Haryana State Board HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदाTextbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 7th Class Science Solutions Chapter 9 मृदा
HBSE 7th Class Science मृदा InText Questions and Answers
बूझो/पहेली
प्रश्न 1.
मैं जानना चाहती हूँ कि सड़क के किनारे और बगीचेसे एकत्रित किये गयेनमूनों में मुझेप्लास्टिक की वस्तुओं और पॉलीथीन की थैलियों के कुछ टुकड़े क्यों मिले थे ?
उत्तर:
क्योंकि प्लास्टिक की वस्तुएँ तथा पॉलीथीन की थैलियाँ प्रयोग करने के बाद बगीचों और सड़कों के किनारे फेंक दी जाती हैं जो मिट्टी में दब जाती है।
प्रश्न 2.
मैं जानना चाहता हूँ कि क्या खेत की मिट्टी का उपयोग खिलौनों को बनाने में किया जा सकता है?
उत्तर:
नहीं, क्योंकि इसमें सूक्ष्म जीव तथा तिनके होते हैं। इसके अतिरिक्त दोमट मृदा खिलौने बनाने के लिए उपयुक्त नहीं होती।
प्रश्न 3.
मैं जानना चाहता हूँमटका और सुराही बनाने के लिए किस प्रकार की मदा का उपयोग किया जाना चाहिए?
उत्तर:
मृण्मय मृदा का उपयोग किया जाना चाहिए।
प्रश्न 4.
बूझो को आश्चर्य है कि दोनों वर्गों में पानी के अवशोषण में अन्तर क्यों था?
उत्तर:
विभिन्न प्रकार की मृदा के उपयोग किये जाने के कारण। प्रथम वर्ग घर के फर्श पर बनाया गया था जो पानी का अवशोषण बहुत कम कर सका। दूसरा वर्ग कच्ची सड़क पर बनाया गया था, जहाँ की मिट्टी ने काफी पानी अवशोषित कर लिया।
प्रश्न 5.
अन्तःस्रवण दर और जल धारण करने की क्षमता में क्या अन्तर होता है?
उत्तर:
- प्रति इकाई समय में मृदा में जल के प्रवेश की क्षमता उसकी अन्तःस्रवण दर कहलाती है।
- जल धारण क्षमता अर्थात् मृदा द्वारा अवशोषित किये गये कुल जल की मात्रा है।
- अन्तःस्रवण दर और जल धारण क्षमता दोनों ही विपरीत लक्षण हैं।
HBSE 7th Class Science मृदा Textbook Questions and Answers
सबसे उपयुक्त उत्तर को चिन्हित करें
प्रश्न 1.
शैल कणों के अतिरिक्त, मृदा में होते हैं
(क) वायु और जल
(ख) जल और पादप
(ग) खनिज, जैव पदार्थ, वायु और जल
(घ) जल, वायु और पादप।
उत्तर:
(ग) खनिज, जैव पदार्थ, वायु और जल।
प्रश्न 2.
जल धारण क्षमता सबसे अधिक होती है
(क) बलुई मृदा में
(ख) मृण्मय मृदा में
(ग) दुमटी मृदा में
(घ) बालू और दुमट के मिश्रण में
उत्तर:
(ख) मृण्मय मृदा में।
प्रश्न 3.
कॉलम A में दी गई वस्तुओं का कॉलम B में दिये गुणों से मिलान कीजिए
कॉलम A | कॉलम B |
(क) जीवों को आवास देने वाली | (i) बड़े कण |
(ख) मृदा की ऊपरी परत | (ii) सभी प्रकार की मृदा |
(ग) बलुई मृदा | (iii) गहरे रंग की |
(घ) मृदा की मध्य परत | (iv) सघन छोटे कण |
(च) मृण्मय मृदा | (v) ह्यूमस की कम मात्रा |
उत्तर:
कॉलम A | कॉलम B |
(क) जीवों को आवास देने वाली | (ii) सभी प्रकार की मृदा |
(ख) मृदा की ऊपरी परत | (iii) गहरे रंग की |
(ग) बलुई मृदा | (i) बड़े कण |
(घ) मृदा की मध्य परत | (v) ह्यूमस की कम मात्रा |
(च) मृण्मय मृदा | (iv) सघन छोटे कण |
प्रश्न 4.
