Class 11

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 5 द्रव्य की अवस्थाएँ

Haryana State Board HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 5 द्रव्य की अवस्थाएँ Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 5 द्रव्य की अवस्थाएँ

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. एक अज्ञात गैस तथा ऑक्सीजन गैस की विसरण गतियों का अनुपात 8: 10 है। अज्ञात गैस का अणुभार है-
(1) 64
(2) 25
(3) 32
(4) 50
उत्तर:
(4) 50

2. अणुओं की न्यूनतम संख्या निम्न में से किसमें होगी-
(1) 0.1 मोल SO2 में
(2) 11 लीटर SO2 में
(3) 22 ग्राम CO2 में
(4) 22.4 × 103 मिली SO2 में।
उत्तर:
(1) 0.1 मोल SO2 में

3. निम्नलिखित गैस में किसकी विसरण गति अधिकतम होगी?
(1) O2
(2) CO2
(3) NH3
(4) N2
उत्तर:
(3) NH3

4. 27°C पर एक गैस का दाब 90 सेमी है। स्थिर आयतन व – 173°C ताप पर गैस का दाब होगा-
(1) 30 सेमी
(2) 40 सेमी
(3) 60 सेमी
(4) 68 सेमी।
उत्तर:
(1) 30 सेमी

5. गैस A, गैस B से चार गुना भारी है। A तथा B के विसरण की दरों का अनुपात होगा-
(1) 4:1
(2) 1:4
(3) 2:1
(4) 1:2
उत्तर:
(4) 1:2

6. अणुओं की अधिकतम संख्या होगी-
(1) 16 g O2 में
(2) 16 g NO2 में
(3) 7 g N2 में
(4) 2 g H2 में।
उत्तर:
(4) 2 g H2 में।

7. 27°C पर 2 मोल N2 की गतिज ऊर्जा होगी—
(1) 5491.6 J
(2) 6491.6 J
(3) 7491°6 J
(4) 8882·4 J.
उत्तर:
(3) 7491°6 J

8. वान्डर वाल वास्तविक गैस आदर्श गैस की तरह व्यवहार करती है, किस शर्त पर –
(1) उच्च ताप, निम्न दाब पर
(2) निम्न ताप, उच्च दाब पर
(3) उच्च ताप, उच्च दाब पर
(4) निम्न ताप, निम्न दाब पर
उत्तर:
(1) उच्च ताप, निम्न दाब पर

9. CO2 के 1 मोल में निम्न में से क्या उपस्थित होता है-
(1) 6.02 x 1023 कार्बन परमाणु
(2) 6.02 x 1023 ऑक्सीजन परमाणु
(3) 18.1 × 1023 कार्बन डाई ऑक्साइड अणु
(4) कार्बन डाई ऑक्साइड के 5 ग्राम परमाणु।
उत्तर:
(1) 6.02 x 1023 कार्बन परमाणु

10. 0°C पर 1 लीटर के बल्ब में भरे 4 ग्राम O2 तथा 2 ग्राम H2 के मिश्रण का दाब है-
(1) 25.215 atm
(2) 31.205 atm
(3) 45.215 atm
(4) 15.210 atm.
उत्तर:
(1) 25.215 atm

11. गैस स्थिरांक ‘R’ निर्भर करता है-
(1) गैस के ताप पर
(2) गैस के आयतन पर
(3) गैस के मोलों की संख्या पर
(4) इनमें से किसी पर नहीं।
उत्तर:
(4) इनमें से किसी पर नहीं।

12. यदि गैस ‘A’ के विसरण की दर ‘B’ अपेक्षा पाँच गुंनी है तो A और B के घनत्व का अनुपात होगा-
(1) 1/25
(2) 1/5
(3) 25
(4) 5
उत्तर:
(1) 1/25

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 5 द्रव्य की अवस्थाएँ

13. आदर्श गैस का सम्पीड्यता गुणांक होता है-
(1) 0
(2) 1
(3) 2
(4) 4.
उत्तर:
(2) 1

14. समान ताप और दाब पर निम्न गैसों में से किसकी सबसे अधिक प्रति मोल गतिज ऊर्जा होगी-
(1) H2
(2) O2
(3) CH4
(4) सबकी समान।
उत्तर:
(4) सबकी समान।

15. 300 K पर H2 की गतिज ऊर्जा X है। इस ताप पर D2 की गतिज ऊर्जा होगी-
(1) X
(2) X/2
(3) 2X
(4) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(1) X

16. गैसें आदर्श गैस व्यवहार से विचलित होती है क्योंकि उनके अण-‘
(1) नगण्य आयतन के होते हैं।
(2) उनमें आकर्षण बल होता हैं
(3) वे बहु- अणुक होते हैं
(4) एक-दूसरे से जुड़े नहीं होते।
उत्तर:
(2) उनमें आकर्षण बल होता हैं

17. निश्चित आयतन पर गैसों के निश्चित मोलों की संख्या के लिये, ताप में वृद्धि के साथ गैस के दाब में वृद्धि का कारण है-
(1) अणुओं के औसत वेग में वृद्धि
(2) मोलों की संख्या में वृद्धि
(3) अणुओं के आकर्षण में वृद्धि
(4) औसत मुक्त पक्ष में कमी।
उत्तर:
(1) अणुओं के औसत वेग में वृद्धि

18. निम्न में से गैस समीकरण है-
(1) \(\frac{\mathrm{P}_1 \mathrm{~V}_1}{\mathrm{P}_2 \mathrm{~V}_2}=\frac{\mathrm{T}_1}{\mathrm{~T}_2}\)
(2) \(\frac{\mathrm{V}_1 \mathrm{~T}_2}{\mathrm{P}_1}=\frac{\mathrm{V}_2 \mathrm{~T}_1}{\mathrm{P}_2}\)
(3) \(\frac{\mathrm{P}_1 \mathrm{~T}_1}{\mathrm{~V}_1}=\frac{\mathrm{P}_2 \mathrm{~T}_2}{\mathrm{~V}_2}\)
(4) \(\frac{\mathrm{V}_1 \mathrm{~T}_2}{\mathrm{~T}_1 \mathrm{~V}_2}=\mathrm{P}_1 \mathrm{P}_2\)
उत्तर:
(1) \(\frac{\mathrm{P}_1 \mathrm{~V}_1}{\mathrm{P}_2 \mathrm{~V}_2}=\frac{\mathrm{T}_1}{\mathrm{~T}_2}\)

19. एक गैस आदर्श व्यवहार की तरफ बढ़ती है-
(1) कम T एवं उच्च P पर
(2) उच्च T एवं कम P पर
(3) कम T एवं कम P पर
(4) उच्च T एवं उच्च P पर।
उत्तर:
(2) उच्च T एवं कम P पर

20. 5 लीटर के एक बंद फ्लास्क में 10 ग्राम हाइड्रोजन को 300 से 600K तक गर्म किया जाता है, कौन सा कथन सत्य है-
(1) टक्करों की दर बढ़ती है
(2) गैसीय अणुओं की ऊर्जा बढती है
(3) गैसों के मोलों की संख्या बढ़ती है।
(4) गैस का दाब बढ़ता है।
उत्तर:
(3) गैसों के मोलों की संख्या बढ़ती है।

21. स्थिर आयतन पर एक गैस के निश्चित मोलों की संख्या के लिये गैस का दाब, ताप वृद्धि के साथ बढ़ता है। इसका कारण है-
(1) औसत आण्विक गति में वृद्धि
(2) अणुओं के टक्करों की दर में वृद्धि
(3) आण्विक आकर्षण में वृद्धि
(4) माध्य मुक्त पथ में वृद्धि।
उत्तर:
(1) औसत आण्विक गति में वृद्धि

22. निम्न में से कौन सा कथन आदर्श गैस के सन्दर्भ में सत्यं नहीं है-
(1) यह द्रव में परिवर्तित नहीं की जा सकती है
(2) गैस के सभी अणु समान गति से चलते है
(3) अणुओं के बीच कोई पारस्परिक क्रिया नहीं होती है
(4) दिये गये ताप पर PV, गैस की मात्रा के समानुपाती होता है।
उत्तर:
(2) गैस के सभी अणु समान गति से चलते है

23. यदि P, V, M, T तथा R क्रमशः दाब, आयतन, मोलर द्रव्यमान, ताप तथा गैस स्थिरांक हैं तो एक आदर्श गैस का घनत्व होगा-
(1) \(\frac { RT }{ PM }\)
(2) \(\frac { P }{ RT }\)
(3) \(\frac { PM }{ RT }\)
(4) \(\frac { M }{ V }\)
उत्तर:
(3) \(\frac { PM }{ RT }\)

24. निम्न में से कौन सा सूत्र स्थिर दाब पर चार्ल्स के नियम का पालन करता है-
(1) V ∝ \(\frac { 1 }{ T }\)
(2) V ∝ \(\frac { 1 }{ T² }\)
(3) V ∝ T
(4) V = d
उत्तर:
(3) V ∝ T

25. स्थिर ताप पर आदर्श गैस के निश्चित द्रव्यमान में-
(1) दाब व आयतन का गुणनफल सदैव स्थिर रहता है
(2) दाब व आयतन का अनुपात सदैव स्थिर रहता है
(3) आयतन सदैव स्थिर रहता है
(4) दाब सदैव स्थिर रहता है।
उत्तर:
(1) दाब व आयतन का गुणनफल सदैव स्थिर रहता है

26. एक आदर्श गैस के एक मोल की आन्तरिक ऊर्जा है-
(1) \(\frac { 3 }{ 2 }\) RT
(2) \(\frac { 3 }{ 2 }\)
(3) \(\frac { 1 }{ 2 }\) RT
(4) \(\frac { 1 }{ 2 }\) KT
उत्तर:
(1) \(\frac { 3 }{ 2 }\) RT

27. निम्न में से कौन-सा गैस मिश्रण डाल्टन के आशिंक दाब नियम का पालन नहीं करता है-
(1) HCl तथा NH3
(2) N2 तथा O2
(3) O2 तथा CO2
(4) CO2 तथा He.
उत्तर:
(1) HCl तथा NH3

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28. स्थिर ताप पर गैस को प्रसारित करने पर –
(1) दाब घटता है
(2) अणु की गतिज ऊर्जा स्थिर रहती है
(3) अणु की गतिज ऊर्जा घटती है
(4) गैस के अणुओं की संख्या बढ़ती है।
उत्तर:
(1) दाब घटता है

29. गैस स्थिरांक R तथा बोल्ट्जमैन स्थिरांक K में क्या सम्बन्ध है- यदि (NA = आवोगाद्रो संख्या)
(1) R = KNA
(2) RK = NA
(3) R + K = NA
(4) K = RNA
उत्तर:
(1) R = KNA

30. किस ताप को परम शून्य ताप कहते हैं।
(1 ) – 273°C
(2) – 273.15°C
(3) 0°C
(4) 1/273°C.
उत्तर:
(2) – 273.15°C

31. जल का क्वथनांक अपेक्षाकृत अधिक होता है। इसका कारण है-
(1) जल का आयनिक होना
(2) जल का सह-संयोजक होना
(3) जल में हाइड्रोजन बन्ध की उपस्थिति
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(3) जल में हाइड्रोजन बन्ध की उपस्थिति

32. अणुओं के मध्य सबसे अधिक आकर्षण बल पाया जाता है-
(1) ठोस अवस्था में
(2) द्रव अवस्था में
(3) गैस अवस्था में
(4) कोलॉइडी अवस्था में।
उत्तर:
(1) ठोस अवस्था में

33. अणुओं के मध्य सर्वाधिक दूरी पायी जाती है-
(1) ठोस अवस्था में
(2) द्रव अवस्था में
(3) गैस अवस्था में
(4) कोलॉइडी अवस्था में।
उत्तर:
(3) गैस अवस्था में

34. यदि स्थिर ताप पर किसी गैस का आयतन बढ़ जाये तो यह क्या दर्शाती है-
(1) अणुओं की गतिज ऊर्जा में कोई परिवर्तन नहीं होता
(2) गैस के अणुओं की संख्या बढ़ जाती है।
(3) अणुओं की गतिज ऊर्जा में कमी आ जाती है
(4) गैस का दाब बढ़ जाता है।
उत्तर:
(1) अणुओं की गतिज ऊर्जा में कोई परिवर्तन नहीं होता

35. निम्न में से किसका पृष्ठ तनाव सर्वाधिक है-
(1) ऐथेनॉल
(2) मेथेनॉल
(3) जल
(4) बेन्जीन।
उत्तर:
(3) जल

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
दाब का मात्रक क्या है?
उत्तर:
पास्कल (Pa)

प्रश्न 2.
वायुमण्डलीय दाब पास्कल में व्यक्त दाब से किस प्रकार सम्बन्धित है।
उत्तर:
1 atm = 1.013 x 105 Pa

प्रश्न 3.
ताप का केल्विन पैमाना सेल्सियस पैमाने से किस प्रकार सम्बन्धित है?
उत्तर:
K = t° C + 273

प्रश्न 4.
किसी गैस का परमशून्य ताप क्यों प्राप्त नहीं किया जा सकता है?
उत्तर:
इस ताप पर आने से पहले ही गैस द्रवीत हो जाती है।

प्रश्न 5.
R का मान क्या हैं?
उत्तर:
R = 0.0821 L atm K-1 mol-1

प्रश्न 6.
वायु दाब क्या है? इसकी SI इकाई लिखें।
उत्तर:
बर्तन के प्रति इकाई क्षेत्रफल पर गैस अणुओं द्वारा उत्पन्न बल वायु दाब – कहलाता है। इसकी SI इकाई पास्कल (Pa) है।

प्रश्न 7.
SI इकाई में गैस स्थिरांक R का मान बताइये।
उत्तर:
8.314 J K-1 mol-1

प्रश्न 8.
संपीड्यता गुणांक से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
Z = \(\frac { PV }{ RT }\)

प्रश्न 9.
वान डर वाल्स समीकरण लिखिये।
उत्तर:
\(\left[\mathrm{P}+\frac{a}{\mathrm{~V}_2}\right]\) (V – b) = 1 मोल के लिए
a तथा b वाण्डर वाल्स स्थिरांक हैं।

प्रश्न 10.
गैस मिश्रण के आंशिक दाब का गैस मिश्रण के कुल दाब से क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
P (कुल दाब) = P + P2 + P3 + ……..
इसका आंशिक दाब P1 = मोल अंश x कुल दाब।

प्रश्न 11.
वान डर वाल्स स्थिरांक तथा 6 का क्या महत्व है?
उत्तर:
स्थिरांक a की प्रबलता अन्तर- अणुक आकर्षण को बताती है। जबकि स्थिरांक 6 की प्रबलता गैस के अणुओं का आकार बताती है।

प्रश्न 12.
ऊँचाई के साथ (वायुमण्डल में) गुब्बारे का आकार क्यों बढ़ता है?
उत्तर:
ऊँचाई के बढ़ने पर वायुमण्डलीय दाब कम हो जाता है। अतः गुब्बारे की भीतरी वायु के आयतन प्रसार के कारण उसका आकार बढ़ जाता है।

प्रश्न 13.
कमरे के ताप पर He और हाइड्रोजन द्रवित नहीं होतीं, क्यों?
उत्तर:
इन गैसों का क्रान्तिक ताप कमरे के ताप से कम होता है।

प्रश्न 14.
क्रान्तिक ताप क्या है?
उत्तर:
वह ताप जिससे अधिक ताप पर कोई गैस द्रवित नहीं हो सकती दाब कितना भी अधिक हो, क्रान्तिक ताप कहलाता है।

प्रश्न 15.
क्रान्तिक दाब से क्या समझते हो?
उत्तर:
किसी गैस को उसके क्रान्तिक ताप पर द्रवित करने के लिये आवश्यक न्यूनतम दाब उस गैस का क्रान्तिक दाब कहलाता है।

प्रश्न 16.
क्रान्तिक आयतन से क्या समझते हो?
उत्तर:
क्रान्तिक दाब व क्रान्तिक ताप पर किसी गैस के 1 मोल का आयतन उस गैस का क्रान्तिक आयतन (V) कहलाता है।

प्रश्न 17.
श्यानता क्या है?
उत्तर:
द्रवों में होने वाले प्रवाह के विरूद्ध कार्यरत आवश्यक आन्तरिक प्रतिरोध द्रव की श्यानता कहलाती है।

प्रश्न 18.
जलीय तनाव क्या होता है?
उत्तर:
जल क्रिया न करने वाली गैसें (H2, O2, CH4) को जल के ऊपर संग्रहीत करने पर जार में वाष्प दाब भी उपस्थित रहता है। अतः हम शुष्क गैस का दाब ज्ञात नहीं करते हैं। बल्कि नम गैस का वाष्प दाब ज्ञात करते हैं। इस प्रकार जल वाष्प द्वारा लगाया गया दाब जलीय तनाव (aquous tension) कहलाता है।

प्रश्न 19.
आवोगाद्रो संख्या क्या है?
उत्तर:
समान ताप व दाब पर गैसों के समान आयतनों में उनके अणुओं की संख्या समान होती है। इसे NA से व्यक्त करते हैं। इसका मान 6.023 x 1023 होता है।

प्रश्न 20.
वास्तविक गैस का व्यवहार आदर्श गैस के समान कब होता है।
उत्तर:
कम वायु मण्डलीय दाब व उच्च तापमान पर।

प्रश्न 21.
त्रिक बिन्दु से क्या समझते हो?
उत्तर:
वह ताप जिस पर ठोस, द्रव तथा गैस एक साथ पाये जाते हैं, त्रिक बिन्दु कहलाता है।

प्रश्न 22.
किसी द्रव्य के गलनांक पर दाब का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
दाब बढ़ाने पर गलनांक बढ़ता है।

प्रश्न 23.
किस शर्त पर कोई गैस आदर्श व्यवहार में विचलन दर्शाती है?
उत्तर:
आदर्श गैस के व्यवहार विचलन कम ताप व उच्च दाब पर होता है।

प्रश्न 24.
H2 तथा He का द्रवीकरण बहुत जटिल है, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि इनका क्रान्तिक ताप बहुत कम होता है।

प्रश्न 25.
ताप का कैल्विन पैमाना क्या होता है?
उत्तर:
T(K) = (t°C) + 273

प्रश्न 26.
आदर्श गैस के लिये संपीडक गुणांक कितना होता है?
उत्तर:
Z = \(\frac { PV }{ RT }\)
आदर्श गैस के लिये PV= RT अत: Z = 1

प्रश्न 27.
किस परिस्थिति में वास्तविक गैसें से आदर्श गैस की तरह व्यवहार करती हैं।
उत्तर:
कम दाब व उच्च ताप पर।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 5 द्रव्य की अवस्थाएँ

प्रश्न 28.
NH3, O2, CO2 तथा SO2 में किसकी विसरण दर अधिकतम होगी?
उत्तर:
NH3 की, क्योंकि इसका अणुभार सबसे कम है।

प्रश्न 29.
CO2 तथा N2O की विसरण गतियों में क्या अनुपात है?
उत्तर:
दोनों की विसरण गति समान होगी, क्योंकि दोनों का अणुभार समान है।

प्रश्न 30.
SO2, NH3, H2O तथा CO2 को द्रवीकरण की आसानी के घटते क्रम में लिखो?
उत्तर:
SO2 > NH3 > H2O > CO2

प्रश्न 31.
समताप रेखाएँ क्या हैं?
उत्तर:
स्थिर ताप पर P तथा V के बीच खींची गयी रेखायें।

प्रश्न 32.
मोलर आयतन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
किसी ताप तथा दाब पर एक मोल गैस का आयतन मोलर आयतन कहलाता है। S. T.P पर इसका मान 22.4 लीटर होता है।

प्रश्न 33.
परम ताप पर गैसों का आयतन शून्य नहीं होता है, क्यों?
उत्तर:
परम ताप आने से पूर्व ही प्रत्येक गैस द्रवित हो जाती है। अत: गैसों के लिये PV = RT समीकरण परम ताप पर लागू नहीं होती है। इसके मान से कम होता है, क्यों?

प्रश्न 34.
अधिक दाब पर PV/RT का मान आदर्श गैसों के लिये
उत्तर:
क्षीण अन्तराणुक बलों के कारण।

प्रश्न 35.
CO तथा N2 की विसरण की दर समान होती है, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि दोनों के अणुभार समान हैं।

प्रश्न 36.
ऑक्सीजन अणुओं के मध्य लगने वाले वाण्डर वाल्स बल को कौन-सा वान डर वाल्स बल कहेंगे?
उत्तर:
ऑक्सीजन अणु अध्रुवीय है, अतः इनके मध्य लगने वाले बल प्रकीर्णन बल अथवा लंडन बल कहलाते हैं।

प्रश्न 37.
दो स्थायी द्विध्रुव रखने वाले अणुओं के मध्य आकर्षण बलों को क्या कहते हैं?
उत्तर:
स्थायी द्विध्रुव रखने वाले अणुओं के मध्य आकर्षण बलों को द्विध्रुव-द्विध्रुव आकर्षण बल कहते हैं।

प्रश्न 38.
Cl2, Br2 तथा I2 अणुओं के मध्य लगने वाले वान डर वाल्स बलों का घटता क्रम है।
उत्तर:
जिन अणुओं का अणुभार ज्यादा होता है उन पर लगने वाले वान्डर वाल्स बलों का मान भी अधिक होता है अतः बलों का घटता क्रम है।
I2 > Br2 > Cl2.

प्रश्न 39.
Ne, Ar तथा Kr में किसका क्वथनांक सबसे कम होगा एवं क्यों?
उत्तर:
इन तीनों में Ne का क्वथनांक सबसे कम होगा क्योंकि इसका अणुभार सबसे कम है जिस कारण इस पर लगने वाले वान डर वाल्स बल के मान भी कम होंगे अतः क्वथनांक भी सबसे कम होगा।

प्रश्न 40.
दो शून्य द्विध्रुव रखने वाले अणुओं के मध्य आकर्षण बल कौन सा होगा?
उत्तर:
शून्य द्विध्रुव आघूर्ण रखने वाले अणुओं के मध्य लगने वाला आकर्षण बल लंडन बल या प्रकीर्णन बल कहलाता है।

प्रश्न 41.
वान डर वाल्स बलों में उत्पन्न ऊर्जा अणुओं के मध्य दूरी से किस प्रकार सम्बंधित है?
उत्तर:
माना कि ऊर्जा ‘E’ तथा अणुओं के मध्य दूरी यदि ‘r’ है तो E ∝ \(\frac{1}{r^6}\)

प्रश्न 42.
बॉयल नियम को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
बॉयल का नियम स्थिर ताप पर किसी गैस की निश्चित मात्रा का दाब उसके आयतन के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
Ρ α \(\frac { 1 }{ V }\) (स्थिर T व n पर)

प्रश्न 43.
आयोगाद्रो संख्या क्या है? इसका मान लिखिए।
उत्तर:
किसी पदार्थ के एक मोल में उपस्थित पदार्थ के कणों की संख्या को आवोगाद्रो संख्या कहते हैं।
NA = 6.02 × 1023

प्रश्न 44.
आदर्श गैस समीकरण लिखें।
उत्तर:
PV = nRT

प्रश्न 45.
गैसों का अणु गति समीकरण लिखिए।
उत्तर:
गैसों का अण गति समीकरण
PV = \(\frac { 1 }{ 3 }\)mN\(\bar{u}\)²
यहाँ P = गैस का दाब
V= गैस का आयतन
m = गैस के अणु का द्रव्यमान
N = गैस के अणुओं की संख्या
\(\bar{u}\) = वर्ग माध्य मूल वेग।

प्रश्न 46.
वान्डर वाल्स समीकरण जो कि वास्तविक गैसों के लिये है, लिखें।
उत्तर:
\(\left(\mathrm{P}+\frac{a n^2}{\mathrm{~V}^2}\right)\) (V – nb) = nRT

प्रश्न 47.
वान डर वाल्स नियतांक ‘a’ तथा ‘b’ पर टिप्पणी दीजिए।
उत्तर:
‘a’ का मान गैस के अणुओं में अन्तराणुक आकर्षण का परिमाण है। ‘b’ का मान अपवर्जित आयतन को प्रदर्शित करता है जो कि गैस अणुओं के वास्तविक आयतन का चार गुना होता है।

प्रश्न 48.
गैसों के द्रवण में क्रान्तिक ताप का क्या महत्व है, समझाइये?
उत्तर:
वह ताप जिस पर या जिसके नीचे ताप पर किसी गैस को केवल दाब लगा कर द्रवित किया जा सकता हो, उसे गैस का क्रान्तिक ताप कहते हैं।
उदाहरण – CO2 का क्रान्तिक ताप 31°C है।

प्रश्न 49.
वाहनों के पहियों में गर्मियों में हवा का दबाव कम रख जाता है। क्यों?
उत्तर”
क्योंकि ताप अधिक होने पर गैस का दाब भी बढ़ जाता है।

प्रश्न 50.
जूल थॉमसन प्रभाव में आदर्श गैसों के ताप में कोई परिवर्तन नहीं होता, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि आदर्श गैस के अणुओं के मध्य कोई भी आकर्षण बल नहीं होता है। इस कारण जूल थॉमसन प्रभाव में आदर्श गैसों के ताप में कोई परिवर्तन नहीं होता है।

प्रश्न 51.
क्या सभी गैसीय अणुओं की चाल समान होती है?
उत्तर:
नहीं, अणुओं की चाल अणुओं के अणुभार पर निर्भर करती है।

प्रश्न 52.
‘R’ का मान J K-1 mol-1 में क्या होता है?
उत्तर:
‘R’ का मान 8.314 J K-1 mol-1 होता है।

प्रश्न 53.
आण्विक टक्करों की प्रकृति क्या होती है?
उत्तर:
आण्विक टक्करों की प्रकृति पूर्णतः प्रत्यास्थ होती है।

प्रश्न 54.
द्रव के पृष्ठ तनाव पर ताप का प्रभाव बताइये?
उत्तर:
ताप बढ़ाने पर द्रव का पृष्ठ तनाव घट जाता है।

प्रश्न 55.
द्रव के क्वथनांक पर दाब का प्रभाव बताइये?
उत्तर:
दाब बढ़ाने पर द्रव का क्वथनांक बढ़ जाता है।

प्रश्न 56.
द्रव की श्यानता पर ताप का क्या प्रभाव होता है?
उत्तर:
ताप बढ़ाने पर द्रव की श्यानता घट जाती है।

प्रश्न 57.
R का मान cm³ bar K-1 mol-1 में बताएँ।
उत्तर:
R = 82.1 cm³ bar K-1 mol-1 होता है।

प्रश्न 58.
वास्तविक गैस क्या होती है?
उत्तर:
वे गैसें जो ताप एवं दाब की सभी परिस्थितियों में आदर्श गैस के व्यवहार को नहीं दर्शाती हैं, वास्तविक गैसें कहलाती हैं।

प्रश्न 59.
क्वथनांक को परिभाषित कीजिये।
उत्तर:
वह ताप जिस पर द्रव की सतह का वाष्पदाब वायुमण्डलीय दाब के बराबर हो जाता है। क्वथनांक कहलाता है।

प्रश्न 60.
विभिन्न तापों पर आदर्श गैसों के P व V का गुणनफल समान होता है या नहीं।
उत्तर:
भिन्न-भिन्न होता है।

प्रश्न 61.
बॉयल ताप को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
वह ताप, जिस पर कोई वास्तविक गैस दाब की अधिकतम परास में आदर्श गैस के समान व्यवहार करती है, बॉयल ताप कहलाता है।

प्रश्न 62.
क्या क्वथन वाष्पीकरण के समान है?
उत्तर:
नहीं, क्वथन व वाष्पीकरण समान नहीं होते हैं।

प्रश्न 63.
किस प्रकार के गैसीय मिश्रण के लिये डाल्टन का नियम उपयुक्त होता है?
उत्तर
अक्रियाशील गैसीय मिश्रण के लिए डाल्टन का नियम उपयुक्त होता है।

प्रश्न 64.
किन परिस्थितियों में बॉयल का नियम लागू होता है।
उत्तर:
गैस का ताप निश्चित होने पर बॉयल का नियम लागू होता है।

प्रश्न 65.
क्या CO एवं O2, के मिश्रण पर डाल्टन का आंशिक दाब नियम लगा सकते हैं?
उत्तर:
नहीं यह नियम उन गैसों पर लागू नहीं होता है जो आपस में क्रिया कर लेती हैं। CO तथा O2 क्रिया करके CO2 बनाती हैं।

प्रश्न 66.
CO2, ऑक्सीजन व नाइट्रोजन दोनों से भारी होती है फिर भी यह वायुमण्डल की निचली परत में नहीं होती है, क्यों?
उत्तर:
गैसों का विसरण पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण बल से स्वतन्त्र होता है। CO2 के अणु पूरे वायुमण्डल में फैले हुए होते हैं। अत: CO2 की निचली परत नहीं बना पाते हैं।

प्रश्न 67.
यदि आण्विक टक्करें प्रत्यास्थ नहीं होती तो गैस की आण्विक गति पर क्या प्रभाव पड़ता?
उत्तर:
यदि गैस के अणुओं के मध्य टक्करें अप्रत्यास्थ होती तो प्रत्येक टक्कर के दौरान अणुओं की गतिज ऊर्जा में कमी आ जाती तथा बार-बार टक्करों से गतिज ऊर्जा लगातार कम होती रहती और अन्त में अणुगति रुक जाती।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 5 द्रव्य की अवस्थाएँ

प्रश्न 68.
गर्म चाय या कॉफी को प्लेट में डालकर पिया जाता है, क्यों?
उत्तर:
वाष्पीकरण से ठंडक प्राप्त होती है। किसी भी द्रव का पृष्ठीय क्षेत्रफल बढ़ाने से वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है। चूँकि ‘प्लेट का क्षेत्रफल अधिक होता है अतः चाय या कॉफी का वाष्पीकरण भी तेजी से होगा और चाय या कॉफी जल्द ठण्डी हो जायेगी।

प्रश्न 69.
द्रव की बूँद गोल आकार की क्यों होती है?
उत्तर:
द्रव की प्रकृति न्यूनतम पृष्ठ क्षेत्रफल रखने की प्रवृत्ति होती है। चूँकि दिये हुए आयतन के लिये गोल बूँद का पृष्ठ क्षेत्रफल निम्नतम होता है अतः द्रव की बूँद गोल आकार की होती है।

प्रश्न 70.
ग्लिसरीन तथा जल में कौन अधिक श्यान है?
उत्तर:
ग्लिसरीन व जल में ग्लिसरीन अधिक श्यान है क्योंकि इसके अणुओं के मध्य हाइड्रोजन आबंधों की संख्या, जल के अणुओं के मध्य हाइड्रोजन आबन्धों की संख्या से काफी अधिक है।

प्रश्न 71.
H2, N2, O2, F2, He, Ne आदि गैसों को विसरण गति के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर:
F2 < O2 < N2 < Ne < He <H2 (विसरण गति का बढ़ता क्रम)

प्रश्न 72.
ताप का केल्विन पैमाना सेल्सियस पैमाने की अपेक्षा अधिक बेहतर क्यों होता है?
उत्तर:
ताप का केल्विन पैमाना सेल्सियस पैमाने की अपेक्षा अधिक बेहतर है क्योंकि केल्विन पैमाने पर कोई भी ऋणात्मक ताप नहीं होता है।

प्रश्न 73.
मोल संख्या से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
गैस के मोलों की संख्या
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 5 द्रव्य की अवस्थाएँ 1

प्रश्न 74.
NH3 तथा N2 में से किसमें ‘a’ का मान अधिक होगा एवं किसमें ‘b’ का मान अधिक होगा?
उत्तर:
(1) NH3 में ‘a’ का मान अधिक होगा क्योंकि NH3 अणुओं में अन्योन्य क्रिया इनकी ध्रुवीय प्रकृति और अणुओं में उपस्थित अन्तरा – आण्विक हाइड्रोजन बन्ध के कारण अधिक उच्च होगी।

(2) N2 में ‘b’ का मान अधिक होगा क्योंकि N2 अणुओं का आकार NH3 अणुओं की अपेक्षा अधिक होता है।

प्रश्न 75.
सामान्य ताप तथा दाब की दशाओं में आदर्श गैस का मोलर आयतन क्या होगा?
उत्तर:
सामान्य ताप तथा दाब की दशाओं में आदर्श गैस का मोलर आयतन 22.4 dm³ होता है।

प्रश्न 76.
क्या किसी गैस को परम शून्य ताप तक ठण्डा करना सम्भव है?
उत्तर:
किसी भी गैस को परम शून्य ताप तक ठण्डा करना असम्भव है। क्योंकि इस ताप को प्राप्त करने से पहले ही गैस द्रव में बदल जायेगी।

प्रश्न 77.
निम्न युग्मों में से उच्च वाष्प दाब वाला द्रव कौन सा है?
(1) ऐल्कोहॉल तथा ग्लिसरीन
(2) पेट्रोल तथा कैरोसीन
(3) पारा, जल
(4) जल, शहद
(5) ईथर, ऐल्कोहॉल
उत्तर:
द्रव का वाष्प दाब अणुओं के मध्य अन्तरा आण्विक आकर्षण बल के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
अतः उच्च वाष्प दाब वाला पदार्थ है-
(1) ऐल्कोहॉल
(2) पेट्रोल
(3) जल
(4) जल
(5) ईथर।

प्रश्न 78.
किस परिस्थिती में वास्तविक गैस आदर्श गैस की तरह व्यवहार करती है?
उत्तर:
उच्च ताप व कम दाब पर वास्तविक गैस आदर्श गैस की तरह व्यवहार करती है।

प्रश्न 79.
बर्फ, जल तथा भाप के भौतिक गुणों में बहुत अधिक भिन्नता होती है। इन तीनों अवस्थाओं में जल का रासायनिक संघटन क्या है?
उत्तर:
जल का रासायनिक संघटन सभी में समान होगा अर्थात् H2O होगा।

प्रश्न 80.
द्रव्य की भिन्न-भिन्न अवस्थाओं को विभिन्न भौतिक नियमों द्वारा समझा जा सकता है। आपके अनुसार, द्रव्य की अवस्थाओं को निर्धारित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं।
उत्तर:
दाब, ताप, द्रव्यमान तथा आयतन।

प्रश्न 81.
नाइट्रोजन तथा आर्गन का मोलर आयतन 273.15K तथा 1 atm दाब पर क्या होगा?
उत्तर:
22.4 L

प्रश्न 82.
दो भिन्न-भिन्न गैसें A तथा B को समान धारिता वाले दो भिन्न पात्रों में समान ताप तथा दाब पर भरा गया है। दाब को थोड़ा सा अधिक बढ़ाने पर गैस ‘A’ का द्रवीकरण हो जाता है परन्तु गैस B उच्च दाब लगाने पर भी द्रवित नहीं होती है। परन्तु यह ठंडी हो जाती है। इस प्रक्रम को समझायें
उत्तर:
गैस ‘A’ अपने क्रान्तिक ताप पर या उससे कम ताप पर है। परन्तु गैस ‘B’ अपने क्रान्तिक ताप से अधिक ताप पर उपस्थित है।

प्रश्न 83.
गैसों के अणु गतिक सिद्धान्त में एक तथ्य यह है कि गैसों के अणुओं के मध्य कोई भी आकर्षण बल नहीं होता है। यह तथ्य कहाँ तक सही है। क्या इस तथ्य के अनुसार आदर्श गैस का द्रवीकरण सम्भव है।
उत्तर:
यदि गैसों के अणुओं के मध्य कोई भी आकर्षण बल नहीं है तो आदर्श गैस का द्रवीकरण किसी भी प्रकार सम्भव नहीं है।

प्रश्न 84.
निम्न को उनके पृष्ठ तनाव के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करें ।
जल, एल्कोहॉल, हेक्सेन
उत्तर:
हेक्सेन < एल्कोहॉल < जल

प्रश्न 85.
जलीय तनाव तथा सूखी गैस के दाब में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
Pसूखी गैस = Pकुल – जलीय तनाव

प्रश्न 86.
उस ऊर्जा का नाम लिखें जो पदार्थ के अणु या परमाणुओं की गति के कारण उत्पन्न होती है? इस ऊर्जा पर ताप बढ़ाने पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
ऊष्मीय ऊर्जा, ताप बढ़ाने पर ऊष्मीय ऊर्जा बढ़ जाती है।

प्रश्न 87.
उन दो अन्तराआण्विक बलों के नाम लिखें जो कि HF की द्रव अवस्था में अणुओं के मध्य उत्पन्न होते हैं।
उत्तर:

  1. द्विध्रुव – द्विध्रुव अन्योन्य क्रिया
  2. हाइड्रोजन आबन्ध।

प्रश्न 88.
किसी गैस का संपीड्यता गुणांक ‘Z’ = \(\frac { PV }{ nRT }\) होता है,
(i) आदर्श गैस के लिये Z का मान क्या होगा।
(ii) बॉयल ताप से ऊपर का मान वास्तविक गैस के लिये क्या है?
उत्तर:
(i) Z = 1 (आदर्श गैस के लिये)
(ii) बॉयल ताप से ऊपर Z > 1 (वास्तविक गैस के लिये)

प्रश्न 89.
CO2 का क्रान्तिक ताप व क्रान्तिक दाब क्रमशः 30.98°C तथा 73 atm है। क्या 32°C ताप तथा 80 atm दाब पर CO2 गैस का द्रवीकरण सम्भव है।
उत्तर:
32°C ताप पर CO2 गैस का द्रवीकरण सम्भव नहीं है चाहे दाब 80 atm की क्यों न हो क्योंकि यह ताप क्रान्तिक ताप से बड़ा है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पृष्ठ तनाव को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
पृष्ठ तनाव (Surface tension) – “किसी द्रव की सतह पर एकांक लम्बाई में लगने वाला लम्बवत् बल पृष्ठ तनाव कहलाता है,” इसे ग्रीक अक्षर (γ) गामा से प्रदर्शित करते हैं।
S. I. पद्धति में पृष्ठ तनाव की इकाई न्यूटन प्रति मीटर (Nm-1) है।

प्रश्न 2.
श्यानता गुणांक को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
श्यानता गुणांक (Viscosity coefficient) – किसी द्रव का श्यानता गुणांक उसके प्रवाह के बीच उत्पन्न होने वाले अवरोध को कहते हैं।
यदि परतों का क्षेत्रफल A तथा वेग प्रवणता \(\frac { dV }{ dx }\), तो घर्षण बल F. ∝ A. \(\frac { dV }{ dx }\),
F = ηA. \(\frac { dV }{ dx }\),
η = समानुपातिक स्थिरांक है जिसे श्यानता गुणांक कहते हैं।

प्रश्न 3.
अक्रिस्टलीय ठोसों को अतिशीतित (Super cooled) द्रव मानते हैं। समझाइये।
उत्तर:
अक्रिस्टलीय ठोसों के अवयवी कण की कोई निश्चित आन्तरिक व्यवस्था या रचना न होने के कारण अक्रिस्टलीय ठोसों के अवयवी कण द्रवों की भाँति मन्द गति से बहते हैं रहते हैं। यही कारण है कि इन अक्रिस्टलीय ठोसों को अत्यधिक श्यानता वाला अतिशीतित (Super cooled) द्रव माना जाता है।

प्रश्न 4.
PV = nRT गैस समीकरण की व्युत्पति कीजिए।
उत्तर:
माना कि किसी ताप T तथा दाब P पर किसी गैस का आयतन V है।
बॉयल के नियम के अनुसार – स्थिर ताप पर
V ∝ \(\frac { 1 }{ P }\) या V = \(\frac { K }{ P }\)
यहाँ K = स्थिरांक
या PV = K … (i)
चार्ल्स के नियम के अनुसार – स्थिर दाब पर
V ∝ T V = KT
K = स्थिरांक
\(\frac { V }{ T }\) = K … (ii)
आवागाद्रो के नियम के अनुसार स्थिर ताप व दाब पर
V ∝ n
या \(\frac { V }{ n }\) = K स्थिरांक … (iii)
समीकरण (i), (ii) व (iii) को मिलाने पर
\(\frac { PV }{ nT }\) = स्थिरांक
तो \(\frac { PV }{ T }\) = nR
PV = RT यही समीकरण आदर्श गैस समीकरण है।
यहाँ R = स्थिरांक (गैस स्थिरांक या मोलर गैस स्थिरांक)

प्रश्न 5.
डाल्टन के आंशिक दाब नियम पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
डाल्टन का आंशिक दाब नियम (Dalton’s Law of Partial Pressure) – सन् 1801 में डाल्टन ने पारस्परिक रासायनिक अभिक्रिया न करने वाली गैसों को एक बन्द पात्र में लेकर गैसों के कुल दाब एवं उनके आंशिक दाबों में एक सम्बन्ध दिया जिसे डाल्टन का आंशिक दाब नियम कहा गया।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 5 द्रव्य की अवस्थाएँ 2
इस नियम के अनुसार, “जब दो या अधिक गैसों को (पारस्परिक अभिक्रिया न करने वाली) स्थिर ताप पर एक बन्द पात्र में लिया जाता है, तो गैसों के मिश्रण का कुल दाब उन घटक गैसों के आंशिक दाबों के योग के बराबर होता है।
डाल्टन के नियम अनुसार – स्थिर ताप व आयतन पर
P = PA + PB + PC
डाल्टन का आंशिक दाब नियम केवल आदर्श गैसों पर पूर्ण रूप से लागू होता है।

प्रश्न 6.
गैस के क्रान्तिक स्थिरांकों को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
क्रान्तिक स्थिरांक – क्रान्तिक ताप, क्रान्तिक दाब एवं क्रान्तिक आयतन सामूहिक रूप से गैस के क्रान्तिक स्थिरांक कहलाते हैं। इन्हें क्रमश: TC, PC, VC से प्रदर्शित करते हैं।

क्रान्तिक ताप (Critical temperature)-वह निश्चित ताप जिसके ऊपर किसी गैस को द्रव में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है चाहे दाब कितना भी बढ़ा दिया जाये क्रान्तिक ताप कहलाता है।
उदाहरण – CO2 का क्रान्तिक ताप 31°C है।

क्रांतिक दाब (Critical Pressure) – क्रान्तिक ताप पर गैस जिस कम से कम दाब पर द्रवित हो जाती है, क्रान्तिक दाब कहलाता है। इसे PC से प्रदर्शित करते हैं।
उदाहरण – CO2 गैस का 31.1°C पर क्रान्तिक दाब 7.29 वायुमण्डल होता है।

क्रान्तिक आयतन (Critical volume) – क्रान्तिक ताप एवं दाब पर किसी गैस के एक मोल का आयतन क्रान्तिक आयतन कहलाता है। इसे VC से प्रदर्शित करते हैं।
उदाहरण – CO2 का क्रान्तिक आयतन 94 मि. लि. है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 5 द्रव्य की अवस्थाएँ

प्रश्न 7.
वाष्प दाब का क्वथनांक पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
वाष्प दाब का क्वथनांक पर प्रभाव – वाष्प दाब किसी भी द्रव के क्वथनांक पर प्रभाव डालता है।
उदाहरण – जल के सामान्य क्वथनांक पर जल का वाष्प दाब एक वायुमण्डलीय दाब के बराबर होता है। अगर बाहरी दाब एक वायुमण्डल दाब से कम है तो जल कम तापमान पर उबलेगा। यही कारण है कि पहाड़ों पर भोज्य पदार्थ कठिनाई से गलते हैं। प्रेशर कुकर में निकास पर वजन रखकर दाब को वायुमण्डलीय दाब से अधिक करके जल का क्वथनांक बढ़ा सकते हैं।

प्रश्न 8.
समझाइये कि किसी द्रव की श्यानता ताप के साथ क्यों घटती है?
उत्तर:
द्रव की श्यानता ताप बढ़ने के साथ घटती है, क्योंकि ताप बढ़ने के साथ अणुओं की गतिज ऊर्जा अधिक हो जाती है। गतिज ऊर्जा अधिक होने के कारण द्रव वेग अवरोधों को पार करके असानी से बहने लगते हैं। आर्हीनियस एवं गुजमान (Guzman) ने प्रयोगों के आधार पर द्रवों की श्यानता पर ताप के प्रभाव को प्रदर्शित करने के लिये समीकरण दिये हैं-
η = AeEa/RT
या \(\log \frac{\eta_1}{\eta_2}=\frac{E a}{2.303 R}\left[\frac{T_2-T_1}{T_1 T_2}\right]\)

प्रश्न 9.
जल काँच की सतह को गीला करता है, जबकि पारा नहीं करता समझाइये।
उत्तर:
पारा काँच की सतह को गीला नहीं करता क्योंकि पारे के अणुओं के मध्य लगने वाला अन्तराण्विक बल काँच की दीवार एवं पारे की सतह के मध्य लगने वाले आकर्षण बल से अधिक होता है। ऐसी दशा में पारा पात्र की दीवारों से दूर रहने की कोशिश करता है तथा केशिका नली में पारा नीचे गिरता है, इस प्रकार द्रव यानि पारा पात्र की दीवारों से नहीं चिपकता है।

प्रश्न 10.
द्रवित गैसों का उपयोग लिखिए।
उत्तर:
द्रवित गैसों का उपयोग (Uses of liquified gases) – द्रवित गैसों के उपयोग निम्नलिखित हैं-

  • प्रयोगशाला में न्यून ताप उत्पन्न करने के लिए द्रवित गैसों का उपयोग करते हैं।
  • द्रव फ्रीऑन (CCl2F2) आदि का उपयोग वातानुकूलन में प्रशीतक के रूप में किया जाता है।
  • द्रव वायु का उपयोग रॉकेट व जैट वायुयान में ऑक्सीजन के मुख्य स्रोत के रूप में होता है।
  • वेल्डिंग में द्रव ऑक्सीजन का उपयोग होता है।
  • Cl2 का उपयोग जल में कीटनाशक के रूप में होता है।
  • कुछ गैसों को मिश्रण से अलग करने के लिए द्रवण की सहायता ली जाती है।
    उदाहरण – Ne तथा Ar को वायु से अलग करते हैं।

प्रश्न 11.
जब केशनलिका को पारे में डुबोया जाता है तो बाहर की तुलना में अन्दर पारे का स्तर कम होता है। क्यों ?
उत्तर:
पारे के स्तर के कम होने का कारण हम ससंजक (Cohesive) एवं आसंजक (Adhesive) बलों के आधार पर समझा सकते हैं। समान अणुओं के मध्य लगने वाला बल ससंजक जबर्कि असमान अणुओं के मध्य लगने वाला बल आसंजक कहलाता है। पारे में आसंजक बल ससंजक बलों की तुलना में कम होते हैं। इस कारण पारा काँच की सतह से अलग हो जाता है। तथा इसका स्तर कम हो जाता है।

प्रश्न 12.
काँच की केशनली में पानी का स्तर (maniscus) अवतल (Convcave) जबकि पारे का उत्तल (Convex) होता है, क्यों?
उत्तर:
जैसा कि हम जानते हैं कि अन्तरा-आण्विक बल अणुओं को पास-पास रखता है, परन्तु ऊष्मीय ऊर्जा अणुओं को एक-दूसरे से दूर रखती है। द्रव्य की तीन अवस्थाएँ ठोस, द्रव व गैस अणुओं के इस अन्तरा-आण्विक बलों तथा ऊष्मीय ऊर्जा के मध्य संतुलन का परिणाम हैं।

यदि ठोस को ऊष्मीय ऊर्जा दी जाती है तो यह ऊर्जा अणुओं को एक दूसरे से दूर करती है। अर्थात् उनके मध्य आकर्षण बल घट जाता है, इस प्रकार ठोस द्रव में परिवर्तित हो जाता है। अर्थात् इससे सिद्ध होता है कि ठोस और द्रव अवस्थायें एवं ऊष्मीय ऊर्जा का सन्तुलन अणुओं के मध्य अन्तरा-अणुक आकर्षण बल का परिणाम है। इसी प्रकार द्रव को हम ठोस में परिवर्तित कर सकते हैं इसके लिये ताप को कम किया जाता है जिससे ऊष्मीय ऊर्जा कम हो जाती है और अन्तरा-आण्विक आकर्षण बल बढ़ जाता है और द्रव ठोस में बदल जाता है।

गैसों को केवल दाब लगाकर अर्थात् संपीडित करके द्रव में नहीं बदला जा सकता है। गैस पर दाब लगाने पर अणु निकट तो आ जाते हैं परन्तु उनको इसी स्थिति में बनाये रखने के लिये ताप को कम किया जाता है अर्थात् ऊष्मीय ऊर्जा को कम करते हैं। किसी भी गैस के लिये एक निश्चित ताप होता है जिसके ऊपर वह गैस द्रवित नहीं हो सकती, चाहे दाब कितना ही अधिक हो। गैसों का यह ताप क्रान्तिक ताप (Critical Temperature) कहलाता है।
गैस, द्रव व ठोस का एक-दूसरे में परिवर्तन निम्न प्रकार समझा जा सकता है।
गैस अवस्था → द्रव अवस्था → ठोस अवस्था
अन्तरा-आण्विक आकर्षण बल को बढ़ने पर उपरोक्त परिवर्तन होता है।
गैस अवस्था ← द्रव अवस्था ← ठोस अवस्था
ऊष्मीय ऊर्जा घटाने पर उपरोक्त परिवर्तन होता है।

प्रश्न 13.
ईथर व एल्कोहॉल को ठण्डी जगह पर रखा जाता है क्यों ?
उत्तर:
ईथर व एल्कोहॉल दोनों द्रव प्रकृति में वाष्पशील होते हैं। इस कारण इनका क्वथनांक काफी कम होता है। ये उच्च ताप पर आसानी से वाष्पीकृत हो जाते हैं। अतः इनके वाष्पन को कम करने के लिये इन्हें ठण्डी जगह पर रखते हैं।

प्रश्न 14.
द्रव अमोनिया की बोतल को खोलने से पहले ठण्डा किया जाता है। क्यों ?
उत्तर:
द्रव अमोनिया की बोलल में अमोनिया को उच्च दाव लगाकर भरा जाता है। यदि बोतस को बिना उण्डा किए ही खोल दिया आये तो दाब में अचानक कमी होने के कारण गैस के अणुओं की गतिज ऊर्जा बहु जायेगी एवं वे अचानक तेजी के साथ बोतल से बाहर निकल आयेंगे। परिणामस्वरूप बोतल फट सकती है तथा कोई भी दुर्घंटा घटित हो सकती है। यदि बोतल को ठण्डा कर दें तो अणुओं की गतिज ऊर्जा नहीं बढ़ेगी तथा गैस धींरे-धीरे बाहर आयेगी व दुर्घटना की सम्भावना कम हो जायेगी।

प्रश्न 15.
ऊँची पहाड़ियों पर जल का क्वथनांक घट जाता है, क्यों?
उत्तर:
जैसे-जैसे हम ऊँचाई की ओर जाते है, वायुमण्डलीय दाब कम हो जाता है। अतः जल के वाष्पदाब को वायुमण्डलीय दाब (जो कि ऊँचाई पर कम हो जाता है) के समान लाने के लिये कम ताप की आवश्यकता होगी तथा जल का क्वथनांक भी कम हो जायेगा।

प्रश्न 16.
प्रेशर कुकर में खाना शीच्र पकता है, क्यों ?
उत्तर:
प्रेशर कुकर में वाष्पदाय अत्यधिक होता है अतः जल का क्वथनांक अधिक हो जाता है। अथात् जल अधिक ताप ग्रहण कर सकता है और प्रेशर कुकर का ताप अधिक हो जाता है, परिणामस्वरूप अन्दर रखे खाइ पदार्थ भी शीच्र पक जाते है।

ब्रुले पात्र में दाल या सख्जी बनाते समय ताप किसी भी स्तिति में 100°C से अधिक नहीं हो पाता है। जबकि प्रेशर कुकर में ताप 100°C से काफी ऊँचा हो जाता है।

प्रश्न 17.
सोडा वाटर की बोतलों को गर्मीं में फ्रिज में ही रखा जाता क्यों ?
उत्तर:
सोडा वाटर, CO2 गैस का पानी में विलयन होता है। विलयन बनाने के लिए गैस को उच्छ दाब पर पानी में प्रवाहित किया जाता है। चूँंक गैस जल में अघुलनशील है अतः उच्च दाब पर गैस आसानी से घुल जाती है। गर्मियों में जल में गैस की घुलनशीलता कम हो जाती हैं क्योंकि ताप में अधिकता घुलनशीलता को कम कर देती है। अतः गर्मियों में काँच की बोतल की सतह पर अधिक गैस उपस्थित होती है। द्रससे बोतल के अन्दर का दाब बढ़ जाता है तथा यह दाब बोताल सहन नहीं कर सकती और फट सकती है। इससे बचाने के लिये इन बोतलौं को या तो फ्रिज में रखते हैं या फिर पानी के अन्दर रखते हैं। ऐसा करने पर ताप घट ज्ञाता है व गैस की घुलनशीलता जल में बढ़ जाती है।

प्रश्न 18.
शुष्क एवं आर्द्र वायु में से कौन-सी भारी होती है?
उत्तर:
शुष्क वायु मुख्यत्तया नाइट्रोजन व ऑकसीकन तथा कुछ अन्य मात्रा में गैसों के द्वारा बनी होती है। शुष्क वायु में कुछ मात्रा जल वाध्य की भी होती है। जल वाष्प का वाण्प घनत्व N2 तथा O2 से कम होता है क्योंकि N2 का अर्विक द्रव्यमान 28, O2 का 32 तथा जल का 18 होता है। आर्द्र वायु में नाइट्रोजन एवं ऑक्सीजन के भारी अणु जल वाध्य के द्वारा प्रतिस्थापित हो जाते है। अतः शुष्क वायु, आद्र वायु से भारी होती है।

प्रश्न 19.
बॉयल के नियम का प्रायोगिक महत्व लिखें। अधवा बॉयल के नियम से बताइये कि दाब तथा घनत्व में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
मात्रात्मक रूप से बॉयल का प्रयोग यह सिद्ध करता है कि गैस अत्यधिक संपीडित होती है, गैसों के अणुओं के मध्य अन्तरा-आणिवक स्थान अधिक होता है अतः इनके दिये गये द्रव्यमान को संपीडित करना अत्यधिक सरल होता है। दूसरे शब्दों में हम यह कह सकते हैं कि उच्च दाब पर गैस अधिक सघन हो जाती है तथा कम दाब पर इसकी सघनता काफी कम होती है।

ऊँचाई पर अर्थात् पहाड़ों पर दाब कम हो जाता है। इस कारण वायु भी सघन हो जाती है तथा साँस लेने में कठिनाई होती है।
बॉयल के नियम की सहायता से दाब तथा घनत्व के मध्य निम्न सम्बन्ध स्थापित होता है।
d = \(\frac { M }{ V }\), V = \(\frac { m }{ d }\)
बॉल नियम से,
PV = K
P x \(\frac { m }{ d }\) = K = स्थिरांक
यदि गैस का दाब P1 पर घनत्व d1, तथा दाब P2 पर घनत्व d2 है तो
P1V1 = P2 V2 से
P1\(\frac{m_1}{d_1}\) = P2\(\frac{m_2}{d_2}\) = K
\(\frac{p_1}{d_1}=\frac{p_2}{d_2}\) = K
या \(\frac { P }{ d }\) = K या P ∝ d
“स्थिर ताप पर किसी एक गैस की निश्चित मात्रा का दाब उसके घनत्व के समानुपाती होता है।”

प्रश्न 20.
गैसीय अणुओं के आण्विक वेग बन्दूक की गोली के वेग के तुल्य होते हैं, परन्तु गैसीय अणुओं की गन्ध शीघ्रता से प्राप्त नहीं होती है, क्यों?
उत्तर:
यह सत्य है कि गैसीय अवस्था में अणुओं का वेग अत्यधिक होता है जो कि बन्दूक की गोली के वेग से गतिमान रहते हैं। परन्तु इनकी गति सीधी रेखा में नहीं होती है। ये अणु आड़े-तिरछे (Zig- Zag) पथ पर गति करते हैं तथा एक-दूसरे से टकराते रहते हैं। इसी कारण गैसीय अणुओं की वास्तविक गति पर इनका हम तक पहुँचना सम्भव नहीं होता है। इस कारण इनकी गन्ध हम तक देर में पहुँचती है।

प्रश्न 21.
कारण स्पष्ट करें-
(1) द्रव की बूँद का आकार गोल होता है।
(2) केशिका नली को द्रव तल के सम्पर्क में लाने पर केशिका नली में द्रव चढ़ता अथवा उतरता है।
उत्तर:
(1) वर्षा की बूदों तथा मर्करी की बूदों का गोल आकार-बूँद का गोल आकार पृष्ठ तनाव (Surface Tension) के कारण ही होता है। यह तनाव द्रव पृष्ठीय क्षेत्रफल को कम करने की कोशिश करता है। तब द्रव का ऊर्जा स्तर निम्नतम होता है। यही कारण है कि वर्षा की बूँदे तथा मर्करी की बूँदे गोलाकार होती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 5 द्रव्य की अवस्थाएँ 3

(ii) केशनलिका में द्रव का चढ़ना-किसी द्रव को केशनलिका में भरने पर नली की दीवार तथा द्रव के मध्य लगने वाला आसंजक बल द्रव के सतही क्षेत्रफल को बढ़ाने का प्रयास करता है। जबकि पृष्ठ तनाव सतही क्षेत्रफल को कम करने की कोशिश करता है। इसी कारण नली में द्रव चढ़ता है। किसी भी नली में द्रव तब तक ऊपर चढ़ता है जब तक कि आसंजक एवं ससंजक बल पर लग रहा गुरूत्वाकर्षण बल सन्तुलित न हो जाये।

प्रश्न 22.
सार्वत्रिक गैस नियतांक का मान विभिन्न इकाइयों में लिखें।
उत्तर:
(i) सार्वत्रिक गैस नियतांक (R) का मान लीटर वायुमण्डल प्रति केल्विन प्रति मोल में
= 0.0821 L-atm K-1 mol-1

(ii) (R) का मान अर्ग प्रति केल्विन प्रति मोल में
= 8.314 × 107 erg K-1 mol-1

(iii) (R) का मान जूल प्रति केल्विन प्रति मोल में = 8·314 J K-1 mol-1

(iv) (R) का मान घन सेमी- बार प्रति केल्विन प्रति मोल में = 82.1 cm³ bar K-1 mol-1

(v) (R) का मान ली. बार प्रति केल्विन प्रति मोल में = 0.0831 L-bar.K-1 mol-1

(vi) (R) का मान कैलोरी प्रति केल्विन प्रति मोल में = 2 Cal K-1 mol-1

प्रश्न 23.
अणु गति सिद्धान्त के कुछ मुख्य अभिग्रहितों में निहित तथ्यों की विवेचना कीजिये।
उत्तर:
(1) अणु सीधे पथ पर गति नहीं करते
व्याख्या-अभिग्रहित के अनुसार गैसों के अणु निरन्तर गतिमान होते हैं। एक अणु सरल रेखा में गति करता हुआ दूसरे अणु के साथ टकराता है इससे पथ विचलित हो जाता है, चूँकि ये संघट्ट् बार-बार होते हैं; अतः अणु अपना मार्ग बदल देते हैं। इस कारण अणु सीधे पथ पर गति नहीं करते हैं।

(2) गैसों के अणुओं के मध्य प्रत्यास्थ संघट्ट होता है।
व्याख्या-प्रत्यास्थ संघट्ट का अर्थ होता है कि संघट्ट के पूर्व तथा पश्चात् अणुओं की ऊर्जा समान रहती है। संघट्ट में अणुओं के मध्य ऊर्जा का विनिमय (exchange) हो सकता है अर्थात् विशिष्ट अणु की ऊर्जा में परिवर्तन हो सकता है, परन्तु कुल ऊर्जा स्थिर बनी रहती है।

(3) गैसों के अणुओं के मध्य कोई अन्योन्य क्रिया नहीं होती है। व्याख्या कीजिए।
व्याख्या-सामान्य ताप एवं दाब पर गैस-कणों के मध्य कोई अन्योन्य क्रिया नहीं होती अर्थात् कणों के मध्य कोई आकर्षण तथा प्रतिकर्षण बल उपस्थित नहीं होता है। जब गैस का दाब और घटाया जाता है तथा ताप को स्थिर रखते हैं तो वह प्रसारित होती है। यह तभी सम्भव है जब अणुओं के मध्य आकर्षण एवं प्रतिकर्षण बल न हों। अत: गैसों के अणुओं के मध्य अन्योन्य क्रिया नहीं होती है।

आंकिक प्रश्न

प्रश्न 1.
25°C पर एक गैस का आयतन 400 ml है। दाब स्थिर रखने पर किस ताप पर उसका आयतन 600 ml हो जायेगा।
हल:
दिया गया है,
चार्ल्स के नियम से,
T1 = 25 + 273 = 298 K
T2 = ?
V1 = 400 ml
V2 = 600 ml
\(\frac{\mathrm{V}_1}{\mathrm{~T}_1}=\frac{\mathrm{V}_2}{\mathrm{~T}_2}\) (स्थिर दाब पर)
\(\frac{400}{298}=\frac{600}{T_2}\)
T2 = \(\frac { 600×298}{ 400 }\)
T2 = 447 K
T2 = 447 – 273 = 174°C

प्रश्न 2.
किसी गैस का आयतन 100 cm³ है और इसे 30% बढ़ाना हो तो स्थिर दाब पर गैस को कितना गर्म करना पड़ेगा, यदि प्रारम्भिक ताप 20°C है।
हल:
आयतन में वृद्धि = 30%
प्रारम्भिक आयतन (V1) = 100 cm³
प्रारम्भिक आयतन में आवश्यक वृद्धि
= \(\frac { 100×30 }{ 100 }\) = 30 cm³
अन्तिम आयतन (V) = 100 + 30 = 130 cm³
V1 = 100 cm³
T1 = 20 + 273 = 293 K
V1 = 130 cm³
T2 = ?
चार्ल्स के नियमानुसार,
\(\frac{\mathrm{V}_1}{\mathrm{~T}_1}=\frac{\mathrm{V}_2}{\mathrm{~T}_2}\) (स्थिर दाब पर)
\(\frac{100}{293}=\frac{130}{T_2}\)
T2 = \(\frac{130 \times 293}{100}\)
= 380.9 K

प्रश्न 3.
यदि किसी गैस के गुब्बारे में लगभग 5 लीटर हाइड्रोजन गैस 22°C ताप पर भरी गयी। यदि ताप बढ़ाकर 25°C कर दिया गया तो गुब्बारे का आयतन कितना हो जायेगा।
हल:
दिया गया है,
V1 = 5 लीटर, V2 = ?
T1 = 22 + 273
= 295 K
T2 = 25 + 273
= 298 K
चार्ल्स के नियमानुसार,
\(\frac{\mathrm{V}_1}{\mathrm{~T}_1}=\frac{\mathrm{V}_2}{\mathrm{~T}_2}\) (स्थिर दाब पर)
\(\frac{5}{295}=\frac{V_2}{298}\)
V2 = \(\frac{5 \times 298}{295}\)
= 5.051 L

प्रश्न 4.
एक गैस का नमूना 298 K ताप और 1 bar दाब 75 dm³ आयतन घेरता है। यदि समान ताप पर गैस के आयतन को 10dm³ तक कम कर दिया जाये तो कितना अतिरिक्त दाब लगाना पड़ेगा। हल:
दिया गया है,
P1 = 1 bar
P2 = ?
V1 = 75 dm³
V2 = 10 dm³
बॉयल नियम से,
PV1 = P2V2 (स्थिर ताप पर )
1 × 75 = P2 × 10
P2 = \(\frac{1 \times 75}{10}\)
P2 = 7.5 bar
अतिरिक्त दाब = 7.5 – 1
= 6.5 bar

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 5 द्रव्य की अवस्थाएँ

प्रश्न 5.
रसोई गैस के एक सिलिण्डर में भरी गैस का दाब 25°C पर 11 bar है। यदि गैस सिलिण्डर की दाब वहन क्षमता 16 bar हो तो बताइये किस ताप पर सिलिण्डर फट जायेगा?
हल:
सिलिण्डर में गैस भरी है अतः गैस का आयतन स्थिर रहता है।
दिया गया है.
अधिकतम दाब ‘P1‘ = 16 bar
ताप ‘T1‘ = ?
गैस का दाब (P2) = 11 bar
ताप (T2) = 25 + 273 = 298 K
गै-लुसेक नियम से,
\(\frac{\mathrm{P}_1}{\mathrm{~T}_1}=\frac{\mathrm{P}_2}{\mathrm{~T}_2}\) (स्थिर ताप पर)
\(\frac{16}{T_1}=\frac{11}{298}\)
T1 = \(\frac{16 \times 298}{11}\)
T1 = 433.45 K
= 433.45 – 273
T1 = 160.45°C

प्रश्न 6.
गैस के किसी दिये हुए नमूने पर कितना दाब लगाया जाये कि वह अपने मूल आयतन के तीन चौथाई भाग तक दब जाये।
हल:
दिया गया है,
V1 = V
P1 = P
V2 = \(\frac { 3 }{ 4 }\)V
P2 = ?
बॉयल नियम से, P1V1 = P2V2 (स्थिर ताप पर )
P x V = P2 = P2 = \(\frac { 3 }{ 4 }\)V
P2 = \(\frac { 4 }{ 3 }\)P
अर्थात् लगने वाला दाब मूल दाब \(\frac { 4 }{ 3 }\) गुना होता है।

प्रश्न 7.
एक गैस 0.92 bar दाब पर 0.6 dm³ आयतन घेरती है। उस दाब की गणना कीजिये जिस पर उस गैस का आयतन अपने मूल आयतन के 20 प्रतिशत तक घटेगा, जबकि ताप स्थिर है।
हल:
दिया गया है,
P1 = 0.92 bar
P2 = ?
V1 = 0.6 dm³
V2 = मूल आयतन का 20% घट जाये
20% घटाव = \(\frac{0.6 \times 20}{100}\)
V2 = मूल आयतन – 20% आयतन
= 0.6 – 0.12
= 0.48 dm³
बॉयल के अनुसार,
P1V1 = P2V2 (स्थिर ताप पर)
0.92 × 0.6 = P2 x 0.48
P2 = \(\frac{0.92 \times 0.6}{0.48}\)
= 1.15 bar

प्रश्न 8.
नाइट्रोजन की एक निश्चित मात्रा का 0.99 bar दाब और 25°C ताप पर आयतन 250 cm है उस ताप की गणना कीजिए जिस पर आयतन 150 cm³ और दाब 2 bar हो ।
हल:
दिया गया है.
P1 = 0.99 bar
P2 = 2 bar
V1 = 150 cm³
V1 = 250 cm³
T1 = 25+ 273
= 298K
T2 = ?
गैस समीकरण से,
\(\frac{P_1 V_1}{T_1}=\frac{P_2 V_2}{T_2}\)
\(\frac{0.99 \times 250}{298}=\frac{2 \times 150}{T_2}\)
T2 = \(\frac{2 \times 150 \times 298}{0.99 \times 250}\)
T2 = 361.21 K
T2 =361.21 – 273
= 88.21 °C
उत्तर-ताप 88.21 °C होगा।

प्रश्न 9.
423 K ताप तथा 0.987 bar दाब पर ऑक्सीजन गैस का आयतन 12.0 dm³ पाया गया है। ऑक्सीजन के द्रव्यमान की गणना कीजिये।
हल:
दिया गया है.
P = 0.987 bar
V = 12.0 dm³
R = 0.0831 bar dm³ K-1 mol-1
T = 423K
n = ?
आदर्श गैस समीकरण से,
PV = nRT
n = \(\frac { PV }{ RT }\)
= \(\frac{0.987 \times 12.0}{0.0831 \times 423}\)
n = 0.336 mol
ऑक्सीजन गैस का मोलर द्रव्यमान = 32 g mol-1
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 5 द्रव्य की अवस्थाएँ 4
उत्तर-ऑक्सीजन गैस का द्रव्यमान 10.782 है।

प्रश्न 10.
PV= nRT सूत्र से 1 g हाइड्रोजन दाब पर आयतन की गणना कीजिए (R = 0.0821 L-atm K-1 mol-1)
हल:
प्रश्नानुसार, मानक दाब (P) = 1 atm
मान परमताप (T) = 273 K
मानक ताप और
R = 0.821 L-atm K-1 mol-1
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 5 द्रव्य की अवस्थाएँ 5
∴ मा. ता. दाब पर 1g हाइड्रोजन का आयतन = 11.22 L

प्रश्न 11.
11 g कार्बन डाइऑक्साइड का मा. ता. दा. पर कितना आयतन होगा?
(R = 0.0821 L-atm K-1 mol-1)
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 5 द्रव्य की अवस्थाएँ 6
∵ मानक दाब (P) = 1 atm
मानक ताप (T) = 273 K
अब आदर्श गैस समीकरण PV = RT से,
V = \(\frac { nRT }{ P }\)
= \(\frac{0.25 \times 0.821 \times 273}{1}\)
∴ मा. ता. दा. पर 11g कार्बन डाइऑक्साइड का आयतन = 5.6 L

प्रश्न 12.
एक लीटर के फ्लास्क में 7.6 x 10-10 mm (Hg) के दाब पर ऑक्सीजन गैस उपस्थित है। फ्लास्क में 0°C ताप पर ऑक्सीजन के अणुओं की संख्या ज्ञात कीजिए।
हल:
आदर्श गैस समीकरण PV = nRT के लिए प्रश्नानुसार,
P = 7.6 x 10-10 mm (Hg)
= \(\frac{7 \cdot 6 \times 10^{-10} \mathrm{~mm}(\mathrm{Hg})}{760 \mathrm{~mm}(\mathrm{Hg})} \times 1 \mathrm{~atm}\)
= 1 × 10-12 atm
V = 1 L, R = 0.0821 L-atm K-1 mol-1
T = 0 + 273 = 273 K
∴ n = \(\frac { PV }{ RT }\)
= \(\frac{1 \times 10^{-12} \mathrm{~atm} \times 1 \mathrm{~L}}{0.0821 \mathrm{~L}-\mathrm{atm} \mathrm{K}^{-1} \mathrm{~mol}^{-1} \times 273 \mathrm{~K}}\)
= \(\frac{1 \times 10^{-12}}{0.0821 \times 273}\)
आवोगाद्रो के नियम के अनुसार 1 mol में अणुओं की संख्या = 6.022 x 1023
∴ ऑक्सीजन के अणुओं की संख्या
= n × 6.022 x 1023
= \(\frac{1 \times 10^{-12} \times 6.022 \times 10^{23}}{0.0821 \times 273}\)
= 2.69 x 1010
∴ ऑक्सीजन के अणुओं की संख्या = 2.69 × 1010

प्रश्न 13.
एक गैस 298 K ताप तथा 2 atm दाब पर 120 L आयतन घेरती है। जब इस गैस को 175 L निर्वातित कक्ष में स्थानान्तरित दें तो इस गैस के ताप की गणना कीजिये, यदि दाब प्रारम्भिक दाब का एक चौथाई हो जाता है।
हल:
दिया गया है,
T1 = 298 K
T2 = ?
P1 = 2 atm
P2 = 2 x \(\frac { 1 }{ 4 }\) = \(\frac { 1 }{ 2 }\) atm
V1 = 120 L
V2 = 175 L
गैस समीकरण से,
\(\frac{\mathrm{P}_1 \mathrm{~V}_1}{\mathrm{~T}_1}=\frac{\mathrm{P}_2 \mathrm{~V}_2}{\mathrm{~T}_2}\)
T2 = \(\frac{\mathrm{P}_2 \times \mathrm{V}_2 \times \mathrm{T}_1}{\mathrm{P}_1 \times \mathrm{V}_1}\)
= \(\frac{1 \times 175 \times 298}{2 \times 2 \times 120}\)
T2 = 108.64 K
T2 = 108.64 – 273
= – 164.35°C
उत्तर ताप 164.35 °C हो जायेगा।

प्रश्न 14.
27°C ताप पर 2.0 लीटर क्षमता के पात्र में नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड के 1022 अणु भरे हुए हैं। पात्र में दाब की गणना कीजिये।
हल:
दिया गया है, T = 27 + 273 = 300 K
V = 2.0 L
R = 0.0821 L atm K-1 mol-1
P = ?
NO2 के मोलों की संख्या = \(\frac{10^{22}}{6.02 \times 10^{23}}\)
= \(\frac { 1 }{ 60.2 }\)
आदर्श गैस समीकरण से,
PV = nRT
P = \(\frac { nRT }{ V }\)
= \(\frac{1 \times 0.0821 \times 300}{60 \cdot 2 \times 2}\)
= 0.205 atm
उत्तर-पात्र में दाब 0.205 atm होगा।

प्रश्न 15.
एक गैस सिलेण्डर में शीतलक गैस भरी है। यह सिलेप्र 15 atm दाब सहन करने की क्षमता रखता है। इसका दाब मापक यन्त्र 27°C पर 12 atm दाब प्रदर्शित कर रहा है। भवन में अचानक आग
लग जाने से सिलेण्डर का ताप बढ़ने लगता है, किस ताप पर सिलेण्डर का विस्फोट हो जायेगा?
हल:
दिया गया है।
P1 = सिलेण्डर की क्षमता =15 atm
T1 = ? (वह ताप जिस पर सिलेण्डर फटेगा )
P2 = 12 atm
T2 = 27 + 273 = 300 K
हम जानते हैं।
\(\frac{P_1}{T_1}=\frac{P_2}{T_2}\)
\(\frac{15}{T_1}=\frac{12}{300}\)
T1 = \(\frac{300 \times 15}{12}\)
= 375 K
T1 = 375 – 273
= 102°C
उत्तर-विस्फोट का ताप 102°C

प्रश्न 16.
(i) किसी गैस के 3.8g ने 25°C ताप पर उतना ही आयतन ग्रहण किया जितना कि 0.18 g हाइड्रोजन ने 20°C ताप पर उसी दाब पर ग्रहण किया। उस गैस का अणुभार क्या है?
(ii) 27°C तथा 780cm दाब पर किसी गैस का आयतन 100 mL है तो N. T.P पर गैस का आयतन कितना होगा?
(iii) S. T.P पर किसी गैस के 0.2g का आयतन 55mL है तो इसका अणुभार बताएँ।
हल:
(i) दिया गया है,
w1 = 3.8 g
T1 = 25 + 273
= 298 K
W2 = 0.18g
T2 = 20 + 273
= 298 K
M2 = 2 g mol-1
हम जानते हैं कि,
PV = \(\frac { w }{ M }\)RT
यदि दाब व आयतन स्थिर है तो,
\(\frac{\mathrm{PV}}{\mathrm{R}}=\frac{w \mathrm{~T}}{\mathrm{M}}\) = स्थिरांक
अर्थात
\(\frac{w_1 \mathrm{~T}_1}{\mathrm{M}_1}=\frac{w_2 \mathrm{~T}_2}{\mathrm{M}_2}\)
\(\frac{3.8 \times 298}{\mathrm{M}_1}=\frac{0.18 \times 293}{2}\)
M1 = \(\frac{3.8 \times 298 \times 2}{0.18 \times 293}\)
M1 = 42.94 g mol-1
उत्तर-गैस का अणुभार 42.94g mol-1 है।

(ii) गैस समीकरण,
\(\frac{\mathrm{P}_1 \mathrm{~V}_1}{\mathrm{~T}_1}=\frac{\mathrm{P}_2 \mathrm{~V}_2}{\mathrm{~T}_2}\)
दिया गया है,
P1 = 780mm
P2 = 760 mm
T1 = 27 + 273 = 300 K
T2 = 273 K
V1 = 100ml
V2 = ?
V2 = \(\frac{\mathrm{P}_1 \times \mathrm{V}_1 \times \mathrm{T}_2}{\mathrm{P}_2 \times \mathrm{T}_1}\)
= \(\frac{780 \times 100 \times 273}{760 \times 300}\)
= 93.39 ml.
उत्तर-गैस का आयतन 93.39 ml होगा।

(iii) गैस के 55 ml का भार
= 0.2 g
S. T. P. पर गैस के 22400 ml का भार
= \(\frac{0 \cdot 2 \times 22400}{55}\)
= 81.45 g
S.T.P. पर 22400 mL गैस का भार = 1 ग्राम अणु भार
उत्तर-गैस का अणुभार = 81.45 g

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 5 द्रव्य की अवस्थाएँ

प्रश्न 17.
एक गैस का ताप t K है किस ताप पर गैस का आयतन तथा दाब दोनों आधे हो जायेंगे। गणना कीजिये।
हल:
गैस समीकरण से,
\(\frac{\mathrm{P}_1 \mathrm{~V}_1}{\mathrm{~T}_1}=\frac{\mathrm{P}_2 \mathrm{~V}_2}{\mathrm{~T}_2}\)
दिया गया
T1 = tK
T2 = ?
P1 = Pmm
P2 = P/2
V1 = VmL
V2 = V/2
मान रखने पर,
\(\frac{P_1 V_1}{T_1}=\frac{P_2 V_2}{T_2}\)
T2 = \(\frac{\mathrm{P}_2 \mathrm{~V}_2 \mathrm{~T}_1}{\mathrm{P}_1 \mathrm{~V}_1}\)
T2 = \(\frac{\mathrm{P} \times \mathrm{V} \times \mathrm{t}}{2 \times 2 \times \mathrm{P} \times \mathrm{V}}\)
T2 = \(\frac { t }{ 4 }\)
T2 = 0.25/K

प्रश्न 18.
एक गुब्बारे में 600 mL गैस भरी हुई है। गुब्बारे में पंक्चर हो जाने के कारण 2.5 घण्टे के बाद इसमें 155ml गैस शेष बची जिसका दाब 745mm पाया गया। पंक्चर होने से पूर्व गुब्बारे में गैस का दाब ज्ञात कीजिये।
हल:
दिया गया है,
पंक्चर के बाद P1 = 745mm V1 = 155mL.
पंक्चर के पूर्व P2 = ? V2 = 600mL.
बॉयल के नियम से,
P1V1 = P2V2(स्थिर ताप पर )
745 x 155 = P2 × 600
P2 = \(\frac{745 \times 155}{600}\)
= 192.46 mm
उत्तर-पंक्चर से पूर्व गुब्बारे का दाब 192.46 mm है।

प्रश्न 19.
एक बर्तन जिसका आयतन 2.461 लीटर है में 27°C पर 0.3 मोल N2, 0.5 मोल He तथा 6.2 मोल O2 है। मिश्रण में गैसों का आशिक दाब ज्ञात करो।
हल:
प्रथम विधि
आदर्श गैस समीकरण से,
P = \(\frac { nRT }{ V }\) = 27 + 273300K,
R = 0.0821 L atm K-1 mol-1
V = 2.461 L
नाइट्रोजन गैस का आंशिक दाब,
PN2 = \(\frac{0.3 \times 0.0821 \times 300}{2.461}\)
= 3.002 atm
हीलियम गैस का आंशिक दाब,
P’He = \(\frac{0.5 \times 0.0821 \times 300}{2.461}\)
= 5.004 atm
ऑक्सीजन गैस का आंशिक दाब
P’O2 = \(\frac{6.2 \times 0.0821 \times 300}{2.461}\)
= 62.050 atm
द्वितीय विधि
मिश्रण उपस्थित कुल मोलों की संख्या
= 0.3 + 0.5 + 6.2
= 7 मोल
कुल दाब ‘PT‘ = \(\frac{n \times \mathrm{R} \times \mathrm{T}}{\mathrm{V}}\)
= \(\frac{7 \times 0.0821 \times 300}{2.461}\)
= 70.06 atm
आंशिक दाब = कुल दाब x मोल प्रभाज
नाइट्रोजन गैस का आंशिक दाब
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 5 द्रव्य की अवस्थाएँ 7
हीलियम गैसे का आंशिक दाब
P’He = \(\frac{70 \cdot 06 \times 0.5}{7}\)
= 5.004 atm
ऑक्सीजन गैस का आंशिक दाब
P’O2 = \(\frac{70.06 \times 6.2}{7}\)
= 62.050 atm

प्रश्न 20.
एक पात्र में भरी हुयी H2 और N2 गैस के मिश्रण का दाब 750 bar है। यदि मिश्रण में N2 का आंशिक दाब 150 bar हो तो मिश्रण में H2 और N2 के अणुओं का अनुपात क्या होगा ?’
उत्तर:
मिश्रण का कुल दाब – 750 bar
N2 का आंशिक दाब (PN2) = 150 bar
H2 का आंशिक दाब (PH2) = 750 – 150 = 600 bar
आदर्श गैस समीकरण के अनुसार,
PN2 = \(\frac{n_{\mathrm{N}_2} \mathrm{RT}}{\mathrm{V}}\) = 150 bar
PH2 = \(\frac{n_{\mathrm{H}_2} \mathrm{RT}}{\mathrm{V}}\) = 600 bar
चूँकि आयतन V तथा ताप T समान हैं।
\(\frac{\mathrm{P}_{\mathrm{H}_2}}{\mathrm{P}_{\mathrm{N}_2}}=\frac{n_{\mathrm{H}_2}}{n_{\mathrm{N}_2}}\)
\(\frac{600}{150}=\frac{n_{\mathrm{H}_2}}{n_{\mathrm{N}_2}}\)
\(\frac{4}{1}=\frac{n_{\mathrm{H}_2}}{n_{\mathrm{N}_2}}\)
nH2 : nN2 = 4 : 1

प्रश्न 21.
एक मिश्रण में गैस A के 20g और गैस B के 1.4 g मिश्रित किये गये हैं। यदि A तथा B के मोलर द्रव्यमान क्रमशः 120 और 90 हैं तथा मिश्रण का कुल दाब 0.921 bar हो तो A तथा B का आशिक दाब ज्ञात कीजिये।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 5 द्रव्य की अवस्थाएँ 8

प्रश्न 22.
पोटैशियम क्लोरेट (KClO3) की वह मात्रा ज्ञात कीजिये जिसे 28°C ताप तथा 750 mm of Hg दाब पर 2.5 लीटर ऑक्सीजन प्राप्त करने हेतु गर्म किया जाना चाहिये।
हल:
N.T.P. पर मुक्त ऑक्सीजन के आयतन की गणना।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 5 द्रव्य की अवस्थाएँ 9
67.2 L O2 मुक्त करने के लिये आवश्यक KClO3 की
मात्रा = 245 g
1.0 L O2 मुक्त करने के लिये आवश्यक
KClO3 की मात्रा = \(\frac { 245 }{ 67.2 }\)g
2.34 L O2 मुक्त करने के लिये आवश्यक KClO3 की मात्रा
= \(\frac{245 \times 2.34}{67 \cdot 2}\)
= 8.53g

प्रश्न 23.
जब 0.5 g जिंक चूर्ण (जो कि ZnO तथा Zn) से बना हुआ है, को तनु H2SO4 में घोला जाता है तो N. T. P. पर 150ml H2 गैस मुक्त होती है। जिंक चूर्ण में जिंक की प्रतिशतता ज्ञात कीजिये।
(जिंक का परमाणु द्रव्यमान = 65 g mol-1)
हल:
जिंक चूर्ण में उपस्थित Zn तथा ZnO दोनों ही तनु H2SO4 के साथ क्रिया करते हैं। परन्तु केवल Zn ही H2 गैस को मुक्त करती।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 5 द्रव्य की अवस्थाएँ 10
22400 mL H2 मुक्त करने ठीक करे लिये आवश्यक Zn = 65 g 150 mL
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 5 द्रव्य की अवस्थाएँ 11

प्रश्न 24.
10.0 g शुद्ध मार्बल को हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ उपचारित करने पर 30°C ताप और 800mm पर CO2 का कितना आयतन प्राप्त होगा। यदि 30°C ताप पर जलीय तनाव 26.7 mm है।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 5 द्रव्य की अवस्थाएँ 12
100 g CaCO3 गर्म करने पर देता है
= 22400 mL CO2
10.0 g CaCO3 गर्म करने पर देगा
= \(\frac{22400 \mathrm{~mL} \times 10}{100}\) = 2240 ml
CO2 के आयतन की गणना-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 5 द्रव्य की अवस्थाएँ 13

प्रश्न 25.
वान्डर वाल स्थिराकों तथा के मान क्रमश: 1.32 dm6 bar mol-2 तथा 0.0312 dm³ mol-1 हों तो ऑक्सीजन के लिये क्रान्तिक ताप तथा क्रान्तिक दाब का मान ज्ञात करें।
हल:
a = 1.32 dm6 bar mol-2
b = 0.0312 dm³ mol-1
R = 0.0821 dm³ bar mol-1 K-1
ऑक्सीजन का क्रान्तिक ताप
(TC) = \(\frac{8 a}{27 \mathrm{R} b}\)
= \(\frac{8 \times 1.32}{27 \times 0.0821 \times 0.312}\)
= 152.69 K
ऑक्सीजन का क्रान्तिक दाव
(PC) = \(\frac{a}{27 b^2}\)
= \(\frac{1.32}{27 \times(0.0312)^2}\)
= 50.22 bar

प्रश्न 26.
एक मोल वान्डर वाल गैस का °C तथा 100 atm दाब पर संपीडक गुणांक 0.5 है। गैस के अणुओं का आयतन नगण्य मानते हुए वान्डर बाल स्थिरांक ‘a’ की गणना कीजिए।
हल:
संपीडक गुणांक (Z) = \(\frac { PV }{ RT }\)
0.5 = \(\frac{100 \times V}{0.0821 \times 273}\)
V = 0.112 लीटर
वान्डर वाल समीकरण के अनुसार,
\(\left(\mathrm{P}+\frac{a}{\mathrm{~V}^2}\right)\) (V – b) = RT
यदि b नगण्य है तो,
\(\left[100+\frac{a}{(0 \cdot 112)^2}\right]\) [0.112 – 0] = 0.0821 × 273
a = 1.253 ली.² मोल-2 वायुमण्डल

प्रश्न 27.
किसी गैस के 2 मोल 4 लीटर के फ्लास्क में 300 K पर 11 atm दाब दिखाते हैं। यदि ‘b’ का मान 0.05 लीटर / मोल है तो वान्डर वाल स्थिरांक ‘a’ का मान बताएँ।
हल:
दिया है,
P = 11 atm, V = 4, b = 0.05 L/mol, n = 2, T = 300 K
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 5 द्रव्य की अवस्थाएँ 14

प्रश्न 28.
300 K तथा 40 atm दाब पर 1 मोल CO2, 0.4 लीटर आयतन घेरती है। इसका संपीडक गुणांक ज्ञात कीजिये ।
हल:
संपीडक गुणांक (Z) = \(\frac{\mathrm{PV}}{n \mathrm{RT}}\)
= \(\frac{40 \times 0 \cdot 4}{1 \times 0 \cdot 0821 \times 300}\)
Z = 0.65

प्रश्न 29.
एक निऑन-डाइऑक्सीजन मिश्रण में 70.6g डाइ-ऑक्सीजन तथा 167.5g निऑन है। यदि गैसों के मिश्रण का कुल दाब 25 bar हो तो मिश्रण में निऑन तथा डाइऑक्सीजन का आंशिक दाब क्या होगा ?
हल:
= \(\frac{70 \cdot 6 \mathrm{~g}}{32 \mathrm{~g} \mathrm{~mol}^{-1}}\)
= 2.21 mol
निऑन के मोलों की संख्या
= \(\frac{167 \cdot 5 \mathrm{~g}}{20 \mathrm{~g} \mathrm{~mol}^{-1}}\) = 8.375 mol
डाइऑक्सीजन के मोल अंश
= \(\frac{2 \cdot 21}{2 \cdot 21+8 \cdot 375}=\frac{2 \cdot 21}{10 \cdot 585}=0 \cdot 21\)
निऑन के मोल अंश
= \(\frac { 8.375 }{ 10.585 }\) = 0.79
(अन्य रूप में निऑन के मोल अंश = 1 – 0.21 = 0.79)
गैस का आंशिक दाब = मोल अंश x कुल दाब
ऑक्सीजन का आंशिक दाब
= 0.21× 25 bar = 5.25 bar
निऑन का आंशिक दाब
= 0.79 × 25 bar = 1975 bar

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें

Haryana State Board HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Multiple Choice Questions )

प्रश्न 1.
ध्वनि तीव्रतम चलती है-
(a) वायु में
(b) जल में
(c) निर्वात में
(d) स्टील में
उत्तर:
(d) स्टील में

प्रश्न 2.
न्यूटन द्वारा दिये गये ध्वनि की चाल के सूत्र में लाप्लास संशोधन की आवश्यकता पड़ी क्योंकि गैस में ध्वनि तरंगें-
(a) अनुदैर्घ्य हैं
(b) समतापीय रूप में चलती हैं।
(c) रुद्धोष्म रूप में चलती हैं।
(d) अधिक तरंगदैर्घ्य की हैं।
उत्तर:
(c) रुद्धोष्म रूप में चलती हैं।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें

प्रश्न 3.
समान ताप पर गैस में ध्वनि की चाल अधिकतम होगी-
(a) H में
(b) N में
(c) O में
(d) सभी में बराबर ।
उत्तर:
(a) H में

प्रश्न 4.
ध्वनि की चाल निर्भर नहीं करती है-
(a) आर्द्रता पर
(b) ताप पर
(c) दाब पर
(d) इनमें से किसी पर नहीं।
उत्तर:
(c) दाब पर

प्रश्न 5.
एक तनी हुई डोरी का तनाव बढ़ाकर चार गुना कर देने पर उसमें अनुप्रस्थ तरंग की चाल हो जाएगी-
(a) चार गुनी
(b) आठ गुनी
(c) दो गुनी
(d) आधी
उत्तर:
(c) दो गुनी

प्रश्न 6.
किसी गैस में उत्पन्न ध्वनि तरंगें होती हैं-
(a) अनुप्रस्थ
(b) अनुदैर्घ्य
(c) अप्रगामी
(d) विद्युत् चुम्बकीय।
उत्तर:
(b) अनुदैर्घ्य

प्रश्न 7.
सितार के तार में किस प्रकार के कम्पन्न उत्पन्न होते हैं-
(a) प्रगामी अनुप्रस्थ
(b) प्रगामी अनुदैर्घ्य
(c) अप्रगामी अनुप्रस्थ
(d) अप्रगामी अनुदैर्घ्य
उत्तर:
(c) अप्रगामी अनुप्रस्थ

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प्रश्न 8.
श्रोता, किस वेग से ध्वनि स्रोत की ओर चले कि उसकी आभासी आवृत्ति दुगुनी हो जाये, ध्वनि का वेग है-
(a) v
(b) v/2
(c) 2v
(d) 3v
उत्तर:
(a) v

प्रश्न 9.
अप्रगामी तरंगों में प्रस्पन्दों पर घनत्व –
(a) अधिकतम
(b) न्यूनतम
(c) अधिकतम परावर्तन
(d) न्यूनतम परिवर्तन।
उत्तर:
(d) न्यूनतम परिवर्तन।

प्रश्न 10.
तनी हुई डोरी में अनुप्रस्थ तरंग का वेग निर्भर नहीं करता है-
(a) घनत्व
(b) त्रिज्या
(c) तनाव
(d) लम्बाई
उत्तर:
(d) लम्बाई

प्रश्न 11.
ध्वनि की चाल किसमें अधिकतम होगी-
(a) पानी में
(b) लोहे में
(c) हवा में
(d) निर्वात में
उत्तर:
(d) निर्वात में

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें

प्रश्न 12.
जब ताप बढ़ता है तो आर्गन पाइप की आवृत्ति
(a) घट जाती है
(b) बढ़ जाती है
(c) स्थिर रहती है
(d) शून्य हो जाती है।
उत्तर:
(b) बढ़ जाती है

प्रश्न 13.
डॉप्लर प्रभाव लागू नहीं होता है-
(a) श्रव्य तरंगों के लिये
(b) पराश्रव्य तरंगों के लिए
(c) विद्युत चुम्बकीय तरंगों के लिए
(d) प्रघाती तरंगों के लिए।
उत्तर:
(d) प्रघाती तरंगों के लिए।

प्रश्न 14.
जब किसी स्वरित्र को कम्पित किया जाता है तो इसकी दोनों भुजाओं के कम्पनों में कलान्तर-
(a) शून्य
(b) π
(c) \(\frac{π}{2}\)
(d) \(\frac{π}{4}\)
उत्तर:
(b) π

प्रश्न 15.
एक 4 मीटर लम्बा तार अपने सिरे पर लगे 300 Hz के कम्पित के द्वारा कम्पनशील है तार चार खण्डों में कम्पन कर रहा है। तार में अनुप्रस्थ तरंगों की चाल है-
(a) 150 ms-1
(b) 300 ms-1
(c) 600 ms-1
(d) 200 ms-1
उत्तर:
(c) 600 ms-1

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प्रश्न 16.
l तथा 2l लम्बाइयों वाले एक ही पदार्थ के बने समान त्रिज्या के दो तार क्रमशः 100 Hz तथा 150 Hz आवृत्ति के कम्पन करते हैं, उन पर लगे तनावों का अनुपात है-
(a) 1:9
(b) 3:2
(c) 2:3
(d) 1:3
उत्तर:
(a) 1:9

प्रश्न 17.
450 हर्ट्ज की ध्वनि देने वाली एक सीटी एक स्थिर श्रोता की ओर 33 मी/से की चाल से आ रही है। वायु में ध्वनि की चाल 330 मी/से है श्रोता द्वारा सुनी गई आवृत्ति हज में है-
(a) 409
(b) 429
(c) 517
(d) 500
उत्तर:
(c) 517

प्रश्न 18.
ध्वनि के डॉप्लर प्रभाव लागू होने की प्रमुख शर्त है-
(a) vs > v
(b) vs = v
(c) vs < V
(d) vs = ∞
उत्तर:
(b) vs = v

प्रश्न 19.
यदि आवृत्ति का ध्वनि स्रोत किसी स्थिर श्रोता से दूर v वेग से जा रहा हो तो श्रोता को सुनाई पड़ने वाली आवृत्ति होगी-
(a) \(\text { n. } \frac{\left(v-v_s\right)}{v}\)
(b) \(\text { n. } \frac{\left(v+v_s\right)}{2}\)
(c) \(\text { n. } \frac{\left(v-v_s\right)}{2}\)
(d) \(\text { n. } \frac{v}{\left(v+v_s\right)}\)
उत्तर:
(d) \(\text { n. } \frac{v}{\left(v+v_s\right)}\)

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प्रश्न 20.
एक गतिमान ध्वनि स्रोत के पीछे खड़े एक स्थिर श्रोता को ध्वनि की आवृत्ति सुनाई देगी-
(a) मूल आवृत्ति से अधिक
(b) मूल आवृत्ति के बराबर
(c) मूल आवृत्ति से कम
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(c) मूल आवृत्ति से कम

प्रश्न 21.
एक स्थिर ध्वनि खोत की ओर एक श्रोता एकसमान वेग से गति कर रहा है। श्रोता द्वारा सुनी गई आभासी आवृत्ति वास्तविक आवृत्ति के सापेक्ष होगी-
(a) कम
(b) अधिक
(c) समान
(d) कुछ भी हो सकती है।
उत्तर:
(b) अधिक

प्रश्न 22.
एक तारा पृथ्वी से दूर जा रहा है पृथ्वी पर प्रेक्षक को तारे की तरंगदैर्घ्य प्रतीत होगी-
(a) घटी हुई
(b) बढ़ी हुई
(c) अपरिवर्तित
(d) गिरती हुई।
उत्तर:
(d) गिरती हुई।

प्रश्न 23.
यदि आवृत्ति का एक ध्वनि स्रोत v/4 वेग से प्रेक्षक की तरफ गति करे तथा प्रेक्षक v/5 वेग से स्रोत की ओर गति करे तो आभासी आवृत्ति होगी-
(a) \(\frac{5}{8}\) n
(b) \(\frac{8}{5}\) n
(c) \(\frac{7}{5}\) n
(d) \(\frac{5}{7}\) n
उत्तर:
(b) \(\frac{8}{5}\) n

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अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
किसी गैस में ध्वनि की चाल का न्यूटन का सूत्र लिखिए। प्रयुक्त संकेतों के अर्थ बताइए ।
उत्तर:
v = \(\sqrt{\frac{P}{d}}\) जहाँ P→ दाब, d → घनत्व

प्रश्न 2.
रेल की पटरी पर एक व्यक्ति चोट मारकर ध्वनि उत्पन्न करता है। इस स्थान से 1.0 किमी की दूरी पर कान लगाकर बैठे एक दूसरे व्यक्ति को दो ध्वनियाँ सुनाई देती हैं। कारण बताइए।
उत्तर:
एक ध्वनि तरंग वायु में संचरित होकर तथा दूसरी ध्वनि तरंग रेल की पटरी से होकर श्रोता के कानों तक पहुँचती है। इसलिए दो ध्वनियाँ सुनाई देती हैं।

प्रश्न 3.
किसी माध्यम में ध्वनि की चाल माध्यम के प्रत्यास्थता गुणांक E तथा घनत्व पर निर्भर करती है। ध्वनि की चाल का सूत्र E तथा d के पदों में लिखिए ।
उत्तर:
v = \(\sqrt{\frac{E}{d}}\)

प्रश्न 4.
वायु का ताप 1°C बढ़ाने पर उसमें ध्वनि का वेग कितना बढ़ जाता है?
उत्तर:
वायु का ताप 1°C पर बढ़ाने से वायु में ध्वनि की चाल का मान 0.61 मी/सेकण्ड बढ़ जाता है।

प्रश्न 5.
तरंग गति में किसका स्थानान्तरण होता है ?
उत्तर:
तरंग गति में माध्यम के कम्पित कणों द्वारा ऊर्जा का स्थानान्तरण होता है।

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प्रश्न 6.
एक तनी हुई डोरी की लम्बाई दुगुनी तथा तनाव चार गुना कर दें तो नई आवृत्ति व पूर्व आवृत्ति में क्या सम्बन्ध होगा ?
उत्तर:
n1 = \(\frac{1}{2l} \sqrt{\frac{T}{m}}\) तथा n2 = \(\frac{1}{2 \times 2 l} \sqrt{\frac{4 \mathrm{~T}}{m}}=\frac{2}{2} \times \frac{1}{2 l} \sqrt{\frac{\mathrm{T}}{m}}\)
या n2 = n1

प्रश्न 7.
कोणीय आवृत्ति, कोणीय तरंग संख्या तथा तरंग वेग में सम्बन्ध लिखिए।
उत्तर:
ω = 2πn ⇒ n = \(\frac{ω}{2π}\)
संचरण वेग k = \(\frac{2π}{λ}\) ⇒ λ = \(\frac{2π}{k}\)
तरंग वेग v = nλ = \(\frac{ω}{2π} \times \frac{2π}{k}\)
या v = \(\frac{ω}{k}\)

प्रश्न 8.
माध्यम के किसी कण द्वारा एक सेकण्ड में किये गये कम्पनों की संख्या को क्या कहते हैं ?
उत्तर:
आवृत्ति ।

प्रश्न 9.
एक कम्पन करने में लिया गया समय क्या कहलाता है?
उत्तर:
आवर्तकाल ।

प्रश्न 10.
तरंग वेग समीकरण लिखिए।
उत्तर:
तरंग वेग v = nλ, जहाँ n = आवृत्ति λ = तरंगदैर्घ्य है।

प्रश्न 11.
वायु में मानक ताप व दाब पर ध्वनि का वेग कितना होता है ?
उत्तर:
मानक ताप व दाब पर वायु में ध्वनि का वेग = 332 ms-1.

प्रश्न 12.
किसी तरंग का आयाम यदि आधा कर दिया जाये तो उसकी तीव्रता में क्या परिवर्तन आएगा ?
उत्तर:
तरंग की तीव्रता I ∝ (आयाम)²
या I ∝ a² या I = ka²
जब आयाम = \(\frac{a}{2}\) तीव्रता
I’ ∝ \(\frac{a^2}{2}\) या I’ = \(\frac{1}{4}\) ka² = \(\frac{1}{4}\)
I’ = \(\frac{I}{4}\) अर्थात् तीव्रता पहले की चौथाई रह जायेगी।
∴ \(\frac{P}{d}=\frac{RT}{M}\) = नियतांक |

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प्रश्न 13.
तनी हुई डोरी में अनुप्रस्थ तरंग की चाल की सूत्र लिखिए ।
उत्तर:
तनी हुई डोरी में अनुप्रस्थ तरंग की चाल
v = \(\sqrt{\frac{T}{m}}\)
जहाँ T डोरी का तनाव एवं m = डोरी की एकांक लम्बाई का द्रव्यमान ।

प्रश्न 14.
एक पूर्णतः दृढ़ छड़ में ध्वनि का वेग कितना होता है ?
उत्तर:
v = \(\sqrt{\frac{Y}{d}}\) जहाँ Y = यंग प्रत्यास्थता गुणांक
तथा d = छड़ कर घनत्व ।

प्रश्न 15.
स्थिर ताप पर वायु का दाब चार गुना कर देने पर वायु में ध्वनि की चाल पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?
उत्तर:
कोई प्रभाव नहीं क्योंकि v = \(\sqrt{\frac{γRT}{M}}\) जिसमें दाब नहीं है।

प्रश्न 16.
ध्वनि तरंगों तथा ऊष्मीय तरंगों में क्या अन्तर है ?
उत्तर;
ध्वनि तरंगें यांत्रिक तरंगें’ हैं जबकि ऊष्मीय तरंगें ‘विद्युत् चुम्बकीय तरंगें’ हैं।

प्रश्न 17.
गैस, द्रव एवं ठोस माध्यमों में ध्वनि की चाल किसमें सबसे अधिक होगी ?
उत्तर:
ठोस माध्यम में; क्योंकि ठोसों के लिए v = \(\sqrt{\frac{Y}{d}}\) और Y का मान सबसे अधिक होता है।

प्रश्न 18.
किसी गैस के अणुओं की वर्गमाध्य मूल चाल ” एवं उसी में ध्वनि की चाल के मध्य क्या सम्बन्ध है ?
उत्तर:
\(\frac{v}{v_{r m s}}=\frac{\sqrt{\frac{\gamma \mathrm{RT}}{\mathrm{M}}}}{\sqrt{\frac{3 \mathrm{RT}}{\mathrm{M}}}}=\sqrt{\frac{\gamma}{3}}\)
∴ \(v=v_{r m s} \cdot \sqrt{\frac{\gamma}{3}}\)

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प्रश्न 19.
समान लम्बाई की रबर तथा स्टील की दो डोरियों में एक सिरे पर ध्वनि उत्पन्न की जाये तो किस डोरी से दूसरे सिरे पर ध्वनि खुले पहुँचेगी ?
उत्तर:
स्टील की डोरी में।

प्रश्न 20.
किसी बिन्दु पर तरंग की तीव्रता और उसके आयाम तथा आवृत्ति में क्या सम्बन्ध है ?
उत्तर:
I = 2π²n²a²ρv
जहाँ I = तरंग की तीव्रता; n = आवत्ति; a = आयाम; ρ = माध्यम का घनत्व; v = तरंग की चाल ।

प्रश्न 21.
किसी प्रगामी तरंग का समीकरण y(x,t) = A sin (ωt – kx) है। इसका वेग कितना होगा ?
उत्तर:
दिया है-
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -1

प्रश्न 22.
कम्पन्न करते हुए किसी कण के कलान्तर तथा पथान्तर के बीच सम्बन्ध का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
पथान्तर के कारण कलान्तर
∆ϕ = \(\frac{2π}{λ}\) × ∆x
जहाँ ∆x = पथान्तर ।

प्रश्न 23.
समतल प्रगामी तरंग का समीकरण लिखिए।
उत्तर:
X- अक्ष की धनात्मक दिशा में प्रगामी तरंग का समीकरण
y = asin \(\frac{2π}{λ}\) (vt – x)
जहाँ a = आयाम; λ = तरंगदैर्घ्य; v = तरंग वेग

प्रश्न 24.
कलान्तर एवं समयान्तर में सम्बन्ध लिखिए।
उत्तर:
∆ϕ = \(\frac{2π}{λ}\) × ∆t
जहाँ T = आवर्तकाल; ∆t = समयान्तर।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें

प्रश्न 25.
गैसों में उत्पन्न तरंगें किस प्रकार की होती हैं ?
उत्तर:
अनुदैर्घ्य तरंगें।

प्रश्न 26.
क्या द्रवों में अनुप्रस्थ तरंगें सम्भव हैं ?
उत्तर:
हीं; केवल द्रव के तल पर ।

प्रश्न 27.
गैसों में अनुप्रस्थ तरंगें क्यों उत्पन्न नहीं की जा सकती हैं ?
उत्तर:
क्योंकि गैसों में दृढ़ता नहीं होती है।

प्रश्न 28.
एक समतल प्रगामी तरंग का आयाम A मीटर, v वेग मीटर / सेकण्ड तथा आवृत्ति vHz है। इस तरंग का समीकरण लिखिए।
उत्तर:
y = A sin2π (t – \(\frac{x}{t}\))

प्रश्न 29.
किस माध्यम से परावर्तित होने पर परावर्तित तरंग की कला परिवर्तित हो जाती है ?
उत्तर:
जब तरंग सघन माध्यम से परावर्तित होती है तो तरंग की कला में का परिवर्तन हो जाता है।

प्रश्न 30.
400 व 402 आवृत्ति के स्वरित्र एक साथ कम्पित कराने पर विस्पन्द की आवृत्ति क्या होगी ?
उत्तर:
विस्पन्द आवृत्ति n = n1 ~ n2 = 400 ~ 402
या n = 2 विस्पन्द / सेकण्ड ।

प्रश्न 31.
समान लम्बाई के खुले व बन्द ऑर्गन पाइपों की मूल आवृत्तियों का अनुपात क्या होगा ?
उत्तर- खुले पाइप की मूल आवृत्ति n = \(\frac{v}{2l}\)
बन्द पाइप की मूल आवृत्ति n’ = \(\frac{v}{4l}\)
या n’ = \(\frac{1}{2}\) × \(\frac{v}{2l}\) = \(\frac{1}{2}\)n
∴ \(\frac{n^{\prime}}{n}=\frac{1}{2}\) या \(\frac{n}{n^{\prime}}=\frac{2}{1}\)
∴ n : n’ = 2 : 1

प्रश्न 32.
खुले या बन्द ऑर्गन पाइप में से किसमें केवल विषम सनादी ही उत्पन्न हो सकती है ?
उत्तर:
बन्द आर्गन पाइप में।

प्रश्न 33.
माध्य स्थिति से अधिकतम विस्थापन को क्या कहते हैं ?
उत्तर:
आयाम।

प्रश्न 34.
क्या अप्रगामी तरंगों के माध्यम से ऊर्जा स्थानान्तरण होता है ?
उत्तर:
नहीं।

प्रश्न 35.
अनुनादित वायु स्तम्भ में कौन-सी तरंगें उत्पन्न होती हैं ?
उत्तर;
अनुदैर्घ्य अप्रगामी तरंगें ।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें

प्रश्न 36.
एक प्रस्पन्द व उसके क्रमिक निस्पन्द के मध्य कितनी दूरी होती है?
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -2
उत्तर:
एक प्रस्पन्द व उसके क्रमिक निस्पन्द के मध्य दूरी = \(\frac{λ}{4}\)

प्रश्न 37.
ध्वनि के वेग पर ताप का क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर:
v ∝ √T अर्थात् ताप बढ़ने पर ध्वनि का वेग बढ़ जाता है। ताप के साथ परिवर्तन निम्न सूत्र से प्राप्त होता है-
vt = vo + 0.61t

प्रश्न 38.
कहा जाता है कि ध्वनि कम्पनों के कारण उत्पन्न होती है फिर सरल लोलक दोलनों की ध्वनि क्यों नहीं सुनाई देती है ?
उत्तर:
दोलनों की आवृत्ति कम (अपश्रव्य क्षेत्र में) होने के कारण सरल लोलक के दोलनों की ध्वनि सुनाई नहीं देती है।

प्रश्न 39.
अप्रगामी तरंगें बनने के लिए क्या बद्ध माध्यम होना आवश्यक है ?
उत्तर:
हाँ।

प्रश्न 40.
अपग्रामी तरंग का समीकरण लिखिए।
उत्तर:
y = 2a sin(\(\frac{2πx}{λ}\) cos (2πnt)
जहाँ a = अध्यारोपण करने वाली तरंगों के आयाम; λ = तरंगदैर्घ्य; n = आवृत्ति ।

प्रश्न 41.
आर्द्रता बढ़ने पर ऑर्गन पाइप से उत्पन्न स्वर की आवृत्ति पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर:
आर्द्रता बढ़ने से वायु में ध्वनि का वेग बढ़ जाता है अतः पाइप की आवृत्ति बढ़ जाती है।

प्रश्न 42.
तनी हुई डोरी में अनुप्रस्थ तरंग की मूल आवृत्ति का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
n = \(\frac{1}{2 l} \sqrt{\frac{T}{m}}\), जहाँ T = डोरी का तनाव l = डोरी की लम्बाई तथा m = डोरी की एकांक लम्बाई का द्रव्यमान ।

प्रश्न 43.
अप्रगामी तरंग में किसी निस्पन्द एवं उसके तुरन्त बाद वाले प्रस्पन्द के बीच कितना कलान्तर होता है ?
उत्तर:
π/2

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें

प्रश्न 44.
सोनोमीटर से किसी स्वरित्र की आवृत्ति ज्ञात करने के लिए सूत्र लिखिए।
उत्तर:
\(\frac{1}{2 l} \sqrt{\frac{\mathrm{Mg}}{\pi r^2 \cdot d}}\)
जहाँ l = तार की लम्बाई; M = सोनोमीटर तार में तनाव लगाने के लिए लटकाया गया द्रव्यमान; r = तार की त्रिज्या; d = तार का घनत्व ।

प्रश्न 45.
किसी तार के तनाव को नौ गुना कर देने पर तरंग की चाल कितने गुना हो जायेगी ?
उत्तर:
∵ v a √T
∴ \(\frac{1}{2}\)
∴ v2 = 3v1

प्रश्न 46.
कम्पित स्वरित्र के प्रस्पन्दों एवं निस्पन्दों की स्थिति चित्र में प्रदर्शित कीजिए।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -3
उत्तर:
कम्पित स्वरित्र के प्रस्यन्द एवं निस्पन्द संलग्न चित्र में दिखाए गये हैं।

प्रश्न 47.
स्वरित्र द्विभुज की पिच किन-किन कारकों पर निर्भर करती है ?
उत्तर:
पिच आवृत्ति पर निर्भर करती है और आवृत्ति स्वरित्र की लम्बाई के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती तथा मोटाई के अनुक्रमानुपाती होती है।

प्रश्न 48.
सितार में भिन्न-भिन्न आवृत्तियों के स्वर उत्पन्न होते हैं क्यों ?
उत्तर:
उत्पन्न अधिस्वरकों की भिन्नता के कारण।

प्रश्न 49.
डॉप्लर का प्रभाव ध्वनि तारत्व परिवर्तन के बारे में बताता है अथवा तीव्रता परिवर्तन के बारे में?
उत्तर:
तारत्व परिवर्तन के बारे में।

प्रश्न 50.
ध्वनि स्रोत तथा श्रोता एक-दूसरे के सापेक्ष स्थिर हैं। यदि ध्वनि की चाल बदल जाये तो श्रोता द्वारा सुनी गई ध्वनि की आवृत्ति तथा तरंगदैर्ध्य में किसमें परिवर्तन नहीं होगा ?
उत्तर:
आवृत्ति में परिवर्तन नहीं होगा।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें

प्रश्न 51.
एक ही दिशा में ध्वनि स्त्रोत एवं श्रोता समान वेग से चल रहे हैं। ध्वनि-स्रोत की आवृत्ति और श्रोता द्वारा सुनी गई ध्वनि की आवृत्ति का अनुपात बताइये।
उत्तर:
1:1 क्योंकि स्रोत एवं श्रोता के मध्य सापेक्ष गति नहीं होती है अतः आभासी आवृत्ति वास्तविक आवृत्ति के बराबर होगी।

प्रश्न 52.
कम्पित स्वरित्र को यदि दीवार की ओर तेजी से ले जायें तो क्या श्रोता को विस्पन्द सुनाई देंगे ? यदि हाँ तो क्यों ?
उत्तर:
हाँ क्योंकि दीवार से परावर्तित ध्वनि की आभासी आवृत्ति वास्तविक आवृत्ति से अधिक होगी।

प्रश्न 53.
यदि आप सड़क पर जा रहे हैं और कार पीछे से हॉर्न बजाती हुई आती है और क्रॉस करके निकल जाये तो आपको आवृत्ति में क्या परिवर्तन प्रतीत होगा ?
उत्तर:
कार के पास आते समय आवृत्ति बढ़ती हुई एवं क्रॉस करने बाद घटती हुई प्रतीत होगी।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
अनुप्रस्थ एवं अनुदैर्घ्य तरंगों में क्या अन्तर है? लिखिये ।
उत्तर:

अनुदैर्घ्य तरंगें अनुप्रस्थ तरंगें
1. जिन तरंगों के संचरण के समय माध्यम के कण संचरण दिशा के अनुदिश गति करते हैं, उन तरंगों को अनुदैर्घ्य तरंगें कहते हैं। 1. जब माध्यम के कण तरंग संचरण की दिशा के लम्बवत् गति करते हैं, उन तरंगों को अनुप्रस्थ तरंगें कहते हैं।
2. अनुदैर्घ्य तरंगें सम्पीडन एवं विरलन के रूप में गमन करती हैं। 2. अनुप्रस्थ तरंगें श्रंग एवं गर्त के रूप में आगे बढ़ती हैं।
3. अनुदैर्घ्य तरंगों के संचरण के लिए माध्यम सम्पीडन होना चाहिए। 3. अनुप्रस्थ तरंगों के संचरण के लिए माध्यम दृढ़ अथवा असंपीड्य होना चाहिए।

प्रश्न 2.
तरंग के दक्षतापूर्ण संचरण हेतु माध्यम में कौन-कौन से गुण होने चाहिए ?
उत्तर:
माध्यम में तरंग के दक्षतापूर्वक संचरण के लिए निम्न गुण देने चाहिए-

  1. माध्यम प्रत्यास्थ होना चाहिए ताकि विस्थापित कण अपनी माध्य स्थिति में लौट सके।
  2. माध्यम में जड़त्व का गुण होना चाहिए ताकि वह ऊर्जा को एकत्र कर सके।
  3. माध्यम का प्रतिरोध अल्प होना चाहिए ताकि कम्पित कण की ऊर्जा में क्षय न हो सके।

प्रश्न 3.
प्रत्यास्थ तरंगें किन्हें कहते हैं ?
उत्तर:
वे तरंगें जो प्रत्यास्थ माध्यम में उत्पन्न होती हैं, प्रत्यास्थ तरंगें कहलाती हैं। सभी यांत्रिक तरंगें प्रत्यास्थ तरंगों की श्रेणी में आती हैं क्योंकि इनके बनने एवं संचरण के लिए प्रत्यास्थ माध्यम की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 4.
प्रगामी तथा अप्रगामी तरंगों की परिभाषा बताइये और उनमें अन्तर लिखो ।
उत्तर:
प्रगामी तरंगें : वे तरंगें जिनके द्वारा ऊर्जा का संचरण होता हैं, प्रगामी तरंगें कहलाती है।
अप्रगामी तरंगें : वे तरंगें जिनके द्वारा ऊर्जा का स्थानान्तरण नहीं होता है, बल्कि ये अपने ही स्थान पर बनती और बिगड़ती रहती हैं, उन्हें अप्रगामी तरंगें कहते हैं।

प्रश्न 5.
तरंगों के अध्यारोपण से आप क्या समझते हैं ? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
तरंगों के अध्यारोपण का सिद्धान्त [Principle Of Superposition Of Waves]
इस अनुच्छेद में हम इस बात पर विचार करेंगे कि यदि कई प्रगामी तरंगें समान दिशा में या विपरीत दिशा में गति करती हों तो इस स्थिति में क्या होगा ? इस परिस्थिति में कण के विस्थापन का अध्ययन करने हेतु हम निम्न चित्र के अनुसार एक तनी हुई डोरी में एक ही समय पर विपरीत दिशा में गतिशील दो विक्षोभों की गति पर विचार करते हैं। स्थिति (a) के अनुरूप दो विक्षोभ (समान कला में ) ।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -4
विपरीत दिशाओं से एक-दूसरे की ओर गतिशील हैं तथा इनके मिलने के स्थान पर कण का विस्थापन पूर्व विस्थापन से भिन्न है तथा तरंगों के समान कला में होने के कारण यह बढ़ जाता है और विक्षोभों के पुनः अपनी दिशाओं में आगे बढ़ने पर अपनी पूर्व स्थिति को प्राप्त कर लेता है। इसी प्रकार स्थिति (b) के अनुसार विक्षोभों के विपरीत कला में अध्यारोपित होने पर भी परिणामी विस्थापन पूर्व विस्थापन से भिन्न है तथा जब समय के साथ विक्षोभ आगे बढ़ जाते हैं तो ‘पुन: विस्थापन अपनी पूर्व स्थिति को प्राप्त कर लेता है।

