Haryana State Board HBSE 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 परमाणु की संरचना Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 11th Class Chemistry Solutions Chapter 2 परमाणु की संरचना
प्रश्न 1.
(i) एक ग्राम भार में इलेक्ट्रॉनों की संख्या का परिकलन कीजिए।
(ii) एक मोल इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान और आवेश का परिकलन कीजिए।
हल:
(i) एक इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान
= 9.1 × 1028 ग्राम
1 ग्राम भार = \(\frac{1}{9.1 \times 10^{-28}}\)
अतः एक ग्राम भार में इलेक्ट्रॉन की संख्या
= 1.099 × 1027 इलेक्ट्रॉन
(ii) एक इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान
= 9.1 × 10-31 kg
1 मोल (6.023 × 1023) इलेक्ट्रॉन का भार
= 9.1 × 10-31 × 6.023 x 1023
= 5.48 × 10-7 kg
1 इलेक्ट्रॉन पर आवेश = 1.602 x 10-19 कूलाम्ब
अतः एक मोल इलेक्ट्रॉन पर आवेश
= 1.602 × 10-19 x 6.023 x 1023
= 9.65 x 104 कूलाम्ब
प्रश्न 2.
(i) मेथेन के एक मोल में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या का परिकलन कीजिए।
(ii) 7mg14C में न्यूट्रॉनों की (क) कुल संख्या तथा (ख) कुल द्रव्यमान ज्ञात कीजिए। (न्यूट्रॉन का द्रव्यमान = 1.675 x 10-27 kg मान लीजिए।
(iii) मानक ताप और दाब (STP) पर 34mg NH3 में प्रोटॉनों की (क) कुल संख्या और (ख) कुल द्रव्यमान बताइए। दाब और ताप में परिवर्तन से क्या उत्तर परिवर्तित हो जाएगा।
हल:
(i) 1 मोल मेथेन में 1 कार्बन और 4 मोल हाइड्रोजन परमाणु होते हैं।
एक अणु CH4 में कुल इलेक्ट्रॉन = 6 + 4 = 10
मेथेन के एक मोल में इलेक्ट्रॉनों की संख्या
= 6 × 6.023 × 1023 + 4 x 6.023 x 1023 इलेक्ट्रॉन
= 3.614 x 1024 + 2.409 x 1024
= 6.023 x 1024 इलेक्ट्रॉन
(ii) (क) न्यूट्रॉन का द्रव्यमान 1.675 x 10-27kg
14 ग्राम कार्बन में 1 मोल 14C परमाणु होते हैं।
14 ग्राम C-14 में न्यूट्रॉनों की संख्या
= 8 × 6.023 x 1023 न्यूट्रॉन
7 x 10-3 ग्राम C-14 में न्यूट्रॉनों की संख्या
= \(\frac{8 \times 6.023 \times 10^{23} \times 7 \times 10^{-3}}{14}\)
= 2.409 x 1021 न्यूट्रॉन
(ख) कुल न्यूट्रॉनों की संख्या = 2.409 × 1021
1 न्यूट्रॉन का द्रव्यमान = 1.675 × 10-27kg
∴ 2.409 x 1021 न्यूट्रॉनों का द्रव्यमान
= 2.409 x 1021 x 1.675 x 10-27kg
अत: कुल न्यूट्रॉनों का द्रव्यमान
= 4.0347 × 10-6 kg
(iii) (क) 17 ग्राम NH3 में 1 मोल नाइट्रोजन तथा तीन मोल हाइड्रोजन परमाणु हैं।
1 मोल नाइट्रोजन परमाणु में प्रोटॉन = 7 मोल
3 मोल हाइड्रोजन परमाणु में प्रोटॉन = 3 मोल
अतः अमोनिया के एक मोल में प्रोटॉन = 10 मोल
17 ग्राम NH3 में प्रोटॉन = 10 मोल प्रोटॉन
= 10 × 6.02 × 1023 प्रोटॉन
= 6.02 × 1024 प्रोटॉन
34 x 10-3 ग्राम NH3 में प्रोटॉन
= \(\frac{6.02 \times 10^{24} \times 34 \times 10^{-3}}{17}\)
= 1.2044 ×1022 प्रोटॉन
(ख) 34 x 10-3 ग्राम NH3 में प्रोटॉन की संख्या
= 1.2044 × 1022
∵ एक प्रोटॉन का द्रव्यमान = 1.675 x 10-27 kg
∴ 1022 प्रोटॉन का द्रव्यमान
= 1.675 × 10-27 × 1.2044 x 1022
= 2.015 × 10-5 kg
ताप व दाब परिवर्तन का कोई प्रभाव नहीं रहता है।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित नाभिकों में उपस्थित न्यूट्रॉनों और प्रोटॉनों की संख्या बताइए।
\({ }_6^{13} \mathrm{C},{ }_8^{16} \mathrm{O}, \quad{ }_{12}^{24} \mathrm{Mg},{ }_{26}^{56} \mathrm{Fe},{ }_{38}^{88} \mathrm{Sr}\)
हल:
\({ }_6^{13} \mathrm{C}\) में प्रोटॉनों की संख्या =6
न्यूट्रॉनों की संख्या = 13 – 6 = 7
\({ }_8^{16} \mathrm{O}\) में प्रोटॉनों की संख्या = 8,
न्यूट्रॉनों की संख्या = 16 – 8 = 8
\({ }_{12}^{24} \mathrm{Mg}\) में प्रोटॉनों की संख्या = 12,
न्यूट्रॉनों की संख्या = 24 – 12 = 12
\({ }_{26}^{56} \mathrm{Fe}\) में प्रोटॉनों की संख्या = 26,
न्यूट्रॉनों की संख्या = 56 – 26 = 30
\({ }_{38}^{88} \mathrm{Sr}\) में प्रोटॉनों की संख्या = 38,
न्यूट्रॉनों की संख्या = 88 – 38 = 50
प्रश्न 4.
नीचे दिये गये परमाणु द्रव्यमान (A) और परमाणु संख्या (Z) वाले परमाणुओं का पूर्ण प्रतीक लिखिए –
(i) Z = 17 A = 35
(ii) Z = 92 A = 233
(iii) Z = 4 A = 9
हल:
(i) \({ }_{17}^{35} \mathrm{Cl}\)
(ii) \({ }_{92}^{233} \mathrm{U}\)
(iii) \({ }_4^9 \mathrm{Be}\)
प्रश्न 5.
सोडियम लैम्प द्वारा उत्सर्जित पीले प्रकाश की तरंगदैर्ध्य (λ) 580 nm है। इसकी आवृत्ति (υ) और तरंग संख्या (\(\overline{\mathcal{V}}\)) का परिकलन कीजिए।
हल:
पीले प्रकाश की तरंगदैर्ध्य (λ) = 580nm
अतः υ = \(\frac{c}{\lambda}=\frac{3 \times 10^8}{580 \times 10^{-9}}\) = 5.17 x 1014s-1
(\(\overline{\mathcal{V}}\)) = \(\frac{1}{\lambda}=\frac{1}{580 \times 10^{-9}}\)
= 0.0172 × 108m-1
= 1.72 × 106m-1
प्रश्न 6.
प्रत्येक ऐसे फोटॉन की ऊर्जा ज्ञात कीजिए –
(i) जो 3 × 1015 Hz आवृत्ति वाले प्रकाश के संगत हो।
(ii) जिसकी तरंगदैर्ध्य 0.50 Å हो ।
हल:
(i) E = hυ = 6.626 × 10-34 × 3 × 1015
= 1.988 × 10-18 J
(ii) E = hυ = h\(\frac { c }{ λ }\)
= \(\frac{6.626 \times 10^{-34} \times 3 \times 10^8}{\left(0.5 \times 10^{-10} \mathrm{~m}\right)}\)
= 3.97 × 10-15J
प्रश्न 7.
