Haryana State Board HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 ऐमीन Important Questions and Answers.
Haryana Board 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 ऐमीन
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. R3N में नाइट्रोजन परमाणु की संकरण अवस्था क्या है?
(अ) sp³
(ब) sp
(स) sp²
(द) sp³d
उत्तर:
(अ) sp³
2. अम्लीय माध्यम में Sn + HCI से नाइट्रोबेन्जीन का अपचयन करने पर प्राप्त उत्पाद होगा-
(अ) N-फेनिल हाइड्रॉक्सिल ऐमीन
(ब) फीनॉल
(स) ऐनिलीन
(द) N-मेथिल ऐनिलीन
उत्तर:
(स) ऐनिलीन
3. एथेन नाइट्राइल का LiAlH4 द्वारा अपचयन करने पर प्राप्त उत्पाद होगा-
(अ) मेथिल ऐमीन
(ब) एथिल ऐमीन
(स) डाइमेथिल ऐमीन
(द) ट्राइमेथिल ऐमीन
उत्तर:
(ब) एथिल ऐमीन
4. निम्नलिखित में से किसके द्वारा प्राथमिक ऐमीन की पहचान की जाती है?
(अ) NaOH
(ब) HCl
(स) CHCl3
(द) CHCl3 + KOH
उत्तर:
(द) CHCl3 + KOH
5. बेन्जीन डाइऐजोनियम क्लोराइड की क्रिया यौगिक y से कराने पर एक रंजक बनता है तो यौगिक y है-
(अ) C6H6
(ब) C2H5OH
(स) H2O
(द) C6H5NH2
उत्तर:
(द) C6H5NH2
6. का LiAlH4 / H2O से अपचयन कराने पर प्राप्त यौगिक है-
(अ) ऐथेनेमीन
(ब) प्रोपेन- 1- ऐमीन
(स) प्रोपेन -2- ऐमीन
(द) प्रोपेनॉइक अम्ल
उत्तर:
(ब) प्रोपेन- 1- ऐमीन
7. का आई.यू.पी.ए.सी. नाम है-
(अ) एथेन डाइऐमीन
(ब) एथेन – 1, 2 – डाइऐमीन
(स) 1, 2 – डाइऐमीनोएथेन
(द) 2 – ऐमीनो ऐथेनेमीन
उत्तर:
(ब) एथेन – 1, 2 – डाइऐमीन
8. निम्नलिखित में से कौनसा तृतीयक ऐमीन है ?
उत्तर:
9. निम्नलिखित में से किसका क्वथनांक उच्चतम है ?
(अ) CH3-CH2-CH-NH2
(ब) CH3-NH-CH2-CH3
(द) सभी का समान
उत्तर:
(अ) CH3-CH2-CH-NH2
10. निम्नलिखित में से किसका pKb मान न्यूनतम है?
(अ) N- मेथिल मेथेनेमीन
(ब) N N डाइमेथिलमेथेनेमीन
(स) मेथेनेमीन
(द) बेन्जीनेमीन
उत्तर:
(अ) N- मेथिल मेथेनेमीन
11. निम्नलिखित में से अधिकतम क्षारीय यौगिक कौनसा है?
(अ) (C2H5)3N
(ब) (C2H5)2NH
(स) C2H5NH2
(द) NH3
उत्तर:
(ब) (C2H5)2NH
12. इलेक्ट्रॉनस्नेही प्रतिस्थापन के लिए – NH2 समूह है-
(अ) निर्देशी
(ब) o, p-निर्देशी
(स) केवल 0-निर्देशी
(द) केवल p-निर्देशी
उत्तर:
(ब) o, p-निर्देशी
13. ऐनिलीन की ब्रोमीन जल से अभिक्रिया कराने पर बना यौगिक है-
उत्तर:
14. अभिक्रिया C6H5\(\stackrel{+}{N}\)2, \(\stackrel{-}{C}\)l + KI से बना यौगिक है-
उत्तर:
15. C6H5\(\stackrel{+}{N}\)2, \(\stackrel{-}{C}\)l का अपचयन CH3CH2OH से कराने पर कौनसा उत्पाद नहीं बनेगा-
(अ) C6H6
(ब) C6H5 – CHO
(स) N2
(द) NH3
उत्तर:
(द) NH3
16. अभिक्रिया
में यौगिक C है-
(अ) CH3 – CH2 – CH2 – NH2
(ब) CH3 – CH2 – NH – CH3
(स) CH3 – CH2 – CH2 NHCOCH3
(द) CH3 – CH2 – CONH – COCH3
उत्तर:
(स) CH3 – CH2 – CH2 NHCOCH3
17. अभिक्रिया
में यौगिक Z है-
उत्तर:
18. निम्नलिखित में से कौनसी अभिक्रिया शॉटन बोमान अभिक्रिया कहलाती है?
(अ) CH3 NH2 + HCl → CH3N\(\stackrel{+}{H}\)3, \(\stackrel{-}{Cl}\)
(ब) CH3 – CH2 NH2 + C6H5 COCl → CH3 – CH2 – NH – COC6H5 + HCl
(स) C6H5 NH2 + CH3 COCl → C6H5 NH – COCH3 + HCl
(द) C6H5OH + CH3COCl → C6H5O COCH3 + HCl
उत्तर:
(ब) CH3 – CH2 NH2 + C6H5 COCl → CH3 – CH2 – NH – COC6H5 + HCl
19. निम्नलिखित में से कौनसे यौगिक की CH3COCl से अभिक्रिया नहीं होती?
(अ) C2H5OH
(ब) (CH3 – CH2)2 NH
(स) (CH3)3 N
(द) CH3 NH2
उत्तर:
(स) (CH3)3 N
20. निम्नलिखित में से किस यौगिक का अपचयन LiAIH4 द्वारा कराने पर \(\stackrel{\circ}{2}\) ऐमीन प्राप्त होता है?
