Haryana State Board HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन : कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें Important Questions and Answers.
Haryana Board 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 12 कार्बनिक रसायन : कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीकें
बहुविकल्पीय प्रश्न:
1. प्रयोगशाला में प्रथम कार्बनिक यौगिक का निर्माण करने वाले वैज्ञानिक हैं-
(1) कैकुले
(2) व्होलर
(3) लैवाशिए
(4) लीबिंग
उत्तर:
(2) व्होलर
2. सर्वप्रथम किस कार्बनिक यौगिक का संश्लेषण प्रयोगशाला में हुआ था-
(1) यूरिया
(2) एथेनॉल
(3) मेथेन
(4) एसीटिक एसिड
उत्तर:
(1) यूरिया
3. रासायनिक पदार्थों का सर्वप्रथम वर्गीकरण किसने किया-
(1) निकालेस लीमरी
(2) बर्जीलियस
(3) क्होलर
(4) फैराडे
उत्तर:
(1) निकालेस लीमरी
4. कार्बनिक यौगिकों में यह तत्त्व उपस्थित होना चाहिए-
(1) ऑक्सीजन
(2) कार्बन
(3) नाइट्रोजन
(4) हाइड्रोजन
उत्तर:
(2) कार्बन
5. कार्बनिक यौगिकों के सम्बन्ध में कौन-सा कथन असत्य है-
(1) सभी कार्बनिक यौगिक प्राकृति में पाये जाते हैं।
(2) कार्बनिक यौगिक सहसंयोजी होते हैं।
(3) C—C बंध अन्य तत्त्वों के परमाणुओं के मध्य बने एकल बन्धों से प्रबल होता है।
(4) कार्बन में शृंखलन का गुण सबसे अधिक होता है।
उत्तर:
(1) सभी कार्बनिक यौगिक प्राकृति में पाये जाते हैं।
6. 2-मेथिल-2-ब्यूटीन को व्यक्त किया जाता है-
उत्तर:
7. निम्नलिखित यौगिक का सही I.U.P.A.C नाम चुनिए।
(1) ब्यूटेन-2-ऐल्डिहाइड
(2) 3-मेथिल ब्यूटेनेल
(3) 2-मेथिल आइसो ब्यूटायरल्डिहाइड
(4) 2-मेथिल ब्यूटैनैल।
उत्तर:
(4) 2-मेथिल ब्यूटैनैल।
8. CH3OC2H5 ईथर का I.U.P.A.C नाम है-
(1) ऐथॉक्सी मेथेन
(2) मेथॉक्सी ऐथेन
(3) मेथिल ऐथिल ईथर
(4) ऐथिल मेथिल ईथर
उत्तर:
(2) मेथॉक्सी ऐथेन
9. (CH3)2CHCH2OH का I.U.P.A.C नाम है-
(1) द्वितीयक ब्यूटिल ऐल्कोहॉल
(2) प्राथमिक ब्यूटिल ऐल्कोहॉल
(3) 3-मेथिल ब्यूटेनॉल
(4) 3-मेथिल प्रोपेन-1-ऑल
उत्तर:
(4) 3-मेथिल प्रोपेन-1-ऑल
10. यौगिक का I.U.P.A.C नाम है-
(1) 1, 1-डाई मेथिल-3-साइक्लोहैक्सेनॉल
(2) 1, 1 -डाई मेथिल-3-हाइड्रॉक्सी हैक्सेन
(3) 3, 3-डाई मेथिल-1-साइक्लोहैक्सेनॉल
(4) 3, 3-डाई मेथिल-1-हाइड्रॉक्सी साइक्लो-हैक्सेनॉल
उत्तर:
(3) 3, 3-डाई मेथिल-1-साइक्लोहैक्सेनॉल
11. CH3—CH = CH—C ≡ CH का I.U.P.A.C नाम है-
(1) पेण्ट-2-ईन-4आइन
(2) पेण्ट-3-ईन-1आइन
(3) 3-आइन-4ईन-पेण्टेन
(4) पेण्ट-4-ईन-2आइन
उत्तर:
(2) पेण्ट-3-ईन-1आइन
12. CH3—C(CH3) (OH) CH2—CH(CH3)CH3 का I.U.P.A.C नाम है-
(1) 2, 4-डाइ मेथिल पेन्टेनॉल-2-ऑल
(2) 2, 4-डाइ मेथिल पेण्टेन-4-ऑल
(3) 2, 2-डाइ मेथिल
(4) ब्यूटेनॉल-2-ऑन।
उत्तर:
(1) 2, 4-डाइ मेथिल पेन्टेनॉल-2-ऑल
13. निम्नलिखित यौगिक का I.U.P.A.C नाम है-
(1) 1, 2, 3-ट्राइ सायनोप्रोपेन
(2) 3-सायनोपेण्टेन-1, 5 डाइ नाइट्राइल
(3) 1, 2, 3-ट्राइ साइनोप्रोपेन
(4) प्रोपेन-1, 2, 3-ट्राइ कार्बोनाइट्राइल।
उत्तर:
(4) प्रोपेन-1, 2, 3-ट्राइ कार्बोनाइट्राइल।
14. (CH3)2.CH.CH2CH2Br का I.U.P.A.C नाम है-
(1) 1-ब्रोमो पेण्टेन
(2) 2-मेथिल-4-ब्रोमो पेण्टेन
(3) 1-ब्रोमो-3-मेथिल ब्यूटेन
(4) 2-मेथिल-3-ब्रोमो ब्यूटेन
उत्तर:
(3) 1-ब्रोमो-3-मेथिल ब्यूटेन
15. (CH3)3C—CH = CH2 का I.U.P.A.C नाम है-
(1) 3, 3,3-ट्राइमेथिल-1-प्रोपीन
(2) 1, 1, 1-ट्राइमेथिल-2-प्रोपीन
(3) 3, 3-डाइ-मेथिल-1-ब्यूटीन
(4) 2, 2-डाइ-मेथिल-3-ब्यूटीन
उत्तर:
(3) 3, 3-डाइ-मेथिल-1-ब्यूटीन
16. निम्न I.U.P.A.C नामों में कौन-सा सही है-
(1) 2-ऐथिल-3-मेथिल पेण्टेन
(2) 3-ऐथिल-2-मेथिल पेण्टेन
(3) 3-मेथिल-2-एथिल पेण्टेन
उत्तर:
(2) 3-ऐथिल-2-मेथिल पेण्टेन
17. यदि कार्बोनिल समूह की शेष दो संयोजकताएँ दो ऐल्किल समूहों द्वारा सन्तुष्ट होती हैं तो यौगिक है-
(1) ऐल्डिहाइड
(2) कीटोन
(3) अम्ल
(4) अम्ल ऐनहाइड्राइड
उत्तर:
(2) कीटोन
18. निम्न यौगिक का I.U.P.A.C नाम है-
(1) 3, 3, 3-ट्राइमेथिल-1-प्रोपेन
(2) 1, 1, 1-ट्राइमेथिल-2-प्रोपेन
(3) 3, 3-डाईमेथिल-1-ब्यूटेन
(4) 2, 2-डाईमेथिल-3-ब्यूटेन
उत्तर:
(3) 3, 3-डाईमेथिल-1-ब्यूटेन
19. कार्बन के अधिकतम यौगिक होने के कारण हैं-
(1) बहु संयोजकता
(2) मृंखलन का गुण
(3) रासायनिक बन्धुता
(4) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(2) मृंखलन का गुण
20. का I.U.P.A.C नाम है-
(1) 2-ऐथिल-ब्यूटेनामाइड
(2) 2-मेथिल ब्यूटेनामाइड
(3) 1-ऐमीनो-2-मेथिल प्रोपेन
(4) 1-ऐमीनो-3-मेथिल प्रोपेन
उत्तर:
(2) 2-मेथिल ब्यूटेनामाइड
21. का I.U.P.A.C नाम है-
(1) एसीटल
(2) मेथेनैल
(3) एथेनैल
(4) ऐसिटल्डिहाइड
उत्तर:
(3) एथेनैल
22. यौगिक CH2 = CHCH2Cl का I.U.P.A.C नाम क्या है?
(1) एलिल क्लोराइड
(2) 1-क्लोरो प्रोप-3-ईन
(3) 3-क्लोरो प्रोपाइलीन
(4) 3-क्लोरो-1-प्रोपीन
उत्तर:
(4) 3-क्लोरो-1-प्रोपीन
23.
(1) 2-हाइड्रॉक्सी-1, 3, 6-ट्राई ब्रोमोबेंजीन
(2) 1 -हाइड्रॉक्सी-2, 4, 6-ट्राई ब्रोमोबेंजीन
(3) 2, 4, 6-ट्राई ब्रोमोफीनॉल
(4) ट्राई ब्रोमोफीनॉल
उत्तर:
(3) 2, 4, 6-ट्राई ब्रोमोफीनॉल
24. का I.U.P.A.C नाम है-
(1) 1-क्लोरो-2-ऐथिल प्रोपेनॉन
(2) 1-क्लोरो-3-मेथिल ब्यूटेनॉन
(3) 2-मेथिल ब्यूटेनॉयल क्लोराइड
(4) 2, 3-डाइ मेथिल-प्रोपेनॉयल क्लोराइड
उत्तर:
(3) 2-मेथिल ब्यूटेनॉयल क्लोराइड
25. निम्नलिखित संरचना वाले यौगिक का I.U.P.A.C नाम है-
(1) 3-ऐमीनो-2-हाइड्रॉक्सी प्रोपियोनिक अम्ल
(2) 2-ऐमीनो-प्रोपेन-3-ऑल-1-ओइक अम्ल
(3) ऐमीनो हाइड्रॉक्सी प्रोपेनॉइक अम्ल
(4) 2-ऐमीनो-3-हाइड्रॉक्सी प्रोपेनॉइक अम्ल।
उत्तर:
(4) 2-ऐमीनो-3-हाइड्रॉक्सी प्रोपेनॉइक अम्ल।
26. का I.U.P.A.C का नाम है-
(1) 4-मेथिल-1-पेण्टेन डाइऑल
(2) 2-मेथिल-2, 3-पेण्टेन डाइऑल
(3) 2-मेथिल-1, 2-हैक्सेन डाइऑल
(4) आइसो-हैक्सेन-ग्लाइकॉल
उत्तर:
(2) 2-मेथिल-2, 3-पेण्टेन डाइऑल
27. C2H2—O—C2H5 तथा CH3—O—C3H7 प्रदर्शित करते हैं-
(1) चलावयवता
(2) मध्यावयवता
(3) शृंखला समावयवता
(4) प्रकाशिक समावयवता ।
उत्तर:
(2) मध्यावयवता
28. ऐल्केन प्रदर्शित करते हैं-
(1) मेसोमेरिज्म
(2) शृंखला समावयवता
(3) ज्यामितीय समावयवता
(4) स्थित समावयवता ।
उत्तर:
(2) शृंखला समावयवता
29. सूत्र C4H14N से कितने प्राथमिक ऐमीन संभव है-
(1) 1
(2) 2
(3) 3
(4) 4
उत्तर:
(4) 4
30. C6H14 के समावयवियों की संख्या है-
(1) 4
(2) 6
(3) 5
(2) 7
उत्तर:
(3) 5
31. मेथिल ब्यूटेन के मोनोक्लोरीनीकरण से प्राप्त हो सकने वाली सम्भावित प्रतिविम समावयवी युगलों की संख्या है—
(1) 2
(2) 3
(3) 4
(4) 1
उत्तर:
(1) 2
32. ब्यूटेन 2, 3-डाइ-ऑल के कितने प्रकाशीय सक्रिय त्रिविम समावयवी सम्भव है-
(1) 1
(2) 2
(3) 3
(4) 4
उत्तर:
(2) 2
33. यौगिक C2BrClFI के समावयवियों की कुल संख्या है-
(1) 3
(2) 4
(3) 5
(4) 6
उत्तर:
(4) 6
34. ऐसीटोन के ईनोल रूप में पाए जाते हैं-
(1) 9σ बंध, 1π बंध तथा 2 एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म
(2) 8σ बंध, 2π बंध तथा 2 एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म
(3) 10σ बंध, 1π बंध तथा 1 एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म
(4) 9σ बंध, 27 बंध तथा 1 एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म
उत्तर:
(1) 9σ बंध, 1π बंध तथा 2 एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म
35. क्रियात्मक समावयवी हैं—
(1) C2H5OH तथा CH3—O—CH3
(2) C2H5OH तथा CH3COOH
(3) CH3—O—CH3 तथा CH3CHO
(4) उपरोक्त सभी।
उत्तर:
(1) C2H5OH तथा CH3—O—CH3
36. डाइमेथिल ईथर और ऐथिल एल्कोहॉल है-
(1) श्रृंखला समावयवी
(2) स्थान समावयवी
(3) क्रियात्मक समावयवी
(4) मध्यावयवी ।
उत्तर:
(3) क्रियात्मक समावयवी
37. निम्नलिखित में से कौन सा युगल श्रृंखला समावयवता प्रदर्शित करता है-
(1) α- ब्यूटिलीन तथा β-ब्यूटिलीन
(2) β- ब्यूटिलीन तथा आइसो ब्यूटिलीन
(3) आइसो ब्यूटिलीन तथा साइक्लो ब्यूटेन
(4) साइक्लो ब्यूटेन तथा α- ब्यूटिलीन ।
उत्तर:
(2) β- ब्यूटिलीन तथा आइसो ब्यूटिलीन
38. निम्नलिखित में से कौन सा युगल स्थिति समावयवता का उदाहरण नहीं है ?
(1) n-पेण्टेन तथा आइसो पेण्टेन
( 2 ) n-प्रोपिल ऐल्कोहॉल तथा आइसो प्रोपिल ऐल्कोहॉल
(3) ऐथिलीन डाइ-क्लोराइड तथा ऐथिलिडीन डाइ-क्लोराइड
(4) o-क्लोरो टॉलुइन तथा p-क्लोरो टॉलुइन ।
उत्तर:
(1) n-पेण्टेन तथा आइसो पेण्टेन
39. निम्नलिखित में से कौन-से युगल के यौगिक शेष तीनों में भिन्न प्रकार की समावयवता दर्शाते हैं-
(1) मैथिल सायनाइड तथा मेथिल आइसो सायनाइड
(2) मैथिल नाइट्राइट तथा नाइट्रो मेथेन
(3) ऐथिल मेथेनोएट तथा मेथिल ऐथेनोएट
(4) 2- ब्यूटाइन तथा 1, 3- ब्यूटाडाइईन ।
उत्तर:
(3) ऐथिल मेथेनोएट तथा मेथिल ऐथेनोएट
40. निम्नलिखित में से कौन-से युगल के यौगिक स्थिति समावयवता और मध्यावयवता दोनों प्रदर्शित करते हैं ?
(1) डाइ – ऐथिलेमीन तथा आइसो प्रोपिल मेथिलेमीन
(2) प्रोपिल ऐथेनोएट तथा आइसो प्रोपिल ऐथेनोएट
(3) ऐथॉक्सी ऐथेन तथा 2-मेथॉक्सी प्रोपेन
(4) डाई – ऐथिल कीटोन तथा 2-मेथिल, n-प्रोपिल कीटोन |
उत्तर:
(4) डाई – ऐथिल कीटोन तथा 2-मेथिल, n-प्रोपिल कीटोन |
41. ऐथिल ऐथेनोएट का मध्यावयवी है—
(1) ऐथिल मेथेनोएट
(2) मैथिल प्रोपेनोएट
(3) मेथिल ब्यूटिरेट
(4) मेथिल ऐसीटेट |
उत्तर:
(2) मैथिल प्रोपेनोएट
42. डाइ-मेथिलेमीन और ऐथिलेमीन किस प्रकार के समावयवी हैं ?
(1) मध्यावयवी
(2) श्रृंखला
(3) स्थिति
(4) क्रियात्मक समूह |
उत्तर:
(4) क्रियात्मक समूह |
43. ऐलिल ऐल्कोहॉल तथा ऐसीटोन एक-दूसरे के कौन-से समावयवी हैं ?
