Haryana State Board HBSE 11th Class Physics Solutions Chapter 15 तरंगें Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 11th Class Physics Solutions Chapter 15 तरंगें
प्रश्न 1.
2.5 kg द्रव्यमान की 20 cm लम्बी तानित डोरी पर 200N बल का तनाव है। यदि इस डोरी के एक सिरे को अनुप्रस्थ झटका दिया जाए तो उत्पन्न विक्षोभ कितने समय में दूसरे सिरे तक पहुँचेगा?
उत्तर:
अनुप्रस्थ तरंग की चाल v = \(\sqrt{\frac{\mathrm{T}}{m}}\)
दिया है : तनाव T = 200 N, लम्बाई l = 20 cm = 0.2m
प्रति एकांक तार की लम्बाई का द्रव्यमान,
m = M/L = \(\frac{2.50}{0.2}\)
= 12.5 kg m-1
∴ डोरी में अनुप्रस्थ तरंग की चाल
v = \(\sqrt{\frac{\mathrm{T}}{m}}=\sqrt{\frac{200 \mathrm{~N}}{12.5 \mathrm{~kg} \mathrm{~m}^{-1}}}\)
= 4ms-1
विक्षोभ को दूसरे सिरे तक पहुँचने में या 0.2m दूरी तय करने
में लगा समय
t = \(\frac{0.2 \mathrm{~m}}{4 \mathrm{~ms}^{-1}}\)
= 0.05s
प्रश्न 2.
300m ऊँची मीनार के शीर्ष से गिराया गया पत्थर मीनार के आधार पर बने तालाब के पानी से टकराता है। यदि वायु में ध्वनि की चाल 340ms-1 है तो पत्थर के टकराने की ध्वनि मीनार के शीर्ष पर पत्थर गिराने के कितनी देर बाद सुनाई देगी? (g = 9.8ms-2)
उत्तर:
माना पत्थर को तालाब तक पहुँचने में t1 समय तथा ध्वनि को 4 तालाब से मीनार के शीर्ष तक पहुँचने में t2 समय लगता है। तब लिया गया कुल समय t1 + t2 होगा।
पत्थर की मीनार के शीर्ष से तालाब तक गति
u = 0, h = 300 m, g = 9.8ms 2, समय = t1
h = ut + \(\frac{1}{2}\) gt2 से,
300 = 0 × t + \(\frac{1}{2}\) × 9.8 × t12
या
t1 = \(\sqrt{\frac{2 \times 300}{9.8}}\)
= 7.8 s
ध्वनि की तालाब के तल से मीनार के शीर्ष तक गति में तय दूरी h = 300 m, ध्वनि की चाल = 340ms-1
∴ ध्वनि को शीर्ष तक पहुँचने में लगा समय
t2 = \(\frac{h}{v}=\frac{300}{340}\)
= 0,9 s
अतः पत्थर को गिराने से लेकर ध्वनि के मीनार के शीर्ष तक पहुँचने में लगा समय
T = t1 + t2 = 7.8 + 0.9 = 8.7s
प्रश्न 3.
12.0m लम्बे स्टील के तार का द्रव्यमान 2.1 kg है। तार में कितना तनाव होना चाहिए ताकि उस तार पर किसी अनुप्रस्थ तरंग की चाल 20°C पर शुष्क वायु में ध्वनि की चाल (343 ms-1) के बराबर हो।
उत्तर:
अनुप्रस्थ तरंग की चाल v = \(\sqrt{\frac{\text { I }}{m}}\) से,
तनाव
T = v2m
दिया है
v = 20°C पर वायु में ध्वनि की चाल
= 343 ms-1
तार की प्रति एकांक लम्बाई का द्रव्यमान
m = \(\frac{\mathrm{M}}{\mathrm{L}}=\frac{2.1 \mathrm{~kg}}{12 \mathrm{~m}}\)
∴ तार में तनाव
T = (343)2 × \(\left(\frac{2.1}{12}\right)\)
= 2.06 x 104 न्यूटन
प्रश्न 4.
सूत्र v = \(\sqrt{\frac{\gamma \mathrm{P}}{\rho}}\) का उपयोग करके स्पष्ट कीजिए कि वायु
में ध्वनि की चाल क्यों
(a) दाब पर निर्भर नहीं करती,
(b) ताप के साथ बढ़ जाती है, तथा
(c) आर्द्रता के साथ बढ़ जाती है?
उत्तर:
(a) वायु में ध्वनि की चाल v = \(\sqrt{\frac{\gamma \mathrm{P}}{\rho}}\)
यदि गैस का अणुभार M तथा घनत्व d हो तो
गैस का आयतन V =
∴ गैस समीकरण PV = RT से
p \(\frac{\mathrm{M}}{d}\) = RT
या
\(\frac{\mathrm{P}}{d}=\frac{\mathrm{RT}}{\mathrm{M}}\)
नियतांक (ताप स्थिर रहने पर)।
अतः यदि वायु अथवा गैस का ताप नियत रहे तो ध्वनि की चाल पर दाब परिवर्तन का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(b) वायु में ध्वनि की चाल पर ताप का प्रभाव: वायु में ध्वनि की
चाल का व्यंजक
v = \(\sqrt{\frac{\gamma \mathrm{P}}{d}}=\sqrt{\frac{\gamma \mathrm{RT}}{\mathrm{M}}}\)
या
v = \(\sqrt{\frac{\gamma \cdot \mathrm{RT}}{\mathrm{M}}}\)
अतः किसी गैस में ध्वनि की चाल उसके परमताप T के वर्गमूल के अनुक्रमानुपाती होती है अर्थात्
V ∝ √T
(c) वायु में ध्वनि की चाल पर आर्द्रता का प्रभाव – आर्द्र वायु (जलवाष्प मिली हुई) का घनत्व d, शुष्क वायु के घनत्व की तुलना कम होता है। इस कारण आई वायुमें ध्वनि की चाल शुष्क वायु की तुलना में बढ़ जाती है क्योंकि
V ∝ \(\frac{1}{\sqrt{\rho}}\)
प्रश्न 5.