2.0 x 10-10s काल वाली प्रकाश तरंग की तरंगदैर्ध्य, आवृत्ति, और तरंग संख्या की गणना कीजिए।
हल:
तरंग काल T = 2.0 × 10-10 s
आवृत्ति υ = \(\frac { 1 }{ T }\) = \(\frac{1}{2.0 \times 10^{-10}}\) = 5.0 x 109 s-1
तरंगदैर्ध्य λ = \(\frac { c }{ υ }\) = \(\frac{3 \times 10^8}{5 \times 10^9}\) = 6.0 x 10-2 m
तरंग संख्या (\(\overline{\mathcal{V}}\)) = \(\frac { 1 }{ λ }\) = \(\frac{1}{\left(6.0 \times 10^{-2}\right)}\)
= \(\frac { 100 }{ 6 }\)
= 16.66 m-1
प्रश्न 8.
ऐसा प्रकाश जिसकी तरंगदैर्ध्य 4000 pm हो और जो 1J ऊर्जा दे, में फोटॉनों की संख्या बताइए।
हल:
फोटॉन की ऊर्जा E = \(\frac { hc }{ λ }\) (h = 6.626 × 10-34 Js)
c = 3 ×108 ms-1
2 = 4000 pm = 4000 x 10-12 m
= 4 × 10-9 m
E = \(\frac{6.626 \times 10^{-34} \times 3 \times 10^8}{4 \times 10^{-9}}\)
= 4.9687 × 10-17 J
= 4.97 × 10-17 J
4.97× 10-17 J ऊर्जा है = 1 फोटॉन की
1 J ऊर्जा होगी =\(\frac{1}{4.97 \times 10^{-17}}\) फोटॉन की
= 2012 × 10-16 फोटॉन
प्रश्न 9.
यदि 4 × 10-7m तरंगदैर्ध्य वाला एक फोटॉन 2.13 ev कार्यफलन वाली धातु की सतह से टकराता है तो –
(i) फोटॉन की ऊर्जा (eV) में,
(ii) उत्सर्जन की गतिज ऊर्जा और
(iii) प्रकाशीय इलेक्ट्रॉन के वेग का परिकलन कीजिए।
(1 eV = 1.6020 × 10-19 J)
हल:
(i) फोटॉन की ऊर्जा
E = \(\frac { hc }{ λ }\) = \(\frac{6.62 \times 10^{-34} \times 3 \times 10^8}{4 \times 10^{-7}}\)
= 4.97 × 10-19 J
= \(\frac{(1 \mathrm{eV}) \times 4.97 \times 10^{-19}}{1.6020 \times 10^{19} \mathrm{~J}}\)
फोटॉन की ऊर्जा 3.1eV
(ii) उत्सर्जन की गतिज ऊर्जा = E – कार्यफलन
= 3.10 – 2.13
= 0.97 ev
(iii) उत्सर्जन की गतिज ऊर्जा (KE) = \(\frac { 1 }{ 2 }\)
v² = \(\frac { 2 K.E. }{ m }\)
प्रकाशीय इलेक्ट्रॉन का वेग
= v = \(\sqrt{\frac{2 \mathrm{KE}}{m}}\)
= \(\sqrt{\frac{2 \times 0.97 \times 1.602 \times 10^{-19}}{9.1 \times 10^{-31}}}\)
= 5.84 × 105 m/s
प्रश्न 10.
सोडियम परमाणु के आयनन के लिए 242 m तरंगदैर्ध्य की विद्युत चुम्बकीय विकिरण पर्याप्त होती है। सोडियम की आयनन ऊर्जा kJmol-1 में ज्ञात कीजिए।
हल:
तरंगदैर्ध्य λ = 242 nm = 242 x 10-9 m
E = \(\frac { hc }{ λ }\) = \(\frac{6.626 \times 10^{-17} \times 3 \times 10^8}{242 \times 10^{-9}}\)
= 0.0821 × 10-17 J
सोडियम के 1 मोल के लिए आयनन ऊर्जा
E = \(\frac{0.0821 \times 10^{-12} \times 6.022 \times 10^{23}}{1000}\)
= 494 kJ mol-1
प्रश्न 11.
25 वाट का एक बल्ब 0.57 μm तरंगदैर्ध्य वाले पीले रंग का एक वर्णी प्रकाश उत्पन्न करता है तो प्रति सेकेण्ड क्वाण्टा के उत्सर्जन की दर ज्ञात कीजिए।
हल:
फोटॉन की ऊर्जा
प्रश्न 12.
किसी धातु की सतह पर 6800 Å तरंगदैर्ध्य वाली विकिरण डालने से शून्य वेग वाले इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होते हैं। धातु की देहली आवृत्ति (υ0) और कार्यफलन (W0) ज्ञात कीजिए।
हल:
देहली आवृत्ति (υ0) = \(\frac{c}{\lambda_0}=\frac{3 \times 10^8}{6800 \times 10^{-10}}\)
= 4.41 × 1014 s-1
कार्यफलन W0 = hv0 = 6.626 × 10-34 × 4.41 × 1014 J
= 2.92 × 10-19 J
प्रश्न 13.
जब हाइड्रोजन परमाणु के n = 4 ऊर्जा स्तर से = 2 ऊर्जा स्तर में इलेक्ट्रॉन जाता है तो किस तरंगदैर्ध्य का प्रकाश उत्सर्जित करेगा ?
हल:
RH = 109677
\(\overline{\mathcal{υ}}\) = RH\(\left[\frac{1}{n_1^2}-\frac{1}{n_2^2}\right]\)
= 109677\(\left[\frac{1}{2^2}-\frac{1}{4^2}\right]\)
= 20564.4 cm-1
λ = \(\frac{1}{\bar{v}}=\frac{1}{20564 \cdot 4}\)
= 486 × 10-7 cm
= 486 × 10-9 m = 486nm
प्रश्न 14.
यदि इलेक्ट्रॉन n = 5 कक्षक में उपस्थित हो तो H परमाणु के आयनन के लिए कितनी ऊर्जा की आवश्यकता होगी ? अपने उत्तर की तुलना हाइड्रोजन परमाणु की आयनन एन्थैल्पी से कीजिए। आयनन एन्थैल्पी n = 1 कक्षक में इलेक्ट्रॉन को निकालने के लिए आवश्यक ऊर्जा होती है।
हल:
एक निश्चित ऊर्जा कक्षक में उपस्थित हाइड्रोजन इलेक्ट्रॉन के लिए ऊर्जा
En = \(\frac{2 \cdot 18 \times 10^{-19} \mathrm{~J}}{n^2}\) परमाणु
n = 5 कक्षक में उपस्थित हाइड्रोजन इलेक्ट्रॉन के लिए आयनन ऊर्जा n1 = 5, n2 = ∞
∆E5 = E∞ – E5
= 0 – \(\left(\frac{-2 \cdot 18 \times 10^{-18}}{(5)^2}\right)\) J/atom
= \(\frac{2 \cdot 18 \times 10^{-18}}{25}\) J / atom
= 8.72 × 10-20 J / atom
कक्षा n = 1 में उपस्थित हाइड्रोजन इलेक्ट्रॉन के लिये आयनन ऊर्जा
∆1 = E∞ – E1
= 0 – \(\left(\frac{-2 \cdot 18 \times 10^{-18}}{(1)^2}\right)\)
= 2.18 × 10-18 J / atom
तुलना करने पर,
\(\frac{\Delta \mathrm{E}_5}{\Delta \mathrm{E}_1}=\frac{8 \cdot 72 \times 10^{-20}}{2.18 \times 10^{-18}}\)
= 0.04
प्रश्न 15.
जब हाइड्रोजन परमाणु में उत्तेजित इलेक्ट्रॉन n = 6 से मूल अवस्था में जाता है तो प्राप्त उत्सर्जित रेखाओं की अधिकतम संख्या होगी?
