Prasanna

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती InText Questions

Haryana State Board HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती InText Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती InText Questions

इन्हें कीजिए (पृष्ठ सं. 214)

प्रश्न 1.
अब एक अन्य त्रिभुज DEF की रचना करें, जिसमें DE = 5 सेमी, EF = 6 सेमी और DF = 7 सेमी है। ΔDEF को काट कर उसे ΔABC पर रखिए।
हल :
पहले दी गई मापों के अनुसार त्रिभुज DEF की रफ आकृति बनाते हैं।
रचना के पद :
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती InText Questions 1
1. EF रेखाखण्ड 6 सेमी खींचा।
2. बिन्दु E को केन्द्र मानकर 5 सेमी त्रिज्या का चाप EF के ऊपर की ओर लगाया।
3. अब बिन्दु F को केन्द्र मानकर 7 सेमी त्रिज्या का चाप लेकर खींचा जो चरण 2 वाले चाप को D बिन्दु पर काटता है।
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती InText Questions 2
4. DE और DF को मिलाया।
5. इस प्रकार अभीष्ट ΔDEF प्राप्त हुआ।
यदि ΔDEF को काटकर उसे ΔABC के ऊपर [पुस्तक में आकृति 10.3] रखें तो ΔDEF की भुजाएँ, ΔABC की भुजाओं के बराबर हैं। इसलिए दोनों त्रिभुज सर्वांगसम होंगे। यह S.S.S. सर्वांगसमत नियम है।

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती InText Questions

पृष्ठ सं. 216

प्रश्न 1.
अब एक अन्य त्रिभुज ABC की रचना करें ताकि AB = 3 सेमी, BC = 5.5 सेमी और ∠ABC = 60° हो। इस ΔABC को काटकर ΔPQR पर रखिए। हम क्या देखते हैं ?
हल :
रचना के पद :
पद 1 : BC = 5.5 सेमी की एक रेखा खींचते हैं।
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती InText Questions 3

पद 2 : B पर BC के साथ 60° का कोण बनाते हुए BX किरण खींची।
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती InText Questions 4

पद 3 : B को केन्द्र मानकर 3 सेमी की त्रिज्या का चाप खींचा जो BX को A पर काटता है।
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती InText Questions 5

पद 4 : AC को मिलाया।
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती InText Questions 6
इस प्रकार अभीष्ट ΔABC प्राप्त होगा।
हम देखते हैं कि ΔABC व ΔPQR (पुस्तक आकृति 10.5) समान हैं। यदि एक त्रिभुज की दो भुजाएँ और एक कोण, दूसरे त्रिभुज की दो भुजाएँ और एक कोण के बराबर हैं तो त्रिभुज सर्वांगसम होंगे। यह S.A.S. सर्वांगसमता का नियम है।

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती InText Questions

पृष्ठ सं. 218

प्रश्न 1.
अब एक अन्य त्रिभुज LMN खींचिए, जिसमें m∠NLM = 30°, LM = 6 सेमी और m∠NML = 100° हो। इस त्रिभुज LMN को काटकर त्रिभुज XYZ पर रखिए।
हल :
रचना के पद :
पद 1 : एक रेखाखण्ड LM = 6 सेमी खींचा।
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती InText Questions 7

पद 2 : बिन्दु L पर ∠XLM = 30° का कोण बनाया तथा M पर ∠YML = 100° का कोण बनाया।
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती InText Questions 8

पद 3 : LX और MY आगे बढ़ाने पर आपस में N पर काटते है।
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती InText Questions 9
इस प्रकार अभीष्ट ΔLMN प्राप्त होगा।

इस प्रकार हम देखते हैं कि ΔLMN व ΔXYZ (पुस्तक में आकृति 10.6) सम्पाती हैं। यदि एक त्रिभुज के दो कोण और एक भुजा दुसरे त्रिभुज के दो कोण और एक भुजा के बराबर हैं तो दोनों त्रिभुज सर्वांगसम होंगे। यह A.S.A. का नियम है।

HBSE 12th Class Geography Solutions Chapter 8 परिवहन एवं संचार

Haryana State Board HBSE 12th Class Geography Solutions Chapter 8 परिवहन एवं संचार Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Geography Solutions Chapter 8 परिवहन एवं संचार

अभ्यास केन प्रश्न

नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए

1. पारमहाद्वीपीय स्टुवर्ट महामार्ग किनके मध्य से गुज़रता है?
(A) डार्विन और मेलबोर्न
(B) एडमंटन और एंकॉरेज
(C) बैंकूवर और सेंट जॉन नगर
(D) चेगडू और ल्हासा
उत्तर:
(A) डार्विन और मेलबोर्न

2. किस देश में रेलमार्गों के जाल का सघनतम घनत्व पाया जाता है?
(A) ब्राजील
(B) कनाडा
(C) संयुक्त राज्य अमेरिका
(D) रूस
उत्तर:
(C) संयुक्त राज्य अमेरिका

HBSE 12th Class Geography Solutions Chapter 8 परिवहन एवं संचार

3. बृहद ट्रंक मार्ग होकर जाता है
(A) भूमध्य सागर हिंद महासागर से होकर
(B) उत्तर अटलांटिक महासागर से होकर
(C) दक्षिण अटलांटिक महासागर से होकर
(D) उत्तर प्रशांत महासागर से होकर
उत्तर:
(B) उत्तर अटलांटिक महासागर से होकर

4. ‘बिग इंच’ पाइप लाइन के द्वारा परिवहित किया है-
(A) दूध
(B) जल
(C) तरल पेट्रोलियम गैस (L.P.G.)
(D) पेट्रोलियम
उत्तर:
(D) पेट्रोलियम

5. चैनल टनल जोड़ता है
(A) लंदन – बर्लिन
(B) बर्लिन – पेरिस
(C) पेरिस – लंदन
(D) बार्सीलोना- बर्लिन
उत्तर:
(B) बर्लिन – पेरिस

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
पर्वतों, मरुस्थलों तथा बाढ़ संभावित प्रदेशों में स्थल परिवहन की क्या-क्या समस्याएँ हैं?
उत्तर:
पर्वतों, मरुस्थलों और बाढ़ संभावित प्रदेशों में केवल सड़कें ही यातायात की सुविधा प्रदान करती हैं, लेकिन इन क्षेत्रों में रेलमार्ग नहीं बिछाए जा सकते क्योंकि इन्हें बनाने में भारी खर्च आता है और ऐसे क्षेत्रों में रेल-दुर्घटना का जोखिम भी बना रहता है।

प्रश्न 2.
पारमहाद्वीपीय रेलमार्ग क्या होता है?
उत्तर:
महाद्वीप के आर-पार बनाए गए और इसके दो सिरों को जोड़ने वाले मार्गों को पारमहाद्वीपीय रेलमार्ग कहते हैं। इनका निर्माण आर्थिक और राजनीतिक कारणों से विभिन्न दशाओं से लंबी यात्राओं की सुविधा प्रदान करने के लिए किया गया था।

HBSE 12th Class Geography Solutions Chapter 8 परिवहन एवं संचार

प्रश्न 3.
जल परिवहन के क्या लाभ हैं?
उत्तर:
जल परिवहन के निम्नलिखित लाभ हैं-

  1. जल परिवहन में मार्गों का निर्माण नहीं करना पड़ता।
  2. यह परिवहन बहुत सस्ता होता है क्योंकि जल का घर्षण स्थल की अपेक्षा बहुत कम होता है।
  3. जल परिवहन की ऊर्जा लागत की अपेक्षा कम होती है।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
“एक सुप्रबंधित परिवहन प्रणाली में विभिन्न विधाएँ एक-दूसरे की संपूरक होती है” इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
परिवहन एक ऐसी सुविधा या सेवा है जो व्यक्तियों और वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाने का कार्य करती है। इसमें मनुष्यों, पशुओं तथा विभिन्न प्रकार की गाड़ियों का प्रयोग किया जाता है। यह सुविधा स्थल, जल तथा वायु से दी जाती है। सड़कें व रेलमार्ग स्थल परिवहन का भाग हैं जबकि नौ परिवहन तथा जलमार्ग एवं वायुमार्ग परिवहन के अन्य दो प्रकार हैं। पाइपलाइनें, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस का परिवहन करती हैं। प्रत्येक देश ने प्रतिरक्षा के उद्देश्यों के लिए विभिन्न प्रकार से परिवहन का विकास किया है। अनेक स्थान जिन्हें परस्पर मार्गों की श्रेणियों द्वारा जोड़ दिए जाने पर जिस प्रारूप का निर्माण होता है उसे परिवहन जाल कहते हैं। विश्व परिवहन की प्रमुख विधाओं का प्रयोग अंतप्रदिशिक तथा अंतरा-प्रादेशिक परिवहन के लिए किया जाता है।

किसी विधा की सार्थकता परिवाहित की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं के प्रकार, परिवहन की लागतों और उपलब्ध विधा पर निर्भर करती है। वस्तुओं के अंतर्राष्ट्रीय संचलन का निपटान भारवाही जलयानों द्वारा किया जाता है। कम दूरी की सेवाएँ प्रदान करने में सड़क परिवहन सस्ता एवं तीव्रगामी है। किसी देश के भीतर लंबी दूरियों तक परिवहन करने के लिए रेल सर्वाधिक अनुकूल साधन है। उच्च मूल्य वाली, हल्की तथा नाशवान वस्तुओं का वायुमार्गों द्वारा परिवहन सर्वश्रेष्ठ होता है। अतः स्पष्ट है कि एक सुप्रबंधित परिवहन तंत्र में ये विभिन्न विधाएँ एक-दूसरे की पूरक होती हैं।

HBSE 12th Class Geography Solutions Chapter 8 परिवहन एवं संचार

प्रश्न 2.
विश्व के वे कौन-से प्रमुख प्रदेश हैं जहाँ वायुमार्ग का सघन तंत्र पाया जाता है?
उत्तर:
वायु परिवहन, परिवहन का तीव्रतम साधन होने के साथ-साथ बहुत महँगा भी है। तेज गति का साधन होने के कारण लंबी दूरी की यात्रा के लिए यात्री इसे वरीयता देते हैं। इसके द्वारा मूल्यवान जहाजी भार को तेजी से पूरे विश्व में भेजा जा सकता है। पर्वतीय हिमक्षेत्रों तथा मरुस्थलीय भू-भागों में भी इस परिवहन ने सफलता प्राप्त कर ली है। वायुयानों के निर्माण तथा उनकी कार्य प्रणाली के लिए अत्यंत विकसित सुविधाओं; जैसे विमानशाला, भूमि पर उतारने, ईंधन तथा रख-रखाव की सुविधाओं की आवश्यकता होती है। हवाई पत्तनों का निर्माण भी अत्यधिक खर्चीला है और यह उन्हीं देशों में जहाँ अत्यधिक औद्योगीकरण एवं अधिक संख्या में यातायात उपलब्ध है, विकसित हुआ है।

पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका, पश्चिमी यूरोप और दक्षिणी-पूर्वी एशिया में वायुमार्गों का सघन जाल पाया जाता है। विश्व के कुल वायुमार्गों के 60% भाग का प्रयोग अकेला संयुक्त राज्य अमेरिका करता है। न्यूयॉर्क, लंदन, पेरिस, एम्सटर्डम और शिकागो नोडीय बिंदु हैं। वर्तमान समय में विश्व में कोई भी स्थान 35 घंटे से अधिक की दूरी पर नहीं है। वर्षों और महीनों के स्थान पर वायुमार्ग द्वारा की गई यात्रा को अब घंटों और मिनटों में मापा जा सकता है। विश्व के अनेक भागों में नित्य वायु सेवाएँ उपलब्ध हैं।

प्रश्न 3.
वे कौन-सी विधाएँ हैं जिनके द्वारा साइबर स्पेस मनुष्यों के समकालीन आर्थिकी और सामाजिक स्पेस की वृद्धि करेगा?
उत्तर:
साइबर स्पेस विद्युत द्वारा कंप्यूटरीकृत स्पेस का संसार है, जिसे इंटरनेट के नाम से भी जाना जाता है। यह बिना गतिशील हुए भेजने वाले और प्राप्त करने वालों को कंप्यूटर पर सूचनाओं के भेजने व प्राप्त करने की प्रक्रिया है। माइबर सोम हर जगह विद्यमान है। यह किसी कार्यालय में, जल में चलती नौका में, उड़ते जहाजों में और अन्य किसी स्थान पर भी हो सकता है। इलैक्ट्रॉनिक नेटवर्क का विस्तार बहुत तीव्र गति से हो रहा है। इंटरनेट का प्रयोग करने वाले सन् 1995 में 5 करोड़, सन् 2000 में 40 करोड़ एवं सन् 2005 में 100 करोड़ थे। वर्तमान में इंटरनेट का प्रयोग करने वालों की संख्या में बहुत वृद्धि हुई है।

अब विश्व के अधिकांश प्रयोक्ता संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, चीन और भारत में हैं, साइबर स्पेस लोगों के समकालीन आर्थिक और सामाजिक स्पेस को ई० मेल, ई० वाणिज्य, ई० शिक्षा और ई० प्रशासन के माध्यम से विस्तृत करेगा। फैक्स, टेलीविजन और रेडियो के साथ इंटरनेट समय और स्थान की सीमाओं को लांघते हए अधिक-से-अधिक लोगों तक पहुँचगा। ये आधुनिक संचार प्रणालियाँ हैं जिन्होंने परिवहन से कहीं ज्यादा वैश्विक ग्राम की संकल्पना को साकार किया है। जैसे-जैसे तकनीकी का विकास हो रहा है वैसे-वैसे सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से इस पर लगाए गए प्रतिबंध समाप्त हो रहे हैं, निजी व्यावसायिक कंपनियाँ, शैक्षणिक संस्थान तथा संस्कार द्वारा इन सूचनाओं तथा उपग्रह चित्रों का उपयोग असैनिक क्षेत्रों; जैसे नगरीय नियोजन, प्रदूषण नियंत्रण, वन विनाश (वनोन्मूलन) से प्रभावित क्षेत्रों को ढूँढ़ना आदि के लिए किया जाएगा।

परिवहन एवं संचार HBSE 12th Class Geography Notes

→ बंदरगाह (Harbour) : यह समुद्र का अंशतः परिबद्ध (Partially Encircled) क्षेत्र होता है; जैसे निवेशिका (Creek), नदमुख (Estuary) अथवा समुद्र-अंतर्गम (Inlet) आदि, जो आने वाले जहाजों को आश्रय देता है।

→ पत्तन (Port) : यह गोदी (Dock), घाट एवं सामान उतारने और चढ़ाने की सुविधाओं से युक्त ऐसा स्थान होता है जो स्थल मार्गों से जुड़ा होता है। पत्तन वास्तव में बंदरगाह की Operational Site होती है।

→ पश्च प्रदेश (Hinter Land) : किसी महानगर या बंदरगाह से जुड़ा वह विस्तृत क्षेत्र जो उस महानगर और बंदरगाह की सेवा करता है और उनसे सेवाएँ भी प्राप्त करता है।

→ संचार (Communication) : सूचनाओं। उनके उद्गम स्थल से गंतव्य तक किसी चैनल के माध्यम से पहुँचाना।

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.3

Haryana State Board HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.3 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.3

प्रश्न 1.
क्रय-विक्रय के निम्न सौदों में हानि या लाभ ज्ञात कीजिए। प्रत्येक दशा में प्रतिशत हानि या प्रतिशत लाभ भी ज्ञात कीजिए।
(a) बगीचे में काम आने वाली कैंची ₹ 250 में खरीदी गई तथा ₹ 325 में बेची गई।
(b) एक रेफ्रीजरेटर ₹ 12000 में खरीदा गया और ₹ 13500 में बेचा गया।
(c) एक अलमारी ₹ 2500 में खरीदी गई और ₹ 3000 में बेची गई।
(d) एक स्कर्ट ₹ 250 में खरीद कर ₹ 150 में बेची गई।
हल :
(a) क्र. मू. (C.P.) = ₹ 250 और वि. मू. (S.P.) = ₹ 325
∵ S.P. > C.P.
अत: लाभ होगा।
लाभ = वि. म. – क्र. मू.
= ₹ (325 – 250) = ₹75
लाभ % = (लाभ / क्र. मू. × 100%) %
= (\(\frac {75}{250}\) × 100)% = 30% उत्तर

(b) क्र. मू. (C.P.) = ₹ 12000 और वि. मू. (S.P.) = ₹ 13500
∵ वि. मू. > क्र. मू.
∴ लाभ = ₹(13500 – 12000) = 1500
लाभ % = (लाभ / क्र. मू. × 100)%
= (\(\frac {1500}{12000}\) × 100)% = 12.5% उत्तर

(c) क्र. मू. (C.P.) = ₹ 2500
तथा वि. मू. (S.P.) = ₹ 3000
∵ S.P. > C.P.
अत: लाभ होगा।
लाभ = S.P. – C.P. = ₹(3000 – 2500) = ₹ 500
लाभ लाभ % = (लाभ / क्र. मू. × 100) %
= (\(\frac {500}{2500}\) × 100)% = 20% उत्तर

(d) क्र. मू. (C.P.) = ₹ 250
और वि. मू. (S.P.) = ₹ 150
∵ लाभ S.P. < C.P.
अतः हानि होगी।
हानि = क्र. मू. – वि. मू.
= ₹ (250 – 150) = ₹ 100
हानि % = (लाभ / क्र. मू. × 100)%
= (\(\frac {100}{250}\) × 100) % = 40% उत्तर

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.3

प्रश्न 2.
दिए गए प्रत्येक अनुपात के दोनों पदों को प्रतिशत में बदलिए:
(a) 3 : 1
(b) 2 : 3 : 5
(c) 1 : 4
(d) 1 : 2 : 5
हल :
(a) दिया है, 3 : 1
कुल भाग = 3 + 1 = 4
इसका अर्थ है \(\frac {3}{4}\) और \(\frac {1}{4}\)
इनका प्रतिशत (\(\frac {3}{4}\) × 100)% = 75%
और (\(\frac {1}{4}\) × 100)% = 25% उत्तर

(b) दिया अनुपात = 2 : 3 : 5
कुल भाग = 2 + 3 + 5 = 10
इसक अर्थ है \(\frac {2}{10}\), \(\frac {3}{10}\) और \(\frac {5}{10}\)
अब इनकी प्रतिशतता क्रमशः (\(\frac {2}{10}\) × 100)% = 20%,
(\(\frac {3}{10}\) × 100)% = 30% और (\(\frac {5}{10}\) × 100)% = 50% है। उत्तर

(c) दिया है, 1 : 4
कुल भाग = 1 + 4 = 5
इसका अर्थ है \(\frac {1}{5}\), और \(\frac {4}{5}\)
इनका प्रतिशत क्रमशः (\(\frac {1}{5}\) × 100) % = 20% और
(\(\frac {4}{5}\) × 100)% = 80% है। उत्तर

(d) दिया है, 1 : 2 : 5
कुल भाग = 1 + 2 + 5 = 8
इसका अर्थ है \(\frac {1}{8}\), \(\frac {2}{8}\) और \(\frac {5}{8}\)
इनकी प्रतिशतता
\(\frac {1}{8}\) × 100 = 12.5%
\(\frac {2}{8}\) × 100 = 25% और
\(\frac {5}{8}\) × 100 = 62.5% उत्तर

प्रश्न 3.
एक नगर की जनसंख्या 25000 से घटकर 24500 रह गई। घटाने का प्रतिशत ज्ञात कीजिए।
हल:
नगर की जनसंख्या = 25000
नयी जनसंख्या = 24500
जनसंख्या में कमी = 25000 – 24500 = 500
प्रतिशत कमी = (\(\frac {500}{25000}\) × 100) %
= 2%.

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.3

प्रश्न 4.
अरुण ने एक कार ₹ 3,50,000 में खरीदी। अगले वर्ष उसका मूल्य बढ़कर ₹ 3,70,000 हो गया। कार के मूल्य की प्रतिशत वृद्धि ज्ञात कीजिए।
हल :
कार का वास्तविक मूल्य = ₹ 3,50,000
कार का बड़ा मूल्य = ₹ 3,70,000
मूल्य में वृद्धि = ₹ (3,70,000 – 3,50,000)
= ₹ 20,000
वृद्धि प्रतिशत = (\(\frac {20000}{350000}\) × 100)%
= \(\frac {40}{7}\) % = 5\(\frac {5}{7}\)%. उत्तर

प्रश्न 5.
मैंने एक टी.वी. ₹ 10,000 रु. में खरीद कर 20 प्रतिशत लाभ पर बेच दिया। मुझे बेचने पर कितना धन प्राप्त हुआ ?
हल :
क्रय मूल्य (C.P) = ₹ 10,000 और लाभ = 20%
अब विक्रय मूल्य = (100 + लाभ %) × C.P. / 100
= ₹ \(\left[\frac{(100+20) \times 10000}{100}\right]\)
= ₹(120 × 100) = ₹ 12,000
अत: टी.वी. का विक्रय मूल्य = ₹ 12,000 उत्तर

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.3

प्रश्न 6.
जही एक वाशिंग मशीन ₹ 13,500 में बेचने पर 20 प्रतिशत की हानि उठाती है। उसने वह मशीन कितने में खरीदी थी ?
हल:
वि. मू. (S.P.) = ₹ 13,500 और हानि = 20%
अब क्र. मू. (C.P.) = 100 × S.P. / 100 – हानि %
क्र. मू. (C.P) = ₹ \(\frac{100 \times 13500}{100-20}\)
= ₹ \(\frac{100 \times 13500}{80}\)
= ₹ 16,875
अत: वाशिंग मशीन का क्रय मूल्य = ₹ 16,875 उत्तर

प्रश्न 7.
(i) चाक-पाउडर में कैल्शियम, कार्बन तथा ऑक्सीजन का अनुपात 10 : 3 : 12 होता है। इसमें कार्बन की प्रतिशत मात्रा ज्ञात कीजिए।
(ii) चाक की एक छड़ी में यदि कार्बन की मात्रा 3 ग्राम है, तब उसका कुल भार कितना होगा?
हल :
(i) कोल्शयम : काबन : आक्साजन
10 : 3 : 12
अनुपातों का योग = 10 + 3 + 12 = 25
चाक में कार्बन का भाग = \(\frac {3}{25}\)
∴ कार्बन का प्रतिशत = (\(\frac {3}{25}\) × 100) %
= (3 × 4)% = 12% उत्तर

(ii) चूंकि चाक में कैल्सियम, कार्बन और ऑक्सीजन का अनुपात 10 : 3 : 12 है।
अनुपातों का योग = 10 + 3 + 12 = 25
स्पष्ट है कि यदि कार्बन का भार 3 ग्राम होगा, तो चाक का भार = 25 ग्राम होगा। उत्तर

प्रश्न 8.
अमीना एक पुस्तक ₹275 में खरीद कर उसे 15 प्रतिशत हानि पर बेचती है। पुस्तक का विक्रय मूल्य ज्ञात कीजिए।
हल:
पुस्तक का क्रय मूल्य (C.P) = ₹275 और
हानि = 15%
विक्रय मूल्य (S.P.) = (100 – हानि %) × क्र. मू. / 100}[/latex]
= \(\frac{(100-15) \times 275}{100}\)
= \(\frac{85 \times 275}{100}\) = 85 × 2.75
= ₹ 233.75
अत: पुस्तक का विक्रय मूल्य = ₹ 233.75 उत्तर

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.3

प्रश्न 9.
प्रत्येक दशा में 3 वर्ष बाद कितना मिश्रधन देय होगा?
(a) मूलधन = 1200 रु., दर 12% वार्षिक
(b) मूलधन = 7500 रु., दर 5% वार्षिक
हल :
(a) P= 1200 रु., R= 12% और T = 3 वर्ष
साधारण ब्याज (S.I) = \(\frac{P \times R \times T}{100}\)
= ₹ \(\frac{1200 \times 12 \times 3}{100}\)
= ₹ 432
अब, मिश्रधन- मूलधन (P) + साधारण ब्याज (S.I.)
= ₹(1200 + 432)
= ₹ 1632 उत्तर

