HBSE 6th Class Social Science Solutions Civics Chapter 8 ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका

Haryana State Board HBSE 6th Class Social Science Solutions Civics Chapter 8 ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 6th Class Social Science Solutions Civics Chapter 8 ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका

HBSE 6th Class Civics ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका Textbook Questions and Answers

ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका प्रश्न उत्तर HBSE 6th Class Social Science प्रश्न 1.
आपने संभवतः इस बात पर ध्यान दिया होगा कि कलपटु गाँव के लोग खेती के अलावा और भी कई काम करते हैं। उनमें से पाँच कामों की सूची बनाइए।
उत्तर:
दुकानदारी, साइकिल की मरम्मत, टोकरी बुनना, भाँडे-बर्तन बनाना, कपड़े बुनना।

ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका class 6 HBSE Social Science प्रश्न 2.
कलपटू में विभिन्न तरह के लोग खेती पर निर्भर हैं। उनकी एक सूची बनाइए। उनमें से सबसे गरीब कौन है और क्यों?
उत्तर:
कृषि पर निर्भर कलपटू गाँव के लोग हैं:

  1. कृषि-श्रमिक
  2. छोटे किसान और
  3. बड़े किसान। इनमें सर्वाधिक निर्धन कृषि-श्रमिक हैं।

कृषि-श्रमिकों के सर्वाधिक निधन रहने के कारण :

  1. छोटी आयु से ही खेतों में कार्य करना और घर की आर्थिक दशा ठीक न रहने से इनको शिक्षा पाने के अवसर नहीं मिलते हैं।
  2. केवल मौसमी रोजगार मिलना, कृषि-कार्य में पूर्ण रोजगार की संभावनाएँ नहीं हैं।
  3. मजदूरी बहुत कम रहना, फिर भी कार्य न मिलने के भय से कम मजदूरी में ही संतोष करना।
  4. कम मजदूरी पर अधिक कार्य करने के लिए बड़े कृषकों द्वारा दबाव दिया जाना तथा अत्यधिक परिश्रम के कारण बीमार हो जाना।

ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका प्रश्न उत्तर कक्षा 6 HBSE Social Science प्रश्न 3.
कल्पना कीजिए कि आप एक मछली बेचने वाले परिवार की सदस्य हैं। आपका परिवार यह चर्चा कर रहा है कि इंजन के लिए बैंक से उधार लें कि न लें। आप क्या कहेंगी?
उत्तर:
इसके लिए मैं सबसे पहले सामान्य स्थिति में होने वाली आय पर विचार करूँगा। इसके पश्चात् इंजन रहने की दशा में होने वाली आय का अनुमान-उन मछुआरों से बातचीत करने के बाद लगाऊँगा- जिन्होंने अपनी नाव में इंजन लगाया है। उनकी आर्थिक स्थिति मुझे अहसास करा देगी कि मुझे बैंक से ऋण लेना चाहिए या नहीं। परिवार में कम से कम तीन वयस्क सदस्यों का इस कार्य के लिए रहना आवश्यक है, अन्यथा इंजन लेने पर भी मछली मारने का कार्य सही हंग से नहीं हो पाएगा। जब परिवार में सहयोग देने वाले ऐसे सदस्य भी हैं तो मेरा अगला प्रयास बैंक में जाकर वहाँ ऋण देने की शतों पर विचार करने का रहेगा। यदि ऋण की शर्त मेरी संभावित आय के अनुकूल रहती है तो मैं केवल उसी दशा में ऋण लेना चाहूँगा।

HBSE 6th Class Social Science Solutions Civics Chapter 8 ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका

ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका HBSE 6th Class Social Science प्रश्न 4.
तुलसी जैसे गरीब ग्रामीण मजदूरों के पास अक्सर अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य की सुविधाओं एवं अन्य साधनों का अभाव होता है। आपने इस किताब को पहली इकाई में असमानता के बारे में पढ़ा। तुलसी और रामलिंगम के बीच का अंतर एक तरह की असमानता ही है। क्या यह एक उचित स्थिति है? आपके विचार में इसके लिए क्या किया जा सकता है? कक्षा में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
नहीं। यह स्थिति उचित नहीं है क्योंकि असमानता समाज में अनेक तरह की बुराइयों लाती है। हमारा संविधान एक कल्याणकारी राज्य की परिकल्पना करता है और राज्य के नीति-निर्देशक सिद्धांत समाज में समानता लाने के पक्षधर हैं। कार्य और योग्यता के अनुसार पारिश्रमिक पाने का प्रत्येक नागरिक को अधिकार है। हालाँकि कलपटू गांव में श्रमिकों की संख्या अधिक रहने के कारण उनकी श्रम पूर्ति बहुत आसान है और यदि तुलसी कम मजदूरी के कारण वहाँ कार्य नहीं करती है तो उसके स्थान पर कोई अन्य प्रमिक उससे भी कम मजदूरी पर कार्य करने के लिए तैयार हो जाएगा जिसके कारण तुलसी भूखों मर सकती है। इस स्थिति को स्थानीय स्वशासन द्वारा निम्नलिखित उपाय अपनाकर नियंत्रित किया जा सकता है:
(i) ग्राम सभा की बैठक में प्रस्ताव पारित करके कृषि-श्रमिकों की मजदूरी नियत की जाए। निश्चित मजदूरी से कम पर कार्य करने वाले श्रमिक पर जुर्माना लगाया जाए।

(ii) रामलिंगम जैसे बड़े किसानों पर ग्राम-पंचायत कई प्रकार के कर लगाए यथा-ग्राम-विकास कर, सम्पत्ति कर, गृहकर, उत्पादन कर आदि।

(iii) विकास खंड और जिला स्तर पर गाँवों को सहके,गलियाँ, नहरें, सार्वजनिक भवन (यथा-पंचायत घर, बारात घर आदि) की निर्माण की योजनाएँ पारित करवाए और इनमें कृषि श्रमिकों को कार्य दिलाया जाए।

(iv) आर्थिक दृष्टि से कमजोर लोगों की सूची बनाकर गिला प्रशासन को भेजी जाए तथा उनके लिए नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएँ।

(v) ग्राम पंचायत रामलिंगम जैसे बड़े किसानों से उत्पादन का एक निश्चित अंश शुल्क के रूप में भी ले सकती है और इसका वितरण निर्धन परिवारों में किया जा सकता है। खाद्यान्नों की कमी न रहने की दशा में उन परिवारों के बच्चे अवश्य स्कूल जाएँगे और पढ़-लिखकर अधिक उपयोगी कार्य करके अपनी आजीषिका बढ़ाने में समर्थ होंगे।

(vi) राज्य सरकार विशेष सर्वेक्षणों और स्वशासन के साथ साहचर्य बनाकर कई ऐसे कानूनों को पारित कर सकती है जो ग्रामीण निर्धनों की स्थिति में सुधार लाएँ।

ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका प्रश्न उत्तर HBSE 6th Class Social Science प्रश्न 5.
आपके अनुसार सरकार शेखर जैसे किसानों को कर से मुक्ति दिलाने में कैसे मदद कर सकती है? चर्चा कीजिए।
उत्तर:
सरकार की ओर से संभव उपाय :
(i) ग्रामीण विकास बैंकों से आसान किश्तों पर ऋण उपलब्ध कराया जाए ताकि शेखर जैसे ऋण-ग्रस्त लोग वहाँ से ऋण लेकर व्यापारी का उधार चुका सकें और अपनी फसल को ऊंचे दामों में बेचकर बैंक का कर्ज भी आसानी से चुकाने में समर्थ हो सके।

(ii) कृषकों को उत्पादन की सही कीमत दिलाने के लिए ‘सहकारी समितियाँ खोली जाएँ और खाद्यानों की कीमतें निश्चित की जाएँ।

(iii) ग्राम सभा और ग्राम पंचायत स्तर पर निर्धन वर्ग से संबंधित सही सूचनाएं एकत्रित कराई जाएँ तथा प्रतिवर्ष वहाँ कुछ सुधार योजनाएं चलाई जाएँ जिनमें केवल गरीयो की रेखा से नीचे जीवन बिताने वाले लोगों को रोजगार के अवसर दिए जाएँ।