इस प्रकार हम देखते हैं कि जब किसी कण पर एक ही समय पर दो या अधिक तरंगे अध्यारोपित हों तो वे कण के विस्थापन को प्रभावित करती हैं अत: “किसी कण पर एक ही समय पर एक से अधिक तरंगों के आरोपित होने को तरंगों का अध्यारोपण कहा जाता है।”

तरंगों के अध्यारोपण के परिणाम स्वरूप तात्क्षणिक रूप से उस पर प्रभावित सभी तरंगों के संयुक्त परिणामी प्रभाव के अन्तर्गत गति करता है। तो परिणामी विस्थापन अध्यारोपण के सिद्धान्त के अनुसार दिया जाता है।

प्रश्न 6.
गैस में तरंग वेग व्यंजक हेतु लाप्लास संशोधन की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
विभिन्न माध्यम में ध्वनि की चाल : न्यूटन सूत्र
(Velocity Of Sound In A medium : Newton’s Formula)
ध्वनि तरंगों या अनुदैर्घ्य तरंगों के संचरण को समझने एवं उनका वेग ज्ञात करने के लिए हम एक पिस्टन नली पर विचार करते हैं, जिसमें कोई सम्पीड्य तरल भरा हैं चित्र में समान्तर रेखाओं द्वारा तरल की परतों को प्रदर्शित किया गया है। सम्पीडन की स्थिति में ये समान्तर रेखाएँ सघन (पास-पास) हैं । यहाँ पर तरल का दाब एवं घनत्व दोनों अधिक हैं। जब दूर-दूर रेखाओं द्वारा व्यक्त विरलन की स्थिति में दाब एवं घनत्व दोनों कम हैं। यहाँ हम तरल को सतत् माध्यम मानेंगे और इस बात की अपेक्षा करेंगे कि वास्तव में यह अणुओं से मिलकर बना है जो भिन्न-भिन्न दिशाओं में भिन्न-भिन्न वेगों से गतिशील हैं।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -7
यदि पिस्टन को नली के अन्दर की ओर धक्का दें तो इसके सम्पर्क से तरल का सम्पीडन होगा तथा इसका दाब एवं घनत्व बढ़ेगा। सम्पीडित तरल की यह परत आगे की ओर गति करेगी तथा अगली परत में सम्पीडन उत्पन्न करेगी। यदि पुनः पिस्टन को बाहर की ओर खींचे तो इसके सम्पर्क से तरल फैलेगा जिससे उसका दाब एवं घनत्व कम होगा। यही विरलन की स्थिति होती है। इस प्रकार यदि पिस्टन की सतत् रूप से अन्दर-बाहर गति दी जाये तो विक्षोभ नली में सम्पीडन एवं विरलन के रूप में आगे बढ़ता जायेगा और यह अनुदैर्घ्य तरंग की तरह व्यवहार करेगा।

माना पिस्टन को अन्दर की ओर धक्का देकर एक विक्षोभ उत्पन्न किया जाता है, जो सम्पीडन के रूप में होता है तथा दायीं ओर वेग से गतिशील है। सरलता के लिए यह माना जाता है कि इस सम्पीडन क्षेत्र के अन्दर तरल का दाब व घनत्व एक समान है। अब यदि प्रेक्षक भी सम्पीडन की दिशा में समान वेग से गतिशील माना जाये तो तरल मध्यम ” वेग से सम्पीडन की विपरीत दिशा में गति करता हुआ प्रतीत होगा एवं प्रेक्षक के सापेक्ष सम्पीडन स्थिर होगा। इस स्थिति में जब तरल वेग से सम्पीडन क्षेत्र की ओर गति करता हुआ सम्पीडन क्षेत्र से टकराता है, तब इसके आगे के किनारे पर पीछे के किनारे से दाब कुछ अधिक होगा। माना इन दोनों किनारों पर दाबान्तर ∆P है। इस कारण इस क्षेत्र B में यह अल्पांश (तरल माध्यम) संपीडित होगा तथा इस क्षेत्र में इसका वेग कुछ कम (v – ∆v) होगा तथा जब यह अल्पांश इस सम्पीडन क्षेत्र से बाहर निकलेगा तो पुनः अपने प्रारम्भिक आयतन को प्राप्त कर लेगा तथा दावान्तर ∆P के कारण पीछे की ओर दाब आधिक्य होने के कारण त्वरित होगा अतः इसका वेग पुनः हो जायेगा।
इस प्रकार अल्पांश C स्थिति में पहुँच जायेगा।
जब तरल अल्पांश सम्पीडन क्षेत्र में प्रवेश करता है तो उस पर दाय और कार्यरत् परिणामी बल
बल = दाब × क्षेत्रफल
परिणामी बल,
F = (P + ∆P) A – PA = PA + ∆P.A – P.A
या F = ∆P.A ……….(1)
जहाँ A, नली का अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल है।
सम्पीडन क्षेत्र के बाहर इस अल्पांश की लम्बाई v.Δt है जहाँ Δt अल्पांश को किसी बिन्दु से गुजरने में लगा समय है। अतः अल्पांश का आयतन (v.Δt × A) व द्रव्यमान v.Δt.A.ρ होगा जहाँ ρ तरल का सम्पीडन क्षेत्र से बाहर घनत्व है। जब यह सम्पीडन क्षेत्र में प्रवेश करता है तो उसके द्वारा अनुभव किया गया त्वरण
\(a=-\frac{\Delta v}{\Delta t}\) (यहाँ ऋणात्मक चिह्न का प्रयोग $v$ घटने के कारण किया गया है।)
न्यूटन के द्वितीय नियम से
बल (F) = द्रव्यमान (m) × त्वरण (a)
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -8.1
स्पष्ट है कि तरंग का वेग माध्यम के गुणों प्रत्यास्थता गुणांक तथा घनत्व पर निर्भर करता है।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें

प्रश्न 7.
तनी हुई डोरी में अनुप्रस्थ कम्पन के नियम लिखिए।
उत्तर:
तनी हुई डोरी में अनुप्रस्थ तरंग की चाल
(Velocity Of Transverse Wave In A Stretched String):
तनी हुई डोरी में विक्षोभ से अनुप्रस्थ तरंग उत्पन्न होती है। अतः अनुप्रस्थ तरंग का वेग ज्ञात करने हेतु माना एक डोरी, जिसकी एकांक लम्बाई का द्रव्यमान m है तथा तनाव T है, में एक विक्षोभ बायीं ओर से दायीं ओर वेग से गतिशील है। हम यह मान सकते हैं कि प्रेक्षक विक्षोभ की दिशा में समान वेग v से गतिशील है तो प्रेक्षक को स्पन्द स्थिर प्रतीत होगा तथा डोरी विपरीत दिशा में गति करती हुई प्रतीत होगी।

अब डोरी के अल्पांश ∆l पर विचार करें तो विक्षोभ के कारण यदि डोरी में अल्प विस्थापन हो तो इस अल्पांश ∆l को चित्र की भाँति R त्रिज्या के वृत्तीय चाप के रूप में ले सकते हैं।
इस चाप का द्रव्यमान M = m. ∆l
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -14.1
इस अल्पांश पर केन्द्र की ओर लगने वाला कुल तनाव बल 2T sin θ ही आवश्यक अभिकेन्द्रीय बल प्रदान करेगा।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -15
अर्थात् तरंग वेग डोरी के तनाव एवं डोरी की एकांक लम्बाई के द्रव्यमान पर निर्भर करता है। यह तरंग वेग आयाम व तरंग दैर्ध्य पर निर्भर नहीं करता है। इस सूत्र की उपपत्ति में डोरी को आदर्श (पूर्णत: प्रत्यास्थ, समान घनत्व) माना गया है तथा कम्पन करते समय इसकी लम्बाई में कोई परिवर्तन नहीं होता है ।

प्रश्न 8.
सोनोमीटर में अप्रगामी तरंगों का निर्माण किस प्रकार होता है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सोनोमीटर तार में तनाव उत्पन्न करके जब एक कम्पित स्वरित्र की मूँठ को सोनोमीटर के तख्ते पर ऊर्ध्वाधर खड़ा किया जाता है। तो तख्ते में प्रणोदित कम्पन (स्वरित्र की आवृत्ति से) प्रारम्भ होते हैं। ये कम्पन सेतुओं द्वारा तार में पहुँचते हैं, फलवरूप सेतुओं से समान आवृत्ति की एवं समान आयाम की दो तरंगें परस्पर विपरीत दिशाओं में चलकर अध्यारोपित होती हैं और तार में अनुप्रस्थ अप्रगामी तरंगें उत्पन्न हो जाती

प्रश्न 9.
ध्वनि के वेग पर ताप, दाब एवं आर्द्रता का क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर:
दाब का प्रभाव v = \(\sqrt{\frac{γRT}{M}}\) में दाब P नहीं आता है, अतः यदि ताप नियत हो दाब P का ध्वनि के वेग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
ताप का प्रभाव : v = \(\sqrt{\frac{γRT}{M}}\)
एक ही माध्यम के लिए व M के मान नियत रहते हैं।
अतः v ∝ √T
अर्थात् किसी माध्यम में ध्वनि की चाल माध्यम के परम ताप के वर्गमूल के अनुक्रमानुपाती होती है अर्थात् ताप बढ़ने पर ध्वनि का वेग बढ़ जाता है।

आर्द्रता का प्रभाव : v = \(\sqrt{\frac{γP}{d}}\)
अर्थात् ν ∝ \(\frac{1}{\sqrt{d}}\)
शुष्क वायु एवं जल वाष्य के घनत्वों का अनुपात 8 : 5 में होता है। अतः जिस वायु में जलवाष्प मिली होती है। उसका घनत्व शुष्क वायु से कम होता है अतः आर्द्रवायु में ध्वनि का वेग अधिक होता है।

प्रश्न 10.
रेल की पटरी पर एक व्यक्ति चोट मारकर ध्वनि उत्पन्न करता है। इस स्थान से 1.0 km दूर कान लगाकर बैठे व्यक्ति को दो ध्वनियाँ सुनाई देती हैं। कारण बताइये ।
उत्तर:
रेल की पटरी में ध्वनि की चाल v = \(\sqrt{\frac{Y}{d}}\) वायु में ध्वनि की चाल v = \(\sqrt{\frac{γP}{d}}\) से अधिक होती है। इसलिए श्रोता को पटरी से हो Vd कर जाने वाली ध्वनि पहले एवं वायु से होकर आने वाली ध्वनि बाद में सुनाई देती है अर्थात् उसे दो ध्वनियाँ सुनाई देती है।

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प्रश्न 11.
सामान्य ताप व दाब पर वायु में ध्वनि की चाल 330 ms है। ताप स्थिर रखते हुए दाब को दोगुना करने पर ध्वनि की चाल पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? कारण बताइये।
v = \(\sqrt{\frac{γRT}{M}}\)
उत्तर:
इस सूत्र में दाब P नहीं है, अतः यदि ताप I नियत है तो ध्वनि की चाल पर दाब का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है अतः दाब को नियत ताप पर दो गुना कर देने पर चाल अपरिवर्तित रहेगी।

प्रश्न 12.
किसी गैस में ध्वनि तरंग की चाल पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यदि गैस का परम ताप पहले का चार गुना कर दिया जाये ?
उत्तर:
ν ∝ √ T
∴ \(\frac{v_2}{v_1}=\sqrt{\frac{\mathrm{T}_2}{\mathrm{~T}_1}}=\sqrt{\frac{4 \mathrm{~T}_1}{\mathrm{~T}_1}}=\sqrt{4}=2\)
या v2 = 2v1

प्रश्न 13.
समान ताप पर हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन गैसों में ध्वनि तरंगों के वेगों का अनुपात क्या होगा ?
उत्तर- :
v = \(\sqrt{\frac{γRT}{M}}\)
यदि ताप नियत रहे तो v ∝ \(\frac{1}{\sqrt{M}}\)
∴ \(\frac{v_{\mathrm{H}}}{v_{\mathrm{O}}}=\sqrt{\frac{\mathrm{M}_{\mathrm{O}}}{\mathrm{M}_{\mathrm{H}}}}=\sqrt{\frac{32}{2}}=\sqrt{\frac{16}{1}}=\frac{4}{1}\)
∴ vH : vO = 4 : 1

प्रश्न 14.
किसी तार के तनाव को चार गुना कर दें तो तार में अनुप्रस्थ तरंग की चाल पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?
उत्तर:
v = \(\sqrt{\frac{T}{m}}\), ∴ V ∝ √T
∴ \(\sqrt{\frac{γRT}{M}}\)
∴ v2 = 2v1

प्रश्न 15.
वायु की अपेक्षा कार्बन डाई ऑक्साइड में ध्वनि अधिक तीव्र सुनाई देती है, क्यों ?
उत्तर:
ध्वनि की तीव्रता (I =2π²n²a²ρv) माध्यम के घनत्व ρ के अनुक्रमानुपाती होती है। CO2 का घनत्व वायु के घनत्व से अधिक होता है इसीलिए CO2 में ध्वनि की तीव्रता व प्रबलता वायु की अपेक्षा अधिक रहती है।

प्रश्न 16.
चन्द्रमा पर एक व्यक्ति दूसरे की आवाज नहीं सुन सकता ? आवाज को सुनने के लिए किस प्रकार के सहायक यंत्र चाहिए ?
उत्तर:
ध्वनि तरंगों के चरण के लिए माध्यम की आवश्यकता रहती है और चन्द्रमा पर वायुमण्डल नहीं है इसीलिए चन्द्रमा पर एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की आवाज नहीं सुन सकता है। वहाँ पर आवाज सुनने के लिए ऐसे यंत्र की आवश्यकता होगी जिससे विद्युत् चुम्बकीय तरंगों का सूचन एवं प्रसारण हो सके।

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प्रश्न 17.
आकाश में बिजली की कड़क तथा दमक एक साथ सम्पन्न होती हैं, परन्तु बिजली की दमक पहले दिखाई देती है एवं कड़क बाद में सुनाई देती है क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि ध्वनि की चाल 332 ms-1 प्रकाश की चाल 108 ms-1 से कम होती है। इसीलिए बिजली की चमक पहले दिखाई देती है और कड़क बाद में सुनाई देती है।

प्रश्न 18.
वर्षां के मौसम में मेढकों के बोलने की आवाज दूर-दूर तक स्पष्ट सुनी जाती है क्यों ?
उत्तर:
वर्षा के मौसम में वायु में आर्द्रता अधिक होती है और आर्द्र वायु में ध्वनि की चाल अधिक होती है इसलिए मेड़कों के बोलने की आवाज दूर-दूर तक सुनी जाती है।

प्रश्न 19.
यदि हम दूर स्थित किसी फैक्ट्री के साइरन से अपनी घड़ी मिलाते हैं तो घड़ी सुस्त हो जाती है क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि साइरन की ध्वनि को फैक्ट्री से हमारे पास तक आने कुछ समय लग जाता है, अतः घड़ी सुस्त हो जाती है।

प्रश्न 20.
सभी प्रकार की यांत्रिक तरंगों में कौन-सा गुण सर्वनिष्ठ है ?
उत्तर:
तरंगें माध्यम के कणों की सहायता से आगे बढ़ती हैं परन्तु माध्यम तरंग के साथ आगे नहीं बढ़ता है।

प्रश्न 21.
बद्ध माध्यम से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
बद्ध माध्यम से अभिप्राय एक निश्चित परिसीमा तथा उसकी सीमाएँ अन्य माध्यमों से स्पष्ट पृष्ठों द्वारा अलग होना है।

प्रश्न 22.
सन्नादी से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
वे स्वर जिनकी आवृत्तियाँ मूल स्वरक की पूर्ण गुणज होती. हैं, सन्नादी कहलाते हैं। सम गुणज को सम सन्नादी एवं विषम गुणज का विषम सन्नादी कहते हैं।

प्रश्न 23.
अप्रगामी तरंगों से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
जब समान आवृत्ति एवं समान आयाम की दो तरंगें किसी बद्ध माध्यम में एक ही रेखा में विपरीत दिशाओं से आकर अध्यारोपण करती है, तो उत्पन्न हुई नई तरंग माध्यम में स्थिर प्रतीत होती है, अत: इसे ‘स्थावर तरंग’ (Standing wave ) या ‘अप्रगामी तरंग’ (Stationary wave) कहते हैं ये तरंगें अनुप्रस्थ व अनुदैर्घ्य दोनों प्रकार की होती हैं।
डोरियों में ‘अनुप्रस्थ अप्रगामी तरंगें’ जबकि वायु स्तम्भों में अनुदैर्घ्य अप्रगामी तरंगें’ उत्पन्न होती हैं।

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प्रश्न 24.
क्या कारण है कि खुले पाइप का स्वर बन्द पाइप की अपेक्षा अधिक मधुर होता है ?
उत्तर:
किसी स्वर में सन्नादियों की संख्या जितनी अधिक होती है वह उतना ही अधिक मधुर होता है। चूँकि बन्द पाइप में केवल विषम सन्नादी एवं खुले पाइप में सम और विषम दोनों प्रकार के सन्नादी उत्पन्न होते हैं अतः खुले पाइप का स्वर अधिक मधुर होता है।

प्रश्न 25.
एक ध्वनि स्त्रोत की मूल आवृत्ति 200 Hz है तथा इससे सभी सन्नादी उत्पन्न होते हैं। बताइये कि यह ध्वनि स्रोत निम्न आवृत्तियों में से किस-किस के साथ अनुनाद कर सकता है ?
उत्तर:
अनुनाद के लिए प्रणोदित दोलनों की आवृत्ति कम्पित वस्तु की स्वाभाविक आवृत्ति या इसके पूर्व गुणज के बराबर होनी चाहिए। अतः अनुनादी आवृत्तियाँ 200 व 6000 Hz होगी।

प्रश्न 26.
व्यतिकरण तथा विस्पन्द में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
व्यतिकरण तथा विस्पन्द में निम्न अन्तर हैं-
1. व्यतिकरण में दोनों तरंगों की आवृत्ति समान होती है, जबकि विस्पन्दों में आवृत्तियाँ लगभग समान होती हैं।
2. व्यतिकरण में एक स्थान पर तीव्रता समय के साथ नियत रहती है जबकि विस्पन्दों में एक ही स्थान पर तीव्रता समय के साथ बदलती रहती है।

प्रश्न 27.
विस्पन्द उत्पन्न होने के लिए आवश्यक शर्त बताइये।
उत्तर:
विस्पन्द उत्पन्न होने के लिए आवश्यक शर्तें निम्नलिखित

  • दोनों तरंगों की आवृत्तियाँ लगभग समान होनी चाहिए।
  • दोनों तरंगों के आयाम समान होने चाहिए।
  • दोनों तरंगें एक ही दिशा में तथा एक ही सरल रेखा में गति करनी चाहिए।
  • दोनों तरंगों के कम्पन तल समान होने चाहिए।

प्रश्न 28.
एक ध्वनि स्त्रोत ध्वनि के वेग से एक स्थिर श्रोता की ओर गतिमान है। श्रोता द्वारा सुनी गई आवृत्ति क्या होगी ?
उत्तर:
ध्वनि स्रोत पास आ रहा है, तो आभासी आवृत्ति –
n’ = \(\frac{v}{\left(v-v_s\right)}\).n
दिया है- स्रोत का वेग vs = v
n’ = \(\frac{v}{v-v}=\frac{v}{0}\) = ∞ (अनन्त)
या n’ = ∞ अनन्त
यह श्रोता की श्रव्य परास से अधिक है, अतः श्रोता को ध्वनि सुनाई। नहीं देगी।

प्रश्न 29.
ध्वनि तरंगों में डॉप्लर प्रभाव किन-किन पर निर्भर करता है ?
उत्तर:
ध्वनि में डॉप्लर प्रभाव निम्न बातों पर निर्भर करता है-
1. श्रोता एवं स्रोत के मध्य आपेक्षिक वेग पर।
2. श्रोता एवं श्रोता के वेगों पर।
3. इस बात पर कि खोत एवं श्रोता में कौन गतिशील है ?
4. माध्यम (वायु) के प्रवाह वेग पर ।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
तरंग गति से आप क्या समझते हैं ? स्पष्ट कीजिए। प्रगामी तरंग समीकरण हेतु व्यंजक एवं तरंग का एक विमीय अवकल समीकरण प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
तरंग गति (Wave Motion):
यदि हम तालाब में एक पत्थर का टुकड़ा डालें, तो हम देखेंगे कि जल में पत्थर के गिरने के स्थान पर विक्षोभ (Disturbance) उत्पन्न हो जाता है। यह विक्षोभ उसी रूप में व निश्चित चाल से आगे बढ़ता है और तालाब के किनारे पर पहुँच जाता है। इसी प्रकार यदि हम किसी रस्सी का एक सिरा किसी हुक से बाँधकर तथा दूसरे सिरे को हाथ में पकड़कर ऊपर-नीचे हिलायें, तो रस्सी में भी एक प्रकार का विक्षोभ उत्पन्न हो जाता है, जो एक निश्चित चाल से आगे बढ़ता है तथा दूसरे सिरे तक पहुँच जाता है।
इस प्रकार, “तरंग माध्यम में उत्पन्न वह विक्षोभ (Disturbance) है, जिसमें माध्यम के कण अपनी साम्यावस्था के इर्द-गिर्द दोलन करते रहते हैं और माध्यम के स्थानान्तरण के बिना ही ऊर्जा स्थानान्तरित हो जाती है।
तरंग गति में माध्यम में ऊर्जा तथा संवेग में परिवर्तन होता है व माध्यम के कणों की कला सतत रूप से परिवर्तित होती रहती है। • तरंग के संचरण के लिए माध्यम के आवश्यक गुण

  • तरंग संचरण के लिए माध्यम में अवस्था परिवर्तन का विरोध करने वाला अर्थात् जड़त्व का गुण होना चाहिए।
  • माध्यम में बल लगाने पर विस्थापित होने तथा बल हटाने पर प्रारम्भिक अवस्था में आ जाने का अर्थात् प्रत्यास्थता का गुण होना चाहिए।
  • तरंग संचरण के लिए माध्यम का प्रतिरोध कम-से कम होना चाहिए।

प्रगामी तरंग समीकरण (Progressive wave Equation):
वह तरंग जिसके द्वारा ऊर्जा का स्थानान्तरण एक स्थान से दूसरे स्थान तक होता है, प्रगामी तरंग कहलाती है। जब माध्यम में कोई प्रगामी तरंग संचरित होती है तो माध्यम के कण अपने स्थान पर सरल आवर्त गति करने लगते हैं। ये कण समान व अलग-अलग कलाओं में कम्पन करते रहते हैं।

माना कोई विक्षोभ बिन्दु O पर उत्पन्न होता है, जो प्रगामी तरंग के रूप में +X दिशा में आगे बढ़ता है। सबसे पहले O पर स्थित कण कम्पन आरम्भ करता है और उसके पश्चात् क्रमशः माध्यम के आगे वाले कण कम्पन आरम्भ करते जाते हैं। यदि O से x दूरी पर स्थित बिन्दु P पर कोई कण स्थित है, जो O पर स्थित कण की कला से ϕ पीछे होगा। अतः यदि किसी क्षण t पर कण O का विस्थापन समीकरण
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -5
y = a sin ωt
हो तो इसी क्षण कण P का विस्थापन समीकरण
y = a sin (ωt – ϕ) ……………….. (1)
होगा। यहाँ ϕ, बिन्दुओं O व P के मध्य कलान्तर है।
∵ पथान्तर के कारण
कलान्तर = \(\frac{2 \pi}{\lambda}[latex] × पथान्तर
∴ [latex]\phi=\frac{2 \pi}{\lambda} x\)
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -6
समी (2), (3) व (4) धनात्मक X-दिशा में गतिशील प्रगामी तरंग समीकरण हैं। यदि तरंग X-अक्ष की ऋणात्मक दिशा में गतिशील है तो उक्त समीकरण
y = a sin (ωt + kx)
से व्यक्त होगा। समी (3) व (4) में भी (-x) के स्थान पर (+x) का प्रयोग करना होगा।

प्रश्न 2.
वायु में ध्वनि की चाल के लिए न्यूटन का सूत्र लिखिए। लाप्लास ने इसमें क्या संशोधन किया और क्यों ?
उत्तर:
विभिन्न माध्यम में ध्वनि की चाल : न्यूटन सूत्र
(Velocity Of Sound In A medium : Newton’s Formula)
ध्वनि तरंगों या अनुदैर्घ्य तरंगों के संचरण को समझने एवं उनका वेग ज्ञात करने के लिए हम एक पिस्टन नली पर विचार करते हैं, जिसमें कोई सम्पीड्य तरल भरा हैं चित्र में समान्तर रेखाओं द्वारा तरल की परतों को प्रदर्शित किया गया है। सम्पीडन की स्थिति में ये समान्तर रेखाएँ सघन (पास-पास) हैं । यहाँ पर तरल का दाब एवं घनत्व दोनों अधिक हैं। जब दूर-दूर रेखाओं द्वारा व्यक्त विरलन की स्थिति में दाब एवं घनत्व दोनों कम हैं। यहाँ हम तरल को सतत् माध्यम मानेंगे और इस बात की अपेक्षा करेंगे कि वास्तव में यह अणुओं से मिलकर बना है जो भिन्न-भिन्न दिशाओं में भिन्न-भिन्न वेगों से गतिशील हैं।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -7.1
यदि पिस्टन को नली के अन्दर की ओर धक्का दें तो इसके सम्पर्क से तरल का सम्पीडन होगा तथा इसका दाब एवं घनत्व बढ़ेगा। सम्पीडित तरल की यह परत आगे की ओर गति करेगी तथा अगली परत में सम्पीडन उत्पन्न करेगी। यदि पुनः पिस्टन को बाहर की ओर खींचे तो इसके सम्पर्क से तरल फैलेगा जिससे उसका दाब एवं घनत्व कम होगा। यही विरलन की स्थिति होती है। इस प्रकार यदि पिस्टन की सतत् रूप से अन्दर-बाहर गति दी जाये तो विक्षोभ नली में सम्पीडन एवं विरलन के रूप में आगे बढ़ता जायेगा और यह अनुदैर्घ्य तरंग की तरह व्यवहार करेगा।

माना पिस्टन को अन्दर की ओर धक्का देकर एक विक्षोभ उत्पन्न किया जाता है, जो सम्पीडन के रूप में होता है तथा दायीं ओर वेग से गतिशील है। सरलता के लिए यह माना जाता है कि इस सम्पीडन क्षेत्र के अन्दर तरल का दाब व घनत्व एक समान है। अब यदि प्रेक्षक भी सम्पीडन की दिशा में समान वेग से गतिशील माना जाये तो तरल मध्यम ” वेग से सम्पीडन की विपरीत दिशा में गति करता हुआ प्रतीत होगा एवं प्रेक्षक के सापेक्ष सम्पीडन स्थिर होगा। इस स्थिति में जब तरल वेग से सम्पीडन क्षेत्र की ओर गति करता हुआ सम्पीडन क्षेत्र से टकराता है, तब इसके आगे के किनारे पर पीछे के किनारे से दाब कुछ अधिक होगा। माना इन दोनों किनारों पर दाबान्तर ∆P है। इस कारण इस क्षेत्र B में यह अल्पांश (तरल माध्यम) संपीडित होगा तथा इस क्षेत्र में इसका वेग कुछ कम (v – ∆v) होगा तथा जब यह अल्पांश इस सम्पीडन क्षेत्र से बाहर निकलेगा तो पुनः अपने प्रारम्भिक आयतन को प्राप्त कर लेगा तथा दावान्तर ∆P के कारण पीछे की ओर दाब आधिक्य होने के कारण त्वरित होगा अतः इसका वेग पुनः हो जायेगा।
इस प्रकार अल्पांश C स्थिति में पहुँच जायेगा।
जब तरल अल्पांश सम्पीडन क्षेत्र में प्रवेश करता है तो उस पर दाय और कार्यरत् परिणामी बल
बल = दाब × क्षेत्रफल
परिणामी बल,
F = (P + ∆P) A – PA = PA + ∆P.A – P.A
या F = ∆P.A ……….(1)
जहाँ A, नली का अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल है।
सम्पीडन क्षेत्र के बाहर इस अल्पांश की लम्बाई v.Δt है जहाँ Δt अल्पांश को किसी बिन्दु से गुजरने में लगा समय है। अतः अल्पांश का आयतन (v.Δt × A) व द्रव्यमान v.Δt.A.ρ होगा जहाँ ρ तरल का सम्पीडन क्षेत्र से बाहर घनत्व है। जब यह सम्पीडन क्षेत्र में प्रवेश करता है तो उसके द्वारा अनुभव किया गया त्वरण
\(a=-\frac{\Delta v}{\Delta t}\) (यहाँ ऋणात्मक चिह्न का प्रयोग v घटने के कारण किया गया है।)
न्यूटन के द्वितीय नियम से
बल (F) = द्रव्यमान (m) × त्वरण (a)
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -8.2
स्पष्ट है कि तरंग का वेग माध्यम के गुणों प्रत्यास्थता गुणांक तथा घनत्व पर निर्भर करता है।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें

प्रश्न 3.
किसी गैस में ध्वनि की चाल पर ताप का क्या प्रभाव पड़ता है ? आवश्यक सूत्र का निगमन कीजिए।
उत्तर:
विभिन्न माध्यम में ध्वनि की चाल : न्यूटन सूत्र (Velocity Of Sound In A medium : Newton’s Formula)
ध्वनि तरंगों या अनुदैर्घ्य तरंगों के संचरण को समझने एवं उनका वेग ज्ञात करने के लिए हम एक पिस्टन नली पर विचार करते हैं, जिसमें कोई सम्पीड्य तरल भरा हैं चित्र में समान्तर रेखाओं द्वारा तरल की परतों को प्रदर्शित किया गया है। सम्पीडन की स्थिति में ये समान्तर रेखाएँ सघन (पास-पास) हैं । यहाँ पर तरल का दाब एवं घनत्व दोनों अधिक हैं। जब दूर-दूर रेखाओं द्वारा व्यक्त विरलन की स्थिति में दाब एवं घनत्व दोनों कम हैं। यहाँ हम तरल को सतत् माध्यम मानेंगे और इस बात की अपेक्षा करेंगे कि वास्तव में यह अणुओं से मिलकर बना है जो भिन्न-भिन्न दिशाओं में भिन्न-भिन्न वेगों से गतिशील हैं।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -7.2
यदि पिस्टन को नली के अन्दर की ओर धक्का दें तो इसके सम्पर्क से तरल का सम्पीडन होगा तथा इसका दाब एवं घनत्व बढ़ेगा। सम्पीडित तरल की यह परत आगे की ओर गति करेगी तथा अगली परत में सम्पीडन उत्पन्न करेगी। यदि पुनः पिस्टन को बाहर की ओर खींचे तो इसके सम्पर्क से तरल फैलेगा जिससे उसका दाब एवं घनत्व कम होगा। यही विरलन की स्थिति होती है। इस प्रकार यदि पिस्टन की सतत् रूप से अन्दर-बाहर गति दी जाये तो विक्षोभ नली में सम्पीडन एवं विरलन के रूप में आगे बढ़ता जायेगा और यह अनुदैर्घ्य तरंग की तरह व्यवहार करेगा।

माना पिस्टन को अन्दर की ओर धक्का देकर एक विक्षोभ उत्पन्न किया जाता है, जो सम्पीडन के रूप में होता है तथा दायीं ओर वेग से गतिशील है। सरलता के लिए यह माना जाता है कि इस सम्पीडन क्षेत्र के अन्दर तरल का दाब व घनत्व एक समान है। अब यदि प्रेक्षक भी सम्पीडन की दिशा में समान वेग से गतिशील माना जाये तो तरल मध्यम ” वेग से सम्पीडन की विपरीत दिशा में गति करता हुआ प्रतीत होगा एवं प्रेक्षक के सापेक्ष सम्पीडन स्थिर होगा। इस स्थिति में जब तरल वेग से सम्पीडन क्षेत्र की ओर गति करता हुआ सम्पीडन क्षेत्र से टकराता है, तब इसके आगे के किनारे पर पीछे के किनारे से दाब कुछ अधिक होगा। माना इन दोनों किनारों पर दाबान्तर ∆P है। इस कारण इस क्षेत्र B में यह अल्पांश (तरल माध्यम) संपीडित होगा तथा इस क्षेत्र में इसका वेग कुछ कम (v – ∆v) होगा तथा जब यह अल्पांश इस सम्पीडन क्षेत्र से बाहर निकलेगा तो पुनः अपने प्रारम्भिक आयतन को प्राप्त कर लेगा तथा दावान्तर ∆P के कारण पीछे की ओर दाब आधिक्य होने के कारण त्वरित होगा अतः इसका वेग पुनः हो जायेगा।
इस प्रकार अल्पांश C स्थिति में पहुँच जायेगा।
जब तरल अल्पांश सम्पीडन क्षेत्र में प्रवेश करता है तो उस पर दाय और कार्यरत् परिणामी बल
बल = दाब × क्षेत्रफल
परिणामी बल,
F = (P + ∆P) A – PA = PA + ∆P.A – P.A
या F = ∆P.A ……….(1)
जहाँ A, नली का अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल है।
सम्पीडन क्षेत्र के बाहर इस अल्पांश की लम्बाई v.Δt है जहाँ Δt अल्पांश को किसी बिन्दु से गुजरने में लगा समय है। अतः अल्पांश का आयतन (v.Δt × A) व द्रव्यमान v.Δt.A.ρ होगा जहाँ ρ तरल का सम्पीडन क्षेत्र से बाहर घनत्व है। जब यह सम्पीडन क्षेत्र में प्रवेश करता है तो उसके द्वारा अनुभव किया गया त्वरण
\(a=-\frac{\Delta v}{\Delta t}\) (यहाँ ऋणात्मक चिह्न का प्रयोग $v$ घटने के कारण किया गया है।)
न्यूटन के द्वितीय नियम से
बल (F) = द्रव्यमान (m) × त्वरण (a)
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -8
स्पष्ट है कि तरंग का वेग माध्यम के गुणों प्रत्यास्थता गुणांक तथा घनत्व पर निर्भर करता है।

प्रश्न 4.
कोणीय आवृत्ति एवं तरंग संरचण नियतांक तथा तरंग बेग की परिभाषाएँ लिखिए और इनमें संबंध स्थापित कीजिए।
उत्तर:
तरंग से सम्बन्धित कुछ परिभाषाएँ (Definition Related To Waves):
तरंग गति से सम्बन्धित विभिन्न परिभाषाओं को समझने के लिए हमें विक्षोभ के कारण उत्पन्न कम्पन के कारण विस्थापन का अध्ययन करना होगा जिसके माध्यम से विक्षोभ या तरंग आगे बढ़ती है।

संलग्न चित्र में कणों की माध्य स्थिति से विस्थापन दर्शाए गये हैं। माना किसी कण की माध्य अवस्था में स्थिति A पर है तो विक्षोभ के कारण कम्पन करने के साथ इसका विस्थापन विक्षोभ (तरंग) की दिशा में बढ़ता है व अधिकतम विस्थापन की स्थिति में B बिन्दु पर जाकर पुनः माध्य स्थिति की ओर गति करता है। अतः विस्थापन पुनः कम होता है तथा C स्थिति पर कण माध्य स्थिति में आकार पुनः पूर्व गति की दिशा के विपरीत दिशा में विस्थापित होता है व अधिकतम विपरीत विस्थापन की स्थिति में D पर जाकर पुनः माध्य स्थिति की ओर गति करता है तथा स्थिति E पर पहुँचता है। इस प्रकार कम्पन्न गति का एक चक्र पूर्ण होता है व उत्तरोत्तर समय के साथ कण इस प्रकार की आवर्ती गति करता है।

1. आयाम (Amplitude) (A): “माध्य स्थिति के कण के अधिकतम विस्थापन को आयाम कहते हैं।” इसे सामान्यत: A से प्रदर्शित करते हैं। चित्र 15.3 (a) में BB’, DD, FF’ आदि द्वारा दर्शाया गया है। इसका मात्रक मीटर है।

2. आवृत्ति (Frequency) (n) : प्रगामी तरंग के संचरण के दौरान, “माध्यम के किसी कण द्वारा एक सेकण्ड में किये गये कम्पनों की संख्या को आवृत्ति कहते हैं।” इसे ” से व्यक्त करते हैं। आवृत्ति माध्यम के किसी बिन्दु से एक सेकण्ड में गुजरने वाली तरंगों की संख्या को बताती है। इसका मात्रक कम्पन / सेकण्ड या हर्ट्ज (Hz) है।

3. आवर्त काल (Time Period) (T) : प्रगामी तरंग संचरण के दौरान, “कण द्वारा एक कम्पन पूरा करने में लिया गया समय आवर्त काल कहलाता है ।” इसे T से व्यक्त करते हैं और इसका मात्रक सेकण्ड है।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -9
यदि कम्पित कण की आवृत्ति ” एवं आवर्त काल T हो, तो इन दोनों में निम्न सम्बन्ध होता है-
T = \(\frac{1}{n}\) या n = \(\frac{1}{T}\)

4. तरंगदैर्घ्य (Wavelength) (λ): “एक आवर्तकाल में कण द्वारा तय की गई दूरी को तरंगदैर्घ्य कहते हैं।” इसे λ से व्यक्त करते हैं इसका मात्रक है। तरंगदैर्घ्य की परिभाषा इस प्रकार भी कर सकते हैं। “समान कला के दो निकटतम बिन्दुओं के मध्य दूरी को तरंगदैर्घ्य कहते हैं।” चित्र 15.3 में समान कला के दो निकटतम बिन्दुओं A व E अथवा B’ व F’ अथवा D व H आदि के मध्य दूरी तरंगदैर्घ्य λ के बराबर होगी।

अनुप्रस्थ तरंगों में दो क्रमागत शीर्षो (श्रंगों) अथवा दो क्रमागत गर्त के मध्य दूरी एवं अनुदैर्ध्य तरंगों में दो क्रमागत सम्पीडनों अथवा दो क्रमागत विरलनों के मध्य दूरी को तरंगदैर्ध्य कहते हैं। अतः
∵ λ = एक आवर्त काल में तरंग द्वारा तय की गई दूरी
या λ = v.T
या λ = v.\(\frac{1}{n}\)
या v = nλ

5. तरंग संख्या (Wave Number) (\(\bar{v}\)) : “तरंगदैर्घ्य का व्युत्क्रम तरंग संख्या कहलाता है अर्थात् एकांक दूरी में तरंगों की संख्या को तरंग संख्या कहते हैं।” इसे से व्यक्त करते हैं।
∴ \(\bar{v}=\frac{1}{λ}\)

6. तरंगाग्र (Wavefront) : “समान कला में दोलन करने वाले कणों की निधि (Locus) तरंगाग्र कहलाती है अर्थात् वह तल, जिसमें मौजूद प्रत्येक कण समान कला में कम्पन करता है, तरंगाग्र कहलाता है।
तरंगाय निम्न प्रकार के हो सकते हैं-

  • समतल तरंगा (Plane Wavefront)
  • गोलाकार तरंगा (Spherical wavefront)
  • बेलनाकार तरंगा (Cylindrical Wavefront)

7. पथान्तर (Path Difference) : दो कम्पित कर्णो के साम्यावस्था से विस्थापन के अन्तर को पथान्तर कहते हैं।

8. कला (Phase) : प्रगामी तरंग में किसी क्षण कम्पन करते हुए कण की कला उस क्षण कण की स्थिति तथा गति की दिशा को प्रदर्शित करती है इसे प्रायः कोण के रूप में व्यक्त करते हैं। यदि माध्यम के दो कण किसी क्षण साम्य स्थिति से एक ही दिशा में समान दूरियों पर स्थित हों वे दोनों समान कला में कहलाते हैं तथा यदि दो कण साम्य स्थिति से बराबर दूरी पर परस्पर विपरीत दिशा में गतिशील हो तो वे विपरीत कला में होते हैं। कम्पित कण की साम्यावस्था एवं प्रारम्भिक स्थिति के मध्य कण को प्रारम्भिक कला कहते हैं। चित्र में बिन्दु A व E, B व F, C व G, D व H समान कला में होंगे।
इसी प्रकार A व C, B व D आदि विपरीत कला में होंगे।

9. कलान्तर (Phase Difference) : दो कणों अथवा एक ही कण की दो भिन्न स्थितियों के बीच कला के अन्तर को कलान्तर कहते हैं।
समान कला में कलान्तर 0, 2π, 4π, ….. होता है तथा विपरीत कला में कलान्तर = π, 3π, 5π, …..

10. कोणीय आवृत्ति (Angular Frequency) (ω) – समय के साथ कला कोण में परिवर्तन की दर कोणीय आवृत्ति कहलाती है। इसका मात्रक रेडियन सेकण्ड होता है।
चूँकि एक आवर्त काल (T) में कला में परिवर्तन 2π होता है अतः कोणीय आवृत्ति
ω = \(\frac{2π}{T}\) या ω = 2πn

11. तरंग संचरण नियतांक (Wave Propagation Constant ) (k) : कम्पन करते हुए कणों में एकांक दूरी पर स्थित कणों के मध्य कलान्तर को तरंग संचरण नियतांक कहते हैं।” इसे कोणीय तरंग संख्या भी जाता है। चूँकि λ दूरी पर स्थित कणों के मध्य कलान्तर 2π होता है अतः एकांक दूरी पर कलान्तर $\frac{2 \pi}{\lambda}$ होगा।
∴ \(k=\frac{2 \pi}{λ}\)

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें

प्रश्न 5.
अनुदैर्घ्य तरंगों का संचरण समझाइये एवं उनके वेग के लिए सूत्र प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
तरंगों के प्रकार (Types Of Waves):
तरंगें निम्नलिखित तीन प्रकार की होती है-

  1. यांत्रिक तरंगें (Mechanical Waves)
  2. विद्युत् चुम्बकीय तरंगें (Electromagnetic Waves)
  3. द्रव्य तरंगें (Matter Waves)

(1) यांत्रिक तरंगें (Mechanical Waves) : यांत्रिक तरंग वह आवर्ती विक्षोभ है जिसमें संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है एवं जो बिना आकृति बदले माध्यम में एक नियत चाल से बढ़ती है। यह माध्यम के प्रत्यास्थ गुणों पर निर्भर करता है। उदाहरण- जल तरंगें, वायु में ध्वनि तरंगें तथा द्रवों में उत्पन्न तरंगें।

यांत्रिक तरंगों के प्रकार :
यांत्रिक तरंगें दो प्रकार की होती है-
(a) अनुप्रस्थ तरंगें (Transverse Waves): जब किसी माध्यम के कण तरंग संचरण की दिशा के लम्बवत् दोलन करते हैं तो इस तरंग को अनुप्रस्थ तरंग कहते हैं।
उदाहरण के लिए – तनी हुई डोरी में उत्पन्न कोई विक्षोभ डोरी की लम्बाई के अनुदिश गति करता है लेकिन डोरी के कण लम्बाई के लम्बवत् कम्पन करते हैं। अनुप्रस्थ तरंगों के संचरण के लिए माध्यम का संपीड्य होना आवश्यक है।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -10
अनुप्रस्थ तरंग में ऊपर की ओर अधिकतम विस्थापन की स्थिति को श्रृंग व नीचे की ओर अधिकतम विस्थापन की स्थिति को गर्त कहा जाता है तथा श्रृंग एवं गर्त के रूप में आगे बढ़ती है। इसमें भी दो क्रमागत शृंगों अथवा दो क्रमागत गर्तों के मध्य दूरी अनुप्रस्थ तरंग की तरंगदैर्घ्य (2) कहलाती है।

(b) अनुदैर्घ्य तरंगें ( Longitudinal Waves) : “यदि माध्यम के कण तरंग संचरण की दिशा के अनुदिश गति करते हैं तो इस तरंग को अनुदैर्घ्य तरंग कहते हैं।” उदाहरण के लिए वायु में ध्वनि तरंगें ठोस में अनुदैर्घ्य कम्पनों से उत्पन्न तरंगें स्प्रिंग में उत्पन्न संपीडन एवं विरलन आदि अनुदैर्घ्य तरंगों के संचरण के लिए माध्यम का संपीड्य होना आवश्यक है, क्योंकि इन तरंगों का संचरण संपीड़न एवं विरलन के रूप में ही होता है। माध्यम का घनत्व व दाव सम्पीडन के स्थान पर अधिक (कणों के पास आने के कारण) तथा विरलन पर दाब व घनत्व कम (कणों के दूर जाने के कारण होता है दो क्रमागत विरलनों अथवा सम्पीडनों के बीच की दूरी को अनुदैर्घ्य तरंग की तरंगदैर्घ्य (A.) कहते हैं।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -11
उपरोक्त तरंगों में माध्यम की प्रत्यास्थता अधिक होने पर तरंग की चाल बढ़ जाती है व जड़त्व अधिक होने पर तरंग की चाल कम हो जाती है।

2. विद्युत् चुम्बकीय तरंगें (Electro Magnetic Waves) : ये वे तरंगें हैं, जिनके संचरण के लिए भौतिक माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है। इन तरंगों का संचरण निर्वात में सम्भव है। ये तरंगें प्रकाश के वेग अर्थात् 3 × 10<sup>8</sup> मी./से. की चाल से गति करती है। ऊष्मा विकिरण, दृश्य प्रकाश X किरणें, सूक्ष्म तरंगें पराबैंगनी किरणें इत्यादि सभी विद्युत् चुम्बकीय तरंगें हैं इनकी अनुप्रस्थ प्रकृति होती है।

3. द्रव्य तरंगें (Matter Waves) : डी ब्रॉली परिकल्पना के आधार पर गतिशील द्रव्य कणों के साथ तरंगों के अभिलाक्षणिक गुण सम्बद्ध होते हैं अर्थात् उनके साथ तरंगों का सम्बद्ध होना पाया जाता है। इन्हीं तरंगों को ‘द्रव्य तरंगें’ कहते हैं। इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी में इलेक्ट्रॉन से सम्बद्ध द्रव्य तरंगों का उपयोग किया जाता है।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें

प्रश्न 6.
समतल प्रगामी तरंग का समीकरण स्थापित कीजिए एवं इसे दो स्वरूपों में व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
प्रगामी तरंग समीकरण (Progressive wave Equation):
वह तरंग जिसके द्वारा ऊर्जा का स्थानान्तरण एक स्थान से दूसरे स्थान तक होता है, प्रगामी तरंग कहलाती है। जब माध्यम में कोई प्रगामी तरंग संचरित होती है तो माध्यम के कण अपने स्थान पर सरल आवर्त गति करने लगते हैं। ये कण समान व अलग-अलग कलाओं में कम्पन करते रहते हैं।

माना कोई विक्षोभ बिन्दु O पर उत्पन्न होता है, जो प्रगामी तरंग के रूप में +X दिशा में आगे बढ़ता है। सबसे पहले O पर स्थित कण कम्पन आरम्भ करता है और उसके पश्चात् क्रमशः माध्यम के आगे वाले कण कम्पन आरम्भ करते जाते हैं। यदि O से x दूरी पर स्थित बिन्दु P पर कोई कण स्थित है, जो O पर स्थित कण की कला से ϕ पीछे होगा। अतः यदि किसी क्षण t पर कण O का विस्थापन समीकरण
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -5.1
y = a sin ωt
हो तो इसी क्षण कण P का विस्थापन समीकरण
y = a sin (ωt – ϕ) ……………….. (1)
होगा। यहाँ ϕ, बिन्दुओं O व P के मध्य कलान्तर है।
∵ पथान्तर के कारण
कलान्तर = \(\frac{2 \pi}{\lambda}[latex] × पथान्तर
∴ [latex]\phi=\frac{2 \pi}{\lambda} x\)
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -6.1
समी (2), (3) व (4) धनात्मक X-दिशा में गतिशील प्रगामी तरंग समीकरण हैं। यदि तरंग X-अक्ष की ऋणात्मक दिशा में गतिशील है तो उक्त समीकरण
y = a sin (ωt + kx)
से व्यक्त होगा। समी (3) व (4) में भी (-x) के स्थान पर (+x) का प्रयोग करना होगा।

प्रश्न 7.
समतल प्रगामी तरंग के लिए विस्थापन- दूरी ग्राफ खींचकर आयाम, तरंगदैर्घ्य एवं कलान्तर प्रदर्शित करते हुए इनकी परिभाषाएँ लिखिए।
उत्तर:
प्रगामी तरंग समीकरण (Progressive wave Equation):
वह तरंग जिसके द्वारा ऊर्जा का स्थानान्तरण एक स्थान से दूसरे स्थान तक होता है, प्रगामी तरंग कहलाती है। जब माध्यम में कोई प्रगामी तरंग संचरित होती है तो माध्यम के कण अपने स्थान पर सरल आवर्त गति करने लगते हैं। ये कण समान व अलग-अलग कलाओं में कम्पन करते रहते हैं।

माना कोई विक्षोभ बिन्दु O पर उत्पन्न होता है, जो प्रगामी तरंग के रूप में +X दिशा में आगे बढ़ता है। सबसे पहले O पर स्थित कण कम्पन आरम्भ करता है और उसके पश्चात् क्रमशः माध्यम के आगे वाले कण कम्पन आरम्भ करते जाते हैं। यदि O से x दूरी पर स्थित बिन्दु P पर कोई कण स्थित है, जो O पर स्थित कण की कला से ϕ पीछे होगा। अतः यदि किसी क्षण t पर कण O का विस्थापन समीकरण
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -5.2
y = a sin ωt
हो तो इसी क्षण कण P का विस्थापन समीकरण
y = a sin (ωt – ϕ) ……………….. (1)
होगा। यहाँ ϕ, बिन्दुओं O व P के मध्य कलान्तर है।
∵ पथान्तर के कारण
कलान्तर = \(\frac{2 \pi}{\lambda}[latex] × पथान्तर
∴ [latex]\phi=\frac{2 \pi}{\lambda} x\)
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -6.2
समी (2), (3) व (4) धनात्मक X-दिशा में गतिशील प्रगामी तरंग समीकरण हैं। यदि तरंग X-अक्ष की ऋणात्मक दिशा में गतिशील है तो उक्त समीकरण
y = a sin (ωt + kx)
से व्यक्त होगा। समी (3) व (4) में भी (-x) के स्थान पर (+x) का प्रयोग करना होगा।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें

प्रश्न 8.
अप्रगामी तरंगों से क्या अभिप्राय है ? किसी बद्ध माध्यम में इनका बनना चित्र द्वारा समझाइये।
उत्तर:
अप्रगामी तरंगें (Stationary Waves):
जब समान आवृत्ति एवं समान आयाम की दो प्रगामी तरंगें किसी बद्ध माध्यम में समान बाल से, एक ही रेखा में, परस्पर विपरीत दिशाओं से आकर अध्यारोपित होती हैं तो उत्पन्न हुई नई तरंग माध्यम में स्थिर प्रतीत होती है, अतः इस तरंग को प्रगामी स्थावर तरंग (standing waves) कहते हैं। इन तरंगों द्वारा ऊर्जा का स्थानान्तरण नहीं होता है अतः इन तरंगों को अप्रगामी तरंग कहते हैं।

अप्रगामी तरंगें दो प्रकार की होती हैं-
(i) अनुदैर्घ्य अप्रगामी तरंगें,
(ii) अनुप्रस्थ अप्रगामी तरंगें।
(i) अनुदैर्घ्य अप्रगामी तरंगें : जब दो समान आवृत्ति एवं समान आयाम की अनुदैर्घ्य तरंगें एक ही सरल रेखा पर विपरीत दिशा में गति र करती हुई अध्यारोपित होती हैं तो माध्यम में इनके अध्यारोपण से अनुदैर्घ्य J अप्रगामी तरंगें बनाती हैं वायु स्तम्भों पर आधारित वाद्य यंत्रों जैसे बिगुल, बांसुरी, बीन आदि में अनुदैर्घ्य अप्रगामी तरंगें बनाती हैं।

(ii) अनुप्रस्थ अप्रगामी तरंगें : जब दो समान आवृत्ति एवं समान आयाम की अनुप्रस्थ तरंगें एक सरल रेखा पर विपरीत दिशा में गति करती हुई अध्यारोपित होती है तो माध्यम में इनके अध्यारोपण से अनुप्रस्थ अप्रगामी तरंगें बनती हैं। तनी हुई डोरी पर आधारित वाद्य यंत्रों जैसे सितार, वॉयलिन, इकतारा आदि की डोरियों में अनुप्रस्थ अप्रगामी तरंगें बनती हैं।

अप्रगामी तरंगें बनने की आवश्यक शर्ते :
अप्रगामी तरंगें बनने के लिए माध्यम सीमित होना चाहिए अर्थात् माध्यम बद्ध होना चाहिए क्योंकि इस प्रकार के माध्यम में संचरित कोई प्रगामी तरंग माध्यम की परिसीमा पर परावर्तित होकर अपने ही अनुरूप तथा विपरीत दिशा में संचरित तरंग उत्पन्न करती है। इन आपतित एवं परावर्तित तरंगों के अध्यारोपण के फलस्वरूप ही अप्रगामी तरंग बनती है। “इस प्रकार अप्रगामी तरंगों के बनने के लिए बद्ध माध्यम होना एक आवश्यक शर्त है।”

प्रश्न 9.
अप्रगामी तरंग के लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
अप्रगामी तरंगों का गणितीय विश्लेषण (Mathematical Analysis of Standing Waves)
माना धनात्मक X- अक्ष की दिशा में गतिशील प्रगामी तरंग का समीकरण –
y1 = a sin (ωt – kx) ……..(1)
जब यह तरंग बद्ध माध्यम की परिसीमा से परावर्तित होती है तो परावर्तित तरंग का समीकरण-
y2 = ±a sin (ωt + kx) ……..(2)
इस समीकरण (+) चिह्न का प्रयोग तब होगा जब तरंग का परावर्तन मुक्त परिसीमा मुक्त है अर्थात् परावर्तन विरल माध्यम से हो रहा हो ओर दृढ़ परिसीमा अर्थात् सघन माध्यम से परावर्तन होने पर (-) चिह्न का प्रयोग होगा क्योंकि इस स्थिति में परावर्तित तरंग में का कलान्तर और उत्पन्न हो जायेगा। परावर्तित तरंग की दिशा X- अक्ष की ऋणात्मक दिशा में होगी अतः kx से पूर्व (+) चिह्न का ही प्रयोग होगा।

अब हम यह मानकर गणितीय विवेचना में आगे बढ़ते हैं कि परावर्तन सघन माध्यम से हो रहा है।
अध्यारोपण के सिद्धान्त से-
y = y1 + y2 ………..(3)
या y = a sin (ωt – kx) – asin(ωt + kx)
= a [sin (ωt – kx) – sin(ωt + kx)]
= a [{sin ωt cos kx – cos ωt sin kx} – {sin ωt cos kx + cos ωt sin kx}]
= a[sin ωt cos kx – cos ωt sin kx – sin ωt cos kx – cos ωt sin kx]
[ क्योंकि sin (A ± B) = sin Acos B ± cosA sinB]
या y = -2a cos ωt sin kx
या y = -2a sin kx cos ωt ………(4)
या y = A cos ωt ……….(5)
जहाँ y = A sin kx तरंग का आयाम है। ……….(6)
समी (4) एवं (5) परिणामी तरंग का समीकरण व्यक्त करते हैं। स्पष्ट है कि परिणामी तरंग भी आवर्ती तरंग है जिसकी कोणीय आवृत्ति (ω) अध्यारोपित होने वाली तरंगों की कोणीय आवृत्ति के समान है लेकिन इसका आयाम (A) नियत नहीं है बल्कि यह समी. (6) के अनुसार परिवर्तित होता है।
अब समी. ( 4 ) का अवकलन करने पर कणों का वेग
v = \(v=\frac{d y}{d t}=\frac{d}{d t}[-2 a \sin k x \cos \omega t]\)
या v = 2aω sinkx win ωt …………(7)
तथा विकृति
\(\frac{d y}{d x}=\frac{d}{d x}[-2 a \sin k x \cos \omega t]\) …………(8)
या \(\frac{d y}{d x}=2 a k \cos k x \cos \omega t\)

प्रश्न 10.
अप्रगामी तरंगों के सूत्र लिखिए और इसकी सहायता से प्रस्पन्दों एवं निस्पन्दों की स्थितियाँ प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
अप्रगामी तरंगों का निर्माण (Formation of Standing Waves):
अप्रगामी तरंगों के बनने की प्रक्रिया निम्न चित्र में प्रदर्शित हैं-
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -11.1
प्रगामी तरंगों की भाँति अप्रगामी तरंगें भी अनुप्रस्थ तथा अनुदैर्ध्य दोनों प्रकार की होती हैं। तनी हुई डोरियों में अनुप्रस्थ अप्रगामी तरंगें एवं वायु स्तम्भों में अनुदैर्ध्य अप्रगामी तरंगें बनती हैं। सभी वाद्य यंत्रों से संगीत अप्रगामी तरंगों के बनने से ही उत्पनन होता है। सितार वायलिन, पियानो, गिटार, इकतारा आदि में अनुप्रस्थ अप्रगामी तरंगें तथा बाँसुरी, विगुल, सीटी, तबला आदि में अनुदैर्ध्य अप्रगामी तरंगें बनती हैं।

वह माध्यम जिसमें तरंग एक नियत रेखा के अनुदिश गति करती है, रेखीय माध्यम कहलाता है तथा यदि रेखीय माध्यम की लम्बाई अनन्त नहीं है अर्थात् निश्चित है तो माध्यम ‘बद्ध माध्यम’ कहलाता है। रेखीय बद्ध माध्यम में प्रायः सीमा पर एक तरंग आपतित होती है एवं दूसरी तरंग पहली तरंग के परावर्तन से प्राप्त है (क्योंकि समान आवृत्ति व समान आयाम की दो तरंगों को दो भिन्न स्रोतो से प्राप्त करना काफी कठिन है)। इन दोनों तरंगों के अध्यारोपण से अप्रगामी तरंगें बनती हैं। इन तरंगों का बनना समझने के लिए चित्र का अध्ययन करते हैं।

यहाँ दो समान आवृत्ति तथा समान आयाम की तरंगों की दिशा में संचरित होते हुए दिखाया गया है। एक तरंग को बायीं ओर से तथा दूसरी को दायीं ओर से बायीं ओर क्रमशः सतत् रेखा तथा कित रेखा द्वारा दर्शाया गया है। सतत रेखा वाली तरंग बद्धमाध्यम परिसीमा पर आपतित तरंग है एवं बिन्दुकित रेखा से व्यक्त तरंग पर तरंग है ।

(i) प्रारम्भ में (t = 0) पर) दोनों तरंगें विपरीत कला में अध्यारोपित रही हैं अतः माध्यम के सभी कण माध्यस्थिति में है ।
(ii) t = \(\frac{T}{4}\) (जहाँ T दोनों तरंगों का आवर्तकाल है) समय के बाद दोनों तरंगें विपरीत दिशाओं में λ/4 दूरी से आगे बढ़ जाती हैं। अतिरिक्त λ/2 का पथान्तर (λ/4 + λ/4) या का उत्पन्न हो जाता है। अतः दोनों तरंगें समान कला में मिलता परिणामी के चित्र से स्पष्ट है इस स्थिति में कूछ [A1, A2, A3, A4, A5] का विस्थापन अधिकतम है जबकि कण [N1, N2, N3, N4] अभी भी माध्यम स्थिति में हैं।
(iii) t = \(\frac{T}{2}\) समय के पश्चात् पुनः तरंगें विपरीत कला में अध्यारोपित होती हैं अत: माध्यम के सभी कण पुनः अपनी माध्य स्थिति आ जाते हैं।
(iv) t = \(\frac{3T}{4}\) समय के पश्चात् पुनः तरंगें समान कला में हो जाती हैं और माध्यम के कणों A1, A2, A3, A4 व A5 का विस्थापन फिर अधिकतम हो जाता है लेकिन इनकी कला विपरीत हो जाती है। N1, N2, N3 व N4 अब माध्य स्थिति में ही रहते हैं ।
(v) t = T समय पश्चात् पुनः प्रारंभिक स्थिति प्राप्त हो जाती है।

उपरोक्त विवेचना से निम्नलिखित निष्कर्ण निकलते हैं-
1. माध्यम के कूछ कण (A1, A2, A3, A4, A5) सदैव अपनी माध्य स्थिति के दोनों ओर अधिकतम आयाम से कम्पन करते हैं, उन्हें ‘प्रस्पन्द’ (Antinodes ) कहते हैं। प्रस्पन्दों पर कणों का वेग (\(\frac{d y}{d t}\)) अधिकतम होता है तथा दाब या घनत्व परिवर्तन शून्य होता है (क्योंकि \(\frac{d y}{d x}=0\))

2. क्रमागत प्रस्पन्दों के बीच के कण (N1, N2, N3, N4) सदैव स्थिर रहते हैं। इन्हें ‘निस्पन्द’ (Nodes) कहते हैं। ये समान दूरियों पर स्थिर रहते हैं । निस्पन्दों पर कणों का वेग (\(\frac{d y}{d t}\)) शून्य होता है तथा दाब तथा घनत्व परिवर्तन अधिकतम होता है।

3. दो क्रमागत प्रस्पन्दों या दो क्रमागत निस्पन्दों के बीच की दूरी λ/2 होती है तथा एक निस्पन्द व उसके समीपस्थ प्रस्पन्द के बीच की दूरी λ/4 होती, जहाँ λ तरंग की तरंगदैर्ध्य है।

4. प्रस्पन्दों की ऊर्जा दोनों ओर के निस्पन्दों को स्थानान्तरित नहीं होती है अर्थात् इन तरंगों के द्वारा ऊर्जा का स्थानान्तरण नहीं होता है तथा तरंगें माध्यम में भी आगे नहीं बढ़ती हैं बल्कि अपने ही स्थान पर माध्यम की परिसीमाओं के बीच स्थिर रहकर फैलती व सिकूड़ती रहती है। इन्हीं गुणों के कारण इन तरंगों को अप्रगामी या स्थावर तरंगें कहा जाता है।

5. अप्रगामी तरंगों में प्रत्येक कण का आवर्तकाल (T) समान होता है परन्तु दो निस्पन्दों के मध्य प्रत्येक कण का आयाम भिन्न होता है। इसी प्रकार दो निस्पन्दों के मध्य सभी कण समान कला में दोलन करते हैं।

6. एक निस्पन्द के दोनों ओर के कण परस्पर विपरीत कला में दोलन करते हैं।

7. एक आवर्तकाल में दो बार माध्यम के कण एक साथ अपनी साम्यावस्था में आते हैं अर्थात् एक आवर्तकाल में दो बार सभी कणों का विस्थापन शून्य होता है।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें

प्रश्न 11.
तरंगों के अध्यारोपण का सिद्धान्त क्या है ? इसका उपयोग करते हुए दो तरंगों के अध्यारोपण से परिणामों तरंग के आयाम के लिए सूत्र प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
तरंगों के अध्यारोपण का सिद्धान्त [Principle Of Superposition Of Waves]:
इस अनुच्छेद में हम इस बात पर विचार करेंगे कि यदि कई प्रगामी तरंगें समान दिशा में या विपरीत दिशा में गति करती हों तो इस स्थिति में क्या होगा ? इस परिस्थिति में कण के विस्थापन का अध्ययन करने हेतु हम निम्न चित्र के अनुसार एक तनी हुई डोरी में एक ही समय पर विपरीत दिशा में गतिशील दो विक्षोभों की गति पर विचार करते हैं। स्थिति (a) के अनुरूप दो विक्षोभ (समान कला में ) ।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -4.1
विपरीत दिशाओं से एक-दूसरे की ओर गतिशील हैं तथा इनके मिलने के स्थान पर कण का विस्थापन पूर्व विस्थापन से भिन्न है तथा तरंगों के समान कला में होने के कारण यह बढ़ जाता है और विक्षोभों के पुनः अपनी दिशाओं में आगे बढ़ने पर अपनी पूर्व स्थिति को प्राप्त कर लेता है। इसी प्रकार स्थिति (b) के अनुसार विक्षोभों के विपरीत कला में अध्यारोपित होने पर भी परिणामी विस्थापन पूर्व विस्थापन से भिन्न है तथा जब समय के साथ विक्षोभ आगे बढ़ जाते हैं तो ‘पुन: विस्थापन अपनी पूर्व स्थिति को प्राप्त कर लेता है।

इस प्रकार हम देखते हैं कि जब किसी कण पर एक ही समय पर दो या अधिक तरंगे अध्यारोपित हों तो वे कण के विस्थापन को प्रभावित करती हैं अत: “किसी कण पर एक ही समय पर एक से अधिक तरंगों के आरोपित होने को तरंगों का अध्यारोपण कहा जाता है।”

तरंगों के अध्यारोपण के परिणाम स्वरूप तात्क्षणिक रूप से उस पर प्रभावित सभी तरंगों के संयुक्त परिणामी प्रभाव के अन्तर्गत गति करता है। तो परिणामी विस्थापन अध्यारोपण के सिद्धान्त के अनुसार दिया जाता है।

तरंगों के अध्यारोपण का सिद्धान्त [Principle Of Superposition Of Waves]
इस अनुच्छेद में हम इस बात पर विचार करेंगे कि यदि कई प्रगामी तरंगें समान दिशा में या विपरीत दिशा में गति करती हों तो इस स्थिति में क्या होगा ? इस परिस्थिति में कण के विस्थापन का अध्ययन करने हेतु हम निम्न चित्र के अनुसार एक तनी हुई डोरी में एक ही समय पर विपरीत दिशा में गतिशील दो विक्षोभों की गति पर विचार करते हैं। स्थिति (a) के अनुरूप दो विक्षोभ (समान कला में ) ।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -4.2
विपरीत दिशाओं से एक-दूसरे की ओर गतिशील हैं तथा इनके मिलने के स्थान पर कण का विस्थापन पूर्व विस्थापन से भिन्न है तथा तरंगों के समान कला में होने के कारण यह बढ़ जाता है और विक्षोभों के पुनः अपनी दिशाओं में आगे बढ़ने पर अपनी पूर्व स्थिति को प्राप्त कर लेता है। इसी प्रकार स्थिति (b) के अनुसार विक्षोभों के विपरीत कला में अध्यारोपित होने पर भी परिणामी विस्थापन पूर्व विस्थापन से भिन्न है तथा जब समय के साथ विक्षोभ आगे बढ़ जाते हैं तो ‘पुन: विस्थापन अपनी पूर्व स्थिति को प्राप्त कर लेता है।

इस प्रकार हम देखते हैं कि जब किसी कण पर एक ही समय पर दो या अधिक तरंगे अध्यारोपित हों तो वे कण के विस्थापन को प्रभावित करती हैं अत: “किसी कण पर एक ही समय पर एक से अधिक तरंगों के आरोपित होने को तरंगों का अध्यारोपण कहा जाता है।”

तरंगों के अध्यारोपण के परिणाम स्वरूप तात्क्षणिक रूप से उस पर प्रभावित सभी तरंगों के संयुक्त परिणामी प्रभाव के अन्तर्गत गति करता है। तो परिणामी विस्थापन अध्यारोपण के सिद्धान्त के अनुसार दिया जाता है।

अध्यारोपण का सिद्धान्त (Principle of Superposition ):
“जब किसी माध्यम में दो या दो से अधिक तरंगें एक साथ जाती हैं अर्थात् वे अध्यारोपण करती हैं तो माध्यम के प्रत्येक कण का किसी समय परिणामी विस्थापन उन विस्थापनों के बीजगणितीय योग के बराबर होता है जो वे तरंगे एक-दूसरे की अनुपस्थिति में अलग-अलग उत्पन्न करती हैं।” अर्थात्
y = y1 + y2 + …
यह योग अलग-अलग विस्थापनों के बीजीय योग के बराबर होता है।

दो सरल आवर्त गतियों का अध्यारोपण:
इस गति के दौरान माध्यम के कण सरल आवर्त गति करते हैं तथा विस्थापन में माना कोई दो समान आवृत्ति की तरंगें जिनके कारण कण का विस्थापन एक ही दिशा में हो तो कण का विस्थापन निम्न प्रकार दिया जाता है-
y1 = a sin (ωt + α) ……….(1)
y2 = b sin(ωt + ß) ……….(2)
जहाँ α व ß उन तरंगों की प्रारम्भिक कला है एवं a व b उनके आयाम हैं।
अतः अध्यारोपण के सिद्धान्त से परिणामी विस्थापन
y = y1 + y2
या y = a sin (ωt + α) + b sin(ωt + ß)
= a sin ωt cos α + a cos ωt sin α + b sin ωt cos ß + b cos ωt sin ß

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें

प्रश्न 12.
सिद्ध कीजिए कि तनी हुई डोरियों में सम एवं विषम दोनों प्रकार के सन्नादी उत्पन्न होते हैं।
उत्तर:
तनी हुई डोरी में अप्रगामी तरंगें एवं कम्पन की विधाएँ तथा कम्पन के नियम
(STANDING WAVES IN STRETCHED STRING AND MODES OF VIBRATION AND LAWS OF VIBRATIONS)
तनी हुई डोरी में अनुप्रस्थ अप्रगामी तरंगें बनती हैं। इसके लिए हम के मध्य तनी हुई डोरी में उत्पन्न अप्रग्रामी तरंगों पर विचार यदि डोरी में तनाव T, डोरी की लम्बाई / तथा डोरी की एकांक का द्रव्यमान यदि । हो तो डोरी में उत्पन्न तरंगों का वेग
v = \(\sqrt{\frac{T}{m}}\) ……….(1)
जब डोरी की लम्बवत् दिशा में थोड़ा खींचकर छोड़ा जाता है, तो इसके सिरों की ओर अनुप्रस्थ प्रगामी तरंगें चलने लगती हैं। ये तरंगें डोरी के दृढ़ सिरों से परावर्तित हो जाती हैं और आपतित तथा परावर्तित तरंगें अध्यारोपण करके अनुप्रस्थ अप्रगामी तरंगें उत्पन्न करते हैं। ये तरंगें तब तक रहती हैं जब तक कि घर्षण इत्यादि कारणों से उनकी ऊर्जा नष्ट नहीं हो जाती है। डोरी के कसे हुए सिरों पर दोलन की स्वतन्त्रता न होने के कारण सदैव इन सिरों पर निस्पन्द बनते हैं। जब डोरी को मध्य बिन्दु से थोड़ा खींचकर छोड़ दिया जाता है तो डोरी एक खण्ड में कम्पन करती है। डोरी के दोनों सिरों पर निस्पन्द एवं मध्य बिन्दु पर प्रस्पन्द बनता है। यह तनी हुई डोरी में अप्रगामी तरंग की सबसे सरल विधा है जिसमें डोरी एक लूप में कम्पन्न करती है। इस अवस्था में डोरी न्यूनतम आवृत्ति का स्वर उत्पन्न करती है जिसे ‘मूल स्वरक’ कहते हैं। इस स्थिति में यदि
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -12
उत्पन्न, अप्रगामी तरंगों की तरंगदैर्ध्य λ1 हो तो
\(\frac{\lambda_1}{2}=l \Rightarrow \lambda_1=2 l\)
अतः मूल स्वर की आवृत्ति
\(n_1=\frac{v}{\lambda_1}=\frac{v}{2 l}\)
v = \(\sqrt{\frac{T}{m}}\)
∴ \(n_1=\frac{1}{2 l} \sqrt{\frac{\mathrm{T}}{m}}\)
यदि डोरी के मध्य बिन्दु के पास B बिन्दु (एक सिरे से λ/ 4 दूरी पर स्थित बिन्दु) से थोड़ा खींचकर छोड़ दें तो डोरी चित्र अनुसार दो खण्डों में कम्पन करती है। इस स्थिति में λ2 = l, अतः उत्पन्न अप्रगामी तरंगों की आवृत्ति
\(n_2=\frac{v}{\lambda_2}=\frac{v}{t}=\frac{2 v}{2 l}\)
या n2 = 2n1 ……………….(3)
या \(n_2=\frac{2}{2 l} \sqrt{\frac{\mathrm{T}}{m}}\)
इसी प्रकार चित्र के अनुसार जब C बिन्दु पर डोरी को थोड़ा खींचकर छोड़ा जाता है तो डोरी तीन खण्डों में कम्पन करने लगती है। इन तरंगों की तरंगदैर्ध्य यदि λ3 हो तो
\(\lambda_3+\frac{\lambda_3}{2}=l \Rightarrow \frac{3 \lambda_3}{2}=l\)
या \(\lambda_3=\frac{2 l}{3}\)
इन तरंगों की आवृत्ति
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -13
मूल आवृत्ति से अधिक आवृत्तियों के स्वरकों को ‘अधिस्वरक’ (over tone) कहते हैं। आवृत्तियों n2, n3, n4 … आदि के स्वर क्रमशः प्रथम, द्वितीय, तृतीय …… अधिस्वरक कहलाते हैं।

जिन अधिस्वरकों की आवृत्तियाँ मूल स्वरक की आवृत्ति की पूर्ण गुणज होती हैं उन्हें ‘सन्नादी’ (harmonics) कहते हैं। जिन स्वरकों को आवृत्ति मूलस्वरक की आवृत्ति की विषम गुणज होती है उन्हें ‘विषम सन्नादी’ (odd harmonic) कहते हैं और जिनकी आवृत्ति सम गुणज होती है उन्हें ‘सम सन्नादी’ (even harmonics) कहते हैं। समी. (2), (3), (5) आदि स्पष्ट है कि तनी हुई डोरियों में सम एवं विषम दोनों प्रकार के सन्नादी उत्पन्न होते हैं।

प्रश्न 13.
तनी हुई डोरी में अनुप्रस्थ कम्पनों के नियमों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
तनी हुई डोरी में अनुप्रस्थ तरंग की चाल (Velocity Of Transverse Wave In A Stretched String):
तनी हुई डोरी में विक्षोभ से अनुप्रस्थ तरंग उत्पन्न होती है। अतः अनुप्रस्थ तरंग का वेग ज्ञात करने हेतु माना एक डोरी, जिसकी एकांक लम्बाई का द्रव्यमान m है तथा तनाव T है, में एक विक्षोभ बायीं ओर से दायीं ओर वेग से गतिशील है। हम यह मान सकते हैं कि प्रेक्षक विक्षोभ की दिशा में समान वेग v से गतिशील है तो प्रेक्षक को स्पन्द स्थिर प्रतीत होगा तथा डोरी विपरीत दिशा में गति करती हुई प्रतीत होगी।

अब डोरी के अल्पांश ∆l पर विचार करें तो विक्षोभ के कारण यदि डोरी में अल्प विस्थापन हो तो इस अल्पांश ∆l को चित्र की भाँति R त्रिज्या के वृत्तीय चाप के रूप में ले सकते हैं।
इस चाप का द्रव्यमान M = m. ∆l
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -14
इस अल्पांश पर केन्द्र की ओर लगने वाला कुल तनाव बल 2T sin θ ही आवश्यक अभिकेन्द्रीय बल प्रदान करेगा।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -15.1
अर्थात् तरंग वेग डोरी के तनाव एवं डोरी की एकांक लम्बाई के द्रव्यमान पर निर्भर करता है। यह तरंग वेग आयाम व तरंग दैर्ध्य पर निर्भर नहीं करता है। इस सूत्र की उपपत्ति में डोरी को आदर्श (पूर्णत: प्रत्यास्थ, समान घनत्व) माना गया है तथा कम्पन करते समय इसकी लम्बाई में कोई परिवर्तन नहीं होता है ।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें

प्रश्न 14.
बन्द वायु स्तम्भों में कम्पन की विधाओं की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
वायु स्तम्भों में अप्रगामी तरंगें एवं कम्पन की विधाएँ
(Standing Waves In Air Columns And Mode Of Vibrations):
वायु स्तम्भों में अनुदैर्ध्य अप्रगामी तरंगें बनती हैं। जब कोई कम्पित ध्वनि स्रोत जैसे स्वरित्र वायु स्तम्भ के पास लाया जाता है तो वायु स्तम्भ में सम्पीडन एवं विरलन उत्पन्न होते हैं और ये अनुदैर्ध्य प्रगामी तरंगें वायु स्तम्भ के दूसरे सिरे से परावर्तित होकर आपतित तरंगों के साथ अध्यारोपण हो जाती हैं। फलस्वरूप वायु स्तम्भ में अनुदैर्ध्य अप्रगामी तरंगें उत्पन्न होती है। वायु स्तम्भ दो प्रकार के होते हैं-
1. बन्द वायु स्तम्भ – वे वायु स्तम्भ एक सिरे पर खुले एवं दूसरे सिरे पर बन्द होते हैं।
2. खुले वायु स्तम्भ – ये वायु स्तम्भ दोनों सिरों पर खुले होते हैं।
वायु स्तम्भों में कम्पन की विधाओं का अध्ययन करने के लिए निम्न बातें ध्यान में रखने चाहिए-
(i) पाइप के बन्द सिरे पर दोलन की स्वतन्त्रता नहीं होती है, अतः इस सिरे पर सदैव निस्पन्द बनता है।
(ii) वायु स्तम्भ का खुला सिरा वायुमण्डल के सम्पर्क में होता है इसलिए इस सिरे पर घनत्व परिवर्तन लगभग शून्य होता है अर्थात् यहाँ विकृति शून्य होनी चाहिए और पाइप के खुले सिरे पर प्रस्पन्द होना चाहिए।
(iii) दो निस्पन्दों के मध्य एक प्रस्पन्द और दो प्रस्पन्दों के मध्य एक निस्पन्द होना चाहिए।

बन्द वायु स्तम्भ में कम्पन की विधाएँ (Modes of Vibrations in Closed Organ Pipes):
(i) मूलस्वरक (Fundamental Tone):
बन्द वायु के कम्पन की सरलतम विधा संलग्न चित्र में प्रदर्शित है। इसमें बन्द सिरे पर निस्पन्द एवं खुले सिरे पर प्रस्पन्द बनता है। इस स्थिति में उत्पन्न स्वरक को मूल स्वरक कहते हैं। चित्र से
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -16
\(\frac{\lambda_1}{4}=l \Rightarrow \lambda_1=4 l\)
अतः मूल स्वरक की आवृत्ति,
\(n_1=\frac{v}{\lambda_1}\)
या \(n_1=\frac{v}{4 l}\) ………(1)
यह आवृत्ति मूल आवृत्ति की एक गुनी है। अत: इसे प्रथम सन्नादी (first harmonic) भी कहते हैं।

(ii) प्रथम अधिस्वरक (First Overtone ): यदि कम्पन संलग्न चित्र की भाँति हो रहे हैं अर्थात् पाइप के सिरों पर प्रस्पन्द एवं निस्पन्द के अलावा मध्य में एक प्रस्पन्द व एक निस्पन्द और बनता है तो उत्पन्न स्वरक को ‘प्रथम अधिस्वरक’ कहते हैं।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -17
∵ n2 का मान n1 का तीन गुना है अतः इसे तृतीय सन्नादी (Third harmonic) कहते हैं।

(iii) द्वितीय अधिस्वरक (Second Overtone): द्वितीय अधिस्वरक की स्थिति में वायु स्तम्भ में कम्पन की विधा चित्र में प्रदर्शित है।
इस स्थिति में;
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -18
अतः बन्द वायु स्तम्भों में केवल विषम सन्नादी ही उत्पन्न होते हैं।

प्रश्न 15.
सिद्ध कीजिए कि खुले ऑर्गन पाइप में सम एवं विषम दोनों प्रकार के सन्नादी उत्पन्न होते हैं।
उत्तर;
अप्रगामी तरंगों का गणितीय विश्लेषण (Mathematical Analysis of Standing Waves)
माना धनात्मक X- अक्ष की दिशा में गतिशील प्रगामी तरंग का समीकरण –
y1 = a sin (ωt – kx) ……..(1)
जब यह तरंग बद्ध माध्यम की परिसीमा से परावर्तित होती है तो परावर्तित तरंग का समीकरण-
y2 = ±a sin (ωt + kx) ……..(2)
इस समीकरण (+) चिह्न का प्रयोग तब होगा जब तरंग का परावर्तन मुक्त परिसीमा मुक्त है अर्थात् परावर्तन विरल माध्यम से हो रहा हो ओर दृढ़ परिसीमा अर्थात् सघन माध्यम से परावर्तन होने पर (-) चिह्न का प्रयोग होगा क्योंकि इस स्थिति में परावर्तित तरंग में का कलान्तर और उत्पन्न हो जायेगा। परावर्तित तरंग की दिशा X- अक्ष की ऋणात्मक दिशा में होगी अतः kx से पूर्व (+) चिह्न का ही प्रयोग होगा।

अब हम यह मानकर गणितीय विवेचना में आगे बढ़ते हैं कि परावर्तन सघन माध्यम से हो रहा है।
अध्यारोपण के सिद्धान्त से-
y = y1 + y2 ………..(3)
या y = a sin (ωt – kx) – asin(ωt + kx)
= a [sin (ωt – kx) – sin(ωt + kx)]
= a [{sin ωt cos kx – cos ωt sin kx} – {sin ωt cos kx + cos ωt sin kx}]
= a[sin ωt cos kx – cos ωt sin kx – sin ωt cos kx – cos ωt sin kx]
[ क्योंकि sin (A ± B) = sin Acos B ± cosA sinB]
या y = -2a cos ωt sin kx
या y = -2a sin kx cos ωt ………(4)
या y = A cos ωt ……….(5)
जहाँ y = A sin kx तरंग का आयाम है। ……….(6)
समी (4) एवं (5) परिणामी तरंग का समीकरण व्यक्त करते हैं। स्पष्ट है कि परिणामी तरंग भी आवर्ती तरंग है जिसकी कोणीय आवृत्ति (ω) अध्यारोपित होने वाली तरंगों की कोणीय आवृत्ति के समान है लेकिन इसका आयाम (A) नियत नहीं है बल्कि यह समी. (6) के अनुसार परिवर्तित होता है।
अब समी. ( 4 ) का अवकलन करने पर कणों का वेग
v = \(v=\frac{d y}{d t}=\frac{d}{d t}[-2 a \sin k x \cos \omega t]\)
या v = 2aω sinkx win ωt …………(7)
तथा विकृति
\(\frac{d y}{d x}=\frac{d}{d x}[-2 a \sin k x \cos \omega t]\) …………(8)
या \(\frac{d y}{d x}=2 a k \cos k x \cos \omega t\)

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें

प्रश्न 16.
सोनोमीटर किस सिद्धान्त पर कार्य करता है ? इसकी सहायता से स्वरित्र की अज्ञात आवृत्ति किस प्रकार ज्ञात की जाती है ?
उत्तर:
स्वरमापी (Sonometer)
तनी हुई डोरियों में अप्रगगमी तरंगों एवं अनुनाद के सिद्धान्त पर यह ऐसा उपकरण है जिसकी सहायता से किसी स्वरित्र की आवृत्ति ज्ञात की जा सकती है।

इसमें बढ़िया किस्म की मुलायम लकड़ी का बना एक आयताकार खोखला बक्सा है जिसे ‘ध्वनि बॉक्स’ (Sound Box) कहते हैं और इसे चित्र में प्रदर्शित किया गया है। इसमें दो बड़े छेद होते हैं जिससे बॉक्स के अन्दर उत्पन्न ध्वनि बाहर सुनी जा सके। इसे ‘अनुनाद बॉक्स’ (Resonancl Box) भी कहते हैं। ध्वनि बॉक्स को दो ऊर्ध्वाधर स्टेण्डों पर रख दिया जाता है तथा इसकी ऊपरी सतह पर एक तार हुक से बंधा होता है जो सतुओं A, B, C के ऊपर से होता हुआ ध्वनि बॉक्स के दूसरे सिरे घिरनी पर होकर गुजरता है तार के दूसरे सिरे पर एक हैंगर लगा जिस पर चॉट चढ़ाकर तार में तनाव उत्पन्न किया जाता है। सेतुओं के दूरी ज्ञात करने के लिए बॉक्स के एक किनारे पर एक मीटर स्केल भी रहता है।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -19

जब तार को कर्षित (Plucked) किया जाता है तो उसमें अनुप्रस्थ प्रगामी तरंगे उत्पन्न होती हैं जो कर्षण बिन्दु के दोनों ओर तार के अनुदिश गति करती हैं और सेतुओं से परावर्तित होकर अध्यारोपण करती है। जिससे तार में अनुप्रस्थ अप्रगामी तरंगें उत्पन्न होती हैं ये तरंगें सेतुओं के माध्यम से ध्वनि बॉक्स में जाकर वायु को कम्पित करती हैं। अनुनाद की स्थिति में ध्वनि बॉक्स के छिद्रों से होकर तीव्र ध्वनि सुनाई देती है।

जब कोई तना हुआ तार मूल स्वर में (एक खण्ड) कम्पन करता है तो उसकी आवृत्ति निम्न सूत्र से दी जाती है।
n = \(\frac{1}{2} \sqrt{\frac{T}{m}}\) जहाँ T = Mg
m = तार की एकांक लम्बाई का द्रव्यमान
l = कम्पित तार की लम्बाई
g = गुरुत्वीय त्वरण
M = हँगर सहित उस पर लटकाया गया द्रव्यमान
यदि स्वरमापी पर एक कम्पित स्वरित्र की मूठ रखी जाती है तो ता कम्पन करने लगता है जो सेतुओं के माध्यम से तार में पहुँचकर अनुप्रस्थ अप्रगामी तरंगे उत्पन्न करते हैं यदि सेतुओं के मध्य दूरी को समायोजित करके अनुनाद की स्थिति ज्ञात कर ली जाये तो-
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -20

प्रश्न 17.
विस्पन्द विधि द्वारा स्वरित्र द्विभुज की अज्ञात आवृत्ति किस प्रकार ज्ञात की जा सकती है ?
उत्तर:
विस्पन्दों के अनुप्रयोग (Applications of Beats)
(i) विस्पंदों विधि द्वारा स्वरित्र की अज्ञात आवृत्ति ज्ञात करना
किसी दिये हुए स्वरित्र की आवृत्ति ज्ञात करने के लिए एक लगभग समान किन्तु ज्ञात आवृत्ति का स्वरित्र लिया जाता है, क्योंकि ध्वनि तरंगों के विस्पन्दों को प्रेक्षित करने के लिए यह आवश्यक है कि दोनों तरंगों की आवृत्ति में अन्तर अधिक नहीं होना चाहिए अन्यथा विस्पन्द इतनी शीघ्रता से बनेंगे कि उनका सुनना सम्भव न होगा। दोनों स्वरित्रों को एक साथ कम्पित करवाकर प्रति सेकण्ड विस्पन्दों की संख्या ज्ञात की जाती है माना स्वरित्र की आवृत्ति n व उत्पन्न विस्पन्द आवृत्ति ∆n हो, तो अज्ञात स्वरित्र की आवृत्ति (n + ∆n) या (n – ∆n) होगी।

यह निर्धारित करने के लिए अज्ञात स्वरित्र की आवृत्ति (n + ∆n) या (n – ∆n) है, अज्ञात आवृत्ति वाले स्वरित्र की भुजा पर थोड़ा मोम लगा देते हैं, जिससे भुजा का भार बढ़ जाने से उसकी आवृत्ति कम हो जायेगी। पुनः दोनों स्वरित्रों को एक साथ कम्पित कराकर विस्पन्दों की संख्या ज्ञात करते हैं। यदि विस्पन्द आवृत्ति पहले से अधिक मिलती है, आवृत्ति (n – ∆n) और विस्पन्द आवृत्ति कम होने पर अज्ञात आवृत्ति (n + ∆n) होगी।

(ii) वाद्ययंत्रों का स्वर मिलाना संगीतज्ञ दो वाद्य यंत्रों के मिलाने के लिए अर्थात् उनकी आवृत्तियों को समान करने के लिए विस्पन्द का उपयोग करते हैं। यदि दोनों की आवृत्तियों में थोड़ा-सा अन्तर हैं तो उन्हें अलग-अलग बजाकर समस्वरित नहीं किया जा सकता, परन्तु यदि दोनों वाद्य यन्त्रों को साथ-साथ बजाया जाए तो उनकी आवृत्तियों में थोड़ा-सा अन्तर होने पर विस्पन्द सुनाई देंगे। इस स्थिति में एक वाद्य यंत्र को इस प्रकार समायोजित करते हैं कि विस्पन्दों की संख्या धीरे-धीरे कम होने लगे तथा अन्त में विस्पन्द सुनाई देने बन्द हो जाएँ। इस प्रकार वाद्य यंत्र समस्वरित हो जाते हैं।

(iii) खानों में खतरनाक गैसों का पता लगाना- इसके लिए एक विशेष प्रकार का यंत्र प्रयोग में लाया जाता है। इसमें बिल्कूल समान आकार के दो छोटे पाइप होते हैं। एक पाइप में शुद्ध हवा तथा दूसरे पाइप में खान की हवा प्रवाहित की जाती है। यदि खान की हवा शुद्ध है तो दोनों पाइप समस्वरित (Tuned) होंगे अर्थात् दोनों पाइपों में एक ही आवृत्ति का स्वर निकलेगा, अतः विस्पन्द सुनाई नहीं देंगे। यदि खान की हवा में खतरनाक गैस का वेग बढ़ जाता है। इससे उत्पन्न ध्वनि स्वर की आवृत्ति बदल जाती है, अतः विस्पन्द सुनाई देने लगेंगे।

(iv) संकरण विधि से ध्वनि उत्पन्न करना इसके लिए दो विद्युत परिपथ तैयार किये जाते हैं। इनमें प्रत्यावर्ती धारा उत्पन्न की जाती है। ये धाराएँ दो लाउडस्पीकरों को दी जाती है। इनमें से एक धारा की आवृत्ति को समायोजित करके इच्छित आवृत्ति के विस्पन्द उत्पन्न किए जा सकते हैं।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें

प्रश्न 18.
डॉप्लर प्रभाव से आप क्या समझते हैं ? किस परिस्थिति में यह लागू नहीं होता है ?
उत्तर:
तरंगों के अध्यारोपण का सिद्धान्त [Principle Of Superposition Of Waves]
इस अनुच्छेद में हम इस बात पर विचार करेंगे कि यदि कई प्रगामी तरंगें समान दिशा में या विपरीत दिशा में गति करती हों तो इस स्थिति में क्या होगा ? इस परिस्थिति में कण के विस्थापन का अध्ययन करने हेतु हम निम्न चित्र के अनुसार एक तनी हुई डोरी में एक ही समय पर विपरीत दिशा में गतिशील दो विक्षोभों की गति पर विचार करते हैं। स्थिति (a) के अनुरूप दो विक्षोभ (समान कला में ) ।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -4.3
विपरीत दिशाओं से एक-दूसरे की ओर गतिशील हैं तथा इनके मिलने के स्थान पर कण का विस्थापन पूर्व विस्थापन से भिन्न है तथा तरंगों के समान कला में होने के कारण यह बढ़ जाता है और विक्षोभों के पुनः अपनी दिशाओं में आगे बढ़ने पर अपनी पूर्व स्थिति को प्राप्त कर लेता है। इसी प्रकार स्थिति (b) के अनुसार विक्षोभों के विपरीत कला में अध्यारोपित होने पर भी परिणामी विस्थापन पूर्व विस्थापन से भिन्न है तथा जब समय के साथ विक्षोभ आगे बढ़ जाते हैं तो ‘पुन: विस्थापन अपनी पूर्व स्थिति को प्राप्त कर लेता है।

इस प्रकार हम देखते हैं कि जब किसी कण पर एक ही समय पर दो या अधिक तरंगे अध्यारोपित हों तो वे कण के विस्थापन को प्रभावित करती हैं अत: “किसी कण पर एक ही समय पर एक से अधिक तरंगों के आरोपित होने को तरंगों का अध्यारोपण कहा जाता है।”

तरंगों के अध्यारोपण के परिणाम स्वरूप तात्क्षणिक रूप से उस पर प्रभावित सभी तरंगों के संयुक्त परिणामी प्रभाव के अन्तर्गत गति करता है। तो परिणामी विस्थापन अध्यारोपण के सिद्धान्त के अनुसार दिया जाता है।

अध्यारोपण का सिद्धान्त (Principle of Superposition ):
“जब किसी माध्यम में दो या दो से अधिक तरंगें एक साथ जाती हैं अर्थात् वे अध्यारोपण करती हैं तो माध्यम के प्रत्येक कण का किसी समय परिणामी विस्थापन उन विस्थापनों के बीजगणितीय योग के बराबर होता है जो वे तरंगे एक-दूसरे की अनुपस्थिति में अलग-अलग उत्पन्न करती हैं।” अर्थात्
y = y1 + y2 + …
यह योग अलग-अलग विस्थापनों के बीजीय योग के बराबर होता है।

दो सरल आवर्त गतियों का अध्यारोपण:
इस गति के दौरान माध्यम के कण सरल आवर्त गति करते हैं तथा विस्थापन में माना कोई दो समान आवृत्ति की तरंगें जिनके कारण कण का विस्थापन एक ही दिशा में हो तो कण का विस्थापन निम्न प्रकार दिया जाता है-
y1 = a sin (ωt + α) ……….(1)
y2 = b sin(ωt + ß) ……….(2)
जहाँ α व ß उन तरंगों की प्रारम्भिक कला है एवं a व b उनके आयाम हैं।
अतः अध्यारोपण के सिद्धान्त से परिणामी विस्थापन
y = y1 + y2
या y = a sin (ωt + α) + b sin(ωt + ß)
= a sin ωt cos α + a cos ωt sin α + b sin ωt cos ß + b cos ωt sin ß

सूत्र sin (A + B) = sin A cos B + cos A sin B का प्रयोग करने पर
या y = sin ωt (a cos α + b cos ß) + cos ωt (a sin α + b sin ß)
माना a cos α + b cos ß = r cos θ …………(3)
एवं a sin α + b sin ß = r sin θ ………..(4)
अतः y = r sin ωt cos θ + r cos ωt sin θ
या y = r sin(ωt + θ) ………(5)
यह परिणामी तरंग का समीकरण है जिसका आयाम है। इस समीकरण से स्पष्ट है कि परिणामी तरंग भी उसी आवृत्ति से गति करेगी जिससे अध्यारोपित होने वाली तरंगे करती है। समी (5) में θ परिणामी तरंग की प्रारम्भिक कला है।

परिणामी तरंग का आयाम : समी (3) व (4) के वर्गों को जोड़ने पर
r² cos² θ + r² sin² θ = (a cos α + b cos ß)² + (a sin α + b sin ß)²
या r²(cos² θ + sin² θ) = a² cos α + b² cos ß+ 2ab cos α cos ß + a² sin² α + b² sin² ß + 2ab sin α sin ß
या r² = a² (cos² α + sin² α) + b² (cos² ß + sin² ß) + 2ab(cos α cos ß + sin α sin ß)
या r² = a² + b² + 2ab cos (ß – α) ………..(6)
[क्योंकि cos (A – B) = cosA cosB + sinA sinB]
∴ r = \(\sqrt{a^2+b^2+2ab cos(ß-α)}\) …………(7)

परिणामी तरंग का कला कोण : समी (4) में (3) का भाग देने पर-
\(\tan \theta=\frac{a \sin \alpha+b \sin \beta}{a \cos \alpha+b \cos \beta}\)
\(\theta=\tan ^{-1} \frac{a \sin \alpha+b \sin \beta}{a \cos \alpha+b \cos \beta}\)

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें

प्रश्न 19.
यदि ध्वनि स्त्रोत एवं श्रोता दोनों गतिमान है, तो आभासी आवृत्ति के लिए विभिन्न स्थितियों में सूत्र प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
तरंगों के अध्यारोपण का सिद्धान्त [Principle Of Superposition Of Waves]
इस अनुच्छेद में हम इस बात पर विचार करेंगे कि यदि कई प्रगामी तरंगें समान दिशा में या विपरीत दिशा में गति करती हों तो इस स्थिति में क्या होगा ? इस परिस्थिति में कण के विस्थापन का अध्ययन करने हेतु हम निम्न चित्र के अनुसार एक तनी हुई डोरी में एक ही समय पर विपरीत दिशा में गतिशील दो विक्षोभों की गति पर विचार करते हैं। स्थिति (a) के अनुरूप दो विक्षोभ (समान कला में ) ।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -4.4
विपरीत दिशाओं से एक-दूसरे की ओर गतिशील हैं तथा इनके मिलने के स्थान पर कण का विस्थापन पूर्व विस्थापन से भिन्न है तथा तरंगों के समान कला में होने के कारण यह बढ़ जाता है और विक्षोभों के पुनः अपनी दिशाओं में आगे बढ़ने पर अपनी पूर्व स्थिति को प्राप्त कर लेता है। इसी प्रकार स्थिति (b) के अनुसार विक्षोभों के विपरीत कला में अध्यारोपित होने पर भी परिणामी विस्थापन पूर्व विस्थापन से भिन्न है तथा जब समय के साथ विक्षोभ आगे बढ़ जाते हैं तो ‘पुन: विस्थापन अपनी पूर्व स्थिति को प्राप्त कर लेता है।

इस प्रकार हम देखते हैं कि जब किसी कण पर एक ही समय पर दो या अधिक तरंगे अध्यारोपित हों तो वे कण के विस्थापन को प्रभावित करती हैं अत: “किसी कण पर एक ही समय पर एक से अधिक तरंगों के आरोपित होने को तरंगों का अध्यारोपण कहा जाता है।”

तरंगों के अध्यारोपण के परिणाम स्वरूप तात्क्षणिक रूप से उस पर प्रभावित सभी तरंगों के संयुक्त परिणामी प्रभाव के अन्तर्गत गति करता है। तो परिणामी विस्थापन अध्यारोपण के सिद्धान्त के अनुसार दिया जाता है।

अध्यारोपण का सिद्धान्त (Principle of Superposition ):
“जब किसी माध्यम में दो या दो से अधिक तरंगें एक साथ जाती हैं अर्थात् वे अध्यारोपण करती हैं तो माध्यम के प्रत्येक कण का किसी समय परिणामी विस्थापन उन विस्थापनों के बीजगणितीय योग के बराबर होता है जो वे तरंगे एक-दूसरे की अनुपस्थिति में अलग-अलग उत्पन्न करती हैं।” अर्थात्
y = y1 + y2 + …
यह योग अलग-अलग विस्थापनों के बीजीय योग के बराबर होता है।

दो सरल आवर्त गतियों का अध्यारोपण:
इस गति के दौरान माध्यम के कण सरल आवर्त गति करते हैं तथा विस्थापन में माना कोई दो समान आवृत्ति की तरंगें जिनके कारण कण का विस्थापन एक ही दिशा में हो तो कण का विस्थापन निम्न प्रकार दिया जाता है-
y1 = a sin (ωt + α) ……….(1)
y2 = b sin(ωt + ß) ……….(2)
जहाँ α व ß उन तरंगों की प्रारम्भिक कला है एवं a व b उनके आयाम हैं।
अतः अध्यारोपण के सिद्धान्त से परिणामी विस्थापन
y = y1 + y2
या y = a sin (ωt + α) + b sin(ωt + ß)
= a sin ωt cos α + a cos ωt sin α + b sin ωt cos ß + b cos ωt sin ß

सूत्र sin (A + B) = sin A cos B + cos A sin B का प्रयोग करने पर
या y = sin ωt (a cos α + b cos ß) + cos ωt (a sin α + b sin ß)
माना a cos α + b cos ß = r cos θ …………(3)
एवं a sin α + b sin ß = r sin θ ………..(4)
अतः y = r sin ωt cos θ + r cos ωt sin θ
या y = r sin(ωt + θ) ………(5)
यह परिणामी तरंग का समीकरण है जिसका आयाम है। इस समीकरण से स्पष्ट है कि परिणामी तरंग भी उसी आवृत्ति से गति करेगी जिससे अध्यारोपित होने वाली तरंगे करती है। समी (5) में θ परिणामी तरंग की प्रारम्भिक कला है।

परिणामी तरंग का आयाम : समी (3) व (4) के वर्गों को जोड़ने पर
r² cos² θ + r² sin² θ = (a cos α + b cos ß)² + (a sin α + b sin ß)²
या r²(cos² θ + sin² θ) = a² cos α + b² cos ß+ 2ab cos α cos ß + a² sin² α + b² sin² ß + 2ab sin α sin ß
या r² = a² (cos² α + sin² α) + b² (cos² ß + sin² ß) + 2ab(cos α cos ß + sin α sin ß)
या r² = a² + b² + 2ab cos (ß – α) ………..(6)
[क्योंकि cos (A – B) = cosA cosB + sinA sinB]
∴ r = \(\sqrt{a^2+b^2+2ab cos(ß-α)}\) …………(7)

परिणामी तरंग का कला कोण : समी (4) में (3) का भाग देने पर-
\(\tan \theta=\frac{a \sin \alpha+b \sin \beta}{a \cos \alpha+b \cos \beta}\)
\(\theta=\tan ^{-1} \frac{a \sin \alpha+b \sin \beta}{a \cos \alpha+b \cos \beta}\)

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें

प्रश्न 20.
डॉप्लर प्रभाव के उपयोग से पनडुब्बी का वेग किस प्रकार ज्ञात किया जाता है ?
उत्तर:
तरंगों के अध्यारोपण का सिद्धान्त [Principle Of Superposition Of Waves]
इस अनुच्छेद में हम इस बात पर विचार करेंगे कि यदि कई प्रगामी तरंगें समान दिशा में या विपरीत दिशा में गति करती हों तो इस स्थिति में क्या होगा ? इस परिस्थिति में कण के विस्थापन का अध्ययन करने हेतु हम निम्न चित्र के अनुसार एक तनी हुई डोरी में एक ही समय पर विपरीत दिशा में गतिशील दो विक्षोभों की गति पर विचार करते हैं। स्थिति (a) के अनुरूप दो विक्षोभ (समान कला में ) ।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 15 तरंगें -4.5
विपरीत दिशाओं से एक-दूसरे की ओर गतिशील हैं तथा इनके मिलने के स्थान पर कण का विस्थापन पूर्व विस्थापन से भिन्न है तथा तरंगों के समान कला में होने के कारण यह बढ़ जाता है और विक्षोभों के पुनः अपनी दिशाओं में आगे बढ़ने पर अपनी पूर्व स्थिति को प्राप्त कर लेता है। इसी प्रकार स्थिति (b) के अनुसार विक्षोभों के विपरीत कला में अध्यारोपित होने पर भी परिणामी विस्थापन पूर्व विस्थापन से भिन्न है तथा जब समय के साथ विक्षोभ आगे बढ़ जाते हैं तो ‘पुन: विस्थापन अपनी पूर्व स्थिति को प्राप्त कर लेता है।

इस प्रकार हम देखते हैं कि जब किसी कण पर एक ही समय पर दो या अधिक तरंगे अध्यारोपित हों तो वे कण के विस्थापन को प्रभावित करती हैं अत: “किसी कण पर एक ही समय पर एक से अधिक तरंगों के आरोपित होने को तरंगों का अध्यारोपण कहा जाता है।”

तरंगों के अध्यारोपण के परिणाम स्वरूप तात्क्षणिक रूप से उस पर प्रभावित सभी तरंगों के संयुक्त परिणामी प्रभाव के अन्तर्गत गति करता है। तो परिणामी विस्थापन अध्यारोपण के सिद्धान्त के अनुसार दिया जाता है।

अध्यारोपण का सिद्धान्त (Principle of Superposition ):
“जब किसी माध्यम में दो या दो से अधिक तरंगें एक साथ जाती हैं अर्थात् वे अध्यारोपण करती हैं तो माध्यम के प्रत्येक कण का किसी समय परिणामी विस्थापन उन विस्थापनों के बीजगणितीय योग के बराबर होता है जो वे तरंगे एक-दूसरे की अनुपस्थिति में अलग-अलग उत्पन्न करती हैं।” अर्थात्
y = y1 + y2 + …
यह योग अलग-अलग विस्थापनों के बीजीय योग के बराबर होता है।

दो सरल आवर्त गतियों का अध्यारोपण:
इस गति के दौरान माध्यम के कण सरल आवर्त गति करते हैं तथा विस्थापन में माना कोई दो समान आवृत्ति की तरंगें जिनके कारण कण का विस्थापन एक ही दिशा में हो तो कण का विस्थापन निम्न प्रकार दिया जाता है-
y1 = a sin (ωt + α) ……….(1)
y2 = b sin(ωt + ß) ……….(2)
जहाँ α व ß उन तरंगों की प्रारम्भिक कला है एवं a व b उनके आयाम हैं।
अतः अध्यारोपण के सिद्धान्त से परिणामी विस्थापन
y = y1 + y2
या y = a sin (ωt + α) + b sin(ωt + ß)
= a sin ωt cos α + a cos ωt sin α + b sin ωt cos ß + b cos ωt sin ß

सूत्र sin (A + B) = sin A cos B + cos A sin B का प्रयोग करने पर
या y = sin ωt (a cos α + b cos ß) + cos ωt (a sin α + b sin ß)
माना a cos α + b cos ß = r cos θ …………(3)
एवं a sin α + b sin ß = r sin θ ………..(4)
अतः y = r sin ωt cos θ + r cos ωt sin θ
या y = r sin(ωt + θ) ………(5)
यह परिणामी तरंग का समीकरण है जिसका आयाम है। इस समीकरण से स्पष्ट है कि परिणामी तरंग भी उसी आवृत्ति से गति करेगी जिससे अध्यारोपित होने वाली तरंगे करती है। समी (5) में θ परिणामी तरंग की प्रारम्भिक कला है।

परिणामी तरंग का आयाम : समी (3) व (4) के वर्गों को जोड़ने पर
r² cos² θ + r² sin² θ = (a cos α + b cos ß)² + (a sin α + b sin ß)²
या r²(cos² θ + sin² θ) = a² cos α + b² cos ß+ 2ab cos α cos ß + a² sin² α + b² sin² ß + 2ab sin α sin ß
या r² = a² (cos² α + sin² α) + b² (cos² ß + sin² ß) + 2ab(cos α cos ß + sin α sin ß)
या r² = a² + b² + 2ab cos (ß – α) ………..(6)
[क्योंकि cos (A – B) = cosA cosB + sinA sinB]
∴ r = \(\sqrt{a^2+b^2+2ab cos(ß-α)}\) …………(7)

परिणामी तरंग का कला कोण : समी (4) में (3) का भाग देने पर-
\(\tan \theta=\frac{a \sin \alpha+b \sin \beta}{a \cos \alpha+b \cos \beta}\)
\(\theta=\tan ^{-1} \frac{a \sin \alpha+b \sin \beta}{a \cos \alpha+b \cos \beta}\)

आंकिक प्रश्न (Numerical Problems )

तरंगदैर्ध्य व तरंग गति पर आधारित

प्रश्न 1.
एक रेडियो प्रसारण केन्द्र की आवृत्ति 60 MHz है। केन्द्र से प्रसारित तरंगों की तरंगदैर्ध्य ज्ञात कीजिए। (प्रकाश की चाल = 3 × 108 ms-1)
उत्तर:
5 m

प्रश्न 2.
एक दर्शक समुद्र के किनारे खड़ा होकर देखता है कि 1 मिनट में 70 तरंगें किनारे तक पहुंचती हैं। यदि तरंगदैर्घ्य 12m हो तो उनका वेग बताइये।
उत्तर:
14 ms-1

प्रश्न 3.
समुद्र की तरंगों में दो शृंगों के बीच की दूरी 12m है और प्रति मिनट 20 श्रृंग बनते हैं तो तरंगों की चाल ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
4 ms-1

तनी डोरी में तरंग की चाल

प्रश्न 4.
4.0m लम्बे तार का द्रव्यमान 0.01 kg है, इसे 400N बल से खींचा जाता है। तार में अनुप्रस्थ तरंग की चाल कितनी है ?
उत्तर:
400 ms-1

यांत्रिक तरंगों की चाल पर आधारित

प्रश्न 5.
इस्पात के लिए प्रत्यास्थता गुणांक 2.9 × 1011 Nm-2 है एवं घनत्व 8 × 103 kg.m-3 है इस्पात में अनुदैर्घ्य तरंगों का वेग बताइये।
उत्तर:
6.02 × 103 ms-1

प्रश्न 6.
105 Nm-2 वायुमण्डलीय दाब पर वायु का घनत्व 1.29 kg. m-3 है। यदि वायु के लिए = 1.41 है तो वायु में ध्वनि की चाल ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
330.6 ms-1

प्रश्न 7.
जल में ध्वनि की चाल 1346 ms-1 है तथा जल का घनत्व 1.0 × 103 kg.m-3 है। जल के आयतन प्रत्यास्थता गुणांक की गणना कीजिए।
उत्तर:
1.81 × 109 N.m-2

प्रश्न 8.
105 Nm-2 दाब पर जल की आयतन विकृति 5 × 10-5 है। यदि जल का घनत्व 1 × 103 kg.m-3 हो, तो जल में ध्वनि की चाल की गणना कीजिए।
उत्तर:
1414.2 ms-1

गैसों में ध्वनि की चाल पर आधारित

प्रश्न 9.
0°C पर वायु में ध्वनि की चाल 330 ms-1 है। किस ताप पर ध्वनि की चाल 495 ms-1 होगी ?
उत्तर:
341.25°C

प्रश्न 10,
0°C व 1092K ताप पर ध्वनि की चालों का अनुपात ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
1 : 2

प्रश्न 11.
किसी ताप पर वायु में ध्वनि की चाल 25°C ताप पर वायु में ध्वनि की चाल की 1.6 गुनी हो जायेगी ?
उत्तर:
489.9°C

प्रश्न 12.
किस ताप पर ऑक्सीजन में ध्वनि की चाल वही होगी जो कि 28°C पर नाइट्रोजन में है ? ऑक्सीजन व नाइट्रोजन के अणुभार क्रमशः 32 व 28 है।
उत्तर:
71°C

प्रगामी तरंगों पर आधारित

प्रश्न 13.
किसी तरंग का समीकरण y = 0.5 sin π (100x – 3t) है। इसमें y व x मीटर में तथा t सेकण्ड में है। इस तरंग का प्रसारण वेग ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
300 ms-1

प्रश्न 14.
निम्नलिखित तरंग समीकरण से तरंगदैर्घ्यं ज्ञात कीजिए-
y = 0.4 sin (120πt – \(\frac{4π}{5}\)), जहाँ दूरी m में तथा समय सेकण्ड में दिया गया है।
उत्तर:
2.5m

प्रश्न 15.
एक प्रगामी तरंग का आयाम 0.05m; चाल 330 ms-1 तथा आवृत्ति 110 Hz है। इस तरंग का समीकरण लिखिए।
उत्तर :
y = 0.05 sin 2π (110t – \(\frac{x}{3}]/latex])।

प्रश्न 16.
एक माध्यम के दो कणों के बीच की दूरी 5 cm है। यदि इनका कलान्तर [latex]\frac{π}{3}\) हो तो तरंगदैर्ध्य ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
0.3 m

प्रश्न 17.
एक प्रगामी तरंग का समीकरण y = 0.04 sin (157 t – 3.14 x) है जहाँ दूरियाँ m में तथा t सेकण्ड में हैं। तरंग आयाम, आवृत्ति तथा तरंगदैर्घ्य की गणना कीजिए इसी प्रकार यदि किसी अन्य तरंग का समीकरण y’ = 0.30 sin (157t – 3.14 x + 3.14) हो तो उपर्युक्त दोनों तरंगों के मध्य कलान्तर ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
0.04 m; 25 Hz; 2m; π rad. या 180°

प्रश्न 18.
दो तरंगों के आयामों का अनुपात 2:3 है तरंगों की तीव्रताओं का अनुपात ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
4 : 9

प्रश्न 19.
एक समतल प्रगामी तरंग का समीकरण y = 0.4sin 8π (t – \(\frac{x}{20}\)) है। यदि तरंग किसी तल से परावर्तित होती है एवं परावर्तित तरंग का आयाम पहले का आधा रह जाता है तो परावर्तित तरंग का समीकरण ज्ञात कीजिए यदि तरंग किसी (i) दृढ़ तल से (ii) मुक्त तल से परावर्तित हो।
उत्तर:
(i) y’ = 0.2 sin 8π (t + \(\frac{x}{20}\))
(ii) y” = 0.2 sin 8π (t + \(\frac{x}{20}\))

प्रश्न 20.
अप्रगामी तरंग का समीकरण y = 12 cos \(\frac{πx}{5}\) sin 20πt जहाँ x व y सेमी में तथा t सेकण्ड में है ज्ञात कीजिए-
(i) प्रगामी तरंगों की तरंगदैर्घ्य तथा आवृत्ति (ii) वेग तथा आयाम ।
उत्तर:
(i) 10 cm; 10 Hz
(ii) 100 cms; 6 cm

प्रश्न 21.
किसी बन्द ऑगंन नली में बनी अप्रगामी तरंग का समीकरण है y = 7 cos (\(\frac{πx}{6}\)) sin (30 πt) जिसमें x एवं y, cm में तथा t, s में है। है। इस तरंग को उत्पन्न करने वाली प्रगामी तरंगों की आवृत्ति, चाल, आयाम तथा तरंगदैर्घ्यं ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
15 Hz; 180 cms; 3.5 cm 12 cm

प्रश्न 22.
एक सिरे पर बन्द नली में मूल स्वर की आवृत्ति 200 Hz है। इसी प्रकार की इसी लम्बाई की, परन्तु दोनों सिरों पर खुली नली के मूल स्वर की आवृत्ति क्या होगी ?
उत्तर:
400 Hz

प्रश्न 23.
एक बन्द आर्गन पाइप के मूल अधिस्वरक की आवृत्ति एवं एक खुले पाइप के मूल अधिस्वरक की आवृत्ति समान हैं उनकी लम्बाइयों में क्या अनुपात है ?
उत्तर:
1 : 2

प्रश्न 24.
दो स्वरित्र A व B एक साथ कम्पन करने पर क्षय विस्पन्द प्रति सेकण्ड उत्पन्न करते हैं। 32 cm लम्बे बन्द ऑर्गन पाइप के साथ A तथा 33 cm लम्बे बन्द ऑर्गन पाइप के साथ B अनुनाद करता है। स्वरित्रों की आवृत्तियाँ ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
264 Hz; 256 Hz

प्रश्न 25.
341 Hz आवृत्ति के एक स्वरित्र को 1m लम्बी नली के ठीक ऊपर कम्पित कराया जाता है। नली में धीरे-धीरे जल भरा जा रहा है। जल की कितनी ऊँचाई अनुनाद के लिए आवश्यक होगी ? (वायु में ध्वनि की चाल = 341 ms2 )
उत्तर:
75cm; 25cm

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना

Haryana State Board HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. सोडियम क्लोराइड के क्रिस्टल में हैं-
(1) सोडियम क्लोराइड अणु
(2) सोडियम और क्लोरीन परमाणु
(3) सोडियम आयन और क्लोराइड आयन
(4) (1) और (2) दोनों।
उत्तर:
(3) सोडियम आयन और क्लोराइड आयन

2. निम्न यौगिकों में वैद्युत संयोजक यौगिक कौन-सा है?
(1) HCl
(2) NH4Cl
(3) BCl3
(4) AlCl3 (निर्जल)।
उत्तर:
(2) NH4Cl

3. निम्न में से कौन-सा यौगिक अष्टक नियम का पालन नहीं करता है-
(1) कार्बन टेट्राक्लोराइड
(2) फॉस्फोरस पेन्टाक्लोराइड
(3) कैल्सियम ऑक्साइड
(4) बेरियम नाइट्रेट
उत्तर:
(2) फॉस्फोरस पेन्टाक्लोराइड

4. निम्न अणुओं में लुइस अम्ल कौन-सा है-
(1) CCl4
(2) BCl3
(3) PCl5
(4) NCl3
उत्तर:
(2) BCl3.

