Haryana State Board HBSE 11th Class Physics Solutions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 11th Class Physics Solutions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत
प्रश्न 1.
ऑक्सीजन के अणुओं के आयतन और STP पर इनके द्वारा घेरे गए कुल आयतन का अनुपात ज्ञात कीजिए। ऑक्सीजन के एक अणु का व्यास 3 लीजिए।
उत्तर:
STP पर 1 mol गैस का आयतन
V1 = 22.4 लीटर = 22.4 × 10-3 m3
जबकि 1 mol गैस में अणुओं की संख्या = NA = 6.02 × 1023
तथा 1 अणु की त्रिज्या r = \(\frac{3}{2}\) A = 1.5 x 10-10 m
∴ इन अणुओं का आयतन
V2 = एक अणु का आयतन × NA
= \(\frac{4}{3}\)πr2 x NA
= \(\frac{4}{3}\) x 3.14 × (1.5 × 10-10)3 x 6.02 x 1023 m3
= 8.51 x 10-6 m3
∴ \(\frac{V_2}{V_1}\) = \(\frac{8.51 \times 10^{-6}}{22.4 \times 10^{-3}}\)
= 3.79 × 10-4 = 3.8 × 10-4
अतः अणुओं के आयतन तथा उनके द्वारा घेरे गए आयतन का अनुपात 3.8 x 10-4 है।
प्रश्न 2.
मोलर आयतन STP पर किसी गैस (आदर्श) के 1 मोल द्वारा घेरा गया आयतन है। (STP 1 atm दाब, 0°C)। दर्शाइए कि यह 22.4 लीटर है।
उत्तर:
STP पर 1 atm दाब = 1.013 x 105 N/m2
तथा R = 8.31 Jmol-1 K-1 तथा T = 0 + 273 = 273K
∵ आदर्श गैस समीकरण से, PV = RT
∴ V = \(\frac{\mathrm{RT}}{\mathrm{P}}=\frac{8.31 \mathrm{~J} \mathrm{~mol}^{-1} \mathrm{~K}^{-1} \times 273 \mathrm{~K}}{1.013 \times 10^5 \mathrm{Nm}^{-2}}\)
= 0.02239 m-3 = 22.4 x 10-3 m3 = 22.4 लीटर
अतः STP पर 1 मोल आदर्श गैस का आयतन 22.4 लीटर होता है।
प्रश्न 3.
चित्र में ऑक्सीजन के 1.00 x 10-3 kg द्रव्यमान के लिए \(\frac{\mathbf{P V}}{\mathrm{T}}\) एवं P में दो अलग-अलग तापों पर ग्राफ दर्शाए गए हैं।
(a) बिन्दुकित रेखा क्या दर्शाती है?
(b) क्या सत्य है: T1 > T2 अथवा T1 < T2 ?
(c) y- अक्ष पर जहाँ वक्र मिलते हैं वहाँ \(\frac{\mathbf{P V}}{\mathrm{T}}\) का मान क्या है?
(d) यदि हम ऐसे ही ग्राफ 1.00 x 10-3 kg हाइड्रोजन के लिए बनाएँ तो भी क्या उस बिन्दु पर जहाँ वक्र -अक्ष से मिलते हैं। \(\frac{\mathbf{P V}}{\mathrm{T}}\) का मान यही होगा? यदि नहीं, तो हाइड्रोजन के कितने द्रव्यमान के \(\frac{\mathbf{P V}}{\mathrm{T}}\) लिए का मान कम दाब और उच्च ताप के क्षेत्र के लिए वही होगा ?
