Haryana State Board HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 5 वंशागति तथा विविधता के सिद्धांत Important Questions and Answers.
Haryana Board 12th Class Biology Important Questions Chapter 5 वंशागति तथा विविधता के सिद्धांत
वस्तुनिष्ठ प्रश्न-
1. बहुजीनी वंशागति में पर्यावरण के प्रभाव का उदाहरण है-
(अ) मानव त्वचा का रंग
(ब) डाउन सिन्ड्रोम
(स) फेनिल कीटोमेह रोग
(द) क्लाईनफेल्टर – सिन्ड्रोम
उत्तर:
(अ) मानव त्वचा का रंग
2. मेंडल के अध्ययन में मुख्यतः किन लक्षणों का वर्णन किया गया-
(अ) स्पष्ट विकल्पी रूप
(ब) अस्पष्ट विकल्पी रूप
(स) 50% स्पष्ट विकल्पी तथा 50% अस्पष्ट विकल्पी रूप
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) स्पष्ट विकल्पी रूप
3. लक्षण सामान्यत: तीन अथवा अधिक जीनों द्वारा नियंत्रित करते हैं उन्हें कहते हैं-
(अ) बहुप्रभाविता के लक्षण
(ब) बहुजीनी लक्षण
(स) एकजीनी लक्षण
(द) न्यूनजीनी लक्षण
उत्तर:
(ब) बहुजीनी लक्षण
4. तीन प्रभावी अलील तथा तीन अप्रभावी अलील वाले जीनोटाइप की त्वचा का रंग होगा-
(अ) अग्रवर्ती
(ब) मध्यवर्ती
(स) पश्चवर्ती
(द) कोई अन्तर नहीं आयेगा
उत्तर:
(ब) मध्यवर्ती
5. एक एकल जीन अनेक फीनोटाइप लक्षणों को प्रकट करता है, ऐसे जीन को कहते हैं-
(अ) बहुप्रभावी जीन
(ब) लीथल जीनं
(स) लिंग जीन
(द) सहलग्न जीन
उत्तर:
(अ) बहुप्रभावी जीन
6. फेनिल कीटोमेह व्याधि किसका उदाहरण है ?
(अ) सहप्रभाविता का
(ब) बहुप्रभाविता का
(स) अपूर्ण प्रभाविता का
(द) डाउन सिन्ड्रोम
उत्तर:
(ब) बहुप्रभाविता का
7. फेनिल कीटोमेह व्याधि का लक्षण है-
(अ) मानसिक मंदन
(ब) बालों का कम होना
(स) त्वचीय रंजन
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी
8. फेनिल कीटोमेह व्याधि किस एन्जाइम के लिए उत्तरदायी जीन में उत्परिवर्तन के कारण होता है ?
(अ) फेनिल हाइड्रोक्सीलेज
(ब) एलेनीन हाइड्रोक्सीलेज
(स) फेनिल कीटो हाइड्रोक्सीलेज
(द) फेनिल एलेनीन हाइड्रोक्सीलेज ।
उत्तर:
(द) फेनिल एलेनीन हाइड्रोक्सीलेज ।
9. अगुणित – द्विगुणित लिंग निर्धारण प्रणाली पायी जाती है-
(अ) मानव में
(ब) मधुमक्खी में
(स) कबूतर में
(द) बंदर में
उत्तर:
(ब) मधुमक्खी में
10. मधुमक्खी के एक शुक्राणु एवं अण्डे के युग्मन से उत्पन्न संतति होगी-
(अ) रानी तथा श्रमिक
(ब) ड्रोन व रानी
(स) श्रमिक तथा नर
(द) रानी तथा नर
उत्तर:
(अ) रानी तथा श्रमिक
11. अनिषेचित अण्ड अनिषेकजनन (Parthenogenesis ) द्वारा विकसित होते हैं-
(अ) श्रमिक
(ब) रानी
(स) नर
(द) नर एवं रानी
उत्तर:
(स) नर
12. मादा मधुमक्खी में क्रोमोसोम की संख्या होती है-
(अ) 32
(ब) 16
(स) 30
(द) 34
उत्तर:
(अ) 32
13. किस रोग में व्यक्ति लाल एवं हरे वर्ण (रंग) में विभेद नहीं कर पाता-
(अ) वर्णांधता
(स) दात्रकोशिका अरक्तता
(ब) फीनाइल कीटोनूरिया
(द) थैलीसिमिया
उत्तर:
(अ) वर्णांधता
14. HBA1 एवं HBA2 किस रोग से सम्बन्धित हैं-
(अ) वर्णांधता
(ब) थैलेसीमिया
(स) दात्रकोशिका अरक्तता
(द) डाउन सिन्ड्रोम
उत्तर:
(ब) थैलेसीमिया
15. नर (ड्रोन) किस विभाजन द्वारा शुक्राणु उत्पादित करते हैं-
(अ) अर्धसूत्री विभाजन
(स) समसूत्री विभाजन
(ब) असूत्री विभाजन
(द) कोशिकाद्रव्य विभाजन
उत्तर:
(स) समसूत्री विभाजन
16. अगुणित 16 क्रोमोसोम निम्न में से किसमें होता है-
(अ) नर में
(स) श्रमिक में
(ब) मादा में
(द) नर व मादा दोनों में
उत्तर:
(अ) नर में
17. विकृत हीमोग्लोबिन का संश्लेषण किस रोग में होता है ?
(अ) वर्णांधता
(स) थैलेसीमिया
(ब) दात्रकोशिका अरक्तता
(द) फीनाइलकीटोन्यूरिया
उत्तर:
(स) थैलेसीमिया
18. थैलेसीमिया रोग का नियंत्रण किस जीन द्वारा किया जाता है-
(अ) HBA1 एवं HBA2
(ब) HBA3 एवं HBA4
(स) HBA1 एवं HBA5
(द) HBA6 एवं HBA7
उत्तर:
(अ) HBA1 एवं HBA2
19. मेंडल की सफलता का मुख्य कारण था-
(अ) मटर के पौधे का चयन किया था
(ब) अपने संकरण में केवल एक लक्षण को एक बार में लिया
(स) वंशावली अभिलेख रखे थे
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी
20. स्वतंत्र अपव्यूहन का नियम सिद्ध किया जाता है-
(अ) F1 पीढ़ी की समस्त संतति लम्बी होती है
(ब) लम्बे तथा बौने पौधे 3 : 1 के अनुपात में प्रकटन द्वारा
(स) F2 पीढ़ी में चिकने तथा झुर्रीदार बीजों वाले पौधों के प्रकटनद्वारा
(द) F2 पीढ़ी में लम्बे तथा बौने पौधों के प्रकटन द्वारा
उत्तर:
(स) F2 पीढ़ी में चिकने तथा झुर्रीदार बीजों वाले पौधों के प्रकटनद्वारा
21. एक संकर संकरण की F2 पीढ़ी का लक्षण प्ररूप अनुपात होता है-
(अ) 9 : 33 : 1
(ब) 3 : 1
(स) 1 : 1
(द) 2 : 1
उत्तर:
(ब) 3 : 1
22. लाल तथा सफेद के संकरण से उत्पन्न संतति गुलाबी है। इसमें R जीन किस प्रकार का होना सिद्ध करता है-
(अ) संकर
(ब) अप्रभावी
(स) अपूर्ण प्रभावी
(द) उत्परिवर्ती
उत्तर:
(स) अपूर्ण प्रभावी
23. रुधि वर्ग AB समूह वाले मनुष्य का जीनोटाइप प्रभाव दिखाई
(अ) प्रभावी अप्रभावी देती है, जो कहलाता है-
(ब) अपूर्ण प्रभाविता
(स) सहप्रभाविता
(द) संपूरक
उत्तर:
(स) सहप्रभाविता
24. निम्न में से मंडलीय विकार है-
(अ) सिस्टिक फाइब्रोसिस
(ब) वर्णांधता
(स) थैलेसीमिया
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी
25. एक X क्रोमोसोम का अभाव अर्थात 45 क्रोमोसोम की (XO) स्थिति, किस रोग में होती है-
(अ) टर्नर सिन्ड्रोम
(ब) क्लाइनफेल्टर
(स) डाउन सिन्ड्रोम
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) टर्नर सिन्ड्रोम
26. ड्रोसोफिला मेलेनोगेस्टर पर आनुवंशिक अध्ययन करने वाले थे-
(अ) सटन
(ब) बोवेरी
(स) मोरगन
(द) मेंडल
उत्तर:
(स) मोरगन
27. मेंडल के आनुवंशिकी नियमों का अपवाद है-
(अ) सहलग्नता
(ब) पूर्ण प्रभाविता
(स) समयुग्मता
(द) विपर्यासी लक्षण
उत्तर:
(अ) सहलग्नता
28. इनमें कौनसा परीक्षण क्रॉस है-
(अ) F1 × कोई सा जनक
(ब) F1 × F1
(स) F1 × अप्रभावी जनक
(द) F2 × प्रभावी जनक
उत्तर:
(स) F1 × अप्रभावी जनक
29. मेंडल के वंशागति नियमों की पुनः खोज करने वाले थे-
(अ) डीब्रिज, सटन
(ब) डीब्रिज, कॉरेन्स, बोवेरी
(स) सटन, बोवेरी, बान शेरमाक
(द) डीब्रिज, कॉरेन्स, वान शेरमाक
उत्तर:
(द) डीब्रिज, कॉरेन्स, वान शेरमाक
30. HBAI एवं HBA2 जीन जनक के कौनसे क्रोमोसोम पर स्थित होती है-
(अ) क्रोमोसोम 15
(ब) क्रोमोसोम 16
(स) क्रोमोसोम 17
(द) क्रोमोसोम -18
उत्तर:
(ब) क्रोमोसोम 16
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
आनुवंशिक विज्ञान में किसका अध्ययन होता है ?
