Haryana State Board HBSE 6th Class Social Science Solutions History Chapter 5 क्या बताती हैं हमें किताबें और कब्रें Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 6th Class Social Science Solutions History Chapter 5 क्या बताती हैं हमें किताबें और कब्रें
HBSE 6th Class History क्या बताती हैं हमें किताबें और कब्रें Textbook Questions and Answers
कल्पना करो :
तुम 3000 वर्ष पहले के इनामगाँव में रहती हो। पिछली रात सरदार की मृत्यु हो गई। आज, तम्हारे माता-पिता दफन की तैयारी कर रहे हैं। यह बताते हुए सारे दृश्य का वर्णन करो कि अंतिम संस्कार के लिए कैसे भोजन तैयार किया जा रहा है। तुम्हें क्या लगता है, खाने में क्या दिया जाएगा?
उत्तर:
हमारे समुदाय के मुखिया का कल देहान्त हो गया। आज सुबह से ही समुदाय के सभी आवाल-वृद्ध बनितादिक शव के चारों ओर घर के प्रांगण में एकत्रित हो गए हैं। गाँव के मध्य एक पाँच कमरों वाला घर पहले ही बना दिया गया था। इस घर के सामने दुब का एक प्रांगण है तथा एक पिछवाडा भी है। मैं देख रहा हूँ कि मृतक के स्वजनों ने शव को स्नान कराकर नए वस्त्र पहनाए हैं। अब शव को कफन ओढ़ाकर गाँव के मध्य बने पाँच कक्ष वाले घर में लाया गया। पूरी भीड़ अपने मुखिया के मृत शव के साथ वहाँ चली। वहाँ जाकर कुछ लोगों ने मकान के पिछवाडे एक बहुत चौड़ा गड्ढा खोदा. इसमें पानी छिड़का गया और शव को मिट्टी के एक बहुत बड़े मर्तबान में सीधा उत्तर की ओर सिर करके लिटा दिया गया है। उसकी टाँगों को आपस में फंसा (X) दिया गया है। कई पकवानों से भरे मिट्टी के पात्र और जल के घड़े शव के पास रख दिये गए हैं। अब गड्ढे को मिट्टी से ढक दिया गया है। मकान के एक कमरे में अनाज का कोठार कई तरह के खाद्यान्नों से भर दिया गया है।
आओ याद करें:
क्या बताती हैं हमें किताबें और कब्रें HBSE 6th Class Social Science प्रश्न 1.
निम्नलिखित स्तंभों का सुमेल कीजिए:
(i) सूक्त – (क) सजाए गए पत्थर
(ii) रथ – (ख) अनुष्ठान
(iii) यज्ञ – (ग) अच्छी तरह से बोला गया
(iv) दास – (घ) युद्ध में प्रयोग किया जाता था
(v) महापाषाण – (ङ) गुलाक
उत्तर:
(i) – (ग).
(ii) – (घ).
(iii) – (ख),
(iv) – (ङ).
(४) – (क)
What Books And Burials Tell Us Extra Questions And Answers HBSE Class 6 प्रश्न 2.
वाक्यों को पूरा करो।
(क) ————— के लिए दासों का इस्तेमाल किया जाता था।
(ख) ————— में महापाषाण पाए जाते हैं।
(ग) ज़मीन पर गोले में लगाए गए पत्थर या चट्टान ————— का काम करते थे।
(घ) पोर्ट होल का इस्तेमाल ————— के लिए होता था।
(ङ) इमामगाँव के लोग ————— खाते थे।
उत्तर:
(क) इच्छित कार्यों में
(ख) दक्षिण भारत (कर्नाटक, आंध्र, तमिलनाडु, केरल). दक्कन (मालवा, विन्ध्य, नागपुर) और कश्मीर
(ग) कब्र
(घ) परिवार के अन्य मृत सदस्यों के शवों
(ङ) गेहूँ, जौ, चावल, दालें, मोटा अनाज, मटर, तिल और भेड़, बकरी, सूअर, सांभर, चीतल, कृष्ण मृग, बारहसिंघा, खरगोश, विविध पक्षी, कछुए, केकड़ा और मछली का माँसा
आओ चर्चा करें :
What Books And Burials Tell Us Question Answer HBSE Class 6 प्रश्न 3.
आज हम जो किताबें पड़ते हैं वे ऋग्वेद से कैसे भिन्न हैं ?
उत्तर:
आधुनिक (आज की) पुस्तकें | ऋग्वेद |
(i) आकर्षक लिपि एवं शैली में छपी रहती हैं। | (i) भूर्ज (भोज) की छाल और ताड़पत्रों पर लिखा गया है। |
(ii) अनेक भाषाओं में प्रकाशित होती हैं। | (ii) केवल संस्कृत भाषा में लिखा गया है। |
(iii) तद्भव शब्दों वाली लिपि (मिश्रित/प्रक्षेपित) रहती है। | (iii) विशुद्ध तत्सम शब्दों वाली लिपि है। |
(iv) विविध विषयों में प्रकाशित की जाती हैं। | (iv) इसमें केवल इतिहास, ‘धर्मशास्त्र, समाजशास्त्र, आयुर्वेद, भूगोल और भू-विज्ञान का उल्लेख है। |
History Class 6 What Books And Burials Tell Us HBSE प्रश्न 4.