(1) स्थिति
(2) क्रियात्मक समूह
(3) श्रृंखला
(4) मध्यावयवी ।
उत्तर:
(2) क्रियात्मक समूह
44. C4H8O2 से सम्भावित अम्ल प्रदर्शित कर सकते हैं-
(1) केवल श्रृंखला समावयवता
(2) केवल मध्यावयवता
(3) मध्यावयवता तथा श्रृंखला समावयवता
(4) केवल स्थिति समावयवता
उत्तर:
(1) केवल श्रृंखला समावयवता
45. C7H8O सूत्र वाले ऐरोमैटिक यौगिकों के समावयवियों की संख्या है
(1) 2
(2) 3
(3) 4
(4) 5
उत्तर:
(4) 5
46. C4H8O के कितने समावयवी होते हैं ?
(1) 3
(2) 4
(3) 5
(4) 6
उत्तर:
(2) 4
47. मध्यावयवता पायी जाती है-
(1) अम्ल में
(2) ऐल्कोहॉल में
(3) ईथर में
(4) ऐल्डिहाइड में।
उत्तर:
(2) ऐल्कोहॉल में
48. C6H14 के समावयवियों की संख्या है
(1) 4
(2) 5
(3) 6
(4) 7.
उत्तर:
(3) 6
49. निम्न में समावयवी युग्म है
(1) मेथिल मेथेन और ऐथेन
(2) डाइमेथिल मेथेन और प्रोपेन
(3) आइसो पेण्टेन तथा 2 2 – डाइ ऐथिल प्रोपेन
(4) ऐथिल एल्कोहॉल और डाइऐथिल ईथर ।
उत्तर:
(2) डाइमेथिल मेथेन और प्रोपेन
50. C7H7Cl कितने समावयवी प्रदर्शित करता है?
(1) 2
(2) 3
(3) 4
(4) 5.
उत्तर:
(3) 4
51. निम्न में से कौन-सा जोड़ा त्रिविम समावयवता को प्रदर्शित करता है ?
(1) संरचनात्मक समावयवता तथा ज्यामिति समावयवता
(2) बन्ध समावयवता तथा ज्यामिति समावयवता
(3) श्रृंखला समावयवता तथा घूर्णन समावयवता
(4) प्रकाशिक समावयवता तथा ज्यामिति समावयवता ।
उत्तर:
(3) श्रृंखला समावयवता तथा घूर्णन समावयवता
52. कार्बोधनायन हैं-
(1) sp संकरित
(2) sp3 संकरित
(3) sp2 संकरित
(4) sp3d संकरित
उत्तर:
(3) sp2 संकरित
53. निम्नलिखित में से कौन स्थायी कार्बेनायन है ?
(1) C6H5CH2
(2) p—NO2.C6H4CH2
(3)p—CH3—O—C6H4CH2
(4) p—CH3C6CH2
उत्तर:
(2) p—NO2.C6H4CH2
54. कौन-सा सबसे अधिक नाभिक स्नेही है ?
(1) —OCOCH3
(2) —OCH3
(3) Cl
(4) —CH3
उत्तर:
(2) —OCH3
55. निम्नलिखित में से किस श्रेणी में केवल नाभिक स्नेही हैं ?
(1) NH3, H2O, AlCl3
(2) NH3, ROH, H2O
(3) H2O, H3O+, SO3
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(2) NH3, ROH, H2O
56. निम्नलिखित कार्बोनियम आयनों में सबसे अधिक स्थायी है-
उत्तर:
57. इनमें से सबसे अधिक स्थायी कार्बेनायन है-
उत्तर:
58. इलेक्ट्रॉन स्नेही अभिकर्मक है-
(1) कार्बेनियम आयन
(2) क्लोराइड आयन
(3) ऐल्कोहॉल
(4) फेरिक क्लोराइड ।
उत्तर:
(4) फेरिक क्लोराइड ।
59. कार्बेनायनों के स्थायित्व का क्रम है-
(1) मैथिल > ऐथिल > आइसोप्रोपिल > टर्शियरी ब्यूटिल
(2) टर्शियरी ब्यूटिल > आइसो प्रोपिल > ऐथिल > मैथिल
(3) ऐथिल > मेथिल > आइसोप्रोपिल > टर्शियरी ब्यूटिल
(4) आइसो प्रोपिल > ऐथिल > मैथिल > टर्शियरी ब्यूटिल ।
उत्तर:
(1) मैथिल > ऐथिल > आइसोप्रोपिल > टर्शियरी ब्यूटिल
60. सर्वाधिक स्थायी कार्बोनियम आयन हैं-
(1) मेथिल कार्बोनियम आयन
(2) प्राथमिक कार्बोनियम आयन
(3) द्वितीयक कार्बोनियम आयन
(4) तृतीयक कार्बोनियम आयन ।
उत्तर:
(4) तृतीयक कार्बोनियम आयन ।
61. सह संयोजक बंध का होमोलिटिक विखण्डन देता है-
(1) कार्बोनियम आयन
(2) कार्बेनायन
(3) मुक्त मूलक
(4) एक धनायन तथा एक ऋणायन।
उत्तर:
(3) मुक्त मूलक
62. निम्नलिखित में से कौन इलेक्ट्रॉन स्नेही अभिकर्मक है-
(1) RO–
(2) BF3
(3) NH3
(4) R—O—H
उत्तर:
(2) BF3
63. इलेक्ट्रॉन स्नेही अभिकर्मक होते हैं-
(1) इलेक्ट्रॉन युग्म दाता
(2) लुईस अम्ल
(3) विषम इलेक्ट्रॉन युग्म
(4) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(2) लुईस अम्ल
64. अभिक्रिया C2H5Cl+KOH(aq) → C2H5OH + KCl हैं-
(1) इलेक्ट्रॉन स्नेही योगात्मक
(2) नाभिक स्नेही योगात्मक
(3) इलेक्ट्रॉन स्नेही प्रतिस्थापन
(4) नाभिक स्नेही प्रतिस्थापन ।
उत्तर:
(4) नाभिक स्नेही प्रतिस्थापन ।
65. इलेक्ट्रॉन स्नेही अभिकर्मक है-
(1) BF3
(2) NH3
(3) H2O
(4)R—OH.
उत्तर:
(1) BF3
66. नाभिक स्नेही अभिकर्मक हैं-
(1) R3N
(2) SO3
(3) BF3
(4) NO2
उत्तर:
(1) R3N
67. निम्नलिखित में से कौन-सा मुक्त मूलक का लक्षण नहीं है ?
(1) अयुग्मित इलेक्ट्रॉन युग्म की उपस्थिति
(2) विद्युत उदासीनता
(3) सम विदलन से बनना
(4) प्रतिचुम्बकीय गुण |
उत्तर:
(4) प्रतिचुम्बकीय गुण |
68. निम्न में से कौन-सा कार्बन परमाणु सबसे अधिक विद्युत ऋणात्मक है ?
(1) I
(2) II
(3) III
(4) सभी समान विद्युत ऋणात्मक हैं।
उत्तर:
(1) I
69. इलेक्ट्रॉन स्नेही योगात्मक अभिक्रिया करने वाले यौगिक हैं-
(1) ऐल्कीन
(2) कीटोन
(3) बेंजीन
(4) ऐल्केन ।
उत्तर:
(1) ऐल्कीन
70. एक सजातीय श्रेणी में-
(1) आण्विक सूत्र समान होते हैं
(2) संरचनात्मक सूत्र समान होते हैं
(3) भौतिक गुण समान होते हैं
(4) सामान्य सूत्र समान होते हैं।
उत्तर:
(4) सामान्य सूत्र समान होते हैं।
71. पुनर्विन्यास अभिक्रिया के कारण कोई यौगिक बदल जाता है-
(1) उच्च सजात में
(2) निम्न सजात में
(3) समावयवी में
(4) अनिश्चित ।
उत्तर:
(3) समावयवी में
72. दुर्बलतम लूईस क्षारक है-
(1) H+
(2) OH–
(3) Cl–
(4) HCO3–
उत्तर:
(1) H+
73. बेन्जीन में समान कार्बन कार्बन बन्धों की बन्धन श्रेणी है-
(1) 1
(2) 2
(3) 1 तथा 2 के मध्य
(4) क्रमागत 1 तथा 2.
उत्तर:
(3) 1 तथा 2 के मध्य
74. NH3 अणु है-
(1) इलेक्ट्रोफाइल
(2) लूईस अम्ल
(3) लूइस क्षार
(4) होमोलिटिक अभिकर्मक |
उत्तर:
(3) लूइस क्षार
75. निम्न में से कौन-सा अम्ल उत्प्रेरित ऐल्कोहॉल के निर्जलन में सम्भावित मध्यवर्ती है?
(1) मुक्त मूलक
(2) कार्बेनायन
(3) कार्बोनियम आयन
(4) ऐल्कॉक्साइड आयन।
उत्तर:
(3) कार्बोनियम आयन
76. परिशोधित स्पिरिट से परिशुद्ध ऐल्कोहॉल निम्न में से किस विधि से प्राप्त किया जाता है-
(1) प्रभाजी आसवन
(2) भाप आसवन
(3) स्थिर क्वाथी
(4) निर्वात् आसवन।
उत्तर:
(3) स्थिर क्वाथी
77. दो कार्बनिक ठोस जिनकी विलेयता भिन्न है, इस विधि द्वारा पृथक् किये जाते हैं-
(1) प्रभाजी क्रिस्टलन
(2) ऊध्र्वपातन
(3) साधारण क्रिस्टलन
(4) विलायकों द्वारा निष्कर्षण।
उत्तर:
(1) प्रभाजी क्रिस्टलन
78. किसी कार्बनिक ठोस की शुद्धता का लक्षण है-
(1) गलनांक
(2) क्वथनांक
(3) विशिष्ट घनत्व
(4) क्रिस्टलीय संरचना।
उत्तर:
(1) गलनांक
79. नैफ्थलीन और बेन्जोइक ऐसिड का पृथक्करण इस विधि से करं। हैं-
(1) ऊर्ध्वपातन
(2) विलायक द्वारा निष्कर्षण
(3) प्रभावी क्रिस्टलन
(4) रासायनिक विधि।
उत्तर:
(4) रासायनिक विधि।
80. ऐनिलीन का उच्च क्वथनांक, उच्च वाष्प दाब 100°C पर है और जल में नहीं घुलती है। अतः ऐनिलीन अलग होती है-
(1) साधारण आसवन से
(2) भाप आसवन से
(3) निर्वात् आसवन से
(4) ऐल्कली विवेचन से।
उत्तर:
(2) भाप आसवन से
81. समुद्री जल के एक प्रतिदर्श में उपस्थित लवणों से जल को पृथक करने के लिए किस विधि का उपयोग करेंगे?
(1) फिल्टरेशन
(2) आसवन
(3) क्रिस्टलन
(4) प्रभावी आसवन।
उत्तर:
(4) प्रभावी आसवन।
82. बेंजीन और टॉलूर्हन के क्वथनांक क्रमशः 80°C और 110°C हैं। बेंजीन और टॉलूईन के मिश्रण से उनका पृषक्करण कराने में कौन-सी विधि अधिक उपयुक्त रहेगी
(1) आसवन
(2) निर्वात् आसवन
(3) भाप आसवन
(4) प्रभाजी आसवन।
उत्तर:
(2) निर्वात् आसवन
83. पुर्म्मों और पौधों से सुगन्धित तेलों का निष्कर्षण निम्न में से किस विधि द्वारा किया जाता है-
(1) प्रभाजी आसवन
(2) भाप आसबन
(3) निर्वात् आसवन
(4) वर्णलेखन।
उत्तर:
(3) निर्वात् आसवन
84. गिलसरीन अपने क्वथनांक पर अपघटित हो जाती है। गिलसरीन के शोधन के लिए निम्न में से कौन-सी विधि ठीक हैं?
(1) प्रभाजी आसवन
(2) भाप आसवन
(3) साधारण आसवन
(4) निर्वात् आसवन।
उत्तर:
(2) भाप आसवन
85. दो पदार्थं को पृथक् करने की प्रभावी क्रिस्टलन विधि इसके अन्तर पर निर्भर करती है-
(1) घनत्व
(2) वाध्यशीलता
(3) विलेयता
(4) क्रिस्टलीय आकार।
उत्तर:
(1) घनत्व
86. एक बोतल है जिसमें दों अमिश्रणीय द्रव है। इनको इससे पृथक् किया जा सकता है-
(1) प्रभाजक स्तम्भ
(2) साधारण आसवन
(3) प्रभाजक आसबन
(4) भाप आसवन।
उत्तर:
(3) प्रभाजक आसबन
87. ऐनिलीन को साधारणतया इस विधि से शुद्ध किया जाता है-
(1) भाप आसबन
(2) साधारण आसवन
(3) कम दाब पर आसवन
(4) छर्ध्वपातन।
उत्तर:
(1) भाप आसबन
88. निम्न में से किस मिश्रण को प्रभाजी आसवन द्वारा उसके घटकों में अलग किया जा सकता है ?
(1) बेंजीन-टॉलूईन
(2) जल-एंथिल ऐल्कोहॉल
(3) जल-नाद्रिक अम्ल
(4) जल-हाइड्रोक्लोरिक अम्ल।
उत्तर:
(1) बेंजीन-टॉलूईन
89. कार्बनिक यौगिकों की शुद्धता के बहुत-से सक्षण है। निम्न में से कौन-सा सर्वोत्तम माना जाता है ?
(1) गलनांक
(2) मिश्रित गलनांक
(3) सूक्षदर्शी द्वारा निरीक्षण
(4) रंग।
उत्तर:
(1) गलनांक
90. शक्करों को पृथक् करने की सर्वोत्तम विधि है-
(1) प्रभाजी क्रिस्टलन
(2) ऊर्ध्वपातन
(3) क्रोमिटोग्राफी
(4) बेनेडिक्र अभिकर्मक।
उत्तर:
(3) क्रोमिटोग्राफी
91. कुछ पदार्थ शुद्ध अवस्था में रंगहीन होते हैं। हल्की-सी अशुद्धि के कारण ये रंगीन हो जाते हैं। इन पदार्थों में से रंग की अशुद्धियों को दूर करने के लिए सक्रियल चारकोल (activated charcoal) का प्रयोग किया जाता है। क्रियाशील चारकोल की क्रिया इस प्रकार होती है-
(1) विरंजन
(2) ऑक्सीकरण
(3) अपचयन
(4) अधिशोषण।
उत्तर:
(2) ऑक्सीकरण
92. किसी कार्बनिक यौगिक का मिश्रित गलनांक किसलिए निर्धारित किया जाता है ?