समझाइए कि मृदा कैसे बनती है ?
उत्तर:
पवन, जल और तापन की क्रियाओं द्वारा चट्टानें (शैल) टूटकर छोटे-छोटे खण्डों में बँट जाती हैं। जब ये खण्ड जल की धाराओं के साथ बहते हैं तो और अधिक बारीक कणों में टूट जाते हैं। यह प्रक्रम अपक्षय कहलाता है। अब इसमें विभिन्न सूक्ष्म जीवों की क्रियाओं द्वारा मृदा का निर्माण होता है।
प्रश्न 5.
मृण्मय मृदा किस प्रकार की फसलों के लिए उपयोगी है?
उत्तर:
मृण्मय मृदा में उन फसलों को उगाया जाता है जिनको जल की अधिक आवश्यकता होती है। क्योंकि इसमें जल धारण क्षमता अधिक होती है।
प्रश्न 6.
मृण्मय मृदा और बलुई मृदा के बीच अन्तर बताइए।
उत्तर:
बलुई मृदा | मृण्मय मृदा |
(i) इसकी जलधारण क्षमता निम्न होती है। | (i) इसकी जलधारण क्षमता उच्च होती है। |
(ii) इसकी उच्च अन्तःस्रवण दर होती है। | (ii) इसकी निम्न अन्तःस्रवण दर होती है। |
प्रश्न 7.
मृदा की अनुप्रस्थ काट का चित्र बनाइए और विभिन्न परतों को नामांकित कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 8.
रजिया ने खेत में अन्तःस्रवण की दर से सम्बन्धित एक प्रयोग किया। उसने देखा कि उसके द्वारा लिये गये मृदा के नमूने में से 200 mL जल को अन्तःस्रवण करने में 40 मिनट लगे। अन्तःस्रवण दर परिकलित कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 9.
समझाइए कि मृदा प्रदूषण और मृदा अपरदन को किस प्रकार रोका जा सकता है?
उत्तर:
निम्न प्रकार से मृदा प्रदूषण और मृदा अपरदन को रोका जा सकता है-
(i) अधिकाधिक वृक्षारोपण द्वारा, क्योंकि पौधों की जड़ें मृदा कणों को बांधे रखती हैं तथा तेज पवन एवं वर्षा से मृदा की रक्षा करती हैं।
(ii) वृक्षों की कटाई एवं वनोन्मूलन को रोककर।
(iii) मृदा में पॉलीथीन तथा प्लास्टिक के टुकड़ों के फेंके जाने पर प्रतिबन्ध लगाकर।
(iv) खेतों के चारों ओर ऊँचे वृक्षों की बाड़ लगाकर।
प्रश्न 10.
निम्नलिखित वर्ग पहेली को दिये गये संकेतों की सहायता से हल कीजिए
सीधे-
(1) इसके बने थैलों के अपशिष्ट से मृदा का प्रदूषण होता है।
(2) इस प्रकार की मृदा में सूक्ष्म कणों का अनुपात अपेक्षाकृत अधिक होता है।
(4) इस प्रकार की मृदा में सूक्ष्म तथा बड़े कणों की मात्रा लगभग समान होती है।
(5) मृदा परिच्छेदिका की परत।
(8) वनस्पति न होने पर यह मृदा को उड़ा ले जाती है।
(9) इस प्रकार की मृदा सुवातित एवं शुष्क होती है।
(10) किसी मृदा द्वारा पानी को रोकने की क्षमता।
ऊपर से नीचे-
(2) भूमि की ऊपरी परत, जो पौधों को आधार प्रदान करती है।
(3) पवन तथा प्रवाही जल के कारण मृदा पर प्रभाव।
(6) मृदा में जल के अवशोषण की प्रक्रिया।
(7) किसी स्थान की मृदा की काट परिच्छेदिका।
उत्तर:
HBSE 7th Class Science मृदा Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
I. बहुविकल्पीय प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों में से सही विकल्प का चयन कीजिए
1. सर्वाधिक जीव-जन्तु एवं सूक्ष्म जीव पाए जाने की संभावना होती है
(क) बलुई मृदा में
(ख) चिकनी मृदा में
(ग) दुमटी मृदा में
(घ) बजरी में
उत्तर:
(ग) दुमटी मृदा में
2. मृदा प्रदूषक है
(क) प्लास्टिक-पॉलीथीन
(ख) कारखानों के रसायन
(ग) मल-जल
(घ) ये सभी
उत्तर:
(घ) ये सभी
3. पौधे की जड़ें मुख्यतः पायी जाती हैं
(क) A-संस्तर स्थिति में
(ख) B-संस्तर स्थिति में
(ग) C-संस्तर स्थिति में
(घ) इन सभी में।
उत्तर:
(क) A-संस्तर स्थिति में
4. दुमटी मृदा में होती है
(क) बालू अधिक व चिकनी कम
(ख) चिकनी मृदा अधिक बलुई मृदा कम
(ग) बड़े व छोटे कणों की समान मात्रा
(घ) गाद की मात्रा अधिक
उत्तर:
(ग) बड़े व छोटे कणों की समान मात्रा
5. जल धारण क्षमता सबसे कम किस मृदा की होती है?
