Haryana State Board HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 15 बहुलक Important Questions and Answers.
Haryana Board 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 15 बहुलक
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. पी.वी.सी. (पॉलि वाइनिल क्लोराइड) है एक-
(अ) योगात्मक बहुलक
(ब) संघनन बहुलक
(स) सहबहुलक
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) योगात्मक बहुलक
2. निम्नलिखित में से कौनसा जैव बहुलक है?
(अ) पॉलिथीन
(ब) नाइलॉन-66
(स) प्रोटीन
(द) टेफ्लॉन
उत्तर:
(स) प्रोटीन
3. PHBV है एक-
(अ) प्राकृतिक बहुलक
(ब) जैव बहुलक
(स) जैवनिम्ननीय बहुलक
(द) संश्लेषित बहुलक
उत्तर:
(स) जैवनिम्ननीय बहुलक
4. योगात्मक बहुलकीकरण है-
(अ) पद वृद्धि अभिक्रिया
(ब) शृंखला वृद्धि अभिक्रिया
(स) विलोपन अभिक्रिया
(द) संघनन अभिक्रिया
उत्तर:
(ब) शृंखला वृद्धि अभिक्रिया
5. निम्नलिखित में से कौनसा प्राकृतिक बहुलक नहीं है?
(अ) स्टार्च
(ब) ऊन
(स) रेशम
(द) नाइलॉन
उत्तर:
(द) नाइलॉन
6. एथिलीन ग्लाइकॉल तथा टेरेफ्थैलिक अम्ल के सहबहुलकीकरण से बना बहुलक है-
(अ) नाइलॉन
(ब) टेरीलीन या डेक्रॉन
(स) पॉलिस्टाइरीन
(द) बैकेलाइट
उत्तर:
(ब) टेरीलीन या डेक्रॉन
7. टैफ्लॉन के विशेष गुण निम्नलिखित में से किस तत्व के कारण होते हैं ?
(अ) क्लोरीन
(ब) नाइट्रोजन
(स) फ्लुओरीन
(द) फॉस्फोरस
उत्तर:
(स) फ्लुओरीन
8. जब रबर को सल्फर के साथ गर्म किया जाता है तो इस प्रक्रिया को क्या कहते हैं?
(अ) गैल्वेनीकरण
(ब) सल्फोनीकरण
(स) बेसेमरीकरण
(द) वल्कनीकरण
उत्तर:
(द) वल्कनीकरण
9. निम्नलिखित में से किस बहुलक में हैलोजन नहीं होता है?
(अ) टेफ्लॉन
(ब) निओप्रीन
(स) नाइलॉन-6
(द) पी.वी.सी.
उत्तर:
(स) नाइलॉन-6
10. निम्नलिखित में से कौनसा तापदृढ़ बहुलक का उदाहरण है?
(अ) पॉलिस्टाइरीन
(ब) पॉलिथीन
(स) बैकेलाइट
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(स) बैकेलाइट
11. निम्नलिखित में से कौनसा रेखीय बहुलक नहीं है?
(अ) पॉलीएस्टर
(ब) पॉलीप्रोपिलीन
(स) बैकेलाइट
(द) पॉलिथीन
उत्तर:
(स) बैकेलाइट
12. निम्नलिखित में से कौनसा तापसुघट्य बहुलक नहीं है?
(अ) पॉलिथीन
(ब) पॉलिस्टाइरीन
(स) फ़ीनॉल-फार्मेल्डिहाइड रेजिन
(द) पॉलिवाइनिलक्लोरइड
उत्तर:
(स) फ़ीनॉल-फार्मेल्डिहाइड रेजिन
13. निम्नलिखित में से कौनसा बहुलक ऐरोमैटिक है?
(अ) नाइलॉन-66
(ब) टेफ्लॉन
(स) निओप्रीन
(द) पॉलिस्टाइरीन
उत्तर:
(द) पॉलिस्टाइरीन
14. निम्नलिखित में से किस प्रकार के बहुलक में सबसे प्रबल अन्तराणुक बल पाए जाते हैं?
(अ) रेशेदार बहुलक
(ब) प्रत्यास्थ बहुलक
(स) तापदृढ़ बहुलक
(द) तापसुघट्य बहुलक
उत्तर:
(स) तापदृढ़ बहुलक
15. वैद्युत स्विच बनाने में प्रयुक्त बहुलक होता है-
(अ) पॉलिप्रोपीन
(ब) ग्लिप्टल
(स) बैकेलाइट
(द) पॉलिस्टाइरीन
उत्तर:
(स) बैकेलाइट
16. बहुलक, ब्यूना-S में S किससे सम्बन्धित है?
(अ) सल्फर
(ब) सोडियम
(स) स्टाइरीन
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(स) स्टाइरीन
17. CF2 = CF2 निम्नलिखित में से किस बहुलक का एकलक है?
(अ) ग्लिप्टल
(ब) ब्यूना- N
(स) टैफ्लॉन
(द) नाइलॉन-6
उत्तर:
(स) टैफ्लॉन
18. बहुलक ऑरलॉन का एकलक है-
(अ) ग्लाइकॉल
(ब) क्लोरोप्रीन
(स) एक्रिलो नाइट्राइल
(द) वाइनिल क्लोराइड
उत्तर:
(स) एक्रिलो नाइट्राइल
19. निम्नलिखित में से कौनसा बहुलक पूर्णतः फ्लुओरीनीकृत है?
(अ) PAN
(ब) PTFE
(स) PVC
(द) PMMA
उत्तर:
(ब) PTFE
20. निम्नलिखित में से कौनसा सहबहुलक है?
(अ) PVC
(ब) प्राकृतिक बहुलक
(स) पॉलीप्रोपीन
(द) नाइलॉन-66
उत्तर:
(द) नाइलॉन-66
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
क्रियात्मक समूह के आधार पर टैरीलीन किस प्रकार का बहुलक है?