(अ) CH3 – CH2 – NC
(ब) CH3CONH2
(स) CH3 – NO2
(द) CH3 – CH2 – CN
उत्तर:
(अ) CH3 – CH2 – NC
21. प्राथमिक ऐल्किल ऐमीन को क्लोरोफॉर्म एवं ऐल्कोहॉलिक पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड के साथ गर्म करने पर बनता है-
(अ) ऐल्किल क्लोराइड
(ब) ऐल्किल ऐल्कोहॉल
(स) ऐल्किल आइसोसायनाइड
(द) ऐल्कीन
उत्तर:
(स) ऐल्किल आइसोसायनाइड
22. निम्नलिखित अभिक्रिया अनुक्रम में उत्पाद की पहचान कीजिए-
(अ) 3, 4, 5 ट्राइबोमोबेन्जीन
(ब) 1, 2, 3 ट्राइब्रोमोबेन्जीन
(स) 3, 4, 5 ट्राइब्रोमोफीनॉल
(द) 3, 4, 5 ट्राइब्रोमोनाइट्रो बेन्जीन
उत्तर:
(ब) 1, 2, 3 ट्राइब्रोमोबेन्जीन
23. ऐमीन जो नाइट्स अम्ल के साथ अभिक्रिया करके नाइट्रोजन मुक्त नहीं करती है, वह है-
(अ) ट्राइमेथिल ऐमीन
(ब) एथिल ऐमीन
(स) द्वितीयक ब्यूटिल ऐमीन
(द) आइसोप्रोपिल ऐमीन
उत्तर:
(अ) ट्राइमेथिल ऐमीन
24. बेन्जिलऐमीन को क्लोरोफार्म तथा एथेनॉलिक KOH के साथ गर्म करने पर प्राप्त उत्पाद है-
(अ) बेन्जिल ऐल्कोहॉल
(ब) बेन्जेल्डिहाइड
(स) बेन्जोनाइट्राइल
(द) बेन्जिल आइसोसायनाइड
उत्तर:
(द) बेन्जिल आइसोसायनाइड
25. निम्नलिखित में से कौन-सी अभिक्रिया द्वारा प्राथमिक ऐमीन प्राप्त नहीं होती?
उत्तर:
26. अणुसूत्र C4H11N से कितने प्राथमिक ऐमीनों का निर्माण सम्भव है-
(अ) 1
(ब) 2
(स) 3
(द) 4
उत्तर:
(द) 4
27. ऐनिलीन सर्वप्रथम ऐसीटिल क्लोराइड के साथ क्रिया करके यौगिक ‘A’ बनाती है। ‘A’ नाइट्रिक अम्ल / सल्फ्यूरिक अम्ल मिश्रण के साथ क्रिया करता है तथा यौगिक ‘B’ बनाता है जो जल अपघटित होकर यौगिक ‘C’ देता है। यौगिक ‘C’ क्या है?
(अ) ऐसीटेनिलाइड
(ब) p-नाइट्रो ऐसीटेनिलाइड
(स) p- नाइट्रोऐनीलीन
(द) सल्फोनिक अम्ल
उत्तर:
(स) p- नाइट्रोऐनीलीन
28. निम्नलिखित में से कौन सी अभिक्रिया गाटरमान अभिक्रिया कहलाती है?
उत्तर:
29. O – टॉलुडीन से एक उत्पाद D बनता है
यह मुख्य उत्पाद D होगा-
उत्तर:
30. निम्नलिखित अभिक्रिया
तो D होगा-
उत्तर:
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
यौगिकों के निम्नलिखित युग्म में कौनसी समावयवता है?
CH3 – CH2 – CH2 – NH2 तथा
उत्तर:
स्थिति समावयवता।
प्रश्न 2.
ऐल्किल हैलाइड की अमोनिया के आधिक्य के साथ क्रिया कराने पर प्राप्त प्रमुख उत्पाद क्या होगा?
उत्तर:
प्राथमिक ऐमीन।
प्रश्न 3.
समान अणुभार वाले प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक ऐमीनों के क्वथनांक का क्रम लिखिए।
उत्तर:
प्राथमिक ऐमीन > द्वितीयक ऐमीन > तृतीयक ऐमीन।
प्रश्न 4.
कौनसे ऐमीन जल में अविलेय होते हैं ?
उत्तर:
तृतीयक ऐमीन।
प्रश्न 5.
सल्फेनिलिक अम्ल का सूत्र तथा IUPAC नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 6.
ऐमीनों के प्राकृतिक स्रोत बताइए।
उत्तर:
प्रकृति में ऐमीन, प्रोटीन, विटामिन, ऐल्केलॉइड तथा हॉर्मोनों में पाए जाते हैं।
प्रश्न 7.
दो जैव सक्रिय ऐमीन बताइए जिनका उपयोग रक्त चाप बढ़ाने में किया जाता है।
उत्तर:
ऐड्रीनलिन और इफेड्रिन, ये द्वितीयक ऐमीन हैं।
प्रश्न 8.
बैनेड्रिल का उपयोग बताइए। इसमें उपस्थित क्रियात्मक समूह भी बताइए।
उत्तर:
बैनेड्रिल प्रतिहिस्टैमिन के रूप में प्रयुक्त होता है तथा इसमें तृतीयक ऐमीन समूह उपस्थित होता है।
प्रश्न 9.
चतुष्क अमोनियम लवणों का एक उपयोग बताइए।
उंत्तर:
चतुष्क अमोनियम लवणों \(\left(\mathrm{R}_4 \stackrel{+}{\mathrm{N}} \overline{\mathrm{X}}\right)\) को पृष्ठ सक्रिय पदार्थों के रूप में प्रयुक्त किया जाता है।
प्रश्न 10.
तृतीयक ब्यूटिल ऐमीन किस प्रकार की ऐमीन है?
