Haryana State Board HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 14 पर्यावरणीय रसायन Important Questions and Answers.
Haryana Board 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 14 पर्यावरणीय रसायन
बहुविकल्पीय प्रश्न:
1. निम्न में से वायु प्रदूषण का प्राकृतिक स्रोत है-
(1) मोटर वाहन
(2) जंगल की आग
(2) खनन कार्य
(4) युद्ध।
उत्तर:
(2) जंगल की आग
2. निम्न में से ग्रीन हाउस गैस नहीं है-
(1) कार्बन डाइ-ऑक्साइड
(2) मेथेन
(3) फॉस्जीन
(4) नाइट्रस ऑक्साइड।
उत्तर:
(3) फॉस्जीन
3. ओजोन परत के अपक्षय से सम्बन्धित निम्न में से कौन-सा प्रभाव सही नहीं है?
(1) त्वचा कैंसर होना
(2) पेड़-पौधों में प्रकाश-संश्लेषण की दर में वृद्धि
(3) ध्रुवीय बर्फ का पिघलना
(4) आनुवंशिक लक्षणों में परिवर्तन।
उत्तर:
(4) आनुवंशिक लक्षणों में परिवर्तन।
4. प्राकृतिक वायु में ऑक्सीजन की मात्रा-
(1) कार्बन डाइ-ऑक्साइड से कम परन्तु नाइट्रोजन से अधिक होती है
(2) मेथेन से अधिक परन्तु हाइड्रोजन से कम होती है
(3) जल वाष्प से कम परन्तु आर्गन से अधिक होती है
(4) हीलियम और आर्गन से अधिक परन्तु नाइट्रोजन से कम होती है।
उत्तर:
(4) हीलियम और आर्गन से अधिक परन्तु नाइट्रोजन से कम होती है।
5. निम्न में से जल का सर्वाधिक शुद्ध स्रोत है-
(1) तालाब का जल
(2) झरने का जल
(3) नदी का जल
(4) पर्वतों पर जमी बर्फ।
उत्तर:
(4) पर्वतों पर जमी बर्फ।
6. औद्योगिक बहि: स्राव से प्रभावित होंगे-
(1) भूमि, जल स्रोत तथा वायु
(2) भूमि तथा जल स्रोत
(3) जल स्रोत तथा वायु
(4) वायु तथा भूमि।
उत्तर:
(1) भूमि, जल स्रोत तथा वायु
7. वायुमण्डल के कौन-से भाग में मौसमी परिवर्तन होते हैं ?
(1) क्षोभमण्डल
(2) समतापमण्डल
(3) आयनमण्डल
(4) मध्यमण्डल।
उत्तर:
(1) क्षोभमण्डल
8. एक मनुष्य 24 घण्टे में कितनी बार साँस लेता है?
(1) 2200 बार लगभग
(2) 22,000 बार लगभग
(3) 12000 बार लगभग
(4) 28,0000 बार लगभग।
उत्तर:
(2) 22,000 बार लगभग
9. किस गैस की उपस्थिति में हीमोग्लोबिन की ऑक्सीजन वहन क्षमता की कमी हो जाती है ?
(1) SO2
(2) NO2
(3) CO
(4) इनमें से सभी।
उत्तर:
(3) CO
10. प्रकाश रासायनिक कोहरे का मुख्य अवयव कौन-सा है ?
(1) NO
(2) N2
(3) O2
(4) इनमें से सभी।
उत्तर:
(1) NO
11. आँखों में जलन मुख्यतया इस गैस की वजह से होती है-
(1) HCN
(2) COCl2
(3) NH3
(4) H2
उत्तर:
(4) H2
12. ओजोन परत में क्षरण का कारण है-
(1) CFCs का प्रयोग
(2) क्लोरोफॉर्म का प्रयोग
(3) हैलोजेन का प्रयोग
(4) इनमें से सभी।
उत्तर:
(4) इनमें से सभी।
13. निम्न में से कौन-सी गैस तीव्रता से हीमोग्लोबिन से संयोग करती है ?
(1) CO
(2) CO2
(3) NO
(4) NO2
उत्तर:
(1) CO
14. ओजोन परत पृथ्वीवासियों को संरक्षित करती है-
(1) UV किरणों से
(2) IR किरणों से
(3) कॉस्मिक किरणों से
(4) लेसर किरणों से।
उत्तर:
(1) UV किरणों से
15. वायु प्रदूषण कम किया जा सकता है-
(1) जल छिड़ककर
(2) यूरो मानक के वाहनों का प्रयोग करके
(3) हरे पेड़ लगाकर
(4) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(4) उपर्युक्त सभी।
16. मार्बल उद्योग को प्रमुख सिंक (Sink) माना गया है।
(1) अम्ल वर्षा का
(2) भूकम्प का
(3) धात्विक प्रदूषण का
(4) चक्रवात का।
उत्तर:
(1) अम्ल वर्षा का
17. सबसे अधिक प्रदूषण उत्पन्न करती है-
(1) CH4
(2) C2H6
(3) C3H8
(4) C4H10
उत्तर:
(1) CH4
18. पर्यावरण के क्षेत्र में सन् 2005 में नोबेल पुरस्कार विजेता घोषित किया गया-
(1) येज चाउविन
(2) आर. एच. ग्रुब्स
(3) आर. आर. श्रोक
(4) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(4) उपर्युक्त सभी।
अति लयु उत्तरीय प्रश्न:
प्रश्न 1.
पर्याबरण शब्द का अर्थ क्या है ?
उत्तर:
पर्यावरण दो शब्द्धों से मिलकर बना है-परि + आवरण। परि का अर्थ है-चारों और से एवं आवरण का अर्थ है घेरना। अर्थात् पर्यावरण शब्द का अर्थ है-चार्यों ओर से घेरना।
प्रश्न 2.
पर्यांवरण के मुख्य दो प्रकार कौन-से हैं ?
उत्तर:
पर्यावरण मुख्यतया दो प्रकार के होते है-
- भौतिक पर्यावरण,
- जैविक पर्यावरण।
प्रश्न 3.
प्राकृतिक वायु में कौन-सी गैसें पायी जाती हैं ?
