Author name: Prasanna

HBSE 8th Class Sanskrit Solutions Ruchira Bhag 3 Haryana Board

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HBSE 12th Class Hindi Solutions Aroh Chapter 8 कवितावली (उत्तर कांड से), लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप

Haryana State Board HBSE 12th Class Hindi Solutions Aroh Chapter 8 कवितावली (उत्तर कांड से), लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Hindi Solutions Aroh Chapter 8 कवितावली (उत्तर कांड से), लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप

HBSE 12th Class Hindi कवितावली (उत्तर कांड से), लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप Textbook Questions and Answers

कविता के साथ

प्रश्न 1.
कवितावली के उद्धृत छंदों के आधार पर स्पष्ट करें कि तुलसीदास को अपने युग की आर्थिक विषमता की अच्छी समझ है।
उत्तर:
भले ही तुलसीदास राम-भक्त कवि थे, परंतु अपने युग की परिस्थितियों से वे भली प्रकार परिचित थे। उन्होंने तत्कालीन लोगों की सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति को समीप से देखा था। इसलिए कवि ने यह स्वीकार किया है कि उस समय लोग बेरोज़गारी के शिकार थे। उनके पास कोई ऐसा काम-धंधा नहीं था जिससे वे अपना पेट भर सकें। आर्थिक विषमता के कारण अमीर

और गरीब में बहुत बड़ी खाई बन चुकी थी। लोगों में गरीबी और भुखमरी फैली हुई थी। मजदूर, किसान, व्यापारी, भिखारी, कलाकार आदि सभी काम न मिलने के कारण परेशान थे। गरीबी के कारण लोग छोटे-से-छोटा काम करने को तैयार थे। तुलसीदास ने लोगों की आर्थिक दुर्दशा को देखकर कवितावली के छंदों में आर्थिक विषमता का यथार्थ वर्णन किया है।

प्रश्न 2.
पेट की आग का शमन ईश्वर (राम) भक्ति का मेघ ही कर सकता है तुलसी का यह काव्य-सत्य क्या इस समय का भी युग-सत्य है? तर्कसंगत उत्तर दीजिए।
उत्तर:
तुलसीदास ने यह स्वीकार किया है कि मनुष्य की पेट की आग को ईश्वर भक्ति रूपी मेघ ही शांत कर सकते हैं। तुलसी का यह काव्य-सत्य प्रत्येक युग पर चरितार्थ होता है। भले ही माता-पिता बालक को जन्म देते हैं, परंतु ईश्वर ही उसे कर्मों के फल के रूप में भाग्य देता है। हम अपने चारों ओर देखते हैं कि करोड़ों लोग कोई-न-कोई व्यवसाय कर रहे हैं। कुछ लोगों को आशातीत सफलता प्राप्त होती है। परंतु कुछ लोग खूब मेहनत करके काम करते हैं, फिर भी उन्हें सफलता नहीं मिलती। अनेक लोग उद्योग-धंधे चला रहे हैं, लेकिन सभी अंबानी बंधु नहीं बन पाते। इसे हम ईश्वर की कृपा के सिवाय कुछ नहीं कह सकते। सच्चाई तो यह है कि मेहनत के साथ-साथ ईश्वर की अनुग्रह भी होनी चाहिए। सच ही कहा गया है-
गुणावंत न जामिये, जामिये भागावन्त
भागावन्त के द्वार में, खड़े रहे गुणवन्त

HBSE 12th Class Hindi Solutions Aroh Chapter 8 कवितावली (उत्तर कांड से), लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप

प्रश्न 3.
तुलसी ने यह कहने की ज़रूरत क्यों समझी?
धूत कहौ, अवधूत कही, रजपूतु कहौ, जोलहा कहौ कोऊ/काहू की बेटीसों से बेटा न ब्याहब, काहूकी जाति बिगार न सोऊ। इस सवैया में काहू के बेटासों बेटी न ब्याहब कहते तो सामाजिक अर्थ में क्या परिवर्तन आता?
उत्तर:
यदि तुलसीदास ‘काहू की बेटी से बेटा न ब्याहब’ की बजाय यह कहते कि काहू के बेटा से बेटी न ब्याहब तो सामाजिक अर्थ में बहुत अंतर आ जाता। प्रायः विवाह के बाद बेटी अपने पिता के कुल गोत्र को त्यागकर पति के कुल गोत्र को अपना लेती है। अतः यदि कवि के सामने अपनी बेटी के ब्याह का प्रश्न होता तो कुल गोत्र के बिगड़ने का भय भी होता जो लड़के वाले को नहीं होता।

प्रश्न 4.
धूत कहौ….. वाले छंद में ऊपर से सरल व निरीह दिखलाई पड़ने वाले तुलसी की भीतरी असलियत एक स्वाभिमानी भक्त हृदय की है। इससे आप कहाँ तक सहमत हैं?
उत्तर:
इस सवैये से कवि की सच्ची भक्ति-भावना तथा उनके स्वाभिमानी स्वभाव का पता चलता है। वे स्वयं को ‘सरनाम गुलाम है राम को’ कहकर अपनी दीनता-हीनता को प्रकट करते हैं। इससे यह पता चलता है कि वे राम के सच्चे भक्त हैं और उनमें। है। परंत धत कहौ….. छंद को पढ़ते ही पता चल जाता है कि वे एक स्वाभिमानी भक्त थे। उन्होंने किसी भी कीमत पर अपने स्वाभिमान को कम नहीं होने दिया। अपने स्वाभिमान को बचाने के लिए वे कुछ भी कर सकते थे। लोगों ने उन पर जो कटाक्ष किए, उसकी भी उन्होंने परवाह नहीं की। इसलिए वे अपने निंदकों को स्पष्ट कहते हैं कि उनके बारे में जिसे जो कुछ कहना है वह कहे। उन्हें किसी से कोई लेना-देना नहीं है।

व्याख्या करें-

प्रश्न 5.
(क) मम हित लागि तजेहु पितु माता। सहेहु बिपिन हिम आतप बाता।
जौं जनतेउँ बन बंधु बिछोहू। पितु बचन मनतेउँ नहिं ओहू॥
(ख) जथा पंख बिनु खग अति दीना। मनि बिनु फनि करिबर कर हीना।
अस मम जिवन बंधु बिनु तोही। जौं जड़ दैव जिआवै मोही।
(ग) माँगि कै खैबो, मसीत को सोइबो, लैबोको एकु न दैबोको दोऊ॥
(घ) ऊँचे नीचे करम, धरम-अधरम करि, पेट ही को पचत, बेचत बेटा-बेटकी॥
उत्तर:
(क) इस पद्य भाग में श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण को मूर्छित देखकर शोकग्रस्त हो जाते हैं। यद्यपि हनुमान संजीवनी लेने के लिए गए हुए हैं लेकिन अर्धरात्रि होने तक वे लौटकर नहीं आए। उपचार की अवधि प्रातःकाल तक है अतः अपने भाई लक्ष्मण के प्राणों पर खतरा देखकर वे भावुक हो उठे और अपने मूर्छित भाई लक्ष्मण से कहने लगे आई लक्ष्मण! तुमने मेरे लिए माता-पिता का त्याग किया और मेरे साथ वनवास के लिए चल पड़े। वन में रहते हुए तुमने असंख्य कष्टों को सहन किया, सर्दी-गर्मी आदि का सामना किया, परंतु मेरा साथ नहीं छोड़ा। यदि मुझे पता होता कि वन में आने से मुझसे मेरे भाई का वियोग हो जाएगा तो मैं पिता की आज्ञा का पालन न करता अर्थात् मैं कभी वनवास को स्वीकार न करता।

(ख) इस पद्य भाग में अपने मूर्छित भाई लक्ष्मण के प्रति मोह-भावना को व्यक्त करते हुए राम कहते हैं हे भाई लक्ष्मण! तुम्हारे बिना मेरी स्थिति दीन-हीन हो गई है, क्योंकि तुम ही मेरी ताकत थे। जैसे पंख के बिना पक्षी दीन हो जाते हैं, मणि के बिना सांप तथा सूंड के बिना हाथी हीन हो जाते हैं, उसी प्रकार जब भाग्य मुझे तुम्हारे बिना जीने के लिए मजबूर कर देगा तो मेरा जीवन भी तुम्हारे बिना वैसा ही हो जाएगा। भाव यह है कि तुम्हारे बिना मेरा जीना बड़ा दुखद और शोचनीय हो जाएगा।

(ग) प्रस्तुत पद्य पंक्ति में कविवर तुलसीदास ने अपने स्वाभिमान का निडरतापूर्वक वर्णन किया है। कवि कहता है कि मुझे निंदकों का कोई भय नहीं है और न ही मुझे अपने जीवन के बिगड़ने का भय है। मुझे किसी की धन-संपत्ति नहीं चाहिए, क्योंकि आ पेट भर लेता हूँ अर्थात् मुझे किसी प्रकार के काम-धंधे की चिंता नहीं है। मैं मस्जिद में सो लेता हूँ। मुझे न तो किसी से कुछ लेना है और न देना है। मेरी जिंदगी फक्कड़ है और मैं अपने आप में मस्त रहता हूँ।

(घ) प्रस्तुत पद्य पंक्ति में कवि ने तत्कालीन आर्थिक विषमता का यथार्थ वर्णन किया है। कवि का कहना है कि मनुष्य के सारे कार्य एवं व्यापार पेट की आग को शांत करने के लिए होते हैं। परंतु यह आग इतनी भयंकर होती है कि लोग ऊँचे-नीचे कर्म तथा धर्म-अधर्म कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। यहाँ तक कि अपनी भूख को मिटाने के लिए लोग बेटे-बेटियों तक को बेच देते हैं। यह स्थिति तुलसी के युग में थी और आज भी है।

प्रश्न 6.
भ्रातृशोक में हुई राम की दशा को कवि ने प्रभु की नर लीला की अपेक्षा सच्ची मानवीय अनुभूति के रूप में रचा है। क्या आप इससे सहमत हैं? तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए।
उत्तर:
यह स्वतः स्पष्ट हो जाता है कि लक्ष्मण की मूर्छा पर शोकग्रस्त होकर विलाप करने वाले राम भगवान नहीं हो सकते। कवि का यह कहना सही प्रतीत नहीं होता कि वे भगवान के रूप में नर लीला कर रहे हैं। यदि वे ऐसा करते तो उनका प्रत्येक वचन मर्यादित होता। जब कोई मनुष्य अत्यधिक शोकग्रस्त होता है तब वह असहाय होकर दुख के कारण प्रलाप करने लगता है। राम के द्वारा यह कहना कि यदि उन्हें पता होता कि वन में भाई से उनका वियोग हो जाएगा, तो वे अपने पिता की आज्ञा को न मानते अथवा यह कहना कि पत्नी तो आती-जाती रहती है ये बातें तो सच्ची मानवीय अनुभूति के रूप में प्रकट हुई हैं। इसे हम नर लीला नहीं कह सकते।

प्रश्न 7.
शोकग्रस्त माहौल में हनुमान के अवतरण को करुण रस के बीच वीर रस का आविर्भाव क्यों कहा गया है?
उत्तर:
वैद्य सुषेण ने यह कहा था कि अगर प्रातः होने से पूर्व संजीवनी बूटी मिल गई तो लक्ष्मण बच सकता है अन्यथा उसकी मृत्यु हो जाएगी। अर्धरात्रि बीत चुकी थी और हनुमान अभी तक लौटकर नहीं आया था। संपूर्ण भालू और वानर सेना घबराई हुई थी। राम भी लक्ष्मण की मृत्यु के डर के कारण घबरा गए थे और वे भावुक होकर विलाप करने लगे। परंतु इसी बीच हनुमान संजीवनी बूटी लेकर पहुँच गए। हनुमान को देखकर राम के विलाप में आशा और उत्साह का संचार हो गया। करुणापूर्ण वातावरण में मानों वीर रस का समावेश हो गया। क्योंकि अब सभी को यह आशा बँध गई थी कि लक्ष्मण होश में आ जाएँगे और फिर रावण पर विजय प्राप्त की जा सकेगी।

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प्रश्न 8.
जैहउँ अवध कवन मुहुँ लाई। नारि हेतु प्रिय भाइ गँवाई॥ बरु अपजस सहतेउँ जग माहीं। नारि हानि बिसेष छति नाहीं॥ भाई के शोक में डूबे राम के इस प्रलाप-वचन में स्त्री के प्रति कैसा सामाजिक दृष्टिकोण संभावित है?
उत्तर:
इस प्रकार के विलाप को सुनकर विलाप करने वाले की पत्नी को तो बुरा ही लगेगा। परंतु यह भी एक सच्चाई है कि इस प्रकार के प्रलाप का कोई अर्थ नहीं होता। यह शोक से व्यथित एक व्यक्ति की उक्ति है। इसे यथार्थ नहीं समझना चाहिए। सामाजिक दृष्टि से यह कथन बुरा लगता है परंतु यह भी एक यथार्थ है कि मनुष्य के लिए भाई और पत्नी में भाई का कोई विकल्प नहीं होता, पत्नी का विकल्प हो सकता है। उदाहरण के रूप में यदि किसी की पत्नी का देहांत हो जाता है तो वह दूसरा विवाह करके पत्नी ले आता है लेकिन भाई का देहांत होने पर वह दूसरा भाई नहीं ला सकता। इस उक्ति से यह भी अर्थ प्रकट हो सकता है कि प्रायः लोग पत्नी को भाई से अधिक महत्त्व देते हैं और कभी-कभी ऐसे उदाहरण देखे जाते हैं जहाँ लक्ष्मण जैसे भाई अपनी भाभी के लिए अपनी जान देने को तैयार रहते हैं। परंतु आज ऐसा भी देखने में आया है कि पुरुष अपनी पत्नी के लिए भाई तक को छोड़ देता है। अतः नारी के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण सर्वत्र एक-जैसा नहीं है।

कविता के आसपास

प्रश्न 1.
कालिदास के रघुवंश महाकाव्य में पत्नी (इंदुमती) के मृत्यु-शोक पर अज तथा निराला की सरोज-स्मृति में पुत्री (सरोज) के मृत्यु-शोक पर पिता के करुण उद्गार निकले हैं। उनसे भ्रातृशोक में डूबे राम के इस विलाप की तुलना करें।
उत्तर:
जहाँ तक कवि निराला का प्रश्न है, उन्होंने अपने ‘शोक-गीत’ सरोज-स्मृति में इसलिए प्रायश्चित किया है, क्योंकि वह पिता होने के कर्तव्य का ठीक से पालन नहीं कर पाए। दूसरा उनकी बेटी का आकस्मिक निधन हो गया। युवावस्था में ही वह स्वर्ग सिधारं गई। अतः निराला का विलाप बहत गहरा है जो बेटी की मृत्यु के कारण उत्पन्न हुआ है।

परंतु राम का विलाप निराला की तुलना में कुछ कम है, क्योंकि लक्ष्मण की मृत्यु नहीं हुई। उसके जीवित होने की आशा अभी बनी हुई है। हनुमान संजीवनी बूटी लेने गए हुए हैं और वे आ भी जाते हैं। अतः राम का विलाप निराला के विलाप की तुलना में अधिक गहन नहीं है।

प्रश्न 2.
पेट ही को पचत, बेचत बेटा-बेटकी तुलसी के युग का ही नहीं आज के युग का भी सत्य है। भुखमरी में किसानों की आत्महत्या और संतानों (खासकर बेटियों) को भी बेच डालने की हृदय-विदारक घटनाएँ हमारे देश में घटती रही हैं। वर्तमान परिस्थितियों और तुलसी के युग की तुलना करें।
उत्तर:
गरीबी कोई आज की समस्या नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक युग की समस्या रही है। समाज का पूँजीपति वर्ग हमेशा किसानों तथा मजदूरों का शोषण करके धन का संग्रह कर लेता है, जिससे नगरों के मज़दूर तथा गाँव के किसान गरीबी का शिकार बन जाते हैं और उन्हें अनेक बार अनापेक्षित संकटों का सामना करना पड़ता है। तुलसी के काल में भी देश में गरीबी थी। आज तो यह एक गंभीर समस्या बन चुकी है। गरीबी के अनेक कारण हो सकते हैं परंतु इसके परिणाम एक जैसे ही होते हैं। गरीबों को अपना मान-सम्मान एवं अभिमान यहाँ तक कि बेटे-बेटियों को भी बेचना पड़ सकता है। आज अनेक लोग गरीबी से तंग आकर आत्महत्या कर रहे हैं।

प्रश्न 3.
तुलसी के युग की बेकारी के क्या कारण हो सकते हैं? आज की बेकारी की समस्या के कारणों के साथ उसे मिलाकर कक्षा में परिचर्चा करें।
उत्तर:
तुलसी के युग में बेकारी के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं-

  • लोगों के पास कृषि के साधनों का अभाव रहा होगा।
  • तत्कालीन शासक लोगों से बेगार करवाते होंगे।
  • मज़दूरों को उचित मज़दूरी नहीं मिलती होगी।
  • कुछ लोग आलसी होंगे जो काम करना नहीं चाहते होंगे।
  • लोगों को पर्याप्त काम के अवसर प्राप्त नहीं होते होंगे।

आज की समस्या के कारण-

  • देश में बढ़ती हुई जनसंख्या।
  • पूँजीवादी अर्थव्यवस्था पर बल।
  • कृषि की ओर उचित ध्यान न देना।
  • अधिक लोगों का शिक्षित होना।
  • पढ़े-लिखे लोगों में नौकरी करने की इच्छा।
  • श्रम साध्य कामों से बचने का प्रयास करना।

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प्रश्न 4.
राम कौशल्या के पुत्र थे और लक्ष्मण सुमित्रा के। इस प्रकार वे परस्पर सहोदर (एक ही माँ के पेट से जन्मे) नहीं थे। फिर, राम ने उन्हें लक्ष्य कर ऐसा क्यों कहा-“मिलइ न जगत सहोदर भ्राता”? इस पर विचार करें।
उत्तर:
राम लक्ष्मण को अपना सहोदर ही मानते थे। वे लक्ष्मण की माता सुमित्रा को भी अपनी माता समझते थे। उनके मन में तीनों माताओं के लिए एक-जैसी भावना थी। दूसरा, लक्ष्मण का त्याग सहोदर भाई से भी अधिक था। वह भी राम को अपना सहोदर मानता था। यही कारण है कि राम ने लक्ष्मण को अपना सहोदर कहा है।

प्रश्न 5.
यहाँ कवि तुलसी के दोहा, चौपाई, सोरठा, कवित्त, सवैया-ये पाँच छंद प्रयुक्त हैं। इसी प्रकार तुलसी साहित्य में और छंद तथा काव्य-रूप आए हैं। ऐसे छंदों व काव्य-रूपों की सूची बनाएँ।
उत्तर:
तुलसीदास ने अपनी काव्य रचनाओं में दोहा, चौपाई, सोरठा, कवित्त, सवैया, छप्पय तथा हरिगीतिका छंदों का प्रयोग किया है।

  • काव्य रूप-प्रबंध काव्य, रामचरितमानस।
  • गेय पदशैली-गीतावली, श्रीकृष्ण गीतावली तथा विनय पत्रिका।
  • मुक्तक-विनय पत्रिका।

तुलसी द्वारा प्रयुक्त छंदों का परिचय-
(i) चौपाई-यह एक सममात्रिक छंद है। इसके चार चरण होते हैं। प्रत्येक चरण में सोलह-सोलह मात्राएँ होती हैं तथा प्रत्येक चरण का अंतिम वर्ण गुरु होता है। पहले-दूसरे तथा तीसरे-चौथे चरणों की तुक मिलती है, यथा
सों अनुराग कहाँ अब भाई। उठहु न सुनि मम बच बिकलाई।
जौं जनतेउँ बन बंधु बिछोहू। पितु बचन मनतेउँ नहिं ओह।

(ii) दोहा-जिस छंद के विषम चरणों में तेरह मात्राएँ तथा सम चरणों में ग्यारह मात्राएँ होती हैं, उसे दोहा छंद कहते हैं। यह हिंदी का सर्वाधिक लोकप्रिय तथा प्रचलित छंद है, यथा
राम राज राजत सकल धरम निरत नर नारि। राग न रोष न दोष दुख सुलभ पदारथ चारि।

(iii) सोरठा-सोरठा छंद के सम चरणों में तेरह तथा विषम चरणों में ग्यारह मात्राएँ होती हैं। इसमें तुक प्रथम और तृतीय चरण के अंत में मिलती है। यह दोहा छंद का उल्टा है। गोस्वामी तुलसीदास ने सोरठा छंद का पर्याप्त प्रयोग किया है।
सुनत सुमंगल बैन, मन प्रमोद तन पुलक भर।
सरद सरोरुह नैन, तुलसी भरे स्नेह जल॥

(iv) कवित्त-कवित्त के प्रत्येक चरण में इकतीस वर्ण होते हैं। प्रत्येक चरण के सोलहवें और पंद्रहवें वर्ण पर इति रहती है। प्रत्येक चरण का अंतिम वर्ण गुरु होता है, यथा-
किसबी, किसान-कुल, बनिक, भिखारी, भाट,
चाकर, चपल नट, चोर, चार, चेटकी। पेटको पढ़त, गुन गढ़त चढ़त गिरि,
अटत गहन-गन अहन अखेटकी॥
ऊँचे-नीचे करम, धरम-अधरम करि,
पेट ही को पचत, बेचत बेटा-बेटकी।
‘तुलसी’ बुझाइ एक राम घनस्याम ही तें,
आगि बड़वागिते बड़ी है आगि पेटकी॥

(v) सवैया सवैया छंद के अनेक प्रकार होते हैं। ये प्रकार गणों के संयोजन के आधार पर किए जाते हैं। इनमें मत गयंद सवैया सर्वाधिक प्रसिद्ध है। इसे मालती सवैया भी कहते हैं। इसके प्रत्येक चरण में तेइस-तेइस वर्ण होते हैं, यथा
सेस महेस गनेस सुरेस दिनेसहु जाहि निरतंर गावै।
नारद से सुक व्यास हैं, पचि हारि रहे पुनि पार न पावै।
जाहि अनादि अनंत अखंड अबेद अभेद सुवेद बतावै।
ताहि अहीर की छोहरियाँ छछिया भर छाछ पे नाच नचावै।

HBSE 12th Class Hindi कवितावली (उत्तर कांड से), लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप Important Questions and Answers

सराहना संबंधी प्रश्न

प्रश्न-
निम्नलिखित पंक्तियों में निहित काव्य-सौंदर्य पर प्रकाश डालिए-
1. ऊँचे-नीचे करम, धरम-अधरम करि,
पेट ही को पचत, बेचत बेटा-बेटकी।
‘तुलसी’ बुझाइ एक राम घनस्याम ही तें,
आगि बड़वागितें बड़ी है आगि पेट की॥
उत्तर:

  1. प्रस्तुत पद्य भाग में कविवर तुलसीदास ने तत्कालीन लोगों में व्याप्त गरीबी का यथार्थ वर्णन किया है।
  2. कवि ने गरीबी तथा पेट की आग के यथार्थ को स्वीकार करते हुए यह स्पष्ट किया है कि उस समय गरीब लोग अपना पेट भरने के लिए बेटे-बेटियों को भी बेच देते थे।
  3. संपूर्ण पद्यांश में अनुप्रास अलंकार की छटा दर्शनीय है।
  4. ‘राम-घनश्याम’ में रूपक अलंकार का प्रयोग है।
  5. ‘आगि बड़वागितें बड़ी है आगि पेटकी’ में गतिरेक अलंकार का प्रयोग हुआ है।
  6. सहज एवं सरल साहित्यिक ब्रजावधी भाषा का प्रयोग हुआ है।
  7. शब्द-चयन उचित और भावाभिव्यक्ति में सहायक है।
  8. प्रसाद गुण है तथा करुण रस का परिपाक हुआ है।
  9. कवित्त छंद का प्रयोग है।

2. धूत कही, अवधूत कही, रजपूतु कहौ, जोलहा कहौ कोऊ।
काहू की बेटी सों बेटा न ब्याहव, काहूकी जाति बिगार न सोऊ॥
तुलसी सरनाम गुलामु है राम को, जाको रुचै सो कहैं कछु ओऊ।
माँगि के खैबो, मसीत को सोइबो, लैबोको एकु न दैबको दोऊ।
उत्तर:

  1. इस पद से पता चलता है कि तुलसीदास को अपने जीवन में अनेक अपवादों तथा विरोधों का सामना करना पड़ा।
  2. कवि जातिवाद में विश्वास करता दिखाई देता है।
  3. संपूर्ण पद में अनुप्रास अलंकार का सफल प्रयोग हुआ है।
  4. ‘लेना एक न देना दो’ मुहावरे का सशक्त प्रयोग है।
  5. इस पद में दास्य भक्ति का भाव देखा जा सकता है।
  6. सहज एवं सरल साहित्यिक ब्रजावधी भाषा का सफल प्रयोग है।
  7. शब्द-चयन उचित और भावाभिव्यक्ति में सहायक है।
  8. सवैया छंद का प्रयोग है।

3. जथा पंख बिनु खग अति दीना। मनि बिनु फनि करिबर कर हीना॥
अस मम जिवन बंधु बिनु तोही। जौं जड़ दैव जिआवै मोही।
उत्तर:

  1. इन काव्य-पंक्तियों में कवि ने लक्ष्मण के मूर्छित होने पर बड़े भाई राम के विलाप का बड़ा ही संवेदनशील वर्णन किया है।
  2. अपने सहोदर लक्ष्मण के बिना वे स्वयं को पंख के बिना पक्षी, मणि के बिना सर्प तथा सूंड के बिना हाथी के समान समझते हैं।
  3. अनुप्रास तथा दृष्टांत अलंकारों का सुंदर और स्वाभाविक प्रयोग हुआ है।
  4. सहज एवं सरल साहित्यिक अवधी भाषा का प्रयोग है।
  5. शब्द-चयन उचित तथा भावाभिव्यक्ति में सहायक है।
  6. प्रसाद गुण है तथा करुण रस का परिपाक हुआ है।
  7. चौपाई छंद का प्रयोग है।

4. बहु बिधि सोचत सोच बिमोचन।
स्रवत सलिल राजिव दल लोचन।
उत्तर:

  1. यहाँ कवि ने लक्ष्मण मूर्छा के प्रसंग में चिंताग्रस्त राम की स्थिति का भावपूर्ण वर्णन किया है।
  2. भले ही प्रभु राम लोगों की चिंताओं को दूर करने वाले हैं परंतु इस समय वे स्वयं चिंतित दिखाई दे रहे हैं।
  3. इन पद्य-पंक्तियों में अनुप्रास अलंकार की छटा दर्शनीय है।
  4. ‘राजिव दल लोचन’ में रूपक अलंकार का सफल प्रयोग है।
  5. सहज एवं सरल साहित्यिक अवधी भाषा का सफल प्रयोग है।
  6. शब्द-चयन उचित और भावाभिव्यक्ति में सहायक है।
  7. प्रसाद गुण है तथा करुण रस का परिपाक है।
  8. चौपाई छंद का प्रयोग है।

5. सो अनुराग कहाँ अब भाई। उठहु न सुनि मम बच बिकलाई।
जौं जनतेउँ बन बंधु बिछोहू। पितु बचन मनतेउँ नहिं ओह।
उत्तर:

  1. लक्ष्मण मूर्छा के लिए राम स्वयं को दोषी मानने लगे। इसलिए वे कहते हैं कि यदि मुझे भाई के वियोग का एहसास भी होता तो मैं पिता के वचनों को न मानता।
  2. यहाँ कवि ने राम के विलाप का कारुणिक वर्णन किया है।
  3. अनुप्रास अलंकार (बन-बंधु) का सफल प्रयोग हुआ है।
  4. सहज एवं सरल साहित्यिक अवधी भाषा का प्रयोग है।
  5. शब्द-चयन उचित तथा भावाभिव्यक्ति में सहायक है।
  6. प्रसाद गुण है तथा करुण रस का परिपाक है।
  7. चौपाई छंद का प्रयोग है।

6. यह बृतांत दसानन सुनेऊ। अति बिषाद पुनि पुनि सिर धुनेऊ॥
व्याकुल कुंभकरन पहिं आवा। बिबिध जतन करि ताहि जगावा॥
उत्तर:

  1. यहाँ कवि ने यह स्पष्ट किया है कि लक्ष्मण के होश में आने के समाचार को सुनकर रावण अत्यधिक दुखी हो गया और वह पश्चात्ताप करने लगा।
  2. पुनि-पुनि में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार का प्रयोग है।
  3. ‘सिर धुना’ मुहावरे का सफल प्रयोग है।
  4. साहित्यिक अवधी भाषा का सफल प्रयोग हुआ है।
  5. शब्द-चयन उचित तथा भावाभिव्यक्ति में सहायक है।
  6. चौपाई छंद का प्रयोग है।

विषय-वस्तु पर आधारित लघूत्तरात्मक प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
तुलसीकालीन सामाजिक और आर्थिक दुरावस्था का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
तुलसीकालीन समाज सामाजिक तथा आर्थिक दृष्टि से अत्यधिक पिछड़ा हुआ था। उस समय लोगों की आर्थिक दशा बड़ी खराब थी। लोगों के पास रोज़गार के उचित अवसर नहीं थे। मजदूर के पास काम नहीं था, किसान के पास खेती नहीं थी। व्यापारी के पास व्यापार नहीं था और भिखारी को भीख नहीं मिलती थी। चारण, भाट, नौकर, नट, चोर, दूत, बाज़ीगर आदि पेट भरने के लिए उल्टे-सीधे काम करते थे। पहाड़ों पर चढ़ते थे और जंगल में भटकते हुए शिकार करते थे। उन्हें ऊँचे-नीचे, धर्म-अधर्म के सभी प्रकार के काम करने पड़ते थे। यहाँ तक कि पेट भरने के लिए वे अपनी संतान को बेचने से भी नहीं हिचकिचाते थे। चारों ओर गरीबी का आलम था। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि कवि ने तत्कालीन सामाजिक एवं आर्थिक दुरावस्था का यथार्थ वर्णन किया है।

प्रश्न 2.
‘तुलसी का युग बेरोजगारी और बेकारी का युग था’-सिद्ध कीजिए।
उत्तर:
बेरोजगारी प्रत्येक युग की अहम समस्या है। तुलसी का युग भी बेरोज़गारी के संकट का सामना कर रहा था। उस समय बेरोजगारी इस प्रकार फैली हुई थी कि किसान के पास खेती का साधन नहीं था। भिखारी को भीख नहीं मिलती थी और नौकर के पास नौकरी नहीं थी। आजीविका विहीन दुखी होकर लोग एक-दूसरे से कहते थे कहाँ जाएँ और क्या करें। इस प्रकार दरिद्रता रूपी रावण ने लोगों को इस प्रकार दबा दिया था कि सभी त्राहि-त्राहि कर रहे थे। यही कारण है कि कवि तुलसीदास इस बेरोजगारी और गरीबी को दूर करने के लिए प्रभु राम से कृपा की याचना करते थे।

HBSE 12th Class Hindi Solutions Aroh Chapter 8 कवितावली (उत्तर कांड से), लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप

प्रश्न 3.
‘लक्ष्मण-मूर्छा और राम का विलाप’ कविता का प्रतिपाद्य/मूलभाव लिखिए।
उत्तर:
इस प्रसंग में कवि ने लक्ष्मण के मूर्च्छित हो जाने पर बड़े भाई राम के विलाप का कारुणिक वर्णन किया है। लक्ष्मण को मूर्छित देखकर राम इतने व्याकुल हो जाते हैं कि वे सामान्य मानव की तरह विलाप करने लगते हैं। धीरे-धीरे उनका दिलाप प्रलाप में बदल जाता है। राम कहते हैं कि तुम तो मुझे कभी दुखी नहीं देख सकते थे। मेरे लिए तुमने माता-पिता को त्यागकर वनवास ले लिया। यदि मुझे पता होता कि वन में मेरा तुमसे वियोग हो जाएगा तो मैं पिता की आज्ञा को कभी न मानता। संसार में धन, स्त्री, मकान आदि बार-बार मिल जाते हैं, परंतु सहोदर भाई बार-बार नहीं मिलता है।

वे लक्ष्मण के स्वभाव और गुणों को याद करके अत्यंत भावुक हो उठते हैं और इस दशा के लिए स्वयं को दोषी मानने लगते हैं। वे कहते हैं कि उनकी स्थिति पंख के बिना पक्षी, मणि के बिना सर्प और सैंड के बिना हाथी के समान हो गई है। वे कहते हैं कि मैं क्या मुँह लेकर अयोध्या जाऊँगा। लोग मेरे बारे में कहेंगे कि मैंने पत्नी के लिए भाई को गँवा दिया। हे भाई! उठकर मझे बताओ कि मैं तुम्हारी माता सुमित्रा को क्या उत्तर दूँगा। इस प्रकार लोगों की चिंताओं को दूर करने वाले राम स्वयं चिंतित होकर रोने लगे। अंततः राम का दुख तब कम होता है जब हनुमान औषधि वाला पहाड़ लेकर पहुँच जाते हैं।

प्रश्न 4.
शोकग्रस्त माहौल में हनुमान के अवतरण को करुण रस के बीच वीर रस का आविर्भाव क्यों कहा गया है?
उत्तर:
मेघनाद की शक्ति के कारण लक्ष्मण घायल होकर मूर्च्छित हो गए थे। इससे राम अत्यधिक व्यथित हो गए। उनके करुण भाव को सुनकर संपूर्ण भालू और वानर सेना शोकग्रस्त हो गई थी। चारों ओर शोक का वातावरण व्याप्त था। राम अनेक प्रकार के वचन कहकर लक्ष्मण को होश में लाने का प्रयास कर रहे थे। अन्ततः वे विलाप करके रोने लगे जिससे सर्वत्र करुण रस का संचार होने लगा।

इसी बीच जामवंत के परामर्श से हनुमान लंका के वैद्य सुषेण को उठाकर ले आया। सुषेण ने एक पर्वत विशेष से संजीवनी लाने की सलाह दी और कहा कि यदि प्रभात वेला से पहले-पहले संजीवनी मिल जाएगी तो लक्ष्मण के प्राण बच सकते हैं, अन्यथा नहीं। यह कार्य हनुमान को सौंपा गया। वे अपनी वीरता के कारण उस विशेष पर्वत को उठाकर ले आए जिस पर औषधि थी। अतः हनुमान का यह कारनामा वीर रस का आविर्भाव करता है। यह दायित्व हनुमान के आगमन से करुण रस के बीच में वीर रस का प्रादुर्भाव हो गया। राम का विलाप बंद हो गया और सुषेण के उपचार से लक्ष्मण होश में आ गए। अतः कवि का कहना सर्वथा उचित है कि हनुमान का अवतरण करुण रस के बीच में वीर रस का आविर्भाव है।