(क) दोमट मृदा की
(ख) चिकनी मृदा की
(ग) मृण्यम मृदा की
(घ) बलुई मृदा की
उत्तर:
(घ) बलुई मृदा की
II. रिक्त स्थान
निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान भरिए
1. मृदा में उपस्थित सड़े-गले जैव पदार्थ ………… कहलाते
2. किसी मृदा में बालू और चिकनी मिट्टी का अनुपात उस ……….. पर निर्भर करता है, जिससे उसके कण बने हैं।
3. शीर्ष से नीचे की परत में ह्यूमस कम होती है, लेकिन ……………….. अधिक होते हैं।
4. बलुई मृदा हल्की ………… और ………… होती है।
उत्तर:
1. ह्यूमस
2. मूल शैल
3. खनिज
4. सुवातित, शुष्क।
III. सुमेलन
कॉलम ‘A’ के शब्दों का कॉलम ‘B’ के शब्दों का मिलान कीजिए
कॉलम ‘A’ फसल | कॉलम ‘B’ मृदा का प्रकार |
1. गेहूँ | (a) बलुई-दुमट या दुमट |
2. धान | (b) दुमी मृदा |
3. मसूर व दालें | (c) मृत्तिका व जैव पदार्थ समृद्ध |
4. कपास | (d) मृण्यम और दुमटी |
उत्तर:
कॉलम ‘A’ फसल | कॉलम ‘B’ मृदा का प्रकार |
1. गेहूँ | (d) मृण्यम और दुमटी |
2. धान | (c) मृत्तिका व जैव पदार्थ समृद्ध |
3. मसूर व दालें | (b) दुमी मृदा |
4. कपास | (a) बलुई-दुमट या दुमट |
IV. सत्य/असत्य
निम्नलिखित वाक्यों में से सत्य एवं असत्य छाँटिए
1. सभी प्रकार की मृदाओं का गठन समान होता है।
2. सभी मृदाओं में जल अन्त:स्रवण की दर भिन्न-भिन्न होती है।
3. दुमटी एवं बलुई मृदा का उपयोग खिलौने बनाने में नहीं किया जा सकता है।
4. मृदा अपरदन केवल जल द्वारा होता है।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य
3. सत्य
4, असत्य।
अतिलयु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
गेहूँ तथा चने की फसल के लिए किस प्रकार की मृदा उपयुक्त है ?
उत्तर:
मृत्तिका तथा दुमट मृदा।
प्रश्न 2.
कपास के उत्पादन के लिए कौन-सी मृदा उपयुक्त है?
उत्तर:
बलुई दुमट या दुमट।
प्रश्न 3.
मृदा में रहने वाले दो जीवों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- केंचुआ
- जीवाणु।
प्रश्न 4.
मृदा के किस संस्तर में अधिकतम जीवित पदार्थ पाये जाते हैं ?
उत्तर:
मृदा के A-संस्तर में अधिकतम जीवित पदार्थ पाये जाते हैं।
प्रश्न 5.
मृदा की प्रकृति किस पर निर्भर करती है?