आपने यह सीखा है कि एक विमा में कोई प्रगामी तरंग y = f (x,t) द्वारा निरूपित की जाती है जिसमें x तथा t को x-vt अथवा x + vt अर्थात् y = f (x±vt) संयोजन में प्रकट होना चाहिए। क्या इसका प्रतिलोम भी सत्य है? नीचे दिए गए के प्रत्येक फलन का परीक्षण करके यह बताइए कि वह किसी प्रगामी तरंग को निरूपित कर सकता है-
(a) (x – vt)2
(b) log [ (x + vt)/x0]
(c) 1/(x + vt)
उत्तर:
इसका प्रतिलोम सत्य नहीं है। फलन f(x±vt) को प्रगामी तरंग निरूपित करने के लिए इस फलन को प्रत्येक क्षण तथा प्रत्येक बिन्दु पर निश्चित तथा परिमित होना चाहिए।
(a) जब x → ∞ अथवा t → ∞ तब फलन (x-vt)2अपरिमित हो जाएगा, अत: यह फलन प्रगामी तरंग को निरूपित नहीं कर सकता।
(b) जब x → ∞ अथवा t → ∞ तब फलन log \(\left(\frac{x+v t}{x_0}\right)\) अनन्त की ओर अग्रसर हो जाता है अतः यह प्रगामी तरंग प्रदर्शित नहीं कर सकता।
(c) समय x → ∞ अथवा t → ∞ पर फलन \(\frac{1}{x+v t}\) निश्चित रहता है, अतः यह फलन सम्भवतः प्रगामी तरंग प्रकट कर सकता है।
प्रश्न 6.
कोई चमगादड़ वायु में 1000 kHz आवृत्ति की पराश्रव्य ध्वनि उत्सर्जित करता है। यदि यह ध्वनि जल के पृष्ठ से टकराती है। तो (a) परावर्तित ध्वनि तथा (b) पारगमित ध्वनि की तरंगदैर्ध्य ज्ञात कीजिए। वायु तथा जल में ध्वनि की चाल क्रमश: 340 ms-1 तथा 1486 ms-1 है।
उत्तर:
दिया है तरंग की आवृत्ति 1000 kHz = 106Hz
(a) वायु में ध्वनि की चाल v1 = 340ms-1
∴ परावर्तित ध्वनि (जो वायु में गति करती है) की तरंगदैर्घ्य
λ1 = \(\frac{v_1}{v}=\frac{340 \mathrm{~ms}^{-1}}{10^6 \mathrm{~Hz}}\)
= 3.4 x 10-4 m
(b) जल में ध्वनि की चाल v2 = 1486ms-1 तरंग की आवृत्ति जल में भी 106 Hz ही रहेगी।
∴ जल में तरंग की तरंगदैर्घ्य
λ2 = \(\frac{v_2}{v}=\frac{1486 \mathrm{~ms}^{-1}}{10^6 \mathrm{~Hz}}\)
= 1.49 × 10-3 m
प्रश्न 7.
किसी अस्पताल में ऊतकों में ट्यूमरों का पता लगाने के लिए पराश्रव्य स्कैनर का प्रयोग किया जाता है। उस ऊतक में ध्वनि में तरंगदैर्ध्य कितनी है जिसमें ध्वनि की चाल 1.7 kms-1 है? स्कैनर की प्रचालन आवृत्ति 4.2 MHz है।
उत्तर:
दिया है ऊतक में ध्वनि की चाल
v = 1.7 kms-1 = 1700ms-1
तथा आवृत्ति v = 4.2 MHz = 4.2 x 106 Hz
ध्वनि की तरंगदैर्घ्य
λ = \(\frac{v}{v}=\frac{1700 \mathrm{~ms}^{-1}}{4.2 \times 10^6 \mathrm{~Hz}}\)
= 4.1 × 10-4 m
प्रश्न 8.
किसी डोरी पर कोई अनुप्रस्थ गुणावृत्ति तरंग का वर्णन
y (x, t) = 3.0 sin (36 + 0.018x + R / 4)
द्वारा किया जाता है। यहाँ x तथा y सेण्टीमीटर में तथा t सेकंड में है। x की धनात्मक दिशा बाएँ से दाएँ है।
(a) क्या यह प्रगामी तरंग है अथवा अप्रगामी ? यदि यह प्रगामी तरंग है तो इसकी चाल तथा संचरण की दिशा क्या है?
(b) इसका आयाम तथा आवृत्ति क्या है?
(c) उद्गम के समय इसकी आरंभिक कला क्या है?
(d) इस तरंग में दो क्रमागत शिखरों के बीच की न्यूनतम दूरी क्या है?
उत्तर:
(a) दी गई तरंग, एक प्रगामी तरंग है जो x अक्ष की ऋण दिशा में गति कर रही है।
दिए गए समीकरण की तुलना प्रामाणिक समीकरण
y = a sin (ωt + kx + Φ) से करने पर
a = 3 cm, 9 = 36 rads-1
k = 0.018 rad cm-1
Φ = \(\frac{\pi}{4}\) rad
∴ तरंग की चाल v = \(\frac{\omega}{k}=\frac{36 \mathrm{rad} \mathrm{s}^{-1}}{0.018 \mathrm{rad} \mathrm{cm}^{-1}}\)
0.018 rad cm = 20 ms-1
(b) आयाम a = 3 cm
तथा आवृत्ति
v = \(\frac{\omega}{2 \pi}=\frac{36 \mathrm{rad} \mathrm{s}^{-1}}{6.28 \mathrm{rad}}\) = 5.7Hz
(c) उद्गम के समय तरंग की प्रारंभिक कला
Φ = \(\frac{\pi}{4}\)
(d) दो क्रमागत शिखरों के बीच की औसत दूरी
= 349 cm = 3.5m
प्रश्न 9.