उत्तर:
प्राकृतिक बायु में नाइट्रोजन (78%), औक्सीजन (21%), कार्बन डाह-ऊँक्साइड (0.3%) तथा शेष निष्किय गैसें पायी जाती हैं।
प्रश्न 4.
जल प्रदूषण करने चाले पदार्थौ को किन चार भागों में बाँटा जा सकता है ?
उत्तर:
जल प्रदृषण करने बाले पदार्थों को निम्नलिखित चार भागों में बाँटा जा सकता है-
- औदोगिक पदार्थ,
- वाहित मल,
- मृत शरीर एवं जीव,
- खनन एवं परिवहन।
प्रश्न 5.
प्रदूषण की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
वायु, जल तथा भूमि में उन अवांछित और अत्यधिक पदायों का इकट्डा हो जाना जिनसे प्राकृतिक पर्यावरण में प्रतिकूल परिवर्तन आ जाते हैं, प्रदूषण कहलाता है।
प्रश्न 6.
प्रदूघण किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह पदार्थ या कारक जिसके कारण वायु, भूमि तथा जल के भौतिक, रासायनिक तथा औैविक लक्षणों में अवांछित परिवर्तन हो, प्रदूषण कहलाता है।
प्रश्न 7.
ओजोन अवक्षय के हानिकारक प्रभाव क्या होते हैं?
उत्तर:
ओजोन परत के छास से सूर्य की पराबँंगनी किरणों ( विकिरण) के अधिक मात्रा में पृथ्वी पर पहुँचने से औँखों तथा प्रतिरकी तन्त्र को क्षति होती है। इनके अतिरिक्त त्वबा का कैसर भी ओजोन अवक्षय का दुष्परिणाम है।
प्रश्न 8.
पेयजल के तीन लक्षण लिखिए।
उत्तर:
- पेयजल पारदर्शी, रंगहीन तथा गन्धहीन होना चाहिए।
- पेयजल में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन गैस घुली होनी चाहिए।
- पेयजल हानिकारक रासायनों तथा जीवाणुओं से मुक्त होना चाहिए।
प्रश्न 9.
ओजोन परत को कौन-से रसायन नष्ट करते हैं ?
उत्तर:
मुख्यतः वातानुकूलित यन्त्रों, अग्निशामकों, विलायकों आदि के रूप में प्रयुक्त होने वाले रसायन जैसे-क्लोरो-फ्लुओरो कार्बन, हैलोजेन, क्लोरोफॉर्म, NO आदि रसायन ओजोन परत को नष्ट करते हैं।
प्रश्न 10.
स्मॉग किन अवयवों से मिलकर बनता है ?
उत्तर:
स्मॉंग मुख्यतया धुआँ (Smoke) और कोहरा (Fog) का सम्मिलित रूप है।
प्रश्न 11.
अम्ल वर्षा के लिए कौन-से वायु प्रदूषक उत्तरदायी होते हैं?
उत्तर:
अम्ल वर्षा के लिए मुख्यतया कार्बन, नाइट्रोजन एवं सल्फर के ऑक्साइड जो कि वायुमण्डल में पाए जाते हैं, उत्तरदायी होते हैं।
प्रश्न 12.
मुख्य औद्योगिक वायु प्रदूषक कौन से हैं?
उत्तर:
उद्योगों से निकलने वाले धुएँ में मुख्यतया कार्बन मोनोक्साइड, सल्फर डाइ ऑक्साइड, नाइट्रोजन के ऑक्साइड, वायु प्रदूषक के रूप में पाए जाते हैं।
प्रश्न 13.
दो गैसों के नाम लिखिए, जिनकी वायु में उपस्थिति ग्रीन हाउस प्रभाव देती है?
उत्तर:
CH2 एवं CO2
प्रश्न 14.
क्षोभमण्डल में पाई जाने वाली दो मुख्य गैसों के नाम लिखिए।
उत्तर:
नाइट्रोजन एवं ऑक्सीजन।
प्रश्न 15.
पृथ्वी के वायुमण्डल को कितने भागों में बाँटा जा सकता है? उनके नाम भी लिखिए।
उत्तर:
पृथ्वी के वायुमण्डल को मुख्यतः चार भागों में बाँटा जा सकता है-
- ओभमण्डल
- समतापमण्डल
- मध्यमण्डल
- आयनमण्डल
प्रश्न 16.
वायु प्रदूषण के कारण कौन-कौन सी बीमारी हो जाती है?
उत्तर:
वायु प्रदूषण के कारण श्वसन नली एवं फेफड़ों में जलन, छती में जकड़न, गले की खराश, टी.बी., अस्थमा आदि बीमारियाँ जन्म होती हैं।
प्रश्न 17.
पेट्टोल के दहन से निकला हुआ धुआँ खतरनाक होता है, क्यों ?
उत्तर:
पेट्रोल के दहन से निकलने वाले धुएँ में उपस्थित सीसे के कण लकवा, दमा, हड्डियों को गलाना एवं मस्तिष्क रोग सम्बन्धी बीमारियों का कारण होते है, इसलिए पेट्रोल से निकला धुआँ खतरनाक होता है।
प्रश्न 18.
रासायनिक दृष्टि से पूर्णतः शुद्ध जल में क्या छ्केता है?
उत्तर:
रासायनिक दृष्टि से पूर्णंतः शुद्ध जल में दो भाग हाइड्रोजन एवं एक भाग और्सीजन होती है।
प्रश्न 19.
राजस्थान में दो स्थान जहाँ कपड़ा रंगाई उद्योग के कारण वहाँ का भूमिगत जल भी रंगीन हो गया है, कौन से हैं ?
उत्तर:
पाली एवं बालोतरा।
प्रश्न 20.
‘मलिन-जल’ किसे कहते हैं ?
उत्तर:
घरेलू अपशिष्ट पदाधों से युक्त जल ‘मलि-जल’ कहलाता है।
प्रश्न 21.
बी. ओ, डी, क्या है ?
उत्तर:
बी. ओ. ही. जल में विलेय ऑक्सीजन की वह मात्रा है जो सूर्म जीवों द्वारा कार्बनिक एवं अकार्बनिक यौगिकों को ऑक्सीकृत करने के लिए आवश्यक होती है।
प्रश्न 22.
