HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 2 मात्रक और मापन

Haryana State Board HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 2 मात्रक और मापन Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Physics Important Questions Chapter 2 मात्रक और मापन


बहुविकल्पीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
यदि बल, लम्बाई तथा समय मूल मात्रक हों तो द्रव्यमान का विमीय सूत्र होता है:
(a) [F1 L-1 T2]
(b) [F1 L1 T2]
(c) [F1 L1 T-1]
(d) [F1 l1 T1]
उत्तर:
(b) [F1 L1 T2]

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प्रश्न 2.
एक ठोस गोले की त्रिज्या के आयतन मापन में 2% त्रुटि है, इसके मापन में 2% की त्रुटि है:
(a) 10%
(b) 20%
(c) 6%
(d) 8%
उत्तर:
(c) 6%

प्रश्न 3.
\(\frac{1}{\sqrt{\mu_0 \varepsilon_0}}\) का विमीय सूत्र है:
(a) [[M0L0T0]
(b) [M0L1T-1A-1]
(c) [M0L1T-1A-1]
(d) [M0LT-1]
उत्तर:
(d) [M0LT-1]

प्रश्न 4.
\(\frac{E}{B}\) का विमीय सूत्र है:
(a) [M0L0T0]
(b) [ML2T-2K-1]
(c) [M0LT-1]
(d) [MLT3A-1]
उत्तर:
(c) [M0LT-1]

प्रश्न 5.
एक प्रकाश वर्ष (ly) की दूरी का मान है:
(a) 9.46 x 1010 km
(b) 9.46 x 1012 km
(c) 9.46 x 1012m
(d) 9.46 x 1015 cm
उत्तर:
(b) 9.46 x 1012 km

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प्रश्न 6.
किसी कण द्वारा तय की गई दूरी तथा समय में निम्न सम्बन्ध हैं:
x = At + Bt2 इनमें A व B की विमाएँ हैं:
(a) [M0L1T1][M0L1T-2]
(b) [M0L1T-1][M0L1T-2]
(c) [M0L1T1][M0L1T-2]
(d) [M0L1T1][M0L1T-1]
उत्तर:
(b) [M0L1T-1][M0L1T-2]

प्रश्न 7.
एक भौतिक राशि Y = MaLbT-c द्वारा व्यक्त की जाती है। यदि M, L व T के मापन में क्रमशः α%, β% व γ% त्रुटि हो, तो कुल प्रतिशत त्रुटि होगी-
(a) [aα – bβ + cγ]%
(b) [aα – bβ – cγ]%
(c) [aα + bβ – cγ]%
(d) [aα + bβ + cγ]?
उत्तर:
(d) [aα + bβ + cγ]?

प्रश्न 8.
कोणीय संवेग व रेखीय संवेग के अनुपात की विमा है:
(a) [M0LT0]
(b) [MLT-1]
(c) [ML2T-1]
(d) [M-1L-1T-1]
उत्तर:
(a) [M0LT0]

प्रश्न 9.
एक घन की लम्बाई और द्रव्यमान के मापन में अधिकतम प्रतिशत त्रुटि 2% और 3% है। घनत्व के मापन में अधिकतम प्रतिशत त्रुटि होगी:
(a) 9%
(b) 3%
(c) 27%
(d) 6%
उत्तर:
(a) 9%

प्रश्न 10.
1 सेकण्ड तुल्य है:
(a) क्रिप्टॉन घड़ी के 1650763.73 आवर्ती के
(b) क्रिप्टॉन घड़ी के 652189.63 आवर्ती के
(c) सीजियम घड़ी के 1650763.73 आवर्तों के
(d) सीजियम घड़ी के 9192631770 आवतों के
उत्तर:
(a) क्रिप्टॉन घड़ी के 1650763.73 आवर्ती के

प्रश्न 11.
गुरुत्वीय नियतांक G का विमीय सूत्र है:
(a) [M1L2T2]
(b) [M-1L3T-2]
(c) [M-1L2T-2]
(d) [M-1L1T-2]
उत्तर:
(b) [M-1L3T-2]

प्रश्न 12.
विमीय विश्लेषण विधि से निम्न सूत्र व्युत्पन्न नहीं किया जा सकता है:
(a) T = 2π \(\sqrt{\frac{l}{g}}\)
(b) s = ut + at2
(c) F = 6πrv
(d) v = \(\sqrt{\frac{T}{m}}\)
उत्तर:
(b) s = ut + at2

प्रश्न 13.
ताप का SI पद्धति में मात्रक है:
(a) सेण्टीग्रेड
(b) लम्बाई
(c) केल्विन
(d) रूमर
उत्तर:
(c) केल्विन

प्रश्न 14.
निम्न में से कौन सी राशि व्युत्पन्न है?
(a) द्रव्यमान
(b) फॉरेनहाइट
(c) समय
(d) वेग
उत्तर:
(d) वेग

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प्रश्न 15.
एक वैज्ञानिक किसी प्रयोग में 100 प्रेक्षण लेता है। वह पुन: इस प्रयोग को दोहराता है तथा 400 प्रेक्षण लेता है, तो त्रुटि:
(a) अपरिवर्तित होगी
(b) आधी हो जायेगी
(c) चौथाई हो जायेगी
(d) चौगुनी हो जायेगी
उत्तर:
(c) चौथाई हो जायेगी

प्रश्न 16.
7000 में सार्थक अंकों की संख्या है:
(a) 1
(b) 2
(c) 3
(d) 4
उत्तर:
(a) 1

प्रश्न 17.
जूल सेकण्ड मात्रक है:
(a) बल आघूर्ण का
(b) कोणीय संवेग का
(c) ऊर्जा का
(d) शक्ति का
उत्तर:
(b) कोणीय संवेग का

प्रश्न 18.
धारा I = ktan θ सूत्र में का मात्रक होगा:
(a) ऐम्पियर
(b) रेडियन
(c) वोल्ट
(d) ओम
उत्तर:
(a) ऐम्पियर

प्रश्न 19.
तरंग संख्या k = \(\frac{2 \pi}{\lambda}\) का विमीय सूत्र होगा:
(a) [M0L-1T1]
(b) [M0L0T1]
(c) [M0L0T0]
(d) [M0L-1T0]
उत्तर:
(d) [M0L-1T0]

प्रश्न 20.
एक मोल गैस के लिए PV = RT समीकरण में R का विमीय सूत्र होगा:
(a) [M1L-2T-2K-1]
(b) [M1L2T2K-1]
(c) [M1L2T-2K-1]
(d) [M2L2T-2K]
उत्तर:
(c) [M1L2T-2K-1]

