Author name: Prasanna

HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.1

Haryana State Board HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.1 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Exercise 1.1

प्रश्न 1.
क्या शून्य एक परिमेय संख्या है? क्या इसे आप \(\frac { p }{ q }\) के रूप में लिख सकते हैं, जहाँ p और q पूर्णांक हैं और q ≠ 0 है?
हल :
हाँ, शून्य (0) एक परिमेय संख्या है। शून्य को \(\frac { p }{ q }\) के रूप में लिखा जा सकता है जहाँ हर q को ऋणात्मक भी लिया जा सकता है; जैसे
\(0=\frac{0}{1}=\frac{0}{2}=\frac{0}{3}\)

प्रश्न 2.
3 और 4 के बीच में छः परिमेय संख्याएँ ज्ञात कीजिए।
हल :
हम जानते हैं कि
\(3=3 \times \frac{7}{7}=\frac{21}{7}\) [∵ 6+1=7]
तथा \(4=4 \times \frac{7}{7}=\frac{28}{7}\)
अतः 3 और 4 के बीच छः परिमेय संख्याएँ = \(\frac{22}{7}, \frac{23}{7}, \frac{24}{7}, \frac{25}{7}, \frac{26}{7}, \frac{27}{7}\)

HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.1

प्रश्न 3.
\(\frac{3}{5}\) और \(\frac{4}{5}\) के बीच पाँच परिमेय संख्याएँ ज्ञात कीजिए।
हल :
हम जानते हैं कि
\(\frac{3}{5}=\frac{3 \times 6}{5 \times 6}=\frac{18}{30}\)
तथा
\(\frac{4}{5}=\frac{4 \times 6}{5 \times 6}=\frac{24}{30}\)

अतः \(\frac{3}{5}\) व \(\frac{4}{5}\) के बीच पाँच परिमेय संख्याएँ = \(\frac{19}{30}, \frac{20}{30}, \frac{21}{30}, \frac{22}{30}, \frac{23}{30}\)

HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 1 संख्या पद्धति Ex 1.1

प्रश्न 4.
नीचे दिए गए कथन सत्य हैं या असत्य? कारण के साथ अपने उत्तर दीजिए।
(i) प्रत्येक प्राकृत संख्या एक पूर्ण संख्या होती है।
(ii) प्रत्येक पूर्णांक एक पूर्ण संख्या होती है।
(iii) प्रत्येक परिमेय संख्या एक पूर्ण संख्या होती है।
हल :
(i) सत्य है, क्योंकि पूर्ण संख्याओं के संग्रह में सभी प्राकृत संख्याएँ होती हैं। अतः प्रत्येक प्राकृत संख्या एक पूर्ण संख्या होती है।
(ii) असत्य है; जैसे – 2,-3, -4 आदि पूर्ण संख्याएँ नहीं हैं।
(iii) असत्य है; जैसे \(\frac { 1 }{ 2 }\) परिमेय संख्या है परंतु पूर्ण संख्या नहीं है।

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HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.5

Haryana State Board HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.5 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Exercise 7.5

प्रश्न 1.
निम्न भिन्नों को योग या घटाने के उचित रूप में लिखिए :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.5 - 1
हल :
(a) \(\frac{1}{5}+\frac{2}{5}=\frac{3}{5}\)
(b) \(\frac{5}{5}-\frac{3}{5}=\frac{2}{5}\)
(c) \(\frac{2}{6}+\frac{3}{6}=\frac{5}{6}\)

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.5

प्रश्न 2.
हल कीजिए :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.5 - 2
हल :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.5 - 3

प्रश्न 3.
शुभम ने अपने कमरे की दीवार के \(\frac {2}{3}\) भाग पर पेंट किया। उसकी बहिन माधवी ने उसकी सहायता की और उस दीवार के \(\frac {1}{3}\) भाग पर पेंट किया। उन दोनों ने मिलकर कुल कितना पेंट किया?
हल :
शुभम द्वारा पेंट की गई दीवार = \(\frac {2}{3}\) भाग
माधवी द्वारा पेंट की गई दीवार = \(\frac {1}{3}\) भाग
दोनों द्वारा मिलकर पेंट की गई दीवार = \(\frac{2}{3}+\frac{1}{3}=\frac{3}{3}\) = 1
अतः दोनों ने मिलकर पूरी दीवार पर पेंट कर दिया।

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.5

प्रश्न 4.
रिक्त स्थानों को भरिए :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.5 - 4
हल :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.5 - 5

प्रश्न 5.
जावेद को संतरों की एक टोकरी का \(\frac {5}{7}\) भाग मिला। टोकरी में संतरों का कितना भाग शेष रहा ?
हल :
जावेद को सन्तरों की एक टोकरी का \(\frac {5}{7}\) भाग मिला।
∴ टोकरी में शेष सन्तरे = 1 – \(\frac{5}{7}=\frac{7}{7}-\frac{5}{7}\)
= \(\frac{7-5}{7}=\frac{2}{7}\) भाग। उत्तर

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HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions

Haryana State Board HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभि क आकारों को समझना InText Questions

पृष्ठ सं. 97 से (प्रयास कीजिए)

प्रश्न 1.
एक पोस्टकार्ड लीजिए। उपयुक्त तकनीक का प्रयोग करके, इसकी दो आसन्न भुजाओं को मापिए।
हल :
एक पोस्टकार्ड की आसन्न भुजाओं को मापने पर , पोस्टकार्ड की लम्बाई 14 सेमी तथा चौड़ाई 9 सेमी है।

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions

प्रश्न 2.
कोई तीन वस्तुएँ चुनिए जिनमें ऊपरी सिरे सपाट हों। डिवाइडर और रूलर का प्रयोग करते हुए, इन ऊपरी सिरों की सभी भुजाओं को मापिए।
हल :
कोई तीन वस्तुएँ पेन्सिल बॉक्स, कापी तथा मोबाइल लिए इनके ऊपरी सिरे सपाट है। डिवाइडर और रूलर का प्रयोग करते हुए इनके ऊपरी सिरों की सभी भुजाओं को मापने पर पेन्सिल बॉक्स की लम्बाई 17.5 सेमी तथा चौड़ाई 10.5 सेमी है। कापी की लम्बाई 22 सेमी तथा चौड़ाई 14 सेमी है। मोबाइल की लम्बाई 12 सेमी तथा चौड़ाई 7 सेमीप्रयास कीजिए |

पृष्ठ सं. 99 से

प्रश्न 1.
आधे घूर्णन के लिए कोण का नाम क्या है?
हल :
आधे घूर्णन के लिए कोण का नाम ऋजु कोण (180°) अथवा दो समकोण है।

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions

प्रश्न 2.
एक-चौथाई घूर्णन के लिए कोण का नाम क्या है?
हल :
एक-चौथाई घूर्णन के लिए कोण का नाम एक समकोण (90°) है।

प्रश्न 3.
एक घड़ी पर आधे घूर्णन, एक-चौथाई घूर्णन और तीन-चौथाई घूर्णन के लिए पाँच अन्य स्थितियाँ दीजिए।
हल :
घूर्णन के लिए घड़ी में पाँच स्थितियों निम्न प्रकार हैं:
एक-चौथाई घूर्णन के लिए :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 1
आधे घूर्णन के लिए
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 2
तीन-चौथाई घूर्णन के लिए:
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 3

पृष्ठ सं. 102 से

प्रश्न 1.
घड़ी की घण्टे वाली सुई 12 से 5 तक चलती है। क्या इसका घूर्णन 1 समकोण से अधिक है ?
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 4
हल :
हाँ, घड़ी की घण्टे की सुई का घूर्णन एक समकोण (90°) से र अधिक है।

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions

प्रश्न 2.
घड़ी पर यह कोण कैसा दिखता है ? घड़ी की घण्टे वाली सुई 5 से 7 तक चलती है। क्या इस सुई द्वारा घूमा गया कोण 1 समकोण से अधिक है?
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 5
हल :
नहीं, घड़ी पर यह कोण न्यूनकोण जैसा दिखता है। घड़ी की घण्टे वाली सुई 5 से 7 तक चलते पर इस सुई द्वारा घूमा कोण 1 समकोण से अधिक नहीं है। अर्थात् 1 समकोण में कम है।

प्रश्न 3.
घड़ी पर सुइयों की स्थिति निम्न प्रकार बनाकर कोणों की जाँच RA टेस्टर द्वारा कीजिए :
(a) 12 से 2 तक जाना
(b) 6 से 7 तक जाना
(c) 4 से 8 तक जाना
(d) 2 से 5 तक जाना।
हल :
(a) घड़ी की घण्टे वाली सुई द्वारा 12 से 2 तक चलने में बनाए गए कोण की जाँच RA टेस्टर द्वारा करने पर ज्ञात होता है कि यह एक समकोण से कम है।

(b) घड़ी की घण्टे वाली सुई द्वारा 6 से 7 तक चलने में बनाए गए कोण की जाँच RA टेस्टर द्वारा करने पर ज्ञात होता है कि यह एक समकोण से कम है।
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 26
(c) घड़ी की घण्टे वाली सुई द्वारा 4 से 8 तक चलने में बनाये गए कोण की जाँच RA टेस्टर द्वारा करने पर पता चलता है कि यह एक समकोण से अधिक है।
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 27
(d) घड़ी की घण्टे वाली सुई ला सुइ 412 द्वारा 2 से 5 तक चलने में बनाए गए। कोण की जाँच RA टेस्टर द्वारा करने पर पता चलता है कि यह एक समकोण है।
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 28

पृष्ठ सं. 104 से

प्रश्न 1:
आप अपने आस-पास देखिए और कोनों पर मिलने वाले किनारों को पहचानिए, जो कोण बना रहे हों। ऐसी दस स्थितियाँ लिखिए।
हल :
ऐसी दस स्थितियाँ निम्न हो सकती है

  1. छत का ऊपरी सिरा,
  2. सी-सा,
  3. पुस्तक खोलना,
  4. दरवाजा खोलता,
  5. मेज की आसन्न भुजाओं द्वारा बना कोण,
  6. पुस्तक पढ़ने की डेस्क,
  7. झूला,
  8. बक्सा खोलना,
  9. चिमटा,
  10. सेट-स्क्वेयर।

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions

प्रश्न 2.
ऐसी दस स्थितियाँ लिखिए, जहाँ न्यूनकोण बन रहे हों।
हल :
ऐसी स्थितियाँ निम्न हो सकती है

  1. डिवाइडर,
  2. सेट-स्क्वेयर,
  3. कैंची,
  4. पुस्तक खोलना,
  5. दरवाजा खोलना,
  6. चिमटा,
  7. बॉक्स खोलना,
  8. प्लास,
  9. झूला,
  10. घड़ी की सूइयों द्वारा बना कोण।

प्रश्न 3.
ऐसी दस स्थितियाँ लिखिए, जहाँ समकोण बन रहे हों।
हल :
ऐसी दस स्थितियाँ निम्न दो सकती है

  1. सेट-स्क्वे यर,
  2. मेज की आसन्न भुजाओं द्वारा बना कोण,
  3. कमरे की आसन्न भुजाएँ.
  4. फोटो फ्रेम,
  5. टी. वी,
  6. मोबाइल,
  7. पेन्सिल बॉक्स,
  8. कापी,
  9. पुस्तक,
  10. गुनिया।

प्रश्न 4.
ऐसी पाँच स्थितियाँ लिखिए, जहाँ अधिक कोण बन रहे हों।
हल :
ऐसी पाँच स्थितियाँ निम्न हो सकती है।

  1. छत का ऊपरी सिरा,
  2. पुस्तक खोलना,
  3. डिवाइडर खोलना,
  4. परकार खोलना,
  5. कैची खोलना।

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions

प्रश्न 5.
ऐसी पाँच स्थितियाँ लिखिए, जहाँ प्रतिवर्ती कोण बन रहे हों।
हल :
ऐसी पाँच स्थितियाँ निम्न हो सकती है

  1. घड़ी की सुइयों द्वारा बना कोण,
  2. परकार खोलना,
  3. डिवाइडर खोलना,
  4. पुस्तक खोलना,
  5. बॉक्स का ढक्कन खोलना।

पृष्ठ सं. 105 से (सोचिए, चर्चा कीजिए और लिखिए)

प्रश्न 1.
\(\frac {1}{2}\) घूर्णन में कितनी डिग्री हैं ? 1 समकोण में कितनी डिग्री हैं?
1 ऋजुकोण में कितनी डिग्री (अंश) हैं ? कितने समकोणों से 180° बनते हैं ? कितने समकोणों से 360° बनते हैं?
हल :
∵ 1 घूर्णन में 360° का कोण बनता है।
∴ \(\frac {1}{2}\) घूर्णन में 360° × \(\frac {1}{2}\) = 180° का कोण बनेगा और 1 समकोण ( \(\frac {1}{4}\) घूर्णन) में बना कोण
= 360° × \(\frac {1}{4}\) = 90°
1 ऋजु कोण या सरल कोण (\(\frac {1}{2}\) घूर्णन) में बना कोण
= 360° × \(\frac {1}{2}\) = 180°
180° = \(\frac {180°}{90°}\) = 2 समकोण
अत: 2 समकोणों से 180° बनते है।
360° = \(\frac {180°}{90°}\) = 4 समकोण।
अत: 4 समकोणों से 360° बनते हैं।

पृष्ठ सं. 109 से (सोचिए, चर्चा कीजिए और लिखिए)

प्रश्न 1.
यदि AB ⊥ CD, तो हमें क्या यह भी कहना चाहिए कि CD ⊥ AB है?
हल :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 6
यदि CD ⊥ AB हो, तो
∠COB = 90°,
जो कि सत्य है
क्योंकि AB ⊥ CD है।
अत: AB ⊥ CD ⇒ CD ⊥ AB.
अर्थात् यदि AB ⊥ CD, तो हम यह भी कह सकते है कि CD ⊥ AB.

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions

प्रश्न 2.
क्या कोई अन्य अक्षर (T के अलावा) है, जो लम्बवत् दर्शाता है ?
हल :
अंग्रेजी अक्षर L अन्य अक्षर है, जो लम्ब को दर्शाता है।

क्या पोस्टकार्ड के किनारे लम्ब होते हैं ?
हल :
हाँ, पोस्टकार्ड के किनारे एक-दूसरे पर लम्बवत् होते हैं।

पृष्ठ सं. 111, 112 से (इन्हें कीजिए)

प्रश्न 1.
आइए, नीचे दिए हुए त्रिभुजों के कोणों और भुजाओं को क्रमश: चाँद और रूलर से मा। दी हुई सारणी में इनकी मापों को भरिए :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 7
उपर्युक्त कोण, त्रिभुज और उनकी भुजाओं की मापों को ध्यानपूर्वक देखिए। क्या इनके बारे में कोई बात कही जा सकती है?
हल :
चाँद की सहायता से त्रिभुज के कोणों को मापने पर

त्रिभुज के कोणों की मापआप कोणों के बारे में क्या कह सकते है ?त्रिभुज की भुजाओं की माप
(a) 60 °, 60 °, 60 °सभी कोण बराबर है।सभी भुजाएँ समान है।
(b) 50 °, 95 °, 35 °सभी कोण समान नहीं हैं।सभी भुजाएं असमान है।
(c) 65 °, 50 °, 65 °दो कोण समान है।दो भजाएँ समान है।
(d) 90 °, 40 °, 50 °सभी कोण समान नहीं हैं।सभी भुजाएँ असमान है।
(e) 60 °, 60 °, 60 °सभी कोण समान हैं।सभी भुजाएं समान है।
(f) 75 °, 30 °, 75 °दो कोण समान है।दो भजाएँ समान है।
(g) 45 °, 90 °, 45 °दो कोण समान है।दो भजाएँ समान है।
(h) 60 °, 60 °, 60 °सभी कोण समान हैं।सभी भुजाएं समान है।

पृष्ठ सं. 112 से (आप क्या प्राप्त करते है?)

रिक्त स्थान भरिए
1. त्रिभुज जिनके सभी कोण बराबर है।
यदि किसी त्रिभुज के सभी कोण बराबर है, तो इसकी भुजाएँ भी…………..हैं।
2. त्रिभुज जिनमें सभी भुजाएँ बराबर हैं। यदि एक त्रिभुज की सभी भुजाएँ बराबर हैं, तो उसके कोण भी…………..हैं। .
3. त्रिभुज जिनमें दो कोण बराबर हैं और दो भुजाएँ बराबर हैं। यदि किसी त्रिभुज की दो भुजाएँ बराबर हैं, तो उसके………….कोण बराबर होते हैं।
4. त्रिभुज जिनमें कोई भी दो भुजाएँ बराबर नहीं हैं। यदि किसी त्रिभुज के कोई भी दो कोण बराबर नहीं है, तो उसकी कोई भी दो भुजाएँ बराबर नहीं होती हैं। यदि किसी त्रिभुज की तीनों भुजाएँ बराबर नहीं है। भी………….नहीं हैं।
हल :
1. बराबर,
2. बराबर,
3. दो,
4. बराबर ।

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions

पृष्ठ सं. 113 से (इन्हें कीजिए)

प्रश्न 1.
निम्न के रफ चित्र खींचने का प्रयत्न कीजिए :
(a) एक विषमबाहु न्यूनकोण त्रिभुज
(b) एक अधिक कोण समद्विबाहु त्रिभुज
(c) एक समकोण समद्विबाहु त्रिभुज
(d) एक विषमबाहु समकोण त्रिभुज
हल :
(a) विषमबाहु न्यूनकोण त्रिभुज की रफ आकृति :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 8
(b) अधिक कोण समद्विबाहु त्रिभुज की रफ आकृति :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 9
(c) समकोण समद्विबाहु त्रिभुज की रफ आकृति :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 10
(d) विषमबाहु समकोण त्रिभुज की रफ आकृति :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 11

क्या आप सोचते हैं कि निम्न आकृति खींचना संभव है :
(e) एक अधिक कोण समबाहु त्रिभुज ?
(f) एक समकोण समबाहु त्रिभुज?
(g) एक त्रिभुज जिसमें दो समकोण हों ?
सोचिए, चर्चा कीजिए और फिर अपने निष्कर्षों को लिखिए।
हल :
(e) एक अधिक कोण समबाहु त्रिभुज सम्भव नहीं है, क्योंकि समबाहु त्रिभुज का प्रत्येक कोण 60° का होता है। अतः अधिक कोण नहीं बनेगा।
(f) समबाहु त्रिभुज में समकोण नहीं हो सकता, क्योंकि इसका प्रत्येक कोण 60° का होता है।
(g) एक त्रिभुज में दो समकोण सम्भव नहीं है, क्योंकि त्रिभुज में केवल एक ही समकोण हो सकता है।

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions

पृष्ठ सं. 115 से (इन्हें कीजिए)

प्रश्न 1.
दो डंडी लीजिए और उन्हें इस प्रकार रखिए कि उनका एक-एक सिरा एक सिरे पर मिले। अब डंडियों के एक अन्य युग्म को इस प्रकार रखिए कि उनके सिरे इंडियों के पहले युग्म के स्वतन्त्र सिरों से जुड़ जाएँ। इस प्रकार हमें क्या आकृति प्राप्त होती है ?
हल :
प्रश्नानुसार, डंडियों को रखने पर हमें चतुर्भुज की आकृति प्राप्त होती है जिसकी भुजाएँ \(\overline{A B}, \overline{B C}, \overline{C D}, \overline{D A}\) हैं।
और इसके चार कोण ∠BAD, ∠ADC, ∠DCB और ∠ABC हैं।
यह एक चतुर्भुज है, जो आप सामने देख रहे हैं। इस चतुर्भुज की भुजाएँ \(\overline{A B}, \overline{B C}\), ………… है।
इस चतुर्भुज के चार कोण हैं। ये ∠BAD, ∠ADC, ∠DCB और ……… है।

\(\overline{A C}\) एक विकर्ण है।
अन्य विकर्ण कौन-सा है ?
सभी भुजाओं और विकर्णों की लंबाइयाँ मापिए। सभी कोणों को भी मापिए।
अन्य विकर्ण \(\overline{B D}\) है।
भुजाओं और विकर्णों को मापने पर,
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 12
AB = 2.7 सेमी
BC = 2.1 सेमी
CD = 3.6 सेमी
DA = 3.9 सेमी
AC = 3.7 सेमी
और BD = 3.8 सेमी

सभी कोणों को मापने पर,
∠BAD = 90°
∠ABC = 65°
∠DCB = 100°
और ∠ADC = 105° है।

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions

प्रश्न 2.
जैसा आपने ऊपर क्रियाकलाप किया है, चार इंडियाँ लेकर देखिए कि क्या आप इनसे ऐसा चतुर्भुज बना सकते हैं, जिसमें:
(a) चारों कोण न्यून कोण हैं।
(b) एक कोण अधिक कोण है।
(c) एक कोण समकोण है।
(d) दो कोण अधिककोण है।
(e) दो कोण समकोण हैं।
(f) विकर्ण परस्पर समकोण पर हैं।
हल :
(a) नहीं,
(b) हाँ,
(c) हाँ,
(d) हाँ,
(e) हाँ,

पृष्ठ सं. 115, 116, 117 से

प्रश्न 1.
आप और आपका मित्र मिलकर इस क्रिया को कर सकते हैं:
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 13
(a) आप दोनों के पास N21
जा एक-एक 30° – 60°- 90° सेट स्क्वे यर हैं। इनको आकृति में दर्शाए अनुसार : रखिए। क्या आप इस प्रकार बने चतुर्भुज का नाम बता सकते हैं ? आप इसके कौन से गुण ज्ञात कर सकते हैं? इसके प्रत्येक कोण का माप क्या है?
हल :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 14
यह चतुर्भुज एक आयत है, जिसमें
(i) सम्मुख भुजाएँ समान होती हैं।
(ii) विकर्ण बराबर होते हैं तथा परस्पर समद्विभाजित करते हैं।
(iii) प्रत्येक कोण 90° का होता है।