5. HE, HCl, HBr और HI के क्वथनांकों का सही क्रम है..
(1) HF > HCl > HBr > HI
(2) HI > HBr > HCl > HF
(3) HF >HI > HBr > HCl
(4) HCl > HBr > HI > HF
उत्तर:
(3) HF >HI > HBr > HCl

6. कार्बन, सिलिकन, मैग्नीशियम और ऐलुमिनियम के क्लोराइडों में उच्चतम गलनांक किस तत्व के क्लोराइड का है-
(1) C
(2) Si
(3) Mg
(4) Al
उत्तर:
(3) Mg

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना

7. निम्न अणुओं में विषम इलेक्ट्रॉन अणु चुनिए-
(1) B2H6
(2) O2
(3) CO
(4) NO
उत्तर:
(4) NO

8. निम्न में से कौन-सा अणु अनुचुम्बकीय है-
(1) N2
(2) O2
(3) F2
(4) D2
उत्तर:
(2) O2

9. निम्न में से नाइट्रोजन अणु का सम इलेक्ट्रॉनी अणु कौन-सा है-
(1) NO
(2) CO
(3) H2O
(4) HCl
उत्तर:
(2) CO

10. निम्नलिखित में से किसमें आयनिक बन्ध है-
(1) CHCl3
(2) O2
(3) BaCl2
(4) CCl4
उत्तर:
(3) BaCl2

11. किस यौगिक में द्विध्रुव आघूर्ण शून्य होता है-
(1) CIF
(2) PCl3
(3) SiCl4
(4) CHCl3
उत्तर:
(3) SiCl4

12. वह यौगिक जिसमें ऋणायन आकार तथा धनायन आकार अनुपात न्यूनतम है।
(1) CsI
(2) Lil
(3) LiF
(4) CsF
उत्तर:
(4) CsF

13. वह अणु जिसमें एक अयुग्मित इलेक्ट्रॉन है-
(1) CO
(2) NO
(3) O2
(4) CsF.
उत्तर:
(2) NO

14. निम्नलिखित में से सर्वाधिक आयनिक गुणों से युक्त यौगिक है-
(1) HCl
(2) HBr
(3) HF
(4) HI.
उत्तर:
(3) HF

15. निम्नलिखित में से किस अणु पर अष्टक का नियम लागू नहीं होता-
(1) CO2
(2) H2O
(3) O2
(4) CO.
उत्तर:
(2) H2O

16. किस यौगिक में सर्वाधिक द्विध्रुव आघूर्ण होता है-
(1) CH3Cl
(2) CCl4
(3) CHCl3
(4) CH2Cl2
उत्तर:
(1) CH3Cl

17. कौन-सा बन्ध सबसे अधिक ध्रुवीय है
(1) Cl – F
(2) Br – F
(3) 1 – F
(4) F – F
उत्तर:
(3) 1 – F

18. किस बन्ध की बन्ध ऊर्जा अधिकतम होगी-
(1) आयनिक बन्ध
(2) सहसंयोजी बन्ध
(3) धात्विक बन्ध
(4) हाइड्रोजन बन्ध
उत्तर:
(1) आयनिक बन्ध

19. सह-संयोजक अणुओं का क्रिस्टल संरचना में होने का कारण है-
(1) द्विध्रुव द्विध्रुव आकर्षण
(2) स्थिर वैद्युत आकर्षण
(3) हाइड्रोजन
(4) वाण्डर वाल्स आकर्षण।
उत्तर:
(4) वाण्डर वाल्स आकर्षण।

20. निम्नलिखित में से कौन परिवर्तित संयोजकता दिखाता है-
(1) H
(2) Na
(3) Fe
(4) O.
उत्तर:
(3) Fe

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना

21. सहसंयोजक बन्ध में ध्रुवता का कारण है-
(1) इलेक्ट्रॉन बन्धुता
(2) आयनन विभव
(3) विद्युत ऋणात्मकता
(4) परमाण्वीय आकार।
उत्तर:
(3) विद्युत ऋणात्मकता

22. BCl3 अणु समतलीय है क्योंकि इस अणु में बोरॉन है-
(1) sp³ – संकरित
(2) sp² – संकरित
(3) sp – संकरित
(4) संकरित नहीं है।
उत्तर:
(2) sp² – संकरित

23. निम्न में से कौन-सा अणु मुडी हुई आकृति का है-
(1) CO2
(2) O3
(3) N2O
(4) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(2) O3

24. PCl5 अणु निम्नलिखित संकरण का परिणाम है-
(1) sp²d²
(2) sp³d
(3) spd³
(4) sp²d³
उत्तर:
(2) sp³d

25. किस अणु में अयुग्मित इलेक्ट्रॉन है-
(1) NO
(2) CN
(3) O2
(4) CO
उत्तर:
(1) NO

26. निम्न में से किसकी संरचना रेखीय नहीं है–
(1) BeCl2
(2) SO2
(3) C2H2
(4) CO2.
उत्तर:
(2) SO2

27. NH3 का क्वथनांक PH3 की तुलना में अधिक होता है, क्योंकि
(1) NH3 का अणु भार अधिक है।
(2) NH3 में छाता प्रतिलोमन होता है।
(3) NH3 में आयनिक बन्ध है जबकि PH3 में सहसंयोजक बन्ध है।
(4) NH3 हाइड्रोजन बन्ध बनाता है।
उत्तर:
(4) NH3 हाइड्रोजन बन्ध बनाता है।

28. नाइट्रोजन अणु (N ≡ N) में नाइट्रोजन परमाणुओं के मध्य स्थित त्रिबन्ध में होते हैं-
(1) तीन σ-बन्ध
(2) दो σ-बन्ध तथा एक π बन्ध
(3) एक σ-बन्ध तथा दो π- बन्ध
(4) दो π-प्रबन्ध
उत्तर:
(3) एक σ-बन्ध तथा दो π- बन्ध

29. p – p कक्षक का अतिव्यापन निम्न में से किस अणु में उपस्थित हैं-
(1) हाइड्रोजन
(2) क्लोरीन
(3) हाइड्रोजन क्लोराइड
(4) हाइड्रोजन ब्रोमाइड।
उत्तर:
(2) क्लोरीन

30. बर्फ में एक जल के अणु द्वारा बनने वाले अधिकतम हाइड्रोजन बन्धों की संख्या है-
(1) 4
(2) 3
(3) 2
(4) 1.
उत्तर:
(1) 4

31. H – C ≡ C – CH = CH2 में C – C एकल बन्ध के कार्बन परमाणुओं का संकरण है-
(1) sp³ – sp³
(2) sp² – sp²
(3) sp – sp²
(4) sp³ – sp.
उत्तर:
(3) sp – sp²

32. BF3 में केन्द्रीय परमाणु की ज्यामिति व ऑर्बिटल के संकरण का प्रकार है-
(1) रेखीय, sp
(2) समतल त्रिकोणीय, sp²
(3) चतुष्फलीय, sp³
(4) पिरैमिडी, sp³.
उत्तर:
(2) समतल त्रिकोणीय, sp²

33. निम्न में से कौन-से अणु के केन्द्रीय परमाणु में sp²- संकरण होता है-
(1) BeF2
(2) BCl3
(3) C2H2
(4) NH3
उत्तर:
(2) BCl3

34. NO2 में नाइट्रोजन ऑक्सीजन बन्ध कोटि है-
(1) 1
(2) 1.33
(3) 1.5
(4) 2.
उत्तर:
(3) 1.5

35. CH3CHCCH2 अणु में क्रमश: C – 1 और C – 2 कार्बन परमाणुओं पर किस प्रकार का संकरण है?
(1) sp², sp
(2) sp³, sp²
(3) sp², sp²
(4) sp², sp³.
उत्तर:
(1) sp², sp

36. निम्न अणुओं में से किस अणु के केन्द्रीय परमाणु पर sp³ संकरण है-
(1) CO2
(2) SO2
(3) H2O
(4) N2O.
उत्तर:
(3) H2O

37. निम्न में से कौन-सा लूइस क्षारक है-
(1) BF3
(2) CH4
(3) H2O
(4) SiCl4.
उत्तर:
(3) H2O

38. SF में सल्फर पर संकरण है-
(1) sp
(2) sp²
(3) sp³d
(4) dsp².
उत्तर:
(3) sp³d

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
NaCl अथवा KCl विद्युत संयोजी हैं, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि क्षार धातुओं (Na अथवा K) तथा Cl की विद्युत ऋणात्मकता में आयनिक बन्ध बनने के लिये पर्याप्त अन्तर होता है।

प्रश्न 2.
उस यौगिक का सूत्र लिखो जिसमें अष्टक प्रसार होता है।
उत्तर:
PCl5

प्रश्न 3.
BeCl2, MgCl2, CaCl2 को सहसंयोजक गुणों में वृद्धि के क्रम में लिखो-
उत्तर:
CaCl2 < MgCl2 < BeCl2

प्रश्न 4.
अमोनिया एक सह-संयोजी यौगिक है, इसे जल में घोलने पर प्राप्त विलयन विद्युत का सुचालक है। क्यों?
उत्तर:
NH3+ H2O → NH4OH
NH4OH → NH4+ + OH
अमोनिया के जलीय विलयन में NH4 तथा OH आयन प्राप्त होने से यह विलयन विद्युत का सुचालक है।

प्रश्न 5.
PF5 होता है NF5 नहीं होता है, क्यों?
उत्तर:
N में रिक्त d कक्षक अनुपस्थित होने के कारण इसमें अष्टक का प्रसार नहीं हो पाता है अत: NF नहीं पाया जाता है।

प्रश्न 6.
उन दो अणुओं के सूत्र लिखिये जिनमें अष्टक प्रसार होता है।
उत्तर:
PCI5 तथा SF6

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना

प्रश्न 7.
H2S रेखीय नहीं है जबकि BeH2 रेखीय है क्यों?
उत्तर:
H2S में s-परमाणु पर एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म की उपस्थि के कारण इसकी संरचना रेखीय नहीं होती है जबकि BeH2 में Be-परमाणु पर कोई एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म नहीं होता है अतः इसकी संरचना रेखीय होती है।

प्रश्न 8.
हाइड्रोजन तथा क्लोरीन की सहसंयोजक त्रिज्यायें क्रमशः 0.37Å तथा 0.99Å हैं। गैसीय HCl की आबन्ध लम्बाई बताएँ।
उत्तर:
बन्ध लम्बाई (0.37 + 0.99)/2
= 0.68 Å

प्रश्न 9.
BeCl2 का गलनांक BaCl2 से कम क्यों है?
उत्तर:
BeCl2 सहसंयोजक यौगिक है जबकि BaCl2 यौगिक आयनिक है। अतः BeCl2 का गलनांक कम होता है।

प्रश्न 10.
द्विध्रुव आघूर्ण क्या होता है?
उत्तर:
किसी ध्रुवित सहसंयोजक यौगिकों के दोनों ध्रुवों के मध्य की दूरी का एक ध्रुव के आवेश से गुणा करने पर प्राप्त मान द्विध्रुव आघूर्ण कहलाता है। यह एक सदिश राशि है।
द्विध्रुव आघूर्ण (μ) = d x q यहाँ d = दूरी, q = आवेश

प्रश्न 11.
दो धनायन तथा दो ऋणायन बताइये जिनकी इलेक्ट्रॉनिक संरचनाएँ Ne के समान हों।
उत्तर:
धनायन – Na+ तथा Mg2+
ऋणायन – F तथा O2-

प्रश्न 12.
ठोस NaCl विद्युत का अचालक क्यों है?
उत्तर:
ठोस NaCl में Na+ तथा Cl गतिमान नहीं हो पाते हैं। जिससे इनमें विद्युत का प्रवाह नहीं हो पाता है।

प्रश्न 13.
संयोजकता इलेक्ट्रॉन क्या है?
उत्तर:
तत्व के परमाणु के बाह्य कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों को उस परमाणु के संयोजकता इलेक्ट्रॉन कहते हैं। ये संयोजन अभिक्रिया में भाग लेते हैं।

प्रश्न 14.
आयनिक तथा सहसंयोजी यौगिकों में किसके गलनांक व क्वथनांक ऊँचे होते हैं तथा क्यों ?
उत्तर:
आयनिक यौगिकों के क्योंकि आयनिक यौगिकों में आयनों के बीच शक्तिशाली विद्युत स्थैतिक बल कार्य करते हैं।

प्रश्न 15.
विद्युत संयोजी यौगिक अवाष्पशील क्रिस्टलीय ठोस होते हैं क्यों?
उत्तर:
क्योंकि विद्युत संयोजी यौगिकों में आयनों के बीच शक्तिशाली विद्युत संयोजी बल होते हैं।

प्रश्न 16.
एकल बन्ध यौगिकों की अपेक्षा द्विबन्ध के यौगिक अधिक क्रियाशील होते हैं, क्यों?
उत्तर:
द्विबन्ध में π – बन्ध होता है जिसकी बन्धन ऊर्जा कम होती है, अतः यह अधिक क्रियाशील होते हैं।

प्रश्न 17.
ठोस सोडियम धातु में विद्युत प्रवाहित हो जाती है जबकि ठोस NaCl विद्युत कुचालक है, क्यों?
उत्तर:-
सोडियम धातु में गतिशील इलेक्ट्रॉन (mobile electrons) होते हैं जबकि ठोस NaCl में आयन गतिशील नहीं होते अतः यह विद्युत कुचालक है।

प्रश्न 18.
वैद्युत संयोजी यौगिकों का आयनन शीघ्र होता है क्यों?
उत्तर:
वैद्युत संयोजी यौगिकों के आयन वैद्युत स्थैतिक बलों के द्वारा बँधे रहते हैं। ध्रुवीय विलायक जब आयनों के बीच में आ जाता है तो विद्युत संयोजी बल क्षीण हो जाते हैं जिससे ये यौगिक आयनित हो जाते हैं।

प्रश्न 19.
निर्जल HCl विद्युत का कुचालक होता है जबकि जलीय HCl विद्युत का सुचालक होता है, क्यों ?
उत्तर:
जल की उपस्थिति में HCl का वियोजन H+ व Cl में हो जाता है जबकि निर्जल HCl सहसंयोजी यौगिक है।

प्रश्न 20.
BaO तथा MgO में से किसका गलनांक उच्च होता है।
उत्तर:
BaO का गलनांक उच्च होता है क्योंकि BaO अधिक आयनिक है।

प्रश्न 21.
जल आयनिक यौगिकों के लिये एक अच्छा विलायक है, क्यों?
उत्तर:
जल का परावैद्युत स्थिरांक उच्च (81) होता है।

प्रश्न 22.
CHF का द्विध्रुव आघूर्ण CH3Cl` से ज्यादा होता है, क्यों?
उत्तर:
C-F बन्ध का द्विध्रुव आघूर्ण C-Cl बंध से अधिक होता है क्योंकि F की विद्युत ऋणात्मकता Cl से अधिक है।

प्रश्न 23.
LiCl कार्बनिक विलायकों में विलेय है, क्यों?
उत्तर:
LiCl में सहसंयोजी गुण होते हैं इसलिये यह कार्बनिक विलायकों में विलेय होता है।

प्रश्न 24.
Mg+ आयन नहीं बनता है जबकि Mg 2+ आयन बनता है, क्यों ?
उत्तर:
Mg+ की तुलना में Mg2+ स्थायी है क्योंकि इसका विन्यास उत्कृष्ट गैसों के समान होता है तथा इसके बाह्य कोश में आठ इलेक्ट्रॉन (स्थायी विन्यास) होते हैं।

प्रश्न 25.
MgCl2 का द्विध्रुव आघूर्ण शून्य है जबकि SnCl2 का द्विध्रुव आघूर्ण शून्य नहीं होता है क्यों?
उत्तर:
MgCl2 में कोई भी एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म नहीं होता है। इस कारण इसकी आकृति रेखीय होती है। यहाँ पर कुल द्विध्रुव आघूर्ण शून्य हो जाता है। जबकि SnCl2 में एक एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म होने के कारण आकृति मुड़ी हुयी होती है तथा इस कारण कुल द्विध्रुव आघूर्ण शून्य नहीं हो पाता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 1

प्रश्न 26.
AlCl3 सह संयोजी होता है, जबकि AlF3 आयनिक होता है क्यों?
उत्तर:
Cl आयन F से बड़ा है अतः फैजान के नियमानुसार बड़े ऋणायन की आकृति धनायन के प्रभाव में अधिक विकृत होती है अतः इसमें सहसंयोजी गुण आ जाता है। इस कारण AlCl3 सहसंयोजी जबकि AlF3, आयनिक होते हैं।

प्रश्न 27.
BeCl2 सहसंयोजी है जबकि BaCl2 आयनिक, क्यों?
उत्तर:
Ba+ आयन Be2+ आयन से बड़ा है। अतः फौजान के ‘नियमानुसार छोटे धनयन की आकृति ऋणायन के प्रभाव में अधिक विकृत होती है। अतः सहसंयोजी गुण आ जाता है। इस कारण BeCl2 सहसंयोजी जबकि BaCl2 आयनिक है।

प्रश्न 28.
H परमाणु H2 अणु बनाता है जबकि He2 ज्ञात नहीं है, क्यों?
उत्तर:
H-परमाणु का बाह्य कक्षक अपूर्ण (1 इलेक्ट्रॉन) होता है जबकि He – परमाणु का बाह्य कक्षक पूर्ण (2 इलेक्ट्रॉन) होता है। इस कारण H2 ज्ञात है He2 नहीं।

प्रश्न 29.
MgCl2, AlCl3, BeCl2 तथा CCl4 को बढ़ते आयनिक लक्षण के क्रम में लिखें।
उत्तर:
CCl4 < AlCl3 < BeCl2 < MgCl2 (आयनिक लक्षण)

प्रश्न 30.
सूखी बर्फ (dry Ice) क्या है। यह किस प्रकार का ठोस है।
उत्तर:
सूखी बर्फ CO2(s) को कहते हैं। यह एक आण्विक ठोस है।

प्रश्न 31.
त्रिकेन्द्रीय द्वि-इलेक्ट्रॉन बन्ध रखने वाले अणु का सूत्र लिखो।
उत्तर:
B2H6(बोरेन)

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना

प्रश्न 32.
NaCl तथा CuCl में कौन अधिक सहसंयोजी है।
उत्तर:
CuCl अधिक सहसंयोजी है। यद्यपि Na+, Cu+ आयन से छोटा है किन्तु Cu+ की बाह्य कक्षा में 18 इलेक्ट्रॉन होते हैं।

प्रश्न 33.
क्षारीय मृदा धातुओं के हैलाइडों को घटते गलनांक के क्रम में लिखो।
उत्तर:
BaX2 > SrX2 > CaX2 > MgX2 > BeX2 (गलनांक)

प्रश्न 34.
NO2+, NO2 तथा NO3, N-O बन्ध को लम्बाई के बढ़ते क्रम में लिखो।
उत्तर:
NO2+ < NO2 < NO3 (बन्ध लम्बाई)

प्रश्न 35.
उस बन्ध का नाम लिखें जो कि H2SO4 में तो है परन्तु H2O में नहीं है।
उत्तर:
उपसहसंयोजक बन्ध

प्रश्न 36.
NaCl, MgCl2 व AlCl3 को गलनांक के बढ़ते क्रम में लिखो।
उत्तर:
AlCl3 < MgCl2 < NaCl (गलनांक)

प्रश्न 37.
NaCl व CuCl में से जल में अधिक विलेय कौन है?
उत्तर:
NaCl जल में अधिक विलेय है क्योंकि यह आयनिक प्रकृति का है जबकि CuCl सहसंयोजक प्रकृति का है।

प्रश्न 38.
LiCl, LiBr, Lil, LiF को घटते सह संयोजी क्रम में लिखें।
उत्तर:
Lil > LiBr > LiCl > LiF (घटता सहसंयोजी क्रम)

प्रश्न 39.
LiCl, NaCl, KCl, RbCl, CsCl का घटता सहसंयोजी क्रम लिखें।
उत्तर:
LiCl > NaCl > KCl > RbCl > CsCl ( घटता सहसंयोजी क्रम)

प्रश्न 40.
SnCl3 व SnCl4 में से कौन अधिक सहसंयोजी है?
उत्तर:
फौजान के नियमानुसार जिस धनायन पर अधिक धनावेश होता है वह अधिक सहसंयोजी होगा। अत: SnCl4 अधिक सहसंयोजी है।

प्रश्न 41.
एक तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s² 2s² 2p6 3s² है। इसकी संयोजकता तथा इसके क्लोराइड का सूत्र लिखें।
उत्तर:
इस तत्व की संयोजकता = 2
क्लोराइड का सूत्र = MCl2

प्रश्न 42.
एक तत्व के उदासीन परमाणु में 17 इलेक्ट्रॉन व 18 न्यूट्रॉन होते हैं। इस परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास तथा संयोजकता लिखिये।
उत्तर:
1s² 2s² 2p6 3s² 3p5 तथा इसकी संयोजकता 1 होगी।

प्रश्न 43.
निम्नलिखित अणुओं में से आयनिक व सहसंयोजी अणुओं को छाँटिये।
(a) MgF2
(b) ClBr
(c) CBr4
(d) Cus
(e) C2H4
(f) PH3
उत्तर:
आयनिक यौगिक – MgF2, CuS
सहसंयोजी यौगिक – ClBr, CBr4, C2H2, PH3

प्रश्न 44.
HCl, H2O, NH3 में किसका क्वथनांक सर्वाधिक होता है?
उत्तर:
H2O, क्योंकि O की विद्युत ऋणात्मकता N से उच्च होती है। अत: H2O में बना Hबन्ध, NH3 में बने H-बन्ध से शक्तिशाली होता जबकि HCl में H-बन्ध नहीं बनता है।

प्रश्न 45.
अष्टक का प्रसार किस यौगिक में होता है?
उत्तर:
PF5, SF6, IF7 आदि में अष्टक का प्रसार होता है।

प्रश्न 46.
अपूर्ण अष्टक वाले यौगिकों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:

  1. BF3 (6 es)
  2. MgCl2 (4 es)
  3. BH3(6 es)

प्रश्न 47.
एक संयोजी तथा द्विसंयोजी धनायनों वाले तत्वों को बताएँ ?
उत्तर:
एक संयोजी = Na+, K+
द्विसंयोजी = O2-, S2-.

प्रश्न 48.
सहसंयोजक आबन्ध का सिद्धान्त किस वैज्ञानिक ने दिया था?
उत्तर:
लैंग्म्यूर ने सहसंयोजक आबन्ध का सिद्धान्त दिया।

प्रश्न 49.
फॉर्मल आवेश ज्ञात करने का सूत्र लिखें।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 2

प्रश्न 50.
विषम इलेक्ट्रॉन युक्त अणुओं के उदाहरण लिखें।
उत्तर:
विषम इलेक्ट्रॉन युक्त अणु-
NO, NO2, ClO2, O2

प्रश्न 51.
निम्न की आबन्ध कोटि बताएँ-
(1) H2 अणु में
(2) O2 अणु में
(3) N2 अणु में
(4) Cl2 अणु में
(5) CO अणु में
उत्तर:
आबन्ध कोटि बन्ध पर आधारित होती है। यह अणु में उपस्थित बन्धों की संख्या बताती है।
(1) H2 अणु में एकल बन्ध होता है। (H-H) इस कारण इसकी बन्ध कोटि एक होती है।

(2) O2 अणु में द्विबन्ध होता है। (O = O) इस कारण इसकी बन्ध कोटि दो होती है।

(3) N2 अणु में त्रि आबन्ध होता है। (N ≡ N) इस कारण इसकी बन्ध कोटि तीन होती है।

(4) Cl2 अणु में एकल आबन्ध होता है। (Cl – Cl) इस कारण इसकी बन्ध कोटि एक होती है।

(5) CO अणु को \(\mathrm{C} \stackrel{\leftarrow}{=}\)O से प्रदर्शित करते हैं। इस कारण इसमें बन्ध कोटि तीन होती हैं।

प्रश्न 52.
निम्नलिखित यौगिकों की लूइस संरचना बनाइये।
उत्तर:
MgCl2 की लूइस संरचना
(1) MgCl2 (मैग्नीशियम क्लोराइड)
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 3

(2) MgO (मैग्नीशियम ऑक्साइंड)
उत्तर:
MgO की लूइस संरचना
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 4

(3) Na2S (सोडियम सल्फाइड)
उत्तर:
Na2S की लूइस संरचना
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 4a

(4) AlF3 (एल्यूमिनियम फ्लोराइड)
उत्तर:
AlF3 की लूइस संरचना
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 5

(5) KCN (पोटैशियम सायनाइड)
उत्तर:
KCN की लूइस संरचना
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 6

(6) NH4Cl (अमोनियम क्लोराइड)
उत्तर:
NH4Cl की लूइस संरचना
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 7

(7) HCN (हाइड्रोजन सायनाइड)
उत्तर:
HCN की लूइस संरचना
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 8

(8) H2O (जल)
उत्तर:
H2O की लूइस संरचना
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 9

(9) O3 (ओजोन)
उत्तर:
O3 की लूइस संरचना
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 10

(10) H2O2 (हाइड्रोजन परॉक्साइड)
उत्तर:
H2O2 की लूइस संरचना
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 11

(11) PCl3 (फॉस्फोरस ट्राईक्लोराइड)
उत्तर:
PCl3 की लूइस संरचना
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 12

(12) CO (कार्बन मोनो ऑक्साइड)
उत्तर:
CO की लूइस संरचना
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 13

(13) CO2 (कार्बन डाईऑक्साइड)
उत्तर:
CO2 की लूइस संरचना
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 14

(14) N2O (नाइट्रोजन (I) ऑक्साइड)
उत्तर:
N2O की लूइस संरचना
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 15

(15) N2O3 (नाइट्रोजन (III) ऑक्साइड)
उत्तर:
N2O3 की लूइस संरचना
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 16

(16) SO2 (सल्फर डाईऑक्साइड)
उत्तर:
SO2 की लूइस संरचना
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 17

(17) SO3 (सल्फर ट्राई ऑक्साइड)
उत्तर:
SO3 की लूइस संरचना
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 18

(18) SO2Cl2 (सल्फ्यूरिल क्लोराइड)
उत्तर:
SO2Cl2 की लूइस संरचना
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 19

(19) H2 CO3 (कार्बोनिक अम्ल)
उत्तर:
H2CO3 की लूइस संरचना
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 20

(20) HNO3 (नाइट्रिक अम्ल)
उत्तर:
HNO3 की लूइस संरचना
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 21

(21) H2 SO4 (सल्फ्यूरिक अम्ल)
उत्तर:
H2SO4 की लूइस संरचना
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 22

(22) CO32- (कार्बोनेट आयन)
उत्तर:
CO32- की लूइस संरचना
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 23

(23) NO2+ (नाइट्रिल आयन)
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 24

(24) NO2 (नाइट्राइट आयन)
उत्तर:
लूइस संरचना
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 25

(25) NO3(नाइट्रेट आयन)
उत्तर:
लूइस संरचना
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 26

(26) SO42- (सल्फेट आयन)
उत्तर:
लूइस संरचना
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 27

प्रश्न 53.
तत्व की विद्युत संयोजकता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
वह संयोजकता जिसमें किसी यौगिक के निर्माण में दो असमान परमाणुओं में से एक परमाणु बाह्यतम कोश के इलेक्ट्रॉन त्यागकर दूसरे परमाणु के बाह्यतम कोश को दे देता है जिससे कि दोनों परमाणुओं का निकटतम अक्रिय गैस विन्यास प्राप्त हो जाता है।

उदाहरण – NaCl में वैद्युत संयोजकता 1 है।

प्रश्न 54.
सोडियम धातु की तुलना में NaCl कठोर होता है, क्यों ?
उत्तर:
NaCl में Na+ तथा CH आयनों के मध्य प्रबल आयनिक बन्ध उपस्थित होते हैं, जबकि सोडियम धातु में Na परमाणु के बीच दुर्बल धात्विक बल होते हैं। अत: NaCl कठोर होता है जबकि सोडियम धातु मुलायम उच्च होता है।

प्रश्न 55.
NaCl तथा MgO में किसकी जालक ऊर्जा का मान होती है।
उत्तर:
MgO की जालक ऊर्जा का मान उच्च होता है।

प्रश्न 56.
सहसंयोजी यौगिकों में होने वाली अभिक्रियायें सामान्यतः धीमी क्यों होती हैं ?
उत्तर:
सहसंयोजी यौगिकों की आबन्ध वियोजन ऊर्जा का मान उच्च होता है, इस कारण ये अभिक्रियायें धीमी होती हैं।

प्रश्न 57.
कार्बन – कार्बन आबन्ध में आबन्ध लम्बाई का क्या क्रम होता है ?
उत्तर:
C = C < C = C < C – C (आबन्ध लम्बाई)
1.20 Å     1.33 Å   1.54 Å

प्रश्न 58.
निम्न अभिक्रिया में आबंध कोटि (Bond order) पर क्या प्रभाव पड़ता है?
(i) N2 → N2+ + e
(ii) O2 → O2+ + e
उत्तर:
(i) N2 → N2+ + e
इसमें N2 की बंध कोटि 3 तथा N+2 की बंध कोटि 2.5 है।

(ii) O2 → O2+ + e
यहाँ O2 की बंध कोटि 2 तथा O+2 की बंध कोटि 2.5 है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना

प्रश्न 59.
SO2 अणु में द्विध्रुव आघूर्ण होता है, क्या यह अणु रेखीय है ? कारण दें।
उत्तर:
नहीं यह अणु रेखीय नहीं हो सकता है क्योंकि यदि इसकी आकृति रेखीय होती तो इसके द्विध्रुव आघूर्ण का मान शून्य होता, जो कि नहीं है। अतः यह अणु रेखीय नहीं बंकित या मुड़ा हुआ होता है।

प्रश्न 60.
PCl5 तथा CH3+ में प्रत्येक पर फॉर्मल आवेश ज्ञात करो ?
उत्तर:
PCl5 में फॉर्मल आवेश
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 28
= 5 – 0 – \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 10
= 5 – 5
= 0
प्रत्येक Cl परमाणु पर फॉर्मल आवेश
= 7 – 6 – \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 2
= 7 – 6 – 1
= 0
CH3+ में फॉर्मल आवेश
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 28a
C-परमाणु पर फॉर्मल आवेश
= – 4 – 0 – \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 6
= 4 – 3
= 1
प्रत्येक H-परमाणु पर फॉर्मल आवेश
= 1 – 0 – \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 2
= 1 – 1
= 0

प्रश्न 61.
N2 गैस को प्रायः अक्रिय वातावरण के रूप में उपयोग क्यों करते हैं?
उत्तर:
N2 गैस में त्रिबन्ध उपस्थित होता है जिस कारण इसकी बन्ध वियोजन ऊर्जा का मान भी अधिक होता है। चूँकि यह एक अति स्थायी गैस है अतः इसका उपयोग अक्रिय गैस के रूप में करते हैं।

प्रश्न 62.
NaCl, AgNO3 के साथ अवक्षेप देता है परन्तु CCl4 नहीं क्यों?
उत्तर:
NaCl एक आयनिक यौगिक है जबकि CCl4, एक सहसंयोजी यौगिक है। NaCl तथा AgNO3 को जल में घोलने पर दोनों ही आयनों में परिवर्तित हो जाते हैं जिसके कारण AgCl का श्वेत अवक्षेप आ जाता है परन्तु CCl4 जल में आयनीकृत नहीं होता अतः यह AgNO3 के साथ अवक्षेप नहीं देता है।

प्रश्न 63.
BaSO4 जल में अघुलनशील है यद्यपि यह एक आयनिक यौगिक है।
उत्तर:
BaSO4 की जालक ऊर्जा, जलयोजन ऊर्जा से अधिक होती है, इस कारण BaSO4 जल में आयनीकृत नहीं होता है और अघुलनशील है।

प्रश्न 64.
PCl5 में तीन P – Cl बन्ध की बन्ध वियोजन ऊर्जा अधिक है जबकि दो की कम क्यों ?
उत्तर:
PCl5 की आकृति त्रिभुजीय द्विपिरामिडी होती है। इसमें तीन P-Cl आबन्ध विषुवतीय तथा दो अक्षीय बन्ध होते हैं। अक्षीय आबन्ध विषुवतीय बन्धों की तुलना में लम्बे होते हैं। इस कारण दो अक्षीय आबन्धों की बन्ध ऊर्जा कम होती है।

प्रश्न 65.
N2, O2, Cl2, F2 को बढ़ती बन्ध ऊर्जा के क्रम में व्यवस्थित करें।
उत्तर:
F2 < Cl2 < O2 < N2 (बन्ध वियोजन ऊर्जा )

प्रश्न 66.
दो परमाणु आपस में मिलकर बन्ध क्यों बनाते हैं ?
उत्तर:
स्थायी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त करने के लिये दो परमाणु आपस में मिलकर बन्ध बनाते हैं।

प्रश्न 67.
निम्न में प्रभावी आण्विक बलों को लिखें-
(i) KCIO3
(ii) हीरा
(iii) शुष्क बर्फ
(iv) ऐलुमिनियम
उत्तर:
(i) KClO3 – आयनिक बन्ध
(ii) हीरा – सहसंयोजक बन्ध
(iii) शुष्क बर्फ – वान डर वाल्स बल
(iv) ऐलुमिनियम – धात्विक बल ।

प्रश्न 68.
निम्न यौगिक में कुल σ तथा π बन्धों की संख्या बतायें-
(i) बेन्जीन (C6H6), (ii) C(CN)4, (iii) CH3COOH
उत्तर:
(i) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 28b
कुल सिग्मा बन्ध = 12
कुल पाई बन्ध = 3

(ii) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 28c
कुल सिग्मा बन्ध = 8
कुल पाई बन्ध = 8

(iii) CH3COOH
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 28d
कुल सिग्मा बन्ध = 7
कुल पाई बन्ध = 1

प्रश्न 69.
निम्नलिखित को बढ़ते स्थायित्व के क्रम में, बन्ध वियोजन ऊर्जा के क्रम में तथा आबन्ध लम्बाई के क्रम में व्यवस्थित करें।
O2, O2+, O2, O22-
उत्तर:
उपरोक्त अणुओं की बन्ध कोटि निम्न प्रकार है।
O2 = 2.0, O22- = 0.5, O2 = 1, O2+ = 25 अतः
(i) स्थायित्वका क्रम
O2+ > O2 > O2 > O22-
क्योंकि बन्ध कोटि α स्थायित्व

(ii) बन्ध वियोजन ऊर्जा का क्रम-
O2+ > O2 > O2 > O22-
क्योंकि बन्ध कोटि α बन्ध वियोजन ऊर्जा

(iii) आबन्ध लम्बाई का क्रम-
O22- > O2 > O2 > O2+
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 28e
बन्ध कोटि α \(\frac{1}{\text { आबन्ध लम्बाई }}\)

प्रश्न 70.
VSEPR सिद्धान्त के आधार पर निम्न अणुओं की आकृति बताइये तथा केन्द्रीय परमाणु का संकरण लिखिये-
(1) H2O
2 आबन्धी युग्म तथा 2 एकाकी युग्म,
अतः आकृति = v-आकृति या मुड़ी हुयी आकृति
संकरण (H2O) = 2 + 6 = \(\frac { 8 }{ 2 }\) = 4 (sp³ संकरण)

(2) NH3
तीन आबन्धी युग्म तथा एक एकाकी युग्म, अतः आकृति पिरामिडी
संकरण (NH3) = 5 + 3 = \(\frac { 8 }{ 2 }\) = 4 (sp³ संकरण)

(3) BF3
तीन आबन्धी युग्म, अतः आकृति त्रिकोणीय समतलीय
संकरण BF3 = 3 + 3 x 7 = \(\frac { 24 }{ 8 }\) = 3 (sp² संकरण)

(4) BeF2
दो आबन्धी युग्म अतः आकृति = रेखीय
संकरण BeF2 = 2 + 2 × 7 = \(\frac { 16 }{ 8 }\) = 2 (sp संकरण)

(5) SF4
4 आबन्धी युग्म तथा । एकाकी युग्म, अतः आकृति ढेकुली या सी सॉ आकृति
संकरण SF4 = 6 + 4 × 7 = \(\frac { 34 }{ 8 }\)
= (4 + \(\frac { 2 }{ 2 }\) = 1)
= 5 (sp³d संकरण)

प्रश्न 71.
हीरा तथा ग्रेफाइट (कार्बन के अपररूप) में संकरण क्या होता है ?
उत्तर:
हीरा-sp³ संकरण
ग्रेफाइट-sp² संकरण

प्रश्न 72.
CH4, C2H6 व C2H6 की ज्यामिति आकृति क्या है ?
उत्तर:
CH4 व C2H6 की आकृति चतुष्फलकीय है जबकि C2H4 समतलीय त्रिकोणीय होता है।

प्रश्न 73.
BeCl3, BF3 व CH4 के अणुओं का आबन्ध कोण बतायें।
उत्तर:
(1) BeCl2 – रेखीय आकृति, अतः 180° कोण
(2) BF3 – त्रिकोणीय समतलीय, अतः 120° कोण
(3) CH4 – चतुष्फलकीय, अतः 109.5° कोण या 109° 28′ कोण

प्रश्न 74.
निम्नलिखित में कौन-से धातु आयन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास उत्कृष्ट गैस के समान नहीं होता?
(i) CuCl, (ii) CdO, (iii) TiO2, (iv) NaF
उत्तर:
(i) CuCl तथा
(ii) Cdo

प्रश्न 75.
कमरे के ताप पर H2O द्रव है, क्यों ?
उत्तर:
अन्तराअणुक H-बन्ध के कारण H2O द्रव है।

प्रश्न 76.
N2 तथा N2+ का आण्विक कक्षक इलेक्ट्रॉनिक विन्यास बताएँ तथा दोनों की ऊर्जा, लम्बाई व स्थायित्व की तुलना करें।
उत्तर:
N2 का आण्विक कक्षक इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (N2 में कुल इलेक्ट्रॉनों की संख्या 14 है)।
(σ1s)² (σ*1s)² (σ2s)² (σ*2s)² (π2px)² (π2py)² (σ2pz)2
N2+ का आण्विक कक्षक इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (N2+ में कुल इलेक्ट्रॉनों की संख्या 13 है)।
(σ1s)² (σ*1s)² (σ2s)² (σ*2s)² (π2px)² (π2py)² (σ2pz)1
N2 की आबन्ध कोटि = \(\frac { 10-4 }{ 2 }\)
= \(\frac { 6 }{ 2 }\) = 3
N2+ की आबन्ध कोटि = \(\frac { 9-4 }{ 2 }\)
= \(\frac { 5 }{ 2 }\) = 2.5
स्थायित्व का क्रम N2 > N2+
बन्ध वियोजन कर्जा N2 > N2+
आबन्ध दूरी N2+ > N2

प्रश्न 77.
क्या σ-आबन्ध की अनुपस्थिति में आबन्ध बन सकता है ?
उत्तर:
नहीं।

प्रश्न 78.
निम्नलिखित आयनन प्रक्रम का C में आबन्ध कोटि पर क्या प्रभाव पड़ता है?
C2 → C2+ + e
उत्तर:
C2 से C2+ होने पर आबन्ध कोटि का मान घटता है क्योंकि C2 की आबन्ध कोटि 2 है जबकि C2+ की आबन्ध कोटि 1.5 है।

प्रश्न 79.
H2+, H2 व H2 सदस्यों को स्थायित्व के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करें।
उत्तर:
स्थायित्व का बढ़ता क्रम H2 > H2+ > H2

प्रश्न 80.
Na2, N2, N22- तथा N2+ सदस्यों को स्थायित्व के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करें।
उत्तर:
N2 > N22-> N2 > N22- (बढ़ता स्थायित्व क्रम)

प्रश्न 81.
हाइड्रोजन बन्ध के बनने में लगभग कितनी ऊर्जा प्राप्त होती है ?
उत्तर:
हाइड्रोजन बन्ध बनने में लगभग 6 से 10 kcal मोल ऊर्जा प्राप्त होती है।

प्रश्न 82.
हाइड्रोजन बन्ध की प्रबलता किस पर निर्भर करती है ?
उत्तर:
हाइड्रोजन बन्ध की प्रबलता तत्व की विद्युत ऋणात्मकता पर निर्भर करती है।

प्रश्न 83.
NH3 का क्वथनांक PH3 से अधिक है, क्यों?
उत्तर:
NH3 का क्वथनांक PH3 से अधिक होता है क्योंकि NH3हाइड्रोजन बन्ध बनाता है, परन्तु PH3 नहीं।

प्रश्न 84.
H2O द्रव है, जबकि H2S गैस है।
उत्तर:
H2O हाइड्रोजन बन्ध के द्वारा संगुणन करता है अतः यह कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में पाया जाता है।

प्रश्न 85.
वर्ग 14 के तत्वों के हाइड्राइडों को उनके क्वथनांकों के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करें।
उत्तर:
CH4 < SiH4 < GeH4 < SnH4

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना

प्रश्न 86.
वर्ग 15 के तत्वों के हाइड्राइडों को उनके क्वथनांकों के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करें।
उत्तर:
NH3 >> PH3 < AsH3 < SbH3 (क्वथनांकों का बढ़ता क्रम)

प्रश्न 87.
वर्ग 16 के तत्वों के हाइड्राइडों को उनके क्वथनांकों के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करे?
उत्तर:
H2O >> H2S < H2Se < H2Te

प्रश्न 88.
H2O की तुलना में HF में हाइड्रोजन बन्ध अधिक प्रबल होते हैं परन्तु फिर भी H2O का क्वथनांक (100°C), HF (19.5°C) से अधिक होता है, क्यों?
उत्तर:
HF में प्रत्येक F – परमाणु दो H – परमाणु से जुड़ता है परन्तु H2O में प्रत्येक O-परमाणु चार H-परमाणुओं से जुड़ता है। जिनमें दो हाइड्रोजन सहसंयोजक बन्ध द्वारा जबकि दो हाइड्रोजन H-बन्ध द्वारा जुड़ते हैं।

अत: H-F कम अणु जबकि H2O अधिक अणुओं द्वारा संगुणित होता है अत: H2O का क्वथनांक अधिक तथा HF का क्वथनांक कम होता है।

प्रश्न 89.
मेटा- जाइलीन में कितने सिग्मा तथा पाई बन्ध उपस्थित हैं।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 29

प्रश्न 90.
H2 एक स्थायी अणु है जबकि He2 एक अस्थायी अणु, क्यों?
उत्तर:
हाइड्रोजन परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s1 व हीलियम का 1s² होता है जबकि H2 अणु में कुल दो इलेक्ट्रॉन होते हैं जो कि (σ1s) आण्विक कक्षक में भरते हैं, इस कारण इसकी बन्ध कोटि एक होती है।

हीलियम अणु में कुल चार इलेक्ट्रॉन होते हैं जो कि (σ1s) व (σ*1s) आण्विक कक्ष में प्रवेश करते हैं। इसकी बन्ध कोटि शून्य होती है। शून्य बन्ध कोटि यह बताती है कि He2 एक स्थाई अणु नहीं है।

प्रश्न 91.
निम्न में उस यौगिक को छाँटिये जिसके गुण (कोष्ठक में दिखाये गये) का मान अधिक है।
(1) NF3, NH3 (द्विध्रुव आघूर्ण)
(2) CO2, SiO2 (बन्ध कोण)
(3) NaCl, LiCl (आयनिक गुण)
(4) MgO, CaO (कठोरता)
(5) HF, HCl ( क्वथनांक)
उत्तर:
(i) NH3 > NF3 (द्विध्रुव आघूर्ण )
(ii) CO2 > SiO2 (बन्ध कोण)
(iii) NaCl > LiCI (आयनिक कोण)
(iv) MgO > CaO (कठोरता )
(v) HF > HCl ( क्वथनांक)

प्रश्न 92.
क्या π-बन्ध को घुमाना सम्भव है?
उत्तर:
π-बन्ध को घुमाना सम्भव नहीं है क्योंकि घुमाने पर बन्ध टूट जाता है।

प्रश्न 93.
निम्नलिखित दिये गये यौगिकों को उनके सही बन्ध क्रम के साथ जोड़िये।

यौगिक बन्ध कोण
BeCl2, H2O, BCl3, AlCl3, NH3, CCl4, SF6 180°, 109°28’, 104.5°, 107°, 120°, 90°

उत्तर:
BeCl2 – 180°
H2O – 104.5°
BCl3 – 120°
AlCl3 – 120°
NH3 – 107°
CCl4 – 109°28′
SF6 – 90°

प्रश्न 94.
I2 गर्म करने पर ऊर्ध्वपातित हो जाती है क्यों?
उत्तर:
आयोडीन एक उच्च सहसंयोजी अध्रुवी यौगिक है, इसलिये इसका क्वथनांक तथा गलनांक बहुम कम होता है। इसलिये I2 गर्म करने पर ऊर्ध्वपातित हो जाती है।

प्रश्न 95.
H-बन्ध कितने प्रकार के होते हैं? इनमें से प्रबल हाइड्रोजन बन्ध कौन-सा है।
उत्तर:
H-बन्ध दो प्रकार के होते हैं।

  • अन्तराअणुक हाइड्रोजन आबन्ध
  • अन्त: अणुक हाइड्रोजन आबन्ध

इनमें अन्तराअणुक हाइड्रोजन आबन्ध अधिक प्रबल होते हैं।

प्रश्न 96.
निम्नलिखित में किसका द्विध्रुव आघूर्ण उच्च होगा तथा क्यों?
1- ब्यूटीन अथवा 1- ब्यूटाइन
उत्तर:
1- ब्यूटाइन का द्विध्रुव आघूर्ण उच्च होगा, क्योंकि यह
अधिक ध्रुवी है, इसमें sp-संकरित कार्बन परमाणु होता है जो कि अत्यधिक विद्युत ऋणात्मक है।

प्रश्न 97.
निम्नलिखित में कौन-सा बन्ध अधिक ध्रुवीय होगा ?
(a) B – Cl अथवा C – CI
(b) PF अथवा P – Cl
उत्तर:
(a) B – CI बन्ध अधिक ध्रुवीय है।
(b) P – F बन्ध अधिक ध्रुवीय है।

प्रश्न 98.
C6H4Br2 का द्विध्रुव आघूर्ण शून्य है। इसकी संरचना लिखें।
उत्तर:
C6H4Br2 एक p-समावयवी है। इसकी संरचना निम्न है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 30

प्रश्न 99.
HF, HCl, HBr को विद्युत संयोजी लक्षणों के घटते क्रम में लिखें। इनकी विद्युत ऋणात्मकतायें निम्न हैं।
H = 2.1, F = 4.0, Cl = 3.0, Br = 2.8
उत्तर:
(i) बन्ध H – F के लिये
विद्युत ऋणात्मकता में अन्तर (XF – XH)
= 4.0 – 2.11.9
प्रतिशत आयनिक गुण = [16 (1.9) + 3.5 (1.9)²]

(ii) बन्ध HCl के लिये
= 43%
विद्युत ऋणात्मकता में अन्तर (XCl – XH)
= 3.0 – 2.10 = 0.9

प्रतिशत आयनिक गुण = [16(0.9) + 3.5(0.9)²]
= 17·2%

(iii) बन्ध HBr के लिये
विद्युत ऋणात्मकता में अन्तर XBr – XH = 2.8 – 2.1 = 0.7
प्रतिशत आयनिक गुण = [(16 x 0.7) + 3.5 × (0.7)²] = 12.9%
अतः विद्युत संयोजी या आयनी गुण का घटता क्रम
HF > HCl > HBr (आयनी गुण)

प्रश्न 100.
H2SO4 की अधिक श्यानता का कारण क्या है?
उत्तर:
H2SO4 की श्यानता H-बन्ध होने के कारण अधिक होती है।

प्रश्न 101.
शहद गाढ़ा क्यों होता है?
उत्तर:
शहद के गाढ़ा होने का कारण H-बन्ध है।

प्रश्न 102.
Cl – Cl बन्ध, Br – Br बन्ध से शक्तिशाली होता है, क्यों ?
उत्तर:
Cl – Cl बन्ध 3p – 3p कक्षकों के बीच अतिव्यापन होने के कारण बनता है, जबकि Br – Br बन्ध 4p – 4p कक्षकों के बीच अतिव्यापन से बनता है। 4p – कक्षकों के इलेक्ट्रॉन नाभिक से अधिक दूर होते हैं जिसके कारण बन्ध प्रबल नहीं बन पाते। यही कारण है कि Cl – CI बन्ध शक्तिशाली होते हैं।

प्रश्न 103.
O-नाइट्रोफीनॉल की अपेक्षा p-नाइट्रोफीनॉल कम वाष्पशील है, क्यों?
उत्तर:
O-नाइट्रोफीनॉल में अन्तः अणुक H-बन्ध होता हैं जबकि p-नाइट्रोफीनॉल में अन्तराअणुक H-बन्ध होता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आयनिक बंध क्या है?
उत्तर:
आयनिक बंध विपरीत आवेशित आयनों के मध्य परस्पर लगने वाले आकर्षण बल के फलस्वरूप बने बन्ध को आयनिक बन्ध कहते हैं। आयनिक बंध को वैद्युत संयोजक बन्ध भी कहते हैं।

उदाहरण – मैग्नीशियम क्लोराइड का बनना।

जब मैग्नीशियम एवं क्लोरीन एक-दूसरे के सम्पर्क में आते हैं तो धनविद्युती तत्व मैग्नीशियम दो ऋण विद्युती तत्वों क्लोरीन को इलेक्ट्रॉन देकर धनायन एवं ऋणायन बनाता है इस प्रकार दोनों (धनायन एवं ऋणायन) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निकटतम उत्कृष्ट गैस के स्थायी विन्यास के समान हो जाता है।
Mg → Mg2+ + 2e1
(2, 8, 2)   (2,8)
Cl + e →Cl
(2, 8, 7) (2, 8, 8)
Mg2+ + 2Cl → MgCl2
अतः मैग्नीशियम एवं क्लोरीन आयन स्थिर वैद्युत आकर्षण बल द्वारा बंधित हो जाते हैं।

प्रश्न 2.
जालक ऊर्जा किसे कहते हैं? जालक ऊर्जा को प्रभावित करने वाले कारकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
जालक ऊर्जा (Lattice Energy) – ऊर्जा की वह मात्रा जो अनन्त दूरी पर स्थित धनावन एवं ऋणायन गैसीय अवस्था से एक मोल ठोस में बदलने पर निकलती है, जालक ऊर्जा कहलाती है।
A+(g) + Be+(g) + AB(s) + U (जालक ऊर्जा)
मेडुलंग समीकरण के द्वारा जालक ऊर्जा का मान ज्ञात कर सकते है-
U = \(\frac{N_A Z_1 Z_2 e^2}{r_1}(1-1 / n)\)
यहाँ NA – आवागाद्रो संख्या
A = मेडुलंग स्थिरांक
Z1.Z2 = आयनिक आवेश
n = बोर्न घातांक
r = आयनों के मध्य दूरी
e = इलेक्ट्रॉन पर आवेश
जालक ऊर्जा को प्रभावित करने वाले कारण निम्नलिखित हैं-

  • आयनों का आकार
  • क्रिस्टल संरचना
  • आयनों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
  • आयनिक आवेश
  • क्रिस्टल के सहसंयोजी गुण।

प्रश्न 3.
उपसहसंयोजक बंध से क्या समझते हो?
उत्तर:
उपसहसंयोजक बंध (Co-ordination Bond) – उपसहसंयोजक बंध में दो परमाणु साझे के इलेक्ट्रॉन युग्म द्वारा आपस में बंधे रहते हैं, लेकिन साझे का इलेक्ट्रॉन युग्म केवल एक परमाणु द्वारा ही दिया जाता है। इलेक्ट्रॉन युग्म देने वाले परमाणु को दाता परमाणु कहते हैं। इसी कारण उपसहंयोजक बंध को अर्द्धध्रुवीय या दाता बंध (Dative bond) भी कहते हैं।
उपसहसंयोजक बर्ष को तीर (→) से प्रदर्शित करते हैं।
(इलेक्ट्रॉन युग्म दाता) + (इलेक्ट्रॉन युग्म ग्राही) → उपसहसंयोजक यौगिक

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना

प्रश्न 4.
बंधों के ध्रुवण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
बंधों का ध्रुवण (Polarisation of bonds) – समान आवेश वाले आयन एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं, परन्तु विपरीत आवेश वाले आयन एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। इसी कारण आयनों का आकार पूरी तरह गोलाकार न होकर विकृत हो जाता है अतः
“धनायन एवं ऋणायन के पारस्परिक आकर्षण एवं प्रतिकर्षण के कारण उनके आकार में होने वाली विकृति ध्रुवण कहलाती है।”
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 31
धनायन की त्रिज्या कम एवं नाभिकीय आवेश अधिक होने के कारण उसका इलेक्ट्रॉन अभ्र, नाभिक की ओर प्रबल रूप से आकर्षित अवस्था में होने के कारण ऋणायन को आसानी से ध्रुवित कर देता है।

प्रश्न 5.
ध्रुवण को प्रभावित करने वाले कारकों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
ध्रुवण को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं-
1. धनायन का आकार ऋणायन की विकृति धनायन के आकार पर निर्भर करती है। धनायन जितना छोटा होगा उतना ही अधिक प्रभावी ढंग से ऋणायन को विकृत करेगा।
उदाहरण-
BeCl2 < MgCl2 < CaCl < SrCl2 < BaCl2
गलनांक 405°C > 702°C > 772°C > 872°C < 960°C
धनायन का आकार कम होगा तो गलनांक भी कम होगा।

2. ऋणायन का आकार ऋणायन का आकार जितना छोटा होगा उसका ध्रुवण उतना ही कम होगा। ऋणायन का आकार छोटा होने पर गलनांक अधिक होता है।
उदाहरण-
CaF2 > CaCl2 > CaBr2 > Cal2
1372°C > 772°C > 730°C > 575°C

3. आयनों पर आवेश किसी भी आयन पर अधिक आवेश होने के कारण ध्रुवण अधिक होता है। यही कारण है कि Mg2+, Na+ से अधिक सहसंयोजक है।

4. आयनों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास धनायन का विन्यास उत्कृष्ट गैस के तुल्य होने के कारण यह नाभिक के आकर्षण बल का प्रभावी ढंग से परिरक्षण कर सकता है जिसके कारण धनायन आकार में छोटा हो जायेगा, अतः ध्रुवण अधिक होगा।

प्रश्न 6.
CO32- में एवं आक्सीजन (O2) अणु में अनुनादी संरचनाएँ बनाइये।
उत्तर:
CO32- में
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 32

प्रश्न 7.
आयनिक एवं सह-संयोजक यौगिकों की तुलना कीजिए।
उत्तर:

आयनिक यौगिक सहसंयोजक यौगिक
1. आयनिक यौगिक प्राय: ठोस होते हैं। ये ठोस द्रव एवं गैस तीनों हो सकते हैं।
2. यह आयनों से मिलकर बना होता है। यह अणुओं से मिलकर बना होता है।
3. आयनिक बंध दिशात्मक नहीं होते हैं। सहसंयोजक बंध में दिशात्मक गुण पाये जाते हैं।
4. आयनिक यौगिक समांवयवता प्रदर्शित नहीं करते। सह-संयोजक यौगिक समावयवता प्रदर्शित करते हैं।
5. आयनिक यौगिक कठोर एवं भंगुर प्रकृति के होते हैं। ये अपेक्षाकृत कमजोर, मृदु एवं गलनीय होते हैं।
6. इनके गलनांक एवं क्वथनांक उत्व होते हैं। इनके गलनांक एवं क्वथनांक निम्न होते हैं।
7. ये ध्रुवीय विलायकों में विलेय होते हैं। ये अध्रुवीय विलायकों में विलेय होते हैं।
8. इनकी अभिंक्रियाएँ तीव्र गति से होती हैं। इनकी अभिक्रियाएँ मन्द गति से होती हैं।

प्रश्न 8.
SiCl4 का जल अपघटन होता है CCl4 का नहीं। समझाइए।
उत्तर:
CCl4 का जल अपघटन नहीं होता है, जबकि SiCl4 जल में अपघटित हो जाता है, क्योंकि Si के परमाणु में रिक्त कक्षक होता है एवं Si की अधिकतम सहसंयोजकता 6 होती है। इस कारण Si जल के अणुओं से अतिरिक्त बंध बनाता है जिससे SiCl4 एवं जल के अणु के मध्य दूरी कम हो जाती है एवं HCl का अणु आसानी से बन जाता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 33
जबकि CCl4 के C के पास d कक्षक उपलब्ध नहीं रहते जिसके कारण C जल के साथ अतिरिक्त बंध नहीं बना सकता। इसलिए CCl4
जल में अविलेय रहता है।

प्रश्न 9.
ग्रेफाइट सहसंयोजक होते हुए भी विद्युत का सुचालक है, क्यों ?
उत्तर:
ग्रेफाइट की परतदार संरचना होती है। ग्रेफाइट की परत में प्रत्येक कार्बन परमाणु सहसंयोजक बंधों के द्वारा पास के तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से जुड़ा रहता है। प्रत्येक कार्बन परमाणु पर एक इलेक्ट्रॉन स्वतन्त्र रहता है। यह इलेक्ट्रॉन गतिशील (Mobile) होता है। इस गतिशील इलेक्ट्रॉन की उपस्थिति के कारण ही ग्रेफाइट विद्युत का सुचालक है।

प्रश्न 10.
BF3 की संरचना समतल त्रिभुजीय है जबकि NH3 की पिरामिडीय है क्यों?
उत्तर:
BF3 की संरचना समतल त्रिभुजीय होती है, क्योकि BF3 में एक s – कक्षक एवं दो p-कक्षक संकरित होकर तीन नये sp² संकरित कक्षक बनाते हैं। अणु में बंध कोण का मान 120° होता है। BF3 में B के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के अनुसार-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 34
जबकि NH3में sp³ संकरण पाया जाता है। एक संकरित कक्षक में एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म होने के कारण बंधी इलेक्ट्रॉन युग्म से प्रतिकर्षण बढ़ जाता है जिसके कारण बंध कोण 109°28′ के बजाय 106° 45′ हो जाता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 35

प्रश्न 11.
CO2 अध्रुवीय है, जबकि SO2 ध्रुवीय है, क्यों?
उत्तर:
CO2 ध्रुवीय बंध उपस्थित होने के बावजूद भी अध्रुवीय है, क्योंकि CO2 का द्विध्रुव आघूर्ण शून्य है जो यह प्रदर्शित करता है कि बंधों में ध्रुवणता होने के बावजूद भी सदिश योग के कारण एक द्विध्रुव, दूसरे द्विध्रुव को समाप्त कर देता है, जबकि SO2 में ऐसा नहीं होता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 36

प्रश्न 12.
MgSO4 जल में विलेय है, जबकि BaSO4 अविलेय है, क्यों?
उत्तर:
MgSO4 की जल में विलेयता – MgSO4 के Mg 2+ आयन अपेक्षाकृत आकार में छोटे होते हैं जिसके कारण Mg2+ आयन प्रभावी क्रिस्टलन संकुचन के लिए जल के अणुओं से घिरा रहता है। जल के. अणुओं से घिरे होने कारण Mg2+ और SO42- के बीच लगने वाला आकर्षण बल अपेक्षाकृत कम हो जाता है। आकर्षण बल कम होने के कारण MgSO4 की जालक ऊर्जा, विलायक ऊर्जा से कम हो जाती है। अत: MgSO4 जल में विलेय होता है।

BaSO4 की अविलेयता – जब BaSO4 को जल में मिलाया जाता है तो जल की विलायक ऊर्जा, BaSO4 की जालक ऊर्जा की अपेक्षा कम होती है। इसी कारण BaSO4 जल में अविलेय है।

प्रश्न 13.
निम्नलिखित परमाणुओं के बीच बनने वाले बन्धों के प्रकार को स्पष्ट करें-
(1) दो परमाणु जिनकी विद्युत ऋणात्मकता समान है।
(2) दो परमाणु जिनकी विद्युत ऋणात्मकता में सूक्ष्म अन्तर है ।
(3) दो परमाणु जिनकी विद्युत ऋणात्मकता में अधिक अन्तर है।
उत्तर:
(1) जब दो परमाणुओं की विद्युत ऋणात्मकता समान होती है तो उनमें 100% सहसंयोजी बन्ध बनते हैं।

(2) जब दो परमाणुओं की विद्युत ऋणात्मकता में सूक्ष्म अन्तर होता है तो ध्रुवीय सहसंयोजक बन्ध बनते हैं जिनमें कुछ आयनिक लक्षण भी होते हैं।

(3) जब दो परमाणुओं की विद्युत ऋणात्मकता में अधिक अन्तर होता है तो विद्युत संयोजी बन्ध बनते है जिसमें कुछ सहसंयोजी लक्षण भी होते हैं।

प्रश्न 14.
NH3 में आबन्ध कोण PH3 से अधिक होता है, क्यों?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 37
NH3 तथा PH3 दोनों ही वर्ग 15 के तत्वों के हाइड्राइड हैं। नाइट्रोजन की विद्युत ऋणात्मकता फॉस्फोरस से अधिक होती है। परिणामस्वरूप साझे के इलेक्ट्रॉन युग्म NH आबन्ध में नाइट्रोजन तत्व की ओर ज्यादा है। जबकि P-H आबंध में यह फॉस्फोरस तत्व की ओर कम है। अधिक विद्युत ऋणात्मकता होने के कारण नाइट्रोजन तत्व के चारों ओर इलेक्ट्रॉन घनत्व बढ़ जाता है। इस कारण प्रतिकर्षण भी बढ़ जाता है।

अत: NH3 में H – N – H में बन्ध 107° जबकि H – PH में यह 91° होता है।

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प्रश्न 15.
एथेन का क्वथनांक मेथेन के क्वथनांक से अधिक होता है, क्यों ?
उत्तर:
एथेन अणुओं का आण्विक भार मेथेन से अधिक होता है। जिसका आण्विक भार अधिक होता है उसमें वाण्डर वाल आकर्षण बल भी अधिक होता है। इस कारण एथेन का क्वथनांक मेथेन से अधिक होता है।

प्रश्न 16.
निम्न युग्मों में से कौन अधिक सहसंयोजक है और क्यों ?
(1) CuO तथा Cus
(2) AgCl तथा AgI
(3) PbCl2 तथा PbCl4
(4) BeCl2 तथा MgCl2
उत्तर:
(1) CuS > CuO ; CuS अधिक सहसंयोजक है, S2- के बड़े आकार के कारण
(2) AgI > AgCl ; AgI अधिक सहसंयोजक है, I के बड़े आकार के कारण
(3) PbCl4 > PbCl2; PbCl4 अधिक सहसंयोजक है, Pb4+- के छोटे आकार के कारण
(4) BeCl2 > MgCl2; BeCl2 अधिक सहसंयोजक है, Be2+ के छोटे आकार के कारण

प्रश्न 17.
KCl का द्विध्रुव आघूर्ण 3.336 × 10-29कूलॉम – मीटर (C-m) है जो व्यक्त करता है कि यह एक उच्च ध्रुवी अणु है। इस अणु में K+ तथा Cl के बीच अन्तरपरमाण्विक दूरी 2.6 x 10-10m है। द्विध्रुव आघूर्ण की गणना कीजिए यदि प्रत्येक नाभिक पर एक मूलभूत इकाई के विपरीत आवेश स्थित हों। KCl की आयनिक प्रतिशतता का परिकलन भी कीजिए।
हल:
μ सैद्धान्तिक = q x d = 2.6 × 10-10 m × 1.602 × 10-19 C
= 4.1652 × 10-29 C-m
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 38

प्रश्न 18.
HF का द्विध्रुव आघूर्ण (1.98D), HCl के द्विध्रुव आघूर्ण (1.03D) से अधिक क्यों होता है?
उत्तर:
HCl की अपेक्षा HF अधिक ध्रुवी है; क्योंकि CI की अपेक्षा F अधिक विद्युत ऋणात्मक होता है। हम जानते हैं कि विद्युत ऋणात्मकता में अन्तर अधिक होने पर ध्रुवणता अधिक होती है अर्थात् द्विध्रुव आघूर्ण अधिक होता है।

प्रश्न 19.
LiH का द्विध्रुव आघूर्ण 1964 x 10-29Cm है तथा अणु में Li व H की अन्तरपरमाण्विक दूरी 1.596 Å है। LiH में आयनिक प्रतिशतता ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है,
= q x d
d = 1·596 Å = 1.596 × 10-10 m
q = 1.602 x 10-19 C
सैद्धान्तिक द्विध्रुव आघूर्ण = q x d
µ = 1.602 × 10-19 × 1.596 × 10-10
µ = 2.557 x 110-29C-m
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 39

प्रश्न 20.
निम्नलिखित में प्रत्येक की ठोस अवस्था पर विचार कीजिए –
(i) मेथेन
(ii) सीजियम क्लोराइड
(iii) जर्मेनियम
(iv) लीथियम
(v) आर्गन
(vi) बर्फ।
इनमें से कौन-सा निम्नलिखित का एक उदाहरण होगा-
(क) उच्च गलनांक, संजाल ठोस
(ख) अचालक ठोस जो गलित अवस्था में अच्छा चालक बन जाता है
(ग) उच्च विद्युत तथा ऊष्मीय चालकता का ठोस
(घ) वाण्डर वाल्स बलों द्वारा जुड़ा एक निम्न गलनांक वाला ठोस
(ङ) हाइड्रोजन युक्त ठोस।
उत्तर:
(क) जर्मेनियम
(ख) सीजियम क्लोराइड
(ग) लीथियम
(घ) आर्गन
(ङ) बर्फ।

प्रश्न 21.
BF3 में संकरण बताइये व संरचना दीजिए।
उत्तर:
sp² संकरण होता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 40

प्रश्न 22.
NH3 का विद्युत आघूर्ण NF3 से अधिक होता है, समझाइए।
उत्तर:
NH3 का विद्युत आघूर्ण NF3 से अधिक होता है, क्योंकि NH3 में N की विद्युत ऋणात्मकता अधिक होने के कारण N – H बंध का आघूर्ण N की ओर होता है एवं एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म का आघूर्ण तीनों N – H बंधों के परिणामी आघूर्ण की तरफ होता है। जिसके कारण NH3 का द्विध्रुव अधिक होता है, परन्तु NF3 में N की विद्युत ऋणता F से कम है जिस कारण N – F का बंध आघूर्ण F की तरफ होता है। इसलिए एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म का आघूर्ण N – F बंध आघूर्ण के विपरीत दिशा में होता है, जिसके कारण NF3 का द्विआघूर्ण कम होता है।

प्रश्न 23.
H2O द्रव है, जबकि HS गैस है तथा CO2 रेखीय एवं SO2 कोणीय हैं, क्यों?
उत्तर:
H2O के केन्द्रीय परमाणु पर उपस्थित बंधी इलेक्ट्रॉन युग्मों प्रतिकर्षण कम होता है। H2O में बंध कोण का मान 104°3′ होता है, जबकि H2S में बंधित इलेक्ट्रॉन युग्मों के मध्य अधिक प्रतिकर्षण होता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 41
CO2 रेखीय है, क्योंकि CO2 के केन्द्रीय परमाणु C के चारों ओर बंध क्रम अधिकतम होता है, परन्तु SO2 में केन्द्रीय परमाणु S पर इलेक्ट्रॉन युग्मों की उपस्थिति के कारण उसकी संरचना कोणीय होती है।

प्रश्न 24.
निम्न को समझाइए।
(1) He2 अज्ञात है पर He2+ ज्ञात है, ऐसा क्यों?
उत्तर:
हम जानते हैं कि हीलियम परमाणु को 2He4 से प्रदर्शित करते हैं। He2+ का ज्ञात होने का तात्पर्य है कि हीलियम से दो इलेक्ट्रॉन निकलकर दूसरे किसी ग्राही तत्व के पास गये जबकि He2 का कोई तात्पर्य नहीं है।

(2) VSEPR में PCl5, ICl2 तथा NO3 की ज्यामिति का निर्धारण करो।
उत्तर:
VSEPR के अनुसार PCl5, ICl2 तथा NO3 की ज्यामिति निम्नलिखित है-
(i) PCl5, फॉस्फोरस पेन्टाक्लोराइड अणु में एक फॉस्फोरस परमाणु व पाँच क्लोरीन परमाणु सामान्य सहसंयोजक बंधों द्वारा जुड़े हुए हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 42
PCl5 की ज्यामिति पंचभुजीय द्विपिरामिडीय होगी एवं बंध कोण का मान 72° तथा 90° होगा।

(ii) ICl2 की ज्यामिति
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 43
ICl2 का ज्यामिती रेखीय होगी।

(iii) NO3 की ज्यामिति-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 44
अत: NO3 की ज्यामिति समतल त्रिभुजाकार होगी।

प्रश्न 25.
SO2 में S की संकरण अवस्था तथा SO22- आयन की आकृति क्या होगी ?
उत्तर:
SO2 में सल्फर की संकरण अवस्था sp³ होगी एवं SO42- की ज्यामिति चतुष्फलकीय (tetrahedral) होगी।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 45

प्रश्न 26.
SF4 अणु की ज्यामिति ज्ञात कीजिए तथा इसमें एकाकी युग्म की स्थिति की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
SF4 अणु की ज्यामिति – S में संयोजकता कोश आंशिक रूप से भरा रहता है (3s², 3p², 3d0)। अत: पर उपस्थित एकाकी
इलेक्ट्रॉन युग्म पर प्रतिकर्षण कम होने के कारण इलेक्ट्रॉन युग्म में प्रतिकर्षण कम होगा। जिससे बंध कोण प्रभावित रहता है।

S की परिवर्ती संयोजकता + 4 व + 6 हैं। अतः SF4 अणु की ज्यामिति इस प्रकार होगी-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना 46
एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म केवल एक परमाणु से सम्बन्धित होता है। इलेक्ट्रॉन युग्म त्रिविम में फैला रहता है। SF4 अणु में केन्द्रीय परमाणु S के पास इलेक्ट्रॉन युग्म की संख्या एक होगी।

अतः प्रतिकर्षण के कारण इस अणु के बंध कोण में कमी आ जाती है। SF4 में sp³d संकरण पाया जाता है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता

Haryana State Board HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. तत्त्वों का प्रथम आवर्ती वर्गीकरण किसने प्रस्तुत किया था?
(1) डॉबेराइनर
(2) जे. ए. आर. न्यूलैण्ड
(3) डी. आई. मेण्डलीव
(4) लोथर मेयर।
उत्तर:
(3) डी. आई. मेण्डलीव

2. निम्न ऑक्साइडों में उभयधर्मी ऑक्साइड कौन-सा है?
(1) MgO
(2) Al2O3
(3) P2O5
(4) SiO2.
उत्तर:
(2) Al2O3

3. परमाणु क्रमांक 21 के तत्त्व का आवर्त सारणी में क्या स्थान है?
(1) आवर्त – 3, वर्ग II
(2) आवर्त – 4, वर्ग II
(3) आवर्त – 4, वर्ग III
(4) आवर्त – 3, वर्ग III.
उत्तर:
(3) आवर्त – 4, वर्ग III

4. दीर्घाकार आवर्त सारणी तत्त्वों के किस लक्षण पर आधारित है?
(1) संयोजकता
(2) परमाणु द्रव्यमान
(3) परमाणु आकार
(4) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
उत्तर:
(4) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास

5. निम्न में से कौन-सा युग्म आवर्त सारणी एक ही आवर्त में है?
(1) Na, Ca
(2) Na, Cl
(3) Ca, Cl
(4) Hg, Sb.
उत्तर:
(2) Na, Cl

6. कैलिफोर्नियम तत्त्व निम्न परिवार का सदस्य है-
(1) ऐक्टिनॉइड श्रेणी
(2) क्षारीय धातु समूह
(3) क्षारीय मृदा समूह
(4) लैन्थेनॉइड श्रेणी।
उत्तर:
(1) ऐक्टिनॉइड श्रेणी

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता

7. आवर्त सारणी को बनाने वाला मेण्डलीव था-
(1) फ्रेंच रसायनशास्त्री
(2) जर्मन रसायनशास्त्री
(3) डच रसायनशास्त्री
(4) रूसी रसायनशास्त्री।
उत्तर:
(4) रूसी रसायनशास्त्री।

8. आवर्त तालिका में निम्न में से किस तत्त्व की विद्युत ऋणात्मकता अधिकतम है?
(1) नाइट्रोजन
(2) ऑक्सीजन
(3) क्लोरीन
(4) फ्लुओरीन।
उत्तर:
(4) फ्लुओरीन।

9. Fe2+ (Fe की परमाणु संख्या = 26) में d- इलेक्ट्रॉनों की संख्या बराबर नहीं है
(1) Ne (प. सं. = 10) में p- इलेक्ट्रॉनों की
(2) Mg (प. सं. = 10) में p- इलेक्ट्रॉनों की
(3) Fe में d – इलेक्ट्रॉनों की
(4) Cl (Cl की प. सं. = 17) में p- इलेक्ट्रॉनों की।
उत्तर:
(4) Cl (Cl की प. सं. = 17) में p- इलेक्ट्रॉनों की।

10. सबसे हल्की धातु है-
(1) Li
(2) Mg
(3) Ca
(4) Na
उत्तर:
(1) Li

11. 3d – संक्रमण श्रेणी के तत्त्वों का परमाणु क्रमांक है-
(1) 22 से 30
(2) 21 से 30
(3) 21 से 31
(4) 21 से 291
उत्तर:
(2) 21 से 30

12. निम्न में से कौन अधिकतम अधात्विक गुण प्रदर्शित करेगा-
(1) Be
(2) B
(3) Mg
(4) Al
उत्तर:
(2) B

13. समइलेक्ट्रॉनिक सदस्यों की त्रिज्या-
(1) नाभिकीय आवेशों के बढ़ने के साथ बढ़ती है
(2) नाभिकीय आवेशों के बढ़ने के साथ घटती है
(3) पहले बढ़ती है और फिर घटती है
(4) सभी के लिए समान होती है।
उत्तर:
(2) नाभिकीय आवेशों के बढ़ने के साथ घटती है

14. निम्नलिखित ऑक्साइडों में से कौन-सा सर्वाधिक क्षारीय है?
(1) Na2O
(2) SiO2
(3) SO2
(4) Al2O3
उत्तर:
(1) Na2O

15. निम्न में कौन-सा तत्त्व अत्यधिक विद्युत धनात्मक है?
(1) Al
(2) Mg
(3) P
(4) S
उत्तर:
(2) Mg

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता

16. Vth आवर्त में उपस्थित तत्त्वों की संख्या है—
(1) 18
(2) 32
(3) 8
(4) 24
उत्तर:
(1) 18

17. IIB के तत्त्व कहलाते हैं-
(1) सामान्य तत्त्व
(2) संक्रमण तत्त्व
(3) क्षारीय धातु
(4) क्षारीय मृदा धातु।
उत्तर:
(3) क्षारीय धातु

18. निम्नलिखित में से सबसे दुर्बल क्षार है-
(1) NaOH
(2) KOH
(3) Ca(OH)2
(4) Cu(OH)2
उत्तर:
(4) Cu(OH)2

19. निम्नलिखित यौगिकों में सर्वाधिक अम्लीय है—
(1) p2O5
(2) As2O3
(3) Sb2O3
(4) Bi2O3
उत्तर:
(1) p2O5

20. तत्त्वों में उच्चतम आयनन विभव (IE) किस तत्त्व का है-
(1) H
(2) He
(3) Hg
(4) Au
उत्तर:
(2) He

21. निम्न में उपधातु कौन-सी है-
(1) Zn
(2) Ge
(3) Sn
(4) Al
उत्तर:
(2) Ge

22. ज्ञाततत्त्वों में उच्चतम इलेक्ट्रॉन बन्धुता किस तत्त्व की है—
(1) H
(2) O
(3) F
(4) Cl.
उत्तर:
(4) Cl.

23. निम्न में उभयधर्मी ऑक्साइड कौन-सा है-
(1) BaO
(2) SnO
(3) SiO2
(4) Li2O.
उत्तर:
(2) SnO

24. C, N, P और SI तत्त्वों की विद्युत ऋणात्मकता के बढ़ने का क्रम है-
(1) C.N. Si. P
(2) N, Si, C, P
(3) Si. P. C.N
(4) P, Si, N. C.
उत्तर:
(3) Si. P. C.N

25. उदासीन ऑक्साइड है-
(1) CO
(2) ZnO
(3) SO2
(4) SnO2
उत्तर:
(1) CO

26. निम्न में से किसकी त्रिज्या सबसे बड़ी है-
(1) Na+
(2) O2-
(3) F
(4) Mg2-
उत्तर:
(2) O2-

27. किस तत्त्व की द्वितीय इलेक्ट्रॉन बन्धुता शून्य होती है-
(1) Cl
(2) O
(3) S
(4) N.
उत्तर:
(1) Cl

28. निम्नांकित में लघुतम आयनिक त्रिज्या वाला आयन है-
(1) K+
(2) Ca2+
(3) Ti3+
(4) Ti4+
उत्तर:
(4) Ti4+

29. निम्नलिखित में सबसे बड़ा आयन कौन-सा है-
(1) Al3+
(2) Ba2+
(3) Mg2+
(4) Na+
उत्तर:
(2) Ba2+

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता

30. त्रिज्या (radii) का सही क्रम है-
(1) N < Be < B
(2) F < O2- < N3-
(3) Na < Li < K
(4) Fe3+ < Fe2 < Fe4+
उत्तर:
(2) F < O2- < N3-

31. प्रथम आयनन विभव के सही क्रम वाला समूह है-
(1) K > Na > Li
(2) Be > Mg > Ca
(3) B > C > N
(4) Ge > Si > C.
उत्तर:
(2) Be > Mg > Ca

32. निम्न में से किसकी विद्युत ऋणात्मकता सर्वाधिक है-
(1) H
(2) E
(3) He
(4) Na.
उत्तर:
(2) E

33. निम्न में से सबसे अधिक आकार होगा –
(1) Li+
(2) Na+
(3) Mg2+
(4) Rb+
उत्तर:
(4) Rb+

34. निम्न में से किस तत्त्व की आयनन ऊर्जा अधिकतम है-
(1) [Ne] 3s2 3p1
(2) [Ne] 3s² 3p2
(3) [Ne] 3s² 3p²
(4) [Ar] 3d10, 4s² 4p²
उत्तर:
(3) [Ne] 3s² 3p²

35. निम्नलिखित में से किसकी श्रेणी के तत्त्वों की परमाणु त्रिज्या लगभग समान होगी-
(1) Li, Be, B, C
(2) Na, K, Rb, Cs
(3) F, Cl, Br, I
(4) Fe, Co, Ni, Cr.
उत्तर:
(4) Fe, Co, Ni, Cr.

36. विद्युत ऋणात्मकता का सही क्रम है-
(1) O+ > O > O
(2) O > O+ > O
(3) O+ > O > O
(4) O+ > O > O+
उत्तर:
(1) O+ > O > O

37. आयनन विभव का न्यूनतम मान है-
(1) हैलोजनों का
(2) अक्रिय गैस का
(3) क्षारीय मृदा धातुओं का
(4) क्षार धातुओं का।
उत्तर:
(4) क्षार धातुओं का।

38. फ्लुओरीन व निऑन की परमाणु त्रिज्याएँ (Å ) क्रमश: हैं-
(1) 0.72, 1.60
(2) 1.60, 1.60
(3) 0.72, 0.72
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(1) 0.72, 1.60

39. आयोडीन स्पीशीज के आकार का सही क्रम है-
(1) I > I+ > I
(2) I > I > I+
(3) I+ > I > I
(4) I > I > I+
उत्तर:
(4) I > I > I+

40. हैलोजन परिवार की विद्युत ऋणात्मकता का क्रम होता है-
(1) Cl > Br > F > I
(2) I > Br > Cl > F
(3 ) F> Cl > Br > I
(4) Br > Cl > F > I
उत्तर:
(3 ) F> Cl > Br > I

41. निम्न में से किस धातु की ऑक्सीकरण अवस्था एक से अधिक है-
(1 ) Na
(2) Mg
(3) Fe
(4) AL
उत्तर:
(3) Fe

42. N3-, O2- पर F आयनों की आयनिक त्रिज्याओं के मान का सही क्रम है-
(1 ) N3- > O2- > F
(2) N3- < O2- < F
(3) N3- > O2- < F
(4) N3- < O2- > F
उत्तर:
(1 ) N3- > O2- > F

43. आयनिक त्रिज्याओं का सही क्रम है-
(1) Ti4- < Mn3+
(2) 35Cl < 37Cl
(3) K+ < Cl
(4) p3+ > p5+
उत्तर:
(4) p3+ > p5+

44. निम्न तत्त्वों में किस तत्त्व की परमाणु त्रिज्या सबसे कम होगी-
(1) N
(2) F
(3) Na
(4) K.
उत्तर:
(2) F

45. इलेक्ट्रॉन बन्धुता निर्भर करती है-
(1) परमाणु आकार
(2) नाभिकीय आवेश
(3) परमाणु क्रमांक
(4) परमाणु आकार तथा नाभिकीय आवेश दोनों पर।
उत्तर:
(4) परमाणु आकार तथा नाभिकीय आवेश दोनों पर।

46. K, Ca तथा Ba के द्वितीय आयनन विभव का घटता क्रम है-
K = 19, Ca = 20, Ba = 56
(1) K > Ca > Ba
(2) Ca > Ba > K
(3) Ba > K > Ca
(4) K > Ba > Ca
उत्तर:
(1) K > Ca > Ba

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
किन्हीं दो प्रारूपी तत्त्वों (Typical elements) के नाम बताओ।
उत्तर:
Na और Mg.

प्रश्न 2.
किन्हीं दो सेतु तत्त्वों (Bridge elements) के नाम बताओ।
उत्तर:
Na और Mg.

प्रश्न 3.
किन्हीं दो संक्रमण तत्त्वों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. क्रोमियम (Cr)
  2. कॉपर (Cu).

प्रश्न 4.
ट्रान्स- यूरेनिक तत्त्वों के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:

  1. Np
  2. Pul

प्रश्न 5.
d-ब्लॉक तत्त्वों को संक्रमण तत्त्व क्यों कहते हैं?
उत्तर:
ये तत्त्व – ब्लॉक व p-ब्लॉक तत्त्वों के बीच सेतु (Bridge) बनाते हैं।

प्रश्न 6.
परमाणु क्रमांक 58 से 71 तक के तत्त्वों को दुर्लभ मृदा तत्त्व (Rare earth elements) कहते हैं। क्यों?
उत्तर:
ये प्रकृति (Nature) में अल्प मात्रा में पाये जाते हैं।

प्रश्न 7.
बोरॉन (B) उपधातु (Metalloid) है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
बोरॉन में धातु व अधातु दोनों के गुण पाये जाते हैं।

प्रश्न 8.
प्रबलतम धात्विक प्रकृति वाला तत्त्व कौन-सा है?
उत्तर:
सीजियम (Cs).

प्रश्न 9.
एक तत्त्व (X) आवर्त सारणी के तीसरे वर्ग में है। इस तत्त्व के ऑक्साइड का सूत्र क्या होगा?
उत्तर:
X2O3.

प्रश्न 10.
डॉबेराइनर के त्रिक किन्हें कहा जाता है?
उत्तर:
डॉबेराइनर ने लगभग समान गुण-धर्म वाले अनेक तत्त्वों को तीन-तीन के समूह में उनके परमाणु भार में वृद्धि के क्रमानुसार रखा। इस प्रकार के समूह डॉबेराइनर के त्रिक कहलाते हैं।

प्रश्न 11.
मेण्डलीव की आधुनिक आवर्त सारणी में वर्गों तथा आवर्तों की संख्या लिखिए।
उत्तर:
मेण्डलीव की आवर्त सारणी में नौ वर्ग (समूह) तथा सात आवर्त हैं।

प्रश्न 12.
संक्रमण तत्त्वों के दो गुण लिखिए।
उत्तर:

  1. विभिन्न संयोजकताएँ प्रदर्शित करना।
  2. रंगीन संकर आयन बनाना।

प्रश्न 13.
दीर्घाकार आवर्त सारणी में कुल कितने वर्ग व आवर्त हैं?
उत्तर:
वर्ग – 18, आवर्त – 7.

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता

प्रश्न 14.
p-ब्लॉक के एक तत्त्व की बाह्यतम कक्षा में चार (4) इलेक्ट्रॉन हैं। इस तत्त्व का वर्ग व नाम बताओ यदि यह तत्त्व तीसरे आवर्त का है।
उत्तर:
वर्ग-14 (IVA), नाम- सिलिकॉन (14Si).

प्रश्न 15.
आवर्त सारणी में फॉस्फोरस को किस आवर्त और किस समूह में रखा गया है?
उत्तर:
आवर्त सारणी में फॉस्फोरस को तृतीय आवर्त तथा वर्ग 15 में रखा गया है।.

प्रश्न 16.
आवर्त सारणी में प्रत्येक आवर्त किस क्वाण्टम संख्या के साथ प्रारम्भ होता है?
उत्तर:
मुख्यं क्वाण्टम संख्या (17).

प्रश्न 17.
मानव निर्मित तत्त्व किस श्रेणी से सम्बन्धित होते हैं?
उत्तर:
ऐक्टिनॉइड श्रेणी।

प्रश्न 18.
कार्बन के फ्लुओराइड का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
CF4

प्रश्न 19.
द्वितीय आवर्त किस तत्त्व पर समाप्त होता है?
उत्तर:
निऑन (Ne)।

प्रश्न 20.
ns² np6 का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास रखने वाले तत्त्व अक्रिय क्यों कहलाते हैं?
उत्तर:
क्योंकि इनकी संयोजी कक्षा पूर्ण रूप से भरी होती है।

प्रश्न 21.
f – ब्लॉक के तत्त्वों को f-ब्लॉक तत्त्व ही क्यों कहते हैं?
उत्तर:
क्योंकि इन तत्त्वों में अन्तिम विभेदी इलेक्ट्रॉन (n – 2 ) f उपकोश में प्रवेश करता है।

प्रश्न 22.
अर्द्ध-पूर्ण तथा पूर्ण कक्षक अधिक स्थायी होते हैं, स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अर्द्ध-पूर्ण तथा पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक विन्यास वाले कक्षकों की ऊर्जा निम्न होती है। अतः ये स्थायी होते हैं। इसके अतिरिक्त इनके विन्यास में सममिति पायी जाती है।

प्रश्न 23.
किन्हीं दो उभयधर्मी ऑक्साइड का उदाहरण दें।
उत्तर:
जल (H2O), बेरीलियम ऑक्साइड (BeO)।

प्रश्न 24.
तीन ऐसे तत्त्वों के नाम लिखें जिनके ऑक्साइड उभयधर्मी होते हैं?
उत्तर:
Al, As, Sb.

प्रश्न 25.
उत्कृष्ट गैसें आवर्त सारणी के किस समूह में रखी जाती हैं?
उत्तर:
शून्य वर्ग या समूह 18.

प्रश्न 26.
हैलोजनों को आवर्त सारणी के किस समूह में रखा गया हैं?
उत्तर:
समूह 17 में (VII A ).

प्रश्न 27.
क्षार धातुओं को आवर्त सारणी के किस समूह में रखा गया है?
उत्तर:
समूह 1 में (IA).

प्रश्न 28.
क्षारीय मृदा धातुओं को आवर्त सारणी के किस समूह में रखा गया है?
उत्तर:
समूह 2 में (IIA ).

प्रश्न 29.
आवर्त सारणी में p-ब्लॉक में तीसरे आवर्त में कुल तत्त्वों की संख्या क्या है?
उत्तर:
छ: (6).

प्रश्न 30.
s-ब्लॉक तत्त्वों में अधिकतम आयनन ऊर्जा वाला तत्त्व कौन-सा है?
उत्तर:
(Be) बेरीलियम।

प्रश्न 31.
d-ब्लॉक के तत्त्वों का सामान्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास क्या है?
उत्तर:
(n-1)d1 – 10 ns1-2.

प्रश्न 32.
क्षार धातुएँ प्रबल अपचायक क्यों होती क्यों है?
उत्तर:
क्योंकि क्षार धातुओं में इलेक्ट्रॉनों को त्यागने की प्रबल प्रवृत्ति होती है

प्रश्न 33.
हैलोजन प्रबल ऑक्सीकारक क्यों होते हैं?
उत्तर:
क्योंकि हैलोजनों में इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण करने की प्रबल प्रवृत्ति होती है।

प्रश्न 34.
उन दो तत्त्वों के नाम लिखें, जिनके लिये मेण्डलीव ने आवर्त सारणी में स्थान छोड़ दिया था और जिनकी खोज बाद में हुई।
उत्तर:
स्कैण्डियम (Sc) तथा गैलियम (Ga).

प्रश्न 35.
92U के बाद के तत्त्व ट्रान्स- यूरेनिक तत्त्व कहलाते हैं।
उत्तर:
92U के बाद के तत्त्व कृत्रिम रूप से बनाये गये हैं, जिसके कारण इन तत्त्वों को ट्रान्स- यूरेनिक तत्त्व कहते हैं।

प्रश्न 36.
किन्हीं दो दुर्लभ मृदा तत्त्वों के नाम लिखो।
उत्तर:

  1. लैन्थेनम (La )
  2. सीरियम (Ce).

प्रश्न 37.
आवर्त सारणी में तत्त्वों का वर्गीकरण करने के लिये मेण्डलीव ने तत्त्वों के कौन से गुण का प्रयोग किया?
उत्तर:
परमाणु भार का।

प्रश्न 38.
लोथर मेयर वक्र के आधार पर तत्त्वों के गुण किसके आवर्ती फलन हैं?
उत्तर:
लोथर मेयर वक्र के आधार पर तत्त्वों के गुण सामान्यतः उनके परमाणु भारों के आवर्ती फलन होते हैं।

प्रश्न 39.
समान गुणों वाले तत्त्व एक ही वर्ग में क्यों रखे गये हैं?
उत्तर:
क्योंकि इनमें संयोजी इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है अथवा इलेक्ट्रॉनिक विन्यास समान होता है।

प्रश्न 40.
प्रारूपिक तत्त्व क्या हैं?
उत्तर:
s-ब्लॉक तथा p-ब्लॉक के तत्त्वों को सम्मिलित रूप से प्रारूपिक तत्त्व कहते हैं।

प्रश्न 41.
प्रथम बार तत्त्वों का आवर्ती वर्गीकरण किसने किया था?
उत्तर:
प्रथम बार तत्त्वों का आवर्ती वर्गीकरण इवानोविच मेण्डलीव ने किया था।

प्रश्न 42.
तत्त्वों के गुणों की आवर्तिता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
एक नियमित अन्तर के बाद गुणों की पुनरावृत्ति होने को गुणों की आवर्तिता कहते हैं।

प्रश्न 43.
जिन तत्त्वों की सभी कक्षायें पूर्ण हैं वे कौन से तत्त्व हैं?
उत्तर:
वे तत्त्व अक्रिय गैसें हैं।

प्रश्न 44.
दुर्लभ तत्त्वों की संख्या कितनी है?
उत्तर:
कुल 14 तत्त्व, ये लैन्थेनॉइड हैं। (Ci से Cu तक)

प्रश्न 45.
दुर्लभ तत्त्वों के गुणों में अत्यधिक समानता क्यों पाई जाती है?
उत्तर:
इन तत्त्वों के सबसे बाहरी कोश का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास समान होता है।

प्रश्न 46.
प्रत्येक आवर्त के अन्तिम तत्त्व कौन से हैं?
उत्तर:
प्रत्येक आवर्त के अन्तिम तत्त्व अक्रिय गैसें हैं।

प्रश्न 47.
मुद्रा धातुओं से क्या समझते हो?
उत्तर:
कॉपर, सिल्वर तथा गोल्ड को मुद्रा धातु कहते हैं क्योंकि इनका उपयोग मुद्राएँ बनाने में होता है।

प्रश्न 48.
आवर्त सारणी के भिन्न-भिन्न आवर्तों में तत्त्वों की संख्या भी भिन्न होती है, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि प्रत्येक कोश में उपकोशों की संख्या अलग-अलग होती है तथा प्रत्येक आवर्त एक नये कोश के साथ भरना प्रारम्भ करता है इस प्रकार यह ns – np विन्यास पर पूर्ण हो जाता है।

प्रश्न 49.
f – ब्लॉक के तत्त्वों को अन्तः संक्रमण तत्त्व क्यों कहते हैं?
उत्तर:
f-ब्लॉक के तत्त्वों में अन्तिम इलेक्ट्रॉन (n – 2)f उपकोश में प्रवेश करता है। जबकि संक्रमण तत्त्वों में अन्तिम या विभेदी इलेक्ट्रॉन (- 1)d उपकोश में प्रवेश करता है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता

प्रश्न 50.
क्षारीय मृदा तत्त्व क्या होते हैं?
उत्तर:
वे तत्त्व जिनके ऑक्साइड मृदा (सिलिका, SiO2) के समान गलनीय होते हैं तथा क्षारीय गुण व्यक्त करते हैं। क्षारीय मृदा तत्त्व कहलाते हैं, जैसे-Ca, Sr, Ba, Mg आदि।

प्रश्न 51.
MgO, Al2O3, Na, O, SO3 व p2O5 में सर्वाधिक क्षारीय ऑक्साइड कौन-सा है, और क्यों?
उत्तर:
Na, O सर्वाधिक क्षारीय ऑक्साइड है क्योंकि यह क्षारीय धातुओं का ऑक्साइड है।

प्रश्न 52.
सम- इलेक्ट्रॉनिक स्पीशीज में किसकी संख्या समान होती है?
उत्तर:
सम- इलेक्ट्रॉनिक स्पीशीज में इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है।

प्रश्न 53.
वर्ग 17 तथा वर्ग 18 के रेडियोऐक्टिव तत्त्वों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. ऐस्टेटीन (At) वर्ग-17
  2. रेडॉन (Rn) – वर्ग-18

प्रश्न 54.
122 परमाणु क्रमांक वाले तत्त्व का IUPAC नाम तथा प्रतीक क्या होगा?
उत्तर:
IUPAC के अनुसार 1 को un, 2 को bi कहते हैं। अत: 122 परमाणु क्रमांक वाले तत्त्व का नाम Unbibium (Ubb) होगा।

प्रश्न 55.
निम्नलिखित तत्त्वों को अधात्विक लक्षणों के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित कीजिए-
B, C, Si, N, F
उत्तर:
अधात्विक लक्षण का बढ़ता हुआ क्रम
Si < B < C < N < F
अधात्विक लक्षण आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर बढ़ता है तथा समूह में ऊपर से नीचे आने पर घटता है।

प्रश्न 56.
निम्नलिखित तत्त्वों को धात्विक लक्षणों के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करें-
B, Al, Mg, K
उत्तर:
धात्विक लक्षणों का बढ़ता हुआ क्रम- B

प्रश्न 57.
निम्नलिखित आयनों को आकार के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए-
Be2+, Cl, S2-, Na+, Mg2+, Br
उत्तर:
बढ़ते हुए आकार का सही क्रम
Be2+ < Mg2+ < Na+ < Cl < S2- < Br

प्रश्न 58.
उन स्पीशीज का नाम लिखिए जो निम्न परमाणुओं या आयनों में से प्रत्येक की सम- इलेक्ट्रॉनिक स्पीशीज हैं-
(i) Na+ (ii) Cl (iii) K+ (iv) Rb
उत्तर:
(i) Ne (ii) Ar (iii) Ca2+ (iv) Sr+.

प्रश्न 59.
एक तत्त्व तृतीय आवर्त में है। इसके संयोजी कोश में पाँच इलेक्ट्रॉन हैं। यह आवर्त सारणी के किस वर्ग से सम्बन्धित है?
उत्तर:
यह आवर्त सारणी के वर्ग 15 से सम्बन्धित है।

प्रश्न 60.
एक तत्त्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास [Ar] 3d5 4s1 है। क्या यह s – ब्लॉक से सम्बन्धित है?
उत्तर:
नहीं, यह s – ब्लॉक से सम्बन्धित नहीं है। यह d – ब्लॉक का तत्त्व है।

प्रश्न 61.
निम्न संयोजी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास वाले तत्त्वों के ब्लॉक लिखिए।
(i) 3s² 3p5
(ii) 3d10 4s2
(iii) 3p6 4s2
(iv) 4s1 3d5
उत्तर:
(i) 3s² 3p5 → p ब्लॉक के तत्त्व
(ii) 3d10 4s2 → d – ब्लॉक के तत्त्व
(iii) 3p6 4s2 → s – ब्लॉक के तत्त्व
(iv) 4s1 3d5 → d ब्लॉक के तत्त्व

प्रश्न 62.
जल में घुलनशील, सिल्वर हैलाइड कौन-सा है?
उत्तर:
जल में घुलनशील सिल्वर हैलाइड – AgF

प्रश्न 63.
जल में अघुलनशील सिल्वर हैलाइड कौन-सा है?
उत्तर:
जल में अघुलनशील सिल्वर हैलाइड – AgCl, AgBr, AgI।

प्रश्न 64.
जल में घुलनशील क्षारीय मृदा धातुओं के सल्फेटों के उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
घुलनशील सल्फेट – BeSO4, MgSO4, BaSO4

प्रश्न 65.
जल में अघुलनशील सल्फेटों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
अघुलनशील सल्फेट – CaSO4, SrSO4, BaSO4

प्रश्न 66.
उपधातुओं के कुछ उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
सिलिकॉन (Si), आर्सेनिक (As), एन्टीमनी (Sb), टेलुरियम (Te).

प्रश्न 67.
p-ब्लॉक के तत्त्वों की कुल संख्या क्या है?
उत्तर:
p-ब्लॉक में कुल 30 तत्त्व होते हैं।

प्रश्न 68.
मेण्डलीव का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर:
मेण्डलीव का पूरा नाम दमित्री इवानोविच मेण्डलीव था।

प्रश्न 69.
दुर्लभ मृदा धातुएँ किन्हें कहते हैं।
उत्तर:
वे धातुऐं जो पृथ्वी में पायी जाती हैं व इनकी उपलब्धता बहुत. ही कम मात्रा में होती है’ उन्हें दुर्लभ मृदा धातुएँ कहते हैं। ये f-ब्लॉक तत्त्व होते हैं। इन्हें अन्तः संक्रमण तत्त्व भी कहते हैं।

प्रश्न 70.
तीसरे आवर्त में 8 तत्त्व होते हैं, 18 तत्त्व नहीं, क्यों?
उत्तर:
तीसरा आवर्त 3s1 इलेक्ट्रॉन से भरना शुरू होता है और 3p6

प्रश्न 71.
प्रबलतम अधात्विक तत्त्व कौन-सा है?
उत्तर:
फ्लुओरीन (F) पर पूर्ण होता है।

प्रश्न 72.
अधिकतम इलेक्ट्रॉन बन्धुता वाला तत्त्व कौन-सा है?
उत्तर:
क्लोरीन (Cl)

प्रश्न 73.
एक तत्त्व की तृतीय इलेक्ट्रॉन बन्धुता शून्य (0) है। यदि यह तत्त्व तीसरे आवर्त का है तो इसका नाम लिखिए।
उत्तर:
नोवल गैसों की प्रथम इलेक्ट्रॉन बन्धुता लगभग शून्य होती है। सल्फर (S)

प्रश्न 74.
F, Cl, Br, I को बढ़ते हुए विद्युत ऋणात्मकता के क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर:
I < Br < Cl < F (विद्युत ऋणात्मकता)

प्रश्न 75.
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के आधार पर बतायें कि 15P31 आवर्त सारणी में कहाँ स्थित है?
उत्तर:
15P31 = 1s² 2s² 2p63s² 3p³.
आवर्त = तृतीय, ब्लॉक = p-ब्लॉक, वर्ग = 15 (VA)

प्रश्न 76.
सभी संक्रमण तत्त्व d-ब्लॉक के तत्त्व होते हैं परन्तु सभी d-block के तत्त्व संक्रमण तत्त्व नहीं कहलाते हैं। क्यों?
उत्तर:
वे सभी d-ब्लॉक के तत्त्व जिनकी मूल (आद्य) अवस्था अवस्था में 3d – कक्षक अपूर्ण भरित होते हैं, वे संक्रमण तत्त्व कहलाते हैं। परन्तु d-ब्लॉक के कुछ तत्त्व जैसे- Zn, Cd एवं Hg में 3d-कक्षक पूर्ण भरित होते हैं इन्हें संक्रमण तत्त्व नहीं माना गया है।

प्रश्न 77.
परमाणु क्रमांक 119 वाले तत्त्व की संयोजकता व ग्रुप बताएँ इसके बाह्यतम कोश का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास तथा इसके ऑक्साइड का सामान्य सूत्र लिखें।
उत्तर:
समूह (group) = 1, संयोजकता = 1
बाह्यतम कोश का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 8s1
ऑक्साइड का सूत्र = M2O

प्रश्न 78.
हैलोजनों को बढ़ती हुई विद्युत ऋणात्मकता के क्रम में लिखिये।
उत्तर:
I < Br < Cl< F (विद्युत – ऋणात्मकता का क्रम )

प्रश्न 79.
N की इलेक्ट्रॉन बन्धुता C से कम होती है, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि N का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास स्थायी होता है।

प्रश्न 80.
हैलोजन सबसे अधिक ऋण विद्युती होते हैं, क्यों।
उत्तर:
आवर्त में बायें से दायें चलने पर प्रभावी नाभिकीय आवेश बढ़ता है। अत: हैलोजनों की इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति भी बढ़ती है।

प्रश्न 81.
धातुओं के ऑक्साइड क्षारीय होते हैं, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि धातुओं के ऑक्साइड जल से क्रिया करके क्षार बनाते हैं।

प्रश्न 82.
अधातुओं के ऑक्साइड अम्लीय होते हैं, स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अधातुओं के ऑक्साइड जल से क्रिया करके अम्ल बनाते हैं।

प्रश्न 83.
एक तत्त्व की तृतीय इलेक्ट्रॉन बन्धुता का मान शून्य हो जाता है। यह तत्त्व तीसरे आवर्त में स्थित होता है। उस तत्त्व का नाम बताइये।
उत्तर:
सल्फर (S).

प्रश्न 84.
उत्कृष्ट गैसों में सहसंयोजक त्रिज्या नहीं होती है, कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
चूँकि उत्कृष्ट गैसों के परमाणु परस्पर सहसंयोजक बन्ध नहीं बनाते हैं इसलिये उत्कृष्ट गैसें सहसंयोजक त्रिज्या नहीं बनाती हैं।

प्रश्न 85.
सबसे प्रबल अधात्विक लक्षण वाले तत्त्व का नाम बताओ?
उत्तर:
फ्लुओरीन (F).

प्रश्न 86.
SO2 की अपेक्षा SO2 प्रबल अम्लीय है, स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
किसी अधातु के ऑक्साइड में ऑक्सीकरण बढ़ने के साथ उसकी अम्लीय प्रकृति बढ़ती है। इस कारण SO2 ज्यादा अम्लीय है।

प्रश्न 87.
हैलोजन प्रबल ऑक्सीकारक क्यों हैं?
उत्तर:
क्योंकि हैलोजन के अन्दर इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति अधिकतम होती है।

प्रश्न 88.
हैलोजनों को उनकी घटती ऑक्सीकारक क्षमता के क्रम में लिखिये।
उत्तर:
F2 > Cl2 > Br2 > I2

प्रश्न 89.
उत्कृष्ट गैसों का परमाणु आकार हैलोजनों से अधिक क्यों होता है?
उत्तर:
उत्कृष्ट गैसों का परमाणु आकार हैलोजनों से अधिक होता है, क्योंकि वाण्डर वाल्स त्रिज्या सह संयोजी त्रिज्या से बड़ी होती है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता

प्रश्न 90.
क्षार धातुओं की आयनन ऊर्जा निम्नतम क्यों होती है।
उत्तर:
इनका परमाणु आकार बड़ा होता है जिसमें संयोजी इलेक्ट्रॉनों तथा नाभिक के मध्य आकर्षण कम होता है।

प्रश्न 91.
सोडियम एक प्रबल धन विद्युतीय तत्त्व क्यों है?
उत्तर:
सोडियम की आयनन एन्थैल्पी कम है, क्योंकि यह एक इलेक्ट्रॉन निकाल कर धन आयन बनाता है, अतः यह प्रबल धन- विद्युतीय है।
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प्रश्न 92.
निम्नलिखित तत्त्वों में से किस तत्त्व की प्रथम आयनन एन्यैल्पी सबसे कम है और क्यों?
Na, F, I, Mg
उत्तर:
Na, F, I, Mg में आयोडीन (I) की आयनन एन्थल्पी सबसे कम है, क्योंकि इसका आकार इन सबसे उच्च है।

प्रश्न 93.
प्रभावी नाभिकीय आवेश के मान में प्रयुक्त परिरक्षण नियतांक (σ) को ज्ञात करने का नियम किस वैज्ञानिक ने दिया था?
उत्तर:
स्लेटर ने।

प्रश्न 94.
प्रभावी नाभिकीय आवेश पर टिप्पणी दीजिए।
उत्तर:
नाभिकीय आवेश का वह भाग जिसे संयोजी इलेक्ट्रॉन महसूस करता है, प्रभावी नाभिकीय आवेश कहलाता है।

प्रश्न 95.
आवर्त में किस सदस्य के तत्त्वों का आकार सबसे कम होता है और क्यों?
उत्तर:
आवर्त में हैलोजन तत्त्वों का आकार सबसे कम होता है क्योंकि इनका प्रभावी नाभिकीय आवेश बहुत अधिक होता है।

प्रश्न 96.
आवर्त सारणी में स्थित संक्रमण तत्त्वों में आवर्त में Sc से Mn तक जाने पर आकार लगातार कमी होती जाती हैं, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि Sc से Mn तक जाने पर नाभिकीय आकर्षण बल बढ़ता है। यह बल परिरक्षण प्रभाव से अधिक होता है। अतः आकार में लगातार कमी होती जाती है।

प्रश्न 97.
आवर्त सारणी में संक्रमण धातुओं में Mn, Fe, Co तथा Ni के आकार लगभग समान क्यों होते हैं?
उत्तर:
इन तत्त्वों में नाभिकीय आकर्षण बल तथा परिरक्षण प्रभाव दोनों आपस में तुल्य होते हैं, जिसके कारण Mn Fe Co तथा Ni के आकार लगभग समान होते हैं।

प्रश्न 98.
Cr तथा Mn धातु के एक-एक अम्लीय ऑक्साइड तथा उनके द्वारा प्राप्त अम्ल का नाम लिखिये।
उत्तर:

  1. Cr का अम्लीय ऑक्साइड CrO3 [क्रोमियम (VI) ऑक्साइड) होता है तथा इससे प्राप्त अम्ल H, Cro
  2. Mn का अम्लीय ऑक्साइड Mn2O7 [मँगनीज (VII) ऑक्साइड] होता है तथा इससे प्राप्त अम्ल HMnO4 है।

प्रश्न 99.
Cl2O7 किस अम्ल का अम्लीय ऐनहाइड्राइड है?
उत्तर:
Cl2O7 (क्लोरीन (VII) ऑक्साइड) HClO4 का अम्लीय ऐनहाइड्राइड है।

प्रश्न 100.
ZnO, N2O2, P2O5 तथा MgO को उनके बढ़ते हुए अम्लीय लक्षण के क्रम में लिखिए।
उत्तर:
MgO < Na2O < ZnO < p2O5.
(धातुओं के ऑक्साइड क्षारीय जबकि अधातुओं के ऑक्साइड अम्लीय होते हैं।)

प्रश्न 101.
Cl2O3, Cl2O तथा Cl2O5 ऑक्साइडों को उनकी अम्लीयता के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कजिए।
उत्तर:
जैसे-जैसे ऑक्सीकरण संख्या बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे अम्लीयता भी बढ़ती जाती है। अतः अम्लीयता का क्रम निम्न प्रकार होगा-
(I)        (III)         (V)
Cl2O < Cl2O3 < Cl2O5

प्रश्न 102.
क्षार धातुओं में सबसे अधिक एवं सबसे कम आयनन ऊर्जा किसकी होती है?
उत्तर:
क्षार धातुओं में सबसे अधिक आयनन ऊर्जा II की तथा सबसे कम Cs की होती है।

प्रश्न 103.
क्षार धातुएँ प्रबल अपचायक तथा सबसे अधिक धन विद्युती होती हैं, स्पष्ट करें।
उत्तर:
क्षार धातुओं में इलेक्ट्रॉनं त्यागने की प्रवृत्ति अधिकतम होती हैं क्योंकि इनकी आयनन एन्थैल्पी बहुत कम होती है अतः ये प्रबल अपचायक होने के साथ-साथ सर्वाधिक धन विद्युती होती हैं।

प्रश्न 104.
हैलोजन की द्वितीय इलेक्ट्रॉन बन्धुता शून्य होती है, क्यों?
उत्तर:
हैलोजनों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ns2 np5 होता है। अत: यह केवल एक इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर ns² np6 का स्थायी विन्यास प्राप्त कर लेता है। इस विन्यास में अब दूसरा इलेक्ट्रॉन जोड़ना सम्भव नहीं होता है। अत: हैलोजन की द्वितीय इलेक्ट्रॉन बन्धुता शून्य होती है।

प्रश्न 105.
Cl आयन का आकार Cl परमाणु से बड़ा क्यों होता है?
उत्तर:
Cl परमाणु के द्वारा एक इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर लेने पर प्राप्त Cl आयन में प्रभावी नाभिकीय आवेश कम हो जाता है एवं अन्तर इलेक्ट्रॉनिक प्रतिकर्षण बढ़ता है अतः संयोजी कक्ष बाहर की ओर फैल जाता है। इसलिए आकार बढ़ जाता है।

प्रश्न 106.
उत्कृष्ट गैसों का परमाणु आकार हैलोजनों से अधिक क्यों होता है?
उत्तर:
उत्कृष्ट गैसों का परमाणु आकार हैलोजनों से अधिक होता है क्योंकि वाण्डर वाल्स त्रिज्याएँ सहसंयोजी त्रिज्याओं से बड़ी होती हैं।

प्रश्न 107.
वर्ग के तत्त्व क्षार धातुएँ क्यों कहलाते हैं?
उत्तर:
वर्ग के तत्त्व क्षार धातुएँ इसलिये कहलाते हैं क्योंकि इनके ऑक्साइड जल में विलेय क्षार बनाते हैं तथा इनकी राख क्षारीय प्रकृति की होती हैं।

प्रश्न 108.
निम्नलिखित ऑक्साइडों में सर्वाधिक क्षारीय ऑक्साइड कौन-सा है?
Na, O, As, O BaO, Al, O.
उत्तर:
उपरोक्त ऑक्साइडों में सर्वाधिक क्षारीय ऑक्साइड Na2O है क्योंकि यह प्रथम समूह में उपस्थित है तथा प्रथम समूह के ऑक्साइड सर्वाधिक क्षारीय होते हैं।

प्रश्न 109.
Al की तुलना में Mg की ∆1H1 या IE1 अधिक क्यों होती है?
उत्तर:
Al के छोटे आकार एवं अधिक इसकी प्रथम आयनन ऊर्जा का मान नाभिकीय आवेश के कारण Mg से अधिक होने की आशा की जाती है परन्तु वास्तव में यह कम होती है क्योंकि Mg का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास पूर्ण पूरित अर्थात् अधिक सममित होता है।

Mg के अन्तर कक्षा का इलेट्रॉनिक विन्यास 3s² है जिसका भेदन प्रभाव उच्च है। अतः IE1 ज्यादा होगी।

प्रश्न 110.
शून्य वर्ग की आयनन ऊर्जा आवर्त सारणी में अधिकतम क्यों होती है?
उत्तर:
पूर्णपूरित इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (ns² np6) के कारण उत्कृष्ट गैसों में से एक इलेक्ट्रॉन को निकालना अत्यन्त मुश्किल होता है। अतः उत्कृष्ट गैसों की आयनन ऊर्जा सर्वाधिक होती है।

प्रश्न 111.
आवर्त सारणी में उच्चतम आयनन विभव किस तत्त्व का होता है?
उत्तर:
आवर्त सारणी में उच्चतम आयनन विभव He हीलियम का होता है क्योंकि इसका आकार छोटा होता है व इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s² होता है। अतः इलेक्ट्रॉन को निकालने के लिये अत्यधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 112.
निम्न को प्रथम आयनन एन्थैल्पी के घटते क्रम में व्यवस्थित करिए-
Mg, Al, P, S, Cl, Ne
उत्तर:
Ne > C1 > SP > Al > Mg (होना चाहिये।)
परन्तु यह गलत क्रम है क्योंकि P की आयनन एन्यैल्पी स्थाई अर्द्धपूर्ण विन्यास के कारण S से ज्यादा होनी चाहिये। इसी प्रकार Mg की Al से ज्यादा आयनन एन्थैल्पी होनी चाहिये। अतः सही क्रम होगा।
Ne > Cl > P > S > Mg > Al (सही क्रम)

प्रश्न 113.
Ga व Al की प्रथम आयनन एन्थैल्पी के मान लगभग समान क्यों होते हैं?
उत्तर:
निम्न परिरक्षण प्रभाव के कारण Al व Ga के आकार लगभग समान होते हैं। इस कारण इन दोनों तत्त्वों की प्रथम आयनन एन्थैल्पी के मान लगभग समान होते हैं।

प्रश्न 114.
क्षारीय मृदा धातुओं की इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी लगभग शून्य क्यों होती है?
उत्तर:
पूर्ण भरे कक्षक ns² तथा इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की बहुत कम क्षमता के कारण क्षारीय मृदा धातुओं की इलेक्ट्रॉन बन्धुता शून्य होती है।

प्रश्न 115.
N व P की इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी का मान क्रमशः C व SI से कम होता है, क्यों?
उत्तर:
NP में अर्द्धपूर्ण भरे कक्षक (ns² np³) होते हैं जो अधिक स्थायी होते हैं। अत: इनकी इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी का मान C व Si से कम होता है।
N < C, P < Si

प्रश्न 116.
A की संयोजकता 3 व B की संयोजकता 2 है। A की विद्युत ऋणात्मकता का मान B से अधिक है तो यौगिक का सूत्र होगा।
उत्तर:
B3A2.

प्रश्न 117.
Li+, Mg2+, K+ तथा Al3+ को बढ़ती आयनिक त्रिज्या के क्रम में लिखिए।
उत्तर:
Li+ < Al3+ < Mg2+ < K+.

प्रश्न 118.
Na, Mg व AI को बढ़ते धन विद्युती क्रम में लिखिए।
उत्तर:
Al < Mg < Na (बढ़ता हुआ धन विद्युतीक्रम)।

प्रश्न 119.
N3-, Na+, F, O2- व Mg2+ को आयनिक आकार के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करिए।
उत्तर:
Mg2+ < Na+ < F < O2- < N3- (आयनिक आकार)

प्रश्न 120.
Cl, S2-, Ca2+ व Ar को बढ़ते हुये आकार के क्रम में व्यवस्थित करिए।
उत्तर:
Ca2+ < Ar < Cl < S2- (बढ़ते हुए आकार का क्रम)

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता

प्रश्न 121.
CO2, N2O5, SiO2 व SiO3 को बढ़ते हुए अम्लीय लक्षण के क्रम में लिखिये।
उत्तर:
SiO2 < CO2 < N2O5 < SO3 (बढ़ते हुए अम्लीय लक्षणों का क्रम)

प्रश्न 122.
F, Cl, Br तथा I को उनकी इलेक्ट्रॉन बन्धुता बढ़ते क्रम में लिखिए।
उत्तर:
I < Br < F

प्रश्न 123.
6A12, 7B14, 8C16 तथा 9D19 को उनकी आयनन ऊर्जा के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करिए।
उत्तर:
A < C < B < D (आयनन ऊर्जा)

प्रश्न 124.
AsH3, NH3, PH3, BiH, तथा SbH3 को अपचायक क्षमता के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करिए।
उत्तर:
NH3 < PH3 < AsH3 < SbH3 < BiH3 (अपचायक क्षमता)

प्रश्न 125.
हैलाइड आयनों की अपचायक क्षमता का घटता क्रम लिखिए।
उत्तर:
I > Br > Cl > F (अपचायक क्षमता)

प्रश्न 126.
H2SO3 की अपेक्षा H2SO4 प्रबल ऑक्सी अम्ल होता है, क्यों?
उत्तर:
ऑक्सी अम्लों में ऑक्सीजन की संख्या बढ़ाने पर ऑक्सी अम्लों की तीव्रता भी बढ़ती जाती है। इस कारण HSO4 प्रबल ऑक्सी अम्ल है जबकि H2SO3 कम प्रबल ऑक्सी अम्ल है।

प्रश्न 127.
सबसे प्रबल अम्लीय ऑक्साइड कौन-सा होता है?
उत्तर:
Cl2O7 [क्लोरीन (VII) ऑक्साइड]

प्रश्न 128.
निम्नलिखित तत्त्वों को इलेक्ट्रॉन बन्धुता के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करिए-
Be, B, C, N, O, F, Ne.
उत्तर:
Ne < Be < N < B < C < O < F
(इलेक्ट्रॉन बन्धुता)

प्रश्न 129.
VII A वर्ग के तत्त्वों की क्रियाशीलता VIA वर्ग के तत्त्वों से अधिक होती है, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि VII A वर्ग के तत्त्वों की इलेक्ट्रॉन बन्धुता VIA वर्ग के तत्त्वों से अधिक होती है। इसलिये VII A वर्ग के तत्त्व अधिक क्रियाशील होते हैं।

प्रश्न 130.
S की इलेक्ट्रॉन बन्धुता O से अधिक होती है, क्यों?
उत्तर:
O का आकार छोटा होता है। इस कारण इलेक्ट्रॉन घनत्व सल्फर से उच्च होता है जिससे आने वाला इलेक्ट्रॉन ऑक्सीजन के ऊपर अधिक इलेक्ट्रॉन घनत्व होने के कारण प्रतिकर्षण महसूस करता है।

अतः इलेक्ट्रॉन बन्धुत का मान कम हो जाता है जबकि सल्फर की इलेक्ट्रॉन बन्धुता अधिक हो जाती है। क्रम लिखिए।

प्रश्न 131.
द्वितीय आवर्त के तत्त्वों की इलेक्ट्रॉन बन्धुता का सही
उत्तर:
Be < Li < N < B < C < O < F (इलेक्ट्रॉन बन्धुता)

प्रश्न 132.
क्षारीय धातुओं के हाइड्रॉक्साइड प्रबलतम क्षारीय क्यों होते हैं?
उत्तर:
आयनन विभव के मान निम्नतम होने के कारण क्षारीय धातुओं के हाइड्रॉक्साइड प्रबलतम क्षारीय होते हैं।

प्रश्न 133.
क्षार धातुएँ (+1) ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करती हैं? ये (+2) ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित नहीं करतीं, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि क्षार धातुओं की प्रथम व द्वितीय आयनन एन्थैल्पी में अन्तर 16 eV से अधिक होता है।

प्रश्न 134.
Mg तत्त्व (+ 2) ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है (+ 1) नहीं, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि Mg तत्त्व के प्रथम व द्वितीय आयनन विभवों में अन्तर 11 eV से कम होता है।

प्रश्न 135.
HF, HCl, HBr तथा HI की अम्लीय प्रबलता का बढ़ता हुआ क्रम लिखिए।
उत्तर:
HF < HCl < HBr < HI (अम्लीय प्रबलता)

प्रश्न 136.
F2, Cl2, Br2 तथा I2 की बढ़ती हुयी क्रियाशीलता का क्रम लिखिए।
उत्तर:
I2 < Br2 < Cl2 < F2 (क्रियाशीलता)

प्रश्न 137.
Li, B तथा Be को प्रथम आयनन ऊर्जा के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित करिए।
उत्तर:
Li < B < Be (प्रथम आयनन विभव)

प्रश्न 138.
F2, N2, Cl2, तथा O2 को बढ़ती बन्ध लम्बाई के क्रम में व्यवस्थित करिए।
उत्तर:
N2 < O2 < F2 < Cl2 (बन्ध लम्बाई)

प्रश्न 139.
HClO, HClO2, HClO3, HClO4 को तापीय स्थायित्व के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित करिए।
उत्तर:
HClO < HClO2 < HClO3 < HClO4
(तापीय स्थायित्व )

प्रश्न 140.
N2, O2, F2 व Cl2 को बन्ध वियोजन ऊर्जा के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित करिए।
उत्तर:
F2 < C2 > O2 N2 (बन्ध वियोजन ऊर्जा)

प्रश्न 141.
O, O, O2- को आयनिक त्रिज्या के बढ़ते क्रम में लिखिए।
उत्तर:
O < O < O2- (आयनिक त्रिज्या)

प्रश्न 142.
Na+, O2-, F को आयनिक त्रिज्या के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करिए।
उत्तर:
Na+ < F < O2-.