प्रश्न 21.
1 नैनोमीटर तुल्य है:
(a) 109 मीटर
(b) 106 मीटर
(c) 10-7 सेमी
(d) 10-9 सेमी
उत्तर:
(c) 10-7 सेमी

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प्रश्न 22.
3.513 kg का एक पिण्ड 5.0 m/s की चाल से x- दिशा में संवेग का परिमाण रिकॉर्ड किया अनुदिश गतिमान है। इसके जायेगा:
(a) 17.56 kg ms-1
(b) 17.57 kg ms-1
(c) 17.6 kg ms-1
(d) 17.565 kg ms-1
उत्तर:
(c) 17.6 kg ms-1

प्रश्न 23.
यदि E = ऊर्जा, G = गुरुत्वाकर्षण नियतांक l = आवेग तथा M द्रव्यमान, \(\frac{G I M^2}{E^2}\) तब की विमाएँ किस राशि को प्रदर्शित करती हैं?
(a) समय
(b) द्रव्यमान
(c) लम्बाई
(d) बल
उत्तर:
(a) समय

प्रश्न 24.
निम्नलिखित इकाइयों में से कौन-सी विमा दर्शाती है, जहाँ विद्युत आवेश दर्शाता है?
(a) \(\frac{\mathrm{Wb}}{\mathrm{m}^2}\)
(b) हेनरी (H)
(c) \(\frac{\mathrm{H}}{\mathrm{m}^2}\)
(d) वेबर (Wb)
उत्तर:
(b) हेनरी (H)

अति लघु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
माइक्रोन किस भौतिक राशि का मात्रक है?
उत्तर:
माइक्रोन दूरी अथवा लम्बाई का मात्रक है। (एक माइक्रोन = 10-6 मीटर)

प्रश्न 2.
रेडियन तथा स्टेरेडियन किसके मात्रक हैं?
उत्तर:
रेडियन समतलीय कोण का एवं स्टेरेडियन घन कोण का मात्रक है।

प्रश्न 3.
पूरक मात्रकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
रेडियन व स्टेरेडियन।

प्रश्न 4.
1 सेकण्ड में कितने नैनो सेकण्ड होते हैं?
उत्तर:
1 सेकण्ड में 109 नैनो सेकण्ड होते हैं।

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प्रश्न 5.
1 सेकण्ड माध्य सौर दिवस का कौन सा भाग होता है?
उत्तर:
1 सेकण्ड माध्य सौर दिवस का 86,400 वाँ भाग होता है।

प्रश्न 6.
mN, Nm तथा nm में क्या अन्तर है?
उत्तर:
mN मिली न्यूटन को, Nm न्यूटन मीटर को तथा nm नैनो मीटर को प्रदर्शित करते हैं।

प्रश्न 7.
वेग प्रवणता का विमीय ‘सूत्र’ लिखिये।
उत्तर:
वेग प्रवणता =
अतः वेग प्रवणता का विमीय सूत्र
\(\frac{\left[\mathrm{M}^0 \mathrm{~L}^1 \mathrm{~T}^{-1}\right]}{\left[\mathrm{M}^0 \mathrm{~L}^1 \mathrm{~T}^0\right]}\) = [M0L0T-1 ]

प्रश्न 8.
S.I. पद्धति में प्रदीपन तीव्रता का मात्रक क्या होता है?
उत्तर:
S.I. पद्धति में प्रदीपन तीव्रता का मात्रक “कैण्डिला” (cd) होता है।

प्रश्न 9.
पदार्थ की मात्रा का मूल मात्रक क्या है?
उत्तर:
पदार्थ की मात्रा का मूल मात्रक ‘मोल’ (mol) है।

प्रश्न 10.
एक जूल ऊर्जा कितने अर्ग के बराबर होती है?
उत्तर:
1 जूल = 107 अर्ग।

प्रश्न 11.
प्लांक नियतांक का मात्रक क्या होता है?
उत्तर:
प्लांक नियतांक / का मात्रक ‘जूल सेकण्ड’ (Js) होता है।

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प्रश्न 12.
गुरुत्वीय त्वरण तथा सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक (G) की विमाएं लिखिए।
उत्तर:
गुरुत्वीय त्वरण (g) का विमीय सूत्र = [M0L1T-2] तथा सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक (G) का विमीय सूत्र = [M-1L3T-2]

प्रश्न 13.
उस भौतिक राशि का नाम बताइये, जिसकी विमा प्लाँक नियतांक की विमा के बराबर हो।
उत्तर:
कोणीय संवेग।

प्रश्न 14.
उन राशियों के नाम बताइये जिनका विमीय सूत्र [M1L2T-1] हो।
उत्तर:
कोणीय संवेग तथा प्लांक नियतांक।

प्रश्न 15.
उन राशियों के नाम बताइये जिनका विमीय सूत्र [M1L2T-1] हो।
उत्तर:
कार्य एवं बल आघूर्ण।

प्रश्न 16.
समीकरण E = at + bt2 में E ताप विद्युत् वाहक बल है एवं तापान्तर है तथा वb नियतांक है। यहाँ का मात्रक क्या होगा ?
उत्तर:
∵ at का मात्रक = E का मात्रक
∴ का मात्रक = \(\frac{E}{t}\) = imm वोल्ट / डिग्री।

प्रश्न 17.
पृष्ठ तनाव की विमा क्या होती है?
उत्तर:
[M1L0T-2]

प्रश्न 18.
एक मीटर में Kr 86 की कितनी तरंगदैर्ध्य होती हैं?
उत्तर:
1 मीटर में Kr86 की तरंग संख्या = 1,650,763.73

प्रश्न 19.
आवेग की विमा किसकी विमा के समान होती है?
उत्तर:
आवेग की विमा [M1L1T-1] ‘संवेग’ की विमा के समान होती है।

प्रश्न 20.
दो विमाहीन राशियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
कोण, विकृति।

प्रश्न 21.
उन भौतिक राशियों के नाम लिखिये जिनके विमीय सूत्र [M1L-1 T-2] हैं।
उत्तर:
दाब, प्रतिबल, प्रत्यास्थता गुणांक।

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प्रश्न 22.
किसी ऐसी भौतिक राशि का नाम लिखिये जिसका मात्रक तो हो लेकिन विमाहीन हो।
उत्तर:
कोण

प्रश्न 23.
सूत्र \(T=2 \pi \sqrt{L Y}\) में T समय एवं L लम्बाई हो तो Y का विमीय सूत्र लिखिए।
उत्तर:
दिया है:
\(T=2 \pi \sqrt{L Y}\) ⇒ \(Y=\frac{T^2}{4 \pi^2 L}\)
∴ [y] = [M0L-1T-2]

प्रश्न 24.
बल, त्वरण, संवेग तथा शक्ति में न्यूटन सेकण्ड किसका मात्रक है?
उत्तर:
संवेग का।

प्रश्न 25.
क्या किसी भौतिक राशि की विमाएँ भिन्न-भिन्न पद्धतियों में भिन्न-भिन्न होती हैं?
उत्तर:
नहीं; किसी भौतिक राशि की विमाएँ सभी पद्धतियों में समान होती हैं।

प्रश्न 26.
भौतिक राशि Z की गणना सूत्र Z = \(\frac{a b^3}{c^6}\)द्वारा की जाती है। a, b तथा में से कौन सी राशि अधिक यथार्थता से नापी जानी चाहिए और क्यों?

