HBSE 6th Class Social Science Solutions History Chapter 8 अशोक: एक अनोखा सम्राट जिसने युद्ध का त्याग किया

Haryana State Board HBSE 6th Class Social Science Solutions History Chapter 8 अशोक: एक अनोखा सम्राट जिसने युद्ध का त्याग किया Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Social Science Solutions History Chapter 8 अशोक: एक अनोखा सम्राट जिसने युद्ध का त्याग किया

HBSE 6th Class History अशोक: एक अनोखा सम्राट जिसने युद्ध का त्याग किया Textbook Questions and Answers

कल्पना करो:

Class 6th History HBSE अशोक: एक अनोखा सम्राट जिसने युद्ध का त्याग किया प्रश्न 1.
तुम कलिंग में रहती हो और तुम्हारे माँ-बाप को युद्ध में काफी क्षति दुख उठाने पड़े हैं। अभी अभी अशोक के दूत धम्म के नए विचारों को लेकर आए हैं। आप अपने माता-पिता और संदेशवाहकों के बीच बातचीत का वर्णन करो।
उत्तर:
मेरे माता-पिता ने धम्म प्रचारकों की बातों को सुनने में पहले कोई रुचि नहीं ली। जब धम्म प्रचारकों ने कहा कि अब अशोक ने युद्ध का परित्याग कर दिया है और भविष्य में कभी भी पुनः युद्ध न करने की प्रतिज्ञा की है तो क्षण-मात्र को वे हतप्रभ हो गए और सोचने लगे कि अभी कुछ दिन पूर्व ही यहाँ पर मार-काट और हिंसा का वीभत्स दृश्य उपस्थित करने वाला सम्राट अचानक कैसे बदल गया है? उन्हें अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ।

धम्म से जुड़े लोगों ने मेरे माता-पिता को अशोक के घोषणा-पत्र की प्रति भी दिखाई और अशोक द्वारा युद्ध के दौरान मारे गए लोगों के प्रति व्यक्त सांत्वना-संदेश को भी पढ़कर सुनाया। अब मेरे माता-पिता को विश्वास हो गया कि वस्तुतः अशोक में अब बौद्ध धर्म के तत्व आ गए हैं। धर्म प्रचारक ने बताया कि अनुष्ठान और विविध कर्मकांड व्यर्थ हैं। मनुष्य ने अपने दासों और नौकरों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। बड़ों का आदर करना चाहिए। वह सभी जीवों पर दया करें तथा ब्राह्मणों और श्रमणों को दान दें। एक-दूसरे के धर्मों का आदर करना चाहिए और प्रत्येक धर्म की अच्छी बातों को ग्रहण करना चाहिए। अशोक के इन उपदेशों तथा उसकी घोषणा ने मेरे माता-पिता को बहुत प्रभावित किया।

HBSE 6th Class Social Science Solutions History Chapter 8 अशोक: एक अनोखा सम्राट जिसने युद्ध का त्याग किया

आओ याद करें:

HBSE 6th Class Social Science अशोक: एक अनोखा सम्राट जिसने युद्ध का त्याग किया प्रश्न 1.
मौर्य सम्राज्य में विभिन्न काम-धंधों में लगे हुए लोगों की सूची बनाएँ।
उत्तर:
मौर्य साम्राज्य में निम्नलिखित व्यवसायी और उद्यमी लोग थे:
1. लेखक
2. शिल्पी
3. चित्रकार
4. श्रमिक
5. राजगीर
6. किसान,
7. पशुपालक
8. शिकारी
9. आभूषणकार
10. धम्म महामात्य
11. जासूस
12. जुलाहे आदि।

अशोक: एक अनोखा सम्राट जिसने युद्ध का त्याग किया HBSE 6th Class Social Science प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों को भरो:
(क) जहाँ पर सम्राटों का सीधा शासन था वहाँ अधिकारी ……………. वसूलते थे।
(ख) राजकुमारों को अक्सर प्रांतों में ……………. के रूप में भेजा जाता था।
(ग) मौर्य शासक आवागमन के लिए महत्त्वपूर्ण ……………. और ……………. पर नियंत्रण रखने का प्रयास करते थे।
(घ) प्रदेशों में रहने वाले लोग मौर्य अधिकारियों को ……………. दिया करते थे।
उत्तर:
(क) कर
(ख) राज्यपाल
(ग) मार्गों, नदियों
(घ) नजराना।

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प्रश्न 3.
बताओ कि निम्नलिखित वाक्य सही हैं या गलत:
(क) उज्जैन उत्तर-पश्चिम की तरफ आवागमन के मार्ग पर था।
(ख) आधुनिक पाकिस्तान और अफगानिस्तान के इलाके मौर्य साम्राज्य के अंदर थे।
(ग) चन्द्रगुप्त के विचार अर्थशास्त्र में लिखे गए हैं।
(घ) कलिंग बंगाल का प्राचीन नाम था।
(ङ) अशोक के ज्यादातर अभिलेख ब्राह्मी लिपि में हैं।
उत्तर:
(क) गलत
(ख) सही
(ग) सही
(घ) गलत
(ङ) सही

आओ चर्चा करें:

प्रश्न 4.
उन समस्याओं की सूची बनाएँ जिसका समाधान अशोक धर्म द्वारा करना चाहता था।
उत्तर:
(i) धार्मिक मतभेद
(ii) पशु बलि
(iii) अनुष्ठान और कर्मकाण्डजनित समस्या
(iv) हिंसा
(v) अनुदारता और
(vi) दुर्व्यवहार की समस्या।

प्रश्न 5.
धम्म के प्रचार के लिए अशोक ने किन साधनों का प्रयोग किया?
उत्तर:
(i) धम्म महामात्य की नियुक्ति
(ii) कई स्थानों पर शिलाओं और स्तंभों पर अपने संदेश खुदवाए.
(iii) अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे स्तंभों पर उत्कीर्ण संदेशों को पढ़कर जनता को सुनाएँ
(iv) विदेशों में धम्म प्रचारक और प्रतिनिधियों को भेजा।

प्रश्न 6.
तुम्हारे अनुसार दासों और नौकरों के साथ बुरा व्यवहार क्यों किया जाता होगा? क्या तुम्हें ऐसा लगता है कि सम्राट के आदेशों से उनकी स्थिति में सुधार हुआ होगा? अपने जवाब के लिए कारण बताएँ।
उत्तर:
मेरे विचार से दासों को भरपेट भोजन नहीं दिया जाता होगा। उन्हें वस्त्र, आश्रय आदि भी सामान्य मनुष्य के पहनने, रहने योग्य नहीं दिए जाते होंगे। उनसे इच्छानुसार कार्य लिया जाता होगा। बीमार होने पर उनकी चिकित्सा व्यवस्था की ओर शायद ही ध्यान दिया जाता होगा। कमोवेश यही चीज सेवकों के साथ भी होती होगी। उन्हें सेवा का उचित पारिश्रमिक/वेतन नहीं दिया जाता होगा। उन्हें अपने परिवार और समाज में प्रचलित रीति-रिवाजों को सम्पन्न करने का समय नहीं दिया जाता होगा। उन्हें कार्यसमय में कटु बोल और धिकदंड (अपमान) का भागी बनाना पड़ता होगा। ऐसा व्यवहार दासों को राजनैतिक अधिकार न दिए जाने के कारण और वर्ण व्यवस्था के कारण किया जाता होगा।

सम्राट के आदेशों से उनकी स्थिति में अवश्य सुधार आया होगा क्योंकि:
(i) ये आदेश जीवों पर दया करने, सर्वधर्म समभाव की प्रेरणा देते हैं।

(ii) परस्पर मैत्री-भावना और एकात्मभाव से रहकर जीवन-यापन करने की जीवन-दिशा देते हैं।

(iii) आदेश अधिकारियों द्वारा जनता को पढ़कर सुनाए जाते थे। इस कारण भी जन-जागृति आई होगी और आम जनता ने अपने अधिकार को समझा होगा।

(iv) इन आदेशों में स्पष्ट किया गया था कि लोग अपने दासों और नौकरों के साथ अच्छा व्यवहार करें, शिला-स्तंभों में खुदवाने से अशोक के यह आदेश या राजाज्ञाएँ सार्वजनिक आधार प्राप्त थी, पीड़ित होने पर ये वादी को सम्राट के समक्ष अपनी फरियाद सुनाने का खुला आमंत्रण देते थे।

(v) ब्राहमणों और श्रमणों को दान देने के संदेश भी अशोक स्तंभ में उत्कीर्ण हैं। उल्लेखनीय है कि श्रमपूर्वक अर्जित धन या संपत्ति ही समाज के इस वर्ग को दान में जाती है। किसी को दान करने का विचार का उस मनुष्य में ही आएगा जो उदार मना होगा-निष्ठुर या निदय मन का व्यक्ति नहीं। जो दयावान है-वह व्यक्ति दास और सेवक ही नहीं बल्कि संसार के सभी जीवों का अस्तित्वअधिकार समझेगा और उन्हें यथोचित आदर एवं सेवाएँ प्रदान करेगा।

अशोक के आदेशों/ राजाज्ञाओं/ संदेशों उक्त में यह तथ्य छिपा हुआ है कि व्यक्ति सत्य, सहिष्णु, समभावी, शांत, निवर, परिश्रमी तथा सेवाभावी गुणों को धारण करे। इन गुणों के आने पर व्यक्ति में स्वतः ही विश्व-मानव का पवित्र व्यक्तित्व अभ्युदय लेता है। ऐसी मन:स्थिति में किसी को दास या सेवक समझने की भावना ही समाप्त हो जाएगी। इन संदेशों/राजाज्ञाओं ने जनता एवं अधिकारियों का हृदय परिवर्तन अवश्य किया होगा।

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आओ करके देखें:

प्रश्न 7.
रौशन को यह बताते हुए कि हमारे रुपयों पर शेर क्यों दिखाए गए हैं एक पैराग्राफ लिखो। कम से कम एक और चीज का नाम लें जिन पर इन्हीं शेरों के चित्र बने
उत्तर:
संभवतः
पराक्रम और वीरता का प्रतीक होने के कारण इन शेरों को लिया गया है। पराक्रम का अनुज पुरूषार्थ अर्थात मेहनत भी है। शेर जंगल का राजा है अत: यह राजमुद्रा का प्रतीक है। परिश्रम या पुरूषार्थ से कमाया गया धन ही कल्याणकारी कार्यों में खर्च होता है, जो व्यक्ति को अधिक पुरूषार्थ करने के लिए पुन: ऊर्जा प्रदान करता है तथा परिश्रमी व्यक्ति क्रमशः प्रगति करता जाता है।