पुरातत्त्वविद् कब्रों में दफनाए गए लोगों के बीच सामाजिक अंतर का पता कैसे लगाते है?
उत्तर:
(i) कुछ कब्रों के ऊपर छोटी शिलाएँ खड़ी की गई हैं-इन्हें समाज के निम्न स्तर के लोगों की कब्र माना गया है।
(ii) कुछ कब्रों यथा-ब्रहमगिरि (आंध्रप्रदेश) में एक कब्र के पास सोने के मनके, चूड़ियाँ आदि बड़ी संख्या में मिली हैं-इससे संकेत मिलता है कि यह समाज के धनाढ्य और उच्च वर्ग का मृतक रहा होगा। जिन कब्रों में खाद्यान्न, आभूषण आदि कम पाए गए हैं उन्हें निर्धन वर्ग की कब्र माना गया है। इनामगाँव में तो एक कत्र को पाँच कमरों वाला अनाज कोठार से भरा मकान ही सौंपा गया है। यह शायद समुदाय के मुखिया की कब्र है।
क्या बताती है हमें किताबें और HBSE 6th Class Social Science प्रश्न 5.
एक राजा का जीवन दास या दासी के जीवन से कैसे भिन्न होता था ?
उत्तर:
(i) ऋग्वेद के इस वर्णन से कि राजा युद्ध करते थे और युद्धबंदियों को अपना दास बनाते थे।
(ii) ऋग्वेद में कार्य अनुसार ही नाम दिया गया था। दास का अर्थ है:पूर्णतः परतंत्र एक गुलाम, जिसकी अपनी कोई इच्छा नहीं और अपना कोई जीवन नहीं, जिसको स्वामी के आदेश का प्राणापन से पालन करना है।
(iii) ऋग्वेद कहता है कि दास और दासी अपने स्वामियों की संपत्ति समझे जाते थे और स्वामी उनसे किसी भी तरह के कार्य करा सकता था। आओ करके देखें:
प्रश्न 6.
पता करो कि तुम्हारे विद्यालय के पुस्तकालय में धर्म के विषय पर किताबें हैं या नहीं। उस संग्रह से किन्हीं पाँच पुस्तकों के नाम बताओ।
उत्तर:
सामान्यतया विद्यालय के पुस्तकालय में धर्मग्रंथों के सार, पुस्तिकाएँ, संस्मरण आदि ही होते हैं क्योंकि राज्य धर्म निरपेक्ष शिक्षा का पक्षधर है। फिर भी अन्तर्राष्ट्रीय, ख्यातिलब्ध ग्रंथ-रामायण, महाभारत, हितोपदेश, कल्याण, कुरान की आयतें, बाइबल, गुरुग्रंथ साहिब, याज्ञवल्क्य स्मृति, विदुर नीति. चाणक्य नौति, विविध चालीसाएँ (दुर्गा, शिव, हनुमान, गणेश: सूर्य, सरस्वती) आदि का संग्रह अवश्य देखा जा सकता है। इनमें से किन्हीं पाँच पुस्तकों के नाम लिखे जा सकते हैं।
प्रश्न 7.
एक याद की हुई कविता या गीत लिखो। तुमने उस कविता या गीत को सुनकर याद किया था या पढ़कर ?
उत्तर:
“उठ जाग मुसाफिर भोर भई, अब रैन कहाँ जो सोवत है।
जो सोवत है सो खोवत है, जो जागत है सो पावत है।
टुक नींद से आँखयाँ खोल जरा और अपने प्रभु को ध्यान में ला।
यह प्रीत करन की रौत नहीं, प्रभु-जागत हैं तू सोवत है।
नादान भुगत करनी अपनी, क्यों करनी पर पछताता है।
जब पाप की गठरी शीश धरी, फिर शीश पकड़ क्यों रोवत
यह गीत राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी द्वारा रचित है। इस गीत को मेरी दादी-माँ प्रात:काल नित्यकर्म के समय गुनगुनाती रहती थी। आरंभ में मैंने इस ओर ध्यान नहीं दिया लेकिन चौथी कक्षा में पहुँचने तक मुझे यह स्वतः ही कंठाग्र हो गया था।
नोट:छात्र इसी तरह स्वयं को कंठाग्र कविता तथा उसके कंठाग्र होने के स्रोत को लिख सकते हैं। यह केवल संकेत मात्र है।
प्रश्न 8.