प्रश्न 5.
‘लक्ष्मण-मूर्छा’ प्रसंग के आधार पर तुलसी की नारी दृष्टि पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
तुलसीयुग में भारतीय परिवार व्यवस्था काफी सुदृढ़ थी। उस समय संयुक्त परिवार की परंपरा चलती थी। सभी भाई और उनकी पत्नियाँ एक ही छत के नीचे रहते थे। यही कारण है कि उस समय पत्नी की अपेक्षा भाई का महत्त्व अधिक था। दूसरा भाई का संबंध व्यक्ति के अपने हाथ में नहीं होता लेकिन पत्नी का संबंध उसके अपने हाथ में होता है। वैसे भी भाई का संबंध जन्मजात होता है। यह संबंध काफी पुराना और प्राकृतिक है। परंतु पत्नी का संबंध व्यक्ति के साथ यौवनकाल में स्थापित होता है। तत्कालीन सामाजिक और पारिवारिक परंपरा को ध्यान में रखकर ही कविवर तुलसीदास ने नारी संबंधी अपना दृष्टिकोण व्यक्त किया है। इसीलिए हम तुलसीदास पर ही नारी दृष्टिकोण का दोष नहीं दे सकते। जहाँ तक नारी के सम्मान का प्रश्न है, कवि ने नारी को उचित मान-सम्मान दिया है। वन में रहते हुए भी राम, लक्ष्मण माँ की चिंता करते हैं। अतः कवि ने नारी के मातृरूप का अधिक सम्मान किया है।

प्रश्न 6.
राम के विलाप का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मेघनाद की शक्ति लगने से लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे। सुषेण वैद्य के कथनानुसार हनुमान संजीवनी लेने के लिए गए हुए थे। प्रभात से पहले-पहले लक्ष्मण का उपचार होना आवश्यक था अन्यथा वह मृत्यु को प्राप्त हो सकता था। अर्धरात्रि व्यतीत दर लक्ष्मण को मूर्छित देखकर विलाप करने लगे। भ्रातशोक के कारण वे अत्यधिक व्यथित और बेचैन थे। वे बार-बार लक्ष्मण के त्याग, समर्पण और स्नेह की चर्चा करने लगे। भ्रातृ शोक से व्याकुल होकर वे कहने लगे यदि मुझे पता होता कि वन में मेरा भाई से वियोग होगा तो मैं पिता की आज्ञा को न मानता। पुत्र, धन, मकान आदि बार-बार मिल सकते हैं लेकिन सहोदर भाई पुनः नहीं मिल सकता। वे अपनी स्थिति की तुलना पंखों के बिना पक्षी, मणि के बिना सर्प तथा सैंड के बिना हाथी से करते हैं। उन्हें इस बात का भी भय था कि वे अयोध्या लौटकर माँ सुमित्रा को क्या मुँह दिखाएँगे और अयोध्यावासी उनके बारे में क्या सोचेंगे। इस प्रकार राम विलाप करते-करते प्रलाप करने लगे।

प्रश्न 7.
लक्ष्मण के उपचार का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
लक्ष्मण के मूर्च्छित होने पर श्रीराम विलाप करने लगते हैं। सारा वातावरण निराशाजन्य हो जाता है। किन्तु ज्यों ही हनुमान संजीवनी लेकर वहाँ पहुँच जाते हैं तो निराशा हर्षोल्लास में बदल जाती है। श्रीराम हनुमान के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हैं। वहाँ उपस्थित वैद्य ने संजीवनी से लक्ष्मण का उपचार किया और वह होश में आ गया। वैद्य को ससम्मान वापिस पहुँचा दिया गया।

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

1. तुलसीदास का जन्म कब हुआ?
(A) सन् 1532 में
(B) सन् 1544 में
(C) सन् 1543 में
(D) सन् 1534 में
उत्तर:
(A) सन् 1532 में

2. तुलसीदास का जन्म बांदा जिले के किस गाँव में हुआ?
(A) रजापुर में
(B) राजापुर में
(C) राजगढ़ में
(D) रामपुर में
उत्तर:
(B) राजापुर में

3. बांदा ज़िला भारत के किस प्रदेश में स्थित है?
(A) मध्य प्रदेश में
(B) पश्चिमी बंगाल में
(C) उत्तर प्रदेश में
(D) बिहार में
उत्तर:
(C) उत्तर प्रदेश में

4. तुलसीदास का निधन कब हुआ?
(A) सन् 1619 में
(B) सन् 1621 में
(C) सन् 1622 में
(D) सन् 1623 में
उत्तर:
(D) सन् 1623 में

5. तुलसीदास का निधन कहाँ पर हुआ?
(A) इलाहाबाद में
(B) काशी में
(C) लखनऊ में
(D) कानपुर में
उत्तर:
(B) काशी में

HBSE 12th Class Hindi Solutions Aroh Chapter 8 कवितावली (उत्तर कांड से), लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप

6. ‘रामचरितमानस’ के रचयिता का नाम लिखिए।
(A) तुलसीदास
(B) कबीरदास
(C) सूरदास
(D) केशवदास
उत्तर:
(A) तुलसीदास

7. ‘रामचरितमानस’ किस विधा की रचना है?
(A) मुक्तक काव्य
(B) गीति काव्य
(C) महाकाव्य
(D) खंड काव्य
उत्तर:
(C) महाकाव्य

8. ‘रामचरितमानस’ में कुल कितने कांड हैं?
(A) छह कांड
(B) सात कांड
(C) आठ कांड
(D) नौ कांड
उत्तर:
(B) सात कांड

9. ‘रामचरितमानस’ में किस भाषा का प्रयोग हुआ है?
(A) साहित्यिक अवधी
(B) साहित्यिक हिंदी
(C) भोजपुरी
(D) खड़ी बोली
उत्तर:
(A) साहित्यिक अवधी

10. ‘कवितावली’ के रचयिता का नाम क्या है?
(A) सूरदास
(B) केशवदास
(C) तुलसीदास
(D) कबीरदास
उत्तर:
(C) तुलसीदास

11. ‘रामचरितमानस’ में किस छंद का प्रयोग हुआ है?
(A) सवैया छंद
(B) कवित्त छंद
(C) हरिगीतिका छंद
(D) दोहा-चौपाई छंद
उत्तर:
(D) दोहा-चौपाई छंद

12. किसबी किसान कुल …………. तुलसीदास की किस काव्य-रचना से अवतरित है?
(A) रामचरितमानस
(B) कवितावली
(C) दोहावली
(D) विनयपत्रिका
उत्तर:
(B) कवितावली

13. ‘अस कहि आयसु पाई पद बंदि चलेऊ हनुमत’ यहाँ ‘आयसु’ का अर्थ है-
(A) आ गया
(B) अवज्ञा
(C) आज्ञा
(D) संकेत
उत्तर:
(C) आज्ञा

14. ‘कवितावली’ कविता के अनुसार लोगों में कौन-सी भावना नहीं रह गई है?
(A) धर्म-अधर्म
(B) दुःख-सुख
(C) अच्छे-बुरे
(D) रोजी-रोटी
उत्तर:
(A) धर्म-अधर्म

15. ‘आगि बड़वागिते बड़ी है आगि पेटकी’ में कौन-सा अलंकार है?
(A) अनुप्रास
(B) उपमा
(C) व्यतिरेक
(D) विभावना
उत्तर:
(C) व्यतिरेक

16. वेदों और पुराणों के अनुसार संकट के समय कौन सहायता करता है?
(A) देवता
(B) प्रभु राम
(C) नेता लोग
(D) अफसर
उत्तर:
(B) प्रभु राम

17. ‘कवितावली’ में किस भाषा का प्रयोग किया गया है?
(A) अवधी
(B) ब्रज
(C) मैथिली
(D) ब्रजावधी
उत्तर:
(D) ब्रजावधी

18. ‘लक्ष्मण-मूर्छा और राम का विलाप’ रामचरितमानस के किस कांड में से लिया गया है?
(A) लंका कांड
(B) अयोध्या कांड
(C) सुन्दर कांड
(D) किष्किंधा कांड
उत्तर:
(A) लंका कांड

HBSE 12th Class Hindi Solutions Aroh Chapter 8 कवितावली (उत्तर कांड से), लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप

19. ‘लक्ष्मण-मूर्छा और राम का विलाप’ शीर्षक प्रसंग किस भाषा में रचित है?
(A) ब्रज।
(B) अवधी
(C) खड़ी बोली
(D) भोजपुरी
उत्तर:
(B) अवधी

20. ‘उमा एक अखंड रघुराई’ पंक्ति में ‘उमा’ शब्द का क्या अर्थ है?
(A) शची
(B) उर्वशी
(C) शारदा
(D) पार्वती
उत्तर:
(D) पार्वती

21. लक्ष्मण के जीवित होने की खबर सुनकर रावण किसके पास गया?
(A) मेघनाद
(B) विभीषण
(C) कुंभकरण
(D) सुषेण
उत्तर:
(C) कुंभकरण

22. कवितावली से उद्धृत दो कवित्तों में कवि ने किसका वर्णन किया है?
(A) सामाजिक स्थिति का
(B) धार्मिक स्थिति का
(C) आर्थिक विषमता का
(D) राजनीतिक स्थिति का
उत्तर:
(C) आर्थिक विषमता का

23. ‘सहेहु विपिन हिम आतप बाता’- यहाँ ‘आतप’ का अर्थ है-
(A) तपस्या
(B) धूप
(C) पवन
(D) शीत
उत्तर:
(B) धूप

24. श्रीराम ने लक्ष्मण को हृदय से लगाया तो कौन हर्षित हुए?
(A) हनुमान
(B) सुषेण वैद
(C) भालु-कपि-समूह
(D) लक्ष्मण
उत्तर:
(C) भालु-कपि-समूह

25. लक्ष्मण किसको दुःखी नहीं देख सकते थे?
(A) माता-पिता को
(B) हनुमान को
(C) श्रीराम को
(D) गुरु को
उत्तर:
(C) श्रीराम को

26. तुलसीदास के गुरु का नाम क्या था?
(A) रामानन्द
(B) नरहरिदास
(C) स्वामी वल्लभाचार्य
(D) सुखदेव
उत्तर:
(B) नरहरिदास

27. तुलसीदास ने किसके पास रहकर पंद्रह वर्षों तक वेदों का अध्ययन किया?
(A) नरहरिदास के पास
(B) रामानन्द के पास
(C) शेष सनातन के पास
(D) वल्लभाचार्य के साथ
उत्तर:
(C) शेष सनातन के पास

28. ‘जानकी मंगल’ किस प्रकार की रचना है?
(A) प्रबंध काव्य
(B) खंड काव्य
(C) गीति काव्य
(D) मुक्तक काव्य
उत्तर:
(C) गीति काव्य

29. तुलसी की कीर्ति का आधार स्तंभ है-
(A) कवितावली
(B) रामचरितमानस
(C) पार्वती मंगल
(D) विनय पत्रिका
उत्तर:
(B) रामचरितमानस

30. ‘नारि हानि विशेष छति नाहीं यहाँ ‘छति’ का अर्थ है-
(A) छाता
(B) हानि
(C) लाभ
(D) छत
उत्तर:
(B) हानि

31. ‘लक्ष्मण-मूर्छा और राम का विलाप’ में कवि ने राम के किस रूप का वर्णन किया है?
(A) ईश्वर रूप का
(B) देवता रूप का
(C) राजा रूप का
(D) मानव रूप का
उत्तर:
(D) मानव रूप का

32. हनुमान जी संजीवनी बूटी लेकर आए तो कवि ने करुण रस में किस रस के समावेश की कल्पना की है?
(A) वीर
(B) शांत
(C) श्रृंगार
(D) हास्य
उत्तर:
(A) वीर

33. ‘जगदंबा हरि आनि अब सठ चाहत कल्यान’ यह पंक्ति किसने कही?
(A) राम
(B) लक्ष्मण
(C) कुम्भकरण
(D) रावण
उत्तर:
(C) कुम्भकरण

HBSE 12th Class Hindi Solutions Aroh Chapter 8 कवितावली (उत्तर कांड से), लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप

34. श्रीराम का विलाप सुनकर कौन विकल हो गए?
(A) हनुमान
(B) लक्ष्मण
(C) भालू
(D) वानर
उत्तर:
(D) वानर

35. राम जी के एकनिष्ठ भक्त कौन थे?
(A) नील
(B) जामवंत
(C) सुग्रीव
(D) हनुमान
उत्तर:
(D) हनुमान

36. ‘सहेहु विपिन हिम आतप बाता’-यहाँ बाता का अर्थ है-
(A) ‘धूप
(B) शीत
(C) धन
(D) हवा
उत्तर:
(D) हवा

37. ‘पुनि-पुनि’ में कौन-सा अलंकार है?
(A) पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार
(B) अनुप्रास अलंकार
(C) यमक अलंकार
(D) श्लेष अलंकार
उत्तर:
(A) पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार

38. जागने पर कुम्भकर्ण किसकी तरह देह धारण किए दिखाई दिया?
(A) राक्षस
(B) काल
(C) पशु
(D) जानवर
उत्तर:
(A) राक्षस

39. तुलसीदास की पत्नी का नाम क्या था?
(A) गीता
(B) पार्वती
(C) रत्नावली
(D) सावित्री
उत्तर:
(C) रत्नावली

40. ‘निज जननी के एक कुमारा’ पंक्ति किस पात्र ने कही है?
(A) भरत ने
(B) लक्ष्मण ने
(C) राम ने
(D) हनुमान ने
उत्तर:
(C) राम ने

41. तुलसी के पिता का नाम क्या था?
(A) आत्माराम दूबे
(B) परसराम दूबे
(C) मंगतराम दूबे
(D) सदाराम दूबे
उत्तर:
(A) आत्माराम दूबे

42. लक्ष्मण के मूर्छित होने पर सामान्य मनुष्य की तरह कौन विलाप करने लगता है?
(A) हनुमान
(B) सुग्रीव
(C) सीता
(D) राम
उत्तर:
(D) राम

43. भरत के बाहुबल एवं शील के प्रशंसक का नाम लिखिए-
(A) मयंद
(B) अंगद
(C) सुग्रीव
(D) पवन कुमार
उत्तर:
(D) पवन कुमार

44. श्रीराम के मतानुसार पंखों के बिना किसकी स्थिति दयनीय होती है?
(A) वानर की
(B) मछली की
(C) पक्षी की
(D) सर्प की
उत्तर:
(C) पक्षी की

45. ‘अर्ध राति गइ कपि नहिं आयउ’ काव्यांश में किस पात्र के न आने का वर्णन है?
(A) सुग्रीव
(B) मयंद
(C) अंगद
(D) हनुमान
उत्तर:
(D) हनुमान

46. ‘सहेह विपिन हिम आतप बाता’ पंक्ति में ‘आतप’ का क्या अर्थ है?
(A) आपदा
(B) सूर्य
(C) धूप
(D) तपस्या
उत्तर:
(C) धूप

कवितावली (उत्तर कांड से) पद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

[1] किसबी, किसान-कुल, बनिक, भिखारी, भाट,
चाकर, चपल नट, चोर, चार, चेटकी।
पेटको पढ़त, गुन गढ़त, चढ़त गिरि,
अटत गहन-गन अहन अखेटकी ॥
ऊँचे-नीचे करम, धरम-अधरम करि,
पेट ही को पचत, बेचत बेटा-बेटकी।
‘तुलसी’ बुझाइ एक राम घनस्याम ही तें,
आगि बड़वागितें बड़ी है आगि पेटकी॥ [पृष्ठ-48]

शब्दार्थ-किसबी = धंधा करने वाले। बनिक = व्यापारी। भाट = चारण। चाकर = नौकर। चपल नट = उछलने-कूदने वाले कलाकार। चार = दूत। चेटकी = बाजीगर। गुन गढ़त = कलाओं और विद्याओं को सीखते हैं। गिरि = पर्वत। अटत = घूमना। गहन-गन = घना जंगल। अहन = भिन्न। अखेटकी = शिकारी। अधरम = पाप। घनस्याम = काला बादल। बड़वागी = जंगल की आग। .

प्रसंग-प्रस्तुत पद्यांश हिंदी की पाठ्यपुस्तक ‘आरोह भाग 2′ में संकलित कविता ‘कवितावली’ के उत्तर कांड के पदों में से लिया गया है। इसके रचयिता गोस्वामी तुलसीदास हैं। प्रस्तुत कवित्त में कवि
तत्कालीन समाज की बेरोजगारी और गरीबी पर प्रकाश डालता हुआ कहता है कि-

व्याख्या-मेहनत करने वाले मजदूर, किसान, व्यापारी, भिखारी, चारण, नौकर, कुशल, नट, चोर, दूत तथा बाज़ीगर आदि पेट भरने के लिए तरह-तरह के गण गढ़ते हैं, ऊँचे पर्वतों पर चढ़ते हैं और दिन भर घने जंगलों में शिकार करते हुए घूमते रहते हैं। भाव यह है कि अपना पेट भरने के लिए लोग कलाएँ और विद्याएँ सीख रहे हैं। पहाड़ों पर चढ़कर आजीविका खोज रहे हैं अथवा जंगलों में शिकार करके अपना पेट भरना चाहते हैं। कवि पुनः कहता है कि लोग अपना पेट भरने के लिए ऊँचे-नीचे कर्म करते हैं और धर्म-अधर्म की परवाह न करके अच्छे-बुरे काम करते हैं। यहाँ तक कि लोग अपने पेट के लिए बेटा-बेटी को बेचने के लिए ‘मजबूर हो गए हैं। यह कटु सत्य है कि पेट की आग समुद्र की आग से भी अधिक शक्तिशाली होती है। तुलसीदास कहते हैं कि यह भूख राम रूपी घनश्याम की कृपा से ही दूर हो सकती है। भाव यह है कि उसने अपने दयालु राम की कृपा से ही भूख को मिटा दिया है, परंतु देश के अन्य लोग भूख और बेरोजगारी के कारण बड़े ही व्याकुल हैं।

विशेष-

  1. यहाँ कवि ने अपने युग की यथार्थता का प्रभावशाली वर्णन किया है।
  2. कवि का कथन है कि पेट की आग सर्वाधिक प्रबल आग है जो मनुष्य को बेटा-बेटी तक बेचने को मजबूर कर देती है।
  3. संपूर्ण पद में अनुप्रास अलंकार की छटा दर्शनीय है।
  4. ‘राम घनस्याम’ में रूपक अलंकार का प्रयोग है। ‘आगी-बड़वागितें बड़ी है आगि पेटकी’ में गतिरेक अलंकार का प्रयोग है।
  5. यहाँ सहज एवं सरल साहित्यिक ब्रजावधी भाषा का सफल प्रयोग हुआ है।
  6. शब्द-चयन उचित और भावाभिव्यक्ति में सहायक है।
  7. कवित्त छंद का प्रयोग है।

पद पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
प्रश्न-
(क) कवि और कविता का नाम लिखिए।
(ख) कौन लोग पेट भरने के लिए मारे-मारे भटक रहे हैं?
(ग) भूख और गरीबी का सर्वाधिक मार्मिक दृश्य कौन-सा है?
(घ) कवि की भूख कैसे शांत हुई?
(ङ) लोग दिनभर घने जंगलों में शिकार क्यों करते हैं?
उत्तर:
(क) कवि-गोस्वामी तुलसीदास                    कविता-कवितावली

(ख) मज़दूर, किसान, व्यापारी, भिखारी, चारण-भाट, नौकर, चंचल-नट, चोर, दूत तथा बाज़ीगर और शिकारी अपना पेट भरने के लिए मारे-मारे भटक रहे हैं।

(ग) भूख और गरीबी का मार्मिक दृश्य यह है कि पेट भरने के लिए लोग मजबूर होकर अपने बेटे-बेटियों को बेच रहे हैं।

(घ) कवि की भूख दयालु राम रूपी घनश्याम की कृपा से दूर हो गई है। भाव यह है कि राम ने बादल बनकर स्वयं कवि को भोजन दिया।

(ङ) लोग अपना पेट भरने के लिए दिनभर जंगलों में भटकते रहते हैं और शिकार करते हैं। m सप्रसंग व्याख्या

[2] खेती न किसान को, भिखारी को न भीख, बलि,
बनिक को बनिज, न चाकर को चाकरी।
जीविका बिहीन लोग सीधमान सोच बस,
कहैं एक एकन सों ‘कहाँ जाई, का करी?’
बेदहूँ पुरान कही, लोकहूँ बिलोकिअत,
साँकरे सबै पै, राम! रावर कृपा करी।
दारिद-दसानन दबाई दुनी, दीनबंधु।
दुरित-दहन देखि तुलसी हहा करी ॥ [पृष्ठ-48]

शब्दार्थ-बनिज = व्यापार। सीद्यमान = परेशान, दुखी। बेदहूँ = वेद में भी। लोकहूँ = लोक में भी। साँकरे = संकट। रावरें = आपने। दारिद = दरिद्रता। दबाई = दबाया। दुरित = पाप। हहा करी = दुखी होना।

प्रसंग-प्रस्तुत पद्यांश हिंदी की पाठ्यपुस्तक ‘आरोह भाग 2′ में संकलित कविता ‘कवितावली’ के उत्तर कांड के पदों में से लिया गया है। इसके रचयिता गोस्वामी तुलसीदास हैं। यहाँ कवि अपने समय की सामाजिक और आर्थिक दुर्दशा का यथार्थ वर्णन करता है। कवि कहता है कि उसके काल में लोग बेरोज़गारी के कारण अत्यधिक व्याकुल थे।

व्याख्या – कवि का कथन है कि ऐसा बुरा समय आ गया है कि देश में किसान के पास खेती करने के साधन नहीं हैं और भिखारी को भीख नहीं मिलती। व्यापारी को व्यापार नहीं मिलता और नौकर को नौकरी नहीं मिलती। भाव यह है कि न किसान के पास खेती है, न व्यापारी को व्यापार मिल रहा है और न ही नौकर को कोई अच्छी नौकरी मिल रही है। सभी लोग आजीविका न होने के कारण दुखी होकर एक-दूसरे से कहते हैं कि कहाँ जाएँ और क्या करें। कोई रास्ता दिखाई नहीं देता अर्थात् काम-धंधा न होने के कारण लोग व्याकुल और परेशान हैं।

कवि प्रभु राम में अपनी आस्था प्रकट करता हुआ कहता है हे राम! वेदों और पुराणों में यह बात लिखी हुई है और संसार में भी अकसर ऐसा ही देखा जाता है कि संकट के समय में आपकी कृपा से ही संकट दूर होता है। हे दीनबंधु राम! दरिद्रता रूपी रावण ने सारी दुनिया को दबा रखा है अर्थात् सभी लोग गरीबी के शिकार बने हुए हैं। चारों ओर पाप का जाल बिछा हुआ है। सभी लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। हे प्रभु! इस संकट के समय आप ही सहायता कर सकते हैं।

विशेष-

  1. इस कवित्त में कवि ने अपने समय की बेरोज़गारी की समस्या का यथार्थ वर्णन किया है।
  2. कवि ने श्रीराम को दीनबंधु और कृपालु कहकर अपनी दास्य भावना की अभिव्यक्ति को व्यक्त किया है।
  3. संपूर्ण पद में अनुप्रास अलंकार की छटा दर्शनीय है।
  4. ‘दारिद-दसानन’ तथा ‘दुरित-दहन’ में रूपक अलंकार का सफल प्रयोग हुआ है।
  5. सहज एवं सरल साहित्यिक तथा ब्रजावधी भाषा का सफल प्रयोग हुआ है।
  6. शब्द-चयन उचित और भावाभिव्यक्ति में सहायक है।
  7. कवित्त छंद का सफल प्रयोग हुआ है।

HBSE 12th Class Hindi Solutions Aroh Chapter 8 कवितावली (उत्तर कांड से), लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप

पद पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
प्रश्न-
(क) किसान, भिखारी, व्यापारी तथा नौकर किसलिए परेशान हैं?
(ख) कवि ने दरिद्रता की तुलना किसके साथ की है और क्यों?
(ग) वेदों पुराणों में क्या लिखा हुआ है?
(घ) सब ओर त्राहि-त्राहि क्यों मची हुई है?
उत्तर:
(क) किसान, भिखारी, व्यापारी और नौकर रोज़गार न मिलने के कारण अत्यधिक परेशान हैं, क्योंकि रोज़गार के बिना वे अपना और अपने परिवार का पेट नहीं भर सकते।

(ख) कवि ने दरिद्रता की तुलना रावण के साथ की है। रावण ने भी सारे संसार को दबाकर रखा हुआ था और लोगों पर अनेक प्रकार के अत्याचार कर रहा था। उसी प्रकार दरिद्रता ने भी लोगों को दुखी और व्याकुल कर रखा है, अतः यह रूपक बड़ा ही सटीक बन पड़ा है।

(ग) वेदों और पुराणों में यह लिखा है कि संकट के समय राम ही अर्थात् भगवान ही कृपा करते हैं। इसलिए लोग भुखमरी और बेरोजगारी के अवसर पर राम की कृपा चाहते हैं।

(घ) बेरोजगारी, भुखमरी और गरीबी के कारण लोग बहुत परेशान और व्याकुल हैं। लोगों को पेट-भर भोजन नहीं मिलता। लोग दरिद्रता रूपी रावण के शिकार बने हुए हैं। इसलिए सब ओर त्राहि-त्राहि मची हुई है।

[3] धूत कहौ, अवधूत कहौ, रजपूतु कहौ, जोलहा कहौ कोऊ।
काहू की बेटीसों बेटा न ब्याहब, काहूकी जाति बिगार न सोऊ।
तुलसी सरनाम गुलामु है राम को, जाको रुचै सो कहै कछु ओऊ ॥
माँगि कै खैबो, मसीत को सोइबो, लैबोको एक न दैबको दोऊ। [पृष्ठ-48]

शब्दार्थ-धूत = धूर्त। अवधूत = वीतरागी (संन्यासी)। रजपूतु = क्षत्रिय। कोऊ = कोई। काहू = किसी की। ब्याहब = विवाह करना। बिगार = बिगाड़ना। सरनाम = प्रसिद्ध। गुलामु = दास। रुचै = अच्छा लगे। ओऊ = और। खैबो = खाना। मसीत = मस्जिद। लैबोको = लेना। दैबो = देना।

प्रसंग – प्रस्तुत पद्यांश हिंदी की पाठ्यपुस्तक ‘आरोह भाग 2′ में संकलित कविता ‘कवितावली’ के उत्तर कांड के पदों में से लिया गया है। इसके रचयिता गोस्वामी तुलसीदास हैं। यहाँ कवि स्वीकार करता है कि वह राम की भक्ति में मस्त है। उसे लोक-निंदा की कोई परवाह नहीं है।।

व्याख्या – यहाँ गोस्वामी तुलसीदास दुनिया के लोगों को स्पष्ट कहते हैं कि यदि आप मुझे धूर्त और मक्कार कहें या संन्यासी कहें तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। चाहे मुझे राजपूत अर्थात् क्षत्रिय कहें या जुलाहा कहें, इन नामों की भी मुझे कोई परवाह नहीं है। मुझे किसी की बेटी के साथ अपने बेटे का विवाह नहीं करना जिससे किसी की जाति बिगड़ जाए। मैं तुलसीदास तो संसार में राम के दास के रूप में प्रसिद्ध हूँ, अतः मुझे किसी की कोई चिंता नहीं है। जिसको भी मेरे बारे में जो अच्छा लगता है वह बड़े शौक से कह सकता है। मुझे लोगों के द्वारा की गई प्रशंसा या निंदा से कुछ लेना-देना नहीं। मैं माँगकर रोटी खाता हूँ और मस्जिद में जाकर सो जाता हूँ। न मैं किसी से एक लेता हूँ और न किसी को दो देता हूँ। मैं हमेशा अपनी धुन में मस्त रहता हूँ।

विशेष-

  1. इस पद से पता चलता है कि तुलसीदास को अपने जीवन में अनेक अपवादों और विरोधों का सामना करना पड़ा था। परंतु कवि ने अपने विरोधियों की परवाह न करके राम-भक्ति में मस्त होकर अपना जीवन गुज़ार दिया।
  2. संपूर्ण पद में दास्य भक्तिभाव की अभिव्यक्ति हुई है।
  3. संपूर्ण पद में अनुप्रास अलंकार का सफल प्रयोग देखा जा सकता है।
  4. ‘लेना एक न देना दो’ मुहावरे का प्रभावशाली प्रयोग देखा जा सकता है।
  5. सहज एवं सरल साहित्यिक तथा ब्रजावधी भाषा का सफल प्रयोग हुआ है।
  6. सवैया छंद का सफल प्रयोग हुआ है।

पद पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
प्रश्न-
(क) कवि के स्वर में क्षोभ का क्या कारण हो सकता है?
(ख) कवि को किस बात पर गर्व है?
(ग) तुलसीदास अपना जीवन किस प्रकार चलाते थे?
(घ) क्या तुलसीदास एक फक्कड़ संत कवि थे?
उत्तर:
(क) इस पद से यह पता चलता है कि कवि को अपने जीवन काल में अनेक अपवादों और विरोधों का सामना करना पड़ा। लोग उनकी जाति को लेकर भली-बुरी बातें करते थे। यही कारण है कि कवि के स्वर में क्षोभ दिखाई दे रहा है।

(ख) कवि को इस बात का गर्व है कि वह राम का भक्त है और उसी की कृपा से वह जीवनयापन कर रहा है। उसने स्पष्ट लिखा भी है ‘तुलसी सरनाम गुलामु है राम को’।

(ग) कवि के पास आजीविका का कोई साधन नहीं था और न ही उसके पास रहने के लिए कोई घर था। इसलिए वे भीख माँग कर खा लेते थे और मस्जिद में जाकर सो जाते थे।

(घ) इस पद से पता चलता है कि तुलसीदास के पास कोई घर-गृहस्थी नहीं थी। उन्हें सांसारिक मान-मर्यादाओं की भी चिंता नहीं थी। उन्हें अपनी जाति की भी कोई चिंता नहीं थी। इसलिए वे कहते हैं कि मैंने किसी की बेटी के साथ अपने बेटे की शादी नहीं करनी। वे मान-अपमान से ऊपर उठ चुके थे और लोक-निंदा की भी परवाह नहीं करते थे। इसलिए वे कहते हैं कि जिसने मेरे बारे में जो कुछ भी कहना है, खुलकर कहो। मुझे किसी की चिंता नहीं है। इसलिए कवि को फक्कड़ संत कहा जा सकता है।

लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप पद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

दोहा
[1] तव प्रताप उर राखि प्रभु जैहऊँ नाथ तुरंत।
अस कहि आयसु पाइ पद बंदि चलेउ हनुमंत।।
भरत बाहु बल सील गुन प्रभु पद प्रीति अपार।
मन महुँ जात सराहत पुनि पुनि पवनकुमार॥ [पृष्ठ-49]

शब्दार्थ-तव = तुम्हारा। प्रताप = यश। उर = हृदय। राखि = रखकर। जैहऊँ = जाऊँगा। अस = इस प्रकार। आयसु = आज्ञा। पद = चरण। बंदि = वंदना करके। बाहु = भुजा। सील = सद्व्यवहार। प्रीति = प्रेम । महुँ = में। अपार = अत्यधिक। सराहत = प्रशंसा करना। पुनि पुनि = बार-बार। पवनकुमार = हनुमान।

प्रसंग-प्रस्तुत पद्यांश हिंदी की पाठ्यपुस्तक ‘आरोह भाग 2′ में संकलित रामचरितमानस के लंका कांड के ‘लक्ष्मण-मूर्छा और राम का विलाप’ में से अवतरित है। इसके कवि गोस्वामी तुलसीदास हैं। यहाँ कवि उस प्रसंग का वर्णन करता है जब हनुमान मूर्छित लक्ष्मण के लिए संजीवनी बूटी लेकर लौट रहे होते हैं और मार्ग में भरत अनर्थ की आशंका से उन्हें नीचे उतार लेते हैं।

व्याख्या – हनुमान ने भरत से कहा हे प्रभु! आप बड़े प्रतापी और यशस्वी हैं। इस बात को हृदय में धारण करके मैं शीघ्र ही प्रभु श्रीराम के पास चला जाऊँगा। यह कहकर हनुमान ने भरत के चरणों की वंदना की और उनकी आज्ञा पाकर लंका के लिए प्रस्थान कर दिया। हनुमान भरत के बाहु-बल (वीरता), उनके सद्व्यवहार, विविध गुणों तथा राम के चरणों से अपार प्रेम देखकर मन-ही-मन उनकी बार-बार सराहना करते हुए चले जा रहे थे।

विशेष –

  1. इन दोहों में कवि ने भरत की वीरता, प्रताप तथा उनके शील का सुंदर वर्णन किया है।
  2. अनुप्रास तथा पुनरुक्ति प्रकाश अलंकारों का सफल प्रयोग किया गया है।
  3. सहज एवं सरल साहित्यिक अवधी भाषा का प्रयोग किया गया है।
  4. शब्द-चयन उचित और भावाभिव्यक्ति में सहायक है।
  5. दोहा छंद का सफल प्रयोग हुआ है।

HBSE 12th Class Hindi Solutions Aroh Chapter 8 कवितावली (उत्तर कांड से), लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप

पद पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
प्रश्न-
(क) कवि और कविता का नाम लिखिए।
(ख) हनुमान भरत की किस बात से प्रभावित हुए?
(ग) भरत और राम के संबंध कैसे थे?
(घ) आपके विचार में भरत और हनुमान में कौन-सी समानता दिखाई देती है?
उत्तर:

  • कवि-गोस्वामी तुलसीदास                           कविता-लक्ष्मण-मूर्छा और राम का विलाप
  • हनुमान भरत के प्रताप, उनके बाहुबल, सद्व्यवहार तथा राम के चरणों के प्रति प्रेम को देखकर अत्यधिक प्रभावित हुए।
  • भरत राम से अत्यधिक प्रेम और स्नेह करते थे। उनके मन में राम के प्रति भक्ति-भावना भी थी।
  • भरत और हनुमान दोनों ही श्रीराम के सच्चे भक्त थे। भरत भी राम की भक्ति करते थे और हनुमान भी। दोनों में यही समानता है।

[2] उहाँ राम लछिमनहि निहारी। बोले बचन मनुज अनुसारी॥
अर्ध राति गइ कपि नहिं आयउ। राम उठाइ अनुज उर लायऊ॥
सकहु न दुखित देखि मोहि काऊ। बंधु सदा तव मूदुल सुभाऊ॥
मम हित लागि तजेहु पितु माता। सहेहु बिपिन हिम आतप बाता।
सो अनुराग कहाँ अब भाई। उठहु न सुनि मम बच बिकलाई।
जौं जनतेउँ बन बंधु बिछोहू। पितु बचन मनतेउँ नहिं ओहू। [पृष्ठ-49-50]

शब्दार्थ-उहाँ = वहाँ। निहारी = देखकर। मनुज = मानव। अर्ध = आधी। कपि = वानर/हनुमान। आयउ = आया। अनुज = छोटा भाई। उर = हृदय। सकहु = सकते। तव = तुम्हारा। मूल = कोमल। मम हित = मेरे लिए। बिपिन = जंगल। हिम = ठंड। आतप = गर्मी। बाता = वायु/आंकी। अनुराग = प्रेम। मम = मेरे। वच = वचन। बिकलाई = व्याकुल। जनतेउँ = जानता। बिछोहू = वियोग। मनतेउँ = मानता। ओहू = उसे।

प्रसंग-प्रस्तुत पद्यांश हिंदी की पाठ्यपुस्तक ‘आरोह भाग 2′ में संकलित रामचरितमानस के ‘लक्ष्मण-मूर्छा और राम का विलाप’ में से अवतरित है। इसके कवि गोस्वामी तुलसीदास हैं। यहाँ कवि ने उस स्थिति का वर्णन किया है जब राम हनुमान द्वारा लाई जाने वाली संजीवनी की प्रतीक्षा करते हैं और अपने अनुज लक्ष्मण को मूर्छित देखकर विलाप करते हैं।