उत्तर:
टैरीलीन, पॉलिएस्टर वर्ग का बहुलक है।
प्रश्न 2.
त्सीग्लर – नट्टा उत्प्रेरक क्या है? इसका उपयोग भी बताइए।
उत्तर:
ट्राइएथिल ऐलुमिनियम तथा टाइटेनियम टेट्राक्लोराइड का मिश्रण [(C2H5)3)Al+TiC4] त्सीग्लर नट्टा उत्प्रेरक होता है। यह एथीन तथा अन्य ऐल्कीनों के बहुलकीकरण में प्रयुक्त होता है।
प्रश्न 3.
ऐकिलन बहुलक बनाने में प्रयुक्त एकलक का सामान्य तथा IUPAC नाम बताइए।
उत्तर:
ऐक्रिलन (पॉलिएक्रिलोनाइट्राइल) बहुलक, ऐक्रिलोनाइट्राइल CH2 = CHCN) से बनता है। इसका IUPAC नाम प्रोपीननाइट्राइल है।
प्रश्न 4.
नॉनस्टिक (न चिपकने वाली) सतह से लेपित बर्तन बनाने में कौनसा बहुलक प्रयुक्त होता है?
उत्तर:
नॉनस्टिक सतह से लेपित बर्तन बनाने में प्रयुक्त बहुलक टेफ्लॉन होता है।
प्रश्न 5.
अभंजनीय बर्तन बनाने में प्रयुक्त बहुलक किनसे बनता है?
उत्तर:
अभंजनीय बर्तन बनाने में मेलैमीन बहुलक काम में आता है। जो कि मेलैमीन तथा फॉर्मेल्डिहाइड से बनता है।
प्रश्न 6.
प्राकृतिक रबर में कौनसा यौगिक पाया जाता है? इसका सूत्र तथा नाम बताइए।
उत्तर:
प्राकृतिक रबर में आइसोप्रीन पाया जाता है। इसका सूत्र है तथा इसका IUPAC नाम 2-मेथिल-1,3-ब्यूटाडाईन है।
प्रश्न 7.
ताप सुघट्य बहुलकों के दो उदाहरण बताइए।
उत्तर:
पॉलिप्रोपीन तथा पॉलिवाइनिल क्लोराइड ताप सुघट्य बहुलक हैं।
प्रश्न 8.
रेशेदार बहुलकों के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
नाइलॉन-6,6 तथा टैरीलीन रेशेदार बहुलक हैं।
प्रश्न 9.
ऐसे दो बहुलक बताइए जो संघनन बहुलकीकरण से बनते हैं तथा जिनमें तिर्यक बन्धन होता है।
उत्तर:
बैकेलाइट तथा मैलेमीन।
प्रश्न 10.
ताप दृढ़ बहुलकों के दो उदाहरण बताइए।
उत्तर:
बैकेलाइट तथा यूरिया फार्मेल्डिहाइड रेजिन।
प्रश्न 11.
बहुलकों के अणुभार ज्ञात करने के प्रकार बताइए तथा उनके सूत्र भी दीजिए।
उत्तर:
बहुलकों के अणुभार दो प्रकार से ज्ञात किए जाते हैं।
- संख्या औसत अणुभार (\(\overline{M}\)n) = \(\frac{\sum \mathbf{n}_i \mathbf{M}_i}{\sum \mathbf{n}_i}\)
- भार औसत अणुभार (\(\overline{M}\)w) = \(\frac{\sum \mathrm{n}_i \mathbf{M}_i^2}{\sum \mathrm{n}_i \mathbf{M}_i}\)
प्रश्न 12.
वल्कनीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
अपरिष्कृत रबर को 373K से 415K ताप पर सल्फर के साथ गरम करने पर इसकी प्रत्यास्थता तथा कठोरता में वृद्धि हो जाती है। इसे रबर का वल्कनीकरण कहते हैं।
प्रश्न 13.
रबर के वल्कनीकरण में सल्फर का क्या कार्य है?
उत्तर:
रबर के वल्कनीकरण में सल्फर, बहुलक श्रृंखलाओं के मध्य तिर्यक बन्ध बनाता है जिसके कारण ही इसकी प्रत्यास्थता बढ़ती है।
प्रश्न 14.
बबलगम का मुख्य अवयव कौनसा बहुलक होता है?
उत्तर:
SBR (स्टाइरीन ब्यूटाडाईन रबर)।
लघुत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
(a) जैव बहुलक क्या होते हैं? इनके दो उदाहरण दीजिए।
(b) बहुलकीकरण की मात्रा क्या होती है ?
उत्तर:
(a) वे बहुलक जो जीवों (पौधे तथा जन्तुओं) में पाए जाते हैं उन्हें जैव बहुलक कहते हैं। प्रोटीन तथा पॉलिसैकैराइड (कार्बोहाइड्रेट) इनके उदाहरण हैं।
(b) बहुलकीकरण की प्रक्रिया में प्राप्त उत्पाद की मात्रा को बहुलकीकरण की मात्रा कहते हैं। इससे किसी बहुलक में उपस्थित एकलक इकाइयों की संख्या ज्ञात होती है।
प्रश्न 2.