ऋग्वेद में लोगों का वर्गीकरण उनके कार्य या उनकी भाषा के आधार पर किया जाता है। नीचे की तालिका में तुम छ: परिचित लोगों के नाम भरो। इनमें तीन पुरुष और तीन महिला होने चाहिए। प्रत्येक का पेशा और भाषा लिखो। क्या तुम उस विवरण में कुछ और जोड़ना चाहोगी।
उत्तर:
नाम | कार्य नाम | भाषा | अन्य वितरण |
(i) मनोज | डॉक्टर, वैद्य | हिन्दी (औपचारिक), अंग्रेजी (अनौपचारिक) | यह अंग्रेजी शब्द है। इसके लिए वैद्य शब्द प्रयोग किया जाता था। भेषजज्ञ भी कहा जाता है। |
(ii) रामफल | हिन्दी | यदि केरल का है तो मलयालम, उड़ीसा का है तो उड़िया बोलेगा। | |
(iii) रामचन्द्र | आभूषणकार, सुनार | हिन्दी | स्थानीय बोली भी बोल सकता है। |
(iv) सावित्री देवी | माता (संतान की उत्पत्ति और पालन-पोषण) | हिन्दी | स्थानीय भाषा भी। समस्त घरेलू कार्य माँ ही संपन्न करती है। |
(v) धनवंती | नर्स (प्रसव-काल की परिचा/ हिन्दी शुश्रूषा और संतान पालन में सहायिका) | हिन्दी | स्थानीय भाषा भी। धाय अधिकतर अस्पतालों में माताओं का प्रसव कराती है। इन्हें औषधि-जान भी होता है। |
(vi) सुलक्षणा राय | अध्यापिका (विद्यालय में छात्र-छात्राओं को शिक्षा देना) | हिन्दी (औपचारिक), अंग्रेजी (अनौपचारिक) | प्राचीन काल में संस्थागत सेवारत केवल शिक्षक ही हुआ करते थे। महिलाओं के लिए नगण्य स्थान था। |
HBSE 6th Class History क्या बताती हैं हमें किताबें और कब्रें Important Questions and Answers
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
घंटी बजने पर अध्यापक ने बच्चों से अपने पीछे आने को क्यों कहा?
उत्तर:
अध्यापक बच्चों को पहली बार पुस्तकालय और पुस्तकों से परिचित कराना चाहते थे।
प्रश्न 2.
वेद कितने प्रकार के हैं और इन्हें कब लिखा गया था ?
उत्तर:
वेद चार प्रकार के हैं:
1. ऋग्वेद
2. सामवेद
3. पजुर्वेद और
4. अथर्ववेद।
इन्हें आज से लगभग 3500 वर्ष पूर्व ऋषि-मुनियों ने लिखा था।
प्रश्न 3.
ऋग्वेद में कितने श्लोक हैं और उन्हें क्या कहा जाता है ?
उत्तर:
एक हजार से अधिक श्लोक हैं। इन्हें सूक्त कहा जाता है।
प्रश्न 4.
सूक्त का क्या अर्थ है?
उत्तर:
कही गई अच्छी बात या सु+उक्ति। यह लोकोक्ति भी हो सकती है।
प्रश्न 5.
श्लोकों के माध्यम से क्या अभिव्यक्ति की गई
उत्तर:
बहुधा इनमें देवी-देवताओं की स्तुति या प्रार्थना है।
प्रश्न 6.
ऋग्वेद की पांडुलिपि कब और कहाँ मिली ?
उत्तर:
कश्मीर में लगभग 150 वर्ष पूर्व। यह भूर्ज वृक्ष की छाल पर लिखा गया है। यह अब पुणे (महाराष्ट्र) के पुस्तकालय में सुरक्षित है।
प्रश्न 7.
संस्कृत क्या है ?
उत्तर:
भारोपीय कहे जाने वाले भाषा-परिवार का एक हिस्सा।
प्रश्न 8.
भारोपीय भाषा परिवार में कुल कितनी भाषाएँ सम्मिलित हैं ?
उत्तर:
संस्कृत, असमी, गुजराती, हिन्दी, कश्मीरी, सिन्धी (भारतीय भाषाएँ) और अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, यूनानी, इतालवी और स्पैनिश (यूरोपीय)।
प्रश्न 9.
ऋग्वेद के अध्ययन से पुरातत्वविदों को क्या जानकारी मिलती है?
उत्तर:
(i) उस काल का साहित्य विशुद्ध संस्कृत में लिखा गया था और कथोपकथन के माध्यम से विषय-वस्तु को विस्तार दिया गया है।
(ii) प्रकृति की चीजों (नदी आदि) को उपासना की जाती थी।
प्रश्न 10.
ऋग्वेद काल में रथं क्यों महत्त्वपूर्ण थे?
उत्तर:
(i) भूमि, वन, चरागाह आदि पर कब्जा करने के लिए लगातार युद्ध करने की प्रवृत्ति।
(ii) परिवहन के साधन।
प्रश्न 11.
युद्ध में लूटी गई संपत्ति एवं धन का वितरण कैसे होता था ?
उत्तर:
(i) शासक या मुखिया
(ii) पुरोहित और शेष
(iii) आम जनता के बीच।
प्रश्न 12.
यज्ञ या बलिदान क्यों किए जाते थे?
उत्तर:
इनको प्रकृति की उपासना का एक अभिन्न अंग समझा जाता था। अभिलाषाओं की पूर्ति होने के पश्चात् विविध कामना-यज्ञ किए जाते थे। अज्ञात परंतु सर्वोच्च शक्ति (ईश्वर) के अस्तित्व का बोध था।
प्रश्न 13.
क्या ऋग्वेद काल में आज की तरह पृथक सैन्य-संगठन थे?
उत्तर:
नहीं। वहाँ पर सभाएँ आयोजित करके निश्चय लिए जाते थे। आम-नागरिकों को ही युद्ध में अपने मुखिया के साथ भाग लेना पड़ता था।
प्रश्न 14.
ब्राह्मणों का कार्य-नाम क्या था ?
उत्तर:
पुरोहिता
प्रश्न 15.
उस काल के राजा कौन थे और क्या करते थे ?
