Haryana State Board HBSE 11th Class Physics Solutions Chapter 12 ऊष्मागतिकी Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 11th Class Physics Solutions Chapter 12 ऊष्मागतिकी
प्रश्न 1.
कोई गीजर 3.0 लीटर प्रति मिनट की दर से बहते हुए जल को 27°C से 77°C तक गर्म करता है। यदि गीजर का परिचालन गैस बर्नर द्वारा किया जाए तो ईंधन के व्यय की क्या दर होगी? बर्नर के ईंधन की दहन ऊष्मा 4.0 x 102 Jg है।
उत्तर:
दिया है:
प्रति मिनट प्रवाहित जल की मात्रा = 3.0 ली
∴ जल का द्रव्यमान m = 3 किग्रा = 3 × 103 g
T = 27°C; T2 = 77°C
जल की विशिष्ट ऊष्मा धारिता S = 4.18 J/g°C
∴ व्यय ऊष्मा की दर Q = ms∆T प्रति मिनट
= 3 × 103 × 4.18 × (77 – 27)
= 3 × 50 × 4.18 × 103
ईंधन के व्यय की दर = \(\frac{3 \times 50 \times 4 \cdot 18 \times 10^3}{4 \times 10^4}\)
= 16g/min
प्रश्न 2.
स्थिर दाब पर 2.0 × 10-2 kg नाइट्रोजन (कमरे के ताप पर) के ताप में 45°C वृद्धि करने के लिए कितनी ऊष्मा की आपूर्ति की जानी चाहिए?
(N2 का अणुभार 28; R = 8.3Jmol-1 K-1)
उत्तर:
दिया है:
नाइट्रोजन की मात्रा
m = 2.0 × 10-2 kg
= 20 gm
N2 का अणुभार = 28
T1 = 25° (कमरे का ताप)
T2 = 45°C
R = 8.3Jmol-1 K-1
मोलों की संख्या
μ = \(\frac{m}{\mathrm{M}} = \frac{20}{28}\)
= \(\frac{5}{7}\)
N2 का नियत दाब पर विशिष्ट ऊष्मा Cp = \(\frac{7}{2}R\)
= \(\frac{7}{2}R\) × 8.3
व्यय कुल ऊष्मा की मात्रा
∆Q = nCP∆T
= \(\frac{5}{2}R\) × \(\frac{7}{2}R\) × 8.3 × 45
∆Q = 933.38 J
प्रश्न 3.
व्याख्या कीजिए कि ऐसा क्यों होता है?
(a) भिन्न-भिन्न तापों T1 व T2 के दो पिण्डों को यदि ऊष्मीय सम्पर्क में लाया जाए तो यह आवश्यक नहीं कि उनका अन्तिम ताप \(\frac{\mathrm{T}_1+\mathrm{T}_2}{2}\) ही हो।
(b) रासायनिक या नाभिकीय संयन्त्रों में शीतलक (अर्थात् द्रव के संयन्त्र के भिन्न-भिन्न भागों को अधिक गर्म होने से रोकता है) की विशिष्ट ऊष्मा अधिक होनी चाहिए।
(c) कार को चलाते चलाते उसके टायरों में वायुदाब बढ़ जाता है।
(d) किसी बन्दरगाह के समीप के शहर की जलवायु समान अक्षांश के किसी रेगिस्तानी शहर की जलवायु से अधिक शीतोष्ण होती है।
उत्तर:
(a) जब T1 व T2 ताप की वस्तुओं को ऊष्मीय सम्पर्क में लाया जाता है तो ऊष्मा उच्च ताप के निकाय से निम्न ताप के निकाय को स्थानान्तरित होती है और दोनों निकायों के ताप समान हो जाते हैं। जब दोनों निकार्यों की ऊष्मा धारिता समान होती है तो उनके समान ताप \(\frac{\mathrm{T}_1+\mathrm{T}_2}{2}\) के ‘तुल्य होगा।
(b) रासायनिक या नाभिकीय संयन्त्रों में शीतलक उच्च विशिष्ट ऊष्मा के होते हैं। शीतलक के उच्च विशिष्ट ऊष्मा के होने के कारण, इनकी उच्च ऊष्मा अवशोषकता होती है। इस प्रकार जो द्रव उच्च विशिष्ट ऊष्मा का होता है उसका उपयोग नाभिकीय संयन्त्रों में शीतलक के रूप में किया जाता है। यह संयन्त्रों के किसी भी भाग को ज्यादा गर्म होने से रोकते हैं।
(c) जब कार गतिशील होती है तो वायु के अणुओं की गति के कारण टायरों में भरी हवा का ताप बढ़ जाता है चार्ल्स के नियमानुसार दाब ताप के समानुपाती होता है। अर्थात् P α T1 इस प्रकार यदि टायर के अन्दर ताप में वृद्धि होती है तब टायर के अन्दर वायुदाब भी बढ़ जाता है।
(d) किसी बन्दरगाह के समीप के शहर की जलवायु समान अक्षांश के किसी रेगिस्तानी शहर की जलवायु से अधिक शीतोष्ण होती है। इसका कारण यह है कि बन्दरगाह के समीप के शहर की आर्द्रता रेगिस्तानी शहर की तुलना में अधिक होती है।
प्रश्न 4.
