Haryana State Board HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 8 पवन, तूफ़ान और चक्रवात Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 7th Class Science Solutions Chapter 8 पवन, तूफ़ान और चक्रवात
HBSE 7th Class Science पवन, तूफ़ान और चक्रवात InText Questions and Answers
बूझो/पहेली
प्रश्न 1.
मैं यह नहीं समझ पा रही है कि पवन की दिशा ठीक उत्तर-दक्षिण दिशा क्यों नहीं है?
उत्तर:
क्योंकि पवन के प्रवाह की दिशा उत्तर से दक्षिण या दक्षिण से उत्तर होती है जो कि पृथ्वी के घूर्णन के कारण होती है।
प्रश्न 2.
मैं यह जानने के लिए उत्सुक हूँ कि ये पवन धाराएँ हमारे लिए क्या करती हैं ?
उत्तर:
ये पवन धाराएँ अपने साथ जलवाष्प लाती हैं जिनके कारण वर्षा होती है। यह प्रक्रिया जल-चक्र का चरण ही है।
प्रश्न 3.
कभी-कभी वर्षा अनेक समस्याओं को जन्म देती है। क्या आप ऐसी कुछ समस्याओं के नाम बता सकते हैं?
उत्तर:
बाढ़ के कारण चारों ओर जल ही जल भर जाता है, जिससे फसल, मकान तथा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो. जाता है।
HBSE 7th Class Science पवन, तूफ़ान और चक्रवात Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
निम्नलिखित वक्तव्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) पवन …………………….. वाय है।
(ख) पवन पृथ्वी के …………………….. तापन के कारण उत्पन्न होती है।
(ग) पृथ्वी की सतह के निकट …………………….. वायु ऊपर उठती है, जबकि …………………….. वायु नीचे आती है।
(घ) वायु …………………….. दाब के क्षेत्र से …………………….. दाब के क्षेत्र की ओर गति करती है।
उत्तर:
(क) गतिशील
(ख) असमान
(ग) गर्म, ठण्डी
(घ) उच्च, निम्न।
प्रश्न 2.
किसी दिये गये स्थान पर पवन की गति की दिशा पता लगाने के लिए दो विधियाँ बताइए।
उत्तर:
(1) पवन की गति की दिशा का पता हवा में छोड़ी गई सूखी पत्ती के उड़ने की दिशा देखकर लगाया जा सकता है।
(2) पवन की दिशा का दिशासूचक यंत्र द्वारा भी पता लगाया जा सकता है।
प्रश्न 3.
ऐसे कोई दो अनुभव बताइए, जिनसे आपको ऐसा अनुभव हुआ हो कि वायु दाब डालती है (अध्याय में दिये गये उदाहरणों के अतिरिक्त)।
उत्तर:
(i) जब हम गुब्बारे में हवा भरते हैं तो वह फूल जाता है।
(ii) जब हवा चलती है तो दरवाजों तथा खिड़कियों पर लगे परदे उड़ते हैं।
प्रश्न 4.
आप एक भवन खरीदना चाहते हैं। क्या आप ऐसा भवन खरीदना चाहेंगे, जिसमें खिड़कियाँ हों, लेकिन रोशनदान न हों ? अपने उत्तर का कारण समझाइए।
उत्तर:
नहीं, क्योंकि मकान में रोशनदान भी आवश्यक होता है। खिड़कियों से प्रवेश होने वाली हवा रोशनदान से निकल जाती है। बिना रोशनदान वाले मकान तेज पवनों से सुरक्षित नहीं रहते हैं। क्योंकि गर्म हवा ऊपर उठती है, यह केवल रोशनदान से ही बाहर निकल पाती है।
प्रश्न 5.
समझाइए कि कपड़े के बैनरों और धातु की चादर से बने विज्ञापन-पट्टों में छिद्र क्यों किये जाते हैं ?
