HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 4 गतिमान आवेश और चुंबकत्व

Haryana State Board HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 4 गतिमान आवेश और चुंबकत्व Important Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Physics Important Questions Chapter 4 गतिमान आवेश और चुंबकत्व

वस्तुनिष्ठ प्रश्न:

प्रश्न 1.
एक आवेशित कण की समान चाल की गति से उत्पन्न होता है:
(अ) केवल विद्युत क्षेत्र
(ब) केवल चुम्बकीय क्षेत्र
(स) विद्युत व चुम्बकीय क्षेत्र दोनों
(द) विद्युत व चुम्बकीय क्षेत्र के साथ विद्युत चुम्बकीय तरंगें।
उत्तर:
(स) विद्युत व चुम्बकीय क्षेत्र दोनों

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प्रश्न 2.
एक इलेक्ट्रॉन त्रिज्या के वृत्ताकार पथ पर n चक्कर प्रति सेकण्ड की दर से परिक्रमण करता है। इलेक्ट्रॉन का चुम्बकीय आघूर्ण होगा:
(अ) शून्य
(ब) πr2ne
(स) πr2n2e
(द) \(\frac{\mu_0 r^2 n e}{2 \pi}\)
उत्तर:
(ब) πr2ne

प्रश्न 3.
एक वृत्ताकार कुण्डली में प्रवाहित धारा के कारण इसके केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र B है। इसी कुण्डली के अक्षीय बिन्दु पर, इसकी त्रिज्या के बराबर दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र B है तो
का मान होगा:
(अ) √2 : 1
(ब) 2√2 : 1
(स) 1 : 2√2
(द) 1 : √2
उत्तर:
(ब) 2√2 : 1

प्रश्न 4.
दो समरूप कुण्डलियों में समान विद्युत धारा बहती है। इनके केन्द्र उभयनिष्ठ तथा तल परस्पर लम्बवत् हैं। एक कुण्डली के कारण इसके केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र B है तो उभयनिष्ठ केन्द्र पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र होगा:
(अ) शून्य
(ब) \(\frac{B}{\sqrt{2}}\)
(स) √2 B
(द) 2B
उत्तर:
(स) √2 B

प्रश्न 5.
एक धारावाही वृत्ताकार त्रिज्या R की कुण्डली के कारण उसके अक्ष पर x दूरी (x >> R ) पर स्थित चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता B की x पर निर्भरता होगी:
(अ) B ∝ \(\frac{1}{x^{\frac{3}{2}}}\)
(ब) B ∝ \(\frac{1}{x^2}\)
(स) B ∝ \(\frac{1}{\mathrm{x}^3}\)
(द) B ∝ \(\frac{1}{x^{\frac{1}{2}}}\)
उत्तर:
(स) B ∝ \(\frac{1}{\mathrm{x}^3}\)

प्रश्न 6.
L लम्बाई के तार से एक लूप की कुण्डली बनाई जाती है तथा बाद में इसी तार से 2 लूप की कुण्डली बनाई जाती है तो केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्रों का अनुपात होगा:
(अ) 1 : 4
(ब) 1 : 1
(स) 1 : 8
(द) 4 : 1
उत्तर:
(अ) 1 : 4

प्रश्न 7.
दो समान्तर तारों में प्रत्येक में 1A धारा एक ही दिशा में प्रवाहित हो रही है और उनके मध्य दूरी 1m है तो परस्पर एकांक लम्बाई पर आकर्षण बल होगा:
(अ) 2 x 107 Nm-1
(ब) 4 x 10-7 Nm-1
(स) 8 x 10-7 Nm-1
(द) 10-7Nm-1
उत्तर:
(अ) 2 x 107 Nm-1

प्रश्न 8.
एक परिनालिका में धारा प्रवाह से उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र B है। परिनालिका की लम्बाई व फेरों की संख्या को दुगुना करने पर, वहीं चुम्बकीय क्षेत्र प्राप्त करने के लिए प्रवाहित धारा करनी पड़ेगी:
(अ) 2i
(ब) i
(स) \(\frac{\mathrm{i}}{2}\)
(द) \(\frac{\mathrm{i}}{4}\)
उत्तर:
(ब) i

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प्रश्न 9.
निश्चित अनुप्रस्थ काट के धारावाही टोरॉइड के लिए चुम्बकीय क्षेत्र का मान होता है:
(अ) सम्पूर्ण काट क्षेत्रफल पर समान
(ब) बाहरी किनारे पर अधिकतम
(स) आन्तरिक किनारे पर अधिकतम
(द) अनुप्रस्थ काट के केन्द्र पर अधिकतम।
उत्तर:
(स) आन्तरिक किनारे पर अधिकतम

प्रश्न 10.
ऐम्पियर के नियम का सही गणितीय रूप है:
(अ) \(\oint \mathrm{B} \cdot \mathrm{d} l=\Sigma \mathrm{i}\)
(ब) \(\oint \mathrm{H} \cdot \mathrm{d} l=\Sigma \mathrm{i}\)
(स) \(\oint \mathrm{B} \mathrm{d} l=\frac{\Sigma_{\mathrm{i}}}{\mu_{\mathrm{o}}}\)
(द) \(\oint \mathrm{H} \cdot \mathrm{d} l=\mu_{\mathrm{o}} \Sigma \mathrm{i}\)
उत्तर:
(ब) \(\oint \mathrm{H} \cdot \mathrm{d} l=\Sigma \mathrm{i}\)

प्रश्न 11.
d दूरी पर स्थित दो समान्तर चालक तारों में समान धारा विपरीत दिशा में प्रवाहित हो रही है तो तारों के मध्य बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता का मान होगा:
(अ) \(\frac{\mu_0 i}{2 \pi d}\)
(ब) \(\frac{2 \mu_0 \mathrm{i}}{\pi \mathrm{d}}\)
(स) \(\frac{\mu_0{ }^1}{\pi \mathrm{d}^2}\)
(द) शून्य।
उत्तर:
(ब) \(\frac{2 \mu_0 \mathrm{i}}{\pi \mathrm{d}}\)

प्रश्न 12.
1 टेसला, गाऊस के तुल्य है:
(अ) 107
(ब) 104
(स) 104
(द) 10-7
उत्तर:
(स) 104

प्रश्न 13.
किसी वृत्ताकार धारावाही चालक के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता का मान होता है:
(अ) न्यूनतम
(ब) केवल धारा के समानुपाती
(स) अधिकतम
(द) त्रिज्या के समानुपाती।
उत्तर:
(स) अधिकतम

प्रश्न 14.
लम्बे सीधे चालक में स्थिर धारा प्रवाहित हो रही है तो उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र B व दूरी के साथ परिवर्तन का ग्राफ है:

उत्तर:

प्रश्न 15.
एक धारावाही परिनालिका में चुम्बकीय क्षेत्र B है। फेरों की संख्या अपरिवर्तित रखते हुए यदि परिनालिका की लम्बाई तथा प्रवाहित धारा का मान दुगुना कर दिया जाये, तो परिनालिका में चुम्बकीय क्षेत्र का मान होगा:
(अ) B
(ब) 2B
(स) \(\frac{B}{4}\)
(द) 4B
उत्तर:
(ब) 2B

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प्रश्न 16.
किसी लम्बे धारावाही चालक के कारण किसी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा होती है:
(अ) धारा के समान्तर
(ब) धारा के विपरीत
(स) त्रिज्यीय बाहर की ओर
(द) चालक तथा बिन्दु को मिलाने वाली रेखा के लम्बवत् दक्षिण हस्त नियम के अनुसार।
उत्तर:
(द) चालक तथा बिन्दु को मिलाने वाली रेखा के लम्बवत् दक्षिण हस्त नियम के अनुसार।

प्रश्न 17.
अनन्त लम्बाई के एक तार में I धारा प्रवाहित हो रही है। तार पर चुम्बकीय क्षेत्र B है अग्र में से कौनसा से लम्बवत् दूरी सम्बन्ध सही है:
(अ) B ∝ \(\frac{\mathrm{I}}{\mathrm{r}^2}\)
(ब) B ∝ \(\frac{I}{r}\)
(स) B ∝\(\frac{\mathrm{I}}{\mathrm{r}^2}\)
(द) B ∝ \(\frac{\mathrm{I}}{\sqrt{\mathrm{r}}}\)
उत्तर:
(ब) B ∝ \(\frac{I}{r}\)

प्रश्न 18.
दो लम्बे सीधे तार समान्तर रखे गये हैं और उनके मध्य दूरी 2R है तथा प्रत्येक तार में विपरीत दिशा में धारा बह रही है। दोनों के मध्य एक बिन्दु पर जिसकी दूरी प्रत्येक तार से R है, चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण है:
(अ) शून्य
(ब) \(\frac{\mu_0 I}{4 \pi R}\)
(स) \(\frac{\mu_0 I}{2 \pi R}\)
(द) \(\frac{\mu_0 I}{\pi R}\)
उत्तर:
(द) \(\frac{\mu_0 I}{\pi R}\)

प्रश्न 19.
एक समान स्थिर चुम्बकीय क्षेत्र वाले प्रदेश में एक आवेशित कण चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा के प्रति समान्तर दिशा में अपने वेग के साथ प्रवेश करता है। इस कण की चाल होगी:
(अ) सीधी रेखा पथ में
(स) वृत्तीय पथ में
(ब) कुण्डलिनी पथ में
(द) दीर्घ वृत्तीय पथ में
उत्तर:
(अ) सीधी रेखा पथ में