(b) यदि अन्य सेट स्क्वे यर 45° – 45° – 90° के युग्म का प्रयोग करें, तो आपको किस प्रकार का चतुर्भुज प्राप्त होगा? इसके गुण ज्ञात करने का प्रयत्न कीजिए ।
हल :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 15
यह चतुर्भुज एक वर्ग है, जिसमें
(i) सभी भुजाएँ समान होती हैं।
(ii) प्रत्येक कोण 90° का होता है।
(iii) विकर्ण समान होते हैं।
(iv) विकर्ण परस्पर समकोण पर समद्विभाजित करते हैं।

(c) यदि आप 30° – 60° – 90° सेट स्क्वेयरोंको आकृति में दर्शाए अनुसार रखें, तो आपको किस प्रकार का चतुर्भुज प्राप्त होगा? क्या इसकी सम्मुख भुजाएँसमान्तर हैं? क्या इसके विकर्ण बराबर हैं?
हल :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 16
हमें एक समान्तर चतुर्भुज प्राप्त होता है, जिसमें :
(i) सम्मुख भुजाएँ समान्तर होती हैं।
(ii) सम्मुख भुजाएँ समान होती हैं।
(iii) सम्मुख कोण समान होते हैं।
(iv) आसन्न कोणों का योग 180° होता है।
(v) इसके विकर्ण एक-दूसरे को समद्विभाजित करते हैं, लेकिन समान नहीं होते।

(d) यदि आप 30° – 60° – 90° सेट स्क्वे यरों का आकृतिनुसार प्रयोग करें, तो आपको किस प्रकार का चतुर्भुज प्राप्त होगा?
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 17
हल :
एक समचतुर्भुज (Rhombus) प्राप्त होगा।

(e) यदि आप आकृति में दर्शाए अनुसार कई सेट स्क्वेयरों का प्रयोग करें, तो आपको किस प्रकार का चतुर्भुज प्राप्त होगा?
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 18
हल :
एक समलम्ब चतुर्भुज प्राप्त होगा जिसकी दो भुजाएँ समान्तर होंगी।

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions

प्रश्न 2.
यहाँ आपकी खोजों के सारांश की एक रूपरेखा दी जा रही है। इसे पूरा कीजिए।
हल:
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 19

पृष्ट सं. 119 से (त्रिविमीय आकार)

प्रश्न 1.
किन्हीं पाँच वस्तुओं के नाम बताइए जो एक गोले से मिलती-जुलती हों।
हल :
पाँच वस्तुएँ जो गोले से मिलती-जुलती है। निम्न दो सकती हैं

  1. गेंद,
  2. फुटबॉल,
  3. ग्लोब,
  4. अमरूद,
  5. सन्तरा।

प्रश्न 2.
किन्हीं ऐसी पाँच वस्तुओं के नाम बताइए, जो एक शंकु से मिलती-जुलती है।
हल :
पाँच वस्तुएँ जो शंकु से मिलती-जुलती है निम्न हो सकती है

  1. सोफ्टी,
  2. जोकर की टोपी,
  3. भुट्टा,
  4. गुलाब की कली,
  5. बच्चों का खिलौना लटू।

पृष्ठ सं. 121 से

1. एक घनाभ एक आयताकार बक्स जैसा है। इसके 6 फलक है। प्रत्येक फलक के चार किनारे हैं। प्रत्येक फलक के चार कोने हैं (जो इसके शीर्ष कहलाते हैं)।
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 20

2. एक घन ऐसा घनाभ होता है, जिसके सभी किनारे बराबर लम्बाई के होते हैं।
इसके 6 फलक हैं।
प्रत्येक फलक के किनारे हैं।
प्रत्येक फलक के 4 शीर्ष हैं।
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 21

3. एक त्रिभुजाकार पिरामिड का
आधार एक त्रिभुज होता है। यह चतुष्फलक (tetrahedron) भी कहलाता है।
फलक : 4
किनारे : 6
कोने : 4
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 22

4. एक वर्ग पिरामिड का आधार एक
वर्ग होता है।
फलक : 6
किनारे : 12
कोने : 8
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 23

5. एक त्रिभुजाकार प्रिज्म प्रायः एक केलाइडोस्कोप (Kaleidoscope) के आकार का होता है। इसका आधार और ऊपरी सिरा त्रिभुज के । आकार के होते हैं।
फलक : 5
किनारे : 9
कोने : 6
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 5 प्रारंभिक आकारों को समझना InText Questions 24

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HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.4

Haryana State Board HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.4 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Exercise 7.4

प्रश्न 1.
प्रत्येक चित्र के लिए भिन्नों को लिखिए। भिन्नों के बीच में सही चिह्न ‘<‘, ‘=’, ‘>’ का प्रयोग करते हुए, इन्हें आरोही और अवरोही क्रम में व्यवस्थित कीजिए :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.4 - 1
(c) \(\frac{2}{6}, \frac{4}{6}, \frac{8}{6}\) और \(\frac {6}{6}\) को संख्या रेखा पर दर्शाइए। दी हुई भिन्न के बीच में उचित चिह्न ‘<‘ या ‘>’ भरिए :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.4 - 2
हल :
(a) दिए गए चित्रों के लिए भिन्नें हैं :
\(\frac{3}{8}, \frac{6}{8}, \frac{4}{8}\) और \(\frac {1}{8}\)
आरोही क्रम में रखने पर, \(\frac {1}{8}\) < \(\frac {3}{8}\) < \(\frac {4}{8}\) < \(\frac {6}{8}\)
अवरोही क्रम में रखने पर, \(\frac {6}{8}\) < \(\frac {4}{8}\) < \(\frac {3}{8}\) < \(\frac {1}{8}\) उत्तर

(b) चित्रों द्वारा दर्शाई गई भिन्नें हैं : \(\frac{8}{9}, \frac{4}{9}, \frac{3}{9}\) और \(\frac {6}{9}\)
आरोही क्रम में रखने पर, \(\frac {3}{9}\) < \(\frac {4}{9}\) < \(\frac {6}{9}\) < \(\frac {8}{9}\)
अवरोही क्रम में रखने पर, \(\frac {8}{9}\) < \(\frac {6}{9}\) < \(\frac {4}{9}\) < \(\frac {3}{9}\) उत्तर

(c) \(\frac{2}{6}, \frac{4}{6}, \frac{8}{6}\) और \(\frac {6}{6}\) को संख्या रेखा पर व्यक्त करना :
∴ \(\frac {2}{6}\) और \(\frac {4}{6}\) < 1, \(\frac {8}{6}\) = 1\(\frac {2}{6}\) > 1 और \(\frac {6}{6}\) = 1 है।
एक रेखा खींची जिस पर 0, 1 और 2 पर क्रमश: बिन्दु O, A और B अंकित करते हैं।
प्रत्येक इकाई को 6 बराबर भागों में बाँटते हैं। तब बिन्दु M, N, A और P क्रमशः \(\frac{2}{6}, \frac{4}{6}, \frac{6}{6}\) और \(\frac {8}{6}\) को दर्शाते हैं।
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.4 - 3

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.4

प्रश्न 2.
भिन्नों की तुलना कीजिए और उचित चिह्न लगाइए –
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.4 - 4
हल :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.4 - 5

प्रश्न 3.
ऐसे ही पाँच और युग्म लीजिए और उचित चिह्न लगाइए।
हल :
ऐसे ही पाँच युग्म :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.4 - 6
उचित चि
लगाने पर,
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.4 - 7

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प्रश्न 4.
निम्न आकृतियों को देखिए और भिन्नों के बीच में उचित चिह्न ‘>’, ‘=’ या ‘<‘ लिखिए :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.4 - 8
ऐसे ही पाँच और प्रश्न बनाइए और अपने मित्रों के साथ उन्हें हल कीजिए।
हल :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.4 - 9

ऐसे ही पाँच और प्रश्न :
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HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.4 - 11
हल :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.4 - 12

प्रश्न 5.
देखें कितनी जल्दी आप करते हैं? उचित चिह्न भरिए (<, =, >):
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.4 - 13
हल :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.4 - 14
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.4 - 15

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.4

प्रश्न 6.
निम्नलिखित भिन्न तीन अलग-अलग संख्याएँ निरूपित करती हैं, इन्हें सरलतम रूप में बदलकर उन तीन तुल्य भिन्नों के समूहों में लिखिए :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.4 - 16
हल :
दी गई भिन्नों को सरलतम रूप में बदलने पर,
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.4 - 17
इन्हें तीन बराबर भिन्नों वाले तीन समूह में बाँटने पर,
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.4 - 18
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.4 - 19

प्रश्न 7.
निम्नलिखित के उत्तर दीजिए। लिखिए और दर्शाइए कि आपने इन्हें कैसे हल किया है ?
(a) क्या \(\frac{5}{9}, \frac{4}{5}\) के बराबर है?
(b) क्या \(\frac{9}{16}, \frac{5}{9}\) के बराबर है?
(c) क्या \(\frac{4}{5}, \frac{16}{20}\) के बराबर है?
(d) क्या \(\frac{1}{15}, \frac{4}{30}\) के बराबर है?
हल :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 7 भिन्न Ex 7.4 - 20

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प्रश्न 8.
इला 100 पृष्ठों वाली एक पुस्तक के 25 पृष्ठ पढ़ती है। ललिता इसी पुस्तक का \(\frac {1}{2}\) भाग पढ़ती है। किसने कम पढ़ा?
हल :
इला द्वारा पढ़ा गया किताब का भाग = \(\frac {25}{100}\)
और ललिता द्वारा पढ़ा गया किताब का भाग = \(\frac{\frac{1}{2} \times 100}{100}\)
= \(\frac {50}{100}\)
अत: \(\frac {25}{100}\) < \(\frac {50}{100}\) इला द्वारा कम पढ़ा गया। उत्तर प्रश्न 9. रफीक ने एक घण्टे के \(\frac {3}{6}\) भाग तक व्यायाम किया, जबकि रोहित ने एक घण्टे के \(\frac {3}{4}\) भाग तक व्यायाम किया। किसने लम्बे समय तक व्यायाम किया ? हल : रफीक ने व्यायाम किया = \(\frac {3}{6}\) घण्टे और रोहित ने व्यायाम किया = \(\frac {3}{4}\) घण्टे \(\frac {3}{4}\) > \(\frac {3}{6}\)
क्योंकि दोनों भिन्नों में अंश बराबर है। अतः जिसका हर छोटा होगा, वह भिन्न बड़ी माप की होगी। अत: रोहित ने ज्यादा लम्बे समय तक व्यायाम किया। उत्तर

प्रश्न 10.
25 विद्यार्थियों की एक कक्षा में 20 विद्यार्थी 60% या अधिक अंक लेकर पास हुए और 30 विद्यार्थियों की एक कक्षा B में 24 विद्यार्थी 60% या अधिक अंक लेकर पास हुए। किस कक्षा में विद्यार्थियों का अधिक भाग 60% या अधिक अंक लेकर पास हुआ?
हल :
कक्षा A के 60% या अधिक अंक लेकर पास विद्यार्थियों की संख्या = \(\frac {20}{25}\) भाग = \(\frac{20 \div 5}{25 \div 5}=\frac{4}{5}\) भाग
कक्षा B के 60% या अधिक अंक लेकर पास विद्यार्थियों की संख्या = \(\frac {24}{30}\) भाग = \(\frac{24 \div 6}{30 \div 6}=\frac{4}{5}\) भाग
अतः दोनों कक्षाओं में 60% या अधिक अंक लेकर पास विद्यार्थियों का भाग समान है। उत्तर

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HBSE 6th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 ग्लोब: अक्षांश एवं देशांतर

Haryana State Board HBSE 6th Class Social Science Solutions Geography Chapter 1 ग्लोब: अक्षांश एवं देशांतर Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 ग्लोब: अक्षांश एवं देशांतर

HBSE 6th Class Geography ग्लोब: अक्षांश एवं देशांतर Textbook Questions and Answers

ग्लोब : अक्षांश एवं देशांतर प्रश्न उत्तर HBSE 6th Class Social Science प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए:
(i) पृथ्वी का सही आकार क्या है?
What is the true shape of the earth?
उत्तर:
पृथ्वी की वास्तविक आकृति भूगणितीय अल्पांतरी गोल है।

(ii) ग्लोब क्या है?
What is a globe?
उत्तर:
ग्लोब मानव द्वारा निर्मित पृथ्वी का त्रि-आयामी प्रतिरूप है।

(iii) कर्क रेखा का अक्षांशीय मान क्या है?
What is the latitude value of Tropic of Cancer?
उत्तर:
231/2° उत्तरी अक्षांश।

(iv) पृथ्वी के तीन ताप कटिबंध कौन-से हैं?
What are the three heat zones of the earth?
उत्तर:
पृथ्वी के तीन ताप क्षेत्र हैं:

  • ऊष्ण कटिबंध
  • शीतोष्ण कटिबंध
  • शीत कटिबंध।

(v) अक्षांश एवं देशांतर रेखाएँ क्या हैं?
What are the parallels of latitude and meridians of longitude ?
उत्तर:

  • देशांतर रेखाएँ (Longitudes): वे काल्पनिक रेखायें जो ध्रुवों को मिलाती हैं और उत्तर से दक्षिण को खिंची हुई हैं।
  • अक्षांश (Latitude) : वे काल्पनिक रेखायें जो भूमध्य रेखा के उत्तर तथा दक्षिण में ध्रुवों के समांतर खिंची मानी गई हैं।

HBSE 6th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 ग्लोब: अक्षांश एवं देशांतर

(vi) ऊष्मा की सबसे अधिक मात्रा उष्ण कटिबंध क्यों प्राप्त करते हैं?
Torrid zone receives maximum amount of heat. Why?
उत्तर:
ऊष्ण कटिबंध वर्ष भर अधिकतम ताप प्राप्त करता है क्योंकि सूर्य की किरणें इस क्षेत्र में सीधी पड़ती हैं। यह क्षेत्र कर्क वृत्त से लेकर मकर वृत्त तक विस्तृत है।

(vii) जब भारत में शाम के 5:30 बजते हैं तो लंदन में दोपहर के 12 क्यों बजते हैं?
It is 5.30 p.m. in India, when it is 12 ‘0 clock in London.,Why?
उत्तर:
भारत ग्रीनविच से 82°.30’.पूर्व में स्थित है। इसलिये भारत का समय ग्रीनविच के समय से 5.30 घंटे आगे रहता है। यही कारण है कि जब लंदन जो ग्रीनविच के समीप 0° देशांतर पर है, में दोपहर के 12 बजेंगे तो भारत में सायं 5.30 का समय होगा।

ग्लोब अक्षांश एवं देशांतर HBSE 6th Class Social Science प्रश्न 2.
सही उत्तर चिह्नित (√) कीजिए:
Tick the correct option:
(i) प्रमुख याम्योत्तर का मान है :
(क) 900
(ख) 0°
(ग) 60°
उत्तर:
(ख) 0°.

(ii) शीत कटिबंध किसके नजदीक पाया जाता है?
(क) ध्रुवों
(ख) विषुवत् वृत्त
(ग) कर्क रेखा
उत्तर:
(क) ध्रुवों के।

(iii) देशांतरों की कुल संख्या है :
(क) 360
(ख) 180
(ग) 90
उत्तर:
(क) 360

(iv) उत्तरी ध्रुव वृत्त स्थित है:
(क) उत्तरी गोलार्ध में
(ख) दक्षिणी गोलार्ध में
(ग) पूर्वी गोलार्ध में
उत्तर:
(क) उत्तरी गोलार्ध में।

(ङ) ग्रिड किसका जाल है:
(क) अक्षांशों (समानांतर) रेखाओं एवं देशांतरीय याम्योत्तरों का
(ख) कर्क रेखा एवं मकर रेखा का
(ग) उत्तरी ध्रुव एवं दक्षिणी ध्रुव का
उत्तर:
(क) अक्षांश तथा देशांतर रेखाओं का।

HBSE 6th Class Social Science ग्लोब अक्षांश एवं देशांतर प्रश्न 3.
खाली स्थान भरें:
Fill in the blanks:
(i) मकर रेखा ……………………. पर स्थित है।
उत्तर:
231° दक्षिणी अक्षांश।

HBSE 6th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 ग्लोब: अक्षांश एवं देशांतर

(ii) भारत का मानक याम्योत्तर ………………….. है।
उत्तर:
821° पूर्व देशांतर।

(iii) 0° याम्योत्तर को ————— के नाम से जाना जाता है।
उत्तर:
प्रधान मध्याह्न रेखा।

(iv) देशांतरों के बीच की दूरी ………………….. की तरफ घटती जाती है।
उत्तर:
ध्रुवों की।

(iv) दक्षिणी ध्रुव वृत्त ————- गोलार्ध में स्थित है।
उत्तर:
दक्षिणी।

आओ कुछ करें:
पृथ्वी के अक्ष, विष्वत् वृत्त. कर्क रेखा एवं मकर रेखा, उत्तरी ध्रुव वृत्त तथा दक्षिणी ध्रुव वृत्त को दर्शाते हुए एक चित्र बनाएँ। • छात्र चार्ट बनाएँ।

HBSE 6th Class Geography ग्लोब: अक्षांश एवं देशांतर Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कर्क वृत्त क्या है?
What is Tropic of Cancer?
उत्तर:
231/2° उत्तरी अक्षांश को कर्क वृत्त कहते हैं।

प्रश्न 2.
मकर वृत्त क्या है?
What is Tropic of Capricorn?
उत्तर:
231/2° दक्षिणी अक्षांश को मकर वृत्त कहते हैं।

प्रश्न 3.
पृथ्वी की सही आकृति का ज्ञान किससे मिलता हैं?
Which we get true knowledge of earth form?
उत्तर:
ग्लोब से।

प्रश्न 4.
ग्लोब पर कौन-कौन सी आकृतियाँ सही दिखाई देती हैं?
Which shapes are shown true on globe?
उत्तर:
ग्लोब पर दोनों ध्रुव, अक्षांश तथा देशांतर रेखायें, महासागर और महाद्वीप दिखाये जाते हैं।

प्रश्न 5.
पृथ्वी अपनी घूर्णन गति किस पर करती है?
On which the earth rotates?
उत्तर:
पृथ्वी अपनी घूर्णन गति अपने अक्ष पर करती है।

HBSE 6th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 ग्लोब: अक्षांश एवं देशांतर

प्रश्न 6.
पृथ्वी के दो बिंदु क्या हैं?
What are the two points of earth?
उत्तर:
पृथ्वी के दो बिंदु उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी ध्रुव हैं।

प्रश्न 7.
भूमध्य रेखा किसे कहते हैं?
Define equator.
उत्तर:
वह काल्पनिक रेखा जो पृथ्वी के मध्य पूर्व-पश्चिम खींची गई है। यह पृथ्वी को दो भागों में विभाजित करती है।

प्रश्न 8.
भारत की मानक समय रेखा क्या है?
What is the Standard Meridian of India?
उत्तर:
भारत की मानक समय रेखा 829° पूर्व देशांतर है।

प्रश्न 9.
स्थानीय समय किसे कहते हैं?
What is local time?
उत्तर:
किसी स्थान पर जब सूर्य ठीक सिर के ऊपर होता है तो इस समय को उस स्थान का स्थानीय समय कहते हैं।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
ग्लोब के कोई दो लाभ बताओ।
Mention two advantages of globe.
उत्तर:
ग्लोब के लाभ :

  • ग्लोब पर महाद्वीप, महासागर आदि एक दृष्टि में देखे जा सकते हैं।
  • ग्लोब को उसी प्रकार घुमाया जा सकता है जिस प्रकार पृथ्वी घूमती है।

प्रश्न 2.
ग्लोब की क्या कमियाँ हैं?
What are the disadvantages of globe?
उत्तर:

  • ग्लोब का उपयोग अधिक विवरण दिखाने के लिये नहीं किया जा सकता।
  • ग्लोब का प्रयोग पृथ्वी के किसी भाग विशेष अथवा क्षेत्र या देश, जिला आदि के लिये नहीं किया जा सकता है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए:
Answer the following questions in brief:
(i) पृथ्वी के धरातल पर कौन से दो आधारभूत संदर्भ बिंदु हैं? उनके नाम लिखिए।
Which are the two basic points of reference on the earth’s surface ? Name them.
उत्तर:
दो आधार बिंदु उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी ध्रुव हैं।

(ii) हम पृथ्वी पर सबसे बड़ा वृत्त कैसे बना सकते हैं?
How can we draw the greatest circle on the earth?
उत्तर:
यदि हम ग्लोब पर मध्य में पश्चिम से पूर्व को रेखा खींचे तो वह सबसे बड़ा वृत्त बनाएगी। यह भूमध्य रेखा कहलाएगी।

प्रश्न 4.
स्थानीय समय तथा मानक समय में क्या अंतर हैं?
What is the difference between the local time and the standard time?
उत्तर:
स्थानीय समय (Local Time): किसी स्थान पर जब सूर्य आकाश में सबसे अधिक ऊँचाई पर अर्थात् ठीक सिर के ऊपर होता है उस समय दिन के 12 बजे का समय होता है। इसी समय को उस स्थान का स्थानीय समय कहा जाता है। इस देशांतर पर स्थित सभी स्थानों का समय दोपहर के 12 बजे ही होगा।