रैखिक तथा शाखित श्रृंखला बहुलकों की सचित्र व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
संरचना के आधार पर बहुलक तीन प्रकार के होते हैं-
(a) रैखिक बहुलक रैखिक बहुलकों में एकलक इकाइयाँ आपस में जुड़कर सीधी शृंखला बनाती हैं जो कि पास-पास व्यवस्थित होती हैं। अतः इनके घनत्व तथा गलनांक अधिक होते हैं तथा इनमें प्रबल अन्तराअणुक आकर्षण बल होता है। उदाहरण-उच्च घनत्व पॉलिथीन (HDP), पॉलीवाइनिल क्लोराइड (PVC) नाइलॉन तथा पॉलिएस्टर इत्यादि।
(b) शाखित शृंखला बहुलक-इन बहुलकों में रेखीय शृंखलाओं में कुछ शाखाएं जुड़ी होती हैं। इनके घनत्व व गलनांक कम होते हैं तथा इनमें आकर्षण बल अपेक्षाकृत दुर्बल होते हैं। उदाहरण-निम्न घनत्व पॉलिथीन (LDP)।
(c) तिर्यकबंधित या जालक्रम या नेटवर्क बहुलक-तिर्यक बंधित बहुलक सामान्यतः द्विक्रियात्मक तथा त्रिक्रियात्मक समूह युक्त एकलकों से बनते हैं। इनमें रेखीय बहुलक शृंखलाएँ तिर्यक बंधों द्वारा जुड़ी होती हैं तथा इन रेखीय बहुलक शृंखलाओं के मध्य प्रबल सहसंयोजक बन्ध होता है। इस कारण ये बहुलक कठोर, दृढ़ तथा भंगुर होते हैं। उदाहरण-बैकेलाइट तथा मैलैमीन इत्यादि।
प्रश्न 3.
जालक्रम या नेटवर्क बहुलक क्या होते हैं? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
तिर्यकबंधित या जालक्रम या नेटवर्क बहुलक-तिर्यक बंधित बहुलक सामान्यतः द्विक्रियात्मक तथा त्रिक्रियात्मक समूह युक्त एकलकों से बनते हैं। इनमें रेखीय बहुलक श्रृंखलाएँ तिर्यक बंधों द्वारा जुड़ी होती हैं तथा इन रेखीय बहुलक शृंखलाओं के मध्य प्रबल सहसंयोजक बन्ध होता है। इस कारण ये बहुलक कठोर, दृढ़ तथा भंगुर होते हैं। उदाहरण-बैकेलाइट तथा मैलैमीन इत्यादि।
प्रश्न 4.
प्रत्यास्थ तथा रेशेदार बहुलकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
(a) प्रत्यास्थ बहुलक (Elastomers)-प्रत्यास्थ बहुलकों में बहुलक शृंखलाएँ आपस में दुर्बल अंतराआण्विक बलों द्वारा जुड़ी होती हैं। ये दुर्बल बल बहुलक को तनित होने देते हैं। शृंखलाओं के बीच कुछ ‘तिर्यकबंध’ भी होते हैं अतः ये बहुलक खींचने पर लम्बे हो जाते हैं तथा छोड़ देने पर पुनः अपनी पूर्व अवस्था में आ जासे हैं अर्थात् इनमें प्रत्यास्थता का गुण पाया जाता है। ये रबर के समान ठोस होते हैं जैसे वल्कनीकृत रबर। ब्यूना- N, ब्यूना-S तथा निओप्रीन भी प्रत्यास्थ बहुलकों के उदाहरण हैं।
(b) रेशे या रेशेदार बहुलक (Fibres or Fibrous Polymers)-रेशेदार बहुलकों में तनन सामर्थ्य उच्च होता है क्योंकि इनमें बहुलक शृंखलाओं के मध्य असंख्य प्रबल अन्तराअणुक हाइड्रोजन बन्ध पाए जाते हैं। इसी कारण ये क्रिस्टलीय ठोस होते हैं तथा इनका गलनांक तीक्ष्ण होता है। ये बहुलक धागे बनाने में प्रयुक्त होते हैं। उदाहरण-पॉलिएस्टर (टैरीलीन) तथा पॉलिऐमाइड (नाइलॉन6,6) इत्यादि।
प्रश्न 5.
धनायनिक तथा ऋणायनिक बहुलकीकरण को संक्षेप में समझाइए।
उत्तर:
आयनिक क्रियाविधि-शृंखला वृद्धि बहुलकीकरण की क्रिया आयनिक क्रियाविधि द्वारा भी होती है। इसमें श्रंखला को प्रारम्भ करने के लिए सक्रिय आयन प्रयुक्त होते हैं। ये धनायन अथवा ऋणायन हो सकते हैं।
(i) धनायनिक बहुलकीकरण-धनायनिक बहुलकीकरण Al3 तथा BF3 इत्यादि (लुइस अम्ल) की उपस्थिति में या अम्लीय माध्यम (H2SO4) में होता है। इसमें सर्वप्रथम एकलक तथा अम्ल की क्रिया से धनायन बनता है जो कि बहुलकीकरण को आगे बढ़ाता है। उदाहरण-आइसोब्यूटिलीन से पॉलि आइसो ब्यूटिलीन का निर्माण।
(ii) ऋणायनिक बहुलकीकरण-ऋणायनिक बहुलकीकरण में ऋणावेशित आयन श्रृंखला वाहक का कार्य करते हैं जैसे \(\overline{N}\)H2 (NaNH2 से) उदाहरण-स्टाइरीन से पॉलिस्टाइरीन का निर्माण।
नोट-आयनिक क्रियाविधि का विस्तृत विवेचन आपके पाठ्यक्रम में नहीं है।
प्रश्न 6.
ऐल्कीन से बनने वाले बहुलकों के दो उदाहरण दीजिए तथा उनके बनाने का समीकरण भी लिखिए।
उत्तर:
पॉलिथीन तथा पॉलिप्रोपीन ऐल्कीनों से बनने वाले महत्त्वपूर्ण बहुलक हैं-
प्रश्न 7.
