Author name: Bhagya

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता

Haryana State Board HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. तत्त्वों का प्रथम आवर्ती वर्गीकरण किसने प्रस्तुत किया था?
(1) डॉबेराइनर
(2) जे. ए. आर. न्यूलैण्ड
(3) डी. आई. मेण्डलीव
(4) लोथर मेयर।
उत्तर:
(3) डी. आई. मेण्डलीव

2. निम्न ऑक्साइडों में उभयधर्मी ऑक्साइड कौन-सा है?
(1) MgO
(2) Al2O3
(3) P2O5
(4) SiO2.
उत्तर:
(2) Al2O3

3. परमाणु क्रमांक 21 के तत्त्व का आवर्त सारणी में क्या स्थान है?
(1) आवर्त – 3, वर्ग II
(2) आवर्त – 4, वर्ग II
(3) आवर्त – 4, वर्ग III
(4) आवर्त – 3, वर्ग III.
उत्तर:
(3) आवर्त – 4, वर्ग III

4. दीर्घाकार आवर्त सारणी तत्त्वों के किस लक्षण पर आधारित है?
(1) संयोजकता
(2) परमाणु द्रव्यमान
(3) परमाणु आकार
(4) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
उत्तर:
(4) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास

5. निम्न में से कौन-सा युग्म आवर्त सारणी एक ही आवर्त में है?
(1) Na, Ca
(2) Na, Cl
(3) Ca, Cl
(4) Hg, Sb.
उत्तर:
(2) Na, Cl

6. कैलिफोर्नियम तत्त्व निम्न परिवार का सदस्य है-
(1) ऐक्टिनॉइड श्रेणी
(2) क्षारीय धातु समूह
(3) क्षारीय मृदा समूह
(4) लैन्थेनॉइड श्रेणी।
उत्तर:
(1) ऐक्टिनॉइड श्रेणी

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता

7. आवर्त सारणी को बनाने वाला मेण्डलीव था-
(1) फ्रेंच रसायनशास्त्री
(2) जर्मन रसायनशास्त्री
(3) डच रसायनशास्त्री
(4) रूसी रसायनशास्त्री।
उत्तर:
(4) रूसी रसायनशास्त्री।

8. आवर्त तालिका में निम्न में से किस तत्त्व की विद्युत ऋणात्मकता अधिकतम है?
(1) नाइट्रोजन
(2) ऑक्सीजन
(3) क्लोरीन
(4) फ्लुओरीन।
उत्तर:
(4) फ्लुओरीन।

9. Fe2+ (Fe की परमाणु संख्या = 26) में d- इलेक्ट्रॉनों की संख्या बराबर नहीं है
(1) Ne (प. सं. = 10) में p- इलेक्ट्रॉनों की
(2) Mg (प. सं. = 10) में p- इलेक्ट्रॉनों की
(3) Fe में d – इलेक्ट्रॉनों की
(4) Cl (Cl की प. सं. = 17) में p- इलेक्ट्रॉनों की।
उत्तर:
(4) Cl (Cl की प. सं. = 17) में p- इलेक्ट्रॉनों की।

10. सबसे हल्की धातु है-
(1) Li
(2) Mg
(3) Ca
(4) Na
उत्तर:
(1) Li

11. 3d – संक्रमण श्रेणी के तत्त्वों का परमाणु क्रमांक है-
(1) 22 से 30
(2) 21 से 30
(3) 21 से 31
(4) 21 से 291
उत्तर:
(2) 21 से 30

12. निम्न में से कौन अधिकतम अधात्विक गुण प्रदर्शित करेगा-
(1) Be
(2) B
(3) Mg
(4) Al
उत्तर:
(2) B

13. समइलेक्ट्रॉनिक सदस्यों की त्रिज्या-
(1) नाभिकीय आवेशों के बढ़ने के साथ बढ़ती है
(2) नाभिकीय आवेशों के बढ़ने के साथ घटती है
(3) पहले बढ़ती है और फिर घटती है
(4) सभी के लिए समान होती है।
उत्तर:
(2) नाभिकीय आवेशों के बढ़ने के साथ घटती है

14. निम्नलिखित ऑक्साइडों में से कौन-सा सर्वाधिक क्षारीय है?
(1) Na2O
(2) SiO2
(3) SO2
(4) Al2O3
उत्तर:
(1) Na2O

15. निम्न में कौन-सा तत्त्व अत्यधिक विद्युत धनात्मक है?
(1) Al
(2) Mg
(3) P
(4) S
उत्तर:
(2) Mg

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता

16. Vth आवर्त में उपस्थित तत्त्वों की संख्या है—
(1) 18
(2) 32
(3) 8
(4) 24
उत्तर:
(1) 18

17. IIB के तत्त्व कहलाते हैं-
(1) सामान्य तत्त्व
(2) संक्रमण तत्त्व
(3) क्षारीय धातु
(4) क्षारीय मृदा धातु।
उत्तर:
(3) क्षारीय धातु

18. निम्नलिखित में से सबसे दुर्बल क्षार है-
(1) NaOH
(2) KOH
(3) Ca(OH)2
(4) Cu(OH)2
उत्तर:
(4) Cu(OH)2

19. निम्नलिखित यौगिकों में सर्वाधिक अम्लीय है—
(1) p2O5
(2) As2O3
(3) Sb2O3
(4) Bi2O3
उत्तर:
(1) p2O5

20. तत्त्वों में उच्चतम आयनन विभव (IE) किस तत्त्व का है-
(1) H
(2) He
(3) Hg
(4) Au
उत्तर:
(2) He

21. निम्न में उपधातु कौन-सी है-
(1) Zn
(2) Ge
(3) Sn
(4) Al
उत्तर:
(2) Ge

22. ज्ञाततत्त्वों में उच्चतम इलेक्ट्रॉन बन्धुता किस तत्त्व की है—
(1) H
(2) O
(3) F
(4) Cl.
उत्तर:
(4) Cl.

23. निम्न में उभयधर्मी ऑक्साइड कौन-सा है-
(1) BaO
(2) SnO
(3) SiO2
(4) Li2O.
उत्तर:
(2) SnO

24. C, N, P और SI तत्त्वों की विद्युत ऋणात्मकता के बढ़ने का क्रम है-
(1) C.N. Si. P
(2) N, Si, C, P
(3) Si. P. C.N
(4) P, Si, N. C.
उत्तर:
(3) Si. P. C.N

25. उदासीन ऑक्साइड है-
(1) CO
(2) ZnO
(3) SO2
(4) SnO2
उत्तर:
(1) CO

26. निम्न में से किसकी त्रिज्या सबसे बड़ी है-
(1) Na+
(2) O2-
(3) F
(4) Mg2-
उत्तर:
(2) O2-

27. किस तत्त्व की द्वितीय इलेक्ट्रॉन बन्धुता शून्य होती है-
(1) Cl
(2) O
(3) S
(4) N.
उत्तर:
(1) Cl

28. निम्नांकित में लघुतम आयनिक त्रिज्या वाला आयन है-
(1) K+
(2) Ca2+
(3) Ti3+
(4) Ti4+
उत्तर:
(4) Ti4+

29. निम्नलिखित में सबसे बड़ा आयन कौन-सा है-
(1) Al3+
(2) Ba2+
(3) Mg2+
(4) Na+
उत्तर:
(2) Ba2+

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता

30. त्रिज्या (radii) का सही क्रम है-
(1) N < Be < B
(2) F < O2- < N3-
(3) Na < Li < K
(4) Fe3+ < Fe2 < Fe4+
उत्तर:
(2) F < O2- < N3-

31. प्रथम आयनन विभव के सही क्रम वाला समूह है-
(1) K > Na > Li
(2) Be > Mg > Ca
(3) B > C > N
(4) Ge > Si > C.
उत्तर:
(2) Be > Mg > Ca

32. निम्न में से किसकी विद्युत ऋणात्मकता सर्वाधिक है-
(1) H
(2) E
(3) He
(4) Na.
उत्तर:
(2) E

33. निम्न में से सबसे अधिक आकार होगा –
(1) Li+
(2) Na+
(3) Mg2+
(4) Rb+
उत्तर:
(4) Rb+

34. निम्न में से किस तत्त्व की आयनन ऊर्जा अधिकतम है-
(1) [Ne] 3s2 3p1
(2) [Ne] 3s² 3p2
(3) [Ne] 3s² 3p²
(4) [Ar] 3d10, 4s² 4p²
उत्तर:
(3) [Ne] 3s² 3p²

35. निम्नलिखित में से किसकी श्रेणी के तत्त्वों की परमाणु त्रिज्या लगभग समान होगी-
(1) Li, Be, B, C
(2) Na, K, Rb, Cs
(3) F, Cl, Br, I
(4) Fe, Co, Ni, Cr.
उत्तर:
(4) Fe, Co, Ni, Cr.

36. विद्युत ऋणात्मकता का सही क्रम है-
(1) O+ > O > O
(2) O > O+ > O
(3) O+ > O > O
(4) O+ > O > O+
उत्तर:
(1) O+ > O > O

37. आयनन विभव का न्यूनतम मान है-
(1) हैलोजनों का
(2) अक्रिय गैस का
(3) क्षारीय मृदा धातुओं का
(4) क्षार धातुओं का।
उत्तर:
(4) क्षार धातुओं का।

38. फ्लुओरीन व निऑन की परमाणु त्रिज्याएँ (Å ) क्रमश: हैं-
(1) 0.72, 1.60
(2) 1.60, 1.60
(3) 0.72, 0.72
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(1) 0.72, 1.60

39. आयोडीन स्पीशीज के आकार का सही क्रम है-
(1) I > I+ > I
(2) I > I > I+
(3) I+ > I > I
(4) I > I > I+
उत्तर:
(4) I > I > I+

40. हैलोजन परिवार की विद्युत ऋणात्मकता का क्रम होता है-
(1) Cl > Br > F > I
(2) I > Br > Cl > F
(3 ) F> Cl > Br > I
(4) Br > Cl > F > I
उत्तर:
(3 ) F> Cl > Br > I

41. निम्न में से किस धातु की ऑक्सीकरण अवस्था एक से अधिक है-
(1 ) Na
(2) Mg
(3) Fe
(4) AL
उत्तर:
(3) Fe

42. N3-, O2- पर F आयनों की आयनिक त्रिज्याओं के मान का सही क्रम है-
(1 ) N3- > O2- > F
(2) N3- < O2- < F
(3) N3- > O2- < F
(4) N3- < O2- > F
उत्तर:
(1 ) N3- > O2- > F

43. आयनिक त्रिज्याओं का सही क्रम है-
(1) Ti4- < Mn3+
(2) 35Cl < 37Cl
(3) K+ < Cl
(4) p3+ > p5+
उत्तर:
(4) p3+ > p5+

44. निम्न तत्त्वों में किस तत्त्व की परमाणु त्रिज्या सबसे कम होगी-
(1) N
(2) F
(3) Na
(4) K.
उत्तर:
(2) F

45. इलेक्ट्रॉन बन्धुता निर्भर करती है-
(1) परमाणु आकार
(2) नाभिकीय आवेश
(3) परमाणु क्रमांक
(4) परमाणु आकार तथा नाभिकीय आवेश दोनों पर।
उत्तर:
(4) परमाणु आकार तथा नाभिकीय आवेश दोनों पर।

46. K, Ca तथा Ba के द्वितीय आयनन विभव का घटता क्रम है-
K = 19, Ca = 20, Ba = 56
(1) K > Ca > Ba
(2) Ca > Ba > K
(3) Ba > K > Ca
(4) K > Ba > Ca
उत्तर:
(1) K > Ca > Ba

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
किन्हीं दो प्रारूपी तत्त्वों (Typical elements) के नाम बताओ।
उत्तर:
Na और Mg.

प्रश्न 2.
किन्हीं दो सेतु तत्त्वों (Bridge elements) के नाम बताओ।
उत्तर:
Na और Mg.

प्रश्न 3.
किन्हीं दो संक्रमण तत्त्वों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. क्रोमियम (Cr)
  2. कॉपर (Cu).

प्रश्न 4.
ट्रान्स- यूरेनिक तत्त्वों के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:

  1. Np
  2. Pul

प्रश्न 5.
d-ब्लॉक तत्त्वों को संक्रमण तत्त्व क्यों कहते हैं?
उत्तर:
ये तत्त्व – ब्लॉक व p-ब्लॉक तत्त्वों के बीच सेतु (Bridge) बनाते हैं।

प्रश्न 6.
परमाणु क्रमांक 58 से 71 तक के तत्त्वों को दुर्लभ मृदा तत्त्व (Rare earth elements) कहते हैं। क्यों?
उत्तर:
ये प्रकृति (Nature) में अल्प मात्रा में पाये जाते हैं।

प्रश्न 7.
बोरॉन (B) उपधातु (Metalloid) है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
बोरॉन में धातु व अधातु दोनों के गुण पाये जाते हैं।

प्रश्न 8.
प्रबलतम धात्विक प्रकृति वाला तत्त्व कौन-सा है?
उत्तर:
सीजियम (Cs).

प्रश्न 9.
एक तत्त्व (X) आवर्त सारणी के तीसरे वर्ग में है। इस तत्त्व के ऑक्साइड का सूत्र क्या होगा?
उत्तर:
X2O3.

प्रश्न 10.
डॉबेराइनर के त्रिक किन्हें कहा जाता है?
उत्तर:
डॉबेराइनर ने लगभग समान गुण-धर्म वाले अनेक तत्त्वों को तीन-तीन के समूह में उनके परमाणु भार में वृद्धि के क्रमानुसार रखा। इस प्रकार के समूह डॉबेराइनर के त्रिक कहलाते हैं।

प्रश्न 11.
मेण्डलीव की आधुनिक आवर्त सारणी में वर्गों तथा आवर्तों की संख्या लिखिए।
उत्तर:
मेण्डलीव की आवर्त सारणी में नौ वर्ग (समूह) तथा सात आवर्त हैं।

प्रश्न 12.
संक्रमण तत्त्वों के दो गुण लिखिए।
उत्तर:

  1. विभिन्न संयोजकताएँ प्रदर्शित करना।
  2. रंगीन संकर आयन बनाना।

प्रश्न 13.
दीर्घाकार आवर्त सारणी में कुल कितने वर्ग व आवर्त हैं?
उत्तर:
वर्ग – 18, आवर्त – 7.

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता

प्रश्न 14.
p-ब्लॉक के एक तत्त्व की बाह्यतम कक्षा में चार (4) इलेक्ट्रॉन हैं। इस तत्त्व का वर्ग व नाम बताओ यदि यह तत्त्व तीसरे आवर्त का है।
उत्तर:
वर्ग-14 (IVA), नाम- सिलिकॉन (14Si).

प्रश्न 15.
आवर्त सारणी में फॉस्फोरस को किस आवर्त और किस समूह में रखा गया है?
उत्तर:
आवर्त सारणी में फॉस्फोरस को तृतीय आवर्त तथा वर्ग 15 में रखा गया है।.

प्रश्न 16.
आवर्त सारणी में प्रत्येक आवर्त किस क्वाण्टम संख्या के साथ प्रारम्भ होता है?
उत्तर:
मुख्यं क्वाण्टम संख्या (17).

प्रश्न 17.
मानव निर्मित तत्त्व किस श्रेणी से सम्बन्धित होते हैं?
उत्तर:
ऐक्टिनॉइड श्रेणी।

प्रश्न 18.
कार्बन के फ्लुओराइड का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
CF4

प्रश्न 19.
द्वितीय आवर्त किस तत्त्व पर समाप्त होता है?
उत्तर:
निऑन (Ne)।

प्रश्न 20.
ns² np6 का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास रखने वाले तत्त्व अक्रिय क्यों कहलाते हैं?
उत्तर:
क्योंकि इनकी संयोजी कक्षा पूर्ण रूप से भरी होती है।

प्रश्न 21.
f – ब्लॉक के तत्त्वों को f-ब्लॉक तत्त्व ही क्यों कहते हैं?
उत्तर:
क्योंकि इन तत्त्वों में अन्तिम विभेदी इलेक्ट्रॉन (n – 2 ) f उपकोश में प्रवेश करता है।

प्रश्न 22.
अर्द्ध-पूर्ण तथा पूर्ण कक्षक अधिक स्थायी होते हैं, स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अर्द्ध-पूर्ण तथा पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक विन्यास वाले कक्षकों की ऊर्जा निम्न होती है। अतः ये स्थायी होते हैं। इसके अतिरिक्त इनके विन्यास में सममिति पायी जाती है।

प्रश्न 23.
किन्हीं दो उभयधर्मी ऑक्साइड का उदाहरण दें।
उत्तर:
जल (H2O), बेरीलियम ऑक्साइड (BeO)।

प्रश्न 24.
तीन ऐसे तत्त्वों के नाम लिखें जिनके ऑक्साइड उभयधर्मी होते हैं?
उत्तर:
Al, As, Sb.

प्रश्न 25.
उत्कृष्ट गैसें आवर्त सारणी के किस समूह में रखी जाती हैं?
उत्तर:
शून्य वर्ग या समूह 18.

प्रश्न 26.
हैलोजनों को आवर्त सारणी के किस समूह में रखा गया हैं?
उत्तर:
समूह 17 में (VII A ).

प्रश्न 27.
क्षार धातुओं को आवर्त सारणी के किस समूह में रखा गया है?
उत्तर:
समूह 1 में (IA).

प्रश्न 28.
क्षारीय मृदा धातुओं को आवर्त सारणी के किस समूह में रखा गया है?
उत्तर:
समूह 2 में (IIA ).

प्रश्न 29.
आवर्त सारणी में p-ब्लॉक में तीसरे आवर्त में कुल तत्त्वों की संख्या क्या है?
उत्तर:
छ: (6).

प्रश्न 30.
s-ब्लॉक तत्त्वों में अधिकतम आयनन ऊर्जा वाला तत्त्व कौन-सा है?
उत्तर:
(Be) बेरीलियम।

प्रश्न 31.
d-ब्लॉक के तत्त्वों का सामान्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास क्या है?
उत्तर:
(n-1)d1 – 10 ns1-2.

प्रश्न 32.
क्षार धातुएँ प्रबल अपचायक क्यों होती क्यों है?
उत्तर:
क्योंकि क्षार धातुओं में इलेक्ट्रॉनों को त्यागने की प्रबल प्रवृत्ति होती है

प्रश्न 33.
हैलोजन प्रबल ऑक्सीकारक क्यों होते हैं?
उत्तर:
क्योंकि हैलोजनों में इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण करने की प्रबल प्रवृत्ति होती है।

प्रश्न 34.
उन दो तत्त्वों के नाम लिखें, जिनके लिये मेण्डलीव ने आवर्त सारणी में स्थान छोड़ दिया था और जिनकी खोज बाद में हुई।
उत्तर:
स्कैण्डियम (Sc) तथा गैलियम (Ga).

प्रश्न 35.
92U के बाद के तत्त्व ट्रान्स- यूरेनिक तत्त्व कहलाते हैं।
उत्तर:
92U के बाद के तत्त्व कृत्रिम रूप से बनाये गये हैं, जिसके कारण इन तत्त्वों को ट्रान्स- यूरेनिक तत्त्व कहते हैं।

प्रश्न 36.
किन्हीं दो दुर्लभ मृदा तत्त्वों के नाम लिखो।
उत्तर:

  1. लैन्थेनम (La )
  2. सीरियम (Ce).

प्रश्न 37.
आवर्त सारणी में तत्त्वों का वर्गीकरण करने के लिये मेण्डलीव ने तत्त्वों के कौन से गुण का प्रयोग किया?
उत्तर:
परमाणु भार का।

प्रश्न 38.
लोथर मेयर वक्र के आधार पर तत्त्वों के गुण किसके आवर्ती फलन हैं?
उत्तर:
लोथर मेयर वक्र के आधार पर तत्त्वों के गुण सामान्यतः उनके परमाणु भारों के आवर्ती फलन होते हैं।

प्रश्न 39.
समान गुणों वाले तत्त्व एक ही वर्ग में क्यों रखे गये हैं?
उत्तर:
क्योंकि इनमें संयोजी इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है अथवा इलेक्ट्रॉनिक विन्यास समान होता है।

प्रश्न 40.
प्रारूपिक तत्त्व क्या हैं?
उत्तर:
s-ब्लॉक तथा p-ब्लॉक के तत्त्वों को सम्मिलित रूप से प्रारूपिक तत्त्व कहते हैं।

प्रश्न 41.
प्रथम बार तत्त्वों का आवर्ती वर्गीकरण किसने किया था?
उत्तर:
प्रथम बार तत्त्वों का आवर्ती वर्गीकरण इवानोविच मेण्डलीव ने किया था।

प्रश्न 42.
तत्त्वों के गुणों की आवर्तिता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
एक नियमित अन्तर के बाद गुणों की पुनरावृत्ति होने को गुणों की आवर्तिता कहते हैं।

प्रश्न 43.
जिन तत्त्वों की सभी कक्षायें पूर्ण हैं वे कौन से तत्त्व हैं?
उत्तर:
वे तत्त्व अक्रिय गैसें हैं।

प्रश्न 44.
दुर्लभ तत्त्वों की संख्या कितनी है?
उत्तर:
कुल 14 तत्त्व, ये लैन्थेनॉइड हैं। (Ci से Cu तक)

प्रश्न 45.
दुर्लभ तत्त्वों के गुणों में अत्यधिक समानता क्यों पाई जाती है?
उत्तर:
इन तत्त्वों के सबसे बाहरी कोश का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास समान होता है।

प्रश्न 46.
प्रत्येक आवर्त के अन्तिम तत्त्व कौन से हैं?
उत्तर:
प्रत्येक आवर्त के अन्तिम तत्त्व अक्रिय गैसें हैं।

प्रश्न 47.
मुद्रा धातुओं से क्या समझते हो?
उत्तर:
कॉपर, सिल्वर तथा गोल्ड को मुद्रा धातु कहते हैं क्योंकि इनका उपयोग मुद्राएँ बनाने में होता है।

प्रश्न 48.
आवर्त सारणी के भिन्न-भिन्न आवर्तों में तत्त्वों की संख्या भी भिन्न होती है, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि प्रत्येक कोश में उपकोशों की संख्या अलग-अलग होती है तथा प्रत्येक आवर्त एक नये कोश के साथ भरना प्रारम्भ करता है इस प्रकार यह ns – np विन्यास पर पूर्ण हो जाता है।

प्रश्न 49.
f – ब्लॉक के तत्त्वों को अन्तः संक्रमण तत्त्व क्यों कहते हैं?
उत्तर:
f-ब्लॉक के तत्त्वों में अन्तिम इलेक्ट्रॉन (n – 2)f उपकोश में प्रवेश करता है। जबकि संक्रमण तत्त्वों में अन्तिम या विभेदी इलेक्ट्रॉन (- 1)d उपकोश में प्रवेश करता है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता

प्रश्न 50.
क्षारीय मृदा तत्त्व क्या होते हैं?
उत्तर:
वे तत्त्व जिनके ऑक्साइड मृदा (सिलिका, SiO2) के समान गलनीय होते हैं तथा क्षारीय गुण व्यक्त करते हैं। क्षारीय मृदा तत्त्व कहलाते हैं, जैसे-Ca, Sr, Ba, Mg आदि।

प्रश्न 51.
MgO, Al2O3, Na, O, SO3 व p2O5 में सर्वाधिक क्षारीय ऑक्साइड कौन-सा है, और क्यों?
उत्तर:
Na, O सर्वाधिक क्षारीय ऑक्साइड है क्योंकि यह क्षारीय धातुओं का ऑक्साइड है।

प्रश्न 52.
सम- इलेक्ट्रॉनिक स्पीशीज में किसकी संख्या समान होती है?
उत्तर:
सम- इलेक्ट्रॉनिक स्पीशीज में इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है।

प्रश्न 53.
वर्ग 17 तथा वर्ग 18 के रेडियोऐक्टिव तत्त्वों के नाम लिखें।
उत्तर:

  1. ऐस्टेटीन (At) वर्ग-17
  2. रेडॉन (Rn) – वर्ग-18

प्रश्न 54.
122 परमाणु क्रमांक वाले तत्त्व का IUPAC नाम तथा प्रतीक क्या होगा?
उत्तर:
IUPAC के अनुसार 1 को un, 2 को bi कहते हैं। अत: 122 परमाणु क्रमांक वाले तत्त्व का नाम Unbibium (Ubb) होगा।

प्रश्न 55.
निम्नलिखित तत्त्वों को अधात्विक लक्षणों के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित कीजिए-
B, C, Si, N, F
उत्तर:
अधात्विक लक्षण का बढ़ता हुआ क्रम
Si < B < C < N < F
अधात्विक लक्षण आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर बढ़ता है तथा समूह में ऊपर से नीचे आने पर घटता है।

प्रश्न 56.
निम्नलिखित तत्त्वों को धात्विक लक्षणों के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करें-
B, Al, Mg, K
उत्तर:
धात्विक लक्षणों का बढ़ता हुआ क्रम- B

प्रश्न 57.
निम्नलिखित आयनों को आकार के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए-
Be2+, Cl, S2-, Na+, Mg2+, Br
उत्तर:
बढ़ते हुए आकार का सही क्रम
Be2+ < Mg2+ < Na+ < Cl < S2- < Br

प्रश्न 58.
उन स्पीशीज का नाम लिखिए जो निम्न परमाणुओं या आयनों में से प्रत्येक की सम- इलेक्ट्रॉनिक स्पीशीज हैं-
(i) Na+ (ii) Cl (iii) K+ (iv) Rb
उत्तर:
(i) Ne (ii) Ar (iii) Ca2+ (iv) Sr+.

प्रश्न 59.
एक तत्त्व तृतीय आवर्त में है। इसके संयोजी कोश में पाँच इलेक्ट्रॉन हैं। यह आवर्त सारणी के किस वर्ग से सम्बन्धित है?
उत्तर:
यह आवर्त सारणी के वर्ग 15 से सम्बन्धित है।

प्रश्न 60.
एक तत्त्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास [Ar] 3d5 4s1 है। क्या यह s – ब्लॉक से सम्बन्धित है?
उत्तर:
नहीं, यह s – ब्लॉक से सम्बन्धित नहीं है। यह d – ब्लॉक का तत्त्व है।

प्रश्न 61.
निम्न संयोजी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास वाले तत्त्वों के ब्लॉक लिखिए।
(i) 3s² 3p5
(ii) 3d10 4s2
(iii) 3p6 4s2
(iv) 4s1 3d5
उत्तर:
(i) 3s² 3p5 → p ब्लॉक के तत्त्व
(ii) 3d10 4s2 → d – ब्लॉक के तत्त्व
(iii) 3p6 4s2 → s – ब्लॉक के तत्त्व
(iv) 4s1 3d5 → d ब्लॉक के तत्त्व

प्रश्न 62.
जल में घुलनशील, सिल्वर हैलाइड कौन-सा है?
उत्तर:
जल में घुलनशील सिल्वर हैलाइड – AgF

प्रश्न 63.
जल में अघुलनशील सिल्वर हैलाइड कौन-सा है?
उत्तर:
जल में अघुलनशील सिल्वर हैलाइड – AgCl, AgBr, AgI।

प्रश्न 64.
जल में घुलनशील क्षारीय मृदा धातुओं के सल्फेटों के उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
घुलनशील सल्फेट – BeSO4, MgSO4, BaSO4

प्रश्न 65.
जल में अघुलनशील सल्फेटों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
अघुलनशील सल्फेट – CaSO4, SrSO4, BaSO4

प्रश्न 66.
उपधातुओं के कुछ उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
सिलिकॉन (Si), आर्सेनिक (As), एन्टीमनी (Sb), टेलुरियम (Te).

प्रश्न 67.
p-ब्लॉक के तत्त्वों की कुल संख्या क्या है?
उत्तर:
p-ब्लॉक में कुल 30 तत्त्व होते हैं।

प्रश्न 68.
मेण्डलीव का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर:
मेण्डलीव का पूरा नाम दमित्री इवानोविच मेण्डलीव था।

प्रश्न 69.
दुर्लभ मृदा धातुएँ किन्हें कहते हैं।
उत्तर:
वे धातुऐं जो पृथ्वी में पायी जाती हैं व इनकी उपलब्धता बहुत. ही कम मात्रा में होती है’ उन्हें दुर्लभ मृदा धातुएँ कहते हैं। ये f-ब्लॉक तत्त्व होते हैं। इन्हें अन्तः संक्रमण तत्त्व भी कहते हैं।

प्रश्न 70.
तीसरे आवर्त में 8 तत्त्व होते हैं, 18 तत्त्व नहीं, क्यों?
उत्तर:
तीसरा आवर्त 3s1 इलेक्ट्रॉन से भरना शुरू होता है और 3p6

प्रश्न 71.
प्रबलतम अधात्विक तत्त्व कौन-सा है?
उत्तर:
फ्लुओरीन (F) पर पूर्ण होता है।

प्रश्न 72.
अधिकतम इलेक्ट्रॉन बन्धुता वाला तत्त्व कौन-सा है?
उत्तर:
क्लोरीन (Cl)

प्रश्न 73.
एक तत्त्व की तृतीय इलेक्ट्रॉन बन्धुता शून्य (0) है। यदि यह तत्त्व तीसरे आवर्त का है तो इसका नाम लिखिए।
उत्तर:
नोवल गैसों की प्रथम इलेक्ट्रॉन बन्धुता लगभग शून्य होती है। सल्फर (S)

प्रश्न 74.
F, Cl, Br, I को बढ़ते हुए विद्युत ऋणात्मकता के क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर:
I < Br < Cl < F (विद्युत ऋणात्मकता)

प्रश्न 75.
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के आधार पर बतायें कि 15P31 आवर्त सारणी में कहाँ स्थित है?
उत्तर:
15P31 = 1s² 2s² 2p63s² 3p³.
आवर्त = तृतीय, ब्लॉक = p-ब्लॉक, वर्ग = 15 (VA)

प्रश्न 76.
सभी संक्रमण तत्त्व d-ब्लॉक के तत्त्व होते हैं परन्तु सभी d-block के तत्त्व संक्रमण तत्त्व नहीं कहलाते हैं। क्यों?
उत्तर:
वे सभी d-ब्लॉक के तत्त्व जिनकी मूल (आद्य) अवस्था अवस्था में 3d – कक्षक अपूर्ण भरित होते हैं, वे संक्रमण तत्त्व कहलाते हैं। परन्तु d-ब्लॉक के कुछ तत्त्व जैसे- Zn, Cd एवं Hg में 3d-कक्षक पूर्ण भरित होते हैं इन्हें संक्रमण तत्त्व नहीं माना गया है।

प्रश्न 77.
परमाणु क्रमांक 119 वाले तत्त्व की संयोजकता व ग्रुप बताएँ इसके बाह्यतम कोश का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास तथा इसके ऑक्साइड का सामान्य सूत्र लिखें।
उत्तर:
समूह (group) = 1, संयोजकता = 1
बाह्यतम कोश का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 8s1
ऑक्साइड का सूत्र = M2O

प्रश्न 78.
हैलोजनों को बढ़ती हुई विद्युत ऋणात्मकता के क्रम में लिखिये।
उत्तर:
I < Br < Cl< F (विद्युत – ऋणात्मकता का क्रम )

प्रश्न 79.
N की इलेक्ट्रॉन बन्धुता C से कम होती है, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि N का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास स्थायी होता है।

प्रश्न 80.
हैलोजन सबसे अधिक ऋण विद्युती होते हैं, क्यों।
उत्तर:
आवर्त में बायें से दायें चलने पर प्रभावी नाभिकीय आवेश बढ़ता है। अत: हैलोजनों की इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति भी बढ़ती है।

प्रश्न 81.
धातुओं के ऑक्साइड क्षारीय होते हैं, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि धातुओं के ऑक्साइड जल से क्रिया करके क्षार बनाते हैं।

प्रश्न 82.
अधातुओं के ऑक्साइड अम्लीय होते हैं, स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अधातुओं के ऑक्साइड जल से क्रिया करके अम्ल बनाते हैं।

प्रश्न 83.
एक तत्त्व की तृतीय इलेक्ट्रॉन बन्धुता का मान शून्य हो जाता है। यह तत्त्व तीसरे आवर्त में स्थित होता है। उस तत्त्व का नाम बताइये।
उत्तर:
सल्फर (S).

प्रश्न 84.
उत्कृष्ट गैसों में सहसंयोजक त्रिज्या नहीं होती है, कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
चूँकि उत्कृष्ट गैसों के परमाणु परस्पर सहसंयोजक बन्ध नहीं बनाते हैं इसलिये उत्कृष्ट गैसें सहसंयोजक त्रिज्या नहीं बनाती हैं।

प्रश्न 85.
सबसे प्रबल अधात्विक लक्षण वाले तत्त्व का नाम बताओ?
उत्तर:
फ्लुओरीन (F).

प्रश्न 86.
SO2 की अपेक्षा SO2 प्रबल अम्लीय है, स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
किसी अधातु के ऑक्साइड में ऑक्सीकरण बढ़ने के साथ उसकी अम्लीय प्रकृति बढ़ती है। इस कारण SO2 ज्यादा अम्लीय है।

प्रश्न 87.
हैलोजन प्रबल ऑक्सीकारक क्यों हैं?
उत्तर:
क्योंकि हैलोजन के अन्दर इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति अधिकतम होती है।

प्रश्न 88.
हैलोजनों को उनकी घटती ऑक्सीकारक क्षमता के क्रम में लिखिये।
उत्तर:
F2 > Cl2 > Br2 > I2

प्रश्न 89.
उत्कृष्ट गैसों का परमाणु आकार हैलोजनों से अधिक क्यों होता है?
उत्तर:
उत्कृष्ट गैसों का परमाणु आकार हैलोजनों से अधिक होता है, क्योंकि वाण्डर वाल्स त्रिज्या सह संयोजी त्रिज्या से बड़ी होती है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता

प्रश्न 90.
क्षार धातुओं की आयनन ऊर्जा निम्नतम क्यों होती है।
उत्तर:
इनका परमाणु आकार बड़ा होता है जिसमें संयोजी इलेक्ट्रॉनों तथा नाभिक के मध्य आकर्षण कम होता है।

प्रश्न 91.
सोडियम एक प्रबल धन विद्युतीय तत्त्व क्यों है?
उत्तर:
सोडियम की आयनन एन्थैल्पी कम है, क्योंकि यह एक इलेक्ट्रॉन निकाल कर धन आयन बनाता है, अतः यह प्रबल धन- विद्युतीय है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता 1

प्रश्न 92.
निम्नलिखित तत्त्वों में से किस तत्त्व की प्रथम आयनन एन्यैल्पी सबसे कम है और क्यों?
Na, F, I, Mg
उत्तर:
Na, F, I, Mg में आयोडीन (I) की आयनन एन्थल्पी सबसे कम है, क्योंकि इसका आकार इन सबसे उच्च है।

प्रश्न 93.
प्रभावी नाभिकीय आवेश के मान में प्रयुक्त परिरक्षण नियतांक (σ) को ज्ञात करने का नियम किस वैज्ञानिक ने दिया था?
उत्तर:
स्लेटर ने।

प्रश्न 94.
प्रभावी नाभिकीय आवेश पर टिप्पणी दीजिए।
उत्तर:
नाभिकीय आवेश का वह भाग जिसे संयोजी इलेक्ट्रॉन महसूस करता है, प्रभावी नाभिकीय आवेश कहलाता है।

प्रश्न 95.
आवर्त में किस सदस्य के तत्त्वों का आकार सबसे कम होता है और क्यों?
उत्तर:
आवर्त में हैलोजन तत्त्वों का आकार सबसे कम होता है क्योंकि इनका प्रभावी नाभिकीय आवेश बहुत अधिक होता है।

प्रश्न 96.
आवर्त सारणी में स्थित संक्रमण तत्त्वों में आवर्त में Sc से Mn तक जाने पर आकार लगातार कमी होती जाती हैं, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि Sc से Mn तक जाने पर नाभिकीय आकर्षण बल बढ़ता है। यह बल परिरक्षण प्रभाव से अधिक होता है। अतः आकार में लगातार कमी होती जाती है।

प्रश्न 97.
आवर्त सारणी में संक्रमण धातुओं में Mn, Fe, Co तथा Ni के आकार लगभग समान क्यों होते हैं?
उत्तर:
इन तत्त्वों में नाभिकीय आकर्षण बल तथा परिरक्षण प्रभाव दोनों आपस में तुल्य होते हैं, जिसके कारण Mn Fe Co तथा Ni के आकार लगभग समान होते हैं।

प्रश्न 98.
Cr तथा Mn धातु के एक-एक अम्लीय ऑक्साइड तथा उनके द्वारा प्राप्त अम्ल का नाम लिखिये।
उत्तर:

  1. Cr का अम्लीय ऑक्साइड CrO3 [क्रोमियम (VI) ऑक्साइड) होता है तथा इससे प्राप्त अम्ल H, Cro
  2. Mn का अम्लीय ऑक्साइड Mn2O7 [मँगनीज (VII) ऑक्साइड] होता है तथा इससे प्राप्त अम्ल HMnO4 है।

प्रश्न 99.
Cl2O7 किस अम्ल का अम्लीय ऐनहाइड्राइड है?
उत्तर:
Cl2O7 (क्लोरीन (VII) ऑक्साइड) HClO4 का अम्लीय ऐनहाइड्राइड है।

प्रश्न 100.
ZnO, N2O2, P2O5 तथा MgO को उनके बढ़ते हुए अम्लीय लक्षण के क्रम में लिखिए।
उत्तर:
MgO < Na2O < ZnO < p2O5.
(धातुओं के ऑक्साइड क्षारीय जबकि अधातुओं के ऑक्साइड अम्लीय होते हैं।)

प्रश्न 101.
Cl2O3, Cl2O तथा Cl2O5 ऑक्साइडों को उनकी अम्लीयता के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कजिए।
उत्तर:
जैसे-जैसे ऑक्सीकरण संख्या बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे अम्लीयता भी बढ़ती जाती है। अतः अम्लीयता का क्रम निम्न प्रकार होगा-
(I)        (III)         (V)
Cl2O < Cl2O3 < Cl2O5

प्रश्न 102.
क्षार धातुओं में सबसे अधिक एवं सबसे कम आयनन ऊर्जा किसकी होती है?
उत्तर:
क्षार धातुओं में सबसे अधिक आयनन ऊर्जा II की तथा सबसे कम Cs की होती है।

प्रश्न 103.
क्षार धातुएँ प्रबल अपचायक तथा सबसे अधिक धन विद्युती होती हैं, स्पष्ट करें।
उत्तर:
क्षार धातुओं में इलेक्ट्रॉनं त्यागने की प्रवृत्ति अधिकतम होती हैं क्योंकि इनकी आयनन एन्थैल्पी बहुत कम होती है अतः ये प्रबल अपचायक होने के साथ-साथ सर्वाधिक धन विद्युती होती हैं।

प्रश्न 104.
हैलोजन की द्वितीय इलेक्ट्रॉन बन्धुता शून्य होती है, क्यों?
उत्तर:
हैलोजनों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ns2 np5 होता है। अत: यह केवल एक इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर ns² np6 का स्थायी विन्यास प्राप्त कर लेता है। इस विन्यास में अब दूसरा इलेक्ट्रॉन जोड़ना सम्भव नहीं होता है। अत: हैलोजन की द्वितीय इलेक्ट्रॉन बन्धुता शून्य होती है।

प्रश्न 105.
Cl आयन का आकार Cl परमाणु से बड़ा क्यों होता है?
उत्तर:
Cl परमाणु के द्वारा एक इलेक्ट्रॉन ग्रहण कर लेने पर प्राप्त Cl आयन में प्रभावी नाभिकीय आवेश कम हो जाता है एवं अन्तर इलेक्ट्रॉनिक प्रतिकर्षण बढ़ता है अतः संयोजी कक्ष बाहर की ओर फैल जाता है। इसलिए आकार बढ़ जाता है।

प्रश्न 106.
उत्कृष्ट गैसों का परमाणु आकार हैलोजनों से अधिक क्यों होता है?
उत्तर:
उत्कृष्ट गैसों का परमाणु आकार हैलोजनों से अधिक होता है क्योंकि वाण्डर वाल्स त्रिज्याएँ सहसंयोजी त्रिज्याओं से बड़ी होती हैं।

प्रश्न 107.
वर्ग के तत्त्व क्षार धातुएँ क्यों कहलाते हैं?
उत्तर:
वर्ग के तत्त्व क्षार धातुएँ इसलिये कहलाते हैं क्योंकि इनके ऑक्साइड जल में विलेय क्षार बनाते हैं तथा इनकी राख क्षारीय प्रकृति की होती हैं।

प्रश्न 108.
निम्नलिखित ऑक्साइडों में सर्वाधिक क्षारीय ऑक्साइड कौन-सा है?
Na, O, As, O BaO, Al, O.
उत्तर:
उपरोक्त ऑक्साइडों में सर्वाधिक क्षारीय ऑक्साइड Na2O है क्योंकि यह प्रथम समूह में उपस्थित है तथा प्रथम समूह के ऑक्साइड सर्वाधिक क्षारीय होते हैं।

प्रश्न 109.
Al की तुलना में Mg की ∆1H1 या IE1 अधिक क्यों होती है?
उत्तर:
Al के छोटे आकार एवं अधिक इसकी प्रथम आयनन ऊर्जा का मान नाभिकीय आवेश के कारण Mg से अधिक होने की आशा की जाती है परन्तु वास्तव में यह कम होती है क्योंकि Mg का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास पूर्ण पूरित अर्थात् अधिक सममित होता है।

Mg के अन्तर कक्षा का इलेट्रॉनिक विन्यास 3s² है जिसका भेदन प्रभाव उच्च है। अतः IE1 ज्यादा होगी।

प्रश्न 110.
शून्य वर्ग की आयनन ऊर्जा आवर्त सारणी में अधिकतम क्यों होती है?
उत्तर:
पूर्णपूरित इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (ns² np6) के कारण उत्कृष्ट गैसों में से एक इलेक्ट्रॉन को निकालना अत्यन्त मुश्किल होता है। अतः उत्कृष्ट गैसों की आयनन ऊर्जा सर्वाधिक होती है।

प्रश्न 111.
आवर्त सारणी में उच्चतम आयनन विभव किस तत्त्व का होता है?
उत्तर:
आवर्त सारणी में उच्चतम आयनन विभव He हीलियम का होता है क्योंकि इसका आकार छोटा होता है व इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s² होता है। अतः इलेक्ट्रॉन को निकालने के लिये अत्यधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 112.
निम्न को प्रथम आयनन एन्थैल्पी के घटते क्रम में व्यवस्थित करिए-
Mg, Al, P, S, Cl, Ne
उत्तर:
Ne > C1 > SP > Al > Mg (होना चाहिये।)
परन्तु यह गलत क्रम है क्योंकि P की आयनन एन्यैल्पी स्थाई अर्द्धपूर्ण विन्यास के कारण S से ज्यादा होनी चाहिये। इसी प्रकार Mg की Al से ज्यादा आयनन एन्थैल्पी होनी चाहिये। अतः सही क्रम होगा।
Ne > Cl > P > S > Mg > Al (सही क्रम)

प्रश्न 113.
Ga व Al की प्रथम आयनन एन्थैल्पी के मान लगभग समान क्यों होते हैं?
उत्तर:
निम्न परिरक्षण प्रभाव के कारण Al व Ga के आकार लगभग समान होते हैं। इस कारण इन दोनों तत्त्वों की प्रथम आयनन एन्थैल्पी के मान लगभग समान होते हैं।

प्रश्न 114.
क्षारीय मृदा धातुओं की इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी लगभग शून्य क्यों होती है?
उत्तर:
पूर्ण भरे कक्षक ns² तथा इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की बहुत कम क्षमता के कारण क्षारीय मृदा धातुओं की इलेक्ट्रॉन बन्धुता शून्य होती है।

प्रश्न 115.
N व P की इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी का मान क्रमशः C व SI से कम होता है, क्यों?
उत्तर:
NP में अर्द्धपूर्ण भरे कक्षक (ns² np³) होते हैं जो अधिक स्थायी होते हैं। अत: इनकी इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी का मान C व Si से कम होता है।
N < C, P < Si

प्रश्न 116.
A की संयोजकता 3 व B की संयोजकता 2 है। A की विद्युत ऋणात्मकता का मान B से अधिक है तो यौगिक का सूत्र होगा।
उत्तर:
B3A2.

प्रश्न 117.
Li+, Mg2+, K+ तथा Al3+ को बढ़ती आयनिक त्रिज्या के क्रम में लिखिए।
उत्तर:
Li+ < Al3+ < Mg2+ < K+.

प्रश्न 118.
Na, Mg व AI को बढ़ते धन विद्युती क्रम में लिखिए।
उत्तर:
Al < Mg < Na (बढ़ता हुआ धन विद्युतीक्रम)।

प्रश्न 119.
N3-, Na+, F, O2- व Mg2+ को आयनिक आकार के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करिए।
उत्तर:
Mg2+ < Na+ < F < O2- < N3- (आयनिक आकार)

प्रश्न 120.
Cl, S2-, Ca2+ व Ar को बढ़ते हुये आकार के क्रम में व्यवस्थित करिए।
उत्तर:
Ca2+ < Ar < Cl < S2- (बढ़ते हुए आकार का क्रम)

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता

प्रश्न 121.
CO2, N2O5, SiO2 व SiO3 को बढ़ते हुए अम्लीय लक्षण के क्रम में लिखिये।
उत्तर:
SiO2 < CO2 < N2O5 < SO3 (बढ़ते हुए अम्लीय लक्षणों का क्रम)

प्रश्न 122.
F, Cl, Br तथा I को उनकी इलेक्ट्रॉन बन्धुता बढ़ते क्रम में लिखिए।
उत्तर:
I < Br < F

प्रश्न 123.
6A12, 7B14, 8C16 तथा 9D19 को उनकी आयनन ऊर्जा के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करिए।
उत्तर:
A < C < B < D (आयनन ऊर्जा)

प्रश्न 124.
AsH3, NH3, PH3, BiH, तथा SbH3 को अपचायक क्षमता के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करिए।
उत्तर:
NH3 < PH3 < AsH3 < SbH3 < BiH3 (अपचायक क्षमता)

प्रश्न 125.
हैलाइड आयनों की अपचायक क्षमता का घटता क्रम लिखिए।
उत्तर:
I > Br > Cl > F (अपचायक क्षमता)

प्रश्न 126.
H2SO3 की अपेक्षा H2SO4 प्रबल ऑक्सी अम्ल होता है, क्यों?
उत्तर:
ऑक्सी अम्लों में ऑक्सीजन की संख्या बढ़ाने पर ऑक्सी अम्लों की तीव्रता भी बढ़ती जाती है। इस कारण HSO4 प्रबल ऑक्सी अम्ल है जबकि H2SO3 कम प्रबल ऑक्सी अम्ल है।

प्रश्न 127.
सबसे प्रबल अम्लीय ऑक्साइड कौन-सा होता है?
उत्तर:
Cl2O7 [क्लोरीन (VII) ऑक्साइड]

प्रश्न 128.
निम्नलिखित तत्त्वों को इलेक्ट्रॉन बन्धुता के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करिए-
Be, B, C, N, O, F, Ne.
उत्तर:
Ne < Be < N < B < C < O < F
(इलेक्ट्रॉन बन्धुता)

प्रश्न 129.
VII A वर्ग के तत्त्वों की क्रियाशीलता VIA वर्ग के तत्त्वों से अधिक होती है, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि VII A वर्ग के तत्त्वों की इलेक्ट्रॉन बन्धुता VIA वर्ग के तत्त्वों से अधिक होती है। इसलिये VII A वर्ग के तत्त्व अधिक क्रियाशील होते हैं।

प्रश्न 130.
S की इलेक्ट्रॉन बन्धुता O से अधिक होती है, क्यों?
उत्तर:
O का आकार छोटा होता है। इस कारण इलेक्ट्रॉन घनत्व सल्फर से उच्च होता है जिससे आने वाला इलेक्ट्रॉन ऑक्सीजन के ऊपर अधिक इलेक्ट्रॉन घनत्व होने के कारण प्रतिकर्षण महसूस करता है।

अतः इलेक्ट्रॉन बन्धुत का मान कम हो जाता है जबकि सल्फर की इलेक्ट्रॉन बन्धुता अधिक हो जाती है। क्रम लिखिए।

प्रश्न 131.
द्वितीय आवर्त के तत्त्वों की इलेक्ट्रॉन बन्धुता का सही
उत्तर:
Be < Li < N < B < C < O < F (इलेक्ट्रॉन बन्धुता)

प्रश्न 132.
क्षारीय धातुओं के हाइड्रॉक्साइड प्रबलतम क्षारीय क्यों होते हैं?
उत्तर:
आयनन विभव के मान निम्नतम होने के कारण क्षारीय धातुओं के हाइड्रॉक्साइड प्रबलतम क्षारीय होते हैं।

प्रश्न 133.
क्षार धातुएँ (+1) ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करती हैं? ये (+2) ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित नहीं करतीं, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि क्षार धातुओं की प्रथम व द्वितीय आयनन एन्थैल्पी में अन्तर 16 eV से अधिक होता है।

प्रश्न 134.
Mg तत्त्व (+ 2) ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है (+ 1) नहीं, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि Mg तत्त्व के प्रथम व द्वितीय आयनन विभवों में अन्तर 11 eV से कम होता है।

प्रश्न 135.
HF, HCl, HBr तथा HI की अम्लीय प्रबलता का बढ़ता हुआ क्रम लिखिए।
उत्तर:
HF < HCl < HBr < HI (अम्लीय प्रबलता)

प्रश्न 136.
F2, Cl2, Br2 तथा I2 की बढ़ती हुयी क्रियाशीलता का क्रम लिखिए।
उत्तर:
I2 < Br2 < Cl2 < F2 (क्रियाशीलता)

प्रश्न 137.
Li, B तथा Be को प्रथम आयनन ऊर्जा के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित करिए।
उत्तर:
Li < B < Be (प्रथम आयनन विभव)

प्रश्न 138.
F2, N2, Cl2, तथा O2 को बढ़ती बन्ध लम्बाई के क्रम में व्यवस्थित करिए।
उत्तर:
N2 < O2 < F2 < Cl2 (बन्ध लम्बाई)

प्रश्न 139.
HClO, HClO2, HClO3, HClO4 को तापीय स्थायित्व के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित करिए।
उत्तर:
HClO < HClO2 < HClO3 < HClO4
(तापीय स्थायित्व )

प्रश्न 140.
N2, O2, F2 व Cl2 को बन्ध वियोजन ऊर्जा के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित करिए।
उत्तर:
F2 < C2 > O2 N2 (बन्ध वियोजन ऊर्जा)

प्रश्न 141.
O, O, O2- को आयनिक त्रिज्या के बढ़ते क्रम में लिखिए।
उत्तर:
O < O < O2- (आयनिक त्रिज्या)

प्रश्न 142.
Na+, O2-, F को आयनिक त्रिज्या के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करिए।
उत्तर:
Na+ < F < O2-.

प्रश्न 143.
निम्न युग्मों में से किसकी इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी अपेक्षाकृत अधिक ऋणात्मक है-
(i) Br, Cl
(ii) F, Cl
(iii) O, S
(iv) O, O-
उत्तर:
(i) Cl
(ii) Cl
(iii) S
(iv) O.

लघु उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न 1.
वर्ग 15 के तत्त्वों के हाइड्राइडों में N का हाइड्राइड (NH3) सबसे अधिक स्थायी होता है। क्यों ?
उत्तर:
वर्ग 15 के तत्त्वों में धन विद्युती गुण N से Bi तक बढ़ता जाता है। इस प्रकार N सर्वाधिक इलेक्ट्रॉन ऋणात्मकता वाला तत्त्व है। यहाँ NH3 में H एक विद्युतधनी तत्त्व है जबकि N विद्युतऋणी तत्त्व की भाँति कार्य करता है, विद्युत ऋणात्मकता में अन्तर के कारण इस NH3 एक स्थायी यौगिक हो जाता है।

प्रश्न 2.
आवर्त सारणी में लैन्थेनॉइडों और एक्टिनॉइडों की संख्या केवल 14-14 है, क्यों ?
उत्तर:
लैन्थेनॉइड तथा एक्टिनॉइड दोनों ही f-ब्लॉक के तत्त्व हैं, अर्थात् दोनों में ही अन्तिम इलेक्ट्रॉन f- उपकोश में प्रवेश करता है जिसमें अधिकतम 14 इलेक्ट्रॉन ही आ सकते हैं। इस कारण लैन्येनॉइडों व एक्टिनॉइडों में अधिकतम 14-14 तत्त्व होते हैं।

प्रश्न 3.
आवर्त सारणी में Ar (परमाणु भार 39.90) को K (परमाणु भार 39.10) से पहले क्यों रखा गया है?
उत्तर:
आधुनिक आवर्त सारणी में तत्त्वों को परमाणु क्रमांक के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित किया गया है। Ar का परमाणु क्रमांक (18) तथा K का परमाणु क्रमांक (19) है अत: Ar को K से पहले रखा गया है। Ar सक्रिय गैस तत्त्व है जो कि समूह 18 (शून्य) में आता है जबकि K एक क्षार धातु तत्त्व है इसे समूह l (IA) में रखा गया है।

प्रश्न 4.
सोडियम एक प्रबल धातु है जबकि क्लोरीन एक प्रबल अधातु है क्यों ?
उत्तर:
सोडियम (ns1) की आयनन ऊर्जा बहुत कम होती है। इस कारण सोडियम की प्रवृत्ति इलेक्ट्रॉन त्यागने की होती है। इस प्रवृत्ति के कारण यह एक प्रबल धातु है जबकि क्लोरीन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (ns² np5) होता है। इसकी इलेक्ट्रॉन बन्धुता बहुत अधिक है। अतः इसकी प्रवृत्ति इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की होती है, अत: Cl एक प्रबल अधातु है।

प्रश्न 5.
आवर्त सारणी में एक नियमित अन्तर के बाद तत्त्व के गुणों की पुनरावृत्ति होती है। इस गुण को आवर्तिता (Periodicity) कहते हैं। इसका कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
आधुनिक आवर्त सारणी में तत्त्वों को परमाणु क्रमांक के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित किया जाता है जिससे उनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास की पुनरावृत्ति होती है, इसे आवर्तिता कहते हैं। इलेक्ट्रॉनिक विन्यास में आवर्ती परिवर्तन (Periodic Change) ही तत्त्वों के गुणों में आवर्तिता का कारण है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता

प्रश्न 6.
किसी वर्ग में ऊपर से नीचे आने पर तत्त्वों का ऑक्सीकारक गुण क्यों घट जाता है।
उत्तर:
वर्ग में ऊपर से नीचे की ओर आने पर आयनन विभव मान में कमी आती जिसके कारण इलेक्ट्रॉनों को त्यागने की प्रवृत्ति बढ़ती है अर्थात् अपचायक गुण बढ़ता है तथा ऑक्सीकारक गुण घट जाता है।

प्रश्न 7.
निम्न परमाणु क्रमांक वाले तत्त्वों में प्रत्येक का ब्लॉक व आवर्त क्या होगा ?
(1) 25
(2) 30
(3) 35
(4) 19
(5) 12
उत्तर:
(1) 25 = 1s² 2s² 2p6 3s² 3p6 3d5 4s²
ब्लॉक – d
आवर्त – चौथा (4)
वर्ग – सातवां (7)

(2) 30 = 1s² 2s² 2p6 3s² 3p6 3d10 4s²
ब्लॉक ⇒ d
आवर्त ⇒ चौथा (4)
वर्ग ⇒ बारहवां (12)

(3) 35 = 1s² 2s³ 2p6 3s² 3p6 3d10 4s² 4p5
ब्लॉक = p
आवर्त = चौथा (4)
वर्ग = 17

(4) 19 = 1s² 2s² 2p6 3s² 3p6 4s1
ब्लॉक – s
आवर्त चौथा – (4)
वर्ग प्रथम – (1)

(5) 12 = 1s² 2s² 2p6 3s²
ब्लॉक – s
आवर्त तृतीय – (3)
द्वितीय – (2)

प्रश्न 8.
निम्न में से प्रत्येक का नाम व परमाणु क्रमांक लिखिए।
(1) छठी उत्कृष्ट गैस (The sixth noble gas)
(2) तीसरी क्षार धातु (The third alkali metal)
(3) चौथा संक्रमण तत्त्व (The fourth transition element)
(4) चौथी हैलोजन (The fourth halogen)
उत्तर:
(1) Rn (परमाणु क्रमांक: 86)
(2) K (परमाणु क्रमांक 19)
(3) Cr (परमाणु क्रमांक 24)
(4) 1 (परमाणु क्रमांक : 53)

प्रश्न 9.
निम्न गुणों को क्रम में व्यवस्थित कीजिए-
(1) क्षार धातुओं के गलनांक
(2) हैलोजनों के क्वथनांक
(3) सोडियम हैलाइडों के गलनांक
(4) क्षार धातुओं के फ्लुओराइडों की घुलनशीलता।
उत्तर:
(1) Li > Na > KR > b > Cs.
(क्षार धातुओं के गलनांक)

(2) I2 > Br2 > Cl2 > F2
(हैलोजनों के क्वथनांक)

(3) NaF > NaCl > NaBr Nal
(सोडियम हैलाइडों के गलनांक)

(4) CsF > RbF > KF > NaF > LiF
(फ्लुओराइडों की घुलनशीलता)

प्रश्न 10.
यदि तत्त्वों के विन्यास निम्न प्रकार हैं तो प्रत्येक तत्त्व का ब्लॉक तथा वर्ग बताइए।
(i) 3s² 3p5
(ii) 3d10 4s²
(iii) 3s² 3p6 4s1
(iv) 6s² 4f3
उत्तर:
(i) p-ब्लॉक, वर्ग = 17
(ii) d-ब्लॉक, वर्ग = 12
(iii) ब्लॉक, वर्ग = 1
(iv) f-ब्लॉक, वर्ग = 3

प्रश्न 11.
एक तत्त्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s² 2s² 2p6, 3s² 3p6, 4s1 है तथा इसका परमाणु भार 39 है।
(i) इसके नाभिक में न्यूट्रॉनों की संख्या क्या होगी ?
(ii) इस तत्त्व का आवर्त सारणी में स्थान बताएँ।
(iii) इस तत्त्व का नाम व प्रतीक क्या है?
उत्तर:
(i) तत्त्व का परमाणु क्रमांक = 15
परमाणु भार = 39
न्यूट्रॉनों की संख्या = 39 – 19
= 20

(ii) आवर्त सारणी में इसका स्थान,
ब्लॉक s
आवर्त = 4
वर्ग = I (IA)

(iii) पोटैशियम (K)

प्रश्न 12.
निम्नलिखित परमाणु क्रमांकों के IUPAC नाम तथा प्रतीक लिखिए।
(1) 104
(2) 108
(3) 110
(4) 115
(5) 120
उत्तर:

परमाणु क्रमांकोंसंकेतनाम
(1) 104Unqअननिलक्वाडियम (Unnilquadium)
(2) 108Uuoअननिलऑक्टियम (Unniloctium)
(3) 110Uunअनअननिलियम (Ununnilium)
(4) 115Uupअनअनपेन्टियम (Ununpentium)
(5) 120Ubnअनबाईनिलियम (Unbinilium)

प्रश्न 13.
किसी वर्ग में परमाणु क्रमांक वृद्धि के साथ गलनांक (m. pt.) तथा क्वथनांक (b.pt.) घटता है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
किसी वर्ग में परमाणु क्रमांक के बढ़ने पर प्रोटॉनों तथा इलेक्ट्रॉनों के मध्य आकर्षण बल का मान घटता है। जिसके फलस्वरूप उनकी अवस्था परिवर्तन में धीरे-धीरे कम ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है। जिससे अवस्था परिवर्तन (ठोस से द्रव) कम तापक्रम पर होता है।
व्यय ऊर्जा ∝ तापक्रम
अतः किसी वर्ग में ऊपर से नीचे की ओर आने पर तत्त्वों के परमाणु क्रमांकों की वृद्धि के साथ गलनांकों तथा क्वथनांकों के मानों में कमी होती जाती है।

प्रश्न 14.
मेण्डलीव की आवर्त सारणी के सामान्य लक्षण लिखिए।
उत्तर:
मेण्डलीव की आवर्त सारणी के सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं।

  • प्रत्येक आवर्त में तत्त्व अपने परमाणु भारों के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित हैं।
  • एक ही समूह के सभी तत्त्वों के गुण-धर्म समान होते हैं।
  • प्रत्येक आवर्त में बाएँ से दाएँ जाने पर तत्त्वों की ऋण विद्युत संयोजकता कम होती जाती है। जबकि धन विद्युत संयोजकता बढ़ती जाती है।
  • तत्त्वों का परमाणु भार उसका मौलिक गुण होता है।
  • आवर्त सारणी में रिक्त स्थानों के तत्त्वों के गुण-धर्मों को पहले ही बताया जा सकता है।

प्रश्न 15.
लघु आवर्त तथा दीर्घ आवर्त से क्या तात्पर्य है ? आवर्त सारणी में कितने लघु आवर्त तथा कितने दीर्घं आवर्त होते हैं।
उत्तर:
लघु आवर्त (Short Period) – जिन आवतों में तत्वों की संख्या 8 होती है, उन्हें लघु आवर्त कहते हैं।

दीर्घं आवर्त (Long Period) – जिन आवर्ती में तत्त्वों की संख्या 8 से अधिक होती है, उन्हें दीर्घ आवर्त कहते हैं।

आवर्त सारणी में प्रथम तीन आवर्त (प्रथम, द्वितीय व तृतीय) लघु आवर्त कहलाते हैं। इनमें प्रथम आवर्त दो तत्व हैं, जबकि द्वितीय व तृतीय आवर्त में आठ-आठ तत्त्व है। आवर्त सारणी में बाद के चार आवर्त (चतुर्थ, पंचम, षष्टम तथा सप्तम) दीर्घ आवर्त कहलाते हैं। इनमें चतुर्थ व पंचम आवतों में 18-18 तत्त्व हैं, जबकि षष्ठम आवर्त में 32 तत्त्व हैं और सप्तम आवर्त अपूर्ण है।

प्रश्न 16.
नये तत्त्वों की खोज में मेण्डलीव की आवर्त सारणी की क्या उपयोगिता है?
उत्तर:
मेण्डलीव ने अपनी मूल आवर्त सारणी में नये तत्त्वों के लिये ने. कई खाली स्थान छेड़ दिये थे तथा इन तत्त्वों के गुणों के बारे में जानकारी भी दी थी। इस सारणी के ज्ञान से ही नये तत्त्वों को खोजने में काफी सहायता मिली। इन तत्त्वों की खोज के बाद पाये गये इन तत्त्वों के गुण मेण्डलीव के द्वारा बताये गये गुणों के समान ही थे। उदाहरण-स्कैण्डियम (Sc), गैलियम (Ga), जर्मेनियम (Ge) आदि की खोज काफी समय बाद हुई थी।

प्रश्न 17.
आवर्त सारणी में किन तत्त्वों को प्रारूपी तत्त्व कहते हैं? उनके नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रारूपी या प्रतिरूपी या निरूपक तत्त्व (Typical elements) द्वितीय एवं तृतीय आवर्त के तत्त्व प्रतिरूपी या निरूपक तत्त्व (representative or typical elements) कहलाते हैं ये तत्त्व अपने वर्गों में उपस्थित अन्य तत्त्वों का आदर्श प्रतिनिधित्व करते हैं। Li व Na प्रथम वर्ग (I group) के निरूपक तत्त्व हैं जबकि Be व Mg द्वितीय वर्ग (II group) के निरूपक तत्त्व हैं। इस प्रकार अन्य वर्गों के निरूपक तत्त्व निम्न प्रकार है।

वर्ग (group)IIIIIIIVVVIVII
द्वितीय आवर्तLiBeBCNOF
तृतीय आवर्तNaMgAlSiPSCl

प्रश्न 18.
सेतु तत्त्व (Bridge elements) कौन से तत्त्व होते हैं? टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
सेतु तत्त्व (Bridge elements) – तृतीय आवर्त (3rd period) में I से VII वर्ग के तत्त्व सेतु तत्त्व (Bridge elements) कहलाते हैं। ये तत्त्व अपने वर्ग के दोनों उपवर्गों (Sub-group) के तत्त्वों के मध्य एक सेतु (Bridge) का कार्य करते हैं। इनके अपने वर्ग के दोनों उपवर्गों (Sub-group) के तत्त्वों के गुणों से मिलते-जुलते हैं।

सेतु तत्त्वों (Bridge elements) के गुण उस उपवर्ग के तत्त्वों के गुणों से अधिक समानता रखते हैं जिनमें वे स्वयं उपस्थित होते हैं।
उदाहरणार्थ-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता 2

प्रश्न 19.
नॉर्मल तत्त्व (Normal Elements) किन्हें कहते हैं।
उत्तर:
नॉर्मल तत्त्व (Normal elements) – जिन तत्त्वों के गुण सेतु तत्त्वों के गुणों से अधिक समानता रखते हैं, उन्हें नॉर्मल या सामान्य तत्त्व कहते हैं। सेतु तत्त्व भी नॉर्मल तत्त्व होते हैं। सभी A उपवर्गों को नॉर्मल तत्त्व कहते हैं।

प्रश्न 20.
आवर्त सारणी का उपयोग करते हुए, निम्नलिखित युग्मों वाले तत्त्वों के संयोग से बने यौगिकों के अणु सूत्र की प्रागुक्ति कीजिए-
(क) सिलिकॉन एवं ब्रोमीन
(ख) ऐलुमीनियम एवं सल्फर
उत्तर:
(क) सिलिकॉन आवर्त सारणी के 14वें वर्ग का तत्त्व है जिसकी संयाजकता 4 है। ब्रोमीन, जो 17वें वर्ग (हैलोजन परिवार का सदस्य है) की संयोजकता । है अतः यौगिकों का अणुसूत्र SiBr4 होगा।

(ख) आवर्त सारणी में 13वें वर्ग का तत्त्व ऐलुमीनियम है जिसकी संयोजकता 3 है, सल्फर 16वें वर्ग का तत्त्व है जिसकी संयोजकता 2 है, अतः ऐलुमीनियम तथा सल्फर से बने यौगिकों का अणसूत्र AL2S3 होगा।

प्रश्न 21.
लीथियम किस तत्त्व के साथ विकर्ण सम्बन्ध प्रदर्शित करता है। उसका नाम तथा संकेत लिखें। विकर्ण समानता प्रदर्शित करने वाले दो गुणों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
लीथियम मैग्नीशियम के साथ विकर्ण सम्बन्ध रखता है।

IAIIA
Li ( लीथियम)Mg (मैग्नीशियम)

विकर्ण समानता के कारण समान गुण-
(1) इनका परमाणु आकार लगभग समान होता है।
(2) इनकी विद्युत ऋणात्मकता लगभग समान है।
(3) इन दोनों तत्त्वों के कार्बोनेट ताप द्वारा समान रूप से अपघटित होते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता 3

प्रश्न 22.
कुछ तत्त्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्नलिखित है
(i) 1s² 2s² p6 3s²
(ii) 1s² 2s² 2p5
(iii) 1st 2s² 2p6 3s² 3p²
(iv) 1s² 2s² p6 3s² 3p6
(v) 1s² 2s² 2p6 3s² 3p³
(vi) 1s² 2s² 2p6 3s² 3p6 3d5 4s1
उपर्युक्त इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के आधार पर बताइये कि प्रत्येक कौन-सा तत्त्व है।
उत्तर:
(i) जिस तत्त्व का संयोजी कोश विन्यास ns² np5 होगा वह हैलोजन परिवार का तत्त्व होगा। अतः तत्त्व (ii) एक हैलोजन है।

(ii) जिस तत्त्व का संयोजी कोश विन्यास ns² होगा वह क्षारीय मृदा तत्त्व होगा अतः तत्त्व (i) क्षारीय मृदा तत्त्व है।

(iii) कार्बन परिवार के तत्त्वों का संयोजी कोश विन्यास ns np होता है अतः तत्त्व (iii) कार्बन परिवार का तत्त्व है।

(iv) जिस तत्त्व का संयोजी कोश विन्यास ns2 np6 होगा वह तत्त्व उत्कृष्ट गैस का तत्त्व होगा। अतः तत्त्व (iv) उत्कृष्ट गैसों का तत्त्व होगा।

(v) वे तत्त्व जिनका संयाजी कोश विन्यास ns² np3 होता है वह तत्त्व नाइट्रोजन परिवार का तत्त्व होगा। तत्त्व (vi) नाइट्रोजन परिवार का तत्त्व है।

(vi) संक्रमण तत्त्व का सामान्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (n-1) d1-10 ns1-2 होता है अतः तत्त्व (v) एक संक्रमण तत्त्व है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता

प्रश्न 23.
तत्त्वों को वर्गीकृत करने के लिये परमाणु क्रमांक, परमाणु भार की तुलना में एक अच्छा आधार क्यों है?
उत्तर:
तत्त्वों का परमाणु भार नाभिक से सम्बन्ध रखता है जो कि परमाणु के केन्द्र में उपस्थित होता है। लेकिन तत्त्वों के गुणधर्म इलेक्ट्रॉनिक विन्यास पर निर्भर करते हैं, जो कि परमाणु क्रमांक से सम्बन्धित होता है। इसलिए परमाणु क्रमांक तत्त्वों के वर्गीकरण के लिये परमाणु भार की तुलना में एक अच्छा आधार है।

प्रश्न 24.
निम्नलिखित पदों पर टिप्पणी दें-
(1) आवरण प्रभाव
(2) भेदन प्रभाव
(3) धात्विक गुण
उत्तर:
(1) आवरण प्रभाव (Screening effect)- संयोजी इलेक्ट्रॉन तथा नाभिक के बीच उपस्थित अन्तः इलेक्ट्रॉन, संयोजी या बाह्यतम इलेक्ट्रॉनों को नाभिक से परिरक्षित करते हैं। इसे आवरण या परिरक्षण प्रभाव कहते हैं जैसे-जैसे अन्तः इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ती जाती है। वैसे-वैसे आवरण प्रभाव भी बढ़ता जाता है।

(2) भेदन – प्रभाव (Penetration effect)-कक्षक की आकृति के कारण s-इलेक्ट्रॉन नाभिक का भेदन P d या f-इलेक्ट्रॉनों की तुलना में अधिक समीप से करते हैं तथा अधिक दृढ़ता से बँधे रहते हैं, इसे ही भेदन प्रभाव कहा जाता है।
भेदन क्षमता (Penetration Power) – s > p > d > f

(3) धात्विक गुण (Metallic Character) – इलेक्ट्रॉन को त्यागने की प्रवृत्ति धात्विक प्रकृति होती है अर्थात् जो धातु जितनी आसानी से इलेक्ट्रॉन त्याग देगी या जिस धातु की आयनन एन्थैल्पी का मान बहुत कम होगा, उसका धात्विक गुण उतना ही अधिक होगा।

अतः “धातुओं के वे गुण जिनके कारण उनमें सरलता से धनायन बनाने की प्रवृत्ति पाई जाती है तथा कुछ विशेष गुण जैसे-धात्विक चमक, तन्यता तथा आघातवर्धनीयता, ऊष्मा तथा विद्युत चालकता आदि होते हैं। धातुओं के धात्विक गुण कहलाते हैं।”

प्रश्न 25.
Na+, Mg2+ तथा Al3+ आयनों की आयनिक त्रिज्या का क्रम Na+ > Mg2+ > Al3+ होता है। कारण स्पष्ट करें।
उत्तर:
यदि आयनों में इलेक्ट्रॉनों की संख्या समान होती है तो आकार प्रोटॉनों की संख्या पर निर्भर करता है प्रोटॉन की संख्या अधिक होने पर प्रभावी नाभिकीय आवेश अधिक होगा तथा आकार उतना ही कम
हो जायेगा।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता 4

प्रश्न 26.
आर्वत सारणी के किसी वर्ग में तत्त्वों के परमाणु क्रमांकों की वृद्धि के साथ उनके निम्नलिखित गुणों में क्या परिवर्तन होता है?
(1) परमाणु आकार
(2) विद्युत ऋणात्मकता
(3) आयनन एन्बैल्पी
उत्तर:
(1) आवर्त सारणी के किसी भी वर्ग में तत्त्वों के परमाणु क्रमांकों की वृद्धि के साथ उनके परमाणु आकार में क्रमशः वृद्धि होती है।

(2) आवर्त सारणी के किसी भी वर्ग में तत्त्वों के परमाणु क्रमांकों की वृद्धि के साथ उनकी विद्युत ऋणात्मकता का गुण क्रमशः घटता है।

(3) आवर्त सारणी के किसी भी वर्ग में तत्त्वों की आयनन एन्थैल्पी परमाणु क्रमांक के बढ़ने के साथ घटती है।

प्रश्न 27.
निम्नलिखित प्रत्येक समूह में से उस परमाणु का चयन करें जिसकी आयनन ऊर्जा सर्वाधिक हो तथा उत्तर को स्पष्ट करें-
(1) F, O, N
(2) Mg, P, Ar
(3) B, Al, Ga
उत्तर:
(1) F की आयनन ऊर्जा सर्वाधिक होगी क्योंकि इसका आकार सबसे कम है जिसके परिणामस्वरूप इसका प्रभावी नाभिकीय आवेश उच्चतम होगा।

(2) स्थायी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के कारण Ar की आयनन एन्थैपी सर्वाधिक होगी।

(3) B, Al, Ga के समूह में B की आयनन एन्थैल्पी सर्वाधिक है क्योंकि इसका परमाणु आकार सबसे कम है तथा प्रभावी नाभिकीय आवेश सर्वाधिक है।

प्रश्न 28.
आयनन ऊर्जा के कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य लिखें।
उत्तर:
आयनन ऊर्जा के कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्न प्रकार हैं-
(1) बाह्यतम कोश का स्थायी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास होने के कारण अक्रिय गैसों की आयनन एन्यैल्पी अधिक होती है। उन आपनों की भी आयनन एन्थल्पी अधिक होती है जिनका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास अक्रिय गैस जैसा होता है।

(2) एक ही कोश के विभिन्न उपकोशों से इलेक्ट्रॉन बाहर निकालने के लिये आवश्यक ऊर्जा का क्रम निम्न प्रकार है-
s > p > d > f.

