Haryana State Board HBSE 6th Class Social Science Solutions History Chapter 6 राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 6th Class Social Science Solutions History Chapter 6 राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य
HBSE 6th Class History क्या बताती हैं हमें किताबें और कब्रें Textbook Questions and Answers
कल्पना करो:
वैशाली के उस सभागार में तुम अंदर झाँक रहे हो जहाँ मगध के राजाओं द्वारा आक्रमण का सामना करने के विषयों पर चर्चा की जा रही है। तुमने क्या सुना?
उत्तर:
वैशाली के सभा-भवन में हमें यह सुनाई देगा कि आठ गणों वाले वज्जि परिसंघ पर मगध का अजातशत्रु आक्रमण करने वाला है। सभासदों में से कुछ ने परामर्श दिया कि मल्ल और काशी के नौ-नौ गणों वाले परिसंघों की सहायता लेकर अजातशत्र का मुकाबला किया जाए। तुरंत दूत भेजा जाए और सहयोग वार्ता के लिए उक्त दोनों परिसंघों के राजाओं को आमंत्रित किया जाए।
आओ याद करें:
Class 6th History Chapter 6 HBSE राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य प्रश्न 1.
सही या गलत बताओ:
(क) अश्वमेध के घोड़े को अपने राज्य से गुजरने की छूट देने वाले राजाओं को यज्ञ में आमंत्रित किया जाता था।
(ख) राजा के ऊपर सारथी पवित्र जल का छिड़काव करता
(ग) पुरातत्वविदों को जनपदों की बस्तियों में महल मिले हैं।
(घ) चित्रित-धूसर पात्रों में अनाज रखा जाता था।
(अ) महाजनपदों में बहुत से नगर किलाबंद थे।
उत्तर:
(अ) सत्य
(ब) असत्य
(स) असत्य
(द) असत्य:
(य) सत्य
HBSE 6th Class Social Science राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य प्रश्न 2.
नीचे दिए गए खानों में निम्नलिखित शब्द भरो:
शिकारी-संग्राहक, कृषक, व्यापारी, शिल्पकार, पशुपालक
उत्तर:
(i) कृषक
(ii) शिल्पकार
(ii) पशुपालक
(iv) व्यापारी
(v) शिकारी संग्राहक।
राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य HBSE 6th Class Social Science प्रश्न 3.
समाज के वे कौन-से समूह थे, जो गणों की संभाओं में हिस्सा नहीं ले सकते थे?
उत्तर:
शूद्रों, महिलाओं, दासों और कर्मकार समूहों को।
आओ चर्चा करें:
प्रश्न 1.
महाजनपद के राजाओं ने किले क्यों बनवाए?
उत्तर:
किले बनाने के कारण:
1. अन्य राजाओं के आक्रमण से प्रतिरक्षा के लिए।
2. अपने वैभव और समृद्धि का प्रभाव जमाने के लिए।
3. किले के भीतर की भूमि और जनता पर सुगमता से नियंत्रण रखने के लिए।
4. भूमिहीन बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए।
5. भवन-निर्माण शिल्प को प्रोत्सहित के लिए।
6. युद्ध के समय कुशल रणनीति बनाने के लिए।
प्रश्न 2.
आज के शासकों के चुनाव की प्रक्रिया जनपदों के चुनाव से किस तरह भिन्न थी?