उत्तर:
मदा की प्रकृति उन शैलों पर निर्भर करती है. जिनसे इसका निर्माण हुआ है।
प्रश्न 6.
मृदा की किस परत में ह्यूमस होता है?
उत्तर:
मृदा की सबसे ऊपरी परत में ह्यूमस होता है।
प्रश्न 7.
मृदा के प्रकार लिखिए।
उत्तर:
मृदाएँ तीन प्रकार की होती हैं
(i) बलुई
(ii) दुमटी, तथा
(iii) मृण्मय।
प्रश्न 8.
पादप किस प्रकार की मृदा में सबसे अधिक वृद्धि करते हैं?
उत्तर:
दुमटी मृदा में।
प्रश्न 9.
क्या आप बता सकते हैं कि किस प्रकार की मृदा, बर्तन, खिलौने और मूर्तियाँ बनाने के लिए सबसे उपयुक्त होती है। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
बर्तन-मृण्यम मृदा, खिलौने व मूर्तियाँ-मृत्तिका।
प्रश्न 10.
किस मृदा की अन्तःस्रवण दर सबसे कम और सबसे अधिक होती है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
सबसे कम-मृण्यम मृदा की सबसे अधिक – बलुई मृदा की।
प्रश्न 11.
किस प्रकार की मृदा सबसे अधिक मात्रा में जल धारण करती है और किस प्रकार की मृदा सबसे कम? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
मृण्मय मृदा सबसे अधिक तथा बलुई मृदा सबसे कम जल धारण करती है।
प्रश्न 12.
दुमटी मृदा किन प्रकार की मृदाओं से बनती
उत्तर:
दुमटी मृदा, बालू, चिकनी मिट्टी और गाद का मिश्रण है।
प्रश्न 13.
मृदा परिच्छेदिका को प्रभावित करने वाले जलवायवीय कारकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
पवन, वर्षा, ताप, प्रकाश और आर्द्रता।
प्रश्न 14.
धान के लिए आदर्श मृदा क्या होती है?
उत्तर:
धान के लिए मृत्तिका एवं जैव पदार्थ से समृद्ध तथा अच्छी जलधारण क्षमता वाली मृदा आदर्श होती है।
प्रश्न 15.
गेहूँ जैसी फसलों के लिए महीन मृण्मय मृदा क्यों उपयुक्त है?
उत्तर:
क्योंकि यह ह्यूमस से समृद्ध और अत्यधिक उर्वर होती है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
घूमस का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर:
पेड़-पौधों के अवशेष तथा जन्तुओं के मृत शरीर तथा इनके अवशिष्ट पदार्थ भूमि में छोड़ दिये जाते हैं। उचित नमी की उपस्थिति में, सूक्ष्म जीवों द्वारा इनका अपघटन किया जाता है। इस प्रक्रम में इन अवशेषों के जटिल पदार्थ सरल पदार्थों में बदल जाते हैं। इस प्रकार मृदा के ऊपर एक गहरे रंग की परत बन जाती है जिसे ह्यूमस कहते हैं। ह्यूमस पादपों की वृद्धि के लिए अत्यधिक उपयोगी होता है।
प्रश्न 2.
विभिन्न स्थानों से मृदा के कुछ नमूने एकत्रित कीजिए और उनको हैण्ड लैंस की सहायता से ध्यानपूर्वक देखिये। प्रत्येक नमूने का ध्यानपूर्वक निरीक्षण कर अपने प्रेक्षणों को सारणी में लिखिए।
उत्तर:
सारणी : मृदा के विभिन्न नमूने एवं उसमें उपस्थित जीव-जन्तु एवं वस्तुएँ
प्रश्न 3.
मृदा के उपयोगों की एक सूची बनाइए।
उत्तर:
(i) मृदा से भवनों के लिए ईंटें बनाई जाती हैं।
(ii) बर्तन बनाये जाते हैं।
(iii) खिलौने बनाये जाते हैं।
(iv) मृदा में खेती की जाती है।
प्रश्न 4.
मृदा के चार महत्त्व लिखिए।
उत्तर:
मृदा के महत्त्व:
- मृदा अनेक जीवों का आवास होती है।
- मृदा पौधों की जड़ों को जमाए रखती है।
- मृदा से पौधे जल एवं खनिज पोषक ग्रहण करते
- मृदा में कृषि की जाती है।
प्रश्न 5.
