HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 4 मुग़ल साम्राज्य

Haryana State Board HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 4 मुग़ल साम्राज्य Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Social Science Solutions History Chapter 4 मुग़ल साम्राज्य

HBSE 7th Class History मुग़ल साम्राज्य Textbook Questions and Answers

फिर से याद करें

मुग़ल साम्राज्य HBSE 7th Class Social Science Chapter 4 प्रश्न 1.
सही जोड़े बनाइए:

‘क’ – ‘ख’
मंसब – मारवाड़
मंगोल – गवर्नर
सिसौदिया राजपूत – उज़बेक
राठौर राजपूत – मेवाड़
नूरजहाँ – पद
सूबेदार – जहाँगीर
उत्तर:
‘क’ – ‘ख’
मंसब – पद
मंगोल – उज़बेक
सिसौदिया राजपूत – मेवाड़
राठौर राजपूत – मारवाड़
नूरजहाँ – जहाँगीर
सूबेदार – गवर्नर

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 4 मुग़ल साम्राज्य

मुग़ल साम्राज्य Chapter 4 HBSE 7th Class History प्रश्न 2.
रिक्त स्थान भरें:
(क) ………….. अकबर के सौतेले भाई, मिर्जा हाकिम के राज्य की राजधानी थी।
(ख) दक्कन की पाँचों सल्तनत बरार, खानदेश, अहमद नगर, ………….. और ………….. धी।
(ग) यदि जात एक मनसबदार के पद और बेतन का द्योतक था तो सवार उसके ………….. दिखाता था।
(घ) अकबर के दोस्त और सलाहकार, अबुल फजल ने उसकी ………….. के विचार को गढ़ने में मदद की जिसके द्वारा वह विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों और जातियों से बने समाज पर राज्य कर सका।
उत्तर:
(क) काबुल
(ख) बीजापुर, गोलकुंडा
(ग) सैन्य उत्तरदायित्व
(घ) सुलह-ए-कुला ।

History मुग़ल साम्राज्य Chapter 4 HBSE 7th Class प्रश्न 3.
मुगल राज्य के अधीन आने वाले केन्द्रीय-प्रांत कौन से थे?
उत्तर:
दिल्ली, आगरा, बंगाल, उड़ीसा, गुजरात, अजमेर, रणथम्भौर, मेवाड़, इलाहाबाद, पटना, गोंडवाना, मालवा, अहमदनगर, बीजापुर, गोलकुंडा, कश्मीर, लाहौर, सिंध, कंधार, बरार।
नोट: कंधार, शाहजहाँ के काल में अलग हो गया।

प्रश्न 4.
मनसबदार और जागीर में क्या संबंध था?
उत्तर:
मनसबदार अपना वेतन राजस्व एकत्रित करने वाली भूमि के रूप में पाते थे, जिन्हें जागीर कहते थे और जो तकरीबन “इक्ताओं” के समान थीं, परंतु मनसबदार मुक्तियों से भिन्न अपनी जागीरों पर नहीं रहते थे और न ही उन पर प्रशासन करते थे। उनके पास अपनी जागीरों से केवल राजस्व एकत्रित करने का अधिकार था। यह राजस्व उनके नौकर उनके लिए एकत्रित करते थे, जबकि वे स्वयं देश के किसी अन्य भाग में सेवारत रहते थे।

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 4 मुग़ल साम्राज्य

प्रश्न 5.
मुगल प्रशासन में जमींदार की क्या भूमिका थी?
उत्तर:
मुगलों की आमदनी का प्रमुख साधन किसानों की उपज से मिलने वाला राजस्व था। अधिकतर स्थानों पर किसान ग्रामीण कुलीनों यानी जमींदारों को अपना राजस्व देते थे। एकत्रित किए गए राजस्व को ज़मींदार सरकारी खजाने में जमा कराते थे।

प्रश्न 6.
शासन-प्रशासन संबंधी अकबर के विचारों के निर्माण में धार्मिक विद्वानों से होने वाली चर्चाएं कितनी महत्त्वपूर्ण थीं?
उत्तर:
(i) 1570 में अकबर जब फतेहपुर सीकरी (आगरा के नजदीक अकबर द्वारा बसाया गया नया शहर) में था, तो उसने उलेमा, ब्राहाणों, जेसुइट पादरियों (जो रोमन कैथोलिक थे) और जरदस्त धर्म के अनुयायियों के साथ धर्म के मामलों पर चर्चा शुरू की। ये चर्चाएँ इबादतखाना में हुई। अकबर की रुचि विभिन्न व्यक्तियों के धर्मों और रीति-रिवाजों में थी।

