Class 11

HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल

Haryana State Board HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

भाग-I : सही विकल्प का चयन करें

1. निम्नलिखित में से कौन-सा प्राकृतिक पदार्थ शैल की रचना करता है?
(A) बालू और चीका
(B) बजरी और रोड़ी
(C) ग्रेनाइट
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

2. आग्नेय शैलों को प्राथमिक शैलें इसलिए कहा जाता है क्योंकि
(A) ये भू-पृष्ठ पर सबसे ऊपर पाई जाती हैं।
(B) इनका भू-पृष्ठ पर सबसे अधिक विस्तार है
(C) इन शैलों का पृथ्वी पर सबसे पहले निर्माण हुआ था
(D) ये आर्थिक दृष्टि से सबसे महत्त्वपूर्ण शैलें हैं
उत्तर:
(C) इन शैलों का पृथ्वी पर सबसे पहले निर्माण हुआ था

3. ‘प्लूटो’ का अर्थ है-
(A) ग्रहों का देवता
(B) जल देवता
(C) अग्नि देवता
(D) पाताल देवता
उत्तर:
(D) पाताल देवता

HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल

4. अंतर्वेधी आग्नेय शैलों के संबंध में कौन-सा कथन असत्य है?
(A) पातालीय शैलें केवल उत्थापन अथवा पृथ्वी के ऊपरी भाग के अनाच्छादन के बाद ही नजर आती हैं
(B) पाताल के अन्दर शीघ्र ठण्डी होने के कारण इन शैलों के रवे अत्यन्त छोटे होते हैं
(C) पातालीय आग्नेय शैलों के उदाहरण गेब्रो व ग्रेनाइट हैं
(D) पातालीय शैलें अपने मूल स्थान पर मैग्मा के जम जाने से बनती हैं
उत्तर:
(B) पाताल के अन्दर शीघ्र ठण्डी होने के कारण इन शैलों के रवे अत्यन्त छोटे होते हैं

5. स्थलमण्डल के लगभग तीन-चौथाई भाग में कौन-सी शैलें पाई जाती हैं?
(A) अवसादी
(B) आग्नेय
(C) कायांतरित
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(A) अवसादी

6. भूगर्भ में मैग्मा का सबसे बड़ा व सबसे गहरा भण्डार क्या कहलाता है?
(A) लैकोलिथ
(B) फैकोलिथ
(C) बैथोलिथ
(D) स्टॉक
उत्तर:
(C) बैथोलिथ

7. मोड़दार पर्वतों की अपनति व अभिनति में हुए मैग्मा के लहरदार जमाव को क्या कहते हैं?
(A) सिल
(B) डाइक
(C) फैकोलिथ
(D) लैकोलिथ
उत्तर:
(C) फैकोलिथ

8. गन्ना व कपास के लिए उपजाऊ काली मिट्टी किस शैल के क्षरण से बनती है?
(A) बेसाल्ट शैलें
(B) बालू-प्रधान अवसादी शैलें
(C) ग्रेनाइट शैलें
(D) आब्सीडियन
उत्तर:
(A) बेसाल्ट शैलें

9. निम्नलिखित में से कौन-सी अवसादी शैल है?
(A) बलुआ-पत्थर
(B) अभ्रक
(C) ग्रेनाइट
(D) नाईस
उत्तर:
(A) बलुआ-पत्थर

10. ग्रेनाइट शैल को आप किस वर्ग में रखेंगे?
(A) पैठिक आग्नेय शैल
(B) मध्यवर्ती आग्नेय शैल
(C) पातालीय आग्नेय शैल
(D) बहिर्वेधी आग्नेय शैल
उत्तर:
(C) पातालीय आग्नेय शैल

HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल

11. रासायनिक क्रिया से बनी परतदार शैल का उत्तम उदाहरण है-
(A) जिप्सम
(B) बालू पत्थर
(C) शैल
(D) खड़िया
उत्तर:
(A) जिप्सम

12. निम्नलिखित में से कौन-सी आग्नेय शैल अंतर्वेधी है?
(A) लावा पठार
(B) गौण शंकु
(C) ज्वालामुखी शंकु
(D) डाइक
उत्तर:
(D) डाइक

13. किस मूल शैल से कायांतरित होकर हीरा बना?
(A) नीस
(B) बलुआ पत्थर
(C) कोयला
(D) ग्रेनाइट
उत्तर:
(C) कोयला

14. पैंसिल का सिक्का बनाने के लिए किस शैल का प्रयोग किया जाता है?
(A) स्लेट
(B) एस्बेस्टस
(C) कोयला
(D) ग्रेफाइट
उत्तर:
(D) ग्रेफाइट

भाग-II : एक शब्द या वाक्य में उत्तर दें

प्रश्न 1.
पृथ्वी के आंतरिक भाग में खनिजों का मूल स्रोत क्या है?
उत्तर:
मैग्मा।

प्रश्न 2.
खनिजों का निर्माण करने वाले तत्त्वों की संख्या बताइए।
उत्तर:
खनिजों का निर्माण करने वाले तत्त्वों की संख्या 8 है।

प्रश्न 3.
चट्टान बनाने वाले सामान्य खनिज कितने हैं?
उत्तर:
चट्टान बनाने वाले सामान्य खनिज 12 हैं।

प्रश्न 4.
भू-पर्पटी पर पाए जाने वाले खनिजों में सिलीकेट की प्रतिशत मात्रा कितनी है?
उत्तर:
भू-पर्पटी पर पाए जाने वाले खनिजों में सिलीकेट की प्रतिशत मात्रा लगभग 87 प्रतिशत है।

प्रश्न 5.
अधिसिलिक आग्नेय चट्टानों में सिलिका का प्रतिशत कितना होता है?
उत्तर:
अधिसिलिक आग्नेय चट्टानों में सिलिका का प्रतिशत लगभग 55 प्रतिशत होता है।

प्रश्न 6.
अल्पसिलिक आग्नेय चट्टान का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
बेसाल्ट/गेब्रो।

HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल

प्रश्न 7.
बेसाल्ट के अपक्षय से दक्षिणी भारत में पाई जाने वाली उपजाऊ काली मिट्टी का नाम क्या है?
उत्तर:
बेसाल्ट के अपक्षय से दक्षिणी भारत में पाई जाने वाली उपजाऊ काली मिट्टी का नाम रेगड़ है।

प्रश्न 8.
स्थिति के आधार पर आग्नेय चट्टानों के कितने प्रकार होते हैं?
उत्तर:
स्थिति के आधार पर आग्नेय चट्टानें दो प्रकार की होती हैं-

  1. बहिर्वेधी और
  2. अंतर्वेधी।

प्रश्न 9.
शैलें (चट्टानें) कितने प्रकार की होती हैं?
उत्तर:
तीन।

  1. याग्नेय शैलें
  2. अवसादी शैलें
  3. कायांतरित शैलें।

प्रश्न 10.
लाल रंग के बलुआ पत्थर से बनी किन्हीं दो प्रसिद्ध इमारतों के नाम बताइए।
उत्तर:

  1. दिल्ली का लाल किला
  2. फतेहपुर सीकरी का महल।

प्रश्न 11.
हिमानी द्वारा जमा किए गए अवसादों से बनी चट्टान का क्या नाम है?
उत्तर:
गोलाश्म मृत्तिका (Till)।

प्रश्न 12.
अवसादी चट्टानों में कौन-से दो खनिज ईंधन पाए जाते हैं?
उत्तर:

  1. कोयला और
  2. खनिज तेल।

प्रश्न 13.
पेन्सिल बनाने, धातु गलाने, परमाणु ऊर्जा संयन्त्रों के निर्माण तथा बिलियर्डस की मेज़ बनाने के लिए कौन-सी चट्टान का उपयोग किया जाता है?
उत्तर:
पेन्सिल बनाने, धातु गलाने, परमाणु ऊर्जा संयन्त्रों के निर्माण तथा बिलियर्ड्स की मेज़ बनाने के लिए ग्रेफाइट का उपयोग किया जाता है।।

प्रश्न 14.
अवसादी चट्टानें स्थलमण्डल के कितने प्रतिशत भाग पर विस्तृत हैं?
उत्तर:
अवसादी चट्टानें स्थलमण्डल के 75 प्रतिशत भाग पर विस्तृत हैं।

प्रश्न 15.
भारत में स्लेट किन-किन राज्यों में मिलती है?
उत्तर:
झारखण्ड, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में।

प्रश्न 16.
जिप्सम किस प्रकार की उत्पत्ति वाली चट्टान है?
उत्तर:
जिप्सम रासायनिक उत्पत्ति वाली चट्टान है।

HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल

प्रश्न 17.
जैविक उत्पत्ति वाली दो अवसादी चट्टानों के नाम बताइए।
उत्तर:

  1. चूने का पत्थर और
  2. कोयला।

प्रश्न 18.
रूपान्तरण कितनी गहराई पर और कितने तापमान पर होता है?
उत्तर:
धरातल से 12 से 16 कि०मी० की गहराई पर और 150°C से 800°C तापमान तक।

प्रश्न 19.
ग्रेफाइट का गलनांक कितना होता है?
उत्तर:
ग्रेफाइट का गलनांक 3500°C सेल्सियस होता है।

प्रश्न 20.
आग्नेय चट्टानों/शैलों की उत्पत्ति का स्रोत क्या है?
उत्तर:
आग्नेय चट्टानों की उत्पत्ति का स्रोत ज्वालामुखी उदभेदन है।

प्रश्न 21.
धरातल पर आते ही लावा तेजी से ठण्डा क्यों हो जाता है?
उत्तर:
क्योंकि वह वायुमण्डल के सम्पर्क में आ जाता है।

प्रश्न 22.
अधिसिलिक या अम्लीय आग्नेय चट्टानों में सिलिका की मात्रा कितनी होती है?
उत्तर:
65 से 85 प्रतिशत तक।

प्रश्न 23.
अल्पसिलिक या क्षारीय या पैठिक आग्नेय चट्टानों में सिलिका की मात्रा कितनी होती है?
उत्तर:
45 से 55 प्रतिशत तक।

प्रश्न 24.
पश्चिमी भारत में बेसाल्ट से घिरे विस्तृत प्रदेश का क्या नाम है?
उत्तर:
दक्कन ट्रैप।

प्रश्न 25.
तलछट को कठोरता से जोड़ने का काम कौन-से तत्त्व करते हैं?
उत्तर:
सिलिका और कैल्साइट।

प्रश्न 26.
यांत्रिक क्रिया द्वारा बनी अवसादी चट्टानों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
काँग्लोमरेट, ब्रेसिया, शेल (Shale) तथा चीका मिट्टी।

प्रश्न 27.
वह कौन-सा मापक है जो खनिज कणों के आकार का कोटि-निर्धारण करता है?
उत्तर:
वेंटवर्थ (Wentworth) मापक।

प्रश्न 28.
स्थलजात पदार्थ (Terrigenous Material) क्या होते हैं?
उत्तर:
स्थल से प्राप्त होने वाला अवसाद जो समुद्रों में निक्षेपित होता है।

अति-लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
उत्पत्ति के आधार पर अवसादी चट्टानें कितने प्रकार की होती हैं?
उत्तर:
उत्पत्ति के आधार पर अवसादी चट्टानें तीन प्रकार की होती हैं-

  1.  यांत्रिक
  2. जैविक और
  3. रासायनिक।

प्रश्न 2.
चट्टानों का रूपान्तरण कितने प्रकार का होता है?
उत्तर:
चट्टानों का रूपांतरण तीन प्रकार का होता है-

  1. गतिक
  2. तापीय और
  3. क्षेत्रीय।

प्रश्न 3.
उत्पत्ति के आधार पर चट्टानों के कितने प्रकार हैं?
उत्तर:
उत्पत्ति के आधार पर चट्टानें तीन प्रकार की होती हैं-

  1. आग्नेय चट्टानें
  2. परतदार अथवा तलछटी चट्टानें
  3. कायान्तरित चट्टानें।

प्रश्न 4.
IGNEOUS’ शब्द कहाँ से आया है? इसका अर्थ भी बताइए।
उत्तर:
इग्नियस शब्द लातीनी (Latin) भाषा के ‘Ignis’ शब्द से बना है जिसका अर्थ है-आग (Fire)।

प्रश्न 5.
‘Plutonic’ शब्द कहाँ से आया है? इसका अर्थ भी बताइए।
उत्तर:
प्लूटोनिक शब्द ‘Pluto’ से बना है जिसका अर्थ है ‘पाताल देवता’।

प्रश्न 6.
गेब्रो तथा ग्रेनाइट की चट्टानों से रवे (Crystals) बड़े-बड़े क्यों बनते हैं?
उत्तर:
इन चट्टानों को पाताल के अन्दर ठण्डा होने में बहुत समय लग जाता है जिससे इन चट्टानों की रचना करने वाले रवे बड़े बनते हैं।

HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल

प्रश्न 7.
बेसाल्ट में रखे नहीं के बराबर होते हैं, क्यों?
उत्तर:
शान्त उद्गार से बनी इस चट्टान में लावा शीघ्र जम जाता है जिसमें इन चट्टानों के खनिजों के रवे लगभग नहीं बनते।

प्रश्न 8.
ज्वालामुखी काँच क्या होता है?
उत्तर:
यदि लावा बहुत शीघ्र ठण्डा हो जाए तो काँच जैसी चट्टानों का निर्माण होता है जिसे ज्वालामुखी काँच (Volcanic Glass) या आब्सीडियन कहा जाता है।

प्रश्न 9.
पातालीय, अधिवितलीय तथा बहिर्वेधी चट्टानों के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:

  1. पातालीय – ग्रेबो तथा ग्रेनाइट।
  2. अधिवितलीय या मध्यवर्ती – डोलेराइट तथा माइका पैग्मेटाइट।
  3. बहिर्वेधी – बेसाल्ट तथा आब्सीडियन।

प्रश्न 10.
बैथोलिथ क्या होता है?
उत्तर:
यह मैग्मा का सबसे बड़ा गुम्बदाकार जमाव होता है जो अत्यधिक गहराई में पाया जाता है।

प्रश्न 11.
लैकोलिथ क्या होता है?
उत्तर:
भू-गर्भ से धरातल की ओर बढ़ता हुआ विस्फोटक मैग्मा जब किन्हीं कारणों से धरातल पर नहीं पहुंच पाता तो वह परतदार चट्टानों में छतरीनुमा रूप ले लेता है जिसे लैकोलिथ कहते हैं।

प्रश्न 12.
स्टॉक किसे कहते हैं?
उत्तर:
छोटे आकार के बैथोलिथ को स्टॉक कहते हैं।

प्रश्न 13.
निर्माणकारी साधनों के आधार पर अवसादी चट्टानें कितने प्रकार की हैं?
उत्तर:
निर्माणकारी साधनों के आधार पर अवसादी चट्टानें तीन प्रकार की होती हैं-

  1. जलीय चट्टानें
  2. हिमनद निर्मित
  3. वायु निर्मित।

प्रश्न 14.
जलीय अवसादी चट्टानें कितने प्रकार की होती हैं?
उत्तर:
जलीय अवसादी चट्टानें तीन प्रकार की होती हैं-

  1. नदीकृत
  2. सरोवरी
  3. समुद्री।

प्रश्न 15.
काँग्लोमरेट क्या होता है?
उत्तर:
जब बालू के कणों के साथ गोल व चिकने रोड़े गारे के साथ आपस में जुड़ जाते हैं तो उसे काँग्लोमरेट कहते हैं।

प्रश्न 16.
चूना-प्रधान तथा कार्बन-प्रधान जैव अवसादी चट्टानों के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
चूना-प्रधान अवसादी चट्टानें सेलखड़ी और खड़िया कार्बन-प्रधान अवसादी चट्टानें कोयला, पीट।

प्रश्न 17.
कार्बन की मात्रा के आधार पर कोयले की श्रेष्ठता का क्रम निर्धारित कीजिए।
उत्तर:

  1. पीट
  2. लिग्नाइट
  3. बिटुमिनस
  4. एन्थ्रेसाइट।

प्रश्न 18.
रासायनिक क्रिया से बनी निर्जेव अवसादी चट्टानों के तीन उदाहरण दीजिए।
उत्तर:

  1. सेंधा नमक (Salt Rock)
  2. जिप्सम व
  3. शोरा।

प्रश्न 19.
रूपान्तरण से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
रूपान्तरण से अभिप्राय चट्टानों के रंग, रूप तथा रचना में बदलाव से है।

प्रश्न 20.
रूपान्तरण किन कारणों से होता है?
उत्तर:
चट्टानों का रूपान्तरण ताप और दबाव के कारण होता है।

प्रश्न 21.
रूपान्तरित होकर बलुआ पत्थर तथा चूने का पत्थर किन चट्टानों में बदल जाता है?
उत्तर:
बलुआ पत्थर क्वार्टज़ाइट में तथा चूने का पत्थर संगमरमर में।

प्रश्न 22.
शैल गठन से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
चट्टानों में खनिजों के क्रिस्टलों का आकार तथा उनका प्रतिरूप (Pattern) शैल गठन कहलाता है।

प्रश्न 23.
शिलीभवन (Solidification) क्या होता है?
उत्तर:
महासागरों के नितलों पर दबाव के कारण अवसादी परतों का सघन और कठोर हो जाना शिलीभवन कहलाता है।

प्रश्न 24.
जीवांश (Humus) का अर्थ बताइए।
उत्तर:
मिट्टी में पाए जाने वाले जन्तु एवं वनस्पति के विघटित एवं अंशतः विघटित जैव पदार्थ जो मिट्टी के उपजाऊपन को बढ़ाते हैं, जीवांश कहलाते हैं।

प्रश्न 25.
जीवाश्म (Fosil) क्या होता है?
उत्तर:
परतदार चट्टानों के बीच जीव-जन्तुओं और वनस्पति के अवशेष या उनके छापों का मिलना, जीवाश्म होता है।

HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल

प्रश्न 26.
चट्टानों के गठन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
चट्टानों की रचना करने वाले कणों का आकार, आकृति और एक-दूसरे से जुड़ने की व्यवस्था अर्थात् कणों का ज्यामितीय स्वरूप चट्टानों का गठन कहलाता है।

प्रश्न 27.
क्वाटर्ज क्या है और इसकी क्या विशेषता है?
उत्तर:
यह प्राकृतिक रवेदार सिलिका (बालू) है। यह कभी-कभी शुद्ध, स्वच्छ और रंगहीन कणों में मिलता है। इसके ऊँचे गलनांक के कारण उद्योगों में इसका बहुत उपयोग होता है।

प्रश्न 28.
रासायनिक संरचना के आधार पर आग्नेय चट्टानों के कितने भेद हैं?
उत्तर:
रासायनिक संरचना के आधार पर आग्नेय चट्टानों (अन्तर्वेधी और बहिर्वेधी दोनों) के दो वर्ग हैं-]

  1. अधिसिलिक या अम्लीय चट्टानें।
  2. अल्पसिलिक या क्षारीय या पैठिक चट्टानें।

प्रश्न 29.
खनिज की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
‘खनिज’ वे प्राकृतिक पदार्थ होते हैं जिनकी अपनी भौतिक विशेषताएँ तथा एक निश्चित रासायनिक बनावट होती है। अधिकांश खनिज ठोस, जड़ व अकार्बनिक अथवा अजैव पदार्थ होते हैं। चट्टानों की रचना विभिन्न खनिजों के संयोग से होती है। वॉरसेस्टर के अनुसार, “लगभग सभी चट्टानों में दो या दो से अधिक खनिज होते हैं।” कई बार चट्टान केवल एक खनिज से भी बनती है; जैसे चूना, पहाड़ी नमक, बालू-पत्थर इत्यादि। इसी आधार पर फिन्च व ट्रिवार्था ने कहा है, “एक या एक से अधिक खनिजों के मिश्रण से चट्टानों का निर्माण होता है।”

प्रश्न 30.
बहिर्वेधी आग्नेय चट्टानें क्या होती हैं?
उत्तर:
वे चट्टानें जो ज्वालामुखी क्रिया द्वारा धरातल के ऊपर आए लावा के ठण्डा होकर ठोस होने से बनती हैं बहिर्वेधी आग्नेय चट्टानें कहलाती हैं। इन्हें ज्वालामुखी चट्टानें भी कहा जाता है। काले या लाल रंग के गाढ़े द्रव्य के बहते हुए चादर के रूप में जमने के कारण इन चट्टानों को लावा स्तर (Lava flows) भी कहा जाता है।

प्रश्न 31.
आग्नेय चट्टानी पिण्ड क्या होते हैं?
उत्तर:
मैग्मा के ठोसावस्था में आने पर अनेक तरह के आग्नेय चट्टानी पिण्डों की रचना होती है। इनका नामकरण इनके रूप, आकार, स्थिति तथा आस-पास पाई जाने वाली चट्टानों के आधार पर किया जाता है। अधिकांश चट्टानी पिण्ड अन्तर्वेधी आग्नेय चट्टानों से बने हुए हैं।

प्रश्न 32.
गतिक रूपान्तरण क्या होता है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पृथ्वी की आन्तरिक हलचलों के कारण चट्टानों में नमन (Bending) और वलन (Folding) आ जाते हैं। इससे चट्टानों पर भारी दबाव पड़ता है और परिणामस्वरूप चट्टानों के रूप व संघटन में परिवर्तन आ जाता है। इसे गतिक रूपान्तरण कहते हैं। इस प्रकार के रूपान्तरण से ग्रेनाइट का नीस तथा चिकनी मिट्टी व शैल का शिस्ट व स्लेट में कायान्तरण हो जाता है।

प्रश्न 33.
अधिसिलिक या अम्लीय आग्नेय चट्टानें क्या होती हैं?
उत्तर:
अधिसिलिक चट्टानों में सिलिका की मात्रा 65 से 85 प्रतिशत होती है। इन चट्टानों के शेष तत्त्वों में सोडियम, पोटाशियम व कैल्शियम के फेल्सपार नामक खनिजों की प्रधानता होती है। लोहे की कम मात्रा के कारण इन चट्टानों का घनत्व कम (लगभग 2.75) होता है तथा रंग भी हल्का होता है। ग्रेनाइट (अन्तर्वेधी) और आब्सीडियन (बहिर्वेधी) अधिसिलिक आग्नेय चट्टानों के प्रमुख उदाहरण हैं। .

प्रश्न 34.
अल्पसिलिक या क्षारीय या पैठिक आग्नेय चट्टानें क्या होती हैं?
उत्तर:
अल्पसिलिक आग्नेय चट्टानों में सिलिका की मात्रा 45 से 55 प्रतिशत तक होती है। इन चट्टानों के अन्य रचक तत्त्वों में लोहा व मैग्नीशियम के खनिजों की प्रधानता होती है, इसी कारण इन चट्टानों का रंग गहरा व घनत्व अधिक (लगभग 3) होता है। बेसाल्ट (बहिर्वेधी) और गेब्रो (अन्तर्वेधी) इसी वर्ग की चट्टानें हैं।

प्रश्न 35.
भारत में कायान्तरित चट्टानें कहाँ-कहाँ पाई जाती हैं?
उत्तर:

  1. शिस्ट व नीस दक्षिणी भारत, बिहार व राजस्थान के कुछ भागों में पाई जाती है।
  2. क्वार्टज़ाइट राजस्थान, झारखण्ड, मध्य प्रदेश व तमिलनाडु में पाया जाता है।
  3. संगमरमर राजस्थान के अलवर, अजमेर, जयपुर व जोधपुर में व मध्य प्रदेश में जबलपुर के निकट नर्मदा घाटी में पाया जाता है।
  4. स्लेट हरियाणा (रेवाड़ी, कुण्ड, अटेली, नारनौल), हिमाचल प्रदेश (काँगड़ा) तथा झारखण्ड में पाई जाती है।

प्रश्न 36.
चट्टानी चक्र से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
आग्नेय और अवसादी चट्टानें ताप, दबाव, भू-संचलन व रासायनिक क्रियाओं के प्रभावाधीन रूपान्तरित चट्टानों में बदलती रहती हैं। जब चट्टानें अपने किसी वर्ग में स्थिर न रहकर परिस्थितियों के कारण अपना वर्ग बदलती रहती हैं, इसे चट्टानी चक्र कहते हैं। इसमें कोई भी चट्टान कोई भी रूप धारण कर सकती है।

प्रश्न 37.
ब्रेसिआ तथा काँग्लोमरेट का निर्माण किस प्रकार होता है?
उत्तर:
ब्रेसिआ तथा काँग्लोमरेट का निर्माण तलछटी चट्टानों से यान्त्रिक क्रिया द्वारा होता है। अपरदन क्रिया द्वारा पत्थरों तथा कंकड़ों का आकार गोल हो जाता है। जब ये पत्थर आपस में जुड़ जाते हैं तो उनसे काँग्लोमरेट का निर्माण होता है। ये पत्थर क्वार्ट्ज के कारण आपस में जुड़ते हैं। ब्रेसिआ का निर्माण पत्थरों के बीच गारा भर जाने के कारण जुड़ने से होता है। ब्रेसिआ में पत्थरों की आकृति नुकीली होती है।

प्रश्न 38.
निम्नलिखित चट्टानों का आग्नेय, अवसादी तथा रूपान्तरित चट्टानों में वर्गीकरण कीजिए-
(1) ट्रैप
(2) बेसाल्ट
(3) डोलेराइट
(4) क्वार्ट्ज़ाइट
(5) कोयला
(6) एन्थ्रासाइट
(7) चूनाश्म
(8) खड़िया
(9) संगमरमर
(10) चीका
(11) शैल
(12) नाइस
(13) शिस्ट
(14) बलुआ पत्थर
(15) ग्रेनाइट
(16) सेंधा नमक
(17) ब्रेसिआ
(18) फाइलाइट
(19) प्रवाल
(20) काँग्लोमरेट।
उत्तर:

आग्नेय चट्टानें अवसादी चट्टानें रूपान्तरित चट्टानें
ट्रैप, बेसाल्ट, डोलेराइट ग्रेनाइट। कोयला, चीका, एन्थ्रासाइट, शैल, चूना पत्थर, खड़िया, बलुआ पत्थर, सेंधा नमक, ब्रेसिआ, प्रवाल, काँग्लोमरेट। क्वार्ट्रज़ाइट, संगमरमर, नाइस, शिस्ट, फाइलाइट।

प्रश्न 39.
अवसादी चट्टानों के गुणों को नियन्त्रित करने वाले कारकों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. उत्पत्ति क्षेत्र में उपस्थित शैलों के प्रकार
  2. उत्पत्ति क्षेत्र का वातावरण
  3. उत्पत्ति क्षेत्र एवं निक्षेपण क्षेत्र में भू-संचरण (Earth Movements)
  4. निक्षेपण क्षेत्र में वातावरण
  5. निक्षेपण के बाद तलछटों में हुए परिवर्तन।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
आग्नेय चट्टान क्या है?
उत्तर:
आग्नेय शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के इग्निस (Ignis) शब्द से हुई है, जिसका तात्पर्य है कि अग्नि के समान गरम तप्त लावा के ठण्डे होने से इन चट्टानों का निर्माण हुआ। पृथ्वी अपनी उत्पत्ति के समय गरम, तरल एवं गैसीय पुंज थी, जो धीरे-धीरे ठण्डी हुई। ठण्डी एवं ठोस अवस्था में आने से इन चट्टानों का निर्माण हुआ। पृथ्वी पर सर्वप्रथम इन्हीं चट्टानों का निर्माण हुआ इसलिए इन्हें प्राथमिक चट्टानें भी कहते हैं। आग्नेय चट्टानें पृथ्वी के पिघले हुए पदार्थ (मैग्मा) के ठण्डा एवं ठोस हो जाने के कारण बनी हैं।

प्रश्न 2.
चट्टान बनाने वाले खनिज कौन-से होते हैं? इनकी रचना किन तत्त्वों से होती है?
उत्तर:
चट्टानों की रचना 2,000 विभिन्न खनिजों से हुई है। इनमें से केवल 12 खनिज ऐसे हैं जो पृथ्वी तल पर हर जगह पाए जाते हैं। प्रायः प्रत्येक खनिज में दो या दो से अधिक रासायनिक तत्त्व होते हैं। उदाहरणतः क्वार्टज़ दो तत्त्वों सीलिकॉन व ऑक्सीजन से मिलकर बना है। इसी प्रकार कैल्शियम कार्बोनेट कैल्शियम (चूना), कार्बन और ऑक्सीजन से बना रासायनिक यौगिक है। कुछ खनिज एक ही तत्त्व से बने हुए पाए जाते हैं; जैसे सोना, ताँबा, सीसा (Lead) व गन्धक इत्यादि। अधिकांश खनिजों की रचना आठ मुख्य रासायनिक तत्त्वों से हुई है। भू-पर्पटी के कुलं भार का 97.3% इन्हीं 8 तत्त्वों के कारण है। स्थलमण्डल के लगभग 87% खनिज सिलिकेट हैं।

प्रश्न 3.
धात्विक तथा अधात्विक खनिजों में आप कैसे अन्तर करेंगे?
उत्तर:
धात्विक खनिज (Metallic Minerals) वे होते हैं जिन्हें परिष्कृत किया जा सकता है। परिष्कृत करने पर उनका ‘धरातल चिकना (Smooth) व चमकीला हो जाता है। इनसे हमें धातुएँ प्राप्त होती हैं जिन्हें पीटकर चादर, तार इत्यादि विभिन्न आकारों में ढाला जा सकता है। लोहा, चाँदी, सोना, ताँबा, टीन, एल्यूमीनियम, जस्ता, मैंगनीज़ इत्यादि महत्त्वपूर्ण धात्विक खनिज हैं। अधात्विक खनिज (Non-metallic Minerals) वे होते हैं जिन्हें परिष्कृत नहीं किया जा सकता। इनमें धातु का अंश नहीं होता। इन्हें केवल खुरचकर या काटकर विभिन्न आकारों में परिवर्तित किया जा सकता है। कोयला, चूना-पत्थर, गन्धक, जिप्सम, नमक व खनिज तेल इत्यादि अधात्विक खनिजों के उदाहरण हैं।

प्रश्न 4.
“शैलें पृथ्वी के इतिहास के पन्ने हैं और जीवावशेष उसके अक्षर” स्पष्ट कीजिए।
अथवा
“शैलें पृथ्वी के इतिहास की जानकारी प्रदान करती हैं।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भू-पृष्ठ का निर्माण शैलों से हुआ है। भू-वैज्ञानिक इतिहास के बारे में शैलें महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती हैं। शैलों में खनिज पदार्थ पाए जाते हैं तथा इनसे मिट्टी का निर्माण होता है, जो प्राकृतिक पर्यावरण का एक महत्त्वपूर्ण तथा आवश्यक भाग है। शैलों की परतों में जीव-जन्तु तथा प्राकृतिक वनस्पतियों के अवशेष पाए जाते हैं। इन जीवावशेषों से पृथ्वी की उत्पत्ति तथा समय की जानकारी प्राप्त होती है। इसलिए यह कहना सत्य है कि शैलें पृथ्वी के इतिहास के पन्ने हैं और जीवावशेष उसके अक्षर हैं।

HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल

प्रश्न 5.
आग्नेय चट्टानों को प्राथमिक चट्टानें क्यों कहा जाता है? स्थिति के आधार पर आग्नेय चट्टानों को कितने भागों में बाँटा जा सकता है?
उत्तर:
स्थलमण्डल करोड़ों वर्ष पहले तरल पृथ्वी के ऊपरी भाग के कठोर हो जाने से बना है। इसलिए पृथ्वी पर सबसे पहले आग्नेय चट्टानों का निर्माण हुआ था। इसी आधार पर इन्हें प्राथमिक चट्टानें (Primary Rocks) भी कहा जाता है। अवसादी और रूपान्तरित चट्टानों की अन्य दो किस्में, आग्नेय चट्टानों पर पड़ने वाले प्राकृतिक कारकों के प्रभावों से बनती हैं।
स्थिति के आधार पर आग्नेय चट्टानों को दो वर्गों में बाँटा जा सकता है-

  • अन्तर्वेधी आग्नेय चट्टानें
  • बहिर्वेधी आग्नेय चट्टानें।

प्रश्न 6.
अन्तर्वेधी आग्नेय चट्टान से क्या अभिप्राय है? इसे कितने वर्गों में बाँटा जा सकता है?
उत्तर:
जब मैग्मा धरातल के ऊपर न पहुँचकर उसके नीचे ही अलग-अलग गहराइयों पर ठण्डा होकर ठोस रूप धारण कर लेता है तो इससे अन्तर्वेधी आग्नेय चट्टानों का निर्माण होता है। भू-पटल के नीचे गहराई के आधार पर अन्तर्वेधी चट्टानें दो प्रकार की होती हैं

  • पातालीय चट्टानें
  • अधिवितलीय चट्टानें।

प्रश्न 7.
पातालीय चट्टानें क्या होती हैं और इनकी क्या विशेषताएँ होती हैं?
उत्तर:
पातालीय चट्टानों का नामकरण ‘प्लूटो’ (Pluto) के नाम पर किया गया है, जिसका अर्थ होता है ‘पाताल देवता’। अतः ऐसी आग्नेय चट्टानें जो स्थलमण्डल में काफ़ी गहराई पर अपने मूल स्थान पर ही मैग्मा के जम जाने से बनती हैं, पातालीय चट्टानें कहलाती हैं। मैग्मा की विशाल राशि को पाताल के अन्दर ठण्डा होकर जमने में बहुत समय लग जाता है। फलस्वरूप इन चट्टानों की रचना करने वाले खनिजों के रवे (Crystals) बड़े-बड़े बनते हैं। पृथ्वी के ऊपरी भाग के अत्यधिक अनाच्छादन या उत्थापन (Uplifting) के बाद ही ये चट्टानें भू-तल पर प्रकट होती हैं। पातालीय आग्नेय चट्टानों का सबसे महत्त्वपूर्ण उदाहरण गेब्रो तथा ग्रेनाइट हैं। सामान्यतः ग्रेनाइट का रंग भूरा, लाल, गुलाबी व सफेद होता है।

प्रश्न 8.
आग्नेय चट्टानों की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
आग्नेय चट्टानों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  1. आग्नेय चट्टानें कठोर, ठोस व संहत (Compact) होती हैं, इसलिए ये टिकाऊ भी होती हैं।
  2. इन चट्टानों में परतें नहीं होती, बल्कि ये स्थूल होती हैं।
  3. इन चट्टानों में रन्ध्र (Pores) नहीं होते, अतः जल इनमें प्रवेश नहीं कर पाता।
  4. आग्नेय चट्टानें रवेदार होती हैं किन्तु रवों का आकार मैग्मा के ठण्डा होने की गति पर निर्भर करता है। अन्तर्वेधी आग्नेय चट्टानों के रवे बड़े और बहिर्वेधी चट्टानों के रवे छोटे होते हैं।
  5. तप्त और तरल द्रव्य से बनने के कारण इन प्राथमिक चट्टानों में जीवावशेष (Fossils) नहीं पाए जाते।
  6. इन चट्टानों का अपक्षय कम होता है। इनमें यान्त्रिक अपक्षय (Mechanical Weathering) की प्रक्रिया इनके सन्धि-तलों व भ्रंशों से आरम्भ होती है।
  7. इन चट्टानों में अनेक प्रकार के खनिज बहुतायत में पाए जाते हैं।
  8. सिलिका की मात्रा अधिक होने पर इन चट्टानों का रंग हल्का व सिलिका कम होने पर रंग गहरा हो जाता है।

प्रश्न 9.
आग्नेय चट्टानों का आर्थिक महत्त्व स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:

  1. इन चट्टानों में आर्थिक महत्त्व के बहुमूल्य खनिज पदार्थों; जैसे सोना, चाँदी, हीरा, निकिल, प्लैटिनम, मैंगनीज़, लोहा, टीन, जस्ता, ग्रेफाइट, ताँबा, सीसा आदि के विशाल भण्डार पाए जाते हैं।
  2. ग्रेनाइट व बेसाल्ट चट्टानों का प्रयोग सड़क और भवन निर्माण में प्राचीनकाल से होता रहा है। भारत में अनेक भव्य किले, महल और मन्दिर आदि इन चट्टानों से बने हुए हैं।
  3. बेसाल्ट चट्टानों के क्षरण से उपजाऊ काली मिट्टी बनती है जो गन्ना और कपास जैसी फसलों के लिए श्रेष्ठ है।
  4. आग्नेय चट्टानों के क्षेत्र में खनिज मिश्रित गरम जल के स्रोत पाए जाते हैं।

प्रश्न 10.
अवसादी चट्टानें किस प्रकार बनती हैं?
अथवा
अवसादी चट्टानों की निर्माण प्रक्रिया समझाइए।
अथवा
“अवसादी चट्टानें अन्य चट्टानों से बनती हैं।” इस कथन को सिद्ध कीजिए।
उत्तर:
अपक्षय तथा अपरदन क्रिया द्वारा चट्टानें ट-फट कर छोटे-बड़े कणों में परिवर्तित होती रहती हैं जिसे अवसाद कहते हैं। बालू, मिट्टी, बज़री, रोड़ी इत्यादि अवसाद के विभिन्न रूप हैं। अनाच्छादन के साधन लाखों वर्षों तक इस अवसाद को परतों में जमा करते रहते हैं। कालान्तर में ये परतें ठोस होकर अवसादी चट्टानें बनती हैं। स्तरों में मिलने के कारण इन्हें स्तरित चट्टानें (Stratified Rocks) भी कहा जाता है। अवसाद के अतिरिक्त इन चट्टानों के निर्माण में पौधों और जानवरों के अवशेषों से उत्पन्न जीवांश (Humus) तथा घुलनशील तत्त्व भी योगदान देते हैं।

प्रश्न 11.
आग्नेय शैलों/चट्टानों का वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल 1

प्रश्न 12.
अवसादी शैलों का वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल 2

प्रश्न 13.
आग्नेय तथा रूपान्तरित चट्टानों में खनिज रवों की व्यवस्था लगभग एक-समान क्यों होती है?
उत्तर:
आग्नेय चट्टानों और रूपान्तरित चट्टानों का निर्माण लगभग एक समान परिस्थितियों में होता है। इन चट्टानों का निर्माण भू-तल के आन्तरिक भाग में होता है तथा इनके निर्माण में प्रमुख कारक मैग्मा है। आन्तरिक भाग में चट्टानें पिघली हुई अवस्था में होती हैं। जब इनसे आग्नेय चट्टानों का निर्माण होता है, तो इनके रवे ढेरों के रूप में बनते हैं, परन्तु जब दबाव तथा तापक्रम के कारण रूपान्तरित चट्टानों का निर्माण होता है, तो इनके रवे तहों में समानान्तर रूप में स्थिर रहते हैं।

प्रश्न 14.
जीवाश्म केवल अवसादी चट्टानों में ही सुरक्षित रहते हैं, न कि आग्नेय चट्टानों में। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
प्राकृतिक वनस्पति तथा विभिन्न जीव-जन्तुओं के अवशेषों अथवा अस्थि-पिंजरों को जीवाश्म कहते हैं। जीवाश्म केवल अवसादी चट्टानों में ही सुरक्षित रहते हैं क्योंकि अवसादी चट्टानें परतदार होती हैं। इन परतों में जीवाश्म सुरक्षित रहते हैं तथा इनसे चट्टानों की उत्पत्ति के समय का ज्ञान होता है। जीवाश्म आग्नेय चट्टानों में सुरक्षित नहीं रह सकते, क्योंकि ये चट्टानें परतरहित होती हैं तथा इनके मूल पदार्थ मैग्मा की गर्मी के कारण ये जीवाश्म झुलस जाते हैं।

प्रश्न 15.
भू-पर्पटी में किन परिस्थितियों में खनिज तेल के भण्डार पाए जा सकते हैं? समीक्षा कीजिए।
उत्तर:
खनिज तेल सूक्ष्म सागरीय जीव-जन्तुओं और प्राकृतिक वनस्पति के गलने-सड़ने से अवसादी चट्टानों में पाया जाता है। इन चट्टानों की संरचना परतदार तथा विशेष प्रकार की होती है। खनिज तेल भू-पर्पटी में निम्नलिखित परिस्थितियों में पाया जाता है

  1. खनिज तेल तलछट के जमाव के कारण तलछटी चट्टानों में मिलता है।
  2. जब दो अप्रवेशीय चट्टानों के मध्य एक प्रवेशीय परत होती है।
  3. दो परतों के मध्य बलुआ पत्थर की परत से खनिज तेल का निर्माण होता है, क्योंकि गर्मी और दबाव के कारण बलुआ पत्थर में उपस्थित प्राकृतिक वनस्पति तथा जीव-जन्तुओं के अवशेष खनिज तेल में परिवर्तित हो जाते हैं।
  4. अवसादी चट्टानों में वलन होते हैं। खनिज तेल इन वलनों के शिखर से प्राप्त होता है।
  5. नदियों, घाटियों एवं डेल्टाई क्षेत्रों की अवसादी चट्टानों में खनिज तेल के विस्तृत भण्डार संचित हैं। उदाहरण के लिए, सम्पूर्ण उत्तरी भारत की चट्टानों में खनिज तेल मिलने की सम्भावनाएँ हैं।

प्रश्न 16.
अवसादी चट्टानों की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
अवसादी चट्टानों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  1. अवसादी चट्टानें परतों में पाई जाती हैं।
  2. इन चट्टानों में रवे नहीं पाए जाते।
  3. इन चट्टानों में प्राणिज अवशेष (Fossils) पाए जाते हैं जो जीवन के विकास काल को प्रदर्शित करते हैं।
  4. ये चट्टानें अपेक्षाकृत नरम होती हैं। इन्हें चाकू से खुरचने पर इनमें से महीन कण झड़ते हैं।
  5. आग्नेय व कायान्तरित शैलों की तुलना में इनका अपक्षय व अपरदन आसानी से होता है।
  6. अवसादी चट्टानें सरन्ध्र होती हैं। इनमें जल सुगमता से प्रवेश कर सकता है।

प्रश्न 17.
“रूपान्तरित चट्टानें आग्नेय चट्टानों और अवसादी चट्टानों का ही परिवर्तित रूप है।” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ऐसी चट्टानें जो अन्य चट्टानों के रूप परिवर्तन द्वारा बनती हैं, रूपान्तरित चट्टानें कहलाती हैं। पी०जी० वॉरसेस्टर के घटन हए बिना गर्मी. दबाव तथा रासायनिक क्रियाओं के फलस्वरूप उनके रूप, बनावट व खनिजों का पूर्ण कायान्तरण हो जाता है, वे कायान्तरित चट्टानें कहलाती हैं। रूपान्तरण केवल आग्नेय व अवसादी शैलों का नहीं होता, बल्कि प्राचीन कायान्तरित शैलों का भी होता है जिसे पुनः रूपान्तरण या अति-रूपान्तरण कहा जाता है।

प्रश्न 18.
कायान्तरित चट्टानों का आर्थिक महत्त्व स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:

  1. कायान्तरित चट्टानों में अनेक महत्त्वपूर्ण खनिज पाए जाते हैं; जैसे नीस, क्वार्टज़ाइट, ग्रेफाइट, एन्थ्रासाइट, स्लेट व संगमरमर इत्यादि।
  2. क्वार्टज़ाइट का प्रयोग काँच उद्योग में होता है क्योंकि यह एक कठोरतम खनिज है।
  3. स्लेट का प्रयोग छप्पर व फर्श बनाने के लिए तथा स्कूली बच्चों के लिखने के लिए होता है। बिलियर्ड्स की मेज़ मोटी स्लेट से बनाई जाती है।
  4. नीस व संगमरमर का प्रयोग इमारती पत्थर के रूप में किया जाता है। विश्व प्रसिद्ध ताजमहल संगमरमर का बना हुआ है।
  5. ग्रेफाइट का प्रयोग पेन्सिल का सिक्का बनाने तथा धातु गलाने की घड़िया (Crucible) बनाने के काम आता है। ग्रेफाइट का गलनांक $3500^{\circ}$ सेल्सियस होतां है। परमाणु बिजली-घरों के लिए ग्रेफाइट अनिवार्य है।
  6. रूपान्तरित चट्टानों में ही बहुमूल्य जवाहरात; जैसे रत, माणिक, नीलम इत्यादि उत्पन्न होते हैं।
  7. सेलखड़ी और टेल्क का प्रयोग टेलकम पाउडर जैसे सौन्दर्य प्रसाधन बनाने में किया जाता है।

HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल

प्रश्न 19.
तापीय अथ्वा स्पर्श रूपान्तरण क्या होता है?
उत्तर:
ऊँचे ताप के प्रभाव से चट्टानों में होने वाला रूपान्तरण तापीय रूपान्तरण कहलाता है। भू-गर्भ से ऊपर की ओर बढ़ता हुआ गरम मैग्मा अपने सम्पर्क में आने वाली स्थानीय शैलों को पिघलाकर या भूनकर उनके रूप, रंग, संरचना और गुणों में परिवर्तन ला देता है। इस तापीय रूपान्तरण से बलुआ पत्थर बदलकर क्वार्टज़ाइट, चूने का पत्थर बदलकर संगमसमर, चीका मिट्टी और शैल बदलकर स्लेट और बिटुमिनस कोयला बदलकर एंग्रासाइट और ग्रेफाइट बन जाते हैं। ये सभी परिवर्तन लगभग 50 से 80 डिग्री सेल्सियस तक होते हैं। 150 से 200 सेल्सियस में स्लेट पुनः कायान्तरित होकर फाइलाइट (Philite) में बदल जाती है।

प्रश्न 20.
खनिज संसाधरों का वर्गीकरण कीजिए-
उत्तर:
खनिज संसाधन निम्नलिखित वर्गों में बाँटे जाते हैं-

  1. आवश्यक संसाधन-आधारभूत संसाधनों के इस वर्ग से हमें जल तथा मृदा उपलब्ध होते हैं।
  2. ऊर्जा संसाधन-इनमें हमें जीवाशुमी ईंधन; जैसे कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, कोयला, तारकोल, बालू तथा परमाणु ईंधन; जैसे यूरेनियम, थोरियम तथा भूतापीय ऊर्जा उपलब्ध होती है।
  3. धात्विक संसाधन-इनमें हमें संरचनात्मक धातुएँ; जैसे लोहा, एल्यूमीनियम, टिटैनियम, सोना, प्लैटिनम तथा सैलियम इत्यादि प्राप्त होते हैं।
  4. औधोगिक संसाधन-औद्योगिक खनिजों से हमें 30 से अधिक पदार्थ प्राप्त होते हैं; जैसे बालू, नमक व एस्बेस्टस इत्यादि।

प्रश्न 21.
निम्नलिखित में अन्तर स्पष्ट कीजिए-
(क) खनिज तथा चट्टान
(ख) डाइक तथा सिल
(ग) आग्नेय तथा अवसादी चट्टारें।
उत्तर:
(क) खनिज तया चट्टान-

खनिज (Mineral) चट्टान (Rock)
1. खनिज एक या अधिक तत्त्वों के योग से बनते हैं। प्रायः ये यौगिक रूप में मिलते हैं। 1. चट्टान एक या अधिक खनिजों के मिश्रण से बनती हैं।
2. खनिज प्राकृतिक अवस्था में पाया जाने वाला एक अजैविक पदार्थ है। 2. चट्टान भू-पृष्ठ पर पाया जाने वाला जैविक और अजैविक, कठोर और नरम पदार्थ है।
3. खनिजों की एक निश्चित रासायनिक संरचना होती है। 3. चट्टानों की निश्चित रासायनिक संरचना नहीं होती।
4. खनिजों से चट्टान बनती है। 4. चट्टानों से भू-पर्पटी बनती है।
5. लोहा, तांबा, सोना, अभ्रक, फेल्सपार आदि खनिजों के उदाहरण हैं। 5. चूना पत्थर, बलुआ पत्थर, स्लेट, ग्रेनाइट आदि चट्टानों के उदाहरण हैं।

(ख) डाइक तथा सिल

डाइक सिल
1. इनका निर्माण भूतल के आन्तरिक भाग में मैग्मा के लम्बवत् रूप में दरारों में जम जाने के कारण होता है। 1. इनका निर्माण भूतल के आन्तरिक भाग में मैग्मा के क्षैतिज परतों के मध्य दरारों में जम जाने के कारण होता है।
2. यह अन्तर्वेधी आग्नेय शैल है। 2. यह भी अन्तर्वेधी आग्नेय शैल है।
3. ये भूतल के लम्बवत् बनते हैं। 3. ये भूतल के समानान्तर क्षैतिज अवस्था में बनते हैं।

(ग) आग्नेय तथा अवसादी चट्टानें

आग्नेय चट्टानें अवसादी चट्टानें
1. आग्नेय शैलों का निर्माण लावा के ठण्डा तथा ठोस होने से होता है। 1. अवसादी शैलों का निर्माण तलछट की परतों के निरन्तर जमने से होता है।
2. ये शैलें ढेरों में मिलती हैं। 2. ये शैलें परतदार होती हैं।
3. इन शैलों में रवे मिलते हैं। 3. इन शैलों में विभिन्न प्रकार के गोल कण मिलते हैं।
4. इनमें जीवावशेष नहीं मिलते। 4. इनमें प्राकृतिक वनस्पति तथा जीव-जन्तुओं के अवशेष मिलते हैं।

निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
आग्नेय चट्टानें किसे कहते हैं? इनका वर्गीकरण कीजिए।
अथवा
विभिन्न आधारों पर आग्नेय चट्टानों का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
आग्नेय चट्टानों का अर्थ (Meaning of Igneous Rocks)-आग्नेय शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के इग्निस (Ignis) शब्द से हुई है, जिसका तात्पर्य है कि अग्नि के समान गरम तप्त लावा के ठण्डे होने से इन चट्टानों का निर्माण हुआ। पृथ्वी अपनी उत्पत्ति के समय गरम, तरल एवं गैसीय पुंज थी, जो धीरे-धीरे ठण्डी हुई। ठण्डी एवं ठोस अवस्था में आने से इन चट्टानों का निर्माण हुआ। पृथ्वी पर सर्वप्रथम इन्हीं चट्टानों का निर्माण हुआ इसलिए इन्हें प्राथमिक चट्टानें भी कहते हैं। आग्नेय चट्टानें पृथ्वी के पिघले हुए पदार्थ (मैग्मा) के ठण्डा एवं ठोस हो जाने के कारण बनी हैं।

आग्नेय चट्टानों का वर्गीकरण (Classification of Igneous Rocks)-आग्नेय चट्टानों का वर्गीकरण निम्नलिखित आधार पर किया जाता है

  • स्थिति के आधार पर
  • रासायनिक संरचना के आधार पर

I. स्थिति के आधार पर-स्थिति के आधार पर आग्नेय चट्टानों का वर्गीकरण इस प्रकार है-
1. बाह्य या बहिर्वेधी आग्नेय चट्टानें (Extrusive Ieneous Rocks) जब भू-गर्भ का तप्त एवं गरम मैग्मा धरातल पर आकर ठण्डा होता है तो बाह्य आग्नेय चट्टानों का निर्माण होता है। इन चट्टानों का प्रमुख उदाहरण बेसाल्ट है। प्रायद्वीपीय भारत के उत्तर:पश्चिमी क्षेत्र में इस प्रकार की चट्टानें पाई जाती हैं।

2. आन्तरिक या अन्तर्वेधी आग्नेय चट्टानें (Intrusive Igneous Rocks)-ज्वालामुखी उद्गार के समय जब भू-गर्भ का मैग्मा पृथ्वी के तल के नीचे दरारों में जम जाता है तो आन्तरिक आग्नेय चट्टानों का निर्माण होता है। भू-गर्भ में मैग्मा का जमाव दो विभिन्न स्थितियों में होता है, इसलिए इन्हें निम्नलिखित दो उपवर्गों में बाँटा जा सकता है
(i) पातालीय चट्टानें (Plutonic Rocks)-भू-गर्भ में अत्यधिक गहराई पर मैग्मा के जमाव द्वारा बनी चट्टानों को पातालीय चट्टानें कहते हैं। यहाँ मैग्मा के ठण्डा होने में पर्याप्त समय लगता है, इसलिए इनके रवे बड़े होते हैं। ग्रेनाइट तथा गेब्रो (Gabro) इनके प्रमुख उदाहरण हैं। ये आन्तरिक आग्नेय चट्टानों के बड़े-बड़े पिण्ड होते हैं, इन्हें बैथोलिथ कहते हैं। भारत में छोटा नागपुर के पठार, मध्य प्रदेश तथा राजस्थान में इसी प्रकार की चट्टानें पाई जाती हैं।

(ii) मध्यवर्ती चट्टानें (Hypabyssal Rocks)-जब भू-गर्भ का मैग्मा धरातल के ऊपर नहीं आ पाता और भू-गर्भ की चट्टानों हो जाता है तो उन्हें मध्यवर्ती आग्नेय चट्टानें कहते हैं। यदि लावे का जमाव लम्बवत् रूप में होता है तो उन्हें डाइक कहते हैं और यदि क्षैतिज रूप में हो तो उन्हें सिल कहते हैं।

II. रासायनिक संरचना के आधार पर रासायनिक संरचना के आधार पर आग्नेय चट्टानों को निम्नलिखित दो भागों में बाँटा जा सकता है
1. अम्लीय आग्नेय चट्टानें (Acid Igneous Rocks)-इनमें सिलिका की मात्रा 65% से अधिक होती है। इसके अतिरिक्त इन चट्टानों में सोडियम, पोटाशियम तथा एल्यूमीनियम आदि महत्त्वपूर्ण रासायनिक तत्त्व होते हैं। ग्रेनाइट, क्वार्ट्ज़ाइट, पेग्मैटाइट तथा राओलाइट इस प्रकार की चट्टानों के प्रमुख उदाहरण हैं।

2. क्षारीय आग्नेय चट्टानें (Basic Igneous Rocks) इनमें सिलिका की मात्रा 40% से 55% तक होती है। बेसाल्ट, गेब्रो तथा डोलेराइट इस प्रकार की चट्टानों के प्रमुख उदाहरण हैं।

प्रश्न 2.
आग्नेय चट्टानी पिण्डों से आपका क्या तात्पर्य है? विभिन्न आग्नेय चट्टानी पिण्डों का वर्णन करें।
उत्तर:
आग्नेय चट्टानी पिण्ड का अर्थ (Meaning of Masses of Igneous Rocks)-मैग्मा के ठोसावस्था में आने पर अनेक तरह के चट्टानी पिण्डों की रचना होती है। इनका नामकरण इनके रूप, आकार, स्थिति तथा आस-पास पाई जाने वाली चट्टानों के आधार पर किया जाता है। अधिकांश चट्टानी पिण्ड अन्तर्वेधी आग्नेय चट्टानों से बने हुए हैं।

आग्नेय चट्टानी पिण्डों के प्रकार (Types of Masses of lgneous Rocks)-आग्नेय चट्टानी पिण्डों के प्रकार निम्नलिखित हैं-
1. बैथोलिथ (Batholith) यह मैग्मा का सबसे बड़ा गुम्बदाकार जमाव है जो अत्यधिक गहराई में पाया जाता है। हज़ारों वर्ग कि०मी० क्षेत्र में विस्तृत इस पिण्ड का ऊपरी तल ऊबड़-खाबड़ तथा ढाल खड़ा होता है। इसकी मोटाई इतनी अधिक होती है कि इसके आधार पर पहुँच पाना कठिन होता है। अनाच्छादन के बाद इसका केवल ऊपरी भाग ही देखा जा सकता है। बैथोलिथ की जड में होते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका के इडाहो (Idaho) राज्य में 40 हजार वर्ग कि०मी० से भी ज्यादा क्षेत्र में फैला बैथोलिथ तथा पश्चिमी कनाडा में कोस्ट रेन्ज बैथोलिथ इसके प्रमुख उदाहरण हैं। बैथोलिथ मूलतः ग्रेनाइट चट्टानों के जमाव होते हैं।

2. स्टॉक (Stock)-छोटे आकार के बैथोलिथ को स्टॉक कहते हैं। स्टॉक की ऊपरी सतह का विस्तार 100 वर्ग कि०मी० से कम क्षेत्र में होता है। यह खड़ी अवस्था में होता है जिसका ऊपरी भाग अधिक विषम किन्तु गोलाकार होता है। इसकी अन्य विशेषताएँ बैथोलिथ जैसी होती हैं।

3. लैकोलिथ (Lacolith) भू-गर्भ से धरातल की ओर बढ़ता हुआ विस्फोटक मैग्मा जब किन्हीं कारणों से धरातल पर नहीं पहुँच पाता तो वह परतदार चट्टानों में छतरीनुमा रूप धारण कर लेता है। लैकोलिथ की निचली परत सीधी होती है जो नली के द्वारा मैग्मा भण्डार से जुड़ी होती है। लैकोलिथ बहिर्वेधी ज्वालामुखी पर्वत का अन्तर्वेधी प्रतिरूप है। उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी भाग में अनेक लैकोलिथ देखने को मिलते हैं।

4. लैपोलिथ (Lapolith)-जब मैग्मा का जमाव धरातल के नीचे किसी अवतल आकार वाले उथले बेसिन में हो जाता है तब एक तश्तरीनुमा चट्टानी पिण्ड का निर्माण होता है, जिसे लैपोलिथ कहते हैं। इसका उदाहरण दक्षिण अफ्रीका के ट्रांसवाल क्षेत्र में मिलता है।

5. फैकोलिथ (Phacolith) मोड़दार पर्वतों की अपनति (Anticline) व अभिनति (Syncline) में मैग्मा के जमाव को फैकोलिथ कहते हैं। यह लहरदार आकृति का होता है।

6. सिल (Sill)-परतदार चट्टानों के बीच भू-पृष्ठ के समानान्तर मैग्मा से बनी अधिवितलीय चट्टान को सिल कहते हैं। इसकी मोटाई सैकड़ों मीटर तक होती है किन्तु एक मीटर से पतली सिल को शीट (Sheet) कहा जाता है।

7. डाइक (Dike or Dyke)-जब भू-तल के नीचे मैग्मा लम्बवत् जोड़ों या दरारों में जमता है तो डाइक कहलाता है। कठोर होने के कारण इस पर अपरदन का कम प्रभाव पड़ता है। आस-पास की चट्टानों के अपरदन द्वारा नष्ट होने पर डाइक एक खड़ी या झुकी विशाल दीवार की भान्ति दिखाई पड़ते हैं। डाइक कुछ मीटर से कई कि०मी० तक लम्बे व कुछ सेंटीमीटर से कई मीटर तक चौड़े होते हैं। झारखण्ड के सिंहभूम जिले में डोलेराइट के अनेक डाइक देखने को मिलते हैं।

उपर्युक्त अन्तर्वेधी आग्नेय चट्टानी पिण्डों के अतिरिक्त अनेक बहिर्वेधी आग्नेय चट्टानी पिण्ड भी पाए जाते हैं। इनसे महाद्वीपों और महासागरों की तली पर ज्वालामुखी पर्वतों और ज्वालामुखी पठारों का निर्माण होता है।

प्रश्न 3.
परतदार अथवा अवसादी चट्टानें किसे कहते हैं? इनका वर्गीकरण कीजिए।
अथवा
तलछटी चट्टानों या शैलों का वर्गीकरण करते हुए इसकी मुख्य किस्मों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अवसादी (परतदार) चट्टानों का अर्थ एवं परिभाषा (Meaning and Definition of Sedimentary Rocks) अपक्षय तथा अपरदन के विभिन्न साधनों द्वारा प्राप्त बड़ी मात्रा में अवसाद के जमने से बनी हुई चट्टानों को परतदार अथवा अवसादी चट्टानें अवसाद के परतों में जमने के कारण होता है। भूतल पर लगभग 75% चट्टानें अवसादी चट्टानें हैं। पी०जी० वॉरसेस्टर के अनुसार, “अवसादी शैल, धरातलीय चट्टानों के टूटे मलबे तथा खनिज एक स्थान से दूसरे स्थान पर एकत्रित होते रहते हैं जो धीरे-धीरे एक परत का रूप धारण कर लेते हैं।”

अवसादी चट्टानों का वर्गीकरण (Classification of Sedimentary Rocks)-अवसादी चट्टानों की निर्माण-विधि तथा संरचना के आधार पर इन्हें अग्रलिखित दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है

  • जैव अवसादी चट्टानें (Organic Sedimentary Rocks)
  • अजैव अवसादी चट्टानें (Inorganic Sedimentary Rocks)

I. जैव अवसादी चट्टानें (Crganic Sedimentary Racks)-जिन चट्टानों का निर्माण विभिन्न जीव-जन्तुओं या वनस्पति के जमाव द्वारा होता है, उन्हें जैव अवसादी चट्टानें कहते हैं। ये चट्टानें निम्नलिखित प्रकार की होती हैं-
(1) चूना प्रधान अवसादी चट्टानें (Calcareous Sedimentary Rocks) महासागरीय तथा सागरीय जल में विभिन्न प्रकार के जीव-जन्तु रहते हैं। इन जीव-जन्तुओं की मृत्यु के पश्चात् इनके अवशेष समुद्र की तलहटी में जमा होते रहते हैं जिनसे चूना प्रधान अवसादी चट्टानों का निर्माण होता है। चूना पत्थर, खड़िया, डालोमाइट तथा सेलखड़ी इनके प्रमुख उदाहरण हैं। प्रवाल भित्तियों या प्रवाल द्वीपों का निर्माण चूना-युक्त चट्टानों से होता है।

(2) कार्बनयुक्त अवसादी चट्टानें (Carbonaceous Sedimentary Rocks) इस प्रकार की चट्टानों का निर्माण जीव-जन्तुओं तथा प्राकृतिक वनस्पति द्वारा होता है। पृथ्वी में उथल-पुथल के कारण जीव-जन्तु तथा प्राकृतिक वनस्पति भू-तल के नीचे दब जाती है। भू-गर्भ के तापमान तथा ऊपरी चट्टानों के दबाव के कारण इन जीव-जन्तुओं और वनस्पतियों के अंश कालान्तर में कोयले के रूप में बदल जाते हैं जिसमें कार्बन की प्रधानता होती है। कार्बन की मात्रा के अनुसार पीट, लिग्नाइट, बिटुमिनस तथा एन्थ्रासाइट कोयले का निर्माण होता है।

(3) रासायनिक प्रक्रिया द्वारा बनी अवसादी चट्टानें (Chemically formed Sedimentory Rocks)-खारी झीलों या समुद्रों का पानी जलवाष्प बनकर उड़ जाता है तथा अवसाद नीचे रह जाते हैं जिससं अवसादी चट्टानें बनती हैं। रासायनिक प्रक्रिया द्वारा बनी चट्टानों के प्रमुख उदाहरण सेंधा नमक, जिप्सम तथा शोरा हैं।

II. अजैव अवसादी चट्टानें (Inorganic Sedimentary Rocks)-अपक्षय तथा अपरदन की क्रियाओं द्वारा चट्टानें टूटती-फूटती रहती हैं तथा उनका मलबा जमा होता रहता है। अजैव अवसादी चट्टानों को निम्नलिखित प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है

  • प्रधान अवसादी चट्टानें (Arenaceous Sedimentary Rocks)-इन चट्टानों का निर्माण बालू के कणों के संगठन से होता है। बलुआ पत्थर इनका प्रमुख उदाहरण है।
  • चीका प्रधान अवसादी चट्टानें (Argillaceous Sedimentary Rocks)-इनका निर्माण चिकनी मिट्टी तथा दलदल के कठोर होने के कारण होता है।

HBSE 11th Class Geography Important Questions Chapter 5 खनिज एवं शैल

प्रश्न 4.
अवसादी या परतदार चट्टानों की विशेषताओं तथा आर्थिक महत्त्व का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अवसादी चट्टानों की विशेषताएँ (Characterstics of Sedimentary Rocks) अवसादी चट्टानों की विशेषताएँ। निम्नलिखित हैं

  • आग्नेय चट्टानों की तुलना में ये चट्टानें कोमल अथवा नरम होतो हैं।
  • ये चट्टानें परतों के रूप में पाई जाती हैं।
  • ये चट्टानें छिद्रमय होती हैं। बलुई चट्टानें अधिक छिद्रमय तथा चीका-युक्त चट्टानें कम छिद्रमय होती हैं।
  • इन चट्टानों में जीव-जन्तुओं एवं वनस्पति के अवशेष पाए जाते हैं।
  • ये चट्टानें रवे-रहित होती हैं।
  • ये चट्टानें प्रवेश्य चट्टानें हैं।

अवसादी चट्टानों का आर्थिक महत्त्व (Economical Significance of Sedimentary Rocks)-अवसादी चट्टानों का महत्त्व निम्नलिखित कारकों पर आधारित है

  • अवसादी चट्टानें उपजाऊ मिट्टी का अभूतपूर्व भण्डार हैं। उदाहरण के लिए, सतलुज, गंगा एवं ब्रह्मपुत्र के मैदान की उपजाऊ मिट्टी अवसादी चट्टानों की ही देन हैं।
  • इन चट्टानों में शक्ति के प्रमुख स्रोत; जैसे कोयला तथा पेट्रोलियम मिलते हैं। उदाहरण के लिए, महानदी, कृष्णा तथा कावेरी नदियों के डेल्टाई क्षेत्रों में कोयले के भण्डार हैं तथा सम्पूर्ण उत्तरी भारत की अवसादी चट्टानों में खनिज तेल के भण्डार मिलने की सम्भावनाएँ हैं।
  • उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों में अवसादी चट्टानों के अपक्षय से बॉक्साइट, मैंगनीज, टिन आदि खनिजों के गौण अयस्क मिलते हैं।
  • अवसादी चट्टानों में लौह-अयस्क, फास्फेट, इमारती पत्थर, कोयला तथा सीमेण्ट बनाने वाले पदार्थों के स्रोत मिलते हैं।
  • इन चट्टानों में विभिन्न प्रकार के खनिज पदार्थ पाए जाते हैं।

Read More:

OBEROIRLTY Pivot Point Calculator

HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर

Haryana State Board HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर

(A) वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)

1. हृदय में संकुचन प्रारम्भ होता है-
(A) दायें अलिन्द से
(B) दायें निलय से
(C) बायें अलिन्द से
(D) बायें निलय से।
उत्तर:
(A) दायें अलिन्द से

2. निलय संकुचन किसके नियंत्रण में होता है ?
(A) SAN
(B) AVN
(C) पुरकिन्जे तन्तु
(D) पैपिलरी पेशियाँ।
उत्तर:
(A) SAN

HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर

3. निलयों का संकुचन केन्द्र होता है-
(A) AVN
(B) SAN
(C) AVB
(D) पुरकिन्जे तन्तु ।
उत्तर:
(A) AVN

4. मनुष्य के हृदय के स्पन्दन का प्रकार होता है-
(A) न्यूरोजेनिक
(B) मायोजेनिक
(C) न्यूरोमायोजनिक
(D) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर:
(B) मायोजेनिक

5. हृदय में शिरा अलिन्द पर्व उपस्थित होता है-
(A) दायें निलय में
(B) बायें निलय में
(C) दायें अलिन्द में
(D) बायें अलिन्द में।
उत्तर:
(C) दायें अलिन्द में

6. हृदय स्पन्दन का नियमन निर्भर करता है-
(A) रुधिर में O2 की अधिकता पर
(B) गति निर्धारक की उपस्थिति पर
(C) थाइरॉक्सिन की उपस्थिति पर
(D) रुधिर की मात्रा पर ।
उत्तर:
(B) गति निर्धारक की उपस्थिति पर

7. मनुष्य के हृदय में स्पन्दन को प्रारम्भ करने वाली रचना है-
(A) SAN
(C) AVB
(B) AVN
(D) कैरोटिड लेखिन्थ
उत्तर:
(A) SAN

8. हृदय स्पन्दन में ‘डब’ की ध्वनि तब होती है, जब-
(A) त्रिवलनी कपाट खुलता है
(B) मिट्रिल कपाट बन्द होता है।
(C) मिट्रिल कपाट खुलता है।
(D) महाधमनी के अर्द्धचन्द्राकार कपाट बन्द होते हैं।
उत्तर:
(D) महाधमनी के अर्द्धचन्द्राकार कपाट बन्द होते हैं।

9. रुधिर का थक्का जमाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं-
(A) न्यूट्रोफिल
(C) थ्रोम्बोसाइट
(B) इथ्रोसाइट
(D) मोनोसाइट्स ।
उत्तर:
(C) थ्रोम्बोसाइट

HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर

10. अनुशिथिलन के समय-
(A) रुधिर हृदय से निकलता है
(B) रुधिर हृदय में आता है।
(C) रुधिर निलय से निकलता है
(D) रुधिर फेफड़ों में आता है ।
उत्तर:
(B) रुधिर हृदय में आता है।

11. गति निर्धारक का कार्य है-
(A) हृद् स्पन्दन की दर को बढ़ाना
(B) हद् स्पन्दन की दर को घटाना
(C) हृद् स्पन्दन को प्रारम्भ करना
(D) हृदय को रक्त की सप्लाई का नियंत्रण ।
उत्तर:
(C) हृद् स्पन्दन को प्रारम्भ करना

12. हृदय का गति प्रेरक होता है-
(A) A.V. node
(B) S.A. node
(C) A.V पट
(D) हृदय रज्जु ।
उत्तर:
(B) S.A. node

13. हृदय में गति निर्धारक कहलाता है-
(A) अलिन्द निलय नोड
(B) पेपिलरी पेशियाँ
(C) पुरकिन्जे तन्तु
(D) शिरा अलिन्द नोड ।
उत्तर:
(D) शिरा अलिन्द नोड ।

14. गति प्रेरक हृदय में कहाँ स्थित होता है ?
(A) बायें अलिन्द में पल्मोनरी शिरा के छिद्र के पास
(B) बायें अलिन्द में यूस्टेकियन कपाट के पास
(C) अन्तरालिन्द पट्टी के पास
(D) अन्तर – निलय पट्टी के पास ।
उत्तर:
(B) बायें अलिन्द में यूस्टेकियन कपाट के पास

15. Rh फैक्टर की खोज की थी-
(A) कार्ल लैण्डस्टीनर ने
(B) विलियम हार्वे ने
(C) लैण्डस्टीनर एवं बीनर ने
(D) मैलपीबी ने।
उत्तर:
(C) लैण्डस्टीनर एवं बीनर ने

16. प्रथम हृदय ध्वनि है-
(A) निलय संकुचन के प्रारम्भ में विकसित ‘लब’ ध्वनि
(B) निलय संकुचन के प्रारम्भ में विकसित ‘डब’ ध्वनि
(C) संकुचन के अन्त में विकसित ‘लब’ ध्वनि
(D) संकुचन के अन्त में विकसित ‘डब’ ध्वनि ।
उत्तर:
(A) निलय संकुचन के प्रारम्भ में विकसित ‘लब’ ध्वनि

17. रक्त स्कंदन में सहायक है-
(A) Cat++
(B) Mg++
(C) K++
(D) Na++
उत्तर:
(A) Cat++

18. श्वेत रक्ताणुओं का कार्य है-
(A) ऑक्सीजन का संवहन करना
(B) CO2 का संवहन करना
(C) पोषक पदार्थों का संवहन करना
(D) शरीर की रोगाणुओं से सुरक्षा करना ।
उत्तर:
(D) शरीर की रोगाणुओं से सुरक्षा करना ।

19. लसीका (lymph) में होता है-
(A) RBC अधिक तथा WBC अनुपस्थित
(B) RBC अनुपस्थित तथा WBC अधिक
(C) RBC अनुपस्थित तथा WBC कम
(D) RBC अनुपस्थित तथा WBC अनुपस्थित ।
उत्तर:
(C) RBC अनुपस्थित तथा WBC कम

HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर

20. किस रुधिर वर्ग में प्रतिरक्षी (एन्टीबॉडी) अनुपस्थित होते हैं ?
(A) रुधिर वर्ग A में
(B) रुधिर वर्ग B में
(C) रुधिर वर्ग AB में
(D) रुधिर वर्ग O में ।
उत्तर:
(C) रुधिर वर्ग AB में

21. वह रोग जो रुधिर में हीमोग्लोबिन की मात्रा में कमी होने के कारण होता है, क्या कहलाता है ? (RPMT)
(A) प्लूरिसी
(B) एम्फीसीमा
(C) रक्ताल्पता
(D) न्यूमोनिया ।
उत्तर:
(C) रक्ताल्पता

22. रुधिर में ऑक्सीजन का परिवहन होता है- (RPMT)
(A) ल्यूकोसाइट द्वारा
(B) थ्रोम्बोसाइट द्वारा
(C) प्लाज्मा द्वारा
(D) इरिथ्रोसाइट द्वारा।
उत्तर:
(D) इरिथ्रोसाइट द्वारा।

23. सभी स्तानियों की इरिथ्रोसाइट केन्द्रक विहीन होती है, इसको छोड़कर- (RPMT)
(A) मनुष्य
(B) बन्दर
(C) हाथी
(D) ऊंट ।
उत्तर:
(D) ऊंट ।

24. इरिथ्रोसाइट का निर्माण होता है- (RPMT)
(A) थाइमस में
(B) यकृत में
(C) अस्थिमज्जा में
(D) प्लीहा में।
उत्तर:
(C) अस्थिमज्जा में

25. हद् स्पंदन के लिए आवेग उत्पन्न होता है- (RPMT)
(A) हेन्सन नोड से
(B) साइनो अलिन्द नोड से
(C) रेनवियर, नोड
(D) अलिन्द निलय नोड ।
उत्तर:
(D) अलिन्द निलय नोड ।

26. रुधिर वर्ग A वाला मनुष्य रुधिर प्राप्त कर सकता है- (RPMT)
(A) AB से
(B) A और O से
(C) A और AB से
(D) AB और O रुधिर वर्ग से
उत्तर:
(B) A और O से

27. निम्न में से किस सरीसृप में चार वेश्मी हृदय पाया जाता है ? (RPMT 2001)
(A) छिपकली
(B) सर्प
(C) बिच्छू
(D) मगरमच्छ ।
उत्तर:
(D) मगरमच्छ ।

28. रुधिर का थक्का जमने के प्रारम्भ में आवश्यक है- (RPMT)
(A) हिपेरिन
(C) थ्रोम्बोप्लास्टिन व Ca++
(B) सीरोटोनिन
(D) फाइब्रिनोजन व प्रोथ्रोम्बिन ।
उत्तर:
(C) थ्रोम्बोप्लास्टिन व Ca++

HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर

29. रुधिर द्वारा CO2 किस रूप में ले जायी जाती है ? (RPMT)
(A) HbCO2
(B) NaHCO3
(C) कार्बोनिक अम्ल
(D) HbCO2 कार्बोनिक अम्ल ।
उत्तर:
(C) कार्बोनिक अम्ल

30. रुधिर का थक्का बनते समय प्रयुक्त होता है- (UPCPMT)
(A) CO
(B) Ca2+
(C) Na+
(D) CI
उत्तर:
(B) Ca2+

31. यकृत से हृदय की ओर जाने रुचिर में अधिकता होती है- (UPCPMT)
(A) पित्त की
(B) यूरिया की
(C) अमोनिया की
(D) ऑक्सीजन की ।
उत्तर:
(B) यूरिया की

32. निम्न में से किस जोड़े को डॉक्टर एक से अधिक बच्चे की सलाह नहीं देगा ? (RPMT)
(A) Rh + नर व Rh मादा
(B) Rh नर व Rh+ मादा
(C) Rh + नर व Rh+ मादा
(D) Rh नर व Rh मादा ।
उत्तर:
(A) Rh + नर व Rh मादा

33. रीनल पोर्टल सिस्टम पाया जाता है- (CBSE PMT)
(A) सभी कशेरुकियों में
(B) सभी कॉडेंट्स में
(C) स्तनियों में अनुपस्थित
(D) सभी स्वनियों में ।
उत्तर:
(C) स्तनियों में अनुपस्थित

34. हमारे शरीर में प्रतिरक्षी हैं, जटिल- (UPCPMT)
(A) लाइपोप्रोटीन
(B) स्टीरॉइड
(C) प्रोस्टाग्लान्डिन्स
(D) ग्लाइको प्रोटीन्स |
उत्तर:
(D) ग्लाइको प्रोटीन्स |

35. परिसंचरण तन्त्र में अधिकतम सतही क्षेत्र देखा जाता है- (UPCPMT)
(A) हृदय में
(B) केशिकाओं में
(C) धमनिकाओं में
(D) शिराओं में।
उत्तर:
(B) केशिकाओं में

36. Rh कारक उपस्थित होता है- (RPMT)
(A) सभी कशेरुकियों में
(B) सभी स्तनियों में
(C) सभी सरीसृपों में
(D) मनुष्य तथा रीसस बन्दर में।
उत्तर:
(D) मनुष्य तथा रीसस बन्दर में।

(B) अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions )

प्रश्न 1.
मनुष्य का हृदय किस प्रकार का होता है ?
उत्तर:
मनुष्य का हृदय मायोजेनिक (Myogenic) होता है।

प्रश्न 2.
हृदय मायोजेनिक क्यों कहलाता है ?
उत्तर:
हृदय स्पंदन का आवेग हृदयी पेशियों से प्रारम्भ होने के कारण मायोजेनिक (पेशीचालित ) कहलाता है।

HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर

प्रश्न 3.
कण्डरीय रज्जु (कॉर्डी टेन्डिनी) कहाँ स्थित होते हैं ?
उत्तर:
कण्डरीय रज्जु निलयों में स्थित होते हैं। इनका एक सिरा निलय की भित्ति से तथा दूसरा सिरा अलिन्द-निलय कपाटों से जुड़ा रहता है।

प्रश्न 4.
महाधमनी चाप (कैरोटिको सिस्टेमिक आर्च) कहाँ से प्रारम्भ होती है ?
उत्तर:
महाधमनी चाप बायें निलय से प्रारम्भ होती है।

प्रश्न 5.
त्रिवलनी कपाट कहाँ स्थित होता है ?
उत्तर:
त्रिवलनी कपाट (Tricuspid valve) दाहिने अलिन्द-निलय छिद्र पर स्थित होता है।

प्रश्न 6.
द्विवलनी कपाट कहाँ स्थित होता है ?
उत्तर:
द्विवलनी कपाट (Bicuspid valve) बायें अलिन्द्र-निलय छिद्र पर स्थित होता है।

प्रश्न 7.
मिट्रिल कपाट कहाँ स्थित होता है ?
उत्तर:
द्विवलनी कपाट को ही मिट्रिल कपाट कहते हैं । यह बायें अलिन्द निलय के मध्य छिद्र पर स्थित होता है ।

प्रश्न 8.
अर्द्धचन्द्राकार कपाट रुधिर प्रवाह को किस ओर होने देते हैं ?
उत्तर:
अर्द्धचन्द्राकार कपाट रुधिर का प्रवाह निलयों से चापों में होने देते हैं किन्तु विपरीत दिशा में नहीं ।

प्रश्न 9
पल्मोनरी शिरा में किस प्रकार का रुधिर प्रवाहित होता है ?
उत्तर:
पल्मोनरी शिरा में ऑक्सीजन युक्त शुद्ध रुधिर प्रवाहित होता है।

प्रश्न 10.
हृदय के किस भाग में शुद्ध तथा किस भाग में अशुद्ध रुधिर पाया जाता है ?
उत्तर:
हृदय के बायें भाग में शुद्ध रुधिर तथा दाहिने भाग में अशुद्ध रुधिर पाया जाता है।

प्रश्न 11.
गति प्रेरक हृदय में कहाँ स्थित होते हैं ?
उत्तर:
गति प्रेरक (Pace maker) दाहिने अलिन्द में यूस्टेकियन कपाट के पास स्थित होते हैं ।

प्रश्न 12.
हृदय में उपस्थित गति प्रेरकों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • शिरा – अलिन्द घुण्डी (S.A. Node)
  • अलिन्द – निलय घुण्डी (A. V. Node) |

प्रश्न 13.
हृदय स्पन्दन का नियन्त्रण किसके द्वारा होता है ?
उत्तर:
हृदय स्पंदन का नियंत्रण गति प्रेरक (या निर्धारक पेसमेकर – S. A. Node व A.V. Node) द्वारा होता है।

प्रश्न 14.
हृदय स्पन्दन का प्रारम्भ किस रचना के द्वारा होता है ? उत्तर – हृदय स्पन्दन का प्रारम्भ S.A. Node द्वारा होता है। प्रश्न 15 सिस्टोलिक ध्वनि (लब Lubb) कब उत्पन्न होती है ?
उत्तर:
सिस्टोलिक ध्वनि (लब) हृदय की पहली ध्वनि है, जो निलयों के प्रकुंचन का प्रारम्भ होते समय द्विवलनी तथा त्रिवलनी कपाटों के बन्द होने के कारण उत्पन्न होती है।

प्रश्न 16.
डायस्टोलिक ध्वनि (डब Dub) कब उत्पन्न होती है ?
उत्तर:
डायस्टोलिक ध्वनि (डब) हृदय की दूसरी ध्वनि है जो निलयों के अनुशिथिलन प्रारम्भ होने पर अर्द्धचन्द्राकार कपाटों के बन्द होने के कारण उत्पन्न होती है।

प्रश्न 17.
सिस्टोल और डायस्टोल में क्या अन्तर है ?
उत्तर:
सिस्टोल (प्रकुंचन या संकुचन ) में रुधिर को हृदय से धमनियों में भेजा जाता है, जबकि डायस्टोल (अनुशिथिलन) के समय रुधिर हृदय में भर जाता है।

प्रश्न 18.
सिस्टोल और डायस्टोल किसे कहते हैं ?
उत्तर:
हृदय के संकुचन को सिस्टोल ( systole ) तथा हृदय के अनुशिथिलन को डायस्टोल ( diastole ) कहते हैं।

HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर

प्रश्न 19.
रुधिर स्कंदन के लिए आवश्यक प्रोटीन कौन-सी है ?
उत्तर:
रुधिर स्कंदन के लिए आवश्यक प्रोटीन प्रोथ्रोम्बिन है।

प्रश्न 20.
रुधिर का थक्का (स्कंदन) बनाने में भाग लेने वाली प्रोटीन का नाम बताइए।
उत्तर:
फाइब्रिनोजन ।

प्रश्न 21.
थ्रोम्बोसाइट का प्रमुख कार्य क्या है ?
उत्तर:
थ्रोम्बोसाइट रुधिर स्कंदन में भाग लेते हैं।

प्रश्न 22.
लिम्फोसाइट्स का कार्य बताइए ।
उत्तर:
लिम्फोसाइट्स प्रतिरक्षी (एन्टीबॉडीस) का निर्माण करती हैं।

प्रश्न 23.
रुधिर वर्गों के वर्गीकरण का आधार क्या है ?
उत्तर:
RBC की सतह पर उपस्थित प्रतिजन (antigen ) तथा प्लाज्मा में उपस्थित प्रतिरक्षी (antibody) रुधिर वर्गों के वर्गीकरण का आधार है।

प्रश्न 24.
यदि शिरा- अलिन्द नोड निष्क्रिय हो जाये तो इसका जन्तु पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?
उत्तर:
दय के दाहिने अलिन्द में स्थित शिरा- अलिन्द नोड हृदय की गति पर नियन्त्रण रखती है। इसके निष्क्रिय हो जाने पर हृदय के विभिन्न भागों का नियमित संकुचन नहीं हो पायेगा और हृदय की रुधिर पम्पिंग क्रिया ठीक से नहीं हो सकेगी।

प्रश्न 25.
यदि हृदय के विभिन्न छिद्रों पर स्थित कपाट नष्ट कर दिये जायें तो इसका तन्तु पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?
उत्तर:
हृदय के विभिन्न छिद्रों पर स्थित कपाट हृदय द्वारा पम्प किये गये रुधिर को वापस नहीं लौटने देते हैं। इससे रुधिर निश्चित दिशा में आगे की ओर प्रवाहित होता है। यदि ये कपाट नष्ट कर दिये जायें तो प्रत्येक छिद्र से होकर रुधिर हृदय में वापस लौटने लगेगा और रुधिर प्रवाह अनियमित हो जायेगा ।

प्रश्न 26.
यदि फुफ्फुसीय चाप के भीतर अर्द्धचन्द्राकार कपाट उल्टी दिशा में विकसित हों तो ये रक्त परिसंचरण को किस प्रकार प्रभावित करेंगे ?
उत्तर:
यदि अर्द्धचन्द्राकार कपाट फुफ्फुसीय चाप के भीतर उल्टी दिशा में विकसित हों तो रुधिर हृदय से फेफड़ों में जाने के बजाय उल्टा फेफड़ों से दायें निलय में लौटना प्रारम्भ हो जायेगा।

प्रश्न 27.
प्रतिजन (Antigens ) क्या हैं ?
उत्तर:
मनुष्य की लाल रुधिर कणिकाओं (RBCs) में विशेष प्रकार के प्रोटीन एग्लूटीनोजन पाये जाते हैं। जो प्रतिजन (A या B) कहलाते हैं।

प्रश्न 28.
प्रतिरक्षी (एण्टीबॉडीज) कहाँ पायी जाती हैं ?
उत्तर:
प्रतिरक्षी प्लाज्मा में पायी जाती हैं।

प्रश्न 29.
सार्वत्रिक रक्तदाता व सार्वत्रिक रक्त ग्रहीता किस रुधिर वर्ग के मनुष्य होते हैं ?
उत्तर:
‘O’ रुधिर वर्ग वाला मनुष्य सार्वत्रिक रक्तदाता तथा ‘AB’ रुधिर वर्ग वाला मनुष्य सार्वत्रिक रक्त ग्रहीता होता है।

प्रश्न 30.
Rh धनात्मक (Rh+) तथा Rh ऋणात्मक (Rh) किसे कहते हैं ?
उत्तर:
मनुष्य जिनका रक्त Rh सीरम से गुच्छित होता है उसे Rh+ (धनात्मक ) तथा जिनका Rh सीरम से गुच्छित नहीं होता है उसे Rh (ऋणात्मक) कहते हैं।

HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर

प्रश्न 31.
मानव शरीर में रक्त व लसीका की मात्रा कितनी होती है ?
उत्तर:
मनुष्य के शरीर में रुधिर की मात्रा लगभग 5 से 6 लीटर तथा लसिका की मात्रा लगभग 2 लीटर होती है।

(C) लघुत्तरात्मक प्रश्न ( Short Answer Type Questions )

प्रश्न 1.
प्लाज्मा क्या है ? इसकी व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
प्लाज्मा (Plasma) – पाठ्य पुस्तक के अभ्यास प्रश्नोत्तर के प्रश्न 1 के उत्तर में खण्ड (क) प्लाज्मा देखिए।

प्रश्न 2.
लाल रुधिर कणिकाओं पर संक्षेप में प्रकाश डालिए ।
उत्तर:
लाल रुधिर कणिकाएँ (RBCs) – पाठ्य पुस्तक के अभ्यास प्रश्न 1 के उत्तर में खण्ड (ख) के अन्तर्गत बिन्दु (1) लाल रुधिर कणिकाएँ या एथ्रोसाइट्स देखिए ।

प्रश्न 3.
श्वेत रक्त कणिकाओं की संरचना व कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
श्वेत रक्त कणिकाएँ (WBC) – पाठ्य पुस्तक के अभ्यास प्रश्न 1 के उत्तर में खण्ड (ख) के अन्तर्गत बिन्दु (2) श्वेत रुधिर कणिकाएँ देखिए ।

प्रश्न 4.
मनुष्य में पाए जाने वाले रक्त समूहों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मनुष्य के रुधिर (रक्त) समूह (Blood Groups of Man)
लाल रक्ताणुओं की सतह पर पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के प्रतिजन ( या एन्टीजन) के आधार पर रक्त समूह दो प्रकार के होते हैं, जिन्हें ABO तंत्र तथा Rh तंत्र कहते हैं।
(i) ABO तंत्र (समूह) इस तंत्र में दो प्रकार के एन्टीजन होते हैं। इनकी खोज लैण्डस्टीनर ने की थी। एन्टीजन A तथा एन्टीजन B लाल रक्ताणुओं की सतह पर पाये जाते हैं। प्लाज्मा में दो प्रकार की एण्टीबॉडी या प्रतिरक्षी पायी जाती हैं- एण्टीबॉडी ‘a’ तथा एण्टीबॉडी ‘b’ एण्टीजन तथा एण्टीबॉडी की उपस्थिति के आधार पर रक्त समूह चार प्रकार के होते हैं- A, B, AB तथा O ।

  • रुधिर वर्ग A (Blood group A ) इसकी लाल रक्त कणिकाओं (RBC) में एण्टीजन A (Antigen A) होता है।
  • रुधिर वर्ग B (Blood group B) इसकी लाल कणिकाओं में एण्टीजन B (Antigen B) होता है।
  • रुधिर वर्ग AB (Blood group- AB ) – इसकी लाल रक्त कणिकाओं में एण्टीजन A तथा B दोनों होते हैं।
  • रुधिर वर्ग O (Blood group-O) – इसकी लाल रक्त कणिकाओं में कोई भी एण्टीजन नहीं होता है।

रक्त समूह तथा रक्त दाता सुयोग्यता

रुधिर वर्ग (Blood group) प्रतिजन या एण्टीजन (Antigen) (लाल रक्त कणिकाओं में)\ प्रतिरक्षी या एण्टीबॉधच Antl-bodies) (पाउना में) रक्त द्वाता समूह
A केत्रवल A केवल b A, O
B वेन्वल B वेद्यल a B,O
AB Aतथा B दोनों कोई भी नहीं AB A,B,O
O कोई भी नहीं a तथा b O

उपर्युक्त सारणी से स्पष्ट है कि रुधिर वर्ग (रक्त समूह) O एक सर्वदाता है जो सभी वर्गों को रक्त प्रदान कर सकता है। रुधिर वर्ग AB सर्वग्राही है जो सभी प्रकार के रक्त वर्गों से रक्त ले सकता है।

(ii) Rh तन्त्र-यह रक्त तन्त्र रक्ताणु की सतह पर Rh एण्टीजन की उपस्थिति एवं अनुपस्थिति पर आधारित है। इसकी खोज लैण्डस्टीनर एवं बीनट ने की थी। जिन व्यक्तियों के रक्ताणुओं पर Rh एण्टीजन पाया जाता है उन्हें Rh धनात्मक तथा जिनमें नहीं पाया जाता है उन्हें Rh ऋणात्मक कहते हैं ।

HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर

प्रश्न 5
Rh समूह (तंत्र) क्या है ? एरीथ्रोब्लास्टोसिस रोग होने का क्या कारण है ?
उत्तर:
Rh समूह (Rh Group ) – एक अन्य प्रतिजन / एण्टीजन Rh होता है जो लगभग 80% मनुष्यों में पाया जाता है। यह Rh एन्टीजन रीसस बन्दर में पाए जाने वाले एन्टीजन के समान होता है। ऐसे व्यक्ति को जिसमें Rh एन्टीजन होता है, उसे Rh सहित (Rh + ve) और जिसमें यह नहीं होता है, उसे Rh हीन (Rh ve) कहते हैं। यदि Rh ve व्यक्ति के रक्त को Rh+ve के साथ मिलाया जाता है तो व्यक्तियों में Rh प्रतिजन Rh-ve के विरुद्ध विशेष प्रतिरक्षी बन जाती हैं।

अतः रक्त आदान-प्रदान करने से पूर्व Rh समूह को मिलाना आवश्यक होता है। एक विशेष प्रकार की Rh अयोग्यता एक गर्भवती (Rh-ve) माता एवं उसके गर्भ में पल रहे भ्रूण के Rh + ve के बीच पाई जाती है। अपरा (Placenta ) या आंवला द्वारा पृथक रहने के कारण भ्रूण का Rh एण्टीजन सगर्भता में माता के Rh – ve को प्रभावित नहीं कर पाता। किन्तु फिर भी पहले प्रसव के समय माता के Rh 1- ve रक्त से शिशु के Rh + ve रक्त के सम्पर्क में आने की सम्भावना रहती है।

ऐसी दशा में माता के रक्त में Rh प्रतिरक्षी बनना प्रारम्भ हो जाता है ये प्रतिरोध में एण्टीबॉडीज बनाना प्रारम्भ कर देती हैं। यदि परवर्ती गर्भावस्था होती है तो रक्त से (Rh – ve) भ्रूण के रक्त ( Rh + ve) में Rh प्रतिरक्षी का रिसाव हो सकता है और इससे भ्रूण की लाल रुधिर कणिकाएँ (RBCs) नष्ट हो सकती हैं। यह भ्रूण के लिए जानलेवा हो सकती हैं या इससे रक्ताल्पता (एनीमिया) और पीलिया हो सकता है। ऐसी दशा को एरिथ्रोब्लास्टोसिस फिटैलिस (गर्भ रक्ताणु कोरकता) कहते हैं। इस स्थिति से बचने के लिए माता को प्रसव के तुरन्त बाद Rh प्रतिरक्षी का उपयोग करना चाहिए।

प्रश्न 6.
खुले रूचिर परिसंचरण तन्त्र से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
खुला रुधिर परिसंचरण तन्त्र (Open Blood Vascular System)
इस प्रकार के परिसंचरण तन्त्र में हृदय द्वारा धमनियों में रुधिर पम्प किया जाता है। ये धमनियाँ बड़ी गुहाओं या रुधिर कोटरों या अवकाशों में खुलती हैं। ये कोटर सामूहिक रूप से रुधिर गुहा कहलाते हैं। इन कोटरों में रुधिर अन्तराली तरल में मिल जाता है और ऊतकों के मध्य निम्न दाब पर बहता है एवं धीरे-धीरे खुले सिरे वाली शिराओं में प्रवेश करता है।

यहाँ से यह हृदय में लौटा दिया जाता है। इस प्रकार रुधिर वाहिकाओं से बाहर आ जाता 1 है 1 अतः यह खुला तन्त्र कहलाता है क्योंकि तन्त्र में रुधिर वाहिकाओं में बन्द नहीं रहता । इस तन्त्र में रुधिर प्रवाह धीमा रहता है क्योंकि खुले अवकाश होने के कारण हृदय तेजी से रुधिर को प्रवाहित करने के लिए अधिक दाब उत्पन्न नहीं कर सकता अतः वितरण पर भी समुचित नियन्त्रण नहीं रहता। इस प्रकार का रुधिर परिसंचरण तन्त्र आर्थ्रोपोडा तथा मोलस्क वर्ग के जन्तुओं में पाया जाता है ।

प्रश्न 7.
बन्द प्रकार के रुधिर परिसंचरण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
बन्द प्रकार का रुधिर परिसंचरण तन्त्र (Closed Blood Vascular System)
इस प्रकार के रुधिर परिसंचरण तन्त्र में हृदय रुधिर को उच्च दाब पर धमनियों में पम्प करता है। धमनियां रुधिर केशिकाओं में विभक्त रहती हैं। रुधिर एवं अन्तराली तरल के मध्य पदार्थों का अभिगमन कोशिकाओं की भित्ति से होता है। अब रुधिर शिराओं द्वारा हृदय में लौटता है।

इस प्रकार रुधिर पूरी तरह रुधिर वाहिकाओं में ही बहता है न कि ऊतकों के मध्य । अतः इस प्रकार के रुधिर तन्त्र को बन्द प्रकार का तन्त्र कहते हैं। इस तन्त्र में वितरण का नियमन सम्भव होता है। इस प्रकार का रुधिर परिसंचरण तन्त्र अनेक अकशेरुकी (जैसे-सिफेलोपोडा, ऐनेलिडा आदि) के साथ-साथ मनुष्य एवं सभी कशेरुकियों में पाया जाता है।

प्रश्न 8.
श्वेताणुओं का वर्गीकरण कीजिए। केवल नाम लिखिए।
उत्तर:
HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर 1

प्रश्न 9.
रुधिर एवं लसिका में समानताएँ बताइये । उत्तर- रुधिर एवं लसिका में समानताएँ-

  1. दोनों में श्वेत रुधिर कणिकाएँ पायी जाती हैं।
  2. दोनों में ग्लूकोज, अमीनो अम्ल, विटामिन्स, लवण, हॉर्मोन्स, यूरिया समान मात्रा में पाये जाते हैं।
  3. लसिका में रुधिर के समान फाइब्रिनोजन होता है और रुधिर के समान थक्का बना सकता है।
  4. इसमें रुधिर के समान एण्टीबॉडी एवं एण्टीटॉक्सिन भी होते हैं।
  5. लसिका रुधिर की भाँति पोषक तत्वों को ऊतकों तक पहुँचाता है। और उनसे CO, एवं अन्य उत्सर्जी पदार्थ एकत्रित करता है।

HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर

प्रश्न 10.
सिस्टोल और डायस्टोल से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
पम्पिंग केन्द्र के रूप में हृदय आजीवन नियमित समयान्तरों पर बिना थके अपनी पेशियों द्वारा संकुचित होकर रुधिर को धमनियों में भेजता या पम्प करता रहता है। हृदय के इस नियमित एवं क्रमिक ( rhythmic) संकुचन को हृदय की धड़कन या स्पन्दन (beating of the heart) कहते हैं। प्रत्येक स्पन्दन में दो प्रावस्थाएँ होती हैं-

  1. प्रकुंचन ( systole),
  2. प्रसारण ( diastole ) ।

1. प्रकुंचन या सिस्टोल (Systole ) – स्पन्दन की इस प्रावस्था (Stage) में हृदय का संकुचन होने से इसका आयतन कम हो जाता है, जिससे हृदय का रुधिर तीव्र वेग के साथ धमनियों (arteries) में पम्प हो जाता है, जो इसे शरीर के विभिन्न अंगों में ले जाती हैं।

2. अनुशिथिलन या डायस्टोल (Diastole ) – स्पन्दन की इस प्रावस्था में हृदय पेशियों के अनुशिथिलन के परिणामस्वरूप हृदय का आयतन बढ़ जाता है, जिससे शरीर के विभिन्न अंगों से रुधिर को वापस लाने वाली शिराएँ (veins) अपना रुधिर हृदय में भर देती हैं।

प्रश्न 11.
शिरा अलिन्द नोड (SAN) तथा अलिन्द-निलय नोड (AVN) में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
शिरा अलिन्द नोड तथा अलिन्द-निलय नोड में अन्तर

शिरा-अलिन्द नोड (Sinu Auricular Node) अलिन्द-निलय नोड (Atrio Ventricular Node)
1. इसे SA नोड कहते हैं। 1. इसे AV नोड कहते हैं।
2. यह दायें अलिन्द की दीवार पर स्थित होती है। 2. यह इन्टरऑरिकुलर सेप्टम के पिछले सिरे पर निलय के पास स्थित होता है।
3. यह हृदय की धड़कन को आरम्भ करता है। इसे गति चालक कहते हैं। 3. यह हृदय के आवेग की तरंगों को ग्रहण करके हिस बण्डल के पेशी तन्तुओं में संचालन करता है।
4. इसमें पुरकिन्जे तन्तु एवं हिस बण्डल नहीं होते हैं। 4. इसमें पुरकिन्जे तन्तु तथा हिस बण्डल होते हैं।

प्रश्न 12.
रुधिर के कार्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
रुधिर के कार्य (Functions of Blood)

  1. आहार नाल में पचे हुए और अवशोषित किए गए पोषक पदार्थों को शरीर के विभिन्न भागों में पहुँचाना।
  2. श्वसनांगों से ऑक्सीजन को लेकर शरीर की विभिन्न कोशिकाओं में पहुँचाना।
  3. कोशिकीय श्वसन क्रिया में उत्पन्न CO2 को श्वसनांगों में छोड़ना ।
  4. अमोनिया, यूरिया, यूरिक अम्ल आदि हानिकारक पदार्थों को उत्सर्जी अंगों (वृक्कों) तक पहुँचाना।
  5. हॉर्मोन्स, एन्जाइम्स एवं एन्टीबॉडीज का स्थानान्तरण करना ।
  6. हानिकारक जीवाणुओं, विषाणुओं व रोगाणुओं आदि का भक्षण करके शरीर की रोगों से सुरक्षा प्रदान करना।
  7. शरीर के सभी भागों में तापमान का नियंत्रण करना और उसे एक-सा बनाए रखना ।
  8. चोट लगने पर रुधिर बहकर बाहर जाने से रोकने के लिए थक्का जमाने का कार्य करना ।
  9. आवश्यक पदार्थ पहुँचाकर आहत भागों में घावों को भरने में सहायता प्रदान करना ।
  10. मृत व टूटी-फूटी कोशिकाओं को यकृत एवं प्लीहा में ले जाकर नष्ट करना ।
  11. शरीर के विभिन्न अंगों के बीच समन्वय स्थापित करना और शरीर के अन्तः वातावरण का नियंत्रण करना ।
  12. एन्टीजन के कारण आनुवंशिक स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाना ।

प्रश्न 13.
लसीका (ऊतक द्रव) की संरचना एवं कार्य लिखिए।
उत्तर:
लसीका ( ऊतक द्रव) की संरचना (Structure of Lymph) – लसीका रुधिर के समान ही एक प्रकार का रंगहीन तरल ऊतक है । इस तरल को अंतराली द्रव या ऊतक द्रव कहते हैं। इसमें प्लाज्मा एवं श्वेत रुधिर कणिकाएँ होती हैं। लिम्फोसाइट्स सबसे अधिक संख्या में होती हैं। इसमें लाल रुधिर कणिकाएँ नहीं होती हैं। लसीका में अघुलनशील प्रोटीन की मात्रा अधिक तथा घुलनशील प्रोटीन की मात्रा कम होती है। इसमें ऑक्सीजन तथा पोषक पदार्थ भी कम मात्रा में होते हैं किन्तु उत्सर्जी पदार्थ एवं CO2 की मात्रा अधिक होती है।

लसीका के कार्य (Functions of Lymph)

  1. लसीका, ऊतक द्रव से बड़े कोलॉयडी कणों एवं अन्य क्षतिग्रस्तं कोशिकाओं आदि के मलबे को निकालने के लिए वापस रुधिर परिसंचरण में डालता है।
  2. इसकी कोशिकाएँ जीवाणुओं को नष्ट करके टूट-फूट की मरम्मत करतीहैं ।
  3. क्षुद्रांत्र से वसाओं का अवशोषण लसीका कोशिकाओं ( लेक्टी अल्स) द्वारा किया जाता है।

(D) निबन्धात्मक प्रश्न (Essay Type Questions)

प्रश्न 1.
परिसंचरण तन्त्र क्या है ? इसकी विशेषताएँ एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
परिसंचरण तन्त्र (Circulatory System)
जिस प्रकार हम बस या ट्रेन द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाते हैं, उसी प्रकार बहुकोशिकीय प्राणियों के शरीर में रुधिर भोज्य पदार्थों, ऑक्सीजन, हॉर्मोन्स, कार्बन डाइ ऑक्साइड तथा अन्य उत्सर्जी पदार्थों के लिए यातायात का कार्य करता है। इस कार्य के लिए शरीर में एक पाइप लाइन तन्त्र होता है। शरीर के इस पाइप तन्त्र में रुधिर के बहने की प्रक्रिया को रुधिर परिसंचरण (blood circulation) कहते हैं तथा इसमें भाग लेने वाले सम्बन्धित अंगों को सामूहिक रूप से रुधिर परिसंचरण तन्त्र (blood circulatory system) कहते हैं।

परिसंचरण तन्त्र की विशेषताएँ (Features of Circulatory System)
परिसंचरण तन्त्र में हृदय (heart) एक प्रमुख अंग होता है, जो रुधिर को पम्प करने का काम करता है। हृदय से रुधिर को शरीर के विभिन्न अंगों तक ले जाने वाली रुधिर वाहिनियों को धमनियाँ ( arteries) कहते हैं। आगे अंगों की ओर चलकर बड़ी धमनियाँ छोटी शाखाओं में विभाजित हो जाती हैं, जिन्हें धमनिकाएँ (arterioles) कहते हैं।

HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर

धमनिकाएँ प्रत्येक अंग में पहुँचकर महीन नलिकाओं का जाल बनाती हैं, जिन्हें केशिकाएँ ( capillaries) कहते हैं। केशिकाओं से शिरिकायें (venules) और फिर शिरिकाओं से मिलकर शिराएँ (Veins) बनती हैं। शिराएँ रुधिर को विभिन्न अंगों से हृदय में वापस लाती हैं।

मनुष्य तथा अन्य स्तनियों में बन्द प्रकार का परिसंचरण तन्त्र ( close type circulatory system) पाया जाता है। जब रुधिर का परिसंचरण बन्द नलिकाओं (धमनियों, शिराओं व केशिकाओं) में होकर बहता है तो इसे ‘बन्द परिसंचरण’ कहते हैं। इसमें रुधिर कभी भी ऊतकों के सीधे सम्पर्क में नहीं आता है।

बन्द परिसंचरण तन्त्र में रुधिर का दाब (blood pressure) अधिक रहता है, जिससे रुधिर परिसंचरण की गति भी अधिक रहती है। मनुष्य के शरीर में सम्पूर्ण रुधिर का परिवहन एक मिनट में हो जाता है। इस प्रकार रुधिर पूरे शरीर में भ्रमण करके एक मिनट में हृदय में वापस आ जाता है।

परिसंचरण तन्त्र के कार्य (Functions of Circulatory System) हमारे शरीर में परिसंचरण तन्त्र के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं-

  1. खाद्य पदार्थों का परिवहन (Transportation of nutrients) – परिसंचरण तन्त्र आहारनाल में पचे हुए खाद्य पदार्थों को शरीर की विभिन्न कोशिकाओं तक पहुँचाता है ।
  2. ऑक्सीजन का परिवहन (Transportation of Oxygen Gas) – यह तन्त्र ऑक्सीजन को फेफड़ों की वायु कूपिकाओं से ग्रहण करके शरीर की प्रत्येक कोशिका तक पहुँचाता है ।
  3. कार्बन डाइ ऑक्साइड (CO2) का परिवहन (Transportation of CO2) – कोशिकीय श्वसन में उत्पन्न CO2 को फेफड़ों तक परिवहन का कार्य. परिसंचरण तन्त्र ही करता है ।
  4. उत्सर्जी पदार्थों का परिवहन (Transportation of Waste Products) – ऊतकों व कोशिकाओं में उपापचय (Metabolism) के फलस्वरूप बने उत्सर्जी या अपशिष्ट पदार्थों के परिसंचरण तन्त्र के द्वारा ही उत्सर्जी अंगों (वृक्कों) तक पहुँचाया जाता है।
  5. हॉर्मोन्स का परिवहन (Transportation of Hormones) – परिसंचरण तन्त्र हॉर्मोन्स को शरीर के विभिन्न भागों तक पहुँचाता है।
  6. शरीर के तापमान का नियमन (Regulation of Body Temperature ) – परिसंचरण तन्त्र शरीर के तापमान को स्थिर बनाए रखने का महत्वपूर्ण कार्य करता है
  7. समस्थैतिकता बनाए रखना (Maintaining of Homeostasis) – परिसंचरण तन्त्र जल तथा हाइड्रोजन आयनों (H+ एवं रासायनिक पदार्थों के वितरण द्वारा शरीर के सभी भागों में आन्तरिक समस्थैतिकता को बनाए रखता है।-
  8. शरीर की रोगों से रक्षा करना (Protection of Diseases) – परिसंचरण तन्त्र शरीर के प्रतिरक्षी तन्त्र का भी कार्य करता है 1 यह शरीर में प्रवेश करने वाले रोगाणुओं से शरीर की रक्षा करता है।

प्रश्न 2.
मनुष्य के हृदय की बाह्य एवं आन्तरिक संरचना का वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
हदय (Heart)
हृदय पम्पिंग स्टेशन की भाँति कार्य करने वाला व्यस्ततम अंग है। यह रुधिर को सम्पूर्ण शरीर में पम्प करता है।
मनुष्य के हृद्य की बाह्य रचना (External Structure of Human Heart)
हृदय वक्षगहा के मध्यावकाश में अधरतल की ओर दोनों फेफड़ों के मध्य कुछ बायीं ओर स्थित रहता है। यह सीलोमिक एपिथीलियम (coelomic epithelium) में बन्द रहता है। इसकी भीतरी झिल्ली जो हृदय से चिपकी रहती है एपीकार्डियम (epicardium) कहलाती है। इसकी बाहरी झिल्ली को हदयावरण या पेरीकार्डियम (pericardium) कहते हैं।

इन दोनों झिल्लियों के बीच की सँकरी गुहा को हददयावरणी गुहा (pericardial cavity) कहते हैं। इस गुहा में हुदयावरणी द्रव  (pericardial fluid) भरा रहता है। यह द्रव हृदय को नम बनाये रखता है तथा बाहरी आघातों से इसकी रक्षा करता है। इसे स्पन्दन में होने वाले घर्षण के दुष्मभाव से बचाता है तथा स्पन्दन में इसे सिकुड़ने तथा फैलने में सहयोग करता है।

हृदय की दीवोरें अनैच्छिक हृदयी पेशियों की बनी होती हैं। ये पेशियाँ स्वतः ही सिकुड़ती और फैलती हैं तथा कभी भी नहीं थकती हैं। हृदय की दीवार के बाहरी स्तर को एपीकार्डियम (Epicardium) तथा भीतरी स्तर को एण्डोकार्डियम (Endocardium) कहते हैं। इन दोनों के मध्य अनैच्छिक तथा कभी न थकने वाली स्तर को मायोकार्डियम (myocardium) कहते हैं जो हृदयी पेशियों की बनी होती है।
HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर 2

मानव के हृदय की आन्तरिक संरचना (Internal Structure of Human Heart)
मानव के हदय में चार कक्ष होते हैं। दो ऊपरी कक्ष जो पतली भित्ति के होते हैं अलिन्द तथा दो निचले कक्ष निलय कहलाते हैं। अलिन्द (Auricles) – उदय में दो अलिन्द होते हैं जो एक खाँच द्वारा दाहिने अलिन्द (Right auricle) तथा बायें अलिन्द (Left auricle) में विभाजित होते हैं। इनमें दाहिना अलिन्द बायें अलिन्द से बड़ा होता है।

प्रत्येक अलिन्द पीछे की ओर एक मोटा उभार बनाता है जिसे अलिन्द परिशेषिका (auricular appendix) कहते हैं। यह अपनी ओर के निलय के कुछ भाग को ढके रहता है । सम्पूर्ण अलिन्द भाग चौड़ा किन्तु छोटा और गहरे रंग का होता है। इसकी दीवारें पतली होती हैं। निलय (Ventricles) – निलय भाग बड़ा, माँसल तथा हल्के रंग का होता है।

HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर

हृदय में दो निलय होते हैं जो तिरछी अन्तरानिलय पह्टी (Inter ventricular septum) द्वारा दाहिने निलय (right ventricle) तथा बायें निलय (left ventricle) में विभाजित रहते हैं। इनमें बायाँ निलय दाहिने निलय से अधिक पेशीय होता है। अलिन्दों एवं निलयों को एक पतली हल्की दरार पृथक् करती है इसे कोरोनरी सल्कस (Caronary Sulcus) कहते हैं।

दायें एवं बायें निलय के मध्य अप्र तथा पश्च अन्तरनिलय सल्कस पाये जाते हैं। शरीर के विभिन्न भागों से रुधिर अलिन्दों में आता है। फेफड़ों से ऑक्सीजनित शुद्ध रक्त फुफ्फुस शिराओं द्वारा बायें अलिन्द में लाया जाता है। शरीर के सभी भागों से अनॉक्सीजनित अशुद्ध रुधिर ऊर्ध्व महाशिरा तथा निम्न महाशिरा द्वारा दायें अलिन्द में लाया जाता है।

हृदय के चारों कक्ष अन्दर के कपाटों (valves) एवं पटों (septa) द्वारा पृथक् रहते हैं। दायें एवं बायें अलिन्दों के मध्य अन्तर अलिन्द पट (inter auricular septum) होता है। इस पट पर एक अण्डाकार खाँच पायी जाती है। दोनों निलयों के मध्य अन्तरनिलय पट (interventricular septum) होता है। बायें अलिन्द एवं बायें निलय के मध्य द्विकपर्द या मिट्ल कपाट (bicuspid or mitra lvalve) पाया जाता है।

दायें अलिन्द एवं दायें निलय के मध्य उपस्थित कपाट को त्रिवलन (tricuspid) कपाट कहते हैं। फुप्फुसीय तथा महाधमनी काण्डों के अन्दर तीन-तीन अर्धचन्द्राकार कपाट (Semilunar valves) पाये जाते हैं जो रुधिर को वापस हद्य में जाने से रोकते हैं। महाशिराओं एवं फुफ्फुसीय शिराओं के हद्य में खुलने वाले छिद्रों पर पेशीय वलय पाये जाते हैं। ये वलय संकुचित होकर वापस शिराओं में जाने वाले रुधिर को रोकते हैं।
HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर 3

प्रश्न 3.
हृदय चक्र किसे कहते हैं ? इसके विभिन्न घटकों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
हृदय की क्रियाविधि (Working of the Heart)
उत्पत्ति (Origin)-हृदय एक पेशीय पम्प है। हृदय अपनी पेशियों द्वारा नियमित (Regular) एवं क्रमबद्ध (rhythmic) रूप से संकुचित और अनुशिथिलिन होता रहता है। इसी को हुद्य की धड़कन या स्पन्दन (heart beat) कहते हैं। प्रत्येक धड़कन में हदय एक बार सिकुड़ता है और फिर सामान्य अवस्था में आ जाता है।

हदय की संकुचन प्रावस्था को प्रकुंचन या सिस्टोल (systole) तथा अनुशिथिलन की प्रावस्था को अनुशिथिलन या प्रसारण या डायस्टोल (diastole) कहते हैं। प्रकुंचन द्वारा रुधिर हृदय से धमनियों में होकर शरीर के विभिन्न अंगों में जाता है, जबकि प्रसारण के समय रुधिर शरीर के विभिन्न अंगों से शिराओं द्वारा हृदय में वापस आता है। हद्यय स्पन्दन की इस पुनरावृत्ति को ह्दय चक्र (cardiac cycle) कहते हैं। मनुष्य में स्पन्दन दर 72 प्रति मिनट है। एक हदय चक्र पूरा होने में लगा समय ह्द् चक्र कहलाता है।
HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर 4

ह्दय चक्र (cardiac cycle)
हृदय के एक स्पन्दन प्रारम्भ होने से लेकर अगले स्नन्दन के प्रारम्भ होने तक हुदय के विभिन्न भागों में होने वाले परिवर्तनों के क्रम को हृदय चक्र कहते हैं। एक हृदय चक्र 0.8 सेकण्ड में पूरा होता है।
यह चक्र निम्न प्रावस्थाओं में पूरा होता है-
(1) अलिन्दों का अनुशिथिलन (Atrial Diastole)-इस प्रावस्था में अलिन्द एवं निलय अधिक समय तक विश्रान्त अवस्था में रहते हैं। अलिन्द लगभग 0.7 सेकण्ड विश्रान्त अवस्था में रहता है। इस समय फेफड़ों से शुद्ध रुधिर फुफ्पुसीय शिराओं द्वारा बायें अलिन्द में तथा शरीर के अन्य भागों से अशुद्ध रुधिर महाशिराओं द्वारा दायें अलिन्द में आता है।

अब द्विवलन एवं त्रिवलन कपाट अलिन्दों के भरने की प्रारम्भिक अवस्था में बन्द रहते हैं परन्तु जैसे-जैसे रुधिर इनमें भरता जाता है। दाब बढ़ने के कारण इनका दाब विश्रान्त निलयों के दाब से बढ़ जाता है तब दोनों कपाट खुल जाते हैं तथा अलिन्दों के संकुचन से पूर्व ही अधिकांश रुधिर निक्क्रिय प्रवाह द्वारा निलयों में भर जाता है।
HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर 5(2) अलिन्दों का प्रफुंचन (Atrial Systole)-जैसे ही अलिन्दों का अनुशिथिलन समाप्त होता है दोनों अलिन्द एक साथ संकुचित होते हैं। यह अवस्था निल़य प्रकुंचन कहलाती है जो लगभग 0.1 सेकण्ड तक रहती है। इस संकुचन के फलस्वरूप लगभग 25% ही रुधिर जो अलिन्दों में बचा रहता है, निलयों में आता है। इस प्रकार दोनों निलय रुधिर से पूर्णतया भर जाते हैं।

(3) निलयों का प्रकुंचन (Ventricular Systole) अलिन्दों का प्रकुंचन समाप्त होने के तुरन्त बाद निलय संकुचित होता है। यह 0.3 सेकण्ड की प्रावस्था निलय प्रकुंचन कहलाती है। संकुचन के कारण निलयों में दाब बढ़ता है। अत: रुधिर पुन: लौटकर अलिन्दों में प्रवाहित नहीं हो पाता है। निलयों में दाब महाधमनी एवं फुप्फुसीय काण्ड के दाब से अधिक होते ही इन दोनों के अर्धचन्द्राकार कपाट खुल जाते हैं और रुधिर दाब से इन वाहिकाओं में प्रवाहित हो जाता है। निलयों से अधिकांश रुधिर धमनियों में चला जाता है।

HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर

(4) निलयों का अनुशिधिलन (Ventricular Diastole) प्रकुंचन के पश्चात् निलय विश्रान्त अवस्था में आ जाता है यह प्रावस्था अनुशिथिलन की होती है। इनसे दाब कम हो जाता है। अब रुधिर को विपरीत दिशा में प्रवाहित होने से रोकने के लिए अर्धचन्द्राकार कपाट तुरन्त बन्द हो जाते हैं। निलयों के संकुचन के समय से ही अलिन्दों में लगातार आ रहे रुधिर दाब धीरे-धीरे निलयों की तुलना में अधिक हो जाने से अलिन्द निलय कपाट खुल जाते हैं और निलयों में रुधिर भरने लगता है। यह निलयों की अनुशिथिलन प्रावस्था होती है जो 0.5 सेकण्ड तक रहती है।
HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर 6

प्रश्न 4.
मनुष्य के हृदय की क्रियाविधि का वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
हृदय की क्रियाविधि (Working of the Heart)
उत्पत्ति (Origin)-हृदय एक पेशीय पम्प है। हृदय अपनी पेशियों द्वारा नियमित (Regular) एवं क्रमबद्ध (rhythmic) रूप से संकुचित और अनुशिथिलिन होता रहता है। इसी को हुद्य की धड़कन या स्पन्दन (heart beat) कहते हैं। प्रत्येक धड़कन में हदय एक बार सिकुड़ता है और फिर सामान्य अवस्था में आ जाता है।

हदय की संकुचन प्रावस्था को प्रकुंचन या सिस्टोल (systole) तथा अनुशिथिलन की प्रावस्था को अनुशिथिलन या प्रसारण या डायस्टोल (diastole) कहते हैं। प्रकुंचन द्वारा रुधिर हृदय से धमनियों में होकर शरीर के विभिन्न अंगों में जाता है, जबकि प्रसारण के समय रुधिर शरीर के विभिन्न अंगों से शिराओं द्वारा हृदय में वापस आता है। हद्यय स्पन्दन की इस पुनरावृत्ति को ह्दय चक्र (cardiac cycle) कहते हैं। मनुष्य में स्पन्दन दर 72 प्रति मिनट है। एक हदय चक्र पूरा होने में लगा समय ह्द् चक्र कहलाता है।
HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर 7