ओजोन परत का क्या कार्य है ?
उत्तर:
ओजोन परत पृथ्वी के चारों ओर एक रक्षा कवच का कार्य करती है। यह सूर्य की पराबँगनी किरणों से पृथ्वी को बचाती है।
प्रश्न 23.
वायु प्रदूषण रोकने के लिए मोटर वाहनों में पेट्रोल व डीजल की जगह क्या प्रयोग हो रहा है ?
उत्तर:
वायु प्रदूषण रोकने के लिए मोटर वाहनों में पेट्रोल व डीजल की जगह सम्पीडित प्राकृतिक गैस (CNG) का प्रयोग हो रहा है।
प्रश्न 24.
ऐसे दो प्रदूषकों के नाम लिखो, जिनमें सल्फर होती है और वे वायु में उपस्थित रहते हैं।
उत्तर:
H2S, SO3
प्रश्न 25.
क्या होगा यदि CO2 वातावरण से खत्म हो जाये ?
उत्तर:
यदि CO2 खत्म हो जायेगी तो पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया नहीं कर सकेंगे। इससे ऑक्सीजन भी उत्पन्न नहीं होगी।
प्रश्न 26.
जीवाश्म ईंधन किस प्रकार का प्रदूषण उत्पन्न करता
उत्तर:
वायु प्रदूषण।
प्रश्न 27.
हरे पौधे प्रकाश ऊर्जा को किसमें परिवर्तित कर देते हैं।
उत्तर:
हरे पौधे प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित कर देते हैं।
प्रश्न 28.
जल प्रदूषण किस बीमारी को उत्पन्न करता है।
उत्तर:
हैजा, पेचिश, टाइफॉइड, आँतों का अल्सर आदि।
प्रश्न 29.
दो जैव व दो अजैव निम्नीकरण प्रदूषकों का नाम लिखें?
उत्तर:
जैव निम्नीकरण प्रदूषण-घर का कूड़ा-करकट, मल-मूत्र। अजैव निम्नीकरणी प्रदूषण-प्लास्टिक, पीडकनाशक।
प्रश्न 30.
जल प्रदूषक का ‘बिन्दु स्रोत’ क्या है।
उत्तर:
जो स्रोत जल प्रदूषकों को सीधे ही जल में प्रवाहित कर देते है, उन्हें बिन्दु स्रोत कहते हैं।
प्रश्न 31.
पुन:चकण किये जा सकने वाले पदार्थ लिखें।
उत्तर:
- प्लास्टिक,
- धातु,
- पॉलीथीन।
प्रश्न 32.
रासायनिक यौगिकों के नाम बताओ जो ओजोन पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।
उत्तर:
क्लोरोफ्लुओरो कार्बन, NO2 आदि।
प्रश्न 33.
उन गैसों के नाम लिखों जो अम्लीय वर्षा के कारक हैं।
उत्तर:
CO3, NO2, SO2, SO3.
प्रश्न 34.
वातावरण में धूल कणों की प्रशितता बढ़ने से पृथ्वी के ताप पर क्या प्रभाव पड़ता है।
उत्तर:
ताप बढ़ जाता है।
लयु उत्तरीय प्रश्न:
प्रश्न 1.
वायु प्रदूषण के मुख्य स्त्रोत कौन-से हैं ?
उत्तर:
वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोत (Main Sources of Air Pollution)-वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोत निम्नलिखित हैं-
- ज्वालामुखी विस्फोट से निकलने वाली गैसों (विषैली) व धूल से वायु प्रदूषित होती है।
- उद्योगों से निकलने वाला धुँआ जो कि विषैली गैसों जैसेकार्बन मोनोक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, अमोनिया व मेथेन आदि का मिश्रण होता है, वायु प्रदूषण फैलाता है।
- जनसंख्या वृद्धि व वनों का विनाश भी वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है।
- रेडियो समस्थानिकों का बढ़ता उपयोग।
- मोटर वाहनों से निकलने वाला धुँआ एवं तीव्र औद्योगीकरण।
- खेती में कीटनाशकों एवं रासायनों का बढ़ता उपयोग।
प्रश्न 2.
पर्यावरण प्रदूषण की परिभाषा और प्रकार लिखिए।
उत्तर:
पर्यावरण प्रदूषण की परिभाषा-पर्यावरण प्रदूषण का शाब्दिक अर्थ है-पर्यावरण का दूषित होना या खराब होना। मनुष्य के क्रियाकलापों के कारण पर्यावरण में विनाशकारी अवांछित तत्व फैल जाते हैं, जो कि पर्यावरण के भौतिक एवं सजीव घटक दोनों के लिए हानिकारक होते हैं। पर्यावरण प्रदूषण फैलाने वाला कोई भी पदार्थ पर्यावरण प्रदूषक कहलाता है। पर्यावरण प्रदूषण वर्तमान विश्व के लिए एक कठिन समस्या है, जिसे सुलझाना अत्यन्त आवश्यक है। पर्यावरण प्रदूषण निम्न प्रकार का होता है-
(i) वायु प्रदूषण, (ii) जल प्रदूषण, (iii) भूमि प्रदूषण।
- वायु प्रदूषण-वायु के नैसर्गिक गुण में आने वाला परिवर्तन जिससे जीवधारियों और पेड़-पौधों को हानि पहुँचती है, उसे वायु प्रदूषण (Air pollution) कहते हैं।
- जल प्रदूषण-जल के अन्दर अपशिष्ट पदार्थ मिलने तथा प्राणियों के मृत शरीर एवं अन्य मानवीय गतिविधियों के कारण जल के गुणों में होने वाला परिवर्तन जल प्रदूषण (Water pollution) कहलाता है।
प्रश्न 3.
औद्योगिक बहिःस्त्राव क्या होता है तथा यह पर्यावरण को किस प्रकार प्रदूषित करता है ?
