Author name: Bhagya

HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 14 सांख्यिकी

Haryana State Board HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 14 सांख्यिकी Notes.

Haryana Board 9th Class Maths Notes Chapter 14 सांख्यिकी

→ आंकड़े एक निश्चित उद्देश्य से एकत्रित किए गए तथ्यों या अंकों को आंकड़े कहा जाता है।

→ सांख्यिकी : सांख्यिकी अध्ययन का वह क्षेत्र है जिसमें आंकड़ों के प्रति प्रस्तुतिकरण, विश्लेषण तथा निर्वचन पर विचार किया जाता है।

→ सांख्यिकी आंकड़ों का निरूपण सांख्यिकी आंकड़ों को निरूपित करने के लिए निम्नलिखित प्रकार के आलेखों या आरेखों का उपयोग किया जाता है-

  • आयत-चित्र,
  • बारंबारता बहुभुज,
  • बारंबारता वक्र,
  • दंड आरेख,
  • चित्रालेख,
  • पाइ चार्ट या वृत्तीय आरेख ।

→ अवर्गीकृत आंकड़ों का माध्य (समांतर माध्य) : सांख्यिकी आंकड़ों का आदर्श मापक ‘माध्य’ होता है क्योंकि माध्य अथवा औसत ज्ञात करने के लिए सभी आंकड़ों को निरूपित किया जाता है। इसे द्वारा प्रकट किया जाता है तथा प्राप्त आंकड़ों का माध्य सभी प्रेक्षणों के योग को प्रेक्षणों की संख्या से भाग देकर ज्ञात किया जाता है। यदि n प्रेक्षण x1, x2, x3,…… xn हो तो
माध्य (\(\bar{x}\)) = \(\frac{x_1+x_2+x_3+\ldots \ldots \ldots+x_n}{n}=\frac{1}{n} \sum_{i=1}^n x_i\)

HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 14 सांख्यिकी

→ अवर्गीकृत आंकड़ों के माध्य का परिकलन : इसकी निम्नलिखित दो विधियां हैं-
(a) प्रत्यक्ष विधि : यदि चर x के x1, x2, x3, ……….. xn अलग-अलग मान हों तथा इनकी संगत बारंबारता f1, f2, f3, ………fn हो तो
माध्य (\(\bar{x}\)) = \(=\frac{f_1 x_1+f_2 x_2+f_3 x_3+\ldots \ldots \ldots}{f_1+f_2+f_3+\ldots \ldots \ldots}=\frac{\sum_{i=1}^n f_i x_i}{\sum_{i=1}^n f_i}\)

(b) कल्पित माध्य विधि : यदि बारंबारताएं अधिक हों तो गणना कठिन हो जाती है, और तब इस विधि का प्रयोग करते हैं। इस विधि में हम एक स्वेच्छ अचर मान ‘a’ को लेते हैं । (ध्यान रहे कि ‘a’ का मान x का वह मान लेना चाहिए, जो बंटन के मध्य भाग में हो।) ‘a’ के मान को x में से घटाते जाते हैं। घटाने पर प्राप्त मान (x – a) को विचलन मान ‘d’ कहते हैं अर्थात di = xi – a
तो माध्य \(\bar{x}\) = a + \(\bar{d}\), जहां \(\bar{d}=\frac{\sum f_i d_i}{\sum f_i}\)
कभी-कभी प्राप्त विचलनों di को एक अचर h से भाग देते हैं तथा मान ui प्राप्त होता है।

→ माध्यक : सबसे मध्य वाले प्रेक्षण का मान माध्यक कहलाता है। यदि n विषम संख्या है, तो माध्यक = \(\left(\frac{n+1}{2}\right)\) वें प्रेक्षण का मान यदि ” सम संख्या है, तो माध्यक = \(\left(\frac{n}{2}\right)\) वें और \(\left(\frac{n}{2}+1\right)\) वें प्रेक्षणों के मानों का माध्य।

→ बहुलक सबसे अधिक बार आने वाले प्रेक्षण का मान बहुलक कहलाता है।

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HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन

Haryana State Board HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन Notes.