निम्नलिखित बहुलकों को बनाने का समीकरण, उनके गुण तथा उपयोग दीजिए।
(i) पॉलिस्टाइरीन
(ii) निओप्रीन।
उत्तर:
(i) (a) पॉलिस्टाइरीन (Polystyrene)-इसे स्टाइरीन को परॉक्साइड की उपस्थिति में गरम करके बनाया जाता है-
पॉलिस्टाइरीन एक रंगहीन, पारदर्शी तथा सुदृढ़ प्लास्टिक होता है। इसे विद्युतरोधी के रूप में, खिलौने, रेडियो, टेलीविजन के केबिनेट बनाने में तथा रेफ्रिजरेटरों व एयरकन्डीशनरों में प्रयुक्त किया जाता है। इसे साँचे में ढले सामान बनाने में भी प्रयुक्त किया जाता है।
(b) पॉलिडाइईन बहुलक-पॉलिडाइईन बहुलकों को 1,3 डाईईनों अथवा उनके व्युत्पन्नों के योगात्मक बहुलकीकरण से अथवा कुछ अन्य असंतृप्त यौगिकों के साथ योगात्मक बहुलकीकरण से बनाया जाता है।
1. पॉलिआइसोप्रीन-पॉलिआइसोप्रीन को आइसोप्रीन के बहुलकीकरण से बनाया जाता है। इसके गुण प्राकृतिक रबर के समान होते हैं।
2. निओप्रीन अथवा पॉलिक्लोरोप्रीन-यह क्लोरोप्रीन के बहुलकीकरण से प्राप्त होता है।
निओप्रीन प्रत्यास्थ तथा अत्यन्त सुदृढ़ रबर होता है अतः यह जूतों के क्रेप सोल, गोताखोरों के सूट, पेन्ट, आसंजक इत्यादि के बनाने में उपयोगी होता है। यह वनस्पति तथा खनिज तेल के प्रति प्रतिरोधक होता है, अतः इसे गास्केट वाहक पट्टे तथा हौज बनाने में प्रयुक्त करते हैं।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित बहुलकों को किस प्रकार बनाया जाता है?
(i) टेफ्लॉन
(ii) पॉलिएक्रिलोनाइट्राइल
उत्तर:
टे फ्लॉन (पॉॅलिटे ट्राफ्लु ओरोएथीन) [Teflon (Polytetra-fluoroethenc)! (PTFE)-टेफ्लॉन, टेट्राफ्लुओरोएथीन को मुक्तमूलक अथवा परसल्फेट उत्प्रेरक के साथ उच्च दाब पर गर्म करके बनाया जाता है। यह रासायनिक रूप से अक्रिय तथा संक्षारक अभिकर्मकों के प्रति प्रतिरोधी होता है। अतः इसको तेल सीलों तथा गैस्केटों के निर्माण में एवं न चिपकने वाली (नॉन-स्टिक) सतह से लेपित बर्तन बनाने में उपयोग में लिया जाता है। टेफ्लॉन परत 573 K(300°C) से ऊपर ताप पर विघटित हो जाती है।
पॉलिऐक्रिलेट बहुलक-पॉलिऐक्रिलेट बहुलकों को विभिन्न ऐक्रिलिक एकलकों के योगात्मक बहुलकीकरण द्वारा बनाया जाता है।
पॉलिऐक्रिलोनाइट्राइल (PAN) या ऑरलॉन (ORLON) या एक्रिलन-परॉक्साइड उत्प्रेरक की उपस्थिति में ऐक्रिलोनाइट्राइल (वाइनिल सायनाइड) के योगात्मक बहुलकीकरण से पॉलिऐक्रिलोनाइट्राइल प्राप्त होता है।
पॉलिऐक्रिलोनाइट्राल का उपयोग ऊन के प्रतिस्थापी के रूप में, औद्योगिक रेशे जैसे ऑरलॉन या ऐक्रिलन बनाने में होता है। ऐक्रिलन से बने रेशे, धब्बों, रसायनों, कीटों तथा कवक के प्रति प्रतिरोधी होते हैं।
प्रश्न 9.
यूरिया फार्मेल्डिहाइड रेजिन बनाने की विधि, गुण तथा उपयोग बताइए।
उत्तर:
यूरिया-फॉर्मैल्डिहाइड रेजिन-यूरिया तथा फॉर्मैल्डिहाइड को पिरिडीन या अमोनिया की अल्प मात्रा की उपस्थिति में गरम करने पर पहले मेथिलॉल यूरिया बनता है जिसके बहुलकीकरण से बैकेलाइट के समान तापदृढ़ बहुलक बनाता है जिसे यूरिया फॉर्मैल्डिहाइड रेजिन कहते हैं।
यूरिया-फॉर्मैल्डिहाइड रेजिन का उपयोग साँचे में ढले उपकरण, सुरक्षा कवच, कागज, आसंजक, न टूटने वाले कप तथा पटलित चादरें (laminated sheets) आदि के निर्माण में किया जाता है।
प्रश्न 10.
(a) प्रत्यास्थ बहुलक का एक उदाहरण बताइए।
(b) बहुलकीकरण की क्रियाविधि के आधार पर योगात्मक तथा संघनन बहुलकों के नाम बताइए।
उत्तर:
(a) वल्कनीकृत रबर, प्रत्यास्थ बहुलक का उदाहरण है।
(b) बहुलकीकरण की क्रियाविधि के आधार पर योगात्मक बहुलकों को श्रृंखला वृद्धि बहुलक तथा संघनन बहुलकों को पदशःवृद्धि बहुलक कहते हैं।
प्रश्न 11.
(a) PHBV का सम्पूर्ण नाम बताइए।
(b) नाइलॉन-2-नाइलॉन-6 बहुलक किस प्रकार का होता है तथा इसे कैसे बनाया जाता है?
उत्तर:
(a) PHBV का सम्पूर्ण नाम पॉलि ß-हाइड्रॉक्सीब्यूटिरेट-को-ß-हाइड्रॉक्सी वैलेरेट है।
(b) नाइलॉन-2-नाइलॉन 6 जैवनिम्ननीय बहुलक है जो कि ग्लाइसीन (H2N-CH2-COOH) तथा ऐमीनोकैप्रोइक अम्ल (H2N-(CH2)5-COOH) का एकान्तर पॉलिऐमाइड बहुलक है।
प्रश्न 12.