प्रश्न 143.
निम्न युग्मों में से किसकी इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी अपेक्षाकृत अधिक ऋणात्मक है-
(i) Br, Cl
(ii) F, Cl
(iii) O, S
(iv) O, O-
उत्तर:
(i) Cl
(ii) Cl
(iii) S
(iv) O.

लघु उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न 1.
वर्ग 15 के तत्त्वों के हाइड्राइडों में N का हाइड्राइड (NH3) सबसे अधिक स्थायी होता है। क्यों ?
उत्तर:
वर्ग 15 के तत्त्वों में धन विद्युती गुण N से Bi तक बढ़ता जाता है। इस प्रकार N सर्वाधिक इलेक्ट्रॉन ऋणात्मकता वाला तत्त्व है। यहाँ NH3 में H एक विद्युतधनी तत्त्व है जबकि N विद्युतऋणी तत्त्व की भाँति कार्य करता है, विद्युत ऋणात्मकता में अन्तर के कारण इस NH3 एक स्थायी यौगिक हो जाता है।

प्रश्न 2.
आवर्त सारणी में लैन्थेनॉइडों और एक्टिनॉइडों की संख्या केवल 14-14 है, क्यों ?
उत्तर:
लैन्थेनॉइड तथा एक्टिनॉइड दोनों ही f-ब्लॉक के तत्त्व हैं, अर्थात् दोनों में ही अन्तिम इलेक्ट्रॉन f- उपकोश में प्रवेश करता है जिसमें अधिकतम 14 इलेक्ट्रॉन ही आ सकते हैं। इस कारण लैन्येनॉइडों व एक्टिनॉइडों में अधिकतम 14-14 तत्त्व होते हैं।

प्रश्न 3.
आवर्त सारणी में Ar (परमाणु भार 39.90) को K (परमाणु भार 39.10) से पहले क्यों रखा गया है?
उत्तर:
आधुनिक आवर्त सारणी में तत्त्वों को परमाणु क्रमांक के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित किया गया है। Ar का परमाणु क्रमांक (18) तथा K का परमाणु क्रमांक (19) है अत: Ar को K से पहले रखा गया है। Ar सक्रिय गैस तत्त्व है जो कि समूह 18 (शून्य) में आता है जबकि K एक क्षार धातु तत्त्व है इसे समूह l (IA) में रखा गया है।

प्रश्न 4.
सोडियम एक प्रबल धातु है जबकि क्लोरीन एक प्रबल अधातु है क्यों ?
उत्तर:
सोडियम (ns1) की आयनन ऊर्जा बहुत कम होती है। इस कारण सोडियम की प्रवृत्ति इलेक्ट्रॉन त्यागने की होती है। इस प्रवृत्ति के कारण यह एक प्रबल धातु है जबकि क्लोरीन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (ns² np5) होता है। इसकी इलेक्ट्रॉन बन्धुता बहुत अधिक है। अतः इसकी प्रवृत्ति इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की होती है, अत: Cl एक प्रबल अधातु है।

प्रश्न 5.
आवर्त सारणी में एक नियमित अन्तर के बाद तत्त्व के गुणों की पुनरावृत्ति होती है। इस गुण को आवर्तिता (Periodicity) कहते हैं। इसका कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
आधुनिक आवर्त सारणी में तत्त्वों को परमाणु क्रमांक के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित किया जाता है जिससे उनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास की पुनरावृत्ति होती है, इसे आवर्तिता कहते हैं। इलेक्ट्रॉनिक विन्यास में आवर्ती परिवर्तन (Periodic Change) ही तत्त्वों के गुणों में आवर्तिता का कारण है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता

प्रश्न 6.
किसी वर्ग में ऊपर से नीचे आने पर तत्त्वों का ऑक्सीकारक गुण क्यों घट जाता है।
उत्तर:
वर्ग में ऊपर से नीचे की ओर आने पर आयनन विभव मान में कमी आती जिसके कारण इलेक्ट्रॉनों को त्यागने की प्रवृत्ति बढ़ती है अर्थात् अपचायक गुण बढ़ता है तथा ऑक्सीकारक गुण घट जाता है।

प्रश्न 7.
निम्न परमाणु क्रमांक वाले तत्त्वों में प्रत्येक का ब्लॉक व आवर्त क्या होगा ?
(1) 25
(2) 30
(3) 35
(4) 19
(5) 12
उत्तर:
(1) 25 = 1s² 2s² 2p6 3s² 3p6 3d5 4s²
ब्लॉक – d
आवर्त – चौथा (4)
वर्ग – सातवां (7)

(2) 30 = 1s² 2s² 2p6 3s² 3p6 3d10 4s²
ब्लॉक ⇒ d
आवर्त ⇒ चौथा (4)
वर्ग ⇒ बारहवां (12)

(3) 35 = 1s² 2s³ 2p6 3s² 3p6 3d10 4s² 4p5
ब्लॉक = p
आवर्त = चौथा (4)
वर्ग = 17

(4) 19 = 1s² 2s² 2p6 3s² 3p6 4s1
ब्लॉक – s
आवर्त चौथा – (4)
वर्ग प्रथम – (1)

(5) 12 = 1s² 2s² 2p6 3s²
ब्लॉक – s
आवर्त तृतीय – (3)
द्वितीय – (2)

प्रश्न 8.
निम्न में से प्रत्येक का नाम व परमाणु क्रमांक लिखिए।
(1) छठी उत्कृष्ट गैस (The sixth noble gas)
(2) तीसरी क्षार धातु (The third alkali metal)
(3) चौथा संक्रमण तत्त्व (The fourth transition element)
(4) चौथी हैलोजन (The fourth halogen)
उत्तर:
(1) Rn (परमाणु क्रमांक: 86)
(2) K (परमाणु क्रमांक 19)
(3) Cr (परमाणु क्रमांक 24)
(4) 1 (परमाणु क्रमांक : 53)

प्रश्न 9.
निम्न गुणों को क्रम में व्यवस्थित कीजिए-
(1) क्षार धातुओं के गलनांक
(2) हैलोजनों के क्वथनांक
(3) सोडियम हैलाइडों के गलनांक
(4) क्षार धातुओं के फ्लुओराइडों की घुलनशीलता।
उत्तर:
(1) Li > Na > KR > b > Cs.
(क्षार धातुओं के गलनांक)

(2) I2 > Br2 > Cl2 > F2
(हैलोजनों के क्वथनांक)

(3) NaF > NaCl > NaBr Nal
(सोडियम हैलाइडों के गलनांक)

(4) CsF > RbF > KF > NaF > LiF
(फ्लुओराइडों की घुलनशीलता)

प्रश्न 10.
यदि तत्त्वों के विन्यास निम्न प्रकार हैं तो प्रत्येक तत्त्व का ब्लॉक तथा वर्ग बताइए।
(i) 3s² 3p5
(ii) 3d10 4s²
(iii) 3s² 3p6 4s1
(iv) 6s² 4f3
उत्तर:
(i) p-ब्लॉक, वर्ग = 17
(ii) d-ब्लॉक, वर्ग = 12
(iii) ब्लॉक, वर्ग = 1
(iv) f-ब्लॉक, वर्ग = 3

प्रश्न 11.
एक तत्त्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s² 2s² 2p6, 3s² 3p6, 4s1 है तथा इसका परमाणु भार 39 है।
(i) इसके नाभिक में न्यूट्रॉनों की संख्या क्या होगी ?
(ii) इस तत्त्व का आवर्त सारणी में स्थान बताएँ।
(iii) इस तत्त्व का नाम व प्रतीक क्या है?
उत्तर:
(i) तत्त्व का परमाणु क्रमांक = 15
परमाणु भार = 39
न्यूट्रॉनों की संख्या = 39 – 19
= 20

(ii) आवर्त सारणी में इसका स्थान,
ब्लॉक s
आवर्त = 4
वर्ग = I (IA)

(iii) पोटैशियम (K)

प्रश्न 12.
निम्नलिखित परमाणु क्रमांकों के IUPAC नाम तथा प्रतीक लिखिए।
(1) 104
(2) 108
(3) 110
(4) 115
(5) 120
उत्तर:

परमाणु क्रमांकों संकेत नाम
(1) 104 Unq अननिलक्वाडियम (Unnilquadium)
(2) 108 Uuo अननिलऑक्टियम (Unniloctium)
(3) 110 Uun अनअननिलियम (Ununnilium)
(4) 115 Uup अनअनपेन्टियम (Ununpentium)
(5) 120 Ubn अनबाईनिलियम (Unbinilium)

प्रश्न 13.
किसी वर्ग में परमाणु क्रमांक वृद्धि के साथ गलनांक (m. pt.) तथा क्वथनांक (b.pt.) घटता है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
किसी वर्ग में परमाणु क्रमांक के बढ़ने पर प्रोटॉनों तथा इलेक्ट्रॉनों के मध्य आकर्षण बल का मान घटता है। जिसके फलस्वरूप उनकी अवस्था परिवर्तन में धीरे-धीरे कम ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है। जिससे अवस्था परिवर्तन (ठोस से द्रव) कम तापक्रम पर होता है।
व्यय ऊर्जा ∝ तापक्रम
अतः किसी वर्ग में ऊपर से नीचे की ओर आने पर तत्त्वों के परमाणु क्रमांकों की वृद्धि के साथ गलनांकों तथा क्वथनांकों के मानों में कमी होती जाती है।

प्रश्न 14.
मेण्डलीव की आवर्त सारणी के सामान्य लक्षण लिखिए।
उत्तर:
मेण्डलीव की आवर्त सारणी के सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं।

  • प्रत्येक आवर्त में तत्त्व अपने परमाणु भारों के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित हैं।
  • एक ही समूह के सभी तत्त्वों के गुण-धर्म समान होते हैं।
  • प्रत्येक आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर तत्त्वों की ऋण विद्युत संयोजकता कम होती जाती है। जबकि धन विद्युत संयोजकता बढ़ती जाती है।
  • तत्त्वों का परमाणु भार उसका मौलिक गुण होता है।
  • आवर्त सारणी में रिक्त स्थानों के तत्त्वों के गुण-धर्मों को पहले ही बताया जा सकता है।

प्रश्न 15.
लघु आवर्त तथा दीर्घ आवर्त से क्या तात्पर्य है ? आवर्त सारणी में कितने लघु आवर्त तथा कितने दीर्घं आवर्त होते हैं।
उत्तर:
लघु आवर्त (Short Period) – जिन आवतों में तत्वों की संख्या 8 होती है, उन्हें लघु आवर्त कहते हैं।

दीर्घं आवर्त (Long Period) – जिन आवर्ती में तत्त्वों की संख्या 8 से अधिक होती है, उन्हें दीर्घ आवर्त कहते हैं।

आवर्त सारणी में प्रथम तीन आवर्त (प्रथम, द्वितीय व तृतीय) लघु आवर्त कहलाते हैं। इनमें प्रथम आवर्त दो तत्व हैं, जबकि द्वितीय व तृतीय आवर्त में आठ-आठ तत्त्व है। आवर्त सारणी में बाद के चार आवर्त (चतुर्थ, पंचम, षष्टम तथा सप्तम) दीर्घ आवर्त कहलाते हैं। इनमें चतुर्थ व पंचम आवतों में 18-18 तत्त्व हैं, जबकि षष्ठम आवर्त में 32 तत्त्व हैं और सप्तम आवर्त अपूर्ण है।

प्रश्न 16.
नये तत्त्वों की खोज में मेण्डलीव की आवर्त सारणी की क्या उपयोगिता है?
उत्तर:
मेण्डलीव ने अपनी मूल आवर्त सारणी में नये तत्त्वों के लिये ने. कई खाली स्थान छेड़ दिये थे तथा इन तत्त्वों के गुणों के बारे में जानकारी भी दी थी। इस सारणी के ज्ञान से ही नये तत्त्वों को खोजने में काफी सहायता मिली। इन तत्त्वों की खोज के बाद पाये गये इन तत्त्वों के गुण मेण्डलीव के द्वारा बताये गये गुणों के समान ही थे। उदाहरण-स्कैण्डियम (Sc), गैलियम (Ga), जर्मेनियम (Ge) आदि की खोज काफी समय बाद हुई थी।

प्रश्न 17.
आवर्त सारणी में किन तत्त्वों को प्रारूपी तत्त्व कहते हैं? उनके नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रारूपी या प्रतिरूपी या निरूपक तत्त्व (Typical elements) द्वितीय एवं तृतीय आवर्त के तत्त्व प्रतिरूपी या निरूपक तत्त्व (representative or typical elements) कहलाते हैं ये तत्त्व अपने वर्गों में उपस्थित अन्य तत्त्वों का आदर्श प्रतिनिधित्व करते हैं। Li व Na प्रथम वर्ग (I group) के निरूपक तत्त्व हैं जबकि Be व Mg द्वितीय वर्ग (II group) के निरूपक तत्त्व हैं। इस प्रकार अन्य वर्गों के निरूपक तत्त्व निम्न प्रकार है।

वर्ग (group) I II III IV V VI VII
द्वितीय आवर्त Li Be B C N O F
तृतीय आवर्त Na Mg Al Si P S Cl

प्रश्न 18.
सेतु तत्त्व (Bridge elements) कौन से तत्त्व होते हैं? टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
सेतु तत्त्व (Bridge elements) – तृतीय आवर्त (3rd period) में I से VII वर्ग के तत्त्व सेतु तत्त्व (Bridge elements) कहलाते हैं। ये तत्त्व अपने वर्ग के दोनों उपवर्गों (Sub-group) के तत्त्वों के मध्य एक सेतु (Bridge) का कार्य करते हैं। इनके अपने वर्ग के दोनों उपवर्गों (Sub-group) के तत्त्वों के गुणों से मिलते-जुलते हैं।

सेतु तत्त्वों (Bridge elements) के गुण उस उपवर्ग के तत्त्वों के गुणों से अधिक समानता रखते हैं जिनमें वे स्वयं उपस्थित होते हैं।
उदाहरणार्थ-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता 2

प्रश्न 19.
नॉर्मल तत्त्व (Normal Elements) किन्हें कहते हैं।
उत्तर:
नॉर्मल तत्त्व (Normal elements) – जिन तत्त्वों के गुण सेतु तत्त्वों के गुणों से अधिक समानता रखते हैं, उन्हें नॉर्मल या सामान्य तत्त्व कहते हैं। सेतु तत्त्व भी नॉर्मल तत्त्व होते हैं। सभी A उपवर्गों को नॉर्मल तत्त्व कहते हैं।

प्रश्न 20.
आवर्त सारणी का उपयोग करते हुए, निम्नलिखित युग्मों वाले तत्त्वों के संयोग से बने यौगिकों के अणु सूत्र की प्रागुक्ति कीजिए-
(क) सिलिकॉन एवं ब्रोमीन
(ख) ऐलुमीनियम एवं सल्फर
उत्तर:
(क) सिलिकॉन आवर्त सारणी के 14वें वर्ग का तत्त्व है जिसकी संयाजकता 4 है। ब्रोमीन, जो 17वें वर्ग (हैलोजन परिवार का सदस्य है) की संयोजकता । है अतः यौगिकों का अणुसूत्र SiBr4 होगा।

(ख) आवर्त सारणी में 13वें वर्ग का तत्त्व ऐलुमीनियम है जिसकी संयोजकता 3 है, सल्फर 16वें वर्ग का तत्त्व है जिसकी संयोजकता 2 है, अतः ऐलुमीनियम तथा सल्फर से बने यौगिकों का अणसूत्र AL2S3 होगा।

प्रश्न 21.
लीथियम किस तत्त्व के साथ विकर्ण सम्बन्ध प्रदर्शित करता है। उसका नाम तथा संकेत लिखें। विकर्ण समानता प्रदर्शित करने वाले दो गुणों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
लीथियम मैग्नीशियम के साथ विकर्ण सम्बन्ध रखता है।

IA IIA
Li ( लीथियम) Mg (मैग्नीशियम)

विकर्ण समानता के कारण समान गुण-
(1) इनका परमाणु आकार लगभग समान होता है।
(2) इनकी विद्युत ऋणात्मकता लगभग समान है।
(3) इन दोनों तत्त्वों के कार्बोनेट ताप द्वारा समान रूप से अपघटित होते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता 3

प्रश्न 22.
कुछ तत्त्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्नलिखित है
(i) 1s² 2s² p6 3s²
(ii) 1s² 2s² 2p5
(iii) 1st 2s² 2p6 3s² 3p²
(iv) 1s² 2s² p6 3s² 3p6
(v) 1s² 2s² 2p6 3s² 3p³
(vi) 1s² 2s² 2p6 3s² 3p6 3d5 4s1
उपर्युक्त इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के आधार पर बताइये कि प्रत्येक कौन-सा तत्त्व है।
उत्तर:
(i) जिस तत्त्व का संयोजी कोश विन्यास ns² np5 होगा वह हैलोजन परिवार का तत्त्व होगा। अतः तत्त्व (ii) एक हैलोजन है।

(ii) जिस तत्त्व का संयोजी कोश विन्यास ns² होगा वह क्षारीय मृदा तत्त्व होगा अतः तत्त्व (i) क्षारीय मृदा तत्त्व है।

(iii) कार्बन परिवार के तत्त्वों का संयोजी कोश विन्यास ns np होता है अतः तत्त्व (iii) कार्बन परिवार का तत्त्व है।

(iv) जिस तत्त्व का संयोजी कोश विन्यास ns2 np6 होगा वह तत्त्व उत्कृष्ट गैस का तत्त्व होगा। अतः तत्त्व (iv) उत्कृष्ट गैसों का तत्त्व होगा।

(v) वे तत्त्व जिनका संयाजी कोश विन्यास ns² np3 होता है वह तत्त्व नाइट्रोजन परिवार का तत्त्व होगा। तत्त्व (vi) नाइट्रोजन परिवार का तत्त्व है।

(vi) संक्रमण तत्त्व का सामान्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (n-1) d1-10 ns1-2 होता है अतः तत्त्व (v) एक संक्रमण तत्त्व है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता

प्रश्न 23.
तत्त्वों को वर्गीकृत करने के लिये परमाणु क्रमांक, परमाणु भार की तुलना में एक अच्छा आधार क्यों है?
उत्तर:
तत्त्वों का परमाणु भार नाभिक से सम्बन्ध रखता है जो कि परमाणु के केन्द्र में उपस्थित होता है। लेकिन तत्त्वों के गुणधर्म इलेक्ट्रॉनिक विन्यास पर निर्भर करते हैं, जो कि परमाणु क्रमांक से सम्बन्धित होता है। इसलिए परमाणु क्रमांक तत्त्वों के वर्गीकरण के लिये परमाणु भार की तुलना में एक अच्छा आधार है।

प्रश्न 24.
निम्नलिखित पदों पर टिप्पणी दें-
(1) आवरण प्रभाव
(2) भेदन प्रभाव
(3) धात्विक गुण
उत्तर:
(1) आवरण प्रभाव (Screening effect)- संयोजी इलेक्ट्रॉन तथा नाभिक के बीच उपस्थित अन्तः इलेक्ट्रॉन, संयोजी या बाह्यतम इलेक्ट्रॉनों को नाभिक से परिरक्षित करते हैं। इसे आवरण या परिरक्षण प्रभाव कहते हैं जैसे-जैसे अन्तः इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ती जाती है। वैसे-वैसे आवरण प्रभाव भी बढ़ता जाता है।

(2) भेदन – प्रभाव (Penetration effect)-कक्षक की आकृति के कारण s-इलेक्ट्रॉन नाभिक का भेदन P d या f-इलेक्ट्रॉनों की तुलना में अधिक समीप से करते हैं तथा अधिक दृढ़ता से बँधे रहते हैं, इसे ही भेदन प्रभाव कहा जाता है।
भेदन क्षमता (Penetration Power) – s > p > d > f

(3) धात्विक गुण (Metallic Character) – इलेक्ट्रॉन को त्यागने की प्रवृत्ति धात्विक प्रकृति होती है अर्थात् जो धातु जितनी आसानी से इलेक्ट्रॉन त्याग देगी या जिस धातु की आयनन एन्थैल्पी का मान बहुत कम होगा, उसका धात्विक गुण उतना ही अधिक होगा।

अतः “धातुओं के वे गुण जिनके कारण उनमें सरलता से धनायन बनाने की प्रवृत्ति पाई जाती है तथा कुछ विशेष गुण जैसे-धात्विक चमक, तन्यता तथा आघातवर्धनीयता, ऊष्मा तथा विद्युत चालकता आदि होते हैं। धातुओं के धात्विक गुण कहलाते हैं।”

प्रश्न 25.
Na+, Mg2+ तथा Al3+ आयनों की आयनिक त्रिज्या का क्रम Na+ > Mg2+ > Al3+ होता है। कारण स्पष्ट करें।
उत्तर:
यदि आयनों में इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है तो आकार प्रोटॉनों की संख्या पर निर्भर करता है प्रोटॉन की संख्या अधिक होने पर प्रभावी नाभिकीय आवेश अधिक होगा तथा आकार उतना ही कम
हो जायेगा।
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प्रश्न 26.
आर्वत सारणी के किसी वर्ग में तत्त्वों के परमाणु क्रमांकों की वृद्धि के साथ उनके निम्नलिखित गुणों में क्या परिवर्तन होता है?
(1) परमाणु आकार
(2) विद्युत ऋणात्मकता
(3) आयनन एन्बैल्पी
उत्तर:
(1) आवर्त सारणी के किसी भी वर्ग में तत्त्वों के परमाणु क्रमांकों की वृद्धि के साथ उनके परमाणु आकार में क्रमशः वृद्धि होती है।

(2) आवर्त सारणी के किसी भी वर्ग में तत्त्वों के परमाणु क्रमांकों की वृद्धि के साथ उनकी विद्युत ऋणात्मकता का गुण क्रमशः घटता है।

(3) आवर्त सारणी के किसी भी वर्ग में तत्त्वों की आयनन एन्थैल्पी परमाणु क्रमांक के बढ़ने के साथ घटती है।

प्रश्न 27.
निम्नलिखित प्रत्येक समूह में से उस परमाणु का चयन करें जिसकी आयनन ऊर्जा सर्वाधिक हो तथा उत्तर को स्पष्ट करें-
(1) F, O, N
(2) Mg, P, Ar
(3) B, Al, Ga
उत्तर:
(1) F की आयनन ऊर्जा सर्वाधिक होगी क्योंकि इसका आकार सबसे कम है जिसके परिणामस्वरूप इसका प्रभावी नाभिकीय आवेश उच्चतम होगा।

(2) स्थायी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के कारण Ar की आयनन एन्थैपी सर्वाधिक होगी।

(3) B, Al, Ga के समूह में B की आयनन एन्थैल्पी सर्वाधिक है क्योंकि इसका परमाणु आकार सबसे कम है तथा प्रभावी नाभिकीय आवेश सर्वाधिक है।

प्रश्न 28.
आयनन ऊर्जा के कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य लिखें।
उत्तर:
आयनन ऊर्जा के कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्न प्रकार हैं-
(1) बाह्यतम कोश का स्थायी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास होने के कारण अक्रिय गैसों की आयनन एन्यैल्पी अधिक होती है। उन आपनों की भी आयनन एन्थल्पी अधिक होती है जिनका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास अक्रिय गैस जैसा होता है।

(2) एक ही कोश के विभिन्न उपकोशों से इलेक्ट्रॉन बाहर निकालने के लिये आवश्यक ऊर्जा का क्रम निम्न प्रकार है-
s > p > d > f.

(3) किसी आवर्त में क्षार धातुओं की आयनन एन्थेल्पी सबसे कम और अक्रिय गैसों की सर्वाधिक होती है।

(4) सभी ज्ञात तत्त्वों में से हीलियम की आयनन एन्थैल्पी सबसे अधिक व सीजियम (Cs) की आयनन एन्थैल्पी सबसे कम होती है।

(5) तत्त्व की प्रथम आयनन एन्थैल्पी का मान सदैव द्वितीय आयनन एन्थैल्पी से कम होता है।

प्रश्न 29.
तत्त्वों के निम्न युग्मों में से किसकी इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्यैल्पी अपेक्षाकृत ऋणात्मक होती है।
(1) N या O (2) F या Cl (3) Be या B, उत्तर की व्याख्या करें।
उत्तर:
(1) O परमाणु की इलेक्ट्रॉन बन्धुता अधिक ऋणात्मक होती है क्योंकि इसके परमाणुओं को उत्कृष्ट गैस तत्त्व का विन्यास प्राप्त करने के लिए दो इलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता होती है। जबकि नाइट्रोजन
का विन्यास सममित होता है। इसे इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता नहीं होती है। इसकी इलेक्ट्रॉन बन्धुता धनात्मक होती है।

(2) Cl की इलेक्ट्रॉन बन्धुता अधिक ऋणात्मक होती है क्योंकि इसका आकार F से बड़ा होता है जिसके कारण अन्तः इलेक्ट्रॉन प्रतिकर्षण बल कम होता है। इससे आने वाला इलेक्ट्रॉन अधिक आकर्षण बल महसूस करता है और ऊर्जा ऋणात्मक हो जाती है।

(3) सममित विन्यास के कारण तत्त्व Be को इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी का मान धनात्मक (+ 66 kJ mol-1) होती है किन्तु B की इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्फैल्पी का मान ( 88kJ mol) ऋणात्मक होता है क्योंकि इसका विन्यास सममित नहीं होता है अतः B की इलेक्ट्रॉन लब्धि ऊर्जा अधिक ऋणात्मक होती है।

प्रश्न 30.
सही मिलान करें-

तत्त्व गुण
1. Cl शून्य वर्ग से सम्बन्धित तत्त्व
2. Br संयोजी कोश में 6 इलेक्ट्रॉन वाला तत्त्व
3. F निम्नतम आयनन एन्थैल्पी वाला तत्त्व
4. O तत्त्व जो सर्वाधिक संख्या में यौगिक बनाता है
5. Xe वह तत्त्व जो कमरे के ताप पर द्रव है
6. C लघुतम आकार वाला तत्त्व
7. Cs उच्चतम ऋणात्मक इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी वाला तत्त्व

उत्तर:
सही मिलान निम्न प्रकार है-

तत्त्व गुण
1. Cl उच्चतम ऋणात्मक इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी वाला तत्त्व वह तत्त्व जो कमरे के ताप पर द्रव है
2. Br लघुतम आकार वाला तत्त्व
3. F संयोजी कोश में 6 इलेक्ट्रॉन वाला तत्त्व
4. O शून्य वर्ग से सम्बन्धित तत्त्व
5. Xe तत्त्व जो सर्वाधिक संख्या में यौगिक बनाता है
6. C निम्नतम आयनन एन्थैल्पी वाला तत्त्व
7. Cs उच्चतम ऋणात्मक इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी वाला तत्त्व वह तत्त्व जो कमरे के ताप पर द्रव है

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आधुनिक आवर्त नियम क्या है? आवर्त सारणी के दीर्घ स्वरूप का संक्षिप्त वर्णन कीजिये। इस सारणी से क्या लाभ हैं।
उत्तर:
जब मेण्डलीव ने आवर्त सारणी का विकास किया, तब रसायनज्ञों को परमाणु की आन्तरिक संरचना का ज्ञान नहीं था। बीसवीं शताब्दी के प्रारम्भ में अवपरमाणुक कणों का विकास हुआ।

सन् 1913 में अंग्रेज भौतिकी वैज्ञानिक हेनरी मोजले ने तत्त्वों के अभिलाक्षणिक X- किरण स्पेक्ट्रमों में नियमितता पाई और देखा कि \(\sqrt{v}\) (जहाँ v, X-किरण की आवृत्ति है) और परमाणु क्रमांक (Z) के मध्य ग्राफ खींचने पर एक सरल रेखा प्राप्त होती है। परन्तु परमाणु भार व \(\sqrt{v}\) के आलेख में सरल रेखा प्राप्त नहीं होती है।

अतः मोजले ने बताया कि परमाणु भार की तुलना में परमाणु क्रमांक किसी तत्त्व के गुणों को दर्शाने में अत्यधिक सक्षम हैं। इसी के अनुसार मेण्डलीव के आवर्त नियम में परिवर्तन किया गया।

सन् 1913 में मोजले (Mosley) ने आधुनिक आवर्त नियम दिया जिसे आधुनिक आवर्त नियम (Modern Periodic Law) कहते हैं। इस नियम के अनुसार, “तत्त्वों के भौतिक तथा रासायनिक गुणधर्म उनके परमाणु क्रमांकों के आवर्ती फलन होते हैं।

अर्थात् यदि तत्त्वों को उनके परमाणु क्रमांकों के बढ़ते हुये क्रम में रखा जाये तो एक नियमित अन्तराल (Regular interval) के बाद समान गुणों की पुनरावृत्ति होती है और नियमित अन्तराल के बाद समान गुणों वाले तत्त्व की पुनरावृत्ति होती है ।

आधुनिक आवर्त नियम की सहायता से प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले 92 तत्त्वों में समानताएँ मिलीं। ऐक्टीनियम (Ac) और प्रोटोक्टीनियम (Pa) की भाँति नूप्ट्यूनियम (Np) और प्लूटोनियम (Pu) भी यूरेनियम के अयस्क पिच ब्लैंड में पाये गये। इन्हें भी बाद में आधुनिक आवर्त सारणी में स्थान दिया गया।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता 5

प्रश्न 2.
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के आधार पर तत्त्वों का वर्गीकरण किस प्रकार किया गया है? समझाइये।
उत्तर:
परमाणु संरचना वाले अध्याय में हम पढ़ चुके हैं कि किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉन की पहचान क्वाण्टम संख्याओं से होती है। किसी परमाणु में विभिन्न उपकोशों व कक्षकों में इलेक्ट्रॉनों के वितरण को ही उसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic configuration) कहते हैं। में इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic Configuration in Periods).

आवर्त में इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic Configuration in Periods):
दीर्घ आवर्त सारणी में तत्त्वों को उनके परमाणु क्रमांकों के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित किया गया है। इसलिए प्रत्येक तत्त्व में अपने से पहले वाले तत्त्व की तुलना में एक इलेक्ट्रॉन अधिक होता है। तत्त्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास मुख्य ऊर्जा तल, हुण्ड का नियम, पाऊली अपवर्जन सिद्धान्त (ऑफबाऊ सिद्धान्त) के आधार पर देते हैं।

आवर्त मुख्य ऊर्जा या बाह्य कोश के लिये n का मान बताता है। आवर्त सारणी में प्रत्येक उत्तरोत्तर आवर्त (Successive period) की पूर्ति अगले उच्च मुख्य ऊर्जा स्तर n = 1, n = 2 आदि से सम्बन्धित होती है।

प्रत्येक आवर्त में तत्त्वों की संख्या, भरे जाने वाले ऊर्जा स्तर में उपलब्ध परमाणु कक्षकों की संख्या से दोगुनी होती है। अतः प्रत्येक आवर्त में उपलब्ध तत्त्वों की संख्या को निम्न प्रकार व्याख्यायित कर सकते हैं।
(1) प्रथम आवर्त (n = 1) का प्रारम्भ सबसे निचले स्तर (1s) के भरने से प्रारम्भ होता है। s-उपकोश में एक ही कक्षक होता है अतः इसमें 2 तत्त्व ही होते हैं। हाइड्रोजन जिसका विन्यास 1s है तथा हीलियम जिसका विन्यास 1s1 है। इस प्रकार प्रथम कोश (K-कोश) पूर्ण हो जाता है।

(2) दूसरे आवर्त (n = 2) का प्रारम्भ Li से होता है इसमें दो उपकोश s तथा p होते हैं। इस प्रकार इस आवर्त में कुल चार कक्षक उपस्थित होते हैं। अतः इसमें कुल 8 तत्त्व होते हैं। पहला लीथियम जिसका विन्यास (1s², 2s1) होता है। दूसरा बेरीलियम जिसका विन्यास (1s², 2s²) होता है। इसके बाद बोरॉन तत्त्व आता है जहाँ से शुरू करते हुये जब हम निऑन तत्त्व तक पहुँचते हैं, तो 2p कक्षक पूर्ण रूप से इलेक्ट्रॉनों से भर जाता है। इस प्रकार L-कोश निऑन तत्त्व के साथ (2s², 2p6) पूर्ण रूप से भर जाता है अतः दूसरे आवर्त में कुल आठ तत्त्व होते हैं।

(3) तीसरे आवर्त m = 3 का आरम्भ सोडियम (Na) के साथ होता है। जिसमें इलेक्ट्रॉन 35 कक्षक में जाता है। धीरे-धीरे 3s एवं 3p कक्षकों में इलेक्ट्रॉनों के भरने के पश्चात् तीसरे आवर्त में तत्त्वों की संख्या सोडियम से ऑर्गन तक कुल मिलाकर आठ होती है।

(4) चौथे आवर्त (n = 4), का प्रारम्भ पोटैशियम से होता है तथा इलेक्ट्रॉन 4s कक्षक में प्रवेश करना प्रारम्भ कर देता है। यहाँ महत्त्वपूर्ण बात यह है कि 4p कक्षकों के भरने से पहले 3d-कक्षक भरते हैं जो कि ऊर्जात्मक (Energetically) रूप से अनुकूल है। 3d-कक्षक प्रथम संक्रमण श्रेणी (First transition series) बनाते हैं।

यह श्रेणी स्केन्डियम (Sc, Z = 21) से प्रारम्भ होती है इनका विन्यास 301 452 होता है। 3d- श्रेणी जिंक (Zn, Z = 30) पर पूर्ण हो जाती है जिसकी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 3d104s² होता है। यह चौथा आवर्त 4p कक्षकों के भरने के साथ क्रिप्टॉन (Kr, Z = 36) पर समाप्त हो जाता है। इस प्रकार चौथे आवर्त में कुल मिलाकर 18 तत्त्व होते हैं।

(5) पाँचवें आवर्त (n 5) का प्रारम्भ रूबीडियम से होता है। यह आवर्त चौथे आवर्त के समान होता है। इसमें 4d संक्रमण श्रेणी आती है। यह संक्रमण श्रेणी इट्रियम (Ytrrium, Z 39) से शुरू होती है संक्रमण श्रेणी में इलेक्ट्रॉन भरने के पश्चात् 5p-कक्षकों में इलेक्ट्रॉन भरते हैं। तथा आवर्त जीनॉन पर खत्म हो जाता है। इस आवर्त में भी कुल 18 तत्त्व होते हैं।

(6) छठवें आवर्त (n = 6) में कुल 32 तत्त्व होते हैं। यहाँ उत्तरोत्तर इलेक्ट्रॉन क्रमश: 6s, 4f, 5d तथा 6p के कक्षकों में भरते हैं। इलेक्ट्रॉनों का भरना 4f-कक्षकों में सीरियम (Cerium Z = 58) से शुरू होता है तथा ल्यूटीशियम (Lutetium, Z = 71) पर समाप्त होता है। 4f इस श्रेणी 45 आन्तरिक संक्रमण श्रेणी या लैन्थेनॉइड श्रेणी (Inner transition series or Lanthanoid series) कहते हैं।

(7) सातवाँ आवर्त (n = 7) छठवें आवर्त के समान है, जिसमें इलेक्ट्रॉन उत्तरोत्तर 7s, 5f, 6d और 7p कक्षक में भरते हैं। इनमें कृत्रिम विधियों (Artificial methods) द्वारा मानव निर्मित रेडियोधर्मी तत्त्व (Radioactive elements) आते हैं। सातवां आवर्त परमाणु क्रमांक 118 वाले तत्त्व जिसकी खोज हो चुकी है के साथ पूर्ण होता है। यह तत्त्व उत्कृष्ट गैस परिवार से सम्बन्धित होगा। ऐक्टीनियम (Ac, Z = 89) के पश्चात् 14 इलेक्ट्रॉन 5f श्रेणी में भरते हैं। इस श्रेणी को 5f-आन्तरिक संक्रमण श्रेणी या ऐक्टिनॉइड श्रेणी (5f-inner transition series or Actinoid series) कहते हैं। उपरोक्त विवरण को संक्षिप्त रूप में हम निम्न सारणी द्वारा व्यक्त कर सकते हैं।
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वर्ग में इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic Configuration in Group):
एक ही वर्ग या ऊर्ध्वाधर स्तम्भ में उपस्थित तत्त्वों के संयोजकता कोश इलेक्ट्रॉनिक विन्यास समान होते हैं। इनके बाह्य कक्षकों में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या एवं गुणधर्मों में भी समानता होती है।

उदाहरणार्थ- क्षार धातुओं की संयोजकता कोश का विन्यास mst होता है। इस विन्यास से यह स्पष्ट होता है कि किसी तत्त्व के गुणधर्म उसके परमाणु क्रमांक पर निर्भर करते हैं, न कि उसके सापेक्षिक परमाणु द्रव्यमान पर।

प्रश्न 3.
मेण्डलीव की आवर्त सारणी की विवेचना कीजिए। इसके मुख्य दोष क्या हैं? इसकी उपयोगिता भी बताइये।
उत्तर:
रूसी रसायनज्ञ दमित्री मेण्डलीव ने सर्वप्रथम आवर्त सारणी को प्रतिपादित किया। इन्होंने बड़ी संख्या में तत्त्वों के रसायनिक गुणों का अध्ययन किया और सन् 1869 में आवर्त नियम को प्रस्तुत किया। इस नियम के अनुसार, “परमाणु भार तत्त्वों का मूल लक्षण है तथा तत्त्वों के भौतिक व रासायनिक गुण उनके परमाणु भारों के आवर्ती फलन होते हैं।”

यदि तत्त्वों को उनके परमाणु भारों के बढ़ते हुए क्रम से क्षैतिज पंक्तियों (Horizontal lines) में रखा जाये तो समान गुणों वाले तत्त्व एक नियमित अन्तराल (Regular interval) के बाद पुन: आते हैं। अर्थात् तत्त्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्म (या तत्त्वों के गुण) की एक निश्चित अन्तराल (या आवर्त) के बाद पुनरावृत्ति होती है। नियमित अन्तराल के पश्चात् गुणों की इस प्रकार की पुनरावृत्ति को आवर्तिता (Periodicity) कहते हैं।

मेण्डलीव द्वारा तत्त्वों का वर्गीकरण निश्चित तौर पर लोथर मेयर के वर्गीकरण से अधिक विस्तृत था।

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प्रश्न 4.
निम्न पर टिप्पणी लिखिए।
(1) डोबेराइनर त्रिक
(2) न्यूलैण्ड का अष्टक नियम
(3) लोथर मेयर का परमाण्वीय आयतन वक्र।
उत्तर:
मेण्डलीव की आवर्त सारणी की मुख्य उपयोगिताएँ निम्न प्रकार हैं-
1. तत्त्वों का व्यवस्थित अध्ययन (Systematic study of the elements)-मेण्डलीव ने प्रथम बार तत्त्वों को आवर्तों व वर्गों में व्यवस्थित किया। इन्होंने तत्त्वों को इस प्रकार से व्यवस्थित किया कि किसी विशेष वर्ग में एक समान गुणधर्मों वाले तत्त्व ही व्यवस्थित हुए। इस प्रकार इन्होंने लगभग 105 तत्त्वों को केवल 9 वर्गों में व्यवस्थित कर दिया।

2. तत्त्वों के गुणों का अध्ययन (Study of properties of elements)-मेण्डलीव की आवर्त सारणी में किसी तत्त्व विशेष का अध्ययन करने से ही उस समूह के अन्य सभी तत्त्वों का अध्ययन हो जाता है, क्योंकि एक ही समूह में स्थित सभी तत्त्वों के गुण समान होते हैं।

3. नये तत्त्वों की खोज (Discovery of new elements)मेण्डलीव की आवर्त सारणी अज्ञात तत्त्वों को खोजने में एवं उनके गुणधर्मो के अध्ययन करने में अत्यधिक उपयोगी सिद्ध हुई। मेण्डलीव ने उस समय के अज्ञात तत्त्वों के लिए आवर्त सारणी में रिक्त स्थान छोड़ दिया तथा उनके गुणों की भी भविष्यवाणी की थी जो कि बाद में सत्य सिद्ध हुई एवं इससे नये तत्त्वों की खोज में काफी सहायता मिली।

उदाहरणार्थ-मेण्डलीव की मूल आवर्त सारणी में बाद में खोजे गये तत्त्व स्कैण्डियम (Sc), गैलियम (Ga) और जर्मेनियम (Ge) के स्थान रिक्त छोड़े गये और उन्होंने इन्हें क्रमशः एका-बोरॉन (Eka-Boron), एका-ऐलुमिनियम (Eka-Aluminium) तथा एका-सिलिकॉन (EkaSilicon) कहा। मेण्डलीव ने इन नये तत्त्वों की पहचान ही नहीं की बल्कि इन तत्त्वों के कुछ भौतिक गुणधर्मों का भी ब्यौरा दिया जिसे सारणी 3.3 में सूचीबद्ध किया गया है।

सारणी 3.3 – मेण्डलीव द्वारा एका-ऐलुमिनियम (गेलियम) तथा एका सिलिकॉन (जर्मेनियम) तत्वों की प्रागुक्ति

गुण एका-ऐलुमिनियम (भविष्य सूचक तत्त्व) गैलियम (खोजा गया तत्त्व) एका-सिलिकॉन (भविष्य सूचक तत्त्व) जर्मेनियम (खोजा गया तत्त्व)
परमाणु भार 68 70 72 72.6
घनत्व (g/cm³) 5.9 5.94 5.5 5.36
गलनांक/K निम्न 302.93 उच्च 1231
ऑक्साइड का सूत्र E2O3 Ga2O3 EO2 GeO2
क्लोराइड का सूत्र ECl3 GaCl3 ECl4 GeCl4

4. सन्देहपूर्ण परमाणु द्रव्यमानों का सुधार (Correction of doubtful atomic masses) मेण्डलीव की आवर्त सारणी की सहायता से बहुत से तत्त्वों के परमाणु भारों का सही निर्धारण किया गया। चूँकि आवर्त सारणी में किसी भी तत्त्व की स्थिति से उसकी संयोजकता ज्ञात की जा सकती है और उसका तुल्यांकी भार ज्ञात होने पर परमाणु भार ज्ञात किया जा सकता है।
परमाणु भार = तुल्यांकी भार x संयोजकता
यदि तत्त्वों की सही संयोजकता ज्ञात हो तो तत्त्व का सही परमाणु भार ज्ञात किया जा सकता है।

उदाहरणार्थ-सन् 1869 से पहले बेरीलियम (Be) का परमाणु भार 13.5 माना जाता था। इसकी गणना निम्न प्रकार की गयी थी।
परमाणु भार = तुल्यांकी भार x संयोजकता
= 4.5 x 3
= 13.5
इस परमाणु भार के अनुसार बेरीलियम (Be) की स्थिति मूल आवर्त सारणी में कार्बन तथा नाइट्रोजन के मध्य होनी चाहिए। परन्तु इस तत्त्व के गुणधर्म के अनुसार इसे वर्ग IIA के तत्त्वों Mg एवं Ca के साथ लीथियम व बोरॉन के मध्य होना चाहिए। अत: मेण्डलीव ने इसकी शुद्ध संयोजकता 2 मान कर इसका शुद्ध व सही परमाणु भार 9 निकला
परमाणु भार = 4.5 x 2 = 9
इसी प्रकार मेण्डलीव की मूल आवर्त सारणी की सहायता से कुछ अन्य तत्त्वों के सही परमाणु भारों को ज्ञात करने में सहायता मिली।

(2) अंग्रेज रसायनज्ञ जॉन एलेक्जेंडर न्यूलैण्ड ने सन् 1865 में अष्टक नियम (Law of octaves) को विकसित किया। इसके अनुसार, “जब तत्त्वों को उनके परमाणु द्रव्यमानों के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित किया जाता है तो प्रत्येक आठवाँ तत्त्व पहले तत्त्व से गुणधर्म में समानता रखता है।” यह सम्बन्ध उसी प्रकार का था, जैसा आठवें संगीत स्वर (Eight musical note) का सम्बन्ध प्रथम संगीत स्वर के साथ होता है। इसी कारण न्यूलैण्ड ने इसे ‘अष्टक का नियम’ नाम दिया।
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इस प्रकार यदि बोरॉन (B) से शुरूआत करें तो आठव्वॉं तत्त्व एलुमीनियम (Al) आता है और इन दोनों तत्त्वों के गुणधर्म आपस में समान हैं। सीमाएँ (Limitations)

  • यह नियम केवल कैल्सियम तक ही सफल रहा। कैल्सियम के पश्चात् प्रत्येक आठवां तत्त्व अपने समूह में ऊपर आने वाले तत्त्व के समान गुणधर्म नहीं रखता था।
  • अज्ञात तत्त्वों के लिए इस वर्गीकरण में कोई स्थान सुरक्षित नहीं रखा गया।
  • यह नियम अधिक परमाणु भार वाले तत्त्वों पर लागू नहीं होता है।
  • उत्कृष्ट गैसों (Noble gases) की खोज के पश्चात् यह नियम पूर्ण रूप से असफल हो गया क्योंकि अब नवाँ तत्त्व प्रथम तत्त्व के समान था न कि आठवाँ।

(3) जर्मन वैज्ञानिक लोथर मेयर (Lother Meyer) ने सन् 1869 में यह विचार दिया था। इसके अनुसार, “तत्त्वों के गुणधर्मों व परमाणु आयतन (परमाणु भार/घनत्व) के बीच एक घनिष्ठ सम्बन्ध होता है। लोथर मेयर ने तत्त्वों के परमाणु भार एवं परमाणु आयतनों के मध्य एक ग्राफ (वक्र) खींचा तथा बताया कि समान गुणधर्म वाले तत्त्व इस वक्र पर समान स्थितियों में आते हैं।”

इस प्रकार लोथर मेयर ने पाया कि परमाणु भारों की वृद्धि के साथ परमाणु आयतनों में नियमित समानता होती है अर्थात् यहाँ पर आवर्तिता (Periodicity) पायी जाती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता 8
इस वक्र की कुछ विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं-

  • प्रबल विद्युतधनी तत्त्वों जैसे-क्षार, धातुओं ने वक्र में शिखर पर स्थान प्राप्त किया।
  • कुछ कम विद्युतधनी तत्त्वों जैसे-क्षारीय मृदा धातुओं ने वक्र के अवरोही भाग में स्थान प्राप्त किया।
  • विद्युतऋणी तत्त्व जैसे-हैलोजनों ने वक्र के चढ़ते हुए भाग में स्थान ग्रहण किया।
  • आठवें समूह के तत्त्व वक्र के निचले भाग में स्थित हुए।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

Haryana State Board HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. परमाणु भार का आधुनिक आधार क्या है –
(1) O16 = 16.000
(2) C12 = 12.000
(3) साधारण O = 16.000
(4) H1 = 1.000.
उत्तर:
(2) C12 = 12.000

2. हाइड्रोजन परमाणु के आयनन से प्राप्त होगा-
(1) हाइड्राइड आयन
(2) हाइड्रोनियम आयन
(3) प्रोटॉन
(4) हाइड्रॉक्सिल आयन।
उत्तर:
(3) प्रोटॉन

3. न्यूट्रॉन की खोज में कठिनाई का कारण था-
(1) इसका आवेश रहित होना।
(2) इसका आवेश कम होना।
(3) इसका द्रव्यमान नगण्य होना।
(4) इसके आवेश तथा द्रव्यमान का अनुपात नगण्य होना।
उत्तर:
(1) इसका आवेश रहित होना।

4. जब एक इलेक्ट्रॉन L कोश से K कोश में कूदता है-
(1) ऊर्जा अवशोषित होती है।
(2) ऊर्जा निकलती है।
(3) ऊर्जा न तो अवशोषित होती है और न ही निकलती है।
(4) कभी ऊर्जा अवशोषित होती है तथा कभी निकलती है।
उत्तर:
(2) ऊर्जा निकलती है।

5. धनात्मक किरणों में e/m का मान सबसे अधिक किस गैस को लेने पर होगा-
(1) H2
(2) He
(3) N2
(4) O2
उत्तर:
(1) H2

6. α-कण का e/m… होता है प्रोटॉन के e/m का-
(1) दोगुना
(2) तीन गुना
(3) चार गुना
(4) बराबर।
उत्तर:
(1) दोगुना

7. 1 amu का मान होता है-
(1) 937 Mev
(2) 9310 MeV
(3) 931 Mev
(4) 127 MeV.
उत्तर:
(3) 931 Mev

8. सबसे हल्के नाभिक की तुलना में इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान होता है, लगभग-
(1) \(\frac { 1 }{ 80 }\)
(2) \(\frac { 1 }{ 800 }\)
(3) \(\frac { 1 }{ 1800 }\)
(4) \(\frac { 1 }{ 2800 }\)
उत्तर:
(3) \(\frac { 1 }{ 1800 }\)

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9. निम्न में से उच्चतम तरंगदैर्ध्य वाली वैद्युत चुम्बकीय किरणें हैं-
(1) X – तरंगें
(2) अवरक्त तरंगें
(3) रेडियो तरंगें
(4) पराबैंगनी तरंगें।
उत्तर:
(3) रेडियो तरंगें

10. 4000 Å तरंगदैर्ध्य की किरणों तथा 2000 Å तरंगदैर्ध्य वाली किरणों के फोटॉनों की ऊर्जा का अनुपात है-
(1) \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(2) \(\frac { 1 }{ 4 }\)
(3) 2
(4) 4
उत्तर:
(3) 2

11. न्यूट्रॉन के द्रव्यमान की कोटि है-
(1) 10-23 किग्रा.
(2) 10-24 किग्रा.
(3) 10-26 किग्रा.
(4) 10-27 किग्रा.
उत्तर:
(4) 10-27 किग्रा.

12. परमाणु नाभिक की त्रिज्या की कोटि है-
(1) 10-12 सेमी.
(2) 10-8 सेमी.
(3) 10-10 सेमी.
(4) 10-7 सेमी.
उत्तर:
(2) 10-8 सेमी.

13. रदरफोर्ड ने कणों के प्रकीर्णन प्रयोग में प्रथम बार दर्शाया कि परमाणु में होता है-
(1) इलेक्ट्रॉन
(2) प्रोटॉन
(3) नाभिक
(4) न्यूट्रॉन।
उत्तर:
(3) नाभिक

14. हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम की कौन-सी श्रेणी दृश्य क्षेत्र में होगी-
(1) फुण्ड
(2) लाइमन
(3) बामर
(4) ब्रेकेट
उत्तर:
(3) बामर

15. न्यूनतम डी-ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य सम्बन्धित है-
(1) इलेक्ट्रॉन से
(2) प्रोटॉन से
(3) CO2 अणु से
(4) SO2 अणु से।
उत्तर:
(4) SO2 अणु से।

16. हुण्ड के नियमानुसार किस तत्व में 6 अयुग्मित इलेक्ट्रॉन उपस्थित होते हैं?
(1) Fe
(2) Co
(3) Ni
(4) Cr
उत्तर:
(4) Cr

17. 2p तथा 3p कक्षकों में अन्तर होता है-
(1) 7 के मान में
(2) के मान में
(3) आकृति में
(4) आकार में।
उत्तर:
(4) आकार में।

18. किसी कक्ष में कक्षकों की संख्या होती है-
(1) N²
(2) 2²
(3) 2l + 1
(4) 2 (2n + l).
उत्तर:
(1) N²

19. यदि l = 3 हो, तो m के कुल मानों की संख्या होगी-
(1) 2
(2) 3
(3) 5
(4) 7
उत्तर:
(4) 7

20. सन् 1932 में पॉजिट्रॉन की खोज की-
(1) चैडविक ने
(2) रदरफोर्ड ने
(3) सी. डी. एन्डरसन ने
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(3) सी. डी. एन्डरसन ने

21. उत्सर्जित एवं अवशोषित ऊर्जा के मान को कहते हैं-
(1) गतिज ऊर्जा
(2) क्वाण्टा
(3) मुक्त ऊर्जा
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(2) क्वाण्टा

22. ψ किसको प्रदर्शित करता है-
(1) तरंग फलन
(2) इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान
(3) तरंगदैर्ध्य
(4) आवृत्ति।
उत्तर:
(1) तरंग फलन

23. चार क्वाण्टम संख्याओं क्रमश: n, l, m तथा s के मानों के चार समूह दिये जा रहे हैं, कौन सा समूह गलत है-
(1) n = 2, 1 = 0, m = +1, s = \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(2) n = 2, 1 = 1, m = – 1, s = + \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(3) n = 3, 1 = 2, m = 0, s = – \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(4) n = 3, 1 = 1, m = – 1, s = + \(\frac { 1 }{ 2 }\)
उत्तर:
(1) n = 2, 1 = 0, m = +1, s = \(\frac { 1 }{ 2 }\)

24. हाइड्रोजन परमाणु के निम्नलिखित में से कौन-से इलेक्ट्रॉनीय तल में फोटॉन का अवशोषण होगा न कि उत्सर्जन-
(1) 2s
(2) 2p
(3) 3s
(4) 1s
उत्तर:
(4) 1s

25. यदि बोर के प्रथम कक्ष की त्रिज्या r1 हो और तीसरे कक्ष की त्रिज्या r2 हो तो r1/r2 का मान है-
(1) 3
(2) 1/3
(3) 1/9
(4) 9
उत्तर:
(3) 1/9

26. हाइड्रोजन परमाणु He+ आयन तथा Li2+ आयन के क्रमश: प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय बोर कक्षाओं की त्रिज्या का अनुपात है-
(1) 4 : 3 : 2
(2) 4 : 2 : 3
(3) 2 : 3 : 4
(4) 2 : 4 : 3
उत्तर:
(2) 4 : 2 : 3

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27. हाइड्रोजन परमाणु तथा He+ आयन की प्रथम बोर कक्षाओं में इलेक्ट्रॉन के वेग का अनुपात है-
(1) 1 : 2
(2) 2 : 1
(3) 1 : 3
(4) 3 : 1
उत्तर:
(1) 1 : 2

28. किसी इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा अधिकतम होती है-
(1) नाभिक पर
(2) आद्य अवस्था में
(3) प्रथम उत्तेजित अवस्था में
(4) नाभिक में अनन्त दूरी पर।
उत्तर:
(3) प्रथम उत्तेजित अवस्था में

29. निम्न में से कौन-सा कथन असत्य है-
(1) तरंगदैर्ध्य तरंग कण के संवेग के व्युत्क्रमानुपाती होता है
(2) परमाणु के कक्षक ऊर्जा के बढ़ते क्रम में भरते हैं।
(3) (n + l) नियम हुण्ड के नियम का ही एक भाग है।
(4) (n + l) नियम कक्षकों की ऊर्जा के बढ़ते क्रम को निर्धारित करता है।
उत्तर:
(1) तरंगदैर्ध्य तरंग कण के संवेग के व्युत्क्रमानुपाती होता है

30. क्वाण्टम संख्याओं के निम्न में से किस सेट के लिये इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा अधिकतम होगी-
(1) 3, 2, +1, + \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(2) 4, 2, -1, + \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(3) 4, 1, 0, – \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(4) 5, 0, 0, + \(\frac { 1 }{ 2 }\)
उत्तर:
(2) 4, 2, -1, + \(\frac { 1 }{ 2 }\)

31. g – उपकोश के लिये सही है-
(1) n = 5
(2) m = 3
(3) l = 4
(4) l = 5
उत्तर:
(3) l = 4

32. निम्न में से वह स्पीशीज कौन-सी है जो अनुचुम्बकीय नहीं है-
(1) Cl
(2) Be
(3) Ne2+
(4) As+
उत्तर:
(1) Cl

33. परमाणु कक्षकों की ऊर्जा का सही आरोही क्रम है-
(1) 5p < 4f < 6s < 5d
(2) 5p < 6s < 4f < 5d
(3) 4f < 5p < 5d < 6s
(4) 5p < 5d < 4f < 6s.
उत्तर:
(2) 5p < 6s < 4f < 5d

34. समइलेक्ट्रॉनिक स्पीशीज है-
(1) F, O2-
(2) F, O+
(3) F, O
(4) F, O2+.
उत्तर:
(1) F, O2-

35. मुख्य क्वाण्टम = 4 के लिये, 1 = 3 वाले कक्षकों की कुल संख्या है-
(1) 3
(2) 7
(3) 5
(4) 9
उत्तर:
(1) 3

36. किसी एक इलेक्ट्रॉन के संवेग में अनिश्चितता 1 x 10-18 g cm है। उसकी वेग में अनिश्चितता निम्न में से क्या होगी-
(1) 1 × 108 cm s-1
(2) 1 × 1011 cms-1
(3) 1 x 109 cm s-1
(4) 1 × 106 cms-1.
उत्तर:
(3) 1 x 109 cm s-1

37. हीलियम आयन का लाइन स्पेक्ट्रम ………….. के अनुरूप होता है-
(1) हाइड्रोजन परमाणु
(2) Li+ आयन
(3) हीलियम परमाणु
(4) लीथियम परमाणु।
उत्तर:
(1) हाइड्रोजन परमाणु

38. समभ्रंश कक्षकों के किसी सेट में इलेक्ट्रॉन स्वयं को इस प्रकार वितरित करते हैं जिससे कि जहाँ तक सम्भव हो उनका प्रचक्रण बना रहे। यह कथन सम्बन्धित है-
(1) पाउली के अपवर्जन के सिद्धान्त से
(2) ऑफबाऊ के सिद्धान्त से
(3) हुण्ड के नियम से
(4) स्लाटर के नियम से।
उत्तर:
(3) हुण्ड के नियम से

39. निम्न में से कौन इलेक्ट्रॉन प्रायिकता फलन को निरूपित करता है-
(1) 4π drψ²
(2) 4π r² drψ
(3) 4π r² drψ²
(4) 4π drψ
उत्तर:
(3) 4π r² drψ²

40. निम्न में से गलत कथन पहचानिए :
(1) 4f एवं 5f कक्षक समान रूप से परिरक्षित होते हैं।
(2) d-ब्लॉक के तत्व आपस में अनियमित एवं अस्थिर रासायनिक गुणधर्म दर्शाते हैं।
(3) La एवं Lu से आंशिक पूरित d-कक्षक होते हैं और कोई अन्य आंशिक पूरित कक्षक नहीं होते
(4) विभिन्न लेन्थेनॉयडों का रसायन समरूप होता है।
उत्तर:
(1) 4f एवं 5f कक्षक समान रूप से परिरक्षित होते हैं।

41. px ऑर्बिटल में नोडल तलों की संख्या है-
(1) 1
(2) 2
(3) 3
(4) 0
उत्तर:
(1) 1

42. ऑफबाऊ सिद्धान्त का उल्लंघन करने वाले कक्षक का रेखाचित्र है-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 1
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 2

43. चुम्बकीय क्वाण्टम संख्या बताती है–
(1) कक्षकों का आधार
(2) कक्षकों की आकृति
(3) अन्तरिक्ष में कक्षकों का दिशा विन्यास
(4) कक्षकों का ऊर्जा स्तर।
उत्तर:
(3) अन्तरिक्ष में कक्षकों का दिशा विन्यास

44. समान ऊर्जा वाले कक्षकों में होती है।
(1) समान ऊर्जा
(2) समान कार्य – फलन किन्तु भिन्न ऊर्जा
(3) भिन्न कार्य फलन किन्तु समान ऊर्जा
(4) समान कार्य – फलन।
उत्तर:
(4) समान कार्य – फलन।

45. 3p – कक्षकों में नोडों की संख्या है-
(1) 0
(2) 1
(3) 2
(4) 3.
उत्तर:
(2) 1

46. अपभ्रष्ट कक्षक वे होते हैं जिनमें-
(1) तरंग – फलन समान होते हैं।
(2) द्विक – विन्यास समान होते हैं
(3) ऊर्जा समान होती है
(4) (1) व (2) दोनों।
उत्तर:
(3) ऊर्जा समान होती है

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

47. इलेक्ट्रॉन का आवेश 4.8 x 10-10 es. u. होता है। Li3+ आयन पर आवेश की मात्रा है-
(1) 4.8 × 10-10 e.s.u.
(2) 9.6 × 10-10
(3) 1.44 × 10-9 e.s.u.
(4) 2.4 × 10-9 e.s.u.
उत्तर:
(3) 1.44 × 10-9 e.s.u.

48. इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा निम्नतम होगी-
(1) निम्नतम कक्षा में
(2) उच्च कक्षाओं में
(3) मध्य कक्षाओं में
(4) तृतीय कक्षा में।
उत्तर:
(1) निम्नतम कक्षा में

49. कैथोड किरणों के सम्बन्ध में असत्य कथन है-
(1) ये किरणें ऊष्मीय प्रभाव उत्पन्न करती हैं
(2) ये ऋणावेशित होती हैं
(3) उच्च द्रव्यमान वाले तत्वों से टकराकर X – किरणें उत्पन्न करती हैं
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(4) इनमें से कोई नहीं।

50. रदरफोर्ड के α-कणों के प्रकीर्णन सिद्धान्त से निष्कर्ष निकलता है कि-
(1) ऊर्जा तथा द्रव्यमान सम्बन्धित होते हैं
(2) नाभिक के अन्दर परमाणु का द्रव्यमान तथा आवेश रहता है।
(3) नाभिक में न्यूट्रॉन उपस्थित होते हैं।
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(2) नाभिक के अन्दर परमाणु का द्रव्यमान तथा आवेश रहता है।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
एल्फा कण क्या है?
उत्तर:
एल्फा कण द्विधन आवेशित हीलियम का नाभिक है।

प्रश्न 2.
एक मोल इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान क्या है?
उत्तर:
6.023 x 1023 x 9.108 × 10-28 ग्राम।

प्रश्न 3.
नाभिक की खोज किसने की थी?
उत्तर:
रदरफोर्ड ने।

प्रश्न 4.
ऐनोड किरणों की प्रकृति किस पर निर्भर करती है?
उत्तर:
विसर्जन नली में भरी हुई गैस पर।

प्रश्न 5.
बोर का परमाणु मॉडल किस सिद्धान्त पर आधारित है?
उत्तर:
प्लांक के क्वाण्टम सिद्धान्त पर आधारित है।

प्रश्न 6.
बोर की गोलाकार कक्षाओं को क्या कहते हैं?
उत्तर:
ऊर्जा स्तर।

प्रश्न 7.
बोर की कक्षा को स्थाई कक्ष क्यों कहते हैं?
उत्तर:
क्योंकि स्थाई कक्षा में घूमते समय इलेक्ट्रॉन चुम्बकीय विकिरण के द्वारा ऊर्जा का ह्रास नहीं होता है।

प्रश्न 8.
इलेक्ट्रॉन का अधिकतम वेग कौन-से कक्ष में होता है?
उत्तर:
प्रथम कक्ष में।

प्रश्न 9.
किसी कक्ष में इलेक्ट्रॉन के संवेग का मान क्या होता है?
उत्तर:
mvr = \(\frac { nh }{ 2π }\)

प्रश्न 10.
किसी कक्ष की त्रिज्या का मान बताइए।
उत्तर:
r = 0.529 x \(\frac { n² }{ Z }\)Å

प्रश्न 11.
बोर त्रिज्या किसे कहते हैं?
उत्तर:
हाइड्रोजन की प्रथम कक्षा को बोर त्रिज्या कहते हैं?

प्रश्न 12.
ऊर्जा स्तरों को किन प्रतीकों से प्रदर्शित करते हैं?
उत्तर:
K, L, M, N, O, P, Q के द्वारा।

प्रश्न 13.
उत्सर्जित प्रकाश की आवृत्ति किस समीकरण के द्वारा ज्ञात करते हैं?
उत्तर:
∆E = hv = E2 – E1

प्रश्न 14.
बोर का परमाणु मॉडल किस प्रकार के परमाणु स्पेक्ट्रम की व्याख्या करता है?
उत्तर:
बोर का परमाणु मॉडल केवल H परमाणु, He+, Li2+ आदि एक इलेक्ट्रॉनीय परमाणुओं और आयनों के स्पेक्ट्रम की व्याख्या करता है।

प्रश्न 15.
प्लांक नियतांक h का मान क्या है?
उत्तर:
h = 6.62 × 10-27 अर्ग-सेकण्ड।

प्रश्न 16.
स्पेक्ट्रम क्षेत्र में मिलने वाली रेखाओं की आवृत्ति को ज्ञात करने का सूत्र बताइए।
उत्तर:
\(\overline{\mathcal{V}}\) = R\(\left(\frac{1}{n_1^2}-\frac{1}{n_2^2}\right)\) cm-1

प्रश्न 17.
यदि = 1, 2, 3 तथा 4 हो तो मुख्य ऊर्जा स्तरों के नाम बताइये।
उत्तर:
n = 1  K ऊर्जा स्तर
n = 2  L ऊर्जा स्तर
n = 3  M ऊर्जा स्तर
n = 4  N ऊर्जा स्तर

प्रश्न 18.
विकिरण की ऊर्जा और आवृत्ति में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
E = hv = h\(\frac { c }{ λ }\)

प्रश्न 19.
3p-ऑर्बिटल में उपस्थित कुल कोणीय व वृत्तीय नोडों की कुल संख्या बतायें।
उत्तर:
3p-ऑर्बिटल के लिये, n = 3, l = 1
कोणीय नोडों (Angular nodes) की संख्या = 1 = 1
वृत्तीय नोडों (Radial nodes) की
संख्या = n – l – 1
= 3 – 1 – 1
= 1

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

प्रश्न 20.
परमाणु क्रमांक 24 वाले तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए।
उत्तर:
परमाणु क्रमांक (24) = 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d5, 4s1

प्रश्न 21.
“अधिकांश तत्वों के परमाणु भार भिन्नात्मक होते हैं।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए?
उत्तर:
तत्वों का परमाणु भार उनके समस्थानिकों के भार का औसत होता है, इस कारण अधिकांश तत्वों के परमाणु भार भिन्नात्मक होते हैं।

प्रश्न 22.
एक परमाणु M तथा इसके आयन M+ दोनों का द्रव्यमान समान क्यों होता है?
उत्तर:
क्योंकि दोनों में प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉनों की संख्या समान होती है।

प्रश्न 23.
किसी तत्व ‘X’ के परमाणु के कौन-कौन से कण उसके द्रव्यमान के लिये मुख्य रूप से उत्तरदायी होते हैं?
उत्तर:
प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन किसी भी तत्व के परमाणु के द्रव्यमान के लिये मुख्य रूप से उत्तरदायी होते हैं।

प्रश्न 24.
“परमाणु विद्युत उदासीन होता है।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
परमाणु के नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या व नाभिक के बाहर इलेक्ट्रॉनों की संख्या बराबर-बराबर होती है, इस कारण परमाणु विद्युत उदासीन होता है।

प्रश्न 25.
विसर्जन नलिका के प्रयोग में नली की दीवार पर चमक क्यों उत्पन्न होती है?
उत्तर:
विसर्जन नलिका के प्रयोग में नली की दीवार पर चमक कैथोड किरणों के टकराने के कारण उत्पन्न होती है।

प्रश्न 26.
विसर्जन नली में उपस्थित वह कौन-सा कण है, जिसके e/m का मान अधिकतम है?
उत्तर:
इलेक्ट्रॉन का e/m मान अधिकतम होता है।

प्रश्न 27.
विसर्जन नलिका धन किरणों का स्रोत क्या होता है?
उत्तर:
विसर्जन नलिका में धन किरणों का स्रोत नली में भरी गैस होती है।

प्रश्न 28.
परमाणु के तीन मूल कण कौन-कौन से होते हैं?
उत्तर:
परमाणु के तीन मूल कण इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन व न्यूट्रॉन होते हैं।

प्रश्न 29.
रदरफोर्ड के कणों के प्रकीर्णन प्रयोग में, α-कणों का स्रोत क्या है?
उत्तर:
Ra (रेडियम) या Po (पोलेनियम )

प्रश्न 30.
यह कैसे सिद्ध होता है कि परमाणु का अधिकांश भाग रिक्त या खोखला होता है।
उत्तर:
रदरफोर्ड के α- प्रकीर्णन प्रयोग में अधिकांश α-कण बिना विचलित हुये सीधे निकल जाते हैं, इससे यह सिद्ध होता है कि परमाणु का अधिकांश भाग रिक्त होता है।

प्रश्न 31.
किस प्रयोग से सिद्ध होता है कि परमाणु का समस्त द्रव्यमान उसके केन्द्र में स्थित होता है?
उत्तर:
रदरफोर्ड के α-प्रकीर्णन के प्रयोग से सिद्ध होता है कि परमाणु का समस्त द्रव्यमान उसके केन्द्र में स्थित होता है।

प्रश्न 32.
“परमाणु द्वारा ऊर्जा का उत्सर्जन क्वाण्टीकृत (Quantised) होता है।” इस तथ्य को सर्वप्रथम किसने प्रस्तावित किया था?
उत्तर:
“परमाणु द्वारा ऊर्जा का उत्सर्जन क्वाण्टीकृत होता है।” इस तथ्य को सर्वप्रथम बोर (Bohr) ने प्रस्तावित किया था।

प्रश्न 33.
इलेक्ट्रॉनों तथा प्रोटॉनों में से किसका वेग अधिक होगा यदि दोनों की तरंगदैर्ध्य समान है?
उत्तर:
जिसका भार कम होगा उसका वेग उतना ही अधिक होगा क्योंकि λ = \(\frac { h }{ mv }\) अतः इलेक्ट्रॉन का वेग अधिक होगा।

प्रश्न 34.
एक परमाणु नाभिक में 14 प्रोटॉन तथा 13 न्यूट्रॉन हैं। इसकी द्रव्यमान संख्या क्या होगी?
उत्तर:
द्रव्यमान संख्या = प्रोटॉन की + न्यूट्रॉन की
संख्या             संख्या

= 14 + 13 = 27
द्रव्यमान संख्या = 27 है।

प्रश्न 35.
तत्व \({ }_{19}^{39} \mathrm{~K}\) में इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन की संख्या बताएँ।
उत्तर:
इलेक्ट्रॉन की संख्या = परमाणु क्रमांक = 19 प्रोटॉन की संख्या = परमाणु क्रमांक = 19
न्यूट्रॉन की संख्या = द्रव्यमान संख्या – परमाणु क्रमांक
= 39 19 20

प्रश्न 36.
किसी तत्व के समस्थानिकों में क्या समानता होती है?
उत्तर:
समस्थानिकों में परमाणु क्रमांक समान होता है।

प्रश्न 37.
परमाणु के कौन से कण परमाणु भार के लिये उत्तरदायी होते हैं?
उत्तर:
प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन परमाणु भार के लिये उत्तरदायी होते हैं।

प्रश्न 38.
न्यूट्रॉन की खोज किसने की थी?
उत्तर:
न्यूट्रॉन की खोज सर जेम्स चेडविक ने की थी।

प्रश्न 39.
कौन-सा कण तत्वों के भिन्न-भिन्न प्रकार के समस्थानिकों के बनने का कारण होता है?
उत्तर:
न्यूट्रॉन तत्वों के समस्थानिकों के बनने का कारण होता है।

प्रश्न 40.
द्रव्यमान संख्या, न्यूट्रॉन की संख्या तथा परमाणु क्रमांक में क्या सम्बन्ध होता है।
उत्तर:
द्रव्यमान संख्या परमाणु क्रमांक + न्यूट्रॉन की संख्या

प्रश्न 41.
निम्नलिखित के पूर्ण प्रतीक लिखो।
(i) परमाणु संख्या 56 तथा द्रव्यमान संख्या 138 का नाभिक।
(ii) परमाणु संख्या 26 तथा द्रव्यमान संख्या 55 का नाभिक।
(iii) परमाणु संख्या 4 तथा द्रव्यमान संख्या 9 का नाभिक।
उत्तर:
(i) परमाणु संख्या 56 वाला तत्व Ba है। इसका प्रतीक \({ }_{138}^{56} \mathrm{Ba}\) है।
(ii) परमाणु संख्या 26 वाला तत्व Fe है। इसका प्रतीक \({ }_{55}^{26} \mathrm{Fe}\) है।
(iii) परमाणु संख्या 4 वाला तत्व Be है इसका प्रतीक \({ }_{9}^{4} \mathrm{Be}\) है।

प्रश्न 42.
एक गतिमान सूक्ष्म कण की तरंगदैर्ध्य तथा संवेग के मध्य सम्बन्ध बताइये। इस सम्बन्ध को किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर:
λ = \(\frac { h }{ mv }\)
यहाँ λ = तरंगदैर्ध्य, h = प्लांक स्थिरांक
m = द्रव्यमान, v = वेग
उपर्युक्त सम्बन्ध डी-ब्रॉग्ली सम्बन्ध के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 43.
किसी कक्षा में इलेक्ट्रॉन के निश्चित पथ की बोर- अवधारणा में आये उस मूलभूत परिवर्तन का उल्लेख कीजिए, जिसका अवतरण हाइजेनबर्ग अनिश्चितता सिद्धान्त से हुआ।
उत्तर:
अनिश्चितता सिद्धान्त के अनुसार, इलेक्ट्रॉन का पथ सदैव प्रायिक होता है तथा यह स्थिर अथवा निश्चित नहीं होता जैसा कि बोर – अवधारणा में उल्लेखित है।

प्रश्न 44.
किसी गतिमान सूक्ष्म कण के वेग में परिवर्तन से इसकी तरंगदैर्ध्य पर प्रभाव पड़ता है। क्यों?
उत्तर:
तरंगदैर्ध्य, वेग के व्युत्क्रमानुपाती होती है (λ = \(\frac { h }{ mv }\)) इसका अर्थ है कि वेग बढ़ने पर, तरंगदैर्ध्य घटेगी तथा वेग कम होने पर बढ़ेगी।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

प्रश्न 45.
क्या डी-ब्रॉग्ली सम्बन्ध केवल इलेक्ट्रॉन पर ही लागू किया जा सकता है?
उत्तर:
नहीं, यह सभी गतिमान सूक्ष्मतम कणों पर लागू किया जा सकता है।

प्रश्न 46.
बोर मॉडल के अनुसार, प्रत्येक स्थिर अवस्था की En निम्नलिखित व्यंजक द्वारा दी जा सकती है।
En = \(\frac { -1312 }{ n² }\) kJ mol-1
यहाँ से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
यहाँ n से तात्पर्य ऊर्जा स्तर से है।

प्रश्न 47.
प्रथम कक्ष के लिये बोर त्रिज्या का मान बताइये।
उत्तर:
प्रथम कक्ष के लिये,
r1 = 0.529 Å
r1 = 0.529 × 10-10 m
r1 = 5.29 × 10-11 m

प्रश्न 48.
बोर के अनुसार, H परमाणु के लिये पहले कक्ष की त्रिज्या का सूत्र क्या है?
उत्तर:
rn = r1 x n²

प्रश्न 49.
H- परमाणु से एक इलेक्ट्रॉन को निकालने के लिये कितनी ऊर्जा की आवश्यकता होगी?
उत्तर:
H- परमाणु से एक इलेक्ट्रॉन को निकालने के लिये 13-6ev की आवश्यकता होगी।

प्रश्न 50.
प्लांक नियतांक (h) का मान व इकाई बताइए।
उत्तर:
6.625 x 10-27 अर्ग सेकण्ड

प्रश्न 51.
कैसे प्रदर्शित होता है कि नाभिक धनावेशित होता है?
उत्तर:
इसे हम रदरफोर्ड के α-प्रकीर्णन प्रयोग द्वारा सिद्ध कर सकते हैं।

प्रश्न 52.
न्यूट्रॉन क्या है? यह प्रोटॉन से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर:
on1, न्यूट्रॉन उदासीन कण है, जबकि प्रोटॉन धनावेशित कण है।

प्रश्न 53.
प्रोटॉन तथा H-परमाणु में विभेद कीजिए।
उत्तर:
परमाणु में से एक इलेक्ट्रॉन निकलने के बाद शेष बची रचना प्रोटॉन कहलाती है।

प्रश्न 54.
एक परमाणु के नाभिक में 17 प्रोटॉन तथा 18 न्यूट्रॉन हैं तो इसकी संयोजकता तथा द्रव्यमान संख्या क्या होगी?
उत्तर:
यहाँ संयोजकता = 1.
द्रव्यमान संख्या प्रोटॉन की संख्या + न्यूट्रॉन की संख्या
= 17 + 18 = 35

प्रश्न 55.
“सभी फोटॉनों की ऊर्जा बराबर नहीं होती है” इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
फोटॉन की कर्जा प्रकाश की तरंगदैर्ध्य पर निर्भर करती है।
E = \(\frac { hc }{ λ }\)

प्रश्न 56.
एक फोटॉन का द्रव्यमान क्या होगा?
उत्तर:
फोटॉन द्रव्यमान रहित ऊर्जा के पैकेट होते हैं। परन्तु इसके नगण्य द्रव्यमान को निम्न सूत्र द्वारा निकाल सकते हैं।
m = \(\frac { h }{ cλ }\)

प्रश्न 57.
निम्नलिखित तत्वों में किस प्रकार की समानता है?
\({ }_6^{14} \mathrm{C},{ }_7^{15} \mathrm{~N},{ }_8^{16} \mathrm{O}\)
उत्तर:
ये तत्व आपस में समन्यूट्रॉनिक हैं?

प्रश्न 58.
निम्नलिखित में प्रत्येक का उदाहरण दीजिये।
(i) \({ }_{17}^{35} \mathrm{Cl}\) का समस्थानिक
उत्तर:
\({ }_{17}^{35} \mathrm{Cl}\) का समस्थानिक \({ }_{17}^{35} \mathrm{Cl}\) है।

(ii) \({ }_{18}^{40} \mathrm{Ar}\) का समभारिक
उत्तर:
\({ }_{18}^{40} \mathrm{Ar}\) का समभारिक \({ }_{20}^{40} \mathrm{Ca}\) है।

(iii) \({ }_{7}^{15} \mathrm{N}\) का समन्यूट्रॉनिक
उत्तर:
\({ }_{7}^{15} \mathrm{N}\) का समन्यूट्रॉनिक \({ }_{8}^{16} \mathrm{O}\) है।

प्रश्न 59.
हाइड्रोजन के समस्थानिक लिखें।
उत्तर:
हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक होते हैं :

  1. प्रोटियम \(\left({ }_1^1 \mathrm{H}\right)\)
  2. ड्यूटीरियम \(\left({ }_1^2 \mathrm{H}\right)\)
  3. ट्राइटियम \(\left({ }_1^3 \mathrm{H}\right)\)

प्रश्न 60.
इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा को शून्य कब मानते हैं?
उत्तर:
जब इसकी नाभिक से दूरी अनन्त हो। इस समय इलेक्ट्रॉन तथा नाभिक के मध्य का आकर्षण बल शून्य हो जाता है तथा ऊर्जा भी शून्य हो जाती है।

प्रश्न 61.
एक फोटॉन तथा क्वाण्टम में क्या अन्तर है?
उत्तर:
क्वाण्टम निश्चित ऊर्जा (E = hv) का एक बन्डल होता है। इसका स्रोत कुछ भी हो सकता। जबकि फोटॉन, केवल प्रकाश के क्वाण्टम को कहते हैं।

प्रश्न 62.
कैथोड किरणें तभी उत्पन्न होती हैं जब डिस्चार्ज नली के अन्दर गैस का दाब बहुत-बहुत कम हो, क्यों?
उत्तर:
उच्च दाब पर नली में विद्युत धारा का प्रवाह नहीं हो पाता है। क्योंकि गैसें विद्युत की बहुत कम चालक होती हैं।

प्रश्न 63.
एक डिस्चार्ज नली में हाइड्रोजन गैस तथा दूसरी डिस्चार्ज नली में ऑक्सीजन गैस ली गयी है क्या कैथोड किरणों तथा ऐनोड किरणों में इलेक्ट्रॉन तथा धनायन समान होंगे या भिन्न।
उत्तर:
इलेक्ट्रॉन की संख्या तो समान होगी परन्तु धनायन समान नहीं होंगे।

प्रश्न 64.
जब α-कण सोने की पतली पत्नी पर टकराते हैं तो टकराने के पश्चात् कुछ α-कण वापस चले जाते हैं, यह क्या सिद्ध करता है?
उत्तर:
यह सिद्ध करता है कि परमाणु में अन्दर एक बहुत छोटा परन्तु भारी नाभिक उपस्थित होता है।

प्रश्न 65.
निम्नलिखित नाभिकों में से समस्थानिकों एवं समभारिकों को चुनिये-
(a) 10 प्रोटॉन + न्यूट्रॉन
(b) 10 प्रोटॉन +11 न्यूट्रॉन
(c) 19 प्रोटॉन + 23 न्यूट्रॉन
(d) 21 प्रोटॉन + 21 न्यूट्रॉन
उत्तर:
(a) तथा
(b) आपस में समस्थानिक जबकि
(c) व
(d) आपस में समभारिक है।

प्रश्न 66.
हाइड्रोजन के किस समस्थानिक में दो न्यूट्रॉन होते हैं।
उत्तर:
ट्राइट्रियम में \(\left({ }_1^3 \mathrm{H}\right)\) दो न्यूट्रॉन होते हैं।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

प्रश्न 67.
द्रव्य की द्वैत प्रकृति की व्याख्या किस वैज्ञानिक ने की थी?
उत्तर:
डी-ब्रॉली ने।

प्रश्न 68.
अनिश्चितता का सिद्धान्त किस वैज्ञानिक की देन है?
उत्तर:
वर्नर हाइजेनबर्ग की

प्रश्न 69.
तरंग फलन को कैसे प्रदर्शित करते हैं?
उत्तर:
ψ(Psi, साई से)।

प्रश्न 70.
परमाणु की तरंग यान्त्रिक मॉडल अवधारणा का समीकरण क्या है?
उत्तर:
λ = \(\frac { h }{ p }\)

प्रश्न 71.
इलेक्टॉन अभ्र क्या है?
उत्तर:
परमाणु में इलेक्टॉन का ऋणावेश अभ्र के रूप में नाभिक के चारों ओर विसरित रहता है अभ्र का घनत्व उस क्षेत्र में अधिक रहता है जिसमें इलेक्ट्रॉन मिलने की प्रायिकता अधिक होती है।

प्रश्न 72.
पाउली का अपवर्जन नियम क्या है?
उत्तर:
एक ही परमाणु में उपस्थित किन्हीं दो इलेक्ट्रॉनों की चारों क्वाण्टम संख्याओं के मान समान नहीं हो सकते हैं।

प्रश्न 73.
n के किसी मान के लिये l का मान क्या होता है?
उत्तर:
(0) से (n – 1) तक।

प्रश्न 74.
दिगंशी क्वाण्टम संख्या l = 2 के लिये चुम्बकीय क्वाण्टम संख्या m के मान लिखिए।
उत्तर:
l = 2, m = 2, – 1, 0, + 1, + 2

प्रश्न 75.
s p d f उपकोशों में कितने कक्षक होते हैं?
उत्तर:
2l + 1 कक्षक होते हैं।

प्रश्न 76.
Sc (परमाणु क्रमांक 21) के अन्तिम इलेक्ट्रॉनों की चारों क्वाण्टम सख्याएं लिखिए।
उत्तर:
Sc का अन्तिम इलेक्ट्रॉन 3d1 है अतः n = 3, l = 2, m = – 2 = – 2

प्रश्न 77.
निम्न में से कौन से उपकोश सम्भव नहीं हैं?
1s, 1p, 2s, 3d, 3f
उत्तर:
1p तथा 3f उपकोश सम्भव नहीं हैं क्योंकि l का मान n से कम नहीं है-
n = 1 l = 1 lp
n = 3 l = 3 3f

प्रश्न 78.
परमाणु की निम्न संरचना को ठीक करके लिखिए।
1s², 2s², 2px², 2py0, 2pz0
उत्तर:
1s², 2s², 2px1, 2py1, 2pz0

प्रश्न 79.
किसी तत्व के परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या व प्रोटॉनों की संख्या बराबर-बराबर होती है, परन्तु उसके परमाणु क्रमांक को केवल प्रोटॉनों के द्वारा परिभाषित किया जाता है, इलेक्ट्रॉनों के द्वारा नहीं, क्यों?
उत्तर:
एक परमाणु इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण भी कर सकता है और उत्सर्जित भी कर सकता है, परन्तु परमाणु के अन्दर उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या सदैव स्थिर रहती है।

प्रश्न 80.
यदि किसी परमाणु के नाभिक में न्यूट्रॉनों की संख्या में परिवर्तन किया जाये तो बनने वाले परमाणु का मूल परमाणु से सम्बन्ध क्या होगा?
उत्तर:
समस्थानिक होगा।

प्रश्न 81.
जब एक इलेक्ट्रॉन किसी भी उच्च कक्षा से दूसरी कक्षा (n = 2) में कूदता है तो प्राप्त होने वाले रेखीय स्पेक्ट्रम की श्रेणी को क्या कहा जाता है?
उत्तर:
बामर श्रेणी।

प्रश्न 82.
किसी कण की तरंगदैर्ध्य और संवेग के सम्बन्ध का सूत्र बतलाइए।
उत्तर:
λ = \(\frac { h }{ p }\) = \(\frac { h }{ mv }\)

प्रश्न 83.
किस उपकोश का आकार गोलाकार होता है?
उत्तर:
s-उपकोश का आकार गोलाकार होता है।

प्रश्न 84.
किसी परमाणु की कक्षा में कोणीय संवेग के क्वाण्टीकरण का निर्गमन किसने किया?
उत्तर:
डी-ब्रॉली ने सर्वप्रथम किसी परमाणु की कक्षा में कोणीय संवेग के क्वाण्टीकरण निर्गमन किया।

प्रश्न 85.
निम्न में से कौन-से ऑर्बिटल समभ्रंश (degenerate) हैं?
3dxy, 4dxy, 3dz², 3dyz, 4dyz, 4dz²
उत्तर:
3dxy, 3dz², 3dyz – समभ्रंश ऑर्बिटल
4dxy, 4dyz, 4dz² – समभ्रंश ऑर्बिटल

प्रश्न 86.
चौथी कक्षा में अधिकतम कितने इलेक्ट्रॉन आ सकते है?
उत्तर:
अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 2n²
= 2(4)²
= 32 इलेक्ट्रॉन

प्रश्न 87.
पाउली के नियम को अपवर्जन नियम क्यों कहते हैं?
उत्तर:
पाउली के नियम को अपवर्जन नियम इसलिये कहते हैं क्योंकि यह नियम किसी कक्षक के अन्दर तीसरे इलेक्ट्रॉन की उपस्थिति की सम्भावना को वर्जित करता है।

प्रश्न 88.
सभी फोटॉनों की ऊर्जा समान नहीं होती है। टिप्पणी दें।
उत्तर:
फोटॉनों की ऊर्जा उसके तरंगदैथ्यों पर निर्भर करती है, जिसे हम निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात कर सकते हैं।
E = \(\frac { hc }{ λ }\)
अतः फोटॉनों की ऊर्जा समान नहीं होती है।

प्रश्न 89.
किसी भी कक्षक में अधिकतम कितने इलेक्ट्रॉन उपस्थित रह सकते हैं?
उत्तर:
किसी भी कक्षक में विपरीत चक्रण वाले अधिकतम दो इलेक्ट्रॉन ही रह सकते हैं।

प्रश्न 90.
“समान स्थिन क्वाण्टम संख्या वाले इलेक्ट्रॉन एक ही कक्षक में नहीं रह सकते।” यह कथन किस नियम को बताता है।
उत्तर:
पाउली के अपवर्जन नियम को।

प्रश्न 91.
एक गतिमान कण की तरंगदैर्ध्य का निम्न सूत्र है, यह किस सिद्धान्त से है-
λ = \(\frac { h }{ p }\)
उत्तर:
डी ब्रॉग्ली सिद्धान्त से

प्रश्न 92.
“किसी परमाणु के अन्दर इलेक्ट्रॉन की स्थिति और वेग दोनों को एक साथ ठीक-ठीक निर्धारित करना असम्भव है।” यह कथन किस सिद्धान्त पर आधारित है?
उत्तर:
हाइजेनवर्ग का अनिश्चितता का सिद्धान्त।

प्रश्न 93.
“किसी परमाणु में स्थित किन्हीं भी दो इलेक्ट्रॉनों की चारों क्वाण्टम संख्याएँ समान नहीं हो सकतीं।” यह कथन किस वैज्ञानिक ने दिया था।
उत्तर:
पाठली ने।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

प्रश्न 94.
यदि किसी परमाणु के नाभिक में न्यूट्रॉन की संख्या परिवर्तित हो तो अपने मूल परमाणु से उसका क्या सम्बन्ध होगा?
उत्तर:
यह समस्थानिक होगा।

प्रश्न 95.
किस वैज्ञानिक के अनुसार परमाणु की कक्षा में कोणीय संवेग क्वाण्टीकृत (quantised) होता है।
उत्तर:
बोर (Bohr) के अनुसार।

प्रश्न 96.
पाउली के अपवर्जन नियमानुसार d-उपकोश में अधिकतम कितने इलेक्ट्रॉन आ सकते हैं।
उत्तर:
दस।

प्रश्न 97.
कौन-सा प्रायोगिक प्रमाण इलेक्ट्रॉन के तरंग लक्षण का समर्थन करता है?
उत्तर:
डेविसन तथा जर्मर का इलेक्ट्रॉन विवर्तन वलयों पर आधारित प्रयोग इलेक्ट्रॉन के तरंग लक्षण का समर्थन करता है।

प्रश्न 98.
किसी गतिमान कण की तरंगदैर्ध्य क्या होगी यदि इसका वेग दोगुना कर दिया जाए।
उत्तर:
तरंगदैर्ध्य घटकर आधी रह जायेगी क्योंकि सूत्र के अनुसार, (λ = h/mv), यहाँ पर h तथा m दोनों ही नियतांक है।

प्रश्न 99.
गतिमान सूक्ष्म कण के वेग में परिवर्तन किसी कण की तरंगदैर्ध्य को कैसे प्रभावित करता है?
उत्तर:
तरंगदैर्ध्य वेग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। (λ = \(\frac { h }{ mv }\))। इसका अर्थ है कि यदि वेग बढ़ता है तो तरंगदैर्ध्य घटता है और वेग घटाने पर तरंगदैर्ध्य बढ़ जाता है।

प्रश्न 100.
नोडल तल से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
नोडल तल वह तल होता है, जहाँ पर इलेक्ट्रॉन के पाये जाने की सम्भावना नगण्य होती है, अर्थात् यहाँ पर (ψ² = 0) होता है।

प्रश्न 101.
ψ² का भौतिक महत्व क्या है?
उत्तर:
ψ² किसी भी इलेक्ट्रॉन के पाये जाने की प्रायिकता को प्रदर्शित करता है। यदि ψ² का मान शून्य है तो वहाँ पर इलेक्ट्रॉन के पाये जाने की प्रायिकता भी शून्य होती है।

प्रश्न 102.
किसी भी नाभिक के चारों ओर इलेक्ट्रॉन की गति की गणना शुद्धता के साथ नहीं की जा सकती है, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि नाभिक के चारों ओर गतिमान इलेक्ट्रॉन के वेग में अनिश्चितता होती है। यह नियम हाइजेनबर्ग के अनिश्चितता के सिद्धान्त के अनुसार होता है।

प्रश्न 103.
किसी कक्षक में उपस्थित दो इलेक्ट्रॉनों का चक्रण विपरीत क्यों होता है?
उत्तर:
किसी कक्षक में उपस्थित दो इलेक्ट्रॉनों का चक्रण विपरीत होता है क्योंकि समान्तर अथवा समान चक्रण के इलेक्ट्रॉन एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं।

प्रश्न 104.
स्टार्क प्रभाव से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
स्टार्क प्रभाव – विद्युत क्षेत्र में स्पेक्ट्रमी रेखाओं का विपाटन (Splitting) स्टार्क प्रभाव कहलाता है।

प्रश्न 105.
जीमान प्रभाव से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जीमान प्रभाव – चुम्बकीय क्षेत्र में स्पेक्ट्रमी रेखाओं का विपाटन (Splitting) जीमान प्रभाव कहलाता है।

प्रश्न 106.
ऊर्जा के क्वाण्टीकरण से क्या तात्पर्य होता है?
उत्तर:
ऊर्जा स्तरों की ऊर्जा के कुछ विशिष्ट मान होते हैं इन्हीं विशिष्ट मानों के कारण ही ऊर्जा का क्वाण्टीकरण होता है।

प्रश्न 107.
आवृत्ति से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
प्रति एकांक समय में किसी बिन्दु से होकर जाने वाली तरंगों की संख्या को आवृत्ति कहते हैं।

प्रश्न 108.
तरंगदैर्ध्य से क्या तात्र्त्य है?
उत्तर:
तरंगदैर्ध्य (Wave length) – दो समीपवर्ती शृंगों (Crests) गर्तौ (Troughs) के केन्द्रों के बीच की दूरी तरंगदैर्ध्य कहलाती है।

प्रश्न 109.
इलेक्ट्रॉनों की द्वैत प्रकृति (dual Nature) दर्शाने वाली दो परिघटनाओं के नाम बताइये।
उत्तर:
इलेक्ट्रॉनों की द्वैत प्रकृति निम्न परिघटनाओं द्वारा प्रदर्शित की जा सकती है।

  1. प्रकाश विद्युत प्रभाव
  2. विवर्तन

प्रश्न 110.
कृष्णिका विकिरण (Black body radiation) क्या है बताइए।
उत्तर:
कृष्णिका विकिरण (Black body Radiation ) – एक ऐसा आदर्श पिण्ड जो हर प्रकार की आवृत्ति की विकिरणों को उत्सर्जित तथा अवशोषित करता है, कृष्णिका (Black body) कहलाता है। इस कृष्णिका से उत्सर्जित होने वाला विकिरण कृष्णिका विकिरण (Black body Radiation) कहलाता है।

प्रश्न 111.
तरंग संख्या (Wave number) पर टिप्पणी दें।
उत्तर:
तरंग संख्या (Wave number) – प्रति एकांक लम्बाई में, तरंगदैर्ध्य की संख्या को तरंग संख्या (wave Number) कहते हैं। इसका मात्रक m-1 या cm-1 होता है।

प्रश्न 112.
विवर्तन क्या होता है?
उत्तर:
किसी बाधा के आ जाने के कारण, तरंग के पथ में होने वाला विचलन विवर्तन कहलाता है।

प्रश्न 113.
व्यतिकरण पर टिप्पणी दें।
उत्तर:
व्यतिकरण- एक समान आवृत्ति वाली दो तरंगें मिलकर एक ऐसी तरंग देती हैं जिसका त्रिविम में प्रत्येक बिन्दु पर विक्षोभ, प्रत्येक तरंग के उस बिन्दु पर विक्षोभ का
बीजगणितीय या सदिश योग होता है। तरंगों का इस प्रकार का संयोजन व्यतिकरण कहलाता है।

प्रश्न 114.
क्या क्रिकेट की एक गतिमान गेंद में तरंग लक्षण होता है?
उत्तर:
डी-ब्रॉग्ली के अनुसार, λ = h/mv होता है, चूँकि क्रिकेट की गेंद का द्रव्यमान अधिक होता है इस कारण इसके तरंगदैर्ध्य का मान बहुत कम होता है जिसे मापना सम्भव नहीं है। इस कारण गति करती हुई गेंद में तरंग लक्षण नहीं होता है।

प्रश्न 115.
क्या अनिश्चितता का सिद्धान्त किसी भी कण (छोटे अथवा बड़े) पर लागू होता है? स्पष्ट करें।
उत्तर:
नहीं। यह सिद्धान्त केवल सूक्ष्म कर्णो जैसे- इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन आदि पर ही लागू होता है।

प्रश्न 116.
क्या एक हाथी तरंग-गति में चक्कर लगा सकता है? इसकी तरंग का भौतिक महत्व क्या होगा?
उत्तर:
हाँ, एक हाथी तरंग गति में चक्कर लगा सकता है, परन्तु इसकी द्रव्य तरंग का मान बहुत ही कम होगा जिसका कोई भौतिक महत्त्व नहीं होता है।

प्रश्न 117.
डी-ब्रॉग्ली सम्बन्ध की सार्थकता क्या है?
उत्तर:
डी-ब्रॉग्ली सम्बन्ध के द्वारा केवल अति सूक्ष्मकणों की द्वैत प्रकृति को समझ सकते हैं अर्थात् कणों में भी तरंग प्रकृति होती है। अर्द्धसूक्ष्म व वृहद कणों के कणीय लक्षण अधिक परन्तु तरंग लक्षण कम होते हैं। इन कणों के तरंगदैर्ध्य का मान इतना कम होता है कि उसको मापना सम्भव नहीं होता है।

प्रश्न 118.
यदि एक गतिशील इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन के तरंगदैर्ध्य समान हैं तो इनमें से किसकी गति अधिक होगी और क्यों?
उत्तर:
λ = \(\frac { h }{ mv }\) के अनुसार, द्रव्यमान तथा वेग में व्युत्क्रम सम्बन्ध है। प्रश्नानुसार इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन के h तथा λ का मान समान है। जिस कण का द्रव्यमान अधिक होगा उसका वेग कम होगा। अतः इलेक्ट्रॉन का वेग प्रोटॉन की तुलना में अधिक होगा क्योंकि इसका द्रव्यमान प्रोटॉन से कम होता है।

प्रश्न 119.
किसी तत्व के रेखीय स्पेक्ट्रम को उस तत्व का फिंगर प्रिन्ट कहा जाता है। इस तथ्य पर टिप्पणी दें।
उत्तर:
प्रत्येक परमाणु के लिये रेखीय स्पेक्ट्रम की तरंगदैर्ध्य का मान निश्चित होता है। अतः कोई भी तत्व उसके रेखीय स्पेक्ट्रम के द्वारा पहचाना जा सकता है। अतः तत्व के रेखीय स्पेक्ट्रम को उस तत्व का फिंगर प्रिन्ट कहते हैं।

प्रश्न 120.
क्या H-परमाणु के अन्दर इलेक्ट्रॉन की स्थिति निश्चित होती है?
उत्तर:
नहीं हाइजेनवर्ग के अनुसार किसी भी अतिसूक्ष्म कण जैसे- इलेक्ट्रॉन की स्थिति व संवेग का निर्धारण एक साथ ठीक-ठीक सम्भव नहीं है अतः H परमाणु के अन्दर इलेक्ट्रॉन की स्थिति निश्चित नहीं है।

प्रश्न 121.
वह कौन-सा प्रयोग है जिससे पदार्थ की तरंग तथा कणीय दोनों प्रकृति को सिद्ध किया जा सकता है?
उत्तर:
किसी एक प्रयोग के द्वारा पदार्थ की तरंग तथा कणीय प्रकृति सिद्ध नहीं की जा सकती है इसके लिये अलग-अलग प्रयोगों को करना पड़ता है परन्तु डी ब्रॉग्ली के सिद्धान्त के द्वारा पदार्थ की द्वैत प्रकृति को सिद्ध किया जा सकता है।

प्रश्न 122.
उन स्पेक्ट्री श्रेणियों के नाम बताइये जो कि विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के निम्नलिखित क्षेत्रों में प्रदर्शित होती है :
(i) दृश्य क्षेत्र
(ii) पराबैंगनी क्षेत्र
(iii) अवरक्त क्षेत्र
उत्तर:
(i) बामर श्रेणी
(ii) लाइमन श्रेणी
(iii) फुण्ड श्रेणी

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

प्रश्न 123.
उत्सर्जन स्पेक्ट्रम क्या होता है?
उत्तर:
उत्सर्जन स्पेक्ट्रम (Emission Spectrum) – उत्सर्जन स्पेक्ट्रम को उत्तेजित पदार्थों से उत्सर्जित विकिरणों के विश्लेषण से प्राप्त किया जा सकता है? यह चमकदार रंगीन रेखाओं से बनता है जो एक-दूसरे से काले बैण्डों द्वारा पृथक रहता है। यह स्पेक्ट्रम केवल उच्च ताप पर ही प्राप्त किया जाता है।

प्रश्न 124.
अधिशोषण स्पेक्ट्रम पर टिप्पणी दें।
उत्तर:
अधिशोषण स्पेक्ट्रम (Absorption Spectrum) – इसे गैसीय या विलयन अवस्था में पदार्थ में से सफेद प्रकाश गुजारकर प्राप्त किया जाता है। इसमें काली रेखायें प्राप्त होती हैं। जो कि रंगीन बैण्डों द्वारा पृथक्कृत रहती हैं। इसे कमरे के ताप पर ही प्राप्त किया जा सकता है।

प्रश्न 125.
विद्युत चुम्बकीय विकिरण पर टिप्पणी दें।
उत्तर:
विद्युत चुम्बकीय विकिरण (Electro-magnetic Spectrum)-ये वे विकिरण होते हैं, जो आकाश में दोलायमान विद्युत तथा चुम्बकीय विक्षोभ तरंगों के रूप में संचरण करते हैं। जैसे- अवरक्त, पराबैंगनी, दृश्य तथा X – किरणें।

प्रश्न 126.
निम्न में से कौन विद्युत क्षेत्र में से गुजारने पर विचलन (deflection) प्रदर्शित नहीं करेगा।
प्रोटॉन, कैथोड किरणें, इलेक्ट्रॉन, न्यूट्रॉन
उत्तर:
न्यूट्रॉन।

प्रश्न 127.
हाइड्रोजन परमाणु में केवल एक इलेक्ट्रॉन ही होता है। अतः यहाँ इलेक्ट्रॉनों के मध्य प्रतिकर्षण अनुपस्थित है। जबकि बहुइलेक्ट्रॉनिक परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों के मध्य बहुत अधिक प्रतिकर्षण होता है। अतः बहुइलेक्ट्रॉनिक परमाणुओं में समान मुख्य क्वाण्टम संख्या के लिये कक्षक में एक इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा किस प्रकार प्रभावित होती है।
उत्तर:
हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा ‘n’ के मान से ज्ञात की जाती है जबकि बहुइलेक्ट्रॉनिक परमाणुओं में यह (n + 1) की सहायता से ज्ञात करते हैं। अतः दी गई मुख्य क्वाण्टम संख्या के लिये s, p, d तथा f कक्षकों के इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा भी भिन्न होती है।

प्रश्न 128.
निम्न में प्रत्येक का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखें तथा अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या भी बताएँ।
(i) Mn4+
(ii) Cr3+
(iii) Fe3+
(iv) Ni2+
(v) CO2+ +
(vi) Cu2+
उत्तर:

इलेक्ट्रॉनिक विन्यास युग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या
(i) 25Mn4+ 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d³ 3
(ii) 24Cr3+ 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d³ 3
(iii) 26Fe3+ 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d5 5
(iv) 28 Ni2+ 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d8 2
(v) 27CO2+ 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d7 3
(vi) 29Cu2+ 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d9 1

प्रश्न 129.
नाइट्रोजन का आद्य अवस्था में 1s², 2s², 2px2, 2py1 इलेक्ट्रॉनिक विन्यास सही है या गलत और क्यों?
उत्तर:
यह इलेक्ट्रॉनिक विन्यास हुण्ड के नियम के अनुसार गलत है।

प्रश्न 130.
क्रोमियम (Z = 24 ) 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d4, 4s² इलेक्ट्रॉनिक विन्यास गलत है, क्यों?
उत्तर:
चूँकि अर्द्ध पूर्ण भरे उपकोश (half filled sub-shell ) अधिक स्थायी होते हैं। अत: Cr का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d5, 4s1 होता है।

प्रश्न 131.
कॉपर [Z = 29] का सम्भावित इलेक्ट्रॉनिक विन्यास [Ar] 3d9, 4s² होना चाहिये। जबकि इसका वास्तविक इलेक्ट्रॉनिक विन्यास [Ar] 3d104s1 है। स्पष्ट करो।
उत्तर:
क्योंकि पूर्ण भरी हुई उपकोश अधिक स्थायी होती है।

प्रश्न 132.
कोश तथा कक्षक दोनों में क्या समानता होती है?
उत्तर:
दोनों में ही ऊर्जा स्तर होते हैं।

प्रश्न 133.
परमाणु क्रमांक 20 तथा 22 का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखें।
उत्तर:
20Ca → 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 4s²
22Ti → 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d², 4s².

