HBSE 11th Class Chemistry Solutions Chapter 6 ऊष्मागतिकी

Haryana State Board HBSE 11th Class Chemistry Solutions Chapter 6 ऊष्मागतिकी Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Chemistry Solutions Chapter 6 ऊष्मागतिकी

सही उत्तर चुनिए-

प्रश्न 1.
ऊष्मागतिकी अवस्था फलन एक राशि है-
(i) जो ऊष्मा परिवर्तनों के लिए प्रयुक्त होती है।
(ii) जिसका मान पथ पर निर्भर नहीं करता है।
(iii) जो दाब – आयतन कार्य की गणना करने में प्रयुक्त होती है।
(iv) जिसका मान केवल ताप पर निर्भर करता है।
उत्तर:
(ii) जिसका मान पथ पर निर्भर नहीं करता है।

प्रश्न 2.
एक प्रक्रम के रूद्धोष्म परिस्थितियों के होने के लिए-
(i) ∆T = 0
(ii) ∆P = 0
(iii) q = 0
(iv) W = 0
उत्तर:
(iii) q = 0

प्रश्न 3.
सभी तत्वों की एन्थैल्पी उनकी सन्दर्भ – अवस्था में होती है-
(i) इकाई
(ii) शून्य
(iii) < 0
(iv) सभी तत्वों के लिए भिन्न होती है
उत्तर:
(iii) शून्य।

प्रश्न 4.
मेथेन के दहन के लिये ∆U° का मान – X kJ mol-1 है, इसके लिये ∆H° का मान होगा-
(i) = ∆U°
(ii) > ∆U°
(iii) < ∆U°
(iv) = 0
उत्तर:
(iii) < ∆U°
मेथेन के दहन को निम्न अभिक्रिया द्वारा प्रदर्शित करते हैं-
CH4(g) + 2O2(g) → CO2(g) + 2H2O(l)
∆ng = 1 – 3 = – 2
अतः
∆HΘ = ∆U° + ∆ng RT से
∆HΘ < ∆U° (∵ ∆ng = – 3)

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प्रश्न 5.
मेथेन, ग्रेफाइट एवं डाई हाइड्रोजन के लिए 298 K पर एन्थैल्पी के मान क्रमश: – 890 kJ mol-1 393.5 kJ mol-1 एवं – 285.8 kJ mol-1 है। CH4(g) की विरचन एन्थैल्पी क्या होगी?
(i) – 74.8 kJ mol-1
(ii) – 52.27 kJ mol-1
(iii) – 74.8 kJ mol-1
(iv) + 52.26 kJ mol-1
उत्तर:
(i) – 74.8 kJ mol-1
fHΘ(CH4) = 2 ∆cHΘ (H2) + ∆cHΘ(C) – ∆cHΘ (CH4)
= 2 + (- 285.8) + (- 293.5) – (- 890.3)
= – 74 kJ mol-1

प्रश्न 6.
एक अभिक्रिया A + B → C + D + q के लिए एन्ट्रॉपी परिवर्तन धनात्मक पाया गया है। यह अभिक्रिया सम्भव होगी-
(i) उच्च ताप
(ii) केवल निम्न ताप पर
(iii) किसी भी ताप पर नहीं
(iv) किसी भी ताप पर।
उत्तर:
(iv) किसी भी ताप पर।
क्योंकि अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी है जिसके लिये (∆H < 0) तथा (AS > 0) इसलिये यह अभिक्रिया सभी तापों पर स्वतः प्रवर्तित होगी।

प्रश्न 7.
एक प्रक्रम में निकाय द्वारा 70 J ऊष्मा अवशोषित होती है एवं 394 J कार्य किया जाता है। इस प्रक्रम में आन्तरिक ऊर्जा में कितना परिवर्तन होगा ?
उत्तर:
निकाय द्वारा अवशोषित ऊष्मा (q) = 701 J
निकाय द्वारा किया गया कार्य (W) = 394 J
अतः आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन (∆U) = g + w
= 701 + (- 394)
= 701394 = 307 J
इस प्रक्रम की आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन 307 जूल होता है।

प्रश्न 8.
एक बम कैलोरीमीटर में NH4CN (s) की अभिक्रिया डाई ऑक्सीजन के साथ की गई एवं ∆U का मान 742.7 kJ mol-1 पाया गया (298K पर)। इस अभिक्रिया के लिए 298K पर एन्थैल्पी परिवर्तन ज्ञात कीजिए-
NH2 CN(s) + \(\frac { 3 }{ 2 }\) O2 (g) → N2 (g) + CO2 (g) + H2O(l)
उत्तर:
अभिक्रिया NH2 CN (s) + 2 O2 (8) → N2(g) + CO2(g) + H2O (l) के लिए
∆U = – 742.7 kJ mol-1
∆ng = 2 – \(\frac { 3 }{ 2 }\) = + \(\frac { 1 }{ 2 }\)
R = 8.314 × 10-3 KJ K-1 mol-1
T = 298 K
∆H = ∆U + ∆ngRT मान रखने पर
∆H = (- 742.7) + \(\frac { 1 }{ 2 }\) (8.314 × 10-3) × 298
= – 741 kJ mol-1
अभिक्रिया के दौरान होने वाला परिवर्तन – 741 kJ mol-1 है।