ब्यूना – N बहुलक के बनाने की विधि तथा उपयोग बताइए।
उत्तर:
1,3-ब्यूटाडाईन तथा एक्रिलोनाइट्राइल के सोडियम की उपस्थिति में सहबहुलकीकरण से ब्यूना – N प्राप्त होता है। यह पेट्रोल, स्नेह तेल तथा कार्बनिक विलायकों के प्रति प्रतिरोधी होता है, अतः इसे तेल सील तथा टंकियों के अस्तर इत्यादि बनाने में प्रयुक्त किया जाता है।
प्रश्न 13.
बहुलकों के आण्विक द्रव्यमान सदैव औसत के रूप में व्यक्त किए जाते हैं। क्यों?
उत्तर:
बहुलकों के गुण उनके आण्विक द्रव्यमान, आकार तथा संरचना पर निर्भर करते हैं। बहुलकों की श्रृंखला की लंबाई उनके निर्माण के दौरान अभिक्रिया मिश्रण में उपस्थित एकलकों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। इस प्रकार, बहुलक के नमूने में विभिन्न लम्बाई की श्रृंखलाएं उपस्थित होती हैं, अतः बहुलक का आण्विक द्रव्यमान भी भिन्न-भिन्न होता है। इसलिए इनका आण्विक द्रव्यमान सदैव एक औसत के रूप में व्यक्त किया जाता है। बहुलकों के आण्विक द्रव्यमान को रासायनिक तथा भौतिक विधियों द्वारा ज्ञात किया जाता है।
बहुलनों के औसत अणुभार (आण्विक द्रव्यमान) दो प्रकार के होते हैं-
- संख्या औसत अणुभार तथा
- भार औसत अणुभार।
(a) संख्या औसत अणुभार (The Number Average Molecular Weight)-बहुलक में उपस्थित विभिन्न बहुलक अणुओं के अणुभारों के योग में कुल बहुलक अणुओं की संख्या का भाग देने पर प्राप्त अणुभार, संख्या औसत अणुभार कहलाता है।
माना कि बहुलक के नमूने में n1 संख्या M1 अणुभार वाले n2 संख्या M2 अणुभार वाले तथा n3 संख्या M3 अणुभार वाले बहुलक अणुओं की है तो बहुलक अणुओं का कुल भार W= n1M1 + n2M2 + n3M3
बहुलक अणुओं की कुल संख्या = n1 + n2 + n3
अतः \(\overline{M}\)n = \(\frac{\mathbf{n}_1 \mathbf{M}_1+\mathbf{n}_2 \mathbf{M}_2+\mathbf{n}_3 \mathbf{M}_3}{\mathbf{n}_1+\mathbf{n}_2+\mathbf{n}_3}\)
या \(\overline{M}\)n = \(\frac{\sum \mathrm{n}_i \mathbf{M}_i}{\sum \mathrm{n}_i}\)
यहाँ ni = i प्रकार के अणुओं की संख्या
तथा Mi = i प्रकार के अणुओं का अणुभार
उदाहरण (1) – एक बहुलक के तीन अणुओं के द्रव्यमान 1000, 5000 तथा 10,000 है तो इस बहुलक का संख्या औसत अणु भार ज्ञात कीजिए।
हल- \(\overline{M}\)n = \(\frac{(1000 \times 1)+(5000 \times 1)+(10,000 \times 1)}{1+1+1}\)
\(\overline{M}\)n = \(\frac{1000+5000+10,000}{3}\) = \(\frac { 16000 }{ 3 }\)
= 5333.3
(b) भार औसत अणुभार (Weight Average Molecular Weight) – बहुलक के नमूने में उपस्थित प्रत्येक बहुलक अणु के कुल भार को उसके अणुभार से गुणा करते हैं तथा प्राप्त सभी गुणकों को जोड़कर बहुलक नमूने में उपस्थित प्रत्येक प्रकार के बहुलक अणुओं के कुल भार से भाग देने पर प्राप्त अणुभार भार औसत अणुभार कहलाता है।
अतः भार औसत अणुभार (\(\overline{M}\)w) = \(\frac{W_1 M_1+W_2 M_2+W_3 M_3 \cdots}{W_1+W_2+W_3}\)
यहाँ W1, W2 तथा W3 विभिन्न प्रकार के बहुलक अणुओं के कुल भार हैं तथा M1, M2, तथा M3 क्रमशः उन बहुलक अणुओं के अणुभार हैं।
तो w1 = n1M1 , w2 = n2M2, w3 = n3M3
मान रखने पर
\(\overline{M}\)w = \(\frac{\mathrm{n}_1 \mathrm{M}_1^2+\mathrm{n}_2 \mathrm{M}_2^2+\mathrm{n}_3 \mathrm{M}_3^2}{\mathrm{n}_1 \mathrm{M}_1+\mathrm{n}_2 \mathrm{M}_2+\mathrm{n}_3 \mathrm{M}_3}\)
\(\overline{M}\)w = \(\frac{\sum \mathrm{n}_i \mathbf{M}_i^2}{\sum \mathrm{n}_i \mathbf{M}_i}\)
\(\overline{M}\)w का मान \(\overline{M}\)n से अधिक होता है।
उदाहरण (2) – बहुलक के एक नमूने में 25% अणुओं का अणुभार 30,000, 45% अणुओं का अणुभार 20,000 तथा शेष अणुओं का अणुभार 50,000 है तो इसके संख्या औसत अणुभार तथा भार औसत अणुभार ज्ञात कीजिए।
हन – (i) संख्या औसत अणुभार
बोर्ड परीक्षा के दृष्टिकोण से सम्भावित महत्त्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न 1.