प्लास्टिक, पॉलीथीन तथा पीड़कनाशी मृदा के लिए किस प्रकार नुकसानदायक हैं?
उत्तर:
पॉलीथीन की थैलियाँ और प्लास्टिक मृदा को प्रदूषित करते हैं। ये मृदा में रहने वाले जीवों को भी हानि पहुँचाते हैं इसीलिए पॉलीथीन और प्लास्टिक की वस्तुओं के उपयोग पर प्रतिबन्ध की माँग की जा रही है। अनेक प्रकार के अपशिष्ट पदार्थ, रसायन तथा पीड़कनाशी मृदा को प्रदूषित करते हैं। ऐसे पदार्थ मृदा की उर्वर शक्ति को नष्ट करते हैं तथा लाभदायक सूक्ष्म जीवों की वृद्धि को रोकते हैं। ऐसे अपशिष्ट पदार्थों और रसायनों को मृदा में निर्मुक्त करने से पहले उन्हें उपचारित किया जाना चाहिए। पीड़कनाशियों का प्रयोग कम से कम करना चाहिए।
प्रश्न 6.
तीनों प्रकार की मृदाओं के गुण लिखिए।
उत्तर:
(1) बलुई मृदा – इस प्रकार की मृदा में बड़े कणों का अनुपात अधिक होता है। इन मृदाओं में जल का अन्त:स्रावण भी अधिक होता है।
(2) मृण्मय मृदा – इस प्रकार की मृदा में बारीक (सूक्ष्म) कणों का अनुपात अधिक होता है। इन मृदाओं में जल का अन्त:स्रवण बहुत कम होता है।
(3) दुमट मृदा – इस प्रकार की मृदाओं में बड़े तथा छोटे कणों की मात्रा लगभग समान होती है। इन मृदाओं में जल का अन्त:स्रवण मध्यम होता है।
प्रश्न 7.
50 ग्राम मृदा नमूना लेकर उसमें अवशोषित जल का प्रतिशत किस प्रकार ज्ञात करेंगे। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
मृदा का द्रव्यमान = 50 ग्राम
मापन सिलिण्डर में जल का आरम्भिक आयतन = U mL
मापन सिलिण्डर में जल का अंतिम आयतन = V mL
मृदा द्वारा अवशोषित जल का आयतन = (U-V) mL
मृदा द्वारा अवशोषित जल का द्रव्यमान = (U-V)g
(1 mL जल का द्रव्यमान 1g के बराबर होता है।)
अवशोषित जल का प्रतिशत = \(\frac{(U-V) \times 100}{50}\)
प्रश्न 8.
मृदा परिच्छेदिका की विभिन्न परतों के नाम चित्र बनाकर लिखिए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
प्रश्न 9.
मृत्तिका के गुण लिखिए।
उत्तर:
मृत्तिका (चिकनी मिट्टी) के कण सूक्ष्म (बहुत छोटे) होने के कारण परस्पर जुड़े रहते हैं और उनके बीच रिक्त स्थान बहुत कम होता है। बलुई मृदा के विपरीत इनके कणों के बीच के सूक्ष्म स्थानों में जल रुक जाता है। अतः चिकनी मिट्टी में वायु कम होती है, लेकिन यह भारी होती है, क्योंकि इसमें बलुई मृदा की अपेक्षा अधिक जल होता है।
प्रश्न 10.
विभिन्न प्रकार की मृदाओं में उगाई जाने वाली फसलों की सूची तैयार कीजिए।
उत्तर:
विभिन्न प्रकार की मृदाएँ एवं उनमें उगाई जाने वाली फसलें
मृदा का प्रकार | इस मृदा में उगाई जाने वाली फसलें |
1. मृण्मय | गेहूँ, जौ, गुलाब, आलू, चना, चुकन्दर, शकरकंद। |
2. दुमट | चावल, प्याज, गेहूँ, आलु, मक्का, मिर्च, भिण्डी। |
3. बलुई | खीरा, तरबूज, ककड़ी, मूंगफली, पत्ता गोभी। |
प्रश्न 11.