उत्तर:
जनपदों के शासक तदर्थ आधार पर कार्य-प्रयोजन से चुने जाते थे जबकि आधुनिक चुनाव प्रक्रिया निधारित कार्य-अवधि (सामान्यतः पाँच वर्ष) की है। जनपदों की सभा के समस्त सदस्यों के बहुमत से शासकों का चयन होता था जबकि आधुनिक निर्वाचन सर्वजन मत (वयस्क मताधिकार) के आधार पर होता है।
जनपदों की चुनाव प्रक्रिया में व्यक्ति के साहसिक, वीरतापूर्ण, युक्तिपूर्ण कार्यों की पृष्ठभूमि के आधार पर चयन होता था लेकिन |आज पच्चीस वर्ष के प्रत्येक नागरिक को चुनाव लड़ने का हक है। यह अलग बात है कि सामाजिक प्रभाव न रहने की दशा में
उसकी जमानत ही जब्त हो जाए। नागरिक की शिक्षा, संस्कार, । पारिवारिक पृष्ठभूमि, आधार आदि की सर्वथा उपेक्षा कर दी जाती है। इससे राजनीति का अपराधीकरण और समाज का उत्पीड़न बढ़ता है। शासकों का कोई महल नहीं होता था और न कोई विशेषाधिकार ही उन्हें दिया जाता था। वे आम नागरिक थे और समिति के नियंत्रण से राजकाज चलाते थे। इसके विपरीत आज के शासकों (प्रतिनिधियों) को विविध सुख-सुविधाएँ, विशेषाधिकार प्राप्त हैं तथा अपने ही निर्वाचन क्षेत्र में जाने के लिए उन्हें प्रक्षेपास्त्र प्रतिरोधक (bullet proof) वाहन और कवच (jacker) जैसी आत्मरक्षक चीजें भी उपलब्ध हैं।
आओ करके देखें:
प्रश्न 3.
तुम्हारी पुस्तक के अंत में दिए गए राजनीतिक मानचित्र में अपना राज्य ढूँढ़ो। क्या वहाँ प्राचीन जनपद थे? अगर हाँ तो उनके नाम लिखो। अगर नहीं, तो अपने राज्य के सबसे नजकदा पड़ने वाले जनपदा के नाम बताओ।
उत्तर:
यह प्रश्न नितांत छात्र के व्यष्टि अवस्थान से संबंध रखता है अतः छात्र ही इसका सही उत्तर दे सकते हैं। कुछ संकेत निम्नवत् दिए जा सकते हैं
संकेत:
यदि आप दिल्ली में रहते हैं तो यहाँ का पुराना किला प्राचीन जनपद था। इसके उत्तर में कुरु, दक्षिण में अवन्ति, पूर्व में कोशल और पश्चिम में गाँधार (पाकिस्तान) नामक जनपद था। एकदम पास-पास वाले जनपद पांचाल, कौशाम्बी और सूरसेन आदि थे।
प्रश्न 4.
प्रश्न 2 के उत्तर में बताए गए समूहों में से कौन से समूह आज भी कर देते हैं।
उत्तर:
करदाता समूह हैं –
1. व्यापारी
2. शिल्पकार
3. पशुपालका
प्रश्न 5.
प्रश्न 3 के उत्तर में बताए गए समूहों में किन-किन को आज मतदान का अधिकार प्राप्त है?
उत्तर:
महिलाओं सहित सभी नागरिकों को मतदान का अधिकार प्राप्त है। कर्मकार (भूमिहीन श्रमिक) भी मतदान करते हैं और आज के युग में दास एवं दासी वर्ग नहीं है।
HBSE 6th Class History राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य Important Questions and Answers
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
अश्वमेध क्यों किया जाता था?
उत्तर:
यह एक राजा के शक्ति परीक्षण और राज्य-विस्तार की कार्यविधि थी। यह राजा के चुनाव की प्रक्रिया भी थी।
प्रश्न 2.
अश्वमेघ यज्ञ में सम्मिलित होने वाले कौन-कौन – से वर्ग थे?
उत्तर:
1. अश्वमेध करने
2. वाला राजा
3. अधीनस्थ राजा
4. पुरोहित
5. सारथी
6. वैश्य
7. सैनिक।
प्रश्न 3.
उत्तर वैदिक ग्रंथों के नाम लिखिए।
उत्तर:
सामवेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद एवं अन्य ब्राह्मण ग्रंथ।
प्रश्न 4.
उत्तर वैदिक ग्रंथों की क्या विशेषता है?
उत्तर:
ये ग्रंथ पूर्व-वैदिक काल के ऋग्वेद की तरह स्तुतिगान तक सीमित नहीं हैं बल्कि इनमें सामाजिक नियमों, विविध अनुष्ठानों एवं उनकी कार्य-विधियों का उल्लेख है।
प्रश्न 5.
उत्तर वैदिक काल का धनी वर्ग कौन था?
उत्तर:
पुरोहित, योद्धा, कृषक और व्यापारी वर्ग।
प्रश्न 6.