इन शेरों के चित्र सारनाथ (वाराणसी) स्थित बौद्ध स्तूप के ऊपर गाड़े गए एक स्तंभलेख में हैं। वस्तुतः वहीं से इन चित्रों प्रतीकों को हमारे संविधान ने अंगीकार किया है। सरकारी कार्यालयों, दस्तावेजों, न्यायापालिका, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग आदि में इन शेरों के प्रतीक को देखा जा सकता है।

प्रश्न 8.
अगर तुम्हारे पास अपना अभिलेख जारी करने की शक्ति होती तो तुम कौन-सी चार राजाज्ञाएँ देते?
उत्तर:
मेरी परिकल्पित राजाज्ञाएँ:
(i) अच्छे विचार और कर्म वही हैं जिनसे प्राणीमात्र (संपूर्ण जैव परिस्थितिकी) का कल्याण होता है।

(ii) आलस्य के स्थान पर चेष्टा बल, भीरूता के स्थान पर साहस/ विक्रम, षडयंत्र के स्थान पर सुनीति/रणनीति (युक्ति) प्रतीति के स्थान पर प्रमाण और विवाद के स्थान पर वार्ता करें-राजमार्ग स्वतः ही मिल जाएगा।

(iii) दूसरों का अनुकरण आत्महत्या है लेकिन अनुसरण एक वैज्ञानिक प्रक्रिया (प्रेक्षण, निरीक्षण, प्रयोग एवं निष्कर्ष) है-अनुसरण करें-अनुकरण (नकल) नहीं।

(iv) मस्तिष्क चेतना का घर है-इसके परिसर और कक्षों को प्रतिदिन विचारों की विशुद्ध सामग्री देकर सुवासित, सुरम्य और स्वच्छ रखें। आत्मनिरीक्षण, विश्लेषण और सामान्यीकरण से सुंपुष्ट बोध को आसन दें और उसके प्रकाश में सर्व हितकारी कार्यों को संपन्न करें।

(v) बृहत्तर आकार के समाज की एक व्यवस्था शासन है जिसका उद्देश्य समाज की इकाई (व्यष्टि) को ध्यान में रखकर संपूर्ण समाज को परस्पर सौहार्द, समन्वय और एकात्मता के साथ जीवन व्यतीत करने का अवसर परिस्थितियाँ/दशाएँ प्रदत्त करने का है। इस अर्थ में “शासक” वस्तुतः “जन-शासित” है। जनता की सेवार्थ चुना गया है। “सभी में और सभी के साथ” ही शासक शब्द का गूढार्थ है।

HBSE 6th Class Social Science Solutions History Chapter 8 अशोक: एक अनोखा सम्राट जिसने युद्ध का त्याग किया

HBSE 6th Class History अशोक: एक अनोखा सम्राट जिसने युद्ध का त्याग किया Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारतीय रुपये में तीन शेरों के चित्र क्यों छापे गए हैं?
उत्तर:
भारत-सरकार द्वारा सारनाथ के स्तंभ में प्रकीर्ण इस प्रतीक को राजमुद्रा प्रतीक के रूप में अंगीकार दिया गया है। इसके विभिन्न सरकारी मंत्रालय, कार्यालयों, सभा-गृहों आदि के दस्तावेजों, आसनों, आवरणों आदि के ऊपर सज्जित देखा जा सकता है। त्याग की भावना से परिपूर्ण अशोक स्तंभ को सम्मान देने तथा इन चित्रों को गूढार्थ रहने से इस चित्र को स्वीकार किया गया।

प्रश्न 2.
“शेर” एक वन्य पशु किस अन्तर्जात गुण का प्रतीक है?
उत्तर:
पराक्रम, साहस और ऊर्जा का।

प्रश्न 3.
क्या सारनाथ के स्तंभ में भी तीन शेर दिखाए गए हैं?
उत्तर:
नहीं, इसमें एक शेर का मुख पीछे की ओर है जिसको मुद्रण में नहीं दिखाया जा सका है। इस प्रकार चार शेर हैं जो चतुर्दिक पराक्रम, आभा (प्रभाव) और सतर्कता गुणों (अन्तर्जात) के प्रतीक हैं।

प्रश्न 4.
नोटों में शेरों के साथ और क्या-क्या हैं?
उत्तर:
स्तंभ में शीर्षफलक के ऊपर ये शेर हैं। शीर्ष फलक के बीच में धर्मचक्र (24 तीलियाँ अथवा मानव व्यक्तित्व के अपेक्षित गुण), बाँई ओर घोड़ा तथा दाई ओर बैल है। शीर्षफलक के आधार पर “सत्यमेव जयते” उत्कीर्ण है। इस सुभाषित (सुकथन) को मुण्डकोपनिषद् से उद्धृत किया गया है।

प्रश्न 5.
अशोक स्तंभ के ऊपर शेर कैसे बनाए गए हैं?
उत्तर:
अशोक स्तंभ पत्थर का बहुत बड़ा खम्भा है। इसके ठीक उपर पत्थरों में खुदवाकर (उत्कीर्ण करके) शेरों के चित्र बनाए गए हैं।