व्याख्या-वहाँ जब राम ने अपने छोटे भाई लक्ष्मण को मूर्च्छित देखा तो वे एक सामान्य मानव के समान विलाप करने लगे। भाव यह है कि लक्ष्मण की मूर्छा के कारण राम अत्यधिक व्याकुल हो चुके थे। इसलिए वे एक साधारण मानव के समान रोने लगे। विलाप करते हुए वे कहते हैं कि आधी रात व्यतीत हो चुकी है, परंतु हनुमान अभी तक नहीं आया। राम ने अपने छोटे भाई लक्ष्मण को अपनी छाती से लगा लिया और विलाप करते हुए कहने लगे कि तुम्हारा स्वभाव तो इतना कोमल था कि तुम मेरे दुख को भी देख नहीं सकते थे, तुमने हमेशा दुख में मेरा साथ दिया। मेरे लिए तुमने अपने माता-पिता का त्याग किया और वन में रहते हुए सर्दी, गर्मी और तूफान को सहन किया। भाव यह है कि लक्ष्मण ने अयोध्या नगरी का सुविधापूर्ण जीवन त्यागकर वनवास में राम का साथ दिया। श्रीराम कहते हैं हे भाई! मेरे प्रति तुम्हारा वह स्नेह कहाँ चला गया। तुम मेरे व्याकुल वचनों को सुनकर क्यों नहीं उठ खड़े होते। यदि मुझे पता होता कि वन में अपने भाई से मेरा वियोग होगा तो मैं पिता की आज्ञा कभी नहीं मानता। भाव यह है कि राम लक्ष्मण का वियोग एक क्षण के लिए भी सहन नहीं कर सकते।

विशेष –

  1. यहाँ राम के द्वारा बोले गए करुण वचन एक सामान्य मानव के समान हैं। राम के ये वचन भावपूर्ण होने के साथ-साथ लक्ष्मण के आदर्श चरित्र पर भी प्रकाश डालते हैं।
  2. अनुप्रास, पद-मैत्री तथा स्वर-मैत्री अलंकारों का स्वाभाविक प्रयोग हुआ है।
  3. तत्सम् प्रधान साहित्यिक अवधी भाषा का सफल प्रयोग हुआ है।
  4. शब्द-चयन सर्वथा उचित और सटीक है।
  5. प्रस्तुत पद में चौपाई छंद का कुशल निर्वाह हुआ है तथा बिंब-योजना भी सुंदर बन पड़ी है।

पद पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
प्रश्न-
(क) तुलसीदास ने यहाँ राम के किस रूप का वर्णन किया है?
(ख) राम ने किस प्रकार अपनी चिंता और कातरता को व्यक्त किया?
(ग) मूर्छित लक्ष्मण को देखकर राम ने विलाप करते हुए क्या कहा?
(घ) लक्ष्मण ने राम के लिए क्या-क्या कष्ट सहन किए?
उत्तर:
(क) यूँ तो तुलसीदास ने राम को भगवान विष्णु का अवतार माना है और उनको मर्यादा पुरुषोत्तम कहा है, लेकिन यहाँ कवि ने राम का एक सामान्य मानव के रूप में चित्रण किया है। वे पृथ्वी पर अवतार लेकर अवतरित हुए और उन्होंने अपनी मानव लीला दिखाई। इसलिए ‘बोले बचन मनुज अनुसारी’ उपयुक्त शब्दों का प्रयोग किया गया है।

(ख) लक्ष्मण को मूर्च्छित देखकर राम पहले ही अत्यधिक चिंतित थे। उस पर हनुमान ने भी संजीवनी लाने में देर कर दी थी। इसलिए राम ने व्याकुल होकर लक्ष्मण को उठाकर अपने गले से लगा लिया और विलाप करते हुए लक्ष्मण से मोहपूर्ण बातें करने लगे।

(ग) लक्ष्मण को मूर्छित देखकर राम ने बड़े भावपूर्ण वचन कहे। राम ने कहा हे अनुज लक्ष्मण! तुम तो बड़े ही कोमल स्वभाव के रहे हो और तुमने मेरी दुख में भी रक्षा की है। मेरे लिए तुमने माता-पिता को त्याग दिया और वनवास में मेरे साथ रहते हुए सर्दी-गर्मी और आँधी-तूफान को सहन किया। तुम्हारा वह अनुराग अब कहाँ चला गया है। तुम मेरे व्याकुल वचनों को सुनकर क्यों नहीं उठ खड़े होते। यदि मुझे पता होता कि वन में आकर मैं तुमसे अलग हो जाऊँगा तो मैं कभी भी अपने पिता की आज्ञा को न मानता।

(घ) वस्तुतः केवल राम को ही वनवास मिला था, परंतु लक्ष्मण ने अयोध्या की सुख-सुविधाओं को त्यागकर राम के साथ वन-गमन का निश्चय किया। यही नहीं, उसने अपनी नव-विवाहित पत्नी उर्मिला का त्याग किया और राम के साथ वन में रहते हुए गर्मी-सर्दी तथा आँधी-तूफान के कष्टों को सहन किया।

[3] सुत बित नारि भवन परिवारा। होहिं जाहिं जग बारहिं बारा।
अस बिचारि जिय जागहु ताता। मिलइ न जगत सहोदर भ्राता॥
जथा पंख बिनु खग अति दीना। मनि बिनु फनि करिबर कर हीना।
अस मम जिवन बंधु बिनु तोही। जौं जड़ दैव जिआवै मोही॥
जैहउँ अवध कवन मुहुँ लाई। नारि हेतु प्रिय भाइ गँवाई॥
बरु अपजस सहतेउँ जग माहीं। नारि हानि बिसेष छति नाहीं। [पृष्ठ-50]

शब्दार्थ-सुत = पुत्र। बित = धन। होहिं जाहिं = हो जाते हैं। बारहिं बारा = बार-बार। बिचारि = विचार करके। जिY = मन में। जागहु = जागो। ताता = प्रिय भाई। सहोदर = सगा भाई। जथा = जिस प्रकार। दीना = दुखी। फनि = साँप। करिबर = हाथी। हीना = से रहित। तोही = तेरे। जौ = यदि। जड़ = कठोर। दैव = भाग्य। जिआवै = जीवित रखे। जैहउँ = जाऊँगा। मुहँ लाई = मुँह लेकर। अपजस = कलंक। सहतेउँ = सहता रहँगा। माहीं = में। छति = नुकसान, हानि।।

प्रसंग-प्रस्तुत पद्यांश हिंदी की पाठ्यपुस्तक ‘आरोह भाग 2’ में संकलित रामचरितमानस के ‘लक्ष्मण-मूर्छा और राम का विलाप’ में से उद्धृत है। इसके कवि गोस्वामी तुलसीदास हैं। यहाँ राम मूर्छित लक्ष्मण को संबोधित करते हुए पुनः कहते हैं कि

व्याख्या इस संसार में पुत्र, धन, पत्नी, भवन और परिवार बार-बार प्राप्त होते रहते हैं और नष्ट होते रहते हैं अर्थात् ये जीवन में आते हैं और चले भी जाते हैं, परंतु हे भाई! तुम अपने मन में यह विचार करके जाग जाओ कि सगा भाई पुनः प्राप्त नहीं होता। हे भाई लक्ष्मण! जिस प्रकार पंखों के बिना पक्षी दीन हो जाता है और मणि के बिना साँप तथा सूड के बिना हाथी दीन-हीन हो जाता है। यदि विधाता मुझे तुम्हारे बिना जीवित रखता है तो तुम्हारे बिना मेरी भी हालत ऐसी ही होगी।

हे प्रिय भाई! मैं अयोध्या में क्या मुँह लेकर जाऊँगा। मेरे बारे में लोग कहेंगे कि मैंने अपनी नारी के लिए प्रिय भाई को खो दिया। मैं नारी को खोने का अपयश तो सहन कर लूँगा क्योंकि लोग मुझे कायर कहेंगे, लेकिन मैं भाई को खोने का दुख बर्दाश्त नहीं कर पाऊँगा। मेरे लिए पत्नी की हानि कोई बहुत बड़ी बात नहीं है, परंतु भाई की हानि बहुत बड़ी बात है।

विशेष-

  1. यहाँ कवि ने राम को मानव के रूप में प्रस्तुत करते हुए उनकी कथा और पीड़ा का मार्मिक वर्णन किया है।
  2. राम का भ्रातृ-प्रेम अधिक प्रशंसनीय है। वे पत्नी, पुत्र, धन, भवन आदि की तुलना में अपने भाई लक्ष्मण को अधिक महत्त्व देते हैं।
  3. राम ने अनेक दृष्टांत देकर अपने भ्रातृ-भाव पर प्रकाश डाला है।
  4. ‘जो पंख बिनु में उदाहरण अलंकार है।
  5. संपूर्ण पद में अनुप्रास अलंकार की छटा दर्शनीय है।
  6. सहज एवं सरल साहित्यिक अवधी भाषा का सफल प्रयोग है। शब्द-चयन सर्वथा सटीक और उचित है।
  7. चौपाई छंद तथा करुण रस का सुंदर परिपाक है।

पद पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
प्रश्न-
(क) राम ने सहोदर भ्राता के महत्त्व का प्रतिपादन किस प्रकार किया है?
(ख) लक्ष्मण के बिना राम स्वयं को कैसा अनुभव करते हैं?
(ग) राम को लक्ष्मण के बिना अयोध्या लौटकर किस प्रकार की ग्लानि सहन करनी पड़ेगी?
(घ) ‘नारि हानि बिसेष छति नाहीं राम के इस कथन के संदर्भ में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
(क) राम ने अपने सहोदर भाई लक्ष्मण को पुत्र, पत्नी, धन और भवन से भी बढ़कर माना है। मनुष्य पत्नी के मरने के बाद पुनः विवाह करके पुत्र, मकान आदि सब कुछ प्राप्त कर सकता है। लेकिन सहोदर भाई का जन्म उसके वश में नहीं होता। इसलिए राम ने भाई की हानि को सबसे बड़ी हानि सिद्ध किया है।

(ख) लक्ष्मण के बिना राम स्वयं को असमर्थ और शक्तिहीन समझते हैं। इसलिए वे कहते हैं कि जिस प्रकार पंखों के बिना पक्षी, मणि के बिना साँप तथा सूंड के बिना हाथी दीन-हीन हो जाते हैं, उसी प्रकार लक्ष्मण के बिना वे भी दीन-हीन हो गए हैं।

(ग) अयोध्या लौटने पर राम को लोगों के अनेक व्यंग्य सहने पड़ेंगे। नगर के लोग उसे लक्ष्मण के बिना देखकर यही कहेंगे कि यह वही राम है जिसने अपनी पत्नी को पाने के लिए सगे भाई को खो दिया।

(घ) राम ने नारी के बारे में यह टिप्पणी की है कि नारी की हानि कोई विशेष हानि नहीं है। यह बात भावावेश की स्थिति में कही गई है। अपने भाई लक्ष्मण को मूर्छित देखकर राम विलाप करने लगते हैं। इस स्थिति में एक सामान्य व्यक्ति अकसर अनर्गल बातें करता है। वह विलाप करता हुआ चीखता तथा चिल्लाता है। यहाँ राम ने भी भ्रातृ-शोक के कारण ये वचन कहे हैं। ये वचन कोई नीति वचन नहीं हैं। आज नारी का वही स्थान है जो पुरुष का है। अतः आधुनिक युग बोध के संदर्भ में इस युक्ति का कोई विशेष महत्त्व नहीं है।

HBSE 12th Class Hindi Solutions Aroh Chapter 8 कवितावली (उत्तर कांड से), लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप

[4] अब अपलोकु सोकु सुत तोरा। सहिहि निठुर कठोर उर मोरा॥
निज जननी के एक कुमारा। तात तासु तुम्ह प्रान अधारा॥
सौंपेसि मोहि तुम्हहि गहि पानी। सब बिधि सुखद परम हित जानी॥
उतरु काह देहउँ तेहि जाई। उठि किन मोहि सिखावहु भाई।
बहु बिधि सोचत सोच बिमोचन। स्रवत सलिल राजिव दल लोचन॥
उमा एक अखंड रघुराई। नर गति भगत कृपाल देखाई॥
सोरठा
प्रभु प्रलाप सुनि कान बिकल भए बानर निकर
आइ गयउ हनुमान जिमि करुना मँह बीर रस॥ [पृष्ठ-50]

शब्दार्थ-अपलोकु = अपयश। सोकु = दुख। तोरा = तेरा। उर = हृदय। मोरा = मेरा। कुमारा = पुत्र । तासु = उसके लिए। प्रान अधारा = प्राणों के आधार । सौंपेसि = सौंपा था। गहि = पकड़कर। पानी = हाथ। सब बिधि = हर तरह से। परम हित = सच्चा हितैषी। उतरु = उत्तर। तेहि = वहाँ। किन = क्यों नहीं। बहु बिधि = अनेक प्रकार से। सोच बिमोचन = शोक से मुक्ति देने वाले राम। स्रवत = बहता है। राजिव दल लोचन = कमल के समान खिले हुए नेत्र। उमा = पार्वती। रघुराई = रघुकुल के राजा राम। कृपाल = कृपालु । प्रलाप = विलाप। बिकल = व्याकुल। बानर निकर = बंदरों का समूह। जिमि = जैसे। मँह = में।

प्रसंग-प्रस्तुत पद्यांश हिंदी की पाठ्यपुस्तक ‘आरोह भाग 2’ में संकलित रामचरितमानस के ‘लक्ष्मण-मूर्छा और राम का विलाप’ में से उद्धृत है। इसके कवि गोस्वामी तुलसीदास हैं। यहाँ विलाप करते हुए राम अपने मूर्च्छित भाई लक्ष्मण को संबोधित करते हुए पुनः कहते हैं

व्याख्या – हे पुत्र लक्ष्मण! अब तो मेरे कठोर हृदय को पत्नी खोने का अपयश और तुम्हारा शोक ये दोनों दुख सहन करने पड़ेंगे। भाव यह है कि तुम्हारे बिना मैं अपनी पत्नी सीता को भी नहीं पा सकता। हे भाई! तुम अपनी माता के एक ही पुत्र हो और उसके प्राणों के आधार हो। तुम्हारी माता सुमित्रा ने सब प्रकार से तुम्हारा सुख और कल्याण समझकर तुम्हारा हाथ मेरे हाथ में सौंपा था।
अब तुम ही बताओ मैं लौटकर उन्हें क्या उत्तर दूंगा। हे भाई! तुम उठकर मुझे समझाते क्यों नहीं।

इस प्रकार सांसारिक प्राणियों की चिंताओं को दूर करने वाले राम स्वयं अनेक चिंताओं में डूब गए। कमल के समान उनके विशाल नेत्रों से आँसू टपकने लगे। इस प्रकार कथावाचक शिवजी ने पार्वती से कहा जो राम स्वयं परिपूर्ण और अनंत हैं, वे ही अपने भक्तों को कृपा करके नर लीला दिखा रहे हैं। भले ही वे विष्णु के अवतार हैं, लेकिन इस समय वे सामान्य मानव के समान आचरण कर रहे हैं। प्रभु श्रीराम के विलाप को सुनकर वानरों का समूह दुख से अत्यधिक व्याकुल हो गया। उसी समय हनुमान जी अचानक ऐसे प्रकट हो गए जैसे करुण रस में वीर रस प्रकट हो जाता है। भाव यह है कि हनुमान के आते ही शोक का वातावरण वीरता में बदल गया।

विशेष-

  1. यहाँ मर्यादा पुरुषोत्तम राम एक सामान्य मानव के रूप में करुणापूर्ण विलाप करते हुए भावपूर्ण वचन कह रहे हैं।
  2. यहाँ कवि ने राम के लिए तीन विशेषणों का प्रयोग किया है सोच बिमोचन, राजिव दल लोचन तथा रघुराई।
  3. ‘सोच बिमोचन’ में यमक अलंकार तथा ‘स्रवत सलिल’ में अनुप्रास अलंकार है।
  4. अन्यत्र संपूर्ण पद में अनुप्रास अलंकार की छटा देखी जा सकती है।
  5. सहज एवं सरल साहित्यिक अवधी भाषा का सफल प्रयोग हुआ है।
  6. प्रसाद गुण है तथा करुण रस का परिपाक है।
  7. चौपाई छंद तथा संवादात्मक शैली का प्रयोग हुआ है।

पद पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
प्रश्न-
(क) लक्ष्मण के मूर्छित होने पर राम के भावपूर्ण विलाप का वर्णन कीजिए।
(ख) लक्ष्मण की माता को याद करके राम किस प्रकार बेचैन हो गए?
(ग) विलाप करते-करते राम की कैसी दशा हो गई?
(घ) कवि ने राम के लिए किन विशेषणों का प्रयोग किया है? क्या वे सार्थक हैं?
(ङ) उमा को संबोधित करते हुए किसने क्या कहा?
उत्तर:
(क) लक्ष्मण के मर्छित होने पर राम विलाप करते हए कहने लगे हे भाई! अब तो मेरे कठोर हृदय को अपनी पत्नी का अपयश और तुम्हारा शोक दोनों सहन करने पड़ेंगे। तुम तो अपनी माता के एक ही पुत्र हो। उसके प्राणों के आधार हो। तुम्हारा सब प्रकार से कल्याण समझकर उसने तुम्हें मुझे सौंपा था, अब मैं अयोध्या लौटकर उन्हें क्या उत्तर दूंगा।

(ख) लक्ष्मण की माता सुमित्रा को याद करके राम उनके दुख की कल्पना करने लगे। वे सोचने लगे कि उनका तो एक ही बेटा था। यदि वह भी संसार से चला जाएगा तो उनकी क्या हालत होगी और कौन उस दुखिया माँ को सांत्वना देगा।

(ग) लक्ष्मण के मूर्छित हो जाने पर राम विलाप करने लगे। उनके विशाल नेत्रों से आँसुओं की धारा प्रवाहित होने लगी। वे कभी लक्ष्मण को संबोधित करते थे और कभी उसकी माता सुमित्रा को। वे पूर्णतया शोक पीड़ित और अत्यधिक व्याकुल थे।

(घ) कवि,ने राम के लिए ‘सोच बिमोचन’, ‘राजिव दल लोचन’ तथा ‘रघुराई तीन विशेषणों का प्रयोग किया है। सोच बिमोचन का अर्थ है-संसार के प्राणियों को चिंता से मुक्त करने वाले, राजिव दल लोचन का अर्थ है-जिनके नेत्र कमल के समान खिले हुए हैं, रघुराई शब्द का प्रयोग करके राम को रघुकुल का राजा कहा है।

(ङ) प्रस्तुत रामकथा के वाचक भगवान शिव हैं। उन्होंने अपनी पत्नी उमा को संबोधित करते हुए कहा कि भले ही राम संसार के सभी प्राणियों की चिंताओं को दर करने वाले हैं. परन्त इस समय वे दुखी होकर कमल के समान नेत्रों से आँस बहा रहे हैं। भले ही वे अखंड, अद्वितीय और अनंत हैं परंतु भक्तों पर कृपा करने के लिए वे अपनी नर लीला दिखा रहे हैं।

[5] हरषि राम भेटेउ हनुमाना। अति कृतग्य प्रभु परम सुजाना।
तुरत बैद तब कीन्हि उपाई। उठि बैठे लछिमन हरषाई।
हृदयँ लाइ प्रभु भेटेउ भ्राता। हरषे सकल भालु कपि ब्राता।
कपि पुनि बैद तहाँ पहुँचावा। जेहि बिधि तबहिं ताहि लइ आवा।।
यह बृतांत दसानन सुनेऊ। अति बिषाद पुनि पुनि सिर धुनेऊ॥
व्याकुल कुंभकरन पहिं आवा। बिबिध जतन करि ताहि जगावा॥ [पृष्ठ-50]

शब्दार्थ-हरषि = प्रसन्न होकर। भेटेउ = भेंट की। कृतग्य = आभारी। सुजाना = ज्ञानी। बैद = वैद्य। उपाई = उपाय। हरषाई = प्रसन्न होकर। सकल = सारे। भालु = भालू जाति के वनवासी। ब्राता = समूह। कपि = वानर जाति के वनवासी। जेहि बिधि = जिस ढंग से। लइ आवा = ले आया था। बृतांत = वर्णन। सुनेऊ = सुना। बिषाद = दुख। सिर धुनेऊ = पछताया। पहिं = के पास। बिबिध = अनेक प्रकार के। जतन = प्रयत्न। जगावा = जगाया।

प्रसंग-प्रस्तुत पद्यांश हिंदी की पाठ्यपुस्तक ‘आरोह भाग 2′ में संकलित रामचरितमानस के ‘लक्ष्मण-मूर्छा और राम का विलाप’ में से उद्धृत है। इसके कवि गोस्वामी तुलसीदास हैं। यहाँ कवि ने उस स्थिति का वर्णन किया है जब शोक के में हनुमान जी का अवतरण होता है। वे लक्ष्मण के उपचार के लिए संजीवनी लेकर आते हैं। उस प्रसंग का वर्णन करते हुए कवि तुलसीदास कहते हैं,

व्याख्या-प्रसन्न होकर श्रीराम ने हनुमान से भेंट की। परम ज्ञानी होते हुए भी राम ने हनुमान के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की अर्थात् उन्होंने हनुमान का उपकार माना। संजीवनी प्राप्त होते ही वैद्य ने लक्ष्मण का उपचार किया और वे प्रसन्न होकर उठ तब प्रभु राम ने लक्ष्मण को अपने हृदय से लगा लिया। जिसे देखकर सभी भालू और वानर समूह अत्यधिक प्रसन्न हुए। इसके पश्चात् हनुमान ने वैद्य को वहाँ पहुँचाया, जहाँ से वह उन्हें सम्मानपूर्वक लाया था।

रावण ने यह सारा वृत्तांत सुना। वह अत्यधिक दुखी होकर अपना सिर धुन-धुन कर पछताने लगा। इसके बाद वह व्याकुल होकर अपने भाई कुंभकरण के पास आया और उसने अनेक प्रकार के प्रयत्न करके उसे गहरी नींद से जगाया।

विशेष-

  1. इस पद में कवि ने जहाँ एक ओर राम, लक्ष्मण, भालू तथा वानर सेना की प्रसन्नता का वर्णन किया है, वहीं दूसरी ओर रावण के विषाद का भी सजीव वर्णन किया है।
  2. मर्यादा पुरुषोत्तम होते हुए भी राम ने हनुमान के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की है।
  3. संपूर्ण पद्य में अनुप्रास अलंकार का सफल प्रयोग हुआ है।
  4. सहज एवं सरल साहित्यिक अवधी भाषा का सफल प्रयोग हुआ है।
  5. चौपाई छंद का प्रयोग है तथा वर्णनात्मक शैली है।

पद पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
प्रश्न-
(क) हनुमान को देखकर राम ने क्या प्रतिक्रिया व्यक्त की?
(ख) लक्ष्मण की मूर्छा किस प्रकार दूर हुई?
(ग) लक्ष्मण के होश में आने पर राम और वानर दल की क्या प्रतिक्रिया थी?
(घ) वैद्य के साथ किस प्रकार का व्यवहार किया गया?
(ङ) इस पद्यांश के आधार पर हनुमान की चारित्रिक विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
(क) जब हनुमान संजीवनी लेकर राम के पास पहुँचे तो राम उसे देखकर अत्यधिक आनंदित हो उठे। उन्होंने हनुमान को अपने गले से लगा लिया और उसके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की अर्थात् उसके उपकार को माना। न जी ने संजीवनी लाकर वैद्य को दी और वैद्य ने उस संजीवनी से लक्ष्मण का उपचार किया. जिसके फलस्वरूप लक्ष्मण की मूर्छा दूर हो गई और वे उठकर बैठ गए।

(ग) लक्ष्मण के होश में आने पर राम ने प्रसन्न होकर अपने भाई को गले से लगा लिया। इस अवसर पर सभी भालू और वानर भी अत्यधिक प्रसन्न हो उठे, क्योंकि अब उन्हें आशा बँधी कि वे रावण को पराजित कर सकेंगे।

(घ) हनुमान जिस प्रकार वैद्य को आदर के साथ लाए थे उसी आदर के साथ उन्हें वापस पहुँचाकर आए।

(ङ) इस पद्यांश के आधार पर कहा जा सकता है कि हनुमान सच्चे राम भक्त थे। उन्होंने अपना सारा जीवन राम की सेवा में लगा दिया। वे असंभव काम को भी संभव बना देते थे। जब उन्हें संजीवनी नहीं मिली तो वे पूरे पहाड़ को उठाकर ले आए। इससे पता चलता है कि वे बड़े वीर और दृढ़-प्रतिज्ञ थे परंतु यह सब होते हुए भी वे बड़े विनम्र थे। उनके मन में अहंकार तो लेश-मात्र भी नहीं था। वे वैद्य को आदरपूर्वक उसके निवास स्थान पर छोड़ आए। इससे पता चलता है कि वे बड़े सज्जन और विनम्र थे।

[6] जागा निसिचर देखिअ कैसा। मानहुँ कालु देह धरि बैसा॥
कुंभकरन बूझा कहु भाई। काहे तव मुख रहे सुखाई।
कथा कही सब तेहिं अभिमानी। जेहि प्रकार सीता हरि आनी॥
तात कपिन्ह सब निसिचर मारे। महा महा जोधा संघारे॥
दुर्मुख सुररिपु मनुज अहारी। भट अतिकाय अकंपन भारी॥
अपर महोदर आदिक बीरा। परे समर महि सब रनधीरा॥ [पृष्ठ-50]

शब्दार्थ निसिचर = राक्षस । कालु = काला। देह धरि = शरीर धारण करके। कहु = कहौ । तव = तुम्हारा। तेहिं = तैसा। जेहि = जैसा। तात = भाई। कपिन्ह = वानरों ने। संघारे = मारे । जोधा = योद्धा। सुररिपु = देवशत्रु। मनुज अहारी = मानव खाने वाले। अतिकाय = भारी शरीर वाले। अपर = दूसरा। महोदर = एक राक्षस का नाम। समर = युद्ध। महि = पृथ्वी। रनधीरा = युद्ध में कुशल।

प्रस्तत – पद्यांश हिंदी की पाठयपस्तक ‘आरोह भाग 2’ में संकलित रामचरितमानस के ‘लक्ष्मण-मर्जा और राम का विलाप’ में से उद्धत है। इसके कवि गोस्वामी तुलसीदास हैं। यहाँ कवि ने उस प्रसंग को लिया है जब रावण ने अपने भाई कुंभकरण को नींद से जगाया और उसे सारी स्थिति से अवगत कराया। कवि लिखता है कि-

व्याख्या – नींद से जागने पर वह राक्षस कुंभकरण ऐसा लग रहा था मानों मृत्यु देह धारण करके बैठी हो अर्थात् कुंभकरण देखने में बहुत ही भयंकर था। तब कुंभकरण ने रावण से पूछा हे भाई! मुझे बताओ किस कारण से तुम्हारे मुख सूख गए हैं अर्थात् तुम घबराए हुए क्यों हो?

तब उस अभिमानी रावण ने वह सारी कथा कह सुनाई जिस प्रकार वह सीता का हरण करके लाया था। रावण ने कहा हे भाई! वानर सेना ने सारे राक्षसों को मार दिया है और मेरे बड़े-बड़े योद्धाओं का वध कर दिया है। दुर्मुख, देवशत्रु, मनुष्य भक्षक, महायोद्धा, अतिकाय, अकंपन, महोदर आदि मेरे असंख्य वीर योद्धा युद्ध-क्षेत्र में मारे गए हैं। भाव यह है कि मेरी सेना के बड़े-बड़े योद्धा वानर सेना ने मार गिराए हैं।

विशेष-

  1. यहाँ कुंभकरण ने निर्भीक होकर अभिमानी रावण पर टिप्पणी की है।
  2. रावण ने अपने भाई कुंभकरण के सामने अपनी पराजय का यथार्थ वर्णन किया है।
  3. अनुप्रास तथा पुनरुक्ति प्रकाश अलंकारों का स्वाभाविक प्रयोग हुआ है।
  4. संपूर्ण पद्य में साहित्यिक अवधी भाषा का प्रयोग देखा जा सकता है।
  5. चौपाई छंद का प्रयोग है तथा संवादात्मक शैली है।

HBSE 12th Class Hindi Solutions Aroh Chapter 8 कवितावली (उत्तर कांड से), लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप

पद पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
प्रश्न-
(क) कुंभकरण ने रावण से क्या पूछा?
(ख) उस समय रावण की मनोदशा कैसी थी?
(ग) रावण ने कुंभकरण के सामने अपनी पराजय का वर्णन किस प्रकार किया?
(घ) रावण के कौन-कौन से महायोद्धा मारे गए?
उत्तर:
(क) नींद से जागकर कुंभकरण ने रावण से पूछा कि उसके दसों मुख सूखे हुए क्यों हैं? तथा वह किस कारण से घबराया हुआ है।

(ख) कुंभकरण से मिलते समय रावण बुरी तरह से परेशान और घबराया हुआ था तथा उसका चेहरा मुरझाया हुआ था।

(ग) रावण ने कुंभकरण के सामने अपनी पराजय का वर्णन करते हुए कहा कि उसने किस प्रकार सीता का हरण किया और किस प्रकार राम की वानर सेना ने उसके बड़े-बड़े योद्धाओं को मार गिराया।

(घ) युद्ध-क्षेत्र में रावण के दुर्मुख, देवशत्रु, मनुष्य भक्षक, महायोद्धा अकंपन तथा महोदर आदि योद्धा मारे गए थे।

[7] सुनि दसकंधर बचन तब कुंभकरन बिलखान।
जगदंबा हरि आनि अब सठ चाहत कल्यान।। [पृष्ठ-51]

शब्दार्थ-दसकंधर = रावण। बिलखान = दुखी होकर। जगदंबा = जगत जननी सीता। हरि = हरण करके। सठ = दुष्ट।

प्रसंग-प्रस्तुत पद्यांश हिंदी की पाठ्यपुस्तक ‘आरोह भाग 2’ में संकलित रामचरितमानस के लंका कांड के ‘लक्ष्मण-मूर्छा तथा राम का विलाप’ में से उद्धृत है। इसके कवि गोस्वामी तुलसीदास हैं। यहाँ कुंभकरण रावण को फटकारता हुआ कहता है

व्याख्या-रावण के वचनों को सुनकर कुंभकरण ने दुखी होकर कहा-हे दुष्ट रावण! तू जगत-माता सीता का हरण करके अब अपना कल्याण चाहता है। ऐसा कदापि नहीं हो सकता। अतः तेरा विनाश तो निश्चित ही है।

विशेष-

  1. यहाँ कवि ने कुंभकरण के मुख से रावण के प्रति घृणा-भाव का वर्णन किया है।
  2. अनुप्रास अलंकार का सफल प्रयोग हुआ है।
  3. साहित्यिक अवधी भाषा का प्रयोग है। शब्द-चयन उचित तथा भावानुकूल है।
  4. दोहा छंद का प्रयोग है।

पद पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
प्रश्न-
(क) रावण के वचन सुनकर कुंभकरण पर क्या प्रतिक्रिया हुई?
(ख) कुंभकरण ने रावण से क्या कहा?
उत्तर:
(क) रावण के वचन सुनकर कुंभकरण अत्यधिक दुखी हुआ और उसने रावण को कटु शब्द कहे।
(ख) कुंभकरण ने रावण को फटकार लगाते हुए कहा-अरे दुष्ट! तू जगत जननी सीता का अपहरण करके लाया, तब तेरा कल्याण कैसे हो सकता है अर्थात अब तेरा विनाश निश्चित है।

कवितावली (उत्तर कांड से), लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप Summary in Hindi

कवितावली (उत्तर कांड से), लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप कवि-परिचय

प्रश्न-
गोस्वामी तुलसीदास का संक्षिप्त जीवन-परिचय देते हुए उनकी काव्यगत विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
अथवा
गोस्वामी तुलसीदास का साहित्यिक परिचय अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
1. जीवन-परिचय-गोस्वामी तुलसीदास न केवल रामकाव्य के, अपितु संपूर्ण हिंदी-काव्य के श्रेष्ठ कवि हैं। वे एक कवि, आलोचक, दार्शनिक, लोकनायक, समाज-सुधारक, भक्त एवं उच्चकोटि के विद्वान हैं। उन्हें विश्व-कवि कहना भी अनुचित न होगा। उनका जन्म सन् 1532 में बाँदा ज़िला (उत्तर प्रदेश) के राजापुर गाँव में हुआ। कुछ विद्वान उनका जन्म-स्थान सोरों भी मानते हैं। उन्होंने अपना बचपन अत्यंत कष्टपूर्ण परिस्थितियों में बिताया। बचपन में ही उनका अपने माता-पिता से बिछोह हो गया और अत्यंत कठिनाइयों में अपना जीवन-यापन किया। अचानक उनकी भेंट स्वामी नरहरिदास से हुई। वे इन्हें अयोध्या ले गए। उन्हें राम-मंत्र की दीक्षा दी और विद्याध्ययन कराने लगे। तत्पश्चात् तुलसी ने काशी में शेष सनातन जी के पास रहकर पंद्रह वर्षों तक वेदों का अध्ययन किया। सन् 1623 में काशी में श्रावण शुक्ला तृतीया को असीघाट पर गोस्वामी तुलसीदास जी ने राम-राम करते हुए अपना शरीर त्याग दिया।

2. प्रमुख रचनाएँ-अब तक तुलसीदास के नाम से 36 रचनाएँ प्राप्त हुई हैं, किंतु वे सब प्रामाणिक नहीं हैं। उनमें से प्रामाणिक रचनाएँ निम्नलिखित हैं दोहावली’, ‘कवितावली’, ‘श्रीकृष्ण गीतावली’, ‘गीतावली’, ‘विनय-पत्रिका’, ‘रामचरितमानस’, ‘रामलला नहछू’, ‘बरवै रामायण’, ‘वैराग्य संदीपिनी’, ‘पार्वती मंगल’, ‘जानकी मंगल’ और ‘रामाज्ञा प्रश्न’। इनमें ‘रामचरितमानस’, ‘रामलला नहछू’, ‘पार्वती मंगल’ तथा ‘जानकी मंगल’ प्रबंध काव्य हैं। ‘गीतावली’, ‘श्रीकृष्ण गीतावली’ और ‘विनय-पत्रिका’ गीति काव्य हैं और अन्य रचनाएँ मुक्तक काव्य हैं। ‘रामचरितमानस’ तुलसी का ही नहीं, बल्कि समूचे हिंदी साहित्य का सर्वश्रेष्ठ महाकाव्य है। इसे ‘भारत की बाईबल’ भी कहा गया है।

3. काव्यगत विशेषताएँ-तुलसीदास के काव्य की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं
(i) विषय की व्यापकता महाकवि तुलसीदास ने अपने युग का गहन एवं गंभीर अध्ययन किया था। तुलसीदास ने जीवन के सभी पक्षों को अपने काव्य में स्थान दिया है। उनके काव्य में धर्म, दर्शन, संस्कृति, भक्ति, काव्य-कला आदि सभी का सुंदर समन्वय हुआ है। विभिन्न भावों और सभी रसों को उनकी रचनाओं में स्थान मिला है।

