Class 7

HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 वायु

Haryana State Board HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 वायु Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 वायु

HBSE 7th Class Geography वायु Textbook Questions and Answers

Vayu Social HBSE 7th Class Chapter 4 प्रश्न 1.
निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
(क) वायुमंडल क्या है?
उत्तर:
वायु का आवरण जो पृथ्वी को चारों ओर से घेरे हुए है, वायुमंडल कहलाता है।

(ख) वायुमंडल का अधिकतर भाग किन दो गैसों से बना है?
उत्तर:
नाइट्रोजन तथा ऑक्सीजन वायुमंडल का अधिकतर भाग बनाती हैं।

(ग) वायुमंडल में कौन-सी गैस हरित गृह प्रभाव पैदा करती है?
उत्तर:
कार्बन डाइआक्साइड।

(घ) मौसम किसे कहते हैं?
उत्तर:
दिन-प्रतिदिन की तापमान, वायुदाब, आर्द्रता की दशाओं को मौसम कहते हैं।

(ङ) वर्षा के तीन प्रकार लिखें।
उत्तर:

  • संवाहनीय वर्षा
  • पर्वतकृत वर्षा
  • चक्रवातीय वर्षा।

(च) वायुदाब क्या है?
उत्तर:
पृथ्वी की सतह पर वायु के भार द्वारा लगाया गया दाब वायुदाब कहलाता है।

वायु Class 7 HBSE Chapter 4 प्रश्न 2.
सही उत्तर चिह्नित (√) कीजिए:
(क) निम्नलिखित में से कौन-सी गैस हमें सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाती है?
(i) कार्बन डाइऑक्साइड
(ii) नाइट्रोजन
(iii) ओजोन।
उत्तर:
(iii) ओजोन।

(ख) वायुमंडल की सबसे महत्त्वपूर्ण परत है :
(i) क्षोभमंडल
(ii) बाझ वायुमंडल
(iii) मध्यमंडल।
उत्तर:
(i) क्षोभमंडल

(ग) वायुमंडल की निम्न परतों में कौन-सी बावल विहीन है?
(i) क्षोभमंडल
(ii) समताप मंडल
(iii) मध्यमंडल।
उत्तर:
(ii) समताप मंडल

(घ) वायुमंडल की परतों में जब हम ऊपर जाते हैं तब वायुदाब
(i) बढ़ता है
(ii) घटता है
(iii) समान रहता है
उत्तर:
(ii) घटता है

HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 वायु

(ङ) जब वृष्टि तरल रूप में पृथ्वी पर आती है उसे हम कहते हैं:
(i) बादल
(ii) वर्षा
(iii) हिम
उत्तर:
(ii) वर्षा

Ch 4 Geo Class 7 HBSE प्रश्न 3.
निम्नलिखित स्तंभों को मिलाकर सही जोड़े बनाइए:

(क) व्यापारिक पवनें1. मौसमी पवन
(ख) लू2. वायु की क्षैतिज गति
(ग) मानसून3. स्थायी पवन
(घ) पवन4. स्थानीय पवन

उत्तर:

(क) व्यापारिक पवनें1. स्थायी पवन
(ख) लू2 स्थानीय पवन
(ग) मानसून3. मौसमी पवन
(घ) पवन4. वायु की क्षैतिज गति

Vayu Ki Gatiya Class 7 HBSE Chapter 4 प्रश्न 4.
कारण बताइए:
(क) आई दिन में गीले कपड़े सूखने में अधिक समय लेते हैं।
उत्तर:
जब वायु में जलवाष्य की मात्रा अत्यधिक होती है तो उसे आई दिन कहते हैं। जैसे-जैसे वायु गर्म होती जाती है इसकी जलवाष्प धारण करने की क्षमता बढ़ती जाती है और अधिक आई हो जाती है। इसलिए आई दिन में कपड़े सूखने में अधिक समय लगता है।

(ख) भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर जाने पर आतपन की मात्रा घटती जाती है।
उत्तर:
भूमध्य रेखा पर सूर्य की लंबवत किरणें आती हैं इसलिए वहाँ अधिक सूर्यातप प्राप्त होता है लेकिन ध्रुवों की ओर सूर्य की किरणें तिरछी जाती हैं इसलिए सूर्यातप की मात्रा कम होती है।

वायु Class 7 HBSE Chapter 4 प्रश्न 5.
आओ खेलें (Let’s Fun)
(क) दिए गए चार्ट की मदद से वर्ग पहेली समस्या को हल करें :
नोट : वर्ग पहेली के उत्तर अंग्रेजी के शब्दों में है।
HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 वायु 1

बाएँ से दाएँऊपर से नीचे
6. एक भारतीय पेड़ जो चौबीस घंटे ऑक्सीजन प्रदान करने का असाधारण गुण रखता है।1. जलवाष्प की वायु में मात्रा।
8. वायुमंडल में मौजूद एक गैस, जो केवल 0.03 प्रतिशत में पाई जाती है।2. वायुमंडल में धूल कण के चारों ओर जलवाष्प का संघनन।
11. वायुमंडल की सबसे बाहरी परत।3. उत्तर भारत में ग्रीष्म ऋतु में बहने वाली स्थानीय पवन का एक उदाहरण।
12. बहुत सारे गैसों का मिश्रण।4. वायुमंडल में छोटे अंतराल के लिए बद्लाव।
14. जीवित रखने वाली गैस।5. वर्षण का तरल रूप।
15. गतिशील वायु।7. पृथ्वी के चारों ओर वायु की चादर।
16. एक भारतीय पेड़, जिसका औषधीय गुणों के लिए महत्त्व है।9. वायुदाब को मापने का यंत्र।
18. हानिकारक सूर्य किरणों से हमारी रक्षा करने वाली गैस।10. सूर्य से आने वाली ऊर्जा।
19. निम्न दाब क्षेत्र।13. शीत में दृश्यता को कम करता है।
17. जब सूर्य हमारे सिर के ऊपर होता है, वह समया

उत्तर:
बाएं से दाएँ :
6. पीपल (Peepal)
8. कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide), II. बाह्यमंडल (Exosphere)
12. वायु (Air)
14. ऑक्सीजन (Oxygen)
15. पवन (IWind)
16 नीम (Neem)
19. चक्रवात (Cyclone।

ऊपर से नीचे :
1. आर्द्रता (Humidity)
2. बादल (Cloud)
3. लू (Loo).
4. मौसम (Weatuer)
5. वर्षा (Rain)
7. वायुमंडल (Atmosphere)
9. बैरोमीटर (Barometer)
10. सूर्यातप (Insolation).
13. कोहरा (Fog)
17. दोपहर (Noon)

HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 वायु

(ख) एक सप्ताह का मौसम कैलेंडर बनाएँ। विभिन्न प्रकार के मौसम को दिखाने के लिए चित्रों या संकेतों का उपयोग करें। यदि मौसम में बदलाव आता है, तो आप एक दिन में एक से अधिक संकेतों का उपयोग कर सकते हैं। उदाहरण के लिए – वर्षा रुकने पर सूर्य बाहर निकलता है। एक उदाहरण नीचे दिया गया है:
नोट : यह कार्यकलाप छात्र स्वयं करें।

बहुविकल्पी प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थान भरें:
(i) वायु में जीवनदायिनी गैस …………………… होती है।
(ii) भूपृष्ठ के समीप वाली परत को …………………… कहते हैं।
(ii) क्षोभमंडल की ऊपरी सीमा …………………… है।
(iv) समताप मंडल की निचली परत में क्या अधिक संकेंद्रण होता है। बाहामंडल ………………….. के ठीक ऊपर है।
(vi) नाइट्रोजन वायु के कुल आयतन का …………………… है।
(vii) कम आयतन में पाई जाने वाली गैसें आरगन, …………………… तथा …………………… हैं।
(vii) नगरों में अधिक यातायात वाले क्षेत्रों में वायु में …………………… अधिक मिल जाती है।
(ix) वायु में जल की उपस्थिति को …………………… कहते हैं।
(x) वर्षा की मात्रा …………………… यंत्र द्वारा नापी जाती है।
उत्तर:
(i) ऑक्सीजन।
(ii) क्षोभमंडल।
(iii) क्षोभ सीमा।
(iv) ओजोन।
(v) मध्य मंडल
(vi) 78%
(vi) हीलियम तथा मीथेन
(viii) कार्बन डाइऑक्साइड
(ix) जलवाष्प
(x) वर्षामापी।

प्रश्न 2.
बताएँ निम्न कथन सत्य हैं अथवा असत्य:
1. वायु का घनत्व सभी स्थानों पर समान होता है।
2. वायुमंडल की वायु में भिन्न-भिन्न अनुपात में गैस होती है।
3. तापमान में वृद्धि के साथ वायु हल्की होती है तथा ऊपर की ओर गति करती है।
4. पृथ्वी के आकार को देखते हुए वायुमंडल की परत बड़ी है।
5. वायुमंडल गतिहीन है।
6. मौसम और जलवायु एक ही परिघटना है।
7. किसी क्षेत्र विशेष की जलवायु वर्ष प्रति वर्ष समान रहती है।
8. जलवायु और मौसम के मूल तत्त्व भिन्न-भिन्न होते हैं।
9. सूर्य की सतह का तापमान 6,000° से होता है।
10. पृथ्वी सूर्य से प्राप्त सूर्यातप को सौर विकिरण के रूप में विकरित करती है।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य
3. सत्य
4. असत्य
5. असत्य
6. असत्य
7. सत्य
8. असत्य
9. सत्य
10. असत्य।

प्रश्न 3.
सही उत्तर चुनें :
1. पृथ्वी की सतह से 6 कि.मी. की ऊँचाई तक वायुमंडल का कितने प्रतिशत भाग है?
(क) 30%
(ख) 45%
(ग) 50%
(घ) 50%
उत्तर:
(ग) 50%

2. वायुमंडल में ऑक्सीजन की कितनी मात्रा है?
(क) 21%
(ख) 78%
(ग) 35%
(घ) 50%
उत्तर:
(क) 21%

3. वायुमंडल की सबसे घनी परत कौन सी है?
(क) क्षोभमंडल
(ख) समताप मंडल
(ग) मध्य मंडल
(घ) बाह्य मंडल
उत्तर:
(क) क्षोभमंडल।

HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 वायु

4. समताप मंडल कहाँ स्थित है?
(क) ठीक भूपृष्ठ के ऊपर
(ख) क्षोभ मंडल और तापमंडल के बीच
(ग) क्षोभमंडल और मध्यमंडल के बीच
(घ) कहीं नहीं
उत्तर:
(ग) क्षोभमंडल और मध्यमंडल के बीच।

5. एक वैज्ञानिक जो वायुमंडल के तत्त्वों की सूचना एकत्र करता है:
(क) भूगर्भशास्त्री
(ख) मानव भूगोलवेत्ता
(ग) मौसम वैज्ञानिक
(घ) वास्तुशास्त्री
उत्तर:
(ग) मौसम वैज्ञानिक।

6. वह प्रक्रिया जिसके द्वारा एक वस्तु से दूसरी में ऊष्मा का स्थानांतरण होता है:
(क) संचालन
(ख) संवाहन
(ग) विकिरण
(घ) संवहन
उत्तर:
(क) संचालन।

7. ऊष्मा की तीव्रता को मापने वाला उपकरण है:
(क) थर्मामीटर
(ख) वायुदाबमापी
(ग) वर्षामापी
(घ) संवहन
उत्तर:
(क) थर्मामीटर।

8. निम्न में से कौन सा मौसम का तत्त्व नहीं है?
(क) समताप
(ख) आर्द्रता
(ग) तापमान
(घ) वायुदाब
उत्तर:
(क) समताप।

9. सूर्य की किरणें कहाँ तिरछी पड़ती हैं?
(क) उष्ण कटिबंध में
(ख) शीतोष्ण कटिबंध में
(ग) भूमध्यरेखीय क्षेत्र में
(घ) शीत कटिबंध में
उत्तर:
(ख) शीतोष्ण कटिबंध में।

10. एक पवन जो निर्धारित होती है:
(क) क्षेत्र जिससे वह चलती है
(ख) गति जिस पर चलती है
(ग) ऋतु जिसमें चलती है
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) क्षेत्र जिसमें वह चलती है।

HBSE 7th Class Geography वायु Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
क्षोभ सीमा से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
क्षोभसीमा क्षोभमंडल की ऊपरी सीमा होती है। इस परत में घटता हुआ तापमान रुक जाता है। यह बहुत पतली तथा अस्थायी परत है। इसकी मोटाई केवल 1.5 कि.मी. है।

प्रश्न 2.
परतों का घनत्व या मोटाई किस प्रकार निर्धारित की जाती है?
उत्तर:
परतों का घनत्व या मोटाई वायुमंडल में बढ़ती ऊँचाई के साथ तापमान व वायुदाब पर निर्भर करती है।

प्रश्न 3.
वायुमंडल की वायु में कौन-सी गैसें सम्मिलित
उत्तर:
वायुमंडल की वायु में विभिन्न गैसें जैसे नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड, ओजोन, हीलियम आदि पाई जाती हैं।

प्रश्न 4.
वायुमंडल की विशिष्टता क्या है?
उत्तर:
वायुमंडल की विशिष्टता यह है कि यह सदैव क्षैतिज और ऊर्ध्वाकार गतिमान है।

प्रश्न 5.
वायुमंडल की आकृति कैसी है?
उत्तर:
वायुमंडल गैसीय आवरण है जो पृथ्वी के चारों ओर फैला है।

HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 4 वायु

प्रश्न 6.
वायुमंडल के मुख्य मंडल या परतें कौन सी हैं?
उत्तर:

  • क्षोभमंडल
  • समताप मंडल
  • मध्य मंडल
  • तापमंडल
  • बाह्य मंडल।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वायु का आयतन किस प्रकार वितरित होता है?
उत्तर:
वायु का आयतन तापमान के अनुसार वितरित होता वायुमंडल में तापमान बढ़ने के साथ वायु हल्की हो जाती है र आकाश की ओर उठती है। गर्म वायु में वायु घनत्व कम होने कारण हल्की होती है।

प्रश्न 2.
वायु का घनत्व कैसे भिन्न है?
उत्तर:
वायु का घनत्व तापमान पर निर्भर करता है। तापमान बढ़ने से वायु गर्म होकर हल्की हो जाती है। इस प्रकार घनत्व म होता जाता है। यही कारण है कि गर्म वायु के गुब्बारे पृथ्वी 32 कि.मी. की ऊँचाई तक चले जाते हैं।

प्रश्न 3.
वायुमंडल की क्या विशेषताएँ हैं?
उत्तर:
वायुमंडल में निम्न विशेषताएँ हैं:

  • यह एक गैसीय आवरण है।
  • यह सदैव क्षैतिज और ऊर्ध्वाकार गतिमान है।
  • वायुमंडल में भार होता है और दवाब डालता है।
  • वायुमंडल में जीवनदायिनी गैसें होती हैं।

प्रश्न 4.
क्षोभमंडल हमारे लिए क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
यह पृथ्वी के सबसे समीप है जिसमें हम रहते हैं। जलवाष्प तथा धूल के कणों की उपस्थिति से यह हमारे लिए महत्त्वपूर्ण है। मौसम संबंधी सभी घटनाएँ इस परत में होती हैं। औसत रूप में इस मंडल का विस्तार 13 कि.मी. है।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
क्षोभमंडल की क्या विशेषताएँ हैं?
उत्तर:
क्षोभमंडल की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं:

  • वह वायुमंडल की सबसे निचली परत है।
  • इसकी औसत ऊँचाई 16 कि.मी. है।
  • यह सबसे घनी परत है।
  • इस परत में ऊँचाई के साथ तापमान घटता जाता है।
  • इसी परत में मौसम संबंधी परिवर्तन होते हैं।
  • भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर इसकी ऊँचाई भिन्न होती है।

प्रश्न 4.
ताप कटिबंधों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पृथ्वी पर ऊष्मा की प्राप्त मात्रा के आधार पर विश्व तीन ताप कटिबंधों में विभाजित कर सकते हैं

  • उष्ण कटिबंध (Torrid Zone) : यह उत्तरी गोलार्द्ध में भूमध्य रेखा और कर्क वृत्त तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में भूमध्य रेखा और मकर वृत्त के मध्य फैला है।
  • शीतोष्ण कटिबंध (Temperate Zone) : यह उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क वृत्त और आर्कटिक वृत्त के मध्य तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में मकर व्रत और आर्कटिक वृत के मध्य विस्तृत है।
  • शीत कटिबंध (Frigid Zone) : यह उत्तरी गोलार्द्ध में आर्कटिक वृत्त तथा उत्तरी ध्रुव के मध्य और दक्षिणी गोलार्द्ध में अटार्कटिक वृत्त और दक्षिणी ध्रुव के मध्य फैला है।

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वायु Class 7 HBSE Notes in Hindi

1. वायुमंडल का संघटन (Atmospheric composition) :
वायुमंडल की वायु में विभिन्न गैसें भिन्न अनुपात में पाई जाती हैं। इनमें प्रमुख हैं-नाइट्रोजन (78%), ऑक्सीजन (21%)। इसके अतिरिक्त ऑर्गन, कार्बन डाइऑक्साइड, ओजोन, हाइड्रोजन, हीलियम आदि गैसें भी सम्मिलित हैं।

2. वायुमंडलीय संरचना (Atmospheric structure) : वायुमंडल को चार परतों में विभाजित किया जा सकता है। ये हैं : क्षोभमंडल, समतापमंडल, मध्यमंडल तथा अवनमंडल।

3. वायुमंडल के लाभ (Advantages of Amosphere): वायुमंडल के अनेक लाभ हैं:

  • वायुमंडल में प्राणियों के लिए ऑक्सीजन मिलती है।
  • पौधों के लिए नाइट्रोजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड मिलती है।
  • वायुमंडल पृथ्वी के लिए सुरक्षा का कार्य करता है।
  • वायुमंडल में जल वाष्प का भंडारण होता है जिससे वर्षा होती है।

4. जैवमंडल (Biosphere) : जैवमंडल की संकीर्ण पेटी वायुमंडल के नीचे और स्थलमंडल तथा जलमंडल के ऊपर स्थित है। यह वह क्षेत्र है जहाँ समस्त जैव प्राणी तथा पौधे पाए जाते हैं।

5. वायुमंडलीय तापमान (Atmospheric Temperature) : सूर्य ऊष्मा और प्रकाश का मुख्य स्रोत है। सूर्य की सतह पर 6,000° से तापमान है। सूर्य से निरंतर विकिरण सौर विकिरण कहलाता है।

6. सूर्यातप (Insolation) : सूर्यातप पृथ्वी के वायुमंडल द्वारा प्राप्त सौर ऊर्जा है।

7. वायुमंडल को गर्म करने की प्रक्रिया (Heating Process of Atmosphere) : पृथ्वी की ठोस सतह सौर विकिरण को आसानी से ग्रहण करती है। इसलिए प्रत्यक्ष सौर विकिरण से वायुमंडल गर्म होता है। भूपृष्ठ सूर्य से विकरित ऊष्मा ऊर्जा को भौमिक विकिरण के रूप में ग्रहण करता है। वायुमंडल निम्नलिखित विधियों से गर्म होता है:

  • संचालन (Conduction)।
  • संवाहन (Convection)
  • विकिरण (Radiation)।
  • संवहन (Adveetion)

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8. तापमान को प्रभावित करने वाले कारक (Factors impacting temperature) : निम्नलिखित कारक तापमान को प्रभावित करते हैं:

  • अक्षांश (Latitudes).
  • ऊँचाई (Altitudes).
  • प्रचलित पवनें (Prevailing winds)
  • समुद्र से दूरी (Distance from the sea)
  • महासागरीय धाराएँ (Ocean currents)
  • भूमि का ढाल (Slope of land)।

9. तापमान मापन (Temperature Measurements) : थर्मामीटर वह उपकरण है जिससे वायु के तापमान को मापा जाता है। थर्मामीटर दो प्रकार के होते हैं-फारेनहाइट तथा सेंटीग्रेड। सेंटीग्रेड पैमाने में 0° से. 100° से तक चिह्न होते हैं। फारेनहाइट में सबसे कम 30°F तथा सबसे अधिक 212°F तक होता है।

10. दैनिक औसत तापमान (Daily or Dhurnal Range of Temperature) : यह एक दिन का न्यूनतम तथा अधिकतम तापमान का अंतर है। एक महीने के न्यूनतम और अधिकतम तापमान से मासिक औसत तापमान निकाला जाता है। वार्षिक औसत तापमान वह तापमान है जो वर्ष के अधिकतम तथा न्यूनतम तापमान के अंतर से निकाला जाता है। इसके लिए सबसे गर्म महीने जुलाई तथा सबसे ठंडे महीने जनवरी को चुना जाता है।

11. वायुदाब (Air Pressure) : वायु में भार होता है। यह भूपृष्ठ पर दबाव डालती है। एक वर्ग से.मी. पर 18 किग्रा. से भी अधिक भार होता है। सबसे अधिक भार समुद्र तल पर होता है। भूपृष्ठ पर वायुदाब को वायुमंडलीय दाब कहते हैं। वायुभार को बैरोमीटर द्वारा नापा जाता है। समुद्र तल पर औसत वायुमंडलीय दाब 75 से.मी. है।

12. स्थायी वायुदाब पेटियाँ (The Permanent Pressure Belts) : पृथ्वी की प्रमुख वायुदाब पेटियाँ निम्नलिखित हैं:
(क) भूमध्यरेखीय निम्न वायुदाब पेटी (Equatorial Low Pressure Bell) : यह पेटी 5° उ. अक्षांश से 5° द. अक्षांश तक फैली है। यह कम वायुदाब क्षेत्र होता है। यहाँ भूपृष्ठीय पवनें नहीं चलतीं। इसे शांत पेटी कहते हैं।

(ख) उष्ण कटिबंधीय उच्च वायुदाब पेटी (SubTropical High Pressure Delt): यह कर्क वृत्त तथा मकर वृत्त के समीप पाई जाती है। यहाँ भूमध्य रेखा की अपेक्षा कम तापमान होता है।

(ग) ध्रुवीय निम्न वायुदाब पेटी (Polar Low Pressure Belt) : ये पेटिगा आर्कटिक वृत्त तथा अंटार्कटिक वृत्त के समीप स्थित हैं।

(घ) ध्रुवीय उच्च वायुदाब पेटी (Polar High Pressure Bell) : ये पेटियाँ ध्रुवों पर पाई जाती हैं।

13. वायुदाब पेटियों का ऋतुवत् वितरण (Seasonal Distribution of Pressure Belts) : सूर्यातप पृथ्वी पर वायुदाब पेटियों के निर्माण का प्रमुख कारक है। सूर्य ग्रीष्म ऋतु में उत्तर तथा शीत ऋतु में दक्षिण की ओर गति करता है। दाय का ऋतुवत वितरण जल तथा बल के वितरण पर भी प्रभाव पड़ता है।

14. पवनें (Winds) : भूपृष्ठ पर वायु भी क्षैतिज गति को पवन कहते हैं। पवनों का नाम क्षेत्रों के आधार पर किया जाता है, जैसे-पछुवा पवनें जो पश्चिम दिशा से चलती हैं। प्रकार (Types) : जो पवनें अपने निश्चित मार्ग पर चलती हैं उन्हें स्थायी पवनें कहते हैं। कुछ पवनों में ऋतुवत वायुमंडलीय दशाओं के कारण परिवर्तन होते हैं। उन्हें सामयिक पवनें कहते हैं। स्थायी पवनें हैं : व्यापारिक पवनें, पछुवा पवनें, ध्रुवीय पवनें।
(क) व्यापारिक पवनें (Trade Winds) : ये पवनें उपाष्ण उच्च दाब पटी से भूमध्यरेखीय निम्न वायु दाब पेटी की ओर चलती हैं। इन पवनों की दिशा उत्तरी गोलार्द्ध में उत्तर-पूर्व से दक्षिण पश्चिम और दक्षिणी गालार्द्ध में दक्षिण-पूर्व से उत्तर पश्चिम की ओर होती हैं।

(ख) पछुवा पवनें (Westerlies) : ये पवनें शीतोष्ण कटिबंध में उपोष्ण उच्च वायुदाब से उपधुवीय निम्न दाब पेटी की ओर पश्चिम से चलती हैं। ये पवनें उत्तरी गोलार्द्ध में दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व को तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में उत्तर-पश्चिम से दक्षिण पूर्व को चलती हैं।

(ग) धुवीय पवनें (Polar Winds) : ये पवनें ध्रुवों पर ध्रुवीय उच्चदाब पेटी से उप ध्रुवीय निम्न दाब पेटी की ओर चलती हैं।

  • सामयिक पवनें (Periodic Winds) : इन पवनों में मानसून पवनें, जल समीर तथा थल समीर पवनें सम्मिलित हैं।
  • स्थानीय पवनों में लू, चिनुक, फोहन, हरमटन आदि पवनें सम्मिलित हैं।
  • अस्थिर पवनों (Variable winds) में चक्रवात, प्रति चक्रवात आदि सम्मिलित हैं।

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HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 जल

Haryana State Board HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 जल Textbook Exercise Questions and Answers.

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HBSE 7th Class Geography जल Textbook Questions and Answers

जलै Class 7 HBSE Geography प्रश्न 1.
निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(क) वर्षण क्या है?
उत्तर:
वाष्पित जल संघनित होकर धरती पर वर्षा, हिम अथवा ओला वृष्टि के रूप में आता है। इसे वर्षण कहते हैं।

(ख) जल चक्र क्या है?
उत्तर:
जिस प्रक्रम में जल लगातार अपने स्वरूप को बदलता रहता है और महासागरों, वायुमंडल एवं धरती के बीच चक्कर लगाता रहता है, उसको जलचक्र कहते हैं।

(ग) लहरों की ऊँचाई प्रभावित करने वाले कारक कौन-से हैं?
उत्तर:
लहरों की ऊँचाई को प्रभावित करने वाला प्रमुख कारक पवनों की गति ही है।

HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 जल

(घ) महासागरीय जल की गति को प्रभावित करने वाले कारक कौन-से हैं?
उत्तर:
महासागरीय जल की गति को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं:
1. तापमान (Temperature) : महासागरीय जल तापमान की विभिन्नता के कारण गति करता है। कम तापमान वाले क्षेत्र से अधिक तापमान वाले क्षेत्र को गति करता है।

2. लवणता (Salinity) : समुद्र में पाई जाने वाली लवणता भी गति का कारण है। लवणता के कारण जल घनत्व में अंतर आता है। अधिक घनत्व वाले क्षेत्र से कम घनत्व वाले जल क्षेत्र की ओर जल गति करता है। .

3. पृथ्वी की दैनिक गति (Rotation of the Earth) : पृथ्वी के अपने अक्ष पर घूमने के कारण भी जल गति करता है। पवनें (Prevailing Winds) : पवनों के कारण भी जल गति करता है।

(च) ज्वारभाटा क्या हैं तथा ये कैसे उत्पन्न होते हैं?
उत्तर:
समुद्र का जल स्तर एक निश्चित समय पर प्रतिदिन दो बार उठता है। समुद्री जल के बारी-बारी से ऊपर उठने और नीचे उतरने की इस घटना को क्रमश: ज्वार और भाटा कहते हैं। सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी की पारस्परिक गुरुत्वाकर्षण क्रिया ही ज्वारभाटा की उत्पत्ति का कारण है। ज्वार प्रतिदिन दो बार उठते हैं। दो ज्वारों के बीच का समय 12 घटे,25 मिनट है। ज्वार दो प्रकार के होते हैं-उच्च ज्वार और निम्न ज्वार।

उच्च ज्वार (Spring Tide) : पूर्णिमा और अमावस्या के दिन चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी तीनों एक सीध में होते हैं। वे दोनों एक ही कोण से पृथ्वी को आकर्षित करते हैं, जिससे उच्च ज्वार बन जाता है।

निम्न ज्वार (Neap Tide) : शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन सूर्य और चंद्रमा पृथ्वी के केंद्र पर समकोण बनाते हैं। उनके आकर्षण एक-दूसरे को संतुलित करने के प्रयास में निष्क्रिय बना देते हैं जिससे पृथ्वी पर उनके बल का प्रभाव कम हो जाता है। इन दिनों बहुत कम ऊंचाई वाले ज्वार का निर्माण होता है। इन्हें निम्न ज्वार कहते हैं।

(छ) महासागरीय धाराएँ क्या हैं?
उत्तर:
महासागरीय जल की बड़ी धाराएँ जो नियमित और एक निश्चित दिशा में निरंतर बहती हैं महासागरीय धाराएँ कहलाती हैं।

HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 जल

जल Class 7th HBSE Geography प्रश्न 2.
कारण बताइए:
(क) समुद्री जल नमकीन होता है।
उत्तर:

  • महासागरीय जल की लवणता का कारण नदियों द्वारा महासागरों में विभिन्न प्रकार के लवणों को एकत्र करना है।
  • वाष्पीकरण की मात्रा भी लवणता का कारण है।
  • ताजे जल का समुद्र में मिलना लवणता की मात्रा निर्धारित करता है। जिन महासागरों में ताजा जल अधिक होता है वहाँ लवणता कम होती है।

(ख) जल की गुणवत्ता का ह्रास हो रहा है।
उत्तर:
जल के उपयोग में लापरवाही के कारण जल की गुणवत्ता में हास हो रहा है। कारखानों का दूषित जल भी नदियों के जल को दूषित करता है। नगरीय सीवर के दूषित जल का नदियों में मिलना नदी जल को दूषित करता है। इन कारणों से जल की गुणवत्ता का ह्रास हो रहा है।

Class 7th HBSE Geography जल Chapter 5 प्रश्न 3.
सही उत्तर चिह्नित (√) कीजिए :
(क) वह प्रक्रम जिसमें जल लगातार अपने स्वरूप को बदलता रहता है और महासागर, वायुमंडल एवं स्थल के बीच चक्कर लगाता रहता है:
(i) जल चक्र
(ii) ज्वार-भाटा
(iii) महासागरीय धाराएँ
उत्तर:
(i) जल चक्र।

(ख) सामान्यतः गर्म महासागरीय धाराएँ उत्पन्न होती हैं:
(i) ध्रुवों के निकट
(ii) भूमध्य रेखा के निकट
(iii) दोनों में से कोई नहीं
उत्तर:
(ii) भूमध्य रेखा के निकट।

(ग) दिन में दो बार नियम से महासागरीय जल या उठना एवं गिरना कहलाता है।
(i) ज्वार-भाटा
(ii) महासागरीय धाराएँ।
(iii) तरंगें
उत्तर:
(i) ज्वार-भाटा।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित स्तंभों को मिलाकर सही जोड़े बनाइए

(क) कैस्पियन सागर(i) तीव्र भूकंपी तरंगें
(ख) ज्वार-भाटा(i) निश्चित मार्ग में प्रवाहित होने वाली धाराएँ
(ग) सुनामी(iii) जल में आवधिक चढ़ाव एवं उतार
(घ) महासागरीय धाराएँ(iv) विशालतम झील

उत्तर:
(क) (iv)
(ख) (iii)
(ग) (i)
(घ) (ii)

HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 जल

प्रश्न 5.
आओं खेलें
जासूस बनिए
(i) निम्नलिखित अंग्रेज़ी के प्रत्येक वाक्य में एक नदी का नाम ढूँढें :
Example:
Mandira, Vijayalakshmi and Surinder are my best friends.
Answer:
Ravi
(a) The snake charmer’s bustee, stables where horses are housed and the piles of wood, all caught fire accidentally. (Hint: Another name for River Brahmputra)

(b) The conference manager put pad, material for reading and a pencil for each participant. (Hint: A distributary on the Ganga-Brahmputra delta)

(c) Either jealousy or anger cause a person’s fall (Hint: Name of a juicy fruit!)

(d) Bhavani germinated the seeds in a pot (Hint: Look for her in West Africa)

(e) “I am a zonal champion now” declared the excited atheletic. (Hint: The river that has the biggest basin in the world)

(f) The tiffin box rolled down and all the food fell industy pot holes. (Hint: Rises in India and journey through Pakistan)

(g) Malini leaned against the pole when she felt that she was going to faint. (Hint: Her delta in Egypt is famous)

(h) Samantha mesmerised everybody with her magic tricks. (Hint: London is situated on her estuary)

(i) “In this neighbourhood, please don’t yell ! Owners of these houses like to have peace”. Warned my father when we moved into our new flat”. (Hint: colour!)

(j) ‘Write the following words, Marc!'”On”, “go”, “in”…….. said the teacher to the little boy in KG Class. (Hint: Rhymes with ‘bongo)
Now make some more on your own and ask your classmates to spot the hidden name. You can do this with any name: that of a lake, mountains, trees, fruits, school items etc.

जासूसी करते रहिए

(ii) एटलस की सहायता से, 5(i) में खोजी गई सभी नदियों को विश्व के रूपरेखा मानचित्र में बनाइए।
संकेत:
(क) तीस्ता
(ख) पदमा
(ग) ओरेंज
(घ) नाइजर
(ङ) अमेजन
(च) इंडस (सिंधु)
(छ) नील
(ज) टेम्स
(झ) यलो (पीली नदी)
(ब) कांगो।

बहुविकल्पी प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थान भरें:
1. सभी जलराशियाँ जैसे झील, नदी, तालाब, समुद्र आदि को ……………. कहते हैं।
2 गल्फ स्ट्रीम एक ……………. धारा है।
3. ……………. आर्कटिक महासागर और अटलांटिक महासागर को जोड़ता है।
4. सबसे अधिक लवणता सागर ……………. में है।
5. पृथ्वी का ……………. जल से ढका है।
6. ……………. सभी जलराशियों का सामूहिक नाम है।
7. जन राशियों हमें खाद्य के रूप में ……………. आदि प्रदान करती हैं।
8. जल की न समाप्त होने वाली गति को ……………. कहते हैं।
9. आज भी जल की मात्रा उतनी ही है जितनी में थी।
10. पवनों के धक्का देने से .खुले समुद्रों में बनती है।
11. …………….. महासागरीय जल की गति है और महासागरीय तल पर धारा का रूप ले लेती है।
12. ……………. महासागरीय धाराओं की दिशा में परिवर्तन लाती है।
13. समुद्री जल का एक नियमित अंतराल पर गिरना तथा उठना ……………. कहलाता है।
उत्तर:
1. जलमंडल
2. गर्म
3. बेरिंग जलडमरूमध्य
4. मृत सागर
5. 71%
6. जलमंडल
7. मछली
8. जलचक्र
9. हिम युग
10. तरंग
11. धारा
12. पवनें
13. ज्वार।

HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 जल

प्रश्न 2.
बताइए कि निम्न कथन सत्य हैं अथवा असत्य:
1. अंटार्कटिक के समीप की विशाल जलराशि को उत्तरी सागर भी कहते हैं।
2. वाष्पीकरण के द्वारा महासागरों से बड़ी मात्रा में जलवाष्प बनती है।
3. आर्कटिक महासागर की सीमा भारत-पाकिस्तान-रूस और उत्तरी अमेरिका बनाते हैं।
4. सबसे गहरा गर्त मरियाना अटलांटिक सागर में है।
5. अटलांटिक महासागर में कई गर्त और बेसिन हैं।
6. समुद्री धाराएँ सदैव गतिमान रहती हैं।
7. फैरल के नियम के अनुसार महासागरीय धाराएँ उत्तरी गोलार्द्ध में अपने दाईं ओर तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में अपने बाई ओर मुड़ जाती है।
8. महासागरीय धाराएँ गर्म तथा ठंडी दो प्रकार की होती हैं।
9. ज्वार की चरम स्थितियाँ उच्च ज्वार तथा निम्न ज्वार हैं।
10. कनाडा, यू.के., फ्रांस तथा जापान में ज्वारीय शक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य
3. असत्य
4. असत्य
5. सत्य
6. असत्य
7. सत्य
8. सत्य
9. सत्य
10. सत्य।

प्रश्न 3.
सही उत्तर चुनें :
1. वाष्पीकरण की प्रक्रिया के द्वारा बड़ी मात्रा में जलवाष्प बनती है :
(क) झीलों में
(ख) नदियों में
(ग) महासागरों में
(घ) ओले के रूप में
उत्तर:
(क) महासागरों में।

2. सबसे अधिक द्वीप पाए जाते हैं:
(क) आर्कटिक महासागर में
(ख) प्रशांत महासागर में
(ग) हिंद महासागर में
(घ) अटलांटिक महासागर में
उत्तर:
(क) आर्कटिक महासागर में।

3. मध्य अटलांटिक कटक अटलांटिक में फैला है:
(क) उत्तर से दक्षिण
(ख) दक्षिण से उत्तर
(ग) पश्चिम से पूर्व
(घ) पूर्व से पश्चिम
उत्तर:
(क) उत्तर से दक्षिण।

4. कौन सा महासागर एक देश के नाम पर है?
(क) प्रशांत महासागर
(ख) अटलांटिक महासागर
(ग) हिंद महासागर
(घ) आर्कटिक महासागर
उत्तर:
(ग) हिंद महासागर।

5. तरंग का आकार और आकृति निर्भर करती है:
(क) पवन की गति पर
(ख) चंद्रमा की आकर्षण शक्ति पर
(ग) सूर्य की आकर्षण शक्ति पर
(घ) कोई नहीं
उत्तर:
(क) पवन की गति पर।

6. सुनामी का सामान्य कारण है:
(क) भूस्खलन
(ख) चक्रवात
(ग) धाराएँ
(घ) भूकंप
उत्तर:
(घ) भूकंप।

HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 जल

7. समुद्र जल का ऊपर उठना कहलाता है:
(क) दीर्घ ज्वार
(ख) लघु ज्वार
(ग) निम्न ज्वार
(घ) उच्च ज्वार
उत्तर:
(घ) उच्च ज्वार।

8. प्राय: चार दिन में कितनी बार आता है?
(क) एक बार
(ख) तीन बार
(ग) दो बार
(घ) पाँच बार
उत्तर:
(ग) दो बार।

HBSE 7th Class Geography जल Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वायुमंडल में जल का एक उपयोग बताएँ।
उत्तर:
वायुमंडल में जल एक कूलिंग एजेंट शीतलक के रूप में कार्य करता है।

प्रश्न 2.
जलमंडल क्या है?
उत्तर:
पृथ्वी की सतह पर 71% भाग जल से ढका है। सभी जलराशियों जैसे महासागर, नदियाँ, झीलें, हिम आदि को जलमंडल कहते हैं।

प्रश्न 3.
जल अपने आप एक चक्र कैसे बनाता है?
उत्तर:
जल धरातल से वायुमंडल की ओर तथा वायुमंडल से धरातल की ओर गति करता है। इस प्रकार वह संघनन और वाष्पीकरण की प्रक्रिया द्वारा भिन्न-भिन्न रूप लेता है। यह धरातल पर वर्षा के रूप में आता है तथा नदियों में बहकर महासागरों में पहुंचता है। इसे जलचक्र कहते हैं।

प्रश्न 4.
हिंद महासागर कहाँ स्थित है?
उत्तर:
हिंद महासागर भारतीय उपमहाद्वीप के दक्षिण में – स्थित है।

प्रश्न 5.
मृत सागर में अधिक लवणता क्यों पाई जाती है?
उत्तर:
मृत सागर में अधिक लवणता पाई जाती है। यह 1000 ग्राम जल में 240 ग्राम पाई जाती है। इसका कारण यह समुद्र चारों ओर से भू-भाग से घिरा हुआ है।

प्रश्न 6.
महासागरों की प्रमुख गतियाँ कौन-सी हैं?
उत्तर:
महासागरों की प्रमुख गतियाँ तरंगें, ज्वारभाटा व धाराएँ हैं।

HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 जल

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सुनामी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखो।
उत्तर:
सुनामी एक जापानी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है-पोताश्रय तरंगें। भूकंप, ज्वालामुखी उद्गार या जल के नीचे भूस्खलन के कारण महासागरीय जल में हलचल होती है जिससे समुद्र में विशाल तरंगें उठती हैं जिन्हें सुनामी कहते हैं। ये तरंगें अत्यधिक विनाश करती हैं। ये 700 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति से चलती हैं। 2004 की सुनामी से अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में इंदिरा प्वांइट बिल्कुल डूब गया था।

प्रश्न 2.
महासागरों का महत्त्व बताएँ।
उत्तर:

  1. महासागर जल के बड़े स्रोत हैं।
  2. इनका तापमान पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
  3. महासागर वायुमंडलीय आईता और वृष्टि का प्रमुख स्रोत हैं।
  4. महासागर खनिजों के भंडार हैं।
  5. ये व्यापार के लिए स्थायी व निःशुल्क मार्ग प्रदान करते हैं।
  6. वे खाद्य पदार्थों के प्रमुख स्रोत हैं।
  7. महासागर प्राकृतिक रूप से महाद्वीपों को जोड़ते हैं।

प्रश्न 3.
महासागरीय तापमान एक स्थान से दूसरे स्थान पर भिन्न क्यों होता है ?
उत्तर:
महासागरीय तापमान एक स्थान से दूसरे स्थान पर भिन्न होता है। इस पर निम्न कारकों का प्रभाव पड़ता है:

  1. अक्षांश (Latitude) : भूमध्य रेखा के समीप तापमान अधिक होता है। भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर जल का तापमान कम होता जाता है।
  2. स्थल भाग का विस्तार (Extension of oceans): उत्तरी गोलार्द्ध में स्थल भाग के अधिक विस्तार के कारण दक्षिणी गोलार्द्ध की अपेक्षा औसत तापमान अधिक होता है।
  3. महासागरीय धाराएँ (Ocean currents) : जिन महासागरों में गर्म धाराएँ पाई जाती हैं वहाँ तापमान अधिक पाया जाता है।
  4. प्रचलित पवनें (Prevailing winds) : पवनें अपने साथ समुद्र तल के जल को बहा ले जाती हैं। इसकी पूर्ति के लिए समुद्र के निचले भाग से ठंडा जल ऊपर आ जाता है। इस प्रकार जिस ओर से वायु चलती है वहाँ का समुद्र तल का तापमान कम तथा जिस ओर को वायु चलती है वहाँ पर तापमान अधिक हो जाता है।

प्रश्न 4.
महासागरीय धाराएँ कैसे विकसित होती हैं?
उत्तर:
महासागरीय धाराओं के विकसित होने के निम्न कारण हैं
1. प्रचलित पवनें (Prevailing Winds) : ये पवनें एक निश्चित दिशा में चलती हैं। ये अपने साथ महासागरीय जल को भी बहा कर ले जाती हैं जिससे धाराएँ उत्पन्न हो जाती हैं।

2. तापमान (Temperature) : तापमान की भिन्नता के कारण भी महासागरीय जल में धाराएँ बन जाती हैं। भूमध्य रेखीय तथा ध्रुवीय क्षेत्रों के तापमान में अंतर जल धाराओं का कारण बन जाता है। भूमध्य रेखीय गर्म जल ध्रुवों की ओर प्रवाहित होता है। इसी प्रकार ध्रुवीय ठंडा जल भूमध्य रेखा की ओर प्रवाहित होता है।

3. लवणता (Salinity) : महासागरीय लवणता भी तापमान को प्रभावित करता है। लवणीय जल का तापमान अधिक होता है। इसलिए खारे जल की मात्रा समुद्र जल की गति को प्रभावित करती है।

4. वाष्पीकरण (Evaporation) : दो समीपवर्ती समुद्रों में असमान वाष्पीकरण दोनों समुद्रों की स्थानीय धाराओं का कारण बन जाता है, जिसके कारण धाराएँ उत्पन्न हो जाती हैं।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
महासागरीय तापमान पर एक टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
महासागरीय जल का तापमान सभी स्थानों पर समान नहीं होता। भूमध्य रेखा के समीप जल सबसे गर्म रहता है। तापमान धुवा का और कम होता जाता है। भूमध्य रेखा के समीप वार्षिक औसत तापमान 26° से. होता है। 20°. 40° और 60° अक्षांशों पर तापमान क्रमश: 23°, 14° और 1° से. होता है। अटलांटिक महासागर का वार्षिक औसत तापमान प्रशांत महासागर की अपेक्षा अधिक होता है क्योंकि इनके आकार में भिन्नता है।

उच्च कटिबंधीय क्षेत्र से घिरे समुद्र में उच्च तापमान पाया जाता है। गहराई बढ़ने पर तापमान घटने लगता है। जितना अधिक खारापन होगा उतना ही अधिक महासागरीय तापमान होगा।

HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 जल

प्रश्न 2.
महासागरीय जल की लवणता के वितरण में किन कारणों से अंतर पाया जाता है?
उत्तर:
महासागरीय जल की लवणता के वितरण में अंतर लाने वाले कारक निम्नलिखित हैं –

  1. खुले महासागरों में लवणता के वितरण में अपेक्षाकृत कम असमानता होती है।
  2. स्वच्छ आकाश के नीचे वाष्पीकरण के कारण उष्ण क्षेत्र में सबसे अधिक लवणता मिलती है।
  3. भारी वर्षा के कारण भूमध्य रेखा की ओर लवणता कम होती जाती है।
  4. चारों ओर से या अंशत: स्थल से घिरे समुद्रों में लवणता में काफी अंतर होता है।
  5. स्थलीय समुद्रों या झीलों में लवणता की मात्रा अधिक होती है। मृत सागर के 1000 ग्राम जल में 240 ग्राम लवण पाया जाता है।
  6. ध्रुवीय क्षेत्रों में लवणता कम होती है क्योंकि वहाँ वाष्पीकरण कम होता है।
  7. समय के बढ़ने के साथ महासागरों में अधिक लवणता बढ़ती जाती है। क्योंकि नदियाँ निरंतर समुद्र में लवण जमा करती रहती हैं।

जल Class 7 HBSE Notes in Hindi

1. जलचक्र (The Hydrological Cycle) : जल की गति धरातल से वायुमंडल की ओर तथा वायुमंडल से धरातल की ओर निरंतर चलती रहती है। जल लगातार गतिमान रहता है और संघनन तथा वाष्पीकरण की प्रक्रिया द्वारा भिन्न-भिन्न रूप लेता है। इस समाप्त न होने वाली गति को जलचक्र कहते हैं।
HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 जल 1

2. महासागर (Oceans) : महासागर जल के बड़े स्रोत हैं। आर्कटिक महासागर, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर तथा हिंद महासागर चार प्रमुख महासागर हैं।

3. महासागरों का महत्त्व (Importance of the Oceans): मनुष्य के लिए महासागरों का योगदान निम्नलिखित है:

  • इनका तापमान पर सीधा प्रभाव पड़ता है। महासागर की निकटता तापमान को नियंत्रित करने का प्रमुख कारक है।
  • महासागर वायुमंडलीय आर्द्रता और वृर्षण का प्रमुख स्रोत
  • महासागर खनिज तथा रसायनों को भंडार हैं।
  • व्यापार के लिए स्थायी व नि:शुल्क मार्ग प्रदान करते हैं।
  • ये समुद्री खाद्य पदार्थों के प्रमुख स्रोत हैं।
  • ये ज्वारभाटे के रूप में ऊर्जा के महत्त्वपूर्ण होता है।
  • जल का शुद्धीकरण करने पर पीने के पानी की समस्या हल हो सकती है।
  • महासागरों से हमें नमक की आपूर्ति होती है।

4. तरंगें (Waves) : पवनें दाब द्वारा जल को ऊपर या नीचे की ओर धकेलती हैं। इस प्रकार हम जल की सतह को ऊपर उठते तथा नीचे गिरते देखते हैं। इस प्रक्रिया को तरंग कहते हैं। तरंग महासागरीय सतह की दोलायमान गति है। इसमें जलस्तर नीचा या ऊंचा होता रहता है किंतु अपने स्थान पर रहता है। पवनों की शक्ति के अनुसार तरंगें आकार और ऊंचाई में भिन्न होती हैं। तरंग के दो भाग होते हैं। एक ऊपर उठा हुआ होता है जिसे शीर्ष या शृंग (Crust) कहते हैं। दूसरा नीचे फंसा हुआ होता है जिसे द्रोणी (Trough) कहते हैं।

5. महासागरीय धाराएँ (The Ocean Currents) : महासागरों के एक भाग से दूसरे भाग की ओर विशेष दिशा में जल के प्रवाह को महासागरीय धारा कहते हैं। इनको महासागरीय नदियाँ भी कहते हैं। महासगरीय धाराएँ ठंडी या गर्म हो सकती है।

HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 5 जल

6. महासागरीय धाराओं के उत्पन्न होने के कारण (Causes of the Origin of Ocean Currents) : इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं() प्रचलित पवनें (Prevailing Winds) : धाराओं का उत्पन्न होने का सबसे बड़ा कारण प्रचलित पवनें हैं।
(i) प्रचलित पवनें सदा एक ही दिशा में चलती हैं। इनके साथ ही महासागरीय जल आगे निकलता रहता है और धाराएँ बन जाती हैं।

(ii) तापमान में भिन्नता (Variation in Temperatures) : तापमान में भिन्नता भी धाराओं के बनने का कारण है। गर्म जल हल्का होकर फैलता है। ठंडा जल भारी होता है और नीचे बैठ जाता है। तापमान में भिन्नता के कारण सागरीय जल के तल में अंतर आ जाता है और महासागरीय धाराओं का जन्म होता है। इसलिए भूमध्यरेखीय तथा ध्रुवीय क्षेत्रों के महासागरों के जल के तापमान में अंतर होने के कारण उत्तर-दक्षिण दिशा में धाराएँ चलती हैं।

(iii) लवणता में अंतर (Variation in Salinity) : महासागरीय धाराओं को जल की लवणता भी प्रभावित करती है। लवणीय जल का तापमान अधिक होता है। इसलिए खारे जल की मात्रा समुद्र जल की गति को प्रभावित करती है।

(iv) वाष्पीकरण (Evaporation) : दो समीपवती समुद्रा से असमान वाष्पीकरण दोनों समुद्रों की स्थानीय धाराओं का कारण बन जाता है जिसके कारण दोनों समुद्र सतहों में अंतर हो जाता है।

7. ज्वार (Tides) : ज्वार एक नियमित अंतराल पर होने वाली प्रक्रिया है जिसमें समुद्र के जल का ऊंचा उठना और नीचे गिरना शामिल है। उच्च ज्वार तथा निम्न ज्वार समुद्र के जल के ऊपर उठने तथा नीचे गिरने को कहते हैं। केवल तट के समीप ही ज्वार दिखाई देते हैं. खुले समुद्रों में नहीं।

8. ज्वार की उत्पत्ति (Origin of the Tides) : ज्वार की उत्पत्ति चंद्रमा और सूर्य की आकर्षण शक्ति के कारण होती है क्योंकि ये पृथ्वी के समीप है। ज्वार दिन में दो बार आता है लेकिन दोनों ज्वार में अंतर 12 घंटे, 25 मिनट का होता है। ज्वार दो प्रकार का होता है – उच्च ज्वार और लघु ज्वार। पूर्णमासी तथा अमावस्या को सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक ही सीध में होते हैं। सूर्य और चंद्रमा की संयुक्त गुरुत्वाकर्षण शक्ति का प्रभाव समुद्र जल पर पड़ता है इसलिए ज्वार सबसे ऊंचा होता है। इसे उच्च ज्वार या बृहत ज्वार (Spring Tide) कहते हैं। अर्धचंद्रमा के दिन पृथ्वी के केंद्र से चंद्रमा और सूर्य समकोण बनाते हैं। इसलिए सूर्य और चंद्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति एक-दूसरे को अपनी ओर खींचती है। इससे समुद्र का जल कुछ ही कम ऊंचा उठता है। इसे निम्न या लघु ज्वार (Neep Tides) कहते हैं।

9. सुनामी (Tsunami) : सुनामी का शाब्दिक अर्थ है बंदरगाह की तरंगे। सुनामी भूकंप के कारण उत्पन्न होती है जो समुद्र के पार चली जाती है। सुनामी समुद्र की सतह पर दिखाई नहीं देती। उन स्थानों पर कुछ फीट ऊँची हो सकती है, लेकिन दूसरे स्थानों पर उनकी ऊंचाई 100 फीट तक हो जाती है। सुनामी जल तरंगों की एक श्रृंखला है। इसे वेब ट्रेन कहा जा सकता है। ये 500 मील/घंटा की गति से दौड़ती हैं।

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HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 9 क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण

Haryana State Board HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 9 क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Social Science Solutions History Chapter 9 क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण

HBSE 7th Class History क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण Textbook Questions and Answers

फिर से याद करें

क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण प्रश्न उत्तर HBSE Class 7 प्रश्न 1.
निम्नलिखित में मेल बैठाएँ :

अनंतवर्मनकेरल
जगन्नाथबंगाल
महोदयपुरमउड़ीसा
लीला तिलकम्कांगड़ा
मंगलकाव्यम्पुरी
लघु चित्रकेरल

उत्तर:

अनंतवर्मनउड़ीसा
जगन्नाथपुरी
महोदयपुरमकेरल
लीला तिलकम्केरल
मंगलकाव्यम्कांगड़ा
लघु चित्रउड़ीसा

Class 7 History Chapter 9 Question Answer In Hindi HBSE प्रश्न 2.
मणिप्रवालम् क्या है? इस भाषा में लिखी पुस्तक का नाम बताएँ।
उत्तर:
मणि-प्रवालम् दो भाषाओं अर्थात् संस्कृत और क्षेत्रीय भाषा की ओर संकेत करता है। चौदहवीं शताब्दी का एक ग्रंथ, लीला तिलकम, जो व्याकरण तथा काव्यशास्त्र विषयक है, ‘मणिप्रवालम’ शैली में लिखा गया था। ‘मणिप्रवालम’ का शाब्दिक अर्थ है हीरा और मूंगा, जो यहाँ दो भाषाओं – संस्कृत तथा क्षेत्रीय भाषा – के साथ-साथ प्रयोग की ओर संकेत करता है।

क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण HBSE Question Answer In Hindi Class 7 प्रश्न 3.
कत्थक के उद्भव व विकास का वर्णन करें।
उत्तर:
(i) कत्थक नृत्य शैली उत्तर भारत के अनेक भागों से जुड़ी है। कत्थक’ शब्द ‘कथा’ शब्द से निकला है, जिसका प्रयोग संस्कृत तथा अन्य भाषाओं में कहानी के लिए किया जाता है। कत्थक मूल रूप से उत्तर भारत के मंदिरों में कथा यानी कहानी सुनाने वालों की एक जाति थी। ये कथाकार अपने हाव-भाव तथा संगीत से अपने कथावाचन को अलंकृत किया करते थे।

(ii) पंद्रहवी तथा सोलहवीं शताब्दियों में भक्ति आंदोलन के प्रसार के साथ, कत्थक एक विशिष्ट नृत्य शैली का रूप धारण करने लगा। राधा-कृष्ण के पौराणिक आख्यान (कहानियाँ) लोक नाट्य के रूप में प्रस्तुत किए जाते थे जिन्हें ‘रासलीला’ कहा जाता था। रासलीला में लोक नृत्य के साथ कत्थक कथाकार के मूल हाव-भाव भी जुड़े होते थे।

(iii) मुगल बादशाहों और उनके अभिजातों के शासन काल में कत्थक नृत्य राजदरवार में प्रस्तुत किया जाता था जहाँ इस नृत्य ने अपने वर्तमान अभिलक्षण अर्जित किए और वह एक विशिष्ट नृत्य शैली के रूप में विकसित हो गया।

(iv) कालांतर में यह दो परंपराओं अर्थात् ‘घरानों’ में फूला-फला : राजस्थान (जयपुर) के राजदरबारों में और लखनऊ में। अवध के अंतिम नवाब वाजिदअली शाह के संरक्षण में यह एक प्रमुख कला रूप में उभरा।।

(v) 1850-1875 के दौरान यह नृत्य शैली के रूप में इन दो क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि आज के पंजाब, हरियाणा, जम्मू और काश्मीर, बिहार तथा मध्य प्रदेश के निकटवर्ती इलाकों में भी पक्के तौर पर संस्थापित हो गया। इसकी प्रस्तुति में क्लिष्ट तथा द्रुत पद संचालन, उत्तम वेशभूषा तथा कहानियों के प्रस्तुतिकरण एवं अभिनय पर जोर दिया जाता है।

(vi) ब्रिटिश प्रशासकों ने इसे पसंद नहीं किया व इसके विकास में कोई सहयोग नहीं दिया। वह केवल गणिकाओं द्वारा पेश किया जाता रहा।

(vii) आजादी के बाद इसे छह शास्त्रीय नृत्यों के रूप में मान्यता मिली।’

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 9 क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण

HBSE 7th Class Social Science Chapter 9 क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण प्रश्न 4.
कत्थक के मुख्य संरक्षक कौन थे?
उत्तर:
कत्थक के मुख्य संरक्षक मुगल बादशाह राजस्थान व लखनऊ के राज दरबार थे। अवध के अंतिम नबाव बाजिद अली शाह के संरक्षण में, यह एक मुख्य कला रूप में उभरा।

प्रश्न 5.
बंगाल के मंदिरों की स्थापत्यकला के महत्त्वपूर्ण लक्षण क्या हैं?
उत्तर:
(i) बंगाल, में पंद्रहवी शताब्दी के बाद वाले वर्षों में, मंदिर बनाने का दौर जोरों पर रहा जो उन्नीसवीं शताब्दी में आका समाप्त हो गया।

(ii) मंदिर और अन्य धार्मिक भवन अक्सर उन व्यक्तियों या समूहों द्वारा बनाए जाते थे जो शक्तिशाली बन रहे थे, वे इनके माध्यम से अपनी शक्ति तथा भक्ति भाव का प्रदर्शन करना चाहते थे।

(iii) बंगाल में साधारण ईंटों और मिट्टी-गारे से अनेक मंदिर ‘निम्न’ सामाजिक समूहों जैसे कालू (तेली) केसरी (घंटा धातु के कारीगर) आदि के समर्थन से बने थे।

(iv) यूरोप की व्यापारी कंपनियों के आ जाने से नए आर्थिक अवसर पैदा हुए. इन सामाजिक समूहों से संबंधित अनेक परिवारों ने इन अवसरों का लाभ उठाया। जैसे-जैसे लोगों की सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति सुधरती गई. उन्होंने इन स्मारकों के निर्माण के माध्यम से अपनी परिस्थिति या प्रतिष्ठा की घोषणा कर दी। जब स्थानीय देवी-देवता, जो पहले गाँवों में छान-छप्पर वाली झोपड़ियों में पूजे जाते थे, को ब्राह्मणों द्वारा मान्यता प्रदान कर दी गई तो उनकी प्रतिमाएं मंदिरों में स्थापित की जाने लगीं।

(v) इन मंदिरों की शक्ल या आकृति बंगाल की छप्परदार झोपड़ियों की तरह ‘दोचाला’ (दो छतों वाली) या ‘चौचाला’ (चार छतों वाली) होती थी। इसके कारण मंदिरों की स्थापत्य कला में विशिष्ट बंगाली शैली का उद्भव हुआ।

(vi) मंदिर आमतौर पर एक वर्गाकार चबूतरे पर बनाए जाते थे। उनके भीतरी भाग में कोई सजावट नहीं होती थी, लेकिन अनेक मंदिरों की बाहरी दीवारें चित्रकारियों, सजावटी टाइलों अथवा मिट्टी की पट्टियों से सजी होती
थीं।

आइए चर्चा करें

प्रश्न 6.
चारण-भाटों ने शूरवीरों की उपलब्धियों की उद्घोषणा क्यों की?
उत्तर:
चारण-भाटों द्वारा शूरवीरों की उपलब्धियों की उद्घोषणा के कारण :

  • चारण-भाटों से यह आशा की जाती थी कि वे अन्य जनों को भी उन शूरवीरों का अनुकरण करने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित करेंगे।
  • चारण-भाटों द्वारा गाए गए काव्य एवं गीत ऐसे शूरवीरों की स्मृति की सुरक्षित रखते थे।

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 9 क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण

प्रश्न 7.
हम जन-साधारण की तुलना में, शासकों के सांस्कृतिक रीति-रिवाजों के बारे में बहुत अधिक क्यों जानते हैं?
उत्तर:
शासकों के सांस्कृतिक रीति-रिवाजों की अधिक जानकारी के कारण :

  • शासकों द्वारा निर्मित कराए गए धार्मिक स्मारकों में हमें उनके सांस्कृतिक रीति-रिवाजों की जानकारी मिलती है।
  • सांस्कृतिक परंपराएँ कई क्षेत्रों के शासकों के आदर्शों तथा अभिलाषओं के साथ घनिष्ठता से जुड़ी थीं।
  • शासकों के सांस्कृतिक गतिविधियों के बारे में यात्रा-वृत्तांतों तथा कई रचनाकारों द्वारा भी वर्णन किया गया है।

प्रश्न 8.
विजेताओं ने पुरी स्थित जगन्नाथ के मंदिर पर नियंत्रण प्राप्त करने के प्रयत्न क्यों किए?
उत्तर:
ज्यों-ज्यों जगन्नाथ मंदिर को तीर्थस्थल यानी तीर्थयात्रा के केंद्र के रूप में महत्त्व प्राप्त होता गया, सामाजिक और राजनीतिक मामलों में भी उसकी सत्ता बढ़ती गई। उसकी जिन्होंने भी उड़ीसा को जीता, जैसे-मुगल, मराठे और ईस्ट इंडिया कम्पनी, सबने इस मंदिर पर अपना नियंत्रण स्थापित करने का प्रयत्न किया। वे सब महसूस करते थे कि मंदिर पर नियंत्रण प्राप्त करने से स्थानीय जनता में उनका शासन स्वीकार्य हो जाएगा।

प्रश्न 9.
बंगाल में मंदिर क्यों बनाए गए?
उत्तर:
बंगाल में पंद्रहवीं शताब्दी के बाद वाले वर्षों में मंदिर बानाने का दौर जोरों पर रहा, जो उन्नीसवीं सदी तक रहा। मंदिर निर्माण के निम्न कई कारण थे:
(i) मंदिर और अन्य धार्मिक भवन अक्सर उन व्यक्तियों या समूहों द्वारा बनाए जाते थे, जो शक्तिशाली बन रहे थे। वे इनके माध्यम से अपनी शक्ति तथा भक्तिभाव का प्रदर्शन करना चाहते थे।

(ii) बंगाल में जैसे-जैसे लोगों की सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति सुधरती गई, उन्होंने इन मंदिर स्मारकों के निर्माण के माध्यम से अपनी प्रस्थिति या प्रतिष्ठता की घोषणा कर दी। आइए करके देखें

प्रश्न 10.
भवनों, प्रदर्शन कलाओं, चित्रकला के विशेष संदर्भ में अपने क्षेत्र की संस्कृति के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण लक्षणों/विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर:
मैं, दिल्ली में रहता हूँ। यह भारत की राजधानी है। यहाँ की संस्कृति मिली-जुली है। इसके महत्त्वपूर्ण लक्षणों या विशेषताओं का वर्णन निम्न शीर्षकों में किया जा सकता है:
I. इमारतें : दिल्ली में अनेक धार्मिक, ऐतिहासिक, सरकारी और वाणिज्यिक गतिविधियों से जुड़ी हुई इमारतों के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों से जुड़ी हुई विभिन्न प्रकार की आवासीय इमारतें हैं। यहाँ एक ओर विशाल राष्ट्रपति भवन है जिसमें देश के राष्ट्रपति अपने परिवारजनों आदि के साथ रहते हैं तो दूसरी ओर संसद भवन है जिसमें हमारे संसद के दोनों सदन-राज्य सभा और लोक सभा प्रायः कार्यरत रहते हैं। उसी के नजदीक एक युद्ध स्मारक इंडिया गेट है जहाँ हर समय वीर जवान ज्योति जलती रहती है। 26 जनवरी के दिन प्रधानमंत्री इस ज्योति को प्रज्वलित करते हैं और देश के राष्ट्रपति इस अवसर पर तीनों सेनाओं के प्रमुखों की सलामी लेने के साथ-साथ ध्वजारोहण और झाकियों का अवलोकन करते हैं।

इंडिया गेट के पास ही एक विशाल राष्ट्रीय संग्रहालय है। यहाँ हम अपने अतीत के बारे में पढ़ सकते हैं, अनेक वस्तुएँ और उपकरण देख सकते हैं। अपने ज्ञान और अनुभव को बढ़ा सकते हैं। दिल्ली में कुतब मीनार, लाल किला, जामा मस्जिद, बिरला मंदिर, अनेक चर्च, अनेक ऐतिहासिक गुरुद्वारे, जैन मंदिर, सुंदर उपवन और बाग देख सकते हैं। इन सभी इमारतों में प्राचीन, मध्यकालीन, आधुनिक और समकालीन भारत की स्थापत्य कला, चित्रकला, मूर्तिकला, नृत्यकला से संबंधित दृश्य, विभिन्न भाषाओं और लिपियों में लिखे विवरण पढ़ सकते है, देख सकते हैं।

II. प्रदर्शन कलाएँ : दिल्ली में समय-समय पर विभिन्न विशाल कला केंद्रों में नृत्य, चित्र प्रदर्शनियाँ, संगीत आयोजन आदि के कार्यक्रमों का आनंद उठा सकते है, देख सकते हैं। पुरानी इमारतों की दीवारों, धार्मिक इमारतों की छतों और दीवारों की चित्रकला के साथ-साथ रफी मार्ग पर स्थित चित्रकला प्रर्दशनी के आयोजनों को भी देख सकते हैं। दिल्ली में उत्तर भारतीय, दक्षिण भारतीय, पूर्वी भारतीय, राजस्थान शैली, कांगड़ा शैली से संबंधित चित्रों को देखकर आनंद उठाया जा सकता है।

प्रश्न 11.
क्या आप (क) बोलने (ख) पढ़ने (ग) लिखने के लिए भिन्न-भिन्न भाषाओं का प्रयोग करते हैं? इनमें से किसी एक भाषा की किसी प्रमुख रचना के बारे में पता लगाएँ और चर्चा करें कि आप इसे रोचक क्यों पाते हैं?
उत्तर:

  • मैं. बोलने के लिए पंजाबी भाषा का प्रयोग करती हूँ/करता हूँ लेकिन यह भाषा न तो मैं पढ़ सकती हूँ और न लिख सकती हूँ।
  • मैं, उर्दू बोल लेती/लेता हूँ और मुझे थोड़ा बहुत लिखना और पढ़ना भी आता है।
  • हिंदी में पूरी तरह समझ सकती हूँ, योल सकती हूँ. पढ़ सकती हूँ और लिख सकती हूँ।
  • अंग्रेजी भाषा को मैं थोड़ा-थोड़ा समझ सकती हूँ, थोड़ा-थोड़ा बोल सकती हूँ और थोड़ा-बहुत पढ़-लिख सकती हूँ।

प्रमुख रचना : मैंने ‘रामचरितमानस’ को हिंदी भाषा की एक प्रमुख रचना के रूप में कई बार पढ़ा, सुना और रंगमंच पर रामलीला के दिनों में किसी न किसी पात्र की भूमिका भी मैंने अदा की है। मुझे यह रचना कई कारणों से पसंद है। मैं मूलत: उत्तर प्रदेश के पूर्वाचल का निवासी हूँ। मेरी माता अवधी बोलती हैं। मुझे ‘रामचरितमानस’ में वर्णित किए गए अनेक पात्र और चरित्र अच्छे लगते हैं। एक पिता और राजा के रूप में दशरथ अच्छे लगते हैं। श्रवण कुमार एक अभिभावक भक्तिभाव रखने वाला पात्र है। वह अपने दृष्टिहीन अभिभावकों को सभी तीर्थ-स्थानों पर यात्रा कराने ले जाता है। यह दुर्भाग्य है कि दशरथ जैसे दयालु राजा के द्वारा गलती से शिकार की अवस्था में उसकी मृत्यु हो जाती है। राम वनवास के समय जब दशरथ-श्रवण के नेत्रहीन अभिभावकों के श्राप के बारे में बताते हैं तो वह विवरण सहज ही हृदय को छू जाता है।

पुस्तक के केंद्रीय पात्र राम दया, प्रेम, त्याग और वात्सल्य की प्रतिमा हैं। वे पिता के कहने पर सहर्ष राजगद्दी त्यागकर चौदह वर्षों के लिए वन को चले जाते हैं। वे भीलनी के जूठे बेर खाते हैं। हमें समानतापूर्वक समाज की रचना और छुआछूत तथा ऊँच-नीच की भावना को त्यागने और हिंदू समाज की एकता का संदेश देते हैं। वह अपनी तीनों माताओं और तीनों भाइयों के साथ-साथ हनुमान और सुग्रीव के परम मित्र, आराध्यदेव और सखा हैं।

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प्रश्न 12.
उत्तरी-पश्चिमी, दक्षिणी, पूर्वी और मध्य भारत से एक-एक राज्य चुनें। इनमें से प्रत्येक के बारे में उन भोजनों की सूची बनाएँ जो आमतौर पर सभी के द्वारा खाए जाते हैं, आप उनमें कोई अंतर या समानताएँ पाएँ तो उन पर प्रकाश डालें।
उत्तर:

  • उत्तर भारत से एक राज्य – पंजाब
  • पश्चिम से एक राज्य – राजस्थान
  • दक्षिण से एक राज्य – तमिलनाडु
  • पूर्व से एक राज्य – बिहार
  • मध्य से एक राज्य – मध्य प्रदेश

भोजनों की सूची : हम सभी लोग गेहूँ या चावल, विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियाँ, दालें, दूध, घी, मक्खन, दही और पनीर आदि खाते हैं। हम सभी को चपातियाँ या चावल और दाल, अचार, पापड़, सलाद अच्छा लगता है। जैसे-हमारे खाने की कुछ अलग-अलग आदतें हैं।
→ पंजाब के लोगों को गर्मियों में दही की लस्सी ज्यादा अच्छी लगती है तो सदियों में उन्हें सरसों का साग और मक्के की रोटी अच्छी लगती है।

→ राजस्थान के लोगों को गर्मी में ठंडाई, शर्यत, छाज या लस्सी ज्यादा अच्छी लगती है तो सर्दी में बाजरे की रोटी भी खा लेते हैं।

→ तमिलनाडु के लोगों को हर रोज सुबह इडली, प्लेन डोसा या मसाला डोसा या उत्पम का नाश्ता चाहिए। वे चाय की बजाय कॉफी पीना ज्यादा पसंद करते हैं।

→ बिहार के लोग गर्मी में सत्तू पीना या अन्य ठंडा पेय पदार्थ लेना पसंद करते हैं तो हर रोज उन्हें चावल और दाल या चावल और सब्जी अथवा चावल और मछली अच्छे लगते हैं।

→ मध्य प्रदेश के लोगों को हर रोज प्रात:काल सब्जी-रोटी या चावल-दाल या विभिन्न प्रकार की सब्जियाँ, दूध, घी, मक्खन और माँसाहारी होने पर बकरे का गोश्त, मछली, अंडे और मुर्ग ज्यादा अच्छे लगते हैं। वह कभी-कभी फल और सब्जियाँ, हलवा-पूरी, खीर आदि भी खाना पसंद करते है।

प्रश्न 13.
इनमें से प्रत्येक क्षेत्र से पाँच-पाँच राज्यों की एक-एक अन्य सूची बनाएँ और यह बताएं कि प्रत्येक राज्य में महिलाओं तथा पुरुषों द्वारा आमतौर पर कौन-से वस्त्र पहने जाते हैं, अपने निष्कर्षों पर चर्चा करें।
उत्तर:
पाँच राज्यों के पुरुषों द्वारा पहने जाने वाले वस्त्रों की सूची:

  • पैंट
  • जीन्स
  • धोती
  • कुर्ता
  • कमीज
  • निकर
  • खुशर्ट
  • कोट
  • जैकेट
  • शाल
  • स्वेटर
  • मफलर
  • पगड़ी
  • टोपी
  • तहमद या लुंगी।

पांच राज्यों की महिलाओं द्वारा पहने जाने वाले वस्त्रों की सूची:

  • साड़ी
  • पेटीकोट
  • ब्लाउज
  • अंगिया
  • सलवार
  • कमीज
  • चोली
  • दुपट्टा
  • शाल
  • स्वेटर
  • जीन्स
  • पैंट
  • घाघरा
  • लहंगा।

बहुविकल्पी प्रश्न

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनें:
(i) मणि प्रवालम शैली में लिखा गया एक ग्रंथ है :
(क) राजतरंगिनी
(ख) लीला तिलकम्
(ग) काव्य मंजरी
उत्तर:
(ख) लीला तिलकम्।।

(ii) तमिलनाडु का प्रमुख शास्त्रीय संगीत है:
(क) कथाकलि
(ख) कुचिपुड़ि
(ग) भरतनाट्यम
उत्तर:
(ग) भरतनाट्यम।

(ii) किस शासक के संरक्षण में कत्थक एक प्रमुख कला रूप में उभरा?
(क) शाहजहाँ
(ख) वाजिदअली शाह
(ग) अकबर
उत्तर:
(ख) वाजिदअली शाह।

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(iv) भानुदत्त की रसमंजरी किस शैली में रचित पुस्तक है।
(क) कांगड़ा शैली
(ख) राजस्थानी शैली
(ग) बसोहली शैली
उत्तर:
(ग) बसोहली शैली।

(v) ग्रंथ लीला तिलकम का विषय है :
(क) व्याकरण व काव्य शास्त्र
(ख) साहित्य
(ग) कथा-कहानी
उत्तर:
(क) व्याकरण व काव्य शास्त्र।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थान भरो:
(i) आधुनिक राजस्थान का इलाका ब्रिटिश काल में …………………. कहलाता था।
(ii) पृथ्वीराज चौहान एक …………………. शासक थे।
(iii) 15वीं और 16वीं शताब्दियों में भक्ति आंदोलन के प्रसार के साथ ………………. एक विशिष्ट नृत्य शैली के रूप में विकसित हुआ।
(iv) 1739 ई. में …………………. ने भारत पर आक्रमण किया।
(v) …………………. परंपराएँ कांगड़ा शैली को प्रमुख प्रेरणा स्रोत थीं।
उत्तर:
(i) राजपूताना.
(ii) राजपूत
(ii) कत्थक
(iv) नादिरशाह
(v) वैष्णवा

प्रश्न 3.
सही गलत छाँटो:
(i) कथक शैली उत्तर भारत के अनेक भागों से जुड़ी है।
(ii) राजदरबारों में सावधानीपूर्वक रखे जाने के कारण लघुचित्र सदियों तक सुरक्षित रहें।
(iii) धर्म ठाकुर एक क्षेत्रीय लोकप्रिय देव हैं।
(iv) कांगड़ा शैली की प्रमुख विशेषता गहन लाल रंगों का प्रयोग है।
(v) चेर राज्य में मलयालम भाषा बोली जाती थी।
उत्तर:
(i) √
(ii) √
(iii) √
(iv) X
(v) √

HBSE 7th Class Civics क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
लोगों के विषय में वर्णन करने का सामान्य तरीका क्या है?
उत्तर:
लोगों के विषय में वर्णन करने का एक सबसे सामान्य तरीका उनकी बोल-चाल की भाषा से उन्हें परिभाषित करना है। जब हम किसी व्यक्ति को तमिल या उड़िया कहते हैं तो आमतौर पर इसका अर्थ होता है कि वह तमिल अथवा उड़िया भाषा बोलता है और तमिलनाडु या उड़ीसा में रहता है।

प्रश्न 2.
क्षेत्रीय संस्कृति का अर्थ सरल शब्दों में समझाइए।
उत्तर:
सामान्यत: हम लोग प्रत्येक क्षेत्र को कुछ खास किस्म के भोजन, वस्त्र, काव्य, नृत्य, संगीत और चित्रकला से जोड़ा करते हैं। कभी-कभी हम इन अस्मिताओं को मान कर चलते हैं और सोचते हैं कि ये युग-युगांतरों से अस्तित्व में हैं। किंतु, भिन्न-भिन्न क्षेत्रों के बीच विभाजक सीमाओं के बनने में समय की भूमिका रही है जिन्हें हम आज क्षेत्रीय संस्कृतियाँ समझते हैं।

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प्रश्न 3.
क्षेत्रीय संस्कृति की कुछ विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
क्षेत्रीय संस्कृति की विशेषताएँ:
(i) क्षेत्रीय संस्कृति समय के साथ-साथ बदली है।

(ii) ये क्षेत्रीय संस्कृतियाँ जटिल प्रक्रिया से विकसित हुई हैं। इस प्रक्रिया के तहत स्थानीय परंपराओं और उपमहाद्वीप के अन्य भागों के विचारों के आदान-प्रदान। ने एक-दूसरे को संपन्न बनाया है।

(iii) कुछ परंपराएँ तो कुछ विशेष क्षेत्रों की अपनी हैं जबकि कुछ अन्य भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में एकसमान प्रतीत होती हैं, और कुछ अन्य परम्पराएँ तो एक खास इलाके के पुराने रीति-रिवाजों से निकली हैं पर अन्य क्षेत्रों में जाकर उन्होंने एक नया रूप ले लिया है।

प्रश्न 4,
पिछले कुछ वर्षों में गठित नए तीन राज्यों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(i) उत्तराखंड
(ii) झारखंड
(iii) छत्तीसगढ़।

प्रश्न 5.
चेर राज्य का बहुत संक्षेप में परिचय दीजिए।
उत्तर:
महोदयपुरम का चेर राज्य प्रायद्वीप के दक्षिणी-पश्चिमी भाग में जो आज के केरल राज्य का एक हिस्सा था, नौवीं शताब्दी में स्थापित किया गया।

प्रश्न 6.
कत्थक की ओर ब्रिटिश दृष्टिकोण कैसा था? समझाइए।
उत्तर:
अनेक अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों की तरह कत्थक को भी, उन्नीसवीं तथा बीसवीं शताब्दियों में अधिकांश ब्रिटिश प्रशासकों ने नापसंद किया। फिर भी यह ‘जीवित’ बचा रहा और गणिकाओं द्वारा पेश किया जाता रहा। स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद तो देश में इसे छह ‘शास्त्रीय नृत्य रूपों में मान्यता मिल गई।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भलयालम भाषा का चेर संस्कृति पर प्रभाव लिखिए।
उत्तर:
आधुनिक केरल में संभवतः मलयालम भाषा बोली जाती थी। चेर शासकों ने मलयालम भाषा एवं लिपि का प्रयोग अपने अभिलेखों में किया। वस्तुत: उपमहाद्वीप के सरकारी अभिलेखों में किसी क्षेत्रीय भाषा के प्रयोग के सबसे पहले उदाहरणों में से एक है। इसके साथ-साथ चेर लोगों ने संस्कृत की परंपराओं से भी बहुत कुछ ग्रहण किया। केरल का मंदिर-रगंमच, जिसकी परंपरा, इस युग। तक खोजी जा सकती है, संस्कृत के महाकाव्यों पर आधारित था। मलयालम भाषा की पहली साहित्यिक कृतियों, जो लगभग बारहवीं शताब्दी की बताई जाती हैं प्रत्यक्ष रूप से संस्कृत की ऋणी हैं। यह भी एक काफी रोचक तथ्य है कि चौदहवीं शताब्दी का एक ग्रंथ लीला तिलकम, जो व्याकरण तथा काव्यशास्त्र विषयक है, ‘मणिप्रवालम’ शैली में लिखा गया था। ‘मणिप्रवालम’ का शाब्दिक अर्थ है हीरा और मूंगा, जो यहाँ दो भाषाओं-संस्कृत तथा क्षेत्रीय भाषा-के साथ-साथ प्रयोग की ओर संकेत करता है।

प्रश्न 2.
जगन्नाथी सम्प्रदाय की संस्कृति कैसे धार्मिक परम्पराओं और गंग शासकों के सहयोग से विकसित हुई?
उत्तर:
उड़ीसा जैसे कुछ भारतीय क्षेत्रों में क्षेत्रीय संस्कृतियाँ क्षेत्रीय धार्मिक परंपराओं से विकसित हुई। इस प्रक्रिया का सर्वोत्तम उदाहरण है पुरी, उड़ीसा में जगन्नाथ का संप्रदाय। जगन्नाथ का शाब्दिक अर्थ है दुनिया का मालिक जो विष्णु का पर्यायवाची है। आज भी, जगन्नाथ की काष्ठ प्रतिमा स्थानीय जनजातीय लोगों द्वारा बनाई जाती है जिससे यह तात्पर्य निकलता है कि जगन्नाथ मूलतः एक स्थानीय देवता थे जिन्हें आगे चलकर विष्णु का रूप मान लिया गया।