प्रश्न 20.
टोरॉइड में प्रवाहित धारा के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र का मान:
(अ) अक्ष के सभी बिन्दुओं पर समान होता है।
(ब) बाहर की ओर अधिकतम होता है।
(स) केन्द्र पर शून्य होता है।
(द) अक्ष के सभी बिन्दुओं पर समान होता है।
उत्तर:
(अ) अक्ष के सभी बिन्दुओं पर समान होता है।

प्रश्न 21.
दो समान्तर सुचालक तारों में धारा एक ही दिशा में प्रवाहित हो रही है तो वे:
(अ) एक-दूसरे को आकर्षित करेंगे
(ब) एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करेंगे
(स) एक-दूसरे पर कोई बल नहीं लगायेंगे
(द) एक-दूसरे के लम्बवत् हो जायेंगे।
उत्तर:
(स) एक-दूसरे पर कोई बल नहीं लगायेंगे

प्रश्न 22.
परिनालिका के किसी आन्तरिक बिन्दु पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र का मान निर्भर करता है:
(अ) केवल परिनालिका में प्रवाहित होने वाली धारा पर
(ब) केवल परिनालिका की लम्बाई पर
(स) चक्करों की संख्या पर
(द) उपर्युक्त सभी पर।
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी पर।

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प्रश्न 23.
दो स्वतन्त्र समान्तर तार जिनमें धारा समान दिशा में प्रवाहित हो रही है तो वे:
(अ) एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।
(ब) प्रतिकर्षित करते हैं।
(स) एक-दूसरे को प्रभावित नहीं करते हैं।
(द) उनमें से किसी एक तार की धारा विलुप्त हो जाती है।
उत्तर:
(अ) एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।

प्रश्न 24.
एक चल कुण्डली धारामापी को वोल्टमीटर में बदलने के लिए उसके साथ:
(अ) एक कम प्रतिरोध को समान्तर क्रम में लगाना होगा
(ब) एक कम प्रतिरोध को श्रेणीक्रम में लगाना होगा
(स) एक बड़े प्रतिरोध को समान्तर क्रम में लगाना होगा
(द) एक बड़े प्रतिरोध को श्रेणीक्रम में लगाना होगा
उत्तर:
(द) एक बड़े प्रतिरोध को श्रेणीक्रम में लगाना होगा

प्रश्न 25.
एकदिशीय धारा वाले दो समान्तर चालकों के बीच आकर्षण बल लगने का कारण है:
(अ) उनके बीच विद्युत वाहक बल
(ब) उनके बीच अन्योन्य प्रेरण
(स) उनके बीच विद्युत बल
(द) उनके बीच चुम्बकीय बल
उत्तर:
(द) उनके बीच चुम्बकीय बल

प्रश्न 26.
चल कुण्डली धारामापी में प्रवाहित धारा I और विक्षेप 6 में सम्बन्ध है:
(अ) I ∝ tan θ
(ब) I ∝ θ
(स) I = \(\frac{1}{\theta}\)
(द) I ∝ cotθ
उत्तर:
(ब) I ∝ θ

प्रश्न 27.
किसी चल कुण्डली धारामापी को वोल्टमीटर में रूपान्तरित किया जा सकता है:
(अ) उच्च प्रतिरोध समान्तर क्रम में जोड़कर
(ब) अल्प प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जोड़कर
(स) उच्च प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जोड़कर
(द) अल्प प्रतिरोध समान्तर क्रम में जोड़कर
उत्तर:
(स) उच्च प्रतिरोध श्रेणीक्रम में जोड़कर

प्रश्न 28.
टोराइड में प्रवाहित धारा के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र का मान:
(अ) अक्ष के सभी बिन्दुओं पर समान होता है।
(ब) बाहर की ओर अधिकतम होता है।
(स) केन्द्र पर शून्य होता है।
(द) अक्ष के सभी बिन्दुओं पर समान होता है।
उत्तर:
(अ) अक्ष के सभी बिन्दुओं पर समान होता है।

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1.
एक गतिमान आवेश (इलेक्ट्रॉन) कौन-कौनसे प्रकार के बल क्षेत्र उत्पन्न करता है? यदि इलेक्ट्रॉन स्थिर है तब किस प्रकार के क्षेत्र उत्पन्न करता है?
उत्तर:
गतिमान इलेक्ट्रॉन वैद्युत तथा चुम्बकीय क्षेत्र दोनों प्रकार केबल क्षेत्र उत्पन्न करता है, जबकि स्थिर इलेक्ट्रॉन केवल वैद्युत क्षेत्र उत्पन्न करता है।

प्रश्न 2.
कौनसी भौतिक राशि का मात्रक न्यूटन / ऐम्पियर मीटर है? क्या यह अदिश राशि है अथवा सदिश?
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र का (सदिश)।

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प्रश्न 3.
ऑस्टैंड प्रयोग के निष्कर्ष लिखो।
उत्तर:
धारावाही चालक अपने चारों ओर चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है, जिसका किसी बिन्दु पर परिमाण व दिशा चालक में प्रवाहित धारा के परिमाण व दिशा पर निर्भर करता है।

प्रश्न 4.
एक छल्ले को समान रूप से आवेशित किया गया है। छल्ले पर कुल आवेश q व उसकी त्रिज्या है यदि वह अपने अक्ष पर n चक्कर / सेकण्ड घूर्णन करे तो केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र का मान कितना होगा?
उत्तर:
B = \(\frac{\mu_{\mathrm{o}} \mathrm{i}}{2 \mathrm{r}}\) = \(\frac{\mu_o q}{2 r T}\)
= \(\frac{\mu_0 \omega \mathrm{q}}{4 \pi \mathrm{r}}\)

प्रश्न 5.
एक लम्बी धारावाही ताम्बे की खोखली नली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र कितना होगा?
उत्तर:
शून्य।

प्रश्न 6.
CGS पद्धति में K का मान समीकरण db = \(\frac{\mathrm{Kid} l \sin \theta}{\mathrm{r}^2}\) में कितना होगा?
उत्तर:
K = 1

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प्रश्न 7.
एक चुम्बकीय क्षेत्र में रखे चालक तार में धारा प्रवाहित करने पर ही चुम्बकीय बल क्यों लगता है?
उत्तर:
धारा प्रवाह से चालक तार के मुक्त इलेक्ट्रॉन एक निश्चित दिशा में अपवहन वेग से गति करने लगते हैं। इस कारण से चुम्बकीय बल लगने लगता है।
\(\overrightarrow{\mathrm{F}}\) = i\((\vec{L} \times \vec{B})\)

प्रश्न 8.
चित्र में बिन्दु O पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र कितना होगा?
उत्तर:
दोनों सीधे भागों के कारण शून्य होगा,
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अतः अर्द्धवृत्त के कारण जो कि परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र है,
B = \(\frac{\mu_o i}{4 r}\)

प्रश्न 9.
चित्र में O पर चुम्बकीय क्षेत्र कितना होगा?
उत्तर:
B = O (केन्द्र पर वृत्ताकार भाग के कारण परस्पर विपरीत दिशा में चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है, जिससे परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र शून्य होगा)।
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प्रश्न 10.
किसी वैद्युत तथा चुम्बकीय क्षेत्र से गुजरने वाले आवेशित कण पर लगने वाले लॉरेन्स बल का सूत्र लिखिए ।
उत्तर:
\(\overrightarrow{\mathrm{F}}=\mathrm{q}(\overrightarrow{\mathrm{E}}+\vec{v} \times \overrightarrow{\mathrm{B}})\)

प्रश्न 11.
चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं को टायरॉइड के क्रोड में पूर्णतः परिरुद्ध किया जा सकता है, परन्तु इन्हें सीधी परिनलिका के भीतर परिरुद्ध नहीं किया जा सकता क्यों?
उत्तर:
एक टायरॉइड एक सिराहीन परिनलिका है इसलिए बल रेखायें बन्द होती हैं जिनकी न कोई शुरुआत होती है और न ही अन्त।

प्रश्न 12.
चुम्बकीय क्षेत्र में गतिमान आवेशित कण पर लगने वाले चुम्बकीय लॉरेंज बल द्वारा आवेशित कण पर कोई कार्य नहीं किया जाता है। प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
चूँकि आवेशित कण पर लॉरेंज बल \(\overrightarrow{\mathrm{F}}\) की दिशा कण के वेग \(\vec{v}\) अर्थात् उसके विस्थापन के लम्बवत् होती है।
\(\overrightarrow{\mathrm{F}}\) = q\((\vec{v} \times \overrightarrow{\mathrm{B}})\) अतः इस बल द्वारा किया गया कार्य W = \(\overrightarrow{\mathrm{F}}\). \(\overrightarrow{\mathrm{d}}\) = Fd cos 90° = 0 अर्थात् कोई भी कार्य नहीं किया जाता है।

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प्रश्न 13.
एक धारावाही परिनालिका को पृथ्वी के क्षैतिज तल में स्वतन्त्रतापूर्वक लटकाने पर स्थिरावस्था में उसकी दिशा क्या होगी?
उत्तर:
उत्तर-दक्षिण।
∵ (धारावाही परिनालिका चुम्बक की भांति व्यवहार करती है)।

प्रश्न 14.
वृत्ताकार धारावाही कुण्डली के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र तथा कुण्डली की त्रिज्या में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
B ∝ \(\frac{1}{\mathrm{R}}\)
∵ केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र B = \(\frac{\mu_0 \mathrm{NI}}{2 \mathrm{R}}\)

प्रश्न 15.
एक आवेशित कण समचुम्बकीय क्षेत्र में इसके समान्तर प्रवेश करता है तो कण का पथ कैसा होगा?
उत्तर:
ऋजुरेखीय। ∵ F = quBsinθ में θ = 0° होने पर बल शून्य होगा।