(3) किसी आवर्त में क्षार धातुओं की आयनन एन्थेल्पी सबसे कम और अक्रिय गैसों की सर्वाधिक होती है।

(4) सभी ज्ञात तत्त्वों में से हीलियम की आयनन एन्थैल्पी सबसे अधिक व सीजियम (Cs) की आयनन एन्थैल्पी सबसे कम होती है।

(5) तत्त्व की प्रथम आयनन एन्थैल्पी का मान सदैव द्वितीय आयनन एन्थैल्पी से कम होता है।

प्रश्न 29.
तत्त्वों के निम्न युग्मों में से किसकी इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्यैल्पी अपेक्षाकृत ऋणात्मक होती है।
(1) N या O (2) F या Cl (3) Be या B, उत्तर की व्याख्या करें।
उत्तर:
(1) O परमाणु की इलेक्ट्रॉन बन्धुता अधिक ऋणात्मक होती है क्योंकि इसके परमाणुओं को उत्कृष्ट गैस तत्त्व का विन्यास प्राप्त करने के लिए दो इलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता होती है। जबकि नाइट्रोजन
का विन्यास सममित होता है। इसे इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता नहीं होती है। इसकी इलेक्ट्रॉन बन्धुता धनात्मक होती है।

(2) Cl की इलेक्ट्रॉन बन्धुता अधिक ऋणात्मक होती है क्योंकि इसका आकार F से बड़ा होता है जिसके कारण अन्तः इलेक्ट्रॉन प्रतिकर्षण बल कम होता है। इससे आने वाला इलेक्ट्रॉन अधिक आकर्षण बल महसूस करता है और ऊर्जा ऋणात्मक हो जाती है।

(3) सममित विन्यास के कारण तत्त्व Be को इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी का मान धनात्मक (+ 66 kJ mol-1) होती है किन्तु B की इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्फैल्पी का मान ( 88kJ mol) ऋणात्मक होता है क्योंकि इसका विन्यास सममित नहीं होता है अतः B की इलेक्ट्रॉन लब्धि ऊर्जा अधिक ऋणात्मक होती है।

प्रश्न 30.
सही मिलान करें-

तत्त्वगुण
1. Clशून्य वर्ग से सम्बन्धित तत्त्व
2. Brसंयोजी कोश में 6 इलेक्ट्रॉन वाला तत्त्व
3. Fनिम्नतम आयनन एन्थैल्पी वाला तत्त्व
4. Oतत्त्व जो सर्वाधिक संख्या में यौगिक बनाता है
5. Xeवह तत्त्व जो कमरे के ताप पर द्रव है
6. Cलघुतम आकार वाला तत्त्व
7. Csउच्चतम ऋणात्मक इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी वाला तत्त्व

उत्तर:
सही मिलान निम्न प्रकार है-

तत्त्वगुण
1. Clउच्चतम ऋणात्मक इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी वाला तत्त्व वह तत्त्व जो कमरे के ताप पर द्रव है
2. Brलघुतम आकार वाला तत्त्व
3. Fसंयोजी कोश में 6 इलेक्ट्रॉन वाला तत्त्व
4. Oशून्य वर्ग से सम्बन्धित तत्त्व
5. Xeतत्त्व जो सर्वाधिक संख्या में यौगिक बनाता है
6. Cनिम्नतम आयनन एन्थैल्पी वाला तत्त्व
7. Csउच्चतम ऋणात्मक इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी वाला तत्त्व वह तत्त्व जो कमरे के ताप पर द्रव है

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आधुनिक आवर्त नियम क्या है? आवर्त सारणी के दीर्घ स्वरूप का संक्षिप्त वर्णन कीजिये। इस सारणी से क्या लाभ हैं।
उत्तर:
जब मेण्डलीव ने आवर्त सारणी का विकास किया, तब रसायनज्ञों को परमाणु की आन्तरिक संरचना का ज्ञान नहीं था। बीसवीं शताब्दी के प्रारम्भ में अवपरमाणुक कणों का विकास हुआ।

सन् 1913 में अंग्रेज भौतिकी वैज्ञानिक हेनरी मोजले ने तत्त्वों के अभिलाक्षणिक X- किरण स्पेक्ट्रमों में नियमितता पाई और देखा कि \(\sqrt{v}\) (जहाँ v, X-किरण की आवृत्ति है) और परमाणु क्रमांक (Z) के मध्य ग्राफ खींचने पर एक सरल रेखा प्राप्त होती है। परन्तु परमाणु भार व \(\sqrt{v}\) के आलेख में सरल रेखा प्राप्त नहीं होती है।

अतः मोजले ने बताया कि परमाणु भार की तुलना में परमाणु क्रमांक किसी तत्त्व के गुणों को दर्शाने में अत्यधिक सक्षम हैं। इसी के अनुसार मेण्डलीव के आवर्त नियम में परिवर्तन किया गया।

सन् 1913 में मोजले (Mosley) ने आधुनिक आवर्त नियम दिया जिसे आधुनिक आवर्त नियम (Modern Periodic Law) कहते हैं। इस नियम के अनुसार, “तत्त्वों के भौतिक तथा रासायनिक गुणधर्म उनके परमाणु क्रमांकों के आवर्ती फलन होते हैं।

अर्थात् यदि तत्त्वों को उनके परमाणु क्रमांकों के बढ़ते हुये क्रम में रखा जाये तो एक नियमित अन्तराल (Regular interval) के बाद समान गुणों की पुनरावृत्ति होती है और नियमित अन्तराल के बाद समान गुणों वाले तत्त्व की पुनरावृत्ति होती है ।

आधुनिक आवर्त नियम की सहायता से प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले 92 तत्त्वों में समानताएँ मिलीं। ऐक्टीनियम (Ac) और प्रोटोक्टीनियम (Pa) की भाँति नूप्ट्यूनियम (Np) और प्लूटोनियम (Pu) भी यूरेनियम के अयस्क पिच ब्लैंड में पाये गये। इन्हें भी बाद में आधुनिक आवर्त सारणी में स्थान दिया गया।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता 5

प्रश्न 2.
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के आधार पर तत्त्वों का वर्गीकरण किस प्रकार किया गया है? समझाइये।
उत्तर:
परमाणु संरचना वाले अध्याय में हम पढ़ चुके हैं कि किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉन की पहचान क्वाण्टम संख्याओं से होती है। किसी परमाणु में विभिन्न उपकोशों व कक्षकों में इलेक्ट्रॉनों के वितरण को ही उसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic configuration) कहते हैं। में इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic Configuration in Periods).

आवर्त में इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic Configuration in Periods):
दीर्घ आवर्त सारणी में तत्त्वों को उनके परमाणु क्रमांकों के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित किया गया है। इसलिए प्रत्येक तत्त्व में अपने से पहले वाले तत्त्व की तुलना में एक इलेक्ट्रॉन अधिक होता है। तत्त्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास मुख्य ऊर्जा तल, हुण्ड का नियम, पाऊली अपवर्जन सिद्धान्त (ऑफबाऊ सिद्धान्त) के आधार पर देते हैं।

आवर्त मुख्य ऊर्जा या बाह्य कोश के लिये n का मान बताता है। आवर्त सारणी में प्रत्येक उत्तरोत्तर आवर्त (Successive period) की पूर्ति अगले उच्च मुख्य ऊर्जा स्तर n = 1, n = 2 आदि से सम्बन्धित होती है।

प्रत्येक आवर्त में तत्त्वों की संख्या, भरे जाने वाले ऊर्जा स्तर में उपलब्ध परमाणु कक्षकों की संख्या से दोगुनी होती है। अतः प्रत्येक आवर्त में उपलब्ध तत्त्वों की संख्या को निम्न प्रकार व्याख्यायित कर सकते हैं।
(1) प्रथम आवर्त (n = 1) का प्रारम्भ सबसे निचले स्तर (1s) के भरने से प्रारम्भ होता है। s-उपकोश में एक ही कक्षक होता है अतः इसमें 2 तत्त्व ही होते हैं। हाइड्रोजन जिसका विन्यास 1s है तथा हीलियम जिसका विन्यास 1s1 है। इस प्रकार प्रथम कोश (K-कोश) पूर्ण हो जाता है।

(2) दूसरे आवर्त (n = 2) का प्रारम्भ Li से होता है इसमें दो उपकोश s तथा p होते हैं। इस प्रकार इस आवर्त में कुल चार कक्षक उपस्थित होते हैं। अतः इसमें कुल 8 तत्त्व होते हैं। पहला लीथियम जिसका विन्यास (1s², 2s1) होता है। दूसरा बेरीलियम जिसका विन्यास (1s², 2s²) होता है। इसके बाद बोरॉन तत्त्व आता है जहाँ से शुरू करते हुये जब हम निऑन तत्त्व तक पहुँचते हैं, तो 2p कक्षक पूर्ण रूप से इलेक्ट्रॉनों से भर जाता है। इस प्रकार L-कोश निऑन तत्त्व के साथ (2s², 2p6) पूर्ण रूप से भर जाता है अतः दूसरे आवर्त में कुल आठ तत्त्व होते हैं।

(3) तीसरे आवर्त m = 3 का आरम्भ सोडियम (Na) के साथ होता है। जिसमें इलेक्ट्रॉन 35 कक्षक में जाता है। धीरे-धीरे 3s एवं 3p कक्षकों में इलेक्ट्रॉनों के भरने के पश्चात् तीसरे आवर्त में तत्त्वों की संख्या सोडियम से ऑर्गन तक कुल मिलाकर आठ होती है।

(4) चौथे आवर्त (n = 4), का प्रारम्भ पोटैशियम से होता है तथा इलेक्ट्रॉन 4s कक्षक में प्रवेश करना प्रारम्भ कर देता है। यहाँ महत्त्वपूर्ण बात यह है कि 4p कक्षकों के भरने से पहले 3d-कक्षक भरते हैं जो कि ऊर्जात्मक (Energetically) रूप से अनुकूल है। 3d-कक्षक प्रथम संक्रमण श्रेणी (First transition series) बनाते हैं।

यह श्रेणी स्केन्डियम (Sc, Z = 21) से प्रारम्भ होती है इनका विन्यास 301 452 होता है। 3d- श्रेणी जिंक (Zn, Z = 30) पर पूर्ण हो जाती है जिसकी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 3d104s² होता है। यह चौथा आवर्त 4p कक्षकों के भरने के साथ क्रिप्टॉन (Kr, Z = 36) पर समाप्त हो जाता है। इस प्रकार चौथे आवर्त में कुल मिलाकर 18 तत्त्व होते हैं।

(5) पाँचवें आवर्त (n 5) का प्रारम्भ रूबीडियम से होता है। यह आवर्त चौथे आवर्त के समान होता है। इसमें 4d संक्रमण श्रेणी आती है। यह संक्रमण श्रेणी इट्रियम (Ytrrium, Z 39) से शुरू होती है संक्रमण श्रेणी में इलेक्ट्रॉन भरने के पश्चात् 5p-कक्षकों में इलेक्ट्रॉन भरते हैं। तथा आवर्त जीनॉन पर खत्म हो जाता है। इस आवर्त में भी कुल 18 तत्त्व होते हैं।

(6) छठवें आवर्त (n = 6) में कुल 32 तत्त्व होते हैं। यहाँ उत्तरोत्तर इलेक्ट्रॉन क्रमश: 6s, 4f, 5d तथा 6p के कक्षकों में भरते हैं। इलेक्ट्रॉनों का भरना 4f-कक्षकों में सीरियम (Cerium Z = 58) से शुरू होता है तथा ल्यूटीशियम (Lutetium, Z = 71) पर समाप्त होता है। 4f इस श्रेणी 45 आन्तरिक संक्रमण श्रेणी या लैन्थेनॉइड श्रेणी (Inner transition series or Lanthanoid series) कहते हैं।

(7) सातवाँ आवर्त (n = 7) छठवें आवर्त के समान है, जिसमें इलेक्ट्रॉन उत्तरोत्तर 7s, 5f, 6d और 7p कक्षक में भरते हैं। इनमें कृत्रिम विधियों (Artificial methods) द्वारा मानव निर्मित रेडियोधर्मी तत्त्व (Radioactive elements) आते हैं। सातवां आवर्त परमाणु क्रमांक 118 वाले तत्त्व जिसकी खोज हो चुकी है के साथ पूर्ण होता है। यह तत्त्व उत्कृष्ट गैस परिवार से सम्बन्धित होगा। ऐक्टीनियम (Ac, Z = 89) के पश्चात् 14 इलेक्ट्रॉन 5f श्रेणी में भरते हैं। इस श्रेणी को 5f-आन्तरिक संक्रमण श्रेणी या ऐक्टिनॉइड श्रेणी (5f-inner transition series or Actinoid series) कहते हैं। उपरोक्त विवरण को संक्षिप्त रूप में हम निम्न सारणी द्वारा व्यक्त कर सकते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता 6

वर्ग में इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (Electronic Configuration in Group):
एक ही वर्ग या ऊर्ध्वाधर स्तम्भ में उपस्थित तत्त्वों के संयोजकता कोश इलेक्ट्रॉनिक विन्यास समान होते हैं। इनके बाह्य कक्षकों में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या एवं गुणधर्मों में भी समानता होती है।

उदाहरणार्थ- क्षार धातुओं की संयोजकता कोश का विन्यास mst होता है। इस विन्यास से यह स्पष्ट होता है कि किसी तत्त्व के गुणधर्म उसके परमाणु क्रमांक पर निर्भर करते हैं, न कि उसके सापेक्षिक परमाणु द्रव्यमान पर।

प्रश्न 3.
मेण्डलीव की आवर्त सारणी की विवेचना कीजिए। इसके मुख्य दोष क्या हैं? इसकी उपयोगिता भी बताइये।
उत्तर:
रूसी रसायनज्ञ दमित्री मेण्डलीव ने सर्वप्रथम आवर्त सारणी को प्रतिपादित किया। इन्होंने बड़ी संख्या में तत्त्वों के रसायनिक गुणों का अध्ययन किया और सन् 1869 में आवर्त नियम को प्रस्तुत किया। इस नियम के अनुसार, “परमाणु भार तत्त्वों का मूल लक्षण है तथा तत्त्वों के भौतिक व रासायनिक गुण उनके परमाणु भारों के आवर्ती फलन होते हैं।”

यदि तत्त्वों को उनके परमाणु भारों के बढ़ते हुए क्रम से क्षैतिज पंक्तियों (Horizontal lines) में रखा जाये तो समान गुणों वाले तत्त्व एक नियमित अन्तराल (Regular interval) के बाद पुन: आते हैं। अर्थात् तत्त्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्म (या तत्त्वों के गुण) की एक निश्चित अन्तराल (या आवर्त) के बाद पुनरावृत्ति होती है। नियमित अन्तराल के पश्चात् गुणों की इस प्रकार की पुनरावृत्ति को आवर्तिता (Periodicity) कहते हैं।

मेण्डलीव द्वारा तत्त्वों का वर्गीकरण निश्चित तौर पर लोथर मेयर के वर्गीकरण से अधिक विस्तृत था।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता

प्रश्न 4.
निम्न पर टिप्पणी लिखिए।
(1) डोबेराइनर त्रिक
(2) न्यूलैण्ड का अष्टक नियम
(3) लोथर मेयर का परमाण्वीय आयतन वक्र।
उत्तर:
मेण्डलीव की आवर्त सारणी की मुख्य उपयोगिताएँ निम्न प्रकार हैं-
1. तत्त्वों का व्यवस्थित अध्ययन (Systematic study of the elements)-मेण्डलीव ने प्रथम बार तत्त्वों को आवर्तों व वर्गों में व्यवस्थित किया। इन्होंने तत्त्वों को इस प्रकार से व्यवस्थित किया कि किसी विशेष वर्ग में एक समान गुणधर्मों वाले तत्त्व ही व्यवस्थित हुए। इस प्रकार इन्होंने लगभग 105 तत्त्वों को केवल 9 वर्गों में व्यवस्थित कर दिया।

2. तत्त्वों के गुणों का अध्ययन (Study of properties of elements)-मेण्डलीव की आवर्त सारणी में किसी तत्त्व विशेष का अध्ययन करने से ही उस समूह के अन्य सभी तत्त्वों का अध्ययन हो जाता है, क्योंकि एक ही समूह में स्थित सभी तत्त्वों के गुण समान होते हैं।

3. नये तत्त्वों की खोज (Discovery of new elements)मेण्डलीव की आवर्त सारणी अज्ञात तत्त्वों को खोजने में एवं उनके गुणधर्मो के अध्ययन करने में अत्यधिक उपयोगी सिद्ध हुई। मेण्डलीव ने उस समय के अज्ञात तत्त्वों के लिए आवर्त सारणी में रिक्त स्थान छोड़ दिया तथा उनके गुणों की भी भविष्यवाणी की थी जो कि बाद में सत्य सिद्ध हुई एवं इससे नये तत्त्वों की खोज में काफी सहायता मिली।

उदाहरणार्थ-मेण्डलीव की मूल आवर्त सारणी में बाद में खोजे गये तत्त्व स्कैण्डियम (Sc), गैलियम (Ga) और जर्मेनियम (Ge) के स्थान रिक्त छोड़े गये और उन्होंने इन्हें क्रमशः एका-बोरॉन (Eka-Boron), एका-ऐलुमिनियम (Eka-Aluminium) तथा एका-सिलिकॉन (EkaSilicon) कहा। मेण्डलीव ने इन नये तत्त्वों की पहचान ही नहीं की बल्कि इन तत्त्वों के कुछ भौतिक गुणधर्मों का भी ब्यौरा दिया जिसे सारणी 3.3 में सूचीबद्ध किया गया है।

सारणी 3.3 – मेण्डलीव द्वारा एका-ऐलुमिनियम (गेलियम) तथा एका सिलिकॉन (जर्मेनियम) तत्वों की प्रागुक्ति

गुणएका-ऐलुमिनियम (भविष्य सूचक तत्त्व)गैलियम (खोजा गया तत्त्व)एका-सिलिकॉन (भविष्य सूचक तत्त्व)जर्मेनियम (खोजा गया तत्त्व)
परमाणु भार68707272.6
घनत्व (g/cm³)5.95.945.55.36
गलनांक/Kनिम्न302.93उच्च1231
ऑक्साइड का सूत्रE2O3Ga2O3EO2GeO2
क्लोराइड का सूत्रECl3GaCl3ECl4GeCl4

4. सन्देहपूर्ण परमाणु द्रव्यमानों का सुधार (Correction of doubtful atomic masses) मेण्डलीव की आवर्त सारणी की सहायता से बहुत से तत्त्वों के परमाणु भारों का सही निर्धारण किया गया। चूँकि आवर्त सारणी में किसी भी तत्त्व की स्थिति से उसकी संयोजकता ज्ञात की जा सकती है और उसका तुल्यांकी भार ज्ञात होने पर परमाणु भार ज्ञात किया जा सकता है।
परमाणु भार = तुल्यांकी भार x संयोजकता
यदि तत्त्वों की सही संयोजकता ज्ञात हो तो तत्त्व का सही परमाणु भार ज्ञात किया जा सकता है।

उदाहरणार्थ-सन् 1869 से पहले बेरीलियम (Be) का परमाणु भार 13.5 माना जाता था। इसकी गणना निम्न प्रकार की गयी थी।
परमाणु भार = तुल्यांकी भार x संयोजकता
= 4.5 x 3
= 13.5
इस परमाणु भार के अनुसार बेरीलियम (Be) की स्थिति मूल आवर्त सारणी में कार्बन तथा नाइट्रोजन के मध्य होनी चाहिए। परन्तु इस तत्त्व के गुणधर्म के अनुसार इसे वर्ग IIA के तत्त्वों Mg एवं Ca के साथ लीथियम व बोरॉन के मध्य होना चाहिए। अत: मेण्डलीव ने इसकी शुद्ध संयोजकता 2 मान कर इसका शुद्ध व सही परमाणु भार 9 निकला
परमाणु भार = 4.5 x 2 = 9
इसी प्रकार मेण्डलीव की मूल आवर्त सारणी की सहायता से कुछ अन्य तत्त्वों के सही परमाणु भारों को ज्ञात करने में सहायता मिली।

(2) अंग्रेज रसायनज्ञ जॉन एलेक्जेंडर न्यूलैण्ड ने सन् 1865 में अष्टक नियम (Law of octaves) को विकसित किया। इसके अनुसार, “जब तत्त्वों को उनके परमाणु द्रव्यमानों के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित किया जाता है तो प्रत्येक आठवाँ तत्त्व पहले तत्त्व से गुणधर्म में समानता रखता है।” यह सम्बन्ध उसी प्रकार का था, जैसा आठवें संगीत स्वर (Eight musical note) का सम्बन्ध प्रथम संगीत स्वर के साथ होता है। इसी कारण न्यूलैण्ड ने इसे ‘अष्टक का नियम’ नाम दिया।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता 7
इस प्रकार यदि बोरॉन (B) से शुरूआत करें तो आठव्वॉं तत्त्व एलुमीनियम (Al) आता है और इन दोनों तत्त्वों के गुणधर्म आपस में समान हैं। सीमाएँ (Limitations)

  • यह नियम केवल कैल्सियम तक ही सफल रहा। कैल्सियम के पश्चात् प्रत्येक आठवां तत्त्व अपने समूह में ऊपर आने वाले तत्त्व के समान गुणधर्म नहीं रखता था।
  • अज्ञात तत्त्वों के लिए इस वर्गीकरण में कोई स्थान सुरक्षित नहीं रखा गया।
  • यह नियम अधिक परमाणु भार वाले तत्त्वों पर लागू नहीं होता है।
  • उत्कृष्ट गैसों (Noble gases) की खोज के पश्चात् यह नियम पूर्ण रूप से असफल हो गया क्योंकि अब नवाँ तत्त्व प्रथम तत्त्व के समान था न कि आठवाँ।

(3) जर्मन वैज्ञानिक लोथर मेयर (Lother Meyer) ने सन् 1869 में यह विचार दिया था। इसके अनुसार, “तत्त्वों के गुणधर्मों व परमाणु आयतन (परमाणु भार/घनत्व) के बीच एक घनिष्ठ सम्बन्ध होता है। लोथर मेयर ने तत्त्वों के परमाणु भार एवं परमाणु आयतनों के मध्य एक ग्राफ (वक्र) खींचा तथा बताया कि समान गुणधर्म वाले तत्त्व इस वक्र पर समान स्थितियों में आते हैं।”

इस प्रकार लोथर मेयर ने पाया कि परमाणु भारों की वृद्धि के साथ परमाणु आयतनों में नियमित समानता होती है अर्थात् यहाँ पर आवर्तिता (Periodicity) पायी जाती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता 8
इस वक्र की कुछ विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं-

  • प्रबल विद्युतधनी तत्त्वों जैसे-क्षार, धातुओं ने वक्र में शिखर पर स्थान प्राप्त किया।
  • कुछ कम विद्युतधनी तत्त्वों जैसे-क्षारीय मृदा धातुओं ने वक्र के अवरोही भाग में स्थान प्राप्त किया।
  • विद्युतऋणी तत्त्व जैसे-हैलोजनों ने वक्र के चढ़ते हुए भाग में स्थान ग्रहण किया।
  • आठवें समूह के तत्त्व वक्र के निचले भाग में स्थित हुए।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 3 तत्त्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्मों में आवर्तिता Read More »

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

Haryana State Board HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम Important Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

वस्तुनिष्ठ प्रश्न-

1. निम्नलिखित कथन प्रतिबंधन एण्ड्रोन्यूक्लिएज एंजाइम के लक्षणों का वर्णन करते हैं। गलत कथन को चुनिए-
(अ) यह एंजाइम डी.एन.ए. पर एक विशिष्ट पैलीन्ड्रोमिक न्यूक्लियोटाइड अनुक्रम की पहचान करता है।
(ब) यह एंजाइम डी.एन.ए, पर पहचाने हुए स्थान पर डी.एन.ए. अणु को काटता है।
(स) यह एंजाइम डी.एन.ए. को विशेष स्थलों पर जोड़ता है और दो में से केवल एक लड़ी को काटता है।
(द) यह एंजाइम प्रत्येक लड़ी पर विशेष स्थलों पर शर्कराफास्फ्रेट रज्जु को काटता है।
उत्तर:
(स) यह एंजाइम डी.एन.ए. को विशेष स्थलों पर जोड़ता है और दो में से केवल एक लड़ी को काटता है।

2. विलोदित टैक जैव रिऐक्टर किस लिए अभिकल्पित किए गए हैं?
(अ) सारी प्रक्रिया के दौरान ऑक्सीजन की प्राप्यता बनाए रखने के लिए
(ब) प्रवर्धन नलिका में अवायवीय दशाओं को बनाये रखने के लिए
(स) उत्पादों के शुद्धिकरण के लिए
(द) उत्पादों में परिरक्षकों को मिलाने के लिए
उत्तर:
(अ) सारी प्रक्रिया के दौरान ऑक्सीजन की प्राप्यता बनाए रखने के लिए

3. निम्नलिखित में से कौनसा अनुप्रवाह प्रक्रमण का एक अवयव नहीं है ?
(अ) परिरक्षण
(ब) अभिव्यक्ति
(स) पृथक्करण
(द) शुद्धिकरण
उत्तर:
(ब) अभिव्यक्ति

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

4. निम्नलिखित में से कौनसा एक प्लाज्मिड का अभिलक्षण नहीं है?
(अ) स्थानान्तरण योग्य
(ब) एकल-रज्जुकीय
(स) स्वतंत्र प्रतिकृतीयन
(द) वृत्तीय संरचना
उत्तर:
(ब) एकल-रज्जुकीय

5. निम्नलिखित में से कौनसा एक प्रतिबंधन एंडोन्यूक्लिएज है?
(अ) डी.एन.एज. I
(ब) आर.एन.एज.
(स) हिन्द II
(द) प्रोटीएज
उत्तर:
(स) हिन्द II

6. प्रतिबन्ध एंजाइम प्राकृतिक रूप से पाये जाते हैं-
(अ) यूकैरियोटिक कोशिकाओं में
(ब) यीस्ट में
(स) जीवाणु में
(द) उपरोक्त सभी में
उत्तर:
(स) जीवाणु में

7. वे एन्जाइम जो DNA को विशिष्ट पहचान वाले स्थलों पर काटते हैं, वह हैं-
(अ) लाइगेज
(ब) एक्सोन्यूक्लिएज
(स) सीकामारी एन्डोन्यूक्लिएज
(द) DNA पॉलिमरेज
उत्तर:
(स) सीकामारी एन्डोन्यूक्लिएज

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

8. उच्च श्रेणी के पादपों में जीन क्लोनिंग हेतु कौनसा जीवाणु अधिक उपयोगी है-
(अ) ई.कोली
(ब) राइजोबियम
(स) एग्रोबैक्टीरियम
(द) स्यूडोमोनॉस
उत्तर:
(स) एग्रोबैक्टीरियम

9. जीन में हेर-फेर से तात्पर्य है-
(अ) आनुवंशिक पदार्थ को जोड़ना
(ब) आनुवंशिक पदार्थ को हटाना
(स) आनुवंशिक पदार्थ को ठीक करना
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी

10. वांछित DNA को परपोषी कोशिका में पहुँचाने वाला अणु होता है
(अ) वाहक
(ब) परपोषी
(स) परजीवी
(द) एन्जाइम
उत्तर:
(अ) वाहक

11. निम्न में से कौनसा वांछित DNA हो सकता है-
(अ) संश्लेषित DNA
(ब) C-DNA
(स) जीनोमिक DNA
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

12. सीमाकारी एन्जाइम EcoRI DNA को निम्न में से किस स्थान पर काटता है-
(अ) GATTC
(ब) GACCTG
(स) AAATTT
(द) GGGCCC
उत्तर:
(अ) GATTC

13. न्यूक्लिक अम्ल का एकल रज्जु जिसके साथ एक रेडियोधर्मी अणु जोड़ दिया गया हो, क्या कहलाता है?
(अ) वेक्टर
(ब) चयनशील मार्कर
(स) प्लाज्मिड
(द) प्रोब
उत्तर:
(द) प्रोब

14. तथाकथित ‘चिपचिपे सिर’ किससे बने होते हैं?
(अ) अयुग्मित क्षारकों से
(ब) DNA तंतुक के सिरे पर चिपचिपे पॉलिसैकेराइड से
(स) मिथाइल समूह से
(द) अयुग्मित RNA क्षारकों से
उत्तर:
(अ) अयुग्मित क्षारकों से

15. द्विबीजपत्रियों में जीन स्थानान्तरण हेतु सामान्यतः प्रयुक्त प्लाज्मिड है-
(अ) PBR 322
(ब) PBR 235
(स) Ti प्लाज्मिड
(द) कास्मिड
उत्तर:
(स) Ti प्लाज्मिड

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

16. प्रथम प्रतिबंधन एण्डोन्यूक्लिएज कौनसा पहचाना गया था?
(अ) EcoRI
(ब) Hind II
(स) Hind III
(द) Taq I
उत्तर:
(ब) Hind II

17. एग्रोबैक्टिरियम ट्यूमीफेशिएंस का DNA खंड (T-DNA) सामान्य पौधों की कोशिकाओं में क्या रोग उत्पन्न करता है-
(अ) कैंसर
(ब) अपघटन
(स) अर्बुद
(द) कुछ नहीं
उत्तर:
(स) अर्बुद

18. रीट्रोवाइरस (पश्च विषाणु) सामान्य जन्तु कोशिकाओं में कौनसा रोग उत्पन्न करता है?
(अ) कैंसर
(ब) विघटन
(स) अर्बुद
(द) कुछ नहीं
उत्तर:
(अ) कैंसर

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

19. एक रेस्ट्रीक्शन (प्रतिबंधन) एन्डोन्यूक्लिएज को EcoRI का नाम दिया गया है। इसमें भाग “co” किसके लिए है?
(अ) colon (वृहदांत्र)
(ब) coelom (देहगुहा)
(स) coenzyme (सहएन्जाइम)
(द) coli (कोलाई)
उत्तर:
(द) coli (कोलाई)

20. जीवाणु कोशिका में गुणसूत्रीय DNA के अतिरिक्त पाया जाने वाला वर्तुल (Circular) DNA कहलाता है-
(अ) एपीसोम
(ब) कोस्मिड
(स) प्लाज्मिड
(द) फेज्मिड
उत्तर:
(स) प्लाज्मिड

21. pBR322 वाहक में किसके प्रति प्रतिरोधक जीन होती है?
(अ) एम्पीसिलिन
(ब) टेट्रासाइक्लिन
(स) उपर्युक्त दोनों
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(द) इनमें से कोई नहीं

22. प्रतिबंधन एंडोन्यूक्लिएज द्वारा DNA के कटे खण्डों को किस तकनीक द्वारा अलग करते हैं?
(अ) बायोरियक्टर
(ब) इलेक्ट्रोफोरेसिस
(स) बायोलिस्टिक
(द) माइक्राइंजेक्शन
उत्तर:
(ब) इलेक्ट्रोफोरेसिस

23. वह विधि जिसके द्वारा पुनर्योगज DNA को सीधे जंतु कोशिका के केन्द्रक के अन्दर अंतःक्षेपित कर सकते हैं, वह है-
(अ) जीन गन
(ब) बायोलिस्टिक
(स) माइक्रोइं जेक्शन
(द) बायोरियक्टर
उत्तर:
(स) माइक्रोइं जेक्शन

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

24. प्लाज्मिड जिसमें वांछित DNA खण्ड जुड़ा रहता है, उसे कहते हैं-
(अ) विजातीय प्लाज्मिड
(ब) काइमेरिक प्लाज्मिड
(स) सेलेरा प्लाज्मिड
(द) विदलनीय प्लाज्मिड
उत्तर:
(ब) काइमेरिक प्लाज्मिड

25. कौनसे एंजाइम DNA को खण्डित करते हैं-
(अ) लाइगेज
(ब) टाइप II रेस्ट्रिक्शन एण्डोन्यूक्लिएज
(स) पॉलीमरेज
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(ब) टाइप II रेस्ट्रिक्शन एण्डोन्यूक्लिएज

26. वाहक DNA है-
(अ) प्लाज्मिड
(ब) C-DNA
(स) संश्लेषित DNA
(द) उपर्युक्त DNA
उत्तर:
(अ) प्लाज्मिड

27. लेडरबर्ग के रेप्लीका प्लेटिंग प्रयगो में स्ट्रेप्टोमायसीन प्रतिरोधी विभेद प्राप्त करने हेतु किसका उपयोग किया गया?
(अ) न्यूनतम माध्यम एवं स्ट्रेप्टोमायसीन
(ब) पूर्ण माध्यम और स्ट्रेप्टोमायसीन
(स) केवल न्यूनतम माध्यम
(द) केवल पूर्ण माध्यम
उत्तर:
(अ) न्यूनतम माध्यम एवं स्ट्रेप्टोमायसीन

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

28. निम्नलिखित में से किसका जीन क्लोनिंग में उपयोग किया जाता है?
(अ) लोमासोम्स
(ब) मीजोसोम्स
(स) प्लाज्मिडस
(द) न्यूक्लिओइडस
उत्तर:
(अ) लोमासोम्स

29. निम्न में जैव प्रौद्योगिकी का भाग है-
(अ) जीन का संश्लेषण एवं उपयोग
(ब) डी.एन.ए. टीका का निर्माण या दोषमुक्त
(स) पात्रे (इनविट्रो) निषेचन द्वारा परखनली शिशु का निर्माण
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी

30. जीव के आनुवंशिक रूपांतर में मूलभूत चरण है-
(अ) वांछित जीनयुक्त डी.एन.ए. की पहचान
(ब) चिन्हित डी.एन.ए. का परपोषी में स्थानान्तरण
(स) स्थानान्तरित डी.एन.ए. को परपोषी में सुरक्षित रखना तथा उसकी संतति में स्थानान्तरित करना
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
लक्ष्य जीन को पृथक् करने के लिए कौनसे एन्जाइम की आवश्यकता होती है ?
उत्तर:
लक्ष्य जीन को पृथक् करने के लिए प्रतिबन्धन एण्डोन्यूक्लिएज एंजाइम की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 2.
कौनसा DNA पॉलीमरेज उच्च ताप पर भी सक्रिय रहता है?
उत्तर:
टेक (Taq) DNA पॉलीमरेज उच्च ताप पर भी सक्रिय रहता है।

प्रश्न 3.
किन्हीं तीन प्रतिबन्धन एण्डोन्यूक्लिएज एन्जाइमों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • EαRI,
  • Hind II
  • Hind III

प्रश्न 4.
PCR का पूर्ण नाम लिखिए। इसमें कौनसा एन्जाइम प्रयुक्त होता है?
उत्तर:
पॉलिमरेज शृंखला अभिक्रिया (Polymerase Chain Reaction), इसमें टेक (Taq) DNA पॉलीमरेज एन्जाइम प्रयुक्त होता है।

प्रश्न 5.
जीवाणुभोजी (Bacteriophage) किसे कहते हैं?
उत्तर:
जीवाणुओं को संक्रमित करने वाले विषाणु को जीवाणुभोजी कहते हैं।

प्रश्न 6.
प्रथम पुनर्योगज DNA का निर्माण किसमें हुआ था?
उत्तर:
जीवाणु सालमोनेला टाइफीमूरियम में।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

प्रश्न 7.
आणविक कैंची किसे कहते हैं?
उत्तर:
प्रतिबंधन एन्जाइम (Restriction Enzyme) को आणविक कैंची कहते हैं।

प्रश्न 8.
हिंड II (Hind II) DNA अणु को कहाँ से काटता है?
उत्तर:
हिंड II, DNA अणु को उस विशेष बिंदु पर काटते हैं जहाँ पर छः क्षारक युग्मों (Base pairs) का विशेष अनुक्रम होता है।

प्रश्न 9.
पैलिंड्रोम (Palindrom) क्या है?
उत्तर:
ये वर्णों के समूह हैं जिन्हें आगे व पीछे दोनों तरफ से पढ़ने पर एक ही शब्द बनता है जैसे ‘मलयालम’।

प्रश्न 10.
चिपचिपे सिरे किस एंजाइम के कार्य में सहायता करते हैं?
उत्तर:
एंजाइम DNA लाइगेज के कार्य में सहायता प्रदान करता है।

प्रश्न 11.
DNA खंड किस प्रकार के आवेशित अणु होते हैं?
उत्तर:
ऋणात्मक आवेशित (Charged) अणु होते हैं।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

प्रश्न 12.
इलेक्ट्रोफोरेसिस में DNA को देखने के लिये किससे अभिरंजित किया जाता है?
उत्तर:
इथीडियम ब्रोमाइड नामक यौगिक से अभिरंजित करते हैं।

प्रश्न 13.
रूपान्तरण (Transformation) क्या प्रक्रिया है?
उत्तर:
यह एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा DNA के एक खण्ड को परपोषी जीवाणु में प्रवेश कराते हैं।

प्रश्न 14.
पौधों व जन्तुओं की कोशिकाओं में पुनर्योगज DNA को किस विधि से अंतःक्षेपित किया जाता है?
उत्तर:
पौधों में बायोलिस्टिक या जीन गन से तथा जन्तुओं में माइक्रोइंजेक्शन विधि से अंतःक्षेपित किया जाता है।

प्रश्न 15.
पुनर्योगज DNA टेक्नोलॉजी के विभिन्न चरण बताइये ।
उत्तर:
DNA का विलगन, DNA का खंडन, DNA खंड का संवाहक से बंधन, पुनर्योगज DNA का परपोषी में स्थानांतरण, परपोषी कोशिकाओं का माध्यम में व्यापक स्तर पर संवर्धन व वांछित उत्पाद का निष्कर्षण।

प्रश्न 16.
DNA पृथक्करण हेतु विभिन्न कोशिकाओं को किस प्रकार तोड़कर खोलते हैं?
उत्तर:
जीवाणु कोशिकाओं को लाइसोजाइम, पादप कोशिकाओं को सेलुलेज तथा कवक कोशिकाओं को काइटिनेज एंजाइम द्वारा तोड़ा जाता है अर्थात् भित्तियों को इन एंजाइम की क्रिया से नष्ट करते हैं।

प्रश्न 17.
लाभकारी जीन का प्रवर्धन किस प्रक्रिया द्वारा होता है?
उत्तर:
प्रवर्धन पॉलीमरेज श्रृंखला अभिक्रिया (PCR) द्वारा होता है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

प्रश्न 18.
पुनर्योगज प्रोटीन किसे कहते हैं?
उत्तर:
यदि कोई प्रोटीन कूटलेखन ( इनकोडिंग ) जीन किसी विषमजात (हेटेरोलोगस) परपोषी में अभिव्यक्त होता है तो उसे पुनर्योगज प्रोटीन कहते हैं।

प्रश्न 19.
बायोरिएक्टर कितने प्रकार के उपयोग में लिये जाते हैं?
उत्तर:
दो प्रकार के साधारण विलोडन हौज बायोरिएक्टर (simple stirred tank bioreactor) तथा दंड विलोडक हौज बायोरिएक्टर (sparged strirred tank bioreactor )।

प्रश्न 20.
इलेक्ट्रोफोरेसिस में क्या होता है ?
उत्तर:
DNA खंड का पृथक्करण एवं विलगन ।

प्रश्न 21.
यूरोपीय जैव प्रौद्योगिकी संघ द्वारा जैव प्रौद्योगिकी की क्या परिभाषा दी गई है ?
उत्तर:
जैव प्रौद्योगिकी-नये उत्पादों तथा सेवाओं के लिए प्राकृतिक विज्ञान व जीवों, कोशिकाओं, इसके अंग एवं आण्विक अवरूपों के समायोजन को जैव प्रौद्योगिकी कहते हैं।

प्रश्न 22.
जीवाणु कोशिका में मिलने वाले वर्तुल डी एन ए का प्रमुख कार्य बताइए।
उत्तर:
यह संवाहक (वेक्टर) की तरह कार्य करता है।

प्रश्न 23.
किण्वक से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
व्यावसायिक पैमाने पर सूक्ष्मजीवियों को पैदा करने के लिए बड़े बर्तन की आवश्यकता होती है जिसे किण्वक या फरमैंटर कहते हैं ।

प्रश्न 24.
उस तकनीक का नाम लिखिए, जिसके द्वारा डीएनए खंडों को अलग कर सकते हैं।
उत्तर:
जैल वैद्युत का संचलन (Electrophoresis)

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

प्रश्न 25.
क्षारक युग्मों के ऐसे अनुक्रम को क्या कहते हैं, जिसे पढ़ने के अभिविन्यास को समान रखने पर डीएनए की दोनों लड़ियों को एक जैसा पढ़ा जाता है?
उत्तर:
पैलिंड्रोम क्षारक युग्म।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
विजातीय DNA के खंड को परपोषी जीवों में पहुंचाने के लिये संवाहक का विचार जैव प्रौद्योगिकी वैज्ञानिकों के मस्तिष्क में कैसे आया?
उत्तर:
जैव प्रौद्योगिकी में हम जानते हैं कि प्लाज्मिड DNA संवाहक (Vector) की तरह कार्य करता है जो इससे जुड़े DNA को स्थानान्तरित करता है। यह विचार मच्छर व कीट संवाहकों से उत्पन्न हुआ। प्रायः मच्छर, कीट संवाहक के रूप में मलेरिया परजीवी को मानव शरीर में स्थानान्तरित करता है। ठीक उसी तरह से प्लाज्मिड को संवाहक के रूप में प्रयोग कर विजातीय DNA के खंड को परपोषी जीवों में पहुंचाया जाता है।

प्रश्न 2.
प्रतिबंधन एंडोन्यूक्लिएज एंजाइमों का नामकरण किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर:
इन एंजाइमों के नामकरण में परंपरानुसार नाम का पहला शब्द वंश व दूसरा एवं तीसरा शब्द प्राकेंद्रकी कोशिकाओं की जाति से लिया गया है, जिनसे ये पृथक् किए गए थे। जैसे – ईको आर I ( EαRI) एशरिशिया कोलाई RY13, ईको आर I में अक्षर ‘आर (R) ‘ प्रभेद के नाम से लिया गया है। नाम के बाद रोमन अंक उस क्रम को दर्शाते हैं जिसको जीवाणु के प्रभेद से एंजाइम पृथक् किए गए थे।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

प्रश्न 3.
पुनर्योगज DNA को जीवाणु में प्रवेश करवाने के लिये क्या विधि अपनाई जाती है?
उत्तर:
DNA जलरागी (Hydrophillic) अणु है, इस कारण यह कोशिका झिल्ली के द्वारा प्रवेश नहीं कर पाता है। अतः जीवाणु को प्लाज्मिड ग्रहण करने हेतु सक्षम बनाया जाता है। इसके लिये कैल्सियम की विशिष्ट सान्द्रता के साथ संसाधित किया जाता है जिससे DNA को जीवाणु की कोशिका भित्ति में स्थित छिद्रों से प्रवेश करने में सहायता मिलती है। इन कोशिकाओं को पुनर्योगज DNA के साथ पहले बर्फ पर रखते हैं फिर पुनर्योगज DNA को उन कोशिकाओं में बलपूर्वक प्रवेश कराया जाता है। इसके पश्चात् कोशिकाओं को कुछ समय के लिए 42° सेल्शियस (तापप्रघात) पर रखते हैं व पुनः बर्फ पर रखते हैं। इससे पुनर्योगज DNA जीवाणु में प्रवेश कर जाता है।

प्रश्न 4.
परपोषी कोशिकाओं में विजातीय DNA को प्रवेश करवाने की अन्य विधियों के विषय में बताइये ।
उत्तर:
परपोषी कोशिकाओं में विजातीय डीएनए को प्रवेश कराने हेतु अन्य विधियाँ भी हैं। जैसे सूक्ष्म अंतःक्षेपण (microinjection) विधि में पुनर्योगज डीएनए को सीधे जंतु कोशिका के केंद्रक के भीतर अंतःक्षेपित किया जाता है।

दूसरी विधि जो पौधों के लिए उपयोगी है, कोशिकाओं पर डीएनए से विलेपित, स्वर्ण या टंग्स्टन के उच्च वेग सूक्ष्म कणों से बमबारी करते हैं जिसे बायोलिस्टिक या जीन गन (Biolistics or Gene gun) कहते हैं। अंतिम विधि जिसमें अहानिकारक रोगजनक संवाहक का उपयोग किया जाता है। इन संवाहकों को जब कोशिकाओं को संक्रमित करने दिया जाता है तब ये पुनर्योगज डीएनए को परपोषी में स्थानांतरित कर देते हैं।

प्रश्न 5.
पौधों तथा जन्तुओं में जीन क्लोनिंग हेतु संवाहक सम्बन्ध में टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
जीवाणु व विषाणुओं से ज्ञान अर्जित कर पौधों व जन्तुओं में भी जीन क्लोनिंग करवाई गई। कुछ इस प्रकार के जीवाणु व विषाणुओं का अध्ययन किया गया जो पादप व जन्तुओं में रोगजनक पैथोजन है। उदाहरणार्थ- एग्रोबैक्टीरियम ट्यूमीफेशिएंस कई द्विबीजपत्री पौधों का रोगजनक पैथोजन है।

वह डीएनए के एक खंड जिसे ‘टी- डीएनए’ कहते हैं, को स्थानांतरित कर सामान्य पौधों की कोशिकाओं को अर्बुद (ट्यूमर) में रूपांतरित करता है और ये अर्बुद कोशिकाएँ रोगजनक के लिए जरूरी रसायनों का उत्पादन करते हैं। ठीक इसी तरह से जंतु कोशिकाओं में पश्चविषाणु ( रीट्रोवायरस) सामान्य कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं पर रूपांतरित कर देते हैं। रोगजनकों द्वारा अपने सुकेंद्रकी परपोषी में जीन स्थानांतरण की कला को अच्छी तरह से समझ कर रोगजनकों की इस विधि का उपयोग कर, अच्छे संवाहक के रूप में प्रयोग कर, मानव के लिए उपयोगी जीन का स्थानांतरण कर सकते हैं।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

एग्रोबैक्टीरियम ट्यूमीफेशियंस का टी आई (Ti) प्लाज्मिड क्लोनिंग संवाहक के रूप में अब रूपांतरित कर दिया गया है जो पौधों के लिए रोगजनक नहीं है, लेकिन इसका उपयोग अपनी अभिरुचि के जीन को अनेक पौधों में स्थानांतरित करने में किया जाता है। ठीक इसी तरह से पश्चविषाणु को अहानिकारक बनाकर जंतु कोशिकाओं में वांछित जीन को रूपांतरित करने में उपयोग किया जाता है। इस तरह से जब एक जीन या डीएनए के खंड को उचित संवाहक से जोड़ दिया जाता है तब इसे जीवाणु, पौधों व जंतु परपोषी में स्थानांतरित किया जाता है (जहाँ यह गुणित होता रहता है)।

प्रश्न 6.
क्लोनिंग के लिये ई. कोली जीवाणु को उपयुक्त परपोषी क्यों माना जाता है?
उत्तर:
क्लोनिंग के लिये ई. कोली जीवाणु को उपयुक्त परपोषी निम्न गुणों के कारण माना जाता है-

  1. यह आसानी से रूपान्तरित हो जाता है ।
  2. इसमें कार्यशील सीमाकारी एन्जाइमों का अभाव होता है।
  3. यह पुनर्योगज डी.एन.ए. की पुनरावृत्ति में सहायता करता है।
  4. इसके डी. एन. ए. की संरचना व अन्य जैव रासायनिक क्रियायें पूर्णत: ज्ञात हैं।
  5. इसके प्लाज्मिड व जीवाणुभोजियों को स्पष्ट रूप से अभिलक्षित किया जा चुका है।

प्रश्न 7.
वाहक के रूप में जीवाणुभोजी की उपयोगिता पर संक्षिप्त लेख लिखिए ।
उत्तर:
जीवाणुभोजी में सामान्य रूप से एक रैखिक डी. एन. ए. अणु पाया जाता है। इसको एक स्थान से तोड़ने पर दो खण्ड बन जाते हैं। इन दोनों खण्डों के बीच वांछित डी.एन.ए. के निवेशन से पुनर्योगज डी.एन.ए. का निर्माण हो जाता है। जीवाणुभोजी जीवाणुओं को संक्रमित कर लयन चक्र पूरा कर पुनर्योगज डी.एन.ए. की कई प्रतियाँ निर्मित कर लेता है। इस वन्य जीवाणुभोजी डी.एन.ए. में से आवश्यक भाग को हटाकर इसका पुनः निर्माण किया जाता है। इस पुनः निर्मित जीवाणुभोजी डी.एन.ए. में 20-25 Kb बाहरी DNA निवेशित किया
जाता है। कई जीवाणुभोजियों, मुख्य रूप से (लेम्डा) व M13 फाजी का वाहक के रूप में उपयोग करते हैं।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

प्रश्न 8.
उत्तम वाहक के कोई चार गुणधर्म लिखिए ।
उत्तर:
उत्तम वाहक के गुणधर्म निम्न हैं-

  1. इसका बिलगन एवं शोधन सरल एवं सुविधाजनक होना चाहिए।
  2. इसको परपोषी कोशिका में सफलतापूर्वक प्रविष्ट कराया जा सके अर्थात् इसके द्वारा रूपान्तरण दक्ष एवं सरल होना चाहिए।
  3. इसको वांछित DNA की अभिव्यक्ति करनी होती हैं। इसलिए वाहक में प्रमोटर ऑपरेटर जैसे नियामक अवयव एवं अन्य आवश्यक क्रमों का उपस्थित होना आवश्यक है।
  4. जीन रूपान्तरण के लिए वाहक में यह क्षमता होनी चाहिए कि या तो वह स्वयं या अपने DNA निवेश को परपोषी क्रोमोसोम में समाकलित कर सके।
  5. इसमें उपयुक्त रिपोर्टर जीन होने चाहिये जिससे रूपान्तरित परपोषी कोशिकाओं का आसानी से वरण किया जा सके।

प्रश्न 9.
pBR322 क्या है? इसका चित्र बनाकर वर्णन कीजिये।
उत्तर:
इस प्लाज्मिड का क्लोनिंग वाहक के रूप में उपयोग किया जाता है। इसमें p = प्लाज्मिड BR इसे बनाने वाले वैज्ञानिक बोलिवर तथा रोड्रिगन के नाम का प्रथम अक्षर तथा 322 उनके प्रयोग पर आधारित संख्या है। इनका आकार 1.5 Kb से लेकर 1500 Kb तक हो सकता है। इसमें तीन जीनों से लेकर कई हजार जीन हो सकते हैं।

इन वाहकों में 15 Kb से छोटे DNA खण्डों का ही क्लोन कर सकते हैं। इसमें दो प्रतिजीव प्रतिरोधिता जीनें पाई जाती हैं। एक जीन ऐम्पिसिलिन तथा दूसरी टेट्रासाइक्लिन में प्रतिरोधिता प्रदान करती है। इसमें अनेक विशिष्ट सीमाकारी एन्जाइमों का अभिज्ञान स्थल पाये जाते हैं। इसमें 4361 क्षार युग्म पाये जाते हैं तथा इसे शुद्ध रूप से प्राप्त किया जाता है।

प्रश्न 10.
पॉलीमरेज श्रृंखला अभिक्रिया तथा जीन क्लोनिंग ‘तुलना कीजिए।
उत्तर:

पॉलीमरेज शृंखला अभिक्रिया (Polymerase chain reaction = PCR)जीन क्लोनिंग (Gene cloning)
1. इसमें बहुत कम DNA की आवश्यकता होती है, यहाँ तक जीन की एक प्रति भी पर्यास होती है।इसमें अधिक DNA की आवश्यकता होती है।
2. यह एक सस्ती विधि है क्योंकि इसमें महंगे प्रतिबन्धन एन्जाइम, लाइगेज व वाहक DNA की आवश्यकता नहीं होती है।इसमें इन सब की आवश्यकता होती है अतः यह एक महंगी विधि है।
3. इसमें कम समय (4-5 घन्टे) श्रम व दक्षता की आवश्यकता होती है।इसमें अधिक समय (2-4 दिन), श्रम व दक्षता की आवश्यकता होती है।
4. इसके अनेक अनुप्रयोग हैं और वर्तमान में नये अनुप्रयोग विकसित हो रहे हैं।इसके सीमित अनुप्रयोग हैं।
5. यह एक पूर्णरूप से स्वचालित विधि है।स्वचालित नहीं है।

प्रश्न 11.
आनुवंशिक अभियान्त्रिकी में प्रयुक्त कौनसे एन्जाइम आण्विक कैंची के नाम से प्रख्यात हैं? ये कितने प्रकार के होते हैं? प्रत्येक का नाम व कार्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
आनुवंशिक अभियान्त्रिकी में प्रयुक्त प्रतिबन्धन एन्जाइम (Restriction Enzyme) आण्विक कैंची के नाम से प्रख्यात है।

ये दो प्रकार के होते हैं –
1. प्रतिबंधन एक्सोन्यूक्लिएज (RestrictionExonuclease) – कार्य ये DNA के सिरे से न्यूक्लियोटाइड को अलग करते हैं।
2. प्रतिबंधन एंडोन्यूक्लिएज (Restriction Endonuclease) – कार्य ये DNA के भीतर विशिष्ट स्थलों पर काटते हैं। प्रत्येक प्रतिबंधन एंडोन्यूक्लिएज DNA अनुक्रम की लंबाई के निरीक्षण पश्चात् कार्य करता है। जब यह अपना विशिष्ट पहचान अनुक्रम पा जाता है तब यह DNA से जुड़ता है तथा द्विकुंडलिनी की दोनों लड़ियों को शर्करा – फॉस्फेट आधारस्तंभों के विशिष्ट केन्द्रों पर काटता है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

प्रश्न 12.
पुनर्योगज डी एन ए किसे कहते हैं? परपोषी कोशिकाओं में विजातीय डी एन ए के प्रवेश करवाने की सूक्ष्म अंतःक्षेपण तथा जीन गन विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
किसी एक जीव से DNA का एक खण्ड लेकर उसका दूसरे जीव के DNA के साथ संकरण करवाना पुनर्योगज DNA कहते हैं। इस तकनीक में एक जाति के DNA को दूसरी प्रजाति के DNA में प्रवेश करवा कर पुनर्योगज DNA (recombinant DNA ) प्राप्त किया जाता है।

सूक्ष्म अंतःक्षेपण (Microinjection) – इसमें DNA को प्रोटोप्लास्टों अथवा परागकणों अथवा सीधे ही विकासशील पुष्पक्रमों में दबाव के साथ अंत:क्षेपित (inject) कर प्रवेश करा दिया जाता है। जीन गन (Gene Gun) – DNA से विलोपित ( coated) स्वर्ण या टंग्स्टन के 1-3 माइक्रो मी. व्यास वाले कणों को बुलेट ( bullet) के द्वारा उच्च वेग से लक्ष्य कोशिकाओं में दाग दिया जाता है। इससे कोशिका भित्ति को भेदकर कोशिका के अन्दर प्रविष्ट हो जाते हैं।

प्रश्न 13.
प्रतिबन्धित एन्जाइम किसे कहते हैं? जैल वैद्युत- संचलन तकनीक से डी एन ए खण्ड के पृथक्करण एवं विलगन की प्रक्रिया समझाइए |
उत्तर:
वे एन्जाइम जो DNA को निश्चित बिन्दुओं पर काटकर उसको निश्चित आकार के छोटे-छोटे टुकड़ों में कर देते हैं, इन्हें सीमाकारी या प्रतिबंधित एन्जाइम (Restriction enzyme) कहते हैं। जैल वैद्युत संचलन (Electrophoresis ) से DNA खण्ड का पृथक्करण एवं विलगन कर सकते हैं।

DNA खण्ड ऋणात्मक आवेशिक (charged) अणु होते हैं, इसलिए इन्हें विद्युत क्षेत्र में माध्यम / आधात्री द्वारा एनोड की तरफ बलपूर्वक भेजकर अलग कर सकते हैं। इसमें ऐगारोज माध्यम का उपयोग होता है। DNA खण्डों को ऐगारोज जैल के छलनी प्रभाव द्वारा उनके आकार के अनुसार अलग करते हैं। इस कारण खण्ड जितने छोटे आकार के होंगे, वे अधिक दूर तक जायेंगे।

इथीडियम ब्रोमाइड अभिरंजित जैल को पराबैंगनी प्रकाश से अनावृत करने पर DNA की चमकीली नारंगी रंग की पट्टी दिखाई पड़ती है। DNA की पृथक्कृत पट्टियों को ऐगारोज जैल से काट कर निकालते हैं और जैल के टुकड़ों से निष्कर्षित (extract) कर लेते हैं। इस प्रकार शुद्ध किये गये DNA को क्लोनिंग संवाहक से जोड़कर, पुनर्योगज DNA निर्माण में उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 14.
आनुवंशिक इंजीनियरिंग किसे कहते हैं? पुनर्योगज डीएनए निर्माण की तकनीक समझाइए ।
उत्तर:
वह तकनीक जिसमें एक जाति के DNA को दूसरी प्रजाति के DNA में प्रवेश करवा कर पुनर्योजी DNA (recombinant (DNA) प्राप्त किया जाता है, आनुवंशिक इंजीनियरिंग कहते हैं। आनुवंशिक इंजीनियरिंग में जीन क्लोनिंग एवं जीन स्थानांतरण का उपयोग कर पुनर्योगज डीएनए का निर्माण किया जाता है। प्रथम पुनर्योगज DNA का निर्माण सालमोनेला टाइफीमूरियम के प्लाज्मिड में प्रतिजैविक प्रतिरोधी कूटलेखन जीन के जुड़ने से हुआ था।

स्टेनले कोहेन व हरबर्ट बोयर ने 1972 में यह कार्य प्लाज्मिड से DNA का टुकड़ा काटकर सम्पन्न किया, जिसमें प्रतिजैविक प्रतिरोध प्रदान करने के लिए जिम्मेदार जीन थी। आणविक कैंची कहे जाने वाले ‘प्रतिबंधन एन्जाइम’ (Restriction Enzyme) की खोज से DNA को विशिष्ट जगहों पर काटना संभव हो सका। कटे हुए DNA का भाग प्लाज्मिड DNA से जोड़ा जाता है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

यह प्लाज्मिड DNA संवाहक ( vector) की भांति कार्य करता है जो इससे जुड़े DNA को स्थानांतरित करता है। प्रतिजैविक प्रतिरोधी जीन को संवाहक के साथ जोड़ने का काम एंजाइम DNA लाइगेज के द्वारा होता है जो DNA अणु के कटे हुए भाग पर कार्य कर उसके किनारों को जोड़ने का काम करता है। इस संयोजन से पात्रे ( in vitro) नये गोलाकार स्वतः प्रतिकृति बनाने वाले DNA का निर्माण होता है जिसे पुनर्योगज DNA कहते हैं। जब यह DNA एशरिकिआ कोलाई में स्थानांतरित किया जाता है तो यह नए परपोषी के DNA पॉलीमरेज एंजाइम का उपयोग कर अनेक प्रतिकृतियाँ बना लेता है।

प्रश्न 15.
बायोरिएक्टर क्या है? इसकी कार्यप्रणाली समझाइए ।
उत्तर;
लगभग सभी पुनर्योगज प्रौद्योगिकियों का मुख्य उद्देश्य वांछित प्रोटीन का उत्पादन करना होता है। इसके लिए वांछित जीन को क्लोन करने, लक्ष्य प्रोटीन की अभिव्यक्ति को प्रेरित करने वाली परिस्थितियों को अनुकूलतम बनाने के पश्चात् इनका व्यापक स्तर पर उत्पादन सम्भव है। लाभकारी जीनों को आश्रय देने वाली कोशिकाओं का छोटे पैमाने पर प्रयोगशाला में वर्धन किया जा सकता है।

संवर्धन को वांछित प्रोटीन का निष्कर्षण कर पृथक्करण की विभिन्न विधियों का प्रयोग कर प्रोटीन का शोधन कर सकते हैं। कोशिकाओं को सतत संवर्धन तंत्र में गुणित कर सकते हैं, जिसमें उपयोग किये गये माध्यम को एक तरफ से निकालकर दूसरी तरफ से ताजा माध्यम को भरते हैं ताकि कोशिकाएँ अपने क्रियात्मक रूप से सर्वाधिक सक्रिय लॉग (exponential) प्रावस्था में बनी रहें।

यह संवर्धन विधि अधिक जैव मात्रा के उत्पादन में वांछित प्रोटीन के अधिक उत्पादन हेतु उपयोगी है। इन उत्पादों के अधिक मात्रा में उत्पादन हेतु बायोरिएक्टर का उपयोग किया जाता है। बायोरिएक्टर एक बर्तन के समान होते हैं, जिसमें सूक्ष्मजीवों, पौधों, जन्तुओं व मानव कोशिकाओं का उपयोग करते हुए कच्चे माल को जैव रूप से विशिष्ट उत्पादों व्यष्टि एन्जाइम आदि में परिवर्तित किया जाता है। बायोरिएक्टर वांछित उत्पाद प्राप्त करने के लिए अनुकूलतम परिस्थितियाँ उपलब्ध करता है।

तापमान, PH, क्रियाधार, लवण, विटामिन, ऑक्सीजन आदि वृद्धि हेतु अनुकूलतम परिस्थितियाँ हैं । प्रायः विलोडन ( stirring) प्रकार का बायोरिएक्टर सर्वाधिक उपयोग में लाया जाता है। विलोडित हौज बायोरिएक्टर (stirred tank bioreacter) बेलनाकार होते हैं। इसके आधार घुमावदार होने से बायोरिएक्टर के अंदर अंतर्वस्तु के मिश्रण में सहायता मिलती है। बायोरिएक्टर में ऑक्सीजन की उपलब्धता तथा मिश्रण मिलाने की विलोडन ( stirrer ) सुविधा होती है। एकान्तर में बायोरिएक्टर में हवा बुलबलों के रूप में भेजी जाती है।

बायोरिएक्टर में एक प्रक्षोभक तंत्र (agitator system), ऑक्सीजन प्रदाय तंत्र, झाग नियंत्रण तंत्र, पीएच नियंत्रण तंत्र, तापक्रम नियंत्रण तंत्र व प्रतिचयन प्रद्वार (sampling ports ) लगा होता है जिससे संवर्धन की थोड़ी मात्रा समय-समय पर निकाली जा सकती है।

प्रश्न 16.
जीन क्लोनिंग में एग्रोबैक्टीरियम ट्यूमीफेसिएंस के कार्य को समझाइए ।
उत्तर:
जीन क्लोनिंग में एग्रोबैक्टीरियम ट्यूमीफेसिएंस का उपयोग होता है। वैसे एग्रोबैक्टीरियम ट्यूमीफेसिएंस अनेक द्विबीजपत्री पौधों का रोगजनक पैथोजन है। यह DNA के एक खण्ड जिसे ‘टी. डीएनए’ कहते हैं, को स्थानान्तरित कर सामान्य पौधों की कोशिकाओं को अर्बुद (Tumor ) में रूपान्तरित करता है और ये अर्बुद कोशिकाएँ रोगजनक के लिए आवश्यक रसायनों का उत्पादन करते हैं। इसी आधार पर एग्रोबैक्टीरियम ट्यूमीफेसिएंस का टीआई (Ti) प्लाज्मिड क्लोनिंग संवाहक के रूप में अब रूपान्तरित कर दिया गया है जो पौधों के लिए रोगजनक नहीं है, परन्तु इसका उपयोग अपनी अभिरुचि के जीन को अनेक पौधों में स्थानान्तरित करने में किया जाता है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
आनुवंशिक अभियान्त्रिकी को परिभाषित कीजिए । इसके प्रमुख चरणों का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर:
आनुवंशिक अभियान्त्रिकी (Genetic Engineering)-इस तकनीक द्वारा आनुवंशिक पदार्थों (डी.एन.ए. या आर.एन.ए.) के रसायन में परिवर्तन कर इसे परपोषी जोवों में प्रवेश कराकर इसके समलक्षणी (फीनोटाइप) में परिवर्तन करते हैं।

आनुवंशिक अभियांत्रिकी के मुख्य चरण निम्नलिखित हैं –
(1) वांछित जीन अथवा लक्ष्य जीन की पहचान व पृथक्करण किसी भी जीन का चयन उसकी उपयोगिता पर निर्भर करता है। वैज्ञानिकों का उद्देश्य सूक्ष्मजीवों के जीनों का उपयोग कर मानव के लिए आवश्यक हार्मोन का संश्लेषण करना, रोगों का निदान करना, आवश्यक एन्जाइमों, विटामिन, ऐन्टीबायोटिक का उत्पादन बढ़ाना, ऐसे सूक्ष्म जीव उत्पन्न करना जो उपयोगी पौधों को शाकनाशी एवं कीटनाशियों के प्रभाव से बचा सकें। उच्च श्रेणी के पौधों की प्रकाश संश्लेषण की दक्षता बढ़ाना, लेग्यूमिनोसी कुल के अतिरिक्त अन्य पौधों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण की क्षमता विकसित करना, फसल की पैदावार एवं पोषणिक मान बढ़ाना आदि हो सकते हैं। अतः वांछित DNA का चयन उद्देश्य पर निर्भर करता है।

वांछित डी. एन. ए. तीन प्रकार का होता है –

  1. जीनोमिक DNA
  2. C – DNA
  3. संश्लेषित DNA

क्लोनिंग के लिए वांछित जीन की पहचान कर उसे पृथक् करने का कार्य सीमाकारी एन्जाइम द्वारा किया जाता है।
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम 1

(2) पुनर्योगज DNA ( Recombinant DNA = r.DNA) या काइमेरिक DNA (Chimeric DNA ) का निर्माण – इस चरण में पृथक् की गई वांछित जीन को वाहक DNA के साथ जोड़ा जाता है। यह प्रक्रिया DNA लाइगेज नामक एन्जाइम द्वारा उत्प्रेरित होती है। यह एन्जाइम प्रत्येक कोशिका में संश्लेषित होता है। वांछित जीन वाहक DNA में जोड़ने से पुनर्योगज DNA का निर्माण हो जाता है।

(3) पुनर्योगज DNA का परपोषी कोशिका अथवा ग्राही कोशिका में स्थानान्तरण- पुनर्योगज DNA का जीवाणु कोशिका में प्रवेश रूपान्तरण क्रिया द्वारा किया जाता है। इस हेतु पुनर्योगज DNA को जीवाणु कोशिकाओं के साथ 37-43°C वाले उष्ण विलयन में स्थानान्तरित कर इन्हें ताप प्रघात दिया जाता है जिससे r DNA जीवाणु कोशिका में प्रवेश कर जाता है।

यूकैरियोटिक जीन स्थानान्तरण के लिए यीस्ट कोशिकाओं तथा वाहक के रूप में यीस्ट प्लाज्मिड का उपयोग करते हैं। पादप कोशिकाओं में जीन स्थानान्तरण के लिए एग्रोबैक्टिरियम के Ti एवं Ri प्लाज्मिड का उपयोग होता है। संवर्धित माध्यम की कोशिकाओं में पुनर्योजी DNA का स्थानान्तरण ट्रांसफेक्शन के द्वारा किया जाता है।

(4) पुनर्योगज DNA युक्त परपोषी कोशिकाओं का चयन एवं गुणन निवेशित जीन की सफलता जानने के लिए सामान्यतः प्रतिजैविकों के लिए प्रतिरोधकता प्रदान करने वाली जीनों को चिन्हक जीनों के रूप में उपयोग किया जाता है। ये ऐम्पिसिलिन, टेट्रासाइक्लिन, केनामाइसिन आदि प्रतिजैविकों के लिए प्रतिरोधी जीन हो सकती हैं।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

जिन कोशिकाओं में क्लोनित जीन की उपस्थिति का परीक्षण करना हो उनका संवर्धन उपर्युक्त प्रतिजैविकों युक्त माध्यम में किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि ऐम्पिसिलिन के प्रतिरोधी जीन चिन्हक के रूप में प्रयोग की गई है और पुनर्योगज DNA युक्त कोशिकाएँ ऐम्पिसिलिन माध्यम में वृद्धि करती हैं तो इसका तात्पर्य है कि क्लोनित जीन ठीक स्थान पर निवेशित हुई ।

इसके विपरीत यदि इस माध्यम में कोशिकाओं की वृद्धि नहीं होती है तो निश्चित ही पुनर्योगज DNA में क्लोनित जीन ठीक स्थान पर निवेशित नहीं हुई है। चयनित जीवाणु कोशिकाओं को ठोस माध्यम पर संवर्धित किया जाता है। जहाँ प्लाज्मिड युक्त जीवाणुओं की कालोनियां बन जाती हैं, जीवाणु कोशिका में वृद्धि के साथ-साथ वांछित जीन की संख्या में भी वृद्धि हो जाती है। इस क्रिया को क्लोनिंग कहते हैं।

(5) चयनित क्लोनों से वांछित जीन की ग्राही कोशिका में अभिव्यक्ति – चयनित पुनर्योगज कोशिकाओं व निवहों को विलगित कर वांछित उद्देश्य के अनुसार उपयोग किया जाता है। इन्हें वांछित प्रोटीन के संश्लेषण के लिए संवर्धित करते हैं। आवश्यकतानुसार इन जीनों को विभिन्न माध्यमों द्वारा जीवाणु, या यीस्ट, पादप व जन्तुओं में स्थानान्तरित किया जाता है।

इस तरह वांछित जीनों को अन्य जीवों में स्थानान्तरित कर इन जीवों को वांछित कार्य करने के लिए तैयार कर लिया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी पादप में रोगाणु प्रतिरोधी जीन का निवेशन करवाया जाता है तो वह पादप रोग के प्रति प्रतिरोधी हो जाते हैं।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न-

1. एक वेक्टर में सहलग्नी डी. एन. ए. की प्रति की संख्या को नियंत्रित करने वाले अनुक्रम को क्या कहा गया है? (NEET 2020)
(अ) ओरी साइट
(ब) पेलीड्रोमिक अनुक्रम
(स) रिकॉग्नीशन (पहचान ) साइट
(द) चयनयुक्त मार्कर
उत्तर:
(अ) ओरी साइट

2. जैल इलेक्ट्रोफोरेसिस में पृथक् हुए डी.एन.ए. के खण्डों को किसकी सहायता से देखा जा सकता है? (NEET-2020)
(अ) UV विकिरण में एथिडियम ब्रोमाइड से
(ब) UV विकिरण में एसीटोकार्यिन से
(स) अवरक्त विकिरण में एथिडियम ब्रोमाइड
(द) चमकीले नीले प्रकाश में एसीटाकार्यिन से
उत्तर:
(अ) UV विकिरण में एथिडियम ब्रोमाइड से

3. प्रतिबंधन एंजाइमों के विषय में गलत कथन को पहचानिए- (NEET-2020)
(अ) ये डी.एन.ए. की लड़ी को पैलिन्ड्रोमिक स्थलों पर काटते हैं
(ब) ये आनुवंशिक इंजीनियरिंग में उपयोगी हैं।
(स) चिपचिपे सिरे डी. एन. ए. लाइगेज द्वारा जोड़े जा सकते हैं।
(द) प्रत्येक प्रतिबंधन एंजाइम डी.एन.ए. क्रम की लम्बाई का निरीक्षण करके कार्य करते हैं।
उत्तर:
(स) चिपचिपे सिरे डी. एन. ए. लाइगेज द्वारा जोड़े जा सकते हैं।

4. निम्नलिखित में से सही युग्म को चुनिए-( NEET 2020 )
(अ) पॉलिमरेज डी.एन.ए. को खण्डों में तोड़ता है
(ब) न्यूक्लियेज डी.एन.ए. के दो रज्जुकों को पृथक् करता है
(स) एक्सोन्यूक्लियेज डी.एन.ए. में विशिष्ट स्थानों पर काट लगाता है।
(द) लाइगेज दो डी.एन.ए. के अणुओं को जोड़ता है।
उत्तर:
(द) लाइगेज दो डी.एन.ए. के अणुओं को जोड़ता है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

5. इको आर I द्वारा पहचाने जाने वाला पैलिन्ड्रोमिक क्रम है-(NEET-2020)
(अ) 5′ GGACC – 3′
3′ CCTTGG – 5′
(ब) 5′- CTTAAG – 3′
3′ – GAATTC – 5′
(स) 5′-GGATCC -3′
3′ CCTAGG – 5′
(द) 5′ GAATTC – 3′
3′ CTTAAG – 5′
उत्तर:
(द) 5′ GAATTC – 3′
3′ CTTAAG – 5′

6. जैव जीवाणुओं के एक मिश्रण में किससे उपचार करके डी.एन.ए. अवक्षेपण को प्राप्त किया जा सकता है? (NEET-2019)
(अ) शीतित क्लोरोफार्म से
(ब) आइसोप्रोपेनॉल से
(स) शीतित इथेनॉल से
(द) कमरे के तापमान पर मिथेनॉल से
उत्तर:
(स) शीतित इथेनॉल से

7. पॉलिमरेज श्रृंखला अभिक्रिया (PCR) में चरणों का सही क्रम क्या है? (NEET-2018)
(अ) विकृतिकरण, विस्तारण, अनीलन
(ब) अनीलन, विस्तारण, विकृतिकरण
(स) विस्तारण, विकृतिकरण, अनीलन
(द) विकृतिकरण, अनीलन, विस्तारण
उत्तर:
(द) विकृतिकरण, अनीलन, विस्तारण

8. एमरोज जैल में पृथक् हुए डी.एन.ए. खण्ड को किसके अभिरंजन के बाद देखा जा सकता है? (NEET-2017)
(अ) ब्रोमोफिनोल ब्ल्यू
(ब) एसिटोकार्यिन
(स) एनिलीन ब्ल्यू
(द) इथिडियम ब्रोमाइड
उत्तर:
(द) इथिडियम ब्रोमाइड

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

9. डी. एन. ए. के खण्ड कैसे होते हैं?
(अ) धनात्मक आवेशित
(ब) ऋणात्मक आवेशित
(स) उदासीन
(द) वे अपने आमाप के अनुसार धनात्मक या ऋणात्मक आवेशित हो सकते हैं।
उत्तर:
(ब) ऋणात्मक आवेशित

10. बाजार में भेजने से पहले अभिव्यक्त प्रोटीन के पृथक्करण और शुद्धिकरण की प्रक्रिया को क्या कहा जाता है? (NEET-2017)
(अ) प्रतिप्रवाह प्रक्रमण
(ब) अनुप्रवाह प्रक्रमण
(स) जैव प्रक्रमण
(द) पश्च उत्पादन प्रक्रमण
उत्तर:
(ब) अनुप्रवाह प्रक्रमण

11. एक ही प्रतिबंधन एण्डोन्यूक्लिएज से काटे गये एक विजातीय DNA और प्लाज्मिड को पुनर्योगज प्लाज्मिड बनाने के लिए जिसका उपयोग करके इन्हें जोड़ा जा सकता है- (NEET II-2016)
(अ) पॉलिमरेज-III
(ब) लाइगेज
(स) EαRI
(द) टेक पॉलिमरेज
उत्तर:
(ब) लाइगेज

12. DNA को विशिष्ट स्थानों पर काट देना किसके आविष्कार से सम्भव हुआ? (NEET-2016)
(अ) प्रोब्स
(स) लाइगेज
(ब) सलैक्टेबल मार्करस
(द) रेस्ट्रिक्शन एंजाइम
उत्तर:
(द) रेस्ट्रिक्शन एंजाइम

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

13. निम्नलिखित में से कौनसा प्रतिबंधित एंजाइम कुंठित सिरे उत्पन्न करता है? (NEET-2016)
(अ) Xαl
(ब) Hind III
(स) Sal I
(द) EαRV
उत्तर:
(द) EαRV

14. DNA अंगुलिछापी की किसी भी तकनीक के लिए निम्नलिखित में से किसी एक की आवश्यकता नहीं होती? ( NEET – 2016 )
(अ) प्रतिबंधित एन्जाइम
(ब) DNA-DNA संकरण
(स) पॉलिमरेज श्रृंखला अभिक्रिया
(द) जिंक अंगुलि विश्लेषण
उत्तर:
(ब) DNA-DNA संकरण

15. उस DNA को क्या कहते जिसमें क्लोनिंग के लिए रूचि वाली जीन को समाकलित किया जाता है? (NEET-2015)
(अ) टेम्पलेट
(ब) वेक्टर
(स) करियर
(द) रूपान्तरक
उत्तर:
(ब) वेक्टर

16. कौनसा संवाहक DNA के केवल एक छोटे टुकड़े को क्लोन कर सकता है? (NEET-2014)
(अ) जीवाणु का कृत्रिम गुणसूत्र
(ब) यीस्ट का कृत्रिम गुणसूत्र
(स) प्लाज्मिड
(द) कॉस्मिड
उत्तर:
(स) प्लाज्मिड

17. मानव जीनोम अनुक्रमण के लिए आमतौर पर प्रयुक्त वेक्टर है- (NEET-2014)
(अ) T-DNA
(ब) बी.ए.सी. और बाई. ए.सी.
(स) अभिव्यक्ति वेक्टर
(द) T/A क्लोनिंग वेक्टर
उत्तर:
(ब) बी.ए.सी. और बाई. ए.सी.