(ii) इबादतखाने में हुए विचार-विमर्श से अकबर की समझ बनी कि जो विद्वान धार्मिक रीति और मतांधता (यानी धार्मिक संकीर्ण दृष्टिकोण या धर्माधता) पर बल देते हैं, वे अक्सर कट्टर होते हैं। उनकी शिक्षाएँ प्रजा के बीच विभाजन और असामंजस्य पैदा करती हैं। ये अनुभव अकबर को सुलह-ए-कुल या ‘सर्वत्र शांति’ के विचार की ओर ले गए।

(ii) सहिष्णुता की यह धारणा विभिन्न धर्मों के अनुयायियों में अंतर नहीं करती थी अपितु इसका केन्द्रबिन्दु था नीतिशास्त्र की एक व्यवस्था जो सर्वत्र लागू की जा सकती थी और जिसमें केवल सच्चाई, न्याय और शांति पर बल था।

(iv) अबुल फजल ने ‘सुलह-ए-कुल’ के इस विचार पर आधारित शासन-दृष्टि बनाने में अकबर की मदद की। शासन के इस सिद्धान्त को जहाँगीर और शाहजहाँ ने भी अपनाया।

प्रश्न 7.
मुगलों ने खुद को मंगोलों की अपेक्षा तैमूर के वंशज होने पर क्यों बल दिया?
उत्तर:
मुगल दो महान शासक वंशों के वंशज थे। माता की ओर से वे चीन और मध्य एशिया के मंगोल शासक चंगेज खाँ के उत्तराधिकारी थे। पिता की ओर से वे इरान, इराक एवं वर्तमान तुर्की के शासक तैमूर के वंशज थे परंतु मुगल अपने को मुगल या मंगोल कहलवाना पसंद नहीं करते थे। ऐसा इसलिए था क्योंकि चंगेज खान से जुड़ी स्मृतियाँ सैकड़ों व्यक्तियों के नरसंहार से संबंधित थीं। यही स्मृतियाँ मुगलों के प्रतियोगियों उज़बेगों से भी संबंधित थीं। दूसरी तरफ, मुगल तैमूर के वंशज होने पर गर्व का अनुभव करते थे, क्योंकि उनके इस महान पूर्वज ने 1398 में दिल्ली पर कब्जा कर लिया था।

प्रश्न 8.
भू-राजस्व से प्राप्त होने वाली आय मुगल साम्राज्य के स्थायित्व के लिए कहाँ तक जरूरी थी?
उत्तर:
भू-राजस्व से प्राप्त होने वाली आय मुगल साम्राज्य के स्थायित्व के लिए बहुत जरूरी थी क्योंकि यही मनसबदारों और जमींदारों के साथ-साथ उच्च अधिकारियों और सेना को भुगतान करने के लिए आय का प्रमुख साधन था। मुगल साम्राज्य सेना के ऊपर टिका हुआ था। मनसबदार, जागीरदार और शाही व्यय के साथ-साथ किसानों और अन्य लोगों की भलाई के लिए जो थोड़ा-बहुत खर्च किया जाता था, वह भी राजस्व से प्राप्त होने वाली आमदनी पर निर्भर था।

प्रश्न 9.
मुगलों के लिए केवल तुरानी या ईरानी ही नहीं बल्कि विभिन्न पृष्ठभूमि के मनसबदारों की नियुक्ति क्यों महत्त्वपूर्ण थी?
उत्तर:
मुगलों के साम्राज्य में जैसे-जैसे विभिन्न क्षेत्र सम्मिलित होते गए, वैसे-वैसे मुगलों ने तरह-तरह के सामाजिक समूहों के सदस्यों को प्रशासन में नियुक्त करना प्रारंभ किया।

प्रारंभ में ज्यादातर सरदार तुर्की (तुरानी) थे लेकिन अब इस छोटे समूह के साथ-साथ उन्होंने शासक वर्ग में ईरानियों, भारतीय मुसलमानों, अफगानों, राजपूतों, मराठों और अन्य समूहों को सम्मिलित किया। इससे मुगलों को भारत में अपने शासन का विस्तार करने में एवं उसे स्थायित्व प्रदान करने में सहायता मिली।