उत्तर:
c क्योंकि c की घात अधिकतम है और त्रुटि में घात का गुणा किया जाता है।

प्रश्न 27.
प्लॉक के सार्वत्रिक नियतांक (h) का मात्रकं प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
फोटॉन की ऊर्जा, E = hv ⇒ h = \(\frac{E}{\mathrm{v}}\)
∴ h का मात्रक =
= जूल- सेकण्ड

प्रश्न 28.
किसी कोण की माप क्या लम्बाई के मात्रक पर निर्भर करती है?
उत्तर:
नहीं कोण दो लम्बाइयों का अनुपात होता है; अतः यह लम्बाई के मात्रक से स्वतन्त्र है।

प्रश्न 29.
X के मान में आपेक्षिक त्रुटि बताइये यदि X = \(\frac{A^4 B^{1 / 3}}{C \cdot D^{3 / 2}}\)
उत्तर:
X के मान में अधिकतम आपेक्षिक त्रुटि
\(\left|\frac{\Delta X}{X}\right|_{\max }=4 \frac{\Delta A}{A}+\frac{1}{3} \frac{\Delta B}{B}+\frac{\Delta C}{C}+\frac{3}{2} \frac{\Delta D}{D}\)

प्रश्न 30.
निम्न में सार्थक अंकों की संख्या बताइये:
1. 0.0020 × 104m;
2. 5.30 x 106 kg
उत्तर:

  1.  दो सार्थक अंक
  2. तीन सार्थक अंक

प्रश्न 31.
1 मिली सेकण्ड में कितने नैनो सेकण्ड होते हैं?
उत्तर:
1 ms = 10-3 s = 10-3 × 109 s = 106 ns.

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प्रश्न 32.
बल नियतांक का विमीय सूत्र लिखिये।
उत्तर:
बल नियतांक का विमीय सूत्र = [M1 L0T-2]

प्रश्न 33.
उन दो राशियों के नाम बताइये जिनके विमीय सूत्र [M1L0T-2] हों।
उत्तर:
बल नियतांक पृष्ठ तनाव।

प्रश्न 34.
आवेग का विमीय सूत्र लिखिए।
उत्तर:
आवेग = बल x समयान्तराल
= [M1L1T-2] × [T1] = [M1L1T-1]

प्रश्न 35.
किसी तार में अनुप्रस्थ तरंग की चाल V = \(\sqrt{\frac{T}{m}}\) है, जहाँ T तनाव बल है। यदि m तार की एकांक लम्बाई का द्रव्यमान kg-m-1 में हो तथा वेग 1, ms-1 में हो तो तनाव t का मात्रक बताइये
उत्तर:
सूत्र V = \(\sqrt{\frac{T}{m}}\)
⇒ T = v2.m
∴ T का मात्रक = (ms-1)2 kg.m-1 = kg.m.s-2 या न्यूटन

प्रश्न 36.
कोणीय संवेग की विमा तथा मात्रक लिखिए।
उत्तर:
कोणीय संवेग L = Iω
∴ L का मात्रक = kg-m2 s-1 तथा विमीय सूत्र
= [M2L2T-1]

प्रश्न 37.
दो ऐसे नियतांकों के नाम बताइये जो विमाहीन न हों।
उत्तर:
प्लांक नियतांक; गैस नियतांक

प्रश्न 38.
श्यानता गुणांक की विमा लिखिये।
उत्तर:
[M1L-1T-1]

लघु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
मात्रक किसे कहते हैं तथा मात्रकों की कितनी पद्धतियाँ होती हैं?
उत्तर:
भौतिक राशि के मापन के लिए नियत किये मान को मात्रक कहते हैं। किसी भौतिक राशि के निश्चित वास्तविक मूल रूप को उस राशि का मानक मात्रक कहते हैं।
मात्रकों की निम्नलिखित तीन पद्धतियाँ हैं:

  1. C.GS. पद्धति अर्थात् सेन्टीमीटर ग्राम सेकण्ड पद्धति।
  2. M. KS. पद्धति अर्थात् मीटर किलोग्राम सेकण्ड पद्धति।
  3. F.P.S. पद्धति अर्थात् फुट पाउण्ड सेकण्ड पद्धति।

प्रश्न 2.
एक रेडियन की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
एक तलीय कोण
∆s = \(\frac{\Delta s}{r}\) rad
यदि
∆s = r तो ∆θ = 1 rad.
अर्थात् एक रेडियन वह तलीय कोण है जो वृत्त की त्रिज्या के बराबर चाप द्वारा वृत्त के केन्द्र पर अन्तरित किया जाता है।

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प्रश्न 3.
किसी माप की यथार्थता तथा परिशुद्धता में क्या अन्तर है?
उत्तर:
किसी माप की यथार्थता से अभिप्राय है कि राशि का मापित मान उसके वास्तविक मान के कितना निकट है, जबकि किसी माप की परिशुद्धता से अभिप्राय है कि राशि किस विभेदन सीमा तक मापी गयी।
माप की परिशुद्धता ∝

प्रश्न 4.
आपेक्षिक तथा निरपेक्ष त्रुटि से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
निरपेक्ष त्रुटि: किसी राशि के वास्तविक एवं मापित मान के अन्तर को निरपेक्ष या परम त्रुटि कहते हैं।
जब वास्तविक मान न दिया हो बल्कि मापन के पाठ्यांक दिये हों उनका माध्यमान ही वास्तविक मान मान लिया जाता है अर्थात्
\(\bar{a}=\sum_{i=1}^n \frac{a_i}{n}\)
अतः i वे माप की निरपेक्ष त्रुटि
∆a = \(\bar{a}-a_i\)
और कुल निरपेक्ष त्रुटि
∆\(\bar{a}=\frac{1}{n} \sum_{i=1}^n\left|\Delta a_i\right|\)
आपेक्षिक त्रुटि: माध्य परम त्रुटि एवं माध्यमान के अनुपात को आपेक्षिक त्रुटि कहते हैं।
∴ आपेक्षिक त्रुटि = \(\frac{\Delta \bar{a}}{a}\)