उत्तर वैदिक काल में निर्धन वर्ग कौन था?
उत्तर:
पशुपालक, शिल्पकार, श्रमिक, मछली पकड़ने वाले, शिकारी और भोजन संग्राहक।
प्रश्न 7.
ब्राह्मणों और क्षत्रियों का क्या कार्य था?
उत्तर:
ब्राह्मणों का कार्य वेदों का अध्ययन और यज्ञ करना था जबकि क्षत्रियों का कार्य युद्ध करना और लोगों की रक्षा करने का था।
प्रश्न 8.
वैश्य और शूद्र वर्ग का क्या कार्य था?
उत्तर:
वैश्यों का कार्य खेती करना, पशुपालन और व्यापार करने का था। शूद्रों का कार्य ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य (तीन वर्ण) की सेवा करने का था।
प्रश्न 9.
वर्ण क्या थे और किस आधार पर बनाए गए
उत्तर:
समाज का अलग-अलग वर्ग-विभाजन ही वर्ण थे। इनको कार्य के अनुसार विभाजित किया गया था लेकिन आगे चलकर इनका आधार जन्म को मान लिया गया।
प्रश्न 10.
वेदों के अध्ययन का अधिकार किन्हें नहीं दिया गया था?
उत्तर:
महिलाओं तथा शूद्रों को।
प्रश्न 11.
अछूत या अस्पृश्य वर्ग किनका था?
उत्तर:
1. शिल्पकार
2. शिकारी
3. भोजन-संग्राहक और
4. श्मशान घाट के चंडाल (शवदाह करने वाले)।
प्रश्न 12.
वर्ण-व्यवस्था का विरोध करने के क्या आधार थे?
उत्तर:
1. कुछ राजाओं का स्वयं को पुरोहितों से श्रेष्ठ समझना
2. जन्म-आधार पर वर्ण का निर्धारण उचित न होना
3. व्यवसाय को भेदभाव का आधार न मानना
4. यज्ञ आदि संपन्न करने में कुछ लोगों की उपेक्षा करना अनुचित
5. छुआछूत से समाज का विघटन हो सकता था।
प्रश्न 13.
कुछ जनपदों की बस्तियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
हस्तिनापुर (मेरठ), अतरंजीखेड़ा (एटा) और पुराना किला (दिल्ली)।
प्रश्न 14.
जनपदों के लोगों का क्या व्यवसाय था?
उत्तर:
ये पशुपालक और कृषक थे।
प्रश्न 15.
जनपदों का कृषक वर्ग कौन-कौन सी फसलें उगाता था?
उत्तर:
चावल, गेहूँ, जौ, धान, कई तरह की दालें, गन्ना, तिल तथा सरसों।
प्रश्न 16.
उत्खनन से प्राप्त मिश्रित धूसर (स्लेटी) बर्तनों की बनावट कैसी है?
उत्तर:
ज्यामितीय आकार के हैं। इनमें ज्यादातर थालियाँ और कटोरियाँ ही मिली हैं। वे बहुत ही पतली सतह के और चिकने हैं।
प्रश्न 17.
महाजनपद क्या थे?
उत्तर:
महाजनपद वस्तुत: सरकार की जनपद से बड़ी संस्था थी। इनकी एक राजधानी होती थी और चारों ओर से किलेबंदी अथवा लकड़ी, ईंट या पत्थर की ऊँची चारदीवारी होती थी। प्रत्येक महाजनपद में उसकी अपनी नियमित सेना होती थी।
प्रश्न 18.
महाजनपदों के राजा ऋग्वेद में वर्णित राजाओं से किस प्रकार भिन्न थे?
उत्तर:
ऋग्वेद में वर्णित राजा केवल समिति/सभा द्वारा तदर्थ चुने गए मुखिया होते थे जबकि महाजनपदों के राजा अश्वमेध यज्ञ के द्वारा चुने जाते थे और उनके अधीन जनपदों के कई राजा रहते थे। ऋग्वेद में वर्णित राजाओं द्वारा जनता पर कर नहीं लगाए जाते थे जबकि महाजनपदों के राजा कर लगाते थे।
प्रश्न 19.