प्रश्न 6.
स्तंभों के माध्यम से अशोक क्या कहना चाहता था?
उत्तर:
वह शासक था अतः धर्मराज्य (लोकहितकारी नियमों वाले शासकीय नियम एवं व्यवस्था) की स्थापना करना चाहता था। एक ऐसा धर्मराज्य जिसमें शासक के अपनी प्रजा के साथ पिता-पुत्र जैसे भावात्मक संबंध बन सकें और द्वेष, दुर्भावना, ईर्ष्या, हिंसा आदि का राज्य से सर्वथा उन्मूलन किया जा सके।

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प्रश्न 7.
‘गण’ के पश्चात् ‘साम्राग्य’ व्यवस्था क्या एक क्रमिक विकास है?
उत्तर:
हाँ. “गण” में सामूहिक शासन व्यवस्था थी। कालांतर में स्वाभाविक है कि नियमों का उल्लघन होने से इनमें संघर्ष हुआ होगा और शासकों का मन व्यष्टि राजवंश स्थापित करने का बना होगा। इस दिशा में उनका चिन्तन ही “साम्राज्य व्यवस्था” या “आनुवांशिक राजवंश व्यवस्था” को अस्तित्व में लाया होगा।

प्रश्न 8.
अशोक के राज्य को साम्राज्य क्यों कहा जाता.
उत्तर:
साम्राज्य “गण” की तुलना में काफी अधिक विस्तारवाला होता है। साम्राज्य में एक ही राजवंश कई पीढ़ियों तक शासन करता है। शासन प्रणाली राजतंत्र की होती है।

प्रश्न 9.
राजवंश से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जब एक ही परिवार की कई पीढ़ियाँ क्रमशः राजा के पद को विभूषित करती हैं तो ऐसे परिवार को राजवंश कहा जाता है। उदाहरणार्थ-मौर्य वंश, गुलाम वंशा

प्रश्न 10.
मौर्य साम्राज्य के प्रमुख शासकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
चन्द्रगुप्त मौर्य, बिन्दुसार एवं अशोक।

प्रश्न 11.
अशोक के स्तंभ लेख कहाँ-कहाँ पाए जाते हैं?
उत्तर:
(i) सन्मति (कर्नाटक).
(ii) मसीद (तमिलनाडु),
(iii) ब्रहमगिरि (महाराष्ट्र).
(iv) ईरावदी (आंध्र-प्रदेश),
(v) साँची (मध्य प्रदेश).
(vi) रूपनाथ (छत्तीसगढ़).
(vii) बहापुर (दिल्ली),
(viii) मेरठ,
(ix) रामपुरवा (नेपाल), लौरिया, नंदनगढ़ (बिहार) सोपारा (महाराष्ट्र) तथा गिरनार (गुजरात)।

प्रश्न 12.
मौर्यकाल के प्रमुख नगरों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(i) उज्जैन
(ii) तक्षशिला
(iii) पाटलिपुत्र
(iv) कलिंग।

प्रश्न 13.
उज्जैन कहाँ था?
उत्तर:
उत्तर से दक्षिण की ओर जाने के मार्ग पर आधुनिक मध्य प्रदेश में।

प्रश्न 14.
राज्यों से साम्राज्य किस अर्थ में भिन्न थे?
उत्तर:
(i) राज्यों की तुलना में साम्राज्यों का क्षेत्र विस्तृत था।
(ii) साम्राज्य में राज्यों की तुलना में अधिक बड़ी सेना आवश्यक थी।
(iii) संसाधनों को एकत्रित करने के लिए उन्हें कर वसूली करने वाले कर्मचारियों एवं अधिकारियों की बड़ी संख्या में नियुक्ति करनी पड़ती थी।

प्रश्न 15.
साम्राज्य का शासन कैसे चलाया जाता था?
उत्तर:
साम्राज्य दो भागों में बंटा था – (i) केन्द्र और (ii) प्रांत। केन्द्र में राजा था और अपनी सहायता के लिए विविध अधिकारियों, कर्मचारियों, सैनिकों, गुप्तचरों आदि की नियुक्ति करता था। प्रांत में राज्यपाल शाही खानदान के व्यक्ति बनाए जाते थे। तात्पर्य यह है कि शक्तियों का विकेन्द्रीकरण किया गया था।

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प्रश्न 16.
मौर्यों की केन्द्रीय और प्रांतीय राजधानियाँ कहाँ थी?
उत्तर:
केन्द्रीय राजधानी पाटलिपुत्र में और प्रांतीय राजधानी तक्षशिला एवं उज्जैन में।

प्रश्न 17.
क्या प्रांतों पर केन्द्र का नियंत्रण भी रहता था?
उत्तर:
हाँ। राजा के गुप्तचर एवं अन्य अधिकारी प्रांतों में होने वाली गतिविधियों की सूचना राजा को देते रहते थे।

प्रश्न 18.
प्रांतों का शासन किस आधार पर चलाया जाता था?
उत्तर:
प्रांतों में प्रचलित रीति-रिवाज और सामाजिक नियमों के अनुसार।

प्रश्न 19.
केन्द्र और राज्यों के बीच मौर्य शासकों का नियंत्रण किस पर रहता था?
उत्तर:
सड़कों (मागों) और नदियों पर। यहाँ से माल की डुलाई व्यापारिक प्रयोजनों से की जाती थी।