उत्तर:
प्राथमिक ऐमीन।
प्रश्न 11.
वह सरलतम प्राथमिक ऐमीन कौनसा है जो प्रकाशिक समावयवता दर्शाता है?
उत्तर:
प्रश्न 12.
मेथिल ऐमीन की अम्लीय प्रकृति को दर्शाने वाली एक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 13.
एक प्राथमिक ऐमीन (अणु भार 31) HgCl2 की उपस्थिति में कार्बन डाइसल्फाइड के साथ क्रिया करके ऐसा यौगिक बनाता है जिसमें सरसों के तेल के समान गंध आती है तो प्राथमिक ऐमीन का सूत्र तथा रासायनिक समीकरण दीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 14.
हिन्सबर्ग अभिकर्मक से 2° तथा 3° ऐमीन में विभेद कैसे किया जाता है ?
उत्तर:
2° ऐमीन हिन्सबर्ग अभिकर्मक के साथ क्रिया कर लेती है। लेकिन 3° ऐमीन की हिन्सबर्ग अभिकर्मक के साथ कोई क्रिया नहीं होती।
प्रश्न 15.
ऐनिलीन की बैन्जेल्डिहाइड के साथ अभिक्रिया का समीकरण दीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 16.
मेथेनैमीन को एथेन नाइट्राइल में रूपान्तरित करने के लिए आवश्यक अभिक्रिया अनुक्रम को लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 17.
जल में विलेय तथा जल में अविलेय डाइएजोनियम लवण कौनसे होते हैं?
उत्तर:
बेन्जीन डाइएजोनियम क्लोराइड (C6H5\(\stackrel{+}{N}\)2\(\overline{Cl}\)) जल में विलय होता है लेकिन बेन्जीन डाइएजोनियम फ्लुओरो बोरेट [C6H5\(\stackrel{+}{N}\)2B\(\overline{F}\)4] जल में अविलेय होता है।
लघुत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित परिवर्तनों के लिए आवश्यक समीकरण दीजिए-
(i) एथेनैल से मेथेनेमीन
(ii) एथेनॉयल क्लोराइड से मेथेनेमीन
(iii) एथेनॉइक अम्ल से प्रोपेन- 1- ऐमीन।
उत्तर:
प्रश्न 2.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं को पूर्ण कीजिए-
उत्तर:
प्रश्न 3.
ऐथेनेमीन जल में पूर्ण विलेय है, जबकि बेन्जीनेमीन (ऐनिलीन) जल में लगभग अविलेय है, क्यों?
उत्तर:
ऐथेनेमीन जल के साथ आसानी से अन्तरा अणुक हाइड्रोजन बन्ध बना लेती है, अतः यह जल में पूर्ण विलेय है लेकिन ऐनिलीन में फेनिल समूह के बड़े आकार के कारण यह जल के साथ हाइड्रोजन बन्ध नहीं बना पाती है अतः यह जल में लगभग अविलेय है।
प्रश्न 4.
(i) ऐलुमिना की उपस्थिति में एथेनॉल के आधिक्य की क्रिया अमोनिया के साथ कराने पर प्राप्त उत्पाद बताइए।
(ii) निम्नलिखित यौगिकों से मेथिल ऐमीन किस प्रकार बनाया जाता है? समीकरण दीजिए।
(a) CH3-MgCl
(b) CH3COCl
उत्तर:
(i) ऐलुमिना (Al2O3) की उपस्थिति में एथेनॉल के अधिकय की क्रिया अमोनिया के साथ कराने पर प्राथमिक, द्वितीयक तथा तृतीयक ऐमीनों का मिश्रण प्राप्त होता है।
प्रश्न 5.
निम्नलिखित विधियों से प्राथमिक ऐमीन बनाने की अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए-
(a) ऐल्किल आइसोसायनाइड का जल अपघटन
(b) कार्बोनिल यौगिकों का अपचायक ऐमीनीकरण
(c) ऐल्किल आइसोसायनेट का क्षारीय जल अपघटन
उत्तर:
प्रश्न 6.
ऐथिलऐमीन क्षारीय होती है जबकि ऐसिटेमाइड उभयधर्मी होता है, इसका कारण बताइए।
उत्तर:
ऐथिलऐमीन में – NH2 समूह के नाइट्रोजन का एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म प्रोटोन ग्रहण करने के लिए आसानी से उपलब्ध हो जाता है लेकिन ऐसिटैमाइड में उपस्थित समूह के – I प्रभाव के कारण, -NH2 समूह के नाइट्रोजन का एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म अनुनाद में भाग लेता है अतः यह प्रोटेन ग्रहण करने के लिए आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाता है इसलिए ऐथिलऐमीन क्षारीय होता है जबकि ऐसिटैमाइड उभयधर्मी होता है।
प्रश्न 7.
साइक्लोहेक्सेनैमीन बेन्जीनेमीन की तुलना में अधिक क्षारीय होती है, क्यों?
उत्तर:
साइक्लोहेक्सेनैमीन में नाइट्रोजन का एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म आसानी से उपलब्ध हो जाता है क्योंकि इसमें अनुनाद नहीं होता जबकि बेन्जीनेमीन (ऐनिलीन) में अनुनाद के कारण नाइट्रोजन का एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाता है अतः साइक्लोहेक्सेनैमीन, बेन्जीनेमीन की तुलना में अधिक क्षारीय होती है।
प्रश्न 8.
मेथिलऐमीन की निम्नलिखित के साथ अभिक्रिया दीजिए-
(i) HAuCl4
(ii) H2PtCl6
(iii) CH3COCl
(iv) C6H5COCl
उत्तर:
प्रश्न 9.