उत्तर:
औद्योगिक बहि:स्राव-उद्योगों में प्रयोग होने वाले जल को, उपयोग होने के बाद उद्योग परिसर से बाहर बहा देते हैं। प्रयोग के दौरान जल में रासायनिक पदार्थ मिल जाते हैं। यह प्रदूषित जल औद्योगिक बहिःस्राव कहलाता है। यह औद्योगिक बहि:साव उद्योग परिसर से बाहर निकलकर जल स्रोत, भूमि तथा वायु को प्रदूषित करता है। औद्योगिक बहि:स्राव में कार्बनिक तथा अकार्बनिक यौगिक मिले होते हैं।
रंगाई एवं वस्त्र उद्योग, कागज उद्योग, इस्पात उद्योग, चमड़ा उद्योग आदि से निकलने वाले बहिः-साव में अनेक हानिकारक पदार्थ पाए जाते हैं। इन हानिकारक पदार्थों में से अधिकांश का विघटन नहीं होता है जिससे यह जल को भारी मात्रा में प्रदूषित करते हैं। समुद्रों के किनारे स्थित उद्योगों के बहिःस्राव से समुद्री जल भी प्रदुषित होता है।
प्रश्न 4.
जल प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय क्या हैं? संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:
जल प्रदूषण की रोकथाम निम्नलिखित उपाय अपनाने से की जा सकती है-
- औद्योगिक बहि:स्राव को बिना उपचार के पानी में न बहाने से।
- उद्योगों की स्थापना आबादी वाले इलाकों से दूर करने पर।
- जल का अनावश्यक उपयोग न करें, साबुन एवं अपमार्जकों का प्रयोग कम करें।
- मृत जीवों को नदी में न डाला जाए।
- जल प्रदूषण नियन्त्रण सम्बन्धी कानूनों का सख्ती से पालन किया जाए।
- जल की पाइप लाइन को, सीवेज लाइन से दूर रखा जाए।
प्रश्न 5.
भूमि प्रदूषण मानव जीवन को किस प्रकार प्रभावित करता है ?
उत्तर:
भूमि प्रदूषण का मानव जीवन पर प्रभाव-भूमि प्रदूषण न केवल मिट्टी की गुणवत्ता पर प्रभाव डालता है, बल्कि भूमि में पाए जाने वाले जीव-जन्तुओं, मानव जीवन एवं वनस्पति पर भी प्रभाव डालता है। भूमि प्रदूषित होने के कारण उसमें पायी जाने वाली फसलें भी हानिकारक पदार्थ भूमि से ग्रहण कर लेती हैं। यह फसलें हानिकारक पदार्थों को मानव तक पहुँचा कर अनेक रोगों को जन्म देती हैं।
उदाहरणार्थ – क्लोरीन युक्त हाइड्रोकार्बन (DDT) जल में अपघटित नहीं होते तथा जल एवं खनिजों के अवशोषण के साथ में प्रदूषक पौधे के शरीर में पहुँच जाते हैं। यह प्रदूषक खाद्य श्रृंखला में प्रविष्ट होकर मानव शरीर तक पहुँच जाते हैं तथा अनेक रोगों को जन्म देते हैं। भूमि प्रदूषण के कारण भूमि की उर्वरा शक्ति घट जाती है। इससे उत्पादन में भारी कमी आ जाती है।
प्रश्न 6.
वायुमण्डल में नाइट्रोजन और उसके ऑक्साइडों द्वारा की जाने वाली रासायनिक अभिक्रियाओं का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वायुमण्डल में नाइट्रोजन और उसके ऑक्साइडों द्वारा की जाने वाली रासायनिक अभिक्रियाएँ निम्नलिखित हैं-
(1) वायुमण्डल में पायी जाने वाली नाइट्रोजन और ऑक्सीजन उच्च ताप (>1210°C) पर क्रिया करके नाइट्रिक ऑक्साइड बनाती है।
N2 → N + N
N + O2 → NO + O
(2) प्राप्त नाइट्रिक ऑक्साइड, O2 तथा O3 से ऑक्सीकृत होकर नाइट्रोजन हाइ-ऑक्साइड बनाती है जो अत्यन्त विषैली होती है।
2NO + O2 → 2NO2
NO + O3 → NO2 + O2
\(\mathrm{NO}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{NO}+\mathrm{O}\)
(3) NO2 जल से क्रिया करके नाइट्रिक अम्ल बनाती है।
2NO2 + H2O → HNO3 + HNO2
(4) NO2 प्रकाश अपघटन की क्रिया द्वारा ओजोन बनाती है।
\(\mathrm{NO}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{NO}+\mathrm{O}\)
O + O2 → O3
प्रश्न 7.
स्मॉंग किस प्रकार बनता है तथा इसके कुप्रभाव क्या हैं?
उत्तर:
साधारणतया स्मॉग (Smog), धुँआ (Smoke) एवं कुहरे से मिलकर बना होता है। स्मॉग मुख्यतया दो प्रकार का होता है(i) अपचायक स्मॉग, (ii) ऑक्सीकारक स्मॉग।
(1) अपचायक स्मॉंग-जब SO2, अमोनियम सल्फेट आदि धुएँ एवं कोहरे के साथ मिलकर स्मॉग बनाते हैं, इसे अपचायक स्मॉग कहते हैं।
2SO2 + O2 → 2SO3
SO3 + H2O → H2SO4
प्रभाव-(i) अपचायक स्मॉग मानव स्वास्थ्य एवं वनस्पति पर विपरीत प्रभाव डालता है।
(ii) अपचायक स्मॉग से धातुओं का संक्षारण (Corrosion) होता है।
(2) ऑक्सीकारक स्मॉग-जब नाइट्रोजन के ऑक्साइड तथा हाइड्रोकार्बन धुएँ व कोहरे के साथ सम्मिलित होते हैं, तो इसे ऑक्सीकारक स्मॉग कहते हैं।
N2 + O2 → 2NO
2NO + O2 → 2NO2
\(\mathrm{NO}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{NO}+\mathrm{O}\)
प्रभाव-
- यह हानिकारक कार्बनिक रासायनिक पदार्थ बनाते हैं, जो आँखों में जलन उत्पन्न करते हैं।
- यह पदार्थ श्वसन वन्त्र के लिए भी हानिकारक हैं।
- यह स्मॉग बनस्पतियों पर विपरीत प्रभाव डालता है।
प्रश्न 8.