प्रश्न 8 में वर्णित तरंग के लिए x = 0 cm, 2 cm तथा 4 cm के लिए विस्थापन (y) और समय (t) के बीच ग्राफ आलेखित कीजिए। इन ग्राफों की आकृति क्या है? आयाम, आवृत्ति अथवा कला में से किन पहलुओं में प्रगामी तरंग में दोलनी गति एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु पर भिन्न है?
उत्तर:
दी गई समीकरण है:
y (x, t) = 3.0 sin (36t + 0.018x + \(\frac{\pi}{4}\) )
(a) x = 0 पर, y(0,t) = 3.0 sin (36t + \(\frac{\pi}{4}\) )
(b) x = 2 cm पर,
y (2, t) = 3 sin (36t + 0.036 + \(\frac{\pi}{4}\) )
(c) x = 4 cm पर,
y(4, t) = 3 sin (36 + 0.072 + \(\frac{\pi}{4}\) )
y-t ग्राफ चित्र में प्रदर्शित है।
इनकी प्रारम्भिक कलाएँ क्रमशः \(\frac{\pi}{4}\) , \(\frac{\pi}{4}\) + 0.036 तथा \(\frac{\pi}{4}\) + 0·072 हैं।
स्पष्टतः ये केवल प्रारम्भिक कला में भिन्न हैं।
प्रश्न 10.
प्रगामी गुणावृत्ति तरंग
y (x, t) = 2.0 cos 2π (10t – 0.0080x + 0.35)
जिसमें x तथा को cm में तथा t को s में लिया गया है, के लिए उन दो दोलनी बिन्दुओं के बीच कलान्तर कितना है जिनके बीच की दूरी है
(a) 4m (b ) 0.5m (c) λ/2 (d) 3λ/4
उत्तर:
दी गई समीकरण की प्रगामी तरंग की प्रामाणिक समीकरण
y = a cos (ωt – kx + Φ) से तुलना करने पर,
y (x, t) = 2 cos 2π(10t – 0.0080x + 0.35)
y = 2.0 cos (20πt – 0016xπ + 0.70π)
∴ k = 0.016rad/m
λ = \(\frac{2 \pi}{k}\) = \(\frac{2 \pi}{0.016 \pi}\) = \(\frac{2000}{16}\)
= 125 cm = 1.25 m
(a) जब ∆x = 4 मी. तो कलान्तर
∆¢ = \(\frac{2 \pi}{\lambda}\) . ∆x = \(\frac{2 \pi}{1.25}\) × 4 = 6.4 रेडियन
(b) जब ∆x = 0.5m, तो कलान्तर
∆¢ = \(\frac{2 \pi}{1.25}\) x 0.5 = 0.8π रेडियन
(c) जब ∆x = \(\frac{\lambda}{2}\) तो
∆¢ = \(\frac{2 \pi}{\lambda}\) × \(\frac{\lambda}{2}\) = π रेडियन
(d) जब ∆x = \(\frac{3 \lambda}{4}\) तो
∆¢ = \(\frac{2 \pi}{\lambda}\) × \( \left(\frac{3 \lambda}{4}\right)\) = 1.5π रेडियन
प्रश्न 11.
दोनों सिरों पर परिबद्ध किसी तानित डोरी पर अनुप्रस्थ विस्थापन को इस प्रकार व्यक्त किया गया है:
y(x,t) = 0.06 sin(\(\frac{2 \pi}{3}\) x) cos (120πt)
जिसमें x तथा को m तथा कोs में लिया गया है। इसमें डोरी की लम्बाई 1.5 m है जिसकी संहति 3.0 x 10-2 kg है। निम्नलिखित के उत्तर दीजिए
(a) यह फलन प्रगामी तरंग अथवा अप्रगामी तरंग में से किसे निरूपित करता है?
(b) इसकी व्याख्या विपरीत दिशाओं में गमन करती दो तरंगों के अध्यारोपण के रूप में करते हुए प्रत्येक तरंग की तरंगदैर्ध्य, आवृत्ति तथा चाल ज्ञात कीजिए।
(c) डोरी में तनाव ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
(a) दिया गया समीकरण एक अप्रगामी तरंग को निरूपित करता है।
(b) दिया गया समीकरण
y (x, t) = 0.06 sin \(\left(\frac{2 \pi x}{3}\right)\) cos (120πt)
= 0.03[2sin \(\left(\frac{2 \pi x}{3}\right)\) cos (120πt)]
∵ 2 sin A cos B = sin (A + B)+ sin (A – B)
अत: y(x,t) = 0.03 sin[sin(\(\left(\frac{2 \pi x}{3}\right)\) + 120πt) + sin(\(\left(\frac{2 \pi x}{3}\right)\) – 120πt)]
= 0.03sin(\(\left(\frac{2 \pi x}{3}\right)\) + 120πt) + 0.03sin(\(\left(\frac{2 \pi x}{3}\right)\) – 120πt)
इस प्रकार यह तरंग दो विपरीत दिशा में गतिमान तरंगों क्रमशः
y1 = 0.03 sin(\(\left(\frac{2 \pi x}{3}\right)\) + 120πt)
तथा
y2 = 0.03 sin(\(\left(\frac{2 \pi x}{3}\right)\) – 120πt) के अध्यारोपण से बनी है।
इन तरंगों के लिए,
k = \(\frac{2 \pi}{3} \) rad m-1
ω = 120π rad m-1
∴ आवृत्ति v = \(\frac{\omega}{2 \pi}\) = 60Hz
तरंगदैर्घ्य λ = \(\frac{2 \pi}{k}\) = 3m तथा रंग
चाल v = \(\frac{\omega}{k}=\frac{120 \pi}{2 \pi / 3}\) = 180ms-1
(c) डोरी की लम्बाई l = 1.5m
तथा
द्रव्यमान M= 3 x 10-2 kg
∴ डोरी की एकांक लम्बाई का द्रव्यमान
m = \(\frac{\mathrm{M}}{l}\) = \(\frac{3 \times 10^{-2} \mathrm{~kg}}{1.5 \mathrm{~m}}\)
= 2 × 10-2 kg m-1
v = 180ms-1, यदि डोरी में तनाव T हो
v = \(\sqrt{\frac{\mathrm{T}}{m}}\)
अतः डोरी में तनाव T = mv2
∴ T = 2 × 10-2 kg m-1 x (180ms-1)2
= 648N
प्रश्न 12.