प्रश्न 134.
निम्न परमाणुओं के लिये चौथे उपकोश की ऊर्जा-स्तर का क्रम बताइए।
(1) H – परमाणु
(2) Br- परमाणु
उत्तर:
(1) H – परमाणु के लिये
4s = 4p = 4d = 4f

(2) Br-परमाणु के लिये
4f > 4d > 4p > 4s

प्रश्न 135.
Cu, Cu+ Cu2+ तथा Cu3+ का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिये और निम्न का उत्तर दीजिए-
(1) इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या
(2) s-उपकोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या
(3) p-उपकोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या
(4) d उपकोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या
(5) अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या
(6) कुल स्पिन
(7) अनुचुम्बकीय अथवा प्रतिचुम्बकीय गुण
(8) अधिक स्थायी आयन
उत्तर:
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
29Cu – 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d10, 4s1
29Cu+ – 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d10
29Cu2+ – 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d9
29Cu3+ – 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d8

गुण Cu Cu+ Cu2+ Cu3+
1. इलेक्ट्रॉन की कुल संख्या 29 28 27 26
2. s-इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या 7 6 6 6
3. p-इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या 12 12 12 12
4. d-इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या 10 10 9 8
5. अयुग्मित इलेक्ट्रॉन की संख्या 1 0 1 2
6. कुल स्पिन = ±\(\frac { 1 }{ 2 }\) x अयुग्मित इलेक्ट्रॉन की संख्या ±\(\frac { 1 }{ 2 }\) 0 ±\(\frac { 1 }{ 2 }\) ±1
7. अनुचुम्बकीय (P) या प्रति चुम्बकीय (D) गुण P D P P

8. इसमें Cu+ आयन अत्यधिक स्थायी होगा क्योंकि इसमें d-कक्षक पूर्ण रूप से भरे हुए हैं।

प्रश्न 136.
कार्बन परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s², 2s1, 2px1, 2py1, 2pz1 है। इसका क्या अर्थ है?
उत्तर:
इसका अर्थ है कि कार्बन परमाणु उत्तेजित अवस्था में है।

प्रश्न 137.
Cr3+ आयन के d-उपकोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या क्या होगी?
उत्तर:
तीन (3); Cr3+ → 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d³

प्रश्न 138.
परमाणु क्रमांक 46 वाला तत्व इलेक्ट्रॉनिक विन्यास में अपवाद प्रदर्शित करता है। इस तत्व के 4d – उपकोश में कितने अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होंगे।
उत्तर:
46Pd : 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d10, 4s², 4p6, 4d10
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 3
कुल अयुग्मित इलेक्ट्रॉन = 0

प्रश्न 139.
कैल्सियम तथा क्लोरीन का परमाणु क्रमांक 20 तथा 17 है। Ca 2+ तथा CI का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास क्या होगा।
उत्तर:
Ca2+ में इलेक्ट्रॉन = 20 – 2 = 18;
Ca2+ : 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6
Cl में इलेक्ट्रॉन = 17 + 1 = 18;
Cl : 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6

प्रश्न 140.
‘किन-किन तत्वों में s-इलेक्ट्रॉन की कुल संख्या p-इलेक्ट्रॉन की कुल संख्या के बराबर होती है?
उत्तर:
8O → 1s², 2s², 2p4, (s तथा p में इलेक्ट्रॉन = 4)
12Mg → 1s², 2s², 2p6, 3s² (s तथा p में इलेक्ट्रॉन = 6)

प्रश्न 141.
Zn2+ तथा Sc2+ का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखें।
उत्तर:
30Zn2+ → 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d10
21Sc2+ → 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d1

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

प्रश्न 142.
नाइट्रोजन परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s², 2s², 2px1, 2py1, 2pz1 होता है, 1s², 2s², 2p2x, 2p1y, नहीं क्यों।
उत्तर:
ऐसा हुण्ड के नियमानुसार होता है। इसके अनुसार समभ्रंश (degenerate) कक्षक पहले समान्तर इलेक्ट्रॉनिक चक्रण के साथ एकल रूप में भरते हैं। इसमें युग्मन नहीं होता है।

प्रश्न 143.
OF2 में ऑक्सीजन O2+ के रूप में होता है। इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखे।
उत्तर:
O2+ → 1s², 2s², 2p²

प्रश्न 144.
1s इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा 2s इलेक्ट्रॉन से कम होती है क्योंकि?
उत्तर:
25 की तुलना में 1s इलेक्ट्रॉन नाभिक के अधिक समीप होते हैं जिससे इन पर आकर्षण बल अधिक होता है जिससे ऊर्जा कम हो जाती है।

प्रश्न 145.
कौन-सा कक्षक अदिशात्मक होता है?
उत्तर:
कक्षक अदिशात्मक होता है, क्योंकि इनका आकार गोलाकार होता है।

प्रश्न 146.
किस / कक्षक में चार पालियाँ (lobes) नहीं होती हैं।
उत्तर:
dz² में। इसमें केवल दो पालियाँ होती हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 4

प्रश्न 147.
किस d-कक्षक में अक्षों के अनुदिश चार पालियाँ (lobes) होती हैं?
उत्तर:
dx²-y² में। इसमें x तथा y-अक्षों के अनुदिश चार पालियाँ होती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 5

प्रश्न 148.
Px, Py तथा pz कक्षक की संरचना दें।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 6

प्रश्न 149.
निम्नलिखित विन्यासों वाले तत्वों के नाम लिखें।
(1) 1s², 2s², 2p6
उत्तर:
निऑन (Ne)

(2) 1s², 2s² 2p6, 3s², 3p6, 3d², 4s²
उत्तर:
टाइटेनियम (Ti)

(3) 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p1
उत्तर:
ऐलुमिनियम (AI)

(4) 1s², 2s², 2p6, 3s², 2p4
उत्तर:
सल्फर (S)

प्रश्न 150.
ऑफबाऊ सिद्धान्त का उपयोग करते हुए निम्न परमाणुओं की आद्य अवस्था का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखें।
(1) बोरॉन (Z= 5)
(2) कैल्सियम (Z = 20)
(3) रूबीडियम (Z= 37)
उत्तर:
(1) बोरॉन (Z = 5); 1s², 2s², 2p1
(2) कैल्सियम (Z = 20); 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 4s²
(3) रूबीडियम (Z = 37 ); 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d10, 4s², 4p6, 5s1

प्रश्न 151.
एक p-उपकोश में जिसमें Px, Py तथा Pz कक्षक उपस्थित होते हैं। यदि मात्र एक ही इलेक्ट्रॉन है तो इन तीनों कक्षकों में से इलेक्ट्रॉन किसमें रहेगा?
उत्तर:
इलेक्ट्रॉन Px, Py तथा Pz कक्षकों में से किसी में भी रह सकता है क्योंकि ये सभी समभ्रंश कक्षक होते हैं।

प्रश्न 152.
1s तथा 2s कक्षक गोलीय नोडों की संख्या में किस प्रकार भिन्न होते हैं?
उत्तर:
1s कक्षक में कोई नोड नहीं होता है जबकि 2s कक्षक में एक नोड उपस्थित होता है। क्योंकि गोलीय नोडों की संख्या (n – 1) के बराबर होती है जहाँ – मुख्य क्वाण्टम संख्या होती है।

प्रश्न 153.
किसी तत्व की द्रव्यमान संख्या उसके परमाणु क्रमांक की दोगुनी है। यदि 2 कक्षकों में 4 इलेक्ट्रॉन हों तो तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास और नाम लिखें।
उत्तर:
तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s², 2s², 2p4 है। अर्थात् इसका परमाणु क्रमांक (Z = 8) और द्रव्यमान संख्या (A = 16) होती है। अतः तत्व ऑक्सीजन है।

प्रश्न 154.
2d तथा 35 कक्षक सम्भव क्यों नहीं हैं?
उत्तर:
चूँकि n = 2 के लिये l के 0 तथा 1 मान होते हैं अर्थात् n = 2 कक्ष में केवल s तथा p-कक्षक होते हैं यहाँ d-कक्षक उपस्थित नहीं होते। इसी प्रकार n = 3 के लिये l के 0, 1 तथा 2 मान होते हैं, इस कारण n = 3 कक्ष में f-कक्षकों की सम्भावना नहीं होती है।

प्रश्न 155.
4d तथा 5s कक्षकों में से पहले कौन-सा कक्षक भरेगा?
उत्तर:
4d तथा 5s-कक्षकों में से सर्वप्रथम 5s कक्षक भरा जायेगा। क्योंकि 5s कक्षक की ऊर्जा कम होती है। कक्षकों की ऊर्जा को (n + l) नियम द्वारा ज्ञात किया जा सकता है। जिस कक्षक के लिये (n + l) का मान कम होता है उसकी ऊर्जा भी कम होती है। अतः
5s – कक्षक के लिये
n + l = 5 + 0 = 5
4d-कक्षक के लिये,
n + l = 4 + 2 = 6
ऊर्जा का क्रम = 4d > 5s
अतः 5s कक्षक पहले भरा जायेगा।

प्रश्न 156.
2p-उपकोश में इलेक्ट्रॉन 2s-उपकोश की अपेक्षा अधिक होते हैं। क्यों?
उत्तर:
2s – उपकोश में केवल एक ही कक्षक होता है जिसमें (m = 0) होता है जबकि 2p-उपकोश में तीन कक्षक ( m = – 1, 0 + 1 ) होते हैं। चूँकि एक कक्षक में अधिकतम दो इलेक्ट्रॉन भरे जा सकते हैं अतः 2p-उपकोश में अधिकतम छह इलेक्ट्रॉन भरे जा सकते हैं। जबकि 25- उपकोश में अधिकतम दो इलेक्ट्रॉन ही भरे जा सकते हैं।

प्रश्न 157.
निम्न दिये गये क्वाण्टम संख्याओं के सेटों को ऊर्जा के घटते क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
(A) n = 4, l = 0, me = 0, ms = ± \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(B) 2 = 3, l = 1, me = 1,ms = – \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(C) n = 3, l = 2, me = 0,ms = + \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(D) n = 3, l = 0, me = 0,ms = – \(\frac { 1 }{ 2 }\)
उत्तर:
C > A > B > D

प्रश्न 158.
ऑक्सीजन परमाणु के 8वें इलेक्ट्रॉन के लिये चारों क्वाण्टम संख्याओं के मान बताइये।
उत्तर:
8O = 1s², 2s², 2p4
8वें इलेक्ट्रॉन की चारों क्वाण्टम संख्यायें,
(n = 2, l = 1, m = + 1, या – 1, s = + \(\frac { 1 }{ 2 }\) या – \(\frac { 1 }{ 2 }\))

प्रश्न 159.
पाउली के अपवर्जन नियम की सहायता से मुख्य क्वाण्टम संख्या तीन (n = 3) वाले कोश में भरे जा सकने वाले इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या ज्ञात करें।
उत्तर:
इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या = 2N²
= 2(3)²
= 18

प्रश्न 160.
l = 0, 1, 2, तथा 3 को क्रमशः किन अक्षरों के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
उत्तर:
l = 0, 1, 2, तथा 3 के लिये क्रमश: s, p, d तथा f अक्षर होंगे।

प्रश्न 161.
n = 2, के लिये l और m के कुल मानों की संख्या की गणना कीजिए।
उत्तर:
के किसी भी मान के लिये l व m के कुल मानों की संख्या क्रमश: n तथा n² होती है।
प्रश्नानुसार, n = 2
अतः l के कुल मान = 2
तथा m के कुल मान = (2)² = 4

प्रश्न 162.
l = 3 के लिये m के सम्भावित मान लिखिए।
उत्तर:
l के किसी भी मान के लिये m के सम्भावित मान – l से + l तक होते हैं जिसमें शून्य भी होता है।
प्रश्नानुसार, l = 3
अत: m = – 3, – 2, 1, 0, + 1 + 2, + 3

प्रश्न 163.
सोडियम परमाणु के अन्तिम इलेक्ट्रॉन की चारों क्वाण्टम संख्याओं के मान लिखिये।
उत्तर:
11Na → 1s², 2s², 2p6 3s-1
n = 3, 1 = 0, m = 0, s = + \(\frac { 1 }{ 2 }\)

प्रश्न 164.
3p6 विन्यास में चौथे इलेक्ट्रॉन की चारों क्वाण्टम संख्याओं के मान लिखिये।
उत्तर:
3p6 के p-उपकोश को हम निम्न प्रकार प्रदर्शित कर सकते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 7
चौथे इलेक्ट्रॉन के लिये,
n = 3, l = 1, m = + 1, s = – \(\frac { 1 }{ 2 }\)

प्रश्न 165.
3d² इलेक्ट्रॉन के लिये n, l m तथा s क्वाण्टम संख्याओं के मान ज्ञात करें।
उत्तर:
3d² इलेक्ट्रॉन के लिये,
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 8
n = 3, l = 2, m = – 1, s = + \(\frac { 1 }{ 2 }\)

प्रश्न 166.
हीलियम के प्रथम इलेक्ट्रॉन की चारों क्वाण्टम संख्याएँ क्रमश: n = 1, l = 0, m = 0, s = + \(\frac { 1 }{ 2 }\) हो तो दूसरे इलेक्ट्रॉन की चारों क्वाण्टम संख्याएँ क्या होगीं?
उत्तर:
हीलियम के द्वितीय इलेक्ट्रॉन की क्वाण्टम संख्याएँ
n = 1, l = 0, m = 0, s = – \(\frac { 1 }{ 2 }\)

प्रश्न 167.
छठे ऊर्जा स्तर के लिये ‘l’ का मान क्या होगा?
उत्तर:
n = 6, l = 0, 1, 2, 3, 4, 5,

प्रश्न 168.
कौन-सा कोश है जिसमें प्रथम बार g-उपकोश आता है।
उत्तर:
पाँचवे कोश में प्रथम बार g उपकोश आता है।

प्रश्न 169.
n = 4 व l = 0 के लिए कक्षक कौन सा होता है?
उत्तर:
n = 4 व l = 0 के लिये 4s कक्षक होता है।

प्रश्न 170.
निम्नलिखित में से कौन-सा विन्यास आद्य अवस्था का और कौन-सा उत्तेजित अवस्था का है?
(i) 1s², 2s², 2p4
उत्तर:
आद्य अवस्था (Ground State )

(ii) 1s², 2s², 2p6, 3s1, 3p1
उत्तर:
उत्तेजित अवस्था (Excited state)

(iii) 1s2, 2s2, 2p6, 3s², 3p4
उत्तर:
आद्य अवस्था (Ground State )

(iv) 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d10, 4s²
उत्तर:
आद्य- अवस्था (Ground State)

(v) 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p4, 3d1
उत्तर:
उत्तेजित अवस्था (Excited State)

प्रश्न 171.
कक्षकों के नाम लिखिये, जब
(1) n = 2, l = 0
(2) n = 3, l = 2
(3) n = 5, l = 1
(4) n = 4, l = 3
उत्तर:
(1) 2s
(2) 3d
(3) 5p
(4) 4f

प्रश्न 172.
किसी बहु – इलेक्ट्रॉन परमाणु के लिये g – उपकोश में कितने कक्षक उपलब्ध होते हैं।
उत्तर:
g-उपकोश के लिये l = 4, कक्षकों की कुल संख्या = (2l + 1) अत: कक्षकों की कुल संख्या
= 2 × 4 + 1
= 9
g – उपकोश में कुल 9 कक्षक उपस्थित होते हैं।

प्रश्न 173.
“dz² कक्षक के xy तल में इलेक्ट्रॉन का घनत्व शून्य होता है।” टिप्पणी दें।
उत्तर:
यह कथन सत्य नहीं है। dz² कक्ष के xy तल में भी इलेक्ट्रॉन घनत्व उपस्थित होता है जिसे वलय द्वारा दर्शाया जाता है।

प्रश्न 174.
dyz तथा dz² कक्षक आपस में किस प्रकार सम्बन्धित होते हैं?
उत्तर:
dyz तथा dz² कक्षक समान ऊर्जा के अर्थात् समभ्रंश (degenerate) कक्षक होते हैं। जबकि dyz कक्षक तल में होता है। जबकि dz² कक्षक y तथा 2 अक्षों में होता हैं।

प्रश्न 175.
n = 2 के लिये l तथा m के मान लिखें।
उत्तर:
n = 2, l = 0, 1, m = 1, 0, + 1

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

प्रश्न 176.
s, p तथा d उपकोशों को, उनमें उपस्थित इलेक्ट्रॉनों द्वारा अनुभव किये जाने वाले प्रभावी नाभिकीय आकर्षण के आधार पर बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करें।
उत्तर:
जो उपकोश नाभिक के अत्यधिक पास होता है उस पर लगने वाला प्रभावी नाभिकीय आकर्षण बल भी उतना अधिक होता है, अतः बढ़ता हुआ क्रम है-
d < p < s

प्रश्न 177.
ऑक्सीजन परमाणु (Z = 8) में इलेक्ट्रॉन का वितरण आर्बिटल आरेख के द्वारा प्रदर्शित करें।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 9

प्रश्न 178.
निकिल परमाणु दो इलेक्ट्रॉनों को त्याग कर Ni2+ आयन बनाता है। यदि निकिल का परमाणु क्रमांक 28 है तो निकिल किस उपकोश से इलेक्ट्रॉनों को त्यागेगा?
उत्तर:
Ni(28) = 1s² 2s² 2p6 3s² 3p6 4s² 3d8
Ni2+ = 1s² 2s² 2p6 3s² 3p6 3d8
निकिल s-उपकोश से इलेक्ट्रॉनों को त्यागेगा।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रोटॉन तथा हाइड्रोजन परमाणु में क्या अन्तर है?
उत्तर:
प्रोटॉन परमाणु का अति सूक्ष्म मौलिक कण है जिस पर इकाई धनावेश होता है। हाइड्रोजन परमाणु में केवल एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन होता है। जब हाइड्रोजन परमाणु से इलेक्ट्रॉन निकल जाता है तो इकाई धनावेशित प्रोटॉन प्राप्त होता है।

प्रश्न 2.
समइलेक्ट्रॉनिक से आप क्या समझते हों?
उत्तर:
परमाणु धनायनों तथा ऋणायनों का वह समूह जिनका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास समान होता है समइलेक्ट्रॉनिक कहलाते हैं।

  • He, Li+, Be++ तथा B+++ समइलेक्ट्रॉनिक हैं क्योंकि प्रत्येक में 2, 2 इलेक्ट्रॉन हैं।
  • O– –, F, Ne, Na+, Mg++, Al+++ समइलेक्ट्रॉनिक हैं क्योंकि प्रत्येक में 10-10 इलेक्ट्रॉन हैं।

प्रश्न 3.
प्लांक सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
दृश्य प्रकाश, X – किरणें, पराबैंगनी किरणें, राडार किरणें, टेलीविजन तथा रेडियों तरंगे विद्युत चुम्बकीय विकिरण हैं। इन सभी विकिरण की तरंग प्रकृति होती है। विकिरण की तरंगदैर्ध्य तथा आवृत्ति में निम्न सम्बन्ध होता है-
c = vλ

प्रश्न 4.
प्लांक क्वाण्टम सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
जर्मन वैज्ञानिक मैक्स प्लांक (1901) ने विकिरण सम्बन्धित क्वाण्टम सिद्धान्त का प्रतिपादन किया जिसके अनुसार-
(i) जब कोई पिण्ड विकिरण के रूप में प्रकाश या ऊष्मीय ऊर्जा का उत्सर्जन या अवशोषण करता है तो वह ऐसा सतत् रूप में नहीं कर सकता है।

(ii) ऊर्जा का उत्सर्जन या अवशोषण निश्चित मात्रा के छोटे-छोटे बण्डलों अथवा पैकिटों के रूप में होता है जिन्हें क्वाण्टा कहते हैं

(iii) विकिरित ऊर्जा को फोटॉन भी कहते हैं।
यदि विकिरण की आवृत्ति v हो तो विकिरण के फोटॉन की ऊर्जा
E = hv = चूँकि v = \(\frac { c }{ λ }\)
अथवा
E = hc\(\overline{\mathcal{V}}\) चूँकि \(\overline{\mathcal{V}}\) = \(\frac { 1 }{ λ }\)

प्रश्न 5.
ऊर्जा के क्वाण्टीकरण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
ऊर्जा के क्वाण्टीकरण से तात्पर्य यह है कि ऊर्जा स्तरों की ऊर्जा के कुछ विशिष्ट मान होते हैं।

प्रश्न 6.
s p d f उपकोशों में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या क्या है?
उत्तर:
किसी उपकोश में अधिकतम इलेक्ट्रॉन की संख्या 2 (2l + 1) होती है अतः उपकोश में 2, p उपकोश में 6, d उपकोश में 10 तथा f उपकोश में 14 इलेक्ट्रॉन होते हैं।

प्रश्न 7.
बोर के परमाणु मॉडल के दोष लिखिए।
उत्तर:
(1) बोर के परमाणु मॉडल द्वारा हाइड्रोजन तथा एक इलेक्ट्रॉन युक्त आयनों (जैसे-He+, Li2+, Be3+ ) के स्पेक्ट्रमों की व्याख्या तो की जा सकी किन्तु बहु- इलेक्ट्रॉन परमाणुओं और आयनों के स्पेक्ट्रमों की व्याख्या बोर सिद्धान्त के द्वारा न हो सकी।

(2) उच्च विभेदन क्षमता वाले स्पेक्ट्रोस्कोप द्वारा जाँच करने पर पाया गया कि हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम में प्राप्त एकल सूक्ष्म रेखायें समूह से बनी हैं। इसकी व्याख्या बोर सिद्धान्त द्वारा न हो सकी।

(3) विकिरणों के परमाण्वीय स्रोत को चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर स्पेक्ट्रम की एकल रेखायें परस्पर सटी हुई अनेक रेखाओं में विभक्त हो जाती हैं। इसको जीमान प्रभाव कहते हैं। बोर सिद्धान्त इसकी व्याख्या न कर सका।

(4) वैद्युत क्षेत्र की उपस्थिति में भी स्पेक्ट्रम रेखाएँ अनेक सूक्ष्मतम रेखाओं में विभक्त हो जाती हैं। इसे स्टार्क प्रभाव कहते हैं। इस प्रभाव की व्याख्या भी बोर सिद्धान्त नहीं कर सका।

प्रश्न 8.
प्रोटॉन तथा इलेक्ट्रॉन में विभेद करें।
उत्तर:
प्रोटॉन तथा इलेक्ट्रॉन में विभेद
(Difference between Proton and Electron)

प्रोटॉन (Proton) इलेक्ट्रॉन (Electron)
1. प्रोटॉन प्रत्येक परमाणु का इकाई धनावेशित कण है। 1. इलेक्ट्रॉन प्रत्येक परमाणु का इकाई ऋणावेशित कण है।
2. इसका आवेश + 1.603 × 10-19 कूलॉम या +4 808 × 10-10 esu होता है। 2. इसका आवेश – 1603 x 10-19 कूलॉम या -4.808 x 10-10 esu होता है।
3. इसका द्रव्यमान 1.6726 × 10-24 ग्राम होता है। 3. इसका द्रव्यमान 9.1095 × 10-28 ग्राम होता है।
4. प्रोटॉन की त्रिज्या 10-13 सेमी होती है। 4. इलेक्ट्रॉन की त्रिज्या 2.8 × 10-13 सेमी होती है।
5. प्रोटॉन परमाणु नाभिक में विद्यमान रहते हैं। 5. इलेक्ट्रॉन परमाणु नाभिक से बाहर कक्षों में विद्यमान रहते हैं।
6. इसको 1H1 या p से व्यक्त करते हैं। 6. इसको -1e0 या e से व्यक्त करते हैं।

प्रश्न 9.
नाभिक का संघटन बताइये।
उत्तर:
नाभिक का संघटन परमाणु के केन्द्रीय या मध्य भाग को केन्द्रक या नाभिक (Nucleus) कहते हैं। इस नाभिक में न्यूट्रॉन तथा प्रोटॉन उपस्थित होते हैं। प्रोटॉनों पर धनावेश जबकि न्यूट्रॉन उदासीन होते हैं। प्रोटॉनों पर धनावेश होने के कारण नाभिक धनावेशित होता है। नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों तथा न्यूट्रॉनों की संख्या का योग द्रव्यमान संख्या (Mass number) कहलाती है। नाभिक में उपस्थित कणों को (न्यूट्रॉन, प्रोटॉन आदि) न्यूक्लिऑन (Nucleons) कहते हैं। किसी तत्व का परमाणु भार उस तत्व की द्रव्यमान संख्या या उसमें उपस्थित न्यूक्लिऑनों की संख्या के लगभग बराबर होता है।

तत्व का परमाणु क्रमांक प्रोटॉनों की संख्या = इलेक्ट्रॉनों की संख्या परमाणु की द्रव्यमान संख्या
= न्यूक्लिऑन की संख्या व प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या

प्रश्न 10.
कैथोड किरणों के चार गुण लिखिए।
उत्तर:
कैथोड किरणों के चार गुण निम्न प्रकार हैं।

  • कैथोड किरणों में आयनन क्षमता होती है। जब कैथोड किरणें। किसी गैसीय माध्यम से गुजरती हैं तो उस गैस को आयनित कर देती हैं।
  • कैथोड किरणों में भेदन क्षमता होती है। कैथोड किरणें ऐलुमिनियम जैसी धातु की पतली पत्नी के आर-पार निकल जाती हैं। यद्यपि ये मोटी पन्नियों द्वारा रोक ली जाती हैं।
  • कैथोड किरणें सीधी रेखा में प्रवाह करती हैं।
  • कैथोड किरणें जब जिंक सल्फाइड से लेपित काँच की सतह या पर्दे पर पड़ती हैं तो प्रतिदीप्ति उत्पन्न करती है।

प्रश्न 11.
फोटॉन तथा क्वाण्टम किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:
क्वाण्टम एक निश्चित परिमाण की ऊर्जा (जिसका मान E = hv होता है) का एक बण्डल होता है। क्वाण्टम को किसी भी स्रोत के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। जबकि फोटॉन केवल प्रकाश से सम्बन्धित ऊर्जा का क्वाण्टम ही होता है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

प्रश्न 12.
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल में क्या कमियाँ थीं?
उत्तर:
रदरफोर्ड परमाणु मॉडल की कमियाँ
(1) नील बोर ने बताया कि विद्युत चुम्बकीय सिद्धान्त के अनुसार ऋणावेशित इलेक्ट्रॉनों में गति के कारण लगातार ऊर्जा में क्षति होनी चाहिये, जिससे उनकी कक्षा की त्रिज्या लगातार कम होती जायेगी तथा अन्त में वे नाभिक में गिर जायेंगे। परन्तु ऐसा नहीं होता है। अतः रदरफोर्ड मॉडल परमाणु निकाय के स्थायित्व की व्याख्या नहीं कर सका।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 10
(2) यह सिद्धान्त यह नहीं बता पाया कि इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर किस प्रकार व्यवस्थित होता है।

(3) रदरफोर्ड के मॉडल द्वारा परमाणु में उपस्थित इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन की संख्या की कोई जानकारी प्राप्त नहीं होती है।

(4) इस सिद्धान्त के अनुसार परमाणु स्पेक्ट्रम सतत् (Continuous ) होना चाहिये। परन्तु स्पेक्ट्रम में निश्चित आवृत्ति की कई रेखायें होती हैं। अतः रदरफोर्ड परमाणुओं के रैखिक स्पेक्ट्रम को नहीं समझा पाए।

प्रश्न 13.
सिद्ध करें कि इलेक्ट्रॉन एक सार्वत्रिक कण होता है।
उत्तर:
इलेक्ट्रॉन कैथोड किरणों के अवयव होते हैं। इन्हें विसर्जन नली के द्वारा प्राप्त किया जाता है। इसके अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनों को प्राप्त करने के बहुत से अन्य स्रोत भी होते हैं। इसको प्राप्त करने के अन्य स्रोत निम्न प्रकार हैं-

  • एक तप्त धात्विक तन्तु से।
  • सक्रिय धातुओं; जैसे-सोडियम तथा पोटैशियम को पराबैंगनी किरणों के समक्ष लाने से।
  • ß- किरणों के रूप में रेडियोऐक्टिव पदार्थों से।

चूँकि इलेक्ट्रॉन किसी भी स्रोत से प्राप्त किया गया हो, उसका द्रव्यमान, आवेश e/m आवेश समान रहता है। अत: इलेक्ट्रॉन को सार्वत्रिक कण (universal Particle) कहते हैं।

प्रश्न 14.
इलेक्ट्रॉन की द्वैत प्रकृति के बारे में डी-ब्रॉग्ली की विचारधरा लिखिए। इलेक्ट्रॉन के संवेग तथा तरंगदैर्ध्य में सम्बन्ध बताइए।
उत्तर:
डी – ब्रॉग्ली का इलेक्ट्रॉन की द्वैत प्रकृति का सिद्धान्त- डी- ब्रॉली ने सन् 1924 में बताया कि जब इलेक्ट्रॉन किरणपुंज को क्रिस्टलीय ठोस में से गुजारा जाता है, तो वह उसी प्रकार विवर्तित होता है जिस प्रकार प्रकाश किरणपुंज ग्रेटिंग से गुजरने पर विवर्तित होता है। ‘डी-ब्रॉली ने बताया कि इलेक्ट्रॉन दोहरी प्रकृति प्रदर्शित करता है। यह एक ही समय में कण एवं तरंग दोनों जैसा व्यवहार करता है।
आइन्सटीन के अनुसार,
E = mc² … (1)
यहाँ, m = पिण्ड का द्रव्यमान
c = वेग
प्लांक के अनुसार,
E = hv … (2)
यहाँ
h = प्लांक स्थिरांक
v = आवृत्ति
अतः समीकरण (1) व (2) से,
mc² = hv
mc² = h.\(\frac { c }{ λ }\)
mc = \(\frac { h }{ λ }\)
λ = \(\frac { h }{ mc }\) ∵(v = \(\frac { c }{ λ }\))
यदि फोटॉन की जगह और कोई कण हो तो,
λ = \(\frac { h }{ mv }\) (यहाँ = कण का वेग)
λ = \(\frac { h }{ p }\) (क्योंकि p = mv)
यही डी-ब्रॉग्ली समीकरण है।

प्रश्न 15.
हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता का सिद्धान्त लिखिए।
उत्तर:
हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता का सिद्धान्त (Heisenberg’s Uncertainity Principle): हाइजेनबर्ग ने सन् 1927 में द्वैत प्रकृति वाले कणों एवं विकिरणों के लिए अनिश्चितता का सिद्धान्त दिया। इस सिद्धान्त के अनुसार, “किसी भी कण की स्थिति (position) और संवेग (momentum) दोनों का एक साथ यथार्थ (exact ) निर्धारण असम्भव है।”
इस अनिश्चितता सिद्धान्त को गणितीय रूप में निम्नलिखित समीकरण द्वारा व्यक्त कर सकते है-
(∆p) (∆x) ≥ \(\frac { h }{ 4π }\) or ∆v ∆x ≥ \(\frac { h }{ 4πm }\)
यहाँ ∆p = किसी कण के संवेग की अनिश्चितता
∆x = किसी कण की स्थिति की अनिश्चितता
इस सिद्धान्त से स्पष्ट है कि यदि इलेक्ट्रॉन कण की स्थिति बिल्कुल ठीक-ठीक निर्धारित की जाती है तो उसके वेग में अनिश्चितता होगी और यदि इलेक्ट्रॉन तरंग का वेग बिल्कुल ठीक-ठीक निर्धारित किया जाता है, तो उसकी स्थिति में अनिश्चितता होगी।

प्रश्न 16.
डी-ब्रॉग्ली सम्बन्ध का क्या महत्व है?
उत्तर:
डी-ब्रॉग्ली सम्बन्ध का महत्व – इलेक्ट्रॉन के कोणीय संवेग \(\frac { h }{ 2π }\) का पूर्णांक गुणज क्यों होता है। बोर बरी इसे स्पष्ट नहीं कर पाये। परन्तु डी-ब्रॉग्ली के समीकरण mvr = \(\frac { nh }{ 2π }\) द्वारा इसे आसानी से समझा जा सकता है।

डी-ब्रॉली के अनुसार इलेक्ट्रॉन में तरंग का गुण विद्यमान रहता है। एक तरंग कला तभी रह सकती है जब उसकी परिधि तरंगदैर्ध्य λ की सरल गुणक हो।
अतः 2πr = nλ
r = कक्षा की त्रिज्या
n = 1, 2, 3, 4, ……. आदि

प्रश्न 17.
श्रोडिंगर का तरंग समीकरण क्या है? समझाइये।
उत्तर:
श्रोडिंगर का तरंग समीकरण- हाइजेनबर्ग के अनिश्चितता के सिद्धान्त एवं डी-ब्रॉग्ली की परिकल्पना के आधार पर श्रोडिंगर ने एक नया प्रतिरूप दिया। इस प्रतिरूप में इलेक्ट्रॉन के व्यवहार को एक तरंग समीकरण के रूप में प्रदर्शित किया गया है जिसे श्रोडिंगर समीकरण कहा गया।
\(\frac{\delta^2 \psi}{\delta x^2}+\frac{\delta^2 \psi}{\delta y^2}+\frac{\delta^2 \psi}{\delta z^2}+\frac{8 \pi^2 m}{h^2}(\mathrm{E}-\mathrm{V}) \psi\) = 0
यहाँ m = इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान
h = प्लांक नियतांक
E = इलेक्ट्रॉन की कुल ऊर्जा
V = इलेक्ट्रॉन की स्थितिज ऊर्जा
ψ = तरंग फलन (Wave function)
तथा x, y एवं z तीनों निर्देशांक हैं।

प्रश्न 18.
कक्ष एवं कक्षक में अन्तर बताइए।
उत्तर:
कक्ष एवं कक्षक में अन्तर:

कक्ष (Orbit) कक्षक (Orbital)
1. इसकी अवधारणा बोर ने दी थी। 1. यह तरंग यान्त्रिकी सिद्धान्त पर आधारित है।
2. यह द्विविमीय पथ है जहाँ इलेक्ट्रॉन घूमते हैं। 2. यह त्रिविमीय स्थान है जहाँ इलेक्ट्रॉन पाये जाने की सम्भावना सर्वाधिक होती है।
3. कक्ष में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या 2n² होती है। 3. कक्षक में केवल 2 इलेक्ट्रॉन पाये जाते हैं।
4. कक्ष एक सुपरिभाषित वृत्ताकार मार्ग है। 4. कक्षक की अवधारणा अनिश्चितता के सिद्धान्त पर आधारित है।
5. कक्षों में दिशात्मक गुण नहीं होते हैं। 5. s-कक्षक को छोड़कर सभी कक्षकों में दिशात्मक गुण होता है।

प्रश्न 19.
हाइड्रोजन का स्पेक्ट्रम कैसे प्राप्त कर सकते हैं?
उत्तर:
हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम, विसर्जन नली में अल्प दाब पर हाइड्रोजन गैस को नरकर, इसमें विद्युत विसर्जन प्रवाहित करके प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार उत्सर्जित प्रकाश का विश्लेषण स्पेक्ट्रोस्कोप द्वारा ही सम्भव है। हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम में निम्न श्रेणी प्राप्त होती हैं।

  • लाइमन श्रेणी
  • बामर श्रेणी
  • पाश्चन श्रेणी
  • ब्रेकेट श्रेणी
  • फुण्ड श्रेणी।

प्रश्न 20.
पाउली के अपवर्जन नियम के अनुप्रयोग लिखिये।
उत्तर:
पाउली के अपवर्जन नियम के अनुप्रयोग निम्न प्रकार हैं।

  • किसी भी मुख्य ऊर्जा स्तर में अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या का मान 2n² होता है।
  • किसी भी मुख्य ऊर्जा स्तर में उप-ऊर्जा स्तरों या उपकोश या सब-शैल (subshell) की कुल संख्या मुख्य ऊर्जा स्तर की मुख्य क्वान्टम संख्या ‘n’ के बराबर होती है।
  • किसी मुख्य ऊर्जा स्तर में कुल कक्षकों की संख्या n² के बराबर होती है।
  • एक कक्षक में दो इलेक्ट्रॉन होते हैं तथा इनका चक्रण विपरीत होता है।

प्रश्न 21.
इलेक्ट्रॉनों की द्वैत प्रकृति को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विभिन्न प्रयोगों द्वारा यह सिद्ध किया गया है कि परमाणु में चक्कर लगाने वाले इलेक्ट्रॉन में कण तथा तरंग दोनों के गुण व्यक्त करते हैं। इसकी पुष्टि निम्नलिखित तथ्यों द्वारा होती है।
(1) कैथोड किरणें (जिनमें केवल इलेक्ट्रॉन होते हैं) अपने मार्ग (पथ) में रखी हल्की वस्तु को चला सकती है। इससे सिद्ध होता है कि इलेक्ट्रॉनों में कण (Particle) के गुण होते हैं।

(2) प्रकाश किरणों की तरह इलेक्ट्रॉन किरण-पुंज भी विवर्तन (diffraction) और व्यतीकरण (interference) प्रक्रिया को प्रदर्शित करता है। इससे यह सिद्ध होता है कि इलेक्ट्रॉंनों में तरंग के गुण पाये जाते हैं। यह प्रयोग डेविसन तथा जर्मर (Davision and Germer) ने किया था। किसी भी एक प्रयोग द्वारा इलेक्ट्रॉनों के कण तथा तरंग प्रकृति को व्यक्त नहीं किया जा सकता हैं अतः इनमें कण तथा तरंग के गुणों को अलग-अलग प्रयोगों द्वारा ही व्यक्त किया जा सकता हैं।

प्रश्न 22.
वैद्युत चुम्बकीय तरंगें तथा द्रव्य तरंगों में अन्तर लिखें।
उत्तर:

वैद्युत चुम्बकीय तरंगें द्रव्य तरंगों
1. सभी वैद्युत तरंगों का वेग प्रकाश के वेग के बराबर अर्थात् 3 x 108 ms-1 होता है। 1. द्रव्य तरंगों का वेग प्रकाश के वेग से कम होता है।
2. वैद्युत चुम्बकीय तरंगों की तरंगदैर्ध्य काफी अधिक होती है, और इसे निम्न सूत्र से व्यक्त करते हैं।
λ = \(\frac { c }{ v }\)
2. द्रव्य तरंगें अधिक छोटी तरंगदैर्ध्य की होती हैं। इनकी तरंगदैर्ध्य के मान को डी-ब्रॉग्ली सूत्र से व्यक्त करते हैं।
λ = \(\frac { h }{ mv }\)
3. इनकी ऊर्जाएँ क्वाण्टित होती हैं। 3. इनकी ऊर्जाएँ क्वाण्टित नहीं होती हैं।
4. इनकी तरंगदैर्ध्य स्पेक्ट्रम की सम्पूर्ण परास में होती है। 4. इसकी तरंगदैर्ध्य बहुत ही अल्प होती है।
5. सभी वैद्युत चुम्बकीय तरंगें समान वेग से गति करती है। 5. द्रव्य तरंगें विभिन्न वेग से गति करती हैं।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

प्रश्न 23.
कण तथा तरंग में विभेद करें।
उत्तर:

कण तरंग
1. कण स्थानीकृत होता है अर्थात् कोई कण पूर्ण परिभाषित स्थान ग्रहण करता है। 1. ये स्थानीकृत नहीं होती हैं। अर्थात् से दिक् स्थान में फैली होती हैं।
2. कोई भी दो कण दिक्स्थान में समान स्थान ग्रहण नहीं कर सकते। 2. दो या दो से अधिक तरंगें दिक्स्थान में साथ-साथ रह सकती हैं।
3. कणों को गिना जा सकता है। 3. तरंगों को गिना नहीं जा सकता।
4. यदि दो या दो से अधिक कण दिक् में समान क्षेत्र स्थान में उपस्थित हों तो उनका योग कणों की अलग-अलग संख्या के योग के बराबर होता है। 4. दो या दो से अधिक तरंगें समान क्षेत्र में उपस्थित हों तो अध्यारोपण के कारण परिणामी तरंग वैयक्तिक तरंगों से या तो अधिक छोटी या फिर अधिक बड़ी हो सकती है।

प्रश्न 24.
‘इलेक्ट्रॉन नाभिक में नहीं रह सकता।’ इस कथन पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
कोई इलेक्ट्रॉन नाभिक में नहीं रह सकता। यदि यह नाभिक में रह सकता तो इसके वेग में अनिश्चितता (∆v) का मान प्रकाश के वेग अर्थात् 3 x 108 ms-1 से कम होना चाहिये। अतः हम इलेक्ट्रॉन के वास्तविक ∆v की गणना करते हैं। यदि इलेक्ट्रॉन किसी नाभिक का हिस्सा हो तो, इसकी स्थिति में अनिश्चितता नाभिक के व्यास अर्थात् 10-15 से अधिक नहीं हो सकती। इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान 9.1 × 10-31 kg होता है अत:
∆x × ∆p = \(\frac { h }{ 4π }\)
Δx × m x Δν = \(\frac { h }{ 4π }\)
Δv = \(\frac{h}{4 \times \pi \times m \times \Delta x}\)
= \(\frac{6.6 \times 10^{-34} \mathrm{~kg} \mathrm{~m}^2 \mathrm{~s}^{-1}}{4 \times 3.14 \times\left(9 \cdot 1 \times 10^{-31} \mathrm{~kg}\right) \times\left(10^{-15} \mathrm{~m}\right)}\)
= 5.79 × 1010 ms1
चूँकि यह मान प्रकाश के वेग (3 x 108 ms-1) से बहुत अधिक है। इसका अर्थ है कि इलेक्ट्रॉन परमाणु के नाभिक में नहीं रह सकता है। अत: परमाणु में इलेक्ट्रॉन नाभिक से बाहर रहता है।

प्रश्न 25.
3s तथा 3p कक्षकों के नोडल तलों (Nodal Plane) को ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
प्रत्येक कक्षक में दो प्रकार के नोडल तल होते हैं।
(i) कोणीय नोडल तल (Angular Nodal Plane) = l

(ii) वृत्तीय नोडल तल (Spherical Nodal Plane) = n – l – l
अत: कुल नोडल तल = l + (n – l – 1) = (n – 1)
3s कक्षकों के लिये
कोणीय नोडल तल = 0
वृत्तीय नोडल तल = 3 – 0 – 1 = 2
कुल नोडल तल = 0 + 2 = 2
3p-कक्षकों के लिये,
कोणीय नोडल तल = 1
वृत्तीय नोडल तल = 3 – 1 – 1 = 1
कुल नोडल तल = 1 + 1 = 2

प्रश्न 26.
एक तत्व के उदासीन परमाणु में 2K, 8L 10M तथा 2N इलेक्ट्रॉन हैं। इस तत्व के परमाणु में निम्न को ज्ञात करो।
(1) परमाणु क्रमांक
(2) कुल 5- इलेक्ट्रॉनों की संख्या
(3) कुल p-इलेक्ट्रॉनों की संख्या
(4) कुल d इलेक्ट्रॉनों की संख्या
(5) तत्व की संयोजकता
(6) अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या।
उत्तर:
(1) परमाणु क्रमांक – इलेक्ट्रॉनों की संख्या (K + L + M + N कोश में)
= 22 + 8 + 10 + 2
= 22
(2) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6 3d², 4s²
कुल s-इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 2 + 2 + 2 + 2 = 8
(3) कुल p इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 6 + 6 = 12
(4) कुल d-इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 2
(5) तत्व की संयोजकता = + 2, + 3, + 4
(6) अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 2

प्रश्न 27.
निम्न परमाणु क्रमांक वाले तत्वों के पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखें तथा इनका आवर्त सारणी में स्थान निर्धारित करें-
21, 24, 27
उत्तर:
(i) 21 → 1s², 2s², 2p6, 3s², 3P6, 3d1, 4s²
इसका आवर्त – IV है तथा वर्ग 3 (III B) है।

(ii) 24 → 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d5, 4s1
इसका आवर्त – IV है तथा वर्ग 6-(VI B) है।

(iii) 27 → 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d7, 4s²
इसका आवर्त – IV है तथा वर्ग-8 है।

प्रश्न 28.
निम्न क्वाण्टम संख्याओं की सहायता से कक्षकों के प्रतीक लिखिये।
(1) n = 3, l = 1 m = + 1
(2) n = 5, l = 2, m = – 1
उत्तर:
n, l तथा m के मान क्रमशः कोश, उपकोश तथा कक्षकों को व्यक्त करते हैं।
(1) n = 3 के लिये / 1 है तो यह p-उपकोश है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 11
अतः प्रतीक 3px</sub< यां 3py

(2) n = 5 के लिये l = 2 अर्थात् (d-उपकोश)
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 12
अतः प्रतीक Sdyz या Sadxz

प्रश्न 29.
Sc (परमाणु क्रमांक 21) की मूल अवस्था (ground state) में अन्तिम इलेक्ट्रॉन के लिये चारों क्वाण्टम संख्याओं लिखिए।
उत्तर:
21Sc का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d1, 4s²
Sc के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास में प्रयुक्त उपकोश में से 3d – उपकोश की ऊर्जा सबसे अधिक है। अतः अन्तिम इलेक्ट्रॉन 3d1 का होगा। 3d1 का अर्थ है कि तीसरे कोश की d-उपकोश में एक (1) इलेक्ट्रॉन है।

3d-उपकोश के लिये,
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 13

प्रश्न 30.
26Fe में d-ऑर्बिटल में उपस्थित छठे इलेक्ट्रॉन के लिये चारो क्वाण्टम संख्याओं के मान लिखें।
उत्तर:
Fe का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
Fe = 1s² 2s² 2p6 3s² 3p6 3d6 4s²
Fe-परमाणु के 3d – उपकोश में 6 – इलेक्ट्रॉन हैं।
अतः 3d उपकोश के लिये,
n = 3
l = 2
3d-उपकोश के लिये m तथा s के मान निम्न प्रकार निकाल सकते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 14
m = – 2 या + 2
s = – \(\frac { 1 }{ 2 }\) या + \(\frac { 1 }{ 2 }\)
अर्थात् 3d6 के छठे इलेक्ट्रॉन के लिये,
n = 3, l = 2, m = – 2 या + 2
S = + \(\frac { 1 }{ 2 }\) या – \(\frac { 1 }{ 2 }\)

प्रश्न 31.
हाइड्रोजन परमाणु के 2s-कक्षक के लिए r के साथ त्रिज्य प्रायिकता घनत्व (R²) तथा त्रिज्य प्रायिकता फलन (4πr² R²) के परिवर्तन प्रदर्शित करने वाले वक्र खींचिए।
उत्तर:
हाइड्रोजन परमाणु के 2s – कक्षक के लिए r के साथ R² तथा 4πr²R² के परिवर्तन निम्नांकित चित्र में प्रदर्शित है-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 15

प्रश्न 32.
सत्य / असत्य बताइए।
(i) रदरफोर्ड के α-प्रकीर्णन प्रयोग ने सर्वप्रथम यह सिद्ध किया कि परमाणु में नाभिक होता है।
(ii) किसी परमाणु के नाभिक में इलेक्ट्रॉन व प्रोटॉन होते हैं।
(iii) H1 की अपेक्षा H² अधिक क्रियाशील है।
(iv) किसी तत्व के परमाणु तथा उसके एक परमाणुक आयन का परमाणु क्रमांक व परमाणु भार एक जैसा होता है।
(v) F में इलेक्ट्रॉनों की संख्या Na+ से अधिक होती है।
(vi) किसी परमाणु के रासायनिक गुण उसके नाभिकीय आवेश के द्वारा निर्धारित होते हैं।
(vii) किसी परमाणु का वास्तविक द्रव्यमान उसमें उपस्थित इलेक्ट्रॉनों प्रोटॉनों व न्यूट्रॉनों के द्रव्यमानों के योग के बराबर होता है।
(viii) धन किरणें, ऐनोड से उत्पन्न होती हैं।-
(ix) भिन्न-भिन्न परमाणुओं से प्राप्त इलेक्ट्रॉनों का e/m अनुपात भिन्न होता है।
(x) किसी तत्व का मौलिक गुण परमाणु भार है न कि परमाणु क्रमांक।
उत्तर:
(i) सत्य
(ii) असत्य
(iii) असत्य
(iv) सत्य
(v) असत्य
(vi) असत्य
(vii) असत्य
(viii) असत्य
(ix) असत्य
(x) असत्य।

प्रश्न 33.
क्वाण्टम संख्याएँ किसे कहते हैं? ये कितने प्रकार की होती हैं? किसी परमाणु के कक्ष की आकृति तथा अभिविन्यास दर्शाने वाली क्वाण्टम संख्यायें आपस में किस प्रकार सम्बन्धित हैं? उदाहरण देकर समझाइये।
उत्तर:
क्वाण्टम संख्याएँ (Quantum Numbers) वे संख्याएँ जो किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा व स्थिति का वर्णन करती हैं, क्वाण्टम संख्याएँ कहलाती हैं। क्वाण्टम संख्याएँ चार प्रकार की होती हैं-
1. मुख्य क्वाण्टम संख्या (Principal Quantum Number)—
मुख्य क्वाण्टम संख्या (n) इलेक्ट्रॉन के मुख्य ऊर्जा स्तर को प्रदर्शित करती है। किसी भी इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा मुख्यतः n के मान पर निर्भर करती है। n का मान शून्य के
अतिरिक्त कोई भी पूर्णांक हो सकता है।
n के सम्भावित मान n = 1, 2, 3, 4, 5, …. ∞
n का मान इलेक्ट्रॉन कोश के आकार को निर्धारित करता है।

2. दिगंशी क्वाण्टम संख्या (Azimuthal Quantum Number ) –
दिगंशी क्वाण्टम संख्या l इलेक्ट्रॉन के उप ऊर्जा स्तर को प्रदर्शित करती है। l के मान मुख्य क्वाण्टम संख्या n पर निर्भर करते हैं। मुख्य क्वाण्टम संख्या n के लिए l के मान 0 से (n – 1) तक होते हैं।
l के सम्भावित मान l = 0 से (n – 1) तंक-
यदि n = 1, तो l = 0
n = 2, तो l = 0 और 1
n = 3, तो l = 0, 1, 2,
किसी n के लिए l के कुल मानों की संख्या n के बराबर होती हैं। l का मान उपकोशों की आकृति (shape) को निर्धारित करता है।

3. चुम्बकीय क्वाण्टम संख्या (Magnetic Quantum Number) – चुम्बकीय क्वाण्टम संख्या (m)-उप ऊर्जा स्तरों के आर्बिटलों को प्रदर्शित करती हैं। m के मान दिगंशी क्वाण्टम संख्या के मान पर निर्भर करते हैं। किसी l के लिए m के कुल मानों की संख्या (2l + l) होती है। अतः किसी उपकोश में आर्बिटलों की कुल संख्या (2l + 1) होती है।
m के सम्भावित मान m = – l से लेकर + l तक (शून्य सहित) –
यदि
l = 0 तो m = 0
l = 1, तो m = 1, 0, + 1
l = 2, m = – 2, – 1, 0, + 1, + 2
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 16
m का मान आर्बिटलों के अभिविन्यास (orientation) को निर्धारित करता है।

4. चक्रण क्वाण्टम संख्या (Spin Quantum Number) – यह क्वाण्टम संख्या इलेक्ट्रॉन के चक्रण की दिशा को प्रदर्शित करती है। किसी इलेक्ट्रॉन के चक्रण की दिशा दक्षिणावर्त (clockwise) या वामावर्त (anti-clock wise) हो सकती है। किसी m के लिए s का मान + \(\frac { 1 }{ 2 }\) और – \(\frac { 1 }{ 2 }\) होता है।

प्रश्न 34.
दिगंशी क्वाण्टम संख्या किसे कहते हैं? परमाणु की मुख्य क्वाण्टम संख्या तथा दिगंशी क्वाण्टम संख्या आपस में किस प्रकार सम्बन्धित हैं?
उत्तर:
दिगंशी क्वाण्टम संख्या (Azimuthal Quantum Number) – दिगंशी क्वाण्टम संख्या इलेक्ट्रॉन अक्ष की आकृति तथा उसके कोणीय संवेग (Angular momentum) को निर्धारित करती है। दिगंशी क्वाण्टम संख्या को l से प्रदर्शित करते हैं।

मुख्य क्वाण्टम संख्या (n) के लिए दिगंशी क्वाण्टम संख्या (l) के मान 0 से लेकर (n – 1) तक होते हैं। l के कुल मानों की संख्या n के बराबर होती है। उदाहरण-
n = 4 ∴ l = 0 से 3 (0, 1, 2, 3)
l का मान 0 1 2 3
उपकोश S P d f
किसी भी उपकोश में अधिकतम 2(2l + 1) इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं तथा कक्षकों की संख्या (2l + 1) होते हैं।

प्रश्न 35.
(n + l) का नियम लिखिए। इस नियम के आधार पर विभिन्न कक्षकों की बढ़ती ऊर्जा का क्रम बताइये।
उत्तर:
(n + l) का नियम-इस नियम के आधार पर विभिन्न कक्षकों की आपेक्षिक ऊर्जाओं की जानकारी प्राप्त होती है एवं इससे कक्षकों को भरने का क्रम निर्धारित होता है। ऊर्जा स्तरों एवं कक्षकों में इलेक्ट्रॉन उनकी ऊर्जा के अनुसार भरे जाते हैं। सर्वप्रथम निम्न ऊर्जा वाले कक्ष में इलेक्ट्रॉन भरे जाते हैं एवं इसके बाद उच्च ऊर्जा वाले कक्षक में इलेक्ट्रॉन भरे जाते हैं। यह नियम बोर – बरी ने दिया था।

इस नियम के अनुसार, “(n + l) का मान जिस कक्षक के लिए कम होता है, इलेक्ट्रॉन सर्वप्रथम उसी कक्षक में प्रवेश करता है।”

अत: इलेक्ट्रॉन उस कक्षक में पहले भरा जायेगा जिसके लिए (n + l) का मान न्यूनतम हो। यदि (n + l) का मान दो या अधिक कक्षकों के लिए समान है, तो नया इलेक्ट्रॉन उस कक्षक में प्रवेश करेगा जिसके लिए n का मान न्यूनतम हो। उदाहरण-3p कक्षक के लिए n = 3 तथा l = 1 होता है अत: (n + 1) = 3 + 1 = 4 होगा-

कक्षकों के लिए या उपकोशों के लिए ऊर्जा का क्रम इस प्रकार होगा ।
1s < 2s < 2p < 3s < 3p < 4s < 3d < 4p < 5s < 4d < 5p < 6s < 4f < 5d < 6p < 7s < 5f < 6d < 7p < 8s
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 17

प्रश्न 36.
(n + l) नियम की सहायता से निम्न प्रश्नों के उत्तर दें-
(a) निम्न ऑर्बिटलों को ऊर्जा के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करें।
(i) 1s, 2s, 3s, 2p
(ii) 4s, 3s, 3p, 4d
(iii) 5p, 4d, 5d, 4f, 6s
(iv) 5f, 6d, 7s, 7p

(b) निम्न में से किस ऑर्बिटल की ऊर्जा सबसे कम है?
4d, 4f, 5s, 5p

(c) निम्न में से किस ऑर्बिटल की ऊर्जा सर्वाधिक है?
5p, 5d, 5f, 6s, 6p
उत्तर:
(a) (i) 1s < 2s < 2p < 3s
(ii) 3s < 3p < 4s < 4d
(iii) 4d < 5p < 6s < 4f < 5d
(iv) 7s < 5f < 6d < 7p

(b) 5s की ऊर्जा सबसे कम है।

(c) 5f की ऊर्जा सर्वाधिक है।

आंकिक प्रश्न

प्रश्न 1.
एक तत्व का परमाणु क्रमांक 25 तथा द्रव्यमान 52 है। उसके नाभिक में न्यूट्रॉनों की संख्या ज्ञात कीजिए।
हल:
द्रव्यमान संख्या = प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या
52 = परमाणु क्रमांक + न्यूट्रॉनों की संख्या
52 = 25 + न्यूट्रॉनों की संख्या
न्यूट्रॉनों की संख्या = 52 – 25 = 27

प्रश्न 2.
\({ }_{17}^{36} \mathrm{Cl}\) में प्रोटॉनों, न्यूट्रॉनों तथा इलेक्ट्रॉनों की संख्या का परिकलन कीजिए।
हल:
\({ }_{17}^{36} \mathrm{Cl}\) में परमाणु क्रमांक = 17
द्रव्यमान संख्या =36
द्रव्यमान संख्या = परमाणु क्रमांक + न्यूट्रॉनों की संख्या
36 = 17 + न्यूट्रॉनों की संख्या
न्यूट्रॉनों की संख्या = 36 – 17 = 19
प्रोटॉनों की संख्या = इलेक्ट्रॉनों की संख्या = परमाणु क्रमांक = 17

प्रश्न 3.
समान परमाणु भार वाले दो तत्व X तथा Y के परमाणु क्रमांक क्रमश : 18 व 19 हैं। यदि X तत्व के नाभिक में 21 न्यूट्रॉन हैं तो तत्व Y में न्यूट्रॉनों की संख्या क्या होगी?
हल:
तत्व X तथा Y के परमाणु भार समान हैं अर्थात् ये समभारिक हैं।
परमाणु भार = प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या
या
परमाणु भार = परमाणु क्रमांक + न्यूट्रॉनों की संख्या
X तत्व के लिये,
परमाणु भार = परमाणु क्रमांक + न्यूट्रॉनों की संख्या
= 18 + 21
= 39
Y तत्व के लिये,
परमाणु भार परमाणु क्रमांक + न्यूट्रॉनों की संख्या
39 = 19 + न्यूट्रॉनों की संख्या
न्यूट्रॉनों की संख्या = 39 – 19
= 20

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

प्रश्न 4.
एक हाइड्रोजन परमाणु से इलेक्ट्रॉन पाँचवीं कक्षा से प्रथम कक्षा में कूदता है तो इसके स्पेक्ट्रम में कुल रेखाओं की कितनी संख्या प्राप्त होगी।
हल:
स्पेक्ट्रम में कुल रेखाओं की संख्या
= \(\frac{n(n-1)}{2}=\frac{5(5-1)}{2}\)
= \(\frac{5 \times 4}{2}\)
= 10
इन दस रेखाओं को निम्न प्रकार प्रदर्शित कर सकते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 17a

प्रश्न 5.
हाइड्रोजन परमाणु में n = 4 अवस्था से n = 2 अवस्था वाले संक्रमण के दौरान उत्सर्जित फोटॉन की आवृत्ति तथा तरंगदैर्ध्य की गणना कीजिए।
हल:
n2 = 4, n1 = 2
अतः इस संक्रमण से बामर श्रेणी में एक स्पेक्ट्रमी रेखा प्राप्त होती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 18

प्रश्न 6.
Li2+ की प्रथम कक्षा से सम्बन्धित ऊर्जा की गणना कीजिए और बताइये इस कक्षा की त्रिज्या क्या होगी?
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 19

प्रश्न 7.
हाइड्रोजन परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन चतुर्थ कक्ष से प्रथम कक्ष में कूदता है तो स्पेक्ट्रमी रेखा की आवृत्ति ज्ञात कीजिए।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 20

प्रश्न 8.
निम्नलिखित सारणी को पूर्ण करें-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 23
हल:
(1) Zn प्रोटॉनों की संख्या = परमाणु क्रमांक = 30
इलेक्ट्रॉन की संख्या = परमाणु क्रमांक = 30
न्यूट्रॉनों की संख्या = = द्रव्यमान सं. – परमाणु क्रमांक
= 64 – 30 = 34

(2) Sr2+ प्रोटॉनों की सं. = परमाणु क्रमांक = 38
इलेक्ट्रॉनों की सं. = परमाणु क्रमांक – 2
= 38 – 2
= 36
न्यूट्रॉनों की संख्या = द्रव्यमान सं. परमाणु क्रमांक
= 90 – 38 = 52

(3) Tc इलेक्ट्रॉन की सं. = प्रोटॉनों की सं. = 43
परमाणु क्रमांक = प्रोटॉनों की संख्या = 43
द्रव्यमान संख्या = प्रोटॉनों की सं. + न्यूट्रॉनों की संख्या
= 43 + 56
= 99

(4) Br : Br में इलेक्ट्रॉनों की संख्या परमाणु क्रमांक से एक ज्यादा है।
परमाणु क्रमांक = इलेक्ट्रॉनों की संख्या – 1
= 36 – 1 = 35
प्रोटॉनों की संख्या = परमाणु क्रमांक = 35
द्रव्यमान संख्या = प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या
= 35 + 44
= 79

प्रश्न 9.
1eV ऊर्जा वाले फोटॉन की तरंगदैर्ध्य की गणना कीजिए।
उत्तर:
फोटॉन की ऊर्जा = lev
(E) = 1.602 × 10-19 J
प्लांक नियतांक (h) = 6.626 x 10-34 Js
प्रकाश का वेग = 3 x 108 m/s
E = hv
E = \(\frac { hc }{ λ }\)
λ = \(\frac { hc }{ E }\)
= \(\frac{6626 \times 10^{-34} \times 3 \times 10^8}{1.602 \times 10^{-19}}\)
λ = 12.41 × 107 m
λ = 12.41 × 10-7 x 1010 Å
= 12.41 × 10³ Å

प्रश्न 10.
वैद्युत चुम्बकीय विकिरणों की स्थिति में 1 = 6.24 x 1014 s-1 और v2 = 3.36 × 1014s-1 आवृत्तियों के संगत तरंगदैर्ध्य का अनुपात ज्ञात कीजिए।
हल:
चुम्बकीय विकिरण के लिये
λ = \(\frac{c}{v} \propto \frac{1}{v}\)
अतः
\(\frac{\lambda_1}{\lambda_2}=\frac{v_2}{v_1}\)
प्रश्नानुसार, v1 = 6.24 × 1014s-1
v2 = 3.36 × 1014s-1
\(\frac{\lambda_1}{\lambda_2}=\frac{3.36 \times 10^{14}}{6.24 \times 10^{14}}\)
\(\frac{\lambda_1}{\lambda_2}\) = 0.54

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

प्रश्न 11.
विकिरण के एक मोल फोटॉनों की ऊर्जा की गणना कीजिए, जिसकी आवृत्ति 5 x 1010s-1 है।
उत्तर:
एक फोटॉन की ऊर्जा (E) = hv
= 6.626 × 10-34 x 5 x 1010 J
= 33.13 × 10-24 J
एक मोल फोटॉनों की ऊर्जा
= एक फोटॉन की ऊर्जा आवोग्राद्रो संख्या
= 33.13 × 10-24 × 6.02 × 1023
= 19.93 J

प्रश्न 12.
नीले प्रकाश की तरंगदैर्ध्य 480 nm है। इस प्रकाश की आवृत्ति तथा तरंग संख्या ज्ञात कीजिये।
हल:
तरंगदैर्ध्य ( λ) = 480nm = 480 × 10-9 m
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 24

प्रश्न 13.
700 mm तरंगदैर्ध्य वाले प्रकाश के फोटॉन की ऊर्जा E हो तो 2E ऊर्जा वाले प्रकाश के फोटॉनों की तरंगदैर्ध्य क्या होगी ?
हल:
E = \(\frac { hc }{ λ }\) यहाँ hc नियतांक है तो
E ∝ \(\frac { 1 }{ λ }\) या E1λ1 = E2λ2
E1λ1 = E2λ2
E x 700 = 2E x λ2
λ = \(\frac { 700 }{ 2 }\)
= 350 nm

प्रश्न 14.
4000 Å तरंगदैर्ध्य का प्रकाश 2.0 eV कार्य फलन की धात्विक सतह पर डाला जाता है। ज्ञात कीजिये।
(i) फोटॉनों की ऊर्जा
(ii) फोटो इलेक्ट्रॉनों की गतिज ऊर्जा।
हल:
प्रकाश की तरंग दैर्ध्य (λ) = 4000 Å
= 4000 x 10-10 m = 4 × 10-7 m
कार्य फलन (h v0) = 2.0 ev
= 2.0 x 1.6 x 10-19 J
= 3.2 × 10-19 J
(i) फोटॉनों की ऊर्जा,
E = \(\frac{h c}{\lambda}\)
= \(\frac{6626 \times 10^{-34} \times 3 \times 10^8}{4 \times 10^{-7}}\)
= \(\frac{6626 \times 3 \times 10^{-34} \times 10^8}{4 \times 10^{-7}}\)
= 4.97 × 10-19 J

(ii) फोटो इलेक्ट्रॉनों की गतिज ऊर्जा,
hv = v0 = K.E.
\(\frac{h c}{\lambda}\) – v0 = K.E.
4.97 x 10-19 – 3.2 x 10-19 = K.E.
1.77 x 10-19 = K.E.
K.E. = 1.77 x 10-19 J

प्रश्न 15.
एक बल्ब 4500 Å की तरंगदैर्ध्य का प्रकाश उत्सर्जित करता है। यदि बल्ब 150 वॉट का है और उससे 8% ऊर्जा प्रकाश के रूप में उत्सर्जित होती है, तो प्रति सेकेण्ड में उत्सर्जित होने वाले फोटॉनों की संख्या ज्ञात कीजिये।
हल:
एक फोटॉन की ऊर्जा (E) = \(\frac { hc }{ λ }\)
यहाँ h = 6·626 × 10-34 J sec.
c = 3 x 108 m/sec
λ = 4500 Å = 4500 × 10-10 m
E = \(\frac { hc }{ λ }\)
E = \(\frac{6626 \times 10^{-34} \times 3 \times 10^8}{4500 \times 10^{-10}}\)
= 4.417 x 10-19 J
बल्ब के द्वारा उत्सर्जित ऊर्जा 150 x \(\frac { 8 }{ 100 }\)J
n x E = \(\frac { 150×8 }{ 100 }\)
n × 4.417 × 10-19 = \(\frac { 150×8 }{ 100 }\)
n = \(\frac{15 \times 8}{10 \times 4.417 \times 10^{-19}}\)
फोटॉनों की संख्या n = 27.17 x 1018

प्रश्न 16.
एक हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन की प्रथम बोर कक्षा में ऊर्जा – 13.12 x 105 J mol-1 है तो इलेक्ट्रॉन की तृतीय बोर कक्षा में उत्तेजित होने के लिये आवश्यक ऊर्जा की गणना कीजिए।
हल:
हम जानते हैं कि.
En = – \(\frac{13 \cdot 12 \times 10^5}{(n)^2}\) J mol-1
n = 1 के लिये,
E1 = – 13.12 x 105 J mol-1
n = 3 के लिये, E3 = \(\frac{-13.12 \times 10^5}{(3)^2}\) J mol-1
= \(\frac{-13.12 \times 10^5}{9}\)
= – 1.46 × 105 J mol-1
उत्तेजित होने के लिये आवश्यक ऊर्जा,
∆E = E3 – E1
= (- 1.46 x 105)-(-13.12 x 105)
= – 1.46 × 105 + 13.12 × 105
= 13.12 × 105 – 1.46 × 105
= (13.12 – 1.46) × 105
∆E = 11.66 × 105 J mol-1

प्रश्न 17.
N. T. P. परं 6.0 लीटर ऑक्सीजन में प्रोटॉनों का संख्या क्या होगी, जबकि केवल 0.16 समस्थानिकों का ही प्रयोग किया गया हो।
हल:
6.0 ली. ऑक्सीजन में अणुओं की संख्या ज्ञात करना,
22.4 ली. ऑक्सीजन में अणुओं की संख्या
= 6.02 × 1023
6.0 ली. ऑक्सीजन में अणुओं संख्या = \(\frac{6.02 \times 10^{23} \times 6.0}{22.4}\)
= 1.6125 × 1023
ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या
= 1.6125 × 1023 x 2
प्रत्येक ऑक्सीजन परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या = 8
कुल प्रोटॉनों की संख्या
= 2 × 1.6125 × 8 × 1023
= 25.8 × 1023

प्रश्न 18.
105 वाट का एक बल्ब 400 nm वाली तरंगदैर्ध्य का एकवर्णी प्रकाश उत्सर्जित करता है। बल्ब द्वारा प्रति सेकेण्ड उत्सर्जित फोटॉनों की संख्या ज्ञात करें।
हल:
बल्ब की विद्युत शक्ति = 105 वॉट
= 105 जूल / सेकेण्ड
एक फोटॉन की ऊर्जा = E = hv
= \(\frac { hc }{ λ }\)
= \(\frac{6626 \times 10^{-34} \times 3 \times 10^8}{400 \times 10^{-9}}\)
= 4.969 × 10-19 J
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 25

प्रश्न 19.
यदि H-परमाणु के लिये किसी संक्रमण में 100 nim की तरंगदैर्ध्य निकलती है तो He+ परमाणु के लिये संगत संक्रमण की तरंगदैर्ध्य ज्ञात कीजिए।
हल:
H परमाणु के लिये
\(\frac{1}{\lambda_{\mathrm{H}}}=\mathrm{R}_{\mathrm{H}}\left[\frac{1}{\left(n_1^2\right)}-\frac{1}{\left(n_2^2\right)}\right]\) … (1)
He+ परमाणु के लिये
\(\frac{1}{\lambda_{\mathrm{He}^{+}}}=\mathrm{R}_{\mathrm{H}} \cdot \mathrm{Z}^2\left[\frac{1}{\left(n_1^2\right)}-\frac{1}{\left(n_2^2\right)}\right]\) … (2)
समीकरण (1) व (2) से में,
\(\lambda_{\mathrm{He}^{+}}=\frac{\lambda_{\mathrm{H}}}{\mathrm{Z}^2}\)
= \(\frac{100}{(2)^2}=\frac{100}{4}\)
= 25 nm

प्रश्न 20.
किसी तत्व के एक आयन में एक इलेक्ट्रॉन है। इस आयन की प्रथम बामर श्रेणी और प्रथम लाइमन श्रेणी के तरंगदैथ्यों का अन्तर 59.3 nm है। इस आयन का नाम बताइए।
उत्तर:
रिडबर्ग के अनुसार,
\(\frac{1}{\lambda}=\mathrm{R}_{\mathrm{H}}(Z)^2\left[\frac{1}{\left(n_1^2\right)}-\frac{1}{\left(n_2^2\right)}\right]\)
बामर श्रेणी की प्रथम लाइन लिये, n1 = 2, n2 = 3
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 26
दोनों तरंगदैयों का अन्तर 59.3 nm है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 27
अतः आयन Li2+ है।

प्रश्न 21.
जब 300 nm तरंगदैर्घ्य का विकिरण सोडियम धातु की सतह पर टकराता है तो 1.68 x 105 J mol-1 गतिज ऊर्जा वाले इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होते हैं सोडियम के इलेक्ट्रॉन के निष्कासन के लिए कम से कम कितनी ऊर्जा आवश्यक होगी? किसी प्रकाशित इलेक्ट्रॉन के उत्सर्जन के लिए अधिकतम तरंगदैर्ध्य क्या होगी?
हल:
फोटॉन की ऊर्जा (E) = hv = \(\frac { hc }{ λ }\)
∴ 300 nm (= 300 x 10-9 m) फोटॉन की ऊर्जा
= \(\frac{6.626 \times 10^{-34} \times 3 \times 10^8}{300 \times 10^{-9}}\)
E = 6.626 x 10-19 J
एक मोल फोटॉन की ऊर्जा
= 6.626 × 10-19 x 6.02 × 1023
= 3.99 x 105 J mol-1
सोडियम से एक मोल इलेक्ट्रॉनों के निष्कासन के लिए आवश्यक न्यूनतम ऊर्जा
= (3.991 – 1.68) x 105
= 2.31 × 105 J mol-1
एक इलेक्ट्रॉन के लिए आवश्यक न्यूनतम ऊर्जा
= \(\frac{2.31 \times 10^5}{6022 \times 10^{23}}\)
= 3.84×10-19 J
इसकी तरंगदैर्ध्य निम्नवत् होगी
λ = \(\frac { hC }{ E }\)
= \(\frac{6.626 \times 10^{-34} \times 30 \times 10^8}{3.84 \times 10^{-19}}\)
यह हरे रंग के प्रकाश से सम्बन्धित है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

प्रश्न 22.
एक कण की स्थिति व वेग में अनिश्चितता क्रमशः 10-2 मीटर व 5.27 x 10-24 मीटर सेकेण्ड है। इस कण के द्रव्यमान की गणना कीजिए।
उत्तर:
हाइजेनबर्ग के अनिश्चितता सिद्धान्त के नियमानुसार,
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 28

प्रश्न 23.
एक इलेक्ट्रॉन की स्थिति में अनिश्चितता ज्ञात करो, उसके वेग की अनिश्चितता का मान 5.7 x 107 सेमी प्रति सेकेण्ड है। इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान 9.1 × 10-28 ग्राम है।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 29

प्रश्न 24.
किसी इलेक्ट्रॉन की स्थिति और वेग में अनिश्चितता का गुणनफल ज्ञात कीजिए।
हल:
∆x, ∆v = \(\frac { h }{ 4π.m }\)
= \(\frac{6.626 \times 10^{-34}}{4 \times 3.14 \times 9.1 \times 9.1 \times 10^{-31}}\)
= 0.058 x 10-3
= 5.8 x 10-5 m² s-1

प्रश्न 25.
0.1 kg द्रव्यमान और 10 ms-1 वेग से गति कर रही एक गेंद की तरंगदैर्ध्य क्या होगी?
हल:
डी-ब्रॉग्ली समीकरण के अनुसार,
λ = \(\frac { h }{ mv }\)
= \(\frac{6.626 \times 10^{-34}}{0.1 \times 10}\)
λ = 6.626 × 10-34 m

प्रश्न 26.
एक इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान 9.1 x 10-31 kg है। यदि इसकी गतिज ऊर्जा 3.0 x 10-25 J है तो इसकी तरंगदैर्ध्य क्या होगी?
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 30

प्रश्न 27.
एक गेंद का द्रव्यमान 50g तथा गति 45 ms-1 है। यदि गति को 2% यथार्थता के अन्दर मापा जा सकता है तो इसकी स्थिति में अनिश्चितता की गणना कीजिए।
हल:
गति में 2% की अनिश्चितता,
= \(\frac { 45×2 }{ 100 }\)
= ∆v = 0.9 m/s
अनिश्चितता के सिद्धान्त के अनुसार,
∆x. m. ∆v = \(\frac { h }{ 4π }\)
∆x = \(\frac{h}{m . \Delta v \cdot 4 \pi}\)
यदि
h = 6.626 × 10-34. Js
m = 50g = 50 x 10-3 kg
= \(\frac{6.626 \times 10^{-34}}{50 \times 1 \times 4 \times 3.14 \times 10^{-3}}\)
= 0.0105 x 10-31
∆x = 1.05 x 10-33 m

प्रश्न 28.
बोर इलेक्ट्रॉन द्वारा अपनी तीसरी कक्षा में एक पूरे चक्कर में निर्मित तरंगों की संख्या ज्ञात कीजिए।
हल:
हम जानते हैं कि
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 31
यहाँ mv कोणीय संवेग है।
इस प्रकार बोर की तीसरी कक्षा के लिये कोणीय संवेग निम्न प्रकार है, (n = 3)
mvr = \(\frac { nh }{ 2π }\) = \(\frac { 3h }{ 2π }\) … (ii)
(mvr) का मान समीकरण (i) में रखने पर,
तरंगों की संख्या = \(\frac { 2π }{ h }\)(\(\frac { 3h }{ 2π }\))
तरंगों की संख्या = 3
अतः बोर की तीसरी कक्षा में तरंगों की संख्या = 3

प्रश्न 29.
उस इलेक्ट्रॉन की डी-ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य की गणना कीजिए जिसका वेग प्रकाश के वेग के 1% के बराबर हो।
हल:
डी-ब्रॉग्ली के अनुसार,
λ = \(\frac { h }{ mv }\)
यहाँ
m = 9.1 × 10-31 kg
h = 6.626 × 10-34 J.s
इलेक्ट्रॉन का वेग (∆v) = प्रकाश के वेग का 1%
= \(\frac{3 \times 10^8 \times 1}{100}\)
= 3 × 108 × 0.1
= 3 x 106 ms-1
इलेक्ट्रॉन की तरंगदैर्ध्य (λ) = \(\frac { h }{ mv }\)
= \(\frac{6.626 \times 10^{-34}}{9.1 \times 10^{-31} \times 3 \times 10^6}\)
∆v = 2.43 x 10-10 m

प्रश्न 30.
100 g द्रव्यमान की एक बेस बॉल 3 x 10² cm s-1 के वेग से गतिमान है, यदि बेसबॉल की स्थिति को उस त्रुटी के अन्तर्गत मानें जो प्रयुक्त प्रकाश की तरंगदैर्ध्य (2000 Å) के परिमाण के तुल्य हो तो संवेग में अनिश्चितता की तुलना बेसबॉल के सम्पूर्ण संवेग से किस प्रकार की जा सकती है?
हल:
हम जानते हैं कि,
∆x. ∆p = \(\frac { h }{ 4π }\)
∆p = \(\frac{h}{4 \pi \times \Delta x}\)
∆p = \(\frac{6.626 \times 10^{-34}}{4 \times 3.14 \times 2000 \times 10^{-10}}\)
∆p = 0.264 x 10-27
= 2.64 × 10-28 kg ms-1
\(\frac { ∆p }{ p }\) की गणना दिया है
m = 100g = 100 x 10-3 kg.
v = 3 x 10² cm s-1
= 3 ms-1
संवेग (p) = m.v.
= 100 × 10-3 x 3
= 300 x 10-3 kg ms-1
\(\frac { ∆p }{ p }\) = \(\frac{264 \times 10^{-28}}{300 \times 10^{-3}}\)
= \(\frac{2.64 \times 10^{-28}}{0.3}\)
= 8.8 × 10-28

प्रश्न 31.
एक इलेक्ट्रॉन का वेग 30 ms-1 है जो कि 98.99% तक शुद्ध है। इसकी स्थिति ज्ञात करने में क्या अनिश्चितता होगी?
हल:
∆x. m ∆v = \(\frac { h }{ 4π }\)
∆x = \(\frac{h}{4 \pi \cdot m \cdot \Delta v}\)
दिया है, h = 6.626 × 10-34 J.s.
m = 9.1 × 10-31 kg
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 32

प्रश्न 32.
एक इलेक्ट्रॉन पुंज का विवर्तन क्रिस्टल के द्वारा हो सकता है। इलेक्ट्रॉन पुंज किस विभव की ली जाए कि उसकी तरंगदैर्ध्य का मान 1.54 Å हो जाये।
हल:
एक इलेक्ट्रॉन के लिये,
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 33

प्रश्न 33.
परमाणु क्रमांक, 34, 24 तथा 36 वाले परमाणुओं के लिये कुल स्पिन ज्ञात कीजिए।
हल:
परमाणु क्रमांक 34, 24 तथा 36 वाले परमाणुओं का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
34Se = 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d10, 4s², 4p4
(अयुग्मित इलेक्ट्रॉन) = 2
24Cr = 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d5, 4s1
(अयुग्मित इलेक्ट्रॉन) = 6
36Kr = 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d10, 4s², 4p6
(अयुग्मित इलेक्ट्रॉन) = 0
कुल स्पिन = ± \(\frac { 1 }{ 2 }\)x अयुग्मित इलेक्ट्रॉन की संख्या
34Se के लिये कुल स्पिन = ± \(\frac { 1 }{ 2 }\) × 2 = ± 1
24Cr के लिये कुल स्पिन = ± \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 6 = ± 3
36Kr के लिये कुल स्पिन = ± \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 0 = 0

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

Haryana State Board HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
एक आदर्श गैस का वर्ग-माध्य-मूल वेग है-
(a) \(\mathrm{C}_{r m s}=\sqrt{3 \mathrm{RTM}}\)
(b) \(\mathrm{C}_{r m s}=\sqrt{\mathrm{RTM}}\)
(c) \(C_{r m s}=\sqrt{\frac{3 R T}{M}}\)
(d) \(\mathrm{C}_{r m s}=\sqrt{\frac{\mathrm{M}}{\mathrm{RT}}}\)
उत्तर:
(c) \(C_{r m s}=\sqrt{\frac{3 R T}{M}}\)

प्रश्न 2.
समान ताप पर हाइड्रोजन व ऑक्सीजन के अणुओं के वर्ग- माध्य-मूल वेगों का अनुपात होगा-
(a) 32:1
(b) 16:1
(c) 8:1
(d) 4:1
उत्तर:
(d) 4:1

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

प्रश्न 3.
गैस नियतांक का मात्रक है-
(a) कैलोरी / °C
(b) जूल / मोल
(c) जूल / मोल K
(d) जूल / किग्रा
उत्तर:
(c) जूल / मोल K

प्रश्न 4.
किसी बर्तन में P दाब पर गैस है। यदि सभी अणुओं के द्रव्यमान आधे और उनकी चालें दोगुनी कर दी जाएँ तो परिणामी दाब होगा-
(a) 4P0
(b) P0
(c) 2P0
(d) P0/2
उत्तर:
(c) 2P0

प्रश्न 5.
यदि कोई गैस बॉयल के नियम का पालन करे तो उसके लिए PV व P के बीच ग्राफ होगा-
(a) अतिपरवलय
(b) PV अक्ष के समान्तर सरल रेखा
(c) P-अक्ष के समान्तर सरल रेखा
(d) मूलबिन्दु से गुजरती P अक्ष से 45° कोण पर सरल रेखा ।
उत्तर:
(d) मूलबिन्दु से गुजरती P अक्ष से 45° कोण पर सरल रेखा ।

प्रश्न 6.
हीलियम गैस के परमाणुओं की वर्ग-माध्य-मूल चाल हाइड्रोजन गैस के अणुओं की वर्ग-माध्य-मूल चाल का \(\frac{5}{7}\) है। यदि हाइड्रोजन गैस का ताप 0°C हो तो हीलियम का ताप लगभग होगा-
(a) 0°C
(b) 0K
(c) 273°C
(d) 100°C
उत्तर:
(a) 0°C

प्रश्न 7.
किसी गैस का परम ताप 9 गुना बढ़ा दिया जाता है। गैस के अणुओं का वर्ग माध्य-मूल वेग हो जाएगा-
(a) 9 गुना
(b) 3 गुना
(c) \(\frac{1}{3}\) गुना
(d) √3 गुना ।
उत्तर:
(b) 3 गुना

प्रश्न 8.
एक ही बर्तन में ऑक्सीजन तथा हाइड्रोजन अणुओं की औसत गतिज ऊर्जाओं का अनुपात होगा-
(a) 1:1
(c) 8:1
(b) 4:1
(d) 16:1
उत्तर:
(a) 1:1

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

प्रश्न 9.
एक आदर्श गैस का दाब P और इसके एकांक आयतन की गतिज ऊर्जा E में परस्पर सम्बन्ध है-
(a) P = E
(b) P = \(\frac{E}{2}\)
(c) P = \(\frac{2}{3}\) E
(d) P = \(\frac{2}{5}\) E
उत्तर:
(c) P = \(\frac{2}{3}\) E

प्रश्न 10.
यदि किसी गैस के एक ग्राम अणु की गतिज ऊर्जा 27°C पर E है तो 627°C पर यह होगी-
(a) 26
(b) 3E
(c) \(\frac{627}{27}\) E
(d) \(\frac{27}{627}\) E
उत्तर:
(b) 3E

प्रश्न 11.
त्रि-परमाणुक अरेखीय गैस की सामान्य ताप पर स्वातन्त्र्य की कोटियों की कुल संख्या है-
(a) 1
(b) 2
(c) 6
(d) 3.
उत्तर:
(c) 6

प्रश्न 12.
किसी द्वि-परमाणुक अणु की स्थानान्तरीय तथा घूर्णीय स्वातन्त्र्य कोटियों की कुल संख्या होगी-
(a) 2
(b) 3
(c) 4
(d) 5
उत्तर:
(d) 5

प्रश्न 13.
एक गुब्बारे में 4 वायुमण्डलीय दाब तथा 27°C ताप पर 1500 m³ गैस है। -3°C ताप तथा 2 वायुमण्डलीय दाब पर गैस का आयतन हो जाएगा-
(a) 2700 m³
(b) 1900 m³
(c) 1700 m³
(d) 1500 m³
उत्तर:
(a) 2700 m³

प्रश्न 14.
गैस समीकरण PV = RT में V निम्न में से किसका आयतन है-
(a) गैस की किसी मात्रा का
(b) 1 ग्राम गैस का
(c) 1 ग्राम अणु गैस का
(d) 1 लीटर गैस का।
उत्तर:
(c) 1 ग्राम अणु गैस का

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

प्रश्न 15.
सामान्य ताप तथा दाब (STP) पर वायु में ब्राउनियन गति में 5 × 10-17 kg द्रव्यमान के धुएँ के कणों की वर्ग-माध्य-मूल
चाल ज्ञात कीजिए-
(a) 1.5mm gl
(b) 1.5 cm st
(c) 1.5 m sl
(d) 1.5 kms l
उत्तर:
(b) 1.5 cm st

प्रश्न 16.
नियत दाब पर 27°C की एक आदर्श गैस को इस प्रकार गर्म लिया जाता है कि उसका आयतन दो गुना हो जाता है। गैस का ताप होगा-
(a) 300°C
(b) 327°C
(c) 600°C
(d) 54°C
उत्तर:
(b) 327°C

प्रश्न 17.
स्थिर दाब पर 300 ml गैस को जो 27°C पर है, 7°C तक ठण्डा किया जाता है, तब इसका अन्तिम आयतन होगा-
(a) 540 ml
(b) 350ml
(c) 280 ml
(d) 135ml
उत्तर:
(c) 280 ml

प्रश्न 18.
किस ताप पर किसी आदर्श गैस का आयतन 0°C के आयतन का तीन गुना हो जाएगा-
(a) 546°C
(b) 182°C
(c) 819°C
(d) 646°C
उत्तर:
(a) 546°C

प्रश्न 19.
हीलियम गैस के अणुओं का वर्ग माध्य-मूल वेग हाइड्रोजन अणुओं के वर्ग माध्य-मूल वेग का वाँ भाग है। यदि हाइड्रोजन गैस का ताप °C है तो हीलियम का ताप लगभग होगा-
(a) 5°C
(b) 0K
(c) 273°C
(d) 100°C
उत्तर:
(a) 5°C

प्रश्न 20.
किसी द्वि- परमाणुक गैस के अणुओं का कमरे के ताप पर वर्ग-माध्य-मूल वेग 1930 m/see पाया गया है। गैस है-
(a) H2
(b) F2
(c) O2
(d) Cl2
उत्तर:
(b) F2

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

प्रश्न 21.
अणु गति सिद्धान्त से परम शून्य ताप पर अणुओं का वेग-
(a) अनन्त होता है
(b) धनात्मक किन्तु नगण्य होता है
(c) शून्य होता है
(d) कुछ निश्चित नहीं होता।
उत्तर:
(c) शून्य होता है

प्रश्न 22.
किसी निश्चित द्रव्यमान की गैस के दाब में कितने प्रतिशत वृद्धि की जाये कि स्थिर ताप पर इसके आयतन में 10% कमी आजाये-
(a) 10%
(b) 11%
(c) 9%
(d) 8%.
उत्तर:
(b) 11%

प्रश्न 23.
चन्द्रमा पर वायुमण्डल की अनुपस्थिति का कारण है कि चन्द्रमा के पृष्ठ पर पलायन वेग का मान-
(a) वायु के अणुओं के Crms से अधिक होता है
(b) वायु के अणुओं के Crms से कम होता है
(c) वायु के अणुओं के Crms से दोगुना होता है।
(d) 11.2 km/sec होता है जो कि वायु के अणुओं के Crms से अधिक है।
उत्तर:
(d) 11.2 km/sec होता है जो कि वायु के अणुओं के Crms से अधिक है।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अणु गति सिद्धान्त के आधार पर किसी गैस के दाब का सूत्र लिखिए। प्रयुक्त संकेतों के अर्थ भी स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
आदर्श गैस के दाब का सूत्र P = \(\frac{1}{3} \frac{m \mathrm{~N}}{\mathrm{~V}} \bar{v}^2\)
जहाँ
m → गैस के एक अणु का द्रव्यमान
\(\bar{v}\)गैस के अणुओं का वर्ग माध्य वेग
N → गैस के V आयतन में अणुओं की संख्या ।

प्रश्न 2.
सामान्य ताप एवं दाब पर एक मोल गैस का आयतन कितना होता है?
उत्तर:
सामान्य ताप व दाब पर एक मोल गैस का आयतन 22.4 लीटर होता है।

प्रश्न 3.
आदर्श गैस के लिए स्थिर ताप पर दाब P तथा घनत्व d में क्या सम्बन्ध है ?
उत्तर:
\(\frac{P}{d}\) = नियतांक

प्रश्न 4.
गैस नियतांक का मात्रक SI पद्धति में लिखिए।
उत्तर:
जूल / मोल K

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

प्रश्न 5.
आदर्श गैस समीकरण PV = RT से R का विमीय सूत्र लिखिए।
उत्तर:
PV = RT से,
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -1
= \(\frac{\mathrm{ML}^{-1} \mathrm{~T}^{-2} \times \mathrm{L}^3}{\mathrm{~K}}\)
= \({\left[\mathrm{ML}^2 \mathrm{~T}^{-2} \mathrm{~K}^{-1}\right]}\)

प्रश्न 6.
गैस के अणु गति सिद्धान्त के अनुसार परम शून्य ताप क्या होता है?
उत्तर:
परम शून्य ताप वह ताप है, जिस पर गैस के समस्त अणु गतिहीन हो जाते हैं।

प्रश्न 7.
परम शून्य ताप पर किसी गैस की गतिज ऊर्जा कितनी होगी ?
उत्तर:
परम शून्य ताप पर किसी गैस की गतिज ऊर्जा शून्य होती है, क्योंकि किसी गैस के अणु की गतिज ऊर्जा E, परम ताप T के अनुक्रमानुपाती होती है।

प्रश्न 8.
क्या ताप बढ़ने पर स्वातन्त्र्य कोटियाँ बदल जाती हैं?
उत्तर:
ताप बढ़ने पर गैस के अणु की घूर्णन गति के साथ उसके परमाणुओं की कम्पनिक गति भी प्रारम्भ हो जाती है जिसके कारण स्वातन्त्र्य की कोटियाँ बढ़ जाती हैं।

प्रश्न 9.
किसी गैस की स्वातन्त्र्य कोटियों का क्या अर्थ है?
उत्तर:
किसी कण के पास जितने प्रकार की स्वतन्त्र गतिज ऊर्जाएँ हो सकती हैं, उनकी संख्या उस कण की स्वातन्त्र्य कोटियाँ कहलाती हैं।

प्रश्न 10.
एकपरमाणुक गैस के लिए दो विशिष्ट ऊष्माओं का अनुपात कितना होता है?
उत्तर:
\(\frac{C_P}{C_V}\) = \(\frac{5}{3}\)

प्रश्न 11.
एकपरमाणुक गैस की आन्तरिक ऊर्जा अणुओं की कौन-सी गति के कारण होती है?
उत्तर:
स्थानान्तरीय गति के कारण।

प्रश्न 12.
किसी गैस के परम ताप T तथा उसके एक अणु की औसत ऊर्जा E में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
एक अणु की औसत गतिज ऊर्जा E = \(\frac{3}{2}\) KBT,
जहाँ KB बोल्ट्जमैन नियतांक है।

प्रश्न 13.
बोल्ट्जमैन नियतांक से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
सार्वत्रिक गैस नियतांक R तथा आवोगाद्रो संख्या NA के अनुपात को बोल्ट्जमैन नियतांक कहते हैं।
KB = \(\frac{R}{N_A}\)

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

प्रश्न 14.
एक सिलेण्डर में समान परम ताप T पर हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन गैसें भरी हैं। इनमें से किसके अणुओं की औसत गतिज अधिक होगी ?
उत्तर:
दोनों के अणुओं की औसत गतिज ऊर्जाएं बराबर होंगी-
E ∝ T

प्रश्न 15.
एक चींटी फर्श पर चल रही है। इसकी स्वातन्त्र्य की कोटि कितनी है?
उत्तर:
2 (दो)।

प्रश्न 16.
ऊर्जा के समविभाजन का नियम बताइए ।
उत्तर:
इस नियम के अनुसार किसी गैस की सम्पूर्ण ऊर्जा उसकी सभी स्वातन्त्र्य कोटियों में समान रूप से बँटी रहती है तथा परम ताप T पर प्रत्येक स्वातन्त्र्य कोटि से सम्बद्ध ऊर्जा – ABT होती है, जहाँ बोल्ट्जमैन नियतांक है।

प्रश्न 17.
एक वायुयान हवा में उड़ रहा है। इसके उड़ने की स्वातन्त्र्य कोटि कितनी है?
उत्तर:
वायुयान तीनों दिशाओं में स्वतन्त्रतापूर्वक गति कर सकता है, अतः वायुयान की स्वातन्त्र्य कोटि 3 होगी।

प्रश्न 18.
किसी दृढ़ द्विपरमाणुक गैस के लिए दो विशिष्ट ऊष्माओं का अनुपात कितना होगा?
उत्तर:
∵ γ = \(1+\frac{2}{f}\) = \(1+\frac{2}{5}\)
[∵दृढ द्वि-परमाणुक के लिए /= 5)
∴ γ = \(\frac{7}{5}\)

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अणु गति सिद्धान्त के आधार पर आवोगाद्रो के नियम का सत्यापन कीजिए।
उत्तर:
आवोगाद्रो का नियम (Avagadra’s Law):
इस नियम के अनुसार, “समान ताप व दाब पर सभी गैसों के समान आयतनों में अणुओं की संख्या समान होती है।”
गैसों के अणुगति सिद्धान्त से निगमन-अणुगति सिद्धान्त के अनुसार गैस का दाब
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -15
अर्थात् नियत दाब तथा ताप पर समान आयतन पर सभी गैसों में अणु की एक नियत संख्या होती है। यही आवोगाद्रो नियम है।

प्रश्न 2.
परम शून्य ताप से क्या अभिप्राय है?
उत्तर;
आदर्श गैस के ताप की अणुगतिक व्याख्या (Molecular Kinetic Interpretation of Temperature of an Ideal Gas):
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -6
अर्थात् गैस का परमताप उसकी औसत गतिज ऊर्जा के समानुपाती होता है। इस प्रकार स्पष्ट है कि आदर्श गैस की आन्तरिक ऊर्जा केवल उसके परमताप पर निर्भर करती है, दाब या आयतन पर नहीं। ताप की इस व्याख्या से स्पष्ट है कि आदर्श गैसों का अणुगति सिद्धान्त आदर्श गैस समीकरण और इस पर आधारित विभिन्न गैस नियमों के पूर्णतः संगत है।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

प्रश्न 3.
कणों की ब्राउनियन गति से क्या अभिप्राय है? तथा यह किन कारकों पर निर्भर करती है ?
उत्तर:
द्रव्य की आण्विक प्रकृति (Molecular Nature Of Matter):
‘द्रव्य परमाणुओं से मिलकर बना है।’ इस सिद्धान्त को बीसर्वी शताब्दी के वैज्ञानिकों ने महत्वपूर्ण माना है। इनमें से रिचर्ड फिनमेन ने परमाणु परिकल्पना प्रस्तुत की जिसके अनुसार – “सभी वस्तुएँ परमाणुओं से बनी हैं, जो अनवरत गतिमान अत्यन्त सूक्ष्म कण हैं, बीच में अल्प दूरी होने पर ये एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं पर एक-दूसरे में निष्पीड़ित किए जाने पर प्रतिकर्षित करने लगते हैं।”

यह विचार कि द्रव्य सतत नहीं हो सकता, कई संस्कृतियों में पहले से ही विद्यमान था। भारत में कणाद ने वैशेषिक दर्शन (छठठी शताब्दी ई.पू.) में परमाण्वीय प्रारूप का विस्तृत विकास किया। उन्होंने परमाणुओं को अविभाज्य, सूक्ष्म तथा द्रव्य को अविभाज्य अंश माना। यह भी तर्क दिया कि यदि द्रव्य को विभाजित करने के क्रम में कोई अन्त हो तो किसी सरसों के दाने तथा मेरु पर्वत में कोई अन्तर नहीं होगा।

प्रश्न 4.
अणुओं के वेग के वर्ग-माध्य-मूल मान एवं परम ताप में सम्बन्ध बताइए।
उत्तर:
गैस के अणुओं का वर्ग माध्य मूल वेग (Root mean square velocity of Gas molecules):
माना 1 ग्राम मोल गैस का आयतन V तथा ताप T है। गैस के 1 ग्राम मोल मे अणुओं की संख्या NA = 6.02 × 1023 इस संख्या को आवोगाद्रो संख्या कहते हैं। गैस के अणुगति सिद्धान्त के अनुसार 1 मोल गैस का दाब
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -16
समी (5) से स्पष्ट है कि वर्ग माध्य मूल वेग गैस के परम ताप पर निर्भर करता है। परम शून्य ताप पर Crms = 0 अर्थात् वर्ग माध्य मूल वेग शून्य होने से गतिज ऊर्जा का मान भी शून्य होगा। परम शून्य ताप पर गैस में आण्विक गति समाप्त हो जाती है।

प्रश्न 5.
परम शून्य ताप पर अणु का वेग व गतिज ऊर्जा कितनी होगी ?
उत्तर:
आदर्श गैस का दाब का व्यंजक
(Expression Of Pressure Of Ideal Gas):
जब कोई गैस किसी पात्र में बन्द कर दी जाती है तो बर्तन की दीवार पर दाब लगाती है। गैस के अणुगति मॉडल के अनुसार गैस के गतिमान अणुओं द्वारा बर्तन की दीवारों से टकराने के कारण उत्पन्न होता है। जब भी गैस का कोई अणु पात्र की दीवार से टकराकर लौटता है, तो उनके संवेग में कुछ परिवर्तन होता है। संवेग संरक्षण सिद्धान्त के अनुसार यह परिवर्तन दीवार को हस्तान्तरित हो जाता है। गति के द्वितीय नियम से संवेग परिवर्तन की दर दीवार पर लगने वाले बल के बराबर होती हैं। क्योंकि गैस में असंख्यक अणु निरन्तर एक के बाद एक दीवार से टकसाते हैं। दीवार पर लगा बल स्थायी होता है। दीवार के इकाई क्षेत्रफल पर आरोपित बल ही गैस का दाब होता है।

प्रश्न 6.
हल्की गैस का विसरण भारी गैस की तुलना में आसानी से क्यों होता है ?
उत्तर:
गैस के अन्दर अणुओं का वेग उनके द्रव्यमानों पर निर्भर करता है, इसलिए भारी गैस के अणुओं की गति हल्की गैस की तुलना में कम होती है। इस कारण ही हल्की गैस, भारी गैस में आसानी से विसरित होती है।

प्रश्न 7.
किसी बर्तन में भरी गैस के ताप पर क्या प्रभाव पड़ेगा यदि उसे तीव्र गतिमान ट्रेन में रख दियाजाये ?
उत्तर:
गैस का ताप प्रति अणु स्थानान्तरीय गतिज ऊर्जा के अनुक्रमानुपाती होता है तीव्र गतिमान ट्रेन में रखने पर गैस के अणुओं की द्रव्यमान केन्द्र के सापेक्ष गति अपरिवर्तित रहती है, अतः बर्तन में भरी गैस के ताप में कोई परिवर्तन नहीं होगा।

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प्रश्न 8.
यदि अणुओं के मध्य आकर्षण बल अचानक समाप्त हो जाये तो एक पात्र में भरी गैस के दाब में क्या कोई परिवर्तन होगा ?
उत्तर:
गैस के अणुओं के मध्य आकर्षण बल की अनुपस्थिति में, गैस के अणु पात्र की दीवारों से कठोरता से टकराएँगे। इस कारण गैस द्वारा लगाया गया दाब बढ़ जायेगा।

प्रश्न 9.
किसी गैस के परम ताप T तथा गैस के वर्ग माध्य वेग (C) में ग्राफ खींचिए।
उत्तर:
गैस का वर्ग माध्य वेग
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -2
\(C_{r m s}^2=\frac{3 \mathrm{RT}}{\mathrm{M}} \text { या } c_{r m s}^2 \propto \mathrm{T}\)
अर्थात् \(C_{r m s}^2\) व T के बीच खींचा गया ग्राफ सरल रेखीय होगा।

प्रश्न 10.
“ब्राउनियन गति अवलोकनीय होती है चूँकि आवोगाद्रो संख्या निश्चित होती है।” टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
यदि आवोगाद्रो संख्या अनिश्चित हो तो प्रत्येक निलम्बित कण पर बहुत से परमाणुओं द्वारा बमबारी की जायेगी, इस प्रकार निलम्बित कणों को प्रदान किया गया कुल आवेग शून्य होगा। इसलिए कर्णों का गमन नगण्य हो जायेगा और इनको प्रेक्षित नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 11.
एक प्रयोग में एक गैस एक अतिरिक्त नियम VP²= नियतांक का पालन करती है। प्रारम्भ में गैस का ताप T तथा आयतन V है। इसके प्रसार के पश्चात् इसका आयतन 2V हो जाता है, तो इसका ताप कितना होगा?
लागू
उत्तर – आदर्श गैस का समीकरण PV = RT सभी प्रक्रमों के लिए होता है।
अतिरिक्त प्रतिबन्ध है-
VP² = नियतांक ……….(1)
समीकरण PV = RT से,
P= \(\frac{RT}{V}\) ……….(2)
यह मान समीकरण (1) में रखने पर,
V(\(\frac{RT}{V}\))² = नियतांक
या \(\frac{T^2}{V}\) = नियतांक (चूँकि R = नियतांक)
यदि अंतिम आयतन V’ तथा ताप T’ हो, तो
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -3

प्रश्न 12.
किसी पात्र में P0 दाब पर गैस भरी है। यदि अणुओं का द्रव्यमान आधा व चाल दोगुनी कर दी जाये तो परिणामी दाब क्या होगा ?
उत्तर:
अणु गति सिद्धान्त के अनुसार,
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HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

प्रश्न 13.
एक पिस्टनयुक्त सिलेण्डर में निश्चित ताप व दाब पर गैस भरी है। अणु गति सिद्धान्त से स्पष्ट कीजिए-
(i) ताप बढ़ने पर गैस का दाब बढ़ जाता है।
(ii) पिस्टन को बाहर खींचने पर दाब घट जाता है।
उत्तर:
(i) ताप बढ़ाने से गैस के अणुओं की औसत चाल बढ़ जाती है। इससे सिलेण्डर की दीवार से प्रति सेकण्ड अधिक अणु टकराते हैं तथा प्रत्येक टक्कर में दीवार को अधिक संवेग हस्तान्तरित होता है। इन दोनों ही कारणों से दाब बढ़ जाता है।

(ii) आयतन बढ़ने से अणुओं को गति करने के लिए अधिक स्थान मिलता है, अतः दीवारों से प्रति सेकण्ड कम अणु टकराते हैं। इसके अतिरिक्त ये टक्करें अब दीवारों के बड़े क्षेत्रफल पर होती हैं। इन दोनों ही कारणों से दाब घट जाता है।

प्रश्न 14.
ब्राउनियन गति तापमान के साथ क्यों बढ़ जाती है ?
उत्तर:
क्योंकि ताप बढ़ जाता है, इसलिए अणु अधिक तेज गति करते हैं और इस तरह निलम्बित कण पर अधिक बल लगाते हैं यही कारण है कि ब्राउनियन गति ताप में वृद्धि से बढ़ जाती है।

प्रश्न 15.
किसी आदर्श द्वि-परमाण्विक गैस को नियत दाब पर गर्म किया जाता है प्रदान ऊष्मा का वह भाग ज्ञात कीजिए जो गैस की अन्तिम ऊर्जा में वृद्धि करता है।
उत्तर:
जब किसी गैस को गर्म किया जाता है तो प्रदान ऊष्मा का एक भाग उसकी आन्तरिक ऊर्जा बढ़ाता है, जबकि दूसरा दाब के विरुद्ध कार्य करने में खर्च होता है अर्थात्
(∆Q)P = ∆U + ∆W
⇒ nCP∆T = nCV∆T + P∆V
अतः वह भाग जो आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि करता है
\(\frac{\mathrm{DU}}{(\mathrm{DQ})_{\mathrm{P}}}=\frac{\mathrm{C}_{\mathrm{V}}}{\mathrm{C}_{\mathrm{P}}}=\frac{1}{\gamma}=\frac{5}{7}\)
[क्योंकि y = 3 द्विपरमाण्विक गैस के लिए]

प्रश्न 16.
दो गैसों X व Y के ताप, दाब व आयतन क्रमशः T, P व V हैं। यदि गैसें मिश्रित की जायें तो मिश्रण का ताप व आयतन क्रमशः V व T ही रहते हैं। मिश्रण का दाब व द्रव्यमान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
डाल्टन नियम से,
मिश्रण का दाब = P1 + P2 = P + P = 2P
इसी प्रकार द्रव्यमान दोगुना अर्थात् 2M हो जायेगा।

प्रश्न 17.
देर तक स्कूटर चलाते रहने पर टायर में वायुदाब कुछ बढ़ जाता है, क्यों?
उत्तर:
टायर व सड़क के बीच घर्षण के कारण टायर का ताप बढ़ जाने से उसमें भरी वायु का दाव बढ़ जाता है।

प्रश्न 18.
एक बन्द बर्तन में हीलियम व नाइट्रोजन के उच्च समान ताप हैं किस गैस की प्रति अणु कुल गतिज ऊर्जा अधिक होगी ?
उत्तर:
नाइट्रोजन की, क्योंकि दोनों गैसें समान ताप पर होने से दोनों की स्थानान्तरीय गतिज ऊर्जाएँ तो समान होंगी, परन्तु नाइट्रोजन गैस द्विपरमाणुक है, अतः इसके घूर्णन की गतिज ऊर्जा अधिक होगी।

प्रश्न 19.
गैस का अवस्था समीकरण (\(P+\frac{aT^2}{V}\))Vc = (RT + b) द्वारा प्रदर्शित है, जहाँ a, b, c व R नियतांक हैं। समतापी वक्र P = BVm – NVn द्वारा प्रदर्शित है, जहाँ A व B ताप पर निर्भर हैं तब व के मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
(\(P+\frac{aT^2}{V}\) )Vc = RT + b
⇒ P + aT2V-1 = RTV-c + bV-c
⇒ P = (RT+ b) V-c – (aT²) V-1
इस समीकरण की दिये गये समीकरण P = BVm – NVn से तुलना करने पर m = -c व n = -1 प्राप्त होता है।

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प्रश्न 20.
चित्र में तीन गैसों A, B व C के निश्चित मोलों के दाब (P) के सापेक्ष दाब आयतन (PV) का परिवर्तन स्थिर ताप (T) पर प्रदर्शित है। उचित तर्क देकर बताइए कि इनमें से कौन-सी गैस आदर्श गैस है
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -5
उत्तर:
आदर्श गैस के निश्चित मोलों (i) के लिए समीकरण है = PV – MRT चूँकि मोलों की संख्या व ताप T नियत हैं, अत: PV – नियत रहेगा। अतः ग्राफ C आदर्श गैस को निरूपित करता है

प्रश्न 21.
एक बक्से में हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के बराबर-बराबर अणु हैं, यदि बक्से में एक सूक्ष्म छिद्र हो तो कौन-सी गैस तेजी से निकलेगी ?
उत्तर:
प्रति सेकण्ड छिद्र से गैस लीक होने का आयतन छिद्र का क्षेत्रफल × गैस की औसत चाल
चूँकि गैस के अणुओं की चाल
अणुभार हाइड्रोजन का अणुभार ऑक्सीजन की तुलना में कम होता है, अतः बक्से में से छिद्र द्वारा हाइड्रोजन गैस तेजी से निकलेगी।

प्रश्न 22.
आदर्श गैस को ठोस या द्रव अवस्था में नहीं परिवर्तित किया जा सकता है?
उत्तर:
आदर्श गैस के अणुओं के मध्य अन्तराण्विक बल शून्य माने जाते हैं। द्रव व ठोस अवस्था में अणु परस्पर बन्धन की अवस्था में होते हैं और यह बन्धन आदर्श गैस के अणुओं में सम्भव नहीं है।

प्रश्न 23.
किस ताप पर गैस के सभी अणु गति विहीन हो जाते हैं?
उत्तर:
गैस के अणु गति सिद्धान्त के अनुसार गैस की प्रति अणु औसत गतिज ऊर्जा परमताप के अनुक्रमानुपाती होती है अर्थात्
\(\frac{1}{2}\)mvrms² = kT
\(\frac{1}{2}\)mvrms² ∝ T
∵ vrms² = 0
∴ T = 0
अतः परम शून्य ताप पर गैस के अणु गतिविहीन हो जाते हैं।

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अणु गति सिद्धान्त की आदर्श गैस के लिए प्रमुख परिकल्पनाएँ लिखिए। उनके आधार पर गैस दाब के लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
आदर्श गैसों का अणुगति सिद्धान्त (Molecular Kinetic Theory Of Ideal Gas):
आदर्श गैसों का अणुगति सिद्धान्त निम्नलिखित मुख्य परिकल्पनाओं पर आधारित है-
1. अणु (Molecule): प्रत्येक गैस बहुत छोटे-छोटे अणुओं से मिलकर बनी मानी गई है। ये अणु दृढ़ पूर्णतः प्रत्यास्थ ठोस गोले के रूप में माने गये हैं। ये अणु द्रव्यमान बिन्दु (Mass Point) माने जाते हैं अर्थात् इनका द्रव्यमान तो होता है, परन्तु आकार तथा आयतन प्रायः नगण्य होता है। वास्तव में ऐसा होना असम्भव है क्योंकि अणुओं का आयतन गैस के आयतन की तुलना में कम चाहे जितना हो, लेकिन शून्य कदापि नहीं हो सकता।

2. गति (Motion): अणु अनवरत ( Incessant) यादृच्छिक या अनियमित गति की अवस्था में माना जाता है। ये सभी सम्भव दिशाओं में सभी सम्भव वेगों से निरन्तर गति करते रहते हैं, अतः गैस आण्विक अव्यवस्था की अवस्था में होती है।

3. संघट्ट (Collisions): अणु आपस में तथा वर्तन की दीवारों से निरन्तर टकराते रहते हैं। प्रत्येक टक्कर में अणु की चाल तथा गति की दिशा बदल जाती है, परन्तु सभी अणुओं की कुल गतिज ऊर्जा स्थिर रहती है। टक्कर के कारण आण्विक घनत्व पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, अतः प्रति इकाई आयतन में अणुओं की संख्या पूरी गैस में समान रहती है।

4. बल (Force): अणुओं की टक्करें पूर्ण प्रत्यास्थ होती हैं, अतः अणुओं के मध्य कोई भी आकर्षण या प्रतिकर्षण बल कार्य नहीं करता है इसका तात्पर्य यह है कि आदर्श गैस की सम्पूर्ण ऊर्जा केवल गतिज ऊर्जा के रूप में ही होती है, आण्विक स्थितिज ऊर्जा शून्य होती है।

5. समय ( Time): टक्कर में अणुओं के सम्पर्क का समय दो उत्तरोत्तर टक्करों के मध्य लगे समय की तुलना में नगण्य होता है।

6. पथ (Path): दो उत्तरोत्तर टक्करों के बीच अणुओं का मार्ग ऋजुरेखीय होता है, इसे मुक्त पथ ( Free Path) कहते हैं। दो उत्तरोत्तर टक्करों के मध्य अणुओं के बीच औसत दूरी माध्य मुक्त पथ (Mean free Path) कहलाती है। सामान्य ताप एवं दाब पर यह 107 मी कोटि का होता है। माध्य मुक्त पथ को तय करने में लगा समय माध्य मुक्मत काल (mean free time) कहलाता है इसका मान 10-10 सेकण्ड कोटि का होता है।

7. अणुओं की गति पर गुरुत्वाकर्षण बल का कोई प्रभाव नहीं होता है क्योंकि अणुओं का द्रव्यमान नगण्य तथा वेग अत्यधिक होता है। इसी कारण पूरे बर्तन में गैस का घनत्व हर जगह समान होता है।

8. गैस के अणु सभी दिशाओं में समान रूप से दाव डालते हैं।

प्रश्न 2.
अणु गति सिद्धान्त के आधार पर ताप की क्या अविधारणा है? इसके आधार पर परम शून्य ताप की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
आदर्श गैस के ताप की अणुगतिक व्याख्या (Molecular Kinetic Interpretation of Temperature of an Ideal Gas):
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -6.1
अर्थात् गैस का परमताप उसकी औसत गतिज ऊर्जा के समानुपाती होता है। इस प्रकार स्पष्ट है कि आदर्श गैस की आन्तरिक ऊर्जा केवल उसके परमताप पर निर्भर करती है, दाब या आयतन पर नहीं। ताप की इस व्याख्या से स्पष्ट है कि आदर्श गैसों का अणुगति सिद्धान्त आदर्श गैस समीकरण और इस पर आधारित विभिन्न गैस नियमों के पूर्णतः संगत है।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

प्रश्न 3.
वाण्डर वाल्स समीकरण लिखिए। समझाइए कि सामान्य गैस समीकरण में यह संशोधन किन कारणों से आवश्यक हुए?
उत्तर:
वास्तविक गैसों के लिए अवस्था समीकरण : वाण्डरवाल समीकरण
(Equation Of State For Real Gas : Vanderwaal’s Equation):
बॉयल के नियमानुसार, स्थिर ताप पर किसी गैस के निश्चित द्रव्यमान के लिए दाब P तथा आयतन V का गुणनफल एक नियतांक होता है अर्थात् PV= नियतांक प्रयोगों द्वारा यह पाया जाता है कि कोई भी वास्तविक गैस इस नियम का पूर्णतः पालन नहीं करती। अति निम्न दाब तथा उच्च ताप पर वास्तविक गैसें इस नियम का एक सीमा तक पालन करती है, परन्तु उच्च दाब तथा निम्न ताप पर वास्तविक गैसें इस नियम से बहुत अधिक विचलन दिखाती हैं। बॉयल के नियमानुसार यदि PV व P के बीच ग्राफ खींचा जाए तो P अक्ष के समान्तर एक सरल रेखा आनी चाहिए परन्तु इन ग्राफों से स्पष्ट है कि PV का मान P के बढ़ने पर नियत नहीं रहता है बल्कि हाइड्रोजन के लिए P का मान बढ़ने पर PV का मान बढ़ता है। जबकि नाइट्रोजन के लिए P के बढ़ने पर PV का मान पहले घटता है तथा फिर बढ़ने लगता है। कार्बन डाइ ऑक्साइड जैसी गैसें (अधिक ताप पर द्रवित होने वाली गैसें) तो बॉयल के नियम से और भी अधिक विचलन दिखाती हैं।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -7
के बढ़ने पर PV का मान बढ़ता है, जबकि नाइट्रोजन के लिए P के बढ़ने पर PV का मान पहले घटता है तथा फिर बढ़ने लगता है। कार्बन डाइ ऑक्साइड जैसी गैसें (अधिक ताप पर द्रवित होने वाली गैसें तो बॉयल के नियम से और भी अधिक विचलन दिखाती हैं।
यह पाया गया है कि वास्तविक गैसों के आदर्श गैस के नियम से विचलन के दो प्रमुख कारण हैं- (i) अणुओं का अशून्य आकार तथा (ii) अन्तराण्विक अन्योन्यक्रिया ।

(i) अणुओं का अशून्य आकार :
आदर्श गैस के लिए अणुओं का आकार नगण्य माना जाता है जिससे अणुओं द्वारा घेरा गया आयतन गैस के कुल आयतन की तुलना में नगण्य होता है, परन्तु वास्तव में अणुओं का आकार नगण्य नहीं माना जा सकता है। एक वास्तविक गैस के लिए अणु का व्यास 10-10 मीटर की कोटि का होता है, जबकि गैस में दो अणुओं के बीच की औसत दूरी 10 मीटर की कोटि की होती है, अतः गैस के अणुओं का आयतन गैस के आयतन की तुलना में नगण्य नहीं माना जा सकता, विशेषकर अधिक दाब की स्थिति में जबकि गैस का स्वयं का आयतन बहुत कम होता है। यदि गैस का आयतन V है तो इस आयतन का कुछ भाग तो स्वयं अणु घेर लेते हैं, अतः अणुओं की गति के लिए उपलब्ध आयतन V से कुछ कम होगा। इसके लिए अणुओं के प्रभावी आयतन को गैस के प्रेक्षित आयतन V में से घटाना होगा। यदि अणुओं का प्रभावी आयतन 6 हो तो अणुओं को अपनी गति के लिए उपलब्ध आयतन (V – b) होगा।
अतः आदर्श गैस का आयतन Vi = V – b
जहाँ b एक नियतांक है।

(ii) अन्तराण्विक अन्योन्यक्रिया : आदर्श गैस के लिए अणुओं के बीच पारस्परिक आकर्षण अथवा प्रतिकर्षण बल को नगण्य माना जाता है, परन्तु वास्तविक गैस के लिए यह मान्यता सही नहीं है। गैस का प्रत्येक अणु दूसरे अणुओं पर एक बल आरोपित करता है, जिसे अन्तराण्विक बल कहते हैं साधारण दाब पर गैस के अणु बहुत दूर-दूर होते हैं, अतः उनके बीच अन्तराण्विक बल का मान नगण्य होता है। इसके अतिरिक्त उच्च ताप पर अणुओं की गतिज ऊर्जा अधिक होती है। जिससे अन्तराण्विक बल का उनकी गति पर प्रभाव नगण्य होता है, अतः निम्न दाब तथा उच्च ताप पर अन्तराण्विक बलों को नगण्य माना जा सकता है परन्तु उच्च दाब पर अणु एक-दूसरे के पास आ जाते हैं तथा वै एक-दूसरे को आकर्षित करने लगते हैं, अतः उच्च दाब तथा निम्न ताप पर आकर्षण बल की उपेक्षा नहीं की जा सकती।

माना कि गैस किसी बर्तन में बन्द है जो अणु पूर्णतः वर्तन के अन्दर हैं, जैसे- अणु A (चित्र 13.8); वे अपने चारों ओर के अणुओं द्वारा समान रूप से आकर्षित होते हैं, अतः ऐसे अणुओं पर परिणामी अन्तराण्विक बल शून्य होता है, परन्तु जो अणु वर्तन की दीवार के समीप हैं, जैसे- अणु B उन पर परिणामी अन्तराण्विक बल अन्दर की ओर कार्य करता है जिससे वे अन्दर की ओर खिंचते हैं। इस खिचाव के कारण दीवार से टकराते समय अणु के संवेग में कुछ कमी आ जाती है। जिससे अणु दीवार पर उतना बल आरोपित नहीं कर पाता जितना कि वह अन्तराण्विक बल की अनुपस्थिति में करता है। अतः गैस का प्रेक्षित दाब उसके वास्तविक दाब से कम होता है। यदि दाब में यह कमी ß हो तो गैस का वास्तविक दाब (P + ß) रखना होगा।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -8
ß का मान दो बातों पर निर्भर करता है- (i) दीवार के समीप अणु को आकर्षित करने वाले अणुओं की प्रति एकांक आयतन में संख्या पर, (ii) दीवार के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर प्रति सेकण्ड टकराने वाले अणुओं की संख्या पर ये दोनों कारक प्रति एकांक आयतन में अणुओं की संख्या अर्थात् गैस के घनत्व के अनुक्रमानुपाती होते हैं।
अतः दाब में कमी ß ∝ (घनत्व × घनत्व) ∝ (घनत्व)²
घनत्व ∝ \(\frac{1}{\text { आयतन (V) }}\)
अतः ß ∝ \(\frac{1}{V^2}\) अथवा ß = \(\frac{a}{V^2}\)
जहाँ गैस के 1 ग्राम अणु के लिए नियतांक है।
अतः वास्तविक दाब (P+ ß) = \(P+\frac{a}{V^2}\)
अतः आदर्श गैस समीकरण में P के स्थान पर (\(P+\frac{a}{V^2}\)) रखना होगा।

वाण्डर वाल्स समीकरण : आदर्श गैस समीकरण में अणुओं के अशून्य आकार तथा अणुओं के बीच लगने वाले अन्तराण्विक बल का संशोधन लगाने पर वास्तविक गैस के लिए निम्न समीकरण प्राप्त होता है-
(\(P+\frac{a}{V^2}\))(V – b) = RT
यह वाण्डर वाल गैस समीकरण कहलाता है तथा 6 वाण्डर वाल नियतांक कहलाते हैं। वास्तविक गैसें इस समीकरण का उच्च दाब व निम्न ताप पर भी काफी सीमा तक पालन करती हैं।

प्रश्न 4.
गैसों के अणु गति सिद्धान्त के आधार पर किसी गैस के लिए बॉयल, चार्ल्स, आवोगाद्रो तथा गेलुसाक के नियमों का निगमन कीजिए।
उत्तर:
गैसीय नियम एवं अणुगति सिद्धान्त से निगमन
(Gas Laws and Derivations of its on the Basis of Kinetic Theory)
(i) बॉयल का नियम (Boyle’s Law):
इस नियम के अनुसार, “नियत ताप पर, गैस के किसी दिए गए द्रव्यमान का दाब उसके आयतन के व्युत्क्रमानुपाती होता है।”
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -9
यही बॉयल का नियम है अर्थात् नियत ताप पर किसी गैस के निश्चित द्रव्यमान का आयतन उसके दाब के व्युत्क्रमानुपाती है।

(ii) चार्ल्स का नियम (Charle’s Law):
इस नियम के अनुसार, “नियत दाब पर किसी दी गई गैस का आयतन उसके परमताप (T) के अनुक्रमानुपाती होता है।”
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -10

(iii) दाब-ताप का नियम या गैलुसॉक का नियम (PressureTemperature law or Gay-Lussac’s Law):
इस नियम के अनुसार, “नियत आयतन पर गैस का दाब परमताप के अनुक्रमानुपाती होता है।”
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -11

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प्रश्न 5.
स्वतन्त्र्यता की कोटि से क्या अभिप्राय है? ऊर्जा समवितरण से एकपरमाणुक, द्विपरमाणुक एवं त्रिपरमाणुक गैसों की विशिष्ट ऊष्माओं की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
एकल, द्विपरमाणुक व बहुपरमाणुक अणुओं की स्वातंत्र्य कोटियाँ (Degrees Of freedom Of monoatomic Diatomic and Polyatomic Molecules):
(a) गैस के एक-परमाण्विक अणु के लिए,
N = 1 तथा K = 0
f = 3 × 1 – 0 = 3
अर्थात् गैसों के एक परमाण्विक अणु में स्वतन्त्रता की तीन कोटियाँ होती हैं।

(b) गैस के द्वि-परमाण्विक अणु के लिए, द्वि-परमाण्विक अणु में दोनों परमाणु एक निश्चित दूरी पर आण्विक बन्ध द्वारा बँधे रहते हैं, अत:
N = 2 तथा K = 1
f = 3 × 2 – 1 = 5

(c) गैस के त्रि-परमाण्विक अणु के लिए-समतलीय त्रि-परमाण्विक अणु में तीनों परमाणु एक-दूसरे के सापेक्ष निश्चित दूरियों पर तीन आण्विकों द्वारा बद्ध रहते हैं जैसा चित्र 13.9 में प्रदर्शित है। अतः
N = 3 तथा K = 3
f = 3 × 3 – 3 = 6
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -12
अर्थात् समतलीय त्रि-परमाण्विक अणु में छः स्वतन्त्रता की कोटियाँ होती हैं।
रेखीय त्रि-परमाण्विक अणु में,
N = 3 तथा K = 2
f = 3 × 3 – 2 = 7
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -13
अर्थात् रेखीय त्रि-परमाण्विक अणु में सात स्वतन्त्रता की कोटियाँ होती हैं।
किसी बर्तन में बन्द गैस एक ऊष्मागतिक निकाय है। गैस के परमाणु अथवा अणु अनियमित गति की अवस्था में रहते हैं। उनमें विभिन्न प्रकार की गतियों के कारण गतिज ऊर्जा होती है। गैस के अणुओं की स्वतन्त्रता की कोटियाँ इस बात से भी निर्धारित की जाती हैं कि वे अणु कितने तरीके से ऊर्जा अवशोषित करते हैं। किसी निकाय के कण जितने स्वतन्त्र तरीकों से ऊर्जा अवशोषित कर सकते हैं, वे उसकी स्वतन्त्रता की कोटियाँ कहलाती हैं।

गैसों की विशिष्ट ऊष्माएँ (SPECIFIC HEAT OF A GAS)
हमें ज्ञात है कि 1 मोल गैस की परमताप पर कुल आन्तरिक ऊर्जा
U = \(\frac{1}{2} f \mathrm{RT}\) …….(1)
अवकलन करने पर
\(\frac{d \mathrm{U}}{d \mathrm{~T}}=\frac{1}{2} f \mathrm{R}\) …………..(2)
माना कि गैस को ‘स्थिर आयतन पर’ गर्म करके उसके ताप में dT वृद्धि की जाती है। तब गैस को दी गयी ऊष्मा dQ = CVdT होगी। चूँकि आयतन स्थिर रहता है, अतः बाह्य कार्य शून्य होगा। अतः ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से,
dU = dQ – dW से,
dU = CVdT
या CV = \(\frac{dU}{dT}\) ……………(3)
समी (2) व (3) से
\(\mathrm{C}_{\mathrm{V}}=\frac{1}{2} f \mathrm{R}\)
यह गैस की स्थिर आयतन पर ग्राम-अणुक विशिष्ट ऊष्मा है। स्थिर दाब पर ग्राम-अणुक विशिष्ट ऊष्मा के लिए मेयर सम्बन्ध \(\mathrm{C}_{\mathrm{P}}-\mathrm{C}_{\mathrm{V}}=\mathrm{R}\) से
CP = CV + R = \(\frac{1}{2} fR\) + R
CP = (\(\frac{f}{2}\) + 1)R
गैस की ग्राम अणुक विशिष्ट ऊष्माओं की निष्पत्ति-
\(\gamma=\frac{\mathrm{C}_{\mathrm{P}}}{\mathrm{C}_{\mathrm{V}}}=\frac{\left(\frac{f}{2}+1\right) \mathrm{R}}{\frac{f}{2} \mathrm{R}}\)
\(\gamma=1+\frac{2}{f}\)
स्पष्ट है कि स्वातंत्र्य कोटि की संख्या f का मान बढ़ने पर γ घटता है।

प्रश्न 6.
माध्य मुक्त पथ से क्या अभिप्राय है? इसके लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
माध्य मुक्त पथ की अवधारणा (Concept Of Mean Free Path):
गैसों के अणुगति सिद्धान्त के अनुसार किसी गैस के अणु विभिन्न चालों से सभी सम्भव दिशाओं में लगातार गति करते रहते हैं। गति करने के दौरान ये एक-दूसरे से संघट्ट करते हैं जिससे उनकी चाल तथा गति की दिशा दोनों बदलते रहते हैं। टक्करों के समय को छोड़कर, अणु एक-दूसरे पर कोई आकर्षण बल नहीं लगाते हैं, अतः दो टक्करों के बीच अणु नियत चालों से सीधी रेखाओं में चलते हैं। यदि किसी एक अणु के पथ को प्रेक्षित किया जाए तब वह टेढ़ी-मेढ़ी सीधी रेखाओं का पथ प्राप्त होता है।