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

18. जीव और उसकी कोशिका भित्ति निम्नकारक एंजाइम के लिए निम्नलिखित में से कौन सही सुमेलित नहीं है? (NEET-2013)
(अ) जीवाणु – लाइसोजाइम
(ब) पादप कोशिकाएँ – सेलुलोज
(स) शैवाल मिथाइलेज
(द) कवक काइटीनेज
उत्तर:
(स) शैवाल मिथाइलेज

19. बायोलिस्टिक (जीन गोलाबारी) किसके लिए उपयुक्त है? (NEET-2012)
(अ) रोगजनक संवाहकों को निष्क्रिय करना
(ब) पादप कोशिकाओं का रूपान्तरण
(स) संवाहकों के साथ जोड़कर पुनर्योग्ज DNA का बनाना
(द) DNA फिंगर प्रिंटिंग
उत्तर:
(ब) पादप कोशिकाओं का रूपान्तरण

20. EαRI क्लोनिंग वेक्टर pBR322 के दिये जा रहे आरेखिये प्रतिदर्श में निम्नलिखित में से किस एक विकल्प के भाग को सही पहचान की गई है? [CBSE PMT] (Pre) – 2012, NEET-2012)
(अ) Ori-मूल कर्तन एंजाइम
(ब) rop घट गयी परासरणी दाब
(स) Hind III EcoRI चयनशील
(द) amp tet ऐन्टीबायोटिक प्रतिरोधी जीन
उत्तर:
(द) amp tet ऐन्टीबायोटिक प्रतिरोधी जीन

21. रूपान्तरण हेतु DNA से लेपित सूक्ष्म कण जिनको “जीन गन” से दागा जाता हो, किसके बने होते हैं? ” (NEET-2012)
(अ) रजत अथवा प्लेटिनम
(ब) प्लेटिनम अथवा जिंक
(स) सिलिकॉन अथवा प्लेटिनम
(द) स्वर्ण अथवा टंगस्टन
उत्तर:
(द) स्वर्ण अथवा टंगस्टन

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

22. एक कोई रोगी जो अनुमानतः एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिसिएंसी सिन्ड्रोम (उपार्जित प्रतिरक्षा न्यूनता संलक्षण) से पीड़ित है इसकी पहचान के लिए आप कौनसी निदान तकनीक की सलाह देंगे? (NEET-2012)
(अ) एलिसा
(ब) एम.आर.आई.
(स) अल्ट्रासाउण्ड
(द) विडाल
उत्तर:
(अ) एलिसा

23. निम्न में से कौनसी एक तकनीक आनुवंशिकी अभियांत्रिक जीवित जीवों को सम्भव बनाती है? (CBSE PMT Mains 2011, NEET 2011 )
(अ) संकरण
(ब) पुर्नसंयोजित DNA तकनीक
(स) X किरण परावर्तन
(द) भारी समस्थानिकों द्वारा चिन्हित करना
उत्तर:
(ब) पुर्नसंयोजित DNA तकनीक

24. अनुषंगी DNA किस एक क्षेत्र में उपयोगी साधन होता है ? (NEET-2010)
(अ) लिंग निर्धारण
(ब) फोरेन्सिक विज्ञान
(स) आनुवंशिक इंजीनियरिंग
(द) अंग प्रतिरोपण
उत्तर:
(ब) फोरेन्सिक विज्ञान

25. DNA प्रतिलिपिकरण के लिये आवश्यकता होती है- (CBSE-2010)
(अ) DNA पॉलीमरेज की
(ब) DNA लाइगेज की
(स) DNA पॉलीमरेज तथा DNA लाइगेज की
(द) ट्रांसलोकेज तथा RNA पॉलीमरेज की
उत्तर:
(स) DNA पॉलीमरेज तथा DNA लाइगेज की

26. प्रतिबन्धन एन्जाइम (Restriction enzyme ) – (RPMT-2010)
(अ) संवाहक हीन प्रत्यक्ष जीन के अन्तरण में सहायक होते हैं।
(ब) DNA खंडों को काटते या जोड़ते हैं
(स) एण्डोन्यूक्लिवेज होते हैं, जो DNA को विशेष स्थलों पर विदलित करते हैं
(द) विद्यमान DNA या RNA को पूरक DNA बनाते हैं।
उत्तर:
(स) एण्डोन्यूक्लिवेज होते हैं, जो DNA को विशेष स्थलों पर विदलित करते हैं

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

27. जैल इलेक्ट्रोफोरेसिस (Gel electrophoresis ) का प्रयोग होता है- (RPMT-2010)
(अ) DNA अणु के विगलन के लिये
(ब) DNA को खण्डों में काटने के लिये
(स) DNA अणुओं को उनके आकार के अनुसार पृथक् करने के लिए
(द) क्लोनकारी संवाहक को जोड़कर पुनर्योगज DNA निर्माण के लिए
उत्तर:
(स) DNA अणुओं को उनके आकार के अनुसार पृथक् करने के लिए

28. आनुवंशिकी अभियांत्रिकी में ‘आण्विक कैंची’ की तरह उपयोग किया जाता है- (KCET 2000; WBJWW-2009)
(अ) DNA पॉलीमरेज
(ब) DNA लाइगेज
(स) हेलिकेज
(द) रेस्ट्रिक्शन एण्डोन्यूक्लिएज
उत्तर:
(द) रेस्ट्रिक्शन एण्डोन्यूक्लिएज

29. निम्नलिखित में से किस एक विजातीय DNA को फसली पौधों में डलने के लिए सामान्यतः उपयोग में लाया जाता है? (NEET-2009)
(अ) पेनिसीलियम एम्सपैसम
(ब) ट्राइकोडर्मा हरजिएनम
(स) मेलॉयडोगाइन एन्कोनिआ
(द) एप्रोबैक्टीरियम ट्यूमीफेसिएंस
उत्तर:
(द) एप्रोबैक्टीरियम ट्यूमीफेसिएंस

30. ऐन्टीबायोटिक प्रतिरोध जीन का प्लाज्मिड वाहक के साथ जोड़ा जा सकना किससे सम्भव हुआ? (CBSE PMT 2008, NEET 2008)
(अ) DNA पॉलीमरेजों से
(ब) एक्सोन्यूक्लिऐजों से
(स) DNA लाइगेज से
(द) एण्डोन्यूक्लिएजों से
उत्तर:
(स) DNA लाइगेज से

31. शाकनाशी- प्रतिरोधी आनुवंशिकता : रूपान्तरित (GM) फसलों के उत्पाद / उपयोग का मुख्य उद्देश्य क्या है? (CBSE PMT-2008, NEET-2008)
(अ) पर्य- प्रेमी शाकनाशियों को बढ़ावा देना
(ब) स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए खाद्य वस्तओं में शाकनाशी का संचयन कम करना
(स) मानव श्रम का उपयोग किए बिना ही खेत से खरपतवारों का सफाया कर देना
(द) बिना शाकनाशियों का उपयोग किए ही खेत से खरपतवारों को दूर कर देना
उत्तर:
(ब) स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए खाद्य वस्तओं में शाकनाशी का संचयन कम करना

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

32. pBR322 वाहक में किसके प्रति प्रतिरोधक जीन होती है- (CBSE PMT-2006)
(अ) एम्पीसिलिन
(ब) टेट्रासाइक्लिन
(स) उपर्युक्त दोनों
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(स) उपर्युक्त दोनों

33. प्रतिबन्धन एन्डोन्यूक्लिएज काटता है- (Haryana PMT-2006)
(अ) DNA के दोनों रज्जुकों को
(ब) एक DNA रज्जु को विशिष्ट स्थल पर
(स) DNA के दोनों रज्जुओं को किसी भी स्थल पर
(द) एकल रज्जुकी RNA को किसी भी स्थान पर
उत्तर:
(अ) DNA के दोनों रज्जुकों को

34. आनुवंशिक अभियांत्रिकी में प्रयोग होने वाले दो महत्त्वपूर्ण जीवाणु हैं- (CBSE PMT 2006 )
(अ) नाइट्रोबैक्टर एवं एजेटोबैक्टर
(ब) राइजोबियम एवं डिप्लोकोकस
(स) नाइट्रोसोमोनॉस एवं कैलिबसिल्ला
(द) इश्वीरिचिया एवं एग्रोबैक्टिरियम
उत्तर:
(द) इश्वीरिचिया एवं एग्रोबैक्टिरियम

35. प्लाज्मिड (Plasmid ) है, एक ( Haryana PMT-2006)
(अ) जीवाणु
(ब) कवक
(स) प्लाज्मा झिल्ली का एक भाग
(द) जीवाणु कोशिका में अतिरिक्त गुणसूत्रीय DNA
उत्तर:
(द) जीवाणु कोशिका में अतिरिक्त गुणसूत्रीय DNA

36. प्रतिबन्धन एण्डोन्यूक्लिएज का प्रयोग पुनर्योगज DNA तकनीक में व्यापक रूप से किया जाता है। ये प्राप्त किये जाते हैं- (KCET-2006)
(अ) प्लाज्मिड से
(ब) सभी प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं से
(स) जीवाणुभोजी से
(द) जीवाणु कोशिका से
उत्तर:
(द) जीवाणु कोशिका से

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

37. पारजीनी जीवों में लक्ष्य ऊतक में पारजीन की अभिव्यक्ति किसके द्वारा निर्धारित होती है ?
(अ) पारजीन (ट्रांसजीन)
(ब) रिपोर्टर द्वारा
(स) संवाहक (रिपोर्टर)
(द) संवृद्धिकर (एन्हेंसर) में ट्रांसजीन की ट्रांसजेनिक
उत्तर:
(स) संवाहक (रिपोर्टर)

38. लक्ष्य ऊतक (Target tissue) अभिव्यक्ति निर्धारित होती है-(NEET-2004)
(अ) इन्हेन्सर द्वारा
(ब) उन्नायक (प्रमोटर )
(स) प्रमोटर द्वारा
(द) ट्रांसजीन द्वारा
उत्तर:
(ब) उन्नायक (प्रमोटर )

39. आनुवंशिक पदार्थ पृथक् करने के लिए एन्जाइम का उपयोग होता है- (APMC-2004)
(अ) हाइड्रोलेज
(ब) एमाइलेज
(स) लाइगेज
(द) रेस्ट्रिक्शन एण्डोन्यूक्लिएज
उत्तर:
(द) रेस्ट्रिक्शन एण्डोन्यूक्लिएज

40. निम्नलिखित में से कौनसा एक जीवाणु पौधों में आनुवंशिक इंजीनियरिंग में सर्वाधिक उपयोग में लाया जाता है? (NEET-2003)
(अ) क्लास्ट्रिडियम सेप्टिकम
(ब) जेन्थेमोनास बिट्राइ
(स) बेसिलस कोएगुलेन्स
(द) एग्रोबैक्टिरियम ट्यूमीफेसिएन्स
उत्तर:
(द) एग्रोबैक्टिरियम ट्यूमीफेसिएन्स

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम

41. किसकी खोज के कारण आनुवंशिक अभियांत्रिकी में DNA का तोड़-फोड़ सम्भव हो सका ? (NEET-2002)
(अ) रेस्ट्रिक्शन एन्डोन्यूक्लिएज
(ब) DNA लाइगेज
(स) ट्रांसक्रिप्टेज
(द) प्राइमेज
उत्तर:
(अ) रेस्ट्रिक्शन एन्डोन्यूक्लिएज

42. अभी तक खोजे गये प्लाज्मिड्स में अधिकतम क्षारकों की संख्या (MP PMT-2000)
(अ) 50 किलो बेस
(ब) 500 किलो बेस
(स) 5000 किलो बेस
(द) 5 किलो बेस अभियान्त्रिकी में प्रयुक्त होता
उत्तर:
(ब) 500 किलो बेस

43. निम्न में से कौन-सा आनुवंशिक (NEET-2001)
(अ) RNA पॉलीमरेज
(ब) DNA पॉलीमरेज’
(स) प्रतिबन्धन एण्डोन्यूक्लिएज
(द) न्यूक्लिएज
उत्तर:
(स) प्रतिबन्धन एण्डोन्यूक्लिएज

44. निम्न में से किसके द्वारा पादपों और जन्तुओं को इच्छित (desired) लक्षणों के साथ प्रजनन करना सम्भव है- (KCET-1994)
(अ) आनुवंशिक इंजीनियरिंग द्वारा
(ब) गुणसूत्र इंजीनियरिंग द्वारा
(स) आइकेबाना विधि द्वारा
(द) ऊतक संवर्धन द्वारा
उत्तर:
(अ) आनुवंशिक इंजीनियरिंग द्वारा

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम Read More »

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

Haryana State Board HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. परमाणु भार का आधुनिक आधार क्या है –
(1) O16 = 16.000
(2) C12 = 12.000
(3) साधारण O = 16.000
(4) H1 = 1.000.
उत्तर:
(2) C12 = 12.000

2. हाइड्रोजन परमाणु के आयनन से प्राप्त होगा-
(1) हाइड्राइड आयन
(2) हाइड्रोनियम आयन
(3) प्रोटॉन
(4) हाइड्रॉक्सिल आयन।
उत्तर:
(3) प्रोटॉन

3. न्यूट्रॉन की खोज में कठिनाई का कारण था-
(1) इसका आवेश रहित होना।
(2) इसका आवेश कम होना।
(3) इसका द्रव्यमान नगण्य होना।
(4) इसके आवेश तथा द्रव्यमान का अनुपात नगण्य होना।
उत्तर:
(1) इसका आवेश रहित होना।

4. जब एक इलेक्ट्रॉन L कोश से K कोश में कूदता है-
(1) ऊर्जा अवशोषित होती है।
(2) ऊर्जा निकलती है।
(3) ऊर्जा न तो अवशोषित होती है और न ही निकलती है।
(4) कभी ऊर्जा अवशोषित होती है तथा कभी निकलती है।
उत्तर:
(2) ऊर्जा निकलती है।

5. धनात्मक किरणों में e/m का मान सबसे अधिक किस गैस को लेने पर होगा-
(1) H2
(2) He
(3) N2
(4) O2
उत्तर:
(1) H2

6. α-कण का e/m… होता है प्रोटॉन के e/m का-
(1) दोगुना
(2) तीन गुना
(3) चार गुना
(4) बराबर।
उत्तर:
(1) दोगुना

7. 1 amu का मान होता है-
(1) 937 Mev
(2) 9310 MeV
(3) 931 Mev
(4) 127 MeV.
उत्तर:
(3) 931 Mev

8. सबसे हल्के नाभिक की तुलना में इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान होता है, लगभग-
(1) \(\frac { 1 }{ 80 }\)
(2) \(\frac { 1 }{ 800 }\)
(3) \(\frac { 1 }{ 1800 }\)
(4) \(\frac { 1 }{ 2800 }\)
उत्तर:
(3) \(\frac { 1 }{ 1800 }\)

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

9. निम्न में से उच्चतम तरंगदैर्ध्य वाली वैद्युत चुम्बकीय किरणें हैं-
(1) X – तरंगें
(2) अवरक्त तरंगें
(3) रेडियो तरंगें
(4) पराबैंगनी तरंगें।
उत्तर:
(3) रेडियो तरंगें

10. 4000 Å तरंगदैर्ध्य की किरणों तथा 2000 Å तरंगदैर्ध्य वाली किरणों के फोटॉनों की ऊर्जा का अनुपात है-
(1) \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(2) \(\frac { 1 }{ 4 }\)
(3) 2
(4) 4
उत्तर:
(3) 2

11. न्यूट्रॉन के द्रव्यमान की कोटि है-
(1) 10-23 किग्रा.
(2) 10-24 किग्रा.
(3) 10-26 किग्रा.
(4) 10-27 किग्रा.
उत्तर:
(4) 10-27 किग्रा.

12. परमाणु नाभिक की त्रिज्या की कोटि है-
(1) 10-12 सेमी.
(2) 10-8 सेमी.
(3) 10-10 सेमी.
(4) 10-7 सेमी.
उत्तर:
(2) 10-8 सेमी.

13. रदरफोर्ड ने कणों के प्रकीर्णन प्रयोग में प्रथम बार दर्शाया कि परमाणु में होता है-
(1) इलेक्ट्रॉन
(2) प्रोटॉन
(3) नाभिक
(4) न्यूट्रॉन।
उत्तर:
(3) नाभिक

14. हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम की कौन-सी श्रेणी दृश्य क्षेत्र में होगी-
(1) फुण्ड
(2) लाइमन
(3) बामर
(4) ब्रेकेट
उत्तर:
(3) बामर

15. न्यूनतम डी-ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य सम्बन्धित है-
(1) इलेक्ट्रॉन से
(2) प्रोटॉन से
(3) CO2 अणु से
(4) SO2 अणु से।
उत्तर:
(4) SO2 अणु से।

16. हुण्ड के नियमानुसार किस तत्व में 6 अयुग्मित इलेक्ट्रॉन उपस्थित होते हैं?
(1) Fe
(2) Co
(3) Ni
(4) Cr
उत्तर:
(4) Cr

17. 2p तथा 3p कक्षकों में अन्तर होता है-
(1) 7 के मान में
(2) के मान में
(3) आकृति में
(4) आकार में।
उत्तर:
(4) आकार में।

18. किसी कक्ष में कक्षकों की संख्या होती है-
(1) N²
(2) 2²
(3) 2l + 1
(4) 2 (2n + l).
उत्तर:
(1) N²

19. यदि l = 3 हो, तो m के कुल मानों की संख्या होगी-
(1) 2
(2) 3
(3) 5
(4) 7
उत्तर:
(4) 7

20. सन् 1932 में पॉजिट्रॉन की खोज की-
(1) चैडविक ने
(2) रदरफोर्ड ने
(3) सी. डी. एन्डरसन ने
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(3) सी. डी. एन्डरसन ने

21. उत्सर्जित एवं अवशोषित ऊर्जा के मान को कहते हैं-
(1) गतिज ऊर्जा
(2) क्वाण्टा
(3) मुक्त ऊर्जा
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(2) क्वाण्टा

22. ψ किसको प्रदर्शित करता है-
(1) तरंग फलन
(2) इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान
(3) तरंगदैर्ध्य
(4) आवृत्ति।
उत्तर:
(1) तरंग फलन

23. चार क्वाण्टम संख्याओं क्रमश: n, l, m तथा s के मानों के चार समूह दिये जा रहे हैं, कौन सा समूह गलत है-
(1) n = 2, 1 = 0, m = +1, s = \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(2) n = 2, 1 = 1, m = – 1, s = + \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(3) n = 3, 1 = 2, m = 0, s = – \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(4) n = 3, 1 = 1, m = – 1, s = + \(\frac { 1 }{ 2 }\)
उत्तर:
(1) n = 2, 1 = 0, m = +1, s = \(\frac { 1 }{ 2 }\)

24. हाइड्रोजन परमाणु के निम्नलिखित में से कौन-से इलेक्ट्रॉनीय तल में फोटॉन का अवशोषण होगा न कि उत्सर्जन-
(1) 2s
(2) 2p
(3) 3s
(4) 1s
उत्तर:
(4) 1s

25. यदि बोर के प्रथम कक्ष की त्रिज्या r1 हो और तीसरे कक्ष की त्रिज्या r2 हो तो r1/r2 का मान है-
(1) 3
(2) 1/3
(3) 1/9
(4) 9
उत्तर:
(3) 1/9

26. हाइड्रोजन परमाणु He+ आयन तथा Li2+ आयन के क्रमश: प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय बोर कक्षाओं की त्रिज्या का अनुपात है-
(1) 4 : 3 : 2
(2) 4 : 2 : 3
(3) 2 : 3 : 4
(4) 2 : 4 : 3
उत्तर:
(2) 4 : 2 : 3

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

27. हाइड्रोजन परमाणु तथा He+ आयन की प्रथम बोर कक्षाओं में इलेक्ट्रॉन के वेग का अनुपात है-
(1) 1 : 2
(2) 2 : 1
(3) 1 : 3
(4) 3 : 1
उत्तर:
(1) 1 : 2

28. किसी इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा अधिकतम होती है-
(1) नाभिक पर
(2) आद्य अवस्था में
(3) प्रथम उत्तेजित अवस्था में
(4) नाभिक में अनन्त दूरी पर।
उत्तर:
(3) प्रथम उत्तेजित अवस्था में

29. निम्न में से कौन-सा कथन असत्य है-
(1) तरंगदैर्ध्य तरंग कण के संवेग के व्युत्क्रमानुपाती होता है
(2) परमाणु के कक्षक ऊर्जा के बढ़ते क्रम में भरते हैं।
(3) (n + l) नियम हुण्ड के नियम का ही एक भाग है।
(4) (n + l) नियम कक्षकों की ऊर्जा के बढ़ते क्रम को निर्धारित करता है।
उत्तर:
(1) तरंगदैर्ध्य तरंग कण के संवेग के व्युत्क्रमानुपाती होता है

30. क्वाण्टम संख्याओं के निम्न में से किस सेट के लिये इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा अधिकतम होगी-
(1) 3, 2, +1, + \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(2) 4, 2, -1, + \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(3) 4, 1, 0, – \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(4) 5, 0, 0, + \(\frac { 1 }{ 2 }\)
उत्तर:
(2) 4, 2, -1, + \(\frac { 1 }{ 2 }\)

31. g – उपकोश के लिये सही है-
(1) n = 5
(2) m = 3
(3) l = 4
(4) l = 5
उत्तर:
(3) l = 4

32. निम्न में से वह स्पीशीज कौन-सी है जो अनुचुम्बकीय नहीं है-
(1) Cl
(2) Be
(3) Ne2+
(4) As+
उत्तर:
(1) Cl

33. परमाणु कक्षकों की ऊर्जा का सही आरोही क्रम है-
(1) 5p < 4f < 6s < 5d
(2) 5p < 6s < 4f < 5d
(3) 4f < 5p < 5d < 6s
(4) 5p < 5d < 4f < 6s.
उत्तर:
(2) 5p < 6s < 4f < 5d

34. समइलेक्ट्रॉनिक स्पीशीज है-
(1) F, O2-
(2) F, O+
(3) F, O
(4) F, O2+.
उत्तर:
(1) F, O2-

35. मुख्य क्वाण्टम = 4 के लिये, 1 = 3 वाले कक्षकों की कुल संख्या है-
(1) 3
(2) 7
(3) 5
(4) 9
उत्तर:
(1) 3

36. किसी एक इलेक्ट्रॉन के संवेग में अनिश्चितता 1 x 10-18 g cm है। उसकी वेग में अनिश्चितता निम्न में से क्या होगी-
(1) 1 × 108 cm s-1
(2) 1 × 1011 cms-1
(3) 1 x 109 cm s-1
(4) 1 × 106 cms-1.
उत्तर:
(3) 1 x 109 cm s-1

37. हीलियम आयन का लाइन स्पेक्ट्रम ………….. के अनुरूप होता है-
(1) हाइड्रोजन परमाणु
(2) Li+ आयन
(3) हीलियम परमाणु
(4) लीथियम परमाणु।
उत्तर:
(1) हाइड्रोजन परमाणु

38. समभ्रंश कक्षकों के किसी सेट में इलेक्ट्रॉन स्वयं को इस प्रकार वितरित करते हैं जिससे कि जहाँ तक सम्भव हो उनका प्रचक्रण बना रहे। यह कथन सम्बन्धित है-
(1) पाउली के अपवर्जन के सिद्धान्त से
(2) ऑफबाऊ के सिद्धान्त से
(3) हुण्ड के नियम से
(4) स्लाटर के नियम से।
उत्तर:
(3) हुण्ड के नियम से

39. निम्न में से कौन इलेक्ट्रॉन प्रायिकता फलन को निरूपित करता है-
(1) 4π drψ²
(2) 4π r² drψ
(3) 4π r² drψ²
(4) 4π drψ
उत्तर:
(3) 4π r² drψ²

40. निम्न में से गलत कथन पहचानिए :
(1) 4f एवं 5f कक्षक समान रूप से परिरक्षित होते हैं।
(2) d-ब्लॉक के तत्व आपस में अनियमित एवं अस्थिर रासायनिक गुणधर्म दर्शाते हैं।
(3) La एवं Lu से आंशिक पूरित d-कक्षक होते हैं और कोई अन्य आंशिक पूरित कक्षक नहीं होते
(4) विभिन्न लेन्थेनॉयडों का रसायन समरूप होता है।
उत्तर:
(1) 4f एवं 5f कक्षक समान रूप से परिरक्षित होते हैं।

41. px ऑर्बिटल में नोडल तलों की संख्या है-
(1) 1
(2) 2
(3) 3
(4) 0
उत्तर:
(1) 1

42. ऑफबाऊ सिद्धान्त का उल्लंघन करने वाले कक्षक का रेखाचित्र है-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 1
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 2

43. चुम्बकीय क्वाण्टम संख्या बताती है–
(1) कक्षकों का आधार
(2) कक्षकों की आकृति
(3) अन्तरिक्ष में कक्षकों का दिशा विन्यास
(4) कक्षकों का ऊर्जा स्तर।
उत्तर:
(3) अन्तरिक्ष में कक्षकों का दिशा विन्यास

44. समान ऊर्जा वाले कक्षकों में होती है।
(1) समान ऊर्जा
(2) समान कार्य – फलन किन्तु भिन्न ऊर्जा
(3) भिन्न कार्य फलन किन्तु समान ऊर्जा
(4) समान कार्य – फलन।
उत्तर:
(4) समान कार्य – फलन।

45. 3p – कक्षकों में नोडों की संख्या है-
(1) 0
(2) 1
(3) 2
(4) 3.
उत्तर:
(2) 1

46. अपभ्रष्ट कक्षक वे होते हैं जिनमें-
(1) तरंग – फलन समान होते हैं।
(2) द्विक – विन्यास समान होते हैं
(3) ऊर्जा समान होती है
(4) (1) व (2) दोनों।
उत्तर:
(3) ऊर्जा समान होती है

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

47. इलेक्ट्रॉन का आवेश 4.8 x 10-10 es. u. होता है। Li3+ आयन पर आवेश की मात्रा है-
(1) 4.8 × 10-10 e.s.u.
(2) 9.6 × 10-10
(3) 1.44 × 10-9 e.s.u.
(4) 2.4 × 10-9 e.s.u.
उत्तर:
(3) 1.44 × 10-9 e.s.u.

48. इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा निम्नतम होगी-
(1) निम्नतम कक्षा में
(2) उच्च कक्षाओं में
(3) मध्य कक्षाओं में
(4) तृतीय कक्षा में।
उत्तर:
(1) निम्नतम कक्षा में

49. कैथोड किरणों के सम्बन्ध में असत्य कथन है-
(1) ये किरणें ऊष्मीय प्रभाव उत्पन्न करती हैं
(2) ये ऋणावेशित होती हैं
(3) उच्च द्रव्यमान वाले तत्वों से टकराकर X – किरणें उत्पन्न करती हैं
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(4) इनमें से कोई नहीं।

50. रदरफोर्ड के α-कणों के प्रकीर्णन सिद्धान्त से निष्कर्ष निकलता है कि-
(1) ऊर्जा तथा द्रव्यमान सम्बन्धित होते हैं
(2) नाभिक के अन्दर परमाणु का द्रव्यमान तथा आवेश रहता है।
(3) नाभिक में न्यूट्रॉन उपस्थित होते हैं।
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(2) नाभिक के अन्दर परमाणु का द्रव्यमान तथा आवेश रहता है।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
एल्फा कण क्या है?
उत्तर:
एल्फा कण द्विधन आवेशित हीलियम का नाभिक है।

प्रश्न 2.
एक मोल इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान क्या है?
उत्तर:
6.023 x 1023 x 9.108 × 10-28 ग्राम।

प्रश्न 3.
नाभिक की खोज किसने की थी?
उत्तर:
रदरफोर्ड ने।

प्रश्न 4.
ऐनोड किरणों की प्रकृति किस पर निर्भर करती है?
उत्तर:
विसर्जन नली में भरी हुई गैस पर।

प्रश्न 5.
बोर का परमाणु मॉडल किस सिद्धान्त पर आधारित है?
उत्तर:
प्लांक के क्वाण्टम सिद्धान्त पर आधारित है।

प्रश्न 6.
बोर की गोलाकार कक्षाओं को क्या कहते हैं?
उत्तर:
ऊर्जा स्तर।

प्रश्न 7.
बोर की कक्षा को स्थाई कक्ष क्यों कहते हैं?
उत्तर:
क्योंकि स्थाई कक्षा में घूमते समय इलेक्ट्रॉन चुम्बकीय विकिरण के द्वारा ऊर्जा का ह्रास नहीं होता है।

प्रश्न 8.
इलेक्ट्रॉन का अधिकतम वेग कौन-से कक्ष में होता है?
उत्तर:
प्रथम कक्ष में।

प्रश्न 9.
किसी कक्ष में इलेक्ट्रॉन के संवेग का मान क्या होता है?
उत्तर:
mvr = \(\frac { nh }{ 2π }\)

प्रश्न 10.
किसी कक्ष की त्रिज्या का मान बताइए।
उत्तर:
r = 0.529 x \(\frac { n² }{ Z }\)Å

प्रश्न 11.
बोर त्रिज्या किसे कहते हैं?
उत्तर:
हाइड्रोजन की प्रथम कक्षा को बोर त्रिज्या कहते हैं?

प्रश्न 12.
ऊर्जा स्तरों को किन प्रतीकों से प्रदर्शित करते हैं?
उत्तर:
K, L, M, N, O, P, Q के द्वारा।

प्रश्न 13.
उत्सर्जित प्रकाश की आवृत्ति किस समीकरण के द्वारा ज्ञात करते हैं?
उत्तर:
∆E = hv = E2 – E1

प्रश्न 14.
बोर का परमाणु मॉडल किस प्रकार के परमाणु स्पेक्ट्रम की व्याख्या करता है?
उत्तर:
बोर का परमाणु मॉडल केवल H परमाणु, He+, Li2+ आदि एक इलेक्ट्रॉनीय परमाणुओं और आयनों के स्पेक्ट्रम की व्याख्या करता है।

प्रश्न 15.
प्लांक नियतांक h का मान क्या है?
उत्तर:
h = 6.62 × 10-27 अर्ग-सेकण्ड।

प्रश्न 16.
स्पेक्ट्रम क्षेत्र में मिलने वाली रेखाओं की आवृत्ति को ज्ञात करने का सूत्र बताइए।
उत्तर:
\(\overline{\mathcal{V}}\) = R\(\left(\frac{1}{n_1^2}-\frac{1}{n_2^2}\right)\) cm-1

प्रश्न 17.
यदि = 1, 2, 3 तथा 4 हो तो मुख्य ऊर्जा स्तरों के नाम बताइये।
उत्तर:
n = 1  K ऊर्जा स्तर
n = 2  L ऊर्जा स्तर
n = 3  M ऊर्जा स्तर
n = 4  N ऊर्जा स्तर

प्रश्न 18.
विकिरण की ऊर्जा और आवृत्ति में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
E = hv = h\(\frac { c }{ λ }\)

प्रश्न 19.
3p-ऑर्बिटल में उपस्थित कुल कोणीय व वृत्तीय नोडों की कुल संख्या बतायें।
उत्तर:
3p-ऑर्बिटल के लिये, n = 3, l = 1
कोणीय नोडों (Angular nodes) की संख्या = 1 = 1
वृत्तीय नोडों (Radial nodes) की
संख्या = n – l – 1
= 3 – 1 – 1
= 1

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

प्रश्न 20.
परमाणु क्रमांक 24 वाले तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए।
उत्तर:
परमाणु क्रमांक (24) = 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d5, 4s1

प्रश्न 21.
“अधिकांश तत्वों के परमाणु भार भिन्नात्मक होते हैं।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए?
उत्तर:
तत्वों का परमाणु भार उनके समस्थानिकों के भार का औसत होता है, इस कारण अधिकांश तत्वों के परमाणु भार भिन्नात्मक होते हैं।

प्रश्न 22.
एक परमाणु M तथा इसके आयन M+ दोनों का द्रव्यमान समान क्यों होता है?
उत्तर:
क्योंकि दोनों में प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉनों की संख्या समान होती है।

प्रश्न 23.
किसी तत्व ‘X’ के परमाणु के कौन-कौन से कण उसके द्रव्यमान के लिये मुख्य रूप से उत्तरदायी होते हैं?
उत्तर:
प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन किसी भी तत्व के परमाणु के द्रव्यमान के लिये मुख्य रूप से उत्तरदायी होते हैं।

प्रश्न 24.
“परमाणु विद्युत उदासीन होता है।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
परमाणु के नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या व नाभिक के बाहर इलेक्ट्रॉनों की संख्या बराबर-बराबर होती है, इस कारण परमाणु विद्युत उदासीन होता है।

प्रश्न 25.
विसर्जन नलिका के प्रयोग में नली की दीवार पर चमक क्यों उत्पन्न होती है?
उत्तर:
विसर्जन नलिका के प्रयोग में नली की दीवार पर चमक कैथोड किरणों के टकराने के कारण उत्पन्न होती है।

प्रश्न 26.
विसर्जन नली में उपस्थित वह कौन-सा कण है, जिसके e/m का मान अधिकतम है?
उत्तर:
इलेक्ट्रॉन का e/m मान अधिकतम होता है।

प्रश्न 27.
विसर्जन नलिका धन किरणों का स्रोत क्या होता है?
उत्तर:
विसर्जन नलिका में धन किरणों का स्रोत नली में भरी गैस होती है।

प्रश्न 28.
परमाणु के तीन मूल कण कौन-कौन से होते हैं?
उत्तर:
परमाणु के तीन मूल कण इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन व न्यूट्रॉन होते हैं।

प्रश्न 29.
रदरफोर्ड के कणों के प्रकीर्णन प्रयोग में, α-कणों का स्रोत क्या है?
उत्तर:
Ra (रेडियम) या Po (पोलेनियम )

प्रश्न 30.
यह कैसे सिद्ध होता है कि परमाणु का अधिकांश भाग रिक्त या खोखला होता है।
उत्तर:
रदरफोर्ड के α- प्रकीर्णन प्रयोग में अधिकांश α-कण बिना विचलित हुये सीधे निकल जाते हैं, इससे यह सिद्ध होता है कि परमाणु का अधिकांश भाग रिक्त होता है।

प्रश्न 31.
किस प्रयोग से सिद्ध होता है कि परमाणु का समस्त द्रव्यमान उसके केन्द्र में स्थित होता है?
उत्तर:
रदरफोर्ड के α-प्रकीर्णन के प्रयोग से सिद्ध होता है कि परमाणु का समस्त द्रव्यमान उसके केन्द्र में स्थित होता है।

प्रश्न 32.
“परमाणु द्वारा ऊर्जा का उत्सर्जन क्वाण्टीकृत (Quantised) होता है।” इस तथ्य को सर्वप्रथम किसने प्रस्तावित किया था?
उत्तर:
“परमाणु द्वारा ऊर्जा का उत्सर्जन क्वाण्टीकृत होता है।” इस तथ्य को सर्वप्रथम बोर (Bohr) ने प्रस्तावित किया था।

प्रश्न 33.
इलेक्ट्रॉनों तथा प्रोटॉनों में से किसका वेग अधिक होगा यदि दोनों की तरंगदैर्ध्य समान है?
उत्तर:
जिसका भार कम होगा उसका वेग उतना ही अधिक होगा क्योंकि λ = \(\frac { h }{ mv }\) अतः इलेक्ट्रॉन का वेग अधिक होगा।

प्रश्न 34.
एक परमाणु नाभिक में 14 प्रोटॉन तथा 13 न्यूट्रॉन हैं। इसकी द्रव्यमान संख्या क्या होगी?
उत्तर:
द्रव्यमान संख्या = प्रोटॉन की + न्यूट्रॉन की
संख्या             संख्या

= 14 + 13 = 27
द्रव्यमान संख्या = 27 है।

प्रश्न 35.
तत्व \({ }_{19}^{39} \mathrm{~K}\) में इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन की संख्या बताएँ।
उत्तर:
इलेक्ट्रॉन की संख्या = परमाणु क्रमांक = 19 प्रोटॉन की संख्या = परमाणु क्रमांक = 19
न्यूट्रॉन की संख्या = द्रव्यमान संख्या – परमाणु क्रमांक
= 39 19 20

प्रश्न 36.
किसी तत्व के समस्थानिकों में क्या समानता होती है?
उत्तर:
समस्थानिकों में परमाणु क्रमांक समान होता है।

प्रश्न 37.
परमाणु के कौन से कण परमाणु भार के लिये उत्तरदायी होते हैं?
उत्तर:
प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन परमाणु भार के लिये उत्तरदायी होते हैं।

प्रश्न 38.
न्यूट्रॉन की खोज किसने की थी?
उत्तर:
न्यूट्रॉन की खोज सर जेम्स चेडविक ने की थी।

प्रश्न 39.
कौन-सा कण तत्वों के भिन्न-भिन्न प्रकार के समस्थानिकों के बनने का कारण होता है?
उत्तर:
न्यूट्रॉन तत्वों के समस्थानिकों के बनने का कारण होता है।

प्रश्न 40.
द्रव्यमान संख्या, न्यूट्रॉन की संख्या तथा परमाणु क्रमांक में क्या सम्बन्ध होता है।
उत्तर:
द्रव्यमान संख्या परमाणु क्रमांक + न्यूट्रॉन की संख्या

प्रश्न 41.
निम्नलिखित के पूर्ण प्रतीक लिखो।
(i) परमाणु संख्या 56 तथा द्रव्यमान संख्या 138 का नाभिक।
(ii) परमाणु संख्या 26 तथा द्रव्यमान संख्या 55 का नाभिक।
(iii) परमाणु संख्या 4 तथा द्रव्यमान संख्या 9 का नाभिक।
उत्तर:
(i) परमाणु संख्या 56 वाला तत्व Ba है। इसका प्रतीक \({ }_{138}^{56} \mathrm{Ba}\) है।
(ii) परमाणु संख्या 26 वाला तत्व Fe है। इसका प्रतीक \({ }_{55}^{26} \mathrm{Fe}\) है।
(iii) परमाणु संख्या 4 वाला तत्व Be है इसका प्रतीक \({ }_{9}^{4} \mathrm{Be}\) है।

प्रश्न 42.
एक गतिमान सूक्ष्म कण की तरंगदैर्ध्य तथा संवेग के मध्य सम्बन्ध बताइये। इस सम्बन्ध को किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर:
λ = \(\frac { h }{ mv }\)
यहाँ λ = तरंगदैर्ध्य, h = प्लांक स्थिरांक
m = द्रव्यमान, v = वेग
उपर्युक्त सम्बन्ध डी-ब्रॉग्ली सम्बन्ध के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 43.
किसी कक्षा में इलेक्ट्रॉन के निश्चित पथ की बोर- अवधारणा में आये उस मूलभूत परिवर्तन का उल्लेख कीजिए, जिसका अवतरण हाइजेनबर्ग अनिश्चितता सिद्धान्त से हुआ।
उत्तर:
अनिश्चितता सिद्धान्त के अनुसार, इलेक्ट्रॉन का पथ सदैव प्रायिक होता है तथा यह स्थिर अथवा निश्चित नहीं होता जैसा कि बोर – अवधारणा में उल्लेखित है।

प्रश्न 44.
किसी गतिमान सूक्ष्म कण के वेग में परिवर्तन से इसकी तरंगदैर्ध्य पर प्रभाव पड़ता है। क्यों?
उत्तर:
तरंगदैर्ध्य, वेग के व्युत्क्रमानुपाती होती है (λ = \(\frac { h }{ mv }\)) इसका अर्थ है कि वेग बढ़ने पर, तरंगदैर्ध्य घटेगी तथा वेग कम होने पर बढ़ेगी।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

प्रश्न 45.
क्या डी-ब्रॉग्ली सम्बन्ध केवल इलेक्ट्रॉन पर ही लागू किया जा सकता है?
उत्तर:
नहीं, यह सभी गतिमान सूक्ष्मतम कणों पर लागू किया जा सकता है।

प्रश्न 46.
बोर मॉडल के अनुसार, प्रत्येक स्थिर अवस्था की En निम्नलिखित व्यंजक द्वारा दी जा सकती है।
En = \(\frac { -1312 }{ n² }\) kJ mol-1
यहाँ से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
यहाँ n से तात्पर्य ऊर्जा स्तर से है।

प्रश्न 47.
प्रथम कक्ष के लिये बोर त्रिज्या का मान बताइये।
उत्तर:
प्रथम कक्ष के लिये,
r1 = 0.529 Å
r1 = 0.529 × 10-10 m
r1 = 5.29 × 10-11 m

प्रश्न 48.
बोर के अनुसार, H परमाणु के लिये पहले कक्ष की त्रिज्या का सूत्र क्या है?
उत्तर:
rn = r1 x n²

प्रश्न 49.
H- परमाणु से एक इलेक्ट्रॉन को निकालने के लिये कितनी ऊर्जा की आवश्यकता होगी?
उत्तर:
H- परमाणु से एक इलेक्ट्रॉन को निकालने के लिये 13-6ev की आवश्यकता होगी।

प्रश्न 50.
प्लांक नियतांक (h) का मान व इकाई बताइए।
उत्तर:
6.625 x 10-27 अर्ग सेकण्ड

प्रश्न 51.
कैसे प्रदर्शित होता है कि नाभिक धनावेशित होता है?
उत्तर:
इसे हम रदरफोर्ड के α-प्रकीर्णन प्रयोग द्वारा सिद्ध कर सकते हैं।

प्रश्न 52.
न्यूट्रॉन क्या है? यह प्रोटॉन से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर:
on1, न्यूट्रॉन उदासीन कण है, जबकि प्रोटॉन धनावेशित कण है।

प्रश्न 53.
प्रोटॉन तथा H-परमाणु में विभेद कीजिए।
उत्तर:
परमाणु में से एक इलेक्ट्रॉन निकलने के बाद शेष बची रचना प्रोटॉन कहलाती है।

प्रश्न 54.
एक परमाणु के नाभिक में 17 प्रोटॉन तथा 18 न्यूट्रॉन हैं तो इसकी संयोजकता तथा द्रव्यमान संख्या क्या होगी?
उत्तर:
यहाँ संयोजकता = 1.
द्रव्यमान संख्या प्रोटॉन की संख्या + न्यूट्रॉन की संख्या
= 17 + 18 = 35

प्रश्न 55.
“सभी फोटॉनों की ऊर्जा बराबर नहीं होती है” इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
फोटॉन की कर्जा प्रकाश की तरंगदैर्ध्य पर निर्भर करती है।
E = \(\frac { hc }{ λ }\)

प्रश्न 56.
एक फोटॉन का द्रव्यमान क्या होगा?
उत्तर:
फोटॉन द्रव्यमान रहित ऊर्जा के पैकेट होते हैं। परन्तु इसके नगण्य द्रव्यमान को निम्न सूत्र द्वारा निकाल सकते हैं।
m = \(\frac { h }{ cλ }\)

प्रश्न 57.
निम्नलिखित तत्वों में किस प्रकार की समानता है?
\({ }_6^{14} \mathrm{C},{ }_7^{15} \mathrm{~N},{ }_8^{16} \mathrm{O}\)
उत्तर:
ये तत्व आपस में समन्यूट्रॉनिक हैं?

प्रश्न 58.
निम्नलिखित में प्रत्येक का उदाहरण दीजिये।
(i) \({ }_{17}^{35} \mathrm{Cl}\) का समस्थानिक
उत्तर:
\({ }_{17}^{35} \mathrm{Cl}\) का समस्थानिक \({ }_{17}^{35} \mathrm{Cl}\) है।

(ii) \({ }_{18}^{40} \mathrm{Ar}\) का समभारिक
उत्तर:
\({ }_{18}^{40} \mathrm{Ar}\) का समभारिक \({ }_{20}^{40} \mathrm{Ca}\) है।

(iii) \({ }_{7}^{15} \mathrm{N}\) का समन्यूट्रॉनिक
उत्तर:
\({ }_{7}^{15} \mathrm{N}\) का समन्यूट्रॉनिक \({ }_{8}^{16} \mathrm{O}\) है।

प्रश्न 59.
हाइड्रोजन के समस्थानिक लिखें।
उत्तर:
हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक होते हैं :

  1. प्रोटियम \(\left({ }_1^1 \mathrm{H}\right)\)
  2. ड्यूटीरियम \(\left({ }_1^2 \mathrm{H}\right)\)
  3. ट्राइटियम \(\left({ }_1^3 \mathrm{H}\right)\)

प्रश्न 60.
इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा को शून्य कब मानते हैं?
उत्तर:
जब इसकी नाभिक से दूरी अनन्त हो। इस समय इलेक्ट्रॉन तथा नाभिक के मध्य का आकर्षण बल शून्य हो जाता है तथा ऊर्जा भी शून्य हो जाती है।

प्रश्न 61.
एक फोटॉन तथा क्वाण्टम में क्या अन्तर है?
उत्तर:
क्वाण्टम निश्चित ऊर्जा (E = hv) का एक बन्डल होता है। इसका स्रोत कुछ भी हो सकता। जबकि फोटॉन, केवल प्रकाश के क्वाण्टम को कहते हैं।

प्रश्न 62.
कैथोड किरणें तभी उत्पन्न होती हैं जब डिस्चार्ज नली के अन्दर गैस का दाब बहुत-बहुत कम हो, क्यों?
उत्तर:
उच्च दाब पर नली में विद्युत धारा का प्रवाह नहीं हो पाता है। क्योंकि गैसें विद्युत की बहुत कम चालक होती हैं।

प्रश्न 63.
एक डिस्चार्ज नली में हाइड्रोजन गैस तथा दूसरी डिस्चार्ज नली में ऑक्सीजन गैस ली गयी है क्या कैथोड किरणों तथा ऐनोड किरणों में इलेक्ट्रॉन तथा धनायन समान होंगे या भिन्न।
उत्तर:
इलेक्ट्रॉन की संख्या तो समान होगी परन्तु धनायन समान नहीं होंगे।

प्रश्न 64.
जब α-कण सोने की पतली पत्नी पर टकराते हैं तो टकराने के पश्चात् कुछ α-कण वापस चले जाते हैं, यह क्या सिद्ध करता है?
उत्तर:
यह सिद्ध करता है कि परमाणु में अन्दर एक बहुत छोटा परन्तु भारी नाभिक उपस्थित होता है।

प्रश्न 65.
निम्नलिखित नाभिकों में से समस्थानिकों एवं समभारिकों को चुनिये-
(a) 10 प्रोटॉन + न्यूट्रॉन
(b) 10 प्रोटॉन +11 न्यूट्रॉन
(c) 19 प्रोटॉन + 23 न्यूट्रॉन
(d) 21 प्रोटॉन + 21 न्यूट्रॉन
उत्तर:
(a) तथा
(b) आपस में समस्थानिक जबकि
(c) व
(d) आपस में समभारिक है।

प्रश्न 66.
हाइड्रोजन के किस समस्थानिक में दो न्यूट्रॉन होते हैं।
उत्तर:
ट्राइट्रियम में \(\left({ }_1^3 \mathrm{H}\right)\) दो न्यूट्रॉन होते हैं।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

प्रश्न 67.
द्रव्य की द्वैत प्रकृति की व्याख्या किस वैज्ञानिक ने की थी?
उत्तर:
डी-ब्रॉली ने।

प्रश्न 68.
अनिश्चितता का सिद्धान्त किस वैज्ञानिक की देन है?
उत्तर:
वर्नर हाइजेनबर्ग की

प्रश्न 69.
तरंग फलन को कैसे प्रदर्शित करते हैं?
उत्तर:
ψ(Psi, साई से)।

प्रश्न 70.
परमाणु की तरंग यान्त्रिक मॉडल अवधारणा का समीकरण क्या है?
उत्तर:
λ = \(\frac { h }{ p }\)

प्रश्न 71.
इलेक्टॉन अभ्र क्या है?
उत्तर:
परमाणु में इलेक्टॉन का ऋणावेश अभ्र के रूप में नाभिक के चारों ओर विसरित रहता है अभ्र का घनत्व उस क्षेत्र में अधिक रहता है जिसमें इलेक्ट्रॉन मिलने की प्रायिकता अधिक होती है।

प्रश्न 72.
पाउली का अपवर्जन नियम क्या है?
उत्तर:
एक ही परमाणु में उपस्थित किन्हीं दो इलेक्ट्रॉनों की चारों क्वाण्टम संख्याओं के मान समान नहीं हो सकते हैं।

प्रश्न 73.
n के किसी मान के लिये l का मान क्या होता है?
उत्तर:
(0) से (n – 1) तक।

प्रश्न 74.
दिगंशी क्वाण्टम संख्या l = 2 के लिये चुम्बकीय क्वाण्टम संख्या m के मान लिखिए।
उत्तर:
l = 2, m = 2, – 1, 0, + 1, + 2

प्रश्न 75.
s p d f उपकोशों में कितने कक्षक होते हैं?
उत्तर:
2l + 1 कक्षक होते हैं।

प्रश्न 76.
Sc (परमाणु क्रमांक 21) के अन्तिम इलेक्ट्रॉनों की चारों क्वाण्टम सख्याएं लिखिए।
उत्तर:
Sc का अन्तिम इलेक्ट्रॉन 3d1 है अतः n = 3, l = 2, m = – 2 = – 2

प्रश्न 77.
निम्न में से कौन से उपकोश सम्भव नहीं हैं?
1s, 1p, 2s, 3d, 3f
उत्तर:
1p तथा 3f उपकोश सम्भव नहीं हैं क्योंकि l का मान n से कम नहीं है-
n = 1 l = 1 lp
n = 3 l = 3 3f

प्रश्न 78.
परमाणु की निम्न संरचना को ठीक करके लिखिए।
1s², 2s², 2px², 2py0, 2pz0
उत्तर:
1s², 2s², 2px1, 2py1, 2pz0

प्रश्न 79.
किसी तत्व के परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या व प्रोटॉनों की संख्या बराबर-बराबर होती है, परन्तु उसके परमाणु क्रमांक को केवल प्रोटॉनों के द्वारा परिभाषित किया जाता है, इलेक्ट्रॉनों के द्वारा नहीं, क्यों?
उत्तर:
एक परमाणु इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण भी कर सकता है और उत्सर्जित भी कर सकता है, परन्तु परमाणु के अन्दर उपस्थित प्रोटॉनों की संख्या सदैव स्थिर रहती है।

प्रश्न 80.
यदि किसी परमाणु के नाभिक में न्यूट्रॉनों की संख्या में परिवर्तन किया जाये तो बनने वाले परमाणु का मूल परमाणु से सम्बन्ध क्या होगा?
उत्तर:
समस्थानिक होगा।

प्रश्न 81.
जब एक इलेक्ट्रॉन किसी भी उच्च कक्षा से दूसरी कक्षा (n = 2) में कूदता है तो प्राप्त होने वाले रेखीय स्पेक्ट्रम की श्रेणी को क्या कहा जाता है?
उत्तर:
बामर श्रेणी।

प्रश्न 82.
किसी कण की तरंगदैर्ध्य और संवेग के सम्बन्ध का सूत्र बतलाइए।
उत्तर:
λ = \(\frac { h }{ p }\) = \(\frac { h }{ mv }\)

प्रश्न 83.
किस उपकोश का आकार गोलाकार होता है?
उत्तर:
s-उपकोश का आकार गोलाकार होता है।

प्रश्न 84.
किसी परमाणु की कक्षा में कोणीय संवेग के क्वाण्टीकरण का निर्गमन किसने किया?
उत्तर:
डी-ब्रॉली ने सर्वप्रथम किसी परमाणु की कक्षा में कोणीय संवेग के क्वाण्टीकरण निर्गमन किया।

प्रश्न 85.
निम्न में से कौन-से ऑर्बिटल समभ्रंश (degenerate) हैं?
3dxy, 4dxy, 3dz², 3dyz, 4dyz, 4dz²
उत्तर:
3dxy, 3dz², 3dyz – समभ्रंश ऑर्बिटल
4dxy, 4dyz, 4dz² – समभ्रंश ऑर्बिटल

प्रश्न 86.
चौथी कक्षा में अधिकतम कितने इलेक्ट्रॉन आ सकते है?
उत्तर:
अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 2n²
= 2(4)²
= 32 इलेक्ट्रॉन

प्रश्न 87.
पाउली के नियम को अपवर्जन नियम क्यों कहते हैं?
उत्तर:
पाउली के नियम को अपवर्जन नियम इसलिये कहते हैं क्योंकि यह नियम किसी कक्षक के अन्दर तीसरे इलेक्ट्रॉन की उपस्थिति की सम्भावना को वर्जित करता है।

प्रश्न 88.
सभी फोटॉनों की ऊर्जा समान नहीं होती है। टिप्पणी दें।
उत्तर:
फोटॉनों की ऊर्जा उसके तरंगदैथ्यों पर निर्भर करती है, जिसे हम निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात कर सकते हैं।
E = \(\frac { hc }{ λ }\)
अतः फोटॉनों की ऊर्जा समान नहीं होती है।

प्रश्न 89.
किसी भी कक्षक में अधिकतम कितने इलेक्ट्रॉन उपस्थित रह सकते हैं?
उत्तर:
किसी भी कक्षक में विपरीत चक्रण वाले अधिकतम दो इलेक्ट्रॉन ही रह सकते हैं।

प्रश्न 90.
“समान स्थिन क्वाण्टम संख्या वाले इलेक्ट्रॉन एक ही कक्षक में नहीं रह सकते।” यह कथन किस नियम को बताता है।
उत्तर:
पाउली के अपवर्जन नियम को।

प्रश्न 91.
एक गतिमान कण की तरंगदैर्ध्य का निम्न सूत्र है, यह किस सिद्धान्त से है-
λ = \(\frac { h }{ p }\)
उत्तर:
डी ब्रॉग्ली सिद्धान्त से

प्रश्न 92.
“किसी परमाणु के अन्दर इलेक्ट्रॉन की स्थिति और वेग दोनों को एक साथ ठीक-ठीक निर्धारित करना असम्भव है।” यह कथन किस सिद्धान्त पर आधारित है?
उत्तर:
हाइजेनवर्ग का अनिश्चितता का सिद्धान्त।

प्रश्न 93.
“किसी परमाणु में स्थित किन्हीं भी दो इलेक्ट्रॉनों की चारों क्वाण्टम संख्याएँ समान नहीं हो सकतीं।” यह कथन किस वैज्ञानिक ने दिया था।
उत्तर:
पाठली ने।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

प्रश्न 94.
यदि किसी परमाणु के नाभिक में न्यूट्रॉन की संख्या परिवर्तित हो तो अपने मूल परमाणु से उसका क्या सम्बन्ध होगा?
उत्तर:
यह समस्थानिक होगा।

प्रश्न 95.
किस वैज्ञानिक के अनुसार परमाणु की कक्षा में कोणीय संवेग क्वाण्टीकृत (quantised) होता है।
उत्तर:
बोर (Bohr) के अनुसार।

प्रश्न 96.
पाउली के अपवर्जन नियमानुसार d-उपकोश में अधिकतम कितने इलेक्ट्रॉन आ सकते हैं।
उत्तर:
दस।

प्रश्न 97.
कौन-सा प्रायोगिक प्रमाण इलेक्ट्रॉन के तरंग लक्षण का समर्थन करता है?
उत्तर:
डेविसन तथा जर्मर का इलेक्ट्रॉन विवर्तन वलयों पर आधारित प्रयोग इलेक्ट्रॉन के तरंग लक्षण का समर्थन करता है।

प्रश्न 98.
किसी गतिमान कण की तरंगदैर्ध्य क्या होगी यदि इसका वेग दोगुना कर दिया जाए।
उत्तर:
तरंगदैर्ध्य घटकर आधी रह जायेगी क्योंकि सूत्र के अनुसार, (λ = h/mv), यहाँ पर h तथा m दोनों ही नियतांक है।

प्रश्न 99.
गतिमान सूक्ष्म कण के वेग में परिवर्तन किसी कण की तरंगदैर्ध्य को कैसे प्रभावित करता है?
उत्तर:
तरंगदैर्ध्य वेग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। (λ = \(\frac { h }{ mv }\))। इसका अर्थ है कि यदि वेग बढ़ता है तो तरंगदैर्ध्य घटता है और वेग घटाने पर तरंगदैर्ध्य बढ़ जाता है।

प्रश्न 100.
नोडल तल से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
नोडल तल वह तल होता है, जहाँ पर इलेक्ट्रॉन के पाये जाने की सम्भावना नगण्य होती है, अर्थात् यहाँ पर (ψ² = 0) होता है।

प्रश्न 101.
ψ² का भौतिक महत्व क्या है?
उत्तर:
ψ² किसी भी इलेक्ट्रॉन के पाये जाने की प्रायिकता को प्रदर्शित करता है। यदि ψ² का मान शून्य है तो वहाँ पर इलेक्ट्रॉन के पाये जाने की प्रायिकता भी शून्य होती है।

प्रश्न 102.
किसी भी नाभिक के चारों ओर इलेक्ट्रॉन की गति की गणना शुद्धता के साथ नहीं की जा सकती है, क्यों?
उत्तर:
क्योंकि नाभिक के चारों ओर गतिमान इलेक्ट्रॉन के वेग में अनिश्चितता होती है। यह नियम हाइजेनबर्ग के अनिश्चितता के सिद्धान्त के अनुसार होता है।

प्रश्न 103.
किसी कक्षक में उपस्थित दो इलेक्ट्रॉनों का चक्रण विपरीत क्यों होता है?
उत्तर:
किसी कक्षक में उपस्थित दो इलेक्ट्रॉनों का चक्रण विपरीत होता है क्योंकि समान्तर अथवा समान चक्रण के इलेक्ट्रॉन एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं।

प्रश्न 104.
स्टार्क प्रभाव से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
स्टार्क प्रभाव – विद्युत क्षेत्र में स्पेक्ट्रमी रेखाओं का विपाटन (Splitting) स्टार्क प्रभाव कहलाता है।

प्रश्न 105.
जीमान प्रभाव से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जीमान प्रभाव – चुम्बकीय क्षेत्र में स्पेक्ट्रमी रेखाओं का विपाटन (Splitting) जीमान प्रभाव कहलाता है।

प्रश्न 106.
ऊर्जा के क्वाण्टीकरण से क्या तात्पर्य होता है?
उत्तर:
ऊर्जा स्तरों की ऊर्जा के कुछ विशिष्ट मान होते हैं इन्हीं विशिष्ट मानों के कारण ही ऊर्जा का क्वाण्टीकरण होता है।

प्रश्न 107.
आवृत्ति से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
प्रति एकांक समय में किसी बिन्दु से होकर जाने वाली तरंगों की संख्या को आवृत्ति कहते हैं।

प्रश्न 108.
तरंगदैर्ध्य से क्या तात्र्त्य है?
उत्तर:
तरंगदैर्ध्य (Wave length) – दो समीपवर्ती शृंगों (Crests) गर्तौ (Troughs) के केन्द्रों के बीच की दूरी तरंगदैर्ध्य कहलाती है।

प्रश्न 109.
इलेक्ट्रॉनों की द्वैत प्रकृति (dual Nature) दर्शाने वाली दो परिघटनाओं के नाम बताइये।
उत्तर:
इलेक्ट्रॉनों की द्वैत प्रकृति निम्न परिघटनाओं द्वारा प्रदर्शित की जा सकती है।

  1. प्रकाश विद्युत प्रभाव
  2. विवर्तन

प्रश्न 110.
कृष्णिका विकिरण (Black body radiation) क्या है बताइए।
उत्तर:
कृष्णिका विकिरण (Black body Radiation ) – एक ऐसा आदर्श पिण्ड जो हर प्रकार की आवृत्ति की विकिरणों को उत्सर्जित तथा अवशोषित करता है, कृष्णिका (Black body) कहलाता है। इस कृष्णिका से उत्सर्जित होने वाला विकिरण कृष्णिका विकिरण (Black body Radiation) कहलाता है।

प्रश्न 111.
तरंग संख्या (Wave number) पर टिप्पणी दें।
उत्तर:
तरंग संख्या (Wave number) – प्रति एकांक लम्बाई में, तरंगदैर्ध्य की संख्या को तरंग संख्या (wave Number) कहते हैं। इसका मात्रक m-1 या cm-1 होता है।

प्रश्न 112.
विवर्तन क्या होता है?
उत्तर:
किसी बाधा के आ जाने के कारण, तरंग के पथ में होने वाला विचलन विवर्तन कहलाता है।

प्रश्न 113.
व्यतिकरण पर टिप्पणी दें।
उत्तर:
व्यतिकरण- एक समान आवृत्ति वाली दो तरंगें मिलकर एक ऐसी तरंग देती हैं जिसका त्रिविम में प्रत्येक बिन्दु पर विक्षोभ, प्रत्येक तरंग के उस बिन्दु पर विक्षोभ का
बीजगणितीय या सदिश योग होता है। तरंगों का इस प्रकार का संयोजन व्यतिकरण कहलाता है।

प्रश्न 114.
क्या क्रिकेट की एक गतिमान गेंद में तरंग लक्षण होता है?
उत्तर:
डी-ब्रॉग्ली के अनुसार, λ = h/mv होता है, चूँकि क्रिकेट की गेंद का द्रव्यमान अधिक होता है इस कारण इसके तरंगदैर्ध्य का मान बहुत कम होता है जिसे मापना सम्भव नहीं है। इस कारण गति करती हुई गेंद में तरंग लक्षण नहीं होता है।

प्रश्न 115.
क्या अनिश्चितता का सिद्धान्त किसी भी कण (छोटे अथवा बड़े) पर लागू होता है? स्पष्ट करें।
उत्तर:
नहीं। यह सिद्धान्त केवल सूक्ष्म कर्णो जैसे- इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन आदि पर ही लागू होता है।

प्रश्न 116.
क्या एक हाथी तरंग-गति में चक्कर लगा सकता है? इसकी तरंग का भौतिक महत्व क्या होगा?
उत्तर:
हाँ, एक हाथी तरंग गति में चक्कर लगा सकता है, परन्तु इसकी द्रव्य तरंग का मान बहुत ही कम होगा जिसका कोई भौतिक महत्त्व नहीं होता है।

प्रश्न 117.
डी-ब्रॉग्ली सम्बन्ध की सार्थकता क्या है?
उत्तर:
डी-ब्रॉग्ली सम्बन्ध के द्वारा केवल अति सूक्ष्मकणों की द्वैत प्रकृति को समझ सकते हैं अर्थात् कणों में भी तरंग प्रकृति होती है। अर्द्धसूक्ष्म व वृहद कणों के कणीय लक्षण अधिक परन्तु तरंग लक्षण कम होते हैं। इन कणों के तरंगदैर्ध्य का मान इतना कम होता है कि उसको मापना सम्भव नहीं होता है।

प्रश्न 118.
यदि एक गतिशील इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन के तरंगदैर्ध्य समान हैं तो इनमें से किसकी गति अधिक होगी और क्यों?
उत्तर:
λ = \(\frac { h }{ mv }\) के अनुसार, द्रव्यमान तथा वेग में व्युत्क्रम सम्बन्ध है। प्रश्नानुसार इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन के h तथा λ का मान समान है। जिस कण का द्रव्यमान अधिक होगा उसका वेग कम होगा। अतः इलेक्ट्रॉन का वेग प्रोटॉन की तुलना में अधिक होगा क्योंकि इसका द्रव्यमान प्रोटॉन से कम होता है।

प्रश्न 119.
किसी तत्व के रेखीय स्पेक्ट्रम को उस तत्व का फिंगर प्रिन्ट कहा जाता है। इस तथ्य पर टिप्पणी दें।
उत्तर:
प्रत्येक परमाणु के लिये रेखीय स्पेक्ट्रम की तरंगदैर्ध्य का मान निश्चित होता है। अतः कोई भी तत्व उसके रेखीय स्पेक्ट्रम के द्वारा पहचाना जा सकता है। अतः तत्व के रेखीय स्पेक्ट्रम को उस तत्व का फिंगर प्रिन्ट कहते हैं।

प्रश्न 120.
क्या H-परमाणु के अन्दर इलेक्ट्रॉन की स्थिति निश्चित होती है?
उत्तर:
नहीं हाइजेनवर्ग के अनुसार किसी भी अतिसूक्ष्म कण जैसे- इलेक्ट्रॉन की स्थिति व संवेग का निर्धारण एक साथ ठीक-ठीक सम्भव नहीं है अतः H परमाणु के अन्दर इलेक्ट्रॉन की स्थिति निश्चित नहीं है।

प्रश्न 121.
वह कौन-सा प्रयोग है जिससे पदार्थ की तरंग तथा कणीय दोनों प्रकृति को सिद्ध किया जा सकता है?
उत्तर:
किसी एक प्रयोग के द्वारा पदार्थ की तरंग तथा कणीय प्रकृति सिद्ध नहीं की जा सकती है इसके लिये अलग-अलग प्रयोगों को करना पड़ता है परन्तु डी ब्रॉग्ली के सिद्धान्त के द्वारा पदार्थ की द्वैत प्रकृति को सिद्ध किया जा सकता है।

प्रश्न 122.
उन स्पेक्ट्री श्रेणियों के नाम बताइये जो कि विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के निम्नलिखित क्षेत्रों में प्रदर्शित होती है :
(i) दृश्य क्षेत्र
(ii) पराबैंगनी क्षेत्र
(iii) अवरक्त क्षेत्र
उत्तर:
(i) बामर श्रेणी
(ii) लाइमन श्रेणी
(iii) फुण्ड श्रेणी

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

प्रश्न 123.
उत्सर्जन स्पेक्ट्रम क्या होता है?
उत्तर:
उत्सर्जन स्पेक्ट्रम (Emission Spectrum) – उत्सर्जन स्पेक्ट्रम को उत्तेजित पदार्थों से उत्सर्जित विकिरणों के विश्लेषण से प्राप्त किया जा सकता है? यह चमकदार रंगीन रेखाओं से बनता है जो एक-दूसरे से काले बैण्डों द्वारा पृथक रहता है। यह स्पेक्ट्रम केवल उच्च ताप पर ही प्राप्त किया जाता है।

प्रश्न 124.
अधिशोषण स्पेक्ट्रम पर टिप्पणी दें।
उत्तर:
अधिशोषण स्पेक्ट्रम (Absorption Spectrum) – इसे गैसीय या विलयन अवस्था में पदार्थ में से सफेद प्रकाश गुजारकर प्राप्त किया जाता है। इसमें काली रेखायें प्राप्त होती हैं। जो कि रंगीन बैण्डों द्वारा पृथक्कृत रहती हैं। इसे कमरे के ताप पर ही प्राप्त किया जा सकता है।

प्रश्न 125.
विद्युत चुम्बकीय विकिरण पर टिप्पणी दें।
उत्तर:
विद्युत चुम्बकीय विकिरण (Electro-magnetic Spectrum)-ये वे विकिरण होते हैं, जो आकाश में दोलायमान विद्युत तथा चुम्बकीय विक्षोभ तरंगों के रूप में संचरण करते हैं। जैसे- अवरक्त, पराबैंगनी, दृश्य तथा X – किरणें।

प्रश्न 126.
निम्न में से कौन विद्युत क्षेत्र में से गुजारने पर विचलन (deflection) प्रदर्शित नहीं करेगा।
प्रोटॉन, कैथोड किरणें, इलेक्ट्रॉन, न्यूट्रॉन
उत्तर:
न्यूट्रॉन।

प्रश्न 127.
हाइड्रोजन परमाणु में केवल एक इलेक्ट्रॉन ही होता है। अतः यहाँ इलेक्ट्रॉनों के मध्य प्रतिकर्षण अनुपस्थित है। जबकि बहुइलेक्ट्रॉनिक परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों के मध्य बहुत अधिक प्रतिकर्षण होता है। अतः बहुइलेक्ट्रॉनिक परमाणुओं में समान मुख्य क्वाण्टम संख्या के लिये कक्षक में एक इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा किस प्रकार प्रभावित होती है।
उत्तर:
हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा ‘n’ के मान से ज्ञात की जाती है जबकि बहुइलेक्ट्रॉनिक परमाणुओं में यह (n + 1) की सहायता से ज्ञात करते हैं। अतः दी गई मुख्य क्वाण्टम संख्या के लिये s, p, d तथा f कक्षकों के इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा भी भिन्न होती है।

प्रश्न 128.
निम्न में प्रत्येक का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखें तथा अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या भी बताएँ।
(i) Mn4+
(ii) Cr3+
(iii) Fe3+
(iv) Ni2+
(v) CO2+ +
(vi) Cu2+
उत्तर:

इलेक्ट्रॉनिक विन्यासयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या
(i) 25Mn4+1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d³3
(ii) 24Cr3+1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d³3
(iii) 26Fe3+1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d55
(iv) 28 Ni2+1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d82
(v) 27CO2+1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d73
(vi) 29Cu2+1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d91

प्रश्न 129.
नाइट्रोजन का आद्य अवस्था में 1s², 2s², 2px2, 2py1 इलेक्ट्रॉनिक विन्यास सही है या गलत और क्यों?
उत्तर:
यह इलेक्ट्रॉनिक विन्यास हुण्ड के नियम के अनुसार गलत है।

प्रश्न 130.
क्रोमियम (Z = 24 ) 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d4, 4s² इलेक्ट्रॉनिक विन्यास गलत है, क्यों?
उत्तर:
चूँकि अर्द्ध पूर्ण भरे उपकोश (half filled sub-shell ) अधिक स्थायी होते हैं। अत: Cr का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d5, 4s1 होता है।

प्रश्न 131.
कॉपर [Z = 29] का सम्भावित इलेक्ट्रॉनिक विन्यास [Ar] 3d9, 4s² होना चाहिये। जबकि इसका वास्तविक इलेक्ट्रॉनिक विन्यास [Ar] 3d104s1 है। स्पष्ट करो।
उत्तर:
क्योंकि पूर्ण भरी हुई उपकोश अधिक स्थायी होती है।

प्रश्न 132.
कोश तथा कक्षक दोनों में क्या समानता होती है?
उत्तर:
दोनों में ही ऊर्जा स्तर होते हैं।

प्रश्न 133.
परमाणु क्रमांक 20 तथा 22 का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखें।
उत्तर:
20Ca → 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 4s²
22Ti → 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d², 4s².