महाजनपदों में कौन-कौन से कर लगाए गए थे?
उत्तर:
1. कृषि उत्पाद पर
2. वृत्ति कर
3. शिल्प कर
4. पशु कर
5. बिक्री कर.
6. वन्य उत्पाद कर
7. वन्य पशु आखेट कर ।
प्रश्न 20.
शिकारी तथा खाद्य-संग्राहक लोग कर के रूप में राजा को क्या देते थे?
उत्तर:
शिकारी को वर्ष में किए गए शिकार की एक निश्चित मात्रा और खाद्य-संग्राहकों को वन से प्राप्त वस्तुओं की एक निश्चित मात्रा राजा को देनी पड़ती थी।
प्रश्न 21.
उत्तर वैदिक काल की कृषि में दो महत्त्वपूर्ण परिवर्तन क्या आए?
उत्तर:
1. लकड़ी की फाल के स्थान पर लोहे की फाल लगाकर जुताई की जाने लगी.
2. धान की बीज छिटककर बुआई के स्थान पर रोपाई की जाने लगी!
प्रश्न 22.
धान की रोपाई का कार्य कौन करते थे?
उत्तर:
दास, दासियों एवं कर्मकार (भूमिहीन खेतिहर मजदूर)।
प्रश्न 23.
महाजनपद के राजाओं ने कृषि के इन परिवर्तनों को बढ़ावा क्यों दिया होगा?
उत्तर:
1. जुताई का कायं पहले से अच्छा और सुगम हो गया था। कठोर भूमि भी खोदी जा सकती थी।
2. बुआई में बीजों की बर्बादी रुक गई थी और पैदावार भी अधिक होने लगी थी।
प्रश्न 24.
मगध कहाँ था और यहाँ कौन-कौन सी नदियाँ बहती थीं?
उत्तर:
आधुनिक बिहार ( गया, पटना और शाहाबाद जिलों तक विस्तृत भू भाग) में। यहाँ गंगा और सोन नदियाँ बहती थीं।
प्रश्न 25.
उत्तर वैदिक काल में मगध की राजधानी कहाँ थी?
उत्तर:
राजगृह (आधुनिक राजगीर), बिहार में।
प्रश्न 26.
मगध को एक शक्तिशाली महाजनपद बनाने में किन प्राकृतिक संसाधनों का हाथ रहा होगा?
उत्तर:
1. नदियों से जल की पर्याप्त आपूर्ति
2. सघन वनों के पशु (हाथी) और लकड़ी (घर, बैलगाड़ी, रथ आदि बनाने हेतु) की प्रचुरता और
3. लौह अयस्क की खोज (हथियार और औजार बनाने हेतु) का।
प्रश्न 27.
आप किस आधार पर यह कह सकते हैं कि मगध अत्यधिक शक्तिशाली महाजनपद था?
उत्तर:
मकदुनिया का राजा सिकंदर आज से लगभग 2300 वर्ष पूर्व जब उत्तर में व्यास नदी के पास पहुंचा तो उसको मगध की विजयगाथा सुनकर इतना भय हुआ कि उसने आगे कदम नहीं रखे।
प्रश्न 28.
जनपदों की सेना और ऋग्वेद में वर्णित सेना में क्या अंतर था?
उत्तर:
जनपदों की सेना प्रशिक्षित और नियमित थी जबकि ऋग्वेद में वर्णित सेना में आम नागरिकों को तदर्थ आधार पर चुना जाता था। वे अप्रशिक्षित होते थे। जनपदों की सेना चार भागों में विभाजित थी – (i) पैदल, (ii) अश्वारोही, (iii) गजारूढ़ और (iv) रथारूड़ सेना। ऋग्वेद वर्णित सेना केवल पैदल, अश्वारोही और रथारूड़ थी। जनपदों की सेना के सैनिक मासिक वेतन पाते थे जबकि ऋग्वेद में वर्णित सैनिक अवैतनिक थे।
प्रश्न 29.
वज्जि (बिहार) की शासन व्यवस्था कैसी थी?
उत्तर:
गण या सघ कहा जाने वाली शासन व्यवस्था। यह राज्यों के एक परिसंघ जैसी थी। इसमें कई राजा एक-साथ शासन करते थे।
प्रश्न 30.