प्रश्न 5.
शून्य अंक किन परिस्थितियों में सार्थक माना जाता है?
उत्तर:
शून्य अंक निम्न परिस्थितियों में सार्थक माना जाता है:

  1. यदि यह दो अशून्य अंकों के मध्य हो।
  2. यदि यह दशमलव बिन्दु के आगे अशून्य अंक के बाद हो।
  3.  यदि शून्य युक्त पूर्ण संख्या मापन से प्राप्त होती है जैसे किसी छड़ की लम्बाई मापने पर 200 cm प्राप्त होती है तो इसके दोनो शून्य सार्थक हैं।

प्रश्न 6.
एक गोले की त्रिज्या के मापन में 2% की त्रुटि होती है। इसके आयतन के मापन में कितने प्रतिशत त्रुटि होगी?
उत्तर:
गोले का आयतन v = \(\frac{4}{3}\)πr3
∴ \(\frac{\Delta V}{V}\) x 100 = 3 \(\frac{\Delta r}{r}\) × 100 = 3 x 2% = 6%
∴ गोले के आयतन में प्रतिशत त्रुटि = 6%

प्रश्न 7.
3.27 मीटर तथा 3.25 मीटर का अन्तर 0.02 मीटर या 2 x 10-2 मीटर है। क्या इसे 2.00 × 102 मीटर लिख सकते हैं?
उत्तर:
नहीं, क्योंकि 2 के बाद के अंक निश्चित नहीं है अतः इन अंकों को शून्य नहीं माना जा सकता है।

प्रश्न 8.
यदि किसी प्रयोग में विभिन्न मापों में सार्थक अंकों की संख्या भिन्न-भिन्न हो तो किस राशि को अधिक शुद्धता से मापना चाहिए तथा क्यों?
उत्तर:
जिस राशि में सार्थक अंकों की संख्या सबसे कम हो, उसको अधिक शुद्धता से मापना चाहिए क्योंकि इसके कारण प्रतिशत त्रुटि सबसे अधिक आती है।

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प्रश्न 9.
किसी कण का विस्थापन s = ct3 द्वारा प्रदर्शित है, जहाँ t समय है। c का विमीय सूत्र ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
विस्थापन s = ct3 ⇒ c =
∴ c का विमीय सूत्र = \(\frac{\left[\mathrm{M}^0 \mathrm{~L}^1 \mathrm{~T}^0\right]}{\left[\mathrm{M}^0 \mathrm{~L}^0 \mathrm{~T}^3\right]}\)
= [M0L1T-3]
= [M0L1T-3]

प्रश्न 10.
यदि वेग, बल एवं समय को मूल मात्रक मान लिया जाये तो ऊर्जा का विमीय सूत्र ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
∵ ऊर्जा = कार्य = बल x विस्थापन = बल x वेग x समय
∴ ऊर्जा का विमीय सूत्र = [F1V1t1]

प्रश्न 11.
S.I. पद्धति की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:

  1. यह मात्रकों की परिमेयकृत पद्धति है अर्थात् इस पद्धति में किसी एक भौतिक राशि के लिए एक ही मात्रक का उपयोग होता है।
  2.  इस पद्धति में मात्रक अचर तथा उपलब्ध मानकों पर आधारित हैं।
  3.  यह मात्रकों की सम्बद्ध पद्धति है अर्थात् इस पद्धति में सभी भौतिक राशियों के व्युत्पन्न मात्रक केवल मूल मात्रकों को गुणा एवं भाग करके प्राप्त हो सकते हैं।
  4.  ये सभी मात्रक सुपरिभाषित एवं पुन: स्थापित होने वाले हैं।
  5.  यह मीट्रिक या दशमलव पद्धति है।
  6.  S.I. पद्धति विज्ञान की सभी शाखाओं में प्रयोग की जा सकती है परन्तु M.K.S. पद्धति को केवल यांत्रिकी में प्रयोग किया जा सकता है।

प्रश्न 12.
विमीय विश्लेषण विधि के उपयोग बताइये।
उत्तर:
विमीय समीकरणों के निम्नलिखित उपयोग हैं:

  1.  किसी समीकरण की सत्यता की जाँच करना।
  2. विभिन्न भौतिक राशियों के मध्य सम्बन्ध स्थापित करना।
  3.  भौतिक राशियों के मात्रकों को मापन की एक पद्धति से दूसरी पद्धति में बदलना।

1. किसी समीकरण की सत्यता की जाँच करना (To Check the Truthfulness of an Equation):
जिस समीकरण की सत्यता की जाँच करनी होती है, उसके दोनों पक्षों की विमाओं की तुलना करते हैं। यदि दोनों पक्षों की विमाएं समान मिलती हैं तो समीकरण सही होगा अन्यथा गलत होगा। यदि समीकरण के किसी पक्ष में एक से अधिक पदों का योग अथवा अन्तर हो तो सत्यता की जाँच अर्द्ध-समीकरण बनाकर करते हैं। यदि सभी अर्द्ध समीकरण विमीय दृष्टि से सही मिलते हैं तो दिया गया समीकरण सही होगा, अन्यथा गलत होगा।

प्रश्न 13.
क्या विमाहीन एवं मात्रकहीन भौतिक राशि का अस्तित्व सम्भव है?
उत्तर:
विमाहीन राशियों का अस्तित्व सम्भव है जैसे – कोण, विकृति इसी प्रकार मात्रक विहीन राशियों का अस्तित्व भी संभव है जैसे – विकृति, अपवर्तनांक, आपेक्षिक घनत्व।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
अन्तर्राष्ट्रीय पद्धति में मात्रकों के नाम एवं संकेत लिखने के नियम लिखिए।
उत्तर:

  1. भौतिक राशियों को प्रतीक रूप में सामान्यतः अंग्रेजी वर्णमाला के किसी अक्षर से निरूपित करते हैं तथा इन्हें तिरछे अथवा ढालू टाइप में छपवाया जाता है तथापि जिस राशि के लिए दो अक्षरीय प्रतीक आवश्यक हों तो उन्हें दो प्रतीकों के गुणनफल के रूप में प्रदर्शित करना होता है परन्तु इन प्रतीकों को पृथक् दर्शाने के लिए कुछ स्थान छोड़ना आवश्यक होता है।
  2.  नामों अथवा व्यंजकों के संक्षिप्त रूपों, जैसे- Potential Energy के लिए P.E. का उपयोग भौतिक समीकरणों में नहीं किया जाता है। पाठ्य सामग्री में इन संक्षिप्त रूपों को साधारण रोमन (सीधे) टाइप में छपवाया जाता है।
  3.  सदिश राशियों को मोटे टाइप में तथा सीधे छपवाया जाता है।
  4.  दो भौतिक राशियों के गुणनफल को उनके बीच कुछ स्थान छोड़कर लिखा जाता है। एक भौतिक राशि को दूसरी राशि से विभाजित करना एक क्षैतिज दण्ड खींचकर अथवा सॉलिडस (अर्थात् तिरछा रेखा) के साथ निर्दिष्ट किया जा सकता है अथवा अंश तथा हर के प्रथम घात के व्युत्क्रम के (जैसे- m/s या ms) के रूप में गुणनफल लिख सकते हैं।
  5.  मात्रकों के मानक तथा अनुमोदित प्रतीकों को अंग्रेजी वर्णमाला के छोटे अक्षरों से आरम्भ करके रोमन (सीधे टाइप) में लिखा जाता है। मात्रकों के लघु उल्लेखों, जैसे- kg, m, s, cd आदि को प्रतीकों के रूप में लिखा जाता है, संक्षिप्त रूप में नहीं मात्रकों को केवल तभी बड़े अक्षर से लिखा जाता है जब प्रतीक को किसी वैज्ञानिक के नाम से व्युत्पन्न किया जाता है जैसे- न्यूटन (N), जूल (J), ऐम्पियर (A) आदि।
  6.  मात्रकों के प्रतीकों को उनके लिए अनुमोदित अक्षरों में लिखने के पश्चात् उनके अन्त में पूर्ण विराम नहीं लगाया जाता तथा मात्रकों के प्रतीकों के केवल एक वचन में ही लिखा जाता है बहुवचन में नहीं अर्थात् किसी मात्रक का प्रतीक बहुवचन में अपरिवर्तित रहता है।
  7.  सॉलिडस (Solidus) अर्थात् (l) के उपयोग का अनुमोदन केवल एक अक्षर के मात्रक प्रतीक के अन्य मात्रक प्रतीक द्वारा विभाजन का संकेतन करने के लिए किया गया है। एक से अधिक सॉलिडस का उपयोग नहीं किया जाता है।

प्रश्न 2.
विमीय समीकरणों के उपयोग से किसी समीकरण में नियतांकों एवं चरों की विमाएँ ज्ञात करने की विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
किसी समीकरण में नियतांकों एवं चरों की विमाएं ज्ञात करना (To Find the Dimensions of Constants and Variables in the Given Equation):
समीकरणों में नियतांकों और चरों की विमाएँ भी विमाओं की समांगता के नियम से ज्ञात की जा सकती हैं अर्थात् किसी भी भौतिक राशि में जोड़ी या घटाई जाने वाली राशियों की विमाएँ समान होती हैं तथा समीकरण के दोनों पक्षों की विमाएँ भी समान होती हैं।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 2 मात्रक और मापन

प्रश्न 3.
विमा, विमीय सूत्र, विमीय समीकरण एवं विमीय समांगता का सिद्धान्त विस्तार पूर्वक समझाइये।
उत्तर:
विमा (Dimensions and Dimensional Analysis):
“किसी भौतिक राशि की विमाएँ वे घातें होती हैं, जिन्हें उस भौतिक राशि के व्युत्पन्न मात्रक प्राप्त करने के लिए मूल मात्रकों पर चढ़ाया जाता है।” उदाहरणार्थ-

= (दूरी का मात्रक)1 x ( समय का मात्रक)-1
स्पष्ट है कि चाल का मात्रक प्राप्त करने के लिए हमें लम्बाई के मात्रक पर 1 की घात एवं समय के मात्रक पर (-1) की घात चढ़ानी होती है। चाल के मात्रक को विभिन्न पद्धतियों में लिख सकते हैं – मीटर / सेकण्ड, सेमी/सेकण्ड, फुट/सेकण्ड। अतः ये सभी मात्रक अलग-अलग हैं परन्तु प्रत्येक की विमा में दूरी की । घात एवं समय की (-1) घात है। अतः, “किसी भौतिक राशि की विमाएँ राशि को व्यक्त करने वाले मात्रकों पर निर्भर नहीं करती हैं।”

कुछ पदों की परिभाषा निम्न प्रकार की जा सकती है:
1. विमीय सूत्र (Dimensional Formula): वह पद जो यह प्रदर्शित करता है कि व्युत्पन्न मात्रक को बनाने के लिए कौन सी मूल राशियों के मात्रक प्रयुक्त किये गये हैं, और कौन सी घातें इस कार्य में प्रयुक्त हैं, इसे भौतिक राशि का विमीय सूत्र कहते हैं। विमीय सूत्रों को सदैव बड़े कोष्ठक में लिखा जाता है।
उदाहरणार्थ: बल का विमीय सूत्र [M1L1 T-2] है।

2. विमीय समीकरण (Dimensional Equation): भौतिक राशि के संकेत को उसके विमीय सूत्र के बराबर रखने पर प्राप्त समीकरण को विमीय समीकरण कहते हैं।
उदाहरणार्थ:
[बल] = [M1L1T-2]
या
[F] = [M1L1T-2]

3. विमाओं का समांगता का सिद्धान्त (Principle of Homogeneity of Dimensions): इस सिद्धान्त के अनुसार “किसी भौतिक सम्बन्ध के लिए दोनों ओर के सभी पदों की विमाएँ समान होनी चाहिए।”
उदाहरण के लिए:
v = u + at में,
v की विमाएँ = [L1T-1]
u की विमाएँ = [L1T-1]
at की विमाएँ = [L1 T-2][T]=[LT-1]
उपयुक्त भौतिक समीकरण के दोनों पक्षों के सभी पदों की विमाएँ समान हैं, जोकि विमाओं की समांगता के सिद्धान्त के अनुरूप है।
विमीय सूत्र ज्ञात करना-यदि हमें यह ज्ञात हो कि किसी भौतिक राशि में कौन-कौन सी मूल राशियाँ शामिल हैं तो उस राशि का विमीय सूत्र हम निम्न प्रकार ज्ञात कर सकते हैं