उत्तर:
समुदाय या संगठन का अनुभवी एवं बुद्धिमान वृद्ध अथवा साहसी और वीर एवं युद्धप्रिय नवयुवक सभा के द्वारा राजा चुना जाता था। वह एक गणतंत्र का प्रधान था। सभा सर्वोपरि थी और किसी को भी किसी समय राजा बना सकती थी। वे युद्ध करते और विजित धन-संपत्ति का कुछ भाग अपने पास रखते थे। कुछ भाग पुरोहित को और शेष समस्त धन-संपत्ति आम जनता में बाँटी जाती थी।
प्रश्न 16.
ऋग्वेद के श्लोकों की रचना करने वालों ने स्वयं को क्या कहा है ?
उत्तर:
आर्य।
प्रश्न 17.
आर्यों के प्रतिद्वंदी कौन थे?
उत्तर:
दस्यु या दास (अनार्य) जो भिन्न भाषाएँ बोलते थे और यज्ञ अनुष्ठान नहीं करते थे।
प्रश्न 18.
ऋग्वेद कहाँ लिखा गया ?
उत्तर:
भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भाग (सिन्धु नदी के घाटी क्षेत्र) में लिखा गया क्योंकि इसमें सिन्धु और उसकी सहायक नदियों का बार-बार उल्लेख हुआ है।
प्रश्न 19.
महापाषाण क्या थे?
उत्तर:
पत्थरों की विशाल शिलाएँ जो कनगाह या श्मशान स्थल का संकेत देती थीं।
प्रश्न 20.
महापाषाण की कब्रगाहें किस-किस रूप में पाई गई हैं ?
उत्तर:
(i) कहीं केवल एक विशाल शिला को जमीन में खड़ा किया गया है
(ii) कहीं कब्र के ऊपर कई शिलाओं को वृत्ताकार पंक्ति में गाड़ा गया है।
प्रश्न 21.
महापाषाणी कब्रों को तैयार करते समय दक्षिण भारत के लोग किस क्रम में कार्य करते थे?
उत्तर:
1. अनुकूल शिलाओं को ढूँढना
2. शिलाओं को तोड़ना
3. उन्हें कब्रस्थल पर ढोकर लाना
4. उचित आकार देना
5. खड्ड खोदना, शव को गाड़ना
6. शिलाओं को सही स्थान पर रखना
7. उन्हें सही आकार देने की कोशिश करना।
प्रश्न 22.
सभी महापाषाणी कब्रों में एक जैसी बातें क्या देखी गई हैं ?
उत्तर:
1. शवों को काली और लाल मिट्टी के पात्रों के साथ गाड़ा गया है।
2. लौह-औजार और हथियार, घोड़े के कंकाल, उसकी लगाम, काठी आदि तथा पत्थर और सोने के आभूषण रखे गए हैं।
प्रश्न 23.
क्या हड़प्पा के नगरों की सभ्यता काल में लोहे की खोज हो चुकी थी?
उत्तर:
नहीं। यह खोज वैदिक काल में ही हुई।
प्रश्न 24.
ब्रह्मगिरि (आंध्रप्रदेश) के पुरातत्व स्थल पर पाई गई महापाषाणी कब्र में कौन-कौन सी चीजें मिली हैं ? इससे आप क्या अनुमान लगा सकते हैं ?
उत्तर:
सोने की माला के 33 मनके पत्थर की माला के दो मनके, ताँबे के चार कंगन और एक शंख। इससे जानकारी मिलती है कि यह कन किसी मुखिया, सरदार जैसे समाज प्रमुख की होगी। हाँ यह नहीं कहा जा सकता कि वह पुरुष था या महिला क्योंकि चूड़ी महिलाएं पहनती हैं तो कंगन / कड़े पुरुष भी पहनते हैं।
प्रश्न 25.
एक परिवार के मृतकों को एक ही महापाषाण की कब्र में कैसे दफनाया जाता होगा?
उत्तर:
पुरातत्वविदों को ऐसी महापाषाण शिलाएँ मिली हैं कि जिनके बीच में एक मूका (खिड़कीनुमा) रिक्त स्थान रखा गया संभवत: इसी मूका के रास्ते कब तल तक उतरकर वे लोग परिवार के अन्य शवों को गाड़ते तथा उनके खाने-पीने का सामान, आभूषण आदि रखते थे।
प्रश्न 26,
पाषाणों को एक वृत्ताकार परिपथ में क्यों रखा जाता होगा?
उत्तर:
सही कब्रस्थल की पहचान के लिए। इस पहचान के आधार पर बाद में ठीक उसी कब्र पर पहुँचा जा सकता था जो परिवार के पहले मृतक के लिए बनाई गई थी।
प्रश्न 27.
भीमा नदी की सहायक नदी ‘घोड़’ के किनारे इनामगाँव (महाराष्ट्र) नामक पुरातत्व स्थल में लोग कितनी अवधि तक रहे ?
उत्तर:
इस पुरातत्व स्थल पर लोगों का आगमन आज से 3600 वर्ष पूर्व हुआ और 2700 वर्ष पूर्व तक वे वहाँ रहे अर्थात् 3600-2700 = 900 वर्ष की अवधि तक यहाँ प्राचीन लोगों की आबादी रही।
प्रश्न 28.
इनामगाँव में कितने तरह की को पाई गई हैं ?
उत्तर:
1. घर के भीतर बनाई गई कब्र
2. घर के पिछवाड़े बनाई गई कब्र और
3. कई कमरों वाले घर के पिछवाड़े बनाई गई कब्रा
प्रश्न 29.