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प्रश्न 10.
मुगल साम्राज्य के समाज की ही तरह वर्तमान भारत आज भी अनेक सामाजिक और सांस्कृतिक इकाइयों से बना हुआ है। क्या यह राष्ट्रीय एकीकरण के लिए चुनौती है?
उत्तर:
मुगल साम्राज्य के समाज में कई धर्म और जाति के लोग रहते थे, यही स्थिति वर्तमान भारत में भी बनी हुई है फिर भी भारत में विविधता में एकता कायम है। भारत में विविध प्रकार की संस्कृतियाँ जैसे संगीत, नृत्य, भाषा, पर्व त्योहार. साहित्य, खान-पान, रहन-सहन, पहनावा आदि में कई तरह की विविधता देखने को मिलती है। उसी तरह भारतीय समाज में अनेकों धर्म (हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन, पारसी आदि) अनेक जाति (ब्राह्मण, क्षत्रिय, बनिया आदि) के लोग रहते हैं। इससे भारत की सामाजिक और राष्ट्रीय एकता में किसी तरह की चुनौती नहीं है।

प्रश्न 11.
मुगल साम्राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए कृषक अनिवार्य थे। क्या आप सोचते हैं कि वे आज भी इतने ही महत्त्वपूर्ण हैं? क्या आज भारत में अमीर और गरीब के बीच आय का फासला मुगलों के काल की अपेक्षा कहीं अधिक बढ़ गया है?
उत्तर:
मुगल साम्राज्य की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित थी। वर्तमान अर्थव्यवस्था भी कृषि पर आधारित है, लेकिन राष्ट्रीय आय में कृषि का योगदान धीरे-धीरे घटता जा रहा है और दूसरे क्षेत्र जैसे उद्योग, संचार, सूचना, प्रौद्योगिकी, यातायात, व्यापार, पर्यटक एवं अन्य सेवा क्षेत्र का योगदान बढ़ता जा रहा है।

वर्तमान में अमीर और गरीब के बीच का अंतर मुगल साम्राज्य की तुलना में अधिक बढ़ा है। मुगलकाल में 5.6% व्यक्ति कुल संसाधनों के मात्र 61.5% का उपभोग करते थे, जबकि आज लगभग 5% व्यक्ति देश के लगभग 90% संसाधनों का उपभोग करते हैं।

प्रश्न 12.
मुगल साम्राज्य का उपमहाद्वीप के विभिन्न क्षेत्रों पर अनेक तरह से प्रभाव पड़ा। पता लगाइए कि जिस नगर, गाँव अथवा क्षेत्र में आप रहते हैं क्या उस पर इसका कोई प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
मुगल साम्राज्य का उपमहाद्वीप के विभिन्न क्षेत्रों पर अनेक तरह से प्रभाव पड़ा:
(i) मुगलकाल में अनेक नए नगर बसाए गए और कुछ पुराने नगरों का तेजी से विस्तार हुआ। अकबर ने फतेहपुर सीकरी शहर बनवाया। शाहजहाँ ने शाहजहाँनाबाद (पुरानी दिल्ली) बसाई। उनके काल में काबुल, कंधार, आगरा, लाहौर, श्रीनगर, मथुरा, ढाका, अहमदनगर, बीजापुर, गोलकुंडा, आदि शहरों का विस्तार हुआ।

(ii) मुगल काल में अनेक गाँवों में प्रगति हुई। कुएँ खोदे गए. कुछ गाँवों, शहरों और कस्बों को पक्के मार्गों से जोड़ा गया। (याद रहे शेरशाह सूरी ने जी.टी. रोड़ सहित लगभग चार मार्ग मुगलकाल के दौरान बनवाए थे।)

(iii) मुगलों का प्रभाव अनेक क्षेत्रों में भी दिखाई देता है। उन्होंने दिल्ली और आगरा से अपने राज्य का विस्तार किया और सत्रहवीं शताब्दी में लगभग सारे उपमहाद्वीप पर अधिकार कर लिया। भारत की सीमाएँ उत्तर-पश्चिम में चंद्रगुप्त मौर्य, बिंदुसार और अशोक के शासनकाल की तरह आधुनिक अफगानिस्तान के क्षेत्रों तक फैली हुई थीं। उन्होंने प्रशासन के ढाँचे तथा शासन संबंधी जो विचार लागू किए। उदाहरण के लिए अकबर के काल में धर्म निरपेक्षता की नीति। वे उनके राज्य के पतन के बाद भी टिके रहे। यह एक ऐसी राजनीतिक धरोहर थी जिसके प्रभाव से उपमहाद्वीप में उनके बाद आने वाले शासक स्वयं को अछूता नहीं रख सके।