बारहवीं शताब्दी में, गंग वंश के एक अत्यंत प्रतापी राजा अनंतवर्मन ने पुरी में पुरुषोत्तम जगन्नाथ के लिए एक मंदिर बनवाने का निश्चय किया। उसके बाद 1230 में राजा अनंगभीम तृतीय ने अपना राज्य पुरुषोत्तम जगन्नाथ को अर्पित कर दिया और स्वयं को जगन्नाथ का ‘प्रतिनियुक्ति’ घोषित किया।

प्रश्न 3.
बंगाली के प्रारंभिक साहित्य को किन दो श्रेणियों में बाँटा जाता है? चर्चा कीजिए।
उत्तर:
बंगाली के प्रारंभिक साहित्य को दो श्रेणियों में बाँटा जा सकता है-एक श्रेणी संस्कृत की ऋणी है और दूसरी उससे स्वतंत्र है। पहली श्रेणी में संस्कृत महाकाव्यों के अनुवाद, ‘मंगलकाव्य’ (शाब्दिक अर्थों में शुभ यानी मांगलिक काव्य, जो स्थानीय देवी-देवताओं से संबंधित है), और भक्ति साहित्य जैसे – गौडीय वैष्णव आंदोलन के नेता श्री चैतन्य देव की जीवनियाँ आदि शामिल हैं। दूसरी श्रेणी में नाथ-साहित्य शामिल है, जैसे : मैनामती-गोपीचंद्र के गीत और धर्म ठाकुर की पूजा से संबंधित कहानियाँ और परिकथाएँ, लोककथाएँ और गाथागीत।

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प्रश्न 4.
क्या राजपूताना को केवल राजपूतों की भूमि कहना पूर्णतया ठीक है? संक्षेप में समझाइए।
उत्तर:
उन्नीसवीं शताब्दी में ब्रिटिश लोग उस क्षेत्र को जहाँ आज का अधिकांश राजस्थान स्थित है. राजपूताना कहते थे। इससे यह समझा जा सकता है कि वह एक ऐसा प्रदेश था जहाँ केवल अथवा प्रमुख रूप से राजपूत ही रहा करते थे, लेकिन यह बात आंशिक रूप से ही सत्य है। ऐसे अनेक समूह थे (और आज भी है) जो उत्तरी तथा मध्यवर्ती भारत के अनेक क्षेत्रों में अपने आपको राजपूत कहते हैं और यह भी सच है कि राजस्थान में भी राजपूतों के अलावा अन्य लोग भी रहते हैं। तथापि अक्सर यह माना जाता है कि राजपूतों ने राजस्थान को एक विशिष्ट संस्कति पटान की।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मुगल साम्राज्य के पतन का चित्रकारों और चित्रकला पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
(i) मुगल साम्राज्य के पतन के साथ अनेक चित्रकार मुगल दरबार छोड़कर नए उभरने वाले क्षेत्रीय राज्यों के दरबारों में चले गए। परिणामस्वरूप मुगलों की कलात्मक रुचियों ने दक्षिण के क्षेत्रीय दरबारों और राजस्थान के राजपूती राजदरवारों को प्रभावित किया लेकिन इसके साथ ही उन्होंने अपनी विशिष्ट विशेषताओं को सुरक्षित रखा और उनका विकास भी किया।

(ii) कुछ चित्रकार हिमालय की तलहटी में जा बसे जहाँ लघुचित्रकला की एक साहसपूर्ण एवं भावप्रवण शैली का विकास हो गया जिसे बसोहली शैली कहा जाता है। यहाँ जो सबसे लोकप्रिय पुस्तक चित्रित की गई वह थी: भानुदत्त की रसमंजरी।

(iii) 1739 में नादिरशाह के आक्रमण और दिल्ली विजय के परिणामस्वरूप मुगल कलाकार मैदानी इलाकों की अनिश्चितताओं से बचने के लिए पहाड़ी क्षेत्रों को पलायन कर गए। उन्हें वहाँ जाते ही आश्रयदाता तैयार मिले जिसके फलस्वरूप चित्रकारी की कांगड़ा शैली की स्थापना हुई। ठंडे नीले और हरे रंगों सहित कोमल रंगों का प्रयोग और विषयों का काव्यात्मक निरूपण इस कांगड़ा शैली की विशेषता थी।

प्रश्न 2.
बंगाल में मछली भोजन के मुख्य अंग के रूप में विषय पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
(i) बंगाल में परंपरागत भोजन संबंधी आदतें. आमतौर पर स्थानीय रूप से उपलब्ध खाद्य पदाथों पर निर्भर करती हैं। बंगाल एक नदीय मैदान है जहाँ मछली और धान की उपज बहुतायत से होती है। इसलिए यह स्वाभाविक है कि इन दोनों वस्तुओं को गरीब बंगालियों की भोजन-सूची में भी प्रमुख स्थान प्राप्त है।

(ii) मछली पकड़ना वहाँ का प्रमुख धंधा रहा है और बंगाली साहित्य में मछली का स्थान-स्थान पर उल्लेख मिलता है। इससे ज्यादा और क्या होगा कि मंदिरों और बौद्ध विहारों की दीवारों पर जो मिट्टी की पट्टियाँ लगी हैं उनमें भी मछलियों को साफ करते हुए और टोकरियों में भरकर बाजार ले जाते हुए दर्शाया गया है।

(ii) ब्राह्मणों को सामिष भोजन करने की अनुमति नहीं थी लेकिन स्थानीय आहार में मछली की लोकप्रियता को देखते हुए ब्राह्मण धर्म के विशेषज्ञों ने बंगाली ब्राह्मणों के लिए इस निषेध में ढील दे दी। बृहद्धर्म पुराण, जो कि बंगाल में रचित तेरहवीं शताब्दी का संस्कृत ग्रंथ है, ने स्थानीय ब्राह्मणों को कुछ खास किस्मों की मछली खाने की अनुमति दे दी।

क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण Class 7 HBSE Notes in Hindi

1, मणिप्रवालम : इसका शाब्दिक अर्थ है हीरा और मूंगा जो यहाँ दो भाषाओं-संस्कृत तथा क्षेत्रीय भाषा के साथ-साथ प्रयोग की ओर संकेत करता है।

2. जगन्नाथ : इसका शाब्दिक अर्थ है दुनिया का मालिक जो विष्णु का पर्यायवाची है।

3. गंग वंश : उड़ीसा प्रदेश का एक राजवंश जो 12वीं एवं 13वीं शताब्दी में सत्ता में रहा।

4. चारण-भाट : राजपूत राजाओं की स्तुति गाने वाले लोग।

5. राजपूताना : 19वीं सदी में ब्रिटिश लोग, उस क्षेत्र को जहाँ आज का ज्यादातर राजस्थान (प्रान्त) स्थित है, राजपूताना कहते थे।

6. राजपूत : एक सामाजिक समूह या जाति जो राजपूताना के साथ-साथ उत्तरी तथा मध्यवर्ती भारत में रहते थे। चाहमान (चौहान), तोमर आदि राजपूत थे।

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 9 क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण

7. सती प्रथा : विधवाओं द्वारा अपने मृतक पति की चिता पर जिंदा जल जाने की प्रथा।

8. कत्थक : नृत्य का एक रूप। यह शब्द ‘कथा’ शब्द से निकला है जिसका प्रयोग संस्कृत तथा अन्य भाषाओं में कहानी (कथा) के लिए किया जाता है।

9. रासलीला : राधा-कृष्ण की पौराणिक कहानियों को लोकनाट्य के रूप में प्रस्तुत करना।

10. घराना : नृत्य या संगीत की परम्परा।

11. शास्त्रीय : वह नृत्य या संगीतकला जो प्रायः पुराने नियमों, परम्पराओं आदि से बंधी हुई शैली के अनुरूप होती है।

12. लोकनृत्य : जनसाधारण में विशेष रूप से लोकप्रिय तथा सामान्य ढंग या शैली में नृत्य या गायन किया जाता है।

13. लघुचित्र : छोटे चित्र।

14. भित्ति चित्र : दीवारों पर बनाये जाने वाले चित्र।

15. बसोहली शैली : हिमाचल प्रदेश की तलहटी में सत्रहवीं शताब्दी के बाद विकसित लघु चित्रकला की एक साहसपूर्ण एवं भावप्रवण शैली को बसोहली शैली कहा जाता है।

16. नादिरशाह का दिल्ली पर आक्रमण : 1739 ई.।

17. अकबर ने बंगाल पर विजय प्राप्त की थी : 1586 में।

18. मंगलकाव्य : शाब्दिक अर्थ शुभ अर्थात् मांगलिक काव्य।

19. नाथ साहित्य : मैनामती, गोपीचंद के गीत तथा धर्म ठाकुर की पूजा सम्बन्धी कहानियाँ।

20. पीर : फारसी भाषा का एक शब्द है जिसका अर्थ है आध्यात्मिक मार्गदर्शक।

21. जीववाद : यह मानना कि पेड़-पौधों, जड़-वस्तुओं और प्राकृतिक घटनाओं में भी जीव-आत्मा है।

22. पटिया : पट्ट या बोर्ड।

23. दोचाला : दो छतों वाली।

24. चौचाला : चार छतों वाली।

25. सामिष भोजन : मांसाहारी भोजन।

26. फ्रेंच : फ्रांसीसियों की भाषा।

27. जर्मन : जर्मन वासियों की भाषा।

28. ग्रीक : यूनानियों की भाषा।

29. रोमानियन : रोमानिया के लोगों की भाषा।

30. हंगेरियन : हंगरी के लोगों की भाषा।

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HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 8 ईश्वर से अनुराग

Haryana State Board HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 8 ईश्वर से अनुराग Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Social Science Solutions History Chapter 8 ईश्वर से अनुराग

HBSE 7th Class History ईश्वर से अनुराग Textbook Questions and Answers

फिर से याद करें

ईश्वर से अनुराग प्रश्न उत्तर HBSE Class 7 प्रश्न 1.
निम्नलिखित में मेल बैठाएँ :

बुद्धनामघर
शंकर देवविष्णु की पूजा
निज़ामुद्दीन औलियासामाजिक अंतरों पर सवाल उठाए
नयनारसूफी संत
अलवारशिव की पूजा

उत्तर:

बुद्धसामाजिक अंतरों पर सवाल उठाए नामघर
शंकर देवसूफी संत
निज़ामुद्दीन औलियाशिव की पूजा
नयनारविष्णु की पूजा
अलवारसामाजिक अंतरों पर सवाल उठाए नामघर

Class 7 History Chapter 8 Question Answer In Hindi HBSE प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:
(क) शंकर …………………. के समर्थक थे।
(ख) रामानुज …………………. के द्वारा प्रभावित हुए थे।
(ग) …………………. और …………………. वीरशैव मत के समर्थक थे।
(घ) …………………. महाराष्ट्र में भक्ति परंपरा का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र था।
उत्तर:
(क) अद्वैतवाद
(ख) अलवार
(ग) बसवन्ना, अल्लमा और अक्क महादेवी
(घ) पंढरपुर।

ईश्वर से अनुराग HBSE Question Answer In Hindi Class 7 प्रश्न 3.
नाथपंथियों, सिद्धों और योगियों के विश्वासों और आचार व्यवहारों का वर्णन करें।
उत्तर:
(i) इस काल में अनेक ऐसे धार्मिक समूह उभरे जिन्होंने साधारण तर्क-वितर्क का सहारा लेकर, रूढ़िवादी धर्म के कर्मकांडों, आडंबरों और अन्य बनावटी पहलुओं और समाज-व्यवस्था की आलोचना की।

(ii) उनमें नाथपंथी, सिद्धाचार और योगी जन उल्लेखनीय हैं। उन्होंने संसार के परित्याग एवं संन्यास लेने का समर्थन किया। उनके विचार से, निराकार परम सत्य का चिंतन-मनन और उसके साथ एक हो जाने की अनुभूति ही मोक्ष का मार्ग है। इसके लिए उन्होंने योगासन, प्राणायाम और चिंतन-मनन जैसी क्रियाओं के माध्यम से मन एवं शरीर को कठोर प्रशिक्षण देने की आवश्यकता पर बल दिया।

(iii) ये समूह खासतौर पर ‘नीची’ कही जाने वाली जातियों में बहुत लोकप्रिय हुए।

(iv) उनके द्वारा की गई रूढ़िवादी धर्म की आलोचना ने भक्तिमार्गीय धर्म के लिए आधार तैयार किया, जो आगे चलकर उत्तरी भारत में एक लोकप्रिय शक्ति बना।

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 8 ईश्वर से अनुराग

HBSE 7th Class Social Science Chapter 8 ईश्वर से अनुराग प्रश्न 4.
कबीर द्वारा अभिव्यक्त प्रमुख विचार क्या-क्या थे? उन्होंने इन विचारों को कैसे अभिव्यक्त किया?
उत्तर:
कबीर द्वारा अभिव्यक्त प्रमुख विचार:

  • धर्मों का अंतर अथवा भेदभाव मानव द्वारा बनाया गया है।
  • हिंदू और मुसलमान एक ही ईश्वर की संतान हैं।
  • प्रत्येक व्यक्ति को ईश्वर के प्रति प्रेम-भाव रखना चाहिए।
  • हिंदू और इस्लाम धर्म में व्याप्त कुरीतियों की आलोचना की।
  • भक्ति के माध्यम से ही मोक्ष यानी मुक्ति प्राप्त हो सकती है।
  • कबीर निराकार परमेश्वर में विश्वास करते थे।

आइए समझें

प्रश्न 5.
सूफियों के प्रमुख आचार-व्यवहार क्या थे?
उत्तर:
(i) सूफी मुसलमान रहस्यवादी थे। वे धर्म के बाहरी आडंबरों को अस्वीकार करते हुए, ईश्वर के प्रति प्रेम और भक्ति तथा सभी मनुष्यों के प्रति दयाभाव रखने पर बल देते थे।

(ii) सूफी लोगों ने मुस्लिम धार्मिक विद्वानों द्वारा निर्धारित विशद कर्मकांड और आचार संहिता को बहुत कुछ अस्वीकार कर दिया। वे ईश्वर के साथ ठीक उसी प्रकार जुड़े रहना चाहते थे जिस प्रकार एक प्रेमी, दुनिया की परवाह किए बिना, अपनी प्रियतमा के साथ जुड़े रहना चाहता है।

(iii) संत-कवियों की तरह सूफी लोग भी अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए काव्य रचना किया करते थे। गध में एक विस्तृत साहित्य तथा कई किस्से-कहानियाँ इन सूफी संतों के इर्द-गिर्द विकसित हुई। .

(iv) मध्य एशिया के महान सूफी संतों में गज्जाली, रूमी और सादी के नाम उल्लेखनीय हैं। नाथपंथियों, सिद्धों और योगियों की तरह, सूफी भी यही मानते थे कि दुनिया के प्रति अलग नजरिया अपनाने के लिए दिल को सिखाया-पढ़ाया जा सकता है।

(v) उन्होंने किसी औलिया या पीर की देख-रेख में, जिक्र (नाम का जाप),चिंतन, समा (गाना), रक्स (नृत्य), नीति-चर्चा, साँस पर नियंत्रण आदि के जरिये प्रशिक्षण की विस्तृत रीतियों का विकास किया। इस प्रकार, सूफी उस्तादों की पीढ़ियों, सिलसिलाओं का प्रादुर्भाव हुआ; इनमें से हरेक सिलसिला निर्देशों व धार्मिक क्रियाओं का थोड़ा-बहुत अलग तरीका अपनाता था।

प्रश्न 6.
आपके विचार से बहुत से गुरुओं ने उस समय प्रचलित धार्मिक विश्वासों तथा प्रथाओं को अस्वीकार क्यों किया?
उत्तर:
बहुत से गुरूओं ने उस समय प्रचलित धार्मिक विश्वासों तथा प्रधाओं को निम्न कारणों से अस्वीकार कर दियाः

  • प्राचीन काल से चले आ रहे धार्मिक रीति-रिवाज एवं प्रथाओं में काफी जटिलताएँ आ गई थीं।
  • प्राचीन काल से चले आ रहे ऐसे धार्मिक कर्मकांड जिसमें कई तरह की कुरीतियाँ व्याप्त हो गई थीं।
  • उस समय प्रचलित धार्मिक विश्वास तथा प्रथाएँ समानता पर आधारित नहीं थीं। कई वर्गी के साथ काफी भेदभाव किया जाता था।

प्रश्न 7.
बाबा गुरु नानक की प्रमुख शिक्षाएँ क्या थी?
उत्तर:
बाबा गुरु नानक की प्रमुख शिक्षाएँ निम्न हैं:

  • एक ईश्वर की उपासना करनी चाहिए।
  • जाति-पाति और लिंग-भेद की भावना से दूर रहना चाहिए।
  • ईश्वर की उपासना करनी चाहिए, दूसरों का भला करना चाहिए तथा अच्छे आचार-विचार अपनाने चाहिए।
  • उनके उपदेशों को नाम-जपना, कीर्तन करना और बंड-छकना के रूप में याद किया जाता है।

आइए चर्चा करें

प्रश्न 8.
जाति के प्रति वीरशैवों अथवा महाराष्ट्र के संतों का दृष्टिकोण कैसा था? चर्चा करें।
उत्तर:
जाति के प्रति वीरशैवों का दृष्टिकोण : तमिल भक्ति आंदोलन के वीरशैवों ने सभी मानव प्राणियों की समानता के पक्ष में और जातिप्रथा के विरोध में आवाज उठाई। महाराष्ट्र के संतों का जाति प्रथा के प्रति दृष्टिकोण : उन्होंने जन्म पर आधारित सामाजिक अंतरों का विरोध किया। वे उसी को भगवान का भक्त मानते थे जो अन्य सभी प्राणियों की पीड़ा को समझते थे। वे चाहते थे कि तथाकथित नीची जाति के लोगों के साथ भी लोग पुत्र के समान प्यार और सद्व्यवहार करें।

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प्रश्न 9.
आपके विचार से जन-साधारण ने मीरा की याद को क्यों सुरक्षित रखा?
उत्तर:
हमारे विचार से जनसाधारण ने मीराबाई की याद को निम्न कारणों से सुरक्षित रखा:

  • मीराबाई एक राजपूत राजकुमारी थी और उसका विवाह मेवाड़ के राजपरिवार में हुआ था, फिर भी उन्होंने रविदास जो अस्पृश्य जाति से संबंधित थे, को अपना गुरु बनाया।
  • उन्होंने भगवान कृष्ण की उपासना में अपने-आप को समर्पित कर दिया था। उन्होंने अपने गहरे भक्ति-भाव को कई भजनों में अभिव्यक्त किया है।
  • उनके गीतों ने उच्च जातियों के रीतियों-नियमों को खुली चुनौती दी तथा ये गीत राजस्थान व गुजरात के जनसाधारण में बहुत लोकप्रिय हुए। आइए करके देखें

प्रश्न 10.
पता लगाएं कि क्या आपके आस-पास भक्ति परंपरा के संतों से जुड़ी कोई दरगाह, गुरद्वारा या मंदिर है। इनमें किसी एक को देखने जाइए और बताइए कि वहाँ आपने क्या देखा और सुना।
उत्तर:
हाँ, हमारे पड़ोस में और घर के आस-पास भक्ति परंपरा के संतों से जुड़ी कुछ दरगाहें, गुरुद्वारे और मंदिर हैं। हम प्रायः सभी परिवारजन समय-समय पर इन्हें देखने जाते रहते हैं। हम धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करते हैं।
→ लोग दरगाहों पर जाकर प्रसाद और कुछ सिक्के चढ़ाते हैं। प्रसाद आते-जाते लोगों और भक्तों के बीच बाँटते हैं। दरगाह की मजार पर सिर झुकाते हैं और वे मौन होकर ईश्वर की इबादत या प्रार्थना करते हैं।

→ गुरुद्वारे में जाने वाले लोग माथा टेकते हैं। कुछ लोग रुपए या सिक्के और फूलों के हार भी चढ़ाते हैं, कढ़ा प्रसाद खाते हैं, गुरुद्वारे के अंदर सभी भक्तों का सिर रूमाल या किसी वस्त्र से ढका होता है।

→ मंदिर में अनेक प्रतिमाएँ देवी-देवताओं की होती हैं। जगह-जगह धूप-अगरबत्ती से सुगंधित वातावरण होता है। कुछ लोग कोनों में बैठकर माला जपते हुए या नेत्र बंद करके प्रार्थना करते हुए दिखाई देते हैं तो कुछ लोग आरती करते हुए या। शिवलिंग पर दूध मिला जल चढ़ाते हैं। कुछ लोग प्रसाद बाँटते हैं, कुछ लोग श्रीमद्भगवत गीता या रामायण का अध्ययन करते हुए भी दिखाई पड़ते हैं।

प्रश्न 11.
इस अध्याय में अनेक संत कवियों की रचनाओं के उद्धरण दिए गए हैं। उनकी कृतियों के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करें और उनकी उन कविताओं को नोट करें जो यहाँ नहीं दी गई। पता लगाएं कि क्या ये गाई जाती हैं। यदि हाँ, तो कैसे गाई जाती हैं और कवियों ने इनमें किन विषयों पर लिखा था।
उत्तर:
मैंने इस अध्याय में अनेक भक्त संतों और सूफी पीरों के विषय में अध्ययन किया है। मैंने कबीर, बाबा गुरु नानक देव, मीराबाई, गोस्वामी तुलसीदास, सूरदास, रविदास, चैतन्य महाप्रभु आदि के बारे में भी पड़ा है। मैं मानता हूँ कि कुछ दरगाहों में सूफी संत बाजे और अन्य संगीत उपकरणों के साथ कव्वालियाँ गाते हैं। कुछ लोग मंदिरों और गुरुद्वारे में शब्द कीर्तन, कविताएँ और शब्द गाते हैं या उनका रसास्वादन लेते हैं। मैं कई बार अखबारों में भी भजनों और भक्तिभावना वाली कविताओं को पढ़ता हूँ। रेडियो और दूरदर्शन पर भक्ति संगीत, भजनों, शब्दों, दोहों और चौपाइयों को सुनता हूँ या लोगों को गाते हुए देखता हूँ। मैंने विभिन्न धर्मों से संबंधित धार्मिक पुस्तकों को पढ़ा है जिनमें मीरा, दादू, नामदेव, तुलसीदास, सूरदास, नानक और कबीर आदि की रचनाएँ अधिक प्रसिद्ध हैं।

प्रश्न 12.
इस अध्याय में अनेक संत-कवियों के नामों का उल्लेख किया गया है परन्तु कुछ की रचनाओं को इस अध्याय में शामिल नहीं किया गया है। उस भाषा के बारे में कुछ और जानकारी प्राप्त करें जिसमें ऐसे कवियों ने अपनी कृतियों की रचना की। क्या उनकी रचनाएँ गाई जाती थीं? उनकी रचनाओं का विषय क्या था ?
उत्तर:
(i) सभी मराठी संतों जैसे कि ज्ञानेश्वर, नामदेव, एकनाथ और तुकाराम ने मराठी में भक्ति संगीत और काव्य रचनाएँ लिखीं और उनमें से अपनी कुछ रचनाओं को अपने अनुयायियों सहित गाया। आज भी उनके अनुयायी उन्हें गाते हैं और अपने ईश्वर के प्रति अनुराग और प्रेम की अभिव्यक्ति करते हैं।

(ii) नरसी मेहता ने गुजराती में लिखा और गाया है। उदाहरण के लिए उनका एक गीत (भजन) जिसके बोल हैं कि, “वैष्णों जन तो तेरे कहिए जो पीर पराई जान रे” हमारे राष्ट्रपिता मोहनदास कर्मचंद गाँधी को सबसे प्रिय था।

(iii) गोस्वामी तुलसीदास ने अवधी भाषा में ‘रामचरितमानस’ सहित अनेक गद्य और काव्य ग्रंथों की रचना की है। आज तक रामभक्त अनेक हिंदू और अन्य लोग उसे गाते हैं. सुनते हैं और कई स्थानों पर आधारित उस पर रामलीलाएँ आयोजित की जाती हैं।

(iv) सूरदास ने हिंदी भाषा की एक बोली ब्रजभाषा में अनेक काव्य लिखे।

(v) मीराबाई ने राजस्थानी और ब्रजभाषा में अनेक भजन और रचनाएँ लिखीं।

(vi) महान संत कबीर ने सर्वसाधारण की भाषाओं और बोलियों से अनेक शब्द लिए जिसे लोग खिचड़ी भाषा कहते हैं क्योंकि उसमें अवधी, ब्रज, हिंदी, उर्दू, पंजाबी और भारत की अन्य अनेक भाषाओं के शब्द मिलते हैं।

(vi) गुरु नानक देव जी ने जनसाधारण की भाषा में लिखा जिनमें हिंदी और पंजाबी प्रमुख हैं।

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बहुविकल्पी प्रश्न

प्रश्न 1.
उचित विकल्प चुनें:
(i) अलवार संतों की संख्या थी:
(क) 63
(स) 12
(ग) 18
उत्तर:
(ख) 12

(ii) जीवात्मा व परमात्मा दोनों को एक माना है:
(क) द्वैतवाद ने
(ख) अद्वैतवाद ने
(ग) सगुण भक्ति धारा ने
उत्तर:
(ख) अद्वैतवाद ने।

(iii) रामानुज ने किस सिद्धांत का प्रतिपादन किया?
(क) द्वैतवाद
(ख) अद्वैतवाद
(ग) विशिष्टताद्वैतवाद
उत्तर:
(ग) विशिष्टताद्वैतवाद।

(iv) “वैष्णव जन तो तेने कहिए जो पीर पराई जाने रे।” इस भजन के रचनाकार हैं:
(क) नरसी मेहता
(ख) कबीर
(ग) सूरदास
उत्तर:
(क) नरसी मेहता।

(v) 16वीं शताब्दी बंगाल के एक सूफी संत थे:
(क) चैतन्य देव
(ख) ज्ञानेश्वर
(ग) तुलसीदास
उत्तर:
(क) चैतन्य देवा

प्रश्न 2.
रिक्त स्थान भरो:
(i) ………………. के आरंभ से विभिन्न प्रकार के भक्ति तथा सूफी आंदोलनों का उदय होने लगा था।
(ii) अलवार और नयनार संत ………………. और ……………….. के कटु आलोचक थे।
(ii) शंकराचार्य ………………. के समर्थक थे।
(iv) रामानुज ……………. संतों से बहुत प्रभावित थे।
(v) सूफी संत की दरगाह एक …………………. के रूप में स्थापित है।
उत्तर:
(i) 8वीं शताब्दी
(ii) बौद्धों, जैनों
(iii) अद्वैतवाद
(iv) अलवार
(v) तीर्थस्थल।

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प्रश्न 3.
सही गलत छाँटो:
(i) वीरशैव आंदोलन का आरंभ केरल में हुआ।
(i) मुस्लिम विद्वानों ने ‘शरियत’ नाम से एक धार्मिक कानून बनाया।
(iii) चैतन्यदेव ने कृष्ण-राधा के प्रति निष्काम भक्तिभाव का उपदेश दिया।
(iv) नामघर स्थापित करने की पद्धति असम के शंकर देव ने चलाई।
(v) तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना अवधी भाषा में की है।
उत्तर:
(i) X
(ii) √
(iii) √
(iv) √
(v) X

HBSE 7th Class Civics ईश्वर से अनुराग Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भक्ति आंदोलन के दौरान किन्हीं तीन महत्त्वपूर्ण देवी-देवताओं के नाम लिखिए, जिन्हें आराध्य देवी-देवताओं के रूप में याद किया या पूजा-अर्चना की गई।
उत्तर:

  • शिव
  • दुर्गा
  • विष्णु
  • कृष्ण
  • राम। [कोई तीन लिखिए]

प्रश्न 2.
भारत के उन दो धर्मों या धार्मिक मतों के नाम लिखिए जो आठवीं से बारहवीं शताब्दी के मध्य विकसित हुए तथा भक्ति विचारधारा से बहुत प्रभावित हुए।
उत्तर:
हिंदुओं के अतिरिक्त भक्ति विचारधारा निम्नलिखित दो धर्मावलंबियों में भी बहुत ज्यादा लोकप्रिय हुई:

  • बौद्धों के मध्य और
  • जैनियों के मध्या

प्रश्न 3.
दक्षिण भारत में जो दो विद्वानों के विद्यालय या वैचारिक समूह भक्ति आंदोलन के दौरान बहुत ज्यादा पॉपुलर हुए उनके नाम लिखिए।
उत्तर:

  • नयनार (शैव भक्त)
  • अलवार (विष्णु भक्त)।

प्रश्न 4.
प्रारंभिक तमिल भाषा साहित्य संकलन का नाम लिखिए।
उत्तर:
संगम साहित्य।

प्रश्न 5.
धार्मिक जीवनी (संत जीवनी लेखन) का अर्थ लिखिए।
उत्तर:
दक्षिण भारत के नयनार और अलवार संतों की धार्मिक जीवनियों को संत जीवनी लेखन या धार्मिक जीवनी लेखन कहते हैं।

प्रश्न 6.
खानकाह किसे कहते हैं?
उत्तर:
यह एक सूफी संस्था है जहाँ प्रायः सूफी पीर/फकीरसंत रहते हैं और लोग वहाँ पर अपनी आस्था, भक्ति अभिव्यक्त करने के लिए जाते हैं।

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लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सूफियों के चिश्ती सिलसिले पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
ग्यारहवीं शताब्दी से अनेक सूफी जन मध्य एशिया से आकर हिंदुस्तान में बसने लगे थे। दिल्ली सल्तनत की स्थापना के साथ यह प्रक्रिया उस समय और भी मजबूत हो गई जब उपमहाद्वीप में सर्वत्र बड़े-बड़े अनेक सूफी केंद्र विकसित हो गए। चिश्ती सिलसिला इन सभी सिलसिलों में सबसे अधिक प्रभावशाली था। इसमें औलियाओं की एक लंबी परंपरा थी; जैसे, अजमेर के ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती, दिल्ली के कुत्युद्दीन बख्तियार काकी, पंजाब के बाबा फ़रीद, दिल्ली के ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया और गुलबर्ग के बंदानवाज गिसुदराज।

प्रश्न 2.
सूफी खानकाहों के आयोजन और गतिविधियों पर संक्षिप्त नोट लिखिए।
उत्तर:
सूफी संत अपने खानकाहों में विशेष बैठकों का आयोजन करते थे। सभी प्रकार के भक्तगण, जिनमें शाही घरानों के लोग तथा अभिजात और आम लोग भी शामिल होते थे, इन खानकाहों में आते थे। वे आध्यात्मिक विषयों पर चर्चा करते थे। अपनी दुनियादारी की समस्याओं को सुलझाने के लिए संतों से आशीर्वाद माँगते थे अथवा संगीत तथा नृत्य के जलसों में ही शामिल होकर चले जाते थे।

प्रश्न 3.
आम आदमी प्रायः सूफी संतों और दरगाहों से किस प्रकार जुड़ गए?
उत्तर:
अक्सर आम लोग यह समझते थे कि सूफी औलियाओं के पास चमत्कारिक शक्तियाँ होती हैं जिनसे आम लोगों को बीमारियों और तकलीफों से छुटकारा मिल सकता है। सूफी संत की दरगाह एक तीर्थ स्थल बन जाता था जहाँ सभी ईमान-धर्म के लोग हजारों की संख्या में इकट्ठे होते थे।

प्रश्न 4.
एक महान दार्शनिक के रूप में शंकर का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारत के सर्वाधिक प्रभावशाली दार्शनिकों में से एक शंकर का जन्म आठवीं शताब्दी में केरल प्रदेश में हुआ था। वे अद्वैतवाद के समर्थक थे, जिसके अनुसार जीवात्मा और परमात्मा (जो परम सत्य है) दोनों एक ही हैं। उन्होंने यह शिक्षा दी कि ब्रह्मन् अर्थात् परम सत्य परमात्मा एक है, वह निर्गुण और निराकार है। शंकर ने हमारे चारों ओर के संसार को मिथ्या या माया माना और संसार का परित्याग करने अर्थात् संन्यास लेने और बह्मन् की सही प्रकृति को समझने और मोक्ष प्राप्त करने के लिए । ज्ञान के मार्ग को अपनाने का उपदेश दिया।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
तेरहवीं शताब्दी के बाद उत्तर भारत में हिंदुओं के धार्मिक रीति-रिवाजों, परंपराओं आदि में जो बदलाव देखे गए उनका उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
उत्तर भारत में धार्मिक बदलाव:
(i) तेरहवीं सदी के बाद उत्तरी भारत में भक्ति आंदोलन की एक नयी लहर आई। यह एक ऐसा युग था जब इस्लाम, ब्राह्मणवादी हिंदू धर्म, सूफीमत, भक्ति की विभिन्न धाराओं और नाथपंथियों, सिद्धों तथा योगियों ने परस्पर एक-दूसरे को प्रभावित किया।

(ii) कबीर और गुरु नानक जैसे कुछ संतों ने सभी आडंबरपूर्ण रूढ़िवादी धर्मों को अस्वीकार कर दिया। तुलसीदास और सूरदास जैसे कुछ अन्य संतों ने उस समय विद्यमान विश्वासों तथा पद्धतियों को स्वीकार करते हुए उन्हें सबकी पहुँच में लाने का प्रयत्न किया। तुलसीदास ने ईश्वर को राम के रूप में धारण किया।

(iii) सूरदास कृष्ण के अनन्य भक्त थे। उनकी रचनाएँ सूरसागर, सूरसारावली, साहित्य लहरी में संगृहीत हैं और उनके भक्ति भाव को अभिव्यक्त करती हैं।

(iv) असम के शंकर देव ने विष्णु की भक्ति पर बल दिया और असमिया भाषा में कविताएँ तथा नाटक लिखे। उन्होंने ही ‘नामघर’ (कविता पाठ और प्रार्थना गृह) स्थापित करने की पद्धति चलाई, जो आज तक चल रही है। इस परंपरा में दादू दयाल, रविदास और मीराबाई जैसे संत भी शामिल थे।

(v) मीराबाई एक राजपूत राजकुमारी थीं जिनका विवाह सोलहवीं शताब्दी में मेवाड़ के एक राजसी घराने में हुआ था। मीराबाई, रविदास, जो ‘अस्पृश्य’ जाति के माने जाते थे, की अनुयायी बन गई: वे कृष्ण के प्रति समर्पित थीं और उन्होंने अपने गहरे भक्ति-भाव को कई भजनों में अभिव्यक्त किया।

प्रश्न 2.
भक्त संतों और रचनाकारों ने साहित्यिक क्षेत्र में क्या महत्त्वपूर्ण योगदान दिया ? उनके गीतों से साधारण लोग और संस्कृति कैसे जुड़ गई?
उत्तर:
(i) गोस्वामी तुलसीदास ने अवधी भाषा में ‘रामचरितमानस’ जैसे महाकाव्य की रचना की। उनकी यह रचना भक्तिभाव और साहित्य दोनों की दृष्टियों से महत्त्वपूर्ण है।

(ii) सूरदास की रचनाएँ ‘सूरसागर’, ‘सूर सूरावली’, ‘साहित्य लहरी’ में संगृहीत हैं और उनके भक्तिभाव को अभिव्यक्त करती है।

(iii) असम के शंकर देव ने असमिया भाषा में कविताएँ और नाटक लिखे।

(iv) मीराबाई और रविदास ने भजन लिखे। उनके गीतों में ‘उच्च’ जातियों की रीतियों व नियमों को खुली चुनौती दी गई जो राजस्थान व गुजरात के जनसाधारण में बहुत लोकप्रिय हुए।

(v) भक्त संतों में से अधिकांश का विशिष्ट अभिलक्षण यह है कि इनकी कृतियाँ क्षेत्रीय भाषाओं में रची गई और इन्हें आसानी से गाया जा सकता था। इसीलिए ये बेहद लोकप्रिय हुई और पीढ़ी दर पीढ़ी मौखिक रूप से चलती रहीं।

(vi) प्रायः इन गीतों के प्रसारण में सर्वाधिक निर्धन, सर्वाधिक वंचित समुदाय और महिलाओं की भूमिका रही है। प्रसारण की इस प्रक्रिया में यह सभी लोग अक्सर अपने अनुभव भी जोड़ देते थे। इस तरह आज मिलने वाले गीत संतों की रचनाएँ तो हैं ही, साथ-साथ उन पीढ़ियों के लोगों की रचनाएँ मानी जा सकती हैं जो उन्हें गाया करते थे। वे हमारे जीती-जागती जन संस्कृति का अंग बन गई हैं।

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 8 ईश्वर से अनुराग

ईश्वर से अनुराग Class 7 HBSE Notes in Hindi

1. आठवीं शताब्दी में शुरू होने वाले ईश्वर से अनुराग संबंधी दो आंदोलनों के नाम:

  • भक्ति आंदोलन
  • सूफी आंदोलना

2. हिंदुओं का एक धार्मिक ग्रंथ : श्रीमद्भगवत गीता।

3. मुसलमानों का एक धार्मिक ग्रंथ : कुरान।

4. सिक्खों का एक धार्मिक ग्रंथ : आदि ग्रंथ या गुरु ग्रंथ साहिब।

5. नयनार : शैव संत।

6. अलवार : वैष्णव संता

7. भुलैया और पनार : दो अस्पृश्य समझी जाने वाली जातियों के नाम।

8. प्राचीनतम तमिल साहित्य : संगम साहित्य।

9. कुल मिलाकर नयनार सतो का सख्या: 63

10. कुल मिलाकर अलवार सतो का सख्या: 12

11. नयनार संतों के गीतों के दो प्रसिद्ध संकलन : तेवरम और तिरुवाचकम्।

12. आदि गुरु शंकर या शंकराचार्य : केरल प्रदेश में जन्मे भारत के आठवीं सदी के सबसे प्रभावशाली दार्शनिक।

13. अद्वैतवाद : इस विचारधारा के अनुसार जीव आत्मा और परमात्मा (जो परम सत्य है) दोनों एक ही हैं)।

14. विशिष्टतात के सिद्धांत : ग्यारहवीं शताब्दी के भक्त संत रामानुज के द्वारा बताए गए इस सिद्धांत के अनुसार आत्मा परमात्मा से जुड़ने के बाद भी अपनी अलग सत्ता बनाए रखती है।

15. बसवन्ना का वीरशैववाद : कर्नाटक के बारहवीं शताब्दी के महान भक्त संत जिन्होंने मानव की समानता का समर्थन किया और जातिगत, लैंगिक, धार्मिक कर्मकांडों और मूर्तिपूजा का विरोध किया।

16. नरसी मेहता : एक प्रसिद्ध गुजराती संत।

17. नाथपंथी, सिद्ध और योगी : आठवीं से बारहवीं शताब्दी के मध्य लोकप्रिय तीन धार्मिक समूह।

18. इस्लाम का रहस्यवादी आंदोलन : सूफी मुस्लिम संतों द्वारा प्रेरित और प्रसारित आंदोलन जो ईश्वर के प्रति प्रेम और भक्ति के साथ-साथ सभी मनुष्यों के प्रति दयाभाव रखने पर जोर देता है।

19. उलेमा : मुस्लिम विद्वान।

20. शरियत : मुसलमानों के धार्मिक कानूनों के संकलन।

21. नमाज : अल्लाह के प्रति व्यक्तिगत और सामूहिक प्रार्थना।

22. गज्जाली, रूमी और सादी : मध्य एशिया के तीन महान सूफी संत।

23. औलिया : सूफी पीर या संत।

24. जिक्र : नाम का जाप।

25. समा : गाना।

26. रक्स : नृत्य।

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 8 ईश्वर से अनुराग

27. सिलसिला : आश्रम एवं संप्रदाय।

28. खानकाह : सूफी संस्था जहाँ सूफी संत अवसर रहते भी हैं।

29. दरगाह : सूफी संतों की मजार जो प्रायः भक्तों के लिए तीर्थस्थल बने।

30. जलालुद्दीन रुमी : ईरान का तेरहवीं सदी में फारसी में काव्य की रचना करने वाला सूफी शायर।

31. चैतन्य देव : सोलहवीं शताब्दी के बंगाल के एक भक्त संत।

32. रामचरितमानस : तुलसीदास द्वारा अवधी भाषा में लिखा गया महाकाव्य।

33. सूरसागर और सूर सूरावली : ब्रजभाषा के महान कवि सूरदास की भक्ति रचनाएँ।

34. शंकर देव : पंद्रहवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में विष्णु के भक्त और साहित्यकार।