उत्तर:
इस शाखा में वंशागति व विविधता दोनों का अध्ययन होता है।
प्रश्न 2.
मेंडल ने मटर के पौधे के किन लक्षणों पर विचार किया ?
उत्तर:
मेंडल ने विपरीतार्थ लक्षणों पर विचार किया, इन्हें विपर्यासी लक्षण (Contrasting Character) भी कहते हैं। उदाहरण – लंबे या बौने पौधे, पीले या हरे बीज ।
प्रश्न 3.
तद्रूप प्रजनन – सम (True Breeding) से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
वह लक्षण जो अनेक पीढ़ियों तक स्व-परागण के फलस्वरूप वही लक्षण प्रकट करता हो ।
प्रश्न 4.
मेंडल ने मटर की कितनी तद्रूप प्रजननी किस्मों को चुना ?
उत्तर:
14 तद्रूप प्रजननी मटर किस्मों को चुना।
प्रश्न 5.
मेंडल के प्रयोगों में F1 से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
प्रथम संतति पीढ़ी (Filial Progeny)।
प्रश्न 6.
समयुग्मजी व विषमयुग्मजी को समझाइये
उत्तर:
यदि पौधे की आनुवंशिक संरचना में किसी युग्म के दोनों विकल्प (alleles) गुण एकसमान हों जैसे (RR), तो पौधों को समयुग्मजी (homozygous) पादप कहते हैं। जब युग्म (gene pair) के दोनों विकल्प भिन्न हों, जैसे Rr, तो पादप को विषमयुग्मजी ( heterozygous) कहते हैं।
प्रश्न 7.
जीन प्ररूप (genotype ) व लक्षण प्ररूप ( phenotype ) को समझाइये।
उत्तर:
पौधे के बाहरी दिखने वाले लक्षण जैसे लाल, लम्बा आदि को लक्षण प्ररूप कहते हैं तथा उसमें स्थित जीनी संरचना को जीन प्ररूप कहते हैं; जैसे -RR, Rr आदि।
प्रश्न 8.
द्विसंकर संकरण का लक्षण व जीन प्ररूप बताइये।
उत्तर:
लक्षण प्ररूप 9 : 3 : 3 : 1
जीन प्ररूप 1 : 2 : 2 : 4 : 1 : 2 : 2 : 1
प्रश्न 9.
द्विसंकर परीक्षण संकरण में लक्षण प्ररूप व जीन प्ररूप का अनुपात बताइये।
उत्तर:
लक्षण प्ररूप व जीन प्ररूप दोनों 1 : 1 : 1 : 1 अनुपात में होते हैं।
प्रश्न 10.
सह-प्रभाविता से क्या समझते हैं ? उदाहरण बताइये।
उत्तर:
इसमें F1 पीढ़ी दोनों जनकों से मिलती-जुलती है। इसका अच्छा उदाहरण मानव ABO रुधिर वर्ग है।
प्रश्न 11.
वाल्टर सटन और थियोडोर बोवेरी का क्या कार्य था ?
उत्तर:
इन्होंने बताया कि गुणसूत्रों का व्यवहार जीन जैसा होता है। इन्होंने मेंडल के नियमों को गुणसूत्रों की गतिविधि द्वारा समझाया। इन्होंने गुणसूत्रों के विसंयोजन के ज्ञान को मेंडल के सिद्धान्तों के साथ जोड़कर ‘वंशागति का क्रोमोसोमवाद या सिद्धान्त’ प्रस्तुत किया।
प्रश्न 12.
व्युत्क्रम संकरण (Reciprocal Cross) किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब प्रयोग में मुख्य जनक का उपयोग दो अलग-अलग प्रयोगों में विपरीत तरीके से किया जावे, जैसे पहले प्रयोग में यदि ‘A’ नर तथा ‘B’ मादा होगा तो दूसरे प्रयोग में ‘B’ को नर तथा ‘A’ को मादा के रूप में प्रयोग में लाते हैं। इस प्रकार के संकरण को व्युत्क्रम संकरण कहते हैं।
प्रश्न 13.
सहलग्नता, पुनर्योजन (Recombination) शब्द किसने दिया तथा रीकोम्बीनेशन मैप बनाने वाले कौन थे ?
उत्तर:
मोरगन ने सहलग्नता व पुनर्योजन शब्द दिया तथा इनके शिष्य एल्फ्रेड स्टर्टीवेंट ने रीकोम्बीनेशन मैप बनाया।
प्रश्न 14.
‘X काय’ नाम किसने दिया व मानव में लिंग निर्धारण किससे होता है?
उत्तर:
हेंकिंग ने ‘X काय’ नाम दिया। मानव में XX व XY से लिंग निर्धारण होता है।
प्रश्न 15.
फ्रेम शिफ्ट उत्परिवर्तन किससे होता है ?
उत्तर:
DNA के क्षार युग्मों के घटने-बढ़ने से फ्रेम शिफ्ट उत्परिवर्तन होता है।
प्रश्न 16.
मानव में वंशागत ऐसे दो लक्षण दीजिए जिनके जीन्स लिंग गुणसूत्र पर स्थित हों।
उत्तर:
सिकिल सेल एनीमिया (Sickle Cell Anaemia) तथा गंजापन (Boldness) मानव में वंशागत होने वाले लक्षण हैं। इनके जीन्स लिंग गुणसूत्र पर स्थित नहीं होते हैं।
प्रश्न 17.
यदि किसी बच्चे में 46 के स्थान पर 47 गुणसूत्र हों तो उस बच्चे में किस प्रकार के विकार की सम्भावना है?