(b) P = ₹ 7500, R = 5% और T= 3 वर्ष
साधारण ब्याज (S.I.) = \(\frac{P \times R \times T}{100}\)
= ₹ \(\frac{7500 \times 5 \times 3}{100}\)
= ₹ 1125
अब, मिश्रधन = मूलधन (P)+ साधारण ब्याज (S.I.)
= ₹(7500 + 1125)
= ₹ 8625 उत्तर

प्रश्न 10.
₹ 56000 पर, 2 वर्ष पश्चात् किस दर से 280 रु. साधारण व्याज देय होगा?
हल :
P = ₹ 56000, S.I = ₹ 280, T= 2 वर्ष
दर (R) = \(\frac{\text { S.I } \times 100}{P \times T}\)
= (\(\frac{280 \times 100}{56000 \times 2}\)) = 0.25%
अतः, ब्याज की दर = 0.25% प्रति वर्ष। उत्तर

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.3

प्रश्न 11.
मीना ने 9 प्रतिशत वार्षिक दर से, 1 वर्ष पश्चात् ₹ 45 व्याज के रूप में लिए। उसने कितना धन उधार लिया था ?
हुल :
साधारण ब्याज (S.I.) = ₹ 45
दर (R) = 9%
समय (T) = 1 वर्ष
मूलधन (P) = \(\frac{\text { S.I. } \times 100}{R \times T}=\frac{45 \times 100}{9 \times 1}\)
= 5 × 100 = ₹ 500
अत: उधार लिया गया धन = ₹ 500 उत्तर

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 तृतीयक और चतर्थ क्रियाकलाप

Haryana State Board HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 तृतीयक और चतर्थ क्रियाकलाप Important Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 तृतीयक और चतर्थ क्रियाकलाप

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. तृतीयक क्रियाकलाप संबंधित है-
(A) कृषि से
(B) विनिर्माण उद्योगों से
(C) बुद्धि तथा कुशलता से जुड़ी सेवाओं से
(D) बौद्धिक व्यवसाय से
उत्तर:
(C) बुद्धि तथा कुशलता से जुड़ी सेवाओं से

2. वकील और शिक्षक किस प्रकार के क्रियाकलाप के अंतर्गत आते हैं?
(A) प्राथमिक
(B) द्वितीयक
(C) तृतीयक
(D) चतुर्थक
उत्तर:
(C) तृतीयक

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 तृतीयक और चतर्थ क्रियाकलाप

3. सेवाएँ किस प्रकार का क्रियाकलाप हैं?
(A) प्राथमिक
(B) द्वितीयक
(C) तृतीयक
(D) चतुर्थक
उत्तर:
(C) तृतीयक

4. आधुनिक युग में महिलाओं की संख्या किस क्रियाकलाप में अधिक है?
(A) प्राथमिक
(B) द्वितीयक
(C) तृतीयक
(D) चतुर्थक
उत्तर:
(C) तृतीयक

5. विश्व में रोजगार के अवसरों में वृद्धि किस व्यवसाय में बढ़ रही है?
(A) प्राथमिक
(B) द्वितीयक
(C) तृतीयक
(D) चतुर्थक
उत्तर:
(C) तृतीयक

6. उच्च बौद्धिक व्यवसाय में लगे लोग किस प्रकार के क्रियाकलाप के अंतर्गत आते हैं?
(A) प्राथमिक
(B) द्वितीयक
(C) तृतीयक
(D) चतुर्थक
उत्तर:
(C) तृतीयक

7. विज्ञापन, कानूनी सेवाएँ, जनसंपर्क और परामर्श किस प्रकार की सेवाएँ हैं?
(A) मनोरंजन सेवाएँ
(B) वाणिज्यिक सेवाएँ
(C) विनिर्माण सेवाएँ
(D) परिवहन और संचार सेवाएँ
उत्तर:
(B) वाणिज्यिक सेवाएँ

8. वैश्विक कंपनियों के सर्वाधिक मुख्यालय कहाँ हैं?
(A) लंदन
(B) टोकियो
(C) पेरिस
(D) न्यूयार्क
उत्तर:
(D) न्यूयार्क

9. निम्नलिखित में से कौन-सा देश इंटरनेट द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ नहीं है?
(A) स्कैंडिनेविया
(B) भारत
(C) ऑस्ट्रेलिया
(D) कनाडा
उत्तर:
(B) भारत

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 तृतीयक और चतर्थ क्रियाकलाप

10. उत्तरी अमेरिका का वैश्विक नगर कौन-सा है?
(A) पेरिस
(B) न्यूयार्क
(C) टोकियो
(D) शंघाई
उत्तर:
(B) न्यूयार्क

11. यूरोप का प्रमुख वैश्विक नगर कौन-सा है?
(A) न्यूयार्क
(B) लंदन
(C) लास एंजिल्स
(D) टोकियो
उत्तर:
(B) लंदन

12. एशिया का प्रमुख वैश्विक नगर कौन-सा है?
(A) टोकियो
(B) लंदन
(C) न्यूयार्क
(D) टोरंटो
उत्तर:
(A) टोकियो

13. विश्व के प्रमुख वैश्विक नगर हैं-
(A) लंदन, पेरिस, काहिरा
(B) लंदन, रोम, कोलंबो
(C) लंदन, सिंगापुर, सिडनी
(D) लंदन, न्यूयार्क, टोकियो
उत्तर:
(D) लंदन, न्यूयार्क, टोकियो

14. सबसे कम वैश्विक कंपनियों के मुख्यालय कहाँ है?
(A) न्यूयार्क
(B) लंदन
(C) टोकियो
(D) मैक्सिको
उत्तर:
(D) मैक्सिको

15. बाह्यस्रोतन का व्यावसायिक क्रियाकलाप है-
(A) मानव संसाधन
(B) सूचना प्रौद्योगिकी
(C) उपभोक्ता सेवाएँ
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

16. निम्नलिखित में से तृतीयक क्रियाकलाप का उदाहरण नहीं है-
(A) शिक्षक
(B) वकील
(C) चिकित्सा
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(C) चिकित्सा

17. निम्नलिखित में से चतुर्थ क्रियाकलाप का उदाहरण नहीं है
(A) चिकित्सा
(B) अनुसंधान
(C) शिक्षक
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(C) शिक्षक

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 तृतीयक और चतर्थ क्रियाकलाप

18. निम्नलिखित में से पंचम क्रियाकलाप का उदाहरण नहीं है-
(A) निर्णयकर्ता
(B) परामर्शदाता
(C) नीति-निर्धारक
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

B. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दीजिए

प्रश्न 1.
किसी एक तृतीयक क्रियाकलाप का उदाहरण दें।
उत्तर:
व्यापार।

प्रश्न 2.
यूरोप का प्रमुख वैश्विक नगर कौन-सा है?
उत्तर:
लंदन।

प्रश्न 3.
एशिया का प्रमुख वैश्विक नगर कौन-सा है?
उत्तर:
टोकियो।

प्रश्न 4.
वे काम जिनमें उच्च परिमाण और स्तर वाले अन्वेषण सम्मिलित होते हैं, उन्हें क्या कहते हैं?
उत्तर:
उन्हें पंचम क्रियाकलाप कहते हैं।

प्रश्न 5.
सेवाएँ किस प्रकार का क्रियाकलाप हैं?
उत्तर:
तृतीयक क्रियाकलाप।

प्रश्न 6.
विश्व में रोजगार के अवसरों में वृद्धि किस व्यवसाय में बढ़ रही है?
उत्तर:
तृतीयक व्यवसाय में।

प्रश्न 7.
विज्ञापन, कानूनी सेवाएँ, जनसंपर्क और परामर्श किस प्रकार की सेवाएँ हैं?
उत्तर:
वाणिज्यिक सेवाएँ।

प्रश्न 8.
उत्तरी अमेरिका का वैश्विक नगर कौन-सा है?
उत्तर:
न्यूयॉर्क।

प्रश्न 9.
विश्व के प्रमुख वैश्विक नगर कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
विश्व के प्रमुख वैश्विक नगर लंदन, न्यूयॉर्क, टोकियो हैं।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 तृतीयक और चतर्थ क्रियाकलाप

प्रश्न 10.
वैश्विक कंपनियों के मुख्यालय कहाँ हैं?
उत्तर:
मैक्सिको में।

प्रश्न 11.
वाणिज्यिक सेवाओं का कोई एक उदाहरण दें।
उत्तर:
विज्ञापन।

प्रश्न 12.
परिवहन सेवाओं का कोई एक उदाहरण दें।
उत्तर:
रेल।

प्रश्न 13.
ज्ञानोन्मुखी व्यक्ति किस क्रियाकलाप में आते हैं?
उत्तर:
चतुर्थक व पंचम क्रियाकलाप में।

प्रश्न 14.
सूचना का संग्रहण किस प्रकार के क्रियाकलाप में आता है?
उत्तर:
चतुर्थक क्रियाकलाप में।

प्रश्न 15.
पर्यटन किस प्रकार का क्रियाकलाप है?
उत्तर:
तृतीयक क्रियाकलाप।

प्रश्न 16.
बाह्यस्रोतन का क्या उद्देश्य है?
उत्तर:
दक्षता को सुधारना और लागतों को कम करना।

प्रश्न 17.
सूचना का संग्रहण, उत्पादन व प्रकीर्णन किस प्रकार के क्रियाकलाप के अंतर्गत आता है?
उत्तर:
चतुर्थ क्रियाकलाप के।

प्रश्न 18.
पर्यटन उद्योग द्वारा पोषित दो उद्योगों के नाम बताएँ।
उत्तर:

  1. फुटकर व्यापार
  2. शिल्प उद्योग।

प्रश्न 19.
उच्च स्तरीय सेवाओं के कोई दो उदाहरण दें।
उत्तर:

  1. परामर्शदाता
  2. विशेषज्ञ।

प्रश्न 20.
नोड क्या होता है?
उत्तर:
दो या अधिक मार्गों का संधि-स्थल, एक उद्गम बिंदु, एक गंतव्य बिंदु या मार्ग के सहारे कोई बड़ा कस्बा नोड होता है।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 तृतीयक और चतर्थ क्रियाकलाप

प्रश्न 21.
लाल कॉलर श्रमिक किन क्रियाओं को कहते हैं?
उत्तर:
प्राथमिक क्रियाओं को।

प्रश्न 22.
व्यापार किस प्रकार का क्रियाकलाप है?
उत्तर:
तृतीयक।

अति-लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
विनिर्माण और सेवाओं में क्या अंतर होता है?
उत्तर:
विनिर्माण में वस्तुओं का उत्पादन होता है जो मूर्त होता है अर्थात् उसे देखा, छुआ या मापा जा सकता है लेकिन सेवाओं का उत्पाद अमूर्त होता है व उसे प्रत्यक्ष रूप से मापा भी नहीं जा सकता।

प्रश्न 2.
वाणिज्यिक सेवाएँ क्या होती हैं?
उत्तर:
विज्ञापन बनाना, बिक्री बढ़ाने के तरीके निकालना, कर्मचारियों का चयन, अधिकारियों का प्रशिक्षण, ग्राहकों की अभिरुचियों का सर्वेक्षण इत्यादि वाणिज्यिक सेवाएँ हैं। ये सेवाएँ दूसरी कंपनियों की उत्पादन
क्षमता व बिक्री को बढ़ाती हैं।

प्रश्न 3.
असंगठित क्षेत्र क्या होता है?
उत्तर:
बिना किसी औपचारिक माध्यम से नौकरियाँ पाना व करना असंगठित क्षेत्र कहलाता है। ऐसी नौकरियों के चयन व नियंत्रण इत्यादि पर किसी सरकारी या अर्ध-सरकारी संगठन की भूमिका नहीं होती।

प्रश्न 4.
उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में विनिर्माण का ह्रास क्यों हुआ?
उत्तर:
मशीनों के घिसकर पुराना पड़ने, उनकी उत्पादकता घटने, कोयले के भंडारों के लगभग समाप्त होने तथा मनुष्य की जगह कंप्यूटर व आधुनिक मशीनों के आ जाने से उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में निरौद्योगीकरण की प्रक्रिया आरंभ हुई।

प्रश्न 5.
इंटरनेट द्वारा सबसे अच्छी तरह जुड़े विश्व के दो देशों के नाम बताइए।
उत्तर:
कनाडा और ऑस्ट्रेलिया इंटरनेट द्वारा सबसे अच्छी तरह जुड़े हुए देश हैं।

प्रश्न 6.
व्यापारिक केंद्र किसे कहते हैं?
उत्तर:
फुटकर और थोक व्यापार अथवा वाणिज्य की सभी सेवाओं का उद्देश्य लाभ कमाना है। यह सारा काम कस्बों और नगरों में होता है, जिन्हें व्यापारिक केंद्र कहा जाता है।

प्रश्न 7.
ग्रामीण विपणन केंद्र क्यों महत्त्वपूर्ण हैं?
उत्तर:
ये अर्ध-नगरीय केंद्र होते हैं जो निकटवर्ती बस्तियों का पोषण करते हैं। यहाँ व्यक्तिगत सेवाएँ और व्यावसायिक सेवाएँ ठीक प्रकार से विकसित नहीं होती, परंतु ये ग्रामीण लोगों की अधिक माँग वाली वस्तुएँ और सेवाएँ उपलब्ध कराते हैं।

प्रश्न 8.
चिकित्सा पर्यटन क्या है?
उत्तर:
चिकित्सा उपचार को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन से संबद्ध कर दिया जाए तो यह पर्यटन चिकित्सा पर्यटन कहलाता है।

प्रश्न 9.
तृतीयक क्रियाकलाप के कोई चार उदाहरण दें।
उत्तर:

  1. व्यापारी
  2. वकील
  3. डॉक्टर
  4. इंजीनियर।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 तृतीयक और चतर्थ क्रियाकलाप

प्रश्न 10.
तृतीयक क्रियाकलाप के कौन-कौन से क्षेत्र हैं?
उत्तर:

  1. व्यापार
  2. परिवहन
  3. संचार
  4. सेवाएँ।

प्रश्न 11.
अपतटन (offshoring) क्या है?
उत्तर:
जब बाह्यस्रोतन का कार्य समुद्र-पार के क्षेत्रों से करवाया जाता है तो इसे अपतटन कहा जाता है।

प्रश्न 12.
पर्यटन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
पर्यटन एक ऐसी यात्रा है जो मनोरंजन या फुरसत के क्षणों का आनंद उठाने के उद्देश्यों से की जाती है। इस यात्रा का उद्देश्य व्यापार करना या पैसा कमाना नहीं होता।

प्रश्न 13.
परिवहन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
परिवहन एक ऐसी सेवा या सुविधा है जिससे व्यक्तियों, विनिर्मित माल और संपति को भौतिक रूप से एक स्थान से दसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है। यह हमारी गतिशीलता की मल आवश्यकताओं को परा करने हेत एक संगठित उद्योग है।

प्रश्न 14.
संचार क्या है?
उत्तर:
संचार सेवाओं में शब्दों, संदेशों, तथ्यों और विचारों का प्रेषण सम्मिलित है। एक स्थान से दूसरे स्थान पर सूचना एवं संदेश भेजने या प्राप्त करने की विस्तृत व्यवस्था को संचार कहा जाता है।

प्रश्न 15.
बाह्यस्रोतीकरण कितने प्रकार का होता है?
उत्तर:
बाह्यस्रोतीकरण तीन प्रकार का होता है-

  1. उत्पादन का बाह्यस्रोतीकरण।
  2. सेवाओं का बाह्यस्रोतीकरण।
  3. नवाचार का बाह्यस्रोतीकरण।

प्रश्न 16.
थोक व्यापार सेवाओं की कोई दो विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर:

  1. भारी मात्रा में वस्तुओं का व्यापार होना।
  2. फुटकर बिक्री न होना।

प्रश्न 17.
फुटकर व्यापार सेवाओं की कोई दो विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर:

  1. ये एक निश्चित स्थान से संबंधित होती हैं। ये एक स्थानीय व्यापारिक सेवाएँ हैं।
  2. ये वे व्यापारिक सेवाएँ हैं जो उपभोक्ताओं को वस्तु के प्रत्यक्ष विक्रय से संबंधित होती हैं।

प्रश्न 18.
सेवा क्षेत्र प्रायः विकसित देशों पर क्यों केन्द्रित होता है?
उत्तर:
विकसित देशों की अर्थव्यवस्था अच्छी होती है। इन देशों में लोगों की आय के बढ़ने से प्रति व्यक्ति आय बढ़ती है। इससे सेवा क्षेत्र की माँग में वृद्धि हो जाती है। इसलिए सेवा क्षेत्र विकसित देशों पर केन्द्रित होता है।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
तृतीयक क्रियाकलाप/ क्रियाएँ किसे कहते हैं?
उत्तर:
तृतीयक व्यवसाय में समुदाय को दी जाने वाली व्यक्तिगत तथा व्यावसायिक सेवाएँ सम्मिलित हैं। यातायात, संचार, व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा प्रशासनिक सेवा तृतीयक व्यवसाय के महत्त्वपूर्ण उदाहरण हैं। इस व्यवसाय में लगे हुए लोग प्रत्यक्ष रूप से किसी वस्तु का उत्पादन नहीं करते, बल्कि अपनी कार्य-कुशलता तथा तकनीकी क्षमता से समाज की सेवा करते हैं। इस व्यवसाय को ‘सेवा श्रेणी’ भी कहा जाता है।

प्रश्न 2.
बाह्यस्रोतन पर एक टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
बाह्यस्रोतन अथवा ठेका देना दक्षता को सधारने अथवा लागतों को घटाने के लिए किसी बाहरी अभिकरण को काम सौंपना है। जब बाह्यस्रोतन में कार्य समद्र पार के स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया जाता है तो इसे अपतरण कहा जाता है। यद्यपि दोनों अपतरण और बाह्यस्रोतन का प्रयोग इकट्ठा किया जाता है। जिन व्यापारिक क्रियाकलापों को बाह्यस्रोतन किया जाता है, उनमें सूचना प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन, ग्राहक सहायता तथा काल सेंटर सेवाएँ और कई बार विनिर्माण तथा अभियांत्रिकी भी सम्मिलित की जाती है। बाह्यस्रोतन उन देशों में आ रहा है जहाँ सस्ता और कुशल श्रम उपलब्ध है। बाह्यस्रोतन के द्वारा काम उपलब्ध होने पर इन देशों से प्रवास कम हो जाता है। बाह्यस्रोतन के बने रहने का मुख्य कारक तुलनात्मक लाभ है। चतुर्थक सेवाओं की नवीन प्रवृत्तियों में ज्ञान प्रक्रमण बाह्यस्रोतन (के०पी०ओ०) और होम शोरिंग है, जो बाह्यस्रोतन का विकल्प है।

प्रश्न 3.
सेवाओं के प्रमुख घटक कौन से हैं?
उत्तर:
सेवाओं के प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं-

  1. वाणिज्यिक सेवाएँ विज्ञापन, कानूनी सेवाएँ, जनसंपर्क और परामर्श।
  2. परिवहन और संचार-रेल, सड़क, जहाज, वायुयान सेवाएँ तथा डाक तार सेवाएँ।
  3. मनोरंजन दूरदर्शन, रेडियो, फिल्म और साहित्य।
  4. विभिन्न स्तरीय प्रशासन स्थानीय, राज्य एवं राष्ट्रीय प्रशासन, अधिकारी वर्ग पुलिस सेना तथा अन्य जन सेवाएँ।
  5. गैर-सरकारी संगठन-शिशु चिकित्सा, पर्यावरण, ग्रामीण विकास।
  6. वित्त, बीमा, वाणिज्यिक और आवासीय भूमि और भवनों जैसी अचल संपत्ति का क्रय-विक्रय।
  7. उत्पादक और उपभोक्ता को जोड़ने वाले कार्य करने जैसी सेवाएँ।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 तृतीयक और चतर्थ क्रियाकलाप

प्रश्न 4.
भंडारों के प्रकार कौन-कौन से हैं? वर्णन करें। अथवा विभागीय तथा श्रृंखला भंडारों से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
भंडारों के मुख्यतः दो प्रकार होते हैं, जो इस प्रकार हैं-
1. विभागीय भंडार वस्तुओं की खरीद और भंडारों के विभिन्न अनुभागों में बिक्री के सर्वेक्षण के लिए विभागीय प्रमुखों को उत्तरदायित्व और प्राधिकार सौंप देते हैं।

2. श्रृंखला भंडार-अत्यधिक मितव्ययता से व्यापारिक माल खरीदे जाते हैं। यहाँ तक कि अपने विनिर्देश पर सीधे वस्तुओं का निर्माण करा लेते हैं। वे अनेक कार्यकारी कार्यों में अत्यधिक कुशल विशेषज्ञ नियुक्त कर लेते हैं। उनके पास एक भंडार के अनुभव के परिणामों को अनेक भंडारों में लागू करने की योग्यता होती है।

प्रश्न 5.
दूरसंचार के कारण कैसे परिवर्तन आए हैं?
उत्तर:
दूरसंचार का प्रयोग विद्युतीय प्रौद्योगिकी के विकास से जुड़ा है। संदेशों के भेजे जाने की गति के कारण इसने संचार में क्रान्ति ला दी है। समय सप्ताहों से मिनटों में घट गया है और मोबाइल दूरभाष जैसी नूतन उन्नति ने किसी भी समय कहीं से भी संचार को प्रत्यक्ष और तत्काल बना दिया है।

प्रश्न 6.
पंचम क्रियाकलाप का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पंचम क्रियाकलाप वे सेवाएँ हैं जो नवीन और वर्तमान विचारों की रचना, उनके पुनर्गठन और व्याख्या, आँकड़ों की व्याख्या और प्रयोग तथा नई प्रौद्योगिकी के मूल्यांकन पर केंद्रित होती हैं। ये व्यवसाय तृतीयक क्षेत्र में स्वर्ण-कॉलर कहे जाने वाले व्यवसायों का एक और उप-विभाग हैं जिसमें अनुसंधान वैज्ञानिक, वित्त एवं विधि परामर्शदाता, सरकारी अधिकारी आदि आते हैं। ये वर्ग उच्च वेतन वाले तथा कुशल होते हैं। उन्नत अर्थव्यवस्थाओं की संरचना में उनका महत्त्व उनकी संख्या से अधिक होता है।

प्रश्न 7.
पंचम क्रियाकलापों की प्रमुख विशेषताएँ लिखें।
उत्तर:
पंचम क्रियाकलापों की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  1. पंचम गतिविधियाँ सर्वोच्च निर्णय-निर्माता होती हैं।
  2. विशेषज्ञ, निर्णयकर्ता, परामर्शदाता एवं नीति-निर्धारक इन क्रियाओं क्रियाकलापों के अंतर्गत आते हैं।
  3. ये गतिविधियाँ मुख्य रूप से आउटसोर्सिंग से संबंधित होती हैं।
  4. इनमें शोध, विकास, व्यापार अन्वेषण, कानूनी व्यवसाय एवं बैंकिंग आदि क्षेत्र सम्मिलित हैं।

प्रश्न 8.
ग्रामीण विपणन केन्द्र की प्रमुख विशेषताएँ लिखें।
उत्तर:
ग्रामीण विपणन केन्द्र की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  1. ये अर्ध-नगरीय केन्द्र होते हैं और बहुत ही प्रारम्भिक प्रकार से व्यापारिक केन्द्रों के रूप में कार्य करते हैं।
  2. इन केन्द्रों में व्यावसायिक सेवाएँ सुविकसित नहीं होती।
  3. ये स्थानीय संग्रहण एवं वितरण के केन्द्र होते हैं।
  4. ये ग्रामीण लोगों की अधिक माँग वाली वस्तुओं एवं सेवाओं को उपलब्ध कराने वाले केन्द्र हैं।
  5. अधिकांश केन्द्रों में मण्डियाँ एवं फुटकर व्यापार क्षेत्र (दुकानें) भी होते हैं।