Haryana Board 9th Class Maths Notes Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन

यदि लंबाई = l, चौड़ाई = b, ऊंचाई = h, त्रिज्या = r, भुजा = a, तिर्यक ऊंचाई = l से लिखे जाएं तो-

→ घनाभ का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2 (lb + bh + hl)

→ घन का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 6a2 [अर्थात् 6 (भुजा)2]

→ बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πrh

→ बेलन का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πr(r + h)

→ शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = πrl

→ शंकु का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = πr(l + r)

→ गोले का पृष्ठीय क्षेत्रफल = 4πr2

→ अर्धगोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πr2

→ अर्धगोले का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = 3πr2

HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 13 पृष्ठीय क्षेत्रफल एवं आयतन

→ कमरे के फर्श या छत का क्षेत्रफल = b

→ कमरे की चार दीवारों का क्षेत्रफल = 2(l + b) × h

→ आयत का परिमाप = 2 (l + b)

→ घनाभ का आयतन = l × b × h

→ घन का आयतन = a3 अर्थात् [(भुजा)3]

→ बेलन का आयतन = πr2h

→ शंकु का आयतन = \(\frac{1}{3}\)πr2h

→ गोले का आयतन = \(\frac{4}{3}\)πr3

→ अर्धगोले का आयतन = \(\frac{2}{3}\)πr3

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HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 12 हीरोन सूत्र

Haryana State Board HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 12 हीरोन सूत्र Notes.

Haryana Board 9th Class Maths Notes Chapter 12 हीरोन सूत्र

→ त्रिभुज का क्षेत्रफल = \(\frac{1}{2}\) × आधार × ऊँचाई

→ त्रिभुज का क्षेत्रफल निकालने का हीरोन का सूत्र = \(\sqrt{s(s-a)(s-b)(s-c)}\)
जहाँ s = त्रिभुज का अर्धपरिमाप = \(\frac{a+b+c}{2}\) तथा a, b, c, त्रिभुज की भुजाएँ हैं।

HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 12 हीरोन सूत्र 1

HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 12 हीरोन सूत्र 2

→ वर्ग का क्षेत्रफल = भुजा × भुजा

→ आयत का क्षेत्रफल = लंबाई × चौड़ाई

→ 1 हेक्टेयर = 10,000m2

HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 12 हीरोन सूत्र

→ एक चतुर्भुज जिसकी भुजाएँ तथा एक विकर्ण दिए हों तो उसका क्षेत्रफल उसे दो त्रिभुजों में विभाजित करके और फिर हीरोन के सूत्र का प्रयोग करके ज्ञात किया जा सकता है।

→ किसी समकोण त्रिभुज में- (कर्ण)2 = (आधार)2 + (लंब)2

→ समांतर चतुर्भुज का क्षेत्रफल- आधार × ऊँचाई

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HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 11 रचनाएँ

Haryana State Board HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 11 रचनाएँ Notes.

Haryana Board 9th Class Maths Notes Chapter 11 रचनाएँ

→ अंशाकित पटरी (Ruler)- जिसके एक ओर सेंटीमीटर तथा मिलीमीटर चिह्नित होते हैं तथा दूसरी ओर इंच और उसके भाग चिह्नित होते हैं ।

→ सेट-स्क्वायर- सेट-स्क्वायर का एक युग्म जिसमें एक के कोण 90°, 60° तथा 30° तथा दूसरे के कोण 90°, 45° तथा 45° होते हैं।

→ डिवाइडर- डिवाइडर जिसकी दोनों भुजाओं में दो नुकीले सिरे होते हैं। इसकी भुजाओं को समायोजित किया जा सकता है।

→ परकार- परकार, जिसमें पेंसिल लगाने का विधान होता है, जिससे कोण बनाए जाते हैं ।

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HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 10 वृत्त

Haryana State Board HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 10 वृत्त Notes.