अम्ल बर्षा का क्या अर्घ है तथा यह पर्यावरण प्रदूषण को किस प्रकार प्रभावित करती है?
उत्तर:
अम्ल वर्षा (Acid Rain)-वायु में पायी जाने वाले सल्फर एवं नाइट्रोजन के औक्साइड, वर्षा के जल में विलेय होकर वर्षा के जल को अम्लीय बना देते हैं। इस जल का वर्षा के रूप में पृथ्वी पर आना अम्ल वर्षा (Acid rain) कहलाता है। इस वर्षा के जल का pH मान लगभग 4.5 से 3.5 के मध्य होता है।
H2O + CO2 → H2CO3
\(\mathrm{H}_2 \mathrm{CO}_3 \rightleftharpoons 2 \mathrm{H}^{+}+\mathrm{CO}_3^{2-}\)
अम्ल वर्षा के प्रभाव – अम्ल बर्घा सजीव एवं निज्जीव पदायों पर विपरीत प्रभाव डालती है। अम्ल वर्षी के कारण भूमि की उर्वरा शक्ति क्षीज हो जाती है, क्योंकि जमीन में अम्लीयता बक जाती है। अम्ल वर्षा संगमरमर तथा चूने के पत्थर द्वारा बनी हृम्नारतों का क्षरण करती है क्योंकि H2SO4 तथा HNO3 दोनों ही CaCO3 को घोलकर क्रमशः कल्शियम सल्फेट तथा कैल्शिखम नाइट्रेट बनाते हैं।
प्रश्न 9.
वायुमण्डल में ओजोन परत का अपक्षय करने वाली रासायनिक अभिक्रियाओं को समझाइए।
उत्तर:
वायुमण्डल में ओजोन परत के अपक्षय के लिए क्लोरो-फ्लुओरो कार्वन (CFCs) गैसे उत्तरदायी हैं, जो कि मानव द्वारा ही निम्मित हैं। क्लोरो-फ्लुओरो कार्बन का उपयोग रेफीजरेटरों, वातानुकूल संयन्त्रों आदि में किया जाता है। ओजोन परत के अपक्षाय में निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रियाएँ होती हैं-
(i) \(\mathrm{CF}_2 \mathrm{Cl}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \cdot \mathrm{Cl}+\cdot \mathrm{CF}_2 \mathrm{Cl}\)
(ii) O3 + .Cl → .ClO + O2
(iii) .ClO + O → .Cl + O2
अत: क्रियाओं से स्पष्ट है कि क्लोरो-फ्लोरो कार्बन से उत्पादित क्लोरीन मूलक, ओजोन के कई अणुओं को नष्ट कर सकता है। सुपरसोनिक वायुयानों से निकली नाइट्रिक ऑक्साइड भी ओजोन परत में पहुँचकर उसे नष्ट कर देती है।
NO + O3 → NO2 + O2
प्रश्न 10.
औद्योगिक वायु प्रदूषण के मुख्य कारणों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
औद्योगिक वायु प्रदूषण के मुख्य कारण निम्नलिखित है-
(1) ईंधन दहन-ईधन दहन से निकलने वाले गैसीय पदार्थ, जैसे-सल्फर के ऑक्साइड, कार्बन के ऑक्साइड, ऐल्डिहाइड, अम्ल, वायु प्रदूषण उत्पन्न करते हैं।
(2) औद्योगिक प्रक्रम-औद्योगिक प्रक्रमों में उत्पादन के लिए होने वाली भौतिक एवं रासायनिक क्रियाओं से निकलने वाले गैसीय उत्पाद व कणीय पदार्थ, वायु प्रदूषण का कारण होते हैं।
(3) औद्योगिक चिमनियों द्वारा प्रदूषण-उद्योगों एवं कारखानों की चिमनियों द्वारा अनेक हानिकारक गैसें व कणीय पदार्थ वायुमण्डल में छोड़े जाते हैं, जो कि वायु को प्रदूषित करते हैं। उदाहरण- CO, NO2, HCHO, गैसोलीन, CO2, SO2 इत्यादि।
(4) रेडियोधर्मी पदार्थों द्वारा वायु प्रदूषण-आण्विक हथियारों के परीक्षण के फलस्वरूप निकलने वाले रेडियोधर्मी पदार्थ वायुमण्डल को दूषित करते हैं। α, β, γ -विकिरण समस्त जीवधारियों के लिए अत्यन्त हानिकारक हैं।
(5) यातायात के साधन-यातायात के लिए प्रयुक्त होने वाले मोटर वाहनों के कारण भी वायुमण्डल में हानिकारक गैसें निकलती हैं, जो कि वायु को प्रदूषित करती हैं।
प्रश्न 11.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिष्णी लिखिए-
(क) क्षोभमण्डल
(ख) समतापमण्डल
उत्तर:
(क) क्षोभमण्डल-क्षोभमण्डल, वायुमण्डल की सबसे निचली परत है। क्षोभमण्डल समुद्र तल से 10 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। कोभमण्डल में ही नाइट्रोजन व ऑक्सीजन आदि कई गैसें पाई जाती हैं। मौसम में होने वाले सभी परिवर्तन इसी क्षोभमण्डल में होते हैं।
(ख) समतापमण्डल-वायुमण्डल में क्षोभमण्डल के बाद दूसरी परत समतापमण्डल है। समतापमण्डल समुद्र तल से 10 से 50 किमी तक ऊँचाई में फैला होता है। समतापमण्डल में ऊँचाई बढ़ने के साथ-साथ तापमान में भी वृद्धि होती है। सम्पूर्ण जल वाष्प एवं वायु का लगभग 80 प्रतिशत द्रव्यमान इस परत में पाया जाता है। ओजोन परत भी समतापमण्डल में पाई जाती है। समतापमण्डल में ओजोन परत सूर्य की पराबँंगनी किरणों को अवशोषित कर लेती हैं। समतापमण्डल में प्रदूषकों के पहुँचने के कारण ही ओजोन परत का क्षरण होता है।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए-
(क) जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (बी. ओ. डी.)