हल:
उत्सर्जित रेखाओं की अधिकतम संख्या
= \(\frac{n(n-1)}{2}=\frac{6(6-1)}{2}\) = 15
प्रश्न 16.
(i) हाइड्रोजन के प्रथम कक्षक से सम्बन्धित ऊर्जा – 2.18 × 10-18 जूल / परमाणु है। पाचवें कक्षक से सम्बन्धित ऊर्जा बताइए। (ii) हाईड्रोजन परमाणु के पाँचवें बोर कक्षक की त्रिज्या की गणन कीजिए।
हल:
(i) n कक्षक के लिए ऊर्जा
En = – \(\frac{2 \cdot 18 \times 10^{-18}}{n^2}\) J
अतः पाँचवें कक्षक के लिए ऊर्जा
E5 = – \(\frac{2 \cdot 18 \times 10^{-18}}{5^2}\)
= – 8.72 × 10-20 J
(ii) nवें कोश की त्रिज्या = ae
an = 52.9pm
= 52.9 × 10-12 x 25
= 1322.5 × 10-12 m
= 1.3225 nm
प्रश्न 17.
हाइड्रोजन परमाणु की बामर श्रेणी में अधिकतम तरंगदैर्ध्य वाले संक्रमण की तरंग संख्या की गणना कीजिए।
हल:
बामर श्रेणी के लिए n1 = 2
अत:
\(\overline{\mathcal{V}}\) = RH\(\left(\frac{1}{2^2}-\frac{1}{n_2^2}\right)\)
\(\overline{\mathcal{V}}\) = \(\frac { 1 }{ λ }\)
अतः यदि \(\overline{\mathcal{V}}\) अधिकतम है तो छोटी होगी।
∴ \(\overline{\mathcal{V}}\) = (1.097 x 107)\(\left(\frac{1}{2^2}-\frac{1}{3^2}\right)\)
= 1097×107 x \(\frac { 5 }{ 56 }\) m-1
= 1.523 × 106 m-1
प्रश्न 18.
हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन को पहली कक्षा से पाँचवीं कक्षा तक ले जाने के लिए आवश्यक ऊर्जा की जूल में गणना कीजिए। जब यह इलेक्ट्रॉन तलस्थ अवस्था में लौटता है तो किस तरंगदैर्ध्य का प्रकाश उत्सर्जित होता ? (इलेक्ट्रॉन की तलस्थ अवस्था ऊर्जा – 2.18 x 10-11 अर्ग है)।
हल:
तलस्थ अवस्था में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा – 2.18 x 10-11 अर्ग अर्थात्
En = – \(\frac{2 \cdot 18 \times 10^{-11}}{n^2}\) अर्ग
∆E = E5 – E1 = 2.18 x 10-11\(\left(\frac{1}{1^2}-\frac{1}{5^2}\right)\)
= 2.18 x 10-11\(\frac { 24 }{ 25 }\)
= 209 × 10-11 अर्ग
= 2.09 × 10-18 जूल (1 अर्ग = 10-7 जूल)
जब इलेक्ट्रॉन तलस्थ अवस्था में लौटता है। (n = 1 में)
उत्सर्जित ऊर्जा = 2.09 10-11 अर्ग
∴ ∆E = hv = \(\frac { c }{ λ }\)
या λ = \(\frac { hc }{ ΔΕ }\)
= \(\frac{6626 \times 10^{-27} \times 3 \times 10^{10}}{2.09 \times 10^{-11}}\)
= 9.51 × 10-6 cm
= 951 × 10-8 cm
= 951 Å
प्रश्न 19.
हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा En = \(\frac{-2 \cdot 18 \times 10^{-18}}{n^2} \mathrm{~J}\) द्वारा दी जाती है। n = 2 कक्षा से इलेक्ट्रॉन को पूरी तरह निकालने के लिए आवश्यक ऊर्जा की गणना कीजिए। प्रकाश की सबसे लम्बी तरंगदैर्घ्य $(\mathrm{cm}$ में) क्या होगी जिसका प्रयोग इस। संक्रमण में किया जा सके?
हल :
∆E = E∞ – E2
= 0 – \(\left[\frac{-2.18 \times 10^{-18}}{2^2}\right]\)
= 5.45 x 1-19 J atom-1
∆E = hv = h\(\frac { c }{ λ }\) या λ = \(\frac { hc }{ ΔΕ }\)
= \(\frac{6.626 \times 10^{-34} \mathrm{Js} \times 3 \times 10^8 \mathrm{~ms}^{-1}}{5.45 \times 10^{-19} \mathrm{~J}}\)
= 3.647 × 10-7m
= 3.647 × 10-5 cm
प्रश्न 20.
2-05 × 107ms-1 वेग से गति कर रहे किसी इलेक्ट्रॉन का तरंगदैर्ध्य क्या होगा ?
हल:
डी-ब्रॉग्ली समीकरण द्वारा
λ = \(\frac { h }{ mv }\)
= \(\frac{6.626 \times 10^{-34} \mathrm{Js}}{\left(9.11 \times 10^{-31} \mathrm{~kg}\right) \times 2.05 \times 10^7 \mathrm{~ms}^{-1}}\)
= 3.55 × 10-1m
प्रश्न 21.
इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान 9.1 x 10-31 kg है। यदि इसकी गतिज ऊर्जा 3.0 x 10-25 J हो तो इसकी तरंगदैर्ध्य की गणना कीजिए।
हल:
गतिज ऊर्जा = \(\frac { 1 }{ 2 }\)mv²
v = \(\sqrt{\frac{2 \mathrm{KE}}{m}}=\sqrt{\frac{2 \times 3.0 \times 10^{-25} \mathrm{~J}}{9 \cdot 1 \times 10^{-31} \mathrm{~kg}}}\)
= 812 ms-1
λ = \(\frac { h }{ mv }\) = \(\frac{6.626 \times 10^{-34} \mathrm{Js}}{\left(9.1 \times 10^{-31} \mathrm{~kg}\right)\left(812 \mathrm{~ms}^{-1}\right)}\)
= 8.967 × 10-7m
= 8967 A
प्रश्न 22.
निम्नलिखित में से कौन-से समआयनी स्पीशीज (isoelectronic) हैं? अर्थात् किनमें इलेक्ट्रॉनों की समान संख्या है।
Na+, K+, Mg2+, Ca2+, S2-, Ar
हल:
Na+ तथा Mg2+ समइलेक्ट्रॉनी हैं (इनमें 10 इलेक्ट्रॉन हैं)
K+, Ca2+, S2- तथा Ar समइलेक्ट्रॉनी हैं (इनमें 18 इलेक्ट्रॉन हैं)
प्रश्न 23.
(i) निम्नलिखित आयनों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए-
(क) H–
(ख) Na+
(ग) O2–
(घ) F–
(ii) उन तत्वों की परमाणु संख्या बताइए जिनके सबसे बाहरी इलेक्ट्रॉनों को निम्नलिखित रूप में दर्शाया गया है
(क) 3s1
(ख) 2p³
(ग) 3p5
(iii) निम्नलिखित विन्यासों वाले परमाणुओं के नाम बताइए-
(क) (He) 2s1
(ख) (Ne) 3s² 3p³
(ग) (Ar) 4s² 3d1
हल:
(i) निम्नलिखित आयनों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास-
(क) H– = 1s²
(ख) Na+ = 1s², 2s², 2p6
(ग) O2- = 1s², 2s², 2p6
(घ) F– = 1s², 2s², 2p6
(ii) :
बाहरी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास | परमाणु क्रमांक | पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक विन्यास |
(क) 3s1 | 11 | 1s², 2s², 2p6 , 3s² |
(ख) 2p³ | 7 | 1s², 2s², 2p6 |
(ग) 3p5 | 17 | 1s², 2s², 2p6, 3s² 3p5 |
(iii) :
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास | परमाणु क्रमांक | पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक विन्यास |
(क) [He] 2s1 | 3 | लीथियम |
(ख) [Ne] 3s² 3p³ | 15 | फॉस्फोरस |
(ग) [Ar] 4s² 3d1 | 21 | स्कैन्डियम |
प्रश्न 24.