(i) प्रश्न 11 में वर्णित डोरी पर तरंग के लिए बताइए कि क्या डोरी के सभी बिन्दु समान (a) आवृत्ति (b) कला, (c) आयाम से कम्पन करते हैं? अपने उत्तरों को स्पष्ट कीजिए।
(ii) एक सिरे से 0.375m दूर के बिन्दु का आयाम कितना है?
उत्तर:
(i) (a) निस्पंदों को छोड़कर डोरी के अन्य सभी बिन्दुओं की आवृत्ति तथा कला समान है, परन्तु आयाम समान नहीं है एवं डोरी के सभी बिन्दुओं की आवृत्ति समान 60 Hz है।
(b) कला x व t के साथ बदलती है, अतः सभी बिन्दु एक ही कला में कम्पन नहीं करते।
(c) x दूरी पर आयाम a = 0.06 sin \(\frac{2 \pi x}{3}\)
स्पष्ट है कि आयाम बिन्दु की स्थिति पर निर्भर करता है, अतः डोरी के सभी बिन्दुओं का आयाम समान नहीं है।
(ii) a = 0.06 sin\(\frac{2 \pi x}{3}\) में x = 0.375 m रखने पर,
आयाम a = 0.06 sin \(\left(\frac{2 \pi \times 0.375}{3}\right)\)
= 0.06 sin \(\frac{\pi}{4}\)
= 0.06 × \(\frac{1}{\sqrt{2}}\)
= 0.042m
प्रश्न 13.
नीचे किसी प्रत्यास्थ तरंग (अनुप्रस्थ अथवा अनुदैर्ध्य) के विस्थापन को निरूपित करने वाले तथा के फलन दिए गए हैं। यह बताइए कि इनमें से कौन (i) प्रगामी तरंग को, (ii) अप्रगामी तरंग को, (iii) इनमें से किसी भी तरंग को नहीं निरूपित करता है:`
(a) y 2 cos (3x) sin 10t
(b) y = 2 \(\sqrt{x-v t}\)
(c) y = 3 sin (5x – 0.5t) + 4 cos (5x – 0.5t)
(d) y = cos x sint + cos 2x sin 2t
उत्तर:
(a) y = 2 cos 3x sin 10t में x व t के आवर्ती फलन अलग-अलग हैं अतः यह अप्रगामी तरंग को प्रकट करता है।
(b) फलन y = \(\sqrt{x-v t}\) (x – vt) का फलन है, परन्तु यह फलन x व के सभी मानों के लिए निश्चित नहीं है, अतः यह न तो प्रगामी और न ही अप्रगामी तरंग को प्रकट करता है।
(c) दिया गया फलंन x – अक्ष की धन दिशा (एक ही दिशा) में चलने वाली दो तरंगों जिनके बीच \(\pi / 2\) का कलान्तर है, के अध्यारोपण से बनी तरंग को प्रदर्शित करता है, अतः यह एक प्रगामी तरंग है।
(d) फलन y = cos xsint + cos 2x sin 2t में दोनों पद अप्रगामी तरंगों को प्रकट करते हैं, अतः यह फलन दो अप्रगामी तरंगों का अध्यारोपण है।
प्रश्न 14.
दो दृढ़ टेकों के बीच तानित तार अपनी मूल विधा में 45 Hz आवृत्ति से कम्पन करता है। इस तार का द्रव्यमान 3.5 x 10-2 kg तथा रैखिक द्रव्यमान 4.0 x 10-2 kg m-1 है (a) तार पर अनुप्रस्थ तरंग की चाल क्या है, तथा (b) तार में तनाव कितना है?
उत्तर:
दिया है M = 3.5 x 10-2 kg n = 45Hz
एकांक लम्बाई का द्रव्यमान m = 4 x 10-2 kg
तार की लम्बाई, l = \(\frac{\mathrm{M}}{m}\) = \(\frac{3.5 \times 10^{-2}}{4.0 \times 10^{-2}}\)
= 0.875m
(a) मूल आवृत्ति n = \(\frac{v}{2 l}\)
∴ चाल v = n(2l) = 45 (2 x 0.875) = 78.75m/s = 79ms-1
(b) तार में तनाव T हो तो
v = \(\sqrt{\frac{\mathrm{T}}{m}}\)
∴ T = v2m
= ( 78.75 )2 × 4 × 10-2 = 248 N
प्रश्न 15.