हॉफमान मस्टर्ड ऑइल अभिक्रिया पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
हॉफमान मस्टर्ड ऑइल अभिक्रिया-ऐल्किल ऐमीन की क्रिया कार्बन डाइसल्फाइड CS2 के साथ कराने पर पहले N-ऐल्किल डाइथायोकार्बेमिक अम्ल बनता है जिसे मरक्यूरिक क्लोराइड (HgCl2) के साथ गरम करने पर ऐल्किल आइसोथायोसायनेट प्राप्त होता है जिसकी सरसों के तेल के समान गंध आती है। अतः इस अभिक्रिया को हॉफमान मस्टर्ड ऑइल अभिक्रिया कहते हैं तथा यह अभिक्रिया प्राथमिक ऐमीनों के परीक्षण में प्रयुक्त होती है।
ऐरोमैटिक ऐमीन (जैसे ऐनिलीन) में यह अभिक्रिया निम्न प्रकार भी की जा सकती है-
प्रश्न 10.
ऐनिलीन से o-ब्रोमोऐनिलीन तथा p-ब्रोमोऐनिलीन किस प्रकार बनाया जाता है? समझाइए।
उत्तर:
ऐनिलीन की इलेक्ट्रॉनस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रियाओं के प्रति अधिक क्रियाशीलता के कारण प्रतिस्थापन o – तथा p – दोनों स्थितियों पर हो जाता है अतः ऐनिलीन का एकल प्रतिस्थापी व्युत्पन्न बनाने के लिए – NH2 समूह के सक्रियण प्रभाव को कम करने के लिए पहले ऐसिटिलीकरण द्वारा इसका रक्षण किया जाता है।
प्रश्न 11.
ऐनिलीन के नाइट्रीकरण से p-नाइट्रोऐनिलीन किस प्रकार बनाया जाता है ? समीकरण सहित समझाइए।
उत्तर:
नाइट्रीकारक मिश्रण में उपस्थित सान्द्र HNO3 के ऑक्सीकारक गुण के कारण यह ऐनिलीन का ऑक्सीकरण कर देता है अतः इस अभिक्रिया को नियंत्रित करने के लिए नाइट्रीकरण से पहले ऐनिलीन का ऐसिटिलीकरण करके – NH2 समूह का रक्षण किया जाता है।
प्रश्न 12.
नाइट्रोबेन्जीन को बेन्जीन में रूपान्तरित कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 13.
p-ऐमीनोटॉलुइन से 2-ब्रोमो-4-मेथिल ऐनिलीन बनाने के लिए आवश्यक अभिक्रिया अनुक्रम बताइए।
उत्तर:
p-ऐमीनोटॉलुइन से 2 -ब्रोमो-4-मेथिल ऐनिलीन बनाने के लिए निम्नलिखित अभिक्रिया अनुक्रम आवश्यक होते हैं-
प्रश्न 14.
सैन्डमायर अभिक्रिया तथा गाटरमान अभिक्रिया पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
हैलाइड अथवा सायनाइड आयन द्वारा प्रतिस्थापन (हैलोबेन्जीन अथवा सायनो बेन्जीन का निर्माण) –
(i) बेन्जीनडाइएजोनियम क्लोराइड की क्रिया Cu(I) की उपस्थिति में HCl, HBr तथा KCN के साथ करवाने पर क्रमशः C6H5Cl, C6H5Br तथा C6H5CN बनते हैं। इसे सैन्डमायर अभिक्रिया कहते हैं।
इस अभिक्रिया में Cu(I) के स्थान पर कॉपर लेने परइसे गाटरमान अभिक्रिया कहते हैं लेकिन इसमें उत्पाद की लब्धि कम होती है।
नोट-C6H5CN (बेन्जोनाइट्राइल) से बेन्जिल ऐमीन, बेन्जेमाइड तथा बेन्जोइक अम्ल का संश्लेषण किया जा सकता है।
(ii) फ्लुओरोबेन्जीन का निर्माण – जब बेन्जीनडाइएजोनियम क्लोराइड की अभिक्रिया फ्लुओरोबोरिक अम्ल के साथ की जाती है तो पहले ऐरीनडाइएजोनियम फ्लुओरोबोरेट अवक्षेपित होता है जिसे गरम करने पर यह ऐरिलफ्लुओराइड देता है। इसे बाल्ज शीमान अभिक्रिया कहते हैं।
(iii) आयोडोबेन्जीन का निर्माण – बेन्जीन वलय में आयोडीन को सीधे जोड़ना मुश्किल होता है अतः आयोडोबेन्जीन बनाने के लिए बेन्जीन डाइजोनियम क्लोराइड की क्रिया पोटेशियम आयोडाइड के साथ करवायी जाती है।
प्रश्न 15.
बेन्जीन डाइएजोनियम क्लोराइड की निम्नलिखित के साथ अभिक्रियाएँ बताइए-
(i) N, N-डाइमेथिल ऐनिलीन
(ii) ß – नैफ्थॉल।
उत्तर:
(i) N, N-डाइमेथिलऐनिलीन के साथ क्रिया
(ii) ß – नैफ्थॉल के साथ क्रिया
प्रश्न 16.
ऐमीनों के बनाने की वे कौनसी विधियाँ हैं जिनसे ऐनिलीन नहीं बनायी जा सकती ?
उत्तर:
ऐमीन बनाने की निम्नलिखित विधियों द्वारा ऐनिलीन नहीं बनायी जा सकती-
- नाइट्राइलों का अपचयन
- ऐमाइडों का अपचयन
- ऑक्सिमों का अपचयन
- कार्बोनिल यौगिकों का अपचायक ऐमीनीकरण।
प्रश्न 17.