ह्दय चक्र (cardiac cycle)
हृदय के एक स्पन्दन प्रारम्भ होने से लेकर अगले स्नन्दन के प्रारम्भ होने तक हुदय के विभिन्न भागों में होने वाले परिवर्तनों के क्रम को हृदय चक्र कहते हैं। एक हृदय चक्र 0.8 सेकण्ड में पूरा होता है।
यह चक्र निम्न प्रावस्थाओं में पूरा होता है-
(1) अलिन्दों का अनुशिथिलन (Atrial Diastole)-इस प्रावस्था में अलिन्द एवं निलय अधिक समय तक विश्रान्त अवस्था में रहते हैं। अलिन्द लगभग 0.7 सेकण्ड विश्रान्त अवस्था में रहता है। इस समय फेफड़ों से शुद्ध रुधिर फुफ्पुसीय शिराओं द्वारा बायें अलिन्द में तथा शरीर के अन्य भागों से अशुद्ध रुधिर महाशिराओं द्वारा दायें अलिन्द में आता है।

HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर

अब द्विवलन एवं त्रिवलन कपाट अलिन्दों के भरने की प्रारम्भिक अवस्था में बन्द रहते हैं परन्तु जैसे-जैसे रुधिर इनमें भरता जाता है। दाब बढ़ने के कारण इनका दाब विश्रान्त निलयों के दाब से बढ़ जाता है तब दोनों कपाट खुल जाते हैं तथा अलिन्दों के संकुचन से पूर्व ही अधिकांश रुधिर निक्क्रिय प्रवाह द्वारा निलयों में भर जाता है।
HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर 8

(2) अलिन्दों का प्रफुंचन (Atrial Systole)-जैसे ही अलिन्दों का अनुशिथिलन समाप्त होता है दोनों अलिन्द एक साथ संकुचित होते हैं। यह अवस्था निल़य प्रकुंचन कहलाती है जो लगभग 0.1 सेकण्ड तक रहती है। इस संकुचन के फलस्वरूप लगभग 25% ही रुधिर जो अलिन्दों में बचा रहता है, निलयों में आता है। इस प्रकार दोनों निलय रुधिर से पूर्णतया भर जाते हैं।

(3) निलयों का प्रकुंचन (Ventricular Systole) अलिन्दों का प्रकुंचन समाप्त होने के तुरन्त बाद निलय संकुचित होता है। यह 0.3 सेकण्ड की प्रावस्था निलय प्रकुंचन कहलाती है। संकुचन के कारण निलयों में दाब बढ़ता है। अत: रुधिर पुन: लौटकर अलिन्दों में प्रवाहित नहीं हो पाता है। निलयों में दाब महाधमनी एवं फुप्फुसीय काण्ड के दाब से अधिक होते ही इन दोनों के अर्धचन्द्राकार कपाट खुल जाते हैं और रुधिर दाब से इन वाहिकाओं में प्रवाहित हो जाता है। निलयों से अधिकांश रुधिर धमनियों में चला जाता है।

(4) निलयों का अनुशिधिलन (Ventricular Diastole) प्रकुंचन के पश्चात् निलय विश्रान्त अवस्था में आ जाता है यह प्रावस्था अनुशिथिलन की होती है। इनसे दाब कम हो जाता है। अब रुधिर को विपरीत दिशा में प्रवाहित होने से रोकने के लिए अर्धचन्द्राकार कपाट तुरन्त बन्द हो जाते हैं। निलयों के संकुचन के समय से ही अलिन्दों में लगातार आ रहे रुधिर दाब धीरे-धीरे निलयों की तुलना में अधिक हो जाने से अलिन्द निलय कपाट खुल जाते हैं और निलयों में रुधिर भरने लगता है। यह निलयों की अनुशिथिलन प्रावस्था होती है जो 0.5 सेकण्ड तक रहती है।
HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर 9

प्रश्न 5.
रुधिर क्या है ? इसके संगठन का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
रुधिर (Blood)
रुधिर एक तरल संयोजी ऊतक है, क्योंकि इसकी अधात्री (Matrix) प्लाख्या के रूप में एवं कोशिकाएँ RBCs, WBCs तथा बिम्बाणुओं के रूप में पायी जाती हैं। रुधिर हृदय एवं रुधिर वाहनियों के अन्दर पूरे शरीर में निरन्तर परिक्रमा करता है। इसकी मात्रा शरीर के कुल भार का 7-8% होती है तथा बाह्य कोशिका द्रव (ECF) का 30-35% होता है।

अतः 70 किलोमाम भार के मानव में 5-6 लीटर रुधिर होता है। सियों में रुधिर की मात्रा लगभग 4-5 लीटर होती है। रुधिर के अध्ययन को हीमेटोलॉजी (haematology) कहते हैं, सीरम का अध्ययन सीरोलॉजी (serology) तथा रुधि परिसंचरण का अध्ययन एन्तिओलॉजी (angiology) कहलाता है। रुधिर की उत्पत्ति शूण की मीसोडर्म से होता है।

(1) रंग (Colour) रुधिर के गुण (Properties of Blood)
चमकीला लाल (शुद्ध अवस्था में)
(2) स्वाद (Taste) लवणीय NaCl के कारण)
(3) श्यानता (Viscosity) 4.7 (आसुत जल से 5 गुना)
(4) स्पेशिफिक ग्रेविटी 1.04-1.07
(5) pH क्षारीय (7 \cdot 3-7 \cdot 5)
(6) स्कन्द समय (सामान्य) 3-4 मिनट
(7) अभिरंजन लिशमेन या राइट या मेथिलीन ब्लू

रुधिर का संगठन-रुधिर के दो मुख्य भाग होते हैं-

  1. प्लाज्मा (Blasma)
  2. रुधिराणु (Blood Corpuscles)

HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर 10

HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर

प्रश्न 6.
रुधिर स्कन्दन की क्रियाविधि का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
रुधिर सकन्दन (Blood Clotting)
रुधिर वाहनियों से बाहर वायु के सम्पर्क में आने पर रुधि शीघ्रता से तरल अवस्था से जैली के समान पदार्थ में बदल जाता है। रुधर का तरल से जैव पदार्थ में बदलने का गुण रंधिर स्कन्ब या रुधिर का थक्षा बनना कहलाता है। इसका स्षष्ट विवरण होवेल (Howell) ने दिया। थक्का क्षतिम्रस्त रुधिर वाहिनी से रुधिर में बहकर बाहर निकलने को रोकता है। थक्का बनने के बाद पीले से रंग का तरल शेष रह जाता है जिसे सीरम (serum) कहते हैं। सीरम में फाइब्रिनोजन नहीं होता इसलिए इसका थक्का नहीं बनता।

रुधिर स्कन्दन की क्रियाविधि (Mechanism of Blood Clotting) रक्त के जमने में होने वाली रासायनिक क्रियाएँ निम्नलिखित हैं-
(1) पहुली अवस्था (Stage-1)-शरीर के किसी स्थान पर चोट लगते ही वहाँ की घायल कोशिकाएँ तथा रुधिर वाहिनियाँ फट जाती हैं, जिससे रुधिर बाहर निकलने लगता है। ऐसी दशा में उस स्थान की घायल कोशिकाएँ तथा रक्त की रुधिर पलेट्टेट्स वायु के सम्पर्क में आते ही टूट-टूट कर प्रोश्रोम्बोप्लास्टिन (prothromboplastin) नामक द्रव्य सावित करती हैं। प्रोथ्रोम्बोप्लास्टिन प्लाज्मा में उपस्थित कैल्सियम आयन Ca++ से मिलकर श्रोम्बोप्लास्टिन में परिवर्तित हो जाता है।

प्रोथ्रोम्बोप्लास्टिन + Ca++ → श्रोम्बोप्लास्टिन

रुधिर में फाइजिनेजन (Fibrinogen) तथा प्रोश्रोम्बिन (Prothrombin) माँमक दो प्रोटीन होते हैं, जिनका निर्माण यकृत में होता है। ये दोनों पदार्थ रुधिर को जमाने में सहायक होते हैं। प्रोथ्रोम्बिन रुधिर में सदैव निक्रिय अवस्था में रहता है। इसका कारण यह है कि रुधि में उपस्थित एक और पदार्थ एण्टीप्रोथ्रोम्बिन (या हिपेरिन) प्रोथ्रोम्बिन को निक्रिय बनाये रखता है। इसीलिए रुधि वाहिनियों में रुधिर जमता नहीं है।

(2) दूसरी अवस्था (Stage-II)-थ्रोम्बोप्लास्टिन के कैल्सियम आयन तथा ट्रिप्टेज एन्जाइम की सहायता से एण्टीप्रोथ्रोम्बिन के प्रभाव को नष्ट कर देता है। परिणामस्वरूप निक्किय प्रोथ्रोम्बिन सक्रिय थ्रोम्बिन में परिवर्तित हो जाता है।
निक्रिय प्रोथ्रोम्बिन → सक्रिय थ्रोम्बिन

(3) तीसरी अवस्था (Stage-III)-थ्रोम्बिन रुधिर में उपस्थित फाइब्चिनोजन नामक तरल प्रोटीन को ठोस रेशेदार फाइब्रिन (Fibrin) में बदल देता है।
HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर 11
इस प्रकार बने फाइब्रिन के रेशे घायल स्थान के ऊपर जाल बना लेते हैं। इस जाल में अनेकों रुधिर कणिकाएँ उलझ जाती हैं और थक्का (Clot) का रूप ले लेता है, जिससे रुधिर का बहाव रुक जाता है। थक्के के सिकुड़ने पर हल्के पीले रंग का निकला तरल पदार्थ सीरम (Serum) होता है। अतः रक्त का जमना एक रासायनिक क्रिया है। कुछ लोगों में रुधिर का थक्का न जमने से रुधर का बहना बन्द नहीं होता है। अतः अधिक रुधिर बह जाने से मनुष्य की मृत्यु हो जाती है। यह एक रोग है जिसे हीमोफीलिया (Haemophilia) कहते हैं। यह आनुवंशिक होता है।
HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर 12

रक्त के थक्का बनने में निम्न कारकों की आवश्यकता होती है-

कारक I फाइब्रिनोजन (Fibrinogen)
कारक II उतक प्रोथ्रोम्बिन (Tissue prothrombin)
कारक III श्रोम्बोप्लास्टिन (Thromboplastin)
कारक IV कैल्शियम आयन (Calcium ion)
कारक V प्रोएक्सीलेरिन या लेबाइल कारक (Proaccylarin or stable Factor)
कारक VI एक्सिलरिन (Accylarin)
कारक VII प्रोकनवर्टिन या स्टेबल कारक (Proconvertin or stable Factor)
कारक VIII एन्टी हीमोफ्लिक ग्लोबिन (Antihaemophilic globin)
कारक IX क्रिस्मस कारक या श्रोम्बोप्लास्टिन अवयव (Crismas Factor)
कारक X स्टुअर्ट-पॉवर कारक (Stuart power Factor)
कारक XI प्लाज्मा थोम्बोप्लास्टिन एन्टीसीडेन्ट (Thromboplastin anticident)
कारक XII हेगमेन कारक या सम्पर्क कारक (Hagmen Factor)
कारक XIII फाइब्रिन स्थायीकारी कारक (Fibrin stablizing Factor)

रक्त जमने से जन्तु को लाथ-क्त जमने से जन्तु को निम्नलिखित लाभ है-

  • चोट या कटे स्थान से रक्त बहना बन्द हो जाता है जिससे रक्त व्यर्थ नहीं जाता है।
  • वायु से हानिकारक जीवाणुओं का प्रवेश थक्का बनने के कारण रुक जाता है जिससे शरीर की सुरक्षा होती है।
  • नष्ट कोशिकाएँ शरीर से बाहर निकल जाती हैं एवं उनके स्थान पर नयी कोशिकाओं का निर्माण हो जाता है।

प्रश्न 7.
रुधिर वर्ग से आप क्या समझते हैं ? समझाइए ।
उत्तर:
रुधिर वर्ग (Blood Groups)
अधिक रुधिर स्राव या किसी रोग विशेष के कारण यदि मनुष्य में रुधर की कमी हो जाती है तो उसके शरीर में पहुँचाने के लिए डॉक्टर रोगी के सम्बन्धी का रुधिर माँगते हैं। ऐसा करने से पहले वे रोगी के रुधिर तथा दाता के रुधर का मिलान करवाते हैं। यदि दोनों के रुधिर सुमेलित नहीं हैं तो दाता की RBCs रोगी के रुधिर में पहुँचते ही पुंजों में चिपकने लगते हैं। इसे रुधिराणुओं का आश्लेषण (agglutination) कहते हैं। इससे रोगी की मृत्यु हो जाती है।

सन् 1902 में कार्ल लैण्डस्टनीर (Karl Landsteiner) ने पता लगाया कि सभी मनुष्यों का रुधि समान नहीं होता। RBC तथा प्लाज्मा में कुछ विशेष प्रोटीन मिलते हैं जिनकी पारस्परिक क्रिया से रुधिर का आश्लेषण हो जाता है। इस खोज के लिए लैण्डस्टनीर को सन् 1930 में नोबेल पुरस्कार मिला। रुधिर के प्रतिजन एवं प्रतिरक्षी (Antigen and Antibodies of Blood) मनुष्य के रुधिर में दो प्रकार के प्रोटीन्स होते हैं-

HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर

(A) प्रतिजन या एग्लूटिनाजन्स (Antigens or Agglutinogens) – ये विशेष ग्लाइको प्रोटीन्स हैं। ये RBCs की कोशिका कला पर होते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं – प्रतिजन A तथा प्रतिजन B RBC पर उपस्थित प्रतिजन के आधार पर लैण्डस्टीनर ने मानव रुधिर को चार समूहों में बाँटा –

  1. रुधिर वर्ग A (Blood group – A ) – इसकी लाल रक्त कणिकाओं (RBCs) में एण्टीजन A (Antigen A ) होता है।
  2. रुधिर वर्ग B (Blood group B) – इसकी लाल कणिकाओं में एण्टीजन B (Antigen B) होता है।
  3. रुधिर वर्ग AB – इसकी लाल रक्त कणिकाओं में एण्टीजन A तथा B दोनों होते हैं ।
  4. रुधिर वर्ग O – इसकी लाल रक्त कणिकाओं में कोई भी एण्टीजन नहीं होता है।

(B) प्रतिरक्षी या एग्लूटिनिन (Antibodies or Agglutinins) – ये रुधिर के प्लाज्मा में होते हैं। ये भी दो प्रकार के होते हैं – एन्टी-a तथा एन्टी-b मनुष्य की रुधिर कणिकाओं में जो प्रतिजन नहीं होते, उनके प्रति सीरम में स्वाभाविक प्रतिरक्षी पायी जाती है। उदाहरणार्थ A रुधिर वर्ग के मनुष्य की RBCs पर प्रतिजन B नहीं पाया जाता है।

अतः उसके रुधिर सीरम में प्रतिरक्षी b या a पायी जाती है। इसी प्रकार B रुधिर वर्ग के मनुष्य रुधिर कणिकाओं पर प्रतिजन A नहीं होता। इसके सीरम में प्रतिरक्षी a या b होती है। AB रुधिर वर्ग की रुधिर कणिकाओं पर दोनों प्रतिजन A तथा B होते हैं। इसके सीरम में कोई प्रतिरक्षी नहीं होती। 0 रुधिर वर्ग में कोई भी प्रतिजन नहीं होता तथा इनमें दोनों प्रकार की प्रतिरक्षी एन्टीं a तथा एन्टी b होती है।

उपर्युक्त विवरण से स्पष्ट है किसी भी व्यक्ति का रुधिर किसी भी रोगी पर नहीं चढ़ाया जा सकता। इसके लिए पहले रुधिर की जाँच कराना आवश्यक होता है। रुधिर वर्ग A का व्यक्ति रुधिर वर्ग A तथा रुधिर वर्ग AB वाले व्यक्ति को रुधिर दे सकता है। रुधिर वर्ग B का व्यक्ति रुधिर वर्ग B तथा AB वाले व्यक्ति को रुधिर दे सकता है। रुधिर वर्ग AB का व्यक्ति केवल AB रुधिर वर्ग वाले व्यक्ति को रुधिर दे सकता है। परन्तु सबका रुधिर ले सकता है। रुधिर वर्ग O का व्यक्ति सभी रुधिर वर्गों को रुधिर दे सकता है किन्तु 0 वर्ग के व्यक्ति का ही रुधिर प्रहण कर सकता है।

रक्त समूह तथा रक्त दाता सुयोग्यता

रुधिर वर्ग (Blood group) प्रतिजन या एण्टीजन (Antigen) (लाल रक्त कणिकाओं में) प्रतिरक्षी या एण्टीबॉधच Antl-bodies) (पाउना में) रक्त द्वाता समूह
A केत्रवल A केवल b A, O
B वेन्वल B वेद्यल a B,O
AB A तथा  B  दोनों कोई भी नहीं AB A,B,O
O कोई भी नहीं a तथा b O

उपर्युक्त सारणी से स्पष्ट है कि रुधिर वर्ग (रक्त समूह) O एक सर्वदाता है जो सभी वर्गों को रक्त प्रदान कर सकता है। रुधिर वर्ग AB सर्वपाही है जो सभी प्रकार के रक्त वर्गों से रक्त ले सकता है।

प्रश्न 8.
धमनी की आन्तरिक संरचना बताइए तथा धमनियाँ शिराओं से भिन्न हैं ?
उत्तर:
धमनियाँ (Arteries) – धमनियाँ हृदय द्वारा पम्प किए गए रुधिर को शरीर के विभिन्न अंगों एवं ऊतकों में पहुँचाती हैं। हृदय के प्रत्येक स्पन्दन के साथ हधिर पम्प होकर धमनियों में आ जाता है। हद्य में क्रमिक स्पन्दन के कारण रुधर रुक-रुक कर तथा दाब के साथ धमनियों में से होकर बहता है। इस दाब के पहन करने के लिए इनकी दीवार शिराओं की अपेक्षा अधिक मोटी एवं लचीली होती हैं तथा इनकी गुहा सँकरी होती है। इसी कारण रिक्त होने पर भी धमनियाँ पेचकती नहीं हैं। जैसे-जैसे ये हृदय से दूर जाती हैं।

ये पतली होती जाती हैं तथा इनकी दीवार में भी औतिकीय परिवर्तन होते जाते हैं। सामान्य रूप से धमनियाँ गुलाबी रंग की प्रतीत होती हैं और शिराओं की तुलना में ये शरीर में अधिक गहराई पर स्थित होती हैं। किन्तु कलाई, गर्दन आदि में ये त्वचा के साथ-साथ स्थित होती हैं। इन स्थानों पर इनमें स्पंदन का अनुभव किया जा सकता है। धमनिकाएँ (Arterioles)-विभिन्न अंगों में पहुँचकर प्रत्येक धमनी बारंबार विभाजन (6-8 बार) से पतली धमनियाँ बनाती हैं।

इन्हें धमनिकाएँ कहते हैं। डनकी दीवार मुख्य रूप से अरेखित पेशियों की बनी होती है। इनके एण्डोथीलियम स्तर की शल्की कोशिकाएँ अधिक चपटी होती हैं। प्रसारण (vasodilation) तथा संकुचन (vasoconstriction) की क्षमता के कारण धमनिकाएँ ऊतकों में रुधिर की आपूर्ति को आवश्यकतानुसार घटाने-बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान करती ०ै। इसलिए धमनिकाओं को स्टोप कोक्स ऑफ सर्कुलेशन कहते हैं।

कोशिकाएँ (Capillaries) – उतकों में प्रवेश करने पर प्रत्येक धमनिका 10-1000 महीन व छोटी-छोटी शाखाओं में विभाजित हो जाती हैं। इन शाखाओं को धमनी कोशिकाएँ कहते हैं। इनकी दीवारों में बाहा एवं मध्य स्तर का अभाव होता है। ये ऊतकों की सतह पर पायी जाती है और पदार्थों के विनिमय में सहायता करती है। इनकी भित्ति मात्र 0.3 मिमी मोटी होती है।

शिराएँ (Veins) – शिराएँ गहो लाल रंग की होती हैं। इनकी दीवार पतली तथा गुहा चौड़ी होती है। इसीलिए रिक्त होने पर ये पिचक जाती हैं। इनकी दीवार में पेशी व इलास्टिन तन्तु बहुत कम होते हैं। दीवार का बाह्य स्तर अन्य स्तरों की तुलना में अधिक विकसित होता है। शिराएँ उतकों से अशुद्ध रुधिर हुदय की ओर ले जाती हैं।

केवल पल्मोनरी शिरा में शुद्ध रक्त बहता है। शिराओं की प्रमुख विशेषता है। इनमें उपस्थित कपाट (valve) जो रुधिर का प्रवाह एकदिशीय बनाए रखते हैं। शिरिकाएँ (Venules) – धमनी केशिकाओं के अन्तिम सिरे बदलकर शिरा केशिकाएँ (venous capillaries) बनाते हैं। इनमें अशुद्ध रक्त होता है। ये शिरिकाएँ परस्पर जुड़कर शिरिकाएँ बनाती हैं। बहुत-सी शिरिकाएँ आपस में मिलकर शिरा (vein) बनाते हैं।

धमनी एवं शिरा में अन्तर (Difference between Arteries and Veins)

धमनी शिरा
ये रुधिर को हृदय से अंगों की ओर ले जाती हैं। ये अंगों, ऊतकों से रुधिर को हृदय की ओर ले जाती हैं।
इनकी दीवारें अत्यधिक मोटी, पेशीय व लचीली होती हैं। इनकी दीवार पतली व लोचदार होती है।
इनकी गुहा सँकरी होती है। इनकी गुहा अधिक चौड़ी होती है।
इनमें रुधिर अत्यधिक दाब और झटके के साथ बहता है। रुधिर के बहने की गति धीमी रहती हैं तथा दाब एक जैसा होता है।
ये प्राय: शरीर के अंगों में गहराई पर स्थित होती हैं। प्राय: अंगों में बाहर की ओर स्थित होती हैं।
इनमें कपाट (valve) नहीं होते हैं। इनमें कपाट पाए जाते हैं।
दीवारें अधिक मोटी होने के कारण रिक्त होने पर पिचकती नहीं हैं। दीवारें पतली होने के कारण रिक्त होने पर पिचक जाती हैं।
इनका रंग गुलाबी या चटक लाल होता है। ये गहरे लाल रंग या नीले बैंगनी रंग की होती हैं।
पल्मोनरी धमनी (Pulmonary artery) को छोड़कर सभी धमनियों में शुद्ध (ऑक्सीकृत) रुधिर बहता है। पल्मोनरी शिरा (Pulmonery vein) को छोड़कर सभी शिराओं में अशुद्ध (विऑक्सीकृत) रुधिर बहता है।
इनमें किसी भी समय शरीर में कुल रुधिर का लगभग 15% भाग भरा रहता है। इनमें किसी भी समय रुधि के कुल भार का लगभग 60-65% अंश भरा रहता है।

HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर

प्रश्न 9.
यकृत निवाहिका तन्त्र का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
यकृत निवाहिका तन्त्र (Hepatic Portal System)
जब किसी अंग से निकली शिरायें पश्च महाशिरा या ह्वदय के स्थान पर किसी अन्य अंग में जाकर खुलती हैं और केशिकाओं का जाल बनाती हैं तथा यहाँ पर शिराएँ पुनः संयुक्त हो पश्च महाशिरा में खुलती हैं तो ऐसे तन्त्र को निवाहिका तन्त्र (portal system) कहते हैं। यह दो प्रकार का होता है-

  • यकृत निवाहिका तन्त्र
  • वृक्क निवाहिका तन्त्र (यह मनुष्य व अन्य स्तनधारियों में अनुपस्थित होता है) मनुष्य व अन्य सभी स्तनियों में केवल यकृत निवाहिका

तन्त्र पाया जाता है जो आहार नाल से प्रारम्भ होकर यकृत में समाप्त होता है। इसमें निम्नलिखित शिराएँ पायी जाती हैं-

  • प्लीहा शिरा (Splenic Vein)-प्लीहा से रुधिर एकत्रित करती है।
  • अधि आत्रयोजनी शिरा (Superior Mesenteric Vein) – यह क्षुद्रान्त, सीकम व आरोही कोलन से रुधिर एकत्रित करती है।
  • जठर शिरा (Gastric Vein) – यह आमाशय से रुधिर एकत्रित करती है।

HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर 13

  • अग्याशयी शिरा (Pancreatic Vein) – अग्याशय से रुधिर एकत्रित करती है।
  • ग्रहणी शिरा (Duodenal Vein) – ग्रहणी से रुधि ग्रहण करती है।
  •  सिस्टिक शिरा (Cystic Vein)-पित्ताशय से रुधिर ग्रहण करती है।
  • अधो आन्न योजनी शिरा (Inferior Mesenteric Vein) – अवरोही कोलन, सिग्माइड कोलन तथा मलाशय से रुधिर ग्रहण करती है।

ये सभी शिराएँ आपस में संयुक्त होकर एक यकुत निवाहिका शिरा (Hepatic Portal Vein) बनाती हैं जो यकृत के बायें पिण्ड में खुलती है। यकृत में पहुँचकर यह पुन: केशिकाओं में शाखित हो जाती है। ये केशिकाएँ अब संयुक्त होकर यकृत शिराएँ बनाती हैं जो पश्च महा शिरा में खुलती हैं। यकृत निवाहिका तन्त्र का महत्त्व –

  • यह शरीर में शर्करा की मात्रा का नियमन करता है।
  • भोजन के साथ आए हानिकारक जीवाणुओं एवं रोगाणुओं को नष्ट करता है।
  • विषैले पदार्थों को निक्किय करता है।
  • एमीनो अम्लों में डिएमीनेशन से प्राप्त अमोनिया को यूरिया में बदल दिया जाता है।
  • रुधिर में शर्करा की कमी होने पर यह ग्लाकोनियोजिनैसिस को प्रेरित करता है।

नोट-स्तनधारियों (Mammals) में यकृत निवाहिका तन्त्र के अतिरिक्त हाइपोटोलेमस-हाइपोफाइसियल निवाहिका तन्त्र भी पाया जाता है। परन्तु इसका सम्बन्ध अन्त:स्रावी तन्त्र से होता है। कोरोनरी तन्त्र (Coronary System) – यह कोरोनरी धमनी व शिराओं का बना होता है। ये शिराएँ द्वदय की भित्ति से ‘अशुद्ध’ रुधिर एकत्रित करके कोरोनरी साइनस में डालती हैं।

जो दायें अलिंद में खुलता है। कोरोनरी साइनस जहाँ पर दायें अलिंद में खुलता है, वहाँ थीबिसियन कपाट पाए जाते हैं। इस मुख्य शिरा के अतिरिक्त अनेक शिराएँ स्वतन्त रूप से दाएँ अलिन्द में खुलती हैं। इन शिराओं को वीनी-कौर्डीस-मिनिमी (Venae-cardis-minimes) कहते हैं तथा इनके रन्ध्रों को थीबिसियन के रन्ध्र कहते हैं। कोरोनरी धमनियाँ हृदय को रुधिर भेजती हैं।

प्रश्न 10.
दोहरे रुधिर परिसंचरण तन्त्र का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
दोहरा रक्त परिसंचरण (Double Blood Circulation)
स्तनियों का हुदय स्पष्टत दो अलिन्दों तथा दो निलयों में विभाजित होता है इसलिए इनके हुदय में परिसंचरण के समय शुद्ध एवं अशुद्ध रक्त एक-दूसरे से पूर्णतः पृथक रहता है। स्तनियों में शुद्ध रक्त प्रीवा-दैहिक ताप (कैरोटिको-सिस्टोमिक महाधमनी चाप) द्वारा शरीर के विभिन्न अंगों को वितरित किया जाता है।

फिर इन अंगों से अशुद्ध रक्त को अप्र एवं पश्च महाशिराओं द्वारा ध्दय के दाहिने अलिन्द में पहुँचा दिया जाता है। फिर यह रक्त दाहिने निलय एवं फुफ्फुसीय चाप (पल्मोनरी चाप) द्वारा फेफड़ों में शुद्धीकरण हेतु भेजा जाता है। गैसीय विनिमय के बाद शुद्ध रक्त को फुफ्फुसीय शिराओं (पर्मोनरी शिराओं) द्वारा बायें अलिन्द में लाया जाता है तथा बायें निलय के माध्यम से इसे ग्रीवा-दैहिक चाप में प्रवाहित कर दिया जाता है। इस प्रकार एक पूर्ण परिसंचरण पथ में रक्त हुदय में दो बार गुजरता है। परिसंचरण की ऐसी अवस्था को दोहरा परिसंचरण (Double circulation) कहते हैं।

HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर 14

विभिन्न शारीरिक अंगों एवं हृदय के बीच परिसंचरण को दैहिक परिसंचरण (Systemic circulation) कहते हैं, जबकि हृदय एवं फेफड़ों के बीच होने वाले परिसचंरण को फुफ्फुसीय परिसंचरण (Pulmonary circulation) कहते हैं।
HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर 15

प्रश्न 11.
मनुष्य के लसीका तन्त्र का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मनुष्य का लसीका तन्त्र (Lymphatic System in Human)
मनुष्य का लसिका तन्त्र लसीका (lymph) लसीका वाहिनियों (lymph vessels) तथा लसीका पर्व (lymph nodes) से मिलकर बना होता है।
(1) लसीका (Lymph) – लसीका तन्त्र में लसिका प्रवाहित होता रहता है, रुधिर केशिकाओं से रक्त दाब से छन जाता है। यह छना हुआ द्रव लसीका (Lymph) – कहलाता है। यह रंगहीन, अल्प पारदर्शक, क्षारीय संवहन ऊतक है।

यह रक्त के प्लाज्म जैसा ही होता है, अन्तर केवल इतना होता है कि इसमें प्रोटीन, कैल्सियम तथा फॉस्फोरस रक्त प्लाज्मा से कम मात्रा में होते हैं, किन्तु उत्सर्जी पदार्थों की मात्रा अधिक होती है। लसिका में थ्रोम्बोसाइद्स तथा लाल रुधिर कणिकाएँ (R.B.C.) नहीं होती हैं। इसमें लसीका कोशिकाएँ या लसिकाणु पायी जाती हैं तथा इसमें श्वेत रुधिर कणिकाएँ (W.B.C.) रुधिर की अपेक्षा अधिक होती हैं।

HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर

(2) लसीका वाहिनियाँ (Lymph Vessels) – रुधिर के समान ही लसीका भी शरीर में प्रवाहित होता रहता है। शरीर में विभिन्न ऊतक लसीका में डूबे रहते हैं। गैसों तथा अन्य पदार्थों का विनिमय रक्त व कोशिकाओं के मध्य लसीका द्वारा होता है। लसीका वाहिनियाँ शिराओं के समान होती हैं, क्योंकि लसीका वाहिनियों में लसीका सदैव अंगों से हृदय की ओर प्रवाहित होता है।

शिराओं की अपेक्षा इनमें दाब कम होता है, लसीका का बहाव लसीका वाहिनियों की भित्ति एवं इधर-उधर उपस्थित पेशियों के संकुचन के कारण होता है। इस तन्त्र में अनेक छोटी-छोटी वाहिनियाँ होती हैं। इस तन्त्र की बड़ी वाहिनियाँ निम्नलिखित हैं-

(क) बायीं वक्षीय वाहिनी (Left Thoracic Duct) – यह सिर के दाहिने भाग ग्रीवा एवं वक्ष के अतिरिक्त पश्चपादों, श्रोणीय क्षेत्र, उदर एवं शरीर के अप्र एवं बायें भाग, सिर, गर्दन व अप्रपादों से लसिका को लाती है यह बायीं अधोजत्रुक (left subclavian) शिरा एवं अन्तः प्रीवा शिरा (internal jugular vein) से प्रारम्भ होकर वक्ष में खुलती है।
HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर 16

(ख) दायीं लसीका वाहिनी (Right Lymphatic Duct) – यह प्रीवा में स्थित छोटी वाहिका है और शरीर के अप्र भाग तथा दायें सिर, गर्दन व अम्र पाद एवं वक्ष लसीका को एकत्रित करके लाती है। यह दायीं अधोजत्रुक शिरा (right subclavian vein) तथा दायीं आन्तरिक ग्रीवा शिरा (right jugular Vein) के सन्धि स्थल पर शिरा तन्त्र में खुलती है।

(3) लसीका पर्व सन्धियाँ (Lymph Nodes) – लसीका वाहिनियों में जगह-जगह लसीका गाँठें (nodes) स्थित होती हैं। इन गाँठों में लसीका केशिकाओं का जाल व लिम्फोसाइट कणिकाएँ स्थित होती हैं। लसीका गाँठें, सिर, गर्दन, बगलों व रागों (Groin) आदि में बड़ी रुधि वाहिनियों के समीप स्थित होती हैं। टॉन्सिल्स (tonsils) भी लसीका गाँठें ही हैं।

रुधिर में मिलने से पहले लसीका में से मृत कोशिकाओं तथा बाह्य कणों को हटाने का कार्य पर्व सन्धियाँ ही करती हैं। इनमें लसीकाणु का निर्माण भी होता है। ये प्रतिरक्षा का कार्य करते हैं।
लसीका तन्त्र के कार्य निम्नलिखित हैं-

  1. लसीका रक्त व ऊतकों के मध्य मध्यस्थ का कार्य करता है। यह रक्त से पाचित भोज्य पदार्थों व ऑक्सीजन को लेकर ऊतकों को तथा ऊतकों से उत्सर्जी पदार्थों, हॉर्मोन्स आदि को लेकर रक्त में लाता है।
  2. लसीका तन्त्र अवशोषित पोषक पदार्थो, विशेष रूप से वसा (ग्लिसरॉल एवं वसा अम्लों) के परिवहन में सहायक है।
  3. आन्त्र में अवशोषित वसा आक्षीर वाहिकाओं (lecteals) के माध्यम से पहले लसिका तन्न्र में जाती है और वहाँ से शिरा तन्त्र में जाती है।
  4. लसीका में उपस्थित श्वेत रुधिर कणिकाएँ (W.B.C’s) रोगाणुओं का भक्षण करती हैं।
  5. लसीका अंगों व ग्राँठों में प्रतिरक्षी (एन्टीबॉडीज) बनते हैं जो प्रतिरक्षा तन्त्र का मुख्य भाग हैं और प्रतिरक्षण में भाग लेते हैं।

प्रश्न 12.
रुधिर एवं परिसंचरण सम्बन्धी रोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
रुधिर एवं परिसंचरण सम्बन्धी रोग (Disease Related to Blood and Circulatory System)
1. उच्च रक्त दाब (High Blood Pressure) या अति तनाव-उच्च रक्त दाब (High B.P.) वह अवस्था है जिसमें रक्तचाप सामान्य (120/80) से अधिक होता है। इस मापदंड में 120 mm Hg (मिमी में पारे का दबाव) को प्रकुंचन या पंपिंग दाब और 80 mm Hg को अनुशिथिलन दाब या विराम काल (सहज) रक्तदाब कहते हैं।

यदि किसी व्यक्ति का रक्तदाब बार-बार मापने पर भी 140 / 90 या इससे अधिक होता है तो वह अति तनाव प्रदर्शित करता है। उच्च रक्त चाप (High B.P.) हृदय की बीमारियों को जन्म देता है तथा अन्य महत्वपूर्ण अंगों, जैसे-मस्तिष्क तथा गुर्दे जैसे अंगों को प्रभावित करता है।

2. हद्-धमनी रोग (Cardiac-artery Disease : CAD) – हृद्-धमनी रोग को प्राय: एधिरोकाठिन्य (atherosclerosis) कहते हैं। इस रोग में हृदय पेशी के रक्त की आपूर्ति करने वाली वाहिनियाँ प्रभावित होती हैं। यह रोग धमनियों के अन्दर कैल्सियम, वसा तथा अन्य रेशीय ऊतकों के संचित होने से होता है। इससे धमनी की अवकाशिका सँकरी हो जाती है तथा कभी-कभी बंद भी हो सकती है। इसके कारण रुधिर प्रवाह धीमा हो जाता है या रुक जाता है।

HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 18 शरीर द्रव तथा परिसंचणर

3. हृद् शूल (Angina-एन्जाइना)-इसे एन्जाइना पेक्टोरिस (angina Pectoris) भी कहते हैं। हृद पेशी में जब पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुँचती है, तब सीने में दर्द (वक्ष पीड़ा) होता है, जो एन्जाइना (हद्शूल) की पहचान है। एन्जाइना र्री या पुरुष दोनों में, किसी भी आयु में हो सकता है, लेकिन मध्यावस्था तथा वृद्धावस्था में यह सामान्यतः होता है। यह अवस्था रक्त बहाव के प्रभावित होने से होती है।

4. हृद्पात (हार्ट फेल्योर; Heart Faliyor) – हृदयघात वह अवस्था है जिसमें हुदय शरीर के विभिन्न भागों को आवश्यकतानुसार पर्याप्त आपूर्ति नहीं कर पाता है। इसे कभी-कभी संकुलित हृद्घात भी कहते हैं। क्योंकि फेफड़ों का संकुचित हो जाना भी इस रोग का प्रमुख लक्षण है। हृद्पात ठीक हृद्घात की भाँति नहीं होता (जहाँ हृद्पात के हृदय की धड़कन बन्द हो जाती है) हृद्पात में हृदय पेशी को रक्त आपूर्ति अचानक अपर्याप्त हो जाने से यकायक क्षति पहुँचती है।

5. हुदय आघात (Heart Shock or Attack) – हृदय आघात (Heárt shock) के कई कारण होते हैं-इनमें से मुख्य कारण है-कोरोनरी धमनी में थक्का बन जाना या रुधर वाहिका में रुकावट आ जाना। यदि व्यक्ति अत्यधिक मोटा है, वह धूम्रपान करता है, उच्च रुधिर दाब, कम व्यायाम, रुधिर में कोलेस्ट्रॉल मात्रा बढ़ जाती है तो हृदय आघात का खतरा बढ़ जाता है।

6. रक्ताल्पता (Anaemia)-सामान्यतः RBC या हीमोग्लोबिन की कमी रक्ताल्पता या एनीमिया कहलाती है। यह विटामिनB12 फोलिक अम्ल, आयरन की कमी के कारण होता है।

Must Read:

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व

Haryana State Board HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व

बहुविकल्पीय प्रश्न:

1. क्षार धातुएँ हैं-
(1) Na व K
(2) Mg व Ca
(3) Cu व Mg
(4) Al व Fe
उत्तर:
(1) Na व K

2. सोडियम धातु को इसमें सुरक्षित रखा जाता है-
(1) बेन्जीन
(2) कैरोसीन
(3) ऐल्कोहॉल
(4) टॉलूईन।
उत्तर:
(2) कैरोसीन

3. निम्न में से कौन-सी धातु कमरे के ताप पर जल से क्रिया करती है-
(1) चाँदी
(2) लोहा
(3) ऐल्यूमिनियम
(4) सोडियम।
उत्तर:
(4) सोडियम।

4. कौन-सा तत्व ऑक्सीजन की प्रचुरता में गरम करने पर सुपर-ऑक्साइड बनाता है-
(1) Li
(2) Na
(3) K
(4) Ca
उत्तर:
(3) K

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व

5. सोडियम, लीथियम की तुलना में जल से बहुत तीव्रता से अभिक्रिया करता है, क्योंकि-
(1) इसका परमाणु भार अधिक है
(2) यह अधिक विद्युत-धनी है
(3) यह अधिक विद्युत-ऋणी है
(4) इसमें अधिक संयोजकता इलेक्ट्रॉन हैं।
उत्तर:
(2) यह अधिक विद्युत-धनी है

6. निम्न में से किसकी हाइड्रेशन ऊर्जा अधिकतम है-
(1) H+
(2) Na+
(3) K+
(4) Rb+
उत्तर:
(1) H+

7. KO2 किसका उदाहरण है-
(1) सब ऑक्साइड
(2) सुपर ऑक्साइड
(3) सामान्य ऑक्साइड
(4) परॉक्साइड
उत्तर:
(2) सुपर ऑक्साइड

8. सीजियम ऑक्साइड है-
(1) प्रबल क्षारीय
(2) अम्लीय
(3) दुर्बल क्षारीय
(4) उभयधर्मी।
उत्तर:
(1) प्रबल क्षारीय

9. निम्न में से कौन-सा धातु कार्बोनेट गरम करने पर अपघटित होता है-
(1) Li2CO3
(2) Na2CO3
(3) K2CO3
(4) Rb2CO3
उत्तर:
(1) Li2CO3

10. भार-धातुओं के प्रबल अपचायक होने का कारण है-
(1) बड़ी परमाणु त्रिज्या
(2) बड़ी आयनिक त्रिक्या
(3) कम विद्युत श्रूपात्मकता
(4) कम प्रथम आयनन ऊर्जा।
उत्तर:
(4) कम प्रथम आयनन ऊर्जा।

11. क्षारीय धातुओं में से धातु जो रेडियो एक्टिव है-
(1) Cs
(2) Fr
(3) Rb
(4) Li
उत्तर:
(2) Fr

12. निम्न में से सबसे हल्का तत्व है-
(1) Na
(2) Ca
(3) Li
(4) Mg
उत्तर:
(3) Li

13. जब K को तेजी से वायु में गर्म किया जाता है तो प्राप्त होता है-
(1) K2O
(2) KO2
(3) K2O2
(4) KO
उत्तर:
(2) KO2

14. Na+ और K+ की अपेक्षा Li+ की आयनिक चालकता कम है, क्योंकि-
(1) Li+ का आयनन विभव कम है
(2) Li+ का आवेश घनत्व उच्व है
(3) Li+ की जलयोजन प्रवृत्ति उज्ञ है
(4) उपरोक्त में से कोई नहां।
उत्तर:
(3) Li+ की जलयोजन प्रवृत्ति उज्ञ है

15. निम्न क्षार धातु आयनों में से किसकी जलीय विलयन में चालकता न्यूनवम होती है-
(1) Rb+
(2) Cs+
(3) Li+
(4) Na+
उत्तर:
(3) Li+

16. परॉक्साइड बनाने वाले तत्वों का समूह है-
(1) Li, Na, K
(2) Na, K, Mg
(3) H, Na, Ba
(4) H, Li , Mg
उत्तर:
(3) H, Na, Ba

17. इलेक्ट्रोड विभव के आधार पर जलीय विलयन में सर्बोंत्तम अपचायक है-
(1) Li
(2) Na
(3) K
(4) Rb
उत्तर:
(1) Li

18. सहसंयोजक प्रकृति का क्लोराइड है-
(1) BaCl2
(2) NaCl
(3) CaCl2
(4) BeCl2
उत्तर:
(4) BeCl2

19. उभयधर्मी ऑक्साइड का उदाइरण है-
(1) MgO
(2) Na2O
(3) BeO
(4) BaO
उत्तर:
(3) BeO

20. प्रयोगशाला में निर्जलीकारक के रूप में प्रयुक्त होने वाला यौगिक है-
(1) NaCl
(2) CaCl2
(3) MgCl2
(4) KCl
उत्तर:
(2) CaCl2

21. निम्न धातु कार्बोनेट्टों में कौन-सा गर्म करने पर धातु देता है-
(1) MgCO3
(2) Ag2CO3
(3) K2CO3
(4) FeCO3
उत्तर:
(2) Ag2CO3

22. धावन सोड़ा का सूत्र है-
(1) Na2CO3.7H2O
(2) Na2CO3. H2O
(3) Na2CO3.10H2O
(4) Na2CO3
उत्तर:
(3) Na2CO3.10H2O

23. बेकिंग सोडा है-
(1) Na2CO3
(2) NaHCO3
(3) Na2SO4
(4) K2CO3
उत्तर:
(3) Na2SO4

24. सान्द्र जलीय NaOH विलयन निम्न में से किस मिश्रण को अलग कर सकता है-
(1) Al3+ तथा Sn2+
(2) Al3+ तथा Fe3+
(3) Al3+ तथा Zn2+
(4) Zn2+ तथा Pb2+
उत्तर:
(2) Al3+ तथा Fe3+

25. जिंक की क्रिया कास्टिक सोडा विलयन की अधिकता से कराने पर प्राप्त होता है-
(1) Zn(OH)2
(2) ZnO
(3) Na2ZnO2
(4) ZnH2
उत्तर:
(3) Na2ZnO2

26. सॉल्वे प्रक्रम में Na2CO3 के अवक्षेपण का कारण है-
(1) अमोनिया से क्रिया
(2) ताप में कमी
(3) ब्राइन बिलयन में समआयन प्रभाव
(4) CO2 की क्रिया।
उत्तर:
(3) ब्राइन बिलयन में समआयन प्रभाव

27. सोडियम को शुष्क वायु में जलाने पर प्राप्त होता है-
(1) Na2O
(2) Na2O2
(3) NaO2
(4) Na3N
उत्तर:
(4) Na3N

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व

28. NaCl को जल में घोलने पर सोडियम आयन हो जाता है-
(1) औँक्सीकृत
(2) अपचयित
(3) जल-अपघटित
(4) जलयोजित।
उत्तर:
(1) औँक्सीकृत

29. क्रिस्टल कार्बोनेट होता है-
(1) NaCO3
(2) Na2CO3.2H2O
(3) Na2CO3.H2O
(4) Na2CO3.10H2O
उत्तर:
(3) Na2CO3.H2O

30. गर्म सान्द्र NaOH विलयन के साथ ब्रोमीन की क्रिया से प्राप्त होता है-
(1) NaBrO
(2) NaBrO
(3) NaBrO
(4) NaBrO
उत्तर:
(3) NaBrO

31. सोडा लाइम है-
(1) Na2CO3 + Ca
(2) NaOH + NaHCO3
(3) NaOH + CaO
(4) NaOH + Na2CO3
उत्तर:
(3) NaOH + CaO

32. ब्राद्वन होता है-
(1) Na2CO3 का सान्द्र विलयन
(2) Na2SO4 का सान्द्र विलयन
(3) NaCl का सान्द्र विलयन
(4) फिटकरी का सान्द्र विलयन।
उत्तर:
(3) NaCl का सान्द्र विलयन

33. सोद्धा ऐश है-
(1) Na2CO3.H2O
(2) NaOH
(3) NaHCO2
(4) शुष्क Na2CO3
उत्तर:
(4) शुष्क Na2CO3

34. पोटेंशियम नाइट्रेट गर्म करने पर क्या बनाता है-
(1) K2O
(2) KO2
(3) K2O2
(4) KNO2
उत्तर:
(4) KNO2

35. निम्न में से कौन-सी धातु गर्म सान्द्र कॉस्टिक सोद्धा विलयन में नहीं घुलती है-
(1) Zn
(2) Zn
(3) Al
(4) Fe
उत्तर:
(4) Fe

36. पीले फॉस्फोरस को सान्द्र सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन के साथ गर्म करने पर कौन सा पदार्थ बनता है?
(1) NaPO3 और NaH2PO4
(2) PH3 और NaH3PO3
(3) PH3 और NaH3PO2
(4) Na2HPO3 और Na2HPO4
उत्तर:
(3) PH3 और NaH3PO2

37. धावन सोडा का सूत्र है-
(1) Na2CO3
(2) Na3CO3.H2O
(3) Na2CO3.5H2O
(4) Na2CO3.10H3O
उत्तर:
(4) Na2CO3.10H3O

38. निम्न में से कौन-सा कथन सत्य है-
(1) लीथियम कार्बोनेट जल में विलेय होता है
(2) Na, K तथा NH4 के कार्बोनेट जल में विलेय होते हैं
(3) Ca, Sr तथा Ba के कार्बोनेट जल में विलेय होते हैं
(4) Mg तथा Cu के बेसिक कार्बोनेट जल में विलेय होते हैं।
उत्तर:
(2) Na, K तथा NH4 के कार्बोनेट जल में विलेय होते हैं

39. निम्न में से कौन-सा लवण बुन्सन की अदीप्त ज्वाला को बेंगनी रंग प्रदान करता है-
(1) NaCl
(2) BaCl2
(3) CaCl2
(4) KCl
उत्तर:
(4) KCl

40. आग बुझाने वाले यन्त्रों में H2SO4 तथा निम्न में से क्या होता है ?
(1) NaHCO3 तथा Na2CO3
(2) NaHCO3 विलयन
(3) Na2CO3
(4) CaCO3
उत्तर:
(1) NaHCO3 तथा Na2CO3

41. सोडियम कार्बोनेट बनता है-
(1) कोल्बे विधि द्वारा
(2) सॉल्वे प्रक्रम द्वारा
(3) नेल्सन विधि द्वारा
(4) सम्पर्क विधि द्वारा।
उत्तर:
(2) सॉल्वे प्रक्रम द्वारा

42. सोडियम धातु को निम्न में से किसके अन्तर्गत संचित नहीं किया जाता है-
(1) बेन्जीन
(2) कैरोसीन
(3) ऐल्कोहॉल
(4) टॉलूईन।
उत्तर:
(3) ऐल्कोहॉल

43. निम्न में से कौन-सी क्षारीय धातु नहीं है-
(1) Rb
(2) Cs
(3) Fr
(4) Rn
उत्तर:
(4) Rn

44. निम्न में से कौन-सा कमरे के ताप पर द्रव है-
(1) Na
(2) Fr
(3) Ce
(4) Os
उत्तर:
(2) Fr

45. क्षारीय मृदा धातुएँ सम्बन्धित हैं, आवर्त सारणी के –
(1) s- ब्लॉक से
(2) p-ब्लॉक से
(3) d- ब्लॉक से
(4) f-ब्लॉक से ।
उत्तर:
(1) s- ब्लॉक से

46. क्षारीय मृदा धातुओं के कार्बोनेटों के ऊष्मीय स्थायित्व का घटता हुआ क्रम है-
(1) BaCO3 > SrCO3 > CaCO3 > MgCO3
(2) BaCO3 > SrCO3 > MgCO3 > CaCO3
(3) CaCO3 > SrCO3 > MgCO3 > BaCO3
(4) MgCO3 > CaCO3 > SrCO3 > BaCO3
उत्तर:
(2) BaCO3 > SrCO3 > MgCO3 > CaCO3

47. प्रथम आयनन विभव को प्रदर्शित करने वाला सही क्रम है-
(1 ) K > Na > Ni
(2) Be> Mg > Ca
(3) B > C>N
(4) Ge > Si > C
उत्तर:
(2) Be> Mg > Ca

48. बढ़ते हुये आयनिक गुण का सही क्रम है-
(1) BeCl2 < MgCl2 < CaCl2 < BaCl2
(2) BeCl2 < MgCl2 < BaCl2 < CaCl2
(3) BeCl2 < BaCl2 < MgCl2 < CaCl2
(4) BeCl2 < CaCl2 < MgCl2 < BaCl2
उत्तर:
(1) BeCl2 < MgCl2 < CaCl2 < BaCl2

49. क्षारीय मृदा धातुओं में से वह तत्व जो मुख्यतः सह-संयोजक
यौगिक बनाता है-
(1) Ba
(2) Sr
(3) Ca
(4) Be
उत्तर:
(4) Be

50. एक धात्विक ऑक्साइड का सूत्र MO है इसके फॉस्फेट का होगा –
(1) M3(PO4)2
(2) MPO4
(3) M3PO4
(4) M2(PO4)3
उत्तर:
(1) M3(PO4)2

51. जिप्सम है-
(1) MgSO4.7H2O
(2) CuSO4.5H2O
(3) CaSO4.5H2O
(4) Na2SO4.10H2O
उत्तर:
(3) CaSO4.5H2O

52. मैग्नीशियम का निष्कर्षण करते हैं-
(1) कार्नेलाइट के विद्युत अपघटन से
(2) टैल्क के जलीय अपघटन से
(3) मैग्नेसाइट के ताप – अपघटन से
(4) उपर्युक्त सभी से।
उत्तर:
(1) कार्नेलाइट के विद्युत अपघटन से

53. दुर्बलतम क्षार है-
(1) Be(OH)2
(2)Mg(OH)2
(3) NaOH
(4) KOH
उत्तर:
(1) Be(OH)2

54. एप्सम का सूत्र है-
(1) MgSO4
(2) MgSO4.7H2O
(3) CaSO4.2H2O
(4) CaSO4
उत्तर:
(2) MgSO4.7H2O

55. कपड़ा धोने का सोडा होता है-
(1) Na2CO3.10H2O
(2) Na2CO3. H2O
(3) Na2CO3.5H2O
(4) Na2CO3
उत्तर:
(1) Na2CO3.10H2O

56. सबसे अधिक धनात्मक क्षारीय मृदा धातु है-
(1) Be
(2) Mg
(3) Ca
(4) Ba
उत्तर:
(4) Ba

57. निम्न में से किसका आयनन विभव अधिकतम है-
(1) Be
(2) Mg
(3) Ca
(4) Ba
उत्तर:
(1) Be

58. निम्न में से कौन-सा धातु कार्बोनेट गर्म करने पर अपघटित होता है-
(1) MgCO3
(3) K2CO3
(2) Na2CO3
(4) Rb2 CO3
उत्तर:
(1) MgCO3

59. कैल्सियम लवण ज्वाला में रखने से कौन-सा रंग प्रदान करता है-
(1) लाल
(2) हरा
(3) सफेद
(4) गुलाबी
उत्तर:
(1) लाल

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व

60. कौन – सा क्विक लाइम है-
(1) Ca(OH)2
(2) CaO
(3) CaCO3
(4) Ca(OH)2 + H2O
उत्तर:
(2) CaO

61. नाइट्रोलिम होता है-
(1) Ca(NO3)2
(2) Ca(CN)2
(3) CaCN2 + C
(4) CaCN2
उत्तर:
(3) CaCN2 + C

62. सीमेन्ट निर्माण में निम्न में से कौन सा कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया जाता है-
(1) चूने का पत्थर, क्ले एवं रेत
(2) चूने का पत्थर, जिप्सम एवं रेत
(3) चूने का पत्थर, जिप्सम एवं ऐलुमिना
(4) चूने का पत्थर, क्ले एवं जिप्सम ।
उत्तर:
(4) चूने का पत्थर, क्ले एवं जिप्सम ।

63. प्लास्टर ऑफ पेरिस है-
(1) CaSO4.2H2O
(2) MgSO4.7H2O
(3) KCl.MgCl2.6H2O
(4) CaSO4.1/2H2O
उत्तर:
(4) CaSO4.1/2H2O

64. जिप्सम का सूत्र है-
(1) MgSO4.2H2O
(2) CaSO4.2H2O
(3) CaSO4.3H2O
(4) 2CaSO4
उत्तर:
(2) CaSO4.2H2O

65. जल की अत्यंत सूक्ष्म मात्रा को अवशोषित करने के लिए सर्वोत्तम अभिकर्मक है-
(1) सिलिका जैल
(2)CaCl2
(3) Mg(ClO4)2
(4) H2SO4
उत्तर:
(1) सिलिका जैल

66. एप्सम लवण है-
(1) CaSO4.2H2O
(2) SrSO4
(3) BaSO4
(4) MgSO4.7H2O
उत्तर:
(4) MgSO4.7H2O

67. सीमेन्ट का जमकर कठोर होने का कारण है-
(1) निर्जलीकरण
(2) जलयोजन व जलअपघटन
(3) जलअपघटन
(4) बहुलीकरण।
उत्तर:
(3) जलअपघटन

68. बुझा हुआ चूना है-
(1) CaO
(2) Ca(OH)2
(3) CaCO3
(4) CaCl2
उत्तर:
(2) Ca(OH)2

69. प्लास्टर ऑफ पेरिस कठोर हो जाता है-
(1) CO2 को पृथक् करने पर
(2) CaCO2 में परिवर्तित होकर
(3) जल से संयुक्त होने पर
(4) जल को पृथक् करने पर ।
उत्तर:
(3) जल से संयुक्त होने पर

70. चूने का दूध है-
(1) CaO
(2) Ca(OH)2 का जलीय विलयन
(3) Ca(OH)2
(4) Ca(OH)2 का जलीय निलम्बन |
उत्तर:
(4) Ca(OH)2 का जलीय निलम्बन |

71. प्लास्टर ऑफ पेरिस जल के साथ कठोर पुँज में परिवर्तित हो जाता है, इसका संघटन है-
(1) CaSO4
(2) CaSO4. H2O
(3) CaSO4. 2H2O
(4) CaSO4.Ca(OH)2
उत्तर:
(3) CaSO4. 2H2O

72. निर्जल मैग्नीशियम क्लोराइड MgCl2.2H2O को गर्म करके तैयार किया जा सकता है-
(1) शुष्क हाइड्रोजन क्लोराइड गैस की धारा में
(2) कार्बन के साथ
(3) जब तक कि यह गल न जाये
(4) चूने के साथ ।
उत्तर:
(1) शुष्क हाइड्रोजन क्लोराइड गैस की धारा में

73. सीमेन्ट का जमना है-
(1) ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया
(2) ऊष्माशोषी अभिक्रिया
(3) न तो ऊष्माक्षेपी न ही ऊष्माशोषी
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(1) ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया

74. पोर्टलैण्ड सीमेण्ट (नूने को छोड़कर) का बहुत बड़ा अंश है-
(1) ऐलुमिना
(2) सिलिका
(3) आयरन ऑक्साइड
(4) मैग्नीशिया ।
उत्तर:
(2) सिलिका

75. MgCi2 तथा MgO का मिश्रण कहलाता है-
(1) पोर्टलैण्ड सीमेण्ट
(2) सोरेल सीमेन्ट
(3) दिक् लवण
(4) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर:
(2) सोरेल सीमेन्ट

76. निम्न में से कौन सी धातु क्लोरोफिल में पायी जाती है-
(1) Mg
(2) Be
(3) Ca
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(1) Mg

77. मोर्टार (गारा) मिश्रण है-
(1) बुझा चूना, रेत तथा जल
(2) बुझा चूना, प्लास्टर ऑफ पेरिस तथा जल
(3) मैग्नीशियम क्लोराइड, टार तथा चूना
(4) चूना, पोर्टलैण्ड सीमेण्ट तथा जल ।
उत्तर:
(1) बुझा चूना, रेत तथा जल

78. फ़्लैश बल्ब का तार किसका बना होता है ?
(1) Mg
(2) Ba
(3) Ag
(4) Cu
उत्तर:
(1) Mg

79. आतिशबाजी में गहरा लाल रंग किस मूलक की उपस्थिति के कारण होता है-
(1) Na
(2) Ba
(3) K
(4) Sr
उत्तर:
(4) Sr

80. निम्न में कौन – सा बेराइट है-
(1) BaO
(2) BaCO3
(3) BaSO4
(4) BaCl2.2H2O.
उत्तर:
(3) BaSO4

81. मोर्टार में रेत का कार्य है-
(1) कठोरता को कम करना
(2) पदार्थ को ठोस बनाना
(3) पदार्थ के लचीलेपन को कम करना
(4) अधिक सिकुड़न को रोकना जिसके कारण दरार पड़ जाती है ।
उत्तर:
(4) अधिक सिकुड़न को रोकना जिसके कारण दरार पड़ जाती है ।

82. बुझा हुआ चूना निम्न में से किसके उत्पादन में प्रयोग होता है-
(1) सीमेण्ट
(2) वर्णक
(3) दवाईयाँ
(4) अग्निसह ईंटें ।
उत्तर:
(1) सीमेण्ट

83. गैसों को सुखाने में प्रयुक्त किया जाता है-
(1) CaCO3
(3) NaHCO3
(2) Na2CO3
(4) CaO
उत्तर:
(4) CaO

84. लिथोफोन एक मिश्रण है-
(1) BaCl2 + ZnS
(2) BaSO4 + ZnS
(3) BaSO4 + ZnSO4
(4) BaO2 + ZnSO4
उत्तर:
(2) BaSO4 + ZnS

अति लघु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
लीथियम का एक उपयोग बताइए ।
उत्तर:
मिश्र धातु बनाने में।

प्रश्न 2.
सोडियम का एक प्रमुख उपयोग दीजिए ।
उत्तर:
सोडियम वाष्प लैम्प बनाने में।

प्रश्न 3.
कौन-से क्षारीय मृदा तत्व ज्वाला को रंग प्रदान करते हैं?
उत्तर:
Ca, Sr तथा Ba |

प्रश्न 4.
बेरीलियम हाइड्राइड की प्रकृति क्या है?
उत्तर:
बहुलक प्रकृति होती है।

प्रश्न 5.
बेरीलियम हैलाइड किस प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
आयनिक प्रकृति के होते हैं।

प्रश्न 6.
क्षार धातुएँ प्रबल अपचायक क्यों होती हैं ?
उत्तर:
क्षार धातुओं का परमाणु आकार अपने आवर्त के सभी तत्वों से बड़ा होने के कारण ये धातुएँ अपने बाह्य कक्ष का इलेक्ट्रॉन आसानी से त्याग देती हैं। अतः ये प्रबल अपचायक होती हैं।

प्रश्न 7.
Na, K, Rb और Cs वायु में खुले क्यों नहीं रखे जाते हैं?
उत्तर:
ये सभी तत्व अति क्रियाशील हैं तथा वायु की ऑक्सीजन के साथ ऑक्साइड बनाते हैं।

प्रश्न 8.
क्षार धातुएँ अधिक मुलायम क्यों होती हैं ?
उत्तर:
क्षार धातुओं में संकुलन ढीला-ढाला होता है तथा जालक में काफी रिक्त स्थान होता है। इसीलिए ये मुलायम होती हैं।

प्रश्न 9.
लीथियम सहसंयोजक यौगिक क्यों बनाता है?
उत्तर:
लीथियम का छोटा आकार, अधिक नाभिकीय आवेश और अधिक ध्रुवण क्षमता के कारण यह सहसंयोजक यौगिक बनाता है।

प्रश्न 10.
क्षार धातुएँ द्वितीय आयन क्यों नहीं बनाती हैं?
उत्तर:
क्षार धातएँ अपना संयोजी इलेक्टॉन त्यागकर स्थायी अक्रिय गैस विन्यास प्राप्त कर लेती हैं जो अति कठिनाई से टूटता है । अत: क्षार धातुएँ द्विधनात्मक आयन नहीं बनाती हैं।

प्रश्न 11.
वर्ग 1 के तत्व क्षार धातुएँ क्यों कहलाते हैं?
उत्तर:
वर्ग 1 के तत्व क्षार धातुएँ कहलाते हैं; क्योंकि इनके हाइड्रॉक्साइड विलेय क्षारक हैं जो क्षार (alkalies) कहलाते हैं। इसके अतिरिक्त इन तत्वों की राख (ash) प्रकृति में क्षारीय होती है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व

प्रश्न 12.
क्षार धातुओं की आयनन ऊर्जा कम क्यों होती है ?
उत्तर:
क्षार धातुओं की आयनन ऊर्जा इनके बड़े परमाणु आकार के कारण कम होती है। ये सरलता से इलेक्ट्रॉन त्याग देते हैं ।

प्रश्न 13.
क्षार धातुओं की आयनन ऊर्जा परमाणु क्रमांक में वृद्धि के साथ क्यों घटती है?
उत्तर:
परमाणु क्रमांक बढ़ने पर परमाणु आकार बढ़ता है जिससे संयोजी इलेक्ट्रॉनों तथा नाभिक के बीच आकर्षण बल घटता है। अतः वर्ग में नीचे जाने पर अर्थात् परमाणु क्रमांक में वृद्धि होने पर आयनन ऊर्जा घटती है।

प्रश्न 14.
उन क्षार धातुओं के नाम लिखें जो वायु की अधिकता में गरम करने पर सुपर ऑक्साइड बनाती हैं?
उत्तर:
K, Rb और Cs |

प्रश्न 15.
उस धातु का नाम लिखें जो जल की सतह पर उससे बिना अभिक्रिया करे तैरती है।
उत्तर:
Li.

प्रश्न 16.
क्षार धातुओं में उन धातुओं के नाम बताएँ जो द्रव अवस्था में पायी जाती हैं।
उत्तर:
Cs और Fr.

प्रश्न 17.
उस मुख्य कारक को लिखें जिसकी वजह से लीथियम असंगत व्यवहार करता है।
उत्तर:
इसकी उच्च ध्रुवणता शक्ति (charge / size अनुपात ) ।

प्रश्न 18.
निम्न को उनके सह संयोजक गुण के आधार पर घटते हुये क्रम में व्यवस्थित करें।
MCI, MBr, MF, MI जहाँ (M= क्षार धातुएँ)
उत्तर:
जैसे-जैसे ऋण आयनों का आकार बढ़ता जाता है वैसे-वैसे इनका सहसंयोजक गुण भी बढ़ता जाता है।
MI > MBr > MC1 > MF

प्रश्न 19.
समूह-1 के तत्वों को क्या कहते हैं ?
उत्तर:
क्षार धातुएँ।

प्रश्न 20.
उस क्षार धातु का नाम लिखें जो Mg से विकर्ण सम्बन्ध प्रदर्शित करती है।
उत्तर:
Li |

प्रश्न 21.
सोडियम धातु को मिट्टी के तेल में क्यों रखा जाता है?
उत्तर:
सोडियम धातु अत्यधिक क्रियाशील होती है तथा यह नमी, ऑक्सीजन एवं CO2 के साथ क्रिया करके NaOH, Na2O तथा Na2CO3 बनाती है। अत: इसे नमी तथा वायु से बचाने के लिये मिट्टी के तेल में रखा जाता है।

प्रश्न 22.
सोडियम तथा पोटैशियम के मुख्य अयस्कों के नाम
लिखें।
उत्तर:
Na – NaCl
K – KCl

प्रश्न 23.
प्रकाश विद्युत सेल में हम क्षार धातुओं का प्रयोग क्यों करते हैं ?
उत्तर:
क्योंकि इनके आयनन विभव का मान कम होता है।

प्रश्न 24.
Na (11) तथा K (19) का इलैक्ट्रॉनिक विन्यास लिखें।
उत्तर:
Na(11) → 1s2 2s2 2p63s1
K (19) → 1s2 2s2 2p63s23p64s1

प्रश्न 25.
क्षार धातुओं के गलनांक एवं क्वथनांक कम क्यों होते हैं?
उत्तर:
क्योंकि इनका आकार बड़ा होता है एवं इनमें उपस्थित धात्विक बंध भी कमजोर होते हैं।

प्रश्न 26.
क्षार धातुओं के घनत्व कम क्यों हैं?
उत्तर:
बड़े आकार एवं कमजोर घात्विक बन्ध के कारण क्षार धातुओं के घनत्व काफी कम होते हैं।

प्रश्न 27.
Na और K को हम उनके गलित ……………….. के …………….. अपचयन द्वारा प्राप्त कर सकते हैं।
उत्तर:
अयस्कों, वैद्युतीय।

प्रश्न 28.
Na+…………………. ‘परमाणु के साथ समइलैक्ट्रॉनिक है।
उत्तर:
नियॉन (Ne) ।

प्रश्न 29. सोडियम का आयनन विभव K से………………. होता है।
उत्तर:
अधिक ।

प्रश्न 30.
क्षार धातुओं के यौगिक प्रायः विलेय होते हैं क्योंकि वे के होते हैं ?
उत्तर:
आयनिक प्रकृति ।

प्रश्न 31.
किस क्षार धातु के आयन की ध्रुवणता सबसे अधिक होती है।
उत्तर:
लीथियम ।

प्रश्न 32.
भारतीय साल्टपीटर किसे कहते हैं?
उत्तर:
KNO3 भारतीय साल्टपीटर कहलाता है ।

प्रश्न 33.
सोडियम हाइड्रॉक्साइड के औद्योगिक निर्माण में सह-उत्पाद कौन-सा होता है ?
उत्तर:
क्लोरीन ।

प्रश्न 34.
200°C तक गर्म ठोस कॉस्टिक सोडा पर CO गैस प्रवाहित करने पर क्या प्राप्त होता है?
उत्तर:
HCOONa (सोडियम फॉमेट)

प्रश्न 35.
सोडियम कार्बोनेट के जलीय विलयन के क्षारीय होने का क्या कारण है?
उत्तर:
क्योंकि यह जल अपघटित होकर सोडियम हाइड्रॉक्साइड एवं कार्बोनिक अम्ल बनाता है। NaOH एक प्रबल क्षार है जबकि कार्बोनिक अम्ल एक दुर्बल अम्ल है जिस कारण से इसका जलीय विलयन क्षारीय हो जाता है।

प्रश्न 36.
जब K को तेजी से वायु में गर्म किया जाता है तो क्या प्राप्त होता है?
उत्तर:
KO2 (पौटेशियम सुपरऑक्साइड)

प्रश्न 37.
नौसादर क्या होता है?
उत्तर:
NH4Cl को नौसादर कहते हैं।

प्रश्न 38.
धावन सोडे को गर्म करने पर क्या प्राप्त होता है?
उत्तर:
केवल जल वाष्प प्राप्त होती है।

प्रश्न 39.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(i) Na2CO3.10H2O को………………. कहते हैं।
उत्तर:
धावन सोडा ।

(ii) LiNO3 अपघटित होकर………………. एवं………………. देता है जबकि अन्य सभी क्षारीय धातुओं के नाइट्रेट अपघटित होकर……………….………………. देते हैं।
उत्तर:
LiNO3 अपघटित होकर NO2 एवं O2 देता है जबकि अन्य सभी क्षारीय धातुओं के नाइट्रेट अपघटित होकर धातु नाइट्राइट व O2 देते हैं।

(iii) Li2CO3 गर्म करने पर……………….एवं………………. में अपघटित होता है।
उत्तर:
Li2CO3 गर्म करने पर Li20 एवं O2 में अपघटित होता है जबकि अन्य क्षारीय धातु कार्बोनेट गर्म करने पर अपघटित नहीं होते हैं।

(iv) क्षार धातुएँ मर्करी में घुलकर उसके साथ मिश्र धातु बनाती है जिन्हें……………….कहते हैं।
उत्तर:
अमलगम ।

(v) क्षार धातु धनात्मक आयन का आकार जितना छोटा होता है उतना ही………………. जलयोजन होता है।
उत्तर:
अधिक ।

(vi) अमोनिया में संतृप्त NaCl के विलयन को………………. कहते हैं।
उत्तर:
अमोनियामय ब्राइन ।

(vii) द्रव अमोनिया में क्षार धातुएँ नीला रंग देती हैं, इसका कारण उसमें उपस्थित………………. है ।
उत्तर:
अमोनिएटेड इलेक्ट्रॉन ।

प्रश्न 40.
वर्ग-1 के तत्वों में ऊपर से नीचे चलने पर घनत्व बढ़ता जाता है लेकिन किस तत्व पर यह क्रम विचलित होता है ?
उत्तर:
K तत्व पर यह क्रम विचलित होता है।

प्रश्न 41.
किन तत्वों का घनत्व पानी से कम है ?
उत्तर:
Li, Na तथा K ।

प्रश्न 42.
वर्ग-1 के तत्वों में प्रबलतम धनविद्युती तत्व कौन-सा होगा ?
उत्तर:
Cs (सीजियम) ।

प्रश्न 43.
वर्ग-1 की धातुओं में से कौन-सी धातु कठोर है ?
उत्तर:
Li (लीथियम)।

प्रश्न 44.
वर्ग-1 की धातुओं में से कौन-सी धातु नर्म है ?
उत्तर:
Cs (सीजियम)।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व

प्रश्न 45.
वर्ग-1 की धातुओं में से वह कौन-सी धातु है जिसे चाकू से नहीं काटा जा सकता है ?
उत्तर:
Li (लीथियम)।

प्रश्न 46.
वर्ग- 1 में कौन-सी धातु द्रव अवस्था में पायी जाती है ?
उत्तर:
सीजियम (Cs) ।

प्रश्न 47.
कौन-सी धातु का प्रयोग फोटो इलेक्ट्रिक सेल में करते हैं ?
उत्तर:
सीजियम का प्रयोग फोटो इलेक्ट्रिक सेल में किया जाता है।

प्रश्न 48.
वर्ग- 1 के धातुओं के धनायन की प्रकृति कैसी होती है ?
उत्तर:
वर्ग-1 के धातुओं के धनायन की प्रकृति प्रतिचुम्बकीय होती है।

प्रश्न 49.
वर्ग-1 की धातुओं में से किस धातु धनायन की जलयोजन ऊर्जा का मान अधिकतम होता है ?
उत्तर:
Li+ की जलयोजन ऊर्जा का मान अधिकतम होता है।

प्रश्न 50.
वर्ग-1 की धातुओं के जलयोजित धनायनों की आयनिक चालकता का क्रम लिखें।
उत्तर:
\(\mathrm{Li}_{(a q)}^{+}<\mathrm{Na}_{(a q)}^{+}<\mathrm{K}_{(a q)}^{+}<\mathrm{Rb}_{(a q)}^{+}<\mathrm{Cs}_{(a q)}^{+}\) जलयोजित धनायनों की आयनिक चालकता का क्रम

प्रश्न 51.
वर्ग-1 के तत्वों में किस तत्व की आयनन एन्थैल्पी सर्वाधिक है ?
उत्तर:
Li (लीथियम)।

प्रश्न 52.
वर्ग-1 के तत्वों में कौन-सी धातुएँ संकुल हाइड्राइड बनाती हैं ?
उत्तर:
LiAlH4 एवं NaBH4 (अर्थात् Li एवं Na) ।

प्रश्न 53.
वर्ग-1 के तत्वों के हाइड्रॉक्साइड में कौन प्रबलतम क्षार है ?
उत्तर:
CsOH (सीजियम हाइड्रॉक्साइड)।

प्रश्न 54.
सुपरऑक्साइड आयन को किससे प्रदर्शित करते हैं ?
उत्तर:
O2 (सुपरऑक्साइड) ।

प्रश्न 55.
परॉक्साइड एवं ऑक्साइड आयन को किससे प्रदर्शित करते हैं।
उत्तर:
परॉक्साइड (O22- तथा ऑक्साइड (O2-) ।

प्रश्न 56.
वर्ग- 1 के तत्वों के हाइड्रॉक्साइडों की प्रबलता को घटते क्रम में व्यवस्थित करें।
उत्तर:
CsOH > RbOH > KOH > NaOH > LiOH (प्रबलता का क्रम)।

प्रश्न 57.
वर्ग-1 में कौन-सा तत्व नाइट्रोजन से क्रिया कर नाइट्राइड बनाता है ?
उत्तर:
लीथियम |

प्रश्न 58.
सोडियम हाइड्रॉक्साइड को दाहक सोडा (caustic soda) क्यों कहते हैं ?
उत्तर:
क्योंकि यह त्वचा पर फफोले (blisters) डालता है।

प्रश्न 59.
काली राख (Black ash) किसे कहते हैं ?
उत्तर:
Na2CO3 व CaS के मिश्रण को काली राख कहते हैं।

प्रश्न 60.
हल्की क्षार धातुओं जैसे Li, Na, K आदि का घनत्व जल से कम होता है, क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि इन धातुओं का परमाणु-आयतन जल से अधिक होता है।

प्रश्न 61.
क्षार धातुएँ विद्युत व ऊष्मा की अच्छी चालक हैं, स्पष्ट करो ।
उत्तर:
क्योंकि इनका संयोजी इलेक्ट्रॉन नाभिक से कम शक्ति के द्वारा जुड़ा होता है।

प्रश्न 62.
क्षार धातुओं को मिट्टी के तेल या पैराफीन में क्यों रखते हैं ?
उत्तर:
क्योंकि ये जल एवं वायु से क्रिया कर लेती हैं।

प्रश्न 63.
क्रिस्टल कार्बोनेट व धावन सोडा दोनों सोडियम के कार्बोनेट हैं। इन दोनों में क्या अन्तर है ?
उत्तर:
सोडियम कार्बोनेट के मोनोहाइड्रेट को क्रिस्टल कार्बोनेट व डेका हाइड्रेट को धावन सोडा कहते हैं।
क्रिस्टल कार्बोनेट – Na2CO3.H2O
धावन सोडा – Na2CO3.10H2O

प्रश्न 64.
क्षार धातुओं के सुपरऑक्साइड रंगीन व अनुचुम्बकीय होते हैं, क्यों ?
उत्तर:
सुपर ऑक्साइडों में तीन इलेक्ट्रॉनों का एक बन्ध होता है जिसमें अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होते हैं। इस कारण यह अनुचुम्बकीय व रंगीन होते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 1

प्रश्न 65.
Li अपने वर्ग के अन्य तत्वों की अपेक्षा वर्ग II-A के Mg से अधिक समानता रखता है, क्यों ?
उत्तर:
Li+ व Mg+ की ध्रुवण क्षमता लगभग समान होने के कारण Li व Mg के लवणों के गुणों में समानता पायी जाती है।

प्रश्न 66.
NaOH को वायु में रखने पर यह पहले द्रव बनाता है। फिर ठोस हो जाता है, क्यों ?
उत्तर:
NaOH, वायु की CO2 व नमी को अवशोषित कर लेता है। पहले यह NaOH का संतृप्त विलयन बनाता है फिर CO2 से क्रिया करके Na2CO3 बनाता है । यह अविलेय होने के कारण ठोस Na2CO3 में परिवर्तित हो जाता है।

प्रश्न 67.
शुद्ध NaCl प्रस्वेद्य (deliquescent) नहीं है, परन्तु घर पर प्रयोग होने वाला नमक वर्षा के दिनों में नमी युक्त हो जाता है।
उत्तर:
घर पर प्रयोग होने वाले नमक में MgCl2 अशुद्धि के रूप में होता है जो कि एक प्रस्वेद्य यौगिक है।

प्रश्न 68.
शुष्क चूना क्या है? यह कैसे बनाया जाता है ?
उत्तर:
शुष्क चूना कैल्सियम ऑक्साइड (CaO) है। इसे चूना पत्थर (कैल्सियम कार्बोनेट) को गर्म करके बनाया जाता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 2

प्रश्न 69.
BeCl2 कार्बनिक विलायकों में विलेय क्यों होता है?
उत्तर:
BeCl2 सहसंयोजी यौगिक है; इसलिए यह कार्बनिक विलायकों में विलेय होता है।

प्रश्न 70.
शुष्क चूने से प्रारम्भ करके बुझा चूना कैसे बनाया जाता है ? क्या अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी होगी या ऊष्माशोषी ?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 3
जब शुष्क चूने को जल में डाला जाता है, यह कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड बनाता है। यह अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी होती है।

प्रश्न 71.
उस क्षार धातु का नाम बताइए जो मैग्नीशियम के साथ विकर्ण सम्बन्ध प्रदर्शित करती है ?
उत्तर:
लीथियम ।

प्रश्न 72.
निम्नलिखित में विभेद करने के लिए एक अभिकर्मक अथवा एक प्रक्रम बताइए-
(i) BeSO4 तथा BaSO4
(ii) Be(OH)2 तथा Ba(OH)2
उत्तर:
(i) BeSO4 जल में विलेय है, जबकि BaSO4 नहीं है ।
(ii) Be(OH)2, NaOH में विलेय है, जबकि Ba(OH)2 अविलेय है।

प्रश्न 73.
बेरिलियम वर्ग IIA तथा ऐलुमिनियम IIIB में विद्यमान है, परन्तु फिर भी इनके गुणों में समानता का प्रमुख कारण क्या है?
उत्तर:
बेरिलियम वर्ग IIA तथा ऐलुमिनियम वर्ग IIIB में उपस्थित हैं, परन्तु इनके गुणों में समानता का कारण इनमें विकर्ण सम्बन्ध का होना है।

प्रश्न 74.
क्षारीय मृदा धातुओं के हाइड्रॉक्साइडों की जल में विलेयता वर्ग में नीचे जाने पर पर क्यों बढ़ती है?
उत्तर:
क्षारीय मृदा धातुओं में ऋणायन समान हों तो धनायन की त्रिज्या जालक एन्थैल्पी को प्रभावित करती है। चूँकि बढ़ती हुई आयनिक त्रिज्या के साथ जलयोजन एन्थैल्पी की तुलना में ऋणात्मक एन्थैल्पी तेजी से कम होती है; अतः वर्ग के नीचे जाने पर विलेयता बढ़ती जाती है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व

प्रश्न 75.
क्षारीय मृदा धातुओं के कार्बोनेटों एवं सल्फेटों की जल में विलेयता वर्ग में ऊपर से नीचे क्यों घटती है?
उत्तर:
ऋणायन का आकार धनायन की तुलना में बहुत अधिक है एवं जालक एन्थैल्पी वर्ग में लगभग स्थिर रहती है। चूँकि वर्ग में जलयोजन ऊर्जा का मान ऊपर से नीचे घटता है अतः धातु कार्बोनेट एवं सल्फेटों की विलेयता वर्ग में नीचे जाने पर घटती है।

प्रश्न 76.
उच्च ताप पर नाइट्रोजन के साथ कौन सी धातु सीधे संयोग कर सकती है ?
उत्तर:
Mg.

प्रश्न 77.
क्षारीय मृदा धातुओं में वे कौन-सी धातुएँ हैं जो ज्वाला परीक्षण नहीं देती हैं।
उत्तर:
Be, Mg.

प्रश्न 78.
मैग्नीशियम की दो मिश्र धातुएँ बताइए ।
उत्तर:
मैग्नेलियम : Al Mg
डूरेल्यूमिन : Mg Al Mn Cu Si

प्रश्न 79.
ग्रिगनार्ड अभिकर्मक का सूत्र लिखिए यह कैसे प्राप्त किया जाता है?
उत्तर:
R = CH3, C2H5 आदि X = हैलोजन) ऐल्किल हैलाइड के ईथरीय विलयन में मैग्नीशियम हैलाइड मिलाने पर ऐल्किल मैग्नीशियम हैलाइड बनता है जिसे ग्रिगनार्ड अभिकर्मक कहते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 4

प्रश्न 80.
कैल्सियम का कौन-सा यौगिक धातु कर्म में गालक के रूप में प्रयुक्त होता है ?
उत्तर:
CaO.

प्रश्न 81.
दो उभयधर्मी ऑक्साइडों के नाम लिखिए ।
उत्तर:

  • बेरीलियम ऑक्साइड (BeO)
  • ऐल्यूमिनियम ऑक्साइड (Al2O3)

प्रश्न 82.
मैग्नीशियम रिबन के टुकड़े को नाइट्रोजन में गर्म करके जल में ठण्डा करने पर कौन सी गैस प्राप्त होती है ?
उत्तर:
अमोनिया (NH3)

प्रश्न 83.
वर्ग-2 के तत्वों को क्षारीय मृदा धातुएँ क्यों कहते हैं ?
उत्तर:
क्योंकि इनके ऑक्साइड क्षारीय होते हैं और मृदा (earth, SiO2) की तरह अगलनीय होते हैं।

प्रश्न 84.
क्षारीय मृदा धातुएँ प्रतिचुम्बकीय क्यों होती हैं ?
उत्तर:
क्षारीय मृदा धातुओं के तत्वों में कोई भी अयुग्मित इलेक्ट्रॉन नहीं होता है। अतः ये प्रतिचुम्बकीय होती हैं।

प्रश्न 85.
निर्जल CaSO4 निर्जलीकारक (drying agent) की तरह प्रयोग होता है, क्यों ?
उत्तर:
निर्जल CaSO4 जल को अवशोषित कर लेता है तथा हाइड्रेटेड सल्फेट CaSO4.2H2O बनाता है।

प्रश्न 86.
सीमेन्ट में चूने की मात्रा परिवर्तित करने पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर:
सीमेन्ट में यदि चूने की मात्रा कम कर दी जाये तो दुर्बल सीमेन्ट बनता है जो शीघ्रता से जमता है। जबकि सीमेन्ट में चूने की मात्रा अधिक होने पर सीमेन्ट के जमने पर दरारें पड़ जाती हैं।

प्रश्न 87.
सीमेन्ट में यदि सिलिका की मात्रा बढ़ा दी जाये तो क्या होगा ?
उत्तर:
सीमेन्ट में सिलिका की मात्रा अधिक बढ़ा देने पर दुर्बल सीमेण्ट का निर्माण होता है।

प्रश्न 88.
सीमेन्ट को बनाते समय क्लिंकर में जिप्सम क्यों मिलाते हैं ?
उत्तर:
क्योंकि जिप्सम मिलाने पर सीमेन्ट के जमने की दर कम हो जाती है एवं सीमेन्ट कठोर भी हो जाता है ।

प्रश्न 89.
मोर्टार किसे कहते हैं ?
उत्तर:
सीमेण्ट, रेत एवं पानी का मिश्रण मोर्टार कहलाता है।

प्रश्न 90.
कैल्सियम के उस हैलाइड का नाम बताएँ तो जल में अविलेय है ?
उत्तर:
कैल्सियम फ्लुओराइड (CaF2).

प्रश्न 91.
वह कौन-सी क्षारीय मृदा धातु है, जिसके तार खींचे जा सकते हैं ?
उत्तर:
Mg धातु के तार खींचे जा सकते हैं।

प्रश्न 92.
ज्वाला को हरा रंग प्रदान करने वाली क्षारीय मृदा धातु कौन-सी है।
उत्तर:
बेरियम (Ba).

प्रश्न 93.
वह कौन-सी क्षारीय मृदा धातुएँ हैं जो कि ज्वाला को रंग नहीं देती हैं ?
उत्तर:
Be (बेरीलियम) तथा Mg ( मैग्नीशियम) ।

प्रश्न 94.
क्षार धातुओं में किस तत्व की आयनन एन्थैल्पी उच्चतम है ?
उत्तर:
लीथियम (Li) धातु की आयनन एन्थैल्पी उच्चतम होती है।

प्रश्न 95.
जैव उपयोगिता वाले चार धात्विक आयन बताएँ ।
उत्तर:
Na+, K+, Mg2+ एवं Ca2+

प्रश्न 96.
उभयधर्मी क्षारीय मृदा धातु के हाइड्रॉक्साइड का सूत्र लिखें।
उत्तर:
बेरीलियम हाइड्रॉक्साइड [Be(OH)2]

प्रश्न 97.
बेरीलियम ऑक्साइड (BeO) का क्वथनांक उच्च होता है, क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि बेरीलियम ऑक्साइड बहुलक के रूप में रहता है। इस कारण इसका क्वथनांक उच्च होता है ।

प्रश्न 98.
डोलोमाइट का सूत्र क्या है ?
उत्तर:
MgCO3. CaCO3

प्रश्न 99.
टूटी हड्डियों पर प्लास्टर चढ़ाने हेतु उपयोगी पदार्थ का नाम व सूत्र दें।
उत्तर:
टूटी हड्डियों पर प्लास्टर ऑफ पेरिस (CaSO4.2H2O) का प्लास्टर चढ़ाया जाता है।

प्रश्न 100.
धातुकर्म में गालक के रूप में Ca का कौन-सा यौगिक प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर:
कैल्सियम ऑक्साइड (CaO) को गालक के रूप में प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 101.
संगमरमर के पत्थर का सूत्र क्या है ?
उत्तर:
कैल्सियम कार्बोनेट (CaCO3).

प्रश्न 102.
एप्सम लवण का सूत्र क्या है ?
उत्तर:
MgSO4 . 7H2O.

प्रश्न 103.
कार्नेलाइट का सूत्र क्या है ?
उत्तर:
KCl. MgCl2:6H2O

प्रश्न 104.
मृत जल प्लास्टर (Dead Burnt Plaster) किसे कहते हैं ?
उत्तर:
निर्जल CaSO4 को मृत जल प्लास्टर कहा जाता है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व

प्रश्न 105.
कैल्सियम के दो अयस्कों के नाम लिखें।
(1) फ्लोरेपेटाइट : 3Ca3(PO4)2.CaF2
(2) फैल्सपार : CaF2

प्रश्न 106.
क्या होता है जब Mg के नाइट्रेट को गर्म करते हैं ?
उत्तर:
मैग्नीशियम के नाइट्रेट को गर्म करने पर यह विघटित हो जाता है तथा ऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड एवं ऑक्सीजन गैस बनाता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 5

प्रश्न 107.
क्या होता है जब बिना बुझे चूने को सिलिका के साथ गरम करते हैं ?
उत्तर:
बिना बुझे चूने को सिलिका के साथ गर्म करने पर कैल्सियम सिलिकेट का सफेद मिश्रण प्राप्त होता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 6

प्रश्न 108.
क्या होता है जब कैल्सियम नाइट्रेट को गर्म करते हैं ?
उत्तर:
कैल्सियम नाइट्रेट को गर्म करने पर यह CaO, NO2 एवं O2 में टूट जाता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 7

प्रश्न 109.
क्या होता है जब Cl2 की बुझे हुए चूने से क्रिया होती है ?
उत्तर:
CaOCl2 बनता है
\(2 \mathrm{Ca}(\mathrm{OH})_2+2 \mathrm{Cl}_2 \longrightarrow \mathrm{CaCl}_2+\mathrm{CaOCl}_2+2 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)

प्रश्न 110.
BeCl2 की वाष्प प्रावस्था एवं ठोस प्रावस्था की संरचना बनाएँ।
उत्तर:
BeCl2 की वाष्प अवस्था में संरचना-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 8

प्रश्न 111.
पोटैशियम की तुलना में सोडियम अधिक उपयोगी क्यों है ?
उत्तर:
K की प्रकृति वाष्पशील होती है जिसके कारण K पोटैशियम तुलना में कम उपयोगी होता है। मुख्य रूप से Na का उपयोग अपचायक के रूप में, N तथा S के आंकलन में तथा Na का वाष्प लैम्प बनाने में किया जाता है।

प्रश्न 112.
BeO जल में अविलेय है जबकि BeSO4 जल में विलेय है, क्यों ?
उत्तर:
कैडी एवं ऐल्से के नियमानुसार समान को समान विलेय करता है (like dissolves like) चूँकि BeO एक आयनिक यौगिक है अत: यह जल में विलेय यौगिक है।

प्रश्न 113.
क्या होता है जब मैग्नीशियम सल्फेट को गर्म करते हैं ?
उत्तर:
MgSO4 को गर्म करने पर MgO, SO2 तथा O2 बनता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 9

प्रश्न 114.
s – ब्लॉक के तत्व दुर्बल प्रकार के संकुल बनाते हैं।
उत्तर:
s – ब्लॉक के तत्व दुर्बल प्रकार के संकुल बनाते हैं क्योंकि इनके भीतरी कोश में इलेक्ट्रॉन उपस्थित होते हैं अर्थात् आन्तरिक कोश भरे होते हैं जबकि बाहरी कोश में एक अथवा दो ही इलेक्ट्रॉन होते हैं।

प्रश्न 115.
क्या होता है जब CaO की क्रिया H2SO4 से होती है ?
उत्तर:
CaO की क्रिया H2SO4 से होने पर कैल्सियम सल्फेट बनता है।
\(\mathrm{CaO}+\mathrm{H}_2 \mathrm{SO}_4 \longrightarrow \mathrm{CaSO}_4+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)

प्रश्न 116.
क्षारीय मृदा धातुओं के भौतिक गुण जैसे – घनत्व, गलनांक, क्वथनांक, विशिष्ट ऊष्मा आदि में क्रमिक परिवर्तन नहीं होता है, क्यों ?
उत्तर:
इन तत्वों के भौतिक गुणों में क्रमिक परिवर्तन नहीं होता है। इसका कारण इन तत्वों के ठोस अवस्था में भिन्न-भिन्न धातु जालक का होना है।

प्रश्न 117.
CaCl2 को निर्जलीकारक की भाँति क्यों प्रयोग करते हैं ?
उत्तर:
CaCl2 की जल के साथ प्रबल बन्धुता होती है। इसी के कारण यह निर्जलीकारक की भाँति प्रयुक्त होता है।

प्रश्न 118.
निर्जल कैल्सियम सल्फेट को प्लास्टर ऑफ पेरिस की भाँति प्रयोग क्यों नहीं कर सकते हैं ?
उत्तर:
क्योंकि निर्जल कैल्सियम सल्फेट जल से क्रिया करके जमता नहीं है।

प्रश्न 119.
सीमेन्ट का जमना क्या है ?
उत्तर:
सीमेन्ट में जल मिलाकर छोड़ देने पर कुछ समय पश्चात् एक कठोर पदार्थ बन जाता है इसे ही सीमेन्ट का जमना ( setting) कहते हैं।

प्रश्न 120.
कंक्रीट क्या है ?
उत्तर:
सीमेन्ट, रेत व पत्थर के छोटे टुकड़े (रोड़ी) और पानी के मिश्रण को कंक्रीट कहा जाता है।

प्रश्न 121.
प्रबलित कंक्रीट क्या है ?
उत्तर:
लोहे के सरियों का जाल बनाकर उसमें कंक्रीट भरने से प्रबलित कंक्रीट प्राप्त होती है।

प्रश्न 122.
क्षार धातुओं की अपेक्षा क्षारीय मृदा धातुओं के ऑक्साइडों की क्रियाशीलता कम होती है, क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि वायु में रखने पर क्षारीय मृदा धातुओं के ऑक्साइड धीरे-धीरे परॉक्साइड में ऑक्सीकृत होते रहते हैं ।

लघु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
विकर्ण सम्बन्ध से आप क्या समझते हैं ? समझाइए ।
उत्तर:
विकर्ण सम्बन्ध (Diagonal Relation ) – आवर्त सारणी मेंs एवं p ब्लॉक का प्रथम तत्व अपने समूह के अन्य तत्वों से गुणों में काफी भिन्नता प्रदर्शित करता है। द्वितीय आवर्त के तत्व अपने वर्ग के तत्वों से तो भिन्नता रखते हैं परन्तु तृतीय आवर्त के तत्वों के गुणों से समानता प्रदर्शित करते हैं। तत्वों के इस गुण को विकर्ण सम्बन्ध कहते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 10
यह तत्व परस्पर विकर्ण सम्बन्ध प्रदर्शित करते हैं क्योंकि इन तत्वों की परमाणु त्रिज्या एवं विद्युत ऋणता के मान लगभग समान होते हैं।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व

प्रश्न 2.
Li क्षार धातुओं में प्रबलतम अपचायक है । क्यों ?
उत्तर:
सभी क्षार धातुओं का मानक आयनन विभव अधिक ऋणात्मक होने के कारण इन धातुओं में इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रबलतम प्रवृत्ति होती है। Li का आयनन विभव अन्य सभी क्षार धातुओं की तुलना में सर्वाधिक ऋणात्मक होता है क्योंकि Li+ आयन की हाइड्रेशन ऊर्जा अधिक एवं आयनिक त्रिज्या बहुत कम होती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 11
अतः क्षार धातुओं में Li सबसे प्रबलतम अपचायक है।

प्रश्न 3.
लिथियम धातु के पाँच मुख्य उपयोग लिखिए ।
उत्तर:
लिथियम के उपयोग-

  1. कॉपर, निकिल आदि धातुओं के शुद्धिकरण में अशुद्धि पृथक्कारक के रूप में प्रयोग होता है।
  2. मिश्र धातुओं की तनन क्षमता बढ़ाने के लिए लीथियम का उपयोग होता है।
  3. रॉकेट एवं मिसाइल के नोदन में आवश्यक ताप नाभिकीय ऊर्जा उत्पन्न करने में लीथियम का उपयोग होता है।
  4. इसका समस्थानिक (7Li) प्राथमिक शीतलक के रूप में नाभिकीय रिएक्टर में प्रयोग होता है।
  5. लीथियम के कुछ यौगिक अपचायक के रूप में, वात रोग के उपचार में एवं कीटाणुनाशक के रूप में प्रयुक्त होते हैं।

प्रश्न 4.
लीथियम एवं सोडियम के चार-चार खनिजों के नाम सूत्र सहित लिखें।
उत्तर:
लीथियम के खनिज-

  1. स्पोडुमीन – Li Al Si2 O6
  2. लैपिडोलाइड – K2 Li3 Al4 Si O2
  3. पेटेलाइट – Li Al Si4O11
  4. ट्रिफिलाइट – Li3. Na3. Fe3. Mn3( PO3)4

सोडियम के खनिज-

  1. चिली साल्टपीटर – NaNO3
  2. सब्ज मिट्टी – Na2CO3
  3. बोरेक्स – Na2B4O7. 10H2O
  4. नेट्रान (उत्फुल्ल सोडा ) – Na2CO3. H2O

प्रश्न 5. सोडियम धातु के कोई पाँच उपयोग लिखें।
उत्तर:
सोडियम धातु के उपयोग-

  • सोडियम युक्त यौगिकों के निर्माण में। उदाहरण – Na2O2,NaCN
  • विलायकों (कार्बनिक) के निर्जलीकरण की क्रिया में ।
  • सोडियम निष्कर्ष बनाने में (जो कार्बनिक यौगिकों में तत्वों की पहचान करने के लिए सहायक होता है । )
  • धातुओं के निष्कर्षण (Extraction) में। उदाहरण- बोरॉन, सिलिकॉन, मैग्नीशियम ।
  • घने कोहरे के पार देखने के लिए सोडियम वाष्प लैंप के निर्माण में।

प्रश्न 6.
उन धातुओं के नाम लिखें जो निम्नलिखित यौगिकों (खनिजों) में पायी जाती हैं?
(अ) चिली साल्ट पीटर (Chile Salt petre) (ब) मार्बल (स) एप्सोमाइट (द) बॉक्साइट
उत्तर:
(अ) चिली साल्ट पीटर – Na
(ब) मार्बल – Ca
(स) एप्सोमाइट – Mg
(द) बॉक्साइट – Al

प्रश्न 7.
क्षार धातुओं एवं क्षारीय मृदा धातुओं के चार गुणों की तुलना करें।
उत्तर:

क्षार धातुएँ क्षारीय मृदा धातुएँ
1. ये मुलायम धातु होती हैं। 1. ये क्षार धातुओं से कठोर होती हैं।
2. ये +1 ऑक्सीकरण संख्या प्रदर्शित करती हैं। 2. ये +2 ऑक्सीकरण संख्या प्रदर्शित करती हैं।
3. Li2CO3 को छोड़कर इन धातुओं के कार्बोनेट जल में विलेय होते हैं। 3. इनके कार्बोनेट जल में अविलेय हैं।
4. Li को छोड़कर, अन्य धातुएँ जटिल यौगिक नहीं बनाती हैं। 4. ये जटिल यौगिक बनाती हैं।

प्रश्न 8.
केवल क्षार धातुओं एवं क्षारीय मृदा धातुओं के ही हाइड्राइड ज्ञात हैं क्यों? इनके दो उदाहरण भी दें।
उत्तर:
कम आयनन विभव होने के कारण क्षार धातुओं एवं क्षारीय मृदा धातुओं में अधिक विद्युत धनात्मक गुण होता है, जिसके कारण ये आयनिक हाइड्राइड बनाती हैं उदाहरण – NaH, CaH2, KH आदि ।

प्रश्न 9.
क्षार धातुओं का अमोनिया में विलयन नीले रंग का दिखाई पड़ता है, क्यों ?
उत्तर:
नीला रंग अमोनियामय इलेक्ट्रॉन की उपस्थिति के कारण दिखाई देता है। यह दृश्य प्रकाश उत्पन्न होने के कारण होता है।
Na + (x + y) NH3 → Na+ (NH3)x + e (NH3)y अमोनियामय इलेक्ट्रॉन

प्रश्न 10.
क्षार धातुओं को उनकी जल के साथ अभिक्रियाशीलता के आधार पर बढ़ते हुये क्रम में व्यवस्थित करें एवं कारण भी बताएँ ?
उत्तर:
Li< Na<K< Rb < Cs < Fr
क्षार धातुओं की अभिक्रियाशीलता उपरोक्त दिये गये क्रम के अनुसार बढ़ती जाती है क्योंकि इनका आकार बढ़ता है, आयनन विभव का मान घटता जाता है जिसके कारण इनकी अभिक्रियाशीलता बढ़ती जाती है।

प्रश्न 11.
निम्न का मिलान करें-

(अ) (आयन) (ब) (ऑक्सीकरण संख्या)
1. परऑक्साइड (i) +1
2. बाइकार्बोनेट (ii) +2
3. अमोनियम (iii) +3
4. फास्फेट (iv) -3
(v) -1
(vi) -2

उत्तर:
1. (iv), 2. (v), 3. (i), 4. (iv)

प्रश्न 12.
निम्न का मिलान करें-

धातु प्राप्त होती है
1. Na (i) एल्बॉइट (Albite)
2. Mg (iii) बॉक्साइट (Bauxite)
3. Ca (iii) टैल्क (Talc)
4. Al (v) सिनेबार (Cinnabar)

उत्तर:
1.(i), 2.(iii), 3(iv), 4.(ii)

प्रश्न 13.
निम्न में किस प्रकार विभेद करेंगे।
(अ) KNO3 एवं LiNO3
(ब) Na2CO3 एवं NaHCO3
उत्तर:
(अ) KNO3 एवं LiNO3 – LiNO3 को गर्म करने पर लाल भूरे रंग की NO2 की घूम्र प्राप्त होती है जबकि KNO3 ‘अपघटित होकर रंगहीन O2 गैस देता है।

\(4 \mathrm{LINO}_3 \longrightarrow 2 \mathrm{Li}_2 \mathrm{O}+4 \mathrm{NO}_2 \uparrow+\mathrm{O}_2\) भूरे रंग की गैस
\(2 \mathrm{KNO}_3 \longrightarrow 2 \mathrm{KNO}_2+\mathrm{O}_2 \uparrow\)

(ब) Na2CO3 एवं NaHCO3 – NaHCO3 को गर्म करने पर CO2 गैस प्राप्त होती है जो चूने के पानी में प्रवाहित करने पर चूने के पानी को दूधिया कर देती है। जबकि Na2CO3 को गर्म करने पर यह अपघटित नहीं होते हैं।
\(2 \mathrm{NaHCO}_3 \longrightarrow \mathrm{Na}_2 \mathrm{CO}_3+\mathrm{CO}_2+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)

प्रश्न 14.
क्या होता है जब सोडियम सल्फेट के विलयन को बेरियम नाइट्रेट के जलीय विलयन में प्रवाहित करते हैं।
उत्तर:
बेरियम सल्फेट का सफेद अवक्षेप प्राप्त होता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 12

प्रश्न 15.
क्या होता है जब-
(अ) क्लोरीन गैस को गर्म और सान्द्र NaOH विलयन में प्रवाहित किया जाता है ?
(ब) क्लोरीन गैस को ठण्डे एवं तनु NaOH विलयन में प्रवाहित करते हैं ।
उत्तर:
(अ) सोडियम क्लोरेट बनता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 13

प्रश्न 16.
क्या होता है जब-
(अ) सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन टिन क्लोराइड विलयन में मिलाया जाता है।
(ब) जिंक सल्फेट विलयन में सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन धीरे-धीरे मिलाते हैं।
उत्तर:
(अ) टिन क्लोराइड के विलयन में NaOH मिलाने पर पहले स्टैनस हाइड्रॉक्साइड का सफेद अवक्षेप प्राप्त होता है जो NaOH की अधिकता में धुलकर सोडियम स्टैनाइट बनाता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 14

(ब) जिंक सल्फेट विलयन की NaOH से क्रिया कराने पर पहले जिंक हाइड्रॉक्साइड का सफेद अवक्षेप प्राप्त होता है, जो NaOH की अधिकता में घुलकर सोडियम जिंकेट बनाता है ।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 15

प्रश्न 17.
क्या होता है जब-
(अ) अमोनियम सल्फेट के विलयन में कॉस्टिक सोडा विलयन मिलाते हैं।
(ब) सल्फर को कॉस्टिक सोडा विलयन के साथ उबालते हैं। (स) पीला फॉस्फोरस NaOH विलयन के साथ क्रिया करता है।

उत्तर:
(अ) अमोनियम सल्फेट के विलयन में कॉस्टिक सोडा विलयन मिलाते हैं तो अमोनिया गैस निकलती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 16

(ब) सल्फर को कॉस्टिक सोडा विलयन के साथ उबालते हैं तो सोडियम थायोसल्फेट प्राप्त होता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 17

(स) पीले फॉस्फोरस की NaOH विलयन के साथ क्रिया से फॉस्फीन (PH3) प्राप्त होती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 18

प्रश्न 18.
क्या होता है जब-
(अ) अमोनियाकृत ब्राइन में CO2 गैस प्रवाहित होती है।
(ब) कास्टिक सोडा CO3 से क्रिया करता है।
(स) गर्म सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में एल्यूमीनियम मिलाया जाता है।
उत्तर:
(अ) अमोनियाकृत ब्राइन में CO2 प्रवाहित करने पर सोडियम बाइकार्बोनेट प्राप्त होता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 19

(ब) कास्टिक सोडा की क्रिया CO2 से कराने पर Na2CO3 प्राप्त होता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 20

(स) गर्म सोडियम हाइड्राक्साइड विलयन में एल्यूमीनियम मिलाने पर सोडियम मेटाएल्युमिनेट प्राप्त होता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 21

प्रश्न 19.
निम्न को कैसे प्राप्त करोगे-
(अ) धावन सोडा से खाने का सोडा ।
(ब) सोडियम क्लोराइड से क्लोरीन ।
(स) ऐल्युमिनियम क्लोराइड से सोडियम मेटा ऐल्युमिनेट ।
उत्तर:
(अ) धावन सोडा से खाने का सोडा – जब धावन सोडा के विलयन में CO2 गैस प्रवाहित की जाती है तो खाने का सोडा बनता है।
\(\mathrm{Na}_2 \mathrm{CO}_3+\mathrm{CO}_2+\mathrm{H}_2 \mathrm{O} \longrightarrow 2 \mathrm{NaHCO}_3 \downarrow\) खाने का सोडा

(ब) सोडियम क्लोराइड से क्लोरीन – सोडियम क्लोराइड से क्लोरीन बनाने के लिये गलित NaCl का विद्युत अपघटन करते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 22

(स) ऐलुमिनियम क्लोराइड से सोडियम मेटा ऐलुमिनेट – सर्वप्रथम AlCl3 की क्रिया NaOH से कराते हैं तो Al(OH)3 अवक्षेपित होता है। फिर इसमें NaOH अधिकता में डालते है तो सोडियम मेटा ऐल्युमिनेट बनता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 23

प्रश्न 20.
बेरिलियम तथा ऐलुमिनियम में विकर्ण सम्बन्ध की व्याख्या करे ।
उत्तर:

  1. ऐलुमीनियम के समान बेरिलियम शीघ्रता से अम्लों से प्रभावित नहीं होता है, क्योंकि धातु की सतह पर ऑक्साइड की फिल्म उपस्थित होती है। अतः ये H2 को मुक्त नहीं करते हैं।
  2. दोनों ही H2O से अभिक्रिया नहीं करते हैं।
  3. दोनों के क्लोराइड सहसंयोजी होते हैं तथा कार्बनिक विलायकों में घुलनशील होते हैं तथा दोनों वाष्पीय अवस्था में द्विलक के रूप में रहते हैं।
    HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 24
  4. दोनों ही लुइस अम्ल की तरह कार्य करते हैं अर्थात् दोनों ही e युग्म को ग्रहण कर सकते हैं। इनका उपयोग फ्रीडेल-क्राफ्ट के उत्प्रेरक (Friedel Carft Catalyst) के रूप में होता है।
  5. क्षार की अधिकता में बेरीलियम हाइड्रॉक्साइड घुल जाता है और बेरिलेट (Bcryllate) आयन [Be(OH4)]2 देता है। ठीक इसी प्रकार ऐलुमीनियम हाइड्रॉक्साइड ऐलुमिनेट (Aluminate) आयन [Al(OH)4] देता है।
  6. बेरीलियम एवं ऐलुमीनियम आयन जटिल यौगिक (Complexes) बनाने की प्रबल प्रवृत्ति रखते हैं। जैसे- BeF22-, AlF63- |

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व

प्रश्न 21.
क्षार धातुओं में लीथियम के असंगत व्यवहार की विवेचना कीजिए |
उत्तर:
लीथियम का व्यवहार अपने समूह के अन्य तत्वों से भिन्न होता है। निम्नलिखित कारणों से लीथियम असंगत या असामान्य व्यवहार पदर्शान करता है।

  • इनके परमाणु एवं आयन (Li+) का असाभान्य छोटा आकार
  • उच्च ध्रुवण क्षमता (अर्थात् आवेश/त्रिज्या अनुपात)
  • अधिक आयनन ऊर्जा एवं इलेक्ट्रॉन ऋणात्मकता
  • d-कक्षकों का न होना।
  • अधिक जलयोजन ऊर्जा।

लीथियम एवं अन्य क्षार धातुओं में असमानताओं के मुख्य बिन्दु:
लीथियम एवं अन्य क्षार धातुओं में असमानताओं के मुख्य बिन्दु निम्न हैं-

1. लीथियम अत्यधिक कठोर होता है जबकि अन्य मुलायम।

2. इसका गलनांक एवं क्वथनांक अन्य की अपेक्षा अधिक होता है।

3. लीथियम नाइट्रेट गरम करने पर लीथियम ऑक्साइड (Li2O) देता है जबकि अन्य क्षार धातुओं के नाइट्रेट विघटित होकर नाइट्राइट बनाते हैं।
\(4 \mathrm{LiNO}_3 \longrightarrow 2 \mathrm{Li}_2 \mathrm{O}+4 \mathrm{NO}_2+\mathrm{O}_2\)
\(2 \mathrm{NaNO}_3 \longrightarrow 2 \mathrm{NaNO}_2+\mathrm{O}_2\)

4. अन्य क्षार धातुओं के फ्लुओराइड एवं ऑक्साइड की तुलृना में LiF एवं Li2O जल में कम विलेय है।

5. लीथियम ऐसिटिलीन से अभिक्रिया करके एसिटि-लाइट नहीं बनाता है जबकि अन्य क्षार धातुएँ ऐसा करती हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 25

6. लीथियम हाइड्रोजन कार्बोनेट ठोस अवस्था में प्राप्य नहीं है। जबकि अन्य क्षाः धातु ठोस हाइड्रोजन कार्बोनेट बनाते हैं।

7. LiCl प्रस्वेद्य (Deliquescent) है एवं हाइड्रेट, LiCl.2H2O के रूप में क्रिस्टलित होता है जबकि अन्य धातुएँ हाइड्रेटड क्लोराइड नही। बनाते हैं।

8. लीथियम हवा के साथ दहन करने पर मोनोऑक्साइड (Li2O) बनाता है तथा यह नाइट्रोजन के साथ अभिक्रिया करके नाइट्राइड Li3N भी बनाता है जब्रकि अन्य नहीं बनाते।
\(6 \mathrm{Li}+\mathrm{N}_2 \longrightarrow 2 \mathrm{Li}_3 \mathrm{~N}\)
\(6 \mathrm{Na}+\mathrm{N}_2 \longrightarrow\) अभिक्रिया नहीं

9. लीथियम कार्बोनेट को गर्म करने पर Li2O तथा CO2 प्राप्त होती है जबकि अन्य क्षार धातुओं के कार्बोनेट विघटित नहीं होते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 26

10. लीथियम कार्बन के साथ कार्बाइड बनाता है जबकि अन्य नह
\(4 \mathrm{Li}+\mathrm{C} \longrightarrow \mathrm{Li}_4 \mathrm{C}\) (लीथियम कार्बाइड)

11. लीथियम ब्रोमीन से बहुत धीरे-धीरे अभिक्रिया करके ब्रोमाइ वनाता है जबकि अन्य क्षार धातुएँ ब्रोमीन से तीव्रता के साथ अभिक्रि करती हैं।

12. लीथियम आयन कार्ब लीथियम यौगिक (organo-lithium compounds) बनाता है, जबकि अन्य नहीं।

13. Li2SO4 द्विक-लवण (double salt) नहीं बनाता जबकि अन्य श्षार धातुएँ द्विक-लवण बनाती हैं।

14. लीथियम अमोनिया के साथ लीथियम इमाइड (imide) Li2NH बनाता है जबकि अन्य क्षार धातुएँ एमाइड (amide) बनाती हैं।

प्रश्न 22.
कॉस्टनर कैलनर सेल विधि से कॉस्टिक सोडा कैसे प्राप्त करेंगें ?
उत्तर:

  1. यह एक सफेद क्रिस्टलीय ठोस है, जो कि 591 K ताप पर गलता है।
  2. NaOH के क्रिस्टल प्रस्वेद्य (deliquescent) होते हैं।
  3. वायुमण्डल में दीर्घकाल तक खुला छोड़ने पर विलयन की सतह पर Na2CO3 की एक सफेद पपड़ी बन जाती है क्योंकि NaOH वायुमण्डल से CO2 को अवशोषित कर लेता है।
    \(2 \mathrm{NaOH}+\mathrm{CO}_2 \longrightarrow \mathrm{Na}_2 \mathrm{CO}_3+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)
  4. इसके जलीय विलयन में साबुन जैसा स्पर्श होता है तथा इसका स्वाद कड़वा होता है।
  5. NaOH प्रबल क्षार की तरह कार्य करता है, यह HCl से क्रिया करके उसे उदासीन कर देता है।
    \(\mathrm{NaOH}+\mathrm{HCl} \longrightarrow \mathrm{NaCl}+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)

प्रश्न 23.
सॉल्वे प्रक्रम द्वारा सोडियम कार्बोनेट का निर्माण किया जाता है, किन्तु पोटैशियम कार्बोनेट का निर्माण नहीं किया जाता, क्यों ? समझाइए ।
उत्तर:
सॉल्वे प्रक्रम से Na2CO3 बनाने में प्राप्त माध्यमिक उत्पाद NaHCO3 अल्प विलेय होने के कारण अवक्षेपित हो जाता है। इसे अलग करके व सुखाकर निस्तापन (calcination) करके Na2CO3 प्राप्त कर लिया जाता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 27
इसके विपरीत पोटैशियम बाइकार्बोनेट (KHCO3) अति विलेय होने के कारण अलग नहीं किया जा सकता है। अतः प्रक्रम से Na2CO3 का निर्माण सम्भव है, परन्तु K2CO3 का निर्माण सम्भव नहीं है।

प्रश्न 24.
सोडियम कार्बोनेट के विभिन्न रूप क्या हैं? इन पर ताप का प्रभाव बताइए ।
उत्तर:
सोडियम कार्बोनेट निम्नलिखित चार प्रकार का होता है-

  1. निर्जल Na2CO3, जिसको सोडा ऐश कहते हैं ।
  2. सोडियम कार्बोनेट मोनोहाइड्रेट (Na2CO3. H2O)
  3. सोडियम कार्बोनेट हेप्टाइड्रेट (NaCO3. 7H2O)
  4. सोडियम कार्बोनेट डेकाहाइड्रेट (Na2CO3. 10H2O) इसे धावन सोडा भी कहते हैं।

इस पर ताप का प्रभाव निम्नांकित प्रकार से है-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 28

प्रश्न 25.
प्लास्टर ऑफ पेरिस के जमने की रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण दीजिए ।
उत्तर:
प्लास्टर ऑफ पेरिस जमकर कड़ा छिद्रयुक्त ठोस बन जाता । इसे प्लास्टर ऑफ पेरिस का जमना कहते हैं। वस्तुत: यह अभिक्रिया प्लास्टर ऑफ पेरिस का जिप्सम से परिवर्तन है ।
(CaSO4)2.H2O + 3H2O2→2(CaSO4.2H2O) जिप्सम

प्रश्न 26.
सीमेन्ट के निर्माण में प्रयुक्त किए जाने वाले कच्चे पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर:
सीमेन्ट निर्माण में प्रयुक्त कच्चे एर्थ निम्नलिखित हैं-

  1. कैल्सियम युक्त पदार्थ – चूने का पत्थर, चॉक, संगमरमर आदि ।
  2. मृण्मय पदार्थ – मिट्टी, स्लेट, सिलिका, ऐलुमिना, आयरन ऑक्साइड आदि ।
  3. 2% – 3% जिप्सम ।

प्रश्न 27.
क्लिंकर ( Clinker) क्या है ? इससे सीमेन्ट कैसे बनाया जाता है ?
अथवा
क्लिंकर पर टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर:
सीमेन्ट के कच्चे पदार्थों से बने मिश्रण को सीमेन्ट की भट्टी में डालकर गर्म करने के बाद छोटी-छोटी गोलियों के रूप में प्राप्त पदार्थ को क्लिंकर कहते हैं । क्लिंकर, डाइकैल्सियम सिलिकेट, ट्राइकैल्सियम सिलिकेट, टाइकैल्सियम ऐलुमिनेट तथा टेट्राकैल्सियम ऐलुमिनोफेराइट का मिश्रण है। क्लिंकर में 2-3% जिप्सम मिलाकर इसको पीसकर प्रयोग करने – योग्य सीमेण्ट प्राप्त किया जाता है जिसको पोर्टलैण्ड सीमेण्ट कहते हैं।

प्रश्न 28.
सीमेन्ट के प्रयोग में बालू का क्या उपयोग होता है?
उत्तर:
सीमेण्ट जल या नमी के प्रति अति सुग्राही है। नमी के कारण इसमें आन्तरिक प्रतिबल उत्पन्न हो जाता है जिससे इसमें दरार पड़ जाती है और इसकी क्षमता कम हो जाती है। बालू मिलाने से सीमेन्ट में आन्तरिक प्रतिबल उत्पन्न नहीं होता जिससे सीमेन्ट में दरार नहीं पड़ती हैं।

प्रश्न 29.
गोर्टार, गारा, कंक्रीट व प्रबलित कंक्रीट से क्या तात्पर्य है?
अथवा
कंक्रीट और प्रबलित कंक्रीट क्या है?
उत्तर:
(अ) मोर्टार (Mortar) – मोर्टार बुझे चूने [Ca(OH)2], बालू (SiO2) तथा जल के मिश्रण की एक लेई (paste) है। वायु में खुला रहने पर इस लेई से जल उड़ जाता है और वायु से CO2 गैस अवशोषित करके कैल्सियम कार्बोनेट बनने के कारण वह कठोर हो जाता है ।

(ब) गारा ( Slurry) – पिसे हुए चूने के पत्थर तथा घुले मृत्तिका के टुकड़ों के गाढ़े जलीय मिश्रण को गारा कहते हैं। इसको सीमेण्ट की भट्टी में डालकर क्लिंकर तैयार करते हैं।

(स) कंक्रीट (Concrete ) – कंकड़, पत्थर या ईंट के टूटे टुकड़ों के साथ सीमेण्ट तथा बालू को जल में मिलाकर तैयार किए मिश्रण को कंक्रीट कहते हैं। इसके जमने से ठोस संरचना प्राप्त होती है।

(द) प्रबलित कंक्रीट (Reinforced concrete ) – पत्थर के छोटे-छोटे टुकड़ों, सीमेन्ट तथा बालू के जल में बने सीमेण्ट कंक्रीट मिश्रण को तार की जाली या लोहे की छड़ों के बीच चारों ओर भरकर कठोर तथा मजबूत संरचना हेतु जमाया जाता है, उसे प्रबलित कंक्रीट कहते हैं ।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व

प्रश्न 30.
सीमेन्ट के जमने का कारण बताइए या सीमेन्ट किस प्रकार कठोर हो जाता है?
अथवा
सीमेन्ट के जमने प्पणी लिखिए।
उत्तर:
सीमेन्ट में जल मिलाकर छोड़ देने पर कुछ समय बाद यह कठोर पदार्थ बन जाता है। इसे सीमेन्ट का जमना ( setting) कहते हैं । जब सीमेन्ट जमता है तो निम्नलिखित अभिक्रियाएँ होती हैं-

(अ) जलयोजन (Hydration) – डाइ व ट्राइकैल्सियम सिलिकेट तथा ट्राइकैल्सियम ऐलुमिनेट का जलयोजन होकर उनके कोलॉइडी (colloidal) जेल बन जाते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 31

(ब) जल अपघटन (Hydrolysis ) — ट्राइकैल्सियम सिलिकेट और ट्राइकैल्सियम ऐलुमिनेट का जल अपघटन होकर कैल्सियम और ऐलुमिनियम हाइड्रॉक्साइड बनते हैं।
\(3 \mathrm{CaO} \cdot \mathrm{Al}_2 \mathrm{O}_3+6 \mathrm{H}_2 \mathrm{O} \longrightarrow 3 \mathrm{Ca}(\mathrm{OH})_2+2 \mathrm{Al}(\mathrm{OH})_3\) इस प्रकार ट्राइकैल्सियम सिलिकेट का आंशिक जल – अपघटन होता है।

(स) ट्राइकैल्सियम ऐलुमिनेट शीघ्र जमने वाला पदार्थ है । जिप्सम की उपस्थिति में इसके जमने की दर धीमी हो जाती है। जिप्सम के साथ निम्नलिखित अभिक्रिया होती है और कैल्सियम सल्फोऐलुमिनेट बनता है-
\(3 \mathrm{CaO} \cdot \mathrm{Al}_2 \mathrm{O}_3+3 \mathrm{CaSO}_4+2 \mathrm{H}_2 \mathrm{O} \longrightarrow 3 \mathrm{CaOAl}_2 \mathrm{O}_3 \cdot 3 \mathrm{CaSO}_4 \cdot 2 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)
अतः जिप्सम का कार्य सीमेन्ट के जमने की दर कम करना है। इससे सीमेण्ट कठोर हो जाता है।

प्रश्न 31.
सीमेन्ट क्या है? इसके मुख्य अवयव क्या हैं?
अथवा
सीमेन्ट के निर्माण में प्रयुक्त होने वाले पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर:
सीमेन्ट (Cement ) — डाइकैल्सियम सिलिकेट (2CaO.SiO2), ट्राइकैल्सियम सिलिकेट (3CaO.SiO2), ट्राइ – कैल्सियम ऐलुमिनेट (3CaO.Al2O3) तथा जिप्सम (CaSO4.2H2O) की उचित मात्रा पर प्राप्त मिश्रण सीमेन्ट कहलाता है। इसके मुख्य अवयव हैं – चूना (CaO), सिलिका (SiO2), ऐलुमिना (Al2O3), आयरन ऑक्साइड (Fe2O3), मैग्नीशियम ऑक्साइड (MgO) और सल्फर ट्राइ-ऑक्साइड (SO3)।

प्रश्न 32.
सीमेन्ट क्लिंकर के मुख्य अवयव क्या हैं? इसमें जिप्सम क्यों मिलाया जाता है?
उत्तर:
सीमेन्ट क्लिंकर के मुख्य अवयव निम्नलिखित हैं-

  • डाइकैल्सियम सिलिकेट (2CaO.SiO2)
  • ट्राइकैल्सियम सिलिकेट (3CaO.SiO2)
  • ट्राइकैल्सियम ऐलुमिनेट (3CaO.Al2O3)
  • टेट्राकैल्सियम ऐलुमिनोफेराइट (4CaO.Al2O3.Fe2O3)

सीमेन्ट क्लिंकर जल के प्रति अति सुग्राही होता है तथा नमी और जल के सम्पर्क में आकर जम जाता है। इसकी जमने की क्षमता को शिथिल करने के लिए मन्दक पदार्थ मिलाए जाते हैं। जिप्सम एक मन्दक पदार्थ है। इसके मिलाने से सीमेन्ट क्लिंकर के जमने की क्षमता मन्द हो जाती है और अधिक जल के सम्पर्क में आने पर ही यह जमता है।

प्रश्न 33.
चूने के पत्थर के औद्योगिक उपयोग बताइए ।
उत्तर:

  1. सीमेन्ट के निर्माण में ।
  2. बिना बुझा तथा बुझा चूना बनाने में ।
  3. धातुकर्म में गालक के रूप में।
  4. संगमरमर के रूप में भवन निर्माण में ।
  5. खड़िया के रूप में पेण्ट, डिस्टैम्पर, टूथ पेस्ट, सौन्दर्य प्रसाधन सामग्री बनाने में।
  6. औषधियों के निर्माण में, ग्राइप वाटर के रूप में।

प्रश्न 34.
प्लास्टर ऑफ पेरिस से क्या समझते हो ? इसके बनाने की विधि, एक गुण व उपयोग दीजिए ।
उत्तर:
कैल्सियम सल्फेट हेमी हाइड्रेट को प्लास्टर ऑफ पेरिस कहते हैं। इसका सूत्र (CaSO4)2.H2O या CaSO4 + \(\frac { 1 }{ 2 }\)H2O है। जिप्सम को 390K पर गर्म करने पर प्लास्टर ऑफ पेरिस प्राप्त होता है।
\(2 \mathrm{CaSO}_4 \cdot 2 \mathrm{H}_2 \mathrm{O} \longrightarrow\left(\mathrm{CaSO}_4\right)_2 \cdot \mathrm{H}_2 \mathrm{O}+3 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)
यह एक सफेद चूर्ण है। जल के साथ कठोर हो जाता है।
\(\left(\mathrm{CaSO}_4\right)_2 \cdot \mathrm{H}_2 \mathrm{O}+3 \mathrm{H}_2 \mathrm{O} \longrightarrow 2 \mathrm{CaSO}_4 \cdot 2 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)
इसका उपयोग प्लास्टर चढ़ाने तथा मूर्तियाँ, खिलौने आदि बनाने के काम किया जाता है।

प्रश्न 35.
कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड कैसे प्राप्त किया जाता है ? इसकी CO2, Cl2 से क्या अभिक्रिया होती है ? इसके दो उपयोग दीजिए ।
उत्तर:
बनाने की विधि – CaO की जल से अभिक्रिया होने पर कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड बनता है।
CaO + H2O → Ca(OH)2 + 67 KJ/Mole

CO2 से अभिक्रिया – चूने के पानी में CO2 गैस प्रवाहित करने पर कैल्सियम कार्बोनेट बनता है जिससे विलयन दूधिया हो जाता है। अधिक CO2 प्रवाहित करने पर विलयशील कैल्सियम बाइकार्बोनेट बनता है जिससे दूधियापन समाप्त हो जाता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 32

क्लोरीन से क्रिया- (i) शुष्क बुझे चूने पर C करने पर विरंजक चूण जातो
Ca(OH)2 + Cl2 → HOCl2 + H2O

(ii) ठण्डे चूने के पानी में Cl2 प्रवे करने पर कैल्सियम हाइपोक्लोराइड तथा कैल्सियम क्लोराइड बन्ना
2Ca(OH)2 + 2Cl2 → Ca(OC)2 + 2H2 + CaCl2

(iii) गर्म चूने के पानी में Cl2 प्रवाहित करने पर `ल्सियम क्लोरेट तथा कैल्सियम क्लोराइड बनता है।
6Ca(OH)2 + 6Cl2 → Ca(ClO3)2 + 5CaCl2 +6H2O
उपयोग- (1) विरंजक चूर्ण बनाने में ।
(2) सोडियम कार्बोनेट के निर्माण में ।

प्रश्न 36.
निम्न को कैसे बनाओगे- (अ) प्लास्टर ऑफ पेरिस से जिप्सम (ब) जिप्सम से प्लास्टर ऑफ पेरिस
उत्तर:
(अ) प्लास्टर ऑफ पेरिस से जिप्सम
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 33

(ब) जिप्सम से प्लास्टर ऑफ पेरिस
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 34

(अ) जिप्सम को 200°C तक गरम करते हैं ।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 35

(ब) कार्बन डाई ऑक्साइड गैस को चूने के पानी में प्रवाहित करते हैं।
उत्तर:
Ca(OH)2 + CO2 → CaCO3 + H2O

(स) प्लास्टर ऑफ पेरिस की क्रिया जल से होती है।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 36

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
एक अकार्बनिक यौगिक (X) जलाने पर सुनहरी पीली ज्वाला देता है और निम्न अभिक्रियाएँ प्रदर्शित करता है।
(i) जिंक पाउडर, यौगिक (X) के सान्द्र जलीय घोल के साथ उबालने पर घुल जाता है और हाइड्रोजन निकलती है।
(ii) X के जलीय घोल को स्टैनस क्लोराइड के जलीय घोल में मिलाने पर पहले एक सफेद अवक्षेप प्राप्त होता है, जो (X) के विलयन की अधिकता में घुल जाता है। (X) को पहचानिए तथा (i) और (ii) पदों पर होने वाली अभिक्रियाओं के समीकरण दीजिए।
उत्तर:
X = सोडियम हाइड्रॉक्साइड
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 29

2. (i) सोडियम सल्फाइट तथा सोडियम सल्फाइड के एक सान्द्र विलयन में गैस (B) प्रवाहित करने पर अकार्बनिक यौगिक (A) बनता है।
(ii) (A) को तनु AgNO3 के विलयन में डालने पर सफेद अवक्षेप प्राप्त होता है जो शीघ्र ही काले रंग के यौगिक (C) में बदल जाता है।
(iii) FeCl3 की 2 या 3 बूँदें (A) के विलयन की अधिकता में डालने पर एक बैंगनी रंग का यौगिक (D) बनता है। यह रंग शीघ्र ही गायब हो जाता है।
(iv) A के विलयन को CuCl2 के विलयन में डालने पर पहले एक सफेद अवक्षेप बनता है जोकि (A) की अधिकता में घुलकर यौगिक (E) बनाता है। (A) से (E) तक को पहचानिए तथा (i) से (iv) पदों पर होने वाली अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण दीजिए।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 10 s-ब्लॉक तत्त्व Img 30

Read More:

LUPIN Pivot Point Calculator

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 3 सरल रेखा में गति

Haryana State Board HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 3 सरल रेखा में गति Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Physics Important Questions Chapter 3 सरल रेखा में गति

बहुविकल्पीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
एक गेंद को ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर 19.6 मी/सेकण्ड के वेग से फेंका जाता है। गेंद अधिकतम ऊँचाई तक कितने सेकण्ड में पहुँचेगी?
(a) 1
(b) 2
(c) 3
(d) 4
उत्तर:
(b) 2

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 3 सरल रेखा में गति

प्रश्न 2.
एक कण का वेग \(\vec{v}=k(y \hat{i}+x \hat{j})\) से गतिशील है, जहाँ k एक स्थिरांक है। इसके पथ का व्यापक समीकरण है:
(a) y = x2 + स्थिरांक
(b) y2 = x + स्थिरांक
(c) xy = स्थिरांक
(d) y2 = x2+ स्थिरांक
उत्तर:
(d) y2 = x2+ स्थिरांक

प्रश्न 3.
मन्दित गति के लिए वेग समय ग्राफ का ढाल है:
(a) धनात्मक
(b) ऋणात्मक
(c) शून्य
(d) धनात्मक, ऋणात्मक, शून्य या कुछ भी।
उत्तर:
(b) ऋणात्मक

प्रश्न 4.
एक ट्रक एवं एक कार दोनों समान वेग से चल रहे हैं। ब्रेक लगाने के बाद।
(a) ट्रक कम दूरी तय करेगा
(b) कार कम दूरी तय करेगी
(c) दोनों समान दूरी तय करेंगे
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(b) कार कम दूरी तय करेगी

प्रश्न 5.
किसी वस्तु का विस्थापन समय के वर्ग के अनुक्रमानुपाती होता है तो वस्तु की गति होती है।
(a) एकसमान त्वरण से
(b) असमान त्वरण से
(c) एकसमान वेग से
(d) असमान त्वरण परन्तु एकसमान चाल से।
उत्तर:
(a) एकसमान त्वरण से

प्रश्न 6.
स्वतन्त्रतापूर्वक गिर रही एक वस्तु द्वारा अपने प्रथम तथा द्वितीय सेकण्ड में पार की गयी दूरियों में अनुपात है।
(a) 1 : 2
(b) 1 : 3
(c) 3 : 2
(d) 1 : √3
उत्तर:
(b) 1 : 3

प्रश्न 7.
यदि दो राशियों के परस्पर ग्राफ सरल रेखा में हों, तो दोनों राशियाँ।
(a) अचर होती हैं
(b) बराबर होती हैं।
(c) अनुक्रमानुपाती होती हैं।
(d) व्युत्क्रमानुपाती होती हैं।
उत्तर:
(c) अनुक्रमानुपाती होती हैं।

प्रश्न 8.
1.0m त्रिज्या के अर्द्धवृत्त में गतिमान एक कण 1 सेकण्ड में बिन्दु A से बिन्दु B तक जाता है, औसत वेग का परिमाण है:

(a) 3.14m/s
(b) 2.0m/s
(c) 1.0m/s
(d) शून्य
उत्तर:
(b) 2.0m/s

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 3 सरल रेखा में गति

प्रश्न 9.
x अक्ष के अनुदिश एक कण की स्थिति x समय t के पदों में दी जाती है, x = at2 – t3 जिसमें ‘x’ में तथा सेकण्ड में है। जब कण की चाल अधिकतम है तो कण की स्थिति (x) होगी:
(a) \(\frac{2 a^3}{27}\)मी
(b) \(\frac{4 a^3}{27}\)मी
(c) \(\frac{2 a}{27}\)मी
(d) \(\frac{4 a}{27}\)मी
उत्तर:
(c) \(\frac{2 a}{27}\)मी

प्रश्न 10.
एक पिण्ड विरामावस्था से चलना प्रारम्भ करके ऋजुरेखीय पथ पर अचर त्वरण से गति करता है। वेग का विस्थापन के साथ परिवर्तन होगा:

उत्तर:

प्रश्न 11.
दो पिण्ड जिनके द्रव्यमान तथा m1 m2 हैं, क्रमश: h1 तथा h2 ऊँचाई से गिरते हैं। पिण्डों द्वारा धरातल से टकराने में लगे समय का अनुपात है:
(a) h1 : h2
(b) \(\sqrt{h_1}: \sqrt{h_2}\)
(c) m2 h1 : m2h2
(d) \(\sqrt{m_1 h_1}: \sqrt{m_2 h_2}\)
उत्तर:
(b) \(\sqrt{h_1}: \sqrt{h_2}\)

प्रश्न 12.
एक पिण्ड का विस्थापन समय के अनुक्रमानुपाती है। पिण्ड के त्वरण का परिमाण:
(a) समय के साथ बढ़ रहा है
(b) समय के साथ घट रहा है
(c) शून्य
(d) अचर है, लेकिन शून्य नहीं है
उत्तर:
(a) समय के साथ बढ़ रहा है

अति लघु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
बिन्दु वस्तु क्या हैं?
उत्तर:
यदि गतिशील वस्तु द्वारा तय की गयी दूरी वस्तु के आकार की तुलना में बहुत अधिक हो तो उसे बिन्दु वस्तु कहते हैं।

प्रश्न 2.
कणों के गतिकीय व्यवहार से सम्बन्धित अध्ययन की भौतिकी की शाखा क्या कहलाती है?
उत्तर:
गतिकी।

प्रश्न 3.
एक विमीय, द्विविमीय एवं त्रिविमीय गति में कितने-कितने निर्देशांक होते हैं?
उत्तर:
एक विमीय गति में 1 निर्देशांक द्विविमीय गति में 2 निर्देशांक तथा त्रिविमीय गति में 3 निर्देशांक होते हैं।

प्रश्न 4.
जब कोई कण या कणों का निकाय किसी निश्चित अक्ष के परितः घूर्णन करे तो वह कौन सी गति कहलाती है?
उत्तर:
घूर्णन गति।

प्रश्न 5.
वृत्ताकार गति में एक चक्र में विस्थापन कितना होता है?
उत्तर:
वृत्तीय गति में एक चक्र पूरा करने पर प्रारम्भिक एवं अंतिम स्थितियाँ समान हो जाती है, अतः विस्थापन शून्य हो जाता है।

प्रश्न 6.
चाल का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
चाल =

प्रश्न 7.
वाहनों का स्पीडोमीटर क्या नापता है?
उत्तर:
तात्क्षणिक चाल।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 3 सरल रेखा में गति

प्रश्न 8.
चाल कैसी राशि है? S.I. प्रणाली में चाल का मात्रक क्या है?
उत्तर:
चाल अदिश राशि है एवं इसका S. I. प्रणाली में मात्रक मीटर / सेकण्ड (ms-1) है।

प्रश्न 9.
वर्षा की बूँदें एक समान वेग से गिरती है या समान त्वरण से?
उत्तर:
वर्षा की बूँदें एकसमान वेग से गिरती हैं।

प्रश्न 10.
मन्दन किसे कहते हैं?
उत्तर:
समय के साथ वेग घटने की दर को मन्दन कहते हैं अर्थात् ऋणात्मक त्वरण ही मन्दन होता है।

प्रश्न 11.
क्या गतिशील वस्तु की दूरी व विस्थापन शून्य हो सकता है?
उत्तर:
गतिशील वस्तु का विस्थापन शून्य हो सकता है दूरी नहीं।

प्रश्न 12.
संलग्न चित्र (a) व (b) में प्रदर्शित वक्रों द्वारा वस्तु के वेग व त्वरण के बारे में क्या निष्कर्ष निकलता है?

