Haryana State Board HBSE 9th Class Maths Notes Chapter 14 सांख्यिकी Notes.
Haryana Board 9th Class Maths Notes Chapter 14 सांख्यिकी
→ आंकड़े एक निश्चित उद्देश्य से एकत्रित किए गए तथ्यों या अंकों को आंकड़े कहा जाता है।
→ सांख्यिकी : सांख्यिकी अध्ययन का वह क्षेत्र है जिसमें आंकड़ों के प्रति प्रस्तुतिकरण, विश्लेषण तथा निर्वचन पर विचार किया जाता है।
→ सांख्यिकी आंकड़ों का निरूपण सांख्यिकी आंकड़ों को निरूपित करने के लिए निम्नलिखित प्रकार के आलेखों या आरेखों का उपयोग किया जाता है-
- आयत-चित्र,
- बारंबारता बहुभुज,
- बारंबारता वक्र,
- दंड आरेख,
- चित्रालेख,
- पाइ चार्ट या वृत्तीय आरेख ।
→ अवर्गीकृत आंकड़ों का माध्य (समांतर माध्य) : सांख्यिकी आंकड़ों का आदर्श मापक ‘माध्य’ होता है क्योंकि माध्य अथवा औसत ज्ञात करने के लिए सभी आंकड़ों को निरूपित किया जाता है। इसे द्वारा प्रकट किया जाता है तथा प्राप्त आंकड़ों का माध्य सभी प्रेक्षणों के योग को प्रेक्षणों की संख्या से भाग देकर ज्ञात किया जाता है। यदि n प्रेक्षण x1, x2, x3,…… xn हो तो
माध्य (\(\bar{x}\)) = \(\frac{x_1+x_2+x_3+\ldots \ldots \ldots+x_n}{n}=\frac{1}{n} \sum_{i=1}^n x_i\)
→ अवर्गीकृत आंकड़ों के माध्य का परिकलन : इसकी निम्नलिखित दो विधियां हैं-
(a) प्रत्यक्ष विधि : यदि चर x के x1, x2, x3, ……….. xn अलग-अलग मान हों तथा इनकी संगत बारंबारता f1, f2, f3, ………fn हो तो
माध्य (\(\bar{x}\)) = \(=\frac{f_1 x_1+f_2 x_2+f_3 x_3+\ldots \ldots \ldots}{f_1+f_2+f_3+\ldots \ldots \ldots}=\frac{\sum_{i=1}^n f_i x_i}{\sum_{i=1}^n f_i}\)
(b) कल्पित माध्य विधि : यदि बारंबारताएं अधिक हों तो गणना कठिन हो जाती है, और तब इस विधि का प्रयोग करते हैं। इस विधि में हम एक स्वेच्छ अचर मान ‘a’ को लेते हैं । (ध्यान रहे कि ‘a’ का मान x का वह मान लेना चाहिए, जो बंटन के मध्य भाग में हो।) ‘a’ के मान को x में से घटाते जाते हैं। घटाने पर प्राप्त मान (x – a) को विचलन मान ‘d’ कहते हैं अर्थात di = xi – a
तो माध्य \(\bar{x}\) = a + \(\bar{d}\), जहां \(\bar{d}=\frac{\sum f_i d_i}{\sum f_i}\)
कभी-कभी प्राप्त विचलनों di को एक अचर h से भाग देते हैं तथा मान ui प्राप्त होता है।
→ माध्यक : सबसे मध्य वाले प्रेक्षण का मान माध्यक कहलाता है। यदि n विषम संख्या है, तो माध्यक = \(\left(\frac{n+1}{2}\right)\) वें प्रेक्षण का मान यदि ” सम संख्या है, तो माध्यक = \(\left(\frac{n}{2}\right)\) वें और \(\left(\frac{n}{2}+1\right)\) वें प्रेक्षणों के मानों का माध्य।
→ बहुलक सबसे अधिक बार आने वाले प्रेक्षण का मान बहुलक कहलाता है।