प्रश्न 16.
चुम्बकीय फ्लक्स का मात्रक वेबर है। इसका तुल्य विद्युत मात्रक बताइये।
उत्तर:
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प्रश्न 17.
किसी वृत्ताकार कुण्डली के व्यासाभिमुखी सिरों पर एक नियत वोल्टता की बैटरी संयोजित है। कुण्डली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र कितना होगा?
उत्तर:
शून्य।

प्रश्न 18.
किसी N फेरों वाली R त्रिज्या की धारावाही कुण्डली को खोलकर सीधे लम्बे तार में बदलने पर इससे R दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान कुण्डली के केन्द्र पर मान का कितना गुना होगा?
उत्तर:
केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र
B = \(\frac{\mu_0 N I}{2 R}\) …..(1)
तथा लम्बे सीधे तार के कारण चुम्बकीय क्षेत्र
B = \(\frac{\mu_0 I}{2 \pi R}\) ……….(2)
समीकरण (1) में समी (2) का भाग देने पर
\(\frac{B_0}{B}\) = \(\frac{\frac{\mu_0 N I}{2 R}}{\frac{\mu_0 I}{2 \pi R}}\) = Nπ

प्रश्न 19.
एक ऐम्पियर धारा की अन्तरराष्ट्रीय मात्रक पद्धति में परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
एक ऐम्पियर विद्युत धारा, वह धारा है जो निर्वात या वायु में परस्पर एक मीटर लाम्बिक दूरी पर स्थित दो लम्बे समान्तर व सीधे चालक तारों में प्रवाहित होने पर तारों की एक मीटर लम्बाई पर 2 x 102 न्यूटन / मीटर बल उत्पन्न करती है।

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प्रश्न 20.
एक परिनालिका के कोड की। मीटर लम्बाई पर 1000 फेरे हैं व उसमें 2A की धारा प्रवाहित हो रही है तो चुम्बकन क्षेत्र H का मान क्या होगा?
उत्तर:
दिया गया है:
N = 1000
L = 1m
I = 2A
चुम्बकन क्षेत्र H =\(\frac{\mathrm{NI}}{\mathrm{L}}\)
H = \(\frac{1000 \times 2}{1}\)
= 2000 A/m
= 2 × 103 A/m

प्रश्न 21.
किस दशा में चुम्बकीय क्षेत्र में गतिमान आवेशित कण पर बल (1) अधिकतम, (ii) न्यूनतम होगा?
उत्तर:
बल F =qVB sin θ से
(i) जब θ = 90° तो F =qVB होगा जो कि अधिकतम मान है।
(ii) जब θ = 0 अथवा θ = 180° तो F = 0 होगा जो कि न्यूनतम मान है।
अतः जब आवेशित कण चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् गति करता है तो उस पर लगने वाला बल अधिकतम तथा जब यह चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में अथवा विपरीत दिशा में गति करता है तो बल न्यूनतम (शून्य) होता है।

प्रश्न 22.
कोई इलेक्ट्रॉन किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र वाले स्थान से गुजरते समय विक्षेपित नहीं होता है। चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा क्या है?
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा इलेक्ट्रॉन के वेग की दिशा में अथवा इसकी विपरीत दिशा में है जिससे θ = 0° अथवा 180° अर्थात् F = evB sin θ = 0 इसलिए यह विक्षेपित नहीं होगा।

प्रश्न 23.
किसी धारामापी को उसी रूप में अमीटर की तरह उपयोग में क्यों नहीं लाते?
उत्तर:
क्योंकि उसकी कुण्डली का प्रतिरोध बहुत कम नहीं होता है तथा यह अपनी कुण्डली के अधिकतम सम्भव विक्षेप के संगम सीमित धारा को ही माप सकता है।

प्रश्न 24.
दो समान्तर तार एक-दूसरे के अति निकट स्थित हैं, ऊपर का तार स्थिर है तथा नीचे का तार मुक्त है। मुक्त तार को रोकने के लिये दोनों तारों में उपयुक्त मान की धारा किस दिशा में प्रवाहित की में जानी चाहिए? कारण दीजिये।
उत्तर:
समान दिशा में प्रवाहित की जानी चाहिए, आकर्षण बल के कारण।

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प्रश्न 25.
बायो- सावर्ट के नियम ( Biot Savart’s Law) से धारावाही चालक के किसी अल्पांश के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र के व्यंजक को सदिश रूप में लिखिये।
उत्तर:
\(\overrightarrow{\delta B}\) = \(\frac{\mu_{\mathrm{o}} \mathrm{I}}{4 \pi \mathrm{r}} \frac{\overrightarrow{\delta l} \times \overrightarrow{\mathrm{r}}}{\mathrm{r}^3}\)
या
\(\overrightarrow{\delta B}\) = \(\frac{\mu_{\mathrm{o}} \mathrm{I}}{4 \pi \mathrm{r}} \frac{(\overrightarrow{\delta l} \times \hat{\mathrm{r}})}{\mathrm{r}^2}\)

प्रश्न 26.
दो समान्तर धारावाही चालकों के मध्य प्रतिकर्षण का बल उत्पन्न होता है। इनमें बहने वाली धाराओं की दिशा के बारे में क्या संकेत मिलता है?
उत्तर:
धारा परस्पर विपरीत दिशा में है।

प्रश्न 27.
किसी चालक में विद्युत धारा के कारण चालक के आस- पास कौनसा क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है?
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र

प्रश्न 28.
आवेश वाला कण \(\vec{v}\) वेग से चुम्बकीय क्षेत्र में गति कर रहा है। उस पर लगने वाले बल का मान क्या होगा?
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र में गतिमान आवेश पर बल
\(\overrightarrow{\mathrm{F}}\) = q\((\vec{v} \times \overrightarrow{\mathrm{B}})\)

प्रश्न 29.
चल कुण्डली धारामापी में एक मुलायम लोहे का क्रोड काम में क्यों लेते हैं?
उत्तर:
लोहे के क्रोड के कारण चुम्बकीय क्षेत्र तीव्र हो जाता है।

प्रश्न 30.
एक विद्युत लाइन में धारा उत्तर की ओर बह रही है। धारा के कारण विद्युत लाइन के ऊपर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा किधर होगी?
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा पूर्व की ओर होगी।

प्रश्न 31.
यदि किसी परिनालिका की लम्बाई, उसके कुल फेरों की संख्या तथा प्रवाहित धारा दुगुनी कर दी जाती है तो उसमें चुम्बकीय क्षेत्र कितना गुना हो जायेगा?
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र दोगुना हो जायेगा।

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प्रश्न 32.
धारावाही परिनालिका के बाहर चुम्बकीय क्षेत्र का मान कितना होता है?
उत्तर:
लगभग शून्य होता है।

प्रश्न 33.
B का मान दूरी पर निर्भर करता है के बढ़ने पर B का मान घटता है। यदि r = ∞ हो तो B का मान क्या होगा?
उत्तर:
शून्य होगा।

प्रश्न 34.
2r दूरी पर दो सीधे समान्तर तारों में समान दिशा में I धारा प्रवाहित की जाती है। दोनों तारों के मध्य बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता कितनी होगी?
उत्तर:
दोनों तारों के कारण चुम्बकीय क्षेत्र परस्पर बराबर एवं विपरीत होने के कारण कुल चुम्बकीय क्षेत्र B = 0।

प्रश्न 35.
एक लम्बी तांबे की नली में धारा प्रवाहित की जाये तो नली के अन्दर चुम्बकीय क्षेत्र क्या होगा?
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र शून्य होगा।

प्रश्न 36.
लम्बे सीधे चालक में प्रवाहित धारा के कारण किसी बिन्दु पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र तार प्रवाहित धारा पर किस प्रकार निर्भर करता है?
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र B ∝ प्रवाहित धारा (i)।

प्रश्न 37.
किसी लम्बे सीधे धारावाही चालक के कारण किसी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा किधर होगी?
उत्तर:
चालक तथा बिन्दु को मिलाने वाली रेखा के लम्बवत् दक्षिण हस्त नियम के अनुसार होती है।

प्रश्न 38.
एक धारावाही टोरॉइड के किस भाग पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता का मान अधिकतम होगा?
उत्तर:
भीतरी किनारे पर।

प्रश्न 39.
किसी लम्बे धारावाही चालक के चारों ओर उत्पन्न चुम्बकीय बल रेखाओं की दिशा क्या होती है?
उत्तर:
चालक के चारों ओर बन्द वृत्त के रूप

प्रश्न 40.
किसी सोलेनाइड के अन्दर चुम्बकीय क्षेत्र का मान कैसा होता है?
उत्तर:
समान होता है।

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प्रश्न 41.
चल कुण्डली धारामापी में स्प्रिंग (लटकाने वाला तार) निम्न ऐंठन नियतांक का होता है। क्यों?
उत्तर:
धारामापी की धारा सुग्राहिता और वोल्टता सुग्राहिता दोनों स्प्रिंग के ऐंठन नियतांक के व्युत्क्रमानुपाती होती हैं। अतः इस नियतांक का निम्न मान धारामापी की सुग्राहिता बढ़ाने के लिए रखा जाता है।

प्रश्न 42.
उन दो कारकों के नाम लिखिए जिनके द्वारा धारामापी की वोल्टता सुग्राहिता बढ़ाई जा सकती है।
उत्तर:
(i) कुण्डली में फेरों की संख्या N का मान बढ़ाकर।
(ii) स्प्रिंग का ऐंठन बल नियतांक C का मान कम करके।