एक सिरे पर खुली तथा दूसरे सिरे पर चलायमान पिस्टन लगी 1 m लम्बी नलिका, किसी नियत आवृत्ति के स्त्रोत (340 Hz आवृत्ति का स्वरित्र द्विभुज) साथ, जब नलिका में वायु कॉलम 25.5 cm अथवा 79.3 cm होता है तब अनुनाद दर्शाती है। प्रयोगशाला के ताप पर वायु में ध्वनि की चाल का आकलन कीजिए। कोर प्रभाव को नगण्य मान सकते हैं।
उत्तर:
दिया है स्वरित्र द्विभुज की आवृत्ति v = 340 Hz
अनुनादित वायु स्तम्भों की लम्बाइयाँ
l = 25.5 cm
l2 = 79.3.cm
पिस्टन एक दृढ़ परावर्तक तल की भाँति कार्य करेगा जहाँ एक निस्पन्द बनेगा तथा खुले सिरे पर प्रस्पन्द बनेगा।
l1 लम्बाई के वायुस्तम्भ की मूल आवृत्ति
V1 = \(\frac{v}{4 l_1}\)
तथा n सर्वे संनादी की आवृत्ति
Vn = \(\frac{(2 n-1) v}{4 l_1}\)
इसी प्रकार l2 लम्बाई के वायुस्तम्भ के (n + 1)वीं संनादी की
आवृत्ति
Vn+1 = \(\frac{[2(n+1)-1] v}{4 l_2}\) = \(\frac{(2 n+1) v}{4 l_2}\)
प्रश्नानुसार, vn = Vn+1
या (2n – 1)\(\frac{v}{4 l_1}\) = \(\frac{(2 n+1) v}{4 l_2}\)
या (2n – 1 ) l2 = (2n + 1) l1
या (2n – 1) × 79.3 = (2n + 1) × 25.5
हल करने पर n = \(\frac{104.8}{107.6}\)
= 0.97 = 1
अत: v तथा = 1 रखने पर, vn = 340 Hz, l1 = 25.5 cm = 0.255 m
∴ वायु में ध्वनि की चाल
v = \(\frac{4 v_n l_1}{(2 n-1)}\)
= \(\frac{4 \times 340 \times 0.255}{(2 \times 1-1)}\)
= 346.8 ms-1
= 347 ms-1
प्रश्न 16.
100 cm लम्बी स्टील- छड़ अपने मध्य बिन्दु पर परिबद्ध है। इसके अनुदैर्ध्य कम्पनों की मूल आवृत्ति 2.53 kHz है। स्टील में ध्वनि की चाल क्या है?
उत्तर:
मध्य बिन्दु पर निस्पन्द तथा खुले सिरों पर प्रस्पन्द बनेंगे
λ = 2l = 2 × 1.00m = 2m
आवृत्ति n = 2.53 kHz = 2.53 × 103Hz
ध्वनि की चाल v = nλ
= 2.53 x 103 x 2
= 5.06 × 103 ms-1
= 5.06km s-1
प्रश्न 17.
20 cm लम्बाई के पाइप का एक सिरा बन्द है। 430 Hz आवृत्ति के स्रोत द्वारा इस पाइप की कौन-सी गुणावृत्ति विधा अनुनाद द्वारा उत्तेजित की जाती है? यदि इस पाइप के दोनों सिरे खुले हों तो भी क्या यह स्त्रोत इस पाइप के साथ अनुनाद करेगा? वायु में ध्वनि की चाल 340ms-1 है।
उत्तर:
पाइप की लम्बाई l = 20 cm = 0.2m
वायु में ध्वनि की चाल v = 340ms-1
पाइप की मूल विधा की आवृत्ति
vn = (2n – 1) \(\frac{v}{4 l}\)
430 = (2n – 1)\(\frac{340}{4 \times 0 \cdot 2}\)
(2n – 1) = \(\frac{430 \times 4 \times 0 \cdot 2}{340}\)
= 1.02
2n = 2.02 = 1.01
जो कि आर्गन पाइप के कम्पन की प्रथम विधा है।
खुले पाइप के लिए,
vn = \(\frac{n v}{2 l}=\frac{n \times 340}{2 \times 02}\) = 430
∴ n = \(\frac{430 \times 2 \times 0.2}{340} \) = 0.5
चूँकि n का मान केवल पूर्ण संख्या ही होगी, अत:
n = 0.5 अमान्य है। इसलिए उसी स्रोत में खुली पाइप में अनुनाद नहीं उत्पन्न किया जा सकता।
प्रश्न 18.
सितार की दो डोरियाँ A तथा B एक साथ ‘गा’ स्वर बजा रही हैं तथा थोड़ी-सी बेसुरी होने के कारण 6 Hz आवृत्ति के विस्पन्द उत्पन्न कर रही हैं। डोरी A का तनाव कुछ घटाने पर विस्पन्द की आवृत्ति घटकर 3 Hz रह जाती है। यदि A की मूल आवृत्ति 324 Hz है तो B की आवृत्ति क्या है?
उत्तर:
दिया है: nA = 324 Hz,
विस्पन्दों की संख्या = 6
डोरी B की सम्भावित आवृत्तियाँ
nB = nA ± x
= 324 ± 6 = 330 Hz 1 318 Hz
डोरी A का तनाव घटाने पर इसकी आवृत्ति 324 Hz से कम जाएगी।
∴ इस स्थिति में आवृत्ति घट रही है इसका अर्थ है कि nA तथा nB का अन्तर कम हो रहा है।
यह तभी सम्भव है जबकि
nB = 318 Hz
प्रश्न 19.