उत्तर:
बैनरों तथा धातु की चादरों पर हवा का दबाव पड़ता है जिससे ये क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। इन पर हवा के दबाव को कम करने के लिए इनमें छिद्र बनाये जाते हैं जिससे हवा कम दबाव डालते हुए बाहर निकल जाती है।
प्रश्न 6.
यदि आपके गाँव अथवा शहर में चक्रवात आ जाये, तो आप अपने पड़ोसियों की सहायता कैसे करेंगे?
उत्तर:
हमें अपने पड़ोसियों की सहायता निम्न प्रकार से करनी चाहिए
(i) आने वाले खतरे से सावधान करके।
(ii) किसी सुरक्षित आश्रय की खोज करके।
(iii) पानी और खाद्य पदार्थों का संग्रह करके।
(iv) प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराकर।
प्रश्न 7.
चक्रवात से उत्पन्न होने वाली स्थिति से निपटने के लिए पहले से किस प्रकार की योजना तैयार करने की आवश्यकता होती है ?
उत्तर:
चक्रवात से उत्पन्न होने वाली स्थिति से निपटने के लिए निम्न योजना की आवश्यकता होती है
(i) चक्रवात की पूर्व घोषणा के लिए चक्रवात चेतावनी केन्द्र की स्थापना।
(ii) जल एवं खाद्य सामग्रियों का संग्रहण ।
(iii) सुरक्षित स्थानों का चयन।
(iv) प्राथमिक चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित में से किस स्थान पर चक्रवात आने की सम्भावना नहीं होती।
(क) चेन्नई
(ख) मेंगलुरू (मंगलोर)
(ग) अमृतसर
(घ) पुरी।
उत्तर:
(ग) अमृतसर में चक्रवात आने की सम्भावना नहीं होती क्योंकि यह तटीय क्षेत्र से दूर है।
प्रश्न 9.
नीचे दिये गये वक्तव्यों में से कौन-सा सही है
(क) शीतकाल में पवन थल से सागर की ओर बहती
(ख) ग्रीष्मकाल में पवन थल से सागर की ओर बहती है।
(ग) चक्रवात का निर्माण अति उच्च दाब तंत्र और उसके इर्द-गिर्द अति उच्च वेग की पवन के घूमने से होता है।
(घ) भारत की तटरेखा पर चक्रवातों के आने की सम्भावना नहीं है।
उत्तर:
(क) शीतकाल में पवन थल से सागर की ओर बहती है।
HBSE 7th Class Science पवन, तूफ़ान और चक्रवात Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
I. बहुविकल्पीय प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों में से सही विकल्प का चयन कीजिए
1. पवन का वेग बढ़ने से वायु दाब
(क) समान रहता है
(ख) बढ़ जाता है
(ग) कम हो जाता है ।
(घ) कभी बढ़ता, कभी घटता है
उत्तर:
(ग) कम हो जाता है ।
2. पवन सदैव अधिक वायु दाब वाले क्षेत्र से
(क) और अधिक वायु दाब वाले क्षेत्र की ओर गति करता
(ख) कम वायु दाब वाले क्षेत्र की ओर गति करती है
(ग) वापस उसी क्षेत्र की ओर लौट जाती है
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) कम वायु दाब वाले क्षेत्र की ओर गति करती है
3. पवन धाराएँ उत्पन्न होने का कारण है
(क) पृथ्वी का सदैव ठंडा रहना
(ख) पृथ्वी का सदैव गर्म रहना
(ग) पृथ्वी का असमान रूप से गर्म होना
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) पृथ्वी का असमान रूप से गर्म होना