(iv) हम दिल्ली में रहते हैं। दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र है। देश का प्रत्येक नागरिक राष्ट्र और उसकी राजधानी दिल्ली को प्यार करता है। इस पर देश के प्रत्येक नागरिक का समान अधिकार है। भारत के प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर मुगल सम्राटों के निवास स्थान अर्थात् दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से प्रतिवर्ष 15 अगस्त को राष्ट्र को संबोधित करते हैं।

(v) मुगलों ने अपने पड़ोसियों के साथ मित्रता के संबंध बनाए। भारत आज भी अपने पड़ोसी देशों के प्रति सहयोग, मित्रता और शांति की नीति अपनाए हुए है।

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बहुविकल्पी प्रश्न

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनें:

(i)
प्रथम मुगल बादशाह था:
(क) हुमायू
(ख) बाबर
(ग) अकबर
उत्तर:
(ख) बाबर।

(ii) शेर खान ने हुमायूँ को परास्त किया:
(क) चौसा युद्ध में
(ख) खानवा की लड़ाई में
(ग) पानीपत के युद्ध में
उत्तर:
(क) चौसा युद्ध में।

(iii) अकबर जब सम्राट बना तो उसकी आयु थी:
(क) 30 वर्ष
(ख) 23 वर्ष
(ग) 13 वर्ष
उत्तर:
(ग) 13 वर्ष।

(iv) मुगल साम्राज्य के प्रारंभ में ज्यादातर सरदार थे:
(क) तूरानी
(ख) ईरानी
(ग) राजपूत
उत्तर:
(क) तूरानी।

(v) अकबर के राजस्व मंत्री थे:
(क) बौरबल
(ख) टोडरमल
(ग) अबुल फज्ल
उत्तर:
(ख) टोडरमल।

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प्रश्न 2.
रिक्त स्थान भरें:
(i) बाबर ने इब्राहिम लोदी को …………. के युद्ध में हराया।
(ii) मुगलों की सेवा में आने वाले नौकरशाह ……………… कहलाते थे।
(iii) प्रत्येक प्रांत में एक वित्तीय अधिकारी होता था जिसे ……………… कहा जाता था।
(iv) सुलह-ए-कुल का विचार ……………… की महत्त्वपूर्ण देन है।
(v) अकबरनामा की रचना ……………. ने की।
उत्तर:
(i) पानीपत
(ii) मनसबदार
(iii) दीवान
(iv) अकबर
(v) अबुल फजल।

प्रश्न 3,
सही गलत लिखो।
(i) 16वीं शताब्दी के युद्धों में तोप और गोलाबारी का पहली बार प्रयोग हुआ।
(i) जहाँगीर की पत्नी नूरजहाँ ने शाहजहाँ को हाशिए पर धकेलने के प्रयास किए।
(iii) मुगल उत्तराधिकार की ज्येष्ठाधिकार प्रथा के समर्थक थे।
(iv) सिसोदिया राजपूतों ने सहर्ष मुगलों की सत्ता को स्वीकार किया।
(v) मुगल स्वयं को मंगोल कहलवाना अधिक पसंद करते थे।
उत्तर:
(i) 16वीं शताब्दी के युद्धों में तोप और गोलाबारी का पहली बार प्रयोग हुआ। ✓
(i) जहाँगीर की पत्नी नूरजहाँ ने शाहजहाँ को हाशिए पर धकेलने के प्रयास किए। ✓
(iii) मुगल उत्तराधिकार की ज्येष्ठाधिकार प्रथा के समर्थक थे। ✗
(iv) सिसोदिया राजपूतों ने सहर्ष मुगलों की सत्ता को स्वीकार किया। ✗
(v) मुगल स्वयं को मंगोल कहलवाना अधिक पसंद करते थे। ✗

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HBSE 7th Class History मुग़ल साम्राज्य Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कौन सी शताब्दी में युद्धों में तोप और गोलाबारी का प्रयोग हुआ? भारत में इसका प्रयोग किसने और कहाँ किया?
उत्तर:
सोलहवीं शताब्दी के युद्धों में तोप और गोलाबारी का पहली बार इस्तेमाल हुआ। बाबर ने इनका पानीपत की पहली लड़ाई में प्रभावी ढंग से प्रयोग किया।

प्रश्न 2.
राजपूतों के साथ मुगलों की कुछ शादियों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
जहाँगीर की माँ कच्छवा की राजकुमारी थी। वह अम्बेर (वर्तमान में जयपुर) के राजपूत शासक की पुत्री थी। शाहजहाँ की माँ एक राठौर राजकुमारी थी। वह मारवाड़ (जोधपुर) के राजपूत शासक की पुत्री थी।