मानक समय (Standard Time) : विभिन्न देशांतर रेखाओं पर स्थानीय समय भिन्न-भिन्न होता है। इससे यातायात तथा संचार साधनों के परिचालन समय में कठिनाई आ जाती है। इस समस्या को दूर करने के लिये रूस तथा भारत जैसे देशों ने अपना एक स्थानीय समय माना है जो देश की मानक मध्याह्न रेखा से माना जाता है। जैसे भारत की मानक मध्याह्न रेखा 827° पू. देशांतर रेखा है। इस रेखा के समय को सारे भारत का मानक समय माना जाता है।

HBSE 6th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 ग्लोब: अक्षांश एवं देशांतर

प्रश्न 5.
तीन ताप कटिबंधों के नाम उनकी सीमाओं के साथ बताइये।
Name the three heat zones along with their exact boundaries.
उत्तर:
तीन ताप कटिबंध निम्न प्रकार हैं:
1. ऊष्ण कटिबंध (Torrid Zones) : यह क्षेत्र अधिकतम ऊष्मा ग्रहण करता है इसलिये इसे ऊष्ण कटिबंध कहते हैं। यह कर्क वृत्त (231/2°) उत्तर तथा मकर वृत्त (231/2°) दक्षिण के मध्य स्थित है।

2. शीतोष्ण कटिबंध (Temperate Zones) : यह क्षेत्र कर्क वृत्त (231/2°) उत्तरी तथा आर्कटिक वृत्त (661/2°) उत्तरी के मध्य उत्तरी गोलार्द्ध में तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में मकर वृत्त (231/2°) तथा अंटार्कटिक वृत्त (661/2°) दक्षिणी के मध्य स्थित है। यहाँ मध्यम स्तर पर तापमान होता है। इसलिये इसे शीतोष्ण कटिबंध कहा जाता है। इस क्षेत्र में सूर्य की किरणें लंबवत् नहीं चमकतीं।

3. शीत कटिबंध (Frigid Zones) : वे क्षेत्र जो उत्तरी गोलार्द्ध में आर्कटिक वृत्त से उत्तरी ध्रुव के मध्य तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में अंटार्कटिक वृत्त से दक्षिणी ध्रुव के मध्य में फैले हैं। यहाँ बहुत अधिक ठंड होती है। यहाँ सूर्य की किरणें तिरछी ही पड़ती हैं। बहुत अधिक शीत होने के कारण ही इन क्षेत्रों को शीत कटिबंध कहते हैं।

प्रश्न 6.
ग्लोब पर अक्षांश तथा देशांतर रेखायें क्यों खींची जाती हैं?
Why are the longitudes and latitudes drawn on the globe?
उत्तर:
पृथ्वी के गोलाकार होने के कारण किसी स्थान की स्थिति का ठीक ज्ञान नहीं कर सकते। किसी स्थान की स्थिति का ठीक ज्ञान करने के लिये अक्षांश तथा देशांतर रेखाओं को बनाया जाता है। उस स्थान की सही स्थिति वही हो सकती है, जहाँ अक्षांश तथा देशांतर रेखायें मिलती हैं तथा एक दूसरे को काटती हैं। उदाहरण के लिये काहिरा की स्थिति 30° उत्तरी अक्षांश तथा 30° पूर्वी देशांतर के मिलन बिंदु पर है।

ग्लोब: अक्षांश एवं देशांतर Class 6 HBSE Notes in Hindi

  • ग्लोब (Globe): मानव-निर्मित पृथ्वी का प्रतिरूप।
  • अक्ष (Axis) : पृथ्वी के मध्य खिंची काल्पनिक रेखा को अक्ष कहते हैं। यह दोनों ध्रुवों को मिलाती है।
  • भूमध्य रेखा (Equator): पृथ्वी को दो बराबर भागों में बाँटने वाली काल्पनिक रेखा को भूमध्य रेखा कहते हैं। यह 0° अक्षांश रेखा भी कहलाती है।
  • देशांतर रेखायें (Longitudes) : पृथ्वी पर उत्तर से दक्षिण खींची हुई काल्पनिक रेखायें जो ध्रुवों को मिलाती हैं. देशांतर रेखायें
  • अक्षांश रेखायें (Latitudes) : भूमध्य रेखा के उत्तर तथा दक्षिण खींची हुई काल्पनिक रेखायें जो कोणीय दूरी पर खींची हुई मानी गई हैं, अक्षांश रेखायें हैं।
  • मानक समय (Standard Time) : मानक मध्याह्न रेखा के समय को मानक समय कहते हैं।

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HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 4 आधारभूत ज्यामितीय अवधारणाएँ Ex 4.4

Haryana State Board HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 4 आधारभूत ज्यामितीय अवधारणाएँ Ex 4.4 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Maths Solutions Chapter 4 आधारभूत ज्यामितीय अवधारणाएँ Exercise 4.4

प्रश्न 1.
त्रिभुज ABC का एक रफ चित्र खींचिए। इस त्रिभुज के अभ्यन्तर में एक बिन्दु P अंकित कीजिए और उसके बहिर्भाग में एक बिन्दु Q अंकित कीजिए। बिन्दु A इसके अभ्यन्तर में स्थित है या बहिर्भाग में स्थित है ?
हल :
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 4 आधारभूत ज्यामितीय अवधारणाएँ Ex 4.4 - 1
त्रिभुज ΔABC का एक रफ चित्र बनाते हैं, जिसमें बिन्दु P और Q, ΔABC के अभ्यन्तर और बहिर्भाग पर स्थित हैं तथा बिन्दु A, त्रिभुज ΔABC के शीर्ष पर स्थित हैं।

HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 4 आधारभूत ज्यामितीय अवधारणाएँ Ex 4.4

प्रश्न 2.
(a) संलग्न आकृति में तीन त्रिभुजों की पहचान कीजिए।
(b) सात कोणों के नाम लिखिए।
(c) इसी आकृति में छः रेखाखण्डों के नाम लिखिए।
(d) किन दो त्रिभुजों में ∠B उभयनिष्ठ है ?
HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 4 आधारभूत ज्यामितीय अवधारणाएँ Ex 4.4 - 2
हल :
(a) दी गई आकृति में तीन त्रिभुज ΔABC, ΔABD और ΔMCD हैं।
(b) ∠BAD, ∠BAC, ∠CAD, ∠ABD, ∠ACD, ∠ADC और ∠ADB सात कोण हैं।
(c) AB, BD, DC, CA, BC और AD छ: रेखाखण्डों के नाम हैं।
(d) AABC और ΔABD में ∠B उभयनिष्ठ है।

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HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 11 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

Haryana State Board HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 11 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार Important Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Geography Important Questions Chapter 11 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

A. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए

1. वर्ष 2010-2011 में निम्नलिखित में से कौन-सा भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था?
(A) जापान
(B) यूरोप
(C) संयुक्त राज्य अमेरिका
(D) यू०ए०ई०
उत्तर:
(D) यू०ए०ई०

2. आयात और निर्यात का अंतर कहलाता है
(A) व्यापार
(B) व्यापार-संतुलन
(C) आयात
(D) निर्यात
उत्तर:
(B) व्यापार-संतुलन

3. जब आयात निर्यात से कम हो तो व्यापार संतुलन होता है-
(A) पक्ष में
(B) विपक्ष में
(C) शून्य में
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(A) पक्ष में

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 11 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

4. जब आयात निर्यात से अधिक हो तो व्यापार संतुलन होता है-
(A) पक्ष में
(B) विपक्ष में
(C) शून्य में
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(B) विपक्ष में

5. निम्नलिखित में से किस वस्तु का भारत आयात करता है?
(A) ईंधन
(B) मशीनें
(C) उर्वरक
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(D) उपरोक्त सभी

6. निम्नलिखित में से भारत निर्यात करता है-
(A) चाय
(B) पेट्रोलियम
(C) मशीनें
(D) उर्वरक
उत्तर:
(A) चाय

7. भारत में सबसे ज्यादा मूल्य का आयात किस मद में होता है?
(A) पेट्रोलियम
(B) मशीनें
(C) उर्वरक
(D) रत्न
उत्तर:
(A) पेट्रोलियम

8. तूतीकोरिन पत्तन भारत के किस राज्य में स्थित है?
(A) तमिलनाडु
(B) पश्चिमी बंगाल
(C) उड़ीसा
(D) आंध्र प्रदेश
उत्तर:
(A) तमिलनाडु

9. जवाहरलाल नेहरू पत्तन का निर्माण किस पत्तन के भार को कम करने के लिए किया गया है?
(A) कोच्चि
(B) मार्मागाओ
(C) मुंबई
(D) कांडला
उत्तर:
(C) मुंबई

10. निम्नलिखित में से भारत के प्रमुख पत्तन/बंदरगाह कितने हैं?
(A) 10
(B) 11
(C) 12
(D) 8
उत्तर:
(C) 12

11. भारत की नवीन बंदरगाह है
(A) न्हावाशेवा
(B) चेन्नई
(C) हल्दिया
(D) विशाखापत्तनम
उत्तर:
(A) न्हावाशेवा

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 11 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

12. भारत के कुल अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का कितना प्रतिशत भाग समुद्री मार्ग द्वारा होता है?
(A) लगभग 70%
(B) लगभग 75%
(C) लगभग 80%
(D) लगभग 90%
उत्तर:
(D) लगभग 90%

13. निम्नलिखित में से कौन-सा पत्तन पूर्वी तट पर स्थित नहीं है?
(A) कोलकाता
(B) पारादीप
(C) मार्मागाओ
(D) विशाखापट्टनम
उत्तर:
(C) मार्मागाओ

14. निम्नलिखित में से कौन-सा पत्तन पश्चिमी तट पर स्थित नहीं है?
(A) मुंबई
(B) कोच्चि
(C) न्हावाशेवा
(D) पारादीप
उत्तर:
(D) पारादीप

15. किस बंदरगाह को भारत का प्रवेश द्वार कहा जाता है?
(A) कोलकाता को
(B) चेन्नई को
(C) कोच्चि को
(D) मुंबई को
उत्तर:
(D) मुंबई को

16. भारत का कृत्रिम बंदरगाह है-
(A) मुंबई
(B) चेन्नई
(C) कोलकाता
(D) कोच्चि
उत्तर:
(B) चेन्नई

17. जुआरी नदमुख के मुँहाने पर अवस्थित बंदरगाह है-
(A) मुंबई
(B) हल्दिया
(C) मार्मागाओ
(D) पारादीप
उत्तर:
(C) मार्मागाओ

18. किस पत्तन का पोताश्रय सबसे गहरा है?
(A) मुंबई
(B) हल्दिया
(C) मार्मागाओ
(D) पारादीप
उत्तर:
(D) पारादीप

19. भारत का विशालतम कंटेनर पत्तन है-
(A) मुंबई पत्तन
(B) कोच्चि पत्तन
(C) जवाहरलाल नेहरू पत्तन
(D) एन्नौर पत्तन
उत्तर:
(C) जवाहरलाल नेहरू पत्तन

B. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दीजिए

प्रश्न 1.
भारत में सबसे ज्यादा मूल्य का आयात किस मद में होता है?
उत्तर:
पेट्रोलियम एवं संबद्ध उत्पादों का।

प्रश्न 2.
विदेशी व्यापार में भारत का सबसे बडा भागीदार कौन है?
उत्तर:
यू०ए०ई० और संयुक्त राज्य अमेरिका।

प्रश्न 3.
देश की सबसे ज्यादा मध्यम और छोटी पत्तनें भारत के किस तटीय राज्य में हैं?
उत्तर:
महाराष्ट्र।

प्रश्न 4.
भारत की सबसे गहरी और स्थल रुद्ध पत्तन कौन-सी है?
उत्तर:
विशाखापट्टनम।

प्रश्न 5.
भारत के उस राज्य का नाम लिखिए जहाँ दो प्रमुख समुद्री पत्तन हैं?
उत्तर:
तमिलनाडु (चेन्नई, तूतीकोरिन)।

प्रश्न 6.
भारत की सबसे नवीन बंदरगाह कौन-सी है?
उत्तर:
न्हावाशेवा।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 11 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

प्रश्न 7.
भारत के कोई दो अंतर्राष्ट्रीय विमान पत्तनों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय विमान पत्तन (नई दिल्ली)।
  2. दमदम अंतर्राष्ट्रीय विमान पत्तन (कोलकात्ता)।

प्रश्न 8.
भारत की तट रेखा पर अच्छे पोताश्रय की कमी क्यों है?
उत्तर:
तट रेखा सामान्यतः सीधी और सपाट होने के कारण।

प्रश्न 9.
भारत के पूर्वी तट पर स्थित दो पत्तनों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. पारादीप पत्तन
  2. विशाखापट्टनम पत्तन।

प्रश्न 10.
कौन-सा बंदरगाह ‘भारतीय सामुद्रिक व्यापार का पूर्वी द्वार’ कहलाता है?
उत्तर:
कोलकाता-हल्दिया।

प्रश्न 11.
सन् 2003-2004 में कौन-सा देश भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था?
उत्तर:
संयुक्त राज्य अमेरिका।

प्रश्न 12.
भारत में विमान पत्तनों का प्रबंध कौन करता है?
उत्तर:
भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण।

प्रश्न 13.
पारादीप बंदरगाह किस राज्य में है?
उत्तर:
ओडिशा में।

प्रश्न 14.
वर्तमान में कांडला पत्तन का क्या नाम रखा गया है?
उत्तर:
दीनदयाल पत्तन।

प्रश्न 15.
किसे अरब सागर की रानी (क्वीन ऑफ अरेबियन सी) के लोकप्रिय नाम से जाना जाता है?
उत्तर:
बेंवानद कायाल को।

प्रश्न 16.
परंपरागत वस्तुओं के व्यापार में गिरावट का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर:
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा।

प्रश्न 17.
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रवेश द्वार के रूप में किसे जाना जाता है?
उत्तर:
समुद्री पत्तनों को।

प्रश्न 18.
देश का सबसे पुराना या प्राचीन बंदरगाह/पत्तन कौन-सा है?
उत्तर:
चेन्नई पत्तन।

प्रश्न 19.
भारत का निगमीकृत बंदरगाह पत्तन कौन-सा है?
उत्तर:
एन्नौर पत्तन (तमिलनाडु)।

प्रश्न 20.
देश का सबसे गहरा, प्राकृतिक एवं स्थलरुद्ध पत्तन कौन-सा है?
उत्तर:
विशाखापट्टनम पत्तन (आंध्र प्रदेश)।

अति-लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार क्या है?
उत्तर:
विभिन्न देशों के बीच वस्तुओं व सेवाओं के आयात-निर्यात को अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार कहते है।

प्रश्न 2.
भारत से निर्यात की जाने वाली चार प्रमुख वस्तुओं के नाम लिखो।
उत्तर:

  1. चाय
  2. रत्न और आभूषण
  3. सूती धागे और वस्त्र
  4. औषधियाँ और दवाइयाँ
  5. चमड़ा और चमड़े का सामान
  6. लोहा और इस्पात।

प्रश्न 3.
आयात (Import) क्या है?
उत्तर:
किसी देश से किसी वस्तु को अपने देश में लाने की क्रिया को आयात कहा जाता है। उदाहरण के लिए, भारत विदेशों से पेट्रोलियम संबंधित उत्पाद, मशीनें अथवा पूंजीगत माल और रसायन व उर्वरक आदि उत्पादों को मंगवाता है। ये ही आयात है।

प्रश्न 4.
निर्यात (Export) क्या है?
उत्तर:
किसी वस्तु को दूसरे देश में भेजने की क्रिया को निर्यात कहा जाता है। उदाहरण के लिए, भारत विदेशों को चाय, रत्न, आभूषण, सूती धागे व वस्त्र और चमड़ा और उससे संबंधित सामान आदि को भेजता है। ये ही निर्यात है।

प्रश्न 5.
व्यापार संतुलन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
आयात और निर्यात का अंतर व्यापार संतुलन (Balance of Trade) कहलाता है।

प्रश्न 6.
विदेशी व्यापार क्या है? अथवा विदेशी व्यापार को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
जब वस्तुओं व सेवाओं का क्रय-विक्रय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होता है, उसे विदेशी व्यापार कहते हैं, जैसे भारत चाय, रत्न, आभूषण, सिले-सिलाए वस्त्रों का निर्यात करता है और उर्वरक, कच्चा तेल और मशीनें दूसरे देशों से आयात करता है।

रॉबर्टसन के अनुसार, “विदेशी व्यापार वृद्धि का इंजन है।” यह किसी देश के प्राकृतिक साधनों के उपयोग और अतिरेक उत्पादन के निर्यात में सहायता करता है अर्थात् यह किसी देश की अर्थव्यवस्था में निर्णायक भूमिका निभाता है।

प्रश्न 7.
शुद्ध कच्चे माल से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
ऐसी अर्ध-निर्मित वस्तुएँ जिन्हें उद्योगों में कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके पश्चात् उससे शुद्ध उपभोग योग्य वस्तुएँ जैसे चप्पल, थैलियाँ आदि बनाई जाती हैं।

प्रश्न 8.
भुगतान संतुलन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
भुगतान संतुलन एक नियत समय में किसी देश द्वारा शेष विश्व से हुए लेन-देन का सुव्यवस्थित विवरण है।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 11 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

प्रश्न 9.
हल्दिया पत्तन के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
हल्दिया पत्तन कोलकाता से 105 कि०मी० अंदर अनुप्रवाह पर स्थित है। इस पत्तन का निर्माण कोलकाता पत्तन की संकुलता को घटाने के लिए किया गया।

प्रश्न 10.
तूतीकोरिन पत्तन की कोई दो विशेषताएँ लिखें।
उत्तर:

  1. यह एक प्राकृतिक पोताश्रय है तथा इसकी पृष्ठभूमि भी अत्यंत समृद्ध है।
  2. यह विभिन्न प्रकार के नौभार का निपटान करता है।

प्रश्न 11.
न्यू-मंगलौर पत्तन कहाँ स्थित है? यह किन वस्तुओं का निपटान करता है?
उत्तर:
न्यू-मंगलौर पत्तन कर्नाटक में स्थित है। यह पत्तन कुद्रेमुख खानों से निकले लौह-अयस्क का निर्यात करता है। यह पत्तन उर्वरकों, पेट्रोलियम उत्पादों, खाद्य तेलों, चाय-कॉफी, सूत, ग्रेनाइट पत्थर आदि वस्तुओं का निपटान करता है।

प्रश्न 12.
भारत के पश्चिमी तट पर स्थित पत्तनों के नाम लिखें।
अथवा
भारत के पश्चिमी तट पर स्थित दो पत्तनों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. कांडला पत्तन
  2. मुंबई पत्तन
  3. मार्मागाओ पत्तन
  4. न्यू मंगलौर पत्तन
  5. कोच्चि पत्तन आदि।

प्रश्न 13.
भारत के किन्हीं छः अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. सुभाषचंद्र बोस हवाई अड्डा (दमदम)-कोलकाता।
  2. कोच्चि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा-कोच्चि।
  3. इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा-नई दिल्ली।
  4. जवाहरलाल नेहरू हवाई अड्डा (सांताक्रुज)-मुंबई।
  5. मीनाम्बक्कम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा-चेन्नई।
  6. राजा सांसी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अडड़ा-अमृतसर।

प्रश्न 14.
भारत के किन्हीं छः व्यापारिक साझेदार देशों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. संयुक्त अरब अमीरात
  2. अमेरिका
  3. जापान
  4. ब्रिटेन
  5. जर्मनी
  6. सिंगापुर आदि।

प्रश्न 15.
घरेलू व्यापार तथा विदेशी व्यापार में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
घरेलू व्यापार-जब वस्तुओं और सेवाओं का क्रय-विक्रय देश के एक भाग में किया जाता है, उसे घरेलू व्यापार कहते हैं; जैसे सोनीपत की साइकिल तथा असम की चाय सारे देश में बिकती हैं।

विदेशी व्यापार-जब वस्तुओं व सेवाओं का क्रय-विक्रय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होता है, उसे विदेशी व्यापार कहते हैं; जैसे भारत चाय, रत्न, आभूषण, सिले-सिलाए वस्त्रों का निर्यात करता है और उर्वरक, कच्चा तेल और मशीनें दूसरे देशों से आयात करता है।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत के बदलते विदेशी व्यापार के संघटन दिशा पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
उत्तर:
भारत का विदेशी व्यापार विश्व के लगभग सभी देशों के साथ होता है, परंतु फिर भी कुछ देश ऐसे हैं, जिनका इस संबंध में महत्त्व अपेक्षतया अधिक है। स्वतंत्रता-प्राप्ति से पहले हमारा विदेशी व्यापार ब्रिटेन से अधिक होता था, क्योंकि हम अंग्रेजों के अधीन थे, परंतु अब स्थिति बदल गई है। अब हमारा अधिक व्यापार संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ होता है। इसके बाद जापान, ब्रिटेन तथा रूस का नंबर है। पिछले कई वर्षों से संयुक्त राज्य अमेरिका हमारे आयात व्यापार का स्रोत है। जर्मनी,भी हमारे आयात व्यापार का स्रोत है। जापान पिछले कुछ वर्षों से हमारे आयात का स्रोत बना हुआ है। भारत के निर्यात व्यापार में भी स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद बहुत परिवर्तन आए हैं। हमारे निर्यात व्यापार की दिशा रूस, पूर्वी यूरोप तथा दक्षिण-पूर्वी एशिया के देशों की ओर बढ़ रही है।