संघनन बहुलकीकरण और योगात्मक बहुलकीकरण में अंतर स्पष्ट कीजिए। प्राप्त होने वाले प्रत्येक प्रकार के बहुलक का एक-एक उदाहरण दीजिए ।
उत्तर:
संकलन या योगात्मक बहुलकन (बहुलकीकरण) में समान अथवा भिन्न अंसतृप्त एकलक अणु मिल कर बृहत् बहुलक अणु बनाते हैं जबकि संघनन बहुलकन में दो अथवा अधिक प्रकार के द्विक्रियात्मक एकलक अणु संघनन अभिक्रिया द्वारा बहुलक बनाते हैं, इस प्रक्रिया में छोटे अणु जैसे जल, ऐल्कोहॉल इत्यादि का विलोपन होता है। उदाहरण-प्रोपीन (CH3CH = CH2) से पॉलिप्रोपीन का बनना संकलन बहुलकन है जबकि हैक्सा मेथिलीन डाइऐमीन (NH2-(CH2)6NH2) तथा ऐडिपिक अम्ल (HOOC- (CH2)4COOH) के बहुलकन से नाइलॉन 6,6 का बनना संघनन बहुलकन है। इसमें H2O का विलोपन होता है।
प्रश्न 2.
नाइलॉन – 6,6 में ‘6,6’ क्या संकेत करता है?
उत्तर:
नाइलॉन 6,6 ऐडिपिक अम्ल तथा हेक्सामेथिलीन डाइऐमीन (H2N-(CH2)6-NH2) से बनता है। इन दोनों यौगिकों में 6 कार्बन परमाणु हैं अतः नाइलॉन – 6,6 में ‘6,6’ एकलक अणुओं में उपस्थित कार्बन परमाणुओं की संख्या का संकेत करता है।
प्रश्न 3.
इनके एकलकों की आण्विक संरचनाएँ आरेखित कीजिए :
(i) PVC
(ii) टेफ्लॉन।
उत्तर:
(i) PVC का एकलक CH2 = CH-Cl ( वाइनिल क्लोराइड) होता है।
(ii) टेफ्लॉन का एकलक CF2 = CF2 टेट्राफ्लुओरो एथीन होता है।
प्रश्न 4.
पॉलिथीन के एकलक की संरचना बनाइए।
उत्तर:
पॉलिथीन की एकलक एथीन (CH2) = CH2) होती है।
प्रश्न 5.
थर्मोप्लास्टिक (तापसुघट्य) और थर्मोसेटिंग (तापदृढ़) बहुलकों के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए। प्रत्येक का एक- एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
सभी प्रकार के अणुओं में अन्तराअणुक बल पाए जाते हैं लेकिन बहुलकों में ये बल आपस में मिलकर अधिक प्रभावी होते हैं जिससे इनमें विशिष्ट गुण उत्पन्न हो जाते हैं। जैसे-तनन सामर्थ्य, प्रत्यास्थता तथा चर्मलता। इन बलों द्वारा बहुलक शृंखलाएँ आपस में जुड़ी होती हैं। बहुलकों के यांत्रिक गुणों के आधार पर ही इन्हें दैनिक जीवन में विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग में लिया जाता है।
बहुलकों को उनमें उपस्थित अंतराआण्विक बलों के परिमाण के आधार पर इन्हें निम्नलिखित चार उपसमूहों में वर्गीकृत किया गया है-
(a) प्रत्यास्थ बहुलक (Elastomers) -प्रत्यास्थ बहुलकों में बहुलक शृंखलाएँ आपस में दुर्बल अंतराआण्विक बलों द्वारा जुड़ी होती हैं। ये दुर्बल बल बहुलक को तनित होने देते हैं। श्रृंखलाओं के बीच कुछ ‘तिर्यकबंध’ भी होते हैं अतः ये बहुलक खींचने पर लम्बे हो जाते हैं तथा छोड़ देने पर पुनः अपनी पूर्व अवस्था में आ जासे हैं अर्थात् इनमें प्रत्यास्थता का गुण पाया जाता है। ये रबर के समान ठोस होते हैं जैसे वल्कनीकृत रबर। ब्यूना- N, ब्यूना- S तथा निओप्रीन भी प्रत्यास्थ बहुलकों के उदाहरण हैं।
(b) रेशे या रेशेदार बहुलक (Fibres or Fibrous Polymers) -रेशेदार बहुलकों में तनन सामर्थ्य उच्च होता है क्योंक इनमें बहुलक शृंखलाओं के मध्य असंख्य प्रबल अन्तराअणुक हाइड्रोजन बन्ध पाए जाते हैं। इसी कारण ये क्रिस्टलीय ठोस होते हैं तथा इनका गलनांक तीक्ष्ण होता है। ये बहुलक धागे बनाने में प्रयुक्त होते हैं।
उदाहरण-पॉलिएस्टर (टैरीलीन) तथा पॉलिऐमाइड (नाइलॉन 6,6) इत्यादि।
(c) तापसुघट्य बहुलक या ताप सुनम्य बहुलक (Thermoplastic Polymers) -ये बहुलक रेखीय अथवा अल्प शाखित लंबी श्रृंखला युक्त होते हैं, जिन्हें बार-बार गरम करने से मृदुल और ठंडा करने से कठोर हो जाते हैं अतः इन्हें साँचों में ढाला जा सकता है। इन बहुलकों में अंतराआण्विक आकर्षण बल प्रत्यास्थ बहुलकों से अधिक तथा रेशों से कम होता है। उदाहरण-पॉलिथीन, पॉलिस्टाइरीन, पॉलिवाइनिल क्लोराइड, पॉलिप्रोपिलीन इत्यादि।
(d) तापदृढ़ बहुलक या थर्मोसेटिंग बहुलक (Thermosetting Polymers)-ये बहुलक तिर्यक बद्ध अथवा अत्यधिक शाखित होते हैं। इन्हें गर्म करने पर तिर्यक बन्धन बढ़ जाते हैं तथा इनकी संरचना त्रिविमीय जालक के समान हो जाती है अतः ये दुर्गलनीय (Infusible) हो जाते हैं। इसलिए इनका पुनः उपयोग नहीं किया जा सकता। ताप दृढ़ बहुलकों को सामान्यतः निम्न अणु भार वाले अर्ध तरल बहुलकों को गरम करके बनाया जाता है। उदाहरण-बैकेलाइट, यूरिया-फार्मेल्डिहाइड रेजिन इत्यादि।
प्रश्न 6.