(ख) रासायनिक ऑक्सीजन आवश्यकता (सी. ओ. डी.)
उत्तर:
(क) जीव रसायनी ऑक्सीजन आवश्यकता:
कार्बनिक एवं अकार्बनिक यौगिकों की प्रचुर मात्रा प्रदूषित -में उपलब्ध रहती है। जल में विलेय ऑक्सीजन के द्वारा सूक्ष्म जीव की उपस्थिति में यौगिक ऑक्सीकृत हो जाते हैं। अतः “जल में विलेय ऑक्सीजन की वहमात्रा जो सूक्ष्म जीवों द्वारा कार्बनिक एवं अकार्बनिक यौगिकों को ऑक्सीकृत करने के लिए आवश्यक होती है। उस जः की जैव रासायनक ऑक्सीजन मांग कहलाती है।”
(ख) रासायनिक ऑक्सीजन आवश्यकता (सी. ओ. डी.):
रासायनिक ऑक्सीजन आवश्यकता ज्ञात करने के लिए जल की ऑक्सीकारक की ज्ञात मात्रा से अभिक्रिया कराते हैं। यह ऑक्सीकारक 2 सभी कार्बनिक एवं अकार्बनिक यौगिकों को ऑक्सीकृत कर देता है। अपशिष्ट K2C2O7 को मोहर लवण द्वारा अनुमानित कर लेते हैं। इस क्रिया में प्रयुक्त K2C2O7 से ऑक्सीकरण के लिए उपयोग की गई ऑक्सीजन की मात्रा की गणना करते हैं। यह मान जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (सी. ओ. डी.) कहलाती है।
प्रश्न 13.
वायुमण्डल में सल्फर और उसके ऑक्साइडों द्वारा की जाने वाली रासायनिक अभिक्रियाओं का संक्षिप्त वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
वायुमण्डल में सल्फर और उसके ऑक्साइडों द्वारा की जाने वाली रासायनिक अभिक्रियाएँ निम्नलिखित हैं-
(i) SO2 स्वयं एक हानिकारक प्रदूषक है। SO2 प्रकाश की उपस्थिति में ऑक्सीकृत होकर SO3 में बदल जाता है।
\(2 \mathrm{SO}_2+\mathrm{O}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} 2 \mathrm{SO}_3\)
(ii) SO3, जल के साथ अभिक्रिया करके सल्फ्यूरिक अम्ल का निर्माण करती है।
SO3 + H2O → H2SO4
(iii) यह सल्फ्यूरिक अम्ल, अमोनिया के साथ क्रिया करके अमोनियम सल्फेट में बदल जाता है।
H2SO4 + 2NH3 → (NH4)2SO4
H2SO4 बनने के कारण अम्लीय वर्षा होती है। SO2 धुएँ के कण, (NH4)2SO4 तथा जल कोहरे के साथ मिलकर स्मॉग तैयार करते हैं।
प्रश्न 14.
वायुमण्डल के मुख्य प्रदूषकों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
वायुमण्डल के मुख्य प्रदूषणों के नाम निम्नलिखित हैं-
(i) सल्फर के ऑक्साइड – सल्फर के ऑक्साइड SO2, SO, मुख्य हानिकारक वायु प्रदूषक हैं। सल्फर के ऑक्साइड आँखों एवं श्वसन तंत्र के लिए हानिकारक होते हैं तथा इन्हीं ऑक्साइड के कारण अपचायक धूम्र का निर्माण होता है।
(ii) नाइट्रोजन के ऑक्साइड – नाइट्रोजन के ऑक्साइड NO तथा NO2 हैं। ये ऑक्साइड हानिकारक प्रकाश रासायनिक धूम्र उत्पन्न करते हैं।
(iii) कार्बन के ऑक्साइड कार्बन के प्रमुख ऑक्साइड CO तथा CO2 हैं। CO एक प्राणघातक गैस है क्योंकि CO हीमोग्लोबिन के साथ संयोग करके ऑक्सीजन के परिवहन में रूकावट उत्पन्न करती है। CO पेड़-पौधों पर भी हानिकारक प्रभाव डालती है।
(iv) हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S) – H2S के कारण आँखों और गले में जलन पैदा होती है।
(v) हाइड्रोजन सायनाइड (HCN ) – HCN शरीर की तंत्रिका कोशिकाओं पर बुरा प्रभाव डालती है।
(vi) फॉस्जीन – फॉस्जीन खाँसी तथा जलन उत्पन्न करती है। फॉस्जीन की अत्यधिक मात्रा अत्यन्त घातक होती है।
(vii) अमोनिया – अमोनिया श्वास सम्बन्धी रोगों को उत्पन्न करती हैं।
(vii) कणीय पदार्थ – कणीय पदार्थ आपस में मिलकर धुंध बनाते हैं, जिसके कारण वातावरण में स्पष्ट रूप से देखने में गतिरोध पैदा होता है।
प्रश्न 15.
क्षोभमण्डल में होने वाली सभी अभिक्रियायें लिखिए ।
(1) क्षोभमण्डल में होने वाली रासायनिक क्रियाएँ – पृथ्वी से वायुमण्डल की पहली परत क्षोभमण्डल है। क्षोभमण्डल में बिजली का चमकना तथा तूफानों का आना, ग्लोबल वार्मिंग एवं ग्रीन हाउस प्रभाव आदि क्रियाएँ होती हैं।
(a) नाइट्रोजन ऑक्साइडों से अभिक्रियाएँ-
(i) वायुमण्डल में पाए जाने वाली ऑक्सीजन एवं नाइट्रोजन उच्च ताप पर संयोग करके नाइट्रिक ऑक्साइड बनाती है।
N2 → N + N
N + O2 → NO + O
(ii) यह NO, O2 तथा O3 द्वारा शीघ्रता से ऑक्सीकृत होकर NO2 का निर्माण करती है।
2NO + O2 → 2NO2
NO + O3 → NO2 + O2
(iii) NO2, जल से अभिक्रिया करके नाइट्रिक अम्ल बनाती है।
2NO2 + H2O → HNO3 + HNO2
(iv) NO2, प्रकाश अपघटित होकर ओजोन का निर्माण भी करती
\(\mathrm{NO}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{NO}+\mathrm{O}\)
O + O2 → O3
(b) SO2 की अभिक्रियाएँ-
(i) SO2 सबसे हानिकारक गैसीय प्रदूषक है। यह स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालती है। SO2 ऑक्सीकृत होकर SO3 में बदल जाती है।
\(2 \mathrm{SO}_2+\mathrm{O}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} 2 \mathrm{SO}_3\)
(ii) जल द्वारा अभिक्रिया कर SO3 सल्फ्यूरिक अम्ल बनाती है जो अमोनिया से क्रिया करके उसे अमोनियम सल्फेट में बदल देता है।
SO3 + H2O → H2SO4
H2SO4 + 2NH3 → (NH4)2SO4
प्रश्न 16.