(H2 का अणु द्रव्यमान 2.02 g, O2 का अणु द्रव्यमान = 32.0g, R = 8.31 Jmol-1 K-1)
उत्तर:
(a) बिन्दुकित रेखा \(\frac{\mathbf{P V}}{\mathrm{T}}\) का नियत होना दर्शाती है, जो कि आदर्श गैस के लिए सत्य है अतः बिन्दुकित रेखा आदर्श गैस का ग्राफ है।
(b) ताप T2 पर ग्राफ की तुलना में ताप T1 पर गैस का ग्राफ आदर्श गैस के ग्राफ के अधिक समीप है, अर्थात् ताप T2 पर ऑक्सीजन गैस के व्यवहार से विचलन अधिक है।
∵ वास्तविक गैसें निम्न ताप पर आदर्श गैस के व्यवहार से अधिक विचलन प्रदर्शित करती हैं, अतः
T1 > T2
(c) y-अक्ष पर वक्र के मिलने के स्थान पर से आदर्श गैस का ग्राफ भी गुजरता है, अत: इस बिन्दु के लिए
PV = μRT
⇒ \(\frac{\mathbf{P V}}{\mathrm{T}}\) = μR
∵ गैस का द्रव्यमान m = 10-3 kg
गैस का अणुभार M = 32 g = 32 × 10-3 kg
∴ μ = \(\frac{m}{\mathrm{M}}=\frac{10^{-3} \mathrm{~kg}}{32 \times 10^{-3} \mathrm{~kg}}=\frac{1}{32}\)
अतः
\(\frac{\mathbf{P V}}{\mathrm{T}}\) = \(\frac{1}{32}\) mol x 8.31 J/mol K = 0.26 JK-1
(d) यदि हम 1.00 × 10-3 kg हाइड्रोजन के लिए समान वक्र खींचें तो वहाँ पर \(\frac{\mathbf{P V}}{\mathrm{T}}\) का मान ऑक्सीजन के लिए खींचे वक्र से अलग प्राप्त
होता है, जहाँ वे वक्र Y अक्ष पर मिलते हैं। यह इसलिए क्योंकि हाइड्रोजन के अणु का द्रव्यमान ऑक्सीजन के अणु द्रव्यमान से भिन्न होता है।
का समान मान प्राप्त करने के लिए यदि हाइड्रोजन द्रव्यमान m ग्राम हो तो,
\(\frac{\mathrm{PV}}{\mathrm{T}}\) = μR = \(\frac{m}{2 \cdot 02}\) × 8.31
या
0.26 = \(\frac{m \times 8.31}{2.02}\)
m = \(\frac{2 \cdot 02 \times 0.26}{8.31}\)
= 6.32 × 10-2g
= 6.32 × 10-5 kg
प्रश्न 4.
एक ऑक्सीजन सिलेण्डर जिसका आयतन 30 लीटर है, में ऑक्सीजन का आरम्भिक दाब 15 atm एवं ताप 27°C है। इसमें से कुछ गैस निकाल लेने के बाद प्रमापी (गेज) दाब गिर कर 11 atm एवं ताप गिरकर 17°C हो जाता है। ज्ञात कीजिए कि सिलेण्डर से ऑक्सीजन की कितनी मात्रा निकाली गई है? (R = 8.31J mol-1 K-1, ऑक्सीजन का अणु द्रव्यमान O2 = 32 g)
उत्तर:
समीकरण PV = μRT से,
P1V1 = μ1R1T1
⇒ μ1 = \(\frac{\mathrm{P}_1 \mathrm{~V}_1}{\mathrm{RT}_1}\)
दिया है,
P1 = 15 atm = 15 × 1.01 × 10-5 Nm-2
V1 = 30 लीटर 30 × 10-3 m3
T1 = 27 + 273 = 300 K
\(\mu_1=\frac{P_1 V_1}{R T_1}\)
= \(\frac{\left(15 \times 1.01 \times 10^5 \mathrm{Nm}^{-2}\right) \times\left(30 \times 10^{-3} \mathrm{~m}^3\right)}{\left(8.315 \mathrm{~mol}^{-1} \mathrm{~K}^{-1}\right) \times 300}\)
= 18.23 mol
अतः सिलेण्डर में उपस्थित गैस का द्रव्यमान
m1 = μ1 M = 18.23 × 32g = 583g = 0.583kg
अन्तिम स्थिति में,
P2 = 12 atm = 12 × 1.01 × 105 Nm2
V2 = 30 लीटर = 30 x 10-3m3
T2 = 17 + 273 = 290K
∴\(\mu_2=\frac{\mathrm{P}_2 \mathrm{~V}_2}{\mathrm{RT}_2}\)
∴ \(\mu_2=\frac{\left(12 \times 1.01 \times 10^5 \mathrm{Nm}^{-2}\right) \times\left(30 \times 10^{-3} \mathrm{~m}^3\right)}{8.31 \mathrm{~J} \mathrm{~mol}^{-1} \mathrm{~K}^{-1} \times 290}\)
= 13.83 mol
∴ सिलेण्डर में उपस्थित गैस का द्रव्यमान
m2 = μ2M = 13.83 x 32 g
= 442.56 g = 0.443 kg
∴ निकाला गया द्रव्यमान
∆m = m1 – m2
= 0.583 – 0.443 = 0.14kg
प्रश्न 5.