(iv) किसानों हेतु बीज और खाद की सरकारी व्यवस्था की जाए। इसमें ऐसी शर्त न रखी जाएँ कि उन्होंने पहले से निश्चित न्यूनतम दर पर अनाज उन सरकारी संस्थाओं को ही बेचना होगा।

प्रश्न 6.
नीचे दी गई तालिका भरते हुए शेखर और रामलिंगम की स्थितियों की तुलना कीजिए :

शेखर रामलिंगम
(क) खेती की हुई ज़मीन (क) दो एकड़। (क) बीस एकड़।
(ख) मजदूरों की जरूरत (ख) कोई नहीं। स्वयं कार्य करता है। केवल फसल काटते समय कुछ लोगों का सहयोग लेता है। (ख) बड़ी संख्या में।
(ग) उधार की जरूरत (ग) खाद, कृमिनाशकों और बीजों के लिए। (ग) बिल्कुल नहीं। वह लोगों को खाद, बीज आदि उधार देता है और सस्ते दामों पर फसल खरीद लेता है।
(घ) फ़सल का बिकना (घ) कर्ज देने वाले साहूकार या व्यापारी को। (घ) धान की मिल के लिए पूरी फसल को काम में लेता है तथा बाजार में चावल बेचकर अच्छी कीमत प्राप्त करता है।
(ङ) उनके द्वारा किया गया अन्य काम (ङ) धान की मिल में कार्य करता है। (ङ) अन्य कोई कार्य नहीं करता है।

नोट : उत्तर टेड़े-मेड़े शब्दों में रिक्त स्थान की पूर्ति है।
निष्कर्ष : शेखर और रामलिंगम की तुलना करने से निम्नलिखित तथ्य सुस्पष्ट होते हैं:
(i) बड़े किसान छोटे किसानों और श्रमिकों का शोषण करते हैं।

(ii) छोटे किसानों और श्रमिकों को कृषि के अलावा अपना पेट भरने के लिए अन्य कार्य भी करने पड़ते हैं जबकि बड़े किसान कोई कार्य नहीं करते और श्रमिकों के बल पर कमाए गए धन को विलासिता में खर्च करते हैं।

(iii) भारत में कृषि-जोतों का बँटवारा सही नहीं है। आज भी जमीदारी प्रथा और जमींदारों द्वारा श्रमिकों का शोषण पूर्ववत् है भले ही बाहरी तौर पर जमींदारी उन्मूलन हो चुका है।

(iv) प्रजातंत्र के गर्भ में अधिनायक तंत्र का दानव पल रहा है। यह स्थिति देश और समाज के लिए घातक है।

HBSE 6th Class Civics ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
ग्रामीण कृषि में क्या असमानता है?
उत्तर:
गाँवों की सात प्रतिशत जनसंख्या कृषि श्रमिक और छोटे किसानों की है जबकि चालीस प्रतिशत बड़े किसान हैं।

प्रश्न 2.
तुलसी जैसे कृषि-श्रमिक न्यूनतम मजदूरी में कार्य करने के लिए विवश क्यों हैं?
उत्तर:
अशिक्षित और भूमिहीन होने तथा गाँवों में श्रम की अति-आपूर्ति परन्तु कार्य की कमी होने के कारण।

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प्रश्न 3.
भारत में कृषि-जोतों का वितरण इतना असमान क्यों है?
उत्तर:
स्वशासन (ग्राम सभा, ग्राम पंचायत, न्याय पंचायत) के तौर-तरीके सही न रहने, सामंती और जमींदारी की मनोवृत्ति अभी तक जीवित रहने, जनसंख्या में अत्यधिक बढ़ोत्तरी होने तथा आम जनता के अति-स्वार्थी होने के कारण।

प्रश्न 4.
तुलसी का एक मील दूर से पानी को सिर पर ढोकर लाना क्या दर्शाता है?
उत्तर:
गाँवों की उपेक्षित और पीड़ित दशा का खुला चित्र दिखाता है। यहाँ पेय-जल की व्यवस्था भी नहीं की गई है।