(1) यौगिक की शुद्धता ज्ञात करने के लिए
(2) यौगिक की शुद्धता शीघ्रता से ज्ञात करने के लिए
(3) यौगिक का गलनांक सुस्पष्ट करने के लिए
(4) यौगिक को केशिका नली में आसानी से भरने के लिए।
उत्तर:
(4) यौगिक को केशिका नली में आसानी से भरने के लिए।
93. दो अविलेय द्रवों को उनके मिश्रण से पृथक करने की सबसे उपयुक्त विधि है-
(1) भाप आसवन
(2) निर्वात् आसवन
(3) पृथक्कारी
(4) वर्णलेखन।
उत्तर:
(1) भाप आसवन
94. नैफ्थेलीन व बैन्जोइक अम्ल को इनके मिश्रण में से पृथक करने की सबसे उपयुक्त विधि है-
(1) क्रिस्टलन
(2) आसवन
(3) वर्णलेखन
(4) ऊर्ध्वपातन।
उत्तर:
(3) वर्णलेखन
95. ऐनिलीन का शोधन इस विधि द्वारा किया जाता है-
(1) वाष्प आसवन
(2) साधारण आसवन
(3) कम दाब पर आसवन
(4) क्रिस्टलीय आकार।
उत्तर:
(3) कम दाब पर आसवन
96. निम्न का शोधन ऊर्ध्वपातन विधि द्वारा करते हैं-
(1) बैन्जोइक
(2) नाइट्रोबेन्जीन
(3) ईथर
(4) नैफ्थलीन।
उत्तर:
(1) बैन्जोइक
97. नाइट्रोजन युक्त कार्बनिक यौगिक को सोडियम धातु के साथ संगलित करने पर बना सोडियम लवण है-
(1) NaNO3
(2) NaCN
(3) NaCNO
(4) NaCN3
उत्तर:
(4) NaCN3
98. कार्बनिक यौगिक में नाइट्रोजन के आंकलन की ड्यूमा विधि में अन्तिम एकत्रित होने वाली गैस है-
(1) N2
(2) NO1
(3) NH3
(4) NO2
उत्तर:
(2) NO1
99. कागज वर्ण लेखन में-
(1) स्थिर प्रावस्था ठोस, गतिमान प्रावस्था द्रव है
(2) स्थिर प्रावस्था द्रव व गतिमान प्रावस्था ठोस
(3) दोनों प्रावस्थाएँ ठोस
(4) दोनों प्रावस्थाएँ द्रव।
उत्तर:
(1) स्थिर प्रावस्था ठोस, गतिमान प्रावस्था द्रव है
100. एक यौगिक के 60 g के विश्ले पा पर उसमें 24 g C, 4 g H, तथा 32 g O पाए गए। इसका सरलतम सूत्र है-
(1) C2H4O2
(2) CH2O
(3) C2H2O
(4) CH2O2
उत्तर:
(1) C2H4O2
101. एक कार्बनिक द्रव का आसवन होता है-
(1) उसके क्वथनांक पर
(2) उसके गलनांक पर
(3) उसके क्वथनांक से कम ताप पर
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(2) उसके गलनांक पर
102. दो पदार्थों को पृथक करने की प्रभाजी क्रिस्टलन विधि किसके अन्तर पर निर्भर करती है-
(1) घनत्व
(2) वाष्पशीलता
(3) विलेयता
(4) क्रिस्टलीय आकार।
उत्तर:
(1) घनत्व
103. ऐनिलीन का शोधन किया जाता है-
(1) आसवन द्वारा
(2) भाप आसवन द्वारा
(3) निर्वात् आसवन द्वारा
(4) प्रभाजी आसवन द्वारा।
उत्तर:
(1) आसवन द्वारा
104. नैफ्थेलीन का शोधन किया जाता है-
(1) आसवन द्वारा
(2) ऊर्ध्वपातन द्वारा
(3) भाप आसवन द्वारा
(4) निर्वात् आसवन द्वारा।
उत्तर:
(2) ऊर्ध्वपातन द्वारा
105. ग्लिसरॉल का शोधन किया जाता है-
(1) आसवन द्वारा
(2) भाप आसवन द्वारा
(3) निर्वात् आसवन द्वारा
(4) प्रभाजी आसवन द्वारा।
उत्तर:
(2) भाप आसवन द्वारा
106. कागज वर्णलेखिकी में-
(1) स्थिर प्रावस्था ठोस तथा गतिमान प्रावस्था द्रव है
(2) स्थिर प्रावस्था द्रव तथा गतिमान प्रावस्था ठोस है
(3) दोनों प्रावस्थाएँ द्रव हैं
(4) दोनों प्रावस्थाएँ ठोस हैं।
उत्तर:
(3) दोनों प्रावस्थाएँ द्रव हैं
107. 110° तथा 80° क्वथनांक वाले दो द्रवों के मिश्रण के पृथक्करण की उपयुक्त विधि है-
(1) कम दाब पर आसवन
(2) प्रभाजी आसवन
(3) भापीय आसवन
(4) सरल आसवन।
उत्तर:
(3) भापीय आसवन
अति लघु उत्तरीय प्रश्न:
प्रश्न 1.
कार्बनिक यौगिकों के प्राकृतिक स्रोत क्या है ?
उत्तर:
जीवधारी ।
प्रश्न 2.
कार्बन में श्रृंखलन का प्रबल गुण क्यों पाया जाता है?
उत्तर:
क्योंकि C—C बन्ध ऊर्जा अत्यधिक होती है।
प्रश्न 3.
जैवशक्ति सिद्धान्त किसने दिया था ?
उत्तर:
बर्जीलियस ने।
प्रश्न 4.
क्या होता है जब अमोनियम सायनेट गर्म किया जाता है ?
उत्तर:
यूरिया बनता है।
प्रश्न 5.
सर्वप्रथम किसने रासायनिक पदार्थों का वर्गीकरण किया था ?
उत्तर:
निकोलस लीमरी ।
प्रश्न 6.
जिलेटिन एवं सूक्रोज के मुख्य स्रोत क्या हैं ?
उत्तर:
जिलेटिन – जन्तु जगत से ।
सूक्रोज – वनस्पति जगत से ।
प्रश्न 7.
कार्बनिक पदार्थों में किस तत्व की उपस्थिति अनिवार्य
उत्तर:
कार्बन की ।
प्रश्न 8.
पोटैशियम सायनेट से यूरिया कैसे प्राप्त करेंगे ? केवल रासायनिक समीकरण दें।
उत्तर:
प्रश्न 9.
निम्नलिखित यौगिकों के बन्ध रेखाचित्रण दीजिए।
(i) 2-मेथिल पेण्टेन
उत्तर:
(ii) प्रोपेन
उत्तर:
(iii) 2,3-डाइमेथिल ब्यूटेन
उत्तर:
(iv) 3-मेथिल पेण्टेन
उत्तर:
(v) 2, 2-डाइ मेथिल प्रोपेन
उत्तर:
प्रश्न 10.
निम्नलिखित बंध रेखा चित्रण के कार्बन यौगिकों के
प्रश्न 11.
द्वितीयक तथा तृतीयक ब्यूटिल ऐल्कोहॉल का सूत्र लिखें तथा इसका I. U.P.A.C पद्धति में नाम बताइए ।
उत्तर:
प्रश्न 12.
आइसो पेन्टेन तथा निओ पेन्टेन का सूत्र तथा I.U.P.A.C. पद्धति में नाम लिखें-
उत्तर:
आइसो पेण्टेन
प्रश्न 13.
निम्नलिखित यौगिकों के I.U.P.A.C. पद्धति में नाम लिखो।
उत्तर:
4-क्लोरो पेण्टेन-2-आइन
(ii) CH3CHO
उत्तर:
ऐथेनैल
(iii) (CH3)2 CH—O—CH3
उत्तर:
2 – मेथॉक्सी प्रोपेन या
उत्तर- ब्यूट- 3-ईन-2-ओन
प्रश्न 14.
निम्न के I. U.P.A. C. नाम लिखें।
(i)
उत्तर:
3-3 – डाइमेथिल पेण्टेन 1 ईन 4- आइन
(ii)
उत्तर:
मेथिल प्रोपेनोएट
(iii) CH3—NH—CH3
उत्तर:
N – मेथिल मेथेनेमाइन
(iv)
उत्तर:
3-ऐमीनो पेण्टेन-2-ऑल
(v)
उत्तर:
4-क्लोरो-3-आइडो-2-मेथिल पेण्टेनॉइल क्लोराइड
(vi) CH3CH2NH2
उत्तर:
ऐथेनैमाइन
(vii)
उत्तर:
4-हाइड्रॉक्सी-4-मेथिल पेण्टेन-2-ऑन
प्रश्न 15.
(अ) ऐथिल ऐसीटेट तथा ऐथिल सायनाइड के I.U.P.A.C नाम लिखिए ।
(ब) डाइऐथिलेमीन का I.U.P.A.C नाम लिखें।
उत्तर:
प्रश्न 16.
निम्नलिखित संरचना सूत्र वाले यौगिकों का I.U.P.A.C पद्धति में नाम लिखिए।
उत्तर:
2,2-डाइमेथिल
(2)
उत्तर:
2-क्लोरो-3-ऐथिल-4-मोथिल हेक्सेन
(3)
उत्तर:
3-मेथिल हेक्सेन
(4)
उत्तर:
3-ब्रोमो-5-ऐथिल हेप्टेन
(5)
उत्तर:
2, 3 डाइमेथिल पेण्टेन
प्रश्न 17.
निम्नलिखित यौगिकों के I. U. P.A. C नाम लिखिए-
उत्तर:
2, 3, 5 ट्राइमेथिल हेक्सेन
2.
उत्तर:
4-आइडो-3-मेथिल पेण्टेन-2-ऑल
3.
उत्तर:
1-ब्रोमो-1-क्लोरो-1-आयोडो मेथेन
4.
उत्तर:
4,5,5-ट्राइमेथिल-2-हेक्सेमीन
5.
उत्तर:
3-ब्रोमो-2-क्लोरो-4-आयोडो हेक्सेन
6. CH3—CH = CH—CH3
उत्तर:
2-ब्यूटीन या ब्यूट-2-ईन
7.
उत्तर:
2-मेथिल प्रोप-1-ईन
8.
उत्तर:
3-क्लोरो-3-मेथिल पेण्ट-1-ईन
9. CH2 = CH—CH ≡ CH
उत्तर:
ब्यूट-1-ईन-3-आइन
10.
उत्तर:
3,3-डाइमेथिल पेन्ट-1-ईन-4-आइन
11.
उत्तर:
3-नाइट्रो-2-मेथिल ब्यूटीन-1 या 3-नाइट्रो-2-मेथिल ब्यूट-1-ईन
12.
उत्तर:
प्रोपेनॉल
13. HO—CH2–CH=CH2
उत्तर:
प्रोप-2 ईन-1-ऑल
14. CH3–CH=CH–CH2OH
उत्तर:
ब्यूट-2 ईन-1-ऑल
15.
उत्तर:
3-मेथिल ब्यूटेन-1-ऑल
16.
उत्तर:
2,3-डाइमेथिल ब्यूटेन-1-ऑल
17.
उत्तर:
2-मेथिल ब्यूटेन-2-ऑल
18.
उत्तर:
1-ब्रोमो-3-मेथिल ब्यूटेन-2-ऑल
19.
उत्तर:
3-मेथिल पेण्ट-1-आइन
20.
उत्तर:
हेक्स-2, 4-डाईआइन
21. CH3—CH = CH—CH = CH—CH3
उत्तर:
हेक्स-2, 4-डाइईन
22.
उत्तर:
3-नाइट्रो प्रोप-1-ईन
23.
उत्तर:
2, 3-हाइव्रोमो-1-क्लोरो-4-नाइट्रो ब्यूट-2-ई
24.
उत्तर:
3-सेषिल पेण्टेन-2-ऑल
25. HOCH2—CH2OH
उत्तर:
एथेन-1, 2-डाइ ऑल
26.
उत्तर:
2-मेघिल प्रोपेन-2-ऑल
27.
उत्तर:
3-ब्रोमो ख्यूटेन-2-औल
28. CH3CHO
उत्तर:
एथेनेल
29.
उत्तर:
2-मेधिल ब्यूटेनैल
30.
उत्तर:
2-ब्रोमो-3-मेशिल ब्यूटैनैल
31.
उत्तर:
3, 3-डाइमेथिल ब्यूटेनैल
32.
उत्तर:
ब्यूट-2-ईनल
33.
उत्तर:
प्रोपेन-1, 3-डाइअल
34.
उत्तर:
3-हाइड्रॉक्सी-2-मेथिल प्रोपेनैल
35.
उत्तर:
4-मेथिल पेण्टेन-2-ओन
36.
उत्तर:
5-ब्रोमो-6-आयोडो-7-मेथिल ऑक्टेन-2-ओन
37.
उत्तर:
3-हाइड्रॉक्सी-4-मेथिल पेण्टेन-2-ओन
38.
उत्तर:
4-मेथिल पेण्टेन-2-ऑन
39.
उत्तर:
3-(1-क्लोरो एथिल)-4-मेथिल-4-क्लोरो-2-पेण्टेनोन
40.
उत्तर:
3-मेथिल-ब्यूटेनोइक अम्ल
41.
उत्तर:
4-ब्रोमो-2-मेथिल ब्यूटेनोइक अम्ल
42.
उत्तर:
3-हाइड्रॉक्सी ब्यूटेनोइक अम्ल
43. HCOC.CH2.CH2COOH
उत्तर:
ब्यटटे-1, 4-हाइअध्रक अम्ल
44.
उत्तर:
3-खौफ्तो-फेट्टेनाइक अम्ल
45. CH3—NH—CH3
उत्तर:
N-मेथिल मेथेनेमीन
46.
उत्तर:
N, N-डाईमेथिल मेथेनेमीन
47.
उत्तर:
N-मेधिक्त पेष्ट्रन-2-ऐमीने
48. CH3—CH2—CH2—CH2—CH2—CH2—CH2—Br
उत्तर:
1-क्रोमोहेप्टेन
49.
उत्तर:
5-क्रोमो हेप्टेनेझक अन्त
50. CH3CH2COCl
अत्तर:
प्रोमनःल क्लोपाइड
51. CH3CH2CN
अत्तर:
प्रोजेन नाद्टाइल
52. CH3CH2CONH2
उत्तर:
पोपेनेमाइड
53. CH3CH2CONHBr
उत्तर:
N-ब्रोमो प्रोपेनेमाइड
प्रश्न 18.
निम्नलिखित खौगिको के संधना सुत्र लिखिए-
(1) 4-मेबिल घैन्टीन-2
उत्तर:
(2) 3,3,5-द्टेत्टेयिल भंक्टेन
उत्तर:
(3) 3-ब्रोमो-2-क्नोरो-4-आचोड़ोहेक्सेन
उत्तर:
(4) 1,3-ख्यूटाड़ाइ
उत्तर:
(5) 3-एधिल-1, 4-हेक्साडाइ़न
उत्तर:
(6) 2- मेधिन ब्यूटेनोइक अम्ल
उत्तर:
(7) ब्यूटेनोन
उत्तर:
CH3COCH2CH3
(8) प्रोपेन नाइट्राइल
उत्तर:
—CH3—CH2—CN
(9) 2, 2-डाइमेथिल पेण्टेन-1-अल
उत्तर:
(10) 4-मेथिल पेण्टेन-1-ऑल
उत्तर:
(11) 5-क्लोरो-3-छाइड्रॉक्सी केवसेनैल
उत्तर:
(12) 2, 3-डाइमेथिल ब्यूटेन 2-ऑल
उत्तर:
(13) 2-मेच्यिल पेण्टेन-1-अॉल
उत्तर:
(14) 2-मेघिल पेन्टेनॉल-1
उत्तर:
(15) 1-क्लोरो-2-पेण्टेनोन
उत्तर:
(16) ब्यूटेन-2, 3-डाइऑल
उत्तर:
(17) 3-मेथिल हेक्सीन
उत्तर:
(18) 1-क्लोरो-1-पेण्टीन-4-आइन
उत्तर:
(19) 2-ब्रोमो प्रोपेन
उत्तर:
(20) 4, 4-डाइऐथिल-2-ऐमीनो हेक्सेन
उत्तर:
(21) 2, 2-डाइमेथिल पेण्टेनैल
उत्तर:
(22) 3-आयोडो ब्यूटेनोइक अम्ल
उत्तर:
(23) 2, 4-डाइऐथिल हेक्सेनॉइक अम्ल
उत्तर:
(24) 2, 4-डाइमेथिल पेण्टेन नाइट्राइल
उत्तर:
(25)
उत्तर:
3-सायनो ब्यूटेनॉइक अम्ल
प्रश्न 19.
निम्न के IUPAC नाम लिखें।
उत्तर:
5-क्लोरो-4-आयोडो-3-मेथिल पेण्टेनॉयल क्लोराइड
प्रश्न 20.
निम्नलिखित आबन्ध रेखा सूत्रों के IUPAC नाम लिखें
(1)
उत्तर:
3-मेधिल-1-सादक्लो हैक्साइन
(2)
उत्तर:
3,4-दाइ प्रौषिल-1, 3, 5 हेष ट्राइईन
(3)
उत्तर:
शियल-2-क्लोरो प्रोपेनोएट
(4)
उत्तर:
3.ऐधिल-1,1-द्धाइमेयिल साइक्लो हैवसेन
(5)
उत्तर:
1-मेथिल-3-प्रोपिल साइक्लोहेक्सेन
(6)
उत्तर:
2, 3-द्वाइ्रोमो-1-फेनिल पेच्टेन
(7)
उत्तर:
व्यूटनल
(8)
उत्तर:
3-बोमो-3-क्लोरो हेप्टेन
(9)
उत्तर:
3-मेधिल घेण्टेन-1-नाइट्राइल
(10)
उत्तर:
3-प्रीपिल हैस-1-अइन
(11)
उत्तर:
पेण्टेन-2,3-डाइऑल
(12)
उत्तर:
पेण्ट-3-ईन-1-ऐल
(13)
उत्तर:
ऑक्ट-1-ईन-3-आइन
(14)
उत्तर:
2-ऐथिल-4-मेथिलंहेप्ट- 5 ईन-2-ओन
(15)
उत्तर:
3-ऐथिल पेण्ट- 1, 3-डाइईन
(16)
उत्तर:
3-नाइट्रोसाइक्लो हेक्स-1-ईन
(17)
उत्तर:
हेप्ट-2-आइन
(18)
उत्तर:
पेण्ट-2-ईन-2-ऑल
प्रश्न 21.