किस निम्नतम n मान द्वारा g कक्षक का अस्तित्व अनुमत होगा?
हल:
g उपकक्ष के लिये l = 4. l का मान 0 से (n – 1) होता है। अत: l = 4 तब n = 5 अत: n का निम्नतम मान = 5
प्रश्न 25.
एक इलेक्ट्रॉन 3d कक्षक में है इसके लिये n, l, m के सम्भव मान दीजिए।
हल:
n = 3 1=2
m = – 2, – 1, 0, +1, +2 (कोई भी एक मान)
प्रश्न 26.
किसी तत्व के परमाणु में 29 इलेक्ट्रॉन और 35 न्यूट्रॉन हैं (i) प्रोटॉनों की संख्या (ii) तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास बताइए।
हल:
Z = 29 अत: प्रोटॉन = 29
इलेक्ट्रॉनों की संख्या = Z = 29
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 4s1, 3d10
प्रश्न 27.
H2+, H2, और O2+ स्पीशीज में उपस्थित इलेक्ट्रानों की संख्या बताइए।
हल:
H2+ = 2 – 1 = 1, H2 = 2, O2+ = 16 – 1 = 15
प्रश्न 28.
(i) किसी परमाणु कक्षक का n = 3 है, इसके लिए l और m के सम्भव मान क्या होंगे?
(ii) 3d कक्षक के इलेक्ट्रॉनों के लिए m और l क्वाण्टम संख्याओं के मान बताइए।
(iii) निम्न में से कौन-से कक्षक सम्भव हैं-
1p, 2s, 2p 3f
हल:
(i) n = 3
l = 0 → (n – 1) = 0, 1, 2
1 = 0 m = 0
1 = 1 m = – 1, 0, + 1
1 = 2 m = – 2, – 1, 0, +1, +2
(ii) 3d कक्षक के लिए
l = 2 m = – 2, – 1, 0, +1, +2
(iii) 2s, 2p कक्षक सम्भव हैं।
प्रश्न 29.
s, p, d, f संकेतन द्वारा निम्नलिखित क्वाण्टम संख्याओं वाले कक्षकों को बताइए –
(क) n = 1, l = 0
(ख) n = 3 l = 1
(ग) n = 4 l = 2
(घ) n = 4 l = 3
हल:
l का मान | कक्षक |
0 | s |
1 | p |
2 | d |
3 | F |
अत: (क) 1s (ख) 3p (ग) 4d (घ) 4f
प्रश्न 30.
कारण देते हुए बताइए कि निम्नलिखित क्वाण्टम संख्या के कौन-से मान सम्भव नहीं हैं।
(क) n = 0 l = 0 m1 = 0 ms = + \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(ख) n = 1 l = 0 m1 = 0 ms = – \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(ग) n = 1 l = 1 m1 = 0 ms = + \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(घ) n = 2 l = 1 m1 = 0 ms = – \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(ङ) n = 3 l = 3 m1 = -3 ms = + \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(च) n = 3 l = 1 m1 = 0 ms = + \(\frac { 1 }{ 2 }\)
हल:
(क) सम्भव नहीं है क्योंकि n = 0 असम्भव हैं।
(ख) n = 1, l = 0, m1 = 0, ms = – \(\frac { 1 }{ 2 }\) (सम्भव है।)
(ग) n = 1, l = 1 असम्भव है क्योंकि 7 का मान 0 से (n – 1) तक होता है।
(घ) सम्भव है।
(ङ) n = 3, l = 3, m1 = 3, ms = + \(\frac { 1 }{ 2 }\)
असम्भव है क्योंकि यहाँ पर n तथा का मान समान नहीं हो सकता है।
(च) सम्भव है।
प्रश्न 31.
किसी परमाणु में निम्नलिखित क्वाण्टम संख्याओं वाले कितने इलेक्ट्रॉन होंगे-
(क) n = 4, m, = – \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(ख) n = 3, l = 0
हल:
(क) n = 4 के लिए कुल सम्भव इलेक्ट्रॉन 2n² = 32 इलेक्ट्रॉन होंगे।
जिनमें 16 इलेक्ट्रॉन के लिए ms = – \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(ख) n = 3, l = 0 केवल दो इलेक्ट्रॉन 3s कक्षक में सम्भव हैं।
प्रश्न 32.
यह दर्शाइए कि हाइड्रोजन परमाणु की बोर कक्षा की परिधि उस कक्षा में गतिमान इलेक्ट्रॉन की डी-ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य का पूर्ण गुणक होती है।
उत्तर:
बोर के अनग्रहित द्वारा
mvr = \(\frac { nh }{ 2π }\) या 2πr = \(\frac { nh }{ mv }\) … (1)
डी-ब्रॉग्ली के अनुसार λ = \(\frac { h }{ mv }\) … (2)
समीकरण (1) व (2) की तुलना करने पर
2πr = nλ
अतः हाइड्रोजन परमाणु की बोर कक्षा की परिधि (2πr) उस कक्षा में गतिमान इलेक्ट्रॉन की डी-ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य का पूर्ण गुणक होती है।
प्रश्न 33.
He+ स्पेक्ट्रम के n = 4 से n = 2 बामर संक्रमण से प्राप्त तरंगदैर्ध्य के बराबर वाला संक्रमण हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम में क्या होगा?
हल:
किसी परमाणु के लिए
\(\overline{\mathcal{V}}\) = \(\frac { 1 }{ λ }\) = RHZ²\(\left(\frac{1}{n_1^2}-\frac{1}{n_2^2}\right)\)
He+ स्पेक्ट्रम के लिए
Z = 2, n2 = 4, n1 = 2
\(\overline{\mathcal{V}}\) = \(\frac { 1 }{ λ }\) = RH x (2)² \(\left(\frac{1}{2^2}-\frac{1}{4^2}\right)=\frac{3 \mathrm{R}_{\mathrm{H}}}{4}\)
हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम के लिए
\(\overline{\mathcal{V}}\) = \(\frac{3 R_H}{4}\) तथा Z = 1
\(\overline{\mathcal{V}}\) = \(\frac{1}{\lambda}=\mathrm{R}_{\mathrm{H}} \times 1\left(\frac{1}{n_1^2}-\frac{1}{n_2^2}\right)\)
= RH\(\left(\frac{1}{n_1^2}-\frac{1}{n_2^2}\right)=\frac{3 \mathrm{R}_{\mathrm{H}}}{4}\)
या \(\frac{1}{n_1^2}-\frac{1}{n_2^2}=\frac{3}{4}\)
अर्थात् n1 = 1 तथा n2 = 2
अतः हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम की स्थिति में संक्रमण n2 = 2 से n1 = 1 होगा।
प्रश्न 34.
He+ (g) → He2+ (g) + e–
प्रक्रिया के लिए आवश्यक ऊर्जा की गणना कीजिए। हाइड्रोजन परमाणु की तलस्थ अवस्था में आयनन ऊर्जा 2.18 × 1018 J atom-1 है।
हल:
H परमाणु के लिये E1 = – I.E. ( आयनन ऊर्जा )
= – 2.18 × 10-18 J
He+ के लिये E1 = E1 (H) × Z²
= – 2·18 × 10-18 × (2)² J
= – 8.72 × 10-18 J
दी गयी प्रक्रिया H+ के आयनन को प्रदर्शित कर रही है अतः He+ के आयनन के लिये आवश्यक ऊर्जा
= – E1 (He+)
= – (8-72 × 10-18 J)
= 8.72 × 10-18 J
प्रश्न 35.