प्रश्न 5.
सरकार द्वारा ग्राम विकास की अनेक योजनाएँ घोषित एवं कार्यान्वित किए जाने पर भी कलपट्ट जैसे गाँव अपेक्षित और साधनहीन क्यों दिखाई दे रहे हैं?
उत्तर:
भारत के गाँव स्वशासन इकाई हैं परन्तु नागरिकों में कोई चेतना नहीं है। आज भी अशिक्षित परन्तु धूर्त प्रधानों और सरपंचों का गाँवों में बोलबाला है। सरकारी योजनाओं के धन को अधिकारियों के साथ सांठ-गांठ करके वे स्वयं गटक लेते हैं और कलपटू गाँव के रामलिंगम जैसे बन जाते हैं।

प्रश्न 6.
गाँवों में आज उच्च शिक्षा प्राप्त नवयुवकों की कमी नहीं है फिर भी गाँवों का विकास क्यों नहीं हो रहा है?
उत्तर:
शिक्षा से प्राप्त योग्यता का निजी-स्वार्थ में प्रयोग करने की मनोवृत्ति के कारण।

प्रश्न 7.
आपके विचार से गाँव कब खुशहाल हो सकते हैं?
उत्तर:
जब होमो सेपियन (भौतिक विकास से रचित आधुनिक मनुष्य) को हमारे संविधान में वर्णित “नागरिक” और उसके “मूल कर्त्तव्यों” का स्वच्छ और स्पष्ट ज्ञान हो पाएगा।

प्रश्न 8.
अशुद्ध और मलिन बुद्धि के मनुष्यों से बने प्रजातंत्र को क्या कहा जा सकता है?
उत्तर:
भीड़तंत्र या भगदड़ तंत्र जिसमें भागने वालों को यह भी पता नहीं चलता कि कोई अपना ही कुचल गया है।

प्रश्न 9.
गाँव (ग्राम) और राष्ट्र (किलोग्राम) क्यों है?
उत्तर:
गाँव ही राष्ट्र की इकाई है और इकाई की दशमलव त्रुटि भी राष्ट्र (किलोग्राम) स्तर पर हिन्दुकुश का दर्रा जितना विशाल छिद्र बन जाती है।

प्रश्न 10.
ग्रामीण आजीविका का यह अध्याय क्या आशय व्यक्त करता है?
उत्तर:
राष्ट्र की इकाई ग्राम (गाँव) हैं अतः इस इकाई स्तर पर विशेष ध्यान दिए जाने से ही राष्ट्र को संवारा और समृद्ध किया जा सकता है।

प्रश्न 11.
इस अध्याय की तुलसी यह कहकर क्या बताना चाहती है कि उसके मायके में मजदूरी यहाँ की तुलना में अधिक है?
उत्तर:
उपभोक्ता सूचकांक और राष्ट्रीय उत्पादन/ आय के आधार पर नियत मजदूरी ही सब जगह समान रह सकती है अन्यथा दाँव-पेंच और माँग-पूर्ति से प्रभावित मजदूरी का भिन्न-भिन्न रहना स्वाभाविक है। वर्तमान व्यवस्था पर यह प्रथम-दृष्ट्या व्यंग है।

प्रश्न 12.
गाँवों की आजीविका का प्रमुख साधन क्या है?
उत्तर:
कृषि और कृषि आधारित तथा आश्रित अन्य कार्य।

प्रश्न 13.
इस अध्याय की तुलसी और शेखर को एक साथ कई काम क्यों करने पड़ते हैं?
उत्तर:
पूर्ण रोजगार की स्थिति न रहने के कारण।

प्रश्न 14.
हमारे देश में कृषि से आजीविका अर्जित करने वाली जनसंख्या कितनी है?
उत्तर:
कुल जनसंख्या का 70 प्रतिशत।

प्रश्न 15.
अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार कृषि होने पर भी गाँव इतने उपेक्षित क्यों हैं?
उत्तर:
कागजी योजनाओं के अनुसार तो भारत के सभी गाँव समृद्ध हैं परन्तु स्वशासन और प्रशासन दोनों में निजी स्वार्थ की साँठ-गाँठ इन योजनाओं को सतह पर नहीं ला पाती। यही प्रमुख कारण है कि गाँव उपेक्षित हैं।