वायु का एक बुलबुला जिसका आयतन 1.0cm है, 40m गहरी झील की तली से जहाँ ताप 12°C है, उठकर ऊपर पृष्ठ पर आता है जहाँ ताप 35°C है। अब इसका आयतन क्या होगा?
उत्तर:
दिया है:
बुलबुले का आयतन V1 = 1.0 cm3 = 10-6 m3, V2 =?
T1 = 12 + 273 = 285K
T2 = 35 + 273 = 308 K
जल का घनत्व p = 103 kg m-3, h = 40 m, g = 10ms-2
झील की तली में बुलबुले पर दाब
P1 = hpg + वायुमण्डलीय दाब
= 40 x 103 x 10 + 1.01 × 105
= 4 × 105 + 1.01 × 105
= 5.01 x 105 Nm2
तथा झील के ऊपरी पृष्ठ पर दाब
P2 = 1.01 × 105 Nm2
∴ \( \frac{P_1 V_1}{T_1}=\frac{P_2 V_2}{T_2}\) सूत्र से,
\(V_2=\frac{P_1 V_1 T_2}{P_2 T_1}\)
\(=\frac{5.01 \times 10^5 \times 10^{-6} \times 308}{1.01 \times 10^5 \times 285}\)
= 5.36 x 10-6 m3
प्रश्न 6.
एक कमरे में जिसकी धारिता 25.0m है, 27°C ताप और 1atm दाब पर, वायु के कुल अणुओं (जिनमें नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, जल वाष्प और अन्य सभी अवयवों के कण सम्मिलित हैं) की संख्या ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
दिया है:
V = 25m3,
T = 27 + 273 = 300 K
P = 1 atm = 1.01 × 105 Nm-2
कुल अणुओं की संख्या = ?
∵ PV = RT
∴ μ = \(\frac{\mathrm{PV}}{\mathrm{RT}}\)
या
\(\mu=\frac{\left(1.01 \times 10^5 \mathrm{Nm}^{-2}\right) \times\left(25 \mathrm{~m}^3\right)}{\left(8.31 \mathrm{Jmol} \mathrm{K}^2 \mathrm{~K}^{-1}\right) \times 300 \mathrm{~K}}\)
= 1013 ग्राम अणु
1 ग्राम अणु में NA = 6.02 × 1023 अणु
कमरे में कुल अणुओं की संख्या N = μ NA
= 1013 × 6.02 × 1023
= 6.1 x 1026 अणु
प्रश्न 7.