प्रश्न 43.
एक ∝-किरण पुंज (+ X -अक्ष) के अनुदिश प्रक्षेपित किया जाता है। यह एक चुम्बकीय क्षेत्र के कारण + Y-अक्ष के अनुदिश बल का अनुभव करता है। चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा क्या होगी?
उत्तर:
चूँकि ∝ धनावेशित कण है अतः इसकी गति की दिशा ही धारा की दिशा होगी इसलिए फ्लेमिंग के बायें हाथ के नियम अथवा दायें हाथ की हथेली के नियम 2 के अनुसार चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा – Z-अक्ष के अनुदिश होगी।
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प्रश्न 44.
यदि G प्रतिरोध के धारामापी को अमीटर में परिवर्तित करने पर धारामापी से मुख्य धारा का 1% प्रवाहित होता है तो शण्ट का प्रतिरोध क्या होगा?
उत्तर:
S = \(\left(\frac{i_g}{I-i_g}\right)\)
G = \(\left(\frac{\frac{1}{100} I}{I-\frac{1}{100} I}\right) G\)

प्रश्न 45.
दिये गए चित्रों में बिन्दु P पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा ⊗ व के रूप में लिखिए।
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 4 गतिमान आवेश और चुंबकत्व 7
उत्तर:
A. ⊗ चूँकि कागज के तल में भीतर की ओर जाती विद्युत धारा अथवा विद्युत क्षेत्र को एक क्रॉस ⊗ द्वारा व्यक्त किया जाता है।
B. चूँकि कागज के तल से बाहर की ओर निर्गत विद्युत धारा अथवा क्षेत्र (विद्युत अथवा चुम्बकीय) को एक बिन्दु द्वारा व्यक्त किया जाता है।

प्रश्न 46.
आयताकार आकृति का कोई समतलीय लूप किसी ऐसे एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में गतिमान कराया जाता है जो इस लूप के तल के लम्बवत् है। इस लूप में प्रेरित धारा की दिशा और परिमाण क्या है?
उत्तर:
यदि कोई समतलीय लूप किसी ऐसे एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में गतिमान कराया जाता है जो इस लूप के तल के लम्बवत् है: तब लूप में कोई भी धारा नहीं बहेगी। इस कारण से लूप में प्रेरित धारा की कोई भी दिशा नहीं होगी।

लघुत्तरात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1.
किसी क्षेत्र से गुजरता एक इलेक्ट्रॉन विक्षेपित नहीं होता है। क्या यह संभव हो सकता है कि वहाँ कोई चुम्बकीय क्षेत्र नहीं हो? समझाइए।
उत्तर:
\(\vec{v}\) वेग से गतिमान इलेक्ट्रॉन पर चुम्बकीय क्षेत्र में कार्यरत बल
\(\overrightarrow{\mathrm{F}}\) = -e\((\vec{v} \times \overrightarrow{\mathrm{B}})\)
या
\(\overrightarrow{\mathrm{F}}\) = -evBsinθ
बल F का मान शून्य होगा यदि θ = 0°
या 180°
इसलिए इलेक्ट्रॉन चुम्बकीय क्षेत्र में विक्षेपित नहीं होगा यदि यह समानान्तर या प्रति समानान्तर गति करता हो। इस प्रकार हम नहीं कह सकते कि चुम्बकीय क्षेत्र अनुपस्थित है।

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प्रश्न 2.
यदि किसी वृत्ताकार कुण्डली में बहने वाली धारा दोगुनी एवं उसकी त्रिज्या आधी कर दी जाये तो कुण्डली के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र में क्या परिवर्तन होगा?
उत्तर:
वृत्ताकार कुण्डली के केन्द्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र
B = \(\frac{\mu_0 \mathrm{NI}}{2 \mathrm{R}}\)
यदि धारा I’ = 21 और त्रिज्या r’ = 1/2 तो चुम्बकीय क्षेत्र
B = \(\frac{\mu_0 \mathrm{NI}^{\prime}}{2 \mathrm{R}^{\prime}}\)
= \(\frac{\mu_0 \mathrm{~N}(2 \mathrm{I})}{2(\mathrm{R} / 2)}\)
∴ B’ = 4B
अर्थात् चुम्बकीय क्षेत्र चार गुना हो जायेगा।

प्रश्न 3.
चुम्बकीय क्षेत्र \(\overrightarrow{\mathbf{B}}\) में वेग \(\overrightarrow{\mathbf{v}}\) से गतिशील आवेश q पर लगने वाले बल \(\overrightarrow{\mathbf{F}}\) के लिए सदिश रूप में व्यंजक लिखिए। इस व्यंजक की सहायता से शर्तें प्राप्त कीजिए जब यह बल (i) अधिकतम एवं (ii) न्यूनतम हो।
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र \(\overrightarrow{\mathbf{B}}\) में, वेग \(\overrightarrow{\mathbf{v}}\) से गतिशील आवेश q पर लगने वाला बल
\(\overrightarrow{\mathbf{F}}\) = q \((\vec{v} \times \overrightarrow{\mathrm{B}})\)
(i) \(|\vec{v} \times \overrightarrow{\mathrm{B}}|\) = vBsinθ
जब θ = 90° अर्थात् जब \(\vec{v} \perp \overrightarrow{\mathrm{B}}\) तो sin θ = 1 जो कि sin θ का अधिकतम मान है। अर्थात् जब \(\vec{v} \times \overrightarrow{\mathrm{B}}\) तो \(|\vec{v} \times \overrightarrow{\mathrm{B}}|\) अधिकतम
होगा। अतः \(\overrightarrow{\mathbf{F}}\) का मान भी अधिकतम होगा।

(ii) जब θ = 0° अर्थात् तो sinθ = 0
अतः
\(|\vec{v} \times \vec{B}|\) = 0
\(\overrightarrow{\mathbf{F}}\)
अर्थात् जब \(\vec{v}\) || \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) तो \(\vec{F}\) का मान न्यूनतम होगा।

प्रश्न 4.
समरूप चुम्बकीय क्षेत्र का मान न्यूनतम होगा। में गतिशील आवेशित कण की ऊर्जा में कोई परिवर्तन नहीं होता है, समझाइए। क्यों?
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र में गतिशील आवेशित कण पर लगने वाला बल कण के वेग के लम्बवत् होता है अतः चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा कण पर कोई कार्य नहीं किया जाता है अतः कण की चाल नियत रहेगी और इस प्रकार कण की गतिज ऊर्जा भी अपरिवर्तित रहेगी।

प्रश्न 5.
α – कणों एवं प्रोटॉनों का एक पुंज समान चाल से एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। चुम्बकीय क्षेत्र में उनके वृत्तीय पथों की त्रिज्याओं के अनुपात की गणना कीजिए।
उत्तर:
चुम्बकीय क्षेत्र में किसी आवेशित कण के वृत्तीय पथ की त्रिज्या
r = \(\frac{\mathrm{mv}}{\mathrm{qB}}\)
α -कण के लिए
= \(\frac{m_\alpha v}{2 \mathrm{e} . \mathrm{B}}\)
प्रोटॉन के लिए
= \(\frac{m_{\mathrm{p}} \cdot v}{\mathrm{e} . \mathrm{B}}\)
\(\frac{r_\alpha}{r_p}\) = \(\frac{m_\alpha}{2 m_p}\) = \(\frac{4 m_p}{2 m_p}\)
∵ mα = 4mp
या
\(\frac{r_\alpha}{r_p}\) = 2
∴ rα : rp = 2 : 1

प्रश्न 6.
एक इलेक्ट्रॉन पुंज E तीव्रता के विद्युत क्षेत्र एवं B तीव्रता के चुम्बकीय क्षेत्रों के क्रॉसित क्षेत्र (crossed region) में प्रवेश करता है। इलेक्ट्रॉन की किस चाल के लिए इलेक्ट्रॉन पुंज अविचलित रहेगा?
उत्तर:
इलेक्ट्रॉन पुंज तब अविचलित रहेगा जब उस पर लगने वाले वैद्युत एवं चुम्बकीय बल परिमाण में समान हों और दिशा में विपरीत हों। इसलिए
Fe = Fm
या
Ee = evB
या
E = VB

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प्रश्न 7.
चल कुण्डली धारामापी में त्रिज्य चुम्बकीय क्षेत्र का क्या महत्व है?
उत्तर:
बल युग्म
τ = NIAB sinθ
जब त्रिज्य चुम्बकीय क्षेत्र में कुण्डली को लटकाया जाता है तो कुण्डली की प्रत्येक स्थिति में उसका तल किसी न किसी बल रेखा के अनुदिश होता है, अतः 6 = 90°
अतः
sin θ = 1
τ = NIAB
अब
τ α I
अर्थात् कुण्डली पर बल युग्म उसमें प्रवाहित धारा के अनुक्रमानुपाती होता है। इस प्रकार धारामापी स्केल रेखीय बना सकते हैं।

प्रश्न 8.
दो परस्पर लम्बवत् धारावाही लम्बे सीधे तारों के कारण किसी बिन्दु पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र शून्य कब हो सकता है?
उत्तर:
यदि x y तल में स्थित बिन्दु P के निर्देशांक (x, y) हैं तो परस्पर लम्बवत् धारावाही चालक तारों के कारण चुम्बकीय क्षेत्र
क्रमश:
B1 = \(\frac{\mu_0 i_1}{2 \pi x}\)
तथा
B2 = \(\frac{\mu_0 i_2}{2 \pi y}\)
जिनकी दिशायें Z अक्ष के अनुदिश होंगी।
यदि ये क्षेत्र बराबर तथा विपरीत हैं तो परिणामी क्षेत्र शून्य होने के लिये
B1 = B2
\(\frac{\mu_0 i_1}{2 \pi x}\) = \(\frac{\mu_0 i_2}{2 \pi y}\)
⇒ \(\frac{\mathrm{i}_1}{\mathrm{x}}\) = \(\frac{i_2}{y}\)
⇒ \(\frac{i_1}{\mathbf{i}_2}\) = \(\frac{x}{y}\)
जबकि ये धारायें मूल बिन्दु से बाहर की ओर इंगित हों।