प्रश्न 134.
निम्न परमाणुओं के लिये चौथे उपकोश की ऊर्जा-स्तर का क्रम बताइए।
(1) H – परमाणु
(2) Br- परमाणु
उत्तर:
(1) H – परमाणु के लिये
4s = 4p = 4d = 4f

(2) Br-परमाणु के लिये
4f > 4d > 4p > 4s

प्रश्न 135.
Cu, Cu+ Cu2+ तथा Cu3+ का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिये और निम्न का उत्तर दीजिए-
(1) इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या
(2) s-उपकोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या
(3) p-उपकोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या
(4) d उपकोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या
(5) अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या
(6) कुल स्पिन
(7) अनुचुम्बकीय अथवा प्रतिचुम्बकीय गुण
(8) अधिक स्थायी आयन
उत्तर:
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
29Cu – 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d10, 4s1
29Cu+ – 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d10
29Cu2+ – 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d9
29Cu3+ – 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d8

गुणCuCu+Cu2+Cu3+
1. इलेक्ट्रॉन की कुल संख्या29282726
2. s-इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या7666
3. p-इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या12121212
4. d-इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या101098
5. अयुग्मित इलेक्ट्रॉन की संख्या1012
6. कुल स्पिन = ±\(\frac { 1 }{ 2 }\) x अयुग्मित इलेक्ट्रॉन की संख्या±\(\frac { 1 }{ 2 }\)0±\(\frac { 1 }{ 2 }\)±1
7. अनुचुम्बकीय (P) या प्रति चुम्बकीय (D) गुणPDPP

8. इसमें Cu+ आयन अत्यधिक स्थायी होगा क्योंकि इसमें d-कक्षक पूर्ण रूप से भरे हुए हैं।

प्रश्न 136.
कार्बन परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s², 2s1, 2px1, 2py1, 2pz1 है। इसका क्या अर्थ है?
उत्तर:
इसका अर्थ है कि कार्बन परमाणु उत्तेजित अवस्था में है।

प्रश्न 137.
Cr3+ आयन के d-उपकोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉनों की संख्या क्या होगी?
उत्तर:
तीन (3); Cr3+ → 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d³

प्रश्न 138.
परमाणु क्रमांक 46 वाला तत्व इलेक्ट्रॉनिक विन्यास में अपवाद प्रदर्शित करता है। इस तत्व के 4d – उपकोश में कितने अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होंगे।
उत्तर:
46Pd : 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d10, 4s², 4p6, 4d10
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 3
कुल अयुग्मित इलेक्ट्रॉन = 0

प्रश्न 139.
कैल्सियम तथा क्लोरीन का परमाणु क्रमांक 20 तथा 17 है। Ca 2+ तथा CI का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास क्या होगा।
उत्तर:
Ca2+ में इलेक्ट्रॉन = 20 – 2 = 18;
Ca2+ : 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6
Cl में इलेक्ट्रॉन = 17 + 1 = 18;
Cl : 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6

प्रश्न 140.
‘किन-किन तत्वों में s-इलेक्ट्रॉन की कुल संख्या p-इलेक्ट्रॉन की कुल संख्या के बराबर होती है?
उत्तर:
8O → 1s², 2s², 2p4, (s तथा p में इलेक्ट्रॉन = 4)
12Mg → 1s², 2s², 2p6, 3s² (s तथा p में इलेक्ट्रॉन = 6)

प्रश्न 141.
Zn2+ तथा Sc2+ का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखें।
उत्तर:
30Zn2+ → 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d10
21Sc2+ → 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d1

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

प्रश्न 142.
नाइट्रोजन परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s², 2s², 2px1, 2py1, 2pz1 होता है, 1s², 2s², 2p2x, 2p1y, नहीं क्यों।
उत्तर:
ऐसा हुण्ड के नियमानुसार होता है। इसके अनुसार समभ्रंश (degenerate) कक्षक पहले समान्तर इलेक्ट्रॉनिक चक्रण के साथ एकल रूप में भरते हैं। इसमें युग्मन नहीं होता है।

प्रश्न 143.
OF2 में ऑक्सीजन O2+ के रूप में होता है। इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखे।
उत्तर:
O2+ → 1s², 2s², 2p²

प्रश्न 144.
1s इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा 2s इलेक्ट्रॉन से कम होती है क्योंकि?
उत्तर:
25 की तुलना में 1s इलेक्ट्रॉन नाभिक के अधिक समीप होते हैं जिससे इन पर आकर्षण बल अधिक होता है जिससे ऊर्जा कम हो जाती है।

प्रश्न 145.
कौन-सा कक्षक अदिशात्मक होता है?
उत्तर:
कक्षक अदिशात्मक होता है, क्योंकि इनका आकार गोलाकार होता है।

प्रश्न 146.
किस / कक्षक में चार पालियाँ (lobes) नहीं होती हैं।
उत्तर:
dz² में। इसमें केवल दो पालियाँ होती हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 4

प्रश्न 147.
किस d-कक्षक में अक्षों के अनुदिश चार पालियाँ (lobes) होती हैं?
उत्तर:
dx²-y² में। इसमें x तथा y-अक्षों के अनुदिश चार पालियाँ होती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 5

प्रश्न 148.
Px, Py तथा pz कक्षक की संरचना दें।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 6

प्रश्न 149.
निम्नलिखित विन्यासों वाले तत्वों के नाम लिखें।
(1) 1s², 2s², 2p6
उत्तर:
निऑन (Ne)

(2) 1s², 2s² 2p6, 3s², 3p6, 3d², 4s²
उत्तर:
टाइटेनियम (Ti)

(3) 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p1
उत्तर:
ऐलुमिनियम (AI)

(4) 1s², 2s², 2p6, 3s², 2p4
उत्तर:
सल्फर (S)

प्रश्न 150.
ऑफबाऊ सिद्धान्त का उपयोग करते हुए निम्न परमाणुओं की आद्य अवस्था का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखें।
(1) बोरॉन (Z= 5)
(2) कैल्सियम (Z = 20)
(3) रूबीडियम (Z= 37)
उत्तर:
(1) बोरॉन (Z = 5); 1s², 2s², 2p1
(2) कैल्सियम (Z = 20); 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 4s²
(3) रूबीडियम (Z = 37 ); 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d10, 4s², 4p6, 5s1

प्रश्न 151.
एक p-उपकोश में जिसमें Px, Py तथा Pz कक्षक उपस्थित होते हैं। यदि मात्र एक ही इलेक्ट्रॉन है तो इन तीनों कक्षकों में से इलेक्ट्रॉन किसमें रहेगा?
उत्तर:
इलेक्ट्रॉन Px, Py तथा Pz कक्षकों में से किसी में भी रह सकता है क्योंकि ये सभी समभ्रंश कक्षक होते हैं।

प्रश्न 152.
1s तथा 2s कक्षक गोलीय नोडों की संख्या में किस प्रकार भिन्न होते हैं?
उत्तर:
1s कक्षक में कोई नोड नहीं होता है जबकि 2s कक्षक में एक नोड उपस्थित होता है। क्योंकि गोलीय नोडों की संख्या (n – 1) के बराबर होती है जहाँ – मुख्य क्वाण्टम संख्या होती है।

प्रश्न 153.
किसी तत्व की द्रव्यमान संख्या उसके परमाणु क्रमांक की दोगुनी है। यदि 2 कक्षकों में 4 इलेक्ट्रॉन हों तो तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास और नाम लिखें।
उत्तर:
तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s², 2s², 2p4 है। अर्थात् इसका परमाणु क्रमांक (Z = 8) और द्रव्यमान संख्या (A = 16) होती है। अतः तत्व ऑक्सीजन है।

प्रश्न 154.
2d तथा 35 कक्षक सम्भव क्यों नहीं हैं?
उत्तर:
चूँकि n = 2 के लिये l के 0 तथा 1 मान होते हैं अर्थात् n = 2 कक्ष में केवल s तथा p-कक्षक होते हैं यहाँ d-कक्षक उपस्थित नहीं होते। इसी प्रकार n = 3 के लिये l के 0, 1 तथा 2 मान होते हैं, इस कारण n = 3 कक्ष में f-कक्षकों की सम्भावना नहीं होती है।

प्रश्न 155.
4d तथा 5s कक्षकों में से पहले कौन-सा कक्षक भरेगा?
उत्तर:
4d तथा 5s-कक्षकों में से सर्वप्रथम 5s कक्षक भरा जायेगा। क्योंकि 5s कक्षक की ऊर्जा कम होती है। कक्षकों की ऊर्जा को (n + l) नियम द्वारा ज्ञात किया जा सकता है। जिस कक्षक के लिये (n + l) का मान कम होता है उसकी ऊर्जा भी कम होती है। अतः
5s – कक्षक के लिये
n + l = 5 + 0 = 5
4d-कक्षक के लिये,
n + l = 4 + 2 = 6
ऊर्जा का क्रम = 4d > 5s
अतः 5s कक्षक पहले भरा जायेगा।

प्रश्न 156.
2p-उपकोश में इलेक्ट्रॉन 2s-उपकोश की अपेक्षा अधिक होते हैं। क्यों?
उत्तर:
2s – उपकोश में केवल एक ही कक्षक होता है जिसमें (m = 0) होता है जबकि 2p-उपकोश में तीन कक्षक ( m = – 1, 0 + 1 ) होते हैं। चूँकि एक कक्षक में अधिकतम दो इलेक्ट्रॉन भरे जा सकते हैं अतः 2p-उपकोश में अधिकतम छह इलेक्ट्रॉन भरे जा सकते हैं। जबकि 25- उपकोश में अधिकतम दो इलेक्ट्रॉन ही भरे जा सकते हैं।

प्रश्न 157.
निम्न दिये गये क्वाण्टम संख्याओं के सेटों को ऊर्जा के घटते क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
(A) n = 4, l = 0, me = 0, ms = ± \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(B) 2 = 3, l = 1, me = 1,ms = – \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(C) n = 3, l = 2, me = 0,ms = + \(\frac { 1 }{ 2 }\)
(D) n = 3, l = 0, me = 0,ms = – \(\frac { 1 }{ 2 }\)
उत्तर:
C > A > B > D

प्रश्न 158.
ऑक्सीजन परमाणु के 8वें इलेक्ट्रॉन के लिये चारों क्वाण्टम संख्याओं के मान बताइये।
उत्तर:
8O = 1s², 2s², 2p4
8वें इलेक्ट्रॉन की चारों क्वाण्टम संख्यायें,
(n = 2, l = 1, m = + 1, या – 1, s = + \(\frac { 1 }{ 2 }\) या – \(\frac { 1 }{ 2 }\))

प्रश्न 159.
पाउली के अपवर्जन नियम की सहायता से मुख्य क्वाण्टम संख्या तीन (n = 3) वाले कोश में भरे जा सकने वाले इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या ज्ञात करें।
उत्तर:
इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या = 2N²
= 2(3)²
= 18

प्रश्न 160.
l = 0, 1, 2, तथा 3 को क्रमशः किन अक्षरों के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
उत्तर:
l = 0, 1, 2, तथा 3 के लिये क्रमश: s, p, d तथा f अक्षर होंगे।

प्रश्न 161.
n = 2, के लिये l और m के कुल मानों की संख्या की गणना कीजिए।
उत्तर:
के किसी भी मान के लिये l व m के कुल मानों की संख्या क्रमश: n तथा n² होती है।
प्रश्नानुसार, n = 2
अतः l के कुल मान = 2
तथा m के कुल मान = (2)² = 4

प्रश्न 162.
l = 3 के लिये m के सम्भावित मान लिखिए।
उत्तर:
l के किसी भी मान के लिये m के सम्भावित मान – l से + l तक होते हैं जिसमें शून्य भी होता है।
प्रश्नानुसार, l = 3
अत: m = – 3, – 2, 1, 0, + 1 + 2, + 3

प्रश्न 163.
सोडियम परमाणु के अन्तिम इलेक्ट्रॉन की चारों क्वाण्टम संख्याओं के मान लिखिये।
उत्तर:
11Na → 1s², 2s², 2p6 3s-1
n = 3, 1 = 0, m = 0, s = + \(\frac { 1 }{ 2 }\)

प्रश्न 164.
3p6 विन्यास में चौथे इलेक्ट्रॉन की चारों क्वाण्टम संख्याओं के मान लिखिये।
उत्तर:
3p6 के p-उपकोश को हम निम्न प्रकार प्रदर्शित कर सकते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 7
चौथे इलेक्ट्रॉन के लिये,
n = 3, l = 1, m = + 1, s = – \(\frac { 1 }{ 2 }\)

प्रश्न 165.
3d² इलेक्ट्रॉन के लिये n, l m तथा s क्वाण्टम संख्याओं के मान ज्ञात करें।
उत्तर:
3d² इलेक्ट्रॉन के लिये,
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 8
n = 3, l = 2, m = – 1, s = + \(\frac { 1 }{ 2 }\)

प्रश्न 166.
हीलियम के प्रथम इलेक्ट्रॉन की चारों क्वाण्टम संख्याएँ क्रमश: n = 1, l = 0, m = 0, s = + \(\frac { 1 }{ 2 }\) हो तो दूसरे इलेक्ट्रॉन की चारों क्वाण्टम संख्याएँ क्या होगीं?
उत्तर:
हीलियम के द्वितीय इलेक्ट्रॉन की क्वाण्टम संख्याएँ
n = 1, l = 0, m = 0, s = – \(\frac { 1 }{ 2 }\)

प्रश्न 167.
छठे ऊर्जा स्तर के लिये ‘l’ का मान क्या होगा?
उत्तर:
n = 6, l = 0, 1, 2, 3, 4, 5,

प्रश्न 168.
कौन-सा कोश है जिसमें प्रथम बार g-उपकोश आता है।
उत्तर:
पाँचवे कोश में प्रथम बार g उपकोश आता है।

प्रश्न 169.
n = 4 व l = 0 के लिए कक्षक कौन सा होता है?
उत्तर:
n = 4 व l = 0 के लिये 4s कक्षक होता है।

प्रश्न 170.
निम्नलिखित में से कौन-सा विन्यास आद्य अवस्था का और कौन-सा उत्तेजित अवस्था का है?
(i) 1s², 2s², 2p4
उत्तर:
आद्य अवस्था (Ground State )

(ii) 1s², 2s², 2p6, 3s1, 3p1
उत्तर:
उत्तेजित अवस्था (Excited state)

(iii) 1s2, 2s2, 2p6, 3s², 3p4
उत्तर:
आद्य अवस्था (Ground State )

(iv) 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d10, 4s²
उत्तर:
आद्य- अवस्था (Ground State)

(v) 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p4, 3d1
उत्तर:
उत्तेजित अवस्था (Excited State)

प्रश्न 171.
कक्षकों के नाम लिखिये, जब
(1) n = 2, l = 0
(2) n = 3, l = 2
(3) n = 5, l = 1
(4) n = 4, l = 3
उत्तर:
(1) 2s
(2) 3d
(3) 5p
(4) 4f

प्रश्न 172.
किसी बहु – इलेक्ट्रॉन परमाणु के लिये g – उपकोश में कितने कक्षक उपलब्ध होते हैं।
उत्तर:
g-उपकोश के लिये l = 4, कक्षकों की कुल संख्या = (2l + 1) अत: कक्षकों की कुल संख्या
= 2 × 4 + 1
= 9
g – उपकोश में कुल 9 कक्षक उपस्थित होते हैं।

प्रश्न 173.
“dz² कक्षक के xy तल में इलेक्ट्रॉन का घनत्व शून्य होता है।” टिप्पणी दें।
उत्तर:
यह कथन सत्य नहीं है। dz² कक्ष के xy तल में भी इलेक्ट्रॉन घनत्व उपस्थित होता है जिसे वलय द्वारा दर्शाया जाता है।

प्रश्न 174.
dyz तथा dz² कक्षक आपस में किस प्रकार सम्बन्धित होते हैं?
उत्तर:
dyz तथा dz² कक्षक समान ऊर्जा के अर्थात् समभ्रंश (degenerate) कक्षक होते हैं। जबकि dyz कक्षक तल में होता है। जबकि dz² कक्षक y तथा 2 अक्षों में होता हैं।

प्रश्न 175.
n = 2 के लिये l तथा m के मान लिखें।
उत्तर:
n = 2, l = 0, 1, m = 1, 0, + 1

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

प्रश्न 176.
s, p तथा d उपकोशों को, उनमें उपस्थित इलेक्ट्रॉनों द्वारा अनुभव किये जाने वाले प्रभावी नाभिकीय आकर्षण के आधार पर बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करें।
उत्तर:
जो उपकोश नाभिक के अत्यधिक पास होता है उस पर लगने वाला प्रभावी नाभिकीय आकर्षण बल भी उतना अधिक होता है, अतः बढ़ता हुआ क्रम है-
d < p < s

प्रश्न 177.
ऑक्सीजन परमाणु (Z = 8) में इलेक्ट्रॉन का वितरण आर्बिटल आरेख के द्वारा प्रदर्शित करें।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 9

प्रश्न 178.
निकिल परमाणु दो इलेक्ट्रॉनों को त्याग कर Ni2+ आयन बनाता है। यदि निकिल का परमाणु क्रमांक 28 है तो निकिल किस उपकोश से इलेक्ट्रॉनों को त्यागेगा?
उत्तर:
Ni(28) = 1s² 2s² 2p6 3s² 3p6 4s² 3d8
Ni2+ = 1s² 2s² 2p6 3s² 3p6 3d8
निकिल s-उपकोश से इलेक्ट्रॉनों को त्यागेगा।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रोटॉन तथा हाइड्रोजन परमाणु में क्या अन्तर है?
उत्तर:
प्रोटॉन परमाणु का अति सूक्ष्म मौलिक कण है जिस पर इकाई धनावेश होता है। हाइड्रोजन परमाणु में केवल एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटॉन होता है। जब हाइड्रोजन परमाणु से इलेक्ट्रॉन निकल जाता है तो इकाई धनावेशित प्रोटॉन प्राप्त होता है।

प्रश्न 2.
समइलेक्ट्रॉनिक से आप क्या समझते हों?
उत्तर:
परमाणु धनायनों तथा ऋणायनों का वह समूह जिनका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास समान होता है समइलेक्ट्रॉनिक कहलाते हैं।

  • He, Li+, Be++ तथा B+++ समइलेक्ट्रॉनिक हैं क्योंकि प्रत्येक में 2, 2 इलेक्ट्रॉन हैं।
  • O– –, F, Ne, Na+, Mg++, Al+++ समइलेक्ट्रॉनिक हैं क्योंकि प्रत्येक में 10-10 इलेक्ट्रॉन हैं।

प्रश्न 3.
प्लांक सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
दृश्य प्रकाश, X – किरणें, पराबैंगनी किरणें, राडार किरणें, टेलीविजन तथा रेडियों तरंगे विद्युत चुम्बकीय विकिरण हैं। इन सभी विकिरण की तरंग प्रकृति होती है। विकिरण की तरंगदैर्ध्य तथा आवृत्ति में निम्न सम्बन्ध होता है-
c = vλ

प्रश्न 4.
प्लांक क्वाण्टम सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
जर्मन वैज्ञानिक मैक्स प्लांक (1901) ने विकिरण सम्बन्धित क्वाण्टम सिद्धान्त का प्रतिपादन किया जिसके अनुसार-
(i) जब कोई पिण्ड विकिरण के रूप में प्रकाश या ऊष्मीय ऊर्जा का उत्सर्जन या अवशोषण करता है तो वह ऐसा सतत् रूप में नहीं कर सकता है।

(ii) ऊर्जा का उत्सर्जन या अवशोषण निश्चित मात्रा के छोटे-छोटे बण्डलों अथवा पैकिटों के रूप में होता है जिन्हें क्वाण्टा कहते हैं

(iii) विकिरित ऊर्जा को फोटॉन भी कहते हैं।
यदि विकिरण की आवृत्ति v हो तो विकिरण के फोटॉन की ऊर्जा
E = hv = चूँकि v = \(\frac { c }{ λ }\)
अथवा
E = hc\(\overline{\mathcal{V}}\) चूँकि \(\overline{\mathcal{V}}\) = \(\frac { 1 }{ λ }\)

प्रश्न 5.
ऊर्जा के क्वाण्टीकरण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
ऊर्जा के क्वाण्टीकरण से तात्पर्य यह है कि ऊर्जा स्तरों की ऊर्जा के कुछ विशिष्ट मान होते हैं।

प्रश्न 6.
s p d f उपकोशों में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या क्या है?
उत्तर:
किसी उपकोश में अधिकतम इलेक्ट्रॉन की संख्या 2 (2l + 1) होती है अतः उपकोश में 2, p उपकोश में 6, d उपकोश में 10 तथा f उपकोश में 14 इलेक्ट्रॉन होते हैं।

प्रश्न 7.
बोर के परमाणु मॉडल के दोष लिखिए।
उत्तर:
(1) बोर के परमाणु मॉडल द्वारा हाइड्रोजन तथा एक इलेक्ट्रॉन युक्त आयनों (जैसे-He+, Li2+, Be3+ ) के स्पेक्ट्रमों की व्याख्या तो की जा सकी किन्तु बहु- इलेक्ट्रॉन परमाणुओं और आयनों के स्पेक्ट्रमों की व्याख्या बोर सिद्धान्त के द्वारा न हो सकी।

(2) उच्च विभेदन क्षमता वाले स्पेक्ट्रोस्कोप द्वारा जाँच करने पर पाया गया कि हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम में प्राप्त एकल सूक्ष्म रेखायें समूह से बनी हैं। इसकी व्याख्या बोर सिद्धान्त द्वारा न हो सकी।

(3) विकिरणों के परमाण्वीय स्रोत को चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर स्पेक्ट्रम की एकल रेखायें परस्पर सटी हुई अनेक रेखाओं में विभक्त हो जाती हैं। इसको जीमान प्रभाव कहते हैं। बोर सिद्धान्त इसकी व्याख्या न कर सका।

(4) वैद्युत क्षेत्र की उपस्थिति में भी स्पेक्ट्रम रेखाएँ अनेक सूक्ष्मतम रेखाओं में विभक्त हो जाती हैं। इसे स्टार्क प्रभाव कहते हैं। इस प्रभाव की व्याख्या भी बोर सिद्धान्त नहीं कर सका।

प्रश्न 8.
प्रोटॉन तथा इलेक्ट्रॉन में विभेद करें।
उत्तर:
प्रोटॉन तथा इलेक्ट्रॉन में विभेद
(Difference between Proton and Electron)

प्रोटॉन (Proton)इलेक्ट्रॉन (Electron)
1. प्रोटॉन प्रत्येक परमाणु का इकाई धनावेशित कण है।1. इलेक्ट्रॉन प्रत्येक परमाणु का इकाई ऋणावेशित कण है।
2. इसका आवेश + 1.603 × 10-19 कूलॉम या +4 808 × 10-10 esu होता है।2. इसका आवेश – 1603 x 10-19 कूलॉम या -4.808 x 10-10 esu होता है।
3. इसका द्रव्यमान 1.6726 × 10-24 ग्राम होता है।3. इसका द्रव्यमान 9.1095 × 10-28 ग्राम होता है।
4. प्रोटॉन की त्रिज्या 10-13 सेमी होती है।4. इलेक्ट्रॉन की त्रिज्या 2.8 × 10-13 सेमी होती है।
5. प्रोटॉन परमाणु नाभिक में विद्यमान रहते हैं।5. इलेक्ट्रॉन परमाणु नाभिक से बाहर कक्षों में विद्यमान रहते हैं।
6. इसको 1H1 या p से व्यक्त करते हैं।6. इसको -1e0 या e से व्यक्त करते हैं।

प्रश्न 9.
नाभिक का संघटन बताइये।
उत्तर:
नाभिक का संघटन परमाणु के केन्द्रीय या मध्य भाग को केन्द्रक या नाभिक (Nucleus) कहते हैं। इस नाभिक में न्यूट्रॉन तथा प्रोटॉन उपस्थित होते हैं। प्रोटॉनों पर धनावेश जबकि न्यूट्रॉन उदासीन होते हैं। प्रोटॉनों पर धनावेश होने के कारण नाभिक धनावेशित होता है। नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों तथा न्यूट्रॉनों की संख्या का योग द्रव्यमान संख्या (Mass number) कहलाती है। नाभिक में उपस्थित कणों को (न्यूट्रॉन, प्रोटॉन आदि) न्यूक्लिऑन (Nucleons) कहते हैं। किसी तत्व का परमाणु भार उस तत्व की द्रव्यमान संख्या या उसमें उपस्थित न्यूक्लिऑनों की संख्या के लगभग बराबर होता है।

तत्व का परमाणु क्रमांक प्रोटॉनों की संख्या = इलेक्ट्रॉनों की संख्या परमाणु की द्रव्यमान संख्या
= न्यूक्लिऑन की संख्या व प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या

प्रश्न 10.
कैथोड किरणों के चार गुण लिखिए।
उत्तर:
कैथोड किरणों के चार गुण निम्न प्रकार हैं।

  • कैथोड किरणों में आयनन क्षमता होती है। जब कैथोड किरणें। किसी गैसीय माध्यम से गुजरती हैं तो उस गैस को आयनित कर देती हैं।
  • कैथोड किरणों में भेदन क्षमता होती है। कैथोड किरणें ऐलुमिनियम जैसी धातु की पतली पत्नी के आर-पार निकल जाती हैं। यद्यपि ये मोटी पन्नियों द्वारा रोक ली जाती हैं।
  • कैथोड किरणें सीधी रेखा में प्रवाह करती हैं।
  • कैथोड किरणें जब जिंक सल्फाइड से लेपित काँच की सतह या पर्दे पर पड़ती हैं तो प्रतिदीप्ति उत्पन्न करती है।

प्रश्न 11.
फोटॉन तथा क्वाण्टम किस प्रकार भिन्न हैं?
उत्तर:
क्वाण्टम एक निश्चित परिमाण की ऊर्जा (जिसका मान E = hv होता है) का एक बण्डल होता है। क्वाण्टम को किसी भी स्रोत के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। जबकि फोटॉन केवल प्रकाश से सम्बन्धित ऊर्जा का क्वाण्टम ही होता है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

प्रश्न 12.
रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल में क्या कमियाँ थीं?
उत्तर:
रदरफोर्ड परमाणु मॉडल की कमियाँ
(1) नील बोर ने बताया कि विद्युत चुम्बकीय सिद्धान्त के अनुसार ऋणावेशित इलेक्ट्रॉनों में गति के कारण लगातार ऊर्जा में क्षति होनी चाहिये, जिससे उनकी कक्षा की त्रिज्या लगातार कम होती जायेगी तथा अन्त में वे नाभिक में गिर जायेंगे। परन्तु ऐसा नहीं होता है। अतः रदरफोर्ड मॉडल परमाणु निकाय के स्थायित्व की व्याख्या नहीं कर सका।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 10
(2) यह सिद्धान्त यह नहीं बता पाया कि इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर किस प्रकार व्यवस्थित होता है।

(3) रदरफोर्ड के मॉडल द्वारा परमाणु में उपस्थित इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन की संख्या की कोई जानकारी प्राप्त नहीं होती है।

(4) इस सिद्धान्त के अनुसार परमाणु स्पेक्ट्रम सतत् (Continuous ) होना चाहिये। परन्तु स्पेक्ट्रम में निश्चित आवृत्ति की कई रेखायें होती हैं। अतः रदरफोर्ड परमाणुओं के रैखिक स्पेक्ट्रम को नहीं समझा पाए।

प्रश्न 13.
सिद्ध करें कि इलेक्ट्रॉन एक सार्वत्रिक कण होता है।
उत्तर:
इलेक्ट्रॉन कैथोड किरणों के अवयव होते हैं। इन्हें विसर्जन नली के द्वारा प्राप्त किया जाता है। इसके अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनों को प्राप्त करने के बहुत से अन्य स्रोत भी होते हैं। इसको प्राप्त करने के अन्य स्रोत निम्न प्रकार हैं-

  • एक तप्त धात्विक तन्तु से।
  • सक्रिय धातुओं; जैसे-सोडियम तथा पोटैशियम को पराबैंगनी किरणों के समक्ष लाने से।
  • ß- किरणों के रूप में रेडियोऐक्टिव पदार्थों से।

चूँकि इलेक्ट्रॉन किसी भी स्रोत से प्राप्त किया गया हो, उसका द्रव्यमान, आवेश e/m आवेश समान रहता है। अत: इलेक्ट्रॉन को सार्वत्रिक कण (universal Particle) कहते हैं।

प्रश्न 14.
इलेक्ट्रॉन की द्वैत प्रकृति के बारे में डी-ब्रॉग्ली की विचारधरा लिखिए। इलेक्ट्रॉन के संवेग तथा तरंगदैर्ध्य में सम्बन्ध बताइए।
उत्तर:
डी – ब्रॉग्ली का इलेक्ट्रॉन की द्वैत प्रकृति का सिद्धान्त- डी- ब्रॉली ने सन् 1924 में बताया कि जब इलेक्ट्रॉन किरणपुंज को क्रिस्टलीय ठोस में से गुजारा जाता है, तो वह उसी प्रकार विवर्तित होता है जिस प्रकार प्रकाश किरणपुंज ग्रेटिंग से गुजरने पर विवर्तित होता है। ‘डी-ब्रॉली ने बताया कि इलेक्ट्रॉन दोहरी प्रकृति प्रदर्शित करता है। यह एक ही समय में कण एवं तरंग दोनों जैसा व्यवहार करता है।
आइन्सटीन के अनुसार,
E = mc² … (1)
यहाँ, m = पिण्ड का द्रव्यमान
c = वेग
प्लांक के अनुसार,
E = hv … (2)
यहाँ
h = प्लांक स्थिरांक
v = आवृत्ति
अतः समीकरण (1) व (2) से,
mc² = hv
mc² = h.\(\frac { c }{ λ }\)
mc = \(\frac { h }{ λ }\)
λ = \(\frac { h }{ mc }\) ∵(v = \(\frac { c }{ λ }\))
यदि फोटॉन की जगह और कोई कण हो तो,
λ = \(\frac { h }{ mv }\) (यहाँ = कण का वेग)
λ = \(\frac { h }{ p }\) (क्योंकि p = mv)
यही डी-ब्रॉग्ली समीकरण है।

प्रश्न 15.
हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता का सिद्धान्त लिखिए।
उत्तर:
हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता का सिद्धान्त (Heisenberg’s Uncertainity Principle): हाइजेनबर्ग ने सन् 1927 में द्वैत प्रकृति वाले कणों एवं विकिरणों के लिए अनिश्चितता का सिद्धान्त दिया। इस सिद्धान्त के अनुसार, “किसी भी कण की स्थिति (position) और संवेग (momentum) दोनों का एक साथ यथार्थ (exact ) निर्धारण असम्भव है।”
इस अनिश्चितता सिद्धान्त को गणितीय रूप में निम्नलिखित समीकरण द्वारा व्यक्त कर सकते है-
(∆p) (∆x) ≥ \(\frac { h }{ 4π }\) or ∆v ∆x ≥ \(\frac { h }{ 4πm }\)
यहाँ ∆p = किसी कण के संवेग की अनिश्चितता
∆x = किसी कण की स्थिति की अनिश्चितता
इस सिद्धान्त से स्पष्ट है कि यदि इलेक्ट्रॉन कण की स्थिति बिल्कुल ठीक-ठीक निर्धारित की जाती है तो उसके वेग में अनिश्चितता होगी और यदि इलेक्ट्रॉन तरंग का वेग बिल्कुल ठीक-ठीक निर्धारित किया जाता है, तो उसकी स्थिति में अनिश्चितता होगी।

प्रश्न 16.
डी-ब्रॉग्ली सम्बन्ध का क्या महत्व है?
उत्तर:
डी-ब्रॉग्ली सम्बन्ध का महत्व – इलेक्ट्रॉन के कोणीय संवेग \(\frac { h }{ 2π }\) का पूर्णांक गुणज क्यों होता है। बोर बरी इसे स्पष्ट नहीं कर पाये। परन्तु डी-ब्रॉग्ली के समीकरण mvr = \(\frac { nh }{ 2π }\) द्वारा इसे आसानी से समझा जा सकता है।

डी-ब्रॉली के अनुसार इलेक्ट्रॉन में तरंग का गुण विद्यमान रहता है। एक तरंग कला तभी रह सकती है जब उसकी परिधि तरंगदैर्ध्य λ की सरल गुणक हो।
अतः 2πr = nλ
r = कक्षा की त्रिज्या
n = 1, 2, 3, 4, ……. आदि

प्रश्न 17.
श्रोडिंगर का तरंग समीकरण क्या है? समझाइये।
उत्तर:
श्रोडिंगर का तरंग समीकरण- हाइजेनबर्ग के अनिश्चितता के सिद्धान्त एवं डी-ब्रॉग्ली की परिकल्पना के आधार पर श्रोडिंगर ने एक नया प्रतिरूप दिया। इस प्रतिरूप में इलेक्ट्रॉन के व्यवहार को एक तरंग समीकरण के रूप में प्रदर्शित किया गया है जिसे श्रोडिंगर समीकरण कहा गया।
\(\frac{\delta^2 \psi}{\delta x^2}+\frac{\delta^2 \psi}{\delta y^2}+\frac{\delta^2 \psi}{\delta z^2}+\frac{8 \pi^2 m}{h^2}(\mathrm{E}-\mathrm{V}) \psi\) = 0
यहाँ m = इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान
h = प्लांक नियतांक
E = इलेक्ट्रॉन की कुल ऊर्जा
V = इलेक्ट्रॉन की स्थितिज ऊर्जा
ψ = तरंग फलन (Wave function)
तथा x, y एवं z तीनों निर्देशांक हैं।

प्रश्न 18.
कक्ष एवं कक्षक में अन्तर बताइए।
उत्तर:
कक्ष एवं कक्षक में अन्तर:

कक्ष (Orbit)कक्षक (Orbital)
1. इसकी अवधारणा बोर ने दी थी।1. यह तरंग यान्त्रिकी सिद्धान्त पर आधारित है।
2. यह द्विविमीय पथ है जहाँ इलेक्ट्रॉन घूमते हैं।2. यह त्रिविमीय स्थान है जहाँ इलेक्ट्रॉन पाये जाने की सम्भावना सर्वाधिक होती है।
3. कक्ष में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या 2n² होती है।3. कक्षक में केवल 2 इलेक्ट्रॉन पाये जाते हैं।
4. कक्ष एक सुपरिभाषित वृत्ताकार मार्ग है।4. कक्षक की अवधारणा अनिश्चितता के सिद्धान्त पर आधारित है।
5. कक्षों में दिशात्मक गुण नहीं होते हैं।5. s-कक्षक को छोड़कर सभी कक्षकों में दिशात्मक गुण होता है।

प्रश्न 19.
हाइड्रोजन का स्पेक्ट्रम कैसे प्राप्त कर सकते हैं?
उत्तर:
हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम, विसर्जन नली में अल्प दाब पर हाइड्रोजन गैस को नरकर, इसमें विद्युत विसर्जन प्रवाहित करके प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार उत्सर्जित प्रकाश का विश्लेषण स्पेक्ट्रोस्कोप द्वारा ही सम्भव है। हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम में निम्न श्रेणी प्राप्त होती हैं।

  • लाइमन श्रेणी
  • बामर श्रेणी
  • पाश्चन श्रेणी
  • ब्रेकेट श्रेणी
  • फुण्ड श्रेणी।

प्रश्न 20.
पाउली के अपवर्जन नियम के अनुप्रयोग लिखिये।
उत्तर:
पाउली के अपवर्जन नियम के अनुप्रयोग निम्न प्रकार हैं।

  • किसी भी मुख्य ऊर्जा स्तर में अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की संख्या का मान 2n² होता है।
  • किसी भी मुख्य ऊर्जा स्तर में उप-ऊर्जा स्तरों या उपकोश या सब-शैल (subshell) की कुल संख्या मुख्य ऊर्जा स्तर की मुख्य क्वान्टम संख्या ‘n’ के बराबर होती है।
  • किसी मुख्य ऊर्जा स्तर में कुल कक्षकों की संख्या n² के बराबर होती है।
  • एक कक्षक में दो इलेक्ट्रॉन होते हैं तथा इनका चक्रण विपरीत होता है।

प्रश्न 21.
इलेक्ट्रॉनों की द्वैत प्रकृति को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विभिन्न प्रयोगों द्वारा यह सिद्ध किया गया है कि परमाणु में चक्कर लगाने वाले इलेक्ट्रॉन में कण तथा तरंग दोनों के गुण व्यक्त करते हैं। इसकी पुष्टि निम्नलिखित तथ्यों द्वारा होती है।
(1) कैथोड किरणें (जिनमें केवल इलेक्ट्रॉन होते हैं) अपने मार्ग (पथ) में रखी हल्की वस्तु को चला सकती है। इससे सिद्ध होता है कि इलेक्ट्रॉनों में कण (Particle) के गुण होते हैं।

(2) प्रकाश किरणों की तरह इलेक्ट्रॉन किरण-पुंज भी विवर्तन (diffraction) और व्यतीकरण (interference) प्रक्रिया को प्रदर्शित करता है। इससे यह सिद्ध होता है कि इलेक्ट्रॉंनों में तरंग के गुण पाये जाते हैं। यह प्रयोग डेविसन तथा जर्मर (Davision and Germer) ने किया था। किसी भी एक प्रयोग द्वारा इलेक्ट्रॉनों के कण तथा तरंग प्रकृति को व्यक्त नहीं किया जा सकता हैं अतः इनमें कण तथा तरंग के गुणों को अलग-अलग प्रयोगों द्वारा ही व्यक्त किया जा सकता हैं।

प्रश्न 22.
वैद्युत चुम्बकीय तरंगें तथा द्रव्य तरंगों में अन्तर लिखें।
उत्तर:

वैद्युत चुम्बकीय तरंगेंद्रव्य तरंगों
1. सभी वैद्युत तरंगों का वेग प्रकाश के वेग के बराबर अर्थात् 3 x 108 ms-1 होता है।1. द्रव्य तरंगों का वेग प्रकाश के वेग से कम होता है।
2. वैद्युत चुम्बकीय तरंगों की तरंगदैर्ध्य काफी अधिक होती है, और इसे निम्न सूत्र से व्यक्त करते हैं।
λ = \(\frac { c }{ v }\)
2. द्रव्य तरंगें अधिक छोटी तरंगदैर्ध्य की होती हैं। इनकी तरंगदैर्ध्य के मान को डी-ब्रॉग्ली सूत्र से व्यक्त करते हैं।
λ = \(\frac { h }{ mv }\)
3. इनकी ऊर्जाएँ क्वाण्टित होती हैं।3. इनकी ऊर्जाएँ क्वाण्टित नहीं होती हैं।
4. इनकी तरंगदैर्ध्य स्पेक्ट्रम की सम्पूर्ण परास में होती है।4. इसकी तरंगदैर्ध्य बहुत ही अल्प होती है।
5. सभी वैद्युत चुम्बकीय तरंगें समान वेग से गति करती है।5. द्रव्य तरंगें विभिन्न वेग से गति करती हैं।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

प्रश्न 23.
कण तथा तरंग में विभेद करें।
उत्तर:

कणतरंग
1. कण स्थानीकृत होता है अर्थात् कोई कण पूर्ण परिभाषित स्थान ग्रहण करता है।1. ये स्थानीकृत नहीं होती हैं। अर्थात् से दिक् स्थान में फैली होती हैं।
2. कोई भी दो कण दिक्स्थान में समान स्थान ग्रहण नहीं कर सकते।2. दो या दो से अधिक तरंगें दिक्स्थान में साथ-साथ रह सकती हैं।
3. कणों को गिना जा सकता है।3. तरंगों को गिना नहीं जा सकता।
4. यदि दो या दो से अधिक कण दिक् में समान क्षेत्र स्थान में उपस्थित हों तो उनका योग कणों की अलग-अलग संख्या के योग के बराबर होता है।4. दो या दो से अधिक तरंगें समान क्षेत्र में उपस्थित हों तो अध्यारोपण के कारण परिणामी तरंग वैयक्तिक तरंगों से या तो अधिक छोटी या फिर अधिक बड़ी हो सकती है।

प्रश्न 24.
‘इलेक्ट्रॉन नाभिक में नहीं रह सकता।’ इस कथन पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
कोई इलेक्ट्रॉन नाभिक में नहीं रह सकता। यदि यह नाभिक में रह सकता तो इसके वेग में अनिश्चितता (∆v) का मान प्रकाश के वेग अर्थात् 3 x 108 ms-1 से कम होना चाहिये। अतः हम इलेक्ट्रॉन के वास्तविक ∆v की गणना करते हैं। यदि इलेक्ट्रॉन किसी नाभिक का हिस्सा हो तो, इसकी स्थिति में अनिश्चितता नाभिक के व्यास अर्थात् 10-15 से अधिक नहीं हो सकती। इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान 9.1 × 10-31 kg होता है अत:
∆x × ∆p = \(\frac { h }{ 4π }\)
Δx × m x Δν = \(\frac { h }{ 4π }\)
Δv = \(\frac{h}{4 \times \pi \times m \times \Delta x}\)
= \(\frac{6.6 \times 10^{-34} \mathrm{~kg} \mathrm{~m}^2 \mathrm{~s}^{-1}}{4 \times 3.14 \times\left(9 \cdot 1 \times 10^{-31} \mathrm{~kg}\right) \times\left(10^{-15} \mathrm{~m}\right)}\)
= 5.79 × 1010 ms1
चूँकि यह मान प्रकाश के वेग (3 x 108 ms-1) से बहुत अधिक है। इसका अर्थ है कि इलेक्ट्रॉन परमाणु के नाभिक में नहीं रह सकता है। अत: परमाणु में इलेक्ट्रॉन नाभिक से बाहर रहता है।

प्रश्न 25.
3s तथा 3p कक्षकों के नोडल तलों (Nodal Plane) को ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
प्रत्येक कक्षक में दो प्रकार के नोडल तल होते हैं।
(i) कोणीय नोडल तल (Angular Nodal Plane) = l

(ii) वृत्तीय नोडल तल (Spherical Nodal Plane) = n – l – l
अत: कुल नोडल तल = l + (n – l – 1) = (n – 1)
3s कक्षकों के लिये
कोणीय नोडल तल = 0
वृत्तीय नोडल तल = 3 – 0 – 1 = 2
कुल नोडल तल = 0 + 2 = 2
3p-कक्षकों के लिये,
कोणीय नोडल तल = 1
वृत्तीय नोडल तल = 3 – 1 – 1 = 1
कुल नोडल तल = 1 + 1 = 2

प्रश्न 26.
एक तत्व के उदासीन परमाणु में 2K, 8L 10M तथा 2N इलेक्ट्रॉन हैं। इस तत्व के परमाणु में निम्न को ज्ञात करो।
(1) परमाणु क्रमांक
(2) कुल 5- इलेक्ट्रॉनों की संख्या
(3) कुल p-इलेक्ट्रॉनों की संख्या
(4) कुल d इलेक्ट्रॉनों की संख्या
(5) तत्व की संयोजकता
(6) अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या।
उत्तर:
(1) परमाणु क्रमांक – इलेक्ट्रॉनों की संख्या (K + L + M + N कोश में)
= 22 + 8 + 10 + 2
= 22
(2) इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6 3d², 4s²
कुल s-इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 2 + 2 + 2 + 2 = 8
(3) कुल p इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 6 + 6 = 12
(4) कुल d-इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 2
(5) तत्व की संयोजकता = + 2, + 3, + 4
(6) अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 2

प्रश्न 27.
निम्न परमाणु क्रमांक वाले तत्वों के पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखें तथा इनका आवर्त सारणी में स्थान निर्धारित करें-
21, 24, 27
उत्तर:
(i) 21 → 1s², 2s², 2p6, 3s², 3P6, 3d1, 4s²
इसका आवर्त – IV है तथा वर्ग 3 (III B) है।

(ii) 24 → 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d5, 4s1
इसका आवर्त – IV है तथा वर्ग 6-(VI B) है।

(iii) 27 → 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d7, 4s²
इसका आवर्त – IV है तथा वर्ग-8 है।

प्रश्न 28.
निम्न क्वाण्टम संख्याओं की सहायता से कक्षकों के प्रतीक लिखिये।
(1) n = 3, l = 1 m = + 1
(2) n = 5, l = 2, m = – 1
उत्तर:
n, l तथा m के मान क्रमशः कोश, उपकोश तथा कक्षकों को व्यक्त करते हैं।
(1) n = 3 के लिये / 1 है तो यह p-उपकोश है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 11
अतः प्रतीक 3px</sub< यां 3py

(2) n = 5 के लिये l = 2 अर्थात् (d-उपकोश)
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 12
अतः प्रतीक Sdyz या Sadxz

प्रश्न 29.
Sc (परमाणु क्रमांक 21) की मूल अवस्था (ground state) में अन्तिम इलेक्ट्रॉन के लिये चारों क्वाण्टम संख्याओं लिखिए।
उत्तर:
21Sc का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d1, 4s²
Sc के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास में प्रयुक्त उपकोश में से 3d – उपकोश की ऊर्जा सबसे अधिक है। अतः अन्तिम इलेक्ट्रॉन 3d1 का होगा। 3d1 का अर्थ है कि तीसरे कोश की d-उपकोश में एक (1) इलेक्ट्रॉन है।

3d-उपकोश के लिये,
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 13

प्रश्न 30.
26Fe में d-ऑर्बिटल में उपस्थित छठे इलेक्ट्रॉन के लिये चारो क्वाण्टम संख्याओं के मान लिखें।
उत्तर:
Fe का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
Fe = 1s² 2s² 2p6 3s² 3p6 3d6 4s²
Fe-परमाणु के 3d – उपकोश में 6 – इलेक्ट्रॉन हैं।
अतः 3d उपकोश के लिये,
n = 3
l = 2
3d-उपकोश के लिये m तथा s के मान निम्न प्रकार निकाल सकते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 14
m = – 2 या + 2
s = – \(\frac { 1 }{ 2 }\) या + \(\frac { 1 }{ 2 }\)
अर्थात् 3d6 के छठे इलेक्ट्रॉन के लिये,
n = 3, l = 2, m = – 2 या + 2
S = + \(\frac { 1 }{ 2 }\) या – \(\frac { 1 }{ 2 }\)

प्रश्न 31.
हाइड्रोजन परमाणु के 2s-कक्षक के लिए r के साथ त्रिज्य प्रायिकता घनत्व (R²) तथा त्रिज्य प्रायिकता फलन (4πr² R²) के परिवर्तन प्रदर्शित करने वाले वक्र खींचिए।
उत्तर:
हाइड्रोजन परमाणु के 2s – कक्षक के लिए r के साथ R² तथा 4πr²R² के परिवर्तन निम्नांकित चित्र में प्रदर्शित है-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 15

प्रश्न 32.
सत्य / असत्य बताइए।
(i) रदरफोर्ड के α-प्रकीर्णन प्रयोग ने सर्वप्रथम यह सिद्ध किया कि परमाणु में नाभिक होता है।
(ii) किसी परमाणु के नाभिक में इलेक्ट्रॉन व प्रोटॉन होते हैं।
(iii) H1 की अपेक्षा H² अधिक क्रियाशील है।
(iv) किसी तत्व के परमाणु तथा उसके एक परमाणुक आयन का परमाणु क्रमांक व परमाणु भार एक जैसा होता है।
(v) F में इलेक्ट्रॉनों की संख्या Na+ से अधिक होती है।
(vi) किसी परमाणु के रासायनिक गुण उसके नाभिकीय आवेश के द्वारा निर्धारित होते हैं।
(vii) किसी परमाणु का वास्तविक द्रव्यमान उसमें उपस्थित इलेक्ट्रॉनों प्रोटॉनों व न्यूट्रॉनों के द्रव्यमानों के योग के बराबर होता है।
(viii) धन किरणें, ऐनोड से उत्पन्न होती हैं।-
(ix) भिन्न-भिन्न परमाणुओं से प्राप्त इलेक्ट्रॉनों का e/m अनुपात भिन्न होता है।
(x) किसी तत्व का मौलिक गुण परमाणु भार है न कि परमाणु क्रमांक।
उत्तर:
(i) सत्य
(ii) असत्य
(iii) असत्य
(iv) सत्य
(v) असत्य
(vi) असत्य
(vii) असत्य
(viii) असत्य
(ix) असत्य
(x) असत्य।

प्रश्न 33.
क्वाण्टम संख्याएँ किसे कहते हैं? ये कितने प्रकार की होती हैं? किसी परमाणु के कक्ष की आकृति तथा अभिविन्यास दर्शाने वाली क्वाण्टम संख्यायें आपस में किस प्रकार सम्बन्धित हैं? उदाहरण देकर समझाइये।
उत्तर:
क्वाण्टम संख्याएँ (Quantum Numbers) वे संख्याएँ जो किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की ऊर्जा व स्थिति का वर्णन करती हैं, क्वाण्टम संख्याएँ कहलाती हैं। क्वाण्टम संख्याएँ चार प्रकार की होती हैं-
1. मुख्य क्वाण्टम संख्या (Principal Quantum Number)—
मुख्य क्वाण्टम संख्या (n) इलेक्ट्रॉन के मुख्य ऊर्जा स्तर को प्रदर्शित करती है। किसी भी इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा मुख्यतः n के मान पर निर्भर करती है। n का मान शून्य के
अतिरिक्त कोई भी पूर्णांक हो सकता है।
n के सम्भावित मान n = 1, 2, 3, 4, 5, …. ∞
n का मान इलेक्ट्रॉन कोश के आकार को निर्धारित करता है।

2. दिगंशी क्वाण्टम संख्या (Azimuthal Quantum Number ) –
दिगंशी क्वाण्टम संख्या l इलेक्ट्रॉन के उप ऊर्जा स्तर को प्रदर्शित करती है। l के मान मुख्य क्वाण्टम संख्या n पर निर्भर करते हैं। मुख्य क्वाण्टम संख्या n के लिए l के मान 0 से (n – 1) तक होते हैं।
l के सम्भावित मान l = 0 से (n – 1) तंक-
यदि n = 1, तो l = 0
n = 2, तो l = 0 और 1
n = 3, तो l = 0, 1, 2,
किसी n के लिए l के कुल मानों की संख्या n के बराबर होती हैं। l का मान उपकोशों की आकृति (shape) को निर्धारित करता है।

3. चुम्बकीय क्वाण्टम संख्या (Magnetic Quantum Number) – चुम्बकीय क्वाण्टम संख्या (m)-उप ऊर्जा स्तरों के आर्बिटलों को प्रदर्शित करती हैं। m के मान दिगंशी क्वाण्टम संख्या के मान पर निर्भर करते हैं। किसी l के लिए m के कुल मानों की संख्या (2l + l) होती है। अतः किसी उपकोश में आर्बिटलों की कुल संख्या (2l + 1) होती है।
m के सम्भावित मान m = – l से लेकर + l तक (शून्य सहित) –
यदि
l = 0 तो m = 0
l = 1, तो m = 1, 0, + 1
l = 2, m = – 2, – 1, 0, + 1, + 2
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 16
m का मान आर्बिटलों के अभिविन्यास (orientation) को निर्धारित करता है।

4. चक्रण क्वाण्टम संख्या (Spin Quantum Number) – यह क्वाण्टम संख्या इलेक्ट्रॉन के चक्रण की दिशा को प्रदर्शित करती है। किसी इलेक्ट्रॉन के चक्रण की दिशा दक्षिणावर्त (clockwise) या वामावर्त (anti-clock wise) हो सकती है। किसी m के लिए s का मान + \(\frac { 1 }{ 2 }\) और – \(\frac { 1 }{ 2 }\) होता है।

प्रश्न 34.
दिगंशी क्वाण्टम संख्या किसे कहते हैं? परमाणु की मुख्य क्वाण्टम संख्या तथा दिगंशी क्वाण्टम संख्या आपस में किस प्रकार सम्बन्धित हैं?
उत्तर:
दिगंशी क्वाण्टम संख्या (Azimuthal Quantum Number) – दिगंशी क्वाण्टम संख्या इलेक्ट्रॉन अक्ष की आकृति तथा उसके कोणीय संवेग (Angular momentum) को निर्धारित करती है। दिगंशी क्वाण्टम संख्या को l से प्रदर्शित करते हैं।

मुख्य क्वाण्टम संख्या (n) के लिए दिगंशी क्वाण्टम संख्या (l) के मान 0 से लेकर (n – 1) तक होते हैं। l के कुल मानों की संख्या n के बराबर होती है। उदाहरण-
n = 4 ∴ l = 0 से 3 (0, 1, 2, 3)
l का मान 0 1 2 3
उपकोश S P d f
किसी भी उपकोश में अधिकतम 2(2l + 1) इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं तथा कक्षकों की संख्या (2l + 1) होते हैं।

प्रश्न 35.
(n + l) का नियम लिखिए। इस नियम के आधार पर विभिन्न कक्षकों की बढ़ती ऊर्जा का क्रम बताइये।
उत्तर:
(n + l) का नियम-इस नियम के आधार पर विभिन्न कक्षकों की आपेक्षिक ऊर्जाओं की जानकारी प्राप्त होती है एवं इससे कक्षकों को भरने का क्रम निर्धारित होता है। ऊर्जा स्तरों एवं कक्षकों में इलेक्ट्रॉन उनकी ऊर्जा के अनुसार भरे जाते हैं। सर्वप्रथम निम्न ऊर्जा वाले कक्ष में इलेक्ट्रॉन भरे जाते हैं एवं इसके बाद उच्च ऊर्जा वाले कक्षक में इलेक्ट्रॉन भरे जाते हैं। यह नियम बोर – बरी ने दिया था।

इस नियम के अनुसार, “(n + l) का मान जिस कक्षक के लिए कम होता है, इलेक्ट्रॉन सर्वप्रथम उसी कक्षक में प्रवेश करता है।”

अत: इलेक्ट्रॉन उस कक्षक में पहले भरा जायेगा जिसके लिए (n + l) का मान न्यूनतम हो। यदि (n + l) का मान दो या अधिक कक्षकों के लिए समान है, तो नया इलेक्ट्रॉन उस कक्षक में प्रवेश करेगा जिसके लिए n का मान न्यूनतम हो। उदाहरण-3p कक्षक के लिए n = 3 तथा l = 1 होता है अत: (n + 1) = 3 + 1 = 4 होगा-

कक्षकों के लिए या उपकोशों के लिए ऊर्जा का क्रम इस प्रकार होगा ।
1s < 2s < 2p < 3s < 3p < 4s < 3d < 4p < 5s < 4d < 5p < 6s < 4f < 5d < 6p < 7s < 5f < 6d < 7p < 8s
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 17

प्रश्न 36.
(n + l) नियम की सहायता से निम्न प्रश्नों के उत्तर दें-
(a) निम्न ऑर्बिटलों को ऊर्जा के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करें।
(i) 1s, 2s, 3s, 2p
(ii) 4s, 3s, 3p, 4d
(iii) 5p, 4d, 5d, 4f, 6s
(iv) 5f, 6d, 7s, 7p

(b) निम्न में से किस ऑर्बिटल की ऊर्जा सबसे कम है?
4d, 4f, 5s, 5p

(c) निम्न में से किस ऑर्बिटल की ऊर्जा सर्वाधिक है?
5p, 5d, 5f, 6s, 6p
उत्तर:
(a) (i) 1s < 2s < 2p < 3s
(ii) 3s < 3p < 4s < 4d
(iii) 4d < 5p < 6s < 4f < 5d
(iv) 7s < 5f < 6d < 7p

(b) 5s की ऊर्जा सबसे कम है।

(c) 5f की ऊर्जा सर्वाधिक है।

आंकिक प्रश्न

प्रश्न 1.
एक तत्व का परमाणु क्रमांक 25 तथा द्रव्यमान 52 है। उसके नाभिक में न्यूट्रॉनों की संख्या ज्ञात कीजिए।
हल:
द्रव्यमान संख्या = प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या
52 = परमाणु क्रमांक + न्यूट्रॉनों की संख्या
52 = 25 + न्यूट्रॉनों की संख्या
न्यूट्रॉनों की संख्या = 52 – 25 = 27

प्रश्न 2.
\({ }_{17}^{36} \mathrm{Cl}\) में प्रोटॉनों, न्यूट्रॉनों तथा इलेक्ट्रॉनों की संख्या का परिकलन कीजिए।
हल:
\({ }_{17}^{36} \mathrm{Cl}\) में परमाणु क्रमांक = 17
द्रव्यमान संख्या =36
द्रव्यमान संख्या = परमाणु क्रमांक + न्यूट्रॉनों की संख्या
36 = 17 + न्यूट्रॉनों की संख्या
न्यूट्रॉनों की संख्या = 36 – 17 = 19
प्रोटॉनों की संख्या = इलेक्ट्रॉनों की संख्या = परमाणु क्रमांक = 17

प्रश्न 3.
समान परमाणु भार वाले दो तत्व X तथा Y के परमाणु क्रमांक क्रमश : 18 व 19 हैं। यदि X तत्व के नाभिक में 21 न्यूट्रॉन हैं तो तत्व Y में न्यूट्रॉनों की संख्या क्या होगी?
हल:
तत्व X तथा Y के परमाणु भार समान हैं अर्थात् ये समभारिक हैं।
परमाणु भार = प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या
या
परमाणु भार = परमाणु क्रमांक + न्यूट्रॉनों की संख्या
X तत्व के लिये,
परमाणु भार = परमाणु क्रमांक + न्यूट्रॉनों की संख्या
= 18 + 21
= 39
Y तत्व के लिये,
परमाणु भार परमाणु क्रमांक + न्यूट्रॉनों की संख्या
39 = 19 + न्यूट्रॉनों की संख्या
न्यूट्रॉनों की संख्या = 39 – 19
= 20

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

प्रश्न 4.
एक हाइड्रोजन परमाणु से इलेक्ट्रॉन पाँचवीं कक्षा से प्रथम कक्षा में कूदता है तो इसके स्पेक्ट्रम में कुल रेखाओं की कितनी संख्या प्राप्त होगी।
हल:
स्पेक्ट्रम में कुल रेखाओं की संख्या
= \(\frac{n(n-1)}{2}=\frac{5(5-1)}{2}\)
= \(\frac{5 \times 4}{2}\)
= 10
इन दस रेखाओं को निम्न प्रकार प्रदर्शित कर सकते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 17a

प्रश्न 5.
हाइड्रोजन परमाणु में n = 4 अवस्था से n = 2 अवस्था वाले संक्रमण के दौरान उत्सर्जित फोटॉन की आवृत्ति तथा तरंगदैर्ध्य की गणना कीजिए।
हल:
n2 = 4, n1 = 2
अतः इस संक्रमण से बामर श्रेणी में एक स्पेक्ट्रमी रेखा प्राप्त होती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 18

प्रश्न 6.
Li2+ की प्रथम कक्षा से सम्बन्धित ऊर्जा की गणना कीजिए और बताइये इस कक्षा की त्रिज्या क्या होगी?
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 19

प्रश्न 7.
हाइड्रोजन परमाणु में एक इलेक्ट्रॉन चतुर्थ कक्ष से प्रथम कक्ष में कूदता है तो स्पेक्ट्रमी रेखा की आवृत्ति ज्ञात कीजिए।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 20

प्रश्न 8.
निम्नलिखित सारणी को पूर्ण करें-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 23
हल:
(1) Zn प्रोटॉनों की संख्या = परमाणु क्रमांक = 30
इलेक्ट्रॉन की संख्या = परमाणु क्रमांक = 30
न्यूट्रॉनों की संख्या = = द्रव्यमान सं. – परमाणु क्रमांक
= 64 – 30 = 34

(2) Sr2+ प्रोटॉनों की सं. = परमाणु क्रमांक = 38
इलेक्ट्रॉनों की सं. = परमाणु क्रमांक – 2
= 38 – 2
= 36
न्यूट्रॉनों की संख्या = द्रव्यमान सं. परमाणु क्रमांक
= 90 – 38 = 52

(3) Tc इलेक्ट्रॉन की सं. = प्रोटॉनों की सं. = 43
परमाणु क्रमांक = प्रोटॉनों की संख्या = 43
द्रव्यमान संख्या = प्रोटॉनों की सं. + न्यूट्रॉनों की संख्या
= 43 + 56
= 99

(4) Br : Br में इलेक्ट्रॉनों की संख्या परमाणु क्रमांक से एक ज्यादा है।
परमाणु क्रमांक = इलेक्ट्रॉनों की संख्या – 1
= 36 – 1 = 35
प्रोटॉनों की संख्या = परमाणु क्रमांक = 35
द्रव्यमान संख्या = प्रोटॉनों की संख्या + न्यूट्रॉनों की संख्या
= 35 + 44
= 79

प्रश्न 9.
1eV ऊर्जा वाले फोटॉन की तरंगदैर्ध्य की गणना कीजिए।
उत्तर:
फोटॉन की ऊर्जा = lev
(E) = 1.602 × 10-19 J
प्लांक नियतांक (h) = 6.626 x 10-34 Js
प्रकाश का वेग = 3 x 108 m/s
E = hv
E = \(\frac { hc }{ λ }\)
λ = \(\frac { hc }{ E }\)
= \(\frac{6626 \times 10^{-34} \times 3 \times 10^8}{1.602 \times 10^{-19}}\)
λ = 12.41 × 107 m
λ = 12.41 × 10-7 x 1010 Å
= 12.41 × 10³ Å

प्रश्न 10.
वैद्युत चुम्बकीय विकिरणों की स्थिति में 1 = 6.24 x 1014 s-1 और v2 = 3.36 × 1014s-1 आवृत्तियों के संगत तरंगदैर्ध्य का अनुपात ज्ञात कीजिए।
हल:
चुम्बकीय विकिरण के लिये
λ = \(\frac{c}{v} \propto \frac{1}{v}\)
अतः
\(\frac{\lambda_1}{\lambda_2}=\frac{v_2}{v_1}\)
प्रश्नानुसार, v1 = 6.24 × 1014s-1
v2 = 3.36 × 1014s-1
\(\frac{\lambda_1}{\lambda_2}=\frac{3.36 \times 10^{14}}{6.24 \times 10^{14}}\)
\(\frac{\lambda_1}{\lambda_2}\) = 0.54

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

प्रश्न 11.
विकिरण के एक मोल फोटॉनों की ऊर्जा की गणना कीजिए, जिसकी आवृत्ति 5 x 1010s-1 है।
उत्तर:
एक फोटॉन की ऊर्जा (E) = hv
= 6.626 × 10-34 x 5 x 1010 J
= 33.13 × 10-24 J
एक मोल फोटॉनों की ऊर्जा
= एक फोटॉन की ऊर्जा आवोग्राद्रो संख्या
= 33.13 × 10-24 × 6.02 × 1023
= 19.93 J

प्रश्न 12.
नीले प्रकाश की तरंगदैर्ध्य 480 nm है। इस प्रकाश की आवृत्ति तथा तरंग संख्या ज्ञात कीजिये।
हल:
तरंगदैर्ध्य ( λ) = 480nm = 480 × 10-9 m
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 24

प्रश्न 13.
700 mm तरंगदैर्ध्य वाले प्रकाश के फोटॉन की ऊर्जा E हो तो 2E ऊर्जा वाले प्रकाश के फोटॉनों की तरंगदैर्ध्य क्या होगी ?
हल:
E = \(\frac { hc }{ λ }\) यहाँ hc नियतांक है तो
E ∝ \(\frac { 1 }{ λ }\) या E1λ1 = E2λ2
E1λ1 = E2λ2
E x 700 = 2E x λ2
λ = \(\frac { 700 }{ 2 }\)
= 350 nm

प्रश्न 14.
4000 Å तरंगदैर्ध्य का प्रकाश 2.0 eV कार्य फलन की धात्विक सतह पर डाला जाता है। ज्ञात कीजिये।
(i) फोटॉनों की ऊर्जा
(ii) फोटो इलेक्ट्रॉनों की गतिज ऊर्जा।
हल:
प्रकाश की तरंग दैर्ध्य (λ) = 4000 Å
= 4000 x 10-10 m = 4 × 10-7 m
कार्य फलन (h v0) = 2.0 ev
= 2.0 x 1.6 x 10-19 J
= 3.2 × 10-19 J
(i) फोटॉनों की ऊर्जा,
E = \(\frac{h c}{\lambda}\)
= \(\frac{6626 \times 10^{-34} \times 3 \times 10^8}{4 \times 10^{-7}}\)
= \(\frac{6626 \times 3 \times 10^{-34} \times 10^8}{4 \times 10^{-7}}\)
= 4.97 × 10-19 J

(ii) फोटो इलेक्ट्रॉनों की गतिज ऊर्जा,
hv = v0 = K.E.
\(\frac{h c}{\lambda}\) – v0 = K.E.
4.97 x 10-19 – 3.2 x 10-19 = K.E.
1.77 x 10-19 = K.E.
K.E. = 1.77 x 10-19 J

प्रश्न 15.
एक बल्ब 4500 Å की तरंगदैर्ध्य का प्रकाश उत्सर्जित करता है। यदि बल्ब 150 वॉट का है और उससे 8% ऊर्जा प्रकाश के रूप में उत्सर्जित होती है, तो प्रति सेकेण्ड में उत्सर्जित होने वाले फोटॉनों की संख्या ज्ञात कीजिये।
हल:
एक फोटॉन की ऊर्जा (E) = \(\frac { hc }{ λ }\)
यहाँ h = 6·626 × 10-34 J sec.
c = 3 x 108 m/sec
λ = 4500 Å = 4500 × 10-10 m
E = \(\frac { hc }{ λ }\)
E = \(\frac{6626 \times 10^{-34} \times 3 \times 10^8}{4500 \times 10^{-10}}\)
= 4.417 x 10-19 J
बल्ब के द्वारा उत्सर्जित ऊर्जा 150 x \(\frac { 8 }{ 100 }\)J
n x E = \(\frac { 150×8 }{ 100 }\)
n × 4.417 × 10-19 = \(\frac { 150×8 }{ 100 }\)
n = \(\frac{15 \times 8}{10 \times 4.417 \times 10^{-19}}\)
फोटॉनों की संख्या n = 27.17 x 1018

प्रश्न 16.
एक हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन की प्रथम बोर कक्षा में ऊर्जा – 13.12 x 105 J mol-1 है तो इलेक्ट्रॉन की तृतीय बोर कक्षा में उत्तेजित होने के लिये आवश्यक ऊर्जा की गणना कीजिए।
हल:
हम जानते हैं कि.
En = – \(\frac{13 \cdot 12 \times 10^5}{(n)^2}\) J mol-1
n = 1 के लिये,
E1 = – 13.12 x 105 J mol-1
n = 3 के लिये, E3 = \(\frac{-13.12 \times 10^5}{(3)^2}\) J mol-1
= \(\frac{-13.12 \times 10^5}{9}\)
= – 1.46 × 105 J mol-1
उत्तेजित होने के लिये आवश्यक ऊर्जा,
∆E = E3 – E1
= (- 1.46 x 105)-(-13.12 x 105)
= – 1.46 × 105 + 13.12 × 105
= 13.12 × 105 – 1.46 × 105
= (13.12 – 1.46) × 105
∆E = 11.66 × 105 J mol-1

प्रश्न 17.
N. T. P. परं 6.0 लीटर ऑक्सीजन में प्रोटॉनों का संख्या क्या होगी, जबकि केवल 0.16 समस्थानिकों का ही प्रयोग किया गया हो।
हल:
6.0 ली. ऑक्सीजन में अणुओं की संख्या ज्ञात करना,
22.4 ली. ऑक्सीजन में अणुओं की संख्या
= 6.02 × 1023
6.0 ली. ऑक्सीजन में अणुओं संख्या = \(\frac{6.02 \times 10^{23} \times 6.0}{22.4}\)
= 1.6125 × 1023
ऑक्सीजन परमाणुओं की संख्या
= 1.6125 × 1023 x 2
प्रत्येक ऑक्सीजन परमाणु में प्रोटॉनों की संख्या = 8
कुल प्रोटॉनों की संख्या
= 2 × 1.6125 × 8 × 1023
= 25.8 × 1023

प्रश्न 18.
105 वाट का एक बल्ब 400 nm वाली तरंगदैर्ध्य का एकवर्णी प्रकाश उत्सर्जित करता है। बल्ब द्वारा प्रति सेकेण्ड उत्सर्जित फोटॉनों की संख्या ज्ञात करें।
हल:
बल्ब की विद्युत शक्ति = 105 वॉट
= 105 जूल / सेकेण्ड
एक फोटॉन की ऊर्जा = E = hv
= \(\frac { hc }{ λ }\)
= \(\frac{6626 \times 10^{-34} \times 3 \times 10^8}{400 \times 10^{-9}}\)
= 4.969 × 10-19 J
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 25

प्रश्न 19.
यदि H-परमाणु के लिये किसी संक्रमण में 100 nim की तरंगदैर्ध्य निकलती है तो He+ परमाणु के लिये संगत संक्रमण की तरंगदैर्ध्य ज्ञात कीजिए।
हल:
H परमाणु के लिये
\(\frac{1}{\lambda_{\mathrm{H}}}=\mathrm{R}_{\mathrm{H}}\left[\frac{1}{\left(n_1^2\right)}-\frac{1}{\left(n_2^2\right)}\right]\) … (1)
He+ परमाणु के लिये
\(\frac{1}{\lambda_{\mathrm{He}^{+}}}=\mathrm{R}_{\mathrm{H}} \cdot \mathrm{Z}^2\left[\frac{1}{\left(n_1^2\right)}-\frac{1}{\left(n_2^2\right)}\right]\) … (2)
समीकरण (1) व (2) से में,
\(\lambda_{\mathrm{He}^{+}}=\frac{\lambda_{\mathrm{H}}}{\mathrm{Z}^2}\)
= \(\frac{100}{(2)^2}=\frac{100}{4}\)
= 25 nm

प्रश्न 20.
किसी तत्व के एक आयन में एक इलेक्ट्रॉन है। इस आयन की प्रथम बामर श्रेणी और प्रथम लाइमन श्रेणी के तरंगदैथ्यों का अन्तर 59.3 nm है। इस आयन का नाम बताइए।
उत्तर:
रिडबर्ग के अनुसार,
\(\frac{1}{\lambda}=\mathrm{R}_{\mathrm{H}}(Z)^2\left[\frac{1}{\left(n_1^2\right)}-\frac{1}{\left(n_2^2\right)}\right]\)
बामर श्रेणी की प्रथम लाइन लिये, n1 = 2, n2 = 3
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 26
दोनों तरंगदैयों का अन्तर 59.3 nm है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 27
अतः आयन Li2+ है।

प्रश्न 21.
जब 300 nm तरंगदैर्घ्य का विकिरण सोडियम धातु की सतह पर टकराता है तो 1.68 x 105 J mol-1 गतिज ऊर्जा वाले इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होते हैं सोडियम के इलेक्ट्रॉन के निष्कासन के लिए कम से कम कितनी ऊर्जा आवश्यक होगी? किसी प्रकाशित इलेक्ट्रॉन के उत्सर्जन के लिए अधिकतम तरंगदैर्ध्य क्या होगी?
हल:
फोटॉन की ऊर्जा (E) = hv = \(\frac { hc }{ λ }\)
∴ 300 nm (= 300 x 10-9 m) फोटॉन की ऊर्जा
= \(\frac{6.626 \times 10^{-34} \times 3 \times 10^8}{300 \times 10^{-9}}\)
E = 6.626 x 10-19 J
एक मोल फोटॉन की ऊर्जा
= 6.626 × 10-19 x 6.02 × 1023
= 3.99 x 105 J mol-1
सोडियम से एक मोल इलेक्ट्रॉनों के निष्कासन के लिए आवश्यक न्यूनतम ऊर्जा
= (3.991 – 1.68) x 105
= 2.31 × 105 J mol-1
एक इलेक्ट्रॉन के लिए आवश्यक न्यूनतम ऊर्जा
= \(\frac{2.31 \times 10^5}{6022 \times 10^{23}}\)
= 3.84×10-19 J
इसकी तरंगदैर्ध्य निम्नवत् होगी
λ = \(\frac { hC }{ E }\)
= \(\frac{6.626 \times 10^{-34} \times 30 \times 10^8}{3.84 \times 10^{-19}}\)
यह हरे रंग के प्रकाश से सम्बन्धित है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना

प्रश्न 22.
एक कण की स्थिति व वेग में अनिश्चितता क्रमशः 10-2 मीटर व 5.27 x 10-24 मीटर सेकेण्ड है। इस कण के द्रव्यमान की गणना कीजिए।
उत्तर:
हाइजेनबर्ग के अनिश्चितता सिद्धान्त के नियमानुसार,
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 28