प्रश्न 4.
किसी भौतिक राशि के संख्यात्मक मान तथा उसके मात्रक में क्या सम्बन्ध है? विमीय विधि में इस सम्बन्ध की क्या उपयोगिता है?
उत्तर:
भौतिक राशियों के मात्रकों को एक पद्धति से दूसरी पद्धति में बदलना (Conversion of Units of Physical Quantities from One to Another System):
किसी भौतिक राशि के आंकिक मान (n) तथा मात्रक (u) का गुणनफल नियत रहता है; अर्थात्
n. [u] = नियतांक …….(1)
माना किसी भौतिक राशि Q का विमीय सूत्र [MaLbTc] है। इस राशि का एक पद्धति में आंकिक मान n1 एवं मात्रक [Ma1Lb1T c1] तथा दूसरी पद्धति में आंकिक मान n2 एवं मात्रक [Ma2Lb2Tc2] है। अत: समीकरण (1) से
Q = n1u1 = n2u2
या Q = n1 [M4LT] = n2[M£LT′′]
या n2 = n \(\frac{\left[\mathrm{M}_1^a \mathrm{~L}_1^b \mathrm{~T}_1^c\right]}{\left[\mathrm{M}_2^a \mathrm{~L}_2^b \mathrm{~T}_2^c\right]}\)
या n2 = n1 \(\left[\frac{\mathrm{M}_1}{\mathrm{M}_2}\right]^a\left[\frac{\mathrm{L}_1}{\mathrm{~L}_2}\right]^b\left[\frac{\mathrm{T}_1}{\mathrm{~T}_2}\right]^c\)
इस सूत्र की सहायता से किसी भौतिक राशि के आंकिक मान को एक पद्धति से दूसरी पद्धति में बदला जा सकता है।

प्रश्न 5.
त्रुटि किसे कहते हैं? विभिन्न प्रकार की त्रुटियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
(A) क्रमबद्ध त्रुटियाँ (Systematic Errors): ” वे त्रुटियाँ जो किसी क्रमबद्ध नियम से निर्धारित होती हैं, क्रमबद्ध त्रुटियाँ कहलाती हैं।” क्रमबद्ध त्रुटियों को निर्धारित करने वाले नियम का पता लगाया जा सकता है। इस नियम के ज्ञात होते ही क्रमबद्ध त्रुटि को न्यूनतम किया जा सकता है। क्रमबद्ध त्रुटियों के कुछ स्रोत निम्नलिखित हैं-
(a) उपकरणी त्रुटियाँ ( Instrumental Errors ): सभी उपकरणी त्रुटियाँ क्रमबद्ध त्रुटियों के अन्तर्गत आती हैं। इनके उदाहरण हैं

  1.  स्केल का त्रुटिपूर्ण अंशांकन: त्रुटिपूर्ण अंशांकन के कारण एक तापमापी द्वारा N. T.P. पर जल का क्वथनांक 100°C के स्थान पर 95°C पढ़ा जा सकता है।
  2.  उपकरण की शून्यांक त्रुटि: वर्नियर कैलीपर्स, पेंचमापी की शून्यांक त्रुटि प्रकाशिक बेंच की सूचक त्रुटि (index error) भी क्रमबद्ध त्रुटियाँ हैं। सुग्राही एवं उच्च गुणवत्ता के यंत्रों का उपयोग करके इस प्रकार की त्रुटि को कम किया जा सकता है।

(b) प्रायोगिक तकनीक में अपूर्णता (Imperfection in Experimental Technique): प्रयोग के दौरान बाह्य प्रतिबन्धों जैसे – ताप, आर्द्रता, वायु-वेग आदि में क्रमबद्ध परिवर्तन तथा मापन की अनुचित तकनीक ( Imperfect Technique) क्रमबद्ध त्रुटियों के अन्तर्गत आते हैं। उदाहरणार्थ: यदि किसी व्यक्ति का ताप कन्धे व भुजा के बीच तापमापी को दबाकर मापा जाये तो इसका पाठ वास्तविक ताप से कम होगा। ऊष्मा के प्रयोगों में कुछ ऊष्मा का विकिरण द्वारा ह्रास हो जाता है।

(c) व्यक्तिगत त्रुटियाँ (Personal Errors): ये त्रुटियाँ उपकरण की अनुचित व्यवस्था तथा प्रेक्षण के दौरान उचित सावधानी न बरतने के कारण उत्पन्न होती हैं।
निराकरण (Elimination): क्रमबद्ध त्रुटियों को दूर करने के लिए भिन्न-भिन्न स्थितियों में भिन्न-भिन्न विधियों प्रयुक्त की जाती हैं।

  1. कुछ स्थितियों में त्रुटियों का निर्धारण वास्तविक प्रयोग से पहले किया जाता है। उदाहरणार्थ: यंत्र की शून्यांक त्रुटि प्रयोग से पहले ज्ञात की जाती है तथा प्रत्येक माप से संगत संशोधन किया जाता है।
  2.  कुछ स्थितियों में त्रुटियों का निर्धारण प्रयोग के बाद किया जाता है। उदाहरणार्थ: ऊष्मा के प्रयोग में विकिरण के ह्रास का संशोधन विभिन्न समयों में लिए ताप के प्रेक्षण से किया जाता है।

(B) यादृच्छिक त्रुटियाँ (Random Errors): इस प्रकार की त्रुटियाँ अत्यधिक भिन्नता के कारण होती हैं। कभी-कभी इस प्रकार की त्रुटियाँ अवसरीय त्रुटि कहलाती हैं। यदि कोई व्यक्ति अपने पाठ्यांकों की पुनरावृत्ति करे तो व्यक्ति प्रत्येक प्रेक्षण में त्रुटि करता है एवं इस प्रकार की त्रुटि को अंकगणितीय माध्य के द्वारा कम करके शुद्धतम मान प्राप्त किया जा सकता है।
माना किसी राशि के लिए लिये गये n पाठ्यांकों का मान क्रमश a1, a2, a3, ……….. an हो, तो शुद्ध मान निम्न होगा
या
स्पष्ट है कि प्रेक्षणों की संख्या n जितनी अधिक होगी, त्रुटि उतनी ही \(\left(\frac{1}{n}\right)\)
यदि 100 प्रेक्षणों के औसत मान में यादृच्छिक त्रूटि x है तो 500 प्रेक्षणों के औसत मान में यह त्रुटि \(\left(\frac{x}{5}\right)\) होगी।

(C) स्थूल त्रुटियाँ (Gross Errors): व्यक्ति की असावधानी के कारण मापन में जो त्रुटि हो जाती है, वह सम्पूर्ण अथवा स्थूल त्रुटि कहलाती है। इनके उत्पन्न होने के कारण निम्न हैं।