दीघ निकाय क्या है?
उत्तर:
बौद्ध धर्म का एक लोकप्रिय ग्रंथा
प्रश्न 31.
वज्जि संघ और अन्य जनपदों में क्या अंतर था?
उत्तर:
1. इसमें सामूहिक शासन कार्य होता था जबकि जनपदों में केवल एक राजा ही शासक था।
2. इसमें महिलाओं को सम्मान दिया जाता था जबकि जनपदों में उन्हें दासी बनाए जाने का वर्णन है।
3. वन्जि में नियमित रूप से सभाएँ आयोजित की जाती थीं जबकि जनपदों में केवल विशेष कार्य के लिए ही सभा का आयोजन होना था।
प्रश्न 32.
पहली लोकतंत्र या गणतंत्र व्यवस्था कब और कहाँ स्थापित हुई?
उत्तर:
एथेन्स (यूनान) में लगभग 2500 वर्ष पहले।
प्रश्न 33.
एथेन्स में महत्त्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति का तरीका क्या था?
उत्तर:
लाटरी डाली जाती थी।
प्रश्न 34.
एथेन्स में गणतंत्र या प्रजातंत्र में कौन लोग नागरिक अधिकारों से वंचित थे?
उत्तर:
1. विदेशी व्यापारी और शिल्पकार तथा
2. खानों, खेतो. घरों व कार्यशालाओं में कार्यरत दास।
प्रश्न 35.
क्या आप यह कहेंगे कि एथेन्स में गणतंत्र अपने विशुद्ध रूप में था?
उत्तर:
नहीं। एक विशुद्ध गणतंत्र में किसी भी मनुष्य को दास = रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। इसमें नियुक्तियाँ योग्यता के आधार पर की जाती हैं, लॉटरी आधार पर नहीं। महिला और पुरुष को समान नागरिक अधिकार रहते हैं। एथेन्स में महिलाओं को नागरिक अधिकारों से वंचित किया गया था।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
विचार कीजिए कि उत्तर वैदिक काल में पशुपालक, शिल्पकार, श्रमिक, मछली पकड़ने वाले, शिकारी और भोजन-संग्राहक निर्धन क्यों रहे होंगे।
उत्तर:
1. समाज के इन व्यवसायों पर कर लगाए जाते थे।
2. ये वर्ग उपेक्षित थे और यज्ञ, अनुष्ठान, सभा-समिति आदि में भाग नहीं ले सकते थे।
3. इन लोगों को किसी तरह की राजकीय सहायता और प्रोत्साहन प्राप्त नहीं था।
4. इनके साथ दासों जैसा व्यवहार किया जाता था।
प्रश्न 2.
वर्ण-व्यवस्था आरंभ में कार्य-आधारित थी लेकिन कालांतर में जन्म-आधारित क्यों बनी होगी?
उत्तर:
संभवत: इसके निम्नलिखित कारण रहे होंगे:
(1) कार्य के साथ मनुष्य के संस्कारों का अन्तर्गन्थन रहता है। उदाहरणार्थ-अध्यापक की वाणी, व्यवहार आदि लगातार अभ्यास के कारण स्कूल के बाहर, घर और समाज में भी उपदेश, निर्देश वाली बन जाती है।
(2) एक कार्य विशेष को करने वाले व्यक्ति का शिशु आरंभ से ही उस कार्य के संस्कारों को ग्रहण करने लगता है।
(3) उत्तर वैदिक काल में राज्य स्तर पर व्यावसायिक प्रशिक्षण, सार्वजनिक शिक्षा. बुनियादी शिक्षा आदि अवसरों का अभाव रहने और श्रम-संघों का परस्पर कोई संबंध न रहने के कारण बच्चों में विविध रुचियाँ नहीं जाग पाई वे केवल अपने पैतृक व्यवसाय तक सीमित रह गए।
(4) ब्राह्मणों को विशिष्टता वाले उस समाज में कई कार्यो को तुच्छ समझा जाता था और उन कार्यों को करने वाले लोगों को भी समाज से दूर रखा जाता था। इस कारण भी भावी-पीड़ी में नए संस्कारों का प्रस्फुटन न हो पाया।
प्रश्न 3.