(ii) राम का स्वरूप महाकवि तुलसीदास ने अपने काव्य में राम को विष्णु का अवतार मानते हुए उसके सगुण एवं निर्गुण दोनों रूपों का उल्लेख किया है। उन्होंने राम को धर्म का रक्षक और अधर्म का विनाश करने वाला माना है। उन्होंने राम के चरित्र में शील, सौंदर्य एवं शक्ति का समन्वय प्रस्तुत किया है। उन्होंने राम की आराधना दास्य भाव से की है।

(iii) समन्वय की भावना-तुलसीदास के काव्य में समन्वय की भावना का अद्भुत चित्रण हुआ है। उन्होंने शैवों और वैष्णवों, शाक्तों और वैष्णवों, भक्ति और ज्ञान तथा कर्म के धार्मिक समन्वय के साथ सामाजिक, भाषा-क्षेत्र तथा साहित्य-क्षेत्र में सारग्राहिणी प्रतिभा और समन्वयात्मकता का परिचय दिया है।

(iv) प्रकृति-चित्रण-तुलसीदास ने प्रकृति का अत्यंत मनोरम चित्रण किया है। तुलसी काव्य में प्रकृति के विभिन्न रूपों का चित्रण किया गया है। उनके काव्य में वन, नदी, पर्वत, वृक्ष, पशु-पक्षी आदि के विस्तृत वर्णन मिलते हैं। प्रकृति-चित्रण के साथ-साथ तुलसी उपदेश भी देते चलते हैं।

(v) भाव एवं रस-महाकवि तुलसीदास के काव्य में सभी भावों एवं रसों का अत्यंत सफलतापूर्वक चित्रण किया गया है। तुलसीदास मानव-हृदय के सूक्ष्मातिसूक्ष्म भाव को समझने में निपुण थे। वे मानव मनोवृत्तियों के सच्चे पारखी थे। उन्होंने मानव-जीवन के विविध पक्षों को गहराई से देखा एवं परखा था। तुलसी काव्य में शांत रस के अतिरिक्त हास्य, रौद्र, वीभत्स, वीर आदि रसों का भी चित्रण हुआ है।

(vi) रचना-शैली-तुलसीदास ने अपने युग में प्रचलित सभी काव्य-शैलियों का प्रयोग किया है। उनके काव्य में वीर काव्य की ओजपूर्ण शैली, संत काव्य की दोहा शैली, सूरदास और विद्यापति की गीति-शैली, भाट कवियों की छप्पय-कवित्त आदि शैलियों के रूप देखे जा सकते हैं। इन सभी शैलियों का प्रयोग तुलसी काव्य में सफलतापूर्वक हुआ है।

4. भाषा-शैली-तुलसी के काव्य का भावपक्ष जितना समृद्ध है कलापक्ष भी उतना ही समुन्नत एवं विकसित है। काव्य-शैलियों की भाँति ही तुलसीदास ने तत्कालीन सभी काव्य-भाषाओं का साधिकार प्रयोग किया है। उन्होंने अवधी और ब्रज भाषा का अपने काव्य में समान रूप से प्रयोग किया है। ‘रामचरितमानस’ में अवधी और ‘विनय-पत्रिका’ में ब्रज भाषा का विकसित रूप मिलता है। तुलसी ने प्रसंगानुकूल भोजपुरी, बुंदेलखंडी, अरबी-फारसी आदि के शब्दों का भी प्रयोग किया है। उन्होंने ब्रज एवं अवधी भाषाओं में संस्कृत का पुट देकर उन्हें सुसंस्कृत बनाया है। तत्सम शब्दों की अधिकता होने पर भी तुलसी की भाषा में कहीं क्लिष्टता नहीं है। अलंकारों की छटा तो उनके काव्य में देखते ही बनती है। उन्होंने उपमा, उत्प्रेक्षा, रूपक आदि अलंकारों का ही अधिक प्रयोग किया है। अलंकारों की भाँति ही तुलसीदास ने छंदों का प्रयोग भी सफलतापूर्वक किया है। चौपाई, दोहा, छप्पय, सोरठा, कवित्त, बरवै आदि छंदों का प्रयोग उन्होंने अपने विभिन्न ग्रंथों में किया है।

HBSE 12th Class Hindi Solutions Aroh Chapter 8 कवितावली (उत्तर कांड से), लक्ष्मण-मूच्छ और राम का विलाप

कवितावली (उत्तर कांड से) कविता का सार

प्रश्न-
कविवर तुलसीदास द्वारा रचित ‘कवितावली’ कविता का सार अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
1. प्रथम कवित्त-यहाँ कविवर तुलसीदास राम-नाम की महिमा का गान करते हुए कहते हैं कि मज़दूर, किसान, व्यापारी, भिखारी, चाकर, नौकर, नट, चोर, दूत और बाजीगर सभी अपना पेट भरने के लिए ही ऊँचे-नीचे कर्म करते हैं, गुण गढ़ते हैं, पहाड़ों पर चढ़ते हैं और घने जंगलों में शिकार करते हुए भटकते रहते हैं। यही नहीं, वे अच्छे-बुरे कर्म करके धर्म अथवा अधर्म का पालन करते हुए अपना पेट भरने के लिए बेटे-बेटियों को भी बेच देते हैं। यह पेट की आग बड़वानल से भी अधिक भयंकर है। इसे तो केवल राम-नाम के कृपा रूपी बादल ही बुझा सकते हैं।

2. द्वितीय कवित्त-इस कवित्त में कवि अपने युग की गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी का वर्णन करते हुए लिखता है कि किसान के लिए खेती नहीं है और भिखारी को भीख नहीं मिलती। व्यापारी के लिए व्यापार नहीं है और नौकर को नौकरी नहीं मिलती। आजीविका-विहीन लोग दुखी होकर आपस में कहते हैं कि कहाँ जाएं और क्या करें। वेदों और पुराणों में यही बात कही गई है और संसार में भी देखा जा सकता है कि संकट के समय राम जी आप ही कृपा करते हैं। हे दीनबंधु राम! इस समय दरिद्रता रूपी रावण ने संसार को कुचला हुआ है। अतः पापों का नाश करने के लिए मैं आपसे प्रार्थना करता हूँ।

3. सवैया यहाँ तुलसीदास लोगों के द्वारा की जा रही निंदा और आलोचना की परवाह न करते हुए कहते हैं कि चाहे मुझे कोई धूर्त कहे, योगी कहे, राजपूत या जुलाहा कहे, इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मुझे किसी की बेटी से अपने बेटे का विवाह नहीं करना, फसी की जाति में बिगाड़ हो जाए। मैं तुलसीदास तो राम का दास हूँ। इसीलिए मेरे बारे में जिसको जो अच्छा लगता है, वह कहो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं माँगकर खाता हूँ। मस्जिद में जाकर सो जाता हूँ। मुझे दुनिया से न कुछ लेना है और न देना है अर्थात् मुझे किसी की परवाह नहीं है।

लक्ष्मण-मूर्छा और राम का विलाप कविता का सार

प्रश्न-
कविवर तुलसीदास द्वारा रचित पद ‘लक्ष्मण-मूर्छा और राम का विलाप’ का सार अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
यह प्रसंग उस समय का है जब राम-रावण युद्ध के समय लक्ष्मण मेघनाद की शक्ति लगने से बेहोश हो गए और हनुमान जड़ी-बूटी लेने के लिए गए। परंतु हनुमान द्वारा की गई देरी के कारण राम अपने भाई लक्ष्मण के लिए चिंता करने लगे। जब हनुमान संजीवनी बूटी को न पहचानने के कारण पर्वत को उठाकर ले जा रहे थे तो भरत के मन में अनर्थ की आशंका हुई। इसलिए भरत ने हनुमान को नीचे उतार लिया। परंतु जब उसे वास्तविकता का पता चला तो हनुमान को शीघ्र ही श्रीराम के पास भेज दिया।

इधर राम आधी रात बीत जाने पर चिंता करने लगे। वे लक्ष्मण को बेहोश देखकर एक मानव के समान कहने लगे कि आधी रात बीत गई है, लेकिन हनुमान नहीं आया। यह कहकर राम ने अनुज लक्ष्मण को उठाकर अपनी छाती से लगा लिया और विलाप करते हुए कहने लगे कि लक्ष्मण तुम्हारा ऐसा स्वभाव है कि तुम मुझे कभी दुखी नहीं देख सकते थे। मेरे लिए तुमने माता-पिता को त्याग दिया और वन में सर्दी-गर्मी को सहन किया। हे भाई! तुम्हारा वह प्रेम कहाँ चला गया। मेरे व्याकुल वचनों को सुनकर तुम क्यों नहीं उठते।

यदि मुझे पता होता कि वन में भाई से वियोग होगा तो मैं अपने पिता के वचनों को कभी नहीं मानता। पुत्र, धन, पत्नी, भवन और परिवार, ये सब संसार में बार-बार प्राप्त हो सकते हैं, लेकिन सगा भाई संसार में फिर नहीं मिलता। यह विचार करके तुम जाग जाओ। जिस प्रकार पंख के बिना पक्षी, मणि के बिना साँप और सैंड के बिना हाथी दीन-हीन हो जाते हैं, उसी प्रकार तुम्हारे बिना मेरा जीवन अधूरा है। मैं क्या मुँह लेकर अयोध्या जाऊँगा। लोग मेरे बारे में कहेंगे कि मैंने पत्नी के लिए प्रिय भाई को खो दिया। भले ही मुझे संसार में अपयश सहन करना पड़ता। पत्नी की हानि भी कोई विशेष हानि नहीं है।

परंतु हे लक्ष्मण! अब तो मुझे अपयश और भाई दोनों शोक सहन करने पड़ेंगे। हे भ्राता! तुम अपनी माता के एक ही पुत्र हो और उसके प्राणों के आधार हो। तुम्हारी माँ ने मुझे हर प्रकार से हितैषी समझकर तुम्हारा हाथ मुझे सौंपा था। अब मैं जाकर उसे क्या उत्तर दूंगा। इस प्रकार संसार को चिंतामुक्त करने वाले भगवान राम स्वयं अनेक प्रकार की चिंताओं में डूब गए और उनकी आँखों से आँसू बहने लगे। तब शिवजी ने पार्वती से कहा कि देखो! वे राम स्वयं अखंड और अनंत हैं, परंतु अपने भक्तों पर कृपा करके नव लीला दिखा रहे हैं।

प्रभु के विलाप को सुनकर समूची वानर सेना व्याकुल हो गई। परंतु उस समय वहाँ हनुमान इस प्रकार प्रकट हो गए जैसे करुण रस में वीर रस प्रकट हो जाता है। श्रीराम ने प्रसन्न होकर हनुमान से भेंट की और वे हनुमान के प्रति कृतज्ञ हो गए। उसके बाद वैद्य ने तत्काल उपाय किया और लक्ष्मण प्रसन्न होकर उठ खड़े हुए। राम ने प्रसन्न होकर भाई को गले लगाया और सभी वानर और भालू प्रसन्न हो गए। इसके बाद हनुमान ने वैद्य को लंका वापस पहुँचा दिया। जब रावण ने यह सारा प्रस्ताव सुना तो वह दुखी होकर पछताने लगा और व्याकुल होकर कुंभकरण के पास गया।

उसने अनेक प्रयत्न करके कुंभकरण को जगाया। जागने पर कुंभकरण ऐसा लग रहा था कि मानों काल स्वयं शरीर धारण करके बैठा हो। कुभकरण ने रावण से पूछा कि तुम्हारा मुख घबराया हुआ क्यों है, तब अभिमानी रावण ने सारी कथा सुनाई कि किस प्रकार वह सीता को उठाकर लाया था। वह अपने भाई से कहने लगा कि हे भ्राता! राम सेना ने राक्षसी सेना के बड़े-बड़े योद्धाओं का संहार कर दिया है। दुर्मुख, देवशत्रु, मनुष्य भक्षक, महायोद्धा, अतिकाय, अकंपन तथा महोदर आदि सभी योद्धा युद्धक्षेत्र में मर गए हैं। रावण के वचनों को सुनकर कुंभकरण ने दुखी होकर कहा, तुमने जगत-जननी सीता का हरण किया है, अब तू अपना कल्याण चाहता है। यह तो किसी प्रकार से संभव नहीं है।

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HBSE 12th Class Hindi Solutions Aroh Chapter 7 बादल राग

Haryana State Board HBSE 12th Class Hindi Solutions Aroh Chapter 7 बादल राग Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Hindi Solutions Aroh Chapter 7 बादल राग

HBSE 12th Class Hindi बादल राग Textbook Questions and Answers

कविता के साथ

प्रश्न 1.
अस्थिर सुख पर दुख की छाया पंक्ति में दुख की छाया किसे कहा गया है और क्यों?
उत्तर:
अस्थिर सुख पर दुख की छाया पंक्ति में दुख की छाया क्रांति अथवा विनाश का प्रतीक है। सुविधा-भोगी लोगों के पास धन होते हैं। इसलिए वे क्रांति से हमेशा डरते रहते हैं। क्रांति से पूँजीपतियों को हानि होगी, गरीबों को नहीं। इसलिए कवि ने अमीर लोगों के सुखों को अस्थिर कहा है। क्रांति की संभावना ही दुख की वह छाया है जिससे वे हमेशा डरे रहते हैं। यही कारण है कि ‘दुख की छाया’ शब्दों का प्रयोग किया गया है।

प्रश्न 2.
‘अशनि-पात से शापित उन्नत शत-शत वीर’ पंक्ति में किसकी ओर संकेत किया गया है?
उत्तर:
‘अशनि-पात से शापित उन्नत शत-शत वीर’ पंक्ति में क्रांति विरोधी अभिमानी पूँजीपतियों की ओर संकेत किया गया है जो क्रांति को दबाने का भरसक प्रयास करते हैं परंतु क्रांति के वज्र के प्रहार से घायल होकर वे क्षत-विक्षत हो जाते हैं। जिस प्रकार बादलों के द्वारा किए गए अशनि-पात से पर्वतों की ऊँची-ऊँची चोटियाँ क्षत-विक्षत हो जाती हैं, उसी प्रकार क्रांति की मार-काट से बड़े-बड़े पूँजीपति, धनी तथा वीर लोग भी धरती चाटने लगते हैं।

HBSE 12th Class Hindi Solutions Aroh Chapter 7 बादल राग

प्रश्न 3.
‘विप्लव-व से छोटे ही हैं शोभा पाते’ पंक्ति में विप्लव-रव से क्या तात्पर्य है? छोटे ही हैं शोभा पाते ऐसा क्यों कहा गया है?
उत्तर:
विप्लव-रव से तात्पर्य है क्रांति की गर्जना। क्रांति से समाज के सामान्यजन को ही लाभ प्राप्त होता है। उससे सर्वहारा वर्ग का विकास होता है क्योंकि क्रांति शोषकों और पूँजीपतियों के विरुद्ध होती है। संसार में जहाँ कहीं क्रांति हुई है, वहाँ पूँजीपतियों का विनाश हुआ है और गरीब तथा अभावग्रस्त लोगों की आर्थिक हालत सुधरी है। इसलिए कवि ने इस भाव के लिए ‘छोटे ही हैं शोभा पाते’ शब्दों का प्रयोग किया है।

प्रश्न 4.
बादलों के आगमन से प्रकृति में होने वाले किन-किन परिवर्तनों को कविता रेखांकित करती है?
उत्तर:
बादलों के आगमन से प्रकृति में असंख्य परिवर्तन होते हैं। पहले तो तेज हवा चलने लगती है और बादल गरजने लगते हैं। इसके बाद मूसलाधार वर्षा होती है। ओलों की वर्षा अथवा बिजली गिरने से ऊँचे-ऊँचे पर्वतों की चोटियाँ क्षत-विक्षत हो जाती हैं, परंतु छोटे-से-छोटे पौधे वर्षा का पानी पाकर प्रसन्नता से खिल उठते हैं। इसी प्रकार कमलों से पानी की बूंदें झरने लगती हैं।

व्याख्या कीजिए

1. तिरती हैं समीर-सागर पर
अस्थिर सुख पर दुख की छाया
जग के दग्ध हृदय पर
निर्दय विप्लव की प्लावित माया
उत्तर:
यहाँ कवि कहता है कि बादल वायु के रूप में सागर पर मंडराने लगते हैं। वे इस प्रकार उमड़-घुमड़कर सागर पर छा जाते हैं जैसे क्षणिक सखों पर दुखों की छाया मँडराने लगती है। पँजीपतियों के सख क्षणिक हैं. परंत दख की छाया स्थिर और लंबी होती है। इसलिए बादल रूपी क्रांति को देखकर पूँजीपतियों के अस्थिर सुखों पर दुख की छाया फैल जाती है। ये बादल संसार के दुखों से पीड़ित हृदय पर एक विनाशकारी क्रीड़ा करने जा रहे हैं। भाव यह है कि ये बादल संसार के शोषित और दुखी लोगों के दुखों को दूर करना चाहते हैं।

2. अट्टालिका नहीं है रे
आतंक-भवन
सदा पंक पर ही होता
जल-विप्लव-प्लावन
उत्तर:
यहाँ कवि कहता है कि हमारे समाज में पूँजीपतियों के जो ऊँचे-ऊँचे भवन हैं, वे अट्टालिकाएँ नहीं हैं बल्कि वे तो आतंक के भवन हैं। क्रांति रूपी बादलों को देखकर उन भवनों में भय और त्रास का निवास है। अर्थात् समाज के धनिक लोग क्रांति से डरते रहते हैं। कवि पुनः कहता है कि बादलों की विनाशलीला तो हमेशा कीचड़ में ही होती है। उसमें बाढ़ और विनाश के दृश्य देखे जा सकते हैं। भाव यह है कि समाज के गरीब और शोषित लोग ही क्रांति में खुलकर भाग लेते हैं।

कला की बात

प्रश्न 1.
पूरी कविता में प्रकृति का मानवीकरण किया गया है। आपको प्रकृति का कौन-सा मानवीय रूप पसंद आया और क्यों?
उत्तर:
संपूर्ण कविता में प्रकृति का सुंदर मानवीकरण किया गया है। कवि ने बादल को क्रांतिकारी वीर कहकर संबोधित किया है। मुझे बादल का वह रूप बहुत पसंद है जिसमें कवि उसे शोषित किसान की सहायता करने के लिए आह्वान करता है; जैसे
जीर्ण बाहु, है शीर्ण शरीर,
तुझे बुलाता कृषक अधीर,
ऐ विप्लव के वीर!
चूस लिया है उसका सार,
हाड़-मात्र ही है आधार,
ऐ जीवन के पारावार!

प्रश्न 2.
कविता में रूपक अलंकार का प्रयोग कहाँ-कहाँ हुआ है? संबंधित वाक्यांश को छाँटकर लिखिए।
उत्तर:

  1. तिरती है समीर-सागर पर
  2. अस्थिर सुख पर दुख की छाया
  3. यह तेरी रण-तरी
  4. भेरी-गर्जन से सजग सुप्त अंकुर
  5. विप्लव के बादल
  6. जीवन के पारावार

प्रश्न 3.
इस कविता में बादल के लिए ऐ विप्लव के वीर!, ऐ जीवन के पारावार! जैसे संबोधनों का इस्तेमाल किया गया है। बादल राग कविता के शेष पाँच खंडों में भी कई संबोधनों का इस्तेमाल किया गया है। जैसे-अरे वर्ष के हर्ष!, मेरे पागल बादल!, ऐ निबंध!, ऐ स्वच्छंद!, ऐ उद्दाम!, ऐ सम्राट!, ऐ विप्लव के प्लावन!, ऐ अनंत के चंचल शिशु सुकुमार! उपर्युक्त संबोधनों की व्याख्या करें तथा बताएँ कि बादल के लिए इन संबोधनों का क्या औचित्य है? ।
उत्तर:
(i) अरे वर्ष के हर्ष-यहाँ कवि ने बादलों को साल भर की प्रसन्नता कहा है। यदि बादल अच्छी वर्षा करते हैं तो देश के लोगों को साल भर का पर्याप्त अनाज मिल जाता है और देश का व्यापार भी चलता रहता है।

(ii) मेरे पागल बादल-बादल को पागल कहने से उसकी मस्ती और उल्लास की ओर संकेत किया गया है।

(iii) ऐ निबंध-बादल किसी प्रकार के बंधन या बाधा को नहीं मानते। वे स्वच्छंदतापूर्वक आकाश में विचरण करते हैं। इसीलिए कवि ने बादल को ‘ऐ-स्वच्छंद’ तथा ‘ऐ-उद्दाम’ भी कहा है।

(iv) ऐ सम्राट कवि के अनुसार बादल एक राजा है जो सब पर राज करता है और सबको प्रभावित करता है।

(v) ऐ विप्लव के प्लावन-यहाँ कवि ने बादलों के भयंकर रूप की ओर संकेत किया है। जब बादल मूसलाधार वर्षा करते हैं तो वे अपने साथ विनाशकारी बाढ़ भी लाते हैं।

(vi) ऐ अनंत के चंचल शिशु सकुमार-यहाँ कवि ने बादल को सागर का चंचल एवं कोमल शावक कहा है क्योंकि बादलों को जन्म देने वाला सागर ही है। जब बादल उमड़ता-घुमड़ता हुआ आगे बढ़ता है तो उसमें शिशु जैसी चंचलता देखी जा सकती है।

प्रश्न 4.
कवि बादलों को किस रूप में देखता है? कालिदास ने मेघदूत काव्य में मेघों को दूत के रूप में देखा। आप अपना कोई काल्पनिक बिंब दीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें। यह प्रश्न परीक्षोपयोगी नहीं है।

HBSE 12th Class Hindi Solutions Aroh Chapter 7 बादल राग

प्रश्न 5.
कविता को प्रभावी बनाने के लिए कवि विशेषणों का सायास प्रयोग करता है जैसे-अस्थिर सुख। सुख के साथ अस्थिर विशेषण के प्रयोग ने सुख के अर्थ में विशेष प्रभाव पैदा कर दिया है। ऐसे अन्य विशेषणों को कविता से छाँटकर खें तथा बताएं कि ऐसे शब्द-पदों के प्रयोग से कविता के अर्थ में क्या विशेष प्रभाव पैदा हुआ है?
उत्तर:
दग्ध हृदय-कवि ने हृदय के साथ ‘दग्ध’ विशेषण का प्रयोग किया है। इससे शोषित व्यक्ति के मन का संताप व्यक्त होता है। इस शब्द के द्वारा शोषण के फलस्वरूप गरीबों द्वारा झेली गई यातनाएँ सामने आ जाती हैं।

निर्दय विप्लव – यहाँ विप्लव अर्थात् विनाश के साथ निर्दय विशेषण का प्रयोग किया गया है जिससे पता चलता है कि विनाश और अधिक क्रूर हो गया है।

पुप्त अंकर – यहाँ कवि ने अंकुर के साथ सुप्त विशेषण का प्रयोग किया है। जो इस बात का द्योतन करता है कि अंकुर मिट्टी में दबे हुए हैं और वर्षा के बाद फूटकर बाहर आ जाते हैं।

घोर वज्र हुंकार – यहाँ कवि ने हुंकार शब्द के साथ घोर तथा वज्र दो विशेषणों का प्रयोग किया है। इससे यह पता चलता है कि बादल रूपी क्रांति की गर्जना बड़ी भयानक और क्रूर होती है।

क्षत-विक्षत-हत अचल-शरीर – यहाँ कवि ने शरीर के साथ क्षत-विक्षत और हत विशेषणों का प्रयोग किया है। जिससे उनकी दुर्दशा का पता चलता है।

प्रफुल्ल जलज – कमल के साथ प्रफुल्ल विशेषण का प्रयोग करने से कमल रूपी पूँजीपति की प्रसन्नता व्यक्त होती है।

रुद्ध कोष – कोष के साथ रुद्ध विशेषण का प्रयोग करने से यह पता चलता है कि पूँजीपतियों के खजाने भरे हुए हैं और उनके पास अपार धन है।

HBSE 12th Class Hindi बादल राग Important Questions and Answers

सराहना संबंधी प्रश्न

प्रश्न-
निम्नलिखित पंक्तियों में निहित काव्य-सौंदर्य पर प्रकाश डालिए-
1. हँसते हैं छोटे पौधे लघुभार-
शस्य अपार,
हिल-हिल
खिल-खिल
हाथ हिलाते,
तुझे बुलाते
विप्लव-रव से छोटे ही हैं शोभा पाते।
उत्तर:

  1. इन काव्य-पंक्तियों में कवि ने यह स्पष्ट करने का प्रयास किया है कि जिस प्रकार वर्षा से छोटे-छोटे पौधे लाभान्वित होकर हँसते और खिलते हैं, उसी प्रकार क्रांति होने से समाज के शोषित और सर्वहारा वर्ग को लाभ प्राप्त होता है और वे यह सोचकर प्रसन्न होते हैं कि अब उनके शोषण का अंत हो जाएगा।
  2. यहाँ कवि ने प्रकृति का सुंदर मानवीकरण किया है।
  3. हाथ हिलाना, बुलाना आदि में गतिशील बिंब है।
  4. पूरे पद में अनुप्रास तथा पुनरुक्ति प्रकाश अलंकारों का सुंदर एवं स्वाभाविक प्रयोग हुआ है।
  5. सहज, सरल तथा साहित्यिक हिंदी भाषा का प्रयोग है।
  6. शब्द-चयन सर्वथा उचित और भावाभिव्यक्ति में सहायक है।
  7. संपूर्ण पद में मुक्त छंद का सफल प्रयोग देखा जा सकता है।

2. रुद्ध कोष है, क्षुब्ध तोष
अंगना-अंग से लिपटे भी
आतंक अंक पर काँप रहे हैं।
धनी, वज्र-गर्जन से बादल!
उत्तर:

  1. यहाँ कवि स्पष्ट करता है कि समाज के पूँजीपतियों का खजाना भरा हुआ है, लेकिन फिर भी वे सदा असंतुष्ट रहते हैं।
  2. बादल रूपी क्रांति के कारण पूँजीपति अपनी पत्नी से लिपटे हुए भी डर के मारे काँपते रहते हैं।
  3. यहाँ बादल क्रांति का प्रतीक है।
  4. यह पद्यांश प्रगतिवाद का सूचक है। जोकि पूँजीपतियों पर करारा व्यंग्य करते हैं।
  5. ‘अंगना-अंग’ तथा ‘आतंक-अंक’ में अनुप्रास तथा स्वर मैत्री की छटा दर्शनीय है।
  6. सहज एवं सरल साहित्यिक हिंदी भाषा का प्रयोग हुआ है।
  7. शब्द-चयन उचित और भावाभिव्यक्ति में सहायक है।
  8. संपूर्ण पद में मुक्त छंद का सफल प्रयोग देखा जा सकता है।

3. अट्टालिका नहीं है रे
आतंक-भवन
सदा पंक पर ही होता
जल-विप्लव-प्लावन,
क्षुद्र प्रफुल्ल जलज से
सदा छलकता नीर,
उत्तर:

  1. यहाँ कवि यह स्पष्ट करता है कि समाज के ऊँचे-ऊँचे भवन, जहाँ पूँजीपति रहते हैं, उनमें भय और त्रास का निवास है, क्योंकि अमीर लोग सदा क्रांति से भयभीत रहते हैं।
  2. ‘क्षुद्र प्रफुल्ल जलज’ शोषित वर्ग का प्रतीक है।
  3. प्रतीकात्मक भाषा के प्रयोग के कारण भावाभिव्यक्ति बड़ी प्रभावशाली बन पड़ी है।
  4. अनुप्रास तथा पद मैत्री अलंकारों का सफल प्रयोग हुआ है।
  5. ‘अट्टालिका नहीं है रे आतंक भवन’ में अपहृति अलंकार है।
  6. सहज एवं सरल साहित्यिक हिंदी भाषा है तथा शब्द-चयन सर्वथा सटीक है।
  7. मुक्त छंद का सफल प्रयोग हुआ है।

HBSE 12th Class Hindi Solutions Aroh Chapter 7 बादल राग

4. घन, भेरी-गर्जन से सजग सुप्त अंकुर
उर में पृथ्वी के, आशाओं से
नवजीवन की, ऊँचा कर सिर,
ताक रहे हैं, ऐ विप्लव के बादल!
उत्तर:

  1. यहाँ कवि ने बादलों को क्रांति का प्रतीक तथा शोषित वर्ग की आशा का केंद्र सिद्ध किया है।
  2. पृथ्वी के गर्भ में छिपे बीज शोषित वर्ग का प्रतीक हैं जो क्रांति की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
  3. संपूर्ण पद्य में बादल का मानवीकरण किया गया है।
  4. अनुप्रास तथा रूपक अलंकारों का सफल प्रयोग है।
  5. ‘सिर ऊँचा करना’ मुहावरे का सटीक प्रयोग है।
  6. तत्सम् प्रधान संस्कृतनिष्ठ हिंदी भाषा का प्रयोग किया गया है।
  7. शब्द-चयन उचित और भावाभिव्यक्ति में सहायक है।
  8. संबोधन शैली है तथा मुक्त छंद का प्रयोग किया गया है।

5. बार-बार गर्जन
वर्षण है मूसलधार,
हृदय थाम लेता संसार,
सुन-सुन घोर वज्र-हुंकार।
उत्तर:

  1. यहाँ कवि ने बादल को क्रांति का प्रतीक मानते हुए उसकी भयानकता का प्रभावशाली वर्णन किया है।
  2. मूसलाधार वर्षा का होना क्रांति की तीव्रता को व्यंजित करता है।
  3. ‘बार-बार’, ‘सुन-सुन’ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
  4. तत्सम् प्रधान साहित्यिक हिंदी भाषा का प्रयोग है तथा शब्द-चयन उचित और भावानुकूल है।
  5. ओजगुण का समावेश किया गया है तथा मुक्त छंद है।

विषय-वस्तु पर आधारित लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
‘बादल राग’ कविता का प्रतिपाद्य/मूलभाव अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
बादल राग’ निराला जी की एक ओजस्वी कविता है, जिसमें कवि ने बादल को क्रांति का प्रतीक माना है। कवि शोषित वर्ग के कल्याण के लिए बादल का आह्वान करता है। क्रांति के प्रतीक बादलों को देखकर समाज का शोषक वर्ग भयभीत हो जाता है। लेकिन शोषित और सर्वहारा वर्ग उसे आशाभरी दृष्टि से देखता है। कवि स्पष्ट करता है कि क्रांति से समाज के धनिक वर्ग को हानि पहुँचती है, परंतु शोषित वर्ग को इससे लाभ होता है। समाज में शोषितों को उनका अधिकार दिलाने के लिए क्रांति नितांत आवश्यक है। प्रस्तुत कविता का मुख्य उद्देश्य देश में व्याप्त सामाजिक और आर्थिक वैषम्य का चित्रण करना है। कवि का विचार है कि इस विषमता को दूर करने के लिए क्रांति ही एकमात्र उपाय है। समाज का शोषित और पीड़ित वर्ग क्रांति की कामना करता है क्योंकि वह आर्थिक स्वतंत्रता और अपनी दशा में सुधार चाहता है।

प्रश्न 2.
विप्लवी बादल की रण-तरी की क्या-क्या विशेषताएँ हैं?
उत्तर:
विप्लवी बादल की रण-तरी अर्थात् युद्ध की नौका समीर-सागर पर तैरती है। वह असंख्य आकांक्षाओं से भरी हुई है और भेरी-गर्जन से सावधान है। कवि अपनी बात को स्पष्ट करता हुआ कहता है कि क्रांतिकारी बादल की युद्ध रूपी नौका पवन सागर पर ऐसे तैरती है जैसे जीवन के क्षणिक सुखों पर दुखों की छाया मँडराती रहती है। यह युद्ध रूपी नौका नगाड़ों की गर्जना के कारण अत्यधिक सजग है और क्रांति उत्पन्न करने के लिए निरंतर आगे बढ़ रही है। जिस प्रकार युद्ध की नौका में युद्ध का सामान भरा रहता है, उसी प्रकार क्रांतिकारी बादल रूपी इस युद्ध नौका में समाज के सर्वहारा वर्ग की इच्छाएँ और आकांक्षाएँ भरी हुई हैं। क्रांतिकारी बादल की युद्ध नौका को देखकर जहाँ शोषक वर्ग भयभीत हो जाता है, वहाँ शोषित वर्ग प्रसन्न हो उठता है।

प्रश्न 3.
सुप्त अंकुर किसकी ओर ताक रहे हैं और क्यों? सुप्त अंकुरों का प्रतीकार्थ क्या है?
उत्तर:
पृथ्वी के गर्भ में सोये हए अंकर लगातार बादलों की ओर ताकते रहते हैं। वे यह सोचकर आशावान बने हुए हैं कि अच्छी वर्षा होने से वे धरती में से फूटकर बाहर निकल आएँगे और उनके जीवन का विकास होगा। यहाँ सुप्त अंकुर समाज के पीड़ित और शोषित वर्ग का प्रतीक हैं जो सुख-समृद्धि और विकास के मार्ग पर आगे नहीं बढ़ सका। उनके मन में यह आशा है कि क्रांति होने से उनको उन्नति प्राप्त करने का अवसर मिलेगा क्योंकि क्रांति से पूँजीवाद वर्ग का विनाश होगा और सर्वहारा वर्ग का कल्याण होगा।

प्रश्न 4.
‘बादल राग’ कविता में अट्टालिका को आतंक-भवन क्यों कहा गया है?
उत्तर:
प्रस्तुत कविता में अट्टालिका को आतंक का भवन इसलिए कहा गया है क्योंकि उसमें समाज का पूँजीपति वर्ग रहता है। समाज के शोषक और अमीर लोग हमेशा ऊँचे-ऊँचे भवनों और महलों में रहते हैं और जीवन की सुख-सुविधाओं को भोगते हैं परंतु इस पूँजीपति वर्ग को क्रांति का भय लगा रहता है। यदि अट्टालिकाएँ हमेशा सुरक्षित बनी रहें तो शोषक वर्ग हमेशा सुख-सुविधाओं को भोगता रहेगा और प्रसन्न रहेगा, परंतु अमीर और गरीब में जब बहुत बड़ी खाई बन जाती है तो गरीब क्रांति का आह्वान करता है। यही कारण है कि अपनी सुरक्षित अट्टालिकाओं में रहने वाला पूँजीपति क्रांति के परिणामों के फलस्वरूप हमेशा भयभीत रहता है। वह जानता है कि उसने शोषण और बेईमानी से सर्वहारा वर्ग का खून चूसा है। अतः यदि शोषित वर्ग क्रांति का मार्ग अपनाता है तो सर्वप्रथम पूँजीपतियों की धन-संपत्ति बलपूर्वक लूट ली जाएगी और उनके ऊँचे-ऊँचे भवन नष्ट-भ्रष्ट कर दिए जाएंगे। इसलिए कवि ने ऊँचे-ऊँचे भवनों को अट्टालिका न कहकर आतंक भवन की संज्ञा दी है।