गतिशील पिस्टन लगे किसी सिलेण्डर में मानक ताप व दाब पर 3 मोल हाइड्रोजन भरी है। सिलेण्डर की दीवारे ऊष्मारोधी पदार्थ की बनी हैं तथा पिस्टन को उस पर बालू की परत लगाकर ऊष्मारोधी बनाया गया है। यदि गैस को उसके आरम्भिक आयतन के आधे आयतन तक संपीडित किया जाये तो गैस का दाब कितना बढ़ेगा?
उत्तर:
सिलेण्डर अपने परिवेश के पूर्णतः विलगित है। इस कारण निकाय और परिवेश के मध्य ऊष्मा का कोई आदान-प्रदान नहीं होता। इस प्रकार प्रक्रम रुद्धोष्म है।
सिलेण्डर के अन्दर प्रारम्भिक दाब P1
सिलेण्डर के अन्दर अन्तिम दाब = p2
सिलेण्डर में प्रारम्भिक आयतन = V1
अन्तिम आयतन V2 = \(\mathrm{V} / 2\)
विशिष्ट ऊष्माओं का अनुपात γ = 1.4
रुद्धोष्म प्रक्रम के लिए
P1V1γ = P2V2γ
P1V1γ = P2 \(\mathrm{V} / 2\) γ
\(\frac{P_2}{P_1}\) = 2γ
=21.4
लघुगुणक लेने पर
10g10 \(\frac{P_2}{P_1}\) = 1.4 log102
= 1.4 × 0.3010
10g10 \(\frac{P_2}{P_1}\) = 0.4214
प्रतिलघुगुणक लेने पर
\(\frac{P_2}{P_1}\) = 2.639
प्रश्न 5.
रुद्धोष्म विधि द्वारा किसी गैस की अवस्था परिवर्तन करते समय उसकी एक साम्यावस्था A से दूसरी साम्यावस्था B तक ले जाने में निकाय पर 22.3J कार्य किया जाता है। यदि गैस को दूसरी प्रक्रिया द्वारा अवस्था A से अवस्था B में लाने में निकाय द्वारा अवशोषित नेट ऊष्मा 9.35 cal है तो बाद के प्रकरण में निकाय द्वारा किया गया नेट कार्य कितना है? (1 cal = 4.19 J)
उत्तर:
निकाय द्वारा किया गया कार्य (W) 22.3 जूल है जब गैस अवस्था A से अवस्था B में परिवर्तन करती है। यह एक रुद्धोष्म प्रक्रम है। इस प्रकार, ऊष्मा में परिवर्तन शून्य होगी।
∴ ∆Q = 0
∆W = -22.3J (निकाय द्वारा किया गया कार्य)
ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से,
∆Q = ∆U + ∆W
∆U = गैस की आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन
∴ ∆U = ∆Q – ∆W = – (22.3J)
∆U = + 22.3J
जब गैस अवस्था A से अवस्था B में संक्रमण करती है तो निकाय द्वारा अवशोषित कुल ऊष्मा
∆Q = 9.35 cal = 9.35 × 4.19
= 39.1765 J
अवशोषित ऊष्मा ∆Q = ∆U + ∆W
∆W = ∆Q – ∆U
= 39.1765 – 22.3 = 16.8765 J
प्रश्न 6.
समान धारिता वाले दो सिलेण्डर A तथा B एक-दूसरे से स्टॉप कॉक के द्वारा जुड़े हैं A में मानक ताप व दाब पर गैस भरी है जबकि B पूर्णतः निर्वातित है। स्टॉप कॉक यकायक खोल दी जाती है। निम्नलिखित का उत्तर दीजिए:
(a) सिलेण्डर A तथा B में अन्तिम दाब क्या होगा?
(b) गैस के आन्तरिक ऊर्जा में कितना परिवर्तन होगा?
(c) गैस के ताप में क्या परिवर्तन होगा ?
(d) क्या निकाय की माध्यमिक अवस्थाएँ (अन्तिम साम्यावस्था प्राप्त करने के पूर्व इसके PVT पृष्ठ पर होगी?