प्रश्न 2.
मुंबई को भारत का प्रवेश-द्वार कहा जाता है, क्यों?
अथवा
मुंबई भारत का सबसे महत्त्वपूर्ण पत्तन क्यों हैं? अथवा मुंबई पत्तन का भारतीय अर्थव्यवस्था में क्या योगदान है?
उत्तर:
यह सत्य है कि मुंबई को भारत का प्रवेश-द्वार कहा जाता है। यह एक प्राकृतिक पत्तन है तथा यहाँ पानी गहरा है। यह विश्व की प्राकृतिक पत्तनों में से एक है। यहाँ हर प्रकार के जलयान सुरक्षित रूप से लंगर डाल सकते हैं। इस पत्तन से विश्व के विभिन्न देशों को माल भेजा जाता है तथा विभिन्न देशों से भारत के लिए यहाँ माल आकर उतरता है। भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का 1/4 भाग इसी पत्तन द्वारा होता है। यहाँ भारी मशीनों तथा औद्योगिक माल उतारने-चढ़ाने के लिए आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं। पालघाट तथा भोरघाट दरों में से रेलों द्वारा मुंबई को भारत के दूसरे नगरों से जोड़ा गया है। इस तरह देश के विभिन्न भागों से इस पत्तन से विदेशों को आसानी से माल निर्यात किया जाता है। इन सब कारणों से मुंबई को भारत का प्रवेश-द्वारा कहा जाता है।

प्रश्न 3.
भारत के चार प्रमुख समुद्री पत्तनों के नाम बताइए।
उत्तर:
भारत के चार प्रमुख समुद्री पत्तन निम्नलिखित हैं-

  1. मुंबई-यह पत्तन भारत के प्रमुख पत्तनों में सबसे बड़ा है। भारत का एक-चौथाई से भी अधिक विदेशी व्यापार इसी पत्तन से होता है।
  2. चेन्नई-यह पूर्वी तट पर स्थित सबसे पुराने पत्तनों में से एक है। इसका पोताश्रय भी प्राकृतिक है। यहाँ से सामान्य वस्तुओं का आयात-निर्यात होता है।
  3. कांडला-यह एक ज्वारीय पत्तन है। इस पत्तन से खनिज तेल, पेट्रोलियम, उत्पाद, उर्वरक, खाद्यान्न, नमक, कपास, चीनी आदि का व्यापार होता है।
  4. कोच्चि-यह भारत का चौथा प्रमुख पत्तन है। इसका पोताश्रय प्राकृतिक है। यहाँ से पेट्रोलियम उत्पाद, उर्वरक तथा कुछ सामान्य वस्तुओं का निर्यात किया जाता है।

प्रश्न 4.
भारत के विदेशी या अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में असंतुलन के कारण लिखें।
उत्तर:
भारत के निर्यात में पिछड़ने के कारण निम्नलिखित हैं-

  1. भारतीय वस्तुओं की उत्पादन लागत अधिक है। हम समय, श्रम, कच्चे-माल का पूरी तरह से उपयोग नहीं कर पाते।
  2. भारतीय वस्तुओं की गुणवत्ता का स्तर निम्न है।
  3. भारत के परम्परागत निर्यातों की विदेशों में कम माँग है।
  4. भारतीय रुपए का बार-बार अवमूल्यन एक हथियार के रूप में प्रयोग हो रहा है।
  5. यदि कोई देश विकसित राष्ट्रों से आयात करता है तो उसे कम आयात शुल्क देना होता है। यदि वही देश, वही माल किसी
  6. विकासशील देश से ले तो उसे अधिक आयात शुल्क देना पड़ता है।

प्रश्न 5.
1960-61 से 2000-2001 के बीच भारत में किन वस्तुओं के आयात में परिवर्तन हुए?
उत्तर:
1960-61 से 2000-2001 के बीच भारत में निम्नलिखित वस्तुओं के आयात में परिवर्तन हुए-
(1) कृषि उत्पादों/वस्तुओं के आयात में गिरावट आई। 1960-61 में लगभग 187 करोड़ रुपयों के खाद्य अनाज आयात किए गए जो 2000-2001 में 50 करोड़ रुपयों से भी कम हो गए।

(2) 1970-71 में 504 करोड़ रुपयों की पूंजीगत वस्तुएँ आयात की गई। 2000-2001 में पूंजी वस्तुओं के आयात में पर्याप्त वृद्धि हुई है।

(3) उर्वरकों पर आयात व्यय सन् 1960-61 में 60 करोड़ से भी कम था जो 2000-2001 में बढ़कर 15000 करोड़ रुपयों से अधिक हो गया।

(4) पेट्रोलियम के आयात व्यय पर पर्याप्त वृद्धि हुई। इस वृद्धि के दो कारण हैं-

  • पेट्रोलियम की कीमतों में वृद्धि
  • औद्योगिक व यातायात क्षेत्र के विस्तार के लिए पेट्रोलियम पदार्थों की अधिक माँग।

प्रश्न 6.
1960-61 से 2000-2001 के बीच भारत में किन वस्तुओं के निर्यात में परिवर्तन हुए?
उत्तर:
भारत में वर्ष 1960-61 में कल निर्यात 642 करोड़ रुपए था। वर्ष 1990-91 में 32553 करोड रुपए हो गया। वर्ष 2000-2001 में यह 203571 करोड़ रुपए तक बढ़ गया। अतः 1960-61 से 2000-2001 के बीच भारत में निम्नलिखित वस्तुओं के निर्यात में परिवर्तन हुए

  1. कुल निर्यातों में कृषि उत्पादों की प्रतिश्ता में गिरावट आई।
  2. परम्परागत वस्तुओं; पटसन, चाय, अनाज व खनिज पदार्थ के भाग में गिरावट आई।
  3. कुल निर्यातों में निर्मित वस्तुओं के भाग में पर्याप्त वृद्धि हुई।
  4. कुल निर्यातों में रत्नों और रेडीमेड कपड़ों के भाग में पर्याप्त वृद्धि हुई।

प्रश्न 7.
कांडला पत्तन की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
कांडला पत्तन खाड़ी कच्छ पर स्थित है। इसकी विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  1. यह प्राकृतिक तथा सुरक्षित पत्तन है।
  2. इसकी पृष्ठभूमि में उत्तर-पश्चिमी भारत के उपजाऊ मैदान सम्मिलित हैं।
  3. यह स्वेज़ नहर के समुद्री मार्ग के निकट है।
  4. यहाँ से सूती कपड़ा, सीमेंट, मशीनें तथा दवाइयाँ आयात होती हैं तथा सीमेंट, अभ्रक, तिलहन तथा नमक निर्यात होता है।

प्रश्न 8.
मुम्बई पत्तन की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
मुम्बई पत्तन पश्चिमी तट (कोंकण तट) के मध्यवर्ती भाग में एक द्वीप पर स्थित है, जिसे एक पुल द्वारा भारतीय मुख्य स्थल से जोड़ा गया है। इसकी निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-

  1. यह देश की सबसे बड़ी प्राकृतिक तथा सुरक्षित पत्तन है।
  2. इसकी पृष्ठभूमि में काली मिट्टी के कपास क्षेत्र तथा विकसित औद्योगिक क्षेत्र सम्मिलित हैं।
  3. यहाँ उत्तम गोदामों की व्यवस्था है।
  4. यहाँ ट्रांबे में भाभा अणु शक्ति केंद्र, ऐलीफेंटा की गुफाएँ तथा मैरीन ड्राइव दर्शनीय स्थल हैं।
  5. यहाँ से मशीनें, पेट्रोलियम, कोयला, कागज़ तथा फिल्में आयात की जाती हैं तथा सूती कपड़ा, तिलहन, मैंगनीज, चमड़ा तथा तंबाकू निर्यात किए जाते हैं।

प्रश्न 9.
विशाखापट्टनम पत्तन की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
विशाखापट्टनम पत्तन पूर्वी तट पर आंध्र प्रदेश में स्थित है। इसकी निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-

  1. यह प्राकृतिक तथा सुरक्षित पत्तन है।
  2. यह डॉल्फिन नोज़ नामक कठोर चट्टानों से घिरी हुई है।
  3. इसकी पृष्ठभूमि में लोहा, कोयला तथा मैंगनीज़ के महत्त्वपूर्ण क्षेत्र सम्मिलित हैं।
  4. यहाँ जलयान निर्माण का सबसे बड़ा कारखाना स्थित है।
  5. यहाँ कोयला, तेल तथा ईंधन उपलब्ध हैं।
  6. यहाँ से चावल, खाद्यान, पेट्रोलियम तथा मशीनें आयात की जाती हैं तथा लोहा, मैंगनीज़, तिलहन, चमड़ा, लाख तथा तंबाकू निर्यात किया जाता है।

दीर्घ-उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत के विदेशी व्यापार की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत के विदेशी व्यापार की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-
1. प्रतिकूल व्यापार-संतुलन-स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद भारत को अपने उद्योगों के विकास के लिए भारी मात्रा में मशीनों का आयात करना पड़ा। कृषि के विकास के लिए कृषि-यंत्र, उर्वरक तथा खनिज तेल का भी आयात करना पड़ा, परंतु निर्यात उस गति से नहीं बढ़ पाया। इस प्रकार हमारे व्यापार का संतुलन प्रतिकूल हो गया।

2. निर्यात में विविधता हमारे देश में प्राचीन समय में चाय, चमड़ा तथा चमड़े का सामान, पटसन तथा सूती वस्त्र का निर्यात होता था, परंतु अब हम विभिन्न प्रकार की निर्मित वस्तुओं का निर्यात करते हैं।

3. विश्वव्यापी व्यापार-आज़ादी प्राप्त होने से पहले हमारा व्यापार मुख्यतः ब्रिटेन के साथ होता था लेकिन आज विश्व के लगभग सभी देशों के साथ हमारे व्यापारिक संबंध हैं।

4. आयात में परिवर्तन पहले हम मुख्यतः खाद्यान्न तथा निर्मित वस्तुओं का आयात करते थे, परंतु आज सबसे अधिक आयात खनिज तेल का किया जाता है। अन्य महत्त्वपूर्ण आयात की वस्तुएँ लोहा-इस्पात, उर्वरक, कागज़, खाने के तेल आदि हैं।

5. समुद्री मार्ग द्वारा व्यापार–भारत का लगभग 95 प्रतिशत व्यापार समुद्री मार्गों द्वारा होता है। स्थलीय व्यापार केवल हमारे पड़ोसी देशों तक ही सीमित है। हमारे पड़ोसी देश निर्धन तथा पिछड़े हुए हैं, अतः हमारा अधिकतर विदेशी दूर स्थित देशों से समुद्री मार्ग द्वारा किया जाता है। हमारा स्थलीय व्यापार लाभदायक नहीं है।

6. कुछ चुनी हुई बंदरगाहों द्वारा ही व्यापार–बेशक भारत की तट-रेखा 7,516.6 कि०मी० लंबी है, परंतु यह अधिक कटी-फटी नहीं है तथा प्राकृतिक बंदरगाहों का यहाँ अभाव है। भारत में कुछ चुनी हुई बंदरगाहों से ही व्यापार होता है; जैसे मुंबई, कांडला, कोच्चि, चेन्नई, कोलकाता आदि। इसलिए माल-लादने तथा उतारने की इन बंदरगाहों पर गहनता पाई जाती है। अतः अधिक भीड़-भाड़ के कारण, यहाँ कठिनाई पेश आती है।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 11 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

प्रश्न 2.
भारत के विदेशी व्यापार की दिशा का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
किसी देश के विदेशी व्यापार की दिशा का अभिप्राय यह होता है कि वह देश किन देशों को निर्यात करता है और किन देशों से आयात करता है अर्थात् उसके व्यापारिक संबंध किन देशों के साथ हैं। भारत का विदेशी व्यापार निम्नलिखित देशों के साथ होता है
1. एंग्लो अमेरिका-एंग्लो अमेरिका में संयुक्त राज्य अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत इसको रत्न, आभूषण, सूती-वस्त्र, हस्त-शिल्प आदि उत्पाद निर्यात और इलेक्ट्रॉनिक सामान, मशीनें, उर्वरक, रसायन आदि उत्पादों का आयात करता है।

2. पश्चिमी यूरोप यह भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक प्रदेश है। 2005-06 की अवधि में कुल आयात में 21.17% तथा कुल निर्यात में 24.06% की भागीदारी थी। पश्चिमी यूरोप में लगभग 28 देश आते हैं जिन्हें सामूहिक रूप से यूरोपियन यूनियन (EU) कहा जाता है। भारत रत्न, आभूषण, सिले-सिलाए वस्त्र, चमड़ा, चमड़े का सामान, मशीनें, दवाइयाँ, हस्तशिल्प, प्लास्टिक उत्पाद, कालीन आदि उत्पादन निर्यात करता है और बहुमूल्य और अल्पमूल्य रत्न, चाँदी, मशीनें, उपकरण व औषधीय उत्पाद आदि का आयात करता है।

3. स्वतंत्र राज्यों के परिसंघ एवं बाल्टिक देश-स्वतंत्र राज्यों का परिसंघ सोवियत संघ के विघटन के बाद ही अस्तित्व में आया। सन् 1990-1991 में भारत का पूर्व सोवियत संघ के साथ कुल व्यापार 78.03 अरब रुपए का हुआ था जबकि इस प्रदेश के देशों के साथ भारत का कुल व्यापार 80.61 अरब रुपयों का हुआ था। अकेले रूस के साथ निर्यात में 1.20% और आयात में 2.03% भागीदारी थी।

4. पश्चिमी एशिया और उत्तरी अफ्रीका-भारत के पश्चिमी एशिया के 12 और उत्तरी अफ्रीका के 7 देशों से संबंध हैं। यद्यपि इन देशों के साथ भारत का व्यापार तेजी से बढ़ा है, लेकिन व्यापार संतुलन भारत के पक्ष में नहीं रहा है। भारत से इन देशों को मुख्यतः दवाइयाँ, रत्न, आभूषण निर्यात किए जाते हैं।

5. दक्षिण-पूर्वी तथा पूर्वी एशिया दक्षिणी-पूर्वी एशियाई राष्ट्र संघ तथा पूर्वी एशियाई देशों के साथ भारत के व्यापारिक समझौते हैं। भारत इन्हें रत्न, आभूषण, सूती वस्त्र, सिले-सिलाए वस्त्र, दवाइयाँ, माँस उत्पाद, सामुद्रिक उत्पाद निर्यात करता है और इन देशों से कोकिंग, मशीनें, बिजली की मशीनें, लकड़ी के उत्पाद, अलौह धातुएँ आदि आयात करता है।

6. अफ्रीका-इस महाद्वीप में भारत का व्यापार मुख्य रूप से दक्षिण अफ्रीका, नाइजीरिया, मॉरीशस, आइवरी कोस्ट, कीनिया, घाना, इथोपिया, बैनिन, सेनेगल के साथ है।

प्रश्न 3.
भारत के प्रमुख पत्तनों या बंदरगाहों का वर्णन करें।
अथवा
भारत के प्रमुख बंदरगाहों/पत्तनों की विशेषताओं का वर्णन करें। अथवा भारत के पूर्वी तट पर स्थित पत्तनों का वर्णन करें। अथवा भारत के पश्चिमी तट पर स्थित पत्तनों का वर्णन करें।
उत्तर:
जल परिवहन यातायात का एक सस्ता साधन है। भारी सामान ढोने के लिए यह एक उपयुक्त साधन है। सागरीय पत्तन सागर के किनारे जलयानों के ठहरने के स्थान होते हैं। कटा-फटा तट, जल की अधिक गहराई, संपन्न पृष्ठभूमि तथा उत्तम जलवायु एक आदर्श पत्तन की उपयुक्त. परिस्थितियाँ हैं। भारत में लक्षद्वीप, अंडमान तथा निकोबार की तटीय रेखा सहित तट की लंबाई 7516.6 कि०मी० है।

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित पत्तन/बंदरगाह भारत के पश्चिमी तट पर स्थित प्रमुख पत्तन/बंदरगाह निम्नलिखित हैं-
1. कांडला-यह पत्तन गुजरात के खाड़ी कच्छ पर स्थित है। वर्तमान में भारत सरकार ने इस पत्तन का नाम बदलकर ‘दीन दयाल पत्तन’ कर दिया है। इसकी विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • यह प्राकृतिक तथा सुरक्षित पत्तन है।
  • इसकी पृष्ठभूमि में उत्तर-पश्चिमी भारत के उपजाऊ मैदान सम्मिलित हैं।
  • यहाँ सागर की गहराई लगभग दस मीटर है।
  • यहाँ बड़े-बड़े जहाज़ों के ठहरने की प्राप्त व्यवस्था है।
  • यह स्वेज़ नहर के समुद्री मार्ग के निकट है।
  • यहाँ से सूती कपड़ा, सीमेंट, मशीनें तथा दवाइयाँ आयात होती हैं तथा सीमेंट, अभ्रक, तिलहन तथा नमक निर्यात होता है।

2. मुंबई-यह पत्तन महाराष्ट्र के पश्चिमी तट (कोंकण तट) के मध्यवर्ती भाग में एक द्वीप पर स्थित है, जिसे एक पुल द्वारा भारतीय मुख्य स्थल से जोड़ा गया है। इसकी निम्नलिखित विशेषताएँ हैं

  • यह देश की सबसे बड़ी प्राकृतिक तथा सुरक्षित पत्तन है।
  • यह स्वेज़ नहर के समुद्री मार्ग के निकट है।
  • इसकी पृष्ठभूमि में काली मिट्टी के कपास क्षेत्र तथा विकसित औद्योगिक क्षेत्र सम्मिलित हैं।
  • यहाँ बड़े-बड़े जहाज़ आकर ठहर सकते हैं।
  • यहाँ उत्तम गोदामों की व्यवस्था है।
  • यहाँ ट्रांबे में भाभा अणु शक्ति केंद्र, ऐलीफेंटा की गुफाएँ तथा मैरीन ड्राइव दर्शनीय स्थल हैं।
  • यह भारतीय जल सेना का प्रमुख केंद्र है।
  • यहाँ से मशीनें, पेट्रोलियम, कोयला, कागज़ तथा फिल्में आयात की जाती हैं तथा सूती कपड़ा, तिलहन, मैंगनीज, चमड़ा तथा तंबाकू निर्यात किए जाते हैं।

3. मार्मागाओ-यह गोवा में स्थित है। इसकी विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • यह प्राकृतिक पत्तन है।
  • इसकी पृष्ठभूमि में पश्चिमी महाराष्ट्र तथा पश्चिमी कर्नाटक सम्मिलित हैं।
  • यहाँ पचास जलयानों के खड़े होने की व्यवस्था है।
  • यहाँ से खाद्यान्न, रासायनिक खादें, खनिज तेल तथा मशीनें आयात की जाती हैं तथा नारियल, मैंगनीज, खनिज लोहा तथा मूंगफली निर्यात की जाती है।

4. कोच्चि-यह केरल राज्य में स्थित है। इसकी विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  • यह एक प्राकृतिक तथा सुरक्षित पत्तन है।
  • यह लैगून झील के किनारे स्थित है।
  • यह पूर्वी एशिया तथा ऑस्ट्रेलिया जलमार्गों पर स्थित है।
  • यह अपनी पृष्ठभूमि से जलमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।
  • यहाँ भारत का दूसरा जलयान निर्माण केंद्र स्थित है।
  • यहाँ से चावल, पेट्रोलियम, रसायन, मशीनें आदि आयात की जाती हैं तथा कहवा, गर्म मसाले, इलायची, रबड़, काजू, चाय तथा सूती कपड़ा निर्यात किया जाता है।

भारत के पूर्वी तट पर स्थित पत्तन/बंदरगाह-भारत के पूर्वी तट पर स्थित प्रमुख बंदरगाह/पर्तन निम्नलिखित हैं-
1. चेन्नई-यह पत्तन कोरोमंडल तट पर तमिलनाडु में स्थित है। इसकी निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-

  • यह कृत्रिम पत्तन है।
  • दो मोटी जल-तोड़ दीवारें बनाकर इसे सुरक्षित बनाया गया है।
  • इसकी पृष्ठभूमि में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक का उपजाऊ क्षेत्र तथा औद्योगिक प्रदेश सम्मिलित हैं।
  • यहाँ कोयले का अभाव है।
  • यहाँ से चावल, पेट्रोलियम, मशीनें, लौह-इस्पात तथा कोयला आयात किए जाते हैं तथा कहवा, चाय, गर्म मसाले, तिलहन, रबड़ तथा चमड़ा निर्यात किए जाते हैं।

2. विशाखापट्टनम-यह पत्तन पूर्वी तट पर आंध्र प्रदेश में स्थित है। इसकी निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-

  • यह प्राकृतिक तथा सुरक्षित पत्तन है।
  • यह डॉल्फिन नोज़ नामक कठोर चट्टानों से घिरी हुई है।
  • इसकी पृष्ठभूमि में लोहा, कोयला तथा मैंगनीज़ के महत्त्वपूर्ण क्षेत्र सम्मिलित हैं।
  • यहाँ जलयान निर्माण का सबसे बड़ा कारखाना स्थित है।
  • यहाँ कोयला, तेल तथा ईंधन उपलब्ध हैं।
  • यहाँ से चावल, खाद्यान, पेट्रोलियम तथा मशीनें आयात की जाती हैं तथा लोहा, मैंगनीज़, तिलहन, चमड़ा, लाख तथा तंबाकू निर्यात किया जाता है।

3. पारादीप-यह पत्तन पूर्वी तट पर ओडिशा राज्य में स्थित है। इसकी निम्नलिखित विशेषताएँ हैं-