प्रश्न 20.
कर और नजराने में क्या अन्तर है?
उत्तर:
कर की वसूली एक निश्चित अवधि में निरंतर की जाती थी लेकिन नजराना अधीनस्थ राज्य के राजा आदि से किसी भी समय मिल सकता था। कर राशि मुद्रा या वस्तु रूप में होती थी जबकि नजराना स्वेच्छा से विविध वस्तुओं के रूप में उपहारस्वरूप दिया जाता था।

प्रश्न 21.
क्या मौर्यों का वन-क्षेत्रों पर भी नियंत्रण था?
उत्तर:
हाँ। क्योंकि अर्थशास्त्र के विवरण अनुसार मौर्य शासक वनों में रहने वाले लोगों से हाथी, ईमारती लकड़ी, शहद और मोम. को कर के रूप में लेते थे।

प्रश्न 22.
चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में मैगस्थनीज को राजदूत बनाकर किसने भेजा था?
उत्तर:
सेल्युकस निकेटर ने।

प्रश्न 23.
मैगस्थानीज का नाम इतिहास में क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर:
मैगस्थनीज ने मौर्य शासन काल का संपूर्ण विवरणअपनी एक पुस्तक ‘इण्डिका’ में संकलित किया है।

प्रश्न 24.
आप ऐसा क्यों सोचते हैं कि राजा का भोजन चखने वाला एक सेवक भी रहा होगा?
उत्तर:
मैगस्थनीज के विवरण से पता चलता है कि राजा सार्वजनिक स्थानों पर विशेष अंगरक्षकों, तथा प्रशिक्षित लोगों के साथ पालकी में जाता था। वह स्वभाव से कायर किस्म का एवं शंकाल व्यक्ति था। शत्रु भोजन में किसी युक्ति से विष न मिला दें अत: विष प्रभाव को परीक्षा के लिए वह किसी सेवक से उसे चखवाता था।

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प्रश्न 25.
अशोक मौर्य वंश का सर्वाधिक लोकप्रिय शासक कैसे बना?
उत्तर:
वह अपने राजवंश के अन्य राजाओं से भिन्न मनोवृत्ति वाला शासक था। वह शांतिपूर्ण सहअस्तित्व, समता और न्याय को आदर्श शासन का सार समझता था। प्रजा के अन्तर्जात गुणों को उज्ज्वल बनाने के लिए उसने पत्थर की ऊंची-ऊँची लाटों (स्तंभों) पर अपनी राजाज्ञाएँ उत्कीर्ण कराई कि जीवों पर दया करो, अपने लिए जो प्रतिकूल हो उसको दूसरे के लिए न करो। जन-कल्याणकारी ‘विविध कार्य करने से ही वह जन या लोकप्रिय शासक बना। उसको “प्रजानाम् प्रियदर्शी” उपनाम भी दिया गया है।

प्रश्न 26.
अशोक अपनी भावी पीड़ी से युद्ध के स्थान पर धर्म (धम्म) के विस्तार की दिशा में विचार करने की अपेक्षा क्यों रखता होगा?
उत्तर:
युद्ध, आक्रामक मानसिकता का प्रतीक है। ऐसी आक्रामकता अज्ञान के अति-अंधकार में जन्म लेती है और दिन के प्रकाश में क्षत-विक्षत शरीरों, घायलों की चीख-पुकार, आश्रितों का मान्तक विलाप आदि के दर्शन कराती है। इसके विपरीत धर्म जीवन को किसी नियमित क्रम, उपक्रम, दर्शन, प्रेक्षण, चिन्तन और अन्ततः अभिव्यक्ति (वाचिक एवं व्यावहारिक) के साथ जोड़ता है। अतः यह सृजनकारी और लोकहितकारी है। प्रत्येक बुजुर्ग अपनी भावी पीढ़ी के अपने से अधिक विकासोन्मुख रहने की भावना रखता है। ऐसी ही कुछ भावना अशोक के कलिंग युद्ध के उपरांत के स्तंभ-लेख से परिलक्षित होती है।

प्रश्न 27.
धर्म क्या है? अशोक का धम्म क्या था?
उत्तर:
धर्म या धम्म शालीन, संयमित एवं नियमित मानव जीवन की एक कार्य-विधि है। अशोक का धम्म बौद्ध था अतः अहिंसा, दया, प्रेम, मानवता एवं त्याग के गुणों से परिपूरित और प्रेरणादाई था।

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प्रश्न 28.
अशोक के कल्पित धर्म-राज्य का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
अशोक ऐसा धम्म राज्य चाहता था जिसमें परिवार से लेकर देश तक समस्त नागरिक सभ्यता और शिष्टाचार का पालन करें। संतान अपने माता-पिता की आज्ञाकारिणी हो, पड़ोसी, सेवक, दास किसी को मानसिक ठेस या अपमान की अनुभूति न हो, सभी लोग सौहार्दमय यूथचारिता से एकात्मवादी बनें तथा उनमें राष्ट्रप्रेम परिपूरित रहे और किसी तरह के कलह, क्लेश, द्वंद, दुःख, प्रपीड़न, उत्पीड़न, दमन जैसे कुकृत्य पूर्णत: निःशेष हो जाएँ।