प्रश्न 9.
60.0 ग्राम एलुमिनियम का ताप 35°C से 55°C करने के लिये कितने kJ ऊष्मा की आवश्यकता होगी ? AI की मोलर ऊष्माधारिता 24 J moll K-1 है।
उत्तर:
Al का द्रव्यमान = 60.0 ग्राम
ताप में वृद्धि ∆T = T2 – T1
= 55 – 35
= 20°C
या T2 = 55 + 273
= 328K
T1 = 35 + 273
= 308K
T2 – T1 = 328 – 308
= 20K
Al की मोलर ऊष्माधारिता = 24 J mol K-1
Al का मोलर द्रव्यमान = 27g mol-1
Al की विशिष्ट ऊष्माधारिता =\(\frac { 24 }{ 27 }\) Jg-1 K-1
आवश्यक ऊष्मा (q) = C x m + ∆T
= \(\frac { 24 }{ 27 }\) x 60.0 × 20
= 1065.6 J
= 1.067 kJ
1.067 kJ ऊष्मा की आवश्यकता होती है।

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प्रश्न 10.
10-0°C पर 1 मोल जल की बर्फ जमाने पर एन्थैल्पी रिवर्तन की गणना कीजिए-
∆Hfus = 6.03 kJ mol-1 0°C पर
Cp [H2O (l)] = 75.3 mol-1 K-1
Cp [H2O (s) = 360 J mol-1 K-1
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Solutions Chapter 6 ऊष्मागतिकी 1
हैस के नियमानुसार,
ΔΗ = ΔH1 + ΔH2 + ΔH3
∆H1 = Cp [H2O (l) ] × ΔT
= 75.3 J mol-1 K-1 ( 10K)
= 753 J mol
∆H2 (ठोसीकरण) = – 6.03 kJ mol-1
(चिन्ह परिवर्तित) = – 6030 J mol-1
∆H3 = Cp [H2O (s)] × ∆T
= 36.8 J mol-1 K-1 (-10K )
= – 368 J mol-1
∆H = (753 – 6030 – 368) J mol-1
∆H = – 5635J mol-1
= – 5.645 kJ mol-1

प्रश्न 11.
CO2 की दहन एन्थैल्पी 393.5 kJ mol-1 हैं। कार्बन एवं ऑक्सीजन से 35.2 g CO2 बनने पर उत्सर्जित ऊष्मा की गणना कीजिए।
उत्तर:
C(s) + O2 (g) ⇒ CO2 (g); ∆H° = 393 kJ mol-1
∵ 44g CO2 के निर्माण में मुक्त ऊर्जा = 393.5 kJ
∴ 35.2g CO2 के निर्माण में मुक्त होने वाली ऊर्जा = \(\frac { 393.5×35.2 }{ 44 }\)
= 314.8 kJ
35.2g CO2 के बनने में 314.8 kJ ऊर्जा मुक्त होती है।

प्रश्न 12.
CO(g), CO2 (g), N2O(g) एवं N2O4(g) की विरचन एन्थैल्पी क्रमश: – 110, – 393,81 एवं 9.7 kJ हैं। अभिक्रिया, N2O4(g) + 3CO(g) → N2O(g) + 3CO2(g) के लिये ∆rHΘ का मान ज्ञात करें।
उत्तर:
N2O4(g) + 3CO(g) → N2O(g) + 3CO2(g)
rHΘ = (∆fHΘ (N2O) + 3 × ∆fHΘ (CO2)
– (∆fHΘN2O4 + 3 × ∆fHΘ (CO)]
= [81 + (3 x 393)] – 9.7 + (3 x – 110)]
= [81 – 1179][9.7 – 330]
= – 777.7 kJ mol-1

प्रश्न 13.
N2 (g) + 3H2(g) → 2NH3 (g) ; ∆rHΘ = – 92.4 kJ mol-1
गैस की विरचन एन्थैल्पी का मान क्या होगा?
उत्तर:
NH3 गैस की मानक विरचन एन्थैल्पी
fHΘ (NH3(g)) = \(\frac { -92.4 }{ 2 }\)
= – 46.2 kJ mol-1
NH3 की मानक विरचन एन्थैल्पी का मान – 46.2 kJ mol-1 है।