राजतंत्र और गणराज्य में क्या अंतर है?
उत्तर:
राजतंत्र:
1. इसमें शासन की सारी शक्तियाँ राजा के पास रहती थीं। वह निरंकुश होता था।
2. इसमें राजा का पैतृक पद होता था। गणराज्य
3. इसमें शासन की शक्ति जनता में निहित रहती है। राजा का चुनाव भी जनता ही करती है।
4. इसमें राजा का पैतृक पद नहीं रहता और जनता अपनी इच्छा से किसी भी व्यक्ति को राजा चुन सकती है।
प्रश्न 4.
विनिमय प्रणाली के क्या दोष थे? व्यापार के विस्तार में मुद्रा (आहत सिक्के) की क्या भूमिका रही?
उत्तर:
एक वस्तु देकर उसके बदले में दूसरी वस्तु लेने को विनिमय प्रणाली (लेन-देन) कहा जाता है। उत्तर वैदिक काल की विनिमय प्रणाली में निम्नलिखित दोष थे:
(क) वस्तुओं के लेन-देन में कठिनाई: वस्तुओं को बेचने और खरीदने में कठिनाई होती थी। उदाहरणार्थ-गुजरात का नमक ढोकर पंजाब लाना और यहाँ से गेहूँ ले जाना।
(ख) अधिक वस्तुएँ न रहना:
प्रत्येक व्यक्ति आत्मनिर्भर नहीं था। उसके पास इतनी वस्तुएँ नहीं होती थी, कि उन्हें देकर वह इच्छानुसार आवश्यकता की अन्य वस्तु को ले सके। व्यापार के विस्तार में मुद्रा (आहत सिक्कों) का प्रभाव !: मुद्रा के प्रचलन ने व्यापार को आसान बना दिया था। अब वस्तुओं को दूर तक ढोकर विनिमय करने की आवश्यकता नहीं रह गई थी। व्यापारियों की संख्या भी बढ़ गई थी क्योंकि सिक्कों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना अपेक्षाकृत आसान था।
प्रश्न 5.
करों का क्या महत्त्व है? उत्तर वैदिक काल में कर किस प्रकार लगाए और वसूल किए जाते थे?
उत्तर:
करों का महत्त्व:
किसी राज्य की उन्नति, समृद्धि और सुरक्षा के लिए उसके पास संसाधनों का रहना आवश्यक है। राज्य के प्रशासन कार्यों में धन की आवश्यकता होती है। उदाहरणार्थ-सैनिकों तथा कर्मचारियों का वेतन, सभा आदि आयोजन के खर्च आदि न रहने पर राज्यकार्य कर पाना असंभव हो जाता कर लगाने और वसूली करने का ढंग: वस्तुओं के सभी उत्पादक राजा को कर भुगतान करते थे। कृषक अपनी उपज का 1/6 भाग कर के रूप में देते थे।
बुनकर, लोहार या सुनार को राजा के लिए वर्ष में 12 दिन काम करना होता था। व्यापारी माल की खरीद और बिक्री पर कर देते थे। शिकारियों और संग्राहकों को जंगल से प्राप्त वस्तुएँ देनी होती थीं और पशुपालकों को जानवरों या उनके उत्पाद को कर रूप में देना होता था।
प्रश्न 6.
पूर्व वैदिक और उत्तर वैदिक काल के बारे में जानकारी के स्रोत बताइए।
उत्तर:
पूर्व वैदिक और उत्तर वैदिक काल के जानकारी स्रोत:
1. वेद: वेदों से हमें तत्कालीन लोगों के रहन-सहन, सामजिक संगठन, आचार-व्यवहार, आस्था और धर्म की जानकारी मिलती है।
2. अवशेष: धूसर मिट्टी के चित्रकारी वाले बर्तन, किलों के भग्नावशेष आदि बहुत सी चीजें उक्त काल के सामाजिक और राजनीति परिवेश की जानकारी कराती हैं।
3. प्राचीन कस्बे: जन, जनपद, महाजनपद और गण या संघ शासन व्यवस्था में विद्यमान किलाबंदी (चारदीवारी) वाले शहरों के अवशेष भी उस काल की बहुत सी जानकारियाँ देते हैं।
4. जैन तथा बौद्ध धर्म: इन दोनों धर्मों के प्रसिद्ध धर्मग्रन्थ यथा-दीध निकाय (प्रसिद्ध बौद्ध ग्रंथ) उस काल के जन-जीवन और शासन व्यवस्था पर समुचित प्रकाश डालते हैं।
प्रश्न 7.