35. नामघर : शंकरदेव द्वारा स्थापित कवितापाठ और प्रार्थना गृह।

36. मीराबाई : राजस्थान के राजपूत घराने से जुड़ी एक महान कृष्ण भक्त संत और कवयित्री।

37. रविदास : महान कृष्ण भक्त और मीरा के गुरु।

38. कबीर : पंद्रहवी-सोलहवीं सदी में बनारस और उसके समीपवर्ती क्षेत्र के महान भक्त संत और कवि।

39. बाबा गुरु नानक का जीवन काल : 1469-1539 ई.।

40. ननकाना साहब : बाबा गुरु नानक का जन्म स्थान जो मूलत: तलवंडी कहलाता था तथा देश विभाजन के बाद पाकिस्तान का हिस्सा है।

41. लंगर : साँझी रसोई।

42. धर्मसाल : गुरुद्वारा।

43. लहणा : गुरु नानक देवजी के अनुयायी, गुरु अंगद का पूर्ववर्ती नाम।

44. गुरुमुखी : पंजाबी भाषा की लिपि।

45. पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब का प्रारंभिक संकलन : 1604

46. सिक्खों के नौवें गुरु : गुरु तेग बहादुर।

47. सिक्खों के दसवें गुरु : गुरु गोविंद सिंह।

48. हरमंदर साहब : अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर।

49. रामदासपुर : अमृतसर शहर।

50. जहाँगीर ने गुरु अर्जुनदेव को मृत्युदंड दिया : 1606 ई।

51. खालसा की नींव रखी गई : गुरु गोविंद सिंह जी द्वारा 1699 में।

52. गुरु नानक द्वारा अपने उपदेशों को जिन तीन शब्दों में सूक्ष्म रूप में अभिव्यक्त किया गया:

  • नाम (अर्थात् सही उपासना)
  • दान (अर्थात् दूसरों का भला करना).
  • इस्नान (अपने आचार-विचारों को पवित्र रखना)।

53. मार्टिन लूथर : 16वीं सदी का एक यूरोपीय धार्मिक सुधारक जिसने रोमन कैथोलिक की अनेक बुराइयों का विरोध किया। उसे प्रोस्टेंट ईसाई संप्रदाय का जन्मदाता माना जाता है।

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HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 हमारी पृथ्वी के अन्दर

Haryana State Board HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 हमारी पृथ्वी के अन्दर Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 हमारी पृथ्वी के अन्दर

HBSE 7th Class Geography हमारी पृथ्वी के अन्दर Textbook Questions and Answers

हमारी पृथ्वी के अन्दर प्रश्न उत्तर HBSE Class 7 प्रश्न 1.
निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(क) पृथ्वी की तीन परतें क्या हैं?
उत्तर:
पृथ्वी की तीन परतें हैं:

  1. पर्पटी (Crust)-पृथ्वी की सबसे ऊपरी सतह।
  2. मैंटल (Mantle)-यह पर्पटी के ठीक नीचे पाई जाती है।
  3. क्रोड (Core)-पृथ्वी की सबसे आंतरिक परता

(ख) शैल क्या है?
उत्तर:
पृथ्वी की पर्पटी को बनाने वाले खनिज पदार्थ के किसी भी प्राकृतिक पिंड को शैल कहते हैं।

(ग) तीन प्रकार की शैलों के नाम बताएँ।
उत्तर:
तीन प्रकार की शैल हैं:

  1. आग्नेय शैल (Igneous rocks)।
  2. अवसादी शैल (Sedimentary rocks)।
  3. कायांतरित शैल (Metamorphic rocks)।

HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 हमारी पृथ्वी के अन्दर

(घ) बहिर्मेंदी और अंतर्भेदी शैल का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर:
बहिर्भेदी शैल : इनका निर्माण ज्वालामुखी लावा के बाहर निकलकर पृथ्वी की सतह पर जमा हो जाने से होता है। यह ठंडा होकर ठोस बन जाता है। इस प्रकार बने शैल को बर्हिभेदी शैल कहते हैं। उदाहरण बेसाल्ट जिससे दक्कन का पठार बना है। अंतर्भेदी शैल : द्रवित मैग्मा कभी-कभी भूपर्पटी के अंदर गहराई में ही ठंडा हो जाता है। इस प्रकार बने ठोस शैलों को अंतर्भेदी आग्नेय शैल कहते हैं। धीरे-धीरे ठंडा होने पर ये बड़े दानों का रूप ले लेते हैं। ग्रेनाइट ऐसे ही शैल का उदाहरण है।

(ङ) शैल चक्र से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
एक शैल से दूसरे शैल में परिवर्तन होने की क्रिया को शैल चक्र कहते हैं।

(च) शैलों के क्या उपयोग हैं?
उत्तर:
शैलों का उपयोग:

  1. शैल हमारे लिए बहुत उपयोगी हैं।
  2. इनसे सड़कों तथा भवनों का निर्माण होता है।
  3. शैल के टुकड़ों का प्रयोग खेल में भी किया जाता है।
  4. कुछ शैल का उपयोग नमक आदि के रूप में भी किया जाता है।
  5. शैल से सुंदर मूर्तियाँ भी बनाई जाती हैं।

(छ) कायांतरित शैल क्या हैं?
उत्तर:
आग्नेय तथा अवसादी शैलों का ताप तथा दाब के कारण रूप बदल जाता है। इन्हें कायांतरित शैल कहते हैं।

Class 7 History Chapter 2 Question Answer Geography HBSE प्रश्न 2.
सही उत्तर चिह्नित (√) कीजिए:
(क) द्रवित मैग्मा से बने शैल _________.
(i) आग्नेय
(ii) अवसादी
(iii) कायांतरित।
उत्तर:
(i) आग्नेय

(ख) पृथ्वी की सबसे भीतरी परत _________.
(i) पर्पटी
(ii) क्रोड
(iii) मैंटल।
उत्तर:
(ii) क्रोड

(ग) सोना, पेट्रोलियम एवं कोयला किसके उदाहरण
(i) शैल
(ii) खनिज
(iii) जीवाश्म।
उत्तर:
(ii) खनिज

(घ) शैल जिसमें जीवाश्म होते हैं ___________.
(i) अवसादी शैल
(ii) कायांतरित शैल
(iii) आग्नेय शैल।
उत्तर:
(i) अवसादी शैल

HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 हमारी पृथ्वी के अन्दर

(ङ) पृथ्वी की सबसे पतली परत है
(i) पर्पटी
(ii) मैंटल
(iii) क्रोड।
उत्तर:
(i) पर्पटी

HBSE 7th Geography Chapter 2 हमारी पृथ्वी के अन्दर प्रश्न 3.
निम्नलिखित स्तंभों को मिलाकर सही जोड़े बनाएँ:
(क) क्रोड – (i) स्लेट में बदलता है।
(ख) खनिज – (ii) सड़क एवं इमारत बनने के लिए उपयोग होता है।
(ग) शैल – (iii) सिलिका एवं ऐलुमिना से बनता
(घ) चिकनी मिट्टी – (iv) इसका एक निश्चित रासायनिक मिश्रण होता है।
(ङ) सियाल – (v) सबसे भीतरी परत।
उत्तर:
(क) (v)
(ख) (iv)
(ग) (ii)
(घ) (i)
(ङ) (iii)

प्रश्न 4.
कारण बताइए:
(क) हम पृथ्वी के केंद्र तक नहीं जा सकते हैं।
उत्तर:
पृथ्वी के केंद्र तक पहुँचने के लिए समुद्र की सतह पर 6000 कि. मी. की गहराई तक खोदना होगा जो बिल्कुल असंभव है। मनुष्य अभी 6 किमी. तक ही पृथ्वी के अंदर पहुँच सका है। इसलिए हम पृथ्वी के केंद्र तक नहीं जा सकते।

(ख) अवसादी शैल अवसाद से बनती है।
उत्तर:
शैल लुढ़क कर या एक-दूसरे से टकरा कर छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाती है। इन छोटे कणों को अवसाद कहते हैं। ये अवसाद हवा, जल आदि के द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचा कर जमा कर दिए जाते हैं। ये अवसाद दबकर कठोर हो जाते हैं और शैल की परत बन जाते हैं। इनको अवसादी शैल कहते हैं।

(ग) चूना पत्थर संगमरमर में बदलता है।
उत्तर:
अवसादी शैल उच्च दाब एवं ताप के कारण कायांतरित शैल में परिवर्तित हो जाते हैं। चूना पत्थर भी दाब एवं ताप के कारण संगमरमर में बदल जाता है।

5. आओ खेलें (Let’s Fun)
(क) निम्न वस्तुओं में उपयोग किए गए खनिजों की पहचान करें।
(ख) विभिन्न खनिजों से बनी कुछ अन्य वस्तुओं के चित्र बनाएँ।
HBSE 8th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 हमारी पृथ्वी के अन्दर 1
उत्तर:
(क) लौह अयस्क, सोना, पीतल।
(ख) छात्रों के करने के लिए।

बहुविकल्पी प्रश्न

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों को भरिए
(i) पृथ्वी का अधिकतर भाग ………………….. चट्टानों से बना है।
(ii) शैल …………….. से बनी है।
(iii) बेसाल्ट …………….. शैल का उदाहरण है।
(iv) आग्नेय चट्टानों को …………….. चट्टानें कहते हैं।
(v) उत्पत्ति के आधार पर ….प्रकार की चट्टानें। होती हैं।
उत्तर:
(i) आग्नेय
(ii) खनिज मिश्रण
(iii) आग्नेय
(iv) प्राथमिक
(v) तीन।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित के सामने सत्य और असत्य लिखिए:
1. मैग्मा पिघली शैल है।
2. अवसादी शैल रूपांतरण द्वारा बनती है।
3. चौका मिट्टी एक अवसादी शैल है।
4. हीरा का संबंध एक अवसादी शैल से होता है।
5. पृथ्वी के केंद्र के विषय में प्रत्यक्ष जाना जा सकता है।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य
3. सत्य
4. असत्य
5. असत्य।

प्रश्न 3.
निम्न का उचित उत्तर दीजिए:
(i) निम्न में से कौन-सा खनिज इंधन है?
(क) लोहा
(ख) कोयला
(ग) चूना
(घ) जिप्समा
उत्तर:
(ख) कोयला

HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 हमारी पृथ्वी के अन्दर

(ii) निम्न में से कौन-सा आग्नेय शैल है?
(क) बेसाल्ट
(ख) नीस
(ग) बालू पत्थर
(घ) चूना पत्थर।
उत्तर:
(क) बेसाल्ट

(iii) दक्कन पठार का निर्माण हुआ है।
(क) ग्रेनाइट शैल से
(ख) बेसाल्ट से
(ग) चूना पत्थर से
(घ) नीस।
उत्तर:
(ख) बेसाल्ट से

(iv) पृथ्वी की दूसरी परत है:
(क) पर्पटी
(ख) बाह्य क्रोड
(ग) सीमा
(घ) मैंटल।
उत्तर:
(घ) मैंटल।

(v) पृथ्वी की त्रिज्या की लंबाई है।
(क) 6371 किलोमीटर
(ख) 5317 किलोमीटर
(ग) 7153 किलोमीटर
(घ) 9153 किलोमीटर
उत्तर:
(क) 6371 किलोमीटर

HBSE 7th Class Geography हमारी पृथ्वी के अन्दर Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सियाल क्या है?
उत्तर:
सियाल : यह भू-पर्पटी की ऊपरी परत है। यह हल्की परत है। इसकी रचना सिलिकेट तथा एल्युमिनियम से हुई है। इसका घनत्व 2.7 से 2.9 तक है।

प्रश्न 2.
सीमा क्या है?
उत्तर:
यह भूपर्पटी की निचली परत है। इसका घनत्व 3.00 से 4.75 तक है। इसकी रचना सिलिकेट और मैग्नीशियम से हई।

प्रश्न 3.
पृथ्वी के क्रोड के प्रमुख संघटकों के नाम बताएँ।
उत्तर:
लोहा तथा निकिल पृथ्वी के दो क्रोड के प्रमुख संघटक हैं।

HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 हमारी पृथ्वी के अन्दर

प्रश्न 4.
पृथ्वी की प्रमुख शैलों के नाम बताएँ।
उत्तर:
आग्नेय शैल, अवसादी शैल तथा कायांतरित शैल।

प्रश्न 5.
विश्व की सबसे गहरी खान कहाँ स्थित है?
उत्तर:
विश्व की सबसे गहरी खान दक्षिण अफ्रीका में स्थित है। इसकी गहराई लगभग 4 किलोमीटर है।

प्रश्न 6.
पृथ्वी का आयतन पृथ्वी की विभिन्न परतों में किस प्रकार विभाजित है?
उत्तर:
पृथ्वी के आयतन का 0.5 प्रतिशत हिस्सा ही पर्पटी है। 16 प्रतिशत मैंटल तथा 83 प्रतिशत हिस्सा क्रोड है।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
आग्नेय शैलों को मूलभूत शैल क्यों कहते हैं?
उत्तर:
ये शैलें पिघले लावा मैग्मा से बनती हैं। पृथ्वी के अंदर व ऊपर मैग्मा के ठंडे होने से आग्नेय शैलों का निर्माण होता है। सामान्य रूप से पृथ्वी पर आग्नेय शैल सबसे अधिक मात्रा में पाई जाती हैं। पृथ्वी की भूपर्पटी का दो-तिहाई भाग इन्हीं शैलों से बना है। इसीलिए इन्हें प्राथमिक शैल या मूलभूत शैल कहते हैं।

प्रश्न 2.
शैल किसे कहते हैं? शैलों के विभिन्न प्रकार कौन-से हैं?
उत्तर:
पृथ्वी की पर्पटी कई प्रकार की शैलों से निर्मित है। पृथ्वी की पर्पटी बनाने वाले खनिज पदार्थ के किसी भी प्राकृतिक पिंड को शैल कहा जाता है। शैलें विभिन्न रंग, आकार व स्वरूप की होती हैं। शैलों को मुख्यतः तीन रूपों में विभाजित किया जाता है – (i) आग्नेय शैल, (ii) अवसादी शैल, (iii) कायांतरित शैल। आग्नेय शैल प्राथमिक शैल कहलाती है क्योंकि इसी से अन्य प्रकार की शैलों का निर्माण होता है।

प्रश्न 3.
महाद्वीपीय पर्पटी सिएल व महासागरीय पर्पटी सिमै क्यों कहलाती है?
उत्तर:
महाद्वीपीय पर्पटी सिलिका और ऐलुमिना जैसे खनिजों से निर्मित है इसे सिलिका का आरंभिक अक्षर ‘सि’ तथा एलुमिना के प्रारंभिक शब्द एल के आधार पर सिएल कहते हैं। महासागर की पर्पटी मुख्यतः सिलिका और मैग्नीशियम से निर्मित है। इसलिए इनके प्रारंभिक शब्दों सि + मै के योग के आधार पर इस सिमै कहते हैं।

प्रश्न 4.
पृथ्वी की आंतरिक परत कौन-सी है?
उत्तर:
पृथ्वी की तीन परतें हैं-पर्पटी, मैंटल व क्रोडा क्रोड पृथ्वी की आंतरिक परत है। इसकी क्रिया लगभग 3500 किलोमीटर है। यह मुख्यतः निकल व लोहे की बनी होती है इसलिए इनके प्रारंभिक शब्दों के आधार पर इसे निफे (नि-निकिल तथा फे-फैरस) कहते हैं। केंद्रीय कोड का तापमान और दाब उच्च होता है।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
पृथ्वी की संरचना के विषय में एक अनुच्छेद लिखें।
उत्तर:
पृथ्वी स्थलमंडल का भाग है। यह तीन प्रकार की शैलों से निर्मित है। आग्नेय, अवसादी तथा कायांतरित शैलों से पृथ्वी का निर्माण हुआ है। महाद्वीप तथा द्वीप पृथ्वी के ही अंग हैं। पृथ्वी की संरचना शैल और खनिजों से हुई है। इसकी अनेक परतें हैं। बाह्य परत को भूपर्पटी (Outer Crust) कहते हैं। पृथ्वी के केंद्रीय भाग को आंतरिक क्रोड या धात्विक क्रोड (Interior Core of the Earth) कहते हैं। पृथ्वी की गहराई में जाते हुए तापमान 32 मीटर की गहराई पर 1° तापमान की दर से बढ़ता जाता है। पृथ्वी की आंतरिक क्रोड बहुत गर्म होने के कारण पिघली अवस्था में है, फिर भी ऊपर के भार के कारण यहाँ की शैलें ठोस होती हैं। चित्र द्वारा पृथ्वी की संरचना का सही ज्ञान किया जा सकता है। पृथ्वी के अंदर की चट्टानी-संरचना के चारों कोशों या खोलों को देखो। तुम देखोगे कि गहराई के साथ चट्टानों कां घनत्व बढ़ता है। सबसे अधिक तापमान आंतरिक क्रोड का होता है।

HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 हमारी पृथ्वी के अन्दर

प्रश्न 2.
अंतर स्पष्ट करिए:
(i) आग्नेय तथा अवसादी शैल
उत्तर:

आग्नेय शैल (Igneous Rock)अवसादी शैल (Sedimentary Rock)
1. पृथ्वी के अन्दर के अति गर्म पिघले पदार्थ के ठंडे होकर कठोर हो जाने से आग्नेय शैलें बनती हैं।1. पवन, नदियाँ तथा हिमानियों के द्वारा अवसादी शैलों का निर्माण किया जाता है।
2. ये कठोर शैलें होती हैं। इनका उपयोग इमारती काम तथा सड़क बनाने में होता है।2. अवसाद की परतें अपने भार से या ऊपर से पानी के दाब से कठोर हो जाती
3. ग्रेनाइट तथा बेसाल्ट इसके उदाहरण हैं।3. कोयला, बलुआ पत्थर, चूना पत्थर, चिकनी मिट्टी इसके उदाहरण हैं।

(ii) आग्नेय शैल तथा कायान्तरित शैल।
उत्तर:

आग्नेय शैल (Igneous rocks)कायांतरित शैल (Metamorphic rocks)
1. आग्नेय शैलों का निर्माण लावा के ठंडा होने से होता है।1. कायान्तरित शैलों का निर्माण आग्नेय और तलछटी शैलों से होता है।
2. ये शैलें अधिक भारी तथा कठोर होती हैं।2. ये शैलें अपेक्षाकृत हल्की और कम कठोर होती हैं।
3. ग्रेनाइट और बेसाल्ट आग्नेय शैलों के उदाहरण हैं।3. संगमरमर, क्वार्टजाइट और स्लेट कायांतरित शैलों के उदाहरण हैं।

हमारी पृथ्वी के अन्दर Class 7 HBSE Notes in Hindi

1. पृथ्वी का आंतरिक भाग (Interior of the Earth) : प्याज की तरह पृथ्वी भी एक के ऊपर एक संकेंद्रीय परतों से बनी है। पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत को पर्पटी कहते हैं। यह सबसे पतली परत है। यह महाद्वीपीय संहति में 35 कि. मी. और समुद्री सतह में केवल 5 कि. मी. तक है। यह सिलिका और एल्युमिनियम से बनी है। इसे सियाल कहते हैं। महासागर की पर्पटी को सीमा कहते हैं। यह सिलिका और मैग्नीशियम की बनी है। पर्पटी के ठीक नीचे मैटल होता है जो 2900 कि. मी. की गहराई तक फैला है। इसकी सबसे आंतरिक परत क्रोड है। यह मुख्यतः निकिल और लोहे की बनी है इसे निफे कहते हैं।

HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 2 हमारी पृथ्वी के अन्दर

2. शैल और खनिज (Rocks and Minerals) : पृथ्वी की पर्पटी बनाने वाले खनिज पदार्थ के किसी भी प्राकृतिक पिंड को शैल कहते हैं। शैल विभिन्न रंग, आकार एवं गठन की हो सकती हैं। मुख्य रूप से शैल तीन प्रकार की होती हैं-आग्नेय शैल, अवसादी शैल और कायांतरित शैल। किन्हीं निश्चित दशाओं में एक प्रकार की शैल चक्रीय तरीके से दूसरे में परिवर्तित हो जाती है। एक शैल से दूसरे शैल में परिवर्तन होने की इस प्रक्रिया को शैल चक्र कहते हम जानते हैं कि द्रवित मैग्मा ठंडा होकर आग्नेय शैल बनता है जो टूटकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित होकर अवसादी शैल का निर्माण करते हैं। ताप एवं दाब के कारण ये अवसादी शैल कायांतरित शैल में बदल जाते हैं। अत्यधिक ताप और दाब के कारण कायांतरित शैल पुनः पिघल कर द्रवित मैग्मा बन जाती है। यह द्रवित मैग्मा पुनः आग्नेय शैल में बदल जाता है।

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HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 10 अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन

Haryana State Board HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 10 अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Social Science Solutions History Chapter 10 अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन

HBSE 7th Class History अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन Textbook Questions and Answers

फिर से याद करें

अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन प्रश्न उत्तर HBSE Class 7 प्रश्न 1.
निम्नलिखित में मेल बैठाएँ :

(i) सूबेदारएक राजस्व कृषक
(ii) फौजदारउच्व अभिजात
(iii) इजारादारप्रांतीय सूबेदार
(iv) मिसलमराठा कृषक योद्धा
(v) चौथएक मुगल सैन्य कमांडर
(vi) कुनबीसिख योद्धाओं का समूह
(vii) उमरामराठों द्वारा लगाया गया कर

उत्तर:

(i) सूबेदारप्रांतीय सूबेदार
(ii) फौजदारएक मुगल सैन्य कमांडर
(iii) इजारादारएक राजस्व कृषक
(iv) मिसलसिख योद्धाओं का समूह
(v) चौथमराठों द्वारा लगाया गया कर
(vi) कुनबीमराठा कृषक योद्धा
(vii) उमराउच्च अभिजात

Class 7 History Chapter 10 Question Answer In Hindi HBSE प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :
(क) औरंगजेब ने …………… में एक लंबी लड़ाई लड़ी।
(ख) उमरा और जागीरदार मुगल ………… के शक्तिशाली अंग थे।
(ग) आसफजाह को ………………. में दक्कन की सबेदारी का कार्यभार सौंपा गया।
(घ) अवध राज्य का संस्थापक ………………..
उत्तर:
(क) दक्कन
(ख) प्रशासन
(ग) 18वीं शताब्दी
(घ) बुरहान-उल-मुल्क सआदत खाँ

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 10 अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन

अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन HBSE Question Answer In Hindi Class 7 प्रश्न 3.
बताएँ सही या गलत:
(क) नादिरशाह ने बंगाल पर आक्रमण किया।
(ख) सवाई राजा जयसिंह इन्दौर का शासक था।
(ग) गुरु गोविन्द सिंह सिखों के दसवें गुरु थे।
(घ) पुणे अठारहवीं शताब्दी में मराठों की राजधानी बना।
उत्तर:
(क) गलत
(ख) गलत
(ग) सही
(घ) सही।

आइए चर्चा करें

HBSE 7th Class Social Science Chapter 10 अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन प्रश्न 4.
सआदत खाँ के पास कौन-कौन से पद थे?
उत्तर:

  1. सूबेदारी
  2. फौजदारी
  3. दीवानी।

प्रश्न 5.
अवध और बंगाल के नवाबों ने जागीरदारी प्रणाली को हटाने की कोशिश क्यों की?
उत्तर:
अवध और बंगाल के नवाबों ने जागीरदारी प्रथा को निम्न कारणों से हटाने को कोशिश की :

  1. राजस्व के पुनर्निर्धारण के लिए।
  2. अपने विश्वस्त लोगों की नियुक्ति के लिए।
  3. दोनों नवाब मुगल शासन के प्रभाव को कम करना चाहते थे।
  4. जमींदारों द्वारा की जाने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए।

प्रश्न 6.
अठारहवीं शताब्दी में सिखों को किस प्रकार संगठित किया गया?
उत्तर:
(i) 1708 में गुरु गोबिंद सिंह की मृत्यु के बाद बंदा बहादुर के नेतृत्व में खालसा ने मुगल सत्ता के खिलाफ विद्रोह किए। उन्होंने बाबा गुरु नानक और गुरु गोबिंद सिंह के नामों वाले सिक्के गढ़कर अपने शासन को सार्वभौम बताया। सतलुज और यमुना नदियों के बीच के क्षेत्र में उन्होंने अपने प्रशासन की स्थापना की।

(ii) 1715 में बंदा बहादुर को बंदी बना लिया गया और 1716 में उसे मार दिया गया।

(iii) अठारहवीं शताब्दी में कई योग्य नेताओं के नेतृत्व में सिखों ने अपने आपको पहले जत्थों में और बाद में मिस्लों में संगठित किया। इन जत्थों और मिस्लों की संयुक्त सेनाएँ दल खालसा कहलाती थीं।

(iv) गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा को प्रेरित किया था कि शासन उनके भाग्य में है (राज करेगा खालसा)। अपने सुनियोजित संगठन के कारण खालसा पहले मुगल सूबेदारों के खिलाफ और फिर अहमदशाह अब्दाली के खिलाफ सफल विरोध प्रकट कर सका।

(v) अहमदशाह अब्दाली ने मुगलों से पंजाब का समृद्ध प्रांत और सरहिंद की सरकार को अपने कब्जे में कर लिया था। खालसा ने 1765 में अपना सिक्का गढ़कर सार्वभौम शासन की घोषणा की। यह महत्त्वपूर्ण है कि सिक्के पर उत्कीर्णं शब्द वही थे जो बंदा बहादुर के समय खालसा के आदेशों में पाए जाते हैं।

(vi) अठारहवीं शताब्दी के अंतिम भाग में सिख इलाके सिंधु से यमुना तक फैले हुए थे, यद्यपि ये विभिन्न शासकों में बँटे हुए थे। इनमें से एक शासक महाराजा रणजीत सिंह ने विभिन्न सिख समूहों में फिर से एकता कायम कर 1799 में लाहौर को अपनी राजधानी बनाया।

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 10 अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन

प्रश्न 7.
मराठा शासक दक्कन के पार विस्तार क्यों करना चाहते थे?
उत्तर:
मराठा शासक दक्कन के पार विस्तार निम्नलिखित कारणों की वजह से चाहते थे।

  1. वे पूरे दक्षिण को अपनी सत्ता के अधीन लाकर प्रायद्वीप की सर्वोच्च शक्ति बनना चाहते थे।
  2. व दक्षिण में चौथ और सरदेशमुखी वसूली और उन्हें लगाने का वैध अधिकार प्राप्त करना चाहते थे।
  3. वे विघटित और पतन की ओर बढ़ रहे मुगल साम्राज्य के पतन को और तीव्र करना चाहते थे।

प्रश्न 8,
आसफजाह ने अपनी स्थिति को मजबूत बनाने के लिए क्या-क्या नीतियाँ अपनाईं?
उत्तर:
(i) निजाम-उल-मुल्क आसफजाह ने हैदराबाद के स्वतंत्र राज्य की स्थापना की। उसने अपने राजनैतिक और वित्तीय प्रशासन संबंधी अनुभव का पूरा लाभ उठाया।

(ii) दक्कन में होने वाले उपद्रवों और मुगल दरबार में चल रही प्रतिस्पर्धा का फायदा उठाकर उसने सत्ता हथियाई तथा उस क्षेत्र का वस्तुतः शासक बन गया।

(iii) आसफजाह अपने लिए कुशल सैनिकों तथा प्रशासकों को उत्तरी भारत से लाया था और वे दक्षिण में नए अवसर पाकर प्रसन्न थे। उसने मनसबदार नियुक्त किए और इन्हें जागीरें प्रदान की।

(iv) यद्यपि वह अभी भी मुगल सम्राट का सेवक था, फिर भी वह काफी आजादी से शासन चलाता था। न तो वह दिल्ली से कोई निर्देश लेता था और न ही दिल्ली उसके काम-काज में कोई हस्तक्षेप करती थी। मुगल बादशाह तो केवल निजाम द्वारा पहले से लिए गए निर्णयों की पुष्टि कर दिया करते थे।

(v) हैदराबाद राज्य पश्चिम की ओर मराठों के विरुद्ध और पठारी क्षेत्र के स्वतंत्र तेलगु सैन्य नायकों के साथ युद्ध करने में सदा संलग्न रहता था।

प्रश्न 9.
क्या आपके विचार से आज महाजन और बैंकर उसी तरह का प्रभाव रखते हैं, जैसा कि वे अठारहवीं शताब्दी में रखा करते थे?
उत्तर:
हमारे विचार में आज महाजन और बैंकर उस तरह का प्रभाव नहीं रखते, क्योंकि 18वीं सदी में महाजन और बैंकर निम्न तरीके से राज्य को प्रभावित करते थे :

  • राज्य ऋण प्राप्त करने के लिए स्थानीय सेठ, साहूकारों और महाजनों पर निर्भर रहता था।
  • साहूकार महाजन लोग लगान वसूल करने वाले इजारेदारों को पैसा उधार देते थे, बदले में बंधक के रूप में ज़मीन रख लेते थे।
  • साहूकार महाजन जैसे कई नए सामाजिक समूह राज्य की राजस्व प्रणाली के प्रबंध को भी प्रभावित करने लगे थे।

प्रश्न 10.
क्या अध्याय में उल्लेखित कोई भी राज्य आपके अपने प्रांत में विकसित हुए थे? यदि हाँ, तो आपके विचार से अठारहवीं शताब्दी का जन-जीवन आगे इक्कीसवीं शताब्दी के जन जीवन से किस रूप में भिन्न था?
उत्तर:
मैं, पंजाब में रहता हूँ। स्वतंत्रता से पूर्व पंजाब में कई देशी राज्य थे और वे अंग्रेजी सरकार के हाथों की कठपुतली मात्र थे। आजकल भारत एक लोकतंत्र है। हमने अपने लोगों को अनेक नागरिक, राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, धार्मिक एवं सामाजिक अधिकार संविधान के माध्यम से प्रदान किये हैं।

18वीं शताब्दी में हमें एक निरंकुश राजा या शासक की नीतियों तथा निर्देशों का ही पालन करना होता था। उसकी आज्ञा ही हमारे लिए सर्वोच्च एवं अंतिम आज्ञा होती थी। आज देश के नागरिकों के रूप में अंतिम सत्ता देश की जनता के पास है।

आइए करके देखें

प्रश्न 11.
अवध, बंगाल या हैदराबाद में से किसी एक की वास्तुकला और नए क्षेत्रीय दरबारों के साथ जुड़ी संस्कृति के बारे में कुछ और पता लगाएँ।
उत्तर:
(i) बंगाल के नवाबों ने हिंदुओं और मुसलमानों को रोजगार के समान अवसर दिए। उन्होंने सबसे ऊंचे नागरिक ओहदों और कई फौजी ओहदों पर बंगालियों को रखा जिनमें अधिकतर हिंदू थे। इजारेदारों को चुनते समय मुर्शिद कुली खाँ ने स्थानीय जमींदार और महाजनों को प्राथमिकता दी जिनमें अनेक हिंदू थे। इस प्रकार उसने बंगाल में एक नए भू-अभिजात वर्ग को जन्म दिया।

(ii) बंगाल के नवाबों की तरह अवध के नवाबों ने भी हिंदुओं और मुसलमानों के बीच कोई भेदभाव नही किया। उसके अनेक सेनापति और उच्च अधिकारी हिंदू थे। उसने हठीले जमींदारों, सरदारों और सामंतों को उनके धर्म का बिना कोई ख्याल किए दबा दिया। उसके सैनिकों को अच्छे वेतन मिलते थे। वे हथियारों से सुसज्जित और सुप्रशिक्षित थे। सआदत खाँ का प्रशासन कार्यकुशल था। उसने भी जागीरदारी प्रथा को जारी रखा।

नवाबों की सरकार के तहत लंबे समय तक लगातार शांति और सामंतों की आर्थिक समृद्धि के परिणामस्वरूप अवध दरबार के इर्द-गिर्द एक विशिष्ट लखनवी संस्कृति कालक्रम में विकसित हुई। लखनऊ बीते जमाने से ही अवध का एक महत्त्वपूर्ण शहर था। 1775 के बाद यह अवध के नवाबों का निवास स्थान बन गया। यह जल्दी ही कला और साहित्य को संरक्षण प्रदान करने की दृष्टि से दिल्ली का प्रतिद्वंद्वी हो गया। यह हस्तशिल्प के एक महत्त्वपूर्ण केंद्र के रूप में भी विकसित हुआ। स्थानीय सरदारों और जमींदारों के लिए एक हानिकारक परिणाम यह हुआ कि अनेक पुराने जमींदारों को निकाल बाहर किया गया और उनकी जगह पर अभी-अभी पनपे इजारेदार आ गए।

(iii) हैदराबाद के निजामों ने अपनी स्वतंत्रता की खुलेआम घोषणा कभी नहीं की, मगर उसने व्यवहार में स्वतंत्रता शासक के रूप में काम किया। उसने दिल्ली की केंद्रीय सरकार से बिना पूछे लड़ाइयाँ लड़ीं, सुलह किए, खिताब बांटे और जागीरें तथा ओहदे दिए। उसने हिंदुओं के प्रति सहनशीलता की नीति अपनाई। उदाहरण के लिए, एक हिंदू, पूरनचंद, उसका दीवान था। उसने दक्कन में मुगलों के नमूने पर जागीरदारी प्रथा चलाकर सुव्यवस्थित प्रशासन स्थापित कर अपनी सत्ता को मजबूत बनाया। उसने बड़े उपद्रवी जमींदारों को अपनी सत्ता मानने के लिए मजबूर किया और शक्तिशाली मराठों को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर रखा। उसने राजस्व व्यवस्था को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए भी कोशिश की। मगर 1748 में उसके मरने के बाद हैदराबाद उन्हीं विघटनकारी शक्तियों का शिकार हो गया जो दिल्ली में सक्रिय थीं।

प्रश्न 12.
राजपूतों, जाटों, सिक्खों अथवा मराठों में से किसी एक के अठारहवीं शताब्दी के दौरान, कार्यकलापों के बारे में कुछ और कहानियों का पता लगाएँ।
उत्तर:
राजपूत राज्य:
(i) प्रमुख राजपूत राज्यों ने मुगल सत्ता की बढ़ती हुई कमजोरी का फायदा उठाकर अपने को केंद्रीय नियंत्रण से वस्तुत: स्वतंत्र कर लिया।

(ii) राजपूताना के राज्य पहले की तरह विभाजित रहे। उनमें जो बड़े थे उन्होंने अपने कमजोर पड़ोसियों-राजपूत और गैर-राजपूत दोनों के इलाकों को हथियाकर अपना विस्तार किया।

(iii) अठारहवीं सदी का सबसे श्रेष्ठ राजपूत शासक आमेर का सवाई जयसिंह (1618-1743) था। वह एक विख्यात राजनेता, कानून-निर्माता और सुधारक था। परंतु सबसे अधिक, वह विज्ञान-प्रेमी के रूप में चमका।

(iv) जयसिंह की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि वह एक महान खगोलशास्त्री भी था। उसने दिल्ली, जयपुर, उज्जैन और मथुरा में बिल्कुल सही और आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित पर्यवेक्षणशालाएँ बनाई। उसने युक्लिड के रेखागणित के तथ्य तथा त्रिकोणमिति की बहुत सारी कृतियों और लघुगणकों को बनाने और उनके इस्तेमाल संबंधी नेपियर की रचना का अनुवाद संस्कृत में कराया।

(v) जयसिंह एक समाज-सुधारक भी था। उसने एक कानून लागू करने की कोशिश की जिससे कि लड़की की शादी में किसी राजपूत को अत्यधिक खर्च करने के लिए मजबूर न होना पड़े। लड़की की शादी में भारी खर्च के कारण ही लड़कियों को जन्म लेते ही मार दिया जाता था। इस असाधारण राजा ने जयपुर पर 1699-1743 तक, 44 वर्षों तक शासन किया।

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बहुविकल्पी प्रश्न

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनें:
(i) निजाम-उल-मुल्क आसफजाह ने स्थापना की थी:
(क) हैदराबाद की
(ख) अवध की
(ग) बंगाल की
उत्तर:
(क) हैदराबाद की।

(ii) पानीपत की तीसरी लड़ाई कब शुरू हुई?
(क) 1761
(ख) 1661
(ग) 1768
उत्तर:
(क) 1761

(ii) उज्जैन को किस मराठा सरदार का संरक्षण प्राप्त था?
(क) होल्कर
(ख) गायकवाड़
(ग) सिंधिया
उत्तर:
(ग) सिंधिया।

(iv) सिक्ख कितनी मिस्लों में संगठित थे?
(क) 12
(ख) 25
(ग) 118
उत्तर:
(क) 12

(v) मराठों के आक्रमण से सुरक्षा प्रदान किए जाने के उद्देश्य से चुकाया जाने वाला कर था :
(क) सरदेशमुखी
(ख) जजिया
(ग) चौथ
उत्तर:
(ग) चौथा

प्रश्न 2.
रिक्त स्थान भरो:
(i) बंगाल में ……………. का साहूकार घराना अत्यंत समृद्ध था।
(ii) खालसा पंथ की स्थापना …………….. ने की।
(iii) जत्थों व मिसलों की संयुक्त सेना को …………………. कहते थे।
(iv) अत्यंत गतिशील कृषक-पशुचारक ……………. की सेना के मुख्य आधार थे।
(v) ……………… में जाटों ने एक विशाल बाग-महल बनवाया।
उत्तर:
(i) जगत सेठ
(ii) गुरु गोबिंद सिंह
(iii) दल खालसा
(iv) मराठों
(v) दीग।

प्रश्न 3.
सही गलत छाँटो :
(i) अंबर के राजा जयसिंह ने जयपुर में अपनी नई राजधानी स्थापित की।
(ii) 1765 में खालसा ने अपना सिक्का गढ़कर सार्वभौम शासन की घोषणा की।
(iii) जाट समृद्ध व्यापारी वर्ग था।
(iv) औरंगजेब के उत्तराधिकारी सशक्त थे।
(v) अहमदशाह अब्दाली के आक्रमणों के याद नादिरशाह ने दिल्ली पर आक्रमण किया।
उत्तर:
(i) √
(ii) √
(iii) X
(iv) X
(v) X

HBSE 7th Class Geography अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित तिथियाँ ऐतिहासिक दृष्टि से क्यों महत्त्वपूर्ण हैं?
(क) 1707
(ख) 1761
(ग) 1739
उत्तर:
(क) 1707 में अतिम महान मुगल सम्राट औरंगजेब का निधन हुआ।
(ख) 1761 में मराठों और अहमदशाह अब्दाली के बीच में पानीपत की तीसरी लड़ाई हुई जिसमें मराठे हारे।
(ग) 1739 में ईरान के शाह नादिरशाह ने भारत पर आक्रमण किया और मुगलों की राजधानी (दिल्ली) को लगभग एक महीने तक लूटा।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों की व्याख्या कीजिए :
(क) चौथ
(ख) सरदेशमुखी
(ग) वजीर
(घ) स्वराज्य
(ङ) मिस्ला
उत्तर:
(क) चौथ : मुगल साम्राज्य को दिए जाने वाले लगान का एक-चौथाई भाग जिसे मराठे अतिरिक्त कर के रूप में उन लोगों से वसूल करते थे जो उनके राज्य के बाहर रहते थे। ऐसा करके वे लोग मराठों के आक्रमण तथा उनकी लूटमार से बचना चाहते थे।

(ख) सरदेशमुखी : सरदेशमुखी कुल लगान का दसवाँ भाग था जो मराठे सारे क्षेत्र से वसूल करते थे।

(ग) वजीर : मुगल साम्राज्य के मुख्यमंत्री को वजीर कहते थे।

(घ) स्वराज्य : महाराष्ट्र का वह हिस्सा जहाँ शिवाजी ने अपना राज्य स्थापित किया था। मराठों ने वहाँ पर अपना नियमित और स्थायी शासन कायम किया। स्वराज्य के बाहर के क्षेत्रों में मराठे लूटमार करते थे।

(ङ) मिसल : 18वीं शताब्दी में सिक्खों के बीच एकता आने लगी। सिक्खों ने अपने आपको बारह मिस्लों या राजनीतिक इकाइयों के रूप में संगठित किया जो उनकी शक्ति व एकता का प्रतीक थी। प्रत्येक मिस्ल अपने नेता के प्रति निष्ठावान थी। बाद में रणजीत सिंह ने इन मिस्लों को जीतकर शक्तिशाली सिक्ख साम्राज्य की नींव रखी।

