिलीनडाइऐमीन और ऐडिपिक अम्ल से बनती है जो कि निम्न प्रकार है-
[-NH-(CH2)6-NH-CO-CH2)4-CO-]
प्रश्न 15.17.
निम्नलिखित बहुलकों के एकलकों का नाम और संरचना लिखिए-
(i) ब्यूना – S
(ii) ब्यूना – N
(iii) डेक्रॉन
(iv) निओप्रीन ।
उत्तर:
उपर्युक्त बहुलकों के बनने में प्रयुक्त एकलकों के नाम तथा संरचना निम्न प्रकार है-
प्रश्न 15.18.
निम्नलिखित बहुलक संरचनाओं के एकलक की पहचान कीजिए-
उत्तर:
उपर्युक्त बहुलकों में प्रयुक्त एकलक निम्नलिखित हैं-
(i) डेकेन – 1, 10 – डाइओइक अम्ल (HOOC(CH2)8 COOH) और हैक्सामेथिलीन डाइऐमीन H2N(CH2)6NH2
प्रश्न 15.19.
एथिलीन ग्लाइकॉल और टेरेपथैलिक अम्ल से डेक्रॉन किस प्रकार प्राप्त किया जाता है?
उत्तर:
एथिलीन ग्लाइकॉल तथा टेरेपथैलिक अम्ल की क्रिया से टेरिलीन अथवा डेक्रॉन बनाने का समीकरण निम्न है। यह संघनन बहुलकन का उदाहरण है क्योंकि इसमें जल का अणु निकलता है-
प्रश्न 15.20
जैवनिम्ननीय बहुलक क्या है? एक जैवनिम्ननीय ऐलिफैटिक पॉलिएस्टर का उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
बहुत से बहुलक पर्यावरण निम्नीकरण प्रक्रियाओं के प्रति प्रतिरोधी होते हैं तथा ये लम्बे समय तक अनिम्नीकृत रूप में ही पड़े रहते हैं। ये बहुलक ठोस अपशिष्ट द्रव्य के रूप में एकत्रित हो जाते हैं जिनसे पर्यावरणीय समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं इसी कारण जैव निम्ननीय बहुलकों का विकास हुआ।
जैवनिम्ननीय बहुलक वे बहुलक होते हैं जो एन्जाइम उत्प्रेरित अभिक्रियाओं द्वारा विघटित हो जाते हैं। ये एन्जाइम, जीवाणुओं (Micro organisms) द्वारा उत्पन्न किए जाते हैं। जैवनिम्ननीय बहुलकों में, जैव बहुलकों के समान क्रियात्मक समूह उपस्थित होते हैं। जैवनिम्ननीय बहुलकों से पर्यावरणीय समस्याएँ उत्पन्न नहीं होतीं। जैवनिम्ननीय बहुलकों के उदाहरण निम्नलिखित हैं-
(1) पॉलि β-हाइड्रॉक्सीब्यूटिरेट-को-β-हाइड्रॉक्सी वैलेरेट (PHB V)-यह एक ऐलिफैटिक पॉलिएस्टर है। यह 3-हाइड्रॉक्सीब्यूटेनॉइक अम्ल तथा 3-हाइड्रॉक्सीपेन्टेनॉइक अम्ल के सहबहुलकीकरण से बनता है।
PHB V का उपयोग विशिष्ट पैकेजिंग, अस्थियों में प्रयुक्त युक्तियों (Devices) तथा औषधों के नियंत्रित मोचन (release) में होता है। पर्यावरण में PHBV का जीवाण्विक निम्नीकरण (Bacterial degradation) हो जाता है।
(2) नाइलॉन-2-नाइलॉन-6-यह ग्लाइसिन (NH2-CH2-COOH) तथा ऐमीनो कैप्रोइक अम्ल (NH2(CH2)5COOH) का एकान्तर पॉलिऐमाइड है। यह सहबहुलकीकरण का एक उदाहरण है जिसको निम्न प्रकार दर्शाया जा सकता है-
HBSE 12th Class Chemistry बहुलक Intext Questions
प्रश्न 15.1.
बहुलक क्या होते हैं?
उत्तर:
बहुलक उच्च आण्विक द्रव्यमान वाले पदार्थ होते हैं जिनमें बहुत अधिक संख्या में पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाइयाँ पाई जाती हैं। जोकि कुछ सरल तथा क्रियाशील अणुओं से प्राप्त होती हैं जिन्हें एकलक कहते हैं। ये इकाइयाँ सहसंयोजक बंधों द्वारा आपस में जुड़ी होती हैं। बहुलकों को बृहदाणु भी कहते हैं। उदाहरणपॉलिथीन तथा बैकेलाइट, रबर तथा नाइलॉन-6,6.
प्रश्न 15.2.
निम्नलिखित बहुलकों को बनाने वाले एकलकों के नाम लिखिए-
उत्तर:
उपर्युक्त बहुलकों को बनाने वाले एकलकों के नाम निम्नलिखित हैं-
- हैक्सामेथिलीनडाइऐमीन तथा ऐडिपिक अम्ल
- कैप्रोलैक्टम
- टेट्राफ्लुओरोएथीन।
प्रश्न 15.3
निम्न को योगज (योगात्मक) (Addition) और संघनन बहुलकों में वर्गीकृत कीजिए-टेरिलीन, बैकेलाइट, पॉलिथीन, टेफ्लॉन।
उत्तर:
- योगज बहुलक-पॉलिथीन, टैफ्लॉन।
- संघनन बहुलक-टेरिलीन, बैकेलाइट।
प्रश्न 15.4.
ब्यूना-N और ब्यूना-S के मध्य अंतर समझाइए।
उत्तर:
ब्यूना-N, 1,3-ब्यूटाडाईन (CH2 = CH – CH = CH2) तथा ऐक्रिलो नाइट्राइल का सहबहुलक है जबकि ब्यूना-S, 1,3-ब्यूटाडाईन तथा स्टाइरीन का सहबहुलक है।
प्रश्न 15.5.
निम्न बहुलकों को उनके अंतराआण्विक बलों के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए-
नाइलॉन-6,6, ब्यूना-S, पॉलिथीन
उत्तर:
उपरोक्त बहुलकों में अंतराआण्विक बलों का बढ़ता क्रम निम्न प्रकार होता है-
ब्यूना-S < पॉलिथीन < नाइलॉन-6,6