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प्रश्न 5.
‘बादल राग’ में निहित क्रांति की भावना पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
कविवर ‘निराला’ की ‘बादल राग’ कविता में उनकी समाज में हो रहे कृषक-शोषण के विरुद्ध क्रांति की भावना अभिव्यक्त हुई है। कृषक शोषण से पीड़ित होने के कारण अधीर होकर विप्लव (क्रांति) के बादल को बुला रहा है। जिस प्रकार बादल जल-प्लावन लाकर पृथ्वी के गर्भ में छिपे हुए बीजों को अंकुरित कर देते हैं उसी प्रकार क्रांति भी समाज में गरीबों तथा कृषकों का शोषण करने वाली व्यवस्था का विनाश कर देती है। जैसे बादल वर्षा द्वारा पौधों में पुनः जीवन का विकास कर देता है; वैसे ही क्रांति से शोषक वर्ग का विनाश हो जाता है और गरीब व कृषक वर्ग को फलने-फूलने का अवसर मिलता है। इसलिए निराला जी ने अपनी इस कविता द्वारा क्रांति का आह्वान किया है।

प्रश्न 6.
विप्लव के बादल की घोर-गर्जना का धनी वर्ग पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
विप्लव के बादल की घोर गर्जना को सुनकर समाज का अमीर और शोषक वर्ग आतंक से काँपने लगता है। वह त्रस्त होकर अपना मुँह ढक लेता है और आँखें बंद कर लेता है। वह भली प्रकार से जानता है कि उसने अपना शोषण चक्र चलाकर गरीबों और मजदूरों का खून चूस कर धन का संग्रह किया है। अतः यह क्रांति उसके लिए विनाशकारी हो सकती है, परंतु वह सोचता है कि क्रांति की अनदेखी करने से वह इसके दुष्प्रभाव से बच जाएगा। विप्लव के बादलों की घोर गर्जना और वज्रपात से पर्वतों की चोटियाँ तक गिर जाती हैं। इसी प्रकार क्रांति का बिगुल बजने से पूँजीपति वर्ग भी त्रस्त और भयभीत हो जाता है और वह इससे बचने का भरसक प्रयास करता है।

प्रश्न 7.
‘बादल राग’ कविता के आधार पर निराला की भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
भाषा-शैली की दृष्टि से ‘बादल राग’ निराला जी की एक प्रतिनिधि कविता कही जा सकती है। इसमें कवि ने तत्सम प्रधान संस्कृतनिष्ठ साहित्यिक हिंदी भाषा का सफल प्रयोग किया है। आदि से अंत तक इस कविता की भाषा में ओज गुण का समावेश किया गया है। समस्त पदों, संयुक्त व्यंजनों तथा कठोर वर्गों के कारण ओज गुण का सुंदर निर्वाह देखा जा सकता है। कवि द्वारा किया गया शब्द-चयन भावाभिव्यक्ति में पूर्णतया सफल हुआ है। एक उदाहरण देखिए-
अशनि-पात से शापित उन्नत शत-शत वीर,
क्षत-विक्षत हत अचल-शरीर,
गगन-स्पर्शी स्पर्धा धीर
शब्दों की ध्वनि तथा उनका नाद सौंदर्य भी अभिव्यंजना में काफी सहायक सिद्ध हुआ है। शब्द अपनी ध्वनि से शब्द-चित्र प्रस्तुत कर देते हैं। उदाहरण के रूप में हिल-हिल, खिल-खिल शब्दों के जोड़े अपनी ध्वनि द्वारा लहलहाती हुई फसल का बिंब प्रस्तुत करते हैं।

संपूर्ण कविता अपने बिंबों, चित्रों तथा प्रतीकों के लिए प्रसिद्ध है। वर्षा का बिंब, वज्र से आहत क्षत-विक्षत पर्वत का बिंब तथा हँसते हुए सुकुमार पौधों का बिंब सभी इस कविता की काव्य भाषा को आकर्षक बनाते हैं। यहाँ बादल यदि क्रांति का प्रतीक है तो पंक शोषित वर्ग का और जलज पूँजीपति वर्ग का प्रतीक है। इसी प्रकार मुहावरों के प्रयोग से इस कविता की भाषा में अर्थ गम्भीर्य बढ़ गया है। भले ही इस कविता में मुक्त छंद का प्रयोग किया गया है, परंतु सर्वत्र लयात्मकता भी देखी जा सकती है।

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

1. ‘निराला’ का जन्म बंगाल की किस रियासत में हुआ?
(A) महिषादल
(B) सुंदरवन
(C) कोलकाता
(D) पटना
उत्तर:
(A) महिषादल

2. ‘निराला’ का जन्म कब हुआ?
(A) सन् 1888 ई० में
(B) सन् 1890 ई० में
(C) सन् 1899 ई० में
(D) सन् 1886 ई० में
उत्तर:
(C) सन् 1899 ई०

3. ‘निराला’ के पिता का क्या नाम था?
(A) रामदास त्रिपाठी
(B) राम सहाय त्रिपाठी
(C) राम लाल त्रिपाठी
(D) राम किशोर त्रिपाठी
उत्तर:
(B) राम सहाय त्रिपाठी

4. ‘निराला’ का विवाह किस आयु में हुआ?
(A) 15 वर्ष की आयु में
(B) 16 वर्ष की आयु में
(C) 17 वर्ष की आयु में
(D) 13 वर्ष की आयु में
उत्तर:
(D) 13 वर्ष की आयु में

5. ‘निराला’ की पत्नी का क्या नाम था?
(A) सुंदरी देवी
(B) गीता देवी
(C) मनोहर देवी
(D) लक्ष्मी देवी
उत्तर:
(C) मनोहर देवी

6. महावीर प्रसाद द्विवेदी ने निराला की किस कविता को लौटा दिया था?
(A) परिमल
(B) जूही की कली
(C) बादल राग
(D) ध्वनि
उत्तर:
(B) जूही की कली

7. ‘निराला’ का निधन किस वर्ष हुआ?
(A) सन् 1961 में
(B) सन् 1962 में
(C) सन् 1963 में
(D) सन् 1964 में
उत्तर:
(A) सन् 1961 में

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8. ‘निराला’ ने सन् 1933 में किस पत्रिका का संपादन किया?
(A) नवनीत
(B) मतवाला
(C) निराला
(D) बाला
उत्तर:
(B) मतवाला

9. ‘निराला’ की बेटी का क्या नाम था?
(A) सरला
(B) नीलम
(C) मनोज
(D) सरोज
उत्तर:
(D) सरोज

10. ‘बादल राग’ कविता के रचयिता का नाम क्या है?
(A) तुलसीदास
(B) जयशंकर प्रसाद
(C) सुमित्रानंदन पंत
(D) सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
उत्तर:
(D) सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’

11. सरोज के निधन के बाद निराला ने बेटी के शोक में कौन-सा गीत लिखा?
(A) सरोज स्मृति
(B) आराधना
(C) अर्चना
(D) अणिमा
उत्तर:
(A) सरोज स्मृति

12. ‘राम की शक्ति पूजा’ के रचयिता का क्या नाम है?
(A) जयशंकर प्रसाद
(B) सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
(C) महादेवी वर्मा
(D) राम कुमार वर्मा
उत्तर:
(B) सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’

13. ‘निराला’ ने किस छंद में रचनाएँ लिखीं?
(A) दोहा छंद
(B) चौपाई छंद
(C) मुक्त छंद
(D) सोरठा छंद
उत्तर:
(C) मुक्त छंद

14. ‘तुलसीदास’ के रचयिता का क्या नाम है?
(A) तुलसीदास
(B) सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
(C) सूरदास
(D) कबीरदास
उत्तर:
(B) सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’

15. ‘बादल राग’ में बादल किसका प्रतीक है?
(A) शांति का
(B) क्रांति का
(C) प्रेम का
(D) सुख का
उत्तर:
(B) क्रांति का

16. ‘रुद्ध कोष है, क्षुब्ध तोष’-यहाँ रुद्ध का अर्थ है-
(A) क्रोधित
(B) रुका हुआ
(C) भरा हुआ
(D) खाली
उत्तर:
(B) रुका हुआ

17. ‘बादल राग’ कविता में बादल क्रांति के क्या हैं?
(A) वाहन
(B) दूत
(C) पोषक
(D) शोषक
उत्तर:
(B) दूत

18. प्रस्तुत कविता में ‘रण-तरी’ किससे भरी हुई है?
(A) धन
(B) आकांक्षाओं से
(C) नवजीवन
(D) गर्जन
उत्तर:
(B) आकांक्षाओं से

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19. शैशव का सुकुमार शरीर किसमें हँसता है?
(A) वर्षा
(B) घायलावस्था
(C) रोग-शोक
(D) गर्मी
उत्तर:
(C) रोग-शोक

20. ‘बादल राग’ कविता में क्रांति संसार में किसकी सृष्टि करती है?
(A) दुख और अशांति की
(B) सुख और शांति की
(C) सुख और अशांति की
(D) दुख और शांति की
उत्तर:
(B) सुख और शांति की

21. ‘रोग-शोक’ में भी किसका सकुमार शरीर हँसता है?
(A) यौवन
(B) शैशव
(C) धनी
(D) कृषक
उत्तर:
(B) शैशव

22. किसान का सार किसने चूस लिया है?
(A) सरकार ने
(B) नेता ने
(C) पत्नी और बच्चों ने
(D) पूँजीपति ने
उत्तर:
(D) पूँजीपति ने

23. ‘बादल राग’ कविता के अनुसार जल-विप्लव-प्लावन हमेशा किस पर होता है?
(A) वायु पर
(B) नभ पर
(C) जमीन पर
(D) कीचड़ पर
उत्तर:
(D) कीचड़ पर

24. ‘शीर्ण शरीर’ किसे कहा गया है?
(A) बालक को
(B) महिला को
(C) सैनिक को
(D) किसान को
उत्तर:
(D) किसान को

25. क्रांति का सबसे अधिक लाभ किस वर्ग को मिलता है?
(A) निम्न वर्ग
(B) धनी वर्ग
(C) पूँजीपति वर्ग
(D) सत्ताधारी वर्ग
उत्तर:
(A) निम्न वर्ग

26. ‘गगन स्पर्शी’, ‘स्पर्द्धा धीर’ किसे कहा गया है?
(A) वृक्षों को
(B) पर्वतों को
(C) बादलों को
(D) बिजली को
उत्तर:
(C) बादलों को

27. ‘बादल राग’ कविता में कवि ने सुखों को कैसा बताया है?
(A) चेतन
(B) जड़
(C) स्थिर
(D) अस्थिर
उत्तर:
(D) अस्थिर

28. ‘निराला’ ने अट्टालिकाओं को क्या कहा है?
(A) अजायबघर
(B) चिकित्सालय
(C) आतंक-भवन
(D) योग-भवन
उत्तर:
(C) आतंक-भवन

29. निराला ने ‘जीर्ण बाहु’ किसे कहा है?
(A) रोगी को
(B) वृद्ध को
(C) कृषक को
(D) बालक को
उत्तर:
(C) कृषक को

30. ‘विप्लव’ शब्द का अर्थ क्या है?
(A) क्षान्ति
(B) शान्ति
(C) भ्रान्ति
(D) क्रान्ति
उत्तर:
(D) क्रान्ति

31. क्रांति के बादलों की गर्जना सुनकर कौन-सा वर्ग भयभीत होता है?
(A) कृषक वर्ग
(B) श्रमिक वर्ग
(C) निम्न वर्ग
(D) पूँजीपति वर्ग
उत्तर:
(D) पूँजीपति वर्ग

बादल राग पद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

[1] तिरती है समीर-सागर पर
अस्थिर सुख पर दुख की छाया
जग के दग्ध हृदय पर
निर्दय विप्लव की प्लावित माया
यह तेरी रण-तरी
भरी आकांक्षाओं से,
घन, भेरी-गर्जन से सजग सुप्त अंकुर
उर में पृथ्वी के, आशाओं से
नवजीवन की, ऊँचा कर सिर,
ताक रहे हैं, ऐ विप्लव के बादल!
फिर-फिर [पृष्ठ-41]

शब्दार्थ-सागर = समद्र। अस्थिर = अस्थायी। जग = संसार। दग्ध = दखी। निर्दय = क्रर। प्लावित = पानी से भरा हुआ। माया = खेल, क्रीड़ा। रण-तरी = युद्ध की नौका। आकांक्षा = इच्छा, कामना। भेरी-गर्जन = युद्ध में बजने वाले नगाड़ों की आवाज़। अंकुर = बीज। उर = हृदय, मन। नवजीवन = नया उत्साह । ताकना = अपेक्षा से निरंतर देखना।

प्रसंग-प्रस्तुत पद्यांश हिंदी की पाठ्यपुस्तक ‘आरोह भाग 2’ में संकलित कविता ‘बादल राग’ से लिया गया है। इसके रचयिता सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ हैं। यहाँ कवि ने बादलों को विप्लवकारी योद्धा के रूप में चित्रित किया है।

व्याख्या कवि कहता है कि बादल वायु के रूप में समुद्र पर मंडरा रहे हैं। वे इस प्रकार उमड़-घुमड़कर सागर पर छाए हुए हैं जैसे क्षणिक सुखों पर दुखों की छाया मंडराती रहती है। ये बादल संसार के दुखों से पीड़ित हृदय पर एक क्रूर विनाशकारी क्रीड़ा करने जा रहे हैं। भाव यह है कि ये संसार के प्राणी शोषण तथा अभाव के कारण अत्यधिक दुखी हैं। बादल क्रांति का दूत बनकर उन दुःखों को नष्ट करना चाहते हैं।

कवि बादल को संबोधित करता हुआ कहता है हे विनाशकारी बादल! तुम्हारी यह युद्ध रूपी नौका असंख्य संभावनाओं से भरी हुई है। तुम अपनी गर्जना तर्जना के द्वारा क्रांति उत्पन्न कर सकते हो और विनाश भी कर सकते हो परंतु तुम्हारी गर्जना के नगाड़े सुनकर पृथ्वी के गर्भ में छिपे हुए अंकुर नवजीवन की आशा लिए हुए सिर उठाकर तुम्हारी ओर बार-बार देख रहे हैं। कवि कहता है कि हे विनाश के बादल! तुम्हारी क्रांतिकारी वर्षा ही पृथ्वी में दबे हुए अंकुरों को नया जीवन दे सकती है अतः तुम बार-बार गर्जना करके वर्षा करो। इस पद्य से यह अर्थ भी निकलता है कि क्रांति से ही समाज के शोषितों, पीड़ितों तथा दलितों का उद्धार हो सकता है और पूँजीपतियों का विनाश हो सकता है। अतः सामाजिक और आर्थिक विषमता को दूर करने के लिए क्रांति अनिवार्य है।

विशेष-

  1. यहाँ कवि ने बादलों को विप्लवकारी योद्धा के रूप में चित्रित किया है।
  2. कविता का मूल स्वर प्रगतिवादी है।
  3. छायावादी कविता होने के कारण इस कविता में लाक्षणिक पदावली का अत्यधिक प्रयोग हुआ है।
  4. ‘समीर-सागर’, ‘रण-तरी’, ‘विप्लव के बादल’ तथा ‘दुःख की छाया’ में रूपक अलंकार का सुंदर प्रयोग हुआ है।
  5. अन्यत्र अनुप्रास तथा पुनरुक्ति प्रकाश अलंकारों का भी सफल प्रयोग हुआ है।
  6. संस्कृतनिष्ठ साहित्यिक हिंदी भाषा का सफल प्रयोग किया गया है।
  7. शब्द-चयन उचित और भावाभिव्यक्ति में सहायक है।
  8. अंकुरों द्वारा सिर ऊँचा करके बादलों की ओर ताकने में दृश्य-बिंब की सुंदर योजना देखी जा सकती है।
  9. मुक्त छंद का सफल प्रयोग किया गया है।

HBSE 12th Class Hindi Solutions Aroh Chapter 7 बादल राग

पद पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
प्रश्न-
(क) कवि तथा कविता का नाम लिखिए।
(ख) अस्थिर सुख पर दुःख की छाया से कवि का क्या अभिप्राय है?
(ग) ‘जग के दग्ध हृदय’ का प्रयोग किस अर्थ में किया गया है?
(घ) बादल निर्दय विप्लव की रचना क्यों कर रहे हैं?
(ङ) घन भेरी की गर्जना सुनकर सोये हुए अंकुरों पर क्या प्रतिक्रिया हुई है?
(च) पृथ्वी के गर्भ में सोये हुए अंकुर ऊँचा सिर करके क्यों ताक रहे हैं?
उत्तर:
(क) कवि-सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’। कविता-बादल राग

(ख) वायु अस्थिर है और बादल घने हैं। इसी प्रकार सुख भी अस्थिर होते हैं परंतु दुःख स्थायी होते हैं। इसलिए कवि यह कहना चाहता है कि अस्थायी सुखों पर अनंत दुःखों की काली छाया मंडराती रहती है।

(ग) कवि का यह कहना है कि संसार के शोषित और गरीब लोग अभाव तथा शोषण के कारण दुखी और पीड़ित हैं। वे करुणा का जल चाहते हैं। इसलिए कवि ने बादल रूपी क्रांति से वर्षा करने की प्रार्थना की है।

(घ) बादल क्रांति का प्रतीक हैं। वह लोगों के निर्मम शोषण को देखकर ही विप्लव की रचना कर रहा है।

(ङ) बादलों की घनी गर्जना सुनकर पृथ्वी के गर्भ में अंकुर नवजीवन की आशा से जाग उठे हैं। वे पानी की आकांक्षा के कारण सिर ऊँचा करके बादलों को देख रहे हैं।

(च) पृथ्वी के गर्भ में सोये हुए अंकुर ऊँचा सिर करके इसलिए ताक रहे हैं क्योंकि उन्हें यह आशा है कि बादलों रूपी क्रांति के कारण उन्हें सुखद तथा नवीन जीवन की प्राप्ति होगी तथा उनके सारे कष्ट दूर हो जाएंगे।

[2] बार-बार गर्जन
वर्षण है मूसलधार,
हृदय थाम लेता संसार,
सुन-सुन घोर वज्र-हुंकार।
अशनि-पात से शापित उन्नत शत-शत वीर,
क्षत-विक्षत हत अचल-शरीर,
गगन-स्पर्शी स्पर्धा धीर।
हँसते हैं छोटे पौधे लघुभार
शस्य अपार,
हिल-हिल
खिल-खिल,
हाथ हिलाते,
तुझे बुलाते,
विप्लव-रव से छोटे ही हैं शोभा पाते। [पृष्ठ-41]

शब्दार्थ-गर्जन = गरजना। मूसलधार = मोटी-मोटी बारिश। हृदय थामना = डर जाना। घोर = घना, भयंकर। वज्र-हुंकार = वज्रपात के समान भीषण आवाज़। अशनि-पात = बिजली का गिरना। उन्नत = बड़ा, विशाल। शत-शत = सैकड़ों। क्षत-विक्षत = घायल। हत = मरा हुआ। अचल = पर्वत। गगन-स्पर्शी = आकाश को छूने वाला। स्पर्द्धा धीर = आगे बढ़ने की होड़ करने के लिए बेचैन। लघुभार = हल्के। शस्य = हरियाली। अपार = बहुत अधिक। विप्लव = क्रांति, विनाश। रख = शोर।

प्रसंग-प्रस्तुत पद्यांश हिंदी की पाठ्यपुस्तक ‘आरोह भाग 2’ में संकलित कविता ‘बादल राग’ से लिया गया है। इसके रचयिता सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जी हैं। प्रस्तुत कविता में कवि ने बादलों के माध्यम से क्रांति का आह्वान किया है।

व्याख्या-कवि कहता है कि हे बादल! तुम्हारे बार-बार गर्जने तथा मूसलाधार वर्षा करने से सारा संसार डर के कारण अपना कलेजा थाम लेता है क्योंकि तुम्हारी भयंकर गर्जन और वज्र जैसी घनघोर आवाज़ को सुनकर लोग काँप उठते हैं। सभी को तुम्हारी विनाश-लीला का डर लगा रहता है। भाव यह है कि क्रांति का स्वर सुनकर लोग आतंकित हो उठते हैं। कवि पुनः कहता है कि बादलों के भयंकर वज्रपात से उन्नति की चोटी पर पहुँचे हुए सैकड़ों योद्धा अर्थात् पूँजीपति भी पराजित होकर धूलि चाटने लगते हैं। आकाश को छूने की होड़ लगाने वाले ऊँचे-ऊँचे स्थिर पर्वत भी बादलों के भयंकर वज्रपात से घायल होकर खंड-खंड हो जाते हैं। अर्थात् जो पर्वत अपनी ऊँचाई के द्वारा आकाश से स्पर्धा करते हैं वे भी बादलों की बिजली गिरने से खंड-खंड होकर नष्ट हो जाते हैं। जो लोग जितने ऊँचे होते हैं उतने ही वे विनाश के शिकार बनते हैं। परंतु बादलों की इस विनाश-लीला में छोटे-छोटे पौधे हँसते हैं और मुस्कराते हैं, क्योंकि विनाश से उन्हें जीवन मिलता है। वे हरे-भरे होकर लहलहाने लगते हैं। वे छोटे-छोटे पौधे खिलखिलाते हुए और अपने हाथ हिलाते हुए तुम्हें निमंत्रण देते हैं। तुम्हारे आने से उन्हें एक नया जीवन मिलता है। हे बादल! क्रांति के विनाश से हमेशा छोटे तथा गरीब लोगों को ही लाभ होता है।

विशेष-

  1. यहाँ कवि ने बादल को क्रांति का प्रतीक सिद्ध किया है और उन्हें ‘विप्लव के वीर’ की संज्ञा दी है।
  2. कवि ने प्रतीकात्मक शब्दावली अपनाते हुए क्रांति की भीषणता की ओर संकेत किया है। ‘गर्जन’, ‘वज्र-हुंकार’, ‘छोटे-पौधे’ ‘अचल’ आदि सभी प्रतीक हैं।
  3. संपूर्ण पद में मानवीकरण अलंकार का सफल प्रयोग किया गया है तथा पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
  4. ‘हाथ हिलाते तुझे बुलाते’ गतिशील बिंब है।
  5. यहाँ कवि ने संस्कृतनिष्ठ शुद्ध साहित्यिक हिंदी भाषा का प्रयोग किया है।
  6. शब्द-चयन उचित और भावानुकूल है।
  7. ओज गुण है तथा मुक्त छंद का प्रयोग किया गया है।

पद पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
प्रश्न-
(क) क्या आप बादल को क्रांति का प्रतीक मानते हैं?
(ख) बादलों की मूसलाधार वर्षा से सृष्टि पर क्या प्रभाव पड़ता है?
(ग) बादलों के अशनि-पात से किसे हानि होती है और क्यों?
(घ) छोटे पौधे किसके प्रतीक हैं और वे क्यों हँसते हैं?
(ङ) कवि ने गगन-स्पर्शी स्पर्द्धा धीर किसे कहा है और क्यों?
उत्तर:
(क) निश्चित ही बादल क्रांति के प्रतीक हैं। कवि ने बादलों के क्रांतिकारी रूप को स्पष्ट करने के लिए उन्हें ‘विप्लव के वीर’ कहा है। जिस प्रकार क्रांति होने पर चारों ओर गर्जन-तर्जन और विनाश होता है उसी प्रकार विप्लवकारी बादल भी मूसलाधार वर्षा तथा अशनिपात से विनाश की लीला रचते हैं।

(ख) बादलों की मूसलाधार वर्षा से संसार के लोग घबरा जाते हैं और डर के मारे अपना हृदय थाम लेते हैं। बादलों की घोर वज्र हुंकार लोगों में भय उत्पन्न करती है।

(ग) बादलों के अशनि-पात अर्थात् बिजली गिरने से विशाल आकार के ऊँचे-ऊँचे पर्वतों को हानि होती है। निरंतर वर्षा होने से और ओले पड़ने से ये पर्वत क्षत-विक्षत हो जाते हैं।

(घ) छोटे पौधे शोषित तथा अभावग्रस्त लोगों के प्रतीक हैं। बादल रूपी क्रांति से शोषितों को ही लाभ पहुँचता है। पुनः वर्षा का जल पाकर गरीब किसान और मजदूर प्रसन्न हो जाते हैं क्योंकि इससे उन्हें एक नया जीवन मिलता है।

(ङ) कवि ने गगन-स्पर्शी स्पर्धा धीर शब्दों का प्रयोग पूँजीपतियों के लिए किया है। क्योंकि वे अपने धन-वैभव के कारण समाज में ऊँचा स्थान पा चुके हैं। उनके ऊँचे-ऊँचे भवन आकाश को स्पर्श करने में होड़ लगा रहे हैं। धन-वैभव को लेकर उनमें होड़ मची हुई है।

[3] अट्टालिका नहीं है रे
आतंक-भवन
सदा पंक पर ही होता
जल-विप्लव-प्लावन,
क्षुद्र प्रफुल्ल जलज से
सदा छलकता नीर,
रोग-शोक में भी हँसता है
शैशव का सुकुमार शरीर।
रुद्ध कोष है, क्षुब्ध तोष
अंगना-अंग से लिपटे भी
आतंक अंक पर काँप रहे हैं।
धनी, वज्र-गर्जन से बादल!
त्रस्त नयन-मुख ढाँप रहे हैं। [पृष्ठ-42-43]

शब्दार्थ-अट्टालिका = महल। आतंक-भवन = भय का निवास। पंक = कीचड़। प्लावन = बढ़ा। क्षुद्र = तुच्छ। रुद्ध = रुका हुआ। कोष = खजाना। अंगना = पत्नी। अंक = गोद। वज्र-गर्जन = वज्र के समान गर्जना। त्रस्त = डरा हुआ। नयन = नेत्र, आँख।

प्रसंग-प्रस्तुत पद्यांश हिंदी की पाठ्यपुस्तक ‘आरोह भाग 2’ में संकलित कविता ‘बादल राग’ से लिया गया है। इसके रचयिता सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ हैं। यहाँ कवि ने अट्टालिकाओं को आतंक भवन कहा है क्योंकि उनमें रहने वाले अमीर लोग गरीबों का खून चूसकर धन पर कुंडली मारे बैठे हैं। ऐसे लोग ही क्रांति के स्वर से डरते हैं।

व्याख्या कवि कहता है कि हमारे समाज में जो ऊँचे-ऊँचे भवन हैं, ये अट्टालिकाएँ नहीं हैं, बल्कि इनमें तो भय और त्रास का निवास है। इनमें रहने वाले अमीर लोग हमेशा क्रांति से आतंकित रहते हैं। बादलों की विनाश लीला तो हमेशा कीचड़ में ही होती है। उसी में बाढ़ और विनाश के दृश्य देखे जा सकते हैं। कवि के कहने का भाव है कि समाज के गरीब और शोषित लोग ही क्रांति करते हैं। अमीर लोग तो हमेशा भय के कारण डरे रहते हैं। गरीब लोगों को क्रांति से कोई फर्क नहीं पड़ता। कवि कहता है कि पानी में खिले हुए छोटे-छोटे कमलों से हमेशा पानी रूपी आँसू टपकते रहते हैं। यहाँ कमल पूँजीपतियों के प्रतीक हैं जो विप्लव से हमेशा डरते रहते हैं, परंतु समाज का गरीब वर्ग सुकुमार बच्चों के समान है जो रोग और शोक में भी हमेशा हँसता और मुस्कुराता रहता है। अतः क्रांति होने से उन्हें आनंद की प्राप्ति होती है।

परंतु पूँजीपति लोगों ने अपने खजाने को धन से परिपूर्ण करके उसे सुरक्षित रखा हुआ है। जिससे गरीब लोगों का संतोष उबलने को तैयार है। यही कारण है कि अमीर लोग हमेशा आतंकित रहते हैं और वे क्रांति रूपी बादल की गर्जना को सुनकर अपनी सुंदर स्त्रियों के अंगों से लिपटे हुए हैं लेकिन आतंक की गोद में वे काँप रहे हैं। बादलों की भयंकर गर्जना को सुनकर वे अपनी आँखें बंद किए हुए हैं और मुँह को छिपाए हुए हैं। भाव यह है कि क्रांति से पूँजीपति लोग ही डरते हैं, गरीब लोग नहीं डरते।

विशेष-

  1. इस पद में कवि ने समाज के शोषकों के प्रति अपनी घृणा को व्यक्त किया है और शोषितों के प्रति सहानुभूति दिखाई है।
  2. यहाँ कवि क्रांति के प्रभाव को दिखाने में सफल रहा है।
  3. संपूर्ण पद में प्रतीकात्मक शब्दावली का खुलकर प्रयोग किया गया है; जैसे ‘पंक’ निम्न वर्ग का प्रतीक है और ‘जलज’ धनी वर्ग का प्रतीक है।
  4. अनुप्रास, स्वर मैत्री तथा अपहति अलंकारों का स्वाभाविक प्रयोग किया गया है।
  5. तत्सम् प्रधान साहित्यिक हिंदी भाषा का सफल प्रयोग हुआ है।
  6. शब्द-चयन उचित और भावाभिव्यक्ति में सहायक है।
  7. ओज गुण है तथा मुक्त छंद का सफल प्रयोग है।

HBSE 12th Class Hindi Solutions Aroh Chapter 7 बादल राग

पद पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
प्रश्न-
(क) ‘अट्टालिका नहीं है रे आतंक-भवन’ का आशय क्या है?
(ख) पंक और अट्टालिका किसके प्रतीक हैं?
(ग) रोग-शोक में कौन हँसता रहता है और क्यों?
(घ) ‘क्षुद्र प्रफुल्ल जलज से सदा छलकता नीर’ का भावार्थ स्पष्ट करें।
(ङ) कौन लोग आतंक अंक पर काँप रहे हैं और डर कर अपने नयन-मुख ढाँप रहे हैं?
उत्तर:
(क) यहाँ कवि यह स्पष्ट करता है कि बड़े-बड़े पूंजीपतियों के भवन अट्टालिकाएँ नहीं हैं, बल्कि वे तो आतंक के भवन हैं अर्थात् क्रांति का नाम सुनते ही वे डर के मारे काँपने लगते हैं। महलों में रहते हुए भी वे घबराए रहते हैं।

(ख) पंक समाज के शोषित व्यक्ति का प्रतीक है और अट्टालिका शोषक पूँजीपतियों का प्रतीक है।

(ग) समाज का निम्न वर्ग रूपी सुकुमार शिशु ही रोग और शोक में हमेशा हँसता रहता है क्योंकि वह संघर्षशील और जुझारू होता है। क्रांति होने से ही उसे लाभ पहुंचने की संभावना है।

(घ) जब वर्षा रूपी क्रांति होती है तो जल में उत्पन्न कमल रोते हैं और आँसू बहाते हैं। भाव यह है कि क्रांति के फलस्वरूप सुविधाभोगी लोग घबराकर आँसू बहाने लगते हैं। उन्हें इस बात का डर होता है कि उनसे उनकी पूँजी छीन ली जाएगी।

(ङ) पूँजीपति लोग अपने महलों में अपनी पत्नियों से लिपटे हुए भी काँप रहे हैं। उनके मन में क्रांति का डर है। उन्हें इस बात का भय लगा हुआ है कि क्रांति के कारण उनकी सुख-सुविधाएँ छिन जाएँगी। इसलिए वे भयभीत होकर अपने नेत्रों और मुख को छिपाने का प्रयास कर रहे हैं।

[4] जीर्ण बाहु, है शीर्ण शरीर,
तुझे बुलाता कृषक अधीर,
ऐ विप्लव के वीर!
चूस लिया है उसका सार,
हाड़-मात्र ही है आधार,
ऐ जीवन के पारावार! [पृष्ठ-43]

शब्दार्थ-जीर्ण = जर्जर। शीर्ण = कमज़ोर। कृषक = किसान। अधीर = बेचैन। विप्लव = विनाश। सार = प्राण। पारावार = सागर।

प्रसंग प्रस्तुत पद्यांश हिंदी की पाठ्यपुस्तक ‘आरोह भाग 2′ में संकलित कविता ‘बादल राग’ से लिया गया है। इसके रचयिता सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जी हैं। यहाँ कवि ने किसानों की दुर्दशा का यथार्थ वर्णन किया है। कवि बादलों का आह्वान करता हुआ कहता है कि वह मूसलाधार वर्षा करके गरीब तथा शोषित किसानों की सहायता करें।

व्याख्या कवि बादलों को संबोधित करता हुआ कहता है, हे जीवन के सागर! देखो, यह जर्जर भुजाओं तथा दुर्बल शरीर वाला किसान बेचैन होकर तुम्हें अपनी ओर बुला रहा है। हे विनाश करने में निपुण बादल! तुम वर्षा करके देश के गरीब तथा शोषित किसान की सहायता करो। उसकी भुजाएँ जर्जर हो चुकी हैं तथा शरीर कमज़ोर हो गया है। उसकी भुजाओं के बल को तथा उसके जीवन के रस को पूँजीपतियों ने चूस लिया है। भाव यह है कि देश के धनिक वर्ग ने ही किसान का शोषण करके उसकी बुरी हालत कर दी है। अब उस किसान में केवल हड्डियों का पिंजर शेष रह गया है। आज की पूँजीवादी शोषक अर्थव्यवस्था ने उसके खून और माँस को चूस लिया है। हे बादल! तुम तो जीवन के दाता हो, विशाल सागर के समान हो। तुम वर्षा करके एक ऐसी क्रांति पैदा कर दो जिससे कि वह किसान शोषण से मुक्त हो सके और सुखद जीवनयापन कर सके।

विशेष-

  1. यहाँ कवि ने भारतीय किसानों की दुर्दशा के लिए आज की शोषण-व्यवस्था को उत्तरदायी माना है। देश के पूँजीपतियों और महाजनों ने किसानों का भरपूर शोषण किया है।
  2. पस्तुत पद्यांश से प्रगतिवादी स्वर मुखरित हुआ है। कवि ने बादल को एक क्रांतिकारी योद्धा के रूप में प्रस्तुत किया है।
  3. संपूर्ण पद्य में बादल का सुंदर मानवीकरण किया गया है।
  4. तत्सम् प्रधान संस्कृतनिष्ठ साहित्यिक हिंदी भाषा का प्रयोग है। शब्द-चयन उचित और भावाभिव्यक्ति में सहायक है।
  5. प्रसाद गुण होने के कारण करुण रस का परिपाक हुआ है और मुक्त छंद का प्रयोग हुआ है।

पद पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर
प्रश्न-
(क) जीर्ण बाहु, है शीर्ण शरीर, शब्दों का प्रयोग किसके लिए किया गया है और क्यों?
(ख) कृषक को अधीर क्यों कहा गया है?
(ग) कवि ने ‘विप्लव के वीर’ किसे कहा है और क्यों?
(घ) जीवन के पारावर किसे कहा गया है और क्यों?
(ङ) ‘चूस लिया है उसका सार’ का आशय स्पष्ट करो।
उत्तर:
(क) यहाँ कवि ने जीर्ण बाहु और शीर्ण शरीर शब्दों का प्रयोग किसान के लिए किया है। शोषण तथा अभाव के कारण उसकी भुजाएँ जीर्ण हो चुकी हैं और शरीर दुर्बल और हीन हो चुका है। इसलिए कवि ने किसान के लिए जीर्ण बाहु और शीर्ण शरीर शब्दों का प्रयोग किया है।

(ख) शोषण तथा अभावों के कारण भारत का किसान दरिद्र और लाचार है। पूँजीपतियों ने उसका सब कुछ छीन लिया है। उसे आशा है कि क्रांति के फलस्वरूप परिवर्तन होगा और पूँजीवाद का विनाश होगा, इसलिए वह क्रांति के बादलों की ओर बड़ी बेचैनी से देख रहा है।