स्पष्ट कीजिए क्यों (अथवा कैसे):
(a) किसी ध्वनि तरंग में विस्थापन निस्पन्द दाब प्रस्पन्द होता है और विस्थापन प्रस्पन्द दाब निस्पन्द होता है।
(b) आँख न होने पर भी चमगादड़ अवरोधकों की दूरी, दिशा, प्रकृति तथा आकार सुनिश्चित कर लेते हैं।
(c) वायलिन तथा सितार के स्वरों की आवृत्तियाँ समान होने पर भी इन दोनों से उत्पन्न स्वरों में भेद कर लेते हैं।
(d) ठोस अनुदैर्घ्य तथा अनुप्रस्थ दोनों प्रकार की तरंगों का पोषण कर सकते हैं जबकि गैसों में केवल अनुदैर्घ्य तरंगें ही संचरित हो सकती हैं।
(e) परिक्षेपी माध्यम में संचरण के समय स्पन्द की आकृति विकृत हो जाती है।
उत्तर:
(a) अनुदैर्घ्य तरंग में अतिरिक्त दाब p = -E \(\frac{d y}{d x}\) है जिसमें \(\frac{d y}{d x}\) ढाल है।
विस्थापन निस्पन्द पर ह्यल \(\frac{d y}{d x}\) कर मान अधिकतम है, अतः दाब अधिक होता है। अतः ध्वनि तरंग में विस्थापन निस्पन्द दाब प्रस्पन्द है। विस्थापन प्रस्पन्द पर ढाल \(\frac{d v}{d x}\) शून्य है, अतः दाब शून्य है। इस प्रकार विस्थापन प्रस्पन्द दाब निस्पन्द है।
(b) चमगादड़ उच्च आवृत्ति की पराश्रव्य ध्वनि तरंगों (ultrasonic sound waves) को उत्सर्जित करते हैं। ये तरंगें अवरोधकों से टकराकर वापस लौटती हैं तो चमगादड़ इन्हें अवशोषित कर लेते हैं। परावर्तित तरंग की आवृत्ति तथा तीव्रता की प्रेषित तरंग से तुलना करके चमगादड़ अवरोधकों की दूरी, दिशा, प्रकृति तथा आकार सुनिश्चित कर लेते हैं।
(c) वायलिन तथा सितार के स्वरों की आवृत्तियों के समान होने पर भी उनकी गुणता (quality) अथवा तरंग आकृति भिन्न-भिन्न होती हैं, अतः उनके स्वरों में भेद किया जा सकता है।
(d) ठोसों में आयतन प्रत्यास्थता के साथ-साथ दृढ़ता भी पाई जाती है, अतः ठोसों में दोनों प्रकार की तरंगें संचरित हो सकती हैं। इसके विपरीत गैसों में केवल आयतन प्रत्यास्थता ही पाई जाती है, अतः गैसों में केवल अनुदैर्घ्य तरंगें ही संचरित हो पाती हैं।
(e) प्रत्येक स्पन्द कई विभिन्न तरंगदैष्यों की तरंगों का मिश्रण होता है परिक्षेपी माध्यम (dispersive medium) में भिन्न-भिन्न आवृत्तियों की तरंगें विभिन्न वेगों से चलती हैं, जिससे स्पन्द की आवृत्ति विकृत हो जाती है।
प्रश्न 20.
रेलवे स्टेशन के बाह्य सिगनल पर खड़ी कोई रेलगाड़ी शांत वायु में 400 Hz आवृत्ति की सीटी बजाती है। (i) प्लेटफार्म पर खड़े प्रेक्षक के लिए सीटी की आवृत्ति क्या होगी, जबकि रेलगाड़ी (a) 10 ms-1 चाल से प्लेटफार्म की ओर गतिशील है, तथा (b) 10 ms-1 चाल से प्लेटफॉर्म से दूर जा रही है? (ii) दोनों ही प्रकरणों में ध्वनि की चाल क्या है? शांत वायु में ध्वनि की चाल 340ms-1 लीजिए।
उत्तर:
(i) सीटी की वास्तविक आवृत्ति = 400 Hz
रेलगाड़ी (स्रोत) की चाल vs = 10ms-1
शान्त वायु में ध्वनि की चाल v = 340ms-1
(a) जब रेलगाड़ी (ध्वनि स्रोत) स्थिर प्रेक्षक की ओर गतिशील है तो प्रेक्षक द्वारा सुनी गई ध्वनि की आवृत्ति
v = v \(\left(\frac{v}{v-v_s}\right)\)
= 400 \(\left(\frac{340}{340-10}\right)\) = 412 Hz
(b) जब रेलगाड़ी (स्रोत) स्थिर प्रेक्षक से दूर जा रही है तो प्रेक्षक द्वारा सुनी गई ध्वनि की आवृत्ति
v = v \(\left(\frac{v}{v-v_s}\right)\)
= 400\(\left(\frac{340}{340+10}\right)\)
= 389 Hz
(ii) दोनों प्रकरणों में ध्वनि की चाल 340ms-1 (समान) है।
प्रश्न 21.
स्टेशन यार्ड में खड़ी कोई रेलगाड़ी शान्त वायु में 400 Hz आवृत्ति की सीटी बजा रही है। तभी 10 ms-1 चाल से वार्ड से स्टेशन की ओर वायु बहने लगती है। स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर खड़े किसी प्रेक्षक के लिए ध्वनि की आवृत्ति, तरंगदैर्घ्य तथा चाल क्या है? क्या यह स्थिति तथ्यतः उस स्थिति के समरूप है जिसमें वायु शान्त हो तथा प्रेक्षक 10 ms-1 चाल से यार्ड की ओर दौड़ रहा हो ? शान्त वायु में ध्वनि की चाल 340 ms-1 ले सकते हैं।
उत्तर:
सीटी की आवृत्ति v = 400 Hz
शान्त वायु में ध्वनि की चाल v = 340ms-1
वायु की (प्रेक्षक की ओर) चाल w = 10ms-1
∵ रेलगाड़ी (स्रोत) तथा प्रेक्षक दोनों स्थिर हैं अतः
vs = 0, v = 0
∴ प्रेक्षक द्वारा सुनी गई ध्वनि की आवृत्ति
v = \(v\left(\frac{v+w-v_o}{v+w-v_s}\right)\)
= 400 \(\left(\frac{340+10-0}{340+10-0}\right)\)
v = 400 Hz.
∴ वायु प्रेक्षक की ओर चल रही है।
∵ प्रेक्षक के लिए वायु की चाल
= v + w= 340 + 10 = 350ms-1
जबकि प्रेक्षक के लिए सीटी की आवृत्ति नियत (400Hz) है।
ध्वनि की तरंगदैर्ध्य
λ = \(\frac{v+w}{v^{\prime}}\) = \(\frac{340+10}{400}\)
= 0.875m
नहीं, यदि प्रेक्षक यार्ड की ओर दौड़ेगा, तो प्रभावी तरंगदैर्घ्य घट जाएगी तथा आवृत्ति बढ़ जाएगी जबकि ध्वनि की चाल अपरिवर्तित रहेगी।
अतिरिक्त अभ्यास:
प्रश्न 22.