उत्तर:
उस बच्चे में ‘मंगोलिक विकार’ नामक विकार होने की सम्भावना होगी।
प्रश्न 18.
विषमयुग्मकता (Heterogamety) क्या है? एक जीव का उदाहरण दीजिए, जो इसे प्रदर्शित करता है।
उत्तर:
जिन जीवों में लिंग गुणसूत्र भिन्न प्रकार के होते हैं वे दो प्रकार के युग्मक उत्पन्न करते हैं, अतः ये विषमयुग्मकता प्रदर्शित करते हैं। उदा. ड्रॉसोफिला नर।
प्रश्न 19
सहप्रभाविता का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
‘A’, ‘B’ तथा ‘O’ रुधिर वर्गों के जीन्स सहप्रभावी ( Codominant) होते हैं।
प्रश्न 20.
सामान्य जनकों के यहाँ हीमोफीलिया युक्त पुत्र का जन्म हुआ। उनके जनकों का जीनोटाइप बताइये।
उत्तर:
एक हीमोफिलिक पुत्र का जन्म एक सामान्य जनकों के यहाँ माता के वाहक होने पर हो सकता है-
अतः पिता सामान्य = XY
माता वाहक = XXh
प्रश्न 21.
बिन्दु उत्परिवर्तन किसे कहते हैं?
उत्तर:
डीएनए के एकल क्षार युग्म ( बेस पेयर) के परिवर्तन को बिन्दु उत्परिवर्तन (Point mutation) कहते हैं।
प्रश्न 22.
मेण्डल के द्विसंकरण प्रयोग का समलक्षणी (फीनोटाइप) अनुपात लिखिए।
उत्तर:
मेण्डल के द्विसंकरण प्रयोग का समलक्षणी (फीनोटाइप) अनुपात 9 : 3 : 3 : 1 है।
प्रश्न 23.
वंशागति के ‘गुणसूत्र सिद्धान्त’ को प्रतिपादित करने वाले वैज्ञानिकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
सटन और बोवेरी।
प्रश्न 24.
मानव में पाये जाने वाले अलिंग सूत्री प्रभावी तथा अलिंग सूत्री अप्रभावी मेण्डलीय दोष से प्रत्येक का एक-एक उदाहरण दीजिए ।
उत्तर:
मायोटोनिक दुष्पोषण (डिस्ट्रोफी), दात्र कोशिका अरक्तता ( सिकल सेल एनीमिया ) ।
प्रश्न 25
बिंदु उत्परिवर्तन के कारण कौन-सा रोग होता है ?
उत्तर:
दात्र कोशिका अरक्तता (Sickle cell anaemia)।
प्रश्न 26.
मानव आनुवंशिकी में वंशावली अध्ययन के कोई दो उपयोग लिखिये।
उत्तर:
इसका उपयोग विशेष लक्षण, अपसामान्यता या रोग का पता लगाने में किया जाता है।
प्रश्न 27.
वाल्टर सटन द्वारा प्रस्तुत वंशागति के सिद्धांत का नाम लिखिए।
उत्तर:
‘ वंशागति का क्रोमोसोमवाद या सिद्धान्त’।
प्रश्न 28.
उत्परिवर्तजन किसे कहते हैं?
उत्तर:
जिन रासायनिक और भौतिक कारकों द्वारा उत्परिवर्तन होता है, उन्हें उत्परिवर्तजन (म्यूटाजन) कहते हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
दो माता-पिता श्री X व श्रीमती X तथा श्री Y व श्रीमती Y एक ही बच्चे को अपनी-अपनी सन्तान बताते हैं। श्री व श्रीमती X दोनों का ही रुधिर वर्ग A तथा श्री Y का रुधिर वर्ग O व श्रीमती Y का रुधिर वर्ग AB है। परन्तु बच्चे का रुधिर वर्ग O है । बताइए कि वह बच्चा किसका हो सकता है और क्यों?
उत्तर:
श्री व श्रीमती X का रुधिर वर्ग A होने पर उनकी सन्तान का रुधिर वर्ग A या O हो सकता है। इसी प्रकार श्री Y का रुधिर वर्ग O तथा श्रीमती Y का रुधिर वर्ग AB होने पर उनकी सन्तान का रुधिर वर्ग A या B होगा ।
माता-पिता का रुधिर वर्ग
| सन्तान का रुधिर वर्ग | |
हो सकता है | नहीं हो सकता | |
1. श्री व श्रीमती X A×A | A या O | B, AB |
2. श्री व श्रीमती O×AB | A या B | AB या O |
क्योंकि बच्चे का रुधिर वर्ग O है अतः उपरोक्त परिणामानुसार बच्चा श्री व श्रीमती X का है।
प्रश्न 2.
सामान्य पुरुष तथा हीमोफीलिया से ग्रस्त स्त्री द्वारा हीमोफीलिया की वंशागति को बताइये ।
उत्तर:
जब एक सामान्य पुरुष किसी हीमोफिलिक स्त्री से विवाह करता है तो उसके सभी पुत्र हीमोफिलिक रोग से ग्रस्त होंगे तथा पुत्रियाँ हीमोफीलिया जीन की वाहक होंगी।
प्रश्न 3.
एक पुरुष का रुधिर वर्ग ‘A’ है तथा उसकी स्त्री का रुधिर वर्ग ‘O’ है। इनके बच्चे किस रुधिर वर्ग के नहीं होंगे? कारण सहित बताइये।
उत्तर:
पुरुष का रुधिर वर्ग ‘A’ है अतः जीनी संरचना = IAIA/IAIO स्त्री का रुधिर वर्ग -‘O’ है अतः जीनी संरचना = IoIo रुधिर वर्ग प्रदर्शित करने वाली तीन जीन Ia , Ib तथा Io होती हैं। इनमें से Ia व Ib सहप्रभावी (Co-dominant ), परन्तु Io दोनों का अप्रभावी होता है। इस प्रकार इनके दो क्रॉस सम्भव हैं-
इस प्रकार शिशु का रुधिर वर्ग ‘A’ या ‘O’ सम्भव है। ‘A’ रुधिर वर्ग होने पर यह ‘B’ तथा ‘O’ वर्ग वाले व्यक्तियों के लिये हानिकारक होगा, परन्तु ‘O’ होने पर यह सार्विक दाता होगा। अतः यह किसी भी व्यक्ति को हानिकारक नहीं होगा।
प्रश्न 4.
दात्र कोशिका अरक्तता या सिकेल सेल रक्ताल्पता (Sickle Cell Anaemia) की वंशागति को समझाइये
उत्तर:
इस रोग की प्रकृति आनुवंशिक है जो एक अप्रभावी जीन (HbS) के कारण होती है। यह जीन आटोसोमल होती है तथा अपूर्ण प्रभावी जीन (HbA) के साथ होने पर अर्थात् विषमयुग्मजी (HbA HbS ) अवस्था में कम या आंशिक रूप से परन्तु समयुग्मजी ( HbSHbS) होने पर पूर्ण रोग उत्पन्न करती है। विषमयुग्मजी अवस्था वाला व्यक्ति कम थकान का कार्य करके सामान्य व्यक्ति के जैसे जीता है। किन्तु समयुग्मजी अप्रभावी (HbS HbS) जीन वाले व्यक्ति में सभी RBC पिचककर हंसिये की जैसे हो जाती हैं और वे व्यर्थ की हो जाती हैं, अन्ततः ऐसे रोगी की मृत्यु हो जाती है।
वंशागति को निम्न चित्र से समझाया गया है –
प्रश्न 5
हीमोफीलिया की वंशागति को समझाइये
उत्तर:
प्रायः पुरुष ही हीमोफीलिया रोग से ग्रसित होते हैं, स्त्रियाँ इस रोग की वाहक होती हैं। इस रोग से ग्रसित पुरुष भी प्राय: बाल्यावस्था या यौवन से पूर्व ही मर जाते हैं। वाहक स्त्रियों के द्वारा ही सामान्यतः इस रोग की वंशानुगति होती है।
प्रश्न 6.