निम्न के IUPAC नाम लिखें।
(1)
उत्तर:
1-क्लोरो-2-मेथिल साइक्लोहेक्सेन
(2)
उत्तर:
3,7-डाइमेथिल ऑक्ट-2,6- डाइईन-1-एल
(3)
उत्तर:
5,6-डाइऐथिल-3-मेथिल डेक-4-ईन
(4) (CH3)3 C—CH = CH—CH2OH
उत्तर:
4, 4-डाइमेथिल पेन्ट-2 ईन-1-ऑल
(5)
उत्तर:
2, 3-डाइहाइड्रॉक्सी ब्यूटेन-1, 4-डाइ ओइक अम्ल
(6)
उत्तर:
3-ब्रोमो-3-क्लोरो-2 मेथिल ब्यूटेनोइक अम्ल
(7)
उत्तर:
2-क्लोरो प्रोपेनोइक अम्ल
(8)
उत्तर:
4-फॉर्मिल 2-मेथिल हेक्स-3-ईनोइक अम्ल
(9)
उत्तर:
2, 3 एपॉक्सी प्रोपेन-1-ऑल
प्रश्न 22.
कोई एक रासायनिक अभिक्रिया बताइए, जिसमें क्रिया के दौरान मुक्त मूलक बनते हैं।
उत्तर:
मुक्त मूलकों का बनना
प्रश्न 23.
निम्नलिखित में नाभिक स्नेही केन्द्र बताइए-
(अ) मेथिल क्लोराइड
(ब) ऐसीटोन
(स) मेथिल सायनाइड ।
उत्तर:
(अ) मेथिल क्लोराइड CH3Cl में नाभिक स्नेही (Cl–) क्लोराइड आयन है।
(ब) ऐसीटोन—CH3—O—CH3 में नाभिक स्नेही केन्द्र (–OCH3) मैथॉक्साइड आयन है।
(स) मेथिल सायनाइड – CH3CN में नाभिक स्नेही केन्द्र (CN–) सायनाइड आयन है।
प्रश्न 24.
कार्बऐनायन में ऋणावेशित कार्बन की संकरण अवस्था कौन-सी है ?
उत्तर:
कार्बऐनायन में ऋणावेशित कार्बन sp3 संकरित होता है।
प्रश्न 25.
विषमांशी विखण्डन में कौन-सी स्पीशीज बनती है?
उत्तर:
आयन बनते हैं।
प्रश्न 26.
हेटेरोलिटिक विखण्डन में कितने प्रकार के आयन बनते हैं?
उत्तर:
इस प्रकार के विखण्डन में दो प्रकार के आयन बनते हैं। धनावेशित आयन को कार्बोनियम आयन तथा ऋणावेशित आयन को कार्बऐनायन कहते हैं।
प्रश्न 27.
कार्बोनियम आयन के केन्द्र के कार्बन परमाणु का बाह्य कक्षा की क्या इलेक्ट्रॉनिक संरचना होती है?
उत्तर:
इनकी बाह्य कक्षा में इलेक्ट्रॉनों का षष्टक होता है।
प्रश्न 28.
कार्बऐनायन के केन्द्र के कार्बन परमाणु की बाह्य कक्षा की क्या इलेक्ट्रॉनिक संरचना होती है ?
उत्तर:
इनकी बाह्य कक्षा में इलेक्ट्रॉनों का अष्टक होता है।
प्रश्न 29.
प्रेरणिक प्रभाव कितने कार्बन पर समाप्त हो जाता है?
उत्तर:
पाँचवें कार्बन पर समाप्त हो जाता है।
प्रश्न 30.
-I प्रभाव दर्शाने वाले धनावेशित समूहों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
NH+ तथा N+R3
प्रश्न 31.
+I प्रभाव दर्शाने वाले ऋणावेशित समूहों के उदाहरण दीजिए ।
उत्तर:
–COO–—S– तथा—O– फीनॉलिक ।
प्रश्न 32.
बन्ध ऊर्जा किसे कहते हैं?
उत्तर:
ऊर्जा की वह मात्रा जो किसी बन्ध के बनने या टूटने पर उत्सर्जित या अवशोषित होती है, बन्ध ऊर्जा कहलाती है।
प्रश्न 33.
इलेक्ट्रॉन स्नेही योगात्मक अभिक्रिया का एक उदाहरण दीजिए ।
उत्तर:
प्रश्न 34.
की बन्ध लम्बाई बताइए।
उत्तर:
प्रश्न 35.
सहसंयोजक बन्ध में ध्रुवता किस कारण होती है?
उत्तर:
दोनों संयोजी परमाणुओं की विद्युत ऋणात्मकताओं के अन्तर के कारण ।
प्रश्न 36.
बन्ध लम्बाई की इकाई क्या है?
उत्तर:
Å ऐंग्स्ट्रॉम इकाई होती है।
प्रश्न 37.
अतिव्यापन कौन-कौन-से कक्षकों के बीच होता है?
उत्तर:
S, P तथा d-कक्षकों के बीच होता है।
प्रश्न 38.
निम्न को – I प्रभाव के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए-
उत्तर:
वे परमाणु जो कार्बन शृंखला से जुड़े होते हैं एवं जो हाइड्रोजन की तुलना में अधिक क्षमता से इलेक्ट्रॉनों को आकर्षित कर सकते हैं। उन्हें 1 प्रभाव दर्शाने वाला कहते हैं।
-I प्रभाव दर्शाने वाले यौगिकों का बढ़ता हुआ क्रम निम्न प्रकार है
—OH< —Cl< —F< —CN < —NO2
प्रश्न 39.
निम्न को स्थायित्व के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित कीजिए ।
CH3CH2CH2CH2+, (CH3)3C+, CH3+, CH (CH2CH3)2
उत्तर:
प्रश्न 40.
दो ऐसे इलेक्ट्रॉन स्नेही अभिकर्मक लिखिए जो क्रमशः धनावेशित एवं उदासीन हों।
उत्तर:
Cl+ तथा AlCl3
प्रश्न 41.
दो ऐसे नाभिकस्नेही अभिकर्मक लिखिए जो क्रमशः ऋणावेशित एवं उदासीन हों।
उत्तर:
Cl-, NH3.
प्रश्न 42.
(CH3)3 C—Cl में बन्ध का विषम विदलन समीकरण द्वारा समझाइए |
उत्तर:
प्रश्न 43.
वाइनिल क्लोराइड के निम्नलिखित अनुनाद के कारण इसके द्विध्रुव आघूर्ण पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
CH2 = CH—Cl ←→CH2—CH = Cl+ आवेश का पृथक्करण बढ़ जाने के कारण द्विध्रुव आघूर्ण बढ़ जायेगा।
प्रश्न 44.
निम्न यौगिकों में विषम विदलन समीकरण द्वारा व्यक्त कीजिए-
(i) C2H2
(ii) R—OH.
उत्तर:
(i) CH3—CH2—H →CH3—CH2 + H+. क्योंकि C-परमाणु H-परमाणु से अधिक विद्युत ऋणात्मक है।
(ii) R—O—H →R—O- + H+ क्योंकि O-परमाणु H-परमाणु से अधिक विद्युत ऋणात्मक है।
प्रश्न 45.
किसी कार्बनिक अभिक्रिया की क्रियाविधि का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
किसी अभिक्रिया के उन पदों को क्रियाविधि कहते हैं जिनसे आधार के बन्धों का टूटना तथा नये बन्धों का बनना व्यक्त किया जाता है।
प्रश्न 46.
क्रिया से क्या समझते हैं?
उत्तर:
एक अभिकारक जिसमें कुछ कार्बन परमाणुओं के बन्ध टूटते हैं और कुछ के नये बन्ध बनते हैं, क्रिया कहलाती है।
प्रश्न 47.
सम विदलन से उत्पन्न खण्डों को क्या कहते हैं?
उत्तर:
सम विदलन से उत्पन्न खण्डों को मुक्त मूलक कहते हैं । ये विद्युत उदासीन होते हैं। ये अत्यधिक अभिक्रियाशील होते हैं और गैसीय अभिक्रियाओं में भाग लेते हैं।
प्रश्न 48.
Br2 के विषम विदलन से प्राप्त भागों के नाम बताइए तथा समीकरण दें।
उत्तर:
प्रश्न 49.
निम्न हैट्रोलिटिक विखण्डन में कौन-सा खण्ड कार्बोधनायन व कौन-सा कार्बेधनायन कहलायेगा ?
उत्तर:
खण्ड को कार्बोधनायन तथा खण्ड II को कार्बेनायन कहते हैं।
प्रश्न 50.
विषम विदलन में कितने प्रकार के आयन बनते हैं और उनके नाम क्या हैं?
उत्तर:
इस प्रकार के विदलन में दो प्रकार के आयन बनते हैं। धन आवेशित कार्बन आयन को कार्बोधनायन तथा ऋण आवेशित कार्बन आयन को कार्बेनायन कहते हैं।
प्रश्न 51.
फॉर्मिक अम्ल के जलीय विलयन से आसवन विधि द्वारा शुद्ध फॉर्मिक अम्ल क्यों नहीं प्राप्त किया जा सकता है?
उत्तर:
दोनों के क्वथनांकों में बहुत कम अन्तर है (फॉर्मिक अम्ल (101.5°C) तथा जल (100°C) अतः प्रभाजी आसवन विधि द्वारा भी दोनों अलग-अलग नहीं होते हैं।
प्रश्न 52.
ऐथिल ऐल्कोहॉल के जलीय विलयन से आसवन विधि द्वारा शुद्ध ऐथिल ऐल्कोहॉल प्राप्त क्यों नहीं किया जा सकता ?
उत्तर:
दोनों स्थिर क्वथनांकी मिश्रण बनाते हैं जो एक निश्चित तापक्रम (78.1°C) पर उबलता है तथा इसमें दोनों अवयवों का संघटन निश्चित रहता है। (95.6% ऐथिल ऐल्कोहॉल)।
प्रश्न 53.
मेथिल एल्कोहॉल तथा ऐसीटोन मिले विलयन से ऐल्कोहॉल और एसीटोन अलग करने की विधि कौन-सी है?
उत्तर:
प्रभाजी आसवन करने पर ऐसीटोन 56°C पर तथा मेथिल ऐल्कोहॉल 64.6°C पर पृथक होते हैं।
प्रश्न 54.
किस विधि से फूलों, फलों, पत्तियों, छालों, छिलकों, जड़ों आदि से सुगन्धित तेलों का निष्कर्षण होता है?
उत्तर:
भाप आसवन विधि से हम फूलों, फलों, छालों आदि से सुगन्धित तेल भाप के साथ वाष्पशील होने के कारण अलग हो जाते हैं।
प्रश्न 55.
जल में कुछ क्लोरोफॉर्म मिलाने पर उसके क्वथनांक पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
उत्तर:
जल (क्वथनांक 100°) तथा क्लोरोफॉर्म (क्वथनांक 61°C) दोनों परस्पर अभिश्रणीय द्रव है। मिश्रण का क्वथनांक 61°C से कुछ कम होगा।
प्रश्न 56.
प्रभाजी आसवन विधि में प्रभाजक स्तम्भ का उपयोग कब करते हैं?
उत्तर:
दो द्रवों के क्वथनांकों में 30°C से कम अन्तर होने पर इसका उपयोग करते हैं।
प्रश्न 57.
अकार्बनिक तथा कार्बनिक अभिक्रियाओं के वेग में क्या अन्तर है?
उत्तर:
अकार्बनिक अभिक्रियाएँ आयनिक होने के कारण तीव्र गति से होती हैं जबकि कार्बनिक अभिक्रियाएँ आण्विक होने के कारण मन्द गति से होती हैं।
प्रश्न 58.
कार्बनिक यौगिकों का शोधन क्यों किया जाता है?
उत्तर:
कार्बनिक यौगिकों में अन्य यौगिकों की अशुद्धियाँ होती हैं, अतः इन्हें शुद्ध करना आवश्यक है।
प्रश्न 59.
निस्यंदन से क्या समझते हो ?
उत्तर:
निस्यंदन में अवक्षेप को मातृद्रव से पृथक करके विजातीय आयनों को निष्कासित करते हैं।
प्रश्न 60.
गुणात्मक विश्लेषण में कौन-सा फिल्टर पत्र प्रयुक्त होता है?
उत्तर:
क्हाटमेन फिल्टर पत्र।
प्रश्न 61.
कार्बनिक यौगिकों में से रंगीन तथा गन्धयुक्त अपद्रव्यों को किस प्रकार दूर किया जाता है?
उत्तर:
यौगिक में जन्तु कोयला मिलाकर रंगीन तथा गन्धयुक्त अपद्रव्यों को दूर किया जाता है।
प्रश्न 62.
क्रिस्टलन के लिए कौन-कौन से विलायकों का उपयोग होता है?
उत्तर:
ऐल्कोहॉल, बेंजीन, क्लोरोफॉर्म, ईथर आदि विलायकों का प्रयोग होता है।
प्रश्न 63.
ऊध्र्वपातन से शुद्ध होने वाले किसी यौगिक का उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
नैफ्थेलीन।
प्रश्न 64.
कार्बन तथा हाइड्रोजन का निर्धारण किस विधि से करते हैं?
उत्तर:
लीबिंग विधि द्वारा।
प्रश्न 65.
कार्बन के निर्धारण के लिए प्रयुक्त सूत्र लिखिए।
उत्तर:
कार्बन की प्रतिशतता
प्रश्न 66.
हाइड्रोजन के निर्धारण के लिए प्रयुक्त सूत्र लिखिए।
उत्तर:
हाइड्रोजन की प्रतिशतता
प्रश्न 67.
नाइट्रोजन का निर्धारण किन-किन विधियों से किया जाता है?
उत्तर:
नाइट्रोजन का निर्धारण निम्नलिखित दो विधियों द्वारा किया जाता है। (i) ड्यूमा की विधि, (ii) कैल्डाल की विधि।
प्रश्न 68.
नाइट्रोजन के निर्धारण में ड्यूमा विधि द्वारा प्रयुक्त सूत्र दीजिए।
उत्तर:
नाइट्रोजन की प्रतिशतता
प्रश्न 69.
नाइट्रोजन के निर्धारण में कैल्डाल विधि द्वारा प्रयुक्त सूत्र दीजिए।
उत्तर:
नाइट्रोजन की प्रतिशतता = \(\frac { 1.4NV }{ w }\)
प्रश्न 70.
हैलोजनों का निर्धारण किस विधि से करते हैं?
उत्तर:
कैरियस विधि द्वारा।
प्रश्न 71.
क्लोरीन की प्रतिशतता किस सूत्र से ज्ञात करते हैं?
उत्तर:
क्लोरीन की प्रतिशतता
प्रश्न 72.
ब्रोमीन की प्रतिशतता किस सूत्र से ज्ञात करते हैं?
उत्तर:
ब्रोमीन की प्रतिशतता
प्रश्न 73.
आयोडीन की प्रतिशतता किस सूत्र से ज्ञात करते हैं?
उत्तर:
आयोडीन की प्रतिशतता
प्रश्न 74.
सल्फर का निर्धारण किस विधि से करते हैं?
उत्तर:
कैरियस विधि द्वारा।
प्रश्न 75.
कार्बनिक यौगिक में सल्फर की प्रतिशतता ज्ञात करने का सूत्र दीजिए।
उत्तर:
सल्फर की प्रतिशतता
प्रश्न 76.
फॉस्फोरस का निर्धारण कैसे करते हैं?
उत्तर:
फॉस्फोरस का निर्धारण कैरियस विधि से किया जाता है।
प्रश्न 77.
क्रिस्टलन क्रिया क्या है?
उत्तर:
किसी पदार्थ के संतृप्त विलयन को धीरे-धीरे ठण्डा करने पर कम विलयशील पदार्थ के टुकड़े बनने लगते हैं। जिन्हें क्रिस्टल कहते हैं। अतः किसी विलयन से विलेयशील पदार्थ के क्रिस्टल प्राप्त करने की क्रिया को क्रिस्टलन कहते हैं।
प्रश्न 78.
आसवन का सिद्धान्त बताइए।
उत्तर:
किसी द्रव को उबालकर वाष्प में परिवर्तित करके प्राप्त वाष्पों को संघनित करने की क्रिया को आसवन कहते हैं।
प्रश्न 79.
प्रभाजी स्तम्भ का उपयोग कब किया जाता है?
उत्तर:
जब अशुद्धियाँ वाष्पशील प्रकृति की हों तथा दो द्रवों के क्वथनांकों का अन्तर 10°C का हो तब प्रभाजी स्तम्भ का प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 80.
कम दाब पर आसवन के क्या लाभ हैं?