नाइलॉन – 6 बहुलक की एकलक इकाई का नाम व सूत्र लिखिए।
उत्तर:
नाइलॉन – 6 बहुलक की एकलक इकाई कैप्रोलैक्टम है जिसका सूत्र निम्नलिखित है-
प्रश्न 7.
चार व पाँच कार्बनयुक्त कार्बोक्सिलिक अम्लों के सहबहुलकीकरण से बनने वाले जैव निम्ननीकृत बहुलक जिसका उपयोग औषधियों के नियंत्रित मोचन से होता है, के बनाने की समीकरण दीजिए।
उत्तर:
पॉलि ß-हाइड्रॉक्सीब्यूटिरेट-को-ß-हाइड्रॉक्सी वैलेरेट (PHBV)-यह एक ऐलिफैटिक पॉलिएस्टर है। यह 3-हाइड्रॉक्सीब्यूटेनॉइक अम्ल तथा 3-हाइड्रॉक्सीपेन्टेनॉइक अम्ल के सहबहुलकीकरण से बनता है।
PHB V का उपयोग विशिष्ट पैकेजिंग, अस्थियों में प्रयुक्त युक्तियों (Devices) तथा औषधों के नियंत्रित मोचन (release) में होता है। पर्यावरण में PHBV का जीवाण्विक निम्नीकरण (Bacterial degradation) हो जाता है।
प्रश्न 8.
अंतराआण्विक बलों के मान के आधार पर निम्नलिखित बहुलकों को वर्गीकृत कीजिए-
बैकेलाइट, टेरीलीन, निओप्रीन, पॉलिथीन।
उत्तर:
अंतराआण्विक बलों के मान के आधार पर इन बहुलकों को निम्न प्रकार वर्गीकृत किया जाता है-
- बैकेलाइट – तापदृढ़ बहुलक
- टेरीलीन – रेशे बहुलक
- निओप्रीन – प्रत्यास्थ बहुलक
- पॉलिथीन – तापसुघट्य बहुलक।
प्रश्न 9.
नाइलॉन – 6, 6 को प्राप्त करने के लिए प्रयुक्त एकलकों के नाम दीजिए ।
उत्तर:
नाइलॉन – 6, 6 को प्राप्त करने के लिए प्रयुक्त एकलक हैक्सा मेथिलीन डाइऐमीन तथा ऐडिपिक अम्ल हैं।
प्रश्न 10.
मुक्तमूलक योगज बहुलकीकरण में प्रयुक्त प्रारंभक का संरचना सूत्र व इसकी उपयोगिता दीजिए।
उत्तर:
मुक्तमूलक योगज बहुलकीकरण में प्रयुक्त प्रारम्भक का संरचना सूत्र निम्नलिखित है-
यह फेनिलमुक्त मूलक बनाकर अभिक्रिया को प्रारम्भ करता है।
प्रश्न 11.
तापदृढ़ व तापसुघट्य बहुलकों में दो अन्तर लिखिए।
उत्तर:
- तापदृढ़ बहुलक तिर्यकबद्ध या अधिकशाखित होते हैं जबकि तापसुघट्य बहुलक रेखीय या अल्पशाखित होते हैं।
- तापदृढ़ बहुलकों को पुनः मृदु नहीं बनाया जा सकता जबकि तापसुघट्य बहुलकों को गर्म करके पुनः मृदु बनाया जा सकता है।
प्रश्न 12.
(अ) योगज बहुलक को एक उदाहरण द्वारा समझाइए।
(ब) संश्लेषित रबर के विरचन का समीकरण लिखिए।
(स) डेक्रॉन को प्राप्त करने के लिए प्रयुक्त एकलकों के नाम दीजिए।
अथवा
(अ) संघनन बहुलक को एक उदाहरण द्वारा समझाइए।
(ब) ताप सुघट्य एवं ताप दृढ़ बहुलकों के एक-एक उदाहरण दीजिए।
(स) ब्यूना – N को प्राप्त करने के लिए प्रयुक्त एकलकों के नाम दीजिए।
उत्तर:
(अ) योगज बहुलक या योगात्मक बहुलक – द्विबन्ध तथा त्रिबन्ध युक्त एकलक अणुओं के पुनरावृत्त योग से बने बहुलकों को योगज बहुलक कहते हैं। ये एकलक अणु समान या भिन्न होते हैं।
उदाहरण – एथीन से पॉलिथीन का बनना।
(ब) निओप्रीन एक संश्लेषित रबर है। यह क्लोरोप्रीन के मुक्त मूलक बहुलकन से बनता है।
(स) डेक्रॉन बनाने के लिए प्रयुक्त एकलक एथिलीन ग्लाइकॉल (एथेन-1,2-डाइऑल) तथा टेरेफ्थैलिक अम्ल (बेन्जीन-1,4डाइकार्बोक्सिलिक अम्ल ) हैं।
अथवा
(अ) संघनन बहुलक-संघनन बहुलक दो भिन्न द्विक्रियात्मक अथवा त्रिक्रियात्मक एकलक इकाइयों के मध्य पुनरावृत्त संघनन अभिक्रिया से बनते हैं। इस बहुलकन अभिक्रिया में छोटे अणुओं जैसे जल, ऐल्कोहॉल, हाइड्रोजन क्लोरइड आदि का विलोपन होता है। उदाहरण-नाइलॉन- 6,6 हैक्सामेथिलीनडाइऐमीन और ऐडिपिक अम्ल के संघनन से बनता है।
(ब) पॉलिस्टाइरीन एक ताप सुघट्य बहुलक है जबकि बैकेलाइट एक ताप दृढ़ बहुलक है।
(स) ब्यूना-N 1,3-ब्यूटाडाईईन तथा एक्रिलो नाइट्राइल एकलकों के सहबहुलकीकरण से प्राप्त होता है।
प्रश्न 13.