बच्चे और वयस्क मृतक के कंकाल को कैसे पहचाना गया ?
उत्तर:
बच्चे के कंकाल वयस्क के पूर्ण विकसित कंकाल की तुलना में छोटे होते हैं।
प्रश्न 30.
पुरुष और महिला मृतक की कन को कैसे पहचानते हैं ?
उत्तर:
1. चूड़ियाँ और अन्य अंगारिक सामान
2. महिलाओं की उरोस्थि (नितम्ब की हड्डी) पुरुष की तुलना में अधिक चौड़ी और मोटी होती है।
प्रश्न 31.
चरक नामक प्राचीन चिकित्सक के अनुसार मनुष्य के शरीर में हड्डियों की संख्या कितनी है?
उत्तर:
360 हड्डियाँ (आधुनिक शरीर-रचना विज्ञान के अनुसार 206 हड्डियाँ)।
प्रश्न 32.
चरक ने आधुनिक शरीर-रचना विज्ञान की तुलना में मानव शरीर की हड्डियाँ अधिक क्यों बताई होगी?
उत्तर:
संभवत: चरक ने दाँत, सन्धियों और उपास्थि (यथा नाक और कान की लोचदार हड्डी) की संख्या भी स्थूल हड्डियों में जोड़ दी होगी।
प्रश्न 33.
चरक संहिता कब लिखी गई?
उत्तर:
आज से लगभग 2000 वर्ष पूर्व।
प्रश्न 34.
इनामगाँव (महाराष्ट्र) के लोगों का मुख्य भोजन क्या था ?
उत्तर:
उनका मुख्य भोजन माँस था। वे भैंस, बकरी, भेड़, कुत्ता, घोड़ा, गधा, सूअर, सांभर, चीतल, कृष्णमृग, बारहसिंघा, खरगोश, नकुल, विविध पक्षियों, मगरमच्छ, कछुआ, केकड़ा और मछली का गोश्त खाते थे। बेर, जामुन, आँवला, खजूर तथा कई तरह के सरस फल भी उनके भोजन में सम्मिलित थे।
प्रश्न 35.
लेखन-कला का आरंभ कब और कहाँ हुआ ?
उत्तर:
चीन में। आज से 3500 वर्ष पूर्व।
प्रश्न 36.
लेखन-कला के आरंभिक रूप की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
1. राजाओं द्वारा हड्डियों पर प्रश्न लिखाए जाते थे।
2. ऐसे प्रश्न भविष्य की जिज्ञासा वाले थे।
3. इन्हें आग में डाला जाता था और फिर बाहर निकाल कर चटके हुए अक्षरों एवं शब्दों के आधार पर भविष्य कथन किया जाता था।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
पुस्तक और श्मशान अतीत को जानने के महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं। विवेचना कीजिए।
उत्तर:
इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए यह उल्लेख करना आवश्यक है कि पुस्तक वस्तुतः संबंधित व्यक्ति के अपने जीवन-काल में भोगे गए पदार्थ, समाज, समुदाय, देश, राज्य, राजनीति, धर्मनीति (Ethics), अपनी मनोदशा और मनोविचार, रुचियाँ, किसी विषय विशेष की दिशा में किए गए कार्य आदि का विवरण है।
इसी विवरण के आधार पर अतीत की संपूर्ण गतिविधियाँ, स्थिति और परिस्थिति का परिरक्षण, विविध पुस्तकों का अध्ययन, परिशीलन, चिन्तन और निष्कर्ष आधार पर किया जाता है। श्मशान/कब्रगाह वस्तुत: व्यष्टि के सामाजिक संबंध, प्रचलित आस्था और विश्वास, रहन-सहन के तौर-तरीके, आर्थिक परिस्थिति, भावात्मक संज्ञान आदि के साक्ष्य प्रस्तुत करने वाला दीर्घावधि तक संचित कोष हैं। उदाहरणार्थ-महापाषाणी कब्रगाहों से पुरातत्वविदों को प्राप्त विविध जानकारी।
प्रश्न 2.
वेदों के बारे में एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
वेद संख्या में चार हैं:
1. ऋग्वेद
2. यजुर्वेद
3. सामवेद और
4. अथर्ववेद।
इन चारों वेदों में देवी-देवताओं और प्रकृति के विविध स्वरूपों यथा-पेड़-पौधों, महत्त्वपूर्ण पशु (गाय आदि) की उपासना के मंत्र और स्तुतियाँ लिखी गई हैं। ऋग्वेद विश्व का सबसे प्राचीनतम और पहला संस्कृत में लिपिबद्ध ग्रंथ है। आज से लगभग 150 वर्ष पूर्व कश्मीर में इसकी भूर्ज छाल पर अंकित पांडुलिपि प्राप्त हुई। इसको अब पुणे (महाराष्ट्र) के संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया है। इसी पांडुलिपि के आधार पर इसका अनुवाद अब हिन्दी, अंग्रेजी सहित कई भाषाओं में किया जा चुका है।
प्रश्न 3.
ऋग्वेद काल के राजा और लगभग 3500 वर्ष पूर्व के चीन के शासकों के बीच क्या अंतर था?