Haryana Board 9th Class Maths Notes Chapter 10 वृत्त

→ वृत्त वृत्त किसी तल के उन सभी बिंदुओं का समूह होता है, जो तल के एक स्थिर बिंदु से समान दूरी पर हों।

→ एक वृत्त की (या सर्वांगसम वृत्तों की) बराबर जीवाएं केंद्र (या संगत केंद्रों) पर बराबर कोण बनाती हैं।

→ यदि किसी वृत्त की (या सर्वांगसम वृत्तों की) दो जीवाएं केंद्र पर (या संगत केंद्रों पर) बराबर कोण बनाएं, तो जीवाएं बराबर होती हैं।

→ किसी वृत्त के केंद्र से किसी जीवा पर डाला गया लंब उसे समद्विभाजित करता है।

→ केंद्र से होकर जाने वाली और किसी जीवा को समद्विभाजित करने वाली रेखा जीवा पर लंब होती है।

→ चाप : वृत्त की परिधि के किसी भाग को चाप कहते हैं।

→ तीन असरेखीय बिंदुओं से होकर जाने वाला एक ओर केवल एक वृत्त होता है।

→ एक वृत्त की बराबर जीवाएं केंद्र से समान दूरी पर होती हैं।

→ एक वृत्त के केंद्र से समान दूरी पर स्थित जीवाएं बराबर होती हैं।

→ यदि किसी वृत्त के दो चाप सर्वांगसम हों, तो उनकी संगत जीवाएं बराबर होती हैं।

→ यदि किसी वृत्त की दो जीवाएं बराबर हों, तो उनके संगत चाप (लघु, दीर्घ) सर्वांगसम होते हैं।

HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 10 वृत्त

→ किसी वृत्त की सर्वांगसम चाप केंद्र पर बराबर कोण बनाती हैं।

→ किसी चाप द्वारा केंद्र पर अंतरित कोण उसके द्वारा वृत्त के शेष भाग के किसी बिंदु पर अंतरित कोण का दोगुना होता है।

→ एक वृत्तखंड में बने कोण बराबर होते हैं।

→ अर्द्धवृत्त का कोण समकोण होता है।

→ यदि दो बिंदुओं को मिलाने वाला रेखाखंड उसको अंतर्विष्ट करने वाली रेखा के एक ही ओर स्थित दो अन्य बिंदुओं पर समान कोण अंतरित करे, तो चारों बिंदु एक वृत्त पर स्थित होते हैं।

→ चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोणों के प्रत्येक युग्म का योग 180° होता है।

→ यदि किसी चतुर्भुज के सम्मुख कोणों के किसी एक युग्म का योग 180° हो, तो वह चक्रीय चतुर्भुज होता है।

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HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल

Haryana State Board HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Notes.

Haryana Board 9th Class Maths Notes Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल

→ एक आकृति का क्षेत्रफल उस आकृति द्वारा घेरे गए तल के भाग से संबद्ध ( किसी मात्रक में) एक संख्या होती है।

→ दो सर्वांगसम आकृतियों के क्षेत्रफल बराबर होते हैं, परन्तु इसका विलोम आवश्यक रूप से सत्य नहीं है।

→ समांतर चतुर्भुज का क्षेत्रफल = आधार × संगत शीर्षलंब

→ दो आकृतियां एक ही आधार और एक ही समांतर रेखाओं के बीच स्थित कही जाती हैं, यदि उनमें एक उभयनिष्ठ आधार (एक भुजा) हो तथा उभयनिष्ठ आधार के सम्मुख प्रत्येक आकृति के शीर्ष (का शीर्ष) उस आधार के समांतर किसी रेखा पर स्थित हों।

→ एक ही आधार वाले और एक ही समांतर रेखाओं के बीच स्थित समांतर चतुर्भुज क्षेत्रफल में बराबर होते हैं।

→ एक ही आधार वाले और बराबर क्षेत्रफलों वाले समांतर चतुर्भुज एक ही समांतर रेखाओं के बीच स्थित होते हैं।