4. समुद्र से थल की ओर बहने वाली पवन कहलाती है
(क) मौसमी चक्रवात
(ख) टाइफून
(ग) मानसूनी पवन
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ग) मानसूनी पवन
II. रिक्त स्थान
निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान भरिए
1. गर्म मानसून हवाएँ अपने साथ जलवाष्प लाती हैं जिससे ………… होती है।
2. कुछ प्राकृतिक घटनाएँ ऐसी परिस्थितियों को जन्म देती हैं जिनसे कभी-कभी ………… आती हैं।
3. बिजली चमकने के साथ तीव्र वर्षा होना …………… कहलाता है।
4. ………… काफी विनाशकारी हो सकते हैं।
उत्तर:
1. वर्षा
2. आपदाएँ
3. तड़ित-झंझावात
4. चक्रवात ।
III. सुमेलन
कॉलम A का कॉलम B के शब्दों से मिलान कीजिए-
कॉलम A | कॉलम B |
1. उड़ीसा | (a) हरिकेन |
2. अमेरिकी महाद्वीप | (b) तटीय क्षेत्र |
3. फिलीपीन्स, जापान | (c) 18 अक्टूबर 1999 का चक्रवात |
4. चक्रवात | (d) टाइफून |
उत्तर:
कॉलम A | कॉलम B |
1. उड़ीसा | (c) 18 अक्टूबर 1999 का चक्रवात |
2. अमेरिकी महाद्वीप | (a) हरिकेन |
3. फिलीपीन्स, जापान | (d) टाइफून |
4. चक्रवात | (b) तटीय क्षेत्र |
IV. सत्य/असत्य
निम्नलिखित वाक्यों में से सत्य एवं असत्य छाँटिए
1. आँधी, तूफान एवं चक्रवात प्राकृतिक घटनाएँ हैं।
2. गुब्बारे में हवा भरने पर उसकी रबर पर अन्दर की ओर से वायु दाब बढ़ जाता है।
3. गर्म वायु, ठंडी वायु की अपेक्षा भारी होती है।
4. पवन धाराएँ पृथ्वी के असमान रूप से गर्म होने के कारण उत्पन्न होती हैं।
उत्तर:
1. सत्य
2. सत्य
3. असत्य
4. सत्य।
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
तूफान से बचने के दो उपाय बताइए।
उत्तर:
(i) चेतावनी तंत्र द्वारा प्रेषित सूचना को मानना चाहिए।
(ii) तूफान के दौरान बाहर नहीं जाना चाहिए।
प्रश्न 2.
बताइए कि धुंआ ऊपर क्यों उठता है ? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
धुंआ गर्म होता है। गर्म हवा वायु से हल्की होती है अतः धुंआ ऊपर उठता है।
प्रश्न 3.
जब आप पतंग उड़ाते हैं तो क्या आपके पीछे से आती हवा सहायक होती है?
उत्तर:
हाँ, पीछे से आने वाली हवा पतंग पर दबाव डालती है।
प्रश्न 4.
क्या आपको पवन की दिशा के विपरीत साइकिल चलाने में कठिनाई होती है ?
उत्तर:
हाँ, क्योंकि पवन आगे की ओर से दबाव डालती है।
प्रश्न 5.
साइकिल के ट्यूब के अन्दर हवा क्यों भरते हैं ?
उत्तर:
ट्यूब के अन्दर हवा दाब डालती है जिससे टायर का आकार बना रहता है।
प्रश्न 6.
मानसूनी पवन क्या होती हैं?
उत्तर:
ऐसी पवन जो अपने साथ बादलों को उड़ाकर लाती हैं, मानसूनी पवन कहलाती हैं।
प्रश्न 7.
गर्म जल से भरे कसकर बन्द किए हुए डिब्बे पर एकदम से ठंडा पानी डालने पर क्या होगा? और क्यों? (क्रियाकलाप)।
उत्तर:
डिब्बे के अन्दर के आयतन में कमी आने के कारण डिज्वा सिकुड़ जाएगा।
प्रश्न 8.
हरिकेन क्या होते हैं ?
उत्तर:
अमेरिकी महाद्वीप में चक्रवात को हरिकेन कहा जाता है।
प्रश्न 9.