उत्तर वैदिक काल में जाति प्रथा की क्या मुख्य विशेषताएँ थीं?
उत्तर:
इस काल में जाति प्रथा की निम्नलिखित विशेषताएँ थीं:
(i) विभिन्न जातियों के लोग एक दूसरे के साथ बैठकर भोजन नहीं कर सकते थे।
(ii) जातियाँ चार भागों में विभाजित थीं-
- ब्राह्मण
- क्षत्रिय
- वैश्य और
- शूद्र।
(iii) चूँकि पुत्र अपने पिता के व्यवसाय को अपनाने लगे थे अत: जाति का आधार कार्य न रहकर जन्म बन गया।
(iv) प्रत्येक जाति के लिए अलग-अलग नियम बनाए गए थे। नियमों की अवहेलना करने वाले को दण्डित किया जाता था।
(v) अलग-अलग व्यवसाय करने वालों की अपनी अलग-अलग उपजातियाँ बन गई थीं।
प्रश्न 8.
मगध में ऐसी कौन सी प्राकृतिक सुविधाएँ थीं जिनके कारण वह एक शक्तिशाली और समृद्ध जनपद बना?
उत्तर:
मगध को प्राप्त ऐसी प्राकृतिक सुविधाएँ निम्नलिखित थीं:
(i) कच्चे लोहे की प्रचुर उपलब्धि: मगध राज्य छोटा नागपुर के पठार तक विस्तृत था। यहाँ लोहे की खदानें थी और प्रचुर मात्रा में कच्चा लोहा प्राप्त होता था। इससे औजार और अस्त्र-शस्त्र बनाने में सहायता मिली और युद्ध जीते गए तथा राज्य-विस्तार किया गया।
(ii) व्यापार की उन्नति: मगध गंगा और सोन नदियों की घाटी में था अतः इन नदियों ने नौकायन और नौ-यात्रा की सुविधा प्रदान की। इसके फलस्वरूप व्यापार का प्रचुर उत्कर्ष हुआ। मगध सम्राट बिम्बिसार ने अंग राज्य पर अधिकार कर लिया जिससे चंपा के बंदरगाह पर भी उसका नियंत्रण हो गया।
(iii) गंगा का उपजाऊ मैदान: मगध राज्य गंगा और सोन नदी की घाटी में होने के कारण इसमें जलोड़ उपजाऊ मिट्टी थी। इसमें खाद्यान्नों की फसलें प्रचुर मात्रा में उगाई जाती थीं।
प्रश्न 9.
राजा शासन किस तरह चलाता था? वह राज-काज के खर्च हेतु धन कहाँ से प्राप्त करता था?