(i) संघनन बहुलक का एक उदाहरण दीजिए।
(ii) एक समबहुलक है या सहबहुलक।
उत्तर:
(i) नाइलॉन- 6,6 संघनन बहुलक का उदाहरण है क्योंकि यह एडिपिक अम्ल तथा हैक्सा मेथिलीन डाइएमीन के संघनन से बनता है।
(ii) एक समबहुलक है क्योंकि यह केवल एक ही प्रकार के एकलक अणुओं से बना है।
प्रश्न 14.
प्लास्टिक की थैलियों पर प्रतिबन्ध के बाद एक स्कूल के विद्यार्थियों ने प्लास्टिक की थैलियों का पर्यावरण तथा यमुना नदी पर होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को सजग करने की योजना बनायी। इन्होंने दूसरे स्कूल के विद्यार्थियों के साथ मिलकर रैली निकाली तथा सब्जी वालों एवं दुकानदारों को कागज से बनी थैलियाँ वितरित कीं तथा सभी विद्यार्थियों ने पॉलिथीन की थैलियों का प्रयोग नहीं करने की शपथ ली ताकि यमुना नदी को बचाया जा सके।
इस गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(i) विद्यार्थियों द्वारा किन मूल्यों का प्रदर्शन किया गया?
(ii) जैव निम्ननीय बहुलक क्या होते हैं ? एक उदाहरण दीजिए।
(iii) पॉलिथीन एक संघनन बहुलक है या योगात्मक बहुलक?
उत्तर:
(i) विद्यार्थी प्लास्टिक की थैलियों के पर्यावरण तथा यमुना नदी पर होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति सजग हैं।
(ii) जैव निम्ननीय बहुलक वे बहुलक होते हैं जो एन्जाइम उत्प्रेरित अभिक्रियाओं द्वारा विघटित हो जाते हैं। उदाहरण पॉलि- ß हाइड्रॉक्सीब्यूटिरेट को- ß-हाइड्रॉक्सी वैलेरेट (PHB V)।
(iii) पॉलिथीन एक योगात्मक बहुलक है।
प्रश्न 15.
ताप दुढ़ बहुलक क्या हैं?
उत्तर:
ताप दृढ़ बहुलक तिर्यक बद्ध अथवा अत्यधिक शाखित होते हैं जिन्हें गर्म करने पर तिर्यक बन्धन बढ़ जाते हैं तथा इनकी संरचना त्रिविमीय जालक के समान हो जाती है। अतः ये दुर्गलनीय हो जाते हैं। उदाहरण-बैकेलाइट।
प्रश्न 16.
PHBV बहुलक के एकलकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
PHBV एक ऐलिफैटिक पॉलिएस्टर है तथा यह 3-हाइड्रॉक्सीब्यूटेनॉइक अम्ल एवं 3-हाइड्रॉक्सीपेन्टेनॉइक अम्ल एकलकों के सहबहुलकीकरण से बनता है।
प्रश्न 17.
नाइलॉन 6,6 किस प्रकार प्राप्त किया जाता है? अभिक्रिया दीजिए।
उत्तर:
हेक्सामेथिलीनडाइऐमीन तथा ऐडिपिक अम्ल के उच्च दाब तथा उच्च ताप (553 K) पर संघनन से नाइलॉन- 6,6 प्राप्त होता है।
प्रश्न 18.
समझाइए कि वल्कनीकृत रबड़ एक प्रत्यास्थ बहुलक होता है।
उत्तर:
वल्कनीकृत रबड़ में शृंखलाओं के मध्य कुछ तिर्यक बन्ध होते हैं अतः यह खींचने पर लंबा तथा छोड़ देने पर पुनः अपनी पूर्व अवस्था में आ जाता है अर्थात् इसमें प्रत्यास्थता का गुण होता है अतः यह एक प्रत्यास्थ बहुलक है।
प्रश्न 19.
योगात्मक तथा संघनन बहुलकीकरण में कोई दो अन्तर लिखिए।
उत्तर:
योगात्मक तथा संघनन बहुलकीकरण में निम्नलिखित अन्तर हैं-
(i) योगात्मक बहुलकीकरण में समान अथवा भित्र असंतृप्त एकलक अणु आपस में मिल कर बृहद बहुलक अणु बनाते हैं जबकि संघनन बहुलकीकरण में दो अथवा अधिक प्रकार के द्विक्रियात्मक एकलक अणु संघनन अभिक्रियाओं द्वारा बहुलक बनाते हैं।
(ii) योगात्मक बहहुलकीकरण में किसी छोटे अणु का विलोपन नहीं होता जबकि संघनन बहुलकीकरण में छोटे अणु जैसे जल, ऐल्कोहॉल इत्यादि का विलोपन होता है। उदाहरण-पॉलिप्रोपीन योगात्मक बहुलक है जबकि नाइलॉन- 6,6 संघनन बहुलक है।
प्रश्न 20.
निम्नलिखित बहुलकों के एकलकों के नाम और उनकी संरचनाएँ लिखिए :
(i) नाइलॉन-6,6
(ii) बेकेलाइट
(iii) पॉलिस्टाइरीन।
उत्तर:
(i) नाइलॉन-6,6-इसे प्राप्त करने के लिए प्रयुक्त एकलक हैक्सामेथिलीनडाइऐमीन (H2N – (CH2)6NH2) तथा ऐडिपिक अम्ल (HOOCl(CH2)4COOH है।
(ii) बैकेलाइट बहुलक के बनाने में प्रयुक्त होने वाले एकलक फार्मेल्डिहाइड (HCHO) और फीनॉल (C6H5OH) हैं।
(iii) पॉलिस्टाइरीन बहुलक बनाने के लिए प्रयुक्त एकलक स्टाइरीन (C6H5CH = CH2) है।