प्रश्न 3.
अकबर और औरंगजेब के शासन काल में जात और मनसबदारियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
अकबर और औरंगजेब के शासनकाल में जात और मनसबदारों की श्रेणियाँ: 5,000 जात वाले अभिजातों का दर्जा 1,000 जात वाले अभिजातों से ऊँचा था। अकबर के शासन काल में 29 ऐसे मनसबदार थे जो 5,000 जात की पदवी के थे। औरंगजेब के शासनकाल तक ऐसे मनसबदारों की संख्या 79 हो गई। इसका अर्थ यह हुआ कि राज्य का खर्च बहुत बढ़ गया।

प्रश्न 4.
एक जहाँगीर और दूसरा शाहजहाँ के काल में प्रशासनिक दोषों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
(i) जहाँगीर के समय में सरकारी अफ़सर रिश्वत लेते थे।
(ii) शाहजहाँ के काल में कर इकट्ठा करने वाले अधिकारी कर न चुका पाने वाले किसानों को शारीरिक सजा या दंड देते थे।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
तैमूर और उनके उत्तराधिकारी मुगल सम्राटों का संक्षेप में राजनैतिक वंश संबंधी वृक्ष (केवल प्रमुख राजनैतिक पात्र) का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
1. तैमूर

2. मीरान शाह (जो प्रथम मुगल सम्राट बाबर का लकड़दादा था)

3. सुल्तान मोहम्मद मिर्जा (बाबर के परदादा)

4. अबु सेद (बाबर के दादा)

5. उमर शेख मिर्जा (बाबर के पिता)

6. बाबर (भारत में मुगल साम्राज्य का संस्थापक)

7. हुमायूँ (बाबर का सबसे बड़ा पुत्र)

8. अकबर (हुमायूँ का पुत्र)

9. जहाँगीर (अकबर का पुत्र)

10. शाहजहाँ (जहाँगीर का पत्र)

11. औरंगजेब (शाहजहाँ का पुत्र)

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प्रश्न 2.
बाबर के प्रारंभिक सैन्य अभियान और भारत में आने के बाद कुछ महत्त्वपूर्ण अभियानों और घटनाओं का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
बाबर के सैन्य अभियान और प्रमुख राजनैतिक घटनाएँ: प्रथम मुगल शासक बाबर (1526-1530) ने जब 1494 में फरधाना राज्य का उत्तराधिकार प्राप्त किया तो उसकी उम्र केवल बारह वर्ष की थी। मंगोलों की दूसरी शाखा, उज़बेगों के आक्रमण के कारण उसे अपनी पैतृक गद्दी छोड़नी पड़ी। अनेक वर्षों तक भटकने के बाद उसने 1504 में काबुल पर कब्जा कर लिया। उसने 1526 में दिल्ली के सुल्तान इब्राहीम लोदी को पानीपत में हराया और दिल्ली तथा आगरा को अपने कब्जे में कर लिया।

1527 में खानुवा में राणा सांगा, राजपूत राजाओं और उनके समर्थकों को हराया। 1528 में चंदेरी में राजपूतों को हराया। अपनी मृत्यु से पहले बाबर दिल्ली और आगरा में मुगल नियंत्रण स्थापित किया।

प्रश्न 3.
हुमायूँ के शासन काल और उसके जीवन में संबंधित कुछ महत्त्वपूर्ण घटनाओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
शासन काल: 1530-1540 एवं 1555-1556 तक।
(i) प्रमुख राजनैतिक घटनाएँ:
(क) हुमायूँ ने अपने पिता की वसीयत के अनुसार जायदाद का बँटवारा किया। प्रत्येक भाई को एक-एक प्रांत मिला। उसके भाई मिर्जा कामरान की महत्त्वाकांक्षाओं के कारण हुमायूँ अपने अफगान प्रतिद्वंद्वियों के सामने फीका पड़ गया। शेर खान ने हुमायूँ को दो बार हराया 1539 में चौसा में और 1540 में कन्नौज में। इन पराजयों ने उसे ईरान की ओर भागने को बाध्य किया।

(ii) ईरान में हुमायूँ ने सफाविद शाह की मदद ली। इधर शेरशाह की मृत्यु तथा उसके अक्षम उत्तराधिकारियों के सुनहरे अवसर का लाभ उठाकर उसने 1555 में दिल्ली पर पुन: कब्जा कर लिया परन्तु उससे अगले वर्ष एक इमारत की दुर्घटना में उसकी मृत्यु हो गई।