प्रश्न 14.
निम्नलिखित आँकड़ों से CH3 OH (l) की मानक विरचन एन्थैल्पी ज्ञात कीजिए-
CH3 OH (l) + \(\frac { 3 }{ 2 }\) O2 (g) → CO2 (g) + 2H2O (l)
rHΘ = – 726 kJ mol-1
C (s) + O2 (g) → CO2 (g),
cHΘ = – 393 kJ mol-1
H2 (g) + \(\frac { 1 }{ 2 }\) O2 (g) H2O (l)
fHΘ = – 286 kJ mol-1
उत्तर:
CH3OH (g) की मानक विरचन एन्थैल्पी निम्नलिखित समीकरण से ज्ञात की जा सकती है-
C(s) + 3H2 (g) + O2 (g) ⇒ CH3OH (l) ∆fH° = ?
दी गई समीकरण निम्न प्रकार है-
CH3OH (l) + \(\frac { 3 }{ 2 }\) O2 (g) ⇒ CO2(g) + 2H2O (l),
rHΘ = 726 kJ mol-1 … (1)
C(s) + O2 (g) = CO2 (g),
cHΘ = 393 kJ mol-1 … (2)
H2(g) + \(\frac { 1 }{ 2 }\) O2 (g) ⇒ H2O (l),
rHΘ= – 286 kJ mol-1 … (3)
समीकरण (3) को (2) से गुणा करके समीकरण (2) में जोड़ने पर,
C(s) + 2H2 (g) + 2O2 (g) ⇒ CO2 (g) + 2H2O (l),
rHΘ = (- 393 – 572)
= – 965 kJ mol-1 … (4)
CH3OH (l) + \(\frac { 3 }{ 2 }\) O2 (g) ⇒ CO2(g) + 2H2O (l),
rHΘ = 726 kJ mol-1
समीकरण (4) में समीकरण (1) घटाने पर,
C(s) + 2H2 (g) + \(\frac { 1 }{ 2 }\) O2 (g) ⇒ CH3OH (l),
fHΘ = – 239 kJ mol-1
CH3OH की मानक विरचन एन्थैल्पी का मान – 239 kJ mol-1

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प्रश्न 15.
CCl4(g) → C(g) + 4Cl(g) अभिक्रिया के लिये एन्थैपी परिवर्तन ज्ञात कीजिए एवं CCl4 में C – Cl की आबंध एन्थैल्पी की गणना कीजिए।
∆VapHΘ (CCl4) = 30.5 kJ mol-1
fHΘ (CCl4) = 135.5 kJ mol-1
aHΘ (C) = 715.0 kJ mol-1)
यहाँ ∆aHΘ कन एन्थैल्पी है।
aHΘ(Cl2) = 242 kJ mol-1
उत्तर:
दिये गये मानों के लिये ऊष्मीय रासायनिक अभिक्रियाएँ निम्नलिखित हैं-
(i) CCl4(g) → CCl4 (g) ∆H1 = 30.5kJ mol-1
(ii) C(s) + 2Cl2 (g) → CCl4 (l) ; ∆H2 = 135.5kJ mol-1
(iii) C(s) → C(g) ; ∆H3 = 715.0kJ mol-1
(iv) Cl2(g) → 2Cl(g) ; ∆H4 = 242 kJ mol-1
प्रश्नानुसार, CCl4(g) → C(g) +4Cl(g) ; ∆H = ?
समी. (iii) + 2 x समी. (iv) – समी. (i) समी. (ii)
∆H = ∆H3 + 2∆H4 – ∆H1 – ∆H2
∆H = 715.0 + 2 (242) 30.5 – ( – 135.5 ) kJ mol-1
= 1304 kJ mol-1
CCl4 में C – CI की बन्ध एन्थैल्पी ( औसत मान )
= \(\frac { 1304 }{ 4 }\)
= 326 kJ mol-1
C – Cl की बन्ध एन्थैल्पी का मान 326 kJmol-1 है।

प्रश्न 16.
एक विलगित निकाय के लिए ∆U = 0, इसके लिए ∆S क्या होगा?
उत्तर:
∆S शून्य से अधिक होगा क्योंकि विलगित निकाय में यदि दो गैसों को मिश्रित किया जाता है तो ∆U = 0 परन्तु एन्ट्रॉपी बढ़ती है । अत: ∆S शून्य से अधिक होगा।

प्रश्न 17.
298 K पर अभिक्रिया 2A + B → C के लिए ∆H = 400kl mol-1 एवं ∆S = 0.2kJK-1 mor ∆H एवं ∆S को ताप विस्तार में स्थिर मानते हुए बताइए कि किस ताप पर अभिक्रिया स्वतः होगी?
उत्तर:
2A + B → C
∆H = 400kJ mol-1
AS = 0.2kJmol-1
∆G = ∆H – T ∆ S
0 = 400 2.0 X T (∵ ∆G = 0 साम्यावस्था)
0.2T = 400
T = \(\frac { 400 }{ 0.2 }\) = 2000K
2000 K से अधिक ताप पर अभिक्रिया स्वतः होगी।