किसी डोरी पर कोई प्रगामी गुणावृत्ति तरंग इस प्रकार व्यक्त की गई है-
y (x, t) = 7.5 sin (0.0050x + 12t + \(\pi / 4\))
(a) x = 1 cm तथा t = 1s पर किसी बिन्दु का विस्थापन तथा दोलन की चाल ज्ञात कीजिए क्या यह चाल तरंग संचरण की चाल के बराबर है।
(b) डोरी के उन बिन्दुओं की अवस्थिति ज्ञात कीजिए जिनका अनुप्रस्थ विस्थापन तथा चाल उतनी ही है जितनी x = 1 cm पर स्थित t = 2s , t = 5s तथा 11 s पर है।
उत्तर:
तरंग का समीकरण
y (x, t) = 7.5 sin(0.0050 + 12t + \(\pi / 4\))
∴ बिन्दु x का t समय पर वेग
V = \(\frac{d y}{d t}\)
= 7.5 × 12 cos(0.0050x + 12t + \(\pi / 4\))
v = 90 cos (0.0050x + 12t + \(\pi / 4\))
(a) समीकरण (1) में x = 1 cm तथा t = 1s रखने पर
y = 7.5 sin(0.0050 + 12 + \(\pi / 4\))
= 7.5 sin 12.79
= 7.5 × 0.222
(∵ sin 12.79 = 0.222)
= 1.666cm
अब समी (2) में x = 1cm तथा t = 1s रखने पर,
कण का वेग
v = 90 cos (0.0050 + 12 + \(\pi / 4\))
= 90 cos 12.79
= 87.75 cms -1
(b) तरंग के समीकरण (1) की तुलना
y = a sin (kx + ωf + Φ) से करने पर,
k = 0.0050 rad cm -1
λ = \(\frac{2 \pi}{k}\) = \(\frac{2 \times 3.14 \mathrm{rad}}{0.0050 \mathrm{rad} \mathrm{cm}^{-1}}\)
= 1256 cm = 12.56m
वे बिन्दु जिनका विस्थापन तथा वेग वही है, जो x = 1 cm पर स्थित बिन्दु के t = 2s, 55 तथा 11 s पर हैं, इस कण के साथ समान कला में होंगे।
∴ इन बिन्दुओं की बिन्दु xcm से दूरियाँ निम्नलिखित हैं
x = nλ (n = ± 1, ± 2, ± 3, ……..) तथा λ = 12.56m
प्रश्न 23.
ध्वनि का कोई सीमित स्पन्द (उदाहरणार्थ सीटी की ‘पिप) माध्यम में भेजा जाता है। (a) क्या इस स्पन्द की कोई निश्चित (i) आवृत्ति, (ii) तरंगदैर्घ्य, (iii) संचरण की चाल है ? (b) यदि स्पन्द दर 1 स्पन्द प्रति 20 सेकण्ड है अर्थात् सीटी प्रत्येक 20s के पश्चात् सेकण्ड के कुछ अंश के लिए बजती है तो सीटी द्वारा उत्पन्न स्वर की आवृत्ति 1/20 Hz अथवा 0.05 Hz है?
उत्तर:
(a) नहीं, किसी स्पन्द की कोई निश्चित आवृत्ति अथवा तरंगदैर्ध्य नहीं होती। स्पन्द के संचरण की चाल माध्यम में ध्वनि की चाल के बराबर है
(b) नहीं, स्पन्द की आवृत्ति 1/20 Hz अथवा 0.05 Hz नहीं है।
प्रश्न 24.
8 × 10-3 kg m-1 रैखिक द्रव्यमान घनत्व की किसी लम्बी डोरी का एक सिरा 256 Hz आवृत्ति के विद्युत् चालित स्वरित्र द्विभुज से जुड़ा है। डोरी का दूसरा सिरा किसी स्थिर घिरनी के ऊपर गुजरता हुआ किसी तुला के पलड़े से बंधा है जिस पर 90 kg के बाँट लटके हैं। घिरनी वाला सिरा सारी आवक ऊर्जा को अवशोषित कर लेता है जिसके कारण इस सिरे से परावर्तित तरंगों का आयाम नगण्य होता है। = 0 पर डोरी के बाएँ सिरे (द्विभुज वाले सिरे ) x = 0 पर अनुप्रस्थ विस्थापन शून्य है ( = 0) तथा वह अक्ष की धनात्मक दिशा के अनुदिश गतिशील है। तरंग का आयाम 5.0 cm है। डोरी पर इस तरंग का वर्णन करने वाले अनुप्रस्थ विस्थापन को तथा / के फलन के रूप में लिखिए।
उत्तर:
दिया है:
रैखिक द्रव्यमान घनत्व m = 8 × 10-3 kg m-1
स्वरित्र द्वारा उत्पन्न स्वर की आवृत्ति v = 256Hz
डोरी का तनाव T = 90 किग्रा भार = 90 x 9.8 = 882 N
तरंग का आयाम a = 5.0cm = 0.05m
ω = 2πv = 512 π rad s-1
तरंग का वेग
∵ v = \(\frac{\omega}{k}\) = \(\frac{\omega}{v}\) = \(\frac{512 \pi}{332}\) = \(\frac{128 \pi}{83}\) rad m-1
= 332ms-1
अतः तरंग का समीकरण
y(x, t) = asin(kx – ωt + Φ)
∴ y(x, t) = 0.05sin[\(\frac{128 \pi x}{83}\) – 512πt + Φ]
प्रश्नानुसार, x = 0, t = 0 पर विस्थापन y = 0
∴ समी (1) से 0 = y (0, 0) = 0.05 sin Φ
∴ sin ¢ = 0 ⇒ ¢ = 0
समीकरण (i) में द्रव्यमान रखने पर तरंग का अभीष्ट समीकरण
y (x, t) = 0.05 sin (\(\frac{128 \pi x}{83}\) – 512πt )
या
y (x, t) = 0.05 sin (4.84x – 1610t)
या
y (x) = 0.05 sin (4.84x – 1.61 × 103 t)
x तथा y को मीटर में मापा गया है।
प्रश्न 25.