हीलियम परमाणु की औसत तापीय ऊर्जा का आकलन कीजिए:
(i) कमरे के ताप (27°C) पर,
(ii) सूर्य के पृष्ठीय ताप (6000K) पर,
(iii) 100 लाख केल्विन ताप (तारे के क्रोड का प्रारूपिक ताप) पर।
उत्तर:
किसी गैस के अणु की औसत तापीय ऊर्जा (गतिज ऊर्जा)
E = \(\frac{3}{2}\) kgT,
यहाँ kB = 1.38 × 10-23 JK-1
(i) यहाँ T 27 + 273 = 300 K
∴ औसत तापीय ऊर्जा
E = \(\frac{3}{2}\) × 1.38 × 10-23 JK-1 x 300K
E = 6.21 × 10-21 J
(ii) यहाँ T = 6000 K
∴ औसत तापीय ऊर्जा
E = \(\frac{3}{2}\) × 10-23 JK-1 × 6000K
= 1.24 × 10-19 J
(iii) यहाँ T 100 लाख K = 100 x 105 K = 107 K
∴ औसत तापीय ऊर्जा
E = \(\frac{3}{2}\) ×1.38 × 10-23 JK-1 × 107 K
= 2.1 × 10-16 J
प्रश्न 8.
समान धारिता के तीन बर्तनों में एक ही ताप और दाब पर गैसें भरी हैं। पहले बर्तन में निऑन (एकपरमाणुक) गैस है, दूसरी में क्लोरीन (द्विपरमाणुक) गैस है और तीसरे में यूरेनियम हेक्सा फ्लोराइड (बहु-परमाणुक) गैस है। क्या तीनों बर्तनों में गैसों के संगत अणुओं की संख्या समान है? क्या तीनों प्रकरणों में अणुओं की Crms (वर्ग- माध्य-मूल चाल) समान है?
उत्तर:
(i) हाँ, आवोगाद्रो परिकल्पना के अनुसार समान परिस्थितियों में गैसों के समान आयतन में अणुओं की संख्या समान होती है।
(ii) नहीं, Crms = \(\sqrt{\frac{3 R T}{M}}\) से, Crms ∝ \(\frac{1}{\sqrt{\mathrm{M}}}\)
∵ तीनों गैसों के ग्राम अणुभार अलग-अलग हैं अतः अणुओं की वर्ग- माध्य-मूल चाल भी अलग-अलग होगी।
प्रश्न 9.
किस ताप पर आर्गन गैस सिलेण्डर में अणुओं की Crms – 20°C पर हीलियम गैस परमाणुओं की Crms के बराबर होगी। (Ar का परमाणु द्रव्यमान = 39.9u एवं हीलियम का परमाणु
द्रव्यमान = 4.0u)
उत्तर:
आर्गन के लिए M1 = 39.9u, T = ?
M2 = 4 0u, T2 = 20 + 273 = 253 K
प्रश्न 10.
नाइट्रोजन गैस के एक सिलिण्डर में 2.0 atm दाब एवं 17°C ताप पर नाइट्रोजन अणुओं के लिए माध्य मुक्त पथ एवं संघट्ट आवृत्ति का आकलन कीजिए। नाइट्रोजन अणु की त्रिज्या लगभग 1.0A° लीजिए। संघट्ट काल की तुलना अणुओं द्वारा दो संघट्टों के बीच स्वतन्त्रतापूर्वक चलने में लगे समय से कीजिए। ( नाइट्रोजन का आण्विक द्रव्यमान = 28.0g)
उत्तर:
दिया है,
P = 2.0 atm = 2 × 1.01 × 105 Nm2,
T = 17 + 273 = 290K
d = 2 × 10 A° = 2 × 10-10 m
M = 28.0g = 28 × 10-3 kg,
kg = 1.38 × 10-23 JK-1
(1 atm = 1.01 × 105 Nm2)
∴ औसत मुक्त पथ l = \(\frac{1}{\sqrt{2} n \pi d^2}\)
∵ \(n=\frac{\mathrm{P}}{k_{\mathrm{B}} \mathrm{T}}\)
अतः
\(l=\frac{k_{\mathrm{B}} \mathrm{T}}{\sqrt{2} \pi \mathrm{P} d^2}\)