प्रश्न 4.
मुगल सम्राट जहाँगीर के शासन काल के सैन्य अभियानों और महत्त्वपूर्ण राजनैतिक घटनाओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
जहाँगीर ने अकबर के सैन्य अभियानों को आगे बढ़ाया। मेवाड़ के सिसोदिया शासक अमर सिंह ने मुगलों की सेवा स्वीकार की। इसके बाद सिक्खों, अहोमों और अहमदनगर के खिलाफ अभियान चलाए गए. जो पूर्णतः सफल नहीं हुए। जहाँगीर के शासन के अंतिम वर्षों में राजकुमार खुर्रम, जो बाद में सम्राट शाहजहाँ कहलाया, ने विद्रोह किया। जहाँगौर की पत्नी नूरजहाँ ने शाहजहाँ को हाशिए पर धकेलने के प्रयास किए, जो असफल रहे। जहाँगीर के शासन काल में व्यापार सुविधा प्राप्त करने के लिए यूरोपियों का आना एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक घटना की।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
अकबर किस आयु में सम्राट बना? उसने कब से कब तक राज्य किया? उसके शासन काल को जिन तीन अवधियों में विभाजित किया जा सकता है उनकी घटनाओं का विवरण दीजिए।
उत्तर:
आयु: अकबर ने 1556 ई. में 13 वर्ष की अल्पायु में सिंहासन ग्रहण किया।
शासन काल का अवधियों में विभाजन: अकबर के शासन काल को तीन अवधियों में विभाजित किया जा सकता है:
(i) 1556 और 1570 के मध्य अकबर अपने संरक्षक बैरम खाँ और अपने घरेलू कर्मचारियों से स्वतंत्र हो गया। उसने सूरी और अन्य अफगानों, निकटवर्ती राज्यों मालवा और गोंडवाना तथा अपने सौतेले भाई मिर्जा हाकिम और उजबेगों के विद्रोहों को दबाने के लिए सैन्य अभियान चलाये। 1568 में मेवाड़ राज्य के सिसौदियों की राजधानी चित्तौड़ और 1569 में रणथम्भौर (मारवाड़ राज्य) पर कब्जा कर लिया गया।

(ii) 1570 और 1585 के मध्य गुजरात के विरुद्ध सैनिक अभियान हुए। इन अभियानों के पश्चात् उसने पूर्व में बिहार, बंगाल और उड़ीसा में अभियान चलाये जिन्हें 1579-80 में मिर्जा हाकिम के पक्ष में हुए विद्रोह ने और जटिल कर दिया।

(iii) 1585-1605 के मध्य अकबर के साम्राज्य का विस्तार हुआ। उत्तर-पश्चिम में अभियान चलाए गए। सफाविदों को हराकर कंधार पर कब्जा किया गया और कश्मीर को भी जोड़ लिया गया। मिर्जा हाकिम की मृत्यु के पश्चात् काबुल को भी उसने अपने राज्य में मिला लिया। दक्कन में अभियानों की शुरुआत हुई और बरार, खानदेश और अहमदनगर के कुछ हिस्सों को भी उसने अपने राज्य में मिला लिया।

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प्रश्न 2.
शाहजहाँ के शासनकाल के सैन्य अभियान, सफलताओं और कुछ विपरीत राजनैतिक परिस्थितियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
दक्कन में शाहजहाँ के अभियान जारी रहे। अफगान अभिजात खान जहान लोदी ने विद्रोह किया और वह पयजित हुआ। अहमदनगर के विरुद्ध अभियान हुआ जिसमें बुदलों की हार हुई और ओरा पर कब्जा कर लिया गया। उत्तर-पश्चिम मेंबल्ख पर कब्जा करने के लिए उपबंगों के विरुद्ध अभियान हुआ जो असफल रहा। परिणामस्वरूप कांधार सफाविदों के हाथ में चला गया। 1632 में अन्तत: अहमदनगर को मुगलों के राज्य में मिला लिया गया और बीजापुर की सेनाओं ने सुलह के लिए निवेदन किया। 1657-58 में शाहजहाँ के पुत्रों के बीच उत्तराधिकार को लेकर झगम शुरू हो गया। इसमें औरंगजेब की विजय हुई और दारा शिकोह समेत उसके तीनों भाइयों को मौत के घाट उतार दिया गया। शाहजहाँ को उसकी शेष जिंदगी के लिए आगरा में कैद कर दिया गया।

