Haryana State Board HBSE 11th Class Geography Solutions Chapter 4 महासागरों और महाद्वीपों का वितरण Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 11th Class Geography Solutions Chapter 4 महासागरों और महाद्वीपों का वितरण
HBSE 11th Class Geography महासागरों और महाद्वीपों का वितरण Textbook Questions and Answers
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. निम्न में से किसने सर्वप्रथम यूरोप, अफ्रीका व अमेरिका के साथ स्थित होने की संभावना व्यक्त की?
(A) अल्फ्रेड वेगनर
(B) अब्राहम ऑरटेलियस
(C) एनटोनियो पेलेग्रिनी
(D) एडमंड हैस
उत्तर:
(B) अब्राहम ऑरटेलियस
2. पोलर फ्लीइंग बल (Polar fleeing force) निम्नलिखित में से किससे संबंधित है?
(A) पृथ्वी का परिक्रमण
(B) पृथ्वी का घूर्णन
(C) गुरुत्वाकर्षण
(D) ज्वारीय बल
उत्तर:
(B) पृथ्वी का घूर्णन
3. इनमें से कौन-सी लघु (Minor) प्लेट नहीं है?
(A) नजका
(B) फिलीपीन
(C) अरब
(D) अंटार्कटिक
उत्तर:
(D) अंटार्कटिक
4. सागरीय अधस्तल विस्तार सिद्धांत की व्याख्या करते हुए हेस ने निम्न में से किस अवधारणा पर विचार नहीं किया?
(A) मध्य-महासागरीय कटकों के साथ ज्वालामुखी क्रियाएँ
(B) महासागरीय नितल की चट्टानों में सामान्य व उत्क्रमण चुंबकत्व क्षेत्र की पट्टियों का होना
(C) विभिन्न महाद्वीपों में जीवाश्मों का वितरण
(D) महासागरीय तल की चट्टानों की आयु
उत्तर:
(C) विभिन्न महाद्वीपों में जीवाश्मों का वितरण
5. हिमालय पर्वतों के साथ भारतीय प्लेट की सीमा किस तरह की प्लेट सीमा है?
(A) महासागरीय-महाद्वीपीय अभिसरण
(B) अपसारी सीमा
(C) रूपांतर सीमा
(D) महाद्वीपीय-महाद्वीपीय अभिसरण
उत्तर:
(D) महाद्वीपीय-महाद्वीपीय अभिसरण
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए
प्रश्न 1.
महाद्वीपों के प्रवाह के लिए वेगनर ने किन बलों का उल्लेख किया?
उत्तर:
अल्फ्रेड वेगनर जर्मन के प्रसिद्ध मौसमविद थे, जिन्होंने सन् 1912 में “महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत” प्रस्तावित किया। महाद्वीपीय प्रवाह के लिए वेगनर ने दो बलों का उपयोग किया। पहला ध्रुवीय बल, दूसरा ज्वारीय बल।
ध्रुवीय बल-यह बल पृथ्वी के घूर्णन से संबंधित है।
- ज्वारीय बल-यह बल सूर्य एवं चंद्रमा के आकर्षण से संबंधित है, जिससे महासागरों में ज्वार पैदा होते हैं।
- वेगनर के अनुसार करोड़ों वर्षों से ये दो बल प्रभावशाली होकर विस्थापन के लिए सक्षम हैं।
प्रश्न 2.
मैंटल में संवहन धाराओं के आरंभ होने और बने रहने के क्या कारण हैं?
उत्तर:
आर्थर होम्स ने मैंटल भाग में संवहन-धाराओं के प्रभाव की संभावना व्यक्त की। ये धाराएँ रेडियोएक्टिव तत्त्वों से उत्पन्न ताप भिन्नता से मैंटल भाग में उत्पन्न होती हैं। आर्थर होम्स ने तर्क दिया कि पूरे मैंटल भाग में इस प्रकार की धाराओं का तंत्र विद्यमान है।
प्रश्न 3.
प्लेट की रूपांतर सीमा, अभिसरण सीमा और अपसारी सीमा में मुख्य अंतर क्या है?
उत्तर:
- रूपांतर सीमा-जहाँ न तो नई पर्पटी का निर्माण होता है और न ही पर्पटी का विनाश होता है, उन्हें रूपांतर सीमा कहते हैं। इसका कारण है कि इस सीमा पर प्लेटें एक-दूसरे के साथ-साथ क्षैतिज दिशा में सरक जाती हैं।
- अभिसरण सीमा-जब एक प्लेट, दूसरी प्लेट के नीचे धंसती है और भूपर्पटी नष्ट होती है तो वह अभिसरण सीमा कहलाती है। यह सीमा तीन प्रकार की होती है।
- अपसारी सीमा-जब दो प्लेटें एक-दूसरे से विपरीत दिशा में अलग हटती हैं और नई पर्पटी का निर्माण होता है तो वह अभिसरण सीमा कहलाती है।
प्रश्न 4.