= \(\frac{1.38 \times 10^{-23} \times 290}{1.414 \times 3.14 \times 2.0 \times 1.01 \times 10^5 \times\left(2 \times 10^{-10}\right)^2}\)
l = 11.5 × 10-8 m = 1.1 x 107m
हम जानते हैं
\(\mathrm{C}_{r m s}=\sqrt{\frac{3 R T}{M}}\)
दिया है कि M = 28 x 10-3 kg और T = 17 + 273 = 290K
मान रखने पर
\(C_{t m s}=\sqrt{\frac{3 \times 8.31 \times 290}{28 \times 10^{-3}}}\)
Cms = 5.08 × 102 m/s
∴ संघट्ट आवृत्ति \(v=\frac{\mathrm{C}_{r m s}}{\lambda}\)
= \(\frac{5 \cdot 08 \times 10^2}{1 \cdot 0 \times 10^{-7}}\)
= 5.1 × 109 प्रति सेकण्ड
माना दो क्रमिक संघट्टों के बीच का समयान्तराल T’ है।
\(\mathrm{T}^{\prime}=\frac{\lambda}{c_{r m s}}=\frac{1 \cdot 0 \times 10^{-7}}{5 \cdot 1 \times 10^2}\)
T = 2.0 x 10-10 सेकण्ड ……..(1)
माना संघट्ट का समय t है
\(t=\frac{d}{C_{r m s}}=\frac{2 \times 10^{-10}}{5.1 \times 10^2}\)
t = 4 x 10-13 सेकण्ड
समी (1) में समी (2) का भाग देने पर
\(\frac{\mathrm{T}^{\prime}}{t}=\frac{2.0 \times 10^{-10}}{4 \times 10^{-13}}\) = 500
T = 500t
अर्थात् क्रमागत संघट्टों के लिये लिया गया समय एक संघट्ट में लगे समय का 500 गुना है। इससे सिद्ध होता है कि गैस में अणु अधिकांश समय तक स्वतन्त्र रूप से गति करता है।
अतिरिक्त अभ्यास:
प्रश्न 11.
मीटर लम्बी सँकरी (और एक सिरे पर बन्द) नली क्षैतिज रखी गई है। इसमें 70 cm लम्बाई भरा पारद सूत्र, वायु के 15 cm स्तम्भ को नली में रोककर रखता है। क्या होगा यदि खुला सिरा नीचे की ओर रखते हुए नली को ऊर्ध्वाधर कर दिया जाए?
उत्तर:
जब नली को क्षैतिज अवस्था में रखा जाता है तो पारे का 76 cm का सूत्र 15 cm लम्बाई की वायु को फँसा लेता है। खुले सिरे पर नली की 9 cm लम्बाई छोड़ दी जायेगी। नली में बन्द वायु का दाब वायुमण्डलीय दाब होगा।
माना नली की अनुप्रस्थ काट 1 सेमी2 है।
P1 = 76 cm, V1 = 15 cm3
जब नली को ऊर्ध्वाधर रखा जाता है तो वायु को 15 cm के अतिरिक्त 9cm वायु के मिल जाते हैं।
माना कि पारे के h cm वायुमण्डलीय दाब को सन्तुलित रखने के लिए बाहर प्रवाहित हो जाते हैं।
उस स्थिति में वायु स्तम्भ और पारे के स्तम्भ की ऊँचाइयाँ क्रमशः (24 + h) सेमी और (76 – h) सेमी. है। तब वायु का दाब 76 – (76 – h) पारे के सेमी = h
आयतन V2 = (24 + 1) cm, P2 = hcm
माना कि ताप स्थिर रहता है।
P1V1 = P2V2
या
76 × 15 = h × (24+h)
या
76 × 15 = 24h + h2
h2 + 24h – 76 x 15 =0
h = 23.8cm या – 47.8cm
चूँकि / ऋणात्मक नहीं हो सकता है अतः
h = 23.8 24 cm
वायु स्तम्भ की लम्बाई 24 + h = 24 + 24
= 48 cm
पारे के स्तम्भ की लम्बाई = 76 – h = 76 – 24 = 52 सेमी
प्रश्न 12.