यदि कार्बन परमाणु का व्यास 0.15 nm है तो उन कार्बन परमाणुओं की संख्या की गणना कीजिए जिन्हें 20 cm स्केल की लम्बाई में एक-एक करके व्यवस्थित किया जा सकता है।
हल:
कार्बन परमाणु का व्यास
= 0-15 nm = 0.15 × 10 = 1.5 x 10-10m
रेखा की लम्बाई = 20cm = 20 x 10-2m = 2 x 10-1 m
20cm लम्बाई में रखे, कार्बन परमाणु जिनकी संख्या
= \(\frac{2 \times 10^{-1}}{1.5 \times 10^{-10}}\)
= 1.33 × 10o परमाणु
प्रश्न 36.
कार्बन के 2 x 108 परमाणु एक कतार में व्यवस्थित हैं। यदि इस व्यवस्था की लम्बाई 2-4 cm है तो कार्बन परमाणु के व्यास की गणना कीजिए।
हल:
कार्बन परमाणुओं की संख्या = 2 x 108
कतार की लम्बाई = 2.4 cm = 24 x 10-2m
कार्बन परमाणु का व्यास =\(\frac{2 \cdot 4 \times 10^{-2}}{2 \times 10^8}\)
= 12 × 10-10m
प्रश्न 37.
जिंक परमाणु का व्यास 2.6 Å है।
(क) जिंक की परमाणु त्रिज्या pm में तथा
(ख) 1.6cm की लम्बाई में कतार में लगातार उपस्थित परमाणुओं की संख्या की गणना कीजिए ।
हल:
(क) 1 Å = 10² pm
अतः व्यास \(\frac { 2.6 }{ 2 }\) = 1.3 Å = 1·3 × 10-10m
= 130 × 10-12 m = 130pm
(ख) दी हुई लम्बाई = 1.6 cm = 1.6 × 10-2m
परमाणु का व्यास = 26 Å = 2.6 x 10-10 m
1.6 लम्बाई में परमाणुओं की संख्या
= \(\frac{1.6 \times 10^{-2}}{2.6 \times 10^{-10}}\)
= 6.154 × 107
प्रश्न 38.
किसी कण का स्थिर विद्युत आवेश 2.5 x 10-16 C है। इसमें उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या की गणना कीजिए।
हल:
कण का स्थिर विद्युत आवेश (q) = 2.5 x 10-16C
इलेक्ट्रॉन पर आवेश (e) = 1.602 × 10-19C
इलेक्ट्रॉन की संख्या \(\frac { q }{ e }\) = \(\frac{2.5 \times 10^{-16}}{1.602 \times 10^{-19}}\)
= 1560
प्रश्न 39.
मिलीकन के प्रयोग में तेल की बूँद पर चमकती X-किरणों द्वारा स्थैतिक विद्युत आवेश प्राप्त किया जाता है। तेल की बूँद पर यदि स्थैतिक विद्युत आवेश – 1.282 x 10-18C हो तो इसमें उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या ज्ञात कीजिए ।
हल:
तेल की बूँद पर आवेश (q) = – 1.282 x 10-18 C
एक इलेक्ट्रॉन पर आवेश (e) = – 1.602 x 10-19 C
इलेक्ट्रॉन की संख्या = \(\frac { q }{ e }\)
= \(\frac{\left(-1.282 \times 10^{-18}\right)}{\left(-1.602 \times 10^{-19}\right)}\)
= 8
प्रश्न 40.
रदरफोर्ड के प्रयोग में सोने, प्लैटिनम आदि भारी परमाणुओं की पतली पन्नी पर – कणों द्वारा बमबारी की जाती है। यदि ऐल्यूमिनियम आदि जैसे हल्के परमाणु की पतली पन्नी ली जाये तो उपर्युक्त परिणामों में क्या अन्तर होगा ?
हल:
ऐल्यूमिनियम का नाभिक हल्का और छोटा तथा कम अव्यवस्थित होगा, अतः α-कण अपने पथ से कम विक्षेपित होंगे और सीधे निकल जायेंगे। इस प्रकार ऐल्यूमिनियम की पतली पन्नी लेने पर रदरफोर्ड के प्रयोग के परिणाम भिन्न होंगे।
प्रश्न 41.
\({ }_{35}^{79} \mathrm{Br}\) तथा 79Br प्रतीक मान्य है, जबकि \({ }_{35}^{79} \mathrm{Br}\) तथा
35 Br मान्य नहीं हैं। संक्षेप में कारण बताइये।
हल:
किसी भी तत्व का परमाणु क्रमांक स्थायी होता है। जबकि द्रव्यमान संख्या स्थिर नहीं होती है। प्रत्येक समस्थानिक के लिये भी द्रव्यमान संख्या का मान भिन्न-भिन्न होता है। अतः प्रत्येक समस्थानिक की द्रव्यमान संख्या भी व्यक्त करना अनिवार्य है। अतः \({ }_{35}^{79} \mathrm{Br}\) तथा 35 Br मान्य नहीं है क्योंकि 35Br में द्रव्यमान संख्या नहीं है। इस कारण \({ }_{79}^{35} \mathrm{Br}\) तथा 79Br प्रतीक मान्य है।
प्रश्न 42.
एक 81 द्रव्यमान संख्या वाले तत्व में प्रोटॉनों की तुलना में 31.7% न्यूट्रॉन अधिक हैं। इसका परमाणु प्रतीक लिखिए।
हल:
द्रव्यमान संख्या (A) = 81, p + n = 81
यदि प्रोटॉन = x तब न्यूट्रॉन = x + \(\frac{31.7 \times x}{100}\) = 1.317x
∴ x + 1.317x = 81
या 2.317x = 81
x = \(\frac { 81 }{ 2.317 }\) = 35
अतः प्रोटॉन = 35; Z = 35
न्यूट्रॉन = 81 – 35 = 46
अतः प्रतीक \({ }_{35}^{81} \mathrm{Br}\) है।
प्रश्न 43.
37 द्रव्यमान संख्या वाले एक आयन पर ऋण आवेश की एक इकाई है। यदि आयन में इलेक्ट्रॉन की तुलना में न्यूट्रॉन 11.1% अधिक हैं तो आयन का प्रतीक लिखिए।
हल:
माना आयन में इलेक्ट्रॉनों की संख्या = x
प्रोटॉनों की संख्या = x – 1
न्यूट्रॉनों की संख्या = x + \(\frac{11.1 \times x}{100}\)
आयन का द्रव्यमान = प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या
37 = (x – 1) + 1-11x
या 2.11x = 38
या x = \(\frac{38}{2.11}\) = 18
प्रोटॉन की संख्या = परमाणु क्रमांक = x – 1
= 18 – 1 = 17
अतः आयन की परमाणु संख्या = 17,
आयन का प्रतीक = \({ }_{37}^{17} \mathrm{Cl}\)–
प्रश्न 44.
56 द्रव्यमान संख्या वाले एक आयन पर धनावेश 3 इकाई है और उसमें इलेक्ट्रॉन की तुलना में 30.4% न्यूट्रॉन अधिक हैं। इस आयन का प्रतीक लिखिए।
हल:
आयन में इलेक्ट्रॉन की संख्या = x
अत: प्रोटॉन की संख्या = x 3
न्यूट्रॉन की संख्या = x + \(\frac{30.4 \times x}{100}\)
= 1.304 x
उदासीन परमाणु में इलेक्ट्रॉन की संख्या = x + 3
प्रोटॉन की संख्या = x + 3
न्यूट्रॉनों की संख्या = x + \(\frac{30.4 \times x}{100}\)
= x + 0.304x
आयन का द्रव्यमान = प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या
= (x + 3) + (x + 0.304x)
56 = (x + 3) + (x + 0.304x)
2.304x = 56 – 3 = 53
x = \(\frac{53}{2.304}\) = 23
परमाणु संख्या = 23 + 3 = 26
अतः आयन का प्रतीक = \({ }_{56}^{26} \mathrm{Fe}\)+3
प्रश्न 45.