दक्कन ट्रेप के निर्माण के दौरान भारतीय स्थलखंड की स्थिति क्या थी?
उत्तर:
भारतीय प्लेट का एशियाई प्लेट की तरफ प्रवाह होने के दौरान लावा उत्पन्न हुआ और इसी लावा प्रवाह से दक्कन ट्रेप का निर्माण हुआ। इसका निर्माण लगभग 6 करोड़ वर्ष पूर्व हुआ। उस समय भारतीय स्थलखंड सुदूर दक्षिण में 50° दक्षिणी अक्षांश पर स्थित था।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए
प्रश्न 1.
महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत के पक्ष में दिए गए प्रमाणों का वर्णन करें।
उत्तर:
महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत के पक्ष में दिए गए प्रमाण निम्नलिखित हैं-
1. महाद्वीपों में साम्य-दक्षिण अमेरिका व अफ्रीका के आमने-सामने की तटरेखाएँ अद्भुत व त्रुटि-रहित साम्य दिखाती हैं। 1964 ई० में बुलर्ड ने अपने प्रोग्राम में अटलांटिक तटों को जोड़ते हुए एक मानचित्र तैयार किया। तटों का यह साम्य बिल्कुल सही सिद्ध हुआ।
2. महासागरीय चट्टानों की आयु में समानता-रेडियोमिट्रिक विधि से महासागरों के पार महाद्वीपों की चट्टानों के निर्माण के समय का पता लगाया जा सकता है। उदाहरणतः 200 करोड़ वर्ष प्राचीन शैल समूहों की एक पट्टी ब्राजील तट और पश्चिमी अफ्रीका के तट पर मिलती है जो आपस में मेल खाती है।
3. टिलाइट-टिलाइट वे अवसादी चट्टानें हैं, जो हिमानी निक्षेपण से निर्मित होती हैं। भारत में पाए जाने वाले गोंडवाना श्रेणी के तलछटों के प्रतिरूप दक्षिण गोलार्ध के छः विभिन्न स्थलखंडों से मिलते हैं। हिमानी निर्मित टिलाइड चट्टानें पुरातन जलवायु और महाद्वीपों के विस्थापन के स्पष्ट प्रमाण प्रस्तुत करती हैं।
4. प्लेसर निक्षेप सोना-युक्त शिराएँ ब्राजील में पाई जाती हैं। अतः घाना में मिलने वाले सोने के निक्षेप ब्राजील पठार से उस समय निकले होंगे, जब ये दोनों महाद्वीप एक-दूसरे से जुड़े थे।
5. जीवाश्मों का वितरण यदि समुद्री अवरोधक के दोनों विपरीत किनारों पर जल एवं स्थल में पाए जाने वाले पौधों व जंतुओं की समान प्रजातियाँ पाई जाएँ तो उनके वितरण के विवरण में बाधाएँ उत्पन्न होती हैं।
इस प्रेक्षण से “लैमूर” भारत, मैडागास्कर व अफ्रीका में मिलते हैं। वैज्ञानिकों ने इन तीनों स्थलखंडों को जोड़कर एक स्थलखंड “लेमूरिया” की उपस्थिति को माना।
प्रश्न 2.
महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत व प्लेट विवर्तनिक सिद्धांत में मूलभूत अंतर बताइए।
उत्तर:
महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत व प्लेट विवर्तनिक सिद्धांत में मूलभूत अंतर निम्नलिखित हैं-
महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत | प्लेट विवर्तनिक सिद्धांत |
(1) यह सिद्धान्त महाद्वीपों के विस्थापन के अध्ययन पर बल देता है। यह सिद्धांत महासागरों और महाद्वीपों के वितरण का अध्ययन करता है। | (1) यह सिद्धान्त महाद्वीपों व महासागरों की उत्पत्ति पर आधारित है। |
(2) इस सिद्धान्त की आधारभूत संकल्पना यह थी कि एक बड़ा भू-भाग था, जिसकी “पैंजिया” कहा गया, जो कुछ समय के बाद अन्य भू-खंडों में विभाजित हुआ। | (2) प्लेट विवर्तनिक सिद्धांत के अनुसार पृथ्वी का स्थलमंडल सात मुख्य प्लेटों व कुछ छोटी प्लेटों में विभक्त है। |
(3) यह सिद्धांत महाद्वीपों में साम्य, प्लेसर निक्षेप तथा जीवाश्मों के वितरण पर बल देता है। | (3) यह सिद्धांत धरातल के अंदर की प्रक्रियाओं का विश्लेषण करता है। |
(4) यह सिद्धांत भविष्य की घटनाओं पर व्याख्या नहीं करता। | (4) इस सिद्धांत के अनुसार सभी प्लेटें भविष्य में गतिमान रहेंगी। |
(5) यह सिद्धांत अल्फ्रेड वेगनर ने सन् 1912 में प्रस्तुत किया। | (5) यह सिद्धांत मोरगन ने सन् 1967 में प्रस्तुत किया। |
प्रश्न 3.
महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत के उपरांत की प्रमुख खोज क्या है, जिससे वैज्ञानिकों ने महासागर व महाद्वीपीय वितरण के अध्ययन में पुनः रुचि ली?
उत्तर:
- विशेष रूप से, समुद्र तल मानचित्रण से एकत्रित जानकारी महासागरों और महाद्वीपों के वितरण के अध्ययन के लिए नए आयाम प्रदान करती है।
- महासागरीय पर्पटी की चट्टानें महाद्वीपीय पर्पटी की चट्टानों की अपेक्षा अधिक नई हैं। महासागरीय पर्पटी की चट्टानें 20 करोड़ वर्ष से अधिक पुरानी नहीं हैं।
- महासागरीय कटक के मध्य भाग के दोनों तरफ समान दूरी पर पाई जाने वाली चट्टानों के निर्माण का समय, संरचना, संघटन और चुम्बकीय गुणों में समानता पाई जाती हैं।
- महासागरीय कटकों के समीप की चट्टानें नवीनतम तथा कटकों के शीर्ष से दूर चट्टानों की आयु भी अधिक है।
- गहरी खाइयों में भूकंप उद्गम केंद्र अधिक गहराई पर स्थित हैं, जबकि मध्य-सागरीय कटकों के क्षेत्र में भूकंप उद्गम केंद्र कम गहराई पर स्थित हैं।
महासागरों और महाद्वीपों का वितरण HBSE 11th Class Geography Notes
→ महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत (Continental Drift Theory)-सन् 1912 में प्रसिद्ध जर्मन मौसमविद अलफ्रेड वेगनर ने यह सिद्धांत प्रस्तावित किया। यह सिद्धांत महाद्वीपों और महासागरों के वितरण से संबंधित था।
→ महाद्वीप (Continent) समुद्र तल से ऊपर उठे. पृथ्वी के विशाल भू-खंड महाद्वीप कहलाते हैं। विश्व में सात महाद्वीप हैं।
→ महासागर (Ocean)-सीमांत सागरों; जैसे भूमध्य सागर व कैरेबियन सागर, बाल्टिक सागर इत्यादि को छोड़कर महासागरीय द्रोणियों में एकत्रित जल के विस्तार को महासागर कहते हैं। वर्तमान में विश्व को पाँच महासागरों में बाँटा गया है-प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, अध या अटलांटिक महासागर, आकटिक महासागर एवं अण्टाकटिक महासागर।
→ प्रतिस्थापना परिकल्पना (Displacement Hypothesis)-वह सिद्धांत जिसके अनुसार भू-मण्डल के सभी महाद्वीप किसी समय उपस्थित एक बड़ी भू-संहति के रूप में थे। इस भू-संहति के खंडित हो जाने पर इसके अलग-अलग भाग महाद्वीपों के रूप में विस्थापित हो गए।
→ जीवाश्म (Fossil)-कुछ अवशेष अथवा पादप या जंतुओं के प्रतिरूप, जो भू-पर्पटी (Earth Crust) में पाए जाने वाली विभिन्न शैलों में एक लंबी अवधि तक दबे अथवा आरक्षित रहे हों।
→ हिमयुग (IceAge)-नवीनतम हिमयुग चतुर्थ महाकल्प के आदि से आरंभ होता है, उस समय यूरोप और उत्तरी अमेरिका के अधिकांश भाग पर बर्फ जम गई थी। ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका की वर्तमान बर्फ चादरें इस हिमयुग की अवशेष हैं।
→ प्लेट टेक्टोनिक्स (Plate Tectonics)-यूनानी भाषा में टेक्टोनिक्स का अर्थ है-Builder अर्थात् निर्माता। प्लेट टेक्टोनिक्स 60 के दशक में विकसित एक ऐसी वैज्ञानिक संकल्पना है जिसके अनुसार पृथ्वी का बाहरी, ठोस स्थलमण्डल 7 बडी और कछ छोटी प्लेटों से बना हआ है। कछ वैज्ञानिक इन प्लेटों की संख्या अब लगभग 20 मानते हैं।
→ अपसारी प्लेटें (Divergent Plates)-जब दो प्लेटें एक-दूसरे से विपरीत दिशा में अलग हटती हैं, तो उन्हें अपसारी प्लेटें कहा जाता है।
→ अभिसरण (Covergence)-जब कुछ प्लेटें एक-दूसरे की तरफ बढ़कर निकट आती हैं और आपस में टकराती हैं तो इसे अभिसरण कहा जाता है।