उत्तर:
दोनों वक्रों द्वारा एकसमान वेग की गति प्रदर्शित है अत: त्वरण शून्य होगा।

प्रश्न 13.
यदि एक व्यक्ति 4 मीटर पूर्व फिर 3 मीटर दक्षिण तथा पुनः वहाँ से 4 मीटर पश्चिम चले तो उसका विस्थापन कितना होता?
उत्तर:
व्यक्ति का विस्थापन s = 33m दक्षिण में।

प्रश्न 14.
ऋणात्मक त्वरण को क्या कहते हैं?
उत्तर:
मन्दन।

प्रश्न 15.
एकांक समय में तय विस्थापन को क्या कहते हैं?
उत्तर:
वेग

प्रश्न 16.
विस्थापन समय वक्र का ढाल क्या बताता है?
उत्तर:
वेग

प्रश्न 17.
वेग समय वक्र का ढाल क्या बताता है?
उत्तर:
त्वरण।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 3 सरल रेखा में गति

प्रश्न 18.
वेग समय वक्र का क्षेत्रफल क्या दर्शाता है?
उत्तर:
दूरी।

प्रश्न 19.
यदि कोई कण एक नियत वेग से गतिशील है तो उसका त्वरण कितना होगा?
उत्तर:
∵ त्वरण a = \(\frac{\Delta v}{\Delta t}\)
∴ वेग नियत होने पर ∆v = 0
अतः त्वरण a = 0 (शून्य)

प्रश्न 20.
स्वतन्त्रता पूर्वक गिर रही वस्तु द्वारा प्रथम व द्वितीय सेकण्ड में पार की गई दूरियों का अनुपात क्या है?
उत्तर:
n वें सेकण्ड में चली गई दूरी,
Xnth = u + a (2n – 1)
∴ x1 = 0 + \(\frac{1}{2}\)g(2 × 1 – 1) = \(\frac{1}{2}\)g
x2 = 0 + \(\frac{3}{2}\)g(2 × 1 – 1) = \(\frac{3}{2}\)g
∴ x1 : x2 = 1 : 3

प्रश्न 21.
धनात्मक दिशा में गतिशील मंदित कण के लिए विस्थापन समय ग्राफ बनाइये।
उत्तर:
अभीष्ट ग्राफ संलग्न चित्र में प्रदर्शित है।

प्रश्न 22.
क्या किसी वस्तु की चाल ऋणात्मक हो सकती है?
उत्तर:
नहीं; क्योंकि दूरी कभी भी ऋणात्मक नहीं हो सकती।

प्रश्न 23.
दो गतिमान वस्तुओं का आपेक्षिक वेग कब शून्य हो सकता है?
उत्तर:
जब दोनों वस्तुएँ समान चाल से एक ही दिशा में गतिशील हों।

प्रश्न 24.
संलग्न चित्र में प्रदर्शित विस्थापन समय ग्राफ पर टिप्पणी कीजिए।

उत्तर:
दिया गया ग्राफ सम्भव नहीं है क्योंकि ग्राफ के अनुसार समय परिवर्तन के बिना विस्थापन परिवर्तित होता है।

प्रश्न 25.
क्या किसी वस्तु की चाल स्थिर व वेग परिवर्ती हो सकती है?
उत्तर:
हाँ; एक समान वृत्तीय गति यह सम्भव है।

प्रश्न 26.
क्या किसी वस्तु की औसत चाल शून्य हो सकती है? क्या औसत वेग शून्य हो सकता है?
उत्तर:
नहीं; गतिशील वस्तु की औसत चाल शून्य नहीं हो सकती है लेकिन औसत वेग शून्य हो सकता है।

प्रश्न 27.
किस परिस्थिति में औसत वेग तात्कालिक वेग के तुल्य होता है?
उत्तर:
जब वस्तु एकसमान वेग से गति करती है।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 3 सरल रेखा में गति

प्रश्न 28.
क्या किसी समय पिण्ड स्थिर एवं गतिशील दोनों स्थितियों में हो सकता है?
उत्तर:
हाँ, क्योंकि गति आपेक्षिक है।

प्रश्न 29.
किसी पिण्ड का वेग नियत होने पर क्या उसकी चाल परिवर्ती हो सकती है?
उत्तर:
नहीं, वेग नियत होने पर उसका परिमाण एवं दिशा दोनों अपरिवर्तित रहते हैं; अतः चाल परिवर्ती नहीं हो सकती।

प्रश्न 30.
एक कण का समय विस्थापन ग्राफ संलग्न चित्र में प्रदर्शित है। कण का तात्कालिक वेग किस बिन्दु पर ऋणात्मक होगा?

उत्तर:
बिन्दु E पर क्योंकि इस बिन्दु पर वक्र की प्रवणता ऋणात्मक है।

प्रश्न 31.
गति के समीकरणों को किस वैज्ञानिक ने ज्ञात किया था?
उत्तर:
गैलीलियो ने।

प्रश्न 32.
एक पिण्ड नियत वेग से गतिमान है, इसके लिए विस्थापन और समय में सम्बन्ध बताइये।
उत्तर:
विस्थापन ∝ समय।

लघु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
दूरी तथा विस्थापन में क्या अन्तर हैं? लिखिए।
उत्तर:

  1. दूरी अदिश राशि है जबकि विस्थापन सदिश राशि है।
  2. दो बिन्दुओं के मध्य वस्तु द्वारा अपनाए गये पथ की वास्तविक लम्बाई दूरी होती है, जबकि उन बिन्दुओं के मध्य न्यूनतम दूरी विस्थापन कहलाती है।

प्रश्न 2.
स्थानान्तरीय गति का विवरण देते हुए इसे उदाहरण सहित समझाइये।
उत्तर:
स्थानान्तरीय गति- जब कोई कण किसी निर्देश तन्त्र के सापेक्ष एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानान्तरित होता है तो इस प्रकार की गति को स्थानान्तरीय गति कहते हैं।
उदाहरण: सीधी सड़क पर चलने वाली गाड़ी की गति।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 3 सरल रेखा में गति

प्रश्न 3.
एक व्यक्ति 4 मीटर पूर्व में चलकर 5 मीटर उत्तर की ओर जाता है तथा वहाँ से चलकर पुनः दायीं ओर मुड़कर 8 मीटर सीधा जाता है। व्यक्ति द्वारा चली गई दूरी तथा उसका विस्थापन ज्ञात कीजिए।

उत्तर:
व्यक्ति द्वारा चली गई दूरी = 4 + 5 + 8 = 17km
तथा विस्थापन

या
AD = 13 km

प्रश्न 4.
किसी पिण्ड द्वारा तय की गई दूरी समय वर्ग के अनुक्रमानुपाती होती है। इस पिण्ड में किस प्रकार की गति होती है?
उत्तर:
दिया है:
x ∝ t2
या
x = kt2
∴ पिण्ड का वेग
जहाँ k एक नियतांक है।
v = \(\frac{d x}{d t}\) = \(\frac{d}{d t}\) = (kt2) = 2kt
और त्वरण a = \(\frac{d x}{d t}\) = \(\frac{d}{d t}\) = (2kt) = 2k
या a = 2k = नियतांक
अतः पिण्ड गति एकसमान त्वरित गति है।

प्रश्न 5.
एक गेंद को ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर फेंका जाता है। कुछ समय पश्चात् यह धरती पर लौट आती है। गेंद के लिए चाल – समय ग्राफ खींचिए। (वायु का प्रतिरोध नगण्य मानिए।)
उत्तर:
जब कुछ प्रारम्भिक वेग देकर किसी गेंद को ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर फेंका जाता है उसका वेग नियत दर से कम होता रहता है और एक स्थिति में शून्य हो जाता है। यहीं से वस्तु नीचे गिरना प्रारम्भ करती है और उसका वेग उसी दर से बढ़ता है जिस दर से ऊपर जाने पर घटा था। अतः भूमि पर पहुँचते समय उसका वेग प्रारम्भिक वेग के तुल्य जायेगा। अतः वेग- समय ग्राफ चित्र की भांति होगा।

प्रश्न 6.
यदि किसी कण का तात्क्षणिक वेग शून्य हो तो क्या इसका तात्क्षणिक त्वरण भी शून्य होना चाहिए?
उत्तर:
नहीं; जब कोई कण ऊपर की ओर फेंका जाता है तो उच्चतम बिन्दु पर कण का तात्क्षणिक वेग तो शून्य हो जाता है लेकिन गुरुत्वीय त्वरण (g) तब भी प्रभावी रहेगा।

प्रश्न 7.
यदि किसी गतिमान वस्तु द्वारा चली गई दूरी समय के अनुक्रमानुपाती हो तो वस्तु की गति किस प्रकार की होती है?
उत्तर:
दिया है: x ∝ t
∴ x = kt
जहाँ k एक नियतांक है।
∴ वस्तु का वेग
v = \(\frac{d x}{d t}\) = \(\frac{d}{d t}(k t)\)
या
v = k = नियतांक
जहाँ k एक नियतांक है।
अतः वस्तु की गति एकसमान वेग की गति होगी।

प्रश्न 8.
एक रेलगाड़ी के इंजन तथा आखिरी डिब्बे के एक खम्भे से गुजरते हुए वेग क्रमशः तथा हैं। रेलगाड़ी के मध्य में स्थित डिब्बे का वेग क्या होगा?
उत्तर:
इंजन तथा मध्य डिब्बे के लिए गति का समीकरण
v2 – u2 = 2ax …(1)
आखिरी डिब्बे एवं मध्य डिब्बे के लिए गति का समीकरण
v2 – u2 = 2ax …(2)

समीकरण (1) से (2) को घटाने पर
v2 – u2 – u2 + v2 = 0
v2 – 2u2 + v2 = 0
2u2 = v2 + v2
या
u = \(\sqrt{\frac{v^2+v^{\prime 2}}{2}}\)

प्रश्न 9.
किसी गतिमान वस्तु का वेग-समय ग्राफ चित्र (a) में प्रदर्शित है। वस्तु का त्वरण क्या है? वस्तु की गति के लिए विस्थापन समय ग्राफ भी बनाइये।

उत्तर:
वेग समय ग्राफ में समय के साथ वेग नियत है अतः
त्वरण = \(\frac{\Delta v}{\Delta t}\) = 0 (शून्य)
वस्तु की गति के लिए विस्थापन समय ग्राफ चित्र (b) में प्रदर्शित है।

प्रश्न 10.
संलग्न चित्र ग्राफ एक कण का वेग समय ग्राफ दर्शाता है तो ग्राफ के छायांकित भाग का क्षेत्रफल क्या प्रदर्शित करेगा?

उत्तर:
छायांकित भाग का क्षेत्रफल = ∆OAB का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\) × OB × AB
= \(\frac{1}{2}\) × t0 × v0
= \(\frac{1}{2}\) V0 – f0
= कण द्वारा चली गई दूरी
अतः छायांकित भाग का क्षेत्रफल कण द्वारा चली दूरी प्रदर्शित

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 3 सरल रेखा में गति

प्रश्न 11.
क्या संलग्न ग्राफ किसी कार के एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने तथा वापस आने का विस्थापन समय ग्राफ हो सकता है?

उत्तर:
नहीं; क्योंकि ग्राफ के अनुसार 2 व 3 घंटे के बीच कार एक ही समय पर दो स्थानों पर है जोकि सम्भव नहीं है।

प्रश्न 12.
एक कण का त्वरण समय के साथ समीकरण a = bt के अनुसार बढ़ता है। यदि कण का प्रारम्भिक वेग v0 हो तो t समय में कण का विस्थापन ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
त्वरण a = bt
∴ \(\frac{d v}{d t}\) = bt => dv = bt.dt
=> \(\int d v= \int b t \cdot d t\)
समाकलन करने पर
v = \(\frac{1}{2}\)bt2 + c
जहाँ c = समाकलन नियतांक
दिया है जब t = 0 तो v = v0
∴ vo = 0 + c अर्थात् c = Vo
∴ v = \(\frac{1}{2}\)bt2 + vo
या
\(\frac{d x}{d t}\) = \(\frac{1}{2}\)bt2 + vo
या
dx = \(\frac{1}{2}\)bt2 .dt + vodt
पुनः समाकलन करने
\(\int d x=\int \frac{1}{2} b t^2 \cdot d t+\int v_0 d t\)
या
x = \(\frac{1}{2}\)b × \(\frac{t^3}{3}\) + vot
या
x = \(\frac{1}{6}\)bt3 + vot
या
x = vot + \(\frac{1}{6}\)bt3

प्रश्न 13.
त्वरण के प्रदर्शन में समय को दो बार क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
क्योंकि त्वरण विस्थापन का द्वितीय अवकलन है।
a = \(\frac{d^2 x}{d t^2}\)
अतः त्वरण के प्रदर्शन में समय को दो बार पुकारा जाता है।

प्रश्न 14.
जब दो ट्रेनें समान वेग से एक-दूसरे के समान्तर गतिशील होती हैं तो एक ट्रेन में बैठे व्यक्ति को दूसरी ट्रेन स्थिर क्यों प्रतीत होती है?
उत्तर:
यह अनुभव सापेक्ष वेग के कारण होता है, क्योंकि दोनों ट्रेनों का वेग बराबर है, अतः उनका एक-दूसरे के सापेक्ष वेग शून्य होगा। उदाहरणार्थ: यदि दो ट्रेनों के वेग 50 km.hr-1 है अर्थात्
VA = VB = 50km.hr-1
∴ A के सापेक्ष B का आपेक्षिक वेग
VBA = VB – VA = 50 – 50 = 0 (शून्य)

प्रश्न 15.
किसी कण की चाल नियत रहने पर क्या उसमें त्वरण हो सकता है?
उत्तर:
हाँ, यह एक समान वृत्तीय गति में सम्भव है, क्योंकि इस गति में कण की चाल तो नियत रहती है पर प्रति क्षण उसकी दिशा बदलने से उसका वेग बदलता रहता है, अतः उस पर अभिकेन्द्रीय त्वरण कार्य करता है।

प्रश्न 16.
क्या यह सम्भव है कि किसी वस्तु का औसत वेग शून्य हो परन्तु औसत चाल शून्य न हो? क्या इसका विपरीत भी सम्भव है?
उत्तर:
हाँ, यदि एक पिण्ड को ऊर्ध्वाधर ऊपर की ओर फेंका जाये तथा वह अपने प्रारम्भिक बिन्दु पर लौट आये तो उसका औसत वेग शून्य होगा लेकिन औसत चाल शून्य नहीं होगी। माना कोई गेंद पृथ्वी तल से ऊर्ध्वाधरत: ऊपर की ओर फेंकी गयी है और वह कुछ ऊँचाई (माना मीटर) तक ऊपर जाकर कुछ समय पश्चात् पृथ्वी पर वापस लौट आती है। उसके द्वारा चली गई दूरी 2h तथा उसका विस्थापन 01 चूँकि औसत चाल दूरी / समय तथा औसत वेग विस्थापन / समय, अतः गेंद में औसत चाल होगी, जबकि इसका औसत वेग शून्य होगा। इसका विपरीत सम्भव नहीं है।

प्रश्न 17.
यदि एक कण की गति को x = ut + \(\frac{1}{2}\) a1 t2 में बनाया गया है, जहाँ x स्थिति है, t समय है और u व a1 दर्शाइये कि कण का त्वरण नियत है।
उत्तर:
दिया है:
x = ut + \(\frac{1}{2}\) a1 t2
अतः वेग v = \(\frac{d x}{d t}\) =\(\frac{d}{d t}\)[ut + \(\frac{1}{2}\) a1 t2]
= u +\(\frac{1}{2}\) a1.2t
या v = u + at
त्वरण a = \(\frac{d x}{d t}\) =\(\frac{d}{d t}\)[u + a1t]
= 0 + a1
या
a = a1 = नियतांक
अतः कण का त्वरण नियत है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
एक समान त्वरित गति हेतु गणितीय विधि से गति के तीनों समीकरण व्युत्पन्न कीजिए।
उत्तर:
(ii) कलन विधि (Calculus Method):
(a) प्रथम समीकरण: त्वरण की परिभाषा से
a = \(\frac{d v}{d t}\)
या
dv = adt
इस समीकरण के दोनों पक्षों का t = 0 पर वेग = u एवं समय पर वेग = v की सीमा में समाकलन करने पर
\(\int_u^v d v=\int_0^t a d t\)
या
[v]vu = a[t]t0
या
v – u = a [ t – 0] = at
∴ v = u + at

(b) द्वितीय समीकरण: वेग की परिभाषा से
v = \(\frac{d s}{d t}\)
या
ds = V. dt (u + at )dt
उक्त समीकरण का समाकलन t = 0 पर s = 0 एवं t = t पर s = s
सीमा के अन्तर्गत करने पर
\(\int_0^s d s=\int_0^t(u+a t) d t=\int_0^t u d t+\int_0^t a t d t\)
या
[s]s0 = u[t]t0 + a\(\left[\frac{t^2}{2}\right]_0^t\)
या
s – 0 = u(t – 0) + \(\frac{a}{2}\)[t2 – 0]
या
S = ut + \(\frac{a}{2}\)at2

(c) तृतीय समीकरण: त्वरण की परिभाषा से
a = \(\frac{d v}{d t}\) = \(\frac{d v}{d s} \cdot \frac{d s}{d t}\)
या
a = v\(\frac{d v}{d t}\)
या
a.ds = vdv
इस समीकरण का भी पूर्व में दी गई सीमाओं के अन्तर्गत समाकलन करने पर
\(\int_0^s a d s=\int_u^v v \cdot d v\)
या
\(a[s]_0^s=\left[\frac{v^2}{2}\right]_u^v\)
या
a[s – 0] = \(\left[\frac{v^2}{2}-\frac{u^2}{2}\right]\)
या
as = \(\frac{1}{2}\) [v2 – u2]
या
2as = v2 – u2
या
v2 = u2 + 2as

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 3 सरल रेखा में गति

प्रश्न 2.
निम्न की परिभाषा दीजिए
(i) विस्थापन
(ii) वेग
(iii) त्वरण
(iv) चाल
(v) औसत वेग
(vi) तात्क्षणिक वेग
(vii) औसत त्वरण
(viii) तात्क्षणिक त्वरण
उत्तर:
(i) विस्थापन(displacement):
दूरी तथा विस्थापन में अन्तर समझने के लिए एक सामान्य उदाहरण पर विचार करते हैं। माना कोई वस्तु A बिन्दु से पहले पूर्व दिशा में 4m चलकर B बिन्दु पर पहुँचती है और फिर वहाँ से 3m उत्तर की ओर चलकर C बिन्दु पर पहुँचती है। इस यात्रा में वस्तु के द्वारा तय किये गये पथ की वास्तविक लम्बाई 4 + 3 = 7m है जिसे ‘दूरी’ कहते हैं। प्रारम्भिक बिन्दु A से अंतिम बिन्दु C के मध्य सीधी लम्बाई AC(5m) है जिसे ‘विस्थापन’ कहते हैं। AC की लम्बाई निम्न प्रकार प्राप्त है

समकोण ∆A B C में, पाइथागोरस प्रमेय से,
AC2 = AB2 + BC2
AC = \(\sqrt{(4)^2+(3)^2}\) = \(\sqrt{16+9}\) = \(\sqrt{25}\)
∴ AC = 5m

(ii) वेग(velocity): “निश्चित दिशा में एकांक समय में तय की गई दूरी को वेग कहते हैं।” दिशा सहित दूरी को विस्थापन कहते हैं, अत: वेग की परिभाषा इस प्रकार भी की जा सकती है, “समय के साथ विस्थापन परिवर्तन की दर को वेग कहते हैं।” यह सदिश राशि है।
∴ वेग = चाल + दिशा
और
या \(\vec{v}\) = \(\frac{\vec{s}}{t}\) = \(\frac{\Delta \vec{s}}{\Delta t}\)
∴ वेग का M.K.S. पद्धति में मात्रक ms-1 एवं C.G.S. प्रद्धति में cms-1 होता है तथा विमीय सूत्र [M0L1T-1] है।

(iii) त्वरण (Acceleration): यदि किसी वस्तु का वेग विभिन्न समयों पर भिन्न-भिन्न होता है तो वस्तु की गति को असमान गति कहते हैं। यदि समय बढ़ने के साथ-साथ वेग बढ़ता है तो गति त्वरित कहलाती है। इसके विपरीत यदि समय बढ़ने के साथ वस्तु का वेग घटता है तो वस्तु की गति अवमंदित गति कहलाती है। अर्थात्
“समय के साथ वेग परिवर्तन की दर को त्वरण कहते हैं।”
इसे ‘a’ से प्रदर्शित करते हैं।
∴ त्वरण =
या \(\vec{a}=\frac{\Delta \vec{v}}{\Delta t}\)
त्वरण का M.K.S पद्धति में मात्रक मीटर/सेकण्ड2 ms-1 होता है। त्वरण एक सदिश राशि है। जिसकी दिशा वेग परिवर्तन की दिशा होती है।
माना कोई वस्तु प्रारम्भिक वेग u से चलना प्रारम्भ करती है और t समय के बाद उसका वेग v हो जाता है तो

(iv) चाल (speed): किसी वस्तु की चाल वह भौतिक राशि है, जो वह अनुभव कराती है कि वस्तु कितनी तेजी से गति कर रही है। ” किसी गतिमान वस्तु द्वारा एकांक समय में तय की गई दूरी को चाल कहते हैं।” अथवा ” समय के साथ दूरी परिवर्तन की दर को चाल कहते हैं।'” यदि किसी गतिमान वस्तु द्वारा। समय में s दूरी तय की जाती है तो उसकी,
चाल =
या
\(v=\frac{s}{t}\)
चाल का M.K.S. पद्धति में मात्रक ms-1 एवं C.G.S. पद्धति में cms-1 है।

= [M0L1T-1]

(v) औसत वेग (Average Velocity): किसी गतिमान वस्तु का औसत वेग कुल विस्थापन परिवर्तन तथा कुल समयान्तराल का अनुपात होता है।

(vi) तात्क्षणिक वेग (Instantaneous Velocity): यदि गतिमान वस्तु का वेग परिवर्ती वेग है तो, “किसी क्षण विशेष पर उसका वेग तात्कालिक वेग कहलाता है।’ इसकी गणना के लिए समयान्तराल को अत्यन्त छोटा ∆t → 0 माना जाता है।
∴ तात्कालिक वेग \((\vec{v})=\lim _{\Delta t \rightarrow 0} \frac{\overrightarrow{\Delta s}}{\Delta t}=\frac{d \vec{s}}{d t}\)
यहाँ \(\frac{d \vec{s}}{d t}\), \(\vec{s}\) का t के सापेक्ष अवकलन है जिसे अवकलन गणित की सहायता से ज्ञात कर सकते हैं। एक समान वेग से गति की स्थिति में औसत वेग व तात्कालिक वेग का मान एवं औसत वेग का मान समान होता है। वेग का मान धनात्मक, शून्य या ऋणात्मक हो सकता है।

(vii) औसत त्वरण (Average Acceleration):यदि गतिमान वस्तु परिवर्ती त्वरण से गति करती है तो वस्तु के वेग में कुल परिवर्तन ∆v एवं समयान्तराल ∆t के अनुपात को औसत त्वरण कहते हैं अर्थात्

या
\(\overrightarrow{a_{a v}}=\frac{\Delta \vec{v}}{\Delta t}\)
यदि समय t1 पर वेग \(\overrightarrow{v_1}\) एवं t2 पर वेग \(\overrightarrow{v_2}\) हो तो
\(\overrightarrow{a_{a v}}=\frac{\overrightarrow{v_2}-\overrightarrow{v_1}}{t_2-t_1}\)
\(\frac{\Delta \vec{v}}{\Delta t}\)

(viii) तात्क्षणिक या तात्कालिक त्वरण (Instantaneous Acceleration): “किसी निश्चित समय या क्षण पर वस्तु के त्वरण को तात्कालिक त्वरण कहते हैं।” इसके लिए समयान्तराल अत्यन्त छोटा लेते हैं अर्थात् ∆t = 0
तात्क्षणिक त्वरण
\(\vec{a}=\lim _{\Delta t \rightarrow 0} \frac{\Delta \vec{v}}{\Delta t}=\frac{d \vec{v}}{d t}\)
या
\(\vec{a}=\frac{d \vec{v}}{d t}\)
परन्तु
\(\vec{v}=\frac{d \vec{s}}{d t}\)

प्रश्न 3.
आलेखीय विधि द्वारा गति के समीकरणों की व्युत्पत्ति कीजिए।
उत्तर:
(i) आलेखीय विधि (Graphical Method): माना किसी गतिशील वस्तु का प्रारम्भिक वेग 14 है और त्वरण a है। इसका वेग समय ग्राफ AB संलग्न चित्र 3.13 में प्रदर्शित है। बिन्दु B के संगत समय एवं वेग v है।
(a) प्रथम समीकरण: गति का प्रथम समीकरण
v = u + at
उपपत्ति: ∵ त्वरण वेग-समय ग्राफ की प्रवणता

समयान्तराल (t – 0) = t
∴ a = tan θ = \(\frac{B C}{A C}\)
या
a = \(\frac{v-u}{t-0}=\frac{v-u}{t}\)
या at = v – u
∴ v = u + at …………(1)

(b) द्वितीय समीकरण – गति का द्वितीय समीकरण
s = ut + \(\frac{1}{2}\) at2
जहाँ s = t समय में वस्तु द्वारा तय की गई दूरी
उपपत्ति: वेग समय ग्राफ में ग्राफीय रेखा एवं समय-अक्ष के मध्य घिरा क्षेत्रफल विस्थापन अर्थात् तय की गई दूरी प्रदान करता है। अत:
s = समलम्ब चतुर्भुज OABD का क्षेत्रफल

[समी० (1) से]
या
s = ut + \(\frac{1}{2}\) at2 …….(2)

(c) तृतीय समीकरण: गति का तृतीय समीकरण
v2 = u2 + 2as (v – u)
उपपत्ति – समी० (1) से, \(t=\frac{(v-u)}{a}\)
समी० (2) में का यह मान रखने पर
s = \(u \frac{(v-u)}{a}+\frac{1}{2} a \frac{(v-u)^2}{a^2}\)
या
= \(\frac{\left(u v-u^2\right)}{a}+\frac{1}{2 a}\) [v2 + u2 – 2uv]
या
s = [2uv – 2u2 + v2 + u2 – 2uv]
या
2as = v2 – u2
या
v2= u2 + 2as

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 3 सरल रेखा में गति

प्रश्न 4.
नियत त्वरण से गतिमान पिण्ड के लिए वेग-समय ग्राफ खींचिए एवं इस ग्राफ की सहायता से गति के समीकरणों की स्थापना कीजिए।
उत्तर:
(i) आलेखीय विधि (Graphical Method): माना किसी गतिशील वस्तु का प्रारम्भिक वेग 14 है और त्वरण a है। इसका वेग समय ग्राफ AB संलग्न चित्र 3.13 में प्रदर्शित है। बिन्दु B के संगत समय एवं वेग v है।
(a) प्रथम समीकरण: गति का प्रथम समीकरण
v = u + at
उपपत्ति: ∵ त्वरण वेग-समय ग्राफ की प्रवणता

समयान्तराल (t – 0) = t
∴ a = tan θ = \(\frac{B C}{A C}\)
या
a = \(\frac{v-u}{t-0}=\frac{v-u}{t}\)
या at = v – u
∴ v = u + at …………(1)

(b) द्वितीय समीकरण – गति का द्वितीय समीकरण
s = ut + \(\frac{1}{2}\) at2
जहाँ s = t समय में वस्तु द्वारा तय की गई दूरी
उपपत्ति: वेग समय ग्राफ में ग्राफीय रेखा एवं समय-अक्ष के मध्य घिरा क्षेत्रफल विस्थापन अर्थात् तय की गई दूरी प्रदान करता है। अत:
s = समलम्ब चतुर्भुज OABD का क्षेत्रफल

[समी० (1) से]
या
s = ut + \(\frac{1}{2}\) at2 …….(2)

(c) तृतीय समीकरण: गति का तृतीय समीकरण
v2 = u2 + 2as (v – u)
उपपत्ति – समी० (1) से, \(t=\frac{(v-u)}{a}\)
समी० (2) में का यह मान रखने पर
s = \(u \frac{(v-u)}{a}+\frac{1}{2} a \frac{(v-u)^2}{a^2}\)
या
= \(\frac{\left(u v-u^2\right)}{a}+\frac{1}{2 a}\) [v2 + u2 – 2uv]
या
s = [2uv – 2u2 + v2 + u2 – 2uv]
या
2as = v2 – u2
या
v2= u2 + 2as

प्रश्न 5.
आपेक्षिक गति की विवेचना करते हुए आपेक्षिक वेग के सूत्र प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
आपेक्षिक गति (Relative Motion): “किसी कण की गति की अवस्था का अनुमान सदैव किसी अन्य निर्देश वस्तु या तन्त्र के सापेक्ष ही कर सकते हैं; निरपेक्ष रूप से गति की अवस्था को प्रेक्षित नहीं किया जा सकता है। यही आपेक्षिक गति कहलाती है।’ गति से तात्पर्य सदैव आपेक्षिक गति से ही होता है तथा निर्देश तन्त्र की स्थितियों के कारण किसी वस्तु की गति भिन्न-भिन्न निर्देश तन्त्रों के सापेक्ष परिस्थिति के अनुसार समान या भिन्न-भिन्न प्रतीत हो सकती हैं।

संलग्न चित्र 3.14 के अनुसार दो निर्देश तन्त्रों S व \(S^{\prime}\) पर विचार करते हैं, जिनके मूल बिन्दु प्रेक्षकों O व \(O^{\prime}\) के सम्पाती हैं। प्रेक्षक O के निर्देश तन्त्र में बिन्दु P का स्थिति सदिश है एवं प्रेक्षक \(\vec{r}\) के निर्देश तन्त्र में उसी बिन्दु का स्थिति सदिश \(\vec{r}\) है। \(O^{\prime}\) का O के सापेक्ष स्थिति सदिश
\(\vec{r}_0\) है, तो
\(\overrightarrow{r_0}+\overrightarrow{r^{\prime}}=\vec{r}\)
∴ \(\overrightarrow{r^{\prime}}=\vec{r}-\overrightarrow{r_0}\) ……….(1)
इस समी० (1) का समय के सापेक्ष अवकलन करने पर
\(\frac{d}{d t} \overrightarrow{r^{\prime}}=\frac{d \vec{r}}{d t}-\frac{d \overrightarrow{r_0}}{d t}\)
या
\(\overrightarrow{v^{\prime}}=\vec{v}-\overrightarrow{v_0}\) ………….(2)
यहाँ निर्देश तन्त्र S’ का S के सापेक्ष वेग है।
समी० (2) S व S’ में वेग सदिशों का सम्बन्ध प्रदर्शित करता है।
समीकरण (2) का t के सापेक्ष अवकलन करने पर,
\(\frac{d \overrightarrow{v^{\prime}}}{d t}=\frac{d \vec{v}}{d t}-\frac{d \overrightarrow{v_0}}{d t}\)
या
\(\overrightarrow{a^{\prime}}=\vec{a}-\overrightarrow{a_0}\) …………(3)
यहाँ निर्देश तन्त्र S’ का s के सापेक्ष त्वरण है। यदि a0 = 0 अर्थात् यदि फ्रेम s एवं S’ एक-दूसरे के सापेक्ष नियत वेग से गति कर रहे हों, तो
\(\overrightarrow{a^{\prime}}=\vec{a}\)
अतः इस अवस्था में किसी कण का दोनों निर्देश तन्त्रों में नापा गया त्वरण समान प्राप्त होता है।
यदि एक विमीय गति पर विचार करें तो माना दो वस्तुएँ A व B -अक्ष की दिशा में नियत वेग VA व VB से गतिमान हैं। यदि किसी क्षण वस्तुओं की स्थितियाँ क्रमशः XA व XB; हैं तो वस्तु A के सापेक्ष B की स्थिति
XBA = XB – XA ……(4)

प्रश्न 6.
औसत चाल से क्या समझते हो? विभिन्न परिस्थितियों में इसकी विवेचना कीजिए।
उत्तर:
चाल (speed): किसी वस्तु की चाल वह भौतिक राशि है, जो वह अनुभव कराती है कि वस्तु कितनी तेजी से गति कर रही है। ” किसी गतिमान वस्तु द्वारा एकांक समय में तय की गई दूरी को चाल कहते हैं।” अथवा ” समय के साथ दूरी परिवर्तन की दर को चाल कहते हैं।'” यदि किसी गतिमान वस्तु द्वारा। समय में s दूरी तय की जाती है तो उसकी,
चाल =
या
\(v=\frac{s}{t}\)
चाल का M.K.S. पद्धति में मात्रक ms-1 एवं C.G.S. पद्धति में cms-1 है।

= [M0L1T-1]

चाल के प्रकार (Types of Speed):
(a) एक समान चाल (Uniform Speed)-यदि कोई गतिमान वस्तु समान समयान्तरालों में समान दूरी तय करती है तो उसकी चाल को एक समान चाल कहते हैं। उदाहरणार्थ-घड़ी की सुइयों की चाल।
(b) परिवर्ती चाल (Variable Speed)-यदि कोई गतिमान वस्तु समान समयान्तरालों में भिन्न-भिन्न दूरी तय करती है तो उसकी चाल परिवर्ती चाल कहलाती है। उदाहरण के लिए-भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर वाहनों की चाल।
(c) औसत चाल (Average Speed)-गतिमान वस्तु द्वारा तय की गई कुल दूरी एवं कुल समय के अनुपात को औसत चाल कहते हैं।

∴ औसत चाल =
या \(\vec{v}=\frac{\Delta s}{\Delta t}\)
औसत चाल को समझने के लिए एक उदाहरण पर विचार करते हैं। माना किन्हीं दो स्थानों के मध्य दूरी 300km है तथा इसे तय करने में किसी कार को 5 घंटे का समय लगता है, तो कार की, औसत चाल
\(\vec{v}=\frac{300}{5}\) = 60Kmhr-1

पूरी यात्रा के दौरान कार की चाल 60Kmhr-1 रहना आवश्यक नहीं है और न ही यह आवश्यक है कि कार लगातार चलती रही हो। उपलब्ध मार्ग के अनुसार कार की चाल घट/बढ़ सकती है और कुछ समय के लिए कार विश्राम की स्थिति में रह सकती है।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 3 सरल रेखा में गति

प्रश्न 7.
निर्देश तन्त्र से क्या अभिप्राय है? वामावर्त एवं दक्षिणावर्त निर्देशांक निकाय की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
संसार में कोई वस्तु निरपेक्ष रूप से स्थिर नहीं है, सभी वस्तुएँ सापेक्षिक रूप से स्थिर व गतिशील होती हैं। एक वस्तु किसी निकाय के सापेक्ष स्थिर तो किसी अन्य निकाय के सापेक्ष गतिशील हो सकती है। उदाहरणार्थ-गतिशील बस में बैठा यात्री अपने पड़ोसी यात्रियों के सापेक्ष तो स्थिर होता है लेकिन सड़क के किनारे खड़े किसी दर्शक के सापेक्ष गतिशील होता है। इसी प्रकार चलती बस का रेलगाड़ी में बैठा यात्री जब खुद को स्थिर मानता है तो मार्ग के किनारे खड़े पेड़ उसे पीछे भागते दिखायी देते हैं और जब पेड़ों को स्थिर मानता है तो स्वयं को गतिशील अनुभव करता है। इसी प्रकार एक ही दिशा में दो कारें A व B क्रमश: 50 km hr-1 एवं 40km hr-1 की चालों से गतिशील हैं तो कार B में बैठे यात्री को कार 4 की चाल 10km hr-1 प्रतीत होती है, जबकि सड़क पर खड़े व्यक्ति को कार 4 की चाल 50 km hr प्रतीत होती है। उक्त उदाहरणों से स्पष्ट है कि गति सापेक्ष होती है और वस्तु की गति का अध्ययन करने के लिए किसी न किसी सन्दर्भ वस्तु निकाय की आवश्यकता होती है, जिसके सापेक्ष हम वस्तु की स्थिति का अध्ययन कर सकें। अतः, “वह निकाय जिसके सापेक्ष कण की स्थिति का अध्ययन किया जाता है, निर्देश तन्त्र कहलाता है।”

निकायों का प्रयोग किया जाता है:

  1.  वामावर्ती निर्देशांक पद्धति
  2. दक्षिणावर्ती निर्देशांक पद्धति

    सामान्यतः हम दक्षिणावर्ती कार्तीय निर्देश तन्त्र का प्रयोग करते हैं। जिसके अनुसार दाहिने हाथ की अंगुलियों को यदि OX अक्ष के समान्तर करके OY की ओर घुमाएं तो अंगुलियों के लम्बवत् रखने पर अंगूठा OZ की दिशा बताता है। इसके अनुसार किसी कण की गति का अध्ययन x, y, 2 निर्देशांकों के आधार पर किया जाता है।

आंकिक प्रश्न:

प्रश्न 1.
एक धावक 50 m त्रिज्या के वृत्ताकार पथ पर दौड़ता है। धावक द्वारा तीन चौथाई पथ तय करने में विस्थापन एवं दूरी की गणना कीजिए।
उत्तर:
70.7m 235.7m

प्रश्न 2.
एक कण को 20 ms-1 की प्रारम्भिक चाल से ऊपर की ओर फेंका जाता है। 3.0 बाद कण द्वारा तय की गई दूरी तथा विस्थापन की गणना कीजिए। (g = 10ms-2)
उत्तर:
दूरी = 25m; विस्थापन = 15m]

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 3 सरल रेखा में गति

प्रश्न 3.
पद्मा अपने घर से स्कूल 50 km की दूरी एक समान चाल से 50km. hr-1 की चाल से जाती है। छुट्टी होने पर वह भीड़ भाड़ होने के कारण 30km.hr-1 की औसत चाल से घर पहुँचती है। यात्रा के दौरान कुल औसत चाल की गणना कीजिए।
उत्तर:
37.5 km.hr-1

प्रश्न 4.
एक वस्तु X- अक्ष की दिशा में गति कर रही है जिसका विस्थापन निम्न प्रकार प्रदर्शित होता है x = 30 + 20t2, जहाँ x, m एवं t,s में है।
1. वस्तु का वेग तथा त्वरण ज्ञात कीजिए।
2. वस्तु का प्रारम्भिक वेग तथा स्थिति ज्ञात कीजिए।
उत्तर:

  1. 40rms-1; 40ms-2
  2. 0ms-1; 30m

प्रश्न 5.
एक कण विरामावस्था से चलना आरम्भ करके t समय में स्थिर त्वरण से s1 दूरी तय करता है। यदि कण अगले ‘t समय में s2 दूरी तय कर ले तो दर्शाइये कि
उत्तर:
s2 = 3s1

प्रश्न 6.
एक गतिमान वस्तु प्रथम 25 में 200m दूरी तय करती अगले 4 में वह 220m की दूरी तय करती है। गतिमान वस्तु का वेग सातवें सेकण्ड के अन्त में ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
10ms-1

प्रश्न 7.
एक कार 15 ms-1 के वेग से सड़क पर चल रही है। ब्रेक लगाने पर इसकी अवरोधन दूरी 18m है। यदि इसी कार का वेग 25ms-1 हो तथा ब्रेक लगाने पर वही मन्दन उत्पन्न किया जाये तो
कार की नयी अवरोधन दूरी ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
50m

प्रश्न 8.
एक कण 5वें सेकण्ड में 25 m तथा 7वें सेकण्ड में 33 mm की दूरी तय करता है। यदि गति समान रूप से त्वरित हो तो यह अगले 35 में कितनी दूर चलेगा।
उत्तर:
123m

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 3 सरल रेखा में गति

प्रश्न 9.
किसी क्षण पर एक कण का विस्थापन निम्नलिखित सूत्र द्वारा दिया जाता है:
x = – 15t2 + 20t + 30
जहाँ x मीटर में तथा सेकण्ड में है। t = 0 पर कण की स्थिति, वेग तथा त्वरण ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
Xo = 30m; v0 = 20 ms-1; a0 = 30ms-2

प्रश्न 10.
किसी पिण्ड का त्वरण समय का फलन है, चित्र के अनुसार यदि t = 0 पर पिण्ड का वेग u = 0 हो:
(a) बाद वाले समय पर पिण्ड का वेग क्या है?
(b) t समय में पिण्ड कितनी दूरी तय करेगा?

उत्तर:
\(\frac{\sqrt{3}}{2}\)t2 ms-1 \(\sqrt{3} \frac{t^3}{6}\)m

प्रश्न 11.
एक 80 m लम्बी ट्रेन 60ms-1 के वेग से एक अन्य 100 m लम्बी ट्रेन से आगे निकलती है। दूसरी ट्रेन की चाल 40 ms-1 है। पहली ट्रेन द्वारा दूसरी ट्रेन से आगे निकलने में कितना समय लगेगा?
उत्तर:
9s

प्रश्न 12.
दो समान्तर सीधी रेल की पटरियों में एक पर एक मालगाड़ी 72 km. hr-1 की चाल से और दूसरी पर एक सवारी गाड़ी 108 km.hr-1 की चाल से चल रही है। मालगाड़ी की लम्बाई 150m और सवारी गाड़ी की लम्बाई 90m है। यदि:
1. दोनों गाड़ियाँ एक ही दिशा में हैं;
2. दोनों विपरीत दिशा में हैं तब एक-दूसरे को पार करने में कितना समय लगेगा?
उत्तर:

  1. 24s
  2.  4.8s

प्रश्न 13.
एक कण की स्थिति \(\vec{r}=\left(3 t \hat{i}+4 t^3 \hat{j}+5 \hat{k}\right)\) द्वारा दी जाती है। ज्ञात कीजिए।
1. कण का वेग तथा त्वरण
2. t = 5s पर कण के वेग और त्वरण का परिमाण बताओ।
उत्तर:

  1. \(\left(3 \hat{i}+12 t^2 \hat{j}\right)\) ms-1; \((24 t \hat{j})\) ms-2
  2. 300 ms-1; 120 ms-2

प्रश्न 14.
एक कण के निर्देशांक x = (4t – 1) m तथा y = 8t2 m है। निम्न की गणना कीजिए।
1. कण का t = 1s से t = 2s समयान्तराल में औसत वेग तथा
2. t = 2s पर कण का तात्क्षणिक वेग
उत्तर:

  1.  \(\overrightarrow{v_{a v}}=(4 \hat{i}+24 \hat{j})\) ms-1
  2. 32.25ms-1

Must Read:

LTTS Pivot Point Calculator

HBSE 11th Class Solutions in Hindi Medium & English Medium Haryana Board

Haryana Board HBSE Class 11 Solutions in Hindi Medium & English Medium

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ

Haryana State Board HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. अपचयन का उदाहरण है-
(1) Sn2+ → Sn4+
(2) I → I0
(3) [Fe(CN)6]3- → [Fe(CN)6]4-
(4) MnO42- → MnO4.
उत्तर:
(3) [Fe(CN)6]3- → [Fe(CN)6]4-

2. निम्न में रेडॉक्स अभिक्रिया है-
(1) SnCl2 + 2FeCl3 → SnCl4 + 2FeCl2
(2) AgNO3 + HCl → AgCl + HNO3
(3) 2KI + Pb(NO3)2 → 2KNO3 + PbI2
(4) BaCl2 + H2SO4 → BaSO4 + 2HCl.
उत्तर:
(1) SnCl2 + 2FeCl3 → SnCl4 + 2FeCl2

3. अभिक्रिया Na2S2O3 + Br2 + H2O → Na2SO4 + S + 2HBr में ऑक्सीकरण पदार्थ है-
(1) Na2S2O3
(2) Br2
(3) H2O
(4) S.
उत्तर:
(2) Br2

4. निम्न में ऑक्सीकरण प्रक्रिया है-
(1) Fe3+ + e → Fe2+
(2) I2 + 2e → 2I
(3) 2H+ + 2e → H2
(4) Cu – 2e → Cu2+
उत्तर:
(4) Cu – 2e → Cu2+

5. ऑक्सीकरण – अपचयन अभिक्रिया में-
(1) ऑक्सीकारक इलेक्ट्रॉन देता है
(2) अपचायक इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है
(3) ऑक्सीकारक H+ ग्रहण करता है
(4) अपचायक इलेक्ट्रॉन देता है।
उत्तर:
(4) अपचायक इलेक्ट्रॉन देता है।

6. निम्न में ऑक्सीकरण – अपचयन अभिक्रिया कौन-सी है–
(1) KI + I2 → KI3
(2) Cu2+ + 4Cl → [CuCl4]2-
(3) CO + Cl2 → COCl2
(4) Hg22+ + 2I → Hg2I2
उत्तर:
(3) CO + Cl2 → COCl2

7. K2Cr2O7 में क्रोमियम का ऑक्सीकरण अंक है-
(1) -6
(2) -2
(3) +2
(4) +6.
उत्तर:
(4) +6.

8. क्लोरीन का उच्चतम ऑक्सीकरण अंक वाला यौगिक है-
(1) SO2Cl2
(2) HOCl
(3) COCl2
(4) CH2Cl2
उत्तर:
(2) HOCl

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ

9. NH2OH तथा N3H में नाइट्रोजन की ऑक्सीकरण संख्याएँ क्रमश: है-
(1) -1, -1/3
(2) -1/3, -1
(3) 1/3, -1
(4) 1, 1/3.
उत्तर:
(1) -1, -1/3

10. S8 में सल्फर की संयोजकता है-
(1) 0
(2) 2
(3) 4
(4) 8
उत्तर:
(1) 0

11. [Fe(CN)6]3- मैं Fe का ऑक्सीकरण अंक है-
(1) – 3
(2) 0
(3) + 3
(4) + 6.
उत्तर:
(3) + 3

12. निम्न में स्वतः ऑक्सीकरण अपचयन अभिक्रिया (असमानुपातन अभिक्रिया) कौन-सी है?
(1) MnO2 + 4HCl → MnCl2 + Cl2 + 2H2O
(2) Cl2 + 2NaOH → NaCl + NaOCl + H2O
(3) 2KI + Cl2 → 2KCl + I2
(4) Zn + 2NaOH → Na2ZnO2 + H2.
उत्तर:
(2) Cl2 + 2NaOH → NaCl + NaOCl + H2O

13. निम्न में से अपघटन अभिक्रिया कौन-सी है-
(1) C + O2 → CO2
(2) 3Mg + N2 → Mg3N2
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ 1
(4) CuSO4 + Zn → Cu + ZnSO4
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ 1

14. निम्न में से विस्थापन अभिक्रिया कौन-सी है?
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ 2
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ 3

15. तत्वों की बढ़ती क्रियाशीलता का सही क्रम है-
(1) Ca < Na < Li
(2) Ni < Na < Ca
(3) Au < Mg < Zn
(4) Sn < Ag < Au.
उत्तर:
(2) Ni < Na < Ca

16. निम्न में से कौन सी अभिक्रिया का होना सम्भव नहीं है-
(1) Cu2+ + Zn → Zn2+ + Cu
(2) 2KBr + I2 → 2KI + Br2
(3) 2Ag+ + Cu → 2Ag + Cu2+
(4) Fe + H2SO4 → FeSO4 + H2.
उत्तर:
(2) 2KBr + I2 → 2KI + Br2

17. कॉपर सल्फेट के जलीय विलयन का प्लैटिनम इलेक्ट्रोडॉ के मध्य विद्यत अपघटन करने पर क्या होता है?
(1) कैथोड पर हाइड्रोजन और ऐनोड पर ऑक्सीजन मुक्त होती है
(2) कैथोड पर कॉपर जमा होता है और ऐनोड पर हाइड्रोजन निकलती है
(3) कैथोड पर ऑक्सीजन निकलती है और ऐनोड पर कॉपर जमा होता है
(4) सल्फ्यूरिक अम्ल का विलयन बनता है।
उत्तर:
(4) सल्फ्यूरिक अम्ल का विलयन बनता है।

18. K, Mg Fe और Zn धातुओं की अपचायक क्षमता बढ़ने है-
(1) K < Mg < Fe < Zn
(2) K < Mg < Zn < Fe
(3) Fe < Zn < Mg < K
(4) Zn उत्तर:
(3) Fe < Zn < Mg < K

19. निम्न में से किस धातु को उसके लवण के जलीय विलयन का विद्युत अपघटन करके प्राप्त किया जा सकता है-
(1) Al
(2) Ca
(3) Na
(4) Ag
उत्तर:
(4) Ag

20. विद्युत रासायनिक श्रेणी में Cu Zn, Mg, Fe धातुओं की घटती हुई अपचायक क्षमता का क्रम है-
(1) Mg, Fe, Zn, Cu
(2) Cu Zn, Fe, Mg.
(3) Zn, Mg Fe, Cu
(4) Mg, Zn, Fe, Cu.
उत्तर:
(4) Mg, Zn, Fe, Cu.

21. चार तत्वों A B C तथा D के मानक अपचयन विभव क्रमशः – 2.90, + 2.90, + 1.50, 0.74 तथा +0.34 वोल्ट हैं। इनमें सर्वाधिक प्रबल अपचायक है-
(1) A
(2) B
(3) C
(4) D
उत्तर:
(1) A

22. Al, Sr, Hg और Cu को अपचायक क्षमता का बढ़ता क्रम है-
(1) Al, Hg, Sr, Cu
(2) Hg, Cu, Al, Sr
(3) Hg, Al, Cu, Sr
(4) Cu, Hg. Al, Sr.
उत्तर:
(2) Hg, Cu, Al, Sr

23. निम्न में से कौन सी धातु अम्ल से हाइड्रोजन विस्थापित नहीं करती है-
(1) Fe
(2) Zn
(3) Cu
(4) Mg.
उत्तर:
(3) Cu

24. कौन-सा हैलोजन अम्ल श्रेष्ठ अपचायक है-
(1)HCl
(2) HBr
(3) HI
(4) HF.
उत्तर:
(3) HI

25. अपचायक के रूप में कार्य नहीं करने वाला ऑक्साइड है-
(1) ClO2
(2) SO2
(3) NO2
(4) CO2.
उत्तर:
(4) CO2.

26. K3[Cr(C2O4)3] मैं क्रोमियम की समन्वय संख्या तथा ऑक्सीकरण अंक क्रमश: है-
(1) 6+3
(2) 3 व 0
(3) 4 व +2
(4) 3 व + 3.
उत्तर:
(1) 6+3

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ

27. कौन-सा पदार्थ ऑक्सीकारक या अपचायक के रूप में कार्य करने में सक्षम है-
(1) H2SO4
(2) SO2
(3) H2S
(4) HNO3.
उत्तर:
(2) SO2

28. ब्रोमीन जल SO2 से क्रिया करके बनाती है-
(1) H2O तथा HBr
(2) H2SO4 तथा HBr
(3) HBr तथा S
(4) S तथा H2O.
उत्तर:
(2) H2SO4 तथा HBr

29. अधोलिखित में कौन-सी अभिक्रिया में H2O2 अपचायक का कार्य करता है-
(1) 2FeCl2 + 2HCl + H2O2 → 2FeCl3 + 2H2O
(2) Cl2 + H2O2 → 2HCl + O2
(3) 2HI + H2O2 → 2H2O + I2
(4) H2SO3 + H2O2 → H2SO4 + H2O.
उत्तर:
(2) Cl2 + H2O2 → 2HCl + O2

30. K [Co(CO)4] में कोबाल्ट की ऑक्सीकरण संख्या है-
(1) +1
(2) +3
(3) -1
(4) – 3.
उत्तर:
(3) -1

31. अधोलिखित समीकरण में A के पर होगा-
2Fe3+(aq) + Sn2+(aq) → 2Fe2+(aq) + A
(1) Sn4+
(2) Sn3+
(3) Sn2+
(4) Sn0
उत्तर:
(1) Sn4+

32. अधोलिखित में से किस यौगिक में Mn की ऑक्सीकरण संख्या KIO4 में आयोडीन की ऑक्सीकरण संख्या के तुल्य है-
(1) पोटैशियम मँगनेट
(2) पोटैशियम परमैंगनेट
(3) मैंग्नस क्लोराइड
(4) मैग्नीज क्लोराइड।
उत्तर:
(2) पोटैशियम परमैंगनेट

33. ऐनायनों SO32-, S4O62- और S2O62- में सल्फर की ऑक्सीकरण अवस्थाओं का क्रम है-
(1) S2O62- < S2O42- < SO32-
(2) S2O42- < SO32- < S2O62-
(3) SO32-< S2O42- < S2O62-
(4) S2O62- < S2O62- < SO32-
उत्तर:
(2) S2O42- < SO32- < S2O62-

34. क्षारीय माध्यम में I, MnO4 द्वारा ऑक्सीकृत होता है, प्रक्रिया में I निम्न में परिवर्तित होता है-
(1) IO3
(2) I2
(3) IO4
(4) IO
उत्तर:
(1) IO3

35. [Ni (CO)4] मैं Ni की ऑक्सीकरण संख्या है-
(1) 0
(2)+2
(3)+3
(4)+4.
उत्तर:
(1) 0

36. निम्न में से कौन-सी अभिक्रिया रेडॉक्स अभिक्रिया है-
(1) Zn+2AgCN → 2Ag + Zn(CN)2
(2) CaC2O4 + 2HCl → CaCl2 + H2C2O4
(3) NaCl + KNO3 → NaNO3 + KCl
(4) Mg(OH)2 + 2NH4Cl → 2NH4OH + MgCl2.
उत्तर:
(1) Zn+2AgCN → 2Ag + Zn(CN)2

37. CHCl2 में कार्बन परमाणु की ऑक्सीकरण संख्या है-
(1) 3
(2) 2
(3) 5
(4) 0
उत्तर:
(4) 0

38. दी गयी अभिक्रिया में Br का व्यवहार है-
Br2 + H2O → HOBr + HBr
(1) केवल ऑक्सीकृत होती है
(2) अपचयित होती है
(3) दोनों व्यवहार दर्शाती है
(4) न ऑक्सीकृत होती है न अपचयित।
उत्तर:
(3) दोनों व्यवहार दर्शाती है

39. F2O में फ्लुओरीन व ऑक्सीजन की ऑक्सीकरण संख्याएँ क्रमशः
(1) -1,-2
(2) -1, +2
(3) -2,+2
(4) +2, -1.
उत्तर:
(2) -1, +2

40. विद्युत् रासायनिक श्रेणी में प्रबलतम अपचायक है-
(1) Li
(2) Na
(3) Cs
(4) Ra.
उत्तर:
(1) Li

41. KI तथा अम्लीय K2Cr2O7 के विलयन में बने अन्तिम उत्पाद Cr की ऑक्सीकरण अवस्था है-
(1) + 2
(2) +3
(3) +4
(4) +6.
उत्तर:
(2) +3

42. निम्न में से किसमें फॉस्फोरस की ऑक्सीकरण संख्या +3 है-
(1) फॉस्फोरस अम्ल
(2) पाइरोफॉस्फोरिक अम्ल
(3) ऑर्थोफॉस्फोरिक अम्ल
(4) मेटाफॉस्फोरिक अम्ल।
उत्तर:
(3) ऑर्थोफॉस्फोरिक अम्ल

43. H2S2O8 में S की ऑक्सीकरण संख्या है-
(1) +2
(2) +4
(3) +6
(7) +7
उत्तर:
(3) +6

44. SF6 में S की ऑक्सीकरण संख्या है-
(1) + 2
(2) +4
(3) +6
(4) +7
उत्तर:
(3) +6

45. KMnO4 में Mn की ऑक्सीकरण संख्या है-
(1) +4
(2) +5
(3) +6
(4) +7
उत्तर:
(4) +7

46. रेडॉक्स अभिक्रिया
2Hg2+ + Sn2+ → (A) + (B).
मैं उत्पाद (A) तथा (B) हैं-
(1) Hg+ और Sn
(2) Hg और Sn4+
(3) Hg22+ और Sn4+
(4) Hg22+ और Sn.
उत्तर:
(3) Hg22+ और Sn4+

47. CH4, CaH2 तथा H2 में हाइड्रोजन की ऑक्सीकरण संख्याएँ क्रमश: हैं-
(1) -1, +1, +1
(2) – 1, +1, 0
(3) +1, -1, 0
(4) -1, -1, +1.
उत्तर:
(3) +1, -1, 0

48. [Fe(CN)6]4- आयन में Fe की ऑक्सीकरण संख्या है-
(1) + 2
(2) +3
(3) +4
(4) +6.
उत्तर:
(1) + 2

49. मोर लवण है-
(1) सामान्य लवण
(2) संकर लवण
(3) अम्लीय लवण
(4) द्विक लवण
उत्तर:
(4) द्विक लवण

50. OF2 तथा H2O2 में ऑक्सीजन की ऑक्सीकरण संख्या है-
(1) -2,-1
(2) +2,-1
(3) +2+1
(4) -2, +1.
उत्तर:
(2) +2,-1

51. H2SO5 में सल्फर की ऑक्सीकरण संख्या है-
(1) +2
(2) +4
(3) +6
(4) +8.
उत्तर:
(3) +6

52. Mg2P2O7 तथा P4O74- में फॉस्फोरस की ऑक्सीकरण संख है-
(1) 5, 5
(2) 5, 2.5
(3) 2.5, 5
(4) -2.5, -5.
उत्तर:
(2) 5, 2.5

53. [Cu(NH3)4]2+ में Cu की ऑक्सीकरण संख्या है-
(1) + 2
(2) +3
(3) 0
(4) + 1.
उत्तर:
(1) + 2

54. तनु सल्फ्यूरिक अम्ल का प्लैटिनम इलेक्ट्रोड के साथ कैथोड अभिक्रिया में विद्युत अपघटन है-
(1) उपचयन
(2) अपचयन
(3) उपचयन एवं अपचयन दोनों
(4) उदासीनीकरण।
उत्तर:
(2) अपचयन

55. निम्नलिखित में से कौन-सा पदार्थ अपचायक के रूप में कार्य करता है-
14H+ + Cr2O72- + 3Ni → 2Cr3+ + 7H2O
(1) H2O
(2) Ni
(3) H+
(4) CO2O72-
उत्तर:
(2) Ni

56. अपचायक-
(1) इलेक्ट्रॉन ग्रहण करते हैं
(2) इलेक्ट्रॉन त्यागते हैं।
(3) प्रोटॉन ग्रहण करते हैं
(4) प्रोटॉन त्यागते हैं।
उत्तर:
(2) इलेक्ट्रॉन त्यागते हैं।

57. KMnO4 का तुल्यांकी भार, जब यह MnSO में परिवर्तित होता है, है-
(1) M/S
(2) M/6
(3) M/3
(4) M/2.
उत्तर:
(1) M/S

58. लोहे के गैल्वेनीकरण में प्रयुक्त होती है-
(1) Al
(2) Pb
(3) Zn
(4) Sn.
उत्तर:
(3) Zn

59. प्रबलतम अपचायक है–
(1) F
(2) Cl
(3) Br
(4) I
उत्तर:
(4) I

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से वे पदार्थ छाँटकर लिखिए जो ऑक्सीकारक तथा अपचायक दोनों का कार्य कर सकते हैं-
O3, H2O2, FeCl2, HNO3, SO2
उत्तर:
ऑक्सीकारक व अपचायक पदार्थों के गुण O3 व H2O2 रखते हैं।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ

प्रश्न 2.
निम्नलिखित अभिक्रिया के ऑक्सीकारक तथा अपचायक पदार्थ कारण सहित लिखिए-
2K2MnO4 + O3 + H2O2 → 2KMnO4 + 2KOH + O2
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ 4
क्योंकि Mn की ऑक्सीकरण संख्या + 6 से बढ़कर 7 हो जाती है अत: K2MnO4 अपचायक है तथा ओजोन K2MnO4 को KMnO4 में ऑक्सीकृत करती है; अत: O3 ऑक्सीकारक है।

प्रश्न 3.
रेडॉक्स अभिक्रिया किसे कहते हैं? उदाहरण सहित बताइए।
उत्तर:
रेडॉक्स अभिक्रिया – जिन रासायनिक अभिक्रियाओं में एक पदार्थ का ऑक्सीकरण तथा दूसरे का अपचयन हो रहा हो वे अभिक्रियाएँ रेडॉक्स अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।
उदाहरण – 2FeCl3 + SnCl2 → 2FeCl2 + SnCl4

प्रश्न 4.
अपचयन को उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
किसी पदार्थ द्वारा हाइड्रोजन या अन्य धन- विद्युती तत्व ग्रहण करने अथवा ऑक्सीजन या अन्य ऋण विद्युती तत्व त्यागने की प्रक्रिया अपचयन कहलाती है।
उदाहरण – Cl2 + H2 → 2HCl (क्लोरीन का अपचयन)
CuO + H2 → Cu + H2O (क्यूप्रिक ऑक्साइड का अपचयन)

प्रश्न 5.
ऑक्सीकारक क्या होते हैं? कुछ ऑक्सीकारकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
किसी अभिक्रिया में जिन पदार्थों का अपचयन होता है उन्हें ऑक्सीकारक कहते हैं।
उदाहरण – KMnO4, K2Cr2O7, सान्द्र HNO3, तनु H2SO4.

प्रश्न 6.
ऑक्सीकरण को उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
किसी पदार्थ द्वारा ऑक्सीजन या अन्य ऋण- विद्युती तत्व ग्रहण करने अथवा हाइड्रोजन या अन्य धन विद्युती तत्व त्यागने की प्रक्रिया को ऑक्सीकरण कहते हैं।

उदाहरण-

  • C + O2 → CO2 (कार्बन का ऑक्सीकरण)
  • 2KI + Cl2 → I2 + 2KCI (KI का ऑक्सीकरण)

प्रश्न 7.
अपचायक क्या होते हैं? कुछ अपचायकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
अभिक्रिया में जिन पदार्थों का ऑक्सीकरण होता है उन्हें अपचायक कहते हैं।
उदाहरण – 2FeCl3 + SnCl2 → 2FeCl2 + SnCl4
उपर्युक्त अभिक्रिया में SnCl2 अपचायक है क्योंकि SnCl2 का SnCl4 में ऑक्सीकरण हो रहा है।

प्रश्न 8.
कारण देते हुए ऑक्सीकरण संख्या के आधार पर बताइए कि निम्नलिखित अभिक्रिया में कौन-सा पदार्थ ऑक्सीकारक है?
2KI + Cl2 → 2KCl + I2
उत्तर:
अभिक्रिया 2 KI + Cl2 → 2KCl + I2
ऑक्सीकरण संख्या -1 0 -1 0
इसमें Cl2 की ऑक्सीकरण संख्या शून्य है और KCl में Cl की ऑक्सीकरण संख्या -1 है। यहाँ ऑक्सीकरण संख्या में कमी हो रही है; अत: Cl2 एक ऑक्सीकारक है।

प्रश्न 9.
इलेक्ट्रॉनीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह प्रक्रिया जिसमें किसी परमाणु आयन अथवा अणु द्वारा एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण किया जाता है उसे इलेक्ट्रॉनीकरण कहते हैं।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित में से कौन ऑक्सीकारक तथा कौन अपचायक है?
2KI + Cl2 → 2KCl + I2
उत्तर:
यहाँ Cl2 ऑक्सीकारक है तथा KI अपचायक है।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित अभिक्रिया में ऑक्सीकारक तथा अपचायक पदार्थ कारण सहित लिखिए-
2K4Fe(CN)6 + H2O2 + 2HCl → 2K3Fe(CN)6 + 2KCl + 2H2O
उत्तर:
अभिक्रिया
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ 5
K4Fe(CN)6 मैं Fe की ऑक्सीकरण संख्या में 2 से +3 की वृद्धि हो रही है अत: K4Fe(CN)6 अपचायक है तथा H2O2 में ऑक्सीजन की ऑक्सीकरण संख्या -1 से -2 हो जाती है अत: H2O2 ऑक्सीकारक की भाँति कार्य करता है।

प्रश्न 12.
कारण सहित बताइए कि निम्नलिखित में से कौन-सी ऑक्सीकरण तथा कौन-सी अपचयन अभिक्रिया है?
(i) Fe → Fe2+ + 2e
(ii) Sn4+ + 2e → Sn2+
उत्तर:
अभिक्रिया (i) ऑक्सीकरण अभिक्रिया है; क्योंकि इसमें Fe का Fe2+ में ऑक्सीकरण (धनात्मक संयोजकता में वृद्धि हो रहा है। अभिक्रिया (ii) अपचयन अभिक्रिया है क्योंकि इसमें Sn4+ का Sn2+ में अपचयन (धनात्मक संयोजकता में कमी) हो रही है।

प्रश्न 13.
निम्नलिखित में प्लैटिनम की ऑक्सीकरण संख्या ज्ञात कीजिए-
[PtCl6]2-, (NH4)2PtCl6, PtCl4
उत्तर:
+ 4 + 4 + 4

प्रश्न 14.
निम्नलिखित में ऑक्सीजन की ऑक्सीकरण संख्या ज्ञात कीजिए-
F2O, Cl2O7, H2O2, NaOCl, O3
उत्तर:
+2, 2, 1, 2, 0

प्रश्न 15.
S8 अणु में सल्फर की संयोजकता और ऑक्सीकरण संख्या बताइए।
उत्तर:
संयोजकता 2
ऑक्सीकरण संख्या – 0

प्रश्न 16.
अभिक्रिया 3ClO → 2Cl + ClO3 किस प्रकार की अभिक्रिया है?
उत्तर:
असमानुपातन अभिक्रिया है; क्योंकि इसमें ClO का ClO3 में ऑक्सीकरण तथा Cl में अपचयन होता है।

प्रश्न 17.
असमानुपातन (disproportionation) अभिक्रिया किसे कहते हैं? एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
वह अभिक्रिया जिसमें एक ही पदार्थ का ऑक्सीकरण व अपचयन होता हो, असमानुपातन अभिक्रिया कहलाती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ 6

प्रश्न 18.
उन धातुओं और अधातुओं के बारे में बताइए जो असमानुपातन अभिक्रिया प्रदर्शित कर सकती हैं।
उत्तर:
(क) वे अधातुएँ जो परिवर्ती ऑक्सीकरण अवस्थाओं में रह सकती हैं, असमानुपातन अभिक्रिया प्रदर्शित कर सकती हैं। फॉस्फोरस, क्लोरीन तथा सल्फर ऐसी ही अधातुएँ हैं।

(ख) संक्रमण श्रेणी (d-ब्लॉक तत्व) से सम्बद्ध धातुएँ असमानुपातन अभिक्रियाएँ प्रदर्शित कर सकती हैं। उदाहरणार्थ- मैंगनीज, आयरन तथा कॉपर आदि।

प्रश्न 19.
निम्नलिखित ऑक्साइडों में से कौन-कौन से ऑक्साइड H2 द्वारा अपंचयित हो सकते हैं? कारण सहित समझाइए-
Na2O, MgO, Al2O3, CuO, Ag2O
उत्तर:
इनमें CuO तथा Ag2O हाइड्रोजन गैस द्वारा अपचयित होंगे; क्योंकि विद्युत्-रासायनिक श्रेणी में Fe या उससे नीचे रखी धातुओं के ऑक्साइड H2 द्वारा अपचयित हो जाते हैं; अतः
CuO + H2 → Cu↓ + H2O
Ag2O + H2 → 2Ag↓+ H2O

प्रश्न 20.
निम्नलिखित आयनों में से कौन-सा आयन ब्रोमीन द्वारा ऑक्सीकृत होगा-
F, Cl, I
उत्तर:
फ्लुओरीन तथा क्लोरीन, ब्रोमीन से अधिक प्रबल ऑक्सीकारक हैं, परन्तु आयोडीन, ब्रोमीन से क्षीण ऑक्सीकारक है; अत: ब्रोमीन आयोडाइड आयन को आयोडीन में ऑक्सीकृत कर देगी-
2I + Br2 → I2 + Br
परन्तु यह फ्लुओराइड एवं क्लोराइड को ऑक्सीकृत नहीं करेगा।

प्रश्न 21.
लोहा, कॉपर सल्फेट विलयन से कॉपर को विस्थापित करता है, किन्तु सिल्वर नहीं करता, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि लोहा विद्युत्-रासायनिक श्रेणी में Cu से ऊपर है; अत: CuSO4 से Cu को विस्थापित कर देता है, जबकि सिल्वर इस श्रेणी में कॉपर से नीचे है अत: यह CuSO4 से Cu को विस्थापित नहीं करता है।
Fe + CuSO4 → FeSO4 + Cu ↓
Ag + CuSO4 → कोई अभिक्रिया नहीं।

प्रश्न 22.
कारण सहित समझाइए कि निम्नलिखित अभिक्रिया सम्भव है अथवा नहीं-
Fe + H2SO4 → FeSO4 + H2
उत्तर:
अभिक्रिया Fe + H2SO4 → FeSO4 + H2↑ में Fc (जो विद्युत्-रासायनिक श्रेणी में हाइड्रोजन से ऊपर है) के परमाणु इलेक्ट्रॉन देने में सक्षम हैं; अत: Fe अम्ल H2SO4 में से H2 विस्थापित कर देगा, इसलिए यह क्रिया सम्भव है अर्थात् Fe का E°, H के E° से उच्च है।

प्रश्न 23.
दो धातुओं के नाइट्रेटों के नाम बताइए जो तेजी से गर्म करने पर धातु में अपघटित हो जाते हैं।
उत्तर:
विद्युत्-रासायनिक श्रेणी में सिल्वर या उससे नीचे के तत्वों के नाइट्रेट गर्म करने पर अपने तत्वों में अपघटित हो जाते हैं। इस प्रकार Ag, Pt आदि के नाइट्रेट ताप से अपघटित हो जाते हैं।

प्रश्न 24.
घटते हुए इलेक्ट्रोड विभव के अनुसार कुछ तत्व निम्नलिखित क्रम में हैं, बताइए इनमें से कौन-से तत्व अम्लों से हाइड्रोजन का विस्थापन कर सकते हैं-
Ba, Mg, Zn, H, Cu, Ag
उत्तर:
Mg का विस्थापन नहीं होगा; क्योंकि Zn का इलेक्ट्रोड विभव अर्थात् इलेक्ट्रॉन त्यागने की क्षमता Mg से कम है।
Sn का विस्थापन होगा; क्योंकि Zn की इलेक्ट्रॉन त्यागने की क्षमता अर्थात् इसका इलेक्ट्रोड विभव Sn से अधिक है; अत: Zn, विलयन में से Sn को विस्थापित कर देगा।

प्रश्न 25.
क्या विलयन में Zn द्वारा Mg या Sn का विस्थापन हो जायेगा?
उत्तर:
Mg का विस्थापन नहीं होगा; क्योकि Zn का इलेक्ट्रोड विभव अर्थात् इलेक्ट्रॉन त्यागने की क्षमता Mg से कम है।
Sn का विस्थापन होगा: क्योंकि Zn की इलेक्ट्रॉन त्यागने की क्षमता अर्थात् इसका इलेक्ट्रोड विभव Sn से अधिक है; अत: Zn, विलयन में से Sn को विस्थापित कर देगा।

प्रश्न 26.
विद्युत-रासायनिक श्रेणी के आधार पर समझाइए कि निम्नलिखित में से कौन-सी अभिक्रिया सम्भव है और क्यों?
(i) SnO + H2 → Sn + H2O
(ii) CaO + H2 → Ca + H2O
उत्तर:
विद्युत्-रासायनिक श्रेणी में Ca का स्थान Sn की अपेक्षा काफी पहले है; अत: Ca के लक्षण अधिक स्थायी होते हैं। इस कारण केवल अभिक्रिया (i) ही सम्भव है।

प्रश्न 27.
2KCI + I2 → 2KI + CI2 क्रिया होगी या नहीं?
उत्तर:
विद्युत्-रासायनिक श्रेणी में I2 का स्थान Cl2 से ऊपर है; अत: I2, KCI से Cl2 विस्थापित नहीं करेगी।
अभिक्रिया 2KCI + I2 2KI + Cl2 सम्भव नहीं है।

प्रश्न 28.
निम्नलिखित में से किस ऑक्साइड का हाइड्रोजन द्वारा अपचयन होता है?
Na2O, CaO, Al2O3, CuO, ZnO
उत्तर:
उन धातुओं के ऑक्साइडों का हाइड्रोजन द्वारा अपचयन होगा जो विद्युत्-रासायनिक श्रेणी में आयरन तथा कॉपर के बीच स्थित हैं; अत: केवल CuO का हाइड्रोजन द्वारा अपचयन होगा।

प्रश्न 29.
विद्युत् – रासायनिक श्रेणी के आधार पर बताइए कि लोहे की कीलों को CuSO4 विलयन में छोड़ देने पर उन पर ताँबा क्यों चढ़ जाता है?
उत्तर:
विद्युत्-रासायनिक श्रेणी में Cu का स्थान लोहे से नीचे है; अत: CuSO4 विलयन से लोहा, Cu को विस्थापित कर देता है जिसके फलस्वरूप विस्थापित Cu, लोहे की कीलों पर चढ़ जाता है।
CuSO4 + Fe – → FeSO4 + Cu ↓

प्रश्न 30.
लोहे पर निम्नलिखित धातुओं में से किसकी परत चढ़ाई जा सकती है?
Mg, Cu, Ag
उत्तर:
लोहे पर Cu तथा Ag की परत चढ़ाई जा सकती है; क्योंकि इन तत्वों का इलेक्ट्रोड विभव धनात्मक है। इसके विपरीत Mg की परत लोहे पर नहीं चढ़ाई जा सकती; क्योंकि इसका इलेक्ट्रोड विभव Fe से कम है।

प्रश्न 31.
जिंक तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से क्रिया करता है, जबकि ताँबा नहीं। कारण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
Zn का इलेक्ट्रोड विभव H के इलेक्ट्रोड विभव से उच्च है। इस कारण जिंक तनु HCl से हाइड्रोजन पृथक् करता है।
Zn + 2HCI → ZnCl2 + H2
जबकि कॉपर का इलेक्ट्रोड विभव हाइड्रोजन के इलेक्ट्रोड विभव से कम है; इस कारण यह तनु HCl से हाइड्रोजन विस्थापित नहीं करता है।

प्रश्न 32.
कौन-सी धातुएँ तनु H2SO4 से हाइड्रोजन विस्थापित नहीं करती हैं?
उत्तर:
विद्युत्-रासायनिक श्रेणी में हाइड्रोजन से ऊपर अर्थात् वे धातुएँ, जिनका मानक इलेक्ट्रोड विभव (E°) व ऋणात्मक होता है तनु H2SO4 से हाइड्रोजन विस्थापित कर देती हैं; जैसे- Zn, Fe, K आदि। इसके विपरीत हाइड्रोजन से नीचे अर्थात् धनात्मक मानक इलेक्ट्रोड विभव वाली धातुएँ; जैसे – Cu, Ag आदि अम्ल से H2 विस्थापित नहीं कर पाती हैं।

प्रश्न 33.
भाप को अपघटित करने वाली धातुओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
विद्युत्-रासायनिक श्रेणी में वे धातुएँ, जो हाइड्रोजन से ऊपर हैं, जलवाष्प को अपघटित कर देती हैं और हाइड्रोजन मुक्त करती हैं। जैसे – Fe, Zn, Na आदि।

प्रश्न 34.
निम्न तत्वों को उनकी बढ़ती क्रियाशीलता के क्रम में समझाइए –
Al, Ag, Fe, Ca, Cu
उत्तर:
Ag < Cu < Fe < Al < Ca प्रश्न 35. निम्नलिखित धातुओं को उनकी घटती हुई अपचायक क्षमता के क्रम में लिखिए- Fe, Na, Cu, Zn उत्तर: विद्युत्-रासायनिक श्रेणी में Na का स्थान Zn से ऊपर है, Zn का स्थान Fe से ऊपर हैं, Fe का Cu से ऊपर है। अतः श्रेणी में धातुओं की आक्सीकृत होने की प्रवृत्ति ऊपर से नीचे की ओर घटती है। इनकी घटती हुई अपचायक क्षमता निम्न प्रकार है- Na > Zn > Fe > Cu

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ

प्रश्न 36.
निम्नलिखित हैलोजनों को उनकी बढ़ती हुई ऑक्सीकारक क्षमता के क्रम में लिखिए-
I2, Cl2, Br2, F2
उत्तर:
I2 < Br2 < Cl2 < F2

प्रश्न 37.
निम्नलिखित हैलोजन अम्लों को उनकी बढ़ती हुई अपचायक क्षमता के क्रम में लिखिए-
HCl, HI, HF, HBr
उत्तर:
HF < HCl < HBr < HI

प्रश्न 38.
निम्नलिखित अभिक्रिया सम्भव है या नहीं-
Cu + H2SO4 → CuSO4 + H2
उत्तर:
सम्भव नहीं है, क्योंकि Cu की ऑक्सीकृत होने की प्रवृत्ति हाइड्रोजन से दुर्बल है।

प्रश्न 39.
क्या कारण है सोडियम साधारण ताप पर जल से क्रिया करता है जबकि मैग्नीशियम केवल उच्च ताप पर क्रिया करता है?
उत्तर:
मैग्नीशियम के पृष्ठ पर ऑक्साइड की रक्षी परत होती है। तथा साधारण ताप पर Mg की जल से अभिक्रिया मन्द होती है।

प्रश्न 40.
एक सेल में जिंक की छड़, जिंक आयन के घोल में तथा कॉपर की छड़ क्यूप्रिक आयन के घोल में डुबी हुई हैं। दोनों छड़ों को तार से जोड़ने पर इलेक्ट्रोडों पर क्या क्रियाएँ होंगीं?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ 7
क्योंकि कॉपर का मानक अपचयन विभव धनात्मक है।

प्रश्न 41.
सिल्वर नाइट्रेट के विलयन में कॉपर डालने से विलयन का रंग नीला हो जाता है, क्यों?
उत्तर:
कॉपर सिल्वर आयनों को सिल्वर में अपचयित कर देता है और स्वयं Cu2+ आयनों में ऑक्सीकृत हो जाता है जिसका रंग नीला होता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ 8

प्रश्न 42.
Sn2+, Fe2+ और I को बढ़ती हुई अपचायक क्षमता के अनुसार क्रमबद्ध कीजिए।
उत्तर:
Fe2+ + I + Sn2+

प्रश्न 43.
निम्न में से कौन-सा ऑक्साइड H2 द्वारा अपचयित हो सकता है और क्यों?
Al2O3, MgO, CuO, Na2O, Ag2O
उत्तर:
CuO और Ag2O, क्योंकि Cu और Ag हाइड्रोजन से दुर्बल अपचायक हैं।

प्रश्न 44.
कॉपर सल्फेट के जलीय विलयन में लोहे की छड़ डालने पर विलयन का नीला रंग धीरे-धीरे क्यों गायब हो जाता है? समझाइए।
उत्तर:
CuSO4 + Fe → FeSO4 + Cu
क्योंकि Cu2+ आयन, Fe से विस्थापित होकर Cu बनाता है।

प्रश्न 45.
लीथियम हाइड्राइड (LiH) में लीथियम तथा हाइड्रोजन की ऑक्सीकरण संख्या बताइए।
उत्तर:
LiH में Li की ऑक्सीकरण संख्या (+1) तथा हाइड्रोजन की ऑक्सीकरण संख्या (- 1) है।

प्रश्न 46.
Na2O में सोडियम की ऑक्सीकरण संख्या क्या होगी?
उत्तर:
Na2O (माना सोडियम की ऑक्सीकरण संख्या x है )
2 × x + (- 2 ) = 0
या 2x = + 2
∴ x = + 1

प्रश्न 47.
[Fe(CO)5] में Fe की ऑक्सीकरण संख्या क्या है?
उत्तर:
[Fe(CO)5] में Fe की ऑक्सीकरण संख्या शून्य (0) है।

प्रश्न 48.
निम्न में से कौन-सा ऑक्साइड गर्म करने पर अपघटित होगा?
Ag2O, CO, MgO तथा ZnO
उत्तर:
केवल Ag2O ही गर्म करने पर अपघटित होता है।

प्रश्न 49.
क्या लोहे पर Mg की परत चढ़ सकती है?
उत्तर:
लोहे पर Mg की परत नहीं चढ़ सकती है क्योंकि Fe2+ या Fe3+ आयनों में से कोई भी Mg से क्रिया नहीं करता है।

प्रश्न 50.
चाँदी के तार को CuSO4 विलयन में डालने पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
चाँदी के तार को CuSO4 में डालने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

प्रश्न 51.
Zn की छड़ को CuSO4 विलयन में डालने पर विलयन का नीला रंग धीरे-धीरे गायब क्यों हो जाता है?
उत्तर:
Zn की छड़ को CuSO4 विलयन में डालने पर Zn, CuSO4 से क्रिया करती है जिसके कारण Cu2+ आयन Cu में परिवर्तित हो जाते हैं तथा ZnSO4 बनने लगता है। ZnSO4 रंगहीन होता है, इस कारण विलयन का नीला रंग गायब हो जाता है।

प्रश्न 52.
निम्न समीकरण को पूरा कीजिए-
P + OH + …….. H2PO2 + PH3
उत्तर:
4P + 3OH + 3H2O → 3H2PO2 + PH3
यह एक असमानुपातन अभिक्रिया है।

प्रश्न 53.
निम्न समीकरण को सन्तुलित कीजिए-
I2 + OH → I + IO3 + H2O
उत्तर:
3I2 + 6OH → 5I + IO3 + H2O

प्रश्न 54.
Cu की छड़ को AgNO3 विलयन में डालने पर विलयन का रंग नीला क्यों हो जाता है?
उत्तर:
Cu की छड़ को AgNO3 में डालने पर Cu(NO3)2 बनने के कारण विलयन का रंग नीला हो जाता है क्योंकि Cu2+ आयनों का रंग नीला होता है।

प्रश्न 55.
ताँबे के तार को AgNO3 में डालने पर क्या अभिक्रिया होती है?
उत्तर:
Cu + 2AgNO3 → Cu (NO3)2 + 2Ag.

प्रश्न 56.
KMnO4 में सभी परमाणुओं की ऑक्सीकरण संख्या का योग क्या होगा?
उत्तर:
शून्य।

प्रश्न 57.
संयोजकता एवं ऑक्सीकरण संख्या में एक प्रमुख अन्तर बताइए।
उत्तर:
संयोजकता पूर्ण होती है जबकि ऑक्सीकरण संख्या आंशिक भी हो सकती है।

प्रश्न 58.
SO2 के सम्पर्क में अम्लीकृत K2Cr2O का कागज ले जाने पर यह हरा हो जाता है, क्यों?
उत्तर:
अम्लीय माध्यम में SO2, K2 Cr2O को Cr2 (SO4)4 में अपचयित कर देती है जो हरे रंग का होता है।

प्रश्न 59.
एक द्विधात्विक यौगिक में एक धातु तथा एक अधातु है। किसकी ऑक्सीकरण संख्या धनात्मक होगी?
उत्तर:
धातु की।

प्रश्न 60.
दो धातुओं से बने यौगिक में किसकी ऑक्सीकरण संख्या धनात्मक होगी?
उत्तर:
कम विद्युत् ऋणात्मक तत्व की।

प्रश्न 61.
निम्नलिखित को ऑक्सीकरण संख्या के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए-
HXO, HXO3, HXO2, HXO4
उत्तर:
HXO < HXO2 < HXO3 < HXO4.

प्रश्न 62.
निम्न समीकरण में ऑक्सीकारक तथा अपचायक छाँटें-
PCl3 + Cl2 → PCI5
उत्तर:
सभी की ऑक्सीकरण संख्या निम्न हैं-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ 9

प्रश्न 63.
स्वत: रेडॉक्स अभिक्रिया का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
2Cu → Cu + Cu2+

प्रश्न 64.
P4 में फॉस्फोरस की सामान्य संयोजकता व ऑक्सीकरण संख्या बताइए।
उत्तर:
3 तथा 0.

प्रश्न 65.
CH4, CaH2, H2, HCl में हाइड्रोजन (H) की ऑक्सीकरण संख्या बताइए।
उत्तर:
CH4 = + 1
CaH2 = – 1
H2 = 0
HCl = + 1

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ

प्रश्न 66.
CH4, CH3Cl, CH2Cl2, CHCl3 और CCl4 में कार्बन
की ऑक्सीकरण संख्याएँ बताइए।
उत्तर:
CH4 = – 4
CH3Cl = – 2
CH2Cl2 = 0
CHCl3 = + 2
CCl4 = + 4

प्रश्न 67.
Zn + Fe2+ → Zn2+ + Fe में किसका ऑक्सीक हो रहा है तथा किसका अपचयन?
उत्तर:
Zn का ऑक्सीकरण तथा Fe2+ का अपचयन।

प्रश्न 68.
N, S तथा Cl की न्यूनतम ऑक्सीकरण संख्या क्या होगी?
उत्तर:
न्यूनतम ऑक्सीकरण संख्या = समूह संख्या – 8
N = 5 – 8 = – 3
S = 6 – 8 = – 2

प्रश्न 69.
फ्लोरीन की ऑक्सीकरण संख्या सदैव – 1 है, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि यह सर्वाधिक विद्युत् ऋणात्मक तत्व है, इसकी ऑक्सीकरण संख्या सदैव ऋणात्मक होगी तथा
न्यूनतम ऑक्सीकरण संख्या = 7 – 8
= – 1

प्रश्न 70.
MnCl2, MnO2 तथा KMnO4 को ऑक्सीकरण संख्या के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ 10

प्रश्न 71.
क्लोरीन की न्यूनतम ऑक्सीकरण संख्या व अधिकतम ऑक्सीकरण संख्या का उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
न्यूनतम ऑक्सीकरण संख्या वाला यौगिक = NaCl
अधिकतम ऑक्सीकरण संख्या वाला यौगिक = Cl2O7

प्रश्न 72.
KMnO4 → K2MnO4 में KMnO4 तथा K2 MnO4 का तुल्यांकी भार बताइए।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ 11

प्रश्न 73.
[Fe (SCN)]2+ में Fe की ऑक्सीकरण संख्या क्या है।
उत्तर:
+ 3.

प्रश्न 74.
वैद्युत रासायनिक सेल में ऐनोड ऋणावेशित क्यों होता है?
उत्तर:
वैद्युत रासायनिक सेल में ऐनोड ऋणावेशित होता है क्योंकि ऐनोड पर इलेक्ट्रॉन मुक्त होते हैं।

प्रश्न 75.
मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड को उत्क्रमणीय इलेक्ट्रोड क्यों कहते हैं?
उत्तर:
मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड उत्क्रमणीय इलेक्ट्रोड कहलाते हैं। क्योंकि वैद्युत रासायनिक सेल में यह ऐनोड तथा कैथोड दोनों की तरह व्यवहार करता है।

प्रश्न 76.
गैल्वेनी सेल में वैद्युत ऊर्जा का स्रोत क्या होता है?
उत्तर:
गैल्वेनी सेल में, रेडॉक्स अभिक्रिया स्वतः प्रवर्तित प्रकृति की होती है। अभिक्रिया में मुक्त ऊर्जा (∆G) के रूप में ऊर्जा निकलती है। यही ऊर्जा वैद्युत ऊर्जा में रूपान्तरित हो जाती है।

प्रश्न 77.
इलेक्ट्रॉनिक संकल्पना के अनुसार ऑक्सीकरण क्या है?
उत्तर:
अभिक्रिया के दौरान ऑक्सीकरण में किसी स्पीशीज द्वारा एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉन का निष्कासन होता है। हरण दीजिए।

प्रश्न 78.
असमानुपातन अभिक्रिया का एक उदाहरण है।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ 12
चूँकि P की ऑक्सीकरण संख्या में कमी के साथ-साथ वृद्धि भी हो रही है। इसलिए यह एक असमानुपातन अभिक्रिया का उदाहरण है।

प्रश्न 79.
(CN) आयन में कार्बन की ऑक्सीकरण संख्या क्या है?
उत्तर:
(CN)
x – 3 = – 1
∴ x = + 2

प्रश्न 80.
N2O, NO और N2O5 में से कौन-सा HNO3 का एनहाइड्राइड है?
उत्तर:
HNO3 का एनहाइड्राइड N2O5 है और यह निम्न प्रकार बनता है-
2HNO3 → N2O5 + H2O

प्रश्न 81.
सोडियम अमलगम (Na-Hg) में सोडियम की ऑक्सीकरण अवस्था क्या है?
उत्तर:
सोडियम अमलगम साधारणतः दो धातुओं से मिलकर बना एक समांगी मिश्रण है तथा इसमें कोई भी रासायनिक अभिक्रिया नहीं होती है। दोनों धातुएँ मूल अवस्था में होती हैं तथा इसकी ऑक्सीकरण अवस्थाएँ शून्य होती हैं।

प्रश्न 82.
विरंजक चूर्ण में क्लोरीन की ऑक्सीकरण संख्या क्या है?
उत्तर:
विरंजक चूर्ण का रासायनिक सूत्र निम्न है –
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ 13
इसमें Cl की ऑक्सीकरण अवस्था – 1 है।

प्रश्न 83.
ऑक्सीकरण अभिक्रिया में तत्व के ऑक्सीकरण अंक में क्या परिवर्तन होता है?
उत्तर:
ऑक्सीकरण अभिक्रिया में तत्व के ऑक्सीकरण अंक में वृद्धि होती है-
Fe2+ → Fe3+ + e

प्रश्न 84.
KO2 (पोटैशियम सुपरऑक्साइड) में ऋणायन पर आवेश व ऑक्सीजन में ऑक्सीकरण संख्या होगी।
उत्तर:
KO2 पोटैशियम का सुपर ऑक्साइड है-
KO2 → K+ + O2+
ऋणायन पर आवेश – 1 होगा, ऑक्सीजन में ऑक्सीकरण संख्या – 1/2 होगी।

प्रश्न 85.
Fe0.94O में Fe की ऑक्सीकरण संख्या है?
उत्तर:
Fe0.94O
x × 0.94 + 1 × (- 2) = 0
या 0.94x – 2 = 0
या 0.94x = 2
∴ x = \(\frac { 200 }{ 94 }\)

लघु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
ऑक्सीकरण व अपचयन अभिक्रियाओं में अन्तर बताइए।
उत्तर:
ऑक्सीकरण तथा अपचयन में अन्तर
Table

प्रश्न 2.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं में किस पदार्थ का ऑक्सीकरण और किस पदार्थ का अपचयन हो रहा है, बताइए ?
(i) \(\mathrm{PbS}+4 \mathrm{O}_3 \longrightarrow \mathrm{PbSO}_4+4 \mathrm{O}_2\)
(ii) \(\mathrm{SO}_2+2 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}+\mathrm{Cl}_2 \longrightarrow 2 \mathrm{HCl}+\mathrm{H}_2 \mathrm{SO}_4\)
(iii) \(\mathrm{H}_2 \mathrm{~S}+\mathrm{I}_2 \longrightarrow 2 \mathrm{HI}+\mathrm{S}\)
(iv) \(2 \mathrm{KMnO}_4+3 \mathrm{H}_2 \mathrm{SO}_4+5 \mathrm{HNO}_2 \longrightarrow \mathrm{K}_2 \mathrm{SO}_4+2 \mathrm{MnSO}_4+3 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}+5 \mathrm{HNO}_3\)
उत्तर:
(i) PbS का ऑक्सीकरण तथा O3 का अपचयन।
(ii) SO2 का ऑक्सीकरण तथा Cl2 का अपचयन।
(iii) H2S का ऑक्सीकरण तथा l2 का अपचयन।
(iv) HNO2 का ऑक्सीकरण तथा KMnO4 का अपचयन।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ

प्रश्न 3.
नीचे दी गई अभिक्रियाओं में पहचानिए कि किसका ऑक्सीकरण हो रहा है और किसका अपचयन ?
(i) \(\mathrm{H}_2 \mathrm{~S}_{(g)}+\mathrm{Cl}_{2(g)} \longrightarrow 2 \mathrm{HCl}_{(g)}+\mathrm{S}_{(\mathrm{s})}\)
(ii) \(3 \mathrm{Fe}_3 \mathrm{O}_{4(s)}+8 \mathrm{Al}_{(s)} \longrightarrow 9 \mathrm{Fe}_{(s)}+4 \mathrm{Al}_2 \mathrm{O}_{3(s)}\)
(iii) \(2 \mathrm{Na}_{(s)}+\mathrm{H}_{2(g)} \longrightarrow 2 \mathrm{NaH}_{(s)}\)
उत्तर:
(i) H2S का ऑक्सीकरण हो रहा है; क्योंकि हाइड्रोजन से ऋणविद्युती तत्व क्लोरीन का संयोग हो रहा है या धर्नविद्युती तत्व हाइड्रोजन का सल्फर से निष्कासन हो रहा है। हाइड्रोजन के संयोग के कारण क्लोरीन का अपचयन हो रहा है।
(ii) ऑक्सीजन के संयोग के कारण ऐलुमिनियम का ऑक्सीकरण हो रहा है। ऑक्सीजन के निष्कासन के कारण फेरोसोफेरिक ऑक्साइड (Fe3O4) का अपचयन हो रहा है।
(iii) विद्युत् ऋणात्मकता की अवधारणा के सावधानी-पूर्वक अध्ययन से हम यह निष्कर्ष निकालते हैं कि सोडियम ऑक्सीकृत तथा हाइड्रोजन अपचयित होता है।

प्रश्न 4.
H2O2 एक ऑक्सीकारक व अपचायक पदार्थ है। एक-एक समीकरण द्वारा कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
माना \(2 \mathrm{KI}+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2 \longrightarrow 2 \mathrm{KOH}+\mathrm{I}_2 \uparrow\)

इस अभिक्रिया में KI ऑक्सीकृत होकर I2 देता है, जबकि H2O2 का अपचयन होता है; अतः इस क्रिया में H2O2 ऑक्सीकारक का कार्य करता है।
माना \(\mathrm{Ag}_2 \mathrm{O}+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2 \longrightarrow 2 \mathrm{Ag} \downarrow+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}+\mathrm{O}_2 \uparrow\)

इस अभिक्रिया में Ag2O अपचयित होकर Ag बनाता है। इसलिए यह अपचयन की क्रिया है जिसमें H2O2 एक अपचायक है।

प्रश्न 5.
ओजोन एक ऑक्सीकारक और अपचायक पदार्थ है। एक-एक समीकरण द्वारा इस कथन की पुष्टि कीजिए।
अथवा
निम्नलिखित अभिक्रियाओं में किसमें ओजोन ऑक्सीकारक तथा किसमें अपचायक का कार्य करती है? कारण सहित स्पष्ट कीजिए।
\(\mathrm{PbS}+4 \mathrm{O}_3 \longrightarrow \mathrm{PbSO}_4+4 \mathrm{O}_2 \uparrow\)
\(\mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2+\mathrm{O}_3 \longrightarrow \mathrm{H}_2 \mathrm{O}+2 \mathrm{O}_2 \uparrow\)
उत्तर:
यदि ओजोन की किसी पदार्थ से क्रिया होने पर उस पदार्थ में ऑक्सीकरण संख्या में वृद्धि (PbS का PbSO4 में ऑक्सीकरण होने पर S की ऑक्सीकरण संख्या -2 से +6 हो जाती है) होती है तो उस पदार्थ का ऑक्सीकरण होता है। लेड सल्फाइड, ओजोन की क्रिया से लेड सल्फेट में ऑक्सीकृत हो जाता है; अतः इस अभिक्रिया में ओजोन ऑक्सीकारक है।
\(\mathrm{PbS}+4 \mathrm{O}_3 \longrightarrow \mathrm{PbSO}_4+4 \mathrm{O}_2 \uparrow\)
इसी प्रकार, यदि ओजोन की क्रिया से किसी पदार्थ से ऑक्सीजन पृथक् हो जाए तो ओजोन अपचायक होती है; जैसे-निम्नांकित अभिक्रिया में ओजोन अपचायक है; क्योंकि इसमें H2O2 के H2O में परिवर्तन पर ऑक्सीजन की ऑक्सीकरण संख्या -1 से घटकर -2 हो जाती है; अतः इसमें H2O2 ऑक्सीकारक का कार्य करता है।
\(\mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2+\mathrm{O}_3 \longrightarrow \mathrm{H}_2 \mathrm{O}+2 \mathrm{O}_2 \uparrow\)
उपर्युक्त अभिक्रियाओं से स्पष्ट है कि ओजोन ऑक्सीकारक तथा अपचायक दोनों की तरह व्यवहार करती है।

प्रश्न 6.
कारण सहित बताइए कि निम्नलिखित में कौन-सा ऑक्सीकारक तथा कौन-सा अपचायक है?
\(2 \mathrm{I}^{-}+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2 \longrightarrow 2 \mathrm{OH}^{-}+\mathrm{I}_2 \uparrow\)
अथवा
कारण देते हुए बताइए कि निम्नांकित अभिक्रिया मे कौन-सा पदार्थ अपचायक है?
\(2 \mathrm{KI}+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2 \longrightarrow 2 \mathrm{KOH}+\mathrm{I}_2 \uparrow\)
उत्तर:
उपर्युक्त समीकरण को इस प्रकार भी लिखा जा सकता है-
\(2 \mathrm{I}^{-}+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2 \longrightarrow 2 \mathrm{OH}^{-}+\mathrm{I}_2 \uparrow\)
IMG

क्योंकि आयोडीन (I) की ऑ. सं. में -1 से 0 तक वृद्धि तथा ऑक्सीजन (O) की ऑ सं. में -1 से -2 तक कमी हो रही है; अतः H2O2 ऑक्सीकारक तथा I2 अपचायक है।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं में H2O2 किसमें ऑक्सीकारक तथा किसमें अपचायक का कार्य करता है?
(i) \(\mathrm{Cl}_2+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2 \longrightarrow 2 \mathrm{HCl}+\mathrm{O}_2 \uparrow\)
(ii) \(2 \mathrm{KI}+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2 \longrightarrow 2 \mathrm{KOH}+\mathrm{I}_2 \uparrow\)
उत्तर:
(i) IMG
इस अभिक्रिया में H2O2 अपचायक है; क्योंकि O की ऑ. सं. में -1 से 0 की वृद्धि हो रही है।
(ii)IMG
इस अभिक्रिया में H2O2 ऑक्सीकारक है; क्योंकि O की ऑ. सं. -1 से -2 तक घट रही है।

प्रश्न 8.
कारण देते हुए बताइए कि निम्नलिखित अभिक्रिया में कौन-सा पदार्थ ऑक्सीकारक है ?
(i) \(2 \mathrm{FeCl}_3+\mathrm{H}_2 \mathrm{~S} \longrightarrow 2 \mathrm{FeCl}_2+2 \mathrm{HCl}+\mathrm{S} \downarrow\)
(ii) \(\mathrm{SnCl}_2+\mathrm{HgCl}_2 \longrightarrow \mathrm{SnCl}_4+\mathrm{Hg} \downarrow\)
उत्तर:
IMG
इस अभिक्रिया में FeCl3 में Fe की ऑ. सं. +3 है तथा FeCl2 में Fe की ऑ. सं. +2 है; क्योंकि ऑ. सं. में कमी हो रही है; अत: FeCl3 ऑक्सीकारक है।
(ii) IMG
इस अभिक्रिया में HgCl2 में Hg की ऑ. सं. +2 है तथा Hg में Hg की ऑ. सं. 0 (शून्य) है; क्योंकि ऑ. सं. में कमी हो रही है; अत: HgCl2 ऑक्सीकारक है।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं में किसमें SO2 ऑक्सीकारक तथा किसमें अपचायक का कार्य करती है?
(i) \(2 \mathrm{Mg}+\mathrm{SO}_2 \longrightarrow 2 \mathrm{MgO}+\mathrm{S} \downarrow\)
(ii) \(2 \mathrm{SO}_2+\mathrm{O}_2 \longrightarrow 2 \mathrm{SO}_3 \uparrow\)
उत्तर:
(i) IMG
यहाँ SO2 में S की ऑ. सं. +4 तथा सल्फर में S की ऑ. सं. 0 है अर्थात् ऑ. सं. में कमी हो रही है; अतः इसमें SO2 का S में अपचयन होता है और SO2 ऑक्सीकारक की भाँति कार्य करती है।

(ii) IMG

यहाँ SO2 में S की ऑ. सं. +4 तथा SO3 में S की ऑ. सं. +6 है अर्थात् ऑ. सं. में वृद्धि हो रही है; अतः इस क्रिया में SO2 अपचायक की भाँति कार्य करती है।

प्रश्न 10.
निम्नांकित अभिक्रियाओं में ऑक्सीकारक और अपचायक बताइए। कारण भी दीजिए-
(i) \(2 \mathrm{FeCl}_3+\mathrm{SnCl}_2 \longrightarrow 2 \mathrm{FeCl}_2+\mathrm{SnCl}_4\)
(ii) \(2 \mathrm{FeCl}_3+2 \mathrm{KI} \longrightarrow 2 \mathrm{FeCl}_2+2 \mathrm{KCl}+\mathrm{I}_2 \uparrow\)
(iii) \(\mathrm{H}_2 \mathrm{SO}_3+2 \mathrm{H}_2 \mathrm{~S} \longrightarrow 3 \mathrm{~S} \downarrow+3 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)
(iv) \(2 \mathrm{Cu}^{2+}+4 \mathrm{I}^{-} \longrightarrow 2 \mathrm{CuI}+\mathrm{I}_2 \uparrow\)
उत्तर:
IMG
उपर्युक्त अभिक्रिया में Sn की ऑक्सीकरण संख्या में +2 से +4 की वृद्धि हो रही है; अतः SnCl2 अपचायक है तथा Fe की ऑ. सं. में + 3 से +2 की कमी हो रही है; अत: FeCl3 एक ऑक्सीकारक है।
(ii) IMG
उपर्युक्त अभिक्रिया में FeCl3 ऑक्सीकारक है; क्योंकि यह KI (जिसमें I की ऑ. सं. -1 है) को I2 (जिसकी ऑ. सं. शून्य है) में ऑक्सीकृत कर देता है और KI एक अपचायक है; क्योंकि यह FeCl3 (जिसमें Fe की ऑ. सं. +3) को FeCl2 (जिसमें Fe की ऑ. सं. +2) में अपचयित कर देता हैं।
(iii) IMG
उपर्युक्त अभिक्रिया में क्योंकि H2S में S की ऑ. सं. में -2 से 0 तक वृद्धि तथा H2SO3 में S की ऑ.सं. में +4 से 0 तक कमी हो रही है; अतः इस अभिक्रिया में H2SO3 ऑक्सीकारक तथा H2S अपचायक है।
(iv) IMG

प्रश्न 28.
अभिक्रिया \(\mathrm{Cl}_{2(g)}+2 \mathrm{I}^{-} \longrightarrow \mathrm{I}_{2(s)}+2 \mathrm{Cl}^{-}\) के लिए E0cell का मान नीचे दी गई अर्द्ध्र- अभिक्रियाओं की सहायता से ज्ञात करिए-
\(\mathrm{Cl}_{2(\mathrm{~g})}+2 e^{-} \longrightarrow 2 \mathrm{Cl}^{-}\) E0 = + 1.36V
\(\mathrm{I}_{2(\mathrm{~g})}+2 e^{-} \longrightarrow 2 \mathrm{I}^{-}\) E0 = +0.54V
उत्तर:
\(\mathrm{E}_{\text {cell }}^0=\mathrm{E}_{\text {(cathode) }}^0-E_{(\text {Anode) }}^0\)
= \(\mathrm{E}_{\mathrm{Cl}_2 / \mathrm{Cl}^{-}}^0-\mathrm{E}_{\mathrm{I}_2 / \mathrm{I}}^0\)
= 1.36 -(+ 0.54)
= 0.82 V

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ

प्रश्न 29.
Zn2+, Mg2+ और Na+ के लिए मानक अपचयन विभव के मान क्रमशः -0.76V, -2.37 V तथा -2.71V हैं।
अतः निम्न में से सर्वाधिक शक्तिशाली ऑक्सीकारक कौन-सा है ?
Zn2+, Mg2+ य| Na+
उत्तर:
उपर्युक्त लिखे आयनों में से Zn2+ सर्वाधिक शक्तिशाली ऑक्सीकारक है क्योंकि इसके मानक अपचयन विभव का मान सबसे अधिक है अतः यह आसानी से इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर सकता है।

प्रश्न 30.
निम्नलिखित अभिक्रिया गैल्वनिक सेल में विद्युत् का उत्पादन करती है-
\(2 \mathrm{Fe}^{3+}+2 \mathrm{Cl}^{-} \longrightarrow 2 \mathrm{Fe}^{2+}+\mathrm{Cl}_2\)
इस सेल में ऐनोड और कैथोड पर होने वाली अभिक्रियाओं को लिखिए। इसके साथ-साथ ऐनोड और कैथोड की प्रवृत्ति बताइए तथा सेल आरेख लिखिए।
उत्तर:
IMG
सेल में ऐनोड पर ऑक्सीकरण होता है तथा यह-ve terminal होता है जबकि कैथोड पर अपचयन होता है तथा यह + ve terminal का कार्य करता है।
सेल आरेख- \(\mathrm{Cl}^{-}\left|\mathrm{Cl}_2 \| \mathrm{Fe}^{3+}\right| \mathrm{Fe}^{2+}\)

प्रश्न 31.
निम्नलिखित धातुओं को उनकी ऑक्सीकृत होने की घटती हुई प्रवृत्ति के क्रम में लिखिए-
Zn, Cu, Mg, Ag
उत्तर:
विद्युत् रासायनिक श्रेणी में धातुओं की इलेक्ट्रॉन त्याग करने की अर्थात् ऑक्सीकृत होने की प्रवृत्ति ऊपर से नीचे की ओर घटती है। विद्युत् रासायनिक श्रेणी में Mg का स्थान Zn के ऊपर, Zn का स्थान Cu के ऊपर और Cu का स्थान Ag के ऊपर है। अतः इन धातुओं की ऑक्सीकृत होने की प्रवृत्ति घटने का क्रम होगा-
Mg > Zn > Cu > Ag

प्रश्न 32.
कॉपर का मानक इलेक्ट्रोड विभव +0.34 V और जिंक का मानक इलेक्ट्रोड विभव -0.76 V है। इन दोनों इलेक्ट्रोडों को परस्पर जोड़ने से बने गैल्वेनिक सेल का E.M.F. कितना होगा ? सेल अभिक्रिया की समीकरण लिखिए।
उत्तर:
\(\mathrm{E}_{\text {cell }}^0=E_{(\text {cathode) }}^0-\mathrm{E}_{\text {(Anode) }}^0\)
\(\mathrm{E}_{\text {cell }}^0=\mathrm{E}_{\mathrm{Cu}^{2+} / \mathrm{Cu}}^0-\mathrm{E}_{\mathrm{Zn}^{2+} / \mathrm{Zn}}^0\)
= + 0.34 – (-0.76)
∴ E0cell = + 1. 10 V
IMG

प्रश्न 33.
मानक इलेक्ट्रोड विभव को परिभाषित कीजिए। इलेक्ट्रोड विभव तथा मानक इलेक्ट्रोड विभव में सम्बन्ध बताइए।
उत्तर:
मानक इलेक्ट्रोड विभव (Standard electrode potential) – 25°C पर किसी धातु की छड़ उसके किसी लवण के एक मोलर (1 M) सान्द्रता वाले विलयन में डुबोने से उस धातु की सतह पर धनात्मक या ऋणात्मक आवेश आ जाता है; इस कारण धातु तथा आयनों के बीच जो विभवान्तर उत्पन्न होता है, उसे मानक इलेक्ट्रोड विभव (standard electrode potential) कहते हैं। मानक इलेक्ट्रोड विभव को E0 से व्यक्त करते हैं। इसका मात्रक भी वोल्ट होता है।
IMG
इलेक्ट्रोड विभव व मानक इलेक्ट्रोड विभव में सम्बन्ध (Relation between electrode potential and standard electrode potential)—माना इलेक्ट्रोड क्रिया निम्नलिखित प्रकार से है-
\(\mathrm{M}^{n+}+n e^{-} \longrightarrow \mathrm{M}\)
नेर्नस्ट समीकरण के अनुसार,
\(\mathrm{E}=\mathrm{E}^0+\frac{0-0591}{n} \log _{10}\left[\mathrm{M}^{n+}\right]\)
\(\mathrm{E}=\mathrm{E}^0-\frac{0 \cdot 0591}{n} \log _{10} \frac{1}{\left[\mathrm{M}^{n+}\right]}\)
जहाँ, E = इलेक्ट्रोड विभव, E0 = मानक इलेक्ट्रोड विभव, n = इलेक्ट्रोड क्रिया में भाग लेने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या तथा [Mn+]= धातु आयनों की मोलर सान्द्रता।
किसी विलयन की सान्द्रता [Mn+] = 0 होगी।
अत: 25°C पर इलेक्ट्रोड विभव (E) = मानक इलेक्ट्रोड विभव (E0)

प्रश्न 34.
कुछ अर्द्ध-अभिक्रियाओं के E0 निम्न प्रकार हैं।
\(\mathrm{I}_2+2 e^{-} \longrightarrow 2 \mathrm{I}^{-;} \mathbf{E}^0=+0.54 \mathrm{~V}\)
\(\mathrm{Cl}_2+2 e^{-} \longrightarrow 2 \mathrm{Cl}^{-;} \mathrm{E}^0=+1.36 \mathrm{~V}\)
\(\mathrm{Fe}^{3+}+e^{-} \longrightarrow \mathrm{Fe}^{2+;} \mathbf{E}^0=+0 \cdot 76 \mathrm{~V}\)
\(\mathrm{Ce}^{4+}+e^{-} \longrightarrow \mathrm{Ce}^{3+;} \mathrm{E}^0=+1 \cdot 6 \mathrm{~V}\)
\(\mathrm{Sn}^{4+}+2 e^{-} \longrightarrow \mathrm{Sn}^{2+;} \mathbf{E}^0=+0 \cdot 15 \mathrm{~V}\)
उपर्युक्त विभवों के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

प्रश्न (a). क्या Fe3+ द्वारा Ce3+ का ऑक्सीकरण हो सकता है ? कारण सहित समझाइए।
उत्तर:
नहीं, क्योंकि Ce3+ का मानक इलेक्ट्रोड विभव अधिक है।

प्रश्न (b). क्या I2 क्लोरीन को KCl में से विस्थापित कर सकती है?
उत्तर:
नहीं। क्योंकि I2 का मानक इलेक्ट्रोड विभव कम है।

प्रश्न (c). SnCl2 और FeCl3 विलयनों को मिलाने पर क्या अभिक्रिया होगी? समीकरण लिखिए।
उत्तर:
\(2 \mathrm{FeCl}_3+\mathrm{SnCl}_2 \rightarrow 2 \mathrm{FeCl}_2+\mathrm{SnCl}_4\)

प्रश्न (d).
उपर्युक्त अर्द्ध सेल अभिक्रियाओं में सबसे प्रबल ऑक्सीकारक और सबसे प्रबल अपचायक कौन-सा है ?
उत्तर:
प्रबल ऑक्सीकारक- Ce4+
प्रबल अपचायक- Sn2+

प्रश्न (e). FeCl3 विलयन डालने पर क्या KI विलयन से आयोडीन मुक्त होगी?
उत्तर:
हाँ आयोडीन मुक्त होगी।

प्रश्न 35.
(i) कुछ पदार्थों के अपचयन विभव निम्नवत् हैं, इनमें सबसे प्रबल ऑक्सीकारक तथा सबसे प्रबल अपचायक बताइए-
IMG
इन इलेक्ट्रोड विभवों के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) क्या Fe2+ आयन Cu2+ आयन को अपचयित कर सकता है ?
(ख) निम्नांकित में से सबसे प्रबल अपचायक है-
Cu+, Fe2+, Hg+, Br
उत्तर:
(i) जो पदार्थ जितना अधिक प्रबल ऑक्सीकारक होता है उसका अपचयन विभव उतना-ही अधिक धनात्मक या कम ऋणात्मक होता है तथा जो पदार्थ अधिक प्रबल अपचायक होता है, उसका अपचयन विभव कम धनात्मक या अधिक ऋणात्मक होता है; अतः
(क) Sn2+, Mn2+, I+ तथा Fe2+ अपचायकों मे से सबसे प्रबल अपचायक Sn2+ है; क्योंकि इसका अपचयन विभव सबसे कम धनात्मक है।
(ख) Sn4+, MnO4, I2 तथा Fe3+ अपचायकों में से सबसे प्रबल ऑक्सीकारक MnO4 है; क्योंकि इसका अपचयन विभव सबसे अधिक धनात्मक है।

(ii) (क) Fe2+ आयन Cu2+ आयन को अपचयित कर देगा; क्योंकि अपचायक Fe2+ का इलेक्ट्रोड विभव ऑक्सीकारक Cu2+ से अधिक है। अभिक्रिया समीकरण (b) में से (a) को घटाने पर,
\(\mathrm{Fe}^{2+} \longrightarrow \mathrm{Fe}^{3+}+e^{-} ; \mathrm{E}^0=-0.77\) वोल्ट
\(\mathrm{Cu}^{+} \longrightarrow \mathrm{Cu}^{2+}+e^{-} ; \mathrm{E}^0=-1 \cdot 5\) वोल्ट
या \(\mathrm{Fe}^{2+}+\mathrm{Cu}^{2+} \longrightarrow \mathrm{Cu}^{+}+\mathrm{Fe}^{3+} ; \mathrm{E}^0=-0.73\) वोल्ट

प्रश्न 36.
(i) निम्नलिखित सम्भव अभिक्रियाओं की सहायता से Mg, Zn, Cu तथा Ag को उनके घटते हुए इलेक्ट्रोड विभव के क्रम में लिखिए-
\(\mathrm{Cu}+2 \mathrm{Ag}_{(\mathrm{aq})}^{+} \longrightarrow \mathrm{Cu}^{2+}{ }_{(a q)}+2 \mathrm{Ag}\)
\(\mathrm{Mg}+\mathrm{Zn}^{2+}{ }_{(a q)} \longrightarrow \mathrm{Mg}^{2+}{ }_{(a q)}+\mathrm{Zn}\)
\(\mathrm{Zn}+\mathrm{Cu}^{2+}{ }_{(a q)} \longrightarrow \mathrm{Zn}^{2+}{ }_{(a q)}+\mathrm{Cu}\)

(ii) कुछ अर्द्ध-अभिक्रियाओं के इलेक्ट्रोड विभव इस प्रकार हैं-
\(\mathrm{Fe}_{(a q)}^{3+}+e^{-} \longrightarrow \mathrm{Fe}_{(a q)}^{2+}\); E0 = + 0.76 वोल्ट
\(\mathrm{Ce}_{(a q)}^{4+}+e^{-} \longrightarrow \mathrm{Ce}_{(a q)}^{3+}\); E0 = + 1.60 वोल्ट
कारण देते हुए बताइए कि क्या Fe3+ से Ce4+ ऑक्सीकृत हो सकता है?