मानसून का अर्थ बताइए।
उत्तर:
मानसून शब्द की उत्पत्ति अरबी शब्द मौसम से हुई है जिसका अर्थ है ऋतु।
प्रश्न 10.
पवन वेग बढ़ने से वायु दाब पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
पवन वेग बढ़ने से वायु दाब वास्तव में कम हो जाता है।
प्रश्न 11.
ताप का वायु दाब पर क्या प्रभाव होता है? (क्रियाकलाप)।
उत्तर:
ताप बढ़ने पर वायु दाब भी बढ़ जाता है।
प्रश्न 12.
गर्म मानसूनी हवाएँ क्यों लाभप्रद हैं ?
उत्तर:
गर्म मानसूनी हवाएँ अपने साथ जलवाष्प लाती हैं, जिससे वर्षा होती है।
प्रश्न 13.
टाइफून किसे कहते हैं ?
उत्तर:
हरिकेन को फिलीपीन्स और जापान में टाइफून कहते हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
तड़ित झंझावात किसे कहते हैं ? समझाइए।
उत्तर:
तड़ित झंझावात भारत जैसे गर्म, आई और उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों में अक्सर विकसित होते हैं। ताप में वृद्धि होने के कारण ऊपर की ओर उठती हुई पवन प्रबल हो जाती है। पवन वायु में पहले से विद्यमान जल बूंदों को अपने साथ ऊपर की ओर ले जाती है जहाँ ताप कम होने के कारण वे जम जाती हैं और पुनः नीचे की ओर गिरने लगती है। गिरती हुई जल की चर्दै और तीव्र वेग से ऊपर उठती हुई वायु की परस्पर क्रिया से बिजली (तड़ित) काँधती है, जिससे ध्वनि उत्पन्न होती है। इसी घटना को हम तड़ित झंझावात कहते हैं।
प्रश्न 2.
क्या कारण है हमारे देश में ग्रीष्मकाल में अधिक और शीतकाल में कम वर्षा होती है?
उत्तर:
थल विशेष रूप से राजस्थान के मरुस्थलों के असमान तापमान से ग्रीष्मकाल में दक्षिण-पश्चिमी दिशा से मानसून निर्मित होता है। ये मानसूनी पवन अपने साथ हिन्द महासागर से काफी जलवाष्प लेकर आती है। शीतकाल में थल और जल के असमान तापमान के कारण पवन उत्तर-पश्चिम के अपेक्षाकृत ठण्डे स्थानों से आती हैं। ये शीत पवन अपने साथ कम जलवाष्प लाती हैं, इसलिए शीतकाल में वर्षा भी कम होती है।
प्रश्न 3.
चक्रवात किसे कहते हैं और यह कैसे बनता
उत्तर:
बादल के बनने से पहले जल वायुमण्डल से ऊष्मा लेकर वाष्प में परिवर्तित हो जाता है। जलवाष्प वर्षा की बूँदों के रूप में पुनः द्रव रूप में परिवर्तित होती है और यह ऊष्मा वायुमण्डल में निर्मुक्त हो जाती है। निर्मुक्त होने वाली ऊष्मा से आस-पास की वायु गर्म हो जाती है। इस प्रकार गर्म वायु ऊपर की ओर उठती है, जिससे वायु दाब कम हो जाता है। फलस्वरूप तड़ित झंझावात के केन्द्र की ओर उच्च वेग की अधिक वायु गति करने लगती है। इस चक्र की पुनरावृत्ति अनेक बार होती है। घटनाओं की इस श्रृंखला का अन्त बहुत ही निम्न दाब के एक ऐसे तन्त्र के निर्माण के साथ होता है जिसके चारों ओर उच्च वेग की वायु की अनेक परतें कुण्डली के रूप में घूमती रहती हैं। मौसम की इस स्थिति को चक्रवात कहते हैं।
प्रश्न 4.