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प्रश्न 3.
अवध एक महत्त्वपूर्ण राज्य क्यों था?
उत्तर:
अवध एक महत्त्वपूर्ण राज्य था क्योंकि यह बहुत समृद्ध था। यह गंगा नदी के उपजाऊ मैदान में फैला हुआ था। उत्तरी भारत तथा बंगाल के बीच व्यापार का मुख्य मार्ग वहीं से होकर गुजरता था।

प्रश्न 4.
सिक्खों द्वारा स्थापित राखी व्यवस्था क्या थी?
उत्तर:
सिक्खों ने राखी व्यवस्था की स्थापना की। राखी व्यवस्था के अंतर्गत किसानों से उनकी उपज का 20 प्रतिशत कर के रूप में लेकर बदले में उन्हें संरक्षण प्रदान किया जाता था।

प्रश्न 5.
गुरु के प्रस्ताव से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
दल खालसा, बैसाखी व दीवाली के पर्वो पर अमृतसर में मिलता था। इन बैठकों में जो सामूहिक निर्णय लिए जाते थे उन्हें गुरु का प्रस्ताव कहते थे।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सूबाई राज्य सदा लड़ाई में क्यों लगे रहते थे?
उत्तर:
सूबाई राज्य सदा लड़ाई में लगे रहते थे। इसके मुख्य कारण निम्नलिखित थे:
1. परवर्ती मुगल शासकों पर सरदारों का प्रभुत्व : औरंगजेब की मृत्यु के पश्चात् गद्दी पर बैठने वाले सभी शासक कमजोर थे। इस समय उनकी इस कमजोरी का लाभ उठाकर सरदारों ने वास्तविक शक्ति पर अपना अधिकार कर लिया। ये सरदार कई गुटों में बँटे हुए थे। प्रत्येक गुट अपनी स्वतंत्र सत्ता स्थापित करने का इच्छुक था। उन्होंने बादशाह को भू-राजस्व देना भी बन्द कर दिया। अपने आपको उन्होंने स्वतंत्र शासक घोषित कर दिया। इससे मुगल साम्राज्य की प्रतिष्ठा को धक्का लगा।

2. सूबेदारों के आपसी झगड़े : प्रत्येक सूबेदार अपने पड़ोसी सूबेदार को हटाकर अपने क्षेत्र का विस्तार करना चाहता था। इस कारण भी शक्तिशाली मुगल साम्राज्य का विघटन होने लगा।

3. स्थानीय सरदारों का विद्रोह : स्थानीय सरदारों ने भी सत्ता को प्राप्त करने के लिए सूबेदारों के विरुद्ध विद्रोह किए।

प्रश्न 2.
नादिरशाह और अहमदशाह अब्दाली के आक्रमणों का भारत की राजनैतिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
नादिरशाह तथा अहमदशाह अब्दाली के आक्रमणों के भारत की राजनैतिक स्थिति पर निम्नलिखित प्रभाव पड़े :
1. मुगल साम्राज्य का बिखरना : ईरान के बादशाह नादिरशाह ने 1739 ई. में मुगल सेनाओं को करनाल में बुरी तरह हराया। इस पराजय ने मुगल साम्राज्य की कमजोरी का विश्व में ढोल पीट दिया। उसने दिल्ली को भी जी भर लूटा। उसने देश को आर्थिक दृष्टि से कंगाल तथा दरिद्र बना दिया। इस पराजय के बाद मुगल साम्राज्य छोटे-छोटे राज्यों में बँट गया।

2. मराठा-शक्ति का पतन : 1761 ई. में अहमदशाह अब्दाली ने मराठों को पानीपत की तीसरी लड़ाई में बुरी तरह पराजित कर दिया। इस पराजय के बाद उनकी शक्ति लगभग समाप्त हो गई। इस पराजय के बाद मराठे अपनी पूर्व-प्रतिष्ठा को कभी भी प्राप्त न कर सके। मराठा सरदारों का भारत में हिंदू राज्य स्थापित करने का स्वप्न अधूरा रह गया।

3. यूरोपीय शक्तियों का उभरना : भारत की आन्तरिक कमजोरी का लाभ उठाकर यूरोप की व्यापारिक कम्पनियाँ विशेषकर ईस्ट इंडिया कंपनी ने धीरे-धीरे देश की राजनीति में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे वे भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की स्थापना करने में सफल हो गए।

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प्रश्न 3.
मराठों की विजय की क्या मुख्य विशेषताएँ थी?
उत्तर:
मराठों की विजय की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित थीं :
1. मातृभूमि से प्रेम : मराठों को अपनी मातृभूमि से बहुत प्रेम था। वे अपनी मातृभूमि (महाराष्ट्र) के लिए अपना सब कुछ बलिदान करने को सदा तैयार रहते थे।

2. गुरिल्ला युद्ध पद्धति : मराठों की विजय का एक मुख्य कारण उनकी गुरिल्ला युद्ध पद्धति थी। वे छापामार नीति को अपनाए हुए थे। वे युद्ध करके पर्वतों में छिप जाते थे। अचानक ही शत्रु पर धावा बोल देते थे। ऐसा करके वे उनकी सम्पत्ति तथा अन्य सामान लूटकर छिप जाते थे।

3. चौध तथा संरदेशमुखी लेना : मराठे स्वराज्य से बाहर के क्षेत्र से ‘चौथ’ तथा ‘सरदेशमुखी’ नामक कर वसूल करते थे। चौथ राजस्व का एक-चौथाई तथा सरदेशमुखी राजस्व का दसवाँ हिस्सा होता था।

4. पेशवा की शक्ति : शिवाजी की मृत्यु के बाद पेशवा का पद बड़ा शक्तिशाली बन गया। उसके नेतृत्व में मराठों ने अपनी शक्ति को संगठित कर मराठा साम्राज्य की शक्ति एवं प्रतिष्ठा को काफी बढ़ा लिया।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
औरंगजेब की मृत्यु के बाद केन्द्रीय सरकार का पतन क्यों हुआ?
अथवा
मुगल साम्राज्य के पतन के क्या कारण थे?
उत्तर:
औरंगजेब की मृत्यु के बाद केन्द्रीय सरकार का पतन निम्नलिखित कारणों से हुआ :
1. अयोग्य उत्तराधिकारी : औरंगजेब के शासनकाल में मुगल साम्राज्य की सीमाएँ काफी विस्तृत हो गई थीं। उसमें विद्रोह होने लगे। औरंगजेब जो कि शक्तिशाली शासक था उसने इन विद्रोहों को सख्ती से दबा दिया किंतु उसके उत्तराधिकारी अयोग्य, दुर्बल तथा बुद्धिहीन थे, इसलिए वे मुगल साम्राज्य के विघटन को रोक न सके।

2. मुगल सरदारों की गुटबन्दी तथा ईष्या : परवर्ती मुगल शासकों के समय शासन को वास्तविक सत्ता सरदारों के हाथों में आ गई। ये सरदार कई गुटों में बंटे हुए थे। इनमें तूरानी, ईरानी, अफगान तथा हिन्दुस्तानी सरदार मुख्य थे। प्रत्येक गुट दरबार में अपना प्रभुत्व स्थापित करना चाहता था।

3. दुर्बल तथा अयोग्य शासक : औरंगजेब की मृत्यु के बाद गद्दी पर बैठने वाले सभी शासक दुर्बल, अयोग्य तथा डरपोक थे। ये मनवबदारों के शक्तिशाली वर्ग पर नियंत्रण नहीं रख पाएं।

4. नादिरशाह का आक्रमण : 1739 ई ईरान के बादशाह नादिरशाह ने मुगल सेनाओं को करनाल में बुरी तरह पराजित किया। दिल्ली में कल्लेआम हुआ। उसने दिल्ली की धन-सम्पत्ति को जी भरकर लूटा। इससे मुगल साम्राज्य की शक्ति व मान-मर्यादा मिट्टी में मिल गई।

5. सूबेदारों व प्रान्तीय शासकों के विद्रोह : औरंगजेब की मृत्यु के पश्चात् केन्द्रीय शासन की कमजोरी का लाभ उठाकर प्रान्तीय शासकों तथा सूबेदारों ने अपने स्वतंत्र होने की घोषणा कर दी। परिणामस्वरूप बंगाल, अवध, हैदराबाद तथा रुहेलखंड आदि प्रान्त स्वतंत्र हो गए।

6. औरंगजेब की धार्मिक नीति : औरंगजेब एक कट्टर सुन्नी मुसलमान था। उसने अपनी कट्टरता के कारण हिन्दुओं के सैनिक वर्ग-राजपूतों, मराठों, सिक्खों तथा जाटों आदि को अपना शत्रु बना लिया। इसके अतिरिक्त उसने हिन्दुओं के मंदिरों तथा मूर्तियों को तुड़वाकर अपनी हिंदू जनता की सहानुभूति को खो दिया। इससे मुगल साम्राज्य का विघटन अवश्यम्भावी हो गया।

प्रश्न 2.
पानीपत की तीसरी लड़ाई कब और किस-किस के बीच हुई ? इस युद्ध के परिणाम मराठों के लिए क्यों भयंकर सिद्ध हुए?
उत्तर:
पानीपत की तीसरी लड़ाई 1761 ई. में अहमदशाह अब्दाली तथा मराठों के बीच हुई। अब्दाली इनमें विजयी रहा। . अहमदशाह अब्दाली ने पंजाब पर अधिकार करके अपने पुत्र तैमूरशाह को वहाँ का सूबेदार बना दिया लेकिन 1758 ई. में पेशवा के भाई रघोबा ने अब्दाली के पुत्र तैमूरशाह तथा उसके सेनापति को लाहौर से भगा दिया। इस प्रकार दिल्ली तथा पंजाब में भी मराठों ने प्रभाव जमाना शुरू कर दिया। इससे अहमदशाह अब्दाली तथा मराठों के बीच संघर्ष अवश्यम्भावी हो गया। मराठों ने अपनी लूटमार की नीति के कारण जाट, सिक्ख तथा अन्य जातियों को अपने विरुद्ध कर लिया था। इस कारण कोई भी उनकी सहायता के लिए तैयार नहीं था। जबकि अब्दाली ने मराठों के विरुद्ध अवध के नवाब तथा रुहेलों का समर्थन प्राप्त कर लिया। मराठे इस युद्ध में बुरी तरह पराजित हो गए। इस युद्ध म उनक हजारो सनिक मारे गए।

परिणाम:

  • इससे मराठों के उत्तरी भारत में अपने आधिपत्य को भारी धक्का लगा।
  • इससे मराठों की एकता समाप्त हो गई। यद्यपि कुछ समय पश्चात् उन्होंने अपने खोए हुए प्रदेश पुनः प्राप्त कर लिए परंतु वे अधिक समय तक उन्हें अपने अधिकार में न रख सके।
  • उनका भारत में हिन्दू राज्य स्थापित करने का स्वप्न अधूरा रह गया।
  • इस युद्ध के पश्चात् अंग्रेजों के भारत में अपने अधिकार जमाने का कार्य सरल हो गया। अब कोई भी ऐसी शक्ति शेष बची हुई नहीं थी जो अंग्रेजों का विरोध कर सके।

अठारहवीं शताब्दी में नए राजनीतिक गठन Class 7 HBSE Notes in Hindi

1. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को इलाहाबाद की संधि द्वारा सत्ता प्राप्त हुई : 1765

2. औरंगजेब की मृत्यु हुई : 1707

3. नादिरशाह का भारत पर आक्रमण हुआ : 1739

4. मराठों और अहमदशाह अब्दाली के बीच पानीपत की तीसरी लड़ाई : 1761

5. परवर्ती मुगल सम्राट : औरंगजेब के बाद के मुगल सम्राट।

6. औरंगजेब ने दक्षिण भारत में लड़ाई शुरू की और उसका अंत हुआ : 1679-1707

7. अहमदशाह अब्दाली के पाँच बार भारत पर आक्रमणों का काल : 1748-1761

8. मुगल सम्राट फरुखसियर का कार्यकाल : 1713-1719

9. आलमगीर द्वितीय का कार्यकाल : 1754-1759

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10. अहमदशाह का कार्यकाल : 1748-1754

11. वे दो मुगल सम्राट जिन्हें उनके अभिजातों ने अंधा कर दिया:

  • अहमदशाह
  • शाहआलम द्वितीय!

12. मुगल साम्राज्य के उत्तराधिकारी तीन राज्य :

  • अवध
  • बंगाल
  • हैदराबाद।

13. निजाम-उल-मुल्क आसफशाह : हैदराबाद राज्य का संस्थापक।

14. बुरहान-उल-मुल्क सआदत खौं : अवध राज्य का संस्थापक।

15. अवध राज्य की राजधानी : लखनऊ।

16. मुर्शिद कुली खाँ : बंगाल का संस्थापक।

17. इजारेदार : सबसे ऊँची बोली लगाकर राज्य से राजस्व वसूल करने का ठेका प्राप्त करने वाला जमींदार।

18. अलीवर्दी खीं : 1740 से 1756 तक बंगाल का नवाब और सिराजुद्दौला का नाना।

19. 18वीं शताब्दी के दो महत्त्वपूर्ण राजपूत राज्य:

  • अंबर (जयपुर)
  • जोधपुर (मारवाड़)।

20. खालसा : इसका शाब्दिक अर्थ है शुद्ध (Pure)। गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना 1699 में की थी। मिसलों की संयुक्त सेनाएँ भी खालसा कहलाती थीं।

21. बंदा बहादुर : गुरु गोविंद सिंह की मृत्यु के बाद 1708 से 1716 तक सिखों का नेता।।

22. मिसल : सिखों की राजनैतिक इकाई। रणजीत सिंह से पहले इनकी कुल संख्या 12 थी।

23. गुरुमत्ता : इसका शाब्दिक अर्थ है गुरु के प्रस्ताव। अठारहवीं शताब्दी में मिस्लों के काल में खालसा अर्थात् मिसलों की संयुक्त सेनाएँ बैसाखी और दीवाली के मौके पर अमृतसर में बैठक किया करती थी। इन बैठकों में जो सामूहिक फैसले लिए जाते थे उन्हें गुरुमत्ता कहते थे।

24. राखी की व्यवस्था : सिखों की यह व्यवस्था जिसके अंतर्गत किसानों से उनकी उपज का 20 प्रतिशत कर के रूप में लेकर बदले में उन्हें संरक्षण प्रदान किया जाता था।

25. राज करेगा खालसा : गुरु गोविंद सिंह जी ने अपने खालसा संगठन के सदस्यों को प्रेरित किया कि उनकी किस्मत में शासन करना है क्योंकि वे अनुशासनबद्ध और सुसंगठित हैं।

26. खालसा द्वारा सार्वभौम शासन की घोषणा : 1765

27. महाराजा रणजीत सिंह की दो उपलब्धियाँ:

  • सभी मिस्लों को अपने अधीन कर सिक्ख राज्य की स्थापना की।
  • 1799 में लाहौर को अपनी राजधानी बनाया और कई प्रदेशों को जीता।

28. मराठा राजा शिवाजी का जीवन काल : 1627-1680

29. देशमुख : मराठों के योद्धा और शक्तिशाली परिवार।

30. कुनबी : मराठों के बहुत ज्यादा गतिशील कृषक-पशुचारक समूह।

31. चितपावन ब्राह्मण : मराठों के वे परिवार जो शिवाजी के उत्तराधिकारियों के काल में मराठा राज्य के पेशवा अर्थात् प्रधानमंत्री बने।

32. मराठा साम्राज्य के विस्तार का स्वर्ण काल : 1720-1761

33. मराठों ने मालवा और गुजरात मुगलों से छीना : 1720 के दशक में।

34. मुगलों ने मराठों को दक्षिण के प्रायद्वीप का अधिपति माना और उन्हें चौथ और सरदेशमुखी कर वसूली की छूट दे दी : 1730 का दशका

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35. चौथ : जमींदारों द्वारा वसूले जाने वाले भू-राजस्व का 25 प्रतिशत। दक्कन में इनको मराठा वसूलते थे।

36. सरदेशमुखी : दक्कन में मुख्य राजस्व संग्रहकर्ता को दिए जाने वाले भू-राजस्व का 9-10 प्रतिशत हिस्सा।

37. पानीपत की तीसरी लड़ाई के बाद मराठों के चार प्रमुख सैन्य सरदार:

  • सिंधिया
  • होल्कर
  • गायकवाड़
  • भोसलें।

38. दो जाट नेता:

  • चूड़ा मल
  • सूरज मला

39. जाटों का राज्य विस्तार : आगरा और मथुरा के मध्य क्षेत्र और राजस्थान के भरतपुर में उनका प्रमुख केन्द्र था।

40. फ्रांसीसी क्रांति का वर्ष : 1789

41. फ्रांसीसी क्रांति का पूर्ण कालांश : 1789-1794

42. अमेरिका का स्वतंत्रता वर्ष : जुलाई 1776

43. अमेरिकी स्वतंत्रता युद्ध का कालांश : 1776-1781
(ग) गुरु गोविन्द सिंह सिखों के दसवें गुरु थे।

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HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 7 जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय

Haryana State Board HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 7 जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Social Science Solutions History Chapter 7 जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय

HBSE 7th Class History जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय Textbook Questions and Answers

फिर से याद करें

जनजातियां खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class Social Science प्रश्न1.
निम्न का मिलान कीजिए:

गढ़खेलचौरासी
टंडाकारवां
श्रमिक (मजदूर)गढ़ कटंगा
प्रजातीय कबीलाअहोम राज्य
सिबसिंहपाइक
दुर्गावतीगढ चौरासी

उत्तर:

टंडाकारवां
श्रमिक (मजदूर)पाइक
प्रजातीय कबीलाखेल
सिबसिंहअहोम राज्य
दुर्गावतीगढ़ कटंगा

HBSE 7th Class Social Science History Chapter 7 प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :
(क) वर्णों के भीतर पैदा होती नयी जातियाँ कहलाती थीं।
(ख) ………………………… अहोम लोगों के द्वारा लिखी गई ऐतिहासिक कृतियाँ थीं।
(ग) …………………….. ने इस बात का उल्लेख किया है कि गढ़ कटंगा में 70,000 गाँव थे।
(घ) बड़े और ताकतवर होने पर जनजातीय राज्यों ने …………………….. और ……………………. को भूमि-अनुदान दिए।
उत्तर:
(क) उपजातियाँ
(ख) बुरांजिस (Buranjis)
(ग) अकबरनामा
(घ) कवि, विद्वान।

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 7 जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय

प्रश्न 3.
सही या गलत बताइये:
(क) जनजातीय समाजों के पास समृद्ध वाचिक परंपराएँ थीं।
(ख) उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भाग में कोई जनजातीय समुदाय नहीं था।
(ग) गोंड राज्यों में अनेक नगरों को मिलाकर चौरासी बनता था।
(घ) भील उपमहाद्वीप के उत्तर-पूर्वी भाग में रहते थे।
उत्तर:
(क) सही
(ख) गलत
(ग) गलत
(घ) गलत।

प्रश्न 4.
खानाबदोश पशुचारकों और एक जगह बसे हुए खेतिहरों के बीच किस तरह का विनिमय होता था?
उत्तर:
खानाबदोश पशुचारकों और एक जगह बसे हुए खेतिहर लोगों के मध्य ऊन, घी आदि के बदले अनाज, वस्त्र, बर्तनों एवं अन्य उत्पादनों का विनिमय होता था। आइए समझें

प्रश्न 5.
अहोम राज्य का प्रशासन कैसे संगठित था?
उत्तर:
अहोम प्रशासन का संगठन निम्न प्रकार से संगठित था:

  • अहोम समाज कुलों में विभाजित था। बाद में कुलों में एकता भंग हो गई।
  • 17वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध तक अहोम प्रशासन केंद्रीकृत हो चुका था।
  • एक कुल (खेल) के नियंत्रण में प्रायः कई गाँव होते थे। किसान को अपने ग्राम समुदाय के द्वारा जमीन दी जाती थी। समुदाय की सहमति के बगैर राजा तक इसे वापस नहीं ले सकता था।

प्रश्न 6.
वर्ण आधारित समाज में क्या परिवर्तन आए?
उत्तर:
1. भारतीय उपमहाद्वीप के बड़े हिस्से में समाज वर्ण के नियमों के अनुसार पहले से ही विभाजित था। ब्राह्मणों द्वारा सुझाए गए यह नियम बड़े-बड़े राज्यों के राजाओं द्वारा मंजूर किए गए थे। इससे समाज में ऊँच और नीच तथा अमीर और गरीब के मध्य फासला बढ़ा।

2. देश में कुछ भागों में ऐसे कई समाज थे जो ब्राह्मणों द्वारा सुझाए गए सामाजिक नियमों और कर्मकांडों को नहीं मानते थे और न ही वे अनेक असमान वर्गों में विभाजित थे। प्रायः ऐसे समाजों को जनजातियों कहा जाता था। कुछ जनजातियाँ खानाबदोश थीं।

3. विशेषज्ञता प्राप्त शिल्पियों – सुनार, लोहार, बढ़ई और राजमिस्त्री-को भी ब्राह्मणों द्वारा जातियों के रूप में मान्यता दे दी गई। वर्णों की बजाय जाति समाज के संगठन का आधार बनी।

4. शासकों के रूप में राजपूत गोत्रों के उदय के उदाहरण का जनजातीय लोगों ने अनुसरण किया। धीरे-धीरे ब्राह्मणों के समर्थन से कई जनजातियों जाति व्यवस्था का भाग बन गई।

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प्रश्न 7.
एक राज्य के रूप में संगठित हो जाने के बाद जनजातीय समाज कैसे बदला?
उत्तर:
एक राज्य के रूप में संगठित हो जाने के बाद जनजातीय समाज में कई तरह से बदलाव आए।
(i) हूण, चंदेल, चालुक्य और कुछ दूसरी वंश परंपराओं में से कुछ पहले जनजातियों में आते थे और बाद में कई कुल रालपूत मान लिए गए। धीरे-धीरे उन्होंने पुराने शासकों की जगह ले ली, विशेषतः कृषि वाले क्षेत्रों में।
शासकों के रूप में राजपूत गोत्रों के उदय के उदाहरण का जनजातीय लोगों ने अनुसरण किया। धीरे-धीरे ब्राह्मणों के समर्थन से कई जनजातियाँ, जाति व्यवस्था का हिस्सा बन गई लेकिन केवल प्रमुख जनजातीय परिवार ही शासक वर्ग में शामिल हो सके। आइए चर्चा करें

प्रश्न 8.
क्या बंजारा लोग अर्थव्यवस्था के लिए महत्त्वपूर्ण थे?
उत्तर:

  1. बंजारा लोग सबसे महत्त्वपूर्ण व्यापारी खानाबदोश थे। उनका कारवाँ टांडा कहलाता था।
  2. सुल्तान अलाउद्दीन खलजी ने बंजारों का प्रयोग राजधानी दिल्ली के बाजारों तक अनाज की दुलाई के लिए किया।
  3. मुगल बादशाह जहाँगीर ने अपने संस्मरणों में लिखा कि बंजारे विभिन्न क्षेत्रों में अपने बैलों पर अनाज ले जाकर शहरों में बेचते थे।
  4. सैन्य अभियानों के दौरान भी बंजारे मुगल सेना के लिए खाद्यान्नों की ढुलाई का काम करते थे। किसी भी विशाल सेना के लिए एक लाख (1.00 000) बैल अनाज ढोते थे।
  5. बंजारों के बारे में सत्रहवीं सदी के शुरू में भारत आने वाले एक अंग्रेज व्यापारी पीटर मंडी ने वर्णन किया है कि वे लोग सस्ता अनाज उपलब्ध कराते थे।

प्रश्न 9.
गोंड लोगों का इतिहास अहोमों के इतिहास से किन मायनों में भिन्न था? क्या कोई समानता भी थी?
उत्तर:
गोंड लोगों के इतिहास एवं अहोमों के इतिहास में कई मायनों में अंतर था, जैसे :

  1. गोंड, गोंडवाना प्रदेश की प्रमुख जनजाति थी, जबकि अहोम ब्रह्मपुत्र घाटी में निवास करने वाली प्रमुख जनजाति थी।
  2. गोंड यहाँ के मूल निवासी थे, जबकि अहोम म्यानमार से आकर बसे थे।
  3. गोंड आग्नेय अस्त्रों का प्रयोग नहीं जानते थे, जबकि अहोम उच्च स्तरीय बारूद और तोपों के निर्माण में सक्षम थे।
  4. गोंडवाना राज्य अहोम राज्य की तुलना में बड़ा था।

गोंड इतिहास एवं अहोम इतिहास में समानताएँ:

  1. गोंड और अहोम दोनों ही जनजातियाँ थीं।
  2. दोनों ही जनजातियों ने अपने-अपने साम्राज्य स्थापित किए।
  3. दोनों ही राज्यों को मुगलों ने पराजित किया।

आइए करके देखें

प्रश्न 10.
एक मानचित्र पर इस अध्याय में उल्लेखित जनजातियों के इलाकों को चिह्नित करें। किन्हीं दो के संबंध में यह चर्चा करें कि क्या उनके जीविकोपार्जन का तरीका अपने-अपने इलाकों की भौगोलिक विशेषताओं और पर्यावरण के अनुरुप था।
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उत्तर:
हाँ, जनजातियों के जीविकोपार्जन के तरीकों पर उनके अपने-अपने इलाकों की भौगोलिक परिस्थितियों और पर्यावरण का अनुकूल प्रभाव था। वे विभिन्न प्रकार के मवेशी पशु चराते थे। उनसे दूध, माँस, ऊन, चमड़े और खालें आदि प्राप्त करते थे और उन्हें स्थायी रूप से बसे लोगों को अनाज, बर्तनों, उपयोगी उपकरणों के बदले में बेचा करते थे।

प्रश्न 11.
जनजातीय समूहों के संबंध में मौजूदा सरकारी नीतियों का पता लगाएँ और उनके बारे में एक बहस का आयोजन करें।
उत्तर:
मौजूदा सरकारें जनजातियों के संबंध में निम्न नीतियाँ अपनाए हुए हैं:

  1. जनजातियों के सामाजिक रीति-रिवाजों, परम्पराओं, आस्थाओं में प्राय: सरकार कोई हस्तक्षेप नहीं करती।
  2. जनजातियों को अपनी संस्कृतियों और पहचान को बनाए रखने की पूरी छूट है।
  3. जनजातियों को संसद, राज्य विधान सभाओं, स्थानीय निकायों में स्थान आरक्षित कर दिए गए हैं। सरकारी नौकरियों में कुछ प्रतिशत स्थान उनके लिए आरक्षित हैं।
  4. जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, जलआपूर्ति जैसी मौलिक सुविधाएँ दी जा रही हैं।
  5. उन्हें कृषि, वन संरक्षण संबंधी अनुकूल और आवश्यक जानकारियाँ दी जाती हैं।

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प्रश्न 12.
उपमहाद्वीप में वर्तमान खानाबदोश पशुचारी समूहों के बारे में और पता लगाएँ। वे कौन से जानवर रखते हैं? वे प्रायः किन इलाकों में जाते रहते हैं?
उत्तर:
उपमहाद्वीप में वर्तमान खानाबदोश पशुचारिक समूह, भेड़-बकरियों या गाय, भैंस, ऊँट आदि मवेशी पालते हैं। वे प्रायः सर्दियों के दिनों में नीचे मैदानी इलाकों में उतरकर आ जाते हैं। कुछ जनजातियाँ छोटे-स्तर पर व्यापार करती हैं। वे अखरोट, मेवे, मसाले, ऊन, ऊनी वस्त्र, शाल, जानवरों की खालें और उपयोगी वस्तुएँ बेचती हैं। वे प्राय: अपने जानवरों के साथ ऐसे इलाकों में जाते हैं जहाँ उन्हें पानी और घास के मैदान या चारा आसानी से मिल सके।

बहुविकल्पी प्रश्न

प्रश्न 1.
उचित विकल्प चुनें :
(i) जनजातियों का इतिहास लिखने के लिए इतिहासकार स्रोत सामग्री के रूप में प्रयुक्त करते हैं:
(क) अभिलेख
(ख) वाचिक परंपराएँ
(ग) सिक्के
उत्तर:
(ख) वाचिक परंपराएँ।

(ii) 13वीं व 14वीं शताब्दी के काल में पंजाब में सबसे प्रभावशाली जनजाति थी:
(क) गक्खर
(ख) बलोच
(ग) खोखर
उत्तर:
(ग) खोखर।

(iii) सबसे महत्त्वपूर्ण व्यापारी खानाबदोश जनजाति थी:
(क) भील
(ख) कोल
(ग) बंजारा
उत्तर:
(ग) बंजारा।

(iv) किस सुल्तान ने नगर के बाजारों तक अनाज की. ढुलाई के लिए बंजारों का प्रयोग किया?
(क) सुल्तान अलाउद्दीन खलजी
(ख) मोहम्मद तुगलक
(ग) जहाँगीर
उत्तर:
(क) सुल्तान अलाउद्दीन खलजी।

(v) गोंड राज्य किसमें विभाजित था?
(क) कुल
(ख) चौरासी गाँव
(ग) गढ़
उत्तर:
(ग) गढ़।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थान भरो:
(i) ……………. ने कमाल खान गक्खर को मनसबदार बनाया था।
(ii) बंजारों का कारवाँ …………………… कहलाता था।
(iii) गढ़ कटंगा के गोंड राजा अमन दास ने ….. की उपाधि धारण की।
(iv) अहोम राज्य के लिए जिन लोगों से जबरन काम लिया जाता था, वे ……………… कहलाते थे।
(v) अहोम समाज, कुलों में विभाजित था, जिन्हें कहा जाता था।
उत्तर\:
(i) अकबर
(ii) टांडा
(ii) संग्राम शाह
(iv) पाइक
(v) खेल।

प्रश्न 3.
सही गलत चुनें।
(i) बलोच उत्तर-पश्चिम में एक विशाल व शक्तिशाली जनजाति थी।
(ii) राजा मानसिंह बादशाह अकबर के सेनापति थे।
(iii) घुमंतू व्यापारियों की श्रृंखलाएं भारत को बाहरी दुनिया से जोड़ती थीं।
(iv) खानाबदोश एवं भ्रमणशील समूह, दोनों उस जगह कभी लौटकर नहीं आते जहाँ उन्होंने पिछले साल दौरा किया था।
(v) सिब सिंह के काल में अहोम समाज का मुख्य धर्म बौद्ध धर्म था।
उत्तर:
(i) √
(ii) √
(iii) √
(iv) X
(0) X

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 7 जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय

HBSE 7th Class Civics जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जनजातियाँ किन्हें कहा जाता है?
उत्तर:
उपमहाद्वीप के कई समाज ब्रह्मणों द्वारा सुझाए गए सामाजिक नियमों और कर्मकांडों को नहीं मानते थे। न ही वे कई असमान वर्गों में विभाजित थे। अक्सर ऐसे समाजों को जनजातियाँ कहा जाता रहा है।

प्रश्न 2.
खानाबदोश और भ्रमणशील समूह से क्या अभिप्राय है? संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:
खानाबदोश घुमंतू लोग होते हैं। उनमें से कई पशुचारी होते हैं जो अपनी खड़ और पशुवं के साथ एक चारागाह से दूसरे चारागाह घूमते रहते है। इसी तरह दस्तकार, फेरीवाले और नृतक, गायक और एवं अन्य तमाशबीन भ्रमणशील समूह अपना काम-धंधा करते करते एक जगह से दूसरी जगह की यात्रा पर रहते हैं। खानाबदोश और अमणशील समूह, दोनों अक्सर उस जगह लौट कर आते हैं जहाँ उन्होंने पिछले साल दौरा किया था।

प्रश्न 3.
स्थानांतरीय कृषि का अर्थ समझाइए।
उत्तर:
किसी वनप्रांत के पेडों और झाडियों को पहले काटा और जलाया जाता है। उसकी राख में ही फसल बो दी जाती है। जब यह जमीन अपनी उर्वरता खो देती है, तब जमीन का दूसरा टुकड़ा साफ किया जाता है और इसी तरह से फसल उगाई जाती है। उत्तर-पूर्व भारत में इसे ‘झूम’ कहते हैं।

प्रश्न 4.
वर्ण व्यवस्था पर आधारित समाज व्यवस्था का मुख्य दोष क्या था?
उत्तर:
वर्ण व्यवस्था पर आधारित समाज व्यवस्था का मुख्य दोष यह था कि इसने अमीर-गरीब, ऊँच-नीच के अंतर को बढ़ाया।

प्रश्न 5.
जनजातीय समाज जातिगत समाज से किस प्रकार भिन्न थे?
उत्तर:
जातिगत समाज ब्राह्मणों द्वारा सुझाए गए कर्मकांडों व सामाजिक नियमों में विश्वास रखते थे। जनजातीय समाज इन्हें नहीं मानते थे और न ही वह जातिगत समाज की तरह असमान वर्गों में विभाजित थे।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जनजातियों की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जनजाति समूह की विशेषताएं:
(i) प्रत्येक जनजाति के सदस्य नातेदारी के बंधन से जुड़े होते थे। कई जनजातियाँ खेती से अपना जीविकोपार्जन करती थीं। कुछ दूसरी जनजातियों के लोग शिकारी, संग्राहक या पशुपालक थे। प्राय: वे अपने निवास स्थान के प्राकृतिक संसाधनों का पूरा-पूरा इस्तेमाल करने के लिए गतिविधियों का मिला-जुला रूप अपनाते थे। कुछ जनजातियाँ खानाबदोश थीं और वे एक जगह से दूसरी जगह घूमती रहती थीं।

(ii) जनजातीय समूह संयुक्त रूप में भूमि और चारागाहों पर नियंत्रण रखते थे और अपने खुद के बनाए नियमों के आधार पर परिवारों के बीच इनका बंटवारा करते थे।

(iii) इस महाद्वीप के विभिन्न हिस्सों में कई बड़ी जनजातियाँ फली-फूलीं। सामान्यतः ये जंगलों, पहाड़ों, रेगिस्तानों और दूसरी दुर्गम जगहों पर निवास करती थीं।

प्रश्न 2.
शेष समाज और जनजातियों के मध्य संपर्क एवं उसके प्रभावों का वर्णन करें।
उत्तर:
(i) कभी-कभी जाति विभाजन पर आधारित अधिक शक्तिशाली समाजों के साथ उनका टकराव होता था। कई मायनों में इन जनजातियों ने अपनी आजादी को बरकरार रखा और अपनी विशिष्ट संस्कृति को बचाया।

(ii) लेकिन जाति-आधारित और जनजातीय समाज दोनों अपनी विविध किस्म की जरूरतों के लिए एक दूसरे पर निर्भर भी रहे। टकराव और निर्भरता के इस संबंध ने दोनों तरह के समाजों को धीरे-धीरे बदलने का काम भी किया।

प्रश्न 2.
खानाबदोश और घुमंतू लोग कैसे रहते थे?
उत्तर:
खानाबदोश चरवाहे अपने जानवरों के साथ दूर-दूर तक घूमते थे। उनका जीवन दूध और अन्य पशुचारी उत्पादों पर निर्भर था। वे खेतिहर गृहस्थों से अनाज, कपड़े, बर्तन और ऐसी ही चीजों के लिए ऊन, घी इत्यादि का विनिमय भी करते थे। कुछ खानाबदोश अपने जानवरों पर सामानों की ढुलाई का काम भी करते थे। एक जगह से दूसरी जगह आते-जाते वे सामानों की खरीद-फरोख्त करते थे।

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प्रश्न 3.
मंगोल जनजाति पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
इतिहास में सबसे प्रसिद्ध पशुचारी और शिकारी-संग्राहक जनजाति मंगोलों की थी। वे मध्य एशिया के घास के मैदानों (स्टेपी) और थोड़ा उत्तर की ओर के वन प्रांतों में बसे हुए थे। 1206 में चंगेज खान ने मंगोल और तुर्की जनजातियों में एकता पैदा कर उन्हें एक शक्तिशाली सैन्य बल में बदल डाला। अपनी मृत्यु के समय (1227) वह एक सुविस्तृत प्रदेश का शासक था। उसके उत्तराधिकारियों ने एक विशाल साम्राज्य खड़ा किया। अलग-अलग समय में इसके अंतर्गत रूस, पूर्वी यूरोप और चीन तथा मध्य-पूर्व का खासा बड़ा हिस्सा शामिल था। मंगोलों के पास सुसंगठित सैन्य एवं प्रशासनिक व्यवस्थाएँ थीं। ये विभिन्न जातीय और धार्मिक समूहों के समर्थन पर आधारित थीं।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
जनजाति लोग कौन थे? उनके बारे में जानकारी देने का क्या स्रोत है? उनके विभिन्न प्रभाव क्षेत्रों का विवरण दीजिए।
उत्तर:
जनजाति लोग और उनकी जानकारी के स्रोत : समकालीन इतिहासकारों और मुसाफिरों ने जनजातियों के बारे में बहुत कम जानकारी दी है। कुछ अपवादों को छोड़ दें, तो जनजातीय लोग भी लिखित दस्तावेज नहीं रखते थे लेकिन समृद्ध रीति-रिवाजों और वाचिका मौखिक परंपराओं का वे संरक्षण करते थे। ये परम्पराएँ हर नयी पीढ़ी को विरासत में मिलती थीं। आज के इतिहासकार जनजातियों का इतिहास लिखने के लिए इन वाचिक परंपराओं को इस्तेमाल करने लगे हैं।

विभिन्न जनजातियाँ और उसके प्रभाव क्षेत्र एवं गतिविधियाँ:
(i) जनजातीय लोग भारत के लगभग हर क्षेत्र में पाये जाते थे। किसी भी एक जनजाति का इलाका और प्रभाव समय के साथ-साथ बदलता रहता था। कुछ शक्तिशाली जनजातियों का बड़े इलाकों पर नियंत्रण था। पंजाब में खोखर जनजाति तेरहवीं और चौदहवीं सदी के दौरान बहुत प्रभावशाली थी। यहाँ बाद में गक्खर लोग ज्यादा महत्त्वपूर्ण हो गए। उनके मुखिया, कमाल खान गक्खर, को बादशाह अकबर ने मनसबदार बनाया था। मुल्तान और सिंध में मुगलों द्वारा अधीन कर लिए जाने से पहले लंगाह और अरघुन लोगों के कई किलों पर कब्जा किया और जनजाति को अपना अधीनस्थ बना लिया। इस क्षेत्र में रहने वाली महत्त्वपूर्ण जनजातियों में मुंडा और संताल थे, यद्यपि ये उड़ीसा और बंगाल में भी रहते थे।

(ii) कर्नाटक और महाराष्ट्र की पहाड़ियाँ कोली, बेराद तथा कई दूसरी जनजातियों के निवास स्थान थे। कोली लोग गुजरात के कई इलाकों में भी रहते थे। कुछ और दक्षिण में भी कोरागा, वेतर, मारवार और दूसरी जनजातियों की विशाल आबादी थी।

(iii) भीलों की बड़ी जनजाति पश्चिमी और मध्य भारत में फैली हुई थी। सोलहवीं सदी का अंत आते-आते उनमें से कई एक जगह बसे हुए खेतिहर और यहाँ तक कि जमींदार बन चुके थे। तब भी भीलों के कई कुल शिकारी-संग्राहक बने रहे। मौजूदा छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में गोंड लोग बड़ी तादाद में फैले हुए थे।

प्रश्न 2.
गोंडों और मुगलों के संबंधों का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
उत्तर:
गोंड राजा दलपत की मृत्यु कम उम्र में ही हो गई थी। रानी दुर्गावती बहुत योग्य थी और उसने अपने पाँच साल के पुत्र बीर नारायण के नाम पर शासन की कमान संभाली। उसके समय में राज्य का और अधिक विस्तार हुआ। 1565 में आसिफ खान के नेतृत्व में मुगल सेनाओं ने गढ़ कटंगा पर हमला किया। रानी दुर्गावती ने इसका जमकर सामना किया। उसकी हार हुई और उसने समर्पण करने की बजाय मर जाना बेहतर समझा। उसका – पुत्र भी लड़ता हुआ मारा गया।

जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय Class 7 HBSE Notes in Hindi