→ यदि एक त्रिभुज और एक समांतर चतुर्भुज एक ही आधार और एक ही समांतर रेखाओं के बीच स्थित हों, तो त्रिभुज का क्षेत्रफल समांतर चतुर्भुज के क्षेत्रफल का आधा होता है।

HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल

→ एक ही आधार (या बराबर आधारों) वाले और एक ही समांतर रेखाओं के बीच स्थित त्रिभुज क्षेत्रफल में बराबर होते हैं।

→ त्रिभुज का क्षेत्रफल उसके आधार और संगत शीर्षलंब के गुणनफल का आधा होता है।

→ एक ही आधार वाले और बराबर क्षेत्रफलों वाले त्रिभुज एक ही समांतर रेखाओं के बीच स्थित होते हैं।

→ त्रिभुज की एक माध्यिका उसे बराबर क्षेत्रफलों वाले दो त्रिभुजों में विभाजित करती है।
अर्थात ar (ΔABD) = ar (ΔACD)
HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल 1

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HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 8 चतुर्भुज

Haryana State Board HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 8 चतुर्भुज Notes.

Haryana Board 9th Class Maths Notes Chapter 8 चतुर्भुज

→ चार रेखाखंडों से बनी बंद आकृति को चतुर्भुज कहते हैं। एक चतुर्भुज की चार भुजाएं, चार कोण व चार शीर्ष होते हैं।

→ चतुर्भुज के कोणों का योग 360° होता है।

→ प्रत्येक समांतर चतुर्भुज का एक विकर्ण उसे दो सर्वागसम त्रिभुजों में विभाजित करता है।

→ किसी समांतर चतुर्भुज में,

  • सम्मुख भुजाएं बराबर होती हैं।
  • सम्मुख कोण बराबर होते हैं।
  • विकर्ण परस्पर समद्विभाजित करते हैं।

→ एक चतुर्भुज समांतर चतुर्भुज होता है, यदि-

  • सम्मुख भुजाएं बराबर हों।
  • सम्मुख कोण बराबर हों।
  • विकर्ण परस्पर समद्विभाजित करते हों ।
  • सम्मुख भुजाओं का एक युग्म बराबर और समांतर हो ।

HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 8 चतुर्भुज

→ यदि चतुर्भुज ABCD की सम्मुख भुजाओं AB और CD का एक युग्म समांतर हो तो उसे समलंब कहते हैं।
HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 8 चतुर्भुज 1

→ आयत के विकर्ण परस्पर समद्विभाजित करते हैं और बराबर होते हैं। आयत का प्रत्येक कोण 90° का होता है।

→ समचतुर्भुज के विकर्ण परस्पर समकोण पर समद्विभाजित करते हैं। इसकी सभी भुजाएं समान होती हैं।

→ वर्ग के विकर्ण परस्पर समकोण पर समद्विभाजित करते हैं और बराबर होते हैं। वर्ग का प्रत्येक कोण 90° का होता है तथा सभी भुजाएं समान होती हैं।

→ किसी त्रिभुज की किन्हीं दो भुजाओं के मध्य-बिंदुओं को मिलाने वाला रेखाखंड तीसरी भुजा के समांतर और उसका आधा होता है।

→ किसी त्रिभुज की एक भुजा के मध्य-बिंदु से दूसरी भुजा के समांतर खींची गई रेखा तीसरी भुजा को समद्विभाजित करती है।

→ किसी चतुर्भुज की भुजाओं के मध्य-बिंदुओं को एक क्रम से मिलाने वाले रेखाखंडों द्वारा बना चतुर्भुज एक समांतर चतुर्भुज होता है।

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HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 7 त्रिभुज

Haryana State Board HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 7 त्रिभुज Notes.