उत्तर:
वायुमण्डलीय दाब कम करने पर पदार्थ का क्वथनांक कम हो जाता है अतः वे पदार्थ जो अपने क्वथनांक पर विघटित हो जाते हैं, उन्हें इस विधि से शुद्ध करते हैं।
प्रश्न 81.
वर्णलेखन किस सिद्धान्त पर आधारित है?
उत्तर:
किसी मिश्रण के अवयवों की दो प्रावस्थाओं के मध्य वर्णात्मक वितरण के सिद्धान्त पर वर्णलेखन आधारित है।
प्रश्न 82.
निस्यंदन किसे कहते हैं?
उत्तर:
निस्यंदन में किसी विलायक में एक ठोस अविलेय घटक को उसमें विलेय घटक से पृथक किया जाता है।
प्रश्न 83.
कार्बनिक यौगिक क्या होते हैं?
उत्तर:
कार्बन तथा हाइड्रोजन के यौगिक तथा उनके व्युत्पन्नों को कार्बनिक यौगिक कहते हैं।
प्रश्न 84.
जैव शक्ति सिद्धान्त किसने तथा कब दिया था ?
उत्तर:
बर्जीलियस ने 1808 में दिया था।
प्रश्न 85.
जैव शक्ति सिद्धान्त क्या था ?
उत्तर:
कार्बनिक यौगिक जीवों में एक रहस्यमयी शक्ति से बनते हैं।
प्रश्न 86.
जैव शक्ति सिद्धान्त का अन्त क्यों हुआ ?
उत्तर:
अकार्बनिक यौगिक अमोनियम सल्फेट तथा पोटैशियम सायनेट के मिश्रण से यूरिया के संश्लेषण होने से जैव शक्ति सिद्धान्त का अन्त हुआ।
प्रश्न 87.
कोल्बे ने किस यौगिक का संश्लेषण किया था ?
उत्तर:
कोल्बे ने कार्बन, हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन से ऐसीटिक अम्ल का संश्लेषण किया था।
प्रश्न 88.
कार्बनिक यौगिकों में कौन-कौन से तत्व विद्यमान रहते हैं?
उत्तर:
कार्बनिक यौगिकों में C,H,O,N,S तत्व होते हैं। कार्बन तथा हाइड्रोजन सभी कार्बनिक यौगिकों में होते हैं।
प्रश्न 89.
किसी यौगिक के मूलानुपाती सूत्र तथा अणुसूत्र में क्या अन्तर है?
उत्तर:
किसी यौगिक के एक अणु में उपस्थित उसके विभिन्न परमाणुओं का अनुपात दर्शाने वाला सूत्र उस यौगिक का मूलानुपाती सूत्र कहलाता है।
किसी यौगिक के एक अणु में उपस्थित विभिन्न परमाणुओं की वास्तविक संख्या को उसका अणुसूत्र कहते हैं।
अणुसूत्र = मूलानुपाती सूत्र × n
प्रश्न 90.
ऐसे दो कार्बनिक यौगिकों के नाम बताइए जो ऊर्ध्वपातित होते हैं।
उत्तर:
कपूर एवं नैफ्थेलीन।
प्रश्न 91.
भाप आसवन विधि द्वारा किस प्रकार के यौगिकों का शोधन किया जाता है?
उत्तर:
जल में अविलेय तथा भाप में वाष्पशील यौगिकों का भाप आसवन विधि द्वारा शोधन किया जाता है।
प्रश्न 92.
ऐसे दो पदार्थों के नाम बताइए जो वर्णलेखन विधि में अधिशोषक के रूप में काम में लिए जाते हैं।
उत्तर:
सक्रिय ऐल्यूमिना तथा सिलिका।
प्रश्न 93.
केरियस विधि में क्लोरीन का आंकलन किस रूप में अवक्षेपित करके किया जाता है ?
उत्तर:
AgCl के रूप में।
प्रश्न 94.
गलन मिश्रण किन यौगिकों का मिश्रण है?
उत्तर:
KNO3 + Na2CO3
प्रश्न 95.
किसी द्रव के क्वथनांक पर दाब का क्या प्रभाव होता है?
उत्तर:
क्वथनांक कम हो जाता है।
प्रश्न 96.
ऐसीटोन और ऐथिल ऐल्कोहॉल के मिश्रण को कैसे पृथक करोगे?
उत्तर:
प्रभाजी आसवन के द्वारा।
प्रश्न 97.
बैन्जोइक अम्ल का प्रतिदर्शन जिसमें सोडियम क्लोराइड अशुद्धि के रूप में हो कैसे शुद्धिकृत करते हैं?
उत्तर:
ऊर्ध्वपातन द्वारा।
प्रश्न 98.
सोडियम नाइट्रोप्रुसाइड का रासायनिक सूत्र क्या है?
उत्तर:
Na2[Fe(CN)5NO]
प्रश्न 99.
किसी यौगिक में सल्फर का परीक्षण कैसे किया जाता है?
उत्तर:
लैसग्ने विलयन में 1-2 बूँद सोडियम नाइट्रोप्रुसाइड मिलाने पर बैंगनी रंग का विलयन प्राप्त होता है।
\(\mathrm{Na}_2 \mathrm{~S}+\mathrm{Na}_2\left[\mathrm{Fe}(\mathrm{CN})_5 \mathrm{NO}\right] \longrightarrow \mathrm{Na}_4\left[\mathrm{Fe}(\mathrm{CN})_5 \mathrm{NOS}\right]\)
प्रश्न 100.
किसी यौगिक में ब्रोमीन की पहचान कैसे करोगे ?
उत्तर:
लैसग्ने विलयन में AgNO3 विलयन डालने पर हल्का पीला अवक्षेप आता है।
NaBr + AgNO3 → AgBr + NaNO3
प्रश्न 101.
द्रव्यमान स्पैक्ट्रोमिति की क्या उपयोगिता है?
उत्तर:
इस तकनीकी से अणु द्रव्यमान ज्ञात करने के साथ-साथ कार्बनिक यौगिक का अणुसूत्र तथा अणु संरचना को भी निर्धारित किया जाता है।
प्रश्न 102.
प्रभाजी आसवन का उपयोग दो द्रव कार्बनिक पदार्थों के मिश्रण को पृथक करने में किस दशा में होता है?
उत्तर:
दो कार्बनिक पदार्थों के मिश्रण को पृथक् करने में प्रभाजी आसवन का उपयोग तब किया जाता है, जब उनके क्वथनांक में अन्तर 10°C से उच्च तथा 50°C से कम हो।
प्रश्न 103.
साधारण आसवन का उपयोग दो द्रव पदार्थों के मिश्रण को पृथक करने में किस दशा में होता है ?
उत्तर:
दो द्रव पदार्थों के मिश्रण को पृथक करने में साधारण आसवन का उपयोग तब होता है, जब उनके क्वथनांकों में अन्तर 50°C से उच्च होता है।
प्रश्न 104.
भाप आसवन विधि का उपयोग कौन से कार्बनिक पदार्थों के शोधन में किया जाता है?
उत्तर:
भाप आसवन विधि का उपयोग उन कार्बनिक पदार्थों के शोधन में किया जाता है, जो वाष्पशील हों तथा जल में अविलेय हों।
प्रश्न 105.
वर्णालेखन क्या है?
उत्तर:
वह प्रक्रम जिनके द्वारा किसी मिश्रण के कुछ या सभी अवयवों को सान्द्रित क्षेत्रों में या विभिन्न प्रावस्थाओं में ( जिनमें वे पहले उपस्थित थे), पृथक्करण किया जाता है, वर्णलेख्यन कहलाता है।
प्रश्न 106.
निम्नलिखित मिश्रण के अवययों को पृथक करने की विधि के नाम लिखिए-
(अ) नमक एवं नौसादर
(ब) ऐथिल ऐल्कोहॉल एवं जल
(स) स्पेणट लाई एवं ग्लिसरीन
(द) ऐमीनो अम्ल का मिश्रण
(य) फूलों से सुगच्धित तेल
(र) साधारण नमक एवं जल।
उत्तर:
(अ) प्रभाजी क्रिस्टलन द्वारा
(ब) चूने द्वारा
(स) बेसिक फेरिक सस्फेट मिलाकर
(द) हिन्सबर्ग विधि द्वारा या हौफमैन विधि द्वारा
(य) प्रभाजी आसवन द्वारा
(र) क्रिस्टलीकरण द्वारा।
प्रश्न 107.
उध्रवपातन (Sublimation) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
जो ठौस पदार्थ गर्म करने पर बिना द्रव में बदले सीधे गैसीय अवस्था में परिवर्तित हो जाते हैं तो उनके इस गुण को उुर्धवपातन कहते है। उदाहरण-आयोडीन, बेन्जोइक अम्ल आदि।
प्रश्न 108.
कम दाब पर आसयन का उपयोग किन पदार्थों के शोधन में किया जाता है? उदाहरण भी दीजिए।
उत्तर:
जो पदार्थ अपने क्यथनांक से पूर्व ताप पर सीधे गर्म करने पर अपघटित हो जाते हैं, उनका शोधन कम दाब पर आसवन या निर्वात आसबन विधि से किया जाना है; जैसे – गिलसरीन।
लघु उत्तरीय प्रश्न:
प्रेशन 1.
C4H10O में पाये जाने वाले विभिन्न समावयवियों के नाम तथा संरचना सूत्र लिखें ?
उत्तर:
(i) C4H10O अणुसूत्र में-
प्रश्न 2.
निम्नलिखित यौगिकों के मध्य किस प्रकार की समावयवता उपस्थित है, और क्यों ? समझाइए।
(i) CH3—CH2—COOH एवं H—COOC2H2
(ii)
उत्तर:
में भिन्न-भिन्न क्रियात्मक समूह होने के कारण क्रियात्मक समावध्रवता (functional isomerism) उपस्थित हैं।
(ii)
में कार्बन भृंबला की संरचनाएँ भिन्न होने से भृंखला समावयवता (chain isomerism) उपस्थित है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित युग्मों में किस प्रकार की संमांवयकता है ? व्याखाया कीजिए।
उत्तर:
युग्म में मध्यावयवता (Metamerism) उपस्थित है।
युग्म में भी मध्यावयवता (Metomerism) उपस्थित है। एक ही क्रियात्मक समूह से भिन्न ऐल्किल समूह जुहे हैं।
प्रश्न 4.
C4H10 के शृंखला समावयवियों की संरचनाएँ लिखिए।
उत्तर:
(i) CH3—CH2—CH2—CH3 (n-क्यूटेन)
(ii)
प्रश्न 5.
निम्नलिखित यौगिकों के समावयवियों के नाम ओर संरचना सूत्र लिखिए।
(i) CH3—CH2—CH2—Cl
(ii) CH3—CO—CH3
उत्तर:
(i) इसमें स्थिति समावयवता (Position isomerism) पाई जाती है।
(ii) इसमें क्रियात्मक समूहसमावयक्ता (Functional group isomerism) पाई जाती है।
प्रश्न 6.
उन सभी समावयबी ऐल्कोहोलों की संख्या दीजिए जिनका अणुसूत्र C5H12O है।
उत्तर:
C5H12O अणुसूत्र में निम्न तीन समावपवी ऐेल्कोहॉल सम्भव हैं-
प्रश्न 7.
C6H6O में पायी जाने वाली समावघक्ता बताये तथा सूत्र भी लिखें ।
उत्तर:
इसमें क्रियात्मक समाबयवता (functional isomerism) पायी जाती है।
प्रश्न 8.
C4H610O के क्रियात्पक समाबयवी लिखें।
उत्तर:
प्रश्न 9.
निम्नलिखित युगल किस प्रकार की समावस्यता प्रदर्शित करते हैं।
(i) CH3—CH2—CHO तथा CH3—CO—CH3
(ii) CH3—CH2—CH = CH2 तथा CH3—CH = CH—CH3
उत्तर:
(i) क्रियात्मक समूह समावयवता
(ii) स्थिति समावयवता।
प्रश्न 10.
CH3CH2OH एवं CH3—O—CH3 में कौन-सी समावयवता है?
उत्तर:
क्रियात्मक समूह समावयवता।
प्रश्न 11.
निम्नलिखित यौगिकों के समावयवियों के नाम और संरचना सूत्र लिखिए।
(i) CH3—CH2—CH2—Cl
(ii) CH3—CO—CH3
उत्तर:
(i) इसमें स्थिति समाबयवता पाई जाती है।
(ii) इसमें क्रियात्मक समूह समावयवता पाई जाती है।
प्रश्न 12.
CH3.CH2.CO.CH2.CH3 तथा CH3CO.CH2CH2.CH3 किस प्रकार की समावचयता को प्रदर्शित करते हैं?
अधवा
पेण्टेन-2-ओन और पेण्टेन-3-ओन में किस प्रकार की समावयवता है और क्यों ?
उत्तर:
दी गई संरचनाएँ C5H10O के दो कौटेन समाबयघी है और ये दोनों मध्याबयवता (metamerism) प्रदर्शित करते है।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित यौगिक कौन-सी समायखवता प्रदशित करते हैं?
प्रश्न 14.
निम्नलिखित यौगिक कौन-सी समावचवता प्रदश्शित करते है ?
(i) CH3—CH2—CH2—OH तथा CH3—CHOH—CH3
(ii)
उत्तर:
(i) इनमें स्थिति समाबयखता है।
(ii) इसमें अध्यावयवता है।
प्रश्न 15.
C3H6O2 के सभी समावयवी प्रदश्रित कीजिए।
उत्तर:
C3H6O2 के निम्नलिखित तीन समाबयवी है-
(i) C2H5COOH प्रोपेनोद्रक अम्ल
(ii) HCOOC2H5 ऐैचिल फॉर्मेट
(iii) CH3COOCH3 मेथिल ऐसीटेट
प्रश्न 16.
निम्नलिखित समावयवी यौगिकों के संरचना सूत्र दिए गए हैं, इनमें पाई जाने वाली समावयंवता का नाम लिखिए–
(i) CH3.CHOH.CH3 तथा CH3.CH2.CH2OH
(ii) CH3.O.C3H7 तथा C2H5.O.C2H5
(iii) CH3.CH2. CHO तथा CH3.CO.CH3
(iv) CH3.CH2.OH तथा CH3.O.CH3
उत्तर:
(i) स्थिति समावयवता,
(ii) मध्यावयवता,
(iii) क्रियात्मक समूह समावयवता,
(iv) क्रियात्मक समूह समावयवता ।
प्रश्न 17.
C6H4Cl2 सूत्र वाले ऐरोमैटिक यौगिक के सम्भावित समावयवियों के संरचना सूत्र लिखिए।
उत्तर:
C6H4Cl2 सूत्र वाले ऐरोमैटिक यौगिक के सम्भावित समावयवी निम्नलिखित हैं। ये स्थान समावयवता प्रदर्शित करते हैं।
प्रश्न 18.
C4H10O में पाये जाने वाले विभिन्न समावयवियों के नाम, सूत्र एवं समावयवताओं के नाम लिखें।
उत्तर:
C4H10O अणुसूत्र में-
(a) C2H5OC2H5 ऐथॉक्सी ऐथेन
(b) CH3OCH2CH2CH3 मेथॉक्सी प्रोपेन
(i) यहाँ (a) तथा (b) में मध्यावयवता पायी जाती है।
(ii) (b) तथा (c) में स्थिति समावयवता है। इसके अलावा (d) व (c) में भी स्थान समावयवता है।
(iii) (a) तथा (d) में क्रियात्मक समूह समावयवता है।
(iv) (f) तथा (g) में श्रृंखला समावयवता है।
प्रश्न 19.
C3H9N में पायी जाने वाली समावयवता, उनके समावयवियों के नाम व सूत्र लिखें।
उत्तर:
C3H9N अणुसूत्र में-
(i) (a) तथा (b) के मध्य स्थिति समावयवता है।
(ii) (a), (c) तथा (d) में क्रियात्मक समूह समावयवता है।
प्रश्न 20.
C5H12 में पाये जाने वाले समावयवियों के नाम, सूत्र व समावयवता बताएँ ।
उत्तर:
C5H12 अणुसूत्र में-
2, 2 – डाइमेथिल प्रोपेन (नियो पेण्टेन)
यहाँ (a), (b) तथा (c) में श्रृंखला समावयवता है।
प्रश्न 21.
C5H10O में पायी जाने वाली समावयवता, समावयवियों के नाम व सूत्र लिखें।
उत्तर:
C5H10O अणुसूत्र में-
(i) (a) तथा (b) में मध्यावयवता है।
(ii) (b) तथा (c) में शृंखला समावयवता है।
प्रश्न 22.