समतापमण्डल में होने वाली सभी अभिक्रियाएँ लिखिए । साथ ही मध्य एवं आयन मण्डल में होने वाली अभिक्रियाएँ भी लिखें?
उत्तर:
(1) समतापमण्डल (Stratophere) में होने वाली रासायनिक अभिक्रियाएँ – क्षोभमण्डल के ऊपर वाला भाग समताप मण्डल है। इसमें ऑक्सीजन का प्रकाश रासायनिक (Photochemical) विघटन होता है। समतापमण्डल में होने वाली अभिक्रियाएं निम्न प्रकार है-
(i) परमाण्वीय ऑक्सीजन से ओजोन का निर्माण होता है।
O2 → O + O
O + O2 → O3
(ii) पृथ्वी से प्राप्त होने वाले प्रदूषण जैसे- क्लोरोफ्लुओरो कार्बन (CFCs) ओजोन परत का अपक्षय करते हैं।
\(\mathrm{CF}_2 \mathrm{Cl}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{CF}_2 \mathrm{Cl}+\mathrm{Cl}\)
Cl + O3 → ClO + O2
ClO + O3 → ClO2 + O2
ClO + O → Cl + O2
(2) मध्य मण्डल एवं आयन मण्डल में होने वाली रासायनिक अभिक्रियाएँ पृथ्वी के 85 km और उससे ऊपर \(\mathrm{O}_2^{+}\), O+, NO+, \(\mathrm{N}_2^{+}\) आदि आयन पाए जाते हैं। इन आयनों के मध्य होने वाली अभिक्रियाएँ निम्नलिखित है-
\(\mathrm{NO} \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{NO}^{+}+e^{-}\)
\(\mathrm{O}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{O}_2^{+}+e^{-}\)
\(\mathrm{N}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{N}_2^{+}+e\)
\(\mathrm{O} \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{O}^{+}+e^{-}\)
N2 + O+ → NO+ + N
NO+ + e– → N + O
N2+ + O → NO+ + N
N2+ + O2 → N2 + O2+
प्रश्न 17.
स्मॉग क्या होता है? इसको किस प्रकार वर्गीकृत किया गया है ? स्मॉग के दुष्प्रभाव क्या हैं ?
उत्तर:
स्मॉग (Smog) कोहरा (fog) एवं धुआँ (smoke) का मिश्रित रूप ही धूम्र होता है बड़े शहरों एवं औद्योगिक नगरों में प्रदूषण धूम्र के ही रूप में होता है।
धूम्र का वर्गीकरण (Classification of Smog)
संरचना की दृष्टि से धूम्र को मुख्यतया दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-
(i) सामान्य धूम्र या अपचायक धूम्र
(ii) प्रकाश रासायनिक या ऑक्सीकारक धूम्र
(i) सामान्य धूम्र या अपचायक धूम्र– यह स्मॉग ठण्डी एवं नम जलवायु में पाया जाता है। इस धूम्र के बनने का कारण है-ईंधन दहन के फलस्वरूप प्राप्त हुई SO2 की सान्द्रता में वृद्धि । अपचायक धूम्र मुख्यतया धुआँ, कोहरे से प्राप्त जल, SO2,(NH4)2SO4 आदि से मिलकर बना होता है। सूर्य के प्रकाश द्वारा SO2 ऑक्सीकृत होकर SO3 में परिवर्तित होती है यह SO3 जल से क्रिया करके सल्फ्यूरिक अम्ल का ऐरोसॉल बनाती है।
2SO2 + O2 → 2SO3
SO3 + H2O → H2SO4
अपचायक धूम्र के दुष्प्रभाव – अपचायक धूम्र मानव स्वास्थ्य एवं वनस्पति दोनों पर विपरीत प्रभाव डालता है यह धातुओं के संक्षारण के लिए भी उत्तरदायी होता है।
(ii) प्रकाश रासायनिक अथवा ऑक्सीकारक धूम्र-प्रकाश रासायनिक धूम्र मुख्यतया नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) तथा असंतृप्त हाइड्रोकार्बन और कुछ सल्फर यौगिकों से मिलकर बनी होती है।
पेट्रोल एवं डीजल में उच्च ताप पर N2 तथा O2 के संयोजन के फलस्वरूप NO बनता है जो वायु में ऑक्सीकृत होकर NO2 बनाता है। NO2 से विघटन के द्वारा नाइट्रिक ऑक्साइड बनता है।
N2 + O2 → 2NO
2NO + O2 → 2NO2
\(\mathrm{NO}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{NO}+\mathrm{O}\)
ऑक्सीजन परमाणु O2 से संयोग करके ओजोन बनाते हैं।
O2 + O → O3
इस प्रकार O3, NO से क्रिया करके NO2 बनाता है।
O3+ NO → NO2 + O2
ऑक्सीकारक धूम्र के दुष्प्रभाव – ऑक्सीकारक धूम्र के फलस्वरूप बने कार्बनिक रसायन आँखों में जलन उत्पन्न करते हैं एवं यह श्वसन तन्त्र के लिए भी हानिकारक होते हैं। रबर, ओजोन के साथ अभिक्रिया करती है जिसके कारण उसमें दरार पड़ जाती हैं। इस प्रकार ऑक्सीकारक धूम्र भी वनस्पतियों पर विपरीत प्रभाव डालता है।
प्रश्न 18.