वायुमापी क्या है ? इसका चित्र बनाइए।
उत्तर:
आपने पढ़ा कि सभी झंझावात या तूफान निम्न दाब के तन्त्र होते हैं। झंझावात के निर्माण में पवन महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए पवन के वेग की माप करना महत्वपूर्ण है। वेग की माप करने वाले उपकरण को वायुमापी कहते हैं।
चित्र : पवन के वेग को मापने के लिए एक वायुमापी
प्रश्न 5.
चक्रवात के दुष्प्रभावों के सुरक्षा उपाय क्या
उत्तर:
चक्रवात के दुष्प्रभावों को कम करने में निम्नलिखित व्यवस्थाएँ सहायक हो सकती हैं। सरकारी/सामाजिक स्तर पर-
- चक्रवात पूर्वानुमान और चेतावनी सेवा ।
- सरकारी संस्थाओं, समुद्रतटों, मछुआरों, जलपोतों और आम जनता को शीघ्रातिशीघ्र चेतावनी देने के लिए तीव्रगामी संचार व्यवस्था।
- चक्रवात सम्भावित क्षेत्रों में चक्रवात आश्रयों का निर्माण और लोगों को तेजी से सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के लिए प्रशासनिक व्यवस्था।
प्रश्न 6.
यदि आप चक्रवात प्रभावित क्षेत्र में रहते हों तो वहाँ चक्रवात के बाद आप क्या सावधानी रखेंगे?
उत्तर:
- चक्रवात से प्रभावित जल का पीने के लिए प्रयोग नहीं करेंगे क्योंकि यह सन्दूषित हो सकता है।
- हमें गीले स्विच और बिजली के खम्भों को नहीं छूना चाहिये।
- चक्रवात प्रभावित क्षेत्र और बाढ़ को मनोरंजन केन्द्र नहीं बनाना चाहिए।
- बचाव दल के कार्यों में दखल नहीं देना चाहिए।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
वायु को गर्म करने पर इसका प्रसार होता है।’ एक क्रियाकलाप द्वारा समझाइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
एक क्वथन नली लीजिए। नली के मुख पर एक गुब्बारे को कसकर लगाइए। आप इसे कसने के लिए टेप का उपयोग भी कर सकते हैं। किसी बीकर में लगभग दो-तिहाई ऊँचाई तक गर्म जल डालिए। गुब्बारा लगी क्वथन नली को गर्म जल में इस प्रकार रखिए कि गुब्बारा जल से बाहर रहे (चित्र)। दो तीन मिनट तक यह देखिए कि क्या गुब्बारे के आकार में किसी प्रकार का परिवर्तन होता है। क्वथन नली को जल से बाहर निकाल लीजिए, इसे कमरे के ताप तक ठण्डा होने दीजिए। अब एक अन्य बीकर में थोड़ा बर्फ का ठण्डा जल लीजिए और क्वथन नली को पहले की भाँति 2-3 मिनट के लिए ठण्डे जल में रख दीजिए। गुब्बारे के आकार में होने वाले परिवर्तन को नोट कीजिए। अपने प्रेक्षणों के आधार पर आगे दिये गए प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास कीजिए-
चित्र : गर्म और ठण्डे जल में गुब्बारे का आकार
प्रश्न 2.
तड़ित झंझावात किसे कहते हैं ? इसके लिए क्या सावधानी रखनी चाहिए?