प्रश्न 9.
उन्नत आर्थिक व्यवस्था में विनिर्माण का ह्रास क्यों हुआ?
उत्तर:
उन्नत अर्थव्यवस्था में अधिकतर लोग तृतीयक और चतुर्थक व्यवसायों में आकर्षित होते हैं क्योंकि विनिर्माण के क्षेत्र में रोजगार के अवसर धीरे-धीरे घटने लगते हैं जबकि सूचना और प्रौद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप तृतीयक और चतुर्थक व्यवसाय में रोजगार के अवसर बढ़ते जा रहे हैं। इसलिए उन्नत अर्थव्यवस्था वाले देशों में विनिर्माण का ह्रास हो रहा है। इस क्रिया को निरोद्यौगीकरण कहा जाता है।

प्रश्न 10.
तृतीयक क्रियाकलापों में उत्पादन और विनिमय दोनों सम्मिलित होते हैं। व्याख्या करें।
उत्तर:
तृतीयक क्रियाकलापों में उत्पादन और विनिमय दोनों शामिल होते हैं। उत्पादन में उपलब्ध सेवाओं का उपभोग किया जाता है। उत्पादन को अप्रत्यक्ष रूप से मजदूरी और वेतन के रूप में मापा जाता है। विनिमय में व्यापार, संचार और परिवहन की सुविधाएँ शामिल होती हैं, जिनका उपयोग दूरी को कम करने के लिए किया जाता है। इसलिए इन क्रियाकलापों में सेवाओं का व्यावसायिक उत्पादन शामिल होता है। ये भौतिक कच्चे माल के प्रयोग में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं होतीं। बिजली का मिस्त्री, तकनीशियन, धोबी, नाई, दुकानदार, चालक इत्यादि का काम करना तृतीयक क्रियाकलाप के प्रमुख उदाहरण हैं। तृतीयक क्रियाकलापों की विशेषता यह है कि ये कर्मियों की विशिष्टीकृत कुशलताओं, अनुभव और ज्ञान पर निर्भर करती है।

प्रश्न 11.
पर्यटन के मुख्य आकर्षणों का वर्णन करें।
उत्तर:
पर्यटन के मुख्य आकर्षण निम्नलिखित हैं-

  1. जलवायु-ठंडे प्रदेशों की जलवायु उष्ण क्षेत्रों के लोगों को आकर्षित करती है; जैसे बर्फ से ढके क्षेत्र आदि।
  2. भू-दृश्य कई लोग आकर्षित करने वाले भू-दृश्यों में अवकाश बिताना पसंद करते हैं; जैसे पर्वत, झीलें, समुद्री तट आदि।
  3. इतिहास एवं कला इतिहास और कला का आनंद उठाने के लिए लोग प्राचीन नगरों, किलों, महलों, गिरजाघरों को देखने जाते हैं।
  4. संस्कृति और अर्थव्यवस्था मानव जातीय और स्थानीय रीतियों को पसंद करने वालों को पर्यटन लुभाता है। यदि कोई प्रदेश सस्ते दामों में पर्यटकों की जरूरतों को पूरा करता है तो वह बहुत लोकप्रिय हो जाता है। घरों में रुकना एक लाभदायक व्यापार बनकर उभरा है; जैसे गोआ के हैरीटेज़ होम्स आदि।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 तृतीयक और चतर्थ क्रियाकलाप

प्रश्न 12.
चतुर्थक क्रियाकलापों के महत्त्व का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चतुर्थक क्रियाकलाप अनुसंधान और विकास पर केन्द्रित होते हैं। इन्हें ऐसी उन्नत सेवाओं के रूप में देखा जा सकता है जो विशिष्टीकृत ज्ञान, प्रौद्योगिक कुशलता और प्रशासकीय सामर्थ्य से जुड़ी हुई हैं। बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, चिकित्सकीय प्रतिलेखक (Medical Transciptionist), म्यूचुअल फण्ड के प्रबन्धक, परामर्शदाता, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, प्रारंभिक विद्यालयों, विश्वविद्यालयी कक्षाओं, रंगमंचों, लेखाकार्य, अस्पतालों व कार्यालय भवनों में काम करने वाले लोग इस वर्ग की सेवाओं से जुड़े हुए हैं। अतः चतुर्थक क्रियाकलापों का अर्थ मूलभूत रूप से बौद्धिक व्यवसाय है जिसका मुख्य कार्य सोचना, चिन्तन करना, अन्वेषण करना आदि है। इस वर्ग के लोग आर्थिक विकास में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं। इसकी महत्ता को देखते हुए आज विकसित व विकासशील राष्ट्रों में इस क्रियाकलाप का अनुपात बढ़ रहा है।

प्रश्न 13.
चतुर्थक क्रियाएँ अन्य आर्थिक क्रियाओं को प्रतिस्थापित कर रही हैं। वर्णन कीजिए।
अथवा
चतुर्थक क्रियाएँ तृतीयक क्रियाओं का स्थान लेती जा रही हैं। वर्णन करें।
उत्तर:
तृतीयक क्रियाकलाप बुद्धि तथा कुशलता से जुड़ी सेवाएँ है जिसका उत्पादन अमूर्त होता है। चतुर्थक क्रियाकलाप भी उच्च बौद्धिक व्यवसाय जो चिंतन तथा शोध के लिए विचार देते हैं। इनका उत्पादन भी अमूर्त होता है। आर्थिक वृद्धि के आधार पर तृतीयक क्षेत्र के सभी रोजगारों को चतुर्थ क्षेत्र ने प्रतिस्थापित कर दिया है। विकसित अर्थव्यवस्था के आधे से अधिक कर्मी ज्ञान के इस क्षेत्र में कार्यरत हैं तथा पारस्परिक कोष प्रबन्धकों से लेकर परामर्शदाताओं, सॉफ्टवेयर सेवाओं की माँग में उच्च वृद्धि हुई है।

दीर्घ-उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
विकासशील देशों में सेवा क्षेत्र विकसित देशों से किस प्रकार भिन्न है? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
विकासशील तथा विकसित देशों की अर्थव्यवस्था के विकास में सेवा क्षेत्रों का महत्त्व बढ़ता जा रहा है। दोनों प्रकार के देशों के सेवा क्षेत्रों में मूलभूत अंतर पाया जाता है जो निम्नलिखित प्रकार से है विकासशील देशों का सेवा क्षेत्र-विकासशील देशों का सेवा क्षेत्र भी तेजी से बढ़ रहा है। राष्ट्रीय संपदा में भी इनके योगदान में वृद्धि हो रही है। परंतु इन सेवाओं का आकलन या लेखा-जोखा अच्छी तरह नहीं रखा जा सकता क्योंकि इन देशों के असंख्य लोग अब भी असंगठित सेवाओं में लगे हैं। इनके अंतर्गत गृहणियाँ, बाल मजदूर, रिक्शाचालक, मिस्त्री तथा अकुशल श्रमिक आते हैं। इनकी मजदूरी घटती-बढ़ती रहती है। इसलिए इन लोगों की सेवाओं का कोई लेखा-जोखा नहीं रखा जा सकता।

विकसित देशों का सेवा क्षेत्र विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों में सेवाओं पर आधारित विकास में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। इन देशों में रोजगार के अवसर निरंतर बढ़ रहे हैं। इन देशों के लोग संगठित सेवा क्षेत्रों में लगे हुए हैं जिनका आसानी से लेखा-जोखा रखा जा सकता है।

प्रश्न 2.
संसार में चतुर्थक सेवाओं की प्रकृति तथा वृद्धि का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
विगत कुछ वर्षों से आर्थिक क्रियाकलापों में अति विशिष्टता और जटिलता का समावेश होता जा रहा है जिसके परिणामस्वरूप सेवाओं का एक नया वर्ग बन गया है जिन्हें चतुर्थक क्रियाकलाप कहा जाता है। इस वर्ग में शिक्षा, सूचना, शोध और विकास जैसे क्रियाकलापों को रखा गया है। अतः चतुर्थक क्रियाकलाप उन उच्च कोटि के बौद्धिक व्यवसायों को कहते हैं जिनका दायित्व चिंतन, बोध और विकास के लिए नए विचार देना है। आर्थिक दृष्टि से अत्यधिक विकसित देशों में चतुर्थक क्रियाकलाप में लगे लोगों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। इस वर्ग में कार्यरत लोगों के उच्च वेतनमान तथा पदोन्नति के पर्याप्त अवसर उपलब्ध होते हैं। इसलिए इन लोगों में गतिशीलता पाई जाती है। सूचना प्रौद्योगिकी में आई क्रांति के फलस्वरूप ज्ञान पर आधारित उद्योगों में वृद्धि हो रही है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर आधारित औद्योगिक संकुल स्थापित होते जा रहे हैं।

संयुक्त राज्य अमेरिका में ऐसे अनेक औद्योगिक संकुलों का विकास हुआ है जिन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी पार्क कहा जाता है। सॉफ्टवेयर पर आधारित उद्योग इसका प्रमुख उदाहरण है। सूचना प्रौद्योगिकी में सूक्ष्म इलैक्ट्रॉनिकी, कंप्यूटर, दूरसंचार, प्रसारण तथा ऑटो इलैक्ट्रॉनिक्स संयुक्त रूप से सम्मिलित हैं। प्रौद्योगिकी में नए-नए आविष्कार होते जा रहे हैं। आनुवंशिक इंजीनियरिंग ऐसा ही एक नया क्षेत्र है जिसका अनुप्रयोग विविध क्षेत्रों; जैसे चिकित्सा, स्वास्थ्य, परिवहन आदि में किया जा रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी को परिवर्तन का केंद्र बिंदु कहा जाता है। तेजी से होने वाले प्रौद्योगिक परिवर्तनों के कारण उत्पादन में लगने वाला समय घट रहा है। वैश्वीकरण और उदारीकरण के कारण वस्तुओं के उत्पादन और विपणन को अधिक सूचना प्रधान बना दिया गया है।

प्रश्न 3.
सूचना प्रौद्योगिकी का अर्थ बताते हुए भूमंडलीय अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सूचना प्रौद्योगिकी-सूचना प्रौद्योगिकी अनेक प्रकार की प्रौद्योगिकी का संयुक्त रूप है। इसमें कंप्यूटर, सूक्ष्म इलैक्ट्रॉनिकी, दूरसंचार, प्रसारण और ऑटो-इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल है। सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से प्रौद्योगिकी में अनेक नए आविष्कार हुए हैं। सूचना प्रौद्योगिकी परिवर्तन का केंद्र-बिंदु है। कृषि क्रांति और औद्योगिक क्रांति के बाद सूचना प्रौद्योगिकी तीसरी महत्त्वपूर्ण क्रांति है। इसकी प्रमुख विशेषता “ज्ञान का उत्पादन तथा सूचना प्रसंस्करण की युक्तियों में ज्ञान व सूचना का अनुप्रयोग है।”

सूचना प्रौद्योगिकी का भूमंडलीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव-सूचना प्रौद्योगिकी का अर्थ बताते हुए भूमंडलीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव निम्नलिखित हैं

  1. औद्योगिक देशों में उच्च वेतन वाली नौकरियाँ, सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उपलब्ध हैं।
  2. सूचना के प्रवाह से प्रौद्योगिक परिवर्तन तेजी से हो रहे हैं। उत्पादन में लगने वाला समय घट रहा हैं।
  3. दूरसंचार के विकसित तंत्र के कारण आज आर्थिक क्रियाकलाप पृथ्वी पर दूर-दूर तक फैल गए हैं।
  4. कंप्यूटर और दूरसंचार के मिल जाने से संचार का एक समन्वित नेटवर्क विकसित हुआ है जिससे दूर बैठे लोगों से प्रत्यक्ष संपर्क करके बेहतर परिणाम लिया जा सकता है।
  5. इलैक्ट्रॉनिक माध्यम से लेन-देन अब अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था का केंद्र-बिंदु बन गया है। इस व्यवस्था के द्वारा बैंक क्षण भर में पूँजी को विश्व के किसी भी कोने में भेजा जा सकता है।
  6. सूचना प्रौद्योगिकी के द्वारा घर बैठे वस्तुएँ खरीदी जा सकती हैं।
  7. विश्व में स्टॉक एक्सचेंज व मुद्रा बाजार का सारा काम सूचना प्रौद्योगिकी पर निर्भर है।

प्रश्न 4.
चतुर्थ क्रियाकलाप की संकल्पना का वर्णन कीजिए।
अथवा
चतुर्थ सेवाओं की नवीन प्रवृत्तियों का वर्णन कीजिए। अथवा चतुर्थ सेवाओं से आपका क्या अभिप्राय है? विभिन्न प्रकार की चतुर्थ क्रियाओं का वर्णन करें।
उत्तर:
चतुर्थ सेवा या क्रियाकलाप का अर्थ यह क्रियाएँ आर्थिक स्थिति को ओर मजबूत बनाने वाली क्रियाएँ होती हैं। इस प्रकार की क्रियाओं में तकनीकी प्रयोग का सबसे अधिक महत्त्व है। यह प्रक्रियाएँ सभी प्रकार की श्रेणी क्रियाओं में मशीनी प्रयोग पर प्रबल बल देती हैं। इस प्रकार की क्रियाओं में मस्तिष्क, बुद्धि, ज्ञान और कौशल मुख्य हिस्सा हैं।

चतुर्थ सेवाओं की नवीन प्रवृत्तियाँ या क्रियाएँ चतुर्थ सेवाओं की नवीन प्रवृत्तियाँ या क्रियाएँ निम्नलिखित हैं-
1. बाह्यस्रोतन व अपतटन-बाह्यस्रोतन का अर्थ है-किसी बाहरी अभिकरण को कार्य सौंपना अथवा ठेके पर काम देना। इसका उद्देश्य दक्षता में सुधार करना और लागतों में कमी करना है। जब बाह्यस्रोतन का कार्य समुद्र-पार के स्थानों से करवाया जाता है तो उसे अपतटन कहा जाता है। इनके अंतर्गत प्रमुख क्षेत्र हैं-सूचना प्रौद्योगिकी, मानक संसाधन, कॉल सेंटर, विनिर्माण एवं अभियांत्रिकी आदि।

2. ज्ञान प्रकमण बाह्यस्रोतन-यह सूचना प्रेरित ज्ञान पर आधारित सेवा है जोकि चतुर्थ सेवाओं की नवीन प्रवृत्ति है। इसके अंतर्गत अनुसंधान, विकास कार्य, व्यवसाय अनुसंधान, बौद्धिक सम्पदा आदि क्षेत्र आते हैं। अतः यह एक नई प्रणाली है जो ज्ञान से संबंधित है। इसमें ज्ञान देने और लेने की नई प्रणालियों का उद्गम हुआ है।

3. मेडिकल टूरिज्म वर्तमान में भारत ने चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत उपलब्धि हासिल कर ली है। बाहरी देशों से लोग भारत में सस्ते एवं आरामदायक मेडिकल सुविधाओं के लिए आते हैं।

4. सूचना प्रौद्योगिकी-इसमें कंप्यूटर, दूरसंचार, प्रसारण आदि शामिल हैं। अनेक प्रकार के नए आविष्कारों को प्रयोग में लाना सूचना प्रौद्योगिकी परिवर्तन का केंद्र-बिंदु है।।

निष्कर्ष – तेजी से उभरता चतुर्थ क्रियाओं का वृत्त उद्योगों में क्रान्ति का कार्य करेगा। ज्यादातर चतुर्थ क्रियाएँ विकसित देशों में अधिक होती हैं तथा विकासशील और अल्प विकसित देशों में चतुर्थ क्रियाओं को शामिल करने से उनकी आर्थिक व्यवस्था का सुधारा जा सकता है।

प्रश्न 5.
तृतीयक क्रियाकलापों के वर्गीकरण का वर्णन करें।
उत्तर:
तृतीयक क्रियाकलाप बुद्धि और कुशलता से जुड़ी सेवाएँ हैं; जैसे मिस्त्री से हम अपनी बाइक या स्कूटी ठीक कराते हैं। बीमार होने पर डॉक्टर से इलाज कराते हैं। इन सभी प्रकार की सेवाओं को कुशलता, अन्य सैद्धान्तिक ज्ञान एवं क्रियात्मक प्रशिक्षण की जरूरत होती है। तृतीयक क्रियाकलापों में उत्पादन और विनिमय दोनों शामिल होते हैं। इसमें वस्तुओं का उत्पादन नहीं, बल्कि सेवाओं का व्यावसायिक उत्पादन होता है जिनका उपभोग किया जाता है। इसको परोक्ष रूप से वेतन और पारिश्रमिक के रूप में मापा जाता है। इन सेवाओं के बिना विनिर्माण नहीं हो सकता। विनिमय के अन्तर्गत व्यापार, परिवहन और संचार सुविधाएँ शामिल होती हैं।
HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 तृतीयक और चतर्थ क्रियाकलाप 1
तृतीयक क्रियाकलापों के प्रकार-तृतीयक क्रियाकलाप निम्नलिखित प्रकार के होते हैं-
1. व्यापार एवं वाणिज्य उत्पादित वस्तओं के खरीदने और बेचने को व्यापार कहते हैं। व्यापार फटकर और थोक दो प्रकार का होता है। थोक व्यापार से जुड़े वित्तीय लेन-देन को वाणिज्य कहा जाता है। व्यापार से जुड़ी सभी प्रकार की सेवाओं का एक ही उद्देश्य होता है लाभ कमाना।

फुटकर व्यापार सेवाएँ-फुटकर व्यापार उसे कहते हैं जिसमें वस्तुएँ सीधे उपभोक्ता को बेची जाती हैं।
थोक व्यापार सेवाएँ थोक व्यापार फुटकर भंडारों द्वारा न होकर सौदागरों, बड़े व्यापारिक घरानों आदि द्वारा होता है।

2. परिवहन सेवाएँ परिवहन एक सेवा है जिसमें व्यक्तियों, कच्चे पदार्थों और विनिर्मित माल को एक-स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है।

3. संचार सेवाएँ-संचार सेवाओं में शब्दों और संदेशों, तथ्यों और विचारों तथा संगीत का प्रेषण शामिल किया जाता है।

4. सेवाएँ-वित्त, बीमा व बैंकिंग आदि सेवाएँ मौद्रिक सेवाओं में आती हैं। दूरदर्शन, फिल्म, रेडियो, साहित्य जैसी मनोरंजनात्मक और प्रमोद सेवाओं में शामिल हैं। पुलिस, सेना आदि प्रशासिनक सेवाओं में आते हैं।

निष्कर्ष – वर्तमान में अनेक सेवाएँ नियमित और व्यवस्थित हो गई हैं जिनका पर्यवेक्षण और निष्पादन सरकारें, निगम एवं कम्पनियाँ करती हैं। केन्द्र तथा राज्य सरकारों ने परिवहन, दूर-संचार, बिजली तथा जलापूर्ति जैसी सेवाओं के लिए निगमों का गठन किया हुआ है।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 7 तृतीयक और चतर्थ क्रियाकलाप

प्रश्न 6.
पर्यटन का क्या अभिप्राय है? पर्यटन को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन करें।
उत्तर:
पर्यटन का अर्थ-पर्यटन एक ऐसी यात्रा है जो मनोरंजन या फुरसत के क्षणों का आनंद उठाने के उद्देश्यों से की जाती है। इस यात्रा का उद्देश्य व्यापार करना या पैसा कमाना नहीं होता। विश्व पर्यटन संगठन (World Tourism Organisation) के अनुसार पर्यटक वे लोग हैं जो यात्रा करके अपने सामान्य वातावरण से बाहर के स्थानों में कुछ दिनों के लिए रहने जाते हैं। वर्तमान में पर्यटन दुनिया भर में एक आरामपूर्ण गतिविधि के रूप में लोकप्रिय हो गया है।
पर्यटन को प्रभावित करने वाले कारक-पर्यटन को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं-
1. माँग-पिछली एक शताब्दी से जीवन में बड़ी व्यस्तता और जीवन-स्तर में हुए सुधार के कारण लोगों में छुट्टियों की माँग तेजी से बड़ी है। विकसित देशों के साथ-साथ आज भारत जैसे विकासशील देशों में भी सप्ताहांत अथवा छुट्टी के दिन ज्यादा मौज-मस्ती व घूमने-फिरने वालों की संख्या बढ़ रही है।

2. विकसित परिवहन-पर्यटन का आरम्भ और अन्त दोनों विकसित परिवहन सुविधाओं पर निर्भर करते हैं। आवागमन की दिक्कतें व परिवहन बाधाएँ पर्यटन को हतोत्साहित करती हैं। बेहतर सड़क व्यवस्था अथवा महामार्गों से जुड़े पर्यटक स्थलों पर लोग अपनी गाड़ियों से जाना पसन्द करते हैं।

3. पैकेज व प्रबन्धन-आज विश्व में ऐसी अनेक टूर एवं ट्रेवल कम्पनियाँ विकसित हो गई हैं जो घर से वापिस तक की यात्रा का सम्पूर्ण प्रबन्ध करती हैं।

4. वातावरण एवं जलवायु-वातावरण एवं जलवायु भी पर्यटन को सबसे अधिक प्रभावित करते हैं। उदाहरणतः ठण्डे प्रदेशों के अधिकांश लोग खिली धूप का आनन्द लेने हेतु गर्म प्रदेशों की ओर आगमन करते हैं। इसी प्रकार गर्म प्रदेशों के लोग ठण्डे प्रदेशों की ओर आगमन करते हैं।

5. भू-दृश्य-मनमोहक दृश्यों वाले स्थानों पर अवकाश बिताना सभी को अच्छा लगता है। सुन्दर भू-दृश्य का तात्पर्य होता है झीलें, पर्वत, प्रपात, दर्शनीय समुद्री तट इत्यादि।

6. इतिहास एवं स्थापत्य कला-बहुत-से पर्यटक जिन्हें इतिहास एवं प्राचीन कलाओं का बोध होता है वे प्राचीन नगरों, किलों, स्मारकों, मीनारों व परातत्व के स्थानों पर जाकर अतीत को अनुभव करते हैं।
निष्कर्ष-वर्तमान में पर्यटन में एक नई प्रवृत्ति उभरकर सामने आई है। ऐसी सुविधा गोवा में हेरीटेज़ होम्स व कर्नाटक में कूर्ग और मैडीकेरे के नाम से उपलब्ध है।

HBSE 12th Class Geography Solutions Chapter 7 तृतीयक और चतर्थ क्रियाकलाप

Haryana State Board HBSE 12th Class Geography Solutions Chapter 7 तृतीयक और चतर्थ क्रियाकलाप Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Geography Solutions Chapter 7 तृतीयक और चतर्थ क्रियाकलाप

अभ्यास केन प्रश्न

नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए

1. निम्नलिखित में से कौन-सा एक तृतीयक क्रियाकलाप है?
(A) खेती
(B) बुनाई
(C) व्यापार
(D) आखेट
उत्तर:
(C) व्यापार

2. निम्नलिखित क्रियाकलापों में से कौन-सा एक द्वितीयक सेक्टर का क्रियाकलाप नहीं है?
(A) इस्पात प्रगलन
(B) वस्त्र निर्माण
(C) मछली पकड़ना
(D) टोकरी बुनना
उत्तर:
(C) मछली पकड़ना

HBSE 12th Class Geography Solutions Chapter 7 तृतीयक और चतर्थ क्रियाकलाप

3. निम्नलिखित में से कौन-सा एक सेक्टर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में सर्वाधिक रोज़गार प्रदान करता है?
(A) प्राथमिक
(B) द्वितीयक
(C) पर्यटन
(D) सेवा
उत्तर:
(D) सेवा

4. वे काम जिनमें उच्च परिमाण और स्तर वाले अन्वेषण सम्मिलित होते हैं, कहलाते हैं-
(A) द्वितीयक क्रियाकलाप
(B) पंचम क्रियाकलाप
(C) चतुर्थक क्रियाकलाप
(D) प्राथमिक क्रियाकलाप
उत्तर:
(B) पंचम क्रियाकलाप