उत्तर:
ऋग्वेद काल के राजा | चीन के शासक |
(i) ये वस्तुतः एक जन (गणतंत्र) के मुखिया थे। | (i) ये अनुवांशिक पद वाले राजा थे। |
(ii) इन गणतंत्रों में सभा के पास सर्वोच्च शक्ति थी। वह प्रयोजन अनुसार राजा का चयन करती थी। | (ii) यहाँ के राजा का एकछत्र और अनन्य शासन था। उसको सर्वोच्च शक्तियाँ प्राप्त थीं। |
(iii) ये वीर, साहसी और युद्धप्रिय थे। | (iii) ये स्वभाव से कायर प्रतीत होते हैं क्योंकि अपने भविष्य को हड्डियों में प्रश्न लिखकर तथा उन्हें जलाकर जानने की चेष्टा करते थे। |
(iv) ये लोहे के विविध उपयोग और प्रयोग करते थे। | (iv) इन्हें लोहे की जानकारी नहीं थी। |
(v) ये युद्ध जीतने से प्राप्त थे धन-संपत्ति को तीन भागों में वितरित करते थे। जनता भी इस धन में हिस्सा पाती थी। सादगीपूर्ण जीवन जीवन व्यतीत करते थे। | (v) ये निरंकुश शासक और जनता का शोषण करके अतुल संपत्ति का संचय किया करते थे। ये विलासितापूर्ण व्यतीत करते थे। |
प्रश्न 4.
ऋग्वेद के श्लोकों को ‘सूक्त’ क्यों कहते होंगे?
उत्तर:
वस्तुतः ‘सूक्त’ शब्द सु + उक्ति अर्थात् सर्वहित/लोकहित करने वाली बातें या कथन के अर्थ में अभिप्रेत है। इसमें नदियाँ, झीलें, सागर, जीव-जन्तु, स्थावर और जंगम संपदा (अर्थात् चल और अचल), समस्त प्राकृतिक, मानवीय, पुरातात्विक ससाधन आदि का पूजनीय/ सम्मानित स्थान दिया गया है। सर्वसमभाव, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व, समष्टि में व्यष्टि एवं व्यष्टि तथा समष्टि के भावात्मक, अध्यात्मिक संबंध आदि का सुन्दर निरूपण है।
वस्तुत: पारिस्थितिक तंत्र और जैव पारिस्थितिकी का ऋग्वेद के रचनाकारों को विशद अनुभव रहा होगा। वेदों को श्रुति भी कहते हैं क्योंकि इसके श्लोकों का पाठ, चिन्तन, अभ्यास, प्रयोग (कार्य) तत्कालीन पुरोहितों द्वारा सार्वजनिक स्थलों, गुरुकुलों, सभा-भवनों आदि में नियमित रूप से कराया जाता था एवं उन पर ‘प्रश्नोत्तर सत्र’ भी संपन्न किया जाता था। निरंतर अभ्यास से ये श्लोक लोगों को कंठस्थ हो जाते थे।
प्रश्न 5.
संस्कृत भाषा को भारोपीय क्यों कहा जाता है ?
उत्तर:
भारोपीय शब्द में भारत एक यूरोप अन्तर्निहित है। कालांतर में भाषाविदों ने विविध भाषाओं को सही तरह समझ पाने के लिए उनके समूह बनाए। आदिकाल की भाषा संस्कृत है और भारत की अन्य भाषाएँ-असमी, गुजराती, हिन्दी, कश्मीरी (डोगरी) तथा सिन्धी हैं। यूरोप महाद्वीप के देशों की भाषाएँ देश के नाम के आधार पर फ्रेंच, स्पेनिश, जर्मन, आंग्ल (अंग्रेजी), इतालवी आदि हैं। इन सभी भाषाओं को एक समूह में रखा गया है और उस समूह को भारोपीय भाषा समूह नाम दिया गया है।
इन भाषाओं का एक समूह बनाने का आधार इनके बहुत से शब्दों का उच्चारण, अर्थ, अभिप्रेत/आशयित अर्थ आदि में समरूपता के लिया गया है। उदाहरणार्थ-मातृ (संस्कृत), माँ (हिन्दी) और मदर (mother) अंग्रेजी।
प्रश्न 6.
वैदिक काल में समाज की संगठन व्यवस्था कैसी थी? विवेचना कीजिए।
उत्तर:
वैदिक काल का सामाजिक संगठन :
(i) यह एक गणतंत्र जैसी व्यवस्था थी। इसमें मुखिया या प्रधान को वीरता, साहस, अनुभव, श्रेष्ठता आदि मानदंडों के आधार पर चुना जाता था। यह आनुवांशिक पद नहीं था। इस काल में ‘सभा’ या ‘परिषद’ को सर्वोच्च शक्ति प्राप्त थी। परिषद के सदस्य समाज के सभी वर्गों के प्रतिष्ठित व्यक्ति होते थे। परिषद चाहे तो मुखिया को किसी भी समय हटा सकती थी। बहुधा कार्य। प्रयोजन के आधार पर मुखिया का तदर्थ चयन भी किया जाता था।
(ii) इस संगठन में धन-संपत्ति (सकल आय) को तीन भागों में वितरित किया जाता था। एक भाग शासक (मुखिया) वर्ग, दूसरा पुरोहित वर्ग और तीसरा भाग जनता में बाँटा जाता था। संपत्ति की प्राप्ति बहुधा युद्धों से होती थी। अच्छे चरागाहों, उपजाऊ भूमियों, जल-स्रोत आदि पर कब्जा करने तथा युद्धबंदियों को दास बनाकर कार्य लेने के लिए ऐसे युद्ध होते थे। इन गणतंत्रों के मुखिया का कोई महल, राजधानी, नगर या सैन्य संगठन नहीं होता था। ‘सभा’ या ‘परिषद्’ ही कार्य के अनुसार आम नागरिकों में से सैनिकों का चयन करती थी। तात्पर्य यह है कि मुखिया या प्रशासक को किसी तरह के विशेषाधिकार प्राप्त नहीं थे।
प्रश्न 7.