प्रश्न 23.
एक इलेक्ट्रॉन की स्थिति में अनिश्चितता ज्ञात करो, उसके वेग की अनिश्चितता का मान 5.7 x 107 सेमी प्रति सेकेण्ड है। इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान 9.1 × 10-28 ग्राम है।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 29

प्रश्न 24.
किसी इलेक्ट्रॉन की स्थिति और वेग में अनिश्चितता का गुणनफल ज्ञात कीजिए।
हल:
∆x, ∆v = \(\frac { h }{ 4π.m }\)
= \(\frac{6.626 \times 10^{-34}}{4 \times 3.14 \times 9.1 \times 9.1 \times 10^{-31}}\)
= 0.058 x 10-3
= 5.8 x 10-5 m² s-1

प्रश्न 25.
0.1 kg द्रव्यमान और 10 ms-1 वेग से गति कर रही एक गेंद की तरंगदैर्ध्य क्या होगी?
हल:
डी-ब्रॉग्ली समीकरण के अनुसार,
λ = \(\frac { h }{ mv }\)
= \(\frac{6.626 \times 10^{-34}}{0.1 \times 10}\)
λ = 6.626 × 10-34 m

प्रश्न 26.
एक इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान 9.1 x 10-31 kg है। यदि इसकी गतिज ऊर्जा 3.0 x 10-25 J है तो इसकी तरंगदैर्ध्य क्या होगी?
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 30

प्रश्न 27.
एक गेंद का द्रव्यमान 50g तथा गति 45 ms-1 है। यदि गति को 2% यथार्थता के अन्दर मापा जा सकता है तो इसकी स्थिति में अनिश्चितता की गणना कीजिए।
हल:
गति में 2% की अनिश्चितता,
= \(\frac { 45×2 }{ 100 }\)
= ∆v = 0.9 m/s
अनिश्चितता के सिद्धान्त के अनुसार,
∆x. m. ∆v = \(\frac { h }{ 4π }\)
∆x = \(\frac{h}{m . \Delta v \cdot 4 \pi}\)
यदि
h = 6.626 × 10-34. Js
m = 50g = 50 x 10-3 kg
= \(\frac{6.626 \times 10^{-34}}{50 \times 1 \times 4 \times 3.14 \times 10^{-3}}\)
= 0.0105 x 10-31
∆x = 1.05 x 10-33 m

प्रश्न 28.
बोर इलेक्ट्रॉन द्वारा अपनी तीसरी कक्षा में एक पूरे चक्कर में निर्मित तरंगों की संख्या ज्ञात कीजिए।
हल:
हम जानते हैं कि
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 31
यहाँ mv कोणीय संवेग है।
इस प्रकार बोर की तीसरी कक्षा के लिये कोणीय संवेग निम्न प्रकार है, (n = 3)
mvr = \(\frac { nh }{ 2π }\) = \(\frac { 3h }{ 2π }\) … (ii)
(mvr) का मान समीकरण (i) में रखने पर,
तरंगों की संख्या = \(\frac { 2π }{ h }\)(\(\frac { 3h }{ 2π }\))
तरंगों की संख्या = 3
अतः बोर की तीसरी कक्षा में तरंगों की संख्या = 3

प्रश्न 29.
उस इलेक्ट्रॉन की डी-ब्रॉग्ली तरंगदैर्ध्य की गणना कीजिए जिसका वेग प्रकाश के वेग के 1% के बराबर हो।
हल:
डी-ब्रॉग्ली के अनुसार,
λ = \(\frac { h }{ mv }\)
यहाँ
m = 9.1 × 10-31 kg
h = 6.626 × 10-34 J.s
इलेक्ट्रॉन का वेग (∆v) = प्रकाश के वेग का 1%
= \(\frac{3 \times 10^8 \times 1}{100}\)
= 3 × 108 × 0.1
= 3 x 106 ms-1
इलेक्ट्रॉन की तरंगदैर्ध्य (λ) = \(\frac { h }{ mv }\)
= \(\frac{6.626 \times 10^{-34}}{9.1 \times 10^{-31} \times 3 \times 10^6}\)
∆v = 2.43 x 10-10 m

प्रश्न 30.
100 g द्रव्यमान की एक बेस बॉल 3 x 10² cm s-1 के वेग से गतिमान है, यदि बेसबॉल की स्थिति को उस त्रुटी के अन्तर्गत मानें जो प्रयुक्त प्रकाश की तरंगदैर्ध्य (2000 Å) के परिमाण के तुल्य हो तो संवेग में अनिश्चितता की तुलना बेसबॉल के सम्पूर्ण संवेग से किस प्रकार की जा सकती है?
हल:
हम जानते हैं कि,
∆x. ∆p = \(\frac { h }{ 4π }\)
∆p = \(\frac{h}{4 \pi \times \Delta x}\)
∆p = \(\frac{6.626 \times 10^{-34}}{4 \times 3.14 \times 2000 \times 10^{-10}}\)
∆p = 0.264 x 10-27
= 2.64 × 10-28 kg ms-1
\(\frac { ∆p }{ p }\) की गणना दिया है
m = 100g = 100 x 10-3 kg.
v = 3 x 10² cm s-1
= 3 ms-1
संवेग (p) = m.v.
= 100 × 10-3 x 3
= 300 x 10-3 kg ms-1
\(\frac { ∆p }{ p }\) = \(\frac{264 \times 10^{-28}}{300 \times 10^{-3}}\)
= \(\frac{2.64 \times 10^{-28}}{0.3}\)
= 8.8 × 10-28

प्रश्न 31.
एक इलेक्ट्रॉन का वेग 30 ms-1 है जो कि 98.99% तक शुद्ध है। इसकी स्थिति ज्ञात करने में क्या अनिश्चितता होगी?
हल:
∆x. m ∆v = \(\frac { h }{ 4π }\)
∆x = \(\frac{h}{4 \pi \cdot m \cdot \Delta v}\)
दिया है, h = 6.626 × 10-34 J.s.
m = 9.1 × 10-31 kg
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 32

प्रश्न 32.
एक इलेक्ट्रॉन पुंज का विवर्तन क्रिस्टल के द्वारा हो सकता है। इलेक्ट्रॉन पुंज किस विभव की ली जाए कि उसकी तरंगदैर्ध्य का मान 1.54 Å हो जाये।
हल:
एक इलेक्ट्रॉन के लिये,
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना 33

प्रश्न 33.
परमाणु क्रमांक, 34, 24 तथा 36 वाले परमाणुओं के लिये कुल स्पिन ज्ञात कीजिए।
हल:
परमाणु क्रमांक 34, 24 तथा 36 वाले परमाणुओं का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
34Se = 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d10, 4s², 4p4
(अयुग्मित इलेक्ट्रॉन) = 2
24Cr = 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d5, 4s1
(अयुग्मित इलेक्ट्रॉन) = 6
36Kr = 1s², 2s², 2p6, 3s², 3p6, 3d10, 4s², 4p6
(अयुग्मित इलेक्ट्रॉन) = 0
कुल स्पिन = ± \(\frac { 1 }{ 2 }\)x अयुग्मित इलेक्ट्रॉन की संख्या
34Se के लिये कुल स्पिन = ± \(\frac { 1 }{ 2 }\) × 2 = ± 1
24Cr के लिये कुल स्पिन = ± \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 6 = ± 3
36Kr के लिये कुल स्पिन = ± \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 0 = 0

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 2 परमाणु की संरचना Read More »

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

Haryana State Board HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
एक आदर्श गैस का वर्ग-माध्य-मूल वेग है-
(a) \(\mathrm{C}_{r m s}=\sqrt{3 \mathrm{RTM}}\)
(b) \(\mathrm{C}_{r m s}=\sqrt{\mathrm{RTM}}\)
(c) \(C_{r m s}=\sqrt{\frac{3 R T}{M}}\)
(d) \(\mathrm{C}_{r m s}=\sqrt{\frac{\mathrm{M}}{\mathrm{RT}}}\)
उत्तर:
(c) \(C_{r m s}=\sqrt{\frac{3 R T}{M}}\)

प्रश्न 2.
समान ताप पर हाइड्रोजन व ऑक्सीजन के अणुओं के वर्ग- माध्य-मूल वेगों का अनुपात होगा-
(a) 32:1
(b) 16:1
(c) 8:1
(d) 4:1
उत्तर:
(d) 4:1

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

प्रश्न 3.
गैस नियतांक का मात्रक है-
(a) कैलोरी / °C
(b) जूल / मोल
(c) जूल / मोल K
(d) जूल / किग्रा
उत्तर:
(c) जूल / मोल K

प्रश्न 4.
किसी बर्तन में P दाब पर गैस है। यदि सभी अणुओं के द्रव्यमान आधे और उनकी चालें दोगुनी कर दी जाएँ तो परिणामी दाब होगा-
(a) 4P0
(b) P0
(c) 2P0
(d) P0/2
उत्तर:
(c) 2P0

प्रश्न 5.
यदि कोई गैस बॉयल के नियम का पालन करे तो उसके लिए PV व P के बीच ग्राफ होगा-
(a) अतिपरवलय
(b) PV अक्ष के समान्तर सरल रेखा
(c) P-अक्ष के समान्तर सरल रेखा
(d) मूलबिन्दु से गुजरती P अक्ष से 45° कोण पर सरल रेखा ।
उत्तर:
(d) मूलबिन्दु से गुजरती P अक्ष से 45° कोण पर सरल रेखा ।

प्रश्न 6.
हीलियम गैस के परमाणुओं की वर्ग-माध्य-मूल चाल हाइड्रोजन गैस के अणुओं की वर्ग-माध्य-मूल चाल का \(\frac{5}{7}\) है। यदि हाइड्रोजन गैस का ताप 0°C हो तो हीलियम का ताप लगभग होगा-
(a) 0°C
(b) 0K
(c) 273°C
(d) 100°C
उत्तर:
(a) 0°C

प्रश्न 7.
किसी गैस का परम ताप 9 गुना बढ़ा दिया जाता है। गैस के अणुओं का वर्ग माध्य-मूल वेग हो जाएगा-
(a) 9 गुना
(b) 3 गुना
(c) \(\frac{1}{3}\) गुना
(d) √3 गुना ।
उत्तर:
(b) 3 गुना

प्रश्न 8.
एक ही बर्तन में ऑक्सीजन तथा हाइड्रोजन अणुओं की औसत गतिज ऊर्जाओं का अनुपात होगा-
(a) 1:1
(c) 8:1
(b) 4:1
(d) 16:1
उत्तर:
(a) 1:1

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

प्रश्न 9.
एक आदर्श गैस का दाब P और इसके एकांक आयतन की गतिज ऊर्जा E में परस्पर सम्बन्ध है-
(a) P = E
(b) P = \(\frac{E}{2}\)
(c) P = \(\frac{2}{3}\) E
(d) P = \(\frac{2}{5}\) E
उत्तर:
(c) P = \(\frac{2}{3}\) E

प्रश्न 10.
यदि किसी गैस के एक ग्राम अणु की गतिज ऊर्जा 27°C पर E है तो 627°C पर यह होगी-
(a) 26
(b) 3E
(c) \(\frac{627}{27}\) E
(d) \(\frac{27}{627}\) E
उत्तर:
(b) 3E

प्रश्न 11.
त्रि-परमाणुक अरेखीय गैस की सामान्य ताप पर स्वातन्त्र्य की कोटियों की कुल संख्या है-
(a) 1
(b) 2
(c) 6
(d) 3.
उत्तर:
(c) 6

प्रश्न 12.
किसी द्वि-परमाणुक अणु की स्थानान्तरीय तथा घूर्णीय स्वातन्त्र्य कोटियों की कुल संख्या होगी-
(a) 2
(b) 3
(c) 4
(d) 5
उत्तर:
(d) 5

प्रश्न 13.
एक गुब्बारे में 4 वायुमण्डलीय दाब तथा 27°C ताप पर 1500 m³ गैस है। -3°C ताप तथा 2 वायुमण्डलीय दाब पर गैस का आयतन हो जाएगा-
(a) 2700 m³
(b) 1900 m³
(c) 1700 m³
(d) 1500 m³
उत्तर:
(a) 2700 m³

प्रश्न 14.
गैस समीकरण PV = RT में V निम्न में से किसका आयतन है-
(a) गैस की किसी मात्रा का
(b) 1 ग्राम गैस का
(c) 1 ग्राम अणु गैस का
(d) 1 लीटर गैस का।
उत्तर:
(c) 1 ग्राम अणु गैस का

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

प्रश्न 15.
सामान्य ताप तथा दाब (STP) पर वायु में ब्राउनियन गति में 5 × 10-17 kg द्रव्यमान के धुएँ के कणों की वर्ग-माध्य-मूल
चाल ज्ञात कीजिए-
(a) 1.5mm gl
(b) 1.5 cm st
(c) 1.5 m sl
(d) 1.5 kms l
उत्तर:
(b) 1.5 cm st

प्रश्न 16.
नियत दाब पर 27°C की एक आदर्श गैस को इस प्रकार गर्म लिया जाता है कि उसका आयतन दो गुना हो जाता है। गैस का ताप होगा-
(a) 300°C
(b) 327°C
(c) 600°C
(d) 54°C
उत्तर:
(b) 327°C

प्रश्न 17.
स्थिर दाब पर 300 ml गैस को जो 27°C पर है, 7°C तक ठण्डा किया जाता है, तब इसका अन्तिम आयतन होगा-
(a) 540 ml
(b) 350ml
(c) 280 ml
(d) 135ml
उत्तर:
(c) 280 ml

प्रश्न 18.
किस ताप पर किसी आदर्श गैस का आयतन 0°C के आयतन का तीन गुना हो जाएगा-
(a) 546°C
(b) 182°C
(c) 819°C
(d) 646°C
उत्तर:
(a) 546°C

प्रश्न 19.
हीलियम गैस के अणुओं का वर्ग माध्य-मूल वेग हाइड्रोजन अणुओं के वर्ग माध्य-मूल वेग का वाँ भाग है। यदि हाइड्रोजन गैस का ताप °C है तो हीलियम का ताप लगभग होगा-
(a) 5°C
(b) 0K
(c) 273°C
(d) 100°C
उत्तर:
(a) 5°C

प्रश्न 20.
किसी द्वि- परमाणुक गैस के अणुओं का कमरे के ताप पर वर्ग-माध्य-मूल वेग 1930 m/see पाया गया है। गैस है-
(a) H2
(b) F2
(c) O2
(d) Cl2
उत्तर:
(b) F2

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

प्रश्न 21.
अणु गति सिद्धान्त से परम शून्य ताप पर अणुओं का वेग-
(a) अनन्त होता है
(b) धनात्मक किन्तु नगण्य होता है
(c) शून्य होता है
(d) कुछ निश्चित नहीं होता।
उत्तर:
(c) शून्य होता है

प्रश्न 22.
किसी निश्चित द्रव्यमान की गैस के दाब में कितने प्रतिशत वृद्धि की जाये कि स्थिर ताप पर इसके आयतन में 10% कमी आजाये-
(a) 10%
(b) 11%
(c) 9%
(d) 8%.
उत्तर:
(b) 11%

प्रश्न 23.
चन्द्रमा पर वायुमण्डल की अनुपस्थिति का कारण है कि चन्द्रमा के पृष्ठ पर पलायन वेग का मान-
(a) वायु के अणुओं के Crms से अधिक होता है
(b) वायु के अणुओं के Crms से कम होता है
(c) वायु के अणुओं के Crms से दोगुना होता है।
(d) 11.2 km/sec होता है जो कि वायु के अणुओं के Crms से अधिक है।
उत्तर:
(d) 11.2 km/sec होता है जो कि वायु के अणुओं के Crms से अधिक है।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अणु गति सिद्धान्त के आधार पर किसी गैस के दाब का सूत्र लिखिए। प्रयुक्त संकेतों के अर्थ भी स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
आदर्श गैस के दाब का सूत्र P = \(\frac{1}{3} \frac{m \mathrm{~N}}{\mathrm{~V}} \bar{v}^2\)
जहाँ
m → गैस के एक अणु का द्रव्यमान
\(\bar{v}\)गैस के अणुओं का वर्ग माध्य वेग
N → गैस के V आयतन में अणुओं की संख्या ।

प्रश्न 2.
सामान्य ताप एवं दाब पर एक मोल गैस का आयतन कितना होता है?
उत्तर:
सामान्य ताप व दाब पर एक मोल गैस का आयतन 22.4 लीटर होता है।

प्रश्न 3.
आदर्श गैस के लिए स्थिर ताप पर दाब P तथा घनत्व d में क्या सम्बन्ध है ?
उत्तर:
\(\frac{P}{d}\) = नियतांक

प्रश्न 4.
गैस नियतांक का मात्रक SI पद्धति में लिखिए।
उत्तर:
जूल / मोल K

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

प्रश्न 5.
आदर्श गैस समीकरण PV = RT से R का विमीय सूत्र लिखिए।
उत्तर:
PV = RT से,
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -1
= \(\frac{\mathrm{ML}^{-1} \mathrm{~T}^{-2} \times \mathrm{L}^3}{\mathrm{~K}}\)
= \({\left[\mathrm{ML}^2 \mathrm{~T}^{-2} \mathrm{~K}^{-1}\right]}\)

प्रश्न 6.
गैस के अणु गति सिद्धान्त के अनुसार परम शून्य ताप क्या होता है?
उत्तर:
परम शून्य ताप वह ताप है, जिस पर गैस के समस्त अणु गतिहीन हो जाते हैं।

प्रश्न 7.
परम शून्य ताप पर किसी गैस की गतिज ऊर्जा कितनी होगी ?
उत्तर:
परम शून्य ताप पर किसी गैस की गतिज ऊर्जा शून्य होती है, क्योंकि किसी गैस के अणु की गतिज ऊर्जा E, परम ताप T के अनुक्रमानुपाती होती है।

प्रश्न 8.
क्या ताप बढ़ने पर स्वातन्त्र्य कोटियाँ बदल जाती हैं?
उत्तर:
ताप बढ़ने पर गैस के अणु की घूर्णन गति के साथ उसके परमाणुओं की कम्पनिक गति भी प्रारम्भ हो जाती है जिसके कारण स्वातन्त्र्य की कोटियाँ बढ़ जाती हैं।

प्रश्न 9.
किसी गैस की स्वातन्त्र्य कोटियों का क्या अर्थ है?
उत्तर:
किसी कण के पास जितने प्रकार की स्वतन्त्र गतिज ऊर्जाएँ हो सकती हैं, उनकी संख्या उस कण की स्वातन्त्र्य कोटियाँ कहलाती हैं।

प्रश्न 10.
एकपरमाणुक गैस के लिए दो विशिष्ट ऊष्माओं का अनुपात कितना होता है?
उत्तर:
\(\frac{C_P}{C_V}\) = \(\frac{5}{3}\)

प्रश्न 11.
एकपरमाणुक गैस की आन्तरिक ऊर्जा अणुओं की कौन-सी गति के कारण होती है?
उत्तर:
स्थानान्तरीय गति के कारण।

प्रश्न 12.
किसी गैस के परम ताप T तथा उसके एक अणु की औसत ऊर्जा E में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर:
एक अणु की औसत गतिज ऊर्जा E = \(\frac{3}{2}\) KBT,
जहाँ KB बोल्ट्जमैन नियतांक है।

प्रश्न 13.
बोल्ट्जमैन नियतांक से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
सार्वत्रिक गैस नियतांक R तथा आवोगाद्रो संख्या NA के अनुपात को बोल्ट्जमैन नियतांक कहते हैं।
KB = \(\frac{R}{N_A}\)

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

प्रश्न 14.
एक सिलेण्डर में समान परम ताप T पर हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन गैसें भरी हैं। इनमें से किसके अणुओं की औसत गतिज अधिक होगी ?
उत्तर:
दोनों के अणुओं की औसत गतिज ऊर्जाएं बराबर होंगी-
E ∝ T

प्रश्न 15.
एक चींटी फर्श पर चल रही है। इसकी स्वातन्त्र्य की कोटि कितनी है?
उत्तर:
2 (दो)।

प्रश्न 16.
ऊर्जा के समविभाजन का नियम बताइए ।
उत्तर:
इस नियम के अनुसार किसी गैस की सम्पूर्ण ऊर्जा उसकी सभी स्वातन्त्र्य कोटियों में समान रूप से बँटी रहती है तथा परम ताप T पर प्रत्येक स्वातन्त्र्य कोटि से सम्बद्ध ऊर्जा – ABT होती है, जहाँ बोल्ट्जमैन नियतांक है।

प्रश्न 17.
एक वायुयान हवा में उड़ रहा है। इसके उड़ने की स्वातन्त्र्य कोटि कितनी है?
उत्तर:
वायुयान तीनों दिशाओं में स्वतन्त्रतापूर्वक गति कर सकता है, अतः वायुयान की स्वातन्त्र्य कोटि 3 होगी।

प्रश्न 18.
किसी दृढ़ द्विपरमाणुक गैस के लिए दो विशिष्ट ऊष्माओं का अनुपात कितना होगा?
उत्तर:
∵ γ = \(1+\frac{2}{f}\) = \(1+\frac{2}{5}\)
[∵दृढ द्वि-परमाणुक के लिए /= 5)
∴ γ = \(\frac{7}{5}\)

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अणु गति सिद्धान्त के आधार पर आवोगाद्रो के नियम का सत्यापन कीजिए।
उत्तर:
आवोगाद्रो का नियम (Avagadra’s Law):
इस नियम के अनुसार, “समान ताप व दाब पर सभी गैसों के समान आयतनों में अणुओं की संख्या समान होती है।”
गैसों के अणुगति सिद्धान्त से निगमन-अणुगति सिद्धान्त के अनुसार गैस का दाब
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -15
अर्थात् नियत दाब तथा ताप पर समान आयतन पर सभी गैसों में अणु की एक नियत संख्या होती है। यही आवोगाद्रो नियम है।

प्रश्न 2.
परम शून्य ताप से क्या अभिप्राय है?
उत्तर;
आदर्श गैस के ताप की अणुगतिक व्याख्या (Molecular Kinetic Interpretation of Temperature of an Ideal Gas):
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -6
अर्थात् गैस का परमताप उसकी औसत गतिज ऊर्जा के समानुपाती होता है। इस प्रकार स्पष्ट है कि आदर्श गैस की आन्तरिक ऊर्जा केवल उसके परमताप पर निर्भर करती है, दाब या आयतन पर नहीं। ताप की इस व्याख्या से स्पष्ट है कि आदर्श गैसों का अणुगति सिद्धान्त आदर्श गैस समीकरण और इस पर आधारित विभिन्न गैस नियमों के पूर्णतः संगत है।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

प्रश्न 3.
कणों की ब्राउनियन गति से क्या अभिप्राय है? तथा यह किन कारकों पर निर्भर करती है ?
उत्तर:
द्रव्य की आण्विक प्रकृति (Molecular Nature Of Matter):
‘द्रव्य परमाणुओं से मिलकर बना है।’ इस सिद्धान्त को बीसर्वी शताब्दी के वैज्ञानिकों ने महत्वपूर्ण माना है। इनमें से रिचर्ड फिनमेन ने परमाणु परिकल्पना प्रस्तुत की जिसके अनुसार – “सभी वस्तुएँ परमाणुओं से बनी हैं, जो अनवरत गतिमान अत्यन्त सूक्ष्म कण हैं, बीच में अल्प दूरी होने पर ये एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं पर एक-दूसरे में निष्पीड़ित किए जाने पर प्रतिकर्षित करने लगते हैं।”

यह विचार कि द्रव्य सतत नहीं हो सकता, कई संस्कृतियों में पहले से ही विद्यमान था। भारत में कणाद ने वैशेषिक दर्शन (छठठी शताब्दी ई.पू.) में परमाण्वीय प्रारूप का विस्तृत विकास किया। उन्होंने परमाणुओं को अविभाज्य, सूक्ष्म तथा द्रव्य को अविभाज्य अंश माना। यह भी तर्क दिया कि यदि द्रव्य को विभाजित करने के क्रम में कोई अन्त हो तो किसी सरसों के दाने तथा मेरु पर्वत में कोई अन्तर नहीं होगा।

प्रश्न 4.
अणुओं के वेग के वर्ग-माध्य-मूल मान एवं परम ताप में सम्बन्ध बताइए।
उत्तर:
गैस के अणुओं का वर्ग माध्य मूल वेग (Root mean square velocity of Gas molecules):
माना 1 ग्राम मोल गैस का आयतन V तथा ताप T है। गैस के 1 ग्राम मोल मे अणुओं की संख्या NA = 6.02 × 1023 इस संख्या को आवोगाद्रो संख्या कहते हैं। गैस के अणुगति सिद्धान्त के अनुसार 1 मोल गैस का दाब
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -16
समी (5) से स्पष्ट है कि वर्ग माध्य मूल वेग गैस के परम ताप पर निर्भर करता है। परम शून्य ताप पर Crms = 0 अर्थात् वर्ग माध्य मूल वेग शून्य होने से गतिज ऊर्जा का मान भी शून्य होगा। परम शून्य ताप पर गैस में आण्विक गति समाप्त हो जाती है।

प्रश्न 5.
परम शून्य ताप पर अणु का वेग व गतिज ऊर्जा कितनी होगी ?
उत्तर:
आदर्श गैस का दाब का व्यंजक
(Expression Of Pressure Of Ideal Gas):
जब कोई गैस किसी पात्र में बन्द कर दी जाती है तो बर्तन की दीवार पर दाब लगाती है। गैस के अणुगति मॉडल के अनुसार गैस के गतिमान अणुओं द्वारा बर्तन की दीवारों से टकराने के कारण उत्पन्न होता है। जब भी गैस का कोई अणु पात्र की दीवार से टकराकर लौटता है, तो उनके संवेग में कुछ परिवर्तन होता है। संवेग संरक्षण सिद्धान्त के अनुसार यह परिवर्तन दीवार को हस्तान्तरित हो जाता है। गति के द्वितीय नियम से संवेग परिवर्तन की दर दीवार पर लगने वाले बल के बराबर होती हैं। क्योंकि गैस में असंख्यक अणु निरन्तर एक के बाद एक दीवार से टकसाते हैं। दीवार पर लगा बल स्थायी होता है। दीवार के इकाई क्षेत्रफल पर आरोपित बल ही गैस का दाब होता है।

प्रश्न 6.
हल्की गैस का विसरण भारी गैस की तुलना में आसानी से क्यों होता है ?
उत्तर:
गैस के अन्दर अणुओं का वेग उनके द्रव्यमानों पर निर्भर करता है, इसलिए भारी गैस के अणुओं की गति हल्की गैस की तुलना में कम होती है। इस कारण ही हल्की गैस, भारी गैस में आसानी से विसरित होती है।

प्रश्न 7.
किसी बर्तन में भरी गैस के ताप पर क्या प्रभाव पड़ेगा यदि उसे तीव्र गतिमान ट्रेन में रख दियाजाये ?
उत्तर:
गैस का ताप प्रति अणु स्थानान्तरीय गतिज ऊर्जा के अनुक्रमानुपाती होता है तीव्र गतिमान ट्रेन में रखने पर गैस के अणुओं की द्रव्यमान केन्द्र के सापेक्ष गति अपरिवर्तित रहती है, अतः बर्तन में भरी गैस के ताप में कोई परिवर्तन नहीं होगा।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

प्रश्न 8.
यदि अणुओं के मध्य आकर्षण बल अचानक समाप्त हो जाये तो एक पात्र में भरी गैस के दाब में क्या कोई परिवर्तन होगा ?
उत्तर:
गैस के अणुओं के मध्य आकर्षण बल की अनुपस्थिति में, गैस के अणु पात्र की दीवारों से कठोरता से टकराएँगे। इस कारण गैस द्वारा लगाया गया दाब बढ़ जायेगा।

प्रश्न 9.
किसी गैस के परम ताप T तथा गैस के वर्ग माध्य वेग (C) में ग्राफ खींचिए।
उत्तर:
गैस का वर्ग माध्य वेग
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -2
\(C_{r m s}^2=\frac{3 \mathrm{RT}}{\mathrm{M}} \text { या } c_{r m s}^2 \propto \mathrm{T}\)
अर्थात् \(C_{r m s}^2\) व T के बीच खींचा गया ग्राफ सरल रेखीय होगा।

प्रश्न 10.
“ब्राउनियन गति अवलोकनीय होती है चूँकि आवोगाद्रो संख्या निश्चित होती है।” टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
यदि आवोगाद्रो संख्या अनिश्चित हो तो प्रत्येक निलम्बित कण पर बहुत से परमाणुओं द्वारा बमबारी की जायेगी, इस प्रकार निलम्बित कणों को प्रदान किया गया कुल आवेग शून्य होगा। इसलिए कर्णों का गमन नगण्य हो जायेगा और इनको प्रेक्षित नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 11.
एक प्रयोग में एक गैस एक अतिरिक्त नियम VP²= नियतांक का पालन करती है। प्रारम्भ में गैस का ताप T तथा आयतन V है। इसके प्रसार के पश्चात् इसका आयतन 2V हो जाता है, तो इसका ताप कितना होगा?
लागू
उत्तर – आदर्श गैस का समीकरण PV = RT सभी प्रक्रमों के लिए होता है।
अतिरिक्त प्रतिबन्ध है-
VP² = नियतांक ……….(1)
समीकरण PV = RT से,
P= \(\frac{RT}{V}\) ……….(2)
यह मान समीकरण (1) में रखने पर,
V(\(\frac{RT}{V}\))² = नियतांक
या \(\frac{T^2}{V}\) = नियतांक (चूँकि R = नियतांक)
यदि अंतिम आयतन V’ तथा ताप T’ हो, तो
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -3

प्रश्न 12.
किसी पात्र में P0 दाब पर गैस भरी है। यदि अणुओं का द्रव्यमान आधा व चाल दोगुनी कर दी जाये तो परिणामी दाब क्या होगा ?
उत्तर:
अणु गति सिद्धान्त के अनुसार,
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -4

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

प्रश्न 13.
एक पिस्टनयुक्त सिलेण्डर में निश्चित ताप व दाब पर गैस भरी है। अणु गति सिद्धान्त से स्पष्ट कीजिए-
(i) ताप बढ़ने पर गैस का दाब बढ़ जाता है।
(ii) पिस्टन को बाहर खींचने पर दाब घट जाता है।
उत्तर:
(i) ताप बढ़ाने से गैस के अणुओं की औसत चाल बढ़ जाती है। इससे सिलेण्डर की दीवार से प्रति सेकण्ड अधिक अणु टकराते हैं तथा प्रत्येक टक्कर में दीवार को अधिक संवेग हस्तान्तरित होता है। इन दोनों ही कारणों से दाब बढ़ जाता है।

(ii) आयतन बढ़ने से अणुओं को गति करने के लिए अधिक स्थान मिलता है, अतः दीवारों से प्रति सेकण्ड कम अणु टकराते हैं। इसके अतिरिक्त ये टक्करें अब दीवारों के बड़े क्षेत्रफल पर होती हैं। इन दोनों ही कारणों से दाब घट जाता है।

प्रश्न 14.
ब्राउनियन गति तापमान के साथ क्यों बढ़ जाती है ?
उत्तर:
क्योंकि ताप बढ़ जाता है, इसलिए अणु अधिक तेज गति करते हैं और इस तरह निलम्बित कण पर अधिक बल लगाते हैं यही कारण है कि ब्राउनियन गति ताप में वृद्धि से बढ़ जाती है।

प्रश्न 15.
किसी आदर्श द्वि-परमाण्विक गैस को नियत दाब पर गर्म किया जाता है प्रदान ऊष्मा का वह भाग ज्ञात कीजिए जो गैस की अन्तिम ऊर्जा में वृद्धि करता है।
उत्तर:
जब किसी गैस को गर्म किया जाता है तो प्रदान ऊष्मा का एक भाग उसकी आन्तरिक ऊर्जा बढ़ाता है, जबकि दूसरा दाब के विरुद्ध कार्य करने में खर्च होता है अर्थात्
(∆Q)P = ∆U + ∆W
⇒ nCP∆T = nCV∆T + P∆V
अतः वह भाग जो आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि करता है
\(\frac{\mathrm{DU}}{(\mathrm{DQ})_{\mathrm{P}}}=\frac{\mathrm{C}_{\mathrm{V}}}{\mathrm{C}_{\mathrm{P}}}=\frac{1}{\gamma}=\frac{5}{7}\)
[क्योंकि y = 3 द्विपरमाण्विक गैस के लिए]

प्रश्न 16.
दो गैसों X व Y के ताप, दाब व आयतन क्रमशः T, P व V हैं। यदि गैसें मिश्रित की जायें तो मिश्रण का ताप व आयतन क्रमशः V व T ही रहते हैं। मिश्रण का दाब व द्रव्यमान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
डाल्टन नियम से,
मिश्रण का दाब = P1 + P2 = P + P = 2P
इसी प्रकार द्रव्यमान दोगुना अर्थात् 2M हो जायेगा।

प्रश्न 17.
देर तक स्कूटर चलाते रहने पर टायर में वायुदाब कुछ बढ़ जाता है, क्यों?
उत्तर:
टायर व सड़क के बीच घर्षण के कारण टायर का ताप बढ़ जाने से उसमें भरी वायु का दाव बढ़ जाता है।

प्रश्न 18.
एक बन्द बर्तन में हीलियम व नाइट्रोजन के उच्च समान ताप हैं किस गैस की प्रति अणु कुल गतिज ऊर्जा अधिक होगी ?
उत्तर:
नाइट्रोजन की, क्योंकि दोनों गैसें समान ताप पर होने से दोनों की स्थानान्तरीय गतिज ऊर्जाएँ तो समान होंगी, परन्तु नाइट्रोजन गैस द्विपरमाणुक है, अतः इसके घूर्णन की गतिज ऊर्जा अधिक होगी।

प्रश्न 19.
गैस का अवस्था समीकरण (\(P+\frac{aT^2}{V}\))Vc = (RT + b) द्वारा प्रदर्शित है, जहाँ a, b, c व R नियतांक हैं। समतापी वक्र P = BVm – NVn द्वारा प्रदर्शित है, जहाँ A व B ताप पर निर्भर हैं तब व के मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
(\(P+\frac{aT^2}{V}\) )Vc = RT + b
⇒ P + aT2V-1 = RTV-c + bV-c
⇒ P = (RT+ b) V-c – (aT²) V-1
इस समीकरण की दिये गये समीकरण P = BVm – NVn से तुलना करने पर m = -c व n = -1 प्राप्त होता है।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

प्रश्न 20.
चित्र में तीन गैसों A, B व C के निश्चित मोलों के दाब (P) के सापेक्ष दाब आयतन (PV) का परिवर्तन स्थिर ताप (T) पर प्रदर्शित है। उचित तर्क देकर बताइए कि इनमें से कौन-सी गैस आदर्श गैस है
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -5
उत्तर:
आदर्श गैस के निश्चित मोलों (i) के लिए समीकरण है = PV – MRT चूँकि मोलों की संख्या व ताप T नियत हैं, अत: PV – नियत रहेगा। अतः ग्राफ C आदर्श गैस को निरूपित करता है

प्रश्न 21.
एक बक्से में हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के बराबर-बराबर अणु हैं, यदि बक्से में एक सूक्ष्म छिद्र हो तो कौन-सी गैस तेजी से निकलेगी ?
उत्तर:
प्रति सेकण्ड छिद्र से गैस लीक होने का आयतन छिद्र का क्षेत्रफल × गैस की औसत चाल
चूँकि गैस के अणुओं की चाल
अणुभार हाइड्रोजन का अणुभार ऑक्सीजन की तुलना में कम होता है, अतः बक्से में से छिद्र द्वारा हाइड्रोजन गैस तेजी से निकलेगी।

प्रश्न 22.
आदर्श गैस को ठोस या द्रव अवस्था में नहीं परिवर्तित किया जा सकता है?
उत्तर:
आदर्श गैस के अणुओं के मध्य अन्तराण्विक बल शून्य माने जाते हैं। द्रव व ठोस अवस्था में अणु परस्पर बन्धन की अवस्था में होते हैं और यह बन्धन आदर्श गैस के अणुओं में सम्भव नहीं है।

प्रश्न 23.
किस ताप पर गैस के सभी अणु गति विहीन हो जाते हैं?
उत्तर:
गैस के अणु गति सिद्धान्त के अनुसार गैस की प्रति अणु औसत गतिज ऊर्जा परमताप के अनुक्रमानुपाती होती है अर्थात्
\(\frac{1}{2}\)mvrms² = kT
\(\frac{1}{2}\)mvrms² ∝ T
∵ vrms² = 0
∴ T = 0
अतः परम शून्य ताप पर गैस के अणु गतिविहीन हो जाते हैं।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अणु गति सिद्धान्त की आदर्श गैस के लिए प्रमुख परिकल्पनाएँ लिखिए। उनके आधार पर गैस दाब के लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
आदर्श गैसों का अणुगति सिद्धान्त (Molecular Kinetic Theory Of Ideal Gas):
आदर्श गैसों का अणुगति सिद्धान्त निम्नलिखित मुख्य परिकल्पनाओं पर आधारित है-
1. अणु (Molecule): प्रत्येक गैस बहुत छोटे-छोटे अणुओं से मिलकर बनी मानी गई है। ये अणु दृढ़ पूर्णतः प्रत्यास्थ ठोस गोले के रूप में माने गये हैं। ये अणु द्रव्यमान बिन्दु (Mass Point) माने जाते हैं अर्थात् इनका द्रव्यमान तो होता है, परन्तु आकार तथा आयतन प्रायः नगण्य होता है। वास्तव में ऐसा होना असम्भव है क्योंकि अणुओं का आयतन गैस के आयतन की तुलना में कम चाहे जितना हो, लेकिन शून्य कदापि नहीं हो सकता।

2. गति (Motion): अणु अनवरत ( Incessant) यादृच्छिक या अनियमित गति की अवस्था में माना जाता है। ये सभी सम्भव दिशाओं में सभी सम्भव वेगों से निरन्तर गति करते रहते हैं, अतः गैस आण्विक अव्यवस्था की अवस्था में होती है।

3. संघट्ट (Collisions): अणु आपस में तथा वर्तन की दीवारों से निरन्तर टकराते रहते हैं। प्रत्येक टक्कर में अणु की चाल तथा गति की दिशा बदल जाती है, परन्तु सभी अणुओं की कुल गतिज ऊर्जा स्थिर रहती है। टक्कर के कारण आण्विक घनत्व पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, अतः प्रति इकाई आयतन में अणुओं की संख्या पूरी गैस में समान रहती है।

4. बल (Force): अणुओं की टक्करें पूर्ण प्रत्यास्थ होती हैं, अतः अणुओं के मध्य कोई भी आकर्षण या प्रतिकर्षण बल कार्य नहीं करता है इसका तात्पर्य यह है कि आदर्श गैस की सम्पूर्ण ऊर्जा केवल गतिज ऊर्जा के रूप में ही होती है, आण्विक स्थितिज ऊर्जा शून्य होती है।

5. समय ( Time): टक्कर में अणुओं के सम्पर्क का समय दो उत्तरोत्तर टक्करों के मध्य लगे समय की तुलना में नगण्य होता है।

6. पथ (Path): दो उत्तरोत्तर टक्करों के बीच अणुओं का मार्ग ऋजुरेखीय होता है, इसे मुक्त पथ ( Free Path) कहते हैं। दो उत्तरोत्तर टक्करों के मध्य अणुओं के बीच औसत दूरी माध्य मुक्त पथ (Mean free Path) कहलाती है। सामान्य ताप एवं दाब पर यह 107 मी कोटि का होता है। माध्य मुक्त पथ को तय करने में लगा समय माध्य मुक्मत काल (mean free time) कहलाता है इसका मान 10-10 सेकण्ड कोटि का होता है।

7. अणुओं की गति पर गुरुत्वाकर्षण बल का कोई प्रभाव नहीं होता है क्योंकि अणुओं का द्रव्यमान नगण्य तथा वेग अत्यधिक होता है। इसी कारण पूरे बर्तन में गैस का घनत्व हर जगह समान होता है।

8. गैस के अणु सभी दिशाओं में समान रूप से दाव डालते हैं।

प्रश्न 2.
अणु गति सिद्धान्त के आधार पर ताप की क्या अविधारणा है? इसके आधार पर परम शून्य ताप की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
आदर्श गैस के ताप की अणुगतिक व्याख्या (Molecular Kinetic Interpretation of Temperature of an Ideal Gas):
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -6.1
अर्थात् गैस का परमताप उसकी औसत गतिज ऊर्जा के समानुपाती होता है। इस प्रकार स्पष्ट है कि आदर्श गैस की आन्तरिक ऊर्जा केवल उसके परमताप पर निर्भर करती है, दाब या आयतन पर नहीं। ताप की इस व्याख्या से स्पष्ट है कि आदर्श गैसों का अणुगति सिद्धान्त आदर्श गैस समीकरण और इस पर आधारित विभिन्न गैस नियमों के पूर्णतः संगत है।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

प्रश्न 3.
वाण्डर वाल्स समीकरण लिखिए। समझाइए कि सामान्य गैस समीकरण में यह संशोधन किन कारणों से आवश्यक हुए?
उत्तर:
वास्तविक गैसों के लिए अवस्था समीकरण : वाण्डरवाल समीकरण
(Equation Of State For Real Gas : Vanderwaal’s Equation):
बॉयल के नियमानुसार, स्थिर ताप पर किसी गैस के निश्चित द्रव्यमान के लिए दाब P तथा आयतन V का गुणनफल एक नियतांक होता है अर्थात् PV= नियतांक प्रयोगों द्वारा यह पाया जाता है कि कोई भी वास्तविक गैस इस नियम का पूर्णतः पालन नहीं करती। अति निम्न दाब तथा उच्च ताप पर वास्तविक गैसें इस नियम का एक सीमा तक पालन करती है, परन्तु उच्च दाब तथा निम्न ताप पर वास्तविक गैसें इस नियम से बहुत अधिक विचलन दिखाती हैं। बॉयल के नियमानुसार यदि PV व P के बीच ग्राफ खींचा जाए तो P अक्ष के समान्तर एक सरल रेखा आनी चाहिए परन्तु इन ग्राफों से स्पष्ट है कि PV का मान P के बढ़ने पर नियत नहीं रहता है बल्कि हाइड्रोजन के लिए P का मान बढ़ने पर PV का मान बढ़ता है। जबकि नाइट्रोजन के लिए P के बढ़ने पर PV का मान पहले घटता है तथा फिर बढ़ने लगता है। कार्बन डाइ ऑक्साइड जैसी गैसें (अधिक ताप पर द्रवित होने वाली गैसें) तो बॉयल के नियम से और भी अधिक विचलन दिखाती हैं।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -7
के बढ़ने पर PV का मान बढ़ता है, जबकि नाइट्रोजन के लिए P के बढ़ने पर PV का मान पहले घटता है तथा फिर बढ़ने लगता है। कार्बन डाइ ऑक्साइड जैसी गैसें (अधिक ताप पर द्रवित होने वाली गैसें तो बॉयल के नियम से और भी अधिक विचलन दिखाती हैं।
यह पाया गया है कि वास्तविक गैसों के आदर्श गैस के नियम से विचलन के दो प्रमुख कारण हैं- (i) अणुओं का अशून्य आकार तथा (ii) अन्तराण्विक अन्योन्यक्रिया ।

(i) अणुओं का अशून्य आकार :
आदर्श गैस के लिए अणुओं का आकार नगण्य माना जाता है जिससे अणुओं द्वारा घेरा गया आयतन गैस के कुल आयतन की तुलना में नगण्य होता है, परन्तु वास्तव में अणुओं का आकार नगण्य नहीं माना जा सकता है। एक वास्तविक गैस के लिए अणु का व्यास 10-10 मीटर की कोटि का होता है, जबकि गैस में दो अणुओं के बीच की औसत दूरी 10 मीटर की कोटि की होती है, अतः गैस के अणुओं का आयतन गैस के आयतन की तुलना में नगण्य नहीं माना जा सकता, विशेषकर अधिक दाब की स्थिति में जबकि गैस का स्वयं का आयतन बहुत कम होता है। यदि गैस का आयतन V है तो इस आयतन का कुछ भाग तो स्वयं अणु घेर लेते हैं, अतः अणुओं की गति के लिए उपलब्ध आयतन V से कुछ कम होगा। इसके लिए अणुओं के प्रभावी आयतन को गैस के प्रेक्षित आयतन V में से घटाना होगा। यदि अणुओं का प्रभावी आयतन 6 हो तो अणुओं को अपनी गति के लिए उपलब्ध आयतन (V – b) होगा।
अतः आदर्श गैस का आयतन Vi = V – b
जहाँ b एक नियतांक है।

(ii) अन्तराण्विक अन्योन्यक्रिया : आदर्श गैस के लिए अणुओं के बीच पारस्परिक आकर्षण अथवा प्रतिकर्षण बल को नगण्य माना जाता है, परन्तु वास्तविक गैस के लिए यह मान्यता सही नहीं है। गैस का प्रत्येक अणु दूसरे अणुओं पर एक बल आरोपित करता है, जिसे अन्तराण्विक बल कहते हैं साधारण दाब पर गैस के अणु बहुत दूर-दूर होते हैं, अतः उनके बीच अन्तराण्विक बल का मान नगण्य होता है। इसके अतिरिक्त उच्च ताप पर अणुओं की गतिज ऊर्जा अधिक होती है। जिससे अन्तराण्विक बल का उनकी गति पर प्रभाव नगण्य होता है, अतः निम्न दाब तथा उच्च ताप पर अन्तराण्विक बलों को नगण्य माना जा सकता है परन्तु उच्च दाब पर अणु एक-दूसरे के पास आ जाते हैं तथा वै एक-दूसरे को आकर्षित करने लगते हैं, अतः उच्च दाब तथा निम्न ताप पर आकर्षण बल की उपेक्षा नहीं की जा सकती।

माना कि गैस किसी बर्तन में बन्द है जो अणु पूर्णतः वर्तन के अन्दर हैं, जैसे- अणु A (चित्र 13.8); वे अपने चारों ओर के अणुओं द्वारा समान रूप से आकर्षित होते हैं, अतः ऐसे अणुओं पर परिणामी अन्तराण्विक बल शून्य होता है, परन्तु जो अणु वर्तन की दीवार के समीप हैं, जैसे- अणु B उन पर परिणामी अन्तराण्विक बल अन्दर की ओर कार्य करता है जिससे वे अन्दर की ओर खिंचते हैं। इस खिचाव के कारण दीवार से टकराते समय अणु के संवेग में कुछ कमी आ जाती है। जिससे अणु दीवार पर उतना बल आरोपित नहीं कर पाता जितना कि वह अन्तराण्विक बल की अनुपस्थिति में करता है। अतः गैस का प्रेक्षित दाब उसके वास्तविक दाब से कम होता है। यदि दाब में यह कमी ß हो तो गैस का वास्तविक दाब (P + ß) रखना होगा।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -8
ß का मान दो बातों पर निर्भर करता है- (i) दीवार के समीप अणु को आकर्षित करने वाले अणुओं की प्रति एकांक आयतन में संख्या पर, (ii) दीवार के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर प्रति सेकण्ड टकराने वाले अणुओं की संख्या पर ये दोनों कारक प्रति एकांक आयतन में अणुओं की संख्या अर्थात् गैस के घनत्व के अनुक्रमानुपाती होते हैं।
अतः दाब में कमी ß ∝ (घनत्व × घनत्व) ∝ (घनत्व)²
घनत्व ∝ \(\frac{1}{\text { आयतन (V) }}\)
अतः ß ∝ \(\frac{1}{V^2}\) अथवा ß = \(\frac{a}{V^2}\)
जहाँ गैस के 1 ग्राम अणु के लिए नियतांक है।
अतः वास्तविक दाब (P+ ß) = \(P+\frac{a}{V^2}\)
अतः आदर्श गैस समीकरण में P के स्थान पर (\(P+\frac{a}{V^2}\)) रखना होगा।

वाण्डर वाल्स समीकरण : आदर्श गैस समीकरण में अणुओं के अशून्य आकार तथा अणुओं के बीच लगने वाले अन्तराण्विक बल का संशोधन लगाने पर वास्तविक गैस के लिए निम्न समीकरण प्राप्त होता है-
(\(P+\frac{a}{V^2}\))(V – b) = RT
यह वाण्डर वाल गैस समीकरण कहलाता है तथा 6 वाण्डर वाल नियतांक कहलाते हैं। वास्तविक गैसें इस समीकरण का उच्च दाब व निम्न ताप पर भी काफी सीमा तक पालन करती हैं।

प्रश्न 4.
गैसों के अणु गति सिद्धान्त के आधार पर किसी गैस के लिए बॉयल, चार्ल्स, आवोगाद्रो तथा गेलुसाक के नियमों का निगमन कीजिए।
उत्तर:
गैसीय नियम एवं अणुगति सिद्धान्त से निगमन
(Gas Laws and Derivations of its on the Basis of Kinetic Theory)
(i) बॉयल का नियम (Boyle’s Law):
इस नियम के अनुसार, “नियत ताप पर, गैस के किसी दिए गए द्रव्यमान का दाब उसके आयतन के व्युत्क्रमानुपाती होता है।”
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -9
यही बॉयल का नियम है अर्थात् नियत ताप पर किसी गैस के निश्चित द्रव्यमान का आयतन उसके दाब के व्युत्क्रमानुपाती है।

(ii) चार्ल्स का नियम (Charle’s Law):
इस नियम के अनुसार, “नियत दाब पर किसी दी गई गैस का आयतन उसके परमताप (T) के अनुक्रमानुपाती होता है।”
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -10

(iii) दाब-ताप का नियम या गैलुसॉक का नियम (PressureTemperature law or Gay-Lussac’s Law):
इस नियम के अनुसार, “नियत आयतन पर गैस का दाब परमताप के अनुक्रमानुपाती होता है।”
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -11

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

प्रश्न 5.
स्वतन्त्र्यता की कोटि से क्या अभिप्राय है? ऊर्जा समवितरण से एकपरमाणुक, द्विपरमाणुक एवं त्रिपरमाणुक गैसों की विशिष्ट ऊष्माओं की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
एकल, द्विपरमाणुक व बहुपरमाणुक अणुओं की स्वातंत्र्य कोटियाँ (Degrees Of freedom Of monoatomic Diatomic and Polyatomic Molecules):
(a) गैस के एक-परमाण्विक अणु के लिए,
N = 1 तथा K = 0
f = 3 × 1 – 0 = 3
अर्थात् गैसों के एक परमाण्विक अणु में स्वतन्त्रता की तीन कोटियाँ होती हैं।

(b) गैस के द्वि-परमाण्विक अणु के लिए, द्वि-परमाण्विक अणु में दोनों परमाणु एक निश्चित दूरी पर आण्विक बन्ध द्वारा बँधे रहते हैं, अत:
N = 2 तथा K = 1
f = 3 × 2 – 1 = 5

(c) गैस के त्रि-परमाण्विक अणु के लिए-समतलीय त्रि-परमाण्विक अणु में तीनों परमाणु एक-दूसरे के सापेक्ष निश्चित दूरियों पर तीन आण्विकों द्वारा बद्ध रहते हैं जैसा चित्र 13.9 में प्रदर्शित है। अतः
N = 3 तथा K = 3
f = 3 × 3 – 3 = 6
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -12
अर्थात् समतलीय त्रि-परमाण्विक अणु में छः स्वतन्त्रता की कोटियाँ होती हैं।
रेखीय त्रि-परमाण्विक अणु में,
N = 3 तथा K = 2
f = 3 × 3 – 2 = 7
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -13
अर्थात् रेखीय त्रि-परमाण्विक अणु में सात स्वतन्त्रता की कोटियाँ होती हैं।
किसी बर्तन में बन्द गैस एक ऊष्मागतिक निकाय है। गैस के परमाणु अथवा अणु अनियमित गति की अवस्था में रहते हैं। उनमें विभिन्न प्रकार की गतियों के कारण गतिज ऊर्जा होती है। गैस के अणुओं की स्वतन्त्रता की कोटियाँ इस बात से भी निर्धारित की जाती हैं कि वे अणु कितने तरीके से ऊर्जा अवशोषित करते हैं। किसी निकाय के कण जितने स्वतन्त्र तरीकों से ऊर्जा अवशोषित कर सकते हैं, वे उसकी स्वतन्त्रता की कोटियाँ कहलाती हैं।

गैसों की विशिष्ट ऊष्माएँ (SPECIFIC HEAT OF A GAS)
हमें ज्ञात है कि 1 मोल गैस की परमताप पर कुल आन्तरिक ऊर्जा
U = \(\frac{1}{2} f \mathrm{RT}\) …….(1)
अवकलन करने पर
\(\frac{d \mathrm{U}}{d \mathrm{~T}}=\frac{1}{2} f \mathrm{R}\) …………..(2)
माना कि गैस को ‘स्थिर आयतन पर’ गर्म करके उसके ताप में dT वृद्धि की जाती है। तब गैस को दी गयी ऊष्मा dQ = CVdT होगी। चूँकि आयतन स्थिर रहता है, अतः बाह्य कार्य शून्य होगा। अतः ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से,
dU = dQ – dW से,
dU = CVdT
या CV = \(\frac{dU}{dT}\) ……………(3)
समी (2) व (3) से
\(\mathrm{C}_{\mathrm{V}}=\frac{1}{2} f \mathrm{R}\)
यह गैस की स्थिर आयतन पर ग्राम-अणुक विशिष्ट ऊष्मा है। स्थिर दाब पर ग्राम-अणुक विशिष्ट ऊष्मा के लिए मेयर सम्बन्ध \(\mathrm{C}_{\mathrm{P}}-\mathrm{C}_{\mathrm{V}}=\mathrm{R}\) से
CP = CV + R = \(\frac{1}{2} fR\) + R
CP = (\(\frac{f}{2}\) + 1)R
गैस की ग्राम अणुक विशिष्ट ऊष्माओं की निष्पत्ति-
\(\gamma=\frac{\mathrm{C}_{\mathrm{P}}}{\mathrm{C}_{\mathrm{V}}}=\frac{\left(\frac{f}{2}+1\right) \mathrm{R}}{\frac{f}{2} \mathrm{R}}\)
\(\gamma=1+\frac{2}{f}\)
स्पष्ट है कि स्वातंत्र्य कोटि की संख्या f का मान बढ़ने पर γ घटता है।

प्रश्न 6.
माध्य मुक्त पथ से क्या अभिप्राय है? इसके लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
माध्य मुक्त पथ की अवधारणा (Concept Of Mean Free Path):
गैसों के अणुगति सिद्धान्त के अनुसार किसी गैस के अणु विभिन्न चालों से सभी सम्भव दिशाओं में लगातार गति करते रहते हैं। गति करने के दौरान ये एक-दूसरे से संघट्ट करते हैं जिससे उनकी चाल तथा गति की दिशा दोनों बदलते रहते हैं। टक्करों के समय को छोड़कर, अणु एक-दूसरे पर कोई आकर्षण बल नहीं लगाते हैं, अतः दो टक्करों के बीच अणु नियत चालों से सीधी रेखाओं में चलते हैं। यदि किसी एक अणु के पथ को प्रेक्षित किया जाए तब वह टेढ़ी-मेढ़ी सीधी रेखाओं का पथ प्राप्त होता है।

दो उत्तरोत्तर टक्करों के बीच अणु पथ की लम्बाई अणु का मुक्त पथ कहलाती है। एक दीर्घ समयावधि में अणु के सभी मुक्त पथों का औसत अणु का माध्य मुक्त पथ (Mean Free Path) कहलाता है अतः “किसी अणु का माध्य मुक्त पथ वह औसत दूरी है जो कि अणु अन्य अणुओं से दो उत्तरोत्तर टक्करों के बीच तय करता है।” इसे प्रायः λ से प्रदर्शित करते हैं।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -13
यदि गैस के अणु द्वारा N टक्करों में तय की गई दूरियाँ क्रमश: λ1, λ2, λ3 ……… λN

औसत मुक्त पथ λ = \(\frac{\lambda_1+\lambda_2+\lambda_3+\ldots \lambda_N}{N}\) ……….(1)
यदि कुल पथ में अणु द्वारा लिया गया समय t हो तथा अणु की औसत चाल हो तो
औसत मुक्त पथ λ = \(\frac{\lambda_1+\lambda_2+\lambda_3+\ldots \lambda_N}{N}\) …….(2)

माध्य मुक्त पथ के लिए व्यंजक (Expressions for Mean Free Path):
माना एक पात्र में गैस भरी है तथा इसके प्रति एकांक आयतन में अणु है। प्रत्येक अणु का व्यास है माना इस गैस का केवल एक अणु 1] वेग से गतिमान है तथा शेष सभी अणु स्थिर हैं। गतिमान अणु उन सभी अणुओं से टकरायेगा, जिनके केन्द्र इसके केन्द्र से दूरी पर है जैसा चित्र 13-15 में प्रदर्शित है 3 समय में अणु द्वारा तय की गई दूरी है। अत: Ar समय में यह अणु उन सभी अणुओं से टकरायेगा जिनकी त्रिज्या है तथा लम्बाई के बेलन में है।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -14
बेलन का आयतन = πd²v.∆t
बेलन में अणुओं की संख्या = आयतन × प्रति एकांक आयतन में उपस्थित अणु
= (πd²v.∆t).n ……..(3)
यदि अणु द्वारा अन्य अणुओं से 3 समय में टक्करों की संख्या है अर्थात्
N = = πd²v.∆t.n …………(4)
औसत मुक्त पशु λ = \(\frac{v.∆t}{N}\)
= \(\frac{v \cdot \Delta t}{\pi d^2 v \cdot \Delta t \cdot n}=\frac{1}{\pi d^2 n}\)
या λ = \(\frac{1}{\pi d^2 n}\) ………..(5)
इस सूत्र को प्राप्त करने में हमने यह कल्पना की कि दूसरे सभी अणु विरामावस्था में है। परन्तु वास्तव में सभी अणु गतिमान है और संघट्ट दर अणुओं के औसत आपेक्षिक वेग द्वारा निर्धारित की जाती है। अन्य अणुओं की गति पर विचार करने पर अणु का माध्य मुक्त पथ निम्नलिखित होगा –
λ = \(\frac{1}{√2 \pi d^2 n}\) ………..(6)
यही अभीष्ट व्यंजक है, इसके अनुसार अणु का माध्य मुक्त पथ प्रति एकांक आयतन में अणुओं की संख्या के अनुक्रमानुपाती है अर्थात् यह गैस के अणु घनत्व के व्युत्क्रमानुपाती है।
आदर्श गैस के लिए
PV = NkT
n = \(\frac{N}{V}\)
P = nkT ⇒ n = \(\frac{P}{kT}\)
समीकरण (6) मैं n का मान रखने पर
λ = \(\frac{kT}{√2 \pi d^2 P}\) ………..(7)
स्पष्ट है कि
λ ∝ \(\frac{T}{P}\)
अर्थात् गैस के अणुओं का औसत मुक्त पथ गैस के परमताप के अनुक्रमानुपाती तथा गैस के दाब के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

प्रश्न 7.
अणु गति सिद्धान्त का सम्बन्ध P = \(\frac{1}{3} r \bar{c^2}\) मानते हुए सिद्ध कीजिए कि अणु की औसत गतिज ऊर्जा गैस के परम ताप के समानुपाती होती है।
उत्तर:
आदर्श गैस के ताप की अणुगतिक व्याख्या (Molecular Kinetic Interpretation of Temperature of an Ideal Gas):
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत -6.2
अर्थात् गैस का परमताप उसकी औसत गतिज ऊर्जा के समानुपाती होता है। इस प्रकार स्पष्ट है कि आदर्श गैस की आन्तरिक ऊर्जा केवल उसके परमताप पर निर्भर करती है, दाब या आयतन पर नहीं। ताप की इस व्याख्या से स्पष्ट है कि आदर्श गैसों का अणुगति सिद्धान्त आदर्श गैस समीकरण और इस पर आधारित विभिन्न गैस नियमों के पूर्णतः संगत है।

आंकिक प्रश्न (Numerical Questions)

आदर्श गैस समीकरण तथा इसके नियम पर आधारित

प्रश्न 1.
250 सेमी³ आयतन वाले विद्युत् बल्ब को सील करते समय 27°C ताप पारे का 10-3 मिमी दाब था। बल्ब में अणुओं की संख्या कितनी है?
उत्तर:
8.04 × 1015

प्रश्न 2.
1 × 10-6 m³ आयतन के वायु के बुलबुले झील की सतह के नीचे 40 मीटर गहराई पर हैं, जहाँ ताप 283K है। जब बुलबुला जल की संतह पर पहुँचे, तो इसका आयतन बताइए जल की सतह पर ताप 27°C है वायुमण्डलीय दाब = 1.01 × 105 Pa
उत्तर:
4.15 × 10-6

प्रश्न 3.
किसी गैस का निश्चित आयतन पर दाब 2000 न्यूटन / मी² से परिवर्तित होकर 3000 N/m² हो जाता है। यदि प्रारम्भिक ताप 350 K था तो अन्तिम ताप ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
525K

प्रश्न 4.
किसी फ्लास्क में 27°C ताप पर 13 ग्राम आदर्श गैस भरी है ताप बढ़कर 52°C करने पर कितनी गैस फ्लास्क से निकल जायेगी जबकि गैस का तापं 52°C व दाब पूर्ववत् ही रहें?
उत्तर:
1 ग्राम

प्रश्न 5.
अन्तरिक्ष के किसी क्षेत्र के प्रति सेमी³ आयतन में औसतन केवल 5 अणु हैं तथा वहाँ पर ताप 3 K है इतनी विरल गैस का दाब क्या है ? (बोल्ट्जमैन नियतांक (k) = 1.38 × 10-23 जूल / K)
उत्तर:
20.7 x 10-17N/m²

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

अणुओं के वेगों पर आधारित

प्रश्न 6.
स्थिर दाब पर 327°C ताप की हाइड्रोजन को किस ताप तक ठण्डा किया जाए कि उसके अणुओं का वर्ग माध्य-मूल वेग पहले का आधा हो जाये ?
उत्तर:
123°C

प्रश्न 7.
तीन अणुओं के वेग क्रमश: 3v, 4v व 5v हैं। इनकी वर्ग-माध्य-मूल चाल ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
4.08v

प्रश्न 8.
किसी ताप पर ऑक्सीजन के अणुओं की वर्ग-माध्य मूल चाल 150 मी/से है उसी ताप पर हाइड्रोजन के अणुओं की वर्ग- माध्य-मूल चाल क्या होगी ? (Mo = 32, MH = 2)
उत्तर:
600 मी/से

प्रश्न 9.
नाइट्रोजन अणु के वर्ग माध्य-मूल वेग का मान 15°C ताप तथा पारे के स्तम्भ के 76 सेमी दाब पर ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
5.06 × 104 सेमी / से

अणुओं की ऊर्जा पर आधारित

प्रश्न 10.
27°C ताप पर हाइड्रोजन के लिए ज्ञात कीजिए-
(i) एक ग्राम अणु गैस की गतिज ऊर्जा,
(ii) एक ग्राम गैस की गतिज ऊर्जा [हाइड्रोजन का अणुभार 2, तथा R = 8.31 J mol-1K-1]
उत्तर:
(i) 3.74 × 105 जूल
(ii) 1.87 × 103 जूल

प्रश्न 11.
एक ग्राम अणु गैस की गतिज ऊर्जा सामान्य ताप व दाब पर ज्ञात कीजिए तथा 273°C पर इसका मान क्या होगा ?
उत्तर:
3.40 × 103 जूल, 6.80 × 103 जूल

प्रश्न 12.
गैस की गतिज ऊर्जा प्रति मोल, NTP पर ज्ञात कीजिए यदि गैस का घनत्व 0.178 किग्रा / घन मीटर है तथा अणुभार 4 हो ।
उत्तर:
3414 जूल

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत

प्रश्न 13.
किसी गैस का ताप 68°C है इसको किस ताप पर गर्म किया जाये ताकि (i) अणुओं की औसत गतिज ऊर्जा दोगुनी हो जाये, (ii) अणुओं का वर्ग माध्य-मूल वेग दोगुना हो जाये ?
उत्तर:
(i) 137°C
(ii) 547°C

प्रश्न 14.
300 K ताप पर किसी गैस के अणु की माध्य गतिज ऊर्जा क्या है? इस ताप पर हाइड्रोजन गैस के किसी अणु की वर्ग-माध्य-मूल चाल क्या होगी ? (R = 8.31 J mole-1 K-1, N = 6.02 × 1023 प्रति मोल तथा हाइड्रोजन के अणु का द्रव्यमान 3.34 × 10-27 Kg)
उत्तर:
1.93 × 103 ms-1

औसत मुक्त पथ पर आधारित

प्रश्न 15.
100°C तथा I arm दाब पर, जल वाष्य में, जल के अणु के माध्य मुक्त पथ की गणना कीजिए। जल के अणु का व्यास 44 बोल्ट्समैन नियतांक kg = 1.38 × 10-23 JK
उत्तर:
7.2 × 10-8 मी

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 13 अणुगति सिद्धांत Read More »

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

Haryana State Board HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

बहुविकल्पीय प्रश्न:

1. मेथेन व एथेन को इससे एक पद अभिक्रिया में प्राप्त किया जाता है-
(1) C2H2
(2) CH3I
(3) CH3OH
(4) C2H5OH.
उत्तर:
(2) CH3I

2. द्रव हाइड्रोकार्बन को इसके द्वारा गैसीय हाइड्रोकार्बन मिश्रण में परिवर्तित किया जा सकता है-
(1) भंजन
(2) जल-अपघटन
(3) ऑक्सीकरण
(4) कम दाब पर आसवन।
उत्तर:
(1) भंजन

3. निम्नलिखित में से कौन जल के साथ अभिक्रिया द्वारा मेथेन गैस, उत्पन्न करता है?
(1) सिलिकौन कार्बाइड
(2) कैल्सियम कार्बाइड
(3) ऐलुमिनियम का कार्बाइड
(4) आयरन कार्वाइड।
उत्तर:
(3) ऐलुमिनियम का कार्बाइड

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

4. सिर्फ दो मोनो-क्लोरो व्युत्पन्न समावयवी संभव है-
(1) n-ब्यूटेन के
(2) 2, 4-द्वाइमेयिल पेन्टेन के
(3) बेंजीन के
(4) 2 -मेथिल प्रोपेन के।
उत्तर:
(1) n-ब्यूटेन के

5. C2H5Cl बनाने के लिए सबसे अच्छी अभिक्रिया दशाएँ हैं-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 1
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 2

6. निम्नलिखित में से कौन-सा यौगिक Conc. H2SO4 को गर्म करने पर भी नहीं घुलेगा ?
(1) ऐथिलीन
(2) बेंजीन
(3) हैक्सेन
(4) एनिलीन।
उत्तर:
(3) हैक्सेन

7. अधिकतम क्यथनांक है-
(1) आइसो ऑक्टेन
(2) n-ऑक्टेन
(3) 2, 2, 3, 3-टेट्रामेषिल ब्यूटेन
(4) n-ब्यूटेन।
उत्तर:
(2) n-ऑक्टेन

8. पैराफिन इसमें घुलता है-
(1) आसवित जल
(2) बेंजीन
(3) मेथेनॉल
(4) लवणीय जल।
उत्तर:
(2) बेंजीन

9. एल्किल हैलाइड पर Zn की अभिक्रिया द्वारा ऐल्केन बनने की क्रिया को कहते है-
(1) फ्रैंकर्सैं अभिक्रिया
(2) वुर्ट्ज अभिक्रिया
(3) कैनिजारो अभिक्रिया
(4) कोल्बे की अभिक्रिया।
उत्तर:
(1) फ्रैंकर्सैं अभिक्रिया

10. बन्द नली में मेषिल ब्रोमाइह को बिंक के साथ गर्म करने पर प्राप्त होता है-
(1) मेथेन
(2) ऐेथेन
(3) ऐथाइडलीन
(4) मेथेनॉल।
उत्तर:
(2) ऐेथेन

11. C2H6 में C-C-H है-
(1) 90°
(2) 109.5°
(3) 120°
(4) 180°
उत्तर:
(2) 109.5°

12. निम्न में से किसकी अभिक्रिया ग्रिगनार्ड अभिकर्मक के साध कराने पर हाइड्रोकार्बन बनता है-
(1) CH3CH2OH
(2) CH3CHO
(3) CH3COCH3
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(1) CH3CH2OH

13. निम्नलिखित में से कौन-से यौगिक मुख्वतया प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ देते हैं-
(1) ऐल्केन
(2) ऐल्कीन
(3) ऐल्काइन
(4) ये सभी।
उत्तर:
(1) ऐल्केन

14. किसके द्वारा भंजन प्रदर्शित होता है-
(1) ऐल्केन
(2) पेट्रोलियम
(3) ईथर
(4) बेंजीन।
उत्तर:
(1) ऐल्केन

15. किसी पदार्थ का जलीय विलयन विद्युत-अपघटन द्वारा ऐथेन देता है, वह पदार्थ है-
(1) एसीटिक अम्ल
(2) एसिटेमाइड
(3) पोटेशियम ऐसीटेट
(4) ऐथाइल ऐसीटेट।
उत्तर:
(3) पोटेशियम ऐसीटेट

16. ऐल्केनों का हैलोजनीकरण उदाहरण है-
(1) इलेक्ट्रोफिलिक प्रतिस्थापन का
(2) न्यूक्लिओफिलिक प्रतिस्थापन का
(3) मुक्त मूलक प्रतिस्थापन का
(4) ऑक्सीकरण का
उत्तर:
(3) मुक्त मूलक प्रतिस्थापन का

17. अभिक्रिया \(\mathrm{C}_{10} \mathrm{H}_{22} \stackrel{900 \mathrm{~K}}{\longrightarrow} \mathrm{C}_4 \mathrm{H}_8+\mathrm{C}_6 \mathrm{H}_{14}\) का नाम है-
(1) एल्कलीकरण
(2) भंजन
(3) हिद्हड्रोजनीकरण
(4) आसवन।
उत्तर:
(2) भंजन

18. मेथिल मैग्नीशियम ब्रोमाइड तथा एथिल ऐल्कोहॉल की अभिक्रिया में कार्बनिक उत्पाद है-
(1) मेथेन
(2) ऐथेन
(3) प्रोपेन
(4) व्यूटेन।
उत्तर:
(1) मेथेन

19. विकार्वांक्सिलीकरण निम्न में से किससे सम्बन्धित है-
(1) योगात्मक अभिक्रिया
(2) सोडालाइम
(3) ऐल्केनों की संरचना
(4) इंयर।
उत्तर:
(2) सोडालाइम

20. कौन जल-अपघटन पर मेथेन देता है-
(1) CaC2
(2) CH2Br
(3) Al4C3
(4) C2H5MgBr
उत्तर:
(3) Al4C3

21. जब सोडियम ऐसीटेट को सोडालाइम के साथ अभिकृत कराया जाता है तो पदार्थ बनता है-
(1) मेथेन
(2) एसिटाईलीन
(3) एधाइलीन
(4) ऐेथेन।
उत्तर:
(1) मेथेन

22. यौगिक जो CH3Mgl के साथ अभिक्रिया द्वारा मेथेन नहीं देता है-
(1) CH3CH2NH2
(2) C2H5OH
(3) (CH3)3N
(4) NH3
उत्तर:
(3) (CH3)3N

23. निम्नलिखित में से कौन हाइड्रोकार्बन का मिश्रण नहीं है-
(1) केंडल वैक्स
(2) कँरोसिन
(3) वनस्पति तेल
(4) पैराफिन तेल।
उत्तर:
(3) वनस्पति तेल

24. जब सोडियम प्रोपिओनेट को सोडालाइम के साय गर्म करते हैं जो उत्पाद बनात है-
(1) CH3
(2) C2H6
(3) C3H8
(4) C4H10
उत्तर:
(2) C2H6

25. ऐल्केन श्रेणी C1 से C4 तक के सदस्यों की जौतिक अवस्या है-
(1) टेस
(2) द्रव
(3) गैस
(4) इनमें से कोई नही।
उत्तर:
(3) गैस

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

26. मार्श गैस में मुख्यतः होता है।
(1) C2H2
(2) CH4
(3) H2S
(4) CO
उत्तर:
(2) CH4

27. पैराफिन इसमें विलेय है-
(1) आसुत जल
(2) बेन्जीन
(3) मेषेनॉल
(4) CO
उत्तर:
(2) बेन्जीन

28. मेथिल मैग्नीशियम ब्रोमाइड पर जल की क्रिया द्वारा हूमें प्राप्त होता है-
(1) CH4
(2) C2H6
(3) CH3OH
(4) C2H5OH
उत्तर:
(1) CH4

29. मेथेन एक आकार होता है-
(1) समचतुष्फलकीय
(2) अष्टफलकीय
(3) गोलीय
(4) वर्गाकार समतल।
उत्तर:
(1) समचतुष्फलकीय

30. किस यौगिक का क्वथनांक सर्वाधिक है-
(1) n-पेन्टेन
(2) 2-मेथिल ब्यूटेन
(3) 2, 2-डाइमेथिल प्रोपेन
(4) n-हेक्सेन।
उत्तर:
(4) n-हेक्सेन।

31. मेथेन बनाने में निम्न में से कौन-सा कार्बाइड प्रयुक्त होता है।
(1) CaC2
(2) Mg2C3
(3) Al4C3
(4) B4C
उत्तर:
(3) Al4C3

32. कार्बन शृंखला में कार्बन परमाणु बढ़ाने पर ऐल्केन का क्वथनांक-
(1) बढ़ता है
(2) घटता है
(3) अप्रभावित रहता है
(4) बढ़ या घट सकता है।
उत्तर:
(1) बढ़ता है

33. निम्न में से किसके जल अपघटन पर मेथेन प्राप्त होता है-
(1) Al4C3
(2) CaC2
(3) n-C3H7MgBr
(4) शुष्क बर्फ।
उत्तर:
(1) Al4C3

34. मेथेन व एथेन दोनों को अलग-अलग एक पद अभिक्रिया द्वारा निम्न से प्राप्त कर सकते हैं-
(1) C2H4
(2) CH3I
(3) CH2OH
(4) C2H2OH
उत्तर:
(2) CH3I

35. मेथेन बनाने की सबसे उचित विधि है-
(1) प्राकृतिक गैस का द्रवीकरण
(2) वुर्ट्ज अभिक्रिया
(3) CH2Cl2 का अपचयन
(4) इनपमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(2) वुर्ट्ज अभिक्रिया

36. CCl4 में बन्ध कोण का मान लगभग है-
(1) 90°
(2) 109°
(3) 120°
(4) 180°
उत्तर:
(2) 109°

37. आइसो पेन्टेन में कितने द्वितीयक (secondary) कार्बन परमाणु है-
(1) 1
(2) 2
(3) 3
(4) 4
उत्तर:
(1) 1

38. निम्न में से कौन-सा यौगिक सान्द्र H2SO4 के साथ गर्म करने पर भी नहीं घुलता है।
(1) एधिलीन
(2) बेन्जीन
(3) हेक्सेन
(4) ऐनिलीन।
उत्तर:
(3) हेक्सेन

39. शुद्ध n-हेक्सेन को प्राप्त करने के लिये सोडियम की निम्न में से किस अभिकर्मक द्वारा क्रिया कराते हैं।
(1) एथिल ब्रोमाइड तथा n-ब्यूटिल ब्रोमाइड
(2) n-प्रोपित ब्रोमाइड
(3) मेथिल ब्रोमाइड तथा n-ऐमिल ब्रोमाइड
(4) एथिल क्लोराइड तथा n-ब्यूटिल क्लोराइड।
उत्तर:
(2) n-प्रोपित ब्रोमाइड

40. ऐल्केन के भिन्न-भिन्न कार्बन परमाणुओं से आबन्धित हाइड्रोजन परमाणुओं की क्रियाशीलता का क्रम है-
(1) 3° > 2° > 1°
(2) 1° > 2° > 3°
(3) 3° > 1° > 2°
(4) 2° > 1° > 3°
उत्तर:
(1) 3° > 2° > 1°

41. निम्न किसमें H2% अधिकतम है।
(1) CH4
(2) C2H4
(3) C6H6
(4) C2H2
उत्तर:
(1) CH4

42. ऐल्किल हैलाइड पर जिंक की अभिक्रिया द्वारा ऐल्केन का बनना कहलाता है-
(1) फ्रेंकलैण्ड अभिक्रिया
(2) कैनीजारो अभिक्रिया
(3) वुर्द्ज अभिक्रिया
(4) कोल्बे अभिक्रिया
उत्तर:
(1) फ्रेंकलैण्ड अभिक्रिया

43. ज्यामितीय समावयवता दर्शाने वाले यौगिक है-
(1) प्रोपीन
(2) 1-ब्यूटीन
(3) 2-क्यूटीन
(4) आइसो ब्यूटिलीन।
उत्तर:
(3) 2-क्यूटीन

44. संचयी हाईन का उदाहरण है-
(1) CH2 = CH-CH=CH2
(2) CH2 = C = CH-CH3
(3) CH3 = CH-CH2CH = CH2
(4) CH3 = CH-C = CH2
उत्तर:
(2) CH2 = C = CH-CH3

45. सी. एन. जी. में मुख्य रूप से होती है-
(1) मेथेन
(2) ऐधेन
(3) प्रोपेन
(4) ब्यूटेन।
उत्तर:
(1) मेथेन

46. यौगिक जिसके ओज्ञोनी अपघटन से ऐथेनेल प्राप्त होती है-
(1) ऐथीन
(2) ऐथाईन
(3) 2-ब्यूटीन
(4) 1-ब्यूटीन।
उत्तर:
(3) 2-ब्यूटीन

47. अमोनीकृत क्यूप्रस क्लोराइड विलयन के साथ अभिक्रिया कर लाल अवक्षेप देने वाला यौगिक है-
(1) प्रोषीन
(2) प्रोपाईन
(3) 2-व्यूटारन
(4) 2-ब्यूटीन।
उत्तर:
(2) प्रोपाईन

48. CH3CH = C = CH-CH3 अणु में sp संकरित कार्बन परमाणु है-
(1) C-2
(2) C-3
(3) C-4
(4) इनमें से कोई नही।
उत्तर:
(2) C-3

49. ऐथिलीन शीतल, तनु क्षारीय परमैगनेट बिलयन के साथ अभिक्रिया करके देता है-
(1) CH3CO
(2) CO3 के दो मोल
(3) CH3O के दो मोल
(4) C2H4(OH)2
उत्तर:
(2) CO3 के दो मोल

50. HBr का एट्टीमारकोनीकॉफ योग किसमें सम्भव नहीं है?
(1) प्रोपीन
(2) ब्यूटीन-1
(3) ब्यूट-2-ईन
(4) पेन्ट-2-इ्दन।
उत्तर:
(4) पेन्ट-2-इ्दन।

51. परॉक्साइड की उपस्थिति में ब्यूटीन-1 से HBr अणु के योग द्वारा उत्पन्न होता है-
(1) I-क्रोमो ब्यूटेन
(2) 2-ब्रोमो ब्यूटेन
(3) 1, 2-हाईं्रोमो ब्यूटेन
(4) n-ब्यूटेन।
उत्तर:
(1) I-क्रोमो ब्यूटेन

52. वह अभिक्रिया, जिसमें ऐल्कीन से जल के योग द्वारा ऐल्कोहॉल बनता है, कहलाती है-
(1) हाइड्रोजनीकरण
(2) जलयोजना
(3) जल-अपघटन
(4) संघनन।
उत्तर:
(2) जलयोजना

53. निम्न में से किस प्रकार की समावयवता ऐल्कीन में नहीं पायी जाती है-
(1) श्रृंखला समावयवता
(2) ज्यामितीय समावयवता
(3) मध्यावयवता
(4) स्थान समावयवता।
उत्तर:
(3) मध्यावयवता

54. ऐल्कीनों का सामान्य सूत्र है-
(1) CnH2n + 1
(2) CnH2n
(3) CnH2n + 2
(4) CnH2n – 2
उत्तर:
(3) CnH2n + 2

55. प्रोपिलीन में C-2 कार्बन परमाणु पर किस प्रकार का संकरण है-
(1) sp
(2) sp2
(3) sp3
(4) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(4) इनमें से कोई नहीं

56. CH3-CH = CH2 में C-C-C कोण कितना है-
(1) 90°
(2) 109.5°
(3) 120°
(4) 180°
उत्तर:
(3) 120°

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

57. निम्न में से कौन-सी ऐल्कीन ज्यामितीय समावयवता प्रदर्शित करती है-
(1) 1-ब्यूटीन
(2) 2-ब्यूटीन
(3) 2-मेथिलप्रोपीन
(4) प्रोपीन।
उत्तर:
(2) 2-ब्यूटीन

58. एथिलीन डाइब्रोमाइड के विहाइड्रोहैलोजनीकरण पर प्राप्त होता है-
(1) ऐथीन
(2) ऐथाइन
(3) ब्यूटाइन
(4) प्रोपाइन।
उत्तर:
(2) ऐथाइन

59. ऐथिलीन इस श्रेणी का सदस्य है-
(1) ऐल्काइन
(2) ओलिफिन
(3) पैराफिन
(4) ऐमीन।
उत्तर:
(2) ओलिफिन

60. ऐधिलीन निम्नलिखित किसके निर्जलीकरण पर प्राप्त होती है-
(1) CH3OH
(2) C2H5OH
(3) प्रोपिल ऐल्कोहॉल
(4) ऐथिल ऐसीटेट।
उत्तर:
(2) C2H5OH

61. ऐथिल ऐल्कोहॉल को सान्द्र H2SO4 के साथ गर्म किया जाता है। प्राप्त पदार्थ है-
(1) CH3COOC2H5
(2) C2H6
(3) C2H4
(4) C2H2
उत्तर:
(3) C2H4

62. निम्न में से कौन-सा क्षारीय KMnO4 का रंग नष्ट करता है-
(1) C3H8
(2) C2H4
(3) CH4
(4) CCl4
उत्तर:
(2) C2H4

63. CH3CH = CH.CHO निम्न के अनुप्रयोग द्वारा CH3CH = CH-COOH में ऑक्सीकृत हो सकता है-
(1) भारीय परमैगनेट
(2) अमोनीकृत सिल्वर नाइट्टेट
(3) सेलीनिमय द्वाओक्साएड
(4) ऑस्मियम टेट्राऑक्साइह।
उत्तर:
(2) अमोनीकृत सिल्वर नाइट्टेट

64. ऐोयीन में H-C-H कोण है, लगभग-
(1) 90°
(2) 60°
(3) 180°
(4) 120°
उत्तर:
(4) 120°

65. ऐंघिलीन में कार्बन परमाणुओं के मध्य है-
(1) दो पाई बन्ध
(2) एक सिग्मा तथा एक पाई बन्ध
(3) दो सिम्मा बन्य
(4) एक सिग्मा तथा दो पाई बन्ध
उत्तर:
(2) एक सिग्मा तथा एक पाई बन्ध

66. C4H8 अणुसूत्र के कितने संरचनात्मक समावयवी है-
(1) 2
(2) 3
(3) 4
(4) 5
उत्तर:
(3) 4

67. 2 -ब्यूटीन में कितने समावयवी होते हैं-
(1) 1
(2) 2
(3) 3
(4) 4
उत्तर:
(2) 2

68. ऐेयेन, ऐेंिलीन तथा ऐेसीटिलीन श्रेणी में C-H बन्ध कर्जा होती है-
(1) तीनों यौगिकों में समान
(2) ऐथेन में सर्वाधिक
(3) ऐधिलीन में सर्वाधिक
(4) ऐसीटिसीन में सर्थांकिक
उत्तर:
(4) ऐसीटिसीन में सर्थांकिक

69. “योग अणु का ऋणात्मक भाग उस C- परमाणु से जुड़ता है जो कम H – परमाणुओं से जुड़ा है।” यह कथन कहलाता है—
(1) थीले सिद्धान्त
(2) बायर का विकृति सिद्धान्त
(3) मारकोनीकॉफ का नियम
(4) परॉक्साइड का प्रभाव ।
उत्तर:
(3) मारकोनीकॉफ का नियम

70. —C ≡ C— उपस्थित है—
(1) एथीन में
(2) ब्यूटीलीन में
(3) एथाइन में.
(4) ग्लिसरीन में।
उत्तर:
(3) एथाइन में.