HBSE 12th Class Geography Solutions Chapter 7 तृतीयक और चतर्थ क्रियाकलाप

5. निम्नलिखित में से कौन-सा क्रियाकलाप चतुर्थक सेक्टर से संबंधित है?
(A) संगणक विनिर्माण
(B) विश्वविद्यालयी अध्यापन
(C) कागज़ और कच्ची लुगदी निर्माण
(D) पुस्तकों का मुद्रण
उत्तर:
(B) विश्वविद्यालयी अध्यापन

6. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक सत्य नहीं है?
(A) बाह्यस्रोतन दक्षता को बढ़ाता है और लागतों को घटाता है।
(B) कभी-कभार अभियांत्रिकी और विनिर्माण कार्यों की भी बाह्यस्रोतन की जा सकती है।
(C) बी०पी०ओज़ के पास के०पी०ओज़ की तुलना में बेहतर व्यावसायिक अवसर होते हैं।
(D) कामों के बाह्यस्रोतन करने वाले देशों में काम की तलाश करने वालों में असंतोष पाया जाता है।
उत्तर:
(D) कामों के बाह्यस्रोतन करने वाले देशों में काम की तलाश करने वालों में असंतोष पाया जाता है।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
फुटकर व्यापार सेवा को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ये वे व्यापारिक क्रियाकलाप हैं जो उपभोक्ताओं की वस्तुओं के प्रत्यक्ष विक्रय से संबंधित हैं। अधिकांश फुटकर व्यापार केवल विक्रय के लिए तय दुकानों और भंडारों में संपन्न होते हैं। उदाहरणतया फेरी, रेहड़ी, ट्रक, द्वार से द्वार डाक आदेश, दूरभाष, इंटरनेट, फुटकर बिक्री आदि।

प्रश्न 2.
चतुर्थ सेवाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चतुर्थ सेवाएँ अनुसंधान एवं विकास पर केंद्रित होती हैं और विशिष्टीकृत ज्ञान प्रौद्योगिक कुशलता और प्रशासकीय सामर्थ्य से संबद्ध सेवाओं के उन्नत नमूने के रूप में देखी जाती हैं। उच्च कोटि के बौद्धिक व्यवसायों को चतुर्थ सेवाओं के अंतर्गत रखा जाता है। अध्यापन, चिकित्सा, वकालत, अनुसंधान, सूचना आधारित ज्ञान आदि चतुर्थ सेवाओं के उदाहरण हैं।

प्रश्न 3.
विश्व में चिकित्सा पर्यटन के क्षेत्रों में तेजी से उभरते हुए देशों के नाम लिखिए।
उत्तर:
विश्व में चिकित्सा पर्यटन के क्षेत्रों में तेजी से उभरते हुए देशों में भारत तेजी से उभर रहा है। इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में उभरते हुए देश हैं थाइलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस आदि।

HBSE 12th Class Geography Solutions Chapter 7 तृतीयक और चतर्थ क्रियाकलाप

प्रश्न 4.
अंकीय विभाजन क्या है?
उत्तर:
सूचना और संचार प्रौद्योगिकी पर आधारित विकास से मिलने वाले अवसरों का वितरण पूरे ग्लोब पर असमान रूप से वितरित है। देशों में विस्तृत आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक भिन्नताएँ पाई जाती हैं। विकसित देश, सामान्य रूप से इस दिशा में आगे बढ़ गए हैं जबकि विकासशील देश पिछड़ गए हैं। यही अंकीय विभाजन कहलाता है।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
आधुनिक आर्थिक विकास में सेवा सेक्टर की सार्थकता और वृद्धि की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
आधुनिक युग में आर्थिक विकास के लिए सेवाओं का महत्त्व बढ़ता जा रहा है। कुछ वर्ष पूर्व सेवाओं की अपेक्षा वस्तुओं के उत्पादन पर अधिक बल दिया जाता था लेकिन विकसित अर्थव्यवस्था में सेवाओं पर आधारित विकास में तेजी आई है। आधुनिक आर्थिक विकास में सेवा सेक्टर की सार्थकता के प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं

  • सेवा सेक्टर में फुटकर बिक्री और परिवहन के साधन सम्मिलित हैं जो विक्रेताओं एवं उपभोक्ताओं को जोड़ते हैं।
  • सेवा सेक्टर कच्चे माल को कारखाने तक और निर्मित माल को कारखाने से बाजार तक ले जाने में सहायता करते हैं।
  • सेवा सेक्टर वाणिज्यिक सेवा कम्पनियों की उत्पादकता एवं क्षमता में वृद्धि लाते हैं।

आधुनिक आर्थिक विकास में सेवा सेक्टर की वृद्धि – विकसित देशों के सेवा क्षेत्र में रोज़गार के अवसरों में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। विकासशील देशों में भी विनिर्माण क्षेत्र की तुलना में सेवा क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है लेकिन इन देशों में बहुत-से लोग असंगठित क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, जिनका लेखा-जोखा अच्छी तरह से नहीं रखा जाता।

अधिकतर देशों में विकास की प्रक्रिया का एक निश्चित क्रम होता है। पहले प्राथमिक क्षेत्र का वर्चस्व होता है, उसके बाद द्वितीयक क्षेत्र का महत्त्व बढ़ने लगता है। अंतिम अवस्थाओं में तृतीयक और चतुर्थक क्रियाकलाप महत्त्वपूर्ण बन जाते हैं। बहुत-से देशों में विनिर्माण उद्योगों में रोज़गार के अवसर घटते जा रहे हैं तथा सकल घरेलू उत्पाद में उनका अनुपात कम होता जा रहा है। आधुनिक आर्थिक विकास में सेवाओं का महत्त्व इतना बढ़ गया है कि उन्हें उत्पादक कार्यों की श्रेणी में रखा जाने लगा है। सेवाएँ अब निर्यातक बन गई हैं। कुछ देश; जैसे स्विट्ज़रलैंड तथा यूनाइटिड किंगडम सेवा क्षेत्र में उद्योगों से आगे निकल गए हैं।

प्रश्न 2.
परिवहन और संचार सेवाओं की सार्थकता को विस्तारपूर्वक स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
परिवहन सेवाएँ परिवहन एक ऐसी सेवा है जिससे व्यक्तियों, विनिर्मित माल तथा संपत्ति को भौतिक रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है। मनुष्य के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने, उसकी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए यह एक संगठित उद्योग है। आधुनिक समाज वस्तुओं के उत्पादन, वितरण और उपभोग में सहायता देने के लिए तीव्र और सक्षम परिवहन व्यवस्था चाहते हैं। परिवहन दूरी को किलोमीटर दूरी, समय दूरी और लागत दूरी के रूप में मापा जा सकता है। परिवहन के साधन के चयन में समय अथवा लागत के संदर्भ में एक निर्णायक कारक है। परिवहन की माँग जनसंख्या के आकार से प्रभावित होती है। जनसंख्या का आकार जितना बड़ा होगा, परिवहन की माँग उतनी ही अधिक होगी।

संचार सेवाएँ-संचार सेवाओं में शब्दों, संदेशों, तथ्यों तथा विचारों को भेजना शामिल रहता है। लेखन के आविष्कार ने संदेशों संचार को परिवहन के साधनों पर निर्भर करने में सहायता की। जहाँ परिवहन जाल तंत्र सक्षम होता है वहाँ संचार का फैलाव सरल होता है। मोबाइल फोन और उपग्रहों जैसे कुछ विकासों ने संचार को परिवहन से मुक्त कर दिया है। उदाहरणतया दूरसंचार का प्रयोग विद्युतीय प्रौद्योगिकी के विकास से जुड़ा है। संदेशों के भेजे जाने की गति के कारण संचार जगत में क्रांति आ गई है। रेडियो और दूरदर्शन भी जनसंचार माध्यम के रूप में विकसित हैं।

HBSE 12th Class Geography Solutions Chapter 7 तृतीयक और चतर्थ क्रियाकलाप

तृतीयक और चतर्थ क्रियाकलाप HBSE 12th Class Geography Notes

→ तृतीयक क्रियाकलाप (Tertiary Activities) : ये बुद्धि तथा कुशलता से जुड़ी सेवाएँ हैं जिनका उत्पादन अमूर्त होता है।

→ चतुर्थक क्रियाकलाप (Quarternary Activities) : उच्च बौद्धिक व्यवसाय जो चिंतन तथा शोध के लिए विचार देते हैं। इनका उत्पादन भी अमूर्त होता है।

→ सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) : सूचनाओं, ज्ञान तथा आँकड़ों के एकत्रीकरण, संग्रहण, संपादन तथा प्रसारण की ऐसी तकनीक जिसमें कंप्यूटर, सूक्ष्म इलेक्ट्रॉनिकी, दूरसंचार, प्रसारण तथा आप्ट्रो इलेक्ट्रॉनिक्स इत्यादि विज्ञान शामिल हैं।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ

Haryana State Board HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ Important Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Geography Important Questions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

A. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए

1. आकार के आधार पर उद्योग कितने प्रकार के होते हैं?
(A) 2
(B) 3
(C) 4
(D) 5
उत्तर:
(B) 3

2. निम्नलिखित में कौन-सा लौह धातु उद्योग है?
(A) तांबे पर आधारित उद्योग
(B) पेट्रोकेमिकल्स इद्योग
(C) ऐलुमिनियम पर आधारित उद्योग
(D) कृषि औजार उद्योग
उत्तर:
(D) कृषि औजार उद्योग

3. निम्नलिखित में आधारभूत उद्योग कौन-सा है?
(A) वस्त्र निर्माण उद्योग
(B) लौह-इस्पात उद्योग
(C) औषधि निर्माण उद्योग
(D) सीमेंट उद्योग
उत्तर:
(B) लौह-इस्पात उद्योग

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ

4. निम्नलिखित में कृषि आधारित उद्योग कौन-सा है?
(A) कागज उद्योग
(B) फर्नीचर उद्योग
(C) चीनी उद्योग
(D) औषधि निर्माण उद्योग
उत्तर:
(C) चीनी उद्योग

5. पेट्रो-रसायन उद्योग में कौन-सा देश अग्रणी है?
(A) रूस
(B) सऊदी अरब
(C) भारत
(D) संयुक्त राज्य अमेरिका
उत्तर:
(D) संयुक्त राज्य अमेरिका

6. निम्नलिखित में कौन-सा उद्योगों की अवस्थिति में अभौगोलिक कारक है?
(A) उच्चावच
(B) जलवायु
(C) कच्चा माल
(D) सरकारी नीतियाँ
उत्तर:
(D) सरकारी नीतियाँ

7. ऊर्जा स्रोत के निकट स्थापित होने वाला उद्योग कौन-सा है?
(A) चीनी उद्योग
(B) कागज उद्योग
(C) ऐलुमिनियम उद्योग
(D) चाय उद्योग
उत्तर:
(C) ऐलुमिनियम उद्योग

8. निम्नलिखित में से कौन-सा उपभोक्ता उद्योग के अंतर्गत आता है?
(A) लौह-इस्पात उद्योग
(B) टेलीविजन उद्योग
(C) चीनी उद्योग ।
(D) कागज उद्योग
उत्तर:
(B) टेलीविजन उद्योग

9. हल्के उद्योग का सर्वोत्तम उदाहरण है
(A) कागज उद्योग
(B) चाय उद्योग
(C) इलैक्ट्रॉनिक उद्योग
(D) प्लास्टिक उद्योग
उत्तर:
(C) इलैक्ट्रॉनिक उद्योग

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ

10. सिलिकन घाटी कहाँ स्थित है?
(A) केरल
(B) कैलिफोर्निया
(C) टोकियो
(D) मास्को
उत्तर:
(B) कैलिफोर्निया

11. बड़े पैमाने के उत्पादन तथा श्रम के अत्यधिक विभाजन के मॉडल को कहा जाता है
(A) पोस्ट फोर्डिज्म
(B) फोर्डिज्म
(C) लोचयुक्त उत्पादन
(D) लोचयुक्त विशिष्टिकरण
उत्तर:
(B) फोर्डिज्म

12. निम्नलिखित में से कौन-सा लौह अयस्क क्षेत्र नहीं है?
(A) अमेरिका में महान् झीलों का क्षेत्र
(B) रूहर
(C) छोटा नागपुर
(D) सिलिकन घाटी
उत्तर:
(D) सिलिकन घाटी

13. सार्वजनिक उद्योग वह होता है, जिसका
(A) प्रबंधन राजकीय सरकार के हाथ में होता है
(B) मालिक एक व्यक्ति होता है
(C) स्वामित्व सहकारी संस्थाओं के हाथ में होता है
(D) प्रबंध कार्पोरेशन करती है
उत्तर:
(A) प्रबंधन राजकीय सरकार के हाथ में होता है

14. सर्वाधिक लौह-अयस्क के भंडार किस देश में हैं?
(A) ब्राजील
(B) भारत
(C) चीन
(D) फ्रांस
उत्तर:
(C) चीन

15. विश्व में तांबे का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौन-सा है?
(A) इंडोनेशिया
(B) भारत
(C) मैक्सिको
(D) चिली
उत्तर:
(D) चिली

16. ऐलुमिनियम किस अयस्क से प्राप्त किया जाता है?
(A) हैमेटाइट
(B) बॉक्साइट
(C) मैग्नेटाइट
(D) लिमोनाइट
उत्तर:
(B) बॉक्साइट

17. निम्नलिखित में कौन-सा अधात्विक खनिज है?
(A) चांदी
(B) सोना
(C) तांबा
(D) गंधक
उत्तर:
(D) गंधक

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ

18. निम्नलिखित में कौन-सा धात्विक खनिज है?
(A) चांदी
(B) कोयला
(C) नमक
(D) गंधक
उत्तर:
(A) चांदी

19. निम्नलिखित में से कौन द्वितीयक क्रियाकलाप से संबंधित नहीं है?
(A) विनिर्माण
(B) संग्रहण
(C) प्रसंस्करण
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(B) संग्रहण

20. …………….. का अभिप्राय किसी भी वस्तु के उत्पादन से है-
(A) बाजार
(B) आखेट
(C) विनिर्माण
(D) संग्रहण
उत्तर:
(C) विनिर्माण

21. कौन-से उद्योग सरकार के नियंत्रण में होते हैं?
(A) कुटीर उद्योग
(B) सार्वजनिक उद्योग
(C) निजी उद्योग
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(B) सार्वजनिक उद्योग

22. किन क्रियाओं द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का मूल्य बढ़ जाता है?
(A) प्राथमिक क्रियाओं द्वारा
(B) द्वितीयक क्रियाओं द्वारा
(C) तृतीयक क्रियाओं द्वारा
(D) चतुर्थक क्रियाओं द्वारा
उत्तर:
(B) द्वितीयक क्रियाओं द्वारा

23. उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाला कारक है-
(A) बाजार
(B) श्रम आपूर्ति
(C) कच्चा माल
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

24. वन आधारित उद्योग का उदाहरण है-
(A) फर्नीचर उद्योग
(B) कागज उद्योग
(C) लाख उद्योग
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

25. किन उद्योगों पर व्यक्तिगत निवेशकों का स्वामित्व होता है?
(A) सार्वजनिक उद्योग
(B) सरकारी उद्योग
(C) निजी उद्योग
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(C) निजी उद्योग

26. कृषि आधारित उद्योग का उदाहरण है-
(A) चीनी उद्योग
(B) वस्त्र उद्योग
(C) इस्पात उद्योग
(D) (A) व (B) दोनों
उत्तर:
(D) (A) व (B) दोनों

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ

27. हथकरघा क्षेत्र की विशेषता है-
(A) अधिक श्रमिकों की आवश्यकता
(B) कम पूँजी निवेश की आवश्यकता
(C) अर्द्धकुशल श्रमिकों को रोजगार
(D) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(D) उपर्युक्त सभी

28. सहर औद्योगिक क्षेत्र का संबंध किस देश से है?
(A) जर्मनी से
(B) इंग्लैण्ड से
(C) फ्रांस से
(D) चीन से
उत्तर:
(A) जर्मनी से

29. विनिर्माण की सबसे छोटी इकाई कौन-सा उद्योग है?
(A) कुटीर उद्योग
(B) लघु उद्योग
(C) सार्वजनिक उद्योग
(D) निजी उद्योग
उत्तर:
(A) कुटीर उद्योग

30. सिलिकॉन घाटी किस उद्योग के लिए प्रसिद्ध है?
(A) इस्पात उद्योग
(B) लोहा उद्योग
(C) सॉफ्टवेयर
(D) रसायन उद्योग
उत्तर:
(C) सॉफ्टवेयर

B. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में दीजिए

प्रश्न 1.
रूहर औद्योगिक प्रदेश किस देश में है?
उत्तर:
रूहर औद्योगिक प्रदेश जर्मनी में है।

प्रश्न 2.
पेट्रो-रसायन उद्योग में कौन-सा देश अग्रणी है?
उत्तर:
संयुक्त राज्य अमेरिका।

प्रश्न 3.
बड़े पैमाने के उत्पादन तथा श्रम के अत्यधिक विभाजन के मॉडल को क्या कहा जाता है?
उत्तर:
फोर्डिज्म।

प्रश्न 4.
सिलिकन घाटी कहाँ स्थित है?
उत्तर:
अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य में।

प्रश्न 5.
महान् झीलों का लोहा-इस्पात क्षेत्र कहाँ स्थित है?
उत्तर:
संयुक्त राज्य अमेरिका में।

प्रश्न 6.
सूती वस्त्र उद्योग किसका उदाहरण है?
उत्तर:
विनिर्माण उद्योग का।

प्रश्न 7.
कुशल श्रमिक प्रधान उद्योगों के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:

  1. अलीगढ़ का ताला उद्योग
  2. मेरठ का कैंची उद्योग।

प्रश्न 8.
किस उद्योग को आधारभूत उद्योग कहते है?
उत्तर:
लौह-इस्पात को।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ

प्रश्न 9.
कौन-सी अर्थव्यवस्था में उत्पादन का स्वामित्व व्यक्तिगत होता है?
उत्तर:
पूँजीवादी अर्थव्यवस्था में।

प्रश्न 10.
जापान का कौन-सा औद्योगिक प्रदेश घना बसा है?
उत्तर:
जापान का टोक्यो प्रदेश औद्योगिक दृष्टिकोण से घना बसा है। यह जापान के होन्शू द्वीप पर बसा हुआ है।

प्रश्न 11.
किन गतिविधियों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों या प्राथमिक उत्पादों का मूल्य बढ़ जाता है?
उत्तर:
द्वितीयक गतिविधियों द्वारा।

प्रश्न 12.
सभी आर्थिक गतिविधियों का क्या कार्य-क्षेत्र है?
उत्तर:
संसाधनों की प्राप्ति और उनके उपभोग का अध्ययन करना।

प्रश्न 13.
जहाँ कम जनसंख्या निवास करती है, उसे क्या कहते हैं?
उत्तर:
दूरस्थ क्षेत्र।

प्रश्न 14.
कुटीर या घरेलू उद्योग का कोई एक उदाहरण दें।
उत्तर:
कलाकृति।

प्रश्न 15.
कृषि आधारित उद्योगों के कोई दो उदाहरण या उत्पाद दें।
उत्तर:

  1. चीनी
  2. वनस्पति तेल।

प्रश्न 16.
खनिज आधारित उद्योगों के कोई दो उदाहरण दें।
उत्तर:

  1. ताँबा
  2. आभूषण।

प्रश्न 17.
रसायन आधारित उद्योगों के कोई दो उदाहरण दें।
उत्तर:

  1. प्लास्टिक
  2. पेट्रो रसायन।

प्रश्न 18.
पशु आधारित उद्योगों के कोई दो उदाहरण दें।
उत्तर:

  1. ऊन
  2. चमड़ा।

प्रश्न 19.
उपभोक्ता सामान के कोई दो उदाहरण दें।
उत्तर:

  1. बिस्कुट
  2. कपड़ा।

प्रश्न 20.
सीमेंट और मिट्टी के बर्तन आदि उद्योगों में किन खनिजों का प्रयोग होता है?
उत्तर:
अधात्विक खनिजों का।।

प्रश्न 21.
अफ्रीका का एक खनिज क्षेत्र बताइए जहाँ घनी जनसंख्या है।
उत्तर:
नाइजीरिया।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ

प्रश्न 22.
जर्मनी के कोई दो औद्योगिक प्रदेशों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. रूहर औद्योगिक प्रदेश
  2. बेवरिया औद्योगिक प्रदेश।

प्रश्न 23.
रूस के कोई दो औद्योगिक प्रदेशों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. मॉस्को औद्योगिक प्रदेश
  2. यूराल औद्योगिक प्रदेश।

प्रश्न 24.
ब्रिटेन के कोई दो औद्योगिक प्रदेशों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. दक्षिणी वेल्स औद्योगिक प्रदेश
  2. मिडलैंड औद्योगिक प्रदेश।

प्रश्न 25.
प्राथमिक गतिविधियों के कोई दो उदाहरण दें।
उत्तर:

  1. आखेट
  2. पशुचारण।।

प्रश्न 26.
द्वितीयक गतिविधियों के कोई दो उदाहरण दें।
उत्तर:

  1. कपास द्वारा सूती वस्त्र बनाना
  2. लौह अयस्क से मशीनों का निर्माण।

प्रश्न 27.
भोजन प्रसंस्करण के कोई दो उदाहरण दें।
उत्तर:

  1. डिब्बा बंद भोजन
  2. क्रीम उत्पादन।

प्रश्न 28.
धातु उद्योग कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:
दो प्रकार के-

  1. लौह धातु उद्योग
  2. अलौह धातु उद्योग।

प्रश्न 29.
अधातु उद्योग के कोई दो उदाहरण दें।
उत्तर:

  1. कोयला
  2. गंधक।

प्रश्न 30.
धातु उद्योग के कोई दो उदाहरण दें।
उत्तर:

  1. लोहा
  2. इस्पात।

प्रश्न 31.
‘विनिर्माण’ का शाब्दिक अर्थ क्या है?
उत्तर:
हस्त एवं मशीनों से बनाना।

प्रश्न 32.
किन उद्योगों को ‘शिल्प उद्योग’ भी कहा जाता है?
उत्तर:
कुटीर उद्योगों को।

प्रश्न 33.
औद्योगिक क्रांति के समय विश्व की जनसंख्या कितनी थी?
उत्तर:
50 करोड़।

अति-लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
निर्माण उद्योग किसे कहते हैं?
उत्तर:
कच्चे और अर्ध-निर्मित माल को हाथ अथवा मशीनों की सहायता से उपयोगी निर्मित माल में बदलने वाले उद्योग निर्माण उद्योग कहलाते हैं।

प्रश्न 2.
उद्योगों के वर्गीकरण के आधार क्या हैं?
उत्तर:
उद्योगों को अनेक आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है; जैसे-

  1. आकार के आधार पर
  2. कार्य के आकार एवं उत्पादों के स्वरूप के आधार पर
  3. कच्चे माल की प्रवृत्ति के आधार पर
  4. निर्मित माल की प्रकृति के आधार पर
  5. स्वामित्व एवं प्रबंधन के आधार पर।

प्रश्न 3.
आधारभूत एवं उपभोक्ता उद्योगों के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
लौह-इस्पात निर्माण तथा विद्युत उत्पादन आधारभूत उद्योगों के उदाहरण हैं जबकि कागज़ निर्माण तथा टेलीविज़न निर्माण उपभोक्ता उद्योगों के उदाहरण हैं।

प्रश्न 4.
लौह-इस्पात उद्योग को आधारभूत उद्योग क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
लौह-इस्पात उद्योग को आधारभूत उद्योग इसलिए कहा जाता है क्योंकि अन्य सभी उद्योगों की मशीनें व परिवहन के साधन इसी से बनाए गए इस्पात से बनते हैं।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ

प्रश्न 5.
संयुक्त राज्य अमेरिका में पेट्रो-रसायन संकल अधिकतर तटों पर क्यों स्थित होते हैं?
उत्तर:
आयातित खनिज तेल पर आधारित होने के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका के पेट्रो-रसायन उद्योग तटों पर स्थित हैं। अगर ये आंतरिक भागों में होते तो परिवहन की लागत तो बढ़ती ही साथ ही सामान और समय दोनों का अपव्यय भी होता।