  1. जनजातियाँ : उपमहाद्वीप के जो अनेक समाज ब्राह्मणों द्वारा सुझाए गए सामाजिक नियमों और कर्मकांडों को नहीं मानते थे और न ही वे असमान वर्गों में विभाजित थे। अक्सर ऐसे समाजों को जनजातियाँ कहा जाता रहा है।
  2. खानाबदोश : वे लोग या जातियाँ जो एक जगह से दूसरी जगह अपने जानवरों के साथ घूमती रहती हैं।
  3. कुल : परिवारों या घरों के एक ऐसे समूह को कुल कहते हैं जो एक ही पूर्वज की सन्तान होने का दावा करते हैं। जनजातीय संगठन प्रायः नातेदारी या कुल संबंधी निष्ठा पर आधारित होते हैं।
  4. बंजारा : वे लोग जो सबसे छोटे लेकिन सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण खानाबदोश (घुमक्कड़) व्यापारी थे तथा कारवाँ (टांडा) बना कर अनाज, हल्दी, हींग आदि ढोते थे।
  5. पीटर मंडी : सत्रहवीं सदी के आरंभ में भारत आने वाला एक अंग्रेज व्यापारी।
  6. रथकार : रथ बनाने वाले लोग।
  7. गोंड : गोंडवाना नामक विशाल वन प्रदेश में रहने वाले जनजाति समुदाय के लोग।
  8. स्थानांतरीय कृषि : बदल-बदलकर (भूमि पर) खेती करने की प्रणाली।
  9. राय : राजा।
  10. गढ़ : राज्यों की विभाजित इकाई जो किसी खास गोंड (जनजाति) के कुल के नियंत्रण में होता था।
  11. चौरासी : चौरासी गाँवों की इकाइयों में विभाजित भू-क्षेत्र।
  12. बरहोती : चौरासी का उपविभाजन बरहोतों (इकाइयों) में होता था, जो बारह-बारह गाँवों को मिलाकर बनती थौं।
  13. संग्रामशाह : गढ़ कटंगा के गोंड राजा अमन दास ने संग्रामशाह की उपाधि धारण की।।
  14. आसिफ खान : मुगल सेनाओं का सेनानायक जिसने 1565 में गढ़ कटंगा (राज्य) पर हमला किया था।
  15. अहोम लोगों का मूल देश : सम्भवतः म्यानमार (बर्मा)।
  16. पाइक : अहोम राज्य में जिन लोगों से जबरन काम (राज्य के लिए ही) लिया जाता था, वे पाइक कहलाते थे।
  17. खेल : अहोम समाज कुलों में विभाजित था जिन्हें खेल कहा जाता था।
  18. सिबसिंह : अहोम जाति का प्रसिद्ध राजा (1714-1744) जिसके काल में हिन्दू धर्म प्रधान धर्म बन गया।
  19. बुरंजी : ये अहोम समाज की प्रसिद्ध ऐतिहासिक कृतियों (रचनाएँ) हैं जो पहले अहोम भाषा में और फिर असमिया में लिखी गई थीं।
  20. मंगोल : मंगोलिया की प्रसिद्ध पशुचारी और शिकारी-संग्राहक जनजाति जो मध्य एशिया के घास के मैदानों (स्टेपी) और थोड़ा उत्तर में बसे हुए थे।

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HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 हमारी बदलती पृथ्वी

Haryana State Board HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 हमारी बदलती पृथ्वी Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 हमारी बदलती पृथ्वी

HBSE 7th Class Geography हमारी बदलती पृथ्वी Textbook Questions and Answers

हमारी बदलती पृथ्वी प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class Geography प्रश्न 1.
निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(क) प्लेटें क्यों घूमती हैं?
उत्तर:
पृथ्वी के अंदर पिघला हुआ मैग्मा है जिसमें गति होती रहती है। यह एक वृत्तीय रूप में घूमता है। इस कारण से प्लेटें घूमती हैं।

(ख) बहिर्जनिक एवं अंतर्जनित बल क्या हैं?
उत्तर:
जो बल पृथ्वी के आंतरिक भाग में घटित होते हैं उन्हें अंतर्जनित बल कहते हैं तथा जो बल पृथ्वी की सतह पर उत्पन्न होते हैं उन्हें बहिर्जनिक बल कहते हैं।

(ग) अपरदन क्या है?
उत्तर:
भूपृष्ठ पर जल, पवन एवं हिम जैसे विभिन्न घटकों द्वारा होने वाले क्षय को अपरदन कहते हैं।

(घ) बाढकृत मैदान का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर:
बाढ़ के कारण नदी के तटों के निकटवर्ती क्षेत्रों में महीन मिट्टी एवं अन्य पदार्थ जमा हो जाते हैं। इससे समतल उपजाऊ मैदान का निर्माण होता है जिनको समतल बाळकृत मैदान कहते हैं।

(ङ) बालू टिब्बा क्या है?
उत्तर:
पवन चलने पर वह अपने साथ रेत को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाती है और गति कम होने पर यह एक स्थान पर जमा होने लगता है। इससे एक छोटी-सी पहाड़ी बन जाती है जिसे बालू टिब्बा कहते हैं।

(च) समुद्री पुलिन का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर:
समुद्री तरंगें किनारों पर अवसाद जमा कर देती हैं जिससे समुद्री पुलिन का निर्माण होता है।

(छ) चापझील क्या है?
उत्तर:
विसर्प लूप के सिरे निकट आते जाते हैं। कुछ समय बाद विसर्प लूप नदी से कट जाते हैं और एक अलग झील बन जाती है जिसे चाप झील कहते हैं।

HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 हमारी बदलती पृथ्वी

हमारी बदलती पृथ्वी Class 7 HBSE Geography प्रश्न 2.
सही उत्तर चिह्नित (√) कीजिए:
(क) इनमें से कौन-सी समुद्री तरंग की विशेषता नहीं है?
(i) शैल
(ii) किनारा
(iii) समुद्री गुफा।
उत्तर:
(i) शैल

(ख) हिमनद की निक्षेपण विशेषता है:
(i) बाड़कृत मैदान
(ii) पुलिन
(iii) हिमोढ़।
उत्तर:
(iii) हिमोढ़।

(ग) पृथ्वी की आकस्मिक गतियों के कारण कौन-सी घटना होती है?
(i) ज्वालामुखी
(ii) वलन
(iii) बाढ़कृत मैदान।
उत्तर:
(ii) वलन

(घ) छत्रक शैलें पाई जाती हैं:
(i) रेगिस्तान में
(ii) नदी घाटी में
(iii) हिमनद में।
उत्तर:
(i) रेगिस्तान में

(ङ) चापझील यहाँ पाई जाती है :
(i) हिमनद
(ii) नदी घाटी
(iii) रेगिस्तान।
उत्तर:
(ii) नदी घाटी

3 हमारी बदलती पृथ्वी Class 7 HBSE Geography प्रश्न 3.
निम्नलिखित स्तंभों को मिलाकर सही जोड़े बनाएँ:
(क) पहाड़ी झील – (i) समुद्री तट
(ख) विसर्प – (ii) हिमनद
(ग) पुलिन – (iii) नदियाँ
(घ) बालू टिब्बा – (iv) पृथ्वी का कंपन
(ङ) जल प्रपात – (v) कठोर संस्तर शैल
(च) भूकंप – (vi) रेगिस्तान
उत्तर:
(क) (ii)
(ख) (iii)
(ग) (i)
(घ) (vi)
(ङ) (v)
(च) (iv)

HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 हमारी बदलती पृथ्वी

प्रश्न 4.
कारण बताएँ:
(क) कुछ शैल छत्रक के आकार में होते हैं।
उत्तर:
पवन शैल के ऊपरी भाग की अपेक्षा निचले भाग को आसानी से काटती है। इसलिए ऐसे शैल के आधार संकीर्ण एवं शीर्ष विस्तृत होते हैं। ये छत्रक के आकार के होते हैं।

(ख) बाढ़कत मैदान बहुत उपजाऊ होते हैं।
उत्तर:
बाड़ के समय नदी अपने साथ अवसाद बहाकर लाती है जो महीन मिट्टी तथा अन्य पदार्थ के रूप में होते हैं। इन्हें तटवर्ती क्षेत्रों में बिछा देती है। ये अवसाद उपजाऊ होते हैं। इसलिए बादकृत मैदान उपजाऊ होते हैं।

(ग) समुद्री गुफा स्टैक के रूप में परिवर्तित हो जाती है।
उत्तर:
समुद्री गुफाएँ बड़ी होती जाती हैं इनमें केवल छत ही बचती है। अपरदन इन छतों को भी तोड़ देता है जिससे दीवारें खड़ी रह जाती हैं। दीवार जैसी इन आकृतियों को स्टैक कहते हैं।

(घ) भूकंप के दौरान इमारतें गिरती हैं।
उत्तर:
भूकंप के समय पृथ्वी की सतह पर कंपन होने से इमारतों में भी कंपन होता है। कंपन के कारण इमारतें गिर जाती हैं।

प्रश्न 5.
क्रियाकलाप (Activities)
नीचे दिए गए चित्रों को देखें। ये नदी द्वारा निर्मित स्थल आकृतियाँ हैं। इन्हें पहचानिए और बताइए कि ये नदी के अपरदन अथवा निक्षेपण अथवा दोनों का परिणाम हैं।
उत्तर:
HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 हमारी बदलती पृथ्वी 1

बहुविकल्पी प्रश्न 

प्रश्न 1.
सही उत्तर चुनें:
(i) भूकंप के झटकों को कहते हैं:
(क) भ्रश
(ख) मैग्मा
(ग) लावा
(घ) भूकंपित तरंगें
उत्तर:
(घ) भूकपित तरंगें।

(ii) पृथ्वी की सतह के अंदर चट्टानी पदार्थ कहलाता है:
(क) मैग्मा
(ख) लावा
(ग) राख
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) लावा।

(iii) वे ज्वालामुखी जिनमें प्रायः उद्गार होता रहता है, कहलाते हैं :
(क) मृत
(ख) सक्रिय
(ग) प्रसुप्त
(घ) शील्ड
उत्तर:
(ख) सक्रिय।

HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 हमारी बदलती पृथ्वी

(iv) भूकंप का परिमाण जो विनाशकारी होता है:
(क) 4 से ऊपर
(ख) 6 से ऊपर
(ग) 10 से ऊपर
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) 6 से ऊपर।

(v) समुद्री तरंग का प्रमुख कार्य नहीं है।
(क) समुद्री गुफा
(ख) तटीय मेहराब
(ग) चाप झील
(घ) स्टैक
उत्तर:
(ग) चाप झील

प्रश्न 2.
रिक्त स्थान भरो :
1. शैल ………………… का मिश्रण होता है।
2 मैग्मा जब भूतल से बाहर आ जाता है तो वह ……………. कहलाता है।
3. हिम का किसी घाटी में से खिसकता हुआ भाग …………… होता है। इसे ……………. भी कहते हैं।
4. नदी विसर्प की गर्दन कट जाती है तो ………………… का निर्माण होता है।
5. आरटायज प्रान्त ……………….. देश में है।
6. विसर्प का आकार ………………… अक्षर की भांति होता है।
7. भूकंपलेखी यंत्र को अंग्रेजी में ………………… कहते हैं।
8. महाद्वीपीय हिमानी का दूसरा नाम ………………… है।
9. ज्वालामुखी के मुख को ………………… कहते हैं।
10. गैस के द्वारा हुआ अपक्षय ………………. अपक्षय होता
11. ………………. से अधिक परिमाण वाला भूकंप विनाशकारी हो सकता है।
12. ……………… ने रिक्टर स्के ल की खोज की।
13. ………………… भूकंप का उद्गम केंद्र है।
14. अधिकतर ज्वालामुखी संकेंद्रण एक वृत्ताकर पेटी में पाया जाता है जिसे कहते हैं।
15. ………………… पिपली चट्टानों के रूप में तरल पदार्थ
उत्तर:
1. खनिजों
2. लावा
3. हिमानी, हिमनदी
4. धनुषाकार झील
5. एस (S)
6. पवन
7. सीस्मोग्राफ
8. हिम चादर
9. क्रेटर
10. रासायनिक
11. छ:
12. चार्ल्स रिक्टर
13. फोकस
14. अग्निवलय
15. लावा।

HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 हमारी बदलती पृथ्वी

प्रश्न 3.
निम्न के लिए सत्य और असत्य लिखिए:
(i) डेल्टा की आकृति त्रिभुजाकार होती है।
(ii) अजैविक पदार्थ मृदा को उपजाऊ बनाते हैं।
(iii) समुद्र लहरें डेल्टा का निर्माण करती हैं।
(iv) हिम से ढका क्षेत्र महाद्वीपीय हिमानी कहलाता है।
(v) मरुस्थलों में पवन का कार्य अधिक गहरा होता है।
(vi) विश्व में छः प्रकार के ज्वालामुखी पाए जाते हैं।
(vii) भूपृष्ठ कई प्रकार की प्लेटों से बना है।
(viii) प्रशांत अग्नि वलय क्षेत्र ज्वालामुखी तथा भूकंप प्रवण क्षेत्र है।
(ix) कश्मीर घाटी में आए भूकंप का भारत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
(x) प्रसुप्त ज्वालामुखी वे ज्वालामुखी हैं जिनमें लंबे समय से विस्फोट नहीं हुआ।
उत्तर:
(i) सत्य
(ii) असत्य
(iii) असत्य
(iv) सत्य
(v) सत्य
(vi) असत्य
(vii) सत्य
(vii) सत्य
(ix) असत्य
(x) सत्य।

प्रश्न 4.
नीचे दो स्तंभ दिये हैं। उनके सही जोड़े बनाइये:
1. एक प्रकार की शैल – (क) गंगोत्री
2. गंगा नदी जिस ग्लेशियर से निकलती है। – (ख) मौरेन
3. जल-प्रपातों से पैदा होने वाली शक्ति – (ग) छत्रक शैल
4. हिमानी पिघलने पर शेष पत्थरी कचरा – (घ) भूपृष्ठ
5. हिम-गहर की शक्ल – (ङ) डेल्टा
6. ऊँचाई घटाने की प्रक्रिया – (च) चूना-पत्थर
7. पवन के आक्रमण से बनी शैल – (छ) आइसबर्ग
8 पृथ्वी का ऊपरी आवरण – (ज) जल शक्ति
9. हिमानी से टूटा हिमखंड – (झ) आरामकुर्सी
10. नदी की अन्तिम अवस्था – (ज) निम्नीकरण
उत्तरः
1. (च)
2. (क)
3. (ज)
4.(ख)
5. (झ)
6. (अ)
7. (ग)
8. (घ)
9. (छ)
10. (ङ)

HBSE 7th Class Geography हमारी बदलती पृथ्वी Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
पृथ्वी की आंतरिक गतियाँ किस प्रकार होती है?
उत्तर:
पृथ्वी का स्थलमंडल अनेक प्लेटों में विभाजित है। ये प्लेटें सदैव धीमी गति से घूमती रहती हैं। पृथ्वी के अंदर उपस्थित मैग्मा के कारण ऐसा होता है। प्लेटों की गति के कारण पृथ्वी की आंतरिक गतियाँ होती हैं तथा सतह पर परिवर्तन होता है।

प्रश्न 2.
भूकंप की माप के लिए किस उपकरण का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:
सिस्मोग्राफ या भूकंपलेखी यंत्र।

प्रश्न 3.
अपक्षय से क्या समझते हैं?
उत्तर:
वह प्रक्रिया जिसके अंतर्गत शैल टूट-टूटकर छोटे-छोटे कणों में विलुप्त हो जाती है, अपक्षय कहलाती है। उदाहरण के लिए दीवार की बाहरी परत अपने आप टूट कर गिरती रहती है। यह दीवार का अपक्षय होता है।

प्रश्न 4.
तीन प्रकार के अपक्षय का नाम बताइए।
उत्तर:
तीन प्रकार का अपक्षय है –

  • भौतिक अपक्षय
  • रासायनिक अपक्षय
  • जैविक अपक्षय।

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प्रश्न 5.
अपरदन क्या है?
उत्तर:
जब शैल अपक्षय द्वारा एक बार टूट जाते हैं तो बाह्य साधन, जैसे जल, पवन, हिम आदि उसे उठाकर दूसरे स्थान पर जमा कर देते हैं। इस प्रक्रिया को अपरदन कहते हैं। अपरदन सदैव ही होता रहता है।

प्रश्न 6.
पृथ्वी का भूपृष्ठ किस प्रकार का दिखाई देता है?
उत्तर:
पृथ्वी का भूपृष्ठ कठोर दिखाई देता है। यह पृथ्वी की बाहरी परत है।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
ज्वालामुखी उद्गार की प्रकृति तथा लक्षण क्या है?
उत्तर:
ज्वालामुखी उद्गार से तरल, ठोस और गैसीय पदार्थ निकलते हैं। ज्वालामुखी से निरतर विस्फोट होते रहते हैं। ज्वालामुखी उद्गार से राख तथा छोटे-छोटे चट्टानों के टुकड़े निकलते रहते हैं। भाप तथा दूसरी गैस निकलती रहती है। बहुत ऊँचाई तक धुआँ निकलता रहता है।

प्रश्न 2.
मैग्मा और लावा क्या है ?
उत्तर:
मैग्मा भूपृष्ठ में वह तरल पदार्थ है जो गैसों पर दबाव डालकर उनके साथ बाहर आता है। लावा ज्वालामुखीय तरल पदार्थ है जो पिघली चट्टानों के रूप में बाहर आता है।

प्रश्न 3.
शील्ड ज्वालामुखी क्या है?
उत्तर:
ज्वालामुखी छिद्र के आसपास विस्फोटित पदार्थ जमा होने लगते हैं और एक शंकवाकार पहाड़ी बन आती है। इसे शील्ड ज्वालामुखी कहते हैं।

प्रश्न 4.
सक्रिय ज्वालामुखी क्या हैं? व्याख्या करें।
उत्तर:
सक्रिय ज्वालामुखी वे ज्वालामुखी हैं जिनका विस्फोट कुछ समय पहले हुआ है और उनमें अभी भी लावा तथा राख निकल रही है। जैसे- सिसली का माउंट एटना।

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दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भूकंप क्या है? भूकंप के कारण बताएँ।
उत्तर:
पृथ्वी के किसी भाग के अचानक हिलने की क्रिया को भूकंप कहते हैं। भूकंप के निम्नलिखित कारण हैं :

  • भूकंप का कारण पृथ्वी के अंदर कार्यरत शक्तियाँ हैं।
  • विवर्तनिक प्लेटों का गतिमान तथा उनमें संचरण होना।
  • ज्वालामुखी उद्गार।
  • मनुष्य की क्रियाओं के कारण भी भूकंप आ जाते हैं जैसे, बांध का निर्माण आदि।

प्रश्न 2.
ज्वालामुखी क्या है? ज्वालामुखी का कारण बताएँ।
उत्तर:
ज्वालामुखी भूपृष्ठ में एक छिद्र होता है जिसके द्वारा पृथ्वी के आंतरिक भाग से पिघला पदार्थ बाहर आता रहता है। ज्वालामुखी के कारण अग्रलिखित हैं:

  • कमजोर चट्टानें : कमजोर चट्टानें होने के कारण पृथ्वी के आंतरिक भाग का पिघला हुआ पदार्थ बाहर निकलता है।
  • जल : भूपृष्ठ का जल रिसकर आंतरिक भाग में पहुँच जाता है जहाँ वह गर्म चट्टानों के संपर्क में आकर भाप बन जाता है। वह भाप ऊपर आती है।
  • भूकंप : भूकंप के कारण भी ज्वालामुखी विस्फोट हो जाते हैं।
  • भूगर्भ में अत्यधिक ताप होने के कारण रेडियोधर्मी पदार्थों में विघटन उत्पन्न हो जाता है जिससे ज्वालामुखी विस्फोट हो जाते हैं।
  • लावा का संगठन : उद्गार की प्रक्रिया केंद्रीय ज्वालामुखी के लावा की रचना से संबंधित है।

हमारी बदलती पृथ्वी Class 7 HBSE Notes in Hindi

1. भूकंप (Earthquakes) : शक्तिशाली झटकों से पृथ्वी के धरातल में कंपन उत्पन्न हो जाता है, जिसे भूकंप कहते हैं।

2. भूकंप के कारण (Causes of Earthquakes) : भूकंप का प्रमुख कारण है- विवर्तनिक प्लेटों का गति करना

3. भूकंप का वितरण (Distribution of Earthquakes) : भूकंप के विश्व में दो प्रमुख क्षेत्र हैं:

  • प्रांत परिधि भूकंप पेटी जो प्रशांत अग्निवलय के साथ फैली है।
  • मध्यवर्ती पर्वतीय पेटी जिसमें हिमालय सम्मिलित है।

4. कश्मीर का भूकंप (Kashmir Earthquake) : कश्मीर घाटी में भूकंप की घटना सबसे नवीन है। यह 8 अक्टूबर, 2005 को प्रात: 9.30 आया। इसका केंद्र मुजफ्फराबाद (पाक अधिकृत कश्मीर) से 19 कि.मी. दूर पूर्व में था। इसका परिमाण रिक्टर पैमाने पर 7.6 था। इसका प्रभाव क्षेत्र जम्मू-कश्मीर, उत्तरी पाकिस्तान, अफगानिस्तान और उत्तरी भारत का कुछ भाग था। इसमें लगभग 84,000 लोगों की मृत्यु हुई।

5. ज्वालामुखी (Volcano) : भूपृष्ठ में एक छेद जिसके द्वारा लावा तथा अन्य पदार्थ बाहर आकर एकत्र हो जाते हैं, ज्वालामुखी कहलाता है।

HBSE 7th Class Social Science Solutions Geography Chapter 3 हमारी बदलती पृथ्वी

6. ज्वालामुखी का वितरण (Distribution of Volcano) : पृथ्वी पर लगभग 500 सक्रिय ज्वालामुखी पाए जाते हैं। अधिकतर ज्वालामुखी प्रशांत महासागर के चारों ओर पाए जाते हैं, जिसे प्रशांत अग्निवलय कहते हैं।

7. स्थलाकृतियाँ (Landforms) : अपक्षय और अपरदन द्वारा स्थल आकृतियाँ विघटित होती रहती हैं। भूपृष्ठ पर जल, पवन एवं हिम जैसे विभिन्न घटकों के द्वारा होने वाले क्षय को अपरदन कहते हैं।

8. नदी के कार्य (Functions of River) : नदी द्वारा अपरदन से निम्नलिखित आकृतियाँ बनती हैं:

  • ल प्रपात (Waterfalls) : जब नदी किसी खड़े ढाल वाले स्थान से खड़े ढाल वाली घाटी में गिरती है तो यह जल प्रपात बनाती है।
  • विसर्प (Meanders) : नदी मैदानों में मोड़दार मार्ग बनाती है। नदी के इन्हीं मोड़ों को विसर्प कहते हैं।
  • चाप झील (Oxbow lake) : नदी के मोड़ अधिक बड़े हो जाने पर ये मुख्य धारा से अलग हो जाते हैं और इनमें पानी भरा रहता है। इसे चाप झील कहते हैं।
  • डेल्टा (Delta) : नदी समुद्र तक पहुंचते-पहुंचते बहुत धीमी गति से बहने लगती है और वह अपने साथ लाए अवसाद को जमा करने लगती है। नदी के मुहाने पर जमे अवसाद को डेल्टा कहते हैं।

9. तरंगों के कार्य (Functions of the Waves) : समुद्री तरंगें अपरदन और निक्षेपण से तटीय स्थलाकृतियाँ बनाती हैं। इनमें समुद्री गुफा, तटीय मेहराब, समुद्री भृगु आदि प्रमुख हैं।

10. हिमनद के कार्य (Functions of Glacier) : हिमनद अथवा हिमानी बर्फ की नदियाँ होती हैं। यह गहरे गर्त का निर्माण करती हैं।

11. पवन के कार्य (Functions of the Winds) : पवनों का कार्य मरुस्थलीय भागों तक सीमित होता है। पवनों से बालू के टिब्बे-छत्रक शैल, लोयस मैदान आदि का निर्माण होता है।

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HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 3 दिल्ली के सुलतान

Haryana State Board HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 3 दिल्ली के सुलतान Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Social Science Solutions History Chapter 3 दिल्ली के सुलतान

HBSE 7th Class History दिल्ली के सुलतान Textbook Questions and Answers

दिल्ली के सुलतान HBSE 7th Class Social Science Chapter 3 प्रश्न 1.
दिल्ली में पहले पहल किसने राजधानी स्थापित की?
उत्तर:
तोमर राजपूतों ने दिल्ली में पहले-पहल राजधानी स्थापित की।

दिल्ली के सुलतान Chapter 3 HBSE 7th Class History प्रश्न 2.
दिल्ली के सुल्तानों के शासन काल में प्रशासन की भाषा क्या थी?
उत्तर:
दिल्ली के सुल्तानों के शासन काल में प्रशासन की भाषा फारसी थी।

History दिल्ली के सुलतान Chapter 3 HBSE 7th Class प्रश्न 3.
किसके शासन के दौरान सल्तनत का सबसे अधिक विस्तार हुआ?
उत्तर:
मुहम्मद तुगलक के शासन के दौरान सल्तनत का सबसे अधिक विस्तार हुआ।

प्रश्न 4.
इब्नबतूता किस देश से भारत आया था?
उत्तर:
इब्न बतूता अफ्रीका के मोरक्को नामक देश से चौदहवीं सदी में भारत आया था।

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 3 दिल्ली के सुलतान

प्रश्न 5.
“न्याय चक्र” के अनुसार सेनापतियों के लिए किसानों के हितों का ध्यान रखना क्यों जरूरी था?
उत्तर:
न्याय चक्र के अनुसार सेनापतियों के लिए किसानों के हितों का ध्यान रखना जरूरी है क्योंकि सैनिक वेतन के बिना नहीं जी सकते। वेतन आता है किसानों से इकट्ठे किए गए राजस्व से। किसान भी राजस्व तभी चुका सकेंगे जब वे खुशहाल और प्रसन्न होंगे।

प्रश्न 6.
सल्तनत की “भीतरी” और “बाहरी” सीमा से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
दिल्ली सल्तनत की भीतरी सीमा का तात्पर्य है किसी शहर या बंदरगाह के आस-पास के वे इलाके जो शहर के लिए वस्तुओं और सेवाओं की पूर्ति करते थे। दिल्ली सल्तनत की बाहरी सीमाओं में सल्तनत के क्षेत्रों का विस्तार किया गया। गौरीसन शहरों की पृष्ठभूमि में स्थित शहरों से सुदूरवर्ती क्षेत्रों को बाहरी सीमा कहते थे।

प्रश्न 7.
मुक्ती अपने कर्तव्यों का पालन करें, यह सुनिश्चित करने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए गए थे? आपके विचार में सुल्तान के आदेशों का उल्लंघन करना चाहने के पीछे उनके क्या कारण हो सकते थे?
उत्तर:
मुक्ती अपने कर्तव्यों का पालन करें, यह सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए थे

  1. उनकी नियुक्ति वंश परंपरा के आधार पर नहीं की जाती थी।
  2. उन्हें कोई भी इक्ता (क्षेत्र) थोड़े समय के लिए दिया जाता था।
  3. मुक्ती लोगों का समय-समय पर स्थानांतरण किया जाता था।
  4. मुक्ती लोगों द्वारा एकत्रित किए गए राजस्व की रकम का हिसाब लेने के लिए राज्य द्वारा लेखा अधिकारी नियुक्त किए जाते थे।
  5. इस बात का ध्यान रखा जाता था कि मुक्ती राज्य द्वारा निर्धारित कर ही वसूलें और तय संख्या के अनुसार सैनिक रखें

प्रश्न 8.
दिल्ली सल्तनत पर मंगोल आक्रमणों का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
दिल्ली सल्तनत पर मंगोल आक्रमणों का निम्न प्रभाव पड़ा

  1. मंगोल आक्रमणों से मजबूर होकर अलाउद्दीन खिलजी और मुहम्मद तुगलक को एक विशाल सेना खड़ी करनी पड़ी।
  2. अलाउद्दीन खिलजी ने सैनिकों को इक्ता के स्थान पर नकद वेतन देना तय किया।
  3. मुहम्मद बिन तुगलक ने दिल्ली के पुराने शहर के निवासियों को नयी राजधानी दौलताबाद भेज दिया और उस इलाके में बड़ी सैनिक छावनी बना दी गई।
  4. अलाउद्दीन खिलजी ने जनता पर और अधिक कर लगाए तो मुहम्मद तुगलक ने ताँबे के नए सिक्के चलवाए।

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प्रश्न 9.
क्या आपकी समझ में तवारीख के लेखक आम जनता के जीवन के बारे में कोई जानकारी देते हैं?
उत्तर:
हमारी समझ में तवारीख के लेखक आम जनता के जीवन के बारे में जानकारी नहीं देते थे, क्योंकि-

  1. तवारीख के लेखक सचिव, प्रशासक, कवि और दरबारियों जैसे सुशिक्षित व्यक्ति होते थे जो घटनाओं का वर्णन भी करते थे और शासकों को प्रशासन संबंधी सलाह देते थे। वे न्याय-संगत शासन के महत्त्व पर बल देते थे।
  2. तवारीख के लेखक नगरों में रहते थे, गाँव में शायद ही कभी रहते हों।
  3. वे अक्सर अपने इतिहास सुलतानों के लिए, उनसे ढेर सारे इनाम-इकराम पाने की आशा में लिखा करते थे।

प्रश्न 10.
दिल्ली सल्तनत के इतिहास में रजिया सुल्तान अपने ढंग की एक ही थी। क्या आपको लगता है कि आज महिला नेताओं को ज्यादा आसानी से स्वीकार किया जाता है?
उत्तर:
आज भी महिला नेताओं को ज्यादा आसानी से स्वीकार नहीं किया जाता। आज भी भारत में लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं की संख्या 5 प्रतिशत से भी कम है। यह अलग बात है कि सल्तनत काल की अपेक्षा वर्तमान में महिला नेताओं को ज्यादा आसानी से स्वीकार किया जाता है।

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प्रश्न 11.
दिल्ली के सुल्तान जंगलों को क्यों कटवा देना चाहते थे? क्या आज भी जंगल उन्हीं कारणों से काटे जा रहे हैं?
उत्तर:
गैरिसन शहरों की पृष्ठभूमि में स्थित भीतरी क्षेत्रों की स्थिति को मजबूत करने के लिए गंगा-यमुना के दोआब से जंगलों को साफ कर दिया गया और शिकारी-संग्राहकों तथा चरवाहों को उनके पर्यावास से खदेड़ दिया गया। वह ज़मीन किसानों को दे दी गई और कृषि कार्य को प्रोत्साहन दिया गया। आज जंगल कई कारणों से काटा जा रहा है।
जैसे:

  1. कृषि भूमि को प्राप्त करना व आवासों का निर्माण।
  2. परिवहन मार्गों का निर्माण एवं खनन कार्य के लिए।
  3. बड़े बाँधों के निर्माण में वनों की कटाई।।

प्रश्न 12.
पता लगाइए कि क्या आपके इलाके में दिल्ली के सुल्तानों द्वारा बनवाई गई कोई इमारत है। क्या आपके इलाके में और भी कोई ऐसी इमारत है जो बारहवीं से पंद्रहवीं सदी के बीच बनाई गई हो? इनमें से कुछ इमारतों का वर्णन कीजिए और उनके रेखाचित्र बनाइए।
उत्तर:
दिल्ली के सुल्तानों द्वारा बनाई गई इमारतें

प्रसिद्ध इमारतेंनिर्माणकर्तानिर्माण वर्ष
1. कुतुबमीनारए दिल्लीकुतुबद्दीन ऐबक1199-1208 ई०
2. हौज़ खासए दिल्लीअलाउद्दीन खिलजी1305 ई०
3. तुगलकवाद का किला, दिल्लीगयासुद्दीन तुगलक1324-25 ई०
4. फिरोजशाह कोटलाए दिल्लीफिरोजशाह तुगलक1354 ई०
5. खिड़की मस्ज़िद, दिल्लीमुहम्मद तुगलक1326 ई०

बहुविकल्पी प्रश्न

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनें:
(i) दिल्ली में ढाले जाने वाले सिक्के कहलाते थे:
(क) देहलीवाल
(ख) सीरी
(ग) टक्का
उत्तर:
(क) देहलीवाल।

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(ii) मुहम्मद तुगलक के राज्यकाल में दिल्ली में उसकी नई राजधानी जहाँपनाह की मुख्य मस्जिद के तौर पर बनाई गई मस्जिद थी:
(क) मोठ की मस्जिद
(ख) जामा मस्जिद
(ग) बेगमपुरी मस्जिद
उत्तर:
(ग) बेगमपुरी मस्जिद।

(iii) दिल्ली के सुल्तानों द्वारा बनाया गया सबसे पहला शहर था:
(क) सीरी
(ख) जहाँपनाह
(ग) देहली-ए-कुना
उत्तर:
(ग) देहली-ए-कुना।

(iv) देहली-ए-कुना का शाब्दिक अर्थ है:
(क) पुराना शहर
(ख) दिल्ली से सटा शहर
(ग) दिल्ली का एक कोना
उत्तर:
(क) पुराना शहर।

(v) ‘सीरी’ शहर की स्थापना की गई:
(क) अलाउद्दीन खलजी द्वारा
(ख) ग्यासुद्दीन तुगलक द्वारा
(ग) बलबन द्वारा
उत्तर:
(क) अलाउद्दीन खलजी द्वारा।

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प्रश्न 2.
रिक्त स्थान भरो:
(i) तोमरों और चौहानों के राज्यकाल में ही दिल्ली ……………. का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र बन गई थी।
(ii) ………… ने टोकन (सांकेतिक) मुद्रा चलाई।
(iii) मुहम्मद तुगलक ने अपनी राजधानी दिल्ली से …………. स्थानांतरित कर दी।
(iv) तुगलक वंश के पश्चात् दिल्ली और आगरा पर सैयद व… … वंश का राज्य रहा।
(v) रजिया सुल्तान ……………… की बेटी थी।
उत्तर:
(i) वाणिज्य
(ii) मुहम्मद तुगलक
(iii) दौलताबाद
(iv) लोदी
(v) इल्तुतमिश।

प्रश्न 3.
सही गलत छाँटो:
(i) 12वीं सदी के मध्य में तोमरों को अजमेर के चौहानों ने हटा दिया।
(ii) मोठ की मस्जिद, सिकंदर लोदी के शासनकाल में उसके मंत्री द्वारा बनवाई गई।
(iii) अलाउद्दीन खलजी ने प्रतिरक्षा पर अधिक बल दिया।
(iv) अकबर ने तुगलक की प्रशासन व्यवस्था का अनुसरण किया।
(v) मुहम्मद तुगलक ने कीमतों पर नियंत्रण की प्रणाली लागू की।
उत्तर:
(i) 12वीं सदी के मध्य में तोमरों को अजमेर के चौहानों ने हटा दिया। ✓
(ii) मोठ की मस्जिद, सिकंदर लोदी के शासनकाल में उसके मंत्री द्वारा बनवाई गई। ✓
(iii) अलाउद्दीन खलजी ने प्रतिरक्षा पर अधिक बल दिया। ✓
(iv) अकबर ने तुगलक की प्रशासन व्यवस्था का अनुसरण किया। ✗
(v) मुहम्मद तुगलक ने कीमतों पर नियंत्रण की प्रणाली लागू की। ✗

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 3 दिल्ली के सुलतान

HBSE 7th Class History दिल्ली के सुलतान Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
13वीं और 14वीं सदी में दिल्ली सल्तनत के चुने हुए शहरों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(i) देहली-ए-कुहना।
(ii) सीरी।
(iii) जहाँपनाह।
(v) होजकाज।
(v) तुगलकाबाद।
(vi) अदिलाबाद।
(vil) फिरोजाबाद।
(viii) फिरोजशाहकोटला।
(ix) दौलताबाद।

प्रश्न 2.
पांडुलिपि को तैयार करने के चार चरण बताइए।
उत्तर:
पांडुलिपि को तैयार करने के चार चरण:
1. कागज तैयार करना।
2. लेखन-कार्य।
3. महत्त्वपूर्ण शब्दों और अनुच्छेदों की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए सोने को पिघला कर उसका प्रयोग।
4. जिल्द तैयार करना।

प्रश्न 3.
कुव्वत-अल-इस्लाम मस्जिद की मीनारें बनाने में किन सुल्तानों ने योगदान दिया?
उत्तर:
कुव्वत-अल-इस्लाम मस्जिद की मीनारें बनाने में कुत्वउद्दीन ऐबक, इल्तुतमिश एवं फिरोजशाह तुगलक ने योगदान

प्रश्न 4.
मुक्ती का प्रमुख कार्य क्या था?
उत्तर:
मुक्ती का प्रमुख कार्य सैनिक अभियानों का नेतृत्व करना व अपने इक्तों में कानून व व्यवस्था बनाए रखना था।

प्रश्न 5.
किन सुल्तानों ने दिल्ली सल्तनत का अधिक विस्तार किया?
उत्तर:
ग्यासुद्दीन बलबन, अलाउद्दीन खलजी तथा मुहम्मद तुगलक के शासनकाल में दिल्ली सल्तनत का सर्वाधिक विस्तार हुआ।

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लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
अलाउद्दीन खलजी और मोहम्मद बिन तुगलक द्वारा दिल्ली सल्तनत का दूसरा विस्तार किस प्रकार और कहाँ तक सफल रहा?
उत्तर:
1. दूसरा विस्तार सल्तनत की बाहरी सीमा पर हुआ। अलाउद्दीन खलजी के शासन काल में दक्षिण भारत को लक्ष्य करके सैनिक अभियान शुरू हुए।

2. सैन्य अभियान मुहम्मद बिन तुगलक के समय में अपनी चरम सीमा पर पहुंचे। इन अभियानों में सल्तनत की सेनाओं ने हाथी, घोड़े, गुलाम और मूल्यवान धातुएँ अपने कब्जे में लौं।

3. दिल्ली सल्तनत की सेनाओं की शुरुआत अपेक्षाकृत कमजोर थी मगर डेढ़ सौ वर्ष बाद, मुहम्मद बिन तुगलक के राज्यकाल के अंत तक इस उपमहाद्वीप का एक विशाल क्षेत्र इसके युद्ध-अभियान के अंतर्गत आ चुका था। इसने शत्रुओं की सेनाओं को परास्त किया और शहरों पर कब्जा किया।

4. इसके सूबेदार और प्रशासक मुकदमों में फैसले सुनाते थे और साथ ही किसानों पर कर लगाते और उसे वसल करते थे लेकिन इतने विशाल क्षेत्र पर इनका नियंत्रण प्रभावी नहीं था।

प्रश्न 2.
दिल्ली के सुल्तानों के बारे में जानकारी देने के कौन-कौन से साधन हैं? तवारीख को लिखने वाले कौन लोग थे?
उत्तर:
दिल्ली सल्तनत के इतिहास के बारे में यद्यपि अभिलेख, सिक्कों और स्थापत्य (भवन निर्माण कला) के माध्यम से काफ़ी सूचना मिलती है, मगर और भी महत्त्वपूर्ण वे “इतिहास” तारीख तवारीख़ हैं जो सुल्तानों के शासन-काल में, प्रशासन की भाषा फारसी में लिखे गए थे। तवारीख़ के लेखक सचिव, प्रशासक, कवि और दरबारियों जैसे सुशिक्षित व्यक्ति होते थे जो घटनाओं का वर्णन भी करते थे और शासकों को प्रशासन संबंधी सलाह भी देते थे। वे न्यायसंगत शासन के महत्त्व पर बल देते थे।

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 3 दिल्ली के सुलतान

प्रश्न 3.
इतिहासकार फ़ख-ए मुदब्बिर ने न्याय चक्र के बारे में जो लिखा है, उसे संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:
तेरहवीं सदी के इतिहासकार फ़ख-ए मुब्बिर ने लिखा था: राजा का काम सैनिकों के बिना नहीं चल सकता। सैनिक वेतन के बिना नहीं जी सकते। वेतन आता है किसानों से एकत्रित किए गए राजस्व से। मगर किसान भी राजस्व तभी चुका सकेंगे जब वे खुशहाल और प्रसन्न हों। ऐसा तभी हो सकता है जब राजा न्याय को और ईमानदार प्रशासन को बढ़ावा दे।

प्रश्न 4.
रजिया के बारे में मिन्हाज-ए-सिराज के विचार संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:
मिन्हाज-ए-सिराज का सोचना था कि ईश्वर ने जो आदर्श समाज व्यवस्था बनाई है उसके अनुसार स्त्रियों को पुरुषों के अधीन होना चाहिए और रानी (रजिया) का शासन इस व्यवस्था के विरुद्ध जाता था। इसलिए वह पूछता है: “खुदा की रचना के खाते में उसका ब्यौरा दूंकि मदों की सूची में नहीं आता, इसलिए इतनी शानदार खूबियों से भी उसे आखिर हासिल क्या हुआ?”