सहलग्नता किसे कहते हैं? पक्षियों में लिंग निर्धारण की प्रक्रिया समझाइए ।
उत्तर:
गुणसूत्र पर दो जीनों का भौतिक संयोग या जुड़े होने को मोरगन ने सहलग्नता बताया था। पक्षियों में लिंग गुणसूत्रों को Z व W गुणसूत्र कहा जाता है। इनमें मादा के अन्दर एक Z तथा एक W गुणसूत्र होता है जबकि नर में अलिंग गुणसूत्रों के अलावा Z-गुणसूत्र का एक जोड़ा होता है।
प्रश्न 7.
सहप्रभाविता से क्या अभिप्राय है? मानव में रुधिर वर्ग का उदाहरण देकर सहप्रभाविता को समझाइए।
उत्तर:
जब प्रभावी व अप्रभावी दोनों एलील स्वतन्त्र रूप से अपनी अभिव्यक्ति प्रदर्शित करते हैं तो उसे सहप्रभाविता (codominance) कहते हैं अर्थात् इसमें F1 पीढ़ी दोनों जनकों से मिलती-जुलती है। इसका एक अच्छा उदाहरण मानवों में ABO रुधिर वर्गों का निर्धारण करने वाली विभिन्न प्रकार की लाल रुधिर कोशिकाएँ (RBC) हैं। ABO रुधिर वर्गों का नियंत्रण जीन ‘I’ करती है।
RBC की प्लाज्मा झिल्ली में सतह से बाहर निकलते हुए शर्करा बहुलक होते हैं। इस बहुलक का प्रकार क्या होगा यहाँ इस बात का नियंत्रण जीन ‘I’ से होता है। इस जीन ‘I’ के तीन अलील IA IB और i होते हैं। अलील IA और अलील IB कुछ भिन्न प्रकार की शर्करा का उत्पादन करते हैं और अलील i किसी भी प्रकार की शर्करा का उत्पादन नहीं करती। मानव जीन (2n) द्विगुणित होता है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति में इन तीन में से दो प्रकार के जीन अलील होते हैं।
और IA तो के ऊपर पूर्णरूप से प्रभावी होते हैं अर्थात् जब IA और तो केवल IB अभिव्यक्त होता है और जब IB और विद्यमान हों तो केवल ” अभिव्यक्त होता है, तो शर्करा बनाता ही नहीं है। विद्यमान हों जब IA और IB दोनों उपस्थित हों तो ये दोनों अपने-अपने प्रकार की शर्करा की अभिव्यक्ति कर देते हैं। यह घटना ही सह प्रभाविता है। इसी कारण RBC में A और B दोनों प्रकारों की शर्करा होती है।
प्रश्न 8.
मानव में लिंग निर्धारण की क्रियाविधि को समझाइए।
उत्तर:
मानव में लिंग निर्धारण XY प्रकार का होता है। मानव में कुल 23 जोड़े अर्थात् 46 गुणसूत्र होते हैं। नर में 44 गुणसूत्र अलिंग गुणसूत्र (Autosomes ) होते हैं तथा दो लिंग गुणसूत्र (Sex Chromosome ) ‘X’ तथा ‘Y’ होते हैं। स्त्री या मादा में भी 44 गुणसूत्र ऑटोसोम (Autosomes) होते हैं तथा दो लिंग गुणसूत्र ‘X’ व ‘Y’ होते हैं। जब शुक्राणु बनते हैं तो 50% शुक्राणु 22+X गुणसूत्र वाले तथा शेष 50% शुक्राणु 22+Y गुणसूत्र वाले होते हैं।
जबकि स्त्री या मादा के सभी अण्डों में 22+X गुणसूत्र होते हैं। सन्तान मैं कितनो लड़कियाँ ताकि लड़के यह इस पर निर्भर करता है कि कौनसा शुक्राणु अण्ड से निषेचित करता है। मानव में नर बच्चे का होना ‘Y’ गुणसूत्र की उपस्थिति पर निर्भर करता है। एक शुक्राणु में केवल ‘X’ या ‘Y’ लिंग गुणसूत्र ही हो सकता है, अतः पिता का ‘X’ गुणसूत्र लड़कियों में तथा ‘Y गुणसूत्र लड़कों में मिलता है।
निबन्धात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
बहुविकल्पता या बहुगुण ऐलीलवाद ( Multiple Allelism) को मानव रुधिर वर्ग की सहायता से बताइये ।
उत्तर:
मेंडल के नियमों के अनुसार, परन्तु उसके आधारभूत कारक युग्म (Factor Pairs) के सिद्धान्त से हटकर बहुगुण ऐलीलंवाद पाया जाता है। इस प्रकार की वंशागति दो या दो से अधिक तुलनात्मक लक्षणों वाले जीन्स या एलील्स (Alleles) पर निर्भर करती है। मानव में रुधिर वर्गों की वंशागति बहु-विकल्पता का उदाहरण है।
मानव की आबादी में चार प्रकार के रुधिर वर्ग A, B, AB तथा 0 पाये जाते हैं। रुधिर वर्ग का वर्गीकरण इनमें पाये जाने वाले एन्टीजन (Antigen ) के आधार पर होता है। मानव के रुधिर प्लाजमा में इन प्रतिजनों के प्रति विशिष्ट प्रोटीन्स पाये जाते हैं, जिन्हें प्रतिरक्षी (Antibodies) कहते हैं।
रुधिर वर्ग (Blood Group) | प्रतिजन (Antigen) | प्रतिरक्षी (Antibodies) |
A | A | Anti-B or ‘b’ |
B | B | Anti-A or ‘A’ |
AB | A,B | अनुपस्थित |
O | नहीं | ‘a’ और ‘b’ |
मानव में रुधिर वर्ग वंशानुगत लक्षण है एवं जनकों से संततियों में मेंडल के नियम के आधार पर वंशानुगत होते हैं। रुधिर वर्ग की वंशागति जनकों से प्राप्त होने वाले जीन्स पर निर्भर करती है। जीन्स जो मनुष्य में रुधिर वर्गों को नियंत्रित करते हैं उनकी संख्या दो के स्थान पर तीन होती है एवं मल्टीपल एलील्स (बहुविकल्पी) कहलाते हैं। अर्थात् दो से अधिक यानी तीन अलील एक ही लक्षण को नियंत्रित करते हैं।
ये सभी तीनों जीन या एलील्स समजात गुणसूत्र में एक ही लोकस (स्थान) पर पाये जाते हैं। एक व्यक्ति में इन तीनों जीनों में से एक साथ केवल दो जीन ही पाये जा सकते हैं, जो प्रकृति में दोनों समान या असमान हो सकते हैं। ये जीन्स ही संतति में रुधिर वर्ग / एन्टीजन्स के उत्पादन को नियंत्रित करते हैं।
जीन जो कि एन्टीजन A उत्पन्न करता है उसे IA से चिन्हित करते हैं, एन्टीजन B के लिये IB जीन एवं दोनों एन्टीजन की अनुपस्थिति के लिये I° जीन होती है। अक्षर I का प्रचलन एक लोकस पर जीन की उपस्थिति दिखाने के लिये आधारीय प्रतीक के रूप में किया जाता है (I = आइसोहीमएग्लूटीनोजन)। इस प्रकार मानव जनसंख्या में चार रुधिर वर्गों के लिये छः प्रकार के जीनोटाइप सम्भव हैं।
संतति का जीनोटाइप | संतति का रुधिर वर्ग |
Ia Ia | A |
Ia Io | A |
IbIb | B |
IbIo | B |
IaIb | AB |
IoIo | O |
इस आधार पर ABO रुधिर वर्गों की वंशागति का चित्रात्मक प्रदर्शन निम्न प्रकार किया जा सकता है-
(i) रुधिर वर्ग A के लिये समयुग्मजी पुरुष (IaIa) द्वारा O रुधिर वर्ग वाली स्त्री (या इसके विपरीत) से विवाह करने पर इनकी सन्तानों का रुधिर वर्ग A होगा ।
सभी सन्तानें A रुधिर वर्ग के लिये विषमयुग्मजी हैं।
(ii) रुधिर वर्ग B के लिये समयुग्मजी पुरुष द्वारा 0 रुधिर वर्ग की स्त्री ( या इसके विपरीत) से विवाह करने पर इनकी सन्तानों में रुधिर वर्ग B होगा ।
सभी सन्तानें रुधिर वर्ग B के लिये विषमयुग्मजी होंगी।
(iii) A रुधिर वर्ग के लिये समयुग्मजी पुरुष द्वारा B रुधिर वर्ग की समयुग्मजी स्त्री से विवाह करने पर सन्तानें AB रुधिर वर्ग की होंगी ।
सभी सन्तानें AB रुधिर वर्ग की होंगी।
(iv) AB रुधिर वर्ग वाले पुरुष द्वारा AB रुधिर वर्ग वाली स्त्री से विवाह करने पर 25% सन्तानें A रुधिर वर्ग की, 50% AB रुधिर वर्ग की तथा 25% सन्तानें B रुधिर वर्ग की होंगी।
(v) विषमयुग्मजी A तथा B रुधिर वर्ग वाले स्त्री-पुरुषों से उत्पन्न सन्तानों में चारों प्रकार की सन्तानें 1:1:1:1 के अनुपात में उत्पन्न होने की सम्भावना है।
(vi) यदि स्त्री व पुरुष के रुधिर वर्ग क्रमशः AB तथा O हैं तो उनकी सन्तानों में केवल A अथवा B रुधिर वर्ग की सम्भावना होती है।
प्रश्न 2.