ऐसे दो तरीके सुझाइए जिनमें जैव-निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।
उत्तर:
जैवनिम्नीकरणीय पदार्थ निम्नांकित प्रकार से पर्यावरण को प्रभावित करते हैं-
(1) जैवनिम्नीकरण पदार्थों के विघटन से मुक्त विषाक्त एवं दुर्गन्धयुक्त गैसें वातावरण को प्रदूषित करती है।
(2) कार्बनिक जैवनिम्नीकरणीय पदार्थों की अधिकता से ऑक्सीजन की कमी हो जाने से सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते हैं, अपघटन प्रक्रिया प्रभावित होती है तथा वातावरण दुर्गन्धमय हो जाता है।
प्रश्न 19.
ऐसे दो तरीके बताइए जिनमें अजैवनिम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।
उत्तर:
अजैब निम्नीकरण पदार्थ निम्नांकित प्रकार से पर्यावरण को प्रभावित करते हैं-
(1) अजैवनिम्नीकरणीय पदार्थ लम्बे समय तक पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। ये पदार्थों के चक्रण (cycling) में बाधा पहुँचाते हैं।
(2) अनेक कीटनाशक एवं पीडकनाशक रसायन खाद्य श्रृंखला के माध्यम से जीवधारियों (मनुष्य) के शरीर में पहुँचकर उसे क्षति पहुँचाते हैं। प्रश्न 20. निम्नलिखित को उदाहरण सहित समझाइए– (1) अम्ल वर्षा
प्रश्न 20.
निम्नलिखित को उदाहरण सहित समझाइए–
(1) अम्ल वर्षा
(2) ओजोन की न्यूनता
(3) वैश्विक ऊष्मन या हरितगृह प्रभाव ।
उत्तर:
(1) अम्ल वर्षा (Acid Rain ) – अम्लवर्षा वायु में उपस्थित
नाइट्रोजन तथा सल्फर के ऑक्साइड के कारण होती है। ये गैसीय ऑक्साइड वर्षा के जल के साथ मिलकर क्रमश: नाइट्रिक अम्ल तथा सल्फ्यूरिक अम्ल बनाते हैं। वर्षा के साथ ये अम्ल भी पृथ्वी पर नीचे आ जाते हैं। इसे ही अम्लवर्षा या अम्लीय वर्षा (acid rain) कहते हैं। इसके कारण अनेक ऐतिहासिक भवनों, स्मारकों, मूर्तियों का संक्षारण हो जाता है जिससे उन्हें काफी नुकसान पहुँचता है।
अम्लीय वर्षा के कारण, मृदा भी अम्लीय हो जाती है जिससे धीरे-धीरे उसकी उर्वरता कम हो जाती है। इस कारण वन तथा कृषि उत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
(2) ओजोन की न्यूनता (Deficiency of Ozone) – विभिन्न स्रोतों जैसे- रेफ्रीजरेटर, अग्निशमन यन्त्र तथा ऐरेसॉल स्प्रे में उपयोग किए जाने वाले क्लोरोफ्लुओरोकार्बन (CFCs) से वायुमण्डल में ओजोन परत का ह्रास होता है।
हानियाँ (Losses) – ओजोन परत में ह्रास के कारण सूर्य से पराबैंगनी (UV) किरणें अधिक मात्रा में पृथ्वी पर पहुँचती हैं। पराबैंगनी विकिरण से आँखों तथा प्रतिरक्षी तन्त्र को नुकसान पहुँचता है। इससे त्वचा का कैंसर भी हो जाता है। ओजोन परत के ह्रास के कारण वैश्विक उष्मन पारिस्थितिक असन्तुलन तथा वैश्विक खाद्यान्नों की उपलब्धता पर भी प्रभाव पड़ता है।
(3) वैश्विक ऊष्मन या हरितगृह प्रभाव (Global Warming or Green House effect ) – जीवाश्म ईंधन (कोयला, पेट्रोलियम आदि) के जलने से उत्पन्न कार्बन डाइऑक्साइड तथा मेथेन जैसी गैसें पृथ्वी से होने वाले ऊष्मीय विकिरण को रोक लेती हैं। इस कारण पृथ्वी का ताप बढ़ता है, इस प्रभाव को हरितगृह प्रभाव कहते हैं जिससे मौसम में परिवर्तन के साथ-साथ समुद्र तल में भी वृद्धि हो रही है। ताप बढ़ने से पहाड़ों पर हिम से ढकी चोटियाँ तथा हिमखण्ड पिघलने लगेंगे जिससे बाढ़ आ सकती है।
प्रश्न 21.
सूर्य के प्रकाश का कौन-सा घटक हमारे लिए हानिकारक है ? सामान्यतः इसे हम तक पहुँचने से कैसे रोका जाता है? इस प्राकृतिक संरक्षक को किसके द्वारा नष्ट किया जा सकता हैं।
उत्तर:
सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणें हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। वायुमण्डल में उपस्थित ओजोन परत पराबैंगनी विकिरणों को हमारे पास आने से होते हैं। इस परत को नष्ट करने के लिए क्लोरोफ्लुओरो कार्बन (CFCs) उत्तरदायी होता है। ये यौगिक रेफ्रीजरेटर, अग्निशमन यन्त्र तथा ऐरोसॉल स्प्रे में प्रयोग किये जाते है।
प्रश्न 22.
ओजोन परत द्वारा अवशोषित की जाने वाली किरणों का नाम बताइए । ओजोन परत के क्षीण होने के कोई दो कारण बताइए। इस क्षीणता से होने वाली सम्भावित बीमारी का नाम भे बताइए ।
उत्तर:
पराबैंगनी किरणें ओजोन परत द्वारा अवशोषित की जाती हैं। कारण (Causes) — (i) क्लोरोफ्लुओरो कार्बन (CFC) ओजोन परत के क्षय के लिए उत्तरदायी है।
(ii) अत्यधिक क्रियाशाली धातुएँ भी ओजोन परत के क्षरण का कारण बन सकती हैं। सुपरसोनिक जेट भी ओजोन परत को क्षयित कर सकते हैं।
बीमारियाँ (Diseases) – (i) त्वचा का कैंसर हो सकता है तथा (ii) त्वचा जल सकती है।