महापाषाणी कब्रों की क्या विशेषताएँ थीं ? इन्हें तैयार करते समय तत्कालीन लोगों की क्या धारणा रही होगी?
उत्तर:
महापाषाणी कब्रों की विशेषताएँ :
(i) कत्रों को पहचानने में ये संकेतक का कार्य करती थी।
(ii) कि एक परिवार के मृतक एकं ही श्मशान क्षेत्र (महापाषाणों की वृत्ताकार परिधि) के भीतर दफन किए जाते थे अतः ऐसे क्षेत्र की एकदम सही जानकारी बाद में ये भी आवश्यक थी इसी कारण ऐसी विशेष कनें बनी।
(iii) मिन की एक महापाषाणी कब्र में मानव कंकाल के साथ ही बेशकीमती कंगन, सोना, ताँबा आदि धातुओं के बर्तन और आभूषण तथा खाद्य सामग्री प्राप्त हुई है। यह भी इन कब्रों की ही विशेषता है।
(iv) नामंगाँव की एक कब्र ऐसी है जिसमें पाँच कमरों का एक घर ही कब्र को समर्पित है। इस घर के सभी कमरों में खाद्यान्न, अस्त्र-शस्त्र, वस्त्र, आभूषण आदि का प्रचुर भंडार है तथा कब्र को पिछवाड़े खोदा गया है। एक पक्की मिट्टी से निर्मित मर्तबान की बनावट वाले पात्र में मृतक का कंकाल मिला है। शहर के एकदम मध्य में रहने से यह अनुमान लगाया गया है कि यह कन किसी नगराधीश, नगर-प्रमुख जैसे भद्र-पुरुष की रही होगी।
प्रश्न 8.
इनामगाँव (महाराष्ट्र) पुरातत्व स्थल के लोग क्या-क्या कार्य-व्यवसाय करते थे? सविस्तार वर्णन कीजिए।
उत्तर:
महाराष्ट्र में भीमा नदी की सहायक घोड़ नदी के किनारे यह पुरातत्व स्थल खोजा गया है। यहाँ के लोगों का कार्य-व्यवसाय निम्नलिखित स्वरूपों का था:
(i) पशुपालन एवं कृषि कार्य
(ii) आखेट (पशु, पक्षी, जलचर)
(iii) मछली पकड़ना
(iv) खाद्य संग्रह कर्म।
(i)पशुपालन एवं कृषि कर्म के प्रमाण:
गेहूँ, जौ, चावल विविध दालें, मोटा अनाज (ज्वार, कोदो, बाजरा), मटर (फलियों वाले पौधे) एवं तिल के बीज पाए गए हैं। भैंस, बकरी, भेड़, कुत्ता, घोड़ा, गधा, सूअर, सौभर, चीतल, कृष्ण मृग, बारहसिंघा, खरगोश और नेवला जैसे चौपाए पशुओं के कंकाल, कई प्रजाति के पक्षियों, मगरमच्छ, कछुआ, केकड़ा और मछली जैसे जलचरों की विविध प्रजातियों के कंकाल भी मिले हैं। इससे प्रमाणित होता है कि वे लोग पशुपालन व्यवसाय करते थे।
(ii) आखेट:उक्त पशु-पक्षियों, जलचरों के कंकाल स्वत: ही बताते हैं कि लोग मांसाहारी थे तथा इनका शिकार किया करते थे।
(iii) मछली पकड़ना:मछली मारने के काँटे, विशेष किस्म की मच्छीमार नावें आदि एवं मछलियों के कंकाल प्रकट करते हैं कि लोग मछली मारने का व्यवसाय भी करते थे।
(iv) खाद्य संग्रह कर्म:
बेर, आँवला, जामुन, खजूर और विविध किस्म के रसदार फलों के बीजों का मिलना दर्शाता है कि इन जंगली फलों की महाराष्ट्र में उत्पत्ति होती थी और वैदिक काल का एक मानव-वर्ग पुरापाषाण काल से प्रचलित इस प्राथमिक कार्य को भी करता था। यह यायावर (घुमंतू) लोगों का वर्ग था जो एक स्थान से दूसरे स्थान को लगातार भ्रमण करते थे एवं घर-द्वार रहित थे।
क्या बताती हैं हमें किताबें और कब्रें Class 6 HBSE Notes in Hindi
1. पुस्तकालय क्या है ?:वह स्थान जहाँ विश्व की विविध भाषाओं की पुस्तकें, अनेक विषयों में अध्ययन हेतु उपलब्ध रहती है।
2. पुस्तकालयों का क्या महत्त्व है ?:ये अतीत की घटनाओं, आविष्कारों, खोजों, प्रशासन, समाज, आहार-व्यवहार आदि की जानकारी पुस्तकों के माध्यम से देते हैं।
3. वेदों को श्रुति क्यों कहते हैं ?:एक पीड़ी से दूसरी पीढ़ी तक श्लोकों को मौखिक रूप से सुना, समझा और याद कराकर पहुँचाने के कारण।
4, तीन देवता कौन-कौन से हैं ?:अग्नि, इन्द्र और सोम (एक पौधा जिससे सोमपेय पदार्थ तैयार किया जाता था)