किसी उपकरण से हाइड्रोजन गैस 28.7cms-1 की दर से विसरित हो रही है। उन्हीं स्थितियों में कोई दूसरी गैस 7.2cm3s-1 की दर से विसरित होती है। इस दूसरी गैस को पहचानिए।
उत्तर:
दिया है हाइड्रोजन गैस की विसरण दर r1 = 28.7 cm3 / s-1, ग्राम अणु भार M1 = 2.02g
अन्य गैस की विसरण दर r2 = 7.2cm
s-1
ग्राहम के विसरण नियम से \(\frac{r_1}{r_2}=\sqrt{\frac{\mathrm{M}_2}{\mathrm{M}_1}}\)
∴ \(\left(\frac{r_1}{r_2}\right)^2=\frac{\mathrm{M}_2}{\mathrm{M}_1}\)
अत: M2 = M1\(\left(\frac{r_{\mathrm{i}}}{r_2}\right)^2\)
= 2.02g\(\left(\frac{28.7 \mathrm{~cm}^3 \mathrm{~s}^{-1}}{7.2 \mathrm{~cm}^3 \mathrm{~s}^{-1}}\right)^2\)
∴ M2 = 2.02 × (3.98)2 g = 31.99g = 32 g
स्पष्ट है कि दूसरी गैस ऑक्सीजन है।
प्रश्न 13.
साम्यावस्था में किसी गैस का घनत्व और दाब अपने सम्पूर्ण आयतन में एक समान हैं। यह पूर्णतः सत्य केवल तभी है जब कोई भी बाह्य प्रभाव न हो। उदाहरण के लिए, गुरुत्व से प्रभावित किसी गैस स्तम्भ का घनत्व (और दाब) एकसमान नहीं होता है। जैसा कि आप आशा करेंगे इसका घनत्व ऊँचाई के साथ घटता है। परिशुद्ध निर्भरता ‘वातावरण के नियम’
n2 = n1exp \(\left[-\frac{m g}{k_{\mathrm{B}} \mathrm{T}}\left(h_2-h_1\right)\right]\) से दी जाती है, यहाँ n1, n2 क्रमशः h1 h2, ऊँचाइयों पर संख्यात्मक घनत्व को प्रदर्शित करते हैं। इस सम्बन्ध का उपयोग द्रव स्तम्भ में निलम्बित किसी कण के अवसादन साम्य के लिए समीकरण n2 = n1 exp \(\left[-\frac{m g N_A}{\rho \mathbf{R T}}\left(\rho-\rho^{\prime}\right)\left(h_2-h_1\right)\right]\) को व्युत्पन्न करने के लिए कीजिए, यहाँ निलम्बित कण का घनत्व तथा p’ चारों तरफ के माध्यम का घनत्व है। Na आवोगाद्रो संख्या तथा R सार्वत्रिक गैस नियतांक है।
उत्तर:
वातावरण के नियमानुसार,
n2 = n1exp \(\left[-\frac{m g}{k_{\mathrm{B}} \mathrm{T}}\left(h_2-h_1\right)\right]\)
जबकि m द्रव्यमान को कण वायु में साम्यावस्था में तैर रहा है। यदि कण वाले किसी द्रव में छोड़ा गया है तो इस कण पर द्रव के कारण उत्क्षेप भी कार्य करेगा, इस स्थिति में हमें उक्त सूत्र में mg के स्थान पर कण का आभासी भार रखना होगा:
माना कण का आयतन V तथा घनत्व है, तब
कण का आभासी भार = mg – उत्क्षेप
= Vpg – Vpg
= Vg (p – p’)
= mg (1 – \(\frac{\rho^{\prime}}{\rho}\)) = \(\frac{m g\left(\rho-\rho^\gamma\right)}{\rho}\)
समी. (1) में mg के स्थान पर \(\frac{m g\left(\rho-\rho^\gamma\right)}{\rho}\) तथा kg के स्थान पर \( \frac{\mathrm{R}}{\mathrm{N}_{\mathrm{A}}}\) रखने पर,
प्रश्न 14.