Haryana Board 9th Class Maths Notes Chapter 7 त्रिभुज

→ त्रिभुज- तीन प्रतिच्छेदी रेखाओं द्वारा बनाई गई बंद आकृति को त्रिभुज कहते हैं। इसकी तीन भुजाएँ व तीन कोण होते हैं।

→ सर्वांगसम- दो आकृतियाँ सर्वांगसम कहलाती हैं, यदि उनका एक ही आकार व एक ही माप हो।

→ भुजा-कोण-भुजा सर्वांगसमता- दो त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं, यदि एक त्रिभुज की दो भुजाएँ और उनका अंतर्गत कोण दूसरे त्रिभुज की दो भुजाओं और उनके अंतर्गत कोण के बराबर हों।

→ कोण-भुजा-कोण सर्वांगसमता- दो त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं, यदि एक त्रिभुज के दो कोण और उनकी अंतर्गत भुजा दूसरे त्रिभुज के दो कोणों और उनकी अंतर्गत भुजा के बराबर हों।

→ एक त्रिभुज जिसकी दो भुजाएँ बराबर हों, उसे समद्विबाहु त्रिभुज कहते हैं।

→ एक समद्विबाहु त्रिभुज की बराबर भुजाओं के सम्मुख कोण बराबर होते हैं।

→ किसी त्रिभुज के बराबर कोणों की सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं।

→ भुजा-भुजा-भुजा सर्वांगसमता- यदि एक त्रिभुज की तीनों भुजाएँ एक अन्य त्रिभुज की तीनों भुजाओं के बराबर हों, तो दोनों त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं।

HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 7 त्रिभुज

→ समकोण-कर्ण-भुजा सर्वांगसमता- यदि दो समकोण त्रिभुजों में, एक त्रिभुज का कर्ण और एक भुजा क्रमशः दूसरे त्रिभुज के कर्ण और एक भुजा के बराबर हों, तो दोनों त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं।

→ यदि किसी त्रिभुज की दो भुजाएँ असमान हों, तो बड़ी भुजा के सामने का सम्मुख कोण बड़ा होता है।

→ किसी त्रिभुज में बड़े कोण की सम्मुख भुजा बड़ी होती है।

→ त्रिभुज की किन्हीं दो भुजाओं का योग सदा तीसरी भुजा से बड़ा होता है।

→ किसी समबाहु त्रिभुज का प्रत्येक कोण 60° का होता है।

→ समान त्रिज्याओं वाले दो वृत्त सर्वांगसम होते हैं।

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HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 6 रेखाएँ और कोण

Haryana State Board HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 6 रेखाएँ और कोण Notes.

Haryana Board 9th Class Maths Notes Chapter 6 रेखाएँ और कोण

→ रेखाखंड- एक रेखा का वह भाग जिसके दो अंत बिंदु हों, उसे एक रेखाखंड कहते हैं।

→ किरण- रेखा का वह भाग जिसका एक अंत बिंदु हो, उसे एक किरण कहते हैं ।

→ सरेख बिंदु- यदि तीन या अधिक बिंदु एक ही रेखा पर स्थित हों तो उन्हें संरेख बिंदु (Collinear Points) कहते हैं।

→ असरेख बिंदु- यदि तीन या अधिक बिंदु एक ही रेखा पर स्थित न हों तो उन्हें असरेख बिंदु (Non-Collinear Points) कहते हैं।

→ कोण- जब दो किरणें एक ही अंत बिंदु से प्रारंभ होती हों तो एक कोण बनता है। कोण को बनाने वाली दोनों किरणें कोण की भुजाएँ कहलाती हैं तथा वह उभयनिष्ठ अंत बिंदु कोण का शीर्ष कहलाता है।

→ न्यून कोण- 0° से 90° के बीच के कोण को न्यून कोण कहा जाता है।

→ समकोण- 90° के कोण को समकोण कहा जाता है।

→ अधिक कोण- 90° से 180° के बीच के कोण को अधिक कोण कहा जाता है।

→ ऋजु कोण- 180° के कोण को ऋजु कोण या सरल कोण कहा जाता है।

HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 6 रेखाएँ और कोण

→ प्रतिवर्ती कोण- 180° से अधिक परंतु 360° से कम माप के कोण को प्रतिवर्ती कोण कहा जाता है।