71. निम्न में से कौन-सा सोडियम के साथ अभिक्रिया करके हाइड्रोजन दिस्थापित करता है?
(1) CH4
(2) C2H6
(3) C2H4
(4) C2H2
उत्तर:
(4) C2H2

72. आइसोप्रोपीन पदार्थों का उपयोग इनके संश्लेषण में किया जाता
(1) प्रोपेन
(2) द्रव ईंधन
(3) रबड़
(4) पेट्रोन।
उत्तर:
(3) रबड़

73. निम्न में किसमें क्लोरीन की सर्वाधिक प्रतिशत मात्रा है ?
(1) पायरीन
(2) पी. वी. सी
(3) क्लोरल
(4) ऐथिलिडीन क्लोराइड
(5) गैर्मेक्सीन।
उत्तर:
(2) पी. वी. सी

74. HBr का एन्टीमारकोनीकॉफ योग किसमें सम्भव नहीं है?
(1) प्रोपीन
(2) ब्यूटीन 1
(3) ब्यूट-2 ईन
(4) पेण्ट-2 ईन।
उत्तर:
(3) ब्यूट-2 ईन

75. अमोनियामय AgNO3 से अभिक्रिया करके ऐसीटिलीन देता है-
(1) सिल्वर दर्पण
(2) सिल्वर धातु
(3) सिल्वर ऐसीटेट
(4) सिल्वर ऐसीटिलाइड।
उत्तर:
(4) सिल्वर ऐसीटिलाइड।

76. ऐल्कोहॉलीय NaOH निम्न में किसका विशिष्ट अभिकर्मक है?
(1) निर्जलीकरण
(2) विहाइड्रोजनीकरण
(3) विहाइड्हैलोजनीकरण
(4) विहैलोजनीकरण ।
उत्तर:
(3) विहाइड्हैलोजनीकरण

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

77. ऐसीटिलीन का औद्योगिक निर्माण निम्न में से किसके वातवरण में ग्रेफाइट इलैक्ट्रोड में विद्युत प्रवाहित करके किया जाता है?
(1) वायु
(2) N2
(3) H2
(4) CO2
उत्तर:
(3) H2

78. टेफ्लॉन इस एकलक का बहुलक है-
(1) मोनोफ्लुओरो ऐथेन
(2) डाइफ्लुओरो ऐथेन
(3) टेट्राफ्लुओरो ऐथीन
(4) टेट्राफ्लुओरो ऐथेन ।
उत्तर:
(3) टेट्राफ्लुओरो ऐथीन

79. एथिलीन में कौन-सा कोण लगभग सही है ?
(1) 60°
(2) 120°
(3) 90°
(4) 109.5°
उत्तर:
(2) 120°

80. 1, 3-ब्यूटाडाईन की ब्रोमीन के साथ संघनन अभिक्रिया से प्राप्त होगा—
(1) केवल 1, 2 संघनन उत्पाद
(2) केवल 1 4 संघनन उत्पाद
(3) केवल 1, 2 तथा 1 4 संघनन उत्पाद
(4) इनमें से कुछ नहीं।
उत्तर:
(3) केवल 1, 2 तथा 1 4 संघनन उत्पाद

81. प्रोपाइन तथा प्रोपीन को पहचान सकते हैं-
(1) सान्द्र H2SO4 द्वारा
(2) CCl4 में Bl2 द्वारा
(3) तनु KMnO4 द्वारा
(4) अमोनिया में AgNO3 द्वारा।
उत्तर:
(4) अमोनिया में AgNO3 द्वारा।

82. टेट्राब्रोमोऐथेन को जिंक चूर्ण के साथ गर्म करने पर प्राप्त होता है.—
(1) ऐथेन
(2) एथीन
(3) एथाइन
(4) एथिल ब्रोमाइड ।
उत्तर:
(3) एथाइन

83. अम्लीय हाइड्रोजन उपस्थित होते हैं—
(1) ऐथेन में
(2) एथीन में
(3) एथाहन में
(4) बेन्जीन में
उत्तर:
(3) एथाहन में

84. सल्फर मोनोक्लोराइड एथिलीन से अभिक्रिया करके उत्पन्न करता हैं—
(1) मस्टर्ड गैस
(2) ल्यूसाइट
(3) सैकरीन
(4) थायोफीन
उत्तर:
(1) मस्टर्ड गैस

85. बेन्जीन का नाइट्रीकरण है
(1) नाभिक स्नेही प्रतिस्थापन
(2) इलेक्ट्रॉन-स्नेही प्रतिस्थापन
(3) नाभिक स्नेही योग
(4) इलेक्ट्रॉन स्नेही योग
उत्तर:
(2) इलेक्ट्रॉन-स्नेही प्रतिस्थापन

86. बेन्जीन में σ एवं π-इलेक्ट्रॉनों की संख्या है
(1) 24 σ इलेक्ट्रॉन एवं 6π इलेक्ट्रॉन
(2) 12 σ इलेक्ट्रॉन एवं 6π इलेक्ट्रॉन
(3) 12 σ इलेक्ट्रॉन एवं 3π इलेक्ट्रॉन
(4) 24 σ इलेक्ट्रॉन एवं 3π इलेक्ट्रॉन
उत्तर:
(1) 24 σ इलेक्ट्रॉन एवं 6π इलेक्ट्रॉन

87. निम्न में सबसे अधिक शक्तिशाली मेटा दैशिक है—
(1) -NO2
(2) -SO3H
(3) -CHO
(4)-COOH.
उत्तर:
(1) -NO2

88. BHC में द्विबन्धों की संख्या है—
(1) 1
(2) 2
(3) 3
(4) शून्य ।
उत्तर:
(4) शून्य ।

89. फ्रीडेल क्राफ्ट्स अभिक्रिया में शुष्क ऐल्यूमिनियम क्लोराइड का
कार्य है—
(1) जल अवशोषित करना
(2) हाइड्रोक्लोरीन अम्ल अवशोषित करना
(3) इलेक्ट्रॉन स्नेही उत्पन्न करना
(4) नाभिक स्नेही उत्पन्न करना ।
उत्तर:
(3) इलेक्ट्रॉन स्नेही उत्पन्न करना

90. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 3
(1) बुर्टन-फिटिंग अभिक्रिया
(2) कोल्बे अभिक्रिया
(3) फ्रीडेल-क्राफ्टस अभिक्रिया
(4) रोजेनमुन्ड अभिक्रिया।
उत्तर:
(3) फ्रीडेल क्राफ्टस अभिक्रिया

91. बेन्जीन अणु में कार्बन परमाणुओं की संकरण अवस्था होती है-
(1) sp
(2) sp2
(3) sp3
(4) sp2 एवं sp3
उत्तर:
(2) sp2

92. निम्न यौगिकों की इलेक्ट्रॉन स्नेही से अभिक्रिया का सही क्रम है-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 4
(1) II > III > I
(2) III > I > II
(3) I > II > III
(4) I > II > III
उत्तर:
(3) I > II > III

93. बेन्जीन अणु में C—C दूरी है
(1) 1.54A°
(2) 1.39 A
(3) 1.34 A°
(4) 1.20 A°
उत्तर:
(2) 1.39 A

94. बेन्जीन के नाइट्रीकरण के लिए नाइट्रीकरण मिश्रण देता है
(1) NO3
(2) NO2+
(3) NO2
(4) NO2
उत्तर:
(3) NO2

95. सांद्र HNO3 एवं सांद्र H2SO4 के मिश्रण के उपयोग से बेन्जीन के द्वारा नाइट्रोबेन्जीन बनाई जा सकती है, नाइट्रीकरण मिश्रण में HNO3 कार्य करता है—
(1) क्षार की तरह
(2) अम्ल की तरह
(3) अपचायक की तरह
(4) उत्प्रेरक की तरह।
उत्तर:
(1) क्षार की तरह

96. बेन्जीन की खोज की थी
(1) केवेन्डिस ने
(2) फैराडे ने
(3) बर्जीलियमस ने
(4) बोहलर ने
उत्तर:
(2) फैराडे ने

97. बेन्जीन में C—C—C बन्ध कोण होता है लगभग
(1) 90°
(2) 109°
(3) 120°
(4) 108
उत्तर:
(3) 120°

98. निम्न से कौन-सा समूह ऑर्थो पैरा दैशिक है
(1) -NO2
(2) -CN
(3)-COOH
(4) -OH.
उत्तर:
(4) -OH.

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

99. बेन्जीन AICI3 की उपस्थिति में CH3COCl के साथ देती है
(1) C6H5Cl
(2) C6H5CO2Cl
(3) C6H5 – CH3
(4) C6H5 – COCH3
उत्तर:
(4) C6H5 – COCH3

100. निम्न में से किसमें कार्बोक्सिलिक समूह नहीं हैं-
(1) बेन्जोइक अम्ल
(2) पिकरिक अम्ल
(3) ऐस्परिन
(4) ऐथेनोइक अम्ल ।
उत्तर:
(2) पिकरिक अम्ल

101. बेन्जेल्डिहाइड एवं फार्मेल्डिहाइड का मिश्रण जलीय NaOH के साथ गर्म करने से देता है—
(1) बेन्जिल ऐल्कोहॉल एवं सोडियम
(2) सोडियम बेन्जोएट एवं मेथिल ऐल्कोहॉल
(3) सोडियम बेन्जोएट एवं सोडियम फॉर्मेट
(4) बेन्जिल ऐल्कोहॉल एवं मैथिल ऐल्कोहॉल |
उत्तर:
(1) बेन्जिल ऐल्कोहॉल एवं सोडियम

102. निम्न यौगिकों में इलेक्ट्रॉन स्नेही प्रतिस्थापन के प्रति क्रियाशीलता का घटता क्रम होता है—
C6H5—CH3, C6H6. C6H5 – CO – CH3, C6H5 – CF3
(1) III > I > II > IV
(2) IV > I > II > III
( 3 ) I > II > III > V
( 4 ) II > I > III > IV
उत्तर:
(1) III > I > II > IV

103. टॉलूईन के फ्रीडेल- क्राफ्ट संश्लेषण में शुष्क AlCl3 के अतिरिक्त अन्य अधिकर्मक होते हैं-
(1) C6H6 + CH4
(2) C6H6 + CH3Cl
(3) C6H5Cl + CH3Cl
(4) C6H5Cl + CH4
उत्तर:
(2) C6H6 + CH3Cl

104. सोडियम बेन्जोएट एवं सोडालाइम का मिश्रण गर्म करने पर देता
(1) बेन्जीन
(2) मेथेन
(3) सोडियम बेन्जोएट
(4) कैल्सियम बेन्जोएट ।
उत्तर:
(1) बेन्जीन

105. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 5
(1) बेन्जोइक अम्ल
(2) सेलिसिलिक अम्ल
(3) फीनॉल
(4) ऐनिलीन।
उत्तर:
(4) ऐनिलीन।

106. फीनॉल Zn चूर्ण के साथ आसवन पर देता है—
(1) C6H6
(2) C6H5 – C6H5
(3) C6H12
(4) C6H5 – O – C6H5
उत्तर:
(1) C6H6

107. इलेक्ट्रान स्नेही नाइट्रीकरण के लिए सबसे अधिक क्रियाशील यौगिक
(1) बेन्जीन
(2) नाइट्रोबेन्जीन
(3) बेन्जोइक अम्ल
(4) टॉलूईन।
उत्तर:
(4) टॉलूईन।

108. निम्न में से किस पर इलेक्ट्रॉन स्नेही आक्रमण सबसे आसान होता
(1) C6H6
(2) C6H5 – Cl
(3) C6H5OH
(4) C6H5 – CH3
उत्तर:
(3) C6H5OH

109. C7H5OH से बेन्जीन रिंग युक्त कितने समायवी बनते हैं-
(1) 4
(2) 5
(3) 6
(4) 7
उत्तर:
(2) 5

110. क्रोमिल क्लोराइड द्वारा टॉलूईन के बेन्जोल्डिहाइड में ऑक्सीकरण को कहते हैं—
(1) रोजेनमुन्ठ अभिक्रिया
(2) बुर्ज अभिक्रिया
(3) इटार्ड अभिक्रिया
(4) फिटिंग अभिक्रिया ।
उत्तर:
(3) इटार्ड अभिक्रिया

111. HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 6
(1) 4- नाइट्रोक्लोरोबेन्जीन
(2) 1 नाइट्रो क्लोरो बेन्जीन
(3) 3- नाइट्रो क्लोरो बेन्जीन
(4) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(3) 3- नाइट्रो क्लोरो बेन्जीन

112. कार्बोक्सिलिक अम्ल है-
(1) फीनॉल
(2) फेनिल बेन्जोएट
(3) फेनिल ऐसीटेट
(4) सैलोल।
उत्तर:
(1) फीनॉल

अति लघु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
किसी ऐल्केन का पुन: संभवन क्यों किया जाता है ?
उत्तर:
किसी ऐल्केन की ऑक्टेन संख्या में वृद्धि करने के लिए पुन: संभवन किया जाता है। पुनः संभवन क्रिया उच्च ताप व उच्च दाब (28-50 वायुमण्डल दाब) पर होती है।

प्रश्न 2.
2, 2-डाइमेथिल ब्यूटेन में कितने द्वितीयक कार्बन हैं ?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 7

प्रश्न 3.
ऐथेन के ग्रस्त तथा सांतरित रूप साधारण ताप पर पृथक्कृत क्यों नहीं किए जा सकते हैं ?
उत्तर:
इन दोनों रूपों की ऊर्जाओं में अन्तर कम होने के कारण इन्हें साधारण ताप पर पृथक्कृत करना सम्भव नहीं होता।

प्रश्न 4.
ऐथेन के कितने संरूपण सम्भव हैं?
उत्तर:
असंख्य।

प्रश्न 5.
संरूपण क्या हैं?
उत्तर:
आबन्धों के विदलन के बिना एकल आबन्ध के परितः घूर्णन अथवा मरोड़न से प्राप्त संरचनाएँ संरूपण कहलाती हैं।

प्रश्न 6.
मेथेन को एथेन में परिवर्तित कीजिए।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 8

प्रश्न 7.
1, 2-डाइक्लोरोऐथेन के सांतरित रूप का न्यूमैन प्रक्षेपण खींचिए।
उत्तर-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 9

प्रश्न 8.
हाइड्रोकार्बन का मुब्य स्तोत बताइए।
उत्तर:
हाइड्रोकार्बन का मस्य रोत पेट्रोलियम है। घेट्टोलिखम चन्तनील विशेथ गन्थयकक्त गादे द्रव के रुप में पृथ्वी के नीचे कुछ विशेष स्तरों में पाबा जाता है। बह कार्बनिक पद्वार्थों के दौर्थकाल हक पृथ्वी के अन्दर द्वे रहने के कारण घनती है। पैट्टोलियम में भारी मात्रा में अनेक हाइड्रोकार्बन होते है। इन हाइड्रोकार्जन के साथ कूछ सोटोटिक बौगिक और नाइट्टोजन तथा सल्फर अदि की भी अल्प-मात्रा पाई जाती है। पेट्रोलियम के शोषन से प्राप्त कब्चे तेल्ल के प्रभाजी आसबन से हाइड्रोकार्बन प्राप्त हते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 10

प्रश्न 9.
सान्द्र H2SO4 ऐेघेन को सुखाने के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है, परन्तु ऐेखिलीन के लिए नही, समझाइए।
उत्तर:
क्यॉंकि ऐेषेन H2SO4 से कोई अभिक्रिजा नहाँ करती है, गबकि एधिलीन बान्द्र H2SO4 से अधिक्रिया करके एधिल हडड़्रोजन सल्फेट बनाती है।

प्रश्न 10.
ऐल्क्केन की क्रियाशीलता एल्कीनों एवं एल्काइ़ोनों से कम क्यों होती है।
उत्तर:
क्योंकि इनके C-C तथा C-H बन्ध क्रमशः अधुवीय एवं लगभग अपुवीय होते हैं। अतः भुवी आक्रमणकारी अभिकर्यक इन पर अक्रमण नहीं कर सकता है त्रबकि द्विबन्ध व त्रिबन्ध के π-इस्लेक्टॉन E+ को आकाषित कर लेते हैं।

प्रश्न 11.
मेखेन के सभी C-H बन्ध समान होते है, क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि मेयेन में कार्बन परमाणु sp3 संकरित होता है तथा सभी C-H बन्ष sp+ – 5 के अतिव्यापन से बने सिम्मा बन्ध होते हैं।

प्रश्न 12.
निओपेन्टेन केवल एक मोनो प्रतिस्थापन समाबयवी बेता है, बस्यों ?
उत्तर:
क्योंकि निओपेन्टेन [(CH3)4C] में उप्वस्वित सभी H समान 1° के होते है।

प्रश्न 13.
यह्छपि F की विद्युत ऋणात्मकता Cl से अधिक है, किन्यु CH3Cl का द्विशुव आघूर्ण CH3F से अधिक है, क्यों ?
उत्तर:
क्चोंकि C-Cl बन्ध की लम्बाई अधिक हेती है।

प्रश्न 14.
COOH समूह के विकार्थोक्सिलीकरण अभिक्रिया में प्रयुक्त होने वासा अभिकर्मक लिखें।
उत्तर:
सोडा लाइम (NaOH + CaO) ।

प्रश्न 15.
क्या CH4 एक रेखीय अणु है।
उत्तर:
नहीं।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

प्रश्न 16.
मेश्थेन के H-C-H कोण का मान बात्तए।
उत्तर:
109°28′

प्रश्न 17.
ऐल्केनों के दो अन्य सामान्य नाम बातइए।
उत्तर:

  1. संतृप्त हाइड्रोकार्बन,
  2. पैराफीन।

प्रश्न 18.
उन ऐल्केनों के नाम लिखें जिनमें कोई समावयवता नहीं होती।
उत्तर:
मेथेन, ऐथेन, प्रोपेन।

प्रश्न 19.
मार्श गैस का रासायनिक नाम लिखें।
उत्तर:
मेथेन (CH4)।

प्रश्न 20.
कृत्रिम कपूर के रूप में प्रयोग होने वाले रसायन के सूत्र लिखें।
उत्तर:
C2Cl6 हेक्साक्लोरोऐोथेन।

प्रश्न 21.
मेध्रेन की खोज किसने की ?
उत्तर:
वोल्गा ने।

प्रश्न 22.
सूर्य के प्रकाश में एल्केनों के हैलोजनीकरण करने के लिए क्लोरीन, ब्रोमीन एवं आयोडीन में सर्बाधिक क्रियाशील हैलोजन कौन है?
उत्तर:
क्लोरीन।

प्रश्न 23.
ऐल्केन के उस न्यूनतम समजात्त का नाम लिखें जो प्रकाश समावयवता प्रदशिंत करता है
उत्तर:
3-मेधिरन हेक्सेन।

प्रश्न 24.
वे कौन से एल्केन हैं, जो किसी भी प्रकार की समावयवता को प्रदर्शित नहीं करते हैं?
उत्तर:
मेथेन, ऐथेन तथा प्रोपेन।

प्रश्न 25.
ऐल्केन की क्रियाशीलता एल्कीन तथा एल्काइनों से कम होती है। क्यों ?
उत्तर:
ऐल्केन में C-C तथा C-H आबन्ध लगभग अध्रुवीय होते है। जिसके कारण ध्रुवी आक्रमणकारी अभिकमक इन पर आक्रमण नहीं कर सकता है, जबकि प्विबन्ध व त्रिवन्ध के π-द्लेक्ट्रॉन E+ को आकर्षित कर लेते हैं।

प्रश्न 26.
सान्द्र H2SO4 के द्वारा एथेन को शुष्क किया ज्ञा सकता है, परन्तु एमीन को नहीं। क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि ऐथीन H2SO4 में अवशोषित हो जाती है तथा एथिलीन हाइड्रोजन सल्फेट बनाती है।

प्रश्न 27.
मेथेन के सभी C-H बन्ध समान होते हैं, क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि मेथेन में कार्बन परमाणु sp2 संकरित होता है तथा सभी C-H बन्ध sp3s के अतिव्यापन से बने सिग्मा बन्ध होते हैं।

प्रश्न 28.
ब्यूटेन को घरेलू ईंधन के रूप में प्रयोग करते हैं, क्यों ?
उत्तर:
ब्यूटेन के दोनों समावयवी (n वे आइसो) आसानी से द्रवीकृत हो जाते हैं तथा इन्हें सिलिण्डर में रखा जा सकता है। इसके अलावा सिलिण्डर को आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है।

प्रश्न 29.
L.P.G. गैस के प्रमुख घटक बताइये।
उत्तर:
यह द्रवित प्रोपेन तथा ब्यूटेन का मिश्रण होती है।

प्रश्न 30.
कैलोरी गैस के प्रमुख घटक कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
कैलोरी गैस द्रवित ब्यूटेन (n-ब्यूटेन + आइसो ब्यूटेन) का मिश्रण होती है।

प्रश्न 31.
कम तापमान वाले तापमापी में कौन-सी ऐल्केन प्रयुक्त होती है?
उत्तर:
कम तापमान वाले तापमापी में पेन्टेन (C5H12) प्रयुक्त होती है।

प्रश्न 32.
लिण्डलार अभिकर्मक किसे कहते हैं?
उत्तर:
पैलेडियम तथा कार्बन Pd/C को लिण्डला उत्प्रेरक कहते हैं।

प्रश्न 33.
ब्यूटेन के दहन की क्रिया की समीकरण दीजिये।
उत्तर:
\(\mathrm{C}_4 \mathrm{H}_{10(\mathrm{~g})}+\frac{13}{2} \mathrm{O}_{2(\mathrm{~g})} \rightarrow 4 \mathrm{CO}_{2(\mathrm{~g})}+5 \mathrm{H}_2 \mathrm{O}_{(3)} \Delta \mathrm{H}=-n \mathrm{e}\)

प्रश्न 34.
ऐल्केन के दहन का सामान्य सूत्र दें।
उत्तर:
\(\mathrm{C}_n \mathrm{H}_{2 n+2}+\left(\frac{3 n+1}{2}\right) \mathrm{O}_2 \rightarrow n \mathrm{CO}_2+(n+1) \mathrm{H}_2 \mathrm{O}\)

प्रश्न 35.
प्रोपेन के नाइट्रीकरण से कौन-कौन से उत्पाद बनाते है?
उत्तर:
नाइट्रो मेथेन, नाइट्रो ऐथेन, 1-नाइट्रो प्रोपेन तथा 2-नाइट्रो प्रोपेन बनती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 11

प्रश्न 36.
ऐल्केन के नियन्त्रित ऑक्सीकरण की क्रिया दीजिये तथा बनने वाले उत्पाद का नाम भी बताइये।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 12

प्रश्न 37.
निओपेन्टेन केवल एक मोनो प्रतिस्थापन समावयवी देता है, क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि निओ पेन्टेन [(CH3)4C] में उपस्थित सभी H समान (1° की) होती हैं।

प्रश्न 38.
n-पेन्टेन, आइसो ब्यूटेन व निओपेन्टेन के सूत्र लिखें।
उत्तर:
n-पेन्टेन-CH3CH2CH2CH2CH3
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 13

प्रश्न 39.
2-मेथिल ब्यूटेन में 1°, 2°, 3° हाइड्रोजन प्रदर्शित करें।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 14

प्रश्न 40.
n-पेन्टेन तथा आइसो पेन्टेन में से किसका क्वधनांक उच्च है ? और क्यों ?
उत्तर:
n-पेन्टेन का क्वधनांक उच्च होता है क्योंकि इसका पृष्टीय क्षेत्रफल अधिक होता है।

प्रश्न 41.
तेलों के हाइड्रोजनीकरता से वनस्पति घी बनाने में किस ऊप्रेरक का उप्रयोग किया जाता है ?
उत्तर:
वेलों के हाइड्रोजनीकरण से वनस्पति घी के निर्माण की क्रिया निकिल उत्प्रेरक के माध्यम में होती है।

प्रश्न 42.
मेथेन और ऑक्सीजन के मिश्रण को गर्म MoO पर प्रवाहित करने से बनने वाले उत्पाद का नाम बताइये।
उत्तर:
मेथेन और औंक्सीजन के मिश्रण को गर्म MoO पर प्रवाहित करने पर मेथेनेल (HCHO) प्राप्त होता है।

प्रश्न 43.
C8H18 आणिबक सूत्र वाले उस ऐल्केन की संरचना बताइये जो क्लोरोनीकरण कराने पर मात्र एक मोनोक्लोरो व्युत्पन्न घनाती है।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 15

प्रश्न 44.
ऐथेन में C-C एकल बन्ध का घूर्णन मुक्त नहीं होता है। क्यों ?
उत्तर:
ऐेथेन में C-C एकल बन्ध का यूर्णन मुक्त नहीं होता है। ऐसा प्रतिकर्षण अन्योन्य क्रिया के कारण होता है। यह घूर्णन 1 से 20kJ mol-1 तक की ऊर्जा द्वारा बाधित ह्रेता है। यहाँ पर प्रतिकर्षण के बावनूद C-C एकल आबन्ध में घूर्णन होता हैं जिसके फलस्वरूप असंख्य संरूपण सम्भव हैं। इन असंख्य संरूपणों को संरूपणीय समावयव या घूर्णी समावयव भी कहते है।

प्रश्न 45.
नाभिकस्नेही व इलेक्ट्रॉनस्नेही स्पीशीज को छाँटें।
(1) H3CO,
(2) H3 C-C-O-,
(3) Cl,
(4) Cl2 C:,
(5) (H3C)3C+,
(6) Br,
(7) H3COH,
(8) R-NH-R
उत्तर:
नाभिक-स्नेही-
(1) H3CO-
(2) IMG – 16
(3) CH3-O-H
(4) RNHR
इलेक्ट्रॉन स्नेही- (1) Cl, (2) Cl2, C:, (3) (H3C)3 C+

प्रश्न 46.
2-मेथिल प्रोपेन के मोनोक्लोरीनीकरण के दौरान बनने वाले दोनों हाइड्रोकार्बन मूलक को लिखें व बतायें कि इनमें से कौन-सा अधिक स्थायी है ?
उत्तर:
2-मेथिल प्रोपेन से निम्न दो मूलक बनते हैं-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 17
मूलक (I) का स्थायित्व मूलक (II) से अधिक है क्योंकि मूलक (I) तृतीयक है जबकि मूलक (II) द्वितीयक है।

प्रश्न 47.
ऐथिलीन के प्रमुख उपयोगों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
ऐथिलीन का प्रयोग निम्नलिखित कार्यों में होता है-

  1. ग्लाइकॉल, ऐथिल, ऐल्कोहॉल, फॉर्मेल्डिहाइड, ऐथेन आदि के बनाने में।
  2. कच्चे फलों को कृत्रिक विधि से पकाने में।
  3. पॉलिथीन बहुलक बनाने में।
  4. निश्चेतक के रूप में तथा युद्ध में मारक (killer) मस्टर्ड गैस बनाने में।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

प्रश्न 48.
किसी कार्बनिक यौगिक में आप असंतृप्तता की उपस्थिति की जाँच कैसे करेंगे?
उत्तर:
ब्रोमीन जल मिलाकर; यदि ब्रोमीन जल मिलाने पर यह रंगहीन हो जाता है तो यौगिक असंतृप्त है।

प्रश्न 49.
ऐल्कीन के प्रति HCl, HBr, HI तथा HF की क्रियाशीलता का घटता क्रम लिखिए।
उत्तर:
HI > HBr > HCl> HF

प्रश्न 50.
क्या होता है जब ऐथेनॉल को सान्द्र H2SO4 के साथ 443K पर गर्म किया जाता है?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 18

प्रश्न 51.
HCI, HBr, HI एवं HF को एल्कीनों के साथ क्रियाशीलता के घटते क्रम में लिखें।
उत्तर:
HI > HBr > HCl > HF

प्रश्न 52.
ऐधिलीन और हाइपोक्लोरस अम्ल की अभिक्रिया लिखें।
उत्तर:
CH2 = CH2 + HOCl → HOCH2.Ch2Cl

प्रश्न 53.
उन ओलिफिनों के सूत्र लिखें जो ओजोनीकरण पर निम्न उत्पाद देती हों-
(1) 2-पेन्टेनॉन एवं ऐसीटेल्डिहाइड
(2) 2-पेन्टेनॉन केवल
(3) ऐसीटोन एवं 2-मेथिल प्रोपेनल
(4) ऐथेनेल एवं मेथेनल
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 19

प्रश्न 54.
हाइड्रोकार्बन का सूत्र C3H6 है। इसकी संरचना बताओ यदि –
(1) यह बॉयर अभिकर्मक का रंग उड़ा देती है।
(2) यह बॉयर अभिकर्मक का रंग नहीं उड़ाती है।
उत्तर:
(1) CH3CH = CH2
प्रोपीन
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 20

प्रश्न 55.
मस्टर्ड गैस का सूत्र लिखो।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 21

प्रश्न 56.
ऐथिलीन व ऐथेन में कैसे विभेद करेंगे ?
उत्तर:
ऐथिलीन बॉयर अभिकर्मक का रंग उड़ा देती है, जबकि ऐथेन नहीं।

प्रश्न 57.
2-क्लोरोप्रोपेने के समपक्ष एवं विपक्ष ज्यामितीय समावयवती प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 22

प्रश्न 58.
एक ऐल्कीन C4H8,HBr से योगात्मक अभिक्रिया पर ऑक्साइड की उपस्थिति एवं अनुपस्थिति में एक ही उत्पाद देती है। एल्कीन बताओ।
उत्तर:
ऐल्कीन सममिति होनी चाहिए। अतः एल्कीन होगी,
CH3CH = CH-CH3

प्रश्न 59.
ऐल्कीन का सामान्य सूत्र लिखो।
उत्तर:
CnH2n

प्रश्न 60.
| के ओजोनीकरण से क्या प्राप्त होगा ?
उत्तर:
OHCCH2.CH2CHO.

प्रश्न 61.
ऐल्कीन में द्विआबन्ध की उपस्थिति की पहचान करने में प्रयुक्त हैलोजन का नाम बताइये।
उत्तर:
Br2

प्रश्न 62.
उस अभिक्रिया को बताइये जिसमें हैलोऐल्केन को ऐल्कोहॉली KOH के साथ गर्म किया जाता है।
उत्तर:
विहाइड्रोहैलोजनीकरण।

प्रश्न 63.
ऐथाइन को एथीन में परिवर्तित करने के लिये प्रयुक्त होने वाले उत्त्रेरक का नाम बताइये।
उत्तर:
लिण्डलार उत्प्रेरक।

प्रश्न 64.
ब्यूट-2-ईन के ओजोनी अपघटन से प्राप्त होने वाले उत्पाद के नाम लिखें।
उत्तर:
केवल ऐथेनेल।

प्रश्न 65.
मारकोनीकॉफ नियम में प्रयुक्त क्रियाविधि की प्रकृति बताइये।
उत्तर:
मारकोनीकॉफ नियम में प्रयुक्त क्रियाविधि की प्रकृति आयनिक होती है।

प्रश्न 66.
ऐल्कीन में द्विआबन्ध की स्थिति कैसे निर्धारित करेंगे ?
उत्तर:
ओजोनी अपघटन के द्वारा।

प्रश्न 67.
क्या प्रोपीन से HCl के योग में परॉक्साइड प्रभाव प्रभावी है?
उत्तर:
नहीं।

प्रश्न 68.
तनु क्षारीय KMnO4 क्या कहलाता है?
उत्तर:
बेयर अभिकर्मक।

प्रश्न 69.
मारकोनीकॉफ का नियम बताइये।
उत्तर:
इसके अनुसार क्रियाकारक का ऋणात्मक भाग उस कार्बन परमाणु पर जाता है जिस पर हाइड्रोजन परमाणु की संख्या न्यूनतम होती है।
उदाहरण:CH3—CH = CH2 + H – Cl→
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 23

प्रश्न 70.
खराश प्रभाव क्या कहा जाता है?
उत्तर:
इसे एन्टी मारकोनीकॉफ कहते हैं।
उदाहरण-
\(\mathrm{CH}_3-\mathrm{CH}=\mathrm{CH}_2+\mathrm{H}-\mathrm{Br} \frac{\mathrm{O}_3}{\mathrm{H}_2 \mathrm{O}_2} \mathrm{CH}_3-\mathrm{CH}_2 \mathrm{CH}_2 \mathrm{Br}\) 1- ब्रोमो प्रोपेन

प्रश्न 71.
प्रोपीन पर HBr का योग HCl तथा HI से भिन्न प्रकार का होता है?
उत्तर:
HBr बन्ध कमजोर होता है तथा यह टूट जाता है और मुक्त मूलक बनाता है जबकि HF, HCI तथा HI मुक्त मूलक नहीं बनाते हैं।

प्रश्न 72.
ऐथीन के बहुलकीकरण की व्याख्या करें।
उत्तर:
ऐथीन का बहुलकीकरण ताप द्वारा होता है तथा उत्पाद पॉलिथीन बनती है।
उदाहरण:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 24

प्रश्न 73.
निम्न अभिक्रिया को पूर्ण करें।
(1) \(\mathbf{C H}_3-\mathbf{C H}=\mathbf{C H}_2 \frac{(\mathrm{Ph}-\mathrm{CO}-\mathrm{O})_2}{\mathrm{HBr}}\)
(2) \(\mathbf{C H}_3-\mathbf{C H}=\mathbf{C H}_2 \stackrel{\mathrm{HBr}}{\longrightarrow}\)
उत्तर:
(1) \(\mathrm{CH}_3-\mathrm{CH}=\mathrm{CH}_2 \frac{(\mathrm{PhCOO})_2}{\mathrm{HBr}} \rightarrow \mathrm{CH}_3-\mathrm{CH}_2-\mathrm{CH}_2 \mathrm{Br}\) एण्टी मारकोनीकॉफ का नियम

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 25

प्रश्न 74.
ऐल्कीन में ज्यामितीय समावयवता क्यों होती है ?
उत्तर:
ऐल्कीन में π-बन्ध पाया जाता है। इस π-बन्ध के परित: घूर्णन सम्भव नहीं होता। अतः ये ज्यामितीय समावयव बनते हैं।

प्रश्न 75.
ऐल्काइन से क्या समझते हैं?
उत्तर:
कार्बन – कार्बन त्रिबन्ध (C ≡ C) युक्त असंतृप्त हाइड्रोकार्बन को ऐल्काइन कहते हैं।

प्रश्न 76.
ऐल्काइन का सामान्य सूत्र क्या है?
उत्तर:
CnH2n-2 अथवा R—C ≡ C—R

प्रश्न 77.
संगत ऐल्केन की अपेक्षा ऐल्काइनों में कितने हाइड्रोजन कम होते है ?
उत्तर:
चार हाइड्रोजन कम होते हैं।

प्रश्न 78.
ऐल्काइनों की संरचना कैसी होती है?
उत्तर:
ऐल्काइनों की संरचना रेखीय होती है।

प्रश्न 79.
ऐल्काइन श्रेणी का प्रथम सदस्य कौन-सा है ?
उत्तर:
ऐथाइन या ऐसीटिलीन

प्रश्न 80.
ऐल्काइनों में त्रिबन्ध से जुड़े दोनों कार्बनों में किस प्रकार का संकरण होता है?
उत्तर:
ऐल्काइनों में त्रिबन्ध से जुड़े दोनों कार्बन sp- संकरित होते है।

प्रश्न 81.
ऐल्काइनों में ≡ C—H (sp—s) बन्ध में $ लक्षण कितना होता है ?
उत्तर:
50%

प्रश्न 82.
त्रिबन्ध के प्रत्येक कार्बन परमाणु पर कितने असंकरित p-कक्षक होते हैं?
उत्तर:
दो असंकरित p-कक्षक py तथा pzहोते हैं।

प्रश्न 83.
त्रिबन्ध के प्रत्येक कार्बन परमाणु पर दो असंकरित p- कक्षक संपाश्विक अतिव्यापन से कितने बन्ध बनाते हैं?
उत्तर:
दो बन्ध बनाते हैं।

प्रश्न 84.
त्रिबन्ध के दोनों बन्धों की त्रिविम स्थिति किस प्रकार की होती है?
उत्तर:
प्रत्येक कार्बन पर उपस्थित दोनों p-कक्षक के अक्ष एक-दूसरे से तथा sp-संकरित कक्षकों से 90° का कोण बनाते हैं।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

प्रश्न 85.
दो बन्ध के चारों पिण्डक नाभिकों को जोड़ने वाली रेखा के चारों ओर किस रूप से रहते हैं?
उत्तर:
दोनों बन्धों के चारों पिण्डक नाभिकों को जोड़ने वाली रेखा के चारों ओर एक बेलनाकार आच्छद (Cylindrical sheath) के रूप में स्थित रहते हैं।

प्रश्न 86.
CHI3 को चाँदी के साथ गर्म करने पर क्या पदार्थ बनता है?
उत्तर:
ऐसीटिलीन ।

प्रश्न 87.
अमोनियामय सिल्वर नाइट्रेट विलयन में ऐसीटिलीन प्रवाहित करने पर क्या बनता है?
उत्तर:
सिल्वर ऐसीटैलाइड बनता है।

प्रश्न 88.
ऐसीटिलीन के द्विलकीकरण से क्या बनता है?
उत्तर:
वाइनिल ऐसीटिलीन ।

प्रश्न 89.
प्रोपाइन के त्रिलकीकरण से क्या उत्पाद बनता है?
उत्तर:
मेसिटिलीन ।

प्रश्न 90.
कृत्रिम रबड़ का नाम है?
उत्तर:
नियोप्रीन रबड़ ।

प्रश्न 91.
ऐसीटिलीन के कार्बोनिलीकरण से क्या बनता है?
उत्तर:
ऐक्राइलिक अम्ल ।

प्रश्न 92.
C2H2 का क्रोमिक अम्ल द्वारा ऑक्सीकरण करने पर क्या बनता है?
उत्तर:
ऐसीटिक अम्ल ।

प्रश्न 93.
ल्यूसाइट किस प्रकार प्राप्त होती हैं?
उत्तर:
ऐसीटिलीन पर आर्सेनिक क्लोराइड की क्रिया से ।

प्रश्न 94.
ऐथाइन को प्रोपाइन में परिवर्तित कीजिए ।
उत्तर:
HC ≡ CH+ NaNH2 → एथाइन
HC = CNa+ + Cl CH3 → HC ≡ C—CH3 + NaCl प्रोपाइन

प्रश्न 95.
ऐसीटिलीन के प्रमुख उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:

  1. ऐसीटिलीन से ऑक्सी-ऐसीटिलीन ज्वाला बनाई जाती है जिसे धातु को काटने एवं जोड़ने में प्रयोग किया जाता हैं
  2. कच्चे फलों को पकाने में।
  3. कार्बनिक यौगिकों; जैसे—बेन्जीन, कृत्रिम रबर, ऐसीटेल्डिहाइड, ऐसीटिक अम्ल आदि के निर्माण में ।

प्रश्न 96.
ऐसीटिलीन के H-अम्लीय होते हैं, किन्तु यह NaOH अथवा KOH से क्रिया नहीं करते हैं। क्यों ?
उत्तर:
यह अति दुर्बल अम्ल है तथा कुछ क्षारों जैसे- NaNH2 के साथ क्रिया करता है।

प्रश्न 97.
1-ब्यूटीन व 1- ब्यूटाइन में किसका द्विध्रुव आघूर्ण अधिक है और क्यों ?
उत्तर:
CH3CH2C ≡ CH व CH3CH3CH = CH2 में 1 – ब्यूटाइन का आघूर्ण अधिक होता है क्योंकि C ≡ C में sp2 संकरित होता है। sp- संकरित कक्षकों की विद्युतऋणात्मकता अधिक होने के कारण इसके बन्ध अधिक ध्रुवित होते हैं।

प्रश्न 98.
C–C, C = C में, C ≡ C में, C ≡ C की बन्ध लम्बाई न्यूनतम होती है क्यों?
उत्तर:
C ≡ C में σ बन्ध छोटे आकार की sp-sp कक्षकों के बीच बनता है। s- चरित्र घटने से संकरित कक्षक छोटे होते हैं। तथा अतिव्यापन की प्रकृति अधिक होती है।

प्रश्न 99.
यद्यपि ऐसीटिलीन के C–H बन्ध ऊर्जा ऐल्केन व ऐल्कीन के C–H बन्ध से अधिक हाती है, किन्तु ऐसीटिलीन अम्लीय है, क्यों?
उत्तर:
चूँकि ऐसीटिलीन के CH बन्ध की ध्रुवता अधिक होती है। यह बन्ध sp3 व sp2 से अधिक विद्युत ऋणात्मक कक्षकों के s-कक्षक के साथ अतिव्यापन से बनता है।

प्रश्न 100.
इलेक्ट्रॉन स्नेही अभिक्रियाओं में ऐल्कीनों की क्रियाशीलता, ऐल्काइनों से अधिक क्यों होती है। ?
उत्तर:
क्योंकि ऐल्काइनों पर E+ के योग से बनने वाला ब्रिजयुक्त कार्बोधनायन, ऐल्कीनों पर योग से बनने वाले कार्बोधनायन से कम स्थायी है।

प्रश्न 101.
CH2 = CH- अधिक क्षारीय है, HC ≡ C से क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि संयुग्नी अम्ल CH ≡ CH, CH2 = CH2 से अधिक अम्लीय है।

प्रश्न 102.
ऐसीटिलीन श्रेणी के प्रथम तीन सदस्यों के सूत्र लिखें ?
उत्तर:
C2H2, C3H4, C4H6

प्रश्न 103.
-C ≡ C—बन्ध को क्या कहते हैं?
उत्तर:
ऐसीटिलीनिक बन्ध ।

प्रश्न 104.
दो कार्बन परमाणुओं से युक्त हाइड्रोकार्बन ‘क’ बॉयर अभिकर्मक का रंग उड़ा देता है। Cu2cl2/ NH4OH में प्रवाहित करने पर यह अवक्षेप देता है। इसकी प्रकृति बताइए ?
उत्तर:
यह ऐसीटिलीन है तथा इसमें त्रिबन्ध पाया जाता है।

प्रश्न 105.
ऐसीटिलीन के प्रमुख उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
PH3, H2S, AsH3, NH3 आदि।

प्रश्न 106.
ऐसीटिलीन की अम्लीय प्रकृति को सिद्ध करने के लिये एक रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
सोडियम के साथ यह ऐसीलाइड देता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 26

प्रश्न 107.
एथिलीन व ऐसीटिलीन कैसे विभेद करेंगे।
उत्तर:
सोडियम से क्रिया करके ऐसीटिलीन H2 मुक्त करती है, जबकि एथिलीन नहीं करती है।

प्रश्न 108.
त्रिक-बन्ध पर जुड़ा N परमाणु क्या कहलाता है तथा इसकी प्रकृति कैसी होती है?
उत्तर:
ऐसीटिलीनिक हाइड्रोजन अम्लीय प्रकृति ।

प्रश्न 109.
अधिकतम ऐसीटिलीनिक हाइड्रोजन की संख्या किसी यौगिक में कितनी हो सकती है तथा किसमें ।
उत्तर:
दो, ऐसीटिलीन में (CH ≡ CH)

प्रश्न 110.
मोनो प्रतिस्थापित एवं डाइप्रतिस्थापित ऐसीटिलीन को क्या कहते हैं? इनमें अम्लीय H कितने होते हैं।
उत्तर:
मोनो प्रतिस्थापित ऐसीटिलीन — RC ≡ CH—अम्लीय H = 1
डाई प्रतिस्थापित ऐसीटिलीन — RC ≡ CR—अम्लीय H = 0

प्रश्न 111.
ऐल्काइन का अपचयन NH3(3) में Na के साथ करने पर एक ट्रान्स- ऐल्कीन प्राप्त होती है क्या 2-ब्यूटाइन का अपचयन करने पर ब्यूटीन प्राप्त होगी।
उत्तर:
—CH3—C ≡ C—CH3
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 27
2- ब्यूटीन ज्यामितीय समावयवता प्रदर्शित कर सकती है।

प्रश्न 112.
ऐसीटिलीन से नाइट्रोबेन्जीन किस प्रकार बनायेंगे ?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 28

प्रश्न 113.
ऐल्काइन ज्यामितीय समावयवता क्यों नहीं प्रदर्शित करती है ?
उत्तर:
ऐल्काइन की संरचना रेखीय होती है अतः यह ज्यामितीय समावयवता प्रदर्शित नहीं करती है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

प्रश्न 114.
C5H10 के विभिन्न साइक्लो समावयव बनायें ।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 29
\(\mathrm{CH} \equiv \mathrm{CH}+\mathrm{HC} \equiv \mathrm{CH} \frac{\mathrm{Cu}_2 \mathrm{Cl}_2}{\mathrm{CH}_4 \mathrm{OH}} \mathrm{CH}_2=\mathrm{CH}-\mathrm{C} \equiv \mathrm{CH}\) वाइनिल ऐसीटिलीन

प्रश्न 115.
संगलित वलय तथा विलगित वलय यौगिकों का एक-एक उदाहरण दीजिए तथा इनके संरचना सूत्र लिखिए।
उत्तर:
संगलित वलय उदाहरण नैफ्थलीन ।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 30
विलगित वलय उदाहरण – डाइफैनिल
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 31
डाइफैनिल

प्रश्न 116.
90% बेंजॉल के मुख्य घटक क्या-क्या हैं?
उत्तर:
बेंजीन (70%), टॉलूईन (24%), जाइलीन (थोड़ी मात्रा में ) ।

प्रश्न 117.
बेंजीन की संरचना बनाइए जो बायर और डेवार ने दी।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 32

प्रश्न 118.
बेंजीन, सल्फोनीकरण का रासायनिक समीकरण लिखिए।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 33

प्रश्न 119.
बेन्जीन m-डाइनाइट्रोबेन्जीन तथा टॉलूईन में से किसका नाइट्रीकरण आसानी से होता है और क्यों ?
उत्तर:
टॉलूईन का नाइट्रीकरण सरलता से होता है, क्योंकि-CH3 समूह इलेक्ट्रॉन विमुक्त समूह होता है। यह बेन्जीन वलय पर इलेक्ट्रॉन- घनत्व बढ़ा देता है।

प्रश्न 120.
बेन्जीन के ऐथिलीकरण में निर्जल ऐलुमिनियम क्लोराइड के स्थान पर कोई दूसरा लुइस अम्ल सुझाइए ।
उत्तर:
फेरिक क्लोराइड (FeCl3) अन्य लुइस अम्ल है। जिसे प्रयोग किया जा सकता है यह इलेक्ट्रॉनस्नेही (C2H5+) उत्पन्न करने में सहायता करता है।

प्रश्न 121.
बेंजीन को ऐसीटोफीनोन में परिवर्तित करो ?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 34

प्रश्न 122.
बेन्जीन से ब्रोमीन की संकलन अभिक्रिया कठिन क्यों होती है?
उत्तर:
π-इलेक्ट्रॉनों के विस्थानीकृत होने के कारण बेन्जीन से ब्रोमीन की संकलन अभिक्रिया कठिन होती है। इसमें परिशुद्ध द्विआबन्ध नहीं होते है।

प्रश्न 123.
क्या होता है जब बेन्जीन को सूर्य के प्रकार की उपस्थिति में क्लोरीन के अधिक्य से अभिकृत कराया जाता है। रासायनिक समीकरण दीजिए।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 35

प्रश्न 124.
बैन्जीन अंसतृप्त यौगिक होते हुये भी सामान्यतः योग अभिक्रियाएँ नहीं देता, क्यों?
उत्तर:
योग उत्पाद प्रति ऐरोमैटिक होने के कारण प्रतिस्थापन उत्पाद ( ऐरोमैटिक) से कम स्थायी होते हैं।

प्रश्न 125.
t- ब्यूटिल बैन्जीन, ऑक्सीकृत होकर बैन्जोइक अम्ल नहीं देता, क्यों?
उत्तर:
नाभिक से जुड़े C-परमाणु [-C(CH3)3] पर H-परमाणु नहीं है।

प्रश्न 126.
फेनिल समूह-1 प्रभाव प्रदर्शित करता है, किन्तु डाइफेनिल के दोनों नाभिक इलेक्ट्रॉन-स्नेही अभिक्रियाओं में बैन्जीन से अधिक क्रियाशील है, क्यों?
उत्तर:
फेनिल समूहों के M व + E प्रभाव के कारण।

प्रश्न 127.
साइक्लो ओक्टाटेटाईन, बैन्जीन से कम स्थायी क्यों है?
उत्तर:
हकेल के नियमानुसार, साइक्लो ओक्टा टेट्राईन प्रति ऐरामैटिक यौगिक है, जबकि बैन्जीन ऐरोमैटिक यौगिक है। अतः बेन्जीन अनुनाद प्रदर्शित करने के कारण अधिक स्थायी है।

प्रश्न 128.
फ्रीडल क्राफ्ट अभिक्रिया में मोनोएल्किल बैन्जीन बनाने के लिये बैन्जीन आधिक्य में लेते हैं, क्यों?
उत्तर:
बैन्जीन की कमी में बहुऐल्किलीकृत बैन्जीन प्राप्त होगी। अतः बहुऐल्किलीकरण को रोकने के लिये बैन्जीन को अधिक्य में लेते हैं।

प्रश्न 129.
बैन्जीन कपड़ों से वसा के दाग हटा देती है, क्यों ?
उत्तर:
क्योंकि वसा अध्रुवित विलायक बैन्जीन में विलेय है।

प्रश्न 130.
कमरे के ताप पर O हाइड्रॉक्सी-बैन्जेल्डिहाइड द्रव है, जबकि p-हाइड्रॉक्सी बैन्जेल्ड़हाइड उच्च गलनांक का ठोस है, क्यों ?
उत्तर:
p-हाइड्रॉक्सी बैन्जेल्ड़्ड़ाइड में अन्तरा अणुक हाइड्रोजन बन्ध बनते है, जबकि O हाइड्रॉक्सी बैन्जेल्डिहाइड में अन्तः हाइड्रोजन बन्ध बनते हैं, जो क्षीण होते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 36

प्रश्न 131.
आर्थो एवं पैरा दैशिक प्रभाव वाले समूह बैन्जीन नाभिक की सक्रियता बढ़ा देते हैं, क्यों?
उत्तर:
ये समूह इलेक्ट्रॉन मुक्त करने वाले होते हैं, जिनकी उपस्थिति में बैन्जीन नाभिक पर इलेक्ट्रॉन घनत्व बढ़ जाता है तथा इसकी सक्रियता बढ़ जाती है।

प्रश्न 132.
ऐरोमैटिक शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया?
उत्तर:
केकुले नै ।

प्रश्न 133.
एक यौगिक जलाने पर धुएँदार ज्वाला से जलता है। इसकी प्रकृति बताओ ?
उत्तर:
ऐरोमैटिक ।

प्रश्न 134.
बेन्जीन में C-C बन्ध की लम्बाई कितनी होती है।
उत्तर:
1.39A°।

प्रश्न 135.
नॉन-बैन्जीनाएड ऐरोमैटिक यौगिक क्या हैं?
उत्तर:
वे ऐरोमैटिक यौगिक जिनमें नाभिक नहीं होते हैं।

प्रश्न 136.
एक ऐरोमैटिक यौगिक जो धुएँदार ज्वाला से नहीं जलता, उसका नाम लिखें?
उत्तर:
बैन्जिल ऐल्कोहॉल |

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

प्रश्न 137.
एरीन क्या हैं?
उत्तर:
ऐरोमैटिक हाइड्रोकार्बन ।

प्रश्न 138.
विषम चक्रीय ऐरोमैटिक यौगिक क्या हैं?
उत्तर:
वे ऐरोमैटिक यौगिक जिनके रिंग में कोई विषम परमाणु होता है। उदाहरणार्थ पिरिडीन ।

प्रश्न 139.
ऐरोमैटिक यौगिक किस प्रकार की अभिक्रियाएँ देते हैं।
उत्तर:
सामान्यतः इलेक्ट्रॉन स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ।

प्रश्न 140.
बैन्जीन की खोज किसने की।
उत्तर:
माइकल फैराडे ने।

प्रश्न 141.
B.H.C क्या है?
उत्तर:
बैन्जीन हैक्साक्लोराइड़ (B.H.C) एक कीटानाशक है।

प्रश्न 142.
आप कैसे सिद्ध करोगे कि
(i) बैन्जीन असंतृप्त यौगिक है।
(ii) इसमें तीन द्विबन्ध है।
(iii) ये बन्ध सामान्य द्विबन्ध से भिन्न हैं।
उत्तर:
(i) बेंजीन योग अभिक्रिया देता है।
(ii) यह अणु 3H2, 3Cl2 या 3O3 का योग करता है।
(iii) यह HOX या HX की अभिक्रियाओं को नहीं देता है।

प्रश्न 143.
बेन्जीन को निम्न में से कैसे परिवर्तित करोगे
(1) p- नाइट्रोनोमोबेन्जीन
(2) m-नाइट्रोनोमोबेन्जीन
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 37

प्रश्न 144.
निम्न यौगिकों को अभिक्रिया के घटते क्रम में व्यवस्थित करें।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 38
उत्तर:
अभिक्रिया का घटता क्रम-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 39

प्रश्न 145.
अभिक्रिया पूर्ण करें-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 40
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 41

लघु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
1 मोल ब्यूटेन के पूर्ण दहन के लिए कितने मोल O2 की आवश्यकता होती है ?
उत्तर:
\(\frac { 13 }{ 2 }\) मोल O2 की
C4H10 + \(\frac { 13 }{ 2 }\) O2 → 4CO2 + 5H2O

प्रश्न 2.
निम्नलिखित यौगिक में 1°, 2°, 3° एवं 4° कार्बन छाँटिए।
(1) 3-ऐथिल-2-मेथिल हेक्सेन
(2) 2, 2, 4-ट्राईमेथिल पेन्टेन।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 42

प्रश्न 3.
क्या होता है जब-
(i) CH3COONa को सोड़ा लाइम के साथ गर्म करते हैं?
(ii) Al4C3 का जल अपघटन करते हैं?
(iii) मेथिल आयोडाइड को सोडियम व ईथर के साथ गर्म करते हैं?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 43

प्रश्न 4.
क्या होता है जब-
(i) ऐसीटिक अम्ल का उत्र्रेरकीय अपचयन कराया जाता है?
(ii) ऐल्केन को Cr2O3/Mo2O3 की उपस्थिति में गर्म किया जाता है।
(iii) कार्बन चूर्ण एवं हाइड्रोजन को Ni उत्त्रेरक की उपस्थिति में गर्म किया जाता है?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 44
(ii) ऐल्केन की क्रिया Cr2O3/Mo2O3 कराने पर ऐरोमैटिक व्युत्पन्न बनते हैं।
\(\mathrm{C}_6 \mathrm{H}_{14} \stackrel{\mathrm{Cr}_2 \mathrm{O}_3 / \mathrm{Mo}_2 \mathrm{O}_3}{\longrightarrow} \mathrm{C}_6 \mathrm{H}_6+4 \mathrm{H}_2\)

(iii) कार्बन चूर्ण को H2 के साथ Ni की उपस्थिति में गर्म करने पर मेथेन गैस प्राप्त होती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 45

प्रश्न 5.
1-आयोडो-2-मेथिल प्रोपेन तथा 2-आयोडोप्रोपेन के मिश्रण की क्रिया सोडियम से कराने पर प्राप्त होने वाले उत्पादों की संरचना तथा नाम लिखें।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 46

प्रश्न 6.
बुर्टज अभिक्रिया में एक प्राथमिक ऐल्किल हैलाइड अभिक्रिया कर केवल एक ऐल्कल C8H18 बनाता है। इस ऐल्केन के मोनोब्रोमीनीकरण पर केवल एक तृतीयक ब्रोमाइड प्राप्त होता हैं। इस ऐल्केन की तथा तृतीयक ब्रोमाइड की संरचना लिखें।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 47

प्रश्न 7.
निम्न अभिक्रिया के एक-एक उदाहरण दीजिए (केवल समीकरण दीजिए)-
(i) विकार्बोक्सीकरण
(ii) क्लीमेन्सन अपचयन
(iii) उत्प्रेरकी पुनःसंस्कार या हाइड्रोसम्भवन
(iv) ताप-अपघटन
(1) वुर्ट्ज अभिक्रिया।
उत्तर:
(i) विकार्बोक्सीकरण-
CH2COONa + NaOH → CH4 + Na2CO3
सोडियम
ऐसीटेट

(ii) क्लीमेन्सन अपचयन-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 48

प्रश्न 8.
क्या होता है जबकि (केवल रासायनिक समीकरण दीजिए –
(i) आइसोब्यूटेन की सधूम सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया कराई जाती है।
(ii) ऐसीटोन की Zn-Hg + सान्द्र HCl के साथ अभिक्रिया कराई जाती है।
(iii) आइसोपेण्टेन की क्लोरीन के साथ 300°C पर अभिक्रिया कराई जाती है।
(iv) मेथेन की अमोनिया के साथ Al2O3 की उपस्थिति में गरम किया जाता है।
उत्तर:
(i) ब्यूटिल सल्फोनिक अम्ल बनता है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 49
(iv) हाइड्रोजन सायनाइड बनता है।
\(\mathrm{CH}_4+\mathrm{NH}_3 \frac{\mathrm{Al}_2 \mathrm{O}_3}{700^{\circ} \mathrm{C}} \mathrm{H}-\mathrm{C} \equiv \mathrm{N}+3 \mathrm{H}_2\)

प्रश्न 9.
क्या होता है जबकि (केवन रासायनिक समीकरण दीजिए) –
(i) प्रोपेन, SO2 तथा Cl2 के साथ सूर्य के प्रकाश में अभिक्रिया करती है।
(ii) ऐथिल आयोडाइड की लाल फॉस्पोरस तथा HI से अभिक्रिया कराई जाती है।
(iii) शुष्क इंघर में मेथिल ब्रोमाइड की अभिक्रिया सोडियम से कराई जाती है।
(iv) n-ब्यूटेन को निर्जल AlCl3 की उपस्थिति में गरम किया जाता है।
(1) सोडियम ऐसीटेट को NaOH तथा CaO के मिश्रण के साथ गरम किया जाता है।
उत्तर:
(i) प्रोपेन सल्फ्यूरिल क्लोराइड बनता है।
\(\mathrm{CH}_3-\mathrm{CH}_2-\mathrm{CH}_3+\mathrm{SO}_2+\mathrm{Cl}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{CH}_3 \mathrm{CH}_2 \mathrm{CH}_2 \mathrm{SO}_2 \mathrm{Cl}+\mathrm{HCl}\)
प्रोपेन सल्फ्यूरिल क्लोराइड

(ii) ऐथेन प्राप्त होती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 50
(iii) ऐथेन प्राप्त होती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 51

प्रश्न 10.
n-ब्यूटेन के भंजन से कौन-कौन से उत्पाद प्राप्त होते हैं ?
उत्तर:
n-ब्यूटेन के भंजन से निम्न उपाद भिन्न-भिन्न तापक्रमों पर प्राप्त होते हैं-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 52

प्रश्न 11.
द्वितीयक ब्यूटिल ब्रोमाइड की ऐल्कोहॉलीय KOH के साथ अभिक्रिया कराने पर कौन-कौन सी ऐल्कीनें बनती हैं तथा मुख्य उत्पाद कौन-सी ऐल्कीन हैं ?
उत्तर:
द्वितीयक ब्यूटिल ब्रोमाइड को ऐल्कोहॉलीय KOH के साथ गरम करने पर ब्यूटीन तथा 2-ब्यूटीन का मिश्रण बनता है। जिसमें 2 -ब्यूटीन की मात्रा अधिक होती है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 53

प्रश्न 12.
प्रोपीन पर HBr के योग से आइसोप्रोपिल ब्रोमाइड बनता है न कि प्रोपिल ब्रोमाइड, क्यों ?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 54
चूँकि द्वितीय कार्बोधनायन, प्राथमिक से अधिक स्थायी होने के कारण जल्दी प्राप्त होता है। अतः Br से संयोग के बाद आइसोप्रोपिल ब्रोमाइड बनता है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन

प्रश्न 13.
2- ब्यूटीन के दो ज्यामितीय समावयव होते हैं, जबकि 1- ब्यूटीन के नहीं क्यों ?
उत्तर:
– 2 – ब्यूटीन में द्विबन्ध से जुड़े दोनों कार्बनों की शेष दो संयोजकताएँ भिन्न-2 समूहों द्वारा संतृप्त होती हैं, जबकि 1 ब्यूटीन में से एक कार्बन की दोनों संयोजकताएँ H – परमाणुओं से संतृप्त हैं। अतः 1- ब्यूटीन ज्यामितीय समावयव नहीं बनाते ।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 55

प्रश्न 14.
असंतृप्त हाइड्रोकार्बन, संतृप्त हाइड्रोकार्बन की तुलना में अधिक क्रियाशील होते हैं, क्यों?
उत्तर:
सभी ऐल्केनों में प्रबल C-C (σ) बन्ध होते हैं तथा C-H बन्ध भी प्रबल तथा कम ध्रुवीय प्रकृति के होते हैं। वहीं एल्कीन में C = C बन्ध में-बन्ध की उपस्थिति के कारण एल्कीन क्रियाशील होती है ।

प्रश्न 15.
एक दो कार्बन परमाणुओं वाला हाइड्रोकार्बन (A) एक प्रतिशत क्षारीय पोटैशियम परमैंगनेट का रंग उड़ा देता है। परन्तु अमोनिकल सिल्वर नाइट्रेट से अभिक्रिया नहीं करता है। यौगिक (A) का नाम एवं संरचना सूत्र लिखो ।
उत्तर:
हाइड्रोकार्बन (A) क्षारीय KMnO4 का रंग उड़ा देता है। इसलए यह असंतृप्त है, क्योंकि अमोनिकल AgNO3 से अभिक्रिया नहीं करता है। इसलिए यह ऐसीटिलीन नर एथिलीन है, क्योंकि इसमें दो ही कार्बन परमाणु हैं। अत: (A) : CH2 = CH2

प्रश्न 16.
निम्नलिखित अभिक्रियाओं को पूर्ण करें-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 56

प्रश्न 17.
ब्यूट-2 ईन-1, 4-डाइओइक अम्ल से बनने वाले दो ज्यामितीय समावयव बनाये। इनमें से किसका द्विध्रुव आघूर्ण अधिक होगा।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 57
Cis- समावयन के द्विध्रुव आघूर्ण का मान trans- से अधिक होगा।

प्रश्न 18.
निम्न में से कौन अध्रुवीय है?
ट्रान्स-ब्यूट – 2 – ईन ट्रान्स पेन्ट – 2 – ईन
उत्तर:
ट्रान्स-ब्यूट 2-ईन में दो C-CH3 बन्धों के द्विध्रुव आघूर्ण के मान समान तथा विपरीत है। अतः ये निरस्त हो जायेंगे। इस कारण ट्रान्स-2-ब्यूटीन अध्रुवीय है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 58

प्रश्न 19.
C2H2Cl2 के सभी सम्भव समावयव बनाये। इनमें से कौन-सा अध्रुवीय होगा ?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 59