प्रश्न 29.
स्तंभ लेखों को पढ़वाने के लिए कर्मचारी क्यों नियुक्त किए गए होंगे?
उत्तर:
आम-जनवा साक्षर नहीं होती अत: लिखी हुई चीजों को पढ़ नहीं पाती है। इसके लिए उन्हें ऐसे कर्मचारी स्तंभ-स्थल पर एकत्रित करके बताते थे कि अशोक का धम्म राज्य क्या है? और वह अपनी प्रिय जनता के हित में क्या सोचता है।? वस्तुतः यह प्रभावशाली अनुप्रेरणा कला थी जिसने अशोक को ‘प्रजानां प्रियदी’ बनाया।

प्रश्न 30.
‘धर्म महामात्य’ पद क्या है? अशोक ने एक नए पद का सृजन क्यों किया होगा?
उत्तर:
“अमात्य” संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है-मन्त्री। महामात्य का अर्थ हुआ-महामंत्री। स्पष्ट है कि अशोक ने एक मंत्रालय राज्य-धर्म का भी स्थापित करवाया था। यह मंत्रालय तथा इसके कई विभाग एवं अनुभाग भारत तथा विदेशों तक विस्तृत थे। धर्म प्रचार ही इसका मुख्य कार्य था।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
परिस्थितियों की कौन सी पृष्ठभूमि में अशोक के “धम्म” का जन्म हुआ? विवेचना कीजिए।
उत्तर:
सिंहासन पर बैठने के पश्चात् अशोक ने देखा कि राज्य के प्रत्येक परिवार अन्तर्कलहओं और आपसी झगड़ों में लिप्त हैं। दासों और नौकरों के साथ बहुत ही अभद्र व्यवहार किया जा रहा है तथा पड़ोसी आपस में छोटी-छोटी बातों पर झगड़ रहे हैं। धर्मों के मामले में समाज के टुकड़े हो रहे हैं। इस दृश्यावली का सर्वेक्षण, आँकडा संकलन आदि करके ही अशोक ने धम्म प्रचार का संकल्प लिया होगा। इस पृष्ठभूमि की अशोक कई स्तंभलेख संपुष्टि करते हैं। वस्तुतः अशोक के “धम्म” की जन्मदाता परिस्थितियाँ यही थी।

प्रश्न 2.
कलिंग युद्ध के पश्चात् अशोक के कार्य क्या थे?
उत्तर:
(i) सर्वजनहितकारी धम्म की संकल्पना को सिद्धांत रूप में ग्रहण
(ii) धम्म को राजसंरक्षण
(iii) धम्म प्रचार
(iv) राजमार्ग, कुँओं, विहारों आदि का निर्माण
(v) मानव स्वास्थ्य की दिशा में कार्य यथा-मनुष्य और जीव-जंतुओं (पेड़-पौधे और पशु-पक्षी) के लिए चिकित्सालयों का निर्माण एवं उचित चिकित्सा व्यवस्था। चूँकि ये सभी कार्य श्रेष्ठ हैं, सभी लोगों के लिए हितकर हैं इसीलिए अशोक को “महान” संज्ञा से विभूषित किया जाता है। उसके धम्म अथवा धारणा का ही यह व्यावहारिक एवं सर्वदर्शी रूप है।

प्रश्न 3.
अशोक का अपनी प्रजा को क्या संदेश था?
उत्तर:
संतान के जन्म, विवाह, रूग्णता या किसी यात्रा पर जाने के समय लोग तरह-तरह के अनुष्ठान करते हैं। ये अनुष्ठान उपयोगी नहीं हैं। यदि इनके स्थान पर लोग अपने दासों और सेवकों के साथ मृदु व्यवहार करते, अपने से वरिष्ठ जनों को सम्मान देते, सभी जीवों पर दया करते, ब्राह्मण और भिक्षुओं को उदारतापूर्वक दान देते, सभी धर्मों के प्रति सहिष्णुता का भाव रखते तथा दूसरों के धर्मों का भी आदर करते तो निश्चित ही इन्हें श्रेष्ठ अनुष्ठान कहा जाता।

प्रश्न 4.
भारतीय मुद्रा में धर्म-चक्र सहित तीन शेरों और महात्मा गाँधी का चित्र नागरिकों से क्या अपेक्षा रखता है?
उत्तर:
सत्यमेव जयते:
‘सत्य ही विजयी होता है।’ के अंकन सहित धर्म-चक्र की 24 तीलियाँ मानवीय 24 गुणों की परिचायक हैं और तीन शेर (मूलतः चार है) पराक्रम, पुरुषार्थ तथा धैर्य के प्रतीक हैं। शीर्षफलक पर बाँई ओर घोड़ा और दाई ओर बैल क्रमशः ऊर्जा और परिश्रम के प्रतीक हैं। मुद्रा किसी न किसी संव्यवहार के अन्तर्गत ही विनिमय का माध्यम है अत: नागरिक को इन गुणों का निरंतर ध्यान दिलाती है।

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प्रश्न 5.
सिकंदर ने भारत पर कब आक्रमण किया?
उत्तर:
सिकंदर यूनान का शासक था। वह बहुत महत्त्वाकांक्षी था। वह विश्व-विजेता का संकल्प लेकर निरंतर युद्ध कर रहा था। उसने सबसे पहले ईरान के सम्राट को हराकर उसका साम्राज्य अपने अधिकार में ले लिया। उसने भारत पर लगभग 2326 वर्ष पूर्व आक्रमण किया था। उसने भारत में पंजाब और कुछ अन्य प्राप्तों को भी जीत लिया था, परन्तु मौर्य शासक की धाक सुनकर उसने – आगे बढ़ना छोड़ दिया और वापस लौट पड़ा। लगभग 2323 वर्ष पूर्व उसकी मृत्यु हुई।