(iii) इलेक्ट्रोड अभिक्रियाओं-
(a) \(\mathrm{Zn}(s) \longrightarrow \mathrm{Zn}^{2+}{ }_{(a q)}+2 e^{-}\); E0 = 0.76 वोल्ट
(b) \(\mathrm{Cu}(s) \longrightarrow \mathrm{Cu}^{2+}{ }_{(a q)}+2 e^{-}\); E0 = -0.337 वोल्ट में कारण सहित बताइए कि
\(\mathrm{Zn}_{(s)}+\mathrm{Cu}_{(a q)}^{2+} \longrightarrow \mathrm{Zn}_{(a q)}^{2+}+\mathrm{Cu}_{(s)}\) का होना सम्भव है या नहीं ?
उत्तर:
(i) विद्युत्-रासायनिक श्रेणी के अनुसार तत्वों का घटता इलेक्ट्रोड विभव क्रम निम्नवत् है-
Mg > Zn > Cu > Ag

(ii) इन अर्द्ध-सेल अभिक्रियाओं में Fe3+ का Fe2+ में अपचयन विभव, Ce4+ के Ce3+ में अपचयन विभव से अधिक है। नियमानुसार उच्च विभव का अपचायक कम विभव के ऑक्सीकारक से क्रिया करेगा; अत: Fe3+ से Ce4+ ऑक्सीकृत नहीं होगा।

(iii) प्रश्नानुसार,
IMG
इस क्रिया में Zn अपचायक का कार्य करता है तथा कॉपर ऑक्सीकारक का कार्य करता है। Zn का E0, Cu के E0 से उच्च है; अतः नियमानुसार उच्च Eo का अपचायक कम E0 के ऑक्सीकारक से ही क्रिया कर सकता है; अतः निम्नलिखित अभिक्रिया सम्भव है-
\(\mathrm{Zn}_{(s)}+\mathrm{Cu}_{(a q)}^{2+} \longrightarrow \mathrm{Zn}_{(a q)}^{2+}+\mathrm{Cu}_{(s)}\)

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ

प्रश्न 37.
H2S केवल अपचायक की तरह कार्य करता है जबकि SO2 अपचायक तथा ऑक्सीकारक दोनों की भाँति कार्य कर सकता है, क्यों ?
उत्तर:
H2S में सल्फर की ऑक्सीकरण संख्या का मान -2 है जबकि SO2 में सल्फर की ऑक्सीकरण संख्या +4 है। H2S में सल्फर की ऑक्सीकरण संख्या बढ़ तो सकती है परन्तु यह घट नहीं सकती है अत: H2S केवल अपचायक की भाँति कार्य करता है। जबकि SO2 में सल्फर की ऑक्सीकरण संख्या घट भी सकती है तथा बढ़ भी सकती है।

इसी कारण SO2 की ऑक्सीकरण संख्या बढ़ तो सकती है परन्तु यह घट नहीं सकती है अत: H2S केवल अपचायक की भाँति कार्य करता है। जबकि SO2 में सल्फर की ऑक्सीकरण संख्या घट भी सकती है तथा बढ़ भी सकती है। इसी कारण SO2 अपचायक तथा ऑक्सीकारक दोनों की भाँति कार्य कर सकता है। अपचायक तथा ऑक्सीकारक दोनों की भाँति कार्य कर सकता है।

प्रश्न 38.
निम्नलिखित रेडॉक्स अभिक्रियाओं की अर्द्ध-अभिक्रियाओं को लिखिए-
(i) \(2 \mathrm{Fe}_{(a q)}^{3+}+2 \mathrm{I}_{(a q)}^{-} \longrightarrow \mathrm{I}_{2(s)}+2 \mathrm{Fe}_{(a q)}^{2+}\)
(ii) \(2 \mathrm{Na}_{(s)}+\mathrm{Cl}_{2(g)} \longrightarrow 2 \mathrm{NaCl}_{(s)}\)
(iii) \(\mathrm{Zn}_{(s)}+2 \mathrm{H}_{(a q)}^{+} \longrightarrow \mathrm{Zn}^{2+}{ }_{(a q)}+\mathrm{H}_{2(g)}\)
उत्तर:
(i) \(2 \mathrm{Fe}^{3+}{ }_{(a q)}+2 \mathrm{I}^{-}{ }_{(a q)} \rightarrow \mathrm{I}_{2(s)}+2 \mathrm{Fe}^{2+}{ }_{(a q)}\) की अर्द्ध अभिक्रियाएँ निम्न हैं-
ऑक्सीकरण अर्द्ध-अभिक्रिया-
\(2 \mathrm{I}_{(a q)}^{-} \longrightarrow \mathrm{I}_{2(s)}+2 e^{-}\)
अपचयन अर्द्ध-अभिक्रिया
\(2 \mathrm{Fe}^{3+}(a q)+2 e^{-} \longrightarrow 2 \mathrm{Fe}^{2+}(a q)\)

(ii) \(2 \mathrm{Na}_{(s)}+\mathrm{Cl}_{2(g)} \longrightarrow 2 \mathrm{NaCl}_{(s)}\) की अर्द्ध अभिक्रियाएँ निम्न हैं-
ऑक्सीकरण अर्द्ध-अभिक्रिया-
\(2 \mathrm{Na}_{(s)} \longrightarrow 2 \mathrm{Na}_{(a q)}^{+}+2 e^{-}\)
अपचयन अर्द्ध-अभिक्रिया-.
\(\mathrm{Cl}_{2(g)}+2 e^{-} \longrightarrow 2 \mathrm{Cl}^{–}(a q)\)

(iii) \(\mathrm{Zn}_{(s)}+2 \mathrm{H}_{(a q)}^{+} \longrightarrow \mathrm{Zn}_{(a q)}^{2+}+\mathrm{H}_{2(g)}\) की अर्द्ध अभिक्रियाएँ निम्न हैं-
ऑक्सीकरण अर्द्ध-अभिक्रिया-
\(\mathrm{Zn}_{(s)} \longrightarrow \mathrm{Zn}^{2+}{ }_{(a q)}+2 e^{-}\)
अपचयन अर्द्ध-अभिक्रिया-
\(2 \mathrm{H}_{(a q)}^{+}+2 e^{-} \longrightarrow \mathrm{H}_{2(g)}\)

प्रश्न 39.
निम्नलिखित रेडॉक्स अभिक्रिया के लिए,
\(\mathrm{Mn}+\mathrm{CuSO}_4 \longrightarrow \mathrm{MnSO}_4+\mathrm{Cu}\)
(i) ऑक्सीकरण एवं अपचयन अर्द्ध-अभिक्रियाएँ लिखिए।
(ii) कौन-सी स्पीशीज अपचायक की भाँति तथा कौन-सी ऑक्सीकारक की भाँति कार्य करेगी ?
(iii) अभिक्रिया में SO42- आयन की क्या भूमिका है ?
उत्तर:
(i) ऑक्सीकरण अर्द्ध-अभिक्रिया-
\(\mathrm{Mn} \longrightarrow \mathrm{Mn}^{2+}+2 e^{-}\)
अपचयन अर्द्ध-अभिक्रिया-
\(\mathrm{Cu}^{2+}+\mathrm{SO}_4^{2-}+2 e^{-} \longrightarrow \mathrm{Cu}+\mathrm{SO}_4^{2-}\)

(ii) यहाँ पर Mn अपचायक की भाँति कार्य करता है क्योंकि इससे इलेक्ट्रॉन मुक्त होते हैं। Cu2+ आयन ऑक्सीकारक की भाँति कार्य करता है, क्योंकि यह इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है।

(iii) SO42- आयनों की प्रवृत्ति उभयनिष्ठ होती है। यह रेडॉक्स अभिक्रिया में किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं निभाते हैं। इन्हें दर्शक आयन (spectator ions) कहते हैं।

प्रश्न 40.
निम्नलिखित यौगिकों में जीनॉन की ऑक्सीकरण संख्या बताइए-
XeF4, XeOF2, XeO2F2, XeF6
उत्तर:
(i) XeF4 (यदि x जीनॉन की ऑक्सीकरण संख्या है)
x + 4 × -1 = 0
∴ =+4

(ii) XeOF2 (यदि x जीनॉन की ऑक्सीकरण संख्या है)
x + (-2) + 2 × (-1) = 0
या x – 4 = 0
∴ x = +4

(iii) XeO2F2 (यदि x जीनॉन की ऑक्सीकरण संख्या है)
x + 2 × (-2) + 2 × (-1) = 0
या x – 4 – 2 = 0
∴ x = +6

(iv) XeF6 (यदि x जीनॉन की ऑक्सीकरण संख्या है)
x + 6 × (-1) = 0
या x – 6 = 0
∴ x = +6

प्रश्न 41.
निम्नलिखित आयनों के लिए असमानुपातन अभिक्रियाएँ लिखिए-
(i) ClO
(ii) ClO2
(iii) ClO3
उत्तर:
(i) ClO के लिए असमानुपातन अभिक्रिया-
IMG
(ii) ClO2 के लिए असमानुपातन अभिक्रिया-
IMG
(iii) ClO3 के लिए असमानुपातन अभिक्रिया-
IMG

प्रश्न 42.
निम्न अभिक्रियाओं को आयन इलेक्ट्रॉन विधि द्वारा सन्तुलित करें-
(1) \(\mathrm{FeCl}_3+\mathrm{H}_2 \mathrm{~S} \longrightarrow \mathrm{FeCl}_2+\mathrm{HCl}+\mathrm{S}\)
(2) \(\mathrm{Cu}+\mathrm{HNO}_3 \longrightarrow \mathrm{Cu}\left(\mathrm{NO}_3\right)_2+\mathrm{NO}+2 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)
(3) \(\mathrm{KI}+\mathrm{Cl}_2 \longrightarrow \mathrm{KCl}+\mathrm{I}_2\)
(4) \(\mathrm{MnO}_2+\mathrm{HCl} \longrightarrow \mathrm{MnCl}_2+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}+\mathrm{Cl}_2\)
(5) \(\mathrm{H}_2 \mathrm{~S}+\mathrm{HNO}_3 \longrightarrow \mathrm{H}_2 \mathrm{SO}_4+\mathrm{NO}_2+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)
उत्तर:
(1) \(\mathrm{H}_2 \mathrm{~S}+2 \mathrm{FeCl}_3 \longrightarrow 2 \mathrm{FeCl}_2+2 \mathrm{HCl}+\mathrm{S}\)
(2) \(3 \mathrm{Cu}+8 \mathrm{HNO}_3 \longrightarrow 3 \mathrm{Cu}\left(\mathrm{NO}_3\right)_2+2 \mathrm{NO}+4 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)
(3) \(2 \mathrm{KI}+\mathrm{Cl}_2 \longrightarrow 2 \mathrm{KCl}+\mathrm{I}_2\)
(4) \(\mathrm{MnO}_2+4 \mathrm{HCl} \longrightarrow \mathrm{MnCl}_2+\mathrm{Cl}_2+2 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)
(5) \(\mathrm{H}_2 \mathrm{~S}+8 \mathrm{HNO}_3 \longrightarrow \mathrm{H}_2 \mathrm{SO}_4+8 \mathrm{NO}_2+4 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ

प्रश्न 43.
कॉपर एवं सिल्वर इ्केक्ट्रोडों के मध्य एक सेल निम्न प्रकार हैं-
IMG
उत्तर:
= E0सेल = E0कैथोड – E0ऐनोड
= \(\mathrm{E}_{\mathrm{Ag}^{+} / \mathrm{Ag}}^0-\mathrm{E}_{\mathrm{Cu}^{2+} / \mathrm{Cu}}^0\)
= 0.80 = 0.34
= 0.46 V

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन

Haryana State Board HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन

बहुविकल्पीय प्रश्न:

1. हाइड्रोजन के लिए कौन-सा उपयुक्त है-
(1) एक अपचायक
(2) एक ऑक्सीकारक
(3) ऑक्सीकारक तथा अपचायक दोनों ही
(4) न तो ऑक्सीकारक न ही अपचायक ।
उत्तर:
(3) ऑक्सीकारक तथा अपचायक दोनों ही

2. निम्न में से कौन सी धातु तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करके हाइड्रोजन उत्पन्न नहीं करती-
(1) जिंक
(2) कॉपर
(3) लोहा
(4) मैग्नीशियम ।
उत्तर:
(2) कॉपर

3. हाइड्रोजन अपचयित नहीं करता-
(1) गरम क्यूप्रिक ऑक्साइड को
(2) गरम फैरिक ऑक्साइड को
(3) गरम स्टैनिक ऑक्साइड को
(4) गरम एल्यूमिनियम ऑक्साइड को ।
उत्तर:
(4) गरम एल्यूमिनियम ऑक्साइड को ।

4. हाइड्रोजन के नाभिकीय अपररूप है-
(1) ऑर्थो
(2) पैरा
(3) ऑर्थो व पैरा दोनों
(4) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(3) ऑर्थो व पैरा दोनों

5. हाइड्रोजन अपने यौगिकों में ऑक्सीकरण संख्या को प्रदर्शित करता है-
(1) केवल – 1
(2) केवल जीरो
(3) + 1, 1 और जीरो
(4) केवल + 1
उत्तर:
(3) + 1, 1 और जीरो

6. निम्न में से कौन-सी अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस को उत्पन्न नहीं करता-
(1) Fe तथा जलीय H2SO4
(2) Cu तथा जलीय HCl
(3) सोडियम तथा एथिल एल्कोहॉल
(4) आयरन तथा भाप ।
उत्तर:
(2) Cu तथा जलीय HCl

7. रॉकेट के लिये निम्न में से कौन प्रोपेलेण्ट के रूप में प्रयोग किया जा सकता है-
(1) द्रव ऑक्सीजन + द्रव ऑर्गन
(2) द्रव हाइड्रोजन + द्रव ऑक्सीजन
(3) द्रव नाइट्रोजन + द्रव ऑक्सीजन
(4) द्रव हाइड्रोजन + द्रव नाइट्रोजन ।
उत्तर:
(2) द्रव हाइड्रोजन + द्रव ऑक्सीजन

8. भारी जल तैयार कर सकते हैं-
(1) जल के प्रभाजी आसवन द्वारा
(2) \({ }_1^1 \mathrm{H}\) तथा \({ }_2^1 \mathrm{H}\) के रासायनिक विनिमय द्वारा
(3) क्षारीयकृत जल के विद्युत अपघटन द्वारा
(4) उपरोक्त सभी विधियों द्वारा ।
उत्तर:
(4) उपरोक्त सभी विधियों द्वारा ।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन

9. एक ड्यूटीरियम में पाये जाते हैं-
(1) एक न्यूट्रॉन तथा एक प्रोटॉन
(2) एक पॉजीट्रॉन तथा एक न्यूट्रॉन
(3) दो प्रोटॉन तथा एक न्यूट्रॉन
(4) एक प्रोटॉन तथा दो न्यूट्रॉन ।
उत्तर:
(1) एक न्यूट्रॉन तथा एक प्रोटॉन

10. भारी जल जम जाता है-
(1)-3.8°C पर
(2) 3.8°C पर
(3) 0°C पर
(4) 3.2°C पर ।
उत्तर:
(2) 3.8°C पर

11. हाइड्रोजन परमाणु का आयनीकरण करने पर प्राप्त होता है-
(1) हाइड्राइड आयन
(2) हाइड्रोनियम आयन
(3) प्रोटॉन
(4) हाइड्रॉक्सिल आयन ।
उत्तर:
(3) प्रोटॉन

12. सबसे हल्का तत्व है-
(1) हाइड्रोजन
(2) हीलियम
(3) निऑन
(4) ऑर्गन ।
उत्तर:
(1) हाइड्रोजन

13. ट्राइटियम में न्यूट्रॉनों की संख्या है-
(1) 1
(2) 2
(3) 3
(4) 4
उत्तर:
(2) 2

14. भारत में भारी जल का निर्माण होता है-
(1) दिल्ली में
(3) भिलाई में
(2) मुम्बई में
(4) नांगल में।
उत्तर:
(4) नांगल में।

15. ट्राइटियम प्राप्त किया जा सकता है-
(1) नाभिकीय अभिक्रिया द्वारा
(2) गर्म C पर वाष्प प्रवाह द्वारा
(3) Al पर NaOH की क्रिया द्वारा
(4) Zn पर H2SO4 की क्रिया द्वारा ।
उत्तर:
(1) नाभिकीय अभिक्रिया द्वारा

16. हीलियम प्राप्त करने के लिये हाइड्रोजन का संलयन किया जा सकता है-
(1) उच्च ताप तथा उच्च दाब पर
(2) उच्च ताप तथा निम्न दाब पर
(3) निम्न ताप तथा उच्च दाब पर
(4) निम्न ताप तथा निम्न दाब पर ।
उत्तर:
(1) उच्च ताप तथा उच्च दाब पर

17. किस पर तनु H2SO4 की क्रिया द्वारा हाइड्रोजन बनायी जा सकती है-
(1) जिंक
(2) हीलियम
(3) कॉपर
(4) मरकरी ।
उत्तर:
(1) जिंक

18. हाइड्रोजन प्राप्त नहीं होती है जब जिंक क्रिया करता है-
(1) ठण्डे जल से
(2) तनु H2SO4 से
(3) तनु HCl से
(4) गर्म NaOH (20%) से ।
उत्तर:
(1) ठण्डे जल से

19. हाइड्रोजन का रेडियो एक्टिव समस्थानिक होता है-
(1) 1H1
(2) 1H2
(3) 1H3
(4) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर:
(3) 1H3

20. प्लेटिनम द्वारा हाइड्रोजन का अधिशोषण कहलाता है-
(1) अपचयन
(2) रुकावट
(3) हाइड्रोजनीकरण
(4) विहाइड्रोजनीकरण ।
उत्तर:
(2) रुकावट

21. औद्योगिक हाइड्रोजन का निर्माण होता है-
(1) मार्श गैस से
(2) तेल गैस से
(3) प्रोड्यूसर गैस से
(4) कोयला गैस से ।
उत्तर:
(1) मार्श गैस से

22. जल का परीक्षण करते हैं-
(1) गन्ध से
(2) स्वाद से
(3) जलीय CuSO4 से
(4) निर्जलीय COCl3 से जो कि नीले रंग से गुलाबी रंग में बदल जाता है।
उत्तर:
(4) निर्जलीय COCl3 से जो कि नीले रंग से गुलाबी रंग में बदल जाता है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन

23. H (हाइड्राइड) आयन, OH आयन से प्रबल क्षारीय है। निम्न में से कौन सी अभिक्रिया होती जब NaH को जल में घोला जायेगा-
(1) H(aq) + H2O(l) → H3O+(aq)
(2) H(aq) + H2O(l) → OH(aq) + H2
(3) H(aq) + H2O(l) → कोई अभिक्रिया नहीं
(4) उपरोक्त में से कोई नहीं ।
उत्तर:
(2) H(aq) + H2O(l) → OH(aq) + H2

24. निम्न में से कौन-सा हाइड्राइड अरससमीकरणमितीय प्रकृति का होता है-
(1) आयनिक हाइड्राइड
(2) आण्विक हाइड्राइड
(3) धात्विक हाइड्राइड
(4) उपरोक्त सभी।
उत्तर:
(3) धात्विक हाइड्राइड

25. जल की अस्थायी कठोरता, जो कि कैल्शियम बाइकार्बोनेट की वजह से होती है, को दूर किया जाता है। जब हम मिलाते हैं-
(1) CaCO3
(2) CaCl2
(3) Ca(OH)2
(4) HCl
उत्तर:
(2) CaCl2

26. कैलगॉन विधि में प्रयोग करते हैं-
(1) सोडियम पोली मैटा फॉस्फेट
(2) जलीय सोडियम एल्यूमिनियम सिलिकेट
(3) धनायन विनिमयक रेजिन
(4) ऋणायन विनिमयक रेजिन ।
उत्तर:
(1) सोडियम पोली मैटा फॉस्फेट

27. जल का क्रान्तिक ताप ऑक्सीजन से ज्यादा होता है क्योंकि जल के अणुओं में होता है-
(1) ऑक्सीजन से कम इलेक्ट्रॉन
(2) दो सह-संयोजक बन्ध
(3) V – आकार
(4) द्विध्रुव आघूर्ण ।
उत्तर:
(4) द्विध्रुव आघूर्ण ।

28. पॉली फॉस्फेट को जल के मृदुलीकरण में प्रयोग करते हैं क्योंकि वे –
(1) ऋणायन के साथ घुलनशील यौगिक बनाते हैं
(2) ऋणायन को अवक्षेपित करते हैं।
(3) धनायन के साथ घुलनशील यौगिक बनाते हैं
(4) धनायन को अवक्षेपित करते हैं।
उत्तर:
(3) धनायन के साथ घुलनशील यौगिक बनाते हैं

29. निम्न में से कौन-सा यौगिक जल की कठोरता ज्ञात करने में प्रयुक्त होता है-
(1) ऑक्सेलिक अम्ल
(2) EDTA
(3) सोडियम सिट्रेट
(4) सोडियम थायो सल्फेट ।
उत्तर:
(2) EDTA

30. भार की दृष्टि से हाइड्रोजन की H2O2 में प्रतिशत मात्रा है-
(1) 5.88
(2) 6.25
(3)25
(4) 50
उत्तर:
(1) 5.88

31. निम्न में से किस अभिक्रिया में H2O2 अपचायक का कार्य करता- है-
(1) PbO2 + H2O2 → PbO + H2O + O2
(2) Na2SO3 + H2O2 → Na2SO4 + H2O
(3) 2KI + H2O2 → 2KOH + I2
(4) KNO2 + H2O2 → KNO3 + H2O.
उत्तर:
(1) PbO2 + H2O2 → PbO + H2O + O2

32. H2SO4 से अम्लीय KMnO4 के विलयन में जब H2O2 मिलायी जाती है-
(1) केवल जल बनता है
(2) ऑक्सीकारक का कार्य करती है।
(3) अपचायक का कार्य करती है।
(4) H2SO4 को अपचयित करती है
उत्तर:
(3) अपचायक का कार्य करती है।

33. H2O2 की साम्य अणुक संरचना है-
(1) तलीय जैसी नीचे दी गयी है।
IMG
(2) रेखीय
(3) चतुष्फलकीय
(4) तलीय जैसी नीचे दी गयी है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 1
उत्तर:
(1) तलीय जैसी नीचे दी गयी है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 2

34. H2O2 एक काले पदार्थ X को सफेद पदार्थ में परिवर्तित कर देती है। X है-
(1) ZnS
(2) PbS
(3) CuS
(4) NiS
उत्तर:
(2) PbS

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन

35. H2O2 का ऑक्सीजन परमाणु जो ऑक्सीकरण के लिये प्रयुक्त किया जाता है, जुड़ा रहता है-
(1) आयनिक बन्ध द्वारा
(2) सहसंयोजक बन्ध द्वारा
(3) हाइड्रोजन बन्ध द्वारा
(4) उप-सहसंयोजक बन्ध द्वारा ।
उत्तर:
(2) सहसंयोजक बन्ध द्वारा

36. दो समीकरणों का संज्ञान लीजिए ।
(x) H2O2 + 2HI → I2 ↑ + 2H2O
(y) H2O2 + O3 → 2O2 ↑ + H2O
H2O2 है।
(1) आयनिक बन्ध द्वारा
(2) सहसंयोजक बन्ध द्वारा
(3) हाइड्रोजन बन्ध द्वारा
(4) उप-सहसंयोजक बन्ध द्वारा ।
उत्तर:
(2) सहसंयोजक बन्ध द्वारा

37. ऑक्साइड जो तनु अम्ल से क्रिया करके H2O H2 देता है-
(1) PbO2
(2) MnO2
(2) Na2O2
(3) TiO2
उत्तर:
(2) MnO2

38. अभिक्रिया H2S + H2O2 → S + 2H2O दर्शाती है-
(1) H2O2 का अम्लीय गुण
(2) H2O2 का क्षारीय गुण
(3) H2O2 का ऑक्सीकारक गुण
(4) H2O2 का अपचायक गुण ।
उत्तर:
(3) H2O2 का ऑक्सीकारक गुण

39. H2O2 में ऑक्सीजन की ऑक्सीकरण संख्या है-
(1) -2
(2) -1
(3) +1
(4) +2.
उत्तर:
(2) -1

40. भारी जल में कैल्शियम कार्बाइड जब क्रिया करता है तो क्या बनता है-
(1) C2D2
(2) CaD2
(3) Ca2D2O
(4) CD2
उत्तर:
(1) C2D2

41. परमाणु रियेक्टर में भारी जल उपयोग में लाया जाता है-
(1) शीतलक के रूप में
(2) मन्दक के रूप में
(3) दोनों शीतलक तथा मन्दक के रूप में
(4) न उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(2) मन्दक के रूप में

42. भारी जल है-
(1) H2O18
(2) बार-बार आसवन से प्राप्त जल
(3) D2O
(4) 4°C ताप पर जल ।
उत्तर:
(3) D2O

43. D2O का अधिकता से प्रयोग किया जाता है-
(1) रसायन उद्योग में
(2) नाभिकीय रिएक्टर में
(3) दवाई बनाने में
(4) कीटाणुनाशको के निर्माण में ।
उत्तर:
(2) नाभिकीय रिएक्टर में

44. भारी जल तैयार किया जाता है-
(1) जल के प्रभाजी आसवन द्वारा
(2) \({ }_1^1 \mathrm{H}\) तथा \({ }_2^1 \mathrm{H}\) के रासायनिक विनिमय द्वारा
(3) क्षारीयकृत जल के विद्युत अपघटन द्वारा
(4) उपरोक्त सभी विधियों से ।
उत्तर:
(4) उपरोक्त सभी विधियों से ।

45. लीथियम- 6 पर न्यूट्रॉनों की बमबारी कराने पर हीलियम – 4 और (x) बनता है। (x) है-
(1) H
(2) D
(3) T
(4) Be.
उत्तर:
(3) T

46. भारी जल का अणुभार क्या है-
(1) 10
(2) 18
(3) 20
(4) 22
उत्तर:
(3) 20

47. जल का उच्चतम घनत्व का ताप 4°C है। भारी जल का उच्चतम घनत्व का ताप क्या है-
(1 ) 8.1°C
(2) 6.1°C
(3) 9.3°C
(4) 11.2°C
उत्तर:
(4) 11.2°C

48. भारी जल की खोज किसके द्वारा हुई –
(1) लुई और मैक्डोनाल्ड
(2) यूरे और वाशबर्न
(3) टेलर, आइरिंग और फ्रॉस्ट
(4) बर्ग और मैन्जल
उत्तर:
(2) यूरे और वाशबर्न

49. गलित कैल्सियम हाइड्राइड का विद्युत अपघटन करने पर क्या होता है-
(1) हाइड्रोजन कैथोड पर मुक्त होती है।
(2) हाइड्रोजन ऐनोड पर मुक्त होती है।
(3) हाइड्रोजन कैथोड व ऐनोड दोनों पर मुक्त होती हैं
(4) हाइड्रोजन मुक्त नहीं होती ।
उत्तर:
(2) हाइड्रोजन ऐनोड पर मुक्त होती है।

50. ट्राइटियम एक बीटा-उत्सर्जक है। इसकी अर्द्ध- आयु 12.4 वर्ष है। ट्राइटियम के विघटन से क्या बनता है-
(1) ड्यूटीरियम
(2) हीलियम-3
(3) हीलियम-4
(4) हाइड्रोजन
उत्तर:
(2) हीलियम-3

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन

51. ड्यूटीरियम के खोजकर्ता कौन हैं ?
(1) बर्ग और मैन्जल
(2) मोस्ले
(3) लुई और मैक्डोनाल्ड
(4) यूरे
उत्तर:
(4) यूरे

52. निम्न में से कौन-सा पदार्थ जल में स्थायी कठोरता उत्पन्न करता है-
(1) NaCl
(2) NaHCO3
(3) K2SO4
(4) Mg(NO3)2
उत्तर:
(4) Mg(NO3)2

53. \(\mathrm{NaOCl}+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2 \longrightarrow \mathrm{NaCl}+\mathrm{O}_2+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)
इस अभिक्रिया में H2O2 अणु-
(1) इलेक्ट्रॉन लेता है
(2) इलेक्ट्रॉन देता है
(3) इलेक्ट्रॉन लेता भी है तथा देता भी है
(4) इलेक्ट्रॉन न लेता है और न देता है।
उत्तर:
(2) इलेक्ट्रॉन देता है

54. हाइड्रोजन परॉक्साइड का उपयोग पुराने तेल चित्रों का सफेद रंग काला पड़ जाने पर उसको पुनः सफेद करने में होता है। यह निम्न अभिक्रिया पर आधारित है-
(1) Ag2O + H2O2 → 2Ag + H2O + O2
(2) PbO2 + H2O2 → PbO + H2O + O2
(3) PbS + 4H2O2 → PbSO4 + 4H2O
(4) H2S + H2O2 → S + 2H2O
उत्तर:
(3) PbS + 4H2O2 → PbSO4 + 4H2O

55. निम्न में किस क्रिया में H2O2 ऑक्सीकरण के रूप में कार्य करता है ?
(1 ) I2 + H2O2 → 2HI + O2
(2) 2FeCl3 + H2O2 → 2FeCl2 + 2HC1 + O2
(3) PbO2 + H2O2 → PbO + H2O + O2
(4) Ag2O + H2O2 → 2Ag + H2O + O2
उत्तर:
(2) 2FeCl3 + H2O2 → 2FeCl2 + 2HC1 + O2

56. भारी पानी को पीने में प्रयुक्त नहीं करते हैं क्योंकि-
(1) यह विषैला होता है
(2) यह महँगा होता है
(3) इसकी शरीर क्रियात्मक क्रिया साधारण जल से भिन्न होती है
(4) इसके रासायनिक गुण साधारण जल से भिन्न होते हैं।
उत्तर:
(3) इसकी शरीर क्रियात्मक क्रिया साधारण जल से भिन्न होती है

57. सोडियम हाइपोक्लोराइट H2O2 से अभिक्रिया करके बनाता है-
(1 ) NaCl
(2) H2O
(3)O2
(4) उपरोक्त सभी।
उत्तर:
(4) उपरोक्त सभी।

58. जल का क्रान्तिक ताप O2 से अधिक है क्योंकि जल के अणु में-
(1) O2 की तुलना में कम इलेक्ट्रॉन हैं
(2) दो सहसंयोजक आबन्ध हैं
(3) आकृति V आकार की है
(4) द्विध्रुव आघूर्ण होता है ।
उत्तर:
(4) द्विध्रुव आघूर्ण होता है ।

59. साधारण हाइड्रोजन का परमाण्वीय हाइड्रोजन में परिवर्तन होता है-
(1) नाभिकीय अभिक्रिया
(2) एक ऊष्माशोषी अभिक्रिया
(3) एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया
(4) एक विघटन अभिक्रिया ।
उत्तर:
(2) एक ऊष्माशोषी अभिक्रिया

60. HCl से H2 निम्न में किसकी क्रिया द्वारा उत्पन्न होती है-
(1) Cu
(2) Mg
(3) P
(4) Hg
उत्तर:
(2) Mg

61. वह ऑक्साइड जो तनु अम्ल से अभिक्रिया करके H2O2 देता है-
(1) PbO2
(2) Na2O2
(3) MnO2
(4) TiO2
उत्तर:
(2) Na2O2

62. \(\mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2 \longrightarrow 2 \mathrm{H}^{+}+\mathrm{O}_2+2 e^{-}, \mathrm{E}^0=-0 \cdot 68 \mathrm{~V}\) उपरोक्त अभिक्रिया H2O2 के किस व्यवहार को निरूपित करती है-
(1) अपचायक
(3) अम्लीय
(2) ऑक्सीकारक
(4) उत्प्रेरक ।
उत्तर:
(1) अपचायक

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन

63. क्रोमिक अम्ल के अम्लीय विलयन को H2O2 के साथ क्रिया कराने पर प्राप्त होता है-
(1) CrO2 + H2O + O2
(2) Cr2O3 + H2O + O2
(3) CrO5 + H2O
(4) H2Cr2O + H2O + O2
उत्तर:
(3) CrO5 + H2O

64. भारी जल को भारी कहा जाता है, क्योंकि –
(1) इसमें हाइड्रोजन का भारी समस्थानिक होता है
(2) यह ड्यूटीरियम का ऑक्साइड है
(3) इसके घनत्व साधारण जल से ज्यादा हैं।
(4) इसमें से भारी दुर्गन्ध आती है।
उत्तर:
(2) यह ड्यूटीरियम का ऑक्साइड है

65. कैलेगॉन का सूत्र है-
(1) Na4[Na2(PO4)6]
(2) Na2[Na4(PO3)6]
(3) Na4[Na2(PO3)6]
(4) Na2[Na4(PO4)6]
उत्तर:
(2) Na2[Na4(PO3)6]

66. निम्न में से कौन-सा यौगिक हाइड्रोजन द्वारा द्रव अवस्था से ठोस अवस्था में बदलता है-
(1) ग्लिसरॉल
(2) तेल
(3) ऐसिटिलीन
(4) इथाइलीन ।
उत्तर:
(2) तेल

67. सबसे अधिक क्रियाशील है-
(1) नवजात हाइड्रोजन
(2) साधारण हाइड्रोजन
(3) भारी हाइड्रोजन
(4) ऑर्थो हाइड्रोजन ।
उत्तर:
(1) नवजात हाइड्रोजन

अति लघु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
हाइड्रोजन का नामकरण किस वैज्ञानिक ने किया ?
उत्तर:
हाइड्रोजन का नामकरण लेवोशिए ने किया।

प्रश्न 2.
हाइड्रोजन के एक अणु में कितने परमाणु होते हैं ?
उत्तर:
हाइड्रोजन के एक अणु में हाइड्रोजन के दो परमाणु होते हैं।

प्रश्न 3.
हाइड्रोजन को हवा में जलाने से कौन-सा पदार्थ प्राप्त होता है ?
उत्तर:
हाइड्रोजन को हवा में जलाने से जल (H2O) प्राप्त होता है।

प्रश्न 4. हाइड्रोजन गैस प्राप्त करने के दो मुख्य स्रोतों के नाम लिखिए।
उत्तर:
डाइहाइड्रोजन प्राप्त करने के दो मुख्य स्रोत जल तथा अम्ल हैं।

प्रश्न 5.
जल के विद्युत् अपघटन से ऋणोद पर एकत्र होने वाली गैस का नाम लिखिए।
उत्तर:
जल के विद्युत् अपघटन से ऋणोद पर डाइहाइड्रोजन गैस (H2) एकत्रित होती है।

प्रश्न 6.
वनस्पति तेलों का हाइड्रोजनीकरण किस उत्प्रेरक की उपस्थिति में होता है ?
उत्तर:
वनस्पति तेलों का हाइड्रोजनीकरण निकिल ( बारीक चूर्ण) उत्प्रेरक की उपस्थिति में होता है।

प्रश्न 7.
हाइड्रोजन के रेडियोऐक्टिव समस्थानिक का नाम बताइए।
उत्तर:
ट्राइटियम (1H3) रेडियोऐक्टिव है।

प्रश्न 8.
कक्ष-ताप पर डाइहाइड्रोजन अन्य पदार्थों से मन्द दर पर अभिक्रिया क्यों करती है ?
उत्तर:
डाइहाइड्रोजन की बंन्ध वियोजन ऊर्जा अत्यन्त उच्च (436 kJ mol-1) होती है जिस कारण यह अन्य पदार्थों से मन्द दर पर अभिक्रिया करती है।

प्रश्न 9.
हाइड्रोजन के कौन-से समस्थानिक का प्रयोग नाभिकीय रिऐक्टर में किया जाता है ?
उत्तर:
ड्यूटीरियम (D) का प्रयोग नाभिकीय रिएक्टर में किया ‘जाता है।

प्रश्न 10.
जब सोडियम हाइड्राइड विद्युत्-अपघटित होता है तो डाइहाइड्रोजन कौन से इलेक्ट्रोड पर मुक्त होती है ?
उत्तर:
डाइहाइड्रोजन ऐनोड पर मुक्त होती है; इसे निम्न प्रकार दर्शाया जा सकता है-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 3
ऐनोड पर : 2H – 2e → H2(g)

प्रश्न 11.
हाइड्रोजन अणु उच्च ध्रुवी क्यों होता है ?
उत्तर:
अपने लघु आकार तथा उच्च विद्युत ऋणात्मकता के कारण हाइड्रोजन अणु उच्च ध्रुवी होता है।

प्रश्न 12.
शुद्ध H2 कैसे प्राप्त करते हैं ?
उत्तर:
अम्लीकृत जल के विद्युत् अपघटन से शुद्ध H2 तथा O2 प्राप्त करते हैं।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन

प्रश्न 13.
ब्रह्मांड में सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला तत्व कौन-सा है ?
उत्तर:
हाइड्रोजन।

प्रश्न 14.
हाइड्रोजन तत्व कक्ष ताप पर दूसरे तत्वों के साथ धीमी गति से क्रिया क्यों करता है।
उत्तर:
क्योंकि इसकी बन्ध एन्थैल्पी का मान बहुत अधिक (436kJ.mol) होता है।

प्रश्न 15.
हाइड्रोजन का स्थान आवर्त सारणी में अभी तक स्थायी क्यों नहीं है ?
उत्तर:
क्योंकि यह क्षार धातुओं तथा हैलोजन दोनों के साथ समानता प्रदर्शित करता है।

प्रश्न 16.
हाइड्रोजन का कौन सा समस्थानिक न्यूट्रॉन नहीं रखता ?
उत्तर:
प्रोटियम (1H1)

प्रश्न 17.
एक ऐसा उदाहरण दीजिए जिसमें हाइड्रोजन ऑक्सीकारक का कार्य करता है ?
उत्तर:
2Na + H2 → 2NaH

प्रश्न 18.
उस हाइड्रोजन का नाम लिखिए जिसमें नाभिक एक ही दिशा में चक्रण करता है।
उत्तर:
ऑर्थो हाइड्रोजन

प्रश्न 19.
उन धातुओं के नाम बताइए जो NaOH से क्रिया करके H2 गैस का उत्पादन करती है ?
उत्तर:
Al तथा Be वो धातुएँ हैं जो NaOH से क्रिया करके H1 गैस का उत्पादन करती हैं।

प्रश्न 20.
उन धातुओं के नाम बताइए जो 5% HNO3 से क्रिया करके हाइड्रोजन गैस बनाती हैं।
उत्तर:
Mg और Mn

प्रश्न 21.
H2S की तुलना में जल का क्वथनांक तथा गलनांक उच्च क्यों होता है?
उत्तर:
जल- अणु अन्तर- आण्विक हाइड्रोजन बन्धों द्वारा संगुणित रहते हैं जिससे इनका क्वथनांक तथा गलनांक उच्च हो जाता है, जबकि H2S में ऐसा नहीं होता ।

प्रश्न 22.
जल किस तत्व का ऑक्साइड है?
उत्तर:
जल हाइड्रोजन का ऑक्साइड है।

प्रश्न 23.
उस जल का नाम लिखिए, जो साबुन के साथ आसांनी से झाग उत्पन्न करता है।
उत्तर:
मृदु जल, साबुन के साथ आसानी से झाग उत्पन्न करता है ।

प्रश्न 24.
सोडियम जियोलाइट का नाम व रासायनिक सूत्र लिखिए ।
उत्तर:
सोडियम जियोलाइट / परम्यूटिट (Na2Z) सोडियम ऐलुमिनियम सिलिकेट को कहते हैं। इसका रासायनिक सूत्र Na2Al2Si2O 8 है।

प्रश्न 25.
जल की अस्थायी कठोरता किन लवणों के कारण होती है?
उत्तर:
जल की अस्थायी कठोरता कैल्सियम या मैग्नीशियम के बाइकार्बोनेट लवणों के कारण होती है।

प्रश्न 26.
जल की अस्थायी कठोरता दूर करने की किसी एक विधि का नाम लिखिए ।
उत्तर:
जल की अस्थायी कठोरता दूर करने के लिए क्लार्क विधि का उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 27.
एक ऐसे पदार्थ का नाम लिखिए जो जल में घुलकर, उसे स्थायी कठोर बनाता है।
उत्तर:
मैग्नीशियम क्लोराइड जल में घुलकर उसे स्थायी कठोर बना देता है।

प्रश्न 28.
आसवन द्वारा जल की कौन-सी कठोरता दूर होती है ?
उत्तर:
आसवन द्वारा जल की स्थायी तथा अस्थायी दोनों प्रकार की कठोरता दूर हो जाती हैं।

प्रश्न 29.
जल कितने प्रकार का होता है?
उत्तर:
जल दो प्रकार होता हैं- मृदु जल तथा कठोर जल ।

प्रश्न 30. साधारण जल से भारी जल किस प्रकार उत्पन्न होता है?
उत्तर:
साधारण जल का बार-बार विद्युत अपघटन (repeated electrolysis) कराने पर भारी जल प्राप्त होता है।

प्रश्न 31.
किन-किन विधियों द्वारा जल- अणु निर्जलीय लवणों से जुड़कर हाइड्रेट बनाते हैं?
उत्तर:
उपसहसंयोजक बन्ध तथा हाइड्रोजन बन्ध द्वारा जुड़कर जल – अणु हाइड्रेट बनाते हैं।

प्रश्न 32.
कठोर जल की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
कठोर जल, वह जल है जो साबुन के साथ आसानी से झाग नहीं देता है अथवा अत्यधिक कठिनाई से झाग देता है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन

प्रश्न 33.
वर्षा के जल में कौन-कौन सी अशुद्धियाँ होती हैं ?
उत्तर:
वर्षा का जल शुद्धतम प्राकृतिक जल है, किन्तु इसमें अमोनिया, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन परऑक्साइड आदि गैसों के अतिरिक्त 0.005% ठोस अशुद्धियाँ भी मिली होती हैं।

प्रश्न 34.
किस गैस द्वारा जल शुद्ध किया जाता है?
उत्तर:
क्लोरीन गैस द्वारा जल शुद्ध किया जाता है।

प्रश्न 35.
जल की स्थायी कठोरता दूर करने के लिए दो विधियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
जल की स्थायी कठोरता दूर करने की दो विधियाँ, आयन- विनिमय रेजिन विधि तथा जियोलाइट अथवा परम्यूटिट विधि हैं।

प्रश्न 36.
संश्लेषण विधि से जल का आयतनी संघटन ज्ञात करने के लिए किस उपकरण का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर:
संश्लेषण विधि से जल का आयतनी संघटन ज्ञात करने के लिए गैस आयतनमापी नली (eudiometer tube) नामक उपकरण का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 37.
पेयजल को शुद्ध करने के लिए पोटैशियम परमैंगनेट (KMnO4) क्या कार्य करता है?
उत्तर:
पोटैशियम परमैंगनेट (KMnO4) जल के रोगाणुओं को नष्ट करता है तथा कार्बनिक अशुद्धियों को ऑक्सीकृत करता है।

प्रश्न 38.
गैस आयतनमापी नली में 15 घन सेमी ऑक्सीजन तथा 35 घन सेमी हाइड्रोजन लेकर मिश्रण में विद्युत् धारा प्रवाहित करने के बाद 5 घन सेमी गैस बाकी बच रही है। इस गैस का क्या नाम है ?
उत्तर:
गैस आयतनमापी नली में बची हुई उस गैस का नाम डाइहाइड्रोजन है।

प्रश्न 39.
एक कुएँ के जल में कैल्सियम बाइकार्बोनेट लवण विलेय है। यह किस प्रकार का कठोर जल होगा?
उत्तर:
कुएँ के जल में कैल्सियम बाइकार्बोनेट लवण विलेय है। यह अस्थायी कठोर जल होगा।

प्रश्न 40.
किसी कठोर जल में कैल्सियम बाइकार्बोनेट घुला है। इसे मृदु जल किस प्रकार बनाया जा सकता है?
उत्तर:
कैल्सियम बाइकार्बोनेट घुले अस्थायी कठोर जल को उबालने से कैल्सियम बाइकार्बोनेट लवण अविलेय कैल्सियम कार्बोनेट लवण में परिवर्तित हो जाता है और नीचे बैठ जाता है। इसको छानकर दूर कर लिया जाता है।
\(\mathrm{Ca}\left(\mathrm{HCO}_3\right)_2 \longrightarrow \mathrm{CaCO}_3 \downarrow+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}+\mathrm{CO}_2 \uparrow\)

प्रश्न 41.
जल में कठोरता उत्पन्न करने वाले दो लवणों के नाम लिखिए ।
उत्तर:
जल में कैल्सियम व मैग्नीशियम के क्लोराइड व सल्फेट घुले रहने के कारण जल कठोरता (स्थायी) व्यक्त करता है।

प्रश्न 42.
कठोर जल में घुले हुए MgSO4 से धावन सोडा की क्या क्रिया होती है?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 4

प्रश्न 43.
क्या होता है जब – P4O10 ठण्डे जल में घोला जाता है? (केवल रासायनिक समीकरण दीजिए)
उत्तर:
ऑर्थो-फॉस्फोरिक अम्ल बनता है।
\(\mathrm{P}_4 \mathrm{O}_{10}+6 \mathrm{H}_2 \mathrm{O} \longrightarrow 4 \mathrm{H}_3 \mathrm{PO}_4\)

प्रश्न 44.
कठोर जल साबुन के साथ कम और देर में झाग क्यों देता है ?
उत्तर:
कठोर जल में कैल्सियम तथा मैग्नीशियम के लवण घुले होते हैं जिसके कारण कठोर जल साबुन के साथ झाग बनाने के स्थान पर कैल्सियम तथा मैग्नीशियम के स्टिऐरेट बनाता रहता है जो जल में अविलेय होते हैं।

प्रश्न 45.
सोडियम कार्बोनेट के द्वारा जल की स्थायी कठोरता क्यों दूर हो जाती है ?
उत्तर:
यदि स्थायी कठोर जल में सोडियम कार्बोनेट या धावन सोडा (Na2CO3) मिलाकर गर्म किया जाता है तो उसमें विलेय मैग्नीशियम तथा कैल्सियम के लवण अविलेय कार्बोनेटों में बदल जाते हैं जिनको छानकर अलग कर लिया जाता है।

प्रश्न 46.
“कठोर जल के एक नमूने की कठोरता 6° है ।” इस कथन का क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
कठोर जल के एक नमूने में कठोरता 6° है। इसका अर्थ यह है कि उसकी कठोरता एक ppm ( part per million) है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 5

प्रश्न 47.
क्लार्क विधि से अस्थायी कठोरता दूर करने की रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
इस विधि में चूने का जल मिलाकर अस्थायी कठोरता दूर करते हैं।
\(\mathrm{Ca}\left(\mathrm{HCO}_3\right)_2+\mathrm{Ca}(\mathrm{OH})_2 \longrightarrow 2 \mathrm{CaCO}_3 \downarrow+2 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)
कठोरता

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन

प्रश्न 48.
हाइड्राइड अन्तराल क्या है ?
उत्तर:
वर्ग 3, 4 और 5 की संक्रमण धातुएँ धात्विक हाइड्राइड बनाती हैं। वर्ग 6 में क्रोमियम भी एक हाइड्राइड बनाता है। इसके पश्चात् इसमें एक अन्तराल बन जाता है क्योंकि 7, 8 तथा 9 से सम्बन्धित धातुएँ कोई हाइड्राइड नहीं बनाती हैं।

प्रश्न 49.
जल आयनिक एवं ध्रुवीय सहसंयोजक यौगिकों के लिये एक अच्छा विलायक क्यों है?
उत्तर:
आयनिक यौगिक जल में घुलकर आयन देते हैं जबकि ध्रुवीय सहसंयोजक यौगिक जल के साथ हाइड्रोजन बन्ध बनाते हैं। इसी कारण आयनिक एवं ध्रुवीय सहसंयोजक यौगिकों के लिये जल अच्छा विलायक है।

प्रश्न 50.
जल गैस क्या है?
उत्तर:
CO तथा H2 का मिश्रण जल गैस है।

प्रश्न 51.
H2O2 का सान्द्रण कम दाब पर क्यों किया जाता है?
उत्तर:
70°C तक गर्म करने पर H2O2 का सान्द्रण 45% तक हो जाता है, परन्तु इससे ऊपर उच्च ताप पर गर्म करने पर इसका अपघटन हो जाता है। अत: अपघटन को रोकने के लिए H2O2 का सान्द्रण कम दाब पर किया जाता है।

प्रश्न 52.
हाइड्रोजन परॉक्साइड जल की अपेक्षा उत्तम ऑक्सीकारक है। कारण सहित बताइए ।
उत्तर:
H2O2 में ऑक्सीजन की ऋण विद्युता जल की अपेक्षा अधिक होती है; अत: H2O2 जल की अपेक्षा उत्तम ऑक्सीकारक होता है । इसके अतिरिक्त H2O2 में O की ऑक्सीकरण संख्या -1 है, जबकि H2O में O की ऑक्सीकरण संख्या -2 है। H2O2 में O की उच्च ऑक्सीकरण संख्या उसके जल की अपेक्षा उत्तम ऑक्सीकारक होने का एक कारण है।

प्रश्न 53.
एक पदार्थ का नाम बताइए जो H2O2 को ऑक्सीकृत कर सकता है ?
उत्तर:
अम्लीकृत KMnO4, H2O2 को ऑक्सीकृत कर सकता है।

प्रश्न 54.
10 आयतन H2O2 विलयन की सामर्थ्य परिकलित कीजिए ।
हल : H2O2 के 10 आयतन विलयन का अर्थ है कि 1L H2O2 मानक ताप एवं दाब पर 10L ऑक्सीजन देगा-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 6
∴ 22.4L ऑक्सीजन बनती है = 68 g H2O2 से
∴ 10.L ऑक्सीजन बनती है = \(\frac { 68×10 }{ 22.4 }\)g H2O2 = 30.36 g H2O2
उत्तर:
’10 आयतन’ H2O2 विलयन की सामर्थ्य 30.36 gm/ L है।

प्रश्न 55.
हाइड्रोजन परॉक्साइड विलयन की आयतन में व्यक्त सान्द्रता का मोलरता तथा नॉर्मलता के साथ सम्बन्ध बताइये ।
उत्तर:

  • आयतन सान्द्रता = 5.6 × नॉर्मलता
  • आयतन सान्द्रता 11.2 × मोलरता

प्रश्न 56.
हाइड्रोजन परॉक्साइड विलयन की आयतन सान्द्रता एवं प्रतिशत सान्द्रता में सम्बन्ध बताइये ।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 7

प्रश्न 57.
H2O2 की आयतन सान्द्रता तथा इसकी सामर्थ्य (g / L-1) में, का आपस में सम्बन्ध बताइये ।
उत्तर:
आयतन सान्द्रता
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 8

प्रश्न 58.
जब H2O2 की क्रिया खून के साथ होती है तो एक गैस तेजी से निकलती है ? व्याख्या करें ?
उत्तर:
रक्त में उपस्थित एन्जाइम H2O2 के ऑक्सीकरण की दर बढ़ा देता है जिससे O2 गैस तेजी के साथ निकलती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 9

प्रश्न 59.
’15 आयतन H2O2‘ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
15 आयतन H2O2 का अर्थ है कि H2O2 का 1 ml S.T.P. पर 15 ml O2 गैस देता है।

प्रश्न 60.
ऐसे दो यौगिकों के नाम लिखिये जो H2O2 के अपघटन की क्रिया को धीमा कर देते हैं।
उत्तर:
एसिटानिलाइड, ग्लिसरॉल।

प्रश्न 61.
’25 आयतन H2O2‘ के 10ml में कितनी H2O2 उपस्थित है?
उत्तर:
25 आयतन H2O2 के 10 ml में ऑक्सीजन की मात्रा = 10 × 25 = 250 ml at NTP
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 10
H2O2 की मात्रा जो 250 ml O2 को NTP पर मुक्त करती है
= \(\frac { 68 × 250 }{ 22400 }\) = 0.759 g

प्रश्न 62.
दिये गये H2O2 विलयन के 10ml में 0.91 g H2O2 उपस्थित है। इसकी सान्द्रता आयतन में व्यक्त करें ।
उत्तर:
68 g H2O2 NTP पर उत्पन्न करती है = 22400 ml O2
0.91 g H2O2 NTP पर उत्पन्न करती है।
= \(\frac { 22400×0.91 }{ 68 }\)
= 300 ml S.T.P. पर
अतः आयतन सान्द्रता = \(\frac { 300 }{ 100 }\) = ’30 आयतन H2O2

प्रश्न 63.
परहाइड्राल क्या है?
उत्तर:
परहाइड्राल H2O2 का व्यापारिक नाम है जो कि घाव, दाँत, कान आदि को साफ करने में प्रयुक्त होता है।

प्रश्न 64.
सूखे BaO2 को H2O2 को बनाने में प्रयुक्त नहीं करते हैं, क्यों ।
उत्तर:
सूखे BaO2 को प्रयोग में नहीं लाते क्योंकि अभिक्रिया के दौरान यह BaSO4 को बनाता है जो कि एक सुरक्षा कवच की तरह इसके ऊपर चढ़ जाता है तथा बचे हुये BaO2 की अभिक्रिया नहीं होने देता है।

प्रश्न 65.
वह कौन-सा यौगिक है जो तनु सल्फ्यूरिक अम्ल से क्रिया कराने पर हाइड्रोजन परॉक्साइड देता है ?
उत्तर:
BaO2

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन

प्रश्न 66.
भारी जल का सूत्र लिखिए। इसके दो उपयोग दीजिए।
उत्तर:
भारी जल का रासायनिक सूत्र D2O है। भारी जल (D2O) का अणुभार = 2 × 2 + 16 = 20 होता है। इसका उपयोग परमाणु भट्टी में न्यूट्रॉनों की गति मन्द करने में तथा जैव-रासायनिक अभिक्रियाओं की क्रियाविधि ज्ञात करने में होता है।

प्रश्न 67.
भारी जल का रासायनिक सूत्र लिखिए। भारी जल का उपयोग परमाणु भट्टी में क्यों किया जाता है?
उत्तर:
भारी जल का रासायनिक सूत्र D2O है। इसका उपयोग परमाणु भट्टी में न्यूट्रॉनों की गति को मन्द करने के लिए होता है।

प्रश्न 68.
भारी जल (D2O) के एक अणु में कितने इलेक्ट्रॉन होते हैं?
उत्तर:
दस ।

प्रश्न 69.
नाभिकीय रिएक्टर में भारी जल की क्या उपयोगिता है?
उत्तर:
यह मन्दक के रूप में कार्य करता है। यहाँ यह न्यूट्रॉन की गति को कम करके नाभिकीय अभिक्रिया को सन्तुलित करता है।

प्रश्न 70.
क्या होता है जब भारी जल कैल्सियम कार्बाइड के साथ अभिक्रिया करता है।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 11

प्रश्न 71.
क्या होता है जब भारी जल क्लोरोफार्म के साथ क्षार की उपस्थिति में क्रिया करता है।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 12

प्रश्न 72.
साधारण जल की अपेक्षा भारी जल में NaCl कम घुलनशील है, क्यों ?
उत्तर:
H2O की अपेक्षा D2O का परा वैद्युत स्थिरांक कम होता है यही कारण है कि NaCl भारी जल में कम विलेय है।

प्रश्न 73.
साधारण जल का विद्युत अपघटन भारी जल की अपेक्षा शीघ्र होता है, क्यों?
उत्तर:
साधारण जल में OH बन्ध की बन्धन ऊर्जा का मान D2O के OD बन्ध की बन्धन ऊर्जा के मान से कम होता है जिसके कारण साधारण जल का विद्युत अपघटन आसानी से होता हैं ।

प्रश्न 74.
यद्यपि D2O हर तरह से H2O जैसा है फिर भी यह विषैला है। क्यों ?
उत्तर:
D2O विषैला है क्योंकि एन्जाइम के द्वारा संचालित सभी अभिक्रियाएँ H+ की अपेक्षा D+ की उपस्थिति में धीमी गति से होती हैं।

प्रश्न 75.
D2O2 को कैसे बनाया जा सकता है ?
उत्तर:
जब पोटैशियम परसल्फेट की क्रिया भारी जल से होती है तो D2O2 बनता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 13

प्रश्न 76.
हाइड्रोजन, क्षार धातुओं तथा हैलोजनों के साथ समानता रखती है, क्षार धातुओं के ऑक्साइड क्षारीय हैं, हैलोजनों के ऑक्साइड अम्लीय हैं जबकि हाइड्रोजन का ऑक्साइड उदासीन है। स्पष्ट करो।
उत्तर:
क्षार धातुओं के ऑक्साइड घुलने पर OH आयन देते हैं तथा हैलोजनों के ऑक्साइड H+ देते हैं जबकि हाइड्रोजन के ऑक्साइड जल वियोजित होकर समान मात्रा में H+ तथा OH आयन देते हैं ।

प्रश्न 77.
H2O2 का क्वथनांक आशा से अधिक होता है, क्यों ?
उत्तर:
H2O2 के अणु अन्तराअणुक हाइड्रोजन बन्ध द्वारा संगुणित रहते हैं। H2O2 में जल से अधिक संगुणन होता है। इसी कारण H2O2 का क्वथनांक आशा से अधिक होता है।

प्रश्न 78.
जब गलित कैल्सियम हाइड्राइड का विद्युत अपघटन किया जाता है तो हाइड्रोजन ऐनोड पर प्राप्त होती है, क्यों ?
उत्तर:
CaH2 में हाइड्रोजन H के रूप में रहती है । वैद्युत अपघटन करने पर H आयन ऑक्सीकृत होकर ऐनोड पर H2 को मुक्त करता है।

प्रश्न 79.
अम्लीय पोटैशियम परमैंगनेट और H2O2 की अभिक्रिया का सन्तुलित समीकरण लिखें ।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 14

प्रश्न 80.
D2O का गलनांक, साधारण जल से अधिक होता है, क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि D2O में उपस्थित हाइड्रोजन बन्ध अधिक प्रबल होते हैं।

प्रश्न 81.
साधारण जल की अपेक्षा, भारी जल का घनत्व अधिक होता है, क्यों ?
उत्तर:
भारी जल का अधिक घनत्व इसके अधिक अणुभार के कारण है।

प्रश्न 82.
H2O2 अस्थायी द्रव क्यों होता है ?
उत्तर:
H2O2 को खुले में रखने पर या गर्म करने पर यह अपघटित हो जाता है।
\(2 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2 \longrightarrow 2 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}+\mathrm{O}_2\)

प्रश्न 83.
भारी जल के एक अणु में कितने इलेक्ट्रॉन होते हैं ?
उत्तर:
10 इलेक्ट्रॉन ।

प्रश्न 84.
अम्लों की भास्मिकता निकालने में भारी जल का प्रयोग किस प्रकार किया जाता है।
उत्तर:
आयनिक हाइड्रोजन या ऑक्सीजन से जुड़ी साधारण हाइड्रोजन का भारी हाइड्रोजन द्वारा विनिमय होता है।
उदाहरण:
CH3COOH की D2O से क्रिया कराने पर CH3COOD प्राप्त होता है न कि CD3COOD | इससे सिद्ध होता है कि CH3COOH में केवल एक आयनिक हाइड्रोजन है और यह मोनो बेसिक अम्ल है ।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन

प्रश्न 85.
H2O2 को जिस बोतल में रखते हैं उसकी आन्तरिक सतह मोम की होती है तथा बोतल रंगीन होती है, क्यों ?
उत्तर:
खुरदरी सतह H2O2 के विघटन में उत्प्रेरक का कार्य करती है। मोम की चिकनी सतह H2O2 के विघटन की दर कम कर देती है। रंगीन बोतल प्रकाश को रोकती है जिससे H2O2 का विघटन कम हो जाता है।

प्रश्न 86.
सूर्य में कौन-सा तत्व अधिक मात्रा में उपस्थित है ?
उत्तर:
हाइड्रोजन |

प्रश्न 87.
ज्वालामुखी एवं पेट्रोलियम कुँओं से निकलने वाली गैसों में मुख्य रूप से कौन-सी गैस है ?
उत्तर:
ज्वालामुखी एवं पेट्रोलियम कुँओं से अधिक मात्रा में हाइड्रोजन प्राप्त होती है।

प्रश्न 88.
धातुओं पर अम्लों की क्रिया द्वारा निकलने वाली गैस को हाइड्रोजन नाम किसने दिया ?
उत्तर:
लेवोशिये ने सर्वप्रथम इसे हाइड्रोजन नाम दिया।

प्रश्न 89.
ऐसे दो-दो उदाहरण दें जिनमें हाइड्रोजन का ऑक्सीकरण अंक +1 तथा 1 हो।
उत्तर:
(i) ऑक्सीकरण अंक + 1 वाले उदाहरण-
HCl तथा H2O

(ii) ऑक्सीकरण अंक – 1 वाले उदाहरण-
NaH, CaH2

प्रश्न 90.
वैज्ञानिक यूरे, ब्रिकवैड व मर्फी ने हाइड्रोजन के कौन से समस्थानिक की खोज की ?
उत्तर:
वैज्ञानिक यूरे, ब्रिकवैड व मर्फी ने ड्यूटीरियम की खोज की ।

प्रश्न 91.
वैज्ञानिक लोजिअर, ब्लीकनें व स्मिथ ने हाइड्रोजन के कौन-से समस्थानिक की खोज की ?
उत्तर:
ट्राइटियम की ।

प्रश्न 92.
गोल्ड हेबर विधि का समीकरण लिखें ?
उत्तर:
गोल्ड हेबर विधि में ट्राइटियम को लीथियम पर मन्द न्यूट्रॉनों के प्रहार से बनाते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 15

प्रश्न 93.
हाइड्रोजन को सर्वप्रथम किस वैज्ञानिक ने तैयार किया ?
उत्तर:
रॉबर्ट बॉयल ने सर्वप्रथम हाइड्रोजन को तैयार किया ।

प्रश्न 94.
किस वैज्ञानिक ने हाइड्रोजन को ज्वलनशील वायु कहा ?
उत्तर:
हैनरी कैवेन्डिश ने हाइड्रोजन को ज्वलनशील वायु कहा।

प्रश्न 95.
क्या ह्लेता है जब सोडियम की जल से क्रिया कराते हैं ?
उत्तर:
हाइड्रोजन गैस मुक्त होती है।
\(2 \mathrm{Na}+2 \mathrm{H}_2 \mathrm{O} \longrightarrow 2 \mathrm{NaOH}+\mathrm{H}_2 \uparrow\)

प्रश्न 96.
H2 गैस में कौन-कौन सी अशुद्धियाँ होती हैं ?
उत्तर:
H2 गैस में AsH3, PH3, H2S, SO2, CO2, NO2, नमी आदि की अशुद्धियाँ होती हैं।

प्रश्न 97.
AsH3 तथा PH3 की अशुद्धि को हाइड्रोजन से दूर करने के लिये इसे किस विलयन से गुजारते हैं ?
उत्तर:
AsH3 तथा PH2 की अशुद्धि को हाइड्रोजन से दूर करने के लिये इसे AgNO3 विलयन से गुजारते हैं।

प्रश्न 98.
सहसंयोजक हाइड्राइड के दो उदाहरण दें।
उत्तर:
B2H6, CH4

प्रश्न 99.
धात्विक हाइड्राइड के दो उदाहरण दें।
उत्तर:
ZrH, TaH

प्रश्न 100.
आयनिक हाइड्राइड के दो उदाहरण दें।
उत्तर:
CaH2, SrH2

प्रश्न 101.
जल में उपस्थित ऑक्सीजन तत्व पर संकरण क्या है ?
उत्तर:
sp3

प्रश्न 102.
जल अणु पुंज किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जल में H2O-HOH प्रकार के अणु समूह या गुच्छे उपस्थित होते हैं, इन्हें जल अणु पुंज कहते हैं।

प्रश्न 103.
Na2CO3 का जलीय विलयन कैसा होता है ?
उत्तर:
Na2CO3 का जलीय विलयन क्षारीय होता है।

प्रश्न 104.
CuSO4 का जलीय विलयन कैसा होता है ?
उत्तर:
CuSO4 का जलीय विलयन अम्लीय होता है।

प्रश्न 105.
बॉयलर में किस रासायनिक पदार्थ की पपड़ी जमती है ?
उत्तर:
बॉयलर में CaSO4, MgSO4 लवण के कारण पपड़ी जमती है।

प्रश्न 106.
जल की अस्थायी कठोरता कैसे दूर होती है ?
उत्तर:
जल की अस्थायी कठोरता को उबालकर या जल में बुझा चूना डालकर दूर करते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 16

प्रश्न 107.
किस धातु के स्टियरेट जल में अविलेय हैं ?
उत्तर:
मैग्नीशियम व कैल्सियम के स्टियरेट जल में अविलेय हैं।

प्रश्न 108.
किस धातु का स्टियरेट जल में विलेय है?
उत्तर:
सोडियम धातु का स्टियरेट जल में विलेय होता है।

प्रश्न 109.
हाइड्रोजन परॉक्साइड की खोज किसने की थी ?
उत्तर:
H2O2 की खोज बेनार्ड नामक फ्रेंच रसायनज्ञ ने की थी ।

प्रश्न 110.
H2O2 के भण्डारण में स्थायी कारक पदार्थ मिलाते हैं, इनके नाम बतायें ।
उत्तर:
फॉस्फोरिक अम्ल, ग्लिसरॉल, ऐसीटेनिलाइड आदि ।

प्रश्न 111.
H2O2 के क्वथनांक का सही मान ज्ञात नहीं है, क्यों ?
उत्तर:
H2O2 का क्वथनांक सही रूप से निर्धारित नहीं हो पाता है क्योंकि यह उस तापक्रम से पहले विघटित हो जाता है।

प्रश्न 112.
H2O2 की गैसीय अवस्था एवं क्रिस्टलीय अवस्था में बन्ध कोण कितना है ?
उत्तर:
H2O2 की गैसीय अवस्था में बन्ध कोण 111.5° व क्रिस्टलीय अवस्था में बन्ध कोण 90.2° होता है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन

प्रश्न 113.
H2O2 को रंगीन बोतलों में रखते हैं, क्यों ?
उत्तर:
H2O2 का प्रकाश द्वारा विघटन रोकने के लिये इसे रंगीन बोतलों में रखते हैं।

प्रश्न 114.
धातु की सतह पर हाइड्रोजन का चिपकना क्या कहलाता है ?
उत्तर:
धातु की सतह पर हाइड्रोजन का चिपकना अधिशोषण कहलाता है।

प्रश्न 115.
क्या तनु HCl के साथ कॉपर की क्रिया करा कर हाइड्रोजन उत्पन्न कर सकते हैं ?
उत्तर:
नहीं।

प्रश्न 116.
जल गैस के घटक क्या हैं ?
उत्तर:
जल गैस के घटक CO, H2 हैं ।

प्रश्न 117.
क्या होता है जब निम्न पर जल गिराते हैं-
(i) CaC2
(ii) Mg3P2
उत्तर:
(i) CaC2 जल से क्रिया करके CH ≡ CH बनाता है।
(ii) Mg3P2 जल से क्रिया करके PH3 बनाता है।

प्रश्न 118.
परम्यूटिट का रासायनिक सूत्र लिखें ।
उत्तर:
परम्यूटिट का रासायनिक सूत्र Na2Al2Si2O8.xH2O होता है।

प्रश्न 119.
केलगॉन का रासायनिक सूत्र है ।
उत्तर:
Na2[Na4(PO3)6] को केलगॉन कहते हैं।

प्रश्न 120.
क्या समुद्री प्राणी आसुत जल में रह सकते हैं ?
उत्तर:
समुद्री प्राणी आसुत जल में नहीं रह सकते हैं।

प्रश्न 121.
H2O2 की क्षारकता कितनी होती है ?
उत्तर:
H2O2 की क्षारकता दो होती है।

प्रश्न 122.
ऐसीटैनिलाइड H2O2 के विघटन को रोकता है। इसकी प्रकृति कैसी होती है ?
उत्तर:
ऐसीटैनिलाइड संदमक का कार्य करता है।

प्रश्न 123.
जल की कठोरता की मात्रा की परिभाषा दें ।
उत्तर:
इसे भारानुसार जल के 10 लाख भाग में उपस्थित कैल्सियम कार्बोनेट या इसके तुल्यांक के भारानुसार भागों की संख्या के रूप में परिभाषित कर सकते हैं।

प्रश्न 124.
ऐसी अभिक्रियाओं का उदाहरण दो जिसमें हाइड्रोजन ऑक्सीकारक तथा अपचायक की तरह कार्य करता है ?
उत्तर:
अपचायक के रूप में,
\(\mathrm{CuO}_{(s)}+\mathrm{H}_{2(g)} \longrightarrow \mathrm{Cu}+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}_{(\ell)}\)
ऑक्सीकारक के रूप में,
\(2 \mathrm{Na}_{(s)}+\mathrm{H}_{2(g)} \longrightarrow 2 \mathrm{Na}^{+} \mathrm{H}^{-}(s)\)

लघु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
हाइड्रोजन की प्राप्ति पर विवेचना कीजिए।
उत्तर:
हाइड्रोजन ब्रह्माण्ड में अतिबाहुल्य तत्व (ब्रह्माण्ड के सम्पूर्ण द्रव्यमान का 70 प्रतिशत) है तथा यह सौर वायुमण्डल का प्रमुख तत्व है। बड़े ग्रहों-बृहस्पति (Jupiter) तथा शनि (Saturn) में अधिकांशत: हाइड्रोजन होती है, हालांकि अपनी हल्की प्रकृति के कारण यह पृथ्वी के वायुमण्डल में कम मात्रा (द्रव्यमानानुसार लगभग 0.15 प्रतिशत) में पाई जाती है। संयुक्त अवस्था में हाइड्रोजन तत्व भू-पर्पटी तथा महासागर में 15.4 प्रतिशत भाग का निर्माण करते हैं। संयुक्त अवस्था में जल के अतिरिक्त यह पादप तथा जन्तु-ऊतकों, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, हाइड्राइड, हाइड्रोकार्बन और कई अन्य यौगिकों में पायी जाती है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन

प्रश्न 2.
क्या होता है, जबकि डाइहाइड्रोजन निम्न- लिखित के साथ अभिक्रिया करती है-
(i) फेरिक क्लोराइड,
(ii) सिल्वर क्लोराइड,
(iii) सल्फर।
उत्तर:
डाइहाइड्रोजन की फेरिक क्लोराइड, सिल्वर क्लोराइड तथा सल्फर के साथ अभिक्रियाएँ निम्नवत् हैं-
(i) फेरिक क्लोराइड से अभिक्रिया (Reaction with ferric chloride)-डाइहाइड्रोजन फेरिंक क्लोराइड के साथ क्रिया करके उसे फेरस क्लोराइड में अपचयित कर देती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 17

(ii) सिल्वर क्लोराइड से अभिक्रिया (Reaction with silver chloride) – डाइहाइड्रोजन की सिल्वर क्लोराइड से अभिक्रिया होने पर सिल्वर तथा हाइड्रोजन क्लोराइड गैस प्राप्त होती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 18

(iii) सल्फर से अभिक्रिया (Reaction with sulphur ) – हाइड्रोजन गैस को गर्म उबलते सल्फर में प्रवाहित करने से हाइड्रोजन सल्फाइड गैस बनती है।
\(\mathrm{H}_2+\mathrm{S} \longrightarrow \mathrm{H}_2 \mathrm{~S} \uparrow\) हाइड्रोजन सल्फाइड

प्रश्न 3.
उदाहरण देकर सिद्ध कीजिए कि डाइहाइड्रोजन एक प्रबल अपचायक है।
उत्तर:
डाइहाइड्रोजन को लेड, कॉपर आदि के गर्म ऑक्साइडों पर प्रवाहित करने से शुद्ध धातु प्राप्त होती है।
PbO + H2 → Pb + H2O
CuO + H2 → Cu + H2O
उपरोक्त अभिक्रियाएँ सिद्ध करती हैं कि H2 एक प्रबल अपचायक है।

प्रश्न 4.
क्या होता है, जबकि –
(i) जल में सोडियम का टुकड़ा डाला जाता है ?
(ii) डाइहाइड्रोजन और क्लोरीन की अभिक्रिया सूर्य के प्रकाश में होती है ?
(iii) जल के साथ हाइड्रोलिथ की अभिक्रिया होती है ?
उत्तर:
(i) जल में सोडियम का टुकड़ा डालने पर डाइहाइड्रोजन गैस बनती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 19

(ii) सूर्य के प्रकाश में डाइहाइड्रोजन तथा क्लोरीन की अभिक्रिया से हाइड्रोजन क्लोराइड (HCl) गैस बनती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 20

(iii) जल के साथ हाइड्रोलिथ की अभिक्रिया से डाइहाइड्रोजन गैस उत्पन्न होती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 21

प्रश्न 5.
निम्न अभिक्रियाओं को पूर्ण करें-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 22
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 23

प्रश्न 6.
निम्न अभिक्रियाओं को पूर्ण करें-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 24
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 25

प्रश्न 7.
रिक्त स्थानों को भरिए ।
(अ) हाइड्रोजन ……………तथा……………दोनों प्रकार के गुण रखता है।
(ब) H+ आयन जल में…………… आयन की तरह रहते हैं तथा इन्हें……………… आयन कहते हैं।
(स) हाइड्रोजन………………. पर प्राप्त होती है जब NaH का विद्युत अपघटन किया जाता है।
(द) हाइड्रोनियम………………तथा………………… ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है।
उत्तर:
(अ) विद्युत धनीय, विद्युत ऋणीय
(ब) H3O+, हाइड्रोनियम
(स) ऐनोड
(द) +1, -1

प्रश्न 8.
हाइड्रोजन अपने यौगिकों में तीन प्रकार के बन्ध बनाता है। इसे उदाहरण सहित समझाइए ।
उत्तर:
(i) आयनिक बन्ध (उदाहरण – NaH)
(ii) सहसंयोजक बन्ध ( उदाहरण HCl, NH3, H2O)
(iii) हाइड्रोजन बन्ध ( उदाहरण NH3, H2O, HF)

प्रश्न 9.
(i) हाइड्रोजन को गुब्बारों में नहीं भरा जाता । क्यों ?
(ii) H2 को सुखाने के लिये सान्द्र H2SO4 का प्रयोग नहीं करते, क्यों ?
(iii) क्या समुद्री जानवर आसुत जल में जीवित रह सकते हैं?
उत्तर:
(i) हाइड्रोजन अत्यन्त ज्वलनशील गैस है। हवा की अधिकता में इसमें तुरन्त आग लग जाती है। अत: इसे गुब्बारों में नहीं भरा जाता है।
(ii) जब सान्द्र H2SO4 हाइड्रोजन गैस के साथ मौजूद H2O के अणुओं को सोखता है तब अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न करता है। इस ऊर्जा की उपस्थिति में हाइड्रोजन में तुरन्त आग लग जाती है अत: Ha को सुखाने के लिये सान्द्र H2SO4 का प्रयोग नहीं करते हैं।
(iii) नहीं। क्योंकि आसुत जल में घुली हुयी O2 उपस्थित नहीं होती ।

प्रश्न 10.
अन्तराकाशी हाइड्राइडों के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
(i) CuH तथा
(ii) FeH.

प्रश्न 11.
क्या आप यह अपेक्षा करते हैं कि N, O तथा F के हाइड्राइडों के क्वथनांक उनके वर्ग के संगत सदस्यों के हाइड्राइडों से निम्न होते हैं? कारण बताइए।
उत्तर:
NH3, H2O तथा HF के आण्विक भारों के आधार पर इनके क्वथनांक संगत सदस्यों के हाइड्राइडों से कम होने चाहिए, परन्तु N, O, F की उच्च विद्युत् ऋणता के कारण हाइड्राइडों में हाइड्रोजन बन्ध बनाने की क्षमता उल्लेखनीय है। अत: NH3, H2O तथा HF के क्वथनांक उनके वर्ग के सदस्यों से उच्च होते हैं।

प्रश्न 12.
हाइड्रोजन किस प्रकार के तत्वों के साथ धात्विक हाइड्राइड बनाता है?
उत्तर:
d तथा f-ब्लॉक के तत्वों के साथ ।

प्रश्न 13.
वण समान हाइड्राइड तथा आण्विक हाइड्राइडों में अन्तर बताइए ?
उत्तर:

लवण समान हाइड्राइड आण्विक हाइड्राइड
(1) s-ब्लॉक के तत्व, बनाते हैं। (1) p-ब्लॉक के तत्व बनाते हैं।
(2) आयनिक बन्ध बनाते हैं। (2) सह-संयोजक बन्ध बनाते हैं।
(3) ये जल के साथ विस्फोटीय रूप से अभिक्रिया करते हैं। (3) जल के साथ विस्फोटीय रूप से अभिक्रिया नहीं करते हैं तथा जल में विलेय नहीं होते हैं।
(4) हाइड्रोजन H आयन में के रूप में होता है। (4) हाइड्रोजन H आयन के रूप नहीं होता है।
(5) उदाहरण: NaH, CaH2, KH आदि। (5) उदाहरण: CH4, NH3, HF आदि ।

प्रश्न 14.
कठोर जल से हानियाँ और लाभ लिखिए ।
उत्तर:
कठोर जल से हानियाँ (Disadvantages from hard water) – कठोर जल में कैल्सियम तथा मैग्नीशियम के बाइकार्बोनेट, क्लोराइड तथा सल्फेट लवण घुले होते हैं जो साबुन से क्रिया करके अविलेय यौगिक बनाते हैं; जिसके कारण साबुन का अधिकतर भाग इस क्रिया में ही नष्ट हो जाता है और साबुन झाग नहीं देता है।
कठोर जल से लाभ (Advantages of hard water) – कठोर जल में उपस्थित कैल्सियम तथा मैग्नीशियम के कार्बोनेट, बाइकार्बोनेट तथा सल्फेट लवण हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं तथा इन लवणों की उपस्थिति के कारण ही जल स्वादिष्ट होता है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन

प्रश्न 15.
जल की कठोरता से क्या अभिप्राय है? क्या कठोर जल पीने के लिए उपयुक्त है ?
उत्तर:
जल का साबुन के साथ आसानी से झाग न देने अथवा अत्यधिक कठिनाई से झाग देने का गुण उसकी कठोरता कहलाता है अथवा जब जल साबुन के रगड़ने पर कम झाग अथवा देर से झाग उत्पन्न करता है तो जल के इस गुण को जल की कठोरता कहते हैं। कठोर जल की पीने के लिए उपयुक्तता निम्नवत् है-

  • कठोर जल में घुले कैल्सियम के बाइकार्बोनेट, क्लोराइड तथा सल्फेट लवण हमारे स्वास्थ्य के लिए हितकर हैं। इनकी उपस्थिति से जल स्वादिष्ट हो जाता है, परन्तु पीने के जल में अधिक कठोरता नहीं होनी चाहिए।
  • मृदु जल जब सीसे के नलों में बहता है तो कुछ धातु एवं उसके यौगिकों के घुलने से जल विषैला हो जाता है; अतः सीसे के नलों से बहाकर ले जाने के लिए जल कठोर होना चाहिए।

प्रश्न 16.
जल की कठोरता के क्या कारण हैं? कठोर जल को मृदु बनाने की किसी एक विधि का वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
जल की कठोरता, जल में कैल्सियम तथा मैग्नीशियम के बाइकार्बोनेट, क्लोराइड तथा सल्फेट लवणों के कारण होती है। कठोर जल को मृदु बनाना (Softening of hard water) – स्थायी अथवा अस्थायी रूप से कठोर जल को शुद्ध करने के लिए आसवन विधि सर्वोत्तम मानी जाती है। इस विधि से जल में विलेय और निलम्बित दोनों प्रकार की अशुद्धियाँ दूर की जा सकती हैं।

इसके लिए अविरत क्रियाशील भभका प्रयोग किया जाता है। इसमें ताँबे के भभके को जल से भरकर गर्म करते हैं। उत्पन्न भाप को नल में से गुजारते हैं। इस नल से गुजरते समय, वाष्प जल को गर्म करती है तथा स्वयं ठण्डी होकर द्रव बन जाती है। यह जल ग्राही पात्र में एकत्रित कर लिया जाता है। इस प्रकार प्राप्त जल में कोई भी लवण नहीं होता है। यह शुद्ध जल ‘ आसुत जल’ कहलाता है।

प्रश्न 17.
जल की अस्थायी कठोरता उबालने से कैसे दूर हो जाती है ? रासायनिक समीकरण भी दीजिए।
उत्तर:
अस्थायी कठोर जल को उबालने पर उसमें घुले कैल्सियम तथा मैग्नीशियम के बाइकार्बोनेट लवण अविलेय कार्बोनेट लवणों में परिवर्तित हो जाते हैं, जो नीचे बैठ जाते हैं। इनको छानकर दूर कर लिया जाता है।
\(\mathrm{Ca}\left(\mathrm{HCO}_3\right)_2 \longrightarrow \mathrm{H}_2 \mathrm{O}+\mathrm{CO}_2 \uparrow+\mathrm{CaCO}_3 \downarrow\)
\(\mathrm{Mg}\left(\mathrm{HCO}_3\right)_2 \longrightarrow \mathrm{H}_2 \mathrm{O}+\mathrm{CO}_2 \uparrow+\mathrm{MgCO}_3 \downarrow\)

प्रश्न 18.
बुझा हुआ चूना मिलाकर जल को उबालने से वह मृदु क्यों हो जाता है ?
उत्तर:
अस्थायी कठोर जल में बुझा हुआ चूना मिलाकर जल को उबालने से उसमें विलेय बाइकार्बोनेट लवण, अविलेय कार्बोनेट लवणों में बदल जाते हैं जिन्हें छानकर अलग कर दिया जाता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 26

प्रश्न 19.
कठोर जल में साबुन के रगड़े जाने पर झाग के देर से बनने का कारण स्पष्ट कीजिए । सम्बन्धित अभिक्रिया का समीकरण भी दीजिए।
उत्तर:
कठोर जल में कैल्सियम तथा मैग्नीशियम के क्लोराइड, सल्फेट, बाइकार्बोनेट्स इत्यादि साबुन (जो कि उच्च वसीय अम्लों के सोडियम लवण होते हैं) से क्रिया करके अविलेय कैल्सियम व मैग्नीशियम लवण बना लेते हैं जिससे कठोर जल झाग उत्पन्न नहीं करता है।
उदाहरण – सोडियम स्टिऐरेट एक उच्च वसीय अम्ल का लवण है अर्थात् साबुन है। यह कठोर जल में विद्यमान कैल्सियम व मैग्नीशियम लवणों से क्रिया करके अविलेय लवण बना लेता है जिससे साबुन झाग नहीं बनाता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 27

प्रश्न 20.
जल की अस्थायी तथा स्थायी कठोरता से क्या तात्पर्य है ? ” कठोर जल में साबुन की काफी मात्रा व्यर्थ में चली जाती है।” समझाइए ।
उत्तर:
अस्थायी कठोरता (Temporary hard-ness) – जब जल में कैल्सियम तथा मैग्नीशियम के बाइकार्बोनेट लवण [Ca(HCO3)2 तथा Mg(HCO3)2] घुले होते हैं तो यह जल अस्थायी कठोर जल तथा इस प्रकार की कठोरता अस्थायी कठोरता कहलाती है। यह कठोरता जल को उबालने से सरलता से दूर हो जाती है।

स्थायी कठोरता (Permanent hardness) – जब जल में कैल्सियम तथा मैग्नीशियम के सल्फेट तथा क्लोराइड लवण घुले रहते हैं तो यह जल स्थायी कठोर जल तथा इस प्रकार की कठोरता स्थायी कठोरता कहलाती है। यह कठोरता उबालने से दूर नहीं होती ।

कठोर जल में अधिक साबुन खर्च होने का कारण (Reason of excess soap consumption in hard water) – कठोर जल में कैल्सियम, मैग्नीशियम के क्लोराइड, सल्फेट तथा बाइकार्बोनेट घुले होते हैं जिनसे क्रिया करके सोडियम स्टिऐरेट अर्थात् साबुन अविलेय लवण बनाता है जिससे साबुन झाग नहीं बनाता है। अतः कठोर जल में साबुन की क्रिया के कारण इसकी काफी मात्रा व्यर्थ में चली जाती है।

प्रश्न 21.
मृदु और कठोर जल में क्या अन्तर है?
उत्तर:
मृदु और कठोर जल में अन्तर

मृदु जल कठठेर जल
1. यह साबुन के साथ आसानी से झाग देता है। 1. यह साबुन के साथ कम झाग या देर में झाग उत्पन्न करता है।
2. मृदु जल से कपड़े धोने में साबुन कम खर्च होता है। 2. कठोर जल से कपड़े धोने में साबुन अधिक खर्च होता है।
3. इसमें कैल्सियम व मैग्नीशियम के क्लोराइड, सल्फेट व बाइकार्बोनेट लवणों का अभाव होता है। 3. इसमें कैल्सियम व मैग्नीशियम के क्लोराइड, सल्फेट तथा बाइकार्बोनेट लवण विलेय होते हैं।
4. यह जल पीने के लिए उपयुक्त नहीं होता है; क्योंकि इसमें शरीर की वृद्धि के लिए कैल्सियम लवण नहीं घुले रहते हैं। 4. यह जल कम मात्रा में पीने के लिए उपयोगी होता है।
5. इसके प्रयोग से बॉयलर शीघ्र खराब नहीं होते हैं। 5. इसके प्रयोग से बॉयलर शीघ्र खराब हो जाते हैं।

प्रश्न 22.
जल की कठोरता दूर करने की जियोलाइट विधि में सोडियम जियोलाइट कुछ देर बाद अप्रभावी हो जाता है, क्यों ? इसे पुनः प्रभावी किस तरह बनाया जा सकता है ?
उत्तर:
अधिक समय तक उपयोग करने के पश्चात् जब सम्पूर्ण सोडियम परम्यूटिट, कैल्सियम अथवा मैग्नीशियम परम्यूटिट में बदल जाता है तो यह शक्तिहीन हो जाता है; अतः इसे शक्तिशाली करने के लिए नली में जल प्रवाह को रोककर, दूसरी नली द्वारा सोडियम क्लोराइड का विलयन प्रवाहित करते हैं। यह सोडियम क्लोराइड, कैल्सियम और मैग्नीशियम के जियोलाइट से क्रिया कर उन्हें पुनः सोडियम जियोलाइट में बदल देता है; अत: सोडियम परम्यूटिट पुनः जल को मृदु करने के योग्य हो जाता है।
\(\mathrm{CaZ}+2 \mathrm{NaCl} \longrightarrow \mathrm{CaCl}_2+\mathrm{Na}_2 \mathrm{Z}\)

प्रश्न 23.
परम्यूटिट क्या है? जल की कठोरता दूर करने में यह किस प्रकार सहायक हैं?
उत्तर:
परम्यूटिट सोडियम ऐलुमिनियम सिलिकेट नामक पदार्थ है। इसका सूत्र Na2Al2Si2O2 है। जल की कठोरता दूर करने के लिए इसे कठोर जल में प्रवाहित किया जाता है। जल में उपस्थित कैल्सियम तथा मैग्नीशियम लवण इसके साथ क्रिया करते हैं । सोडियम परमाणुओं के स्थान पर कैल्सियम या मैग्नीशियम परमाणु आ जाते हैं तथा कैल्सियम या मैग्नीशियम परम्यूटिट बन जाता है जिसे अलग कर लिया जाता है।

प्रश्न 24.
जल के स्वतः अपघटन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जब जल के दो अणु आपस में अभिक्रिया करते हैं तो अभिक्रिया के दौरान H+ आयन का आदान-प्रदान होता है। इस प्रकार जल का एक अणु अम्ल की भाँति जबकि दूसरा अणु क्षार की भाँति कार्य करता है। वह अणु जो H+ को ग्रहण करता है, H3O+ में परिवर्तित हो जाता
उत्तर:
सान्द्रता ग्राम/लीटर में. → 2.24 आयतन H2O2 का अर्थ है कि 1 लीटर H2O2 N. T. P. पर 2.24 लीटर O2 देता है।
2H2O2 → 2H2O + O2
2 × 34 1 mol
= 68g =22.4L
22.4 लीटर O2 प्राप्त होती है = 68 or H2O2 से
2.24 लीटर O2 प्राप्त होती है = \(\frac { 68×2.24 }{ 22.4 }\) = 6.8g/L

प्रतिशत सान्द्रता –
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 28

नॉर्मलता-
आयतन सान्द्रता 5.6 × नॉर्मलता
नॉर्मलता = \(\frac { 2.24 }{ 5.6 }\) = 0.4N
मोलरता- आयतन सान्द्रता = 11.2 × मोलरता
\(\frac { 2.24 }{ 5.6 }\) मोलरता
मोलरता = 0.2 M

प्रश्न 32.
’20 आयतन’ H2O2 की नॉर्मलता ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
20 आयतन H2O2 का अर्थ है कि यहाँ 1 लीटर H2O2 से 20 लीटर O2 N. T. P. पर प्राप्त होती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 29
22.4 लीटर O2 हेतु N. T. P. पर आवश्यक
H2O2 = 68g
20 लीटर O2 हेतु N. T. P. पर आवश्यक
H2O2 = \(\frac { 68×20 }{ 22.4 }\) = 60.71 g/L
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 30

प्रश्न 33.
हाइड्रोजन परॉक्साइड की संरचना की विवेचना कीजिए ।
उत्तर:
हाइड्रोजन परॉक्साइड का अणुसूत्र H2O2 है। इसके लिए दो संरचना सूत्र प्रस्तुत किए गए हैं-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 31
उत्तर:
किगंजेट द्वारा प्रस्तुत सूत्र की पुष्टि के प्रमाण-
(i) H2O2 जल और ऑक्सीजन में अपघटित होता है।
(ii) H2O2 की प्रकृति क्षीण अम्लीय है।
बेअर द्वारा प्रस्तुत सूत्र की पुष्टि के प्रमाण-

(i) H2O2 एथिलीन से क्रिया करके एथिलीन ग्लाइकॉल बनाता है जिससे यह विदित होता है कि H2O2 के अणु में दो -OH मूलक परस्पर ऑक्सीजन परमाणु द्वारा जुड़े हैं (HO- -OH)।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 32

(ii) H2O2 डाइ – एथिल सल्फेट [ (C2H5)2 SO4] के साथ क्रिया करने पर डाइ – एथिल परॉक्साइड बनाता है जिसके अपचयन से एथिल ऐल्कोहॉल बनता है। इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि H2O2 के एक अणु में O – O बन्ध उपस्थित है और एक-एक ऑक्सीजन परमाणु से केवल एक हाइड्रोजन जुड़ी है ।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 33

(iii) यह क्लोरो सल्फोनिक अम्ल से अभिक्रिया करने पर डाइसल्फ्यूरिक अम्ल बनाता है जिसमें O – O बन्ध होता है। इससे सूत्र II की पुष्टि होती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 34

(iv) द्विध्रुव आघूर्ण (dipole moment), अवरक्त अवशोषण स्पेक्ट्रा आदि भी सूत्र II की पुष्टि करते हैं। अब्राहम (Abraham, 1951) के अनुसार OH तथा O -O बन्ध के बीच का कोण 97° होता है। अब यह विश्वास किया जाता है कि H2O2 का जलीय विलयन दोनों सूत्रों का चलावयवी (tautomeric) साम्य है
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 35
हाइड्रोजन परॉक्साइड की अम्लीय संरचना (Acidic structure of Hydrogen peroxide ) – ठोस हाइड्रोजन परॉक्साइड की संरचना एक खुली पुस्तक की तरह होती है, जिसमें पुस्तक के दोनों भागों के मध्य 90.2° का कोण होता है। दोनों ऑक्सीजन परमाणु पुस्तक के अक्ष पर तथा दोनों पृष्ठों पर एक-एक हाइड्रोजन परमाणु स्थित होता है।

O–O बन्ध दूरी = 145. 8pm, O-H बन्ध दूरी = 98.8pm,
O–O–H कोण = 101.9°
अतः इसका संरचना सूत्र निम्न है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 36

प्रश्न 34.
H2O2 अम्लीय तथा क्षारीय दोनों माध्यमों में प्रबल ऑक्सीकारक का कार्य करता है। विवेचना कीजिए ।
उत्तर:
अम्लीय माध्यम में ऑक्सीकारक गुण-
(i) \(2 \mathrm{FeSO}_4+\mathrm{H}_2 \mathrm{SO}_4+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2 \longrightarrow \mathrm{Fe}_2\left(\mathrm{SO}_4\right)_3+2 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)
(ii) \(2 \mathrm{KI}+\mathrm{H}_2 \mathrm{SO}_4+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2 \longrightarrow \mathrm{K}_2 \mathrm{SO}_4+\mathrm{I}_2+2 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)
(iii) \(\mathrm{PbS}+4 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2 \longrightarrow \mathrm{PbSO}_4+4 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)

क्षारीय माध्यम में ऑक्सीकारक गुण-
(i) \(\mathrm{Na}_2 \mathrm{SO}_3+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2 \longrightarrow \mathrm{Na}_2 \mathrm{SO}_4+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)
(ii) \(\mathrm{KNO}_2+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2 \longrightarrow \mathrm{KNO}_3+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)
(iii) \(\mathrm{Na}_3 \mathrm{AsO}_3+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2 \longrightarrow \mathrm{Na}_3 \mathrm{AsO}_4+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन

प्रश्न 35.
क्या होता है जब-
(i) BaO2 की क्रिया ठंडे तनु सल्फ्यूरिक अम्ल से कराते हैं।
(ii) BaO2 की क्रिया फॉस्फोरिक अम्ल से कराते हैं।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 37

प्रश्न 36.
निम्न को पूरा करें-
(i) PbS + H2O2
(ii) MnO4 + H2O
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 38

प्रश्न 37.
’10 आयतन H2O2 विलयन का आयतन बताइये जो 200 ml के 2N KMnO4 के साथ अम्लीय माध्यम में अभिक्रिया करता है।
उत्तर:
’10 आयतन H2O2‘ की नॉर्मलता
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 39
हम जानते हैं कि,
N1V1(H2O2) = N2V2(KMnO4)
\(\frac { 10 }{ 5.6 }\) × V1 = 2 × 200

प्रश्न 38.
हाइड्रॉजीन तथा H2O2 का मिश्रण Cu(11) उत्प्रेरक की उपस्थिति में रोकेट प्रोपेलेन्ट की तरह कार्य करता है ? क्यों ?
उत्तर:
हाइड्रॉजीन तथा H2O2 के मध्य होने वाली अभिक्रिया अत्यधिक ऊष्माक्षेपी होती है तथा इसके साथ-साथ बनने वाले उत्पाद का आयतन बहुत अधिक बढ़ जाता है ।
अतः इसका मिश्रण रॉकेट के ईधन या प्रोपेलेन्ट की तरह प्रयुक्त होता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 40

प्रश्न 39.
निम्न अभिक्रियाओं को लिखिए-
H2O2 के द्वारा अम्लीय एवं क्षारीय माध्यम में Fe2+ का Fe3+ आयनों में ऑक्सीकरण ।
उत्तर:
(i) अम्लीय माध्यम में,
\(2 \mathrm{Fe}^{2+}+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2+2 \mathrm{H}^{+} \longrightarrow 2 \mathrm{Fe}^{3+}+2 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)

(ii) क्षारीय माध्यम में,
\(2 \mathrm{Fe}^{2+}+4 \mathrm{OH}^{-}+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2 \longrightarrow 2 \mathrm{Fe}(\mathrm{OH})_3\)

प्रश्न 40.
अभिक्रिया लिखें-
(i) H2O2 के द्वारा अम्लीय माध्यम में आयोडाइड आयन का आयोडीन में ऑक्सीकरण
(ii) H2O2 द्वारा अम्लीय डाईक्रोमेट आयन का ऑक्सीकरण ।
उत्तर:
(i) \(2 \mathrm{I}^{-}+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2+2 \mathrm{H}^{+} \rightarrow \mathrm{I}_2+2 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)
(ii) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 41

प्रश्न 41.
क्या होता है जब H2O2 अभिक्रिया करता है।
(i) क्षारीय पोटैशियम फेरी सायनाइड के साथ ।
(ii) सल्फ्यूरस अम्ल के साथ ।
(iii) सोडियम आर्सेनाइट के साथ ।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 42

प्रश्न 42.
H2O एवं D20 के गुणों को जानते हुए क्या आप मानते हैं कि D2O का उपयोग पेय-प्रयोजनों के रूप में किया जा सकता है ?
उत्तर:
नहीं, भारी जल पेय प्रयोजनों के रूप में उपयोगी नहीं होता है। इसके निम्न कारण हैं-
(i) भारी अणु होने के कारण D2O में आयतन H2O की तुलना में एक-तिहाई ही होता है।
(ii) D2O में बन्ध H2O की तुलना में अत्यन्त धीमी गति से टूटते हैं।
(iii) कम पराविद्युतांक के कारण इसमें आयनिक पदार्थ जल की तुलना में कम विलेय होते हैं। उपर्युक्त कारणों से भारी जल शरीर में होने वाली अपचयोपचयी अभिक्रियाओं को साधारण जल की तुलना में अति मन्द दर से करता है जिससे ये असन्तुलित हो जाती हैं। अतः यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इसके अतिरिक्त इससे बीजों का अंकुरण रुक जाता है, इसमें रहने वाले टैडपोल तथा अन्य छोटे-छोटे जीव मर जाते हैं तथा यह पेड़-पौधों का विकास रोक देता है।

प्रश्न 43.
(i) भारी जल का अणुभार बताइए। भारी जल से ड्यूटीरियम बनाने के लिए एक रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण दीजिए ।
(ii) सोडियम के साथ भारी जल की क्रिया का समीकरण लिखिए और अभिक्रिया के उत्पादों के नाम बताइए ।
(iii) भारी जल क्या है? यह कैसे प्राप्त होता है ?
उत्तर:
(i) भारी जल का अणुसूत्र D2O है जिसके आधार पर इसका अणुभार = 2 × 2 + 16 = 20 है। भारी जल से ड्यूटीरियम विद्युत अपघटन द्वारा प्राप्त कर सकते हैं जिसका रासायनिक समीकरण निम्नांकित प्रकार है-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 43

(ii) सोडियम की भारी जल से अभिक्रिया का समीकरण निम्नांकित प्रकार से है-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 44

(iii) ड्यूटीरियम ऑक्साइड (D2O) को भारी जल कहते हैं। इसका निर्माण साधारण जल की ड्यूटीरियम (D2) के साथ विनियम विधि द्वारा किया जा सकता है-
\(\mathrm{H}_2 \mathrm{O}+\mathrm{D}_2 \longrightarrow \mathrm{D}_2 \mathrm{O}+\mathrm{H}_2 \uparrow\)

प्रश्न 44.
(क) ड्यूटीरियम ऑक्साइड को भारी जल क्यों कहते हैं? केवल रासायनिक समीकरण देते हुए सल्फर डाइऑक्साइड से इसकी अभिक्रिया बताइए ।
(ख) भारी जल के उपयोग बताइए ।
(ग) भारी जल का न्यूट्रॉन विमन्दक तथा ट्रेसर के रूप में उपयोग समझाइए ।
उत्तर:
(क) भए पइड्रोजन में प्रोटॉन, 1 न्यूट्रॉन तथा 1 इलेक्ट्रॉन होता है, जबकि साधारण डाइहाइड्रोजन में 1 प्रोटॉन और 1 इलेक्ट्रॉन ही होता है। भारी हाइड्रोजन के नाभिक में एक अतिरिक्त न्यूट्रॉन के कारण यह भार में भारी होता है; अतः भारी हाइड्रोजन कहलाता है। भारी हाइड्रोजन से बने ड्यूटीरियम ऑक्साइड (D2O) का भार भी साधारण जल (H2O) से अधिक होता है; अत: इसे भारी जल कहते हैं।
D2O पर SO2 की अभिक्रिया से ड्यूटीरो सल्फ्यूरस अम्ल बनता है।
D2O+SO2 → D2SO3

(ख) भारी जल के प्रमुख उपयोग निम्नलिखित हैं-
(i) ड्यूटीरियम तथा इसके यौगिक बनाने में काम आता है। (ii) यह नाभिकीय अभिक्रियाओं में मन्दक (moderator) के रूप में प्रयुक्त होता है।
(iii) इसका उपयोग आरेख (tracer) के रूप में रासायनिक तथा जैव-अभिक्रियाओं की क्रियाविधि के अध्ययन में होता है।
(iv) आयनिक व अनायनिक हाइड्रोजन में विभेद करने में (In differentiating between ionic and non-ionic hydrogen)-आयनिक एवं अनायनिक हाइड्रोजन में विभेद करने में भारी जल का प्रयोग करते हैं। आयनिक हाइड्रोजन, अर्थात् वह हाइड्रोजन जोकि उच्च विद्युत् ऋणात्मकता वाले तत्वों से क्रिया कर यौगिक बनाती है, का विनिमय भारी जल के द्वारा आसानी से हो जाता है।

(ग) (i) न्यूट्रॉन विमन्दक के रूप में उपयोग (Uses as a neutron moderator) – नाभिकीय रिएक्टर में U235 पर मन्द गति के न्यूट्रॉनों की बमबारी करने के फलस्वरूप U235 का नाभिकीय विखण्डन हो जाता है और ऊर्जा उत्पन्न होती है। तीव्रगामी न्यूट्रॉनों की गति को मन्द करने के लिए उनको भारी जल से गुजारते हैं। इस प्रकार नाभिकीय रिएक्टरों में भारी जल का उपयोग न्यूट्रॉन विमन्दक के रूप में होता है।

(ii) ट्रेसर के रूप में उपयोग (Uses as a tracer) – D2O का उपयोग ट्रेसर के रूप में रासायनिक अभिक्रियाओं की क्रियाविधि ज्ञात करने में होता है। इससे ज्ञात होता है कि किस बन्ध का विदलन होता है और किस बन्ध का निर्माण होता है।

प्रश्न 45.
निम्न यौगिकों के नाम लिखें तथा उन अभिक्रियाओं को भी लिखें जिनके द्वारा ये बनाए जाते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 45

प्रश्न 46.
बेरियम परॉक्साइड से H2O2 को बनाने के लिये सल्फ्यूरिक अम्ल के स्थान पर फॉस्फोरिक अम्ल को प्राथमिकता देते हैं, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि बनने वाली H2O2 के अपघटन में H2SO4 उत्प्रेरक का कार्य करता है, इसलिये H2SO4 के स्थान पर फॉस्फोरिक अम्ल को प्राथमिकता देते हैं। साथ ही BaO2 पर BaSO4 की एक पर्त जम जाती है । जिससे BaO2 की क्रियाशीलता घट जाती है।

प्रश्न 47.
H2O2 की शीशी को खोलने से पहले ठण्डा करते हैं, क्यों ?
उत्तर:
H2O2 एक अस्थायी द्रव है, जो रखने पर या अधिक ताप पर अपघटित होकर जल व ऑक्सीजन को देता है। यदि खोलने से पहले शीशी को ठण्डा किया जाये तो द्रव का वाष्प दाब कम हो जाता है। यदि शीशी को ठण्डान किया जाये तो शीशी को खोलते ही विस्फोट हो सकता है।

प्रश्न 48.
H2O2 तथा O3 ओजोन में पाँच विभेद दें।
उत्तर:

H2O2 (हाइड्रोजन परॉक्साइड) O3 (ओजोन)
1. यह एक गन्धहीन, रंगहीन व गाढ़ा द्रव होता है। 1. मछली जैसी गन्ध की हल्के नीले रंग की गैस है।
2. इसका मर्करी पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है। 2. यह मर्करी की सतह को नष्ट कर देती है जिससे मर्करी काँच पर चिपक जाती है।
3. इसका टेट्रामेथिल बेस पेपर पर कोई प्रभाव नहीं होता है। 3. यह टेट्रामेथिल बेस पेपर को बैंगनी कर देती है।
4. यह अम्लीय पोटैशियम परमैंगनेट विलयन को रंगहीन कर देता है। 4. ओजोन अम्लीय पोटैशियम परमैंगनेट विलयन पर कोई प्रभाव नहीं डालती है।
5. यह बेन्जीडीन पेपर पर कोई प्रभाव नहीं डालता है। 5. यह बेन्जीडीन पेपर को भूरा कर देती है।

प्रश्न 49.
कठोर जल को क्वथित्रों में प्रयोग करने से पहले मृदु बनाया जाता है, क्यों ?
उत्तर:
कठोर जल को जब क्वथित्रों में प्रयोग किया जाता है तो कठोर जल में उपस्थित लवण क्वथित्र के भीतर एक अघुलनशील परत बना लेते हैं, यह परत या पपड़ी ऊष्मा की कुचालक होती है इसलिये इसमें ईंधन का दुरुपयोग होता है तथा क्वथित्र का जीवन काल भी कम हो जाता है। इस कारण कठोर जल को क्वथित्रों में प्रयोग करने से पहले मृदु कर देते हैं।

प्रश्न 50.
क्या यह सत्य है कि हाइड्रोजन गैस धातु की तरह कार्य कर सकती है तथा यह किन परिस्थितियों में सम्भव है ?
उत्तर:
धातुएँ सदैव विद्युत धनात्मक तत्व होती हैं। जब किसी ऐसे यौगिक का विद्युत अपघटन होता है जिसमें धातुओं के साथ अधातुएँ भी उपस्थित हों तो धातुएँ सदैव कैथोड पर मुक्त होती हैं। इसी प्रकार हाइड्रोजन गैस यह व्यवहार तब प्रदर्शित करती है जब यह उच्च वैद्युत ऋणात्मक तत्व जैसे क्लोरीन के साथ संयोग कर यौगिक बनाये एवं यह यौगिक गलित अवस्था में विद्युत अपघट्य की तरह कार्य करे। ऐसी परिस्थिति में वैद्युत अपघटन होने पर हाइड्रोजन गैस सदैव कैथोड पर ही मुक्त होगी। यह व्यवहार धातुओं के समान ही है।

प्रश्न 51.
क्या होता है जब-
(1) O3 की H2O2 से क्रिया करायी जाती है।
(2) H2O2 की सिल्वर ऑक्साइड से अभिक्रिया होती है।
(3) फेरस सल्फेट के अम्लीय विलयन में H2O2 विलयन को मिलाया जाता है।
(4) H2O2 को KMnO4 के अम्लीय विलयन में मिलाते हैं।
(5) लेड सल्फाइड में H2O2 मिलाते हैं।
(6) क्षारीय पोटैशियम फेरीसायनाइड में H2O2 की क्रिया होती है।
(7) NaOH विलयन की उपस्थिति में क्रोमियम हाइड्रॉक्साइड की क्रिया H2O2 से होती है।
(8) H2O2 की क्रिया K2Cr2O7 और H2SO4 से होती है।
(9) H2O2 को KI विलयन में मिलाते हैं।
उत्तर:
(1) H2O2 ओजोन को ऑक्सीजन में अपचयित कर देता हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 46

(2) H2O2 सिल्वर ऑक्साइड Ag2O को Ag में अपचयित कर देता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 47

(3) यह तनु अम्ल की उपस्थिति में फेरस सल्फेट को फेरिक सल्फेट में ऑक्सीकृत कर देता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 48

(4) अम्लीय माध्यम में हाइड्रोजन परॉक्साइड (H2O2) पोटैशियम परमैंगनेट (KMnO4) को मैंगनस सल्फेट (MnSO4) में अपंचयित कर देता है–
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 49

(5) हाइड्रोजन परॉक्साइड (H2O2) लेड सल्फाइड को लेड सल्फेट में ऑक्सीकृत कर देता है-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 50

(6) क्षारीय माध्यम में K3[Fe(CN)6] को K4[Fe(CN)6] में अपचयित कर देता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 51

(7) NaOH के विलयन में निलम्बित क्रोमिक हाइड्रॉक्साइड में H2O2 डालने पर क्रोमियम लवणों का क्रोमेट में ऑक्सीकरण हो जाता है तथा विलयन का रंग पीला हो जाता है-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 52

(8) यह अम्लीय पोटैशियम डाइक्रोमेट को नीले क्रोमिक परॉक्साइड या ब्लू परक्रोमेट (CrO5) में परिवर्तित कर देता है जो अम्ल से विघटित होकर ऑक्सीजन व क्रोमियम सल्फेट देता है-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 9 हाइड्रोजन Img 53

(9) यह अम्लीय पोटैशियम आयोडाइड विलयन से आयोडीन को मुक्त करता है-
\(\mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2 \longrightarrow \mathrm{H}_2 \mathrm{O}+\mathrm{O}\)
\(2 \mathrm{KI}+\mathrm{H}_2 \mathrm{SO}_4+\mathrm{O} \longrightarrow \mathrm{K}_2 \mathrm{SO}_4+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}+\mathrm{I}_2\)
\(2 \mathrm{KI}+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2+\mathrm{H}_2 \mathrm{SO}_4 \longrightarrow \mathrm{K}_2 \mathrm{SO}_4+2 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}+\mathrm{I}_2\)

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था

Haryana State Board HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. एक रासायनिक अभिक्रिया A ⇌ B साम्य में कहलायेगी, जब –
(1) A पूर्णत: B में परिवर्तित होता है।
(2) A का B में ठीक 10% परिवर्तन होता है
(3) A का B में 50% परिवर्तन होता है
(4) A के B में परिवर्तन होने की दर और B के A में परिवर्तन होने की दर बराबर होती है।
उत्तर:
(4) A के B में परिवर्तन होने की दर और B के A में परिवर्तन होने की दर बराबर होती है।

2. A + 2B ⇌ C अभिक्रिया के लिए साम्य स्थिरांक का व्यंजक हैं-
(1) \(\frac{[\mathrm{A}][\mathrm{B}]^2}{[\mathrm{C}]}\)
(2) \(\frac{[\mathrm{A}][\mathrm{B}]}{[\mathrm{C}]}\)
(3) \(\frac{[\mathrm{C}]}{[\mathrm{A}][\mathrm{B}]^2}\)
(4) \(\frac{[\mathrm{C}]}{[\mathrm{A}][\mathrm{B}]}\)
उत्तर:
(3) \(\frac{[\mathrm{C}]}{[\mathrm{A}][\mathrm{B}]^2}\)

3. अभिक्रिया, A (ठोस) + 2B (गैस) ⇌ 3D (ठोस) + 2C (गैस) के लिए-
(1) Kp = Kc (RT)0
(2) Kp = Kc R² T²
(3) Kp = Kc(RT)
(4) Kp = Kc = R-2 T-2
उत्तर:
(1) Kp = Kc (RT)0

4. यदि अभिकारकों तथा उत्पाद की सान्द्रता दोगुनी कर दी जाय तो साम्य स्थिरांक Kc होगा –
(1) 2Kc
(2) \(\frac{K_c}{2}\)
(3) K²c.
(4) अपरिवर्तित
उत्तर:
(4) अपरिवर्तित

5. अभिक्रिया N2 + 3H2 ⇌ 2NH3 + X किलो जूल में अधिक अमोनिया बनाने के लिए आवश्यक शर्ते हैं-
(1) उच्च ताप और उच्च दाब
(2) कम ताप और उच्च दाब
(3) कम ताप और कम दाब
(4) उच्च ताप और कम दाब।
उत्तर:
(2) कम ताप और उच्च दाब

6. PCI5 = PCI3 + CI2 में यदि आयतन मूल आयतन का 16 गुना कर दिया जाये तो वियोजन की मात्रा हो जायेगी-
(1) 4 गुनी
(2) 1/4 गुनी
(3) 2 गुनी
(4) 1/2 गुनी।
उत्तर:
(1) 4 गुनी

7. यदि अभिक्रिया A + B ⇌ C + D में यदि A का सान्द्रण दोगुना तथा B का सान्द्रण आधा कर दिया जाये तो अभिक्रिया के वेग में क्या परिवर्तन होगा-
(1) दोगुनी वृद्धि
(2) घटकर आधी
(3) कोई परिवर्तन नहीं
(4) घटकर चौथाई।
उत्तर:
(3) कोई परिवर्तन नहीं

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था

8. N2 + 3H2 ⇌ 2NH3 क्रिया में मानक ताप व दाब पर 68 ग्राम NH3 बनाने हेतु H2 का आवश्यक आयतन लेंगे-
(1) 67.2 लीटर
(2) 22.4 लीटर
(3) 134.4 लीटर
(4) 112.3 लीटर।
उत्तर:
(3) 134.4 लीटर

9. अभिक्रिया H2 + I2 ⇌ 2HI की साम्यावस्था में H2 व I2 की मोलर सान्द्रताएँ क्रमश: a तथा b हैं तथा HI के संश्लेषण की मात्रा x हो, तो साम्य स्थिरांक Kc का मान होगा-
(1) \(\frac{x^2}{(a-x)(b-x)}\)
(2) \(\frac{4 x^2}{(a-x)(b-x)}\)
(3) \(\frac{2 x^2}{(a-x)(b-x)}\)
(4) \(\frac{x^2}{4(a-x)(b-x)}\)
उत्तर:
(2) \(\frac{4 x^2}{(a-x)(b-x)}\)

10. अभिक्रिया PCI5 ⇌ PCI3 + CI2 में यदि x वियोजन की मात्रा हो तब Kp का मान होगा-
(1) \(\frac{x^2}{(1-x) P}\)
(2) \(\frac{x}{\left(1-x^2\right) P}\)
(3) \(\frac{x}{(1-x)^2 P}\)
(4) \(\frac{x^2 P}{\left(1-x^2\right)}\)
उत्तर:
(4) \(\frac{x^2 P}{\left(1-x^2\right)}\)

11. द्रव अनुपाती क्रिया के नियम का सत्यापन किसने किया—
(1) गोल्डबर्ग ने
(2) बोडेन्सटीन ने
(3) आरहीनियस ने
(4) ओस्टवाल्ड ने।
उत्तर:
(2) बोडेन्सटीन ने

12. यदि CH3COOK का वियोजन स्थिरांक 10-2 हो, तो CH3COOH का वियोजन स्थिरांक होगा-
(1) 10-2
(2) 10-12
(3) 10-14
(4) 10-16
उत्तर:
(2) 10-12

13. सोडियम सल्फेट का जलीय विलयन होता है-
(1) अम्लीय
(2) क्षारीय
(3) उदासीन
(4) उभयधर्मी।
उत्तर:
(1) अम्लीय

14. यौगिक जिसके जलीय विलयन की pH सबसे अधिक है-
(1) NH4 CI
(2) NH3CO3
(3) NaOH
(4) NaCI
उत्तर:
(3) NaOH

15. अल्प विलेय लवण AgCI की 26°C पर जल में विलेयता 1.25 × 10-5 मोल/लीटर है। इसका विलेयता गुणनफल होगा-
(1) 1.25 × 1010
(3) 1.56 x 1010
(2) 1.50 x 10-5
(4) 3.53 x 10-3
उत्तर:
(3) 1.56 x 1010

16. निम्न में से कौन सा युग्म समआयतन प्रभाव दर्शाता है-
(1) BaCl2 + Ba(NO)2
(2) KCl + HCl
(3) CH3COOH +CH3COONa
(4) AgCN + NaCN.
उत्तर:
(3) CH3COOH +CH3COONa

17. निम्न में से किस लवण का जल अपघटन होगा-
(1) KCI
(2) Na2SO4
(3) NaNO3
(4) KCN
उत्तर:
(4) KCN

18. किसी विद्युत अपघट्य के वियोजन की मात्रा निर्भर करती है-
(1) तापमान पर
(2) विलायक की प्रकृति पर
(3) सान्द्रता पर
(4) आयनों के आवेश पर
उत्तर:
(4) आयनों के आवेश पर

19. एक यौगिक में OH तो नहीं है, लेकिन वह जल में घोलने पर क्षारीय विलयन देता है। वह यौगिक है-
(1) NH3
(2) CO2
(3) BCl3
(4) NH4Cl
उत्तर:
(1) NH3

20. किसी विद्युत अपघट्य का आयनन निर्भर करता है-
(1) विद्युत अपघट् की प्रकृति पर
(2) ताप पर
(3) विलायक की प्रकृति पर
(4) इन सभी पर
उत्तर:
(4) इन सभी पर

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था

21. निम्न में से कौन-सा तथ्य गलत है-
(1) जलीय विघटन में आयन होते हैं
(2) सब आयन रंगीन होते हैं
(3) आयनों पर वैद्युत आवेश होता है
(4) आयनिक अभिक्रियाएँ क्षणिक होती हैं।
उत्तर:
(4) आयनिक अभिक्रियाएँ क्षणिक होती हैं।

22. पिघले हुए साधारण नमक में वैद्युत चालन होता है, क्योंकि उसमें होते हैं-
(1) मुक्त इलैक्ट्रॉन
(2) मुक्त आयन
(3) मुक्त परमाणु
(4) मुक्त अणु।
उत्तर:
(3) मुक्त परमाणु

23. प्रबल वैद्युत अपघट्य का अभिप्राय है कि-
(1) उसका आयनन अधिक होता है।
(2) उसकी जल में विलेयता अधिक होती है
(3) उसके आयन वैद्युत धारा को ले जाते हैं।
(4) धनायनों तथा ऋणायनों की संख्या समान होती है।
उत्तर:
(1) उसका आयनन अधिक होता है।

24. आहनियस का आयनन सिद्धांन्त असफल रहता है-
(1) अम्लों के लिए
(2) क्षारों के लिए
(3) लवणों के लिए
(4) प्रबल विद्युत अपघट्यों के लिए।
उत्तर:
(4) प्रबल विद्युत अपघट्यों के लिए।

25. निम्न में से कौन-सा वर्ग सदैव प्रबल विद्युत अपघट्य का कार्य करता है-
(1) अम्ल
(2) क्षार
(3) लवण
(4) जटिल यौगिक।
उत्तर:
(4) जटिल यौगिक।

26. एक विद्युत् अपघट्य के संतृप्त विलयन में एक निश्चित ताप पर यह स्थिर होता है-
(1) आयनिक गुणनफल
(2) विलेयता गुणनफल
(3) आयनिक स्थिरांक
(4) वियोजन स्थिरांक।
उत्तर:
(4) वियोजन स्थिरांक।

27. ऐसीटिक अम्ल और सोडियम ऐसीटेट के विलयन मिलाने पर ऐसीटिक अम्ल के वियोजन की मात्रा कम होने का कारण है-
(1) विलेयता गुणनफल
(2) आयनी गुणनफल
(3) उभय प्रतिरोधी क्रिया
(4) सम आयन प्रभाव।
उत्तर:
(3) उभय प्रतिरोधी क्रिया

28. एक वैद्युत अपघट्य का अवक्षेपण होता है, क्योंकि आयनों के सान्द्रण का गुणनफल-
(1) विलेयता से अधिक होता है
(2) विलेयता से कम होता है
(3) विलेयता गुणनफल से अधिक होता है
(4) विलेयता गुणनफल के बराबर होता है।
उत्तर:
(1) विलेयता से अधिक होता है

29. सिल्वर क्लोराइड का विलेयता गुणनफल 1.57 × 10-1 है। इसके संतृप्त विलयन में Cl की सान्द्रता होगी-
(1) 12.5 × 105
(2) 1.57 × 105
(3) 1.25 × 10-5
(4) 0.125 × 105
उत्तर:
(4) 0.125 × 105

30. BaSO4 का विलेयता गुणनफल 1 × 10-10 है। इसके जलीय विलयन में SO42- आयन का सान्द्रण होगा-
(1) 1 × 10-5
(2) 1 × 105
(3) 2 × 10-5
(4) 1 × 107
उत्तर:
(1) 1 × 10-5

31. शुद्ध जल की मोलरता है-
(1) 55.4
(2) 18
(3) NH3
(4) OH
उत्तर:
(1) 55.4

32. निम्न में तीव्र लुईस क्षार है-
(1) CH3
(2) F
(3) NH3
(4) OH
उत्तर:
(3) NH3

33. निम्न में से कौन-सा लुईस अम्ल है
(1) OH
(2) CH3COO
(3) NH3
(4) BF3
उत्तर:
(4) BF3

34. निम्न में से कौन सा ब्रॉन्स्टेड अम्ल तथा ब्रॉन्स्टेड क्षारक दोनों का कार्य करता है-
(1) HSO4
(2) CH3NH2
(3) OH
(4) NH4
उत्तर:
(2) CH3NH2

35. CH3NH2 का संयुग्मी अम्ल है.
(1) CH3OH
(2) CH3NH3+
(3) CH3NH3
(4) CH3NH
उत्तर:
(2) CH3NH3+

36. Cl आयन किस अम्ल का संयुग्मी क्षारक है-
(1) HCl
(2) HOCl
(3) HClO3
(4) H3O+
उत्तर:
(1) HCl

37. निम्न में लुईस क्षार होता है-
(1) Cu2+
(2) Ag+
(3) CN
(4) SO3
उत्तर:
(3) CN

38. जब pH = 0 है, तो [H+] होगा-
(1) 0
(2) 1
(3) 7
(4) 14
उत्तर:
(1) 0

39. अम्लीय विलयन में OH+ आयन की सान्द्रता होगी
(1) > 10-7
(2) 10-7
(3) < 10-5
(4) इनमें से कोई नही।
उत्तर:
(1) > 10-7

40. यौगिक जिसका 0.1 M विलयन क्षारीय है-
(1) CH3COONH4
(2) NH4NO3
(3) NH4Cl
(4) CH3COOK
उत्तर:
(4) CH3COOK

41. निम्न में से कौन-सा जल अपघटित होगा-
(1) KCl
(2) NH4Cl
(3) K2SO4
(4) NaCl.
उत्तर:
(2) NH4Cl

42. ऐसीटिक अम्ल के जलीय विलयन में होता है-
(1) H+ तथा CH3COO
(2) H3O+, CH3COO तथा CH3COOH
(3) H+, H3O+ तथा CH3COO
(4) CH3COO, H+ तथा CH3COO.
उत्तर:
(2) H3O+, CH3COO तथा CH3COOH

43. NH2 का संयुग्मी अम्ल है-
(1) NH3
(2) NH2OH
(3) NH4
(4) N2H4
उत्तर:
(1) NH3

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था

44. निम्न में से कौन-सा बफर विलयन होता है-
(1) NaOH + NaCl
(2) HNO3 +KNO3
(3) HCl+ NaCl
(4) NH4Cl + NH4 OH.
उत्तर:
(4) NH4Cl + NH4 OH.