अपूर्ण प्रभाविता क्या है? श्वान पुष्प नामक पौधे में अपूर्ण प्रभाविता को चैकर बोर्ड द्वारा समझाइए । फीनोटाइप व जीनोटाइप अनुपात भी ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
अपूर्ण प्रभाविता (Incomplete Dominance)-
मेंडल ने मटर पर प्रयोग कर प्रभावी व अप्रभावी लक्षणों के विषय में बताकर प्रभाविता का नियम भी दिया। किन्तु इसी प्रकार के प्रयोग कुछ अन्य पादपों में करने पर यह देखा कि F1 में जो लक्षण उत्पन्न होता है वह किसी भी जनक से नहीं मिलता है, वस्तुतः प्रकट होने वाला लक्षण दोनों जनकों के मध्य का होता है। अतः यहाँ प्रभावित का नियम लागू नहीं होता, वरन् यह मेंडल के नियमों का अपवाद है। इसे अपूर्ण प्रभावित कहते हैं।
श्वान पुष्प या एंटीराइनम (Snap dragon or antirrhinum majus) में जब शुद्ध लाल पुष्प वाली (RR) और शुद्ध सफेद पुष्य (rr) वाली प्रजाति के बीच क्रॉस करवाया गया तो F1 में गुलाबी पुष्पों (Rr) वाली संतति प्राप्त हुई। जब F1 संतति को स्व-परागित किया गया तो परिणामों का अनुपात 1(RR) लाल : 2(Rr) गुलाबी (rr) सफेद था।
यहाँ जीनोटाइप अनुपात तो मेंडलीय एकसंकरण की (1 : 2 : 1) जैसे ही है परन्तु फीनोटाइप अनुपात 3: 1 के स्थान पर 1: 2: 1 हो जाता है। यहाँ R कारक पूर्ण रूप से r पर प्रभावी न होकर अपूर्ण प्रभावी होता है (चित्र 5.5)। गुलावास पादप (Mirabillus jalapa or 4 ‘o’ clock plant) में भी अपूर्ण प्रभाविता पाई जाती है।
प्रभाविता नामक संकल्पना का स्पष्टीकरण-जैसा ज्ञात है कि प्रत्येक जीन में विषेष लक्षण को अभिव्यक्त (Experss) करने की क्षमता होती है। द्विगुणित जीव में प्रत्येक लक्षण को नियंत्रित करने वाली जीन के दो प्रारूप विद्यमान होते हैं। यह आवश्यक नहीं है कि जीन के दोनों प्रारूप सदैव एक जैसे हों। इनमें से कभी-कभी भिन्नता के कारण परिवर्तन आ जाता है।
उदाहरण के लिये एक ऐसी जीन जिसमें एक विशेष एन्जाइम को उत्पन्न करने की सूचना है। इस जीन के दोनों प्रतिरूप इसके दो अलील रूप हैं। मान लेते हैं कि सामान्य अलील ऐसा एन्जाइम उत्पन्न करता है जो एक सबस्ट्रेट ‘S’ के रूपान्तरण के लिये जरूरी है। रूपान्तरित अलील निम्न में से किसी एक परिवर्तन हेतु उत्तरदायी हो सकता है-
- सामान्य एन्जाइम या
- कार्य अक्षम एंजाइम निर्मित करना या
- एन्जाइम अनुपस्थित होना।
प्रथम परिवर्तन में रूपान्तरित अलील ठीक अरूपांतरित अलील की जैसे कार्य कर रहा है अर्थात् यह सबस्ट्रेट ‘S’ को बदलकर वही फीनोटाइप (जो होना चाहिए) का उत्पादन करेगा। परन्तु जब अलील किसी भी प्रकार के एन्जाइम का उत्पादन नहीं करता या अक्षम एन्जाइम का उत्पादन करता है तो फीनोटाइप प्रभावित हो सकता है।
वस्तुत: फीनोटाइप अरूपान्तरित अलील के कार्य पर निर्भर होता है। सामान्यत: अरूपान्तरित अलील प्रभावी व रूपान्तरित अलील अप्रभावी होता है। अतः इस उदाहरण से स्पष्ट होता है कि अप्रभावी अलील के उपस्थित होने पर या तो एन्जाइम बनता ही नहीं है या फिर कार्य अक्षम होता है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न-
1. मेंडल ने स्वतंत्र रूप से प्रजनन करने वाली मटर के पौधे की कितनी किस्मों को युग्मों के रूप में चुना जो विपरीत विशेषकों वाले एक लक्षण के अलावा एक समान थीं? (NEET-2020)
(अ) 2
(ब) 14
(स) 8
(द) 4
उत्तर:
(ब) 14
2. सही मिलान का चयन करो- (NEET-2020)
(अ) फेनिलकीटोन्यूरिया – अलिग क्रोमोसोम प्रभावी लक्षण
(ब) दात्र कोशिका अरक्तता – अलिग क्रोमोसोम अप्रभावी लक्षण, क्रोमोसोम- 11
(स) थैलेसीमिया – X संलग्न
(द) हीमोफीलिया – Y संलग्न
उत्तर:
(ब) दात्र कोशिका अरक्तता – अलिग क्रोमोसोम अप्रभावी लक्षण, क्रोमोसोम – 11
3. वंशागति के गुणसूत्र सिद्धान्त का प्रायोगिक प्रमाण किसने किया था? (NEET-2020)
(अ) सटन
(ब) बोवेरी
(स) मार्गन
(द) मेंडल
उत्तर:
(स) मार्गन
4. वह आनुवंशिक विकार कौन है, जिसमें एक व्यक्ति में मुख्यतः पौरुष विकास होता है, मादा लक्षण होते हैं और बांझ होता है – (NEET-2019)
(अ) डाउन सिन्ड्रोम
(ब) टर्नर सिन्ड्रोम
(स) क्लाइनफेल्टर सिन्ड्रोम
(द) एडवर्ड सिन्ड्रोम
उत्तर:
(स) क्लाइनफेल्टर सिन्ड्रोम
5. जीनों के बीच की दूरी के मापन के रूप में ही गुणसूत्र पर जीन युग्मों के बीच पुनर्योगजन की आवृति की व्याख्या किसके द्वारा की गई थी? (NEET-2019)
(अ) सटन बोवेरी
(ब) टी.एच. मार्गन
(स) ग्रेगर जे मेण्डल
(द) अलफ्रेड स्टुअर्टवेन्ट
उत्तर:
(द) अलफ्रेड स्टुअर्टवेन्ट
6. एंटीराइनम (स्नैपड्रेगन) में एक लाल पुष्प को श्वेत पुष्प के साथ प्रजनन किया तब F1 में गुलाबी पुष्प प्राप्त हुए। जब गुलाबी पुष्पों को स्वपरागित किया गया तब F2 में श्वेत, लाल और गुलाबी पुष्प प्रास हुए। निम्नलिखित में से गलत कथन का चयन कीजिए- (NEET-2019)