प्रश्न 20.
निम्न ऐल्कीनों को उनके स्थायित्व के घटते क्रम में व्यवस्थित करें।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 60
उत्तर:
स्थायित्व का क्रम I > III > II

प्रश्न 21.
उन सभी ऐल्कीनों की संरचना बनायें जो कि हाइड्रोजनीकरण पर मेथिल ब्यूटेन देते हैं।
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 61

प्रश्न 22.
निम्न को पूर्ण करें
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 62
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 63

प्रश्न 23.
ऐल्काइनों की बहुलीकरण अभिक्रियाओं को समझाइए । उत्तर- ऐल्काइनों में बहुलीकरण की प्रवृत्ति बहुत कम पायी जाती
(1) द्वितीयकरण – जब 1- ऐल्काइन को 355 K ताप पर क्यूप्रस क्लोराइड एवं NH4OH के विलयन में प्रवाहित करते हैं, तो दो अणु आपस में मिलकर ऐल्कीनिल ऐल्काइन बनाते हैं।

(2) तृतीयकरण – जब ऐल्काइन को रक्त तप्त लोहे की नली में होकर प्रवाहित करते हैं, तो ऐल्काइन के तीन अणु आपस में संयुक्त होकर बेंजीन या बेंजीन व्युत्पन्न बनाते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 64
(3) चतुष्कीकरण – जब ऐसीटिलीन को निकिल सायनाइड के विलयन में 340 K ताप तथा 200 वायुमण्डल दाब पर प्रवाहित किया जाता है, तो ऐसीटिलीन के चार अणु संयुक्त होकर साइक्लो ऑक्टाटेट्राईन बनाते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 65
(iv) बहुलीकरण – ऐसीटोन के बहुलीकरण से एक रेखीय पॉलीऐसीटिलीन प्राप्त होती है।
H—C ≡ CH + CH ≡ CH → —CH = CH—CH = CH—

प्रश्न 24.
निम्नलिखित को कैसे प्राप्त करोगे (केवल रासायनिक समीकरण लिखिए) –
(i) ऐसीटिलीन से मेथिल वाइनिल ईथर,
(ii) ऐसीटिलीन से वाइनिल सायनाइड,
(iii) ऐसीटिलीन से एक्रिलिक अम्ल,
(iv) ऐसीटिलीन से एक्रिलिक एस्टर ।
उत्तर:
(i) ऐसीटिलीन से मेथिल वाइलिन ईथर
\(\mathrm{CH} \equiv \mathrm{CH} \underset{\mathrm{KOH}}{\stackrel{\mathrm{CH}_3 \mathrm{OH}}{\longrightarrow}} \mathrm{CH}_2=\mathrm{CH}-\mathrm{O}-\mathrm{CH}_3\)
ऐसीटिलीन मेथिल वाइनिल ईथर

(ii) ऐसीटिलीन से वाइनिल सायनाइड-
\(\mathrm{CH} \equiv \mathrm{CH} \frac{\mathrm{HCN}}{\mathrm{Cu}_2 \mathrm{Cl}+\mathrm{HCl}} \mathrm{CH}_2=\mathrm{CH}-\mathrm{CN}\) वाइनिल सायनाइड

(iii) ऐसीटिलीन से एक्रिलिक अम्ल-
\(\mathrm{CH} \equiv \mathrm{CH} \stackrel{\mathrm{CO}+\mathrm{H}_2 \mathrm{O}}{\longrightarrow} \mathrm{CH}_2=\mathrm{CH}-\mathrm{COOH}\)

(iv) ऐसीटिलीन से एक्रिलिक एस्टर–
\(\mathrm{CH} \equiv \mathrm{CH} \stackrel{\mathrm{CO}+\mathrm{ROH}}{\longrightarrow} \mathrm{CH}_2=\mathrm{CH}-\mathrm{COOR}\)

प्रश्न 25.
ऐल्काइन के संगत ऐल्कीन तथा संगत ऐल्केन में परिवर्तन की क्रिया दीजिए।
उत्तर:
\(\mathrm{R}-\mathrm{C} \equiv \mathrm{CH} \stackrel{\mathrm{Pd}-\mathrm{CaCO}_3-\mathrm{PbO}}{\longrightarrow} \mathrm{R}-\mathrm{CH}=\mathrm{CH}_2\) ऐल्कीन
\(\mathrm{R}-\mathrm{C} \equiv \mathrm{CH}+4 \mathrm{H} \frac{\mathrm{Ni} / \mathrm{H}_2}{200^{\circ} \mathrm{C}} \mathrm{R}-\mathrm{CH}_2=\mathrm{CH}_3\) ऐल्केन

प्रश्न 26.
ऐथाइन से प्रोपाइन कैसे प्राप्त करोगे?
उत्तर:
\(\mathrm{CH} \equiv \mathrm{CH} \stackrel{\mathrm{NaNH}_2}{\longrightarrow} \mathrm{CH} \equiv \mathrm{C}-\mathrm{Na} \stackrel{\mathrm{CH}_3 \mathrm{Br}}{\longrightarrow}\) ऐल्केन

प्रश्न 27.
प्रोपाइन से मेसेटिलीन कैसे प्राप्त करोगे ?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 66

प्रश्न 28.
ऐथाइन से डाइआयोडो ऐथाइन कैसे प्राप्त करोगे ?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 67

प्रश्न 29.
औद्योगिक ऐसीटिलीन को ऐसीटोन में संग्रहीत करते हैं क्यों?
उत्तर:
ऐसीटिलीन को – 75°C पर द्रव अवस्था में परिवर्तित किया जा सकता है। 260 वायुमण्डलीय दाब पर इसे O°C पर ही द्रवीभूत किया जा सकता है। द्रव ऐसीटिलीन अत्यन्त विस्फोटक पदार्थ होता है। अतः द्रव ऐसीटिलीन को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिये पहले इसे ऐसीटोन से भीगे किसी सरन्ध्र पदार्थ द्वारा अवशोषित करा लिया जाता है, क्योंकि C2H2 ऐसीटोन में अधिक मात्रा में घुल जाती है।

प्रश्न 30.
निम्नलिखित परिवर्तन को तीन पदों में कीजिए-
CH3CH2C ≡ CH → CH3CH2CH2COCH3
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 68

प्रश्न 31.
A, B, C, D, E, F तथा G पहिचानिए-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 69
उत्तर:
A ⇒ ME CH2C ≡ CNa
B ⇒ Me CH2C ≡ C—Et
C ⇒ CH ≡ CH
D ⇒ CH3CHO
E ⇒ CH3COOH
F ⇒ CH3COCl
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 70

प्रश्न 32.
निम्नलिखित समीकरणों को पूर्ण करो-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 71

प्रश्न 33.
एक ऐल्किल हैलाइड C5H11Br (A) ऐल्कोहॉलीय KOH से क्रिया करके एक ऐल्कीन (B) देता है जो कि Br2 से अभिक्रिया करके यौगिक ‘C’ देता है जिसका विहाइड्रोब्रोमीनीकरण करने पर ऐल्काइन ‘D’ प्राप्त होता है एक मोल ‘D’ द्रव अमोनिया में सोडियम धातु से क्रिया करके एक मोल D का सोडियम लवण तथा \(\frac { 1 }{ 2 }\) मोल हाइड्रोजन गैस देता है। D पूर्ण हाइड्रोजनीकरण करने पर एक अशाखित ऐल्केन प्राप्त होता है यहाँ A, B, C तथा D क्या है?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 72
अभिक्रिया बताती है कि ‘D’ एक terminal alkyne है। अत: इसकी सम्भव संरचना निम्न है-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 73

प्रश्न 34.
निम्न को परिवर्तित करें-
(1) ऐथाइन से मेथेन
(2) ऐथीन से ऐथाइन
(3) ऐथेन से ऐथाइन
(4) ऐथाइन से 2-ब्यूटाडाइन
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 74

प्रश्न 35.
ऐरोमैटिक हाइड्रोकार्बन को संक्षिप्त में समझाइए ।
उत्तर:
ऐरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (Aromatic hydrocarbon ) ऐसे हाइड्रोकार्बन जो हकेल नियम का अनुपालन करते हैं, ऐरोमँटिक हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं। ऐसे यौगिक सुगन्धित होते हैं। उदाहरण– बेंजीन । बेंजीन में 6 कार्बन परमाणु होते हैं, जो बन्द श्रृंखला में एकान्तर से एकल व द्विबन्ध में रहते हैं। ऐसे यौगिक जिनमें एक बेंजीन वलय पाई जाती हैं। उन्हें बेन्जीनॉयड (Benzenoid) ऐरोमैटिक यौगिक कहते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 75
ऐसे यौगिक जो एक से अधिक बेंजीन वलय से बने होते हैं बहुनाभिकीय (Polynuclear) हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 76

प्रश्न 36.
केकुले सूत्र के दो प्रमुख दोष क्या हैं?
उत्तर:
(i) 1 : 2 तथा 1 : 6 दो ऑर्थो व्युत्पन्नों की सम्भावना- लैडनबर्ग (1889) के अनुसार, केकुले सूत्र से चार द्वि-प्रतिस्थापित यौगिकों की सम्भावना है।
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 78
(ii) केकुले सूत्र द्वारा बेन्जीन के स्थायित्व को नहीं समझाया जा सकता है, यद्यपि इसमें तीन द्वि-आबन्ध हैं।

प्रश्न 37.
ऐरोमैटिक व ऐलिफैटिक यौगिकों में विभेद कीजिए।
उत्तर:
ऐरोमैटिक व ऐलिफैटिक यौगिकों में भेद

ऐरोमैटिक यौगिकऐलिफैटिक यौगिक
1. ये चक्रीय होते हैं।ये खुली श्रृंखला के यौगिक होते हैं।
2. इसमें कार्बन की प्रतिशतता अधिक होती है।इसमें कार्बन की प्रतिशता कम होती है।
3. ये धुएँदार लौ से जलते हैं।ये बिना धुएँ की लौ से जलते हैं। ये प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ आसानी से नहीं देते।
4. ये प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ सुगमता से देते हैं।इनके हाइड्रॉक्सी यौगिक उदासीन होते हैं।
5. इनके हाइड्रॉक्सी यौगिक अम्लीय होते हैं।इनके हैलोजेन व्युत्पन्न अधिक क्रियाशील होते हैं।
6. इनके हैलोजेन व्युत्पन्न कम क्रियाशील होते हैं।ऐलिफैटिक यौगिक

प्रश्न 38.
निम्नलिखित समीकरणों की पूर्ति करो-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 78

प्रश्न 39.
निम्न में से कौन ऐरोमैटिक है? (हकेल के नियमानुसार)
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 79
उत्तर:

  1. इसमें 8-π इलेक्ट्रॉन है अतः यह हकेल के नियम का पालन नहीं करता है क्योंकि इसमें इलेक्ट्रॉन conjugate form में नहीं है
  2. इसमें 6-π इलेक्ट्रॉन delocalised हैं अतः यह ऐरोमैटिक है।
  3. इसमें 6-π इलेक्ट्रॉन conjugate तो है परन्तु वलय में नहीं है अतः यह ऐरोमैटिक नहीं है।
  4. इसमें 10x इलेक्ट्रॉन हैं यहाँ प्रत्येक C-परमाणु sp2 संकरित है। तथा वलय planar है अतः यह ऐरामैटिक है।
  5. इसमें 8- इलेक्ट्रॉन हैं इसमें 8 में से 6-π इलेक्ट्रॉन delocalised है तथा एक planar वलय में है अतः यह ऐरोमैटिक है।
  6. 14-π electron हैं जो कि conjugate होने के साथ-साथ planar ring में है। परन्तु यह (4n + 2) π इलेक्ट्रॉन के नियम का पालन नहीं करते हैं अतः यह ऐरोमैटिक नहीं है।

प्रश्न 40.
एक असंतृप्त हाइड्रोकार्बन ‘A’ में दो H2 के अणु जुड़ सकते हैं। इसका ओजोन अपचयन करने पर यह ब्यूटेन 1, 4- डाई अलए ऐथेनेल तथा प्रोपेनोन देता है ‘A’ की संरचना बनायें।
उत्तर:
चूँकि दो अणु H2 से जुड़ रहे हैं अतः इसका अर्थ है कि ‘A’ या तो ऐल्काइन है या एल्काडाईईन है। ओजोनी अपघटन पर ‘A’ यह तीन यौगिक देता है जिसमें से एक डाईएल्डिहाइड है अतः अणु दो जगहों से टूट रहा है। इसका अर्थ है कि ‘A’ में दो द्विबन्ध है।

‘A’ ओजोनी अपघटन पर निम्न अणु दे रहा है—
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 80
IUPAC नाम – 2 – मेथिल ओक्ट-2, 6-डाईईन अभिक्रिया निम्न है अभिक्रिया निम्न है—
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 Img 81

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 13 हाइड्रोकार्बन Read More »

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

Haryana State Board HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव Important Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

वस्तुनिष्ठ प्रश्न-

1. गोबर गैस संयंत्र में काम आने वाला जीवाणु है-
(अ) मीश्रेनोजनं
(ब) नाइट्रीकारी जीवाणु
(स) अमीनोकारी जीवाणु
(द) विनाइट्रीकारी जीवाणु
उत्तर:
(अ) मीश्रेनोजनं

2. ब्रेड बनाते समय किसकी क्रिया के द्वारा CO2 निकलने से यह छिद्रित हो जाती है ?
(अ) यीस्ट
(ब) जीवाणु
(स) वाइरस
(द) प्रोटोजोन्स
उत्तर:
(अ) यीस्ट

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

3. निम्न में से कौनसा युग्म जैव उर्वरक है-
(अ) एजोला तथा BGA
(ब) नास्टॉक तथा लेग्यूम
(स) राइजोबियम वास
(द) साल्मोनेला व इकोलाई
उत्तर:
(अ) एजोला तथा BGA

4. निम्नलिखित में से कौनसा एक जोड़ा गलत मिलाया गया है?
(अ) कोलिफॉर्मर्स – सिरका
(ब) मेथोनोजन्स – गोबर गैस
(स) यीस्ट – एथेनॉल
(द) स्ट्राप्टोमाईसाटीज – एंटीबायोटिक
उत्तर:
(अ) कोलिफॉर्मर्स – सिरका

5. ‘जीवन के खिलाफ’ किससे सम्बन्धित है-
(अ) प्रतिजैविक
(ब) जीवाणु
(स) कवक से
(द) शैवाल से
उत्तर:
(अ) प्रतिजैविक

6. कवक एवं पादपों के साथ सहजीवी सम्बन्ध कहलाता है-
(अ) माइकोराइजा
(ब) लाइकेन
(स) सिम्बायोसिस
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(अ) माइकोराइजा

7. बटर फ्लाई केटरपिलर के नियंत्रण में प्रयोग किया जाता है-
(अ) बैसीलस थूरिजिऐसिस
(ब) ट्राइकोडर्मा
(स) बैम्पूलोवायरेसिस
(द) मीथेनोबैक्टिरिया
उत्तर:
(अ) बैसीलस थूरिजिऐसिस

8. जल के एक नमूने में सूक्ष्जीवियों द्वारा ऑक्सीजन के उद्य्रहण की दर का मापन किया जाता है-
(अ) सी.ओ.डी. परीक्षण
(ब) एच.ओ.डी. परीक्षण
(स) एस.ओ.डी. परीक्षण
(द) बी.ओ.डी. परीक्षण
उत्तर:
(द) बी.ओ.डी. परीक्षण

9. ‘थक्का स्फोटन’ के रूप में निम्न में से प्रयोग किया जाता है-
(अ) स्ट्रेप्टोकाइनेज
(ब) लाइपेज
(स) एमाइलेज
(द) प्रोटिऐजिज
उत्तर:
(अ) स्ट्रेप्टोकाइनेज

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

10. सायनोबैक्टिरिया पोषण के आधार पर है-
(अ) परजीवी
(ब) परपोषी
(स) स्वपोषित
(द) मृतजीवी
उत्तर:
(स) स्वपोषित

11. एफिडो तथा मच्छरों से छुटकारा दिलवाने में निम्न में से लाभप्रद है-
(अ) ड्रेगनफ्लाई एवं बीटल
(ब) वैक्यूलोवायरेसिस
(स) बेसीलस थूरिजिऐसिस
(द) ट्राइकोडर्मी
उत्तर:
(अ) ड्रेगनफ्लाई एवं बीटल

12. ताड़ वृक्ष (palms) के किस भाग से प्राप्त स्राव को किण्वित कर टोडी (Toddy) तैयार किया जाता है-
(अ) जड़
(ब) पत्ती
(स) तना
(द) पुष्प
उत्तर:
(स) तना

13. कौनसा पीड़कनाशी वसा-स्नेही है?
(अ) आर्गेनोक्लोरीन
(ब) आर्गेनोफॉस्फेट
(स) ट्राइआजीन
(द) पायरिथोयड
उत्तर:
(अ) आर्गेनोक्लोरीन

14. निम्न में से किसका उत्पादन बिना आसवन के किया जाता है-
(अ) वाइन
(ब) व्हिस्की
(स) ब्रांडी
(द) रम
उत्तर:
(अ) वाइन

15. निम्न में से किसे किण्वित रस के आसवन द्वारा तैयार किया जाता है-
(अ) रम
(ब) बीयर
(स) वाइन
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(अ) रम

16. पैनिसिलीन के खोजकर्ता हैं-
(अ) एलैग्जेंडर हुक
(ब) एलैग्जैंडर फ्लैमिंग
(स) एलैग्जैंडर ब्राउन
(द) एलैग्जैंडर श्वान
उत्तर:
(ब) एलैग्जैंडर फ्लैमिंग

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

17. एसीटीक अम्ल के उत्पादन में निम्न में से कौनसा जीवाणु सहायक है-
(अ) लैक्टोबैसिलस
(ब) क्लोस्ट्रीडियम
(स) एसीटोबेक्टर एसिटाई
(द) पेनीसिलीयम नोटेटम
उत्तर:

18. निम्न में से कौनसा प्लान सूत्रपात किया गया ताकि देश की प्रमुख नदियों को प्रदूषण से बचाया जा सके-
(अ) यमुना एक्शन प्लान
(ब) गंगा एक्शन प्लान
(स) साँभर झील एक्शन प्लान
(द) (अ) व (ब) दोनों
उत्तर:
(द) (अ) व (ब) दोनों

19. व्यावसायिक पैमाने पर सूक्ष्मजीवियों को पैदा करने के लिए बड़े बर्तन की आवश्यकता होती है जिसे कहते हैं-
(अ) फरमैंटर
(ब) थरमैंटर
(स) इरमैंटर
(द) पीरमेंटर
उत्तर:
(अ) फरमैंटर

20. प्रतिजैविक कौनसे संक्रमित रोग के रोकथाम में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं?
(अ) डिप्थीरिया
(ब) काली खांसी
(स) निमोनिया
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी

21. किस तत्व के पोषण के लिए माइकोराइजा उत्तरदायी है?
(अ) पोटैशियम
(ब) कॉपर
(स) जिंक
(द) फॉस्फोरस
उत्तर:
(द) फॉस्फोरस

22. द्वितीयक सीवेज उपचार मुख्यतः क्या है?
(अ) भौतिक प्रक्रिया
(ब) यांत्रिक प्रक्रिया
(स) रासायनिक प्रक्रिया
(द) जैविक प्रक्रिया
उत्तर:
(द) जैविक प्रक्रिया

23. सीवेज पर अवायवीय बैक्टिरिया को क्रिया द्वारा मुख्यतः क्या बनता है?
(अ) लाफिंग गैस
(ब) प्रोपेन
(स) मस्टर्ड गैस
(द) मार्स गैस
उत्तर:
(ब) प्रोपेन

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

24. ‘फेड बैच’ किण्वन विधि में शर्करा को निरन्तर डालने की क्रिया निम्न में किस एक के लिए की जाती है?
(अ) मीथेन बनाने में
(ब) एन्यीबायोटिक्स प्रास्त करने में
(स) एन्जाइमों के शुद्धिकरण में
(द) सीवेज विघटन में
उत्तर:
(ब) एन्यीबायोटिक्स प्रास्त करने में

25. एथेनॉल के उत्पादन के लिए मद्यनिर्माणशालाओं (डिस्टिलेरीज) में सर्वाधिक सामान्यतः इस्तेमाल किया जाने वाला क्रियाधर (सब्ट्रेट) कौनसा होता है?
(अ) मकई का आटा
(ब) सोयाबीन का आटा
(स) चने का आटा
(द) शीरा
उत्तर:
(द) शीरा

26. मायोकार्डियल इन्फार्कस (हुदय पेशी रोध गलन) के रोगी को अस्पताल में लाने पर तत्काल सामान्यतः क्या दिया जाता है-
(अ) पेनेसिलिन
(ब) स्टेप्टोकाइनेज
(स) साइक्लोस्पोरिन
(द) स्टैटिन्स
उत्तर:
(द) स्टैटिन्स

27. सूक्ष्म जीवों का उपयोग करते हुए पीड़कों/रोगों के जैविकीय नियंत्रण का निम्नलिखित में से एक उदाहरण कौनसा है?
(अ) कुछ खास पादप रोग जनकों के लिए ट्राइकोडर्मा स्पी का होना।
(ब) ब्रैसिमा में श्वेत किट्ट के प्रति न्यूकिलयोपा हैड्रो वाइरस का होना
(स) कपास की उपज में बढ़ोतरी करने के लिए Bt कपास का बनाया जाना
(द) सरसों में कीटों के प्रति लेडी बर्ड बीटल का होना
उत्तर:
(अ) कुछ खास पादप रोग जनकों के लिए ट्राइकोडर्मा स्पी का होना।

28. निम्न में से कौनसा युग्म जैव उर्वरक का है ?
(अ) एजोला तथा BGA
(ब) नास्टॉक तथा लेग्यूम
(स) राइजोबियम तथा घास
(द) साल्मोनेला व ई. कोलाई
उत्तर:
(अ) एजोला तथा BGA

29. निम्नलिखित में से कौनसा एक जोड़ा सही नहीं मिलाया गया है?
(अ) सिरोटिया – औषधि व्यसन
(ब) स्पाइरूलाइना – एकल कोशिका प्रोटीन
(स) राइजोबियम – जैव उर्वरक
(द) स्ट्रेप्टोमाइसीज – एंटिबायोटिक
उत्तर:
(अ) सिरोटिया – औषधि व्यसन

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

30. जैविक अपशिष्ट के अवायवीय पीपन के दौरान जैसा कि बायो गैस बनाने में होता है, निम्नलिखित में से कौनसा एक अंश अपघटित नहीं होता-
(अ) लिपिड
(ब) लिग्निन
(स) हेमोसेलुलोज
(द) सेलुलोज
उत्तर:
(ब) लिग्निन

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1.
बैक्टीरिया का नाम लिखिए जो दूध को दही में परिवर्तित कर देते हैं ।
उत्तर:
लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया ।

प्रश्न 2.
ब्रेड बनाने में प्रयोग किये जाने वाले आटे में किस यीस्ट का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर:
ब्रेड बनाने में प्रयोग किये जाने वाले आटे में बैकर यीस्ट (Satcharomyces cerevisiae) का उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 3.
डोसा बनाये जाने वाले आटे की फूली एवं उभरी हुई शक्ल किस गैस के उत्पादन से होती है?
उत्तर:
डोसा बनाये जाने वाले आटे की फूली एवं उभरी हुई शक्ल CO2 गैस के उत्पादन से होती है।

प्रश्न 4.
दक्षिण भारत में कुछ भागों में पारंपरिक पेय टोडी (Toddy) किस वृक्ष के स्राव को किण्वित कराकर तैयार किया जाता है ?
उत्तर:
दक्षिण भारत के कुछ भागों में पारंपरिक पेय टोडी (Toddy) ताड़ वृक्ष (Palms) के तने के स्राव को किण्वित कराकर तैयार किया जाता है।

प्रश्न 5.
स्विस चीज में बड़े-बड़े छिद्र किस गैस के उत्पन्न होने के कारण होते हैं?
उत्तर:
स्विस चीज (Swiss Cheese) में बड़े-बड़े छिद्र अधिक मात्रा में CO2 गैस के उत्पन्न होने के कारण होते हैं ।

प्रश्न 6.
उस जीवाणु का नाम बनाइए जो स्विस चीज (Swiss Cheese) में CO2 का उत्पादन करता है?
उत्तर:
प्रोपिओ निबैक्टीरियम शारमे नाई (Propionibacterium sharmanii) नामक जीवाणु स्विस चीज में CO2 का उत्पादन करता है।

प्रश्न 7.
राक्यूफोर्ट चीज (Roquefort Cheese) में विशेष सुगंध किसके कारण आती है ?
उत्तर:
राक्यूफोर्ट चीज (Roquefort Cheese) एक विशेष प्रकार के कवक की वृद्धि से परिपक्व होते हैं जिससे विशेष सुगंध आती है।

प्रश्न 8.
सामान्यतः कौनसा यीस्ट ब्रीवर्स यीस्ट के नाम से प्रसिद्ध है ?
उत्तर:
सैके रो माइ सीज सैरीविसी (Saccharomyces cerevisiae) यीस्ट ब्रीवर्स यीस्ट के नाम से प्रसिद्ध है ।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

प्रश्न 9.
उस कवक का नाम लिखिए जिससे पैनीसीलिन प्राप्त किया जाता है।
उत्तर:
पैनीसीलियम नोटेटम नामक कवक से पैनीसीलिन प्राप्त किया जाता है।

प्रश्न 10.
किन वैज्ञानिकों ने पैनीसीलिन की एक शक्तिशाली तथा प्रभावशाली एंटीबॉयोटिक के रूप में पुष्टि की ?
उत्तर:
अरनैस्ट चैन तथा हावर्ड फ्लौरे ने पैनीसीलिन की एक शक्तिशाली तथा प्रभावशाली एंटीबॉयोटिक के रूप में पुष्टि की।

प्रश्न 11.
पैनीसीलिन एंटीबॉयोटिक का प्रयोग दूसरे विश्व युद्ध में किसके लिए किया गया था ?
उत्तर:
पैनीसीलिन एंटीबॉयोटिक का प्रयोग दूसरे विश्व युद्ध में घायल अमरीकन सिपाहियों के उपचार में व्यापक रूप से किया गया था।

प्रश्न 12.
बाजार से खरीदा गया बोतल का फल रस अधिक साफ व स्वच्छ किसके प्रयोग के कारण दिखाई देता है?
उत्तर:
बाजार से खरीदा गया बोतल का फल रस अधिक साफ व स्वच्छ पेक्टीनेजिज तथा प्रोटीऐजिज के प्रयोग के कारण दिखाई देता है।

प्रश्न 13.
साइक्लोस्पोरिन ए का उत्पादन किस कवक से किया जाता है?
उत्तर:
साइक्लोस्पोरिन ए का उत्पादन ट्राइकोडर्मा पालोस्पोरम नामक कवक से किया जाता है।

प्रश्न 14.
मोनास्कस परप्यूरीअस यीस्ट से उत्पन्न स्टैटिन (Statins) का कार्य क्या है?
उत्तर:
मोनास्कस परप्यूरीअस यीस्ट से उत्पन्न स्टैटिन (Statins) का कार्य रक्त में उपस्थित कॉलेस्ट्रॉल को कम करने का कार्य करता है।

प्रश्न 15.
बी.ओ.डी. का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर:
र- बॉयोकेमीकल ऑक्सीजन डिमांड (Biochemical Oxygen Demand)

प्रश्न 16.
पर्यावरण तथा वन मंत्रालय ने हमारे देश की प्रमुख नदियों को बचाने के लिए कौनसे दो ऐक्शन प्लान तैयार किए हैं?
उत्तर:

  • गंगा ऐक्शन प्लान
  • यमुना ऐक्शन प्लान ।

प्रश्न 17.
भारत में बायोगैस उत्पादन की प्रौद्योगिकी का विकास किसके प्रयासों से हुआ?
उत्तर:
भारत में बायोगैस उत्पादन की प्रौद्योगिकी का विकास निम्न के प्रयासों के द्वारा हुआ-

  • भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान
  • खादी एवं ग्रामीण उद्योग आयोग

प्रश्न 18.
ऐसे रोगजनक का नाम लिखिए जो कीटों एवं संधिपादों (आर्थ्रोपोडों) पर हमला करते हैं ।
उत्तर:
बैक्यूलोवायेरेसिस ऐसे रोगजनक हैं जो कीटों तथा संधिपादों (आर्थ्रोपोडों) पर हमला करते हैं।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

प्रश्न 19.
औद्योगिक उत्पादों के निर्माण में काम आने वाले किन्हीं तीन सूक्ष्मजीवों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • यीस्ट
  • जीवाणु
  • कवक

प्रश्न 20.
उद्योगों में सूक्ष्मजीवों का उपयोग करके प्राप्त होने वाले दो उत्पादों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • ऐल्कोहॉल
  • प्रतिजैविक ।

प्रश्न 21.
लैक्टिक अम्ल जीवाणु के कोई दो लाभ लिखिए।
उत्तर;

  • दूध में वृद्धि करते हैं।
  • दूध को दही में परिवर्तित कर देते हैं।

प्रश्न 22.
जलाक्रांत खेत में नॉस्टॉक एवं एनाबीना जैसे शैवालों की आबादी अधिक हो जाने से खेत किस प्रकार प्रभावित होगा? सकारण समझाइए ।
उत्तर:
जलाक्रांत खेत में नॉस्टॉक एवं एनाबीना आदि शैवालों की अधिकता से उर्वरता बढ़ जाती है क्योंकि ये वायुमंडलीय नाइट्रोजन को स्थिरीकृत करते हैं। ये शैवाल जैव उर्वरक की भूमिका निभाते हैं। ये मृदा में कार्बनिक पदार्थ भी बढ़ा देते हैं।

प्रश्न 23.
जैव वैज्ञानिक नियंत्रण के तहत कौन-सी कवक का उपयोग पादप रोगों के उपचार में किया जाता है?
उत्तर:
ट्राइकोडर्मा कवक ।

लघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1.
सूक्ष्मजीव की आवास व्यवस्था का वर्णन कीजिए। इन्हें पोषक माध्यमों पर क्यों उगाया जाता है? समझाइए ।
उत्तर:
सूक्ष्मजीव की आवास व्यवस्था – सूक्ष्मजीव सर्वव्यापी होते हैं। ये मृदा, जल, वायु हमारे शरीर के अन्दर तथा अन्य प्रकार के प्राणियों तथा पादपों में पाये जाते हैं। जहाँ किसी प्रकार जीवन संभव नहीं है जैसे- गीजर के भीतर गहराई तक (तापीय चिमनी) जहाँ ताप 100°C तक बढ़ा हुआ रहता है, मृदा में गहराई तक बर्फ की परतों के कई मीटर नीचे तथा उच्च अम्लीय पर्यावरण जैसे स्थानों पर पाये जाते हैं। सूक्ष्मजीव विविध रूपायित प्रोटोजोआ, जीवाणु, कवक तथा सूक्ष्मदर्शीय पादपों से होते हैं।
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव 1

सूक्ष्मजीवियों को जीवाणु तथा अधिकांश कवकों के समान इसलिए पोषक माध्यमों पर उगाया जाता है, ताकि ये वृद्धि कर सकें एवं कॉलोनी का रूप ले लें और इन्हें नग्न आँखों से देखा जा सके। देखिए ऊपर चित्र में ऐसे संवर्धनजन सूक्ष्मजीवी अध्ययन के दौरान लाभदायक होते हैं।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

प्रश्न 2.
वाइरस से विरोइड कैसे भिन्न होते हैं?
उत्तर:
वाइरस से विरोइड में भिन्नता-

वाइरस (Viruses)विरोइड (Viroids)
1. ये बैक्टीरिया से छोटे होते हैं।1. ये वायरस से छोटे होते हैं।
2. इनमें आनुवंशिक पदार्थ RNA अथवा DNA2. जबकि इनमें केवल RNA पाया जाता है।
3. हो सकता है। इनमें प्रोटीन का आवरण पाया जाता है।3. जबकि इनमें प्रोटीन का आवरण नहीं पाया जाता है।
4. इनके द्वारा निम्न रोग होते हैंएड्स, चेचक आदि।4. जबकि इनके द्वारा पोटेटो स्पाइन्डल ट्यूबर नामक रोग होता है।

प्रश्न 3.
बैक्टीरिया तथा सायनोबैक्टीरिया में कोई चार अन्तर लिखिए।
उत्तर:
बैक्टीरिया तथा सायनोबैक्टीरिया में चार अन्तर-

बैक्टीरिया (Bacteria)सायनोबैक्टीरिया (Cyanobacteria)
1. छोटी कोशिकाएँ।1. अपेक्षाकृत बड़ी कोशिकाएँ।
2. कशाभ हो सकते हैं।2. कशाभ नहीं होते हैं।
3. कुछ बैक्टीरिया (हरे बैक्टीरिया) में प्रकाश- संश्लेषण एक अलग प्रकार से होता है, जिसमें ऑक्सीजन बाहर निकलती है।3. प्रकाश-संश्लेषण में सामान्य तरीके से ऑक्सीजन निकलती है जैसा कि हरे पौधों में होता है।
4. लैंगिक जनन संयुग्मन द्वारा।4. संयुग्मन होता नहीं देखा गया।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित बैक्टीरिया के लाभकारी क्रियाकलाप लिखिए-

  • राइजोबियम
  • एजोटोबैक्टर
  • स्ट्रेप्टोमाइसीज
  • लेक्टोबैसिलस ।

उत्तर:
बैक्टीरिया के लाभकारी क्रियाकलाप निम्न हैं-

बैक्टीरियम का नामक्रियाकलाप
1. राइजोबियम (Rhizobium)1. लेग्यूमो (मटर, चना, दालें आदि) की जड़ों में रहता पाया जाता है, वायुमण्डलीय नाइट्रोजन को अमोनिया के रूप में स्थिर कर देता है जो फिर आगे उपयोगी ऐमिनो अम्लों में बदल जाती है।
2. एजोटोबैक्टर (Azotobacter)2. मिट्टी को उपजाऊ बनाता है। यह वायुमण्डलीय नाइट्रोजन को मिट्टी में स्थिर कर देता है।
3. स्ट्रेप्टोमाइसीज (Streptomyces)3. इससे स्ट्रे प्टोमाइसिन नामक ऐंटिबायोटिक बनती है।
4. लेक्टोबैसिलस (Lactobacillus)4. लैक्टोज़ (दुग्ध शर्करा) का लैक्टिक अम्ल में किण्वन करता है। इससे दूध के दही में जमने में सहायता मिलती है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

प्रश्न 5.
स्पाईरुलीना का खाद्य के रूप में क्या महत्त्व है?
उत्तर:
स्पाईरुलीना नील हरित शैवाल का सदस्य है। इसका उपयोग सम्पूर्ण आहार के रूप में किया जा सकता है। स्पाईरुलीना में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, एमीनो अम्ल, विटामिन्स, मिनरल्स, एन्जाइम्स, वसा तथा पिगमेन्ट्स ये सभी तत्व इसमें विद्यमान होते हैं। स्पाईरुलीना में उपस्थित प्रोटीन की खास बात यह भी है कि यह ठीक वैसा ही है, जैसा कि शरीर स्वयं अपने लिए तैयार करता है। इसमें दूध के बराबर कैल्सियम पाया जाता है तथा गाजर के मुकाबले 15 गुणा अधिक विटामिन A होता है।

प्रश्न 6.
चावल की खेती में खाद की आवश्यकता क्यों नहीं पड़ती है?
उत्तर:
नील हरी शैवाल अर्थात् सायनोजीवाणु की कुछ जातियाँ जिनमें नॉस्टॉक, एनेबीना तथा टोलीपोथ्रिक्स आदि वायुमण्डल की नाइट्रोजन का यौगिकीकरण करने में सक्षम होती हैं। ये शैवाल भूमि की उर्वरता में वृद्धि करती हैं। चावल की खेती में इनका योगदान सराहनीय है। अतः इसी कारण खाद की आवश्यकता नहीं रहती है।

प्रश्न 7.
माइकोराइजा किसे कहते हैं? इसके प्रमुख लाभ लिखिए।
उत्तर:
कवक तथा उच्च वर्ग के पादपों की मूल (root) का परस्पर सहजीवन माइकोराइजा कहलाता है। इसमें कवक अपने तन्तुओं द्वारा पादप की मूल के बाहर की तरफ चारों ओर पूरी तरह से एक आवरण बना लेता है। कवक तन्तु पादप मूल की कार्टेक्स कोशिकाओं के मध्य अन्तराकोशिका (Intercellular) स्थान में प्रवेश कर जाते हैं और एक जाल रूपी संरचना बनाते हैं जिसको हारटिंग नेट कहते हैं। इसमें पादपमूल पर मूल रोम नहीं होते हैं। कवक मूल का मुख्य कार्य खनिज लवण (फॉस्फोरस) के अवशोषण में सहायता करना है। कवक के कारण मूल का अवशोषण क्षेत्र बढ़ जाता है।

माइकोराइजा के प्रमुख लाभ-

  1. मूलवातोढ (root-borne ) रोगजनक के प्रति प्रतिरोधकता ।
  2. कवक मूल से मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है।
  3. कवक मूल से पादप की वृद्धि तीव्र तथा उत्पादन बढ़ता है।
  4. खनिज लवण व अन्य पोषक तत्वों का अवशोषण अधिक मात्रा में व सुगमता से होता है। इस कारण पादप को बाह्य पोषक तत्वों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है।
  5. ऑक्सीजन का संश्लेषण बढ़ जाता है।
  6. कवकमूल में कवक के कारण अवशोषण सतह बढ़ जाती है।
  7. कुछ पादपों में यह सम्बन्ध बीज अंकुरण के लिए आवश्यक है।
  8. कवक मूल के कारण उर्वरकों पर पादप की निर्भरता कम होती है तथा इससे धन की बचत होती है।
  9. पादप में लवणता तथा सूखे के प्रति सहनशीलता बढ़ जाती है।
  10. चीड़ के पादप कवक सम्बन्ध के अभाव में कभी-कभी सड़ जाते हैं अतः यह सम्बन्ध जंगल निर्माण में सहायक होता है।
  11. एक्टोट्रॉफिक कवक मूल के कारण बहुत से पादपों से पिथियम, फाइटोप्थोरा, फ्यूसेरियम आदि का संक्रमण नहीं हो पाता है।

प्रश्न 8.
बीटी क्या है? यह किस प्रकार कीटों के प्रति प्रतिरोधकता उत्पन्न करते हैं? समझाइए ।
उत्तर:
बीटी (Bt) एक प्रकार का जीवविष है । यह बैसीलस थुरीनजिएंसीस ( संक्षेप में बीटी) नामक जीवाणु से निर्मित होता है । बीटी जीवविष जीन जीवाणु से क्लोनीकृत होकर पौधों में अभिव्यक्त होकर कीटों (पीड़कों) के प्रति प्रतिरोधकता पैदा करता है। जिससे कीटनाशकों के उपयोग की आवश्यकता नहीं रह गई है। इस तरह से जैव पीड़कनाशकों का निर्माण होता है।

उदाहरण- बीटी कपास, बीटी मक्का, धान, टमाटर, आलू आदि । बीटी कपास – बैसीलस धूरीनजिएंसीस की कुछ नस्लें ऐसे प्रोटीन का निर्माण करती हैं जो विशिष्ट कीटों जैसे-लपीडोप्टेशन (तम्बाकू की कलिका कीड़ा, सैनिक कीड़ा) कोलियोप्टेरान (भृंग) व डीप्टेरान (मक्खी, मच्छर ) को मारने में सहायक हैं। बी. थूरीनजिएंसीस अपनी वृद्धि की विशेष अवस्था में कुछ प्रोटीन रवों का निर्माण करती है।

इन रवों में विषाक्त कीटनाशक प्रोटीन होता है। यह जीवविष बैसीलस को क्यों नहीं मारता? वास्तव में बीटी जीवविष प्रोटीन, प्राक्जीव विष निष्क्रिय रूप में होता है, ज्योंही कीट इस निष्क्रिय जीव विष को खाता है, इसके रवे आंत में क्षारीय पी. एच. के कारण घुलनशील होकर सक्रिय रूप में परिवर्तित हो जाते हैं।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

सक्रिय जीवविष मध्य आंत के उपकलीय कोशिकाओं की सतह से बंधकर उसमें छिद्रों का निर्माण करते हैं जिस कारण से कोशिकाएँ फूल. कर फट जाती हैं और परिणामस्वरूप कीट की मृत्यु हो जाती है। विशिष्ट बीटी जीवविष बैसीलस थुरीनजिएंसीस से पृथक् कर कई फसलों जैसे कपास में समाविष्ट किया जा चुका है। जींस का चुनाव फसल व निर्धारित कीट पर निर्भर करता है। जबकि सर्वाधिक बीटी जीवविष कीट समूह विशिष्टता पर निर्भर करते हैं।

प्रश्न 9.
निम्न को कारण सहित समझाइए-
(1) अस्पतालों में उबले हुए उपकरणों का प्रयोग आवश्यक है।
उत्तर:
उपकरणों को उबालने से जीवाणु इत्यादि समाप्त हो जाते हैं जिससे संक्रमण होने की संभावना नहीं रहती है।

(2) लेग्यूमिनोसी कुल के पौधे जिस खेत में उगाये जाते हैं उसकी उर्वरता बनी रहती है।
उत्तर:
लेग्यूमिनोसी कुल के पादपों की जड़ें ग्रन्थिकामय होती हैं। इन ग्रन्थियों में राइजोबियम लेग्यूमिनोसेरम नामक जीवाणु रहते हैं जो नाइट्रोजन स्थिरीकरण कर भूमि की उर्वरता को बढ़ाते हैं ।

(3) ताजा तथा बिना उबला हुआ दूध खट्टा होने की सम्भावना अधिक होती है।
उत्तर:
कुछ जीवाणु दूध में उपस्थित लेक्टोस शर्करा को लेक्टिक अम्ल में किण्वित करते हैं जिससे दूध खट्टा हो जाता है, जैसे-. स्ट्रेप्टोकोकस लैक्टिस, लेक्टोबैसिलस कैसिआई, ले. एसिडोफिल्स आदि । दूध को उबालने से ये जीवाणु समाप्त हो जाते हैं तथा दूध को खट्टा होने से बचाया जा सकता है।

(4) शराब अधिक समय तक रखने पर खट्टी हो जाती है।
उत्तर:
शराब अधिक समय तक रखने पर जीवाणुओं का प्रकोप हो जाने से खट्टी हो जाती है।

(5) सड़ी-गली चीजों का सड़ते समय तापमान अधिक होता है।
उत्तर:
ये मृतोपजीवी जीवाणु होते हैं, कार्बनिक पदार्थों के ऑक्सीकरण व उपापचय क्रियाओं से ऊर्जा निकलने के कारण ताप बढ़ जाता है।

प्रश्न 10.
बायोगैस का उत्पादन करते समय किण्वन सम्बन्धी कौन-कौनसी परिस्थितियाँ बनाए रखना आवश्यक है ?
उत्तर:
बायोगैस का उत्पादन करते समय किण्वन सम्बन्धी निम्न परिस्थितियाँ बनाए रखना आवश्यक है-

  1. किण्वन पूर्णत: अवायवीय पर्यावरण में कराया जाना चाहिए और किसी भी तरह मुक्त ऑक्सीजन मौजूद नहीं होनी चाहिए।
  2. फरमेंटर (किण्वक) के भीतर pH 6.8 से 7.6 तक लगभग उदासीन (Neutral) स्तर पर बनाए रखना चाहिए।
  3. किण्वन में मीथेनजनी बैक्टीरिया उपस्थित होने चाहिए।

प्रश्न 11.
उद्योगों में इस्तेमाल किए जाने वाले महत्त्वपूर्ण सूक्ष्मजीव के नाम लिखिए। किन्हीं पाँच उत्पादों का नाम लिखिए जिनके निर्माण में सूक्ष्मजीवों का इस्तेमाल किया जाता है।
उत्तर:
उद्योगों में इस्तेमाल किए जाने वाले महत्त्वपूर्ण सूक्ष्मजीव इस प्रकार हैं-

  1. यीस्ट (कवक)
  2. फंफूद (कवक)
  3. जीवाणु
  4. तंतुमय बैक्टीरिया (ऐक्टिनोमायेसिटीज) ।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

सूक्ष्मजीवों को अग्र उत्पादों के निर्माण में इस्तेमाल किया जाता है-

  • ऐल्कोहॉल-युक्त पेय पदार्थ
  • दही
  • प्रतिजैविक
  • कार्बनिक रसायन जिनमें विटामिन, स्टीरॉइड एवं एंजाइम शामिल हैं।
  • बायोगैस ।

प्रश्न 12.
ऐसे कोई सामान्य पाँच एंटीबायोटिक लिखकर उनके स्रोत का भी नाम लिखिए।
उत्तर:
एंटीबायोटिक तथा उनके स्रोत

एंटीबायोटिकस्रोत
1. क्लोरोटेट्रासाइक्लिनस्ट्रेप्टोमाइसीज ऑरीफेसिस
2. स्ट्रेप्टोमाइसिनस्ट्रेप्टोमाइसीज ग्रीसेव्स
3. पैनिसीलिनपेनिसिलियम नोटेटम
4. सेफेलोस्पोरिनसेफेलोस्पोरियम एक्रीमोनियम
5. साइक्लोहेक्सिमाइडस्ट्पेप्टोमाइसीज ग्रीसेक्स

प्रश्न 13.
जैव उर्वरक पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
अथवा
जैव उर्वरक किसे कहते हैं? उदाहरण सहित समझाइए ।
उत्तर:
जैव उर्वरक (Biofertilisers) – मृदा की उर्वरता बढ़ाने वाले सूक्ष्मजीवों को जैव उर्वरक अथवा बायोफर्टिलाइजर्स कहते हैं। कई नाइट्रोजन स्थायीकर जीवाणु, नीलहरित शैवालें, मूल कवकें आदि मृदा की उर्वरता बढ़ाते हैं। उनमें से कुछ महत्त्वपूर्ण उदाहरण निम्न हैं-
(1) लेग्यूम – राइजोबियम सहजीवन- फलीदार पौधों की मूलों की ग्रंथियों में निवास करने वाली राइजोबियम की जातियाँ पौधे को उपयोग करने योग्य रूप में नाइट्रोजन उपलब्ध कराती हैं।

(2) एजोला – एनाबीना सहजीवन – एजोला एक जलीय टेरिडोफाइट है जो जल की सतह पर वृद्धि करता है। इसके साथ ऐनाबीना नामक नील हरित शैवाल सहजीवी रूप में रहती है तथा पादप को नाइट्रेट उपलब्ध कराती है।

(3) मुक्तजीवी सायेनोबैक्टीरिया तथा बैक्टीरिया-रिवुलेरिया व नॉस्टॉक (नील हरित शैवाल) तथा क्लोस्ट्रीडियम व एजेटोबेक्टर (मुक्तजीवी जीवाणु) मृदा में स्वतंत्र रूप से रहते हुये वायुमण्डल की नाइट्रोजन का यौगिककरण करते हैं। आजकल जैवप्रौद्योगिकी तकनीकों के अनुप्रयोग से सूक्ष्मजीवों के नाइट्रोजन स्थिर करने वाले जीन (Nif जीन) को उच्च पादपों में स्थानांतरित करने के प्रयास जारी हैं।

प्रश्न 14.
लैग्यूमिनस पादप की जड़ों पर स्थित ग्रन्थियों को नष्ट कर दिया जाये तो पादप पर क्या प्रभाव पड़ेगा? सकारण समझाइए ।
उत्तर:
जैव उर्वरक एक प्रकार के जीव हैं, जो मृदा की पोषक गुणवत्ता को बढ़ाते हैं। जैव उर्वरकों का मुख्य स्रोत जीवाणु, कवक तथा सायनोबैक्टीरिया होते हैं। लैग्यूमिनस पादपों की जड़ों पर विद्यमान ग्रन्थियों (nodules) का निर्माण राइजोबियम जीवाणु के सहजीवी संबंध द्वारा होता है। यह जीवाणु वायुमंडलीय नाइट्रोजन को स्थिरीकृत कर कार्बनिक रूप में परिवर्तित कर देते हैं व पादप इसका उपयोग पोषकों के रूप में करते हैं। यदि इन पौधों से ग्रन्थियों को नष्ट कर दिया जाये तो पादप पोषक पदार्थों के अभाव में वृद्धि नहीं कर पायेंगे व धीरे-धीरे नष्ट हो जायेंगे।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

प्रश्न 15
विभिन्न पेय उत्पादन में सूक्ष्मजीवों के उपयोग को उदाहरण सहित समझाइए ।
उत्तर:
सूक्ष्मजीव विशेषकर यीस्ट का प्रयोग प्राचीन काल से वाइन, बियर, व्हिस्की, ब्रान्डी, जिन, रम आदि पेयों के उत्पादन में किया जाता रहा है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए वही यीस्ट- सैकेरोमाइसिस सिरेबिसी जो सामान्यतः बेकर्स यीस्ट के नाम से प्रसिद्ध है, ब्रेड बनाने वाले तथा माल्टीकृत धान्यों फलों के रसों में एथेनॉल उत्पन्न करने में प्रयुक्त किया जाता है। इन सभी क्रियाओं में किण्वन होता है, जिसे निम्न समीकरण द्वारा बताया जा रहा है-
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव 2
विभिन्न प्रकार के ऐल्कोहॉलीय पेय की प्राप्ति किण्वन तथा विभिन्न प्रकार के संसाधन (आसवन अथवा उसके बिना) कच्चे पदार्थों पर निर्भर करती है। शराब, बियर, सिडर, रेड वाइन, शैम्पियन, शैरी, टोड़ी आदि का उत्पादन बिना आसवन के होता है जबकि व्हिस्की, ‘ब्रान्डी तथा रम किण्वित रस के आसवन द्वारा तैयार किये जाते हैं।

निबन्धात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1.
औद्योगिक उत्पादों में सूक्ष्मजीव से क्या तात्पर्य है? पेय पदार्थ बनाने में सूक्ष्मजीव किस प्रकार हमारी मदद करते हैं? समझाइए ।
उत्तर:
औद्योगिक उत्पादों में सूक्ष्मजीव-उद्योगों में सूक्ष्मजीवियों का प्रयोग बहुत से उत्पादों के निर्माण में किया जाता है जो कि मनुष्य के लिए मूल्यवान होते हैं। मादक पेय तथा प्रतिजैविक (एंटीबॉयोटिक) इसके कुछ उदाहरण हैं । व्यावसायिक पैमाने पर सूक्ष्मजीवियों को पैदा करने के लिए बड़े बर्तन की आवश्यकता होती है जिसे किण्वक (Fermenter) कहते हैं।

सूक्ष्म जीव विशेषकर यीस्ट का प्रयोग प्राचीन काल से वाइन, बीयर, व्हिस्की, रम जैसे पेयों के उत्पादन में किया जाता आ रहा है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए यीस्ट सैकेरोमाइसीज सेरीविसी (Saccharomyces cerevisiae) ब्रेड बनाने तथा माल्टीकृत धान्यों तथा फलों के रसों से ऐथनॉल उत्पन्न करने में प्रयोग किया जाता है।

किण्वन तथा विभिन्न प्रकार के संसाधन (आसवन अथवा उसके बिना) कच्चे पदार्थों पर निर्भर करती है; वाइन तथा बीयर का उत्पादन बिना आसवन के; जबकि व्हिस्की, ब्रांडी तथा रम किण्वित रस के आसवन द्वारा तैयार किये जाते हैं।

प्रश्न 2.
जीवाणु फेज क्या हैं? इनकी संरचना का सविस्तार वर्णन कीजिए।
उत्तर:
विषाणु जो जीवाणुओं को संक्रमित कर नष्ट कर देते हैं, उन्हें जीवाणुभोजी या बैक्टीरियोफेज (Bacteriophage) या संक्षेप में फेज (Phage) कहते हैं। फेज शब्द ग्रीक शब्द फेगॉस (Phagos) से उत्पन्न हुआ है जिसका अर्थ दूसरों का भक्षण करना है। इनकी खोज ट्वार्ट एवं डी हैरेल द्वारा पृथक् रूप से की गई थी। जीवाणुभोजी जीवाणुओं की ही भाँति लगभग हर प्रकार के आवास एवं प्राकृतिक अवस्थाओं में पाये जाते हैं।

आकारिकी (Morophology) की दृष्टि से इनमें अत्यधिक असमानताएँ हैं। जीवाणुभोजी की संरचना – एक प्रारूपिक जीवाणुभोजी की संरचना टैडपोल के समान होती है, जो स्पष्ट शीर्ष एवं पुच्छ (Tail) में विभेदित होता है। अधिकांश जीवाणुभोजी (T2, T6) सिर प्रिज्माभ होता है जबकि इसकी पूँछ लम्बी एवं बेलनाकार होती है, पूँछ प्रिज्माभ सिर से जुड़ी रहती है।

इसकी सहायता से ये जीवाणु कोशिका से संलग्न होते हैं। इसकी लम्बाई लगभग सिर की लम्बाई के बराबर होती है। प्रिज्माभ सिर प्रोटीन अणुओं द्वारा बना होता है एवं इसके केन्द्रीय कोर में एक लम्बा DNA का एक वृहत् अणु होता है। सिर एवं पूँछ के मध्य एक कॉलर होती है। पूँछ के समीपस्थ छोर पर कॉलर से जुड़ी षट्कोणीय प्लेट होती है जिसे आधार प्लेट कहते हैं। आधार प्लेट की निचली सतह पर 6 पुच्छ तंतु जुड़े रहते हैं जिनकी सहायता से फेज जीवाणु की सतह से चिपका रहता है तथा इनके द्वारा स्त्रावित एन्जाइम जीवाणु की भित्ति से संलयन (Lysis) में सहायक होते हैं।
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव 3

प्रश्न 3.
जीवाणुओं की लाभदायक गतिविधियों का वर्णन कीजिए।
अथवा
हम किस प्रकार कह सकते हैं कि जीवाणु हमारे मित्र हैं? समझाइए ।
उत्तर:
लाभदायक गतिविधियाँ ( Useful activities) – बैक्टीरिया अत्यंत महत्त्वपूर्ण सूक्ष्मजीव हैं। ये वातावरण के नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करके मृदा की उर्वरता को बढ़ाते हैं, डेयरी उद्योग में दही बनाने के काम आते हैं तथा अनेक प्रमुख प्रतिजैविक भी इन्हीं से मिलते हैं। बैक्टीरिया द्वारा मनुष्य को पहुँचने वाले लाभों की सूची अग्र दी गई है-
(1) नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Nitrogen Fixation) – कुछ बैक्टीरिया वायुमण्डल में स्थित आणविक नाइट्रोजन को नाइट्रोजन के यौगिक में बदल देते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं-

  • स्वतंत्र रूप से रहने वाले (Fire Living) -मृदा में नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करने वाले, जैसे- ऐजोटोबैक्टर, क्लॉस्ट्रीडियम आदि ।
  • सहजीवी (Symbiotic) -लेग्यूमिनोसी कुल के पौधों की जड़ों की ग्रंथिकाओं में सहजीवन करने वाले, जैसे- राइजोबियम लेग्युमिनोसेर ।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

(2) नाइट्रीकरण जीवाणु (Nitrifying Bacteria) – ये दो प्रकार के होते हैं-

  • अमोनिया को नाइट्राइट (NO2) में बदल देने वाले, जैसे- नाइट्रोसोमोनास ।
  • अमोनिया को नाइट्रेट (NO3) में बदल देने वाले, जैसे- नाइट्रोबेक्टर ।

(3) अमोनीकरण (Ammonification)- ये बैक्टीरिया, प्रोटीन तथा कुछ अन्य जटिल पदार्थों को अमोनिया में बदल देते हैं, जैसे- बैसिलस माइकॉइडिस ।

(4) खाद्य श्रृंखला में (In Food Chains) – कुछ बैक्टीरिया, पौधे तथा जन्तुओं के मृत शरीर पर वृद्धि करते हैं और इन जटिल कार्बनिक पदार्थों को सरल अकार्बनिक पदार्थों में बदल देते हैं। इस कारणवश मृदा में पौधों के लिए उपयोगी पोषक तत्त्व संचयित होते हैं । पौधे इन सरल अकार्बनिक तत्वों का अवशोषण करते हैं।

(5) डेयरी उद्योग में (In Dairy) – बैक्टीरिया, दूध में उपस्थित लैक्टोस (Lactose) शर्करा को लैक्टिक अम्ल में बदल देते हैं। इस कारणवश दूध खट्टा हो जाता है। इस प्रकार की किण्वन क्रिया करने वाले मुख्य बैक्टीरिया हैं स्ट्रेप्टोकोकस लैक्टिस, लैक्टोबैसिलस कैसिआई, लै. एसिडोफिलस इत्यादि ।

(6) अन्य उद्योगों में (In other Industries) – अनेक महत्त्वपूर्ण पदार्थों का निर्माण विभिन्न बैक्टीरिया की सहायता से किया जाता है। सिरका, लैक्टिक अम्ल, लाइसीन, ऐसीटोन, ब्यूटोनोल निर्माण में तथा तन्तुओं को सड़ाने व तम्बाकू एवं चाय उद्योग में बैक्टीरिया का विशेष महत्त्व है।

(7) मानव के आंत्र में सहजीवन (Symbiosis in Human Intestine)-मानव तथा अनेक कशेरुकी प्राणियों के आंत्र में एशिरिकिआ कोली ( Escherichia coli) पाया जाता है। यह बैक्टीरिया सामान्यतः हानिकारक नहीं होता और पाचन क्रियाओं में सहायक होता है।

(8) रोमन्थी प्राणियों में (In Ruminate Animals) – इन प्राणियों के रुमेन (rumen, प्रथम आमाशय) में सेलुलोस के पाचन के काम करने वाले बैक्टीरिया, जैसे- रुमिनोकोकस एल्बस इत्यादि पाये जाते हैं। ये प्राणी मुख्यतः घास चरते हैं परन्तु घास के सेलुलोस को केवल उनके रुमेन में पाये जाने वाले बैक्टीरिया ही अपघटित कर सकते हैं।

(9) प्रतिजैविक अथवा ऐन्टिबायोटिक (Antibiotics) – ये जीवधारियों के उपापचयी व्युत्पन्न होते हैं। किसी अन्य सूक्ष्म बैक्टीरिया के लिए हानिकारक अथवा निरोधी ( inhibitory ) होते हैं। प्रतिजैविक प्रतियोगिता निरोध (competitive inhibition ) द्वारा रोगों को ठीक करते हैं। अधिकतर प्रतिजैविक, बैक्टीरिया से ही प्राप्त होते हैं।

(10) मल व्यवस्था ( Sewage Oxidation) – कृत्रिम जलाशयों में मलमूत्र इत्यादि एकत्रित करके बैक्टीरिया द्वारा उनका ऑक्सीकरण किया जाता है। इस क्रिया में निकलने वाली CO2 शैवाल उपयोग में ले जाते हैं। और यह शैवाल ऑक्सीजन छोड़ते हैं। यह ऑक्सीजन मलमूत्र के ऑक्सीकरण में उपयोगी होती है। शैवाल तथा बैक्टीरिया, मलव्यवस्था ताल (Sewage pond) में सहजीविता ( Symbiosis) दिखाते हैं।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न-

1. निम्न में से वाहित मल उपचार के लिए अवायवीय अपांक संपाचित्र में डाला जाता है- (NEET-2020)
(अ) तैरते हुए कूड़े-करकट
(ब) प्राथमिक उपचार के लिए वहिःसाव
(स) संक्रियीत अपांक
(द) प्राथमिक अपांक
उत्तर:
(स) संक्रियीत अपांक

2. निम्न स्तम्भों का मिलान कीजिए- (NEET-2020)

स्तम्भ-Iस्तम्भ-II
1. क्लोस्ट्रीडियम ब्यूटायलिकम(i) साइक्लोस्पेरिन
2. टाइकोडर्मा पॉलीस्पोरम(ii) ब्यूटिरिक अम्ल
3. मोनास्कस परप्यूरीअस(iii) सिट्रिक अम्ल
4. एस्चरजिलस नाइगर(iv) रक्त-कोलेस्टेरोल कम करने वाला कारक
विकल्प :1234
(अ)(ii)(i)(iv)(iii)
(ब)(i)(ii)(iv)(iii)
(स)(iv)(iii)(ii)(i)
(द)(iii)(iv)(ii)(i)

उत्तर:

(अ)(ii)(i)(iv)(iii)

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

3. निम्नलिखित में से किसे जैव नियंत्रण के एक कारक के रूप में पादप रोग उपचार के लिए उपयोग किया जा सकता है? (NEET-2019)
(अ) लैक्टोवेसीलस
(ब) ट्राइकोडर्मा
(स) क्लोरेला
(द) एनाबीना
उत्तर:
(ब) ट्राइकोडर्मा

4. निम्न में से कौन रुधिर कॉलेस्ट्राल कम करने वाला व्यावसायिक कारक है?
(NEET-2019)
(अ) लाइपेज
(ब) साइक्लोस्पोरीन
(स) स्टैनिन
(द) स्ट्रेप्टोकाइनेज
उत्तर:
(स) स्टैनिन

5. दूध के दही में रूपान्तरण से इसकी अच्छी पोषक क्षमता किसकी वृद्धि के कारण होता है? (NEET-2018)
(अ) विटामिन B12
(ब) विटामिन A
(स) विटामिनD
(द) विटामिन E
उत्तर:
(अ) विटामिन B12

6. बेमेल चुनिए- (NEET-2017)
(अ) फ्रंकिया – एलनस
(ब) रोडोस्पायरलम – कवकमूल
(स) एनाबीना – नाइट्रोजन स्थायीकारक\
(द) राइजोवियम-एल्फाएल्फा
उत्तर:
(ब) रोडोस्पायरलम – कवकमूल

7. निम्नलिखित में से कौनसा वाहितमल उपचार में निलम्बित हुए ठोसों को निकालता है? (NEET-2017)
(अ) तृतीयक उपचार
(ब) द्वितीयक उपचार
(स) प्राथमिक उपचार
(द) अपांक उपचार
उत्तर:
(स) प्राथमिक उपचार

8. निम्न में कौन उसके द्वारा उत्पन्न उत्पाद के साथ उचित रूप से मेलित है- (NEET-2017)
(अ) एसीटोवेक्टर : प्रतिजैविक
(ब) मीथोमोबैक्टीरियम : लैक्टिक अम्ल
(स) पेनीसिलीयम नोटेटम : एसीटिक अम्ल
(द) सैकरोसाइसीटीज सैरीवीसी : एथेनॉल
उत्तर:
(द) सैकरोसाइसीटीज सैरीवीसी : एथेनॉल

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

9. नीचे दी गई तालिका में गलत मिलाई गई मदों को चुनिए- (NEET-2016)

विकल्प :सूक्ष्मजीवउत्पादअनुप्रयोग
(अ)स्ट्रेप्टोकॉकसस्ट्रेप्टोकाइनेजरुधिर वाहिका से थक्का को हटाना
(ब)क्लॉस्ट्रीडियमलाइपेजतेल के धब्बों को हटाना
(स)ट्राइकोडर्मा पोलीस्पोरमसाइक्लोस्पोरिन – Aप्रतिरक्षा संदमक औषधि
(द)मौनेस्कस परप्यूरियसस्टेटिंसरुधिर कॉलेस्ट्रोल को कम करना

उत्तर:
(ब)

10. कॉलम-I और कॉलम-II के बीच मिलान कीजिए- (NEET-2016)

कॉलम-Iकॉलम-II
1. सिट्रिक अम्ल(i) ट्राइकोडर्मा
2. साइक्लोस्पोरिन(ii) क्लास्ट्रिडियम
3. स्टेनिन(iii) ऐस्परिजिलस
4. ब्यूटाइरिक अम्ल(iv) मौनेस्कस
विकल्प :1234
(अ)(i)(iv)(ii)(iii)
(ब)(iii)(iv)(i)(ii)
(स)(iii)(i)(ii)(iv)
(द)(iii)(i)(iv)(ii)

उत्तर:

(द)(iii)(i)(iv)(ii)

11. वह कौनसा शैवाल है जिसे मानव के लिए खाद्य के रूप में नियोजित किया जा सकता है- (NEET-2014)
(अ) यूलोथ्रिक्स
(ब) क्लोरेला
(स) स्पाइरोगायरा
(द) पालिसाइफोनिया
उत्तर:
(ब) क्लोरेला

12. निम्नलिखित में से कौनसे कवक में हेलोसिनोजन होते हैं- (NEET-2014)
(अ) मारकेला एस्कुलेन्टा
(ब) अमानीरा मास्कादिया
(स) न्यूरोरचोरा जाति
(द) अस्टीलेगो जाति
उत्तर:
(ब) अमानीरा मास्कादिया

13. सिट्रिक अम्ल का अच्छा उत्पादक कौनसा है- (NEET-2013)
(अ) एस्चरजिलस
(ब) स्यूडोमोनास
(स) क्लॉस्ट्रीडियम
(द) सैकेरोमाइसीज
उत्तर:
(अ) एस्चरजिलस

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

14. जल-मल के उपचार के दौरान विभिन्न बायो गैसें उत्पन्न होती हैं, जिनमें शामिल हैं- (NEET-2013)
(अ) मीथेन, हाइड्रोजन सल्फाइड, कार्बनडाइऑक्साइड
(ब) मीथेन, ऑक्सीजन, हाइड्रोजनसल्फाइड
(स) हाइड्रोजनसल्फाइड, मीथेन सल्फरडाइऑक्साइड
(द) हाइड्रोजनसल्फाइड, नाइट्रोजन, मीथेन
उत्तर:
(अ) मीथेन, हाइड्रोजन सल्फाइड, कार्बनडाइऑक्साइड

15. धान के खेतों में एजोला के साथ साहचर्य बनाता हुआ एक नाइट्रोजन यौगीकरण जीवाणु कौनसा है- (NEET-2012)
(अ) स्पाइरूलाइना
(ब) ऐनाबीना
(स) फ्रेन्किया
(द) टोलीपेश्रिक्स
उत्तर:
(ब) ऐनाबीना

16. गोबर गैस में सबसे अधिक मात्रा किसकी होती है? (Mains-2012)
(अ) ब्यूटेन
(ब) मीथेन
(स) प्रोपेन
(द) कार्बन डाइऑक्साइड
उत्तर:
(ब) मीथेन

17. निम्नलिखित में से कौनसा एक जैव उर्वरक नहीं है? (NEET-2011)
(अ) एग्रोबेक्टिरियम
(ब) राइजोवियम
(स) नॉस्टॉक
(द) माइकोराइजा
उत्तर:
(अ) एग्रोबेक्टिरियम

18. मिथेनोजन कहे जाने वाले जीव प्रचुर मात्रा में कहाँ पाए जाते हैं? (NEET-2011)
(अ) गंधक की चट्टानों
(ब) मवेशी बाड़ा
(स) प्रदूषित सरिता
(द) उष्म झरने
उत्तर:
(ब) मवेशी बाड़ा

19. जैविक ऑक्सीजन आवश्यकता (Biological Oxygen Demand) एक माप है- (RPMT-2010)
(अ) जल स्रोतों में उड़ेले गये औद्योगिक अपशिष्टों की
(ब) जैविक यौगिकों द्वारा प्रदूषित जल के विस्तार की
(स) पृथक् न होने योग्य कार्बन मोनोऑक्साइड की हीमोग्लोबिन युक्त मात्रा
(द) रात्रि में हरे पौधों को आवश्यक ऑक्सीजन की मात्रा
उत्तर:
(द) रात्रि में हरे पौधों को आवश्यक ऑक्सीजन की मात्रा

20. जैव गैस उत्पादन में प्रयुक्त जीवाणु समूह है- (BSEB-2010)
(अ) यूबैक्टिरिया
(ब) आर्गेनोट्राॅफ
(स) मीथेनोट्रॉफ
(द) मेथेनोजन
उत्तर:
(द) मेथेनोजन

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

21. सर्वाधिक एन्टीबायोटिक्स किससे प्राप्त किये जाते हैं- (MP PMT-2009)
(अ) बेसिलस द्वारा
(ब) पेनिसिलियम द्वारा
(स) स्ट्रेप्टोमायसिसं द्वारा
(द) सिफेलोस्पोरियम द्वारा
उत्तर:
(अ) बेसिलस द्वारा

22. निम्न में सहजीवी नाइट्रेजन स्थिरीकरण है- (CBSE PMT-2009)
(अ) एजेटेबैक्टर
(ब) फ्रेंकिया
(स) एजोला
(द) ग्लोमस
उत्तर:
(ब) फ्रेंकिया

23. निम्न में से किसका प्रयोग जैव कीटनाशी के रूप में नहीं किया जाता है- (CBSE PMT-2009)
(अ) ट्राइकोडर्मा हाराजिए्सिस
(ब) न्यूक्लियर पॉलीहेड्रोसिस वायरस (NPV)
(स) जैन्थोमोनास कैस्पेस्ट्रिस
(द) बेसीलस थूरिज्जिएन्सिस
उत्तर:
(ब) न्यूक्लियर पॉलीहेड्रोसिस वायरस (NPV)

24. लेक्टिक अम्ल जीवाणु (LAB) उचित तापक्रम पर दूध को दही में बदल देता है जिससे उसकी पोषक गुणवत्ता में निम्न में से कौन-सा विटामिन बढ़ जाता है- (AMU-2009)
(अ) A
(ब) B
(स) C
(द) D
उत्तर:
(ब) B

25. ऐलनस की मूल ग्रंथिकाओं में नाइट्रोजन स्थिरीकरण किसके द्वारा सम्पन्न होता है? (NEET-2008)
(अ) फ्रेन्किया
(ब) एजोराइजोवियम
(स) ब्रैडीराइजोवियम
(द) क्लास्ट्रीडियम
उत्तर:
(अ) फ्रेन्किया

26. ट्राइकोडर्मा हैर्जिएनम किस एक के लिए एक उपयोगी सूक्ष्म जीव सिद्ध हो चुका है? (NEET-2008)
(अ) उच्चतर पौधों में जीन स्थानान्तरण
(ब) मृदावाही पादप रोगजनकों के जैवकीय नियंत्रण
(स) सदूषित मृदाओं का जैवोपचार
(द) बंजर भूमि का पुनरुद्धार
उत्तर:
(ब) मृदावाही पादप रोगजनकों के जैवकीय नियंत्रण

27. प्रोबायोटिक्स (NEET-2007)
(अ) सजीव सूक्ष्मजीवीय खाद्य सम्पूरक
(ब) सुरक्षित एंटीबायोटिक्स
(स) कैंसर प्रेरक सूक्ष्मजीव
(द) नये प्रकार के खाद्य पदार्थ
उत्तर:
(अ) सजीव सूक्ष्मजीवीय खाद्य सम्पूरक

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

30. स्ट्रैप्टोमाइसिन उत्पादित की जाती है- (BHU-2006)
(अ) स्ट्रेप्टोमाइसिस स्कोलियस द्वारा
(ब) स्ट्रेप्टोमाइसिस फ्रेडी द्वारा
(स) स्ट्रेप्टोमाइसिस वैनेजुएली द्वारा
(द) स्ट्रेप्टोमाइसिस ग्रीसिअस द्वारा
उत्तर:
(स) स्ट्रेप्टोमाइसिस वैनेजुएली द्वारा

31. ऐल्कोहॉल का किण्वन किसकी उपस्थिति में होता है- (RPMT-2006)
(अ) माल्टेज
(ब) जाइमेज
(स) एमाइलेज
(द) इन्वरटेज
उत्तर:
(ब) जाइमेज

32. बीयर बनाने में किण्वन (Fermentation) प्रक्रम के दौरान किस कच्चे पदार्थ का उपयोग किया जाता है- (Orissa JEE-2005)
(अ) सब्जियों का मण्ड
(ब) अनाजों का मण्ड
(स) फलों की शर्करा
(द) दालों की प्रोटीन
उत्तर:
(ब) अनाजों का मण्ड

33. बैसीलस थूरिन्जियन्सिस (Bt) प्रभेद का प्रयोग किया गया है- (CBSE-2005)
(अ) बायो-मैटालर्जिक तकनीक के लिए
(ब) बायो-मिनरेलाइजेशन प्रोसेस के लिये
(स) बायो-इन्सेक्टीसाइडल पौधों के लिए
(द) जैविक उर्वरकों के लिए
उत्तर:
(स) बायो-इन्सेक्टीसाइडल पौधों के लिए

34. एजोला का किसके साथ सहजीवी संबंध होता है- (CBSE-2004)
(अ) क्लोरेला
(ब) एनाबीना
(स) नोस्टोक
(द) टोलीपोश्रिक्स
उत्तर:
(ब) एनाबीना

35. Nif जीन पाया जाता है- (CPMT-2004)
(अ) पेनीसीलियम में
(ब) राइजोबियम में
(स) एस्परजिलस में
(द) स्ट्रैप्टोकोकस में
उत्तर:
(ब) राइजोबियम में

36. निम्नलिखित में से किसका उपयोग ब्रेड (bread) बनाने में होता है- (MP PMT-2004)
(अ) राइजोपस स्टोलोनीफर
(ब) जाइगोसैकरो माइसीज
(स) सैकेरोमाइसीज सेरेविसी
(द) सैकेरोमाइसीज लुडबीजाई
उत्तर:
(स) सैकेरोमाइसीज सेरेविसी

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

37. स्ट्रैप्टोकॉकस किसके निर्माण में उपयोग किया जाता है- (BVP-2004)
(अ) वाइन (Wine)
(ब) ब्रेड (bread)
(स) चीज (Cheese)
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(स) चीज (Cheese)

38. निम्न में से कौनसे जीव का उपयोग रोक्यूफॉर्ट (Roquefort) पनीर को बनाने में किया जाता है- (BHU-2004)
(अ) म्युकर
(ब) राइजोपस
(स) एस्परजिलस
(द) पेनिसिलियम
उत्तर:
(द) पेनिसिलियम

39. ऐल्कोहॉलीय किण्वन के लिये कौन-सा जीवधारी प्रयोग किया जाता है- (MHCET-2004)
(अ) पेनिसिलियम (Penicillium)
(ब) स्यूडोमोनॉस (Pseudomonas)
(स) एस्पराजिलस (Aspergilus)
(द) सैकेरोमाइसीज (Saccharomyces)
उत्तर:
(द) सैकेरोमाइसीज (Saccharomyces)

40. गुंथे हुए आटे को पूरी रात गर्म वातावरण में रखने पर यह मुलायम एवं स्पंजी क्यों हो जाता है- (CBSE PMT-2004)
(अ) संसंजन (Cohesion) के कारण
(ब) परासरण
(स) वायुमण्डल में CO2 के अवशोषण के कारण
(द) किण्वन के कारण
उत्तर:
(द) किण्वन के कारण

41. इथाइल ऐल्कोहॉल व्यावसायिक रूप से किससे निर्मित होता है- (BHU-2004)
(अ) गेहूं
(ब) अंगूर
(स) मक्का
(द) गन्ना
उत्तर:
(द) गन्ना

42. स्ट्रेप्टोकोकस का प्रयोग तैयार करने में किया जाता है- (CBSE-2003)
(अ) वाइन
(ब) इडली
(स) पनीर
(द) ब्रेड
उत्तर:
(स) पनीर

43. एन्टीबायोटिक शब्द् सर्वप्रथम प्रयोग किया- (CBSE-2003)
(अ) फ्लेमिंग ने
(ब) पाश्चर ने
(स) वाक्समेन ने
(द) लिस्टर ने
उत्तर:
(स) वाक्समेन ने

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

44. पनीर तथा योगर्ट किस प्रक्रिया के उत्पाद हैं- (MP PMT-2003)
(अ) आसवन
(ब) पाश्चुराइजेशन
(स) किण्वन
(द) निर्जलीकरण
उत्तर:
(स) किण्वन

45. प्राचीनकाल में पनीर या चीज (Cheese) बनाई जाती थी- (BVP-2003)
(अ) एस्परजिलस के उपयोग से
(ब) रेनेज एन्जाइम के उपयोग से
(स) क्लॉस्ट्रीडियम जीवाणु के उपयोग से
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) रेनेज एन्जाइम के उपयोग से

46. पनीर उद्योग में उपयोग आने वाला रेनिन क्या होता है- (BVP-2002)
(अ) प्रतिजैविक (Antibiotic)
(ब) एल्केलॉएड (Alkaloid)
(स) जैव उत्प्रेरक (Biocatalyst)
(द) संदमक (Inhibitor)
उत्तर:
(स) जैव उत्प्रेरक (Biocatalyst)

47. स्वतंत्रजीवी अवायवीय नाइट्रोजन स्थिरीकारी जीवाणु है- (MP PMT-2002)
(अ) राइजोबियम
(ब) स्ट्रैप्टोकोकस
(स) एजोटोबैक्टर
(द) क्लॉस्ट्रीडियम
उत्तर:
(द) क्लॉस्ट्रीडियम

48. सिट्रिक अम्ल का उत्पादन होता है- (CBSE-2002)
(अ) राइजोपस से
(ब) म्यूकर से
(स) एस्परजिलस से
(द) सैकरोमाइसिस से
उत्तर:
(अ) राइजोपस से

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव

49. नॉस्टॉक में नाइट्रोजिनेज एन्जाइम पाया जाता है- (MP PMT-2001)
(अ) वर्धी कोशिकाओं में
(ब) हेटरोसिस्ट में
(स) दोनों ‘अ’ व ‘ब’ में
(द) केवल हार्मोगोन्स में
उत्तर:
(ब) हेटरोसिस्ट में

50. सायनोबैक्टीरिया के लिये यह सही है कि- (CBSE-2001)
(अ) ऑक्सीजन उत्पादी व नाइट्रीकारी है
(ब) ऑक्सीजन उत्पादी व अनाइट्रीकारी है
(स) अ-ऑक्सीजन उत्पादी व नाइट्रीकारी है
(द) अ-ऑक्सीजन उत्पादी व अनाइट्रीकारी है
उत्तर:
(अ) ऑक्सीजन उत्पादी व नाइट्रीकारी है

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 10 मानव कल्याण में सूक्ष्मजीव Read More »

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

Haryana State Board HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति Important Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

वस्तुनिष्ठ प्रश्न-

1. कितनी कोशिका अवस्था वाले निषेचित अण्डे को बिना शल्य चिक्रिसा से प्रास कर प्रतिनियुक्त मादा में स्थानान्तरित किया जाता है-
(अ) 8-32 कोशिका
(ब) 6-8 कोशिका
(स) 1-5 कोशिका
(द) 33-40 कोशिका
उत्तर:
(ब) 6-8 कोशिका

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

2. निम्न में गौ पशुओं में सुधार का कार्यक्रम है-
(अ) मल्टीपल ओबियूलेशन
(ब) एैम्ब्रयो ट्रांसफर
(स) (अ) व (ब) दोनों
(द) अन्तःप्रजनन अवसादन
उत्तर:
(ब) एैम्ब्रयो ट्रांसफर

3. शहद के उत्पादन के लिए मधुमक्खिखों के छत्तों के रखरखाव को कहते हैं-
(अ) मौन पालन
(ब) मछली पालन
(स) पशुपालन
(द) कुक्कुट पालन
उत्तर:
(अ) मौन पालन

4. निम्न में से मधुमक्खी के द्वारा परागण की क्रिया होती है-
(अ) सूर्यमुखी
(ब) सरसों
(स) नाशपाती
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी

5. स्पाइरुलिना किसका धनी स्रोत है ?
(अ) प्रोटीन
(ब) विटामिन
(स) खनिज
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(अ) प्रोटीन

6. किसी कोशिका कर्तोतकी से पूर्ण पादप में जनित्र होने की क्षमता कहलाती है-
(अ) ऊतक संवर्धन
(ब) अमरता
(स) सूक्ष्म प्रवर्धन
(द) पूर्णशक्तता
उत्तर:
(द) पूर्णशक्तता

7. जल अभाव के प्रति प्रतिरोधी उच्च उत्पादन वाली किस्में हैं-
(अ) संकर मक्का
(ब) संकर ज्वार
(स) संकर बाजरा
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी

8. ए. ऐसकुलैटस की नई किस्म है-
(अ) हरित क्रान्ति
(ब) नील क्रान्ति
(स) परभनी क्रान्ति
(द) नरभनी क्रान्ति
उत्तर:
(स) परभनी क्रान्ति

9. पशुओं की फार्मिंग (रखरखाव) के दौरान एक किलो मांस उत्पन्न करने के लिए कितने किलो धान्यों की आवश्यकता होती है?
(अ) 3-10 किग्रा.
(ब) 10-12 किग्रा.
(स) 14-15 किग्रा.
(द) 17-18 किय्रा.
उत्तर:
(अ) 3-10 किग्रा.