उत्तर:
तड़ित झंझावात : यदि झंझा के साथ तड़ित (बिजली) भी गिरे तो, उसे तड़ित झंझावात कहते हैं।
पवन वायु में पहले से विद्यमान जल बूंदों को अपने साथ ऊपर की ओर ले जाती है, जहाँ ताप कम होने के कारण वे जम जाती हैं और पुनः नीचे की ओर गिरने लगती हैं। गिरती हुई जल की बूंदें और तीव्र वेग से ऊपर उठती हुई वायु की परस्पर क्रिया से बिजली (तड़ित) काँधती है, जिससे ध्वनि उत्पन्न होती है। तड़ित झंझावात में हमें निम्नलिखित सावधानियाँ बरतनी चाहिए-
- किसी ऐसे वृक्ष के नीचे आश्रय न लें, जो अलगथलग हो। यदि आप वन में हैं, तो किसी छोटे वृक्ष के नीचे आश्रय लें। खुली जमीन पर न लेटें।
- धातु की डण्डी वाले छाते का उपयोग न करें।
- खिड़की के निकट न बैठे। खुले गैरेज, भण्डारण शेड, धात्विक चादरों की छत वाले शेड आदि आश्रय लेने के लिए उपयुक्त स्थान नहीं होते।
- कार अथवा बस आश्रय लेने के लिए सुरक्षित स्थान हैं।
- यदि आप जल में हैं तो बाहर निकलकर किसी इमारत में चले जाएँ।
प्रश्न 3.
पवन धाराएँ किस प्रकार उत्पन्न होती हैं ? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
निम्नलिखित दो स्थितियाँ हैं जिनके कारण पवन धाराएँ उत्पन्न होती हैं-
(क) भूमध्यरेखीय और ध्रुवीय क्षेत्रों का असमान रूप से गर्म होना:
भूमध्य रेखा के आस-पास के क्षेत्रों को सर्य की अधिकतम ऊष्मा मिलती है, इससे इन क्षेत्रों में पृथ्वी की सतह के निकट की वायु गर्म हो जाती है। गर्म वायु ऊपर उठती है और ठण्डी वायु भूमध्य रेखा के दोनों ओर स्थित 0 से 30 डिग्री अक्षांश की पट्टी के क्षेत्रों से भूमध्य क्षेत्र की ओर गतिशील हो जाती है। इस प्रकार उत्पन्न पवन धाराएँ उत्तर और दक्षिण से भूमध्य रेखा की ओर बहती हैं। ध्रुवों पर वायु पृथ्वी के लगभग 60° अक्षांश तक के क्षेत्रों की वायु से अधिक ठण्डी होती है। इन क्षेत्रों में गर्म वायु ऊपर उठती है, जिसका स्थान लेने के लिए ध्रुवों से ठण्डी वायु उस ओर प्रवाहित होने लगती है। इस प्रकार वायु का प्रवाह ध्रुवों से अपेक्षाकृत अधिक गर्म क्षेत्रों की ओर होता रहता है।
इसी प्रकार हम समझ सकते हैं कि 30° तथा 60° अक्षांश के क्षेत्रों के असमान रूप से गर्म होने के कारण पवन का प्रवाह 30° अक्षांश से 60° अक्षांश की ओर होगा।
(ख) थल और जल का असमान रूप से गर्म होना:
ग्रीष्मकाल (गर्मियों) में, थलीय क्षेत्र अधिक तेजी से गर्म होता है और अधिकांश समय थल का ताप समुद्री जल की अपेक्षा अधिक रहता है। थल के ऊपर की वायु गर्म होकर ऊपर उठ जाती है। इससे पवन समुद्र से थल की ओर बहती है। यह मानसूनी पवन होती है।
प्रश्न 4.
चक्रवात का निर्माण कैसे होता है? चित्र द्वारा समझाइए।
उत्तर:
किसी चक्रवात का केन्द्र एक शांत क्षेत्र होता है। इसे झंझा का नेत्र कहते हैं। कोई विशाल चक्रवात वायुमण्डल में वायु का तेजी से घूर्णन करता पिण्ड होता है, जो पृथ्वी तल से 10 से 15 km की ऊँचाई पर स्थित होता है। चक्रवात के नेत्र का व्यास 10 से 30 km तक होता है (संलग्न चित्र A)| यह बादलों से मुक्त क्षेत्र होता है और इसमें पवन का वेग न्यून होता है। इस शांत और स्पष्ट नेत्र के इर्दगिर्द लगभग 150 km आमाप का बादल का क्षेत्र होता है (संलग्न चित्र B)। इस क्षेत्र में उच्च वेग की पवन (150250 km/h) और सघन वर्षा वाले घने बादल होते हैं। इस क्षेत्र से परे पवन वेग क्रमशः कम होता जाता है। चक्रवातों की उत्पत्ति का प्रक्रम अत्यधिक जटिल होता है। चित्र A में इसे एक प्रतिरूप द्वारा दर्शाने का प्रयास किया गया है।
प्रश्न 5.