→ पूरक कोण यदि दो कोणों का योग एक समकोण के बराबर हो तो ऐसे कोण पूरक कोण कहलाते हैं ।

→ संपूरक कोण यदि दो कोणों का योग 180° हो तो ऐसे कोण संपूरक कोण कहलाते हैं।

→ आसन्न कोण- ऐसे दो कोण जिनमें एक उभयनिष्ठ शीर्ष हो, एक उभयनिष्ठ भुजा हो, अन्य दो भुजाएँ उभयनिष्ठ भुजा के विपरीत दिशा में हों, उन्हें आसन्न कोण कहते हैं; जैसे आकृति में ∠ABD और ∠DBC आसन्न कोण हैं।
HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 6 रेखाएँ और कोण 1
आकृति

→ रैखिक युग्म- यदि दो आसन्न कोणों का योग 180° हो तो उन्हें रैखिक युग्म कहा जाता है; जैसे ∠ABD और ∠DBC रैखिक युग्म हैं।
HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 6 रेखाएँ और कोण 2
आकृति

→ शीर्षाभिमुख कोण- दो सरल रेखाओं के परस्पर काटने से आमने-सामने बने कोण शीर्षाभिमुख कोण कहलाते हैं तथा ये समान होते हैं; जैसे ∠AOD और ∠COB शीर्षाभिमुख कोण हैं।
HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 6 रेखाएँ और कोण 3
आकृति

→ यदि दो आसन्न कोणों का योग 180° हो तो उनकी उभयनिष्ठ भुजाएँ एक रेखा बनाती हैं।

HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 6 रेखाएँ और कोण

→ महत्त्वपूर्ण प्रमेय-

  • यदि दो रेखाएँ परस्पर प्रतिच्छेद करती हों तो शीर्षाभिमुख कोण बराबर होते हैं।
  • यदि एक तिर्यक रेखा दो समांतर रेखाओं को प्रतिच्छेद करे, तो एकांतर अंतः कोणों का प्रत्येक युग्म बराबर होता है।
  • यदि एक तिर्यक रेखा दो रेखाओं को इस प्रकार प्रतिच्छेद करे कि एकांतर अंतः कोणों का एक युग्म बराबर है, तो दोनों रेखाएँ परस्पर समांतर होती हैं।
  • यदि एक तिर्यक रेखा दो समांतर रेखाओं को प्रतिच्छेद करे, तो तिर्यक रेखा के एक ही ओर के अंतः कोणों का प्रत्येक युग्म संपूरक होता है।
  • यदि एक तिर्यक रेखा दो रेखाओं को इस प्रकार प्रतिच्छेद करे कि तिर्यक रेखा के एक ही ओर के अंतः कोणों का एक युग्म संपूरक है, तो दोनों रेखाएँ परस्पर समांतर होती हैं।
  • वे रेखाएँ जो एक ही रेखा के समांतर हों, परस्पर समांतर होती हैं।
  • किसी त्रिभुज के कोणों का योग 180° होता है।
  • यदि एक त्रिभुज की एक भुजा बढ़ाई जाए तो इस प्रकार बना बहिष्कोण दोनों अंतः अभिमुख (विपरीत) कोणों के योग के बराबर होता है।

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HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय

Haryana State Board HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय Notes.