अणुसूत्र C4H11N युक्त दो समावयवी A तथा B की HNO2 के साथ क्रिया से यौगिक C तथा D बनते हैं। C का ऑक्सीकरण मुश्किल से होता है लेकिन यह शीघ्रता से ल्युकास अभिकर्मक से क्रिया करता है जबकि D की ल्युकास अभिकर्मक से क्रिया 5 मिनट में होती है तथा यह हैलोफॉर्म अभिक्रिया भी देता है तो A, B, C तथा D की पहचान कीजिए।
उत्तर:
A = (CH3)3 C – NH2
A व B प्राथमिक ऐमीन हैं जिनकी HNO2 के साथ क्रिया से संगत ऐल्कोहॉल बनते हैं। C तृतीयक ऐल्कोहॉल है जिसका ऑक्सीकरण मुश्किल से होता है तथा यह ल्युकास अभिकर्मक से तुरन्त क्रिया कर लेता है तथा D एक द्वितीयक ऐल्कोहॉल है अतः यह ल्युकास अभिकर्मक से 5 मिनट में क्रिया करता है एवं समूह के कारण यह हैलोफॉर्म अभिक्रिया देता है।
प्रश्न 18.
आप निम्नलिखित परिवर्तन किस प्रकार करेंगे ?
(i) मेथिल ऐल्कोहॉल से एथिल ऐमीन
(ii) एथेनॉइक अम्ल से एथेनैमीन।
उत्तर:
प्रश्न 19.
बेन्जीन से फेनिल आइसोसायनाइड किस प्रकार बना जाता है ? आवश्यक ‘अभिक्रिया अनुक्रम लिखिए।
उत्तर:
बोर्ड परीक्षा के दृष्टिकोण से सम्भावित महत्त्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित यौगिकों को उनके जलीय विलयनों में क्षारीय सामर्थ्य के बढ़ते हुए क्रम में लिखिए-
NH3, CH3NH2, (CH3)2NH, (CH3)3N
उत्तर:
NH3 < (CH3)3 N < CH3 – NH2 < (CH3)2NH
प्रश्न 2.
निम्नलिखित अभिक्रिया समीकरणों को पूर्ण रूप में लिखिए-
उत्तर:
प्रश्न 3.
निम्नलिखित यौगिक युग्मों में अंतर करने के लिए रासायनिक परीक्षण लिखिए-
(i) एथिलऐमीन और ऐनिलीन में
(ii) ऐनिलीन और बेन्जिलऐमीन में।
उत्तर:
(i) ऐथिलऐमीन बेन्जीन डाइएजोनियम क्लोरइड से क्रिया करके ऐजो रंजक (Azo dye) नहीं बनाता जबकि ऐनिलीन, बेन्जीन डाइएजोनियम क्लोराइड से क्रिया करके एजोरंजक (पीला) बनाती है।
(ii) ऐनिलीन, बेन्जीन डाइएजोनियम क्लोराइड (C6H5\(\overline{N}\)2\(\overline{C}\)) से क्रिया करके एजोरंजक बनाती है लेकिन बेन्जिलऐमीन ऐसा नहीं करती।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित प्रत्येक प्रक्रम में A और B की पहचान कीजिए-
उत्तर:
प्रश्न 5.
निम्नलिखित को उनकी क्षारीय सामर्थ्य के बढ़ते क्रम में पुनः व्यवस्थित कीजिए-
C6H5NH2, C6H5N(CH3)2, (C6H5)2NH और CH3NH2
उत्तर:
प्रश्न 6.
निम्नलिखित के कारण लिखिए-
(i) ऐनिलीन के लिए pKb का मान अपेक्षाकृत मेथिलऐमीन से अधिक होता है।
(ii) एथिलऐमीन जल में घुलनशील है परन्तु ऐनिलीन जल में नहीं घुलती।
(iii) प्राथमिक ऐमीनों के क्वथनांक तृतीयक ऐमीनों से अधिक होते हैं।
उत्तर:
(i) मेथिल ऐमीन (CH3 – NH2) में मेथिल समूह के + I प्रभाव (इलेक्ट्रॉन प्रतिकर्षी प्रभाव) के कारण नाइट्रोजन परमाणु पर इलेक्ट्रॉन घनत्व बढ़ जाता है अतः इसकी इलेक्ट्रॉन देने की प्रवृत्ति अधिक होती है इसलिए इसका क्षारीय गुण अधिक होता है जबकि ऐनिलीन में नाइट्रोजन का एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म बेन्जीन वलय के साथ अनुनाद (+M प्रभाव) करता है जिससे इसके नाइट्रोजन पर इलेक्ट्रॉन घनत्व कम हो जाता है अतः इसकी इलेक्ट्रॉन देने की प्रवृत्ति कम हो जाती है इसलिए इसका क्षारीय गुण कम होता है। इसी कारण ऐनिलीन का pKb मेथिलऐमीन की तुलना में अधिक होता है क्योंकि क्षारीय गुण \(\propto \frac{1}{pK}{b} \propto K{b}\) (क्षार वियोजन स्थिरांक)
(ii) ऐथिलऐमीन (C2H5 – NH2) जल के साथ हाइड्रोजन बन्ध बनाती है जबकि ऐनिलीन के C6H5 – समूह (अध्रुवीय) के बड़े आकार के इसमें जल के साथ हाइड्रोजन बन्ध बनाने की प्रवृत्ति नहीं होती अतः ऐथिलऐमीन जल में विलेय है जबकि ऐनिलीन नहीं।
(iii) प्राथमिक ऐमीनों में नाइट्रोजन पर दो हाइड्रोजन परमाणु उपस्थित हैं जिनके कारण इनमें प्रबल अन्तराआण्विक हाइड्रोजन बन्ध होता है जिससे आण्विक सगुणन (Molecular association) अधिक होता है जबकि तृतीयक ऐमीन में नाइट्रोजन पर हाइड्रोजन परमाणु नहीं होने के कारण हाइड्रोजन बन्ध नहीं बनता अतः प्राथमिक ऐमीनों का क्वथनांक तृतीयक ऐमीनों से अधिक होता है।
प्रश्न 7.