(ग) कवि ने बादलों को विप्लव के वीर कहा है क्योंकि कवि ने बादलों को क्रांति का प्रतीक माना है। जिस प्रकार बादल मूसलाधार वर्षा से समाज की व्यवस्था को भंग कर देते हैं, उसी प्रकार क्रांति भी पूँजीपतियों का विनाश कर देती है।

(घ) क्रांति रूपी बादल को ही जीवन का पारावार अर्थात् सागर कहा गया है। जिस प्रकार बादल वर्षा करके फसल को नया जीवन देते हैं, उसी प्रकार क्रांति भी पूँजीपतियों का विनाश करके गरीब लोगों को सहारा देती है और उनका विकास करती है।

(ङ) यहाँ कवि यह कहना चाहता है कि धनिक वर्ग ने किसान वर्ग का शोषण करके उसके शरीर के सारे रस को मानों चूस लिया है अर्थात् शोषण के कारण किसान की दशा बुरी हो चुकी है। अब तो किसान हड्डियों का पिंजर मात्र बनकर रह गया है।

बादल राग Summary in Hindi

बादल राग कवि-परिचय

प्रश्न-
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ का संक्षिप्त जीवन-परिचय देते हुए उनकी काव्यगत विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
अथवा
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ का साहित्यिक परिचय अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
1. जीवन-परिचय-महाकवि ‘निराला’ छायावाद के चार प्रमुख कवियों में से एक थे। आधुनिक हिंदी साहित्य के विकास में उनका महान योगदान है। उनका जन्म सन् 1899 में बंगाल के महिषादल नामक रियासत में बसंत पंचमी के दिन हुआ था। इनके पिता पं० रामसहाय त्रिपाठी उन्नाव जिले के रहने वाले थे, किंतु जीविकोपार्जन के लिए महिषादल नामक रियासत में आकर बस गए थे। बचपन में ही निराला जी की माता का स्वर्गवास हो गया था। उनके पिता अनुशासनप्रिय थे। इसलिए उनके इस स्वभाव के कारण बालक सूर्यकांत को अनेक बार मार खानी पड़ी। 13 वर्ष की आयु में ही निराला जी का विवाह मनोहर देवी नामक कन्या से कर दिया गया था, किंतु वह एक पुत्र और पुत्री को जन्म देकर स्वर्ग सिधार गई। निराला जी को साहित्य जगत् में भी आरंभ में अनेक विरोधों का सामना करना पड़ा। उनकी अनेक रचनाएँ व लेख अप्रकाशित ही लौटा दिए जाते थे। महावीर प्रसाद द्विवेदी ने उनकी ‘जूही की कली’ कविता लौटा दी थी, किंतु बाद में उनसे मिलने पर द्विवेदी जी भी उनकी प्रतिभा से प्रभावित हुए बिना रह न सके। सन् 1933 में निराला जी ने ‘मतवाला’ नामक पत्रिका का संपादन किया। इसके पश्चात् उन्होंने रामकृष्ण मिशन के दार्शनिक पत्र ‘समन्वय’ का भी संपादन किया। पुत्री सरोज के निधन ने निराला जी को बुरी तरह तोड़ दिया। जीवन के अंतिम दिनों में तो वे विक्षिप्त से हो गए थे। जीवन में संघर्ष करते हुए और माँ भारती का आँचल अपनी रचनाओं से भरते हुए निराला जी सन् 1961 में इस संसार से चल बसे।

2. प्रमुख रचनाएँ निराला जी बहुमुखी प्रतिभा के स्वामी थे। उन्होंने साहित्य की विविध विधाओं पर सफलतापूर्वक लेखनी चलाई है और अनेक रचनाओं का निर्माण किया है। उनकी प्रमुख रचनाएँ इस प्रकार हैं
(i) काव्य-संग्रह-‘परिमल’, ‘गीतिका’, ‘तुलसीदास’, ‘अनामिका’, कुकुरमुत्ता’, ‘अणिमा’, ‘बेला’, ‘नए पत्ते’, ‘अपरा’, ‘अर्चना’, ‘आराधना’ आदि।

(ii) कहानी-संग्रह ‘लिली’, ‘सखी’, ‘सुकुल की बीबी’, ‘चतुरी चमार’ आदि।

(iii) उपन्यास-‘अप्सरा’, ‘अलका’, ‘प्रभावती’, ‘निरुपमा’, ‘चोटी की पकड़’, ‘काले कारनामे’, ‘चमेली’ आदि।
‘कुल्ली भाट’ तथा ‘बिल्लेसुर बकरिहा’ उनके रेखाचित्र (आँचलिक उपन्यास) हैं। उन्होंने रेखाचित्र, आलोचना साहित्य, निबंध तथा जीवनी साहित्य की भी रचना की और अनुवाद कार्य भी किया।

HBSE 12th Class Hindi Solutions Aroh Chapter 7 बादल राग

3. काव्यगत विशेषताएँ-सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की काव्य यात्रा बहुत लंबी रही है। उन्होंने एक छायावादी, प्रगतिवादी तथा प्रयोगवादी कवि के रूप में हिंदी साहित्य को समृद्ध किया। उनके काव्य की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं

(i) वैयक्तिकता की भावना-‘निराला’ जी के काव्य में वैयक्तिकता की भावना की प्रधानता है। ‘अपरा’ की अनेक कविताओं में कवि ने अपनी आंतरिक अनुभूतियों को व्यक्त किया है। यह प्रकृति उनकी ‘राम की शक्ति पूजा’, ‘जूही की कली’ आदि कविताओं में देखी जा सकती है। ‘सरोज स्मृति’ में कवि ने निजी दुख का वर्णन किया है
दुख ही जीवन की कथा रही
क्या कहूँ आज, जो नहीं कही।

(ii) विद्रोह का स्वर-छायावादी कवियों में ‘निराला’ एक ऐसे कवि हैं जिनके काव्य में विद्रोह का स्वर है। एक स्वच्छंदतावादी कवि होने के कारण उन्होंने पुरातन रूढ़ियों तथा जड़ परंपराओं को तोड़ने का प्रयास किया। काव्य जगत में उन्होंने सबसे पहले मुक्त छंद का प्रयोग किया। भले ही इसके लिए उनको तत्कालीन साहित्यकारों तथा संपादकों के विरोध को सहन करना पड़ा। ‘सरोज स्मृति’ नामक कविता में वे अपनी बेटी सरोज के वर से कहते हैं
तुम करो ब्याह, तोड़ता नियम
मैं सामाजिक योग के प्रथम
लग्न के पदँगा स्वयं मंत्र
यदि पंडित जी होंगे स्वतंत्र।

(iii) राष्ट्रीय चेतना-महाकवि ‘निराला’ के काव्य में देश-प्रेम की भावना देखी जा सकती है। वे सही अर्थों में राष्ट्रवादी कवि थे। ‘भारतीय वंदना’. ‘जागो फिर एक बार’, ‘तलसीदास’, ‘छत्रपति शिवाजी का पत्र’ आदि कविताओं में कवि ने देश-प्रेम की भावना को व्यक्त किया है। उनकी कुछ कविताएँ भारत की स्वतंत्रता का संदेश भी देती हैं। ‘खून की होली जो खेली’ उन युवकों के सम्मान में लिखी गई है जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया। इसी प्रकार ‘जागो फिर एक बार’ कविता में कवि भारतवासियों को यह संदेश देता है कि वे गुलामी के बंधन तोड़कर देश को आजाद कराएँ। ‘जागो फिर एक बार’ से एक उदाहरण देखिए
समर अमर कर प्राण
गान गाए महासिंधु-से
सिंधु-नद-तीर वासी!
सैंधव तुरंगों पर
चतुरंग चमुसंग
सवा सवा लाख पर
एक को चढ़ाऊँगा,
गोबिंद सिंह निज
नाम जब कहलाऊँगा।

(iv) प्रकृति वर्णन छायावादी कवि होने के कारण ‘निराला’ जी ने प्रकृति के अनेक चित्र अंकित किए हैं। उन्होंने प्रकृति के आलम्बन, उद्दीपन, मानवीकरण आदि विभिन्न रूपों का सुंदर चित्रण किया है। बादलों से ‘निराला’ जी को विशेष लगाव था, अतः ‘बादल राग’ संबंधी उनकी छह कविताएँ उपलब्ध होती हैं। ‘बादल राग’ की पहली कविता में कवि ने प्रकृति के आलंबन रूप का वर्णन करते हुए लिखा है
बार-बार गर्जन
वर्षण है मूसलधार,
हृदय थाम लेता संसार,
सुन-सुन घोर वज्र-हुंकार।
इसी प्रकार ‘देवी सरस्वती’ नामक कविता में कवि ने सर्वथा नवीन शैली अपनाते हुए शरद् ऋतु का वर्णन किया है।

(v) प्रगतिवादी भावना–’निराला’ जी एक सच्चे प्रगतिवादी कवि थे। उन्होंने जहाँ एक ओर पूँजीपतियों के प्रति अपना तीव्र आक्रोश व्यक्त किया है वहाँ दूसरी ओर शोषितों के प्रति सहानुभूति की भावना भी दिखाई है। ‘कुकुरमुत्ता’, ‘तोड़ती पत्थर’, ‘भिक्षुक’, ‘विधवा’ आदि कविताओं में कवि ने प्रगतिवादी दृष्टिकोण को व्यक्त किया है। ‘भिक्षुक’ से एक उदाहरण देखिए
वह आता दो ट्रक कलेजे के करता, पछताता
पथ पर आता।
पेट पीठ दोनों मिलकर हैं एक,
चल रहा लकुटिया टेक,
मुट्ठी-भर दाने को-भूख मिटाने को,
मुँह फटी पुरानी झोली का फैलाता

(vi) प्रेम और सौंदर्य का वर्णन-‘निराला’ जी ने अपने आरंभिक काव्य में प्रेम और सौंदर्य का खुलकर वर्णन किया है। ‘जूही की कली’ में कवि ने स्थूल श्रृंगार का वर्णन किया है, परन्तु अन्य कविताओं में उन्होंने बड़े उदात्त और पावन श्रृंगार का वर्णन किया है। कुछ स्थलों पर कवि का प्रेम-वर्णन लौकिक होने के साथ-साथ अलौकिक प्रतीत होने लगता है जिसके फलस्वरूप ‘निराला’ जी एक रहस्यवादी कवि प्रतीत होने लगते हैं। ‘तुम और मैं’, ‘यमुना के प्रति’ आदि कविताओं में कवि की रहस्यवादी भावना देखी जा सकती है।

4. कला-पक्ष-एक सफल छायावादी कवि होने के कारण ‘निराला’ जी ने तत्सम् प्रधान शुद्ध साहित्यिक हिंदी भाषा का प्रयोग किया है। ‘निराला’ जी का भाषा के बारे में दृष्टिकोण बहुत उदार रहा है। यदि कुछ स्थलों पर वे समास बहुल संस्कृत के शब्दों का प्रयोग करते हैं तो अन्य स्थलों पर वे सामान्य बोलचाल की भाषा का भी प्रयोग करते हैं। उदाहरण के रूप में ‘राम की शक्ति पूजा’ की भाषा संस्कृतनिष्ठ है लेकिन ‘तोड़ती पत्थर’ की भाषा सहज, सरल और सामान्य बोलचाल की भाषा है। ‘कुकुरमुत्ता’ में कवि ने उर्दू तथा अंग्रेज़ी के शब्दों का खुलकर प्रयोग किया है। अन्यत्र कवि ने लाक्षणिक तथा प्रतीकात्मक पदावली का भी प्रयोग किया है। इसके साथ-साथ कवि ने अपनी भाषा में शब्दालंकारों के साथ-साथ अर्थालंकारों का भी प्रयोग किया है। अनुप्रास, यमक, श्लेष, उपमा, उत्प्रेक्षा, रूपकातिशयोक्ति, विभावना आदि अलंकारों का प्रयोग उनके काव्य में देखा जा सकता है। पुनः निराला जी ने संपूर्ण काव्य मुक्त छंद में ही लिखा है। यही कारण है कि वे मुक्त छंद के प्रवर्तक माने गए हैं।

बादल राग कविता का सार

प्रश्न-
‘बादल राग’ कविता का सार अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
‘बादल राग’ नामक कविता सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की एक उल्लेखनीय कविता है। इसमें बादल क्रांति का प्रतीक है। कवि कहता है कि वायु रूपी सागर पर क्रांतिकारी बादलों की सेना इस प्रकार छाई हुई है जैसे क्षणिक सुखों पर दुखों के बादल मंडराते रहते हैं। संसार के दुखी लोगों के लिए अनेक संभावनाएँ उत्पन्न होने लगी हैं। लगता है कि एक क्रूर क्रांति होने जा रही है। बादल युद्ध की नौका के संमान गर्जना-तर्जना करते हुए, नगाड़े बजाते हुए उमड़ रहे हैं। दूसरी ओर पृथ्वी की कोख में दबे हुए आशा रूपी नए अंकुर इन बादलों को देख रहे हैं। उन सोये हुए अंकुरों के मन में नवजीवन की आशा है। अतः वे अपना सिर ऊपर उठाकर बार-बार क्रांति के बादलों की ओर देख रहे हैं।

ऐ बादल तुम्हारी घनघोर गर्जन, मूसलाधार वर्षा तथा बिजली की ‘कड़कन’ को सुनकर बड़े-बड़े शूरवीर योद्धा भी धराशायी हो जाते हैं। उनके शरीर क्षत-विक्षत हो जाते हैं और चट्टानें खिसकने लगती हैं। जबकि बादल आपस में होड़ लगाकर निरंतर आगे बढ़ते हैं, परंतु छोटे-छोटे पौधे बादलों को देखकर अत्यधिक प्रसन्न होते हैं। वे बार-बार अपना हाथ हिलाकर बादलों को अपने पास बुलाते हैं। कवि कहता है कि क्रांति की गर्जना से छोटे अथवा गरीब लोगों को लाभ प्राप्त होता है। परंतु ऊँची-ऊँची अट्टालिकाएँ आतंक-भवन के समान हैं। उनमें रहने वाले अमीर लोग समाज का सारा पैसा इकट्ठा करके उस पर कुंडली मारकर बैठे हुए हैं। वे डर के मारे काँप रहे हैं, क्योंकि क्रांति की गर्जना सुनकर वे डर जाते हैं और अपनी पत्नी के अंगों से चिपटकर काँपने लगते हैं। परंतु दूसरी ओर कीचड़ में तो उत्सव मनाया जा रहा है। कीचड़ से पैदा होने वाले कमल से पानी छलकता रहता है क्योंकि वह कमल शोषित और गरीब का प्रतीक है। गरीबों के बच्चे रोग, शोक और इस विप्लव में हँसते रहते हैं। अब कवि भारतीय किसानों की चर्चा करता हुआ कहता है कि किसान की भुजाएँ दुबली-पतली हैं और शरीर कमज़ोर हो चुका है और वह बेचैन होकर बादल को अपने पास बुलाता है। पूँजीपति ने उसके जीवन के रस को छीन लिया है। अब तो उसके शरीर में मात्र हड्डियाँ बची हैं। अतः कवि बादलों को क्रांति का दूत मानकर किसानों की सहायता करने के लिए कहता है।

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HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 7 Getting to Know Plants

Haryana State Board HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 7 Getting to Know Plants Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Science Solutions Chapter 7 Getting to Know Plants

HBSE 6th Class Science Getting to Know Plants Textbook Questions and Answers

Exercises

Question 1.
Correct the following statements and rewrite them in your note book.
(a) Stem absorbs water and minerals from the soil.
(b) Leaves hold the plant upright.
(c) Roots conduct water to the leaves.
(d) The number of petals and sepals in a flower is always equal.
(e) If the sepals of a flower are joined together, its petals are joined to the petals.
(f) If the petals of a flower are joined together then the pistil is joined to the petal.
Answer:
(a) Root absorbs water and minerals from the soil.
(b) Stem hold the plant upright.
(c) Stem conduct water to the leaves.
(d) The number of sepals and petals in a flower are equal.
(e) If the sepals of a flower are joined together its petals not joined together.
(f) If the petals of a flower joined together, its pistil not joined together.

Question 2.
Draw (a) a leaf, (b) a tap root and (c) a flower.
Answer:
HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 7 Getting to Know Plants 1

Question 3.
Can you find a plant in your house or in your neighbourhood. Which has long but a weak stem? Write its name. In which category would you classify it?
Answer:
The plant found in our house is money plant, which has weak and long stem. Such type of stem need support and they are called climbers. Guard plant and grapevine also have climber stems.

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Question 4.
What are the function of a stem in a plant?
Answer:
Functions of a stem in a plant:

  • It forms a link between the roots and the other parts of a plant.
  • It provides path for the conduction of water and minerals absorbed by roots to different parts of the plant.
  • It bears leaf in such a way that they get maximum sunlight and support them.
  • It upholds the plant upright.
  • It bears the flowering parts of the plants.

Question 5.
Which of the following leaves have reticulate venation?
Wheat, Tulsi, Grass, Dhania, China rose, Maize.
Answer:
Tulsi, Dhania, China rose.

Question 6.
If a plant has fibrous root, what type of venation do its leaves likey to have?
Answer:
Parallel venation.

Question 7.
If a plant has leaves with reticulate venation, what kind of roots will it have?
Answer:
The root of plants will be tap root.

Question 8.
Is it possible for you to recognize the leaves without seeing them? How?
Answer:
Yes, we can recognize the leaves without seeing. We can recognize leaves by touching or by smelling.
Examples: Sugarcane, Bananas, Maize, Tulsi, Podina, Dhania etc.

Question 9.
Write the names of the parts of a flower:
Answer:
Parts of a flower : (i) Sepals (ii) Petals (iii) Stamens (iv) Pistil

Question 10.
Which of the following plants have you seen? Off those you have you have seen, which one have flowers.
Answer:
Do it your self.

Question 11.
Name the part of the plant which produces its food. Name this process.
Answer:
Leaf, produces their own food. The process of producing food by leaves is called photosynthesis.

Question 12.
In which part of a flower you likely to find the ovary?
Answer:
The ovary is found in pistil part of a flower.

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Question 13.
Name two flowers each with joined and separated sepals.
Answer:
(a) Flowers with joined sepals are (i) sunflower, (ii) cotton.

(b) Flowers with separate sepals: (i)Rose, (ii) Mustard plant.

Question 14.
Names the parts of the plant which are hidden in this grid. Search for them by going up and down or even diagonally forward as well as backward. Have fun,
Answer:
Do it your self.

HBSE 6th Class Science Getting to Know Plants Important Questions and Answers

Very Short Answer Type Questions

Question 1.
What are herbs?
Answer:
Small and non woody plants are called herbs.

Question 2.
Name any two herbs.
Answer:
Wheat, balsam.

Question 3.
Define shrubs.
Answer:
Medium sized plants within branches starting just above the ground.

Question 4.
Name any three shrubs.
Answer:
Heena, lemon and bougainvillea.

Question 5.
Define trees.
Answer:
Woody plants having a large single stem, which grows for some distance from the ground.

Question 6.
Give examples of three trees.
Answer:
Neem, Mango, Coconut.

Question 7.
What are non-flowering plants?
Answer:
The plants which do not bear flowers.

Question 8.
Give two examples of non-flowering plants.
Answer:
Algae, moss, fern.

HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 7 Getting to Know Plants

Question 9.
Name two climbers.
Answer:
Money plant, bean stalk.

Question 10.
What are creepers?
Answer:
Plants which need support to stand up are called creepers.

Question 11.
What is conduction?
Answer:
The process through which water travels through stem to other parts of the plants.

Question 12.
What is leaf venation?
Answer:
The design made by veins in a leaf is called leaf venation.

Question 13.
What is node?
Answer:
The part of stem where branches and leaf attached are called nodes.

Question 14.
Define internode.
Answer:
The part of stem between two nodes is called internodes.

Question 15.
Define alternate arrangement of leaves.
Answer:
When one leaf is attached to each node, it is called alternate arrangement.

Question 16.
What is opposite arrangement of leaves?
Answer:
When two leaves arise at each node, it is called opposite arrangement.

Question 17.
What is whorled arrangement?
Answer:
When several leaves are arranged is at a node, it is called whorled arrangement.

Question 18.
Name some plants which have aerial roots.
Answer:
Sugarcane, banyan tree and money plant.

Question 19.
How many root systems are found in plants?
Answer:
Two types:

  • Tap root system
  • Fibrous root system.

Question 20.
Define tap root system.
Answer:
When a plant has a main root and smaller ones come out from it.

Question 21.
What are lateral roots?
Answer:
Smaller roots which come from tap root.

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Question 22.
Name two roots that we eat as food.
Answer:
Radish, Sweet potato.

Question 23.
Name two underground stems.
Answer:
Potato, yams.

Question 24.
Name one plant which stores food in their leaves.
Answer:
Onion.

Question 25.
Which part of a flower makes fruit?
Answer:
Pistil.

Question 26.
Name the parts of a flower.
Answer:
Sepals, petals, stamen and pistil.

Question 27.
Name any three parts of the leaf.
Answer:
Three parts of the leaves are : (i) Lamina (ii) Midrib (iii) Petiole.

Question 28.
Leaves are …………. in colour.
Answer:
Leaves are green in colour.

Question 29.
Leaves prepare their food by a process called ………..
Answer:
Photosynthesis.

Question 30.
What type of response does not plant touch-me-not show on touching?
Answer:
When we touch the plant of touch- me-not, it folds its leaves quickly. It shows stimuli towards touch.

Question 31.
Name two animals with heterotrophic mode of nutrition.
Answer:

  • Cow
  • camel
  • buffalo.

Question 32.
Which part of the leaf helps in exchange of gases?
Answer:
The lower part of leaf contains many minute pores, which are called stomata. These stomata help in exchange of gases.

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Question 33.
List one common feature of the living and non-living objects.
Answer:
Living and non-living both have mass, shape and occupy space.

Question 34.
Name any two waste products of plants.
Answer:

  • Latex
  • Gum.

Question 35.
List one characteristic of living things.
Answer:
Living things reproduce.

Question 36.
Why do animals need food?
Answer:
Animals need food for growth and getting energy for doing various activities.

Question 37.
What is a cell?
Answer:
Structural and functional unit of life is called cell.

Question 38.
What is nutrition?
Answer:
The process of taking food is generally called nutrition.

Question 39.
What is respiration?
Answer:
The process of taking oxygen and giving out carbon dioxide from the body is called respiration.

Question 40.
Define excretion.
Answer:
Removal of harmful and poisonous substances from the body with the body organs is called excretion.

Question 41.
What is the food of fishes?
Answer:
Fishes feed on micro-organism and aquatic insects.

Question 42.
What is the food of frog?
Answer:
Small insects.

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Question 43.
Represent photosynthesis by a chemical equation.
Answer:
HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 7 Getting to Know Plants 2

Question 44.
Name one organism whose body consists of only one cell.
Answer:
Amoeba.

Question 45.
What are autotrophs?
Answer:
Living organisms (green plants) that prepare their own food.

Question 46.
What are heterotrophs?
Answer:
Living organisms (non-green plants and animals) that cannot prepare their own food.

Question 47.
Define respiration.
Answer:
Respiration is the process by which living organisms make energy.

Question 48.
What is stimulus?
Answer:
A change that produces a reaction in an organism.

Question 49.
Where do we get energy for doing work?
Answer:
We get energy from the food we take.

Question 50.
How do plants get their food?
Answer:
Plants get their food from the soil with the help of roots.

Question 51.
What happens when CO2 is passed in lime water?
Answer:
Lime water turns milky.

Question 52.
Why do fish come on the surface in an aquarium?
Answer:
They come to take air.

Question 53.
Why is it necessary to remove waste materials from the body?
Answer:
Since some materials may be poisonous and harmful to the organism.

Question 54.
How does amoeba remove wastes from its body?
Answer:
Amoeba removes wastes through body surface.

HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 7 Getting to Know Plants

Question 55.
How do plants remove their waste products?
Answer:
They remove their wastes in the form of latex and gum.

Question 56.
What is the process of removal of wastes by plants called?
Answer:
The process of removal of wastes in plants is called secretion.

Question 57.
How does a rose plant reproduce?
Answer:
Rose plant reproduces by cutting.

Short Answer Type Questions

Question 1.
Write a note of the need of plant classification.
Answer:
There are a great variation of plants in their size, shape and structure. So it is essential to classify plants for the ease of their study.

Question 2.
Differentiate between herb, shrub and trees.
Answer:
→ Herbs : Plants with soft stem and small in size. Examples: Tulsi, bean, gram etc.
HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 7 Getting to Know Plants 3

→ Shrubs :Bushy plants, medium in size and much branched. Examples : Rose, china rose, cotton and sunflower.
HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 7 Getting to Know Plants 3a

→ Trees : Large, branched, wood plants. Examples: Peepal, neem, banyan etc.
HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 7 Getting to Know Plants 3b

Question 3.
What are the functions of leaves?
Answer:
Leaves are known as food factories of plants. They prepare their own food in their green parts using chlorophyll, water and carbon dioxide in the presence of sunlight. This process is called photosynthesis.

Question 4.
Name different parts of a leaf.
Answer:
Normally leaves are flat and green. The main parts of a leaf are:

  • leaf lamina
  • midrib
  • tip
  • petiole
  • veins

Question 5.
Differentiate between flowering plants and non flowering plants.
Answer:

Flowering plantsNon-Flowering plants
The plants which have roots, stem and leaves, flower and fruits are known as floweringThe plants which do not have definite roots, stem, leaves and flowers are known as non-flowering plants.
Examples : Mango, guava, grapes, papaya, banana, jamun etc.Examples : Fern, moss, algae etc.

Question 6.
Why does the stem of cactus plant not have leaves?
Answer:
The cactus plant does not have leaves. Its green stem functions as the leaf. Leaves of this plant are modified into spines, which reduce the loss of water for living in dry areas.

HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 7 Getting to Know Plants

Question 7.
What is the main function of root?
Answer:
Root performs the following functions:

  • It fixes the plant in the soil.
  • It absorbs water and minerals from the soil for the other parts of the plants.
  • It holds the soil firmly, thus prevents soil erosion.

Question 8.
What are the main functions of stem?
Answer:
Functions of stem:

  • It forms a link between the roots and other parts of a plant.
  • It provides path for the conduction of water and minerals absorbed by roots to different parts of the plant.
  • It upholds the plant upright.
  • It beau’s leaves in such a way that they get maximum sunlight.
  • It bears the floral parts of the plants.

Question 9.
Name the important parts of a flowering plant.
Answer:
The main parts of a flowering plant are:

  • Root
  • Stem
  • Leaf
  • Branches
  • Flower
  • Fruits.

Question 10.
Define supporting roots with examples.
Answer:
In some plants, a number of rope – like roots arisefrom the horizontal branches of the tree. They grow downwards and penetrate the soil acting as pillars to support the main stem and heavy branches of the tree. These roots are called prop roots. These roots are found in banyan tree, sugarcane, screwpine and maize.

Question 11.
Mention some modified roots and stems which we eat.
Answer:
Radish, carrot, potato, sweet potato, beet etc., plant roots storage food, which we eat. In some plants like ginger, onion, potato etc. stems grow underground and store food materials.

Question 12.
What imparts green colour to a leaf?
Answer:
We know that most of the leaves are green in colour. The green colour of leaves is due to a green pigment present in them. This green pigment is called chlorophyll.

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Question 13.
Write three modifications each of stems and leaves.
Answer:
Modifications of roots:

  • Storage roots
  • Supporting roots
  • Breathing roots.

Modification of stems:

  • Storage of food
  • support
  • protection.

Question 14.
What is a fruit? How does it differ from a seed?
Answer:
After fertilization, the ovary of the flower swells up and forms the fruits, like mango, apple, orange etc. The seeds contain a store of food, usually starch. Embryo surrounded by a hard wall with embryo inside is called the seed.

Question 15.
What happens if a green plant does not get sunlight?
Answer:
If a green plant does not get sunlight, it cannot prepare its own food by the process of photosynthesis, and plants and animals will die.

Question 16.
All living organisms need food. Why?
Answer:
All living organisms need food for v’ growth, repair and replacement of worn out cells in the body and energy to perform vital activities. Food provides energy. To perform variety of A activities, animals need food. Plants get. water and minerals from soil through root hairs to their different parts of plants. Green plants prepare their own food with the help of carbon dioxide, water, chlorophyll and sunlight. The process is known as photosynthesis.

Question 17.
Distinguish between locomotion and movement in animals.
Answer:
Difference between locomotion and movement in animals:

MovementLocomotion
All human beings and animals move from one place to another for food and protection from enemies. For example, birds fly and travel long distances and fish continuously move on water.The bodily movement involving change of place in animals is called locomotion. Animals use wings (birds), limbs (Horse, cow, buffalo), fins (fish) for locomotion.

Question 18.
Why are the green plants called autotrophs?
Answer:
Green plants are called autotrophs because they prepare their own food. Green plants utilize carbon dioxide from air, water, mineral from soil and sunlight to prepare their own food in the form of carbohydrate or simple sugar. This process of preparing food is called photosynthesis.

Question 19.
List some common features of living and non-living things.
Answer:

  • All livings and non-living things have mass-shape and they occupy space.
  • They are made up of structural units.
  • The structural units of living and non-living things are cells and particles respectively.

Question 20.
What do you understand by a life span of a living thing?
Answer:
Different organisms have different life spans. The period for which a living being lives is called life span. Animal growth may not occur throughout the life span. Growth in animals is limited and plants and trees grow for a long period. Growth in plants and animals is influenced by several factors.

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Question 21.
List the three differences between living and non-living objects.
Answer:

LivingsNon-livings
1. Living things grow.1. They do not grow.
2. Reproduce to give birth to new one.2. They do not reproduce.
3. Living thing shows movements and locomotion.3. They do not show movement and locomotion.
4. They respond to stimuli.4. They do not respond to stimuli.

Question 22.
Give three differences between animals and plants.
Answer:
Difference between animals and plants:

AnimalsPlants
1. Animals move from one place to another.1. Plants do not move from one place to another.
2. Animals do not make their own food. So they are heterotropbs.2. Plants are autotrophs because they prepare their own food.
3. Growth in animals is limited and definite up to a certain age.3. Plant growth is unlimited and indefinite.

Question 23.
State the character on the basis of which animals are divided into two categories.
Answer:
Animals which have a bony skeleton with a back bone are called vertebrates and animals which do not have a long skeleton and a back bone are called invertebrates.

Question 24.
Define excretion.
Answer:
The process of removal of some harmful and poisonous substances from the body is called excretion. In humans, the excretory products are removed from the body in the form of urine and urea.

Question 25.
What do you mean by growth?
Answer:
An increase in size, shape and body mass of an organism is termed as growth. It is an irreversible change in a living organism. The growth in animals is limited and in plants, growth is unlimited and continues till the last stage of life.

Question 26.
What is the difference between the growth of living and non-living?
Answer:
The growth in living beings is internal and irreversible. It is due to multiplication of cells and tissues. The growth in non-living is external and reversible. It is caused due to deposition of particle from outside.

Question 27.
What do you understand by the term ‘nutrition’?
Answer:
All living things depend upon food to survive. The food is the source of energy. The energy is necessory for performing various life activities. Taking of food is called nutrition.

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Question 28.
What is respiration?
Answer:
Respiration is an anabolic activity during which air rich in oxygen is taken into the cell and air rich in CO2 is given out from the cells. The oxygen is used in the oxidation of food which gives us energy.

Question 29.
Define stimulus and response.
Answer:
Any change in our surroundings is a stimulus and any reactions performed by an organism to that stimulus is response. For example the watering of mouth by seeing a tasty food. To leave the road on the left on hearing the sound of a horn. The movement of stem or flower in the direction of sunlight. These characteristics of living forms show responsiveness.

Question 30.
What is cell? What is the difference between unicellular and multicellular organism?
Answer:
The structural and functional unit of life is celled cell. Each cell has a living substance, the protoplasm. Single celled animal is called unicellular and many called organism is called multicellular organism. Example : Amoeba and cow etc.

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Question 31.
Differentiate between autotrophs and heterotrophs?
Answer:
Those organisms which prepare their own food, are called autotrophs. For example : only green plants. Those organisms which cannot prepare their own food and depend upon plants or other animals for their food are called heterotrophs. For example : Man, Bacteria, Fungi, etc.

Question 32.
In what way does the intake of food help living things?
Answer:
Living things perform many activities like, playing, running, etc. The energy is required for all activities of living things. This energy is obtained from the food they take. Thus food gives living things energy. It also helps living beings in repairing the body parts. Food also protects t living things from infections and diseases.

Long Answer Type Questions

Question 1.
Draw a labelled diagram of a plant showing its various parts.
Answer:
The various parts of a plant are shown on the diagram given below:
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Question 2.
What is a leaf? Draw the labelled diagram of a leaf. What are the functions of the leaves of a plant?
Answer:
Leaf: The leaf is a thin, broad, flat and green part of a plant which is attached to the stem (or branch).

The leaves of plants have three main functions:
(i) The leaves make food for the plant by photosynthesis.
HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 7 Getting to Know Plants 5

(ii) The leaves get rid of excess water from the plant through transpiration.

(iii) The leaves carry out the process of respiration in plants.

Getting to Know Plants Class 6 HBSE Notes

  • Plants are usually grouped in herbs, shrubs and trees on the basis of their height, stem and branches.
    Stem conducts water upwards, bears leaves, buds and flowers.
  • Leaves have variety of shapes, size and other characteristics.
  • The pattern of veins on the leaves is called venation. It can be reticulate or parallel.
  • Leaves are attached to the stem at places called nodes. The part of stem between two nodes is called internode.
  • The arrangement of leaves at the node is alternate, opposite or whorled.
  • Leaves release water vapour by the process of transpiration. They prepare food by the process of photosynthesis from carbon dioxide, water, chlorophyll and sunlight.
  • Roots are underground part of the plants. They absorb water and minerals from the soil and hold the soil firmly to keep a plant upright.
  • Roots are mainly of two types : Tap root and fibrous root.
  • Plants having leaves with reticulate venation have tap root and parallel, venation plants leaves have fibrous root.
  • Stem conducts water from the roots to the leaves and food from the leaves to the roots.
  • All plants do not have colourful flowers. The parts of flowers are usually present in rings.
  • The various whorls are sepals, petals, stamen and pistil. Number of sepals, petals, stamen’s and pistils are different in different flowers.

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HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 6 Changes Around Us

Haryana State Board HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 6 Changes Around Us Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Science Solutions Chapter 6 Changes Around Us

HBSE 6th Class Science Changes Around Us Textbook Questions and Answers

Exercises

Question 1.
To walk through a waterlogged area, you usually shorten the length of your dress by folding it. Can this change be reversed?
Answer:
Yes, this change can be reversed.

Question 2.
You accidently dropped your favourate toy and broke it. This is a change, you did not want. Can this change be reversed?
Answer:
No, this change can not be reversed.

Question 3.
Somethings are listed in the following table. For each change write in blank column. Whether the change can be reversed or not.

S. No. ChangeCan be reversed (Yes/No)
1. The sawing of a piece of wood
2. The melting of ice candy.
3. Dissolving sugar in water.
4. The cooking of food.
5. The ripening of a mango.
6. Souring of milk.