Haryana Board 9th Class Maths Notes Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय

→ बिंदु – एक बिंदु (Point) वह है, जिसका कोई भाग नहीं होता।

→ एक रेखा (Line) चौड़ाई रहित लंबाई होती है।

→ एक रेखा के सिरे बिंदु होते हैं ।

→ एक सीधी रेखा ऐसी रेखा है, जो स्वयं पर बिंदुओं के साथ सपाट रूप से स्थित होती है।

→ एक पृष्ठ (Surface) ऐसा पृष्ठ है, जो स्वयं पर सीधी रेखाओं के साथ सपाट रूप से स्थित होता है।

→ पृष्ठ के किनारे (Edges) रेखाएँ होती हैं।

→ एक समतल पृष्ठ (Plane surface) ऐसा पृष्ठ है, जो स्वयं पर सीधी रेखाओं के साथ सपाट रूप से स्थित होता है।

→ यूक्लिड के कुछ अभिगृहीत हैं-

  • वे वस्तुएँ जो एक ही वस्तु के बराबर हों, एक-दूसरे के बराबर होती हैं।
  • यदि बराबरों को बराबरों में जोड़ा जाए, तो पूर्ण भी बराबर होते हैं।
  • यदि बराबरों को बराबरों में से घटाया जाए, तो शेषफल भी बराबर होते हैं।
  • वे वस्तुएँ जो परस्पर संपाती हों एक-दूसरे के बराबर होती हैं।
  • पूर्ण अपने भाग से बड़ा होता है।
  • एक ही वस्तुओं के दुगुने परस्पर बराबर होते हैं।
  • एक ही वस्तुओं के आधे परस्पर बराबर होते हैं।

HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 5 युक्लिड के ज्यामिति का परिचय

→ यूक्लिड की अभिधारणाएँ निम्नलिखित थीं-

  • एक बिंदु से एक अन्य बिंदु तक एक सीधी रेखा खींची जा सकती है।
  • एक सांत रेखा को अनिश्चित रूप से बढ़ाया जा सकता है।
  • किसी बिंदु को केंद्र मानकर और किसी त्रिज्या से एक वृत्त खींचा जा सकता है।
  • सभी समकोण एक-दूसरे के बराबर होते हैं।
  • यदि एक सीधी रेखा दो सीधी रेखाओं पर गिरकर अपने एक ही ओर दो अंतः कोण इस प्रकार बनाए कि इन दोनों कोणों का योग मिलकर दो समकोणों से कम हो, तो वे दोनों सीधी रेखाएँ अनिश्चित रूप से बढ़ाए जाने पर उसी ओर मिलती हैं, जिस ओर यह योग दो समकोणों से कम होता है।

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HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण

Haryana State Board HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण Notes.

Haryana Board 9th Class Maths Notes Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण

→ वह समीकरण जो ax + by + c = 0 के रूप में व्यक्त की जा सकती हो, जहां, a, b और c वास्तविक संख्याएं हैं। a व b दोनों शून्य नहीं हैं, उसे दो चरों वाला रैखिक समीकरण कहा जाता है।

→ दो चरों वाले रैखिक समीकरण के अपरिमित रूप से अनेक हल होते हैं।

→ दो चरों वाले प्रत्येक रैखिक समीकरण का आलेख एक सरल रेखा होता है।

→ एक समीकरण को हल करते समय निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना होता है। एक रैखिक समीकरण पर तब कोई प्रभाव नहीं पड़ता जबकि :

  • समीकरण के दोनों पक्षों में समान संख्या जोड़ी या घटाई जाती है।
  • समीकरण के दोनों पक्षों को समान शून्येतर संख्या से गुणा या भाग किया जाता है।

HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 4 दो चरों वाले रैखिक समीकरण

→ x = 0, y-अक्ष का और y = 0, x-अक्ष का समीकरण है।

→ x = a का आलेख y-अक्ष के समांतर एक सरल रेखा होता है।

→ y = a का आलेख x-अक्ष के समांतर एक सरल रेखा होता है।

→ y = mx के प्रकार का समीकरण मूल बिंदु से होकर जाने वाली एक रेखा को निरूपित करता है ।

→ दो चरों वाले रैखिक समीकरण के आलेख पर स्थित प्रत्येक बिंदु रैखिक समीकरण का एक हल होता है। विलोमतः रैखिक समीकरण का प्रत्येक हल रैखिक समीकरण के आलेख पर स्थित एक बिंदु होता है।

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