चक्रवात बनने की घटना को समझाने के लिए एक प्रवाह चित्र बनाइए।
उत्तर:
निम्नलिखित प्रवाह चित्र द्वारा इस परिघटना को समझाया जा सकता है, जिसके कारण बादलों का निर्माण और वर्षा होती है तथा तूफान और चक्रवात बनते हैं।
पवन, तूफ़ान और चक्रवात Class 7 HBSE Notes in Hindi
→ गतिशील वायु, पवन कहलाती है।
→ छ हमारे आस-पास की वायु दाब डालती है।
→ पवन का वेग बढ़ने पर वायु दाब घट जाता है।
→ पवन सदैव अधिक वायु दाब वाले क्षेत्र से कम वायु दाब वाले क्षेत्र की ओर गति करती है।
→ वायु गर्म करने पर प्रसारित होती है और ठण्डा करने पर संकुचित होती है।
→ गर्म वायु ऊपर उठती है, जबकि अपेक्षाकृत ठण्डी वायु की प्रवृत्ति पृथ्वी की सतह की ओर आने की होती है।
→ जब गर्म वायु ऊपर उठती है तो उस स्थान पर वायु दाब कम हो जाता है और आस-पास के क्षेत्र की उच्च दाब की ठण्डी वायु उस स्थान की ओर प्रवाहित होने लगती है।
→ गतिशील वायु पवन कहलाती है। ७ पृथ्वी पर असमान तापन पवनों के बनने का प्रमुख कारण है।
→ जलवाष्प वाली पवन वर्षा लाती है। 12 उच्च वेग की पवन और वायुदाब के अन्तर से चक्रवात बन सकते हैं।
→ उपग्रहों तथा राडार जैसी उन्नत प्रौद्योगिकी की सहायता से चक्रवातों की निगरानी करना आसान हो गया है।
→ स्व सहायता सबसे अच्छी सहायता है। अत: किसी भी चक्रवात के आने से पहले ही अपनी सुरक्षा की योजना बना लेना और सुरक्षा के उपायों को तैयार रखना अच्छा रहता है।
→ पवन – गतिशील वायु पवन कहलाती है।
→ दाब – वायु द्वारा किसी एकांक क्षेत्र पर पड़ने वाला बल दाब कहलाता है।
→ पवन वेग मापी – हवा की गति को मापने के यंत्र को पवन वेग मापी कहते हैं।
→ चक्रवात – चक्रवात वह तूफान है जो अधिकांश तटीय क्षेत्रों को प्रभावित करता है।
→ तड़ित झंझावात – जल की गिरती हुई बूंदों तथा तीव्र गति से ऊपर उठती हुई वायु की परस्पर क्रिया से उत्पन्न ध्वनि को तड़ित झंझावात कहते हैं।
→ मानसूनी पवन – मानसूनी पवन अपने साथ पानी लाती हैं जिससे वर्षा होती है।
→ टॉरनेडो – टॉरनेडो गहरे रंग का कीपाकार बादल होता है। इनकी कीप जैसी संरचना आकाश से पृथ्वी तल की ओर आती हुई प्रतीत होती है।
→ टाइफून – चक्रवात को जापान में टाइफून कहा जाता है।
→ हरिकेन – अमेरिकी महाद्वीप में चक्रवात को हरिकेन कहा जाता है।