  • यह नई तथा आधुनिक पत्तन है।
  • यह प्राकृतिक तथा सुरक्षित पत्तन है।
  • यहाँ जल की गहराई अधिक है, इसलिए बड़े-बड़े जलयान यहाँ आकर ठहरने में समर्थ हैं।
  • इसकी पृष्ठभूमि में ओडिशा के खनिज क्षेत्र सम्मिलित हैं।
  • यहाँ से मशीनें, चावल, तेल आदि आयात किया जाता है तथा लोहा, मैंगनीज़, अभ्रक आदि खनिज पदार्थ निर्यात किए जाते हैं।

4. कोलकाता-यह पत्तन पश्चिम बंगाल के गंगा के डेल्टा प्रदेश में हुगली नदी के किनारे बंगाल की खाड़ी से 128 किलोमीटर अंदर की ओर स्थित है। इसकी निम्नलिखित विशेषताएँ हैं

  • यह एक कृत्रिम पत्तन है।
  • यहाँ जल की गहराई कम है।
  • नदियों की तलछट हटाने के लिए काफी धन खर्च होता है।
  • ज्वार-भाटा के समय यहाँ जहाज़ आ-जा सकते हैं।
  • यहाँ से पेट्रोलियम, रबड़, चावल, मशीनें तथा मोटरें आयात की जाती हैं तथा पटसन, चाय, खनिज लोहा, कोयला, चीनी तथा अभ्रक निर्यात किया जाता है।।

इस पत्तन ने विशाखापट्टनम, पारादीप और उसकी अनुषंगी पत्तन हल्दिया जैसी अन्य पत्तनों की ओर निर्यात के दिकपरिवर्तन के कारण अपनी सार्थकता काफ़ी हद तक खो दी है। कोलकाता पत्तन हुगली नदी द्वारा लाई गई गाद की समस्या से भी जूझता रहा . है जो कि उसे समुद्र से जुड़ने का मार्ग प्रदान करती है।

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HBSE 11th Class Geography Solutions Chapter 1 भूगोल एक विषय के रूप में

Haryana State Board HBSE 11th Class Geography Solutions Chapter 1 भूगोल एक विषय के रूप में Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Geography Solutions Chapter 1 भूगोल एक विषय के रूप में

HBSE 11th Class Geography भूगोल एक विषय के रूप में Textbook Questions and Answers

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. निम्नलिखित में से किस विद्वान् ने भूगोल (Geography) शब्द (Term) का प्रयोग किया?
(A) हेरोडोट्स
(B) गैलीलियो
(C) इरेटॉस्थेनीज़
(D) अरस्तु
उत्तर:
(C) इरेटॉस्थेनीज़

2. निम्नलिखित में से किस लक्षण को भौतिक लक्षण कहा जा सकता है?
(A) पत्तन
(B) मैदान
(C) सड़क
(D) जल उद्यान
उत्तर:
(B) मैदान

HBSE 11th Class Geography Solutions Chapter 1 भूगोल एक विषय के रूप में

3. स्तंभ I एवं II के अंतर्गत लिखे गए विषयों को पढ़िए।

स्तंभ-कस्तंभ-ख
प्राकृतिक/सामाजिक विज्ञानभूगोल की शाखाएँ
1. मौसम विज्ञानअ. जनसंख्या भूगोल
2. जनांकिकीब. मृदा भूगोल
3. समाजशास्त्रस. जलवायु विज्ञान
4. मृदा विज्ञानद. सामाजिक भूगोल

सही मेल को चिहांकित कीजिए।
(A) 1.ब. 2.स. 3.अ. 4.द.
(B) 1.द. 2.ब. 3.स. 4.अ.
(C) 1.अ. 2.द. 3.ब. 4.स.
(D) 1.स. 2.अ. 3.द. 4.ब.
उत्तर:
(D) 1.स. 2.अ. 3.द. 4.ब.

4. निम्नलिखित में से कौन-सा प्रश्न कार्य-कारण संबंध से जड़ा हआ है?
(A) क्यों
(B) क्या
(C) कहाँ
(D) कब
उत्तर:
(A) क्यों

5. निम्नलिखित में से कौन-सा विषय कालिक संश्लेषण करता है?
(A) समाजशास्त्र
(B) मानवशास्त्र
(C) इतिहास
(D) भूगोल
उत्तर:
(C) इतिहास

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
आप विद्यालय जाते समय किन महत्वपूर्ण सांस्कृतिक लक्षणों का पर्यवेक्षण करते हैं? क्या वे सभी समान हैं अथवा असमान? उन्हें भूगोल के अध्ययन में सम्मिलित करना चाहिए अथवा नहीं? यदि हाँ तो क्यों?
उत्तर:
जब हम विद्यालय जाते हैं तो रास्ते में दुकान, सड़क, घर, मंदिर, चर्च आदि सांस्कृतिक लक्षणों का पर्यवेक्षण करते हैं। ये सभी असमान हैं। इन्हें भूगोल के अध्ययन में सम्मिलित करना चाहिए, क्योंकि ये सभी सांस्कृतिक लक्षण सांस्कृतिक भूगोल तथा मानव भूगोल के अभिन्न अंग हैं।

प्रश्न 2.
आपने एक टेनिस गेंद, क्रिकेट गेंद, संतरा एवं लौकी देखा होगा। इनमें से कौन-सी वस्तु की आकृति पृथ्वी की आकृति से मिलती-जुलती है? आपने इस विशेष वस्तु को पृथ्वी की आकृति को वर्णित करने के लिए क्यों चुना है?
उत्तर:
संतरे की आकृति पृथ्वी से मिलती-जुलती है इसलिए हमने संतरे को पृथ्वी की आकृति से जोड़ा है, क्योंकि पृथ्वी भी ध्रुवों से चपटी है। जबकि अन्य कोई भी वस्तु पृथ्वी की आकृति से मेल नहीं खाती।

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प्रश्न 3.
क्या आप अपने विद्यालय में वन-महोत्सव समारोह का आयोजन करते हैं? हम इतने पौधारोपण क्यों करते हैं? वृक्ष किस प्रकार पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखते हैं?
उत्तर:
हमने अपने विद्यालय में अनेक बार वन-महोत्सव का आयोजन किया है। इनमें हम अपने विद्यालय में पेड़-पौधे लगाते हैं। पेड़-पौधे हमें ऑक्सीजन देते हैं तथा हमारे द्वारा छोड़ी गई कार्बन-डाइऑक्साइड को ग्रहण कर लेते हैं, जोकि पारिस्थितिकी तंत्र में संतुलन के लिए बहुत सहायक है। इस प्रकार पेड़-पौधे अथवा वृक्ष पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखते हैं।

प्रश्न 4.
आपने हाथी, हिरण, केंचुए, वृक्ष एवं घास देखा है। वे कहाँ रहते एवं बढ़ते हैं? उस मंडल को क्या नाम दिया गया है? क्या आप इस मंडल के कुछ लक्षणों का वर्णन कर सकते हैं?
उत्तर:
जिस स्थान पर हाथी, हिरण, केंचुए, वृक्ष एवं घास बढ़ते हैं, उस स्थान को जैवमंडल कहा जाता है। पृथ्वी का वह घेरा जहाँ स्थलमंडल, वायुमंडल, जलमंडल मिलकर जीवन को संभव बनाते हैं, उसे जीवमंडल कहते हैं। जीवमंडल में गतिशील और स्थिर भूगोल एक विषय के रूप में दोनों तरह के जीव पाए जाते हैं। गतिशील जीवों में वन्य-प्राणी, जल जीव, मानव आदि आते हैं और स्थिर जीवों में वनस्पति, पेड़-पौधे इत्यादि शामिल हैं।

प्रश्न 5.
आपको अपने निवास से विद्यालय जाने में कितना समय लगता है? यदि विद्यालय आपके घर की सड़क के उस पार होता तो आप विद्यालय पहुंचने में कितना समय लेते? आने-जाने के समय पर आपके घर एवं विद्यालय के बीच की दूरी का क्या प्रभाव पड़ता है? क्या आप समय को स्थान या इसके विपरीत स्थान को समय में परिवर्तित कर सकते हैं?
उत्तर:
हमें अपने घर से विद्यालय जाते हुए आधा घण्टा लगता है। यदि विद्यालय घर की सड़क के उस पार होता तो हमें सिर्फ पाँच मिनट विद्यालय जाने में लगते। आने-जाने के समय में पढ़ाई का नुकसान होता है। हाँ, स्थान को आने-जाने के आधार पर परिवर्तित किया जा सकता है; जैसे हम कहते हैं कि इस स्थान पर हम 30 मिनट में पहुँच जाएँगे। परन्तु समय को स्थान में परिवर्तित नहीं कर सकते।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
आप अपने परिस्थान (Surrounding) का अवलोकन करने पर पाते हैं कि प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक दोनों तथ्यों में भिन्नता पाई जाती है। सभी वृक्ष एक ही प्रकार के नहीं होते। सभी पशु एवं पक्षी जिसे आप देखते हैं भिन्न-भिन्न होते हैं। ये सभी भिन्न तत्त्व धरातल पर पाए जाते हैं। क्या अब आप यह तर्क दे सकते हैं कि भूगोल प्रादेशिक/क्षेत्रीय भिन्नता का अध्ययन है?
उत्तर:
पृथ्वी तल पर प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक दोनों तथ्यों में भिन्नता पाई जाती है। ये भिन्नताएँ भौतिक एवं सांस्कृतिक पर्यावरण में पाई जाने वाली भिन्नताओं से उपजती हैं। इसी क्षेत्रीय भिन्नता (Areal Differentiation) का अध्ययन करना भूगोल के मुख्य उद्देश्यों में से एक है। भूगोल पृथ्वी पर केवल क्षेत्रीय भिन्नताओं का अध्ययन ही नहीं करता बल्कि उन कारकों का भी अध्ययन करता है जो इन भिन्नताओं को जन्म देते हैं या प्रभावित करते हैं।

उदाहरणतः फसल प्रारूप (Cropping Pattern) में भिन्नता पाई जाती है जो मिट्टी के प्रकार, जलवायु, उत्पाद की माँग, किसानों की कम क्षमता, तकनीकी निवेश की उपलब्धता आदि की भिन्नता पर निर्भर करती है। इसी प्रकार किसी क्षेत्र में औद्योगिक विकास का स्तर अनेक तत्त्वों से प्रभावित होता है। भूगोल कारण संबंध (Cause-effect relationship) भी ज्ञात करता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हेट्टनर ने कहा था, “भूगोल पृथ्वी के विभिन्न भागों में कार्य-कारण संबंध का अध्ययन करता है।

प्रश्न 2.
आप पहले ही भूगोल, इतिहास, नागरिकशास्त्र एवं अर्थशास्त्र का सामाजिक विज्ञान के घटक के रूप में अध्ययन कर चुके हैं। इन विषयों के समाकलन का प्रयास उनके अंतरापृष्ठ (Interface) पर प्रकाश डालते हुए कीजिए।
यन सामाजिक विज्ञान के एक घटक के रूप में किया है। सामाजिक विज्ञान का भूगोल की एक शाखा से अंतरापृष्ठ संबंध है।

  1. भूगोल और इतिहास में अंतर्संबंध है। प्रत्येक विषय का एक दर्शन होता है, जो उस विषय के लिए मूल-आधार होता है।
  2. सामाजिक विज्ञान, अर्थशास्त्र, जनांकिकी सामाजिक यथार्थता का अध्ययन करते हैं।
  3. भूगोल की सभी शाखाएँ-सामाजिक भूगोल, राजनीतिक भूगोल, आर्थिक भूगोल, जनसंख्या भूगोल, अधिवास भूगोल विषयों को घनिष्ठता से जोड़ती हैं।
  4. राजनीतिक भूगोल एक क्षेत्रीय इकाई के रूप में राज्य तथा उसकी जनसंख्या के राजनीतिक व्यवहार का अध्ययन करता है।
  5. अर्थशास्त्र अर्थव्यवस्था की मूल विशेषताओं; जैसे उत्पादन, विवरण, विनिमय एवं उपभोग का विवेचन करता है।
  6. उत्पादन, विनिमय, वितरण तथा उपभोग के स्थानिक पक्ष का अध्ययन आर्थिक भूगोल के अंतर्गत आता है।

समाकलन विषय होने के कारण भूगोल अनेक सामाजिक विज्ञानों से जुड़ा है। इन विज्ञानों का भूगोल से संबंध होने का मुख्य कारण यह है कि इन विषयों के कई कारकों में भी क्षेत्रीय भिन्नताएँ पाई जाती हैं।

अतः विवेचन से स्पष्ट है कि भूगोल प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञानों से घनिष्ठता से जुड़ा हुआ है।

भूगोल एक विषय के रूप में HBSE 11th Class Geography Notes

→ भूगोल (Geography)-पृथ्वी तल पर पाए जाने वाले इन्हीं भौतिक एवं मानवीय सांस्कृतिक तत्त्वों की भिन्नता का वर्णन ही भूगोल कहलाता है।

→ पारिस्थितिकी (Ecology)-वह विज्ञान जिसके अंतर्गत विभिन्न जीवों तथा उनके पर्यावरण के अंतर्संबंधों का अध्ययन किया जाता है। मानव पारिस्थितिकी (Human Ecology) के संदर्भ में इसका अर्थ मनुष्य और स्थान के बीच पाए जाने वाले अंतर्संबंध के अध्ययन से है।

→ भौतिक पर्यावरण/वातावरण (Physical Environment) मानव अथवा अन्य पारिस्थितिक समुदायों को प्रभावित करने वाले भौतिक कारकों; जैसे वर्षा, तापमान, भू-आकार, मिट्टी, प्राकृतिक वनस्पति, जल इत्यादि का सम्मिश्रण।

→ सांस्कृतिक पर्यावरण/वातावरण (Cultural Environment) मानव अथवा अन्य पारिस्थितिक समुदायों को प्रभावित करने वाले सांस्कृतिक कारकों; जैसे ग्राम, नगर, यातायात के साधन, कारखाने, व्यापार, शिक्षा संस्थाओं इत्यादि का सम्मिश्रण।

HBSE 11th Class Geography Solutions Chapter 1 भूगोल एक विषय के रूप में

→ कार्य-कारण संबंध (Cause and Effect Relationship) मानव द्वारा किया गया कोई उद्यम और उसके द्वारा उत्पन्न प्रभाव व परिणाम के बीच संबंधों का होना। उदाहरणतः, अर्जित शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति के व्यवहार, सामाजिक व आर्थिक स्तर में होने वाले परिवर्तन में शिक्षा कारण है और बदलाव कार्य है। इसी प्रकार सिंचाई व्यवस्था होने से कृषि क्षेत्र में होने वाले सकारात्मक आर्थिक बदलाव कार्य-कारण संबंध का उदाहरण है।

→ क्रमबद्ध भूगोल (Systematic Geography) भूगोल की वह शाखा, जिसके अंतर्गत भौगोलिक तत्त्वों की क्षेत्रीय-विषमताओं का क्रमबद्ध अध्ययन किया जाता है।

→ प्रादेशिक भूगोल (Regional Geography)-भू-पृष्ठ पर विभिन्न प्राकृतिक प्रदेशों; जैसे मानसून प्रदेश, टुण्ड्रा प्रदेश आदि का भौगोलिक अध्ययन।

→ परिघटना (Phenomena)-ऐसी वस्तु जिसे इंद्रियों; जैसे आंख, कान , नाक आदि से देखा, सुना, सूंघा व स्पर्श किया जा सकता है। उदाहरणतः पर्वत या पठार प्राकृतिक परिघटनाएँ हैं, जबकि सड़क, मंदिर, खेत सांस्कृतिक परिघटनाएँ हैं।

→ अंतरापृष्ठ (Interface)-वह जगह या धरातल जहां दो विषय आपस में मिलते हैं और एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं।

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HBSE 12th Class History Solutions Chapter 2 राजा, किसान और नगर : आरंभिक राज्य और अर्थव्यवस्थाएँ

Haryana State Board HBSE 12th Class History Solutions Chapter 2 राजा, किसान और नगर : आरंभिक राज्य और अर्थव्यवस्थाएँ Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class History Solutions Chapter 2 राजा, किसान और नगर : आरंभिक राज्य और अर्थव्यवस्थाएँ

HBSE 12th Class History राजा, किसान और नगर : आरंभिक राज्य और अर्थव्यवस्थाएँ Textbook Questions and Answers

उत्तर दीजिए (लगभग 100 से 150 शब्दों में)

प्रश्न 1.
आरंभिक ऐतिहासिक नगरों में शिल्पकला के उत्पादन के प्रमाणों की चर्चा कीजिए। हड़प्पा के नगरों के प्रमाण से ये प्रमाण कितने भिन्न हैं?
उत्तर:
आरंभिक ऐतिहासिक नगरों का उदय छठी सदी ई→पू→ में हुआ। इनके शिल्प उत्पाद निम्नलिखित प्रकार से थे

(1) इस काल में मिट्टी के उत्तम श्रेणी के कटोरे व थालियाँ बनाई जाती थीं। इन बर्तनों पर चिकनी कलई चढ़ी होती थी। इन्हें उत्तरी काले पॉलिश मृदभांड (N.B.P.W.) के नाम से जाना जाता है।

(2) नगरों में लोहे के उपकरण, सोने, चाँदी के गहने, लोहे के हथियार, बर्तन (कांस्य व ताँबे के), हाथी दाँत का सामान, शीशे, शुद्ध व पक्की मिट्टी की मूर्तियाँ भी बनाई जाती थीं।।

(3) भूमि अनुदान पत्रों से जानकारी मिलती है कि नगरों में वस्त्र बनाने का कार्य, बढ़ई का कार्य, आभूषण बनाने का कार्य, मृदभांड बनाने का कार्य, लोहे के औजार बनाने का कार्य होता था। हड़प्पा के नगरों से तुलना-हड़प्पा के शिल्प उत्पादों तथा आरंभिक ऐतिहासिक नगरों के शिल्प उत्पादों में काफी भिन्नता पाई जाती है। हड़प्पा सभ्यता के शिल्प कार्यों में मनके बनाना, शंख की कटाई, धातु-कर्म, मुहर बनाना तथा बाट बनाना सम्मिलित थे। परंतु हड़प्पा के लोग लोहे के उपकरण नहीं बनाते थे। उनके उपकरण पत्थर, कांस्य व ताँबे के थे। दूसरी ओर, प्रारंभिक नगरों के लोग बड़ी मात्रा में लोहे के औजार, उपकरण और वस्तुएँ बनाते थे।

प्रश्न 2.
महाजनपदों के विशिष्ट अभिलक्षणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
छठी सदी ई→पू→ के बौद्ध और जैन ग्रंथों में हमें 16 महाजनपदों का उल्लेख मिलता है। बौद्ध ग्रंथ अंगुतर निकाय में हमें इन राज्यों के नामों का उल्लेख मिलता है।
विशिष्ट अभिलक्षण-इन महाजनपदों के विशिष्ट अभिलक्षण निम्नलिखित प्रकार से हैं

(1) अधिकांश जनपदों में राजतंत्रात्मक प्रणाली थी जिसमें राजा सर्वोच्च व वंशानुगत था, लेकिन निरंकश नहीं था। मन्त्रिपरिषद – अयोग्य राजा को पद से हटा दिया करती थी।

(2) कुछ महाजनपदों में गणतंत्रीय व्यवस्था थी। इन्हें गण या संघ कहते थे। गणराज्यों का मुखिया ‘गणमुख्य’ कहलाता था। जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि शासन करते थे। ये ‘राजन’ (राजा) कहलाते थे। वह अपनी परिषद् के सहयोग से राज्य करता था। वस्तुतः इन गण राज्यों में कुछ लोगों के समूह (Oligarchies) का शासन होता था।

(3) प्रत्येक महाजनपद की अपनी राजधानी थी जिसकी किलेबंदी की जाती थी।

(4) इस काल में रचित धर्मशास्त्रों में शासक तथा लोगों के लिए नियमों का निर्धारण किया गया है। इन शास्त्रों में राजा को यह सलाह दी गई कि वह कृषकों, व्यापारियों और दस्तकारों से कर प्राप्त करे। पड़ोसी राज्य पर हमला कर धन लूटना या प्राप्त करना वैध (Legitimate) उपाय बताया गया।
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(5) धीरे-धीरे इनमें से कई राज्यों ने स्थायी सेना और नौकरशाही तंत्र का गठन कर लिया था परंतु कुछ राज्य अभी भी अस्थायी सेना पर निर्भर थे।

HBSE 12th Class History Solutions Chapter 2 राजा, किसान और नगर : आरंभिक राज्य और अर्थव्यवस्थाएँ

प्रश्न 3.
सामान्य लोगों के जीवन का पुनर्निर्माण इतिहासकार कैसे करते हैं?
उत्तर:
सामान्य लोगों के जीवन का पुनर्निर्माण करने में इतिहासकारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है क्योंकि सामान्य लोगों ने अपने विचारों और अनुभवों के संबंध में शायद ही कोई वृत्तांत छोड़ा हो। फिर भी इतिहासकार सामान्य लोगों के जीवन का पुनर्निर्माण करने का प्रयास करते हैं क्योंकि इतिहास निर्माण में इन लोगों के द्वारा ही अहम् भूमिका निभाई गई। इस कार्य को पूरा करने के लिए इतिहास विभिन्न प्रकार के स्रोतों का सहारा लेते हैं।

(1) विभिन्न स्थानों पर खुदाई से अनाज के दाने तथा जानवरों की हड्डियाँ मिलती हैं जिससे यह पता चलता है कि वे किन फसलों से परिचित थे तथा किन पशुओं का पालन करते थे।