मुग़ल साम्राज्य Class 7 HBSE Notes in Hindi

1. मुगल: माता की ओर से चंगेज खाँ और पिता की ओर – से तैमूर के वंशज थे।
2. चंगेज खाँ की मृत्यु: 1227
3. तैमूर की मृत्यु: 1404
4. तैमर द्वारा दिल्ली पर आक्रमण एवं कब्जा: 1398
5. मुगल राजत्व का दावा: जन्मसिद्ध अधिकार के रूप में किया करते थे।
6. बाबर फरगना के सिंहासन पर 12 वर्ष की आयु में बैठा: 1494
7. बाबर द्वारा काबुल पर कब्जा: 1504
8. बाबर ने सुल्तान इब्राहिम लोदी को पानीपत (प्रथम – लड़ाई) में पराजित किया: 1526
9. बाबर द्वारा दिल्ली और आगरा में कब्जा और मुगल शासन की नींव डालना: 1526
10. बाबर का शासन काल: 1526-1530
11. बाबर और राणा सांगा के मध्य खानुवा (खानवाह) में युद्ध और राजपूतों की पराजय: 1527
12. मैदनी राय के नेतृत्व में लड़े राजपूतों को चंदेरी में बाबर ने हराया: 1528
13. बाबर की मृत्यु: 1530
14. हुमायूँ का प्रथम शासन काल: 1530-1540
15. हुमायूं का दूसरा शासन काल: 1555-1556
16. मिर्जा कामरान: हुमायूँ का महत्त्वाकांक्षी भाई और बाबर के साम्राज्य का हिस्सेदार।।
17. शेरशाह सूरी या शेखान ने हुमायूँ को दो बार पराजित किया: 1539 में चौसा में, 1540 में कन्नौज में।
18. हुमायूँ शेरशाह के डर से ईरान भागा और इधर-उधर भटकता रहा: 1540 से 1555
19. हुमायूँ ने दिल्ली पर पुनः कब्जा किया: 1555
20. शेरशाह सूरी का शासन काल: 1540-1545

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21. शेरशाह सूरी के उत्तराधिकारी दिल्ली सिंहासन पर जमे रहे: 1545 से 1555
22. हुमायूँ ने दुबारा दिल्ली पर कब्जा किया और उसका देहांत हुआ: 1555 और 1556
23. अकबर का शासन काल: 1556 से 1605
24, जिस समय अकबर सम्राट बना उसकी आयु थी: 13 वर्ष
25. अकबर ने अपने संरक्षक बैरम खाँ से छुटकारा पाया 1556 से 1570 के मध्य
26. अकबर ने सिसौदिया राजपूतों की राजधानी चित्तौड़ पर कब्जा किया: 1568
27. अकबर ने रणथम्भौर पर कब्जा किया: 1569
28. गुजरात, बिहार, बंगाल और उड़ीसा के विरुद्ध अकबर ने अभियान चलाए: 1570 से 1585
29. मिर्जा हाकिम के पक्ष में हुए विद्रोह: 1579-1580
30. अकबर ने कंधार, कश्मीर, काबुल और दक्षिण भारत के खानदेश और अहमदनगर के कुछ भागों पर कब्जा किया: 1585-1605
31. अकबर की मृत्यु और जहाँगीर का सम्राट बनना: 1605
32. जहाँगीर का शासन काल: 1605-1627
33. शाहजहाँ का शासन काल: 1627-1658
34. शाहजहाँ के चार पुत्रों – दाराशिकोह, शाहशुजा, औरंगजेब और मुराद के मध्य उत्तराधिकार के लिए युद्ध हुआ: 1657-58
35. औरंगजेब का शासन काल: 1658-1707
36. औरंगजेब ने बीजापुर को मुगल साम्राज्य में मिलाया: 1685
37. औरंगजेब ने गोलकुंडा को मुगल साम्राज्य में मिलाया: 1687
38. औरंगजेब की मृत्यु: 1707
39. उत्तराधिकार की मुगल परंपरा: तैमूर वंशजों की प्रथा को अपनाकर उत्तराधिकार का विभाजन सभी पुत्रों में कर दिया जाता था।
40, वे प्रमुख सामाजिक समूह जिन्हें मुगल सम्राटों ने मनसबदार और जागीरदार बनाया: तुर्की (तूरानी), ईरानी, भारतीय मुसलमान, अफगान, राजपूत और मराठा।
41, मनसबदार: वह व्यक्ति जिसे कोई मनसब अर्थात् कोई सरकारी पद या हैसियत मिलता था। वे किसी पद का उत्तरदायित्व, वेतन प्राप्ति और सैन्य उत्तरदायित्व का निर्वाह करते थे।
42. जात शब्द का प्रयोग: दरबार में व्यक्तिगत हैसियत या पद का निर्धारण करने वाला मनसब। जितनी ज्यादा ऊंची संख्या का जात (व्यक्तिगत पद) होता था मनसब उतना ही बड़ा होता था।
43. सवार मनसब: जितनी संख्या में घोड़े रखने का उत्तरदायित्व मनसबदार को सौंपा जाता था, उन्हीं के अनुसार उन्हें घुड़सवार रखने पड़ते थे।
44. दाग और हुलिया: घोड़ों की पीठ पर शाही चिह्न (दाग कहलाता था) और सैनिकों का पूरा विवरण लिखवाना (हुलिया कहलाता था)।
45. जागीर: मनसबदार अपना वेतन राजस्व एकत्रित करने वाली भूमि के रूप में पाते थे जिन्हें जागीर कहते थे।
46. ग्रामीण कुलीन: गाँव का मुखिया या स्थानीय सरदार।
47. जमींदार: स्थानीय ग्रम का मुखिया हो या फिर शक्तिशाली सरदार हो, मुगल एक ही शब्द – जमींदार – का प्रयोग करते थे।
48. अकबर के राजस्व मंत्री: टोडरमला
49. जब्क्ष प्रणाली: टोडरमल द्वारा 10 साल (1570-1580) की अवधि के दौरान कृषि की पैदावार, कीमतों, भूमि की गुणवत्ता आदि का सावधानीपूर्वक सर्वेक्षण करने के बाद हर प्रांत को राजस्व मंडलों में बाँटा गया और प्रत्येक फसल के लिए राजस्व दर की अलग-अलग सूची बनाई गई। राजस्व प्रणाली की इस व्यवस्था को जब्त कहा जाता था।
50. अबुल फजल: अकबर का मित्र और ‘अकबरनामा’ का लेखक।
51. आइने-अकबरी: ‘अकबरनामा’ का तीसरा भाग। इसके रचयिता भी अबुल फजल थे। इसमें समकालीन भारत के लोगों की परंपराओं और संस्कृतियों का भी विस्तृत वर्णन है। ‘आइने-अकबरी’ का सबसे रोचक आयाम है, विविध प्रकार की चीजों – फसलों, पैदावार, कीमतों, मजदूरी और राजस्व का सांख्यिकीय (datas) विवरण।
52. सूबेदार: मुगलों के काल में प्रांत को सूबा और उसके प्रशासक को सूबेदार कहते थे जो राजनैतिक तथा सैन्य, दोनों प्रकार के कार्यों का निर्वाह करते थे।

HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 4 मुग़ल साम्राज्य

53. दीवान: प्रत्येक प्रांत में एक वित्तीय अधिकारी भी होता था जो दीवान कहलाता था।
54. बक्शी: सैनिक वेतनाधिकारी। 55. सदर: धार्मिक और धर्म के लिए किए जाने वाले कार्यों का मंत्री।
56. फौजदार: सेनानायक।
57. कोतवाल: नगर का पुलिस अधिकारी।
58. जहाँगीर ने मेहरून्निसा से विवाह किया और उसे नूरजहाँ का खिताब दिया: 1611
59. फरमान: शाही आदेश।
60. इबादतखाने में महत्त्वपूर्ण चर्चा: 1570 में अकबर द्वारा इस्लाम के अनुयायियों, हिंदू धर्म के ब्राह्मणों, रोमन कैथोलिक, जेसुइट पादरियों (पारसी धर्म) के अनुयायियों के साथ चर्चा हुई।
61. सुलह-ए-कुल: सर्वत्र शान्ति के विचार।
62. शाहजहाँ के काल में मनसबदारों की कुल संख्या: 8000
63. शाहजहाँ के काल में उच्चतम पद मनसबदारों की संख्या: 445
64. शाहजहाँ के काल में मनसबदारों एवं उनके सवारों को वेतन के रूप में दिया जाने वाला राजस्व का भाग: 61.5% (प्रतिशत)
65. अकबर की समकालीन इंग्लैंड की रानी एजिजाबेथ प्रथम का शासन काल: 1558-1603
66. अकबर का समकालीन ईरान का सफाविद शासक शाह-अब्बास का शासनकाल: 1588-1629
67. अकबर का समकालीन रूसी जार ईवान चतुर्थ बेसिलयेविच का शासन काल (या ‘ईवान दि टेरिबल’ नाम से कुविख्यात हुआ था।): 1530-1584
68. मतान्धता: ऐसी व्याख्या या कथन जिसे अधिकारपूर्ण कहकर यह आशा की जाए कि उस पर बिना कोई प्रश्न उठाए उसे स्वीकार कर लिया जाएगा।

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