मृदा से नमी को दूर करने के लिए एक क्रिया कलाप बताइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
एक क्वथन नली लीजिए। इसमें दो चम्मच मिट्टी मिलाइए। इसे कुछ समय तक किसी लौ पर गर्म कीजिए और क्वथन नली का प्रेक्षण कीजिए। गरम करने पर मृदा में से जल वाष्पित होकर ऊपर उठता है और क्वथन नली के ऊपरी भाग की अपेक्षाकृत ठण्डी भीतरी दीवार पर संघनित हो जाता है।
दीर्य उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
मृदा अपरदन से आप क्या समझते हैं ? इसके कारण तथा रोकथाम के उपाय लिखिए।
उत्तर:
मृदा अपरदन मिट्टी की ऊपरी ह्यूमस युक्त परत मृदा कहलाती है। मृदा की इस परत का जलधारा, पवन अथवा बर्फ के द्वारा, बह जाना, उड़ जाना या खण्डित हो जाना मृदा अपरदन कहलाता है।
मृदा अपरदन निम्नलिखित कारणों से होता है
- अत्यधिक तीव्र वर्षा द्वारा मृदा पानी में घुल जाती है जिससे वह पानी के साथ बह जाती है।
- बाढ़ का तेज बहता पानी मृदा को अपने साथ बहा ले जाता है।
- अत्यधिक चराई तथा घास-पात एवं वृक्षों के अभाव में मृदा की उपजाऊ परत ढीली हो जाती हैं। जब तेज हवाएं चलती हैं तो ये मृदा को उड़ा ले जाती हैं।
- जब बर्फ पिघलती है तो इससे बहने वाला जल मृदा को भी बहा ले जाता है।
मृदा अपरदन की रोकथाम :
खुले स्थानों पर अधिक से अधिक घास, पेड़-पौधे तथा वनाच्छादन करना चाहिए। पौधों की जड़ें मिट्टी को बांधे रखता है तथा इनका पत्तियाँ पानी की तेज बूंदों को रोक लेती हैं जिससे मृदा अपरदन नहीं हो पाता। ऊँची मेढ़बन्दी तथा खेतों के चारों ओर वृक्षों की बाड़ लगाने से भी मृदा अपरदन को रोका जा सकता है।
प्रश्न 2.
अन्तः स्रवण दर मापने के लिए एक क्रियाकलाप बताइए।
उत्तर:
क्रियाकलाप-इस क्रियाकलाप के लिए कक्षा के सभी छात्र तीन समूह या दल बना लें। दलों के नाम A, B और C रख सकते हैं। आपको यह मालूम करना है कि किसी दिये गये स्थान पर पानी कितनी तेजी से मृदा में से नीचे चला जाता है। आपको एक खोखले बेलन अथवा पाइप की आवश्यकता होगी। यह सुनिश्चित कर लें कि प्रत्येक दल समान व्यास के पाइप का उपयोग करें। ऐसे पाइप प्राप्त करने के लिए दिये गये कुछ सुझावों पर विचार कर सकते है-
यदि सम्भव हो तो, एक आमाप के तीन छोटे टिन के डिब्बे लेकर उनकी तली को काट लें।
यदि पीवीसी पाइप (लगभग 5 सेमी व्यास का) उपलब्ध हो, तो इसके 20 सेमी लम्बे टुकड़े काट लें और उनका उपयोग करें।
जिस स्थान से आप मृदा एकत्रित करें, वहाँ पाइप को लगभग 2 सेमी की गहराई तक फँसा कर लगा दें। पाइप में धीमे-धीमे 200 mL जल डालिए। 200 mL जल को मापने के लिए आप किसी भी 200 mL की खाली बोतल का उपयोग कर सकते हैं। उस समय को नोट कर लें, जब आपने जल डालना आरंभ किया था। जब सारा जल भूमि द्वारा अवशोषित अर्थात् अंत:स्रावित हो जाये और पाइप खाली हो जाये, तो पुनः समय नोट कीजिए। यह ध्यान रखें कि पाइप में डालते समय पानी न तो छलके और न ही पाइप के बाहर गिरे। 200 mL जल के मृदा में अन्त:स्रावित होने में लगने वाले समय के आधार पर अन्त:स्रवण की दर की गणना निम्नलिखित सूत्र के द्वारा कीजिए-