प्रश्न 16.
इस अध्याय का रामलिंगम कौन सी व्यवस्था का प्रतिनिधि है?
उत्तर:
आज से वर्षों पूर्व समाप्त हो चुकी कथित सामंतशाही और जमींदारी व्यवस्था का।।

प्रश्न 17.
क्या आप यह जानते हैं कि कलपटू गाँव के कृषि से भिन्न कार्य करने वाले लोग सुखी और संपन्न होंगे?
उत्तर:
कदापि नहीं, क्योंकि वहाँ अधिसंख्यक वर्ग निर्धन है।

प्रश्न 18.
विवाह के पश्चात् तुलसी को धान की रोपाई. में कष्ट क्यों होता है?
उत्तर:
आयु बढ़ने, बच्चों का दायित्व आने, बचपन से मजदूरी पर आश्रित रहने, पौष्टिक आहार न मिल पाने और गाँव में स्वास्थ्य सुविधाएँ न रहने के कारण।

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प्रश्न 19.
यदि तुलसी के पास कुछ भूमि होती तो उसकी दिनचर्या में क्या अंतर आता?
उत्तर:
वह अपनी भूमि पर ही निराई, कटाई और रोपाई का काम करती। उस भूमि से उत्पन्न अनाज केवल उसी का होता। उसका पति भी अपने ही खेतों में काम करता और वे मिलकर घर के अन्य काम निपटाते। अधिक श्रम से छुटकारा मिलने पर तुलसी का स्वास्थ्य भी ठीक रहता।

प्रश्न 20.
शेखर कृषि कार्य के अलावा और कौन से कार्य करता है?
उत्तर:
छोटा किसान होने के कारण शेखर की भूमि से इतना अनाज नहीं होता कि वर्ष भर का खर्च चलाया जा सके। इसलिए वह कुछ महीने रामलिंगम की धान की मिल में कार्य करता है।

प्रश्न 21.
गाँव में वर्ष भर रोजगार न रहने के कारण लोग क्या करते हैं?
उत्तर:
अपने घर से बहुत दूर कस्बों में जाकर कुछ महीने मजदूरी करते हैं और कृषि कार्य आरंभ होने पर गाँव लौट आते है।

प्रश्न 22.
क्या कारण है कि छोटे किसान खेती के काम में मजदूर नहीं लगाते हैं?
उत्तर:
छोटे किसानों ने साहूकारों और व्यापारियों का खाद, बीज आदि के लिए उठाया गया कर्ज चुकाना होता है। ऐसे किसानों की संख्या गाँव में अधिक रहने के कारण वे आपस में ही मिल-जुलकर एक-दूसरे का कार्य निपटाते हैं। उनमें मजदूरी चुकाने की सामर्थ्य नहीं होती।

प्रश्न 23.
छोटे किसान अपने अनाज को बाजार ले जाकर क्यों नहीं बेचते हैं?
उत्तर:
फसल खराब होने के कारण अथवा खाद, बीज आदि के लिए उनको साहूकार या व्यापारी का ऋण इस शर्त पर चुकाना होता है कि वे अपनी फसल केवल उन्हें ही बेचेंगे, चाहे वे उसका बाजार से कम मूल्य लगाएँ।

प्रश्न 24.
हमारे देश के गांवों में बड़े और छोटे किसानों का क्या अनुपात है?
उत्तर:
कुल ग्रामीण जनसंख्या का 20 प्रतिशत और 80 प्रतिशत अर्थात् पाँच किसानों में से एक बड़ा किसान है और चार छोटे किसान हैं।

प्रश्न 25.
बड़े किसान खेती के साथ ही और कौन-कौन से कार्य करते हैं?
उत्तर:
दुकानदारी, साहूकारी, व्यापार और लघु पैमाने के कारखाने चलाते हैं।