उत्तर:
(a) जब स्टॉप कॉक को अचानक खोला जाता है, तो गैस का आयतन एक वायुमण्डलीय पर दो गुना हो जायेगा। जैसाकि आयतन दाब के व्युत्क्रमानुपाती होता है, दाब मूल मान आधा हो जायेगा। गैस का प्रारम्भिक दाब यदि वायुमण्डलीय दाब है तो प्रत्येक सिलेण्डर में दाब 0.5 वायुमण्डलीय दाब होगा।
(b) गैस की आन्तरिक ऊर्जा केवल तभी परिवर्तित हो सकती है, जब गैस द्वारा कार्य किया जाता या गैस पर कार्य किया जाता है। इस . आन्तरिक ऊर्जा में कोई परिवर्तन नहीं होगा।
(c) गैस के प्रसार के समय गैस द्वारा कोई कार्य नहीं होता है अतः गैस के ताप में कोई परिवर्तन नहीं होगा।
(d) नहीं, क्योंकि प्रक्रम मुक्त प्रसार कहलाता है, जो त्वरित होता है। और नियन्त्रित नहीं किया जा सकता है। माध्यमिक अवस्थाएँ साम्य में नहीं होती है और गैस समीकरण का पालन नहीं करती है। इस कारण गैस एक साम्यावस्था में लौट आती है।
प्रश्न 7.
एक वाष्प इंजन अपने बॉयलर से प्रति मिनट 3.6 × 109 J ऊर्जा प्रदान करता है जो प्रति मिनट 5.4 × 108 J कार्य देता है। इंजन की दक्षता कितनी है ? प्रति मिनट कितनी ऊष्मा अपशिष्ट होगी?
उत्तर:
भाप के इंजन द्वारा प्रति मिनट कृत कार्य
W = 5.4 × 108 J
बॉयलर से आपूर्ति ऊष्मा H = 3.6 × 109 J
इंजन की दक्षता =
\(\eta=\frac{W}{H}=\frac{5.4 \times 10^8}{3.6 \times 10^9}\) = 0.15
इस प्रकार, इंजन की प्रतिशत दक्षता 15% होगी।
अपशिष्ट की मात्रा = 3.6 × 109 – 5.4 × 108
= 30.6 × 108
= 3.06 × 109 J
इस प्रकार प्रति मिनट अपशिष्ट ऊष्मा 3.06 × 109 J होगी।
प्रश्न 8.
एक हीटर किसी निकाय को 100W की दर से ऊष्मा प्रदान करता है। यदि निकाय 75 Js-1 की दर से कार्य करता है, तो आन्तरिक ऊर्जा की वृद्धि किस दर से होगी?
उत्तर:
निकाय को दी गई ऊष्मा ∆Q = 100W
कार्य ∆W = 75W
आन्तरिक ऊर्जा ∆U = ∆Q – ∆W
= 100 – 75 = 25W
प्रश्न 9.
किसी ऊष्मागतिकीय निकाय को मूल अवस्था से मध्यवर्ती अवस्था तक चित्र में दर्शाए अनुसार एक रेखीय प्रक्रम द्वारा ले जाया गया है।
एक समदाबी प्रक्रम द्वारा इसके आयतन को E से F तक ले जाकर मूल मान तक कम कर देते हैं। गैस द्वारा D से E तथा वहाँ से F तक कुल किए गए कार्य का आकलन कीजिए।
होगा।
उत्तर:
D से E तथा E सेF के मध्य कुल कार्य ADEF का क्षेत्रफल
∆DEF का क्षेत्रफल = \(\frac{1}{2}\) DE × EF
जहाँ DE दाब में परिवर्तन
= 600 N-m2 – 300 N-m2
= 300 N-m2
FE = आयतन में परिवर्तन
= 5.0m3 – 20m3
= 3.0m3
∆DEF का क्षेत्रफल = \(\frac{1}{2}\) × 300 × 3
= \(\frac{1}{2}\) × 900J = 450J
अत: D से E से F के मध्य गैस द्वारा किया गया कुल कार्य 450 जूल
प्रश्न 10.
खाद्य पदार्थ को एक प्रशीतक के अन्दर रखने पर वह उसे 9°C पर बनाए रखता है। यदि कमरे का ताप 36°C है तो प्रशीतक के निष्पादन गुणांक का आकलन कीजिए।
उत्तर:
रेफ्रीजरेटर का ताप T1 = 9°C = 273 + 9 = 282K
कमरे का ताप T2 = 36°C = 273 + 36 = 309K
निष्पादन गुणांक
= \(\frac{\mathrm{T}_2}{\mathrm{~T}_2-\mathrm{T}_1}\)
= \(\frac{282}{309-282}\)
= \(\frac{282}{27}\)
= 10.48