प्रश्न 9.
ऐम्पियर की अन्तर्राष्ट्रीय परिभाषा को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
ऐम्पियर की परिभाषा – दो लम्बे सीधे तथा समान्तर धारावाही चालक तारों के मध्य प्रति एकांक लम्बाई पर कार्यरत चुम्बकीय
बल
\(\frac{\delta \mathrm{F}}{\delta l}\) = \(\frac{\mu_o i_1 \mathrm{i}_2}{2 \pi \mathrm{d}}\)
यदि i = 12 = 1 A तथा d = 1m है तो
\(\frac{\delta \mathrm{F}}{\delta l}\) = \(\frac{\mu_o(1 \mathrm{~A})(1 \mathrm{~A})}{2 \pi(1 \mathrm{~m})}\)
= \(\frac{4 \pi \times 10^{-7}}{2 \pi}\)
\(\frac{\delta \mathrm{F}}{\delta l}\) = 2 × 107 न्यूटन/मी.
1 ऐम्पियर विद्युत धारा, वह धारा है जो निर्वात या वायु में परस्पर 1 मीटर लाम्बिक दूरी पर स्थित दो लम्बे समान्तर व सीधे चालक तारों में प्रवाहित होने पर तारों की 1 मीटर लम्बाई पर 2 × 107 न्यूटन / मीटर बल उत्पन्न करती है।

प्रश्न 10.
न्यूट्रॉन को साइक्लोट्रॉन द्वारा त्वरित नहीं किया जा सकता क्यों?
उत्तर:
न्यूट्रॉन अनावेशित कण है, इसलिए त्वरित नहीं कर सकते हैं।

प्रश्न 11.
वोल्टमीटर की परास बदलने के लिये क्या करते हैं?
उत्तर:
RH = \(\left(\frac{V}{i_g}\right)\)  – G
इस उच्च प्रतिरोध को अभीष्ट धारामापी के श्रेणीक्रम में संयोजित करने पर यह V परास का वोल्टमीटर बन जायेगा। गैल्वेनोमीटर के श्रेणीक्रम में निर्धारित उच्च प्रतिरोध RH लगने पर बने वोल्टमीटर का प्रभावी प्रतिरोध Ry = (RHG) बहुत अधिक (G की तुलना में बहुत अधिक) हो जाता है। इस प्रकार परिपथ के किसी भाग में विभवान्तर मापन हेतु समान्तर क्रम में संयोजित वोल्टमीटर का स्वयं का प्रतिरोध बहुत अधिक हो जाने के कारण यह परिपथ में प्रवाहित धारा के न्यूनतम अंश को अपने से गुजार कर परिपथ में बहने वाली लगभग पूर्ण धारा के अनुरूप उत्पन्न विभवान्तर का यथेष्ठ मापन कर देता है।

प्रश्न 12.
आपको एक निम्न प्रतिरोध R1, एक उच्च प्रतिरोध R2 व एक धारामापी दिये गये हैं। सुझाइए कि इनमें ऐसा उपकरण किस प्रकार बनायेंगे जो (i) धारा नाप सके, (ii) विभवान्तर नाप सके।
उत्तर:
(i) धारा मापने के लिए कम प्रतिरोध R1 को धारामापी के समान्तर क्रम में जोड़ना होगा।
(ii) विभवान्तर नापने के लिए उच्च प्रतिरोध R2 को धारामापी के श्रेणीक्रम में जोड़ना होगा।

प्रश्न 13.
अमीटर एवं मिली अमीटर दोनों धारामापी से बनाये जाते हैं। इन दोनों धारामापक उपकरणों में से किसका प्रतिरोध अधिक होगा?
उत्तर:
हम जानते हैं:
S = \(\frac{I_g G}{I-I_g}\)
इस सूत्र से स्पष्ट है कि धारामापी को मिली अमीटर में बदलने के लिए बड़े प्रतिरोध के शण्ट S की आवश्यकता होती है अपेक्षाकृत अमीटर के शण्ट प्रतिरोध के
अमीटर का प्रतिरोध R = \(\frac{\mathrm{G} . \mathrm{S}}{\mathrm{G}+\mathrm{S}}\)
स्पष्ट है कि “मिली अमीटर का प्रतिरोध अधिक होगा।”

प्रश्न 14.
अमीटर तथा वोल्टमीटर में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
अमीटर:
अमीटर वह उपकरण होता है जिसकी सहायता से किसी विधुत परिपथ मे प्रवाहित विधुत धारा का मापन करते है। धारामापी को अमीटर मे बदलने के लिए उसकी कुण्डली के साथ समांतर क्रम मे कम प्रतिरोध का तार जोड़ देते है। इस तार को शण्ट कहते है। तथा एक आदर्श अमीटर के प्रतिरोध को शून्य होना चाहिए।
वोल्टमीटर:
वोल्टमीटर वह उपकरण होता है जिसकी सहायता से विद्युत् परिपथ के किन्हीं दो बिन्दुओं के मध्य विभवान्तर ज्ञात करते हैं। धारामापी को वोल्टमीटर में बदलने के लिए उसकी कुण्डली के साथ श्रेणी क्रम में उच्च मान का प्रतिरोध तार जोड़ देते हैं। एक आदर्श वोल्टमीटर के प्रतिरोध को अनन्त होना चाहिए।

प्रश्न 15.
बायो- सावर्ट का नियम लिखिए।
एक इलेक्ट्रॉन की गति का पथ लिखिए जबकि वह चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है, उसके
(a) लम्बवत्
(b) θ कोण पर।
उत्तर:
बायो- सावर्ट का नियम (Biot Savart’s Law): जब किसी चालक से धारा प्रवाहित होती है तो चालक के चारों ओर चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है। इस चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता का किसी बिन्दु पर मान ज्ञात करने के लिये बायो तथा सावर्ट ने प्रयोगों के आधार पर एक नियम प्रतिपादित किया जिसे बायो- सावर्ट का नियम कहते हैं। इस नियम के अनुसार किसी धारावाही चालक के अल्पांश δl के कारण किसी बिन्दु P पर चुम्बकीय प्रेरण या चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता δB का मान
(i) धारा के मान के अनुक्रमानुपाती होता है।
(ii) धारा अल्पांश की लम्बाई 8/ के अनुक्रमानुपाती होता है।
(iii) धारा अल्पांश के सापेक्ष प्रेक्षण बिन्दु के स्थिति सदिश \(\underset{\mathrm{r}}{\vec{r}}\)
व धारा अल्पांश \(\overrightarrow{\delta l}\) के मध्य कोण θ की ज्या अर्थात् sin θ के अनुक्रमानुपाती होता है।
(iv) धारा अल्पांश से प्रेक्षण बिन्दु की दूरी r के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
अर्थात्
δB ∝ \(\frac{I \delta l \sin \theta}{r^2}\)
निर्वात या अचुम्बकीय माध्यम से
δB = \(\left(\frac{\mu_0}{4 \pi}\right)\) \(\frac{I \delta l \sin \theta}{r^2}\)
जहाँ μo निर्वात की चुम्बकीय पारगम्यता कहलाती है। μo का मान 4 x 107 वेबर / ऐम्पियर या हेनरी / मी. होता है।
(a) वृत्ताकार
(b) सर्पिलाकार (कुण्डली के आकार में)।

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प्रश्न 16.
ऐम्पियर का परिपथीय नियम लिखिए। एक लम्बे सीधे वृत्ताकार काट (त्रिज्या a) के तार में स्थायी धारा प्रवाहित हो रही है। धारा तार में समान रूप से वितरित है तार के अन्दर क्षेत्र (r <a) पर चुम्बकीय क्षेत्र की गणना कीजिए।
उत्तर:
ऐम्पियर का परिपथीय नियम (Ampere’s Circular Law): “ऐम्पियर के नियम के अनुसार निर्वात (अथवा वायु) में किसी बन्द पथ के चुम्बकीय क्षेत्र में रेखा समाकलन का मान, निर्वात की चुम्बकशीलता (μ0) तथा उस बन्द पथ से गुजरने वाली धाराओं के बीजगणितीय योग के गुणनफल के बराबर होता है।”
अतः गणितीय रूप में
\(\oint \overrightarrow{\mathrm{B}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{d} l}=\mu_0 \Sigma \mathrm{I}\)
जहाँ
μ0 = निर्वात की चुम्बकशीलता
\(\oint \overrightarrow{\mathrm{B}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{d} l}\) = चुम्बकीय क्षेत्र \((\overrightarrow{\mathbf{B}})\) का रेखीय समाकलन कहलाता है।
यहाँ पर r < a पर चुम्बकीय क्षेत्र की गणना करनी है। इसके लिये ऐम्पियर पाश वह वृत्त है जिस पर 1 अंकित है। इस पाश के लिये वृत्त की त्रिज्या r लेने पर

L = 2πr
अब यहाँ पर परिबद्ध विद्युत धारा Ie का मान I नहीं है। लेकिन यह इस मान से कम है। चूँकि विद्युत धारा का विवरण एक समान रूप से है अतः परिबद्ध विद्युत धारा के अंश का मान
Ie = \(I\left(\frac{\pi r^2}{\pi a^2}\right)\) = \(\frac{\mathrm{Ir}^2}{\mathrm{a}^2}\) ……….(1)
ऐम्पियर के नियम का उपयोग करने पर
B × 2πr = \(\frac{\mu_0 \mathbf{I r}^2}{\mathrm{a}^2}\)
⇒ B = \(\frac{\mu_0 \mathbf{I r}^2}{\mathrm{a}^2}\) × \(\frac{1}{2 \pi r}\)
B = \(\left(\frac{\mu_0 \mathrm{I}}{2 \pi \mathrm{a}^2}\right)\)