प्रश्न 6.
पंजाब प्रांत को अधिकार में लेने की चन्द्रगुप्त मौर्य की युक्ति का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
चन्द्रगुप्त मौर्य के राजा बनने के समय पंजाब पर सिकंदर का सेनापति सेल्युकस निकेटर राज्यपाल की हैसियत से शासक था। चन्द्रगुप्त मौर्य ने सेल्युकस के विरूद्ध युद्ध छेड़ दिया और भीषण संग्राम के पश्चात् उसने सेल्युकस को पराजित कर दिया। संधि में सेल्युकस ने चन्द्रगुप्त को अपनी पुत्री ब्याह कर दामाद बना लिया था। इस तरह आधुनिक अफगानिस्तान वाला क्षेत्र मौर्य साम्राज्य में मिला लिया गया।

प्रश्न 7.
सर्वाधिक साम्राज्य विस्तार करनेवाले मौर्य शासक का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अशोक ही मौर्य साम्राज्य का सर्वाधिक विस्तार करने वाला शासक था। उसने अपने शासन काल में कलिंग राज्य को जीतकर साम्राज्य का सीमा विस्तार किया। उसके पितामह चन्द्रगुप्त मौर्य ने मगध के साथ ही भारत के एक विशाल भू-भाग तक साम्राज्य विस्तार किया था। उसके पिता बिन्दुसार ने इस साम्राज्य की सीमा- दक्षिण में मैसूर तक पहुँचाई थी। अशोक के शासन काल में कलिंग (उड़ीसा) तक पुनः विस्तार होने से हम अशोक को ही सर्वाधिक साम्राज्य विस्तार करने वाला शासक या सर्वाधिक बड़े साम्राज्य का शासक कह सकते हैं।

प्रश्न 8.
मैगस्थनीज द्वारा वर्णित चन्द्रगुप्त मौर्य कालीन भारत की राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक दशा को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
मैगस्थनीज ने अपनी पुस्तक ‘इंडिका’ में चन्द्रगुप्त के शासन काल की बातें संकलित की हैं। इस पुस्तक के अनुसार:
(i) चन्द्रगुप्त:
एक योग्य और शक्तिशाली शासक था। उसके पास विशाल सेना थी और वैभवपूर्ण जीवन व्यतीत करता था। स्तंभ लेखों के अनुसार प्रजा हित में कार्य करने को उसने अपना दायित्व स्वीकार किया था।

(ii) राजधानी:
चन्द्रगुप्त की राजधानी पाटलिपुत्र थी। यह एक सुंदर नगर था जिसके चारों ओर मजबूत दीवारें बनी हुई थी। राजमहल लकड़ी से निर्मित था और नक्काशीदार पत्थरों से अलंकृत किया गया था।

(iii) बरबार:
चन्द्रगुप्त के दरबार के बाहर फाटक में एक घंटी लटकी रहती थी और पीड़ित व्यक्ति (फरियादी) किसी भी समय उसको खींचकर शासक से न्याय की मांग कर सकता था। शासक इसमें किसी तरह की कोताही नहीं बरतता था।

(iv) आम-जनता और उद्योग-धंधे:
प्रजा का अधिसंख्यक वर्ग कृषक था। वे अपनी भूमि या राजा की भूमि पर खेती करते थे। नगरों में शिल्पी, लेखक, बढ़ई, लोहार और कम्मकार (कर्मकार) आदि दस्तकार एवं श्रमजीवी रहते थे। व्यापार की दशा उन्नत थी। समाज का एक बहुत बड़ा भाग सेना में भर्ती था क्योंकि मौर्य शासकों की विशाल सेना थी। सर्वत्र सुख-शांति थी, अपराध बहुत कम होते थे क्योंकि दण्ड-व्यवस्था बहुत ही कठोर थी।

प्रश्न 9.
अशोक ने प्रजा की भलाई के लिए कौन-2 से कार्य किए?
उत्तर:
अशोक को इतिहास में एक महान सम्राट कहा गया है। वह प्रजा को अपनी संतान जैसा मानता था। एक अच्छे पिता की तरह उसने प्रजा की भलाई के निम्नलिखित कार्य किए:
(क) रोगी मनुष्यों और पशुओं के लिए औषधालय और अस्पताल बनवाए।
(ख) यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखा, लंबी-लंबी सड़कों का निर्माण कराया तथा उनके दोनों ओर छायादार वृक्ष लगवाए।’ . (ग) मार्ग में कुएँ. बाबड़ी और जलाशयों का निर्माण कराया।
(घ) स्थान-स्थान पर धर्मशालाएँ, अतिथि-गृह, विश्राम-गृह आदि का निर्माण कराया।
(ङ) अहिंसा और धर्म का प्रचार करने के लिए धर्म महामात्यों की नियुक्ति की।
(च) भिक्षु और भिक्षुणियों के रहने हेतु संघाराम और विहार बनवाए।