प्रश्न 6.
प्रौद्योगिक-ध्रुव किसे कहते हैं?
उत्तर:
प्रौद्योगिक-ध्रुव एक सीमांकित क्षेत्र के भीतर नई प्रौद्योगिकी व उद्योगों से संबंधित उत्पादन के लिए नियोजित विकास है। इसके अंतर्गत विज्ञान व प्रौद्योगिकी पार्क, विज्ञान नगर तथा अन्य उच्च तकनीकी औद्योगिक संकुल शामिल किए जाते हैं।

प्रश्न 7.
उपभोक्ता उद्योग क्या है?
उत्तर:
जिन उद्योगों में वस्तुओं का निर्माण सीधे उपभोग या उपभोक्ता के लिए किया जाता है; जैसे बेकरी उद्योग जिसमें निर्मित ब्रैड तथा बिस्कुट सीधे उपयोग के काम आ

प्रश्न 8.
कुटीर उद्योग किसे कहते हैं? उदाहरण दें।
उत्तर:
कुटीर उद्योग वस्तुओं के निर्माण का प्रारंभिक रूप है जो बहुत प्राचीन है। इसमें दक्षता के आधार पर वस्तुओं का निर्माण होता है। ये उद्योग मानवीय श्रम पर आधारित होते हैं। मिट्टी के बर्तन बनाना, टोकरियाँ बनाना, चमड़े के जूते बनाना आदि इस उद्योग के उदाहरण हैं।

प्रश्न 9.
लघु उद्योग किसे कहते हैं? उदाहरण दें।
उत्तर:
लघु उद्योगों में उत्पादकों का निर्माण करने के लिए छोटी-छोटी मशीनों का प्रयोग किया जाता है अर्थात् इसमें मानवीय श्रम के साथ-साथ छोटी मशीनों का भी प्रयोग किया जाता है। कागज बनाना, कपड़े बनाना, फर्नीचर बनाना आदि इस उद्योग के उदाहरण हैं।

प्रश्न 10.
सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग किसे कहते हैं?
उत्तर:
जिन उद्योगों का प्रबंध एवं स्वामित्व केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार के अधीन होता है, उन्हें सार्वजनिक उद्योग कहते हैं; जैसे भारत में रेल उद्योग।

प्रश्न 11.
निजी उद्योग किसे कहते हैं?
उत्तर:
जिन उद्योगों का स्वामित्व एवं प्रबंधन व्यक्ति या व्यक्तियों के हाथ में होता है, उन्हें निजी उद्योग कहते हैं; जैसे जमशेदपुर का लौह-इस्पात उद्योग।

प्रश्न 12.
भार हासमान पदार्थ क्या है?
उत्तर:
जिस कच्चे पदार्थ का भार निर्माण की प्रक्रिया में कम हो, उसे भार ह्रासमान पदार्थ कहते हैं।

प्रश्न 13.
यूरोप के प्रमुख औद्योगिक प्रदेशों के नाम बताएँ।
उत्तर:

  1. ब्रिटेन के औद्योगिक प्रदेश
  2. फ्रांस के औद्योगिक प्रदेश
  3. जर्मनी के औद्योगिक प्रदेश
  4. नार्वे के औद्योगिक प्रदेश।

प्रश्न 14.
संयुक्त राज्य अमेरिका के कोई चार लोहा-इस्पात केन्द्रों/क्षेत्रों के नाम बताएँ।
उत्तर:

  1. शिकागो गैरी क्षेत्र
  2. पिट्सबर्ग-यंग्सटाउन क्षेत्र
  3. ईरी झील तटीय क्षेत्र
  4. मध्य अटलांटिक तटीय क्षेत्र।

प्रश्न 15.
विनिर्माण को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार, “विनिर्माण जैविक अथवा अजैविक पदार्थों का एक नए उत्पाद के रूप में यांत्रिक एवं रासायनिक परिवर्तन है। चाहे यह कार्य स्वचालित मशीन द्वारा सम्पन्न होता है अथवा हाथ द्वारा, चाहे यह कार्य कारखाने में किया जाता है अथवा कामगारों के घर में तथा उत्पाद चाहे थोक में बेचे जाएँ अथवा फुटकर में।”

प्रश्न 16.
द्वितीयक क्रियाओं का क्या महत्त्व है? अथवा द्वितीयक गतिविधियाँ क्यों महत्त्वपूर्ण होती हैं?
उत्तर:
द्वितीयक क्रियाओं या गतिविधियों का महत्त्व इसलिए है क्योंकि इन क्रियाओं द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का मूल्य बढ़ जाता है और ये अधिक मूल्यवान एवं उपयोगी हो जाती हैं।

प्रश्न 17.
धातु उद्योग से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
जिन उद्योगों में विभिन्न प्रकार की धातुओं को कच्चे माल के रूप में प्रयोग किया जाता है, तो उन्हें धातु उद्योग कहते हैं।

प्रश्न 18.
भोजन प्रसंस्करण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
भोजन प्रसंस्करण उद्योग वर्तमान में तेजी से बढ़ रहा है। इसमें डिब्बाबन्द भोजन, क्रीम उत्पादन, फल प्रसंस्करण एवं मिठाइयाँ सम्मिलित की जाती हैं। भोजन को सुरक्षित रखने की अनेक विधियाँ प्राचीन समय से अपनाई जा रही हैं; जैसे अनाज को सुखाकर रखना, आचार बनाना आदि। औद्योगिक क्रांति के बाद ये विधियाँ कम ही अपनाई जा रही हैं, क्योंकि इनमें अधिक समय लगता है। पारम्परिक खाद्य संरक्षण की विधियों का स्थान अब मशीनों ने ले लिया है। इस प्रक्रिया में भोजन प्रसंस्करण का बहुत अधिक योगदान है।

प्रश्न 19.
औद्योगिक प्रदेश या औद्योगिक संकुल किसे कहते हैं?
उत्तर:
विश्व में कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ उद्योगों की स्थापना के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ मिल जाती हैं और वहाँ कई उद्योग स्थापित हो जाते हैं। धीरे-धीरे वहाँ उद्योगों का जमघट या पुंज बन जाता है, इसे ही औद्योगिक प्रदेश या संकुल कहते हैं।

प्रश्न 20.
कुटीर उद्योगों की कोई दो विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर:

  1. इन उद्योगों का व्यापारिक महत्त्व अधिक नहीं होता।
  2. ये विनिर्माण की सबसे छोटी इकाई होते हैं।

प्रश्न 21.
लघु उद्योगों की कोई दो विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर:

  1. इन उद्योगों में स्थानीय कच्चे माल का उपयोग होता है।
  2. इन उद्योगों से स्थानीय लोगों की क्रयशक्ति में वृद्धि होती है।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ

प्रश्न 22.
कुटीर उद्योग एवं लघु उद्योग में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कुटीर उद्योग एवं लघु उद्योग में निम्नलिखित अंतर हैं-

कुटीर उद्योग लघु उद्योग
1. कुटीर उद्योगों में स्थानीय कच्चे माल का प्रयोग किया जाता है। 1. लघु उद्योगों में स्थानीय कच्चे माल के साथ-साथ बाहर से भी कच्चा माल मँंगवाया जाता है।
2. अधिकांश तैयार उत्पाद घर में ही खप जाते हैं। 2. समस्त तैयार उत्पाद बाजारों में बेचे जाते हैं।
3. इन उद्योगों में दस्तकार परिवार के सदस्य ही होते हैं। 3. इन उद्योगों में श्रमिकों एवं मशीनों द्वारा कार्य किया जाता है।

प्रश्न 23.
आधुनिक समय में बड़े पैमाने पर होने वाले विनिर्माण की कोई चार विशेषताएँ लिखें।
उत्तर:

  1. कौशल या उत्पादन की विधियों का विशिष्टीकरण।
  2. मशीनीकरण या यंत्रीकरण।
  3. प्रौद्योगिक नवाचार।
  4. संगठनात्मक ढाँचा एवं स्तरीकरण।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारी उद्योग तथा हल्के उद्योग में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर:
भारी उद्योग तथा हल्के उद्योग में निम्नलिखित अंतर हैं-

भारी उद्योग हल्के उद्योग
1. ये उद्योग प्राय: खनिज संसाधनों पर आधारित होते हैं। 1. ये उद्योग खनिज संसाधनों तथा कृषि पर आधारित होते हैं।
2. इनमें बड़े पैमाने पर मशीनें तथा यंत्र बनाए जाते हैं। 2. इनमें प्राय: दैनिक प्रयोग की वस्तुओं का निर्माण होता है।
3. इनमें अधिक पूँजी की जरूरत होती है। 3. इनमें कम पूँजी की जरूरत होती है।
4. ये उद्योग प्रायः विकसित देशों में स्थापित किए जाते हैं। 4. ये उद्योग विकासशील देशों में स्थापित होते हैं।

प्रश्न 2.
मूलभूत उद्योग एवं उपभोग वस्तु विनिर्माण उद्योग में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर:
मूलभूत उद्योग एवं उपभोग वस्तु विनिर्माण उद्योग में निम्नलिखित अंतर हैं-

मूलभूत उद्योग उपभोग वस्तु विनिर्माण उद्योग
1. इन उद्योगों के उत्पादों का प्रयोग अन्य प्रकार के उत्पादन प्राप्त करने के लिए किया जाता है। 1. इन उद्योगों के उत्पादों को प्रत्यक्ष रूप से उपभोग के लिए प्रयोग किया जाता है।
2. ये उद्योग उत्पादन प्रक्रम के अगले चरण में सहायक हैं। ये औद्योगिक क्रांति में सहायक हैं। 2. इनके उत्पाद प्रयोग के पश्चात् समाप्त हो जाते हैं।
3. लौह-इस्पात उद्योग इसका प्रमुख उदाहरण है। 3. खाने के तेल, चाय, कॉफी, ब्रेड, बिस्कुट, रेडियो, टेलीविज़न आदि उद्योग इनके प्रमुख उदाहरण हैं।

प्रश्न 3.
उद्योगों का वर्गीकरण कीजिए।
अथवा
विभिन्न आधारों पर उद्योगों को कितने वर्गों में बाँटा जाता है?
उत्तर:
HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ 1

प्रश्न 4.
कृषि उद्योग और भारी उद्योगों में क्या अंतर हैं?
उत्तर:
कृषि उद्योग और भारी उद्योगों में निम्नलिखित अंतर हैं-

कृषि उद्योग भारी उद्योग
1. ये उद्योग कृषि फसलों से कच्चा माल प्राप्त करते हैं। 1. ये उद्योग विभिन्न खनिज पदार्थों पर आधारित होते हैं।
2. ये प्राथमिक उद्योग होते हैं। 2. ये गौण उद्योग होते हैं।
3. इनमें मानवीय श्रम के साथ-साथ मशीनों का भी प्रयोग किया जाता है। 3. ये पूर्ण रूप से ऊर्जा चलित भारी मशीनों पर आधारित होते हैं।
4. इन उद्योगों में श्रम की प्रधानता होती है। 4. इन उद्योगों में पूँजी की प्रधानता होती है।
5. इनमें लघु तथा मध्यम वर्ग के उद्योग स्थापित किए जाते हैं। 5. इन उद्योगों में भारी उद्योग स्थापित किए जाते हैं।
6. चीनी उद्योग, पटसन उद्योग, सूती वस्त्र उद्योग, चाय उद्योग, बनस्पति घी उद्योग आदि इनके प्रमुख उदाहरण हैं। 6. लौह-इस्पात उद्योग, जलयान उद्योग, वायुयान उद्योग आदि भारी उद्योगों के प्रमुख उदाहरण हैं।

प्रश्न 5.
उच्च प्रौद्योगिकी उद्योगों की मुख्य विशेषताएँ बताइए।
अथवा
उच्च प्रौद्योगिकी उद्योगों की संकल्पना की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
उच्च प्रौद्योगिकी उद्योगों की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  1. इन उद्योगों के उत्पाद अत्यंत परिष्कृत होते हैं जिनका विकास गहन वैज्ञानिक शोध पर आधारित होता है।
  2. इन उद्योगों में उच्च कुशलता प्राप्त श्रमिकों को नौकरी पर रखा जाता है।
  3. ये उद्योग बाज़ार की बदलती माँग के अनुसार अपने उत्पादों में तेजी से सुधार करते हैं।
  4. इन उद्योगों में श्रम की गतिशीलता बहुत अधिक होती है क्योंकि ये उद्योग योग्यता, अनुभव, अधिक आय, बेहतर सुविधा – व सामाजिक स्तर के प्रति संवेदनशील होते हैं।
  5. इन उद्योगों को स्वच्छंद उद्योग कहते हैं क्योंकि अवस्थिति का चुनाव करने में ये उद्योग अपेक्षाकृत स्वतंत्र होते हैं।

प्रश्न 6.
लघु उद्योग तथा बड़े पैमाने के उद्योग में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
लघु उद्योग तथा बड़े पैमाने के उद्योग में निम्नलिखित अंतर हैं-

लघु उद्योग बड़े पैमाने के उद्योग
1. इन उद्योगों में उत्पादन छोटे पैमाने पर होता है। 1. इन उद्योगों में उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है।
2. इनमें ऊर्जा से चलने वाली छोटी व साधारण मशीनों का प्रयोग किया जाता है। 2. इनमें ऊर्जा से चलने वाली बड़ी-बड़ी जटिल मशीनों का प्रयोग किया जाता है।
3. इनमें कम पूँजी व कम श्रम की आवश्यकता होती है। 3. इनमें भारी पूँजी व हज़ारों श्रमिकों की आवश्यकता होती है।
4. इनमें उत्पादित वस्तुओं की गुणवत्ता का कोई विशेष ध्यान नहीं रखा जाता। 4. इनमें उत्पादन की गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाता है।
5. लघु उद्योगों की प्रबंध प्रणाली साधारण होती है। 5. बड़े उद्योगों का प्रबंध जटिल होता है।

प्रश्न 7.
स्वच्छंद उद्योगों की प्रमुख विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर:
स्वच्छंद उद्योगों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  1. स्वच्छंद उद्योग हल्के उद्योग होते हैं।
  2. इन उद्योगों में कम लोग ही कार्यरत होते हैं।
  3. ये उद्योग स्वच्छ एवं प्रदूषण मुक्त होते हैं।
  4. ये उद्योग संसाधन एवं बाजार उन्मुख नहीं होते।
  5. इन उद्योगों के उत्पाद छोटे और आसानी से परिवहन के योग्य होते हैं।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ

प्रश्न 8.
उत्पाद के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण करें। अथवा आधारभूत उद्योग तथा उपभोक्ता उद्योग से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
उत्पाद के आधार पर उद्योगों को दो वर्गों में बाँटा गया है-

  • आधारभूत या मूलभूत उद्योग
  • उपभोक्ता उद्योग।

(i) आधारभूत या मूलभूत उद्योग-जिन उद्योगों में उत्पादित वस्तुएँ दूसरे उद्योग के लिए निर्मित होती हैं, उन्हें आधारभूत उद्योग कहते हैं; जैसे लौह-इस्पात उद्योग। लौह-इस्पात उद्योग में जो मशीनें बनती हैं उनका प्रयोग अन्य उद्योगों में वस्तुओं के उत्पादन के लिए किया जाता है। अतः लौह-इस्पात उद्योग मूलभूत या आधारभूत उद्योग है जो अन्य उद्योगों के लिए मशीनें बनाता है।

(ii) उपभोक्ता उद्योग-जिन उद्योगों में वस्तुओं का निर्माण सीधे उपभोग या उपभोक्ता के लिए किया जाता है; जैसे बेकरी उद्योग-जिसमें निर्मित ब्रैड तथा बिस्कुट सीधे उपयोग के काम आते हैं। तेल उद्योग, वस्त्र उद्योग, चाय एवं काफी उद्योग, रेडियो या टेलीविज़न उद्योग आदि ऐसे ही उद्योग हैं।

प्रश्न 9.
निरौधोगीकरण तथा पुनरोद्योगीकरण में क्या अंतर हैं?
उत्तर:
निरौद्योगीकरण और पुनरौद्योगीकरण में निम्नलिखित अंतर हैं-

निरौद्योगीकरण पुनरौद्योगीकरण
1. विनिर्माण उद्योगों के ह्मास को निरौद्योगीकरण कहा जाता है। 1. नए उद्योगों के कुछ खंडों का विकास करना जहाँ परंपरागत उद्योगों का ह्रास हुआ पुनरौद्योगीकरण कहलाता है।
2. मनुष्य के स्थान पर मशीन तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में औद्योगिक उत्पादों में प्रतिस्पर्धा से निरौद्योगीकरण हुआ। 2. उच्च प्रौद्योगिकी तथा उच्च वैज्ञानिक शोध एवं विकास पर आधारित उन्नत उत्पादों के कारण पुनरौद्योगीकरण हुआ।

प्रश्न 10.
संयुक्त राज्य अमेरिका में पेट्रो-रसायन संकुल अधिकतर तटों पर क्यों स्थित हैं?
उत्तर:
संयुक्त राज्य अमेरिका में पेट्रो-रसायन संकुलों के तटीय क्षेत्रों में स्थित होने के निम्नलिखित कारण हैं-

  1. यहाँ जल विद्युत का पूर्ण रूप से विकास हुआ है।
  2. खनिज तेलों का परिवहन बड़े-बड़े टैंकरों तथा पाइपलाइनों द्वारा देश के आंतरिक भागों तक किया जाता है।
  3. यहाँ आयात और निर्यात की सुविधाएँ पर्याप्त मात्रा में मिलती हैं।

प्रश्न 11.
द्वितीयक क्रियाकलापों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
द्वितीयक गतिविधियों या क्रियाकलापों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का मूल्य बढ़ जाता है। प्रकृति में पाए जाने वाले कच्चे माल का रूप बदलकर ये उसे मूल्यवान बना देती हैं। जैसे कपास से वस्त्र बनाना, लौह अयस्क से लौह-इस्पात बनाना। इस प्रकार निर्मित वस्तुएँ अधिक मूल्यवान हो जाती हैं। खेतों, वनों, खदानों एवं समुद्रों से प्राप्त वस्तुओं के बारे में भी यही बात लागू होती है। इस प्रकार द्वितीयक क्रियाएँ विनिर्माण, प्रसंस्करण और निर्माण उद्योग से संबंधित हैं। सभी निर्माण उद्योग-धंधे गौण व्यवसाय हैं। गौण व्यवसायों पर भौतिक तथा सांस्कृतिक वातावरण का भी प्रभाव पड़ता है। संसार के विकसित देशों; जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ, ग्रेट ब्रिटेन, पश्चिमी जर्मनी तथा जापान में अभूतपूर्व मूल्यवृद्धि हुई है।

प्रश्न 12.
ब्रिटेन के औद्योगिक प्रदेशों पर संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर:
ब्रिटेन में निम्नलिखित प्रमुख औद्योगिक प्रदेश स्थित हैं-
1. मिडलैंड औद्योगिक प्रदेश यह इंग्लैंड का महत्त्वपूर्ण औद्योगिक प्रदेश है, जिसका केंद्र बर्किंघम है। यहाँ छोटी-सी सूई से लेकर वायुयान तथा जलयान तक निर्मित होते हैं। यहाँ मोटरगाड़ी, लौह-इस्पात, इंजीनियरिंग, बिजली का सामान तथा हौजरी के औद्योगिक प्रतिष्ठान विकसित अवस्था में हैं। यहाँ लीड्स, बैडफोर्ड, नाटिंघम आदि सूती वस्त्र उद्योग के प्रमुख केंद्र हैं। लौह-इस्पात का बर्किंघम एक बड़ा एवं विकसित केंद्र है। कावेंट्री मोटरगाड़ियों के उद्योगों के लिए प्रसिद्ध है।

2. स्कॉटलैंड ग्लासगो क्षेत्र इस क्षेत्र में ग्लासगो नगर जलयान निर्माण के लिए विश्वविख्यात है। अन्य उद्योगों में लौह-इस्पात, इंजीनियरिंग तथा वस्त्र उद्योग प्रमुख हैं। ग्लासगो के अतिरिक्त एडिनबरा तथा एबरडीन यहाँ के प्रमुख औद्योगिक केंद्र हैं।

3. लंदन औद्योगिक प्रदेश-लंदन ब्रिटेन की राजधानी होने के साथ-साथ एक प्रमुख औद्योगिक नगर भी है। इसके आसपास अनेक उद्योग स्थापित हैं, जिनमें छपाई, सीमेंट, तेल शोधन, इंजीनियरिंग, वस्त्र निर्माण, फर्नीचर, विद्युत उपकरण, खाद्य परिष्करण तथा शृंगार प्रसाधन प्रमुख हैं।

4. दक्षिणी वेल्स औद्योगिक प्रदेश इस क्षेत्र के मुख्य औद्योगिक नगर कारडिफ, न्यूपोर्ट तथा स्वानसी हैं। यहाँ लौह-इस्पात, रसायन, तेल शोधन तथा कृत्रिम रेशे आदि उद्योग विकसित हैं।
उपर्युक्त क्षेत्रों के अतिरिक्त ब्रिटेन में नाटिंघमशायर, यार्कशायर, डर्बीशायर, लंकाशायर आदि अन्य औद्योगिक केंद्र हैं।

प्रश्न 13.
फ्रांस के औद्योगिक प्रदेशों पर संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर:
फ्राँस में निम्नलिखित प्रमुख औद्योगिक प्रदेश स्थित हैं-
1. पेरिस औद्योगिक प्रदेश-पेरिस यूरोप के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों में गिना जाता है। यहाँ कोयले की कमी है इसलिए भारी उद्योगों की स्थापना कम हो पाई है। यहाँ रसायन उद्योग, कागज उद्योग, मुद्रण उद्योग, काँच की वस्तुएँ, आभूषण आदि के उद्योग विकसित हैं। पेरिस शहर फैशन के लिए विश्वविख्यात है। इसे विश्व का फैशन केंद्र कहा जाता है। यहाँ आमोद-प्रमोद एवं फैशन की अनेक वस्तुएँ निर्मित होती हैं।

2. लॉरेन सार प्रदेश-यह प्रदेश लौह-इस्पात का प्रमुख केंद्र है। यहाँ सार बेसिन में कोयले की उपलब्धता के कारण लौह-इस्पात उद्योग विकसित हुआ है। लौह-इस्पात के अतिरिक्त रासायनिक उर्वरक, वस्त्र उद्योग तथा काँच उद्योग यहाँ के प्रमुख उद्योग-धंधे हैं।

प्रश्न 14.
जर्मनी के औद्योगिक प्रदेशों पर संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर:
जर्मनी में निम्नलिखित प्रमुख औद्योगिक प्रदेश स्थित हैं-
1. रूहर औद्योगिक प्रदेश यह औद्योगिक प्रदेश विश्व के प्रमुख औद्योगिक प्रदेशों में गिना जाता है। रूहर क्षेत्र में कोयला पर्याप्त मात्रा में मिलता है, जिसके कारण भारी उद्योगों की स्थापना में सहायता मिली है। यहाँ लौह-इस्पात तथा भारी इंजीनियरिंग उद्योग विकसित अवस्था में हैं। इनके अतिरिक्त यहाँ वस्त्र उद्योग तथा रसायन उद्योग भी स्थापित हैं। इस क्षेत्र के प्रमुख औद्योगिक केंद्र राइन, बोचम, डलसडर्फ, डारमण्ड तथा आखेन हैं।

2. बेवरिया औद्योगिक प्रदेश-इस क्षेत्र में हल्के उद्योग; जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स का सामान, घड़ी, हौजरी, रसायन पदार्थ, शराब, खाद्य-सामग्री तथा औषधियों से संबंधित उद्योग हैं।

3. सार प्रदेश-यह प्रदेश सार नदी के बेसिन में फैला है। यहाँ भारी इंजीनियरिंग, लौह-इस्पात, काँच का सामान, चीनी-मिट्टी के बर्तन तथा चमड़े के सामान बनाने के केंद्र हैं। यह क्षेत्र फ्रांस तथा जर्मनी की सीमा पर लगा औद्योगिक केंद्र है।