निम्नलिखित विकिरणों के प्रकारों को आवृत्ति के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित कीजिए-
(क) माइक्रोवेव ऑवन से विकिरण।
(ख) यातायात संकेत से त्रणमणि (amber) प्रकाश।
(ग) एफ. एम. रेडियो से प्राप्त विकिरण।
(घ) बाहरी दिक् से कॉस्मिक किरणें।
(ङ) X – किरणें।
हल:
बाहरी दिक् से कॉस्मिक किरणें < X – किरणें < त्रणमणि प्रकाश माइक्रोवेव < एफ. एम रेडियो से प्राप्त विकिरण।
प्रश्न 46.
नाइट्रोजन लेजर 337.1 nm की तरंगदैर्ध्य पर एक विकिरण उत्पन्न करती है। यदि उत्सर्जित फोटॉनों की संख्या 5.6 x 1024 हो तो इस लेजर की क्षमता की गणना कीजिए।
हल:
नाइट्रोजन लेजर की तरंगदैर्ध्य = 337.1nm
फोटॉनों की संख्या = 5.6 x 1024
E = Nhv = Nh\(\frac { c }{ λ }\)
= \(\frac{\left(5.6 \times 10^{24)}\left(6 \cdot 626 \times 10^{-34} \mathrm{Js}\right)\left(3.0 \times 10^8 \mathrm{~ms}^{-1}\right)\right.}{\left(337.1 \times 10^{-9} \mathrm{~m}\right)}\)
= 3.3 × 106 J
प्रश्न 47.
नियॉन गैस को सामान्यतः संकेत बोर्डों में प्रयुक्त किया जाता है। यदि यह 616 nm पर प्रबलता से विकिरण उत्सर्जन करती है तो (क) उत्सर्जन की आवृत्ति (ख) 30 सेकेण्ड में इस विकिरण द्वारा तय की गई दूरी, (ग) क्वाण्टम की ऊर्जा तथा (घ) उपस्थित क्वाण्टम की संख्या की गणना कीजिए। (यदि यह 2J की ऊर्जा उत्पन्न करती है।)
हल:
λ = 616 x 10-9 m
(क) आवृत्ति υ = \(\frac { c }{ λ }\) = \(\frac{3.0 \times 10^8 \mathrm{~ms}^{-1}}{616 \times 10^{-9} \mathrm{~m}}\)
= 4.87 × 10-14 s-1
(ख) विकिरण का वेग = 3.0 x 108 ms-1
∴ 30 सेकेण्ड में विकिरण द्वारा तय की गई दूरी = समय × वेग
= 30 × 3 × 108
= 9.0 x 108 m
(ग) E = hυ = h\(\frac { c }{ λ }\)
= υ = \(\frac{\left(6.626 \times 10^{-34} \mathrm{Js}\right) \times 3.0 \times 10^8 \mathrm{~ms}^{-1}}{616 \times 10^{-9} \mathrm{~m}}\)
= 32.27 × 10-20 J
(घ) 2J ऊर्जा में क्वाण्टम की संख्या
32-27 × 10-20 J ऊर्जा में क्वाण्टम की संख्या = 1
2J ऊर्जा में क्वाण्टम की संख्या
= \(\frac{2}{32.27 \times 10^{-20}}\)
= 6.2 × 1018
प्रश्न 48.
खगोलीय प्रेक्षणों में दूरस्थ तारों से मिलने वाले संकेत बहुत कमजोर होते हैं। यदि प्रोटॉन संसूचक 600 nm के विकिरण से कुल 3-15 × 10-18 J प्राप्त करता है तो संसूचक द्वारा प्राप्त फोटॉनों की संख्या की गणना कीजिए।
हल:
एक फोटॉन की ऊर्जा = hυ = h\(\frac { c }{ λ }\)
= \(\frac{\left(6.626 \times 10^{-34} \mathrm{Js}\right)\left(3 \times 10^8 \mathrm{~ms}^{-1}\right)}{\left(600 \times 10^{-9} \mathrm{~m}\right)}\)
= 3.313 × 10-19 J
कुल प्राप्त ऊर्जा = 3.15 × 10-18 J
प्राप्त फोटॉनों की संख्या = \(\frac{3.15 \times 10^{-18}}{3.313 \times 10^{-19}}\)
= 9.51 ≈ 10
प्रश्न 49.
उत्तेजित अवस्थाओं में अणुओं के जीवनकाल का माप प्रायः लगभग नैनो सेकेण्ड परास वाले विकिरण स्रोत का उपयोग करके किया जाता है। यदि विकिरण स्रोत का काल 2ns और स्पंदित विकरण स्रोत के दौरान उत्सर्जित फोटॉनों की संख्या 2.5 x 1015 है तो स्रोत की ऊर्जा की गणना कीजि।
हल:
स्रोत में विकिरण की अवधि
T = 2 ns = 2 × 10-9 s
आवृत्ति = \(\frac{1}{2 \times 10^{-9}}\)
= 0.5 × 109 s-1
ऊर्जा = nhv = (2.5 x 1015) (6.626 x 10-34Js) (0.5 x 109 s-1)
= 8.28 ×10-10 J
प्रश्न 50.
सबसे लम्बी द्विगुणित तरंगदैर्ध्य जिंक अवशोषण संक्रमण 589 और 589-6nm पर देखा जाता है। प्रत्येक संक्रमण की आवृत्ति और दो उत्तेजित अवस्थाओं के बीच ऊर्जा के अन्तर की गणना कीजिए।
हल :
λ1 = 589 nm = 589 x 10-9m
∴ υ = \(\frac { c }{ λ }\) = \(\frac{3.0 \times 10^8 \mathrm{~ms}^{-1}}{589 \times 10^{-9} \mathrm{~m}}\)
= 5.093 × 1014 s-1
λ2 = 589.6nm = 589.6 × 10-9m
∴ υ2 = \(\frac { c }{ λ2 }\) = \(\frac{3.0 \times 10^8 \mathrm{~ms}^{-1}}{589.6 \times 10^{-9} \mathrm{~m}}\)
= 5.008 × 1014 s-1
∆E = E2 – E1 = h (υ2 – υ1)
= (6.626 × 10-34 Js) (5.93 – 5.088) x 1014 s-1
= 3.31 × 10-22 J
प्रश्न 51.
सीजियम परमाणु का कार्य फलन 1-9 eV है तो
(क) उत्सर्जित विकिरण की देहली तरंगदैर्ध्य,
(ख) देहली आवृत्ति की गणना कीजिए।
यदि सीजियम तत्व को 500 nm की तरंगदैर्ध्य के साथ विकीर्णित किया जाये तो निकले हुए फोटो-इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा और वेग की गणना कीजिए।
हल:
(क) कार्य फलन (W0) = hυ0
∴ υ0 = \(\frac{\left(W_0\right)}{h}=\frac{1.9 \times 1.602 \times 10^{-19} \mathrm{~J}}{6.626 \times 10^{-34} \mathrm{Js}}\)
= 4.59 × 1014 s-1
(ख) λ0 = \(\frac{c}{v_0}=\frac{3.0 \times 10^8 \mathrm{~ms}^{-1}}{4.59 \times 10^{14} \mathrm{~s}^{-1}}\)
= 6.54 x 10-7 m
= 654 × 10-9 m
उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन की K.E. = 654nm
= h(v-vo ) = hc\(\left(\frac{1}{\lambda}-\frac{1}{\lambda_0}\right)\)
= (6·626 × 10-34 Js) (3.0 x 108 ms-1)\(\left(\frac{1}{500 \times 10^{-9} \mathrm{~m}}-\frac{1}{654 \times 10^{-9} \mathrm{~m}}\right)\)
= \(\frac{6.626 \times 3.0 \times 10^{-26}}{10^{-9}}\left(\frac{154}{500 \times 654}\right) \mathrm{J}\)
= 9.36 × 10-20 J
K.E.= \(\frac { 1 }{ 2 }\) mv² =9.36×10-20 J
∴ \(\frac { 1 }{ 2 }\) x (9.11 × 10-31 kg)v² = 9.36 × 10-20 kg m² s²
या v² = 2055 x 10-11 m² s-2
= 20.55 × 1010 m² s-2
या v = 4.53 × 105 ms-1
प्रश्न 52.