HBSE 6th Class Social Science Solutions History Chapter 8 अशोक: एक अनोखा सम्राट जिसने युद्ध का त्याग किया

प्रश्न 10.
अशोक की शासन व्यवस्था में अधिकारी तन्त्र को कौन-कौन से कार्य सौंपे गए थे?
उत्तर:
अशोक के शासन काल में अधिकारीतंत्र/वर्ग को निम्नलिखित कार्य सौंपे गए थे:
(क) कर इकट्ठा करना: कुछ अधिकारी गाँव-गाँव घूमकर कर-संग्रह करते थे। वे कर का पूरा हिसाब-किताब रखते थे।

(ख) न्याय करना: इसके लिए न्यायाधीशों की नियक्ति की गई थी। मामले की गहरी छान-बौन करवाकर ही वे फैसला सुनाते थे। अशोक के काल में दण्ड व्यवस्था अत्यधिक कठोर नहीं

(ग) लेखा रखना: पशुओं और लोगों की निश्चित समय पर गणना करने के लिए भी कुछ अधिकारी नियुक्त किए गए थे। इस विभाग की शाखायें गाँव-गाँव तक फैली थी।

(घ) धर्म प्रचार करना: एक मंत्रालय की स्थापना और उसके अधिपति धम्म महामात्य की नियुक्ति करना धर्म-प्रचारको की बड़ी संख्या में नियुक्ति की गई थी। वे राज्य में घूम-घूम कर लोगों को धर्म का सार समझाते थे। वे ही ग्रामीणों एवं अन्य नागरिकों की शिकायतें सुनकर उनका उपयुक्त फैसला भी करते थे। अधिकारी प्रजा में एकता, आत्मीयता, एकात्मता और देश-प्रेम जगाने की दिशा में चेष्टा करते थे।

अशोक: एक अनोखा सम्राट जिसने युद्ध का त्याग किया Class 6 HBSE Notes in Hindi

1. भारतीय नोटों में गाँधी जी का मुस्कराता चित्र क्यों दिया गया होगा?: राष्ट्र नागरिकों को कर्मवीर और संकल्प वीर राष्ट्रपिता की स्मृति कराने हेतु।
2. भारतीय मुद्रा में अंगीकार किया गया तीन सिहों का चित्र कहाँ से लिया गया है?: गौतम बौद्ध के प्रथम उपदेश स्थल सारनाथ (इलाहाबाद) के स्तूप से।
3. सिहों का मुद्रांकन किस वस्तु पर किया गया है?: एक ऊँचे पाषाण स्तंभ पर उत्कीर्ण है।
4. मौर्य वंश की नींव किसने रखीं?: चन्द्रगुप्त मौर्य ने।
5. चन्द्रगुप्त का संरक्षक, प्रधानमंत्री एवं गुरू कौन था?: विष्णुगुप्त। इन्हें गुरूकुल के प्राचार्य-चणक का पुत्र होने के कारण चाणक्य कहा गया है।
6. चाणक्य रचित पुस्तक का नाम: अर्थशास्त्र।
7. मौर्य वंश के प्रभावशाली एवं प्रतापी राजा कौन थे?: चन्द्रगुप्त मौर्य, बिन्दुसार, अशोक-आनुवांशिक पद।
8. तक्षशिला राजधानी क्यों प्रसिद्ध थी?: पश्मिोत्तर भारत और मध्य एशिया का संपर्क स्थल।
9. ग्रामीणों और पशुपालकों की बस्तियाँ कहाँ थी?: मध्य भारत में।
10. मौर्यकाल के प्रमुख अधिकारी: कर-समहर्ता, राजदूत गुप्तचर, राज परिवार के सदस्य, राज्यपाल।
11. पाटलिपुत्र नगर की क्या विशेषताएँ हैं?: मोटी दीवारों वाली चारदीवारी, 570 गुंबद और 64 फाटक, लकड़ी और कच्ची इंटों के घर, पत्थर की नक्काशीवाला काष्ठ निर्मित राजमहल तथा उद्यान एवं उपवन।
12. युद्ध त्याग की प्रेरणा क्या थी?: राज्य को युद्ध और जन-संहार से जीतने की बजाए धम्म से मानव हृदय को जीतना अधिक श्रेयस्कर है।
13. धम्म क्या है?: संस्कृत शब्द धर्म का प्राकृत भाषा में पर्याय।
14. अशोक के संदेश कैसे प्रसारित हुए?: इन्हें चट्टानों और स्तंभों में उत्कीर्ण कराया गया।
15. अशोक ने कौन-कौन से देशों में बौद्ध धर्म का प्रचार कराया?: सीरिया, मिन, यूनान और श्रीलंका।
16. अशोक क्यों चाहता था कि कर्मकांडों पर आस्था न रखें बल्कि जीवों पर दया करें?: वह बौद्ध धर्म का अनुयायी था और इसमें अहिंसा तथा प्रेम पर बल दिया गया है।
17. अन्य धर्मों के बारे में अशोक का क्या विचार था? सहिष्णुता और उनके अच्छे अंशों को समझने की चेष्टा।
18. ब्राह्मी लिपि से किन-किन लिपियों का उद्भव हुआ है?: देवनागरी, बंगाली, मलयालम् और तमिल।
19. चीन की दीवार कितनी लंबी है?: 6400 किमी.

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