दो उत्तरोत्तर टक्करों के बीच अणु पथ की लम्बाई अणु का मुक्त पथ कहलाती है। एक दीर्घ समयावधि में अणु के सभी मुक्त पथों का औसत अणु का माध्य मुक्त पथ (Mean Free Path) कहलाता है अतः “किसी अणु का माध्य मुक्त पथ वह औसत दूरी है जो कि अणु अन्य अणुओं से दो उत्तरोत्तर टक्करों के बीच तय करता है।” इसे प्रायः λ से प्रदर्शित करते हैं।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -13
यदि गैस के अणु द्वारा N टक्करों में तय की गई दूरियाँ क्रमश: λ1, λ2, λ3 ……… λN

औसत मुक्त पथ λ = \(\frac{\lambda_1+\lambda_2+\lambda_3+\ldots \lambda_N}{N}\) ……….(1)
यदि कुल पथ में अणु द्वारा लिया गया समय t हो तथा अणु की औसत चाल हो तो
औसत मुक्त पथ λ = \(\frac{\lambda_1+\lambda_2+\lambda_3+\ldots \lambda_N}{N}\) …….(2)

माध्य मुक्त पथ के लिए व्यंजक (Expressions for Mean Free Path):
माना एक पात्र में गैस भरी है तथा इसके प्रति एकांक आयतन में अणु है। प्रत्येक अणु का व्यास है माना इस गैस का केवल एक अणु 1] वेग से गतिमान है तथा शेष सभी अणु स्थिर हैं। गतिमान अणु उन सभी अणुओं से टकरायेगा, जिनके केन्द्र इसके केन्द्र से दूरी पर है जैसा चित्र 13-15 में प्रदर्शित है 3 समय में अणु द्वारा तय की गई दूरी है। अत: Ar समय में यह अणु उन सभी अणुओं से टकरायेगा जिनकी त्रिज्या है तथा लम्बाई के बेलन में है।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -14
बेलन का आयतन = πd²v.∆t
बेलन में अणुओं की संख्या = आयतन × प्रति एकांक आयतन में उपस्थित अणु
= (πd²v.∆t).n ……..(3)
यदि अणु द्वारा अन्य अणुओं से 3 समय में टक्करों की संख्या है अर्थात्
N = = πd²v.∆t.n …………(4)
औसत मुक्त पशु λ = \(\frac{v.∆t}{N}\)
= \(\frac{v \cdot \Delta t}{\pi d^2 v \cdot \Delta t \cdot n}=\frac{1}{\pi d^2 n}\)
या λ = \(\frac{1}{\pi d^2 n}\) ………..(5)
इस सूत्र को प्राप्त करने में हमने यह कल्पना की कि दूसरे सभी अणु विरामावस्था में है। परन्तु वास्तव में सभी अणु गतिमान है और संघट्ट दर अणुओं के औसत आपेक्षिक वेग द्वारा निर्धारित की जाती है। अन्य अणुओं की गति पर विचार करने पर अणु का माध्य मुक्त पथ निम्नलिखित होगा –
λ = \(\frac{1}{√2 \pi d^2 n}\) ………..(6)
यही अभीष्ट व्यंजक है, इसके अनुसार अणु का माध्य मुक्त पथ प्रति एकांक आयतन में अणुओं की संख्या के अनुक्रमानुपाती है अर्थात् यह गैस के अणु घनत्व के व्युत्क्रमानुपाती है।
आदर्श गैस के लिए
PV = NkT
n = \(\frac{N}{V}\)
P = nkT ⇒ n = \(\frac{P}{kT}\)
समीकरण (6) मैं n का मान रखने पर
λ = \(\frac{kT}{√2 \pi d^2 P}\) ………..(7)
स्पष्ट है कि
λ ∝ \(\frac{T}{P}\)
अर्थात् गैस के अणुओं का औसत मुक्त पथ गैस के परमताप के अनुक्रमानुपाती तथा गैस के दाब के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

प्रश्न 7.
अणु गति सिद्धान्त का सम्बन्ध P = \(\frac{1}{3} r \bar{c^2}\) मानते हुए सिद्ध कीजिए कि अणु की औसत गतिज ऊर्जा गैस के परम ताप के समानुपाती होती है।
उत्तर:
आदर्श गैस के ताप की अणुगतिक व्याख्या (Molecular Kinetic Interpretation of Temperature of an Ideal Gas):
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -6.2
अर्थात् गैस का परमताप उसकी औसत गतिज ऊर्जा के समानुपाती होता है। इस प्रकार स्पष्ट है कि आदर्श गैस की आन्तरिक ऊर्जा केवल उसके परमताप पर निर्भर करती है, दाब या आयतन पर नहीं। ताप की इस व्याख्या से स्पष्ट है कि आदर्श गैसों का अणुगति सिद्धान्त आदर्श गैस समीकरण और इस पर आधारित विभिन्न गैस नियमों के पूर्णतः संगत है।

आंकिक प्रश्न (Numerical Questions)

आदर्श गैस समीकरण तथा इसके नियम पर आधारित

प्रश्न 1.
250 सेमी³ आयतन वाले विद्युत् बल्ब को सील करते समय 27°C ताप पारे का 10-3 मिमी दाब था। बल्ब में अणुओं की संख्या कितनी है?
उत्तर:
8.04 × 1015

प्रश्न 2.
1 × 10-6 m³ आयतन के वायु के बुलबुले झील की सतह के नीचे 40 मीटर गहराई पर हैं, जहाँ ताप 283K है। जब बुलबुला जल की संतह पर पहुँचे, तो इसका आयतन बताइए जल की सतह पर ताप 27°C है वायुमण्डलीय दाब = 1.01 × 105 Pa
उत्तर:
4.15 × 10-6

प्रश्न 3.
किसी गैस का निश्चित आयतन पर दाब 2000 न्यूटन / मी² से परिवर्तित होकर 3000 N/m² हो जाता है। यदि प्रारम्भिक ताप 350 K था तो अन्तिम ताप ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
525K

प्रश्न 4.
किसी फ्लास्क में 27°C ताप पर 13 ग्राम आदर्श गैस भरी है ताप बढ़कर 52°C करने पर कितनी गैस फ्लास्क से निकल जायेगी जबकि गैस का तापं 52°C व दाब पूर्ववत् ही रहें?
उत्तर:
1 ग्राम

प्रश्न 5.
अन्तरिक्ष के किसी क्षेत्र के प्रति सेमी³ आयतन में औसतन केवल 5 अणु हैं तथा वहाँ पर ताप 3 K है इतनी विरल गैस का दाब क्या है ? (बोल्ट्जमैन नियतांक (k) = 1.38 × 10-23 जूल / K)
उत्तर:
20.7 x 10-17N/m²

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

अणुओं के वेगों पर आधारित

प्रश्न 6.
स्थिर दाब पर 327°C ताप की हाइड्रोजन को किस ताप तक ठण्डा किया जाए कि उसके अणुओं का वर्ग माध्य-मूल वेग पहले का आधा हो जाये ?
उत्तर:
123°C

प्रश्न 7.
तीन अणुओं के वेग क्रमश: 3v, 4v व 5v हैं। इनकी वर्ग-माध्य-मूल चाल ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
4.08v

प्रश्न 8.
किसी ताप पर ऑक्सीजन के अणुओं की वर्ग-माध्य मूल चाल 150 मी/से है उसी ताप पर हाइड्रोजन के अणुओं की वर्ग- माध्य-मूल चाल क्या होगी ? (Mo = 32, MH = 2)
उत्तर:
600 मी/से

प्रश्न 9.
नाइट्रोजन अणु के वर्ग माध्य-मूल वेग का मान 15°C ताप तथा पारे के स्तम्भ के 76 सेमी दाब पर ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
5.06 × 104 सेमी / से

अणुओं की ऊर्जा पर आधारित

प्रश्न 10.
27°C ताप पर हाइड्रोजन के लिए ज्ञात कीजिए-
(i) एक ग्राम अणु गैस की गतिज ऊर्जा,
(ii) एक ग्राम गैस की गतिज ऊर्जा [हाइड्रोजन का अणुभार 2, तथा R = 8.31 J mol-1K-1]
उत्तर:
(i) 3.74 × 105 जूल
(ii) 1.87 × 103 जूल

प्रश्न 11.
एक ग्राम अणु गैस की गतिज ऊर्जा सामान्य ताप व दाब पर ज्ञात कीजिए तथा 273°C पर इसका मान क्या होगा ?
उत्तर:
3.40 × 103 जूल, 6.80 × 103 जूल

प्रश्न 12.
गैस की गतिज ऊर्जा प्रति मोल, NTP पर ज्ञात कीजिए यदि गैस का घनत्व 0.178 किग्रा / घन मीटर है तथा अणुभार 4 हो ।
उत्तर:
3414 जूल

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

प्रश्न 13.
किसी गैस का ताप 68°C है इसको किस ताप पर गर्म किया जाये ताकि (i) अणुओं की औसत गतिज ऊर्जा दोगुनी हो जाये, (ii) अणुओं का वर्ग माध्य-मूल वेग दोगुना हो जाये ?
उत्तर:
(i) 137°C
(ii) 547°C

प्रश्न 14.
300 K ताप पर किसी गैस के अणु की माध्य गतिज ऊर्जा क्या है? इस ताप पर हाइड्रोजन गैस के किसी अणु की वर्ग-माध्य-मूल चाल क्या होगी ? (R = 8.31 J mole-1 K-1, N = 6.02 × 1023 प्रति मोल तथा हाइड्रोजन के अणु का द्रव्यमान 3.34 × 10-27 Kg)
उत्तर:
1.93 × 103 ms-1

औसत मुक्त पथ पर आधारित

प्रश्न 15.
100°C तथा I arm दाब पर, जल वाष्य में, जल के अणु के माध्य मुक्त पथ की गणना कीजिए। जल के अणु का व्यास 44 बोल्ट्समैन नियतांक kg = 1.38 × 10-23 JK
उत्तर:
7.2 × 10-8 मी

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

Haryana State Board HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

बहुविकल्पीय प्रश्न:

1. मेथेन व एथेन को इससे एक पद अभिक्रिया में प्राप्त किया जाता है-
(1) C2H2
(2) CH3I
(3) CH3OH
(4) C2H5OH.
उत्तर:
(2) CH3I

2. द्रव हाइड्रोकार्बन को इसके द्वारा गैसीय हाइड्रोकार्बन मिश्रण में परिवर्तित किया जा सकता है-
(1) भंजन
(2) जल-अपघटन
(3) ऑक्सीकरण
(4) कम दाब पर आसवन।
उत्तर:
(1) भंजन

3. निम्नलिखित में से कौन जल के साथ अभिक्रिया द्वारा मेथेन गैस, उत्पन्न करता है?
(1) सिलिकौन कार्बाइड
(2) कैल्सियम कार्बाइड
(3) ऐलुमिनियम का कार्बाइड
(4) आयरन कार्वाइड।
उत्तर:
(3) ऐलुमिनियम का कार्बाइड

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

4. सिर्फ दो मोनो-क्लोरो व्युत्पन्न समावयवी संभव है-
(1) n-ब्यूटेन के
(2) 2, 4-द्वाइमेयिल पेन्टेन के
(3) बेंजीन के
(4) 2 -मेथिल प्रोपेन के।
उत्तर:
(1) n-ब्यूटेन के

5. C2H5Cl बनाने के लिए सबसे अच्छी अभिक्रिया दशाएँ हैं-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 1
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 2

6. निम्नलिखित में से कौन-सा यौगिक Conc. H2SO4 को गर्म करने पर भी नहीं घुलेगा ?
(1) ऐथिलीन
(2) बेंजीन
(3) हैक्सेन
(4) एनिलीन।
उत्तर:
(3) हैक्सेन

7. अधिकतम क्यथनांक है-
(1) आइसो ऑक्टेन
(2) n-ऑक्टेन
(3) 2, 2, 3, 3-टेट्रामेषिल ब्यूटेन
(4) n-ब्यूटेन।
उत्तर:
(2) n-ऑक्टेन

8. पैराफिन इसमें घुलता है-
(1) आसवित जल
(2) बेंजीन
(3) मेथेनॉल
(4) लवणीय जल।
उत्तर:
(2) बेंजीन

9. एल्किल हैलाइड पर Zn की अभिक्रिया द्वारा ऐल्केन बनने की क्रिया को कहते है-
(1) फ्रैंकर्सैं अभिक्रिया
(2) वुर्ट्ज अभिक्रिया
(3) कैनिजारो अभिक्रिया
(4) कोल्बे की अभिक्रिया।
उत्तर:
(1) फ्रैंकर्सैं अभिक्रिया

10. बन्द नली में मेषिल ब्रोमाइह को बिंक के साथ गर्म करने पर प्राप्त होता है-
(1) मेथेन
(2) ऐेथेन
(3) ऐथाइडलीन
(4) मेथेनॉल।
उत्तर:
(2) ऐेथेन

11. C2H6 में C-C-H है-
(1) 90°
(2) 109.5°
(3) 120°
(4) 180°
उत्तर:
(2) 109.5°

12. निम्न में से किसकी अभिक्रिया ग्रिगनार्ड अभिकर्मक के साध कराने पर हाइड्रोकार्बन बनता है-
(1) CH3CH2OH
(2) CH3CHO
(3) CH3COCH3
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(1) CH3CH2OH

13. निम्नलिखित में से कौन-से यौगिक मुख्वतया प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ देते हैं-
(1) ऐल्केन
(2) ऐल्कीन
(3) ऐल्काइन
(4) ये सभी।
उत्तर:
(1) ऐल्केन

14. किसके द्वारा भंजन प्रदर्शित होता है-
(1) ऐल्केन
(2) पेट्रोलियम
(3) ईथर
(4) बेंजीन।
उत्तर:
(1) ऐल्केन

15. किसी पदार्थ का जलीय विलयन विद्युत-अपघटन द्वारा ऐथेन देता है, वह पदार्थ है-
(1) एसीटिक अम्ल
(2) एसिटेमाइड
(3) पोटेशियम ऐसीटेट
(4) ऐथाइल ऐसीटेट।
उत्तर:
(3) पोटेशियम ऐसीटेट

16. ऐल्केनों का हैलोजनीकरण उदाहरण है-
(1) इलेक्ट्रोफिलिक प्रतिस्थापन का
(2) न्यूक्लिओफिलिक प्रतिस्थापन का
(3) मुक्त मूलक प्रतिस्थापन का
(4) ऑक्सीकरण का
उत्तर:
(3) मुक्त मूलक प्रतिस्थापन का

17. अभिक्रिया \(\mathrm{C}_{10} \mathrm{H}_{22} \stackrel{900 \mathrm{~K}}{\longrightarrow} \mathrm{C}_4 \mathrm{H}_8+\mathrm{C}_6 \mathrm{H}_{14}\) का नाम है-
(1) एल्कलीकरण
(2) भंजन
(3) हिद्हड्रोजनीकरण
(4) आसवन।
उत्तर:
(2) भंजन

18. मेथिल मैग्नीशियम ब्रोमाइड तथा एथिल ऐल्कोहॉल की अभिक्रिया में कार्बनिक उत्पाद है-
(1) मेथेन
(2) ऐथेन
(3) प्रोपेन
(4) व्यूटेन।
उत्तर:
(1) मेथेन

19. विकार्वांक्सिलीकरण निम्न में से किससे सम्बन्धित है-
(1) योगात्मक अभिक्रिया
(2) सोडालाइम
(3) ऐल्केनों की संरचना
(4) इंयर।
उत्तर:
(2) सोडालाइम

20. कौन जल-अपघटन पर मेथेन देता है-
(1) CaC2
(2) CH2Br
(3) Al4C3
(4) C2H5MgBr
उत्तर:
(3) Al4C3

21. जब सोडियम ऐसीटेट को सोडालाइम के साथ अभिकृत कराया जाता है तो पदार्थ बनता है-
(1) मेथेन
(2) एसिटाईलीन
(3) एधाइलीन
(4) ऐेथेन।
उत्तर:
(1) मेथेन

22. यौगिक जो CH3Mgl के साथ अभिक्रिया द्वारा मेथेन नहीं देता है-
(1) CH3CH2NH2
(2) C2H5OH
(3) (CH3)3N
(4) NH3
उत्तर:
(3) (CH3)3N

23. निम्नलिखित में से कौन हाइड्रोकार्बन का मिश्रण नहीं है-
(1) केंडल वैक्स
(2) कँरोसिन
(3) वनस्पति तेल
(4) पैराफिन तेल।
उत्तर:
(3) वनस्पति तेल

24. जब सोडियम प्रोपिओनेट को सोडालाइम के साय गर्म करते हैं जो उत्पाद बनात है-
(1) CH3
(2) C2H6
(3) C3H8
(4) C4H10
उत्तर:
(2) C2H6

25. ऐल्केन श्रेणी C1 से C4 तक के सदस्यों की जौतिक अवस्या है-
(1) टेस
(2) द्रव
(3) गैस
(4) इनमें से कोई नही।
उत्तर:
(3) गैस

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

26. मार्श गैस में मुख्यतः होता है।
(1) C2H2
(2) CH4
(3) H2S
(4) CO
उत्तर:
(2) CH4

27. पैराफिन इसमें विलेय है-
(1) आसुत जल
(2) बेन्जीन
(3) मेषेनॉल
(4) CO
उत्तर:
(2) बेन्जीन

28. मेथिल मैग्नीशियम ब्रोमाइड पर जल की क्रिया द्वारा हूमें प्राप्त होता है-
(1) CH4
(2) C2H6
(3) CH3OH
(4) C2H5OH
उत्तर:
(1) CH4

29. मेथेन एक आकार होता है-
(1) समचतुष्फलकीय
(2) अष्टफलकीय
(3) गोलीय
(4) वर्गाकार समतल।
उत्तर:
(1) समचतुष्फलकीय

30. किस यौगिक का क्वथनांक सर्वाधिक है-
(1) n-पेन्टेन
(2) 2-मेथिल ब्यूटेन
(3) 2, 2-डाइमेथिल प्रोपेन
(4) n-हेक्सेन।
उत्तर:
(4) n-हेक्सेन।

31. मेथेन बनाने में निम्न में से कौन-सा कार्बाइड प्रयुक्त होता है।
(1) CaC2
(2) Mg2C3
(3) Al4C3
(4) B4C
उत्तर:
(3) Al4C3

32. कार्बन शृंखला में कार्बन परमाणु बढ़ाने पर ऐल्केन का क्वथनांक-
(1) बढ़ता है
(2) घटता है
(3) अप्रभावित रहता है
(4) बढ़ या घट सकता है।
उत्तर:
(1) बढ़ता है

33. निम्न में से किसके जल अपघटन पर मेथेन प्राप्त होता है-
(1) Al4C3
(2) CaC2
(3) n-C3H7MgBr
(4) शुष्क बर्फ।
उत्तर:
(1) Al4C3

34. मेथेन व एथेन दोनों को अलग-अलग एक पद अभिक्रिया द्वारा निम्न से प्राप्त कर सकते हैं-
(1) C2H4
(2) CH3I
(3) CH2OH
(4) C2H2OH
उत्तर:
(2) CH3I

35. मेथेन बनाने की सबसे उचित विधि है-
(1) प्राकृतिक गैस का द्रवीकरण
(2) वुर्ट्ज अभिक्रिया
(3) CH2Cl2 का अपचयन
(4) इनपमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(2) वुर्ट्ज अभिक्रिया

36. CCl4 में बन्ध कोण का मान लगभग है-
(1) 90°
(2) 109°
(3) 120°
(4) 180°
उत्तर:
(2) 109°

37. आइसो पेन्टेन में कितने द्वितीयक (secondary) कार्बन परमाणु है-
(1) 1
(2) 2
(3) 3
(4) 4
उत्तर:
(1) 1

38. निम्न में से कौन-सा यौगिक सान्द्र H2SO4 के साथ गर्म करने पर भी नहीं घुलता है।
(1) एधिलीन
(2) बेन्जीन
(3) हेक्सेन
(4) ऐनिलीन।
उत्तर:
(3) हेक्सेन

39. शुद्ध n-हेक्सेन को प्राप्त करने के लिये सोडियम की निम्न में से किस अभिकर्मक द्वारा क्रिया कराते हैं।
(1) एथिल ब्रोमाइड तथा n-ब्यूटिल ब्रोमाइड
(2) n-प्रोपित ब्रोमाइड
(3) मेथिल ब्रोमाइड तथा n-ऐमिल ब्रोमाइड
(4) एथिल क्लोराइड तथा n-ब्यूटिल क्लोराइड।
उत्तर:
(2) n-प्रोपित ब्रोमाइड

40. ऐल्केन के भिन्न-भिन्न कार्बन परमाणुओं से आबन्धित हाइड्रोजन परमाणुओं की क्रियाशीलता का क्रम है-
(1) 3° > 2° > 1°
(2) 1° > 2° > 3°
(3) 3° > 1° > 2°
(4) 2° > 1° > 3°
उत्तर:
(1) 3° > 2° > 1°

41. निम्न किसमें H2% अधिकतम है।
(1) CH4
(2) C2H4
(3) C6H6
(4) C2H2
उत्तर:
(1) CH4

42. ऐल्किल हैलाइड पर जिंक की अभिक्रिया द्वारा ऐल्केन का बनना कहलाता है-
(1) फ्रेंकलैण्ड अभिक्रिया
(2) कैनीजारो अभिक्रिया
(3) वुर्द्ज अभिक्रिया
(4) कोल्बे अभिक्रिया
उत्तर:
(1) फ्रेंकलैण्ड अभिक्रिया

43. ज्यामितीय समावयवता दर्शाने वाले यौगिक है-
(1) प्रोपीन
(2) 1-ब्यूटीन
(3) 2-क्यूटीन
(4) आइसो ब्यूटिलीन।
उत्तर:
(3) 2-क्यूटीन

44. संचयी हाईन का उदाहरण है-
(1) CH2 = CH-CH=CH2
(2) CH2 = C = CH-CH3
(3) CH3 = CH-CH2CH = CH2
(4) CH3 = CH-C = CH2
उत्तर:
(2) CH2 = C = CH-CH3

45. सी. एन. जी. में मुख्य रूप से होती है-
(1) मेथेन
(2) ऐधेन
(3) प्रोपेन
(4) ब्यूटेन।
उत्तर:
(1) मेथेन

46. यौगिक जिसके ओज्ञोनी अपघटन से ऐथेनेल प्राप्त होती है-
(1) ऐथीन
(2) ऐथाईन
(3) 2-ब्यूटीन
(4) 1-ब्यूटीन।
उत्तर:
(3) 2-ब्यूटीन

47. अमोनीकृत क्यूप्रस क्लोराइड विलयन के साथ अभिक्रिया कर लाल अवक्षेप देने वाला यौगिक है-
(1) प्रोषीन
(2) प्रोपाईन
(3) 2-व्यूटारन
(4) 2-ब्यूटीन।
उत्तर:
(2) प्रोपाईन

48. CH3CH = C = CH-CH3 अणु में sp संकरित कार्बन परमाणु है-
(1) C-2
(2) C-3
(3) C-4
(4) इनमें से कोई नही।
उत्तर:
(2) C-3

49. ऐथिलीन शीतल, तनु क्षारीय परमैगनेट बिलयन के साथ अभिक्रिया करके देता है-
(1) CH3CO
(2) CO3 के दो मोल
(3) CH3O के दो मोल
(4) C2H4(OH)2
उत्तर:
(2) CO3 के दो मोल

50. HBr का एट्टीमारकोनीकॉफ योग किसमें सम्भव नहीं है?
(1) प्रोपीन
(2) ब्यूटीन-1
(3) ब्यूट-2-ईन
(4) पेन्ट-2-इ्दन।
उत्तर:
(4) पेन्ट-2-इ्दन।

51. परॉक्साइड की उपस्थिति में ब्यूटीन-1 से HBr अणु के योग द्वारा उत्पन्न होता है-
(1) I-क्रोमो ब्यूटेन
(2) 2-ब्रोमो ब्यूटेन
(3) 1, 2-हाईं्रोमो ब्यूटेन
(4) n-ब्यूटेन।
उत्तर:
(1) I-क्रोमो ब्यूटेन

52. वह अभिक्रिया, जिसमें ऐल्कीन से जल के योग द्वारा ऐल्कोहॉल बनता है, कहलाती है-
(1) हाइड्रोजनीकरण
(2) जलयोजना
(3) जल-अपघटन
(4) संघनन।
उत्तर:
(2) जलयोजना

53. निम्न में से किस प्रकार की समावयवता ऐल्कीन में नहीं पायी जाती है-
(1) श्रृंखला समावयवता
(2) ज्यामितीय समावयवता
(3) मध्यावयवता
(4) स्थान समावयवता।
उत्तर:
(3) मध्यावयवता

54. ऐल्कीनों का सामान्य सूत्र है-
(1) CnH2n + 1
(2) CnH2n
(3) CnH2n + 2
(4) CnH2n – 2
उत्तर:
(3) CnH2n + 2

55. प्रोपिलीन में C-2 कार्बन परमाणु पर किस प्रकार का संकरण है-
(1) sp
(2) sp2
(3) sp3
(4) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(4) इनमें से कोई नहीं

56. CH3-CH = CH2 में C-C-C कोण कितना है-
(1) 90°
(2) 109.5°
(3) 120°
(4) 180°
उत्तर:
(3) 120°

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

57. निम्न में से कौन-सी ऐल्कीन ज्यामितीय समावयवता प्रदर्शित करती है-
(1) 1-ब्यूटीन
(2) 2-ब्यूटीन
(3) 2-मेथिलप्रोपीन
(4) प्रोपीन।
उत्तर:
(2) 2-ब्यूटीन

58. एथिलीन डाइब्रोमाइड के विहाइड्रोहैलोजनीकरण पर प्राप्त होता है-
(1) ऐथीन
(2) ऐथाइन
(3) ब्यूटाइन
(4) प्रोपाइन।
उत्तर:
(2) ऐथाइन

59. ऐथिलीन इस श्रेणी का सदस्य है-
(1) ऐल्काइन
(2) ओलिफिन
(3) पैराफिन
(4) ऐमीन।
उत्तर:
(2) ओलिफिन

60. ऐधिलीन निम्नलिखित किसके निर्जलीकरण पर प्राप्त होती है-
(1) CH3OH
(2) C2H5OH
(3) प्रोपिल ऐल्कोहॉल
(4) ऐथिल ऐसीटेट।
उत्तर:
(2) C2H5OH

61. ऐथिल ऐल्कोहॉल को सान्द्र H2SO4 के साथ गर्म किया जाता है। प्राप्त पदार्थ है-
(1) CH3COOC2H5
(2) C2H6
(3) C2H4
(4) C2H2
उत्तर:
(3) C2H4

62. निम्न में से कौन-सा क्षारीय KMnO4 का रंग नष्ट करता है-
(1) C3H8
(2) C2H4
(3) CH4
(4) CCl4
उत्तर:
(2) C2H4

63. CH3CH = CH.CHO निम्न के अनुप्रयोग द्वारा CH3CH = CH-COOH में ऑक्सीकृत हो सकता है-
(1) भारीय परमैगनेट
(2) अमोनीकृत सिल्वर नाइट्टेट
(3) सेलीनिमय द्वाओक्साएड
(4) ऑस्मियम टेट्राऑक्साइह।
उत्तर:
(2) अमोनीकृत सिल्वर नाइट्टेट

64. ऐोयीन में H-C-H कोण है, लगभग-
(1) 90°
(2) 60°
(3) 180°
(4) 120°
उत्तर:
(4) 120°

65. ऐंघिलीन में कार्बन परमाणुओं के मध्य है-
(1) दो पाई बन्ध
(2) एक सिग्मा तथा एक पाई बन्ध
(3) दो सिम्मा बन्य
(4) एक सिग्मा तथा दो पाई बन्ध
उत्तर:
(2) एक सिग्मा तथा एक पाई बन्ध

66. C4H8 अणुसूत्र के कितने संरचनात्मक समावयवी है-
(1) 2
(2) 3
(3) 4
(4) 5
उत्तर:
(3) 4

67. 2 -ब्यूटीन में कितने समावयवी होते हैं-
(1) 1
(2) 2
(3) 3
(4) 4
उत्तर:
(2) 2

68. ऐेयेन, ऐेंिलीन तथा ऐेसीटिलीन श्रेणी में C-H बन्ध कर्जा होती है-
(1) तीनों यौगिकों में समान
(2) ऐथेन में सर्वाधिक
(3) ऐधिलीन में सर्वाधिक
(4) ऐसीटिसीन में सर्थांकिक
उत्तर:
(4) ऐसीटिसीन में सर्थांकिक

69. “योग अणु का ऋणात्मक भाग उस C- परमाणु से जुड़ता है जो कम H – परमाणुओं से जुड़ा है।” यह कथन कहलाता है—
(1) थीले सिद्धान्त
(2) बायर का विकृति सिद्धान्त
(3) मारकोनीकॉफ का नियम
(4) परॉक्साइड का प्रभाव ।
उत्तर:
(3) मारकोनीकॉफ का नियम

70. —C ≡ C— उपस्थित है—
(1) एथीन में
(2) ब्यूटीलीन में
(3) एथाइन में.
(4) ग्लिसरीन में।
उत्तर:
(3) एथाइन में.

71. निम्न में से कौन-सा सोडियम के साथ अभिक्रिया करके हाइड्रोजन दिस्थापित करता है?
(1) CH4
(2) C2H6
(3) C2H4
(4) C2H2
उत्तर:
(4) C2H2

72. आइसोप्रोपीन पदार्थों का उपयोग इनके संश्लेषण में किया जाता
(1) प्रोपेन
(2) द्रव ईंधन
(3) रबड़
(4) पेट्रोन।
उत्तर:
(3) रबड़

73. निम्न में किसमें क्लोरीन की सर्वाधिक प्रतिशत मात्रा है ?
(1) पायरीन
(2) पी. वी. सी
(3) क्लोरल
(4) ऐथिलिडीन क्लोराइड
(5) गैर्मेक्सीन।
उत्तर:
(2) पी. वी. सी

74. HBr का एन्टीमारकोनीकॉफ योग किसमें सम्भव नहीं है?
(1) प्रोपीन
(2) ब्यूटीन 1
(3) ब्यूट-2 ईन
(4) पेण्ट-2 ईन।
उत्तर:
(3) ब्यूट-2 ईन

75. अमोनियामय AgNO3 से अभिक्रिया करके ऐसीटिलीन देता है-
(1) सिल्वर दर्पण
(2) सिल्वर धातु
(3) सिल्वर ऐसीटेट
(4) सिल्वर ऐसीटिलाइड।
उत्तर:
(4) सिल्वर ऐसीटिलाइड।

76. ऐल्कोहॉलीय NaOH निम्न में किसका विशिष्ट अभिकर्मक है?
(1) निर्जलीकरण
(2) विहाइड्रोजनीकरण
(3) विहाइड्हैलोजनीकरण
(4) विहैलोजनीकरण ।
उत्तर:
(3) विहाइड्हैलोजनीकरण

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

77. ऐसीटिलीन का औद्योगिक निर्माण निम्न में से किसके वातवरण में ग्रेफाइट इलैक्ट्रोड में विद्युत प्रवाहित करके किया जाता है?
(1) वायु
(2) N2
(3) H2
(4) CO2
उत्तर:
(3) H2

78. टेफ्लॉन इस एकलक का बहुलक है-
(1) मोनोफ्लुओरो ऐथेन
(2) डाइफ्लुओरो ऐथेन
(3) टेट्राफ्लुओरो ऐथीन
(4) टेट्राफ्लुओरो ऐथेन ।
उत्तर:
(3) टेट्राफ्लुओरो ऐथीन

79. एथिलीन में कौन-सा कोण लगभग सही है ?
(1) 60°
(2) 120°
(3) 90°
(4) 109.5°
उत्तर:
(2) 120°

80. 1, 3-ब्यूटाडाईन की ब्रोमीन के साथ संघनन अभिक्रिया से प्राप्त होगा—
(1) केवल 1, 2 संघनन उत्पाद
(2) केवल 1 4 संघनन उत्पाद
(3) केवल 1, 2 तथा 1 4 संघनन उत्पाद
(4) इनमें से कुछ नहीं।
उत्तर:
(3) केवल 1, 2 तथा 1 4 संघनन उत्पाद

81. प्रोपाइन तथा प्रोपीन को पहचान सकते हैं-
(1) सान्द्र H2SO4 द्वारा
(2) CCl4 में Bl2 द्वारा
(3) तनु KMnO4 द्वारा
(4) अमोनिया में AgNO3 द्वारा।
उत्तर:
(4) अमोनिया में AgNO3 द्वारा।

82. टेट्राब्रोमोऐथेन को जिंक चूर्ण के साथ गर्म करने पर प्राप्त होता है.—
(1) ऐथेन
(2) एथीन
(3) एथाइन
(4) एथिल ब्रोमाइड ।
उत्तर:
(3) एथाइन

83. अम्लीय हाइड्रोजन उपस्थित होते हैं—
(1) ऐथेन में
(2) एथीन में
(3) एथाहन में
(4) बेन्जीन में
उत्तर:
(3) एथाहन में

84. सल्फर मोनोक्लोराइड एथिलीन से अभिक्रिया करके उत्पन्न करता हैं—
(1) मस्टर्ड गैस
(2) ल्यूसाइट
(3) सैकरीन
(4) थायोफीन
उत्तर:
(1) मस्टर्ड गैस

85. बेन्जीन का नाइट्रीकरण है
(1) नाभिक स्नेही प्रतिस्थापन
(2) इलेक्ट्रॉन-स्नेही प्रतिस्थापन
(3) नाभिक स्नेही योग
(4) इलेक्ट्रॉन स्नेही योग
उत्तर:
(2) इलेक्ट्रॉन-स्नेही प्रतिस्थापन

86. बेन्जीन में σ एवं π-इलेक्ट्रॉनों की संख्या है
(1) 24 σ इलेक्ट्रॉन एवं 6π इलेक्ट्रॉन
(2) 12 σ इलेक्ट्रॉन एवं 6π इलेक्ट्रॉन
(3) 12 σ इलेक्ट्रॉन एवं 3π इलेक्ट्रॉन
(4) 24 σ इलेक्ट्रॉन एवं 3π इलेक्ट्रॉन
उत्तर:
(1) 24 σ इलेक्ट्रॉन एवं 6π इलेक्ट्रॉन

87. निम्न में सबसे अधिक शक्तिशाली मेटा दैशिक है—
(1) -NO2
(2) -SO3H
(3) -CHO
(4)-COOH.
उत्तर:
(1) -NO2

88. BHC में द्विबन्धों की संख्या है—
(1) 1
(2) 2
(3) 3
(4) शून्य ।
उत्तर:
(4) शून्य ।

89. फ्रीडेल क्राफ्ट्स अभिक्रिया में शुष्क ऐल्यूमिनियम क्लोराइड का
कार्य है—
(1) जल अवशोषित करना
(2) हाइड्रोक्लोरीन अम्ल अवशोषित करना
(3) इलेक्ट्रॉन स्नेही उत्पन्न करना
(4) नाभिक स्नेही उत्पन्न करना ।
उत्तर:
(3) इलेक्ट्रॉन स्नेही उत्पन्न करना

90. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 3
(1) बुर्टन-फिटिंग अभिक्रिया
(2) कोल्बे अभिक्रिया
(3) फ्रीडेल-क्राफ्टस अभिक्रिया
(4) रोजेनमुन्ड अभिक्रिया।
उत्तर:
(3) फ्रीडेल क्राफ्टस अभिक्रिया

91. बेन्जीन अणु में कार्बन परमाणुओं की संकरण अवस्था होती है-
(1) sp
(2) sp2
(3) sp3
(4) sp2 एवं sp3
उत्तर:
(2) sp2

92. निम्न यौगिकों की इलेक्ट्रॉन स्नेही से अभिक्रिया का सही क्रम है-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 4
(1) II > III > I
(2) III > I > II
(3) I > II > III
(4) I > II > III
उत्तर:
(3) I > II > III

93. बेन्जीन अणु में C—C दूरी है
(1) 1.54A°
(2) 1.39 A
(3) 1.34 A°
(4) 1.20 A°
उत्तर:
(2) 1.39 A

94. बेन्जीन के नाइट्रीकरण के लिए नाइट्रीकरण मिश्रण देता है
(1) NO3
(2) NO2+
(3) NO2
(4) NO2
उत्तर:
(3) NO2

95. सांद्र HNO3 एवं सांद्र H2SO4 के मिश्रण के उपयोग से बेन्जीन के द्वारा नाइट्रोबेन्जीन बनाई जा सकती है, नाइट्रीकरण मिश्रण में HNO3 कार्य करता है—
(1) क्षार की तरह
(2) अम्ल की तरह
(3) अपचायक की तरह
(4) उत्प्रेरक की तरह।
उत्तर:
(1) क्षार की तरह

96. बेन्जीन की खोज की थी
(1) केवेन्डिस ने
(2) फैराडे ने
(3) बर्जीलियमस ने
(4) बोहलर ने
उत्तर:
(2) फैराडे ने

97. बेन्जीन में C—C—C बन्ध कोण होता है लगभग
(1) 90°
(2) 109°
(3) 120°
(4) 108
उत्तर:
(3) 120°

98. निम्न से कौन-सा समूह ऑर्थो पैरा दैशिक है
(1) -NO2
(2) -CN
(3)-COOH
(4) -OH.
उत्तर:
(4) -OH.

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

99. बेन्जीन AICI3 की उपस्थिति में CH3COCl के साथ देती है
(1) C6H5Cl
(2) C6H5CO2Cl
(3) C6H5 – CH3
(4) C6H5 – COCH3
उत्तर:
(4) C6H5 – COCH3

100. निम्न में से किसमें कार्बोक्सिलिक समूह नहीं हैं-
(1) बेन्जोइक अम्ल
(2) पिकरिक अम्ल
(3) ऐस्परिन
(4) ऐथेनोइक अम्ल ।
उत्तर:
(2) पिकरिक अम्ल

101. बेन्जेल्डिहाइड एवं फार्मेल्डिहाइड का मिश्रण जलीय NaOH के साथ गर्म करने से देता है—
(1) बेन्जिल ऐल्कोहॉल एवं सोडियम
(2) सोडियम बेन्जोएट एवं मेथिल ऐल्कोहॉल
(3) सोडियम बेन्जोएट एवं सोडियम फॉर्मेट
(4) बेन्जिल ऐल्कोहॉल एवं मैथिल ऐल्कोहॉल |
उत्तर:
(1) बेन्जिल ऐल्कोहॉल एवं सोडियम

102. निम्न यौगिकों में इलेक्ट्रॉन स्नेही प्रतिस्थापन के प्रति क्रियाशीलता का घटता क्रम होता है—
C6H5—CH3, C6H6. C6H5 – CO – CH3, C6H5 – CF3
(1) III > I > II > IV
(2) IV > I > II > III
( 3 ) I > II > III > V
( 4 ) II > I > III > IV
उत्तर:
(1) III > I > II > IV

103. टॉलूईन के फ्रीडेल- क्राफ्ट संश्लेषण में शुष्क AlCl3 के अतिरिक्त अन्य अधिकर्मक होते हैं-
(1) C6H6 + CH4
(2) C6H6 + CH3Cl
(3) C6H5Cl + CH3Cl
(4) C6H5Cl + CH4
उत्तर:
(2) C6H6 + CH3Cl

104. सोडियम बेन्जोएट एवं सोडालाइम का मिश्रण गर्म करने पर देता
(1) बेन्जीन
(2) मेथेन
(3) सोडियम बेन्जोएट
(4) कैल्सियम बेन्जोएट ।
उत्तर:
(1) बेन्जीन

105. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 5
(1) बेन्जोइक अम्ल
(2) सेलिसिलिक अम्ल
(3) फीनॉल
(4) ऐनिलीन।
उत्तर:
(4) ऐनिलीन।

106. फीनॉल Zn चूर्ण के साथ आसवन पर देता है—
(1) C6H6
(2) C6H5 – C6H5
(3) C6H12
(4) C6H5 – O – C6H5
उत्तर:
(1) C6H6

107. इलेक्ट्रान स्नेही नाइट्रीकरण के लिए सबसे अधिक क्रियाशील यौगिक
(1) बेन्जीन
(2) नाइट्रोबेन्जीन
(3) बेन्जोइक अम्ल
(4) टॉलूईन।
उत्तर:
(4) टॉलूईन।

108. निम्न में से किस पर इलेक्ट्रॉन स्नेही आक्रमण सबसे आसान होता
(1) C6H6
(2) C6H5 – Cl
(3) C6H5OH
(4) C6H5 – CH3
उत्तर:
(3) C6H5OH

109. C7H5OH से बेन्जीन रिंग युक्त कितने समायवी बनते हैं-
(1) 4
(2) 5
(3) 6
(4) 7
उत्तर:
(2) 5

110. क्रोमिल क्लोराइड द्वारा टॉलूईन के बेन्जोल्डिहाइड में ऑक्सीकरण को कहते हैं—
(1) रोजेनमुन्ठ अभिक्रिया
(2) बुर्ज अभिक्रिया
(3) इटार्ड अभिक्रिया
(4) फिटिंग अभिक्रिया ।
उत्तर:
(3) इटार्ड अभिक्रिया

111. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 6
(1) 4- नाइट्रोक्लोरोबेन्जीन
(2) 1 नाइट्रो क्लोरो बेन्जीन
(3) 3- नाइट्रो क्लोरो बेन्जीन
(4) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(3) 3- नाइट्रो क्लोरो बेन्जीन

112. कार्बोक्सिलिक अम्ल है-
(1) फीनॉल
(2) फेनिल बेन्जोएट
(3) फेनिल ऐसीटेट
(4) सैलोल।
उत्तर:
(1) फीनॉल

अति लघु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
किसी ऐल्केन का पुन: संभवन क्यों किया जाता है ?
उत्तर:
किसी ऐल्केन की ऑक्टेन संख्या में वृद्धि करने के लिए पुन: संभवन किया जाता है। पुनः संभवन क्रिया उच्च ताप व उच्च दाब (28-50 वायुमण्डल दाब) पर होती है।

प्रश्न 2.
2, 2-डाइमेथिल ब्यूटेन में कितने द्वितीयक कार्बन हैं ?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 7

प्रश्न 3.
ऐथेन के ग्रस्त तथा सांतरित रूप साधारण ताप पर पृथक्कृत क्यों नहीं किए जा सकते हैं ?
उत्तर:
इन दोनों रूपों की ऊर्जाओं में अन्तर कम होने के कारण इन्हें साधारण ताप पर पृथक्कृत करना सम्भव नहीं होता।

प्रश्न 4.
ऐथेन के कितने संरूपण सम्भव हैं?
उत्तर:
असंख्य।

प्रश्न 5.
संरूपण क्या हैं?
उत्तर:
आबन्धों के विदलन के बिना एकल आबन्ध के परितः घूर्णन अथवा मरोड़न से प्राप्त संरचनाएँ संरूपण कहलाती हैं।

प्रश्न 6.
मेथेन को एथेन में परिवर्तित कीजिए।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 8

प्रश्न 7.
1, 2-डाइक्लोरोऐथेन के सांतरित रूप का न्यूमैन प्रक्षेपण खींचिए।
उत्तर-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 9

प्रश्न 8.
हाइड्रोकार्बन का मुब्य स्तोत बताइए।
उत्तर:
हाइड्रोकार्बन का मस्य रोत पेट्रोलियम है। घेट्टोलिखम चन्तनील विशेथ गन्थयकक्त गादे द्रव के रुप में पृथ्वी के नीचे कुछ विशेष स्तरों में पाबा जाता है। बह कार्बनिक पद्वार्थों के दौर्थकाल हक पृथ्वी के अन्दर द्वे रहने के कारण घनती है। पैट्टोलियम में भारी मात्रा में अनेक हाइड्रोकार्बन होते है। इन हाइड्रोकार्जन के साथ कूछ सोटोटिक बौगिक और नाइट्टोजन तथा सल्फर अदि की भी अल्प-मात्रा पाई जाती है। पेट्रोलियम के शोषन से प्राप्त कब्चे तेल्ल के प्रभाजी आसबन से हाइड्रोकार्बन प्राप्त हते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 10

प्रश्न 9.
सान्द्र H2SO4 ऐेघेन को सुखाने के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है, परन्तु ऐेखिलीन के लिए नही, समझाइए।
उत्तर:
क्यॉंकि ऐेषेन H2SO4 से कोई अभिक्रिजा नहाँ करती है, गबकि एधिलीन बान्द्र H2SO4 से अधिक्रिया करके एधिल हडड़्रोजन सल्फेट बनाती है।

प्रश्न 10.
ऐल्क्केन की क्रियाशीलता एल्कीनों एवं एल्काइ़ोनों से कम क्यों होती है।
उत्तर:
क्योंकि इनके C-C तथा C-H बन्ध क्रमशः अधुवीय एवं लगभग अपुवीय होते हैं। अतः भुवी आक्रमणकारी अभिकर्यक इन पर अक्रमण नहीं कर सकता है त्रबकि द्विबन्ध व त्रिबन्ध के π-इस्लेक्टॉन E+ को आकाषित कर लेते हैं।

प्रश्न 11.
मेखेन के सभी C-H बन्ध समान होते है, क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि मेयेन में कार्बन परमाणु sp3 संकरित होता है तथा सभी C-H बन्ष sp+ – 5 के अतिव्यापन से बने सिम्मा बन्ध होते हैं।

प्रश्न 12.
निओपेन्टेन केवल एक मोनो प्रतिस्थापन समाबयवी बेता है, बस्यों ?
उत्तर:
क्योंकि निओपेन्टेन [(CH3)4C] में उप्वस्वित सभी H समान 1° के होते है।

प्रश्न 13.
यह्छपि F की विद्युत ऋणात्मकता Cl से अधिक है, किन्यु CH3Cl का द्विशुव आघूर्ण CH3F से अधिक है, क्यों ?
उत्तर:
क्चोंकि C-Cl बन्ध की लम्बाई अधिक हेती है।

प्रश्न 14.
COOH समूह के विकार्थोक्सिलीकरण अभिक्रिया में प्रयुक्त होने वासा अभिकर्मक लिखें।
उत्तर:
सोडा लाइम (NaOH + CaO) ।

प्रश्न 15.
क्या CH4 एक रेखीय अणु है।
उत्तर:
नहीं।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

प्रश्न 16.
मेश्थेन के H-C-H कोण का मान बात्तए।
उत्तर:
109°28′

प्रश्न 17.
ऐल्केनों के दो अन्य सामान्य नाम बातइए।
उत्तर:

  1. संतृप्त हाइड्रोकार्बन,
  2. पैराफीन।

प्रश्न 18.
उन ऐल्केनों के नाम लिखें जिनमें कोई समावयवता नहीं होती।
उत्तर:
मेथेन, ऐथेन, प्रोपेन।

प्रश्न 19.
मार्श गैस का रासायनिक नाम लिखें।
उत्तर:
मेथेन (CH4)।

प्रश्न 20.
कृत्रिम कपूर के रूप में प्रयोग होने वाले रसायन के सूत्र लिखें।
उत्तर:
C2Cl6 हेक्साक्लोरोऐोथेन।

प्रश्न 21.
मेध्रेन की खोज किसने की ?
उत्तर:
वोल्गा ने।

प्रश्न 22.
सूर्य के प्रकाश में एल्केनों के हैलोजनीकरण करने के लिए क्लोरीन, ब्रोमीन एवं आयोडीन में सर्बाधिक क्रियाशील हैलोजन कौन है?
उत्तर:
क्लोरीन।

प्रश्न 23.
ऐल्केन के उस न्यूनतम समजात्त का नाम लिखें जो प्रकाश समावयवता प्रदशिंत करता है
उत्तर:
3-मेधिरन हेक्सेन।

प्रश्न 24.
वे कौन से एल्केन हैं, जो किसी भी प्रकार की समावयवता को प्रदर्शित नहीं करते हैं?
उत्तर:
मेथेन, ऐथेन तथा प्रोपेन।

प्रश्न 25.
ऐल्केन की क्रियाशीलता एल्कीन तथा एल्काइनों से कम होती है। क्यों ?
उत्तर:
ऐल्केन में C-C तथा C-H आबन्ध लगभग अध्रुवीय होते है। जिसके कारण ध्रुवी आक्रमणकारी अभिकमक इन पर आक्रमण नहीं कर सकता है, जबकि प्विबन्ध व त्रिवन्ध के π-द्लेक्ट्रॉन E+ को आकर्षित कर लेते हैं।

प्रश्न 26.
सान्द्र H2SO4 के द्वारा एथेन को शुष्क किया ज्ञा सकता है, परन्तु एमीन को नहीं। क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि ऐथीन H2SO4 में अवशोषित हो जाती है तथा एथिलीन हाइड्रोजन सल्फेट बनाती है।

प्रश्न 27.
मेथेन के सभी C-H बन्ध समान होते हैं, क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि मेथेन में कार्बन परमाणु sp2 संकरित होता है तथा सभी C-H बन्ध sp3s के अतिव्यापन से बने सिग्मा बन्ध होते हैं।

प्रश्न 28.
ब्यूटेन को घरेलू ईंधन के रूप में प्रयोग करते हैं, क्यों ?
उत्तर:
ब्यूटेन के दोनों समावयवी (n वे आइसो) आसानी से द्रवीकृत हो जाते हैं तथा इन्हें सिलिण्डर में रखा जा सकता है। इसके अलावा सिलिण्डर को आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है।

प्रश्न 29.
L.P.G. गैस के प्रमुख घटक बताइये।
उत्तर:
यह द्रवित प्रोपेन तथा ब्यूटेन का मिश्रण होती है।

प्रश्न 30.
कैलोरी गैस के प्रमुख घटक कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
कैलोरी गैस द्रवित ब्यूटेन (n-ब्यूटेन + आइसो ब्यूटेन) का मिश्रण होती है।

प्रश्न 31.
कम तापमान वाले तापमापी में कौन-सी ऐल्केन प्रयुक्त होती है?
उत्तर:
कम तापमान वाले तापमापी में पेन्टेन (C5H12) प्रयुक्त होती है।

प्रश्न 32.
लिण्डलार अभिकर्मक किसे कहते हैं?
उत्तर:
पैलेडियम तथा कार्बन Pd/C को लिण्डला उत्प्रेरक कहते हैं।

प्रश्न 33.
ब्यूटेन के दहन की क्रिया की समीकरण दीजिये।
उत्तर:
\(\mathrm{C}_4 \mathrm{H}_{10(\mathrm{~g})}+\frac{13}{2} \mathrm{O}_{2(\mathrm{~g})} \rightarrow 4 \mathrm{CO}_{2(\mathrm{~g})}+5 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}_{(3)} \Delta \mathrm{H}=-n \mathrm{e}\)

प्रश्न 34.
ऐल्केन के दहन का सामान्य सूत्र दें।
उत्तर:
\(\mathrm{C}_n \mathrm{H}_{2 n+2}+\left(\frac{3 n+1}{2}\right) \mathrm{O}_2 \rightarrow n \mathrm{CO}_2+(n+1) \mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)

प्रश्न 35.
प्रोपेन के नाइट्रीकरण से कौन-कौन से उत्पाद बनाते है?
उत्तर:
नाइट्रो मेथेन, नाइट्रो ऐथेन, 1-नाइट्रो प्रोपेन तथा 2-नाइट्रो प्रोपेन बनती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 11

प्रश्न 36.
ऐल्केन के नियन्त्रित ऑक्सीकरण की क्रिया दीजिये तथा बनने वाले उत्पाद का नाम भी बताइये।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 12

प्रश्न 37.
निओपेन्टेन केवल एक मोनो प्रतिस्थापन समावयवी देता है, क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि निओ पेन्टेन [(CH3)4C] में उपस्थित सभी H समान (1° की) होती हैं।

प्रश्न 38.
n-पेन्टेन, आइसो ब्यूटेन व निओपेन्टेन के सूत्र लिखें।
उत्तर:
n-पेन्टेन-CH3CH2CH2CH2CH3
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 13

प्रश्न 39.
2-मेथिल ब्यूटेन में 1°, 2°, 3° हाइड्रोजन प्रदर्शित करें।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 14

प्रश्न 40.
n-पेन्टेन तथा आइसो पेन्टेन में से किसका क्वधनांक उच्च है ? और क्यों ?
उत्तर:
n-पेन्टेन का क्वधनांक उच्च होता है क्योंकि इसका पृष्टीय क्षेत्रफल अधिक होता है।

प्रश्न 41.
तेलों के हाइड्रोजनीकरता से वनस्पति घी बनाने में किस ऊप्रेरक का उप्रयोग किया जाता है ?
उत्तर:
वेलों के हाइड्रोजनीकरण से वनस्पति घी के निर्माण की क्रिया निकिल उत्प्रेरक के माध्यम में होती है।

प्रश्न 42.
मेथेन और ऑक्सीजन के मिश्रण को गर्म MoO पर प्रवाहित करने से बनने वाले उत्पाद का नाम बताइये।
उत्तर:
मेथेन और औंक्सीजन के मिश्रण को गर्म MoO पर प्रवाहित करने पर मेथेनेल (HCHO) प्राप्त होता है।

प्रश्न 43.
C8H18 आणिबक सूत्र वाले उस ऐल्केन की संरचना बताइये जो क्लोरोनीकरण कराने पर मात्र एक मोनोक्लोरो व्युत्पन्न घनाती है।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 15

प्रश्न 44.
ऐथेन में C-C एकल बन्ध का घूर्णन मुक्त नहीं होता है। क्यों ?
उत्तर:
ऐेथेन में C-C एकल बन्ध का यूर्णन मुक्त नहीं होता है। ऐसा प्रतिकर्षण अन्योन्य क्रिया के कारण होता है। यह घूर्णन 1 से 20kJ mol-1 तक की ऊर्जा द्वारा बाधित ह्रेता है। यहाँ पर प्रतिकर्षण के बावनूद C-C एकल आबन्ध में घूर्णन होता हैं जिसके फलस्वरूप असंख्य संरूपण सम्भव हैं। इन असंख्य संरूपणों को संरूपणीय समावयव या घूर्णी समावयव भी कहते है।

प्रश्न 45.
नाभिकस्नेही व इलेक्ट्रॉनस्नेही स्पीशीज को छाँटें।
(1) H3CO,
(2) H3 C-C-O-,
(3) Cl,
(4) Cl2 C:,
(5) (H3C)3C+,
(6) Br,
(7) H3COH,
(8) R-NH-R
उत्तर:
नाभिक-स्नेही-
(1) H3CO-
(2) IMG – 16
(3) CH3-O-H
(4) RNHR
इलेक्ट्रॉन स्नेही- (1) Cl, (2) Cl2, C:, (3) (H3C)3 C+

प्रश्न 46.
2-मेथिल प्रोपेन के मोनोक्लोरीनीकरण के दौरान बनने वाले दोनों हाइड्रोकार्बन मूलक को लिखें व बतायें कि इनमें से कौन-सा अधिक स्थायी है ?
उत्तर:
2-मेथिल प्रोपेन से निम्न दो मूलक बनते हैं-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 17
मूलक (I) का स्थायित्व मूलक (II) से अधिक है क्योंकि मूलक (I) तृतीयक है जबकि मूलक (II) द्वितीयक है।

प्रश्न 47.
ऐथिलीन के प्रमुख उपयोगों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
ऐथिलीन का प्रयोग निम्नलिखित कार्यों में होता है-

  1. ग्लाइकॉल, ऐथिल, ऐल्कोहॉल, फॉर्मेल्डिहाइड, ऐथेन आदि के बनाने में।
  2. कच्चे फलों को कृत्रिक विधि से पकाने में।
  3. पॉलिथीन बहुलक बनाने में।
  4. निश्चेतक के रूप में तथा युद्ध में मारक (killer) मस्टर्ड गैस बनाने में।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

प्रश्न 48.
किसी कार्बनिक यौगिक में आप असंतृप्तता की उपस्थिति की जाँच कैसे करेंगे?
उत्तर:
ब्रोमीन जल मिलाकर; यदि ब्रोमीन जल मिलाने पर यह रंगहीन हो जाता है तो यौगिक असंतृप्त है।

प्रश्न 49.
ऐल्कीन के प्रति HCl, HBr, HI तथा HF की क्रियाशीलता का घटता क्रम लिखिए।
उत्तर:
HI > HBr > HCl> HF

प्रश्न 50.
क्या होता है जब ऐथेनॉल को सान्द्र H2SO4 के साथ 443K पर गर्म किया जाता है?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 18

प्रश्न 51.
HCI, HBr, HI एवं HF को एल्कीनों के साथ क्रियाशीलता के घटते क्रम में लिखें।
उत्तर:
HI > HBr > HCl > HF

प्रश्न 52.
ऐधिलीन और हाइपोक्लोरस अम्ल की अभिक्रिया लिखें।
उत्तर:
CH2 = CH2 + HOCl → HOCH2.Ch2Cl

प्रश्न 53.
उन ओलिफिनों के सूत्र लिखें जो ओजोनीकरण पर निम्न उत्पाद देती हों-
(1) 2-पेन्टेनॉन एवं ऐसीटेल्डिहाइड
(2) 2-पेन्टेनॉन केवल
(3) ऐसीटोन एवं 2-मेथिल प्रोपेनल
(4) ऐथेनेल एवं मेथेनल
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 19

प्रश्न 54.
हाइड्रोकार्बन का सूत्र C3H6 है। इसकी संरचना बताओ यदि –
(1) यह बॉयर अभिकर्मक का रंग उड़ा देती है।
(2) यह बॉयर अभिकर्मक का रंग नहीं उड़ाती है।
उत्तर:
(1) CH3CH = CH2
प्रोपीन
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 20

प्रश्न 55.
मस्टर्ड गैस का सूत्र लिखो।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 21

प्रश्न 56.
ऐथिलीन व ऐथेन में कैसे विभेद करेंगे ?
उत्तर:
ऐथिलीन बॉयर अभिकर्मक का रंग उड़ा देती है, जबकि ऐथेन नहीं।

प्रश्न 57.
2-क्लोरोप्रोपेने के समपक्ष एवं विपक्ष ज्यामितीय समावयवती प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 22

प्रश्न 58.
एक ऐल्कीन C4H8,HBr से योगात्मक अभिक्रिया पर ऑक्साइड की उपस्थिति एवं अनुपस्थिति में एक ही उत्पाद देती है। एल्कीन बताओ।
उत्तर:
ऐल्कीन सममिति होनी चाहिए। अतः एल्कीन होगी,
CH3CH = CH-CH3

प्रश्न 59.
ऐल्कीन का सामान्य सूत्र लिखो।
उत्तर:
CnH2n

प्रश्न 60.
| के ओजोनीकरण से क्या प्राप्त होगा ?
उत्तर:
OHCCH2.CH2CHO.

प्रश्न 61.
ऐल्कीन में द्विआबन्ध की उपस्थिति की पहचान करने में प्रयुक्त हैलोजन का नाम बताइये।
उत्तर:
Br2

प्रश्न 62.
उस अभिक्रिया को बताइये जिसमें हैलोऐल्केन को ऐल्कोहॉली KOH के साथ गर्म किया जाता है।
उत्तर:
विहाइड्रोहैलोजनीकरण।

प्रश्न 63.
ऐथाइन को एथीन में परिवर्तित करने के लिये प्रयुक्त होने वाले उत्त्रेरक का नाम बताइये।
उत्तर:
लिण्डलार उत्प्रेरक।

प्रश्न 64.
ब्यूट-2-ईन के ओजोनी अपघटन से प्राप्त होने वाले उत्पाद के नाम लिखें।
उत्तर:
केवल ऐथेनेल।

प्रश्न 65.
मारकोनीकॉफ नियम में प्रयुक्त क्रियाविधि की प्रकृति बताइये।
उत्तर:
मारकोनीकॉफ नियम में प्रयुक्त क्रियाविधि की प्रकृति आयनिक होती है।

प्रश्न 66.
ऐल्कीन में द्विआबन्ध की स्थिति कैसे निर्धारित करेंगे ?
उत्तर:
ओजोनी अपघटन के द्वारा।

प्रश्न 67.
क्या प्रोपीन से HCl के योग में परॉक्साइड प्रभाव प्रभावी है?
उत्तर:
नहीं।

प्रश्न 68.
तनु क्षारीय KMnO4 क्या कहलाता है?
उत्तर:
बेयर अभिकर्मक।

प्रश्न 69.
मारकोनीकॉफ का नियम बताइये।
उत्तर:
इसके अनुसार क्रियाकारक का ऋणात्मक भाग उस कार्बन परमाणु पर जाता है जिस पर हाइड्रोजन परमाणु की संख्या न्यूनतम होती है।
उदाहरण:CH3—CH = CH2 + H – Cl→
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 23

प्रश्न 70.
खराश प्रभाव क्या कहा जाता है?
उत्तर:
इसे एन्टी मारकोनीकॉफ कहते हैं।
उदाहरण-
\(\mathrm{CH}_3-\mathrm{CH}=\mathrm{CH}_2+\mathrm{H}-\mathrm{Br} \frac{\mathrm{O}_3}{\mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2} \mathrm{CH}_3-\mathrm{CH}_2 \mathrm{CH}_2 \mathrm{Br}\) 1- ब्रोमो प्रोपेन

प्रश्न 71.
प्रोपीन पर HBr का योग HCl तथा HI से भिन्न प्रकार का होता है?
उत्तर:
HBr बन्ध कमजोर होता है तथा यह टूट जाता है और मुक्त मूलक बनाता है जबकि HF, HCI तथा HI मुक्त मूलक नहीं बनाते हैं।

प्रश्न 72.
ऐथीन के बहुलकीकरण की व्याख्या करें।
उत्तर:
ऐथीन का बहुलकीकरण ताप द्वारा होता है तथा उत्पाद पॉलिथीन बनती है।
उदाहरण:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 24

प्रश्न 73.
निम्न अभिक्रिया को पूर्ण करें।
(1) \(\mathbf{C H}_3-\mathbf{C H}=\mathbf{C H}_2 \frac{(\mathrm{Ph}-\mathrm{CO}-\mathrm{O})_2}{\mathrm{HBr}}\)
(2) \(\mathbf{C H}_3-\mathbf{C H}=\mathbf{C H}_2 \stackrel{\mathrm{HBr}}{\longrightarrow}\)
उत्तर:
(1) \(\mathrm{CH}_3-\mathrm{CH}=\mathrm{CH}_2 \frac{(\mathrm{PhCOO})_2}{\mathrm{HBr}} \rightarrow \mathrm{CH}_3-\mathrm{CH}_2-\mathrm{CH}_2 \mathrm{Br}\) एण्टी मारकोनीकॉफ का नियम

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 25

प्रश्न 74.
ऐल्कीन में ज्यामितीय समावयवता क्यों होती है ?
उत्तर:
ऐल्कीन में π-बन्ध पाया जाता है। इस π-बन्ध के परित: घूर्णन सम्भव नहीं होता। अतः ये ज्यामितीय समावयव बनते हैं।

प्रश्न 75.
ऐल्काइन से क्या समझते हैं?
उत्तर:
कार्बन – कार्बन त्रिबन्ध (C ≡ C) युक्त असंतृप्त हाइड्रोकार्बन को ऐल्काइन कहते हैं।

प्रश्न 76.
ऐल्काइन का सामान्य सूत्र क्या है?
उत्तर:
CnH2n-2 अथवा R—C ≡ C—R

प्रश्न 77.
संगत ऐल्केन की अपेक्षा ऐल्काइनों में कितने हाइड्रोजन कम होते है ?
उत्तर:
चार हाइड्रोजन कम होते हैं।

प्रश्न 78.
ऐल्काइनों की संरचना कैसी होती है?
उत्तर:
ऐल्काइनों की संरचना रेखीय होती है।

प्रश्न 79.
ऐल्काइन श्रेणी का प्रथम सदस्य कौन-सा है ?
उत्तर:
ऐथाइन या ऐसीटिलीन

प्रश्न 80.
ऐल्काइनों में त्रिबन्ध से जुड़े दोनों कार्बनों में किस प्रकार का संकरण होता है?
उत्तर:
ऐल्काइनों में त्रिबन्ध से जुड़े दोनों कार्बन sp- संकरित होते है।

प्रश्न 81.
ऐल्काइनों में ≡ C—H (sp—s) बन्ध में $ लक्षण कितना होता है ?
उत्तर:
50%

प्रश्न 82.
त्रिबन्ध के प्रत्येक कार्बन परमाणु पर कितने असंकरित p-कक्षक होते हैं?
उत्तर:
दो असंकरित p-कक्षक py तथा pzहोते हैं।

प्रश्न 83.
त्रिबन्ध के प्रत्येक कार्बन परमाणु पर दो असंकरित p- कक्षक संपाश्विक अतिव्यापन से कितने बन्ध बनाते हैं?
उत्तर:
दो बन्ध बनाते हैं।

प्रश्न 84.
त्रिबन्ध के दोनों बन्धों की त्रिविम स्थिति किस प्रकार की होती है?
उत्तर:
प्रत्येक कार्बन पर उपस्थित दोनों p-कक्षक के अक्ष एक-दूसरे से तथा sp-संकरित कक्षकों से 90° का कोण बनाते हैं।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

प्रश्न 85.
दो बन्ध के चारों पिण्डक नाभिकों को जोड़ने वाली रेखा के चारों ओर किस रूप से रहते हैं?
उत्तर:
दोनों बन्धों के चारों पिण्डक नाभिकों को जोड़ने वाली रेखा के चारों ओर एक बेलनाकार आच्छद (Cylindrical sheath) के रूप में स्थित रहते हैं।

प्रश्न 86.
CHI3 को चाँदी के साथ गर्म करने पर क्या पदार्थ बनता है?
उत्तर:
ऐसीटिलीन ।

प्रश्न 87.
अमोनियामय सिल्वर नाइट्रेट विलयन में ऐसीटिलीन प्रवाहित करने पर क्या बनता है?
उत्तर:
सिल्वर ऐसीटैलाइड बनता है।

प्रश्न 88.
ऐसीटिलीन के द्विलकीकरण से क्या बनता है?
उत्तर:
वाइनिल ऐसीटिलीन ।

प्रश्न 89.
प्रोपाइन के त्रिलकीकरण से क्या उत्पाद बनता है?
उत्तर:
मेसिटिलीन ।

प्रश्न 90.
कृत्रिम रबड़ का नाम है?
उत्तर:
नियोप्रीन रबड़ ।

प्रश्न 91.
ऐसीटिलीन के कार्बोनिलीकरण से क्या बनता है?
उत्तर:
ऐक्राइलिक अम्ल ।

प्रश्न 92.
C2H2 का क्रोमिक अम्ल द्वारा ऑक्सीकरण करने पर क्या बनता है?
उत्तर:
ऐसीटिक अम्ल ।

प्रश्न 93.
ल्यूसाइट किस प्रकार प्राप्त होती हैं?
उत्तर:
ऐसीटिलीन पर आर्सेनिक क्लोराइड की क्रिया से ।

प्रश्न 94.
ऐथाइन को प्रोपाइन में परिवर्तित कीजिए ।
उत्तर:
HC ≡ CH+ NaNH2 → एथाइन
HC = CNa+ + Cl CH3 → HC ≡ C—CH3 + NaCl प्रोपाइन

प्रश्न 95.
ऐसीटिलीन के प्रमुख उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:

  1. ऐसीटिलीन से ऑक्सी-ऐसीटिलीन ज्वाला बनाई जाती है जिसे धातु को काटने एवं जोड़ने में प्रयोग किया जाता हैं
  2. कच्चे फलों को पकाने में।
  3. कार्बनिक यौगिकों; जैसे—बेन्जीन, कृत्रिम रबर, ऐसीटेल्डिहाइड, ऐसीटिक अम्ल आदि के निर्माण में ।

प्रश्न 96.
ऐसीटिलीन के H-अम्लीय होते हैं, किन्तु यह NaOH अथवा KOH से क्रिया नहीं करते हैं। क्यों ?
उत्तर:
यह अति दुर्बल अम्ल है तथा कुछ क्षारों जैसे- NaNH2 के साथ क्रिया करता है।

प्रश्न 97.
1-ब्यूटीन व 1- ब्यूटाइन में किसका द्विध्रुव आघूर्ण अधिक है और क्यों ?
उत्तर:
CH3CH2C ≡ CH व CH3CH3CH = CH2 में 1 – ब्यूटाइन का आघूर्ण अधिक होता है क्योंकि C ≡ C में sp2 संकरित होता है। sp- संकरित कक्षकों की विद्युतऋणात्मकता अधिक होने के कारण इसके बन्ध अधिक ध्रुवित होते हैं।

प्रश्न 98.
C–C, C = C में, C ≡ C में, C ≡ C की बन्ध लम्बाई न्यूनतम होती है क्यों?
उत्तर:
C ≡ C में σ बन्ध छोटे आकार की sp-sp कक्षकों के बीच बनता है। s- चरित्र घटने से संकरित कक्षक छोटे होते हैं। तथा अतिव्यापन की प्रकृति अधिक होती है।

प्रश्न 99.
यद्यपि ऐसीटिलीन के C–H बन्ध ऊर्जा ऐल्केन व ऐल्कीन के C–H बन्ध से अधिक हाती है, किन्तु ऐसीटिलीन अम्लीय है, क्यों?
उत्तर:
चूँकि ऐसीटिलीन के CH बन्ध की ध्रुवता अधिक होती है। यह बन्ध sp3 व sp2 से अधिक विद्युत ऋणात्मक कक्षकों के s-कक्षक के साथ अतिव्यापन से बनता है।

प्रश्न 100.
इलेक्ट्रॉन स्नेही अभिक्रियाओं में ऐल्कीनों की क्रियाशीलता, ऐल्काइनों से अधिक क्यों होती है। ?
उत्तर:
क्योंकि ऐल्काइनों पर E+ के योग से बनने वाला ब्रिजयुक्त कार्बोधनायन, ऐल्कीनों पर योग से बनने वाले कार्बोधनायन से कम स्थायी है।

प्रश्न 101.
CH2 = CH- अधिक क्षारीय है, HC ≡ C से क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि संयुग्नी अम्ल CH ≡ CH, CH2 = CH2 से अधिक अम्लीय है।

प्रश्न 102.
ऐसीटिलीन श्रेणी के प्रथम तीन सदस्यों के सूत्र लिखें ?
उत्तर:
C2H2, C3H4, C4H6

प्रश्न 103.
-C ≡ C—बन्ध को क्या कहते हैं?
उत्तर:
ऐसीटिलीनिक बन्ध ।

प्रश्न 104.
दो कार्बन परमाणुओं से युक्त हाइड्रोकार्बन ‘क’ बॉयर अभिकर्मक का रंग उड़ा देता है। Cu2cl2/ NH4OH में प्रवाहित करने पर यह अवक्षेप देता है। इसकी प्रकृति बताइए ?
उत्तर:
यह ऐसीटिलीन है तथा इसमें त्रिबन्ध पाया जाता है।

प्रश्न 105.
ऐसीटिलीन के प्रमुख उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
PH3, H2S, AsH3, NH3 आदि।

प्रश्न 106.
ऐसीटिलीन की अम्लीय प्रकृति को सिद्ध करने के लिये एक रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
सोडियम के साथ यह ऐसीलाइड देता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 26

प्रश्न 107.
एथिलीन व ऐसीटिलीन कैसे विभेद करेंगे।
उत्तर:
सोडियम से क्रिया करके ऐसीटिलीन H2 मुक्त करती है, जबकि एथिलीन नहीं करती है।

प्रश्न 108.
त्रिक-बन्ध पर जुड़ा N परमाणु क्या कहलाता है तथा इसकी प्रकृति कैसी होती है?
उत्तर:
ऐसीटिलीनिक हाइड्रोजन अम्लीय प्रकृति ।

प्रश्न 109.
अधिकतम ऐसीटिलीनिक हाइड्रोजन की संख्या किसी यौगिक में कितनी हो सकती है तथा किसमें ।
उत्तर:
दो, ऐसीटिलीन में (CH ≡ CH)

प्रश्न 110.
मोनो प्रतिस्थापित एवं डाइप्रतिस्थापित ऐसीटिलीन को क्या कहते हैं? इनमें अम्लीय H कितने होते हैं।
उत्तर:
मोनो प्रतिस्थापित ऐसीटिलीन — RC ≡ CH—अम्लीय H = 1
डाई प्रतिस्थापित ऐसीटिलीन — RC ≡ CR—अम्लीय H = 0

प्रश्न 111.
ऐल्काइन का अपचयन NH3(3) में Na के साथ करने पर एक ट्रान्स- ऐल्कीन प्राप्त होती है क्या 2-ब्यूटाइन का अपचयन करने पर ब्यूटीन प्राप्त होगी।
उत्तर:
—CH3—C ≡ C—CH3
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 27
2- ब्यूटीन ज्यामितीय समावयवता प्रदर्शित कर सकती है।

प्रश्न 112.
ऐसीटिलीन से नाइट्रोबेन्जीन किस प्रकार बनायेंगे ?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 28

प्रश्न 113.
ऐल्काइन ज्यामितीय समावयवता क्यों नहीं प्रदर्शित करती है ?
उत्तर:
ऐल्काइन की संरचना रेखीय होती है अतः यह ज्यामितीय समावयवता प्रदर्शित नहीं करती है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

प्रश्न 114.
C5H10 के विभिन्न साइक्लो समावयव बनायें ।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 29
\(\mathrm{CH} \equiv \mathrm{CH}+\mathrm{HC} \equiv \mathrm{CH} \frac{\mathrm{Cu}_2 \mathrm{Cl}_2}{\mathrm{CH}_4 \mathrm{OH}} \mathrm{CH}_2=\mathrm{CH}-\mathrm{C} \equiv \mathrm{CH}\) वाइनिल ऐसीटिलीन

प्रश्न 115.
संगलित वलय तथा विलगित वलय यौगिकों का एक-एक उदाहरण दीजिए तथा इनके संरचना सूत्र लिखिए।
उत्तर:
संगलित वलय उदाहरण नैफ्थलीन ।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 30
विलगित वलय उदाहरण – डाइफैनिल
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 31
डाइफैनिल

प्रश्न 116.
90% बेंजॉल के मुख्य घटक क्या-क्या हैं?
उत्तर:
बेंजीन (70%), टॉलूईन (24%), जाइलीन (थोड़ी मात्रा में ) ।

प्रश्न 117.
बेंजीन की संरचना बनाइए जो बायर और डेवार ने दी।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 32

प्रश्न 118.
बेंजीन, सल्फोनीकरण का रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 33

प्रश्न 119.
बेन्जीन m-डाइनाइट्रोबेन्जीन तथा टॉलूईन में से किसका नाइट्रीकरण आसानी से होता है और क्यों ?
उत्तर:
टॉलूईन का नाइट्रीकरण सरलता से होता है, क्योंकि-CH3 समूह इलेक्ट्रॉन विमुक्त समूह होता है। यह बेन्जीन वलय पर इलेक्ट्रॉन- घनत्व बढ़ा देता है।

प्रश्न 120.
बेन्जीन के ऐथिलीकरण में निर्जल ऐलुमिनियम क्लोराइड के स्थान पर कोई दूसरा लुइस अम्ल सुझाइए ।
उत्तर:
फेरिक क्लोराइड (FeCl3) अन्य लुइस अम्ल है। जिसे प्रयोग किया जा सकता है यह इलेक्ट्रॉनस्नेही (C2H5+) उत्पन्न करने में सहायता करता है।

प्रश्न 121.
बेंजीन को ऐसीटोफीनोन में परिवर्तित करो ?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 34

प्रश्न 122.
बेन्जीन से ब्रोमीन की संकलन अभिक्रिया कठिन क्यों होती है?
उत्तर:
π-इलेक्ट्रॉनों के विस्थानीकृत होने के कारण बेन्जीन से ब्रोमीन की संकलन अभिक्रिया कठिन होती है। इसमें परिशुद्ध द्विआबन्ध नहीं होते है।

प्रश्न 123.
क्या होता है जब बेन्जीन को सूर्य के प्रकार की उपस्थिति में क्लोरीन के अधिक्य से अभिकृत कराया जाता है। रासायनिक समीकरण दीजिए।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 35

प्रश्न 124.
बैन्जीन अंसतृप्त यौगिक होते हुये भी सामान्यतः योग अभिक्रियाएँ नहीं देता, क्यों?
उत्तर:
योग उत्पाद प्रति ऐरोमैटिक होने के कारण प्रतिस्थापन उत्पाद ( ऐरोमैटिक) से कम स्थायी होते हैं।

प्रश्न 125.
t- ब्यूटिल बैन्जीन, ऑक्सीकृत होकर बैन्जोइक अम्ल नहीं देता, क्यों?
उत्तर:
नाभिक से जुड़े C-परमाणु [-C(CH3)3] पर H-परमाणु नहीं है।

प्रश्न 126.
फेनिल समूह-1 प्रभाव प्रदर्शित करता है, किन्तु डाइफेनिल के दोनों नाभिक इलेक्ट्रॉन-स्नेही अभिक्रियाओं में बैन्जीन से अधिक क्रियाशील है, क्यों?
उत्तर:
फेनिल समूहों के M व + E प्रभाव के कारण।

प्रश्न 127.
साइक्लो ओक्टाटेटाईन, बैन्जीन से कम स्थायी क्यों है?
उत्तर:
हकेल के नियमानुसार, साइक्लो ओक्टा टेट्राईन प्रति ऐरामैटिक यौगिक है, जबकि बैन्जीन ऐरोमैटिक यौगिक है। अतः बेन्जीन अनुनाद प्रदर्शित करने के कारण अधिक स्थायी है।

प्रश्न 128.
फ्रीडल क्राफ्ट अभिक्रिया में मोनोएल्किल बैन्जीन बनाने के लिये बैन्जीन आधिक्य में लेते हैं, क्यों?
उत्तर:
बैन्जीन की कमी में बहुऐल्किलीकृत बैन्जीन प्राप्त होगी। अतः बहुऐल्किलीकरण को रोकने के लिये बैन्जीन को अधिक्य में लेते हैं।

प्रश्न 129.
बैन्जीन कपड़ों से वसा के दाग हटा देती है, क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि वसा अध्रुवित विलायक बैन्जीन में विलेय है।

प्रश्न 130.
कमरे के ताप पर O हाइड्रॉक्सी-बैन्जेल्डिहाइड द्रव है, जबकि p-हाइड्रॉक्सी बैन्जेल्ड़हाइड उच्च गलनांक का ठोस है, क्यों ?
उत्तर:
p-हाइड्रॉक्सी बैन्जेल्ड़्ड़ाइड में अन्तरा अणुक हाइड्रोजन बन्ध बनते है, जबकि O हाइड्रॉक्सी बैन्जेल्डिहाइड में अन्तः हाइड्रोजन बन्ध बनते हैं, जो क्षीण होते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 36

प्रश्न 131.
आर्थो एवं पैरा दैशिक प्रभाव वाले समूह बैन्जीन नाभिक की सक्रियता बढ़ा देते हैं, क्यों?
उत्तर:
ये समूह इलेक्ट्रॉन मुक्त करने वाले होते हैं, जिनकी उपस्थिति में बैन्जीन नाभिक पर इलेक्ट्रॉन घनत्व बढ़ जाता है तथा इसकी सक्रियता बढ़ जाती है।

प्रश्न 132.
ऐरोमैटिक शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया?
उत्तर:
केकुले नै ।

प्रश्न 133.
एक यौगिक जलाने पर धुएँदार ज्वाला से जलता है। इसकी प्रकृति बताओ ?
उत्तर:
ऐरोमैटिक ।

प्रश्न 134.
बेन्जीन में C-C बन्ध की लम्बाई कितनी होती है।
उत्तर:
1.39A°।

प्रश्न 135.
नॉन-बैन्जीनाएड ऐरोमैटिक यौगिक क्या हैं?
उत्तर:
वे ऐरोमैटिक यौगिक जिनमें नाभिक नहीं होते हैं।

प्रश्न 136.
एक ऐरोमैटिक यौगिक जो धुएँदार ज्वाला से नहीं जलता, उसका नाम लिखें?
उत्तर:
बैन्जिल ऐल्कोहॉल |

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

प्रश्न 137.
एरीन क्या हैं?
उत्तर:
ऐरोमैटिक हाइड्रोकार्बन ।

प्रश्न 138.
विषम चक्रीय ऐरोमैटिक यौगिक क्या हैं?
उत्तर:
वे ऐरोमैटिक यौगिक जिनके रिंग में कोई विषम परमाणु होता है। उदाहरणार्थ पिरिडीन ।

प्रश्न 139.
ऐरोमैटिक यौगिक किस प्रकार की अभिक्रियाएँ देते हैं।
उत्तर:
सामान्यतः इलेक्ट्रॉन स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ।

प्रश्न 140.
बैन्जीन की खोज किसने की।
उत्तर:
माइकल फैराडे ने।

प्रश्न 141.
B.H.C क्या है?
उत्तर:
बैन्जीन हैक्साक्लोराइड़ (B.H.C) एक कीटानाशक है।

प्रश्न 142.
आप कैसे सिद्ध करोगे कि
(i) बैन्जीन असंतृप्त यौगिक है।
(ii) इसमें तीन द्विबन्ध है।
(iii) ये बन्ध सामान्य द्विबन्ध से भिन्न हैं।
उत्तर:
(i) बेंजीन योग अभिक्रिया देता है।
(ii) यह अणु 3H2, 3Cl2 या 3O3 का योग करता है।
(iii) यह HOX या HX की अभिक्रियाओं को नहीं देता है।

प्रश्न 143.
बेन्जीन को निम्न में से कैसे परिवर्तित करोगे
(1) p- नाइट्रोनोमोबेन्जीन
(2) m-नाइट्रोनोमोबेन्जीन
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 37

प्रश्न 144.
निम्न यौगिकों को अभिक्रिया के घटते क्रम में व्यवस्थित करें।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 38
उत्तर:
अभिक्रिया का घटता क्रम-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 39

प्रश्न 145.
अभिक्रिया पूर्ण करें-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 40
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 41

लघु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
1 मोल ब्यूटेन के पूर्ण दहन के लिए कितने मोल O2 की आवश्यकता होती है ?
उत्तर:
\(\frac { 13 }{ 2 }\) मोल O2 की
C4H10 + \(\frac { 13 }{ 2 }\) O2 → 4CO2 + 5H2O

प्रश्न 2.
निम्नलिखित यौगिक में 1°, 2°, 3° एवं 4° कार्बन छाँटिए।
(1) 3-ऐथिल-2-मेथिल हेक्सेन
(2) 2, 2, 4-ट्राईमेथिल पेन्टेन।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 42

प्रश्न 3.
क्या होता है जब-
(i) CH3COONa को सोड़ा लाइम के साथ गर्म करते हैं?
(ii) Al4C3 का जल अपघटन करते हैं?
(iii) मेथिल आयोडाइड को सोडियम व ईथर के साथ गर्म करते हैं?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 43

प्रश्न 4.
क्या होता है जब-
(i) ऐसीटिक अम्ल का उत्र्रेरकीय अपचयन कराया जाता है?
(ii) ऐल्केन को Cr2O3/Mo2O3 की उपस्थिति में गर्म किया जाता है।
(iii) कार्बन चूर्ण एवं हाइड्रोजन को Ni उत्त्रेरक की उपस्थिति में गर्म किया जाता है?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 44
(ii) ऐल्केन की क्रिया Cr2O3/Mo2O3 कराने पर ऐरोमैटिक व्युत्पन्न बनते हैं।
\(\mathrm{C}_6 \mathrm{H}_{14} \stackrel{\mathrm{Cr}_2 \mathrm{O}_3 / \mathrm{Mo}_2 \mathrm{O}_3}{\longrightarrow} \mathrm{C}_6 \mathrm{H}_6+4 \mathrm{H}_2\)

(iii) कार्बन चूर्ण को H2 के साथ Ni की उपस्थिति में गर्म करने पर मेथेन गैस प्राप्त होती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 45

प्रश्न 5.
1-आयोडो-2-मेथिल प्रोपेन तथा 2-आयोडोप्रोपेन के मिश्रण की क्रिया सोडियम से कराने पर प्राप्त होने वाले उत्पादों की संरचना तथा नाम लिखें।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 46

प्रश्न 6.
बुर्टज अभिक्रिया में एक प्राथमिक ऐल्किल हैलाइड अभिक्रिया कर केवल एक ऐल्कल C8H18 बनाता है। इस ऐल्केन के मोनोब्रोमीनीकरण पर केवल एक तृतीयक ब्रोमाइड प्राप्त होता हैं। इस ऐल्केन की तथा तृतीयक ब्रोमाइड की संरचना लिखें।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 47

प्रश्न 7.
निम्न अभिक्रिया के एक-एक उदाहरण दीजिए (केवल समीकरण दीजिए)-
(i) विकार्बोक्सीकरण
(ii) क्लीमेन्सन अपचयन
(iii) उत्प्रेरकी पुनःसंस्कार या हाइड्रोसम्भवन
(iv) ताप-अपघटन
(1) वुर्ट्ज अभिक्रिया।
उत्तर:
(i) विकार्बोक्सीकरण-
CH2COONa + NaOH → CH4 + Na2CO3
सोडियम
ऐसीटेट

(ii) क्लीमेन्सन अपचयन-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 48

प्रश्न 8.
क्या होता है जबकि (केवल रासायनिक समीकरण दीजिए –
(i) आइसोब्यूटेन की सधूम सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया कराई जाती है।
(ii) ऐसीटोन की Zn-Hg + सान्द्र HCl के साथ अभिक्रिया कराई जाती है।
(iii) आइसोपेण्टेन की क्लोरीन के साथ 300°C पर अभिक्रिया कराई जाती है।
(iv) मेथेन की अमोनिया के साथ Al2O3 की उपस्थिति में गरम किया जाता है।
उत्तर:
(i) ब्यूटिल सल्फोनिक अम्ल बनता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 49
(iv) हाइड्रोजन सायनाइड बनता है।
\(\mathrm{CH}_4+\mathrm{NH}_3 \frac{\mathrm{Al}_2 \mathrm{O}_3}{700^{\circ} \mathrm{C}} \mathrm{H}-\mathrm{C} \equiv \mathrm{N}+3 \mathrm{H}_2\)

प्रश्न 9.
क्या होता है जबकि (केवन रासायनिक समीकरण दीजिए) –
(i) प्रोपेन, SO2 तथा Cl2 के साथ सूर्य के प्रकाश में अभिक्रिया करती है।
(ii) ऐथिल आयोडाइड की लाल फॉस्पोरस तथा HI से अभिक्रिया कराई जाती है।
(iii) शुष्क इंघर में मेथिल ब्रोमाइड की अभिक्रिया सोडियम से कराई जाती है।
(iv) n-ब्यूटेन को निर्जल AlCl3 की उपस्थिति में गरम किया जाता है।
(1) सोडियम ऐसीटेट को NaOH तथा CaO के मिश्रण के साथ गरम किया जाता है।
उत्तर:
(i) प्रोपेन सल्फ्यूरिल क्लोराइड बनता है।
\(\mathrm{CH}_3-\mathrm{CH}_2-\mathrm{CH}_3+\mathrm{SO}_2+\mathrm{Cl}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{CH}_3 \mathrm{CH}_2 \mathrm{CH}_2 \mathrm{SO}_2 \mathrm{Cl}+\mathrm{HCl}\)
प्रोपेन सल्फ्यूरिल क्लोराइड

(ii) ऐथेन प्राप्त होती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 50
(iii) ऐथेन प्राप्त होती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 51

प्रश्न 10.
n-ब्यूटेन के भंजन से कौन-कौन से उत्पाद प्राप्त होते हैं ?
उत्तर:
n-ब्यूटेन के भंजन से निम्न उपाद भिन्न-भिन्न तापक्रमों पर प्राप्त होते हैं-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 52

प्रश्न 11.
द्वितीयक ब्यूटिल ब्रोमाइड की ऐल्कोहॉलीय KOH के साथ अभिक्रिया कराने पर कौन-कौन सी ऐल्कीनें बनती हैं तथा मुख्य उत्पाद कौन-सी ऐल्कीन हैं ?
उत्तर:
द्वितीयक ब्यूटिल ब्रोमाइड को ऐल्कोहॉलीय KOH के साथ गरम करने पर ब्यूटीन तथा 2-ब्यूटीन का मिश्रण बनता है। जिसमें 2 -ब्यूटीन की मात्रा अधिक होती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 53

प्रश्न 12.
प्रोपीन पर HBr के योग से आइसोप्रोपिल ब्रोमाइड बनता है न कि प्रोपिल ब्रोमाइड, क्यों ?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 54
चूँकि द्वितीय कार्बोधनायन, प्राथमिक से अधिक स्थायी होने के कारण जल्दी प्राप्त होता है। अतः Br से संयोग के बाद आइसोप्रोपिल ब्रोमाइड बनता है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

प्रश्न 13.
2- ब्यूटीन के दो ज्यामितीय समावयव होते हैं, जबकि 1- ब्यूटीन के नहीं क्यों ?
उत्तर:
– 2 – ब्यूटीन में द्विबन्ध से जुड़े दोनों कार्बनों की शेष दो संयोजकताएँ भिन्न-2 समूहों द्वारा संतृप्त होती हैं, जबकि 1 ब्यूटीन में से एक कार्बन की दोनों संयोजकताएँ H – परमाणुओं से संतृप्त हैं। अतः 1- ब्यूटीन ज्यामितीय समावयव नहीं बनाते ।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 55

प्रश्न 14.
असंतृप्त हाइड्रोकार्बन, संतृप्त हाइड्रोकार्बन की तुलना में अधिक क्रियाशील होते हैं, क्यों?
उत्तर:
सभी ऐल्केनों में प्रबल C-C (σ) बन्ध होते हैं तथा C-H बन्ध भी प्रबल तथा कम ध्रुवीय प्रकृति के होते हैं। वहीं एल्कीन में C = C बन्ध में-बन्ध की उपस्थिति के कारण एल्कीन क्रियाशील होती है ।

प्रश्न 15.
एक दो कार्बन परमाणुओं वाला हाइड्रोकार्बन (A) एक प्रतिशत क्षारीय पोटैशियम परमैंगनेट का रंग उड़ा देता है। परन्तु अमोनिकल सिल्वर नाइट्रेट से अभिक्रिया नहीं करता है। यौगिक (A) का नाम एवं संरचना सूत्र लिखो ।
उत्तर:
हाइड्रोकार्बन (A) क्षारीय KMnO4 का रंग उड़ा देता है। इसलए यह असंतृप्त है, क्योंकि अमोनिकल AgNO3 से अभिक्रिया नहीं करता है। इसलिए यह ऐसीटिलीन नर एथिलीन है, क्योंकि इसमें दो ही कार्बन परमाणु हैं। अत: (A) : CH2 = CH2

प्रश्न 16.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं को पूर्ण करें-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 56

प्रश्न 17.
ब्यूट-2 ईन-1, 4-डाइओइक अम्ल से बनने वाले दो ज्यामितीय समावयव बनाये। इनमें से किसका द्विध्रुव आघूर्ण अधिक होगा।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 57
Cis- समावयन के द्विध्रुव आघूर्ण का मान trans- से अधिक होगा।

प्रश्न 18.
निम्न में से कौन अध्रुवीय है?
ट्रान्स-ब्यूट – 2 – ईन ट्रान्स पेन्ट – 2 – ईन
उत्तर:
ट्रान्स-ब्यूट 2-ईन में दो C-CH3 बन्धों के द्विध्रुव आघूर्ण के मान समान तथा विपरीत है। अतः ये निरस्त हो जायेंगे। इस कारण ट्रान्स-2-ब्यूटीन अध्रुवीय है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 58

प्रश्न 19.
C2H2Cl2 के सभी सम्भव समावयव बनाये। इनमें से कौन-सा अध्रुवीय होगा ?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 59

प्रश्न 20.
निम्न ऐल्कीनों को उनके स्थायित्व के घटते क्रम में व्यवस्थित करें।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 60
उत्तर:
स्थायित्व का क्रम I > III > II

प्रश्न 21.
उन सभी ऐल्कीनों की संरचना बनायें जो कि हाइड्रोजनीकरण पर मेथिल ब्यूटेन देते हैं।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 61

प्रश्न 22.
निम्न को पूर्ण करें
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 62
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 63

प्रश्न 23.
ऐल्काइनों की बहुलीकरण अभिक्रियाओं को समझाइए । उत्तर- ऐल्काइनों में बहुलीकरण की प्रवृत्ति बहुत कम पायी जाती
(1) द्वितीयकरण – जब 1- ऐल्काइन को 355 K ताप पर क्यूप्रस क्लोराइड एवं NH4OH के विलयन में प्रवाहित करते हैं, तो दो अणु आपस में मिलकर ऐल्कीनिल ऐल्काइन बनाते हैं।

(2) तृतीयकरण – जब ऐल्काइन को रक्त तप्त लोहे की नली में होकर प्रवाहित करते हैं, तो ऐल्काइन के तीन अणु आपस में संयुक्त होकर बेंजीन या बेंजीन व्युत्पन्न बनाते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 64
(3) चतुष्कीकरण – जब ऐसीटिलीन को निकिल सायनाइड के विलयन में 340 K ताप तथा 200 वायुमण्डल दाब पर प्रवाहित किया जाता है, तो ऐसीटिलीन के चार अणु संयुक्त होकर साइक्लो ऑक्टाटेट्राईन बनाते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 65
(iv) बहुलीकरण – ऐसीटोन के बहुलीकरण से एक रेखीय पॉलीऐसीटिलीन प्राप्त होती है।
H—C ≡ CH + CH ≡ CH → —CH = CH—CH = CH—

प्रश्न 24.
निम्नलिखित को कैसे प्राप्त करोगे (केवल रासायनिक समीकरण लिखिए) –
(i) ऐसीटिलीन से मेथिल वाइनिल ईथर,
(ii) ऐसीटिलीन से वाइनिल सायनाइड,
(iii) ऐसीटिलीन से एक्रिलिक अम्ल,
(iv) ऐसीटिलीन से एक्रिलिक एस्टर ।
उत्तर:
(i) ऐसीटिलीन से मेथिल वाइलिन ईथर
\(\mathrm{CH} \equiv \mathrm{CH} \underset{\mathrm{KOH}}{\stackrel{\mathrm{CH}_3 \mathrm{OH}}{\longrightarrow}} \mathrm{CH}_2=\mathrm{CH}-\mathrm{O}-\mathrm{CH}_3\)
ऐसीटिलीन मेथिल वाइनिल ईथर

(ii) ऐसीटिलीन से वाइनिल सायनाइड-
\(\mathrm{CH} \equiv \mathrm{CH} \frac{\mathrm{HCN}}{\mathrm{Cu}_2 \mathrm{Cl}+\mathrm{HCl}} \mathrm{CH}_2=\mathrm{CH}-\mathrm{CN}\) वाइनिल सायनाइड

(iii) ऐसीटिलीन से एक्रिलिक अम्ल-
\(\mathrm{CH} \equiv \mathrm{CH} \stackrel{\mathrm{CO}+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}}{\longrightarrow} \mathrm{CH}_2=\mathrm{CH}-\mathrm{COOH}\)

(iv) ऐसीटिलीन से एक्रिलिक एस्टर–
\(\mathrm{CH} \equiv \mathrm{CH} \stackrel{\mathrm{CO}+\mathrm{ROH}}{\longrightarrow} \mathrm{CH}_2=\mathrm{CH}-\mathrm{COOR}\)

प्रश्न 25.
ऐल्काइन के संगत ऐल्कीन तथा संगत ऐल्केन में परिवर्तन की क्रिया दीजिए।
उत्तर:
\(\mathrm{R}-\mathrm{C} \equiv \mathrm{CH} \stackrel{\mathrm{Pd}-\mathrm{CaCO}_3-\mathrm{PbO}}{\longrightarrow} \mathrm{R}-\mathrm{CH}=\mathrm{CH}_2\) ऐल्कीन
\(\mathrm{R}-\mathrm{C} \equiv \mathrm{CH}+4 \mathrm{H} \frac{\mathrm{Ni} / \mathrm{H}_2}{200^{\circ} \mathrm{C}} \mathrm{R}-\mathrm{CH}_2=\mathrm{CH}_3\) ऐल्केन

प्रश्न 26.
ऐथाइन से प्रोपाइन कैसे प्राप्त करोगे?
उत्तर:
\(\mathrm{CH} \equiv \mathrm{CH} \stackrel{\mathrm{NaNH}_2}{\longrightarrow} \mathrm{CH} \equiv \mathrm{C}-\mathrm{Na} \stackrel{\mathrm{CH}_3 \mathrm{Br}}{\longrightarrow}\) ऐल्केन

प्रश्न 27.
प्रोपाइन से मेसेटिलीन कैसे प्राप्त करोगे ?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 66

प्रश्न 28.
ऐथाइन से डाइआयोडो ऐथाइन कैसे प्राप्त करोगे ?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 67

प्रश्न 29.
औद्योगिक ऐसीटिलीन को ऐसीटोन में संग्रहीत करते हैं क्यों?
उत्तर:
ऐसीटिलीन को – 75°C पर द्रव अवस्था में परिवर्तित किया जा सकता है। 260 वायुमण्डलीय दाब पर इसे O°C पर ही द्रवीभूत किया जा सकता है। द्रव ऐसीटिलीन अत्यन्त विस्फोटक पदार्थ होता है। अतः द्रव ऐसीटिलीन को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिये पहले इसे ऐसीटोन से भीगे किसी सरन्ध्र पदार्थ द्वारा अवशोषित करा लिया जाता है, क्योंकि C2H2 ऐसीटोन में अधिक मात्रा में घुल जाती है।

प्रश्न 30.
निम्नलिखित परिवर्तन को तीन पदों में कीजिए-
CH3CH2C ≡ CH → CH3CH2CH2COCH3
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 68

प्रश्न 31.
A, B, C, D, E, F तथा G पहिचानिए-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 69
उत्तर:
A ⇒ ME CH2C ≡ CNa
B ⇒ Me CH2C ≡ C—Et
C ⇒ CH ≡ CH
D ⇒ CH3CHO
E ⇒ CH3COOH
F ⇒ CH3COCl
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 70

प्रश्न 32.
निम्नलिखित समीकरणों को पूर्ण करो-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 71

प्रश्न 33.
एक ऐल्किल हैलाइड C5H11Br (A) ऐल्कोहॉलीय KOH से क्रिया करके एक ऐल्कीन (B) देता है जो कि Br2 से अभिक्रिया करके यौगिक ‘C’ देता है जिसका विहाइड्रोब्रोमीनीकरण करने पर ऐल्काइन ‘D’ प्राप्त होता है एक मोल ‘D’ द्रव अमोनिया में सोडियम धातु से क्रिया करके एक मोल D का सोडियम लवण तथा \(\frac { 1 }{ 2 }\) मोल हाइड्रोजन गैस देता है। D पूर्ण हाइड्रोजनीकरण करने पर एक अशाखित ऐल्केन प्राप्त होता है यहाँ A, B, C तथा D क्या है?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 72
अभिक्रिया बताती है कि ‘D’ एक terminal alkyne है। अत: इसकी सम्भव संरचना निम्न है-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 73

प्रश्न 34.
निम्न को परिवर्तित करें-
(1) ऐथाइन से मेथेन
(2) ऐथीन से ऐथाइन
(3) ऐथेन से ऐथाइन
(4) ऐथाइन से 2-ब्यूटाडाइन
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 74

प्रश्न 35.
ऐरोमैटिक हाइड्रोकार्बन को संक्षिप्त में समझाइए ।
उत्तर:
ऐरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (Aromatic hydrocarbon ) ऐसे हाइड्रोकार्बन जो हकेल नियम का अनुपालन करते हैं, ऐरोमँटिक हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं। ऐसे यौगिक सुगन्धित होते हैं। उदाहरण– बेंजीन । बेंजीन में 6 कार्बन परमाणु होते हैं, जो बन्द श्रृंखला में एकान्तर से एकल व द्विबन्ध में रहते हैं। ऐसे यौगिक जिनमें एक बेंजीन वलय पाई जाती हैं। उन्हें बेन्जीनॉयड (Benzenoid) ऐरोमैटिक यौगिक कहते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 75
ऐसे यौगिक जो एक से अधिक बेंजीन वलय से बने होते हैं बहुनाभिकीय (Polynuclear) हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 76

प्रश्न 36.
केकुले सूत्र के दो प्रमुख दोष क्या हैं?
उत्तर:
(i) 1 : 2 तथा 1 : 6 दो ऑर्थो व्युत्पन्नों की सम्भावना- लैडनबर्ग (1889) के अनुसार, केकुले सूत्र से चार द्वि-प्रतिस्थापित यौगिकों की सम्भावना है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 78
(ii) केकुले सूत्र द्वारा बेन्जीन के स्थायित्व को नहीं समझाया जा सकता है, यद्यपि इसमें तीन द्वि-आबन्ध हैं।

प्रश्न 37.
ऐरोमैटिक व ऐलिफैटिक यौगिकों में विभेद कीजिए।
उत्तर:
ऐरोमैटिक व ऐलिफैटिक यौगिकों में भेद

ऐरोमैटिक यौगिक ऐलिफैटिक यौगिक
1. ये चक्रीय होते हैं। ये खुली श्रृंखला के यौगिक होते हैं।
2. इसमें कार्बन की प्रतिशतता अधिक होती है। इसमें कार्बन की प्रतिशता कम होती है।
3. ये धुएँदार लौ से जलते हैं। ये बिना धुएँ की लौ से जलते हैं। ये प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ आसानी से नहीं देते।
4. ये प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ सुगमता से देते हैं। इनके हाइड्रॉक्सी यौगिक उदासीन होते हैं।
5. इनके हाइड्रॉक्सी यौगिक अम्लीय होते हैं। इनके हैलोजेन व्युत्पन्न अधिक क्रियाशील होते हैं।
6. इनके हैलोजेन व्युत्पन्न कम क्रियाशील होते हैं। ऐलिफैटिक यौगिक

प्रश्न 38.
निम्नलिखित समीकरणों की पूर्ति करो-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 78

प्रश्न 39.
निम्न में से कौन ऐरोमैटिक है? (हकेल के नियमानुसार)
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 79
उत्तर:

  1. इसमें 8-π इलेक्ट्रॉन है अतः यह हकेल के नियम का पालन नहीं करता है क्योंकि इसमें इलेक्ट्रॉन conjugate form में नहीं है
  2. इसमें 6-π इलेक्ट्रॉन delocalised हैं अतः यह ऐरोमैटिक है।
  3. इसमें 6-π इलेक्ट्रॉन conjugate तो है परन्तु वलय में नहीं है अतः यह ऐरोमैटिक नहीं है।
  4. इसमें 10x इलेक्ट्रॉन हैं यहाँ प्रत्येक C-परमाणु sp2 संकरित है। तथा वलय planar है अतः यह ऐरामैटिक है।
  5. इसमें 8- इलेक्ट्रॉन हैं इसमें 8 में से 6-π इलेक्ट्रॉन delocalised है तथा एक planar वलय में है अतः यह ऐरोमैटिक है।
  6. 14-π electron हैं जो कि conjugate होने के साथ-साथ planar ring में है। परन्तु यह (4n + 2) π इलेक्ट्रॉन के नियम का पालन नहीं करते हैं अतः यह ऐरोमैटिक नहीं है।

प्रश्न 40.
एक असंतृप्त हाइड्रोकार्बन ‘A’ में दो H2 के अणु जुड़ सकते हैं। इसका ओजोन अपचयन करने पर यह ब्यूटेन 1, 4- डाई अलए ऐथेनेल तथा प्रोपेनोन देता है ‘A’ की संरचना बनायें।
उत्तर:
चूँकि दो अणु H2 से जुड़ रहे हैं अतः इसका अर्थ है कि ‘A’ या तो ऐल्काइन है या एल्काडाईईन है। ओजोनी अपघटन पर ‘A’ यह तीन यौगिक देता है जिसमें से एक डाईएल्डिहाइड है अतः अणु दो जगहों से टूट रहा है। इसका अर्थ है कि ‘A’ में दो द्विबन्ध है।

‘A’ ओजोनी अपघटन पर निम्न अणु दे रहा है—
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 80
IUPAC नाम – 2 – मेथिल ओक्ट-2, 6-डाईईन अभिक्रिया निम्न है अभिक्रिया निम्न है—
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 81

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

Haryana State Board HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
क्या विलगित निकाय का ताप परिवर्तित हो सकता है ?
उत्तर:
हाँ; रुद्धोष्म प्रक्रम में विलगित निकाय का ताप परिवर्तित हो सकता है।

प्रश्न 2.
संलग्न चित्र में किसी गैस के लिए P-Vवक्र AB व AC प्रदर्शित है। बताइये इनमें कौन सा वक समतापीय एवं कौन-सा टोम वक्र है ?
उत्तर:
समतापीय वक्र कम ढाल एवं रुद्धोष्म वक्र दाब (P) अधिक ढाल वाले होते हैं।
अतः
AB – समतापीय वक्र
एवं AC – रुद्धोष्म वक्र

प्रश्न 3.
यदि दो निकाय A व B किसी तीसरे निकाय C से अलग-अलग ऊष्मीय साम्य अवस्था में हैं तो A व B क्या आपस में भी ऊष्मीय साम्य अवस्था में होंगे ?
उत्तर:
हाँ; ऊष्मागतिकी के शून्यांकी के नियमानुसार ।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 4.
क्या ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से किसी क्रिया के होने की दिशा का ज्ञान हो सकता है ?
उत्तर;
नहीं।

प्रश्न 5.
मेयर का सम्बन्ध लिखिए ।
उत्तर:
मेयर सम्बन्ध = CP – CV= R
जहाँ CP = नियत दाब पर गैस की मोलर विशिष्ट ऊष्मा
CV = नियत आयतन पर गैस की मोलर विशिष्ट ऊष्मा
R = सार्वत्रिक गैस नियतांक

प्रश्न 6.
किसी आदर्श गैस के रुद्धोष्म प्रसार में P व V के मध्य सम्बन्ध लिखिए ।
उत्तर:
PVγ जहाँ γ = \(\frac{C_P}{C_V}\)

प्रश्न 7.
ऊष्मा इंजन की दक्षता की विमा क्या होती है ?
उत्तर:
ऊष्मा इंजन की दक्षता
η = \(\frac{W}{Q_1}\) जहाँ W= कृत कार्य; Q1 = स्रोत से ली गई ऊष्मा
∵ W एवं Q की विमाएँ समान है, अतः दक्षता η विमाहीन राशि है।
∴ η का विमीय सूत्र [ M°LOT]

प्रश्न 8.
समदाबीय प्रक्रम में निकाय की अवस्था परिवर्तन से दाब में क्या परिवर्तन होता है ?
उत्तर:
समदाबीय प्रक्रम में दाब नहीं बदलता है अतः दाब में परिवर्तन ∆P = 0

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 9.
क्या किसी गैस के ताप में वृद्धि बिना ऊष्मा दिये की जा सकती है ?
उत्तर:
हाँ, रुद्धोष्म सम्पीडन में गैस पर किया गया कार्य निकाय का ताप बढ़ाता है क्योंकि कृत कार्य ऊष्मा में बदलकर आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि करता है।

प्रश्न 10.
ऊष्मागतिकी का शून्य नियम किस ऊष्मागतिकी चर को परिभाषित करता है ?
उत्तर:
ताप को ।

प्रश्न 11.
समतापीय व रुद्धोष्म प्रक्रम में किसी गैस की विशिष्ट ऊष्मा क्या होती है ?
उत्तर:
विशिष्ट ऊष्मा S = \(\frac{Q}{m.∆T}\)
समतापी प्रक्रम में ∆T = 0. ∴ S = ∞ (अनन्त)
रुद्धोष्म प्रक्रम में Q = 0 ∴ S = 0 (शून्य)

प्रश्न 12.
कार्नो चक्र किस प्रकार का प्रक्रम है ?
उत्तर:
कान चक्र उत्क्रमणीय चक्रीय प्रक्रम है।

प्रश्न 13.
कार्नो इंजन की दक्षता किस पर निर्भर करती हैं ?
उत्तर:
कान इंजन की दक्षता,
η = \(1-\frac{T_2}{T_1}\)
अतः दक्षता स्रोत के ताप (T1) व सिंक के ताप (T2) पर निर्भर करती है।

प्रश्न 14.
बन्दूक से चली गोली लक्ष्य से टकरा कर गर्म हो जाती है। क्यों ?
उत्तर:
लक्ष्य से टकराने पर गोली की गतिज ऊर्जा ऊष्मीय ऊर्जा में बदल जाती है, इसलिए गोली गर्म हो जाती है।

प्रश्न 15.
मोम का जलना कौन-सा परिवर्तन है ?
उत्तर:
मोम का जलना समतापी प्रक्रम है क्योंकि ताप नियत रहता है।

प्रश्न 16.
आन्तरिक ऊर्जा के कौन-कौन से स्वरूप हैं ?
उत्तर:
अणुओं की स्थानान्तरीय गतिज ऊर्जा, आन्तरिक घूर्णन ऊर्जा तथा काम्पनिक ऊर्जा; आन्तरिक स्थितिज ऊर्जा आदि ।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 17.
आदर्श गैस को स्थिर ताप पर संपीडित करने पर आन्तरिक ऊर्जा में क्या परिवर्तन होगा ?
उत्तर:
कोई परिवर्तन नहीं होगा क्योंकि आदर्श गैस की आन्तरिक ऊर्जा केवल ताप पर निर्भर करती है।

प्रश्न 18.
चक्रीय प्रक्रम से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
वह प्रक्रम जिसमें कोई निकाय विभिन्न अवस्थाओं से होता हुआ पुनः अपनी प्रारम्भिक अवस्था में आ जाता है, चक्रीय प्रक्रम कहलाता है।

प्रश्न 19.
किसी गैस के रुद्धोष्म संपीडन में गैस के बाहर से कोई ऊष्मा नहीं दी जाती है पर गैस का ताप बढ़ जाता है क्यों ?
उत्तर:
रुद्धोष्म संपीडन में गैस पर किया गया कार्य ऊष्मा में बदल जाता है, इसीलिए गैस का ताप बढ़ जाता है।

प्रश्न 20.
स्थैतिक कल्प प्रक्रम से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर;
किसी ऊष्मागतिक निकाय में चलने वाला कोई ऐसा प्रक्रम, जिसकी प्रत्येक स्थिति में निकाय बाह्य परिवेश के साथ तापीय व यान्त्रिक साम्य में रहता है, स्थैतिक कल्प प्रक्रम कहलाता है।

प्रश्न 21.
मुक्त निकाय किसे कहते हैं ?
उत्तर:
यह ऐसा निकाय होता है, जो बाह्य परिवेश ऊर्जा तथा पदार्थ दोनों का आदान-प्रदान कर सकता है

प्रश्न 22.
बन्द निकाय किसे कहते हैं ?
उत्तर:
ऐसा निकाय जो परिवेश के साथ केवल ऊर्जा का आदान-प्रदान कर सकता है, पदार्थ का नहीं बन्द निकाय कहलाता है।

प्रश्न 23.
समतापी प्रक्रम के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
बर्फ का गलना, ठोसों का पिघलना, द्रवों का उबलना आदि।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 24.
प्रावस्था समीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर:
किसी ऊष्मागतिक निकाय के लिए ऊष्मागतिक चरों (P., V, T) के मध्य सम्बन्ध को प्रावस्था समीकरण कहते हैं।

प्रश्न 25.
ऊष्मा इंजन क्या है ?
उत्तर:
ऊष्मा इंजन चक्र (cycle) में काम करने वाली एक ऐसी युक्ति है जो अविरत रूप से ऊष्मा को यान्त्रिक कार्य में परिवर्तित करती हैं।

प्रश्न 26.
ऊष्मा इंजन की दक्षता की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
किसी ऊष्मा इंजन द्वारा प्रदत्त यान्त्रिक कार्य (W) एवं इंजन द्वारा स्त्रोत से ली गई ऊष्मा (Q) के अनुपात को इंजन की दक्षता कहते हैं और इसे ” से व्यक्त करते हैं। अतः
η = \(\frac{W}{Q}\)

प्रश्न 27.
दो दिये गये तापों T1 तथा T2(T1 > T2) के मध्य कार्य करने वाले कार्यों की दक्षता बताइये।
उत्तर:
कानों इंजन की दक्षता
η = \(1-\frac{T_2}{T_1}\)

प्रश्न 28.
कार्नो इंजन की दक्षता किस राशि पर निर्भर करता है ?
उत्तर:
केवल उन तापों पर निर्भर करती है जिनके बीच कार्नो इंजन कार्य कर रहा है।

प्रश्न 29.
क्या कानों इंजन की दक्षता कार्यकारी पदार्थ पर निर्भर करती है ?
उत्तर:
नहीं।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 30.
ऊष्मा पम्प किसे कहते हैं ?
उत्तर:
किसी ठण्डे स्थान से ऊष्मा लेकर गर्म स्थान को देने वाली युक्ति को ऊष्मा पम्प कहते हैं।

प्रश्न 31.
T1वे T2(T1 > T2) के मध्य करने वाले प्रशीतक के निष्पादन गुणांक का सूत्र लिखिए ।
उत्तर:
कानों के आदर्श प्रशीतक का निष्पादन गुणांक
ß = \(\frac{T_2}{T_1-T_2}\)

प्रश्न 32.
ऊष्मागतिकी के द्वितीय नियम का क्लॉसियस का प्रकथन बताइये ।
उत्तर:
इस कथन के अनुसार कोई ऐसा प्रक्रम सम्भव नहीं है जिसके द्वारा बिना बाह्य कार्य के किसी शीतल वस्तु से किसी तप्त वस्तु की ऊष्मा स्थानान्तरित की जा सके।

प्रश्न 33.
ऊष्मागतिकी के द्वितीय नियम का केल्विन प्लांक कथन बताइये ।
उत्तर:
इस कथन के अनुसार ऐसा कोई प्रक्रम सम्भव नहीं है जो किसी ऊष्मा भण्डार से ली गयी ऊष्मा को पूर्णतः कार्य में बदल सके।

प्रश्न 34.
कोई ऊष्मा इंजन एक चक्र में स्रोत से Q1 ऊष्मा लेता है तथा सिंक को Q2 ऊष्मा दे देता है। इंजन की दक्षता बताइये ।
उत्तर:
ऊष्मा इंजन की दक्षता
η = (\(1-\frac{Q_2}{Q_1}\))

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प्रश्न 35.
क्या कानों इंजन को व्यवहार में प्राप्त किया जा सकता है ?
उत्तर:
नहीं; यह एक आदर्श इंजन है जो व्यवहार में प्राप्त कर पाना में सम्भव नहीं है।

प्रश्न 36.
क्या किसी निकाय की सम्पूर्ण आन्तरिक ऊर्जा को कार्य में बदला जा सकता है ?
उत्तर:
नहीं।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
CP का मान CV से अधिक होता है, क्यों ?
उत्तर:
मोलर विशिष्ट ऊष्मा की परिभाषा से-
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -1

प्रश्न 2.
क्या किसी गैस को ऊष्मा दिये बिना उसके ताप में वृद्धि सम्भव है ?
उत्तर:
हाँ जब गैस का रुद्धोष्म संपीडन किया जाता है तो उसका ताप बढ़ जाता है।

प्रश्न 3.
सिद्ध कीजिए कि दो दिये गये तापों के बीच कार्य करने वाला कोई भी इंजन उन्हीं तापों के मध्य कार्य करने वाले उत्क्रमणीय इंजन से अधिक दक्ष नहीं हो सकता है।
उत्तर:
कार्नो प्रमेय (Carnot’s Theorem)
इस प्रमेय के अनुसार,
(अ) किन्हीं तापों T1 व T2 (T1 > T2) के मध्य कार्य करने वाले इंजन की दक्षता उन तापों के मध्य कार्य करने वाले कार्नो इंजन की दक्षता से अधिक नहीं हो सकती है अर्थात् कार्नो (उत्क्रमणीय) इंजन की दक्षता अधिकतम होती है।
(ब) किन्हीं दो तापों T1 व T2 के मध्य कार्य करने वाले सभी कार्नो उत्क्रमणीय इंजनों की दक्षता समान होती है चाहे कोई भी कार्यकारी पदार्थ लिया जाये।

प्रश्न 4.
भाप का अतितप्त होना समदाबी प्रक्रम है या समतापी और क्यों ?
उत्तर:
भाप का अतितप्त होना समदाबी प्रक्रम है, क्योंकि भाप को ऊष्मा देते रहने पर भाप ताप बढ़ता है लेकिन दाब नियत रहता है।

प्रश्न 5.
जब एक कार का पहाड़ी पर एक नियत चाल से नीचे उतरती है तो ब्रेक ड्रम गर्म हो जाते हैं क्यों ?
उत्तर:
नियत चाल से चलते रहने पर गतिज ऊर्जा तो नियत रहती है परन्तु . नीचे उतरने के कारण गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा कम होती है जो आन्तरिक ऊर्जा में बदल जाती है जिसके कारण ड्रम गर्म हो जाते हैं।

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प्रश्न 6.
किस निकाय को दी गयी ऊष्मा पूर्णतः कार्य में बदल जाती है ?
उत्तर-
समतापीय प्रक्रम में क्योंकि ताप समान रहने से आन्तरिक ऊर्जा नियत रहती है अर्थात्
dU = 0
dQ = dU + dW = 0 + dW
या dQ = dW