C4H11N के विभिन्न समावयवी लिखें।
उत्तर:
C4H11N अणुसूत्र में
प्रश्न 23.
पेन्टेन के एक शृंखला समावयवी का नाम व संरचनात्मक सूत्र लिखें।
उत्तर:
(1) CH3–CH2–CH2–CH2–CH3; n- पेण्टेन
(2) (CH3)2CH–CH2–CH3; 2- मेथिल ब्यूटेन
प्रश्न 24.
निम्नलिखित युग्मों में पायी जाने वाली समावयवता के नाम लिखें-
(i) n – ब्यूटिल ऐल्कोहॉल तथा आइसो ब्यूटिल ऐल्कोहॉल
उत्तर:
शृंखला समावयवता ।
(ii) n – ब्यूटिल ऐल्कोहॉल और sec- ब्यूटिल ऐल्कोहॉल
उत्तर:
स्थान समावयवता ।
(iii) sec ब्यूटिल ऐल्कोहॉल और / ब्यूटिल ऐल्कोहॉल |
उत्तर:
स्थान व श्रृंखला समावयवता ।
(iv) n ब्यूटिल ऐल्कोहॉल और / ब्यूटिल ऐल्कोहॉल।
उत्तर:
शृंखला तथा स्थिति समावयवता ।
(v) n प्रोपिल ऐल्कोहॉल और आइसो प्रोपिल ऐल्कोहॉल।
उत्तर:
स्थिति समावयवता ।
(vi) मैलेइक अम्ल फ्यूमेरिक अम्ल ।
उत्तर:
ज्यामितीय समावयवता ।
(vii) ऐथिल ऐसीटो ऐसीटेट (कीटो) एवं ऐथिल ऐसीटोएसीटेट (इनोल) ।
उत्तर:
चलावयवता ।
(viii) दक्षिण एवं वाम घूर्णक लैक्टिक अम्ल ।
उत्तर:
प्रकाश समावयवता ।
(ix) पेण्टेन-2-ऑन और पेण्टेन – 3-ओन ।
उत्तर:
मध्यावयवता ।
(x) प्रोपेनॉइक अम्ल और मेथिल ऐसीटेट ।
उत्तर:
क्रियात्मक समावयवता ।
(xi) o-हाइड्रॉक्सी टॉलूईन और बेन्जिल ऐल्कोहॉल |
उत्तर:
क्रियात्मक समावयवता।
प्रश्न 25.
निम्नलिखित प्रत्येक यौगिक के एक समावयवी का नाम एवं उसका संरचना सूत्र लिखें-
(i) CH2 = CHCH2CH3
उत्तर:
इसका समावयवी CH3—CH = CH—CH3 है। यह यौगिक CH2 – CHCH2CH के साथ-साथ समावयता प्रदर्शित करते हैं।
(ii) (CH3)2CHOH
उत्तर:
इसका समावयवी CH3—CH2CH2OH है। यह (CH3)2CHOH के साथ स्थिति मध्यावयवता प्रदर्शित करता है।
(iii) CH3COOH
उत्तर:
इसका समावयवी HCOOCH3 है यह CH3COOH के साथ क्रियात्मक समूह समावयवता प्रदर्शित करता है।
(iv) CH3OCH2CH2CH3
उत्तर:
इसका समावयवी CH3CH2OCH2CH3 है। यह CH3OCH2CH2CH3 के साथ मध्यावयवता प्रदर्शित करता है।
(v) CH3CHCICH3
उत्तर:
इसका समावयवी CH3CH2CH2Cl है। यह CH3CHClCH3 के साथ स्थिति समावयवता प्रदर्शित करता है।
(vi) CH3CH2CHO
उत्तर:
इसका समावयवी CH3COCH3 है। यह CH3CH2CHO के साथ क्रियात्मक समूह समावयवता प्रदर्शित करता है।
प्रश्न 26.
यौगिक के निम्नलिखित युग्मों में कौन-सी समावयवता है?
(1)CH3CH2CHO तथा CH3COCH3
उत्तर:
इस युग्म में क्रियात्मक समूह समावयवता है।
(2) C2H5OC2H5 तथा CH3OC3H7
उत्तर:
उपरोक्त युग्म में मध्यावयवता है।
(3) CH3CH2OH तथा CH3OCH3
उत्तर:
उपरोक्त युग्म में क्रियात्मक समूह समावयवता है।
(4) CH3CH2CH2OH तथा CH3CH(OH)CH3
उत्तर:
उपरोक्त युग्म में स्थिति समावयवता है।
(5) CH3CH2—NH–CH2CH3 तथा CH3—NH—CH2CH2CH3
उत्तर:
उपरोक्त युग्म में मध्यावयवता होती है।
(6) CH3CHO तथा CH2 = CHOH
उत्तर:
इसमें चल समावयवता है।
(7) CH3CH2CH = CH2 तथा CH3CH = CHCH3
उत्तर:
उपरोक्त युग्म में स्थिति समावयवता है।
(8) CH3CH2CH2CH3 तथा (CH3)3CH
उत्तर:
उपरोक्त युग्म में श्रृंखला समावयवता है।
प्रश्न 27.
निम्नलिखित के संरचनात्मक सूत्र दीजिए-
(1) दो प्रतिबिम्ब रूप
(2) दो ज्यामितीय समावयवी
(3) दो समजातीय।
उत्तर:
प्रश्न 28.
निम्न संरचनाओं ( I से VII) को ध्यान से देखकर दिये गये प्रश्नों के उत्तर दें-
(i)CH3—CH2—CH2—CH2—OH
(ii)
(i) उपरोक्त संरचनाओं में से कौन मध्यावयता प्रदर्शित करता है।
उत्तर:
V तथा VI एवं V तथा VII मध्यावयवता प्रदर्शित करते हैं। क्योंकि इनमें ईथर से जुड़ने वाली कार्बन शृंखलाओं में कार्बन की संख्या में अन्तर है।
(ii) उपरोक्त संरचनाओं में से कौन क्रियात्मक समूह समावयवता को प्रदर्शित करता है।
उत्तर:
I तथा V, I तथा VI, I तथा VII, II तथा V, II तथा VI, II तथा VII, III तथा V, III तथा VI, III तथा VII, IV तथा V, IV तथा VI और IV तथा VII क्रियात्मक समूह समावयवता को प्रदर्शित करते हैं।
(iii) उपरोक्त संरचनाओं में से कौन स्थान समावयवता को प्रदर्शित करता है।
उत्तर:
I तथा II, III तथा IV और VI तथा VII
(iv) उपरोक्त संरचनाओं में से कौन श्रृंखला समावयवता प्रदर्शित करता है।
उत्तर:
I तथा III, I तथा IV. II तथा III और II तथा IV
प्रश्न 29.
कार्बोकेटायन एवं कार्बोऐनायन की संरचना में अन्तर स्पष्ट कीजिए एवं उनके मुख्य लक्षण बताइए।
उत्तर:
कार्बोकेटायन—वह धनावेशित कार्बनिक समूह (R+) जिसमें कार्बन परमाणु के बाह्यतम कोश में केवल 6 इलेक्ट्रॉन होते हैं, कार्बोकेटावन कहलाता है।
उदाहरणार्थ मैथिल एथिल कार्बोकेटायन की संरचना समतल त्रिकोणीय होती है।
कार्बोऐनायन – वह ऋणावेशित कार्बनिक समूह R जिसमें कार्बन परमाणु के बाह्यतम कोश में 8 इलेक्ट्रॉन होते हैं। कार्बोऐनायन कहलाता है। उदाहरणार्थ-
\(\mathrm{CH}_3\) (मेथिल कार्बोऐनायन) \(\mathrm{CH}_3 \mathrm{CH}_2^{-}\) एथिल कार्बोऐनायन
कार्बोऐनायन की आकृति पिरामिडीय होती है।
प्रश्न 30.
नाभिक स्नेही अभिकर्मक की विभिन्न प्रकार की रासायनिक अभिक्रियाएँ बताइए ।
उत्तर:
नाभिक स्नेही अभिकर्मक दो प्रकार से अभिक्रिया करते हैं-
(अ) नाभिक स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया इन अभिक्रियाओं में आक्रमणकारी अभिकर्मक नाभिक स्नेही होता है। ऐल्किल हैलाइड की अधिकतर प्रतिस्थापन अभिक्रियाँ नाभिक स्नेही होती हैं। उदाहरणार्थ – CH3—CH2Cl + KOH (जलीय) → CH3—CH2—OH + KCl इस अभिक्रिया में KOH जो कि एक क्षार है, OH- आयन देता है जो कि नाभिक स्नेही होता है और इस अभिक्रिया में आक्रमणकारी अभिकर्मक का कार्य करता है।
(ब) नाभिक स्नेही योगात्मक अभिक्रिया – ये अभिक्रियाएँ अधिकतर असंतृप्त कार्बनिक यौगिकों में होने वाली अभिक्रियाएँ हैं।
उदाहरण-
इस अभिक्रिया में प्रथम पद में CN– का योग होता है तथा बनने वाला मध्यवर्ती यौगिक अपेक्षाकृत अधिक स्थायी होती है।
प्रश्न 31.
निम्नलिखित यौगिकों में हेटेरोलिटिक विदलन समीकरण द्वारा समझाइए-
(i) (CH3)3 C—Cl,
(ii) R—OH,
(iii) (CH3)2CO.
उत्तर:
प्रश्न 32.
निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रिया की क्रियाविधि समझाइए-
CH2 = CH2 + HBr → CH3.CH3
अथवा
इलेक्ट्रॉनस्नेही योगात्मक अभिक्रिया को एक उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
ऐथिलीन HBr के साथ इलेक्ट्रोफिलिक योगात्मक क्रिया देता है अर्थात् इसमें योगशील अभिकर्मक का इलेक्ट्रोफाइल (H+) पहले संयुक्त होता है तथा फिर न्यूक्लिओफाइल (Br-) संयुक्त होता है। यह है क्रियाविधि निम्नलिखित पदों में व्यक्त कर सकते हैं-
प्रश्न 33.
निम्न में क्या अन्तर हैं
(i) समांग व विषमांग विखण्डन
(ii) इलेक्ट्रोफाइल एवं न्यूक्लिओफाइल |
उत्तर:
(i) समांग विखण्डन एवं विषमांग विखण्डन में अन्तर निम्नलिखित हैं-
समांग विखण्डन | विषमांग विखण्डन |
1. इसमें दोनों परमाणु एक-एक इलेक्ट्रॉन लेकर अलग हो जाते हैं। | 1. इसमें इलेक्ट्रॉन युग्म किसी एक परमाणु के पास आ जाते हैं। |
2. इसमें बने उत्पाद विद्युत उदासीन होते हैं- |
2. इसमें विपरीत आवेश वाले आयन बनते हैं- |
(ii) इलेक्ट्रोफाइल तथा न्यूक्लिओफाइल में निम्नलिखित अन्तर हैं-
इलेक्ट्रोफाइल | न्यूक्लिओफाइल |
1. वे अभिकर्मक जो इलेक्ट्रॉन ग्राही होते हैं, इलेक्ट्रोफाइल कहलाते हैं। | 1. वे अभिकर्मक जो इलेक्ट्रॉन के धनी होते हैं, न्यूक्लिओफाइल कहलाते हैं। |
2. ये उदासीन या न्यून धनावेशित होते हैं। | 2. ये ऋणावेशित या उदासीन होते हैं। |
प्रश्न 34.
कार्बोनियम आयन व कार्बेनायन में उपस्थित प्राथमिक (1°), द्वितीयक (2°) तथा तृतीयक (3°) के स्थायित्व का क्रम बताइए।
उत्तर:
(i) कार्बोनियम आयन में प्राथमिक (1°), द्वितीयक (2°) तथा तृतीयक (3°) कार्बन पर स्थायित्व का क्रम-
यदि धनावेश क्रमशः प्राथमिक (1°) द्वितीयक (2°) तथा तृतीयक (3°) कार्बन पर विद्यमान हो, तो कार्बोनियम आयन भी 1°, 2°, 3° होते हैं।
इनके स्थायित्व का क्रम निम्न प्रकार हैं-
3° > 2° > 1°
(ii) कार्बऐनायन में प्राथमिक (1°), द्वितीयक (2°) तथा तृतीयक (3°) कार्बन पर स्थायित्व का क्रम-
यदि ऋणावेश क्रमश: प्राथमिक (1°) द्वितीयक (2°) तथा तृतीयक (3°) कार्बन पर विद्यमान हो, तो कार्बेऐनायन भी 1°, 2°, 3° होते हैं।
इनके स्थायित्व का क्रम निम्न प्रकार है-
1° > 2° > 3°
प्रश्न 35.
आयन तथा मुक्त मूलक में क्या अन्तर है ?
उत्तर:
आयन | मुक्त मूलक |
1. ये जल अथवा अन्य आयनीकारक विलायक में विलेय करने पर (सहसंयोजक बन्ध के हेटेरोलिटिक विखण्डन पर) बनते हैं। | 1. ये साधारणतया होमोलिटिक विखण्डन (ऊष्मा या प्रकाश की उपस्थिति में) द्वारा उत्पन्न होते हैं। |
2. ये प्रायः विलयन अवस्था में बनते हैं। | 2. ये प्राय: गैसीय अवस्था में बनते हैं। |
3. ये विद्युत आवेशित होते हैं; क्यौ कि ये इलेक्ट्रॉन के आदान-प्रदान के फलस्वरूप बनते हैं। | 3. ये साधारणतया विद्युत उदासीन होते हैं; क्योंकि विषम इलेक्ट्रॉन, उदासीन परमाणु का वह इलेक्ट्रॉन होता है, जो सहसंयोजक बन्ध बनाने के काम आता है। |
4. ये प्रतिचुम्बकीय गुण प्रदर्शित करते हैं। | 4. ये अनुचुम्बकीय गुण प्रदर्शित करते हैं। |
5. ये स्थायी होते हैं। | 5. ये प्रायः अस्थायी होते हैं। |
प्रश्न 36.
ऐसीटिलीन पर HBr की अभिक्रिया की क्रियाविधि समझाइए ।
उत्तर:
प्रश्न 37.
ऐल्कीन में इलेक्ट्रोमेरिक प्रभाव दिखाइये।
उत्तर:
प्रश्न 38.
(CH3)3C—Cl में बन्ध का विषम विदलन समीकरण द्वारा समझाइये |
उत्तर:
प्रश्न 39.
निम्नलिखित को निर्देशानुसार व्यवस्थित करें-
(क) ClCH2COOH, CH3CH2COOH, ClCH2CH2COOH(CH3)2CHCOOH तथा CH3COOH को अम्ल प्रबलता के बढ़ते हुए क्रम में ।
उत्तर:
(CH3)2CHCOOH < CH3CH2COOH < CH3COOH< ClCH2CH2COOH< ClCH2COOH
(ख) C6H5OH, C2H5OH, HCOOH तथा CH3COOH को अम्ल प्रबलता के घटते हुए क्रम में ।
उत्तर:
HCOOH>CH3COOH>C6H5OH> C2H5OH
(ग) मेथिलेमीन, डाइमेथिलेमीन, ऐनिलीन तथा N – मेथिल ऐनीलीन को क्षारीय प्रबलता के बढ़ते हुए क्रम में ।
उत्तर:
ऐनिलीन
प्रश्न 40.
यौगिक CH3CH = CHCH2CH3 में 2, 3 C—C बन्ध में इलेक्ट्रोमेरिक प्रभाव किस प्रकार होगा ? कारण सहित बताइए।
उत्तर:
CH3CH = CHCH2CH3 → CH3CH—CHCH2CH3 बड़े ऐल्किल समूह का प्रेरणिक प्रभाव अधिक होता है ।
प्रश्न 41.
निम्न में से कौन इलेक्ट्रॉन स्नेही तथा नाभिक स्नेही होते हैं?
(1) FeCl3
(2) AlCl3
(3) H2O
(4) C2H5OH
(5) BF3
(6) (C2H5)2O
(7) NH3
(8) RSH
उत्तर:
इलेक्ट्रॉन स्नेही – FeCl3 , AlCl3 , BF3
नाभिक स्नेही – H2 O, C2 H5 OH, (C2H5 )2 O, RSH
प्रश्न 42.