45. एक प्रबल अम्ल एवं प्रबल क्षार की उदासीनीकरण की ऊष्मा सदैव होती है-
(1) 13.7 kcal
(2) 9.6 kcal
(3) 6 kcal
(4) 11.4 kcal.
उत्तर:
(1) 13.7 kcal

46. दुर्बल क्षार एवं प्रबल अम्ल के लवण के जलीय विलयन की PH ज्ञात करने के लिये सही सम्बन्ध है-
(1) pH = 7 + \(\frac {1}{2}\) log Kb + \(\frac {1}{2}\) log C
(2) pH = 7 – \(\frac {1}{2}\) log Kb – \(\frac {1}{2}\) log C
(3) pH = 7 + \(\frac {1}{2}\) log Ka + \(\frac {1}{2}\) log C
(4) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(1) pH = 7 + \(\frac {1}{2}\) log Kb + \(\frac {1}{2}\) log C

47. निम्न में से क्षारीय लवण कौन-सा है-
(1) PbS
(2) PbCO3
(3) PbSO4
(4) 2 PbCO3.Pb (OH)2.
उत्तर:
(4) 2 PbCO3.Pb (OH)2.

48. दुर्बल अम्ल जिसका वियोजन स्थिरांक Ka तथा सान्द्रता C है, के विलयन में हाइड्रोजन आयन सान्द्रता होती है-
(1) \(\sqrt{\mathrm{K}_a \mathrm{/C}}\)
(2) C/Ka
(3) Ka C
(4) \(\sqrt{K_a \cdot C}\)
उत्तर:
(4) \(\sqrt{K_a \cdot C}\)

49. प्रबलतम ब्रॉन्स्टेड क्षार होगा-
(1) ClO
(2) ClO2
(3) ClO3
(4) ClO4
उत्तर:
(1) ClO

50. 1 × 10-8 M – HCl विलयन की pH है-
(1) 6 व 7 के बीच
(2) 7 व 8 के बीच
(3) 8
(4) – 8.
उत्तर:
(1) 6 व 7 के बीच

51. 90°C पर शुद्ध जल में [H3O+] = 10-6 M है। इस ताप पर Kw का मान क्या है-
(1) 10-6
(2) 10-12
(3) 10-11
(4) 10-8
उत्तर:
(2) 10-12

52. निम्न में से किस विलयन की pH सर्वाधिक है-
(1) NH4Cl
(2) (NH4)2 SO4
(3) Na2 CO3
(4) Na NO3.
उत्तर:
(3) Na2 CO3

53. निम्न में से कौन सा अम्ल व क्षार दोनों की तरह कार्य करता है—
(1) SO42-
(2) H3O+
(3) CO32-
(4) HCO3
उत्तर:
(4) HCO3

54. लुईस संकल्पना के अनुसार निम्न में से कौन क्षार नहीं है-
(1) OH
(2) Ag+
(3) NH3
(4) H
उत्तर:
(2) Ag+

55. हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के एक 10-3 M विलयन का pH होगा-
(1) 1.3
(2) 2.0
(3) 3·0
(4) 4.5.
उत्तर:
(3) 3·0

56. जल नहीं हो सकता-
(1) लूईस अम्ल
(2) लुईस क्षार
(3) ब्रॉन्स्टेड अम्ल
(4) ब्रॉन्स्टेड क्षार।
उत्तर:
(1) लूईस अम्ल

57. ऐथिल ऐसीटेट के जल अपघटन में स्व उत्प्रेरक है-
(1) C2H2OH
(2) CH3COOC2H5
(3) H2O
(4) CH3COOH.
उत्तर:
(4) CH3COOH.

58. न्यूनतम pH मान का जलीय विलयन है।
(1) पोटॅशियम नाइट्रेट
(2) कॉस्टिक सोडा
(3) सोडियम सायनाइड
(4) फेरिक क्लोराइड।
उत्तर:
(4) फेरिक क्लोराइड।

59. अम्लीय शक्ति का सही क्रम है-
(1) HClO < HClO2 < HClO3 < HClO4
(2) HClO4 < HClO < HClO2 < HClO3
(3) HClO2 < HClO3 < HClO4 < HClO
(4) HClO4 < HClO3 < HClO2 < HClO.
उत्तर:
(1) HClO < HClO2 < HClO3 < HClO4

60. एक विलयन के pH मान के लिये व्यंजक है-
(1) log [H+]
(2) log \(\frac{1}{\left[\mathrm{H}^{+}\right]}\)
(3) \(\frac{1}{\log \left[\mathrm{H}^{+}\right]}\)
(4) \(-\log \left[\frac{1}{\mathrm{H}^{+}}\right]\)
उत्तर:
(2) log \(\frac{1}{\left[\mathrm{H}^{+}\right]}\)

61. PbS2 के विलेयता गुणनफल के लिये व्यंजक है-
(1) [Pb2+] [S2-
(2) [Pb4+] [S2-
(3) [Pb2+] [2S2-]
(4) [2Pb4+] [S2-
उत्तर:
(2) [Pb4+] [S2-

62. H2S विलयन का pH है-
(1) >7
(2) <7
(3) 7
(4) 0
उत्तर:
(2) <7

63. HS का संयुग्मी क्षार है-
(1) S2-
(2) H2S
(3) उपरोक्त दोनों
(4) दोनों में से कोई नहीं।
उत्तर:
(1) S2-

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था

64. यदि 50°C पर pkw = 13.36 है तो इस ताप पर जल का pH मान क्या होगा-
(1) 7.00
(2) 6.68
(3) 7.63
(4) 6·00.
उत्तर:
(2) 6.68

65. निम्न अम्लों में से किसका pKa मान सबसे कम होगा-
(1) CH3 – CH2 – COOH
(2) (CH3)2 CHCOOH
(3) HCOOH
(4) CH3 – COOH.
उत्तर:
(3) HCOOH

66. PbCl2 का विलेयता गुणनफल Ksp है। इसकी विलेयता है-
(1) \(\sqrt{\mathrm{K}_{\mathrm{sp}}}\)
(2) \(\sqrt[3]{\mathrm{K}_{\mathrm{sp}}}\)
(3) \(\sqrt[3]{\mathrm{K}_{\mathrm{sp}} / 4}\)
(4) \(\sqrt{8 \mathrm{~K}_{\mathrm{sp}}}\)
उत्तर:
(3) \(\sqrt[3]{\mathrm{K}_{\mathrm{sp}} / 4}\)

67. A2X3 की विलयेता Y मोल ली.-1 है। इसका विलेयता गुणनफल है-
(1) 6Y4
(2) 64Y4
(3) 36Y5
(4) 108Y5
उत्तर:
(4) 108Y5

68. AgCl की 30°C पर विलेयता 1.5 x 10-3 gL-1 है। इसका विलेयता गुणनफल है।
(1) (1.5 × 10-3
(2) (1.05 × 10-5
(3) (1.05 x 10-3
(4) (1.5 × 10-3 × 143.5)².
उत्तर:
(2) (1.05 × 10-5

69. उच्च दाब निम्न अग्र अभिक्रिया में अनुकूलता प्रदान करेगा-
(1) H2(g) + I2(g) ⇌ 2HI(g)
(2) N2(g) + 3H2(g) ⇌ 2NH3(g)
(3) N2(g) + O2 (g) ⇌ 2NO(g)
(4) PCl5(g) ⇌ PCl3 (g) + Cl2 (g).
उत्तर:
(1) H2(g) + I2(g) ⇌ 2HI(g)

70. अग्र एवं विपरीत अभिक्रिया के लिए वेग स्थिरांक क्रमश: K1 एवं K2 हैं तो अभिक्रिया का साम्य स्थिरांक होता है-
(1) K1 x K2
(2) K2 – K1
(3) \(\frac{\mathrm{K}_1}{\mathrm{~K}_2}\)
(4) \(\frac{\mathrm{K}_1+\mathrm{K}_2}{\mathrm{~K}_1-\mathrm{K}_2}\)
उत्तर:
(3) \(\frac{\mathrm{K}_1}{\mathrm{~K}_2}\)

71. जब दो क्रियाकारक A एवं B संयोग के पश्चात् उत्पाद C एवं D देते हैं तो प्रारम्भिक अवस्था में अभिक्रिया भागफल (Reaction quotient, Q)-
(1) शून्य होता है
(2) समय के साथ बढ़ता है
(3) समय पर निर्भर नहीं करता
(4) समय के साथ कम होता है।
उत्तर:
(2) समय के साथ बढ़ता है

72. अभिक्रिया x + 3y → 2Z में x, y तथा z के साम्य सान्द्रण क्रमशः 2, 2 तथा 4 हैं। साम्य स्थिरांक का मान है-
(1) 1
(2) 2
(3) 3
(4) 4.
उत्तर:
(1) 1

73. MgCO3(s) ⇌ MgO (s) + CO2 (g) के लिए निम्न में से सही है-
(1) Kp = \(\frac{\mathrm{P}_{\mathrm{Mg}} \mathrm{O} \times \mathrm{P}_{\mathrm{CO}_2}}{\mathrm{P}_{\mathrm{MgCO}_3}}\)
(2) Kp = \(\frac{P_{\mathrm{Mgo}}+P_{\mathrm{CO}_2}}{\mathrm{P}_{\mathrm{MgCO}_3}}\)
(3) Kp = \(\frac{[\mathrm{Mgo}]\left[\mathrm{CO}_2\right]}{\left[\mathrm{MgCO}_3\right]}\)
(4) Kp = PCO2 ·
उत्तर:
(4) Kp = PCO2 ·

74. यदि N2 + 3H2 ⇌ 2NH3 के लिए साम्य स्थिरांक K तथा 2N2 + 6H2 ⇌ 4NH3 के लिए साम्य स्थिरांक K’ है तो K’ का मान होगा-
(1) K²
(2) \(\sqrt{K}\)
(3) \(\frac{1}{\sqrt{\mathrm{K}}}\)
(4) \(\frac{1}{K^2}\)
उत्तर:
(1) K²

75. HI के निर्माण के लिए साम्य स्थिरांक (K) का मान 50 है तो K का मान HI के वियोजन के लिए होता है-
(1) 50
(2) 5
(3) 0.2
(4) 0·02.
उत्तर:
(4) 0·02.

76. साम्य 2HI (g) ⇌ H2 (g) + I2 (g) के लिए निम्न में से सही है-
(1) Kp = Kc
(2) Kc = 2Kp
(3) Kp > Kc
(4) Kc = Kp (RT)².
उत्तर:
(1) Kp = Kc

77. 500°C पर उत्क्रमणीय अभिक्रिया N2(g) + 3H2(g) ⇌ 2 NH3(g) के लिए Kp का मान 1.44 x 10-5 है। जब आंशिक दाब वायुमण्डल (Atm) में पाया जाता है। यदि सान्द्रता मोल ली- 1 में है तो सम्बन्धित Kc का मान है-
(1) 1.44 × 10-5/ (0.082 × 500)²
(2) 1.44 x 105 / ( 8.314 × 773)-2
(3) 1.44 × 10-5/ (0.0821 × 773)²
(4) 1.44 x 10-5/ (0.0821 × 773)-2.
उत्तर:
(4) 1.44 x 10-5/ (0.0821 × 773)-2.

78. अभिक्रिया H2 + I2 ⇌ 2HI के लिए
(1) Kc = 2Kp
(2) Kc > Kp
(3) Kc = Kp
(4) Kc < Kp
उत्तर:
(3) Kc = Kp

79. इकाई आयतन में उपस्थित पदार्थ के ग्राम अणुओं की संख्या कहलाती है-
(1) सक्रियता
(2) नॉर्मल विलयन
(3) मोलर विलयन
(4) सक्रिय द्रव्यमान।
उत्तर:
(4) सक्रिय द्रव्यमान।

80. अभिक्रिया C(s) + CO2(g) ⇌ 2CO(g) के लिए साम्यावस्था पर CO2 एवं CO के आंशिक दाब क्रमश: 2.0 तथा 4.0 atm हैं। अभिक्रिया के लिए Kp होगा-
(1) 0.5
(2) 4.0
(3) 8.0
(4) 32.0
उत्तर:
(3) 8.0

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
ताप बढ़ाने पर KNO3 की विलेयता बढ़ जाती है, जबकि Ca(OH)2 की विलेयता घट जाती है, क्यों?
उत्तर:
KNO3 का जल में घुलना ऊष्माशोषी अभिक्रिया है, जबकि Ca(OH)2 को विलेय करने पर ऊष्मा निकलती है। अतः ला शातेलिए के नियमानुसार ताप बढ़ाने पर KNO3 की विलेयता बढ़ती है तथा Ca(OH)2 की घटती है।

प्रश्न 2.
ताप बढ़ाने पर जल में लेड नाइट्रेट की विलेयता बढ़ती है, जबकि कैल्सियम ऐसीटेट की विलेयता घटती है, क्यों?
उत्तर:
लेड नाइट्रेट को जल में घोलने पर ऊष्मा अवशोषित होती है जबकि कैल्सियम ऐसीटेट को घोलने पर उत्सर्जित होती है।

प्रश्न 3.
“रासायनिक साम्य गतिक होता है?” इस कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
उत्क्रमणीय रासायनिक अभिक्रिया में अग्र अभिक्रिया की दर घटती है, वहीं पश्च अभिक्रिया की दर बढ़ती जाती है। रासायनिक साम्यावस्था आने पर अग्र अभिक्रिया की दर पश्च अभिक्रिया की दर के बराबर हो जाती है, अर्थात् अभिक्रिया रुकती नहीं वरन् सतत रूप से दोनों ओर गतिक रहती है।

प्रश्न 4.
Cl2 की उपस्थिति में PCl5 के वियोजन की मात्रा कम हो जाती है, क्यों?
उत्तर:
PCl5 ⇌ PCl3 + Cl2; ला-शातेलिए के नियमानुसार, Cl2 की सान्द्रता बढ़ाने पर पश्च अभिक्रिया अधिक होगी जिससे PCl5 का वियोजन घट जायेगा।

प्रश्न 5.
FeCl3 के विलयन में NH4CNS मिलाने पर गहरा लाल रंग आ जाता है। इसमें NH4Cl विलयन मिलाने पर रंग गायब हो जाता है, क्यों?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 1
उपरोक्त विलयन में NH4Cl मिलाने पर पश्च अभिक्रिया तेजी से होती है तथा Fe(CNS)3 विघटित हो जाती है जिससे लाल रंग गायब हो जाता है।

प्रश्न 6.
अभिक्रिया, 2HI ⇌ H2 + I2 में दाब m गुना करने पर साम्य स्थिरांक पर क्या प्रभाव होगा?
उत्तर:
साम्य स्थिरांक पर दाब का कोई प्रभाव नहीं होता है।

प्रश्न 7.
नाइट्रिक ऑक्साइड के संश्लेषण में उच्च ताप अमोनिया के संश्लेषण में अपेक्षाकृत कम ताप प्रयुक्त किया जाता है, क्यों ?
उत्तर:
नाइट्रिक ऑक्साइड का संश्लेषण ऊष्माशोषी अभिक्रिया है। वहीं अमोनिया का संश्लेषण ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है।

प्रश्न 8.
सोडा वाटर की बोतल खोलने पर बुलबुले उठते हैं, क्यों?
उत्तर:
सोडा वाटर की बोतल खोलने पर दाब कम होने के कारण गैस की जल में विलेयता घट जाती है तथा गैस के तेजी से बाहर निकलने के कारण बुलबुले उठते हैं।

प्रश्न 9.
किस अभिक्रिया साम्य स्थिरांक के लिए अभिक्रिया पूर्णता की ओर अधिक होगी।
K = 1; K = 1010; K = 10-10
उत्तर:
K = 1010

प्रश्न 10.
Mg एवं Fe दोनों ही Cu2+ आयन को Cu में परिवर्तित कर देते हैं। यदि साम्यावस्थाएँ निम्न हों तो कौन अधिक सीमा तक Cu2+ को Cu में परिवर्तित करेगा।
Mg (g) + Cu2+ ⇌ Mg2+ Cu; Kc = 6 × 1090
Fe(s) + Cu2+ ⇌ Fe2+ + Cu; Kc = 3 x 1026
उत्तर:
Mg क्योंकि Kc अधिक होने पर अभिक्रिया पूर्णता की ओर अधिक होगी।

प्रश्न 11.
उत्क्रमणीय अभिक्रिया A + B ⇌ C + D का साम्य स्थिरांक लिखिए।
उत्तर:
Kc = \(\frac{[\mathrm{C}][\mathrm{D}]}{[\mathrm{A}][\mathrm{B}]}\)

प्रश्न 12.
(a) अभिक्रिया a + bB ⇌ cC + dD के लिए स्थिरांक का व्यंजक लिखिए।
(b) यदि उपरोक्त अभिक्रिया का साम्य स्थिरांक Kc = 5.0 x 10³ है तो अभिक्रिया CC + dD ⇌ C + dD के साम्य स्थिरांक की गणना कीजिए।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 2

प्रश्न 13.
N2 + 2O2 ⇌ 2NO2, Kc = 100 लीटर मोल हो तो निम्नलिखित अभिक्रियाओं के K1, K2 के मान ज्ञात कीजिए।
(i) 2NO2 ⇌ N2 + 2O2 तथा
(ii) NO2 ⇌ \(\frac {1}{2}\) N2 + O2
उत्तर:
(i) K1 = \(\frac{1}{K_c}=\frac{1}{100}\) = 10-2 मोल लीटर-1 ;
(ii) K1 = \(\sqrt{\frac{1}{K_c}}=\sqrt{\frac{1}{100}}\) = 10-1 मोल\(\frac {1}{2}\) लीटर\(\frac {1}{2}\)

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था

प्रश्न 14.
विलेयता पर ताप का क्या प्रभाव होगा?
उत्तर:

  1. यदि पदार्थ को घोलने पर ऊष्मा निकलती है तो ताप बढ़ाने पर उसकी विलेयता घट जाती है।
  2. यदि पदार्थ को घोलने पर ऊष्मा शोषित होती है तो ताप बढ़ाने पर उसकी विलेयता बढ़ जाएगी।

प्रश्न 15.
अभिक्रिया N2 + O2 ⇌ 2NO के लिए साम्य स्थिरांक का व्यंजक लिखिए।
उत्तर:
Kc = \(\frac{[\mathrm{NO}]^2}{\left[\mathrm{~N}_2\right]\left[\mathrm{O}_2\right]}\) तथा Kc = \(\frac{4 x^2}{(a-x)(b-x)}\)

प्रश्न 16.
अभिक्रिया PCl5 ⇌ PCl3 + Cl2 के लिए Kp व Kc में सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
उत्तर:
Kp = Kc x RT; ∵ ∆n = 1

प्रश्न 17.
ला – शातेलिए नियम किस अवस्था में लागू होता है।
उत्तर:
साम्यावस्था में।

प्रश्न 18.
m1A(g) + m2B(g) → n1C(g) + n2D(g) के लिए Kp तथा Kc के मध्य सम्बन्ध का समीकरण लिखिए।
उत्तर:
Kp = Kc\((\mathrm{RT})^{\left(n_1+n_2\right)-\left(m_1+m_2\right)}\)

प्रश्न 19.
निम्न में उत्क्रमणीय एवं अनुत्क्रमणीय अभिक्रियाएँ छाँटिए-
(a) चूना भट्टी में चूने का टूटना
(b) नौसादर का वायुमण्डल में ऊर्ध्वपातन
(c) NH का बन्द पात्र में टूटना
(d) KI में AgNO3 मिलाना।
उत्तर:
उत्क्रमणीय (c) अनुत्क्रमणीय: (a), (b), (d)

प्रश्न 20.
रासायनिक साम्य स्थापित करने में उत्प्रेरक का क्या योगदान है?
उत्तर:
रासायनिक साम्य शीघ्र स्थापित हो जाता है।

प्रश्न 21.
पहाड़ों पर बर्फ धीरे-धीरे पिघलती है, क्यों।
उत्तर:
ला-शातेलिए के नियम के अनुसार पहाड़ों पर दाब कम होता है अतः बर्फ ⇌ जल की साम्यावस्था उस ओर अधिक होती है जिधर आयतन अधिक होता है (जल में बर्फ की ओर) अतः बर्फ कम पिघलती है।

प्रश्न 22.
रासायनिक साम्य क्या है?
उत्तर:
रासायनिक साम्य अभिक्रिया की वह अवस्था जिसमें अग्र और विपरीत दोनों अभिक्रियाओं के वेग बराबर हो जाते हैं, रासायनिक साम्यावस्था कहलाती है।

प्रश्न 23.
सक्रिय द्रव्यमान का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
किसी भी पदार्थ के सक्रिय द्रव्यमान का अभिप्राय उसकी आण्विक सान्द्रता से होता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 3

प्रश्न 24.
साम्य स्थिरांक की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
साम्य स्थिरांक-स्थिर ताप पर किसी उत्क्रमणीय अभिक्रिया की अग्र तथा विपरीत अभिक्रियाओं के वेग स्थिरांकों के अनुपात को साम्य स्थिरांक कहते हैं।
Kc = \(\frac{K_f}{K_b}\)

प्रश्न 25.
ऐसी अभिक्रिया का उदाहरण दीजिए जिनमें
(i) दाब बढ़ाने पर अधिक उत्पाद बनता हो
(ii) ताप बढ़ाने पर अधिक उत्पाद बनता हो।
उत्तर:
(i) N2(g) + 3H2 (g) ⇌ 2NH3 (g) + 22,400 कैलोरी
(ii) N2(g) + O2 (g) ⇌ 2NO (g) – 43,200 कैलोरी

प्रश्न 26.
किसी गैसीय साम्य पर क्या होगा जबकि ∆n का मान ऋणात्मक हो और दाब कम कर दिया जाये?
उत्तर:
∆n के ऋणात्मक मान का अर्थ क्रियाकारकों के कुल अणुओं की संख्या क्रियाफलों के कुल अणुओं की संख्या से अधिक है। अर्थात् गैसीय अभिक्रिया में दाब कम करने पर अभिक्रिया प्रतीप दिशा में विस्थापित होगी।

प्रश्न 27.
सामान्य अभिक्रिया aA + bB → lL + mM हेतु ∆n = (1+ m) – (a + b) का कितना मान हो कि साम्य पर दाब का कोई प्रभाव नहीं पड़े?
उत्तर:
∆n = 0 होने पर दाब परिवर्तन से साम्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

प्रश्न 28.
Kp व Kc में सम्बन्ध बताइए।
उत्तर:
Kp = Kc (RT)∆n

प्रश्न 29.
हैबर विधि में अमोनिया की अधिकतम लब्धि हेतु किन शर्तों का होना आवश्यक है?
उत्तर:
हैबर विधि द्वारा अमोनिया की अधिकतम लब्धि के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ हैं-

  • अधिकारकों (N2 तथा H2) की उच्च सान्द्रता
  • उच्च दाब तथा कम ताप।

प्रश्न 30.
Kp तथा Kc के मात्रक बताइए।
उत्तर:
Kp का मात्रक bar है।
Kc का मात्रक mol/L है।
जब Kp = Kc(RT)n में ∆n = 0 होता है, तब ये विमा रहित हो जाते हैं।

प्रश्न 31.
सक्रिय द्रव्यमान को कैसे प्रकट करते हैं?
उत्तर:
इसे व्यक्त करने के लिए प्रतीक अथवा सूत्र को बड़े कोष्ठक [ ] में लिखा जाता है।

प्रश्न 32.
∆n के पृथक् मान रखकर Kp तथा Kc के मध्य सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
उत्तर:
यदि ∆n=0 हो तो, Kp = kc
∆n = + 1 हो, तो Kp > Kc
∆n = – 1 हो, तो Kp > Kc

प्रश्न 33.
द्रव्य अनुपाती क्रिया के नियम का प्रयोग H2 तथा I2 पर ही क्यों किया गया?
उत्तर:
क्योंकि कमरे के ताप पर H2 तथा I2 क्रिया नहीं करते हैं, परन्तु उच्च ताप पर ये पूर्ण क्रिया करते हैं।

प्रश्न 34.
अभिक्रिया वेग की इकाई क्या है?
उत्तर:
मोल लीटर-1 सेकेण्ड-1 होती है।

प्रश्न 35.
Kc से क्या ज्ञात होता है?
उत्तर:
Kc को स्थिर सान्द्रता पर साम्य स्थिरांक कहते हैं।

प्रश्न 36.
∆n ऋणात्मक मान की एक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
N2 + 3H2 → 2NH3 (∆n = – 2 )

प्रश्न 37.
अभिक्रिया PCI5 → PCI3 + Cl2 में यदि वियोजन की मात्रा x है तो Kp का मान क्या होगा?
उत्तर:
Kp = \(\frac{x^2 P}{\left(1-x^2\right)}\)

प्रश्न 38.
अभिक्रिया 2SO2 + O2 → 2SO3 + 45,2000 cal. में अधिकतम SO3 प्राप्त करने के लिए आवश्यक परिस्थितियां कौन-सी हैं?
उत्तर:

  1. उच्च दाब
  2. निम्न ताप
  3. SO2 तथा O2 का अधिक सान्द्रण।

प्रश्न 39.
विद्युत अपघय से आप क्या समझते हो?
उत्तर:
वह पदार्थ जो जल में घोलने पर दो आवेशित भाग में टूट जाता है, विद्युत अपघट्य कहलाता है।
उदाहरणार्थ – NaCl, NH4Cl, CuSO4 आदि।

प्रश्न 40.
आयनन की मात्रा से आप क्या समझते हो?
उत्तर:
किसी विद्युत अपघट्य का वह अंश जो आयनीकृत होता है, उसे आयनन की मात्रा कहते हैं।

प्रश्न 41.
वह कौन-सा कारक है जिसका आयनन पर प्रभाव नहीं पड़ता है।
उत्तर:
दाब।

प्रश्न 42.
एक प्रबल अम्ल व प्रबल क्षार की उदासीनीकरण ऊष्मा कितनी होती है?
उत्तर:
13.7 कैलोरी।

प्रश्न 43.
अम्लों की सामर्थ्य किस पर निर्भर करती है ?
उत्तर:
अम्लों की सामर्थ्य उसके आयनन की मात्रा तथा जल में OH आयनों के सान्द्रण पर निर्भर करती है।

प्रश्न 44.
क्षारों की सामर्थ्य किस पर निर्भर करती है?
उत्तर:
क्षारों की सामर्थ्य उसके आयनन की मात्रा तथा जल में OH आयनों के सान्द्रण निर्भर करती है।

प्रश्न 45.
जल के आयनिक गुणनफल से आप क्या समझते हो? इसे किसके द्वारा व्यक्त करते हैं?
उत्तर:
स्थिर ताप पर जल में उपस्थित H+ तथा OH आयनों के सान्द्रण के गुणनफल को जल का आयनिक गुणनफल कहते हैं। इसे Kw से प्रदर्शित करते हैं।
Kw = [H+][OH]

प्रश्न 46.
K का मान कितना है?
उत्तर:
1 × 10-14 ग्राम आयन / लीटर

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था

प्रश्न 47.
प्रबल अम्ल और दुर्बल क्षार के जल-अपघटनांक स्थिरांक का सूत्र दीजिए।
उत्तर:
Kw = \(\frac{\mathbf{K}_w}{\mathbf{K}_b}\)

प्रश्न 48.
दुर्बल अम्ल और प्रबल क्षार के जल अपघटनांक स्थिरांक का सूत्र दीजिए।
उत्तर:
Kh = \(\frac{\mathbf{K}_w}{\mathbf{K}_a}\)

प्रश्न 49.
दुर्बल अम्ल और दुर्बल क्षार के जल अपघटनांक स्थिरांक का सूत्र दीजिए।
उत्तर:
Kh = \(Kw = [latex]\frac{\mathbf{K}_w}{\mathbf{K}_b}\)

प्रश्न 50.
सम आयन प्रभाव क्या है?
उत्तर:
जब दो विद्युत अपघट्यों के विलयन में एक आयन समान होता है, तो कम आयनित विद्युत अपघट्य का आयनन कम हो जाता है। यही सम आयन प्रभाव कहलाता है।

प्रश्न 51.
जल का H+ आयन सान्दण कितना है?
उत्तर:
10-7 ग्राम आयन प्रति लीटर।

प्रश्न 52.
तनु जलीय विलयन में जल की मोलर सान्द्रता कितनी होती है?
उत्तर:
55.38 मोल प्रति लीटर।

प्रश्न 53.
जल का आयनन स्थिरांक कितना है?
उत्तर:
1.8 x 10-16

प्रश्न 54.
आरेनियस के आयनन सिद्धान्त के अनुसार अम्ल क्षार क्या है ?
उत्तर:
वे पदार्थ जो जल में H+ आयन देते हैं उन्हें अम्ल तथा जो पदार्थ जलीय विलयन में OH आयन देते हैं, उन्हें क्षार कहते हैं।

प्रश्न 55.
जल किस प्रकार का व्यवहार करता है?
उत्तर:
यह अम्ल तथा क्षारक दोनों प्रकार का व्यवहार करता है-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 4

प्रश्न 56.
संयुग्मी अम्ल क्षार समीकरण दीजिए।
उत्तर:
अम्ल1 + क्षार2 → अम्ल2 + क्षार1

प्रश्न 57.
लुईस अम्ल कितने प्रकार होते हैं?
उत्तर:

  1. उदासीन
  2. विद्युत धनात्मक

प्रश्न 58.
लुईस क्षार कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:

  1. उदासीन
  2. विद्युत ऋणात्मक।

प्रश्न 59.
ऐसे धनायन का नाम बताइये जो जलीय विलयन में अम्लीय हो?
उत्तर:
H3O+ आयन।

प्रश्न 60.
किसी विलयन में H+ आयनों की सान्द्रता का ऋणात्मक लॉग (log) क्या कहलाता है ?
उत्तर:
pH मान।

प्रश्न 61.
जल का pH मान कितना है?
उत्तर:
7

प्रश्न 62.
बफर विलयन क्या है?
उत्तर:
इन विलयनों के pH मान स्थिर होते हैं।

प्रश्न 63.
यदि जल में अम्ल मिलाया जाय तो आयनन गुणनफल पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
आयनन गुणनफल अपरिवर्तित रहेगा।

प्रश्न 64.
यदि स्थिर ताप पर हीलियम मिलायी जाये तो PCI5 के वियोजन पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
कोई प्रभाव नहीं होगा।

प्रश्न 65.
किसी लवण का Ksp मान अधिक है। यह क्या दर्शाता है?
उत्तर:
लवण अधिक घुलनशील है।

प्रश्न 66.
संयुग्मी अम्ल और संयुग्मी क्षार में क्या अन्तर है?
उत्तर:
संयुग्मी अम्ल और संयुग्मी क्षार एक प्रोटॉन के कारण भिन्न हैं।

प्रश्न 67.
BaCl2 के सान्द्र विलयन में HCl प्रवाहित करने पर सफेद अवक्षेप आता है।
उत्तर:
HCl की उपस्थिति में [CH] का मान अधिक हो जाता है तथा विलयन में [Ba2+] [Cl]² का मान BaCl2 के Ksp से अधिक हो जाने के कारण BaCl का अवक्षेपण होने लगता है।
[Ba2+] [Cl]² (Ksp साम्य पर)

प्रश्न 68.
फैरिक क्लोराइड का जलीय विलयन रखने पर भूरे रंग का अवक्षेप प्राप्त होता है।
उत्तर:
Fe3+ + 3H2O → Fe (OH)3 + 3H+
फैरिक आयन के जल अपघटन विलयन में भूरे का Fe(OH)3 का अवक्षेप बन जाता है।

प्रश्न 69.
BaCl के विलयन से Ba2+ का भारात्मक विश्लेषण करते समय विलयन में H2SO4 की थोड़ी अधिक मात्रा मिलायी जाती है, क्यों?
उत्तर:
Ba2+ आयनों का पूर्ण अवक्षेपण करने के लिए H2SO4 कुछ अधिक मात्रा में मिलाया जाता है।
BaCl2 + H2SO4 → BaSO4 + 2HCl

प्रश्न 70.
Ca3(PO4)2 लवण HCI की उपस्थिति में जल में घुल जाता है।
उत्तर:
HCl, H3PO4 से प्रबल अम्ल होने के कारण Ca3(PO4)2 को अपघटित कर देता है।
Ca3(PO4)2 + 6HCl → 3CaCl2, 2H3PO4

प्रश्न 71.
बहु-प्रोटॉनीय अम्ल (Poly Protonic acid) किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
वे अम्ल जो एक से अधिक प्रोटॉन देते हैं; बहु-प्रोटॉनीय अम्ल कहलाते हैं, जैसे- H2SO4, H3PO4, H2PO3 आदि।

प्रश्न 72.
बोरॉन के हैलाइडों को बढ़ती हुई अम्लीय प्रकृति के क्रम में कारण सहित व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर:
BF3 < BCl3 < BBr3 < Bl3 ऐसा पश्च आबन्धन (back bonding) के कारण होता है।

प्रश्न 73.
अम्लीय बफर विलयन का उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
CH3COOH + CH3COONa

प्रश्न 74.
NaCl, CuSO4 एवं KNO3 लवणों में से किस लवण का जल अपघटन होगा?
उत्तर:
CuSO4 का, NaCl व KNO3 प्रबल अम्ल प्रबल क्षार के लवण हैं।

प्रश्न 75.
pH पैमाने पर ताप बढ़ाने से क्या प्रभाव पड़ता है।
उत्तर:
pH पैमाना ताप बढ़ाने पर 0 से 14 की जगह 0 से 14 से कम हो जाता है।

प्रश्न 76.
धातु के दो ऑक्साइड लिखिए जो अम्लीय होते हैं।
उत्तर:
Mn2O7; CrO3

प्रश्न 77.
अधातुओं से प्राप्त उदासीन एवं उभयधर्मी ऑक्साइड कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
उदासीन ऑक्साइड CO, N2O, NO: उभयधर्मी ऑक्साइड : H2O

प्रश्न 78.
Ag के हैलाइडों में जल में घुलनशील हैलाइड कौन-सा है?
उत्तर:
AgF

प्रश्न 79.
संयुग्मी अम्ल-क्षार के वियोजन स्थिरांकों में क्या सम्बन्ध होता है?
उत्तर:
Ka x Kb = Kw

प्रश्न 80.
BF3, NF3, AlCl3 तथा SnCl4 में कौन लुईस क्षार है?
उत्तर:
NF3

प्रश्न 81.
CH3COO, NH4+, BF3 एवं SO3 में अम्ल एवं क्षार बताइए-
उत्तर:
अम्ल NH4+, BF3, SO3 क्षार CH3COO

प्रश्न 82.
Ca के हैलाइडों में जल में अविलेय हैलाइड कौन-सा है?
उत्तर:
CaF2

प्रश्न 83.
क्या फिनॉल्फ्थलीन NH4OH के विलयन में गुलाबी रंग देगा?
उत्तर:
हाँ।

प्रश्न 84.
निम्नलिखित दशाओं में विलयन की प्रकृति बताइए।
(a) pH > 7
(b) pH < 7
(c) pH = 7
उत्तर:
(a) क्षारीय
(b) अम्लीय
(c) उदासीन।

प्रश्न 85.
हैलोजन अम्लों में कौन-सा अम्ल दो प्रकार के लवण बनाता है?
उत्तर:
हैलोजन अम्लों में HF दो प्रकार के लवण बनाता है। क्योंकि इसकी प्रकृति H2F2 बनाने की होती है। ऐसा हाइड्रोजन आबन्ध बनने के कारण होता है। यह दो लवण KHF2 तथा KF बनाता है।

प्रश्न 86.
विद्युत अपघटनी सुचालकों की चालकता पर ताप का क्या प्रभाव होता है?
उत्तर:
बढ़ जाती है।

प्रश्न 87.
किसी लवण का जलीय विलयन अम्लीय है अथवा क्षारीय, कैसे ज्ञात करोगे।
उत्तर:
लिटमस परीक्षण द्वारा लिटमस पेपर के नीला होने पर क्षारीय तथा लाल होने पर अम्लीय।

प्रश्न 88.
जल के आयनिक गुणनफल का मान क्या होता है?
उत्तर:
25°C पर Kw = 10-14

प्रश्न 89.
यदि किसी विलयन की pH 5-5 हो तो POH कितनी होगी ?
उत्तर:
POH = 8.5

प्रश्न 90.
साम्य से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
साम्य वह स्थिति है जिस पर अग्रगामी अभिक्रिया की दर पश्चगामी अभिक्रिया की दर के बराबर हो जाती है।

प्रश्न 91.
भौतिक साम्य क्या है? उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
समान पदार्थ की दो विभिन्न भौतिक अवस्थाओं के मध्य स्थापित साम्यावस्था भौतिक साम्य कहलाती है।
उदाहरणार्थं -H2O(s) ⇌ H2O(l)

प्रश्न 92.
क्या साम्य एक खुले पात्र में प्राप्त हो सकता है, जबकि उत्पाद इससे निष्कासित सकते हों?
उत्तर:
नहीं; क्योंकि यदि उत्पाद पात्र से निष्कासित हो जाएँगे तो यह उत्क्रमणीय प्रक्रम नहीं होगा। अतः साम्यावस्था प्राप्त नहीं होगी।

प्रश्न 93.
अभिक्रिया
N2(g) + 3H2(g) ⇌ 2NH3(g)
के लिए Kc का व्यंजक लिखिए Kc की इकाई दीजिए।
उत्तर:
Kc = \(\frac{\left[\mathrm{NH}_3\right]^2}{\left[\mathrm{~N}_2\right]\left[\mathrm{H}_2\right]^3}\)
= \(\frac{\left(\mathrm{mol} \mathrm{L}^{-1}\right)^2}{\left(\mathrm{~mol} \mathrm{~L}^{-1}\right)\left(\mathrm{mol} \mathrm{L}^{-1}\right)^3}\)
= L² mol-2

प्रश्न 94.
उन कारकों के नाम बताइए जो किसी उत्क्रमणीय अभिक्रिया की साम्यावस्था को प्रभावित कर सकते हैं।
उत्तर:

  1. ताप
  2. दाब
  3. सान्द्रता
  4. उत्प्रेरक।

प्रश्न 95.
किस ताप पर ठोस तथा द्रव 1 atm दाब के अन्तर्गत साम्य में होंगे ?
उत्तर:
गलनांक अथवा हिमांक पर।

प्रश्न 96.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं में दाब वृद्धि का क्या प्रभाव होगा?
(1) PCl5(g) ⇌ PCl3(g) + Cl2(g)
(2) N2 (g) + O2(g) ⇌ 2NO (g)
उत्तर:
(1) साम्य पश्चगामी अभिक्रिया में विस्थापित हो जाएगा।
(2) कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था

प्रश्न 97.
अभिक्रिया N2O4(g) ⇌ 2NO2(g) के लिए Kp का व्यंजक लिखिए।
उत्तर:
Kp = \(\frac{\left(\mathrm{P}_{\mathrm{NO}_2}\right)^2}{\left(\mathrm{P}_{\mathrm{N}_2 \mathrm{O}_4}\right)}\)

प्रश्न 98.
बन्द पात्र में होने वाली कौन-सी रासायनिक अभिक्रियाएँ साम्यावस्था प्राप्त करती हैं?
उत्तर:
बन्द पात्र में होने वाली उत्क्रमणीय रासायनिक अभिक्रियाएँ साम्यावस्था प्राप्त करती हैं।

प्रश्न 99.
H2(g) + I2(g) ⇌ 2HI (g), K = 49
अभिक्रिया HI (g) ⇌ \(\frac {1}{2}\) H2(g) + \(\frac {1}{2}\)I2(g) के लिए Kc का मान क्या है?
उत्तर:
K = \(\frac{[\mathrm{HI}]^2}{\left[\mathrm{H}_2\right]\left[\mathrm{I}_2\right]}\) = 49
K = \(\frac{\left[\mathrm{H}_2\right]^{1 / 2}\left[\mathrm{I}_2\right]^{1 / 2}}{[\mathrm{HI}]}=\frac{1}{\sqrt{K}}=\frac{1}{\sqrt{49}}=\frac{1}{7}\)

प्रश्न 100.
N2 + 3H2 ⇌ 2NH3 + ऊष्मा इस अभिक्रिया के लिए K का मान ताप बढ़ने पर किस प्रकार प्रभावित होगा?
उत्तर:
ताप बढ़ाने पर K का मान घट जाएगा।

प्रश्न 101.
गर्म शीतल पेय तथा ठण्डी शीतल पेय की बोतलों में से किसमें CO2 की अधिक मात्रा होगी और क्यों?
उत्तर:
ठण्डी बोतल में CO2 अधिक मात्रा में होगी, चूँकि द्रवों में गैसों की विलेयता ताप में कमी आने पर बढ़ जाती है।

प्रश्न 102.
एक उत्प्रेरक साम्यावस्था स्थिरांक को किस प्रकार प्रभावित करता है?
उत्तर:
साम्यावस्था स्थिरांक उत्प्रेरक द्वारा प्रभावित नहीं होता है।

प्रश्न 103.
आयनिक साम्यावस्था को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
किसी दुर्बल विद्युत अपघट्य के वियोजन के दौरान आयनों तथा अनायनित अणुओं के मध्य स्थापित साम्य, आयनिक साम्यावस्था कहलाता है।

प्रश्न 104.
वियोजन की मात्रा पर ताप वृद्धि का क्या प्रभाव होता है?
उत्तर:
वियोजन की मात्रा ताप वृद्धि पर बढ़ जाती है।

प्रश्न 105.
जलीय विलयन में HCN के आयनन के लिए, Ka का व्यंजक लिखिए।
उत्तर:
HCN + H2O ⇌ H3O+ + CN
Ka = \(\frac{\left[\mathrm{H}_3 \mathrm{O}^{+}\right]\left[\mathrm{CN}^{-}\right]}{[\mathrm{HCN}]}\)

प्रश्न 106.
जल के आयनिक गुणनफल (Kw) से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
यह विशिष्ट ताप पर [H3O+] तथा [OH] की सान्द्रता का गुणनफल स्थिरांक होता है।
K = [H3O+] [OH]
= 1.0 × 10-14

प्रश्न 107.
विलेयता गुणनफल (Ksp) पर ताप का क्या प्रभाव होता है?
उत्तर:
Ksp ताप बढ़ाने पर बढ़ता है, चूंकि विलेयता बढ़ जाती है।

प्रश्न 108.
क्या pH = 2 पर Fe(OH)3 का अवक्षेप प्राप्त करना सम्भव है?
उत्तर:
नहीं क्योंकि FO(OH)3 प्रबल अम्लीय माध्यम में विलेय होगा।

प्रश्न 109.
किन परिस्थितियों के अन्तर्गत एक पदार्थ अपने विलयन से अवक्षेपित हो जाएगा?
उत्तर:
जब आयनिक गुणनफल, विलेयता गुणनफल से अधिक हो जाता है, तब अवक्षेप प्राप्त होता है।

प्रश्न 110.
सम-आयन प्रभाव किस प्रकार विद्युत अपघट्य की विलेयता को प्रभावित करता है?
उत्तर:
सम-आयनं प्रभाव के कारण विद्युत अपघट्यों की विलेयता घट जाती है।

प्रश्न 111.
क्षारीय बफर क्या है?
उत्तर:
क्षारीय बफर वह बफर है जिसका pH 7 से अधिक होता है। यह दुर्बल क्षारक तथा प्रबल अम्ल के साथ इसके लवण का मिश्रण होता है; जैसे-NH4 Cl + NH4 OH

प्रश्न 112.
अम्लों A, B, C, D के pKa मान 1.5, 3.5, 2.0 तथा 5.0 हैं। इनमें से कौन-सा प्रबलतम अम्ल है?
उत्तर:
pKa = 1.5 वाला अम्ल ‘A’ प्रबलतम अम्ल है; क्योंकि pKa का मान न्यूनतम होने पर अम्ल प्रबलतम होता है।

प्रश्न 113.
SO32- ब्रॉन्स्टेड क्षारक है अथवा अम्ल और क्यों?
उत्तर:
SO32- ब्रॉन्स्टेड क्षारक है, चूँकि प्रोटॉन (H+) ग्रहण करता है।

प्रश्न 114.
निम्नलिखित में से कौन-सा प्रबलतम अम्ल है-
CCl4, AlCl3, NCl3, OCl2
उत्तर:
AlCl3 प्रबलतम लूईस अम्ल है क्योंकि इसका अष्टक पूर्ण नहीं है।

प्रश्न 115.
बफर विलयन के दो अनुप्रयोग बताइए।
उत्तर:

  1. बफर विलयनों का प्रयोग दवाइयों में किया जाता है।
  2. बफर विलयन, रक्त के pH को नियन्त्रित करते हैं।

प्रश्न 116.
निम्नलिखित में से कौन-सा लूईस अम्ल है। परन्तु ब्रॉन्स्टेड अम्ल नहीं है-
HBrO3, SbCl3, HSO4, AlF3
उत्तर:
SbCl3 तथा AlF3 लूईस अम्ल हैं परन्तु ब्रॉन्स्टेड अम्ल नहीं है।

प्रश्न 117.
निम्नलिखित में से कौन-सा प्रबलतम अम्ल है-
HCl, HClO3, HNO3, H2SO4, HClO4
उत्तर:
HClO4 प्रबलतम अम्ल है।

प्रश्न 118.
निम्नलिखित में से कौन-सा दुर्बलतम अम्ल है।
HClO4, HClO3, HClO2, HClO
उत्तर:
HClO दुर्बलतम अम्ल है।

प्रश्न 119.
निम्नलिखित में से कौन-सा प्रबलतम संयुग्मी क्षारक
CH3, NH2, OH, F
उत्तर:
CH3 प्रबलतम संयुग्मी क्षारक है।

प्रश्न 120.
HCN तथा NH+ के संयुग्मी क्षारक बताइए।
उत्तर:
HCN का संयुग्मी क्षारक CN है तथा NH4+ का संयुग्मी क्षारक NH3 है।

प्रश्न 121.
ताप बढ़ाने पर जल के आयनिक गुणनफल पर क्या प्रभाव होगा?
उत्तर:
ताप बढ़ाने इसमें वृद्धि होगी; क्योंकि जल का वियोजन एक ऊष्माशोषी प्रक्रम है।

प्रश्न 122.
द्रवों में गैसों की विलेयता पर दाब में वृद्धि का प्रभाव बताइए।
उत्तर:
द्रवों में गैसों की विलेयता दाव में वृद्धि होने पर बढ़ती है।

प्रश्न 123.
NH4OH के लिए Kb का मान 1.8 x 10-5 तथा CH3 NH2 के लिए 4.4 x 10-6 इनमें से कौन सा प्रबलतम क्षारक है और क्यों?
उत्तर:
CH3 NH2 प्रबलतम क्षारक होगा चूँकि इसके क्षारक वियोजन स्थिरांक का मान अधिक है।

प्रश्न 124.
निम्नलिखित दशाओं में विलयन की प्रकृति बताइए-
(i) pH < 7
(ii) pH > 7
उत्तर:
(i) अम्लीय
(ii) क्षारीय

प्रश्न 125.
बफर विलयन से क्या समझते हैं? निम्न में कौन-सा बफर विलयन है?
(1) KOH + HC
(2) HNO3 + KNO3
(3) CH3 COOH + CH3COONa
(4) HCI + NaCl.
उत्तर:
बफर विलयन (Buffer solution)-वे विलयन जिनकी अम्लीयता या क्षारीयता आरक्षित होती है, बफर विलयन कहलाते हैं।
CH3 COOH CH3 COO Na विलयन का मिश्रण बफर विलयन है।

प्रश्न 126.
जल के आयनिक गुणनफल की परिभाषा लिखिए। साधारण ताप पर जल के आयनिक गुणनफल मान लिखिए
उत्तर:
जल में विद्यमान H+ व OH आयनों के सान्द्रण के गुणनफल को जल का आयनिक गुणनफल कहते हैं साधारण ताप पर इसका मान 1 x 10-14 होता है।
Kw = [H+] x [OH]

प्रश्न 127.
किसी विलयन में विद्यमान हाइड्रोजन आयनों की सान्द्रता तथा उसके pH में क्या सम्बन्ध होता है? सूत्र द्वारा व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
किसी विलयन के H+ आयन सान्द्रण व उसके pH मान में सम्बन्ध को निम्नलिखित सूत्र द्वारा व्यक्त किया जाता है-pH log10 [H+]

प्रश्न 128.
एक समीकरण दीजिए जो प्रदर्शित करता हो कि NH3 एक आरहीनियस क्षारक है?
उत्तर:
NH3 + H2O → NH4+ + OH
उपर्युक्त समीकरण प्रदर्शित करता है कि NH3 एक आहनियस क्षारक है, चूंकि यह जलीय विलयन में OH देता है।

प्रश्न 129.
H2O का संयुग्मी अम्ल तथा संयुग्मी क्षारक लिखिए।
उत्तर:
संयुग्मी अम्ल : H3O+ तथा
संयुग्मी क्षारक : OH+

प्रश्न 130.
प्रबल विद्युत अपघट्य के चार उदाहरण लिखिए?
उत्तर:

  1. NaCl
  2. H2SO4
  3. K2SO4
  4. Ba(OH)2

प्रश्न 131.
विशुद्ध विद्युत अपघय के दो उदाहरण दो-
उत्तर:

  1. NaCl
  2. KNO3

प्रश्न 132.
विभव विद्युत अपघट्य के दो उदाहरण लिखिए?
उत्तर:

  1. CH3 COOH
  2. HCN

प्रश्न 133.
चार क्षारों के pKb निम्न हैं।

क्षार = AOH BOH COH DOH
PKb  = 4.0 4.5 5.0 5.5

अब pKb की सहायता से निम्न प्रश्नों के उत्तर दो-
(1) प्रबलतम क्षार है-
उत्तर:
AOH

(2) दुर्बलतम क्षार है-
उत्तर:
DOH

(3) इन क्षारों को बढ़ती सामर्थ्य के क्रम में व्यवस्थित कीजिए-
उत्तर:
DOH < COH < BOH < AOH

(4) कौन सा क्षार प्रबलतम संयुग्मी अम्ल देगा-
उत्तर:
DOH

(5) कौन सा क्षार दुर्बलतम संयुग्मी अम्ल देगा-
उत्तर:
AOH

प्रश्न 134.
निम्न यौगिकों में से कौन से यौगिक अप्रोटिक हैं-
H2O, BF3, CHCl3, HSO4, NH4+, C6H6
उत्तर:
BF3, CHCl3, C6H6 अप्रोटिक यौगिक हैं क्योंकि इनमें प्रोटॉन नहीं हैं।

प्रश्न 135.
निम्न में से कौन से सदस्य उभय प्रोटिक हैं?
NH4+, H2O, H3O+, HSO4, BF3,
उत्तर:
H2O, HSO4 उभय प्रोटिक है क्योंकि ये प्रोटॉन दे भी सकते हैं और प्रोटॉन ले भी सकते हैं।

प्रश्न 136.
H2O के आयनन स्थिरांक का मान क्या होगा?
उत्तर:
H2O ⇌ H+ + OH
K = \(\frac{\left[\mathrm{H}^{+}\right]\left[\mathrm{OH}^{-}\right]}{\left[\mathrm{H}_2 \mathrm{O}\right]}=\frac{\mathrm{K}_w}{\left[\mathrm{H}_2 \mathrm{O}\right]}=\frac{1 \times 10^{-14}}{55 \cdot 4}\)
= 1.8 x 10-16

प्रश्न 137.
एक लीटर जल में हाइड्रोनियम आयनों की संख्या क्या होगी?
उत्तर:
एक लीटर जल में हाइड्रोनियम आयनों
की संख्या [H3O+] x NA (आवोगाद्रो संख्या)
= 1 × 10-7 x 6.02 x 1023
= 6.02 × 1016 आयन

प्रश्न 138.
एक विद्यार्थी शुद्ध जल में [OH] = 5 × 10-7 ग्राम आयन / ली० ज्ञात करता है तो जल के आयनिक गुणनफल का मान क्या होगा?
उत्तर:
हम जानते हैं कि,
शुद्ध जल में [OH] = [H+]
Kw = [OH] = [H+] = [OH]
= (5 x 10-7
Kw = 25 x 10-14 ग्राम मोल /ली०²

प्रश्न 139.
ऐसीटिक अम्ल जो कि एक दुर्बल विद्युत अपघट्य है, को 50 ग्राम मात्रा के जल के निम्न आयतनों में घोला-
(1) 1 ली०
(2) 10 ली०
(3) 100 ली०
(4) 1000 ली०
अब बताओ-
(1) कौन से विलयन की आयनन की मात्रा अधिकतम है?
उत्तर:
1000 ली० वाले विलयन की।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था

(2) कौन से विलयन में आयनन की मात्रा निम्नतम है?
उत्तर:
1 ली० वाले विलयन की।

(3) ऊपर दिये गये अम्लों को आयनन की मात्रा के आधार पर व्यवस्थित करें।
उत्तर:
(1 ली० < 10 ली० < 100 ली० < 1000 ली.) वाले विलयन।

प्रश्न 140.
सामान्य रक्त की pH कितनी होती है?
उत्तर:
सामान्य रक्त की pH 7.4 होती है।

प्रश्न 141.
समुद्री जल की pH कितनी होती है?
उत्तर:
समुद्री जल की pH 8.2 होती है।

प्रश्न 142.
CH3 COO तथा OH आयनों में से दुर्बल क्षार कौन सा है?
उत्तर:
OH की तुलना में CH3COO दुर्बल क्षार है।

प्रश्न 143.
यदि विलयन में HCl उपस्थित है तो H2S के आयनन पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
HCl की उपस्थिति में H2S का आयनन कम हो जायेगा।

प्रश्न 144.
साम्यावस्था पर ∆G का मान क्या होता है।
उत्तर:
साम्यावस्था पर ∆G का मान शून्य होता है।

प्रश्न 145.
यदि किसी अभिक्रिया के लिये Qc = K है तो यह क्या प्रदर्शित करता है।
उत्तर:
Qc = K प्रदर्शित करता है कि अभिक्रिया साम्यावस्था में है।

प्रश्न 146.
किसी संतृप्त विलयन का ताप बढ़ाने पर क्या होगा?
उत्तर:
किसी संतृप्त विलयन का ताप बढ़ाने पर यह असंतृप्त हो जायेगा।

प्रश्न 147.
किसी एक ऐसी अभिक्रिया का उदाहरण दो जिसका ताप बढ़ाने पर उत्पाद की मात्रा बढ़ती है।
उत्तर:
सभी ऊष्माशोषी अभिक्रियाओं का ताप बढ़ाने पर उत्पाद की मात्रा बढ़ जाती है।
उदाहरण-N2 + O2 ⇌ 2NO – ऊर्जा

प्रश्न 148.
किसी एक ऐसी अभिक्रिया का उदाहरण दो जिसका दाब बढ़ाने पर उत्पाद की मात्रा बढ़ जाती हो।
उत्तर:
N2 + 3H2 ⇌ 2NH3
उपरोक्त अभिक्रिया का दाब बढ़ाने पर उत्पाद की मात्रा बढ़ जाती है।

प्रश्न 149.
NH4Cl(s) ⇌ NH3 (g) + HCl(g) के लिये साम्य स्थिरांक व्यंजक लिखो,
उत्तर:
Kc = \(\frac{\left[\mathrm{NH}_3\right][\mathrm{HCl}]}{\left[\mathrm{NH}_4 \mathrm{Cl}\right]}\)
परन्तु [NH4Cl] = 1
Kc = [NH3] [HCl]

प्रश्न 150.
जल में HCI का आयनन निम्न अभिक्रियाओं के द्वारा होता है-
HCl(aq) + H2O(l) ⇌ H3O+(aq) + Cl(aq)
इस आयनन में दो संयुग्मी अम्ल-क्षार युग्म को पहचाने।
उत्तर:

  1. HCl (अम्ल), Cl (संयुग्मी क्षार)
  2. H2O (क्षार) H3O+ (संयुग्मी अम्ल)

प्रश्न 151.
चीनी के जलीय विलयन में से विद्युत का प्रवाह नहीं होता है। वरन् यदि इसमें NaCl को मिला दें तो यह विद्युत प्रवाह करता है। इस कथन को आप आयनन के रूप में किस प्रकार व्याख्यायित करेंगे।
उत्तर:
(i) चीनी एक अनअपघट्य है अतः इसका आयनन नहीं होता है जबकि NaCl पूर्ण रूप से जल में आयनित हो जाता है और Na+ तथा Cl आयन प्रदान करता है जिसकी सहायता से विद्युत धारा प्रवाहित होती है।

(ii) NaCl की सान्द्रता को यदि बढ़ा दिया जाये तो अधिक मात्रा में Na+ तथा Cl आयनों का निर्माण होगा और विद्युत का प्रवाह बढ़ जायेगा।

प्रश्न 152.
BF3 प्रोटॉन नहीं रखती है तब भी यह अम्ल की तरह व्यवहार कर NH3 से अभिक्रिया करती है। ऐसा क्यों? इन दोनों के मध्य किस प्रकार का बन्ध बनता है।
उत्तर:
BF3 एक इलेक्ट्रॉन न्यून यौगिक है अतः यह लूईस अम्ल की तरह व्यवहार करता है। NH3 के पास एक एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म होता है जिसे यह BF को दान करके उपसहसंयोजक बन्ध का निर्माण करता है।
(H3N → BF3)

प्रश्न 153.
दुर्बल क्षार MOH के आयनन स्थिरांक को निम्न व्यंजक के द्वारा व्यक्त करते हैं।
Kb = \(\frac{\left[\mathrm{M}^{+}\right]\left[\mathrm{OH}^{-}\right]}{[\mathrm{MOH}]}\)
कुछ दुर्बल क्षारों के, आयनन स्थिरांक के मानों को निम्न सारणी में दिया गया है।
क्षार – डाइमेथिल अमीन यूरिया पिरीडीन अमोनिया
Kb-5.4 x 104- 1.3 x 10-14 1.77 × 10-9 1.77 × 105
साम्यावस्था पर इनके क्षारों को वियोजन की घटती मात्रा के क्रम में व्यवस्थित करें। इनमें से कौन-सा क्षार प्रबलतम है।
उत्तर:
Kb का मान जितना अधिक होगा उस क्षार का आयनन भी उतना अधिक होगा अतः आयनन का क्रम है।
डाइमेथिल एमीन > अमोनिया > पिरीडीन > यूरिया
जिसका आयनन जितना अधिक होता है वह उतना अधिक प्रबल क्षार होता है? अतः डाइमेथिल एमीन प्रबल क्षार है।

प्रश्न 154.
दुर्बल क्षार का संयुग्मी अम्ल प्रबल होता है। निम्न संयुग्मी क्षारों की क्षारकता का घटता क्रम है।
OH, RO, CH3COO, Cl
उत्तर:
दिये गये क्षारों के संयुग्मी अम्ल हैं-H2O, ROH, CH3COOH, HCl
इनकी अम्लता का क्रम है HCl > CH3COOH > H2O > ROH
अतः संयुग्मी क्षारों की क्षारकता का क्रम है
Cl < CH3COO < OH < RO
या
RO > OH > CH3COO > Cl

प्रश्न 155.
निम्न को pH मान के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करें।
KNO3(aq) CH3COONa(aq), NH4Cl(aq), C6H5COONH4(aq)
उत्तर:
KNO3 (प्रबल अम्ल व प्रबल क्षार का लवण) अतः विलयन उदासीन, pH = 7
CH3COON (दुर्बल अम्ल – प्रबल क्षार का लवण) विलयन क्षारीय pH > 7
NH4Cl (प्रबल अम्ल दुर्बल क्षार का लवण) विलयन अम्लीय, pH < 7
C6H5COONH4 (दोनों दुर्बल परन्तु NH4OH, C6H5COOH की तुलना में थोड़ा प्रबल होता है) अतः pH-7 के लगभग परन्तु 7 से थोड़ा ज्यादा होगा।
अतः pH का क्रम है-NH4Cl < C6H5COONH4 > KNO3 < CH3COON

प्रश्न 156.
2HI(g) ⇌ H2(g) + I2(g) के लिये Kc = 1 x 10-4 दिये गये समय पर अभिक्रिया मिश्रण की सान्द्रता है।
[HI] = 2 × 10-5 mol, [H2] = 1 x 10-5 mol, [I2] = 1 × 10-5 mol
अभिक्रिया किस दिशा में जायेगी ?
उत्तर:
Q = \(\frac{\left[\mathrm{H}_2\right]\left[\mathrm{I}_2\right]}{[\mathrm{HI}]^2}=\frac{\left(10^{-5}\right) \times\left(10^{-5}\right)}{\left(2 \times 10^{-5}\right)^2}\)
= \(\frac {1}{4}\) = 0.25 = 2.5 x 10-1
चूँकि Q > K अत: अभिक्रिया प्रतीप दिशा में जायेगी।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रासायनिक साम्य की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
रासायनिक साम्य की निम्न विशेषताएँ हैं-

  • अग्र तथा विपरीत अभिक्रियाओं का वेग समान होता है।
  • अभिकारकों तथा उत्पादों की मात्राएँ साम्य मिश्रण में स्थिर रहती हैं।
  • ताप. दाब और सान्द्रण में परिवर्तन होने पर साम्य स्थिति बदल जाती है।
  • साम्य गतिज होता है।

प्रश्न 2.
किसी उत्क्रमणीय रासायनिक अभिक्रिया की अग्र तथा विपरीत अभिक्रियाओं के साम्य स्थिरांकों में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
यदि उत्क्रमणीय अभिक्रिया को निम्न प्रकार प्रदर्शित करें-
A + B ⇌ C + D
तब अग्र अभिक्रिया का साम्य स्थिरांक Kc = \(\frac{[\mathrm{C}][\mathrm{D}]}{[\mathrm{A}][\mathrm{B}]}\)
तथा विपरीत अभिक्रिया का साम्य स्थिरांक-
Kc’ = \(\frac{1}{\mathrm{~K}_c}\)
अतः किसी उत्क्रमणीय अभिक्रिया की अग्र तथा विपरीत अभिक्रियाओं के साम्य स्थिरांक एक-दूसरे के व्युत्क्रम होते हैं।

प्रश्न 3.
रासायनिक साम्य कितने प्रकार का होता है?
उत्तर:
रासायनिक साम्य निम्न दो प्रकार के होते हैं-

  • समांगी गैसीय साम्य
  • विषमांगी गैसीय साम्य।

(i) समांगी गैसीय साम्य वह साम्य जिसमें अभिकारक तथा क्रियाफल पदार्थ एक ही प्रावस्था में होते हैं और वह प्रावस्था गैसीय होती है उसे समांगी गैसीय साम्य कहते हैं।

समांगी गैसीय साम्य दो प्रकार का होता है।
(अ) वे अभिक्रियाएँ जिनमें रासायनिक परिवर्तन के फलस्वरूप अणुओं
की संख्या में परिवर्तन नहीं होता है, जैसे-
H2(g) + I2(g) ⇌ 2HI(g)
2HI(g) ⇌ H2(g) + I2(g)

(ब) वे अभिक्रियाएँ जिनमें रासायनिक परिवर्तन के फलस्वरूप अणुओं की संख्या में परिवर्तन होता है। जैसे-
PCl5(g) ⇌ PCl3(g) + Cl2
N2(g) + 3H2(g) ⇌ 2NH3(g)

(ii) विषमांगी गैसीय साम्य – इनमें अभिकारक और क्रियाफल भिन्न-भिन्न प्रावस्था में होते हैं, जैसे-
3Fe(s) + 4H2O(l) ⇌ Fe3O4(l) + 4H2(g)

प्रश्न 4.
अभिक्रिया N2 + O2 ⇌ 2NO – xcal साम्यावस्था में हो रही है। इस अभिक्रिया पर ताप, दाब एवं सान्द्रण में परिवर्तन का क्या प्रभाव पड़ता है।
उत्तर:
N2 + O2 ⇌ 2NO – x cal
इस अभिक्रिया ऊष्मा का शोषण होता है। अतः ताप बढ़ाने पर NO का अधिक उत्पादन होगा। अभिक्रिया में आयतन अपरिवर्तित रहता है। अतः दाब का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

साम्य पर N2 तथा O2 का सान्द्रण बढ़ाने पर इनका आंशिक दाब बढ़ जायेगा। अतः साम्य स्थिरांक Kp का मान स्थिर रखने के लिए NO का सान्द्रण बढ़ जायेगा। अत: N2 या O2 के सान्द्रण वृद्धि इस साम्य में NO के अधिक उत्पादन में सहायक होगी।

प्रश्न 5.
निम्न अभिक्रिया के लिए साम्य स्थिरांक की गणना कीजिए।
2SO2 + O2 ⇌ 2SO3 +x k cal.
उत्तर:
2SO2 + O2 ⇌ 2SO3 + x k cal.
माना कि SO2 के दो ग्राम अणु तथा O2 का एक ग्राम अणु मिलकर SO3 के दो ग्राम अणु का निर्माण करते हैं। यदि साम्यावस्था पर 2x ग्राम SO3 प्राप्त होती है, तो
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 5

प्रश्न 6.
दाब बढ़ा देने पर जल के वाष्पीकरण पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
जल धीरे-धीरे वाष्प में परिवर्तित होता है। जल के वाष्प में परिवर्तित होने पर आयतन में वृद्धि होती है एवं ताप का शोषण होता है।
जल ⇌ जल वाष्प – x cal
दाब बढ़ाने पर जो परिवर्तन होता है उसके प्रभाव को नष्ट करने के लिए साम्य उस दिशा में अग्रसर होता है जिस ओर आयतन में कमी होती है, क्योंकि वाष्पन के फलस्वरूप आयतन में वृद्धि होती है। अतः कुल वाष्प द्रव में परिवर्तित हो जायेगी और जल का वाष्पीकरण कम हो जायेगा। इसके विपरीत, दाब घटाने पर जल का वाष्पीकरण अधिक होगा।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था

प्रश्न 7.
बर्फ के पिघलने पर ताप तथा दाब का क्या प्रभाव पड़ता है? इसका कारण स्पष्ट करो।
उत्तर:
बर्फ के गलनांक पर बर्फ तथा जल में निम्नलिखित साम्यावस्था स्थापित होती है-
बर्फ (ठोस) ⇌ जल 80 कैलोरी /ग्राम
बर्फ के पिघलने पर ऊष्मा का शोषण होता है तथा आयतन में कमी होती है अतः इस साम्यावस्था पर ताप दाब के परिवर्तन का प्रभाव पड़ता है।

ताप का प्रभाव-ताप के प्रभाव से साम्यावस्था उस ओर विस्थापित हो जाती है जिस ओर ताप का अवशोषण होता है। अतः साम्यावस्था अग्रिम दिशा में विस्थापित होगी अर्थात् बर्फ का पिघलना बढ़ जायेगा।

दाब का प्रभाव-उपर्युक्त साम्य की अग्रिम दिशा में आयतन में कमी होती है। किसी तन्त्र पर दाब बढ़ने पर उसका आयतन कम होता है। अतः दाब में वृद्धि साम्यावस्था को उस ओर विस्थापित करेगी जिस ओर दाब वृद्धि का प्रभाव नष्ट होता है अर्थात् आयतन कम होता है। अतः साम्य अग्रिम दिशा में विस्थापित होगा।

अतः दाब में वृद्धि बर्फ के पिघलने में सहायक होती है।

प्रश्न 8.
निम्न अभिक्रियाओं पर दाब का क्या प्रभाव होगा, विवेचना कीजिए तथा इसके साम्यावस्था नियतांक (Kc) का परिकलन कीजिए-
(i) 2CO2 ⇌ 2CO + O2
(ii) N2 + O2 ⇌ 2NO
(iii) NH4Cl ⇌ NH3 + HCl
(iv) N2O4 ⇌ 2NO2
उत्तर:
(i) 2CO2 ⇌ 2CO + O2
Kc = \(\frac{[\mathrm{CO}]^2 \times\left[\mathrm{O}_2\right]}{\left[\mathrm{CO}_2\right]^2}\)
इस क्रिया में दाब अधिक रखने पर CO तथा O2 कम बनेगी, क्योंकि उत्पादों का आयतन बढ़ रहा है।

(ii) N2 + O2 ⇌ 2NO
Kc = \(\frac{[\mathrm{NO}]^2}{[\mathrm{~N}]_2\left[\mathrm{O}_2\right]}\)
यह क्रिया दाब के प्रभाव से मुक्त है क्योंकि आयतन में कोई परिवर्तन नहीं हो रहा है।
∆n = 0 है, अत: Kp = Kc

(iii) NH4Cl ⇌ NH3 + HCl
Kc = \(\frac{\left[\mathrm{NH}_3\right][\mathrm{HCl}]}{\left[\mathrm{NH}_4 \mathrm{Cl}\right]}\)
चूँकि आयतन बढ़ रहा है अतः NH4Cl का विघटन दाब बढ़ाने पर घट जाता है।

(iv) N2O4 ⇌ 2NO2
Kc = \(\frac{\left[\mathrm{NO}_2\right]^2}{\left[\mathrm{~N}_2 \mathrm{O}_4\right]}\)
चूँकि आयतन बढ़ रहा है अतः इस क्रिया में अधिक दाब बढ़ाने पर N2O4 का वियोजन कम होगा।

प्रश्न 9.
∆n की शून्य, धनात्मक तथा ऋणात्मक क्रियाओं की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
Kp = Kc(RT)∆n
यदि ∆n = 0 तो उत्पाद के अणुओं की संख्या क्रियाकारक के अणुओं की संख्या के बराबर होती है।
Kp = Kc(RT)0
Kp = Kc
उदाहरण – H2 + 12 ⇌ 2HI
N2 + O2 ⇌ 2NO
∆n = + ve होने पर उत्पाद के अणुओं की संख्या अभिकारकों के अणुओं की संख्या से अधिक होती है अर्थात्
Kp = Kc(RT)-∆n
Kp/Kc = (RT)+∆n
(RT)+∆n > 1
Kp/Kc > 1
उदाहरण – PCI5 ⇌ PCl3 + Cl2 ∆n = + 1
N2O2 ⇌ 2NO2; ∆n = + 1
∆N = – ve होने पर उत्पाद के अणुओं की संख्या, क्रियाकारकों के अणुओं से कम होती है अतः ∆n = – ve होने पर
kp = Kc(RT)-∆n
Kp/Kc = (RT)-∆n
1 > (RT)∆n
उदाहरण –
N2 + 3H2 ⇌ 2NH3; ∆n = – 2
2SO2 + O2 ⇌ 2SO3; ∆n = – 1

प्रश्न 10.
यदि P वायुमण्डल दाब पर PCI5 50% वियोजित हुआ तब KP का मान क्या होगा?
उत्तर:
KP = \(\frac{x^2 \mathrm{P}}{1-x}=\frac{(0.5)^2 \times \mathrm{P}}{1-(0.5)^2}\)
= \(\frac{0.25 \times P}{1-0.25}\)
= \(\frac{0.25 \mathrm{P}}{0.75}=\frac{\mathrm{P}}{3}\)

प्रश्न 11.
अभिक्रिया 2A (गैस) + B (गैस) ⇌ 3C (गैस) के लिए साम्य स्थिरांक का समीकरण लिखिए।
उत्तर:
2A + B ⇌ 3C
साम्यावस्था पर यदि अनुकूल आंशिक दाब PA, PB, PC हो तब
Kp = \(\frac{\left(P_C\right)^3}{\left(P_A\right)^2 \times P_B}\)
जहाँ Kp साम्य स्थिरांक है।
इसी प्रकार निम्न सामान्य गैसीय अभिक्रिया के लिए-
m1A + m2B + …….. ⇌ n.C
Kp = \(\frac{\mathrm{P}_{\mathrm{C}}^{m_1} \times \ldots}{\mathrm{P}_{\mathrm{A}}^{m_1} \times \mathrm{P}_{\mathrm{B}}^{m_2}}\)

प्रश्न 12.
PCl5 के PCI5 और Cl2 में वियोजन की मात्रा यदि x हो, तो साम्यावस्था पर PCl5 की कितनी मोल मात्रा होगी?
उत्तर:
माना PCl3 निम्न प्रकार से वियोजित हो रहा है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 6
माना एक ग्राम अणु PCl5 जिसका आयतन V लीटर है। यदि PCl5 के वियोजन की मात्रा है, तो साम्य मिश्रण में x ग्राम अणु PCl3 x, ग्राम अणु Cl2 तथा 1 – x ग्राम अणु PCl5 होंगे।

प्रश्न 13.
निम्न अभिक्रियाओं के लिए साम्य स्थिरांक का व्यंजक लिखिए-
(i) CaCO3(s)⇌ CaO(s) + CO2(g)
(ii) NH4Cl(s) ⇌ NH3(g) + HCl(g)
(iii) PCl5(g) ⇌ PCl3(g) + Cl2(g)
(iv) SO42-(aq) + Pb2+(aq) ⇌ PbSO4(s)
उत्तर:
(i) Kc = [CO2]
(ii) Kc = [NH3] [HCl]
(iii) Kc = [PCl3] [Cl2]
(iv) Kc = \(\frac{1}{\left.\left[\mathrm{SO}_4{ }^{2-}\right] \mathrm{Pb}^{2+}\right]}\)

प्रश्न 14.
ला – शातेलिये सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
ला-शातेलिये सिद्धान्त के अनुसार यदि साम्यावस्था निकाय में दाब, सान्द्रता अथवा ताप परिवर्तन किया जाये तो साम्य स्वतः ही उस दिशा में विस्थापित हो जाता है जिस ओर हटने से परिवर्तन का प्रभाव समाप्त हो जाये।

ला-शातेलिये नियम के अनुसार-

  • साम्य निकाय का दाब बढ़ने पर साम्य उस दिशा में विस्थापित होता है जिधर आयतन घटता है।
  • साम्य निकाय का ताप बढ़ने पर साम्य उस दिशा में विस्थापित होता जिधर ऊष्मा अवशोषित होती है।
  • साम्य निकाय में उपस्थित किसी पदार्थ की सान्द्रता बढ़ाने पर साम्य उस दिशा में विस्थापित होता है जिधर उस पदार्थ की खपत होती है।

प्रश्न 15.
साम्यावस्था स्थिरांक को प्रभावित करने वाले कारकों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
साम्यावस्था स्थिरांक निम्न कारकों द्वारा प्रभावित होता है-
(1) ताप ऊष्माशोषी अभिक्रियाओं के लिए ताप बढ़ने पर साम्यावस्था स्थिरांक (Kc) का मान बढ़ जाता है, जबकि ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाओं के लिए Kc का मान घट जाता है।

(2) अभिक्रिया व्यक्त करने की विधि-यदि उत्क्रमणीय अभिक्रिया को A + B ⇌ C + D के रूप में व्यक्त करें तो साम्यावस्था स्थिरांक Kc = \(\frac{[\mathrm{C}][\mathrm{D}]}{[\mathrm{A}][\mathrm{B}]}\) तथा यदि इस अभिक्रिया को C + D ⇌ A + B के रूप में लिखें तो साम्यावस्था स्थिरांक Kc‘ = \(\frac{[\mathrm{C}][\mathrm{D}]}{[\mathrm{A}][\mathrm{B}]}\) होगा अर्थात्
Kc‘ = \(\frac{1}{\mathrm{~K}_c}\)

(3) रासायनिक अभिक्रिया की रससमीकरणमितिय – जब किसी रासायनिक अभिक्रिया को दो रससमीकरणमितीय समीकरणों के द्वारा व्यक्त किया जाता है तो दोनों स्थितियों में साम्य स्थिरांक का मान भिन्न होता है।

प्रश्न 16.
लुईस अवधारणा के अनुसार निम्न में से अम्ल-क्षार छाँटिये
S2-, H+, OH, BF3, Ni2+, F
उत्तर:
लुईस अम्ल – H+, BF3, Ni2+
लुईस क्षार S2- – OH, F

प्रश्न 17.
निम्न संयुग्मी अम्ल लिखिए-
HS, NH3, H2PO4, CH3NH2
उत्तर:
HS का संयुग्मी अम्ल = H2S
NH3 का संयुग्मी अम्ल = NH4+
H2PO4 का संयुग्मी अम्ल = H3PO4
CH3NH2 का संयुग्मी अम्ल = CH3NH3+

प्रश्न 18.
आयनन प्रभावित करने वाले कोई तीन कारक लिखिए।
उत्तर:
आयनन को प्रभावित करने वाले तीन कारक निम्नलिखित
(i) ताप (Temperature) – ताप में वृद्धि करने पर आयनन की मात्रा में वृद्धि होती है, क्योंकि ताप बढ़ने पर आयनों के मध्य लगने वाले आकर्षण बल में कमी आती है।
α ∝ \(\frac{1}{\sqrt{\mathrm{C}}}\)

(iii) विलायक की प्रकृति (Nature of Solvent ) – अध्रुवीय विलायकों की तुलना में ध्रुवीय विलायकों द्वारा आयनन अधिक होता है। किसी विलायक का परावैद्युतांक स्थिरांक जितना अधिक होगा उसमें आयनन की मात्रा उतनी ही अधिक होगी।

प्रश्न 19.
साधारण नमक के संतृप्त विलयन में अवक्षेपण हेतु HCl गैस मिलायी जाती है, HCl अम्ल नहीं। कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
क्योंकि किसी लवण के अवक्षेपण के लिए यह आवश्यक है कि विलयन में आयनों के सांद्रणों का गुणनफल (आयनिक गुणनफल) विद्युत अपघट्य के विलेयता गुणनफल से अधिक हो। यही कारण है कि साधारण नमक के संतृप्त विलयन में अवक्षेपण हेतु HCl गैस मिलायी जाती है, HCl अम्ल नहीं।

प्रश्न 20.
प्रबल अम्ल तथा दुर्बल क्षार से बने लवण विलयन का Kh तथा [H+] सान्द्रता ज्ञात करने का सूत्र व्युत्पन्न कीजिए।
उत्तर:
प्रबल अम्ल एवं दुर्बल क्षार से बने लवण विलयन का Kh तथा [H+] सांद्रता ज्ञात करने का सूत्र निम्न प्रकार है।
उदाहरणार्थ – NH4Cl
ऐसे लवणों का जल अपघटन निम्न समीकरण से प्रकट करते हैं-
NH4Cl + H2O ⇌ NH4OH + HCl
NH4+ + H2O ⇌ NH4OH + H+
यदि दुर्बल क्षार एवं प्रबल अम्ल के लवण BA के एक ग्राम मोल को V लीटर विलयन में विलेय किया जाये और जल अपघटन की मात्रा h हो, तो विलयन में साम्यावस्था निम्न प्रकार होगी-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 7

प्रश्न 21.
द्वितीय समूह के विश्लेषण में एक छात्र तनु HCl के स्थान पर NH4OH मिला देता है। यदि विलयन में CdCl2 मौजूद हो, तो H2S गैस प्रवाहित करने पर अवक्षेप प्राप्त होगा या नहीं? अपने उत्तर का कारण भी लिखिए।
उत्तर:
द्वितीय समूह के विश्लेषण में तनु HCl स्थान पर NH4OH मिला दिया जाय तो विलयन में CdCl2 की उपस्थिति में H2S गैस प्रवाहित करने पर NH4OH की उपस्थिति में H+ आयन इसके OH से क्रिया करके जल बनाते हैं। H+ आयन की सान्द्रता पर्याप्त रूप से कम हो जाती है और इस प्रकार S2- आयन की सांद्रता बढ़ जाती है जिससे कि आयनों की सान्द्रता का गुणनफल CaS के विलेयता गुणनफल से अधिक हो जाता है अत: Cd, Cds के रूप में अवक्षेपित हो जायेगा।

प्रश्न 22.
Mg (OH)2, NH4Cl में विलेय है, जबकि NaCl में अविलेय, कारण बताइए।
उत्तर:
किसी विद्युत अपघट्य की विलेयता उसके आयनीकरण की मात्रा बढ़ने से बढ़ती है। अत: Mg (OH)2, NH4Cl में विलेय है, तो यह स्पष्ट है कि Mg (OH)2 का आयनीकरण NH4Cl में बढ़ जाता है।
Mg (OH)2 ⇌ Mg 2+ +2OH
NH4Cl ⇌ Cl + NH4+

NH4+ आयन OH से मिलकर दुर्बल विद्युत अपघट्य NH4OH बनाता है जिससे OH आयनों की कमी हो जाती है। अत: Mg 2+ तथा OH आयनों सान्द्राण का गुणनफल Mg (OH)2 की विलेयता गुणनफल से कम हो जाता है। इसीलिए Mg (OH)2 घुल जाता है।

NaCl के आयनीकरण से प्राप्त Na+आयन OH आयनों से संयोग नहीं करेंगे, क्योंकि NaOH एक प्रबल विद्युत अपघट्य है जो आयनिक अवस्था में ही रहेगा। अतः अब OH आयनों में कमी नहीं होगी और Mg(OH)2 का आयनीकरण नहीं बढ़ेगा तथा यह अविलेय रह जायेगा।

प्रश्न 23.
विलेयता गुणनफल किसे कहते हैं? CdS प्रकार के यौगिकों के लिए विलेयता तथा विलेयता गुणनफल के मध्य सम्बन्ध स्थापित कीजिए। तृतीय समूह के अवक्षेपण में NH4OH मिलाने के पहले NH4Cl क्यों मिलाया जाता है? कारण समझाइए।
उत्तर:
स्थिर ताप पर किसी विद्युत अपघट्य के संतृप्त विलयन में ठोस अपघट्य और विलयन में उपस्थित अवियोजित अणुओं तथा आयनों के मध्य साम्यावस्था रहती है। माना कि कोई विद्युत अपघट्य AB विलयन में है। विलयन संतृप्त है, तो अग्र साम्य स्थापित होगा-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 8
निश्चित ताप पर ठोस का सक्रिय भार तथा विलयन में उपस्थित अवियोजित अणुओं व आयनों के सक्रिय भार भी स्थिर रहते हैं। अतः इस साम्यावस्था पर द्रव्य अनुपाती क्रिया का नियम लगाने पर
K = \(\frac{\left[\mathrm{A}^{+}\right]\left[\mathrm{B}^{-}\right]}{[\mathrm{AB}]}\)
या [A+][B] = [AB] K = Ksp (स्थिरांक)
किसी भी संतृप्त विलयन में अवियोजित अणुओं की संख्या सदैव निश्चित रहती है।

इसका कारण K तथा [AB] का गुणनफल एक स्थिरांक [Ksp] है। अत: एक स्थिरांक होगा। इस स्थिरांक को विलेयता गुणनफल कहते हैं। विलेयता गुणनफल केवल संतृप्त विलयनों के लिए आयनिक गुणनफल है।

Ksp का मान विलयन के ताप पर निर्भर करता है। इसकी इकाई ग्राम अणु प्रति लीटर है।

अतः किसी विद्युत अपघट्य के संतृप्त विलयन में उपस्थित आयनों सान्द्र का गुणनफल स्थिर ताप पर स्थिर रहता है और इसे उस ताप पर विद्युत अपघट्य का विलेयता गुणनफल कहा जाता है।

विलेयता और विलेयता गुणनफल में सम्बन्ध

यदि किसी अल्प विलेय द्विअंगी (binary) विद्युत अपघट्य AB की विलेयता ग्राम अणु प्रति लीटर हो और वह लवण पूर्णतया आयनित हो रहा हो, तो A+ तथा B आयनों का सान्द्रण ग्राम आयन प्रति लीटर होगा और AB का विलेयता गुणनफल s² होगा।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 9
अर्थात् किसी अल्प विलेय द्विअंगी विद्युत अपघट्य की विलेयता उसकी विलेयता गुणनफल के वर्गमूल के बराबर होती है।
तृतीय समूह के अवक्षेपण में NH4OH मिलाने के पहले NH4Cl मिलाया जाता है, क्योंकि NH4OH एक दुर्बल विद्युत अपघट्य है। अतः इसमें NH4Cl मिलाने पर इसकी आयनन की मात्रा कम हो जाती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 10
विलयन में NH4+ आयनों की सान्द्रता में वृद्धि होती है।

प्रश्न 24.
लवण का जल अपघटन से क्या तात्पर्य है? निम्न लवणों के जलीय विलयन की प्रकृति बताइए तथा अपने उत्तर का कारण भी समझाइए-
(i) CuSO4 (ii) Na2CO3 (iii) CH3COO NH4 लवण के लिए Kh, Kw, Ka तथा Kb में सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
उत्तर:
लवण का जल अपघटन (Hydrolysis of Salt)-जब किसी लवण के अणुओं की जल के अणुओं के साथ क्रिया करायी जाती है, तो वह अपने संगत अम्ल तथा क्षार में विभक्त हो जाता है। यह प्रक्रिया लवण का जल अपघटन कहलाती है। यह एक उत्क्रमणीय प्रक्रिया है।

उदाहरण-
NaCl + H2O ⇌ HCl + NaOH
NH4Cl + H2O ⇌ HCl + NH4OH
Na2CO3 + H2O ⇌ H2CO3 + 2NaOH
(i) CuSO4 का जलीय विलयन अम्लीय होता है, क्योंकि विलयन में [H+] आयन की सान्द्रता [OH] आयन की सान्द्रता से अधिक होती है।
अत: Cu2+ + 2H2O ⇌ Cu (OH)2 + 2H+

(ii) Na2CO3 का जलीय विलयन क्षारीय होता है, क्योंकि Na2CO3 प्रबल क्षारक एवं दुर्बल अम्ल का लवण है। Na2CO3 को जल में मिलाने पर कार्बोनेट आयन (CO32-) जल के अणुओं से क्रिया करके दुर्बल कार्बोनिक अम्ल (H2CO3) तथा मुक्त हाइड्रॉक्साइड आयन बनाते हैं जिससे विलयन में OH आयनों की सान्द्रता H+ आयनों की सान्द्रता से अधिक हो जाती है तथा विलयन क्षारीय होता है।
CO32- + 2H2O ⇌ H2CO3 + 2OH

(iii) CH3COONH4 का विलयन उदासीन होता है, क्योंकि यह दुर्बल क्षार NH4OH तथा दुर्बल अम्ल CH3COOH से मिलकर बना होता है।
CH3COONH4 + H2 ⇌ CH3COOH + NH4OH
Kh, Kw, Ka तथा Kb में सम्बन्ध
किसी लवण की जल अपघटन साम्यावस्था इस प्रकार होगी
B+ + A + H2O ⇌ HA + BOH
यदि लवण BA के एक ग्राम मोल को एक लीटर विलयन में विलेय किया जाये तथा जल अपघटन की मात्रा h हो तो विलयन की साम्यावस्था निम्न होगी-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 11
उपर्युक्त व्यंजक में सान्द्रता नहीं है, अतः जल-अपघटन की मात्रा सान्द्रता या तनुकरण पर निर्भर नहीं करती है।
लवण की जल-अपघटन साम्यावस्था निम्न होगी-
B+ + A + H2O ⇌ HA + BOH
अतः Kh = \(\frac{[\mathrm{HA}][\mathrm{BOH}]}{\left[\mathrm{B}^{+}\right]\left[\mathrm{A}^{+}\right]}\) … (3)
जल का आयनिक गुणनफल Kw = [H+] [OH] … (4)
दुर्बल अम्ल HA का वियोजन स्थिरांक निम्न होगा-
HA ⇌ H+ + A
Ka = \(\frac{\left[\mathrm{H}^{+}\right]\left[\mathrm{A}^{-}\right]}{[\mathrm{HA}]}\) … (5)
दुर्बल क्षार BOH का वियोजन स्थिरांक निम्न होगा-
BOH ⇌ B+ + OH
Kb = \(\frac{\left[\mathrm{B}^{+}\right]\left[\mathrm{OH}^{-}\right]}{[\mathrm{BOH}]}\)
समीकरण (4) में समीकरण (5) तथा समीकरण (6) का भाग देने पर,
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 12

प्रश्न 25.
दुर्बल अम्लों की आपेक्षिक सामर्थ्य क्या है?
उत्तर:
दो समान सान्द्रता वाले, दुर्बल अम्लों की आपेक्षिक सामर्थ्य उनके अपघटन स्थिरांकों के अनुपात का वर्गमूल होती है।
चूँकि किसी अम्ल की अपघटन की मात्रा उसकी हाइड्रोजन आयन देने की क्षमता की माप है, अतः यह उसकी सामर्थ्य की भी माप है। अतः
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 13

प्रश्न 26.
ब्रॉन्स्टेड लॉरी संकल्पना की उपयोगिता लिखो।
उत्तर:
ब्रॉन्स्टेड लॉरी संकल्पना की उपयोगिता (Advantages of Bronsted Lowry concept)-

  • यह संकल्पना पदार्थों की अम्लीय तथा क्षारीय प्रकृति को उनके आयनों, जो कि विलयन में उपस्थित है, से सम्बन्धित नहीं करती। जैसे-HCl एक अम्ल इसलिए है कि वह प्रोटॉन (H+) आयन दे सकता है।
  • इस संकल्पना को जल के अतिरिक्त अन्य प्रोटॉनी विलायकों जैसे NH3, CH3COOH आदि पर भी प्रयुक्त कर सकते हैं।
  • यह सिद्धान्त लवणों के जल अपघटन पर प्राप्त विलयन की अम्लीय तथा क्षारीय प्रकृति की व्याख्या करने में भी सफल है।

प्रश्न 27.
अभिक्रिया H2(g) + I2(g) ⇌ 2HI(g) के लिये साम्य स्थिरांक की गणना करें।
उत्तर:
माना कि प्रारम्भ में a मोल H2, b मोल I2 लिये गये हैं। साम्यावस्था पर x मोल H2 तथा x मोल I2 के संयोग से 2x मोल HI बनते हैं। यदि अभिक्रिया मिश्रण का कुल आयतन V लीटर है तो,
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 14
क्योंकि दी गयी अभिक्रिया में उत्पादों एवं अभिकारकों की संख्या समान है अतः इसमें Kc तथा Kp के मान भी समान होगें।

प्रश्न 28.
ला-शातेलिए के सिद्धान्त के आधार पर निम्नलिखित की विवेचना कीजिए-
(1) जल में पोटैशियम नाइट्रेट की विलेयता पर ताप का प्रभाव।
(2) गैस की द्रव में विलेयता पर दाब का प्रभाव।
उत्तर:
(1) पोटैशियम नाइट्रेट को जल में घोलने पर ऊष्मा अवशोषित होती है।
KNO3 (s) + जल ⇌ KNO3 (aq) – X kcal
ला-शातेलिए के नियमानुसार ताप वृद्धि पर KNO3 की जल में विलेयता बढ़ेगी।
अतः जल में पोटैशियम नाइट्रेट की विलेयता ताप बढ़ाने से बढ़ती है।

(2) जब कोई गैस किसी द्रव में घोली जाती है तो उसके आयतन में कमी होती है, फलस्वरूप ला-शातेलिए के नियमानुसार उसकी विलेयता में दाब वृद्धि सहायक होगी; अतः दाब बढ़ाने पर द्रव में किसी गैस की विलेयता बढ़ती है।

प्रश्न 29.
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 15
अभिक्रिया साम्य पर ताप के प्रभाव की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
यह एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है जिसमें अभिक्रिया के फलस्वरूप अभिकारकों का कुल आयतन कम हो जाता है और ऊष्मा निर्मुक्त होती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 16
ला-शातलिए नियमानुसार, साम्यावस्था पर ताप बढ़ाने पर साम्य उस दिशा में परिवर्तित होगा जिसमें ऊष्मा का शोषण होता है। इसमें ताप वृद्धि पर CO2 का अधिक विघटन होगा; क्योंकि तन्त्र विपरीत दिशा की ओर अग्रसर होगा अर्थात् कम ऊष्मा उत्पन्न होगी जिससे CO2 का निर्माण अधिक होगा; अतः कम ताप पर CO2 का निर्माण अधिक होगा।

प्रश्न 30.
विद्युत वियोजन के सिद्धान्त के अनुसार सम-आयन प्रभाव की व्याख्या कीजिये।
उत्तर:
1. ला – शातेलिए सिद्धांत के अनुसार, यदि किसी लवण विलयन में किसी एक आयन की सांद्रता बढ़ाने पर आयन अपने विपरीत आवेश के आयन के साथ संयोग करेगा तथा विलयन से कुछ लवण तब तक अवक्षेपित होंगे, जब तक एक बार पुनः Ksp = Qsp न हो जाए।

2. यदि किसी आयन की सांद्रता घटा दी जाए, तो कुछ और लवण घुलकर दोनों आयनों की सांद्रता बढ़ा देते हैं ताकि फिर Ssp = Qsp हो जाए।

3. यह विलेय लवणों के लिए भी लागू हैं, सिवाय इसके कि आयनों की उच्च सांद्रता के कारण Qsp व्यंजक में मोलरता के स्थान पर हम सक्रियता (activities) का प्रयोग करते हैं। इस प्रकार सोडियम क्लोराइड के संतृप्त विलयन में HCl के वियोजन से प्राप्त क्लोराइड आयन की सांद्रता (सक्रियता) बढ़ जाने के कारण सोडियम क्लोराइड का अवक्षेपण हो जाता है। इस विधि से प्राप्त सोडियम क्लोराइड बहुत ही शुद्ध होता है।

4. इस प्रकार सोडियम अथवा मैग्नीशियम सल्फेट जैसी अशुद्धियों को दूर कर देते हैं।

5. भारात्मक विश्लेषण में किसी आयन को बहुत कम विलेयता वाले उसके अल्प विलेय लवण के रूप में पूर्ण रूपेण अवक्षेपित करने में भी सम आयन प्रभाव का प्रयोग किया जाता है।

6. इस प्रकार भारात्मक विश्लेषण में सिल्वर आयन का अवक्षेपण सिल्वर क्लोराइड के रूप में, फेरिक अम्ल का अवक्षेपण फेरिक हाइड्रॉक्साइड के रूप में तथा अवक्षेपण बेरियम आयन का बेरियम सल्फेट के रूप में कर सकते हैं।

7. दुर्बल अम्ल के लवणों की विलेयता कम pH पर बढ़ती है, क्योंकि कम pH पर ऋणायन की सांद्रता इसके प्रोटॉनीकरण के कारण घटती है, जो लवण की विलेयता को बढ़ा देता है। इससे Ksp = Qsp हमें दो साम्यों को एक साथ संतुष्ट करना होता है, अर्थात् Ksp = [M+] [X],
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 17a
अतः pH के घटने पर ‘f’ भी घटता है।
यदि दी गई pH पर लवण की विलेयता S हो, तो
Ksp = [S] [f S] = S² {Ka / (Ka + [H+])} एवं
S = {Ksp ([H+] + Ka) / Ka}1/2
अत: S, [H+] के बढ़ने या pH के घटने पर विलेयता बढ़ती है।

प्रश्न 31.
आरहीनियस के आयनन या विद्युत अपघटनी वियोजन सिद्धान्त को लिखें।
उत्तर:
सर्वप्रथम सन् 1887 में आरेनियस ने अम्ल व क्षार को निम्न प्रकार परिभाषित किया। आरेनियस के अनुसार,

अम्ल वे पदार्थ होते हैं जो जलीय विलयन में H+ आयन देते हैं।
उदाहरणार्थ-
प्रबल अम्ल जैसे-HCI, HNO3 व H2SO4 आदि।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 17
दुर्बल अम्ल जैसे CH3COOH व H2CO3 भी अम्ल के उदाहरण हैं। ये भी जल में कुछ सीमा तक आयनित होते हैं व यहाँ पर साम्य भी स्थापित होता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 18

प्रबल अम्ल (Strong Acids) दुर्बल अम्ल (Weak Acids)
परक्लोरिक अम्ल (HCIO4) बोरिक अम्ल (H3BO3)
सलफ्यूरिक अम्ल (H2SO4) हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S)
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) नाइट्रस अम्ल (HNO2)
हाइड्रोब्रोमिक अम्ल (HBr ) हाइपोक्लोरस अम्ल (HCIO)
हाइड्रोआयोडिक अम्ल (HI) फॉस्फोरिक अम्ल (H3PO4)
नाइट्रिक अम्ल (HNO3)

क्षार वे पदार्थ होते हैं जो जलीय विलयन में OH आयन देते हैं। OH आयन भी जलीय विलयन में जलयोजित रूप में रहता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 19
NH4OH तथा Al(OH)3 जैसे दुर्बल क्षार कम मात्रा में आयनित होते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 20

प्रबल क्षार (Strong Bases ) दुर्बल क्षार (Weak Bases)
लीथियम हाइड्रॉक्साइड (LiOH) अमोनियम हाइड्रॉक्साइड (NH4OH)
सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) पिरीडीन (CHN)
पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड (KOH) ऐलुमिनियम हाइड्रॉक्साइड [Al(OH)3]
बेरियम हाइड्रॉक्साइड Ba(OH)2 कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड (Ca(OH)2]
सिजियम हाइड्रॉक्साइड (CsOH) ऐमीन्स (R-NH2)
रुबिडियम हाइड्रॉक्साइड (RbOH) ऐनिलीन (C6H5-NH2)

आरेनियस के सिद्धान्त के अनुसार उदासीनीकरण में अम्ल के H+ आयन क्षार के OH आयनों के साथ संयोग करके जल के एक उदासीन अणु का निर्माण करते हैं। उदासीनीकरण की इस अभिक्रिया में 13.7 kcal ऊर्जा निर्मुक्त होती है; अतः यह एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है।
H+(aq) + OH(aq) ⇌ H2O(l); ∆H = – 13.7 kcal
किसी भी अम्ल व क्षार की प्रबलता उसके द्वारा विलयन में दिये गये H+ व OH आयनों की प्रवृत्ति पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिये, HCl व HCN में HCl प्रबल अम्ल है क्योंकि यह विलयन में अधिक H+ आयन देता है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था

प्रश्न 32.
बफर विलयन किसे कहते हैं? ये कितने प्रकार के होते हैं? समझाइये।
उत्तर:
जैसा कि पहले बताया जा चुका है कि विलयन की उदासीन, अम्लीय या क्षारीय प्रकृति उसके pH मानों पर निर्भर करती है। यदि किसी विलयन में अम्ल या क्षार को डाल दिया जाये तो उसके pH मान में अन्तर आ जाता है।

परन्तु कुछ विलयन ऐसे होते हैं जिनके pH का मान स्थिर होता है। अतः ऐसे विलयन जिनके pH का मान निश्चित होता है एवं प्रबल अम्ल या क्षार की कुछ मात्रा डालने पर भी उनके pH मान में कोई भी परिवर्तन नहीं होता है तो ऐसे विलयनों को बफर विलयन (Buffer Solution) कहते हैं, यह क्रिया बफर क्रिया (Buffer Action) कहलाती है। बफर विलयन को वायु में खुला रंख देने पर भी pH का मान परिवर्तित नहीं होता। इन विलयनों के pH पर तनुता का कोई प्रभाव नहीं होता। बफर विलयनों को लम्बे समय तक रखने पर भी pH के मान में कुछ अन्तर नहीं होता।

बफर विलयन दो प्रकार के होते हैं-
(1) सरल बफर (Simple Buffers) – ये दुर्बल अम्ल एवं दुर्बल क्षार के लवण होते हैं।
उदाहरण-(NH4)2CO3, अमोनियम ऐसीटेट आदि।

(2) मिश्रित बफर (Mixed Buffers) मिश्रित बफर में दो संघटकों का मिश्रण होता है।

  • अम्लीय बफर
  • क्षारीय बफर

बफर विलयन बनाना (Preparation of Buffer Solution)-यदि pKa, pKb तथा साम्य स्थिरांक के मान ज्ञात हो तों हम वांछित pH का बफर विलयन बना सकते हैं।

(A) अम्लीय बफर (Acidic Buffer) – अम्लीय बफर बनाने के लिए हम दुर्बल अम्ल एवं उसके प्रबल क्षार से बने हुये लवण लेते हैं। जिसमें दुर्बल अम्ल व उसके प्रबल क्षार के लवण को सम मोलर मात्रा में मिलाया जाता है।
उदाहरण – (1) ऐसीटिक अम्ल (CH3 COOH) + सोडियम ऐसीटेट (CH3COONa)

(2) ऐसीटिक अम्ल (CH3COOH) + पोटैशियम ऐसीटेट (CH3COOK)

(3) फॉर्मिक अम्ल (HCOOH) + सोडियम फॉर्मेट (HCOONa) अम्लीय बफर की बफर क्रिया (Buffer Action of Acidic Buffer ) अम्लीय बफर की बफर क्रिया के अध्ययन के लिये ऐसीटिक अम्ल तथा सोडियम ऐसीटेट (CH3COONa) की सम मोलर सान्द्रताओं से बना बफर विलयन लेते हैं जलीय विलयन में CH3COOH दुर्बल वैद्युत अपघट्य होने के कारण इसका आयनन कम मात्रा में होता है, इस कारण साम्य स्थापित हो जाता है। जबकि लवण CH3COONa पूर्णत: आयनित हो जाता है। इसे हम निम्न अभिक्रियाओं के द्वारा प्रदर्शित कर सकते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 21
यदि वफर विलयन में प्रबल अम्ल जैसे HCl की थोड़ी सी मात्रा डाल दें तो यह आयनित होकर H3O आयन देता है। H3O+ आयन विलयन की pH को बदल सकता है परन्तु H3O+ विलयन में पहले से उपस्थित CH3COO आयनों के साथ संयोग करके CH3COOH बना लेता है। ऐसीटिक अम्ल दुर्बल विद्युत अपघट्य होने के कारण कम आयनित होता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 22
इस प्रकार अम्लीय बफर में उपस्थित CH3COO आयनों के कारण H3O+, CH3COOH में परिवर्तित हो जाता है तथा अम्लीय बफर में HCl मिलाने पर जो विलयन के pH पर प्रभाव पड़ना होता है वह प्रभाव नहीं पड़ पाता। इस प्रकार बफर विलवन में कुछ मात्रा में प्रबल HCI अम्ल डालने पर इसके pH में कोई परिवर्तन नहीं होता है।

इसी तरह माना कि बफर विलयन में हम कुछ मात्रा में NaOH क्षार को मिलाते हैं तो प्रबल क्षार NaOH आयनित होकर OH आयन देता है जो कि विलयन की pH में परिवर्तन कर सकता है। परन्तु क्षार से प्राप्त OH आयन विलयन में पहले से ही उपस्थित H3O+ से क्रिया करके जल में परिवर्तित हो जाता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 23
चूँकि जल एक दुर्बल वैद्युत अपघट्य है। अतः यह भी बहुत कम मात्रा में आयनित होता है अर्थात् बफर द्वारा दिये गये H3O+ आयनों ने क्षार से प्राप्त होने वाले OH आयनों के प्रभाव को निरस्त कर देता है। इस प्रकार बफर विलयन में क्षार को कुछ मात्रा डालने पर भी उसके pH मान में परिवर्तन नहीं होता है।

यह याद रखने योग्य बात है कि बफर अपनी आरक्षित अम्लता को क्षार के विरुद्ध एवं आरक्षित क्षारकता को अम्ल के विरुद्ध काम में लाता है। इस प्रकार यह विलयन में pH में होने वाले परिवर्तन का विरोध करता है।

(B) क्षारीय बफर (Basic Buffer) – ये दुर्बल क्षार एवं इसके प्रबल अम्ल से बने लवण का मिश्रण होते हैं। यहाँ पर दोनों ही सम मोलर सान्द्रताओं में मिले होते हैं इसका उदाहरण निम्न प्रकार है।
उदाहरण –

  • अमोनियम हाइड्रॉक्साइड (NH4OH) + अमोनियम क्लोराइड (NH4Cl)
  • अमोनियम हाइड्रॉक्साइड (NH4OH) + अमोनियम नाइट्रेट (NH4NO3)
  • अमोनियम हाइड्रॉक्साइड (NH4OH) + अमोनियम सल्फेट [(NH4)2SO4]

क्षारीय बफर की बफर क्रिया (Buffer Action of Basic Buffer) – क्षारीय बफर की बफर क्रिया के अध्ययन के लिये अमोनियम हाइड्रॉक्साइड (NH4OH) तथा अमोनियम क्लोराइड (NH4Cl) का उदाहरण लेते हैं। विलयन में दोनों सम मोलर सान्द्रताओं के अनुरूप मिलते हैं। जलीय विलयन में क्षार दुर्बल होने के कारण बहुत कम मात्रा में आयनित होता है जबकि लवण पूर्णतः आयनित होता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 24
उपरोक्त विलयन में कुछ मात्रा में HCl डालने पर HCl आयनित होकर H3O+ आयन देता है जो विलयन में उपस्थित OH आयनों से क्रिया करके H2O बनाता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 25
अतः क्षारीय बफर से HCl का योग होने पर भी विलयन के pH के मान में कोई परिवर्तन नहीं होता है क्योंकि H2O एक दुर्बल वैद्युत अपघट्य है जो कि कम मात्रा में आयनित हो पाता है।