उदाहरण के लिए, मान लीजिए किसी नमूने में 200 मिली जल के अन्तःस्रवण में 20 min लगते हैं, तो
अतःस्रवण दर = \(\frac{200mL}{20(min)}\) = 10 mL/min
अपने द्वारा लिये गये मृदा के नमूनों में अन्त:स्रवण दर की गणना कीजिए। अपने निष्कर्षों की तुलना अन्य दलों के मृदा के नमूनों की अन्त:स्रवण दर से कीजिए। मृदा के नमूनों को अन्त:स्रवण दर के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करिए।
मृदा Class 7 HBSE Notes in Hindi
→ मृदा (मिट्टी) सबसे महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों में से एक है। यह पौधों की जड़ों को दृढ़ता से थामे रखकर तथा उन्हें जल और पोषक तत्वों की आपूर्ति करके उनकी वृद्धि में सहायता करती है।
→ मृदा पृथ्वी पर जीवन के लिए महत्त्वपूर्ण है और अनेक जीवों का आवास है।
→ किसी स्थान की मृदा परिच्छेदिका वहाँ की विभिन्न परतों का परिच्छेद होती है। ये परतें संस्तर-स्थिति कहलाती हैं।
→ मृदा परिच्छेदिका में मुख्यतया चार परतें होती हैं
- संस्तर स्थिति,
- संस्तर स्थिति,
- संस्तर स्थिति तथा आधार शैल।।
→ मृदा विभिन्न प्रकार की होती है- मृण्मय, दुमटी, बलुई।
→ विभिन्न प्रकार की मृदा में जल की अंतःस्रवण दर भिन्न-भिन्न होती है। यह दर बलुई मृदा में सबसे अधिक और मृण्मय मृदा में सबसे कम होती है।
→ विभिन्न प्रकार की फसलों को उगाने के लिए विभिन्न प्रकार की मृदा उपयुक्त होती हैं। मृत्तिका (चिकनी मिट्टी) और दुमट मृदा गेहूँ, चना और धान को उगाने के लिए उपयुक्त है। कपास को बलुई दुमट मृदा में उगाया जाता है।
→ मृदा अपने में जल को रोके रखती है, जिसे मृदा आर्द्रता या मृदा नमी कहते हैं। मृदा की जल को रोके रखने की | क्षमता या जलधारण क्षमता विभिन्न फसलों के लिए महत्वपूर्ण है।
→ मृत्तिका (चिकनी मिट्टी) का उपयोग बर्तनों, खिलौनों और मूर्तियों को बनाने के लिए किया जाता है।
→ मृदा – भूमि की ऊपरी उपजाऊ परत मृदा या मिट्टी कहलाती है।
→ मृदा परिच्छेदिका – मृदा की खड़ी काट, जिसमें विभिन्न परतें दिखाई देती हैं।
→ संस्तर स्थिति – मृदा की परतें।
→ ह्यूमस – मृदा में उपस्थित सड़े-गले जैव पदार्थ ह्यूमस कहलाते हैं।
→ अपक्षय – पवन, जल और जलवायु की क्रिया से चट्टानों के टूटने पर मृदा का निर्माण होता है, यह प्रक्रम अपक्षय कहलाता है।
→ मृतिका या क्ले – चिकनी मिट्टी को मृतिका कहते
→ बलुई मृदा – जिस मृदा में बड़े कणों की मात्रा अधिक होती है, बलुई मृदा कहलाती है।
→ मृण्मय मृदा – जिस मृदा में बारीक कणों की मात्रा अधिक होती है, मृण्मय मृदा कहलाती है।
→ दुमटी मृदा – मृदा जिसमें बड़े तथा छोटे आकार के कण लगभग समान अनुपात में होते हैं।
→ अन्तःस्रवण – मृदा में जल का प्रवेश होना अन्तःस्रवण कहलाता है।
→ आद्रता – मृदा में उपस्थित जल। जल धारण-मृदा द्वारा जल को रोकने रखना।
→ मृदा अपरदन-उपजाऊ मिट्टी का विनाश होना।