उत्तर:
राजा द्वारा शासन-कार्य पुरोहित और मंत्रियों की सहायता से किया जाता था। कई अधिकारी भी नियुक्त किए जाते थे। राज-काज का खर्च पूरा करने के लिए राजा किसानों से उपज का 1/6 भाग लगान के रूप में वसूल करता था। लोहार राजा के लिए मुफ्त में औजार बनाते थे। बढ़ई वेतन लिए बिना ही राजा के लिए रथ तैयार करते थे। जुलाहे एक निश्चित लंबाई का वस्त्र राजा को दिया करते थे। करों की वसूली से प्राप्त आय सेना के वेतन, सड़कों, नहरों और कुंओं आदि के निर्माण पर खर्च की जाती थी।
राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य Class 6 HBSE Notes in Hindi
1. मतदान के कर्तव्य को सर्वोपरि समझना क्यों आवश्यक है?: मतदान से ही सर्वोच्च संस्था सरकार बनती है और योग्य जन-प्रतिनिधियों को चुना जाता है।
2. पूर्व वैदिक काल के राजाओं को कौन चुनता था?: जन या जनता।
3. अश्वमेध क्या था?: एक युद्ध अभियान इसमें एक घोड़े को सैनिकों के साथ स्वतंत्र छोड़ा जाता था और घोड़ा पकड़ने वाले शासक के साथ युद्ध किया जाता था। अंत में घोड़े की बलि दी जाती थी।
4. अश्वमेध के घोड़े को न रोकने वाले राजा को क्या समझा जाता था? अधीनता को स्वीकार कर लेना/ पराजित राजा।
5. अश्वमेध में उपस्थित होने वाले लोग कौन-कौन थे?: पराजित/ अधीनस्थ राजा, पुरोहित, विजयी राजा, रानी. उसका पुत्र, सारथी, राजकुल के रिश्तेदार, आम जनता।
6. अश्वमेघ में उपस्थित होने की अनुमति समाज के किस वर्ग को नहीं थी?: शूद्रों को।
7. ऋग्वेद के पश्चात् रचित ग्रन्थों को क्या कहा गया?: उत्तर वैदिक ग्रंथा।
8. उत्तर वैदिक ग्रंथ किसने लिखे?: ब्राह्मणों ने।।
9. उत्तर वैदिक काल के समाज समूह कौन थे?: पुरोहित, योद्धा, किसान, पशुपालक, व्यापारी, दस्तकार, श्रमिक, मछुवारे तथा जंगली लोग।
10. वर्ण विभाजन का आधार क्या था?: कार्य/व्यवसाय। कालांतर में जन्म आधार पर।
11. वैश्य कौन थे?: किसान, पशुपालक तथा व्यापारी।
12. शूद्र कौन थे?: तीनों उच्च वर्गों के सेवक। इसमें महिलाएं भी सम्मिलित थीं।
13. अस्पृश्य कौन थे?: दस्तकार, आखेटक, खाद्य-संग्राहक, श्मशान घाट में चिता लगाने वाले (चंडाल)।
14, अश्वमेध करने वाले राजा कौन से संगठन के थे?: जनपद के।।
15, जनपद कौन-कौन से थे?: कुरु, हस्तिनापुर, कोशल, कौशाम्बी, अंग।
16. उत्तर वैदिक काल में कौन सी नई फसल उगाई जाने लगी?: गन्ने की फसल।
17. महाजनपद कौन थे?: समाज का जनपद से बड़ा और राजधानी नगर वाला संगठन। उदाहरणार्थ-मगध, गाँधार।
18. किले क्यों बनाए जाते थे?: बाहरी आक्रमणकारियों से प्रतिरक्षा और अपनी समृद्धि का प्रदर्शन करने के लिए।
19. आहत-मुद्रा का परिचलन कौन से संगठन में हुआ?: महाजनपद में।
20. स्थाई सैन्य संगठन कौन सी व्यवस्था में था?: महाजनपद में।
21. कौन-कौन सी चीजों पर कर लगाए गए?: फसलों, शिल्प, पशुपालन, माल की बिक्री और वन्य उत्पादों पर।
22. कार स्वरूप नकद भुगतान का था या वस्तु की वसूली का?: वस्तु की वसूली का।
23. धान की रोपाई किनसे कराई जाती थी?: दास, दासियों, कर्मकारों से।
24. मगध के शक्तिशाली शासक कौन थे?: बिम्बिसार और अजातशत्रु।
25. मगध की राजधानी कहाँ थी? राजगृह।
26. वज्जि में सरकार का कौन सा स्वरूप था?: गण या संघ।
27. सिकंदर ने भारत पर कब आक्रमण किया? आज से लगभग 2300 वर्ष पूर्व।
28. गण के राजा कितने थे?: हजारों की संख्या में, सामूहिक प्रशासन।
28. गण का क्या अर्थ है?: कई सदस्यों वाला एक समूह।
29. संघ का क्या अर्थ है?: संगठन या संसद।
30. सरकार का गण या संघ स्वरूप कब समाप्त हुआ?: आज से 1500 वर्ष पूर्व, गुप्त वंश के पदार्पण पश्चात्।
31. लोकतंत्र सरकार सबसे पहले कहाँ बनी?: यूनान में। आज से 2500 वर्ष पूर्व।