प्रश्न 15.
स्वामित्व एवं प्रबंध के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण करें।
उत्तर:
उद्योगों को स्वामित्व एवं प्रबंधन की व्यवस्था के आधार पर सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र, सहकारी क्षेत्र तथा बहु-राष्ट्रीय । उद्योग आदि वर्गों में बांटा जा सकता है-
1. सार्वजनिक उद्योग-वे उद्योग जिनका प्रबंध एवं स्वामित्व केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार के अधीन होता है, उन्हें सार्वजनिक उद्योग कहते हैं; जैसे भारत के भिलाई, दुर्गापुर तथा राऊरकेला में लौह-इस्पात उद्योग के केंद्र तथा भारतीय रेल सार्वजनिक उद्योग के उदाहरण हैं।

2. निजी क्षेत्र के उद्योग-वे उद्योग जिनका स्वामित्व या प्रबंध व्यक्ति या व्यक्तियों अथवा फर्म या कंपनी के पास होता है, उन्हें निजी उद्योग कहते हैं; जैसे जमशेदपुर का लौह-इस्पात उद्योग (TISCO)।

3. सहकारी उद्योग-किसी निगम अथवा कुछ लोगों के संघ द्वारा जो उद्योग संचालित किए जाते हैं, उन्हें सहकारी उद्योग कहते हैं; जैसे उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल, हरियाणा राज्य सहकारी चीनी मिल, आनंद डेयरी सहकारी समिति आदि।

4. सम्मिलित उद्योग-ऐसे उद्योग जिनका संचालन राज्य सरकारों, कुछ लोगों तथा निजी फर्मों द्वारा किया जाता है, उन्हें सम्मिलित उद्योग कहते हैं। इनका स्वामित्व तथा प्रबंध सम्मिलित रूप से होता है।

5. बहु-राष्ट्रीय उद्योग-जब कोई उद्योग या कंपनी अथवा उद्यम किसी दूसरे राष्ट्र के सहयोग से चलाए जाते हैं तो उन्हें बहु-राष्ट्रीय उद्योग कहते हैं। इनमें पूँजी तथा तकनीक विदेशों की होती है तथा कच्चा माल, श्रम तथा बाजार की सुविधा उस देश द्वारा दी जाती है, जहाँ ये स्थापित किए जाते हैं।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ

प्रश्न 16.
लौह-अयस्क के चार प्रकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
लौह-अयस्क के चार प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं-
1. मैग्नेटाइट-यह उत्तम कोटि का लौह-अयस्क माना जाता है। इसमें 70% से 75% लोहे की मात्रा मिलती है। इसका रंग काला होता है। यह आग्नेय तथा रूपांतरित चट्टानों में पाया जाता है। इसमें कुछ चुंबकीय लक्षण होते हैं। इस प्रकार का लोहा स्वीडन तथा रूस के यूरोप क्षेत्र में अधिक पाया जाता है।

2. हैमेटाइट-इस लोहे में लोहांश की मात्रा 50% से 65% के मध्य पाई जाती है। इसका रंग प्रायः लाल होता है तथा यह लोहा अवसादी चट्टानों में पाया जाता है। संसार में यह लौह-अयस्क विस्तृत क्षेत्र में पाया जाता है। यह लौह-अयस्क संयुक्त राज्य अमेरिका के सुपीरियल झील क्षेत्र स्पेन तथा ब्राजील में अधिक पाया जाता है।

3. लिमोनाइट-इस लोहे में 40% के लगभग लोहांश पाया जाता है। इस अयस्क का रंग भूरा होता है। यह भी तलछटी चट्टानों में पाया जाता है। संयुक्त राज्य अमेरिका के अल्बामा क्षेत्र, फ्रांस के लारेन प्रदेश तथा इंग्लैंड में पाया जाता है।

4. सिडेराइट-इस लौह-अयस्क में 20%-30% तक लोहा पाया जाता है। इसमें अशुद्धियों की मात्रा अधिक होती है। इसका रंग राख की तरह अथवा भूरा होता है। इसके प्रधान क्षेत्र नार्वे, स्वीडन तथा इंग्लैंड हैं।

प्रश्न 17.
खनिजों की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
अभी तक वैज्ञानिकों ने लगभग 2000 खनिजों का पता लगाया है लेकिन उपयोग में केवल 200 खनिज ही आते हैं। सभी खनिजों की अपनी-अपनी विशेषताएँ हैं। सामान्यतया सभी खनिजों में कुछ विशेषताएँ एक जैसी होती हैं जिनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं

  1. खनिजों का जमाव सीमित क्षेत्रों में मिलता है तथा इनका वितरण भी असमान है।
  2. सभी खनिज पदार्थ समाप्य या अनवीकरण योग्य संसाधन हैं।
  3. खनिजों का दोहन जनसंख्या की वृद्धि एवं औद्योगीकरण के कारण बढ़ता जा रहा है।
  4. आर्थिक विकास में खनिजों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।
  5. सभी खनिजों का दोहन प्राकृतिक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है।
  6. खनिजों का उत्पादन बाजार की माँग पर निर्भर करता है।
  7. कोई भी देश खनिजों के उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं है।

प्रश्न 18.
कोयला कितने प्रकार का होता है? प्रत्येक प्रकार के कोयले के मुख्य लक्षणों का वर्णन करें।
उत्तर:
कोयले में कार्बन की मात्रा के अनुसार उसकी ऊर्जा की क्षमता भिन्न-भिन्न होती है। गुणों के आधार पर कोयला निम्नलिखित चार प्रकार का होता है-
1. एन्ट्रासाइट कोयला यह उत्तम कोटि का कोयला है। इसमें कार्बन की मात्रा 90% होती है। इसमें ताप अधिक तथा धुआँ कम होता है। इसका रंग काला तथा चमकदार है।

2. बिटुमिनस कोयला इसमें कार्बन की मात्रा 70% से 90% होती है। यह कोयला जल्दी आग पकड़ता है तथा इसकी लौ पीली होती है। यह जलते समय धुआँ अधिक देता है तथा अधिक मात्रा में राख छोड़ता है। बिटुमिनस कोयले के भंडार विश्व में सबसे अधिक हैं।

3. लिग्नाइट कोयला इसमें कार्बन की मात्रा 45% से 70% तक होती है। यह भूरे रंग का होता है तथा जलते समय धुएँदार लंबी लपटें छोड़ता है। इसमें वनस्पति का अंश होता है। इसमें नमी की मात्रा अधिक होती है।

4. पीट कोयला यह नवीनतम कोयला है। इसमें नमी की मात्रा अधिक होने के कारण यह सुखाने पर ही जलता है। इसमें कार्बन की मात्रा 30% से 60% तक होती है। यह घरों में जलाने के काम लाया जाता है। इसका रंग भूरा होता है। यह सबसे घटिया होता है।

प्रश्न 19.
ऊर्जा के संसाधन के रूप में खनिज तेल कोयले से बेहतर क्यों है?
उत्तर:
खनिज तेल कोयले से बेहतर ऊर्जा का संसाधन माना जाता है। इसके निम्नलिखित कारण हैं-

  1. खनिज तेल का निष्कर्षण कोयले की अपेक्षा सरल और सस्ता है।
  2. खनिज तेल का परिवहन पाइप लाइनों द्वारा आसानी से दूर-दूर तक किया जा सकता है।
  3. खनिज तेल कोयले की अपेक्षा कम स्थान घेरता है।
  4. खनिज तेल द्वारा विभिन्न उद्योगों का विकेंद्रीकरण संभव है, जबकि कोयले पर आधारित उद्योग कोयला क्षेत्रों में ही पाए जाते हैं।

प्रश्न 20.
कोयले का निर्माण किस प्रकार हुआ?
उत्तर:
कोयला मुख्य रूप से अवसादी चट्टानों में पाया जाता है। यह एक जीवाश्म ईंधन है जो वनस्पति के गलने-सड़ने तथा अपघटित होने से बना है। आज से 30 करोड़ वर्ष पूर्व कार्बोनिफेरस युग में पृथ्वी के अधिकांश निम्न स्थलीय वन प्रदेश पृथ्वी की आंतरिक हलचलों के कारण नीचे दब गए। वायु की अनुपस्थिति में तथा उच्च ताप और दाब के कारण यह वनस्पति गल-सड़ कर अपघटित (Decomposed) हो गई और बाद में कोयले में परिवर्तित हो गई। प्राकृतिक वनस्पति से कोयला बनने में लाखों वर्ष लगे तथा यह परिवर्तन बहुत ही धीमी गति से हुआ।

प्रश्न 21.
खनन क्या है? इसको प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन करें।
उत्तर:
खनन (Mining) – खानों से खनिजों को निकालने की क्रिया को खनन कहते हैं। मनुष्य भूपर्पटी से प्राचीनकाल से ही खनिजों का दोहन करता आया है और आज यह एक महत्त्वपूर्ण आर्थिक क्रिया है।
खनन को प्रभावित करने वाले कारक मानव ज्ञान, प्रयास, प्रौद्योगिकी और अत्यधिक पूँजी से ही खनन क्रिया को आर्थिक क्रिया में बदला जा सकता है। खनन को निम्नलिखित कारक प्रभावित करते हैं

  1. धरातल के नीचे खनिज निक्षेपों की गहराई, आकार और मात्रा
  2. खनिज अयस्कों में मिलने वाली धातु की मात्रा
  3. उपयोग के स्थान से खनिजों की दूरी
  4. खनन कार्य के लिए आवश्यक पूँजी
  5. उन्नत प्रौद्योगिकी व तकनीकी ज्ञान
  6. परिवहन के साधन
  7. खनिजों की माँग।

प्रश्न 22.
खनिजों का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
वैज्ञानिक अनुसंधान एवं तकनीकी विकास के साथ वर्तमान युग में खनिज पदार्थों का महत्त्व बढ़ गया है। खनिज प्रकृति का अमूल्य उपहार है। आज के युग में इस व्यवसाय की अत्यधिक महत्ता है। खनिजों पर समस्त निर्माण उद्योग आधारित हैं। खनिजों में ऊर्जा के संसाधन के रूप में कोयला, प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम, यूरेनियम तथा प्लेटिनियम का मुख्य स्थान है। इसी प्रकार लौह इस्पात उद्योग किसी भी देश की औद्योगिक प्रगति के लिए रीढ़ की हड्डी का काम करता है। इसके लिए लौह अयस्क, चूना पत्थर, मैग्नीशियम, मैंगनीज, निकल, कार्बन आदि धात्विक व अधात्विक खनिजों की आवश्यकता पड़ती है। रासायनिक खाद के निर्माण में जिप्सम तथा चूना पत्थर आदि खनिजों का महत्त्वपूर्ण स्थान है। ऐलुमिनियम, तांबा, जस्ता, सीसा तथा टिन आदि अन्य धातुएँ हैं जिनका खनन आज के युग में आवश्यक है।

दीर्घ-उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए।
अथवा
उद्योगों की स्थापना को कौन-कौन से कारक प्रभावित करते हैं? वर्णन करें।
अथवा
उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले पाँच कारकों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
किसी क्षेत्र में उद्योगों की अवस्थिति या स्थापना में निम्नलिखित कारक प्रभावी होते हैं-
1. कच्चा माल-कच्चा माल विनिर्माण उद्योगों के लिए एक मूलभूत आवश्यकता है। अतः उद्योगों की स्थापना प्रायः कच्चे माल के क्षेत्रों के निकट होती है। भारी उद्योग जैसे लौह-इस्पात को प्रायः कोयला तथा लोहे की खानों के निकट स्थापित किया जाता है अन्यथा परिवहन लागत में वृद्धि हो जाती है तथा वस्तुएँ प्रतिस्पर्धा में नहीं रहतीं। यही कारण है कि विश्व के अधिकांश भारी उद्योग कच्चे माल की आपूर्ति के निकट स्थापित हैं। भारत का लौह-इस्पात उद्योग छोटा नागपुर के पठार के आसपास ही स्थापित है, क्योंकि लौह-अयस्क तथा कोयला वहाँ प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।

इसी प्रकार संयुक्त राज्य अमेरिका में लौह-इस्पात उद्योग महान झीलों के आसपास, जर्मनी में रूहर क्षेत्र में स्थापित है। कागज, दियासलाई तथा फर्नीचर उद्योग वनों के आसपास, चीनी उद्योग गन्ना उत्पादक क्षेत्रों में स्थापित किया जाता है। कुछ उद्योग ऐसे हैं जिनका कच्चा माल हल्का होता है, परिवहन व्यय कम आता है इसलिए उनको कहीं भी स्थापित किया जा सकता है; जैसे घड़ी बनाने का उद्योग, इलैक्ट्रॉनिक्स उद्योग तथा सूती वस्त्र उद्योग जैसे ब्रिटेन में सूती वस्त्र उद्योग मिस्र से आयातित कपास से चलाया जाता है लेकिन भारत में अधिकांश सूती वस्त्र मिलें कपास उत्पादक क्षेत्रों के आसपास ही स्थित हैं।

2. ऊर्जा-उद्योगों में मशीनों को संचालित करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऊर्जा के साधनों में कोयला, पेट्रोलियम, जल विद्युत्, प्राकृतिक गैस, परमाणु ऊर्जा प्रमुख हैं। लौह-इस्पात उद्योग में कोयला शक्ति का प्रमुख साधन है, इसलिए विश्व के अधिकांश लौह-इस्पात उद्योग कोयला क्षेत्रों के निकट ही स्थापित हैं; जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका में अप्लेशियन कोयला क्षेत्र के निकट महान झील औद्योगिक प्रदेश, भारत में जमशेदपुर स्टील प्लांट, झरिया और रानीगंज के कोयला क्षेत्रों पर तथा ब्रिटेन में दक्षिणी वेल्स, मिडलैंड और लंकाशायर के उद्योग आदि। एल्यूमिनियम उद्योग में जल विद्युत् की अधिक आवश्यकता होती है, इसलिए इसे जल विद्युत् ऊर्जा के क्षेत्रों में स्थापित किया जाता है। वर्तमान समय में पारंपरिक ऊर्जा के अनेक विकल्प निकाले जा रहे हैं, जिनसे उद्योगों को संचालित करने तथा उन्हें समाप्य ऊर्जा प्रदान करने के लिए ऊर्जा के संसाधनों पर अधिक निर्भर न रहना पड़े।

3. श्रम-कुछ उद्योगों में बहुत कुशल तथा अधिक संख्या में श्रमिकों की आवश्यकता होती है; जैसे पटसन उद्योग, कांच उद्योग, चाय उद्योग आदि। यद्यपि आजकल मशीनी युग में संचालित मशीनों तथा कंप्यूटरों का प्रयोग आरंभ हो गया है जिसने श्रम शक्ति के प्रभाव को कम कर दिया है लेकिन फिर भी कई उद्योगों में मानवीय श्रम का आज भी महत्त्व है। श्रमिकों की दक्षता एवं कुशलता भी उद्योगों में आवश्यक है; जैसे इलैक्ट्रॉनिक घड़ी निर्माण उद्योग आदि भारत में बिहार तथा बंगाल में अधिक जनसंख्या के कारण हुगली तथा छोटा नागपुर के पठार के औद्योगिक प्रदेशों के लिए सस्ता एवं कुशल श्रम उपलब्ध होने के कारण उद्योगों के संचालन में कोई समस्या नहीं आती हैं।

4. परिवहन तथा संचार के साधन-विश्व के जिन देशों में यातायात तथा संचार वाहनों के साधनों का विकास नहीं हुआ है, वे औद्योगिक रूप से पिछड़े हुए हैं। दक्षिणी अमेरिका तथा अफ्रीका के देशों में परिवहन के साधनों के अभाव से उद्योग स्थापित नहीं हो पाए हैं। यातायात के साधन उद्योगों के लिए धमनियों की तरह कार्य करते हैं। उद्योगों के लिए जल यातायात, सड़क परिवहन तथा रेल यातायात का विकास होना आवश्यक है। ब्रिटेन तथा संयुक्त राज्य अमेरिका में यातायात के साधनों के विकास के कारण औद्योगिक विकास को गति मिली है।

जापान में कच्चे माल की कमी होते हुए भी परिवहन के साधनों के विकास ने औद्योगीकरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत में कोलकाता, मुंबई (बंबई), अहमदाबाद तथा दिल्ली के आसपास औद्योगिक विकास का कारण परिवहन की सुविधाएँ हैं। वर्तमान समय में उद्योगपति टेलीफोन, फैक्स, पेजर आदि के प्रयोग से कच्चे माल तथा निर्मित माल को घर बैठे ही मंगवा लेते हैं। कच्चे माल को उद्योगों तक पहुंचाने तथा निर्मित माल को बाजार तक पहुंचाने के लिए परिवहन के सभी साधनों (सड़क, जल यातायात, रेल परिवहन, वायु परिवहन आदि) की सुविधाएँ आवश्यक हैं।

5. बाजार-उद्योग-धंधों में निर्मित माल की आपूर्ति के लिए बाजार का होना आवश्यक है जहाँ उसकी मांग तथा खपत हो सके। उद्योगों का बड़े नगरों या उसके आसपास केंद्रित होने का कारण बाजार की निकटता है। शीघ्र खराब होने वाली वस्तुएँ; जैसे सब्जी, दूध, फल, मांस आदि का विकास महानगरों तथा औद्योगिक नगरों के निकट विकसित होने के कारण उन वस्तुओं की अधिक मांग है।

6. पूँजी उद्योग चाहे छोटा हो या बड़ा, उसके संचालन के लिए पूँजी की आवश्यकता होती है। उद्योगों के लिए कच्चा माल, मशीनें, श्रम आदि के लिए पूँजी आवश्यक है। आज जो बड़े पैमाने के उद्योग-धंधे स्थापित किए जाते हैं, उनमें करोड़ों रुपए की पूँजी की आवश्यकता होती है। यूरोप तथा अमेरिका के धनी देशों में पूँजी का अभाव नहीं है इसलिए वहाँ औद्योगिक विकास उन्नत अवस्था में है।

एशिया तथा अफ्रीका के निर्धन देश पूँजी के अभाव में औद्योगिक विकास नहीं कर पाए। प्राकृतिक संसाधनों के रूप में कच्चा माल, श्रम के रूप में अधिक जनसंख्या तथा बाजार की उपलब्धता होने के बावजूद भी यह देश औद्योगिक विकास में पिछड़े हुए हैं। भारत में पूँजीपति बड़े-बड़े नगरों में रहते हैं इसलिए वे अपनी पूँजी बड़े-बड़े नगरों में उद्योगों के केंद्रीयकरण पर लगाते हैं।

7. बैंकिंग सुविधा उद्योगों की स्थापना के लिए बैंकिंग सुविधा का होना आवश्यक है। उद्योगपतियों को प्रतिदिन लाखों रुपयों का लेन-देन करना पड़ता है जिससे पैसे जमा करवाने तथा निकालने एवं पूँजी की सुरक्षा के लिए बैंकों का होना आवश्यक है। कई उद्योगों को स्थापित करने के लिए सरकार सस्ते ब्याज की दर पर बैंकों के द्वारा ऋण की सुविधा देती है।

8. जलवायु-कुछ उद्योगों के लिए जलवायु एक महत्त्वपूर्ण कारक होता है; जैसे सूती वस्त्र उद्योग के लिए नम एवं आर्द्र जलवायु आवश्यक है जिससे उसका धागा टूटता नहीं है। शुष्क जलवायु में कृत्रिम नमी पैदा की जाती है जिससे उत्पादन व्यय बढ़ता है। दूसरा श्रमिकों एवं इंजीनियरों के स्वास्थ्य के लिए अनुकूल जलवायु आवश्यक है। कठोर शीत तथा झुलसने वाली गर्मी में श्रमिकों की कार्यक्षमता कम हो जाती है।

9. राजनीतिक स्थिरता-राजनीतिक स्थिरता का उद्योगों की स्थापना पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। जहाँ सरकारें अस्थिर होती हैं तथा जहाँ आतंकवाद का प्रभाव होता है, वहाँ कोई भी उद्योगपति उद्योग लगाना नहीं चाहता। जहाँ राजनीतिक रूप से बार-बार सरकारें बदलती हैं वहाँ भी उद्योगपति उद्योग नहीं लगाते। 1980 के दशक में पंजाब में आतंकवाद के कारण कोई भी उद्योगपति वहाँ उद्योग लगाने को सहमत नहीं था, बल्कि वहाँ से उद्योगों का पलायन दिल्ली, जयपुर तथा मुंबई (बंबई) में हुआ लेकिन शांति-व्यवस्था कायम हो जाने पर अब दोबारा से उद्योगपति वहाँ आकर्षित हो रहे हैं। यही स्थिति आज जम्मू-कश्मीर की है।

वहाँ आतंकवाद के प्रभाव के कारण कोई भी उद्योगपति उद्योग लगाना पसंद नहीं करता। इसी प्रकार सरकार की नीति का भी उद्योगों की स्थापना पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जो सरकारें उद्योगों पर अधिक कर लगाती हैं तथा सुविधाएँ नहीं देतीं, वहाँ उद्योगपति आकर्षित नहीं होते। वहाँ विदेशी कंपनियाँ भी अपना उद्योग स्थापित नहीं करती। जिन देशों में सरकारें उद्योगों को विभिन्न रियायतें एवं सुविधाएँ प्रदान करती हैं, वहाँ अधिकतर उद्योग आकर्षित होते हैं और औद्योगिक विकास की दर बढ़ती है।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ

प्रश्न 2.
विश्व के विभिन्न लौह-इस्पात उद्योग के वितरण का वर्णन करें।
अथवा
एशिया के विभिन्न लौह-इस्पात उद्योगों का विवरण दें।
उत्तर:
लौह-इस्पात उद्योग औद्योगिक विकास की धुरी है। किसी भी देश के औद्योगिक विकास के लिए सर्वप्रथम लौह-इस्पात उद्योग को विकसित किया जाना आवश्यक है। एक सुई से लेकर विशाल आकार के जलयानों का निर्माण लौह-इस्पात द्वारा ही होता है। भारत तथा चीन में औद्योगिक विकास लौह-इस्पात उद्योग के विकास के बाद ही संभव हुआ।

ईसा से 400 वर्ष पूर्व लोहा गलाने की कला विकसित हुई थी। उस समय लकड़ी की आंच या कोयले में लोहा गलाकर कृषि के यंत्र बनाए जाते थे। धीरे-धीरे कोयले का प्रयोग किया जाने लगा। 19वीं शताब्दी में लोहा गलाने की परिवर्तन आए। कुकिंग कोयले का प्रयोग लोहे को गलाने के लिए किया जाने लगा। लौह-इस्पात बनाने के लिए लौह-अयस्क, कोक कोयला, मैगनीज़ तथा चूना पत्थर आदि मिलाकर भट्टी में गलाने के लिए ऑक्सीजन, गर्म हवा तथा तेल के तीव्र झोंकों द्वारा भट्टी में डाला जाता है इसलिए इन आधुनिक भट्टियों को झोंका भट्टी (Blast Furnace) कहते हैं।

विश्व में लौह-इस्पात उत्पन्न करने वाले देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, जापान, भारत, जर्मनी, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस आदि प्रमुख देश हैं।
(क) संयुक्त राज्य अमेरिका – संयुक्त राज्य अमेरिका में लौह-इस्पात उद्योग का संकेंद्रण देश के पूर्वी भार्ग में हुआ है। यह देश विश्व का 15% लौह-इस्पात उत्पन्न कर विश्व में प्रथम स्थान पर है। देश के पूर्वी भाग में इस उद्योग की स्थापना में यहाँ की अनुकूल सुविधाओं का होना है जो निम्नलिखित हैं

  • अप्लेशियन का कोयला क्षेत्र
  • सुपीरियर झील के दक्षिण-पश्चिम में लोहे की खानें हैं
  • महान् झीलों का सस्ता एवं सुलभ यातायात उपलब्ध है
  • सड़कों तथा रेल-मार्गों का इस क्षेत्र में पर्याप्त विकास हुआ है
  • विकसित बाजार जिससे खपत बनी रहती है।

संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रमुख लौह-इस्पात के निम्नलिखित केंद्र हैं-
1. शिकागो गैरी क्षेत्र-यह संयुक्त राज्य अमेरिका का महत्त्वपूर्ण एवं बड़ा इस्पात क्षेत्र है जो फ्रांस के कुल इस्पात उत्पादन से भी अधिक उत्पन्न करता है। इस क्षेत्र में कोयले तथा लोहे के पर्याप्त भंडार हैं। झील का सस्ता परिवहन, मिशिगन राज्य से चूना पत्थर तथा शिकागो देश के विभिन्न भागों से रेलों तथा सड़कों द्वारा जुड़ा है जिससे निर्मित माल को भेजने की व्यवस्था है। यह क्षेत्र संयुक्त राज्य अमेरिका का 35% इस्पात तैयार करता है।

2. पिट्सबर्ग-यंग्सटाउन क्षेत्र-यहाँ संयुक्त राज्य अमेरिका का एक-तिहाई इस्पात तैयार होता है। पिट्सबर्ग क्षेत्र में इस्पात के केंद्र पश्चिम तथा दक्षिण में विकसित हुए हैं जिनमें जोहंसटाउन, कारनेगी, हिंगस्टन तथा ब्रडोक आदि प्रमुख हैं।

3. ईरी झील तटीय क्षेत्र-इस क्षेत्र में लौह-अयस्क के पर्याप्त भंडार हैं लेकिन कोयला खाने दूर स्थित हैं। लौह-अयस्क से लदे जलपोत भट्टियों में लोहा उतारते हैं और कोयला रेलमार्गों द्वारा पहुँचाया जाता है। इस क्षेत्र में बफैलो, क्लीवलैंड, डेट्राइट, ईरी तथा लारेन प्रमुख केंद्र हैं।

4. मध्य अटलांटिक तटीय क्षेत्र-न्यू इंग्लैंड राज्य बर्जीनिया तक फैला है। इस क्षेत्र में कोयला तथा चूना पत्थर के अलावा यातायात की सर्वोत्तम व्यवस्था तथा यातायात के साधन सभी सुलभ हैं। इस क्षेत्र में लौह-अयस्क की कमी है जो चिली, लैब्रेडोर तथा वेनेजुएला से आयात किया जाता है। मुख्य केंद्र फिलाडेलफिया तथा दूरस्टर हैं।
HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ 2

5. दक्षिणी इस्पात क्षेत्र यहाँ लौह-इस्पात की सभी सुविधाएँ लौह-अयस्क, कोयला, चूना पत्थर, मैगनीज़ तथा यातायात के साधन आदि उपलब्ध हैं। बकिंघम संयुक्त राज्य अमेरिका के महत्त्वपूर्ण इस्पात केंद्रों में गिना जाता है।

(ख) यूरोपीय देशों में लौह-इस्पात उद्योग-यूरोपीय देशों के अंतर्गत निम्नलिखित देशों में लौह-इस्पात उद्योग स्थापित हैं
1. ग्रेट ब्रिटेन-ब्रिटेन में रोमन साम्राज्य काल से ही लकड़ी से लोहा पिघलाने की कला विकसित थी लेकिन औद्योगिक क्रांति के बाद मांग बढ़ने के कारण आधुनिक मशीनों तथा भट्टियों द्वारा लौह-इस्पात का निर्माण आरंभ हुआ। 19वीं शताब्दी में 50 वर्षों तक ब्रिटेन विश्व का प्रमुख लौह-इस्पात उत्पादक देश रहा है। यहाँ लौह-इस्पात के प्रमुख क्षेत्र निम्नलिखित हैं

  • दक्षिणी वेल्स-कार्डिफ, स्वानसी, लानेले, पोर्ट टालबट, न्यूपोर्ट।
  • उत्तरी-पूर्वी तटीय क्षेत्र-रेडकार, मिडिल्सबरो, डालिंगटन तथा कॉनसैट।
  • दक्षिणी यार्कशायर-चेस्टरफील्ड और फ्रोडिंन्धम।
  • मध्य स्कॉटलैंड-ग्लासगो, कैरन, कोटब्रिज, मदरवैल विशौ।
  • मिडलैंड-बर्किंघम, विल्सटन, राउंड ओक आदि।

2. जर्मनी-जर्मनी का रूहर क्षेत्र कोयले के लिए विश्वविख्यात है लेकिन लौह-अयस्क की देश में कमी है जिसकी पूर्ति फ्रांस, स्वीडन तथा स्पेन से आयात करके की जाती है। रूहर क्षेत्र देश का आधे से अधिक लौह-इस्पात का निर्माण करता है। इस क्षेत्र के प्रमुख केंद्र बोखम तथा आखेन हैं। फ्रेंकफर्ट, स्टटगार्ड तथा बूशन अन्य केंद्र हैं। जर्मनी में लौह-अयस्क की कमी के बावजूद भी यातायात की सुविधाओं के कारण लौह-इस्पात उद्योग विकसित अवस्था में है।

3. फ्रांस-फ्रांस का लारेन क्षेत्र संपूर्ण यूरोप का एक बृहत् तथा महत्त्वपूर्ण लौह-इस्पात उत्पादक क्षेत्र है। यहाँ उच्चकोटि का लौह-अयस्क प्राप्त है। 90% लौह-अयस्क इसी क्षेत्र से प्राप्त होता है। कोयला जर्मनी के रूहर क्षेत्र से मंगवाया जाता है। जो जहाज लोहा लेकर जर्मनी जाते हैं, वे वापसी में कोयला लाते हैं इसलिए परिवहन लागत अधिक नहीं आती। कुछ कोयला सार क्षेत्र से प्राप्त हो जाता है। फ्रांस के लारेन क्षेत्र के प्रमुख केंद्र मेट्ज़, ब्रिये, नांसी, थयोनविले तथा लोंगवे हैं। लारेन क्षेत्र के अतिरिक्त साम्ब्रेयूज तथा सार बेसिन अन्य उत्पादक क्षेत्र हैं।

4. यूक्रेन यूक्रेन का डोनबास क्षेत्र सोवियत रूस के सबसे बड़े लौह-इस्पात क्षेत्रों में गिना जाता है लेकिन यूक्रेन के पृथक्कीकरण से यह क्षेत्र यूक्रेन में स्थित है। इस देश में लौह-अयस्क क्रिवोई राग तथा कर्च प्रायद्वीप से मिलता है। कोयला डोनेत्ज बेसिन से तथा चूना पत्थर समीप ही स्थित है। कच्चे तथा तैयार माल को लाने व ले जाने के लिए यातायात की सुविधाएँ हैं। बाजार की सुविधाओं के रूप में चारों ओर बड़े-बड़े नगर हैं जिसके कारण यूक्रेन का लौह-इस्पात उद्योग विकसित अवस्था में है।

(ग) एशिया में लौह-इस्पात उद्योग – जापान का लौह-इस्पात के उत्पादन में विश्व में तीसरा स्थान है। पिछले चार दशकों में इसने फ्रांस, जर्मनी तथा ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया है। यहाँ पर लौह अयस्कों तथा कोयले की कमी के बावजूद भी लौह-इस्पात का तीव्र गति से विकास हुआ है। यहाँ सस्ती जल विद्युत् तथा यातायात के साधनों के विकास ने औद्योगिक वृद्धि में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। जापान लौह-अयस्क कोरिया, भारत, वेनेजुएला, पेरू तथा ब्राज़ील से आयात करता है। यहाँ लौह-इस्पात के केंद्र समुद्र तटवर्ती भागों में स्थापित हुए हैं क्योंकि कच्चे माल को सुगमता से जलयानों द्वारा केंद्रों तक पहुँचाया जा सकता है। यहाँ यावाता-तोबाता, मौजी, शिमोनोसेकी तथा नागासाकी प्रमुख लौह-इस्पात के केंद्र हैं। ओसाका तथा कोबे आंतरिक सागर के पूर्वी सिरे पर हैं। एशिया में लौह-इस्पात उद्योग के प्रमुख केंद्र निम्नलिखित हैं
1. चीन-पिछले 20 वर्षों में चीन में लौह-इस्पात के उत्पादन में तीव्र वृद्धि हुई है। सन् 1935 में चीन का उत्पादन बहुत कम था जो सन् 1973 में बढ़कर जर्मनी तथा फ्रांस से अधिक हो गया है। चीन में उच्चकोटि का एंथ्रासाइट कोयला शेंसी शासी क्षेत्र से तथा लौह-अयस्क मंचूरिया से प्राप्त होता है। मंचूरिया क्षेत्र देश का प्रमुख लौह-इस्पात क्षेत्र है जो लगभग एक-तिहाई उत्पादन करता है। मंचूरिया क्षेत्र में अन्शान, फुथुन और मुकडेन प्रमुख लौह-इस्पात केंद्र हैं। यांगटीसिक्यांग की घाटी में शंघाई मनशान, हैंकाऊ तथा तामेह हैं। शांसी में पाओटाऔ, टिटसिन, टानशान तथा शिट्टचिंगसांग लौह-इस्पात केंद्र हैं।

2. भारत में यह उद्योग अत्यंत प्राचीन है। इतिहास इस बात का प्रमाण है कि दमिश्क की तलवारों के लिए लोहा भारत से जाता था। दिल्ली में स्थित कुतुबमीनार के निकट लौह स्तंभ इस बात का प्रमाण है कि भारत में इस्पात बनाने की कला कितनी उन्नत थी, क्योंकि अभी तक भी इस पर जंग नहीं लगा। भारत के प्रभुत्व उद्योगों का संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित हैं
(i) टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी यह केंद्र बिहार राज्य में जमशेदपुर में 1907 ई० में स्थापित किया गया। यह आधुनिक लौह-इस्पात का पहला कारखाना है। इस केंद्र को निम्नलिखित सुविधाएँ उपलब्ध हैं

  • उच्चकोटि का हैमेटाइट लोहा बिहार की सिंहभूम तथा उड़ीसा के मयूरभंज से प्राप्त होता है।
  • कोयला झरिया तथा रानीगंज की खानों से मिलता है।
  • मैगनीज़, नोआमंडी से तथा चूना पत्थर सुंदरगढ़ से प्राप्त होता है।
  • कोलकाता-नागपुर रेलमार्ग यहाँ से गुजरता है जो यातायात की सुविधा प्रदान करता है।

(ii) इंडियन आयरन एंड स्टील कंपनी इस कंपनी के कारखाने पश्चिमी बंगाल में कुल्टी, बर्नपुर तथा हीरापुर में हैं। कुल्टी के कारखाने में इस्पात पिंड तथा हीरापुर में लौह-पिंड और बर्नपुर में तैयार इस्पात बनाया जाता है। इन केंद्रों में निम्नलिखित सुविधाएँ उपलब्ध हैं

  • इस कंपनी को लोहा बिहार की सिंहभूम तथा उड़ीसा की मयूरभंज बादाम पहाड़ियों से प्राप्त होता है।
  • इस कंपनी के लिए कोयला निकटवर्ती झरिया एवं रानीगंज की खानों से मंगवाया जाता है।
  • इस कंपनी को चूने का पत्थर पाराघाट तथा गंगापुर से उपलब्ध हो जाता है।
  • इस कंपनी को दामोदर नदी से जल की सुविधा प्राप्त है।
  • इस कंपनी को बिहार एवं पश्चिमी बंगाल से सस्ता श्रम उपलब्ध है।
  • इस कंपनी को यातायात की सुविधा आसनसोल जंक्शन से प्राप्त है।

(iii) विश्वेश्वरैया आयरन एंड स्टील वर्क्स कर्नाटक राज्य में भद्रावती के किनारे 1923 ई० में मैसूर आयरन एंड स्टील कंपनी के नाम से एक कारखाने की स्थापना हुई, लेकिन अब यह संयुक्त उपक्रम है, जिसका संचालन केंद्र सरकार तथा कर्नाटक सरकार करती है। इस क्षेत्र में उद्योग के लिए अग्रलिखित सुविधाएँ प्राप्त हैं

  • इस क्षेत्र को लोहा (अयस्क) कादूर जिले के बाबाबूदान की पहाड़ियों से प्राप्त होता है।
  • इस क्षेत्र को कोयले की सुविधा उपलब्ध नहीं है, लेकिन समीपवर्ती क्षेत्रों से लकड़ी (ईंधन) का प्रयोग किया जाता है, लेकिन अब शिमला विद्युत्-केंद्र से शक्ति के रूप में विद्युत् भी प्राप्त है।
  • इस क्षेत्र में माल लाने तथा ले जाने के लिए यातायात के साधन, विशेषकर रेल यातायात उपलब्ध है।

प्रश्न 3.
पेट्रो-रसायन उद्योगों के विश्व वितरण का विवरण दीजिए।
उत्तर:
जो उद्योग पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस पर आधारित होते हैं, उन्हें पेट्रो-रसायन उद्योग कहते हैं। इन उद्योगों की स्थापना तेल शोधन शालाओं (Oil Refineries) के निकट की जाती है। इनमें प्लास्टिक, कृत्रिम रेशे, खाद, कृत्रिम रबड़ तथा विस्फोटक (Explosive) सम्मिलित हैं। पेट्रो-रसायन उद्योगों के प्रमुख केंद्र निम्नलिखित हैं
1. संयुक्त राज्य अमेरिका संयुक्त राज्य अमेरिका में पिछले तीन दशकों में इस उद्योग ने काफी प्रगति की है। यहाँ यह उद्योग विदेशों से आयातित खनिज तेल पर आधारित है। इस उद्योग के अधिकांश केंद्र तटवर्ती भागों में स्थापित किए गए हैं। मैक्सिको की खाड़ी के आसपास तेल परिष्करण के अनेक प्लांट लगे हैं जहाँ मध्यपूर्व के देशों से खनिज तेल लाकर परिष्कृत किया जाता है इसलिए यहाँ पेट्रो-कैमिकल्स उद्योगों की स्थापना की गई है। पूर्वी तटीय भाग तथा महान् झील के आसपास के क्षेत्रों में भी अनेक परिष्करणशालाएँ कार्यरत हैं इसलिए यहाँ भी संयुक्त राज्य अमेरिका के 15% पेट्रो-रसायन उद्योग केंद्रित हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में पेट्रो-रसायन उद्योग के प्रमुख केंद्र फिलाडेलफिया, डेलवियर, शिकागो, टोलेडो, लॉस एंजिल्स, डेट्राइट, सैंट लुहस पोर्टलैंड आदि हैं।

2. यूरोप के पेट्रो-रसायन उद्योग-यूरोप में पेट्रो-रसायन उद्योग मुख्य रूप से ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस तथा नीदरलैंड में स्थापित हैं। इन देशों में खनिज तेल की कमी के बावजूद भी यह उद्योग स्थापित हैं। जर्मनी में पेट्रो-रसायन उद्योग रूहर क्षेत्र में स्थापित है। ब्रिटेन में इंग्लिश चैनल के तटीय भागों में पेट्रो-कैमिकल्स उद्योगों का केंद्रीयकरण हुआ है। ब्रिटेन में साउथहैंपटन, नीदरलैंड में रॉटरड्रम, बेल्जियम में एंटवर्प में तथा फ्रांस में सोन नदी की घाटी में ये उद्योग स्थापित हुए हैं। यूरोपीय देशों में पेट्रो-रसायन से निर्मित पदार्थों की माँग अधिक है।

रूस में पेट्रो-रसायन उद्योग वोल्गा, यूराल तथा ग्रोजनी क्षेत्रों में अधिक विकसित है। यहाँ खनिज तेल तथा कोयला पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। यहाँ के प्रमुख पेट्रो-रसायन उद्योग के केंद्र मास्को, गोर्की, लेनिनग्राड तथा बाक हैं।

3. दक्षिण-पश्चिमी एशिया दक्षिण-पश्चिमी एशिया में खनिज तेल के अपार भंडारों के बावजूद भी यहाँ पेट्रो-रसायन उद्योग का विकास नहीं हो पाया है। इसका कारण यहाँ इस उद्योग के उत्पादनों की मांग नहीं है। तटीय क्षेत्रों में जो पेट्रो-रसायन उद्योग स्थापित किए गए हैं, उनके उत्पाद विदेशों को निर्यात किए जाते हैं। लेबनान तथा अन्य देशों में तेल शोधनशालाएँ स्थापित होने के कारण भी इस उद्योग के विकास को प्रोत्साहन नहीं मिल पाया है। यहाँ अदनान (ईरान) सऊदी अरब में रास तनूरा तथा कुवैत में मिना-अल-अहमदी प्रमुख पेट्रो-रसायन उद्योग के केंद्र हैं।

4. भारत-भारत में पेट्रो-रसायन उद्योगों का आरंभ कुछ दशक पूर्व ही हुआ। सर्वप्रथम यूनियन कार्बाईड द्वारा इस क्षेत्र में उद्योग स्थापित किया गया। सार्वजनिक क्षेत्र में इंडियन कैमिकल्स लिमिटेड की स्थापना से पेट्रो-रसायन उद्योगों की स्थापना में सहयोग मिला। गुजरात में कोयली ब्रटेल परिष्करणशाला के विकास के कारण बड़ौदरा के निकट जवाहरनगर में पेट्रो-कैमिकल्स की स्थापना की गई। पेट्रो-कैमिकल्स का दूसरा सार्वजनिक क्षेत्र का कारखाना असम में बोगाईगांव में है। हल्दिया और बरौनी कारखानों की स्थापना का उद्देश्य भी पेट्रो-कैमिकल्स तैयार करना है। जगदीशपुर, बिजयपुर, सवाई माधोपुर में गैस पर आधारित उर्वरक के कारखाने लगाए जा रहे हैं। तीन परिष्करणशालाएँ हरियाणा में पानीपत, कर्नाटक में मंगलौर तथा असम में नूमालीगढ़ में बनाई गईं हैं, जिससे उनके आसपास के क्षेत्रों में पेट्रो-रसायन उद्योग भी स्थापित हो सकेंगे।

दक्षिणी महाद्वीपों में इन उद्योगों का कोई विशेष विस्तार नहीं हुआ। ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप में ब्रिसवेन, सिडनी, मेलबोर्न, पर्थ तथा एडीलेड में पेट्रो-रसायन उद्योग स्थापित हैं। दक्षिणी अमेरिका तथा अफ्रीका महाद्वीप में पेट्रो-रसायनों के क्षेत्र में कोई विशेष प्रगति नहीं हुई है। कुछ गिने-चुने उद्योग दक्षिणी अफ्रीका तथा ब्राज़ील में हैं।
HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ 3

प्रश्न 4.
आकार के आधार पर उद्योगों के वर्गीकरण की व्याख्या।
अथवा
आकार पर आधारित उद्योग कौन-कौन से हैं? वर्णन करें।
उत्तर:
उद्योगों को उनके आकार के आधार पर निम्नलिखित तीन वर्गों में रखा जाता है-

  • कुटीर उद्योग (Cottage Industry)
  • लघु उद्योग या छोटे पैमाने के उद्योग (Small Scale Industry)
  • बड़े पैमाने के उद्योग (Large Scale Industry)

1. कुटीर उद्योग-यह वस्तुओं के निर्माण का प्रारंभिक रूप है, जो प्राचीनतम भी है। इसमें न्यूनतम पूँजी का निवेश तथा कभी-कभी यह केवल मानवीय श्रम द्वारा भी लगाया जाता है। इसमें वस्तुओं का निर्माण स्थानीय रूप से उपलब्ध कच्चे माल के आधार पर घरों में ही किया जाता है। इसलिए इन्हें घरेलू या ग्राम उद्योग भी कहा जाता है। इनमें अधिकांश कार्य हाथ से किए जाते हैं, इसलिए इन्हें हस्तशिल्प उद्योग भी कहा जाता है। यह उद्योग ग्रामीण किसानों द्वारा खाली समय में किया जाता है।

किसानों को जब खेत के काम से फुरसत मिलती है तो उस समय ये उद्योग संचालित किए जाते हैं। इन उद्योगों में मिट्टी के बर्तन बनाना, मूर्तियां बनाना, चटाइयां बनाना, टोकरियां बनाना, सूत कातना, चमड़े से जूते बनाना, रस्सी बनाना, ईंट बनाना, धातुओं से सजावट का सामान तथा हथियार बनाना, लकड़ी से फर्नीचर तथा इमारती सामान बनाना आदि कार्य सम्मिलित हैं। आज के विकसित तथा विकासशील देशों में कुटीर उद्योग जीवित हैं, लेकिन विकसित देशों में उद्योगों को पुनर्जीवित करने तथा प्रोत्साहन देने के लिए सरकारें अनेक रियायतें दे रही हैं, जिससे प्राचीन संस्कृति को संजोए रखा जा सके।

2. लघु उद्योग या छोटे पैमाने के उद्योग-ये उद्योग-धंधे कुटीर उद्योगों का ही विस्तृत रूप है। मानवीय आवश्यकताओं में वृद्धि के फलस्वरूप कुटीर उद्योग जब सभी आवश्यकताओं को पूरी करने में असक्षम रहे, तब कुशल कारीगरों एवं छोटी मशीनों के द्वारा उत्पादन में वृद्धि करनी पड़ी। इन उद्योगों में कम पूँजी, कुशल श्रमिकों तथा मशीनों से कार्य होता है। इन उद्योगों में दूर-दूर के क्षेत्रों से कच्चा माल मंगवाया जाता है तथा निर्मित वस्तुएँ भी दूर-दूर तक बेची जाती हैं।

ये उद्योग अधिक लोगों को रोजगार की सुविधा प्रदान करते हैं, क्योंकि इन उद्योगों में श्रमिकों की अधिक आवश्यकता होती है। विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था में इन उद्योगों का विशेष योगदान है। लघु उद्योगों में कागज बनाना, कपड़े बनाना, बर्तन, फर्नीचर, बिजली तथा इलैक्ट्रॉनिक्स का सामान बनाना, धातु के द्वारा बर्तन बनाना, तेल की पिराई, साबुन बनाना, पुस्तकें, छापना आदि सम्मिलित हैं।

3. बड़े पैमाने के उद्योग-बड़े पैमाने के उद्योग-धंधे औद्योगिक क्रांति की देन हैं। इसमें बड़ी-बड़ी मशीनें तथा बड़ी मात्रा में पूँजी का निवेश किया जाता है। मशीनों के आविष्कार ने मानव का कार्य आसान कर दिया। इन उद्योगों में मशीनी शक्ति को महत्त्वपूर्ण स्थान दिया गया। कम समय में अधिक वस्तुओं का उत्पादन बड़े उद्योगों के कारण ही संभव हुआ है। बड़े पैमाने के उद्योगों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • इन उद्योगों में बड़ी मात्रा में पूँजी लगती है।
  • इन उद्योगों के संचालन के लिए ऊर्जा की अधिक आवश्यकता होती है।
  • इन उद्योगों में श्रमिकों की संख्या अधिक तथा श्रमिक कुशल होते हैं।
  • इन उद्योगों के लिए दूर-दूर से कच्चा माल मंगवाया जाता है।
  • इन उद्योगों में उत्पादित माल का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार होता है।
  • उन उद्योगों में वस्तुओं की गुणवत्ता तथा किस्म पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

बड़े पैमाने के उद्योग आज अधिकांशतः विकसित देशों में स्थापित हैं, जिसके कारण उनका औद्योगिक एवं आर्थिक विकास का स्तर ऊँचा है। अमेरिका, जापान, रूस तथा यूरोपीय देशों में बड़े पैमाने के उद्योग, विद्युत् उपकरण, चीनी, वस्त्र तथा विभिन्न रासायनिक उद्योग आते हैं। भारत में स्वतंत्रता के बाद बड़े उद्योगों का विकास तथा विस्तार किया गया।

प्रश्न 5.
कच्चे माल पर आधारित उद्योगों का वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
कच्चे माल पर आधारित उद्योगों का वर्गीकरण पाँच शीर्षकों के अंतर्गत किया जाता है-

  • कृषि आधारित उद्योग
  • खनिज आधारित उद्योग
  • रसायन आधारित उद्योग
  • वन आधारित उद्योग
  • पशु आधारित उद्योग