Answer:
(1) Can be reversed; Yes.
(2) No.
(3) Yes.
(4) No.
(5) No.
(6) No.

Question 4.
A drawing sheet changes when you draw a picture on it. Can you reverse this change?
Answer:
No, we cannot reverse this change.

Question 5.
Give examples to explain the difference between changes that can or cannot be reversed.
Answer:
A change that can be reversed is called a reversed change. For example, blowing of a balloon, making aeroplane from a piece of paper by folding it and making ball from a dough etc. changes can be reversed. A change that cannot be reversed is called irreversible change. For example: Ripening of fruits, burning of paper and cooking of food, etc. cannot be reversed.

HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 6 Changes Around Us

Question 6.
A thick coating of a paste of plaster of paris (POP) is applied over the bandage on a fractured bone. It becomes hard on drying to keep the fractured bone immobilised. Can the change in POP be reversed.
Answer:
No, the change cannot be reversed.

Question 7.
A bag of cement lying in the open gets wet due to rain during the night. The next day the sunshines brightly. Do you think the changes, which have occured in the cement, could be reversed?
Answer:
No, the change cannot be reversed.

HBSE 6th Class Science Changes Around Us Important Questions and Answers

Very Short Answer Type Questions

Question 1.
What type of change is of climate change?
Answer:
Periodic change.

Question 2.
Can deforestation be considered as a reversible change?
Answer:
No, it is not a reversible change.

Question 3.
Can you obtain wood from saw dust?
Answer:
No, we cannot reverse this change.

Question 5.
Give examples to explain the difference between changes that can or cannot be reversed.
Answer:

  • Heart beat
  • Phases of moon
  • Swinging of the pendulum of a clock
  • high and low tide in sea every day.

Question 6.
Pickling of mango is a desirable change. How?
Answer:
Pickling of mango is always a desirable change, because we pickle mango according to our taste and desire.

Question 7.
Give an example of natural change.
Answer:
Germination of seed.

HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 6 Changes Around Us

Question 8.
Give an example of irreversible change.
Answer:
Burning of paper.

Question 9.
What is a physical change?
Answer:
Change in which no new product is formed.

Question 10.
What is a chemical change?
Answer:
A change in which a new substance with different properties is formed.

Question 11.
Mention two undesirable change.
Answer:

  • Breaking of glass ware
  • flooding of rivers.

Question 12.
Give four examples of desirable change.
Answer:

  • Turning of milk into curd
  • Formation of manure from animal dung
  • Cleaning of utensils
  • Change of season.

Question 13.
What is pasteurisation?
Answer:
Heating and cooking of milk is known as pasteurisation.

Question 14.
State two advantages of non¬periodic change.
Answer:

  • Growth of plants and animals and boiling of milk.
  • Washing of cloth are some advantages of non-periodic change.

Question 15.
What is solution?
Answer:
When salt is added in water, it dissolves in water to form solution which has properties that mixed to form it.

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Short Answer Type Questions

Question 1.
Can deforestation be considered as a reversible change?
Answer:
Deforestation is not a reversible change because it cannot take place in reverse direction. Forest cannot be grown quickly.

Question 2.
Give four examples of non-periodic change.
Answer:

  • Occurring of earthquake
  • Falling of ripening fruits from tree
  • Landslides
  • Train accident.

Question 3.
Is burning always a desirable change?
Answer:
Burning is always not a desirable change. It causes pollution, which is not a desirable change. Burning of house is not a desirable change, because they are harmful to us.

Question 4.
What is the advantage of pasteurising milk?
Answer:
Milk is an essential commodity. Some harmful bacteria spoil it after some time. In pasteurisation, microbes are killed and milk is prevented from spoiling for several days and can be stored without refrigeration.

Question 5.
Explosion of a cracker is a chemical change. Explain.
Answer:
When we burn a cracker, it exploide. Heat, light and smoke comes out after explosion. Many new products are formed. So it is a chemical change.

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Question 6.
Most physical changes are reversible. Give reasons with two examples.
Answer:
All physical changes are reversible. Because in physical changes, no new product is formed. They can be reversed easily.
Examples:
(i) Dissolving of sugar in water is a physical change and we get back sugar and water easily.

(ii) Formation of ice from water. In melting of ice, we can get water back.
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Question 7.
Identify the type of change and state whether energy is evolved or absorbed in each one of the following:
Burning of a candle, lighting of a bulb, preparation of food by green plants, volcanic eruption.
Answer:

  • Burning of a candle : Chemical change, energy evolved.
  • Lighting of a bulb : Physical change, energy evolved.
  • Preparation of food by green plants: Chemical change, energy absorbed.
  • Volcanic eruption: Chemical change, energy evolved.

Question 8.
Define the term ‘interaction’.
Answer:
When two or more substances act on each other, as a result a change may take place. This is called interaction.

Question 9.
What are the differences between chemical and physical changes?
Answer:
Difference between chemical and physical changes:

Chemical changePhysical change
1. A new substance is formed.1. No new substance is formed.
2. It is a permanent change.2. It is a temporary change.
3. The composition of new substances changes.3. No change in the composition of change takes place.
4. It is irreversible.4. It is reversible.
5. Heat/light evolved or absorbed during change.5. No heat light evolved or absorbed or may be evolved or absorbed.

Question 10.
Name two similarities between the various objects in your surroundings.
Answer:

  • Each object occupies space indicated by its size and shape.
  • Objects are made up of materials and some are made up of combination of materials.
  • The structural units of objects are called cells and molecules respectively.

HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 6 Changes Around Us

Question 11.
How do you group the objects into two main categories?
Answer:
Objects can be grouped on the basis of shape, size and colour. Objects can be categorised into living and non-living objects.

  • Living objects such as plants and animals.
  • Non-living objects such as stone, table, chair, etc.

Living organisms show movement, respiration, excretion, breathinbg, nutrition, reproduction and sensitivity towards heat, light, sound and touch etc.

Question 12.
Why do animals and plants respire?
Answer:
All living things perform various kinds of activities. Animals move and run around. You go to school and play. For these activities energy is required. This energy living beings obtain through the process of respiration. The oxygen is used to produce energy from the food which organisms consume. Oxygen burns the food and release energy. This energy is utilised for various activities. This can be represented as follows :
HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 6 Changes Around Us 2

Question 13.
How is the process of photosynthesis in plants helpful to the animals?
Answer:
Plants prepare their own food by the process of photosynthesis in green leaves and plants. They prepare food in green leaves in presence of sunlight with the help of carbon dioxide and water. The food prepared by plants, all animals depend for their food on plants. In this way, photosynthesis is helpful to animals.

Long Answer Type Questions

Question 1.
State the reason for each of the following :
(i) Ripening of a fruit is a chemical change.
(ii) Rotation of fan is a periodic change.
(iii) Cooked food is stored in refrigerator.
(iv) Iron sheet is coated with tin before making a can.
Answer:
(i) Ripening of fruits is a chemical change because after ripening, a new product with different properties is formed.

(ii) The rotation of fan is a periodic change, because the change occurs after a fixed interval of time.

(iii) Cooked food is spoiled by bacteria and microbes. To prevent food from spoiling, it is stored in refrigerator, where microbes are killed due to low temperature.

(iv) Iron sheet is coated with tin before making can, because tin coated sheets do not rust. It prevents iron sheet from rusting.

Question 2.
When is a change said to have taken place in a material? Explain with the help of an example.
Answer:
We have many things around us. All these things have certain properties such as state (solid, liquid or gas), position, shape, size, colour, temperature, composition and structure, etc. When one or more properties of a thing become different, we say that it has changed or a change has taken place. Changes involve different kinds of alternations in the things around us. When a change takes place, there may be a change in the state, position, shape,, size, colour, temperature, composition or structure of the material of the object. When ice melts, it forms water. Ice is a solid, whereas water is a liquid. So, the melting of ice involves a change in state (form solid to liquid state).

HBSE 6th Class Science Solutions Chapter 6 Changes Around Us

Question 3.
What is meant by reversible changes and irreversible changes? Explain with examples.
Answer:
Reversible change: A change which can be reversed to form the original substance is called a reversible change.
Example:
When we heat ice, it melts to form liquid water. A change from solid to liquid takes place during the melting of ice. Now, if we cool the water by keeping in the freezer of a refrigerator, it again changes into solid ice. So, the change from ice to water, by heating, has been reversed by cooling. Thus, the melting of ice to form water is reversible change.

Irreversible change : A change which cannot be reversed to form the original substance or substances is called irreversible change.

Example : If we burn a piece of paper, it changes into ash and smoke. Now, we cannot combine the ash and smoke to form the original piece of paper. So, the burning of paper is a change which cannot be reversed. Therefore, the burning of paper is an irreversible change.

Question 4.
Explain why, the burning of paper is said to be an irreversible change whereas the boiling of water is known as reversible change.
Answer:
If we burn a piece of paper, it changes into ash and smoke. Now, we cannot combine the ash and smoke to form the original piece of paper. So, the burning of paper is a change which cannot be reversed. Hence, the burning of paper is an irreversible change. When we boil water by heating, then it changes into steam. Now, if we cool the steam, then water is formed again. So, the changing of water into steam has been reversed by cooling. Thus, the boiling of water is a reversible change.

Changes Around Us Class 6 HBSE Notes

1. We can bring about a change in a substance by heating, applying forces or by mixing it with something else.

2. When a solid mix with water to form a solution and we can say that the solid has dissolved,

3. Different solids dissolve to different degrees in the same amount of water. On heating, amount of solid that can dissolve increases.

4. A change can be physical or chemical. In chemical change, a new product is formed. A physical change can reverse.

5. Slow changes : The changes that takes place over a long period of time, like hours, days, months and years is called slow change. Example : Change during growth and formation of manure.

6. Desirable changes : Changes which are useful to us such as formation of curd from milk and formation of manure from cow dung.

7. Undesirable changes: The changes which are not useful to us are called undesirable changes. Examples : Breaking of glass tumbler and spoiling of food stuffs.

8. Fast changes : Those changes which occur within a short time interval. Example : Burning of a matchstick.

9. Periodic change : A change which occurs during a definite time interval is called periodic change. Examples : Heart beat, phases of moon etc.

10. Non-periodic change: A change which does not repeat again and again after a regular interval of time. Examples : Earthquake and train accidents.

11. Reversible change : If a change can be reversed, it is called reversible change; stretching of rubber band.

12. Irreversible change : A change which cannot be reversed. Example : Burning of paper, etc.

13. Physical change : It is a temporary change in which no new substance is formed. Example : Switching of electric heater. Dissolution of sugar in water.

14. Chemical change: It is a permanent change in which an entirely hew substance is formed with different properties. It is an irreversible change.
Example: Cooking of food and formation of curd from milk.

15. There are a variety of objects found in the surroundings. The objects have a variety of shapes and size. Shape and size of each object indicate the space it occupies.

16. Objects observed around us in spite of variety in shape and size are made up of matter. Some are categorised as living while others are non-living.

17. All living things need food to carry out various activities. Food provides energy for various functions.

18. Green plants prepare their own food by using water and minerals (from soil) carbon dioxide (from air) and sunlight with the help of green pigments. Unlike plants, animals take food in the form of plants/animal products.

19. The living things may be autotrophs or heterotrophs depending upon their mode of feedings.

20. Animals do breathing and respiration. In plant respiration involves direct exchanges of gases between air and cells. Non-living objects do not carry out respirations.

21. Respiration is a process which involves exchanges of gases like oxygen and carbon dioxide.

22. All living things remove wastes like carbon dioxide, water and other salts. Animals remove wastes through excretory organs.

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23. Plants secrete wastes as gum, resin, latex. Non-living objects like stone, chair etc. do not remove wastes.

24. When living things increase in size utilizing energy, it is called growth. They grow for a certain period called life span and show growth for a limiting period.

25. Plants keeps growing throughout their lives. Some trees grow for hundred of years. Non-living things do not show the process of growth.

26. Living things show response to stimuli through factors like water, light, gravity, touch etc; while non-living things do not show such mechanism of responding to stimuli.

27. All living organisms produce their own kind, as mango will produce mango, cat will produce cat and man will produce man.

28. Reproduction in living organisms is multiplication of organism and non-living organism like stone and chair do not reproduce.

29. Living organisms show movements and locomotion. All living being are made up of basic functional units called cells.

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HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2

Haryana State Board HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Exercise 10.2

प्रश्न 1.
एक बिंदु Q से एक वृत्त पर स्पर्श रेखा की लंबाई 24 cm तथा Q की केंद्र से दूरी 25 cm है। वृत्त की त्रिज्या है
(A)7 cm
(B) 12 cm
(C) 15 cm
(D) 24.5 cm
हल :
(A)7 cm
HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 1
कारण-दिए गए वृत्त का केंद्र 0 लेने पर QT वृत्त की स्पर्श रेखा तथा OT वृत्त की त्रिज्या है परंतु त्रिज्या और स्पर्श रेखा के बीच 90° का कोण होता है।
अतः OQ = 25cm
QT = 24cm
अतः वृत्त की त्रिज्या (OT) = \(\sqrt{(\mathrm{OQ})^{2}-(\mathrm{QT})^{2}}\)
= \(\sqrt{(25)^{2}-(24)^{2}}\)
= \(\sqrt{625-576}=\sqrt{49}\)
= 7cm

HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2

प्रश्न 2.
संलग्न आकृति में, यदि TP, TQ केंद्र 0 वाले किसी वृत्त पर दो स्पर्श रेखाएँ इस प्रकार हैं कि ∠POQ = 110°, तो ∠PTQ बराबर है
(A) 60°
(B) 70°
(C) 80°
(D) 90°
हल :
(B)70°
HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 2
कारण-क्योंकि स्पर्श रेखा और त्रिज्या के बीच का कोण 90° होता है।
∠OPT = 90° व ∠OQT = 90°
∠POQ = 110° व ∠PTQ = ?
चतुर्भुज POQT में,
∠PTQ + ∠OPT + ∠POQ + ∠OQT = 360°
∠PTQ+ 90° + 110° + 90° = 360°
∠PTO+290° = 3600
∠PTQ = 360° – 290° = 70°

प्रश्न 3.
यदि एक बिंदु P से 0 केंद्र वाले किसी वृत्त पर PA, PB स्पर्श रेखाएँ परस्पर 80° के कोण पर झुकी हों, तो ∠POA बराबर है-
(A)50°
(B) 60°
(C) 70°
(D) 80°
हल :
(A)50°
HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 3
कारण-यहाँ पर, PA और PB स्पर्श रेखाएँ हैं जो केंद्र O वाले वृत्त पर स्थित हैं।
हम जानते हैं कि वृत्त की त्रिज्या और स्पर्श रेखा के बीच 90° का कोण होता है।
∠OAP = 90° व ∠OBP = 90°
ΔPAO और ΔPBO में,
PA = PB (बाह्य बिंदु से समान स्पर्श रेखाएँ)
OA = OB (वृत्त की त्रिज्याएँ)
OP = OP (उभयनिष्ठ)
ΔPAO ≅ ΔΡΒΟ (sss सर्वांगसमता)
∠APO = ∠BPO = \(\frac{1}{2}\) x 80° = 40°
अब ΔPAO में,
∠OAP + ∠POA + ∠APO = 180°
90° + ∠POA + 40° = 180°
∠POA = 180° – 130° = 50°

प्रश्न 4.
सिद्ध कीजिए कि किसी वृत्त के किसी व्यास के सिरों पर खींची गई स्पर्श रेखाएँ समांतर होती हैं।
हल :
HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 4
दिया है-एक वृत्त C(O, R) का कोई व्यास AOB है जिसके सिरों A और B पर क्रमशः स्पर्श रेखाएँ PQ और RS खींची गई हैं।
सिद्ध करना है-PQ || RS
प्रमाण-हम जानते हैं कि स्पर्श रेखा और त्रिज्या के बीच बनने वाला कोण 90° होता है।
∴ ∠PAB = 90° व ∠ABS = 90°
∠PAB = ∠ABS
परंतु ये एकांतर कोण हैं।
∴ PQ || RS [इति सिद्धम्]

प्रश्न 5.
सिद्ध कीजिए कि स्पर्श बिंदु से स्पर्श रेखा पर खींचा गया लंब वृत्त के केंद्र से होकर जाता है।
हल :
HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 5
माना केंद्र O वाले वृत्त की एक स्पर्श रेखा AB है जो वृत्त को P पर स्पर्श करती है। यदि संभव हो तो PQ ⊥ AB जो केंद्र से नहीं गुजरता है।
हम जानते हैं कि स्पर्श बिंदु पर स्पर्श रेखा और त्रिज्या लंबवत् होती है।
AB ⊥ OP
∠OPB = 90°
∠QPB = 90° (रचना से)
∠QPB = ∠OPB
परंतु यह असंभव है, क्योंकि एक भाग पूरे के समान नहीं हो सकता। इसलिए हमारी कल्पना गलत है।
अतः स्पर्श बिंदु पर स्पर्श रेखा पर खींचा गया लंब वृत्त के केंद्र से गुजरता है।

HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2

प्रश्न 6.
एक बिंदु A से, जो एक वृत्त के केंद्र से 5 cm दूरी पर है, वृत्त पर स्पर्श रेखा की लंबाई 4 cm है। वृत्त की त्रिज्या ज्ञात कीजिए।
हल :
HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 6
हम जानते हैं कि स्पर्श बिंदु पर स्पर्श रेखा और त्रिज्या लंबवत होते हैं।
∴ ∠OPA = 90°
OA = 5cm
PA = 4cm
समकोण ΔOPA में,
OP = \(\sqrt{(\mathrm{OA})^{2}-(\mathrm{PA})^{2}}\)
= \(\sqrt{(5)^{2}-(4)^{2}}\)
= \(\sqrt{25-16}=\sqrt{9}\) = 3 cm
अतः वृत्त की त्रिज्या = 3cm

प्रश्न 7.
दो संकेंद्रीय वृत्तों की त्रिज्याएँ 5 cm तथा 3 cm हैं। बड़े वृत्त की उस जीवा की लंबाई ज्ञात कीजिए जो छोटे वृत्त को स्पर्श करती हो।
हल :
HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 7
माना, दिए गए दो संकेंद्रीय वृत्तों का केंद्र 0 है तथा AB बड़े वृत्त की जीवा है जो छोटे वृत्त को बिंदु P पर स्पर्श करती है।
OP तथा OA को मिलाओ।
हम जानते हैं कि स्पर्श रेखा और त्रिज्या परस्पर लंबवत् होती है।
∴ ∠OPA = 90°
OP = 3 cm
OA = 5 cm
HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 8
अब AB = 2 x AP = 2 x 4 cm = 8 cm
अतः जीवा AB की लंबाई = 8 cm

प्रश्न 8.
एक वृत्त के परिगत एक चतुर्भुज ABCD खींचा गया है (देखिए संलग्न आकृति)। सिद्ध कीजिए-
AB + CD = AD + BC
हल :
HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 9
दिया है-ABCD एक चतुर्भुज है जो वृत्त को P, Q, R तथा S पर स्पर्श करता है।
सिद्ध करना है-AB + CD = AD + BC
प्रमाण-हम जानते हैं कि वृत्त के किसी बाह्य बिंदु से खींची गई स्पर्श रेखाएँ समान .. होती हैं।
AP = AS ………….(i)
BP = BQ ……..(ii)
CR = CQ ……..(iii)
DR = DS ……..(iv)
समीकरण (i), (ii), (iii) व (iv) को जोड़ने पर,
___AP + BP + CR + DR = AS + BQ + CQ + DS
या (AP + BP) + (CR + DR) = (AS + DS) + (BQ + CQ)
या AB + CD = AD + BC [इति सिद्धम् ]

प्रश्न 9.
संलग्न आकृति में XY तथा X’Y’, O केंद्र वाले किसी वृत्त पर दो समांतर स्पर्श रेखाएँ हैं और स्पर्श बिंद्र C पर स्पर्श रेखा AB,XY को A तथा X’Y’ को B पर प्रतिच्छेद करती है। सिद्ध कीजिए कि ∠AOB = 90° है।
हल :
HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 10
दिया है-XY और X’Y’ केंद्र 0 वाले वृत्त की दो समांतर स्पर्श रेखाएँ हैं तथा स्पर्श बिंदु C वाली एक अन्य स्पर्श रेखा AB, XY को A पर तथा X’Y’ को B पर प्रतिच्छेद करती है। OA और OB को मिलाने पर ∠AOB प्राप्त होता है।
सिद्ध करना है-∠AOB = 90°
रचना-O और C को मिलाइए। इसी प्रकार स्पर्श रेखाओं XY और X’Y’ के स्पर्श बिंदु P और Q को 0 से मिलाएँ।
प्रमाण-क्योंकि XY स्पर्श रेखा है और OP एक त्रिज्या है।
∠OPA = 90° ………….(i)
इसी प्रकार, AB स्पर्श रेखा है और OC एक त्रिज्या है।
∠OCA = 90° ……..(ii)
अब समकोण AOPA और समकोण AOCA में,
AP = AC (बाह्य बिंदु से एक ही वृत्त की स्पर्श रेखाएँ)
∠OPA = ∠OCA (प्रत्येक 90°)
OA = OA (उभयनिष्ठ)
अतः ∆OPA = missing ∆OCA (समकोण-कर्ण भुजा सर्वांगसम नियम से)
∠POA = ∠COA ……..(iii)
इसी प्रकार ∠QOB = ∠COB ……………(iv)
समीकरण (ii) व (iv) से,
∠POA + ∠QOB = ∠COA + ∠COB = 180° [∵ POQ एक सरल रेखा है]
∠COA + ∠COB = 90°
∠AOB = 90° [इति सिद्धम् ]

HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2

प्रश्न 10.
सिद्ध कीजिए कि किसी बाह्य बिंदु से किसी वृत्त पर खींची गई स्पर्श रेखाओं के बीच का कोण स्पर्श बिंदुओं को मिलाने वाले रेखाखंड द्वारा केंद्र पर अंतरित कोण का संपूरक होता है।
हल :
HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 11
दिया है-एक वृत्त पर एक बाह्य बिंदु P से PA तथा PB दो स्पर्श रेखाएँ खींची गई हैं।
सिद्ध करना है- ∠APB + ∠AOB = 180°
रचना-A व B को वृत्त के केंद्र 0 से मिलाओ।
प्रमाण-क्योंकि PA स्पर्श रेखा है और OA त्रिज्या है।
OA ⊥ PA
∴ ∠PAO = 90° …………(i)
इसी प्रकार, ∠PBO = 90° …….(ii)
चतुर्भुज PAOB में,
∠APB + ∠PAO + ∠AOB + ∠PBO = 360°
∠APB + 90° + ∠AOB + 90° = 360°
∠AOB + ∠APB = 360° – 90° – 90° = 180°
अतः एक वृत्त पर एक बाह्य बिंदु से खींची गई स्पर्श रेखाओं के बीच कोण का स्पर्श बिंदुओं को मिलाने वाले रेखाखंड द्वारा केंद्र पर अंतरित कोण का संपूरक होता है। [इति सिद्धम्]

प्रश्न 11.
सिद्ध कीजिए कि किसी वृत्त के परिगत समांतर चतुर्भुज समचतुर्भुज होता है।
हल :
HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 12
दिया है-एक समानांतर चतुर्भुज ABCD की चारों भुजाएँ एक वृत्त C (O, r) को बिंदुओं पर स्पर्श करती हैं।
सिद्ध करना है-ABCD एक समचतुर्भुज है।
प्रमाण-क्योंकि ABCD एक समांतर चतुर्भुज है।
∴ AB = CD तथा AD = BC
हम जानते हैं कि किसी वृत्त पर बाह्य बिंदु से खींची गई स्पर्श रेखाएँ समान होती है।
∴ AP = AS …..(i) [बिंदु A से वृत्त पर स्पर्श रेखाएँ]
BP = BQ ……(ii) [बिंदु B से वृत्त पर स्पर्श रेखाएँ]
CR = CQ …..(iii) [बिंदु C से वृत्त पर स्पर्श रेखाएँ]
DR = DS …..(iv) [बिंदु D से वृत्त पर स्पर्श रेखाएँ]
समीकरण (i), (ii), (iii) व (iv) को जोड़ने पर,
AP + BP + CR + DR = AS + BQ + CQ + DS
(AP + BP) + (CR + DR) = (AS + DS) + (BQ + CQ)
AB + CD = AD + BC
AB + AB = BC + BC
[:: AB = CD, BC = AD]
2AB = 2BC
AB = BC
इसलिए समानांतर चतुर्भुज ABCD में AB = BC = CD = AD
अतः ABCD एक समचतुर्भुज है। [इति सिद्धम्]

प्रश्न 12.
4 cm त्रिज्या वाले एक वृत्त के परिगत एक त्रिभुज ABC इस प्रकार खींचा गया है कि रेखाखंड BD और DC (जिनमें स्पर्श बिंदु D द्वारा BC विभाजित है) की लंबाइयाँ क्रमशः 8 cm और 6 cm हैं (देखिए संलग्न आकृति)। भुजाएँ AB और AC ज्ञात कीजिए।
हल :
HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 13
माना, ∆ABC का अंतः केंद्र 0 इस प्रकार है कि
OD = OE = OF = 4 cm
BD = BE = 8 cm
(बाह्य बिंदु B से स्पर्श रेखाएँ)
CD = CF = 6 cm (बाह्य बिंदु C से स्पर्श रेखाएँ)
माना AF = AE = x cm (बाह्य बिंदु A से स्पर्श रेखाएँ)
अब AB = AE + BE = (x + 8) cm
AC = AF + CF = (x +6) cm
BC = CD + BD = 6 + 8 = 14 cm
अब ∆ABC में,
HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 14
परंतु ∆ABC का क्षेत्रफल = (∆BOC + ∆AOC + ∆AOB) का क्षेत्रफल
= \(\frac{1}{2}\) x BC x OD + \(\frac{1}{2}\) x AC x OF + \(\frac{1}{2}\) x AB x OE
= \(\frac{1}{2}\) x 14 x 4 + \(\frac{1}{2}\) x (x + 6) x 4 + \(\frac{1}{2}\) x (x + 8) x 4
= 28 + (2x + 12) + (2x + 16)
= 4x + 56 …..(ii)
समीकरण (i) व (ii) की तुलना से,
\(\sqrt{48 x(x+14)}\) = 4x + 56
दोनों ओर का वर्ग करने पर,
48x(x + 14) = (4x + 56)2
48x(x + 14) = 16(x + 14)2
3x(x + 14) = (x + 14)2
3x = (x + 14)
या 3x-x = 14
या 2x = 14
या x = 14/2 = 7
अतः AB = x +8 = 7+ 8 = 15 cm
x + 6 = 7+ 6 = 13 cm

HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2

प्रश्न 13.
सिद्ध कीजिए कि वृत्त के परिगत बनी चतुर्भुज की आमने-सामने की भुजाएँ केंद्र पर संपूरक कोण अंतरित करती हैं।
हल :
HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 10 वृत्त Ex 10.2 15
दिया है-एक वृत्त C(O, R) जोकि एक चतुर्भुज ABCD की भुजाओं AB, BC, CD और DA को क्रमशः बिंदुओं P, Q, R और S पर स्पर्श करता है।
सिद्ध करना है-∠AOB + ∠COD = 180° तथा ∠BOC + ∠AOD = 180°
रचना-OP, OQ, OR तथा OS को मिलाइए।
प्रमाण-हम जानते हैं कि बाह्य बिंदु से किसी वृत्त पर खींची गई दोनों स्पर्श रेखाएँ वृत्त के केंद्र पर समान कोण अतरित करती हैं।
∠1 = ∠2 ……(1) [∵ AP = AS]
∠3 = ∠4 ……(ii) [∵ BP = BQ]
∠5 = ∠6 ……(iii) [∵ CQ=CR]
∠7 = ∠8 …….(iv) [∵ DR = DS]
हम जानते हैं कि बिंदु O पर बने सभी कोणों का योग चार समकोण है।
∠1 + ∠2 + ∠3 + ∠4+ ∠5 + ∠6 + ∠7+ ∠8 = 360°
2(∠2 + ∠3 + ∠6 + ∠7) = 360° तथा ∠(∠1 + ∠8 + ∠4+ ∠5) = 360°
[समीकरण (i) से (iv) का प्रयोग करने पर]
∠2 + ∠3 + ∠6 + ∠7 = 180° तथा ∠1 + ∠8 + ∠4 + ∠5 = 180°
(∠2 + ∠3) + (∠6 + ∠7) = 180° तथा (∠1 + ∠8) + (∠4 + ∠5) = 180°
∠AOB + ∠COD = 180° [:: ∠2 + ∠3 = ∠AOB तथा ∠6 + ∠7 = ∠COD]
तथा ∠AOD + ∠BOC = 180° ∠1+ ∠8 = ∠AOD तथा ∠4+ ∠5 = ∠BOC ] [इति सिद्धम्]

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HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 13 घातांक और घात InText Questions

Haryana State Board HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 13 घातांक और घात InText Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Maths Solutions Chapter 13 घातांक और घात InText Questions

प्रयास कीजिए (पृष्ठ सं. 266)

प्रश्न 1.
ऐसे पाँच और उदाहरण दीजिए, जहाँ एक संख्या को घातांकीय रूप में व्यक्त किया जाता है। प्रत्येक स्थिति में, घातांक व आधार की पहचान भी कीजिए।
हल :
पाँच उदाहरण हैं :
(i) 25 = 2 × 2 × 2 × 2 × 2 = 32
25 में 2 आधार और 5 घातांक है।

(ii) 35 = 3 × 3 × 3 × 3 × 3 = 243
35 में 3 आधार और 5 घातांक है।

(iiii) 43 = 4 × 4 × 4 = 64
43 में 4 आधार और 3 घातांक है।

(iv) 26 = 2 × 2 × 2 × 2 × 2 × 2
= 64
26 में 2 आधार और 6 घातांक है।

(v) 75 = 7 × 7 × 7 × 7 × 7
= 16807
75 में 7 आधार और 5 घातांक है।

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 13 घातांक और घात InText Questions

पृष्ठ सं. 267

प्रश्न 1.
व्यक्त कीजिए :
(i) 729 को 3 की घात के रूप में
(ii) 128 को 2 की घात के रूप में
(iii) 343 को 7 की घात के रूप में
हल :
(i)

∴ 729 = 3 × 3 × 3 × 3 × 3 × 3
= 36

(ii)
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 13 घातांक और घात InText Questions 2
∴ 128 = 2 × 2 × 2 × 2 × 2 × 2 × 2 = 27

(iii)
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 13 घातांक और घात InText Questions 3
343 = 7 × 7 × 7 = 73

पृष्ठ सं. 270

प्रश्न 1.
सरल करके घातांकीय रूप में लिखिए :
(i) 25 × 23
(ii) p3 × p2
(iii) 43 × 42
(iv) a3 × a2 × a7
(v) 53 × 57 × 512
(vi) (-4)100 × (-4)20
हल :
(i) 25 × 23 = 25 + 3 = 28
(ii) p3 × p2 = p3 + 2 = p5
(iii) 43 × 42 = 43 + 2 = 45
(iv) a3 × a2 × a7 = a3 + 2 + 7 = a12
(v) 53 × 57 × 512 = 53 + 7 + 12 = 522
(vi) (- 4)100 × (- 4)20 = (- 4)100 + 20
= (-4)120

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 13 घातांक और घात InText Questions

पृष्ठ सं. 271

प्रश्न 1.
सरल करके घातांकीय रूप में लिखिए:
(उदाहरण के लिए, 116 ÷ 112 = 114)
(i) 29 ÷ 23
(ii) 108 ÷ 104
(iii) 911 ÷ 97
(iv) 2015 ÷ 2013
(v) 713 ÷ 710
हल :
(i) 29 ÷ 23 = 29 – 3 = 26
(ii) 108 ÷ 104 = 108 – 4 = 104
(iii) 911 ÷ 97 = 911 – 7 = 94
(iv) 2015 ÷ 2013 = 2015 – 13 = 202
(v) 713 ÷ 710 = 713 – 10 = 73

पृष्ठ सं. 271

प्रश्न 1.
सरल करके, उत्तर को घातांकीय रूप में व्यक्त कीजिए-
(i) (62)4
(ii) (22)100
(iii) (750)2
(iv) (53)7
हल :
(i) (62)4 = 62 × 4  = 68
(ii) (22)100 = 22 × 100 = 2200
(iii) (750)2 = 750 × 2 = 7100
(iv) (53)7 = 53 × 7 = 521

पृष्ठ सं. 273

प्रश्न 1.
am × bm = (ab)m का प्रयोग करके, अन्य रूप में बदलिए :
(i) 43 × 23
(ii) 25 × 55
(iii) a2 × t2
(iv) 56 × (-2)6
(v) (-2)4 × (-3)4
हल :
(i) 43 × 23 = (4 × 4 × 4) × (2 × 2 × 2)
= (4 × 2) × (4 × 2) (4 × 2)
= (4 × 2)3

(ii) 25 × b5 = (2 × 2 × 2 × 2 × 2) × (b × b × b × b × b)
= (2 × b) × (2 × b) × (2 × b) × (2 × b) × (2 × b)
= (2 × b)5 = (2b)5

(iii) a2 × t2 = (a × a) × (1 × 1)
= (a × t) × (a × t)
= (at) × (at) = (at)2

(iv) 56 × (-2)6 = 5 × 5 × 5 × 5 × 5 × 5 × (-2 × – 2 × – 2 × – 2 × – 2 × – 2)
= (5 × -2) (5 × – 2) × (5 × – 2) × (5 × – 2) (5 × – 2) × (5 × – 2)
= (5 × – 2)6

(v) (-2)4 × (-3)4 = (- 2 × – 2 × – 2 × – 2) × (- 3 × – 3 × – 3 × 3)
= (- 2 × – 3) × (- 2 × – 3) × (- 2 × – 3) × (- 2 × – 3)
= (- 2 × – 3)4

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 13 घातांक और घात InText Questions

पृष्ठ सं. 273

प्रश्न 1.
am ÷ bm = \(\left(\frac{a}{b}\right)^{m}\) का प्रयोग करके, अन्य रूप में बदलिए:
(i) 45 ÷ 35
(ii) 25 ÷ b5
(iii) (-2)3 ÷ b3
(iv) p4 + q4
(v) 56 + (-2)6
हल :
am ÷ am = \(\left(\frac{a}{b}\right)^{m}\) का प्रयोग करने पर,
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HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 13 घातांक और घात InText Questions 5

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 13 घातांक और घात InText Questions

पृष्ठ सं. 277

प्रश्न 1.
10 की घातों का प्रयोग करते हुए, घातांकीय रूप में प्रसारित कीजिए :
(i) 172
(ii) 5643
(ii) 56439
(iv) 176428
हल :
(i) 172 = 1 × 100 + 7 × 10 + 2 × 1
= 1 × 102 + 7 × 101 + 2 × 100

(ii) 5643 = 5 × 1000 + 6 × 100 + 4 × 10 + 3 × 1
= 5 × 103 + 6 × 102 + 4 × 101 + 3 × 100

(iii) 56439 = 5 × 10000 + 6 × 1000 + 4 × 100 + 3 × 10 + 9 × 1
= 5 × 104 + 6 × 103 + 4 × 102 + 3 × 101 + 9 × 100