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मस्जिद शब्द का अर्थ, उपयोग और उनका महत्त्व बताइए।
उत्तर:
मस्जिद:
(i) यह अरबी का शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ है, ऐसा स्थान जहाँ मुसलमान अल्लाह की आराध ना में सजदा (घुटने और माथा टेककर) बंदगी करते हैं।

(ii) जामा मस्जिद (या मस्जिद-ए-जामी) वह मस्जिद होती है जहाँ अनेक मुसलमान एकत्र होकर साथ-साथ नमाज पढ़ते हैं।

(iii) नमाज़ की रस्म के लिए सारे नमाजियों में से सबसे अधिक सम्माननीय और विद्वान पुरुष को इमाम (नेता) के रूप में चुना जाता है। इमाम शुक्रवार की नमाज़ के दौरान धर्मोपदेश (खुतबा) भी देता है।

(iv) नमाज़ के दौरान मुसलमान मक्का की तरफ मुँह करके खड़े होते हैं। भारत में मक्का पश्चिम की ओर पड़ता है। मक्का की ओर दिशा को किल्ला कहा जाता है।

मस्जिदों का महत्त्व:
दिल्ली के सुल्तानों ने सारे उपमहाद्वीप के अनेक शहरों में मस्जिदें बनवाई। इससे उनके मुसलमान और इस्लाम के रक्षक होने के दावे को बल मिलता था। समान आचार संहिता और आस्था का पालन करने वाले श्रद्धालुओं के परस्पर एक समुदाय से जुड़े होने का बोध उत्पन्न करने में भी मस्जिदें सहायक थीं। एक समुदाय का अंग होने के बोध को प्रबल करना जरूरी था क्योंकि मुसलमान अनेक भिन्न-भिन्न प्रकार की पृष्ठभूमियों से आते थे।

प्रश्न 2.
तुगलक वंश के बाद से अकबर के देहांत तक के समय (1605 ई.) में दिल्ली सल्तनत के राजनैतिक उतार-चढ़ाव को संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:
तुगलक वंश के बाद 1526 तक दिल्ली तथा आगरा पर सैयद तथा लोदी वंशों का राज्य रहा। इस समय तक जौनपुर, बंगाल, मालवा, गुजरात, राजस्थान तथा पूरे दक्षिण भारत में स्वतंत्र शासक उठ खड़े हुए थे। उनकी राजधानियाँ समृद्ध थीं और राज्य फल-फूल रहे थे। इसी काल में अफ़गान तथा राजपूत जैसे नए शासक समूह भी उभरे।

1526 से 1530 के मध्य मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर ने चार लड़ाइयाँ लड़ी और जीतीं और उसने लोदी वंश के अंतिम सुल्तान इब्राहिम लोदी को पानीपत की लड़ाई में पराजित किया और कुछ राजपूत शासकों को भी पराजित किया।

बाबर का देहांत 1530 में हो गया। लगभग 10 वर्ष तक उसका बेटा हुमायूँ मुगल साम्राज्य का सम्राट् रहा। उसके बाद के ऐतिहासिक काल में स्थापित राज्यों में से कुछ छोटे तो थे पर शक्तिशाली थे और उनका शासन बहुत ही कुशल तथा सुव्यवस्थित तरीके से चल रहा था। शेरशाह सूरी (1540-1545) ने बिहार में अपने चाचा के एक छोटे-से इलाके के प्रबंधक के रूप में काम शुरू किया था और आगे चलकर उसने इतनी उन्नति की कि मुगल सम्राट हुमायूँ (1530-1540, 1555-1556) तक को चुनौती दी और परास्त किया।

शेरशाह ने दिल्ली पर अधिकार करके स्वयं अपना राजवंश स्थापित किया। हालाँकि सूरी वंश ने केवल पंद्रह वर्ष (1540-1555) शासन किया लेकिन इसके प्रशासन ने अलाउद्दीन खलजी वाले कई तरीकों को अपनाकर उन्हें और भी चुस्त बना दिया। महान सम्राट अकबर (1556-1605) ने जब मुगल साम्राज्य को समेकित किया तो उसने अपने प्रतिमान के रूप में शेरशाह की प्रशासन व्यवस्था को ही अपनाया था।

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 3 दिल्ली के सुलतान

दिल्ली के सुलतान Class 7 HBSE Notes in Hindi

1. दिल्ली सल्तनत का शासन काल: 1206 ई. से 1526
2. सर्वप्रथम दिल्ली राजधानी बनाई: तोमर राजपूतों ने।
3. तोमरों को पराजित किया: अजमेर के चौहानों या चाहमानों ने।
4. देहलीवाल: यह एक सिक्के का नाम है जो दिल्ली में तोमर और चौहानों के साथ-साथ जैन व्यापारियों ने भी ढाले
5. दिल्ली सल्तनत के पाँच राजवंश:

  • तुर्की सुल्तान या गुलाम वंश: 1206 से 1290
  • खलजी वंश: 1290 से 1320.
  • तुगलक वंश: 1320 से 1414.
  • सैयद वंश: 1414 से 1451.
  • लोदी वंश: 1451 से 15261

6. दिल्ली शहर के कुछ ऐतिहासिक नाम या ऐतिहासिक नगरों के नाम:

  • देहली-ए-कुहना
  • सीरी
  • जहाँपनाह।

7. तारीख: इसका प्रयोग एकवचन में इतिहास (History) के लिए किया जाता है।
8. तवारीख: इसका प्रयोग इतिहास के लिए बहुवचन में किया जाता है।
9. दिल्ली सुल्तान के शासन काल में प्रशासन की भाषा फारसी।
10. जन्मसिद्ध अधिकार: जन्म के अधिकार के आधार पर दावा करना।
11. लिंग भेद: स्त्रियों तथा पुरुषों के बीच सामाजिक तथा शारीरिक रचना संबंधी अंतर।
12. दिल्ली सल्तनत का संस्थापक: कुत्वउद्दीन (कुतुबुद्दीन) ऐबक।
13. कुत्बउद्दीन का उत्तराधिकारी: शमसुद्दीन इल्तुतमिश।
14. इल्तुतमिश की पुत्री और भारत में राज करने वाली प्रथम मुस्लिम शासक: रजिया।
15. रजिया के बाद तुर्की शासकों में सर्वाधिक योग्य सुल्तान: गयासुद्दीन बलबन।
16. खलजी वंश का संस्थापक: जलालुद्दीन खलजी।
17. खलजी वंश का सर्वाधिक योग्य एवं सबसे लंबे समय तक शासन करने वाला सुल्तान: अलाउद्दीन खलजी।
18. तुगलक वंश का संस्थापक: गयासुद्दीन तुगलक।
19. तुगलक वंश का चर्चित सुल्तान: मोहम्मद-बिन तुगलक।
20. तुगलक वंश का अंतिम महत्त्वपूर्ण सुल्तान: फिरोजशाह तुगलका
21. सैयद वंश का संस्थापक: खिज्र खाँ।
22. लोदी वंश का संस्थापक: बहलोल लोदी।
23. भीतरी क्षेत्र: किसी शहर या बंदरगाह के आस-पास के इलाके जो उस शहर के लिए वस्तुओं और सेवाओं की पूर्ति करें।
24. गैरिसन क्षेत्र: किलेबंद बसावट जहाँ सैनिक रहते हैं।
25. कुव्वत अल-इस्लाम मस्जिद: इस मस्जिद को देहली-ए-कुहना नामक शहर (जिसे पुराना शहर या सामान्य रूप से महरौली के पास कुतुब मीनार का क्षेत्र कहा जाता है) में इल्तुतमिश ने बनवाया।
26. बेगमपुरी मस्जिद: यह मस्जिद मोहम्मद तुगलक के राज्यकाल में उसकी नई राजधानी जहाँपनाह (इसका अर्थ है विश्व की शरणस्थली) में बनाई गई।
27. मोठ की मस्जिद: सिकंदर लोदी के शासन काल में यह उसके एक मंत्री द्वारा बनवाई गई।
28. जमाली कमाली की मस्जिद: 1520 के दशक के आखिरी दिनों में निर्मित।
29. आश्रित: जो किसी अन्य व्यक्ति के संरक्षण में रहता हो, उस पर निर्भर हो।

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HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 4 मुग़ल साम्राज्य

Haryana State Board HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 4 मुग़ल साम्राज्य Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Social Science Solutions History Chapter 4 मुग़ल साम्राज्य

HBSE 7th Class History मुग़ल साम्राज्य Textbook Questions and Answers

फिर से याद करें

मुग़ल साम्राज्य HBSE 7th Class Social Science Chapter 4 प्रश्न 1.
सही जोड़े बनाइए:

‘क’ – ‘ख’
मंसब – मारवाड़
मंगोल – गवर्नर
सिसौदिया राजपूत – उज़बेक
राठौर राजपूत – मेवाड़
नूरजहाँ – पद
सूबेदार – जहाँगीर
उत्तर:
‘क’ – ‘ख’
मंसब – पद
मंगोल – उज़बेक
सिसौदिया राजपूत – मेवाड़
राठौर राजपूत – मारवाड़
नूरजहाँ – जहाँगीर
सूबेदार – गवर्नर

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 4 मुग़ल साम्राज्य

मुग़ल साम्राज्य Chapter 4 HBSE 7th Class History प्रश्न 2.
रिक्त स्थान भरें:
(क) ………….. अकबर के सौतेले भाई, मिर्जा हाकिम के राज्य की राजधानी थी।
(ख) दक्कन की पाँचों सल्तनत बरार, खानदेश, अहमद नगर, ………….. और ………….. धी।
(ग) यदि जात एक मनसबदार के पद और बेतन का द्योतक था तो सवार उसके ………….. दिखाता था।
(घ) अकबर के दोस्त और सलाहकार, अबुल फजल ने उसकी ………….. के विचार को गढ़ने में मदद की जिसके द्वारा वह विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों और जातियों से बने समाज पर राज्य कर सका।
उत्तर:
(क) काबुल
(ख) बीजापुर, गोलकुंडा
(ग) सैन्य उत्तरदायित्व
(घ) सुलह-ए-कुला ।

History मुग़ल साम्राज्य Chapter 4 HBSE 7th Class प्रश्न 3.
मुगल राज्य के अधीन आने वाले केन्द्रीय-प्रांत कौन से थे?
उत्तर:
दिल्ली, आगरा, बंगाल, उड़ीसा, गुजरात, अजमेर, रणथम्भौर, मेवाड़, इलाहाबाद, पटना, गोंडवाना, मालवा, अहमदनगर, बीजापुर, गोलकुंडा, कश्मीर, लाहौर, सिंध, कंधार, बरार।
नोट: कंधार, शाहजहाँ के काल में अलग हो गया।

प्रश्न 4.
मनसबदार और जागीर में क्या संबंध था?
उत्तर:
मनसबदार अपना वेतन राजस्व एकत्रित करने वाली भूमि के रूप में पाते थे, जिन्हें जागीर कहते थे और जो तकरीबन “इक्ताओं” के समान थीं, परंतु मनसबदार मुक्तियों से भिन्न अपनी जागीरों पर नहीं रहते थे और न ही उन पर प्रशासन करते थे। उनके पास अपनी जागीरों से केवल राजस्व एकत्रित करने का अधिकार था। यह राजस्व उनके नौकर उनके लिए एकत्रित करते थे, जबकि वे स्वयं देश के किसी अन्य भाग में सेवारत रहते थे।

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 4 मुग़ल साम्राज्य

प्रश्न 5.
मुगल प्रशासन में जमींदार की क्या भूमिका थी?
उत्तर:
मुगलों की आमदनी का प्रमुख साधन किसानों की उपज से मिलने वाला राजस्व था। अधिकतर स्थानों पर किसान ग्रामीण कुलीनों यानी जमींदारों को अपना राजस्व देते थे। एकत्रित किए गए राजस्व को ज़मींदार सरकारी खजाने में जमा कराते थे।

प्रश्न 6.
शासन-प्रशासन संबंधी अकबर के विचारों के निर्माण में धार्मिक विद्वानों से होने वाली चर्चाएं कितनी महत्त्वपूर्ण थीं?
उत्तर:
(i) 1570 में अकबर जब फतेहपुर सीकरी (आगरा के नजदीक अकबर द्वारा बसाया गया नया शहर) में था, तो उसने उलेमा, ब्राहाणों, जेसुइट पादरियों (जो रोमन कैथोलिक थे) और जरदस्त धर्म के अनुयायियों के साथ धर्म के मामलों पर चर्चा शुरू की। ये चर्चाएँ इबादतखाना में हुई। अकबर की रुचि विभिन्न व्यक्तियों के धर्मों और रीति-रिवाजों में थी।

(ii) इबादतखाने में हुए विचार-विमर्श से अकबर की समझ बनी कि जो विद्वान धार्मिक रीति और मतांधता (यानी धार्मिक संकीर्ण दृष्टिकोण या धर्माधता) पर बल देते हैं, वे अक्सर कट्टर होते हैं। उनकी शिक्षाएँ प्रजा के बीच विभाजन और असामंजस्य पैदा करती हैं। ये अनुभव अकबर को सुलह-ए-कुल या ‘सर्वत्र शांति’ के विचार की ओर ले गए।

(ii) सहिष्णुता की यह धारणा विभिन्न धर्मों के अनुयायियों में अंतर नहीं करती थी अपितु इसका केन्द्रबिन्दु था नीतिशास्त्र की एक व्यवस्था जो सर्वत्र लागू की जा सकती थी और जिसमें केवल सच्चाई, न्याय और शांति पर बल था।

(iv) अबुल फजल ने ‘सुलह-ए-कुल’ के इस विचार पर आधारित शासन-दृष्टि बनाने में अकबर की मदद की। शासन के इस सिद्धान्त को जहाँगीर और शाहजहाँ ने भी अपनाया।

प्रश्न 7.
मुगलों ने खुद को मंगोलों की अपेक्षा तैमूर के वंशज होने पर क्यों बल दिया?
उत्तर:
मुगल दो महान शासक वंशों के वंशज थे। माता की ओर से वे चीन और मध्य एशिया के मंगोल शासक चंगेज खाँ के उत्तराधिकारी थे। पिता की ओर से वे इरान, इराक एवं वर्तमान तुर्की के शासक तैमूर के वंशज थे परंतु मुगल अपने को मुगल या मंगोल कहलवाना पसंद नहीं करते थे। ऐसा इसलिए था क्योंकि चंगेज खान से जुड़ी स्मृतियाँ सैकड़ों व्यक्तियों के नरसंहार से संबंधित थीं। यही स्मृतियाँ मुगलों के प्रतियोगियों उज़बेगों से भी संबंधित थीं। दूसरी तरफ, मुगल तैमूर के वंशज होने पर गर्व का अनुभव करते थे, क्योंकि उनके इस महान पूर्वज ने 1398 में दिल्ली पर कब्जा कर लिया था।

प्रश्न 8.
भू-राजस्व से प्राप्त होने वाली आय मुगल साम्राज्य के स्थायित्व के लिए कहाँ तक जरूरी थी?
उत्तर:
भू-राजस्व से प्राप्त होने वाली आय मुगल साम्राज्य के स्थायित्व के लिए बहुत जरूरी थी क्योंकि यही मनसबदारों और जमींदारों के साथ-साथ उच्च अधिकारियों और सेना को भुगतान करने के लिए आय का प्रमुख साधन था। मुगल साम्राज्य सेना के ऊपर टिका हुआ था। मनसबदार, जागीरदार और शाही व्यय के साथ-साथ किसानों और अन्य लोगों की भलाई के लिए जो थोड़ा-बहुत खर्च किया जाता था, वह भी राजस्व से प्राप्त होने वाली आमदनी पर निर्भर था।

प्रश्न 9.
मुगलों के लिए केवल तुरानी या ईरानी ही नहीं बल्कि विभिन्न पृष्ठभूमि के मनसबदारों की नियुक्ति क्यों महत्त्वपूर्ण थी?
उत्तर:
मुगलों के साम्राज्य में जैसे-जैसे विभिन्न क्षेत्र सम्मिलित होते गए, वैसे-वैसे मुगलों ने तरह-तरह के सामाजिक समूहों के सदस्यों को प्रशासन में नियुक्त करना प्रारंभ किया।

प्रारंभ में ज्यादातर सरदार तुर्की (तुरानी) थे लेकिन अब इस छोटे समूह के साथ-साथ उन्होंने शासक वर्ग में ईरानियों, भारतीय मुसलमानों, अफगानों, राजपूतों, मराठों और अन्य समूहों को सम्मिलित किया। इससे मुगलों को भारत में अपने शासन का विस्तार करने में एवं उसे स्थायित्व प्रदान करने में सहायता मिली।

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 4 मुग़ल साम्राज्य

प्रश्न 10.
मुगल साम्राज्य के समाज की ही तरह वर्तमान भारत आज भी अनेक सामाजिक और सांस्कृतिक इकाइयों से बना हुआ है। क्या यह राष्ट्रीय एकीकरण के लिए चुनौती है?
उत्तर:
मुगल साम्राज्य के समाज में कई धर्म और जाति के लोग रहते थे, यही स्थिति वर्तमान भारत में भी बनी हुई है फिर भी भारत में विविधता में एकता कायम है। भारत में विविध प्रकार की संस्कृतियाँ जैसे संगीत, नृत्य, भाषा, पर्व त्योहार. साहित्य, खान-पान, रहन-सहन, पहनावा आदि में कई तरह की विविधता देखने को मिलती है। उसी तरह भारतीय समाज में अनेकों धर्म (हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन, पारसी आदि) अनेक जाति (ब्राह्मण, क्षत्रिय, बनिया आदि) के लोग रहते हैं। इससे भारत की सामाजिक और राष्ट्रीय एकता में किसी तरह की चुनौती नहीं है।

प्रश्न 11.
मुगल साम्राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए कृषक अनिवार्य थे। क्या आप सोचते हैं कि वे आज भी इतने ही महत्त्वपूर्ण हैं? क्या आज भारत में अमीर और गरीब के बीच आय का फासला मुगलों के काल की अपेक्षा कहीं अधिक बढ़ गया है?
उत्तर:
मुगल साम्राज्य की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित थी। वर्तमान अर्थव्यवस्था भी कृषि पर आधारित है, लेकिन राष्ट्रीय आय में कृषि का योगदान धीरे-धीरे घटता जा रहा है और दूसरे क्षेत्र जैसे उद्योग, संचार, सूचना, प्रौद्योगिकी, यातायात, व्यापार, पर्यटक एवं अन्य सेवा क्षेत्र का योगदान बढ़ता जा रहा है।

वर्तमान में अमीर और गरीब के बीच का अंतर मुगल साम्राज्य की तुलना में अधिक बढ़ा है। मुगलकाल में 5.6% व्यक्ति कुल संसाधनों के मात्र 61.5% का उपभोग करते थे, जबकि आज लगभग 5% व्यक्ति देश के लगभग 90% संसाधनों का उपभोग करते हैं।

प्रश्न 12.
मुगल साम्राज्य का उपमहाद्वीप के विभिन्न क्षेत्रों पर अनेक तरह से प्रभाव पड़ा। पता लगाइए कि जिस नगर, गाँव अथवा क्षेत्र में आप रहते हैं क्या उस पर इसका कोई प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
मुगल साम्राज्य का उपमहाद्वीप के विभिन्न क्षेत्रों पर अनेक तरह से प्रभाव पड़ा:
(i) मुगलकाल में अनेक नए नगर बसाए गए और कुछ पुराने नगरों का तेजी से विस्तार हुआ। अकबर ने फतेहपुर सीकरी शहर बनवाया। शाहजहाँ ने शाहजहाँनाबाद (पुरानी दिल्ली) बसाई। उनके काल में काबुल, कंधार, आगरा, लाहौर, श्रीनगर, मथुरा, ढाका, अहमदनगर, बीजापुर, गोलकुंडा, आदि शहरों का विस्तार हुआ।

(ii) मुगल काल में अनेक गाँवों में प्रगति हुई। कुएँ खोदे गए. कुछ गाँवों, शहरों और कस्बों को पक्के मार्गों से जोड़ा गया। (याद रहे शेरशाह सूरी ने जी.टी. रोड़ सहित लगभग चार मार्ग मुगलकाल के दौरान बनवाए थे।)

(iii) मुगलों का प्रभाव अनेक क्षेत्रों में भी दिखाई देता है। उन्होंने दिल्ली और आगरा से अपने राज्य का विस्तार किया और सत्रहवीं शताब्दी में लगभग सारे उपमहाद्वीप पर अधिकार कर लिया। भारत की सीमाएँ उत्तर-पश्चिम में चंद्रगुप्त मौर्य, बिंदुसार और अशोक के शासनकाल की तरह आधुनिक अफगानिस्तान के क्षेत्रों तक फैली हुई थीं। उन्होंने प्रशासन के ढाँचे तथा शासन संबंधी जो विचार लागू किए। उदाहरण के लिए अकबर के काल में धर्म निरपेक्षता की नीति। वे उनके राज्य के पतन के बाद भी टिके रहे। यह एक ऐसी राजनीतिक धरोहर थी जिसके प्रभाव से उपमहाद्वीप में उनके बाद आने वाले शासक स्वयं को अछूता नहीं रख सके।

(iv) हम दिल्ली में रहते हैं। दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र है। देश का प्रत्येक नागरिक राष्ट्र और उसकी राजधानी दिल्ली को प्यार करता है। इस पर देश के प्रत्येक नागरिक का समान अधिकार है। भारत के प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर मुगल सम्राटों के निवास स्थान अर्थात् दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से प्रतिवर्ष 15 अगस्त को राष्ट्र को संबोधित करते हैं।

(v) मुगलों ने अपने पड़ोसियों के साथ मित्रता के संबंध बनाए। भारत आज भी अपने पड़ोसी देशों के प्रति सहयोग, मित्रता और शांति की नीति अपनाए हुए है।

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 4 मुग़ल साम्राज्य

बहुविकल्पी प्रश्न

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनें:

(i)
प्रथम मुगल बादशाह था:
(क) हुमायू
(ख) बाबर
(ग) अकबर
उत्तर:
(ख) बाबर।

(ii) शेर खान ने हुमायूँ को परास्त किया:
(क) चौसा युद्ध में
(ख) खानवा की लड़ाई में
(ग) पानीपत के युद्ध में
उत्तर:
(क) चौसा युद्ध में।

(iii) अकबर जब सम्राट बना तो उसकी आयु थी:
(क) 30 वर्ष
(ख) 23 वर्ष
(ग) 13 वर्ष
उत्तर:
(ग) 13 वर्ष।

(iv) मुगल साम्राज्य के प्रारंभ में ज्यादातर सरदार थे:
(क) तूरानी
(ख) ईरानी
(ग) राजपूत
उत्तर:
(क) तूरानी।

(v) अकबर के राजस्व मंत्री थे:
(क) बौरबल
(ख) टोडरमल
(ग) अबुल फज्ल
उत्तर:
(ख) टोडरमल।

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 4 मुग़ल साम्राज्य

प्रश्न 2.
रिक्त स्थान भरें:
(i) बाबर ने इब्राहिम लोदी को …………. के युद्ध में हराया।
(ii) मुगलों की सेवा में आने वाले नौकरशाह ……………… कहलाते थे।
(iii) प्रत्येक प्रांत में एक वित्तीय अधिकारी होता था जिसे ……………… कहा जाता था।
(iv) सुलह-ए-कुल का विचार ……………… की महत्त्वपूर्ण देन है।
(v) अकबरनामा की रचना ……………. ने की।
उत्तर:
(i) पानीपत
(ii) मनसबदार
(iii) दीवान
(iv) अकबर
(v) अबुल फजल।

प्रश्न 3,
सही गलत लिखो।
(i) 16वीं शताब्दी के युद्धों में तोप और गोलाबारी का पहली बार प्रयोग हुआ।
(i) जहाँगीर की पत्नी नूरजहाँ ने शाहजहाँ को हाशिए पर धकेलने के प्रयास किए।
(iii) मुगल उत्तराधिकार की ज्येष्ठाधिकार प्रथा के समर्थक थे।
(iv) सिसोदिया राजपूतों ने सहर्ष मुगलों की सत्ता को स्वीकार किया।
(v) मुगल स्वयं को मंगोल कहलवाना अधिक पसंद करते थे।
उत्तर:
(i) 16वीं शताब्दी के युद्धों में तोप और गोलाबारी का पहली बार प्रयोग हुआ। ✓
(i) जहाँगीर की पत्नी नूरजहाँ ने शाहजहाँ को हाशिए पर धकेलने के प्रयास किए। ✓
(iii) मुगल उत्तराधिकार की ज्येष्ठाधिकार प्रथा के समर्थक थे। ✗
(iv) सिसोदिया राजपूतों ने सहर्ष मुगलों की सत्ता को स्वीकार किया। ✗
(v) मुगल स्वयं को मंगोल कहलवाना अधिक पसंद करते थे। ✗

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 4 मुग़ल साम्राज्य

HBSE 7th Class History मुग़ल साम्राज्य Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कौन सी शताब्दी में युद्धों में तोप और गोलाबारी का प्रयोग हुआ? भारत में इसका प्रयोग किसने और कहाँ किया?
उत्तर:
सोलहवीं शताब्दी के युद्धों में तोप और गोलाबारी का पहली बार इस्तेमाल हुआ। बाबर ने इनका पानीपत की पहली लड़ाई में प्रभावी ढंग से प्रयोग किया।

प्रश्न 2.
राजपूतों के साथ मुगलों की कुछ शादियों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
जहाँगीर की माँ कच्छवा की राजकुमारी थी। वह अम्बेर (वर्तमान में जयपुर) के राजपूत शासक की पुत्री थी। शाहजहाँ की माँ एक राठौर राजकुमारी थी। वह मारवाड़ (जोधपुर) के राजपूत शासक की पुत्री थी।

प्रश्न 3.
अकबर और औरंगजेब के शासन काल में जात और मनसबदारियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
अकबर और औरंगजेब के शासनकाल में जात और मनसबदारों की श्रेणियाँ: 5,000 जात वाले अभिजातों का दर्जा 1,000 जात वाले अभिजातों से ऊँचा था। अकबर के शासन काल में 29 ऐसे मनसबदार थे जो 5,000 जात की पदवी के थे। औरंगजेब के शासनकाल तक ऐसे मनसबदारों की संख्या 79 हो गई। इसका अर्थ यह हुआ कि राज्य का खर्च बहुत बढ़ गया।

प्रश्न 4.
एक जहाँगीर और दूसरा शाहजहाँ के काल में प्रशासनिक दोषों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
(i) जहाँगीर के समय में सरकारी अफ़सर रिश्वत लेते थे।
(ii) शाहजहाँ के काल में कर इकट्ठा करने वाले अधिकारी कर न चुका पाने वाले किसानों को शारीरिक सजा या दंड देते थे।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
तैमूर और उनके उत्तराधिकारी मुगल सम्राटों का संक्षेप में राजनैतिक वंश संबंधी वृक्ष (केवल प्रमुख राजनैतिक पात्र) का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
1. तैमूर

2. मीरान शाह (जो प्रथम मुगल सम्राट बाबर का लकड़दादा था)

3. सुल्तान मोहम्मद मिर्जा (बाबर के परदादा)

4. अबु सेद (बाबर के दादा)

5. उमर शेख मिर्जा (बाबर के पिता)

6. बाबर (भारत में मुगल साम्राज्य का संस्थापक)

7. हुमायूँ (बाबर का सबसे बड़ा पुत्र)

8. अकबर (हुमायूँ का पुत्र)

9. जहाँगीर (अकबर का पुत्र)

10. शाहजहाँ (जहाँगीर का पत्र)

11. औरंगजेब (शाहजहाँ का पुत्र)

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 4 मुग़ल साम्राज्य

प्रश्न 2.
बाबर के प्रारंभिक सैन्य अभियान और भारत में आने के बाद कुछ महत्त्वपूर्ण अभियानों और घटनाओं का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
बाबर के सैन्य अभियान और प्रमुख राजनैतिक घटनाएँ: प्रथम मुगल शासक बाबर (1526-1530) ने जब 1494 में फरधाना राज्य का उत्तराधिकार प्राप्त किया तो उसकी उम्र केवल बारह वर्ष की थी। मंगोलों की दूसरी शाखा, उज़बेगों के आक्रमण के कारण उसे अपनी पैतृक गद्दी छोड़नी पड़ी। अनेक वर्षों तक भटकने के बाद उसने 1504 में काबुल पर कब्जा कर लिया। उसने 1526 में दिल्ली के सुल्तान इब्राहीम लोदी को पानीपत में हराया और दिल्ली तथा आगरा को अपने कब्जे में कर लिया।

1527 में खानुवा में राणा सांगा, राजपूत राजाओं और उनके समर्थकों को हराया। 1528 में चंदेरी में राजपूतों को हराया। अपनी मृत्यु से पहले बाबर दिल्ली और आगरा में मुगल नियंत्रण स्थापित किया।

प्रश्न 3.
हुमायूँ के शासन काल और उसके जीवन में संबंधित कुछ महत्त्वपूर्ण घटनाओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
शासन काल: 1530-1540 एवं 1555-1556 तक।
(i) प्रमुख राजनैतिक घटनाएँ:
(क) हुमायूँ ने अपने पिता की वसीयत के अनुसार जायदाद का बँटवारा किया। प्रत्येक भाई को एक-एक प्रांत मिला। उसके भाई मिर्जा कामरान की महत्त्वाकांक्षाओं के कारण हुमायूँ अपने अफगान प्रतिद्वंद्वियों के सामने फीका पड़ गया। शेर खान ने हुमायूँ को दो बार हराया 1539 में चौसा में और 1540 में कन्नौज में। इन पराजयों ने उसे ईरान की ओर भागने को बाध्य किया।

(ii) ईरान में हुमायूँ ने सफाविद शाह की मदद ली। इधर शेरशाह की मृत्यु तथा उसके अक्षम उत्तराधिकारियों के सुनहरे अवसर का लाभ उठाकर उसने 1555 में दिल्ली पर पुन: कब्जा कर लिया परन्तु उससे अगले वर्ष एक इमारत की दुर्घटना में उसकी मृत्यु हो गई।

प्रश्न 4.
मुगल सम्राट जहाँगीर के शासन काल के सैन्य अभियानों और महत्त्वपूर्ण राजनैतिक घटनाओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
जहाँगीर ने अकबर के सैन्य अभियानों को आगे बढ़ाया। मेवाड़ के सिसोदिया शासक अमर सिंह ने मुगलों की सेवा स्वीकार की। इसके बाद सिक्खों, अहोमों और अहमदनगर के खिलाफ अभियान चलाए गए. जो पूर्णतः सफल नहीं हुए। जहाँगीर के शासन के अंतिम वर्षों में राजकुमार खुर्रम, जो बाद में सम्राट शाहजहाँ कहलाया, ने विद्रोह किया। जहाँगौर की पत्नी नूरजहाँ ने शाहजहाँ को हाशिए पर धकेलने के प्रयास किए, जो असफल रहे। जहाँगीर के शासन काल में व्यापार सुविधा प्राप्त करने के लिए यूरोपियों का आना एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक घटना की।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
अकबर किस आयु में सम्राट बना? उसने कब से कब तक राज्य किया? उसके शासन काल को जिन तीन अवधियों में विभाजित किया जा सकता है उनकी घटनाओं का विवरण दीजिए।
उत्तर:
आयु: अकबर ने 1556 ई. में 13 वर्ष की अल्पायु में सिंहासन ग्रहण किया।
शासन काल का अवधियों में विभाजन: अकबर के शासन काल को तीन अवधियों में विभाजित किया जा सकता है:
(i) 1556 और 1570 के मध्य अकबर अपने संरक्षक बैरम खाँ और अपने घरेलू कर्मचारियों से स्वतंत्र हो गया। उसने सूरी और अन्य अफगानों, निकटवर्ती राज्यों मालवा और गोंडवाना तथा अपने सौतेले भाई मिर्जा हाकिम और उजबेगों के विद्रोहों को दबाने के लिए सैन्य अभियान चलाये। 1568 में मेवाड़ राज्य के सिसौदियों की राजधानी चित्तौड़ और 1569 में रणथम्भौर (मारवाड़ राज्य) पर कब्जा कर लिया गया।

(ii) 1570 और 1585 के मध्य गुजरात के विरुद्ध सैनिक अभियान हुए। इन अभियानों के पश्चात् उसने पूर्व में बिहार, बंगाल और उड़ीसा में अभियान चलाये जिन्हें 1579-80 में मिर्जा हाकिम के पक्ष में हुए विद्रोह ने और जटिल कर दिया।

(iii) 1585-1605 के मध्य अकबर के साम्राज्य का विस्तार हुआ। उत्तर-पश्चिम में अभियान चलाए गए। सफाविदों को हराकर कंधार पर कब्जा किया गया और कश्मीर को भी जोड़ लिया गया। मिर्जा हाकिम की मृत्यु के पश्चात् काबुल को भी उसने अपने राज्य में मिला लिया। दक्कन में अभियानों की शुरुआत हुई और बरार, खानदेश और अहमदनगर के कुछ हिस्सों को भी उसने अपने राज्य में मिला लिया।

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प्रश्न 2.
शाहजहाँ के शासनकाल के सैन्य अभियान, सफलताओं और कुछ विपरीत राजनैतिक परिस्थितियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
दक्कन में शाहजहाँ के अभियान जारी रहे। अफगान अभिजात खान जहान लोदी ने विद्रोह किया और वह पयजित हुआ। अहमदनगर के विरुद्ध अभियान हुआ जिसमें बुदलों की हार हुई और ओरा पर कब्जा कर लिया गया। उत्तर-पश्चिम मेंबल्ख पर कब्जा करने के लिए उपबंगों के विरुद्ध अभियान हुआ जो असफल रहा। परिणामस्वरूप कांधार सफाविदों के हाथ में चला गया। 1632 में अन्तत: अहमदनगर को मुगलों के राज्य में मिला लिया गया और बीजापुर की सेनाओं ने सुलह के लिए निवेदन किया। 1657-58 में शाहजहाँ के पुत्रों के बीच उत्तराधिकार को लेकर झगम शुरू हो गया। इसमें औरंगजेब की विजय हुई और दारा शिकोह समेत उसके तीनों भाइयों को मौत के घाट उतार दिया गया। शाहजहाँ को उसकी शेष जिंदगी के लिए आगरा में कैद कर दिया गया।

मुग़ल साम्राज्य Class 7 HBSE Notes in Hindi

1. मुगल: माता की ओर से चंगेज खाँ और पिता की ओर – से तैमूर के वंशज थे।
2. चंगेज खाँ की मृत्यु: 1227
3. तैमूर की मृत्यु: 1404
4. तैमर द्वारा दिल्ली पर आक्रमण एवं कब्जा: 1398
5. मुगल राजत्व का दावा: जन्मसिद्ध अधिकार के रूप में किया करते थे।
6. बाबर फरगना के सिंहासन पर 12 वर्ष की आयु में बैठा: 1494
7. बाबर द्वारा काबुल पर कब्जा: 1504
8. बाबर ने सुल्तान इब्राहिम लोदी को पानीपत (प्रथम – लड़ाई) में पराजित किया: 1526
9. बाबर द्वारा दिल्ली और आगरा में कब्जा और मुगल शासन की नींव डालना: 1526
10. बाबर का शासन काल: 1526-1530
11. बाबर और राणा सांगा के मध्य खानुवा (खानवाह) में युद्ध और राजपूतों की पराजय: 1527
12. मैदनी राय के नेतृत्व में लड़े राजपूतों को चंदेरी में बाबर ने हराया: 1528
13. बाबर की मृत्यु: 1530
14. हुमायूँ का प्रथम शासन काल: 1530-1540
15. हुमायूं का दूसरा शासन काल: 1555-1556
16. मिर्जा कामरान: हुमायूँ का महत्त्वाकांक्षी भाई और बाबर के साम्राज्य का हिस्सेदार।।
17. शेरशाह सूरी या शेखान ने हुमायूँ को दो बार पराजित किया: 1539 में चौसा में, 1540 में कन्नौज में।
18. हुमायूँ शेरशाह के डर से ईरान भागा और इधर-उधर भटकता रहा: 1540 से 1555
19. हुमायूँ ने दिल्ली पर पुनः कब्जा किया: 1555
20. शेरशाह सूरी का शासन काल: 1540-1545

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21. शेरशाह सूरी के उत्तराधिकारी दिल्ली सिंहासन पर जमे रहे: 1545 से 1555
22. हुमायूँ ने दुबारा दिल्ली पर कब्जा किया और उसका देहांत हुआ: 1555 और 1556
23. अकबर का शासन काल: 1556 से 1605
24, जिस समय अकबर सम्राट बना उसकी आयु थी: 13 वर्ष
25. अकबर ने अपने संरक्षक बैरम खाँ से छुटकारा पाया 1556 से 1570 के मध्य
26. अकबर ने सिसौदिया राजपूतों की राजधानी चित्तौड़ पर कब्जा किया: 1568
27. अकबर ने रणथम्भौर पर कब्जा किया: 1569
28. गुजरात, बिहार, बंगाल और उड़ीसा के विरुद्ध अकबर ने अभियान चलाए: 1570 से 1585
29. मिर्जा हाकिम के पक्ष में हुए विद्रोह: 1579-1580
30. अकबर ने कंधार, कश्मीर, काबुल और दक्षिण भारत के खानदेश और अहमदनगर के कुछ भागों पर कब्जा किया: 1585-1605
31. अकबर की मृत्यु और जहाँगीर का सम्राट बनना: 1605
32. जहाँगीर का शासन काल: 1605-1627
33. शाहजहाँ का शासन काल: 1627-1658
34. शाहजहाँ के चार पुत्रों – दाराशिकोह, शाहशुजा, औरंगजेब और मुराद के मध्य उत्तराधिकार के लिए युद्ध हुआ: 1657-58
35. औरंगजेब का शासन काल: 1658-1707
36. औरंगजेब ने बीजापुर को मुगल साम्राज्य में मिलाया: 1685
37. औरंगजेब ने गोलकुंडा को मुगल साम्राज्य में मिलाया: 1687
38. औरंगजेब की मृत्यु: 1707
39. उत्तराधिकार की मुगल परंपरा: तैमूर वंशजों की प्रथा को अपनाकर उत्तराधिकार का विभाजन सभी पुत्रों में कर दिया जाता था।
40, वे प्रमुख सामाजिक समूह जिन्हें मुगल सम्राटों ने मनसबदार और जागीरदार बनाया: तुर्की (तूरानी), ईरानी, भारतीय मुसलमान, अफगान, राजपूत और मराठा।
41, मनसबदार: वह व्यक्ति जिसे कोई मनसब अर्थात् कोई सरकारी पद या हैसियत मिलता था। वे किसी पद का उत्तरदायित्व, वेतन प्राप्ति और सैन्य उत्तरदायित्व का निर्वाह करते थे।
42. जात शब्द का प्रयोग: दरबार में व्यक्तिगत हैसियत या पद का निर्धारण करने वाला मनसब। जितनी ज्यादा ऊंची संख्या का जात (व्यक्तिगत पद) होता था मनसब उतना ही बड़ा होता था।
43. सवार मनसब: जितनी संख्या में घोड़े रखने का उत्तरदायित्व मनसबदार को सौंपा जाता था, उन्हीं के अनुसार उन्हें घुड़सवार रखने पड़ते थे।
44. दाग और हुलिया: घोड़ों की पीठ पर शाही चिह्न (दाग कहलाता था) और सैनिकों का पूरा विवरण लिखवाना (हुलिया कहलाता था)।
45. जागीर: मनसबदार अपना वेतन राजस्व एकत्रित करने वाली भूमि के रूप में पाते थे जिन्हें जागीर कहते थे।
46. ग्रामीण कुलीन: गाँव का मुखिया या स्थानीय सरदार।
47. जमींदार: स्थानीय ग्रम का मुखिया हो या फिर शक्तिशाली सरदार हो, मुगल एक ही शब्द – जमींदार – का प्रयोग करते थे।
48. अकबर के राजस्व मंत्री: टोडरमला
49. जब्क्ष प्रणाली: टोडरमल द्वारा 10 साल (1570-1580) की अवधि के दौरान कृषि की पैदावार, कीमतों, भूमि की गुणवत्ता आदि का सावधानीपूर्वक सर्वेक्षण करने के बाद हर प्रांत को राजस्व मंडलों में बाँटा गया और प्रत्येक फसल के लिए राजस्व दर की अलग-अलग सूची बनाई गई। राजस्व प्रणाली की इस व्यवस्था को जब्त कहा जाता था।
50. अबुल फजल: अकबर का मित्र और ‘अकबरनामा’ का लेखक।
51. आइने-अकबरी: ‘अकबरनामा’ का तीसरा भाग। इसके रचयिता भी अबुल फजल थे। इसमें समकालीन भारत के लोगों की परंपराओं और संस्कृतियों का भी विस्तृत वर्णन है। ‘आइने-अकबरी’ का सबसे रोचक आयाम है, विविध प्रकार की चीजों – फसलों, पैदावार, कीमतों, मजदूरी और राजस्व का सांख्यिकीय (datas) विवरण।
52. सूबेदार: मुगलों के काल में प्रांत को सूबा और उसके प्रशासक को सूबेदार कहते थे जो राजनैतिक तथा सैन्य, दोनों प्रकार के कार्यों का निर्वाह करते थे।