(अ) इस प्रयोग में पृथक्करण का नियम लागू नहीं होता
(ब) यह प्रयोग प्रभाविता के सिद्धान्त का अनुसरण नहीं करता
(स) F1 में गुलाबी रंग, अपूर्ण प्रभाविता के कारण आया।
(द) F2 का अनुपात 14 (लाल), 24 (गुलाबी), 14 (श्वेत) है।
उत्तर:
(स) F1 में गुलाबी रंग, अपूर्ण प्रभाविता के कारण आया।
7. निम्नलिखित में से कौनसा युग्म गलत रूप में सुमेलित किया गया है- (NEET-2018)
(अ) XO प्रकार लिंग निर्धारण : टिड्डा
(ब) ABO रक्त समूहन : सहप्रभाविता
(स) मटर में मंड संश्लेषण : बहुविकल्पी
(द) टी.एच. मार्गन : सहलग्नता
उत्तर:
(स) मटर में मंड संश्लेषण : बहुविकल्पी
8. एक स्त्री के एक X- गुणसूत्र में X- संलग्न अवस्था है। यह गुणसूत्र किनमें वंशागत होगा? (NEET-2018)
(अ) केवल पोता-पोतियों/नाती-नातियों में
(ब) केवल पुत्रों में
(स) केवल पुत्रियों में
(द) पुत्रों व पुत्रियों दोनों में
उत्तर:
(द) पुत्रों व पुत्रियों दोनों में
9. निम्नलिखित अभिलक्षणों में से कौनसे मनुष्य में रुधिर वर्गों की वंशागति को दर्शाते हैं- (NEET-2018)
(i) प्रभाविता
(ii) सहप्रभाविता
(iii) बहु अलील
(iv) अपूर्ण प्रभाविता
(v) बहुजीनी वंशागति
(अ) (ii), (iv) एवं (v)
(ब) (i), (ii) एवं (iii)
(स) (ii), (ii) एवं (v)
(द) (i), (iii) एवं (v)
उत्तर:
(ब) (i), (ii) एवं (iii)
10. यदि पति एवं पति का जीनोटाइप IAIB एवं IAi है। इनके बच्चों का रुधिर वर्गों में कितने जीनोटाइप एवं फीनोटाइप संभव है-
(NEET-2017)
(अ) 3 जीनोटाइप, 3 फीनोटाइप
(ब) 3 जीनोटाइप, 4 फीनोटाइप
(स) 4 जीनोटाइप, 3 फीनोटाइप
(द) 4 जीनोटाइप, 4 फीनोटाइप
उत्तर:
(स) 4 जीनोटाइप, 3 फीनोटाइप
11. एक रोग, जो अलिंगसूत्र प्राथमिक अवियोजन के कारण होता है, कौनसा है? (NEET-2017)
(अ) डाठन सिन्ड्रोम
(ब) क्लाइनफेल्टर सिन्ड्रोम
(स) टर्नर सिन्ड्रोम
(द) दात्र कोशिका अरक्तता
उत्तर:
(अ) डाठन सिन्ड्रोम
12. निम्नलिखित में से मटर के कौनसे लक्षण पर मेंडल द्वारा अपने प्रयोगों में विचार नहीं गया था? (NEET-2017)
(अ) तना – लम्बा या बौना
(ब) त्वचारोम – ग्रंथिल या ग्रंधिल रहित
(स) बीज – हरा या पीला
(द) फली – फूली हुई या संकुचित
उत्तर:
(ब) त्वचारोम – ग्रंथिल या ग्रंधिल रहित
13. एक वर्णांध पुरुष एक ऐसी स्त्री से विवाह करता है जो सामान्य रंग दृष्टि के लिए समयुग्मजी है। उनके पुत्र के वर्णांध होने की संभावना क्या होगी? (NEET II-2016)
(अ) 0.75
(ब) 1
(स) 0
(द) 0.5
उत्तर:
(स) 0
14. कॉलम-I के शब्दों को कॉलम-II में दिए गए उनके वर्णन से मिलान कीजिए तथा सही विकल्प चुनिए- (NEET-2016)
कॉलम-I | कॉलम-II |
1. प्रभाविता | (i) अनेक जीन एकल लक्षण का नियंत्रण करते हैं। |
2. सहप्रभाविता | (ii) विषमयुग्मजी जीव में केवल एक ही अलील स्वयं को अभिव्यक्त करता है। |
3. बहुप्रभाविता | (iii) विषमयुग्मजी जीव में दोनों ही अलील स्वयं को पूरी तरह अभिव्यक्त करते हैं। |
4. बहुजीनी वंशागति | (iv) एकल जीन अनेक लक्षणों को प्रभावित करता है। |
विकल्प : | 1 | 2 | 3 | 4 |
(अ) | (iv) | (i) | (ii) | (iii) |
(ब) | (iv) | (iii) | (i) | (ii) |
(स) | (ii) | (i) | (iv) | (iii) |
(द) | (ii) | (iii) | (iv) | (i) |
उत्तर:
(द) | (ii) | (iii) | (iv) | (i) |
15. यदि दोनों ही जनक थैलेसीमिया, जो एक अलिंगसूत्री अप्रभावी विकार हैं, के लिए वाहक हैं तो गर्भधारण करने की क्या संभावनाएँ हैं जिसके फलस्वरूप प्रभावित बच्वा पैदा होगा- (NEET-2013)
(अ) कोई संभावना नहीं
(ब) 50%
(स) 25%
(द) 100%
उत्तर:
(स) 25%
16. ऐसे प्रसंकरण के द्वारा कौनसे मेंडलीय विचार प्रदर्शित होता है है जिसमें F1 पीढ़ी दोनों ही जनकों में मिलती है? (NEET-2013)
(अ) अपूर्ण प्रभाविता
(ब) प्रभाविता का नियम
(स) एक जीन की वंशागति
(द) सहप्रभाविता
उत्तर:
(द) सहप्रभाविता
17. एक मेंडलीय संकरण में, F2 पीढ़ी में पाया गया कि जीनी प्रारूपी तथा लक्षण प्रारूपी दोनों अनुपात एक समान 1: 2: 1 है, यह मामला क्या दर्शाता है ? (NEET-2012)
(अ) सह प्रभाविकता
(ब) द्विसंकर संकरण
(स) सम्पूर्ण प्रभाविकता वाला एक संकर संकरण
(द) अपूर्ण प्रभाविकता वाला एक संकर संकरण।
उत्तर:
(द) अपूर्ण प्रभाविकता वाला एक संकर संकरण।
18. मानव वंशावली विश्लेषण में निम्नलिखित में से कौनसा प्रतीक एवं जिस सूचना को प्रदर्शित करता है, सही मिलाया गया है- (NEET-2010)
उत्तर:
19. निम्नलिखित में से कौनसा एक लक्षण बहुजीनीय वंशागति का उदाहरण है- (NEET-2006)
(अ) मिरैविलिस जलापा में फूल का रंग
(ब) नर मधुमक्खी का उत्पादन
(स) उद्यान मटर में फलों की आकृति
(द) मानवों में त्वचा का रंग
उत्तर:
(द) मानवों में त्वचा का रंग