किसी पनडुब्बी से आबद्ध कोई ‘सोनार निकाय 40.0 kHz आवृत्ति पर प्रचालन करता है। कोई शत्रु पनडुब्बी 360 km h-1 की चाल से इस सोनार की ओर गति करती है। पनडुब्बी से परावर्तित ध्वनि की आवृत्ति क्या है? जल में ध्वनि की चाल 1450ms-1 लीजिए।
उत्तर:
दिया है शत्रु पनडुब्बी की चाल
v0 = 360kmh = 360 x \(\frac{5}{18}\)
= 100 ms-1
सोनार द्वारा प्रेषित तरंग की आवृत्ति
V = 40 kHz
जल में ध्वनि की चाल v = 1450ms-1
माना शत्रु पनडुब्बी द्वारा ग्रहण की गई आवृत्ति है।
तब v = v \(\left(\frac{v+v_o}{v}\right)\)
= 40.0 \(\left(\frac{1450+100}{1450}\right)\)
∴ v’ = 42.75 kHz
अब शत्रु पनडुब्बी इस आवृत्ति की तरंगों को परावर्तित करती है। माना सोनार द्वारा ग्रहण की गई आवृत्ति v है।
इस बार स्रोत स्थिर श्रोता (सोनार) की ओर vs = 100ms-1 के वेग से गतिशील है।
V” = V \(\left(\frac{v}{v-v_s}\right)\)
= 42,75 \(\left(\frac{1450}{1450-100}\right)\)
∴ v” = 45.9 kHz.
अतः सोनार द्वारा ग्रहण की गई आवृत्ति 45.9 kHz है।
प्रश्न 26.
भूकम्प पृथ्वी के भीतर तरंगें उत्पन्न करते हैं। गैसों के विपरीत, पृथ्वी अनुप्रस्थ (5) तथा अनुदैर्घ्य (P) दोनों प्रकार की तरंगों की अनुभूति कर सकती है। S तरंगों की प्रतिरूपी चाल लगभग 4.0 kms-1 है तथा P तरंगों की प्रतिरूपी चाल लगभग 8.0 kms-1 है। कोई भूकम्प-लेखी किसी भूकम्प की P तथा S तरंगों को रिकॉर्ड करता है। पहली P तरंग, पहली S तरंग की तुलना में 4 मिनट पहले पहुँचती हैं। यह मानते हुए कि तरंगें सरल रेखा में गमन करती हैं यह ज्ञात कीजिए कि भूकम्प घटित होने वाले स्थान की दूरी क्या है?
उत्तर:
माना भूकम्प घटित होने वाले स्थान की भूकम्प-लेखी से दूरी xkm है।
दिया है S तरंगों की चाल
v1 = 4 kms-1 = 4 x 60km / min
तथा P तरंगों की चाल
v2 = 8 kms-1 = 8 × 60km/min
अब S तरंगों को भूकम्प लेखी तक पहुँचने में लगा समय
t1 = \(\frac{x}{v_1}\) = \(\frac{x}{4 \times 60}\) min
तथा P तरंगों को भूकम्प लेखी तक पहुँचने में लगा समय
t2 = \(\frac{x}{v_2}\) = \(\frac{x}{8 \times 60}\)min
स्पष्ट है कि t1 = 2t2
प्रश्नानुसार P तरंगें भूकम्प-लेखी तक 4 min पहले पहुँचती हैं अतः
t1 – t2 = 4 min
अतः
\(\frac{x}{8 \times 60}\) = 4
अतः
दूरी x = 8 x 60 × 4 = 1920 km
प्रश्न 27.
कोई चमगादड़ किसी गुफा में फड़फड़ाते हुए पराश्रव्य ध्वनि उत्पन्न करते हुए उड़ रहा है। मान लीजिए चमगादड़ द्वारा उत्सर्जित पराश्रव्य ध्वनि की आवृत्ति 40 kHz है। किसी दीवार की ओर सीधा तीव्र झपट्टा मारते समय चमगादड़ की चाल ध्वनि की चाल की 0.03 गुनी है। चमगादड़ द्वारा सुनी गई दीवार से परावर्तित ध्वनि की आवृत्ति क्या है?
उत्तर:
माना ध्वनि की चा = V
उत्सर्जित तरंग की आवृत्ति V = 40 kHz
तब चमगादड़ की चाल V1 = 0.03 v
माना दीवार द्वारा ग्रहण की गई तरंग की आभासी आवृत्ति v है इस दशा में स्रोत, श्रोता की ओर गतिमान है जबकि श्रोता ( दीवार) स्थिर है।
∴ v = v \(\left(\frac{v}{v-v_s}\right)\)
= 40 \(\left(\frac{v}{v-0.03 v}\right)\) kHz
[∵ Vs = V1 = 0.03v]
v = 41.24kHz.
अब V = 41.24 kHz आवृत्ति की तरंगें दीवार से टकराकर चमगादड़ की ओर लौटती हैं।
माना चमगादड़ द्वारा ग्रहण की गई तरंगों की आवृत्ति v” है।
∴ Vn = \(V\left(\frac{v+v_o}{v}\right)\)
= 41.24 \(\left(\frac{v+0.03 v}{v}\right) \)
[∴ v = v1]
∴ v” = 42.47 kHz
अतः चमगादड़ द्वारा ग्रहण की गई परावर्तित ध्वनि की आवृत्ति 42.47 KHz है।