प्रश्न 7.
यदि गर्म वायु ऊपर उठती है, तो पहाड़ों की ऊंचाई पर समुद्र तल की अपेक्षा ठण्डी क्यों होती है ?
उत्तर:
समुद्र तल से ऊँचाई पर जाने से वायुदाब घटता है; अतः गर्म हवा के ऊपर उठने पर इसका रुद्धोष्म प्रसार होता है जिसके कारण ताप में कमी उत्पन्न होती है इसीलिए समुद्र तल की अपेक्षा पहाड़ों पर वायु ठण्डी होती है।

प्रश्न 8.
कार्नो इंजन में सिंक का ताप बढ़ने पर इंजन की दक्षता पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?
उत्तर:
कार्नो इंजन की दक्षता η = \(1-\frac{T_2}{T_1}\)
स्पष्ट है कि सिंक का ताप T2 बढ़ने पर n का मान कम होगा।

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प्रश्न 9.
क्या दो समतापी वक्र एक दूसरे को काट सकते हैं ?
उत्तर:
नहीं; क्योंकि यदि दो समतापी वक्र काटते हैं तो कटान बिन्दु पर दो भिन्न तापों पर गैस के दाब व आयतन समान होंगे जोकि सम्भव नहीं हैं।

प्रश्न 10.
परम शून्य ताप शून्य ऊर्जा का ताप नहीं होता है; समझाइये।
उत्तर:
अणुओं की स्थानान्तरीय गतिज ऊर्जा ही ताप का फलन होती है, जबकि ऊर्जा के अन्य रूप जैसे अन्तराणविक स्थितिज ऊर्जा अणुओं के मध्य लगने वाले आणविक बलों एवं आणविक दूरी पर निर्भर करती है। अतः परम शून्य ताप पर केवल अणुओं की स्थानान्तरीय गतिज ऊर्जा तो शून्य हो जाती है लेकिन आणविक ऊर्जा के अन्य रूप शून्य नहीं होते हैं। इस प्रकार परम शून्य ताप शून्य ऊर्जा का ताप नहीं है।

प्रश्न 11.
स्काई लैब पृथ्वी पर गिरते समय जल गई थी, क्यों ?
उत्तर:
वायुमण्डल में प्रवेश करने पर वायु के घर्षण के कारण स्काई लैब घर्षण के विरुद्ध कार्य होने के कारण गर्म होने लगी। जिससे उसका ताप बढ़ने लगा। जैसे-जैसे वह पृथ्वी के समीप आती गई, वायुमण्डल का घनत्व बढ़ने से घर्षण भी बढ़ता गया और फलस्वरूप ताप बढ़ते रहने से एक स्थिति में वह जलने लगी।

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प्रश्न 12.
“उत्क्रमणीयता एक आदर्श इंजन की कसौटी है।” उक्त कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
उत्क्रमणीय प्रक्रम में निकाय बाह्य परिस्थितियों में अल्प परिवर्तन से पुनः विपरीत क्रम में अपनी प्रारम्भिक स्थिति में लौट आता है फ्रान्सीसी इंजीनियर कार्नो ने उत्क्रमणीय क्रियाओं पर आधारित एक आदर्श इंजन की परिकल्पना की जिसको वास्तविक इंजन की सारी कमियों से मुक्त माना गया। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि उत्क्रमणीयता एक आदर्श इंजन की कसौटी है, यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि आदर्श इंजन मात्र एक कल्पना है, यह व्यावहारिक नहीं है।

प्रश्न 13.
ऊष्मा इंजन की दक्षता की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
ऊष्मीय इंजन की कार्यविधि एवं दक्षता:
ऊष्मा इंजन में, कार्यकारी पदार्थ स्रोत से ऊष्मा ग्रहण कर, इस ऊष्मा का कुछ भाग कार्य के रूप में परिवर्तित कर देता है तथा शेष भाग सिंक को दे देता है एवं अपनी प्रारम्भिक अवस्था में लौट आता है। ऐसे परिवर्तनों की श्रेणी चक्र (cycle) कहलाती है। चक्र की बार-बार पुनरावृत्ति से कार्य सतत् रूप से मिलता रहता है।
माना कार्यकारी पदार्थ स्रोत से Q1 ऊष्मा लेता है तथा उसमें से Q2 ऊष्मा सिंक को दे देता है अतः कार्यकारी पदार्थ द्वारा अवशोषित ऊष्मा की मात्रा (Q1 – Q2) होगी। चूँकि कार्यकारी पदार्थ अपनी प्रारम्भिक स्थिति में लौट आता है अतः आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन शून्य है।
इसलिए ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से,
dQ = dU + dW
लेकिन dU = 0
क्योंकि प्रारम्भिक तथा अन्तिम अवस्था एक ही है
∴ dQ = dW
या Q1 – Q2 = W …….(1)
इंजन की ऊष्मीय दक्षता (Thermal efficiency) कार्यकारी पदार्थ द्वारा एक चक्र में किये गये कुल कार्य तथा स्रोत से कार्यकारी पदार्थ द्वारा अवशोषित ऊष्मा का अनुपात होती है, अर्थात्

दक्षता (η) = \(\frac{\text { कार्य में परिवर्तित ऊष्मा }}{\text { स्रोत से अवशोषित ऊष्मा }}\)
या η = \(\frac{W}{Q_1}\)
η = \(\frac{Q_1-Q_2}{Q_1}\) (समी 1 से)
या η = \(1-\frac{Q_2}{Q_1}\) ……….(2)
समीकरण (2) से स्पष्ट है कि यदि Q2 = 0 तो η = 1 अर्थात् दक्षता 100% होगी। दूसरे शब्दों में, यदि एक ऐसा इंजन बनाया जाये, जो इस प्रकार कार्य करे कि कार्यकारी पदार्थ किसी भी चक्र में सिंक को कोई ऊष्मा न दे तो ऊष्मा का कार्य में शत-प्रतिशत रूपान्तरण हो जायेगा । परन्तु शत-प्रतिशत दक्षता का इंजन बनाना सम्भव नहीं है।

प्रश्न 14.
ऊष्मागतिकी क्या है ? ऊष्मागतिकी के शून्यांकी नियम की व्याख्या कीजिए तथा इसके महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:

ऊष्मागतिकी का शून्यांकी नियम (Zeroth Law Of Thermodynamics):
इस नियम के आधार पर ताप की अविधारणा दी जाती है। इस नियम को समझने के लिए तीन निकाय A, B व C की कल्पना करते हैं निकाय A व B एक रुद्धोष्म दीवार से पृथक हैं और इनमें से प्रत्येक एक तीसरे निकाय C से एक सुचालक दीवार से सम्पर्क में हैं [ चित्र 12.3] 1 निकायों की अवस्थाएँ तब तक परिवर्तित होती हैं जब तक A व B दोनों निकाय C के साथ तापीय साम्य में नहीं आ जाते हैं।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -4
अब यदि A व B के बीच रुद्धोष्म दीवार को सुचालक दीवार से प्रतिस्थापित कर दी जाती है तथा C को A व B से किसी रुद्धोष्म दीवार से पृथक दिया जाता है। (चित्र 12.4 ) तब यह देखा जाता है कि A व B की अवस्थाएँ अब और नहीं बदलती हैं अर्थात् वे दोनों तापीय साम्य में होती है।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -5
इससे ऊष्मागतिकी का शून्यांकी नियम दिया गया जिसके अनुसार, “यदि दो निकाय किसी अन्य तीसरे निकाय के साथ पृथक्-पृथक् रूप से तापीय साम्य में है तो वे परस्पर भी तापीय साम्य में होते हैं।
अतः यदि निकायों A, B व C के ताप यदि TA, TB E TC हों और TA = TC एवं TB = TC तो TA = TB

यही ऊष्मागतिकी का शून्यांकी नियम है अतः ताप पदार्थ का वह गुण है जो यह बताता है कि कोई निकाय अपने पड़ोसी निकाय के साथ ऊष्मीय साम्य में है अथवा नहीं। इस प्रकार ऊष्मागतिकी का शून्यांकी नियम ताप की अवधारणा को प्रदर्शित करता है।

प्रश्न 15.
एक निकाय की ऊष्मा, – कार्य व आन्तरिक ऊर्जा की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
ऊष्मा, कार्य एवं आंतरिक ऊर्जा (Heat, Work And Internal Energy):
ऊष्मागतिकी का शून्यांकी नियम ताप की अवधारणा प्रदान करता है। और ताप किसी वस्तु की ऊष्णता या शीतलता का बोध कराता है। दो भिन्न ताप की वस्तुएँ जब सम्पर्क में लाई जाती हैं तो उच्च ताप की वस्तु से निम्न ताप की वस्तु की ओर ऊष्मा का प्रवाह होता है और यह तब तक होता रहता है, जब तक दोनों के ताप समान नहीं हो जाते हैं अर्थात् जब तक ‘ऊष्मीय साम्य’ स्थापित नहीं हो जाता है। यहाँ तापान्तर के कारण एक वस्तु से दूसरी वस्तु की ओर ऊर्जा का प्रवाह ऊष्मा कहलाता है। इस प्रकार का ऊष्मा स्थानान्तरण एक अयांत्रिक ऊर्जा स्थानान्तरण (Non- mechanical energy transfer) है।

उदाहरणार्थ- कोई पिण्ड चालन अथवा विकिरण द्वारा ऊर्जा का क्षय कर रहा है अर्थात् वह चालन अथवा विकिरण द्वारा ऊष्मा दे रहा है जो कि पिण्ड एवं वातावरण के तापान्तर पर निर्भर हो लेकिन यदि निकाय किसी अन्य विधि द्वारा बाह्य यांत्रिक बलों के विरुद्ध कार्य करने में ऊर्जा क्षय कर रहा हो तो हम कह सकते हैं कि ‘कार्य’ (Work) हो रहा है। अब ऊष्मा का अन्य सम्बन्धित राशियों जैसे – कार्य व आंतरिक ऊर्जा के मध्य सम्बन्ध की विवेचना करनी है। ऊष्मागतिकी में कार्य एवं ऊष्मा अत्यन्त महत्त्वपूर्ण हैं, अतः निम्नलिखित बातों का ध्यान आवश्यक है-

  • कार्य व ऊष्मा निकाय की परिसीमा एवं निकाय की अवस्था बदलने पर उत्पन्न होते हैं।
  • कार्य व ऊष्मा को परिवेश पर हुए प्रभाव द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है।
  • कार्य व ऊष्मा दोनों का धनात्मक एवं ऋणात्मक मान सम्भव हैं।
  • चूँकि कार्य व ऊष्मा निकाय की अवस्था परिवर्तन की विधि मार्ग पर निर्भर करते हैं अर्थात् अवस्था फलन नहीं होते हैं। अतः इन्हें ऊष्मागतिकीय ‘अवस्था चर’ नहीं माना जा सकता है।

प्रश्न 16.
ऊष्मागतिकीय निकाय, ऊष्मागतिकीय चर राशियों व ऊष्मागतिकीय प्रक्रम से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
ऊष्मागतिकीय निकाय (Thermodynamics System) : बहुत बड़ी संख्या में कणों का ऐसा निकाय जिसके ताप, दाब तथा आयतन के कुछ निश्चित मान हो अर्थात् जिसे ताप, दाब तथा आयतन के पदों में व्यक्त किया जा सके, ऊष्मागतिकीय निकाय कहलाता हैं उदाहरणार्थ – एक बर्तन में भरी गैस ये दो प्रकार के होते हैं-

  • सूक्ष्म निकाय (Microscopic System): सूक्ष्म निकाय में कणों की संख्या बहुत कम होती है जिससे प्रत्येक कण का स्वतन्त्र रूप से अध्ययन किया जा सके, जैसे- एक परमाणु ।
  • स्थूल निकाय (Macroscopic System): स्थूल निकाय में कणों की संख्या अत्यधिक होती है किसी पात्र में बन्द गैस स्थूल निकाय का उदाहरण है। इसमें अणुओं की संख्या अवोद्रो संख्या की कोटि की होती है।

प्रश्न 17.
साइकिल में हवा भरते समय पम्प गर्म हो जाता है, क्यों ?
उत्तर:
हवा भरते समय वायु का रुद्धोष्म संपीडन होता है, अतः यान्त्रिक कार्य ऊष्मा में बदल जाता है इसीलिए पम्प गर्म हो जाती है।

प्रश्न 18.
बन्द कमरे में बिजली का पंखा चलाने पर क्या कमरे की वायु ठण्डी हो जायेगी ?
उत्तर:
नहीं, बल्कि वायु गर्म हो जायेगी क्योंकि पंखा चलने पर वायु के अणुओं का वेग बढ़ने से उनकी गतिज ऊर्जा बढ़ेगी।

प्रश्न 19.
ठण्डे जल की बाल्टी में गर्म लोहे का टुकड़ा डाला गया। क्या जल की आन्तरिक ऊर्जा बढ़ेगी ? क्या लोहे ने कुछ कार्य किया ?
उत्तर:
जल की आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि होगी। यह वृद्धि ऊष्मा के स्थानान्तरण के कारण होती है इसीलिए लोहे के टुकड़े द्वारा कोई कार्य नहीं किया जाता है।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 20.
आदर्श गैस का नियत दाब पर 1°C ताप बढ़ने पर किये जाने वाले कार्य के लिए कितने कैलोरी ऊष्मा की आवश्यकता होती है ?
उत्तर:
एक मोल गैस पर किया गया कुल कार्य
∆W = ∆Q – ∆U
=CP. ∆T – CV ∆T
= (CP – CV) ∆T = R.∆T
यदि ∆T = 1°C
तो ∆W = R = 2 कैलोरी ।

प्रश्न 21.
यदि कमरे में रेफ्रीजरेटर का दरवाजा खुला रख दिया जाये तो बताइये कि क्या कमरा ठण्डा हो जायेगा ? या गर्म ?
उत्तर:
रेफ्रीजरेटर विपरीत दिशा में कार्यरत ऊष्मीय इंजन के समान है अर्थात् कम ताप वाली वस्तु से ऊष्मा ग्रहण करता है तथा उच्च ताप की वस्तु में ऊष्मा का परित्याग करता है। अतः कमरे से अवशोषित ऊष्मा की तुलना में अधिक ऊष्मा का परित्याग करेगा। अतः कमरा गर्म हो जायेगा।

प्रश्न 22.
यदि कार्नो के उत्क्रमणीय इंजन में ऊर्जा नष्ट या अपव्यय नहीं होती है तो इसकी दक्षता 100% से कम क्यों होती है ?
उत्तर:
कार्नो इंजन की दक्षता
η = \(1-\frac{T_2}{T_1}\)
जहाँ T1 → स्रोत का ताप एवं
T2 → सिंक का ताप
जब तक T1 एवं T2 के मान भिन्न रहेंगे तब तक \(\frac{T_2}{T_1}\) का मान कुछ न कुछ रहेगा और η का मान 100% से कम होगा। केवल एक स्थिति ऐसी है जब T2 = 0K हो तो η = 100% हो जायेगा और T2 = 0K प्राप्त करना सम्भव नहीं है।

प्रश्न 23.
संलग्न चित्र के अनुसार एक निकाय प्रारम्भिक अवस्था A से अन्तिम अवस्था B तक दो मार्गों अर्थात् प्रक्रमों I व II के द्वारा पहुँचता है। यदि इन प्रक्रमों के लिए आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन ∆UI व ∆UII हो तो इन दोनों में क्या सम्बन्ध होगा और क्यों ?
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -2
उत्तर:
∆UI = ∆UII
क्योंकि आन्तरिक ऊर्जा किसी स्थिति के लिए अद्वितीय फलन होती है और यह परिवर्तन के मार्ग पर निर्भर नहीं करती है।

प्रश्न 24.
संलग्न चित्र में प्रदर्शित सूचक आरेख में कुल कार्य की मात्रा का प्रकार (धनात्मक / ऋणात्मक) क्या होगा और क्यों ?
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -3
उत्तर:
चक्रीय प्रक्रम में किया गया कार्य बन्द वक्र के क्षेत्रफल से प्राप्त होता है। प्रक्रम (1) दक्षिणावर्त है अतः इसमें किया गया कार्य धनात्मक होगा और प्रक्रम (2) वामावर्त है अतः इसमें कृत कार्य ऋणात्मक होगा। चूँकि प्रक्रम (1) का क्षेत्रफल प्रक्रम (2) के क्षेत्रफल से कम है, अतः कुल कार्य ऋणात्मक होगा।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
ऊष्मागतिकी के शून्यांकी, प्रथम व द्वितीय नियम की विस्तारपूर्वक व्याख्या कीजिए ।
उत्तर;
ऊष्मागतिकी का शून्यांकी नियम (Zeroth Law Of Thermodynamics):
इस नियम के आधार पर ताप की अविधारणा दी जाती है। इस नियम को समझने के लिए तीन निकाय A, B व C की कल्पना करते हैं निकाय A व B एक रुद्धोष्म दीवार से पृथक हैं और इनमें से प्रत्येक एक तीसरे निकाय C से एक सुचालक दीवार से सम्पर्क में हैं 1 निकायों की अवस्थाएँ तब तक परिवर्तित होती हैं जब तक A व B दोनों निकाय C के साथ तापीय साम्य में नहीं आ जाते हैं।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -4
अब यदि A व B के बीच रुद्धोष्म दीवार को सुचालक दीवार से प्रतिस्थापित कर दी जाती है तथा C को A व B से किसी रुद्धोष्म दीवार से पृथक दिया जाता है। तब यह देखा जाता है कि A व B की अवस्थाएँ अब और नहीं बदलती हैं अर्थात् वे दोनों तापीय साम्य में होती है।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -5
इससे ऊष्मागतिकी का शून्यांकी नियम दिया गया जिसके अनुसार, “यदि दो निकाय किसी अन्य तीसरे निकाय के साथ पृथक्-पृथक् रूप से तापीय साम्य में है तो वे परस्पर भी तापीय साम्य में होते हैं।
अतः यदि निकायों A, B व C के ताप यदि TA, TB व TC हों और TA = TC एवं TB = TC तो TA = TB

यही ऊष्मागतिकी का शून्यांकी नियम है अतः ताप पदार्थ का वह गुण है जो यह बताता है कि कोई निकाय अपने पड़ोसी निकाय के साथ ऊष्मीय साम्य में है अथवा नहीं। इस प्रकार ऊष्मागतिकी का शून्यांकी नियम ताप की अवधारणा को प्रदर्शित करता है।

ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम (First Law Of Thermodynamics):
ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम दो भिन्न कथनों में निम्न प्रकार व्यक्त किया जाता है-
1. इस नियम के पहले कथन को ऊष्मा तथा कार्य की तुल्यता का नियम भी कहते हैं, इसके अनुसार जब ऊष्मा प्राप्त करने के लिए यांत्रिक कार्य किया जाता है तो कार्य की प्रत्येक इकाई द्वारा ऊष्मा की एक निश्चित मात्रा प्राप्त होती है। इसके विपरीत जब कार्य करने हेतु ऊष्मा दी जाती हैं तो इकाई कार्य प्राप्त करने के लिए ऊष्मा की समान मात्रा आवश्यक होती है अर्थात् कार्य एवं ऊष्मा एक दूसरे के तुल्य हैं। यदि W कार्य करने से Q ऊष्मा उत्पन्न होती है तो
W ∝ Q
या W =JQ
जहाँ J = 4.2 × 10³ Jkcal-1 होता है जिसे ऊष्मा का यांत्रिक तुल्यांक कहते हैं। उक्त नियम तभी सत्य है जब सम्पूर्ण कार्य ऊष्मा में या सम्पूर्ण ऊष्मा कार्य में परिणित हो रही हो।

2. इस नियम का दूसरा कथन ऊर्जा संरक्षण के नियम (Law of Conservation of Energy) पर आधारित है माना किसी निकाय को do ऊष्मा दी जाती है तो वह ऊष्मा दो रूपों में व्यय होती है- (i) अणुओं की आंतरिक ऊर्जा बढ़ाने में dU के रूप में और (ii) शेष भाग आन्तराण्विक आकर्षण बलों के विरुद्ध बाह्य कार्य करने में dW के रूप में इस प्रकार
dQ = dU + dW …………..(1)
इस समीकरण को ही ‘ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम’ कहते हैं, अर्थात् “किसी निकाय को दी गई ऊष्मा आंतरिक ऊर्जा में वृद्धि एवं किये गये बाह्य कार्य के योग के बराबर होती है।” यह नियम ऊर्जा संरक्षण के नियम का ही प्रतिपादन है जिसके अनुसार, “ऊर्जा को न तो उत्पन्न कर सकते है। और न ही नष्ट कर सकते हैं, केवल इसका रूपान्तरण सम्भव है।” जब भी हमें एक प्रकार की ऊर्जा प्राप्त होती है तो किसी अन्य प्रकार की ऊर्जा लुप्त होती है।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -6
माना संलग्न चित्र के अनुसार एक घर्षण रहित पिस्टन युक्त पात्र में गैस भरी है। पिस्टन का अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल A हैं और इस पर बाह्य दाब P कार्यरत है। यदि इस निकाय को dQ ऊष्मा दी जाती है। जिससे इसकी आंतरिक ऊर्जा में वृद्धि dU होती है और पिस्टन दाब P के विरुद्ध dx विस्थापन से विस्थापित होता है अतः बाह्य कार्य
dW = Fext × dx = P.A.dx
या dW = P.dV
जहाँ dV = A.dx आयतन में परिवर्तन
अतः dQ = dU + dW

ऊष्मागतिकी का द्वितीय नियम (Second Law Of Thermodynamics):
ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम ऊर्जा संरक्षण के नियम पर आधारित है। यह ऊष्मा तथा कार्य की तुल्यता का नियम है अर्थात् कार्य का ऊष्मा में अथवा ऊष्मा का कार्य में रूपान्तरण होने पर कार्य की निश्चित मात्रा से निश्चित ऊष्मा उत्पन्न होती है या निश्चित ऊष्मा से कार्य की निश्चित मात्रा उत्पन्न होती है, परन्तु उपलब्ध ऊष्मा का कितना भाग यांत्रिक कार्य में परिवर्तित होता है एवं इसकी शर्तें व सीमाएँ क्या है ? इसकी जानकारी ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम नहीं देता है।

उदाहरणार्थ – फर्श पर लुढ़कती हुई गेंद ऊष्मागतिकी के नियमानुसार उस समय रुक जायेगी जब उसकी सम्पूर्ण गतिज ऊर्जा (यांत्रिक ऊर्जा ) ऊष्मा में बदल जायेगी। परन्तु क्या इस प्रक्रिया का व्युत्क्रम अर्थात् फर्श पर रुकी हुई गेंद ऊष्मा अवशोषित करके गतिशील हो जायेगी ? इस प्रश्न का उत्तर स्पष्ट रूप से प्रथम नियम नहीं देता है। इस प्रकार किसी क्रिया के होने व न होने की जानकारी को प्राप्त करने के लिए अन्य नियम की आवश्यकता है जिसे ऊष्मागतिकी का द्वितीय नियम कहते हैं। यह नियम प्रथम नियम का पूरक है। ऊष्मागतिकी के द्वितीय नियम को विभिन्न वैज्ञानिकों ने भिन्न-भिन्न कथनों के रूप में प्रस्तुत किया है परन्तु व्यावहारिक दृष्टि से सभी कथन सत्य हैं। यहाँ हम दो कथनों पर विचार करेंगे जिनमें एक आन्तरिक ऊर्जा को कार्य में बदलने की सीमा के बारे में है और दूसरा ऊष्मा प्रवाह की दिशा के बारे में है।

1. केल्विन प्लांक का कथन (Statement of Kelvin Planck) : इस कथन के अनुसार, “इस प्रकार के इंजन का निर्माण सम्भव नहीं है, जो सम्पूर्ण चक्र में किसी वस्तु से ऊष्मा लेकर कार्यकारी निकाय में कोई परिवर्तन किये बिना उसे पूर्णतः कार्य में परिवर्तित कर दे।” अर्थात् कोई ऐसा ऊष्मा इंजन नहीं बन सका है, जो लोत से ली गई सम्पूर्ण ऊष्मा को कार्य में बदल सके और सिंक को कुछ भी न दे। दूसरे शब्दों में ऊष्मा के अविरल रूप से कार्य में बदलने के लिए ठण्डी वस्तु अर्थात् सिंक का होना आवश्यक है।

2. क्लासियस का कथन (Claussius’s Statement) : इस कथन के अनुसार, “किसी भी चक्रीय प्रक्रम में कार्यकारी पदार्थ द्वारा निम्न ताप वाली वस्तु से उच्च ताप वाली वस्तु की ओर ऊष्मा का प्रवाह नहीं हो सकता जब तक कि कार्यकारी पदार्थ पर बाह्य कार्य नहीं किया जाता है।” यह कथन प्रशीतक (refrigerator) के सिद्धान्त पर आधारित है जो ठण्डी वस्तु में से ऊष्मा अवशोषित कर गर्म वस्तु (कमरे की वायु) को प्रदान करता है, लेकिन इस कार्य को करने के लिए प्रशीतक में संपीडक (compressor) की आवश्यकता होती है अर्थात् बिना सम्पीडक की बाह्य सहायता के प्रशीतक वस्तुओं को ठण्डा नहीं कर सकता है।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 2.
समतापी व रुद्धोष्म प्रक्रम में अन्तर स्पष्ट करते हुए इन प्रक्रमों में किये गये कार्य की गणना कीजिए।
उत्तर:
समतापी प्रक्रम (Isothermal Process):
जब किसी ऊष्मागतिकीय निकाय में दाब (P), एवं आयतन (V) में परिवर्तन होता है, परन्तु ताप (T) नियत रहता है, तो ऐसे प्रक्रम को समतापी प्रक्रम कहते हैं। इस परिवर्तन के दौरान निकाय एवं परिवेश (Surroundings) के मध्य ऊष्मा का आदान-प्रदान आवश्यक है जब निकाय का प्रसार होता है तो निकाय द्वारा कार्य किया गया है, अतः इस कार्य के तुल्य ऊष्मा परिवेश से निकाय में आ जाती है जिससे निकाय का ताप नियत बना रहता है।

इसी प्रकार निकाय के संपीडन के समय निकाय पर किये गये कार्य के तुल्य ऊष्मा परिवेश से निकाय में आ जाती है। इससे निकाय का ताप नियत बना रहता है। इसी प्रकार निकाय के संपीडन के समय निकाय पर किये गये कार्य के तुल्य ऊष्मा निकाय से परिवेश को चली जाती है। यदि समतापीय परिवर्तन किसी भारहीन एवं घर्षण रहित पिस्टन युक्त सिलिण्डर में मौजूद किसी गैसीय निकाय के साथ पिस्टन की सहायता से किया जाता है तो समतापी प्रक्रम के लिए निम्नलिखित दो शर्तों को पूरा होना आवश्यक है-
(i) निकाय की परिसीमाएँ ( पिस्टन एवं सिलेण्डर) ऊष्मा की सुचालक होनी चाहिए ताकि उनसे होकर ऊष्मा का आदान-प्रदान हो सके।
(ii) परिवर्तन धीरे-धीरे होना चाहिए ताकि ऊष्मा के आदान-प्रदान के लिए पर्याप्त समय मिल सके।

मोल गैस के लिए आदर्श गैस समीकरण PV = nRT यदि n को नियत रखकर समतापी परिवर्तन किया जाता है, तो
अतः nRT = नियतांक
PV = नियतांक ……..(1)
उक्त समीकरण (1) को समतापी प्रक्रम का अवस्था समीकरण कहते हैं। यही बॉयल का नियम है, जिसके अनुसार,
P ∝ \(\frac{1}{V}\), V ∝ \(\frac{1}{P}\)
अर्थात् किसी निश्चित द्रव्यमान की गैस का स्थिर ताप पर दाब व आयतन परस्पर व्युत्क्रमानुपाती होते हैं।

प्रश्न 3.
समतापी प्रक्रम की व्याख्या कीजिए एवं इस प्रक्रम में कृत कार्य के लिए सूत्र स्थापित कीजिए।
उत्तर:
समतापी प्रक्रम में किया गया कार्य (Work done in an Isothermal Process):
माना किसी सिलेण्डर में n मोल आदर्श गैस का समतापीय प्रसार किया जाता है तो वह अपनी प्रारम्भिक अवस्था A(P1 V1) से अन्तिम अवस्था B(P2 V2) में पहुँच जाती है। यह प्रक्रम संलग्न सूचक आरेख चित्र में समतापी वक्र AB द्वारा प्रदर्शित किया गया है। यदि आयतन के सूक्ष्म परिवर्तन dV के लिए दाब को P पर नियत मान लें तो इस अन्तराल में कृत कार्य-
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -7
समी (1) व (2) समतापी प्रक्रम में n मोल आदर्श गैस के लिए किये गये कार्य को प्रदर्शित करते हैं। चूँकि समतापीय प्रक्रम के लिए अवस्था समीकरण
PV = नियतांक
अत: P dV + V.dP = 0
या V dP = -P dV
या \(\frac{d \mathrm{P}}{d \mathrm{~V}}=-\frac{\mathrm{P}}{\mathrm{V}}\)
अर्थात् समतापी प्रक्रम में P-V वक्र का ढाल (प्रवणता) ऋणात्मक होती है।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 4.
रुद्धोष्म प्रकरण के लिए अवस्था समीकरण के सूत्र का निगमन कीजिए।
उत्तर:
ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम का रुद्धोष्म प्रक्रम में अनुप्रयोग (First Law of Thermodynamics Applied to Adiabatic Process)
(अ) P व V के मध्य रुद्धोष्म सम्बन्ध (Adiabatic Relation between P and V):
ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से-
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -8
यह समीकरण रुद्धोष्म प्रक्रम में दाब एवं आयतन में सम्बन्ध है। इसे ‘पायसन सम्बन्ध’ (Poisson’s relation) कहते हैं।

प्रश्न 5.
ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम क्या है ? इसकी सहायता से आन्तरिक ऊर्जा की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम (First Law Of Thermodynamics):
ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम दो भिन्न कथनों में निम्न प्रकार व्यक्त किया जाता है-
1. इस नियम के पहले कथन को ऊष्मा तथा कार्य की तुल्यता का नियम भी कहते हैं, इसके अनुसार जब ऊष्मा प्राप्त करने के लिए यांत्रिक कार्य किया जाता है तो कार्य की प्रत्येक इकाई द्वारा ऊष्मा की एक निश्चित मात्रा प्राप्त होती है। इसके विपरीत जब कार्य करने हेतु ऊष्मा दी जाती हैं तो इकाई कार्य प्राप्त करने के लिए ऊष्मा की समान मात्रा आवश्यक होती है अर्थात् कार्य एवं ऊष्मा एक दूसरे के तुल्य हैं। यदि W कार्य करने से Q ऊष्मा उत्पन्न होती है तो
W ∝ Q
या W =JQ
जहाँ J = 4.2 × 10³ Jkcal-1 होता है जिसे ऊष्मा का यांत्रिक तुल्यांक कहते हैं। उक्त नियम तभी सत्य है जब सम्पूर्ण कार्य ऊष्मा में या सम्पूर्ण ऊष्मा कार्य में परिणित हो रही हो।

2. इस नियम का दूसरा कथन ऊर्जा संरक्षण के नियम (Law of Conservation of Energy) पर आधारित है माना किसी निकाय को do ऊष्मा दी जाती है तो वह ऊष्मा दो रूपों में व्यय होती है- (i) अणुओं की आंतरिक ऊर्जा बढ़ाने में dU के रूप में और (ii) शेष भाग आन्तराण्विक आकर्षण बलों के विरुद्ध बाह्य कार्य करने में dW के रूप में इस प्रकार
dQ = dU + dW …………..(1)
इस समीकरण को ही ‘ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम’ कहते हैं, अर्थात् “किसी निकाय को दी गई ऊष्मा आंतरिक ऊर्जा में वृद्धि एवं किये गये बाह्य कार्य के योग के बराबर होती है।” यह नियम ऊर्जा संरक्षण के नियम का ही प्रतिपादन है जिसके अनुसार, “ऊर्जा को न तो उत्पन्न कर सकते है। और न ही नष्ट कर सकते हैं, केवल इसका रूपान्तरण सम्भव है।” जब भी हमें एक प्रकार की ऊर्जा प्राप्त होती है तो किसी अन्य प्रकार की ऊर्जा लुप्त होती है।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -6.1
माना संलग्न चित्र के अनुसार एक घर्षण रहित पिस्टन युक्त पात्र में गैस भरी है। पिस्टन का अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल A हैं और इस पर बाह्य दाब P कार्यरत है। यदि इस निकाय को dQ ऊष्मा दी जाती है। जिससे इसकी आंतरिक ऊर्जा में वृद्धि dU होती है और पिस्टन दाब P के विरुद्ध dx विस्थापन से विस्थापित होता है अतः बाह्य कार्य
dW = Fext × dx = P.A.dx
या dW = P.dV
जहाँ dV = A.dx आयतन में परिवर्तन
अतः dQ = dU + dW

प्रश्न 6.
सूचक आरेख से क्या तात्पर्य है ? इसकी सहायता से बाह्य कार्य ज्ञात करने की प्रक्रिया समझाते हुए सिद्ध कीजिए कि बाह्य कार्य परिवर्तन के मार्ग पर निर्भर करता है।
उत्तर:
सूचक आरेख (Indicator Diagram):
किन्हीं दो चर राशियों द्वारा किसी ऊष्मागतिक निकाय की अवस्था का ग्राफीय प्रस्तुतीकरण निकाय का सूचक आरेख कहलाता है। यदि ग्राफ दाब व आयतन के मध्य खींचा जाये तो इस आरेख को P-V आरेख कहते हैं।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -9
माना किसी गैसीय निकाय का प्रसार होता है और A [P1, V1] प्रारम्भिक तथा B [P2, V2] अन्तिम अवस्थाएँ हैं। प्रक्रम को चित्र में दिये गये सूचक आरेख में प्रदर्शित किया गया है। प्रक्रम के दौरान दाब एवं आयतन में होने वाले परिवर्तन रेखा AB के विभिन्न बिन्दुओं द्वारा प्रदर्शित होंगे।

पूरे प्रक्रम (A → B) के लिए कार्य ज्ञात करने लिए आकृति ABCD का क्षेत्रफल ज्ञात करना होगा। इसके लिए माना दाब P पर सूक्ष्म आयतन परिवर्तन dV के संगत कृत कार्य
dW = PV आकृति EFGH का क्षेत्रफल
अत: A से B तक परिवर्तन के दौरान कृत कुल कार्य
या W = आकृति ABCD का क्षेत्रफल
\(\mathrm{W}=\int d \mathrm{~W}=\int_{\mathrm{V}_1}^{\mathrm{V}_2} \mathrm{P} . d \mathrm{~V}\)
अत: PV वक्र तथा आयतन अक्ष के मध्य घिरे क्षेत्रफल से किसी प्रक्रम में गैस द्वारा किया गया कार्य सीधे प्राप्त हो जाता है।

ऊष्मा के समान कार्य भी पथ का फलन होता है। किसी निकाय द्वारा किया गया कार्य अथवा निकाय पर किया गया कार्य प्रारम्भिक एवं अन्तिम अवस्थाओं के प्रक्रम के पथ पर भी निर्भर करता है। उदाहरण के लिए चित्र में प्रदर्शित सूचक आरेख में प्रारम्भिक अवस्था से अन्तिम अवस्था तक परिवर्तन के तीन पथ (i) if (ii) ior (iii) ib प्रदर्शित किये गये हैं। इन तीनों मार्गों के लिए कृत कार्य विभिन्न प्रकार से किये गये छायांकित भागों के क्षेत्रफलों द्वारा प्राप्त होगा। चित्र से स्पष्ट है-
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -10
Wiaf > Wif > Wibf
स्पष्ट है कि दो निश्चित अवस्थाओं के एक अवस्था से दूसरी अवस्था तक पहुँचने में कृत कार्य अपनाये गये पथ पर निर्भर करता है।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -11
यदि परिवर्तन के दौरान विभिन्न प्रक्रमों से होते हुए निकाय पुन: अपनी प्रारम्भिक स्थिति में लौट आता है तो ऐसे प्रक्रम को ‘चक्रीय प्रक्रम’ (Cyclic Process) कहते हैं। चक्रीय प्रक्रम में किया कुल कार्य बन्द चक्र के क्षेत्रफल से प्राप्त होता है साथ ही साथ प्रक्रम यदि दक्षिणावर्त (clockwise) है तो कार्य धनात्मक एवं प्रक्रम यदि वामावर्त (anticlockwise) है तो कार्य ऋणात्मक होता है। उदाहरण के लिए चित्र में प्रारम्भिक अवस्था A से ACB एवं BDA होते हुए निकाय पुनः अवस्था A में लौट आता है। इन दो प्रक्रमों में प्रक्रम ACB में कृत कार्य
W1 = + आकृति ACBYXA का क्षेत्रफल
एवं प्रक्रम BDA में
W2 = – आकृति BDAXYB का क्षेत्रफल
अत किया गया कुल कार्य
W = W1 + W2
= + ACBYXA का क्षेत्रफल – BDAXYB का क्षेत्रफल
या W = + ACBDA का क्षेत्रफल
अर्थात् किया गया कार्य बन्द लूप के क्षेत्रफल के बराबर होता है। चित्र में प्रदर्शित प्रक्रम दक्षिणावर्त है अतः कुल कार्य धनात्मक मिला है। यदि प्रक्रम वामावर्त अर्थात् ADBCA होता तो कुल कार्य इतना ही होता परन्तु ऋणात्मक होता।

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प्रश्न 7.
रुद्धोष्म प्रक्रम की व्याख्या कीजिए एवं इसमें कृत कार्य के सूत्र का निगमन कीजिए।
उत्तर:
रुद्धोष्म प्रक्रम (Adiabatic Process):
रुद्धोष्म प्रक्रम वह प्रक्रम है जिसमें निकाय के ताप (T), दाब (P) तथा आयतन (V) तीनों परिवर्तित हो सकते हैं, लेकिन निकाय की ऊर्जा अपरिवर्तित रहती है अर्थात् निकाय एवं परिवेश के मध्य ऊष्मा का कोई आदान-प्रदान नहीं होता है। निकाय एवं परिवेश के मध्य ऊष्मा का आदान प्रदान न हो सके, इसके लिए निम्न दो शर्तों का पूर्ण होना आवश्यक है- (i) निकाय की परिसीमाएँ (पिस्टन एवं सिलिण्डर) ऊष्मा की कुचालक होनी चाहिए ताकि उनसे होकर ऊष्मा का आदान-प्रदान न हो सके।
(ii) परिवर्तन शीघ्रता से होना चाहिए ताकि ऊष्मा के आदान-प्रदान के लिए पर्याप्त समय न मिल सके।

रुद्धोष्म प्रक्रम में किया गया कार्य (Work done in Adiabatic Process):
माना चित्र के अनुसार एक भारहीन एवं घर्षण रहित पिस्टनयुक्त सिलिण्डर में एक गैस के मोल मौजूद पिस्टन एवं सिलेण्डर दोनों ऊष्मा के कुचालक हैं। माना गैस का दाब P में पिस्टन का अनुप्रस्थ क्षेत्रफल A है। यदि पिस्टन ऊपर की ओर $d x$ दूरी पर विस्थापित होता है तो गैस द्वारा कृत कार्य
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -12
dW = F.dx = (P.A).dx
या dW = P.Adx = P.dV
जहाँ dV = A.dx = आयतन में परिवर्तन
अब माना गैस का रुद्धोष्म प्रसार प्रारम्भिक अवस्था (P1, V1, T1)$ से कम अवस्था (P2, V2, T2) तक होता है तो गैस द्वारा किया गया कुल
\(\mathrm{W}_{\text {रुद्धोष्म }}=\int d \mathrm{~W}=\int_{\mathrm{V}_1}^{\mathrm{V}_2} \mathrm{P} d \mathrm{~V}\)
रुद्धोष्म प्रक्रम में गैसीय निकाय “पायसन के नियम” (Poisson’s Law) का पालन करता है। जिसके अनुसार
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -13
यह समी. (4) n मोल आदर्श गैस द्वारा रुद्धोष्म प्रक्रम में किये गये कार्य को निरूपित करता है। स्पष्ट है कि जब T1 > T2 तभी W का मान धनात्मक होगा और यदि T1 < T2 तो Wरुद्धोष्म का मान ऋणात्मक होता है।

प्रश्न 8.
समआयतनीय एवं समदाबीय प्रक्रम की व्याख्या करते हुए इन प्रक्रमों में कृत कार्य की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
समआयतनीय प्रक्रम (Isochoric Process):
ऐसा प्रक्रम जिसमें परिवर्तन के दौरान दाब (P) व ताप (T) में तो परिवर्तन होता है परन्तु आयतन नियत रहता है, सम आयतनीय प्रक्रम कहलाता है। अतः इस प्रक्रम में न तो गैस द्वारा कोई कार्य किया जाता है और न ही परिवेश द्वारा गैसीय निकाय पर कोई कार्य किया जाता है क्योंकि आयतन नियत होने से इस प्रक्रम में aV 0 होता है।

समआयतनीय प्रक्रम में ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम (First Law of Thermodynamics Applied to Isochoric Process):
ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम-
dQ = dU + dW
या dQ = dU + P.dV
∵ समआयतनीय प्रक्रम में आयतन नियत रहता है अतः $d V=0$
∴ P. dV = 0
अतः dQ = dU …………(1)
अर्थात् गैस द्वारा अवशोषित सम्पूर्ण ऊष्मा निकाय की आंतरिक ऊर्जा व उसके ताप को परिवर्तित करने में व्यय होती है।
∵ स्थिर आयतन पर मोलर विशिष्ट ऊष्मा-
\(\mathrm{C}_{\mathrm{V}}=\left(\frac{d \mathrm{Q}}{d \mathrm{~T}}\right)_{\mathrm{V}}\)
∴ dQ = CV.dT
अतः dQ = CV.dT ………….(2)

समदाबीय प्रक्रम (Isobaric Process):
ऐसा प्रक्रम जिसमें परिवर्तन के दौरान ताप (T) व आयतन (V) तो परिवर्तित होते हैं लेकिन दाब (P) नियत रहता है समदावीय प्रक्रम कहलाता है। अर्थात् जब पदार्थ की अवस्था परिवर्तित होती है तो दाब (P) नियत रहता है। उदाहरणार्थ- पानी का जमना (freezing of water); पानी का वाष्प बनना (formation of steam) इत्यादि ।

समदाबी प्रक्रम में किया गया कार्य (Work Done in an Isobaric Process):
माना नियत दाब (P) पर ऊष्मागतिकीय निकाय में मौजूद गैस का आयतन VI से V2 तक परिवर्तित होता है तो गैस द्वारा किया गया कार्य
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -14
चूँकि ताप परिवर्तन से आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन होता है। अतः समदाबीय प्रक्रम में अवशोषित ऊष्मा आंशिक रूप से आंतरिक ऊर्जा में वृद्धि करने तथा शेष ऊष्मा कार्य करने में व्यय होती है।

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प्रश्न 9.
ऊष्मागतिकी के अध्ययन के आवश्यक महत्वपूर्ण पदों को परिभाषित कीजिए तथा ऊष्मीय साम्य की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
ऊष्मागतिकी निकाय (Thermodynamic System):
ब्रह्माण्ड का वह भाग जिसमें विशाल संख्या में अणु, परमाणु, आयन, इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन, फोटॉन आदि मौजूद हों तथा जिसका चयन ऊष्मागतिकी अध्ययन के लिए किया गया हो, ऊष्मागतिकी निकाय कहलाता है।
ऊष्मागतिकी निकाय निम्नलिखित प्रकार के होते हैं-
(i) सूक्ष्म निकाय (Microscopic System) – सूक्ष्म निकाय में कणों की संख्या बहुत कम होती है, जिससे प्रत्येक कण का स्वतन्त्र रूप से अध्ययन किया जा सके। जैसे-एक परमाणु।
(ii) स्थूल निकाय (Macroscopic System) – स्थूल निकाय में कणों की संख्या अत्यधिक होती है। किसी पात्र में बन्द गैस स्थूल निकाय के रूप में होती है क्योंकि इसमें अणुओं की संख्या अवागाद्रो संख्या की कोटि की होती है।
(iii) खुला निकाय (Open System)-यदि निकाय एवं वातावरण (परिवेश) के मध्य ऊष्मा तथा पदार्थ दोनों का आदान-प्रदान होता है तो उसे खुला निकाय कहते हैं।
(iv) बन्द निकाय (Closed System) – यदि निकाय एवं परिवेश के मध्ग केवल ऊष्मा का आदान-प्रदान होता है (पदार्थ का नहीं) तो उस निकाय को बन्द निकाय कहते हैं।
(v) विलगित निकाय (Isolated System) – यदि निकाय एवं परिवेश के मध्य ऊष्मा एवं पदार्थ का कोई आदान-प्रदान नहीं होता है तो उसे विलगित निकाय कहते हैं।
(vi) समांगी निकाय (Homogeneous System) – यदि किसी ऊष्मागतिक निकाय में उपस्थित सभी भाग समान प्रावस्था में हो तो वह समांगी निकाय कहलाता है। उदाहरणार्थ-शुद्ध ठोस, शुद्ध द्रव, शुद्ध गैस इत्यादि।
(vii) विषमांगी निकाय (Heterogeneous System)-यदि किसी ऊष्मागतिक निकाय में दो या दो से अधिक प्रावस्थाएँ हो तो वह विषमांगी निकाय कहलाता है। उदाहरणार्थ-अघुलनशील द्रवों का मिश्रण इत्यादि।

तापीय साम्य (Thermal Equilibrium):
यदि दो ऊष्मागतिक निकायों के ताप समान हो, तो वे दोनों ऊष्मीय साम्यावस्था में कहे जाते हैं।
माना दो भिन्न पात्रों A व B में दो गैसें भरी हैं और उन गैसों का दाब व आयतन (PA, VA) व (PB, VB) हैं। चित्र के अनुसार दोनों पात्र रुद्धोष्म दीवार (ऊष्मारोधी) द्वारा पृथक किये गये हैं जिससे A व B के मध्य ऊष्मा का विनिमय नहीं हो पाता है। यहाँ पर (PA, VA) के किसी भी सम्भावित युग्म का मान (PB, VB) के किसी भी सम्भव युग्म के मान के साथ साम्यावस्था में होगा।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -15
अब हम रुद्धोष्म दीवार के स्थान पर एक ऊष्मा पार्थ दीवार लेते हैं। उक्त दीवार ऊष्मा को एक निकाय से दूसरे निकाय में जाने देती है। इस समय हम पाते हैं कि निकाय A व B के स्थूल चर उस समय तक परिवर्तित होते हैं, जब तक दोनों निकाय साम्यावस्था की स्थिति प्राप्त नहीं कर लेते हैं। यह व्यवस्था चित्र में प्रदर्शित की गई है। माना कि A व B निकाय के चर परिवर्तित होकर (PA‘, VA‘) तथा (PB‘, VB‘) हो जाते हैं, ताकि नई अवस्था पुनः एक-दूसरे की साम्यावस्था में हो जाती हैं। यहाँ यह आवश्यक नहीं कि दोनों चर बदलें। इस समय निकाय A व B में ऊर्जा का प्रवाह नहीं होता है। ऐसी स्थिति में निकाय A व B ऊष्मीय साम्य में है।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -16
यहाँ यह उल्लेखनीय है कि ऊष्मागतिकी साम्य वह अवस्था है जब ऊष्मागतिकीय स्थूल निकाय के घर जैसे-दाब, ताप इत्यादि में समय के साथ परिवर्तन न हो। ये सामान्यतः तीन प्रकार के होते हैं-
(i) ऊष्मीय साम्य (Thermal Equilibrium) : ऊष्मीय साम्य वह अवस्था है, जब ऊष्मागतिकीय स्थूल निकाय के चर जैसे-दाब, ताप इत्यादि में समय के साथ परिवर्तन न हो।
(ii) रासायनिक साम्य (Chemical Equilibrium) : यदि किसी निकाय की रासायनिक संरचना समय के साथ नहीं बदलती है तो निकाय रासायनिक साम्य में होता है।
(iii) यांत्रिक साम्य (Mechanical Equilibrium) : यदि निकाय के विभिन्न हिस्सों तथा निकाय के परिवेश के मध्य किसी प्रकार के असन्तुलित बल कार्य नहीं करें तो निकाय परिवेश के साथ यांत्रिक साम्य में होता है।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 10.
कार्नो के उत्क्रमणीय इंजन की कार्यविधि लिखते हुए प्रत्येक प्रक्रम में किये गये कार्य को P-V वक्र द्वारा ज्ञात कीजिए तथा दक्षता का सूत्र व्युत्पन्न कीजिए।
उत्तर:
कार्नो चक्र (Cornat’s Cycle)
कार्नो इंजन की कार्य प्रणाली को संलग्न चित्र 12.21 की सहायता से समझा जा सकता है। इस चित्र में चार प्रक्रम प्रदर्शित हैं, जिनमें दो प्रक्रम समतापी एवं दो रुद्धोष्म हैं। इस चक्र को कार्नों चक्र कहते हैं।
अब हमें विस्तार से चारों चक्रों पर विचार करते हैं। माना सिलेण्डर में कार्यकारी पदार्थ का एक मोल है और प्रारम्भिक अवस्था $\mathrm{A}$ से प्रदर्शित है जहाँ दाब, आयतन एवं ताप क्रमशः P1, V1 व T1 हैं।
प्रक्रम 1 : समतापीय प्रसार (Isothermal Expansion): गैस सिलेण्डर को स्रोत पर रखकर पिस्टन के दाब को धीरे-धीरे कम करते हैं और गैस को प्रसारित होने दिया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान स्रोत नियत ताप T1 पर होता है। गैस के प्रसार के कारण गैस को बाह्य
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -19
कार्य करना पड़ता है अतः उसका ताप कम होता है परन्तु सिलेण्डर का आधार ऊष्मा का सुचालक होता है। इसलिए आवश्यक ऊष्मा गैसीय निकाय स्रोत से ले लेता है और फलस्वरूप उसका ताप T1 पर नियत रहता है। अतः यह समतापीय प्रसार चक्र के AB भाग द्वारा प्रदर्शित है। माना निकाय द्वारा स्रोत से अवशोषित ऊष्मा Q1 है तथा ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से समतापीय प्रसार के लिए यह ऊष्मा बाह्य कार्य के बराबर होनी चाहिए क्योंकि समतापीय प्रक्रम में dU = 0 होता है। यहाँ पर B बिन्दु पर दाब, आयतन व ताप क्रमश: P2, V2 व T1 हैं। यदि किया गया कार्य W1 है अत:
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -20

प्रश्न 11.
ऊष्मागतिकी के द्वितीय नियम के केल्विन प्लांक व क्लासियस के कथनों को लिखिए तथा स्पष्ट कीजिए कि उक्त कथन एक-दूसरे के तुल्य है।
उत्तर:
ऊष्मागतिकी का द्वितीय नियम (Second Law Of Thermodynamics):
ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम ऊर्जा संरक्षण के नियम पर आधारित है। यह ऊष्मा तथा कार्य की तुल्यता का नियम है अर्थात् कार्य का ऊष्मा में अथवा ऊष्मा का कार्य में रूपान्तरण होने पर कार्य की निश्चित मात्रा से निश्चित ऊष्मा उत्पन्न होती है या निश्चित ऊष्मा से कार्य की निश्चित मात्रा उत्पन्न होती है, परन्तु उपलब्ध ऊष्मा का कितना भाग यांत्रिक कार्य में परिवर्तित होता है एवं इसकी शर्तें व सीमाएँ क्या है ? इसकी जानकारी ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम नहीं देता है।

उदाहरणार्थ – फर्श पर लुढ़कती हुई गेंद ऊष्मागतिकी के नियमानुसार उस समय रुक जायेगी जब उसकी सम्पूर्ण गतिज ऊर्जा (यांत्रिक ऊर्जा ) ऊष्मा में बदल जायेगी। परन्तु क्या इस प्रक्रिया का व्युत्क्रम अर्थात् फर्श पर रुकी हुई गेंद ऊष्मा अवशोषित करके गतिशील हो जायेगी ? इस प्रश्न का उत्तर स्पष्ट रूप से प्रथम नियम नहीं देता है। इस प्रकार किसी क्रिया के होने व न होने की जानकारी को प्राप्त करने के लिए अन्य नियम की आवश्यकता है जिसे ऊष्मागतिकी का द्वितीय नियम कहते हैं। यह नियम प्रथम नियम का पूरक है। ऊष्मागतिकी के द्वितीय नियम को विभिन्न वैज्ञानिकों ने भिन्न-भिन्न कथनों के रूप में प्रस्तुत किया है परन्तु व्यावहारिक दृष्टि से सभी कथन सत्य हैं। यहाँ हम दो कथनों पर विचार करेंगे जिनमें एक आन्तरिक ऊर्जा को कार्य में बदलने की सीमा के बारे में है और दूसरा ऊष्मा प्रवाह की दिशा के बारे में है।

1. केल्विन प्लांक का कथन (Statement of Kelvin Planck) : इस कथन के अनुसार, “इस प्रकार के इंजन का निर्माण सम्भव नहीं है, जो सम्पूर्ण चक्र में किसी वस्तु से ऊष्मा लेकर कार्यकारी निकाय में कोई परिवर्तन किये बिना उसे पूर्णतः कार्य में परिवर्तित कर दे।” अर्थात् कोई ऐसा ऊष्मा इंजन नहीं बन सका है, जो लोत से ली गई सम्पूर्ण ऊष्मा को कार्य में बदल सके और सिंक को कुछ भी न दे। दूसरे शब्दों में ऊष्मा के अविरल रूप से कार्य में बदलने के लिए ठण्डी वस्तु अर्थात् सिंक का होना आवश्यक है।

2. क्लासियस का कथन (Claussius’s Statement) : इस कथन के अनुसार, “किसी भी चक्रीय प्रक्रम में कार्यकारी पदार्थ द्वारा निम्न ताप वाली वस्तु से उच्च ताप वाली वस्तु की ओर ऊष्मा का प्रवाह नहीं हो सकता जब तक कि कार्यकारी पदार्थ पर बाह्य कार्य नहीं किया जाता है।” यह कथन प्रशीतक (refrigerator) के सिद्धान्त पर आधारित है जो ठण्डी वस्तु में से ऊष्मा अवशोषित कर गर्म वस्तु (कमरे की वायु) को प्रदान करता है, लेकिन इस कार्य को करने के लिए प्रशीतक में संपीडक (compressor) की आवश्यकता होती है अर्थात् बिना सम्पीडक की बाह्य सहायता के प्रशीतक वस्तुओं को ठण्डा नहीं कर सकता है।

प्रश्न 12.
कान प्रमेय का कथन लिखते हुए व्युत्पन्न कीजिए।
उत्तर:
कार्नो प्रमेय (Carnot’s Theorem)
इस प्रमेय के अनुसार,
(अ) किन्हीं तापों T1 व T2 (T1 > T2) के मध्य कार्य करने वाले इंजन की दक्षता उन तापों के मध्य कार्य करने वाले कार्नो इंजन की दक्षता से अधिक नहीं हो सकती है अर्थात् कार्नो (उत्क्रमणीय) इंजन की दक्षता अधिकतम होती है।
(ब) किन्हीं दो तापों T1 व T2 के मध्य कार्य करने वाले सभी कार्नो उत्क्रमणीय इंजनों की दक्षता समान होती है चाहे कोई भी कार्यकारी पदार्थ लिया जाये।
व्युत्पत्ति (Proof) : कार्नो प्रमेय के प्रथम कथन (अ) की उपपत्ति के लिए समान स्रोत (T1 K) व समान सिंक (T2K) के मध्य कार्य करने वाले दो इंजन लेते हैं जिनमें एक अनुत्क्रमणीय (irreversible) एवं दूसरा उत्क्रमणीय (reversible) है। दोनों इंजनों में कार्यकारी पदार्थ का चयन इस प्रकार किया जाता है कि दोनों इंजनों का प्रत्येक चक्र में किया गया कार्य (W) समान हो । अब यदि अनुत्क्रमणीय इंजन स्रोत (ताप T1) से Q1 ऊष्मा लेकर उसके एक भाग को कार्य (W) में बदलकर अर्थात् W कार्य करके शेष ऊष्मा (Q1 – W) सिंक (ताप T2) को दे देता है तो इस अनुत्क्रमणीय इंजन की दक्षता,
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -21
\(\eta_I=\frac{W}{Q_1}\) ……………..(1)
इसी प्रकार यदि उत्क्रमणीय इंजन समान ताप T1 पर स्रोत से I ऊष्मा लेकर W कार्य करके सिंक को (Q1‘ – W) ऊष्मा देता है, तो किये गये उत्क्रमणीय इंजन की दक्षता
\(\eta_R=\frac{W}{Q_1′}\) ……………..(2)
यहाँ पर माना कि ηI > ηR
अतः \(\frac{\mathrm{W}}{\mathrm{Q}}>\frac{\mathrm{W}}{\mathrm{Q}_1^{\prime}} \Rightarrow \frac{1}{\mathrm{Q}_1}>\frac{1}{\mathrm{Q}_1^{\prime}}\)
या Q1‘ > Q1
अर्थात् (Q1‘ – Q1) = एक धनात्मक संख्या

अब यदि चित्र के अनुसार दोनों इंजनों को इस प्रकार जोड़ते हैं कि अनुत्क्रमणीय इंजन (i) सीधी दिशा में और उत्क्रमणीय इंजन (R) विपरीत दिशा में कार्य करें तो उत्क्रमणीय इंजन अनुत्क्रमणीय इंजन द्वारा चलित एक प्रशीतक (Refrigerator) की भाँति कार्य करता है तथा यह T2 ताप पर सिंक से (Q1 – W) ऊष्मा लेकर और इस पर W कार्य किया जाता है। यहाँ T1 ताप पर यह स्रोत को Q1‘ ऊष्मा देता है। उत्क्रमणीय इंजन पर किये गये कार्य W की सीधे अनुत्क्रमणीय इंजन द्वारा पूर्ति होती है तथा अनुत्क्रमणीय इंजन तथा प्रशीतक (उत्क्रमणीय) एक स्वचालित युक्ति की भाँति कार्य करते हैं।
यहाँ पर स्रोत अनुत्क्रमणीय इंजन को Q1 ऊष्मा देता है तथा उत्क्रमणीय इंजन से Q1‘ ऊष्मा लेता है
स्रोत द्वारा ली गई ऊष्मा (Q1‘ – Q1)
इसी प्रकार अनुत्क्रमणीय इंजन सिंक को (Q1 – W) ऊष्मा देता है और उत्क्रमणीय इंजन सिंक से (Q1‘ – W) ऊष्मा लेता है। अतः
सिंक द्वारा ऊष्मा क्षय = (Q1‘ – W) – (Q1 – W)
= (Q1‘ – Q1)
Q1‘ > Q1 अत: (Q1‘ – Q1) धनात्मक राशि है।
इसका अर्थ यह है कि प्रत्येक चक्र में T2 (निम्न ताप) पर सिंक से (Q1‘ – Q1) ऊष्मा की मात्रा बिना किसी बाह्य ऊर्जा स्रोत की सहायता से उच्च ताप T1 पर स्रोत को स्थानान्तरित कर रही है जो कि ऊष्मागतिकी के द्वितीय नियम के अनुसार सम्भव नहीं है अर्थात् हमारी परिकल्पना ηI > ηR सम्भव नहीं है अतः हम कह सकते हैं कि समान तापों के मध्य कार्य कर रहे इंजनों में उत्क्रमणीय (कार्नो) इंजन की दक्षता अधिकतम होती है।
कान प्रमेय के द्वितीय कथन हेतु हम अनुत्क्रमणीय इंजन के स्थान पर एक अन्य उत्क्रमणीय इंजन (R’) लेते हैं अर्थात् दो समान तापों T1 (उच्च) व T2 (निम्न) के मध्य दो उत्क्रमणीय इंजन कार्य कर रहे हैं। अब यदि R इंजन की दक्षता (ηR) को इंजन (R’) की दक्षता (η’R) से अधिक मानें तो प्राप्त होने वाला परिणाम पुनः ऊष्मागतिकी के द्वितीय नियम का उल्लंघन होगा अर्थात् ऊष्मा का स्थानान्तरण बिना किसी बाह्य ऊर्जा स्रोत की सहायता के निम्न ताप से उच्च ताप की ओर होना सम्भव नहीं है। अत: ηR > η’R ठीक नहीं होगा। इसी प्रकार η’R > ηR माने तो समान परिणाम व उल्लंघन प्राप्त होता है कि ηR = η’R माने तो होना चाहिए।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि समान तापों के मध्य कार्य रहे सभी उत्क्रमणीय इंजनों की दक्षता समान होती है, चाहे कार्यकारी पदार्थ कुछ भी लिया गया हो।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 13.
ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम का उल्लेख करते हुए गैसों की विशिष्ट ऊष्माओं का मेयर सम्बन्ध Cp – Cy = R प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
CP व CV में मेयर सम्बन्ध (Mayer’s Relation Between CP And CV):
मोलर विशिष्ट ऊष्मा की परिभाषा से, नियत आयतन पर मोलर विशिष्ट ऊष्मा-
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -22

आंकिक प्रश्न (Numerical Questions)

ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम पर आधारित

प्रश्न 1.
संलग्न चित्र में किसी आदर्श गैस के ऊष्मागतिकीय प्रक्रियाओं का दाब आयतन आरेख दर्शाया गया है। इससे A → B, B → C तथा C → A प्रक्रमों में अलग-अलग कृत कार्य तथा सम्पूर्ण चक्र ABCA में कृत कार्य ज्ञात कीजिए ।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -23
उत्तर:
शून्य, 150 जूल गैस द्वारा, 375 जूल गैस पर, 225 जूल गैस पर

प्रश्न 2.
एक ऊष्मागतिक प्रक्रिया में किसी गैस को 300 जूल ऊष्मा दी जाती है तथा गैस पर 200 जूल कार्य भी किया जाता है। गैस की आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
500 जूल वृद्धि

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प्रश्न 3.
चित्र में किसी आदर्श गैस के एक चक्रीय प्रक्रम का दाब – आयतन आरेख दर्शाया गया है। गैस की आन्तरिक ऊर्जा का मान अवस्था A में 150 जूल, अवस्था B में 100 जूल तथा अवस्था C में 2500 जूल है, तो ज्ञात कीजिए-
(i) प्रक्रम A → B में गैस द्वारा दी गई ऊष्मा,
(ii) प्रक्रम B → C में गैस द्वारा कृत कार्य,
(iii) प्रक्रम B → C में गैस द्वारा ली गई ऊष्मा ।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -24
उत्तर:
(i) 50 जूल,
(ii) 20 जूल,
(iii) 170 जूल

प्रश्न 4.
1 cm³ जल उसके क्वथनांक पर 1671 cm³ आयतन भाप बनाने के लिए 540 कैलोरी ऊष्मा अवशोषित करता है। यदि वायुमण्डलीय दाब 1.013 × 105 N/m² है और ऊष्मा का यान्त्रिक तुल्यांक = 4.19 जूल / कैलोरी है, अन्तराण्विक बलों के विरुद्ध इस प्रक्रम में खर्च ऊर्जा ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
500 कैलोरी

प्रश्न 5.
एक मनुष्य का द्रव्यमान 60 kg है। यदि उसे भोजन से 105 cal ऊष्मा मिलती हो एवं उसके शरीर की दक्षता 28% हो तो वह मनुष्य कितनी ऊँचाई तक चढ़ सकता है ? [g = 9.8ms-2; J = 4.2 J.cal-1]
उत्तर:
200m

प्रश्न 6.
शीशे की एक गोली 150 ms-1 की चाल से एक लक्ष्य से टकराकर रुक जाती है यदि 80% गतिज ऊर्जा गोली में रह जाती है तो गोली के ताप में वृद्धि ज्ञात कीजिए। शीशे की विशिष्ट ऊष्मा 30 cal. kg-1C-1 है। (J = 4.2J cal-1)
उत्तर:
71.43°C

प्रश्न 7.
संलग्न चित्र में एक आदर्श गैस की ऊष्मागतिकी प्रक्रियाओं का P – V ग्राफ दिखाया गया है। इस ग्राफ से ज्ञात कीजिए-
(i) A → B
(ii) B → C
(iii) C → D
(iv) D → A प्रक्रमों में किया गया कार्य।
उत्तर:
(i) 6000; J
(ii) शून्य,
(iii) 1000J;
(iv) शून्य
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी - 25

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 8.
ऊष्मागतिक प्रक्रम में किसी गैस के दाब में इस प्रकार परिवर्तन किया जाता है कि गैस के अणुओं के द्वारा 30J ऊष्मा निष्कासित होती है तथा गैस पर 10J का कार्य किया जाता है। यदि गैस की प्रारम्भिक ऊर्जा 40J हो तो अन्तिम आन्तरिक ऊर्जा का मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
20 जूल

प्रश्न 9.
नियत वायुमण्डलीय दाब एवं 20°C प्रारम्भिक ताप वाले 1 kg द्रव्यमान के धातु के टुकड़े को 20000 J ऊष्मा दी जाती है। निम्न मानज्ञात कीजिए-
(a) ताप में परिवर्तन (b) कृत कार्य, (c) आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन ।
[दिया है- विशिष्ट ऊष्मा = 400 J kg-1 °C-1, आयतन प्रसार गुणांक (y) = 9 × 10-5/°C
घनत्व = 9000 kg/m³, वायुमण्डल दाब = 105 N/m²]
उत्तर:
(a) 50°C,
(b) 0.05 J,
(c) 19999.95 J

समतापी प्रक्रम पर आधारित

प्रश्न 10.
O2 गैस के एक मोल का आयतन 0°C पर एवं वायुमण्डलीय दाब पर 22.4 लीटर है। उसको समतापीय रूप से संपीडित करते हैं जिससे आयतन 11.2 लीटर तक घट जाता है। उस प्रक्रम में किया गया कार्य ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
1572.6 J

प्रश्न 11.
2 मोल आदर्श गैस का 27°C पर समतापी प्रसार किया जाता है जिससे उसका आयतन बढ़कर प्रारम्भिक आयतन का तीन गुना हो जाता है। गैस द्वारा कृत कार्य तथा अवशोषित ऊष्मा की मात्रा का परिकलन कीजिए। (R=8.31Jmol! K-1)
उत्तर:
5.48 × 103 J; 1.31 × 10° cal

प्रश्न 12.
किसी आदर्श गैस के 10 किलोग्राम अणुओं द्वारा कितनी ऊर्जा अवशोषित होगी यदि इसे 8 वायुमण्डलीय प्रारम्भिक दाब से 4 वायुमण्डलीय दाब तक स्थिर ताप 27°C पर प्रसारित किया जाए ?
उत्तर:
1.728107 J

रुद्धोष्म प्रक्रम पर आधारित

प्रश्न 13.
27°C पर एक आदर्श एवं एक परमाणु गैस के 2 मोल V आवतन घेरते हैं। गैस रुद्धोष्म प्रक्रम द्वारा 2V आयतन तक प्रसारित होती है। गणना कीजिए-
(i) गैस का अन्तिम ताप
(ii) गैस की आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन
(ii) इस प्रक्रम में गैस द्वारा कृत कार्य ।
(R = 8.31 J. mole-1 K-1)
उत्तर:
(i) 189 K;
(ii) -2767.2 J;
(iii) 2767.23

प्रश्न 14.
एक पिस्टन किसी गैस सिलिण्डर को दो भागों में विभाजित करता है प्रारम्भ में पिस्टन को ऐसे दबाते हैं जिससे एक भाग में दाब P तथा आयतन 5V है तथा दूसरे भाग में दाब 8P तथा आयतन V है। अब पिस्टन को स्वतन्त्र छोड़ दिया जाता है। रुद्धोष्म तथा समतापी प्रक्रियाओं के लिए नये दाब तथा आयतन ज्ञात कीजिए। (γ = 1.5)
उत्तर:
(i) समतापी – \(\frac{13P}{6}\), \(\frac{48}{13}\) V एवं \(\frac{30}{13}\)
(ii) रुद्धोष्म प्रक्रम – 1.84P, \(\frac{8V}{3}\) एवं \(\frac{10V}{3}\)

प्रश्न 15.
एक आदर्श गैस जिसका प्रारम्भिक दाब P आयतन V तथा ताप T है, रुद्धोष्म प्रक्रिया द्वारा तब तक फैलती है जब तक कि आयतन बढ़कर 5.66 V तथा ताप गिरकर T/2 हो जाता है। (i) गैस की परमाणुकता क्या है ? (ii) प्रसार के दौरान गैस द्वारा किया गया कार्य प्रारम्भिक दाब P व आयतन V के फलन के रूप में ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
(i) y = 1.4.
(ii) = PV

प्रश्न 16.
27°C पर एक आदर्श एवं एकपरमाणुक गैस के 3 मोल V आयतन घेरते हैं। गैस रुद्धोष्म प्रक्रम द्वारा 8 V आयतन तक प्रसारित होती है। गणना कीजिए-
(i) गैस का अन्तिम ताप,
(ii) गैस की आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन तथा
(iii) इस प्रक्रिया में गैस द्वारा किया गया कार्य दिया है- सार्वत्रिक गैस नियतांक R = 8.31 जूल / मोल K
उत्तर:
(i) 75 K,
(ii) 5609.251,
(iii) 5609.25 J

मेयर सूत्र पर आधारित

प्रश्न 17.
सामान्य ताप व दाब पर मोल ऑक्सीजन गैस का आयतन 22.4 लीटर है। ऑक्सीजन की दोनों मोलर ऊष्मा धारिताओं की गणना कीजिए।
उत्तर:
CV = 20.755 J. mol-1 K-1; CP = 29.085 J. mol-1 K-1

प्रश्न 18.
एक कान इंजन की दक्षता 50% तथा इसके सिंक का ताप 27°C है। यदि इसकी दक्षता 10% बढ़ा दी जाये तब इसके स्रोत के ताप में कितनी वृद्धि हो जायेगी।
उत्तर:
140K

प्रश्न 19.
500K तथा 400K तापों के मध्य कार्य करने वाला कार्नो इंजन यदि प्रत्येक चक्र में स्रोत से 2000 cal ऊष्मा ग्रहण करता है तो गणना कीजिए-
(i) प्रत्येक चक्र में सिंक में विसर्जित ऊष्मा की मात्रा
(ii) प्रत्येक चक्र में इंजन द्वारा किया गया बाह्य कार्य
(iii) इंजन की दक्षता
उत्तर:
(i) 1600 cal;
(ii) 1680 J;
(iii) 20%

प्रश्न 20.
किसी कार्नो इंजन की दक्षता 100K व TK तथा 180K व 900K के लिए समान है तब T की गणना कीजिए।
उत्तर:
500K

प्रश्न 21.
हिमांक व वाष्पन के मध्य कार्य कर रहे कार्नो इंजन की दक्षता की गणना कीजिए।
उत्तर:
27%

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ

Haryana State Board HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. एक मोल ऑक्सीजन में, ऑक्सीजन के अणुओं की संख्या होगी –
(1) 1
(2) 100
(3) 6·023 × 1023
(4) 0.6023 x 1023.
उत्तर:
(3) 6·023 × 1023

2. तुल्यांकी भार का मात्रक होता है-
(1) ग्राम
(2) किलोग्राम
(3) ग्राम प्रति लीटर
(4) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(4) इनमें से कोई नहीं

3. NTP पर प्रत्येक गैस के एक ग्राम अणु भार का आयतन –
(1) 224 लीटर होता है
(2) 224 c. c. होता है
(3) 2.24 लीटर होता है
(4) 22.4 लीटर होता है।
उत्तर:
(4) 22.4 लीटर होता है।

4. 44 ग्राम CO2 में उपस्थित अणुओं की संख्या है-
(1) 12 × 1023
(2) 3 × 1010
(3) 6 × 1023
(4) 1 × 1023
उत्तर:
(3) 6 × 1023

5. मानक ताप तथा दाब पर 0.25 मोल अमोनिया गैस का आयतन है-
(1) 2-24 लीटर
(2) 5.6 लीटर
(3) 11.2 लीटर
(4) 22.4 लीटर।
उत्तर:
(2) 5.6 लीटर

6. एक धातु के क्लोराइड का सूत्र MCl3 है और धातु का तुल्यांकी भार 9 है। तत्व का परमाणु भार होगा-
(1) 9
(2) 18
(3) 27
(4) 3
उत्तर:
(3) 27

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ

7. किसी तत्व की परमाणुकता प्रकट करती है—
(1) तत्व का परमाणु क्रमांक
(2) तत्व का परमाणु भार
(3) तत्व की आवोगाद्रो संख्या
(4) तत्व के अणु में उपस्थित परमाणुओं की संख्या।
उत्तर:
(4) तत्व के अणु में उपस्थित परमाणुओं की संख्या।

8. 111 ग्राम CaCl2 में आयनों की कुल संख्या होगी –
(1) एक मोल
(2) दो मोल
(3) तीन मोल
(4) चार मोल।
उत्तर:
(3) तीन मोल

9. वायु है-
(1) यौगिक
(2) मिश्रण
(3) तत्व
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(2) मिश्रण

10. एक मोल H2O में हैं-
(1) 6.02 × 1023 ऑक्सीजन के परमाणु
(2) 6.02 x 1023 हाइड्रोजन के परमाणु
(3) 18.1 × 1020 H2O के परमाणु
(4) H2O के 3 ग्राम अणु।
उत्तर:
(1) 6.02 × 1023 ऑक्सीजन के परमाणु

11. ऑक्सेलिक अम्ल (C2O4H2. 2H2O) का तुल्यांकी भार क्या है, यदि इसका अणु भार 126 है?
(1) 98
(2) 63
(3) 196
(4) 126
उत्तर:
(2) 63

12. पदार्थों का कौन सा युग्म गुणित अनुपात के नियम की व्याख्या करता है?
(1) CO तथा CO2
(2) H2O तथा D2O
(3) NaCl तथा NaBr
(4) MgO तथा Mg (OH)2
उत्तर:
(1) CO तथा CO2

13. MnSO4 का तुल्यांकी भार, अणु भार का आधा हो जाता है, जब यह परिवर्तित होता है-
(1) Mn2O3 में
(2) MnO2 मैं
(3) MnO4 मैं
(4) MnO42- में
उत्तर:
(4) MnO42- में

14. मोल X तथा 9 मोल Y निम्न क्रिया के अनुसार क्रिया करके बनाते हैं-
X + 2Y → Z
Z के कितने मोल बनेंगे ?
(1) 5 मोल Z
(2) 8 मोल 7
(3) 14 मोल Z
(4) 4 मोल Z
उत्तर:
(4) 4 मोल Z

15. 27 ग्राम एल्युमिनियम ऑक्सीजन के कितने ग्राम से पूर्णतः अभिक्रिया करेगी?
(1) 8 ग्राम
(2) 16 ग्राम
(3) 32 ग्राम
(4) 24 ग्राम।
उत्तर:
(4) 24 ग्राम।

16. चूने के पत्थर (CaCO) की कितनी मात्रा CaO के 56 किग्रा. देगी।
(1) 1000 किग्रा.
(2) 56 किग्रा.
(3) 2 किग्रा.
(4) 100 किग्रा.
उत्तर:
(4) 100 किग्रा.

17. Na2CO3 के 5-3 ग्राम 500 मिली में घुले हैं। विलयन की मोलरता होगी-
(1) 0.1 M
(2) 0.2 M
(3) 0.3 M
(4) 1.0 M
उत्तर:
(1) 0.1 M

18. निम्न में से अणुओं की न्यूनतम संख्या किसमें होगी?
(1) 0.1 मोल CO2 में
(2) 11 लीटर CO2 में
(3) 22 ग्राम CO2 मैं
(4) 22.4 x 10³ मिली CO2 में
उत्तर:
(1) 0.1 मोल CO2 में

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ

19. NaOH में ऑक्सीजन का प्रतिशत है-
(1) 40
(2) 16
(3) 8
(4) 1
उत्तर:
(1) 40

20. शुद्ध जल की मोलरता होती है.
(1) 55.6
(2) 50
(3) 100
(4) 18
उत्तर:
(1) 55.6

21. अणुओं की न्यूनतम संख्या निम्न में से किसमें है?
(1) I मोल SO2 में
(2) SO2 गैस के 1 × 1023 अणुओं में
(3) S. T.P. पर 11.2 लीटर SO2 मैं
(4) सभी में समान है।
उत्तर:
(3) S. T.P. पर 11.2 लीटर SO2 मैं

22. अणुओं की सबसे अधिक संख्या उपस्थिति है।
(1) 28 ग्राम CO मैं
(2) 36 ग्राम जल में
(3) 54 ग्राम N2O5 में
(4) 46 ग्राम C2H5OH में
उत्तर:
(2) 36 ग्राम जल में

23. 560 ग्राम Fe में उपस्थित परमाणुओं की संख्या होगी-
(1) 70 ग्राम नाइट्रोजन की दोगुनी
(2) 20 ग्राम हाइड्रोजन की आधी
(3) (1) तथा (2) दोनों सही हैं
(4) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(3) (1) तथा (2) दोनों सही हैं

24. यदि जल का घनत्व 1 ग्राम / सेमी³ है, तो जल के एक अणु का आयतन होगा-
(1) 18 सेमी.³
(2) 22400 सेमी
(3) 6.02 x 10-23 सेमी³
(4) 3.0 x 10-23 सेमी³
उत्तर:
(4) 3.0 x 10-23 सेमी³

25 00300 में सार्थक अंकों की संख्या है-
(1) एक
(2) दो
(3) तीन
(4) चार।
उत्तर:
(3) तीन

26. 0.05 g भार वाले जल की बूँद में H2O अणुओं की संख्या है-
(1) 1.5 × 1023
(2) 1.672 × 1021
(3) 1.5 x 1020
(4) 6.02 × 1022
उत्तर:
(2) 1.672 × 1021

27. निश्चित ताप एवं दाब के अधीन विभिन्न गैसों के समान आयतन में होता है-
(1) समान घनत्व
(2) समान द्रव्यमान
(3) समान परमाणु
(4) समान अणु
उत्तर:
(4) समान अणु

28. मैग्नीशियम फॉस्फेट, Mg3 (PO4)2 के कितने मोल में 0-25 मोल ऑक्सीजन परमाणु होंगे?
(1) 0.02
(2) 3·125 x 10-2
(3) 1.25 x 10-2
(4) 2.5 × 10-2
उत्तर:
(2) 3·125 x 10-2

29. सल्फर का एक परमाणु कार्बन के एक परमाणु से कितने गुना भारी होता है?
(1) 32 गुना
(2) 12 गुना
(3) \(\frac { 8 }{ 3 }\) गुना
(4) \(\frac { 12 }{ 32 }\) 32 गुना।
उत्तर:
(3) \(\frac { 8 }{ 3 }\) गुना

30. निम्नलिखित के द्रव्यमानों का सही अवरोही क्रम क्या है?
(i) ऑक्सीजन के 6.022 x 1023 परमाणु
(ii) H2S के 1.0 × 1023 अणु
(iii) ऑक्सीजन के 6.022 x 1023 अणु
(1) (i) > (ii) > (iii)
(2) (i) > (iii) > (ii)
(3) (iii) > (i) > (ii)
(4) (ii) > (i) > (iii)
उत्तर:
(3) (iii) > (i) > (ii)

31. 294.406, 280.208 एवं 24 के योग का सही लिखा गया उत्तर होगा-
(1) 598.61
(2) 599
(3) 598.6
(4) 598.614
उत्तर:
(2) 599

32. मोललता की इकाई है-
(1) मोल्स
(2) मोल्स/ किग्रा.
(3) मोल्स / लीटर
(4) ग्राम/लीटर।
उत्तर:
(2) मोल्स/ किग्रा.

33. मोल अंश की इकाई है-
(1) मोल्स
(2) मोल्स / किग्रा.
(3) ईकाई नहीं होती
(4) मोल्स / लीटर।
उत्तर:
(3) ईकाई नहीं होती

34. यदि NA आवागाद्रो संख्या है, तो 4.2 g नाइट्राइड आयन (N3-) में संयोजक इलेक्ट्रॉनों की संख्या है-
(1) 4.2 NA
(2) 2.4 NA
(3) 1.6 NA
(4) 3.2 NA
उत्तर:
(2) 2.4 NA

35. एक विद्यार्थी की लम्बाई 64.25 इंच है, इसकी लम्बाई फीट में होगी-
(1) 5.345 फीट
(2) 5 फीट
(3) 5.3 फीट
(4) 5.34 फीट।
उत्तर:
(1) 5.345 फीट

36. समस्थानिक होते हैं-
(1) न्यूट्रॉनों की संख्या में भिन्न
(2) प्रोटॉनों की संख्या में भिन्न
(3) उपर्युक्त दोनों
(4) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(3) उपर्युक्त दोनों

37. एक परमाण्वीय द्रव्यमान इकाई (amu) का मान है-
(1) 166 × 10-24 ग्राम
(2) 1.66 × 10-27 ग्राम
(3) 1.008 ग्राम
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(3) 1.008 ग्राम

38. कैल्सियम का परमाणु भार 40 है। यदि इसकी संयोजकता दो हो तो कैल्सियम का तुल्यांक भार होगा
(1) 20
(2) 40
(3) 10
(4) 80
उत्तर:
(1) 20

39. किसमें सबसे अधिक परमाणु हैं ?
(1) 24 g C – 12
(2) 56g Fe – 56
(3) 27 g Al – 23
(4) 108 g Ag – 108.
उत्तर:
(1) 24 g C – 12

40. CO के 6.022 x 1024 अणुओं में ऑक्सीजन के ग्राम अणुओं की संख्या है-
(1) 10 ग्राम मोल्स
(2) 5 ग्राम मोल्स
(3) 1 ग्राम मोल
(4) 0.5 ग्राम मोल
उत्तर:
(2) 5 ग्राम मोल्स

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ

41. अभिव्यक्ति के किस ढंग में विलयन की संघनन क्षमता इसके तापमान से स्वतन्त्र होती है-
(1) मोलरता
(2) नॉर्मलता
(3) फॉर्मलता
(4) मोललता।
उत्तर:
(4) मोललता।

42. एक मोलल विलयन वह होता है जिसमें विलेय का एक मोल होता है –
(1) 1000 g विलायक में
(2) एक लीटर विलायक में
(3) एक लीटर विलयन में
(4) 22-4 लीटर विलयन में।
उत्तर:
(1) 1000 g विलायक में

43. 0.635 ग्राम कॉपर में उपस्थित परमाणुओं की संख्या होगी-
(1) 6·023 x 10-23
(2) 6·023 × 1023
(3) 6.023 x 1022
(4) 6·023 × 1021.
उत्तर:
(4) 6·023 × 1021.

44. यौगिक C66H122 के एक अणु का भार है—
(1) 1.4 × 10-21 ग्राम
(2) 1.09 × 1023 ग्राम
(3) 5.025 x 1023 ग्राम
(4) 16.023 x 1023 ग्राम।
उत्तर:
(1) 1.4 × 10-21 ग्राम

45. CO के 14 g के लिये असत्य कथन है-
(1) यह N.T.P. पर 2.24 लीटर घेरता है
(2) यह CO के \(\frac { 1 }{ 2 }\) मोल के लगभग है
(3) यह CO और N2 के समान मोलों के लगभग है
(4) यह CO के 3.01 × 1023 अणुओं के लगभग है।
उत्तर:
(1) यह N.T.P. पर 2.24 लीटर घेरता है

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रसायन के दो लाभ बताइए।
उत्तर:

  1. खाद्य पदार्थों की पैदावार बढ़ाने में।
  2. चिकित्सा क्षेत्र में।

प्रश्न 2.
रसायन का विनाशकारी रूप क्या है?
उत्तर:
परमाणु बम, हाइड्रोजन बम, विषैली गैसें जैसे मस्टर्ड गैस, टी. एन. टी. आदि रसायन के विनाशकारी रूप हैं।

प्रश्न 3.
रसायन विज्ञान के सिद्धान्तों का व्यावहारिक उपयोग किन-किन क्षेत्रों में होता है?
उत्तर:
रसायन विज्ञान के सिद्धान्तों का व्यावहारिक उपयोग मौसम विज्ञान, नाड़ी तन्त्र और कम्प्यूटर प्रचालन में होता है।

प्रश्न 4.
द्रव्य क्या है?
उत्तर:
द्रव्य वह वस्तु है जिसमें आयतन और द्रव्यमान होता है।

प्रश्न 5.
द्रव्य के सूक्ष्म कण को क्या कहते हैं?
उत्तर:
द्रव्य के सूक्ष्म कण को परमाणु कहते हैं।

प्रश्न 6.
द्रव्य भौतिक रूप में कितनी अवस्थाओं में पाया जाता है?
उत्तर:
द्रव्य भौतिक रूप में ठोस, द्रव तथा गैस तीन अवस्थाओं में पाया जाता है।

प्रश्न 7.
द्रव्य को विभिन्न अवस्थाओं में परिवर्तित किया जा सकता है या नहीं?
उत्तर:
ताप और दाब की परिस्थितियों के परिवर्तन द्वारा द्रव्य की इन तीनों अवस्थाओं को एक-दूसरे में परिवर्तित किया जा सकता है।

प्रश्न 8.
ऐसे द्रव्य का नाम बताइए जो द्रव्य की तीनों अवस्थाओं में पाया जाता है?
उत्तर:
जल।

प्रश्न 9.
मिश्रण क्या है?
उत्तर:
किसी मिश्रण में दो या दो से अधिक घटकों का अनुपात अनिश्चित होता है।

प्रश्न 10.
यौगिक किसे कहते हैं?
उत्तर:
यौगिक एक शुद्ध समांगी पदार्थ है जो दो या दो से अधिक तत्वों के निश्चित अनुपात में संयोग करने पर प्राप्त होता है।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित को शुद्ध पदार्थ और मिश्रण के रूप में वर्गीकृत कीजिये।
(i) ग्रेफाइट, (ii) दूध, (iii) गैसोलीन, (iv) ऑक्सीजन, (v) आसुत जल, (vi) पीतल, (vii) सोडियम क्लोराइड, (viii) लोहा, (ix) इस्पात, (x) शर्बत, (xi) 24 कैरेट गोल्ड, (xii) ग्लूकोज, (xiii) 22 कैरेट गोल्ड, (xiv) शहद, (xv) बुझा हुआ चूना।
उत्तर:
शुद्ध पदार्थ – ग्रेफाइट, ऑक्सीजन, आसुत जल, सोडियम क्लोराइड, लोहा, 24 कैरेट गोल्ड, ग्लूकोज, बुझा हुआ चूना।
मिश्रण – दूध, गैसोलीन, पीतल, इस्पात, शर्बत, 22 कैरेट गोल्ड, शहद।

प्रश्न 12.
निम्नलिखित को तत्व, यौगिक और मिश्रण में वर्गीकृत कीजिये-
(1) गन्धक का तेजाब, (2) कोल्ड ड्रिंक, (3) चीनी, (4) संगमरमर, (5) टिन, (6) लैड, (7) आयोडीन युक्त खाद्य लवण, (8) नल का पानी, (9) हीरा, (10) दूध, (11) सीमेन्ट, (12) सिलिका, (13) प्लास्टर ऑफ पेरिस, (14) निकिल।
उत्तर:
तत्व – टिन, लैड, हीरा, निकिल।
यौगिक-गंधक का तेजाब, चीनी, संगमरमर, सिलिका, प्लॉस्टर ऑफ पेरिस ।
मिश्रण – कोल्डड्रिंक, आयोडीन युक्त खाद्य लवण, नल का पानी, दूध, सीमेंट।

प्रश्न 13.
विज्ञान की किस शाखा के अन्तर्गत पदार्थ के अणुओं तथा परमाणुओं से सम्बन्धित ज्ञान प्राप्त किया जाता है?
उत्तर:
रसायन विज्ञान के अन्तर्गत पदार्थ के अणुओं तथा परमाणुओं से सम्बन्धित अध्ययन किया जाता है। नहीं ।

प्रश्न 14.
किस द्रव्य का अवस्था आयतन निश्चित होता है, आकार
उत्तर:
द्रव का आयतन निश्चित होता है, आकार नहीं।

प्रश्न 15.
जल में नमक का मिश्रण विलयन क्यों है, जबकि तेल और जल का मिश्रण विलयन नहीं है?
उत्तर:
जल में नमक का मिश्रण विलयन है क्योंकि नमक व जल दोनों आपस मे मिलकर एक समांगी मिश्रण बनाते हैं अतः ये विलयन का निर्माण करते हैं। जबकि जल और तेल आपस में मिलकर असमांगी मिश्रण बनाते हैं अतः ये विलयन नहीं है।

प्रश्न 16.
वायु को कभी-कभी विषमांगी मिश्रण क्यों माना जाता है?
उत्तर:
वायु को कभी-कभी विषमांगी मिश्रण माना जाता है, जब उसमें धूल के कण उपस्थित हों।

प्रश्न 17.
निम्न को धातुओं एवं अधातुओं में वर्गीकृत कीजिए-
(i) आर्गन, (ii) पोटैशियम, (III) हीलियम, (iv) पारा, (v) हीरा, (vi) सिलिकन, (vii) सीसा (Hg), (viii) मैग्नीशियम (Mg)
उत्तर:
धातुएँ पौटेशियम, पारा, सीसा (Hg), मैग्नीशियम (Mg)।
अधातुएँ-आर्गन, हीलियम, हीरा, सिलिकन।

प्रश्न 18.
किसी एक पर्यावरण प्रदूषक का नाम लिखें।
उत्तर:
क्लोरो फ्लुओरोकार्बन (फ्रिऑन)।

प्रश्न 19.
किस द्रव्य अवस्था का आयतन तथा आकार दोनों ही अनिश्चित होते हैं।
उत्तर:
गैस का आयतन तथा आकार दोनों ही अनिश्चित होते हैं।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ

प्रश्न 20.
किस द्रव्य अवस्था का आयतन व आकार दोनों ही निश्चित होते हैं?
उत्तर:
ठोस का आयतन तथा आकार दोनों ही निश्चित होते हैं।

प्रश्न 21.
द्रव्य की किस अवस्था में अन्तरा अणुक अवकाश सबसे अधिक व किस अवस्था में सबसे कम होता है।
उत्तर:
द्रव्य की गैस अवस्था में अन्तरा अणुक अवकाश सबसे अधिक व ठोस अवस्था में अन्तरा अणुक अवकाश सबसे कम होता है।

प्रश्न 22.
अणु एक-दूसरे को किस विशेष आकर्षण बल द्वारा आकर्षित करते हैं?
उत्तर:
अणु एक-दूसरे को अन्तरा अणुक आकर्षण बल द्वारा आकर्षित करते हैं।

प्रश्न 23.
जल की गैसीय अवस्था वाष्प कहलाती है जबकि अमोनिया की गैसीय अवस्था गैस क्यों?
उत्तर:
उन पदार्थों की गैसीय अवस्था वाष्प कहलाती है जो कि कमरे के ताप पर द्रव होते हैं। चूँकि जल कमरे के ताप पर द्रव होता है अतः इसकी गैसीय अवस्था वाष्य कहलाती है परन्तु अमोनिया कमरे के ताप पर द्रव नहीं होती अतः इसकी गैसीय अवस्था गैस कहलाती है।

प्रश्न 24.
निम्न में से समांगी व असमांगी मिश्रण छॉटिये धुआँ, बादल, काष्ठ, नल का पानी
उत्तर:
समांगी मिश्रण धुआँ, बादल, काष्ठ। असमांगी मिश्रण नल का पानी।

प्रश्न 25.
लोहे का बुरादा एवं गन्धक का चूर्ण किस प्रकार का मिश्रण है।
उत्तर:
लोहे का बुरादा एवं गंधक का चूर्ण एक विषमांगी मिश्रण है।

प्रश्न 26.
मूल मात्रकों को व्यक्त करने के लिए कौन-सी पद्धति पूरे संसार में अपनाई जा रही है?
उत्तर:
मूल मात्रकों को व्यक्त करने के लिए पूरे संसार में अन्तर्राष्ट्रीय पद्धति (S. I.) अपनाई जा रही है।

प्रश्न 27.
मात्रकों की अन्तर्राष्ट्रीय पद्धति क्या है?
उत्तर:
मात्रकों की अन्तर्राष्ट्रीय पद्धति (फ्रांसीसी में Le system international d’ units) S. I. (एस. आई.) कहा जाता है को सन् 1960 में भार और माप के ग्यारहवें सर्व सम्मेलन (Conference Generale des Poios at Measures. CGPM) में स्वीकृत किया गया था।

प्रश्न 28.
कौन-सा संस्थान भारतीय राष्ट्रीय मापन के मानकों का अनुरक्षण करता है?
उत्तर:
भारत में मापन के मानकों के अनुरक्षण का कार्य राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला, नई दिल्ली द्वारा किया जाता है।

प्रश्न 29.
अन्तर्राष्ट्रीय प्रणाली में कितने मूल मात्रक हैं?
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय प्रणाली में सात मूल मात्रक हैं।

प्रश्न 30.
ताप का ऋणात्मक मान किस पैमाने पर सम्भव होता है तथा किस पर नहीं?
उत्तर:
0°C से कम ताप (अर्थात् ऋणात्मक मान) सेल्सियस पैमाने पर तो सम्भव है परन्तु केल्विन पैमाने पर ताप का ऋणात्मक मान सम्भव नहीं है।

प्रश्न 31.
मानक किलोग्राम को परिभाषित करने के लिए पेरिस (फ्रान्स) के सैवरेस में सन्दर्भ सिलिण्डर प्लेटिनम- इरीडियम का ही क्यों है?
उत्तर:
प्लेटिनम- इरीडियम रासायनिक अभिक्रिया के प्रति निष्क्रिय है।

प्रश्न 32.
लम्बाई का मात्रक क्या है?
उत्तर:
लम्बाई का SI मात्रक मीटर है।

प्रश्न 33.
एक माइकॉन में कितने मीटर होते हैं?
उत्तर:
10-6 मीटर।

प्रश्न 34.
एक मीटर में कितने एंग्स्ट्रॉम होते हैं?
उत्तर:
1010 एंग्स्ट्रॉम

प्रश्न 35.
एक सौर दिन में कितने सेकण्ड होते हैं?
उत्तर:
86400 सेकण्ड

प्रश्न 36.
प्रकाश वर्ष किस राशि का मात्रक है?
उत्तर:
दूरी का मात्रक है।

प्रश्न 37.
ऊर्जा का SI मात्रक क्या है?
उत्तर:
जल।

प्रश्न 38.
घनत्व का S. I मात्रक क्या है?
उत्तर:
kg/m³।

प्रश्न 39.
निम्न मात्रक कौन-सी भौतिक राशि दर्शाते हैं?
(i) kg m²s-2
(ii) kg m2-2
उत्तर:
(i) बल
(ii) कार्य।

प्रश्न 40.
आधार मात्रक व परिशुद्ध मात्रक में अन्तर बताइए।
उत्तर:
आधार मात्रक वे मात्रक हैं जो दूसरी भौतिक राशियों से प्राप्त होते हैं। परिशुद्ध मात्रक आधार मात्रकों से प्राप्त होते हैं।

प्रश्न 41.
मूल राशियाँ क्या हैं?
उत्तर:
वे भौतिक राशियाँ जो एक-दूसरे से स्वतन्त्र होती है। मूल राशियाँ कहलाती हैं ये राशियाँ अन्य राशियों पर निर्भर नहीं करती हैं।

प्रश्न 42.
व्युत्पन्न मात्रक क्या हैं?
उत्तर:
वे मात्रक जो मूल मात्रकों की सहायता से प्राप्त किये जाते हैं, व्युत्पन्न मात्रक कहलाते हैं।

प्रश्न 43.
जूल, मीटर किलोग्राम, किलोग्राम / मीटर सेकण्ड तथा ऐम्पियर में कौन-कौन मूल मात्रक हैं?
उत्तर:
मूल मात्रक किलोग्राम, सेकण्ड एम्पियर।
व्युत्पन्न मात्रक – जूल, किलोग्राम / मीटर।

प्रश्न 44.
माइकॉन से क्या समझते हो?
उत्तर:
इसे μ(म्यू) से प्रदर्शित करते हैं। इसके द्वारा अति सूक्ष्म जीवाणुओं के आकार को व्यक्त करते हैं।
1 माइक्रॉन = 106 मीटर

प्रश्न 45.
एंग्स्ट्रॉम (Å) क्या है?
उत्तर:
इसके द्वारा नाभिक का आकार तथा प्रकाश की तरंगदैर्ध्य मापी जाती है। इसे Å से प्रदर्शित करते हैं
1 एंग्स्ट्रॉम (Å) = 10-4
माइक्रॉन = 10-10 मीटर

प्रश्न 46.
एक परमाणु की त्रिज्या 10-10 m है। इसका माइक्रोमीटर में मान बताइये?
उत्तर:
10-10 m = \(\frac{10^{-10}}{10^{-6}}\) = 10-4 माइक्रोमीटर
चूँकि 1 माइक्रोमीटर = 10-6 मी.

प्रश्न 47.
वेनेडियम धातु लोहे के साथ मिलकर मिश्रधातु बनाती है। वेनेडियम का घनत्व 5.96g/cm³ है इसका SI मात्रक क्या होगा?
उत्तर:
S. I. मात्रक MKS पद्धति अर्थात् मी. किग्रा. सेकण्ड पद्धति, अतः वैनेडियम का घनत्व 5.96 kg/m³

प्रश्न 48.
40 कैलोरी को जूल में परिवर्तित कीजिए।
उत्तर:
1 कैलोरी = 4.2 जूल
अतः 40 कैलोरी = 4.2 x 40 जूल = 168.0 जूल

प्रश्न 49.
निम्न भौतिक राशियों की SI मात्रक लिखें।
(i) क्षेत्रफल, (ii) घनत्व, (iii) वेग, (iv) त्वरण (v) दाब,
(vi) सान्द्रता (vii) आवृत्ति, (viii) विद्युत आवेश, (ix) ऊर्जा (x) बल।
उत्तर:

भौतिक राशियाँ S. I मात्रक
(i) क्षेत्रफल वर्ग मीटर (m²)
(ii) घनत्व किग्रा. प्रति घनमीटर (kg/m²)
(iii) वेग मीटर प्रति सेकण्ड (m/s)
(iv) त्वरण मीटर प्रति सेकण्ड² (m/s²)
(v) दाब पास्कल या न्यूटन / मी.² (N/m²)
(vi) सान्द्रता मोल / मी.³ (mol/m³)
(vii) आवृत्ति हर्ट्ज (Hz या s-1)
(viii) विद्युत आवेश कूलॉम या एम्पियर सेकण्ड (As)
(ix) ऊर्जा जूल (kgm² s-2)
(x) बल न्यूटन (kgm/s²)

प्रश्न 50.
एक मील में कितने किलोमीटर व कितने मीटर होते हैं?
उत्तर:
एक मील में 1.6 किलोमीटर एवं 1609.3 मीटर होते हैं।

प्रश्न 51.
एक इंच में कितने मीटर होते हैं?
उत्तर:
एक इंच में 2.54 x 10-2 मीटर होते हैं।

प्रश्न 52.
एक अर्ग में कितने जूल होते हैं?
उत्तर:
एक अर्ग में 10-7 जुल होते हैं।

प्रश्न 53.
निम्न को मीटर में परिवर्तित करें
(1) माइक्रोमीटर (2) गीगा मीटर, (3) पिको मीटर, (4) सेन्टीमीटर।
उत्तर:
(1) एक माइक्रोमीटर = 10-6 मीटर
(2) एक गीगा मीटर = 109 मीटर
(3) एक पिको मीटर = 10-12 मीटर
(4) एक सेन्टी मीटर = 10-2 मीटर

प्रश्न 54.
2 फीट 2 इंच को S.I. इकाई में व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
1 फीट 12 इंच
2 फीट 2 इंच 26 इंच
1 इंच = 2.54 x 10-2 मी.
26 इंच = 2.54 × 10-2 × 26
= 66.04 × 10-2 मी.

प्रश्न 55.
0.000213 सेमी. को वैज्ञानिक पद्धति में लिखें।
उत्तर:
2.13 x 10-4 सेमी. अथवा 2.13 x 10-6 मीटर।

प्रश्न 56.
20°C को फारेनहाइट में परिवर्तित कीजिए।
उत्तर
°F = \(\frac { 9 }{ 5 }\) (°C) + 32
°F = \(\frac { 9 }{ 5 }\) × 20 + 32
= 36 + 32 – 68
अत: 20°C = 68°F

प्रश्न 57.
10°F को सेन्टीग्रेड में परिवर्तित कीजिए।
उत्तर:
°F = \(\frac { 9 }{ 5 }\) (°C) + 32
10 = \(\frac { 9 }{ 5 }\)(°C) + 32
10 – 32 = \(\frac { 9 }{ 5 }\)(°C)
– 22 = \(\frac { 9 }{ 5 }\)(°C) =
(°C) = – \(\frac { 22×5 }{ 9 }\) = – 12.22
10°F = – 12.22°C

प्रश्न 58.
किसी माप को लिखने की वैज्ञानिक विधि क्या है?
उत्तर:
किसी माप को 10 की घात में लिखने की विधि को वैज्ञानिक विधि कहते हैं।

प्रश्न 59.
मापन में सार्थक अंक से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
सार्थक अंक वे अर्थपूर्ण अंक होते हैं जो निश्चित रूप से ज्ञात होते हैं।

प्रश्न 60.
0.00018 को चर घातांकी संकेतन में लिखिए।
उत्तर:
1.8 × 104

प्रश्न 61.
परिशुद्धता और यथार्थपरकता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
परिशुद्धता किसी राशि के विभिन्न मापनों व सामीप्य को व्यक्त करती है। यथार्थपरकता किसी विशिष्ट प्रायोगिक मान के वास्तविक मान से मेल रखने को व्यक्त करती है।

प्रश्न 62.
7.00g तथा 70g में क्या अन्तर है?
उत्तर:
700g में तीन सार्थक अंक हैं जबकि 70g में दो सार्थक अंक हैं। अतः प्रथम माप द्वितीय माप की तुलना में अधिक परिशुद्ध है।

प्रश्न 63.
इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान में सार्थक अंक बताइये।
उत्तर:
इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान = 9.108 × 10-31kg
सार्थक अंक = 4 (चार)

प्रश्न 64.
निम्नलिखित संख्याओं को चार सार्थक अंकों सहित लिखिए।
(i) 7.024572
(ii) 2.6206 x 10³
उत्तर:
(i) 7.025
(ii) 2.621 × 10³

प्रश्न 65.
निम्नलिखित गणनाओं के परिणाम उपयुक्त सार्थक अंकों में व्यक्त कीजिए।
(i) \(\frac{3.24 \times 0.8606}{5.006}\)
(ii) 943 × 0.00345
उत्तर:
(i) \(\frac{3.24 \times 0.8606}{5.006}\) में तीनों संख्याओं में सार्थक अंक तीन, चार और चार हैं। अतः उपर्युक्त सार्थक अंकों में परिणाम 0.557 है।
(ii) 9.43 × 0-00345 का मान उपर्युक्त सार्थक अंकों में 0.0325 है।

प्रश्न 66.
निम्नलिखित संख्याओं में सार्थक अंकों की संख्या बताइये?
(i) 46.8, (ii) 0.00203, (iii) 3.630, (iv) 80.00
उत्तर:
(i) 46.8 में सार्थक अंकों की संख्या 3 है।
(ii) 0.00203 में सार्थक अंकों की संख्या 3 है।
(iii) 3.630 में सार्थक अंकों की संख्या 4 है।
(iv) 80.00 में सार्थक अंकों की संख्या 4 है।

प्रश्न 67.
निम्नलिखित में कितने सार्थक अंक उपस्थित हैं?
(i) 6000.0, (ii) 126,00, (iii) 4003, (iv) 2091, (v) 0.020, (vi) 52-82, (vii) 200
उत्तर:
(i) 60000 में पाँच सार्थक अंक हैं।
(ii) 126,00 में पाँच सार्थक अंक हैं।
(iii) 4003 में चार सार्थक अंक हैं।
(iv) 2091 में चार सार्थक अंक हैं।
(v) 0.020 में दो सार्थक अंक हैं।
(vi) 52.82 में चार सार्थक अंक हैं।
(vii) 200 में एक, दो व तीन सार्थक अंक हैं।

प्रश्न 68.
निम्न को वैज्ञानिक निरूपण में व्यक्त कीजिए-
(i) 0.0012, (ii) 213,0000, (iii) 2002, (iv) 600.0, (v) 5000, (vi) 7216:3
उत्तर:
(i) 0.0012 = 1.2 x 10-3
(ii) 213,0000 = 2.13 × 106
(iii) 2002 = 2.002 x 10³
(iv) 600.0 = 6.00 x 10²
(v) 5000 = 5.0 × 10³
(vi) 7216.3 = 7.2163 × 10³

प्रश्न 69.
C-12 के एक परमाणु का भार ग्राम में क्या है?
उत्तर:
1.992648 × 10-23 g ≈ 1.99 × 10-23 g.