निम्न यौगिकों में विषम विदलन समीकरण द्वारा व्यक्त कीजिए-
(a) C2H6
(b) R—OH
उत्तर:
(a) \(\mathrm{CH}_3-\mathrm{CH}_2-\mathrm{H} \longrightarrow \mathrm{CH}_3-\mathrm{CH}_2^{-}+\mathrm{H}^{+}\) क्योंकि O-परमाणु H-परमाणु से अधिक विद्युत ऋणात्मक है।
प्रश्न 43.
प्रत्येक कार्बन पर संकरण बतायें ?
उत्तर:
CH2 = C =H2
उत्तर:
sp2 – sp – sp2
प्रश्न 44.
बताइये कि किस प्रकार कार्बनिक यौगिकों में संकरण कार्बन परमाणु की विद्युत ऋणात्मकता से सम्बन्धित है।
उत्तर:
जैसे-जैसे कार्बन परमाणु पर संकरण का s-गुण बढ़ता है। विद्युत ऋणात्मकता भी बढ़ जाती है। अतः विद्युत ऋणात्मकता का क्रम है-
sp3 < sp2 < sp
प्रश्न 45.
निम्न की अनुनादी संरचना बनायें-
(i) CH2 = CH—:Cl:
(ii) CH2 = CH—CH = CH2
(iii)
उत्तर:
प्रश्न 46.
दिये गये समूहों में से सबसे स्थायी स्पीशीज छाँटे-
(i) CH3,+CH2Br, CHBr2, CBr2
(ii) CH3,-CH2Cl,-CHCl2, –CCl3
उत्तर:
(i) CH3 सबसे अधिक स्थायी है क्योंकि जैसे-जैसे Br हाइड्रोजन को विस्थापित करता जाता है वैसे-वैसे कार्बन पर +ve आवेश बढ़ता जाता है, क्योंकि Br हाइड्रोजन की तुलना में अधिक विद्युत ऋणात्मक है। जिसके कारण +CBr3 सबसे कम स्थायी स्पीशीज हो जाती है।
(ii) –Cl—Cl3 सर्वाधिक स्थायी स्पीशीज है क्योंकि Cl, हाइड्रोजन की तुलना में अधिक विद्युत ऋणात्मक है। जैसे-जैसे Cl की संख्या बढ़ती जाती है वैसे-वैसे स्थायित्व भी बढ़ता जाता है।
प्रश्न 47.
निम्न में से कौन अनुनादी संकर नहीं बनाता है?
(i) CH3OH
(ii) R—CONH2
(iii) CH3CH=CHCH2NH2
उत्तर:
(i) CH3OH- यह अनुनादी संकर नहीं बनाता है क्योंकि इनके पास ग-इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं। इस कारण यह अनुनादी संकर नहीं बना पाता है।
(ii) R-CONH2 यह अनुनादी संकर बनाता है।
(iii) CH3CH = CHCH2NH2-यह अनुनादी संकर नहीं बनाता है क्योंकि इसके पास (conjugate) एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म नहीं है।
प्रश्न 48.
SO3 इलेक्ट्रॉन स्नेही की तरह कार्य क्यों करता है?
उत्तर:
-s- परमाणु से तीन अत्यधिक विद्युत ऋणी ऑक्सीजन परमाणु जुड़े हुये हैं। जिसके कारण s-परमाणु न्यून हो जाता है। अनुनाद के कारण भी s-परमाणु पर +ve आवेश आ जाता है, इन दोनों कारकों के कारण ही SO3 इलेक्ट्रॉन स्नेही की तरह व्यवहार करता है ।
प्रश्न 49.
निम्न में से किस अनुनादी संरचना का स्थायित्व अधिक है?
प्रश्न 50.
किसी कार्बनिक यौगिक की शुद्धता की जाँच आप किस प्रकार करेंगे ?
उत्तर:
किसी भी कार्बनिक यौगिक की शुद्धता की जाँच उसके भौतिक स्थिरांकों तथा स्पेक्ट्रमी गुणों की सहायता से की जाती है। आधुनिक समय में कार्बनिक यौगिकों की शुद्धता से जाँच करने के लिए गैस वर्णलेखन (Gas chromotography) का प्रयोग बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ है। गैस वर्ण लेखन द्वारा उन यौरिकों की शुद्धता की जाँच भी की जा सकती है, जिनके भौतिक स्थिरांकों, स्पेक्ट्रमी गुणों, संघटन आदि का ज्ञान पहले से न हो।
कार्बनिक यौगिकों के भौतिक स्थिरांक विशिष्ट क्रिस्टलीय रूप, अपवर्तनांक (Refractive index), आपेक्षित गुरुत्व (specific gravity), गलनांक तथा क्लथनांक आदि हैं। ठोस कार्बनिक यौगिकों की शुद्धता की जाँच उनके गलनांक तथा मिश्रित गलनांक से की जाती है। द्रव कार्बत औा गेकों की शुद्धता की जाँच उनके क्नथनांक से की जाती है।
प्रश्न 51.
किसी उपयुक्त विलायक में क्या-क्या विशेषताएँ होनी वाहिए ?
उत्तर:
किसी उपयुक्त विलायक में निम्नलिखित विशेषताएँ होती है-
(i) किसी पदार्थ एवं अशुद्धियों की विलायक में विलेयताओं का अंतर अधिक होना चाहिए।
(ii) विलायक में अशुद्धि कमरे के ताप पर लगभग विलेय होनी चाहिए अथका अशुद्ध की विलेयता, पदार्थ की विलेयता से बहुत अधिक होनी चाहिए।
(iii) विलायक का क्वथनांक कम होना चाहिए।
(iv) विलायक में अत्यधिक दहनशीलता का गुण नहीं होना चाहिए।
(v) विलायक में कार्बनिक ठोस कम तापमान पर कम विलेय एवं उच्ब तापमान पर अधिक विलेय होना चाहिए।
प्रश्न 52.
ऊर्ध्वपातन से क्या समझते हैं?
उत्तर:
छर्ध्वपातन (Sublimation) कुछ छोस पदार्थ गम्म करने पर बिना द्रव अवस्था में आए सीधे वाष्प में परिवर्तित हो जाते हैं।
ऐसे ठोस पदार्थ को ऊर्धवपातज (Sublimate) कहते हैं। ठोस पदार्थ के सीधे वाप्य में परिवर्तित होने की क्रिया को ऊर्ध्वपातन (Sublimation) कहते हैं। ऊर्व्वपातन विधि का प्रयोग ऐसे यौगिकों के शोधन में होता है जो स्वयं तो ऊर्ध्वपातित होते हैं परन्तु उसमें उपस्थित अशुद्धियों का ऊर्ध्यपातन नहीं होता। उदाहरण-कपूर, बैंजोइक अम्ल तथा नैफ्थेलीन का शोधन।
प्रश्न 53.
बन्नोरोबैंजीन जाल में अविलेय है तथा भाप में वाध्यशील है इसके शोधन की विधि को संक्षेप में समझाइए।
उसंर:
धेंप आसवन विधि में अंशुद्ध कार्थनिक ड्रव क्लोरोबेंजीन को आसवन फुल्लास्क में लेकर गर्म करते हैं। इसमें साथ ही भाए प्रवाहित करते हैं। भाप के साथ क्लोरोबें ।न का वाष्पन होता है। ग्रीमी पात्र में आसुत जल तथा क्लोरोबेंजीन होते हैं, जिनें पथक्कारौ काण दारा अलग कर लिया जाता है।
प्रश्न 54.
कम दाब : आसवन विधि को समझाइए।
उत्तर:
ऐसे द्रव जो उप्ते क्वथनांक पर अपघटित हो जाते हैं, उन्हें कम दाब पर शोधित किया जाता है। क्लेजन फ्लास्क में रत्ते हुए द्रव को गर्म करने पर यह अपने सामान्य क्वथनांक से कम तंप उ उदलने लगता है तथा इसकी वाष्प संधनित होकर ग्राही में एकत्रिर जाती है, जिसे अलग कर लिया जाता है।
प्रश्न 55.
वर्णलेखन क्या है? इसका वर्गीकरण समझाइए।
उत्तर:
वर्णलेखन वह तकनीक है जिसके द्वारा किसी मिश्रण के अवयवों का सान्द्रित क्षेत्रों में या विभिन्न प्रावस्थाओं में जिनमें पहले उपस्थित थे, पृथक्करण किया जाता है। इसे दो वर्गों में वर्गीकृत कर सकते हैं-
(i) अधिशोषण वर्णलेखन
(ii) वितरण वर्णलेखन
प्रश्न 56.
लैसग्ने विलयन कैसे बनाते हैं?
उत्तर:
किसी यौगिक को उच्च ताप पर सोडियम धातु के साथ संगलित करने पर उसमें उपस्थित N,S,Cl,Br, I तत्व सोडियम से क्रिया करके सोडियम लवण बनाते हैं जो जल में आयनित हो जाते हैं। सोडियम धातु का सूखा टुकड़ा लेकर यौगिक के साथ ज्वलन नली में गर्म करते हैं। लाल गर्म हो जाने पर इसे आसुत जल में भरी प्याली में डाल देते हैं। विलयन को उबालकर छान लेते हैं। प्राप्त विलयन लैसग्ने विलयन कहलाता है।
प्रश्न 57.
किसी कार्बनिक यौगिक का मूलानुपाती सूत्र कैसे ज्ञात करोगे ?
उत्तर:
(i) यौगिक में उपस्थित तत्वों की प्रतिशतताओं को उनके परमाणु भारों से भाग देकर तत्वों के परमाणुओं की आपेक्षित संख्याएँ ज्ञात करते हैं।
(ii) आपेक्षित संख्याओं को सबसे छोटी आपेक्षित संख्या से भाग देकर परमाणुओं का सरल अनुपात ज्ञात करते हैं।
(iii) यदि प्राप्त अनुपात पूर्णांक या पूर्णांक के निकट होता है, तो किसी उचित समगुणक से गुणा करके पूर्णांकों में बदलते हैं। इस प्रकार कार्बनिक यौगिक का मूलानुपाती सूत्र ज्ञात कर सकते हैं।
प्रश्न 58.
किसी कार्बनिक यौगिक में आयोडीन की उपस्थिति किसी प्रकार ज्ञात करेंगे ?
उत्तर:
लैसग्ने विलयन में तनु HNO3 डालकर सिल्वर नाइट्रेट की कुछ बूँदें डालने पर गहरे पीले रंग का अवक्षेप आता है जो अमोनियम डाइड्रॉक्साइड विलयन में अघुलनशील होता है। इससे आयोडीन की उपस्थिति ज्ञात होती है।
प्रश्न 59.
किसी यौगिक के मूलानुपाती सूत्र तथा अणुसूत्र में क्या अन्तर है?
उत्तर:
किसी यौगिक के एक अणु में उपस्थित उसके विभिन्न परमाणुओं का अनुपात दर्शाने वाला सूत्र उस यौगिक का मूलानुपाती सूत्र कहलाता है। एक यौगिक के एक अणु में उपस्थित विभिन्न परमाणुओं की वास्तविक संख्या को उसका अणुसूत्र कहते हैं।
अणसूत्र = मूलानुपाँती सूत्र × n
प्रश्न 60.
C6H5N2Cl में नाइट्रोजन होने के बाद भी यह यौगिक नाइट्रोजन का लैसेगने परीक्षण नहीं देता है क्यों ?
उत्तर:
सोडियम के साथ बेन्जीन डायजोनियम लवण को गर्म करने पर सोडियम के प्रगलन से पूर्व ही लवण वियोजित हो जाता है तथा N2 गैस सोडियम से क्रिया करने से पूर्व बाहर निकल जाती है और NaCN नहीं बनता। इसी कारण यह लैसेग्ने परीक्षण नहीं देता।
आंकिक प्रश्न:
प्रश्न 1.
एक कार्बनिक यौगिक के 2.390 g का दहन करने पर 0.88 g CO2 और 0.18 g जल प्राप्त हुआ । यौगिक में कार्बन तथा हाइड्रोजन की प्रतिशत मात्रा ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
यौगिक का भार = 2.390 g
CO2 की मात्रा = 0.88 g
जल की मात्रा = 0.18 g
= \(\frac { 12 }{ 44 }\) × \(\frac { 0.88 }{ 2.390 }\) × 100
= 10.04%
= \(\frac { 12 }{ 18 }\) × \(\frac { 0.88 }{ 2.390 }\) × 100
= 0.84%
प्रश्न 2.
0.25 g क्लोरीनयुक्त एक यौगिक से केरियस विधि से 0.18 g सिल्वर क्लोराइड प्राप्त हुआ । यौगिक में क्लोरीन की प्रतिशत मात्रा ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
क्लोरीन की प्रतिशतता
= 17.81%
प्रश्न 3.
एक द्विक्षारकीय कार्बनिक अम्ल के 0.41 g सिल्वर लवण को गर्म करने पर 0.216 g सिल्वर अवशेष बचता है। अम्ल का अणुभार ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
\(\frac { 0.41 }{ 0.216 }\) = \(\frac { E+107 }{ 108 }\)
कार्बनिक अम्ल का तुल्यांकी भार
कार्बनिक अम्ल का अणुभार
= भास्मिकता × तुल्यांकी भार = 2 × 98 = 196
प्रश्न 4.
एक कार्बनिक यौगिक (अणुभार = 73) में C = 49.32%, H = 9.59% है। यौगिक के 0-365 ग्राम की जैल्डाल क्रिया करवाने पर उत्पन्न अमोनिया के पूर्ण उदासीनीकरण में 50 ml प्राप्त हुए। यौगिक का अणुसूत्र निकालिए ।
उत्तर:
N की प्रतिशतता = \(\frac { 1.4NV }{ W }\) = \(\frac { 1.4×1×50}{ 0.365 }\) = 19.17%
तत्व की प्रतिशतता | परमाणु भार | परमाणु की आपेक्षिक संख्या | परमाणुओं का सरल अनुपात | सरल पूर्णांक अनुपात |
C = 49.32 | 12 | 24.11 | 4.11/133 | 3 |
H = 9.59 | 1 | 9.59 | 9.59/1.33 | 7 |
N = 19.10 | 14 | 1.36 | 1.36/1.33 | 1 |
O = 22 | 16 | 1.33 | 1.33/1.33 | 1 |
यौगिक का अणुसूत्र = C3H7NO
प्रश्न 5.
एक कार्बनिक यौगिक का मूलानुपाती सूत्र CH2O हैं इसका अणुभार 60 है। यौगिक का अणुसूत्र क्या है ?
उत्तर:
मूलानुपाती सूत्र = CH2O
मूलानुपाती सूत्र भार = 12 + 2 +16 = 30
अणुभार = 60
n = \(\frac { 60 }{ 30 }\) = 2
अणुसूत्र = 2 × CH2O
= C2H4O2
प्रश्न 6.
एक कार्बनिक यौगिक में 68.86% कार्बन, 4.96% हाइड्रोजन तथा शेष ऑक्सीजन है। यौगिक के सरलतम सूत्र की गणना करो ।
उत्तर:
तत्व की प्रतिशतता | परमाणुओं की आपेक्षिक संख्या | परमाणुओं का सरल अनुपात |
C = 68.86 | 68.86/12 = 5.73 | 5.73/1.63 = 3.5 × 2 = 7 |
H = 4.96 | 4.96/1 = 4.96 | 4.96/1.63=3 × 2 = 6 |
O = 26.78 | 26.18/16 = 1.63 | 1.63/1.63 = 1 × 2 = 2 |
सरलतम सूत्र = C7H6O2
प्रश्न 7.
एक प्राथमिक ऐमीन के 0.60 ग्राम के पूर्ण दहन पर 1.17 g CO2 तथा 0.84 g H2O प्राप्त हुए। पदार्थ का अणुभार 45 है, तो इसका अणुसूत्र ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
C की प्रतिशतता = \(\frac { 12 }{ 44 }\) × \(\frac { 1.17 }{ 0.60 }\) × 100
=53.18%
H की प्रतिशतता = \(\frac { 2 }{ 18 }\) × \(\frac { 0.84 }{ 0.60 }\) × 100
= 15.55%
शेष N की प्रतिशतता 100-(53.18+15.55) = 31.27%
तत्व की प्रतिशतता | परमाणुओं की आपेक्षिक संख्या | परमाणुओं का सरल अनपात |
C = 53.18 | \(\frac { 53.18 }{ 12 }\) = 4.43 | \(\frac { 4.43 }{ 2.23 }\) = 2 |
H = 15.55 | \(\frac { 15.55 }{ 1 }\) = 15.55 | \(\frac { 15.55 }{ 2.23 }\) = 7 |
N = 31.27 | \(\frac { 31.27 }{ 14 }\) = 2.23 | \(\frac { 2.23 }{ 2.23 }\) = 1 |
यौगिक का अणुसूत्र = C2H7N
प्रश्न 8.