प्रत्येक के लिए संगत रासायनिक समीकरण देकर निम्नलिखित का वर्णन कीजिए-
(i) कार्बिलऐमीन अभिक्रिया
(ii) हॉफमान की ब्रोमैमाइड अभिक्रिया
उत्तर:
(i) हॉफमान कार्बिलऐमीन अभिक्रिया या आइसोसायनाइड परीक्षण-ऐलिफैटिक तथा ऐरोमैटिक प्राथमिक ऐमीनों को क्लोरोफ़ार्म तथा एथेनॉलिक KOH या NaOH के साथ गर्म करने पर तीक्ष्ण दुर्गधधयुक्त पदार्थ आइसोसायनाइड अथवा कार्बिलऐमीन बनता है इसे हॉफमान कार्बिलऐमीन अभिक्रिया कहते हैं। द्वितीयक एवं तृतीयक ऐमीन में यह अभिक्रिया नहीं होती तथा यह अभिक्रिया प्राथमिक ऐमीनों के परीक्षण में प्रयुक्त की जाती है।
(ii) हॉफमान ब्रोमामाइड निम्नीकरण अभिक्रिया या हॉफमान हाइपोब्रोमाइट अभिक्रिया द्वारा (By Hofmann Bromamide Degradation Reaction or Hofmann Hypobromite Reaction) – NaOH याँ KOH के जलीय अथवा एथेनॉलिक विलयन में ऐमाइडों की क्रिया ब्रोमीन के साथ करवाने पर प्राथमिक ऐमीन प्राप्त होते हैं। इस अभिक्रिया से प्राप्त ऐमीन में ऐमाइड की तुलना में एक कार्बन कम होता है। अतः इस अभिक्रिया को निम्नीकरण अभिक्रिया कहते हैं तथा इसे सजातीय श्रेणी में अवरोहण के लिए प्रयुक्त किया जाता है। इस अभिक्रिया के प्रथम पद में ब्रोमामाइड (हाइपोब्रोमाइट) बनता है अतः इसे हॉफमान ब्रोमामाइड अभिक्रिया कहा जाता है।
अभिक्रिया की क्रियाविधि – यह अभिक्रिया चार पदों में सम्पन्न होती है तथा इसमें नाइट्रीन मध्यवर्ती बनता है।
(i) ब्रोमीनीकरण (Bromination)-
(ii) विहाइड्रोब्रोमीनीकरण (Dehydrobromination)-
(iii) पुनर्विन्यास (Rearrangement) – इस पद में ऐल्किल समूह का स्थानान्तरण कार्बन परमाणु से नाइट्रोजन परमाणु पर होकर ऐल्किल आइसोसायनेट बनता है।
(iv) जल अपघटन (Hydrolysis)-
प्रश्न 8.
(i) ऐनिलीन के डाइएजोटीकरण से क्या अभिप्राय है? अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।
(ii) ऐनिलीन की निम्नलिखित के साथ होने वाली अभिक्रियाओं के समीकरण लिखिए-
(A) हिन्सबर्ग अभिकर्मक से
(B) ब्रोमीन जल से
(C) नाइट्रीकारी मिश्रण से
(D) क्षार की उपस्थिति में क्लोरोफार्म से
उत्तर:
(i) बेन्जीन डाइएजोनियम क्लोराइड बनाने के लिए निम्न ताप पर ऐनिलीन की नाइट्रस अम्ल के साथ क्रिया करवायी जाती है। इस अभिक्रिया के लिए आवश्यक नाइट्रस अम्ल को अभिक्रिया मिश्रण में ही सोडियम नाइट्राइट (NaNO2 तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) की क्रिया से उत्पन्न किया जाता है। प्राथमिक ऐरोमैटिक ऐमीन से डाइऐजोनियम लवण बनाने की इस अभिक्रिया को डाइऐजोकरण या डाइएजोटीकरण (Diazotisation) कहते हैं। यह अभिक्रिया उन्हीं प्राथमिक ऐरोमैटिक ऐमीनों द्वारा दी जाती है जिनमें -NH2 समूह ऐरीमैटिक वलय से सीधे जुड़ा होता है।
बेन्जीन डाइएजोनियम लवण केवल विलयन में ही कुछ समय के लिए स्थायी होते हैं अतः इनका भण्डारण नहीं किया जा सकता तथा इन्हें बनते ही प्रयोग में ले लिया जाता है।
(ii)
B. हैलोजेनीकरण या हैलोजनन (Halogenation)-ऐनिलीन कमरे के ताप पर ही ब्रोमीन जल से अभिक्रिया करके 2,4,6-ट्राइब्रोमोऐनिलीन का श्वेत अवक्षेप देती है।
ऐनिलीन की इलेक्ट्रॉनस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रियाओं के प्रति अधिक क्रियाशीलता के कारण प्रतिस्थापन आर्थो तथा पैरा दोनों स्थितियों पर हो जाता है। जब ऐनिलीन का एकल हैलो प्रतिस्थापी व्युत्पन्न बनाना हो तो NH2 समूह के सक्रियण प्रभाव को कम करने के लिए पहले ऐसीटिक ऐनहाइड्राइड से ऐसिटिलीकरण द्वारा इसको रक्षित (Protect) किया जाता है, इसके पश्चात् प्रतिस्थापन करते हैं और फिर अंत में प्रतिस्थापित ऐमाइड का जल अपघटन किया जाता है।
ऐसिटेनिलाइड की नाइट्रोजन पर स्थित एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म, ऑक्सीजन परमाणु की इलेक्ट्रॉन आकर्षी प्रवृत्ति के कारण इसके साथ अनुनाद में भाग लेता है जिससे नाइट्रेजन के एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म का बेन्जीन वलय की तरफ अनुनाद (+M प्रभाव) कम हो जाता है। इसी कारण – NHCOCH3 समूह का सक्रियण प्रभाव, – NH2 समूह से कम होता है।
