Haryana State Board HBSE 10th Class Maths Notes Chapter 10 वृत्त Notes.
Haryana Board 10th Class Maths Notes Chapter 10 वृत्त
→ वृत्त-वृत्त एक समतल में स्थित उन सभी बिंदुओं का समुच्चय होता है जो दिए गए एक स्थिर बिंदु से दी गई नियत दूरी पर होते हैं। इस स्थिर बिंदु को वृत्त का केंद्र और इस केंद्र से प्रत्येक बिंदु की निश्चित दूरी को वृत्त की त्रिज्या कहा जाता है।
→ संकेंद्रीय वृत्त-एक ही केंद्र वाले वृत्तों को एक केंद्रीय वृत्त अथवा संकेंद्रीय वृत्त कहा जाता है।
→ वृत्त की चाप-वृत्त के सतत् भाग को चाप कहा जाता है। दूसरे शब्दों में, वृत्त की परिधि पर स्थित दो बिंदुओं के बीच के भाग को चाप कहते हैं।
→ वृत्त की जीवा-एक वृत्त पर स्थित दो बिंदुओं को मिलाने वाले रेखाखंड को वृत्त की जीवा कहते हैं।
→ व्यास-वृत्त के केंद्र से होकर जाने वाली जीवा वृत्त का व्यास कहलाती है।
→ वृत्तखंड-चाप और जीवा द्वारा घिरे हुए वृत्त के क्षेत्र को वृत्तखंड कहते हैं। एक जीवा वृत्त को दो असमान भागों में बाँटती है-लघु वृत्तखंड और दीर्घ वृत्तखंड। इन दोनों वृत्तखंडों को एक-दूसरे का एकांतर वृत्तखंड कहा जाता है।
→ वृत्तों की सर्वांगसमता-दो वृत्त सर्वांगसम होते हैं यदि इनमें से एक को दूसरे पर अध्यारोपित किया जाए तो वह उसे पूरा-पूरा ढक ले। दो सर्वांगसम वृत्तों की त्रिज्याएँ समान होती हैं।
→ वृत्त की स्पर्श रेखा-वह रेखा जो वृत्त को केवल एक बिंदु पर स्पर्श करती है। वृत्त की स्पर्श रेखा कहलाती है।
→ स्पर्श बिंदु-वह बिंदु जिस पर वृत्त की स्पर्श रेखा वृत्त को स्पर्श करती है, स्पर्श बिंदु कहलाता है।
→ छेदक रेखा-वह रेखा जो वृत्त को दो भिन्न-भिन्न बिंदुओं पर प्रतिच्छेदित करती है, छेदक रेखा कहलाती है।
→ उभयनिष्ठ स्पर्श रेखा-यदि एक रेखा दो वृत्तों को स्पर्श करती है तो वह रेखा उन वृत्तों की उभयनिष्ठ स्पर्श रेखा कहलाती है। यह रेखा दो प्रकार की होती है-
(i) उभयनिष्ठ अनुस्पर्श रेखा, (ii) उभयनिष्ठ अनुप्रस्थ स्पर्श रेखा।.
(i) उभयनिष्ठ अनुस्पर्श रेखा-यदि एक रेखा दो वृत्तों को इस प्रकार स्पर्श करती है कि दोनों वृत्त रेखा के एक ही ओर स्थित हों तो वह रेखा वृत्तों की उभयनिष्ठ अनुस्पर्श रेखा कहलाती है।
(ii) उभयनिष्ठ अनुप्रस्थ स्पर्श रेखा-यदि एक रेखा दो वृत्तों को इस प्रकार स्पर्श करती है कि दोनों वृत्त उभयनिष्ठ स्पर्श रेखा के दोनों ओर स्थित हों तो वह रेखा वृत्तों की उभयनिष्ठ अनुप्रस्थ स्पर्श रेखा कहलाती है।
→ स्पर्श रेखा के प्रमुख गुणधर्म-स्पर्श रेखा के प्रमुख गुणधर्म इस प्रकार हैं-
- वृत्त की स्पर्श रेखा वृत्त को केवल एक ही बिंदु पर स्पर्श करती है।
- वृत्त की स्पर्श रेखा स्पर्श बिंदु से होकर जाने वाली त्रिज्या पर लंब होती है।
- वृत्त के बाहर स्थिर बिंदु से वृत्त पर केवल दो स्पर्श रेखाएँ खींची जा सकती हैं तथा ये दोनों स्पर्श रेखाएँ लंबाई में समान होती हैं।
- वृत्त की स्पर्श रेखा के स्पर्श बिंदु से खींची गई जीवा स्पर्श रेखा के साथ जो कोण बनाती है, वे संगत एकांतर वृत्तखंडों में बनाए गए कोण के क्रमशः समान होते हैं।
- वृत्त के व्यास के छोर पर खींची गई स्पर्श रेखाएँ समांतर होती हैं।