(2) भवनों और मृदभांडों से उनके घरेलू जीवन का पता चलता है।

(3) अभिलेखों से शिल्प उत्पादों का पता चलता है।

(4) भूमि अनुदान पत्रों से भी ग्रामीण जीवन की झांकी का पता चलता है। इनमें ग्राम के उत्पादन तथा ग्राम के वर्गों की जानकारी मिलती है।

(5) कुछ साहित्य भी सामान्य लोगों के जीवन पर प्रकाश डालते हैं। उदाहरण के लिए जातक कथाओं और पंचतंत्र की कहानियों से इस प्रकार के संदर्भ निकाले जाते हैं।

(6) विभिन्न ग्रन्थों में नगरों में रहने वाले सर्वसाधारण लोगों का पता चलता है। इन लोगों में धोबी, बुनकर, लिपिक, बढ़ई, कुम्हार, स्वर्णकार, लौहार, छोटे व्यापारी आदि होते थे।

प्रश्न 4.
पांड्य सरदार (स्रोत 3) को दी जाने वाली वस्तुओं की तुलना दंगुन गाँव (स्रोत 8) की वस्तुओं से कीजिए। आपको क्या समानताएँ और असमानताएँ दिखाई देती हैं?
उत्तर:
पांड्य सरदार को भेंट की गई वस्तुओं की जानकारी हमें शिल्पादिकारम् में दिए वर्णन से प्राप्त होती है तथा दंगुन गाँव वह गाँव है जिसे प्रभावती गुप्त ने एक भिक्षु को भूमि अनुदान में दिया था। इस अनुदान पत्र से हमें गाँव में पैदा होने वाली वस्तुओं की जानकारी मिलती है। पांडय सरदार को प्राप्त वस्तओं व दंगन गाँव की वस्तओं की सची निम्नलिरि

(1) पहाड़ी लोग वञ्जि के राजा के लिए हाथी दाँत, शहद, चंदन, सिंदूर के गोले, काजल, हल्दी, इलायची, काली मिर्च, कंद का आटा वगैरह भेंट लाए। उन्होंने राजा को बड़े नारियल, आम, दवाई में काम आने वाली हरी पत्तियों की मालाएँ, तरह-तरह के फल, प्याज़, गन्ना, फूल, सुपारी के गुच्छे, पके केलों के गुच्छे, जानवरों व पक्षियों के बच्चे आदि का अर्पण किया।

(2) दंगुन गाँव की वस्तुओं में घास, जानवरों की खाल, कोयला, मदिरा, नमक, खनिज-पदार्थ, खदिर वृक्ष के उत्पाद, फूल, दूध आदि सम्मिलित थे।

समानताएँ-दोनों सूचियों की वस्तुओं में बहुत कम समानता है। दोनों सूचियों में मात्र फूल का नाम पाया गया है। ऐसा लगता है कि पांड्य राजा भी उपहार मिलने के बाद जानवरों की खाल का प्रयोग करते थे।

असमानताएँ-इन दोनों सूचियों में अधिकतर असमानताएँ ही दिखाई देती हैं। वस्तुएँ प्राप्त करने के तरीकों में भी बहुत । असमानताएँ दिखती हैं। एक ओर जहाँ पांड्य सरदार को लोग खुशी से नाच गाकर वस्तुएँ भेंट कर रहे हैं तो दूसरी ओर दंगुन गाँव के लोगों को दान प्राप्तकर्ता को ये वस्तुएँ देनी ही पड़ती थीं। अनुदान पत्र से स्पष्ट है कि ऐसा करने के लिए वे बाध्य थे।

प्रश्न 5.
अभिलेखशास्त्रियों की कुछ समस्याओं की सूची बनाइए।
उत्तर:
अभिलेखों के अध्ययनकर्ता तथा विश्लेषणकर्ता को अभिलेखशास्त्री कहते हैं। अपने कार्य के संपादन में अभिलेखशास्त्रियों ‘को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ता है

(1) अभिलेखशास्त्रियों को कभी-कभी तकनीकी सीमा का सामना करना पड़ता है। अक्षरों को हल्के ढंग से उत्कीर्ण किया जाता है जिन्हें पढ़ पाना कठिन होता है। कभी-कभी अभिलेखों के कुछ भाग नष्ट हो जाते हैं। इससे अक्षर लोप हो जाते हैं जिस कारण शब्दों/वाक्यों का अर्थ समझ पाना कठिन हो जाता है।

(2) कई अभिलेख विशेष स्थान या समय से संबंधित होते हैं, इससे भी हम वास्तविक अर्थ को नहीं समझ पाते।

(3) एक सीमा यह भी रहती है कि अभिलेखों में उनके उत्कीर्ण करवाने वाले के विचारों को बढ़ा-चढ़ाकर व्यक्त किया जाता है। अतः तत्कालीन सामान्य विचारों से इनका संबंध नहीं होता। फलतः कई बार ये जन-सामान्य के विचारों और कार्यकलापों पर प्रकाश नहीं डाल पाते। अतः स्पष्ट है कि सभी अभिलेख राजनीतिक और आर्थिक इतिहास की जानकारी प्रदान नहीं कर पाते।

(4) अनेक अभिलेखों का अस्तित्व नष्ट हो गया है या अभी प्राप्त नहीं हुए हैं। अतः अब तक जो अभिलेख प्राप्त हुए हैं वे कुल अभिलेखों का एक अंश हैं।

(5) अभिलेखशास्त्रियों को अनेक सूचनाएँ अभिलेखों पर नहीं मिल पातीं। विशेष तौर पर जनसामान्य से जुड़ी गतिविधियों पर अभिलेखों में बहुत कम या नहीं के बराबर लिखा गया है।

(6) अभिलेखों में सदा उन्हीं के विचारों को व्यक्त किया जाता है जो उन्हें उत्कीर्ण करवाते हैं। ऐसे में अभिलेखशास्त्री को अत्यंत सावधानी तथा आलोचनात्मक अध्ययन से इनकी सूचनाओं को परखना जरूरी होता है।

प्रश्न 6.
मौर्य प्रशासन के प्रमुख अभिलक्षणों की चर्चा कीजिए। अशोक के अभिलेखों में इसमें से कौन-कौन से तत्त्वों के प्रमाण मिलते हैं?
उत्तर:
मौर्य साम्राज्य भारत में प्रथम ऐतिहासिक साम्राज्य था। मगध महाजनपद ने अन्य जनपदों पर अधिकार स्थापित कर साम्राज्य का निर्माण किया। साम्राज्य की अवधारणा चंद्रगुप्त मौर्य के साम्राज्य में फलीभूत हुई। बिंदुसार तथा सम्राट अशोक इस साम्राज्य के अन्य प्रमुख शासक रहे। मौर्य साम्राज्य के अभिलक्षणों की जानकारी हमें उस काल के ग्रंथों तथा अशोक के अभिलेखों से मिलती है। मौर्य साम्राज्य के प्रमुख अभिलक्षण निम्नलिखित प्रकार हैं

1. राजा-मौर्य राज्य भारत में प्रथम सर्वाधिक विस्तृत और शक्तिशाली साम्राज्य था। साम्राज्य में समस्त शक्ति का स्रोत सम्राट था। वास्तव में राजा और राज्य का भेद कम रह गया था। अर्थशास्त्र में लिखा है कि ‘राजा ही राज्य’ है। वह सर्वाधिकार संपन्न (Supreme Authority) था। वह सर्वोच्च सेनापति व सर्वोच्च न्यायाधीश था।

2. मंत्रि परिषद्-चाणक्य ने कहा है, “रथ केवल एक पहिए से नहीं चलता इसलिए राजा को मंत्रियों की नियुक्ति करनी चाहिए और उनकी सलाह के अनुसार कार्य करना चाहिए। मंत्रिपरिषद् के सदस्यों को अमात्य क थे-प्रधानमंत्री, पुरोहित और सेनापति। समाहर्ता (वित्त मंत्री) और संधिधाता (कोषाध्यक्ष) अन्य महत्त्वपूर्ण मंत्री थे।”

3. प्रांतीय प्रशासन विस्तृत साम्राज्य को पाँच प्रांतों (राजनीतिक केंद्रों) में बाँटा हुआ था।

  • उत्तरापथ-इसमें कम्बोज, गांधार, कश्मीर, अफगानिस्तान तथा पंजाब आदि के क्षेत्र शामिल थे। इसकी राजधानी . तक्षशिला थी।
  • पश्चिमी प्रांत-इसमें काठियावाड़-गुजरात से लेकर राजपूताना-मालवा आदि के सभी प्रदेश शामिल थे। इसकी राजधानी उज्जयिनी थी।
  • दक्षिणपथ इसमें विंध्याचल से लेकर दक्षिण में मैसूर (कर्नाटक) तक सारा प्रदेश शामिल था। इसकी राजधानी सुवर्णगिरी थी।
  • कलिंग-इसमें दक्षिण-पूर्व का उड़ीसा का क्षेत्र शामिल था, जिसमें दक्षिण की ओर जाने के महत्त्वपूर्ण स्थल व समुद्री मार्ग थे। इसकी राजधानी तोशाली थी।
  • प्राशी (पूर्वी प्रदेश) इसमें मगध तथा समस्त उत्तरी भारत का प्रदेश था। इसकी राजधानी पाटलिपुत्र थी। यह प्रदेश पूर्ण रूप से सम्राट के नियन्त्रण में ही था।
    प्रांतों का शासन-प्रबन्ध राजा का प्रतिनिधि (वायसराय) करता था, जिसे कुमार या आर्यपुत्र कहते थे।

4. नगर का प्रबन्ध-मैगस्थनीज़ के अनुसार नगर का प्रशासन 30 सदस्यों की एक परिषद् करती थी, जो 6 उपसमितियों में विभाजित थी।

(1) पहली समिति-यह शिल्प उद्योगों का निरीक्षण करती थी। शिल्पकारों के अधिकारों की रक्षा भी करती थी।

(2) दूसरी समिति-यह विदेशी अतिथियों का सत्कार, उनके आवास का प्रबंध तथा उनकी गतिविधियों पर नजर रखने का कार्य करती थी। उनकी चिकित्सा का प्रबंध भी करती थी।

(3) तीसरी समिति-यह जनगणना तथा कर निर्धारण के लिए, जन्म-मृत्यु का ब्यौरा रखती थी।

(4) चौथी समिति-यह व्यापार की देखभाल करती थी। इसका मुख्य काम तौल के बट्टों तथा माप के पैमानों का निरीक्षण तथा सार्वजनिक बिक्री का आयोजन यानी बाजार लगवाना था।

(5) पाँची समिति-यह कारखानों और घरों में बनाई गई वस्तुओं के विक्रय का निरीक्षण करती थी। विशेषतः यह ध्यान रखती थी कि व्यापारी नई और पुरानी वस्तुओं को मिलाकर न बेचें। ऐसा करने पर दण्ड की व्यवस्था थी।

(6) छठी समिति-इसका कार्य बिक्री कर वसूलना था। जो वस्तु जिस कीमत पर बेची जाती थी, उसका दसवां भाग बिक्री कर के रूप में दुकानदार से वसला जाता था। यह कर न देने पर मृत्यु दण्ड की व्यवस्था थी।

5. असमान शासन व्यवस्था-मौर्य साम्राज्य अति विशाल साम्राज्य था। साम्राज्य में शामिल क्षेत्र बड़े विविध और भिन्न-भिन्न . प्रकार के थे। इसमें अफगानिस्तान का पहाड़ी क्षेत्र शामिल था, वहीं उड़ीसा जैसा तटवर्ती क्षेत्र भी था। स्पष्ट है कि इतने बड़े तथा विविधताओं से भरपूर साम्राज्य का प्रशासन एक-समान नहीं होगा। साम्राज्य के सभी भागों पर नियंत्रण भी समान नहीं था। मगध प्रांत व पाटलिपुत्र में अधिक नियंत्रण होगा तथा प्रांतीय राजधानियों में भी सख्त नियंत्रण होगा। परंतु अन्य भागों में नियंत्रण उतना कठोर नहीं था।

6. आवागमन की सुव्यवस्था साम्राज्य के संचालन के लिए भू-तल और नदी मार्गों से आवागमन होता था। इनकी सुव्यवस्था की जाती थी। राजधानी से प्रांतों तक पहुँचने में भी समय लगता था। अतः मार्ग में ठहरने व खान-पान की व्यवस्था की जाती थी। अशोक ने मार्गों पर सराएँ बनवाईं, कुएँ खुदवाए तथा पेड़ लगवाए।

7. धम्म महामात्र-अशोक के अभिलेखों से जानकारी मिलती है कि अशोक ने धम्म नीति से अपने साम्राज्य में शांति-व्यवस्था तथा एकता बनाने का प्रयास किया। उसने लोगों में सार्वभौमिक धर्म के नियमों का प्रचार-प्रसार किया। अशोक के अनुसार, धर्म के प्रसार का लक्ष्य, लोगों के इहलोक तथा परलोक को सुधारना था। इसके लिए उसने राज्य की ओर से विशेष अधिकारी नियुक्त किए जो ‘धम्म महामात्र’ के नाम से जाने जाते थे। इन्हें व्यापक अधिकार दिए गए थे। उन्हें समाज के सभी वर्गों के कल्याण और सुख के लिए कार्य करना था।

HBSE 12th Class History Solutions Chapter 2 राजा, किसान और नगर : आरंभिक राज्य और अर्थव्यवस्थाएँ

प्रश्न 7.
यह बीसवीं शताब्दी के एक सुविख्यात अभिलेखशास्त्री, डी.सी. सरकार का वक्तव्य है : भारतीयों के जीवन, संस्कृति और गतिविधियों का ऐसा कोई पक्ष नहीं है जिसका प्रतिबिंब अभिलेखों में नहीं है : चर्चा कीजिए।
उत्तर:
सुप्रसिद्ध अभिलेखशास्त्री डी→सी→ सरकार ने मत व्यक्त किया है कि अभिलेखों से भारतीयों के जीवन, संस्कृति और . सभी गतिविधियों से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है। अभिलेखों से मिलने वाली जानकारी का संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित प्रकार से है

1. शासकों के नाम-अभिलेखों से हमें राजाओं के नाम का पता चलता है। साथ ही हम उनकी उपाधियों के बारे में भी जान पाते हैं। उदाहरण के लिए अशोक का नाम अभिलेखों में आया है तथा उसकी दो उपाधियों (देवनाम् प्रिय तथा पियदस्स) का भी उल्लेख मिलता है। समुद्रगुप्त, खारवेल, रुद्रदामा आदि के नाम भी अभिलेखों में आए हैं।

2. राज्य-विस्तार-उत्कीर्ण अभिलेखों की स्थापना वहीं पर की जाती थी जहाँ पर उस राजा का राज्य विस्तार होता था। उदाहरण के लिए मौर्य साम्राज्य का विस्तार जानने के लिए हमारे पास सबसे प्रमुख स्रोत अशोक के अभिलेख हैं।

3. राजा का चरित्र-ये अभिलेख शासकों के चरित्र का चित्रण करने में भी सहायक हैं। उदाहरण के लिए अशोक जनता के . बारे में क्या सोचता था। अनेक विषयों पर उसने स्वयं के विचार व्यक्त किए हैं। इसी प्रकार समुद्रगुप्त के चरित्र-चित्रण के लिए प्रयाग प्रशस्ति उपयोगी है। यद्यपि इनमें राजा के चरित्र को बढ़ा-चढ़ाकर लिखा गया है।

4. काल-निर्धारण-अभिलेख की लिपि की शैली तथा भाषा के आधार पर शासकों के काल का भी निर्धारण कर लिया जाता है।

5. भाषा व धर्म के बारे में जानकारी-अभिलेखों की भाषा से हमें उस काल के भाषा के विकास का पता चलता है। इसी प्रकार अभिलेखों पर धर्म संबंधी जानकारी भी प्राप्त होती है। उदाहरण के लिए, अशोक के धम्म की जानकारी के स्रोत उसके अभिलेख हैं। भूमि अनुदान पत्रों से भी धर्म व संस्कृति के बारे में जानकारी मिलती है।

6. कला-अभिलेख कला के भी नमूने हैं। विशेषतौर पर मौर्यकाल के अभिलेख विशाल पाषाण खंडों को पालिश कर चमकाया गया तथा उन पर पशुओं की मूर्तियाँ रखवाई गईं। ये मौर्य कला के उत्कृष्ट नमूने हैं।

7. सामाजिक वर्गों की जानकारी-अभिलेखों से हमें तत्कालीन वर्गों के बारे में भी जानकारी मिलती है। हमें पता चलता है कि शासक एवं राज्याधिकारियों के अलावा नगरों में व्यापारी व शिल्पकार (बुनकर, सुनार, धोबी, लौहकार, बढ़ई) आदि भी रहते थे।

8. भू-राजस्व व प्रशासन-अभिलेखों से हमें भू-राजस्व प्रणाली तथा प्रशासन के विविध पक्षों की जानकारी भी प्राप्त होती है। विशेषतौर पर भूदान पत्रों से हमें राजस्व की जानकारी मिलती है। साथ ही जब भूमि अनुदान राज्याधिकारियों को दिया जाने लगा तो धीरे-धीरे स्थानीय सामंतों की शक्ति में वृद्धि हुई। इस प्रकार भूमि अनुदान पत्र राजा की घटती शक्ति जानकारी भी देते हैं। उक्त सभी बातों के साथ हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि इन अभिलेखों का सावधानीपूर्वक अध्ययन करना चाहिए। अभिलेखों की सीमाएँ भी होती हैं। विशेषतौर पर जनसामान्य से संबंधित जानकारी इन अभिलेखों में कम पाई जाती है। तथापि अभिलेखों से समाज के विविध पक्षों से काफी जानकारी मिलती है।

प्रश्न 8.
उत्तर:मौर्य काल में विकसित राजत्व के विचारों की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
उत्तर:मौर्य काल में राजत्व का एक नया विचार जोर पकड़ने लगा। यह नया विचार या सिद्धांत दिव्य राजत्व का सिद्धांत था। इस सिद्धांत के तहत राजा अपने आपको ईश्वर से जोड़ने लगे। स्रोतों से जानकारी प्राप्त होती है कि श देवता या देवताओं से उत्पन्न बताया। इस माध्यम से वे प्रजा में अपना रुतबा बहुत ऊँचा कर लेना चाहते थे। प्रजा के दिलो-दिमागों में अपना नेतृत्व (Hegemony) स्थापित करना चाहते थे।

उल्लेखनीय है कि धर्म या धार्मिक रीतियों का प्रयोग कर, स्वयं को ईश्वर का प्रतिनिधि या दैवीय उत्पत्ति बताकर प्रजा में राजा के प्रति आस्था पैदा करना शासकों की प्राचीन काल से ही रणनीति रही थी। उत्तरवैदिक काल में शासक अपनी शक्ति को बढ़ाने के लिए यज्ञों का सहारा लेते थे। यह यज्ञ बहुत-से ब्राह्मणों द्वारा लंबे समय तक करवाए जाते थे। इन यज्ञों में राजसूय यज्ञ (राज्यारोहण पर), वाजपेय (शक्तिप्रदपेय) तथा अश्वमेध यज्ञ प्रमुख थे जिसके माध्यम से राजाओं को दैवीय शक्तियाँ प्राप्त होती थीं।

मौर्य शासक अशोक ने भी दैवीय सिद्धांत का सहारा लिया। वह अपने आपको ‘देवानाम् प्रियदर्शी’ (देवों का प्यारा) की उपाधि से विभूषित करता है। मौर्योतर काल में कुषाण शासकों ने भी बड़ी-बड़ी उपाधियों को धारण किया तथा दिव्य राजत्व को अपनाया। कुषाणों ने मध्य एशिया से मध्य भारत तक के विशाल भू-क्षेत्र पर लगभग प्रथम सदी ई→पू→ से प्रथम ई→ सदी तक शासन किया। उनके द्वारा प्रचलित दैवत्व की परिकल्पना उनके सिक्कों और मूर्तियों से बेहतर रूप में अभिव्यक्त होती है।

मथुरा (उत्तरप्रदेश) के समीप माट (Mat) के एक देवस्थान से स्थापित की गई कुषाण शासकों की विशालकाय मूर्तियाँ प्राप्त हुई हैं।

इसी प्रकार की मूर्तियाँ अफगानिस्तान में एक देवस्थान से प्राप्त हुई हैं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि देवस्थानों में विशाल मूर्तियों की स्थापना का विशेष उद्देश्य रहा होगा। वस्तुतः वे अपने आपको ‘देवतुल्य’ प्रस्तुत करना चाहते होंगे। उल्लेखनीय है कि कुषाण शासकों ने भारतीय धर्मों (शैव, बौद्ध, वैष्णव आदि) को अपनाया तथा इन धर्म के प्रतीकों को अपने सिक्कों पर भी खुदवाया। विम ने अपने सिक्कों पर शिव की आकृति, नंदी और त्रिशूल आदि का प्रयोग किया। कुषाण शासकों ने ‘देवपुत्र’ (Son of God) की उपाधि धारण की। ऐसा करने की प्रेरणा कुषाणों को चीनी शासकों से मिली होगी जो स्वयं को ‘स्वर्गपुत्र’ (Sons of Heaven) मानते थे।