20. क्लाइनेफेल्टर्स सिन्ड्रोम में लिंग गुणसूत्र संघटक होते हैं- (BHU-2006)
(अ) 22 A+XXY
(ब) 22 A+XO
(स) 22 A+XY
(द) 22 A+XX
उत्तर:
(अ) 22 A+XXY
21. एक परिवार में पाँच पुत्रियाँ हैं तथा पुत्र नहीं हैं। छ्ठे बच्चे के लिए पुत्र की क्या सम्भावना होगी- (AFMC, 2000; CPMT-2005)
(अ) 50%
(ब) 75%
(स) पूर्ण
(द) कोई भी नहीं
उत्तर:
(अ) 50%
22. नीचे दिए जा रहे एक वंशावली चार्ट में एक खास लिंग-सहलग विशेषक (Trait) की वंशावली दर्शायी गयी है- (AIIMS-2005)
ऊपर दिए गए वंशावली चार्ट के अध्ययन पश्चात् विशेषक कैसा है-
(अ) प्रभावी X- सहलग्न
(ब) अप्रभावी X- सहलग्न
(स) प्रभावी Y – सहलग्न
(द) अप्रभाव Y- सहलग्न
उत्तर:
(अ) प्रभावी X- सहलग्न
[हल-पुरुषों में अप्रभावी जीन एकल X – सहलग्न प्रभावी जीन को फीनोटिपिकिली प्रदर्शित करती है जबकि महिला में लिंग से सम्बन्धित एकल क्रीनोटिपिकिल लक्षणों को निर्धारित करने के लिए दो X- सहलग्न जीनों की आवश्यकता होती है। अप्रभावी X – सहलग्न जीन्स में विशिष्ट क्रिस क्रॉस वंशागति पायी जाती है ।
23. एलील्स का निर्माण होता है- (MP. PMT-2005; Haryana PMT-2005)
(अ) जीन
(ब) गुणसूत्र
(स) DNA
(द) कोई नहीं
उत्तर:
(अ) जीन
24. मेंडल के नियम निम्न में से किसके लिए मान्य हैं- (MP PMT-2005)
(अ) अलैंगिक प्रजनन
(ब) लैंगिक प्रजनन
(स) कायिक प्रजनन
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(ब) लैंगिक प्रजनन
25. मेंडल का पृथक्करण का नियम लागू होता है- (Wardha-2005)
(अ) केवल द्विसंकर क्रॉस के लिए
(ब) केवल एकसंकर क्रॉस के लिए
(स) दोनों द्विसंकर और एकसंकर क्रॉस के लिए
(द) द्विसंकर के लिए परन्तु एकसंकर के लिए नहीं।
उत्तर:
(स) दोनों द्विसंकर और एकसंकर क्रॉस के लिए
26. वंशानुगति की कार्यिकी इकाई होती है- (Haryana PMT-2005)
(अ) सिस्ट्रॉन
(ब) जीन
(स) इन्ट्रॉन
(द) गुणसूत्र
उत्तर:
(ब) जीन
27. निम्न में से कौन-सा रक्त समूह $\mathrm{A}$ रक्त समूह वालों को स्थानान्तरित किया जा सकता है? (MP PMT-2005)
(अ) A तथा O
(ब) AB तथा O
(स) AB
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(अ) A तथा O
28. ABO रक्त समूह का प्रतिपादक है- (BCECE-2005)
(अ) वीनर
(ब) लेविन
(स) फिशर
(द) लैण्डस्टीनर
उत्तर:
(द) लैण्डस्टीनर
29. गुणसत्र की 2 n-1 अवस्था होती है- (BHU-2005)
(अ) मोनोसोमी (Monosomy)
(ब) नलीसोमी (Nullisomy)
(स) ट्राइसोमी (Trisomy)
(द) टेट्रासोमी (Tetrasomy)
उत्तर:
(अ) मोनोसोमी (Monosomy)
30. वह अमीनो अम्ल जो कि सिकल सेल एनीमिया में प्रतिस्थापित हो जाता है- (Kerala CET-2004, 05)
(अ) वेलीन के लिए ग्लूटामिक अम्ल, α शृंखला में
(ब) वेलीन के लिए ग्लूटामिक अम्ल, β श्रृंखला में
(स) ग्लूटेमिक अम्ल के लिए वेलीन, α श्रृंखला में
(द) ग्लूटेमिक अम्ल के लिए वेलीन, β शृंखला में
उत्तर:
(द) ग्लूटेमिक अम्ल के लिए वेलीन, β शृंखला में
31. मेंडल के मोनोहाइब्रिड (Monohybrid) क्रॉस का जीनोटिपिक अनुपात होता है- (MP PMT, 2005)
(अ) 1: 3
(ब) 3: 1
(स) 1: 2: 1
(द) 1: 1: 1: 1
उत्तर:
(स) 1: 2: 1
32. नर में लिंग सहलग्न लक्षण किसके द्वारा स्थानान्तरित होते हैं? (MP PMT-2004)
(अ) Y-गुणसूत्र
(ब) ऑटोसोम्स
(स) X- गुणसूत्र
(द) X व Y तथा ऑटोसोम्स
उत्तर:
(स) X- गुणसूत्र
[नोट-क्योंकि नर में केवल एक X गुणसूत्र होता है तथा Y गुणसूत्र बिना एलील के होता है। इसलिए नर में एकल अप्रभावी एलील अपना प्रभाव दिखाते हैं ]
33. यदि AA और aa के बीच क्रॉस कराया जाए तो F1 संतति का स्वभाव होगा (CPMT-2004)
(अ) जीनोटिपिकली AA, फीनोटिपिकली a
(ब) जीनोटिपिकली Aa, फीनोटिपिकली a
(स) जीनोटिपिकली Aa, फीनोटिपिकली A
(द) जीनोटिपिकली aa, फीनोटिपिकली A
उत्तर:
(ब) जीनोटिपिकली Aa, फीनोटिपिकली a
34. टर्नर सिन्ड्रोम किसका उदाहरण है- (Kerala PMT 2004)
(अ) मोनोसोमी
(स) ट्राईसोमी
(ब) बाई सोमी
(द) पोलीयनाइडी
उत्तर:
(अ) मोनोसोमी
35. ड्रोसोफिला मेलेनोगेस्टर में लिंग निर्धारण आधारित होता है- (AIEEE-2004)
(अ) XY गुणसूत्र की क्रियाविधि
(ब) ऑटोसोम्स और X गुणसूत्र के बीच आनुवंशिक संतुलन
(स) गुणसूत्र वातावरण की पारस्परिक क्रिया
(द) स्यूडोएलील्स
उत्तर:
(ब) ऑटोसोम्स और X गुणसूत्र के बीच आनुवंशिक संतुलन
36. डाउन सिन्ड्रोम की आवृत्ति में वृद्धि होती है, जब माता की आयु (Orissa JEE-2004)
(अ) 35 वर्ष से अधिक होती है।
(ब) 35 वर्ष से कम होती है
(स) प्रथम गर्भावस्था के समय
(द) तीन बच्चों की माता में
उत्तर:
(अ) 35 वर्ष से अधिक होती है।
[ नोट- यह 1/700 जन्म लेने वाले बच्चों में पाया जाता है। इसमें महिला की उम्र 25 वर्ष या इससे कम होती है। इसकी आवृति उम्र के समय बढ़ती है। यह 40 वर्ष की महिला के लिए 1/100 तथा 45 वर्ष की महिला के लिए 1/10 होती है।]