अब यदि क्षारीय बफर में कुछ मात्रा में क्षार (NaOH) डालते हैं तो यह आयनित होकर OH आयनों को देता है ये OH आयन विलयन में पहले से उपस्थित NH4+ आयनों से क्रिया करके NH4OH बनाते हैं जो कि दुर्बल क्षार होने के कारण कम मात्रा में आवनित होता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 26
इस प्रकार अम्लीय एवं क्षारीय दोनों प्रकारों के बफर विलयनों में कुछ मात्रा में प्रबल अम्ल तथा प्रबल क्षार डालने पर भी pH का मान परिवर्तित नहीं होता है।

प्रश्न 33.
ऊष्मीय वियोजन व विद्युत वियोजन में अन्तर लिखें।
उत्तर:

ऊष्मीय वियोजन विद्युत वियोजन
1. यौगिक को उ़च्च ताप पर गर्म करने पर ऊष्मीय वियोजन (thermal dissociation) होता है; जैसे-
NH4Cl ⇌ NH3 + HCl
यौगिकों को ध्रुवीय विलायक में घोलने पर विद्युत वियोजन होता है: जैसे-
NaCl ⇌ Na+ + Cl
2. ऊष्मीय वियोजन में माध्यम आवश्यक नहीं है। विद्युत वियोजन में जल या अन्य कोई आयनीकारक द्रव जैसा माध यम आवश्यक है।
3. इस वियोजन में उदासीन अणु प्राप्त होते हैं। इस वियोजन से विपरीत विद्युत आवेशयुक्त आयन प्राप्त होता है।
4. भौतिक विधियों द्वारा पदार्थ तथा उसके वियोजन उत्पाद को पृथक किया जा सकता है। पदार्थ को आयनन से भौतिक विधि द्वारा अलग नहीं किया जा सकता; क्योंकि आवेशित होने के कारण ये बँधे रहते हैं।
5. तनुता का इस वियोजन की मात्रा पर प्रभाव नहीं पड़ता है। तनुता से इस वियोजन की मात्रा बढ़ती है।

प्रश्न 34.
वे गैसीय अभिक्रियाएँ जिनमें ∆n = 0 है, को प्रभावित करने वाले कारकों को बताएँ।
उत्तर:
(∆n = 0) रखने वाली गैसीय अभिक्रियाओं के साम्य पर निम्नलिखित कारक प्रभाव डालते हैं।
1. दाब (Pressure) दाब परिवर्तित करने पर साम्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि अभिक्रिया में उत्पादों की संख्या व अभिकारकों की संख्या समान होती है। यहाँ पर Kp = Kc भी होता है। यदि साम्य मिश्रण पर दाब परिवर्तित कर दिया जाता है तो प्रत्येक क्रियाकारक और प्रत्येक उत्पाद का आंशिक दाब भी उसी अनुपात में परिवर्तित हो जाता है।

2. सान्द्रता (Concentration ) यदि साम्यावस्था पर अभिकारकों की सान्द्रता को बढ़ा दिया जाय तो अभिक्रिया दायीं तरफ विस्थापित होगी अर्थात् अधिक मात्रा में उत्पाद बनेंगे और उत्पादों की सान्द्रता बढ़ा दिया जिससे स्थिरांक का मान स्थिर रहता है।
जाय तो अभिक्रिया बार्यी तरफ विस्थापित होगी अर्थात् अधिक मात्रा में अभिकारक बनेंगे जिससे कि बढ़ायी गयी मात्रा उपयोग में लायी जा सके।

3. अक्रिय गैस का योग (Addition of Inert Gas) – साम्यावस्था पर अक्रिय गैस को मिलाने पर कोई प्रभाव नहीं होगा चाहे गैस को स्थिर दाब पर मिलाएँ चाहे इसे स्थिर आयतन पर मिलाएँ।

प्रश्न 35.
निम्न का कारण बतायें-
(i) तूफानी दिनों में कपड़े शीघ्र सूखते हैं।
(ii) आर्द्र दिनों में अधिक पसीना आता है।
उत्तर:
(i) जब गीले कपड़ों को सुखाया जाता है, तो कपड़े में से जल का वाष्पन होता है, और वातावरण की वायु संतृप्त होकर सूखने की प्रक्रिया में बाधा पहुँचाती है। तूफानी दिनों में वायु के प्रवाह के कारण आसपास की गीली वायु को शुष्क वायु विस्थापित कर देती है जिससे और आगे वाष्पन में सहायता मिलती है। अतः तूफानी दिनों में कपड़े शीघ्र सूखते हैं।

(ii) आर्द्र दिनों में वायु पहले से ही जल वाष्प से संतृप्त होती है। इसका अर्थ है कि शरीर के रोम कूपों से निकलने वाला पसीना वाष्पित नहीं हो पाता है। इस कारण आर्द्र दिनों में अधिक पसीना निकलता है।

आंकिक प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्न समीकरणों के लिये साम्य नियतांक के व्यंजक लिखें-
(i) BaCO3(s) ⇌ BaO(s) + CO2(g)
(ii) CH3COCH3(l) ⇌ CH3COCH3(g)
(iii) Al(s) + 3H+(aq) ⇌ Al3+(aq) + \(\frac {3}{2}\)H2(g)
(iv) AgCl(s) ⇌ Ag+(aq) + Cl(aq)
(v) HPO42-(aq) + H2O(l) ⇌ H3O+(aq) + PO43-(aq)
हल:
(i) BaCO3(s) ⇌ BaO(s) + CO2(g)
Kc = [CO2] तथा Kp = PCO2
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 27

प्रश्न 2.
निम्न अभिक्रियाओं में Kp तथा Kc में सम्बन्ध बतायें।
(1) N2(g) + 3H2(g) ⇌ 2NH3(g)
(2) H2(g) + I2(g) ⇌ 2HI(g)
(3) PCl5(g) ⇌ PCl3(g) + Cl2(g)
हल:
(1) N2(g) + 3H2(g) ⇌ 2NH3(g)
∆n = 2 – 4 = – 2
Kp = Kc(RT)∆n
Kp = Kc(RT)-2

(2) H2(g) + I2(g) ⇌ 2HI(g)
∆n = 2 – 2 = 0
Kp = Kc(RT)0
Kp = Kc

(3) PCl5(g) ⇌ PCl3(g) + Cl2(g)
∆n = 2 – 1 = 1
Kp = Kc(RT)∆n
Kp = Kc(RT)1

प्रश्न 3.
यदि किसी साम्य अभिक्रिया के लिये अग्र तथा पश्च अभिक्रियाओं के वेग स्थिरांक क्रमशः 2.38 10 तथा 8.15 × 10-5 हों तो इस अभिक्रिया के साम्य स्थिरांक की गणना करो।
हल:
साम्य स्थिरांक = \(\frac{\mathrm{K}_f}{\mathrm{~K}_b}\)
= \(\frac{2.38 \times 10^{-5}}{8.15 \times 10^{-5}}\)
= 2.92

प्रश्न 4.
298K ताप पर यदि निम्न अभिक्रिया के लिये साम्य स्थिरांक 2.0 x 1015 है।
Cu(s) + 2Ag+(aq) ⇌ Cu2+(aq) + 2Ag(s)
एक विलयन में जिसमें कॉपर कुछ सिल्वर आयनों को विलयन में से विस्थापित करता है, Cu2+ आयन की सान्द्रता 18 x 10-2mol L-1 है तथा Ag+ आयन की सान्द्रता 3.0 x 10-9 mol L है। क्या यह निकाय साम्यावस्था में है।
हल:
अभिक्रिया
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 28
Qc का मान साम्य स्थिरांक के बराबर है अतः अभिक्रिया साम्यावस्था में होगी।

प्रश्न 5.
2 मोल PCl5 को 4 ली० के एक पात्र में गर्म किया गया। साम्यावस्था पर इसका वियोजन 50% PCl3 तथा Cl2 में हो गया। साम्य स्थिरांक की गणना करें।
हल:
साम्यावस्था पर PCl5 के वियोजित मोलों की संख्या x = 50%
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 29

प्रश्न 6.
10 मोल H2 की अभिक्रिया 5 मोल I2 से कराने पर 8 मोल HI उत्पन्न होता है तो अभिक्रिया के साम्य स्थिरांक की गणना करें।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 30

प्रश्न 7.
ग्लाइकोलाइसिस में ग्लूकोज के फास्फो-राइलेशन के लिये ∆G° का मान 13.8 kJ /mol है। 298 K ताप पर Kc की गणना करो।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 31

प्रश्न 8.
700 K ताप पर अभिक्रिया,
H2(g) + I2(g) ⇌ 2HI(g) के लिये K = 50.2 है।
0.50 atm HI तथा H2 एवं 12 में प्रत्येक के 0.02 atm से मिलकर बने मिश्रण में क्या कोई अभिक्रिया होगी। यदि ऐसा है तो क्या HI व्यय होगा या निर्मित होगा।
हल:
माना अभिक्रिया भागफल (Qp) = \(\frac{\left(\mathrm{P}_{(\mathrm{HI})}\right)^2}{\mathrm{P}_{\left(\mathrm{H}_2\right)} \mathrm{P}_{\left(\mathrm{I}_2\right)}}\)
= \(\frac{(0.50)^2}{(0.02)(0.02)}=\frac{0.5 \times 0.5}{0.02 \times 0.02}\) = 625
यहाँ पर Kp = 50·2 है जिससे सिद्ध होता है कि अभिक्रिया साम्यावस्था में नहीं है। साम्यावस्था प्राप्त करने के लिये HI का व्यय होगा।

प्रश्न 9.
1020 K ताप पर एक पात्र में 0.6 atm दाब पर CO2 है। कुछ CO2 ग्रेफाइट के योग पर CO में परिवर्तित हो जाता है। यदि साम्यावस्था पर कुल दाब 0.8 atm है तो Kp की गणना करो।
हल:
CO2(g) + C(s) ⇌ 2CO(g)
अभिक्रिया होने के पश्चात् माना CO2(g) के दाब में कमी = p atm
CO(g) की दाब वृद्धि = 2p atm
साम्यावस्था पर
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 32
कुल दाब = (0.6 – p + 2p) = 0.6 + p atm
वास्तविक दाब = 0.8 atm
0.6 + p = 0.8
p = 0.8 – 0.6
p = 0.2 atm
PCO = 2p = 2 × 0.2 = 04 atm ; PCO2 = 0.6 – p’
= 0.6 – 0.2 = 0.4 atm
Kp = \(\frac{\left(\mathrm{P}_{\mathrm{CO}}\right)^2}{\mathrm{P}_{\mathrm{CO}_2}}\)
Kp = \(\frac{0.4 \times 0.4}{0.4}\) = 0.4 atm

प्रश्न 10.
N2 + 2O2 ⇌ 2NO2 के लिये निश्चित ताप पर साम्य स्थिरांक के घटक लिखो तथा साम्य स्थिरांक के साम्य स्थिरांक 100 mol-1 L है। नीचे दी गयी अभिक्रियाओं के लिये अलग-अलग साम्य स्थिरांक के घटक लिखो तथा साम्य स्थिरांक के मान की गणना करो।
(i) 2NO2 ⇌ N2 + 2O2
(ii) NO2 ⇌ \(\frac {1}{2}\)N2 + 2O2
हल:
अभिक्रिया,
N2 + 2O2 ⇌ 2NO2 के लिये
K1 = \(\frac{\left[\mathrm{NO}_2\right]^2}{\left[\mathrm{~N}_2\right]\left[\mathrm{O}_2\right]^2}\) = 100 … (1)
अभिक्रिया,
2NO2 ⇌ N2 + 2O2 के लिये K2 = \(\frac{\left[\mathrm{N}_2\right]\left[\mathrm{O}_2\right]^2}{\left[\mathrm{NO}_2\right]^2}\) … (2)
समीकरण (2) के साम्य स्थिरांक को व्युत्क्रम करने पर
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 33

प्रश्न 11.
एक निश्चित ताप पर N2O4 का वाष्प घनत्व 30 पाया गया। N2O4 की वियोजन की प्रतिशत मात्रा ज्ञात करें।
हल:
N2O4 का अणु भार = 2 × 14 + 4 × 16 = 92
वाष्प घनत्व (D) = \(\frac {92}{2}\) = 46
N2O4 का वियोजन निम्न प्रकार होता है-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 34
D = आरम्भ में वाष्प घनत्व = 46,
d = साम्यावस्था पर वाष्प घनत्व = 30
n = एक अणु के वियोजन से बने अणुओं की संख्या = 2, α, वियोजन की मात्रा
α.(n – 1) = \(\frac{D-d}{d}=\frac{46-30}{30}=\frac{16}{30}\)
α(2 – 1) = \(\frac {16}{30}\) = 0.533 = 53.3 %

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था

प्रश्न 12.
अभिक्रिया CaCO3(s) ⇌ CaO(s) + CO2(g) के लिये 700°C ताप पर P = 1.20 atm है। यदि 20.0 g CaCO3 को 10 L के फ्लास्क में रखें तथा इसे 800°C तक गर्म करें तो साम्य पर CaCO3 की कितनी प्रतिशतता अनअभिक्रियाकृत (Unreacted) रहेगी।
हल:
CaCO3(s) ⇌ CaO(s) + CO2(g)
Kp = PCO2
= 1.20 atm
हम जानते हैं,
PV = nRT
n = \(\frac {PV}{RT}\)
= 0.15 मोल
निर्मित CO2 के मोलों की संख्या = 0.15 mol
वियोजित CaCO3 के मोल = 0.15 mol
प्रारम्भ में CaCO3 के मोलों की संख्या
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 35
अवियोजित बचे COCO3 की प्रतिशतता = 100 – 75 = 25%

प्रश्न 13.
सिद्ध करें कि 500 K ताप पर PCl5 का 50% वियोजन प्राप्त करने के लिये आवश्यक दाब आंकिक रूप से Kp के मान का तीन गुना होता है।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 36

प्रश्न 14.
100 लीटर के पात्र में 1 मोल N2 तथा 3 मोल PCl5 को 227°C तक गरम किया गया। साम्यावस्था पर दाब 2.05 atm है। गैसों का आदर्श व्यवहार मानते हुए PCl5 की वियोजन मात्रा एवं अभिक्रिया PCl5 ⇌ PCl3 + Cl2 के लिए Kp की गणना कीजिए।
हल:
N2 के एक मोल के साथ PCl5 के 3 मोल गरम किए जाते हैं। तो यह PCl3 एवं Cl2 में वियोजित होता है। माना कि साम्यावस्था पर PCl5 के 3 मोल मैं से x मोल PCl3 एवं Cl2 में वियोजित होते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 37
साम्यावस्था पर कुल मोलों की संख्या
(n) = 1 + 3 – x + x + x
n = 4 + x
साम्य दाब (P) = 2.05 atm
आयतन (V) = 100 litre
R = 0.0821 lit atm deg-1 mole-1
T = 227 + 273 = 500K
आदर्श गैस के लिए – PV = nRT
2.05 × 100 = (4 + x) x 0.0821 × 500
4 + x = 4.99
∴ x ≈ 1
PCl5 की वियोजन मात्रा (α)
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 38

प्रश्न 15.
250°C एवं 2 वायुमण्डल दाब पर PCl5 का 68.6% वियोजन होता है। इस ताप पर PCl5 के वियोजन से साम्य स्थिरांक की गणना कीजिए।
हल:
माना कि PCl5 के एक मोल को 250°C पर गर्म किया जाता है तो साम्यावस्था पर PCl5 के एक मोल में से \(\frac {68.6}{100}\) अर्थात् 0.686 मोल PCl3 एवं Cl2 में विभाजित हो जाते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 39
साम्य पर मिश्रण के कुल मोलों की संख्या
= (1-0.686) + (0.686) + (0.686)
द्रव्य अनुपाती क्रिया नियम के अनुसार-
Kp = \(\frac{\left(\mathrm{P}_{\mathrm{PCl}_3}\right) \times\left(\mathrm{P}_{\mathrm{Cl}_2}\right)}{\left(\mathrm{P}_{\mathrm{PCl}_5}\right)}\)
साम्य पर मिश्रण में किसी पदार्थ का आंशिक दाब
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 40

प्रश्न 16.
200°C पर PCl5 का वाष्य घनत्व 702 पाया गया। इस ताप पर PCl5 के प्रतिशत वियोजन की गणना कीजिये (P 31, Cl = 35.5)
हल:
PCl5 का अणुभार = 31 + 5 x (355) = 208.5
वियोजन से पूर्व
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 41
मिश्रण का प्रेक्षित वाष्प घनत्व (d) = 70.2
PCl5 के वियोजन का समीकरण-
PCl5 ⇌ PCl3 + Cl2
अत:
n = 2
α = \(\frac{\mathrm{D}-d}{d(n-1)}\)
= \(\frac{104 \cdot 25-70 \cdot 2}{70 \cdot 2(2-1)}\) = 0.485
प्रतिशत वियोजन = 100 x α
= 100 x 0.485 = 48.5 %

प्रश्न 17.
एक मोल C2H5OH एवं एक मोल CH3COOH की क्रिया कराने पर \(\frac {2}{3}\) मोल CH3COOC2H5 बनता है। अभिक्रिया के साम्य स्थिरांक की गणना कीजिए।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 42

प्रश्न 18.
Al(OH)3 का विलेयता गुणनफल 43.2 × 10-11 mol4 L-4 इसकी जल में विलेयता ज्ञात करें।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 43

प्रश्न 19.
0.01 M अमोनियम ऐसीटेट विलयन की जल अपघटन की मात्रा तथा उसके pH के मान की गणना कीजिये।
(Ka = 1.75 × 10-5, Kb = 1·8 × 10-5, Kw = 1.0 × 10-14)
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 44

प्रश्न 20.
0.01 M ऐनिलीन ऐसीटेट के विलयन में इसके जल अपघटन की मात्रा ज्ञात कीजिए। यदि ऐनिलीन तथा ऐसीटिक अम्ल के वियोजन स्थिरांक क्रमश: 4.6 x 1010 तथा 1.8 x 10 हैं। यदि उपर्युक्त के एक लीटर विलयन में 5 लीटर जल मिला दिया जाए तो जल अपघटन की मात्रा में क्या परिवर्तन होगा ?
हल:
जल अपघटन की मात्रा
h = \(\sqrt{\frac{\mathrm{K}_w}{\mathrm{~K}_a \times \mathrm{K}_b}}\)
= \(\sqrt{\frac{1 \times 10^{-14}}{1.8 \times 10^{-5} \times 4.6 \times 10^{-10}}}\)
h का 1.0 से बड़ा मान सम्भव है अतः (1 – h) को h के बराबर नहीं माना जा सकता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 45
अतः जल अपघटन की मात्रा 0.523 है।
जल अपघटन की मात्रा h का व्यंजक लवण की सान्द्रता या तनुता के पद से मुक्त है अतः 5 लीटर जल मिलाने पर भी जल अपघटन की मात्रा वही रहेगी।

प्रश्न 21.
अमोनियम हाइड्रॉक्साइड के विलयन में \(\frac {M}{100}\) हाइड्रॉक्सिल आयनों की सान्द्रता क्या होगी ?
(Kb = 1.8 x 10-5
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 46

प्रश्न 22.
1.5 x 10-5 M बेरियम क्लोराइड विलयन का 15 mL 1.0 x 10-5 M सोडियम सल्फेट विलयन के 35 mL के साथ मिलाया जाता है। क्या अवक्षेप बनेगा (BaSO4 का Ksp = 1 x 10-10)
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 47
उपरोक्त अभिक्रिया के लिये Ba2+ को BaCl2 द्वारा जबकि SO42- आयन को Na2SO4 विलयन द्वारा वियोजन के फलस्वरूप प्राप्त करते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 48
मिलाने के बाद कुल आयतन 15 + 35 = 50ml
विलयन में Ba2+ की सान्द्रता =\(\frac {15}{50}\) = 0.3
विलयन में SO42- की सान्द्रता =\(\frac {35}{50}\) = 0.7
मिलाने से पहले [Ba2+] = 1.5 x 10+5M
मिलाने के बाद [Ba2+] = 0.3 x 1.5 x 10-5
= 0.45 × 10
मिलाने से पहले [SO42-] = 1.0 x 10-5 m )
मिलाने के बाद [SO42-] = 0.7 = x 1.0 x 10-5
= 0.7 x 10-5 M
आयनिक अगुणनफल [Ba2+] [SO42-]
= 0.45 × 10-5 × 0.7 × 10-5
= 0.45 x 0.7 x 10-5
BaSO4 के Ksp का मान 1 x 10-10 है।
चूँकि [आयनिक गुणनफल] < [विलेयता गुणनफल]
अतः BaSO4 अवक्षेपित नहीं होगा।

प्रश्न 23.
298 K ताप पर Mg (OH)2 की विलेयता 8.352 x 10-3 g/100ml है Mg(OH)2 का विलेयता गुणनफल क्या होगा?
हल:
Mg(OH)2 की विलेयता
= 8352 × 10-3 g/100ml.
= 83.52 × 10-3 g/L
Mg(OH)2 का मोलर द्रव्यमान
= 24 + 2 x 17
= 24 + 34
= 58g mol-1
Mg(OH)2 की विलेयता = \(\frac{83.52 \times 10^{-3}}{58}\)
= 1.44 x 10-3 mol L-1
Mg(OH)2 का विलेयता साम्य है
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 49a

[Mg2+] = 144 x 10-3 mol L-1
[OH] = 2 × 1.44 x 10-3 mol L-1
Ksp = [Mg2+] [OH
= 144 x 10-3 x 2 x 1.44 x 10-3
= 4.1472 x 10-6 mol³ L-3

प्रश्न 24.
298 K ताप पर जल में AgCl की विलेयता 1.20 x 10-5mol L-1 है। इस ताप पर इसका विलेयता गुणनफल ज्ञात करो।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 49
AgCl की विलेयता = 1.20 × 10-5 mol L-1
[Ag+] = 1.20 × 10-5 mol L-1
[Cl] = 1.20 × 10-5 mol L-1
Ksp = [Ag+] [Cl]
= 1.20 × 10-5 x 1.20 x 10-5
= 1.44 × 10-10 mol² L-5

प्रश्न 25.
0.2 मोल ऐसीटिक अम्ल को 0.20 मोल NaOH से 0.50 लीटर जल में उदासीन करने पर प्राप्त विलयन की pH ज्ञात करें।
(Ka = 1.8 × 10-5)
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 50
[CH3COONa] = \(\frac {0.2}{0.5}\) = 0.4 mol L-1
CH3COONa के जल अपघटन के कारण विलयन क्षारीय होगा.
CH3COO + H2O ⇌ CH3COOH + OH
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 51

प्रश्न 26.
एक घोल में प्रत्येक Ph2+ तथा Zn2+ की सान्द्रता 0.01 M है। इनमें से केवल Ph2+ को अवक्षेपित करने के लिये H2S के सन्तृप्त घोल में कितना [H3O+] रखना चाहिये। (Kap (H2S) = 1.1 x
10-22 तथा Ksp (ZnS) = 1.0 × 10-21)।
हल:
ZnS अवक्षेपित न हो इसके लिये,
[Zn2+] [S2-] < Ksp (ZnS)
10-2[S2-] < 1.0 x 10-21
अतः [S²] = 10-19 वह अधिकतम सान्द्रता है जिस पर ZnS अवक्षेपित नहीं होगा या दूसरे शब्दों में कहें तो इस सान्द्रता शुरु हो जायेगा।
H2S ⇌ 2H+ + S2-
[H+]² [S2-] = 1.1 × 10-22
[H+]² = \(\frac{1.1 \times 10^{-22}}{10^{-19}}\)
[H+]² = 11 x 104-
[H+] = 3.3 x 10-2 mol L-1
अत: [H+] = 3.3 x 10-2 M है तो केवल Phs अवक्षेपित होगा ZnS नहीं

प्रश्न 27.
Pb(OH) की जल में विलेयता 67 10M है। Pb(OH)2 की pH = 8 के बफर विलयन में विलेयता ज्ञात करें।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 52

प्रश्न 28.
pH = 9 के बफर विलयन को बनाने के लिये NH तथा NH4Cl की मात्रा की गणना करो, जबकि दोनों की मिश्रित सान्द्रता 0.6 मोल / L है। (pK (NH3) = 4.7)
हल:
माना कि (NH3 + NH4Cl) बफर विलयन में मोल NH3 के तथा b मोल NH4Cl के हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 53
b के मान को समीकरण 1 में रखने पर मोल
a + b = 0.6
a + 2a = 0.6
3a = 0.6
a = \(\frac {0.6}{3}\) = 0.2 मोल
b = 0.4 मोल
NH3 के मोल = 0.2, NH4Cl के मोल = 0.4

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था

प्रश्न 29.
यदि HCl के 200 मिली जलीय विलयन (pH = 2) में NaOH का 300 मिली जलीय विलयन (pH = 12) मिला दिया जाये तो परिणामी pH क्या होगी?
हल:
[H+] [HCl] = 10-2
[OH] = [NaOH] = 10-2 (∴ pH = 12; pOH = 2 )
विलयन में H+ के मिली मोल = 10-2 x 200
विलयन में OH के मिली मोल = 10-2 x 300
विलयन में OH के बचे मिली मोल
= (300 – 200) × 10-2
= 100 × 10-2 मिली मोल
[OH] = \(\frac{100 \times 10^{-2}}{500}\)
कुल आयतन = 200 + 300 मिली
[OH ] = 0.2 × 10-2
pOH = 2.6989
pH = 14 – 2.6989
pH = 11.3011

प्रश्न 30.
10% अमोनिया (भार प्रतिशत विलयन) के विलयन का घनत्व 0.99 g / cm³ है। इस विलयन में OH तथा H+ आयनों की सान्द्रता की गणना करें। (NH4+ के लिये Ka = 5.0 × 10-1010 M)
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 54

प्रश्न 31.
NaOCN के 0.002 M जलीय विलयन में जल अपघटनांक की प्रतिशतता ज्ञात कीजिये। HOCN के लिये (Ka = 3.33 × 10-4 M)
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 55

प्रश्न 32.
250 ml जलीय विलयन में Ca(OH)2 के कितने मोल होंगे यदि उस विलयन की pH = 10.65 हो। Ca(OH)2 का पूर्ण विघटन होता है।
हल:
माना कि 250ml जल में Ca(OH)2 के a मोल उपस्थित हैं।
Ca(OH)2 की मोलरता = \(\frac{a \times 1000}{250}\) = 4a
[OH] = 2 × 4a
– log [OH] = – log 8a
pOH = 3.35 = – log 8a
a = 5.58 × 10-5 mol/ 250ml.

प्रश्न 33.
\(\frac { N }{ 1000 }\) NaOH विलयन की pH कितनी होगी?
हल:
\(\frac { N }{ 1000 }\) NaOH ≈ \(\frac { N }{ 1000 }\) NaOH = 10-3N NOOH
∴ [NaOH] = -3 N
NaOH → Na+ + OH
10-3N 10-3N
[OH] = 10-3
[H+][OH] = 10-14
[H+] = \(\frac{10^{-14}}{10^{-3}}\)
pH = – log [H+]
= – log 10-11
pH = 11

प्रश्न 34.
10-4 M HCl की pH क्या होगी?
हल:
HCl → H+ + Cl
10-4M 10-4 M
[H+] = 10-4 M
pH = – log [H+]
= – log 10-4
pH = + 4

प्रश्न 35.
0.00001 M H2SO4 विलयन की pH क्या होगी।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 56

प्रश्न 36.
किसी मोनोबेसिक अम्ल का pH मान 6.99 है। [H+] की सान्द्रता ज्ञात करें।
हल:
pH = 6.99
pH = – log [H+]
[H+] = Antilog (- pH)
= Antilog (- 6.99)
= Antilog (\(\bar { 7 }\).001)
[H+] = 1.023 x 10-7

प्रश्न 37.
0.001 M Ba(OH)2 विलयन की pH ज्ञात करें।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 57

प्रश्न 38.
किसी 0.42 g प्रति लीटर वाले H2SO4 विलयन के pH की गणना करें।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 58

प्रश्न 39.
0.2 M ऐसीटिक अम्ल के विलयन का pH मान ज्ञात करो। CH3COOH का वियोजन स्थिरांक Ka =1.8-5 है।
हल:
[H+] = C α ; α = \(\sqrt{\frac{\mathrm{K}_{\mathrm{a}}}{\mathrm{C}}}\)
α = \(\sqrt{\frac{1.8 \times 10^{-5}}{0 \cdot 2}}\)
α = \(\sqrt{9 \times 10^{-5}}\)
α = \(\sqrt{90 \times 10^{-6}}\)
α = 9.487 x 10-3
α = 0.0095
[H+] = C α
= 0·2 × 0.0095
= 0.0019 M
[H+] = 0.0019
pH = – log [H+]
= – log (0·0019)
pH = 2.72

प्रश्न 40.
यदि ऐसीटिक अम्ल का 0.001 M विलयन 5% वियोजित होता है तो इस विलयन की pH क्या होगी?
हल:
[CH3COOH] = 0.001 M
वियोजन मात्रा (α) = 5%
= \(\frac {5}{100}\) = 0.05
परन्तु ऐसीटिक अम्ल के लिये
[H+] = Cα
= 0·001 0·05
= 5 × 10-5
pH = – log [H+]
= – log 5 × 10-5
= – [log 5 + log 10-5]
= – [0·699 – 5]
pH = 4.301

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था

प्रश्न 41.
50 ml 0.1 M NaOH तथा 50 ml 0.05M CH3COOH के मिश्रण की pH क्या होगी?
हल:
NaOH + CH3COOH → CH3COONa+ H2O
1M            1M
एक मोल NaOH, 1 मोल CH3COOH से क्रिया करता है।
NaOH के मिली मोलों की संख्या
= M x V
= 0.1 x 50
= 5 मिली मोल
CH3COOH के मिली मोलों की संख्या
= M × v
= 0.05 × 50
= 2.5 मिली मोल
NaOH के 5 मिली मोल एवं CH3COOH के 2.5 मिली मोल में अभिक्रिया होने के पश्चात् NaOH के 2.5 मिली मोल शेष रहते हैं।
अतः शेष बचे NaOH की मोलरता
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 7 साम्यावस्था 59

प्रश्न 42.
एक निश्चित ताप पर यदि जल के आयनिक गुणनफल (Kw) का मान 25 x 10-14 हो तो pH की गणना करें।
हल:
Kw = 25 × 10-14
∴ [H+] = [OH] ( जल उदासीन है)
[H+][OH] = Kw
[H+] [H+] = 25 × 10-14
[H+]² = 25 × 10-14
[H+] = \(\sqrt{25 \times 10^{-14}}\) = 5 × 10-7
pH = log [H+] = – log 5 x 10-7
pH = – [log 5 + log 107]
pH = – [0.699 – 7]
pH = 6.301

प्रश्न 43.
एक विलयन का pH मान 3 है। इसे कितने गुना तनु किया जाये कि इसका pH मान 6 हो जाये।
हल:
आरम्भ में विलयन का pH = 3
[H+] = 10-pH
= 10-3
तनु करने के पश्चात् pH = 6,
[H+] = 10-pH = 10-6
अर्थात् विलयन में हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता 10-3 से घटाकर 10-6 करने के लिये विलयन को 1000 गुना तनु करना होगा।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व

Haryana State Board HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व

बहुविकल्पीय प्रश्न:

1. बॉक्साइट निम्नलिखित में से किस धातु का अयस्क है ?
(1) जिंक
(2) कॉपर
(3) एलुमिनियम
(4) आयरन।
उत्तर:
(3) एलुमिनियम

2. बोरेक्स बीड परीक्षण में नीली बीड बनाएगा-
(1) Cr3+
(2) Co2+
(3) Ni2+
(4) Cd2+
उत्तर:
(2) Co2+

3. बोरेक्स का रासायनिक नाम है-
(1) सोडियम मेटा बोरेट
(2) सोडियम टेट्राबोरेट डेकाहाइड्रेट
(3) सोडियम टेट्राबोरेट
(4) सोडियम आर्थोबोरेट।
उत्तर:
(2) सोडियम टेट्राबोरेट डेकाहाइड्रेट

4. B2O3 है-
(1) अम्लीय
(2) उभयधर्मी
(3) भास्मिक
(4) आयनिक।
उत्तर:
(1) अम्लीय

5. लीथियम एलम नहीं बना सकता है, क्योंकि-
(1) यह उच्च वैद्युत धनात्मक है
(2) इसका आकार छोटा होता है
(3) इसकी आयनन ऊर्जा अधिक होती है
(4) यह क्रियाशील धातु है।
उत्तर:
(2) इसका आकार छोटा होता है

6. गीली हवा में AlCl3 धुआँ देता है क्योंकि यह है-
(1) सहसंयोजी है
(2) वाष्पशील है
(3) जलग्राही है
(4) गीली हवा में HCl बनाता है।
उत्तर:
(4) गीली हवा में HCl बनाता है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व

7. थर्माइट एक मिश्रण है, आयरन ऑक्साइड तथा-
(1) Al चूर्ण
(2) Zn चूण
(3) Mg चूर्ण
(4) Cd चूर्ण।
उत्तर:
(1) Al चूर्ण

8. एलुमिनियम क्लोराइड है-
(1) ब्रांस्टेड-लॉरी अम्ल
(2) आर्हीनियस अम्ल
(3) लूइस अम्ल
(4) लूइस क्षार।
उत्तर:
(3) लूइस अम्ल

9. हॉल विधि में, मुख्य अभिकर्मक के साथ मिश्रित किया जाता है-
(1) NaF
(2) Na3AlF6
(3) AlF3
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(2) Na3AlF6

10. कीचड़युक्त (mudy) जल में एलम मिलाया जाता है-
(1) यह रोगाणुनाशक का कार्य करता है
(2) यह मिट्टी तथा बालू का स्कन्दन कर देता है
(3) मिट्टी एलम में विलेय है। अतः यह इन्हें प्रथक् कर देता है
(4) यह जल को क्षारीय कर देता है जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।
उत्तर:
(2) यह मिट्टी तथा बालू का स्कन्दन कर देता है

11. क्रोमियम (Cr) क पेरेक्स बीड परीक्षण है-
(1) हरा
(2) नीला
(3) बैंगनी
(4) भूरा।
उत्तर:
(1) हरा

12. AlCl3 के डाइमर में बन्ध होते हैं-
(1) आयनिक
(2) सहसंयोजक
(3) आयनिक तथा सहसंयोजक
(4) सहसंयोजक तथा उप-सहसंयोजक।
उत्तर:
(4) सहसंयोजक तथा उप-सहसंयोजक।

13. बोरेक्स तैयार किया जाता है, कोलेमेनाइट की क्रिया कराकर-
(1) NaNO3 से
(2) NaCl से
(3) Na2CO3 से
(4) NaHCO3 से ।
उत्तर:
(3) Na2CO3 से

14. निम्न में कौन-सा तत्त्व भू-पर्पर्टी में बहुतायत में पाया जाता है-
(1) B
(2) Al
(3) Ga
(4) In
उत्तर:
(2) Al

15. Al की क्रियाशीलता आयरन से अधिक है लेकिन यह आयरन से कम संक्षारित होता है क्योंकि-
(1) Al उत्कृष्ट धातु है
(2) Al के ऊपर ऑक्सीजन की एक परिरक्षी ऑक्साइड की परत बनती है
(3) Fe जल के साथ सरलता से क्रिया करता है
(4) Fe एक संयोजी तथा द्वि-संयोजी आयन बनाता है।
उत्तर:
(2) Al के ऊपर ऑक्सीजन की एक परिरक्षी ऑक्साइड की परत बनती है

16. एलुमिनियम अनेक धातु ऑक्साइडों को अपचयित करता है क्योंकि इसकी अधिक बन्धुता होती है-
(1) ऑक्सीजन के लिए
(2) धातुओं के लिए
(3) इलेक्ट्रॉनों के लिए
(4) हाइड्रोजन के लिए।
उत्तर:
(2) धातुओं के लिए

17. ड्यूरेलुमिन मिश्र धातु में ऐलुमिनियम के साथ होता है-
(1) निकिल
(2) मैग्नीशियम तथा निकिल
(3) मैग्नीशियम, मैगनीज तथा कॉपर
(4) मैग्नीशियम, निकिल तथा मैगनीज।
उत्तर:
(3) मैग्नीशियम, मैगनीज तथा कॉपर

18. आयरन ऑक्साइड की अशुद्धि वाले बॉक्साइट खनिज की शोधन विधि को कहते हैं-
(1) हूप विधि
(2) सर्पेक विधि
(3) बेयर प्रक्रम
(4) विद्युत अपघटन प्रक्रम।
उत्तर:
(3) बेयर प्रक्रम

19. कपड़ा रंगने वाले फिटकरी का प्रयोग करते हैं-
(1) कपड़ों को अग्निरोधक बनाने के लिए
(2) कटे हुए पर प्राथमिक उपचार के लिए
(3) कठोर जल को मृदु बनाने के लिए
(4) रंग-बन्धक की तरह।
उत्तर:
(4) रंग-बन्धक की तरह।

20. निम्न में से कौन गर्म करने पर ऊर्ध्वपातित होता है-
(1) AlF3
(2) AlBr3
(3) Al2Cl6
(4) AlI3
उत्तर:
(2) AlBr3

21. थर्माइट वेल्डिंग प्रक्रम में, हम प्रयुक्त करते हैं-
(1) Al चूर्ण
(2) Fe चूर्ण
(3) Ca चूर्ण
(4) Al + Fe चूर्ण।
उत्तर:
(4) Al + Fe चूर्ण।

22. निम्न में से कौन III-A समूह से सम्बन्धित नहीं है-
(1) B
(2) Al
(3) Ge
(4) In
उत्तर:
(3) Ge

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व

23. ऐलुमिनियम का प्रमुख अयस्क है-
(1) बॉक्साइट
(2) डोलोमाइट
(3) गैलेना
(4) फेलस्पार।
उत्तर:
(1) बॉक्साइट

24. निम्न में से कौन-सा ऐलुमिनियम का खनिज नहीं है-
(1) ऐनहाइड्राइड
(2) बॉक्साइट
(3) कोरण्डम
(4) डायस्पोर।
उत्तर:
(1) ऐनहाइड्राइड

25. बोरेक्स का सूत्र है-
(1) Na2B4O7
(2) Na2B4O7.4H2O
(3) Na2B4O7.7H2O
(4) Na2B4O7.10H2O
उत्तर:
(4) Na2B4O7.10H2O

26. बोरॉन एक
(1) धातु है
(2) अधातु है
(3) उप-धातु है
(4) यौगिक है।
उत्तर:
(3) उप-धातु है

27. निम्न में से कौन-सा तत्व अक्रिय युग्म प्रभाव दिखाता है-
(1) B
(2) Al
(3) Tl
(4) Sc
उत्तर:
(3) Tl

28. कौन-सी धातु अपने ऑक्साइड की परत द्वारा रक्षित होती है ?
(1) Al
(2) Au
(3) Fe
(4) Ag
उत्तर:
(1) Al

29. क्रायोलाइट अयस्क है-
(1) Fe का
(2) Al का
(3) Cu का
(4) Ag का।
उत्तर:
(2) Al का

30. ऑर्थो-बोरिक अम्ल में बोरॉन का संकरण, कौन-से संकरित ऑर्बिटल देता है ?
(1) sp
(2) sp2
(3) sp3
(4) sp3d
उत्तर:
(2) sp2

31. बोरेक्स का जलीय विलयन होता है-
(1) अम्लीय
(2) क्षारीय
(3) उदासीन
(4) विरंजक।
उत्तर:
(2) क्षारीय

32. डादबोरेन से B का संकरण है-
(1) sp
(2) sp2
(3) sp3
(4) sp3d
उत्तर:
(3) sp3

33. कौन-सा मेटाबोरिक अम्ल है-
(1) HBO2
(2) H2B4O7
(3) B(OH)3
(4) H3BO3
उत्तर:
(1) HBO2

34. ऐल्युमीनियम उपस्थित है-
(1) अल्ट्रामैराइन में
(2) लापिस लाजुली में
(3) रूबी में
(4) इन सभी में।
उत्तर:
(4) इन सभी में।

35. निम्न में लूईस अम्ल है-
(1) PCl3
(2) AlCl3
(3) NCl3
(4) AsCl3
उत्तर:
(2) AlCl3

36. ऐलुमिना है-
(1) अम्लीय
(2) उभयधर्मी
(3) क्षारीय
(4) उदासीन।
उत्तर:
(2) उभयधर्मी

37. वर्ग संख्या-13 का अधात्विक तत्व. है-
(1) B
(2) Al
(3) Ga
(4) In.
उत्तर:
(1) B

38. निम्न में से कौन रोगग्रस्त आँखों को धोने में प्रयुक्त होता है-
(1) Na2CO3
(2) Na2B4O7. 10H2O
(3) NaHCO3
(4) NaCl
उत्तर:
(2) Na2B4O7. 10H2O

39. बोरेक्स प्राप्त करने हेतु कोलेमेनाइट को उबालते हैं-
(1) Na2CO3 के साथ
(2) Na2SO4 के साथ
(3) NaCl के साथ
(4) NaOH के साथ।
उत्तर:
(1) Na2CO3 के साथ

40. बोरेक्स या सुहागा का रासायनिक संगठन है-
(1) CaSO4.B4O7.H2O
(2) MgSO4.B2O4.2H2O
(3) Na2B4O7.10H2O
(4) MgCl2.B4O10.10H2O
उत्तर:
(3) Na2B4O7.10H2O

41. रॉकेट में ईंधन के रूप में प्रयुक्त होते हैं-
(1) बोरॉन के हाइड्राइड्स
(2) एल्यूमीनियम के हाइड्राइड्स
(3) गैलियम के हाइड्राइड्स
(4) इण्डियम के हाइड्राइड्स।
उत्तर:
(1) बोरॉन के हाइड्राइड्स

42. ऊष्मा और विद्युत का अच्छा चालक है-
(1) एस्थ्रेसाइट
(2) हीरा
(3) चारकोल
(4) श्रेफाइ्त।
उत्तर:
(4) श्रेफाइ्त।

43. हीरा तथा ग्रेफाइट हैं-
(1) समाबयवी
(2) समस्थानिक
(3) अपररूप
(4) बहुलक।
उत्तर:
(3) अपररूप

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व

44. निम्न में सबसे अधिक आयनिक यौगिक है-
(1) PbCl2
(2) PbCl4
(3) CCl4
(4) SiCl4
उत्तर:
(1) PbCl2

45. निम्न में कौन-सा अल में अघुलनशील है ?
(1) CuSO4
(2) CdSO4
(3) PbSO4
(4) Bi2(SO4)3
उत्तर:
(3) PbSO4

46. सौर-सेल में किस पदार्थ का उपयोग होता है ?
(1) Cs
(2) Si
(3) Sn
(4) Ti
उत्तर:
(2) Si

47. कोल गैस के प्रमुख अवयव हैं-
(1) CO + N2
(2) CO + H2
(3) CH4 + H2
(4) CH4 + N2
उत्तर:
(3) CH4 + H2

48. निम्नलिखित में किसका कैलोरीमान अधिकतम है ?
(1) कोल गैस
(2) जल गैस
(3) प्रोइ्यूसर गैस
(4) कार्बन द्वाइ-औक्साइड।
उत्तर:
(1) कोल गैस

49. काँच क्या है ?
(1) द्रव
(2) ठोस
(3) अविशीतित द्रव
(4) पारदर्शक कार्बनिक बहुलक।
उत्तर:
(3) अविशीतित द्रव

50. काँच के औद्योगिक निर्माण में प्रयुक्त कच्चे पदार्थ हैं-
(1) रेत, लाइम स्टोन तथा Na2CO3
(2) रेत, लाइम स्योन तथा NaCl
(3) रेत, जिप्सम तथा Na2CO3
(4) रेत, कास्टिक सोड्या तथा लाइम स्टोन।
उत्तर:
(3) रेत, जिप्सम तथा Na2CO3

51. प्रोड्यूसर गैस मिश्रण है-
(1) CO + N2
(2) CO + H2
(3) CO + जलबाष्प
(4) N2 + CH4
उत्तर:
(1) CO + N2

52. रेड लेड है-
(1) PbO
(2) Pb2O3
(3) Pb3O4
(4) Pb
उत्तर:
(3) Pb3O4

53. सफेद लेड है-
(1) PbSO4
(2) Pb(OH)2
(3) PbO
(4) 2PbCO3.Pb(OH)2
उत्तर:
(3) PbO

54. गैलना एक अयस्क है, इससे प्राप्त धातु है-
(1) गैलियम
(2) लेड
(3) टिन
(4) जर्मेनियम।
उत्तर:
(2) लेड

55. निम्न में कौन-सी धातु बन्दूक की गोली बनाने के काम आती है-
(1) Pb
(2) Sn
(3) Fe
(4) Cu
उत्तर:
(1) Pb

56. एक पदार्थ का जलीय विलयन तनु HCl से क्रिया कराने पर सफेद अवक्षेप देता है जो गर्म करने पर विलेय हो जाता है। इस गर्म अम्लीय विलयन में जब H2S प्रवाहित की जाती है तो काला अवक्षेप प्राप्त होता है। पदार्थ है-
(1) Hg22+ लवण
(2) Cu2+ लवण
(3) Ag2+ लवण
(4) Pb2+ लवण।
उत्तर:
(4) Pb2+ लवण।

57. नवीनतम खोजा गया कार्बन का अपररूप है-
(1) C16
(2) C60
(3) C26
(4) C56
उत्तर:
(2) C60

58. बकमिन्स्टर फुलरीन है-
(1) C60 का खोजकर्ता
(2) कार्बन का एक अपररूप
(3) टिन का एक अयस्क
(4) लेड का एक यौगिक।
उत्तर:
(2) कार्बन का एक अपररूप

59. C, N, P और Si तत्त्वों की विद्युत ऋणात्मकता के बढ़ने का क्रम है-
(1) C, N, Si, P
(2) N, Si, C, P
(3) Si, P, C, N
(4) P, Si, N, C
उत्तर:
(3) Si, P, C, N

60. अक्रिय युग्म प्रभाव प्रदर्शित करता है-
(1) कार्बन
(2) सिलिकन
(3) लेड
(4) ऐलुमिनियम।
उत्तर:
(3) लेड

61. एक आदर्श अर्द्ध-चालक बनाया जाता है-
(1) ग्रेफाइट से
(2) कार्बन से
(3) सिलिकॉन से
(4) सीसे से।
उत्तर:
(3) सिलिकॉन से

62. निम्न में अत्यधिक कठोर पदार्थ है-
(1) हीरा
(2) ग्रेफाइट
(3) फुलेरीन
(4) कार्बेरिण्डम।
उत्तर:
(1) हीरा

63. समूह- 4 का तत्व जो बहुबन्ध नहीं बना सकता है, वह है-
(1) C
(2) Si
(3) Sn
(4) Pb
उत्तर:
(2) Si

64. निम्न में से कौन चूने के पानी को दूधिया कर देता है-
(1) CO2
(2) CO
(3) NO2
(4) Cl2
उत्तर:
(1) CO2

65. फॉस्जीन गैस का रासायनिक नाम है-
(1) फॉस्फीन
(2) कार्बोनिल क्लोराइड
(3) फॉस्फोरस ट्राइक्लोराइड
(4) फॉस्फोरस ऑक्सी क्लोराइड।
उत्तर:
(2) कार्बोनिल क्लोराइड

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व

66. प्रयोगशाला के बर्नरों में हम प्रयुक्त करते हैं-
(1) प्रोड्यूसर गैस
(2) तेल गैस
(3) कोल गैस
(4) गोबर गैस।
उत्तर:
(2) तेल गैस।

67. संश्लेषित गैस किसका मिश्रण है-
(1) भाप + CO
(2) CO + N2
(3) H2 + CO
(4) H2 + CH4
उत्तर:
(3) H2 + CO

68. निम्न में से किसका गलनांक सर्वाधिक है ?
(1) लैड
(2) हीरा
(3) लोहा
(4) सोडियम।
उत्तर:
(2) हीरा

69. निम्न में से कौन-सा तत्व मुक्त अवस्था में पाया जाता है-
(1) C
(2) Si
(3) Ge
(4) Sn
उत्तर:
(1) C

70. उदासीन ऑक्साइड है-
(1) ZnO
(2) CO
(3) SO
(4) SnO
उत्तर:
(2) CO

71. सिलिकॉन निम्न में से किसका महत्त्वपूर्ण अवयव है-
(1) क्लोरोफिल
(2) चट्टान
(3) हीमोग्लोबिन
(4) अमलगम।
उत्तर:
(2) चट्टान

72. बेल मेटल किसकी मिश्र धातु है-
(1) Cu + Sn
(2) Cu + Ni
(3) Cu + Zn
(4) Cu + Pb
उत्तर:
(1) Cu + Sn

73. कौन शुष्क बर्फ है-
(1) बिना जल की ठोस बर्फ
(2) ठोस SO2
(3) ठोस CO2
(4) ठोस C6H6
उत्तर:
(2) ठोस SO2

74. CO जो कि एक विषैली गैस है, CO का प्रतिरोधी है-
(1) कार्बोरण्डम
(2) शुद्ध CO2
(3) कार्बोजन
(4) COCl2
उत्तर:
(3) कार्बोजन

75. चारकोल है-
(1) क्रिस्टलीय अपररूप
(2) अक्रिस्टलीय अपररूप
(3) आर्द्रताग्राही अपररूप
(4) उत्फुल्ल अपररूप।
उत्तर:
(2) अक्रिस्टलीय अपररूप

76. निम्न में कौन-सा तत्व अपररूपता प्रदर्शित नहीं करता है-
(1) C
(2) Si
(3) Sn
(4) Pb
उत्तर:
(4) Pb

77. निम्न में से कार्बन का सर्वाधिक शुद्ध अपररूप है-
(1) काष्ठ चारकोल
(2) जन्तु चारकोल
(3) लैम्प कालिख
(4) ग्रेफाइट।
उत्तर:
(4) ग्रेफाइट।

78. लैड शर्करा है-
(1) 2PbSO4.PbO
(2) (CH3COO)2Pb
(3) Pb3O4
(4) PbCO3.Pb(OH)2
उत्तर:
(2) (CH3COO)2Pb

79. रासायनिक रूप से लिथार्ज है-
(1) PbO
(2) PbO2
(3) Pb3O4
(4) Pb(CH3COO)2
उत्तर:
(1) PbO

80. किसी पदार्थ के दो या अधिक क्रिस्टलीय रूपों में अस्तित्व में रहने का गुण कहलाता है-
(1) समावयवता
(2) बहुसमाकृतिकता
(3) समाकृतिकता
(4) असमाकृतिकता।
उत्तर:
(2) बहुसमाकृतिकता

81. हीरे में कार्बन परमाणुओं को परस्पर बाँधने वाला बल होता है-
(1) आयनिक
(2) सहसंयोजी
(3) द्विध्रुवीय
(3) वाण्डरवाल।
उत्तर:
(2) सहसंयोजी

82. छद्म ठोस है-
(1) हीरा
(2) काँच
(3) चट्टानी लवण
(4) संगमरमर।
उत्तर:
(2) काँच

83. ग्रेफाइट में इलेक्ट्रॉन-
(1) प्रत्येक तीसरे कार्बन पर स्थानीकृत होते हैं
(2) प्रतिआबन्धन कक्षकों में होते हैं
(3) प्रत्येक कार्बन परमाणु पर स्थानीकृत होते हैं
(4) संरचना के बीच फैले होते हैं।
उत्तर:
(4) संरचना के बीच फैले होते हैं।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
बोरॉन के दो महत्त्वपूर्ण अयस्क बताइए।
उत्तर:

  1. बोरेक्स Na2B4O7.10H2O
  2. कारनाइट Na2B4O7.2H2O

प्रश्न 2.
बोरॉन के दो समस्थानिकों के नाम बताइए।
उत्तर:
5B10 तथा 5B11 बोरॉन के दो समस्थानिक हैं।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व

प्रश्न 3.
एक सेतु आबन्ध के द्वारा कितने परमाणु परस्पर जुड़ते हैं?
उत्तर:
तीन परमाणु।

प्रश्न 4.
बोरॉन के दो अपररूपों के नाम बताइए।
उत्तर:
सरन्ध्र तथा क्रिस्टलीय बोरॉन।

प्रश्न 5.
क्रिस्टलीय बोरॉन कठोर ठोस क्यों होता है ?
उत्तर:
प्रबल सहसंयोजक बन्धों के कारण क्रिस्टलीय बोरॉन कठोर होता है।

प्रश्न 6.
बोरॉन को नाभिकीय रिऐक्टर में प्रयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर:
बोरॉन न्यूट्रॉनों को अवशोषित कर सकता है; अतः इसका प्रयोग नाभिकीय रिऐक्टर में किया जाता है।

प्रश्न 7.
टिंकल क्या है ? इसका रासायनिक सूत्र दीजिए।
उत्तर:
टिंकल (अथवा बोरेक्स) बोरॉन का एक अयस्क है। इसका सूत्र Na2B4O7.10H2O है।

प्रश्न 8.
बोरॉन Si से समानता क्यों दर्शाता है ?
उत्तर:
दोनों में आवेश/त्रिज्या का अनुपात समान होता है अर्थात् समान ध्रुवण-क्षमता होती है; इसीलिए दोनों समानता दर्शाते हैं।

प्रश्न 9.
बोरॉन स्थायी इलेक्ट्रॉन-न्यून यौगिक क्यों बनाता है ?
उत्तर:
बोरॉन में तीन संयोजी इलेक्ट्रॉन होते हैं। यह अन्य तत्वों से तीन इलेक्ट्रॉनों का साझा करके इलेक्ट्रॉन-न्यून यौगिक बनाता हैं जो स्थायी होते हैं।

प्रश्न 10.
बोरिक अम्ल (H3BO3) एकल क्षारकीय अम्ल क्यों होता है ?
उत्तर:
यह H2O के OH आयन से इलेक्ट्रॉनों का एक युग्म ग्रहण करता है; इसलिए यह एकलक्षारकीय अम्ल होता है।

प्रश्न 11.
किस प्रकार का काँच प्राप्त होता है जब बोरेक्स मिलाया जाता है ?
उत्तर:
पाइरेक्स काँच। यह ऊष्मीय प्रतिरोधक होता है तथा उच्च ताप सह सकता है।

प्रश्न 12.
BH3 डाइबोरेन के रूप में क्यों उपस्थित होता है
उत्तर:
BH3 डाइबोरेन के रूप में उपस्थित होता है; क्योंकि यह सरलतापूर्वक इलेक्ट्रॉन त्याग अथवा ग्रहण कर सकता है। अतः दो BH3 अणु आपस में संयोजन B2H6 करके बनाता है।

प्रश्न 13.
बोरॉन द्वारा किंस प्रकार के बन्ध बनाए जाते हैं तथा क्यों ?
उत्तर:
बोरॉन सह-संयोजक बन्ध बनाता है क्योंकि यह न तो इलेक्ट्रॉन त्याग सकता है और न ही उसे ग्रहण कर सकता है।

प्रश्न 14.
ऑर्थोबोरिक अम्ल की मूल संरचनात्मक इकाई क्या है ? इनमें उपस्थित बन्ध के प्रकार का नाम बताइए।
उत्तर:
ऑर्थोबोरिक अम्ल की मूल संरचनात्मक इकाई \(\mathrm{BO}_3{ }^{3-}\) है। इनमें सहसंयोजी बन्ध उपस्थित होते हैं।

प्रश्न 15.
औद्योगिक प्रक्रमों में BF3 उत्प्रेरक के रूप में किस प्रकार का कार्य करता है ?
उत्तर:
BF3 इलेक्ट्रॉन न्यून होता है; इसलिए औद्योगिक प्रक्रमों में उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है।

प्रश्न 16.
BCl3 की तुलना में BF3 दुर्बल लूइस अम्ल क्यों होता है ?
उत्तर:
BCl3 की तुलना में BF3 दुर्बल लूइस अम्ल होता है; क्योंकि Cl की तुलना में F के छोटे आकार के कारण F की स्थिति में अधिक प्रभावी पश्चगामी बन्ध (back bonding) बनता है।

प्रश्न 17.
बोरेन में उपस्थित तत्वों के नाम लिखिए।
उत्तर:
बोरेन, बोरॉन तथा हाइड्रोजन तत्वों से मिलकर बना होता है।

प्रश्न 18.
BF3 में B की संकरण-अवस्था लिखिए।
उत्तर:
BF3 में B की संकरण-अवस्था sp2 होती है।

प्रश्न 19.
बोरिक अम्ल लूइस अम्ल के समान व्यवहार क्यों करता है ?
उत्तर:
क्योंकि बोरिक अम्ल में, बोरॉन का अष्टक पूर्ण नहीं होता। यह जलीय विलयन में H2O से OH आयन ग्रहण कर लेता है।

प्रश्न 20.
आवर्त सारणी के वर्ग 13 में बोरॉन के असंगत व्यवहार का मुख्य कारण क्या है ?
उत्तर:
इसका मुख्य कारण बोरॉन परमाणुं का छेटा आकार तथा उच्च आयनन ऊर्जा तथा उच्च आवेश/आकार अनुपात होता है।

प्रश्न 21.
बोरॉन हैलाइड अमोनिया तथा ऐमीन के साथ योगात्पक यौगिक क्यों बनाते हैं ?
उत्तर:
बोरॉन हैलाइड इलेक्ट्रॉन न्यून होते हैं; इसलिए ये अमोनिया तथा ऐमीन के साथ योगात्मक यौगिक बनाते हैं।

प्रश्न 22.
\(\mathrm{BH}_4^{-}\) में B की संकरण-अवस्था एवं ऑक्सीकरण अवस्था बताइये।
उत्तर:
sp3, + 3

प्रश्न 23.
AlF3 तथा ACCl3 के मध्य किसका गलनांक उच्च होता है ?
उत्तर:
AlF3 अधिक आयनिक होता है, इसलिए इसका गलनांक उच्च होता है।

प्रश्न 24.
निम्नलिखित तत्वों में कौन-सा +1 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शिंत करता है ?
Al, B, Ca, TL, Be
उत्तर:
Tl,+1 ऑकसीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है।

प्रश्न 25.
निर्जलीय AlCl3 का कौन-सा गुण इसे कार्बनिक रसायन में एक अच्छा निर्माण अभिकर्मक बनाता है ?
उत्तर:
यह लूइस अम्ल के समान व्यवहार करता है।

प्रश्न 26.
निम्नलिखित को लूइस अम्ल गुण के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए-
BF3, BCl3, BBr3 तथा BI3
उत्तर:
BF3 < BCl3 < BBr3 < BI3

प्रश्न 27.
बोरॉन ट्राई ब्रोमाइड से शुद्ध क्रिस्टलीय बोरॉन प्राप्त करने की अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।
उत्तर:
2BBr3 + 3H2 → 2B + 6HBr

प्रश्न 28.
बोरिक अम्ल के दो उपयोग लिखिए।
उत्तर:

  1. पूतिरोधी (संक्रमण रोधी) के रूप में।
  2. इनैमल और पॉटरी को चमकीला बनाने में प्रयुक्त होता है।

प्रश्न 29.
बोरॉन का एक उपयोग दीजिए।
उत्तर:
5B10 समसंथानिक का नाभिकीय रिएक्टर में नियन्त्रण छड़ों के रूप में प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 30.
डाई बोरेन कैसे प्राप्त करते हैं ?
उत्तर:
सोड्डियम बोरो हाइड्राइड पर आयोडीन की क्रिया द्वारा दाइ बोरेन प्राप्त की जाती है।

प्रश्न 31.
बोरॉन के दो अयस्कों के नाम बताओ ?
उत्तर:

  1. बोरेक्स (Na2B4O7.10H2O)
  2. करनाइट (Na2B4O7. 2H2O)

प्रश्न 32.
बोरॉन के दो आइसोटोप के नाम लिखो ?
उत्तर:
5B10 तथा 5B11 बोरॉन के दो आइसोटोप हैं।

प्रश्न 33.
बोरॉन के दो अपररूपों के नाम लिखो ?
उत्तर:

  1. क्रिस्टलीय,
  2. अक्रिस्टलीय

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व

प्रश्न 34.
बोरॉन B3+ आयन क्यों नहीं बनाता ?
उत्तर:
बोरॉन B3+ आयन नहीं बनाता क्योंकि इसके आयनन विभव का मान अत्यधिक उच्च एवं परमाणु आकार काफी छोटा होता है।

प्रश्न 35.
क्रिस्टलीय बोरॉन एक कठोर ठोस है क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि इसमें अत्यधिक प्रबल सह-संयोजी बंध पाये जाते हैं।

प्रश्न 36.
निम्न को पूर्ण करें-
(i) B + O2
उत्तर:
4B + 3O2 →2B2O3 (बोरॉन ऑक्साइड)

(ii) B + N2
उत्तर:
2B + N2 → 2BN (बोरॉन नाइट्राइड)

(iii) B + Cl2
उत्तर:
2B + 3Cl2 → 2BCl3 (बोरॉन ट्राइ-क्लोराइड)

(iv) BF3 + NH3
उत्तर:
BF3 + : NH3 →[F3B ← : NH3]

(v) Na2B4O7 + H2O →
उत्तर:
Na2B4O7 + H2O → 2NaOH + 4H3BO3 बोरिक अम्ल

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 1

प्रश्न 37.
डाइ-बोरॉन की संरचना बनाइए।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 2

प्रश्न 38.
डाइ-बोरॉन अमोनिया तथा एमीन के साथ योगोत्पाद क्यों बनाता है ?
उत्तर:
क्योंकि यह एक इलेक्ट्रॉन न्यून यौगिक है।

प्रश्न 39.
विद्युत अपघटन से पूर्व Al2O3 का निर्जल होना आवश्यक है, क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि जल की उपस्थिति में Al3+ का कैथोड पर विसर्जन न होकर H+ का विसर्जन होगा क्योंकि Al3+ का विसर्जन विभव H+ से अधिक होता है।

प्रश्न 40.
फिटकरी का सामान्य सूत्र क्या है ?
उत्तर:
इसका सामान्य सूत्र-
M2SO4.M2(SO4)3. 24H2O होता है।
यहाँ पर M = एक-संयोजी क्षारीय धातु या मूलक
M = त्रि-संयोजी क्षारीय धातु या मूलक।

प्रश्न 41.
बोरॉन का गलनांक सामान्य से अधिक होता है। क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि यह ठोस तथा द्रव दोनों ही अवस्थाओं में एक बड़े सह-संयोजक बहुलक के रूप में रहता है।

प्रश्न 42.
BF3 के जल-अपघटन की अभिक्रिया लिखें।
उत्तर:
BF3 के जल-अपघटन की अभिक्रिया निम्न है-
BF3 + H2O → H+[BF3OH]

प्रश्न 43.
एलुमीनियम का प्रयोग उन ऑक्साइडों को अपचयित करने में किया जाता है, जिनका अपचयन कार्बन नहीं कर पाता है। कारण स्पष्ट करो।
उत्तर:
क्योंकि एलुमीनियम कार्बन से प्रबल धनविद्युती तत्व व प्रबल अपचायक होता है।

प्रश्न 44.
AlCl3.6H2O को गर्म करके निर्जल AlCl3 को नहीं बनाया जा सकता है, क्योंकि ?
उत्तर:
AlCl3.6H2O गर्म करने पर निर्जल AlCl3 नहीं Al2O3 देता है।

प्रश्न 45.
क्या होता है जब BF3 की जल से अभिक्रिया होती है ?
उत्तर:
BF3 की जल से अभिक्रिया पर फ्लुओरोबोरिक अम्ल एवं ऑर्थोबोरिक अम्ल प्राप्त होता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 3

प्रश्न 46.
B2H6 की HCl से अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 4

प्रश्न 47.
ड्यूरेलूमिन का प्रयोग हवाई जहाज बनाने में किया जाता है, क्यों ?
उत्तर:
यह Al, Cu, Mg तथा Mn की मिश्र धातु है जो हल्की परन्तु मजबूत होती है जिसके कारण इसका प्रयोग हवाई जहाज बनाने में किया जाता है।

प्रश्न 48.
बोरॉन के समस्थानिक बताएँ।
उत्तर:
बोरॉन के दो समस्थानिक होते हैं-
\(20 \%{ }_5^{10} \mathrm{~B}\) तथा \(80 \%{ }_5^{11} \mathrm{~B}\)

प्रश्न 49.
हीरे से कम कठोर अधात्विक तत्व का नाम बताएँ।
उत्तर:
बोरॉन \(\left({ }_5^{10} \mathrm{~B}\right)\)

प्रश्न 50.
बोरेक्स कैसे बनाते हैं ?
उत्तर:
कोलेमेनाइट पर जब Na2CO3 की क्रिया कराते हैं, तो बोरेक्स का निर्माण होता है।

प्रश्न 51.
ऐलुमिनियम के उस खनिज का नाम बताएँ जो कि साधारण फिटकरी बनाने में प्रयुक्त होता है।
उत्तर:
ऐलुनाइट का प्रयोग साधारण फिटकरी बनाने में करते हैं।

प्रश्न 52.
गैलियम का गलनांक बहुत कम होता है, क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि गैलियम Ga2 अणु के रूप में होता है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व

प्रश्न 53.
बोरेन क्या हैं ? इसका सामान्य सूत्र क्या होता है ?
उत्तर:
बोरॉन तथा हाइड्रोजन आपस में क्रिया करके वाष्पशील हाइड्राइड बनाते हैं। जिन्हें बोरेन (Boranes) कहते हैं। इनका सामान्य सूत्र BnHn+4 व BnHn+4 है।

प्रश्न 54.
एलेन से क्या समझते हो ?
उत्तर:
एलमीनियम के हाइड़ाइड को एलेन कहते हैं।

प्रश्न 55.
ऐलुमिना के वैद्युत-अपथटन में प्रयोग होने वाले गालक कौन-कौन से हैं ?
उत्तर:
ऐलुमिना के बैद्युत-अपषटन में क्रायोलाइट (Na3AlF6) तथा फ्लुओरस्पार (CaF2) का प्रयोग होता है।

प्रश्न 56.
बोरॉन की भू-पर्पटी में उपलब्तता कितने प्रतिशत है ?
उत्तर:
0.0001%

प्रश्न 57.
Al की भू-पर्पटी में उपलक्धता कितने प्रतिशत है ?
उत्तर:
8.3%

प्रश्न 58.
निम्न के सूत्र लिखें-
(i) और्थो बोरिक अम्ल,
(ii) बोरेक्स,
(iii) करनाइट,
(iv) बॉक्साइट,
(v) कायोलाइट।
उत्तर:
(i) और्थो बोरिक अम्ल – H3BO3
(ii) बोरेक्स – Na2B4O7.10H2O
(iii) करनाइट – Na2B4O7.4H2O
(iv) बॉक्साइ्ट – Al2O3. 2H2O
(v) क्रायोलाइट – Na3AlF6

प्रश्न 59.
Ga, In व TI तत्वों में +1 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करने की बङुती प्रवृत्ति दीजिए।
उत्तर:
Ga < ln < TI.

प्रश्न 60.
समूह- 13 के तत्वों में +3 ऑक्सीकरण अवस्था किसमें अधिकतम है ?
उत्तर:
बोरॉन (B) में ।

प्रश्न 61.
निर्जल AlCl3 की प्रकृति सहसंयोजी होती है जबकि जलयोजित AlCl3 वैद्युत संयोजी होता है, क्यों ?
उत्तर:
निर्जल लवप एक द्विलक (Al2Cl6) के रूप में होता है तथा यह सहसंयोजी प्रकृति का होता है। जब AlCl3 जल के सम्पर्क में आता है तो यह जलयोजित हो जाता है तथा जलयोजित लवप [Al(H3O)6]Cl3 को बनाता है। यह जल में आयनीकृत होकर [Al(H2O)6]3+ तथा 3Cl आयन देता है।

प्रश्न 62.
क्या H3BO3 त्रिक्षारकीय है ?
उत्तर:
नहीं, यह एक क्षारीय है।

प्रश्न 63.
बोरिक अम्ल में BO3 की इकाइयाँ किस बन्ध के द्वारा आबन्धित रहती हैं ?
उत्तर:
बोरिक अम्ल में BO3 की इकाइयाँ हाइड्रोजन बन्ध के द्वारा आबन्धित रहती हैं।

प्रश्न 64.
बोरेक्स मनका परीक्षण के द्वारा किस प्रकार के धनायनों का परीक्षण करते हैं ?
उत्तर:
बोरेक्स मनका परीक्षण के द्वारा ऐसे धनायनौ का परीक्षण करते हैं जो कि रंगीन होते हैं।

प्रश्न 65.
समीकरण को पूर्ण करो-
Na2B4O7 + H2SO4 + 5H2O →… + Na2SO4
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 5

प्रश्न 66.
प्रकृति में कार्बन किस रूप में शुद्ध पाया जाता है ?
उत्तर:
फुलरीन।

प्रश्न 67.
हीरे में कार्बन का संकरण क्या होता है ?
उत्तर:
sp3

प्रश्न 68.
CO2 की संरचना दीजिए।
उत्तर:
O = C = O, इसकी रेखीय संरचना होती है।

प्रश्न 69.
क्या कार्बन डाइ-ऑक्साइड विषैली है ?
उत्तर:
नहीं, कार्बन डाइ-ऑक्साइड (CO2) विषैली नहीं होती।

प्रश्न 70.
प्रोड्यूसर गैस क्या है ?
उत्तर:
प्रोड्यूसर गैस CO तथा N2 का 1: 2 के अनुपात में भिश्रण है।

प्रश्न 71.
बकमिन्सटर फुलरीन किस तत्व का क्रिस्टलीय अपररूप होता है ?
उत्तर:
बकमिन्सटर फुलरीन कार्बन का क्रिस्टलीय अपररूप होता है।

प्रश्न 72.
\(\mathrm{CO}_3^{2-}\) की संकरण-अवस्था क्या है ?
उत्तर:
\(\mathrm{CO}_3^{2-}\) में C की संकरण-अवस्था sp2 होती है।

प्रश्न 73.
\(\mathrm{SiF}_5{ }^{2-}\) आयन में सिलिकन के संकर कक्षकों का प्रकार बताइए।
उत्तर:
sp3d2

प्रश्न 74.
किसी अन्य तत्व की तुलना में कार्बन सर्वाधिक श्रृंखलन क्यों दर्शाता है ?
उत्तर:
कार्बन सर्वाधिक श्रृंखलन प्रदर्शित करता है क्योंकि इसका परमाणु आकार छोटा होता है। यह अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ स्थायी सहसंयोजक बन्ध बना सकता है।

प्रश्न 75.
कमरे के ताप पर CO2 गैस होती है, जबकि SiO2 ठोस। इसका एक कारण बताइए।
उत्तर:
CO2 एक विविक्त (discrete) अणु के रूप में होती है; इसलिए इसमें दुर्बल वाण्डरवाल्स आकर्षण बल होते हैं, जबकि SiO2 त्रिविमीय सहसंयोजी ठोस होता है। यही कारण है कि कमरे के ताप पर CO2 गैस व SiO2 ठोस है।

प्रश्न 76.
कार्बन तथा सिलिकन मुख्यतः चतुःसंयोजी होते हैं परन्तु Ge, Sn तथा Pb द्विसंयोजकता प्रदर्शित करते हैं। कारण दीजिए।
उत्तर:
Ge, Sn तथा Pb अक्रिय युग्म प्रभाव के कारण द्विसंयोजी होते हैं जो कि कार्बन तथा सिलिकन में नहीं होता।

प्रश्न 77.
सिलिकॉन का सामान्य सूत्र क्या है ?
उत्तर:
R2SiO.

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व

प्रश्न 78.
सिलिकेट क्या हैं ?
उत्तर:
सिलिकेट खनिज होते हैं जिनमें \(\mathrm{SiO}_4{ }^{4-}\) इकाइयाँ विभिन्न क्रमों में व्यवस्थित रहती हैं।

प्रश्न 79.
समूह-14 में से उन सदस्य (या सदस्यों) को चुनिए, जो
(i) सबसे अधिक अम्लीय डाइऑक्साइड बनाते हैं;
(ii) सामान्यत: +2 ऑक्सीकरण अवस्था में मिलते हैं;
(iii) अर्द्धचालक (या अर्द्धचालकों) के रूप में प्रयोग में आते हैं।
उत्तर:
(i) कार्बन, (ii) सिलिकन तथा (iii) जर्मेनियम।

प्रश्न 80.
मेथेन किस से प्राप्त की जाती है ?
उत्तर:
एल्युमीनियम कार्बाइड से मेथेन प्राप्त की जाती है।

प्रश्न 81.
\(\left[\mathrm{SFF}_6\right]^{2-}\) ज्ञात है, जबकि \(\left[\left.\mathrm{SiCl}_6\right|^{2-}\right.\) अज्ञात है। इसके सम्भावित कारण दीजिए।
उत्तर:
इसके मुख्य सम्भावित कारण निम्नलिखित हैं-

  1. सिलिकन परमाणु का आकार छोटा होने के कारण इसके चारों ओर क्लोरीन के छः बड़े आकार वाले परमाणु व्यवस्थित नहीं हो पाते हैं।
  2. क्लोरीन परमाणु के एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म तथा सिलिकन परमाणु के मध्य अन्योन्यक्रिया अधिक प्रबल नहीं होती है।

प्रश्न 82.
कार्बन डाइऑक्साइड दहन में सहायता नहीं करती है, परन्तु मैग्नीशियम का जलता हुआ तार CO2 के वातावरण में जलता रहता है। क्यों ?
उत्तर:
मैग्नीशियम CO2 को कार्बन में अपचयित कर देता है तथा अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी होती है। चूँकि मैग्नीशियम का ज्वलन-ताप बहुत अधिक होता है; अतः यह CO2 के वातावरण में जलता रहता है।

प्रश्न 83.
ग्रेफाइट विद्युत चालक क्यों होता है ?
उत्तर:
ग्रेफाइट में प्रत्येक कार्बन परमाणु sp2 संकरित होता है तथा तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से एकल संयोजी बन्धों द्वारा जुड़ा रहता है। प्रत्येक कार्बन परमाणु का एक इलेक्ट्रॉन मुक्त रहता है जिसके कारण ग्रेफाइट विद्युत का सुचालक होता है।

प्रश्न 84.
कार्बन मोनोऑक्साइड रक्त के साथ क्रिया कर कौन-सा यौगिक बनाती है ?
उत्तर:
कार्बोक्सी हीमोग्लोबिन।

प्रश्न 85.
कार्बन मोनोऑक्साइड गैस ‘मौत का फन्दा’ है; समझाइए।
उत्तर:
कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस (CO) रक्त के हीमोग्लोबिन से संयुक्त होकर कार्बोक्सी हीमोग्लोबिन बनाती है जिससे हीमोग्लोबिन ऑक्सीवाहक का कार्य करना बन्द कर देता है एवं मनुष्य दम घुटने के कारण मर जाता है। अतः CO गैस ‘मौत का फन्दा’ है।

प्रश्न 86.
कार्बन के अपररूप कौन-कौन से हैं ?
उत्तर:
कार्बन के दो अपररूप हैं-
(i) क्रिस्टलीय कार्बन-यह तीन रूपों में पाया जाता है-
(अ) हीरा, (ब) ग्रेफाइट, (स) फुलरीन।
(ii) अक्रिस्टलीय रूप-यह तीन रूपों में पाया जाता है-
(अ) चारकोल, (ब) काजल, (स) खनिज कोयला।

प्रश्न 87.
कार्बन कौन-से ऑक्साइड बनाता है ?
उत्तर:

  • कार्बन सबऑक्साइड (C3O2),
  • कार्बन मोनोऑक्साइड (CO),
  • कार्बन डाईऑक्साइड (CO2)।

प्रश्न 88.
कार्बन मोनो-ऑक्साइड का औद्योगिक उपयोग बताइए।
उत्तर:
प्रोड्यूसर गैस (CO + N2) तथा भाप अंगार गैस (CO + H2) के रूप में ईंधन में प्रयुक्त होती है।

प्रश्न 89.
CO2 का प्रकृति में क्या उपयोग है ?
उत्तर:
क्लोरोफिल की उपस्थिति में पौधे CO2 को ग्रहण कर सूर्य के प्रकाश में ग्लूकोस, स्टार्च, सेल्यूलोस आदि बनाते हैं।
\(6 \mathrm{CO}_2+6 \mathrm{H}_2 \mathrm{O} \longrightarrow \mathrm{C}_6 \mathrm{H}_{12} \mathrm{O}_6+6 \mathrm{O}_2\)

प्रश्न 90.
कार्बन के मिश्रित हैलाइडों को समझाइए।
उत्तर:
कार्बन के साथ फ्लोरीन तथा क्लोरीन दो भिन्न तत्वों के जुड़े होने पर प्राप्त यौगिक क्लोरो-फ्लुओरो यौगिक कहलाते हैं। इन्हें मिश्रित हैलाइड कहते हैं। जैसे-फ्रेऑन-11 (CFCl3)$, फ्रेमीन- 12 (CF2Cl2) ये प्रशीतक के रूप में प्रयुक्त होते हैं।

प्रश्न 91.
कार्बन परमाणु का विशिष्ट गुण क्या है ?
उत्तर:
कार्बन परमाणु का विशिष्ट गुण भृंबला बनाने की प्रवृत्ति है।

प्रश्न 92.
कुछ वर्षों पूर्व खोजे गए कार्बन के नए रूप का नाम लिखिए।
उत्तर:
C60 या बकमिन्सटर फुलरीन।

प्रश्न 93.
डायमण्ड में C—C लम्बाई बताइए।
उत्तर:
डायमण्ड में प्रत्येक C—C बंध की दूरी 1.54 Å होती है।

प्रश्न 94.
डायमण्ड में क्राबंन परमाणु पर कौन-सा संकरण होता है ?
उत्तर:
डायमण्ड में प्रत्येक कार्बन परमाणु पर sp3 संकरण होता है।

प्रश्न 95.
गेफाइट में प्रत्येक कावंन परमाणु पर कौन-सा संकरण होता है ?
उत्तर:
ग्रेफाइट में प्रत्येक कावन परमाणु पर sp2 संकरण होता है।

प्रश्न 96.
ऐ्रेफाइट विद्युत का सुचालक क्यों है ?
उत्तर:
ग्रेफाइट में प्रत्येक कार्बन परमाणु पर p-उपकोश में एक इलेक्ट्रॉन शेष रहता है यह π-इलेक्ट्रॉन कहलाता है। इन्ही π-इ्लेक्ट्रॉनों के गतिशील होने के कारण ग्रेफाइट विद्युत का सुचालक है।

प्रश्न 97.
ग्रेफाइट में C—C बंध की दूरी क्या है ?
उत्तर:
प्रत्येक C—C बंध की दूरी 1.42 Å होती है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व

प्रश्न 98.
फुलरीन की खोज कब हुई ?
उत्तर:
1985 में।

प्रश्न 99.
C60 का नाम किसके नाम पर रखा गया ?
उत्तर:
अमरीकी वास्तु स्थापत्य बकमिन्सटर फुलरीन के नाम पर रखा गया।

प्रश्न 100.
C60 में कौन-सा संकरण होता है ?
उत्तर:
C60 में कार्बन परमाणु पर sp2 संकरण होता है।

प्रश्न 101.
प्रकृति में कार्बन किस शुद्ध अवस्था में पाया जाता है ?
उत्तर:
फुलरीन।

प्रश्न 102.
ड्वायमण्ड में कौन-सा संकरण होता है ?
उत्तर:
sp3

प्रश्न 103.
\(\mathrm{SiF}_6{ }^{2-}\) में C संकरण कौन-सा है ?
उत्तर:
sp2 संकरण।

प्रश्न 104.
\(\mathrm{SiF}_6{ }^{2-}\) में Si का संकरण क्या है ?
उत्तर:
sp3d2

प्रश्न 105.
SiCl4 का जल अपघटन हो सकता है परन्तु CCl4 का नहीं; क्यों ?
उत्तर:
Si में रिक्त d-कक्षक पाये जाते हैं जिसके कारण SiCl4 का जल अपघटन हो सकता है, परन्तु CCl4 का नहीं।

प्रश्न 106.
गैसीय ईंधन अत्यधिक उपयोगी क्यों होते हैं ?
उत्तर:
गैसीय ईंधनों का दहन पूर्ण रूप से हो जाता है तथा इसका कोई भी अवशेष नहीं बचता है, इस कारण गैसीय ईंधन अत्यधिक उपयोगी होते हैं।

प्रश्न 107.
सिन्दूर का रासायनिक नाम व सूत्र क्या है?
उत्तर:
ट्राइप्लम्बिक टेट्रॉऑक्साइड (Pb3O4)

प्रश्न 108.
कार्बन के दो क्रिस्टलीय अपररूपों के उदाहरण लिखें।
उत्तर:
डायमण्ड व ग्रेफाइट कार्बन के दो क्रिस्टलीय अपररूप हैं।

प्रश्न 109.
किन्हीं चार ईंधनों के उदाहरण लिखें।
उत्तर:

  1. भाप-अंगार गैस,
  2. पेट्रोल गैस,
  3. तेल गैस,
  4. प्रोड्यूसर गैस।

प्रश्न 110.
कार्बन परिवार का वह कौन-सा तत्व है जो कि अपररूपता को प्रदर्शिन नहीं करता है ?
उत्तर:
लेड (Pb).

प्रश्न 111.
कार्बन का उदासीन ऑक्साइड कौन-सा है ?
उत्तर:
कार्बन मोनोऑक्साइड (CO).

प्रश्न 112.
प्रयोगशाला में बर्नरों में प्रयोग की जाने वाली गैस कौन-सी है ?
उत्तर:
तेल गैस या पेट्रोल गैस, परन्तु आजकल प्रयोगशाला में L.P.G. प्रयुक्त होती है।

प्रश्न 113.
वाटर ग्लास का सूत्र लिखें।
उत्तर:
Na2SiO3

प्रश्न 114.
ठण्डे देशों में पैकिंग के लिये टिन धातु की पन्नी का प्रयोग क्यों नहीं किया जाता है ?
उत्तर:
कम ताप पर टिन, ग्रे-टिन में परिवर्तित हो जाता है। यह ग्रे टिन भंगुर प्रकृति का होता है तथा पाउडर में बदल जाता है। इसको टिन-प्लेग (tin plague) या टिन की बीमारी (tin disease) भी कहते हैं।

प्रश्न 115.
CH4 व SiH4 के गुणों में भिन्नता क्यों होती है ?
उत्तर:
Si-H की बन्ध ऊर्जा का मान C-H की बन्ध ऊर्जा से कम होता है।

प्रश्न 116.
MgCl2 की आकृति अधुवीय रेखीय है जबकि SnCl2 कोणीय ध्रुवीय होता है। कारण बताओ।
उत्तर:
MgCl2 में Mg पर sp संकरण पाया जाता है जो कि रेखीय आकृति देता है, जबकि SnCl2 में Sn, sp2 संकरण (समतलीय त्रिकोणीय) प्रकृति प्रदर्शित करता है। Sn पर एक अनाबन्धित या एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म इसका आकार कोणीय कर देता है।

प्रश्न 117.
SnCl2ठोस है, जबकि SnCl4 दव है। क्यों ?
उत्तर:
SnCl2 की आयनिक प्रकृति अधिक (Sn2+) होती है अत: इसका गलनांक भी अधिक होता है और इस कारण यह ठोस अवस्था में पाया जाता है। SnCl4 में sp3संकरण होता है, जिसके कारण इसकी प्रवृत्ति सह-संयोजक होती है और यह द्रव अवस्था में होता है।

प्रश्न 118.
अपररूपता को परिभाषित करें।
उत्तर:
जब कोई तत्व दो या दो से अधिक रूपो में पाया जाता है, जिनके भौतिक गुण भिन्न-भिन्न ब रासायनिक गुण समान होते हैं तो इन रूपों को अपररूप व इस गुण को अपररूपता कहते हैं।

प्रश्न 119.
शृंखलित होने का गुण (Catenation) क्या है?
उत्तर:
समान परमाणुओं के आपस में जुड़कर एक लम्बी विवृत भंख्रला अथवा संबृत भृंखला बनाने की प्रवृत्ति को मृंखलित होने का गुण (Catenation) कहते हैं।

प्रश्न 120.
समूह-14 में +2 ऑक्सीकरण अवस्था बनाने की प्रयृत्ति समूह में नीचे जाने पर बक़ी जाती है, क्यों ?
उत्तर:
चूँकि समूह में नीचे जाने पर अक्रिय युग्म प्रभाव (Inert pair effect) बढ़ा जाता है, इसके कारण +2 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करने की प्रवृत्ति भी बह़ जाती है।

प्रश्न 121.
टिन व लेड क्रमशः Sn2+ तथा Pb2+ आयन बनाते हैं। क्यों ?
उत्तर:
अक्रिय युग्म प्रभाव (inert pair effect) के कारण टिन व लेड क्रमशः Sn2+ तथा Pb2+ आयनों को बनाते हैं।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व

प्रश्न 122.
समूह-14 में ऊपर से नीचे जाने पर श्रृंखलित होने का गुण घटता जाता है। क्यों ?
उत्तर:
समूह-14 में ऊपर से नीचे जाने पर भृंखलित होने का गुण घटता जाता है क्यॉकि बन्ध ऊर्जा (Bond energy) का मान कार्बन से लेड की और जाने पर घटता जाता है।

प्रश्न 123.
कार्बन की अधिकतम संयोजकता का मान 4 है जबकि सिलिकन की संयोजकता का मान 6 है, क्यों ?
उत्तर:
सिलिकन के वाद्य कोश में रिक्त d-उपकोश उपस्थित होता है जिसके कारण सिलिकन की संयोजकला का मान 6 हो जाता है।

प्रश्न 124.
कार्बन व सिलिकन दोनों एक ही समूह में होते हुए भी अपने यौगिकों के गुणों में भिन्नता प्रदर्शित करते हैं, क्यों ?
उत्तर:
कार्बन व सिलिकन एक ही समूह में उपस्थित हैं परन्तु इन दोनों तत्वों की विद्युत ऋणात्मकता में काफी अन्तर होता है। इस कारण इनके यौगिकों के गुर्णों में काफी भिन्नता होती है।

प्रश्न 125.
ऐसे CO2 को शुष्क वर्फ क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
क्योंकि टेस CO2 के ऊर्ध्वपातन होने से सतह पर किसी भी प्रकार का कोई अवशेष नहीं रहता है, इस को कारण इसे शुष्क बर्फ कहते है।

प्रश्न 126.
रेडियोएक्टिव पदार्थों को लेड के बक्सों में क्यों रखा जाता है ?
उत्तर:
क्योंकि रेडियोएक्टिब पदार्थों से निकलने वाली रेडियोएक्टिव किरणों में लेड धातु को पार करने की क्षमता बहुत कम होती है। इस कारण रेडियोएक्टिव पदायों को लेड वॉक्स में रखते हैं।

प्रश्न 127.
डायमण्ड विद्युत का चालक नहीं होता है, क्यों ?
उत्तर:
डायमण्ड विद्युत का कुचालक है, क्योंकि इसमें प्रत्येक कार्बन परमाणु के चारों संयोजी इलेक्ट्रॉन चार एकल सह-संयोजक बन्ध बनाने में प्रयुक्त हो जाते हैं जिसके कारण डायमण्ड विद्युत् का कुचालक होता है।

प्रश्न 128.
CO2 ऑक्सीजन की उपस्थिति में क्यों नहीं जलती है ?
उत्तर:
CO2 में कार्बन की अधिकतम ऑक्सीकरण अवस्था होती है
अतः CO2 का पुनः ऑक्सीकरण होना सम्भव नहीं होता है। यही कारण है कि CO2 ऑक्सीजन की उपस्थिति में नहीं जलती है।

प्रश्न 129.
कार्बन मोनोऑक्साइड के अम्लीय होने को प्रदर्शित करने वाला एक समीकरण लिखें।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 6

प्रश्न 130.
समूह्न 14 के तत्वों के टेट्राहैलाइडों के स्थायित्व का घटता हुआ क्रम लिखें।
उत्तर:
CX4 > SiX4 > GeX4 > SnX4 > PbX4

प्रश्न 131.
निम्न अभिक्रियाओं को पूर्ण करें-
(i) Pb + 4HNO3
(ii) SiCl4 + 4H2O→
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 7

प्रश्न 132.
समूह-14 में सबसे अधिक अम्लीय डाइऑक्साइड कौन बनाता है ?
उत्तर:
कार्बन सबसे अधिक अम्लीय डाइऑक्साइड बनाता है।

प्रश्न 133.
समूह-14 में वह कौन-सा तत्व है जो कि सामान्यता +2 ऑक्सीकरण अवस्था में प्राप्त होता है ?
उत्तर:
समूह-14 में लैड (Pb) सामान्यतः + 2 ऑक्सीकरण अवस्था में पांया जाता है।

प्रश्न 134.
समूह-14 में कौन से तत्व अर्द्ध-चालकों के रूप में प्रयुक्त होते हैं ?
उत्तर:
समूह- 14 में सिलिकन तथा जर्मेनियम अर्द्ध-चालकों के रूप में प्रयुक्त होते हैं।

प्रश्न 135.
क्या कारण है कि हीरे में सहसंयोजन होने के उपरान्त भी गलनांक काफी उच्च होता है ?
उत्तर:
हीरे के अणु में C-C परमाणु के मध्य त्रिविम संरचना होती है। इस चतुष्फलक जालक को तोड़ना काफी कठिन होता है। अत: हीरे का गलनांक काफी उच्च होता है। यद्यपि इसमें सहसंयोजक बन्ध पाया जाता है।

प्रश्न 136.
सिलिकॉन्स की प्रकृति कैसी होती है ?
उत्तर:
सिलिकॉन्स जलरोधी एवं जल-अपकर्षक प्रकृति के होते हैं।

प्रश्न 137.
पृथ्वी अथवा मृदा की ऊपरी परत किस रासायनिक पदार्थ से बनी होती है ?
उत्तर:
पृथ्वी अथवा मृदा की ऊपरी परत सिलिकेट्स की बनी होती है।

प्रश्न 138.
अन्नराकाशी काब्बांइक के उदाइरण दें। क्यादरण है।
उत्तर:
Cr3C2, Fe3C, Mn3C, WC आदि अन्तराकाशी कार्बाइड के उदाहरण हैं।

प्रश्न 139.
सहुसंयोजक कार्बाइड के उदलण दें।
उत्तर:
B4C3 तथा SiC सहसंवोनक काबादह के ददाहय है।

प्रश्न 140.
आयनिक कार्बाइड के उदाइरण बें।
उत्तर:
Li2C3, CaC2 तथा Al4C3 अदि अरणनिक्ष का बाइड के उदाइरण है।

प्रश्न 141.
सिलिकन कार्बांइड (SiC) का मुख्य उप्पयोग क्या है ?
उत्तर:
सितिकन कबोद्ड का मुख्य उन्योग काँच को काटने में तथा अम्स-भार को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 142.
बोरॉन कार्जाइड का उबयोग दें।
उत्तर:
बौरौन कार्बांश्ड को प्रकृजी कठोर सेने के दारण बह Drilling में तथा उन्तु बनामे में प्रयुक किवा जाता है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व

प्रश्न 143.
पढ्रो सिलिकेट में कौन-सा क्रणायन मिलनता है ?
उत्तर:
\(\mathrm{Si}_2 \mathrm{O}_7^{6-}\)

प्रश्न 144.
कार्बों रण्डम (carborandum) किसे कहते है?
उत्तर:
SiC (सिलिकन कार्बाइड) को कार्बोरण्डम कहते हैं।

प्रश्न 145.
क्या होता है जब CO को ZnO के साघ गार्म करते हैं ?
उत्तर:
CO एक प्रबत अपवायक है। यह ZnO को लिक (Zn) में अपवावित कर देत्ता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 8

प्रश्न 146.
त्रिबिम मिलिकेट के उद्वाहरण दें।
उत्तर:
क्वारंब तथा रिश्रोलाएट शिविम सिलिकेट के उदाशरण है।

प्रश्न 147.
शिद सिलिकेट के उदाहरण दें। ज्वाहरण है।
उत्तर:
टैल्क, केओलीन तथा मस्क्कोलाइट आदि शिट सिलिकेट के उदाहरण हैं।

प्रश्न 148.
चक्रीय सिलिकेट के उदाहरण दें।
उत्तर:
बेनीटोआइट तथा बोरेल चक्रीय सिलिकेट के उदाहरण हैं।

प्रश्न 149.
श्रृंखला सिलिकेट के उदाहरण दें।
उत्तर:
स्पॉड्यूमीन तथा एन्स्टेटाइट शृंखला सिलिकेट के उदाहरण हैं।

प्रश्न 150.
पायरो सिलिके के उदाइरण दें।
उत्तर:
थौट्टीवीटाइट तथा हेगीमोरफाइर पाबरो सिलिकेट के उदाहरण है।

प्रश्न 151.
औधॉंतिलिकेट के उदाहरण वें ।
उत्नर:
फिनेसदट तथा जिरकॉन और्था सिलिकेट के द्वासण है।

प्रश्न 152.
सिलिका में Si ऑक्सीजन के साथ π-बन्ध क्यों नहीं बना पाता ?
उत्तर:
Si का आकार ऑक्सीजन से बड़ा होता है जिसके कारण यह ऑक्सीजन के साथ π-बन्ध नहीं बना पाता है।

प्रश्न 153.
ऊष्मा भट्टियों में किन इंटों का प्रयोग किया जाता है ?
उत्तर:
ऊष्मा भद्टियों में सिलिका हटं का प्रयोग करते हैं।

प्रश्न 154.
क्या होता है जब HCOOH को सान्द्र H2SO4 के साथ 373 K पर गर्म करते हैं ?
उत्तर:”
HCOOH को सान्द्र H2SO4 के साथ 373 K पर गर्म करने पर CO प्राप्त होती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 9

प्रश्न 155.
CO की क्रिया निम्न के साथ प्रदर्शित करें –
(i) ZnO
(ii) Fe2O3
(iii) Ni
(iv) Cl2
उत्तर:
(i) CO की क्रिया ZnO के साथ कराने पर Zn प्राप्त होती है।
\(\mathrm{CO}+\mathrm{ZnO} \longrightarrow \mathrm{Zn}+\mathrm{CO}_2\)

(ii) CO की क्रिया Fe2O3 से कराने पर आयरन व कार्बन डाईंक्साइड बनता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 10

(iii) CO की क्रिया Ni से कराने पर कार्बोनिल प्राप्त होता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 11

(iv) CO की क्रिया Cl2 से कराने पर एक विर्घली गैस फॉस्जीन प्राप्त होती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 12

प्रश्न 156.
प्रकाश संश्लेषण पर टिप्पणी लिखें ।
उत्तर:
प्रकाश एवं क्लोरोफिल (पर्णरहित) की उपस्थिति में पौधे कार्बन डाइऑक्साइड गैस ग्रहण करते हैं तथा ऑक्सीजन निकालते हैं। इस अभिक्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहते हैं।
\(6 \mathrm{CO}_2+6 \mathrm{H}_2 \mathrm{O} \longrightarrow \mathrm{C}_6 \mathrm{H}_{12} \mathrm{O}_6+6 \mathrm{O}_2\)

प्रश्न 157.
रात्रि में बड़े वृक्षों के नीचे नहीं सोना चाहिए। क्यों ?
उत्तर:
रात्रि में पेड्ट व पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया नहीं करने रात्रि में ये श्वसन की क्रिया करते हैं, जिससे CO2 गैस निकलती है। अतः रात्रि में वृक्ष्र के नीचे नहीं सोना चाहिए।

प्रश्न 158.
C60 की क्रिया पोटैशियम से कराने पर क्या प्राप्त होता है ?
उत्तर:
C60 की क्रिया पोटैशियम के साथ कराने पर K3C60 प्राप्त होता है।

प्रश्न 159.
कार्बन की परमाणवीय त्रिज्या का मान क्या होता है ?
उत्तर:
कार्बन की परमाण्वीय त्रिज्या 77 Å होती है।

प्रश्न 160.
वर्ग-14 के तत्व बताएँ।
उत्तर:
C, Si, Ge, Sn, Pb.

प्रश्न 161.
निम्न के सूत्र लिखें-
(i) केसिटेराइट,
(ii) गैलेना।
उत्तर:
(i) केसिटेराइट- SnO2
(ii) गैलेना-PbS.

प्रश्न 162.
वर्ग-14 के तत्वों को क्वथनांक के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करें।
उत्तर:
Pb < Sn < Ge < Si < C

प्रश्न 163.
स्थायी रूप से अतिशीतित (super cooled) द्रव क्या कहलाता है ?
उत्तर:
स्थायी रूप से अतिशीतित (super cooled) द्रव को अक्रिस्टलीय ठोस (amorphous solid) कहते हैं।

प्रश्न 164.
क्या होता है जब लेड सल्फाइड को वायु में गर्म किया जाता है ?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 13

प्रश्न 165.
हानिकारक U.V. rays को सोखने वाले काँच का नाम बताओ।
उत्तर:
क्रुक्स काँच (Crookes glass)।

प्रश्न 166.
सफेदा का सूत्र लिखें।
उत्तर:
2PbCO3.Pb(OH)2

प्रश्न 167.
CO2 एक अम्लीय एनहाइड्राइड है जबकि PbO2 एक क्षारीय एनहाइड्राइड है। स्पष्ट करें।
उत्तर:
C एक अधातु है, अतः इसका ऑक्साइड (CO2) अम्लीय है जबकि Pb एक धातु है अतः इसका ऑक्साइड (PbO2) क्षारीय है।

लघु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
बोरिक अम्ल, B(OH)3 में तीन OH समूह होते हैं परन्तु फिर भी यह दुर्बल क्षारकीय अम्ल होता है। समझाइए।
उत्तर:
बोरिक अम्ल में बोरॉन परमाणु इलेक्ट्रॉन न्यून होता है तथा H2O अणु के परमाणु से इलेक्ट्रॉन युग्म ग्रहण कर लेता है। इसके परिणामस्वरूप एक उपसहसंयोजक बन्ध बनता है। अतः यह जलयोजित हो जाता है। जलयोजित अणु में ऑक्सीजन परमाणु जो इलेक्ट्रॉन अपूर्ण हो चुका है, OH बन्ध से इलेक्ट्रॉन युग्म को खींचता है जिससे प्रोटॉन निकल जाता है। अतः यह अम्ल एक क्षारकीय अम्ल (monobasic acid) की भाँति कार्य करता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 15

प्रश्न 2.
BX3 में B-X बन्ध लम्बाई अपेक्षा से कम मानी जाती है, क्यों ?
उत्तर:
pπ-pπ पश्च बन्धन के कारण BX3 में B-X बन्ध आंशिक द्विबन्ध गुण धारण कर लेता है। इसके परिणामस्वरूप B-X बन्ध लम्बाई, अपेक्षित एकल संयोजक B-X बन्ध लम्बाई से कम हो जाती है।

प्रश्न 3.
सुहागा-मनका परीक्षण क्या है ? समीकरण सहित समझाइए।
उत्तर:
सुहागा-मनका परीक्षण (Borax-Bead Test)
यह परीक्षण उन बेसिक मूलकों के परीक्षण में काम आता है जिनके लवण रंगीन होते हैं या जो सुहागा के साथ गर्म किए जाने पर रंगीन पदार्थ बनाते हैं। सबसे पहले प्लैटिनम के तार के छल्ले (ring) पर बोरेक्स का चूर्ण लेकर ज्वाला में खूब गर्म किया जाता है। शुरू में यह फूलता है तथा बाद में काँच के समान गोली बन जाती है।
\(\mathrm{Na}_2 \mathrm{~B}_4 \mathrm{O}_7 \cdot 10 \mathrm{H}_2 \mathrm{O} \longrightarrow \mathrm{Na}_2 \mathrm{~B}_4 \mathrm{O}_7+10 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}\) सोडियम टेट्राबोरेट
\(\mathrm{Na}_2 \mathrm{~B}_4 \mathrm{O}_7 \longrightarrow 2 \mathrm{NaBO}_2+\mathrm{B}_2 \mathrm{O}_3\) काँच के समान गोली

अब मनके पर थोड़ा-सा दिया हुआ पदार्थ रखकर ज्वाला पर रखते हैं। इस काँच के समान गोली का एक विशिष्ट रंग आता है जिसके आधार पर इसके मूलकों का ज्ञान होता है; जैसे-कॉपर के साथ एक नीला मनका बनता है।
\(\mathrm{CuSO}_4 \longrightarrow \mathrm{CuO}+\mathrm{SO}_4 \uparrow\)
\(\mathrm{CuO}+\mathrm{B}_2 \mathrm{O}_3 \longrightarrow \mathrm{Cu}\left(\mathrm{BO}_2\right)_2\)
\(\mathrm{CuSO}_4+\mathrm{B}_2 \mathrm{O}_3 \longrightarrow \mathrm{Cu}\left(\mathrm{BO}_2\right)_2+\mathrm{SO}_3 \uparrow\)
कॉपर मेटाबोरेट (नीला रंग)

इसी प्रकार कुछ अन्य बेसिक मूलकों में उत्पन्न रंगों को नीचे दिया गया है-
Co2+ (गहरा नीला), Ni2+ (भूरा), Mn2+ (बैंगनी), Cr3+ ( हरा) तथा Fe3+ (पीला)। इस प्रकार केवल मनके का रंग देखकर ही मिश्रण में विद्यमान कुछ बेसिक मूलकों का पता लगाया जा सकता है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व

प्रश्न 4.
बोरिक अम्ल से प्रारम्भ करके निम्नलिखित यौगिकों को कैसे प्राप्त करोगे ?
(i) बोरॉन ऐनहाइड्राइड
(ii) बोरॉन ट्राइक्लोराइड
(iii) बोरॉन हाइड्राइड
(iv) बोरॉन ट्राइफ्लुओराइड।
उत्तर:
(i) बोरिक अम्ल से बोरॉन ऐनहाइड्राइड में परिवर्तनबोरिक अम्ल को रक्त तप्त करने पर बोरॉन ऐनहाइड्राइड प्राप्त होता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 16

(ii) बोरिक अम्ल से बोरॉन ट्राइक्लोराइड में परिवर्तन-उपर्युक्त विधि से सबसे पहले बोरॉन ऐनहाइड्राइड को प्राप्त कर लिया जाता है। बोरॉन ऐनहाइड्राइड को कार्बन के साथ मिलाकर रक्त तप्त करके, क्लोरीन गैस प्रवाहित की जाती है तो बोरॉन ट्राइक्लोराइड प्राप्त हो जाता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 17

(iii) बोरिक अम्ल से बोरॉन ऐनहाइड्राइड में परिवर्तन-उपर्युक्त विधि से प्राप्त बोरॉन ऐनहाइड्राइड को मैग्नीशियम चूर्ण के साथ गर्म करके मैग्नीशियम बोराइड प्राप्त कर लिया जाता है। मैग्नीशियम बोराइड तनु HCl से प्रक्रिया करके वाष्पशील हाइड्राइडों का मिश्रण देता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 18

(iv) बोरिक अम्ल से बोरॉन ट्राइफ्लुओराइड में परिवर्तन-जब बोरिक अम्ल को सान्द्र H2SO4 और CaF2 के साथ गर्म किया जाता है तो बोरॉन ट्राइफ्लओओराइड की वाष्प प्राप्त हो जाती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 19

प्रश्न 5.
बोरेक्स से बोरॉन प्राप्त करने की विधि को समझाइए। उत्तर-बोरेक्स को सान्द्र HCl के साथ अभिक्रिया कराने पर बोरिक अम्ल प्राप्त होता है जो तेज गर्म करने पर बोरिक एनहाइड्राइड देता है।
\(\mathrm{Na}_2 \mathrm{~B}_4 \mathrm{O}_7+2 \mathrm{HCl} \longrightarrow 2 \mathrm{NaCl}+\mathrm{H}_2 \mathrm{~B}_4 \mathrm{O}_7\)
\(\mathrm{H}_2 \mathrm{~B}_4 \mathrm{O}_7+5 \mathrm{H}_2 \mathrm{O} \longrightarrow 4 \mathrm{H}_3 \mathrm{BO}_3\) बोरिक अम्ल
\(4 \mathrm{H}_3 \mathrm{BO}_3 \longrightarrow \mathrm{B}_2 \mathrm{O}_3+3 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)

बोरिक एनहाइड्राइड को पोटैशियम के साथ गर्म करने पर बोरॉन प्राप्त होता है।
\(\mathrm{B}_2 \mathrm{O}_3+6 \mathrm{~K} \longrightarrow 2 \mathrm{~B}+3 \mathrm{~K}_2 \mathrm{O}\)

प्रश्न 6.
बोरिक अम्ल कैसे बनाया जाता है ? इसका एक रासायनिक गुण तथा प्रमुख उपयोग लिखिए।
उत्तर:
बनाने की विधि-कोलेमेनाइट को उबलते हुए जल में डालकर SO2 गैस प्रवाहित करने पर बोरिक अम्ल प्राप्त होता है।
\(\mathrm{Ca}_2 \mathrm{~B}_6 \mathrm{O}_{11}+2 \mathrm{SO}_2+9 \mathrm{H}_2 \mathrm{O} \longrightarrow 6 \mathrm{H}_3 \mathrm{BO}_3+6 \mathrm{CaSO}_3\)
गर्म करने पर बोरिक अम्ल अपघटित होकर बोरिक एनहाइड्राइड देता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 20
बोरिक अम्ल का उपयोग इनैमल और पोटरी को चमकयुक्त बनाने में किया जाता है।

प्रश्न 7.
BCl3 एकलक के रूप में पाया जाता है जबकि BH3 द्विलक अर्थात् B2H6 बनाता है। क्यों ?
उत्तर:
BCl3 में पश्च आबन्ध (Back bonding) पायी जाती है अर्थात् एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म Cl के द्वारा B को दिया जाता है। जिस कारण बोरॉन की इलेक्ट्रॉन न्यूनता कम हो जाती है। जबकि BH3 में पश्च आबन्ध (Back bonding) नहीं पायी जाती है लेकिन यहाँ दो सेतुबन्ध (B-H-B) पाये जाते हैं। इसलिए यह द्विलक के रूप में पाया जाता है।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित को रासायनिक समीकरणों द्वारा सिद्ध करें-
(i) Sn (II) एक अपचायक है जबकि pb (II) नहीं। क्यों ?
(ii) Ga (I) असमानुपातन अभिक्रियायें प्रदर्शित करता है, क्यों ?
उत्तर:
(i) Sn (II) एक अपचायक है जबकि Pb (II) नहीं क्योंकि Pb2+, Pb4+ से ज्यादा स्थायी होता है। ऐसा अक्रिय युग्म प्रभाव के कारण होता है तथा Sn4+, Sn2+ से ज्यादा स्थायी होता है अत: Sn2+ एक अपचायक का कार्य करता है।
\(\mathrm{Sn}^{2+}+\mathrm{Pb}^{4+} \longrightarrow \mathrm{Sn}^{4+}+\mathrm{Pb}^{2+}\)
या \(\mathrm{SnCl}_2+\mathrm{PbCl}_4 \longrightarrow \mathrm{SnCl}_4+\mathrm{PbCl}_2\)

(ii) क्योंकि Ga+1 से ज्यादा स्थायी Ga3+ होता है।
\(3 \mathrm{Ga}^{+} \longrightarrow 2 \mathrm{Ga}+\mathrm{Ga}^{3+}\)

प्रश्न 9.
निम्न को +3 ऑक्सीकरण अवस्था के स्थायित्व के आधार पर बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करें ?
BCl3, AlCl3, GaCl3, InCl3, TICl3
उत्तर:
TlCl3 < InCl3 < GaCl3 < AlCl3 < BCl3 ( अक्रिय युग्म प्रभाव के कारण यह क्रम पाया जाता है।)

प्रश्न 10.
निम्न को पूर्ण करें।
(i) NaBH4 + I2
उत्तर:
2NaBH4 + I2→ 2Nal + B2H6 + H2 डाइ-बोरॉन

(ii) B2H6 + NaH→
उत्तर:
B2H6 + 2NaH→ 2Na BH4 सोडियम बोरो-हाइड्राइड

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 21

(iv) B2H6 + H2O→
उत्तर:
B2H6 + 6H2O→ 2B(OH)3 + 6H2 बोरिक अम्ल

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 22

(vi) Al + NaOH→
उत्तर:
Al + 3NaOH →Al(OH)3 + 3Na एल्युमीनियम हाइड्रॉक्साइड

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 23

प्रश्न 11.
BF3 की जल से अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 24

प्रश्न 12.
B2H6 की HCl से अभिक्रिया लिखें ।
उत्तर:
B2H6 + HCl → B2H5Cl + H2 क्लोरो डाइ-बोरॉन

प्रश्न 13.
कोबाल्ट (II) ऑक्साइड के बोरेक्स बीड परीक्षण की रासायनिक अभिक्रियाएँ लिखिए।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 25

प्रश्न 14.
क्या होगा जब एल्यूमिनियम नाइट्राइड गर्म जल से क्रिया करता है।
उत्तर:
अमोनिया गैस प्राप्त होती है।
\(\mathrm{AlN}+3 \mathrm{H}_2 \mathrm{O} \longrightarrow \mathrm{Al}(\mathrm{OH})_3+\mathrm{NH}_3\) वाष्प अमोनिया

प्रश्न 15.
कार्बन के गुणों को समझाइए।
उत्तर:
(1) कार्बन की परमाणु त्रिज्या 0.77 Å है।
(2) कार्बन की विद्युत-ऋणात्मकता 2.5 है।
(3) कार्बन अधातु तत्व है। इसकी प्रथम आयनन ऊर्जा 1086 किलो जूल प्रति मोल है।
(4) कार्बन का गलनांक 3727°C (4000 K) है। इसका क्वथनांक 5100 K है।
(5) कार्बन परमाणुओं में शृंखलित होने का गुण बहुत अधिक है, अतः ये परस्पर जुड़कर एकल (Single), द्विक् (Double) तथा त्रिक (Triple) बंध बना लेते हैं। कार्बन, नाइट्रोजन, सल्फर व ऑक्सीजन के साथ एक से अधिक बंध बनाता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 26

प्रश्न 16.
कार्बाइड किसे कहते हैं ? कार्बाइड कितने प्रकार के होते हैं ? उदाहरण सहित समझाइए। कार्बाइड के प्रमुख उपयोग लिखिए।
उत्तर:
कार्बाइड-कार्बन अपने से कम विद्युत-ऋणता वाले तत्वों से अभिक्रिया करके द्विअंगी यौगिक बनाता है। ये यौगिक कार्बाइड कहलाते हैं। जैसे-केल्सियम कार्बाइड (CaC2), सिलिकन-कार्बाइड (SiC), लीधियम कार्बाइड (Li2C2), एल्युमिनियम कार्बाइड (Al4C3) ।

कार्बाइडों के प्रकार-कार्बाइड चार प्रकार के होते हैं-
(i) आयनिक कार्बाइड-प्रथम, द्वितीय तथा तेरहवें वर्ग में (बोरॉन को छोड़कर) अन्य तत्वों के साथ कार्बन संयुक्त होकर आयनिक कार्बाइड बनाता है। उदाहरणार्थ- Li2C2, CaC2, Al4C3 आदि।

(ii) सहसंयोजी कार्बाइड-सिलिकन-कार्बाइड (SiC) तथा बोरॉन कार्बाइड (B4C3) सहसंयोजी कार्बाइड हैं। जैसे-टंगस्टन कार्बाइड (WC तथा W2C) ।

(iii) धात्विक कार्बाइड-चतुर्थ, पंचम, षष्ठम वर्ग की धातुओं के कार्बाइड धात्विक कार्बाइड कहलाते हैं। इनमें सहसंयोजी बंध होता है।

(iv) अन्तराली कार्बाइड- Fe3C, Cr3C, Mn3C आदि कार्बाइड अन्तराली कार्बाइड कहलाते हैं। इन धातुओं के जालकों में रिक्त स्थानों में कार्बन प्रवेश कर लेता है। इसीलिए ये अन्तराली कार्बाइड कहलाते है।

कार्बाइडों के उपयोग-

  • कैल्सियम कार्बाइड का उपयोग ऐसीटिलीन बनाने के लिए होता है।
  • सिलिकन कार्बाइड को कोरण्डम कहते हैं। इसकी कठोरता के कारण इसका उपयोग पीसने के पत्थर तथा धातुओं में धार बनाने के लिए होता है।
  • बोरॉन कार्बाइड का उपयोग हीरे को काटने, तरासने, रॉकेट में छेद बनाने, इलेक्ट्रॉन बनाने तथा लैम्प फिलामेण्ट बनाने में होता है।
  • ऐल्युमिनियम कार्बाइड से मेथेन प्राप्त की जाती है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व

प्रश्न 17.
CO2 तथा SiO2 की संरचना में अन्तर बताइये।
उत्तर:

CO2 SiO2
1. यह एक रेखीय यौगिक है तथा एकलक के रूप में पाया जाता है। यह एक गैस है। 1 . SiO2 कक्ष ताप पर ठोस अवस्था में पाया जाता है क्योंकि इसकी संरचना त्रिविमीय होती है जिसमें Si परमापु चार ऑक्सीजन परमाणु के साथ चतुष्फलकीय सह-संयोजक बंध बनाते हैं।
2. CO2 में कार्बन sp संकरण प्रदर्शित करता है। 2. SiO2 में Si का संकरण sp3 होता है।

प्रश्न 18.
निम्न में से कौन अम्लीय ऑक्साइड है और क्यों ?
SiO2, Al2O3, PbO2, SnO2
उत्तर:
SiO2 अम्लीय ऑक्साइड है क्योंकि Si एक अधातु है।

प्रश्न 19.
निम्न को उनके क्वथनांकों के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करें-
उत्तर:
CH4 < SiH4 < GeH4 < SnH4 समूह में नीचे जाने पर पृष्ठीय क्षेत्रफल (Surface area) बढ़ने के कारण वाण्डरवाल बल का आकर्षण बल बढ़ जाता है जिसके कारण क्वथनांक भी बढ़ जाता है।

प्रश्न 20.
कार्बन एलुमीनियम ऑक्साइड का अपचयन नहीं कर सकता, क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि Al एक प्रबल अपचायक है। इसकी अपचायक प्रकृति कार्बन से अधिक होती है।

प्रश्न 21.
निम्न के लिए रासायनिक समीकरण लिखें-
(अ) CO2 बनाने की विधि।
(ब) Na2CO3 का क्षारीय गुण।
(स) एसीटिलीन बनाने की विधि।
उत्तर:
(अ) CaCO3 + 2HCl → CaCl2 + CO2 + H2O
(ब) Na2CO3 + 2H2O → 2 NaOH + H2CO3
(स) CaC2 + 2H2O → Ca(OH)2 + C2H2

प्रश्न 22.
क्या होता है जब-
(अ) CaO की क्रिया कोक के साथ करायी जाती है।
(ब) CO की क्रिया Cl2 के साथ होती है।
(स) पौधे CO2 का अवशोषण करते हैं।
उत्तर:
(अ) CaO + 3C → CaC2 + CO कैल्सियम कार्बाइड
(ब) CO + Cl2 → COCl2 (फॉस्जीन)
(स) 6CO2 + 6H2O→C6H12O6 + 6O2 ग्लकोज

प्रश्न 23.
सिलिकॉन कार्बाइड कैसे प्राप्त किया जाता है। इसके गुण समझाइये।
उत्तर:
सिलिकान कार्बाइड, SiC-सिलिकॉन कार्बाइड को सिलिका का कार्बन के द्वारा 2273 K पर विद्युत भट्टी में अपचयन करने पर प्राप्त किया जा सकता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 27
गर्म सिलिकॉन पर C2H2 की क्रिया द्वारा भी इसे प्राप्त किया जा सकता है।
\(2 \mathrm{Si}+\mathrm{C}_2 \mathrm{H}_2 \longrightarrow 2 \mathrm{SiC}+\mathrm{H}_2 \uparrow\)
SiC के गुण-
(i) शुद्ध अवस्था में SiC रंगहीन होता है परन्तु व्यावसायिक रूप से काम में आने वाले SiC में अशुद्धियों के कारण पीला, हरा या नीला रंग आ जाता है।
(ii) यह लगभग हीरे जितना कठोर होता है। 2473 K तक इसका विघटन नहीं होता।
(iii) सामान्य अवस्था में प्रबल अम्लों एवं क्षारों से भी यह क्रिया नहीं करता। गलित NaOH के साथ ऑक्सीजन की उपस्थिति में इसका विघटन होता है।
\(\mathrm{SiC}+4 \mathrm{NaOH}+2 \mathrm{O}_2 \longrightarrow \mathrm{Na}_2 \mathrm{CO}_3+\mathrm{Na}_2 \mathrm{SiO}_3+2 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)

प्रश्न 24.
सिलिकेटों पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
ऐसे यौगिक जो कि सिलिकॉन व ऑक्सीजन के मध्य बन्ध बनने के कारण बनते हैं तथा जिसमें \(\mathrm{SiO}_4^{4-}\) संरचनात्मक इकाई होती है। सिलिकेट (silicates) कहलाते हैं। भू-पर्पटी का एक बहुत बड़ा भाग सिलिकेट खनिजों का बना होता है उदाहरण-क्वार्ट्ज, ऐस्बेस्टॉस, फेल्सपार, जिओलाइट आदि।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 11 p-ब्लॉक तत्त्व Img 28

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन : कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें

Haryana State Board HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन : कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन : कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें

बहुविकल्पीय प्रश्न:

1. प्रयोगशाला में प्रथम कार्बनिक यौगिक का निर्माण करने वाले वैज्ञानिक हैं-
(1) कैकुले
(2) व्होलर
(3) लैवाशिए
(4) लीबिंग
उत्तर:
(2) व्होलर

2. सर्वप्रथम किस कार्बनिक यौगिक का संश्लेषण प्रयोगशाला में हुआ था-
(1) यूरिया
(2) एथेनॉल
(3) मेथेन
(4) एसीटिक एसिड
उत्तर:
(1) यूरिया

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन : कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें

3. रासायनिक पदार्थों का सर्वप्रथम वर्गीकरण किसने किया-
(1) निकालेस लीमरी
(2) बर्जीलियस
(3) क्होलर
(4) फैराडे
उत्तर:
(1) निकालेस लीमरी

4. कार्बनिक यौगिकों में यह तत्त्व उपस्थित होना चाहिए-
(1) ऑक्सीजन
(2) कार्बन
(3) नाइट्रोजन
(4) हाइड्रोजन
उत्तर:
(2) कार्बन

5. कार्बनिक यौगिकों के सम्बन्ध में कौन-सा कथन असत्य है-
(1) सभी कार्बनिक यौगिक प्राकृति में पाये जाते हैं।
(2) कार्बनिक यौगिक सहसंयोजी होते हैं।
(3) C—C बंध अन्य तत्त्वों के परमाणुओं के मध्य बने एकल बन्धों से प्रबल होता है।
(4) कार्बन में शृंखलन का गुण सबसे अधिक होता है।
उत्तर:
(1) सभी कार्बनिक यौगिक प्राकृति में पाये जाते हैं।