1. कृषि आधारित उद्योग जो उद्योग-धंधे कृषि की फसलों पर आधारित होते हैं या कृषि की फसलों से कच्चा माल प्राप्त करते हैं, उन्हें कृषि आधारित उद्योग कहते हैं। कृषि या खेतों से प्राप्त कच्चे माल को विभिन्न प्रक्रियाओं द्वारा तैयार करके बाजारों में भेजा जाता है; जैसे चीनी, शक्कर, आचार, फलों के रस, मसाले, तेल, रबड़, वस्त्र आदि।

2. खनिज आधारित उद्योग-ऐसे उद्योग जिनमें खनिजों को कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, खनिज आधारित उद्योग कहलाते हैं। कुछ उद्योग लौह अंश वाले धात्विक खनिजों; जैसे लौह इस्पात का इस्तेमाल करते हैं, तो कुछ उद्योग अलौह धात्विक खनिजों; जैसे ताँबा, एल्युमीनियम का इस्तेमाल करते हैं। इस प्रकार खनिज आधारित उद्योग दो प्रकार के होते हैं

  • लौह धात उद्योग-लौह धात उद्योग ऐसी धातुओं पर आधारित होते हैं जिनमें लौहांश की मात्रा विद्यमान होती है। लौह-इस्पात उद्योग, मशीन व औजार उद्योग, तेल इंजन, मोटरकार, कृषि उपकरण उद्योग आदि इसके उदाहरण हैं।
  • अलौह धातु उद्योग-अलौह धातु उद्योग ऐसी धातुओं पर आधारित होते हैं जिनमें लौहांश विद्यमान नहीं होता। ताँबा, ऐल्युमीनियम, जवाहरात उद्योग आदि इसके उदाहरण हैं।

3. रसायन आधारित उद्योग-रसायन उद्योगों में विभिन्न प्रकार के रासायनिक खनिजों का उपयोग होता है; जैसे पेट्रो रसायन उद्योग में खनिज तेल या पैट्रोलियम का उपयोग होता है। रसायन उद्योगों में नमक, पोटाश, गंधक, कोयला व पेट्रोलियम आदि का उपयोग किया जाता है।

4. वन आधारित उद्योग-वनों पर आधारित उद्योगों को कच्चा माल वनों से प्राप्त होता है। फर्नीचर उद्योग के लिए इमारती लकड़ी, कागज उद्योग के लिए लकड़ी तथा लाख उद्योग के लिए लाख वनों से ही प्राप्त होती है।

5. पशु आधारित उद्योग-पशु आधारित उद्योगों को कच्चा माल पशुओं से ही प्राप्त होता है; जैसे चमड़ा उद्योग के लिए चमड़ा एवं ऊन उद्योग के लिए ऊन पशुओं से ही प्राप्त होती है।

6. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक सत्य नहीं है?
(A) बाह्यस्रोतन दक्षता को बढ़ाता है और लागतों को घटाता है।
(B) कभी-कभार अभियांत्रिकी और विनिर्माण कार्यों की भी बाह्यस्रोतन की जा सकती है।
(C) बी०पी०ओज़ के पास के०पी०ओज़ की तुलना में बेहतर व्यावसायिक अवसर होते हैं।
(D) कामों के बाह्यस्रोतन करने वाले देशों में काम की तलाश करने वालों में असंतोष पाया जाता है।
उत्तर:
(D) कामों के बाह्यस्रोतन करने वाले देशों में काम की तलाश करने वालों में असंतोष पाया जाता है।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
फुटकर व्यापार सेवा को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ये वे व्यापारिक क्रियाकलाप हैं जो उपभोक्ताओं की वस्तुओं के प्रत्यक्ष विक्रय से संबंधित हैं। अधिकांश फुटकर व्यापार केवल विक्रय के लिए तय दुकानों और भंडारों में संपन्न होते हैं। उदाहरणतया फेरी, रेहड़ी, ट्रक, द्वार से द्वार डाक आदेश, दूरभाष, इंटरनेट, फुटकर बिक्री आदि।

प्रश्न 2.
चतुर्थ सेवाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चतुर्थ सेवाएँ अनुसंधान एवं विकास पर केंद्रित होती हैं और विशिष्टीकृत ज्ञान प्रौद्योगिक कुशलता और प्रशासकीय सामर्थ्य से संबद्ध सेवाओं के उन्नत नमूने के रूप में देखी जाती हैं। उच्च कोटि के बौद्धिक व्यवसायों को चतुर्थ सेवाओं के अंतर्गत रखा जाता है। अध्यापन, चिकित्सा, वकालत, अनुसंधान, सूचना आधारित ज्ञान आदि चतुर्थ सेवाओं के उदाहरण हैं।

HBSE 12th Class Geography Important Questions Chapter 6 द्वितीयक क्रियाएँ

प्रश्न 3.
विश्व में चिकित्सा पर्यटन के क्षेत्रों में तेजी से उभरते हुए देशों के नाम लिखिए।
उत्तर:
विश्व में चिकित्सा पर्यटन के क्षेत्रों में तेजी से उभरते हुए देशों में भारत तेजी से उभर रहा है। इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में उभरते हुए देश हैं-थाइलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस आदि।

प्रश्न 4.
अंकीय विभाजन क्या है?
उत्तर:
सूचना और संचार प्रौद्योगिकी पर आधारित विकास से मिलने वाले अवसरों का वितरण पूरे ग्लोब पर असमान रूप से वितरित है। देशों में विस्तृत आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक भिन्नताएँ पाई जाती हैं। विकसित देश, सामान्य रूप से इस दिशा में आगे बढ़ गए हैं जबकि विकासशील देश पिछड़ गए हैं। यही अंकीय विभाजन कहलाता है।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए

प्रश्न 1.
आधुनिक आर्थिक विकास में सेवा सेक्टर की सार्थकता और वृद्धि की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
आधुनिक युग में आर्थिक विकास के लिए सेवाओं का महत्त्व बढ़ता जा रहा है। कुछ वर्ष पूर्व सेवाओं की अपेक्षा वस्तुओं के उत्पादन पर अधिक बल दिया जाता था लेकिन विकसित अर्थव्यवस्था में सेवाओं पर आधारित विकास में तेजी आई है। आधुनिक आर्थिक विकास में सेवा सेक्टर की सार्थकता के प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं

  • सेवा सेक्टर में फुटकर बिक्री और परिवहन के साधन सम्मिलित हैं जो विक्रेताओं एवं उपभोक्ताओं को जोड़ते हैं।
  • सेवा सेक्टर कच्चे माल को कारखाने तक और निर्मित माल को कारखाने से बाजार तक ले जाने में सहायता करते हैं।
  • सेवा सेक्टर वाणिज्यिक सेवा कम्पनियों की उत्पादकता एवं क्षमता में वृद्धि लाते हैं।

आधुनिक आर्थिक विकास में सेवा सेक्टर की वृद्धि – विकसित देशों के सेवा क्षेत्र में रोज़गार के अवसरों में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। विकासशील देशों में भी विनिर्माण क्षेत्र की तुलना में सेवा क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है लेकिन इन देशों में बहुत-से लोग असंगठित क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, जिनका लेखा-जोखा अच्छी तरह से नहीं रखा जाता।

अधिकतर देशों में विकास की प्रक्रिया का एक निश्चित क्रम होता है। पहले प्राथमिक क्षेत्र का वर्चस्व होता है, उसके बाद द्वितीयक क्षेत्र का महत्त्व बढ़ने लगता है। अंतिम अवस्थाओं में तृतीयक और चतुर्थक क्रियाकलाप महत्त्वपूर्ण बन जाते हैं। बहुत-से देशों में विनिर्माण उद्योगों में रोज़गार के अवसर घटते जा रहे हैं तथा सकल घरेलू उत्पाद में उनका अनुपात कम होता जा रहा है। आधुनिक आर्थिक विकास में सेवाओं का महत्त्व इतना बढ़ गया है कि उन्हें उत्पादक कार्यों की श्रेणी में रखा जाने लगा है। सेवाएँ अब निर्यातक बन गई हैं। कुछ देश; जैसे स्विट्ज़रलैंड तथा यूनाइटिड किंगडम सेवा क्षेत्र में उद्योगों से आगे निकल गए हैं।

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.5

Haryana State Board HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.5 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.5

प्रश्न 1.
समकोण ΔPQR की रचना कीजिए, जहाँ m∠Q= 90°, QR = 8 सेमी और PR = 10 सेमी है।
हल :
रचना के पद :
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.5 1
1. एक रेखाखण्ड QR = 8 सेमी खींचा।
2. बिन्दु Q पर ∠XQR = 90° बनाया।
3. अब बिन्दु R को केन्द्र मानकर 10 सेमी की त्रिज्या का चाप खींचा जो QX को बिन्दु P पर काटता है।
4. RP को मिलाया।
इस प्रकार अभीष्ट ΔPQR प्राप्त हुआ।

प्रश्न 2.
एक समकोण त्रिभुज की रचना कीजिए, जिसका कर्ण 6 सेमी लम्बा है और एक पाद 4 सेमी लंबा है।
हल :
रचना के पद :
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.5 2
1. एक रेखाखण्ड QR = 4 सेमी खींचा।
2. बिन्दु Q पर ∠XQR = 90° का बनाया।
3. बिन्दु R को केन्द्र मानकर कर्ण 6 सेमी की त्रिज्या का एक चाप लगाया जो QX को बिन्दु P पर काटता है।
4. RP को मिलाया।
इस प्रकार अभीष्ट ΔPQR प्राप्त होगा।

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.5

प्रश्न 3.
एक समद्विबाहु समकोण त्रिभुज ABC की रचना कीजिए, जहाँ m∠ACB = 90° है और AC = 6 सेमी है।
हल :
रचना के पद :
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.5 3
1. रेखाखण्ड AC = 6 सेमी खींचा।
2. बिन्दु C पर ∠ACX = 90° बनाया।
3. बिन्दु C से परकार में 6 सेमी की त्रिज्या का चाप लेकर खींचा, जो CX को बिन्दु B पर काटता है।
4. BA को मिलाया।
इस प्रकार अभीष्ट ΔABC प्राप्त होगा।

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.2

Haryana State Board HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.2

प्रश्न 1.
दी गई भिन्न संख्याओं को प्रतिशत में बदलो :
(i) \(\frac {1}{8}\)
(ii) \(\frac {5}{4}\)
(iii) \(\frac {3}{40}\)
(iv) \(\frac {2}{7}\)
हल :
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.2 - 1
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.2 - 2

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.2

प्रश्न 2.
दी गई दशमलव भिन्नों को प्रतिशत में बदलो
(a) 0.65
(b) 2.1
(c) 0.02
(d) 12.35
हल :
(a) 0.65 = \(\frac{0 \cdot 65 \times 100}{100}=\frac{65}{100}\) = 65%
(b) 2.1 = \(\frac{2.1 \times 100}{100}=\frac{210}{100}\) = 210%
(c) 0.02 = \(\frac{0.02 \times 100}{100}=\frac{2}{100}\) = 2%
(d) 12.35 = \(\frac{12.35 \times 100}{100}=\frac{1235}{100}\) = 1235%.

प्रश्न 3.
अनुमान लगाइए कि आकृति का कितना भाग रंग दिया गया है और इस प्रकार ज्ञात कीजिए कि कितने प्रतिशत रंगीन है:
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.2 - 3
हल :
(i) \(\frac {1}{4}\) भाग रंगा है।
रंगे भाग का प्रतिशत = (\(\frac {1}{4}\) × 100)% = 25%.

(ii) \(\frac {3}{5}\) भाग रंगा है।
रंगे भाग का प्रतिशत = (\(\frac {3}{5}\) × 100)%
= (3 × 20)% = 60%

(iii) \(\frac {3}{8}\) भाग रंगा है।
रंगे भाग का प्रतिशत = (\(\frac {3}{8}\) × 100)%
= (\(\frac {3}{2}\) × 25)% = \(\frac {75}{2}\)%
= 37.5%.

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.2

प्रश्न 4.
ज्ञात कीजिए
(a) 250 का 15%
(b) 1 घंटे का 1%
(c) 2500 का 20%
(d) 1 किग्रा का 75%
हल :
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.2 - 4

प्रश्न 5.
संपूर्ण राशि ज्ञात कीजिए, यदि :
(a) इसका 5%, 600 है।
(b) इसका 12%, 1080 है।
(c) इसका 40%, 500 किमी है।
(d) इसका 70%, 14 मिनट है।
(e) इसका 8%, 40 लीटर है।
हल :
(a) माना सम्पूर्ण राशि x है, तो
x का 5% = 600
⇒ \(\frac {5}{100}\) × x = 600
⇒ x = \(\frac{600 \times 100}{5}\)
= 600 × 20 = ₹ 12000
अतः सम्पूर्ण राशि ₹ 12000 है।

(b) माना सम्पूर्ण राशि x है, तो
x का 12% = 1080
⇒ x × \(\frac {12}{100}\) = 1080
⇒ x = \(\frac{1080 \times 100}{12}\)
= 90 × 100 = ₹ 9000
अतः सम्पूर्ण राशि ₹ 9000 है।

(c) माना संपूर्ण राशि x है, तो
x का 40% = 500 किमी
⇒ \(\frac {40}{100}\) × x = 500 किमी
⇒ x = (500 × \(\frac {100}{40}\)) किमी
⇒ x = 25 × 50 = 1250 किमी
अत: संपूर्ण राशि 1250 किमी है!

(d) माना संपूर्ण राशि x है, तो
x का 70% = 14 मिनट
⇒ \(\frac {70}{100}\) × x = 14 मिनट
⇒ x = (14 × \(\frac {10}{7}\)) मिनट
⇒ x = (2 × 10) मिनट
⇒ x = 20 मिनट
अत: संपूर्ण राशि 20 मिनट है।

(e) माना संपूर्ण राशि x है, तो
x का 8% = 40 लीटर
⇒ \(\frac {8}{100}\) × x = 40 लीटर
⇒ x = \(\frac{40 \times 100}{8}\)
⇒ = 500 लीटर।
अतः सम्पूर्ण राशि 500 लीटर है।

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.2

प्रश्न 6.
दिए गए प्रतिशतों को साधारण व दशमलव भिन्नों में बदलो और अपने उत्तर को सरलतम रूप में लिखो
(a) 25%
(b) 150%
(c) 20%
(d) 5%
हल :
(a) 25% = \(\frac{25}{100}=\frac{1}{4}\) = 0.25
(b) 150% = \(\frac{150}{100}=\frac{3}{2}\) = 1:50
(c) 20% = \(\frac{20}{100}=\frac{1}{5}\) = 0.20
(d) 5% = \(\frac{5}{100}=\frac{1}{20}\) = 0.05

प्रश्न 7.
एक नगर में 30% महिलाएँ, 40% पुरुष तथा शेष बच्चे हैं। बच्चों का प्रतिशत कितना है ?
हल :
एक नगर में महिलाओं का प्रतिशत = 30%
पुरुषों का प्रतिशत = 40%
शेष बच्चों का प्रतिशत = (100 – 30 – 40)%
= (100 – 70)%
= 30%.

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.2

प्रश्न 8.
किसी क्षेत्र के 15,000 मतदाताओं में से 60% ने मतदान में भाग लिया। ज्ञात कीजिए कि कितने प्रतिशत ने मतदान में भाग नहीं लिया। क्या अब ज्ञात कर सकते हैं कि वास्तव में कितने मतदाताओं ने मतदान नहीं किया ?
हल :
∵ मतदान करने वाले मतदाताओं का प्रतिशत = 60%
∴ मतदान न करने वाले मतदाताओं का प्रतिशत = (100 – 60)% = 40%
कुल मतदाताओं की संख्या = 15000
ऐसे मतदाता जिन्होंने मतदान में भाग नहीं लिया = 40%
∴ 15000 का 40% = \(\frac {40}{100}\) × 15000
= 6000
अत: मतदान में भाग नहीं लेने वाले मतदाताओं की संख्या = 6000.

प्रश्न 9.
मीता अपने वेतन में से ₹400 रु बचाती है। यदि यह उसके वेतन का 10% है, तब उसका वेतन कितना है?
हल :
मीता का वेतन = ₹ a तो
a का 10% = ₹ 400
⇒ \(\frac {10}{100}\) × a = 400
⇒ \(\frac {1}{100}\) × a = 400
⇒ a= (10 × 400) = ₹ 4000
अतः मीता का वेतन = ₹ 4000। उत्तर

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 8 राशियों की तुलना Ex 8.2

प्रश्न 10.
एक स्थानीय क्रिकेट टीम ने एक सत्र (season) में 20 मैच खेले। इनमें से उस टीम ने 25% मैच जीते। जीते गए मैचों की संख्या कितनी थी?
हल :
100 मैचों में से 25% मैच जीते, तो
20 मैचों में से मैच जीते = \(\frac {25}{100}\) × 20 = \(\frac {1}{4}\) × 20 = 5. उत्तर

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.4

Haryana State Board HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.4 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.4

प्रश्न 1.
ΔABC की रचना कीजिए, जब m∠A = 60°, m∠B = 30° और AB = 5.8 सेमी दिया है।
हल :
रचना के पद :
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.4 1
1. एक रेखाखण्ड AB = 5.8 सेमी खींचते हैं।
2. बिन्दु A पर कोण ∠BAX = 60° का बनाया।
3. बिन्दु B पर कोण ∠ABY = 30° का बनाते हैं।
4. AX और BY आपस में बिन्दु C पर काटते हैं।
5. इस प्रकार अभीष्ट त्रिभुज ABC प्राप्त होगा।

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.4

प्रश्न 2.
ΔPQR की रचना कीजिए, यदि PQ = 5 सेमी, m∠PQR = 105° और m∠QRP = 40° दिया है।
हल :
यहाँ भुजा PQ = 5 सेमी
∠Q = 105°
∠R = 40°
∠P = ज्ञात करना है ?
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.4 2
हम जानते हैं
∠P + ∠Q + ∠R = 180°
⇒ ∠P + 105° + 40° = 180°
⇒ ∠P + 145° = 180°
⇒ ∠P = 180° – 145°= 350
PQ = 5 सेमी, ∠P = 35° और ∠Q = 105°
अब हम ΔPQR की रचना कर सकते हैं।

रचना के पद :
1. एक रेखाखण्ड PQ = 5 सेमी खींचा।
2. बिन्दु P पर 35° का कोण बनाते हुए PX रेखा खींची।
3. बिन्दु Q पर 105° का कोण बनाते हुए QY रेखा खींची।
4. PX और QY आपस में R बिन्दु पर काटती हैं।
इस प्रकार अभीष्ट त्रिभुज PQR प्राप्त हुआ।

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.4

प्रश्न 3.
जाँच कीजिए कि आप ΔDEF की रचना कर सकते हैं या नहीं, यदि EF= 7.2 सेमी, m∠E = 110° और m∠F = 80° हैं। अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए।
हल :
m∠E + m∠F = 110° + 80° = 190°
∵ दिए गए Δ में दो कोणों का योग 180° से अधिक है।
अत: ΔDEF बनाना सम्भव नहीं होगा, क्योंकि Δ के तीनों कोणों का योग 180° होता है।

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.3

Haryana State Board HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.3 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.3

प्रश्न 1.
ΔDEF की रचना कीजिए, ताकि DE = 5 सेमी, DF = 3 सेमी और m∠EDF = 90° हो।
हल :
रचना के पद :
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.3 1
1. एक रेखाखण्ड DE = 5 cm खींचते है।
2. बिन्दु D पर 90° का कोण बनाते हुए DX किरण खींची।
3. D को केन्द्र मानकर 3 cm त्रिज्या का चाप खींचा जो DX को F पर काटता है।
4. DF और EF को मिलाया।
इस प्रकार अभीष्ट त्रिभुज DEF प्राप्त होगा।

प्रश्न 2.
एक समद्विबाहु त्रिभुज की रचना कीजिए, जिसकी प्रत्येक समान भुजा की लंबाई 6.5 सेमी हो और उनके बीच का कोण 110° का हो।
हल :
रचना के पद :
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.3 2
1. BC रेखाखण्ड 6.5 सेमी खींचते हैं।
2. बिन्दु B पर ∠CBX = 110° का बनाया।
3. बिन्दु B को केन्द्र मानकर 6.5 सेमी की त्रिज्या का चाप खींचते है जो BX को A बिन्दु पर काटता है।
4. AC को मिलाया।
इस प्रकार अभीष्ट त्रिभुज ABC प्राप्त होगा।

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.3

प्रश्न 3.
BC = 7.5 सेमी और AC = 5 सेमी और m∠C = 60° वाले ΔABC की रचना कीजिए।
हल :
रचना के पद :
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.3 3
1. एक रेखाखण्ड BC = 7.5 सेमी खींचा।
2. बिन्दु C पर कोण ∠BCX = 60° का बनाया।
3. बिन्दु C को केन्द्र मानकर 5 सेमी त्रिज्या का चाप खींचा जो CX को A पर काटता है।
4. AB को मिलाया।
इस प्रकार अभीष्ट त्रिभुज ABC प्राप्त होगा।

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.2

Haryana State Board HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.2 Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.2

प्रश्न 1.
ΔXYZ की रचना कीजिए, जिसमें XY = 4.5 सेमी, YZ = 5 सेमी और ZX = 6 सेमी है।
हल :
रचना के पद :
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.2 1
1. एक रेखाखण्ड XY = 4.5 सेमी खींचते हैं।
2. बिन्दु X को केन्द्र मानक़र 6 सेमी त्रिज्या का चाप खींचते हैं।
3. बिन्दु Y को केन्द्र मानकर 5 सेमी त्रिज्या का चाप खींचते हैं जो पहले वाले चाप को Z बिन्दु पर काटता है।
4. XZ और YZ को मिलाया।
इस प्रकार अभीष्ट त्रिभुज XYZ प्राप्त हुआ।

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.2

प्रश्न 2.
5.5 सेमी भुजा वाले एक समबाहु त्रिभुज की रचना कीजिए।
हल :
रचना के पद :
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.2 2
1. AB रेखाखण्ड 5.5 सेमी खींचते हैं।
2. बिन्दु A को केन्द्र मानकर 5.5 त्रिज्या का चाप खींचते हैं।
3. बिन्दु B को केन्द्र मानकर 5.5 सेमी त्रिज्या की चाप खींचते है जो पहले वाले चाप को C बिन्दु पर काटता है।
4. AC और BC को मिलाया।
इस प्रकार अभीष्ट समबाहु त्रिभुज ABC प्राप्त हुआ।

प्रश्न 3.
ΔPQR की रचना कीजिए, जिसमें PQ = 4 सेमी, QR = 3.5 सेमी और PR = 4 सेमी है। यह किस प्रकार का त्रिभुज है ?
हल :
रचना के पद :
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.2 3
1. एक रेखाखण्ड PQ = 4 सेमी खींचते हैं।
2. बिन्दु P को केन्द्र मानकर 4 सेमी त्रिज्या का चाप लगाया।
3. बिन्दु Q को केन्द्र मानकर 3.5 सेमी त्रिज्या का चाप लगाया जो पहले वाले चाप को R बिन्दु पर काटता है।
4. PR और QR को मिलाया।
इस प्रकार अभीष्ट त्रिभुज PQR प्राप्त हुआ।

HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.2

प्रश्न 4.
ABC की रचना कीजिए, ताकि AB = 2.5 सेमी, BC = 6 सेमी और AC = 6.5 सेमी हो। ∠B को मापिए।
हल :
रचना के पद :
HBSE 7th Class Maths Solutions Chapter 10 प्रायोगिक ज्यामिती Ex 10.2 4
1. BC रेखाखण्ड 6 सेमी खींचा।
2. बिन्दु B से परकार की सहायता से 2.5 सेमी त्रिज्या का चाप लगाया।
3. बिन्दु C से परकार की सहायता से 6.5 सेमी त्रिज्या का चाप लगाया जो पहले वाले चाप को A बिन्दु पर काटता है।
4. AB और AC को मिलाया।
इस प्रकार अभीष्ट त्रिभुज ABC प्राप्त हुआ। मापने पर ∠B = 90° प्राप्त होता है।