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53. दीवान: प्रत्येक प्रांत में एक वित्तीय अधिकारी भी होता था जो दीवान कहलाता था।
54. बक्शी: सैनिक वेतनाधिकारी। 55. सदर: धार्मिक और धर्म के लिए किए जाने वाले कार्यों का मंत्री।
56. फौजदार: सेनानायक।
57. कोतवाल: नगर का पुलिस अधिकारी।
58. जहाँगीर ने मेहरून्निसा से विवाह किया और उसे नूरजहाँ का खिताब दिया: 1611
59. फरमान: शाही आदेश।
60. इबादतखाने में महत्त्वपूर्ण चर्चा: 1570 में अकबर द्वारा इस्लाम के अनुयायियों, हिंदू धर्म के ब्राह्मणों, रोमन कैथोलिक, जेसुइट पादरियों (पारसी धर्म) के अनुयायियों के साथ चर्चा हुई।
61. सुलह-ए-कुल: सर्वत्र शान्ति के विचार।
62. शाहजहाँ के काल में मनसबदारों की कुल संख्या: 8000
63. शाहजहाँ के काल में उच्चतम पद मनसबदारों की संख्या: 445
64. शाहजहाँ के काल में मनसबदारों एवं उनके सवारों को वेतन के रूप में दिया जाने वाला राजस्व का भाग: 61.5% (प्रतिशत)
65. अकबर की समकालीन इंग्लैंड की रानी एजिजाबेथ प्रथम का शासन काल: 1558-1603
66. अकबर का समकालीन ईरान का सफाविद शासक शाह-अब्बास का शासनकाल: 1588-1629
67. अकबर का समकालीन रूसी जार ईवान चतुर्थ बेसिलयेविच का शासन काल (या ‘ईवान दि टेरिबल’ नाम से कुविख्यात हुआ था।): 1530-1584
68. मतान्धता: ऐसी व्याख्या या कथन जिसे अधिकारपूर्ण कहकर यह आशा की जाए कि उस पर बिना कोई प्रश्न उठाए उसे स्वीकार कर लिया जाएगा।

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HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 6 नगर, व्यापारी और शिल्पिजन

Haryana State Board HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 6 नगर, व्यापारी और शिल्पिजन Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Social Science Solutions History Chapter 6 नगर, व्यापारी और शिल्पिजन

HBSE 7th Class History नगर, व्यापारी और शिल्पिजन Textbook Questions and Answers

फिर से याद करें

Towns Traders And Craftspersons Notes HBSE 7th Class  प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:
(क) राजराजेश्वर मंदिर ………….. में बनाया गया था।
(ख) अजमेर सुफी संत ……………. से संबंधित है।
(ग) हम्पी …………… साम्राज्य की राजधानी थी।
(घ) हॉलैंडवासियों ने आंध्र प्रदेश में ……………. पर अपनी बस्ती बसाई।
उत्तर:
(क) 999 ई
(ख) ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती।
(ग) विजयनगर।
(घ) मसूलीपट्टनम।

नगर, व्यापारी और शिल्पीजन के प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 2.
बताएँ क्या सही है और क्या गलत
(क) हम राजराजेश्वर मंदिर के वास्तुविद (स्थपति) का नाम एक शिलालेख से जानते हैं।
(ख) सौदागर लोग काफिलों में यात्रा करने की बजाय अकेले यात्रा करना अधिक पसंद करते थे।
(ग) काबुल हाथियों के व्यापार का मुख्य केंद्र था।
(घ) सूरत बंगाल की खाड़ी पर स्थित एक महत्त्वपूर्ण व्यापारिक पत्तन था।
उत्तर:
(क) सही।
(ख) गलत।
(ग) गलत।
(घ) गलत।

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 6 नगर, व्यापारी और शिल्पिजन

Town Traders And Craftspersons Class 7 HBSE प्रश्न 3.
तंजावूर नगर को जल की आपूर्ति कैसे की जाती थी?
उत्तर:
तंजावूर नगर में जल की आपूर्ति बारह महीने बहने वाली कावेरी नदी तथा कुओं और तालाबों के जल से की जाती थी।

Towns, Traders And Craftspersons Class 7 Questions And Answers HBSE प्रश्न 4.
मद्रास जैसे नगरों में स्थित ‘ब्लैक टाउन्स’ में कौन रहता था?
उत्तर:
ब्लैक टाऊन्स में भारतीय व्यापारी, शिल्पकार, औद्योगिक मजदूर एवं अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूर तथा कर्मचारी रहा करते थे।

Towns Traders And Craftspersons HBSE 7th Class प्रश्न 5.
आपके विचार में मंदिरों के आस-पास नगर क्यों विकसित हुए?
उत्तर:
हमारे विचार में मंदिरों के आस-पास नगर अनेक कारणों से विकसित हुए जिनमें राजा द्वारा नगरों में विशाल और भव्य मंदिर और प्रतिमाओं (मूर्तियों का) स्थापन प्रमुख था। इन मंदिर नगरों में बड़ी संख्या में पर्यटक (Tourists) आया-जाया करते थे। इन नगरों में बड़े हॉट, बाजार लगते थे, शिल्पकार और हस्तकला विशेषज्ञ (शिल्पकार) व्यापारी लोग रहते थे। यहाँ की आबादी लगातार बढ़ती रहती थी।

Towns Traders And Craftspersons Extra Questions HBSE 7th Class प्रश्न 6.
मंदिरों के निर्माण तथा उनके रख-रखाव के लिए शिल्पीजन कितने महत्त्वपूर्ण थे?
उत्तर:
मंदिरों के निर्माण तथा उनके रख-रखाव के लिए शिल्पोजन निम्न कारणों से महत्त्वपूर्ण थे
(i) मंदिरों के निर्माण के लिए शिल्पी काफी महत्त्वपूर्ण थे-शिल्पियों में सुनार, कसेरे, लोहार, राजमिस्त्री और बढ़ाई शामिल थे।
(ii) शिल्पकार मंदिरों को सुंदर बनाने में काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। शिल्पकार ही मंदिरों के विभिन्न भागों को निर्मित करते थे।
(iii) मंदिरों को कलात्मक रूप से सजाने का कार्य शिल्पकार ही करते थे।

Towns Traders And Craftspersons Class 7 Extra Questions And Answers HBSE  प्रश्न 7.
लोग दूर-दूर के देशों-प्रदेशों से सूरत क्यों आते थे?
उत्तर:
लोग दूर-दूर के देशों-प्रदेशों से सूरत निम्नलिखित कारणों या कारकों की वजह से आते थे

  1. सूरत मुगल काल में कैंबे (आज के खंबात) और कुछ समय बाद के अहमदाबाद के साथ-साथ, गुजरात में पश्चिमी व्यापार का वाणिज्यिक केंद्र बन गया।
  2. सूरत ओरमुज की खाड़ी से होकर पश्चिम एशिया के साथ व्यापार करने के लिए मुख्य द्वार था।
  3. सूरत को मक्का का प्रस्थान द्वार भी कहा जाता था क्योंकि बहुत से हजयात्री जहाज से यहीं से रवाना होते थे।
  4. सूरत एक सर्वदेशीय नगर था जहाँ सभी जातियों और धर्मों के लोग रहते थे। सत्रहवीं शताब्दी में यहाँ पुर्तगालियों, डचों और अंग्रेजों के कारखाने एवं माल-गोदाम थे।
  5. सूरत में ऐसी अनेक दुकानें थीं जो सूती कपड़ा थोक और फुटकर कीमतों पर बेचती थीं।

Towns, Traders And Craftspersons Class 7 Extra Questions And Answers HBSE  प्रश्न 8.
कलकत्ता जैसे नगरों में शिल्प उत्पादन तंजावूर जैसे नगरों के शिल्प उत्पादन से किस प्रकार भिन्न था?
उत्तर:
तंजावूर कलकत्ता से पहले का विकसित नगर है, इसलिए तंजावूर में शिल्प का उत्पादन कलकत्ता से पहले शुरू हो गया था। दोनों नगरों के लिए शिल्प उत्पादन में काफी भिन्नता थी

  1. कलकत्ता में मुख्यत: शिल्प उत्पादन सूती, रेशमी व जूट उत्पादन तक सीमित था।
  2. तंजावूर में सूती वस्त्रों के अतिरिक्त कांस्य मूर्तियों, धातु के दीपदान, मंदिरों के घंटे, आभूषणों आदि का निर्माण बड़े पैमाने पर होता था, क्योंकि तंजावूर एक मंदिर नगर था।

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Towns, Traders And Craftspersons Class 7 Worksheets With Answers HBSE प्रश्न 9.
इस अध्याय में वर्णित किसी एक नगर की तुल आप अपने परिचित किसी कस्बे या गाँव से करें। क्या दोनों के बीच कोई समानताएँ या अंतर हैं?
उत्तर:
सूरत (नगर) और टेकारी (कस्बा ) की तुलन

सूरतटेकारी (गया) बिहार
(i) सूरत एक व्यापारिक नगर है। यहाँ पर लोगों को आवश्यकता की अधिकांश वस्तुएँ प्राप्त हो जाती हैं।(i) टेकारी एक छोटा-सा कस्बा है, जो ग्रामीण क्षेत्रों की आवश्यकता की पूर्ति करता है।
(ii) सूरत एक महानगर है जिसकी आबादी 28 लाख से अधिक है।(ii) टेकारी की आबादी 20,000 से भी कम है।
(iii) सूरत एक औद्योगिक, प्रशासनिक, व्यापारिक नगर के रूप में विकसित हो चुका है।(iii) टेकारी ग्रामीण क्षेत्र का एक प्रखण्ड है।

Towns Traders And Craftspersons Question Answer HBSE 7th Class प्रश्न 10.
सौदागरों को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता था? आपके विचार से क्या वैसी कुछ समस्याएँ आज भी बनी हुई हैं?
उत्तर:
सौदागरों को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ता था:

  1. व्यापारियों को अनेक राज्यों तथा जंगलों में से होकर गुजरना पड़ता था, इसलिए वे आमतौर पर काफिले बनाकर एक साथ यात्रा करते थे।
  2. सौदागर अपने हितों की रक्षा के लिए व्यापार संघ (गिल्ड) बनाते थे।
  3. उन्हें विभिन्न प्रकार के कर चुकाने पड़ते थे।
  4. प्राचीन व मध्यकाल में यातायात के रूप में बैलगाड़ी, घोड़ागाड़ी, नावें आदि प्रमुख थे। अर्थात् यातायात के साधन भी पर्याप्त मात्रा में नहीं थे।
  5. वर्तमान समय में भी सौदागरों को संघ बनाने पड़ते हैं। उन्हें विभिन्न कर चुकाने पड़ते हैं तथा व्यापार के लिए दूर-दूर तक यात्राएँ करनी पड़ती हैं।

Towns Traders And Craftspersons Class 7 Notes HBSE प्रश्न 11.
तंजावूर या हम्पी के वास्तुशिल्प के बारे में कुछ और जानकारी प्राप्त करें और इन नगरों के मंदिरों तथा अन्य भवनों के चित्रों की सहायता से एक स्क्रैपबुक तैयार करें।
उत्तर:
हम्पी: यह विजयनगर साम्राज्य की राजधानी रहने का सौभाग्य प्राप्त कर सका। यह नगर 1336 से 1565 तक विजयनगर साम्राज्य की राजधानी रही। हम्पी की नींव चौदहवीं शताब्दी के मध्य में दो भाइयों जो कालांतर में विजयनगर साम्राज्य के संस्थापक-हक्का एवं बुक्का ने रखी थी।

हम्पी नगर कृष्णा और तुंगभद्रा नदियों की घाटियों में स्थित है। यह नगर हमारे वर्तमान कर्नाटक राज्य में स्थित है। इस प्राचीन ऐतिहासिक राजधानी नगर के खंडहर लगभग 26 वर्ग किलोमीटर में फैले हुए हैं।

हम्पी के शानदार खंडहरों से पता चलता है कि इस शहर की किलेबंदी उच्च कोटि की थी। किले की दीवार के निर्माण में कहीं भी गारे-चूने किसी भी जोड़ने वाले पदार्थ का इस्तेमाल नहीं किया गया था अपितु शिल्प खंडों को परस्पर गुंथा कर किया गया

हम्पी की वास्तुकला विशिष्ट प्रकार की थी। इसके शानदार महलों और विशालद्वारों से संबंधित आज उपलब्ध विभिन्न खंडहर इस राज्य के असाधारण शिल्पकारों की प्रतिभा, कौशल और सृजनात्मक कला की जानकारी देते हैं।

हम्पी की वास्तुकला विशिष्ट प्रकार की थी। यहाँ के शाही भवनों में भव्य मेहराब और गुंबद थे। यहाँ स्तंभों वाले कई विशाल कक्ष थे जिनमें मूर्तियों को रखने के लिए आले बने हुए थे। यहाँ सुनियोजित बाग-बगीचे भी थे जिनमें कमल और टोडों की आकृति वाले मूर्तिकला के नमूने थे। पंद्रहवीं-सोलहवीं शताब्दियों के अपने समृद्धिकाल में हम्पी कई वाणिज्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों से गुंजायमान रहता था। उन दिनों हम्पी के बाजारों में मूरों (मुस्लिम सौदागरों के लिए सामूहिक रूप से प्रयुक्त नाम), चेट्टियों और पुर्तगालियों जैसे यूरोपीय व्यापारियों के एजेंटों का जमघट लगा रहता था।

हम्पी के खंडहर उसकी शान-शौकत, भव्यता एवं संदरता के बारे में अपनी अभिव्यक्ति देते हैं। अधिकांश खंडहर उस सड़क के साथ-साथ विखरे हुए हैं जो (सड़क) कमालपुरा से हम्पी तक जाती है। इस शहर में माल्यवंत रघुनाथ स्वामी का मंदिर है, हम्पी बाजार और विरुपाक्ष का मंदिर भी है। विजयनगर (साम्राज्य) के महान शासक कृष्णदेव राय द्वारा बनवाया गया। विजय का घर, हजारा मंदिर, राजा का महल, कमल पुष्प महल, पुष्करणी, मकबरा एव हाथीखाना आदि इस राजधानी नगर की प्रमुख उल्लेखनीय इमारतें हैं।
HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 6 नगर, व्यापारी और शिल्पिजन-1
एक पुर्तगाली यात्री डोमिंगों पेश ने सोलहवीं शताब्दी में हम्पी नगर का वर्णन इस प्रकार किया: “गोवा से आने वाले लोग जिस प्रवेश द्वार से गुप्तरते हैं उस द्वार के भीतर राजा ने एक अत्यंत सुइढ़ प्राचीरबद्ध नगर बसा रखा है जो दीवारों और बुर्जी से सुरक्षित है, ये दीवारें अन्य नगरों की दीवारों जैसी नहीं हैं, बल्कि बहुत मजबूत राजगीरी का ऐसा नमूना है जो अन्य भागों में बहुत कम देखने को मिलेगा, उसके भीतर उसी रीति से बनाए गए भवनों की अत्यंत सुंदर कतारें हैं जिनकी छतें सपाट चपटी हैं।”

हम्पी के मंदिर और सांस्कृतिक गतिविधियाँ: विजयनगर साम्राज्य भारतीय इतिहास में विशेषकर हिंदू संस्कृति के लिए ख्याति प्राप्त कर सका। इस राज्य के भव्य मंदिर सांस्कृतिक गतिविधियों के केंद्र होते थे और देवदासियाँ विरूपाक्ष (शिव) मंदिर के बहु-स्तंभित विशाल कक्षों में देव प्रतिमा, राजा तथा प्रजाजनों के समक्ष नृत्य किया करती थीं। महानवमी पर्व जो आज दक्षिण में नवरात्रि पर्व कहलाता है, उन दिनों हम्पी में एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण पर्व माना जाता था। पुरातत्वविदों ने उस महानवमी मंच को खोज निकाला है जहाँ राजा अपने अतिथियों का स्वागत-सत्कार ‘ करता था और अधीनस्थ व्यक्तियों से नजराने-उपहार लिया करता था। वहीं विराजमान होकर राजा नृत्य एवं संगीत तथा मल्लयुद्ध के कार्यक्रम भी देखा करता था।

हम्पी नगर का विनाश: 1565 में दक्कनी सुल्तानों – गोलकुंडा, बीजापुर, अहमदनगर, बरार और बीदर के शासकों – के हाथों विजयनगर की पराजय के बाद हम्पी का विनाश हो गया।

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 6 नगर, व्यापारी और शिल्पिजन

Ch 6 Towns Traders And Craftspersons HBSE 7th Class प्रश्न 12.
किसी वर्तमान तीर्थयात्रा केंद्र का पता लगाएँ। बताएँ कि लोग वहाँ क्यों जाते हैं, वहाँ क्या करते हैं, क्या उस केंद्र के आसपास दुकानें हैं और वहाँ क्या खरीदा और बेचा जाता है?
उत्तर:
वर्तमान तीर्थयात्रा केंद्र के रूप में हम अमृतसर के बारे में बताना चाहेंगे। यह शहर स्वर्ण मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ लोग गोल्डन टैंपल (स्वर्ण मंदिर) या हरमंदिर साहब के दर्शन करने और उसके चारों तरफ पवित्र सरोवर में स्नान करने जाते हैं। लोग यहाँ स्नान करने के बाद दरबार साहब में माथा टेकने, कड़ा प्रसाद चढ़ाने, प्रसाद लेने और अन्य भक्ति-कीर्तन आदि सुनने के लिए जाते हैं।

इस केंद्र के आस-पास बहुत बड़ा बाजार और अनेक दुकानें हैं। इन दुकानों में कपड़े, दैनिक जीवन की वस्तुएँ, सिक्ख इतिहास से जुड़ी पुस्तकें और साहित्य, भक्ति और कीर्तन से जुड़े उपकरण, हिंदू धर्म से संबंधित साहित्य, सजावटी सामान, अमृतसर की मशहूर बड़ियाँ, पापड़ आदि बेचे और खरीदे जाते हैं।

कुछ लोग जलियांवाला बाग में 1919 के ऐतिहासिक हत्याकांड से संबंधित शहीद स्थल को देखने जाते हैं। यहाँ एक विशाल म्यूजियम है और जगह-जगह पर कुछ सूचनापट्ट हैं जो बहुत उपयोगी ऐतिहासिक जानकारी देते हैं।

अमृतसर में दुर्गयाना मंदिर भी है। इस शहर से थोड़ी दूर भारत-पाकिस्तान सीमा बाघा बॉर्डर है। इसे भी देखने के लिए कुछ पर्यटक जाते हैं। स्वर्ण मंदिर में एक विशाल संग्रहालय (म्यूजियम) और पुस्तकालय है जिसमें सिक्ख इतिहास से जुड़ी हुई घटनाएँ. वस्तुएँ, उपकरण, अस्त्र-शस्त्र आदि प्रदर्शित किए गए हैं।

अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में यात्रियों के ठहरने के लिए हजारों की संख्या में बने साफ-सुथरे कमरे हैं और एक विशाल हाल है जहाँ सुबह से शाम तक सामूहिक रसोई या लंगर की व्यवस्था है जहाँ श्रद्धालु सेवा करते हैं और गुरु का लंगर खाते हैं।

बहुविकल्पी प्रश्न

Town Traders And Craftspersons Class 7 Questions And Answers HBSE प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनें: .

(i) वास्तुकार कुंजरमल्लन राजराज पेरूपच्चन किस नगर के वास्तुकला शिल्पकला के लिए प्रसिद्ध है?
(क) तंजापूर नगर
(ख) सूरत
(ग) कांचीपुरम
उत्तर:
(क) तंजापूर नगर।

(ii) तंजावूर किस प्रकार के नगर का उदाहरण है?
(क) प्रशासनिक
(ख) मंदिर
(ग) वाणिज्यिक
उत्तर:
(ख) मंदिर।

(iii) किस मिश्रधातु से कांस्य का निर्माण होता है?
(क) ताँबा व टिन
(ख) टिन व इस्पात
(ग) चाँदी व ताँबा
उत्तर:
(क) ताँबा व टिन।

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(iv) निम्न में से कौन-सा तीर्थस्थल नगरों के रूप में विकसित हुआ?
(ख) वृंदावन
(ग) अजमेर
उत्तर:
(ख) वृंदावना

(v) सुप्रसिद्ध रेशम मार्ग से जुड़े हुए क्षेत्र थे:
(क) काबुल
(ख) कांधार
(ग) काबुल तथा कांधार
उत्तर:
(ग) काबुल तथा कांधार।

Towns Traders And Craftspersons Class 7 Questions And Answers HBSE प्रश्न 2.
रिक्त स्थान भरो:
(i) राजराजेश्वर मंदिर के वास्तुकार का नाम मंदिर की …………… पर उत्कीर्ण है।
(ii) बीदर के शिल्पकारों द्वारा ताँबे व चाँदी में जड़ाई का काम ……………….. कहलाता था।
(10 1336 में स्थापित विजयनगर साम्राज्य का केंद्र स्थल ………….. नगर था।
(iv) ……………….मक्का का प्रस्थान द्वार कहलाता था।
(v) सूरत के वस्त्र अपने सुनहरे …………………… के लिए प्रसिद्ध थे।
उत्तर:
(i) दीवारों
(ii) बीदरी
(iii) हम्पी
(iv) सूरत
(v) जरी।

प्रश्न 3.
सही गलत चुनें:
(i) मसूलीपट्टनम कृष्णा नदी के डेल्टा पर स्थित है।
(ii) 18वीं शताब्दी में बंबई, कलकत्ता व मद्रास जैसे नगरों का उदय हुआ।
(iii) गोलकुंडा के कुत्बशाही शासकों ने कपड़ों, मसालों और अन्य चीजों की बिक्री पर ईस्ट इंडिया कंपनी का एकाधिकार लागू किया।
(iv) सूरत से जारी की गई हुडियों को दूर-दूर तक मान्यता प्राप्त थी।
(v) महानवमी पर्व हम्पी का महत्त्वपूर्ण पर्व था।
उत्तर:
(i) मसूलीपट्टनम कृष्णा नदी के डेल्टा पर स्थित है। ✓
(ii) 18वीं शताब्दी में बंबई, कलकत्ता व मद्रास जैसे नगरों का उदय हुआ। ✓
(iii) गोलकुंडा के कुत्बशाही शासकों ने कपड़ों, मसालों और अन्य चीजों की बिक्री पर ईस्ट इंडिया कंपनी का एकाधिकार लागू किया। ✗
(iv) सूरत से जारी की गई हुडियों को दूर-दूर तक मान्यता प्राप्त थी। ✓
(v) महानवमी पर्व हम्पी का महत्त्वपूर्ण पर्व था। ✓

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 6 नगर, व्यापारी और शिल्पिजन

HBSE 7th Class History नगर, व्यापारी और शिल्पिजन Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
हुंडी से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
हुंडी एक ऐसा दस्तावेज (Document) होता है जिसमें एक व्यक्ति द्वारा जमा कराई गई रकम दर्ज रहती है। हुंडी को कहीं अन्यत्र प्रस्तुत करके जमा की गई राशि प्राप्त की जा सकती है।

प्रश्न 2.
वाणिज्यिक केंद्र का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
एक ऐसा स्थान जहाँ विभिन्न उत्पादन केंद्रों से आने वाला माल भारी मात्रा में खरीदा और बेचा जाता है। उदाहरण के लिए मुंबई एक बहुत बड़ा वाणिज्यिक केंद्र है।

प्रश्न 3.
गुमास्ता किसे कहते हैं? एक उदाहरण दीजिए।
उत्तरः
ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा नियुक्त व्यापारी को गुमास्ता या एजेंट कहते थे। उदाहरण के लिए विलियम मेथवल्ड अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा नियुक्त एक गुमास्ता था जिसने 1620 में मसूलीपट्टनम का बड़ा सुंदर विवरण लिखा है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित को स्पष्ट कीजिए:
(i) व्यापारिक कस्बे
(ii) राजधानी अथवा दरबारी शहर
(iii) तीर्थ स्थान
(iv) बंदरगाह शहर
(v) कलमकारी
उत्तर:
(i) व्यापारिक कस्बे (Trading towns): जहाँ पर व्यापारिक कार्य संपन्न होते हैं।
(ii) राजधानी अथवा दरबारी शहर (Court or capital city): जहाँ शासकों या सरकारों के दरबार/मुख्यालय होते हैं।
(iii) तीर्थ स्थान (Pilgrimage cenires): धार्मिक केंद्र।
(iv) बंदरगाह शहर (Port cities): समुद्रतटीय नगर जहाँ आयात-निर्यात गतिविधियाँ होती हैं।
(v) कलमकारी (Kalamkari): कलम जैसे उपकरण के माध्यम से की गई चित्रकारी।

प्रश्न 5.
मध्ययुगीन नगरों की प्रमुख विशेषता क्या थी?
उत्तर:
मध्ययुगीन कई नगर प्रशासनिक नगर और मंदिर नगर होने के साथ-साथ वाणिज्यिक कार्यकलापों व शिल्प उत्पादन के केंद्र भी थे।

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प्रश्न 6.
तंजावूर के सालीय बुनकर किस प्रकार के कपड़े का निर्माण करते थे?
उत्तर:
तंजावूर व उसके निकटवर्ती नगर डरैयूर के सालीय बुनकर मंदिर के उत्सव के लिए झंडे-झंडियाँ बनाने का कपड़ा, राजा व अभिजात वर्ग के लिए बढ़िया सूती कपड़ा तथा जनसाधारण के लिए मोटा सूती वस्त्र तैयार करते थे।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
तंजावूर को एक महान नगर क्यों मानते थे?
उत्तर:
(i) तंजावूर एक हजार वर्ष पूर्व चोल राजाओं की राजधानी थी।
(ii) वर्ष के बारहों महीनों बहने वाली कावेरी नदी इस सुंदर नगर के पास बहती थी।
(iii) राजराजा चोल द्वारा बनवाया ‘राजराजेश्वर मंदिर’ इसकी प्रसिद्धि एवं भव्यता में चार चाँद लगाता था।
(iv) इस मंदिर के अतिरिक्त तंजावूर नगर में अनेक राजमहल हैं, जिनमें कई मंडप बने हुए थे। राजा लोग इन मंडपों में अपना दरबार लगाते थे।
(v) यह नगर उन बाजारों की हलचल से भरा हुआ रहता था, जहाँ अनाज, मसाले, कपड़े और आभूषणों की बिक्री होती थी।

प्रश्न 2.
वास्कोडिगामा कौन था? वह भारत कैसे और कब पहुँचा?
उत्तर:
वास्कोडिगामा एक साहसिक पुर्तगाली नाविक था जो अटलांटिक महासागर पारकर अफ्रीका के समुद्री तट के साथ-साथ सफर करते हुए हिंद महासागर होकर 1498 में कालीकट, भारत पहुंचा।

प्रश्न 3.
पुर्तगाल की राजधानी का नाम लिखिए। वास्कोडिगामा को भारत की यात्रा करने से क्या हानि और लाभ हुआ?
उत्तर:
लिस्बन पुर्तगाल की वर्तमान राजधानी है। भारत की यात्रा के दौरान वास्कोडिगामा के चार जहाजों में से दो नष्ट हो गए और उसके 170 साथी यात्रियों में से केवल 54 ही जीवित बचे थे।

इन प्रत्यक्ष हानियों के बावजूद भारत और यूरोप के मध्य उसने जो नए व्यापारिक मार्ग खोजे, वे बहुत अधिक लाभकारी सिद्ध हुए। जितना उसकी यात्रा पर कुल खर्च हुआ उससे कई गुना मुनाफा उसने भारतीय माल से कमाया। वास्कोडिगामा की यात्रा के बाद भारत में पुर्तगाली, अंग्रेज, डच और फ्रांसीसी नाविक, धर्म प्रचारक और व्यापारी आए।

प्रश्न 4.
कोलंबस पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
उत्तर:
कोलंबस इटलीवासी और एक साहसी यात्री था। जब 15वीं शताब्दी के अंतिम दशक में भारत पहुँचने के लिए अनेक देशवासियों और नाविकों के द्वारा प्रयास किया जा रहा था तो उन्हीं दिनों कोलंबस ने भी भारत की ओर अपने जहाजों का रुख किया। उसने अटलांटिक महासागर को पार करके पश्चिम की ओर यात्रा करने का निश्चय किया। उसका सोचना था कि चूंकि पृथ्वी गोल है इसलिए वह पश्चिम की ओर से भी भारत पहुंच सकता है। वह 1492 में वेस्टइंडीज के तट पर पहुंचा (वेस्टइंडीज का नाम इसी प्रांति के कारण पड़ा)। उसके पीछे स्पेन और पुर्तगाल के नाविक और विजेता भी वहाँ आते रहे और उन्होंने मध्य और दक्षिणी अमेरिका के बड़े-बड़े भागों को अपने कब्जे में कर लिया और अक्सर उन प्रदेशों की पहले वाली बस्तियों को नष्ट कर दिया।

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दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
लुप्तमोम तकनीक पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। आपके विचार से इस प्रविधि के प्रयोग के क्या-क्या लाभ घे?
उत्तर:
लुप्तमोम तकनीक: चोलकालीन कांस्य मूर्तियाँ – लुप्तमोम तकनीक से बनाई जाती थीं। इस प्रविधि के अंतर्गत सर्वप्रथम मोम की एक प्रतिमा बनाई जाती थी। इसे चिकनी मिट्टी से पूरी तरह लीप कर सूखने के लिए छोड़ दिया जाता था। जब वह पूरी तरह सूख जाती थी तो उसे गर्म किया जाता था और उसके मिट्टी के आवरण में एक छोटा-सा छेद बना कर उस छेद के रास्ते सारा पिघला हुआ मोम बाहर निकाल लिया जाता था। फिर चिकनी मिट्टी के खाली सांचे में उसी छेद के रास्ते पिघली हुई धातु भर दी जाती थी। जब वह धातु ठंडी होकर ठोस हो जाती थी तो चिकनी मिट्टी के आवरण को सावधानीपूर्वक हटा दिया जाता था और उसमें से निकली प्रतिमा को साफ करके चमका दिया जाता था।

प्रविधि के लाभ:
(i) मेरे विचार से कांस्य मूर्ति बनाने की यह तकनीक बहुत आसान थी। इससे कांस्य बनाने वाले शिल्पकारों को रोजगार मिलता था।

(ii) ताँबे और टिन का व्यापार करने वाले व्यापारियों का व्यापार बढ़ता था।

(iii) ये मूर्तियाँ मंदिरों और अन्य स्थानों की शोभा बढ़ाने के साथ-साथ लोगों में धार्मिक श्रद्धा, आस्था, भक्ति भावना के उदित करने के साथ-साथ मोम के कलाकारों और शिल्पकारों को रोजी-रोटी देती थीं।

(iv) चिकनी मिट्टी के साँचे बनाने वाले शिल्पकारों को रोजी-रोटी और धंधा मिलता था। विदेशों से आने वाले व्यापारी और सौदागर इन मूर्तियों को अपने साथ ले जाते थे। इससे भारत को बहुमूल्य पदार्थ तो मिलते ही थे साथ ही भारतीय संस्कृति और मूर्ति कला का प्रचार भी होता था।

प्रश्न 2.
किस प्रकार अंग्रेज भारतीय उपमहाद्वीप में सर्वाधिक सफल वाणिज्यिक एवं राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरे?
उत्तर:
16वीं व 17वीं शताब्दी में यूरोपीय बाजारों में भारतीय कपड़ों व मसालों की मांग बहुत अधिक थी। भारत में तथा अन्य पूर्वी देशों में व्यापार के उद्देश्य से यूरोपीय कंपनियों ने अपनी-अपनी ईस्ट इंडिया कंपनियाँ बनाई। कुछ भारतीय व्यापारियों जैसे मुल्ला, अब्दुल गफूर तथा वीर जी वोरा के पास बड़ी संख्या में जहाज थे। इन्होंने प्रारंभ में यूरोपियन कंपनियों का मुकाबला किया परंतु जब यूरोपियन कंपनियों ने अपनी नौ-शक्ति का प्रयोग किया तब भारतीय व्यापारी उनके एजेंट के रूप में कार्य करने को विवश हो गए। इस प्रकार अंग्रेज भारतीय उपमहाद्वीप में सर्वाधिक सफल वाणिज्यिक एवं राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरकर स्थापित हो गए।

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नगर, व्यापारी और शिल्पिजन Class 7 HBSE Notes in Hindi

1. नगर के विभिन्न प्रकार अथवा रूप:

  • मंदिर नगर
  • प्रशासनिक केंद्र
  • वाणिज्यिक शहर
  • पत्तन नगर
  • शिल्प उत्पादन के केंद्र नगर।

2. तंजावूर: लगभग एक हजार वर्ष पूर्व चोल राजाओं की राजधानी।
3. उरेयूर: तंजावूर के समीप स्थित नगर जो सालीय बुनकर मंदिर के उत्सव के लिए विख्यात था।
4. कांसा: एक मिश्रित धातु, जो तांबे और रांगे (टिन) के मेल से बनती है।
5. लुप्तमोम तकनीक: चोलकालीन कांस्य प्रतिमाएँ (मूर्तियाँ) बनाने की एक प्रविधि (या तरीका) जिसमें सबसे पहले मोम की एक प्रतिमा बनाई जाती थी। इसे चिकनी मिट्टी से पूरी तरह लेपकर सूखने के लिए छोड़ दिया जाता था।
6. भिल्ल स्वामिन (भीलसा या विदिशा मंदिर): विदिशा, मध्य प्रदेश।
7. सोमनाथ मंदिर: गुजरात!
8. कांचीपुरम तथा मदुरै मंदिर: तमिलनाडु।
9. तिरुपति मंदिर: आंध्र प्रदेश।
10. वृंदावन: तीर्थ स्थल, उत्तर प्रदेश।
11. तिरुवन्नमलाई: तीर्थस्थल नगर, तमिलनाडु।
12. अजमेर: बारहवीं शताब्दी में चौहान राजाओं की राजधानी और सूफी संत ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह।
13. पुष्कर: अजमेर के समीप ब्रह्मा जी के मंदिर का केवल मात्र स्थल और पवित्र सरोवर जहाँ प्राचीन काल से ही हिंदू तीर्थ यात्री मुख्यतः आते हैं।
14. मंडयिका: मंडी।
15. हट्ट: हाट या बाजार।
16. सामंत: मध्य काल का जमींदार जो किलेबंद घर में रहकर क्षेत्र-विशेष में सैनिक व प्रशासनिक दायित्व निभाता था और किसानों से बेगार लेता था।

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 6 नगर, व्यापारी और शिल्पिजन

17. बंजारा: राजस्थान के घुमक्कड़ छोटे व्यापारी।
18. गिल्ड: व्यापारियों या शिल्पियों का संघ।
19. मणिग्रामम और नानादेशी: यह दोनों आठवीं शताब्दी और बाद के समय में मशहूर व्यापार (व्यापारियों तथा शिल्पियों के) संघ थे जो प्रायद्वीप (दक्षिण भारत) के भीतरी हिस्सों से चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों से दूर-दूर तक व्यापार करते थे।
20. अलावा, चेट्टियार और मारवाड़ी ओसवाल: यह मध्य – काल में भारत के प्रसिद्ध व्यापारी समूह या समुदाय थे।
21. काबुल: वर्तमान अफगानिस्तान की राजधानी जो सोलहवीं शताब्दी में राजनैतिक और वाणिज्यिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण शहर बन गया था।
22. बीदरी: यह एक शिल्प का नाम था जो दक्षिण के बीदर राज्य के शिल्पकारों द्वारा सुंदर ताँबे और चाँदी में जड़ाई के कामों में बहुत ज्यादा प्रसिद्ध थे।
23. सालियार या कैम्कोलार: मध्यकालीन भारत में प्रसिद्ध और धनी बुनकर समुदाय।
24. हम्पी: 1336 में स्थापित विजयनगर साम्राज्य की राजधानी
25. डोमिंगो पेज: सोलहवीं शताब्दी में पुर्तगाल से विजयनगर साम्राज्य में आया एक पुर्तगाली यात्री।
26. विठ्ठल स्वामी मंदिर: विजयनगर की राजधानी हम्पी में बना रथ मदिर।
27. मूरों: हम्पी के बाजारों में मुस्लिम सौदागरों के लिए सामूहिक रूप में प्रयोग में लाया जाने वाला नाम।
28. देवदासियाँ: बचपन से ही मंदिर के देवता को समर्पित और आराध्य देवों को खुश करने वाली दासियाँ।
29. महानवमी पर्व: जो आज दक्षिण भारत में नवरात्रि पर्व या उत्सव कहलाता है।
30. विजयनगर साम्राज्य की दक्षिणी सुल्तानों द्वारा पराजय और राजधानी हम्पी का विनाश: 15651
31. विजयनगर के विरुद्ध लड़ने वाले पाँच दक्षिणी मुस्लिम राज्य:

  • गोलकुंडा
  • बीजापुर
  • अहमदनगर,
  • बरार
  • बीदर।

32. कैबे या खंबात खाड़ी के समीप स्थित पश्चिम का प्रवेश द्वार: सूरत।
33. ओविंगटन: वह एक अंग्रेज इतिहासकार था जिसने 1689 में सूरत बंदरगाह का रोचक वर्णन लिखा।
34. काहिरा: मिन (उत्तरी अफ्रीका स्थित देश) की राजधानी।
35. अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी ने वर्तमान मुंबई (उस समय बंबई) में अपना मुख्यालय स्थापित किया: 1668!
36. मसूलीपट्टनम: दक्षिण आंध्र में कृष्णा नदी के डेल्टा पर स्थित एक प्राचीन महत्त्वपूर्ण पत्तन और व्यापारिक नगर
37. मसूलीपट्टनम का किला बनवाया: डचों या हॉलैंड के निवासियों ने।
38. वाणिज्य केंद्र: एक ऐसा स्थान जहाँ विभिन्न उत्पादन केंद्रों से आने वाला माल खरीदा और बेचा जाता है।
39. हुंडी: एक ऐसा दस्तावेज, जिसमें एक व्यक्ति द्वारा जमा कराई गई रकम दर्ज रहती है। हुंडी को कहीं अन्यत्र प्रस्तुत करके जमा की गई राशि प्राप्त की जा सकती है।
40. गुमास्ता: ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा नियुक्त व्यापारी।
41. विलियम मेथवल्ड: यह भारत में अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा नियुक्त एक गुमास्ता था जिसने 1620 में आंध्र के मसूलीपट्टनम नामक पत्तन और वाणिज्यिक नगर का सुंदर वर्णन किया है।

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42. अठारहवीं शताब्दी में उदित तीन प्रमुख नगर:

  1. बंबई (मुंबई)
  2. कलकत्ता (कोलकाता)
  3. मद्रास (चेन्नई)।

43. ब्लैक टाउन्स: अंग्रेजों द्वारा बसाए तीन प्रमुख नगरों बंबई, कलकत्ता और मद्रास के वे रिहायशी क्षेत्र जहाँ ब्लैक यानि देसी व्यापारी और शिल्पकार रहा करते थे।
44. वास्कोडिगामा: पुर्तगाल का विख्यात नाविक जो 1498 में कालीकट, भारत पहुंचा था।
45. क्रिस्टोफर कोलंबस: वह इटली वासी साहसिक नाविक था जो 1492 में वेस्टइंडीज पहुंचा था।

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