प्रश्न 17.
दो सीधे समान्तर धारावाही चालकों के बीच प्रति इकाई लम्बाई पर बल का व्यंजक प्राप्त कीजिए किस अवस्था में यह बल आकर्षण व प्रतिकर्षण का होता है? विद्युत धारा के मानक मात्रक की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
दो समान्तर विद्युत धाराओं के बीच बल-ऐम्पियर (Force between Two Parallel Currents, the Ampere):
समान्तर धारावाही चालकों पर चुम्बकीय बल – चित्र में P1 तथा P2 दो अनन्त लम्बाई के धारावाही चालक हैं जो परस्पर d दूरी पर एक कागज के तल में स्थित हैं। दोनों तारों में धारा समान दिशा में i2 बह रही है, इस कारण से उनके चारों तरफ चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होगा। यहाँ पर एक धारावाही चालक दूसरे धारावाही चालक के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र में उपस्थित है।
P1 धारावाही चालक के कारण d दूरी पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र
B1 = \(\frac{\mu_0 i_1}{2 \pi \mathrm{d}}\) …….(1)
इस चुम्बकीय क्षेत्र में उपस्थित धारावाही चालक P2 की लम्बाई / पर कार्यरत चुम्बकीय बल
\(\overrightarrow{\mathrm{F}}_2\) = i2 \(\left(\vec{l} \times \overrightarrow{\mathrm{B}}_1\right)\)
F2 = i2lB1 sinθ
F2 = i2lB1
∵ \(\vec{l} \perp \vec{B}_1\) …..(2)
समीकरण (1) से B का मान रखने पर
F2 = i2l x \(\frac{\mu_0 \mathrm{i}_1}{2 \pi \mathrm{d}}\)
F2 = \(\frac{\mu_0 \mathrm{i}_1 \mathrm{i}_2 l}{2 \pi \mathrm{d}}\) न्यूटन …..(3)
इस बल F2 की दिशा धारावाही चालक P2 तथा उस पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र B1 के लम्बवत् है। इस प्रकार से यह बल चालक P1 की ओर तथा कागज के तल में है। बल की यह दिशा फ्लेमिंग के बायें हाथ के नियम से ज्ञात कर सकते हैं।
\(\frac{\mathrm{F}_2}{l}\) = \(\frac{\mu_o i_1 i_2}{2 \pi \mathrm{d}}\) न्यूटन / मीटर
यह धारावाही चालक P2 की इकाई लम्बाई पर कार्यरत चुम्बकीय बल है।
P2 धारावाही चालक के कारण दूरी पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र
B2 = \(\frac{\mu_{\mathrm{o}} i_2}{2 \pi \mathrm{d}}\)
इसी प्रकार से P2 के कारण P1 की लम्बाई l पर कार्यरत चुम्बकीय बल
\(\overrightarrow{\mathrm{F}}_1=\mathrm{i}_1\left(\vec{l} \times \overrightarrow{\mathrm{B}}_2\right)\)
या F1 = i1lB2
या
F1 = \(\frac{\mathrm{i}_1 l \mu_0 \mathrm{i}_2}{2 \pi \mathrm{d}}\)
B2 = \(\frac{\mu_{\mathrm{o}} \mathrm{i}_2}{2 \pi \mathrm{d}}\)

या
F1 = \( \frac{\mu_{\mathrm{o}} \mathrm{i}_1 \mathrm{i}_2 l}{2 \pi \mathrm{d}}\)
या
\(\frac{F_1}{l}=\frac{\mu_0 i_1 i_2}{2 \pi \mathrm{d}}\) न्यूटन / मीटर …(4)
समीकरण (3) तथा (4) से
\(\frac{\mathrm{F}_1}{l}\) = \(\frac{F_2}{l}\) = \(\frac{\mu_0 i_1 i_2}{2 \pi d}\) न्यूटन/मी.
चित्र से स्पष्ट है, यदि दो समान्तर धारावाही चालकों में धारा एक ही दिशा में हो तो उनके मध्य आकर्षण बल कार्य करता है।
विशेष स्थितियाँ: (i) यदि धारा परस्पर विपरीत दिशा में हो तो प्रतिकर्षण होगा।

(ii) यदि धारा परस्पर एक ही दिशा में होती है तो आकर्षण होता है।

दो समान्तर धारावाही तारों के बीच प्रत्येक तार की प्रति मीटर लम्बाई पर कार्यकारी पारस्परिक बल
\(\frac{\mathrm{F}_1}{l}\) = \(\frac{\mu_0}{2 \pi} \left(\frac{i_1 i_2}{d}\right)\) न्यूटन / मीटर
परन्तु
μ0 = 4π x 10-7 न्यूटन / ऐम्पियर2
\(\frac{\mathrm{F}_1}{l}\) = \(\frac{4 \pi \times 10^{-7}}{2 \pi} \left(\frac{\mathrm{i}_1 \mathrm{i}_2}{\mathrm{~d}}\right)\)
= (2 × 10-7) \(\left(\frac{\mathrm{i}_1 \mathrm{i}_2}{\mathrm{~d}}\right)\) न्यूटन / मीटर
यदि i1 = i2 = i ऐम्पियर और d = 1 मीटर तब
= (2 x 10-7) i2 न्यूटन / मीटर
अतः यदि इन तारों के बीच प्रति मीटर लम्बाई पर लगने वाली बल
2 x 10-7न्यूटन / मीटर हो, तो 2 x 10-7 न्यूटन / मीटर = (2 x 10-7) i2 न्यूटन / मीटर अर्थात् = 1
अतः 1 ऐम्पियर वह वैद्युत धारा है जो वायु (या निर्वात) में एक-दूसरे से एक मीटर दूर स्थित दो सीधे लम्बे एवं समान्तर तारों में प्रवाहित होने पर प्रत्येक तार की प्रति मीटर लम्बाई पर 2 x 10-7 न्यूटन का बल आरोपित करती है।

प्रश्न 18.
एक इलेक्ट्रॉन त्रिज्या की वृत्ताकार कक्षा में चाल से परिक्रमा कर रहा है। इसका घूर्णन चुम्बकीय अनुपात का व्यंजक प्राप्त कीजिए बोर मैग्नेट्रान किसे कहते हैं? इसका मान लिखिए।
उत्तर:
r त्रिज्या की वृत्ताकार कक्षा में चाल से परिक्रमा कर रहे इलेक्ट्रॉन का घूर्ण चुम्बकीय अनुपात:
इलेक्ट्रॉन (एक ऋणावेशित कण) किसी धनावेशित नाभिक के चारों ओर ठीक उसी प्रकार परिक्रमा करता है जिस प्रकार कोई ग्रह सूर्य की परिक्रमा करता है। किसी स्थिर भारी नाभिक जिसका आवेश + Ze है, के चारों ओर (-e) आवेश का इलेक्ट्रॉन (e = 1.6 x 10-19 C) एक समान वर्तुल गति करता रहता है। इससे विद्युत धारा I बनती है।
I = \(\frac{e}{T}\) …..(1)
यहाँ पर T परिक्रमण का आवर्त काल है। यदि इलेक्ट्रॉन की कक्षा की त्रिज्या तथा कक्षीय चाल है, तो
T = \(\frac{2 \pi r}{v}\) ……(2)
समीकरण (1) में T का मान रखने पर
I = \(\frac{e v}{2 \pi r}\) ………(3)
चुम्बकीय आघूर्ण m = IA = Iπr2
∴ m = \(\left(\frac{\mathrm{ev}}{2 \pi \mathrm{r}}\right)\) πr2
m = \(\frac{e v r}{2}\) …..(4)
∵ m = \(\frac{\mathrm{evr}}{2}\)
इस परिसंचारी विद्युत धारा के साथ एक चुम्बकीय आघूर्ण सम्बद्ध होगा जिसे प्राय: μl द्वारा निर्दिष्ट करते हैं। इसका परिमाण है μl = Iπr2 = \(\frac{e v r}{2} \)

चित्र में इस चुम्बकीय आघूर्ण की दिशा कागज के तल में भीतर की ओर है। [इस परिणाम पर हमें पहले वर्णन किए जा चुके दक्षिण- हस्त नियम तथा इस तथ्य के आधार पर पहुंचे हैं कि ऋणावेशित इलेक्ट्रॉन वामावर्त गति कर रहा है जिसके फलस्वरूप विद्युत धारा दक्षिणावर्त है। उपरोक्त व्यंजक के दक्षिण पक्ष को इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान me से गुणा एवं भाग करने पर हमें प्राप्त होता है
हाइड्रोजन जैसे परमाणुओं के बोर मॉडल में ऋणावेश युक्त इलेक्ट्रॉन केंद्रस्थ धनादेश युक्त (+ Ze) नामिक के चारों ओर एकसमान चाल घूम रहा है। इलेक्ट्रॉन की एकसमान वर्तुल गति एक धारा लूप बनाती चुम्बकीय आघूणों की दिशा कागज के तल के लंबवत भीतर की ओर है तथा इसे पृथक् रूप चिन्ह ⊗ द्वारा निर्दिष्ट किया गया है।
μl = \(\frac{\mathrm{e}}{2 \mathrm{~m}_{\mathrm{e}}}\) (mevr)
= \(\frac{\mathrm{e}}{2 \mathrm{~m}_{\mathrm{e}}}\) …..(5)
यहाँ l केन्द्रीय नाभिक के परितः इलेक्ट्रॉन के कोणीय संवेग का परिणाम है। सदिश रूप में
\(\overrightarrow{\mu_l}\)= \(-\frac{\mathrm{e}}{2 \mathrm{~m}_{\mathrm{e}}} \vec{l}\) ……….(6)
यहाँ ऋणात्मक चिन्ह यह संकेत देता है कि इलेक्ट्रॉन के कोणीय संवेग की दिशा चुम्बकीय आघूर्ण की दिशा के विपरीत है। यदि हमने इलेक्ट्रॉन (जिस पर आवेश है) के स्थान पर ( +9) आवेश का कोई कण लिया होता तो कोणीय संवेग तथा चुम्बकीय आघूर्ण दोनों की एक ही दिशा होती अनुपात
\(\frac{\mu_l}{l}\)=\(\frac{e}{2 m_e}\) ………..(7)
इसे घूर्ण चुम्बकीय अनुपात कहते हैं तथा यह एक नियतांक है। इलेक्ट्रॉन के लिए इस अनुपात का मान 8.8 x 102 C/kg है जिसे प्रयोगों द्वारा सत्यापित किया जा चुका है।