6. 2-मेथिल-2-ब्यूटीन को व्यक्त किया जाता है-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 1
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 2

7. निम्नलिखित यौगिक का सही I.U.P.A.C नाम चुनिए।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 3
(1) ब्यूटेन-2-ऐल्डिहाइड
(2) 3-मेथिल ब्यूटेनेल
(3) 2-मेथिल आइसो ब्यूटायरल्डिहाइड
(4) 2-मेथिल ब्यूटैनैल।
उत्तर:
(4) 2-मेथिल ब्यूटैनैल।

8. CH3OC2H5 ईथर का I.U.P.A.C नाम है-
(1) ऐथॉक्सी मेथेन
(2) मेथॉक्सी ऐथेन
(3) मेथिल ऐथिल ईथर
(4) ऐथिल मेथिल ईथर
उत्तर:
(2) मेथॉक्सी ऐथेन

9. (CH3)2CHCH2OH का I.U.P.A.C नाम है-
(1) द्वितीयक ब्यूटिल ऐल्कोहॉल
(2) प्राथमिक ब्यूटिल ऐल्कोहॉल
(3) 3-मेथिल ब्यूटेनॉल
(4) 3-मेथिल प्रोपेन-1-ऑल
उत्तर:
(4) 3-मेथिल प्रोपेन-1-ऑल

10. यौगिक HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 4 का I.U.P.A.C नाम है-
(1) 1, 1-डाई मेथिल-3-साइक्लोहैक्सेनॉल
(2) 1, 1 -डाई मेथिल-3-हाइड्रॉक्सी हैक्सेन
(3) 3, 3-डाई मेथिल-1-साइक्लोहैक्सेनॉल
(4) 3, 3-डाई मेथिल-1-हाइड्रॉक्सी साइक्लो-हैक्सेनॉल
उत्तर:
(3) 3, 3-डाई मेथिल-1-साइक्लोहैक्सेनॉल

11. CH3—CH = CH—C ≡ CH का I.U.P.A.C नाम है-
(1) पेण्ट-2-ईन-4आइन
(2) पेण्ट-3-ईन-1आइन
(3) 3-आइन-4ईन-पेण्टेन
(4) पेण्ट-4-ईन-2आइन
उत्तर:
(2) पेण्ट-3-ईन-1आइन

12. CH3—C(CH3) (OH) CH2—CH(CH3)CH3 का I.U.P.A.C नाम है-
(1) 2, 4-डाइ मेथिल पेन्टेनॉल-2-ऑल
(2) 2, 4-डाइ मेथिल पेण्टेन-4-ऑल
(3) 2, 2-डाइ मेथिल
(4) ब्यूटेनॉल-2-ऑन।
उत्तर:
(1) 2, 4-डाइ मेथिल पेन्टेनॉल-2-ऑल

13. निम्नलिखित यौगिक का I.U.P.A.C नाम है-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 5
(1) 1, 2, 3-ट्राइ सायनोप्रोपेन
(2) 3-सायनोपेण्टेन-1, 5 डाइ नाइट्राइल
(3) 1, 2, 3-ट्राइ साइनोप्रोपेन
(4) प्रोपेन-1, 2, 3-ट्राइ कार्बोनाइट्राइल।
उत्तर:
(4) प्रोपेन-1, 2, 3-ट्राइ कार्बोनाइट्राइल।

14. (CH3)2.CH.CH2CH2Br का I.U.P.A.C नाम है-
(1) 1-ब्रोमो पेण्टेन
(2) 2-मेथिल-4-ब्रोमो पेण्टेन
(3) 1-ब्रोमो-3-मेथिल ब्यूटेन
(4) 2-मेथिल-3-ब्रोमो ब्यूटेन
उत्तर:
(3) 1-ब्रोमो-3-मेथिल ब्यूटेन

15. (CH3)3C—CH = CH2 का I.U.P.A.C नाम है-
(1) 3, 3,3-ट्राइमेथिल-1-प्रोपीन
(2) 1, 1, 1-ट्राइमेथिल-2-प्रोपीन
(3) 3, 3-डाइ-मेथिल-1-ब्यूटीन
(4) 2, 2-डाइ-मेथिल-3-ब्यूटीन
उत्तर:
(3) 3, 3-डाइ-मेथिल-1-ब्यूटीन

16. निम्न I.U.P.A.C नामों में कौन-सा सही है-
(1) 2-ऐथिल-3-मेथिल पेण्टेन
(2) 3-ऐथिल-2-मेथिल पेण्टेन
(3) 3-मेथिल-2-एथिल पेण्टेन
उत्तर:
(2) 3-ऐथिल-2-मेथिल पेण्टेन

17. यदि कार्बोनिल समूह की शेष दो संयोजकताएँ दो ऐल्किल समूहों द्वारा सन्तुष्ट होती हैं तो यौगिक है-
(1) ऐल्डिहाइड
(2) कीटोन
(3) अम्ल
(4) अम्ल ऐनहाइड्राइड
उत्तर:
(2) कीटोन

18. निम्न यौगिक का I.U.P.A.C नाम है-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 6
(1) 3, 3, 3-ट्राइमेथिल-1-प्रोपेन
(2) 1, 1, 1-ट्राइमेथिल-2-प्रोपेन
(3) 3, 3-डाईमेथिल-1-ब्यूटेन
(4) 2, 2-डाईमेथिल-3-ब्यूटेन
उत्तर:
(3) 3, 3-डाईमेथिल-1-ब्यूटेन

19. कार्बन के अधिकतम यौगिक होने के कारण हैं-
(1) बहु संयोजकता
(2) मृंखलन का गुण
(3) रासायनिक बन्धुता
(4) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(2) मृंखलन का गुण

20. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 7 का I.U.P.A.C नाम है-
(1) 2-ऐथिल-ब्यूटेनामाइड
(2) 2-मेथिल ब्यूटेनामाइड
(3) 1-ऐमीनो-2-मेथिल प्रोपेन
(4) 1-ऐमीनो-3-मेथिल प्रोपेन
उत्तर:
(2) 2-मेथिल ब्यूटेनामाइड

21. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 8 का I.U.P.A.C नाम है-
(1) एसीटल
(2) मेथेनैल
(3) एथेनैल
(4) ऐसिटल्डिहाइड
उत्तर:
(3) एथेनैल

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन : कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें

22. यौगिक CH2 = CHCH2Cl का I.U.P.A.C नाम क्या है?
(1) एलिल क्लोराइड
(2) 1-क्लोरो प्रोप-3-ईन
(3) 3-क्लोरो प्रोपाइलीन
(4) 3-क्लोरो-1-प्रोपीन
उत्तर:
(4) 3-क्लोरो-1-प्रोपीन

23. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 9
(1) 2-हाइड्रॉक्सी-1, 3, 6-ट्राई ब्रोमोबेंजीन
(2) 1 -हाइड्रॉक्सी-2, 4, 6-ट्राई ब्रोमोबेंजीन
(3) 2, 4, 6-ट्राई ब्रोमोफीनॉल
(4) ट्राई ब्रोमोफीनॉल
उत्तर:
(3) 2, 4, 6-ट्राई ब्रोमोफीनॉल

24. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 10 का I.U.P.A.C नाम है-
(1) 1-क्लोरो-2-ऐथिल प्रोपेनॉन
(2) 1-क्लोरो-3-मेथिल ब्यूटेनॉन
(3) 2-मेथिल ब्यूटेनॉयल क्लोराइड
(4) 2, 3-डाइ मेथिल-प्रोपेनॉयल क्लोराइड
उत्तर:
(3) 2-मेथिल ब्यूटेनॉयल क्लोराइड

25. निम्नलिखित संरचना वाले यौगिक का I.U.P.A.C नाम है-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 11
(1) 3-ऐमीनो-2-हाइड्रॉक्सी प्रोपियोनिक अम्ल
(2) 2-ऐमीनो-प्रोपेन-3-ऑल-1-ओइक अम्ल
(3) ऐमीनो हाइड्रॉक्सी प्रोपेनॉइक अम्ल
(4) 2-ऐमीनो-3-हाइड्रॉक्सी प्रोपेनॉइक अम्ल।
उत्तर:
(4) 2-ऐमीनो-3-हाइड्रॉक्सी प्रोपेनॉइक अम्ल।

26. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 12 का I.U.P.A.C का नाम है-
(1) 4-मेथिल-1-पेण्टेन डाइऑल
(2) 2-मेथिल-2, 3-पेण्टेन डाइऑल
(3) 2-मेथिल-1, 2-हैक्सेन डाइऑल
(4) आइसो-हैक्सेन-ग्लाइकॉल
उत्तर:
(2) 2-मेथिल-2, 3-पेण्टेन डाइऑल

27. C2H2—O—C2H5 तथा CH3—O—C3H7 प्रदर्शित करते हैं-
(1) चलावयवता
(2) मध्यावयवता
(3) शृंखला समावयवता
(4) प्रकाशिक समावयवता ।
उत्तर:
(2) मध्यावयवता

28. ऐल्केन प्रदर्शित करते हैं-
(1) मेसोमेरिज्म
(2) शृंखला समावयवता
(3) ज्यामितीय समावयवता
(4) स्थित समावयवता ।
उत्तर:
(2) शृंखला समावयवता

29. सूत्र C4H14N से कितने प्राथमिक ऐमीन संभव है-
(1) 1
(2) 2
(3) 3
(4) 4
उत्तर:
(4) 4

30. C6H14 के समावयवियों की संख्या है-
(1) 4
(2) 6
(3) 5
(2) 7
उत्तर:
(3) 5

31. मेथिल ब्यूटेन के मोनोक्लोरीनीकरण से प्राप्त हो सकने वाली सम्भावित प्रतिविम समावयवी युगलों की संख्या है—
(1) 2
(2) 3
(3) 4
(4) 1
उत्तर:
(1) 2

32. ब्यूटेन 2, 3-डाइ-ऑल के कितने प्रकाशीय सक्रिय त्रिविम समावयवी सम्भव है-
(1) 1
(2) 2
(3) 3
(4) 4
उत्तर:
(2) 2

33. यौगिक C2BrClFI के समावयवियों की कुल संख्या है-
(1) 3
(2) 4
(3) 5
(4) 6
उत्तर:
(4) 6

34. ऐसीटोन के ईनोल रूप में पाए जाते हैं-
(1) 9σ बंध, 1π बंध तथा 2 एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म
(2) 8σ बंध, 2π बंध तथा 2 एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म
(3) 10σ बंध, 1π बंध तथा 1 एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म
(4) 9σ बंध, 27 बंध तथा 1 एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म
उत्तर:
(1) 9σ बंध, 1π बंध तथा 2 एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म

35. क्रियात्मक समावयवी हैं—
(1) C2H5OH तथा CH3—O—CH3
(2) C2H5OH तथा CH3COOH
(3) CH3—O—CH3 तथा CH3CHO
(4) उपरोक्त सभी।
उत्तर:
(1) C2H5OH तथा CH3—O—CH3

36. डाइमेथिल ईथर और ऐथिल एल्कोहॉल है-
(1) श्रृंखला समावयवी
(2) स्थान समावयवी
(3) क्रियात्मक समावयवी
(4) मध्यावयवी ।
उत्तर:
(3) क्रियात्मक समावयवी

37. निम्नलिखित में से कौन सा युगल श्रृंखला समावयवता प्रदर्शित करता है-
(1) α- ब्यूटिलीन तथा β-ब्यूटिलीन
(2) β- ब्यूटिलीन तथा आइसो ब्यूटिलीन
(3) आइसो ब्यूटिलीन तथा साइक्लो ब्यूटेन
(4) साइक्लो ब्यूटेन तथा α- ब्यूटिलीन ।
उत्तर:
(2) β- ब्यूटिलीन तथा आइसो ब्यूटिलीन

38. निम्नलिखित में से कौन सा युगल स्थिति समावयवता का उदाहरण नहीं है ?
(1) n-पेण्टेन तथा आइसो पेण्टेन
( 2 ) n-प्रोपिल ऐल्कोहॉल तथा आइसो प्रोपिल ऐल्कोहॉल
(3) ऐथिलीन डाइ-क्लोराइड तथा ऐथिलिडीन डाइ-क्लोराइड
(4) o-क्लोरो टॉलुइन तथा p-क्लोरो टॉलुइन ।
उत्तर:
(1) n-पेण्टेन तथा आइसो पेण्टेन

39. निम्नलिखित में से कौन-से युगल के यौगिक शेष तीनों में भिन्न प्रकार की समावयवता दर्शाते हैं-
(1) मैथिल सायनाइड तथा मेथिल आइसो सायनाइड
(2) मैथिल नाइट्राइट तथा नाइट्रो मेथेन
(3) ऐथिल मेथेनोएट तथा मेथिल ऐथेनोएट
(4) 2- ब्यूटाइन तथा 1, 3- ब्यूटाडाइईन ।
उत्तर:
(3) ऐथिल मेथेनोएट तथा मेथिल ऐथेनोएट

40. निम्नलिखित में से कौन-से युगल के यौगिक स्थिति समावयवता और मध्यावयवता दोनों प्रदर्शित करते हैं ?
(1) डाइ – ऐथिलेमीन तथा आइसो प्रोपिल मेथिलेमीन
(2) प्रोपिल ऐथेनोएट तथा आइसो प्रोपिल ऐथेनोएट
(3) ऐथॉक्सी ऐथेन तथा 2-मेथॉक्सी प्रोपेन
(4) डाई – ऐथिल कीटोन तथा 2-मेथिल, n-प्रोपिल कीटोन |
उत्तर:
(4) डाई – ऐथिल कीटोन तथा 2-मेथिल, n-प्रोपिल कीटोन |

41. ऐथिल ऐथेनोएट का मध्यावयवी है—
(1) ऐथिल मेथेनोएट
(2) मैथिल प्रोपेनोएट
(3) मेथिल ब्यूटिरेट
(4) मेथिल ऐसीटेट |
उत्तर:
(2) मैथिल प्रोपेनोएट

42. डाइ-मेथिलेमीन और ऐथिलेमीन किस प्रकार के समावयवी हैं ?
(1) मध्यावयवी
(2) श्रृंखला
(3) स्थिति
(4) क्रियात्मक समूह |
उत्तर:
(4) क्रियात्मक समूह |

43. ऐलिल ऐल्कोहॉल तथा ऐसीटोन एक-दूसरे के कौन-से समावयवी हैं ?
(1) स्थिति
(2) क्रियात्मक समूह
(3) श्रृंखला
(4) मध्यावयवी ।
उत्तर:
(2) क्रियात्मक समूह

44. C4H8O2 से सम्भावित अम्ल प्रदर्शित कर सकते हैं-
(1) केवल श्रृंखला समावयवता
(2) केवल मध्यावयवता
(3) मध्यावयवता तथा श्रृंखला समावयवता
(4) केवल स्थिति समावयवता
उत्तर:
(1) केवल श्रृंखला समावयवता

45. C7H8O सूत्र वाले ऐरोमैटिक यौगिकों के समावयवियों की संख्या है
(1) 2
(2) 3
(3) 4
(4) 5
उत्तर:
(4) 5

46. C4H8O के कितने समावयवी होते हैं ?
(1) 3
(2) 4
(3) 5
(4) 6
उत्तर:
(2) 4

47. मध्यावयवता पायी जाती है-
(1) अम्ल में
(2) ऐल्कोहॉल में
(3) ईथर में
(4) ऐल्डिहाइड में।
उत्तर:
(2) ऐल्कोहॉल में

48. C6H14 के समावयवियों की संख्या है
(1) 4
(2) 5
(3) 6
(4) 7.
उत्तर:
(3) 6

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन : कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें

49. निम्न में समावयवी युग्म है
(1) मेथिल मेथेन और ऐथेन
(2) डाइमेथिल मेथेन और प्रोपेन
(3) आइसो पेण्टेन तथा 2 2 – डाइ ऐथिल प्रोपेन
(4) ऐथिल एल्कोहॉल और डाइऐथिल ईथर ।
उत्तर:
(2) डाइमेथिल मेथेन और प्रोपेन

50. C7H7Cl कितने समावयवी प्रदर्शित करता है?
(1) 2
(2) 3
(3) 4
(4) 5.
उत्तर:
(3) 4

51. निम्न में से कौन-सा जोड़ा त्रिविम समावयवता को प्रदर्शित करता है ?
(1) संरचनात्मक समावयवता तथा ज्यामिति समावयवता
(2) बन्ध समावयवता तथा ज्यामिति समावयवता
(3) श्रृंखला समावयवता तथा घूर्णन समावयवता
(4) प्रकाशिक समावयवता तथा ज्यामिति समावयवता ।
उत्तर:
(3) श्रृंखला समावयवता तथा घूर्णन समावयवता

52. कार्बोधनायन हैं-
(1) sp संकरित
(2) sp3 संकरित
(3) sp2 संकरित
(4) sp3d संकरित
उत्तर:
(3) sp2 संकरित

53. निम्नलिखित में से कौन स्थायी कार्बेनायन है ?
(1) C6H5CH2
(2) p—NO2.C6H4CH2
(3)p—CH3—O—C6H4CH2
(4) p—CH3C6CH2
उत्तर:
(2) p—NO2.C6H4CH2

54. कौन-सा सबसे अधिक नाभिक स्नेही है ?
(1) —OCOCH3
(2) —OCH3
(3) Cl
(4) —CH3
उत्तर:
(2) —OCH3

55. निम्नलिखित में से किस श्रेणी में केवल नाभिक स्नेही हैं ?
(1) NH3, H2O, AlCl3
(2) NH3, ROH, H2O
(3) H2O, H3O+, SO3
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(2) NH3, ROH, H2O

56. निम्नलिखित कार्बोनियम आयनों में सबसे अधिक स्थायी है-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 13
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 14

57. इनमें से सबसे अधिक स्थायी कार्बेनायन है-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 15
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 16

58. इलेक्ट्रॉन स्नेही अभिकर्मक है-
(1) कार्बेनियम आयन
(2) क्लोराइड आयन
(3) ऐल्कोहॉल
(4) फेरिक क्लोराइड ।
उत्तर:
(4) फेरिक क्लोराइड ।

59. कार्बेनायनों के स्थायित्व का क्रम है-
(1) मैथिल > ऐथिल > आइसोप्रोपिल > टर्शियरी ब्यूटिल
(2) टर्शियरी ब्यूटिल > आइसो प्रोपिल > ऐथिल > मैथिल
(3) ऐथिल > मेथिल > आइसोप्रोपिल > टर्शियरी ब्यूटिल
(4) आइसो प्रोपिल > ऐथिल > मैथिल > टर्शियरी ब्यूटिल ।
उत्तर:
(1) मैथिल > ऐथिल > आइसोप्रोपिल > टर्शियरी ब्यूटिल

60. सर्वाधिक स्थायी कार्बोनियम आयन हैं-
(1) मेथिल कार्बोनियम आयन
(2) प्राथमिक कार्बोनियम आयन
(3) द्वितीयक कार्बोनियम आयन
(4) तृतीयक कार्बोनियम आयन ।
उत्तर:
(4) तृतीयक कार्बोनियम आयन ।

61. सह संयोजक बंध का होमोलिटिक विखण्डन देता है-
(1) कार्बोनियम आयन
(2) कार्बेनायन
(3) मुक्त मूलक
(4) एक धनायन तथा एक ऋणायन।
उत्तर:
(3) मुक्त मूलक

62. निम्नलिखित में से कौन इलेक्ट्रॉन स्नेही अभिकर्मक है-
(1) RO
(2) BF3
(3) NH3
(4) R—O—H
उत्तर:
(2) BF3

63. इलेक्ट्रॉन स्नेही अभिकर्मक होते हैं-
(1) इलेक्ट्रॉन युग्म दाता
(2) लुईस अम्ल
(3) विषम इलेक्ट्रॉन युग्म
(4) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(2) लुईस अम्ल

64. अभिक्रिया C2H5Cl+KOH(aq) → C2H5OH + KCl हैं-
(1) इलेक्ट्रॉन स्नेही योगात्मक
(2) नाभिक स्नेही योगात्मक
(3) इलेक्ट्रॉन स्नेही प्रतिस्थापन
(4) नाभिक स्नेही प्रतिस्थापन ।
उत्तर:
(4) नाभिक स्नेही प्रतिस्थापन ।

65. इलेक्ट्रॉन स्नेही अभिकर्मक है-
(1) BF3
(2) NH3
(3) H2O
(4)R—OH.
उत्तर:
(1) BF3

66. नाभिक स्नेही अभिकर्मक हैं-
(1) R3N
(2) SO3
(3) BF3
(4) NO2
उत्तर:
(1) R3N

67. निम्नलिखित में से कौन-सा मुक्त मूलक का लक्षण नहीं है ?
(1) अयुग्मित इलेक्ट्रॉन युग्म की उपस्थिति
(2) विद्युत उदासीनता
(3) सम विदलन से बनना
(4) प्रतिचुम्बकीय गुण |
उत्तर:
(4) प्रतिचुम्बकीय गुण |

68. निम्न में से कौन-सा कार्बन परमाणु सबसे अधिक विद्युत ऋणात्मक है ?
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 17
(1) I
(2) II
(3) III
(4) सभी समान विद्युत ऋणात्मक हैं।
उत्तर:
(1) I

69. इलेक्ट्रॉन स्नेही योगात्मक अभिक्रिया करने वाले यौगिक हैं-
(1) ऐल्कीन
(2) कीटोन
(3) बेंजीन
(4) ऐल्केन ।
उत्तर:
(1) ऐल्कीन

70. एक सजातीय श्रेणी में-
(1) आण्विक सूत्र समान होते हैं
(2) संरचनात्मक सूत्र समान होते हैं
(3) भौतिक गुण समान होते हैं
(4) सामान्य सूत्र समान होते हैं।
उत्तर:
(4) सामान्य सूत्र समान होते हैं।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन : कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें

71. पुनर्विन्यास अभिक्रिया के कारण कोई यौगिक बदल जाता है-
(1) उच्च सजात में
(2) निम्न सजात में
(3) समावयवी में
(4) अनिश्चित ।
उत्तर:
(3) समावयवी में

72. दुर्बलतम लूईस क्षारक है-
(1) H+
(2) OH
(3) Cl
(4) HCO3
उत्तर:
(1) H+

73. बेन्जीन में समान कार्बन कार्बन बन्धों की बन्धन श्रेणी है-
(1) 1
(2) 2
(3) 1 तथा 2 के मध्य
(4) क्रमागत 1 तथा 2.
उत्तर:
(3) 1 तथा 2 के मध्य

74. NH3 अणु है-
(1) इलेक्ट्रोफाइल
(2) लूईस अम्ल
(3) लूइस क्षार
(4) होमोलिटिक अभिकर्मक |
उत्तर:
(3) लूइस क्षार

75. निम्न में से कौन-सा अम्ल उत्प्रेरित ऐल्कोहॉल के निर्जलन में सम्भावित मध्यवर्ती है?
(1) मुक्त मूलक
(2) कार्बेनायन
(3) कार्बोनियम आयन
(4) ऐल्कॉक्साइड आयन।
उत्तर:
(3) कार्बोनियम आयन

76. परिशोधित स्पिरिट से परिशुद्ध ऐल्कोहॉल निम्न में से किस विधि से प्राप्त किया जाता है-
(1) प्रभाजी आसवन
(2) भाप आसवन
(3) स्थिर क्वाथी
(4) निर्वात् आसवन।
उत्तर:
(3) स्थिर क्वाथी

77. दो कार्बनिक ठोस जिनकी विलेयता भिन्न है, इस विधि द्वारा पृथक् किये जाते हैं-
(1) प्रभाजी क्रिस्टलन
(2) ऊध्र्वपातन
(3) साधारण क्रिस्टलन
(4) विलायकों द्वारा निष्कर्षण।
उत्तर:
(1) प्रभाजी क्रिस्टलन

78. किसी कार्बनिक ठोस की शुद्धता का लक्षण है-
(1) गलनांक
(2) क्वथनांक
(3) विशिष्ट घनत्व
(4) क्रिस्टलीय संरचना।
उत्तर:
(1) गलनांक

79. नैफ्थलीन और बेन्जोइक ऐसिड का पृथक्करण इस विधि से करं। हैं-
(1) ऊर्ध्वपातन
(2) विलायक द्वारा निष्कर्षण
(3) प्रभावी क्रिस्टलन
(4) रासायनिक विधि।
उत्तर:
(4) रासायनिक विधि।

80. ऐनिलीन का उच्च क्वथनांक, उच्च वाष्प दाब 100°C पर है और जल में नहीं घुलती है। अतः ऐनिलीन अलग होती है-
(1) साधारण आसवन से
(2) भाप आसवन से
(3) निर्वात् आसवन से
(4) ऐल्कली विवेचन से।
उत्तर:
(2) भाप आसवन से

81. समुद्री जल के एक प्रतिदर्श में उपस्थित लवणों से जल को पृथक करने के लिए किस विधि का उपयोग करेंगे?
(1) फिल्टरेशन
(2) आसवन
(3) क्रिस्टलन
(4) प्रभावी आसवन।
उत्तर:
(4) प्रभावी आसवन।

82. बेंजीन और टॉलूर्हन के क्वथनांक क्रमशः 80°C और 110°C हैं। बेंजीन और टॉलूईन के मिश्रण से उनका पृषक्करण कराने में कौन-सी विधि अधिक उपयुक्त रहेगी
(1) आसवन
(2) निर्वात् आसवन
(3) भाप आसवन
(4) प्रभाजी आसवन।
उत्तर:
(2) निर्वात् आसवन

83. पुर्म्मों और पौधों से सुगन्धित तेलों का निष्कर्षण निम्न में से किस विधि द्वारा किया जाता है-
(1) प्रभाजी आसवन
(2) भाप आसबन
(3) निर्वात् आसवन
(4) वर्णलेखन।
उत्तर:
(3) निर्वात् आसवन

84. गिलसरीन अपने क्वथनांक पर अपघटित हो जाती है। गिलसरीन के शोधन के लिए निम्न में से कौन-सी विधि ठीक हैं?
(1) प्रभाजी आसवन
(2) भाप आसवन
(3) साधारण आसवन
(4) निर्वात् आसवन।
उत्तर:
(2) भाप आसवन

85. दो पदार्थं को पृथक् करने की प्रभावी क्रिस्टलन विधि इसके अन्तर पर निर्भर करती है-
(1) घनत्व
(2) वाध्यशीलता
(3) विलेयता
(4) क्रिस्टलीय आकार।
उत्तर:
(1) घनत्व

86. एक बोतल है जिसमें दों अमिश्रणीय द्रव है। इनको इससे पृथक् किया जा सकता है-
(1) प्रभाजक स्तम्भ
(2) साधारण आसवन
(3) प्रभाजक आसबन
(4) भाप आसवन।
उत्तर:
(3) प्रभाजक आसबन

87. ऐनिलीन को साधारणतया इस विधि से शुद्ध किया जाता है-
(1) भाप आसबन
(2) साधारण आसवन
(3) कम दाब पर आसवन
(4) छर्ध्वपातन।
उत्तर:
(1) भाप आसबन

88. निम्न में से किस मिश्रण को प्रभाजी आसवन द्वारा उसके घटकों में अलग किया जा सकता है ?
(1) बेंजीन-टॉलूईन
(2) जल-एंथिल ऐल्कोहॉल
(3) जल-नाद्रिक अम्ल
(4) जल-हाइड्रोक्लोरिक अम्ल।
उत्तर:
(1) बेंजीन-टॉलूईन

89. कार्बनिक यौगिकों की शुद्धता के बहुत-से सक्षण है। निम्न में से कौन-सा सर्वोत्तम माना जाता है ?
(1) गलनांक
(2) मिश्रित गलनांक
(3) सूक्षदर्शी द्वारा निरीक्षण
(4) रंग।
उत्तर:
(1) गलनांक

90. शक्करों को पृथक् करने की सर्वोत्तम विधि है-
(1) प्रभाजी क्रिस्टलन
(2) ऊर्ध्वपातन
(3) क्रोमिटोग्राफी
(4) बेनेडिक्र अभिकर्मक।
उत्तर:
(3) क्रोमिटोग्राफी

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन : कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें

91. कुछ पदार्थ शुद्ध अवस्था में रंगहीन होते हैं। हल्की-सी अशुद्धि के कारण ये रंगीन हो जाते हैं। इन पदार्थों में से रंग की अशुद्धियों को दूर करने के लिए सक्रियल चारकोल (activated charcoal) का प्रयोग किया जाता है। क्रियाशील चारकोल की क्रिया इस प्रकार होती है-
(1) विरंजन
(2) ऑक्सीकरण
(3) अपचयन
(4) अधिशोषण।
उत्तर:
(2) ऑक्सीकरण

92. किसी कार्बनिक यौगिक का मिश्रित गलनांक किसलिए निर्धारित किया जाता है ?
(1) यौगिक की शुद्धता ज्ञात करने के लिए
(2) यौगिक की शुद्धता शीघ्रता से ज्ञात करने के लिए
(3) यौगिक का गलनांक सुस्पष्ट करने के लिए
(4) यौगिक को केशिका नली में आसानी से भरने के लिए।
उत्तर:
(4) यौगिक को केशिका नली में आसानी से भरने के लिए।

93. दो अविलेय द्रवों को उनके मिश्रण से पृथक करने की सबसे उपयुक्त विधि है-
(1) भाप आसवन
(2) निर्वात् आसवन
(3) पृथक्कारी
(4) वर्णलेखन।
उत्तर:
(1) भाप आसवन

94. नैफ्थेलीन व बैन्जोइक अम्ल को इनके मिश्रण में से पृथक करने की सबसे उपयुक्त विधि है-
(1) क्रिस्टलन
(2) आसवन
(3) वर्णलेखन
(4) ऊर्ध्वपातन।
उत्तर:
(3) वर्णलेखन

95. ऐनिलीन का शोधन इस विधि द्वारा किया जाता है-
(1) वाष्प आसवन
(2) साधारण आसवन
(3) कम दाब पर आसवन
(4) क्रिस्टलीय आकार।
उत्तर:
(3) कम दाब पर आसवन

96. निम्न का शोधन ऊर्ध्वपातन विधि द्वारा करते हैं-
(1) बैन्जोइक
(2) नाइट्रोबेन्जीन
(3) ईथर
(4) नैफ्थलीन।
उत्तर:
(1) बैन्जोइक

97. नाइट्रोजन युक्त कार्बनिक यौगिक को सोडियम धातु के साथ संगलित करने पर बना सोडियम लवण है-
(1) NaNO3
(2) NaCN
(3) NaCNO
(4) NaCN3
उत्तर:
(4) NaCN3

98. कार्बनिक यौगिक में नाइट्रोजन के आंकलन की ड्यूमा विधि में अन्तिम एकत्रित होने वाली गैस है-
(1) N2
(2) NO1
(3) NH3
(4) NO2
उत्तर:
(2) NO1

99. कागज वर्ण लेखन में-
(1) स्थिर प्रावस्था ठोस, गतिमान प्रावस्था द्रव है
(2) स्थिर प्रावस्था द्रव व गतिमान प्रावस्था ठोस
(3) दोनों प्रावस्थाएँ ठोस
(4) दोनों प्रावस्थाएँ द्रव।
उत्तर:
(1) स्थिर प्रावस्था ठोस, गतिमान प्रावस्था द्रव है

100. एक यौगिक के 60 g के विश्ले पा पर उसमें 24 g C, 4 g H, तथा 32 g O पाए गए। इसका सरलतम सूत्र है-
(1) C2H4O2
(2) CH2O
(3) C2H2O
(4) CH2O2
उत्तर:
(1) C2H4O2

101. एक कार्बनिक द्रव का आसवन होता है-
(1) उसके क्वथनांक पर
(2) उसके गलनांक पर
(3) उसके क्वथनांक से कम ताप पर
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(2) उसके गलनांक पर

102. दो पदार्थों को पृथक करने की प्रभाजी क्रिस्टलन विधि किसके अन्तर पर निर्भर करती है-
(1) घनत्व
(2) वाष्पशीलता
(3) विलेयता
(4) क्रिस्टलीय आकार।
उत्तर:
(1) घनत्व

103. ऐनिलीन का शोधन किया जाता है-
(1) आसवन द्वारा
(2) भाप आसवन द्वारा
(3) निर्वात् आसवन द्वारा
(4) प्रभाजी आसवन द्वारा।
उत्तर:
(1) आसवन द्वारा

104. नैफ्थेलीन का शोधन किया जाता है-
(1) आसवन द्वारा
(2) ऊर्ध्वपातन द्वारा
(3) भाप आसवन द्वारा
(4) निर्वात् आसवन द्वारा।
उत्तर:
(2) ऊर्ध्वपातन द्वारा

105. ग्लिसरॉल का शोधन किया जाता है-
(1) आसवन द्वारा
(2) भाप आसवन द्वारा
(3) निर्वात् आसवन द्वारा
(4) प्रभाजी आसवन द्वारा।
उत्तर:
(2) भाप आसवन द्वारा

106. कागज वर्णलेखिकी में-
(1) स्थिर प्रावस्था ठोस तथा गतिमान प्रावस्था द्रव है
(2) स्थिर प्रावस्था द्रव तथा गतिमान प्रावस्था ठोस है
(3) दोनों प्रावस्थाएँ द्रव हैं
(4) दोनों प्रावस्थाएँ ठोस हैं।
उत्तर:
(3) दोनों प्रावस्थाएँ द्रव हैं

107. 110° तथा 80° क्वथनांक वाले दो द्रवों के मिश्रण के पृथक्करण की उपयुक्त विधि है-
(1) कम दाब पर आसवन
(2) प्रभाजी आसवन
(3) भापीय आसवन
(4) सरल आसवन।
उत्तर:
(3) भापीय आसवन

अति लघु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
कार्बनिक यौगिकों के प्राकृतिक स्रोत क्या है ?
उत्तर:
जीवधारी ।

प्रश्न 2.
कार्बन में श्रृंखलन का प्रबल गुण क्यों पाया जाता है?
उत्तर:
क्योंकि C—C बन्ध ऊर्जा अत्यधिक होती है।

प्रश्न 3.
जैवशक्ति सिद्धान्त किसने दिया था ?
उत्तर:
बर्जीलियस ने।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन : कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें

प्रश्न 4.
क्या होता है जब अमोनियम सायनेट गर्म किया जाता है ?
उत्तर:
यूरिया बनता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 18

प्रश्न 5.
सर्वप्रथम किसने रासायनिक पदार्थों का वर्गीकरण किया था ?
उत्तर:
निकोलस लीमरी ।

प्रश्न 6.
जिलेटिन एवं सूक्रोज के मुख्य स्रोत क्या हैं ?
उत्तर:
जिलेटिन – जन्तु जगत से ।
सूक्रोज – वनस्पति जगत से ।

प्रश्न 7.
कार्बनिक पदार्थों में किस तत्व की उपस्थिति अनिवार्य
उत्तर:
कार्बन की ।

प्रश्न 8.
पोटैशियम सायनेट से यूरिया कैसे प्राप्त करेंगे ? केवल रासायनिक समीकरण दें।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 19

प्रश्न 9.
निम्नलिखित यौगिकों के बन्ध रेखाचित्रण दीजिए।
(i) 2-मेथिल पेण्टेन
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 20
(ii) प्रोपेन
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 21
(iii) 2,3-डाइमेथिल ब्यूटेन
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 22
(iv) 3-मेथिल पेण्टेन
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 23
(v) 2, 2-डाइ मेथिल प्रोपेन
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 24

प्रश्न 10.
निम्नलिखित बंध रेखा चित्रण के कार्बन यौगिकों के
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 25

प्रश्न 11.
द्वितीयक तथा तृतीयक ब्यूटिल ऐल्कोहॉल का सूत्र लिखें तथा इसका I. U.P.A.C पद्धति में नाम बताइए ।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 26

प्रश्न 12.
आइसो पेन्टेन तथा निओ पेन्टेन का सूत्र तथा I.U.P.A.C. पद्धति में नाम लिखें-
उत्तर:
आइसो पेण्टेन
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 27

प्रश्न 13.
निम्नलिखित यौगिकों के I.U.P.A.C. पद्धति में नाम लिखो।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 28
उत्तर:
4-क्लोरो पेण्टेन-2-आइन

(ii) CH3CHO
उत्तर:
ऐथेनैल

(iii) (CH3)2 CH—O—CH3
उत्तर:
2 – मेथॉक्सी प्रोपेन या
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 29

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 30
उत्तर- ब्यूट- 3-ईन-2-ओन

प्रश्न 14.
निम्न के I. U.P.A. C. नाम लिखें।
(i) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 31
उत्तर:
3-3 – डाइमेथिल पेण्टेन 1 ईन 4- आइन

(ii) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 32
उत्तर:
मेथिल प्रोपेनोएट

(iii) CH3—NH—CH3
उत्तर:
N – मेथिल मेथेनेमाइन

(iv) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 33
उत्तर:
3-ऐमीनो पेण्टेन-2-ऑल

(v) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 34
उत्तर:
4-क्लोरो-3-आइडो-2-मेथिल पेण्टेनॉइल क्लोराइड

(vi) CH3CH2NH2
उत्तर:
ऐथेनैमाइन

(vii) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 35
उत्तर:
4-हाइड्रॉक्सी-4-मेथिल पेण्टेन-2-ऑन

प्रश्न 15.
(अ) ऐथिल ऐसीटेट तथा ऐथिल सायनाइड के I.U.P.A.C नाम लिखिए ।
(ब) डाइऐथिलेमीन का I.U.P.A.C नाम लिखें।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 36

प्रश्न 16.
निम्नलिखित संरचना सूत्र वाले यौगिकों का I.U.P.A.C पद्धति में नाम लिखिए।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 37
उत्तर:
2,2-डाइमेथिल

(2) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 202
उत्तर:
2-क्लोरो-3-ऐथिल-4-मोथिल हेक्सेन

(3) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 38
उत्तर:
3-मेथिल हेक्सेन

(4) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 39
उत्तर:
3-ब्रोमो-5-ऐथिल हेप्टेन

(5) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 40
उत्तर:
2, 3 डाइमेथिल पेण्टेन

प्रश्न 17.
निम्नलिखित यौगिकों के I. U. P.A. C नाम लिखिए-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 41
उत्तर:
2, 3, 5 ट्राइमेथिल हेक्सेन

2. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 42
उत्तर:
4-आइडो-3-मेथिल पेण्टेन-2-ऑल
3. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 43
उत्तर:
1-ब्रोमो-1-क्लोरो-1-आयोडो मेथेन
4. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 45
उत्तर:
4,5,5-ट्राइमेथिल-2-हेक्सेमीन
5. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 46
उत्तर:
3-ब्रोमो-2-क्लोरो-4-आयोडो हेक्सेन

6. CH3—CH = CH—CH3
उत्तर:
2-ब्यूटीन या ब्यूट-2-ईन

7. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 47
उत्तर:
2-मेथिल प्रोप-1-ईन

8. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 48
उत्तर:
3-क्लोरो-3-मेथिल पेण्ट-1-ईन

9. CH2 = CH—CH ≡ CH
उत्तर:
ब्यूट-1-ईन-3-आइन

10. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 49
उत्तर:
3,3-डाइमेथिल पेन्ट-1-ईन-4-आइन

11. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 50
उत्तर:
3-नाइट्रो-2-मेथिल ब्यूटीन-1 या 3-नाइट्रो-2-मेथिल ब्यूट-1-ईन

12. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 51
उत्तर:
प्रोपेनॉल

13. HO—CH2–CH=CH2
उत्तर:
प्रोप-2 ईन-1-ऑल

14. CH3–CH=CH–CH2OH
उत्तर:
ब्यूट-2 ईन-1-ऑल

15. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 52
उत्तर:
3-मेथिल ब्यूटेन-1-ऑल

16. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 53
उत्तर:
2,3-डाइमेथिल ब्यूटेन-1-ऑल

17. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 54
उत्तर:
2-मेथिल ब्यूटेन-2-ऑल

18. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 55
उत्तर:
1-ब्रोमो-3-मेथिल ब्यूटेन-2-ऑल

19. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 56
उत्तर:
3-मेथिल पेण्ट-1-आइन

20. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 57
उत्तर:
हेक्स-2, 4-डाईआइन

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन : कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें

21. CH3—CH = CH—CH = CH—CH3
उत्तर:
हेक्स-2, 4-डाइईन

22. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 58
उत्तर:
3-नाइट्रो प्रोप-1-ईन

23. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 59
उत्तर:
2, 3-हाइव्रोमो-1-क्लोरो-4-नाइट्रो ब्यूट-2-ई

24. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 60
उत्तर:
3-सेषिल पेण्टेन-2-ऑल

25. HOCH2—CH2OH
उत्तर:
एथेन-1, 2-डाइ ऑल

26. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 61
उत्तर:
2-मेघिल प्रोपेन-2-ऑल

27. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 62
उत्तर:
3-ब्रोमो ख्यूटेन-2-औल

28. CH3CHO
उत्तर:
एथेनेल

29. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 63
उत्तर:
2-मेधिल ब्यूटेनैल

30. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 64
उत्तर:
2-ब्रोमो-3-मेशिल ब्यूटैनैल

31. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 65
उत्तर:
3, 3-डाइमेथिल ब्यूटेनैल

32. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 66
उत्तर:
ब्यूट-2-ईनल

33. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 67
उत्तर:
प्रोपेन-1, 3-डाइअल

34. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 68
उत्तर:
3-हाइड्रॉक्सी-2-मेथिल प्रोपेनैल

35. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 69
उत्तर:
4-मेथिल पेण्टेन-2-ओन

36. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 70
उत्तर:
5-ब्रोमो-6-आयोडो-7-मेथिल ऑक्टेन-2-ओन

37. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 71
उत्तर:
3-हाइड्रॉक्सी-4-मेथिल पेण्टेन-2-ओन

38. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 72
उत्तर:
4-मेथिल पेण्टेन-2-ऑन

39. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 73
उत्तर:
3-(1-क्लोरो एथिल)-4-मेथिल-4-क्लोरो-2-पेण्टेनोन

40. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 74
उत्तर:
3-मेथिल-ब्यूटेनोइक अम्ल

41. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 75
उत्तर:
4-ब्रोमो-2-मेथिल ब्यूटेनोइक अम्ल

42. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 76
उत्तर:
3-हाइड्रॉक्सी ब्यूटेनोइक अम्ल

43. HCOC.CH2.CH2COOH
उत्तर:
ब्यटटे-1, 4-हाइअध्रक अम्ल

44. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 77
उत्तर:
3-खौफ्तो-फेट्टेनाइक अम्ल

45. CH3—NH—CH3
उत्तर:
N-मेथिल मेथेनेमीन

46. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 78
उत्तर:
N, N-डाईमेथिल मेथेनेमीन

47. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 79
उत्तर:
N-मेधिक्त पेष्ट्रन-2-ऐमीने

48. CH3—CH2—CH2—CH2—CH2—CH2—CH2—Br
उत्तर:
1-क्रोमोहेप्टेन

49. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 80
उत्तर:
5-क्रोमो हेप्टेनेझक अन्त

50. CH3CH2COCl
अत्तर:
प्रोमनःल क्लोपाइड

51. CH3CH2CN
अत्तर:
प्रोजेन नाद्टाइल

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन : कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें

52. CH3CH2CONH2
उत्तर:
पोपेनेमाइड

53. CH3CH2CONHBr
उत्तर:
N-ब्रोमो प्रोपेनेमाइड

प्रश्न 18.
निम्नलिखित खौगिको के संधना सुत्र लिखिए-
(1) 4-मेबिल घैन्टीन-2
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 81
(2) 3,3,5-द्टेत्टेयिल भंक्टेन
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 82

(3) 3-ब्रोमो-2-क्नोरो-4-आचोड़ोहेक्सेन
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 83

(4) 1,3-ख्यूटाड़ाइ
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 84

(5) 3-एधिल-1, 4-हेक्साडाइ़न
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 85

(6) 2- मेधिन ब्यूटेनोइक अम्ल
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 86

(7) ब्यूटेनोन
उत्तर:
CH3COCH2CH3

(8) प्रोपेन नाइट्राइल
उत्तर:
—CH3—CH2—CN

(9) 2, 2-डाइमेथिल पेण्टेन-1-अल
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 87

(10) 4-मेथिल पेण्टेन-1-ऑल
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 88

(11) 5-क्लोरो-3-छाइड्रॉक्सी केवसेनैल
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 89

(12) 2, 3-डाइमेथिल ब्यूटेन 2-ऑल
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 90

(13) 2-मेच्यिल पेण्टेन-1-अॉल
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 91

(14) 2-मेघिल पेन्टेनॉल-1
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 92

(15) 1-क्लोरो-2-पेण्टेनोन
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 93

(16) ब्यूटेन-2, 3-डाइऑल
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 94

(17) 3-मेथिल हेक्सीन
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 95

(18) 1-क्लोरो-1-पेण्टीन-4-आइन
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 96

(19) 2-ब्रोमो प्रोपेन
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 97

(20) 4, 4-डाइऐथिल-2-ऐमीनो हेक्सेन
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 98

(21) 2, 2-डाइमेथिल पेण्टेनैल
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 99

(22) 3-आयोडो ब्यूटेनोइक अम्ल
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 100

(23) 2, 4-डाइऐथिल हेक्सेनॉइक अम्ल
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 101

(24) 2, 4-डाइमेथिल पेण्टेन नाइट्राइल
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 102

(25) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 103
उत्तर:
3-सायनो ब्यूटेनॉइक अम्ल

प्रश्न 19.
निम्न के IUPAC नाम लिखें।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 104
5-क्लोरो-4-आयोडो-3-मेथिल पेण्टेनॉयल क्लोराइड
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 105

प्रश्न 20.
निम्नलिखित आबन्ध रेखा सूत्रों के IUPAC नाम लिखें

(1) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 106
उत्तर:
3-मेधिल-1-सादक्लो हैक्साइन

(2) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 107
उत्तर:
3,4-दाइ प्रौषिल-1, 3, 5 हेष ट्राइईन

(3) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 108
उत्तर:
शियल-2-क्लोरो प्रोपेनोएट

(4) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 109
उत्तर:
3.ऐधिल-1,1-द्धाइमेयिल साइक्लो हैवसेन

(5) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 110
उत्तर:
1-मेथिल-3-प्रोपिल साइक्लोहेक्सेन

(6) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 111
उत्तर:
2, 3-द्वाइ्रोमो-1-फेनिल पेच्टेन

(7) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 112
उत्तर:
व्यूटनल

(8) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 113
उत्तर:
3-बोमो-3-क्लोरो हेप्टेन

(9) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 114
उत्तर:
3-मेधिल घेण्टेन-1-नाइट्राइल

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन : कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें

(10) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 115
उत्तर:
3-प्रीपिल हैस-1-अइन

(11) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 116
उत्तर:
पेण्टेन-2,3-डाइऑल

(12) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 117
उत्तर:
पेण्ट-3-ईन-1-ऐल

(13) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 118
उत्तर:
ऑक्ट-1-ईन-3-आइन

(14) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 119
उत्तर:
2-ऐथिल-4-मेथिलंहेप्ट- 5 ईन-2-ओन

(15) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 120
उत्तर:
3-ऐथिल पेण्ट- 1, 3-डाइईन

(16) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 121
उत्तर:
3-नाइट्रोसाइक्लो हेक्स-1-ईन

(17) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 122
उत्तर:
हेप्ट-2-आइन

(18) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 123
उत्तर:
पेण्ट-2-ईन-2-ऑल

प्रश्न 21.
निम्न के IUPAC नाम लिखें।
(1) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 124
उत्तर:
1-क्लोरो-2-मेथिल साइक्लोहेक्सेन

(2) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 125
उत्तर:
3,7-डाइमेथिल ऑक्ट-2,6- डाइईन-1-एल

(3) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 126
उत्तर:
5,6-डाइऐथिल-3-मेथिल डेक-4-ईन

(4) (CH3)3 C—CH = CH—CH2OH
उत्तर:
4, 4-डाइमेथिल पेन्ट-2 ईन-1-ऑल

(5) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 127
उत्तर:
2, 3-डाइहाइड्रॉक्सी ब्यूटेन-1, 4-डाइ ओइक अम्ल

(6) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 128
उत्तर:
3-ब्रोमो-3-क्लोरो-2 मेथिल ब्यूटेनोइक अम्ल

(7) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 129
उत्तर:
2-क्लोरो प्रोपेनोइक अम्ल

(8) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 130
उत्तर:
4-फॉर्मिल 2-मेथिल हेक्स-3-ईनोइक अम्ल

(9) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 131
उत्तर:
2, 3 एपॉक्सी प्रोपेन-1-ऑल

प्रश्न 22.
कोई एक रासायनिक अभिक्रिया बताइए, जिसमें क्रिया के दौरान मुक्त मूलक बनते हैं।
उत्तर:
मुक्त मूलकों का बनना
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 132

प्रश्न 23.
निम्नलिखित में नाभिक स्नेही केन्द्र बताइए-
(अ) मेथिल क्लोराइड
(ब) ऐसीटोन
(स) मेथिल सायनाइड ।
उत्तर:
(अ) मेथिल क्लोराइड CH3Cl में नाभिक स्नेही (Cl) क्लोराइड आयन है।
(ब) ऐसीटोन—CH3—O—CH3 में नाभिक स्नेही केन्द्र (OCH3) मैथॉक्साइड आयन है।
(स) मेथिल सायनाइड – CH3CN में नाभिक स्नेही केन्द्र (CN) सायनाइड आयन है।

प्रश्न 24.
कार्बऐनायन में ऋणावेशित कार्बन की संकरण अवस्था कौन-सी है ?
उत्तर:
कार्बऐनायन में ऋणावेशित कार्बन sp3 संकरित होता है।

प्रश्न 25.
विषमांशी विखण्डन में कौन-सी स्पीशीज बनती है?
उत्तर:
आयन बनते हैं।

प्रश्न 26.
हेटेरोलिटिक विखण्डन में कितने प्रकार के आयन बनते हैं?
उत्तर:
इस प्रकार के विखण्डन में दो प्रकार के आयन बनते हैं। धनावेशित आयन को कार्बोनियम आयन तथा ऋणावेशित आयन को कार्बऐनायन कहते हैं।

प्रश्न 27.
कार्बोनियम आयन के केन्द्र के कार्बन परमाणु का बाह्य कक्षा की क्या इलेक्ट्रॉनिक संरचना होती है?
उत्तर:
इनकी बाह्य कक्षा में इलेक्ट्रॉनों का षष्टक होता है।

प्रश्न 28.
कार्बऐनायन के केन्द्र के कार्बन परमाणु की बाह्य कक्षा की क्या इलेक्ट्रॉनिक संरचना होती है ?
उत्तर:
इनकी बाह्य कक्षा में इलेक्ट्रॉनों का अष्टक होता है।

प्रश्न 29.
प्रेरणिक प्रभाव कितने कार्बन पर समाप्त हो जाता है?
उत्तर:
पाँचवें कार्बन पर समाप्त हो जाता है।

प्रश्न 30.
-I प्रभाव दर्शाने वाले धनावेशित समूहों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
NH+ तथा N+R3

प्रश्न 31.
+I प्रभाव दर्शाने वाले ऋणावेशित समूहों के उदाहरण दीजिए ।
उत्तर:
–COO—S तथा—O फीनॉलिक ।

प्रश्न 32.
बन्ध ऊर्जा किसे कहते हैं?
उत्तर:
ऊर्जा की वह मात्रा जो किसी बन्ध के बनने या टूटने पर उत्सर्जित या अवशोषित होती है, बन्ध ऊर्जा कहलाती है।

प्रश्न 33.
इलेक्ट्रॉन स्नेही योगात्मक अभिक्रिया का एक उदाहरण दीजिए ।
उत्तर:

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 133

प्रश्न 34.
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 134 की बन्ध लम्बाई बताइए।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 135

प्रश्न 35.
सहसंयोजक बन्ध में ध्रुवता किस कारण होती है?
उत्तर:
दोनों संयोजी परमाणुओं की विद्युत ऋणात्मकताओं के अन्तर के कारण ।

प्रश्न 36.
बन्ध लम्बाई की इकाई क्या है?
उत्तर:
Å ऐंग्स्ट्रॉम इकाई होती है।

प्रश्न 37.
अतिव्यापन कौन-कौन-से कक्षकों के बीच होता है?
उत्तर:
S, P तथा d-कक्षकों के बीच होता है।

प्रश्न 38.
निम्न को – I प्रभाव के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए-
उत्तर:
वे परमाणु जो कार्बन शृंखला से जुड़े होते हैं एवं जो हाइड्रोजन की तुलना में अधिक क्षमता से इलेक्ट्रॉनों को आकर्षित कर सकते हैं। उन्हें 1 प्रभाव दर्शाने वाला कहते हैं।
-I प्रभाव दर्शाने वाले यौगिकों का बढ़ता हुआ क्रम निम्न प्रकार है
—OH< —Cl< —F< —CN < —NO2

प्रश्न 39.
निम्न को स्थायित्व के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित कीजिए ।
CH3CH2CH2CH2+, (CH3)3C+, CH3+, CH (CH2CH3)2
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 136

प्रश्न 40.
दो ऐसे इलेक्ट्रॉन स्नेही अभिकर्मक लिखिए जो क्रमशः धनावेशित एवं उदासीन हों।
उत्तर:
Cl+ तथा AlCl3

प्रश्न 41.
दो ऐसे नाभिकस्नेही अभिकर्मक लिखिए जो क्रमशः ऋणावेशित एवं उदासीन हों।
उत्तर:
Cl-, NH3.

प्रश्न 42.
(CH3)3 C—Cl में बन्ध का विषम विदलन समीकरण द्वारा समझाइए |
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 137

प्रश्न 43.
वाइनिल क्लोराइड के निम्नलिखित अनुनाद के कारण इसके द्विध्रुव आघूर्ण पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
CH2 = CH—Cl ←→CH2—CH = Cl+ आवेश का पृथक्करण बढ़ जाने के कारण द्विध्रुव आघूर्ण बढ़ जायेगा।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन : कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें

प्रश्न 44.
निम्न यौगिकों में विषम विदलन समीकरण द्वारा व्यक्त कीजिए-
(i) C2H2
(ii) R—OH.
उत्तर:
(i) CH3—CH2—H →CH3—CH2 + H+. क्योंकि C-परमाणु H-परमाणु से अधिक विद्युत ऋणात्मक है।

(ii) R—O—H →R—O- + H+ क्योंकि O-परमाणु H-परमाणु से अधिक विद्युत ऋणात्मक है।

प्रश्न 45.
किसी कार्बनिक अभिक्रिया की क्रियाविधि का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
किसी अभिक्रिया के उन पदों को क्रियाविधि कहते हैं जिनसे आधार के बन्धों का टूटना तथा नये बन्धों का बनना व्यक्त किया जाता है।

प्रश्न 46.
क्रिया से क्या समझते हैं?
उत्तर:
एक अभिकारक जिसमें कुछ कार्बन परमाणुओं के बन्ध टूटते हैं और कुछ के नये बन्ध बनते हैं, क्रिया कहलाती है।

प्रश्न 47.
सम विदलन से उत्पन्न खण्डों को क्या कहते हैं?
उत्तर:
सम विदलन से उत्पन्न खण्डों को मुक्त मूलक कहते हैं । ये विद्युत उदासीन होते हैं। ये अत्यधिक अभिक्रियाशील होते हैं और गैसीय अभिक्रियाओं में भाग लेते हैं।

प्रश्न 48.
Br2 के विषम विदलन से प्राप्त भागों के नाम बताइए तथा समीकरण दें।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 138

प्रश्न 49.
निम्न हैट्रोलिटिक विखण्डन में कौन-सा खण्ड कार्बोधनायन व कौन-सा कार्बेधनायन कहलायेगा ?
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 139
उत्तर:
खण्ड को कार्बोधनायन तथा खण्ड II को कार्बेनायन कहते हैं।

प्रश्न 50.
विषम विदलन में कितने प्रकार के आयन बनते हैं और उनके नाम क्या हैं?
उत्तर:
इस प्रकार के विदलन में दो प्रकार के आयन बनते हैं। धन आवेशित कार्बन आयन को कार्बोधनायन तथा ऋण आवेशित कार्बन आयन को कार्बेनायन कहते हैं।

प्रश्न 51.
फॉर्मिक अम्ल के जलीय विलयन से आसवन विधि द्वारा शुद्ध फॉर्मिक अम्ल क्यों नहीं प्राप्त किया जा सकता है?
उत्तर:
दोनों के क्वथनांकों में बहुत कम अन्तर है (फॉर्मिक अम्ल (101.5°C) तथा जल (100°C) अतः प्रभाजी आसवन विधि द्वारा भी दोनों अलग-अलग नहीं होते हैं।

प्रश्न 52.
ऐथिल ऐल्कोहॉल के जलीय विलयन से आसवन विधि द्वारा शुद्ध ऐथिल ऐल्कोहॉल प्राप्त क्यों नहीं किया जा सकता ?
उत्तर:
दोनों स्थिर क्वथनांकी मिश्रण बनाते हैं जो एक निश्चित तापक्रम (78.1°C) पर उबलता है तथा इसमें दोनों अवयवों का संघटन निश्चित रहता है। (95.6% ऐथिल ऐल्कोहॉल)।

प्रश्न 53.
मेथिल एल्कोहॉल तथा ऐसीटोन मिले विलयन से ऐल्कोहॉल और एसीटोन अलग करने की विधि कौन-सी है?
उत्तर:
प्रभाजी आसवन करने पर ऐसीटोन 56°C पर तथा मेथिल ऐल्कोहॉल 64.6°C पर पृथक होते हैं।

प्रश्न 54.
किस विधि से फूलों, फलों, पत्तियों, छालों, छिलकों, जड़ों आदि से सुगन्धित तेलों का निष्कर्षण होता है?
उत्तर:
भाप आसवन विधि से हम फूलों, फलों, छालों आदि से सुगन्धित तेल भाप के साथ वाष्पशील होने के कारण अलग हो जाते हैं।

प्रश्न 55.
जल में कुछ क्लोरोफॉर्म मिलाने पर उसके क्वथनांक पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
उत्तर:
जल (क्वथनांक 100°) तथा क्लोरोफॉर्म (क्वथनांक 61°C) दोनों परस्पर अभिश्रणीय द्रव है। मिश्रण का क्वथनांक 61°C से कुछ कम होगा।

प्रश्न 56.
प्रभाजी आसवन विधि में प्रभाजक स्तम्भ का उपयोग कब करते हैं?
उत्तर:
दो द्रवों के क्वथनांकों में 30°C से कम अन्तर होने पर इसका उपयोग करते हैं।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन : कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें

प्रश्न 57.
अकार्बनिक तथा कार्बनिक अभिक्रियाओं के वेग में क्या अन्तर है?
उत्तर:
अकार्बनिक अभिक्रियाएँ आयनिक होने के कारण तीव्र गति से होती हैं जबकि कार्बनिक अभिक्रियाएँ आण्विक होने के कारण मन्द गति से होती हैं।

प्रश्न 58.
कार्बनिक यौगिकों का शोधन क्यों किया जाता है?
उत्तर:
कार्बनिक यौगिकों में अन्य यौगिकों की अशुद्धियाँ होती हैं, अतः इन्हें शुद्ध करना आवश्यक है।

प्रश्न 59.
निस्यंदन से क्या समझते हो ?
उत्तर:
निस्यंदन में अवक्षेप को मातृद्रव से पृथक करके विजातीय आयनों को निष्कासित करते हैं।

प्रश्न 60.
गुणात्मक विश्लेषण में कौन-सा फिल्टर पत्र प्रयुक्त होता है?
उत्तर:
क्हाटमेन फिल्टर पत्र।

प्रश्न 61.
कार्बनिक यौगिकों में से रंगीन तथा गन्धयुक्त अपद्रव्यों को किस प्रकार दूर किया जाता है?
उत्तर:
यौगिक में जन्तु कोयला मिलाकर रंगीन तथा गन्धयुक्त अपद्रव्यों को दूर किया जाता है।

प्रश्न 62.
क्रिस्टलन के लिए कौन-कौन से विलायकों का उपयोग होता है?
उत्तर:
ऐल्कोहॉल, बेंजीन, क्लोरोफॉर्म, ईथर आदि विलायकों का प्रयोग होता है।

प्रश्न 63.
ऊध्र्वपातन से शुद्ध होने वाले किसी यौगिक का उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
नैफ्थेलीन।

प्रश्न 64.
कार्बन तथा हाइड्रोजन का निर्धारण किस विधि से करते हैं?
उत्तर:
लीबिंग विधि द्वारा।

प्रश्न 65.
कार्बन के निर्धारण के लिए प्रयुक्त सूत्र लिखिए।
उत्तर:
कार्बन की प्रतिशतता
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 140

प्रश्न 66.
हाइड्रोजन के निर्धारण के लिए प्रयुक्त सूत्र लिखिए।
उत्तर:
हाइड्रोजन की प्रतिशतता
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 141

प्रश्न 67.
नाइट्रोजन का निर्धारण किन-किन विधियों से किया जाता है?
उत्तर:
नाइट्रोजन का निर्धारण निम्नलिखित दो विधियों द्वारा किया जाता है। (i) ड्यूमा की विधि, (ii) कैल्डाल की विधि।

प्रश्न 68.
नाइट्रोजन के निर्धारण में ड्यूमा विधि द्वारा प्रयुक्त सूत्र दीजिए।
उत्तर:
नाइट्रोजन की प्रतिशतता
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 142

प्रश्न 69.
नाइट्रोजन के निर्धारण में कैल्डाल विधि द्वारा प्रयुक्त सूत्र दीजिए।
उत्तर:
नाइट्रोजन की प्रतिशतता = \(\frac { 1.4NV }{ w }\)

प्रश्न 70.
हैलोजनों का निर्धारण किस विधि से करते हैं?
उत्तर:
कैरियस विधि द्वारा।

प्रश्न 71.
क्लोरीन की प्रतिशतता किस सूत्र से ज्ञात करते हैं?
उत्तर:
क्लोरीन की प्रतिशतता
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 143

प्रश्न 72.
ब्रोमीन की प्रतिशतता किस सूत्र से ज्ञात करते हैं?
उत्तर:
ब्रोमीन की प्रतिशतता
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 144

प्रश्न 73.
आयोडीन की प्रतिशतता किस सूत्र से ज्ञात करते हैं?
उत्तर:
आयोडीन की प्रतिशतता
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 145

प्रश्न 74.
सल्फर का निर्धारण किस विधि से करते हैं?
उत्तर:
कैरियस विधि द्वारा।

प्रश्न 75.
कार्बनिक यौगिक में सल्फर की प्रतिशतता ज्ञात करने का सूत्र दीजिए।
उत्तर:
सल्फर की प्रतिशतता
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 146

प्रश्न 76.
फॉस्फोरस का निर्धारण कैसे करते हैं?
उत्तर:
फॉस्फोरस का निर्धारण कैरियस विधि से किया जाता है।

प्रश्न 77.
क्रिस्टलन क्रिया क्या है?
उत्तर:
किसी पदार्थ के संतृप्त विलयन को धीरे-धीरे ठण्डा करने पर कम विलयशील पदार्थ के टुकड़े बनने लगते हैं। जिन्हें क्रिस्टल कहते हैं। अतः किसी विलयन से विलेयशील पदार्थ के क्रिस्टल प्राप्त करने की क्रिया को क्रिस्टलन कहते हैं।

प्रश्न 78.
आसवन का सिद्धान्त बताइए।
उत्तर:
किसी द्रव को उबालकर वाष्प में परिवर्तित करके प्राप्त वाष्पों को संघनित करने की क्रिया को आसवन कहते हैं।

प्रश्न 79.
प्रभाजी स्तम्भ का उपयोग कब किया जाता है?
उत्तर:
जब अशुद्धियाँ वाष्पशील प्रकृति की हों तथा दो द्रवों के क्वथनांकों का अन्तर 10°C का हो तब प्रभाजी स्तम्भ का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 80.
कम दाब पर आसवन के क्या लाभ हैं?
उत्तर:
वायुमण्डलीय दाब कम करने पर पदार्थ का क्वथनांक कम हो जाता है अतः वे पदार्थ जो अपने क्वथनांक पर विघटित हो जाते हैं, उन्हें इस विधि से शुद्ध करते हैं।

प्रश्न 81.
वर्णलेखन किस सिद्धान्त पर आधारित है?
उत्तर:
किसी मिश्रण के अवयवों की दो प्रावस्थाओं के मध्य वर्णात्मक वितरण के सिद्धान्त पर वर्णलेखन आधारित है।

प्रश्न 82.
निस्यंदन किसे कहते हैं?
उत्तर:
निस्यंदन में किसी विलायक में एक ठोस अविलेय घटक को उसमें विलेय घटक से पृथक किया जाता है।

प्रश्न 83.
कार्बनिक यौगिक क्या होते हैं?
उत्तर:
कार्बन तथा हाइड्रोजन के यौगिक तथा उनके व्युत्पन्नों को कार्बनिक यौगिक कहते हैं।

प्रश्न 84.
जैव शक्ति सिद्धान्त किसने तथा कब दिया था ?
उत्तर:
बर्जीलियस ने 1808 में दिया था।

प्रश्न 85.
जैव शक्ति सिद्धान्त क्या था ?
उत्तर:
कार्बनिक यौगिक जीवों में एक रहस्यमयी शक्ति से बनते हैं।

प्रश्न 86.
जैव शक्ति सिद्धान्त का अन्त क्यों हुआ ?
उत्तर:
अकार्बनिक यौगिक अमोनियम सल्फेट तथा पोटैशियम सायनेट के मिश्रण से यूरिया के संश्लेषण होने से जैव शक्ति सिद्धान्त का अन्त हुआ।

प्रश्न 87.
कोल्बे ने किस यौगिक का संश्लेषण किया था ?
उत्तर:
कोल्बे ने कार्बन, हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन से ऐसीटिक अम्ल का संश्लेषण किया था।

प्रश्न 88.
कार्बनिक यौगिकों में कौन-कौन से तत्व विद्यमान रहते हैं?
उत्तर:
कार्बनिक यौगिकों में C,H,O,N,S तत्व होते हैं। कार्बन तथा हाइड्रोजन सभी कार्बनिक यौगिकों में होते हैं।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन : कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें

प्रश्न 89.
किसी यौगिक के मूलानुपाती सूत्र तथा अणुसूत्र में क्या अन्तर है?
उत्तर:
किसी यौगिक के एक अणु में उपस्थित उसके विभिन्न परमाणुओं का अनुपात दर्शाने वाला सूत्र उस यौगिक का मूलानुपाती सूत्र कहलाता है।
किसी यौगिक के एक अणु में उपस्थित विभिन्न परमाणुओं की वास्तविक संख्या को उसका अणुसूत्र कहते हैं।
अणुसूत्र = मूलानुपाती सूत्र × n

प्रश्न 90.
ऐसे दो कार्बनिक यौगिकों के नाम बताइए जो ऊर्ध्वपातित होते हैं।
उत्तर:
कपूर एवं नैफ्थेलीन।

प्रश्न 91.
भाप आसवन विधि द्वारा किस प्रकार के यौगिकों का शोधन किया जाता है?
उत्तर:
जल में अविलेय तथा भाप में वाष्पशील यौगिकों का भाप आसवन विधि द्वारा शोधन किया जाता है।

प्रश्न 92.
ऐसे दो पदार्थों के नाम बताइए जो वर्णलेखन विधि में अधिशोषक के रूप में काम में लिए जाते हैं।
उत्तर:
सक्रिय ऐल्यूमिना तथा सिलिका।

प्रश्न 93.
केरियस विधि में क्लोरीन का आंकलन किस रूप में अवक्षेपित करके किया जाता है ?
उत्तर:
AgCl के रूप में।

प्रश्न 94.
गलन मिश्रण किन यौगिकों का मिश्रण है?
उत्तर:
KNO3 + Na2CO3

प्रश्न 95.
किसी द्रव के क्वथनांक पर दाब का क्या प्रभाव होता है?
उत्तर:
क्वथनांक कम हो जाता है।

प्रश्न 96.
ऐसीटोन और ऐथिल ऐल्कोहॉल के मिश्रण को कैसे पृथक करोगे?
उत्तर:
प्रभाजी आसवन के द्वारा।

प्रश्न 97.
बैन्जोइक अम्ल का प्रतिदर्शन जिसमें सोडियम क्लोराइड अशुद्धि के रूप में हो कैसे शुद्धिकृत करते हैं?
उत्तर:
ऊर्ध्वपातन द्वारा।

प्रश्न 98.
सोडियम नाइट्रोप्रुसाइड का रासायनिक सूत्र क्या है?
उत्तर:
Na2[Fe(CN)5NO]

प्रश्न 99.
किसी यौगिक में सल्फर का परीक्षण कैसे किया जाता है?
उत्तर:
लैसग्ने विलयन में 1-2 बूँद सोडियम नाइट्रोप्रुसाइड मिलाने पर बैंगनी रंग का विलयन प्राप्त होता है।
\(\mathrm{Na}_2 \mathrm{~S}+\mathrm{Na}_2\left[\mathrm{Fe}(\mathrm{CN})_5 \mathrm{NO}\right] \longrightarrow \mathrm{Na}_4\left[\mathrm{Fe}(\mathrm{CN})_5 \mathrm{NOS}\right]\)

प्रश्न 100.
किसी यौगिक में ब्रोमीन की पहचान कैसे करोगे ?
उत्तर:
लैसग्ने विलयन में AgNO3 विलयन डालने पर हल्का पीला अवक्षेप आता है।
NaBr + AgNO3 → AgBr + NaNO3

प्रश्न 101.
द्रव्यमान स्पैक्ट्रोमिति की क्या उपयोगिता है?
उत्तर:
इस तकनीकी से अणु द्रव्यमान ज्ञात करने के साथ-साथ कार्बनिक यौगिक का अणुसूत्र तथा अणु संरचना को भी निर्धारित किया जाता है।

प्रश्न 102.
प्रभाजी आसवन का उपयोग दो द्रव कार्बनिक पदार्थों के मिश्रण को पृथक करने में किस दशा में होता है?
उत्तर:
दो कार्बनिक पदार्थों के मिश्रण को पृथक् करने में प्रभाजी आसवन का उपयोग तब किया जाता है, जब उनके क्वथनांक में अन्तर 10°C से उच्च तथा 50°C से कम हो।

प्रश्न 103.
साधारण आसवन का उपयोग दो द्रव पदार्थों के मिश्रण को पृथक करने में किस दशा में होता है ?
उत्तर:
दो द्रव पदार्थों के मिश्रण को पृथक करने में साधारण आसवन का उपयोग तब होता है, जब उनके क्वथनांकों में अन्तर 50°C से उच्च होता है।

प्रश्न 104.
भाप आसवन विधि का उपयोग कौन से कार्बनिक पदार्थों के शोधन में किया जाता है?
उत्तर:
भाप आसवन विधि का उपयोग उन कार्बनिक पदार्थों के शोधन में किया जाता है, जो वाष्पशील हों तथा जल में अविलेय हों।

प्रश्न 105.
वर्णालेखन क्या है?
उत्तर:
वह प्रक्रम जिनके द्वारा किसी मिश्रण के कुछ या सभी अवयवों को सान्द्रित क्षेत्रों में या विभिन्न प्रावस्थाओं में ( जिनमें वे पहले उपस्थित थे), पृथक्करण किया जाता है, वर्णलेख्यन कहलाता है।

प्रश्न 106.
निम्नलिखित मिश्रण के अवययों को पृथक करने की विधि के नाम लिखिए-
(अ) नमक एवं नौसादर
(ब) ऐथिल ऐल्कोहॉल एवं जल
(स) स्पेणट लाई एवं ग्लिसरीन
(द) ऐमीनो अम्ल का मिश्रण
(य) फूलों से सुगच्धित तेल
(र) साधारण नमक एवं जल।
उत्तर:
(अ) प्रभाजी क्रिस्टलन द्वारा
(ब) चूने द्वारा
(स) बेसिक फेरिक सस्फेट मिलाकर
(द) हिन्सबर्ग विधि द्वारा या हौफमैन विधि द्वारा
(य) प्रभाजी आसवन द्वारा
(र) क्रिस्टलीकरण द्वारा।

प्रश्न 107.
उध्रवपातन (Sublimation) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
जो ठौस पदार्थ गर्म करने पर बिना द्रव में बदले सीधे गैसीय अवस्था में परिवर्तित हो जाते हैं तो उनके इस गुण को उुर्धवपातन कहते है। उदाहरण-आयोडीन, बेन्जोइक अम्ल आदि।

प्रश्न 108.
कम दाब पर आसयन का उपयोग किन पदार्थों के शोधन में किया जाता है? उदाहरण भी दीजिए।
उत्तर:
जो पदार्थ अपने क्यथनांक से पूर्व ताप पर सीधे गर्म करने पर अपघटित हो जाते हैं, उनका शोधन कम दाब पर आसवन या निर्वात आसबन विधि से किया जाना है; जैसे – गिलसरीन।

लघु उत्तरीय प्रश्न:

प्रेशन 1.
C4H10O में पाये जाने वाले विभिन्न समावयवियों के नाम तथा संरचना सूत्र लिखें ?
उत्तर:
(i) C4H10O अणुसूत्र में-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 147

प्रश्न 2.
निम्नलिखित यौगिकों के मध्य किस प्रकार की समावयवता उपस्थित है, और क्यों ? समझाइए।
(i) CH3—CH2—COOH एवं H—COOC2H2
(ii) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 148
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 149
में भिन्न-भिन्न क्रियात्मक समूह होने के कारण क्रियात्मक समावध्रवता (functional isomerism) उपस्थित हैं।

(ii) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 150
में कार्बन भृंबला की संरचनाएँ भिन्न होने से भृंखला समावयवता (chain isomerism) उपस्थित है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित युग्मों में किस प्रकार की संमांवयकता है ? व्याखाया कीजिए।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 151
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 152
युग्म में मध्यावयवता (Metamerism) उपस्थित है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 153
युग्म में भी मध्यावयवता (Metomerism) उपस्थित है। एक ही क्रियात्मक समूह से भिन्न ऐल्किल समूह जुहे हैं।

प्रश्न 4.
C4H10 के शृंखला समावयवियों की संरचनाएँ लिखिए।
उत्तर:
(i) CH3—CH2—CH2—CH3 (n-क्यूटेन)
(ii) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 154

प्रश्न 5.
निम्नलिखित यौगिकों के समावयवियों के नाम ओर संरचना सूत्र लिखिए।
(i) CH3—CH2—CH2—Cl
(ii) CH3—CO—CH3
उत्तर:
(i) इसमें स्थिति समावयवता (Position isomerism) पाई जाती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 155
(ii) इसमें क्रियात्मक समूहसमावयक्ता (Functional group isomerism) पाई जाती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 156

प्रश्न 6.
उन सभी समावयबी ऐल्कोहोलों की संख्या दीजिए जिनका अणुसूत्र C5H12O है।
उत्तर:
C5H12O अणुसूत्र में निम्न तीन समावपवी ऐेल्कोहॉल सम्भव हैं-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 157

प्रश्न 7.
C6H6O में पायी जाने वाली समावघक्ता बताये तथा सूत्र भी लिखें ।
उत्तर:
इसमें क्रियात्मक समाबयवता (functional isomerism) पायी जाती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 158

प्रश्न 8.
C4H610O के क्रियात्पक समाबयवी लिखें।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 203

प्रश्न 9.
निम्नलिखित युगल किस प्रकार की समावस्यता प्रदर्शित करते हैं।
(i) CH3—CH2—CHO तथा CH3—CO—CH3
(ii) CH3—CH2—CH = CH2 तथा CH3—CH = CH—CH3
उत्तर:
(i) क्रियात्मक समूह समावयवता
(ii) स्थिति समावयवता।

प्रश्न 10.
CH3CH2OH एवं CH3—O—CH3 में कौन-सी समावयवता है?
उत्तर:
क्रियात्मक समूह समावयवता।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित यौगिकों के समावयवियों के नाम और संरचना सूत्र लिखिए।
(i) CH3—CH2—CH2—Cl
(ii) CH3—CO—CH3
उत्तर:
(i) इसमें स्थिति समाबयवता पाई जाती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 159
(ii) इसमें क्रियात्मक समूह समावयवता पाई जाती है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन : कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें

प्रश्न 12.
CH3.CH2.CO.CH2.CH3 तथा CH3CO.CH2CH2.CH3 किस प्रकार की समावचयता को प्रदर्शित करते हैं?
अधवा
पेण्टेन-2-ओन और पेण्टेन-3-ओन में किस प्रकार की समावयवता है और क्यों ?
उत्तर:
दी गई संरचनाएँ C5H10O के दो कौटेन समाबयघी है और ये दोनों मध्याबयवता (metamerism) प्रदर्शित करते है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 160

प्रश्न 13.
निम्नलिखित यौगिक कौन-सी समायखवता प्रदशित करते हैं?
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 161

प्रश्न 14.
निम्नलिखित यौगिक कौन-सी समावचवता प्रदश्शित करते है ?
(i) CH3—CH2—CH2—OH तथा CH3—CHOH—CH3
(ii) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 162
उत्तर:
(i) इनमें स्थिति समाबयखता है।
(ii) इसमें अध्यावयवता है।

प्रश्न 15.
C3H6O2 के सभी समावयवी प्रदश्रित कीजिए।
उत्तर:
C3H6O2 के निम्नलिखित तीन समाबयवी है-
(i) C2H5COOH प्रोपेनोद्रक अम्ल
(ii) HCOOC2H5 ऐैचिल फॉर्मेट
(iii) CH3COOCH3 मेथिल ऐसीटेट

प्रश्न 16.
निम्नलिखित समावयवी यौगिकों के संरचना सूत्र दिए गए हैं, इनमें पाई जाने वाली समावयंवता का नाम लिखिए–

(i) CH3.CHOH.CH3 तथा CH3.CH2.CH2OH
(ii) CH3.O.C3H7 तथा C2H5.O.C2H5
(iii) CH3.CH2. CHO तथा CH3.CO.CH3
(iv) CH3.CH2.OH तथा CH3.O.CH3
उत्तर:
(i) स्थिति समावयवता,
(ii) मध्यावयवता,
(iii) क्रियात्मक समूह समावयवता,
(iv) क्रियात्मक समूह समावयवता ।

प्रश्न 17.
C6H4Cl2 सूत्र वाले ऐरोमैटिक यौगिक के सम्भावित समावयवियों के संरचना सूत्र लिखिए।
उत्तर:
C6H4Cl2 सूत्र वाले ऐरोमैटिक यौगिक के सम्भावित समावयवी निम्नलिखित हैं। ये स्थान समावयवता प्रदर्शित करते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 163

प्रश्न 18.
C4H10O में पाये जाने वाले विभिन्न समावयवियों के नाम, सूत्र एवं समावयवताओं के नाम लिखें।
उत्तर:
C4H10O अणुसूत्र में-
(a) C2H5OC2H5 ऐथॉक्सी ऐथेन
(b) CH3OCH2CH2CH3 मेथॉक्सी प्रोपेन
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 164
(i) यहाँ (a) तथा (b) में मध्यावयवता पायी जाती है।
(ii) (b) तथा (c) में स्थिति समावयवता है। इसके अलावा (d) व (c) में भी स्थान समावयवता है।
(iii) (a) तथा (d) में क्रियात्मक समूह समावयवता है।
(iv) (f) तथा (g) में श्रृंखला समावयवता है।

प्रश्न 19.
C3H9N में पायी जाने वाली समावयवता, उनके समावयवियों के नाम व सूत्र लिखें।
उत्तर:
C3H9N अणुसूत्र में-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 165
(i) (a) तथा (b) के मध्य स्थिति समावयवता है।
(ii) (a), (c) तथा (d) में क्रियात्मक समूह समावयवता है।

प्रश्न 20.
C5H12 में पाये जाने वाले समावयवियों के नाम, सूत्र व समावयवता बताएँ ।
उत्तर:
C5H12 अणुसूत्र में-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 166
2, 2 – डाइमेथिल प्रोपेन (नियो पेण्टेन)
यहाँ (a), (b) तथा (c) में श्रृंखला समावयवता है।

प्रश्न 21.
C5H10O में पायी जाने वाली समावयवता, समावयवियों के नाम व सूत्र लिखें।
उत्तर:
C5H10O अणुसूत्र में-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 167
(i) (a) तथा (b) में मध्यावयवता है।
(ii) (b) तथा (c) में शृंखला समावयवता है।

प्रश्न 22.
C4H11N के विभिन्न समावयवी लिखें।
उत्तर:
C4H11N अणुसूत्र में
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 168

प्रश्न 23.
पेन्टेन के एक शृंखला समावयवी का नाम व संरचनात्मक सूत्र लिखें।
उत्तर:
(1) CH3–CH2–CH2–CH2–CH3; n- पेण्टेन
(2) (CH3)2CH–CH2–CH3; 2- मेथिल ब्यूटेन

प्रश्न 24.
निम्नलिखित युग्मों में पायी जाने वाली समावयवता के नाम लिखें-
(i) n – ब्यूटिल ऐल्कोहॉल तथा आइसो ब्यूटिल ऐल्कोहॉल
उत्तर:
शृंखला समावयवता ।

(ii) n – ब्यूटिल ऐल्कोहॉल और sec- ब्यूटिल ऐल्कोहॉल
उत्तर:
स्थान समावयवता ।

(iii) sec ब्यूटिल ऐल्कोहॉल और / ब्यूटिल ऐल्कोहॉल |
उत्तर:
स्थान व श्रृंखला समावयवता ।

(iv) n ब्यूटिल ऐल्कोहॉल और / ब्यूटिल ऐल्कोहॉल।
उत्तर:
शृंखला तथा स्थिति समावयवता ।

(v) n प्रोपिल ऐल्कोहॉल और आइसो प्रोपिल ऐल्कोहॉल।
उत्तर:
स्थिति समावयवता ।

(vi) मैलेइक अम्ल फ्यूमेरिक अम्ल ।
उत्तर:
ज्यामितीय समावयवता ।

(vii) ऐथिल ऐसीटो ऐसीटेट (कीटो) एवं ऐथिल ऐसीटोएसीटेट (इनोल) ।
उत्तर:
चलावयवता ।

(viii) दक्षिण एवं वाम घूर्णक लैक्टिक अम्ल ।
उत्तर:
प्रकाश समावयवता ।

(ix) पेण्टेन-2-ऑन और पेण्टेन – 3-ओन ।
उत्तर:
मध्यावयवता ।

(x) प्रोपेनॉइक अम्ल और मेथिल ऐसीटेट ।
उत्तर:
क्रियात्मक समावयवता ।

(xi) o-हाइड्रॉक्सी टॉलूईन और बेन्जिल ऐल्कोहॉल |
उत्तर:
क्रियात्मक समावयवता।

प्रश्न 25.
निम्नलिखित प्रत्येक यौगिक के एक समावयवी का नाम एवं उसका संरचना सूत्र लिखें-
(i) CH2 = CHCH2CH3
उत्तर:
इसका समावयवी CH3—CH = CH—CH3 है। यह यौगिक CH2 – CHCH2CH के साथ-साथ समावयता प्रदर्शित करते हैं।

(ii) (CH3)2CHOH
उत्तर:
इसका समावयवी CH3—CH2CH2OH है। यह (CH3)2CHOH के साथ स्थिति मध्यावयवता प्रदर्शित करता है।

(iii) CH3COOH
उत्तर:
इसका समावयवी HCOOCH3 है यह CH3COOH के साथ क्रियात्मक समूह समावयवता प्रदर्शित करता है।

(iv) CH3OCH2CH2CH3
उत्तर:
इसका समावयवी CH3CH2OCH2CH3 है। यह CH3OCH2CH2CH3 के साथ मध्यावयवता प्रदर्शित करता है।

(v) CH3CHCICH3
उत्तर:
इसका समावयवी CH3CH2CH2Cl है। यह CH3CHClCH3 के साथ स्थिति समावयवता प्रदर्शित करता है।

(vi) CH3CH2CHO
उत्तर:
इसका समावयवी CH3COCH3 है। यह CH3CH2CHO के साथ क्रियात्मक समूह समावयवता प्रदर्शित करता है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन : कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें

प्रश्न 26.
यौगिक के निम्नलिखित युग्मों में कौन-सी समावयवता है?
(1)CH3CH2CHO तथा CH3COCH3
उत्तर:
इस युग्म में क्रियात्मक समूह समावयवता है।

(2) C2H5OC2H5 तथा CH3OC3H7
उत्तर:
उपरोक्त युग्म में मध्यावयवता है।

(3) CH3CH2OH तथा CH3OCH3
उत्तर:
उपरोक्त युग्म में क्रियात्मक समूह समावयवता है।

(4) CH3CH2CH2OH तथा CH3CH(OH)CH3
उत्तर:
उपरोक्त युग्म में स्थिति समावयवता है।

(5) CH3CH2—NH–CH2CH3 तथा CH3—NH—CH2CH2CH3
उत्तर:
उपरोक्त युग्म में मध्यावयवता होती है।

(6) CH3CHO तथा CH2 = CHOH
उत्तर:
इसमें चल समावयवता है।

(7) CH3CH2CH = CH2 तथा CH3CH = CHCH3
उत्तर:
उपरोक्त युग्म में स्थिति समावयवता है।

(8) CH3CH2CH2CH3 तथा (CH3)3CH
उत्तर:
उपरोक्त युग्म में श्रृंखला समावयवता है।

प्रश्न 27.
निम्नलिखित के संरचनात्मक सूत्र दीजिए-
(1) दो प्रतिबिम्ब रूप
(2) दो ज्यामितीय समावयवी
(3) दो समजातीय।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 169

प्रश्न 28.
निम्न संरचनाओं ( I से VII) को ध्यान से देखकर दिये गये प्रश्नों के उत्तर दें-
(i)CH3—CH2—CH2—CH2—OH
(ii) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 170

(i) उपरोक्त संरचनाओं में से कौन मध्यावयता प्रदर्शित करता है।
उत्तर:
V तथा VI एवं V तथा VII मध्यावयवता प्रदर्शित करते हैं। क्योंकि इनमें ईथर से जुड़ने वाली कार्बन शृंखलाओं में कार्बन की संख्या में अन्तर है।

(ii) उपरोक्त संरचनाओं में से कौन क्रियात्मक समूह समावयवता को प्रदर्शित करता है।
उत्तर:
I तथा V, I तथा VI, I तथा VII, II तथा V, II तथा VI, II तथा VII, III तथा V, III तथा VI, III तथा VII, IV तथा V, IV तथा VI और IV तथा VII क्रियात्मक समूह समावयवता को प्रदर्शित करते हैं।

(iii) उपरोक्त संरचनाओं में से कौन स्थान समावयवता को प्रदर्शित करता है।
उत्तर:
I तथा II, III तथा IV और VI तथा VII

(iv) उपरोक्त संरचनाओं में से कौन श्रृंखला समावयवता प्रदर्शित करता है।
उत्तर:
I तथा III, I तथा IV. II तथा III और II तथा IV

प्रश्न 29.
कार्बोकेटायन एवं कार्बोऐनायन की संरचना में अन्तर स्पष्ट कीजिए एवं उनके मुख्य लक्षण बताइए।
उत्तर:
कार्बोकेटायन—वह धनावेशित कार्बनिक समूह (R+) जिसमें कार्बन परमाणु के बाह्यतम कोश में केवल 6 इलेक्ट्रॉन होते हैं, कार्बोकेटावन कहलाता है।
उदाहरणार्थHBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 171 मैथिल HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 172 एथिल कार्बोकेटायन की संरचना समतल त्रिकोणीय होती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 173

कार्बोऐनायन – वह ऋणावेशित कार्बनिक समूह R जिसमें कार्बन परमाणु के बाह्यतम कोश में 8 इलेक्ट्रॉन होते हैं। कार्बोऐनायन कहलाता है। उदाहरणार्थ-
\(\mathrm{CH}_3\) (मेथिल कार्बोऐनायन) \(\mathrm{CH}_3 \mathrm{CH}_2^{-}\) एथिल कार्बोऐनायन
कार्बोऐनायन की आकृति पिरामिडीय होती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 174

प्रश्न 30.
नाभिक स्नेही अभिकर्मक की विभिन्न प्रकार की रासायनिक अभिक्रियाएँ बताइए ।
उत्तर:
नाभिक स्नेही अभिकर्मक दो प्रकार से अभिक्रिया करते हैं-

(अ) नाभिक स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया इन अभिक्रियाओं में आक्रमणकारी अभिकर्मक नाभिक स्नेही होता है। ऐल्किल हैलाइड की अधिकतर प्रतिस्थापन अभिक्रियाँ नाभिक स्नेही होती हैं। उदाहरणार्थ – CH3—CH2Cl + KOH (जलीय) → CH3—CH2—OH + KCl इस अभिक्रिया में KOH जो कि एक क्षार है, OH- आयन देता है जो कि नाभिक स्नेही होता है और इस अभिक्रिया में आक्रमणकारी अभिकर्मक का कार्य करता है।

(ब) नाभिक स्नेही योगात्मक अभिक्रिया – ये अभिक्रियाएँ अधिकतर असंतृप्त कार्बनिक यौगिकों में होने वाली अभिक्रियाएँ हैं।
उदाहरण-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 175
इस अभिक्रिया में प्रथम पद में CN का योग होता है तथा बनने वाला मध्यवर्ती यौगिक अपेक्षाकृत अधिक स्थायी होती है।

प्रश्न 31.
निम्नलिखित यौगिकों में हेटेरोलिटिक विदलन समीकरण द्वारा समझाइए-
(i) (CH3)3 C—Cl,
(ii) R—OH,
(iii) (CH3)2CO.
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 176

प्रश्न 32.
निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रिया की क्रियाविधि समझाइए-
CH2 = CH2 + HBr → CH3.CH3
अथवा
इलेक्ट्रॉनस्नेही योगात्मक अभिक्रिया को एक उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
ऐथिलीन HBr के साथ इलेक्ट्रोफिलिक योगात्मक क्रिया देता है अर्थात् इसमें योगशील अभिकर्मक का इलेक्ट्रोफाइल (H+) पहले संयुक्त होता है तथा फिर न्यूक्लिओफाइल (Br-) संयुक्त होता है। यह है क्रियाविधि निम्नलिखित पदों में व्यक्त कर सकते हैं-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 177

प्रश्न 33.
निम्न में क्या अन्तर हैं
(i) समांग व विषमांग विखण्डन
(ii) इलेक्ट्रोफाइल एवं न्यूक्लिओफाइल |
उत्तर:
(i) समांग विखण्डन एवं विषमांग विखण्डन में अन्तर निम्नलिखित हैं-

समांग विखण्डन विषमांग विखण्डन
1. इसमें दोनों परमाणु एक-एक इलेक्ट्रॉन लेकर अलग हो जाते हैं। 1. इसमें इलेक्ट्रॉन युग्म किसी एक परमाणु के पास आ जाते हैं।
2. इसमें बने उत्पाद विद्युत उदासीन होते हैं-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 204
2. इसमें विपरीत आवेश वाले आयन बनते हैं-

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 205

(ii) इलेक्ट्रोफाइल तथा न्यूक्लिओफाइल में निम्नलिखित अन्तर हैं-

इलेक्ट्रोफाइल न्यूक्लिओफाइल
1. वे अभिकर्मक जो इलेक्ट्रॉन ग्राही होते हैं, इलेक्ट्रोफाइल कहलाते हैं। 1. वे अभिकर्मक जो इलेक्ट्रॉन के धनी होते हैं, न्यूक्लिओफाइल कहलाते हैं।
2. ये उदासीन या न्यून धनावेशित होते हैं। 2. ये ऋणावेशित या उदासीन होते हैं।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन : कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें

प्रश्न 34.
कार्बोनियम आयन व कार्बेनायन में उपस्थित प्राथमिक (1°), द्वितीयक (2°) तथा तृतीयक (3°) के स्थायित्व का क्रम बताइए।
उत्तर:
(i) कार्बोनियम आयन में प्राथमिक (1°), द्वितीयक (2°) तथा तृतीयक (3°) कार्बन पर स्थायित्व का क्रम-
यदि धनावेश क्रमशः प्राथमिक (1°) द्वितीयक (2°) तथा तृतीयक (3°) कार्बन पर विद्यमान हो, तो कार्बोनियम आयन भी 1°, 2°, 3° होते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 178
इनके स्थायित्व का क्रम निम्न प्रकार हैं-
3° > 2° > 1°
(ii) कार्बऐनायन में प्राथमिक (1°), द्वितीयक (2°) तथा तृतीयक (3°) कार्बन पर स्थायित्व का क्रम-
यदि ऋणावेश क्रमश: प्राथमिक (1°) द्वितीयक (2°) तथा तृतीयक (3°) कार्बन पर विद्यमान हो, तो कार्बेऐनायन भी 1°, 2°, 3° होते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 179
इनके स्थायित्व का क्रम निम्न प्रकार है-
1° > 2° > 3°

प्रश्न 35.
आयन तथा मुक्त मूलक में क्या अन्तर है ?
उत्तर:

आयन मुक्त मूलक
1. ये जल अथवा अन्य आयनीकारक विलायक में विलेय करने पर (सहसंयोजक बन्ध के हेटेरोलिटिक विखण्डन पर) बनते हैं। 1. ये साधारणतया होमोलिटिक विखण्डन (ऊष्मा या प्रकाश की उपस्थिति में) द्वारा उत्पन्न होते हैं।
2. ये प्रायः विलयन अवस्था में बनते हैं। 2. ये प्राय: गैसीय अवस्था में बनते हैं।
3. ये विद्युत आवेशित होते हैं; क्यौ कि ये इलेक्ट्रॉन के आदान-प्रदान के फलस्वरूप बनते हैं। 3. ये साधारणतया विद्युत उदासीन होते हैं; क्योंकि विषम इलेक्ट्रॉन, उदासीन परमाणु का वह इलेक्ट्रॉन होता है, जो सहसंयोजक बन्ध बनाने के काम आता है।
4. ये प्रतिचुम्बकीय गुण प्रदर्शित करते हैं। 4. ये अनुचुम्बकीय गुण प्रदर्शित करते हैं।
5. ये स्थायी होते हैं। 5. ये प्रायः अस्थायी होते हैं।

प्रश्न 36.
ऐसीटिलीन पर HBr की अभिक्रिया की क्रियाविधि समझाइए ।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 180

प्रश्न 37.
ऐल्कीन में इलेक्ट्रोमेरिक प्रभाव दिखाइये।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 181

प्रश्न 38.
(CH3)3C—Cl में बन्ध का विषम विदलन समीकरण द्वारा समझाइये |
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 182

प्रश्न 39.
निम्नलिखित को निर्देशानुसार व्यवस्थित करें-
(क) ClCH2COOH, CH3CH2COOH, ClCH2CH2COOH(CH3)2CHCOOH तथा CH3COOH को अम्ल प्रबलता के बढ़ते हुए क्रम में ।
उत्तर:
(CH3)2CHCOOH < CH3CH2COOH < CH3COOH< ClCH2CH2COOH< ClCH2COOH

(ख) C6H5OH, C2H5OH, HCOOH तथा CH3COOH को अम्ल प्रबलता के घटते हुए क्रम में ।
उत्तर:
HCOOH>CH3COOH>C6H5OH> C2H5OH

(ग) मेथिलेमीन, डाइमेथिलेमीन, ऐनिलीन तथा N – मेथिल ऐनीलीन को क्षारीय प्रबलता के बढ़ते हुए क्रम में ।
उत्तर:
ऐनिलीन

प्रश्न 40.
यौगिक CH3CH = CHCH2CH3 में 2, 3 C—C बन्ध में इलेक्ट्रोमेरिक प्रभाव किस प्रकार होगा ? कारण सहित बताइए।
उत्तर:
CH3CH = CHCH2CH3 → CH3CH—CHCH2CH3 बड़े ऐल्किल समूह का प्रेरणिक प्रभाव अधिक होता है ।

प्रश्न 41.
निम्न में से कौन इलेक्ट्रॉन स्नेही तथा नाभिक स्नेही होते हैं?
(1) FeCl3
(2) AlCl3
(3) H2O
(4) C2H5OH
(5) BF3
(6) (C2H5)2O
(7) NH3
(8) RSH
उत्तर:
इलेक्ट्रॉन स्नेही – FeCl3 , AlCl3 , BF3
नाभिक स्नेही – H2 O, C2 H5 OH, (C2H5 )2 O, RSH

प्रश्न 42.
निम्न यौगिकों में विषम विदलन समीकरण द्वारा व्यक्त कीजिए-
(a) C2H6
(b) R—OH
उत्तर:
(a) \(\mathrm{CH}_3-\mathrm{CH}_2-\mathrm{H} \longrightarrow \mathrm{CH}_3-\mathrm{CH}_2^{-}+\mathrm{H}^{+}\) क्योंकि O-परमाणु H-परमाणु से अधिक विद्युत ऋणात्मक है।

प्रश्न 43.
प्रत्येक कार्बन पर संकरण बतायें ?
उत्तर:
CH2 = C =H2
उत्तर:
sp2 – sp – sp2

प्रश्न 44.
बताइये कि किस प्रकार कार्बनिक यौगिकों में संकरण कार्बन परमाणु की विद्युत ऋणात्मकता से सम्बन्धित है।
उत्तर:
जैसे-जैसे कार्बन परमाणु पर संकरण का s-गुण बढ़ता है। विद्युत ऋणात्मकता भी बढ़ जाती है। अतः विद्युत ऋणात्मकता का क्रम है-
sp3 < sp2 < sp

प्रश्न 45.
निम्न की अनुनादी संरचना बनायें-
(i) CH2 = CH—:Cl:
(ii) CH2 = CH—CH = CH2
(iii) HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 183
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 184

प्रश्न 46.
दिये गये समूहों में से सबसे स्थायी स्पीशीज छाँटे-
(i) CH3,+CH2Br, CHBr2, CBr2
(ii) CH3,-CH2Cl,-CHCl2, CCl3
उत्तर:
(i) CH3 सबसे अधिक स्थायी है क्योंकि जैसे-जैसे Br हाइड्रोजन को विस्थापित करता जाता है वैसे-वैसे कार्बन पर +ve आवेश बढ़ता जाता है, क्योंकि Br हाइड्रोजन की तुलना में अधिक विद्युत ऋणात्मक है। जिसके कारण +CBr3 सबसे कम स्थायी स्पीशीज हो जाती है।

(ii) Cl—Cl3 सर्वाधिक स्थायी स्पीशीज है क्योंकि Cl, हाइड्रोजन की तुलना में अधिक विद्युत ऋणात्मक है। जैसे-जैसे Cl की संख्या बढ़ती जाती है वैसे-वैसे स्थायित्व भी बढ़ता जाता है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन : कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें

प्रश्न 47.
निम्न में से कौन अनुनादी संकर नहीं बनाता है?
(i) CH3OH
(ii) R—CONH2
(iii) CH3CH=CHCH2NH2
उत्तर:
(i) CH3OH- यह अनुनादी संकर नहीं बनाता है क्योंकि इनके पास ग-इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं। इस कारण यह अनुनादी संकर नहीं बना पाता है।
(ii) R-CONH2 यह अनुनादी संकर बनाता है।
(iii) CH3CH = CHCH2NH2-यह अनुनादी संकर नहीं बनाता है क्योंकि इसके पास (conjugate) एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म नहीं है।

प्रश्न 48.
SO3 इलेक्ट्रॉन स्नेही की तरह कार्य क्यों करता है?
उत्तर:
-s- परमाणु से तीन अत्यधिक विद्युत ऋणी ऑक्सीजन परमाणु जुड़े हुये हैं। जिसके कारण s-परमाणु न्यून हो जाता है। अनुनाद के कारण भी s-परमाणु पर +ve आवेश आ जाता है, इन दोनों कारकों के कारण ही SO3 इलेक्ट्रॉन स्नेही की तरह व्यवहार करता है ।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 185

प्रश्न 49.
निम्न में से किस अनुनादी संरचना का स्थायित्व अधिक है?
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 186

प्रश्न 50.
किसी कार्बनिक यौगिक की शुद्धता की जाँच आप किस प्रकार करेंगे ?
उत्तर:
किसी भी कार्बनिक यौगिक की शुद्धता की जाँच उसके भौतिक स्थिरांकों तथा स्पेक्ट्रमी गुणों की सहायता से की जाती है। आधुनिक समय में कार्बनिक यौगिकों की शुद्धता से जाँच करने के लिए गैस वर्णलेखन (Gas chromotography) का प्रयोग बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ है। गैस वर्ण लेखन द्वारा उन यौरिकों की शुद्धता की जाँच भी की जा सकती है, जिनके भौतिक स्थिरांकों, स्पेक्ट्रमी गुणों, संघटन आदि का ज्ञान पहले से न हो।

कार्बनिक यौगिकों के भौतिक स्थिरांक विशिष्ट क्रिस्टलीय रूप, अपवर्तनांक (Refractive index), आपेक्षित गुरुत्व (specific gravity), गलनांक तथा क्लथनांक आदि हैं। ठोस कार्बनिक यौगिकों की शुद्धता की जाँच उनके गलनांक तथा मिश्रित गलनांक से की जाती है। द्रव कार्बत औा गेकों की शुद्धता की जाँच उनके क्नथनांक से की जाती है।

प्रश्न 51.
किसी उपयुक्त विलायक में क्या-क्या विशेषताएँ होनी वाहिए ?
उत्तर:
किसी उपयुक्त विलायक में निम्नलिखित विशेषताएँ होती है-
(i) किसी पदार्थ एवं अशुद्धियों की विलायक में विलेयताओं का अंतर अधिक होना चाहिए।
(ii) विलायक में अशुद्धि कमरे के ताप पर लगभग विलेय होनी चाहिए अथका अशुद्ध की विलेयता, पदार्थ की विलेयता से बहुत अधिक होनी चाहिए।
(iii) विलायक का क्वथनांक कम होना चाहिए।
(iv) विलायक में अत्यधिक दहनशीलता का गुण नहीं होना चाहिए।
(v) विलायक में कार्बनिक ठोस कम तापमान पर कम विलेय एवं उच्ब तापमान पर अधिक विलेय होना चाहिए।

प्रश्न 52.
ऊर्ध्वपातन से क्या समझते हैं?
उत्तर:
छर्ध्वपातन (Sublimation) कुछ छोस पदार्थ गम्म करने पर बिना द्रव अवस्था में आए सीधे वाष्प में परिवर्तित हो जाते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 187
ऐसे ठोस पदार्थ को ऊर्धवपातज (Sublimate) कहते हैं। ठोस पदार्थ के सीधे वाप्य में परिवर्तित होने की क्रिया को ऊर्ध्वपातन (Sublimation) कहते हैं। ऊर्व्वपातन विधि का प्रयोग ऐसे यौगिकों के शोधन में होता है जो स्वयं तो ऊर्ध्वपातित होते हैं परन्तु उसमें उपस्थित अशुद्धियों का ऊर्ध्यपातन नहीं होता। उदाहरण-कपूर, बैंजोइक अम्ल तथा नैफ्थेलीन का शोधन।

प्रश्न 53.
बन्नोरोबैंजीन जाल में अविलेय है तथा भाप में वाध्यशील है इसके शोधन की विधि को संक्षेप में समझाइए।
उसंर:
धेंप आसवन विधि में अंशुद्ध कार्थनिक ड्रव क्लोरोबेंजीन को आसवन फुल्लास्क में लेकर गर्म करते हैं। इसमें साथ ही भाए प्रवाहित करते हैं। भाप के साथ क्लोरोबें ।न का वाष्पन होता है। ग्रीमी पात्र में आसुत जल तथा क्लोरोबेंजीन होते हैं, जिनें पथक्कारौ काण दारा अलग कर लिया जाता है।

प्रश्न 54.
कम दाब : आसवन विधि को समझाइए।
उत्तर:
ऐसे द्रव जो उप्ते क्वथनांक पर अपघटित हो जाते हैं, उन्हें कम दाब पर शोधित किया जाता है। क्लेजन फ्लास्क में रत्ते हुए द्रव को गर्म करने पर यह अपने सामान्य क्वथनांक से कम तंप उ उदलने लगता है तथा इसकी वाष्प संधनित होकर ग्राही में एकत्रिर जाती है, जिसे अलग कर लिया जाता है।

प्रश्न 55.
वर्णलेखन क्या है? इसका वर्गीकरण समझाइए।
उत्तर:
वर्णलेखन वह तकनीक है जिसके द्वारा किसी मिश्रण के अवयवों का सान्द्रित क्षेत्रों में या विभिन्न प्रावस्थाओं में जिनमें पहले उपस्थित थे, पृथक्करण किया जाता है। इसे दो वर्गों में वर्गीकृत कर सकते हैं-
(i) अधिशोषण वर्णलेखन
(ii) वितरण वर्णलेखन

प्रश्न 56.
लैसग्ने विलयन कैसे बनाते हैं?
उत्तर:
किसी यौगिक को उच्च ताप पर सोडियम धातु के साथ संगलित करने पर उसमें उपस्थित N,S,Cl,Br, I तत्व सोडियम से क्रिया करके सोडियम लवण बनाते हैं जो जल में आयनित हो जाते हैं। सोडियम धातु का सूखा टुकड़ा लेकर यौगिक के साथ ज्वलन नली में गर्म करते हैं। लाल गर्म हो जाने पर इसे आसुत जल में भरी प्याली में डाल देते हैं। विलयन को उबालकर छान लेते हैं। प्राप्त विलयन लैसग्ने विलयन कहलाता है।

प्रश्न 57.
किसी कार्बनिक यौगिक का मूलानुपाती सूत्र कैसे ज्ञात करोगे ?
उत्तर:
(i) यौगिक में उपस्थित तत्वों की प्रतिशतताओं को उनके परमाणु भारों से भाग देकर तत्वों के परमाणुओं की आपेक्षित संख्याएँ ज्ञात करते हैं।
(ii) आपेक्षित संख्याओं को सबसे छोटी आपेक्षित संख्या से भाग देकर परमाणुओं का सरल अनुपात ज्ञात करते हैं।
(iii) यदि प्राप्त अनुपात पूर्णांक या पूर्णांक के निकट होता है, तो किसी उचित समगुणक से गुणा करके पूर्णांकों में बदलते हैं। इस प्रकार कार्बनिक यौगिक का मूलानुपाती सूत्र ज्ञात कर सकते हैं।

प्रश्न 58.
किसी कार्बनिक यौगिक में आयोडीन की उपस्थिति किसी प्रकार ज्ञात करेंगे ?
उत्तर:
लैसग्ने विलयन में तनु HNO3 डालकर सिल्वर नाइट्रेट की कुछ बूँदें डालने पर गहरे पीले रंग का अवक्षेप आता है जो अमोनियम डाइड्रॉक्साइड विलयन में अघुलनशील होता है। इससे आयोडीन की उपस्थिति ज्ञात होती है।

प्रश्न 59.
किसी यौगिक के मूलानुपाती सूत्र तथा अणुसूत्र में क्या अन्तर है?
उत्तर:
किसी यौगिक के एक अणु में उपस्थित उसके विभिन्न परमाणुओं का अनुपात दर्शाने वाला सूत्र उस यौगिक का मूलानुपाती सूत्र कहलाता है। एक यौगिक के एक अणु में उपस्थित विभिन्न परमाणुओं की वास्तविक संख्या को उसका अणुसूत्र कहते हैं।
अणसूत्र = मूलानुपाँती सूत्र × n

प्रश्न 60.
C6H5N2Cl में नाइट्रोजन होने के बाद भी यह यौगिक नाइट्रोजन का लैसेगने परीक्षण नहीं देता है क्यों ?
उत्तर:
सोडियम के साथ बेन्जीन डायजोनियम लवण को गर्म करने पर सोडियम के प्रगलन से पूर्व ही लवण वियोजित हो जाता है तथा N2 गैस सोडियम से क्रिया करने से पूर्व बाहर निकल जाती है और NaCN नहीं बनता। इसी कारण यह लैसेग्ने परीक्षण नहीं देता।

आंकिक प्रश्न:
प्रश्न 1.
एक कार्बनिक यौगिक के 2.390 g का दहन करने पर 0.88 g CO2 और 0.18 g जल प्राप्त हुआ । यौगिक में कार्बन तथा हाइड्रोजन की प्रतिशत मात्रा ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
यौगिक का भार = 2.390 g
CO2 की मात्रा = 0.88 g
जल की मात्रा = 0.18 g
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 188
= \(\frac { 12 }{ 44 }\) × \(\frac { 0.88 }{ 2.390 }\) × 100
= 10.04%

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 189
= \(\frac { 12 }{ 18 }\) × \(\frac { 0.88 }{ 2.390 }\) × 100
= 0.84%

प्रश्न 2.
0.25 g क्लोरीनयुक्त एक यौगिक से केरियस विधि से 0.18 g सिल्वर क्लोराइड प्राप्त हुआ । यौगिक में क्लोरीन की प्रतिशत मात्रा ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
क्लोरीन की प्रतिशतता
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 190
= 17.81%

प्रश्न 3.
एक द्विक्षारकीय कार्बनिक अम्ल के 0.41 g सिल्वर लवण को गर्म करने पर 0.216 g सिल्वर अवशेष बचता है। अम्ल का अणुभार ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 191
\(\frac { 0.41 }{ 0.216 }\) = \(\frac { E+107 }{ 108 }\)
कार्बनिक अम्ल का तुल्यांकी भार
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 192
कार्बनिक अम्ल का अणुभार
= भास्मिकता × तुल्यांकी भार = 2 × 98 = 196

प्रश्न 4.
एक कार्बनिक यौगिक (अणुभार = 73) में C = 49.32%, H = 9.59% है। यौगिक के 0-365 ग्राम की जैल्डाल क्रिया करवाने पर उत्पन्न अमोनिया के पूर्ण उदासीनीकरण में 50 ml प्राप्त हुए। यौगिक का अणुसूत्र निकालिए ।
उत्तर:
N की प्रतिशतता = \(\frac { 1.4NV }{ W }\) = \(\frac { 1.4×1×50}{ 0.365 }\) = 19.17%

तत्व की प्रतिशतता परमाणु भार परमाणु की आपेक्षिक संख्या परमाणुओं का सरल अनुपात सरल पूर्णांक अनुपात
C = 49.32 12 24.11 4.11/133 3
H = 9.59 1 9.59 9.59/1.33 7
N = 19.10 14 1.36 1.36/1.33 1
O = 22 16 1.33 1.33/1.33 1

यौगिक का अणुसूत्र = C3H7NO

प्रश्न 5.
एक कार्बनिक यौगिक का मूलानुपाती सूत्र CH2O हैं इसका अणुभार 60 है। यौगिक का अणुसूत्र क्या है ?
उत्तर:
मूलानुपाती सूत्र = CH2O
मूलानुपाती सूत्र भार = 12 + 2 +16 = 30
अणुभार = 60
n = \(\frac { 60 }{ 30 }\) = 2
अणुसूत्र = 2 × CH2O
= C2H4O2

प्रश्न 6.
एक कार्बनिक यौगिक में 68.86% कार्बन, 4.96% हाइड्रोजन तथा शेष ऑक्सीजन है। यौगिक के सरलतम सूत्र की गणना करो ।
उत्तर:

तत्व की प्रतिशतता परमाणुओं की आपेक्षिक संख्या परमाणुओं का सरल अनुपात
C = 68.86 68.86/12 = 5.73 5.73/1.63 = 3.5 × 2 = 7
H = 4.96 4.96/1 = 4.96 4.96/1.63=3 × 2 = 6
O = 26.78 26.18/16 = 1.63 1.63/1.63 = 1 × 2 = 2

सरलतम सूत्र = C7H6O2

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन : कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें

प्रश्न 7.
एक प्राथमिक ऐमीन के 0.60 ग्राम के पूर्ण दहन पर 1.17 g CO2 तथा 0.84 g H2O प्राप्त हुए। पदार्थ का अणुभार 45 है, तो इसका अणुसूत्र ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
C की प्रतिशतता = \(\frac { 12 }{ 44 }\) × \(\frac { 1.17 }{ 0.60 }\) × 100
=53.18%
H की प्रतिशतता = \(\frac { 2 }{ 18 }\) × \(\frac { 0.84 }{ 0.60 }\) × 100
= 15.55%
शेष N की प्रतिशतता 100-(53.18+15.55) = 31.27%

तत्व की प्रतिशतता परमाणुओं की आपेक्षिक संख्या परमाणुओं का सरल अनपात
C = 53.18 \(\frac { 53.18 }{ 12 }\) = 4.43 \(\frac { 4.43 }{ 2.23 }\) = 2
H = 15.55 \(\frac { 15.55 }{ 1 }\) = 15.55 \(\frac { 15.55 }{ 2.23 }\) = 7
N = 31.27 \(\frac { 31.27 }{ 14 }\) = 2.23 \(\frac { 2.23 }{ 2.23 }\) = 1

यौगिक का अणुसूत्र = C2H7N

प्रश्न 8.
ड्यूमा के एक प्रयोग में किसी कार्बनिक यौगिक के 0.204 g से 17°C ताप तथा 756 mm दाब पर 18.6 mL नम नाइट्रोजन प्राप्त हुई । यदि 17°C ताप पर जल वाष्प दाब 14.5 mm हो, तो यौगिक में नाइट्रोजन की प्रतिशतता ज्ञात करो ।
उत्तर:
P1 = 756 – 14.5 = 741.5mm, P2 = 760
V1 = 18.6mL, T2 = 273
T1 = 273 + 17 = 290K, V2 = ?
\(\frac{P_1 V_1}{T_1}\) = \(\frac{P_2 V_2}{T_2}\)
\(\frac{741.5 \times 18.6}{290}\) = \(\frac{760 \times V_2}{273}\)
V2 = \(\frac{741.5 \times 18.6 \times 273}{290 \times 760}\) = 17.1
N2 की प्रतिशतता = \(\frac { 28 }{ 22400 }\) × \(\frac { 17.1 }{ 0.204 }\) ×100
= 10.47%

प्रश्न 9.
एक यौगिक को मूलानुपाती सूत्र CH3O है तथा इस अणुभार 62 है | यौगिक का अणुसूत्र ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
यौगिक का मूलानुपाती सूत्र भार = 12 + 3 × 1 + 16 = 31
∴ n = \(\frac { 62 }{ 31 }\) = 2
अत: यौगिक का अणुसूत्र (CH3O)2 अर्थात् C2H6O3 है।

प्रश्न 10.
एक कार्बनिक यौगिक में कार्बन 48.66% और हाइड्रोजन 8.11% है । यदि यौगिक का वाष्प घनत्व 37 है तो उसका अणुसूत्र ज्ञात करो ।
उत्तर:
कार्बन व हाइड्रोजन की प्रतिशतताओं का योग 100 से कम है, अतः शेष मात्रा ऑक्सीजन की होगी ।

तत्व प्रतिशतता परमाणु भार आपेक्षिक अनुपात सरलतम अनुपात
C 48.66 12 \(\frac { 48.66 }{ 12 }\) = 4.05 \(\frac { 4.05 }{ 2.70 }\) = 1.5 × 2 = 3
H 8.11 1 \(\frac { 8.11 }{ 1 }\) = 8.11 \(\frac { 8.11 }{ 2.70 }\) = 3 × 2 = 6
O 43.223 16 \(\frac { 43.23 }{ 26 }\) = 2.70 \(\frac { 2.70 }{ 2.70 }\) = 1 × 2 = 2

अतः मूलानुपाती सूत्र = C3H6O2
मूलानुपाती सूत्र भार= (12 × 3) + (6 × 1) + (16 × 2) = 72
अणुभार = 2 × वाष्प घनत्व
= 2 × 37 = 74
क्योंकि यौगिक का अणु सूत्र व मूलानुपाती सूत्र समान हैं।
अतः यौगिक का अणु सूत्र = C3H6O2

प्रश्न 11.
एक कार्बनिक यौगिक में C, H, N तथा O उपस्थित हैं। C = 20%, H = 6.66%, N = 46.66% है। इस यौगिक का वाष्प घनत्व 30 है | यौगिक का अणुसूत्र बताइए ।
उत्तर:

तत्व प्रतिशतता परमाणु भार आपेक्षिक अनुपात सरलतम अनुपात
C 20% 12 \(\frac { 20 }{ 12 }\) = 1.66 \(\frac { 1.66 }{ 1.66 }\) = 1
H 6.66 % 1 \(\frac { 6.66 }{ 1 }\) = 6.66 \(\frac { 1.66 }{ 1.66 }\) = 4
N 46.66% 14 \(\frac { 46.66 }{ 14 }\) = 3.33 \(\frac { 3.33 }{ 1.66 }\) = 2
O 26.68% 16 \(\frac { 26.68 }{ 16 }\) = 1.66 \(\frac { 1.66 }{ 1.66 }\) = 1

मूलानुपाती सूत्र = CH4N2O
मूलानुपाती सूत्र भार = 12 + 4 + 28 + 16 = 60
अणुभार = 2 × वाष्प घनत्व = 2 × 30 = 60
अतः अणु सूत्र = CH4N2O

प्रश्न 12.
C, H तथा N के कार्बनिक यौगिक ने विश्लेषण पर निम्नलिखित आँकड़ें दिए- C = 65.73%, H = 15.06%, N = 19.21%। यदि इसका वाष्प घनत्व 37 है, तो यौगिक का अणुसूत्र ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:

तत्व प्रतिशतता परमाणु भार आपेक्षिक अनुपात सरलतम अनुपात
C 65.73 12 \(\frac { 65.73 }{ 12 }\) = 5.47 \(\frac { 5.47 }{ 1.37 }\) = 4
H 15.06 1 \(\frac { 15.06 }{ 1 }\) = 15.06 \(\frac { 15.06 }{ 1.37 }\) = 11
N 19.21 14 \(\frac { 19.21 }{ 14 }\) = 13.7 \(\frac { 1.37 }{ 1.37 }\) = 1

मूलानुपाती सूत्र = C4H11N
मूलानुपाती सूत्र भार = 4 × 12 + 1 × 11 + 1 × 14 = 73
अणुभार = 2 × वाष्प घनत्व = 2 × 37 = 74
अणुसूत्र = n × (मूलानुपाती सूत्र )
1 × (C4H11N) = C4H11N

प्रश्न 13.
0.2127 g कार्बनिक यौगिक में C, H और O हैं, को दहन करने पर 0.4862 g CO2 और 0.1989 g H2O प्राप्त हुआ। कार्बन हाइड्रोजन और ऑक्सीजन की प्रतिशत मात्रा की गणना कीजिए ।
उत्तर:
हल: यौगिक में C की प्रतिशतता
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 193
= \(\frac { 12 }{ 44 }\) × \(\frac { 0.4862 }{ 0.2127 }\) = 10 = 63.34%
यौगिक में हाइड्रोजन की प्रतिशतता
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 194
= \(\frac { 2 }{ 18 }\) × \(\frac { 0.1989 }{ 0.2127 }\) × 100 = 10.39%
ऑक्सीजन की प्रतिशतता =100 – [62.34 + 10.39] = 27.27%

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन : कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें

प्रश्न 14.
0.70 ग्राम कार्बनिक यौगिक का कैल्डाल विधि द्वारा विश्लेषण किया गया। विश्लेषण में उत्पन्न NH3 को 100 mL \(\frac { N }{ 10 }\) H2SO4 में अवशोषित किया गया। बचे हुए अम्ल को उदासीन करने के लिए 10 mL \(\frac { N }{ 5 }\) NaOH की आवश्यकता हुई । यौगिक में नाइट्रोजन की प्रतिशत मात्रा ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
10 mL \(\frac { N }{ 5 }\)NaOH = 10 mL \(\frac { N }{ 10 }\)H2SO4
N1V1 = N2V2
\(\frac { N }{ 5 }\) × 10 = \(\frac { N }{ 10 }\) × V2
V2 = \(\frac { 10×10 }{ 5 }\) = 20
= 20mL \(\frac { N }{ 10 }\)H2SO4
अतः बचे हुए अम्ल का आयतन = 20 mL \(\frac { N }{ 10 }\)H2SO4
∴ प्रयुक्त अम्ल = (100-20)
= 80 मिली \(\frac { N }{ 10 }\)H2SO4
नाइट्रोजन की प्रतिशतता = \(\frac { 1.4NV }{ w }\) = \(\frac { 1.4×1/10×80 }{ 0.70 }\) = 16%

प्रश्न 15.
कैरियस विधि द्वारा एक कार्बनिक यौगिक के 0.1890 g से 0-2870 g सिल्वर क्लोराइड प्राप्त हुआ। कार्बनिक यौगिक में क्लोरीन की प्रतिशत मात्रा ज्ञात करो ।
उत्तर:
कार्बनिक यौगिक का भार = 0.1890 g
सिल्वर क्लोराइड का भार = 0.2870g
क्लोरीन की प्रतिशतता HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 194
= \(\frac { 35.5 }{ 143.5 }\) × \(\frac { 0.2870 }{ 0.1890 }\) × 10 = 37.5%

प्रश्न 16.
एक कार्बनिक यौगिक के मात्रात्मक विश्लेषण 0.1254 g यौगिक से 0.1292 g बेरियम सल्फेट प्राप्त हुआ । यौगिक में गन्धक की प्रतिशत मात्रा की गणना कीजिए ।
उत्तर:
कार्बनिक यौगिक का भार = 0.1254 g
बेरियम सल्फेट का भार = 0-1292 g
गन्धक की प्रतिशतता = HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 196
= \(\frac { 32 }{ 233 }\) × \(\frac { 0.1292 }{ 0.1254 }\) × 100 = 14.15%

प्रश्न 17.
किसी एक अम्लीय क्षार के 0.40 g प्लैटिनम क्लोराइड दहन करने पर 0.125 g प्लैटिनम प्राप्त हुआ। क्षार का अणुभार ज्ञात करो ।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 197
\(\frac { 2B+410 }{ 195 }\) = \(\frac { 0.4 }{ 0.125 }\)
2B = \(\frac { 0.4×195 }{ 0.125 }\) – 410
= \(\frac { 0.4×195 }{ 0.125×2 }\) – 205
= 107
क्षार का तुल्यांकी भार =107
क्षार का अणुभार = क्षार का तुल्यांकी भार × अम्लता
=1 × 107 =107

प्रश्न 18.
किसी मोनोबेसिक कार्बनिक अम्ल के 0.122 g के उदासीनीकरण में 10 mL \(\frac { N }{ 10 }\) दाहक सोडा विलयन लगा। उस अम्ल का अणुभार ज्ञात करो ।
उत्तर:
10 mL \(\frac { N }{ 10 }\)NaOH विलयन = 0.122 g अम्ल
100 mL N NaOH विलयन = 122 g अम्ल
अतः अम्ल का तुल्यांकी भार = 122 g
अम्ल का अणु भार = क्षारकता × तुल्यांकी भार
= 1 × 122 = 122

प्रश्न 19.
एक कार्बनिक यौगिक (A) जिसका वाष्प घनत्व 15 है, में C = 40.0%, H = 6.67% तथा शेष ऑक्सीजन है। यह फेहलिंग विलयन का अपचयन करता है । NaOH से क्रिया करने पर यह एक ऐल्कोहॉल (B) तथा अम्ल (C) का सोडियम लवण देता है। यौगिक (A) के अपचयन से भी (B) प्राप्त हो सकता है। A, B तथा C के संरचना सूत्र लिखिए। [C = 12; H = 1; O = 16]
उत्तर:
ऑक्सीजन की प्रतिशत मात्रा
= 100 – ( %C + % H )
= 100 – (40.0 + 6.67) = 53.33%
सरल सूत्र की गणना-

तत्व प्रतिशतता परमाणु भार परमाणुओं की आपेक्षिक संख्या सरल अनुपात
C 40.0 12 \(\frac { 40.0 }{ 12 }\) = 3.33 \(\frac { 3.33 }{ 3.33 }\) = 1
H 6.67 1 \(\frac { 6.67 }{ 1 }\) = 6.67 \(\frac { 6.67 }{ 3.33 }\) = 2
O 53.33 16 \(\frac { 53.33 }{ 16 }\) = 3.33 \(\frac { 3.33 }{ 3.33 }\) = 1

∴ A का सरल सूत्र = CH2O
मान लिया यौगिक का अणुसूत्र = n × सरल सूत्र
तथा A का सरल सूत्र भार = 12 + 2 + 16 = 30

A का वाष्प घनत्व =15
अनुभार = 15 × 2 = 30
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 198
= \(\frac { 30 }{ 30 }\) = 1
∴ यौगिक A का अणुसूत्र = n × = 1 × CH2O = CH2O

चूँकि यौगिक A फेहलिंग विलयन का अपचयन करता है तथा NaOH के साथ क्रिया करने से एक ऐल्कोहॉल B तथा अम्ल C का सोडियम लवण देता है और B को A के अपचयन से भी प्राप्त किया जा सकता है; अतः यह एक ऐल्डिहाइड है। अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण निम्नलिखित हैं-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 199

प्रश्न 20.
ड्यूमा विधि द्वारा नाइट्रोजन के अनुमापन में 0.3 g कार्बनिक यौगिक 300 K ताप तथा 715 दाब पर 50 mL नाइट्रोजन देता है। नाइट्रोजन की प्रतिशतता ज्ञात कीजिए। (300K पर जलीय तनाव = 15 mm ) ।
उत्तर:
300 K ताप तथा 715 mm दाब पर एकत्र नाइट्रोजन का आयतन = 50mL
वास्तविक दाब = 715 – 15 = 700 mm
STP नाइट्रोजन का आयतन = \(\frac{273 \times 700 \times 50}{300 \times 760}\) = 41.9 mL
22400 mL नाइट्रोजन का भार = 28 g
41.9 mL = \(\frac { 28×41.9 }{ 22400 }\) g
नाइट्रोजन की प्रतिशतता = \(\frac{28 \times 41.9 \times 100}{22400 \times 0.3}\) = 17.46%

प्रश्न 21.
एक कार्बनिक यौगिक में C = 49.32% और H = 9.59% है। 0.365 g कार्बनिक यौगिक की कैल्डाल प्रक्रिया कराने पर उत्पन्न अमोनिया (NH3) के पूर्ण उदासीनीकरण में H2SO4 के 50 mL प्रयुक्त हुए। यदि यौगिक का अणुभार 73 हो तो यौगिक का अणुसूत्र लिखिए।
उत्तर:
कैल्डाल विधि से N की प्रतिशतता
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 200

तत्व प्रतिशतता परमाणु भार परमाणुओं की आपेक्षिक संख्या सरल अनुपात
C 49.32 12 \(\frac { 49.32 }{ 12 }\) = 4.11 \(\frac { 4.11 }{ 1.37 }\) = 3
H 9.59 1 \(\frac { 9.59 }{ 1 }\) = 9.59 \(\frac { 9.59 }{ 1.37 }\) = 7
N 19.17 14 \(\frac { 19.17 }{ 14 }\) = 1.37 \(\frac { 1.37 }{ 1.37 }\) = 1
O 21.92 16 \(\frac { 21.92 }{ 16 }\) = 1.37 \(\frac { 1.37 }{ 1.37 }\) = 1

अत: यौगिक का मूलानुपाती सूत्र = C3H7NO
मूलानुपाती सूत्र का भार = 3 × 12 + 7 × 1 + 14 + 16 = 73
मान लिया यौगिक का अणुसूत्र = n × C3H7NO
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Img 201 = \(\frac { 73 }{ 73 }\) = 1
अत: यौगिक का अणुसूत्र =C3H7NO

प्रश्न 22.
नाइट्रोजन आकलन की कैल्डाल विधि में 0.5 g यौगिक में मुक्त अमोनिया 10 mL 1 M-H2SO4 को उदासीन करती है। यौगिक में नाइट्रोजन की प्रतिशतता ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
1 M 10 mL H2SO4 = 1 M 20 mL NH3 1000 mL 1 M अमोनिया में उपस्थित नाइट्रोजन = 14 g
अत: 20 mL 1 M अमोनिया में उपस्थित नाइट्रोजन = \(\frac { 14×20 }{ 1000 }\) g नाइट्रोजन
अत: नाइट्रोजन की प्रतिशतता = \(\frac { 14×20×100 }{ 1000×0.5 }\) = 56.0%

प्रश्न 23.
हैलोजेन के आकलन की केरियस विधि 0.15g कार्बनिक यौगिक 0.12 g AgBr देता है । यौगिक में ब्रोमीन की प्रतिशतता ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
AgBr का आण्विक द्रव्यमान = 108 + 80 = 188 g mol-1
188 g AgBr में उपस्थित ब्रोमीन = 80 g
0.12 g AgBr में उपस्थित ब्रोमीन = \(\frac { 80×0.12×100 }{ 188×0.15 }\) = 34.04%

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी

Haryana State Board HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. कौन-सी अभिक्रिया CO2(g) की सम्भवन ऊष्मा को प्रदर्शित करती है-
(1) CH4(g) + 2O2(g) → CO2(g) + 2H2O(l)
(2) CO(g) + \(\frac { 1 }{ 2 }\)O2(g) → CO2(g)
(3) C(ग्रेफाइट) + O2(g) → CO2(g)
(4) CO(g) + H2O(g) → CO2(g) + H(g)
उत्तर:
(3) C(ग्रेफाइट) + O2(g) → CO2(g)

2. सही क्रम चुनिये-
(1) 1 cal > 1 Joule > 1 erg
(2) 1 erg > 1 Joule > 1 cal
(3) 1 erg > 1 cal > 1 Joule
(4) 1 Joule > 1 cal > 1 erg.
उत्तर:
(1) 1 cal > 1 Joule > 1 erg

3. एक ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया –
(1) होती है, केवल गरम करने पर
(2) ऊष्मा के अवशोषण से सम्पन्न होती है
(3) ज्वाला द्वारा सम्पन्न होती है
(4) ऊष्मा के उत्सर्जित होने से सम्पन्न होती है।
उत्तर:
(4) ऊष्मा के उत्सर्जित होने से सम्पन्न होती है।

4. मानक अवस्थाओं की स्थितियाँ हैं-
(1) 0°C तथा 1 atm
(2) 20°C तथा 1 atm
(3) 25°C तथा 1 atm
(4) 0°K तथा 1 atm.
उत्तर:

5. Cl(g) + e → Cl(q) के लिये ∆H का मान है-
(1) धनात्मक
(2) ऋणात्मक
(3) शून्य
(3) अनन्त।
उत्तर:
(2) ऋणात्मक

6. जब निकाय को उष्मा (q) दी जाये तथा निकाय के द्वारा w कार्य किया जाये तो ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम का गणितीय रूप होता है-
(1) ∆E = q + w
(2) ∆E = q – w
(3) ∆E = q + w
(4) ∆E = – q – w.
उत्तर:
(2) ∆E = q – w

7. अभिक्रिया CO(g) + \(\frac { 1 }{ 2 }\)O2(g) के लिये कौन-सा कथन है-
(1) ∆H = ∆E
(2) ∆H < ∆E
(3) ∆H > ∆E
(4) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(2) ∆H < ∆E

8. अभिक्रिया S + O2 → SO2 का एन्थैल्पी परिवर्तन है-
(1) धनात्मक
(2) ऋणात्मक
(3) शून्य
(4) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(2) ऋणात्मक

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी

9. निम्न में से कौन-सा कथन गलत है-
(1) कार्य एक अवस्था फलन है
(2) तापमान एक अवस्था फलन है
(3) अवस्था परिवर्तन पूर्ण रूप से निश्चित होता है यदि प्रारम्भिक तथा अन्तिम अवस्था निर्दिष्ट है
(4) कार्य निकाय की सीमा पर प्रतीत होता है।
उत्तर:
(1) कार्य एक अवस्था फलन है

10. CO2 की मानक मोलर सम्भवन एन्थैल्पी-
(1) शून्य के बराबर है
(2) गैसीय कार्बन की मानक मोलर दहन एन्थैल्पी के बराबर है।
(3) CO तथा O2 की मानक मोलर सम्भवन एन्थैल्पियों के योग के बराबर है।
(4) कार्बन (ग्रेफाइट) की मानक मोलर दहन एन्थैली के बराबर है।
उत्तर:
(4) कार्बन (ग्रेफाइट) की मानक मोलर दहन एन्थैली के बराबर है।

11. किसी अभिक्रिया की एन्थैल्पी परिवर्तन निर्भर नहीं करती है-
(1) अभिकारकों एवं उत्पादों की अवस्था पर
(2) अभिकारकों एवं उत्पादों की प्रकृति पर
(3) विभिन्न इण्टरमीडिएट अभिक्रियाओं पर
(4) अभिक्रिया की प्रारम्भिक एवं अन्तिम अवस्था की एन्थैल्पी परिवर्तन पर ।
उत्तर:
(3) विभिन्न इण्टरमीडिएट अभिक्रियाओं पर

12. किसी प्रक्रम को ऊष्मागतिकी रूप से उत्क्रमणीय समझा जाता है यदि –
(1) परिवेश और निकाय का एक-दूसरे में परिवर्तन हो
(2) परिवेश और निकाय ‘बीच कोई परिसीमा न हो
(3) परिवेश सदा निकाय में सन्तुलन में हो
(4) निकाय परिवेश में स्वतः परिवर्तित होता हो।
उत्तर:
(3) परिवेश सदा निकाय में सन्तुलन में हो

13. ऊर्जा की बड़ी मात्रा कौन प्रदर्शित करती है-
(1) कैलोरी
(2) जूल
(3) अर्ग
(4) इलैक्ट्रॉन वोल्ट।
उत्तर:
(1) कैलोरी

14. हेस का नियम सम्बन्धित है-
(1) अभिक्रिया होने पर ऊष्मा परिवर्तन से
(2) अभिक्रिया वेग से
(3) साम्य स्थिरांक से
(4) गैस के आयतन पर दाब के प्रभाव से।
उत्तर:
(1) अभिक्रिया होने पर ऊष्मा परिवर्तन से

15. ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम स्पष्ट करता है-
(1) भार का संरक्षण
(2) ऊर्जा का संरक्षण
(3) भार एवं ऊर्जा दोनों के संरक्षण को
(4) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(2) ऊर्जा का संरक्षण

16. बन्द निकाय के लिये कौन-सा कथन सही है-
(1) निकाय अपने परिवेश के साथ ऊर्जा का विनिमय कर सकता है, द्रव्य का नहीं
(2) निकाय अपने परिवेश के साथ द्रव्य एवं ऊर्जा दोनों का विनियम कर सकता है
(3) निकाय अपने परिवेश के साथ न ऊर्जा का और न द्रव्य का विनिमय कर सकता है।
(4) निकाय अपने परिवेश के साथ द्रव्य का विनिमय कर सकता है, ऊर्जा का नहीं।
उत्तर:
(1) निकाय अपने परिवेश के साथ ऊर्जा का विनिमय कर सकता है, द्रव्य का नहीं

17. रुद्धोष्म परिवर्तन में विनिमय का ताप-
(1) स्थिर रहता है
(2) घटता है
(3) बढ़ता है
(4) घटता है या बढ़ता है।
उत्तर:
(4) घटता है या बढ़ता है।

18. हेस के नियम से गणना होती है-
(1) अभिक्रिया की एन्थैल्पी
(2) अभिक्रिया की एन्ट्रॉपी
(3) अभिक्रिया में किये गये कार्य की
(4) उपरोक्त सभी।
उत्तर:
(1) अभिक्रिया की एन्थैल्पी

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी

19. अभिक्रिया N2 + 3H2 → 2NH3 निश्चित ताप एवं दाब पर होती है। यदि ∆H एवं ∆U अभिक्रिया की एन्बैल्पी तथा आन्तरिक ऊर्जा परिवर्तन हैं तो निम्न में से कौन सही है-
(1) ∆H > ∆U
(2) ∆H < ∆U
(3) ∆H = ∆U
(4) ∆H = 0.
उत्तर:
(2) ∆H < ∆U

20. वह निकाय जिसमें पदार्थ तथा ऊर्जा दोनों का अपने परिवेश से विनिमय होता है, कहलाता है-
(1) खुला तंत्र
(2) बंद तंत्र
(3) विलगित तंत्र
(4) समांगी तंत्र।
उत्तर:
(1) खुला तंत्र

21. एक ऊष्मागतिक मात्रा में है-
(1) ऊष्मीय परिवर्तनों के माप में प्रयुक्त की जाने वाली मात्रा
(2) वह मात्रा जिसका मान तंत्र की अवस्था पर निर्भर करता है
(3) वह मात्रा जो ऊष्मागतिकी में प्रयुक्त होती है
(4) वह मात्रा जो ऊष्मागतिकी नियमों का पालन करती है।
उत्तर:
(1) ऊष्मीय परिवर्तनों के माप में प्रयुक्त की जाने वाली मात्रा

22. एक निश्चित दाब पर किसी तंत्र द्वारा ऊष्मा Q अवशोषित की जाती है। ऊष्मा Q का मान निम्नलिखित में से किस के बराबर होगा-
(1) तंत्र के ऊर्जा परिवर्तन (U) के
(2) तंत्र के ऊर्जा एन्थल्पी परिवर्तन (∆H) के
(3) तंत्र के आयतन परिवर्तन (∆H) के
(4) उपर्युक्त में से किसी के नहीं।
उत्तर:
(2) तंत्र के ऊर्जा एन्थल्पी परिवर्तन (∆H) के

23. ऐसा परिवर्तन जिसमें निकाय का तापमान अपरिवर्तित रहता है, वह है-
(1) रुद्धोष्म परिवर्तन
(2) समतापी परिवर्तन
(3) उत्क्रमणीय परिवर्तन
(4) अनुत्क्रमणीय परिवर्तन।
उत्तर:
(2) समतापी परिवर्तन

24. किसी रासायनिक अभिक्रिया की स्थिर दाब पर ऊष्मा (Q) का मान किस के बराबर होता है-
(1) क्रियाफलों की आंतरिक ऊर्जा- क्रियाकारकों की आंतरिक ऊर्जा
(2) क्रियाकारकों की आंतरिक ऊर्जा- क्रियाफलों की आंतरिक ऊर्जा
(3) क्रियाफलों की एन्थेल्पी क्रियाकारकों की एन्यल्पी
(4) क्रियाकारकों की एन्थैल्पी क्रियाफलों की एन्थैल्पी।
उत्तर:
(3) क्रियाफलों की एन्थेल्पी क्रियाकारकों की एन्यल्पी

25. निश्चित आयतन पर एक रासायनिक अभिक्रिया में ऊष्मा परिवर्तन है-
(1) ∆H
(2) ∆P
(3) ∆E
(4) ∆V
उत्तर:
(3) ∆E

26. एन्थैल्पी को परिभाषित करते हैं-
(1) H + U/PV
(2) H = U + PV
(3) H = U(P + V)
(4) H = U – PV
उत्तर:
(2) H = U + PV

27. एक भारहीन पिस्टन द्वारा स्थिर ताप पर प्रसार ∆V है। यदि पिस्टन का दाब चरांक (variable) हो तो पिस्टन द्वारा किया गया कार्य निम्नलिखित होगा-
(1) W = PV
(2) W = ∆PAV
(3) W = शून्य
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(4) इनमें से कोई नहीं।

28. स्वतः प्रक्रम के लिए कौन-सा कथन असत्य है-
(1) स्वतः प्रक्रम एक ही दिशा में होते हैं
(2) स्वतः प्रक्रम सदैव तेज गति से सम्पन्न होते हैं
(3) स्वतः प्रक्रम एक अनुत्क्रमणीय प्रक्रिया है
(4) स्वतः परिवर्तन पर तंत्र की आंतरिक ऊर्जा कम होती है।
उत्तर:
(2) स्वतः प्रक्रम सदैव तेज गति से सम्पन्न होते हैं

29. एक तन्त्र की एन्थैल्पी में परिवर्तन (∆H) निर्भर करता है-
(1) प्रारम्भिक अवस्था पर
(2) अन्तिम अवस्था पर
(3) प्रारम्भिक एवं अन्तिम दोनों अवस्थाओं पर
(4) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(3) प्रारम्भिक एवं अन्तिम दोनों अवस्थाओं पर

30. रासायनिक अभिक्रियाएँ स्वतः ही उस दिशा में सम्पन्न हो जाती
(1) जिस दिशा में मुक्त ऊर्जा की कमी होती है
(2) जिस दिशा में कोई उपयोगी कार्य नहीं हो
(3) जिस दिशा में मुक्त ऊर्जा में वृद्धि होती है
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(1) जिस दिशा में मुक्त ऊर्जा की कमी होती है

31. स्थिर ताप एवं दाब पर रासायनिक अभिक्रिया में होने वाले ऊष्मा विनिमय को कहते हैं-
(1) आन्तरिक ऊर्जा
(2) ए-थैल्पी
(3) एन्ट्रॉपी
(4) मुक्त ऊर्जा।
उत्तर:
(2) ए-थैल्पी

32. एक अभिक्रिया में एन्थैल्पी परिवर्तन निर्भर नहीं करता है-
(1) अभिकारकों एवं उत्पादों की अवस्थाओं पर
(2) अभिकारकों एवं उत्पादों की प्रकृति पर
(3) अभिक्रिया के विभिन्न मध्यवर्ती चरणों पर
(4) अभिक्रिया की प्राथमिक एवं अंतिम एन्थैल्पी पर
उत्तर:
(3) अभिक्रिया के विभिन्न मध्यवर्ती चरणों पर

33. एक अच्छी तरह से बंद थर्मस फ्लास्क में कुछ बर्फ के टुकड़े (ice cube) रखे हुये हैं, यह उदाहरण है-
(1) बंद निकाय का
(2) खुले निकाय का
(3) विलगित निकाय का
(4) गैर- ऊष्मागतिकीय निकाय का।
उत्तर:
(3) विलगित निकाय का

34. स्थिर ताप एवं दाब पर एक रासायनिक अभिक्रिया में होने वाले ऊष्मा विनिमय को कहते हैं-
(1) आन्तरिक ऊर्जा
(2) एन्थैल्पी
(3) एन्ट्रॉपी
(4) मुक्त ऊर्जा।
उत्तर:
(2) एन्थैल्पी

35. मोलर एन्थैल्पी परिवर्तन में मानक (standard) शब्द इंगित करता है।
(1) 298 K ताप को
(2) 1 वायुमण्डलीय दाब को
(3) 298 K ताप एवं 1 वायुमण्डलीय दाब को
(4) सभी ताप व दाब को।
उत्तर:
(3) 298 K ताप एवं 1 वायुमण्डलीय दाब को

36. C-A, C-B, C-D और C-E बंधो की बंध वियोजन ऊर्जा क्रमश: 240, 382, 276 तथा 486 kJ mol-1 है। सबसे छोटा परमाणु कौन-सा होगा-
(1) A
(2) B
(3) D
(4) E.
उत्तर:
(4) E.

37. अभिक्रिया की एन्थैल्पी ∆H निम्न प्रकार प्रदर्शित की जा सकती है-
(1) ∆H = ∑Hp – ∑HR
(2) ∆H = dHp – dHR
(3) ∆H = \(\frac{\mathrm{dH}_{\mathrm{P}}}{\mathrm{dH}_{\mathrm{R}}}\)
(4) ∆H = \(\frac{\Sigma \mathrm{H}_{\mathrm{P}}}{\Sigma \mathrm{H}_{\mathrm{R}}}\)
उत्तर:
(1) ∆H = ∑Hp – ∑HR

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी

38. निम्न में से किसके लिये ∆S° शून्य से अधिक है।
(1) CaO(s) + CO2(g) → CaCO3(s).
(2) NaCl(aq) → NaCl(s)
(3) NaNO3(s) → Na+(aq) + NO3(aq)
(4) N2(g) + 3H2(g) → 2NH3(g)
उत्तर:
(3) NaNO3(s) → Na+(aq) + NO3(aq)

39. एन्ट्रॉपी को ऊष्मागतिक प्राचल मानने पर यह किस प्रक्रम की स्वतः प्रवर्तिता का निर्धारक है-
(1) ∆S(निकाय) + ∆S(परिवेश) > 0
(2) ∆S(निकाय) – ∆S(परिवेश) > 0
(3) ∆S(निकाय) > 0
(4) ∆S(निकाय) > 0.
उत्तर:
(1) ∆S(निकाय) + ∆S(परिवेश) > 0

40. ऊष्माधारिता है-
(1) \(\frac { dq }{ dT }\)
(2) dq x dT
(3) ∑q x \(\frac { 1 }{ dT }\)
(4) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(1) \(\frac { dq }{ dT }\)

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
किस शर्त पर ΔH का मान ΔE के बराबर होगा?
उत्तर:
स्थिर ताप व आयतन पर।

प्रश्न 2.
Cl2 की विरचन एन्थैल्पी क्या है?
उत्तर:
शून्य।

प्रश्न 3.
एन्ट्रॉपी, मुक्त ऊर्जा को किससे व्यक्त करते हैं?
उत्तर:
एन्ट्रॉपी को 5 से तथा मुक्त ऊर्जा को G अथवा A से व्यक्त करते हैं।

प्रश्न 4.
Cv, Cp से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
Cv स्थिर आयतन पर ऊष्माधारिता है तथा Cp स्थिर दाब पर ऊष्माधारिता है।

प्रश्न 5.
थैल्पी एवं आन्तरिक ऊर्जा परिवर्तनों के बीच सम्बन्ध लिखिए।
उत्तर:
∆H = ∆E + P∆V या ∆H = ∆E + ∆ngRT।

प्रश्न 6.
हैस के नियम को प्रयोगात्मक रूप से सिद्ध किया जा सकता है या नहीं?
उत्तर:
नहीं।

प्रश्न 7.
ऊर्जा संरक्षण का नियम क्या है?
उत्तर:
ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम ही ऊर्जा संरक्षण का नियम है।

प्रश्न 8.
बम कैलोरीमीटर क्या है?
उत्तर:
वह पात्र जिसमें रासायनिक अभिक्रिया में उत्पन्न या अवशोषित ऊष्मा की मात्रा को मापा जाता है, उसे बम कैलोरीमीटर कहते हैं।

प्रश्न 9.
निकाय कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
निकाय पाँच प्रकार के होते हैं-
समांगी निकाय, विषमांगी निकाय, खुला निकाय, बन्द निकाय, विलगित निकाय।

प्रश्न 10.
ऊर्जा किसे कहते ‘तथा यह कितने प्रकार की होती हैं?
उत्तर:
कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं। यह दो प्रकार की होती है –

  1. बाहरी ऊर्जा एवं
  2. आन्तरिक ऊर्जा।

प्रश्न 11.
ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम का गणितीय व्यंजक लिखिए।
उत्तर:
∆E = q + w
या
∆E = q – P∆V

प्रश्न 12.
खुला निकाय को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
वह निकाय जो परिवेश से ऊर्जा और द्रव्य दोनों का विलय कर सके, खला निकाय कहलाता है।

प्रश्न 13.
किसी निकाय की एन्बैल्पी उसकी आन्तरिक ऊर्जा से किस प्रकार सम्बन्धित है?
उत्तर:
∆H = ∆E + P∆V, जहाँ ∆H, ∆E और ∆V निकाय के एन्थल्पी, आन्तरिक ऊर्जा और आयतन में परिवर्तन है।

प्रश्न 14.
∆H को परिभाषित कीजिए तथा बताइए कि ∆H का चिह्न ऊष्माक्षेपी तथा उष्माशोषी अभिक्रिया में क्या होगा?
उत्तर:
∆H निकाय की एन्थल्पी में परिवर्तन है। स्थिर दाब पर निकाय द्वारा अवशोषित ऊष्मा को निकाय का एन्थैल्पी परिवर्तन कहते हैं। ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाओं के लिए ∆H का मान ऋणात्मक तथा ऊष्माशोषी अभिक्रियाओं के लिए धनात्मक होता है।

प्रश्न 15.
समतापीय प्रक्रम से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
समतापीय प्रक्रम- स्थिर ताप पर किया जाने वाला प्रक्रम समतापीय प्रक्रम कहलाता है।

प्रश्न 16.
उस चरांक को बताइए जिसे समदाबीय प्रक्रम में स्थिर रखा जाता है।
उत्तर:
दाब।

प्रश्न 17.
किस प्रकार ऊर्ध्वपातन की एन्थैल्पी, गलन का वाष्पन की एन्थैल्पी से सम्बन्धित है।
उत्तर:
ऊर्ध्वपातन की एन्थेल्पी वाष्पन की ऊष्मा और गलन की ऊष्मा का योग होती है।
∆H(s) = ∆H(l) + ∆H(v)

प्रश्न 18.
उत्क्रमणीय प्रक्रम से आप क्या समझते हो?
उत्तर:
उत्क्रमणीय प्रक्रम-यदि किसी प्रक्रम में प्रक्रम को चलाने वाले बल की मात्रा विरोधी बल मात्रा से अत्यन्त सूक्ष्म मात्रा में अधिक तो विरोधी बल की मात्रा अत्यन्त सूक्ष्म बढ़ा देने से प्रक्रम उत्क्रमणीय हो जाता है, ऐसे प्रक्रम को उत्क्रमणीय प्रक्रम कहते हैं।

प्रश्न 19.
ऊष्माधारिता को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
किसी निकाय या द्रव्य के ताप को K बढ़ाने के लिए जितनी ऊष्मा की आवश्यकता होती है उसे उस निकाय की ऊष्माधारिता कहते हैं।

प्रश्न 20.
एक मोल ऐसीटोन को एक मोल जल की तुलना वाष्पीकृत होने के लिये कम ऊष्मा की आवश्यकता होती है, निम्न में से किस द्रव की वाष्पीकरण की ऊष्मा अधिक है?
उत्तर:
जिस द्रव के एक मोल को वाष्पीकृत होने के लिये कम ऊष्मा की आवश्यकता होती है उसके वाष्पीकरण की ऊष्मा भी कम होती है, अतः जल की वाष्पीकरण की ऊष्मा का मान अधिक होता है।

प्रश्न 21.
चक्रीय प्रक्रमं पद को समझाइए।
उत्तर:
चक्रीय प्रक्रम वह प्रक्रम जिसमें निकाय विभिन्न परिवर्तनों से गुजरता हुआ पुनः अपनी प्रारम्भिक अवस्था में आ जाये तो ऐसे प्रक्रम को चक्रीय प्रक्रम कहते हैं।

प्रश्न 22.
हेस का नियम क्या है?
उत्तर:
हेस का नियम – इस नियम के अनुसार यदि किसी रासायनिक अभिक्रिया या परिवर्तन को एक या अनेक पदों में दो या दो से अधिक विधियों द्वारा सम्पन्न किया जाये तो सम्पूर्ण परिवर्तन में उत्पन्न या अवशोषित ऊष्मा की मात्राएँ समान रहेंगी, चाहे परिवर्तन किसी भी ढंग से किया जाये।

प्रश्न 23.
तन्त्र पर कार्य किया जाता है तो तन्त्र की आन्तरिक ऊर्जा पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
बढ़ेगी

प्रश्न 24.
बन्दूक से छूटी गोली लक्ष्य से टकराने के बाद गर्म क्यों हो जाती है?
उत्तर:
लक्ष्य से टकराने पर गोली की गतिज ऊर्जा ऊष्मीय ऊर्जा में बदल जाने के कारण गोली इस ऊष्मा को अवशोषित करके गर्म हो जाती है।

प्रश्न 25.
किन परिस्थितियों में गैस की विशिष्ट ऊष्मा का मान शून्य तथा अनन्त होगा?
उत्तर:
रूद्धोष्म प्रक्रम में गैस की विशिष्ट ऊष्मा शून्य होती है तथा समतापी प्रक्रम में गैस की विशिष्ट ऊष्मा अनन्त होती है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 26.
किसी ऊष्मागतिक निकाय की आन्तरिक ऊर्जा से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
किसी गैस के अणुओं की स्थानान्तरीय गतिज ऊर्जा, घूर्णीय गतिज ऊर्जा, कम्पनिक गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा का योग उस गैस के ऊष्मागतिक निकाय की आन्तरिक ऊर्जा कहलाती है।

प्रश्न 27.
एक आदर्श गैस को स्थिर ताप पर सम्पीडित किया जाता है। इसकी आन्तरिक ऊर्जा में क्या परिवर्तन होगा?
उत्तर:
आदर्श गैस की आन्तरिक ऊर्जा केवल ताप पर निर्भर करती है अतः इसकी आन्तरिक ऊर्जा में कुछ भी परिवर्तन नहीं होगा।

प्रश्न 28.
बर्फ को छूने से ठण्डा क्यों लगता है?
उत्तर:
क्योंकि बर्फ हमारे हाथ से ऊष्मा को ग्रहण कर लेती है।

प्रश्न 29.
बन्ध बनने में सदैव ऊष्मा का उत्सर्जन होता है, क्यों?
उत्तर:
बन्ध बनाते समय परमाणुओं में प्रबल आकर्षण के कारण सदैव ऊष्मा का उत्सर्जन होता है।

प्रश्न 30.
ब्रह्माण्ड की एन्ट्रॉपी लगातार बढ़ रही है, क्यों?
उत्तर:
बह्माण्ड में स्वतः प्रवर्तित अभिक्रियायें अधिक होती रहती हैं, अतः एन्ट्रॉपी का मान बढ़ता जा रहा है।

प्रश्न 31.
ऊर्जा में क्या परिवर्तन होता है जब कोई तेज गति करती हुयी कार लाल सिग्नल पर एकाएक रुकती है?
उत्तर:
कार की कुछ गतिज ऊर्जा, टायरों एवं ब्रेक पैड पर ऊष्मा में परिवर्तित होती है तथा कुछ कार को रोकने में कार्य करने में प्रयुक्त हो जाती है।

प्रश्न 32.
अभिक्रिया SO2 + \(\frac { 1 }{ 2 }\)O2 → SO3 में एन्बैल्पी परिवर्तन की प्रकृति क्या होगी?
उत्तर:
कम होगी, दहन ऊष्मा सदैव उत्सर्जित होती है।

प्रश्न 33.
एन्थल्पी एक विस्तीर्ण अथवा बाह्य गुण है। माना कि एक अभिक्रिया A → B की एक पथ की एन्थैल्पी का मान ∆rH1 है जबकि इसके दूसरे पथ की विभिन्न इन्टरमीडिएट पथों की एन्थेल्पी का मान ∆rH1, ∆rH2, ∆rH3 …. इत्यादि है तो बतायें कि ∆rH व ∆rH, ∆rH2 …….. इत्यादि के मध्य क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
हँस के नियमानुसार, ∆rH = ∆rH1 + ∆rH2 + ∆rH3 ….

प्रश्न 34.
जल के जमने की ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया किस तापक्रम पर स्वतः अग्रसरित नहीं होगी।
उत्तर:
0°C से ऊपर।

प्रश्न 35.
ऊष्मागतिकी साम्यावस्था पर कौन-कौन सी साम्य अवस्थाएँ होती हैं।
उत्तर:

  1. तापीय साम्यावस्था
  2. रासायनिक साम्यावस्था
  3. यांत्रिक साम्यावस्था।

प्रश्न 36.
स्थिर दाब एवं स्थिर आयतन पर होने वाली अभिक्रियाओं में उत्सर्जित होने वाली ऊष्माओं को किन परिवर्तनों के द्वारा व्यक्त करते हैं?
उत्तर:
स्थिर दाब पर : ∆H
स्थिर आयतन पर :  ∆U

प्रश्न 37.
Cp व Cv के मध्य अन्तर को एक सूत्र H = U + PV के द्वारा बताया जा सकता है 10 मोल आदर्श गैस के लिये Cp तथा Cv के मध्य अन्तर के मान को बतायें?
उत्तर:
Cp – Cv = nR
= 10 x 8.314 J
= 83.14 J

प्रश्न 38.
साम्यावस्था पर मुक्त ऊर्जा परिवर्तन (∆G) का मान क्या होगा?
उत्तर:
∆G = 0.

प्रश्न 39.
जल के हिमांक पर मुक्त ऊर्जा परिवर्तन का मान क्या होगा?
उत्तर:
∆G = 0 क्योंकि हिमांक साम्यावस्था (बर्फ जल) होती है।

प्रश्न 40.
किसी तत्व की उसकी मानक अवस्था में मानक एन्थैल्पी मान क्या होता है?
उत्तर:
किसी तत्व की उसकी मानक अवस्था में मानक एन्थैल्पी मान शून्य होता है।

प्रश्न 41.
किसी ईंधन की उच्च गुणवत्ता होने के लिये प्राथमिक आवश्यकता क्या है?
उत्तर:
किसी ईंधन की उच्च गुणवत्ता होने के लिये उसका ऊष्मीय मान अधिक होना चाहिये। ऊष्मा उत्सर्जित होगी अथवा अवशोषित ।

प्रश्न 42.
फ्लुओरीन का ऑक्सीजन में दहन होने पर अभिक्रिया
उत्तर:
यहाँ अभिक्रिया में ऊष्मा अवशोषित होती है।

प्रश्न 43.
उदासीनीकरण में निर्मुक्त ऊष्मा का प्रयोगात्मक मान, दुर्बल अम्लों एवं दुर्बल क्षारों में 13.7 kcal से कम आता है, क्यों?
उत्तर:
उदासीनीकरण में निर्मुक्त ऊष्मा का प्रयोगात्मक मान, दुर्बल अम्लों एवं दुर्बल क्षारों में 13.7 kcal से कम आता है क्योंकि उत्सर्जित ऊष्मा का कुछ भाग दुर्बल अम्ल का दुर्बल क्षार या दोनों के वियोजन में खर्च हो जाता है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 44.
जल की एन्ट्रॉपी बर्फ से अधिक क्यों होती है?
उत्तर:
जल की एन्ट्रॉपी बर्फ से अधिक होती है क्योंकि जल के अणुओं की मुक्त गति के कारण यहाँ पर अव्यवस्था अधिक होती है। बर्फ में अणु ठोस अवस्था में रहने के कारण अधिक व्यवस्थित होते हैं।

प्रश्न 45.
NaCl के विलयन की ऊष्मा का मान धनात्मक होता है, क्यों?
उत्तर:
∆Hक्लिन = ∆Hआवन + ∆Hजलयोजन
∵ ∆Hजलयोजन का मान ऋणात्मक तथा ∆Hआयन का मान धनात्मक होता है तथा NaCl के ∆Hआयन का मान ∆Hजलयोजन से अधिक होता है अतः ∆Hविलयन का मान धनात्मक होता है।

प्रश्न 46.
सीसे के एक टुकड़े को हथौड़े से पीटा जाता है। क्या इससे सीसे की आन्तरिक ऊर्जा बढ़ेगी? क्या सीसे को बाहर से ऊष्मा दी गई?
उत्तर:
सीसे के टुकड़े पर बाहर से कार्य किया गया है अतः इसकी आन्तरिक ऊर्जा बढ़ेगी। सीसे को बाहर से कोई भी ऊष्मा नहीं दी गयी।

प्रश्न 47.
ठण्डे जल की बाल्टी में गर्म लोहे के टुकड़े को डालने से क्या जल की आन्तरिक ऊर्जा बढ़ेगी? क्या लोहे के टुकड़े ने कुछ कार्य किया?
उत्तर:
ठण्डे जल की बाल्टी में गर्म लोहे के टुकड़े को डालने पर ठण्डे जल के ताप में वृद्धि होगी, क्योंकि जल की आन्तरिक ऊर्जा बढ़ जाती है जल की आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि ऊष्मास्थानान्तरण के कारण होती है, कार्य के द्वारा नहीं अतः लोहे ने कुछ भी कार्य नहीं किया।

प्रश्न 48.
किन परिस्थितियों में गैस की विशिष्ट ऊष्मा का मान शून्य तथा अनन्त होता है।
उत्तर:
रुद्धोष्म प्रक्रम में गैस की विशिष्ट ऊष्मा शून्य होती है तथा समतापी प्रक्रम में गैस की विशिष्ट ऊष्मा अनन्त होती है।

प्रश्न 49.
एक आदर्श गैस को स्थिर ताप पर सम्पीडित किया जाता है। इसकी आन्तरिक ऊर्जा में क्या परिवर्तन होता है?
उत्तर:
आदर्श गैस की आन्तरिक ऊर्जा केवल ताप पर निर्भर करती है अतः इसकी आन्तरिक ऊर्जा में कुछ भी परिवर्तन नहीं होता है।

प्रश्न 50.
चक्रीय प्रक्रम क्या है?
उत्तर:
वह प्रक्रम जिसमें कोई निकाय विभिन्न अवस्थाओं से गुजरता हुआ अपनी प्रारम्भिक अवस्था में लौट जाता है, चक्रीय प्रक्रम कहलाता है (यहाँ ∆H0, ∆U = 0)।

प्रश्न 51.
क्या एक विलगित निकाय का ताप स्थिर रहता है?
उत्तर:
विलगित निकाय का ताप स्थिर रहता है, जबकि निकाय के भीतर कोई रासायनिक अथवा भौतिक क्रिया न हो रही हो।

प्रश्न 52.
वायुमण्डल की वायु ऊपर जाने पर ठण्डी क्यों हो जाती है?
उत्तर:
ऊपरी वायुमण्डल में दाब कम होता है अतः ऊपर जाने वाली हवा का प्रसार हो जाता है और इस प्रसार के दौरान वायु आन्तरिक ऊर्जा व्यय करके कार्य करती है जिससे इसका ताप गिर जाता है और वह ठण्डी हो जाती है।

प्रश्न 53.
साइकिल ट्यूब में हवा भरते समय पम्प गर्म क्यों हो जाती है?
उत्तर:
साइकिल ट्यूब में हवा भरते समय वायु का रूद्धोष्म सम्पीडन होता है और इस दौरान वायु पर किया गया सम्पूर्ण कार्य वायु की आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि करता है जिससे वायु व पम्प का ताप बढ़ जाता है।

प्रश्न 54.
उच्च दाब पर भरी गैस का एकाएक प्रसार होने पर उसका ताप कम क्यों हो जाता है?
उत्तर:
क्योंकि बाह्य कार्य करने में गैस की आन्तरिक ऊर्जा प्रयुक्त होती है।

प्रश्न 55.
जब एक आदर्श गैस का निर्वात में प्रसार होता है तो ऊष्मा न तो अवशोषित होती है और न ही निर्मुक्त, ऐसा क्यों?
उत्तर:
एक आदर्श गैस में उतरा अणुक बल अनुपस्थित होता है।
अत: जब गैस के आयतन प्रसार होता है तो कर्जा न तो अवशोषित होती है और न ही निर्मुक्त होती है।

प्रश्न 56.
किसी प्रक्रम के स्वतः प्रवर्तित होने के लिये ऊष्मागतिक शर्त बताइये।
उत्तर:
किसी प्रक्रम स्वतः प्रवर्तित होने के लिये,
∆G < 0 (-v e)
अर्थात् ∆H < 0 (- ve), ∆S > 0 (+ ve)

प्रश्न 57.
आन्तरिक ऊर्जा में क्या परिवर्तन होगा यदि कार्य निकाय द्वारा किया गया हो।
उत्तर:
यदि कार्य निकाय द्वारा किया गया हो तो आयतन में वृद्धि के कारण आन्तरिक ऊर्जा कम हो जायेगी।

प्रश्न 58.
आबन्ध ऊर्जा तथा आबन्ध वियोजन ऊर्जा कब बराबर होती है?
उत्तर:
आबन्ध ऊर्जा, द्विपरमाणुक अणु के लिये आबन्ध वियोजन ऊर्जा के बराबर होती है।
उदाहरण – H-H(g), Cl-Cl(g), O = O(g) आदि।

प्रश्न 59.
क्या बह्माण्ड की एन्ट्रॉपी स्थिर है।
उत्तर:
नहीं ब्रह्माण्ड की एन्ट्रॉपी स्थिर नहीं है यह लगातार बढ़ रही है।

प्रश्न 60.
ऊष्मागतिकी के प्रथम व द्वितीय नियम की संयुक्त परिभाषा लिखें।
उत्तर:
ब्रह्माण्ड की आन्तरिक ऊर्जा स्थिर है जबकि इसकी एन्ट्रॉपी लगातार बढ़ रही है।

प्रश्न 61.
हीरा व ग्रेफाइट में से किसकी एन्ट्रॉपी अधिक है?
उत्तर:
ग्रेफाइट की एन्ट्रॉपी अधिक है क्योंकि इसमें परतें उपस्थित हैं जो हीरे की अपेक्षा शिथिलता से बंधी होती हैं।

प्रश्न 62.
सभी सजीव निकाय खुले निकायों की तरह व्यवहार करते हैं, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि इनको परिवेश के साथ द्रव्यमान और ऊर्जा दोनों का विनिमय करना पड़ता है।

प्रश्न 63.
ΔS = \(\frac { ΔH }{ T }\) कब वैध होता है।
उत्तर:
यह सम्बन्ध तभी वैध होता है जब निकाय साम्यावस्था में हो अर्थात् (ΔG = 0)।

प्रश्न 64.
आदर्श गैस के समतापी प्रसरण के लिये ΔU = 0 क्यों होता है?
उत्तर:
आन्तरिक ऊर्जा एवं आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन दोनों ही ताप का कार्य हैं। चूँकि समतापी प्रक्रम में ताप नियत होता है अत: ΔU = 0 हो जाता है।

प्रश्न 65.
ऐसीटोन की मोलर वाष्पीकरण की ऊष्मा का मान जल की तुलना में कम होता है, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि जल में प्रबल हाइड्रोजन आबन्ध पाये जाते हैं।

प्रश्न 66.
आन्तरिक ऊर्जा में क्या परिवर्तन होगा? यदि कार्य निकाय द्वारा किया गया हो?
उत्तर:
यदि कार्य निकाय द्वारा किया गया है तो आयतन प्रसरण होगा। इस प्रसरण के कारण आन्तरिक ऊर्जा कम हो जाती है।

प्रश्न 67.
हेस का नियम ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम का पूरक है, कैसे?
उत्तर:
ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम कहता है कि ऊष्मा न तो उत्पन्न की जा सकती है तथा न ही नष्ट हेस के नियम के अनुसार किसी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रक्रिया के दौरान ऊष्मा ऊर्जा समान रहता है।

प्रश्न 68.
यदि किसी अभिक्रिया के लिये मानक मुक्त ऊर्जा में परिवर्तन शून्य हो तो अभिक्रिया का साम्य स्थिरांक क्या होगा?
उत्तर:
हम जानते हैं कि,
∆GΘ = – 2.303 RT log K
यदि ∆GΘ = 0 है तो
– 2.303 RT log K = 0
log K = 0
K = 1 होगा।

प्रश्न 69.
निम्नलिखित क्रियाओं में ऊष्माक्षेपी तथा ऊष्माशोषी अभिक्रियायें छाँटिये।
(1) माचिस का जलना।
(2) बर्फ का पिघलना।
(3) पिघली धातु का ठोस आकार ग्रहण करना।
(4) पोटैशियम की पानी से क्रिया।
(5) ईथर का वाष्पित होना।
उत्तर:
(1) माचिस का जलना ऊष्माक्षेपी
(2) बर्फ का पिघलना – ऊष्माशोषी
(3) पिघली धातु का ठोस आकार ग्रहण करना – ऊष्माक्षेपी
(4) पोटैशियम की पानी से क्रिया – ऊष्माक्षेपी
(5) ईथर का वाष्पित होना – ऊष्माशोषी

प्रश्न 70.
स्थिर दाब एवं स्थिर आयतन पर मोलर ऊष्मा धारिताओं का अन्तर कितना होता है?
उत्तर:
Cp – Cv = R
यह गैस नियतांक (R) के बराबर होता है।

प्रश्न 71.
‘निकाय द्वारा किये गये कार्य’ की प्रकृति क्या होती है?
उत्तर:
निकाय द्वारा किये गये कार्य की प्रकृति ऋणात्मक (- ve) होती है।

प्रश्न 72.
‘निकाय पर किये गये कार्य की प्रकृति’ क्या होती है?
उत्तर:
निकाय पर किये गए कार्य की प्रकृति धनात्मक (+ve) होती है।

प्रश्न 73.
निकाय द्वारा उत्सर्जित ऊष्मा की प्रकृति क्या होती है?
उत्तर:
निकाय द्वारा उत्सर्जित ऊष्मा की प्रकृति ऋणात्मक (-ve) होती है।

प्रश्न 74.
निकाय द्वारा अवशोषित ऊष्मा की प्रकृति क्या होती है?
उत्तर:
निकाय द्वारा अवशोषित ऊष्मा की प्रकृति धनात्मक (+ve) होती है।

प्रश्न 75.
कार्बन की सबसे स्थायी अवस्था कौन-सी होती है?
उत्तर:
कार्बन की सबसे स्थायी अवस्था ग्रेफाइट होती है।

प्रश्न 76.
12 ग्राम कार्बन, डायमण्ड तथा ग्रेफाइट अवस्थाओं में दहन करने पर अलग-अलग ऊष्मा उत्सर्जित करता है, क्यों?
उत्तर:
इनसे उत्सर्जित ऊष्माओं में अन्तर इस कारण होता है क्योंकि अभिक्रिया ऊष्माओं का मान क्रियाकारकों की भौतिक अवस्थाओं पर निर्भर करता है।

प्रश्न 77.
क्या कारण है कि स्थिर दाब पर होने वाली अभिक्रियाओं का अध्ययन, स्थिर आयतन की अपेक्षा अधिक महत्त्वपूर्ण होता है।
उत्तर:
क्योंकि स्वतः प्रवर्तित अभिक्रियाएँ वायुमण्डलीय दाब पर सम्पन्न होती हैं।

प्रश्न 78.
निकाय एवं परिवेश के बीच होने वाले लेन-देन कौन-कौन से हैं।
उत्तर:
निकाय एवं परिवेश के मध्य कार्य एवं ऊष्मा दोनों का लेन-देन होता है।

प्रश्न 79.
ठोस से द्रव बनते समय एन्ट्रॉपी में वृद्धि, द्रव से गैस बनते समय एन्ट्रॉपी में वृद्धि से कम क्यों होती है?
उत्तर:
गैस अवस्था में अणुओं के मध्य अव्यवस्था द्रव अवस्था के अणुओं के मध्य पायी जाने वाली अव्यवस्था (disorderness) की तुलना में अधिक होती है। इसी कारण ठोस से द्रव बनते समय एन्ट्रॉपी में वृद्धि, द्रव से गैस बनते समय एन्ट्रॉपी में वृद्धि से कम होती है।

प्रश्न 80.
क्या एन्थल्पी में कमी अर्थात् ऋणात्मक एन्बैल्पी सभी अभिक्रियाओं की स्वतः प्रवर्तिता का एकमात्र मापदण्ड है।
उत्तर:
नहीं बहुत सी ऐसी अभिक्रिया भी हैं जिसमें ∆H का मान धनात्मक होता है फिर भी वह स्वतः प्रवर्तित होती हैं, जैसे कि जल का वाष्पन, NaCl, NH4Cl आदि का ऊष्माशोषी अभिक्रिया के साथ जल में घुलना।

प्रश्न 81.
एक विलगित निकाय में माना कि दो आदर्श गैसों को समान ताप पर मिश्रित कर दिया जाता है। एन्ट्रॉपी में परिवर्तन का चिन्ह क्या होगा?
उत्तर:
गैसों को मिश्रित करने का अर्थ है कि दोनों के आयतन में वृद्धि हो रही है। इसके साथ-साथ गैसों के अणुओं के मध्य अव्यवस्था भी बढ़ रही है। इसका अर्थ है कि एन्ट्रॉपी बढ़ रही है। अर्थात् ∆S का मान धनात्मक हो जायेगा।

प्रश्न 82.
क्या यह सम्भव है कि किसी पदार्थ को ऊष्मा देने पर भी उसके ताप में वृद्धि न हो। उदाहरण देकर समझाइये।
उत्तर:
हाँ, पदार्थ के अवस्था परिवर्तन के समय (जैसे-बर्फ के गलते समय या जल के उबलते समय) निकाय ऊष्मा लेता है परन्तु उसका ताप नहीं बदलता, केवल स्थितिज ऊर्जा बदलती है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 83.
क्या यह सम्भव है कि किसी निकाय को बिना ऊष्मा दिये अथवा उससे बिना ऊष्मा लिये ताप परिवर्तित हो जाये।
उत्तर:
हाँ, रूद्धोष्म परिवर्तन में बिना ऊष्मा दिये अथवा लिये ताप परिवर्तन हो जाता है। रूद्धोष्म सम्पीडन में ताप बढ़ता है, जबकि रुद्धोष्म प्रसार में ताप घटता है।

प्रश्न 84.
भाप का अति तप्त होना समदाबी प्रक्रम है अथवा समतापी प्रक्रम और क्यों?
उत्तर:
भाप का अतितप्त होना समदाबी प्रक्रम है, क्योंकि ऊष्मा लेकर अतितप्त होते समय तक ताप का दाब तो नियत रहता है, परन्तु भाप का ताप नियत नहीं रहता है।

प्रश्न 85.
0°C ताप की बर्फ को गरम करके 100°C ताप की भाप में परिवर्तित किया जाता है। बर्फ को भाप में बदलने की इस प्रक्रिया में होने वाले समतापीय परिवर्तनों को बताइये।
उत्तर:
0°C पर बर्फ से जल बनना तथा 100°C पर जल से भाष का बनना समतापीय परिवर्तन है।

प्रश्न 86.
किसी गैस की दो विशिष्ट ऊष्माएँ कौन-सी हैं और वे भिन्न-भिन्न क्यों हैं?
उत्तर:
गैस की दो विशिष्ट ऊष्मायें Cp तथा Cv हैं। Cp वायुमण्डलीय दाब के विरुद्ध कार्य करने तथा वृद्धि दोनों में प्रयुक्त होती है। जबकि Cv केवल ताप वृद्धि में प्रयुक्त होती है।

प्रश्न 87.
भाप की एन्ट्रॉपी जल से अधिक क्यों होती है?
उत्तर:
क्वथनांक पर जल तथा भाप दोनों एक साथ उपस्थित होते हैं तथा साम्यावस्था में रहते हैं। यद्यपि भाप की एन्ट्रॉपी अधिक होती है, क्योंकि इस अवस्था में H2O अणुओं की अव्यवस्था बढ़ जाती है तथा यह द्रव अवस्था से अधिक होती है।

प्रश्न 88.
निम्न में से अवस्था फलन एवं पथ फलन को छाँटिए।
एन्थल्पी, एन्ट्रॉपी, ताप, ऊष्मा, कार्य, मुक्त ऊर्जा
उत्तर:
अवस्था फलन-एन्थल्पी एन्ट्रॉपी, ताप, मुक्त ऊर्जा।
पथ फलन-ऊष्मा कार्य

प्रश्न 89.
298 K ताप पर अभिक्रिया N2O4(g) ⇌ 2NO2(g) के Kp का मान 0.98 है, बताइये कि अभिक्रिया स्वतः प्रवर्तित है या नहीं।
उत्तर:
rGΘ = – RT In Kp चूँकि Kp = 0.98 अत: ∆rGΘ का मान – ve होगा अतः अभिक्रिया स्वतः प्रवर्तित (spontaneous) है।

प्रश्न 90.
परिवेश की एन्बैल्पी के मान में बढ़त (increase) निकाय की एन्थैल्पी के मान में घटत (decrease) के बराबर होती है, बताइये कि क्या परिवेश व निकाय का ताप समान होगा यदि ये दोनों तापीय साम्य में हों।
उत्तर:
हाँ, यदि परिवेश व निकाय दोनों तापीय साम्यावस्था में है तो इन दोनों का ताप भी समान होगा।

प्रश्न 91.
दिया गया है कि दो गैसों को मिलाने पर ∆H = 0 हो जाता है। बताइये कि क्या इन गैसों का एक-दूसरे में विसरण एक बन्द पात्र में स्वतः होगा या नहीं।
उत्तर:
यह एक स्वतः प्रवर्तित प्रक्रम है क्योंकि, चाहे एन्थैल्पी में परिवर्तन शून्य (∆H = 0) ही क्यों न हो, यहाँ अव्यवस्था (disorderness) बढ़ रही है अर्थात् कारक एन्ट्रॉपी के मान में बढ़त प्रक्रम को स्वतः प्रवर्तित बना रही है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
समांगी और विषमांगी निकाय में क्या अन्तर है?
उत्तर:
समांगी निकाय जब किसी निकाय में उपस्थित सभी द्रव्य समान प्रावस्था में हों या रासायनिक संगठन एक सा हो, तो वह निकाय समांगी निकाय कहलाता है।
उदाहरण-नमक का जलीय विलयन।

विषमांगी निकाय – यदि किसी निकाय में दो या दो अधिक प्रावस्थाएँ हों, तो वह निकाय विषमांगी निकाय कहलाता है।
उदाहरण-बर्फ व जल का मिश्रण।

प्रश्न 2.
एक परमाणुक आदर्श गैस के एक मोल सेम्पल (sample) को compression तथा expansion के एक चक्रीय प्रक्रम में लिया जाता है जिसे निम्न चित्र में प्रदर्शित किया गया है। पूरे चक्र के लिये
∆H का मान क्या होगा?
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी 1
उत्तर:
चक्रीय प्रक्रम के लिए कुल एन्थैल्पी परिवर्तन का मान शून्य होता है अर्थात् ∆H(चक्रीय) = 0 ।

प्रश्न 3.
q तथा W से क्या समझते हो? इनमें क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
q तथा W दोनों ही बीजीय राशियाँ हैं। q निकाय द्वारा अवशोषित ऊष्मा है। W निकाय द्वारा परिवेश पर किया गया कार्य है।
अतः ऊष्मागतिकी के प्रथम नियमानुसार,
निकाय द्वारा अवशोषित ऊष्मा = निकाय की आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि निकाय द्वारा किया गया कार्य।

प्रश्न 4.
q तथा W के चिह्न किस प्रकार होते हैं?
उत्तर:
q तथा W के चिन्ह निम्न नियमानुसार होते हैं-

  1. यदि निकाय ऊष्मा अवशोषित करता है, तो q का मान धनात्मक (+) होता है और यदि निकाय ऊष्मा उत्सर्जित करता है, तो q का मान ऋणात्मक (-) होता है।
  2. यदि निकाय द्वारा वातावरण पर कार्य किया जाता है तो W का मानधनात्मक (+) होता है और यदि निकाय पर परिवेश (वातावरण) द्वारा कार्य किया जाता है, तो W का मान ऋणात्मक (-) होता है।

प्रश्न 5.
ऊष्माधारिता किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी निकाय या द्रव के ताप को 1 K बढ़ाने के लिए जितनी ऊष्मा की आवश्यकता होती है उसे उस निकाय की ऊष्माधारिता कहते हैं।
C = \(\frac{q}{\mathrm{~T}_2-\mathrm{T}_1}=\frac{q}{\Delta \mathrm{T}}\)

प्रश्न 6.
स्थिर आयतन पर ऊष्माधारिता (Cv) तथा स्थिर दाब पर ऊष्माधारिता (Cp) का सूत्र दर्शाइये।
उत्तर:
स्थिर आयतन पर ऊष्माधारिता
Cv = \(\left[\frac{q_v}{\mathrm{~T}_2-\mathrm{T}_1}\right]_{\mathrm{V}}=\left[\frac{q_v}{\Delta \mathrm{T}}\right]_{\mathrm{V}}\)
स्थिर दाब पर ऊष्माधारिता
Cp = \(\left[\frac{q_p}{\mathrm{~T}_2-\mathrm{T}_1}\right]_{\mathrm{V}}=\left[\frac{q_p}{\Delta \mathrm{T}}\right]_{\mathrm{P}}\)

प्रश्न 7.
एक सिलेण्डर में बन्द एक आदर्श गैस पर किया गया कार्य क्या होगा जब इसे एक constant बाह्य दाब Pext के द्वारा एक पद में सम्पीडित किया जाये। इसे निम्न चित्र में प्रदर्शित किया गया है?
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी 2
उत्तर:
जैसा कि बताया गया है कि Pext constant है यह एक अनुत्क्रमणीय सम्पीडन है।
Wirv – Pext ∆V
= Pext (V1 – V2)
यह P – V के द्वारा ज्ञात किया जा सकता है यहाँ किया गया कार्य ABV2V1 का क्षेत्रफल है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी 3

प्रश्न 8.
खुले व बन्द निकायों अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
खुला निकाय – वह निकाय जो परिवेश से ऊर्जा व द्रव्य दोनों का ही विनिमय कर सके, वह खुला निकाय कहलाता है।
बन्द निकाय – वह निकाय जो अपने परिवेश से केवल ऊर्जा का ही आदान-प्रदान कर सके, पदार्थ का नहीं, वह बन्द निकाय कहलाता है।

प्रश्न 9.
ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम ऊर्जा संरक्षण का नियम कहलाता है। इस नियम के अनुसार ऊर्जा को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है, किन्तु एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है अर्थात् ब्रह्माण्ड की कुल ऊर्जा स्थिर रहती है।

इस नियम से यह स्पष्ट है कि जब एक प्रकार की ऊर्जा की कोई मात्रा मुक्त होती है, तो उसके तुल्य दूसरे प्रकार की ऊर्जा अवश्य प्रकट हो जाती है।

प्रश्न 10.
तन्त्र की आन्तरिक ऊर्जा क्या प्रभाव होगा यदि
(क) तन्त्र पर कार्य किया जाता है।
(ख) तन्त्र द्वारा कार्य किया जाता है।
उत्तर:
(क) जब किसी तन्त्र पर कार्य किया जाता है तो किसी तन्त्र की आन्तरिक ऊर्जा में कमी आती है। किसी तन्त्र की आन्तरिक ऊर्जा उस तन्त्र की भौतिक अवस्थाओं दाब, ताप आदि पर भी निर्भर करती है। आन्तरिक ऊर्जा उसके द्वारा परिवेश पर किये गये कार्य के अनुसार परिवर्तित होती रहती है।

(ख) जब किसी तन्त्र द्वारा कार्य किया जाता है तो तन्त्र की आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि होती है। आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि तभी सम्भव है जब ऊर्जा परिवर्तन ऊष्मा में रूपान्तरित न हुआ हो।

प्रश्न 11.
समतापीय तथा रुद्धोष्म प्रक्रम में क्या अन्तर है?
उत्तर:
समतापीय प्रक्रम – स्थिर ताप पर किया जाने वाला प्रक्रम समतापीय प्रक्रम कहलाता है। इस प्रक्रम में ताप स्थिर रखने के लिए तन्त्र अपने परिवेश से ऊष्मा का आदान-प्रदान करता है। यदि प्रक्रम ऊष्माक्षेपी है, तो मुक्त हुई ऊष्मा परिवेश को दे दी जाती है। यदि प्रक्रम ऊष्माशोषी हैं, तो परिवेश से ऊष्मा ले ली जाती है।

रुद्धोष्म प्रक्रम – इस प्रक्रम में निकाय अपने परिवेश से ऊष्मा का आदान-प्रदान नहीं करता है। इस प्रक्रम में निकाय के ताप में परिवर्तन सम्भव है। यदि प्रक्रम ऊष्माक्षेपी हैं, तो ताप में वृद्धि होगी तथा यदि प्रक्रम ऊष्माशोषी है, तो ताप में कमी हो जायेगी।

प्रश्न 12.
निम्नलिखित में ऊर्जा किस स्वरूप से किस स्वरूप में बदलती है।
(1) जुगनु का चमकना।
उत्तर:
रासायनिक ऊर्जा से प्रकाश ऊर्जा।

(2) रेडियो का बजना।
उत्तर:
विद्युत ऊर्जा से ध्वनि ऊर्जा।

(3) प्रकाश संश्लेषण।
उत्तर:
प्रकाश ऊर्जा से रासायनिक ऊर्जा।

(4) कोयले का जलना।
उत्तर:
रासायनिक ऊर्जा से प्रकाश ऊर्जा एवं ऊष्मा

(5) मेज को धकेलना।
उत्तर:
यान्त्रिक ऊर्जा से गतिज ऊर्जा।

(6) बल्ब का जलना।
उत्तर:
विद्युत ऊर्जा से प्रकाश ऊर्जा।

(7) विद्युत इंजन का चलना।
उत्तर:
विद्युत ऊर्जा से कार्य एवं ऊष्मा।

प्रश्न 13.
बहते जल में डूबे प्रतिरोधक में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है। प्रतिरोधक को निकाय मानते हुये बताएँ।
(1) क्या प्रतिरोधक में बाहर से ऊष्मा प्रवेश करती है?
(2) क्या जल में ऊष्मा प्रवेश करती है?
(3) क्या कार्य हुआ?
(4) यह मानकर कि प्रतिरोधक की अवस्था अपवर्तित रहती है।
इस प्रक्रम के लिये प्रथम नियम लागू कीजिये।
उत्तर:
(1) नहीं प्रतिरोधक में बाहर से ऊष्मा प्रवेश नहीं करती है।
(2) हाँ, जल में ऊष्मा प्रवेश करती है।
(3) हाँ, प्रतिरोधक (निकाय) पर कार्य हुआ।
(4) प्रथम नियमानुसार,
∆U = q + w
यहाँ पर
q = 0 (प्रतिरोधक के लिये)
w = + ve अत:
∆U = 0 + w
∆U = w
जल के लिये,
w = 0 अत: ∆U = q
अत: w = q
इससे सिद्ध होता है कि कार्य, जल की स्थानान्तरित ऊष्मा के बराबर है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 14.
निकाय के मुक्त प्रसार से आप क्या समझते हैं? क्या मुक्त प्रसार के दौरान निकाय की आन्तरिक ऊर्जा अपरिवर्तित रहती है?
उत्तर:
यदि किसी निकाय जैसे-गैस का प्रसार प्रकार हो कि निकाय से बाहर जा सके न ही बाहर से निकाय में आ सके अर्थात् प्रसार रूद्धोष्म प्रकार का हो। यदि निकाय द्वारा या निकाय पर कोई माना दृढ़ दीवारों के द्वारा कार्य भी न हो तो इसे मुक्त प्रसार (Free expansion) कहते हैं।

माना दृढ़ दीवारों के द्वारा निर्मित तथा ऐस्बेस्टॉस से ढका एक बर्तन दो भागों में विभक्त है, एक में गैस भरी है तथा एक भाग निर्वातित है। जब विभाजक को अचानक जोड़ देते हैं तो गैस तेजी से निर्वस् में प्रवेश करती है तथा मुक्त रूप से फैलती है। यदि गैस की प्रारम्भिक तथा अन्तिम आन्तरिक ऊर्जाएँ Ui तथा Uf हों तो ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम के अनुसार,
Uf – Ui = q + W
चूँकि पात्र ऊष्मा-रोधी है तथा प्रक्रम अचानक (sudden) होता है; अतः निकाय में न तो ऊष्मा प्रवेश करती है और न ही उससे बाहर निकलती है (q = 0)। इसके अतिरिक्त चूँकि गैस का प्रसार निर्वात् में होता है; अतः कोई कार्य भी नहीं होगा (W = 0)। इस प्रकार
Uf – Ui = 0
या Uf = Ui
अत: मुक्त प्रसार में प्रारम्भिक तथा अन्तिम आन्तरिक ऊर्जाएँ बराबर होती हैं अर्थात् आन्तरिक ऊर्जा अपरिवर्तित रहती है।

प्रश्न 15.
आन्तरिक ऊर्जा एक अवस्था फलन है इस कथन को स्पष्ट करें अथवा कथन ∆U = q + w में q तथा w अवस्था फलन नहीं है। परन्तु AU एक अवस्था फलन है। कारण स्पष्ट करें।
उत्तर:
हम जानते हैं कि स्थिर आयतन पर अवशोषित ऊष्मा आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन के तुल्य, अर्थात् ∆U = q, होती है परन्तु अधिकांश रासायनिक अभिक्रियांए स्थिर आयतन पर न होकर फ्लास्क, परखनली आदि में स्थिर वायुमण्डलीय दाब पर होती हैं।

इस स्थिति में निकाय पर होने वाले ऊष्मा परिवर्तन स्थिर आयतन से भिन्न होंगे। अतः स्थिर दाब. पर निकाय में होने वाले ऊष्मा परिवर्तन को

व्यक्त करने के लिए एक नया ऊष्मागतिक फलन एन्थैल्पी (H) की आवश्यकता होगी।
ऊष्मागतिकी समीकरण से,
व्यक्त करने के लिए एक नया ऊष्मागतिक फलन एन्थैल्पी (H) की आवश्यकता होगी।
ऊष्मागतिकी समीकरण से,
∆U = q – Pdv
स्थिर दाब पर,
∆U = q – Pdv
जहाँ
qp = निकाय द्वारा अवशोषित ऊष्मा
– Pdv = निकाय द्वारा किया गया प्रसरण कार्य
प्रारम्भिक अवस्था को 1 से एवं अंतिम अवस्था को 2 से प्रदर्शित करते हैं।
हम उपरोक्त समीकरण को इस प्रकार लिख सकते हैं-
U2 – U1 = qp – P (V2 – V1)
पुनः व्यवस्थित करने पर
qp = (U2 + PV2) – (U1 + PV1) … (i)
एक नया ऊष्मागतिकी फलन को परिभाषित कर सकते हैं, जिसे एन्थल्पी (ग्रीक शब्द ‘एन्थेल्पियन’, जिसका अर्थ ‘गरम करना’ या ‘अंतर्निहित ऊष्मा’ होता है) कहते हैं।
H = U + PV
अत: समीकरण (i) से,
q2 = H2 – H1 = ∆H
यद्यपि एक पथ आश्रित फलन है, तथापि qp पथ से स्वतंत्र है। स्पष्टत: H एक अवस्था फलन है (H.U. P एवं V का फलन है। ये सभी अवस्था फलन है)। इस प्रकार ∆H पथ स्वतंत्र राशि है।
स्थिर दाब पर परिमित परिवर्तनों के लिए इस प्रकार लिखा जा सकता है।
∆H = ∆U + ∆PV क्योंकि P स्थिरांक है, अतः हम लिख सकते हैं-
∆H = ∆U + P∆V … (ii)
उल्लेखनीय है कि जब स्थिर दाब पर ऊष्मा अवशोषित होती है, तो यथार्थ में हम एन्थैल्पी में परिवर्तन माप रहे होते हैं।
याद रखें कि ∆H = qp स्थिर दाब पर अवशोषित ऊष्मा है।
ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाओं के लिए ∆H ऋणात्मक होता है, जहाँ अभिक्रिया के दौरान ऊष्मा उत्सर्जित होती है एवं ऊष्माशोषी अभिक्रियाओं के लिए ∆H धनात्मक होता है, जहाँ परिवेश से ऊष्मा का अवशोषण होता है।

वे निकाय, जिसमें केवल ठोस या द्रव प्रावस्थाएँ होती हैं में ∆H एवं ∆U के मध्य अंतर सार्थक नहीं होता, क्योंकि ठोस एवं द्रवों में गरम करने पर आयतन में कोई विशेष परिवर्तन नही होता। यदि गैयीय अवस्था हो, तो इनमें अंतर सार्थक हो जाता है। हम एक ऐसी अभिक्रिया पर विचार करते हैं, जिसमें गैसें शामिल हैं। स्थिर दाब एवं ताप पर VA गैसीय अभिक्रियकों का एवं VB गैसीय उत्पादों का कुल आयतन हो तथा nA गैसीय अभिक्रियकों एवं गैसीय उत्पादों के मोलों की संख्या हो, तो आदर्श गैस समीकरण के अनुसार-
pVA = nA RT
इस प्रकार
pVB = nB RT
PVB – PVA = nB RT – nA RT
P(VB – VA) = (nB – nA) RT
P∆V = ∆ngRT
यह ∆ng गैसीय उत्पादों के मोलों की संख्या एंव गैसीय अभिक्रियकों के मोलों की संख्या का अंतर है। समीकरण (iii) से P∆V का मान समीकरण (ii) में रखने पर
∆H = ∆U + ∆ng RT … (iv)
उपरोक्त समीकरण (iv) का उपयोग ∆H से ∆U या ∆U से AH का मान ज्ञात करने में किया जाता है।

प्रश्न 16.
निम्न प्रक्रम में एन्थैल्पी परिवर्तन को वक्र के द्वारा प्रदर्शित करें
(i) जमीन से छत तक एक पत्थर को फेंकना।
(ii) \(\frac { 1 }{ 2 }\) H2(g) + \(\frac { 1 }{ 2 }\)Cl2(g) ⇌ HClg
rHΘ = – 92.32 kJ mol-1
किस प्रक्रम में एन्थैल्पी परिवर्तन यह प्रदर्शित करता है कि प्रक्रम स्वतः प्रदर्शित है।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी 4
प्रक्रम (i) में ऊर्जा बढ़ रही है जबकि प्रक्रम (ii) में ऊर्जा घट रही है।
अतः प्रक्रम (ii) में एन्थैल्पी परिवर्तन स्वतः प्रवर्तित प्रक्रम सिद्ध करता है।

प्रश्न 17.
हीलियम तथा ऑक्सीजन गैसों के समान द्रव्यमानों को ऊष्मा की समान मात्राएँ दी जाती हैं, किसके ताप में अधिक वृद्धि होगी और क्यों?
उत्तर:
हीलियम एक परमाणुक जबकि ऑक्सीजन द्विपरमाणुक गैस है। इस कारण दी गई ऊष्मा हीलियम अणुओं की गतिज ऊर्जा में वृद्धि करेगी जबकि ऑक्सीजन गैस को दी गयी ऊष्मा अणुओं की गतिज ऊर्जा की वृद्धि करने में एवं घूर्णीय व कम्पनिक गतिज ऊर्जा बढ़ाने में प्रयुक्त होगी। अर्थात् दी गयी ऊष्मा का प्रयोग कई जगह होगा। इस कारण हीलियम के ताप में अधिक वृद्धि होगी, जबकि ऑक्सीजन गैस के ताप में कम वृद्धि होगी।

प्रश्न 18.
ऊष्मागतिकी में बाह्य कार्य तथा आन्तरिक कार्य में क्या अन्तर है? इनमें से कौन-सा महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर:
जब कोई निकाय एक बल के अन्तर्गत विस्थापित होता है तो कुछ कार्य सम्पन्न होता है। इस कार्य का परिमाण बल तथा बल की दिशा में विस्थापन के घटक की गुणा के बराबर होता है। यदि सम्पूर्ण निकाय अपने परिवेश के विरुद्ध बल आरोपित करके विस्थापित होता है, तब निकाय द्वारा किया गया कार्य ‘बाह्य कार्य’ कहलाता है। उदाहरण के लिए-जब किसी सिलिण्डर में भरी गैस फैलती है तो वह बाह्य वातावरण के विरुद्ध पिस्टन को धकेलती है, तब गैस द्वारा पिस्टन पर ‘बाह्य कार्य’ किया जाता है।

इसके विपरीत जब निकाय के किसी एक भाग द्वारा उसी निकाय के दूसरे भाग पर कार्य किया जाता है, तब इसे ‘आन्तरिक कार्य’ कहते हैं। उदाहरण के लिए-जब कोई गैस फैलती है तो उसके अणुओं के बीच पारस्परिक आकर्षण के विरुद्ध कार्य किया जाता है। यह ‘आन्तरिक कार्य’ कहलाता है।

ऊष्मागतिकी में आन्तरिक कार्य का कोई महत्त्व नहीं है। केवल बाह्य कार्य जो निकाय तथा उसके परिवेश के बीच पारस्परिक क्रिया से सम्बन्ध रखता है, ऊष्मागतिकी में महत्त्वपूर्ण है।

प्रश्न 19.
क्या किसी निकाय द्वारा अधिकतम अव्यवस्था प्राप्त करना, स्वतः प्रवर्तिता की कसौटी है? एक प्रयोग द्वारा पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
रासायनिक अभिक्रियाओं में अभिकारकों तथा उत्पादों की भौतिक अवस्था में परिवर्तन आने से इनके अणुओं की गति में अनियमितता अथवा अव्यवस्था आ जाती है। ऊष्माशोषी प्रक्रमों में ऊष्माशोषित ऊष्मा उत्पादों की गतिज ऊर्जा को अभिकारकों की तुलना में बढ़ा देती है। इससे इनकी मुक्त गति अथवा अनियमितता में वृद्धि हो जाती है। अतः निकाय द्वारा अधिकतम अव्यवस्था प्राप्त करना स्वतः प्रवर्तिता की कसौटी है। इसे निम्नलिखित प्रयोग द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है-

प्रयोग द्वारा पुष्टि (Verification through an Experiment) – माना स्टॉप कॉर्क से सम्बद्ध दो समान क्षमता के पात्रों में ब्रोमीन (लाल-भूरी) तथा नाइट्रोजन (रंगहीन) गैसों की समान मात्राएँ भरी जाती हैं। जब स्टॉप कॉर्क बन्द होता है, दोनों गैसों के अणु अपने-अपने पात्रों में ही रहते हैं।

स्टॉप कार्क को खोलते ही दोनों पात्रों के अणु परस्पर मिल जाते हैं तथा दोनों पात्रों का रंग एकसमान हो जाता हैं यहाँ ऊर्जा-परिवर्तन लगभग उपेक्षणीय है, परन्तु अणुओं की गति के लिए उपलब्ध स्थान में वृद्धि होना निश्चित है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि एक पात्र में उपस्थित गैस के अणुओं का दूसरे पात्र में जाना इनकी मुक्त गति अथवा अव्यवस्था में वृद्धि लाता हैं अतः एक निश्चित दिशा में स्वतः प्रवर्तित प्रक्रम हो सकता है, जबकि परिवर्तन के परिणामस्वरूप स्पीशीज की अव्यवस्था में वृद्धि हो।

प्रश्न 20.
एक निश्चित अभिक्रिया के लिये एन्थैल्पी वक्र को निम्न चित्र में प्रदर्शित किया गया है। क्या इस चित्र के द्वारा स्वतः प्रवर्तिता का निर्धारण करना सम्भव है?
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी 5
उत्तर:
नहीं, केवल एन्थैल्पी ही किसी अभिक्रिया की स्वतः प्रवर्तिता के लिये उत्तरदायी नहीं होती है क्योंकि यह अभिक्रिया ऊष्माशोषी है अर्थात् ऊर्जा का मान बढ़ रहा है। अन्य कारक जैसे एन्ट्रॉपी इत्यादि भी स्वतः प्रवर्तिता को बताने के लिये सम्मिलित किये जाते हैं।

प्रश्न 21.
एक एकल परमाण्विक गैस के एक मोल state (1) से state (2) तक expand हो रहे हैं जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। 298K ताप पर गैस के expansion में (state 1 और state 2 तक) किये गये कार्य की गणना करें।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी 6
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी 7

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम को कथन देकर स्पष्ट कीजिए और इसके गणितीय व्यंजक की व्युत्पत्ति कीजिए।
उत्तर:
इस नियम के अनुसार, “ऊर्जा को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है, लेकिन ऊर्जा को एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।” इस नियम को ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम या ऊर्जा का संरक्षण नियम भी कहते हैं।

ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम का गणितीय रूप जब किसी निकाय द्वारा ऊष्मा के रूप में ऊर्जा अवशोषित होती है तो उसका कुछ भाग निकाय की आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि करने में तथा शेष भाग निकाय द्वारा अपने वातावरण पर कार्य करने में व्यय हो जाता है। यह कार्य, प्रसारण का यान्त्रिक कार्य आदि हो सकता है।

माना कि किसी गैसीय निकाय की अवस्था A में आन्तरिक ऊर्जा UA है। यह निकाय ऊष्मा की कुछ मात्रा 9 अवशोषित कर अवस्था B में चला जाता है। अवस्था B में इसकी आन्तरिक ऊर्जा UB है। अत: निकाय की आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि होती है।
∆U = UB – UA
इस अवस्था परिवर्तन में निकाय द्वारा परिवेश पर किया गया कार्य W हो, तो ऊष्मागतिकी के प्रथम नियमानुसार ऊर्जा न तो उत्पन्न की जा सकती है और न ही नष्ट की जा सकती है यद्यपि इसे एक दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। अतः
निकाय द्वारा अवशोषित ऊष्मा निकाय की आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि + निकाय द्वारा किया गया कार्य (कार्य करने में व्यय ऊर्जा)
अर्थात्
q = AU + W
∆U = 9 – W … (i)
या q = AU + W
उपर्युक्त समीकरण किसी निकाय की आन्तरिक ऊर्जा, ऊष्मा एवं कार्य के मध्य सम्बन्ध को प्रदर्शित करती है तथा यह ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम का गणितीय रूप है।

अतः ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम को इस प्रकार परिभाषित कर सकते हैं कि किसी प्रक्रम में निकाय की ऊर्जा में कुल परिवर्तन U, निकाय द्वारा जब अवशोषित ऊष्मा q और निकाय द्वारा किये गये कार्य W के अन्तर के बराबर होता है।

जब निकाय में अनन्त सूक्ष्म परिवर्तन हो, तो उपर्युक्त समीकरण को निम्न रूप में लिखा जा सकता है।
dU = dq – dW
या dq = dU + dW
q तथा W के चिह्न-चूँकि q तथा W दो ही बीजीय राशियाँ हैं। अतः इनके चिन्ह निम्न प्रकार होते हैं।
1. यदि निकाय द्वारा ऊष्मा का अवशोषण होता है तो निकाय की ऊष्मा बढ़ जायेगी। अतः q का मान धनात्मक (+ ve) होता है तथा यदि निकाय द्वारा ऊष्मा उत्सर्जित (मुक्त) होती है, तो q का मान ऋणात्मक (- ve) होता है।

2. यदि निकाय पर परिवेश द्वारा कार्य किया जाता है, तो W का मान ॠणात्मक (-ve) होता है और यदि निकाय द्वारा परिवेश पर कार्य किया जाता है, तो W का मान धनात्मक (+ve) होता हैं।

प्रश्न 2.
(अ) ऊष्मागतिकी के उत्क्रमणीय तथा अनुत्क्रमणीय प्रक्रमों को समझाइए।
(ब) सिद्ध कीजिए कि स्थिर आयतन पर तन्त्र द्वारा अवशोषित ऊष्मा उसकी आन्तरिक ऊर्जा की वृद्धि के बराबर होती है।
उत्तर:
(अ) उत्क्रमणीय प्रक्रम-जब किसी निकाय का एक अवस्था से दूसरी अवस्था में परिवर्तन होता है, तब उस निकाय के किसी भी भाग में हुए समस्त परिवर्तनों की दिशा उलटने से निकाय पुन: अपनी प्रारम्भिक अवस्था में आ जाता है और परिवेश भी अपनी मूल अवस्था में आ जाता है।

यदि किसी प्रक्रम में प्रेरक बल की मात्रा विरोधी बल की मात्रा से अत्यन्त सूक्ष्म अधिक हो और विरोधी बल की मात्रा अत्यन्त सूक्ष्म बढ़ा देने से प्रक्रम उत्क्रमित हो जाये तो उस प्रक्रम को उत्क्रमणीय प्रक्रम कहते हैं।

अनुत्क्रमणीय प्रक्रम-वे प्रक्रम जो बहुत तीव्र वेग से होते हैं अतः स्वतः हों तो वे प्रक्रम अनुत्क्रमणीय प्रक्रम कहलाते हैं। उदाहरण-गैसों का आपस में मिश्रित होना, पदार्थ का किसी निकाय में घुल्लना, दूध से दही बनना आदि अनुत्क्रमणीय प्रक्रम हैं।

(ब) ∆U = 9 – W (ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम के अनुसार)
एक चक्रीय प्रक्रम में जहाँ निकाय की प्रारम्भिक तथा अन्तिम अवस्थाएँ समान होती हैं U1 = U2 के होता है अत: ∆U का मान शून्य होगा।
∆U = 0
∆U का यह मान उपर्युक्त समीकरण में रखने पर,
q – W = 0
या
q =W
इस स्थिति में हम तन्त्र को जितनी ऊर्जा देंगे वह उतना ही कार्य करेगा। यदि कोई परिवर्तन स्थिर आयतन पर सम्पन्न कराया जाये तो उस प्रक्रम में कोई कार्य नहीं होता है। अतः उस स्थिति में W = 0 होगा। तब
∆U = qv
(जहाँ qv = स्थिर आयतन पर तन्त्र द्वारा अवशोषित ऊष्मा है।)
अतः स्थिर आयतन पर किसी तन्त्र द्वारा अवशोषित ऊष्मा उसकी आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि के बराबर होती है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 3.
आन्तरिक ऊर्जा परिवर्तन व एन्थैल्पी परिवर्तन क्या है? ये आपस में किस प्रकार सम्बन्धित हैं? किस स्थिति में दोनों समान होते हैं?
उत्तर:
यदि कोई निकाय प्रारम्भिक अवस्था A से अन्तिम अवस्था B में परिवर्तित होता है तो उसकी आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन ∆E निकाय की प्रारम्भिक और अन्तिम अवस्थाओं की आन्तरिक ऊर्जाओं पर
निर्भर करता है-
A → B
∆U = UB – UA
जहाँ UB और UA क्रमशः निकाय की प्रारम्भिक और आन्तरिक अवस्थाओं की आन्तरिक ऊजाएँ हैं तथा ∆U निकाय की आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन है।

किसी निकाय की आन्तरिक ऊर्जा U और उसकी ऊर्जा PV का योग एन्थैल्पी या पूर्ण ऊष्मा H कहलाता है।
H = U + PV

जहाँ P बाह्य दाब और V निकाय का आयतन है। किसी निकाय की एन्थैल्पी उसकी अवस्था पर निर्भर करती है।

यदि स्थिर दाब P की परिस्थितियों में कोई निकाय अवस्था। से अवस्था 2 में बदलता है, तो उसकी एन्थैल्पी में परिवर्तन ΔH होगा-
ΔH = H2 – H1 = (U2 + PV2) – (U1 + PV1)
ΔH = (U2 – U1) + P (V2 – V1)
ΔH = ΔU + PΔV
जहाँ ΔH2, ΔU और ΔV निकाय के क्रमशः एन्थैल्पी, आन्तरिक ऊर्जा और आयतन में परिवर्तन हैं तथा P बाह्य दाब है। अतः किसी निकाय की एन्थैल्पी में परिवर्तन उसकी आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि तथा निकाय द्वारा दाब, आयतन तथा कार्य के योग के बराबर होता है।

प्रश्न 4.
कारण देते हुए समझाइए कि जिस अभिक्रिया में अभिकारक और उत्पाद ठोस अवस्था में हों, तो ΔH = ΔU होती है।
उत्तर:
जिस अभिक्रिया में अभिकारक और उत्पाद ठोस अवस्था में हों, वहाँ पर आयतन में परिवर्तन ΔV नगण्य होता है।
अतः स्थिर दाब व स्थिर आयतन पर अभिक्रिया ऊष्मा
ΔΗ = U + PAV
या
qp = qv + PΔV
गैस समीकरण के अनुसार
PV = nRT
यदि ताप व दाब स्थिर हो, तो
PΔV = Δng RT
Δng = np – nr
जहाँ Δng = उत्पाद के मोलों की संख्या – अभिकारक के मोलों की संख्या
अतः ΔH = ΔU + Δng RT
जहाँ
Δng = 0
ΔΗ = ΔU
अतः इस प्रकार की अभिक्रियाएँ, जिनमें अभिकारक तथा उत्पाद ठोस होते हैं, के लिए ΔH और ΔU के मान लगभग बराबर होते हैं।

प्रश्न 5.
अवस्था फलन पद को समझाइए।
उत्तर:
अवस्था फलन – निकाय के गुण जिनके मान निकाय की अवस्था पर निर्भर करते हैं, अवस्था फलन कहलाते हैं। ताप (T), दाब (P), आयतन (V), एन्थैल्पी (H), एन्ट्रॉपी (S), आन्तरिक ऊर्जा (U), मुक्त ऊर्जा (G अथवा A), मोलों की संख्या आदि ऊष्मागतिक फलन या अवस्था फलन हैं। अवस्था के किसी फलन में परिवर्तन केवल उसके प्रारम्भिक तथा अन्तिम अवस्था के फलन के मानों पर निर्भर करता है जो इस प्रकार हैं-
Δx अवस्था फलन = अन्तिम अवस्था फलन (x2) – प्रारम्भिक अवस्था फलन (x1)
Δx = x2 – x1
जहाँ x कोई अवस्था फलन है तथा x1 प्रारम्भिक अवस्था या अवस्था 1 में तथा x2 अन्तिम अवस्था या अवस्था 2 में अवस्था फलन है।

प्रश्न 6.
हैस का नियम क्या है? इसके दो अनुप्रयोग दीजिए।
उत्तर:
इस नियम के अनुसार, यदि किसी रासायनिक अभिक्रिया या परिवर्तन को एक या अनेक पदों में दो या दो से अधिक विधियों द्वारा सम्पन्न किया जाये तो सम्पूर्ण परिवर्तन में उत्पन्न या अवशोषित ऊष्मा की मात्राएँ समान रहेंगी चाहे परिवर्तन किसी भी ढंग से किया जाये।
हंस के नियम के अनुप्रयोग

  • अभिक्रिया ऊष्मा का निर्धारण करने में,
  • यौगिकों की दहन ऊष्मा की गणना करने में।

आंकिक प्रश्न

प्रश्न 1.
किसी निकाय को 100 J ऊष्मा देने पर निकाय द्वारा किया गया कार्य 40 J है। निकाय की आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि ज्ञात करें।
हल:
दिया गया है,
q = 100 J (ऊष्मा दी गयी है। )
w = – 40 J (कार्य किया गया है। )
∆U = q + w
= 100 + (- 40)
= 100 – 40
∆U = 60 J

प्रश्न 2.
प्रारम्भिक रूप से कक्ष ताप पर स्थित एक गैस के आयतन में स्थिर ताप पर 4.0 L से 12.0 L तक का प्रसरण (Expansion) होता है। गैस द्वारा किया गया कार्य ज्ञात कीजिये। यदि इसका प्रसार
(1) निर्वात् के विरुद्ध
(2) 1.2 atm नियत दाब के विरुद्ध हो।
हल:
(1) निर्वात् के विरुद्ध प्रसरण में किया कार्य,
W = – P∆V
निर्वात् में दाब ‘P’ = 0
तथा V2 = 12.0 L
V1 = 4.0L
W = – P∆V
= – 0 (12 – 4)
W = शून्य (निर्वात् के विरुद्ध किया गया कार्य शून्य है।)

(2) 1.2 atm नियत दाब के विरुद्ध कार्य,
P = 1.2 atm
W = – P∆V
= – P (V2 – V1)
= – 1.2 (12.0 – 4.0)
= – 9.6 L atm
= – 9.6 × 101.3 J
= – 973 J

प्रश्न 3.
स्थिर दाब और 300 K ताप पर मेथेन के विरचन की एन्थैल्पी – 78.84 kJ है। स्थिर आयतन पर विरचन की एन्थैल्पी क्या होगी ?
हल:
मेथेन के विरचन का समीकरण,
C(s) + 2H2(g) → CH4(g)fH = – 78.84 kJ
∆ng = 1 – 2 = – 1 mol
R = 8.314 × 10-3 kJ mol-1 K-1
∆H = – 78.84 kJ
∆U = ?
∆H = ∆U + ∆ng RT
– 78.84 = ∆U + (- 1 x 8.314 x 10-3 x 300)
∆U = (- 78.84) – (- 1 x 8.314 x 10-3 x 300)
∆U = (- 78.84) + (2.494)
∆U = – 76.346 kJ
उत्तर-आन्तरिक ऊर्जा – 76.346 kiJ

प्रश्न 4.
जल वाष्प को आदर्श गैस मानने पर 100°C एवं 1 bar दाब पर 1 mol जल के वाष्पीकरण में परिवर्तन 41 kJ mol-1 पाया गया। आन्तरिक ऊर्जा परिवर्तन गणना कीजिये। जब,
(i) 1 mol जल को 1 bar दाब एवं 100°C पर वाष्पीकृत किया
(ii) 1 mol जल को बर्फ में परिवर्तित किया जाये।
हल:
(i) H2O(l) → H2O(g)
परिवर्तन के लिये,
∆H = ∆U + ∆ng RT
∆U = ∆H – ∆ng RT
मान रखने पर,
∆U = 41.00 – (1 x 8.314 x 10-3 x 373)
= 41 – 3.1011
= 37.898 kJ mol-1

(ii) H2O(l) → H2O(s)
यहाँ परिवर्तन के लिये आयतन में परिवर्तन अति न्यून है।
अत: हम
P∆V = ∆ng RT = 0
इस स्थिति में,
∆H ≅ ∆U
∆U = 41.00 kJ mol-1

प्रश्न 5.
27°C पर 2 मोल आदर्श गैस जिसका दाब 5 वायुमण्डल है का समतापी उत्क्रमणीय प्रसार दाब 1 वायुमण्डल होने तक किया जाता है। गैस द्वारा किये गये कार्य की गणना कीजिये।
हल:
दिया गया है-
T = 27 + 273 = 300 K
n = 2 mol
R = 8.314 JK-1 mol-1
P1 = 5 atm
P2 = 1 atm
W = – 2.303 nRT log \(\frac{P_1}{P_2}\)
= – 2.303 × 2 × 8.314 x 300 x log 5
= – 2.303 × 2 × 8.314 x 300 x 0.699
= – 8030.3 J या – 8.03 kJ

प्रश्न 6.
25°C ताप पर 5 मोल आदर्श गैस जो एक वायुमण्डलीय दाब पर है को उत्क्रमणीय रूप से आधे आयतन तक सम्पीडित किया जाता है किये गये कार्य और ऊष्मा की गणना कीजिये।
हल:
दिया गया है-
T = 25 + 273 = 298 K
n = 5 मोल
R = 8.314 JK-1 mol-1
V2 = \(\frac{V_1}{2}\)
W = – 2.303 × n × R x T x log \(\frac{V_2}{V_1}\)
= – 2.303 × 5 × 8.314 × 298 × log \(\frac{\frac{V_1}{2}}{V_1}\)
= – 2.303 × 5 × 8.314 × 298 × log \(\frac { 1 }{ 2 }\)
= 2.303 × 5 × 8.314 x 298 x log 2
= 2.303 × 5 × 8.314 x 298 x 0.3010
= 8587.3 J
W = 8.59 kJ
∴ प्रक्रम समतापी है इसलिये ∆U = 0
ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से,
∆U = q + w
q = – w
q = – 8.59 kJ

प्रश्न 7.
एक गैस का समतापी प्रसरण 1 वायुमण्डल दाब के विरुद्ध 5 dm³ से 10 dm³ तक होता है। इस प्रक्रम में गैस 500 J ऊष्मा ग्रहण करती है। आन्तरिक ऊर्जा परिवर्तन की गणना कीजिये।
हल:
दिया गया है-
P = 1 atm
∆V = (V2 – V1)
= (10 – 5) dm³
= 5 dm³
= 5L
w = – P∆V
w = – 1 × 5 L-atm
w = – 5 × 101.3 J
w = – 506.5 J
q = + 500 J
∆U = – q + w
∆U = 500 – 506.5
∆U = – 6.5 J

प्रश्न 8.
5 मोल आदर्श गैस को स्थिर दाब पर 27°C से 127°C तक गर्म किया जाता है।
(i) प्रसरण में किये गये कार्य की गणना कीजिये।
(ii) यदि गैस को उत्क्रमणीय रूप से 30°C ताप पर 2 atm से 1.4 atm तक प्रसारित किया जाये तो किये गये कार्य की गणना कीजिये।
हल:
(i) माना कि स्थिर दाब P है।
अत:
w = – P(V2 – V1)
गैस, आदर्श गैस है अतः
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी 8

(ii) समतापी उत्क्रमणीय रूप से प्रसरण में किया गया कार्य-
w = – 2.303nRTlog\(\frac{P_1}{P_2}\)
= – 2.303 × 5 × 8.314 × 303 x log\(\frac{2}{1 \cdot 4}\)
= – 2.303 × 5 × 8.314 x 303 x log\(\frac { 20 }{ 14 }\)
= – 2.303 × 5 × 8.314 × 303 x log 1.4286
= – 2.303 x 5 x 8.314 x 303 x 0.1549
= – 4493.6 J
= – 4.4936 kJ

प्रश्न 9.
एक स्विमिंग पूल में 1 x 105 L जल भरा हुआ है। जल का ताप 20°C से 25°C करने के लिये कितने जूल ऊष्मा की आवश्यकता पड़ेगी। जल की विशिष्ट ऊष्मा धारिता 4.184 J°C है।
हल:
आवश्यक ऊष्मा = द्रव्यमान x विशिष्ट ऊष्माधारिता x ताप में वृद्धि
जल का द्रव्यमान w = घनत्व x आयतन
= \(\frac { 1g }{ cm³ }\) x 10 x 10 cm³
w = 108 g
विशिष्ट ऊष्माधारिता (C) = 4.184 J°C g
∆T = 25 – 20 = 5°C
q = M x s = ∆T
आवश्यक ऊष्मा = 108 x 4.184 × 5
= 2.092 × 109 J
= 2092 × 109 J

प्रश्न 10.
नियत आयतन पर एक प्रारम्भिक गैस की विशिष्ट ऊष्मा 0.321 Jg-1 है। यदि गैस का मोलर द्रव्यमान 45g mol-1 है तो गैस की परमाणुकता क्या होगी?
हल:
Cv = Cs x मोलर द्रव्यमा
= 0.321 × 45
Cv = 14.445 J mol-1
R = 8.314 J mol-1
Cp = Cv + R
= 14.445 + 8.314
= 22.759 J mol-1
परमाणुकता = \(\frac{\mathrm{C}_p}{\mathrm{C}_v}\)
परमाणुकता = \(\frac{\mathrm{C}_p}{\mathrm{C}_v}\)
= \(\frac{22 \cdot 759}{14 \cdot 445}\) g mol-1
= 1.6
अतः गैस की परमाणुकता = 1

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 11.
निम्नलिखित समीकरण के अनुसार 1g ऑक्सीजन की अधिकता में 1 atm दाब एवं 298 K पर बम कैलोरीमीटर में दहन कराया जाता है।
C (ग्रेफाइट) + O2 (g) → CO2 (g)
अभिक्रिया के दौरान ताप 298 K से 299K तक बढ़ता है। यदि बम कैलोरीमीटर की ऊष्माधारिता 20.7 kJ/K हो तो उपर्युक्त अभिक्रिया के लिए 1 atm दाब एवं 298 K पर एन्यैल्पी परिवर्तन
क्या होगा?
हल:
माना अभिक्रिया से प्राप्त ऊष्मा 9 एवं कैलोरीमीटर की ऊष्माधारिता Cv है, तब कैलोरीमीटर द्वारा अवशोषित ऊष्मा,
q = Cv x ∆T
अभिक्रिया से प्राप्त ऊष्मा का मान समान होगा, परन्तु चिन्ह ऋणात्मक होगा क्योंकि निकाय (अभिक्रिया – मिश्रण) द्वारा प्रदत्त ऊष्मा कैलोरीमीटर द्वारा ग्रहण की गई ऊष्मा के तुल्य होगी।
q = – Cv x ∆T
= – 20.7 kJ/K × (299 – 298) k
= – 20.7 kJ
(यहाँ ऋणात्मक चिन्ह अभिक्रिया के ऊष्माक्षेपी होने को इंगित करता है)।
अत: 1g ग्रेफाइट के दहन के लिए ∆U = – 20.7 kJ
1 mol (12 g) ग्रेफाइट के दहन के लिए = \(\frac{\left(12 \cdot 0 \mathrm{~g} \mathrm{~mol}^{-1}\right) \times(-20 \cdot 7 \mathrm{~kJ})}{1 g}\)
= – 2.48 x 10² kJ mol-1

प्रश्न 12.
5g पदार्थ जिसका मोलर द्रव्यमान 24 gmol-1 है, का बम कैलोरीमीटर में 25°C ताप पर पूर्ण दहन किया जाता है। दहन के पश्चात् ताप में डिग्री की वृद्धि प्रेक्षित की गयी। यदि कैलोरीमीटर और जल की ऊष्माधारिता 20.7 kJ/K-1 हो तो ∆U की गणना करें।
हल:
qv = (- C.∆T)
5g पदार्थ के लिये ∆T = 1°
qv = – 20.7 x 1
= – 20.7 kJ
पदार्थ का मोलर द्रव्यमान
= 24 gmol-1 है
5g से उत्पन्न ऊष्मा = – 20.7 kJ
1 g से उत्पन्न ऊष्मा = \(\frac { -20.7 }{ 5 }\)
24g से उत्पन्न ऊष्मा =\(\frac { -20.7×24 }{ 5 }\)
∆U = – 99.36 kJ mol-1

प्रश्न 13.
बम कैलोरीमीटर में 2.5 g ऑक्टेन का ऑक्सीजन के आधिक्य में पूर्ण दहन किया जाता है। कैलोरीमीटर के ताप में 6.75K की वृद्धि प्रेक्षित की गई। यदि कैलोरीमीटर की ऊष्माधारिता 8.93 kJ K-1 हो तो विनियम की गई ऊष्मा और आन्तरिक ऊर्जा परिवर्तन की गणना कीजिये।
हल:
कैलोरीमीटर द्वारा ग्रहण की गई ऊष्मा
qv = (- C.∆T)
= 8.93 × 6.75
qv = 60.2775 kJ
(C8H18) ऑक्टेन का मोलर द्रव्यमान
= 8 × 12 + 18 × 1
= 96 + 18
= 114 g mol-1
– ∆U = Cv, ∆T \(\frac { M }{ m }\)
– ∆U = 8.93 × 6.75 × \(\frac { 114 }{ 2.5 }\)
∆U = – 2748.654 kJ mol-1

प्रश्न 14.
298 K से तथा एक वायुमण्डलीय दाब पर एक मोल बेन्जीन के पूर्ण ऑक्सीकृत होने पर 781 कि. कैलोरी ऊष्मा मुक्त होती है। स्थिर आयतन पर इस अभिक्रिया की ऊष्मा की गणना कीजिए।
हल:
बेन्जीन का ऑक्सीकरण निम्न समीकरण के अनुसार होता है।
\(\mathrm{C}_6 \mathrm{H}_{6(l)}+\frac{15}{2} \mathrm{O}_{2(\mathrm{~g})} \longrightarrow 6 \mathrm{CO}_{2(\mathrm{~g})}+3 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}_{(l)}\)
∆H = – 781 कि. कैलोरी
गैसीय अभिकारक के मोलों की संख्या = \(\frac { 15 }{ 2 }\)
गैसीय उत्पाद के मोलों की संख्या = 6
∆n(g) = 6 – \(\frac { 15 }{ 2 }\) = – 1.5
∆H = – 781 कि. कैलोरी
= – 781000 कैलोरी
T = 298K
R = 1.987 Cal K-1 mol-1
∆U = ?
∆U = ∆H – ∆n(g)RT
= – 781000 – (1.5) × 1.987 × 208
= – 780.11 कि. कैलोरी

प्रश्न 15.
300 K तथा निश्चित आयतन पर 7.8 ग्राम बेन्जीन के पूर्ण दहन पर 327 कि. जूल ऊष्मा निकलती है। बेन्जीन की स्थिर दाब पर दहन ऊष्मा की गणना कीजिए।
हल:
7.8 ग्राम बेन्जीन के पूर्ण दहन की ऊष्मा
= – 327 kJ
1 ग्राम बेन्जीन द्वारा निकली ऊष्मा = \(\frac{327 \times 78}{7.8}\)
= 3270 kJ
\(\mathrm{C}_6 \mathrm{H}_{6(\mathrm{~g})}+\frac{15}{2} \mathrm{O}_{2(\mathrm{~g})} \longrightarrow 6 \mathrm{CO}_{2(\mathrm{~g})}+3 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}_{(\mathrm{l})}\)
∆U = – 3270 kJ, ∆ng = 6 – 7.5 = (-1.5)
R = 8.314 × 10-3 kJ K-1 mol-1 T = 300K
∆H = ∆U + ∆ng RT
= – 3270 + (- 1.5 × 8.314 x 10-3 x 300)
= – 3270 – 3.7413
∆H = – 3273.741 kJ

प्रश्न 16.
निम्नलिखित आँकड़ों से C (डायमण्ड) → C ग्रेफाइट में संक्रमण की ऊष्मा की गणना कीजिए।
C डायमण्ड + O2(g) → CO2(g); ∆H = – 94.5 कि. कैलोरी
C ग्रेफाइट + O2(g) → CO2(g); ∆H = – 94.0 कि. कैलोरी
हल:
एक मोल C (डायमण्ड) C (ग्रेफाइट) में बदलने के लिए आवश्यक संक्रमण ऊष्मा
= – 94.5 – (- 94.0)
= – 94.5 + 94.0
= 0.5 कि. कैलोरी

प्रश्न 17.
निम्न अभिक्रिया के लिए 25° से. पर स्थिर दाब पर अभिक्रिया ऊष्मा तथा स्थिर आयतन पर अभिक्रिया ऊष्मा में अन्तर गणना कीजिए।
\(2 \mathrm{C}_6 \mathrm{H}_{6(\mathrm{~g})}+15 \mathrm{O}_{2(\mathrm{~g})} \longrightarrow 12 \mathrm{CO}_{2(\mathrm{~g})}+6 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}_{(\mathrm{l})}\)
हल:
\(2 \mathrm{C}_6 \mathrm{H}_{6(\mathrm{~g})}+15 \mathrm{O}_{2(\mathrm{~g})} \longrightarrow 12 \mathrm{CO}_{2(\mathrm{~g})}+6 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}_{(\mathrm{l})}\)
∆H – ∆V = P∆V
P∆V = ∆n(g) RT
∆n = 12 – 15 = (- 3)
R = 8.314 x 10³ कि. जूल डिग्री-1 मोल-1
T = 273 + 25 = 298
∆H – ∆V = (- 3) x 8.314 x 10-3 x 298
= – 7.432 कि. जूल
= – 7.432 kJ

प्रश्न 18.
निम्न अभिक्रिया के लिये मानक आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन की गणना करो:
OF2(g) + H2O(g) → O2(g) + 2HF(g) 298K ताप पर OF2(g) + H2O(g) और HF(g) की सम्भवन की एन्थैल्पी क्रमशः + 20, – 250 और – 270 kJ mol हैं।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी 9

प्रश्न 19.
Fe2O3 (s) के सम्भवन (विरचन) की ऊष्मा – 824.2 kJ mol है। अभिक्रिया की ऊष्मा के परिवर्तन की गणना कीजिए।
हल:
4Fe (s) + 3O2 (g) → 2Fe2O3 (s)
rHΘ = ∑∆fHΘ(उत्पाद) – ∑∆fHΘ(अधिकारक)
= [2 × ∆fHΘ(Fe2O3)] – [ 4 × 4fHΘ Fe(s) + 3 × ∆fHΘO2(g)]
= (2 × – 824.2) – (4 × 0 + 3 × 0]
rHΘ = – 1648.4 kJ

प्रश्न 20.
ग्लूकोस का दहन निम्नलिखित समीकरण के अनुसार होता है-
C6H12O6(s) + 6O2(g) → 6CO2 (g) + 6H2O(l);
cHΘ = – 2900kJ mol-1
1.8 g ग्लूकोस के दहन में कितनी ऊष्मा निर्मुक्त होगी ?
हल:
C6H12O6(s) + 6O2(g) → 6CO2 (g) + 6H2O(l);
1 mol (180 g) ∆cHΘ = – 2900kJ mol-1
1 mol (180 g) ग्लूकोस के दहन में निर्मुक्त ऊष्मा = 2900 kJ
अत: 1.8 g ग्लूकोस के दहन में निर्मुक्त ऊष्मा
= \(\frac{2900}{180} \times 1.8\)
= 29 kaJ

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 21.
यदि एक व्यक्ति अपने भोजन से प्रतिदिन 9000 kJ ऊर्जा प्राप्त करता है व सभी प्रकार से 11000kJ ऊर्जा प्रतिदिन खर्च करता है तो आन्तरिक ऊर्जा में प्रतिदिन कितना परिवर्तन होगा ? यदि खर्च ऊर्जा सुक्रोज (1500kJ प्रति 100 ग्राम) के रूप में संग्रहीत हो तो एक kg खर्च होने में कितने दिन लगेंगे। (जल हानि नगण्य मानें)।
हल:
आन्तरिक ऊर्जा में प्रतिदिन परिवर्तन
= 11000 – 9000
= 2000 kJ
ऊर्जा की हानि होगी क्योंकि ऊर्जा अधिक खर्च हुयी है।
100 ग्राम सुक्रोज से ऊर्जा
= 1500 kJ हानि
1000 ग्राम सुक्रोज से ऊर्जा
= \(\frac{1500 \times 1000}{100}\) हानि
= 15000 kJ हानि
15000 kJ ऊर्जा या 1000 ग्राम भार को खर्च करने के लिये
दिनों की संख्या = \(\frac { 15000 }{ 2000 }\) = 7.5 दिन

प्रश्न 22.
यदि मेथिल ऐल्कोहॉल की सम्भवन ऊष्मा 2041.2 कि. जूल तथा C H एवं OH बंधों की बन्ध ऊर्जाएँ क्रमशः 415.3 एवं 466.2 कि. जूल हों, तो CO बन्ध की बन्ध ऊर्जा की गणना करो।
हल:
मेथिल ऐल्कोहॉल की संरचना में तीन C-H बन्ध, एक O – H बन्ध है।
मैथिल ऐल्कोहॉल की सम्भवन ऊष्मा
∆H° = 2041.2 कि. जूल
अत: ∆HC – 0
= ∆H°(3∆HC – H + ∆HO – H)
=2041.2 – (3 × 415.8 + 466.2)
= 2041·2 (1713.6 – 327.6 कि. जूल उत्तर

प्रश्न 23.
298K पर CCl4(g) + H2O(g), CO2(g), HCl(g) की मानक सम्भवन ऊष्माएँ क्रमश: 25.5, 578, – 94.1 और – 22.1 kcal mol-1 हैं। निम्न अभिक्रिया के लिये ∆rHΘ की गणना कीजिये।
CCl4(g) + 2H2O(g) → CO2(g)(g) + 4HCl(g)
हल:
rHΘ = ∑∆fHΘ(उत्पाद) – ∑∆rHΘ(अभिकारक)
= [4 x ∆fHΘ(HCl) + ∆fHΘ(CO2)] – [∆fHΘ(CCl4) + 2 x ∆fHΘ H2O]
= [(4 × – 22.1) + (- 94.1)] – [25.5 + 2 × 57.8]
= [- 88.4 – 94·1] – [25.5 + 115.6]
= – 182.5 – 141.1
= – 323.6 kcalmol-1

प्रश्न 24.
\(\mathrm{C}_{(\mathrm{s})}+\mathrm{O}_{2(\mathrm{~g})} \longrightarrow \mathrm{CO}_{2(\mathrm{~g})} ; \quad \Delta \mathrm{H}=-94 \cdot 3 \mathrm{k} \text { Cal }\)
\(\mathrm{CO}(\mathrm{g})+\frac{1}{2} \mathrm{O}_2(\mathrm{~g}) \longrightarrow \mathrm{CO}_{2(\mathrm{~g})} ; \quad \Delta \mathrm{H}=-68 \cdot 0 \mathrm{k} \mathrm{Cal}\)
निम्नांकित अभिक्रिया में ∆H का मान बताएँ-
C(s) + \(\frac { 1 }{ 2 }\)O2(g) → CO(g)
हल:
दिया गया है,
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी 10
उत्तर – दी गयी अभिक्रिया के ∆H का मान – 26.3 kCal है।

प्रश्न 25.
नीचे दिये गये आँकड़ों से Cl – Cl की बन्ध एन्थैल्पी ज्ञात कीजिये,
\(\mathrm{CH}_{4(\mathrm{~g})}+\mathrm{Cl}_{2(\mathrm{~g})} \longrightarrow \mathrm{CH}_3 \mathrm{Cl}_{(\mathrm{g})}+\mathrm{HCl}_{(\mathrm{g})}\)
rH = – 100.3 k J mol-1
C – H, C – Cl, H – Cl बन्धों की आबन्ध ऊर्जा क्रमशः 413, 326 तथा 431 kJ mol-1 है।
हल:
दी गयी समीकरण-
CH4(g) + Cl2(g) → CH3Cl(g) + HCl(g)
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी 11

प्रश्न 26.
अभिक्रिया
HCN(g) + 2H2(g) → CH3 NH2(g)
की ∆rH° का मान – 150kJ है। C ≡N की बन्ध एन्बैल्पी ज्ञात करें। यदि (C – H, H – H, N – H तथा C – N बन्धों की मानक बन्ध एन्थैल्पी क्रमशः 414, 435, 369 और 293 kJ mol-1 है।
हल:
अभिक्रिया
HCN(g) + 2H2(g) → CH3NH2(g)
को बन्धों के रूप में निम्न प्रकार लिख सकते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी 12

प्रश्न 27.
शुष्क ऐलुमिनियम क्लोराइड (Al2Cl6) की सम्भवन की एन्बैल्पी निम्न आँकड़ों से ज्ञात करो-
(i) 2Al(s) + 6HCl(aq) → Al2Cl6(aq) + 3H2(g); ∆H = – 1004.0 kJ
(ii) HCl(g) + Cl2(g) → 2 HCl(g); ∆H = – 183.9 kJ
(iii) HCl(g) + aq → HCl(aq); ∆H = – 73.2 kJ
(iv) Al2Cl6(s) + aq → Al2Cl6(aq); ∆H = 643.0 kJ.
हल:
ज्ञात करना है-
2Al(s) + 3H2(g) → Al2Cl6(s) ; ∆H = ?
समीकरण (ii) में 3 की गुणा करने पर तथा समीकरण (i) से जोड़ने
3H2(g) + 3Cl2(g) → 6HCl(g); ∆H = – 183.9 x 3 = – 551.7 kJ
2 Al(s) + 6HCl(aq) → Al2Cl6(aq) + 3H2(g); ∆H = – 1004.0 kJ
(जोड़ने पर )
2Al(s) + 6HCl(aq) + 3H2(g) + 3Cl2(g) → 6HCl(g) + Al2 Cl6(aq) + 3H2(g)
∆H = (- 551.7) + (- 1004.0)
= – 1555.7 kJ … (v)
समीकरण (iii) को 6 से गुणा करने पर तथा समीकरण (v) से जोड़ने पर
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी 13

प्रश्न 28.
निम्नलिखित आँकड़ों की सहायता से N2O की अनुनादी ऊर्जा ज्ञात कीजिये-
fHΘ(N2O) = 82 kJ mol-1
N ≡ N, N = N, O = O, N ≡ O की बन्ध एन्बैल्पी क्रमश: 946, 418, 498 तथा 607 kJ mol-1 है।
हल:
अनुनादी ऊर्जा परिकलित ∆fH° प्रेक्षित ∆fH° प्रेक्षित ∆fH° (N2O) = 82 kJ mol-1
आँकड़ों से परिकलित ∆fH° ज्ञात करना है।
अभिक्रिया,
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी 14

प्रश्न 29.
निम्न उत्क्रमणीय प्रक्रम हेतु एन्ट्रॉपी परिवर्तन ज्ञात करो। 1 atm दाब पर 100°C ताप पर 1 मोल द्रव जलवाष्प में बाष्पित होता है।
(H2O हेतु ∆Hvap = 2257 Jg-1)
हल:
∆Hvap = 2257 Jgl-1 = 2257 x 18
= 40626 J mol-1
क्योंकि H2O का मोलर द्रव्यमान = 18 g mol
Tb = 100°C + 273 = 373K
∆Hvap = \(\frac{\Delta \mathrm{H}_{\text {vap }}}{\mathrm{T}_{\mathrm{b}}}\)
= \(\frac { 40626 }{ 373 }\)
∆Hvap = 108.9 JK-1 mol-1

प्रश्न 30.
MgSO4 के सम्बन्ध में निम्न आँकड़े ज्ञात हैं;
∆H = 7.80 kJ mol-1 और ∆S = 70 J K-1 mol-1 इसका गलनांक ज्ञात करें।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी 15

प्रश्न 31.
निम्न अभिक्रियाओं हेतु प्रति मोल मुक्त ऊर्जा परिवर्तन ज्ञात करो।
(i) CaCO3 (s) → CaO(s) + CO2(g) 298K ताप पर
∆H = + 177.9 kJ, ∆S = 160.4 JK-1
हल:
दिया गया है.
∆H = 177.9 × 10³ J
∆S = 160.4 JK-1
T = 298K
∆G = ∆H – T∆S
= 177900 – 298 x 160.4
= 177900 – 47799.2
= 130100.8 J
= 130.1 kJ

(ii) 2NO2 (g) → N2O4 (g) 298K ताप पर
∆H = – 57.2 kJ
∆S = – 175.6 JK-1
हल:
दिया गया है,
∆H = – 57.2 × 10³ J
∆S = – 175.6 JK-1
T = 298K
∆G = ∆H – T∆S
= – 57200-(- 175.6 × 298)
= – 57200 + 52328.8
= – 4871.2 J
= – 4.871 kJ

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 32.
अभिक्रिया,
2NO(g) + O2(g) → 2NO2(g) के लिये एन्थेल्पी तथा एन्ट्रॉपी परिवर्तन क्रमशः – 113.0 kJ mol-1 एवं 145 JK-1 mol-1 है। वह ताप ज्ञात कीजिये जिस पर
अभिक्रिया स्वतः प्रेरित हो।
हल:
हम साम्यावस्था का ताप ज्ञात कर सकते हैं
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 6 ऊष्मागतिकी 16
अग्र दिशा में या अभिक्रिया स्वतः प्रेरित हो इसके लिये तापमान अवश्य ही 779.3K से कम होना चाहिये।

प्रश्न 33.
400 K ताप पर निम्नलिखित अभिक्रिया के लिये साम्य स्थिरांक Kc क्या होगा ?
2NOCl(g) ⇌ 2NO(g) + Cl2(g)
दिया गया है 400 K ताप पर
∆H = 77.2 kJ mol-1
= 77.2 x 10³ J mol-1
और ∆S = 122 JK-1 mol-1 है।
हल:
∆G = ∆H T∆S
∆G = 77200 – 400 × 122
= (77200-48800)
∆G = 28400 J mol-1
अभिक्रिया के लिये साम्य स्थिरांक = ?
∆G = – 2.303 RT log Kc
∆G = 28.4 × 10³ J mol-1
R = 8.314 JK-1 mol-1
T = 400K
∆G = – 2.303 RT log Kc
log Kc = \(\frac{-\Delta \mathrm{G}}{2 \cdot 303 \mathrm{RT}}\)
= \(\frac{-28.4 \times 10^3}{2.303 \times 8.314 \times 400}\)
log Kc = 3.7081
Kc = Antilog (- 3.7081)
= Antilog [- 4 + 0.2919]
= Antilog (\(\bar{4}\).2919)
Kc = 1.958 × 10-4