नीचे कुछ ठोसों व द्रवों के घनत्वं दिए गए हैं। उनके परमाणुओं की आमापों का आकलन (लगभग) कीजिए।
[संकेत मान लीजिए कि परमाणु ठोस अथवा द्रव प्रावस्था में ‘दृढ़ता से बँधे हैं, तथा आवोगाद्रो संख्या के ज्ञान का उपयोग कीजिए। फिर भी आपको विभिन्न परमाण्वीय आकारों के लिए अपने द्वारा प्राप्त वास्तविक संख्याओं का बिल्कुल अक्षरशः प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि दृढ़ संवेष्टन सन्निकटन की रूक्षता के परमाण्वीय आकार कुछ A के परास में हैं।]
उत्तर:
परमाणु का द्रव्यमान आयंतन घनत्व
= \(\frac{4}{3}\) πr3 × p
जहाँ r परमाणु की त्रिज्या है।
∵ 1 मोल परमाणु में NA परमाणु होते हैं तथा NA परमाणुओं का
द्रव्यमान = NA × \(\frac{4}{3}\) πr3p
∴ ग्राम परमाणु भार,
M = NA × \(\frac{4}{3}\) πr3p
∴ r3 = \(\frac{3 \mathrm{M}}{4 \pi N_A \rho}\)
(i) कार्बन (हीरा) के लिए,
M = 12.01g
= 12.01 × 103 kg
p = 2.22 x 103 kg/m3
तथा NA = 6.02 x 1023
∴ कार्बन परमाणु की त्रिज्या
r = \(\left[\frac{3 \times 12.01 \times 10^{-3}}{4 \times 3.14 \times 6.02 \times 10^{23} \times 2.22 \times 10^3}\right]^{1 / 3} \mathrm{~m}\)
या
r – (0.2147 × 10-29 ) 1/3
r = (2.147 × 10-30 )1/3
∴ r = 1.29 × 10-10 m = 1.29
(ii) गोल्ड के लिए,
M = 197.00g
= 197 x 10-3 kg:
p = 19.32 × 103 kg/m3
∴ गोल्ड के एक परमाणु की त्रिज्या
r = \(\left[\frac{3 \times 197 \times 10^{-3}}{4 \times 3.14 \times 6.02 \times 10^{23} \times 19.32 \times 10^3}\right]^{1 / 3}\)
या
P = (4.05 × 10-30)1/3
= 1.59 x 10-10 m
∴ r = 1.59Å
(iii) द्रव नाइट्रोजन के लिए,
M = 14.01 × 10-3 kg.p = 103 kg/m3
∴ नाइट्रोजन परमाणु की त्रिज्या
r = \(\left[\frac{3 \times 14.01 \times 10^{-3}}{4 \times 3.14 \times 6.02 \times 10^{23} \times 10^3}\right]^{1 / 3}\)
या
r = [5.56 × 10-30]1/3
∴ r = 1.77 × 1010m = 1.77A
(iv) लीथियम के लिए.
M = 6.94 × 10-3 kg
p = 0.53 x 103 kgm-3
एक परमाणु की त्रिज्या
r = \(\left[\frac{3 \times 6.94 \times 10^{-3}}{4 \times 3.14 \times 6.02 \times 10^{23} \times 0.53 \times 10^3}\right]^{1 / 3}\)
r = (5.195 × 10-30)1/3
या
r = 1.73 × 10-10 m
या
r = 1.73Å
(v) द्रव फ्लुओरीन के लिए.
M = 19 × 10-3 kg. p = 1.14 × 103 kg/m3
∴ एक परमाणु की त्रिज्या
r = \(\left[\frac{3 \times 19 \times 10^{-3}}{4 \times 3.14 \times 6.02 \times 10^{23} \times 1.14 \times 10^3}\right]^{1 / 3}\)
r = (6.613× 10-30)1/3
या
r = 1.88 × 10-10 m
या
∴ r = 1.88A