  1.  किसी उपकरण की उचित व्यवस्था किये बिना पाठ्यांक लेने के कारण।
  2.  गलत तरीके से पाठ्यांक लेना।
  3.   पाठ्यांक को लिखते समय गलत लिख लेना।
  4.  परिकलन में पाठ्यांक का मान गलत रख देना।

प्रश्न 6.
दो राशियों के गुणनफल तथा भागफल में होने वाली अधिकतम त्रुटियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
राशियों के गुणनफल में त्रुटि (Error in Product of Quantities): माना कोई भौतिक राशि Z राशियों A व B के गुणनफल के बराबर है, अर्थात्
Z = A x B
माना ∆A = A राशि में परम त्रुटि
∆B = B राशि में परम त्रुटि
और ∆Z = Z के आंकलन में परम त्रुटि

∵ राशि \(\frac{\Delta A \cdot \Delta B}{A B}\) बहुत छोटी राशि है अत: इसे छोड़ने पर,
\(\pm \frac{\Delta Z}{Z}\) = \(\pm \frac{\Delta A}{A} \pm \frac{\Delta B}{B}\)
∴ अधिकतम भिन्नात्मक त्रुटि-
\(\left|\frac{\Delta Z}{Z}\right|_{\max }\) = \(\frac{\Delta A}{A}+\frac{\Delta B}{B}\)

वैकल्पिक विधि (Alternative Method):
∴ Z = A.B
दोनों ओर का लघुगुणक (log) लेने पर:
log Z = log A.B
या log Z = log A + log B
दोनों पक्षों का अवकलन करने पर,
\(\frac{\Delta Z}{Z}\) = \(\frac{\Delta A}{A}+\frac{\Delta B}{B}\)
∴ \(\left|\frac{\Delta Z}{Z}\right|_{\max }\) = \(\frac{\Delta A}{A}+\frac{\Delta B}{B}\)
अतः दो राशियों के गुणनफल में अधिकतम भिन्नात्मक त्रुटि, गुणक राशियों की भिन्नात्मक त्रुटियों के योग के बराबर होती है।

राशियों के भागफल में त्रुटि (Error in Division of Quantities): माना कोई भौतिक राशि Z दो राशियों A व B के बराबर है, अर्थात्
Z = \(\frac{A}{B}\)
माना ∆A = A के मापन में परम त्रुटि ∆B = B के मापन में परम त्रुटि
तथा ∆Z = Z के आंकलन में परम त्रुटि
अतः
Z = \(\frac{A}{B}\)
दोनों ओर का लघुगुणक लेने पर
log Z = log A – log B
दोनों पक्षों का अवकलन करने पर
\(\frac{\Delta Z}{Z}\) = \(\frac{\Delta A}{A}-\frac{\Delta B}{B}\)
अतः अधिकतम त्रुटि के लिए
\(\left|\frac{\Delta Z}{Z}\right|_{\max }\) = \(\frac{\Delta A}{A}+\frac{\Delta B}{B}\)
अतः दो राशियों के गुणनफल में अधिकतम भिन्नात्मक त्रुटि, गुणक राशियों की भिन्नात्मक त्रुटियों के योग के बराबर होती है।

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प्रश्न 7.
अल्पतमांक से क्या अभिप्राय है? वर्नियर कैलिपर्स एवं स्क्रूगेज की अल्पतमांक का उदाहरण देकर स्पष्ट करें।
उत्तर:
(A) वर्नियर कैलीपर्स: “किसी उपकरण द्वारा मापी जा सकने वाली न्यूनतम माप को उस उपकरण की अल्पतमांक (Least Count) कहते हैं।” साधारण मीटर स्केल का अल्पतमांक 0.1 cm होता है। इससे छोटी दूरी के मापन के लिए फ्रान्सीसी वैज्ञानिक “पियरे वर्नियर” ने मुख्य पैमाने के साथ सरकने वाले एक सहायक पैमाने का विकास किया जिसे वर्नियर पैमाना कहते हैं। वर्नियर पैमाने के n भागों का मान मुख्य पैमाने के (n – 1) भागों के मान के बराबर होता है अर्थात् वर्नियर पैमाने के 1 खाने का मान मुख्य स्केल के 1 भाग के मान से छोटा होता है। इन दोनों के मानों में अन्तर ही अल्पतमांक कहलाता है।

वर्नियर पैमाने का उपयोग दो जबड़ों वाले कैलीपर्स के साथ करने से वर्नियर कैलीपर्स बनता है। वर्नियर कैलीपर्स का अल्पतमांक साधारणतः 0.01 cm होता है। वर्नियर पैमाने के 10 भागों का मान 9 mm होता है, अतः एक भाग का मान 0.9mm होगा।
∴ वर्नियर कैलीपर्स का अल्पतमांक
= 1mm – 0.9mm = 0.1mm
= 0.01 cm
इस प्रकार व्यापक रूप से वर्नियर कैलीपर्स का

वर्नियर कैलीपर्स का नामांकित आरेख संलग्न चित्र 2.7 में दर्शाया है।

(B) स्क्रूगेज अथवा पेंचमापी – यह उपकरण पेंच के सिद्धान्त पर कार्य करता है, इसलिए इसे पेंचमापी (Screw gauge) कहते हैं। पेंच में दो क्रमागत चूड़ियों के बीच की दूरी को चूड़ी अन्तराल (pitch) कहते हैं। पेंच को एक पूरा चक्कर घुमाने पर पेंच की नोंक का विस्थापन चूड़ी अन्तराल के बराबर होता है। पेंचमापी का नामांकित आरेख संलग्न चित्र 2.8 में दर्शाया है। इसमें एक वृत्ताकार पैमाना एक मुख्य पैमाने पर एक पेंच की सहायता से गति करता है।