C. नाइट्रीकरण (Nitration ) – नाइट्रीकारक मिश्रण (सान्द्र HNO3 + सान्द्र H2SO4) में उपस्थित सान्द्र HNO3 ऑक्सीकारक होता है अतः ऐनिलीन के सीधे नाइट्रीकरण में नाइट्रोव्युत्पन्नों के साथ ऑक्सीकरण उत्पाद भी बनते हैं तथा ऐनिलीन H2SO4 से प्रोटोन ग्रहण करके ऐनिलीनियम आयन बना देती है जिसके m – निर्देशी प्रभाव के कारण o- तथा p- उत्पादों के साथ m – उत्पाद भी अपेक्षित मात्रा से अधिक बन जाता है।
अतः ऐनिलीन की नाइट्रीकरण अभिक्रिया को नियंत्रित करने के लिए पहले, (CH3CO)2O के साथ क्रिया द्वारा – NH2 समूह का रक्षण (Protection) करते हैं इसके पश्चात् नाइट्रीकरण करके प्राप्त उत्पाद का जल अपघटन करने से पैरानाइट्रोऐनिलीन मुख्य उत्पाद के रूप में प्राप्त होती है।
D. हॉफमान कार्बिलऐमीन अभिक्रिया या आइसोसायनाइड परीक्षण-ऐलिफैटिक तथा ऐरोमैटिक प्राथमिक ऐमीनों को क्लोरोफ़ार्म तथा एथेनॉलिक KOH या NaOH के साथ गर्म करने पर तीक्ष्ण दुर्गधधयुक्त पदार्थ आइसोसायनाइड अथवा कार्बिलऐमीन बनता है इसे हॉफमान कार्बिलऐमीन अभिक्रिया कहते हैं। द्वितीयक एवं तृतीयक ऐमीन में यह अभिक्रिया नहीं होती तथा यह अभिक्रिया प्राथमिक ऐमीनों के परीक्षण में प्रयुक्त की जाती है।
प्रश्न 9.
(अ) ऐनिलीन एवं N मेथिल ऐनिलीन में विभेद के लिए एक रासायनिक समीकरण दीजिए।
(ब) डाइमेथिल ऐमीन मेथिल ऐमीन से प्रबल क्षार है । (कारण दीजिए)
(स) ऐनिलीन से कैसे प्राप्त करेंगे – (केवल समीकरण दीजिए)
(i) 2, 4, 6- ट्राइब्रोमोऐनिलीन?
(ii) बेन्जीन डाइएजोनियम क्लोराइड ?
उत्तर:
(अ) ऐनिलीन (1° – ऐमीन) CHCI, तथा क्षार के साथ कार्बिल ऐमीन परीक्षण देता है जबकि N- मेथिल ऐनिलीन (2°- ऐमीन) कार्बिल ऐमीन परीक्षण नहीं देती।
(ब) डाइमेथिल ऐमीन, मेथिल ऐमीन से प्रबल क्षार है क्योंकि डाइमेथिल ऐमीन (2°) में दो मेथिल समूहों के धनात्मक प्रेरणिक प्रभाव (+I प्रभाव) के कारण नाइट्रोजन पर इलेक्ट्रॉन घनत्व बढ़ जाता है अतः इसकी इलेक्ट्रॉन युग्म देने की प्रवृत्ति अधिक होती है।
(स)
प्रश्न 10.
(अ) निम्नलिखित अभिक्रिया अनुक्रम में X तथा Y को पहचानिए एवं प्रयुक्त दोनों अभिक्रियाओं के नाम भी लिखिए-
(ब) ऐल्केनेमीन अमोनिया से प्रबल क्षारक है। कारण दीजिए।
उत्तर:
(अ) RCONH2 + Br2 + 4 NaOH → RNH2 + Na2CO3 + 2NaBr + 2H2O
यहाँ X = R-NH2 ( प्राथमिक ऐमीन) इस अभिक्रिया को हॉफमान ब्रोमामाइड निम्नीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
इस अभिक्रिया को कार्बिल ऐमीन अभिक्रिया कहते हैं।
(ब) ऐल्केनेमीन, अमोनिया से प्रबल क्षारक है क्योंकि ऐल्केनेमीन में उपस्थित ऐल्किल समूह की इलेक्ट्रॉन प्रतिकर्षी प्रकृति के कारण यह इलेक्ट्रॉन युग्म को नाइट्रोजन की ओर प्रतिकर्षित करता है इससे नाइट्रोजन के असहभाजित इलेक्ट्रॉन युग्म की प्रोटॉन से साझेदारी के लिए उपलब्धता बढ़ जाती है। इसके अतिरिक्त ऐमीन से प्राप्त हुआ प्रतिस्थापित अमोनियम आयन, ऐल्किल समूह + I प्रभाव के कारण आवेश के वितरण द्वारा स्थायित्व प्राप्त कर लेता है।
प्रश्न 11.
निम्नलिखित की संरचना लिखिए-
(i) प्रोप-2-ईन-1-ऐमीन
(ii) N-मेथिल ऐथेनैमीन
(iii) 2-ऐमीनो टॉलुईन
उत्तर:
(i) CH2 = CH – CH2 – NH2
(ii) CH3 – CH2 – NH – CH3
(iii)
प्रश्न 12.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं के मुख्य उत्पाद लिखिए-
उत्तर:
प्रश्न 13.
(i) निम्नलिखित यौगिकों की जल में विलेयता का आरोही क्रम लिखिए-
C6H5NH2, (C2H5)2NH, C2H5NH2
(ii) निम्नलिखित यौगिकों को क्षारीय प्रबलता के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए-
C6H5NH2, C6H5NHCH3, C6H5CH2NH2
उत्तर:
(i) जल में विलेयता का आरोही क्रम
C6H5NH2 < (C2H5)2 NH < C2H5NH2
(ii) क्षारीय प्रबलता का बढ़ता क्रम
C6H5NH2 < C6H5NHCH3 < C6H5CH2NH2
प्रश्न 14.