37. गायनेकोमेस्टिया (Gynacomastia) लक्षण है- (KCET-2004)
(अ) क्लाइनफेल्टर्स सिन्ड्रोम का
(ब) टर्नर्स सिन्ड्रोम का
(स) सार्स का
(द) डाउन्स सिन्ड्रोम का
उत्तर:
(अ) क्लाइनफेल्टर्स सिन्ड्रोम का
38. मनुष्य के लिए X गुणसूत्र पर स्थित अप्रभावी जीन सदैव- (CBSE PMT 2004 )
(अ) नर में अभिव्यक्त होते हैं
(ब) मादा में अभिव्यक्त होते हैं।
(स) घातक होते हैं
(द) अर्ध घातक होते हैं
उत्तर:
(अ) नर में अभिव्यक्त होते हैं
39. पाइसम सटाइवम में सहलग्न समूहों की संख्या क्या है- (BVP-2004)
(अ) 2
(ब) 5
(स) 7
(द) 9
उत्तर:
(स) 7
[ नोट उद्यान मटर के पौधों में गुणसूत्र के 7 जोड़े होते हैं और समान संख्या में सहलग्न समूह होते हैं ।
40. एक पुरुष जिसका रक्त समूह B है A रक्त समूह वाली महिला से विवाह करता है और उसकी पहली संतान का रक्त समूह B है तो उसकी संतान का जीनोटाइप क्या होगा- (CPMT 2004)
(अ) IaIb
(ब) IaIo
(स) IbIo
(द) IbIb
उत्तर:
(स) IbIo
41. एक पौधे में लाल रंग का फल (R) पीले रंग के फल (r) पर प्रभावी है तथा लम्बापन (T) बौनेपन (t) पर प्रभावी है। यदि RRTt जीनोटाइप के पौधे का क्रॉस rrtt वाले पौधे से कराते हैं, तब- (CBSE PMT 2004)
(अ) 75% लाल फल वाले लम्बे पौधे होंगे।
(ब) सभी सन्तति पौधे लाल फल वाले एवं लम्बे होंगे।
(स) 25% लाल फल वाले लम्बे पौधे होंगे।
(द) 50% लाल फल वाले लम्बे पौधे होंगे।
उत्तर:
(द) 50% लाल फल वाले लम्बे पौधे होंगे।
42. सर्वत्र आदाता (Recipient ) का रक्त वर्ग कौन-सा है- (MP. PMT 2003)
(अ) AB
(स) B
(ब) A
(द) O
उत्तर:
(अ) AB
43. एक समयुग्मज अप्रभावी एवं विषमयुग्मज पौधों के बीच संकरण कहलाता है- (MHCET 2003)
(अ) एकसंकर संकरण
(ब) द्विसंकर संकरण
(स) परीक्षण क्रॉस
(द) पश्च क्रॉस
उत्तर:
(स) परीक्षण क्रॉस
44. एक टेस्ट क्रॉस में 1 : 1 फीनोटाइपिक अनुपात क्या प्रदर्शित करता है- (AIEEE 2003)
(अ) एलील्स सहप्रभावी हैं
(ब) जनक के प्रभावी फीनोटाइप हेटेरोजायगस थे
(स) एलील्स का स्वतन्त्र पृथक्करण होता है।
(द) एलील्स प्रभावी हैं।
उत्तर:
(ब) जनक के प्रभावी फीनोटाइप हेटेरोजायगस थे
45. मेंडल का प्रथम नियम है- (CPMT 2003)
(अ) वंशागति का नियम
(ब) विभिन्नता का नियम
(स) स्वतंत्र अपव्यूहन का नियम
(द) पृथक्करण का नियम
उत्तर:
(द) पृथक्करण का नियम
46. मेंडल ने मटर के पौधे का चयन किया क्योंकि- (BVP 2003)
(अ) ये सस्ते थे
(ब) उनमें सात जोड़े विपरीत प्रकार के लक्षण उपस्थित थे
(स) वे आसानी से मिल जाते थे
(द) वे अधिक आर्थिक महत्त्व के थे।
उत्तर:
(ब) उनमें सात जोड़े विपरीत प्रकार के लक्षण उपस्थित थे
47. मेंडल के नियम का अपवाद है – (PB PMT 2000; RPMT 2002)
(अ) स्वतन्त्र अपव्यूहन का नियम
(ब) पृथक्करण का नियम
(स) प्रभाविता का नियम
(द) सहलग्नता का नियम
उत्तर:
(द) सहलग्नता का नियम
48. यदि एक लाल पुष्प वाले समयुग्मजी पौधे का क्रॉस एक सफेद पुष्प वाले समयुग्मजी पौधे से कराया जाये तो संतति उत्पन्न होगी – ( AIIMS, 2002)
(अ) आधी लाल पुष्प वाली
(ब) आधी सफेद पुष्प वाली
(स) पूरी लाल पुष्प वाली
(द) आधी गुलाबी पुष्प वाली
उत्तर:
(स) पूरी लाल पुष्प वाली
49. मेंडल का स्वतन्त्र अपव्यूहन का नियम किस पर लागू होता है- (Orissa PMT 2002)
(अ) सभी जीवों में सभी जीन्स पर
(ब) केवल मटर के सभी जीन्स पर
(स) सभी सहलग्न जीन्स पर
(द) केवल सभी असहलग्न जीन्स पर
उत्तर:
(द) केवल सभी असहलग्न जीन्स पर
[नोट- जो स्वतन्त्र रूप से संचरण करते हैं, जीन्स से सहलग्न नहीं होते।]
50. लैंगिक जनन बढ़ाता है- (CPMT 2002)
(अ) आनुवंशिक पुनसंयोजन
(ब) बहुगुणिता
(स) एन्यूप्लॉइडी (Anueploidy)
(द) यूप्लॉइडी (Euploidy)
उत्तर:
(अ) आनुवंशिक पुनसंयोजन
51. जब कोई जीन एक से अधिक रूपों में उपस्थित रहता है तो विभिन्न रूपों को कहते हैं- (CPMT 2002)
(अ) विषमयुग्मजी
(ब) पूरक जीन
(स) समजीनी ( Genotype)
(द) युग्मविकल्पी (Alleles)
उत्तर:
(द) युग्मविकल्पी (Alleles)
52. मेंडल के अनुसार निम्न में से कौन-सा प्रभावी लक्षण है- (AFMC 2000)
(अ) बौना पौधा व पीला फल
(ब) शीर्षस्थ फल व झुर्रीदार बीज
(स) सफेद बीजचोल व पीला पेरीकार्य
(द) हरा फल व गोल बीज
उत्तर:
(द) हरा फल व गोल बीज
[हल मेंडल के अनुसार फली का पीला रंग और झुर्रीदार बीज अप्रभावी लक्षण होते हैं।]
53. पुरुषों में गुणसूत्र की स्थिति होती है- (JIPMER 2000)
(अ) 44 AA+XO
(स) 44 AA+XY
(ब) 44 AA+XX
(द) 44 AA+XXY
उत्तर:
(द) 44 AA+XXY
54. सहलग्नता का सर्वप्रथम अवलोकन किस पौधे में किया गया है- (AFMC 2000)
(अ) फील्ड मटर
(ब) घास मटर
(स) मीठी मटर
(द) मटर
उत्तर:
(स) मीठी मटर