प्रश्न 8.
सूक्ष्म दूरियों के मापन की स्पष्ट विवेचना कीजिए एवं उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
(A) सूक्ष्म दूरियों का मापन (Measurement of Very Small Distances): अणु का व्यास 108 m से 10-10m की कोटि का होता है। किसी भी सूक्ष्मदर्शी की एक सीमा होती है। प्रकाशीय सूक्ष्मदर्शी में प्रयुक्त प्रकाश की तरंगदैर्ध्य 5 x 10-7m होती है। ऐसा सूक्ष्मदर्शी 10-7 मी कोटि की तरंगदैर्ध्य के तुल्य विभेदन के लिए उपयोगी होता है इसलिए सूक्ष्मदर्शी से 100 मी कोटि के आकार वाले कणों की माप की जा सकती है। इलेक्ट्रॉन पुंज में भी तरंग गुण होते हैं एवं इलेक्ट्रॉन-तरंगों की तरंगदैर्ध्य 1A = 10-10 m की कोटि की होती है तथा इलेक्ट्रॉनों को वैद्युत् व चुम्बकीय क्षेत्रों द्वारा फोकसित भी किया जा सकता है। इसी आधार पर इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी की रचना की गई है। इसके द्वारा परमाणुओं एवं अणुओं का विभेदन सम्भव है। जिससे इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी अणुओं के आंकलन के लिए उपयुक्त होता है। आजकल सुरंगन सूक्ष्मदर्शी (Tunnelling microscope) उपयोग किया जाता है। अतः अति सूक्ष्म लम्बाइयों के मापन के लिए कुछ परोक्ष विधियाँ भी उपयोगी होती हैं। यहाँ पर हम कुछ ऐसी विधियों का वर्णन करेंगे

आंकिक प्रश्न:

प्रश्न 1.
विमीय विधि से निम्न समीकरण की सत्यता की जाँच कीजिए
v = \(\sqrt{\frac{2 G M}{r}}\) जहाँ v वेग; G गुरुत्वाकर्षण नियतांक एवं दूरी है।
उत्तर:
सत्या

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प्रश्न 2.
m द्रव्यमान का एक पिण्ड किसी स्प्रिंग के सिरे पर लटका हुआ दोलन करता है। स्प्रिंग का बल नियतांक K तथा दोलनकाल T है। विमीय विधि से ज्ञात कीजिए कि T = 2π \(\frac{m}{K}\) अशुद्ध है।
उत्तर:
अशुद्ध।

प्रश्न 3.
आइंस्टीन के अनुसार किसी पदार्थ की ऊर्जा उसके द्रव्यमान (m), तथा प्रकाश की चाल (c) पर निर्भर करती है। विमीय विधि से ऊर्जा के लिए सूत्र व्युत्पन्न कीजिए।
उत्तर:
E = mc2

प्रश्न 4.
मान लीजिए किसी माध्यम में अनुदैर्ध्य तरंगों की चाल (v), प्रत्यास्थता गुणांक (E) व घनत्व (p) पर निर्भर करती है। विमीय विधि से चाल (v) के लिए सूत्र व्युत्पन्न कीजिए।
उत्तर:
v = \(\sqrt{\frac{E}{\rho}}\)

प्रश्न 5.
एक क्षैतिज तल में वृत्तीय कक्षा में परिक्रमा कर रहा है। कण पर लगने वाला अभिकेन्द्र बल कण के द्रव्यमान (m), वृत्त की त्रिज्या (r) तथा कण की चाल (ρ) पर निर्भर करता है। विमीय विधि से अभिकेन्द्र बल के लिए सूत्र प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
F = \(\frac{m v^2}{r}\)

प्रश्न 6.
गुरुत्वीय त्वरण का मान 9.8 ms-2 है। इसका मान किलोमीटर/मिनट में विमीय विधि से ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
35.28 किमी / मिनट2

प्रश्न 7.
जल में ध्वनि की चाल 1440ms-1 है। यदि लम्बाई का मात्रक km तथा समय का मात्रक hr हो तो इसका मान क्या होगा?
उत्तर:
5184 km. hr-1

प्रश्न 8.
स्टील का यंग प्रत्यास्थता गुणांक 19 × 1010 Nm2 है। इसका मान dyne cm2 में ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
19 x 1011 dyne cm-2

प्रश्न 9.
पृथ्वी के दो व्यासतः अभिमुख बिन्दुओं A व B से चन्द्रमा को प्रेक्षित करने पर, प्रेक्षण दिशाओं के मध्य कोण θ का मान 1.54° प्राप्त होता है। पृथ्वी का व्यास 1.276 x 107 m लेते हुए पृथ्वी से चन्द्रमा की दूरी का आंकलन कीजिए।
उत्तर:
3.85 x 105 km

प्रश्न 10.
हाइड्रोजन परमाणु का आकार लगभग 0.4Å है। हाइड्रोजन परमाणु के एक मोल का कुल आयतन m3 में ज्ञात कीजिए। दिया है: 1 A = 10-10 m.
उत्तर:
1.6 x 107 m3

प्रश्न 11.
एक पेंचमापी की अल्पतमांक 0.001 cm है। इसके द्वारा तार का व्यास 0.225 cm मापा जाता है। इस माप में प्रतिशत त्रुटि ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
0.4%

प्रश्न 12.
एक वर्नियर कैलिपर्स का अल्पतमांक 0.01 cm है। इसके द्वारा किसी गोले कां व्यास 2.52 cm मापा जाता है। इस माप में प्रतिशत त्रुटि ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
0.39%

प्रश्न 13.
सरल लोलक के प्रयोग में लोलक की लम्बाई L नापने में 0.1% की त्रुटि तथा आवर्तकाल T नापने में 2% की त्रुटि होती है। इन प्रेक्षणों से प्राप्त L/T2 के मान में अधिकतम प्रतिशत त्रुटि ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
4.1%

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 2 मात्रक और मापन

प्रश्न 14.
घनत्व नापने के प्रयोग में एक विद्यार्थी ने वस्तु का द्रव्यमान 7.34 g तथा आयतन 13.4 cm3 मापा उसके फल में कितने प्रतिशत अधिकतम सम्भावित त्रुटि है?
उत्तर:
0.88%

प्रश्न 15.
एक तनी हुई डोरी में ध्वनि की चाल = \(\sqrt{\frac{T}{m}}\) जहाँ T = Mg है। प्रयोग द्वारा M 2.0kg तथा m = 1.5g.m ज्ञात किया गया। के मान में अधिकतम सम्भावित प्रतिशत त्रुटि ज्ञात कीजिए। उत्तर:
5.8%

प्रश्न 16.
एक घन के द्रव्यमान तथा उसकी एक भुजा की लम्बाई की मापों में अधिकतम त्रुटियाँ क्रमशः 3% तथा 2% हैं। घन के पदार्थ के परिकलित घनत्व में प्रतिशत त्रुटि ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
9%

प्रश्न 17.
एक भौतिक राशि तीन मापी गई भौतिक राशियों a, b व c से निम्न सूत्र द्वारा सम्बन्धित हैं:
\(s=\frac{a b^2}{c^3}\)
यदि a, b व c के मापन में क्रमशः 1, 2 और 3 प्रतिशत की त्रुटियाँ हों तो s के मान में अधिकतम सम्भावित त्रुटि क्या होगी?
उत्तर:
14%

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