निम्नलिखित परिवर्तन किस प्रकार करेंगे ? समीकरण दीजिए।
(i) नाइट्रोबेन्जीन से ऐनिलीन
(ii) एथेनॉइक अम्ल से मेथेनैमीन
(iii) ऐनिलीन से N – फेनिलएथेनैमाइड
उत्तर:
प्रश्न 15.
हॉफमान ब्रोमेमाइड अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
किसी ऐमाइड की NaOH या KOH के जलीय अथवा ऐथेनॉलिक विलयन में ब्रोमीन से अभिक्रिया कराने पर प्राथमिक ऐमीन प्राप्त होती है। इसे हॉफमान ब्रोमाइड अभिक्रिया कहते हैं।
प्रश्न 16.
बेन्जीन डाइएजोनियम क्लोराइड की फ़ीनॉल के साथ युग्मन अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
बेन्जीन डाइएजोनियम क्लोराइड की फीनॉल के साथ अभिक्रिया कराने पर युग्मन द्वारा p-हाइड्रॉक्सीऐजोबेन्जीन बनता है जो कि एक ऐजोरंजक है।
प्रश्न 17.
(i) ऐलीफैटिक एवं (ii) ऐरोमैटिक प्राथमिक एमीनों की नाइट्रस अम्ल से अभिक्रियाएँ लिखिए।
उत्तर:
(i) ऐलीफैटिक प्राथमिक ऐमीन की नाइट्रस अम्ल के साथ अभिक्रिया से मुख्य उत्पाद के रूप में ऐल्केनॉल प्राप्त होता है।
(ii) ऐरोमैटिक प्राथमिक ऐमीन की नाइट्रस अम्ल से अभिक्रिया द्वारा जीन डाइजोनियम लवण प्राप्त होता है।
प्रश्न 18.
का IUPAC नाम लिखिए।
उत्तर:
N, N-डाइएथिल ब्यूटेन-1-ऐमीन
प्रश्न 19.
क्या होता है जब बेंजीन डाइएजोनियम क्लोराइड की अभिक्रिया पोटेशियम आयोडाइड से कराई जाती है? (केवल अभिक्रिया का समीकरण लिखिए।)
उत्तर:
प्रश्न 20.
अधोलिखित यौगिकों को उनके बढ़ते हुए क्षारीय सामर्थ्य के क्रम में व्यवस्थित कर कारण स्पष्ट कीजिए-
C2H5NH2, NH3, C6H5NH2
उत्तर:
उपर्युक्त यौगिकों के क्षारीय सामर्थ्य का बढ़ता क्रम निम्न प्रकार है-
C2H5NH2 < NH3 < C6H5NH2
C6H5NH2(ऐनिलीन) में नाइट्रोजन पर उपस्थित एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म का बेन्जीन वलय के साथ संयुग्मन (अनुनाद ) (+ M प्रभाव) हो जाता है। अतः यह प्रोटोन ग्रहण करने के लिए आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाता है इसलिए इसकी क्षारीय सामर्थ्य NH3 से कम होती है जबकि C2H5NH2 में एथिल समूह (C2H5-) के इलेक्ट्रॉन प्रतिकर्षी प्रभाव (+I प्रभाव ) के कारण नाइट्रोजन का एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म आसानी से प्रोटोन ग्रहण कर लेता है तथा इससे प्राप्त प्रतिस्थापित अमोनियम आयन में आवेश का वितरण हो जाता है जिससे वह स्थायी हो जाता है अतः एथिल एमीन (C6H5NH2) की क्षारीय सामर्थ्य, NH3 से अधिक होती है।
प्रश्न 21.
आणिकक सूत्र C7H7ON का एक ऐरोमैटिक यौगिक ‘A’ नीचे दिखाई गई एक अभिक्रिया श्रेणी में जाता है। निम्नलिखित अभिक्रियाओं में A, B, C, D और E की संरचनाएँ लिखिए :
अथवा
(a) जब ऐनिलीन निम्नलिखित अभिकारकों के साथ अभिक्रिया करता है तो प्राप्त उत्पादों की संरचनाएँ लिखिए :
(i) Br2 जल
(ii) HCl
(iii) (CH3CO)2O / पिरिडीन
(b) निम्नलिखित को उनके क्वथनांक के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित कीजिए :
C2H5NH2, C2H5OH, (CH3)3 N
(c) यौगिकों के निम्नलिखित युग्म में अन्तर करने के लिए एक सामान्य रासायनिक जाँच दीजिए :
(CH3)2 – NH और (CH3)3N
उत्तर:
दिए गए ऐरोमैटिक यौगिक C7H7ON की अभिक्रिया श्रेणी निम्न प्रकार है-
अतः
A = C6H5CONH2 बेन्जैमाइड
B = C6H5N2Cl बेन्जीन डाइएजोनियम क्लोराइड
C = C6H5CN फेनिल सायनाइड
D = C6H5NC फेनिल आइसोसायनाइड
E = C6H5OH फीनॉल
अथवा
(a)
(b) क्वथनांक का बढ़ता क्रम-
(CH3)3N < C2H5NH2 < C2H5OH
(c) (CH3)2NH (\({ }_2^{\circ}\)-ऐमीन) हिन्सबर्ग अभिकर्मक से अभिक्रिया करती है लेकिन (CH3)3 N (\({ }_3^{\circ}\)-ऐमीन) हिन्सबर्ग अभिकर्मक से अभिक्रिया नहीं करती। अतः हिन्सबर्ग अभिकर्मक की सहायता से इनमें अन्तर किया जा सकता है।