प्रश्न 9.
वर्णित काल में कृषि के तौर-तरीकों में किस हद तक परिवर्तन हुए?
उत्तर:
600 ई→पू→ से 600 ई→ के लंबे कालखंड में भारत में अनेक परिवर्तन आए। इन परिवर्तनों का प्रमुख आधार कृषि प्रणाली का विकसित होना था। इस काल में शासक अधिक मात्रा में कर वसूल करना चाहते हैं। करों की बढ़ती माँग को पूरा करने के लिए किसान उपज बढ़ाने के उपाय ढूँढने लगे। शासकों ने भी इसमें योगदान दिया। उन्होंने सिंचाई कार्यों को बढ़ावा दिया। फलतः कृषि के तौर-तरीकों में निम्नलिखित बदलाव आए

1. सिंचाई कार्य मौर्य शासकों ने खेती-बाड़ी को बढ़ाने की ओर विशेष ध्यान दिया। राज्य किसानों के लिए सिंचाई व्यवस्था/जल वितरण का कार्य करता था। मैगस्थनीज़ ने ‘इंडिका’ में लिखा है कि मिस्र की तरह मौर्य राज्य में भी सरकारी अधिकारी जमीन की पैमाइश करते थे। नहरों का निरीक्षण करते थे जिनसे होकर पानी छोटी नहरों में पहुँचता था।

जूनागढ़ अभिलेख से पता चलता है कि चंद्रगुप्त मौर्य के एक गवर्नर पुष्यगुप्त ने सौराष्ट्र (गुजरात) में गिरनार के पास सुदर्शन झील पर एक बाँध बनवाया था जो सिंचाई के काम आता था। … पाँचवीं सदी में स्कंदगुप्त ने भी इसी झील का जीर्णोद्धार करवाया था। कुँओं व तालाबों से सिंचाई कर कृषि उपज बढ़ाई जाती थी। नहरों का निर्माण शासक या संपन्न लोग ही करवा पाते थे। परंतु कुओं तालाबों के निर्माण में समुदाय तथा व्यक्तिगत प्रयास भी प्रमुख भूमिका निभाते थे।

2. हल से खेती-कृषि उपज बढ़ाने का एक उपाय हल का प्रचलन था। अधिक बरसात वाले क्षेत्रों में हल के लोहे के फाल का प्रयोग प्रचलन में आया। इसकी मदद से मिट्टी को गहराई तक जोता जाने लगा। उल्लेखनीय है कि गंगा व कावेरी की घाटियों के उपजाऊ क्षेत्र में छठी सदी ई→ पू→ से लोहे वाले फाल सहित हल का प्रयोग होने लगा था। प्राचीन पालि ग्रंथों में कृषि के लिए लोहे के औजारों का उल्लेख है। अष्टाध्यायी में भी आयोविकर कुशि (लोहे की फाल) का उल्लेख है। उत्तरी भारत में इस संबंध में कुछ पुरातात्विक साक्ष्य भी मिलते हैं। इसका परिणाम कृषि क्षेत्र में वृद्धि, कृषक बस्तियों का प्रसार और उत्पादन का बढ़ना है, जिसका लाभ राज्य को भी मिला।

3. धान रोपण की विधि की शुरुआत-कृषि क्षेत्र में पैदावार बढ़ाने में एक अन्य महत्त्वपूर्ण उपाय धान रोपण की शुरुआत है। भारत में धान रोपण की शुरुआत 500 ई→पू→ में स्वीकार की जाती है। धान लगाने की प्रक्रिया के लिए रोपण और रोपेति जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया है। सालि का तात्पर्य उखाड़कर लगाए जाने वाली जाड़े की फसलों से है। पालि ग्रंथों में इस प्रक्रिया को बीजानि पतितापेति के नाम से जाना जाता है। ज्ञातधर्म कोष में प्राकृत वाक्यांश उक्खाय निहाए का अर्थ है “उखाड़ना और । प्रतिरोपित करना” प्रतिरोपण की इस प्रणाली से पैदावार बढ़ी। इससे गाँवों में परिवर्तन आया।

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प्रश्न 10.
मानचित्र 1 और 2 की तुलना कीजिए और उन महाजनपदों की सूची बनाइए जो मौर्य साम्राज्य में शामिल रहे होंगे। क्या इस क्षेत्र में अशोक के कोई अभिलेख मिले हैं?
उत्तर:
(1) अशोक के साम्राज्य में शामिल महाजनपदों के नाम-(i) अंग, (ii) मगध, (iii) काशी, (iv) कौशल, (v) वज्जि, (vi) मल्ल, (vii) चेदी (चेटी), (viii) वत्स, (ix) कुरू, (x) पांचाल, (xi) मत्स्य, (xii) शूरसेन, (xiii) अश्मक, (xiv) (rv) गांधार, (xvi) कम्बोज।

(2) अशोक के साम्राज्य में महाजनपदीय क्षेत्रों में मिले अभिलेख-लौरिया अराराज, लौरिया नंदगढ़, रामपुरवा, सहसराम, बैरार, भाबू, टोपरा, शाहबाजगढ़ी, मानसेहरा, सारनाथ, कौशाम्बी तथा कई अन्य अभिलेख मिले हैं।
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प्रश्न 11.
एक महीने के अखबार एकत्रित कीजिए। सरकारी अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक कार्यों के बारे में दिए गए वक्तव्यों को काटकर एकत्रित कीजिए। समीक्षा कीजिए कि इन परियोजनाओं के लिए आवश्यक संसाधनों के बारे में खबरों में क्या लिखा है। संसाधनों को किस प्रकार से एकत्र किया जाता है और परियोजनाओं का उद्देश्य क्या है। इन वक्तव्यों को कौन जारी करता है और उन्हें क्यों और कैसे प्रसारित किया जाता है? इस अध्याय में चर्चित अभिलेखों के साक्ष्यों से इनकी तुलना कीजिए। आप इनमें क्या समानताएँ और असमानताएँ पाते हैं?
उत्तर:
विद्यार्थी अपने अध्यापक के दिशा-निर्देश में परियोजना रिपोर्ट तैयार करें।

प्रश्न 12.
आज प्रचलित पाँच विभिन्न नोटों और सिक्कों को इकट्ठा कीजिए। इनके दोनों ओर आप जो देखते हैं उनका वर्णन कीजिए। इन पर बने चित्रों, लिपियों और भाषाओं, माप, आकार या अन्य समानताओं और असमानताओं के बारे में एक रिपोर्ट तैयार कीजिए। इस अध्याय में दर्शित सिक्कों में प्रयुक्त सामग्रियों, तकनीकों, प्रतीकों, उनके महत्त्व और सिक्कों के संभावित कार्य की चर्चा करते हुए इनकी तुलना कीजिए।
उत्तर:
संकेत-(1) आधुनिक प्रचलित 10 रुपए, 50 रुपए, 100 रुपया, 500 रुपए तथा 1000 रुपए के नोटों पर देखकर विवरण लिखें। जैसे कि भारत सरकार, रिजर्व बैंक, गवर्नर, चित्र (राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, नोट नम्बर, रिजर्व बैंक की मोहर, राष्ट्रीय चिह्न, गवर्नर क्या वचन देता है, इत्यादि। इन सारे तथ्यों के आधार पर स्वतन्त्र भारत के नोटों की विशेषताओं पर विचार करें।

(2) 1 रुपया, 2 रुपए तथा 5 रुपए के सिक्कों पर अंकित चिह्नों की तुलना उन सिक्कों से करें जो प्राचीनकालीन सिक्के अध्याय में दिखाए गए हैं।

राजा, किसान और नगर : आरंभिक राज्य और अर्थव्यवस्थाएँ HBSE 12th Class History Notes

→ मुद्राशास्त्र-सिक्कों के अध्ययन को मुद्राशास्त्र कहते हैं। प्राचीनकाल में धातु के बने सिक्के होते थे। इन सिक्कों पर पाए जाने वाले चित्रों, लिपि तथा सिक्कों की धातु का विश्लेषण किया जाता है। जिन संदर्भो में ये सिक्के पाए जाते हैं, उनका अध्ययन भी मुद्राशास्त्र में किया जाता है।

→ अभिलेख-अभिलेख उन्हें कहते हैं जो पत्थर, धातु, मिट्टी के बर्तन इत्यादि जैसी कठोर सतह पर खुदे होते हैं।

→ अभिलेखशास्त्र-अभिलेखों के अध्ययन को अभिलेखशास्त्र कहते हैं।

→ पंचमार्क सिक्के-चाँदी और ताँबे के आयताकार या वृत्ताकार टुकड़े बनाकर उन पर ठप्पा मारकर विभिन्न चिह्न (जैसे सूर्य, वृक्ष, मानव आदि) खोदे जाते थे। इन्हें पंचमार्क या आहत सिक्के कहते हैं।

→ धान की रोपाई धान की रोपाई उन क्षेत्रों में की जाती है जहाँ पानी काफी मात्रा में न की रोपाई उन क्षेत्रों में की जाती है जहाँ पानी काफी मात्रा में पाया जाता है। पहले बीज अंकुरित किए जाते हैं तथा पानी से भरे खेत में पौधों की रोपाई की जाती है। इस प्रक्रिया से उपज में वृद्धि होती है।

→ गहपति-गहपति घर का मुखिया होता था। घर में रहने वाली महिलाओं, बच्चों और दासों पर उसका नियंत्रण होता था। घर से जुड़ी भूमि, पशुओं और अन्य सभी वस्तुओं का वह स्वामी होता था। कभी-कभी गहपति शब्द शहरों में रहने वाले संभ्रांत व्यक्तियों और व्यापारियों के लिए भी होता था।

→ संगम साहित्य-प्रारंभिक तमिल साहित्य को संगम साहित्य कहते हैं। दक्षिण भारत में पाण्ड्य राजाओं की राजधानी मदुरा में तमिल कवियों के सम्मेलन हुए। इन सम्मेलनों को संगम के नाम से जाना जाता है। ये तीन सम्मेलन (संगम) लगभग 300 ई→ पूर्व से 300 ई→ के बीच बुलाए गए। इन संगमों के फलस्वरूपं वृहद् संगम साहित्य की रचना हुई।

→ जातक-महात्मा बुद्ध के पूर्व जन्मों की कथाओं को जातक कहते हैं। प्रत्येक कथा एक प्रकार की लोककथा है। इसमें 549 लोककथाएँ हैं। ये पाली भाषाएँ हैं।

→ अग्रहार-अग्रहार से अभिप्राय उस भूमि से है जो अनुदान पत्रों के माध्यम से ब्राह्मणों को दी जाती थी। इस भूमि में ब्राह्मणों को सभी प्रकार के करों से मुक्त रखा गया था।

→ तमिलकम् प्राचीन काल में भारत के सुदूर दक्षिणी क्षेत्रों को तमिलकम् नाम से जाना जाता था। इसमें तमिलनाडु तथा आंध्र व केरल के कुछ प्रदेश शामिल थे।

→ जनपद-वह भूखंड या क्षेत्र जहाँ पर कोई जन (कबीला, लोग या कुल) अपना पाँव रखता था या बस जाता था, जनपद कहलाता था। इस शब्द का प्रयोग प्राकृत और संस्कृत दोनों भाषाओं में मिलता है।

→ महाजनपद-एक बड़ा और शक्तिशाली राज्य जैसे मगध।

→ अल्पतन्त्रीय राज्य (ओली गाकी) यह एक ऐसा राज्य होता है जिसमें सत्ता कुछ गिने चुने लोगों के हाथों में होती है। उदाहरण के लिए रोम में गणतन्त्र या अल्पतन्त्र की स्थापना हुई थी।

→ दानात्मक अभिलेख (अनुदान पत्र)-धार्मिक संस्थाओं या ब्राह्मणों, भिक्षुओं आदि को दिया गया दान तथा दान के प्रमाण के रूप में प्रदान किए ताम्रपत्र को ‘अनुदान पत्र’ कहते हैं।

→ पेरिप्लस व एरीशियन-यह यूनानी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है समुद्री यात्रा। एरीथ्रियन यूनानी भाषा में लाल सागर को कहते हैं।

→ प्रतिवेदक मौर्य विशेष तौर पर अशोक के काल में रिपोर्टर (सूचना देने वाले) को प्रतिवेदक कहा जाता था। अभिलेखशास्त्री इसे संवाददाता बताते हैं।

→ हड़प्पा सभ्यता के पतन के बाद डेढ़ हजार वर्षों का लंबा काल अनेक दृष्टियों से महत्त्वपूर्ण था। इस काल में भारतीय उपमहाद्वीप के विभिन्न भागों में अनेक विकास (Developments) हुए। सिंधु और उसकी सहायक नदियों के किनारे रहने वाले लोगों ने ऋग्वेद की रचना की। उत्तर भारत, दक्कन के पठार और कर्नाटक के क्षेत्रों में कृषक बस्तियों की शुरुआत हुई।

→ इसके साथ ही दक्कन और दक्षिण भारत में चरवाहा समुदाय के प्रमाण मिलते हैं। ईसा पूर्व की प्रथम सहस्राब्दी के दौरान मध्य और दक्षिण भारत में महापाषाणीय संस्कृति अस्तित्व में आई। वस्तुतः यह शवों के अंतिम संस्कार का नया तरीका था, जिसमें दफनाने के लिए बड़े-बड़े पाषाणों का प्रयोग किया जाता था। कई स्थानों पर इन शवाधानों में शवों के साथ लोहे के बने उपकरण और हथियारों को भी दफनाया गया था। इसका अर्थ था कि इन क्षेत्रों में लोहे का प्रयोग हो रहा था जो भौतिक संस्कृति के विकास में महत्त्वपूर्ण कदम था।

→ छठी शताब्दी ई→पू→ से अनेक प्रवाहों (Trends) के भी प्रमाण मिलते हैं। सम्भवतः इनमें सबसे ज्यादा मुखर आरंभिक राज्यों, साम्राज्यों और रजवाड़ों (kingdoms) का विकास है। इन राजनीतिक प्रक्रियाओं की पृष्ठभूमि में भी अनेक परिवर्तन कार्य कर रहे थे। कृषि क्षेत्र का विस्तार और उत्पादन बढ़ाने के अनेक तरीके अपनाए जा रहे थे, अर्थात् भारत में कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था की स्थापना हो रही थी और किसानों का महत्त्व बढ़ता जा रहा था। इसके साथ-साथ व्यापार और वाणिज्य का भी उदय और विकास हो रहा था। मुद्रा का प्रचलन बढ़ रहा था। फलतः उपमहाद्वीप पर नए नगरों का उत्कर्ष हुआ। वस्तुतः 600 ई→पू→ से 600 ई→ का काल ‘राजा, किसान और नगरों के उदय और उनके अन्तर्संबंधों का काल था।

→ अभिलेख मोहरों, प्रस्तर स्तंभों, स्तूपों, चट्टानों और ताम्रपत्रों (भूमि अनुदानपत्र) इत्यादि पर मिलते हैं। ये ईंटों या मूर्तियों पर भी मिलते हैं। अभिलेख का महत्त्व इसलिए भी है कि इन पर इनके निर्माताओं की उपलब्धियों, क्रियाकलापों और विचारों को उत्कीर्ण किया जाता है। अभिलेख स्थायी प्रमाण होते हैं तथा इनमें फेर-बदल नहीं किया जा सकता।

→ अशोक के अभिलेख ब्राह्मी लिपि में हैं। यह लिपि बाएँ से दाएँ लिखी जाती थी। यह आधुनिक भारतीय लिपियों की उद्गम लिपि भी है। ब्राह्मी लिपि को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेवा में एक अधिकारी जेम्स प्रिंसेप ने 1838 में पढ़ने (Decipher) में सफलता पाई।

→ भूमि अनुदान पत्र अभिलेखों में ही सम्मिलित किए जाते हैं। इन दान पत्रों में राजाओं, राज्याधिकारियों, रानियों, शिल्पियों, व्यापारियों इत्यादि द्वारा दिए गए धर्मार्थ धन, मवेशी, भूमि आदि का उल्लेख मिलता है। राजाओं और सामंतों द्वारा दिए गए भूमि अनुदान पत्र का विशेष महत्त्व है क्योंकि इनमें प्राचीन भारत की व्यवस्था और प्रशासन से संबंधित जानकारी मिलती है।

→ पुरातात्विक सामग्री में सिक्कों का महत्त्वपूर्ण स्थान है। शासकों की राज्य सीमा, राज्यकाल, आर्थिक स्थिति तथा धार्मिक विश्वासों के संबंध में सिक्के महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। इनसे सांस्कृतिक और सामाजिक महत्त्व की जानकारी भी प्राप्त होती है। मुद्रा प्रणाली का आरंभ मानव की आर्थिक प्रगति का प्रतीक है। सिक्कों के अध्ययन को मुद्राशास्त्र (Numismatics) कहा जाता है।

→ सबसे पहले छठी शती ई→पू→ में चाँदी और ताँबे के आयताकार या वृत्ताकार टुकड़े बनाए गए। इन टुकड़ों पर ठप्पा मारकर अनेक प्रकार के चिह्न जैसे कि सूर्य, वृक्ष, मानव, खरगोश, बिच्छु, साँप आदि खोदे हुए थे। इन्हें पंचमार्क या आहत सिक्के कहते हैं।

→ प्रत्येक महाजनपद की अपनी राजधानी (Capital) थी जिसकी किलेबंदी की जाती थी। राज्य को किलेबंद शहर, सेना और नौकरशाही के लिए आर्थिक संसाधनों की आवश्यकता होती थी। इस काल में रचित इन धर्मशास्त्रों में शासक तथा लोगों के लिए नियमों का निर्धारण किया गया है। इन शास्त्रों में राजा को यह सलाह दी गई कि वह कृषकों, व्यापारियों और दस्तकारों से कर तथा अधिकार (Tribute) प्राप्त करे।

HBSE 12th Class History Solutions Chapter 2 राजा, किसान और नगर : आरंभिक राज्य और अर्थव्यवस्थाएँ

→ प्रारंभ में मगध की राजधानी राजगृह (राजगीर का प्राकृत नाम) थी जिसका अभिप्राय था राजा का घर (House of King)। राजगृह पहाड़ियों के बीच स्थित एक किलेबंद था। बाद में 4 शताब्दी ई→पू→ में पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना) मगध की राजधानी बना। पाटलिपुत्र का गंगा नदी के संपर्क मार्गों पर नियंत्रण था। उल्लेखनीय है कि छठी शताब्दी ई→पू→ से चौथी शताब्दी ई→पू→ के मध्य में 16 महाजनपदों में से मगध महाजनपद सबसे शक्तिशाली होकर उभरा।

→ अन्ततः मगध महाजनपद विस्तार करते हुए भारत में प्रथम साम्राज्य का रूप धारण कर गया। यह प्रथम साम्राज्य मौर्य साम्राज्य था जिसकी स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने लगभग 321 ई→पू→ में की। चंद्रगुप्त मौर्य के साम्राज्य का विस्तार उत्तर:पश्चिम में . अफगानिस्तान तथा बलूचिस्तान तक फैला हुआ था। भारतीय इतिहास का महान शासक अशोक चंद्रगुप्त मौर्य का पौत्र (Grandson) था जिसने कलिंग (वर्तमान ओडिशा) को जीता।

→ अशोक ने प्रजा में सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना पैदा करने का प्रयास किया। सामूहिक रूप से उसकी इसी नीति को धम्म कहा गया है।

→ मौर्य राज्य भारत में प्रथम सर्वाधिक विस्तृत और शक्तिशाली साम्राज्य था। साम्राज्य में समस्त शक्ति का स्रोत सम्राट था। वास्तव में राजा और राज्य का भेद कम रह गया था। अर्थशास्त्र में लिखा है कि ‘राजा ही राज्य’ है। वह सर्वाधिकार संपन्न (Supreme Authority) था। वह सर्वोच्च सेनापति व सर्वोच्च न्यायाधीश था। सभी पदों पर वही नियुक्ति करता था।

→ अशोक के अनुसार, धर्म के प्रसार का लक्ष्य, लोगों के इहलोक तथा परलोक को सुधारना था। इसके लिए उसने राज्य की ओर से विशेष अधिकारी नियुक्त किए जो ‘धम्म महामात्र’ के नाम से जाने जाते थे।

→ मौर्य शासकों के पास एक शक्तिशाली सेना थी, जिसकी सहायता से राज्य का क्षेत्रीय विस्तार किया गया, साथ ही उस पर नियन्त्रण बनाए रखने में भी उसकी विशेष भूमिका रही। प्लिनी (Pliny) के अनुसार उनके पास 9,000 हाथी, 30,000 अश्वारोही और 6,00,000 पैदल सैनिक थे। इसके अलावा बड़ी संख्या में रथ भी उनकी सेना में थे।

→ इतिहासकारों को यह जानकर भी सुखानुभूति हुई कि अशोक के अभिलेखों के संदेश दूसरे शासकों के आदेशों के बिल्कुल भिन्न थे। ये अभिलेख उन्हें बताते थे कि अशोक बहुत ही शक्तिर्शाली तथा मेहनती सम्राट था जो विनम्रता से (बिना बड़ी-बड़ी उपाधियों को धारण किए) जनता को पुत्रवत मानकर उनके नैतिक उत्थान में लगा रहा। इस प्रकार इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि इन इतिहासकारों ने अशोक को प्रेरणादायक व्यक्तित्व स्वीकारा तथा मौर्य साम्राज्य को अत्यधिक महत्त्व दिया।

→ सुदूर दक्षिण में इस काल में तीन राज्यों का उदय हुआ। यह क्षेत्र तमिलकम् (इसमें आधुनिक तमिलनाडु तथा आंध्र प्रदेश व केरल के भाग शामिल थे) कहलाता था। तीन राज्यों के नाम हैं-चोल, चेर और पाण्ड्य । दक्षिण के ये राज्य संपन्न थे तथा लंबे समय तक अस्तित्व में रहे।