जब सोडियम धातु को विभिन्न तरंगदैर्ध्य के साथ विकीर्णित किया जाता है तो निम्नलिखित परिणाम प्राप्त होते हैं –
λ (nm) | 500 | 450 | 400 |
v × 10-5 (cm s-1) | 2.55 | 4.35 | 5.35 |
(क) देहली तरंगदैर्ध्य और (ख) प्लांक स्थिरांक की गणना कीजिए।
हल:
माना कि देहली तरंगदैर्ध्य
= λ0 nm = λ0 x 10-9 m
h (v – v0) = \(\frac { 1 }{ 2 }\)mv² या hc\(\left(\frac{1}{\lambda}-\frac{1}{\lambda_0}\right)\) = \(\frac { 1 }{ 2 }\)mv²
तीनों परिणामों को जोड़ने पर –
इस मान को समीकरण (iii) में रखने पर
= \(\frac{h \times\left(3 \times 10^8\right)}{10^{-9}}\left(\frac{1}{400}-\frac{1}{531}\right)\)
= \(\frac { 1 }{ 2 }\)(9.11 × 10-31)(5.20 × 105)²
h = 6.66 × 10-34 Js
प्रश्न 53.
प्रकाश विद्युत प्रभाव प्रयोग में सिल्वर धातु से फोटो इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन 0.35V की वोल्टता द्वारा रोका जा सकता है। जब 256.7 nm के विकिरण का उपयोग किया जाता है तो सिल्वर धातु के लिए कार्य फलन की गणना कीजिए।
हल:
विकिरण की ऊर्जा कार्य फलन +फोटो इलेक्ट्रॉन की गतिज
ऊर्जा
कार्यफलन = विकिरण ऊर्जा फोटो इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा E = hv = h\(\frac { c }{ λ }\)
= \(\frac{\left(6.626 \times 10^{-34} \mathrm{Js}\right)\left(3.0 \times 10^8 \mathrm{~ms}^{-1}\right)}{\left(256.7 \times 10^{-9} \mathrm{~m}\right)}\)
= 7.74 × 10-19 J
= 4·83 eV (1 eV = 1.602 × 10-19 J)
अत: इलेक्ट्रॉन की K. E. = 0.35 eV
∴ कार्य फलन = 4.83 eV – 0.35 ev
= 4.48 ev
प्रश्न 54.
यदि 150 pm तरंगदैर्ध्य का फोटॉन एक परमाणु से टकराता है और उसके अन्दर बंधा हुआ इलेक्ट्रॉन 1.5 x 107 ms-1 वेग से बाहर निकलता है तो उस ऊर्जा की गणना कीजिए। जिससे यह नाभिक से बंधा हुआ है।
हल:
फोटॉन की ऊर्जा
= \(\frac{h c}{\lambda}=\frac{\left(6.626 \times 10^{-34} \mathrm{Js}\right)\left(3.0 \times 10^8 \mathrm{~ms}^{-1}\right)}{\left(150 \times 10^{-12} \mathrm{~m}\right)}\)
= 13.25 × 10-16 J
(150 × 10-12 m )
बाहर निकलने वाले इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा
= \(\frac { 1 }{ 2 }\)mv²
= \(\frac { 1 }{ 2 }\) (9.11 × 10-31 kg) (1.5 × 107 ms-1)²
= 1.025 × 10-16 J
इलेक्ट्रॉन की नाभिक से बंधे रहने की ऊर्जा = (टकराने वाले फॉटोन की ऊर्जा) – (गतिज ऊर्जा)
= 13.25 × 10-16 J – 1.025 × 10-16 J
= 12.225 × 10-16
= \(\frac{12.225 \times 10^{-16}}{1.602 \times 10^{-19}}\)eV
= 7.63 x 10 ev
प्रश्न 55.
पाश्चन श्रेणी का उत्सर्जन संक्रमण n कक्ष से आरम्भ होता है। कक्ष n = 3 में खत्म होता है तथा इसे v = 3.29 × 1015 (Hz) \(\left[\frac{1}{3^2}-\frac{1}{n^2}\right]\) से दर्शाया जा सकता है। यदि संक्रमण 1285nm पर प्रेक्षित होता है तो ” के मान की गणना कीजिए तथा स्पेक्ट्रम का क्षेत्र बताइए।
हल:
v = \(\frac{c}{\lambda}=\frac{3.0 \times 10^8 \mathrm{~ms}^{-1}}{1285 \times 10^{-9} \mathrm{~m}}\)
= 3.29 × 1015\(\left[\frac{1}{3^2}-\frac{1}{n^2}\right]\)
\(\frac{1}{n^2}=\frac{1}{9}-\frac{3.0 \times 10^8}{1285 \times 10^{-9}} \times \frac{1}{3.29 \times 10^{15}}\)
= 0.111 – 0.071 = 0.04 =
n² = 25, n = 5
1285 nm का विकिरण स्पैक्ट्रम के अवरक्त (Infrared) क्षेत्र में होता है।
प्रश्न 56.
उस उत्सर्जन संक्रमण के तरंगदैर्ध्य की गणना कीजिए जो 1.3225 nm त्रिज्या वाले कक्ष से आरम्भ और 211.6pm पर समाप्त होता है। इस संक्रमण की श्रेणी का नाम और स्पेक्ट्रम का क्षेत्र बताइए।
हल:
H-जैसे कणों के लिये nth कक्षक की त्रिज्या = \(\frac{0.529 n^2}{Z}\) = \(\frac{52 \cdot 9 n^2}{Z}\)pm
r1 = 1.3225 nm = 1322.5pm
= 52.9 n²1 pm
n²1 = \(\frac { 1322.5 }{ 52.9 }\) = 25
n1 = 5
r2 = 211·6 pm = 52.9 n²22 pm
n²2 = \(\frac { 211.6 }{ 52.9 }\) = 4
n2 = 2
अत: n2 = 2, n = 5
चूँकि संक्रमण पाँचवें से द्वितीय कक्ष में होता है। अतः यह बामर श्रेणी है।
\(\overline{\mathrm{υ}}\) = 1.097 × 107m-1\(\left(\frac{1}{2^2}-\frac{1}{5^2}\right)\)
= 10-9 x \(\frac { 21 }{ 100 }\) x 107 m-1
या λ = \(\frac { 1 }{ υ }\)
= \(\frac{100}{1.097 \times 21 \times 10^7}\)m = 434 x 10-9m
यह दृश्य (Visible) स्पेक्ट्रम क्षेत्र में पड़ता है।
प्रश्न 57.
डी-ब्रॉग्ली द्वारा प्रतिपादित द्रव्य के दोहरे व्यवहार से इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी की खोज हुई जिसे जैव अणुओं और अन्य प्रकार के पदार्थों की अति आवर्धित प्रतिबिम्ब के लिए उपयोग में लाया जाता है। इस सूक्ष्मदर्शी में यदि इलेक्ट्रॉन का वेग 1.6 x 106ms-1 है तो इस इलेक्ट्रॉन से सम्बन्धित डी-ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य की गणना कीजिए।
हल:
डी-ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य
λ = \(\frac { h }{ mv }\)
= \(\frac{6.626 \times 10^{-34} \mathrm{~kg} \mathrm{~m}^2 \mathrm{~s}^{-1}}{\left(9.11 \times 10^{-31} \mathrm{~kg}\right)\left(1.6 \times 10^6 \mathrm{~ms}^{-1}\right)}\)
= 4.55 ×10-10 m
= 455 pm
प्रश्न 58.