(iv) 176428 = 1 × 100000 + 7 × 10000 + 6 × 1000 + 4 × 100 + 2 × 10 +8 × 1
= 1 × 105 + 7 × 104 + 6 × 103 + 4 × 102 + 2 × 101 + 8 × 100

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HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 4 सरल समीकरण Ex 4.2

Haryana State Board HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 4 सरल समीकरण Ex 4.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Maths Solutions Chapter 4 सरल समीकरण Ex 4.2

प्रश्न 1.
पहले चर को पृथक् करने वाला चरण बताइए और फिर समीकरण को हल कीजिए :
(a) x – 1 = 0
(b) x + 1 = 0
(c) x – 1 = 5
(d) x + 6 = 2
(e) y – 4 = – 7
(f) y – 4 = 4
(g) y + 4 = 4
(h) y + 4 = – 4
हल :
(a) x – 1 = 0
दोनों पक्षों में 1 जोड़ने पर,
x – 1 + 1 = 0 + 1
⇒ x + 0 = 1
⇒ x = 1
∴ x = 1 दिये गये समीकरण का हल है। उत्तर

(b) x + 1 = 0
दोनों तरफ से 1 घटाने पर,
x + 1 – 1 = 0 – 1
⇒ x + 0 = – 1
⇒ x = – 1
∴ x = – 1 दिये गये समीकरण का हल है। उत्तर

(c) x – 1 = 5
दोनों तरफ 1 जोड़ने पर,
x – 1 + 1 = 5 + 1
⇒ x + 0 = 6
⇒ x = 6
∴ x = 6 दिये गये समीकरण का हल है। उत्तर

(d) x + 6 = 2
इसके लिए दोनों तरफ से 6 घटाने पर,
⇒ x + 6 – 6 = 2 – 6
⇒ x + 0 = – 4
⇒ x = – 4
∴ x = – 4 दिये गये समीकरण का हल है। उत्तर

(e) y – 4 = – 7
तब दोनों तरफ 4 जोड़ने पर,
⇒ y – 4 + 4 = – 7 + 4
⇒ y + 0 = – 3
⇒ y = – 3 दिये गये समीकरण का हल है। उत्तर

(f) y – 4 = 4
दोनों ओर 4 जोड़ने पर,
y – 4 + 4 = 4 + 4
⇒ y + 0 = 8
⇒ y = 8
∴ y = 8 दिये गये समीकरण का हल है। उत्तर

(g) y + 4 = 4
दोनों ओर से 4 घटाने पर,
y + 4 – 4 = 4 – 4
⇒ y + 0 = 0
⇒ y = 0
∴ y = 0 दिये गये समीकरण का हल है। उत्तर

(h) y + 4 = – 4
दोनों ओर से 4 घटाने पर,
y + 4 – 4 = – 4 – 4
⇒ y + 0 = – 8
⇒ y = – 8
∴ y = – 8 दिये गये समीकरण का हल है। उत्तर

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 4 सरल समीकरण Ex 4.2

प्रश्न 2.
पहले चर को पृथक् करने के लिए प्रयोग किए जाने वाले चरण को बताइए और फिर समीकरण को हल कीजिए :
(a) 3l = 42
(b) \(\frac {b}{2}\) = 6
(c) \(\frac {p}{7}\) = 4
(d) 4x = 25
(e) 8y = 36
(f) \(\frac{z}{3}=\frac{5}{4}\)
(g) \(\frac{a}{5}=\frac{7}{15}\)
(h) 20t = – 10
हल :
(a) 3l = 42
समीकरण को हल करने के लिए l को बाँयी ओर रखते हैं तथा 3 को बायीं तरफ से हटाते है। इसलिए लिए 3 का दोनों ओर भाग देने पर,
3l = 42
\(\frac{3 l}{3}=\frac{42}{3}\)
⇒ l = 14
∴ l = 14 दिये गये समीकरण का हल है। उत्तर

(b) \(\frac {b}{2}\) = 6
समीकरण को हल करने के लिए b को बाँयौं तरफ रखते हैं तथा बाँयी ओर से 2 को हटाते हैं। इसके लिये 2 का दोनों ओर गुणा करने पर,
= \(\frac {b}{2}\) × 2 = 6 × 2,
⇒ b = 12
[∵ \(\frac {b}{2}\) × 2 = b और 6 × 2 = 12]
∴ b = 12 समीकरण का हल है। उत्तर

(c) \(\frac {p}{7}\) = 4
समीकरण को हल करने के लिए p बायीं तरफ रखते हैं और 7 को बायीं ओर से हटाते हैं। इसके लिए 7 से दोनों ओर गुणा करने पर,
\(\frac {p}{7}\) × 7 = 4 × 7
⇒ p = 28
∴ p = 28 दिये गये समीकरण का हल है। उत्तर

(d) 4x = 25
समीकरण से 4 को बाँयीं तरफ से हटाने के लिए, समीकरण के दोनों ओर 4 का भाग देने पर,
\(\frac{4 x}{4}=\frac{25}{4}=\frac{25}{4}\)
∴ x = \(\frac {25}{4}\) दिये गये समीकरण का हल है। उत्तर

(e) 8y = 36
समीकरण से 8 को बायीं तरफ से हटाने के लिए, समीकरण के दोनों तरफ 8 से भाग देने पर,
\(\frac{8 y}{8}=\frac{36}{8}\)
⇒ y = \(\frac{36}{8}=\frac{9}{2}\)
∴ y = \(\frac {9}{2}\) दिये गये समीकरण का हल है। उत्तर

(f) \(\frac{z}{3}=\frac{5}{4}\)
इसको हल करने के लिए 2 को बायीं तरफ रखते हैं। और 3 को बायीं तरफ से हटाते हैं। इसके लिए इसके लिए दोनों ओर 3 से गुणा करने पर।
\(\frac{z}{3}=\frac{5}{4}\)
\(\frac {z}{3}\) × 3 = \(\frac {5}{4}\) × 3
⇒ z = \(\frac {15}{4}\)
∵ \(\frac {z}{3}\) × 3 = z और \(\frac {5}{4}\) × 3 = \(\frac {15}{4}\)]
∴ z = \(\frac {15}{4}\) दिये गये समीकरण का हल है। उत्तर

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 4 सरल समीकरण Ex 4.2 - 1

प्रश्न 3.
चर को पृथक् करने के लिए, जो आप चरण प्रयोग करेंगे, उसे बताइए और फिर समीकरण को हल कीजिए :
(a) 3n – 2 = 46
(b) 5m + 7 = 17
(c) \(\frac {20p}{3}\) = 40
(d) \(\frac {3p}{10}\) = 6
हल :
(a) 3n – 2 = 46
दोनों ओर 2 जोड़ने पर,
3n – 2 + 2 = 46 + 2
⇒ 3n = 48
दोनों ओर 3 का भाग देने पर,
\(\frac{3 n}{3}=\frac{48}{3}\)
⇒ n = 16, समीकरण का हल है। उत्तर

(b) 5m + 7 = 17
दोनों ओर से 7 घटाने पर,
5m + 7 – 7 = 17 – 7
⇒ 5m + 0 = 10
⇒ 5m = 10
दोनों ओर 5 का भाग देने पर,
\(\frac{5 m}{5}=\frac{10}{5}\)
⇒ m = 2
∴ m = 2, समीकरण का हल है। उत्तर

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 4 सरल समीकरण Ex 4.2 - 2

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 4 सरल समीकरण Ex 4.2

प्रश्न 4.
निम्नलिखित समीकरणों को हल कीजिए :
(a) 10p = 100
(b) 10p + 10 = 100
(c) \(\frac {p}{4}\) = 5
(d) \(\frac {-p}{3}\) = 5
(e) \(\frac {3p}{4}\) = 6
(f) 3s = -9
(g) 3s + 12 = 0
(h) 3s = 0
(i) 2q = 6
(j) 2q – 6 = 0
(k) 2q + 6 = 0
(l) 2q + 6 = 12
हल :
(a) 10p = 100
दोनों ओर 10 का भाग देने पर,
\(\frac{10 p}{10}=\frac{100}{10}\)
⇒ p = 10
∴ p = 10, समीकरण का हल है।

(b) 10p + 10 = 100
दोनों तरफ से 10 घटाने पर,
10p + 10 – 10 = 100 – 10
⇒ 10p + 0 = 90
⇒ 10p = 90
दोनों ओर 10 का भाग देने पर,
⇒ \(\frac{10 p}{10}=\frac{90}{10}\)
⇒ p = 9
∴ p = 9. समीकरण का हल है।

(c) \(\frac {p}{4}\) = 5
दोनों ओर 4 का गुणा करने पर,
\(\frac {p}{4}\) × 4 = 5 × 4
⇒ p = 20
∴ p = 20, समीकरण का हल है। उत्तर

(d) \(\frac {-p}{3}\) = 5
दोनों ओर – 3 का गुणा करने पर,
\(\frac {-p}{3}\) × (-3) = 5 × (-3)
⇒ \(\frac {3p}{3}\) = – 15
∴ p = – 15
∴ p = – 15, समीकरण का हल है।

(e) \(\frac {3p}{4}\) = 6
दोनों ओर \(\frac {4}{3}\) से भाग देने पर,
\(\frac{3 p}{4} \times \frac{4}{3}=6 \times \frac{4}{3}\)
⇒ p = \(\frac {24}{3}\)
⇒ p = 8
∴ p = 8 समीकरण का हल है। उत्तर

(f) 3s = – 9
⇒ \(\frac{3 s}{3}=\frac{-9}{3}\) [दोनों ओर 3 से भाग देने पर]
⇒ s = – 3
∴ s = – 3 समीकरण का हल है। उत्तर

(g) 3s + 12 = 0
⇒ 3s + 12 – 12 = 0 – 12
[दोनों ओर से 12 घटाने पर]
⇒ 3s = – 12
⇒ \(\frac{3 s}{3}=\frac{-12}{3}\) [दोनों ओर 3 से भाग देने पर]
⇒ s = -4
∴ s = – 4 समीकरण का हल है। उत्तर

(h) 3s = 0
⇒ \(\frac{3 s}{3}=\frac{0}{3}\) [दोनों ओर 3 से भाग देने पर]
⇒ s = 0
∴ s = 0 ही समीकरण का हल है। उत्तर

(i) 2q = 6
⇒ \(\frac{2 q}{2}=\frac{6}{2}\) [दोनों ओर 2 से भाग देने पर]
⇒ q = 3
∴ q = 3 समीकरण का हल है। उत्तर

(j) 2q – 6 = 0
दोनों ओर 6 जोड़ने पर,
⇒ 2q – 6 + 6 = 0 + 6
⇒ 2q + 0 = 6
⇒ 2q = 6
दोनों ओर 2 का भाग देने पर,
\(\frac{2 q}{2}=\frac{6}{2}\)
⇒ q = 3
∴ q = – 3, समीकरण का हल है। उत्तर

(k) 2q + 6 = 0
दोनों ओर से 6 घटाने पर,
2q + 6 – 6 = 0 – 6
⇒ 2q + 0 = – 6
⇒ 2q = – 6
दोनों ओर 2 का भाग देने पर,
\(\frac{2 q}{2}=\frac{-6}{2}\)
⇒ q = – 3
∴ q = – 3, समीकरण का हल है। उत्तर

(l) 2q + 6 = 12
दोनों ओर से 6 घटाने पर,
2q + 6 – 6 = 12 – 6
⇒ 2q + 0 = 6
⇒ 2q = 6
दोनों ओर 2 का भाग देने पर,
\(\frac{2 q}{2}=\frac{6}{2}\)
⇒ q = 3
∴ q = 3 समीकरण का हल है। उत्तर

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HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 4 सरल समीकरण InText Questions

Haryana State Board HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 4 सरल समीकरण InText Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Maths Solutions Chapter 4 सरल समीकरण InText Questions

पृष्ठ सं. 89 (प्रयास कीजिए) 

प्रश्न 1.
व्यंजक (10y – 20) का मान y के मान पर निर्भर करता है। को पाँच भिन्न-भिन्न मान देकर सथा। के प्रत्येक मान के लिए (10y – 20) का मान ज्ञात करके इसकी पुष्टि कीजिए। (10y – 20) के प्राप्त किए गए विभिन्न मानों से, क्या आप 10y – 20 = 50 का कोई हल देख रहे हैं? यदि कोई हल प्राप्त नहीं हुआ है, तोy को कुछ अन्य मान देकर, ज्ञात कीजिए कि प्रतिबंध 10y – 20 = 50 संतुष्ट होता है या नहीं। .
हल :
y के विभिन्न मानों के लिए (10y – 20) निकालने पर, जब y = 1, तब
10y – 20= 10 × 1 – 20 = 10 – 20 = – 10
जब y = 2, तब
10y – 20 = 10 × 2 – 20 = 20 – 20 = 0
जब y = 3, तब
10y – 20 = 10 × 3 – 20 = 30 – 20 = 10
जब y = 4, तब
10y – 20 – 10 × 4 – 20 = 40 – 20 = 20
और जब y = 5, तब
10y – 20 = 10 × 5 – 20 = 50 – 20 = 30
स्पष्ट है कि (10y – 20) का मान के मानों पर निर्भर करता है।
लेकिन y के मान 1, 2, 3, 4 और 5 रखने पर हमें 10y – 20 = 50 प्राप्त नहीं हुआ।
इसलिए हम y का मान 5 से अधिक रखकर कोशिश करते हैं।
जब y = 6, तब
10y – 20 = 10 x 6 – 20 = 60 – 20 = 40
जब y = 7, तब
10y – 20 = 10 x 7 – 20 = 70 – 20 = 50
अत: y = 7 रखने पर 10y – 20 का मान 50 आता है।
∴ y = 7 इसका हल है।

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पृष्ठ सं. 89

प्रश्न 2.
निम्न समीकरणों में से प्रत्येक के लिए कम-से-कम एक अन्य कथन के रूप में लिखिए :
समीकरण : 5p = 20; 3n +7 = 1; \(\frac {m}{5}\) – 2 = 6
हल :
स्थिति इस प्रकार है:
(i) p का गुणा 5 में करने से 20 प्राप्त होता हैं।
(ii) 3 और n के गुणा में 7 जोड़ा जाता है, तो 1 प्राप्त होता है।
(iii) m का \(\frac {1}{5}\) से 2 कम 6 होता है।

पृष्ठ सं. 99

प्रश्न 1.
x = 5 से प्रारम्भ करते हुए दो भिन्न समीकरण बनाइये।
हल :
प्रथम समीकरण :
x = 5 से प्रारम्भ करने पर, दोनों ओर 7 से गुणा करने पर,
7x = 35
दोनों ओर 2 घटाने पर,
7x – 2 = 35 – 2
⇒ 7x – 2 = 33

द्वितीय समीकरण
x – 5 से प्रारम्भ करने पर, दोनों ओर 3 से भाग देने पर,
\(\frac{x}{3}=\frac{5}{3}\)
दोनों ओर 1 घटाने पर,
\(\frac {x}{3}\) – 1 = \(\frac {5}{3}\) – 1
\(\frac {x}{3}\) – 1 = \(\frac {2}{3}\)

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 4 सरल समीकरण InText Questions

प्रश्न 2.
दो संख्या पहेलियों को बनाने का प्रयास कीजिए। एक हल 11 लेकर तथा दूसरा हल 100 लेकर।
हल :
प्रथम पहेली 11 लेकर : अंक सोचिए, उसमें 3 से गुणा करो और गुणनफल में 2 जोड़िए। परिणाम 35 मिलता है। मुझे अंक बताइए।
दूसरी पहेली 100 लेकर : अंक सोचिए, इसमें 10 से भाग दीजिए। भागफल से 5 घटाओ। परिणाम 5 मिलता है। मुझे अंक बताइए।

पृष्ठ सं. 101

प्रश्न 1.
(i) जब आप एक संख्या को 6 से गुणा करते हैं और फिर गुणनफल में से 5 घटाते हैं, तो आपको 7 प्राप्त होता है। आप बता सकते हैं कि वह संख्या क्या है ?
हल :
माना वह संख्या x है।
प्रश्नानुसार,
6x – 5 = 7
⇒ 6x = 7 + 5 = 12
⇒ \(\frac{6 x}{6}=\frac{12}{6}\)
⇒ x = 2
अत: संख्या 2 है। उत्तर

(ii) वह कौन-सी संख्या है, जिसके एक-तिहाई में 5 जोड़ने पर 8 प्राप्त होता है?
हल :
माना वह संख्या y है।
प्रश्न के अनुसार,
\(\frac {y}{3}\) + 5 = 8
⇒ \(\frac {y}{3}\) = 8 – 5 = 3
⇒ y = 3 × 3 = 9
⇒ y = 9
अत: संख्या 9 है। उत्तर

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 4 सरल समीकरण InText Questions

प्रश्न 2.
मापों के अनुसार दो पेटियाँ हैं, जिनमें आम रखे हुए हैं। प्रत्येक बड़ी पेटी में रखे आमों की संख्या 8 छोटी पेटियों में रखे आमों की संख्या से 4 अधिक है। प्रत्येक बड़ी पेटी में 100 आम हैं। प्रत्येक छोटी पेटी में कितने आम हैं ?
हल :
माना छोटी पेटी में आमों की संख्या x है।
∴ 8 पेटियों में आमों की संख्या = 8x
तथा बड़ी पेटी में आर्मों की संख्या = 8x + 4
प्रश्नानुसार, 8x + 4 = 100
⇒ 8x + 4 – 4 = 100 – 4
⇒ 8x = 96
⇒ \(\frac{8 x}{8}=\frac{96}{8}\)
⇒ x = 12
छोटी पेटी में आमों की संख्या 12 है। उत्तर

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HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 11 रचनाएँ Ex 11.2

Haryana State Board HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 11 रचनाएँ Ex 11.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Maths Solutions Chapter 11 रचनाएँ Exercise 11.2

प्रश्न 1.
6 cm त्रिज्या का एक वृत्त खींचिए। केंद्र से 10 cm दूर स्थित एक बिंदु से वृत्त पर स्पर्श रेखा युग्म की रचना कीजिए और उनकी लंबाइयाँ मापिए।
हल :
HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 11 रचनाएँ Ex 11.2 1
रचना के चरण
(1) O को केंद्र मानकर 6 cm त्रिज्या की चाप द्वारा एक वृत्त खींचिए।
(2) O से 10 cm की दूरी पर एक बिंदु P लीजिए।
(3) O व P को मिलाइए।
(4) OP को बिंदु M पर समद्विभाजित कीजिए।
(5) अब M को केंद्र मानकर तथा OM को त्रिज्या लेकर एक वृत्त खींचिए जो दिए हुए वृत्त को Q तथा R पर प्रतिच्छेदित करे।
(6) PQ तथा PR को मिलाइए। यही PQ तथा PR वृत्त की अभीष्ट स्पर्श रेखाएँ हैं।
(7) मापने पर PQ = PR = 8 cm है।

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प्रश्न 2.
4 cm त्रिज्या के एक वृत्त पर 6 cm त्रिज्या के एक संकेंद्रीय वृत्त के किसी बिंदु से एक स्पर्श रेखा की रचना कीजिए और उसकी लंबाई मापिए। परिकलन से इस माप की जाँच भी कीजिए।
हल :
HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 11 रचनाएँ Ex 11.2 2
रचना के चरण-
(1) O को केंद्र मानकर 4 cm त्रिज्या तथा 6 cm त्रिज्या की चाप द्वारा दो संकेंद्रीय वृत्त खींचिए।
(2) बड़े वृत्त की परिधि पर एक बिंदु P अंकित करें।
(3) OP को मिलाकर इसका लंब समद्विभाजक M प्राप्त कीजिए।
(4) अब M को केंद्र मानकर तथा OM को त्रिज्या लेकर एक वृत्त खींचिए जो छोटे वृत्त को Qतथा R पर प्रतिच्छेद करे।
(5) PQ तथा PR को मिलाइए। यही PQ तथा PR छोटे वृत्त की अभीष्ट स्पर्श रेखाएँ हैं।
(6) मापने पर PQ = PR = 4.5 cm (लगभग) है।
जाँच-OQ को मिलाकर समकोण ΔPQO प्राप्त कीजिए।
अब समकोण ΔPQO में,
OQ = 4 cm, OP = 6 cm
PQ = \(\sqrt{(O P)^{2}-(O Q)^{2}}=\sqrt{(6)^{2}-(4)^{2}}\)
= \(\sqrt{36-16}=\sqrt{20}\) = 4.47 cm = missing 4.5 cm

प्रश्न 3.
3 cm त्रिज्या का एक वृत्त खींचिए। इसके किसी बढ़ाए गए व्यास पर केंद्र से 7 cm की दूरी पर स्थित दो बिंदु P और Q लीजिए। इन दोनों बिंदुओं से वृत्त पर स्पर्श रेखाएँ खींचिए।
हल :
HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 11 रचनाएँ Ex 11.2 3
रचना के चरण-
(1) O को केंद्र मानकर 3 cm त्रिज्या की चाप द्वारा एक वृत्त खींचिए।
(2) वृत्त के एक व्यास AOB को P और Qतक इस प्रकार बढ़ाए कि OP= OQ = 7 cm हो।
(3) OP तथा OQ के लंब समद्विभाजक क्रमशः M, तथा M, प्राप्त कीजिए।
(4) अब M, को केंद्र तथा M1P को त्रिज्या मानकर एक वृत्त खींचिए जो दिए
गए वृत्त को T1, व T2, पर प्रतिच्छेद करे।
(5) PT1 तथा PT2 को मिलाइए। इस प्रकार PT1 तथा PT2 बिंदु P से स्पर्श रेखाएँ हैं।
(6) इसी प्रकार M2 को केंद्र तथा M2Q को त्रिज्या मानकर एक वृत्त खींचिए जो दिए गए वृत्त को T3 व T4 पर प्रतिच्छेद करे।
(7) QT3 तथा QT4 को मिलाइए। इस प्रकार QT3 तथा QT4 बिंदु Q से स्पर्श रेखाएँ हैं।

प्रश्न 4.
5 cm त्रिज्या के एक वृत्त पर ऐसी दो स्पर्श रेखाएँ खींचिए, जो परस्पर 60° के कोण पर झुकी हों।
हल :
HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 11 रचनाएँ Ex 11.2 4
रचना के चरण-
(1) O को केंद्र मानकर 5 cm त्रिज्या लेकर एक वृत्त खींचिए।
(2) वृत्त की किसी त्रिज्या OR से 120° का कोण लेकर एक त्रिज्या OQ खींचिए।
(3) वृत्त की त्रिज्याओं OR तथा OQ के बिंदु R तथा Q पर 90° का कोण बनाइए।
(4) इस प्रकार PR तथा PQ वृत्त की अभीष्ट स्पर्श रेखाएँ हैं जो 60° के कोण पर झुकी हैं।

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प्रश्न 5.
8 cm लंबा एक रेखाखंड AB खींचिए। A को केंद्र मानकर 4 cm त्रिज्या का एक वृत्त तथा B को केंद्र लेकर 3 cm त्रिज्या का एक अन्य वृत्त खींचिए। प्रत्येक वृत्त पर दूसरे वृत्त के केंद्र से स्पर्श रेखाओं की रचना कीजिए।
हल :
HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 11 रचनाएँ Ex 11.2 5
रचना के चरण-
(1) पैमाने की सहायता से AB = 8 cm लंबा एक रेखाखंड खींचिए।
(2) A को केंद्र मानकर 4 cm त्रिज्या की परकार द्वारा एक वृत्त खींचिए जो AB को O पर मिले।
(3) इसी प्रकार B को केंद्र मानकर 3 cm त्रिज्या की परकार द्वारा एक वृत्त खींचिए।
(4) स्पष्टत बिंदु ० रेखाखंड AB का मध्य-बिंदु है। अब O को केंद्र तथा OA या OB को त्रिज्या मानकर एक वृत्त खींचिए जो केंद्र B वाले वृत्त को T1 व T2 तथा केंद्र A वाले वृत्त को T3 व T4 पर प्रतिच्छेद करता है।
(5) AT1, AT2, BT3 तथा BT4 को मिलाने पर वांछित स्पर्श रेखाएँ प्राप्त हो जाती हैं।

प्रश्न 6.
माना ABC एक समकोण त्रिभुज है, जिसमें AB = 6 cm, BC = 8 cm तथा ∠B = 90° है। B से AC पर BD लंब है। बिंदुओं B, C, D से होकर जाने वाला एक वृत्त खींचा गया है। A से इस वृत्त पर स्पर्श रेखा की रचना कीजिए।
हल :
HBSE 10th Class Maths Solutions Chapter 11 रचनाएँ Ex 11.2 6
रचना के चरण-
(1) पैमाने की सहायता से BC = 8 cm लंबा एक रेखाखंड खींचिए।
(2) B पर 90° का कोण बनाइए तथा BA = 6 cm काटिए।
(3) A और C को मिलाकर समकोण ΔABC प्राप्त कीजिए।
(4) बिंदु B से BD ⊥ AC खींचिए जो AC को D पर काटे।
(5) अब D को केंद्र तथा DA या DB या DC को त्रिज्या लेकर एक वृत्त खींचिए।
(6) A पर AT ⊥ AD खींचिए जो वृत्त की स्पर्श रेखा होगी।

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प्रश्न 7.
किसी चूड़ी की सहायता से एक वृत्त खींचिए। वृत्त के बाहर एक बिंदु लीजिए। इस बिंदु से वृत्त पर स्पर्श रेखाओं की रचना कीजिए।
हल :
im 7
रचना के चरण-
(1) एक चूड़ी लेकर उसे अपनी कॉपी पर रखकर पैंसिल की सहायता से एक वृत्त खींचिए।
(2) वृत्त के बाहर दिए बिंदु A से एक छेदक रेखा ARS खींचिए तथा इसे C तक इस प्रकार बढ़ाइए कि AR = AC हो।
(3) अब CS को व्यास मानकर एक अर्धवृत्त की रचना कीजिए।
(4) बिंदु A पर AB ⊥ AS खींचिए जो अर्धवृत्त को B पर प्रतिच्छेद करे।
(5) अब A को केंद्र तथा AB को त्रिज्या मानकर एक चाप लगाइए जो दिए गए वृत्त को T1 व T2 पर प्रतिच्छेदं करे।
(6) AT1 तथा AT2 को मिलाने पर वांछित स्पर्श रेखाएँ प्राप्त होती हैं।

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HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 4 सरल समीकरण Ex 4.4

Haryana State Board HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 4 सरल समीकरण Ex 4.4 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Maths Solutions Chapter 4 सरल समीकरण Ex 4.4

प्रश्न 1.
निम्नलिखित स्थितियों के लिए समीकरण बनाइए और फिर उन्हें हल करके अज्ञात संख्याएँ ज्ञात कीजिए:
(a) एक संख्या के आठ गुने में 4 जोडिए; आपको 60 प्राप्त होगा।
(b) एक संख्या का \(\frac {1}{5}\) घटा 4, संख्या 3 देता है।
(c) यदि मैं किसी संख्या का तीन-चौथाई लेकर इसमें 3 जोड़ दूं, तो मुझे 21 प्राप्त होते हैं।
(d) जब मैंने किसी संख्या के दुगुने में से 11 को घटाया, तो परिणाम 15 प्राप्त हुआ।
(e) मुना ने 50 में से अपनी अभ्यास-पुस्तिकाओं की संख्या के तिगुने को घटाया, तो उसे परिणाम 8 प्राप्त होता है।
(f) इबेनहल एक संख्या सोचती है। वह इसमें 19 जोड़कर योग को 5 से भाग देती है, उसे 8 प्राप्त होता है।
(g) अनवर एक संख्या सोचता है। यदि वह इस संख्या के \(\frac {5}{2}\) में से 7 निकाल दे, तो परिणाम 23 है।
हल :
(a) माना वह संख्या x है।
∴ समीकरण है:
8x + 4 = 60
⇒ 8x + 4 – 4 = 60 – 4
⇒ 8x = 56 है :
⇒ \(\frac{8 x}{8}=\frac{56}{8}\)
⇒ x = 7

(b) माना वह संख्या x है।
∴ समीकरण : \(\frac {x}{5}\) – 4 = 3
⇒ \(\frac {x}{5}\) × 5 – 4 = 3 × 5
⇒ x – 20 = 15
⇒ x – 20 + 20 = 15 + 20
⇒ x = 35

(c) माना अभीष्ट संख्या y है।
∴ समीकरण है:
\(\frac {3y}{4}\) + 3 = 21
⇒ 4 × \(\frac {3y}{4}\) + 4 × 3 = 4 × 21
⇒ 3y + 12 = 84
⇒ 3y + 12 – 12 = 84 – 12
⇒ 3y = 72
⇒ \(\frac{3 y}{3}=\frac{72}{3}\)
⇒ y = 24

(d) माना वह संख्या m है।
∴ समीकरण है: 2m – 11 = 15
⇒ 2m = 15 + 11
⇒ 2m = 26
⇒ \(\frac{2 m}{2}=\frac{26}{2}\)
⇒ m = 13 उत्तर

(e) माना मुन्ना के पास x अभ्यास-पुस्तिकाएँ हैं।
∴ समीकरण है: 50 – 3x = 8
⇒ 50 – 3x – 50 = 8 – 50
⇒ -3x = – 42
⇒ \(\frac{-3 x}{-3}=\frac{-42}{-3}\)
⇒ x = 14 उत्तर

(f) माना संख्या x है।
∴ समीकरण है : \(\frac{x+19}{5}\) = 8
⇒ 5 × \(\frac{x+19}{5}\) = 8 × 5
⇒ x + 19 = 40
⇒ x + 19 – 19 = 40 – 19
⇒ x = 21 उत्तर

(g) माना वह संख्या x है।
∴ समीकरण है: \(\frac{5x}{2}\) – 7 = 23
प्रत्येक पद में 2 से गुणा करने पर
2 × \(\frac{5x}{2}\) – 7 × 2 = 2 × 23
5x – 14 = 46
⇒ 5x – 14 + 14 = 46 + 14
⇒ 5x = 60
⇒ \(\frac{5 x}{5}=\frac{60}{5}\)
⇒ x = 12 उत्तर

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित को हल कीजिए :
(a) अध्यापिका बताती है कि उनकी कक्षा में एक विद्यार्थी द्वारा प्राप्त किए गए अधिकतम अंक, प्राप्त किए
न्यूनतम अंक का दुगुना जमा 7 है। प्राप्त किए गए अधिकतम अंक 87 हैं। प्राप्त किए गए न्यूनतम अंक क्या है? .
(b) किसी समद्विबाहु त्रिभुज में आधार कोण बराबर होते हैं। शीर्ष कोण 40° है। इस त्रिभुज के आधार कोण क्या हैं ? (याद कीजिए कि त्रिभुज के तीनों कोणों का योग 180° होता है।)
(c) सचिन द्वारा बनाए गए रनों की संख्या राहुल द्वारा बनाए गए रनों की संख्या की दुगुनी है। उन दोनों द्वारा मिलाकर बनाए गए कुल रन एक दोहरे शतक से 2 रन कम हैं। प्रत्येक ने कितने रन बनाए थे ?
हल :
(a) माना न्यूनतम अंक हैं, तब अधिकतम अंक = 2x + 7
लेकिन अधिकतम अंक 87 दिए हुए हैं।
∴ 2x + 7 = 87
⇒ 2x + 7 – 7 = 87 – 7
⇒ 2x = 80
⇒ \(\frac{2 x}{2}=\frac{80}{2}\)
⇒ x = 40
न्यूनतम अंक = 40 उत्तर

(b) माना आधार कोण = x°
और शीर्ष कोण = 40°
क्योंकि त्रिभुज के तीनों कोणों का योग 180° होता है।
∴ x° + x° + 40° = 180°
⇒ 2x° + 40° – 40° = 180° – 40°
⇒ 2x° = 140°
⇒ \(\frac{2 x^{\circ}}{2}=\frac{140^{\circ}}{2}\)
⇒ x° = 70°,
प्रत्येक आधार कोण = 70° उत्तर

(c) माना राहुल के रनों की संख्या x है। तब सचिन के रनों की संख्या 2x होगी।
प्रश्नानुसार,
x + 2x = 200 – 2
⇒ 3x = 198
⇒ \(\frac{3 x}{3}=\frac{198}{3}\)
⇒ x = 66.
∴ राहुल के रन = 66 और सचिन के रन = 2 × 66 = 132 उत्तर

प्रश्न 3.
निम्नलिखित को हल कीजिए:
(i) इरफान कहता है कि उसके पास परमीत के पास जितने कंचे हैं उनके पाँच गुने से 7 अधिक कंचे हैं। इरफान के पास 37 कैंचे हैं। परमीत के पास कितने कैचे हैं?
(ii) लक्ष्मी के पिता की आयु 49 वर्ष है। उनकी आयु लक्ष्मी की आयु के तीन गुने से 4 वर्ष अधिक है। लक्ष्मी की आयु क्या है?
(iii) सुंदरग्राम के निवासियों ने अपने गाँव के एक बाग में कुछ पेड़ लगाए। इनमें से कुछ पेड़ फलों के थे। उन पेड़ों की संख्या, जो फलों के नहीं थे, फलों वाले पेड़ों की संख्या के तिगुने से 2 अधिक थी। यदि ऐसे पेड़ों की संख्या, जो फलों के नहीं थे, 77 है, तो लगाए गए फलों के पेड़ों की संख्या क्या थी?
हल :
(i) माना परमीत के पास x कंचे हैं, तब
इरफान के पास कैचे = 5x + 7
परन्तु इरफान के पास 37 कैंचे हैं।
∴ 5x + 7 = 37
⇒ 5x + 7 – 7 = 37 – 7
⇒ 5x + 0 = 30
⇒ 5x = 30
⇒ \(\frac{5 x}{5}=\frac{30}{5}\)
⇒ x = 6
अतः परमीत के पास 6 कैचे हैं। उत्तर

(ii) माना लक्ष्मी को आयु y वर्ष है, तब
उसके पिता की आयु = 3y + 4 वर्ष
प्रश्नानुसार, पिता की आयु 49 वर्ष है।
∴ 3y + 4 = 49
⇒ 3y + 4 – 4 = 49 – 4
⇒ 3y + 0 = 45
⇒ 3y = 45
⇒ \(\frac{3 y}{3}=\frac{45}{3}\)
⇒ y = 15
अत: लक्ष्मी की आयु = 15 वर्ष। उत्तर

(iii) माना फलों वाले पेड़ों की संख्या = x
इसलिए बिना फलों पेड़ों की संख्या = 3x + 2
प्रश्नानुसार,
3x + 2 = 77
⇒ 3x = 77 – 2
⇒ x = \(\frac {75}{3}\)
⇒ x = 25
∴ फलों के पेड़ों की संख्या 25 है।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित पहेली को हल कीजिए :
मैं एक संख्या हूँ,
मेरी पहचान बताओ!
मुझे सात बार लो,
और एक पचास जोड़ो !
एक तिहरे शतक तक पहुँचने के लिए
आपको अभी भी चालीस चाहिए !
हल :
माना वह संख्या x है।
प्रश्नानुसार, 7x + 50 = 3 × 100 – 40
⇒ 7x + 50 = 300 – 40
⇒ 7x + 50 – 50 = 300 – 40 – 50
⇒ 7x = 210
⇒ \(\frac{7 x}{7}=\frac{210}{7}\)
⇒ x = 30
अत: वह अभीष्ट संख्या 30 है। उत्तर

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