प्रश्न 26.
ग्रामीण लोगों द्वारा खेती के अलावा और कौन-कौन से कार्य किए जाते हैं?
उत्तर:
वनों से जड़ी-बूटियाँ, फल-फूल और बीज एकत्रित करने, दूध बेचने, पशु-पालने और मछली मारने का कार्य।

प्रश्न 27.
मध्य भारत में ग्रामीणों के अतिरिक्त आय का साधन क्या है?
उत्तर:
वनों से महुआ, तेंदू के पत्ते तोड़कर लाने और शहद निकालकर लाने का कार्य।

प्रश्न 28.
पुडुपेट गाँव के लोग क्या करते हैं?
उत्तर:
समुद्र में बेड़ा (मछली मारने की नाव) ले जाकर मछली मारने का कार्य।

प्रश्न 29.
मछली मारने के कार्य में क्या-क्या जोखिमें हैं?
उत्तर:
समुद्री तूफान, ज्वार-भाटा, आँधी और वर्षा जनित रुकावटें, जिनमें प्रतिवर्ष जन-धन की अपूरणीय क्षति होती है।

प्रश्न 30.
मछुआरों की दिनचर्या बताइए।
उत्तर:
रात्रि दो बजे जागकर मछली-मार नाव और जाल आदि लेकर समुद्र में कई मील दूर तक जाना और जाल फेंककर मछली पकड़ना, प्रात:काल सात बजे वापस लौटकर आना, समद्र तट पर मछलियों को बेचना, प्राप्त आय को आपस में बाँटना, दिन में जाल में पड़ी गाँठों और नाव की टूट-फूट की मरम्मत करना और अगले दिन पुनः काम पर जाना।

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लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
ग्रामीण जीवन का वर्णन कीजिए। .
उत्तर:
हमारा देश गाँवों में बसता है। हमारे देश की कुल जनसंख्या का 80 प्रतिशत भाग गाँव में रहता है और कृषि तथा इसके साथ जुड़े हुए पशुपालन, शिल्प, कारीगरी आदि कार्यों को करता है। लगभग सभी गाँव शहरों से बहुत दूरी पर होते हैं। हमारे गाँवों के मकान अधिकतर मिट्टी के बने होते हैं। उनकी छतें घास-फस की बनी होती हैं। हाल के कुछ वर्षों से गाँवों की दशा में कुछ सुधार आया है। फिर भी दूरस्थ गाँवों की स्थिति जस की तस बनी हुई है। वहाँ विद्युतीकरण अभी तक नहीं हुआ है और स्कल, कॉलेज, अस्पताल, औषधालयों का सर्वथा अभाव है। गाँवों के बच्चे चार या पाँच मील दूर पाठशालाओं में पढ़ने जाते हैं। कई गाँवों में आज भी मकान के भूतल पर गाय, बकरियाँ तथा अन्य पशु बाँधे जाते हैं और प्रथम तल पर परिवार के सदस्य रहते हैं।

प्रश्न 2.
हमारे गाँवों के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए सरकार द्वारा कौन-कौन से कदम उठाए गए है?
उत्तर:
गाँवों का पिछड़ापन दूर करने के लिए वर्ष 1952 से सामुदायिक विकास कार्यक्रम चलाए गए हैं। इन कार्यक्रमों का लक्ष्य ग्रामीण जीवन का सर्वांगीण विकास करने का रहा है। इन कार्यक्रमों के अधीन गाँवों में स्वास्थ्य और स्वच्छता की सुविधाएँ पेय जल की व्यवस्था, कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए आधुनिक कृषि-विधियों, यांत्रिक कृषि, गहन खेती आदि उपायों को लागू किया जा रहा है। ग्रामीणों को उन्नत बीज, कृमिनाशक दवाइयाँ

और उर्वरक सहकारी समितियों के माध्यम से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। गाँवों में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने वाले सरकारी अभिकरणों को गाँवों के केन्द्र में स्थापित किया गया है तथा विद्युतीकरण की योजना लागू की जा रही है।

निष्कर्ष : वर्ष 1952 से आज 2006 तक चलाए गए कार्यक्रमों की प्रगति बहुत धीमी रही है क्योंकि आज भी भारत के अधिकतर गाँव चिकित्सा सुविधा, प्रकाश व्यवस्था, पेय-जल आदि से सर्वथा वंचित हैं।