5. ऋग्वेद में कितने श्लोक हैं ?:एक हजार से अधिक।
6. भारोपीय भाषा परिवार की सदस्य भाषाएँ कौन-कौन सी हैं?:असमी, गजराती, हिन्दी, कश्मीरी, सिन्धी, और संस्कृत (भारतीय भाषाएँ) एवं अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, यूनानी, इटालवी, स्पेनिश (यूरोपीय भाषाएं)।
7. तिब्बत-वर्मा परिवार की भाषाएँ:भारत के उत्तर-पूर्व में बोली जाने वाली भाषाएँ।
8. द्रविड़ परिवार की भाषाएँ:तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम।
9. आस्ट्रो-एशियाई भाषाएँ:झारखंड और मध्य भारत में बोली जाने वाली भाषाएँ।
10, वैदिक साहित्य का केवल पाठ और श्रवण क्यों होता होगा ?:मुद्रण कला का आविष्कार उस समय तक न होने के कारण।
11. ऋग्वेद में किन नदियों का नाम नहीं लिया गया है ?:महानदी, तापी, नर्मदा, चंबल, सोन, गोदावरी, कृष्णा, पेन्नार, कावेरी।
12. ऋग्वेद की पांडुलिपि कहाँ और कब प्राप्त हुई ?:कश्मीर के आज से लगभग 180 वर्ष पूर्व।
13. यज्ञ में आहुति किन-किन चीजों की दी जाती थी ?:घी, खाद्यान्न, तिलहन और यदा-कदा पशुओं की।
14. युद्ध से प्राप्त धन का वितरण कैसे होता था ?:शासक, पुरोहित और जनता में वितरित होता था।
15. युद्ध करने का क्या प्रयोजन था?:चौपाए पशुओं को पकड़ने, कृषि और चरागाह भूमि पर कब्जा करने, जल संसाधन तथा लोगों को अपने अधीन करने के लिए।
16. क्या वैदिक काल में राजा का पद पैतृक था ?:नहीं।
17. “जन” और “विश” शब्दों का प्रयोग किसके लिए किया गया है ?:गणतंत्र स्वरूप के राज्यों हेतु।
18. ‘दास’ या ‘दस्यु’ शब्द का प्रयोग किसके लिए किया गया है ?:अपने विरोधी राज्य या शत्रु गणतंत्र के लिए।
19. महापाषाण/बृहत् पाषाण क्या हैं ?:दक्कन और दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों की प्राचीनतम कब्रगाह। श्मशान स्थला
20. महापाषाण खड़ा करने की परंपरा कब आरंभ हुई?:आज से लगभग 3000 वर्ष पूर्व।
21. महापाषाणी कब्रगाहें कहाँ पाई गई हैं ? आदिचनाल्लूर (केरल), पेचमपल्ली (तमिलनाडु), ब्रहमगिरि (आंध्र प्रदेश), हुस्गी (महाराष्ट्र), हल्लूर (महाराष्ट्र), दाउजली हेडिंग (त्रिपुरा)
22. काली और लाल मिट्टी के बर्तन कहाँ पाए गए हैं ? महापाषाणी कब्रगाहों में गड़े हुए।
23. ब्रहमगिरि की एक महापाषाणी कब्रगाह में क्या-क्या चीजें मिली हैं? एक मानव कंकाल, 33 सोने के मनके, 2 पत्थर निर्मित मनके, 4 ताँबे की चूड़ियाँ और एक शंख।
24. एक ही कन में कई नर कंकाल मिलने से क्या अनुमान लगाया गया है? एक ही परिवार के सदस्यों के शव अलग-अलग _ समय पर गाड़े गए होंगे।
25. कन्नगाह के ऊपर वृत्ताकार विशाल पत्थर क्यों रखा जाता होगा?:कब्र की पहचान के लिए ताकि बाद में भी उसके दर्शन करने आया जा सके।
26. इनामगाँव में कितनी तरह की कनें पाई गई हैं ?:
- सिर उत्तर की ओर रखकर शव के शरीर को पूरी लंबाई में पृथ्वी में गाड़ना
- घर के ही एक हिस्से में शव गाड़ना,
- घर के पिछवाड़े मिट्टी के बहुत बड़े पात्र में शव को रखकर गाड़ना।
27. कब्र में महिला का शव है या पुरुष का कैसे पता चलता रहा होगा?:
- कंकाल के साथ आभूषणों का रहना
- कंकाल की उरोस्थि अधिक चौड़ी मिलने की दशा में महिला का शव होना।
28, ‘चरक संहिता’ किसने और कब लिखी ?:लगभग 2000 वर्ष पूर्व चरक नामक बौद्ध अनुयायी ने (आयुर्वेद विशेषज्ञ)।
29. इनामगाँव (महाराष्ट्र) के लोग कौन-कौन से फल खाते थे ? बेर, आँवला, जामुन, खजूर, तथा कई अन्य सरस फल।