ड्यूमा के एक प्रयोग में किसी कार्बनिक यौगिक के 0.204 g से 17°C ताप तथा 756 mm दाब पर 18.6 mL नम नाइट्रोजन प्राप्त हुई । यदि 17°C ताप पर जल वाष्प दाब 14.5 mm हो, तो यौगिक में नाइट्रोजन की प्रतिशतता ज्ञात करो ।
उत्तर:
P1 = 756 – 14.5 = 741.5mm, P2 = 760
V1 = 18.6mL, T2 = 273
T1 = 273 + 17 = 290K, V2 = ?
\(\frac{P_1 V_1}{T_1}\) = \(\frac{P_2 V_2}{T_2}\)
\(\frac{741.5 \times 18.6}{290}\) = \(\frac{760 \times V_2}{273}\)
V2 = \(\frac{741.5 \times 18.6 \times 273}{290 \times 760}\) = 17.1
N2 की प्रतिशतता = \(\frac { 28 }{ 22400 }\) × \(\frac { 17.1 }{ 0.204 }\) ×100
= 10.47%
प्रश्न 9.
एक यौगिक को मूलानुपाती सूत्र CH3O है तथा इस अणुभार 62 है | यौगिक का अणुसूत्र ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
यौगिक का मूलानुपाती सूत्र भार = 12 + 3 × 1 + 16 = 31
∴ n = \(\frac { 62 }{ 31 }\) = 2
अत: यौगिक का अणुसूत्र (CH3O)2 अर्थात् C2H6O3 है।
प्रश्न 10.
एक कार्बनिक यौगिक में कार्बन 48.66% और हाइड्रोजन 8.11% है । यदि यौगिक का वाष्प घनत्व 37 है तो उसका अणुसूत्र ज्ञात करो ।
उत्तर:
कार्बन व हाइड्रोजन की प्रतिशतताओं का योग 100 से कम है, अतः शेष मात्रा ऑक्सीजन की होगी ।
तत्व | प्रतिशतता | परमाणु भार | आपेक्षिक अनुपात | सरलतम अनुपात |
C | 48.66 | 12 | \(\frac { 48.66 }{ 12 }\) = 4.05 | \(\frac { 4.05 }{ 2.70 }\) = 1.5 × 2 = 3 |
H | 8.11 | 1 | \(\frac { 8.11 }{ 1 }\) = 8.11 | \(\frac { 8.11 }{ 2.70 }\) = 3 × 2 = 6 |
O | 43.223 | 16 | \(\frac { 43.23 }{ 26 }\) = 2.70 | \(\frac { 2.70 }{ 2.70 }\) = 1 × 2 = 2 |
अतः मूलानुपाती सूत्र = C3H6O2
मूलानुपाती सूत्र भार= (12 × 3) + (6 × 1) + (16 × 2) = 72
अणुभार = 2 × वाष्प घनत्व
= 2 × 37 = 74
क्योंकि यौगिक का अणु सूत्र व मूलानुपाती सूत्र समान हैं।
अतः यौगिक का अणु सूत्र = C3H6O2
प्रश्न 11.
एक कार्बनिक यौगिक में C, H, N तथा O उपस्थित हैं। C = 20%, H = 6.66%, N = 46.66% है। इस यौगिक का वाष्प घनत्व 30 है | यौगिक का अणुसूत्र बताइए ।
उत्तर:
तत्व | प्रतिशतता | परमाणु भार | आपेक्षिक अनुपात | सरलतम अनुपात |
C | 20% | 12 | \(\frac { 20 }{ 12 }\) = 1.66 | \(\frac { 1.66 }{ 1.66 }\) = 1 |
H | 6.66 % | 1 | \(\frac { 6.66 }{ 1 }\) = 6.66 | \(\frac { 1.66 }{ 1.66 }\) = 4 |
N | 46.66% | 14 | \(\frac { 46.66 }{ 14 }\) = 3.33 | \(\frac { 3.33 }{ 1.66 }\) = 2 |
O | 26.68% | 16 | \(\frac { 26.68 }{ 16 }\) = 1.66 | \(\frac { 1.66 }{ 1.66 }\) = 1 |
मूलानुपाती सूत्र = CH4N2O
मूलानुपाती सूत्र भार = 12 + 4 + 28 + 16 = 60
अणुभार = 2 × वाष्प घनत्व = 2 × 30 = 60
अतः अणु सूत्र = CH4N2O
प्रश्न 12.
C, H तथा N के कार्बनिक यौगिक ने विश्लेषण पर निम्नलिखित आँकड़ें दिए- C = 65.73%, H = 15.06%, N = 19.21%। यदि इसका वाष्प घनत्व 37 है, तो यौगिक का अणुसूत्र ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
तत्व | प्रतिशतता | परमाणु भार | आपेक्षिक अनुपात | सरलतम अनुपात |
C | 65.73 | 12 | \(\frac { 65.73 }{ 12 }\) = 5.47 | \(\frac { 5.47 }{ 1.37 }\) = 4 |
H | 15.06 | 1 | \(\frac { 15.06 }{ 1 }\) = 15.06 | \(\frac { 15.06 }{ 1.37 }\) = 11 |
N | 19.21 | 14 | \(\frac { 19.21 }{ 14 }\) = 13.7 | \(\frac { 1.37 }{ 1.37 }\) = 1 |
मूलानुपाती सूत्र = C4H11N
मूलानुपाती सूत्र भार = 4 × 12 + 1 × 11 + 1 × 14 = 73
अणुभार = 2 × वाष्प घनत्व = 2 × 37 = 74
अणुसूत्र = n × (मूलानुपाती सूत्र )
1 × (C4H11N) = C4H11N
प्रश्न 13.
0.2127 g कार्बनिक यौगिक में C, H और O हैं, को दहन करने पर 0.4862 g CO2 और 0.1989 g H2O प्राप्त हुआ। कार्बन हाइड्रोजन और ऑक्सीजन की प्रतिशत मात्रा की गणना कीजिए ।
उत्तर:
हल: यौगिक में C की प्रतिशतता
= \(\frac { 12 }{ 44 }\) × \(\frac { 0.4862 }{ 0.2127 }\) = 10 = 63.34%
यौगिक में हाइड्रोजन की प्रतिशतता
= \(\frac { 2 }{ 18 }\) × \(\frac { 0.1989 }{ 0.2127 }\) × 100 = 10.39%
ऑक्सीजन की प्रतिशतता =100 – [62.34 + 10.39] = 27.27%
प्रश्न 14.
0.70 ग्राम कार्बनिक यौगिक का कैल्डाल विधि द्वारा विश्लेषण किया गया। विश्लेषण में उत्पन्न NH3 को 100 mL \(\frac { N }{ 10 }\) H2SO4 में अवशोषित किया गया। बचे हुए अम्ल को उदासीन करने के लिए 10 mL \(\frac { N }{ 5 }\) NaOH की आवश्यकता हुई । यौगिक में नाइट्रोजन की प्रतिशत मात्रा ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
10 mL \(\frac { N }{ 5 }\)NaOH = 10 mL \(\frac { N }{ 10 }\)H2SO4
N1V1 = N2V2
\(\frac { N }{ 5 }\) × 10 = \(\frac { N }{ 10 }\) × V2
V2 = \(\frac { 10×10 }{ 5 }\) = 20
= 20mL \(\frac { N }{ 10 }\)H2SO4
अतः बचे हुए अम्ल का आयतन = 20 mL \(\frac { N }{ 10 }\)H2SO4
∴ प्रयुक्त अम्ल = (100-20)
= 80 मिली \(\frac { N }{ 10 }\)H2SO4
नाइट्रोजन की प्रतिशतता = \(\frac { 1.4NV }{ w }\) = \(\frac { 1.4×1/10×80 }{ 0.70 }\) = 16%
प्रश्न 15.
कैरियस विधि द्वारा एक कार्बनिक यौगिक के 0.1890 g से 0-2870 g सिल्वर क्लोराइड प्राप्त हुआ। कार्बनिक यौगिक में क्लोरीन की प्रतिशत मात्रा ज्ञात करो ।
उत्तर:
कार्बनिक यौगिक का भार = 0.1890 g
सिल्वर क्लोराइड का भार = 0.2870g
क्लोरीन की प्रतिशतता
= \(\frac { 35.5 }{ 143.5 }\) × \(\frac { 0.2870 }{ 0.1890 }\) × 10 = 37.5%
प्रश्न 16.
एक कार्बनिक यौगिक के मात्रात्मक विश्लेषण 0.1254 g यौगिक से 0.1292 g बेरियम सल्फेट प्राप्त हुआ । यौगिक में गन्धक की प्रतिशत मात्रा की गणना कीजिए ।
उत्तर:
कार्बनिक यौगिक का भार = 0.1254 g
बेरियम सल्फेट का भार = 0-1292 g
गन्धक की प्रतिशतता =
= \(\frac { 32 }{ 233 }\) × \(\frac { 0.1292 }{ 0.1254 }\) × 100 = 14.15%
प्रश्न 17.
किसी एक अम्लीय क्षार के 0.40 g प्लैटिनम क्लोराइड दहन करने पर 0.125 g प्लैटिनम प्राप्त हुआ। क्षार का अणुभार ज्ञात करो ।
उत्तर:
\(\frac { 2B+410 }{ 195 }\) = \(\frac { 0.4 }{ 0.125 }\)
2B = \(\frac { 0.4×195 }{ 0.125 }\) – 410
= \(\frac { 0.4×195 }{ 0.125×2 }\) – 205
= 107
क्षार का तुल्यांकी भार =107
क्षार का अणुभार = क्षार का तुल्यांकी भार × अम्लता
=1 × 107 =107
प्रश्न 18.
किसी मोनोबेसिक कार्बनिक अम्ल के 0.122 g के उदासीनीकरण में 10 mL \(\frac { N }{ 10 }\) दाहक सोडा विलयन लगा। उस अम्ल का अणुभार ज्ञात करो ।
उत्तर:
10 mL \(\frac { N }{ 10 }\)NaOH विलयन = 0.122 g अम्ल
100 mL N NaOH विलयन = 122 g अम्ल
अतः अम्ल का तुल्यांकी भार = 122 g
अम्ल का अणु भार = क्षारकता × तुल्यांकी भार
= 1 × 122 = 122
प्रश्न 19.
एक कार्बनिक यौगिक (A) जिसका वाष्प घनत्व 15 है, में C = 40.0%, H = 6.67% तथा शेष ऑक्सीजन है। यह फेहलिंग विलयन का अपचयन करता है । NaOH से क्रिया करने पर यह एक ऐल्कोहॉल (B) तथा अम्ल (C) का सोडियम लवण देता है। यौगिक (A) के अपचयन से भी (B) प्राप्त हो सकता है। A, B तथा C के संरचना सूत्र लिखिए। [C = 12; H = 1; O = 16]
उत्तर:
ऑक्सीजन की प्रतिशत मात्रा
= 100 – ( %C + % H )
= 100 – (40.0 + 6.67) = 53.33%
सरल सूत्र की गणना-
तत्व | प्रतिशतता | परमाणु भार | परमाणुओं की आपेक्षिक संख्या | सरल अनुपात |
C | 40.0 | 12 | \(\frac { 40.0 }{ 12 }\) = 3.33 | \(\frac { 3.33 }{ 3.33 }\) = 1 |
H | 6.67 | 1 | \(\frac { 6.67 }{ 1 }\) = 6.67 | \(\frac { 6.67 }{ 3.33 }\) = 2 |
O | 53.33 | 16 | \(\frac { 53.33 }{ 16 }\) = 3.33 | \(\frac { 3.33 }{ 3.33 }\) = 1 |
∴ A का सरल सूत्र = CH2O
मान लिया यौगिक का अणुसूत्र = n × सरल सूत्र
तथा A का सरल सूत्र भार = 12 + 2 + 16 = 30
A का वाष्प घनत्व =15
अनुभार = 15 × 2 = 30
= \(\frac { 30 }{ 30 }\) = 1
∴ यौगिक A का अणुसूत्र = n × = 1 × CH2O = CH2O
चूँकि यौगिक A फेहलिंग विलयन का अपचयन करता है तथा NaOH के साथ क्रिया करने से एक ऐल्कोहॉल B तथा अम्ल C का सोडियम लवण देता है और B को A के अपचयन से भी प्राप्त किया जा सकता है; अतः यह एक ऐल्डिहाइड है। अभिक्रियाओं के रासायनिक समीकरण निम्नलिखित हैं-
प्रश्न 20.
ड्यूमा विधि द्वारा नाइट्रोजन के अनुमापन में 0.3 g कार्बनिक यौगिक 300 K ताप तथा 715 दाब पर 50 mL नाइट्रोजन देता है। नाइट्रोजन की प्रतिशतता ज्ञात कीजिए। (300K पर जलीय तनाव = 15 mm ) ।
उत्तर:
300 K ताप तथा 715 mm दाब पर एकत्र नाइट्रोजन का आयतन = 50mL
वास्तविक दाब = 715 – 15 = 700 mm
STP नाइट्रोजन का आयतन = \(\frac{273 \times 700 \times 50}{300 \times 760}\) = 41.9 mL
22400 mL नाइट्रोजन का भार = 28 g
41.9 mL = \(\frac { 28×41.9 }{ 22400 }\) g
नाइट्रोजन की प्रतिशतता = \(\frac{28 \times 41.9 \times 100}{22400 \times 0.3}\) = 17.46%
प्रश्न 21.
एक कार्बनिक यौगिक में C = 49.32% और H = 9.59% है। 0.365 g कार्बनिक यौगिक की कैल्डाल प्रक्रिया कराने पर उत्पन्न अमोनिया (NH3) के पूर्ण उदासीनीकरण में H2SO4 के 50 mL प्रयुक्त हुए। यदि यौगिक का अणुभार 73 हो तो यौगिक का अणुसूत्र लिखिए।
उत्तर:
कैल्डाल विधि से N की प्रतिशतता
तत्व | प्रतिशतता | परमाणु भार | परमाणुओं की आपेक्षिक संख्या | सरल अनुपात |
C | 49.32 | 12 | \(\frac { 49.32 }{ 12 }\) = 4.11 | \(\frac { 4.11 }{ 1.37 }\) = 3 |
H | 9.59 | 1 | \(\frac { 9.59 }{ 1 }\) = 9.59 | \(\frac { 9.59 }{ 1.37 }\) = 7 |
N | 19.17 | 14 | \(\frac { 19.17 }{ 14 }\) = 1.37 | \(\frac { 1.37 }{ 1.37 }\) = 1 |
O | 21.92 | 16 | \(\frac { 21.92 }{ 16 }\) = 1.37 | \(\frac { 1.37 }{ 1.37 }\) = 1 |
अत: यौगिक का मूलानुपाती सूत्र = C3H7NO
मूलानुपाती सूत्र का भार = 3 × 12 + 7 × 1 + 14 + 16 = 73
मान लिया यौगिक का अणुसूत्र = n × C3H7NO
= \(\frac { 73 }{ 73 }\) = 1
अत: यौगिक का अणुसूत्र =C3H7NO
प्रश्न 22.
नाइट्रोजन आकलन की कैल्डाल विधि में 0.5 g यौगिक में मुक्त अमोनिया 10 mL 1 M-H2SO4 को उदासीन करती है। यौगिक में नाइट्रोजन की प्रतिशतता ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
1 M 10 mL H2SO4 = 1 M 20 mL NH3 1000 mL 1 M अमोनिया में उपस्थित नाइट्रोजन = 14 g
अत: 20 mL 1 M अमोनिया में उपस्थित नाइट्रोजन = \(\frac { 14×20 }{ 1000 }\) g नाइट्रोजन
अत: नाइट्रोजन की प्रतिशतता = \(\frac { 14×20×100 }{ 1000×0.5 }\) = 56.0%
प्रश्न 23.
हैलोजेन के आकलन की केरियस विधि 0.15g कार्बनिक यौगिक 0.12 g AgBr देता है । यौगिक में ब्रोमीन की प्रतिशतता ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
AgBr का आण्विक द्रव्यमान = 108 + 80 = 188 g mol-1
188 g AgBr में उपस्थित ब्रोमीन = 80 g
0.12 g AgBr में उपस्थित ब्रोमीन = \(\frac { 80×0.12×100 }{ 188×0.15 }\) = 34.04%