→ संगम साहित्य बहुत ही विपुल -कुछ विद्वान इसे महासंग्रह कहते हैं। इस काव्य को भ्रमणशील भाट और विद्वान कवि दोनों ने लिखा। यह साहित्य चोल, चेर, पाण्ड्य शासकों तथा अनेक छोटे-मोटे राजाओं या नायकों की जानकारी देता है।

→ प्रारम्भिक चोल शासकों में कारिकाल सबसे प्रसिद्ध है। कारिकाल का अर्थ ‘जले हुए पैर वाला व्यक्ति’ होता है।

→ पाण्ड्य शासकों में सबसे महान नेडुजेलियन था। इसकी उपाधि से ज्ञात होता है कि इसने किसी आर्य (उत्तर भारत) सेना को पराजित किया। वह तलैयालंगानम् के युद्ध को जीतने के कारण बहुत प्रसिद्ध हुआ।

→ स्रोतों से जानकारी प्राप्त होती है कि शासकों ने अपने आपको देवता या देवताओं से उत्पन्न बताया। इस माध्यम से वे प्रजा में अपना रुतबा बहुत ऊँचा कर लेना चाहते थे। प्रजा के दिलो-दिमागों में अपना नेतृत्व (Hegemony) स्थापित करना चाहते थे। उल्लेखनीय है कि धर्म या धार्मिक रीतियों का प्रयोग कर, स्वयं को ईश्वर का प्रतिनिधि या दैवीय उत्पत्ति बताकर प्रजा में राजा के प्रति आस्था पैदा करना शासकों की प्राचीन काल से ही रणनीति रही थी।
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→ कुषाण शासकों ने भारतीय धर्मों (शैव, बौद्ध, वैष्णव आदि) को अपनाया तथा इन धर्मों के प्रतीकों को अपने सिक्कों पर भी खुदवाया। विम ने अपने सिक्कों पर शिव की आकृति, नंदी और त्रिशूल आदि का प्रयोग किया। कुषाण शासकों ने ‘देवपुत्र’ (Son of God) की उपाधि धारण की।

→ कृषि व्यवस्था के उदय के आरंभ से ही उपज बढ़ाने के अनेक उपाय किए जाते रहे थे। फलतः नई फसलों को उगाना, मिट्टी को उपजाऊ बनाना, खेती में हल तथा धातु का प्रयोग इत्यादि तरीके प्रचलन में आए। फसल की सिंचाई कर उपज बढ़ाना भी प्रमुख तरीका था।

→ कृषि क्षेत्र में पैदावार बढ़ाने में एक अन्य महत्त्वपूर्ण उपाय धान रोपण की शुरुआत है। भारत में धान रोपण की शुरुआत 500 ई→पू→ में स्वीकार की जाती है। धान लगाने की प्रक्रिया के लिए रोपण और रोपेति जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया है।

→ गुप्तकाल में अनेक अभिलेखों से ज्ञात होता है कि सम्राटों ने धार्मिक कार्यों या परोपकार के लिए अनेक गाँव अनुदान में दिए। सम्राट चंद्रगुप्त द्वितीय की पुत्री प्रभावती गुप्त द्वारा दिए अनुदानपत्र का विवरण भी हमें प्राप्त होता है। प्रभावती ने अभिलेख में ग्राम कुटुंबिनों (गृहस्थ और कृषक), ब्राह्मणों और दंगुन गांव के अन्य निवासियों को स्पष्ट आदेश दिया।

→ भारतीय उपमहाद्वीप में लगभग छठी शताब्दी ई→पू→ में विभिन्न क्षेत्रों में कई नगरों का उदय हुआ। ये नगर हड़प्पा सभ्यता के काफी समय बाद हड़प्पा क्षेत्रों से उत्तर:पूर्व में मुख्यतः गंगा-यमुना की घाटी में पैदा हुए। इनमें से अधिकांश नगर महाजनपदों की राजधानियाँ थीं। इस काल के प्रमुख नगर तक्षशिला अस्सपुर, वैशाली, कुशीनगर, उज्जयिनी, कपिलवस्तु, मिथिला, शाकल, साकेत, चम्पा, पाटलिपुत्र आदि थे।

→ नगरों में शिल्पकारों एवं व्यापारियों की श्रेणियों या संघों का भी उल्लेख मिलता है। प्रत्येक श्रेणी का एक अध्यक्ष होता था। इन श्रेणियों में विभिन्न व्यवसायों से जुड़े कारीगर सम्मिलित होते थे। प्रमुख शिल्पकार श्रेणियाँ थीं-धातुकार (लुहार, स्वर्णकार, ताँबा, कांसा व पीतल का काम करने वाले), बढ़ई, राजगीर, जुलाहे, कुम्हार, रंगसाज, बुनकर, कसाई, मछुआरे इत्यादि। ये श्रेणियाँ अपने सदस्यों के हितों की रक्षा करती थीं।

→ तमिल व संस्कृत साहित्य तथा विदेशी वृत्तांतों से जानकारी मिलती है कि भारत में अनेक प्रकार का सामान एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता था। इन वस्तुओं में प्रमुख थीं-नमक, अनाज, वस्त्र, लोहे का सामान, कीमती पत्थर, लकड़ी, औषधीय पौधे इत्यादि। भारत का विदेशी व्यापार रोमन साम्राज्य तक फैला हुआ था।

क्रम संख्याकालघटना का विकरण
1.लगभग 600 ई०पू०उत्तर प्रदेश और पश्चिम बिहार में लोहे का बड़े पैमाने पर प्रयोग
2.लगभभग 600 ई०पू०धान रोपण विधि, गंगा द्रोणी में नगरीकरण और महाजनपदों का उदय, आहत सिक्कों का प्रयोग
3.लगभग 500 ई०पू० से 400 ई० पू०मगध शासकों द्वारा सत्ता का सुदृढ़ीकरण करना
4.लगभग 327-325 ई०पू०सिकंदर का भारत पर आक्रमण
5.लगभग 321 ई०पू०चंद्रगुप्त मौर्य का राज्यारोहण
6.268-231 ई०पू०अशोक का शासन काल
7.लगभग 200 ई०पू०मध्य एशिया से घनिष्ठ व्यापार संपर्क प्रारंभ
8.लगभग 100 ई०पू० से 200 ई०पू०उत्तर-पश्चिम में शक शासक, रोम से व्यापार
लगभग 78 ई०पू०कनिष्क का राज्यारोहण; शक संवत् आरंभ
10.लगभग 320 ई०पू०गुप्त शासन का आरंभ
11.लगभग $335-375$ ई० पू०समुद्रगुप्त का शासनकाल
12.लगभग $375-415$ ई० पू०चंद्रगुप्त II, दक्षिण में वाकाटक
13.लगभग $500-600$ ई० पू०चालुक्य (कर्नाटक में) व पल्लव (तमिलनाडु में)
14.लगभग $606-647$ ई० पू०हर्षवर्धन कन्नौज में शासक, ह्यनसांग का भारत आना।
15.1784 ईoबंगाल एशियाटिक सोसायटी का गठन
16.1838 ई०जेम्स प्रिंसेप अशोक के अभिलेख पढ़ने में सफल हुआ
17.1877 ईoअलेक्जैंडर कनिंघम द्वारा अशोक के अभिलेखों के अंक अंश का प्रकाशन
18.1886 ई०एपिग्राफिआ कर्नाटिका (Ephigraphia Carnatica) का प्रथम अंक प्रकाशित
19.1888 ई०एपिग्राफिआ इंडिका (Ephigraphia Indica) का प्रथम अंक प्रकाशित
20.1965-66 ई०डी. सी. सरकार द्वारा ‘इंडियन एपिग्राफी एंड इंडियन एपिग्राफ़िकल ग्लोसरी (Indian Ephigraphy and Indian Ephigraphical Glossary) का प्रकाशन

 

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HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 1 Matter in Our Surroundings

Haryana State Board HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 1 Matter in Our Surroundings Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 9th Class Science Solutions Chapter 1 Matter in Our Surroundings

HBSE 9th Class Science Matter in Our Surroundings Intext Questions and Answers

Questions from Sub-sections 1.1,1.2

Question 1.
Which of the following matter? Chair, air, love, smell, hate, almonds, thought, cold, cold drink, the smell of perfume.
Answer:
Chair, air, almonds and cold drink matter because they occupy space and mass.

Question 2.
Give reasons for the following observation:
The smell of hot sizzling food reaches you several metres away, but to get the smell from cold food you have to go close.
Answer:
Since, the diffusion becomes faster with increase in temperature, therefore the smell of hot sizzlin? food reaches us from several metres away, whereas to smell the flavour of cold food, we have to go close to them.

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Question 3.
A diver is able to cut through water in a swimming pool? Which property of matter does this observation show?
Answer:
Due to comparatively more distance in between the particles of water, it has the property of compressibility in it, for this reason, a diver ables to cut through water in the swimming pool.

Question 4.
What are the characteristics of the particles of matter?
Answer:
The characteristics of the particles of matter are as follows:
(1) The particles of matter have empty space in between them.
(2) The particles of matter constantly remain in motion i.e., they have kinetic energy in them.
(3) The kinetic energy of particles of matter increases with increase in temperature.
(4) The particles of matter automatically get mixed finally.
(5) The particles of matter attract one another.

Questions from Sub-section 1.3

Question 1.

The mass per unit volume of a substance is called density. (Density = mass/volume) Arrange the following in order of increasing density – air, exhaust from chimneys, honey, water, chalk, cotton and iron.
Answer:
On writing the given substances in order of increasing density, the following sequence will be obtained:
exhaust from chimneys, air, cotton, chalk, water, honey and iron.

Question 2.
(a) Tabulate the differences in the characteristics of states of matter.
(b) Comment upon the following: rigidity, compressibility, fluidity, Ailing a gas container, shape, kinetic energy and density.
Answer:
(a) Given differences are found in case of different properties of different states of matter:

PropertySolidsLiquidsGases
SizeThey have definite size.They do not have definite size.They do not have definite size.
VolumeThey have definite volume.They too have definite volume.They do not have definite volume.
HardnessThey are hard.They are not hard.They do not have this property.
Piling upThey can be piled up.They flow.They also flow.
Capacity of compressionThey cannot be compressed.They cannot be compressed.They can be compressed.
Position of ParticlesParticles are very close with each other.Particles are away from each other.They have too much vacant space in between particles.

(b) (i) Rigidity: The force of cohesion working in between the particles of a substance determines the rigidity of the substance. Due to the maximum force of cohesion in solids, rigidity is there. Liquids have yet lesser and the gasses have the least rigidity.

(ii) Compressibility: Reducing of interstitial gaps in the particles of a substance with the application of external force is called compressibility. Gases have the property of compressibility.

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(iii) Fluidity: Materials that have the property to flow are known as liquid materials. In liquids, the property of fluidity is there.

(iv) Filling of gas Container: Due to weak intermolecular force between the gas particles in a container, the gas occupies the whole of the provided space, which means gases do not have a definite volume. The gases are filled in the container at high pressure.

(v) Shape: Since the particles of solids are attached to more intermolecular force, hence they provide a definite shape to the solids. Whereas, in liquids the intermolecular force is comparatively low, due to this reason liquids do not have a definite shape. The same is the case with gases too.

(vi) Kinetic Energy: The energy produced due to the speed of particles is called kinetic energy. On increasing the temperature the kinetic energy of particles also increases. There is not much kinetic energy in solids, some kinetic energy in liquids whereas gases have high kinetic energy. Density of soilds is high, low in liquids whereas it is nil in gases.

(vii) Density: The mass per unit volume of a substance is called density, i.e.,
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Question 3.
Give reasons:
(a) A gas fills completely the vessel in which it is kept.
(b) A gas exerts pressure on the walls of the container.
(c) A wooden table should be called a solid.
(d) We can easily move our hand in air but to do the same through a solid block of wood we need a karate expert
Answer:
(a) As the volume of gas is not definite, the gas completely fills up die vessel in which it is kept.

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(b) In the gaseous state the speed of particles is irregular and it is fairly random. Due to this irregular speed, the particles of gas collide with themselves and with the walls of the container. Due to the cohesive force exerted by die particles of gas per unit area; on the walls of the container, the pressure of the gas is maintained.

(c) As the wooden table constitutes a definite shape, also it has a definite volume and the property of incompressibility; therefore, it is called to be solid.

(d) Due to maximising space in the particles of air, we can move our hand quite easily in the air, whereas, due to less intermolecular space between the particles in the piece of wood, we have to be quite expert at Karate Technique.

Question 4.
Liquids generally have lower density as compared to solids. But you must have observed that ice floats on water. Find out why.
Answer:
In comparison to solids, liquids have low density, but water has maximum density at 4°C. When it is cooled down below 4°C, the ice starts thawing at 0°C which has lower density than the density of water. Therefore ice cube floats on the surface of water.

Questions from Sub-section 1.4

Question 1.
Convert the following temperatures to Celsius scale:
(a) 300 K
(b) 573 K.
Answer:
(a) 300 K = (300 – 273)°C = 27°C
(b) 573 K = (573 -273)°C = 300°C

Question 2.
What is the physical state of water at:
(a) 250°C
(b) 100°C?
Answer:
(a) At 250°C water remains boiling.
(b) At 100°C water will start boiling, because this is the boiling point of water.

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Question 3.
For any substance, why does the temperature remain constant during the change of state?
Answer:
During the change of state in any material the temperature remains constant because during the change of state the entire heat energy being yielded to the material brings under control intercohesive force of the particles, which is utilised to change the state of a material.

Question 4.
Suggest a method to liquefy atmospheric gases.
Answer:
The atmospheric gases present in the air zone are confined to a utensil and by increasing its pressure and reducing the temperature, they can be converted further into liquid.

Questions from Sub-section 1.5

Question 1.
Why does a desert cooler cool better on a hot dry day?
Answer:
On a hot and dry day, due to lack of humidity, the air is generally dry, when this dry air is sucked inwards by the exhaust fan of the desert cooler, then the water trickling on the mats of the desert cooler turns into vapours and thereby sucks the heat present in the dry air, as a result, the air around cools down. This cool air cools down the room from the inside.

Question 2.
How does the water kept in an earthen pot (matka) become cool during summer?
Answer:
The earthen pot consists of very small pores in its walls through which the water leaks out from inside the pot with capillarity process. These small drops of water get evaporated and it receives heat energy from water itself for evaporation. Consequently, the water kept in  the earthen pot remains cold.

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Question 3.
Why does our palm feel cold when we put some acetone or petrol or perfume on it?
Answer:
By pouring down acetone/petrol or perfume on the palm, its particles eliminate heat energy from the palm and further, evaporate it into air due to which the palm feels cold.

Question 4.
Why are we able to sip hot tea or milk faster from a saucer rather than a cup?
Answer:
The surface area of the saucer is far more than that of a cup due to which, the evaporation in case of saucer is more rapid from its surface and with that the hot milk or tea comparatively cools down quicker and due to their cooling down, they can be drunk quickly.

Question 5.
What type of clothes should we wear in summer?
Answer:
In summer, we should wear cotton clothes, it is because of the reason that in summer, due to physical activity we perspire more, with a result we feel cool. As we know during evaporation the particles of the liquid’s surface receive energy from our body and further convert it into vapours.

The exposed dormant heat energy of evaporation combines with the equal amount of heat energy absorbed from our body, which lets our body feel cool. By wearing cotton garments the absorption of water gets more, consequently the sweat after absorption into it gets easily evaporated into the atmosphere.

HBSE 9th Class Science Matter in Our Surroundings Textbook Questions and Answers

Question 1.
Convert the following temperatures to the Celsius scale:
(a) 293 K
(b) 4701L
Answer:
(a) 293K = (293 – 273)°C = 20°C
(b) 470K = (470-273)°C = 197°C

Question 2.
Convert the following temperatures to the Kelvin scale:
(a) 25°C
(b) 373°C.
Answer:
(a) 25°C = (25 ÷ 273)K = 298 K
(b) 373°C = (373 + 273)K = 646 K

Question 3.
Give the reason for the following observations.
(a) Naphthalene balls disappear with time without leaving any solid.
(b) We can get the smell of perfume sitting several metres away.
Answer:
(a)Naphthalene ball is after some time without losing its solid state disappear, it is because of the reason that naphthalene is a volatile substance which directly converts from a solid state into a gaseous state.

(b) We can feel the fragrance of perfume sitting several metres away because perfume has the property to diffuse into air.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 1 Matter in Our Surroundings

Question 4.
Arrange the following substances in increasing order of forces of attraction between the particles: water, sugar, and oxygen.
Answer:
In increasing order the applicable intermolecular force among the molecules will be as follows:
Oxygen < Water < Sugar.

Question 5.
What is the physical state of water:
(a) 25°C,
(b) 0°C, (c) 100°C?
Answer:
(a) At 25°C water will be in a liquid state.
(b) At 0°C water will be in a solid state (ice).
(c) At 100°C water will be in a boiling state (steam).

Question 6.
Give two reasons to justify:
(a) water at room temperature is a liquid.
(b) an iron almirah is solid at room temperature.
Answer:

(a) Water at room temperature is in a liquid state, because

  • At this temperature the applied force of cohesion between its molecules used to be normal.
  • Its molecules have normal elliptical speed.

(b) The iron almirah at room temperature is in solid state, because

  • The applicable force of cohesion in between the molecules of iron is fairly excessive.
  • The gap distance between the molecules of iron is almost negligible due to that reason they can move around at a fixed distance.

Question 7.
Why is ice at 273 K more effective in cooling than water at the same temperature ?
Answer:
At 273 K temperature, in comparison to water, ice releases more coolness, because in ice inexposed melting heat energy is more.

HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 1 Matter in Our Surroundings

Question 8.
What produces more severe burns, boiling water or steam?
Answer:
Rather, steam will give severe burning sensation it is because of the reasons that steam does have extra heat energy in it which is called in exposed heat energy of evaporation.

Question 9.
Name A, B, C, D, E and F in the following diagram showing changes in its state:

Answer:
(A) Melting
(B) Vaporisation
(C) Condensation
(D) Freezing
(E) Sublimation
(F) Sublima

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HBSE 11th Class Geography Solutions Haryana Board

Haryana Board HBSE 11th Class Geography Solutions

HBSE 11th Class Geography Solutions in Hindi Medium

HBSE 11th Class Geography Part 1 Fundamentals of Physical Geography (भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत भाग-1)

HBSE 11th Class Geography Part 2 India: People and Economy (भारत-भौतिक पर्यावरण भाग-2)

HBSE 11th Class Geography Part 3 Practical Work in Geography (भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य)

HBSE 11th Class Geography Solutions in English Medium

HBSE 11th Class Geography Part 1 Fundamentals of Physical Geography

  • Chapter 1 Geography as a Discipline
  • Chapter 2 The Origin and Evolution of the Earth
  • Chapter 3 Structure of the Earth’s Interior
  • Chapter 4 Distribution of Oceans and Continents
  • Chapter 5 Minerals and Rocks
  • Chapter 6 Geomorphic Processes
  • Chapter 7 Landforms and Their Evolution
  • Chapter 8 Composition and Structure of Atmosphere
  • Chapter 9 Solar Radiation, Heat Balance and Temperature
  • Chapter 10 Atmospheric Circulation and Weather Systems
  • Chapter 11 Water in the Atmosphere
  • Chapter 12 World Climate and Climate Change
  • Chapter 13 Oceanic Water
  • Chapter 14 Movement of the Ocean Water
  • Chapter 15 Life on the Earth
  • Chapter 16 Biodiversity and Conservation

HBSE 11th Class Geography Part 2 India – Physical Environment

  • Chapter 1 India-Location
  • Chapter 2 Structure and Physiography
  • Chapter 3 Drainage System
  • Chapter 4 Climate
  • Chapter 5 Natural Vegetation
  • Chapter 6 Soils
  • Chapter 7 Natural Hazards and Disasters

HBSE 11th Class Geography Part 3 Practical Work in Geography

  • Chapter 1 Introduction to Maps
  • Chapter 2 Map Scale
  • Chapter 3 Latitude, Longitude and Time
  • Chapter 4 Map Projections
  • Chapter 5 Topographical Maps
  • Chapter 6 Introduction to Air Photos
  • Chapter 7 Introduction to Remote Sensing
  • Chapter 8 Weather Instruments, Maps and Charts

HBSE 11th Class Geography Question Paper Design

Class: 11th
Subject: Geography
Paper: Annual or Supplementary
Marks: 60
Time: 3 Hours

1. Weightage to Objectives:

ObjectiveKUASTotal
Percentage of Marks40252510100
Marks241515660

2. Weightage to Form of Questions:

Forms of QuestionsESAVSAOTotal
No. of Questions44415+128
Marks Allotted2012815+560
Estimated Time80502525180

3. Weightage to Content:

Units/Sub-UnitsMarks
1. भूगोल एक विषय के रूप में4
2. पृथ्वी10
3. भू-आकृतियां8
4. जलवायु6
5. जल (महासागर)6
6. पृथ्वी पर जीवन4
7. भारत स्थिति4
8. भू आकृति विज्ञान6
9. जलवायु, वनस्पति एवं मृदा8
10. प्राकृतिक संकट एवं आपदाएं : कारण, परिणाम तथा प्रबन्ध4
Total60

4. Scheme of Sections:

5. Scheme of Options: Internal Choice in Long Answer Question i.e. Essay Type

6. Difficulty Level:
Difficult: 10% Marks
Average: 50% Marks
Easy: 40% Marks

Abbreviations: K (Knowledge), U (Understanding), A (Application), E (Essay Type), SA (Short Answer Type), VSA (Very Short Answer Type), O (Objective Type)

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