प्रश्न 3.
ग्रामीण जीवन में विद्युत व्यवस्था क्या परिवर्तन लाई है?
उत्तर:
विद्युतीकरण से ग्राम्य-जीवन में सुधार:

  • कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई है।
  • ग्रामीणों का जीवन सुख-सुविधा के साधनों से संपन्न हुआ है। उदाहरणार्थ-रेडियो, दूरदर्शन से स्वस्थ मनोरंजन, विद्युत चालित कृषि यंत्रों एवं घरेलू उपकरणों की बढ़ोत्तरी।
  • विद्युतचालित नलकूपों ने सिंचाई की सुविधा को अधिक सुगम और सहज बना दिया है।
  • कृषि के अलावा गाँवों में औद्योगिक विकास भी संभव हुआ है।

इस प्रकार विद्युतीकरण ने ग्रामीणों के जीवन-स्तर को ऊँचा उठाया है।

प्रश्न 4.
क्या आपने सुनामी के बारे में सुना है? यह क्या है और अरुणा जैसी मछुआरिन के परिवारों को इसने क्या क्षति पहुँचाई है?
उत्तर:
हाँ, हमने सुनामी के बारे में सुना है। यह वर्ष 2004 के दिसम्बर माह में आई थी। इसने तमिलनाडु के नागपट्टिनम स्थान के लगभग 5000 लोगों की जान ले ली थी। पांडिचेरी, धर्मपुरी, पलक्कड़, चेन्नई आदि केरल तथा तमिलनाडु के बहुत से इलाके इसकी चपेट में आए था सुनामी से मरने वाला म दक्षिण भारत के मछुआरों की संख्या अधिक थी। मछुआरों के घर, बस्तियों और मछली-मार जहाज, इंजन एवं अन्य उपकरण समुद्र में बह गए थे।

ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका Class 6 HBSE Notes in Hindi

  1. आजीविका क्या है? : मनुष्य की वह दिनचर्या जिससे वह अपना तथा अपने परिवार का भरण-पोषण करता है।
  2. ग्रामीण आजीविका क्या है? : ग्रामीण लोगों की कृषि-कार्यों से आय अर्जित करने की प्रक्रिया।
  3. क्या ग्रामीणों को आय अर्जित करने के समान अवसर प्राप्त हैं? : नहीं। यहाँ भी बड़े कृषकों और कृषि- श्रमिकों में आय के वितरण की विषमता है।
  4. कौन से कार्य कृषि कार्य नहीं हैं? : टोकरी बुनना, बढ़ईगिरी, भाँडे-बर्तन बनाना, ईंटों का भला चलाना, चटाई धुनना, खिलौने बनाना आदि।
  5. भारत के गाँवों में अलग-अलग फसलें क्यों उगाई जाती हैं? : प्रत्येक फसल के लिए विशेष मिट्टी, जल, सूर्य का प्रकाश आदि की आवश्यकता रहने के कारण।
  6. कृषि-श्रमिक की दशा कैसी रहती है? : अत्यधिक दयनीय और पीड़िता
  7. गाँव की कृषि-जोतों में भिन्नता क्यों है? : भूमि के असमान वितरण और जनसंख्या वृद्धि के कारण।
  8. क्या गाँवों में पेय-जल उपलब्ध है? : नहीं। कई गाँवों में आज भी लोग तालाबों और कुँओं का अशुद्ध जल पीते हैं।
  9. क्या कृषि-क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएँ हैं? : केवल मौसमी रोजगार की।
  10. लोग साहूकारों के चंगुल में क्यों फंस जाते हैं? : फसल खराब होने, सूखा पड़ने या फिर शादी-ब्याह आदि में सीमा से अधिक व्यय करने के कारण।
  11. क्या तुलसी की कहानी गाँव में चिकित्सा की पर्याप्त सुविधाएँ रहने को प्रकट करती है? : नहीं। वहाँ आज भी चिकित्सा की नि:शुल्क सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हैं।

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