प्रश्न 18.
अभिक्रिया 2Cl (g) →Cl2 (g) के लिए ∆H एवं ∆S के चिन्ह क्या होंगे ?
उत्तर:
∆H = – ve
AS = – ve
अभिक्रिया में आबन्धों का निर्माण होने से यह अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी है। Cl परमाणु के 2 क्लोरीन, क्लोरीन अणु के एक मोल की तुलना में अधिक एन्ट्रॉपी रखते हैं।

प्रश्न 19.
अभिक्रिया 2A (g) + B (g) → 2D (g) के लिए AU° = – 10.5 kJ उवं ∆S° = 44.1 JK-1 अभिक्रिया के लिए ∆G° की गणना कीजिए और बताइए कि क्या अभिक्रिया स्वतः प्रवर्तित हो सकती है?
उत्तर:
2A (g) + B (g) → 2D(g)
∆H° = ∆U° + ∆ng RT
∆U° = – 10.5 kJ mol-1
∆ng = 2 – 3 = -1
R = 8.314 × 10-3 kJ K-1 mol-1
T = 298K
∴ ∆H° = (- 10.5 kJ mol-1) + [(- 1) × (8.314 × 10-3 kJ mol-1 K-1 x (298K)]
= – 10.5 kJ mol-1 – 2.478 kJmol-1
= – 12.978 kJ mol-1
गिब्स हैल्महोल्ट्ज समीकरण के अनुसार,
∆G° = ∆H° – T∆S°
∆G° = (- 12.978 kJ mol-1 ) – ( 298K) × (- 0.44K JK-1 mol-1)
= – 12.978 + 13.112
= + 0.134 kJ mol-1
चूँकि ∆G° धनात्मक है अतः अभिक्रिया की प्रकृति स्वतः प्रवर्तित नहीं होगी।

प्रश्न 20.
300K पर एक अभिक्रिया के लिए साम्य स्थिरांक 10 है। ∆G° का मान क्या होगा?
(R = 8.314 JK-1 mol’)
उत्तर”
∆G° = – RT In K = 2.303 RT log Kp
R = 8.314 JK-1 mol-1
T = 300K
Kp = 10
∆G° = – 2.303 × (8.314 JK-1 mol-1 ) x (300K ) log 10
= – 5744.14 J mol-1
= – 5.744 kJ mol-1

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प्रश्न 21.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं के आधार पर NO (g) तथा NO2 (g) की ऊष्मागतिकी पर टिप्पणी कीजिए-
(i) \(\frac { 1 }{ 2 }\) N2(g) + \(\frac { 1 }{ 2 }\) O2 (g) → NO(g); ∆rHΘ = 90 kJ mol-1
(ii) NO(g) + \(\frac { 1 }{ 2 }\)O2 (g) → NO2(g); ∆rHΘ = – 74 kJ mol-1
उत्तर:
(i) \(\frac { 1 }{ 2 }\) N2(g) + \(\frac { 1 }{ 2 }\) O2 (g) → NO(g); ∆rHΘ = 90 kJ mol-1
चूँकि यहाँ ∆rHΘ धनात्मक है अत: NO ऊष्मागतिक रूप से स्थायी नहीं है। अतः इसका निर्माण एक ऊष्माशोषी प्रक्रम है।

(ii) NO(g) + \(\frac { 1 }{ 2 }\)O2 (g) → NO2(g); ∆rHΘ = – 74 kJ mol-1
NO का NO2 में ऑक्सीकरण एक ऊष्माक्षेपी प्रक्रम है क्योंकि ∆Hr° – ऋणात्मक है इसलिए NO2 ऊष्मागतिक रूप से स्थायी है।

प्रश्न 22.
जब 1.00 mol H2O (1) को मानक परिस्थितियों में विरचित किया जाता है तब परिवेश के एन्ट्रॉपी परिवर्तन की गणना कीजिए। ∆fHΘ = – 286kJ mol-1
उत्तर:
H2O(l) की ∆fHΘ = – 268 kJ mol-1
जो कि परिवेश में ऊष्मा उत्सर्जन को बताता है,
q(surr) = H2O के लिए – ∆fHΘ
= – (- 268 kJ mol-1 )
= + 286 kJ mol-1
∆Ssurr = \(\frac{q_{\text {(surr) }}}{\mathrm{T}}\)
= \(\frac{286 \times 10^3\left(\mathrm{~J} \mathrm{~mol}^{-1}\right)}{298 \cdot 15(\mathrm{~K})}\)
= 959.24 JK-1 mol-1

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