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प्रश्न 70.
निम्न में से किस संख्या में सबसे अधिक सार्थक अंक हैं?
(i) 0.00423,
(ii) 4.8032,
(iii) 5.123
उत्तर:
उपर्युक्त संख्याओं में से 4-8032 में सर्वाधिक सार्थक अंक 5 हैं।

प्रश्न 71.
योग कीजिए-
(i) 92.8 + 2.02 + 10.222
(ii) 77.85 + 14.10 + 8.3
उत्तर:
(i) 92.8 + 2.02 + 10.222 = 105.042
= 105.0 (सार्थक अंक के नियमानुसार)
उत्तर:
105.0

(ii) 77.85 + 14.10 + 8.3 = 100.25
= 100.2 (सार्थक अंक के नियमानुसार)
उत्तर:
100.2

प्रश्न 72.
घटाव कीजिए-
(i) 5.16 – 0.015
(ii) 237.5 – 16.92
(iii) 0.08638 – 0.0604
उत्तर:
(i) 5.16 – 0015 = 5.145 = 5.14
(सार्थक अंक के नियमानुसार )

(ii) 237.5 – 16.92 = 220.58 = 220.6
(सार्थक अंक के नियमानुसार)

(iii) 0.08638 – 0.0604 = 0.02598 = 0.0260
(सार्थक अंक के नियमानुसार)

प्रश्न 73.
गुणा कीजिए –
(i) 210 x 120
(ii) 5.02 x 1023
(iii) 0.06204 x 296.4 x 1.002
उत्तर:
(i) 210 x 120 = 25200
= 2.52 x 104

(ii) 5.02 x 1023 = 5.02 x 1023

(iii) 0.06204 × 296.4 x 1.002 = 18.425433 = 18.4

प्रश्न 74.
निम्नलिखित को तीन सार्थक अंकों के रूप में व्यक्त कीजिए।
(i) 6.5089
(ii) 32.1912
(iii) 8.721 × 1024
(iv) 30000.
उत्तर:
(i) 6.5089 तीन सार्थक अंकों के रूप में 6.51
(ii) 32.1912 तीन सार्थक अंकों के रूप में 32.2
(iii) 8.721 x 104 तीन सार्थक अंकों के रूप में 8.72 × 104
(iv) 30000 तीन सार्थक अंकों के रूप में, 3.00 x 104

प्रश्न 75.
निम्नलिखित गणनाओं में कितने सार्थक अंक हैं?
(i) \(\frac{312.21 \times 0.0212 \times 0.01323}{0.3454}\)
(i) 5 × 2.138
(iii) 0.112 + 0.8932 + 0.0123
उत्तर:
(i) चूँकि इसमें न्यूनतम परिशुद्ध अंक (0.0212) में तीन सार्थक अंक है अतः उत्तर में तीन सार्थक अंक होने चाहिये।
(ii) दूसरे अंक (2-138) में चार सार्थक अंक हैं, अतः उत्तर में चार सार्थक अंक होने चाहिये
(iii) इस स्थिति में दशमलव स्थानों की न्यूनतम संख्या तीन है अतः उत्तर में तीन सार्थक अंक होने चाहिये।

प्रश्न 76.
किसी भी संख्या में किस स्थिति में शून्य को सार्थक नहीं माना जाता है।
उत्तर:
जब किसी संख्या में शून्य प्रथम गैर शून्य अंक के बाँयीं ओर लिखा हो तो वह सार्थक नहीं रहता है।
उदाहरण 0.014 में दोनों शून्य सार्थक नहीं हैं।

प्रश्न 77.
बताइये निम्न में से कौन-सा मापन अधिक यथार्थ है? 5.0g या 5.00g.
उत्तर:
5.0 g तथा 500g में से 500g अधिक यथार्थ है क्योंकि इसमें मापन दशमलव के बाद दो स्थानों तक किया जा सकता है।

प्रश्न 78.
चरघातांकी संकेतन या वैज्ञानिक संकेतन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जब किसी संख्या को N x 10n के रूप में व्यक्त किया जाता है, तो इस संकेतन को चरघातांकी संकेतन या वैज्ञानिक संकेतन कहते हैं। यहाँ N दशमलव के बार्थी तरफ एक गैर-शून्य अंक वाली संख्या है।
यहाँ n = पूर्णांक, जिसे घातांक (exponent) कहते हैं।

प्रश्न 79.
S. I मात्रक मीटर से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
मीटर (Metre) मीटर एक सेकण्ड के 1/299,792,458 वें समयान्तराल के दौरान निर्वात् में प्रकाश द्वारा तय किये गये पथ की लम्बाई होती है।

प्रश्न 80.
S. I मात्रक किलोग्राम को परिभाषित करें।
उत्तर:
किलोग्राम (Kilogram ) यह प्रारूपी ( Prototype) किलोग्राम के द्रव्यमान के बराबर होता है वास्तव में यह फ्रांस में भार और माप के अन्तर्राष्ट्रीय ब्यूरो में संग्रहित प्लेटिनम ब्लॉक का द्रव्यमान है।

प्रश्न 81.
तत्व द्रव्यमान के किस अनुपात में संयोग करते हैं
उत्तर:
स्थिर अनुपात के नियम के अनुसार।

प्रश्न 82.
द्रव्य की अविनाशिता का नियम किसने दिया था?
उत्तर:
यह नियम लोमोनोसोव ने 1756 ई. में दिया था।

प्रश्न 83.
amu से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
amu को परमाणु द्रव्यमान इकाई कहते हैं।

प्रश्न 84.
कार्बन का कौन सा समस्थानिक तत्व के सापेक्ष द्रव्यमान को व्यक्त करने में प्रयुक्त होता है?
उत्तर:
कार्बन-12(12C) समस्थानिक

प्रश्न 85.
तत्व के परमाणु द्रव्यमान अंशत: (Fractional) क्यों होते हैं?
उत्तर:
उनके समस्थानिकों की उपस्थिति के कारण।

प्रश्न 86.
मोल क्या है?
उत्तर:
किसी पदार्थ के मोल में उतने ही कण उपस्थित होते हैं जितनी कार्बन 12 समस्थानिक के 12g में परमाणुओं की संख्या होती है।

प्रश्न 87.
किसी तत्व के एक ग्राम परमाणु में कितने परमाणु होते हैं?
उत्तर:
6.023 x 1023 के तुल्य परमाणु।

प्रश्न 88.
परमाणु द्रव्यमान इकाई को समझाइए।
उत्तर:
कार्बन 12 के एक परमाणु का द्रव्यमान स्वेच्छा से 12 amu माना गया है। इसलिए- कार्बन 12 के एक परमाणु के द्रव्यमान के बारहवें भाग को परमाणु द्रव्यमान इकाई कहते हैं।
अतः 1 amu = \(\frac{1.9926 \times 10^{-23}}{12}\)
= 166 × 1024 g
1.9926 × 10-23, C-12 के एक परमाणु का वास्तविक द्रव्यमान।

प्रश्न 89.
औसत परमाणु द्रव्यमान से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
प्रकृति में तत्वों के समस्थानिक पाये जाते हैं। अतः तत्व के समस्थानिक परमाणु द्रव्यमानों के परिकलन में उनकी आपेक्षिक बाहुल्यता पर भी विचार किया जाता है। इस प्रकार परिकलित किया गया परमाणु द्रव्यमान औसत परमाणु द्रव्यमान कहलाता है।

प्रश्न 90.
आण्विक द्रव्यमान क्या है?
उत्तर:
किसी पदार्थ का आण्विक द्रव्यमान वह संख्या है जो यह प्रदर्शित करती है कि इस पदार्थ का एक अणु कार्बन 12 के एक परमाणु के 1/12 वें भाग से कितने गुना भारी है।

प्रश्न 91.
मोल संकल्पना क्या है?
उत्तर:
किसी पदार्थ का एक मोल उसकी वह मात्रा है जिसमें उतने ही कण उपस्थित रहते हैं जितनी C-12 समस्थानिक के ठीक 12g में परमाणुओं की संख्या होती है यह संख्या 6.023 x 1023 परमाणु / मोल होती है।

एक मोल में कर्णों की इस संख्या को आवोगाद्रो संख्या कहते हैं। इसे NA या N व्यक्त करते हैं।

प्रश्न 92.
मोलर द्रव्यमान क्या है?
उत्तर:
किसी पदार्थ के एक मोल में व्यक्त द्रव्यमान को मोलर द्रव्यमान कहते हैं। उदाहरणार्थ-
जल का मोलर द्रव्यमान = 18.02 g

प्रश्न 93.
हाइड्रोजन का आण्विक द्रव्यमान ज्ञात करो यदि उसकी परमाणुकता 2 हो?
उत्तर:
आण्विक द्रव्यमान परमाणु द्रव्यमान परमाणुकता = 1.008 x 2 = 2.016 u
∴ हाइड्रोजन का आण्विक द्रव्यमान 2.016 u होगा।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ

प्रश्न 94.
मैग्नीशियम के 2.5 ग्राम परमाणुओं का द्रव्यमान बताइये।
उत्तर:
मैग्नीशियम का ग्राम परमाणु 24 g
मैग्नीशियम का 2.5 ग्राम परमाणु 24 x 2.5 = 60 g

प्रश्न 95.
48u ओजोन में कितने ऑक्सीजन परमाणु उपस्थिति होते हैं?
उत्तर:
48u ओजोन (O3) में ऑक्सीजन के \(\frac { 48u }{ 16u }\) = 3 परमाणु होते हैं।

प्रश्न 96.
उन तीन तत्वों के नाम लिखिये जो कि मनुष्य के शरीर का 90% भाग बनाते हैं?
उत्तर:
कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन।

प्रश्न 97.
हाइड्रोजन गैस आसानी से आग पकड़ लेती है और ऑक्सीजन दहन में सहायक होती है। परन्तु जल आग बुझाने के लिये क्यों प्रयुक्त किया जाता है?
उत्तर:
चूँकि जल (H2O) एक यौगिक है, इस यौगिक के गुण हाइड्रोजन और ऑक्सीजन दोनों के गुणों से भिन्न होते हैं। अतः जल को आग बुझाने के लिये प्रयुक्त करते हैं।

प्रश्न 98.
आवागाद्रो संकल्पना क्या है?
उत्तर:
दाब व ताप की समान परिस्थितियों में दो गैसों के समान आयतनों में अणुओं की संख्या समान होती है।

प्रश्न 99.
बताइये कि निम्नलिखित नियमों का प्रतिपादन किसने किया-
(1) स्थिर अनुपात का नियम
(2) द्रव्यमान संरक्षण का नियम
(3) गुणित अनुपात का नियम
(4) व्युत्क्रम अनुपात का नियम
(5) गैसीय आयतन का नियम
उत्तर:
(1) प्राउस्ट, (2) लेवोशिए, (3) जॉन डाल्टन (4) रिक्टर (5) गैलुसाक।

प्रश्न 100.
गैलुसाक के आयतन के नियम का पालन कब नहीं होता?
उत्तर:
जब अभिकारकों अथवा उत्पादों में से कोई ठोस अथवा द्रव्य हो।

प्रश्न 101.
स्थिर अनुपात के नियम का पालन किन अवस्थाओं में नहीं होता है?
उत्तर:
वे यौगिक जिनमें समस्थानिक उपस्थित होते हैं जैसे H2O और D2O। इन यौगिकों में स्थिर अनुपात के नियम का पालन नहीं होता है।

प्रश्न 102.
परमाणु स्वतन्त्र अवस्था में नहीं रह सकता है, क्यों?
उत्तर:
अपना इलेक्ट्रॉनिक विन्यास पूर्ण करने के लिये परमाणु आपस में संयोग करके अणु बनाते इसलिये परमाणु स्वतन्त्र अवस्था में नहीं रह सकता है।

प्रश्न 103.
संख्या 3.82 में से 0.0016 को घटाइये तथा उत्तर सार्थक अंकों में दीजिए।
उत्तर:

3.82
– 0.016
3.8184     उत्तर = 3.82

प्रश्न 104.
यदि किसी जल के नमूने का भार 10 g है तो उसमें जल के कितने मोल उपस्थित हैं?
उत्तर:
जल का अणुभार = 2 + 16 = 18
जल में उपस्थित मोल = \(\frac { भार }{ अणुभार }\) = \(\frac { 10 }{ 18 }\) = 0.55 मोल

प्रश्न 105.
0.2 मोल CO2 में कितने ग्राम CO2 उपस्थित हैं?
उत्तर:
1 मोल CO2 = 12 + 32 = 44 g
0.1 मोल CO2 = 0.1 x 44 = 4.4 g

प्रश्न 106.
नाइट्रोजन गैस का आण्विक द्रव्यमान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
नाइट्रोजन गैस का परमाणु द्रव्यमान 14 g/mol
अतः नाइट्रोजन गैस का द्रव्यमान 14 x 2
= 28 g/mol

प्रश्न 107.
S8 का आण्विक द्रव्यमान ज्ञात कीजिए?
उत्तर:
सल्फर का परमाण्विक द्रव्यमान = 32 g/mol
अतः S8 का आण्विक द्रव्यमान 32 × 8
= 256 g/mol

प्रश्न 108.
0.1 मोल CO में कितने ग्राम CO2 उपस्थित है?
उत्तर:
1 मोल CO2 = 12 + 2 × 16 = 44 g
0.1 मोल CO2 = 0.1 x 44 = 4.4 g

प्रश्न 109.
4 ग्राम ऑक्सीजन में परमाणुओं की संख्या ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
परमाणुओं की संख्या
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 1

प्रश्न 110.
1 अणु कार्बन मोनो ऑक्साइड (CO) के द्रव्यमान की गणना करें।
उत्तर:
CO का मोलर द्रव्यमान 12 + 16 = 28 g
6.02 x 1023 अणुओं का द्रव्यमान = 28 g
1 अणु CO का द्रव्यमान = \(\frac{28}{5.02 \times 10^{23}}\)
= 4.65 × 10-23 g

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में, रसायन विज्ञान का महत्वपूर्ण योगदान किस प्रकार है?
उत्तर:
रसायन विज्ञान का राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण योगदान उर्वरकों, क्षारों, अम्लों, लवण, रंग, बहुलकों, दवाओं, साबुन, अपमार्जकों, धातुओं, मिश्र धातुओं तथा कार्बनिक, अकार्बनिक रसायनों सहित नवीन सामग्री के निर्माण में लगे रासायनिक उद्योग द्वारा है।

प्रश्न 2.
कैन्सर चिकित्सा तथा एड्स के उपचार हेतु प्रयोग में लायी जाने वाली औषधियाँ बताइए।
उत्तर:

  1. कैन्सर चिकित्सा में सिस प्लैटिन तथा टैक्सॉल औषधियां प्रयुक्त होती हैं।
  2. एड्स से ग्रस्त रोगियों के उपचार हेतु ऐजिडोथाइमिडिन (AZT) जीवन रक्षक औषधि प्रयुक्त की जाती है।

प्रश्न 3.
रासायनिक सिद्धान्तों के आधार पर किन-किन पदार्थों का संश्लेषण सम्भव हो सका?
उत्तर:
रासायनिक सिद्धान्तों के आधार पर चुम्बकीय, विद्युतीय और प्रकाशीय गुणधर्म युक्त पदार्थ संश्लेषित करना सम्भव हो सका है जिसके फलस्वरूप अतिचालक, सिरेमिक, सुचालक, बहुलक, प्रकाशीय फाइबर (तन्तु) जैसे पदार्थ संश्लेषित किये जा सकते हैं।

प्रश्न 4.
रसायन विज्ञान द्वारा पर्यावरणीय प्रदूषण की समस्याओं को कैसे नियन्त्रित किया गया?
उत्तर:
समताप मण्डल (stratosphere) में ओजोन अवक्षय (Ozone depletion) उत्पन्न करने वाले एवं पर्यावरण प्रदूषक क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC) जैसे पदार्थों के विकल्प सफलतापूर्वक संश्लेषित किये गये हैं।

प्रश्न 5.
रसायन विदों की भावी पीढ़ियों के लिए कौन-कौन सी बौद्धिक चुनौतियाँ हैं?
उत्तर:

  1. पर्यावरण की अनेक समस्याएँ,
  2. ग्रीन हाउस गैसों (मेथेन, कार्बन डाइ ऑक्साइड),
  3. जैव रासायनिक प्रक्रियाओं की समझ,
  4. रसायनों का व्यापक स्तर पर उत्पादन,
  5. विभिन्न ऐन्जाइमों का उपयोग,
  6. नवीन उपयोगी पदार्थों का उत्पादन।

प्रश्न 6.
तत्व के सापेक्ष परमाणु द्रव्यमान को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
किसी तत्व का परमाणु द्रव्यमान वह संख्या है जो यह प्रदर्शित करती है कि तत्व का एक परमाणु कार्बन- 12 के परमाणु के बारहवें भाग द्रव्यमान अथवा हाइड्रोजन के 1.008 भाग द्रव्यमान से कितने गुना भारी है। किसी भी तत्व का परमाणु द्रव्यमान इसके परमाणु का औसत सापेक्ष द्रव्यमान होता है, जबकि उसकी तुलना कार्बन परमाणु (C12 समस्थानिक) का भार 12 मानकर की जाती है।

प्रश्न 7.
यौगिक के सूत्र से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
किसी यौगिक के अणु का इसमें उपस्थित विभिन्न तत्वों के प्रतीकों के रूप में संक्षिप्त प्रदर्शन यौगिक का सूत्र कहलाता है। इन्हें दो रूपों में वर्गीकृत किया जाता है।

  • मूलानुपाती सूत्र – यौगिक का वह सूत्र जो यौगिक के एक अणु में उपस्थित भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणुओं का सरलतम अनुपात बताता है।
  • आण्विक सूत्र – यौगिक का वह सूत्र जो उस यौगिक में उपस्थित भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणुओं का वास्तविक अनुपात प्रदर्शित करता है।

प्रश्न 8.
मूलानुपाती सूत्र व आण्विक सूत्र में सम्बन्ध बताएँ?
उत्तर:
आण्विक सूत्र =nx मूलानुपाती सूत्र
(यहाँ n = 1, 2, 3, 4 ……..)
मूलानुपाती व आण्विक सूत्रों में से आण्विक सूत्र यौगिक के वास्तविक सूत्र को व्यक्त करता है।

प्रश्न 9.
मोलरता एवं मोललता में अन्तर बताइए।
उत्तर:

मोलरता मोललता
1. यह 1 लीटर विलयन में घुले हुए हुए विलेय के मोलों की संख्या है। 1. यह 1 किग्रा. विलायक में घुले हुए विलेय के मोलों की संख्या है।
2. यह ताप पर निर्भर करती है। 2. यह ताप पर निभर्भर नहीं होती है।
3. इसका मात्रक mol L-1 है। 3. इसका मात्रक mol L-1 है।

प्रश्न 10.
रूपान्तरण गुणक या विमीय विश्लेषण विधि से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
रूपान्तरण गुणक या विमीय विश्लेषण विधि – गणनाओं के लिये जो आँकड़े दिये जाते हैं, यह आवश्यक नहीं है कि वे सभी मात्रकों की एक ही पद्धति में हों। अत: कभी-कभी मात्रकों को एक पद्धति से दूसरी पद्धति में परिवर्तित करना पड़ता है। इस परिवर्तन के लिये जिस तकनीक का प्रयोग किया जाता है उसे विमीय विश्लेषण अथवा इकाई गुणक विधि या गुणक लेवल विधि या रूपान्तरण गुणक विधि कहते हैं।

प्रश्न 11.
एक व्यक्ति प्रति सेकण्ड दस लाख रुपये खर्च करता है। क्या वह अपने जीवन में 1 मोल खर्च कर सकता है।
उत्तर:
दस लाख रुपये खर्च करता है 1 सेकण्ड में,
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 2
अतः व्यक्ति अपने जीवनकाल में ये रुपये खर्च नहीं कर सकता।

आंकिक प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्न को हल कीजिए :
(i) 2.3 x 105 + 2.9 x 104
(ii) 6.0 × 104 – 4.0 × 10-5
(iii) (5.0 × 106) × (2.0 × 106)
(iv) ( 3.2 x 10-2) ÷ (80×102)
हल:
(i) दोनों संख्याओं के चरघातांकों को समान करके जोड़ने योग
= (2.3 × 105) + (0.29 × 104)
= 2.59 × 104

(ii) दोनों संख्याओं के चरघातांकों को समान करके घटाने पर-
घटाव = (6.0 × 10-4) – (0.40 × 104)
= 5.60 × 10-4

(iii)
= (5.0 × 106) × (2.0 × 106)
= (5·0 × 2·0) × (106+6)
= 100 × 1012 = 1.0 × 1013

(iv) (3.2 x 10-2) ÷ (8.0 × 102)
= \(\frac{3.2 \times 10^{-2}}{8.0 \times 10^2}\)
= \(\frac{3 \cdot 2}{8} \times 10^{-2-(2)}\)
= 0.4 × 10-4 = 4 x 10-5

प्रश्न 2.
2.12 g ग्लूकोज तथा 2.925 g नमक को 30.2 g पानी में मिलाया गया है, विलयन का द्रव्यमान ज्ञात कीजिए।
हल:
ग्लूकोज का द्रव्यमान = 2.12 g
नमक का द्रव्यमान = 2.925 g
पानी का द्रव्यमान = 30.2 g
विलयन का कुल द्रव्यमान = 35.245 g
यहाँ सही उत्तर 35.2g है क्योंकि यहाँ प्रश्न में दशमलव के बाद सबसे कम संख्या एक है।

प्रश्न 3.
चाँदी धातु का द्रव्यमान 6.342 g तथा घनत्व 1.2g/cm³ है। इसके आयतन की गणना करें।
हल:
चाँदी धातु का द्रव्यमान = 6.342 g
चौदी धातु का घनत्व = 1.2g/cm³
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 3
चूँकि दी गई संख्याओं में निम्नतम सार्थक अंक 2 है अतः अन्तिम परिणाम में भी दो सार्थक अंक होने चाहिये अतः परिणाम में से अन्तिम दो अंक 8 व 5 को हटाने के लिये 2 में एक अंक का योग हो जायेगा अतः सही उत्तर 5.3cm है।

प्रश्न 4.
हाइड्रोजन के एक परमाणु का द्रव्यमान 1008u है। अतः हाइड्रोजन के 10 परमाणुओं का द्रव्यमान कितना होगा ?
हल:
H के एक परमाणु का द्रव्यमान = 10.08 u
H के 10 के परमाणुओं का द्रव्यमान = 1008 × 10 = 10.08 u
चूँकि 10 एक यथार्थ संख्या है अतः इसके सार्थक अंक अनन्त होंगे। अतः अन्तिम परिणाम में सार्थक अंक दूसरी संख्या के सार्थक अंक के समान होना चाहिये। अतः कुल द्रव्यमान 10.08 है।

प्रश्न 5.
1.3 मिनट को सेकेण्ड में परिवर्तित करें।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 4

प्रश्न 6.
निम्नलिखित को अन्तर्राष्ट्रीय पद्धति (S.I.) में व्यक्त कीजिए।
(i) 90 मिलियन मील (यह सूर्य तथा पृथ्वी के बीच की दूरी है।
(ii) 90 मील प्रति घण्टा (राजधानी एक्सप्रेस की गति)
(iii) 5 फुट 6 इंच (भारतीय पुरुषों की औसत लम्बाई)
हल:
(i) 90 मीलियन मील दूरी की इकाई अन्तर्राष्ट्रीय पद्धति में मीटर होती है।
1 मील 1.60 कि.मी. = 160 x 103 मी.
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 5

(ii) 90 मील प्रति घन्टा
1 मील = 1.6 कि.मी. = 1.6 x 103 मीटर
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 6

(iii) 5 फुट 6 इंच 5×12 + 666 इंच
1 इंच = 2.54 × 10-2 मीटर
रूपान्तरण गुणांक = 2.54 x 10-2 HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 7
66 इंच = 66 इंच x रूपान्तरण गुणांक
= 66 x 2.54 × 10-2 मीटर
= 167.64 × 10-2 मीटर
= 1.68 मीटर

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ

प्रश्न 7.
10 दिनों में कितने सेकण्ड (4) होते हैं।
हल:
हम जानते हैं.
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 8

प्रश्न 8.
10 लीटर जल के आयतन को मीटर³ (m³) में व्यक्त कीजिए।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 9

प्रश्न 9.
ट्रेन की चाल मीटर/सेकेण्ड में बताइये जो कि 950 मील की दूरी 25 घण्टे में तय करती है। (दिया गया है कि 1 मील 1.60 कि. मी.)।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 9a

प्रश्न 10.
निम्नलिखित को हल करें तथा इसमें उपस्थित सार्थक अंकों को बताएँ।
(1) 3.412 × 11.5
(2) 80.674 + 6.2
(3) 6180.03546 + 406.27
हल:
(i) 3412 × 11.5 = 39.2380
चूँकि यहाँ पर न्यूनतम परिशुद्ध संख्या में तीन सार्थक अंक हैं, अतः परिणाम में कुल तीन सार्थक अंक होने चाहिये।
अतः सही उत्तर 39.2

(ii) \(\frac { 80.674 }{ 6.2 }\) = 13.0119
यहाँ भी उत्तर में दो सार्थक अंक होने चाहिये।
अत: सही उत्तर = 13

(iii) 6180.03546+ 406.27
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 10
यहाँ उत्तर में चार सार्थक अंक है क्योंकि गुणनफल में 618 एक परिशुद्ध अंक है तथा इसके सार्थक अंक तीन का प्रयोग उत्तर देने में नहीं किया जाता है।
21 . 91
406 . 27
428 . 18 उत्तर को दशमलव के दो स्थानों तक दें।
अतः सही उत्तर = 428.18

प्रश्न 11.
20.0 फुट³ एल्युमीनियम का भार ग्राम में ज्ञात करें यदि इसका घनत्व 2.70 g / cm³ है।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 11

प्रश्न 12.
4.9 ग्राम सल्फ्यूरिक अम्ल द्वारा सोडियम क्लोराइड का कितना द्रव्यमान वियोजित होगा, बंदि इस अभिक्रिया में 6g सोडियम बाइसल्फेट (NaHSO) तथा 1.825g हाइड्रोजन क्लोराइड बनता हो।
हल:
अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण निम्न है-
NaCl + H2SO4 → NaHSO4 + HCl
अभिकारकों का द्रव्यमान = NaCl का द्रव्यमान + H2SO4 का द्रव्यमान
= x + 4.9 g
उत्पादों का द्रव्यमान = NaHSO4 का द्रव्यमान + HCl का द्रव्यमान
= 6.0g + 1.825 g
= 7.825 g
द्रव्यमान संरक्षण के नियमानुसार,
अभिकारकों का द्रव्यमान = उत्पादों का द्रव्यमान
x + 4.9 g = 7.825 g
x = 7.825 – 4.9 = 2.925 g
अत: NaCl का द्रव्यमान = 2.925 g

प्रश्न 13.
10g कैल्सियम कार्बोनेट को गर्म करने पर मानक ताप व दाब पर 2.24L CO2 गैस व 5.6g CaO बना सिद्ध करें कि ये आँकड़े द्रव्य की अविनाशिता का नियम सिद्ध करते हैं।
हल:
अभिक्रिया का समीकरण
COCO3 → CaO + CO2
दिया गया है CaCO3 का द्रव्यमान = 10g
CaO का द्रव्यमान = 5.6g
∵ 22.4L CO2 का मानक ताप व दाब पर द्रव्यमान = 44 g
1L CO2 का मानक ताप व दाव पर द्रव्यमान = \(\frac { 44 }{ 22.4 }\)g
∴ 2.24 L CO2 का मानक ताप व दाब पर द्रव्यमान
= \(\frac {44×22.4 }{ 22.4 }\)g = 4.4g
उत्पादों का कुल द्रव्यमान = 5.6 + 4.4 = 10g
चूँकि इस अभिक्रिया में अभिकारकों का द्रव्यमान व उत्पादों का द्रव्यमान समान है, अत: उपर्युक्त आँकड़े द्रव्य की अविनाशिता का नियम सिद्ध करते हैं।

प्रश्न 14.
17g सिल्वर नाइट्रेट, सोडियम क्लोराइड से क्रिया करके 14.35g सिल्वर क्लोराइड तथा 8.5g सोडियम नाइट्रेट देता है। सोडियम क्लोराइड का द्रव्यमान क्या होगा?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 12
द्रव्यमान संरक्षण के नियमानुसार
अभिकारकों का द्रव्यमान = उत्पादों का द्रव्यमान
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 13
17g + x = 14.35g + 8.5g
17g + x = 22.85g
x = 22.85g – 17g = 5.85g

प्रश्न 15.
2.16g धात्विक कॉपर को नाइट्रिक अम्ल के साथ गर्म कर जलाने पर प्राप्त कॉपर ऑक्साइड का भार 2.7g पाया गया। एक अन्य प्रयोग में, 1.15g कॉपर ऑक्साइड अपचयित होकर 0.92g कॉपर प्राप्त होता है। दर्शाइये कि दिये गये आँकड़े ‘स्थिर अनुपात के नियम’ का पालन करते हैं।
हल:
प्रथम प्रयोग में,
धात्विक कॉपर का द्रव्यमान = 2.16g
कॉपर ऑक्साइड का द्रव्यमान = 2.7 g
ऑक्सीजन का द्रव्यमान = 2.7 – 2.16 = 0.54g
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 14
ऑक्सीजन का प्रतिशत = 100 – 80 = 20%
द्वितीय प्रयोग में,
धात्विक कॉपर का द्रव्यमान = 0.92g
कॉपर ऑक्साइड का द्रव्यमान = 1.15g
ऑक्सीजन का द्रव्यमान = 1.15 – 0.92 = 0.23g
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 15
ऑक्सीजन का प्रतिशत = 100 – 80 = 20%
दोनों प्रयोगों कॉपर तथा ऑक्सीजन दोनों के द्रव्यमानों का अनुपात एक जैसा है अतः यह स्थिर अनुपात के नियम को दर्शाते हैं।

प्रश्न 16.
सिद्ध कीजिए कि निम्नलिखित आँकड़े स्थिर अनुपात के नियम की पुष्टि करते हैं। कार्बन मोनो ऑक्साइड के दो विभिन्न नमूनों में कार्बन का द्रव्यमान निम्न प्रकार से है- (i) 1.26g कार्बन, 1.42g मोनो ऑक्साइड में, (ii) 1008g कार्बन, 1.136g मोनो ऑक्साइड में
हल:
प्रथम नमूने में
कार्बन मोनो ऑक्साइड का द्रव्यमान = 1.42g
कार्बन का द्रव्यमान = 1.26g
ऑक्सीजन का द्रव्यमान = 1.42 – 1.26 = 0.16g
कार्बन का प्रतिशत = \(\frac { 1.26 }{ 1.42 }\) x 100 = 88.73%
ऑक्सीजन का प्रतिशत = 100 – 88.73 = 11.27%
दूसरे नमूने में,
कार्बन मोनोऑक्साइड का द्रव्यमान = 136g
कार्बन का द्रव्यमान = 1.008g
ऑक्सीजन का द्रव्यमान = 0.128g
कार्बन की प्रतिशतता
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 16
ऑक्सीजन का प्रतिशत = 100 – 88.73 = 11.27%
चूँकि यहाँ पर दिये गये नमूने में कार्बन व ऑक्सीजन का प्रतिशत मात्राएँ समान हैं अतः ये आँकड़े स्थिर अनुपात के नियम का पालन करते हैं।

प्रश्न 17.
एक प्रयोग में तत्व ‘X’ के 15g तत्व ‘Y’ के 25g से संयोग करके एक यौगिक बनाते हैं। जबकि दूसरे प्रयोग में तत्व ‘X’ के 3g तत्व ‘Y’ के Sg से संयोग करके यौगिक बनाते हैं। कारण सहित बताइये कि इन आँकड़ों से रासायनिक संयोग के किस नियम का सत्यापन होता है।
हल:
पहले प्रयोग में,
X : Y
15 : 25
3 : 5
दूसरे प्रयोग में,
X : Y
3 : 5
यहाँ X तथा Y के द्रव्यमानों में अनुपात होने के कारण स्पष्ट है कि उपर्युक्त आँकड़े स्थिर अनुपात के नियम की पुष्टि करते हैं।

प्रश्न 18.
कॉपर सल्फेट क्रिस्टल में 25.45% कॉपर तथा 36.07% जल है। यदि स्थिर अनुपात का नियम सत्य हो तो 40g कॉपर सल्फेट का क्रिस्टल प्राप्त करने के लिये आवश्यक कॉपर के भार की गणना कीजिए।
हल:
दिये गये आँकड़ों के अनुसार,
कॉपर का प्रतिशत = 25.45%
जल का प्रतिशत = 36.07%
अत: सल्फेट प्रतिशत = 100 – (25.45 + 36.07)
= 100 – 61.52 = 38.48%
यदि स्थिर अनुपात का नियम सत्य है तो स्थिर संघटन का प्रतिशत कॉपर सल्फेट के दूसरे क्रिस्टल में भी वही होना चाहिये।
अतः
100g CuSO4 क्रिस्टल में Cu = 25.45g
40g CuSO4 क्रिस्टल में Cu = \(\frac { 25.45×40 }{ 100 }\)
= 10.18 g

प्रश्न 19.
कार्बन दो प्रकार के ऑक्साइड बनाता है जिनमें क्रमशः 42.8% व 27.27% कार्बन उपस्थित है। सिद्ध कीजिए कि ये प्रेक्षण गुणित अनुपात क नियम को सिद्ध करते हैं।
हल:
कार्बन के दोनों ऑक्साइड में कार्बन व ऑक्सीजन की निम्न प्रतिशत मात्राएँ हैं।
प्रथम ऑक्साइड
C = 42.8%
O = 57.2%
द्वितीय ऑक्साइड
27.27%
72.73
प्रथम ऑक्साइड में,
57.2g ऑक्सीजन से = 42.8g कार्बन संयोग करता है।
1g ऑक्सीजन से =\(\frac { 42.8 }{ 57.2 }\) = 0.748g
दूसरे ऑक्साइड में,
72.73g ऑक्सीजन = 27.27g कार्बन संयोग करता है।
1g ऑक्सीजन = \(\frac { 27.27 }{ 72.73 }\) = 0.375g
उपर्युक्त दोनों ऑक्साइड में कार्बन की विभिन्न मात्राओं में (0.748 : 0.375) एक सरल अनुपात 21 है अतः यह आँकड़े गुणित अनुपात नियम को सिद्ध करते हैं।

प्रश्न 20.
एक तत्व के दो सल्फाइडों में सल्फर का द्रव्यमान क्रमशः 53.33% और 36.36% है सिद्ध कीजिये कि ये आँकड़े गुणित अनुपात नियम की पुष्टि करते हैं।
हल:
प्रथम सल्फाइड में,
सल्फर की मात्रा = 53.33%
तत्व की मात्रा = 100 – 53.33 = 46.47%
अतः तत्व व सल्फर के प्रतिशतों का अनुपात
= 46.67:53.33
= 1 : 1 . 14
द्वितीय सल्फाइड में,
सल्फर की मात्रा = 26.36%
तत्व की मात्रा = 100 – 36.36 = 63.64%
= 1 : 0.57
तत्व और सल्फर के अनुपात = 63.64:36.36
चूँकि दोनों सल्फाइडों में तत्व की मात्रा निश्चित है अतः दोनों सल्फाइडों में सल्फर तत्व की निश्चित मात्रा में संयोग करने वाली मात्राओं में परस्पर अनुपात 0.571.14 या 2 है, जो एक सरल गुणित अनुपात है, अतः इन आँकड़ों से गुणित अनुपात का नियम सिद्ध होता है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ

प्रश्न 21.
कार्बन हाइड्रोजन के साथ क्रिया करके तीन यौगिक A. B तथा C बनाता है। यौगिक A, B तथा C में हाइड्रोजन की प्रतिशत मात्र क्रमश: 25, 14.3 तथा 7.7 है ये आँकड़े किस नियम को सिद्ध करते हैं ?
हल:
यौगिक में
हाइड्रोजन की प्रतिशत मात्रा = 25.0%
कार्बन की प्रतिशत मात्रा 100 – 25 = 75%
अत: हाइड्रोजन का 25 भाग अभिक्रिया करता है 75 भाग कार्बन से, हाइड्रोजन का 1 भाग अभिक्रिया करेगा
= \(\frac { 75 }{ 25 }\) = 3 भाग कार्बन से।
यौगिक B में
हाइड्रोजन की प्रतिशत मात्रा = 14.3%
कार्बन की प्रतिशतता = 100 – 14.3
= 85.7%
अतः हाइड्रोजन के 14.3 भाग से अभिक्रिया करता है
= 85.7 भाग कार्बन,
हाइड्रोजन के 1 भाग से अभिक्रिया करेगा
= \(\frac { 85.7 }{ 14.3 }\) = 6 भाग कार्बन
यौगिक C में
हाइड्रोजन की प्रतिशत मात्रा = 7.7%
कार्बन की प्रतिशतता = 100.7.7 = 92.3%
7.7 भाग हाइड्रोजन अभिक्रिया करता है = 92.3 भाग कार्बन से
1 भाग हाइड्रोजन अभिक्रिया करेगा = \(\frac { 92.3 }{ 77 }\) = 120 भाग कार्बन से। चूँकि यौगिक A, B तथा C में हाइड्रोजन की समान मात्रा से
अभिक्रिया करने वाले कार्बन की मात्राओं का प्रतिशत निम्न प्रकार से है
3 : 6 : 12
1 : 2 : 4
जो कि एक सरल गुणित अनुपात है अतः यह आँकड़े गुणित अनुपात के नियम को सिद्ध करते हैं।

प्रश्न 22.
H2 एवं Cl2, सूर्य के प्रकाश में क्रिया करके HCI गैस बनाती है। 20ml हाइड्रोजन से HCl का कितना आयतन प्राप्त होता?
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 17
1 आयतन हाइड्रोजन से प्राप्त होता है = 2 आयतन HCl
20 ml हाइड्रोजन से प्राप्त होगी = 2 x 20 ml HCl
= 40ml HCl

प्रश्न 23.
एक धातु दो ऑक्साइड बनाती है। इन ऑक्साइडों के एक-एक g को अलग-अलग अपचयित करने पर क्रमशः 0-798g तथा 0.888g धातु प्राप्त हुई। ये परिणाम रासायनिक संयोग के किस नियम की पुष्टि करते हैं?
हल:
प्रथम ऑक्साइड में,
ऑक्साइड की मात्रा = 1.00 g
धातु की मात्रा = 0.798g
ऑक्सीजन की मात्रा = 1.00 – 0.798
= 0.202 g
0.202g ऑक्सीजन संयुक्त होती है = 0.798g धातु से
1g ऑक्सीजन संयुक्त होगी = \(\frac { 0.798 }{ 0.202 }\) = 3.95g धातु से
द्वितीय ऑक्साइड में,
ऑक्साइड की मात्रा = 100g
धातु की मात्रा = 0.888g
ऑक्सीजन की मात्रा = 1.00 – 0.888 = 0.112g
0.112g ऑक्सीजन संयुक्त होती है = 0.888g धातु से
1g ऑक्सीजन संयुक्त होगी = \(\frac { 0.888 }{ 0.202 }\) = 3.95 g धातु से
अत: 1g ऑक्सीजन से संयुक्त होने वाली धातु की मात्राएँ क्रमशः 3.95 और 7.92g हैं, जो कि 1 : 2 के सरल अनुपात में हैं, अतः दिये गये आँकड़े गुणित अनुपात के नियम की पुष्टि करते हैं।

प्रश्न 24.
यदि नाइट्रिक ऑक्साइड निम्नांकित समीकरण के अनुसार बनती है।
N2(g) + O2(g) → 2NO(g)
तो 30 L NO गैस बनाने के लिये नाइट्रोजन का कितना आयतन आवश्यक होगा?
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 18
2L NO प्राप्त करने के लिये आवश्यक होती है = 1L इट्रोजन
30L NO प्राप्त करने के लिये आवश्यक होती है।
15 L नाइट्रोजन

प्रश्न 25.
6.488 ग्राम सीसा 1.002 ग्राम ऑक्सीजन से क्रिया कराने पर लैड परऑक्साइड (Pb2O2) प्राप्त होता है। लैड परऑक्साइड को हम लैड नाइट्रेट को गर्म करके भी प्राप्त कर सकते हैं जिसमें 13.38% ऑक्सीजन है उपरोक्त सूचनाएं स्थिर संघटन नियम को सिद्ध करती हैं।
हल:
प्रथम ऑक्साइड में,
लैड परऑक्साइड का द्रव्यमान,
6.488g + 1.002 = 7.490g
7.49g लैंड परऑक्साइड में है = 1.002g O2
100g लैड परऑक्साइड में होगी = \(\frac { 1.002×100 }{ 7.49 }\)O2
= 13.38%
अत: ऑक्सीजन की प्रतिशतता = 13.38%
दूसरे प्रयोग में भी 13-38% ऑक्सीजन उपस्थित है। जो प्रथम प्रयोग में ऑक्सीजन की प्रतिशत मात्रा के समतुल्य है, अतः स्थिर अनुपात नियम की सत्यता सिद्ध होती है।

प्रश्न 26.
निम्नलिखित के मोलर द्रव्यमान की गणना कीजिए।
C2H5COOH, P4, S8, PCl5, SO2Cl2
हल:
(i) C2H5COOH का मोलर द्रव्यमान-
= 2 × 12 + 5 × 1 + 12 + 16 × 2 + 1
= 24 + 5 + 12 + 32 + 1
= 74 g/mol

(ii) P4 का मोलर द्रव्यमान-
= 31 × 4 = 124 g/mol

(iii) S8 का मोलर द्रव्यमान-
= 32 × 8 = 256g/mol

(iv) PCl5 का मोलर द्रव्यमान-
= 31 + 35.5 x 5
= 31 + 177.5 = 208.5 g/mol

(v) SO2 Cl2 का मोलर द्रव्यमान
= 32 + 16 × 2 + 2 × 35.5
= 32 + 32+ 71.0 = 135.0g/mol

प्रश्न 27.
नीचे दिये गए यौगिकों के सूत्र द्रव्यमान का परिकलन
कीजिए।
(i) MgO (ii) CaCl 2 (iii) CaCO3 (iv) AlCl3
हल:
(i) MgO का सूत्र द्रव्यमान
= 24 + 16 = 40g

(ii) CaCl2 का सूत्र द्रव्यमान
= 40+2 × 35.5
= 40 + 71 = 111g

(iii) CaCO3 का सूत्र द्रव्यमान
= 40 + 12 + 16 × 3
= 40 + 12 + 48 = 100g

(iv) AlCl3 का सूत्र द्रव्यमान
= 27 +3 × 35.5
= 27 + 106.5 = 133.5g

प्रश्न 28.
120g कार्बन में ग्राम परमाणु तथा परमाणुओं की संख्या ज्ञात कीजिए।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 19
परमाणुओं की संख्या = ग्राम-परमाणुओं की संख्या x 6.02 × 1023
= 10 × 6.02 x 1023
= 6.02 x 1024 परमाणु

प्रश्न 29.
एक कार्बन परमाणु का द्रव्यमान ज्ञात कीजिए।
हल:
कार्बन का परमाणु द्रव्यमान = 12 u
1 मोल कार्बन परमाणुओं का द्रव्यमान = 12 g
अर्थात् 6.02 x 1023 परमाणुओं का द्रव्यमान = 12g
अतः एक C. परमाणु द्रव्यमान का = \(\frac{12}{6.02 \times 10^{23}}\)g
= 1.99 × 10-23g

प्रश्न 30.
5.75 g सोडियम में मोल संख्या ज्ञात कीजिये।
(सोडियम का परमाणु द्रव्यमान 23u)
हल:
1 मोल = परमाणु द्रव्यमान
23g सोडियम = 1 मोल सोडियम
5.75g सोडियम = \(\frac { 5.75 }{ 23 }\) मोल सोडियम
= 0.25 मोल सोडियम

प्रश्न 31.
2.3 g सोडियम में सोडियम परमाणुओं की संख्या कितनी होगी (सोडियम का परमाणु भार 23 )।
हल:
23g सोडियम में सोडियम परमाणु = 6.022 x 1023
2.3g सोडियम में सोडियम परमाणु
= \(\frac{6.022 \times 10^{23} \times 2.3}{23}\)
= 6.022 × 1022 Na परमाणु

प्रश्न 32.
0.585 ग्राम NaCl में Cl आयनों की संख्या कितनी है।
(NaCl का सूत्र भार = 58.5)
हल:
58.5g NaCl में उपस्थित है
= 6.02 × 1023 NaCl अणु
0.585g NaCl में उपस्थित हैं
= \(\frac{6.02 \times 10^{23} \times 0.585}{58.5}\)NaCl अणु
= 6.02 × 1021 NaCl अणु
एक अणु NaCl में उपस्थित है Cl आयन
6.02 x 1021 अणु NaCl में उपस्थित है
= 6.02 × 1021 Cl आयन

प्रश्न 33.
नाइट्रोजन व हाइड्रोजन के संयोग से बनी अमोनिया का अणुसूत्र ज्ञात करो।
हल:
नाइट्रोजन + हाइड्रोजन = आयतन
1 आयतन + 3 आयतन = 2 आयतन
अमोनिया आवोगाद्रो नियम से 1n अणु + 3n अणु = 2n अणु यदि n = 1 रखने पर,
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 20
\(\frac { 1 }{ 2 }\) अणु नाइट्रोजन = 1 नाइट्रोजन परमाणु
\(\frac { 3 }{ 2 }\) अणु हाइड्रोजन = \(\frac { 3 }{ 2 }\) x 2 = 3 हाइड्रोजन परमाणु
अतः अमोनिया का अणुसूत्र NH3 होगा।
या (NH3) x n का द्रव्यमान = 17 n
परन्तु अमोनिया का आण्विक द्रव्यमान = 17
n = \(\frac { 17 }{ 17 }\) = 1
अतः अमोनिया का अणुसूत्र NH3 होगा।

प्रश्न 34.
3.01 × 1022 NH3 अणुओं का द्रव्यमान बताइए ?
हल:
NH3 का मोलर द्रव्यमान = 14 + 3 = 17g/mol
6.02 × 1023 NH3 अणुओं का द्रव्यमान = 17g/mol
3.01 × 1022 NH3 अणुओं का = \(\frac{17 \times 3.01 \times 10^{22}}{602 \times 10^{23}}\)
= 8.5 × 10-1
= 0.85g/mol

प्रश्न 35.
2.31 x 10-6 कॉपर में परमाणुओं की कितनी संख्या होगी? कॉपर का परमाणु द्रव्यमान 63.5a.m.u है।
हल:
63.5g कॉपर 6.02 x 1023 कॉपर परमाणु
2.31 × 10-6g कॉपर = \(\frac{602 \times 10^{23} \times 2.31 \times 10^{-6}}{63.5}\) कॉपर परमाणु
= 0.219 × 1017
= 2.19 × 1016 कॉपर परमाणु

प्रश्न 36.
द्रव मर्करी का घनत्व 13.6 ग्राम / सेमी. है। एक लीटर धातु में मर्करी के कितने मोल उपस्थित हैं ?
हल:
मर्करी का द्रव्यमान = घनत्व x आयतन
= 13.6 × 1000 = 13600g
मर्करी की मोल संख्या
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 21
मर्करी की मोल संख्या = 68 मोल

प्रश्न 37.
निम्नलिखित का द्रव्यमान ग्राम में ज्ञात कीजिए –
(i) 2 ग्राम परमाणु Ca
(ii) 3N परमाणु He
(iii) \(\frac { 1 }{ 2 }\) मोल N2
(iv) 3N अणु O2
ग्राम परमाणु परमाणु भार
हल:
(i) 2 ग्राम परमाणु Ca
द्रव्यमान = ग्राम परमाणु x परमाणु भार
= 2 x 20
= 40 ग्राम

(ii) 3N परमाणु He
He के N परमाणु = ग्राम – परमाणु द्रव्यमान
He के 3N परमाणु = 3 x 4 = 12 ग्राम

(iii) \(\frac { 1 }{ 2 }\) मोल Na2
द्रव्यमान = ग्राम अणु x अणु – भार
= \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 28
= 14 ग्राम

(iv) 3N अणु O2
= O2 के N अणु = ग्राम – अणु द्रव्यमान = 32 ग्राम
O2 के 3N अणु = 3 × 32
= 96 ग्राम

प्रश्न 38.
4.9g H2SO4 में कितने g अणु होते हैं?
हल:
H2SO4 का आण्विक द्रव्यमान
= 2 × 1 + 32 + 16 × 4
= 2 + 32 + 64 = 98 g
98g H2SO4 में उपस्थित है = ग्राम मोल
4.9g H2SO4 में उपस्थित है = \(\frac { 1 }{ 98 }\) x 49 ग्राम मोल
= 0.05g ग्राम मोल
अर्थात् 0.05 ग्राम अणु

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ

प्रश्न 39.
सोडियम कार्बोनेट डेकाहाइड्रेट (NaCO3.10H2O) एक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक रसायन है। इसके सूत्र द्रव्यमान का परिकलन कीजिए।
हल:
Na2CO3. 10H2O का सूत्र द्रव्यमान
= [2 × 23 + 12 + 3 × 16 + 10 (2 × 1 + 16)]g
= [46 + 12 + 48 + 180] = 286g

प्रश्न 40.
निम्नलिखित के द्रव्यमान का परिकलन कीजिए.
(i) N के 1 मोल परमाणु
(ii) Al के 5 mol परमाणु
(iii) Na+ आयन के 5.0 मोल
(iv) NaOH के 10 mol
हल:
(i) N का परमाण्वीय द्रव्यमान = 14g
अतः N के मोल परमाणु का द्रव्यमान = 14g

(ii) Al के 5 mol परमाणु में द्रव्यमान
Al का परमाण्वीय द्रव्यमान = 27g
Al के 1 मोल परमाणु का द्रव्यमान = 27g
अत: Al के 5 मोल परमाणु = 27 x 5 = 135g

(iii) Na+ आयन के 5.0 mol का द्रव्यमान
Na+ आयन का परमाणु द्रव्यमान = 23g
Na+ आयन के 1 मोल का द्रव्यमान = 23g
अत: Na+ आयन के 5.0 मोल का द्रव्यमान = 23 x 5.0 = 115.0g

(iv) NaOH के 10 मोल का द्रव्यमान
NaOH का द्रव्यमान = 40g
NaOH के 1 मोल का द्रव्यमान = 40g
अत: NaOH के 10 मोल का द्रव्यमान
= 40 × 10g = 400g

प्रश्न 41.
निम्न को मोल में परिवर्तित करें।
(i) 12g SO2 गैस
(ii) 25g जल
(iii) 22g कार्बन डाई ऑक्साइड
हल:
(i) SO2 गैस का परमाणु भार = 32 + 32 = 64g
64g SO2 = 1 मोल SO2
12g SO2 = \(\frac { 12 }{ 64 }\) मोल SO2
= 0.1875 मोल SO2

(ii) 25g जल
जल (H2O) का अणु भार = 2 + 16 = 18g
18 ग्राम जल = 1 मोल जल
25 ग्राम जल = \(\frac { 25 }{ 44 }\) मोल जल
= 1.39 मोल जल

(iii) 22g कार्बन डाई ऑक्साइड
कार्बन डाई ऑक्साइड CO2 = 12 + 32 = 44g
44g CO2 = 1 मोल CO2
22g CO2 = \(\frac { 22 }{ 44 }\) मोल CO2
= \(\frac { 1 }{ 2 }\) = 0.5 मोल CO2

प्रश्न 42.
1.4g नाइट्रोजन गैस में उपस्थित कुल इलेक्ट्रॉनों की संख्या बताइए।
हल:
नाइट्रोजन गैस का मोलर द्रव्यमान
= 14 x 2 = 28g
28g नाइट्रोजन गैस में उपस्थित इलेक्ट्रॉन
= 14 मोल इलेक्ट्रॉन
1.4g नाइट्रोजन गैस में उपस्थित इलेक्ट्रॉन = \(\frac { 14×1.4 }{ 28 }\) मोल इलेक्ट्रॉन
= 0.7 मोल इलेक्ट्रॉन
= 0.7 × 6.02 × 1023 इलेक्ट्रॉन
= 4.214 1023 इलेक्ट्रॉन

प्रश्न 43.
3.42g सुक्रोज (C12H22O11) में उपस्थित प्रत्येक प्रकार के परमाणुओं की संख्या बताइये।
हल:
सुक्रोज (C12H22O11) का अणु भार
= 12 × 12 + 22 × 1 + 11 × 16
= 144 +22+ 176 = 342g
342g सुक्रोज में उपस्थित है = 6.02 x 1023 अणु
3.42g सुक्रोज में उपस्थित होंगे
= \(\frac{6.02 \times 3.42 \times 10^{23}}{342}\)अणु
= 6.02 × 1021 अणु
1 अणु सुक्रोज में है = 12 कार्बन परमाणु
6.02 x 1021 अणु सुक्रोज में उपस्थित होंगे
= 12 × 6.02 × 1021 कार्बन परमाणु
= 72.24 x 1021 कार्बन परमाणु
= 7.224 × 1022C परमाणु
1 अणु सुक्रोज में हैं = 22 हाइड्रोजन परमाणु
6.02 × 1021 अणु सुक्रोज में उपस्थित होंगे
= 22 × 6.02 × 1021
= 132.44 × 1021 हाइड्रोजन परमाणु
= 1.32 × 1023 H-परमाणु
1 अणु सुक्रोज में है = 11 ऑक्सीजन परमाणु
6.02 x 1021 अणु सुक्रोज में उपस्थित होंगे
= 11 × 6.02 × 1021 O-परमाणु
= 66.22 × 1021O-परमाणु
= 6.622 × 1022 O-परमाणु

प्रश्न 44.
1.21g ऐलुमिनियम ऑक्साइड (Al2O3) में उपस्थित एलुमिनियम आयन की संख्या बताइये।
हल:
Al2O3 का अणु भार
= 2 × 27 + 3 x 16 = 54 + 48
= 102 g/mol
102 g Al2O3 में उपस्थित है
= \(\frac{2 \times 1.21}{102}\) मोल एलुमिनियम आयन
= 0.024 मोल एलुमिनियम आयन
= 0.024 × 6.02 × 1023 एलुमिनियम आयन
= 0.144 × 1023 एलुमिनियम आयन
= 1.44 x 1022 एलुमिनियम आयन

प्रश्न 45.
कैल्सियम के कितने भार में परमाणुओं की संख्या 3.2g सल्फर में उपस्थित परमाणुओं की संख्या के बराबर होगी।
हल:
3.2g सल्फर में उपस्थित परमाणु
S का परमाणु भार = 32g
32g सल्फर में परमाणुओं की संख्या = 6.02 x 1023
3. 2g सल्फर में परमाणुओं की संख्या
= \(\frac{6.02 \times 3.2}{32}\) x 1023
= 6.02 × 1022
Ca के 6.02 x 1022 परमाणुओं का भार
Ca का परमाणु भार = 40g
6.02 × 1023 Ca-परमाणु का भार = 40g
6.02 × 10222 Ca-परमाणु का भार
= \(\frac{40 \times 6.02 \times 10^{22}}{602 \times 10^{23}}\)
= 4.0 g

प्रश्न 46.
SO2 के अणुओं की संख्या क्या होगी जिसमें 8.0g ऑक्सीजन उपस्थित हो।
हल:
SO2 का अणु भार = 32 + 2 × 16 = 64g
32 g ऑक्सीजन उपस्थित है = 64g SO2 में
8.0 g ऑक्सीजन उपस्थित होगी = \(\frac{64 \times 8 \cdot 0}{32}\)
= 16g SO2 में
64g SO2 में उपस्थित है
= 6.02 × 1023 अणु
16g SO2 में उपस्थित होगी
= \(\frac{6.02 \times 16}{64}\) x 1023 अणु
= 1.505 x 1023 अणु

प्रश्न 47.
200 mg H2S में से 1021 अणु हटा दिये गये हैं। बताइये कि H2S के कितने मोल शेष बचे।
हल:
H2S का अणु भार = 2 + 32 = 34g
34g H2S में अणुओं की संख्या = 6.02 × 1023
200 × 10-3g H2S में अणुओं की संख्या 6
= \(\frac{6.02 \times 10^{23} \times 200 \times 10^{-3}}{34}\)
= 35.41 × 1020
= 3.54 x 1021 अणु
इसमें से हटाये गये अणुओं की संख्या 1021
बचे अणुओं की संख्या = 3.54 x 1021 – 11.00 × 1021
= 2.54 x 1021 अणु
6.02 × 1023 H2S अणु उपस्थित है
= 1 मोल H2S में
2.54 × 1021 H2S अणु उपस्थित है।
= \(\frac{2.54 \times 10^{21}}{6.02 \times 10^{23}}\) मोल H2S में
= 0.42 × 10-2 मोल H2S
= 4.2 x 10-3 मोल H2S

प्रश्न 48.
1 मिली जल में उपस्थित अणुओं की संख्या क्या होगी ?
(यदि जल का घनत्व 1 ग्राम / मिली)
हल:
मिली जल का द्रव्यमान 1 x 1 = 1 ग्राम
1 मिली जल में मोलों की संख्या = \(\frac { 1 }{ 18 }\) मोल
अणुओं की संख्या = \(\frac { 1 }{ 18 }\)6.02 × 1023
= 3.34 x 1022 अणु

प्रश्न 49.
शरीर में पाये जाने वाले हार्मोन इन्सुलिन में 3.2% सल्फर पाया जाता है। इसका न्यूनतम अणुभार ज्ञात करो।
हल:
इन्सुलिन में न्यूनतम सल्फर परमाणु हो सकता है।
(सल्फर का परमाणु भार = 32g)
3.2% सल्फर से तात्पर्य है कि 100g इन्सुलिन में 3.2g सल्फर उपस्थित है।
3.2g ग्राम सल्फर उपस्थित है = 100 ग्राम इन्सुलिन में = 1000 ग्राम इन्सुलिन में
अतः इन्सुलिन का न्यूनतम अणु भार = 1000g

प्रश्न 50.
शरीर के रक्त में उपस्थित हीमोग्लोबिन का अणु भार 89600 है। इसमें 0.25% (भारानुसार) आयरन होता है। हीमोग्लोबिन के एक अणु में आयरन परमाणुओं की संख्या ज्ञात करो।
हल:
0.25% के अनुसार,
100 ग्राम हीमोग्लोबिन में Fe की मात्रा = 0.25g
89600 ग्राम में उपस्थित Fe की मात्रा
= \(\frac { 0.25 }{ 100 }\) × 89600 = 224 ग्राम Fe
1 मोल हीमोग्लोबिन में 224 ग्राम Fe उपस्थित है अर्थात् \(\frac { 224 }{ 56 }\) = 4 ग्राम-परमाणु Fe उपस्थित है।
अतः 1 अणु हीमोग्लोबिन में Fe के परमाणुओं की संख्या = 4 परमाणु Fe

प्रश्न 51.
किसी तत्व के 3 x 1023 परमाणुओं का भार 66 ग्राम है। तत्व का परमाणु भार ज्ञात करें।
हल:
3 x 1023 परमाणुओं का भार = 66 ग्राम
6.02 × 1023 परमाणुओं का भार = \(\frac{66 \times 6.02 \times 10^{23}}{3 \times 10^{23}}\)ग्राम
तत्व का परमाणु भार 132-44 ग्राम है।

प्रश्न 52.
किसी गैस का 1 ग्राम N. T.P. पर 1400 मिली आयतन घेरता है। गैस का अणु भार क्या है? N. T. P. पर, 1 मिली. गैस में कितने अणु हैं?
हल :
1400 मिली गैस का भार = 1 ग्राम
N.T.P. पर 22400 मिली गैस का भार = \(\frac { 22400 }{ 1400 }\) ग्राम = 16 ग्राम
गैस का अणु भार = 16 ग्राम
N.T.P. पर 22400 मिली. गैस में अणुओं की संख्या = 6.02 x 1023 अणु
अतः 1 मिली. गैस में अणुओं की संख्या
= \(\frac{6.02 \times 10^{23}}{22400}\)
= 2.688 ×1019 अणु

प्रश्न 53.
61g ऑक्सीजन के द्वारा N. T.P. पर ग्रहण करने वाला आयतन क्या होगा?
हल:
ऑक्सीजन (O2) गैस का भार = 16 x 2 = 32g
328 ऑक्सीजन का N. T. P. पर आयतन = 22.4 ली.
16g ऑक्सीजन का N. T. P. पर आयतन
= \(\frac { 22.4×16 }{ 32 }\)
= 11.2 ली.

प्रश्न 54.
110g कॉपर सल्फेट (CuSO4) से कितना कॉपर प्राप्त होता है ?
हल:
CuSO4 का अणु भार = 63.5 + 32 + 4 × 16
= 159.5 g
159.5 g CuSO4 में Cu का द्रव्यमान = 63.5 g
110g CuSO4 में Cu का द्रव्यमान
= \(\frac{63.5 \times 110}{159 \cdot 5}\)
= 43.79 g

प्रश्न 55.
कैल्सियम क्लोराइड के अशुद्ध नमूने का अध्ययन करने पर क्लोरीन का प्रतिशत 45.5 पाया गया। इस नमूने में शुद्ध कैल्सियम क्लोराइड का प्रतिशत कितना होगा।
हल:
शुद्ध कैल्सियम क्लोराइड (CaCl2) का अणु भार
= Ca का परमाणु भार + 2Cl
का परमाणु भार
=40 + 2 × 35.5
= 40 + 71 = 111g
शुद्ध CaCl2 में क्लोरीन की प्रतिशत मात्रा
= \(\frac{71 \times 100}{111}\)
= 63.96 %
यदि क्लोरीन का 63.96 भाग है तो CaCl2 है = 100 भाग
यदि क्लोरीन का 45.5 भाग है तो CaCl2 है
= \(\frac{100 \times 45.5}{63.96}\)
= 71.14%
अतः शुद्ध CaCl की प्रतिशतता = 71.14%

प्रश्न 56.
KClO3 में उपस्थित KCl व ऑक्सीजन तत्वों की % मात्राएँ ज्ञात कीजिए।
हल:
KClO3 का मोलर द्रव्यमान = 39 + 35.5 + 3 x 16 = 122.5
K की प्रतिशत मात्रा = \(\frac{39 \times 100}{122.5}\) = 31.83 %
Cl की प्रतिशत मात्रा = \(\frac{35 \cdot 5}{122 \cdot 5}\) x 100 = 28.97 %
O की प्रतिशत मात्रा = \(\frac { 48 }{ 122.5 }\) x 100 = 39.20 %

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ

प्रश्न 57.
एक यौगिक में Na, S, H व ऑक्सीजन तत्व उपस्थित हैं। इन तत्वों की % मात्राएँ क्रमशः 14 28%, 9.92%, 96.20% व 69-60% हैं। यौगिक का अणुसूत्र ज्ञात कीजिए। यौगिक में उपस्थित सभी हाइड्रोजन परमाणु H2O के रूप में स्थित हैं। क्रिस्टलीय यौगिक का सूत्र ज्ञात कीजिए, यदि इसका मोलर द्रव्यमान 322g हो।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 22
अतः यौगिक का मूलानुपाती सूत्र Na2SH20O14

मूलानुपाती सूत्र द्रव्यमान
= 23 × 2 + 32 + 20 + 14 x 16
= 46 + 32 + 20 + 224
= 322 g

यौगिक का मोलर द्रव्यमान = 322 g
मोलर द्रव्यमान = 322 g
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 23
यौगिक का अणु सूत्र Na2SH20O14, क्रिस्टलीय यौगिक का सूत्र Na2SO4.10H2O

प्रश्न 58.
एक कार्बनिक यौगिक का रासायनिक विश्लेषण करने पर C, H और ऑक्सीजन तत्वों की उपस्थिति पायी गयी। कार्बन व H की % मात्राएँ क्रमश: 40% तथा 6.67% प्राप्त हुईं। यदि यौगिक का मोलर द्रव्यमान 180g हो तो यौगिक का अणुसूत्र ज्ञात कीजिए।
हल:
यौगिक का मूलानुपाती सूत्र निम्न प्रकार ज्ञात करते हैं-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 24

प्रश्न 59.
धावन सोडे (Na2CO3. 10H2O) के शुद्ध नमूने में क्रिस्टलन जल की प्रतिशतता ज्ञात कीजिए ।
हल:
धावन सोडे (Na2CO3. 10H2O) का अणु भार
= 2 × Na का परमाणु भार + C का परमाणु भार + 3 x O का परमाणु भार + 10 x H2O का अणु भार
= 2 × 23 + 12 + 3 × 16 + 10 × 18
= 46+ 12 +48 + 180 = 286g
286g धावन सोडे के शुद्ध नमूने में जल = 180g
100g धावन सोडे के शुद्ध नमूने में जल = \(\frac { 180×100 }{ 286 }\)
= 62.94%

प्रश्न 60.
एक यौगिक का संघटन निम्न प्रकार से है.
C = 34·6%, H = 3 · 85% तथा O = 61.55% इस यौगिक का मूलानुपाती सूत्र ज्ञात कीजिए-
हल:

तत्व प्रतिशतता परमाणु द्रव्यमान आपेक्षिक संख्या सरलतम परमाणु संख्या सरलतम पूर्ण अनुपात
C 34.6 12 \(\frac { 34.6 }{ 12 }\) = 2.88 \(\frac { 2.88 }{ 2.88 }\) = 1 1
H 3.85 1 \(\frac { 3.85 }{ 1 }\) = 38.5 \(\frac { 3.85 }{ 2.88 }\) = 1.33 2
O 61.55 16 \(\frac { 61.55 }{ 16 }\) = 3.85 \(\frac { 3.85 }{ 2.88 }\) = 1.33 2

यौगिक का मूलानुपाती सूत्र CH2O2.

प्रश्न 61.
रासायनिक विश्लेषण से ज्ञात हुआ कि किसी यौगिक में 10 ग्राम आयरन क्लोराइड में 3.438 ग्राम आयरन और 6.560 ग्राम क्लोरीन है। आयरन क्लोराइड का मूलानुपाती सूत्र निकालिये।
हल:
आयरन क्लोराइड में आयरन की प्रतिशतता = \(\frac{3.438 \times 100}{10}\) = 34.38%
आयरन क्लोराइड में क्लोरीन की प्रतिशतता = \(\frac{6.560 \times 100}{10}\) = 65.6%

तत्व प्रतिशतता परमाणु द्रव्यमान आपेक्षिक संख्या सरलतम परमाणु संख्या सरलतम पूर्ण अनुपात
Fe 34.38 55.8 \(\frac { 34.38 }{ 55.8 }\) = 0.616 \(\frac { 0.616 }{ 0.616 }\) = 1 1
Cl 65.6 35.5 \(\frac { 65.6 }{ 35.5 }\) = 1.848 \(\frac { 1.848 }{ 0.616 }\) = 3 3

मूलानुपाती सूत्र – FeCl3

प्रश्न 62.
एक C, H एवं N युक्त यौगिक में तत्वों का भार सम्बन्धी अनुपात 9:1: 3.5 है। यदि यौगिक का वाष्प घनत्व 54 हो तो अणुसूत्र ज्ञात कीजिए।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 25

प्रश्न 63.
एक यौगिक का विश्लेषण करने पर प्रतिशत रचना निम्न प्रकार है।
C = 54.5%, H = 9.9%, O = 36.41%
यदि इस यौगिक का वाष्प घनत्व 44.1 हो तो अणुसूत्र निकालिए।
हल:

तत्व प्रतिशतता परमाणु द्रव्यमान आपेक्षिक संख्या सरलतम परमाणु संख्या सरलतम पूर्ण अनुपात
C 54.5 12 \(\frac {45.6 }{ 12 }\) = 4.5411 \(\frac { 4.541 }{ 2.275 }\) = 2 2
H 9.9 1 \(\frac { 99 }{ 1 }\) = 99 \(\frac { 9.9 }{ 2.275 }\) = 4 4
O 36.41 16 \(\frac { 36.41 }{ 16 }\) = 2.275 \(\frac { 2.275 }{ 2.275 }\) = 1 1

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 26

प्रश्न 64.
5.325 ग्राम कार्बनिक यौगिक का अध्ययन करने पर पाया गया कि उसमें 3.758 ग्राम कार्बन, 0.316 ग्राम हाइड्रोजन तथा 1.251 ग्राम ऑक्सीजन है। इस यौगिक का मूलानुपाती सूत्र व अणुसूत्र ज्ञात करो यदि इसका वाष्प घनत्व 68 हो।
हल:
यौगिक का द्रव्यमान = 5.325
ग्राम कार्बन का द्रव्यमान = 3.758 ग्राम
हाइड्रोजन का द्रव्यमान = 0.316 ग्राम
ऑक्सीजन का द्रव्यमान = 1.251 ग्राम
कार्बन की प्रतिशतता = \(\frac { 3.758 }{ 5.325 }\) × 100 = 70.57%
हाइड्रोजन की प्रतिशतता = \(\frac { 0.316 }{ 5.325 }\) = 5.93%
ऑक्सीजन की प्रतिशतता = \(\frac { 1.251 }{ 5.325 }\) x 100 = 23.50%

तत्व प्रतिशतता परमाणु द्रव्यमान आपेक्षिक संख्या सरलतम परमाणु संख्या सरलतम पूर्ण अनुपात
C 70.57 12 70.57/ 12 = 5.88 \(\frac { 5.88 }{ 1.47 }\) = 4 4
H 5.93 1 5.93/1 = 5.93 \(\frac { 5.93 }{ 1.47 }\) = 4 4
O 23.50 16 23.50/16 = 1.47 \(\frac { 1.47 }{ 1.47 }\) = 1 1

यौगिक का मूलानुपाती सूत्र = CHO
मूलानुपाती सूत्र का अणुभार = (4 x 12) + (4 × 1) + 16 = 68
यौगिक का अणुभार = 2 x वाष्प घनत्व = 2 × 68 = 136
यौगिक का अणुसूत्र = (मूलानुपाती सूत्र)n
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 27

प्रश्न 65.
50g नाइट्रोजन और 8g हाइड्रोजन को मिला कर NH3(g) प्राप्त की गई है। सीमान्त अभिकर्मक कौन सा है? बनी हुई NH3 की मात्रा की गणना कीजिए।
हल:
अभिक्रिया की संतुलित समीकरण निम्न है-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 28
समीकरण के अनुसार,
1.786 मोल N2 से क्रिया करने वाले H2 के मोलों की संख्या
= \(\frac { 3 }{ 1 }\) × 1.786 = 5.358 मोल
परन्तु H2 के उपस्थित मोल = 4
इसलिये सम्पूर्ण H2(g) अभिक्रिया में भाग लेगी अतः H2 सीमान्त अभिकर्मक है।
बनने वाली NH3
3 मोल H2 से बनी NH3 = 2 मोल
4 मोल H2 से बनी अमोनिया = \(\frac { 2 }{ 3 }\) × 4 मोल = 2.66 मोल
2.66 मोल = 2.66 × 17 = 45.22g

प्रश्न 66.
3.0g H2 व 30.0g O2 क्रिया करके जल बनाती है। इसमें सीमान्त अभिकर्मक क्या है? बनने वाले जल की मात्रा क्या होगी? एवं इसमें उस अभिकर्मक की मात्रा ज्ञात करें जो कि अनाभिकृत रह जाता है।
हल:
अभिक्रिया निम्न प्रकार होगी –
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 29
सीमान्त अभिकर्मक के लिये,
4g H2 क्रिया करती है = 32g O2 से
3g H2 क्रिया करेगी = \(\frac { 32×3 }{ 4 }\)
= 24g O2 से
परन्तु प्रश्न के अनुसार 30g O2 है अर्थात् O2 की मात्रा अधिक है।
यहाँ सीमान्त अभिकर्मक H2 है।
4g H2 से बनता है = 36g H2O
3g H2 से बनेगा = \(\frac { 36×3 }{ 4 }\)g H2O
= 27g H2O
चूँकि हम जानते हैं कि 3g H, क्रिया करती है 24g ऑक्सीजन से परन्तु प्रश्न के अनुसार 30g ऑक्सीजन है।
अत: O की शेष मात्रा 30 – 24 = 6g

प्रश्न 67.
1.0g Mg का एक बंद पात्र में दहन किया जाता है, जिसमें 0.5 g O2 उपस्थित है। सीमान्त अभिकर्मक क्या है ? तथा MgO अभिक्रिया में कितनी मात्रा में बनता है।
हल:
सन्तुलित अभिक्रिया निम्न प्रकार है.
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 30
सीमान्त अभिकर्मक का निर्धारण
48g Mg क्रिया करता है = 32 g O2 से
1g Mg क्रिया करता है = \(\frac { 32 }{ 48 }\) = 0.67g O2 से
परन्तु प्रश्नानुसार O2 की मात्रा = 0.5g
चूँकि उपलब्ध O2, आवश्यकता से कम है, अतः O2 एक सीमान्त अभिकर्मक है।
MgO की मात्रा का निर्धारण
32 g O2 मैग्नीशियम से क्रिया करके बनाती है = 80g MgO
∴ 0.5 g O2 मैग्नीशियम से क्रिया करके बनाती है।
= \(\frac { 80×0.5 }{ 32 }\)
= 1.25g MgO

प्रश्न 68.
एक लवण का अणुभार 40g mol-1 है। लवण की 4 ग्राम मात्रा 250 ग्राम जल में घोली गयी है, विलयन की मोललता बताएँ।
हल:
विलेय का अणुभार ‘MB‘ = 40g mol-1
विलेय का भार ‘WB‘ = 4 g
विलायक का भार ‘WA‘ = 250 g
मोललता (m) = \(\frac{\mathrm{W}_{\mathrm{B}} \times 1000}{\mathrm{M}_{\mathrm{B}} \times \mathrm{W}_{\mathrm{A}}}\)
= \(\frac{4 \times 1000}{40 \times 250}\)
= 0.4 मोल/ किग्रा.

प्रश्न 69.
यदि 10g ऑक्सेलिक अम्ल को 500ml विलयन (घनत्व = 1.1 g ml-1) में घोला जाए तो विलयन में ऑक्सलिक अम्ल का द्रव्यमान प्रतिशत क्या होगा?
हल:
विलेय का भार ‘WB‘ = 10 g
विलेय का घनत्व ‘d’ = 1.1 g/ml
विलयन का द्रव्यमान = आयतन x घनत्व = 500 x 1.1 = 550 g
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 31

प्रश्न 70.
सल्फ्यूरिक अम्ल के 49% (भार प्रतिशत) विलयन का घनत्व 1.109 ग्राम / मिली है विलयन की मोललता एवं मोलरता ज्ञात कीजिए।
हल:
49% (भार प्रतिशत) का अर्थ है कि 49 ग्राम विलेय 100 ग्राम विलयन में उपस्थित है।
विलेय का भार ‘WB‘ = 49g
विलायक का भार ‘WB‘ = 100 – 49 = 51 g
विलेय का अणुभार ‘MB‘ = 98g mol-1 (सल्फ्यूरिक अम्ल )
मोलरता
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 32

प्रश्न 71.
80 ग्राम जल तथा 90 ग्राम मेथिल ऐल्कोहॉल के मिश्रण में दोनों के मोल प्रभाज ज्ञात कीजिए।
हल:
जल का भार ‘WA‘ = 80g
जल का अणुभार ‘MA‘ = 18 g/mol
मैथिल ऐल्कोहॉल का भार ‘WB‘ = 90g
मेथिल ऐल्कोहॉल का अणुभार ‘MB‘ = 32g/mol
मेथिल ऐल्कोहॉल के मोल प्रभाज
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 33

प्रश्न 72.
सुक्रोज के विलयन का भार 214.2g है। इसमें 34.2g सुक्रोज घुला हुआ है। सुक्रोज की मोललता की गणना कीजिए।
हल:
सुक्रोज का भार ‘WB‘ = 34.2 g
जल का भार ‘WA‘ = विलयन का भार – विलेय का भार
= 214.2 – 34.2 = 180 g
सुक्रोज (C12H22O11) का मोलर द्रव्यमान
= 12 × 12 + 1 x 22 + 16 × 11
= 342g/mol
मोललता (‘m’) = \(\frac{\mathrm{W}_{\mathrm{B}} \times 1000}{\mathrm{M}_{\mathrm{B}} \times \mathrm{W}_{\mathrm{A}}}\)
= \(\frac{34.2 \times 1000}{342 \times 180}\)
= 0.55 m

प्रश्न 73.
5.85g सोडियम क्लोराइड को 500g जल में विलेय किया गया। प्राप्त विलयन की मोललता बताएँ।
हल:
विलेय का भार ‘WB‘ = 5.85g
विलेय का अणुभार ‘MB‘ = 2335.5
= 58.5g/mol
विलायक का भार ‘WA‘ = 500g
मोललता (m) = \(\frac{\mathrm{W}_{\mathrm{B}} \times 1000}{\mathrm{M}_{\mathrm{B}} \times \mathrm{W}_{\mathrm{A}}}\)
= \(\frac{5.85 \times 1000}{58.5 \times 500}\)
= 0.2 mol/kg

प्रश्न 74.
एथिलीन ग्लाइकॉल (C2H6O2) के मोल प्रभाज की गणना करो यदि विलयन में C2H6O2 का 20% द्रव्यमान उपस्थित हो।
हल:
20% C2H6O2 का मतलब है कि,
20g C2H6O2 100g विलयन में उपस्थित है।
अतः विलेय का भार WB = 20g
विलायक का भार WA = 100 – 20 = 80g
विलेय का मोलर द्रव्यमान MB
= 2 × 12 + 6 × 1 + 2 × 16 = 62g/mol
विलायक का मोलर द्रव्यमान
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 34
जल का मोल प्रभाज. = 1 – x(माइकल)
= 1 – 0.068 = 0.932
उत्तर-ग्लाइकॉल का मोल प्रभाज = 0.068
जल का मोल प्रभाज = 0.932

प्रश्न 75.
उस विलयन की मोलरता की गणना कीजिए। जिसमें 5g NaOH 450ml विलयन में घुला हुआ है।
हल:
विलेय का भार WB = 5g
विलेय का मोलर द्रव्यमान = MB = 40g/mol
विलयन का आयतन V = 450ml
मोलरता M = ?
M = \(\frac{W_B \times 1000}{40 \times 450}\)
= \(\frac{5 \times 1000}{40 \times 450}\)
= 0.278 mol/L
उत्तर. दिये गये विलयन की मोलरता 0.278 mol/ L है।

प्रश्न 76.
निम्नलिखित अभिक्रिया के लिए रासायनिक समीकरण लिखिए तथा इसे जाँच तथा भूल विधि द्वारा सन्तुलित कीजिए-
मैग्नीशियम नाइट्राइड + जल → मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड + अमोनिया
हल:
अभिक्रिया के लिए रासायनिक समीकरण निम्नवत् है
Mg3N2 + H2O → Mg(OH)2 + NH3
समीकरण को निम्नलिखित पदों में सन्तुलित किया जा सकता है
(i) Mg परमाणुओं को सन्तुलित करना
Mg3N2 + H2O → 3Mg(OH)2 + NH3

(ii) N परमाणुओं को सन्तुलित करना
Mg3N2 + H2O → 3Mg(OH)2 + 2NH3

(iii) O परमाणुओं को सन्तुलित करना
Mg3N2 + 6H2O → 3Mg(OH)2 + 2NH3
जाँच करने पर ज्ञात होता है कि H परमाणु पहले से ही सन्तुलित है अतः पूर्णतया सन्तुलित समीकरण निम्नवत् है-
Mg3N2 + 6H2O → 3Mg(OH)2 + 2NH3

प्रश्न 77.
100 किलो 90 प्रतिशत शुद्ध चूने के पत्थर (CaCO3) को गर्म करने पर प्राप्त CaO का द्रव्यमान ज्ञात करो ?
हल:
CaCO3 → CaO + CO2
CaCO3 का मोलर द्रव्यमान = 100g
90 प्रतिशत शुद्धता = 100kg CaCO3 में 90 kg शुद्ध CaCO3 उपस्थित है।
100kg CaCO3 में शुद्ध पदार्थ = 90kg
अभिक्रिया के अनुसार,
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 35
अतः समीकरण के अनुसार
100g CaCO3 से CaO बनता है = 56g
या 100kg CaCO3 से CaO बनेगा = 56kg
अत: 90kg CaCO3 से CaO बनेगा = \(\frac { 56 }{ 100 }\) x 90
= 50.4 kg

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 14 पर्यावरणीय रसायन

Haryana State Board HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 14 पर्यावरणीय रसायन Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 14 पर्यावरणीय रसायन

बहुविकल्पीय प्रश्न:

1. निम्न में से वायु प्रदूषण का प्राकृतिक स्रोत है-
(1) मोटर वाहन
(2) जंगल की आग
(2) खनन कार्य
(4) युद्ध।
उत्तर:
(2) जंगल की आग

2. निम्न में से ग्रीन हाउस गैस नहीं है-
(1) कार्बन डाइ-ऑक्साइड
(2) मेथेन
(3) फॉस्जीन
(4) नाइट्रस ऑक्साइड।
उत्तर:
(3) फॉस्जीन

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 14 पर्यावरणीय रसायन

3. ओजोन परत के अपक्षय से सम्बन्धित निम्न में से कौन-सा प्रभाव सही नहीं है?
(1) त्वचा कैंसर होना
(2) पेड़-पौधों में प्रकाश-संश्लेषण की दर में वृद्धि
(3) ध्रुवीय बर्फ का पिघलना
(4) आनुवंशिक लक्षणों में परिवर्तन।
उत्तर:
(4) आनुवंशिक लक्षणों में परिवर्तन।

4. प्राकृतिक वायु में ऑक्सीजन की मात्रा-
(1) कार्बन डाइ-ऑक्साइड से कम परन्तु नाइट्रोजन से अधिक होती है
(2) मेथेन से अधिक परन्तु हाइड्रोजन से कम होती है
(3) जल वाष्प से कम परन्तु आर्गन से अधिक होती है
(4) हीलियम और आर्गन से अधिक परन्तु नाइट्रोजन से कम होती है।
उत्तर:
(4) हीलियम और आर्गन से अधिक परन्तु नाइट्रोजन से कम होती है।

5. निम्न में से जल का सर्वाधिक शुद्ध स्रोत है-
(1) तालाब का जल
(2) झरने का जल
(3) नदी का जल
(4) पर्वतों पर जमी बर्फ।
उत्तर:
(4) पर्वतों पर जमी बर्फ।

6. औद्योगिक बहि: स्राव से प्रभावित होंगे-
(1) भूमि, जल स्रोत तथा वायु
(2) भूमि तथा जल स्रोत
(3) जल स्रोत तथा वायु
(4) वायु तथा भूमि।
उत्तर:
(1) भूमि, जल स्रोत तथा वायु

7. वायुमण्डल के कौन-से भाग में मौसमी परिवर्तन होते हैं ?
(1) क्षोभमण्डल
(2) समतापमण्डल
(3) आयनमण्डल
(4) मध्यमण्डल।
उत्तर:
(1) क्षोभमण्डल

8. एक मनुष्य 24 घण्टे में कितनी बार साँस लेता है?
(1) 2200 बार लगभग
(2) 22,000 बार लगभग
(3) 12000 बार लगभग
(4) 28,0000 बार लगभग।
उत्तर:
(2) 22,000 बार लगभग

9. किस गैस की उपस्थिति में हीमोग्लोबिन की ऑक्सीजन वहन क्षमता की कमी हो जाती है ?
(1) SO2
(2) NO2
(3) CO
(4) इनमें से सभी।
उत्तर:
(3) CO

10. प्रकाश रासायनिक कोहरे का मुख्य अवयव कौन-सा है ?
(1) NO
(2) N2
(3) O2
(4) इनमें से सभी।
उत्तर:
(1) NO

11. आँखों में जलन मुख्यतया इस गैस की वजह से होती है-
(1) HCN
(2) COCl2
(3) NH3
(4) H2
उत्तर:
(4) H2

12. ओजोन परत में क्षरण का कारण है-
(1) CFCs का प्रयोग
(2) क्लोरोफॉर्म का प्रयोग
(3) हैलोजेन का प्रयोग
(4) इनमें से सभी।
उत्तर:
(4) इनमें से सभी।

13. निम्न में से कौन-सी गैस तीव्रता से हीमोग्लोबिन से संयोग करती है ?
(1) CO
(2) CO2
(3) NO
(4) NO2
उत्तर:
(1) CO

14. ओजोन परत पृथ्वीवासियों को संरक्षित करती है-
(1) UV किरणों से
(2) IR किरणों से
(3) कॉस्मिक किरणों से
(4) लेसर किरणों से।
उत्तर:
(1) UV किरणों से

15. वायु प्रदूषण कम किया जा सकता है-
(1) जल छिड़ककर
(2) यूरो मानक के वाहनों का प्रयोग करके
(3) हरे पेड़ लगाकर
(4) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(4) उपर्युक्त सभी।

16. मार्बल उद्योग को प्रमुख सिंक (Sink) माना गया है।
(1) अम्ल वर्षा का
(2) भूकम्प का
(3) धात्विक प्रदूषण का
(4) चक्रवात का।
उत्तर:
(1) अम्ल वर्षा का

17. सबसे अधिक प्रदूषण उत्पन्न करती है-
(1) CH4
(2) C2H6
(3) C3H8
(4) C4H10
उत्तर:
(1) CH4

18. पर्यावरण के क्षेत्र में सन् 2005 में नोबेल पुरस्कार विजेता घोषित किया गया-
(1) येज चाउविन
(2) आर. एच. ग्रुब्स
(3) आर. आर. श्रोक
(4) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(4) उपर्युक्त सभी।

अति लयु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
पर्याबरण शब्द का अर्थ क्या है ?
उत्तर:
पर्यावरण दो शब्द्धों से मिलकर बना है-परि + आवरण। परि का अर्थ है-चारों और से एवं आवरण का अर्थ है घेरना। अर्थात् पर्यावरण शब्द का अर्थ है-चार्यों ओर से घेरना।

प्रश्न 2.
पर्यांवरण के मुख्य दो प्रकार कौन-से हैं ?
उत्तर:
पर्यावरण मुख्यतया दो प्रकार के होते है-

  • भौतिक पर्यावरण,
  • जैविक पर्यावरण।

प्रश्न 3.
प्राकृतिक वायु में कौन-सी गैसें पायी जाती हैं ?
उत्तर:
प्राकृतिक बायु में नाइट्रोजन (78%), औक्सीजन (21%), कार्बन डाह-ऊँक्साइड (0.3%) तथा शेष निष्किय गैसें पायी जाती हैं।

प्रश्न 4.
जल प्रदूषण करने चाले पदार्थौ को किन चार भागों में बाँटा जा सकता है ?
उत्तर:
जल प्रदृषण करने बाले पदार्थों को निम्नलिखित चार भागों में बाँटा जा सकता है-

  • औदोगिक पदार्थ,
  • वाहित मल,
  • मृत शरीर एवं जीव,
  • खनन एवं परिवहन।

प्रश्न 5.
प्रदूषण की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
वायु, जल तथा भूमि में उन अवांछित और अत्यधिक पदायों का इकट्डा हो जाना जिनसे प्राकृतिक पर्यावरण में प्रतिकूल परिवर्तन आ जाते हैं, प्रदूषण कहलाता है।

प्रश्न 6.
प्रदूघण किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह पदार्थ या कारक जिसके कारण वायु, भूमि तथा जल के भौतिक, रासायनिक तथा औैविक लक्षणों में अवांछित परिवर्तन हो, प्रदूषण कहलाता है।

प्रश्न 7.
ओजोन अवक्षय के हानिकारक प्रभाव क्या होते हैं?
उत्तर:
ओजोन परत के छास से सूर्य की पराबँंगनी किरणों ( विकिरण) के अधिक मात्रा में पृथ्वी पर पहुँचने से औँखों तथा प्रतिरकी तन्त्र को क्षति होती है। इनके अतिरिक्त त्वबा का कैसर भी ओजोन अवक्षय का दुष्परिणाम है।

प्रश्न 8.
पेयजल के तीन लक्षण लिखिए।
उत्तर:

  • पेयजल पारदर्शी, रंगहीन तथा गन्धहीन होना चाहिए।
  • पेयजल में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन गैस घुली होनी चाहिए।
  • पेयजल हानिकारक रासायनों तथा जीवाणुओं से मुक्त होना चाहिए।

प्रश्न 9.
ओजोन परत को कौन-से रसायन नष्ट करते हैं ?
उत्तर:
मुख्यतः वातानुकूलित यन्त्रों, अग्निशामकों, विलायकों आदि के रूप में प्रयुक्त होने वाले रसायन जैसे-क्लोरो-फ्लुओरो कार्बन, हैलोजेन, क्लोरोफॉर्म, NO आदि रसायन ओजोन परत को नष्ट करते हैं।

प्रश्न 10.
स्मॉग किन अवयवों से मिलकर बनता है ?
उत्तर:
स्मॉंग मुख्यतया धुआँ (Smoke) और कोहरा (Fog) का सम्मिलित रूप है।

प्रश्न 11.
अम्ल वर्षा के लिए कौन-से वायु प्रदूषक उत्तरदायी होते हैं?
उत्तर:
अम्ल वर्षा के लिए मुख्यतया कार्बन, नाइट्रोजन एवं सल्फर के ऑक्साइड जो कि वायुमण्डल में पाए जाते हैं, उत्तरदायी होते हैं।

प्रश्न 12.
मुख्य औद्योगिक वायु प्रदूषक कौन से हैं?
उत्तर:
उद्योगों से निकलने वाले धुएँ में मुख्यतया कार्बन मोनोक्साइड, सल्फर डाइ ऑक्साइड, नाइट्रोजन के ऑक्साइड, वायु प्रदूषक के रूप में पाए जाते हैं।

प्रश्न 13.
दो गैसों के नाम लिखिए, जिनकी वायु में उपस्थिति ग्रीन हाउस प्रभाव देती है?
उत्तर:
CH2 एवं CO2

प्रश्न 14.
क्षोभमण्डल में पाई जाने वाली दो मुख्य गैसों के नाम लिखिए।
उत्तर:
नाइट्रोजन एवं ऑक्सीजन।

प्रश्न 15.
पृथ्वी के वायुमण्डल को कितने भागों में बाँटा जा सकता है? उनके नाम भी लिखिए।
उत्तर:
पृथ्वी के वायुमण्डल को मुख्यतः चार भागों में बाँटा जा सकता है-

  • ओभमण्डल
  • समतापमण्डल
  • मध्यमण्डल
  • आयनमण्डल

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 14 पर्यावरणीय रसायन

प्रश्न 16.
वायु प्रदूषण के कारण कौन-कौन सी बीमारी हो जाती है?
उत्तर:
वायु प्रदूषण के कारण श्वसन नली एवं फेफड़ों में जलन, छती में जकड़न, गले की खराश, टी.बी., अस्थमा आदि बीमारियाँ जन्म होती हैं।

प्रश्न 17.
पेट्टोल के दहन से निकला हुआ धुआँ खतरनाक होता है, क्यों ?
उत्तर:
पेट्रोल के दहन से निकलने वाले धुएँ में उपस्थित सीसे के कण लकवा, दमा, हड्डियों को गलाना एवं मस्तिष्क रोग सम्बन्धी बीमारियों का कारण होते है, इसलिए पेट्रोल से निकला धुआँ खतरनाक होता है।

प्रश्न 18.
रासायनिक दृष्टि से पूर्णतः शुद्ध जल में क्या छ्केता है?
उत्तर:
रासायनिक दृष्टि से पूर्णंतः शुद्ध जल में दो भाग हाइड्रोजन एवं एक भाग और्सीजन होती है।

प्रश्न 19.
राजस्थान में दो स्थान जहाँ कपड़ा रंगाई उद्योग के कारण वहाँ का भूमिगत जल भी रंगीन हो गया है, कौन से हैं ?
उत्तर:
पाली एवं बालोतरा।

प्रश्न 20.
‘मलिन-जल’ किसे कहते हैं ?
उत्तर:
घरेलू अपशिष्ट पदाधों से युक्त जल ‘मलि-जल’ कहलाता है।

प्रश्न 21.
बी. ओ, डी, क्या है ?
उत्तर:
बी. ओ. ही. जल में विलेय ऑक्सीजन की वह मात्रा है जो सूर्म जीवों द्वारा कार्बनिक एवं अकार्बनिक यौगिकों को ऑक्सीकृत करने के लिए आवश्यक होती है।

प्रश्न 22.
ओजोन परत का क्या कार्य है ?
उत्तर:
ओजोन परत पृथ्वी के चारों ओर एक रक्षा कवच का कार्य करती है। यह सूर्य की पराबँगनी किरणों से पृथ्वी को बचाती है।

प्रश्न 23.
वायु प्रदूषण रोकने के लिए मोटर वाहनों में पेट्रोल व डीजल की जगह क्या प्रयोग हो रहा है ?
उत्तर:
वायु प्रदूषण रोकने के लिए मोटर वाहनों में पेट्रोल व डीजल की जगह सम्पीडित प्राकृतिक गैस (CNG) का प्रयोग हो रहा है।

प्रश्न 24.
ऐसे दो प्रदूषकों के नाम लिखो, जिनमें सल्फर होती है और वे वायु में उपस्थित रहते हैं।
उत्तर:
H2S, SO3

प्रश्न 25.
क्या होगा यदि CO2 वातावरण से खत्म हो जाये ?
उत्तर:
यदि CO2 खत्म हो जायेगी तो पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया नहीं कर सकेंगे। इससे ऑक्सीजन भी उत्पन्न नहीं होगी।

प्रश्न 26.
जीवाश्म ईंधन किस प्रकार का प्रदूषण उत्पन्न करता
उत्तर:
वायु प्रदूषण।

प्रश्न 27.
हरे पौधे प्रकाश ऊर्जा को किसमें परिवर्तित कर देते हैं।
उत्तर:
हरे पौधे प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित कर देते हैं।

प्रश्न 28.
जल प्रदूषण किस बीमारी को उत्पन्न करता है।
उत्तर:
हैजा, पेचिश, टाइफॉइड, आँतों का अल्सर आदि।

प्रश्न 29.
दो जैव व दो अजैव निम्नीकरण प्रदूषकों का नाम लिखें?
उत्तर:
जैव निम्नीकरण प्रदूषण-घर का कूड़ा-करकट, मल-मूत्र। अजैव निम्नीकरणी प्रदूषण-प्लास्टिक, पीडकनाशक।

प्रश्न 30.
जल प्रदूषक का ‘बिन्दु स्रोत’ क्या है।
उत्तर:
जो स्रोत जल प्रदूषकों को सीधे ही जल में प्रवाहित कर देते है, उन्हें बिन्दु स्रोत कहते हैं।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 14 पर्यावरणीय रसायन

प्रश्न 31.
पुन:चकण किये जा सकने वाले पदार्थ लिखें।
उत्तर:

  • प्लास्टिक,
  • धातु,
  • पॉलीथीन।

प्रश्न 32.
रासायनिक यौगिकों के नाम बताओ जो ओजोन पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।
उत्तर:
क्लोरोफ्लुओरो कार्बन, NO2 आदि।

प्रश्न 33.
उन गैसों के नाम लिखों जो अम्लीय वर्षा के कारक हैं।
उत्तर:
CO3, NO2, SO2, SO3.

प्रश्न 34.
वातावरण में धूल कणों की प्रशितता बढ़ने से पृथ्वी के ताप पर क्या प्रभाव पड़ता है।
उत्तर:
ताप बढ़ जाता है।

लयु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
वायु प्रदूषण के मुख्य स्त्रोत कौन-से हैं ?
उत्तर:
वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोत (Main Sources of Air Pollution)-वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोत निम्नलिखित हैं-

  • ज्वालामुखी विस्फोट से निकलने वाली गैसों (विषैली) व धूल से वायु प्रदूषित होती है।
  • उद्योगों से निकलने वाला धुँआ जो कि विषैली गैसों जैसेकार्बन मोनोक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, अमोनिया व मेथेन आदि का मिश्रण होता है, वायु प्रदूषण फैलाता है।
  • जनसंख्या वृद्धि व वनों का विनाश भी वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है।
  • रेडियो समस्थानिकों का बढ़ता उपयोग।
  • मोटर वाहनों से निकलने वाला धुँआ एवं तीव्र औद्योगीकरण।
  • खेती में कीटनाशकों एवं रासायनों का बढ़ता उपयोग।

प्रश्न 2.
पर्यावरण प्रदूषण की परिभाषा और प्रकार लिखिए।
उत्तर:
पर्यावरण प्रदूषण की परिभाषा-पर्यावरण प्रदूषण का शाब्दिक अर्थ है-पर्यावरण का दूषित होना या खराब होना। मनुष्य के क्रियाकलापों के कारण पर्यावरण में विनाशकारी अवांछित तत्व फैल जाते हैं, जो कि पर्यावरण के भौतिक एवं सजीव घटक दोनों के लिए हानिकारक होते हैं। पर्यावरण प्रदूषण फैलाने वाला कोई भी पदार्थ पर्यावरण प्रदूषक कहलाता है। पर्यावरण प्रदूषण वर्तमान विश्व के लिए एक कठिन समस्या है, जिसे सुलझाना अत्यन्त आवश्यक है। पर्यावरण प्रदूषण निम्न प्रकार का होता है-

(i) वायु प्रदूषण, (ii) जल प्रदूषण, (iii) भूमि प्रदूषण।

  • वायु प्रदूषण-वायु के नैसर्गिक गुण में आने वाला परिवर्तन जिससे जीवधारियों और पेड़-पौधों को हानि पहुँचती है, उसे वायु प्रदूषण (Air pollution) कहते हैं।
  • जल प्रदूषण-जल के अन्दर अपशिष्ट पदार्थ मिलने तथा प्राणियों के मृत शरीर एवं अन्य मानवीय गतिविधियों के कारण जल के गुणों में होने वाला परिवर्तन जल प्रदूषण (Water pollution) कहलाता है।

प्रश्न 3.
औद्योगिक बहिःस्त्राव क्या होता है तथा यह पर्यावरण को किस प्रकार प्रदूषित करता है ?
उत्तर:
औद्योगिक बहि:स्राव-उद्योगों में प्रयोग होने वाले जल को, उपयोग होने के बाद उद्योग परिसर से बाहर बहा देते हैं। प्रयोग के दौरान जल में रासायनिक पदार्थ मिल जाते हैं। यह प्रदूषित जल औद्योगिक बहिःस्राव कहलाता है। यह औद्योगिक बहि:साव उद्योग परिसर से बाहर निकलकर जल स्रोत, भूमि तथा वायु को प्रदूषित करता है। औद्योगिक बहि:स्राव में कार्बनिक तथा अकार्बनिक यौगिक मिले होते हैं।

रंगाई एवं वस्त्र उद्योग, कागज उद्योग, इस्पात उद्योग, चमड़ा उद्योग आदि से निकलने वाले बहिः-साव में अनेक हानिकारक पदार्थ पाए जाते हैं। इन हानिकारक पदार्थों में से अधिकांश का विघटन नहीं होता है जिससे यह जल को भारी मात्रा में प्रदूषित करते हैं। समुद्रों के किनारे स्थित उद्योगों के बहिःस्राव से समुद्री जल भी प्रदुषित होता है।

प्रश्न 4.
जल प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय क्या हैं? संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:
जल प्रदूषण की रोकथाम निम्नलिखित उपाय अपनाने से की जा सकती है-

  • औद्योगिक बहि:स्राव को बिना उपचार के पानी में न बहाने से।
  • उद्योगों की स्थापना आबादी वाले इलाकों से दूर करने पर।
  • जल का अनावश्यक उपयोग न करें, साबुन एवं अपमार्जकों का प्रयोग कम करें।
  • मृत जीवों को नदी में न डाला जाए।
  • जल प्रदूषण नियन्त्रण सम्बन्धी कानूनों का सख्ती से पालन किया जाए।
  • जल की पाइप लाइन को, सीवेज लाइन से दूर रखा जाए।

प्रश्न 5.
भूमि प्रदूषण मानव जीवन को किस प्रकार प्रभावित करता है ?
उत्तर:
भूमि प्रदूषण का मानव जीवन पर प्रभाव-भूमि प्रदूषण न केवल मिट्टी की गुणवत्ता पर प्रभाव डालता है, बल्कि भूमि में पाए जाने वाले जीव-जन्तुओं, मानव जीवन एवं वनस्पति पर भी प्रभाव डालता है। भूमि प्रदूषित होने के कारण उसमें पायी जाने वाली फसलें भी हानिकारक पदार्थ भूमि से ग्रहण कर लेती हैं। यह फसलें हानिकारक पदार्थों को मानव तक पहुँचा कर अनेक रोगों को जन्म देती हैं।

उदाहरणार्थ – क्लोरीन युक्त हाइड्रोकार्बन (DDT) जल में अपघटित नहीं होते तथा जल एवं खनिजों के अवशोषण के साथ में प्रदूषक पौधे के शरीर में पहुँच जाते हैं। यह प्रदूषक खाद्य श्रृंखला में प्रविष्ट होकर मानव शरीर तक पहुँच जाते हैं तथा अनेक रोगों को जन्म देते हैं। भूमि प्रदूषण के कारण भूमि की उर्वरा शक्ति घट जाती है। इससे उत्पादन में भारी कमी आ जाती है।

प्रश्न 6.
वायुमण्डल में नाइट्रोजन और उसके ऑक्साइडों द्वारा की जाने वाली रासायनिक अभिक्रियाओं का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वायुमण्डल में नाइट्रोजन और उसके ऑक्साइडों द्वारा की जाने वाली रासायनिक अभिक्रियाएँ निम्नलिखित हैं-
(1) वायुमण्डल में पायी जाने वाली नाइट्रोजन और ऑक्सीजन उच्च ताप (>1210°C) पर क्रिया करके नाइट्रिक ऑक्साइड बनाती है।
N2 → N + N
N + O2 → NO + O

(2) प्राप्त नाइट्रिक ऑक्साइड, O2 तथा O3 से ऑक्सीकृत होकर नाइट्रोजन हाइ-ऑक्साइड बनाती है जो अत्यन्त विषैली होती है।
2NO + O2 → 2NO2
NO + O3 → NO2 + O2
\(\mathrm{NO}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{NO}+\mathrm{O}\)

(3) NO2 जल से क्रिया करके नाइट्रिक अम्ल बनाती है।
2NO2 + H2O → HNO3 + HNO2

(4) NO2 प्रकाश अपघटन की क्रिया द्वारा ओजोन बनाती है।
\(\mathrm{NO}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{NO}+\mathrm{O}\)
O + O2 → O3

प्रश्न 7.
स्मॉंग किस प्रकार बनता है तथा इसके कुप्रभाव क्या हैं?
उत्तर:
साधारणतया स्मॉग (Smog), धुँआ (Smoke) एवं कुहरे से मिलकर बना होता है। स्मॉग मुख्यतया दो प्रकार का होता है(i) अपचायक स्मॉग, (ii) ऑक्सीकारक स्मॉग।

(1) अपचायक स्मॉंग-जब SO2, अमोनियम सल्फेट आदि धुएँ एवं कोहरे के साथ मिलकर स्मॉग बनाते हैं, इसे अपचायक स्मॉग कहते हैं।
2SO2 + O2 → 2SO3
SO3 + H2O → H2SO4
प्रभाव-(i) अपचायक स्मॉग मानव स्वास्थ्य एवं वनस्पति पर विपरीत प्रभाव डालता है।
(ii) अपचायक स्मॉग से धातुओं का संक्षारण (Corrosion) होता है।

(2) ऑक्सीकारक स्मॉग-जब नाइट्रोजन के ऑक्साइड तथा हाइड्रोकार्बन धुएँ व कोहरे के साथ सम्मिलित होते हैं, तो इसे ऑक्सीकारक स्मॉग कहते हैं।
N2 + O2 → 2NO
2NO + O2 → 2NO2
\(\mathrm{NO}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{NO}+\mathrm{O}\)
प्रभाव-

  • यह हानिकारक कार्बनिक रासायनिक पदार्थ बनाते हैं, जो आँखों में जलन उत्पन्न करते हैं।
  • यह पदार्थ श्वसन वन्त्र के लिए भी हानिकारक हैं।
  • यह स्मॉग बनस्पतियों पर विपरीत प्रभाव डालता है।

प्रश्न 8.
अम्ल बर्षा का क्या अर्घ है तथा यह पर्यावरण प्रदूषण को किस प्रकार प्रभावित करती है?
उत्तर:
अम्ल वर्षा (Acid Rain)-वायु में पायी जाने वाले सल्फर एवं नाइट्रोजन के औक्साइड, वर्षा के जल में विलेय होकर वर्षा के जल को अम्लीय बना देते हैं। इस जल का वर्षा के रूप में पृथ्वी पर आना अम्ल वर्षा (Acid rain) कहलाता है। इस वर्षा के जल का pH मान लगभग 4.5 से 3.5 के मध्य होता है।
H2O + CO2 → H2CO3
\(\mathrm{H}_2 \mathrm{CO}_3 \rightleftharpoons 2 \mathrm{H}^{+}+\mathrm{CO}_3^{2-}\)
अम्ल वर्षा के प्रभाव – अम्ल बर्घा सजीव एवं निज्जीव पदायों पर विपरीत प्रभाव डालती है। अम्ल वर्षी के कारण भूमि की उर्वरा शक्ति क्षीज हो जाती है, क्योंकि जमीन में अम्लीयता बक जाती है। अम्ल वर्षा संगमरमर तथा चूने के पत्थर द्वारा बनी हृम्नारतों का क्षरण करती है क्योंकि H2SO4 तथा HNO3 दोनों ही CaCO3 को घोलकर क्रमशः कल्शियम सल्फेट तथा कैल्शिखम नाइट्रेट बनाते हैं।

प्रश्न 9.
वायुमण्डल में ओजोन परत का अपक्षय करने वाली रासायनिक अभिक्रियाओं को समझाइए।
उत्तर:
वायुमण्डल में ओजोन परत के अपक्षय के लिए क्लोरो-फ्लुओरो कार्वन (CFCs) गैसे उत्तरदायी हैं, जो कि मानव द्वारा ही निम्मित हैं। क्लोरो-फ्लुओरो कार्बन का उपयोग रेफीजरेटरों, वातानुकूल संयन्त्रों आदि में किया जाता है। ओजोन परत के अपक्षाय में निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रियाएँ होती हैं-
(i) \(\mathrm{CF}_2 \mathrm{Cl}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \cdot \mathrm{Cl}+\cdot \mathrm{CF}_2 \mathrm{Cl}\)
(ii) O3 + .Cl → .ClO + O2
(iii) .ClO + O → .Cl + O2
अत: क्रियाओं से स्पष्ट है कि क्लोरो-फ्लोरो कार्बन से उत्पादित क्लोरीन मूलक, ओजोन के कई अणुओं को नष्ट कर सकता है। सुपरसोनिक वायुयानों से निकली नाइट्रिक ऑक्साइड भी ओजोन परत में पहुँचकर उसे नष्ट कर देती है।
NO + O3 → NO2 + O2

प्रश्न 10.
औद्योगिक वायु प्रदूषण के मुख्य कारणों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
औद्योगिक वायु प्रदूषण के मुख्य कारण निम्नलिखित है-
(1) ईंधन दहन-ईधन दहन से निकलने वाले गैसीय पदार्थ, जैसे-सल्फर के ऑक्साइड, कार्बन के ऑक्साइड, ऐल्डिहाइड, अम्ल, वायु प्रदूषण उत्पन्न करते हैं।

(2) औद्योगिक प्रक्रम-औद्योगिक प्रक्रमों में उत्पादन के लिए होने वाली भौतिक एवं रासायनिक क्रियाओं से निकलने वाले गैसीय उत्पाद व कणीय पदार्थ, वायु प्रदूषण का कारण होते हैं।

(3) औद्योगिक चिमनियों द्वारा प्रदूषण-उद्योगों एवं कारखानों की चिमनियों द्वारा अनेक हानिकारक गैसें व कणीय पदार्थ वायुमण्डल में छोड़े जाते हैं, जो कि वायु को प्रदूषित करते हैं। उदाहरण- CO, NO2, HCHO, गैसोलीन, CO2, SO2 इत्यादि।

(4) रेडियोधर्मी पदार्थों द्वारा वायु प्रदूषण-आण्विक हथियारों के परीक्षण के फलस्वरूप निकलने वाले रेडियोधर्मी पदार्थ वायुमण्डल को दूषित करते हैं। α, β, γ -विकिरण समस्त जीवधारियों के लिए अत्यन्त हानिकारक हैं।

(5) यातायात के साधन-यातायात के लिए प्रयुक्त होने वाले मोटर वाहनों के कारण भी वायुमण्डल में हानिकारक गैसें निकलती हैं, जो कि वायु को प्रदूषित करती हैं।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 14 पर्यावरणीय रसायन

प्रश्न 11.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिष्णी लिखिए-
(क) क्षोभमण्डल
(ख) समतापमण्डल
उत्तर:
(क) क्षोभमण्डल-क्षोभमण्डल, वायुमण्डल की सबसे निचली परत है। क्षोभमण्डल समुद्र तल से 10 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। कोभमण्डल में ही नाइट्रोजन व ऑक्सीजन आदि कई गैसें पाई जाती हैं। मौसम में होने वाले सभी परिवर्तन इसी क्षोभमण्डल में होते हैं।

(ख) समतापमण्डल-वायुमण्डल में क्षोभमण्डल के बाद दूसरी परत समतापमण्डल है। समतापमण्डल समुद्र तल से 10 से 50 किमी तक ऊँचाई में फैला होता है। समतापमण्डल में ऊँचाई बढ़ने के साथ-साथ तापमान में भी वृद्धि होती है। सम्पूर्ण जल वाष्प एवं वायु का लगभग 80 प्रतिशत द्रव्यमान इस परत में पाया जाता है। ओजोन परत भी समतापमण्डल में पाई जाती है। समतापमण्डल में ओजोन परत सूर्य की पराबँंगनी किरणों को अवशोषित कर लेती हैं। समतापमण्डल में प्रदूषकों के पहुँचने के कारण ही ओजोन परत का क्षरण होता है।

प्रश्न 12.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए-
(क) जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (बी. ओ. डी.)
(ख) रासायनिक ऑक्सीजन आवश्यकता (सी. ओ. डी.)
उत्तर:
(क) जीव रसायनी ऑक्सीजन आवश्यकता:
कार्बनिक एवं अकार्बनिक यौगिकों की प्रचुर मात्रा प्रदूषित -में उपलब्ध रहती है। जल में विलेय ऑक्सीजन के द्वारा सूक्ष्म जीव की उपस्थिति में यौगिक ऑक्सीकृत हो जाते हैं। अतः “जल में विलेय ऑक्सीजन की वहमात्रा जो सूक्ष्म जीवों द्वारा कार्बनिक एवं अकार्बनिक यौगिकों को ऑक्सीकृत करने के लिए आवश्यक होती है। उस जः की जैव रासायनक ऑक्सीजन मांग कहलाती है।”

(ख) रासायनिक ऑक्सीजन आवश्यकता (सी. ओ. डी.):
रासायनिक ऑक्सीजन आवश्यकता ज्ञात करने के लिए जल की ऑक्सीकारक की ज्ञात मात्रा से अभिक्रिया कराते हैं। यह ऑक्सीकारक 2 सभी कार्बनिक एवं अकार्बनिक यौगिकों को ऑक्सीकृत कर देता है। अपशिष्ट K2C2O7 को मोहर लवण द्वारा अनुमानित कर लेते हैं। इस क्रिया में प्रयुक्त K2C2O7 से ऑक्सीकरण के लिए उपयोग की गई ऑक्सीजन की मात्रा की गणना करते हैं। यह मान जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (सी. ओ. डी.) कहलाती है।

प्रश्न 13.
वायुमण्डल में सल्फर और उसके ऑक्साइडों द्वारा की जाने वाली रासायनिक अभिक्रियाओं का संक्षिप्त वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
वायुमण्डल में सल्फर और उसके ऑक्साइडों द्वारा की जाने वाली रासायनिक अभिक्रियाएँ निम्नलिखित हैं-
(i) SO2 स्वयं एक हानिकारक प्रदूषक है। SO2 प्रकाश की उपस्थिति में ऑक्सीकृत होकर SO3 में बदल जाता है।
\(2 \mathrm{SO}_2+\mathrm{O}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} 2 \mathrm{SO}_3\)

(ii) SO3, जल के साथ अभिक्रिया करके सल्फ्यूरिक अम्ल का निर्माण करती है।
SO3 + H2O → H2SO4

(iii) यह सल्फ्यूरिक अम्ल, अमोनिया के साथ क्रिया करके अमोनियम सल्फेट में बदल जाता है।
H2SO4 + 2NH3 → (NH4)2SO4

H2SO4 बनने के कारण अम्लीय वर्षा होती है। SO2 धुएँ के कण, (NH4)2SO4 तथा जल कोहरे के साथ मिलकर स्मॉग तैयार करते हैं।

प्रश्न 14.
वायुमण्डल के मुख्य प्रदूषकों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
वायुमण्डल के मुख्य प्रदूषणों के नाम निम्नलिखित हैं-
(i) सल्फर के ऑक्साइड – सल्फर के ऑक्साइड SO2, SO, मुख्य हानिकारक वायु प्रदूषक हैं। सल्फर के ऑक्साइड आँखों एवं श्वसन तंत्र के लिए हानिकारक होते हैं तथा इन्हीं ऑक्साइड के कारण अपचायक धूम्र का निर्माण होता है।

(ii) नाइट्रोजन के ऑक्साइड – नाइट्रोजन के ऑक्साइड NO तथा NO2 हैं। ये ऑक्साइड हानिकारक प्रकाश रासायनिक धूम्र उत्पन्न करते हैं।

(iii) कार्बन के ऑक्साइड कार्बन के प्रमुख ऑक्साइड CO तथा CO2 हैं। CO एक प्राणघातक गैस है क्योंकि CO हीमोग्लोबिन के साथ संयोग करके ऑक्सीजन के परिवहन में रूकावट उत्पन्न करती है। CO पेड़-पौधों पर भी हानिकारक प्रभाव डालती है।

(iv) हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S) – H2S के कारण आँखों और गले में जलन पैदा होती है।

(v) हाइड्रोजन सायनाइड (HCN ) – HCN शरीर की तंत्रिका कोशिकाओं पर बुरा प्रभाव डालती है।

(vi) फॉस्जीन – फॉस्जीन खाँसी तथा जलन उत्पन्न करती है। फॉस्जीन की अत्यधिक मात्रा अत्यन्त घातक होती है।

(vii) अमोनिया – अमोनिया श्वास सम्बन्धी रोगों को उत्पन्न करती हैं।

(vii) कणीय पदार्थ – कणीय पदार्थ आपस में मिलकर धुंध बनाते हैं, जिसके कारण वातावरण में स्पष्ट रूप से देखने में गतिरोध पैदा होता है।

प्रश्न 15.
क्षोभमण्डल में होने वाली सभी अभिक्रियायें लिखिए ।
(1) क्षोभमण्डल में होने वाली रासायनिक क्रियाएँ – पृथ्वी से वायुमण्डल की पहली परत क्षोभमण्डल है। क्षोभमण्डल में बिजली का चमकना तथा तूफानों का आना, ग्लोबल वार्मिंग एवं ग्रीन हाउस प्रभाव आदि क्रियाएँ होती हैं।
(a) नाइट्रोजन ऑक्साइडों से अभिक्रियाएँ-
(i) वायुमण्डल में पाए जाने वाली ऑक्सीजन एवं नाइट्रोजन उच्च ताप पर संयोग करके नाइट्रिक ऑक्साइड बनाती है।
N2 → N + N
N + O2 → NO + O

(ii) यह NO, O2 तथा O3 द्वारा शीघ्रता से ऑक्सीकृत होकर NO2 का निर्माण करती है।
2NO + O2 → 2NO2
NO + O3 → NO2 + O2

(iii) NO2, जल से अभिक्रिया करके नाइट्रिक अम्ल बनाती है।
2NO2 + H2O → HNO3 + HNO2

(iv) NO2, प्रकाश अपघटित होकर ओजोन का निर्माण भी करती
\(\mathrm{NO}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{NO}+\mathrm{O}\)
O + O2 → O3
(b) SO2 की अभिक्रियाएँ-
(i) SO2 सबसे हानिकारक गैसीय प्रदूषक है। यह स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालती है। SO2 ऑक्सीकृत होकर SO3 में बदल जाती है।
\(2 \mathrm{SO}_2+\mathrm{O}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} 2 \mathrm{SO}_3\)

(ii) जल द्वारा अभिक्रिया कर SO3 सल्फ्यूरिक अम्ल बनाती है जो अमोनिया से क्रिया करके उसे अमोनियम सल्फेट में बदल देता है।
SO3 + H2O → H2SO4
H2SO4 + 2NH3 → (NH4)2SO4

प्रश्न 16.
समतापमण्डल में होने वाली सभी अभिक्रियाएँ लिखिए । साथ ही मध्य एवं आयन मण्डल में होने वाली अभिक्रियाएँ भी लिखें?
उत्तर:
(1) समतापमण्डल (Stratophere) में होने वाली रासायनिक अभिक्रियाएँ – क्षोभमण्डल के ऊपर वाला भाग समताप मण्डल है। इसमें ऑक्सीजन का प्रकाश रासायनिक (Photochemical) विघटन होता है। समतापमण्डल में होने वाली अभिक्रियाएं निम्न प्रकार है-
(i) परमाण्वीय ऑक्सीजन से ओजोन का निर्माण होता है।
O2 → O + O
O + O2 → O3

(ii) पृथ्वी से प्राप्त होने वाले प्रदूषण जैसे- क्लोरोफ्लुओरो कार्बन (CFCs) ओजोन परत का अपक्षय करते हैं।
\(\mathrm{CF}_2 \mathrm{Cl}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{CF}_2 \mathrm{Cl}+\mathrm{Cl}\)
Cl + O3 → ClO + O2
ClO + O3 → ClO2 + O2
ClO + O → Cl + O2

(2) मध्य मण्डल एवं आयन मण्डल में होने वाली रासायनिक अभिक्रियाएँ पृथ्वी के 85 km और उससे ऊपर \(\mathrm{O}_2^{+}\), O+, NO+, \(\mathrm{N}_2^{+}\) आदि आयन पाए जाते हैं। इन आयनों के मध्य होने वाली अभिक्रियाएँ निम्नलिखित है-
\(\mathrm{NO} \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{NO}^{+}+e^{-}\)
\(\mathrm{O}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{O}_2^{+}+e^{-}\)
\(\mathrm{N}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{N}_2^{+}+e\)
\(\mathrm{O} \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{O}^{+}+e^{-}\)
N2 + O+ → NO+ + N
NO+ + e → N + O
N2+ + O → NO+ + N
N2+ + O2 → N2 + O2+

प्रश्न 17.
स्मॉग क्या होता है? इसको किस प्रकार वर्गीकृत किया गया है ? स्मॉग के दुष्प्रभाव क्या हैं ?
उत्तर:
स्मॉग (Smog) कोहरा (fog) एवं धुआँ (smoke) का मिश्रित रूप ही धूम्र होता है बड़े शहरों एवं औद्योगिक नगरों में प्रदूषण धूम्र के ही रूप में होता है।
धूम्र का वर्गीकरण (Classification of Smog)
संरचना की दृष्टि से धूम्र को मुख्यतया दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-

(i) सामान्य धूम्र या अपचायक धूम्र
(ii) प्रकाश रासायनिक या ऑक्सीकारक धूम्र

(i) सामान्य धूम्र या अपचायक धूम्र– यह स्मॉग ठण्डी एवं नम जलवायु में पाया जाता है। इस धूम्र के बनने का कारण है-ईंधन दहन के फलस्वरूप प्राप्त हुई SO2 की सान्द्रता में वृद्धि । अपचायक धूम्र मुख्यतया धुआँ, कोहरे से प्राप्त जल, SO2,(NH4)2SO4 आदि से मिलकर बना होता है। सूर्य के प्रकाश द्वारा SO2 ऑक्सीकृत होकर SO3 में परिवर्तित होती है यह SO3 जल से क्रिया करके सल्फ्यूरिक अम्ल का ऐरोसॉल बनाती है।
2SO2 + O2 → 2SO3
SO3 + H2O → H2SO4
अपचायक धूम्र के दुष्प्रभाव – अपचायक धूम्र मानव स्वास्थ्य एवं वनस्पति दोनों पर विपरीत प्रभाव डालता है यह धातुओं के संक्षारण के लिए भी उत्तरदायी होता है।

(ii) प्रकाश रासायनिक अथवा ऑक्सीकारक धूम्र-प्रकाश रासायनिक धूम्र मुख्यतया नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) तथा असंतृप्त हाइड्रोकार्बन और कुछ सल्फर यौगिकों से मिलकर बनी होती है।
पेट्रोल एवं डीजल में उच्च ताप पर N2 तथा O2 के संयोजन के फलस्वरूप NO बनता है जो वायु में ऑक्सीकृत होकर NO2 बनाता है। NO2 से विघटन के द्वारा नाइट्रिक ऑक्साइड बनता है।
N2 + O2 → 2NO
2NO + O2 → 2NO2
\(\mathrm{NO}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{NO}+\mathrm{O}\)

ऑक्सीजन परमाणु O2 से संयोग करके ओजोन बनाते हैं।
O2 + O → O3
इस प्रकार O3, NO से क्रिया करके NO2 बनाता है।
O3+ NO → NO2 + O2

ऑक्सीकारक धूम्र के दुष्प्रभाव – ऑक्सीकारक धूम्र के फलस्वरूप बने कार्बनिक रसायन आँखों में जलन उत्पन्न करते हैं एवं यह श्वसन तन्त्र के लिए भी हानिकारक होते हैं। रबर, ओजोन के साथ अभिक्रिया करती है जिसके कारण उसमें दरार पड़ जाती हैं। इस प्रकार ऑक्सीकारक धूम्र भी वनस्पतियों पर विपरीत प्रभाव डालता है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 14 पर्यावरणीय रसायन

प्रश्न 18.
ऐसे दो तरीके सुझाइए जिनमें जैव-निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।
उत्तर:
जैवनिम्नीकरणीय पदार्थ निम्नांकित प्रकार से पर्यावरण को प्रभावित करते हैं-
(1) जैवनिम्नीकरण पदार्थों के विघटन से मुक्त विषाक्त एवं दुर्गन्धयुक्त गैसें वातावरण को प्रदूषित करती है।
(2) कार्बनिक जैवनिम्नीकरणीय पदार्थों की अधिकता से ऑक्सीजन की कमी हो जाने से सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते हैं, अपघटन प्रक्रिया प्रभावित होती है तथा वातावरण दुर्गन्धमय हो जाता है।

प्रश्न 19.
ऐसे दो तरीके बताइए जिनमें अजैवनिम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।
उत्तर:
अजैब निम्नीकरण पदार्थ निम्नांकित प्रकार से पर्यावरण को प्रभावित करते हैं-

(1) अजैवनिम्नीकरणीय पदार्थ लम्बे समय तक पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। ये पदार्थों के चक्रण (cycling) में बाधा पहुँचाते हैं।
(2) अनेक कीटनाशक एवं पीडकनाशक रसायन खाद्य श्रृंखला के माध्यम से जीवधारियों (मनुष्य) के शरीर में पहुँचकर उसे क्षति पहुँचाते हैं। प्रश्न 20. निम्नलिखित को उदाहरण सहित समझाइए– (1) अम्ल वर्षा

प्रश्न 20.
निम्नलिखित को उदाहरण सहित समझाइए–
(1) अम्ल वर्षा
(2) ओजोन की न्यूनता
(3) वैश्विक ऊष्मन या हरितगृह प्रभाव ।
उत्तर:
(1) अम्ल वर्षा (Acid Rain ) – अम्लवर्षा वायु में उपस्थित
नाइट्रोजन तथा सल्फर के ऑक्साइड के कारण होती है। ये गैसीय ऑक्साइड वर्षा के जल के साथ मिलकर क्रमश: नाइट्रिक अम्ल तथा सल्फ्यूरिक अम्ल बनाते हैं। वर्षा के साथ ये अम्ल भी पृथ्वी पर नीचे आ जाते हैं। इसे ही अम्लवर्षा या अम्लीय वर्षा (acid rain) कहते हैं। इसके कारण अनेक ऐतिहासिक भवनों, स्मारकों, मूर्तियों का संक्षारण हो जाता है जिससे उन्हें काफी नुकसान पहुँचता है।

अम्लीय वर्षा के कारण, मृदा भी अम्लीय हो जाती है जिससे धीरे-धीरे उसकी उर्वरता कम हो जाती है। इस कारण वन तथा कृषि उत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

(2) ओजोन की न्यूनता (Deficiency of Ozone) – विभिन्न स्रोतों जैसे- रेफ्रीजरेटर, अग्निशमन यन्त्र तथा ऐरेसॉल स्प्रे में उपयोग किए जाने वाले क्लोरोफ्लुओरोकार्बन (CFCs) से वायुमण्डल में ओजोन परत का ह्रास होता है।

हानियाँ (Losses) – ओजोन परत में ह्रास के कारण सूर्य से पराबैंगनी (UV) किरणें अधिक मात्रा में पृथ्वी पर पहुँचती हैं। पराबैंगनी विकिरण से आँखों तथा प्रतिरक्षी तन्त्र को नुकसान पहुँचता है। इससे त्वचा का कैंसर भी हो जाता है। ओजोन परत के ह्रास के कारण वैश्विक उष्मन पारिस्थितिक असन्तुलन तथा वैश्विक खाद्यान्नों की उपलब्धता पर भी प्रभाव पड़ता है।

(3) वैश्विक ऊष्मन या हरितगृह प्रभाव (Global Warming or Green House effect ) – जीवाश्म ईंधन (कोयला, पेट्रोलियम आदि) के जलने से उत्पन्न कार्बन डाइऑक्साइड तथा मेथेन जैसी गैसें पृथ्वी से होने वाले ऊष्मीय विकिरण को रोक लेती हैं। इस कारण पृथ्वी का ताप बढ़ता है, इस प्रभाव को हरितगृह प्रभाव कहते हैं जिससे मौसम में परिवर्तन के साथ-साथ समुद्र तल में भी वृद्धि हो रही है। ताप बढ़ने से पहाड़ों पर हिम से ढकी चोटियाँ तथा हिमखण्ड पिघलने लगेंगे जिससे बाढ़ आ सकती है।

प्रश्न 21.
सूर्य के प्रकाश का कौन-सा घटक हमारे लिए हानिकारक है ? सामान्यतः इसे हम तक पहुँचने से कैसे रोका जाता है? इस प्राकृतिक संरक्षक को किसके द्वारा नष्ट किया जा सकता हैं।
उत्तर:
सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणें हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। वायुमण्डल में उपस्थित ओजोन परत पराबैंगनी विकिरणों को हमारे पास आने से होते हैं। इस परत को नष्ट करने के लिए क्लोरोफ्लुओरो कार्बन (CFCs) उत्तरदायी होता है। ये यौगिक रेफ्रीजरेटर, अग्निशमन यन्त्र तथा ऐरोसॉल स्प्रे में प्रयोग किये जाते है।

प्रश्न 22.
ओजोन परत द्वारा अवशोषित की जाने वाली किरणों का नाम बताइए । ओजोन परत के क्षीण होने के कोई दो कारण बताइए। इस क्षीणता से होने वाली सम्भावित बीमारी का नाम भे बताइए ।
उत्तर:
पराबैंगनी किरणें ओजोन परत द्वारा अवशोषित की जाती हैं। कारण (Causes) — (i) क्लोरोफ्लुओरो कार्बन (CFC) ओजोन परत के क्षय के लिए उत्तरदायी है।
(ii) अत्यधिक क्रियाशाली धातुएँ भी ओजोन परत के क्षरण का कारण बन सकती हैं। सुपरसोनिक जेट भी ओजोन परत को क्षयित कर सकते हैं।
बीमारियाँ (Diseases) – (i) त्वचा का कैंसर हो सकता है तथा (ii) त्वचा जल सकती है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions and Answers

Haryana Board HBSE 11th Class Chemistry Important Questions and Answers

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions in Hindi Medium

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions in English Medium

  • Chapter 1 Some Basic Concepts of Chemistry Important Questions
  • Chapter 2 Structure of Atom Important Questions
  • Chapter 3 Classification of Elements and Periodicity in Properties Important Questions
  • Chapter 4 Chemical Bonding and Molecular Structure Important Questions
  • Chapter 5 States of Matter Important Questions
  • Chapter 6 Thermodynamics Important Questions
  • Chapter 7 Equilibrium Important Questions
  • Chapter 8 Redox Reactions Important Questions
  • Chapter 9 Hydrogen Important Questions
  • Chapter 10 The s-Block Elements Important Questions
  • Chapter 11 The p-Block Elements Important Questions
  • Chapter 12 Organic Chemistry – Some Basic Principles and Techniques Important Questions
  • Chapter 13 Hydrocarbons Important Questions
  • Chapter 14 Environmental Chemistry Important Questions