इलेक्ट्रॉन विवर्तन के समान न्यूट्रॉन विवर्तन सूक्ष्मदर्शी को अणुओं की संरचना के निर्धारण में प्रयुक्त किया जाता है। यदि यहाँ 800 pm की तरंगदैर्ध्य ली जाये तो न्यूट्रॉन से सम्बन्धित अभिलाक्षणिक वेग की गणना कीजिए।
हल:
तरंगदैर्ध्य λ = 800pm = 800 × 10-12 m
= 8 ×10-10 m
न्यूट्रॉन का द्रव्यमान = 1675 x 10-27 kg
λ = \(\frac { h }{ mv }\) या v = \(\frac { h }{ mλ }\)
= \(\frac{6.626 \times 10^{-34} \mathrm{~kg} \mathrm{~m}^2 \mathrm{~s}^{-1}}{1.675 \times 10^{-27} \mathrm{~kg} \times 8 \times 10^{-10} \mathrm{~m}}\)
= \(\frac{6.625}{1.675 \times 8}\)
= 4.94 × 10² ms-1
प्रश्न 59.
यदि बोर के प्रथम कक्ष में इलेक्ट्रॉन का वेग 2.9 x 106 ms-1 है तो इससे सम्बन्धित डी-ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य की गणना कीजिए ।
हल:
बोर के प्रथम कक्ष में इलेक्ट्रॉन का वेग
= 2.9 × 106ms-1
h = 6-626 × 10-34m 2s-1
इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान = 9-11 × 10-31 kg
λ = \(\frac { h }{ mv }\)
= \(\frac{6.626 \times 10^{-34} \mathrm{~kg} \mathrm{~m}^2 \mathrm{~s}^{-1}}{9.11 \times 10^{-31} \times 2.9 \times 10^6}\)
= 3.32 ×10-10m = 332 pm
प्रश्न 60.
एक प्रोटॉन जो 1000 V के विभवान्तर में गति कर रहा है, से सम्बन्धित वेग 4.37 x 105 ms-1 है। यदि 0.1 kg द्रव्यमान की हॉकी की गेंद इस वेग से गतिमान है तो इससे सम्बन्धित तरंगदैर्ध्य की गणना कीजिए।
हल:
हॉकी की गेंद का वेग
v = 4.37 × 105 ms-1
गेंद का द्रव्यमान m = 0.1 kg
λ = \(\frac{h}{m v}=\frac{6.626 \times 10^{-34} \mathrm{~kg} \mathrm{~m}^2 \mathrm{~s}^{-1}}{0.1 \times 4.37 \times 10^5 \mathrm{~ms}^{-1}}\)
= 1·516 × 10-28 m
प्रश्न 61.
यदि एक इलेक्ट्रॉन की स्थिति को ± 0.002 nm की शुद्धता से मापा जाता है तो इलेक्ट्रॉन के संवेग में अनिश्चितता की गणना कीजिए। यदि इलेक्ट्रॉन का संवेग h/4πm x 0.05nm है तो क्या इस मान को निकालने में कोई कठिनाई होगी?
हल:
यह सम्भव नहीं है क्योंकि संवेग का मान अनिश्चितता के मान से बहुत कम है।
प्रश्न 62.
छ: इलेक्ट्रॉनों की क्वाण्टम संख्या नीचे दी गई है। इन्हें ऊर्जा के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए। क्या इनमें से किसी की ऊर्जा समान है?
1. n = 4 l = 2 ms = – 1 / 2 ml = 2
2. n = 3 l = 2 ms = + 1 / 2 ml = 1
3. n = 4 l = 1 ms = + 1 / 2 ml = 0
4. n = 3 l = 2 ms = – 1 / 2 ml = – 2
5. n = 3 l = 1 ms = + 1 / 2 ml = – 1
6. n = 4 l = 1 ms = – 1 / 2 ml = 0
हल:
इलेक्ट्रॉन कक्षक के क्रम इस प्रकार हैं-
(1) 4d (2) 3d (3) 4p (4) 3d (5) 3p तथा (6) 4p
संयोजन (2) तथा (4) की ऊर्जाएँ समान होंगी। इसी प्रकार (3) तथा (6) की ऊर्जाएँ समान होंगी।
ऊर्जा का बढ़ता क्रम निम्न प्रकार है –
(5) < 2 (4) < (6) = (3) < (1)
प्रश्न 63.
ब्रोमीन परमाणुओं में 35 इलेक्ट्रॉन होते हैं। इसके 2p कक्षक में छः इलेक्ट्रॉन, 3p कक्षक में छः इलेक्ट्रॉन तथा 4p कक्षक में पाँच इलेक्ट्रॉन होते हैं। इनमें से कौन-सा इलेक्ट्रॉन न्यूनतम प्रभावी नाभिकीय आवेश अनुभव करता है।
हल:
जैसे-जैसे नाभिक से दूर जाते हैं नाभिकीय आवेश घटता जाएगा, अत: 4p कक्षक में उपस्थित इलेक्ट्रॉन सबसे कम नाभिकीय आवेश अनुभव करता है। 4p अन्तिम कक्षक है। Br (35) : 1s², 2s²
2p6, 3s² 3p6 3d10, 4s² 4p5।
प्रश्न 64.
निम्नलिखित में से कौन-सा कक्षक उच्च प्रभावी नाभिकीय आवेश अनुभव करेगा?
(i) 2s और 3s (ii) 4d और 5f तथा (iii) 3d और 3p
उत्तर:
(i) 2s इलेक्ट्रॉन अधिक प्रभावी नाभिकीय आवेश अनुभव करेंगे।
(ii) 4d इलेक्ट्रॉन अधिक प्रभावी नाभिकीय आवेश अनुभव करेंगे।
(iii) 3p इलेक्ट्रॉन अधिक प्रभावी नाभिकीय आवेश अनुभव करेंगे।
प्रश्न 65.
Al तथा Si में 3p कक्षक में अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होते हैं। कौन-सा इलेक्ट्रॉन नाभिक से अधिक प्रभावी नाभिकीय आवेश अनुभव करेगा?
हल:
Al (13) : 1s² 2s² 2p6 3s² 3p1
Si (14) : 1s² 2s² 2p6 3s² 3px1 3py1
सिलिकान (Si) में उपस्थित अयुग्मित इलेक्ट्रॉन अत्यधिक प्रभावी नाभिकीय आवेश अनुभव करेंगे। क्योंकि Si का परमाणु क्रमांक Al से अधिक है।
प्रश्न 66.
इनमें अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या बताइए-
(क) P (ख) Si (ग) Cr (घ) Fe (ङ) Kr
हल:
(क) P (15) : 1s² 2s² 2p6 3s² 3px1 3py1 3pz1
3- अयुग्मित इलेक्ट्रॉन हैं
(ख) Si (14) : 1s² 2s² 2p6 3s² 3px1 3py1
2- अयुग्मित इलेक्ट्रॉन हैं।
(ग) Cr (24) : 1s² 2s² 2p6 3s² 3p6 4s1 3d5
6- अयुग्मित इलेक्ट्रॉन हैं।
(घ) Fe (26) : 1s² 2s² 2p6 3s² 3p6 4s² 3a6
4- अयुग्मित इलेक्ट्रॉन हैं।
(ड.) Kr (36) : 1s² 2s² 2p6 3s² 3p6 4s² 3d10 4p6
कोई अयुग्मित इलेक्ट्रॉन नहीं है।
प्रश्न 67.
(क) n = 4 से सम्बन्धित कितने उपकोश हैं?
(ख) उस उपकोश में कितने इलेक्ट्रॉन उपस्थित होंगे जिसके लिए
ms = – \(\frac { 1 }{ 2 }\) एवं n = 4 है।
हल:
(क) n = 4
l = 0, 1, 2, 3, (0 से (n – 1) तक)
l = 0 4s
l = 1 4p
l = 2 4d
l = 3 4f
चार उपकोश 4s, 4p, 4d, 4f होंगे।
(ख) n = 4 ms = 1/2 अत : कुल 16 इलेक्ट्रॉन होंगे।