बोहर मैग्नेट्रॉन (Bohr Magnetron ): बोहर के परमाणु सिद्धान्त के अनुसार किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉन केवल उन्हीं कक्षाओं में परिक्रमण कर सकता है जिनमें उनका कोणीय संवेग
\(\left(\frac{\mathrm{h}}{2 \pi}\right)\) का पूर्ण गुणक हो,
जहाँ h = प्लांक नियतांक
∴ mvr = n\(\left(\frac{\mathrm{h}}{2 \pi}\right)\)
अर्थात्
l = \(\frac{\mathrm{nh}}{2 \pi}\)
जहाँ n = 1,2…………
l का यह मान समीकरण (5) में रखने पर
μl = \(\frac{\mathrm{e}}{2 \mathrm{~m}_{\mathrm{e}}}\left(\frac{\mathrm{nh}}{2 \pi}\right)\)
अर्थात्
μl = \(\mathrm{n}\left(\frac{\mathrm{eh}}{4 \pi \mathrm{m}_{\mathrm{e}}}\right)\) …………..(8)
यह एक सामान्य समीकरण है जो किसी परमाणु में नाभिक के चारों ओर nर्वी कक्षा में परिक्रमण करते हुये इलेक्ट्रॉन के कक्षीय चुम्बकीय आघूर्ण को व्यक्त करती है।
प्रथम कक्षा के लिये n = 1 अतः μl का न्यूनतम मान = \(\frac{\text { eh }}{4 \pi \mathrm{m}_{\mathrm{e}}}\)
\(\overrightarrow{\mu_l}\) के इस न्यूनतम मान को ही बोहर मेग्नेट्रॉन कहते हैं। इसको से प्रदर्शित करते हैं।
अतः
μl = \(\frac{\text { eh }}{4 \pi \mathrm{m}_{\mathrm{e}}}\)
इसको निम्न प्रकार परिभाषित किया जाता है-
“परमाणु की प्रथम कक्षा में परिक्रमण करते हुये इलेक्ट्रॉन का कक्षीय चुम्बकीय आघूर्ण एक बोहर मैग्नेट्रॉन कहलाता है।” इसका मान μB = 9.27 x 1024 ऐम्पियर मीटर2

आंकिक प्रश्न:

प्रश्न 1.
5 सेमी. त्रिज्या के वृत्ताकार लूप में 0.5 ऐम्पियर की धारा बह रही है। लूप के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र की गणना कीजिए।
उत्तर:
दिया है:
r = 5 सेमी = 5 x 10-2 मीटर
I = 0.5 ऐम्पियर
अतः लूप के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र
B = \(\frac{\mu_0}{4 \pi}\left(\frac{2 \pi \mathrm{I}}{\mathrm{r}}\right)\)
मान रखने पर
B = \(\frac{4 \pi \times 10^{-7}}{4 \pi}\left(\frac{2 \pi \times 0.5}{5 \times 10^{-2}}\right)\)
= 10-7 × 2 × 3.14 x 10
= 6.28 × 10-7 टेसला

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 4 गतिमान आवेश और चुंबकत्व

प्रश्न 2.
एक लम्बे सीधे तार में 5 ऐम्पियर की धारा बह रही है। उससे 10 सेमी. की दूरी पर कितना चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होगा? क्षेत्र का दिशा निर्धारण किस नियम से होगा?
उत्तर:
यहाँ दिया है:
लम्बे सीधे तार में वैद्युत धारा I = 5 ऐम्पियर
तार से प्रेक्षण बिन्दु की दूरी r = 10 सेमी = 0.10 मीटर
अतः इसके कारण प्रेक्षण बिन्दु पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र B का परिमाण
B = \(\frac{\mu_0}{4 \pi}\)\(\left(\frac{2 \mathrm{I}}{\mathrm{r}}\right)\)
मान रखने पर
= 10-7 \(\left(\frac{2 \mathrm{I}}{\mathrm{r}}\right)\)
[∵\(\frac{\mu_0}{4 \pi}\) = 10-7
B = 10-7 \(\left(\frac{2 \times 5}{0.10}\right)\) न्यूटन / ऐम्पियर मीटर
= 10-5 न्यूटन / ऐम्पियर मीटर
क्षेत्र \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) की दिशा का निर्धारण दायें हाथ की हथेली के नियम दक्षिणावर्त पेच नियम अथवा दायें हाथ के नं. 1 अथवा मैक्सवेल के दक्षिणावर्त पेच नियम अथवा दायें हाथ के अंगूठे के नियम किसी के भी द्वारा किया जा सकता है।

प्रश्न 3.
दो एक समान कुण्डलियाँ, प्रत्येक की त्रिज्या 8 सेमी. तथा फेरों की संख्या 100, समाक्षतः (coaxially) जिनके केन्द्र 12 सेमी. दूरी पर हैं, व्यवस्थित हैं। यदि प्रत्येक कुण्डली में 1 ऐम्पियर धारा एक ही दिशा में प्रवाहित हो तो अक्षीय रेखा पर ठीक मध्य में चुम्बकीय क्षेत्र ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
दिया है:
a = 8 सेमी = 0.08 मीटर
n = 100, x = 6 सेमी = 0.06 मीटर
एक कुण्डली के केन्द्र से 0.06 मीटर की दूरी पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र
B1 = \(\frac{\mu_0 \mathrm{nIa}^2}{2\left(\mathrm{a}^2+\mathrm{x}^2\right)^{3 / 2}}\)
मान रखने पर

= 4.02 x 104 टेसला
चूँकि दोनों कुण्डलियों में धारा एक ही दिशा में प्रवाहित हो रही है अतः अक्षीय रेखा पर कुण्डलियों के ठीक मध्य बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान होगा-
B = 2B1 = 2 × 4.02 x 10-4
= 8.04 x 104 टेसला

प्रश्न 4.
N फेरों की एक कुण्डली को एक सर्पिल के रूप में कसकर लपेटा गया है, जिसकी आन्तरिक व बाह्य त्रिज्या क्रमशः r1 तथा r2 हैं। कुण्डली में I धारा प्रवाहित है तो इसके केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
माना कि सर्पिलाकार कुण्डली की स्वेच्छ त्रिज्या पर अत्यन्त सूक्ष्म मोटाई Sr का एक लूप है तो इस लूप के कारण केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र

प्रश्न 5.
एक ∝-कण 0.2 वेबर / मीटर के चुम्बकीय क्षेत्र में 6.0 x 105 मीटर / सेकण्ड की चाल से क्षेत्र के लम्बवत् प्रवेश करता है कण का त्वरण और पथ की त्रिज्या ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
दिया है:
∝-कण
∴ q = 2e = 2 × 1.6 x 10-19
= 3.2 x 10-19 कूलॉम
m = 4 x 1.67 × 10-27
= 6.68 × 10-27 किग्रा.
B = 0.2 वेबर / मी.2
v = 6.0 x 105 मी./से.
θ = 90°
चुम्बकीय क्षेत्र के कारण Q-कण पर बल
F = qvB sinθ
मान रखने पर:
= 3.2 × 10-19 x 60 x 105 x 0.2 x sin 90°
= 3.2 × 1.2 × 10-14 × 1
= 3.84 x 10-14 न्यूटन
कण का त्वरण a =
= 5.75 x 1012 मी./से2
∝-कण के पथ की त्रिज्या r =
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 4 गतिमान आवेश और चुंबकत्व 16

प्रश्न 6.
दो लम्बे समान्तर तार परस्पर 8 सेमी. दूरी पर हैं। इनमें क्रमशः i तथा 3i मान की धारायें एक ही दिशा में बह रही हैं। दोनों के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र कहाँ पर शून्य होगा?
उत्तर:
माना धारा वाले तार से x सेमी दूरी पर दोनों तारों के कारण चुम्बकीय क्षेत्र शून्य है तो 3i धारा वाले तार से उसकी दूरी (8 – x) सेमी. होगी। अतः i धारा वाले तार के कारण x दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र
B1 = \(\frac{\mu_0 \mathrm{i}}{2 \pi \mathrm{x}}\) …..(1)
तथा धारा वाले तार के कारण (8 – x ) दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र
B1 = \(\frac{\mu_0(3 \mathrm{i})}{2 \pi(8-\mathrm{x})}\) ….(2)
लेकिन प्रश्नानुसार B1 – B2 = 0
या
B1 = B1
अतः समीकरण (1) तथा (2) से
\(\frac{\mu_0 \mathrm{i}}{2 \pi \mathrm{x}}=\frac{\mu_0(3 \mathrm{i})}{2 \pi(8-\mathrm{x})}\)
या
\(\frac{1}{x}=\frac{3}{8-x}\)
या
8 – x = 3x
या
8 = 4x
या
X = = 2 सेमी.
अतः i धारा वाले तार से 2 सेमी. की दूरी पर दोनों धारावाही तारों के उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र शून्य होगा।

HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 4 गतिमान आवेश और चुंबकत्व

प्रश्न 7.
एक साइक्लोट्रॉन की डीज की अधिकतम त्रिज्या 0.5 मीटर है जिसमें 1.7 टेसला का अनुप्रस्थ चुम्बकीय क्षेत्र कार्यरत है। इसमें प्रोटॉन द्वारा अर्जित अधिकतम गति ऊर्जा ज्ञात कीजिए। R = 0.5 मीटर
उत्तर:
प्रश्नानुसार,
R = 0.5 मीटर
B = 1.7 टेसला
तथा प्रोटॉन के लिए q = 1.6 x 10-19 कूलॉम
m= 1.67 x 10-27 किग्रा.
त्वरित प्रोटॉन द्वारा अर्जित अधिकतम ऊर्जा
Emax =\(\frac{1}{2}m\)\(\left(\frac{\mathrm{BqR}}{\mathrm{m}}\right)^2\) = \(\frac{B^2 q^2 R^2}{2 m}\)
मान रखने पर = \(\frac{(1.7)^2 \times\left(1.6 \times 10^{-19}\right)^2 \times(0.5)^2}{2 \times 1.67 \times 10^{-27}}\)
\(\frac{2.89 \times 2.56 \times 10^{-38} \times 0.25}{3.34 \times 10^{-27}}\)
= 0.554 × 10-11 = 5.54 x 10-12 जूल

प्रश्न 8.
एक परिनालिका में 500 फेरे / मीटर हैं तथा इसमें प्रवाहित धारा 5 ऐम्पियर है परिनालिका की लम्बाई 0.5 मीटर तथा त्रिज्या 1 सेमी. है। परिनालिका के अन्दर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
यहाँ परिनालिका की एकांक लम्बाई में फेरों की संख्या n = 500 प्रति मीटर है।
परिनालिका में धारा I = 5 ऐम्पियर
∴ परिनालिका के अन्दर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता B = μ0nI
B = \(\left(\frac{\mu_0}{4 \pi}\right)\) 4πnI
अथवा
B = \(\frac{4 \pi \times 10^{-7} \times 4 \times 3.14 \times 500 \times 5}{4 \pi}\)
= 3.14 x 10-3 वेबर / मीटर2
नोट- B के उपर्युक्त सूत्र में परिनालिका की लम्बाई और त्रिज्या की आवश्यकता नहीं होती है।

प्रश्न 9.
एक धारामापी का प्रतिरोध 30Ω है। इसमें 2mA की धारा पूर्ण स्केल विक्षेप देती है। इसका (0 – 0.3 A) परास का अमीटर बनाने के लिए आवश्यक प्रतिरोध की गणना कीजिए।
उत्तर:
दिया है:
G = 30Ω
Ig = 2 mA = 2 × 10-3 A
तथा I = 0.3A
इस धारामापी को (0 – 0.3A) परास का अमीटर बनाने के लिए आवश्यक इसके समान्तर क्रम में जोड़े जाने वाला शण्ट प्रतिरोध
S = \(\frac{I_g}{\left(I-I_g\right)} \cdot G\)
= \(\frac{\left(2 \times 10^{-3}\right) \times 30}{\left(0.3-2 \times 10^{-3}\right)}\)
= \(\frac{60 \times 10^{-3} \times 10^3}{(300-2)}\) = \(\frac{60}{298}\)
= 0.20Ω

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प्रश्न 10.
दो वृत्ताकार धारावाही कुण्डलियों की त्रिज्यायें संख्यायें क्रमशः r1 व r2 हैं। इन्हें श्रेणीक्रम में जोड़ा गया है तब सिद्ध कीजिए कि इनके केन्द्रों पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्रों का अनुपात n1r2 : n2r1 होगा। यदि कुण्डलियाँ समान्तर क्रम में जुड़ी हों तो सिद्ध कीजिए कि केन्द्रों पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्रों का अनुपात (r2/r1)2 के तुल्य होगा।
उत्तर:
श्रेणीक्रम में जुड़े होने से कुण्डलियों में धारा I समान होगी। अतः इनके केन्द्रों पर चुम्बकीय क्षेत्र होंगे
HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 4 गतिमान आवेश और चुंबकत्व 17
⇒ B1 : B2 = n1r2 : n2r1
समान्तर क्रम में जुड़े होने पर उनमें धाराओं का अनुपात उनके प्रतिरोधों R1 व R2 के अनुपात के व्युत्क्रमानुपाती होगा अर्थात्

प्रश्न 11.
एक लम्बे सीधे तार AB में 4A की धारा बह रही है। एक प्रोटॉन P तार के समान्तर 4 x 106 मी./से. के वेग से तार से 0.2 मीटर दूरी पर धारा की दिशा के विपरीत चित्र की भाँति गति करता है। प्रोटॉन पर आरोपित बल का परिमाण ज्ञात कीजिए। इसकी दिशा भी बताइए।
उत्तर:
कागज के तल में स्थित लम्बे सीधे तार के कारण इससे r = 0.2 मी. दूरी पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र
B = \(\frac{\mu_0}{4 \pi}\left(\frac{2 \mathrm{I}}{\mathrm{r}}\right)\)
= 4 x 106 वेबर / मी2

दायें हाथ की हथेली के नियम 2 के अनुसार \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\) की दिशा कागज के तल के लम्बवत् अन्दर की ओर होगी अतः स्पष्ट है कि इस चुम्बकीय क्षेत्र में प्रोटॉन इसके लम्बवत् गतिशील है।
अतः इस पर कार्य करने वाला चुम्बकीय बल
F= qvB sin 90° = qvB
मान रखने पर:
F = 1.6 × 10-19 × ( 4 x 106) x 4 x 106
= 1.6 × 16 × 10-19
= 25.6 × 10-19 = 2.56 x 10-18 न्यूटन
फ्लेमिंग के बायें हाथ के नियमानुसार प्रोटॉन पर बल की दिशा कागज के तल में तार के लम्बवत् इससे दूर अर्थात् दायीं ओर होगी।

प्रश्न 12.
एक प्रोटॉन पुंज इसकी दिशा के लम्बवत् क्रॉसित वैद्युत एवं चुम्बकीय क्षेत्रों में से अवक्षेपित गुजरता है। यदि वैद्युत तथा चुम्बकीय क्षेत्र के परिमाण क्रमश: 100kV/m तथा 50 mT हों तो ज्ञात कीजिए (i) प्रोटॉन पुंज का वेग v, (ii) वह बल जिससे यह पुंज पर्दे के किसी लक्ष्य पर टकराता है, जबकि प्रोटॉन पुंज धारा 0.80 mA है।
उत्तर:
दिया है:
B = 50 mT = 50 × 103 T
E = 100 kV/m = 100 x 103 V/m
(i) प्रोटॉन पुंज की अविक्षेपित दशा में, चुम्बकीय बल = वैद्युत बल
evB = e.E
अतः प्रोटॉन पुंज का योग v = \(\frac{E}{B}\)
= \(\frac{100 \times 10^3}{50 \times 10^{-3}}\)
= 2 × 106 m/s

(ii) प्रोटॉन पुंज धारा I = 0.80 x 10-3 ऐम्पियर
यदि पर्दे के लक्ष्य पर प्रति सेकण्ड टकराने वाले प्रोटॉन की
संख्या n हो, तो ne = I से
n = \(\frac{0.80 \times 10^{-3}}{1.6 \times 10^{-19}}\)
= 5 × 1015
mp = 1.675 × 10-27 kg
अतः वह बल जिससे प्रोटॉन पुंज लक्ष्य से टकराता है
F = \(\frac{\Delta \mathrm{P}}{\Delta \mathrm{t}}\) = \(\frac{\left(m_p v\right) n}{1}\)
= 1.675 × 10-27 × 2 × 106 × 5 × 1015
= 1.675 × 10-5 N

प्रश्न 13.
किसी साइक्लोट्रॉन के दोलित्र की आवृत्ति 10 MHz है। प्रोटॉनों को त्वरित करने के लिए प्रचालन चुम्बकीय क्षेत्र क्या होना चाहिए? यदि इसकी ‘डीज’ की त्रिज्या 60 cm है, तो त्वरक द्वारा उत्पन्न प्रोटॉन पुन्ज की गतिज ऊर्जा (MeV में) परिकलित कीजिए।
उत्तर:
साइक्लोट्रॉन के दोलित्र की आवृत्ति, प्रोटॉन साइक्लोट्रॉन की आवृत्ति के बराबर होनी चाहिए। तब चुम्बकीय क्षेत्र,
B = \(\frac{2 \pi \mathrm{m} v}{\mathrm{q}}\)
= \(\frac{2 \times 3.14 \times 1.67 \times 10^{-27} \times 10^7}{1.6 \times 10^{-19}}\)
∵ आवृत्ति v = 10 MHz
= 0.66 T
v = r = r x 2πv
= 0.6 × 2 × 3.14 x 107
∵ r = 60 cm = 0.6m
= 3.78 × 107 m/s
इसलिये गतिज ऊर्जा
K = mv
= \(\frac{1}{2}\) × 1.67 × 10-27 × (3.78 × 107)2 J
= \(\frac{1}{2}\) × \(\frac{1.67 \times 10^{-27} \times 14.3 \times 10^{14}}{1.6 \times 10^{-19} \times 10^6}\) MeV
= 7.4 MeV

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