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

10. भारतीय कृषि अनुसंधान, नई दिल्ली द्वारा मोचित की गई कौनसी सब्जी की फसल है जिसमें विटामिन ‘सी’ प्रचुर मात्रा में पाया जाता है ?
(अ) करेला
(ब) बधुआ
(स) सरसों
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी

11. डॉ. नार्गन बोरलॉग का नाम किससे जुड़ा है?
(अ) हरित क्रांति
(ब) स्वेत क्रांति
(स) पीत क्रांति
(द) नील क्रांति
उत्तर:
(अ) हरित क्रांति

12. गेहूं का किसके साथ संकरण द्वारा ट्रिटीकेल प्रास हुआ-
(अ) जई
(ब) जौ
(स) मक्का
(द) राई
उत्तर:
(द) राई

13. फसली पौधों में प्रेरित उत्परिवर्तनजन के लिए सामान्यतः किसका उपयोग किया जाता है?
(अ) गामा किरणें (कोबाल्ट 60 से)
(ब) ऐल्फा कफ
(स) X-किरणें
(द) UV (200 mm)
उत्तर:
(अ) गामा किरणें (कोबाल्ट 60 से)

14. कर्तोतक का उपयोग होता है-
(अ) आनुर्वंशिक अभियांत्रिकी में
(स) सूक्ष्म प्रवर्धन में
(ब) DNA पुनर्बोगज में
(द) संरक्षण में।
उत्तर:
(स) सूक्ष्म प्रवर्धन में

15. मूंग में जो पीत मोजेक वायरस तथा चूर्णिल आसिता के प्रति प्रतिरोधक क्षमता किसके द्वारा प्रेरित थी-
(अ) अन्तःप्रेजनन
(ब) उत्परिवर्तन
(स) बहि:प्रजनन
(द) कृत्रिम गर्भाधान
उत्तर:
(ब) उत्परिवर्तन

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

16. विश्व की सर्वाधिक छाद्य अनाज प्रदान करने वाल तीन फसलें कौनसी हैं?
(अ) गेहु, चावल और मक्का
(ब) चावल, मक्का और सोरघम
(स) गेहूँ, मक्का और सोरघम
(द) गेहूं, चावल और जो
उत्तर:
(अ) गेहु, चावल और मक्का

17. गेहूँ की अर्द्धवामन किस्म का विकास किस वैज्ञानिक ने किया-
(अ) नारमैन ई. बारलौग
(ब) चारवेल ई. यारलौग
(स) चारमैन ई. लारलोग
(द) वारमैन ई. प्यारलौग।
उत्तर:
(द) वारमैन ई. प्यारलौग।

18. लबलब तथा गार्डन मटर में कौनसा पोषक तत्त्व प्रचुर मात्रा में पाया जाता है-
(अ) विटामिन-ए
(ब) विटामिन-सी
(स) आयरन एवं कैल्सियम
(द) प्रोटीन
उत्तर:
(द) प्रोटीन

19. विश्व की अत्यन्त उत्कृष्ट ऊन प्रदान करने वाली पश्मीना नस्ल किसकी है?
(अ) कश्मीर भेड़ तथा अफगान भेड़ का संकर
(ब) बकरी
(स) भेड़
(द) बकरी और भेड़ का संकर
उत्तर:
(ब) बकरी

20. गेहूँ के पास स्टेम सॉफ्लाई किसके कारण नहीं आती है?
(अ) जड़
(ब) पत्ती
(स) तना
(द) पुष्प
उत्तर:
(स) तना

21. मधुमक्खी पालन कहलाता है-
(अ) सेरीकल्चर
(ब) ऐपीकल्चर
(स) टिशूकल्चर
(द) पिसीकल्चर
उत्तर:
(ब) ऐपीकल्चर

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

22. हिसरडैल क्या है?
(अ) गाय
(ब) बकरी
(स) सुअर
(द) भेड़
उत्तर:
(द) भेड़

23. निम्न में कौनसे तीन मुख्य खाद्य पदार्थ (वसा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट) एक साथ हमें मिलते हैं?
(अ) केला
(ब) मूंगफली
(स) नारंगी
(द) चना
उत्तर:
(ब) मूंगफली

24. मक्का में संकर औज का समायोजन किसके द्वारा किया जाता है?
(अ) उत्परिवर्तनों का प्ररेण करके
(ब) बीजों में DNA का प्रभेदन करके
(स) अन्तःप्रजनन किए गए दो जनक वंशक्रमों में प्रसंकरण करके
(द) सर्वाधिक उत्पादनशील पौधों से बीज प्राप्त करके
उत्तर:
(स) अन्तःप्रजनन किए गए दो जनक वंशक्रमों में प्रसंकरण करके

25. भारत में यूरोपीयन्स के आने से पहले कौनसी सब्जी अनुपस्थित थी?
(अ) आलू तथा टमाटर
(ब) शिमला मिर्च तथा बैंगन
(स) मक्का तथा चिचिडा
(द) करेला
उत्तर:
(अ) आलू तथा टमाटर

26. पूर्ण शक्तता (Totipotency) का अर्थ है-
(अ) जन्तुओं द्वारा खोये गये अंगों को पुनः उत्पन्न करने की क्षमता
(ब) कायिक कोशिकाओं द्वारा पूर्ण जीव उत्पन्न करने की क्षमता
(स) कोशिका के डी.एन.ए. में बाह्य जीन प्रविष्ट कराना
(द) अपरिपक्व भ्रूणों के वर्धन की तकनीक
उत्तर:
(ब) कायिक कोशिकाओं द्वारा पूर्ण जीव उत्पन्न करने की क्षमता

27. रोगाणुरहित पौधों को तैयार करने के लिए पौधे के कौनसे भाग में विभज्योतक का संवर्धन करते हैं?
(अ) कैम्बियम
(ब) प्ररोहशीर्ष
(स) अन्तर्वेशीय विभज्योतक
(द) मूलशीर्ष
उत्तर:
(ब) प्ररोहशीर्ष

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

28. टमाटर का प्रोटोप्लास्ट आलू के प्रोटोप्लास्ट से युग्मित होने के परिणामस्वरूप किसका निर्माण होता है?
(अ) पोमेटो
(ब) टोमेटो
(स) सोमेटो
(द) जीटोमेटो
उत्तर:
(अ) पोमेटो

29. निम्न में से जीवाणु जनित रोग है-
(अ) तम्बाकू मोजेक
(ब) शलजम मोजेक
(स) आले पछेती अंगमारी
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(स) आले पछेती अंगमारी

30. निम्न में पशुधन है-
(अ) भैंस
(ब) गाय
(स) सूअर
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी

31. कौनसी मछली मच्छर के लार्वा को चुन-चुन कर खाती है?
(अ) गेम्बूसिया
(ब) रोहू
(स) क्लेरियस
(द) एक्सोसीटस
उत्तर:
(अ) गेम्बूसिया

32. प्राणिकोशिका संवर्धन प्रौद्योगिकी का आज सर्वाधिक अनुप्रयोग किसके उत्पादन में हो रहा है ?
(अ) इंसुलिन
(ब) इंटरफेरोन
(स) वैक्सीन
(द) खाद्यशील प्रोटीन
उत्तर:
(स) वैक्सीन

33. कौनसा पीड़कनाशी वसा-स्नेही है-
(अ) आर्गेनोक्लोरीन
(ब) आर्गेनोफास्फेट
(स) ट्राइआजीन
(द) पायरिथोयड
उत्तर:
(अ) आर्गेनोक्लोरीन

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1.
उस जीव का नाम लिखिए जिसका प्रयोग एकल कोशिका प्रोटीन के व्यापारिक उत्पादन में किया जाता है।
उत्तर:
स्पाइरुलाइना जिसका प्रयोग एकल कोशिका प्रोटीन के व्यापारिक उत्पादन में किया जाता है।

प्रश्न 2.
डेयरी उद्योग किसका प्रबंधन है ?
उत्तर:
डेयरी उद्योग पशु प्रबंधन है।

प्रश्न 3.
कर्तोंतक किसे कहते हैं?
उत्तर:
संवर्धन आरम्भ करने के लिए उपयोग में लाये जाने वाले पौधों से लिए गये ऊतक या अंग के कटे हुए टुकड़े को कर्तोतक कहते हैं।

प्रश्न 4.
पशुपालन किसे कहते हैं?
उत्तर:
मानव कल्याण के लिए पशुधन एवं देखभाल को पशुपालन कहते हैं।

प्रश्न 5
वांछित विशेषकों (ट्रेटों) के लिए मवेशियों में समयुग्मता बढ़ाने के लिए उपयोग की जाने वाली रणनीति के विषय में बताइए ।
उत्तर:
वांछित विशेषकों (ट्रेटों) के लिए मवेशियों में समयुग्मता बढ़ाने के लिए उपयोग की जाने वाली रणनीति के विषय अन्तः प्रजनन (Interbreeding) हैं।

प्रश्न 6.
अर्द्ध- वामन धान की किस्मों को किससे व्युत्पन्न किया गया ?
उत्तर:
अर्द्ध-वामन धान की किस्मों को IR-8 तथा थाइचूंग नेटिव -1 से व्युत्पन्न किया गया।

प्रश्न 7.
पामेटो का निर्माण किस-किसके प्रोटोप्लास्ट से युग्मन के फलस्वरूप होता है?
उत्तर:
पोमेटो का निर्माण टमाटर का प्रोटोप्लास्ट व आलू के प्रोटोप्लास्ट के युग्मन से बनता है।

प्रश्न 8.
जननद्रव्य (जर्मप्लाज्म ) संग्रहण किसे कहते हैं?
उत्तर:
फसल में पाये जाने वाले सभी जीनों के विभिन्न अलील का समस्त संग्रहण (पादपों/ बीजों) को उसका जननद्रव्य (जर्मप्लाज्म ) संग्रहण कहते हैं।

प्रश्न 9.
पादपों में विषाणु द्वारा उत्पन्न होने वाले किन्हीं दो रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(अ) तंबाकू मोजेक
(ब) शलजम मोजेक

प्रश्न 10.
एस. टी. पी. का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर:
एस. टी. पी. का पूरा नाम एकल कोशिका प्रोटीन है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

प्रश्न 11.
अलवण जल में पाई जाने वाली किन्हीं दो मछलियों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • कतला
  • रोहू

प्रश्न 12.
स्पाइरुलाइना का आर्थिक महत्त्व क्या है?
उत्तर:
यह प्रदूषण को कम करने में एवं प्रोटीन का बहुत अच्छा स्रोत है।

प्रश्न 13.
हिसरडैल क्या है? इसका विकास किसके संगम से हुआ है?
उत्तर:
हिसरडैल भेड़ की नस्ल है। इसका विकास एवीज तथा मैरीनोरेम्स के बीच संगम कराने से हुआ है।

प्रश्न 14.
गाय में पुटक परिपक्वन तथा उच्च अंडोत्सर्जन को प्रेरित करने के लिए कौनसा हार्मोन दिया जाता है ?
उत्तर:
गाय में पुटक परिपक्वन तथा उच्च अंडोत्सर्जन को प्रेरित करने के लिए एफ एस एच (FSH) नामक हार्मोन दिया जाता है।

प्रश्न 15.
पारजीनी गाय रोजी से उत्पन्न दूध की क्या विशेषता
उत्तर:
पारजीनी गाय रोजी के दूध में वसा की मात्रा कम तथा प्रोटीन की मात्रा अधिक थी।

प्रश्न 16.
मधुमक्खी की उस प्रजाति का नाम लिखिए जिन्हें पाला जा सकता है।
उत्तर:
ऐपिस इंडिका मधुमक्खी की वह प्रजाति है जिसे पाला जा सकता है।

प्रश्न 17.
पुष्पीकरण के समय मधुमक्खी के छत्तों को खेत के बीच रखने पर पौधों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
पुष्पीकरण के समय मधुमक्खी के छत्तों को खेत के बीच रखने पर पौधों की परागण क्षमता बढ़ जायेगी ।

प्रश्न 18.
अन्त: प्रजनन किसे कहते हैं?
उत्तर:
एक ही नस्ल के पशुओं के मध्य होने वाले प्रजनन को अन्तः प्रजनन कहते हैं।

प्रश्न 19.
पशु प्रजनन का एक उद्देश्य लिखिए।
उत्तर:
पशु प्रजनन का उद्देश्य पशुओं के उत्पादन को बढ़ाना तथा उनके उत्पादों की वांछित गुणवत्ता में सुधार करना है।

प्रश्न 20.
हरित क्रान्ति से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
उच्च उत्पादन क्षमता वाली उन्नत किस्मों के विकास द्वारा खाद्यान्न ( धान व गेहूँ) में हुई तीव्र वृद्धि की प्रावस्था को हरित क्रान्ति कहते हैं।

प्रश्न 21.
बर्ड फ्लू के रोगकारक का नाम लिखिए।
उत्तर:
बर्ड फ्लू HgN, विषाणु है। के रोगकारक का नाम इन्फ्लुन्जा-ए-विषाणु या

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

प्रश्न 22.
श्वेत क्रान्ति किससे सम्बन्धित है ?
उत्तर:
श्वेत क्रान्ति डेयरी उत्पादों में वृद्धि के लिए हुए क्रान्तिकारी परिवर्तनों से सम्बन्धित है।

प्रश्न 23.
कितनी कोशिका अवस्थाओं वाले निषेचित अण्डे को बिना शल्य चिकित्सा से प्राप्त कर प्रतिनियुक्त मादा (माँ) में स्थानांतरित किया जाता है ?
उत्तर:
8-32 कोशिका अवस्थाओं वाले निषेचित अण्डे को बिना शल्य चिकित्सा से प्राप्त कर प्रतिनियुक्त मादा (माँ) में स्थानांतरित किया जाता है।

प्रश्न 24.
बहि: प्रजनन को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
भिन्न-भिन्न नस्लों के मध्य होने वाले प्रजनन को बहि: प्रजनन कहते हैं।

प्रश्न 25.
दक्षिण भारत में पैदा होने वाला उष्णकटिबंधीय गन्ने का वानस्पतिक नाम लिखिए।
उत्तर:
दक्षिण भारत में पैदा होने वाला उष्णकटिबंधीय गन्ने का वानस्पतिक नाम सैकरम ऑफीसिनेरम है।

प्रश्न 26.
पामफ्रैट एवं मैकेरेल कौनसे जल में पाई जाती है?
उत्तर:
पामफ्रैट एवं मैकेरेल लवणीय जल (समुद्र) में पाई जाती है।

प्रश्न 27.
परभनी क्रान्ति क्या है?
उत्तर:
परभनी क्रान्ति भिण्डी की पीत मॉजेक वायरस प्रतिरोधी किस्म है।

प्रश्न 28.
नीली क्रान्ति किससे सम्बन्धित है ?
उत्तर:
नीली क्रान्ति मात्स्यकी उद्योग में आये क्रान्तिकारी परिवर्तनों से सम्बन्धित है।

प्रश्न 29.
आनुवंशिक रूपान्तरित पादपों के कोई दो नाम लिखिए।
उत्तर:

  • गोल्डन राइस
  • फ्लेवर सेवर ।

प्रश्न 30.
जैव प्रबलीकरण का महत्त्व बताइए।
उत्तर:
इसके द्वारा प्राप्त जैव पुष्टिकारक, विटामिन, खनिज, प्रोटीन तथा स्वास्थ्यवर्द्धक वसा वाली प्रजनित फसलें जननस्वास्थ्य को सुधारने के लिए अत्यन्त महत्त्वपूर्ण हैं।

प्रश्न 31.
भेड़ की नयी नस्ल ‘हिसरडेल’ के जनकों के नाम दीजिए।
उत्तर:
बीकानेरी एैवीज (भेड़) तथा मैरीनो रेम्स (मेढ़ा या मेष)

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

प्रश्न 32.
अन्त: प्रजनन किसे कहते हैं?
उत्तर:
एक ही नस्ल के पशुओं के मध्य होने वाले प्रजनन को अन्तः प्रजनन कहते हैं।

प्रश्न 33.
जैव प्रबलीकरण का महत्त्व बताइये।
उत्तर:
जैव पुष्टि कारक विटामिन तथा खनिज के उच्च स्तर वाली अथवा उच्च प्रोटीन तथा स्वास्थ्यवर्धक वसा वाली प्रजनित फसलें जन- स्वास्थ्य को सुधारने में महत्त्व है।

प्रश्न 34.
ऐसे दो पौधों के नाम लिखिए जो कृत्रिम वरण द्वारा उत्पन्न किये गये हैं।
उत्तर:

  • कल्याण सोना
  • शाइनिंग मूंग ।

प्रश्न 35.
सोमा क्लोन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
ऊतक संवर्धन के अन्तर्गत एक पादप से प्राप्त कर्तोंतक द्वारा उत्पन्न सभी आनुवांशिक रूप से समान पादप सोमा क्लोन कहलाते हैं।

प्रश्न 36.
फसलों के सुधार के लिए उपयोग की जाने वाली प्रौद्योगिकी का नाम लिखिए।
उत्तर:
ऊतक संवर्धन ।

प्रश्न 37.
पूर्ण शक्तता (Totipotency) क्या है ?
उत्तर:
किसी कोशिका से सम्पूर्ण नये पौधे के उत्पन्न होने की क्षमता पूर्ण शक्तता (Totipotency) कहलाती है।

प्रश्न 38
इच्छित विशेषक (trait) के लिए पशुओं में समयुग्मजता (Homozygosity) वृद्धि के लिए कार्यनीति बताइये ।
उत्तर:
अन्त: प्रजनन समयुग्मजता प्राप्त करने की कार्यनीति है।

प्रश्न 39.
व्यावसायिक रूप में प्रयुक्त जीव का नाम बताइये जो एकल कोशिका प्रोटीन उत्पादित करता है।
उत्तर:
स्पाइरुलीना (Spirulina)।

प्रश्न 40.
आधुनिक गेहूँ के त्रिगुणित पूर्वज नाम क्या है?
उत्तर:
आधुनिक गेहूँ के त्रिगुणित पूर्वज का नाम ट्रिटिकम ड्यूरम (Triticum durum) है।

प्रश्न 41.
कवक द्वारा फसलों में उत्पन्न कोई एक रोग का नाम लिखिए ।
उत्तर:
श्वेत किट्ट रोग।

प्रश्न 42.
‘पोमेटो’ पादप का निर्माण किन दो पादपों के प्रोटोप्लास्ट संलयन से होता है?
उत्तर:
टमाटर तथा आलू ।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

लघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1.
अंतः विशिष्ट संकरण को उदाहरण सहित समझाइए ।
उत्तर:
अन्तः विशिष्ट संकरण (Inter Specific Hybridisation) – जन्तुओं में सुधार हेतु प्रयुक्त इस विधि में एक जाति के नर या मादा जन्तुओं का किसी अन्य जाति के मादा या नर जन्तुओं के साथ संगम कराया जाता है। ऐसे संगम से उत्पन्न संततियाँ सामान्यतः दोनों जनक जातियों से भिन्न लक्षण दर्शाती हैं।

दुर्भाग्य से अधिकतर अन्तरजातीय संकर जन्तु बन्ध्य होते हैं तथा इनकी उत्तरजीविता काफी कम होती है किन्तु कई बार ऐसे कुछ संकरों की संततियों में दोनों ही जनक प्रजातियों के वांछनीय लक्षण उपस्थित होते हैं जो कि आर्थिक महत्त्व के हो सकते हैं। उदाहरणार्थ घोड़ी एवं गधे के बीच संगम से उत्पन्न खच्चर (Mule) अपनी जनक प्रजातियों की तुलना में अधिक दमदार एवं पुष्ट होता है। यह कठिन मार्गों तथा पर्वतीय क्षेत्रों में दुलाई जैसे कठिन कार्य के लिए अधिक उपयोगी होता है।

प्रश्न 2.
पशुधन किसे कहते हैं? पशुधन में कौन-कौनसे जन्तु सम्मिलित हैं?
उत्तर:
पशुधन – ऐसे समस्त जन्तु या पशु जो उनकी मानव के लिए लाभदायक उपयोगिता के कारण मनुष्य द्वारा पालतू बनाए जाते हैं।
व उनकी देखभाल की जाती है, सामूहिक रूप से जन्तु सम्पदा या पशुधन कहते हैं। पशुधन में निम्न जन्तु सम्मिलित हैं-

  • गाय
  • बकरी
  • ऊँट
  • भैंस
  • बैल
  • घोड़ा
  • सूअर आदि।

प्रश्न 3.
एकल कोशिका प्रोटीन से क्या तात्पर्य है ? उदाहरण सहित समझाइए ।
उत्तर:
एकल कोशिका प्रोटीन (Single Cell Protein) – अनाज, दालें, सब्जियों, फल आदि के पारंपरिक कृषि उत्पादन से मनुष्यों तथा पशुओं की संख्या जिस गति से बढ़ रही है, आहार संबंधी उसकी माँग पूरी नहीं हो पाती। अनाज से मांस की ओर बढ़ने से भी धान्यों की माँग बढ़ गई है क्योंकि पशुओं के रख-रखाव के दौरान एक किलोग्राम मांस उत्पन्न करने के लिए उसे तीन से दस किलोग्राम धान्यों की आवश्यकता होती है।

25 प्रतिशत से भी अधिक मानव की जनसंख्या भूख तथा कुपोषण (malnutrition) की शिकार है। पशु तथा मानव पोषण के लिए प्रोटीन के वैकल्पिक स्रोतों में से एक एकल कोशिका प्रोटीन (Single Cell Protein) है। प्रोटीन के अच्छे स्रोत के रूप में सूक्ष्मजीवों का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा रहा है। मशरूम को आजकल अधिकांश लोगों के द्वारा भोजन के रूप में उपयोग किया जा रहा है।

अतः बड़े पैमाने पर मशरूम संवर्धन एक प्रकार से बढ़ता हुआ उद्योग है। जिससे अब विश्वास – सा होने लगा है कि सूक्ष्मजीव भी आहार के रूप में स्वीकार्य हो जायेंगे। सूक्ष्मजीव जैसे स्पाइरुलाइना (Spirulina) को आलू संसाधन संयंत्र (जिसमें स्टार्च है) घासफूस, शीरा, खाद और यहाँ तक वाहितमल पर आसानी से उगाया जा सकता है; ताकि बड़ी मात्रा में यह प्राप्त हो सके।

स्पाइरुलाइना (Spirulina) में प्रोटीन, खनिजों, वसा, कार्बोहाइड्रेटों तथा विटामिनों की प्रचुर मात्रा विद्यमान है। गणना के अनुसार 250 किलोग्राम वाली गाय 200 ग्राम प्रोटीन पैदा करती है। इतने ही समय में 250 ग्राम सूक्ष्मजीव जैसे- मिथायलोफिलस मिथायलो ट्राफस (Methylophilus Methylotrophus) इनकी वृद्धि तथा बायोमास उत्पादन की उच्चदर से सम्भावित 25 टन तक प्रोटीन उत्पन्न कर सकते हैं।

प्रश्न 4.
पादपों में प्रजनन की क्रिया अपनाने से पूर्व किन महत्त्वपूर्ण दो बातों का ध्यान रखना चाहिए? कवक, जीवाणु एवं विषाणु द्वारा फसलों में होने वाले दो-दो रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर:
पादपों में प्रजनन की क्रिया अपनाने से पूर्व निम्न दो बातों का ध्यान रखना चाहिए-

  1. रोगकारक जीव के बारे में जानकारी
  2. उसके प्रसार की क्रियाविधि की जानकारी

1. कवकों द्वारा उत्पन्न रोग-

  • गेहूँ का भूरा किट्ट (Brown rust of wheat)
  • गन्ने का रैंड रॉट रोग (Red rot of sugarcane)

2. जीवाणुओं द्वारा उत्पन्न रोग-

  • आलू पछेती अंगमारी ( Late blight of potato)
  • क्रूसीफर का ब्लैक राट (Black rot of crucifers)

3. विषाणु द्वारा उत्पन्न रोग-

  • तंबाकू मोजेक (Tobacco mosaic)
  • शलजम मोजेक (Turnip mosaic )

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

प्रश्न 5.
जैव तकनीक से प्राप्त एकल कोशिका प्रोटीन (SCP) के चार उपयोग लिखिए।
उत्तर:
एकल कोशिका प्रोटीन के निम्न चार उपयोग हैं-

  1. इनमें गुणवत्ता वाले प्रोटीन की मात्रा अधिक तथा वसा व कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है।
  2. इनका उत्पादन वर्षभर किया जा सकता है तथा उत्पादन जलवायु पर निर्भर नहीं होता।
  3. सूक्ष्मजीवों की वृद्धि दर अधिक होने से कम क्षेत्रफल से अधिक मात्रा में SCP प्राप्त किया जा सकता है।
  4. विश्व में प्रोटीन की कमी को पूरा करने का यह एक उपयुक्त साधन है।

प्रश्न 6.
सूक्ष्मप्रवर्धन का संक्षिप्त महत्त्व लिखिए।
उत्तर:
सूक्ष्मप्रवर्धन का महत्त्व – ऊतक संवर्धन के माध्यम से पादप के पुनर्जनन अथवा पुनर्उद्भवन को सूक्ष्म प्रवर्धन कहते हैं। इस तकनीक द्वारा कायिक प्रजनन करने वाले आर्थिक रूप से महत्त्वपूर्ण पौधों का बहुगुणन तेजी से किया जाता है। इस तकनीक की विशेषता यह है कि बहुत ही कम समय में कम स्थान में अधिक संख्या में पौधों का उत्पादन किया जा सकता है।

इस तकनीक को कई पौधों के तीव्र बहुगुणन में काम में लिया जा चुका है, उदाहरण- आर्किडस कटेलीया, सिम्बिडियम, डेन्ड्रोबियम, वान्डा एवं शोभाकारी पादप- जरबेरा, गुलदाऊदी, कारनेशन, बिगोनिया आदि । भारत में व्यापक स्तर पर सूक्ष्मप्रवर्धन का उपयोग हो रहा है जिसमें अनेक प्राइवेट कम्पनियों ने सफलता प्राप्त की है।

इस विधि का प्रयोग निर्यात के लिए अलंकारिक पौधों को भारी संख्या में प्राप्त करने के लिए भी किया जा रहा है। कुछ पौधे जैसे केला में जहाँ बीज या तो कम बनते हैं या इनके विकसित होने में अनेक बाधायें आती हैं वहाँ यह लाभदायक तकनीक है। दुर्लभ एवं संकटग्रस्त या विलुप्ति के कगार पर पहुँचे पौधों का गुणन क्लोनिंग द्वारा किया जा सकता है।

प्रश्न 7.
कर्तोंतकों के प्रकार लिखिये ।
उत्तर:
कर्तोंतक चार प्रकार के होते हैं-

  1. पूर्ववर्ती विभज्योतक युक्त कर्तोतक (Explant having pre-existing meristems)
  2. पुमंगधानी (Anthers)
  3. तरुण भ्रूण (Young embryo)
  4. प्रोटोप्लास्ट (Protoplast)।

प्रश्न 8.
पादप प्रजनन क्या है? इसमें आनुवंशिकी के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
फसलों के जीनप्ररूप में मानव के लिए उपयोगी परिवर्तन करने की क्रिया को पादप प्रजनन कहते हैं। पादप प्रजनन में अच्छी किस्में तैयार की जाती हैं। ये किस्में खेती के लिए उपयोगी, अधिक उत्पादन करने वाली एवं रोग प्रतिरोधी होती हैं। पूर्व में पादप प्रजनकों को आनुवंशिकी का ज्ञान नहीं था।

1856 में मेण्डल ने वंशागति के नियमों का प्रतिपादन किया, फिर इन नियमों की 1900 में पुनः खोज हुई। बाद में जीन, अन्योन्यक्रिया, सहलग्नता की खोज हुई तथा ज्ञात हुआ कि जीन गुणसूत्रों पर स्थित होते हैं। मेण्डल के नियमों के अनुसार लक्षण जीन द्वारा नियंत्रित होते हैं। जीनों में विसंयोजन तथा स्वतन्त्र अपव्यूहन होने के कारण लक्षणों में विविधता उत्पन्न होती है। पादप प्रजनकों द्वारा पहले दो किस्मों का आपस में संकरण किया जाता है।

इस संकरण से प्राप्त F, पीढ़ी में स्वपरागण किया जाता है। इस प्रकार प्राप्त F पीढ़ी तथा बाद की पीढ़ियों में नए व उत्कृष्ट जीन संयोजनों वाले पौधों का चयन कर एक नई किस्म का विकास किया जा सकता है। इस प्रकार पादप प्रजनन विधियाँ आनुवंशिकी के सिद्धान्तों पर आधारित होती हैं। पादप प्रजनक द्वारा फसल सुधार की परियोजनाओं का प्रारूप आनुवंशिकी सिद्धान्तों के आधार पर तैयार किया जाता है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

प्रश्न 9.
कायिक संकरण का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
कायिक संकरण का महत्त्व – कायिक संकरण विधि से ऐसी जातियों के संकर प्राप्त किये जा सकते हैं, जिनमें लैंगिक संकरण संभव नहीं है। उदाहरण के लिए, आलू के पुष्पी एवं अपुष्पी क्लोन के कायिक संकर जननक्षम (Fertile) पुष्प देते हैं। गाजर एवं चावल के कायिक संकर प्राप्त कर सकते हैं। इनमें लैंगिक संकर प्राप्त करना संभव नहीं है। कायिक संकरों से जीन स्थानान्तरण एवं कोशिकाद्रव्य स्थानान्तरण किया जा सकता है।

प्रश्न 10.
जन्तु नस्लों में सुधार के प्रमुख उद्देश्य क्या हैं?
उत्तर:
जन्तु नस्लों में सुधार के प्रमुख उद्देश्य निम्न हैं-

  1. जन्तुओं की वृद्धि दर में सुधार करना
  2. दूध, मांस, अण्डे एवं ऊन आदि के उत्पादन में वृद्धि करना
  3. उक्त उत्पादों की गुणात्मक वृद्धि में सुधार
  4. जन्तुओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
  5. उच्च स्तर या संतोषजनक स्तर की जनन दर
  6. उत्पादक जीवनकाल में वृद्धि आदि ।

प्रश्न 10.
जन्तु नस्लों में सुधार के प्रमुख उद्देश्य क्या हैं?
उत्तर:
जन्तु नस्लों में सुधार के प्रमुख उद्देश्य निम्न हैं-

  1. जन्तुओं की वृद्धि दर में सुधार करना
  2. दूध, मांस, अण्डे एवं ऊन आदि के उत्पादन में वृद्धि करना
  3. उक्त उत्पादों की गुणात्मक वृद्धि में सुधार
  4. जन्तुओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
  5. उच्च स्तर या संतोषजनक स्तर की जनन दर
  6. उत्पादक जीवनकाल में वृद्धि आदि।

प्रश्न 11.
संकर ओज क्या है?
उत्तर:
संकर ओज- आनुवंशिक गुणों में विभिन्न दो समयुग्मजी अन्तःप्रजातों का जब परस्पर क्रॉस कराते हैं तो प्राप्त संकरण संतति उत्पादकता, दृढ़ता और कद में जनकों से अधिक प्रबल या ओजस्वी अथवा श्रेष्ठ होती है। संकर सन्तान की जनकों की तुलना में अधिक उत्पादकता व अधिक उत्तमता को संकर ओज कहते हैं। जैविक प्रभाव – जनन क्षमता में वृद्धि, जीवन में अधिक सक्षमता, अनुकूलनता व रोग कीट प्रतिरोधकता में वृद्धि ।

गुणात्मक प्रभाव – आकार में वृद्धि, मात्रात्मक गुणों जैसी उपज प्रति हैक्टर में वृद्धि, पौधा अधिक प्रबल व बहुस्वस्थ । जनकों में जितनी अधिक वंशागत विभिन्नता होगी संकर संगति में उतना अधिक संकर ओज होगा। उदाहरण- संकर मक्का, संकर बाजरा आदि । जन्तुओं में कुक्कुटों एवं सूअरों के लगभग सभी संकर, अन्तःप्रजात क्रमों के मध्य संकरण द्वारा उत्पन्न किये जाते हैं।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

प्रश्न 12.
निम्न को परिभाषित कीजिये-

  1. कर्तोंतक (Explant)
  2. कैलस (Callus)
  3. जीवद्रव्यक ( Protoplast )
  4. निर्जर्म (Aseptic or Sterile )
  5. निर्जर्मीकरण (Sterilization)
  6. निवेशित करना ( Inoculate )
  7. पात्रे (In Vitro)
  8. भ्रूणाभ (Embryoid)

उत्तर:

  1. कर्तोंतक (Explant) – संवर्ध आरम्भ करने के लिए उपयोग में लाए जाने वाले पौधे से लिए गए ऊतक या अंग के काटे हुए टुकड़े।
  2. कैलस (Callus ) – प्रायः घाव से या ऊतक संवर्धन में विकसित होने वाली अविभेदित एवं विभेदित कोशिकाओं के सक्रिय रूप से विभाजित होने वाले असंगठित ऊतक ।
  3. जीवद्रव्यक ( Protoplast ) – कोशिका भित्ति के एन्जाइमी विघटन द्वारा प्राप्त होने वाली पादप कोशिका । क्रिया ।
  4. निर्जर्म (Aseptic or Sterile ) – सभी सूक्ष्मजीवों से मुक्त।
  5. निर्जर्मीकरण (Sterilization) – सूक्ष्मजीवों के उन्मूलन की
  6. निवेशित करना ( Inoculate ) – कर्तोंतकों को पोषक माध्यम में रखना ।
  7. पात्रे (In Vitro) – परखनली, बोतल आदि में संवर्धन।
  8. भ्रूणाभ (Embryoid ) – पात्रे कायिक कोशिकाओं के द्वारा उत्पन्न संरचना में भ्रूण सदृश पादपक (Plantlet = छोटे पौधे) ।

प्रश्न 13.
कायिक संकरण के लाभ लिखिये।
उत्तर:
कायिक संकरण के लाभ निम्नलिखित हैं-

  • ऐसे संकरों की रचना सम्भव हो गई है जो वर्गिकीय या अन्य बाधाओं के कारण सामान्य संकरणों से सम्भव नहीं थी ।
  • ऐसे पौधों से संकर बनाना कायिक संकरण से सम्भव हो गया है, जिनमें लैंगिक अंग असामान्य होते हैं या जिनमें नरबन्ध्यता होती है।

प्रश्न 14.
संवर्धन माध्यम किसे कहते हैं? इन माध्यमों में एक निश्चित अनुपात में कौन-कौनसे पदार्थ लिये जाते हैं? नाम लिखिये ।
उत्तर:
संवर्धन माध्यम वह माध्यम जिस पर पादप अंगों, ऊतकों व कोशिकाओं को संवर्धित करते हैं, संवर्धन माध्यम कहलाता है।
इन माध्यमों में निम्न पदार्थ एक निश्चित अनुपात में लिये जाते हैं –

  1. अकार्बनिक पोषक
  2. विटामिन
  3. कार्बन स्रोत (सामान्यत: सुक्रोस)
  4. वृद्धि नियामक, जैसे ऑक्सिन व साइटोकाइनिन
  5. जटिल कार्बनिक पदार्थ जैसे नारियल का पानी, केसीन जल अपघटनी, टमाटर रस आदि ।

प्रश्न 15.
कृत्रिम गर्भाधान के क्या-क्या लाभ हैं?
उत्तर:
कृत्रिम गर्भाधान ( Artificial Insemination) के लाभ निम्नलिखित हैं-

  1. प्राकृतिक प्रजनन द्वारा एक वर्ष में एक सांड 60-100 गायें गर्भित कर सकता है, जबकि कृत्रिम गर्भाधान द्वारा 10,000 या अधिक गायें गर्भित कराई जा सकती हैं।
  2. उत्तम नस्ल के सांड के उपलब्ध न होने पर वहाँ उनके वीर्य का उपयोग किया जा सकता है।
  3. वीर्य एक स्थान से दूसरे स्थान पर सुगमता से ले जाया जा सकता है।
  4. कृत्रिम गर्भाधान विधि से बड़े सांड़ों का वीर्य छोटी गाय पर प्रयोग में लाया जा सकता है।
  5. इस प्रणाली में जो गायें लूली, लंगड़ी या चोट आदि लग जाने से प्राकृतिक सम्भोग के लिए अयोग्य होती हैं, उन्हें भी गर्भित करके बच्चे प्राप्त किए जा सकते हैं।
  6. कृत्रिम ढंग से पशु सुधार करने पर थोड़े ही सांड़ों द्वारा काम चल जायेगा।
  7. विदेशों से भी श्रेष्ठ एवं चयनित सांड़ों का वीर्य आयात कर प्रयोग में लिया जा सकता है।
  8. प्राकृतिक गर्भाधान की तुलना में इस विधि द्वारा गर्भाधान कराने में सफलता अधिक मिलती है।
  9. पशुपालक को सांड़ रखने की आवश्यकता नहीं होती है।
  10. इस विधि में मादाओं को जननेन्द्रिय रोग होने की आशंका नहीं होती है।
  11. कृत्रिम गर्भाधान विधि द्वारा प्रजनन सम्बन्धित पूर्ण लेखा- जोखा रखा जा सकता है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

प्रश्न 16.
पशुधन का भारत की अर्थव्यवस्था में एक महत्त्वपूर्ण स्थान है। समझाइए ।
उत्तर:
भारत एक कृषि प्रधान देश होने से यहाँ की जनसंख्या का 70 प्रतिशत भाग गाँवों में रहता है तथा पशुधन से अपनी आजीविका कमाता है। जिस देश की उपज अच्छी रहती है वहाँ की अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होती है।

प्रश्न 17.
पशुपालन किसे कहते हैं? पालतू जानवरों का संक्षिप्त में क्या महत्त्व है?
उत्तर:
पशुपालन कृषि की वह शाखा है जिसका संबंध पालतू जानवरों के प्रजनन, उनके खाने-पिलाने और अन्य देखभाल करने से है। जब इसमें आर्थिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण पालतू जानवरों के उचित उपयोग को शामिल कर लिया जाता है तब इसे पशुधन प्रबंधन (Livestock Management) कहते हैं।

पालतू जानवरों का महत्त्वश्रेणीउसके अन्तर्गत आने वाले प्राणी
1. दूध और मांस प्रदायीगाय, भैंस, बकरी, भेड़, सूअर, मुर्गा, मछली आदि
2. भारवाहकबैल, घोड़ा, गधा, खच्चर, ऊँट आदि
3. रेशा, खाल या चमड़ा प्रदायीभेड़, बकरी, गाय, भैंस, ऊँट आदि
4. अण्डा प्रदायीमुर्गी, बतख

प्रश्न 18.
डेयरी उत्पाद पर टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर:
डेयरी उत्पाद – दूध मनुष्यों तथा जानवरों के बच्चों के लिए सम्पूर्ण भोजन है। इसमें प्रोटीन, वसा, लैक्टोज, शर्करा, कैल्सियम तथा फॉस्फोरस जैसे खनिज, विटामिन ‘ए’ तथा ‘बी’ और साथ ही साथ प्रतिरक्षा प्रदान करने वाले एंटीबॉडी भी होते हैं। अलग-अलग लोग अपनी-अपनी पसंद और आवश्यकतानुसार दूध को अनेक प्रकार से इस्तेमाल करते हैं। दही, मक्खन, मट्ठा, पनीर, घी, क्रीम, खोया, दूध का पाउडर, कंडेस्ट मिल्क आदि प्रमुख डेयरी उत्पाद हैं ।

प्रश्न 19.
मधुमक्खियों से मिलने वाले उत्पाद क्या हैं? प्रत्येक के दो-दो उपयोग भी लिखिए।
उत्तर:
मधुमक्खियों से मिलने वाले उत्पाद निम्न हैं-

  1. शहद
  2. मोम

शहद के उपयोग-

  1. भोजन – शहद एक पोषक भोजन है, इसमें भरपूर ऊर्जा तथा विटामिन होते हैं।
  2. औषध – आयुर्वेदिक तथा यूनानी चिकित्सा पद्धतियों में बहुत-सी दवाइयाँ शहद में मिलाकर या शहद के साथ दी जाती हैं। यह मृदुरोचक, रुधिर शोधक तथा जुकाम, खाँसी व ज्वर के रोध के रूप में कार्य करता है।
  3. मादक पेय तथा सौन्दर्य प्रसाधक लोशन तैयार करने के लिए।
  4. वैधानिक अनुसंधान में बैक्टिरिया के संवर्धन बनाने में।
  5. फल- मक्खियों तथा अन्य नाशकीटों के लिए विषैला चारा बनाने में।

मोम के उपयोग-

  1. मोमबत्तियों के बनाने में ।
  2. दवाइयों के निर्माण में ।
  3. वार्निशों तथा पेंट्स के बनाने में।
  4. जलरोधन तथा धागों पर मोम चढ़ाना।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

प्रश्न 20.
निम्न फसलों की किस्म का नाम बताइए जो पीड़क के प्रति प्रतिरोधकता रखते हैं, साथ ही पीड़क अथवा रोग प्रतिरोधक का नाम भी बताइए ।
(1) ब्रैसिका ( रेपसीड मस्टर्ड )
(2) फलैट बीन
(3) ओकरा (भिंडी) ।
उत्तर:
निम्न फसलों की किस्म एवं रोग के प्रति प्रतिरोधक –

फसल का नामकिस्मरोग के प्रति प्रतिरोधक
1. ब्रैसिका (रेपसीड मस्टर्ड)पूसा गौरवऐफिड
2. फलैट बीनपूसा सेम 2 पूसा सेम 3जैसिड, ऐफिड तथा फलभेदक
3. ओकरा (भिंड़ी)पूसा स्वामी पूसा-ए-4शूट तथा फलभेदक

प्रश्न 21.
मछली पालन का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
मछली पालन का महत्त्व निम्नलिखित है-

  1. भोजन के रूप में मछलियों का पालन स्वादिष्ट एवं अधिक पौष्टिक मांस प्राप्ति हेतु किया जाता है।
  2. तेल- मछलियों से प्राप्त तेल स्नेहक, सौन्दर्य प्रसाधनों, पेन्ट एवं वार्निश के निर्माण में उपयोग किया जाता है।
  3. मत्स्य त्वचा – मछलियों की त्वचा का उपयोग ताश के डिब्बे, आभूषणों के डिब्बे, जूते, स्त्रियों के लटकाने वाले विशेष पर्स आदि में किया जाता है।
  4. रजतशल्क द्वारा मोती का निर्माण-प्र – फ्रान्स में मछली के शल्कों का उपयोग कृत्रिम मोती निर्माण में किया जाता है।
  5. उर्वरक के रूप में मछलियों के मरने के बाद इनका उपयोग उर्वरक के रूप में किया जाता है। इनको सुखाकर मत्स्य चूर्ण तैयार किया जाता है जिसका उपयोग तम्बाकू, चाय व कॉफी की खेती में उर्वरक के रूप में किया जाता है।
  6. औषधि के रूप में मछलियों के यकृत निष्कर्षण द्वारा यकृत तेल प्राप्त होता है। इसमें विटामिन ए, सी, डी, ई की मात्रा पायी जाती है जो अभाव रोग के उपचार में औषधि का काम करती है। अनेक व्यक्ति मछली पालन के व्यवसाय से रोजगार प्राप्त कर रहे हैं।

प्रश्न 22.
मधुमक्खी पालन की सफलता के आवश्यक बिन्दु बताइये ।
अथवा
मधुमक्खी पालन की सफलता के लिए आप किन बातों का ध्यान रखेंगे?
उत्तर:
सफल मधुमक्खी पालन के लिए निम्नलिखित बिन्दु महत्त्वपूर्ण हैं-

  1. मधुमक्खियों की प्रकृति तथा स्वभाव का ज्ञान ।
  2. मक्खी के छत्तों को रखने के लिए उपयुक्त स्थान का चयन ।
  3. मक्खियों के समूह ( दल) को पकड़ना तथा उन्हें छत्ते में रखना।
  4. विभिन्न मौसमों में छत्तों को प्रबंधन ।
  5. शहद तथा मोम का रख-रखावं तथा एकत्रीकरण ।
  6. मधुमक्खियाँ हमारी बहुत-सी फसलों जैसे- सूर्यमुखी, सरसों, सेब तथा नाशपाती के लिए परागणक हैं।

पुष्पीकरण के समय यदि इन छत्तों को खेतों के बीच रख दिया जाये तो इससे पौधों की परागण क्षमता बढ़ जाती है और इस प्रकार फसल तथा शहद दोनों के उत्पादन में सुधार हो जाता है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

प्रश्न 23.
कुक्कुट पालन से क्या तात्पर्य है? कुक्कुट पालन के महत्त्वपूर्ण घटक कौन-कौनसे हैं ?
उत्तर:
मुर्गीपालन या कुक्कुट पालन (Poultry Farming)- मुर्गियों एवं कुछ अन्य पक्षियों की प्रजातियों का पालन और प्रजनन मुर्गीपालन कहलाता है। इन पक्षियों से प्राप्त मांस एवं अण्डे प्रोटीन के सम्पन्न स्रोत होते हैं। प्रोटीन के अतिरिक्त इनमें अन्य पोषक पदार्थ भी मिलते हैं। मुर्गीपालन को पशु-पालन (Cattle rearing ) की अपेक्षा अधिक उपयोगी माना जाता है क्योंकि ये अधिक दर से अण्डे देती हैं व विभिन्न जलवायु दशाओं में रह सकती हैं।

मुर्गीपालन के लिए बहुत कम स्थान की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त इनका पालन सरल होता है व कम समय में ही यह अच्छी आय का स्रोत बन सकता है ।

कुक्कुट पालन में उपयोगी पक्षी-पक्षियों की कई प्रजातियों को कुक्कुट पालन हेतु उपयोग में लिया जाता है जिनमें मुख्य प्रजातियाँ निम्न हैं-

  1. मुर्गा प्रजातियाँ (Breeds of Fowl ) – भारत में घरेलू मुर्गी (Domestic fowl), गैलस डोमेस्टिकस (Gallus domesticus) को मुख्य रूप से पाला जाता है।
  2. बतख ( Ducks) – बतखों से भी अण्डे व मांस प्राप्त किया जाता है। भारत में कुल कुक्कुटों की जनसंख्या (Poultry population) का 6 प्रतिशत योगदान बतखों का है। ये सामान्यतः भारत के दक्षिणी एवं पूर्वी प्रदेशों में पाई जाती हैं।
  3. टर्की (Turkey) – टर्की (Meleagris) हाल के कुछ वर्षों में ही पालतू बनाया गया पक्षी है।

कुक्कुट पालन के प्रमुख घटक – कुक्कुट फार्म प्रबंधन के लिए उपयुक्त नस्लें, सही, सुरक्षित फार्म की परिस्थितियाँ, सही-सही आहार तथा जल और सफाई एवं स्वास्थ्य के महत्त्वपूर्ण घटक हैं।

प्रश्न 24.
मुर्गीपालन के किन्हीं चार महत्त्वपूर्ण घटकों की
सूची बनायें।
उत्तर:

  • स्वास्थ्य तथा सफाई का ध्यान
  • रोगमुक्त तथा उपयुक्त जाति का चयन
  • सुरक्षित एवं नियमित फार्म परिस्थितियाँ
  • जल व दाने की समुचित व्यवस्था ।

प्रश्न 25.
किसी रोगयुक्त गन्ने के पौधे से पुनः स्वस्थ गन्ने के पौधे प्राप्त करने में वैज्ञानिक सफल हो गए हैं-
(a) पौधे के उस भाग का नाम लिखिए जिसे वैज्ञानिकों ने कर्तोंतक (एक्सप्लान्ट ) के रूप में उपयोग किया था।
(b) स्वस्थ पौधों की पुनःप्राप्ति के लिए वैज्ञानिकों ने जो कार्यविधि अपनाई उसका वर्णन कीजिए।
(c) फसलों के सुधार के लिए उपयोग की जाने वाली इस प्रौद्योगिकी का नाम लिखिए।
उत्तर:
(a) विभज्योतक (meristem) शीर्षस्थ एवं अक्षीय ।
(b) अक्षीय विभज्योतक भाग को वैज्ञानिक द्वारा अलग करके उसे निजर्मीकरण कर लेते हैं तदुपरान्त कृत्रिम माध्यम में उगाया जाता है। इस माध्यम में पोषक तत्व तथा प्रतिजैविक का उपयोग किया जाता है, जिससे विषाणु रहित पौधे उत्पन्न होते हैं।
(c) फसलों के सुधार के लिए उपयोग की जाने वाली इस प्रौद्योगिकी को ऊतक संवर्धन (Tissue Culture) कहते हैं।

प्रश्न 26.
यदि कुक्कुट फार्म में कुछ कुक्कुट बर्ड फ्लू से संक्रमित हो जायें तब इसे फैलने से किस प्रकार रोकेंगे?
उत्तर:
बर्ड फ्लू से संक्रमित होने पर इसे निम्न प्रकार से फैलने से रोका जा सकता है-

  1. बर्ड फ्लू एक संक्रमित रोग है जो संक्रमित कुक्कुट से स्वस्थ कुक्कुट में तेजी से फैलता है अतः संक्रमित कुक्कुटों को स्वस्थ कुक्कुटों से अलग रखना चाहिये ।
  2. मृत संक्रमित कुक्कुटों को जमीन में गहरी दफना देना चाहिए।
  3. स्वस्थ कुक्कुटों का टीकारण करवाना चाहिए ।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

प्रश्न 27.
एक केला शाक वायरस संक्रमित हो गया है। इस शाक से आप केले का स्वस्थ पौधा कैसे प्राप्त करेंगे? समझाइये |
उत्तर:
इसके लिए ऊतक संवर्धन तकनीक का उपयोग करना चाहिए। यद्यपि पौधा विषाणु से संक्रमित है, परन्तु विभज्योतक ( शीर्ष एवं कक्षीय) विषाणु से अप्रभावित रहता है। अतः विभज्योतक को अलग कर उसे विट्रो में उगाया जाता है ताकि विषाणुमुक्त पादप तैयार हो सके।

प्रश्न 28.
शहद उत्पादन बढ़ जाता है जब छत्तों को खेतों में पुष्पन के दौरान रखा जाता है। समझाइए ।
उत्तर:
मधुमक्खियां बहुत-सी फसलों जैसे सूर्यमुखी, सरसों, सेब, नाशपाती के लिए परागणक है। पुष्पीकरण के समय यदि इन छत्तों को खेतों के बीच रखा जाता है तो इससे पौधों की परागण क्षमता बढ़ जायेगी और इस प्रकार फसल एवं शहद का उत्पादन भी बढ़ जायेगा ।

प्रश्न 29.
डेरी फार्म में पशुओं की दुग्ध उत्पादकता स्वास्थ्य तथा सफाई को उन्नत करने के लिए कौन-से प्रयास किये जा रहे हैं? समझाइये ।
उत्तर:
दुग्ध उत्पादन मूल रूप से फार्म में रहने वाले पशुओं की नस्ल की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। अच्छी नस्ल का चयन तथा उनकी रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता को महत्त्वपूर्ण माना जाता है अच्छी उत्पादन क्षमता प्राप्त करने के लिए पशुओं की देखभाल, जिससे उनके रहने का अच्छा घर तथा पर्याप्त जल तथा रोगाणुमुक्त वातावरण होना चाहिए। पशुओं का भोजन प्रदान करने का तरीका वैज्ञानिक होना चाहिए।

इसमें विशेषकर चारे की गुणवत्ता तथा मात्रा पर बल दिया जाना चाहिये। इसके अलावा दुग्धीकरण, दुग्ध उत्पादों का भण्डारण तथा परिवहन के दौरान सफाई तथा पशु पर कार्य करने वाले व्यक्ति का स्वास्थ्य सर्वोपरि है। समय-समय पर डेयरी फार्मों व पशुओं के स्वास्थ्य का परीक्षण भी आवश्यक है। किसी पशु चिकित्सक से पशुओं की नियमित जाँच होनी चाहिए।

प्रश्न 30.
हरित क्रान्ति क्या है?
उत्तर:
सन् 1952 में हमारे देश में गेहूँ तथा चावल की उपज क्रमश: 654 Kg. तथा 800 Kg. प्रति हेक्टर थी। यह उत्पादन की मांग की तुलना में बहुत कम था। अतः सरकार और कृषि वैज्ञानिकों ने कृषि में सुधार की दिशा में खास ध्यान दिया। ऐसा करने से अनाज फसलों में भारी बढ़ोतरी हुई और हम आत्मनिर्भर हो गये। इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में जो भी विभिन्न कदम उठाये गये उन सबको एक साथ मिलाकर हरित क्रान्ति का नाम दिया जाता है।

हरित क्रान्ति – कृषि में आधुनिक तकनीकों को लगाकर खासतौर से अनाजों की फसलों में जो चमत्कारिक वृद्धि हुई उसे हरित क्रान्ति कहा जाता है। भारत में हरित क्रान्ति का जनक डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन को माना जाता है। विश्व संदर्भ में यह श्रेय नोबेल पुरस्कार से पुरस्कृत डॉ. नॉर्मन बोरलॉग को जाता है जिन्होंने कि 1963 में गेहूँ की अर्द्धवामन किस्म का विकास किया था।

हरित क्रान्ति में सहायक रहे कारक इस प्रकार थे-

  • फसलों की अधिक उपज देने वाली किस्मों को शामिल किया गया।
  • बहुफसलन (multiple cropping), बेहतर सिंचाई और उर्वरकों की पर्याप्त सप्लाई ।
  • फसलों को रोगों तथा नाशी जीवों से बचाने के लिए सुरक्षा उपाय अपनाना ।
  • वैज्ञानिक कृषि को अनुसंधान खेतों से गाँव के किसानों तक पहुँचाना।
  • खेतों की उपज को बाजार तक पहुँचाने के लिए सुसंगठित प्रबंध करना।

प्रश्न 31.
मानव कल्याण में पशुपालन की क्या भूमिका है?
उत्तर:
विज्ञान की वह शाखा जिसका संबंध पालतू जानवरों तथा उनकी देखभाल से है, पशुपालन कहलाता है। प्रबंधन के फलस्वरूप अच्छे उत्पाद और सेवाएँ पशुपालन द्वारा प्राप्त की जा सकती हैं। हसबेन्ड्री (पालन) शब्द हसबैण्ड (Husband) पति शब्द से आया है, जिसका अर्थ है ऐसा व्यक्ति जो उचित देखभाल कर सके। जब इसमें आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पालतू जानवरों के उचित उपयोग के अध्ययन को शामिल कर लिया जाता है तब इसे पशु प्रबंधन (Livestock Management) कहते हैं।

पशुपालन का संबंध पशुधन जैसे गाय, भैंस, सूअर, घोड़ा, भेड़, ऊँट, बकरी आदि के प्रजनन तथा उनकी देखभाल से होता है जो मनुष्य के लिए लाभप्रद हैं। इसमें कुक्कुट तथा मत्स्य पालन भी शामिल है। मत्स्य पालन के अन्तर्गत मत्स्यों (Fishes), मृदुकवची मोलस्का तथा क्रस्टेशियाई प्रॉन (Prawn) व केकड़ा (Crab) का पालन किया जाता है। इसके अन्तर्गत इन्हें पकड़ना, शिकार कर बेचना तथा पालन करना शामिल है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

अति प्राचीन काल से मानव मधुमक्खी, रेशमकीट, झींगा (प्रॉन), केकड़ा (Crab), मछलियाँ, पक्षी, सूअर, भेड़, ऊँट आदि का प्रयोग उनके उत्पादों जैसे शहद, रेशम, मांस, दूध, अण्डे, ऊन आदि प्राप्त करने के लिए कर रहा है। एक गणना के अनुसार विश्व का सत्तर प्रतिशत से भी अधिक पशुधन भारत तथा चीन में है। अतः पशु प्रजनन तथा देखभाल की पारंपरिक पद्धतियों के अतिरिक्त गुणवत्ता तथा उत्पादकता में सुधार लाने के लिए नयी प्रौद्योगिकी का प्रयोग करना आवश्यक हो गया है।

प्रश्न 32.
MOET का पूरा नाम लिखें। पशुओं की उन्नति की इस तकनीक की व्याख्या करें।
उत्तर:
MOET का पूरा नाम मल्टीपल औवियूलेशन ऍम्ब्रयो ट्रांसफर (Mutiple Ovulation Embryo Transfer) है। इस तकनीक के अन्तर्गत एक गाय को पुटक परिपक्व एवं उच्च अण्डोत्सर्ग (ovulation ) प्रेरित करने के लिए FSH (Follicular Stimulating Hormone) हार्मोन दिया जाता है जिसके फलस्वरूप गाय 6-8 अण्डे उत्सर्ग करती है जबकि सामान्यतः प्रतिचक्र में एक अण्डे का निर्माण होता है। इस गाय का क्रॉस उच्च नस्ल के साँड के साथ कराया जाता है या फिर कृत्रिम वीर्यसेचन (Artificial Insomination) कराया जाता है।

इसके बाद 8-32 कोशिकीय निषेचित अण्डे को सावधानीपूर्वक जनन मार्ग से होकर बाहर निकाल लिया जाता है। इसके पश्चात् इसका स्थानान्तरण सोरगेट मादा के गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है जहाँ भ्रूण का पुनः विकास होता है। इस तकनीक द्वारा कम समय में ही अधिक दुग्ध उत्पादन व उच्च गुणवत्ता वाले गौ पशुओं की नस्लें उत्पन्न की गई हैं। इस तकनीक (MOET) का प्रयोग सफलतापूर्वक गाय, भेड़, खरगोश, भैंस, घोड़ा आदि में किया जा सकता है।

प्रश्न 33.
एकल कोशिका प्रोटीन किसे कहते हैं? यह कैसे बनता है? इसके महत्त्व की विवेचना कीजिए। मानवों के लिए यह किस प्रकार उपयोगी है?
उत्तर:
अनाज, दालें, सब्जियों, फल आदि के पारंपरिक कृषि उत्पादन से मनुष्यों तथा पशुओं की संख्या जिस गति से बढ़ रही है, आहार संबंधी उसकी मांग पूरी नहीं हो पाती। अनाज से मांस की ओर बढ़ने से भी धान्यों की मांग बढ़ गई है क्योंकि पशुओं के रख-रखाव के दौरान एक किलोग्राम मांस उत्पन्न करने के लिए उसे तीन से दस किलोग्राम धान्यों की आवश्यकता होती है।

25 प्रतिशत से अधिक मानव की जनसंख्या भूख तथा कुपोषण की शिंकार है। पशु तथा मानव पोषण के लिए प्रोटीन के वैकल्पिक स्रोतों में से एक एकल कोशिका प्रोटीन (Single Cell Protein) है। प्रोटीन के अच्छे स्रोत के रूप में सूक्ष्मजीवों का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा रहा है। मशरूम को आजकल अधिकांश लोगों के द्वारा भोजन के रूप में उपयोग किया जा रहा है।

अतः बड़े पैमाने पर मशरूम संवर्धन एक प्रकार से बढ़ता हुआ उद्योग है। जिससे अब विश्वास सा होने लगा है कि सूक्ष्मजीव भी आहार के रूप में स्वीकार्य हो जायेंगे। सूक्ष्मजीव जैसे स्पाइरूलाइना (Spirulina) को आलू संसाधन संयंत्र (जिसमें स्टार्च है)। घासफूस, शीरा, खाद और यहाँ तक वाहितमल पर आसानी से उगाया जा सकता है, ताकि बड़ी मात्रा में यह प्राप्त हो सके। स्पाइरूलाइना (Spirulina) में प्रोटीन, खनिजों, वसा, कार्बोहाइड्रेटों तथा विटामिनों की प्रचुर मात्रा विद्यमान है।

गणना के अनुसार 250 किलोग्राम वाली गाय 200 ग्राम प्रोटीन पैदा करती है। इतने ही समय में 250 ग्राम सूक्ष्म जीव जैसे मिथायलोफिलस मिथायलोट्राफस (Methylophilus Methylotrophus) इनकी वृद्धि तथा बायोमास उत्पादन की उच्च दर से सम्भावित 25 टन तक प्रोटीन उत्पन्न कर सकते हैं।

प्रश्न 34.
रोग प्रतिरोधक फसल प्राप्त करने के लिए कृषक के द्वारा उपयोग किये जाने वाले विभिन्न चार चरणों को क्रम से लिखिए।
उत्तर:
रोग प्रतिरोधक फसल प्राप्त करने के लिए कृषक द्वारा उपयोग किये जाने वाले चार चरण निम्न हैं-

  • प्रतिरोधकता स्रोतों के लिए जननद्रव्य को छानना।
  • चयनित जनकों का संकरण।
  • संकरों का चयन तथा मूल्यांकन।
  • नयी किस्मों का परीक्षण तथा उन्हें उत्पन्न करना।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

प्रश्न 35.
MOET कार्यक्रम ने पशुओं की वांछित प्रजाति की संख्या को अत्यधिक बढ़ाने में सहायता की है। कार्यक्रम को चलाने के लिए चरणों को बनाइये।
उत्तर:
MOET (मल्टीपल औवियूलेशन एैम्ब्रयो ट्रांसफर) कार्यक्रम को चलाने के लिए निम्नलिखित चरण हैं-

  • सुपरओव्यूलेशन (Superovulation ) – मादा पशु को FSH (Follicular Stimulating Hormone) हार्मोन देकर सुपर अण्ड निर्माण के लिए उद्दीपित किया जाता है।
  • सुपर ओव्यूलेटेड मादा का क्रॉस प्राकृतिक विधि से उच्च नस्ल के साँड (नर) या उच्च नस्ल नर (साँड) का वीर्य लेकर कृत्रिम विधि से मादा को निषेचित किया जाता है।
  • S-32 कोशिकीय निषेचित अण्ड को सोरगेट मादा के गर्भाशय में स्थानान्तरित कर दिया जाता है ।

प्रश्न 36.
उत्तरी भारत के क्षेत्रों में गन्ने के उच्च उत्पादन एवं वांछनीय गुण, , जैसे कि मोटा तना तथा उच्च शर्करा वाले पौधे प्राप्त करने के लिये कौन-सी तकनीक अपनाई जाती है? समझाइये।
उत्तर:
सैकेरम बारबरी ( Saccharum barberi) को मूलत: उत्तरी भारत में पैदा किया जाता था, परन्तु इसका शर्करा अंश तथा उत्पादन क्षमता बहुत कम थी। दक्षिण भारत में पैदा होने वाला उष्णकटिबंधीय गन्ना सैरम ऑफीसिनेरम (Saccharum officinarum) का तना मोटा था तथा इसमें शर्करा अंश कहीं अधिक था, परन्तु यह उत्तरी भारत में ठीक से नहीं पनप पाया। इन दोनों किस्मों को सफलतापूर्वक संकरित कराया गया ताकि उच्च उत्पादन के वांछनीय गुण जैसे कि मोटा तना तथा उच्च शर्करा वाले पौधे प्राप्त हो सकें और साथ ही इसे उत्तरी भारत के गन्ना उत्पादन क्षेत्रों में भी पैदा किया जा सके।

प्रश्न 37.
डेरी फार्म प्रबन्धन की प्रक्रियाओं को संक्षेप में समझाइए।
उत्तर:
डेरी फार्म वह फार्म है जहाँ दुग्ध उत्पादों को प्राप्त करने के लिए दुग्ध उत्पन्न करने वाले पशुओं जैसे गाय, भैंस, ऊँट, बकरी आदि का पालन-पोषण किया जाता है। ऐसे कार्य जहाँ दूध का उत्पादन होता है, के प्रबन्धन को डेरी फार्म प्रबन्धन कहते हैं। इससे दुग्ध की गुणवत्ता में सुधार तथा उसका उत्पादन बढ़ता है। दुग्ध उत्पादन मूल रूप से फार्म में रहने वाले पशुओं की नस्ल की गुणवत्ता पर निर्भर करता है अच्छी नस्ल का चयन तथा उनकी रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता को महत्त्वपूर्ण माना जाता है।

अच्छी उत्पादन क्षमता प्राप्त करने के लिए पशुओं की अच्छी देखभाल, जिसमें उनके रहने का अच्छा घर तथा पर्याप्त जल तथा रोगाणुमुक्त वातावरण होना चाहिए। पशुओं को भोजन प्रदान करने का तरीका वैज्ञानिक होना चाहिए। इसमें विशेषकर चारे की गुणवत्ता तथा मात्रा पर अधिक ध्यान दिया जाता है।

इसके अतिरिक्त दुग्धीकरण, दुग्ध उत्पादों का भण्डारण तथा परिवहन के दौरान सफाई तथा पशु पर कार्य करने वाले व्यक्ति का स्वास्थ्य सर्वोपरि है। समय-समय पर डेरी फार्मों की सफाई व पशुओं के स्वास्थ्य का परीक्षण भी आवश्यक है। किसी पशु चिकित्सक से पशुओं की नियमित जाँच होनी चाहिए जिससे उनकी स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियाँ दूर कराई जा सकें।

निबन्धात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1.
भारतीय उच्च उत्पादन वाली संकर फसलों का वर्णन कीजिए ।
अथवा
निम्न भारतीय संकर फसलों का वर्णन कीजिए-
(1) गेहूँ एवं धान
(2) गन्ना
(3) ज्वार ।
उत्तर:
पादप प्रजनन क्या है –
पादप प्रजनन पादप प्रजातियों का एक उद्देश्यपूर्ण परिचालन है ताकि-

  • वांछित पादप किस्में तैयार हो सकें।
  • किस्में खेती के लिए अधिक उपयोगी हों।
  • अच्छा उत्पादन करने वाली हों।
  • रोग प्रतिरोधी हों।
  • मृदा की अम्लीयता, लवणता व क्षारीयता के प्रति प्रतिरोधी किस्में तैयार करना।
  • फसल परिपक्वन काल में कमी लाना अर्थात् पादप जीवन चक्र (Plant life cycle) की अवधि को छोटा करना।

पूरे संसार के सरकारी संस्थानों तथा व्यापारिक कंपनियों द्वारा पादप प्रजनन कार्यक्रम अत्यन्त सुव्यवस्थित ढंग से चलाए जाते हैं।फसल की नयी आनुवंशिक नस्ल विकसित करने से प्रजनन के निम्नलिखित प्रमुख पद हैं-
(1) विभिन्नताओं का चयन (Selection of Variability)प्रजनन में किसी भी नस्ल के सुधार से विभिन्नताओं का उपस्थित होना व इनका चयन ही प्रमुख आधार है। अनेक फसलों में पूर्ववर्ती आनुवंशिक विभिन्नतायें उन्हें अपनी जंगली प्रजातियों से प्राप्त हुई हैं।

विभिन्न जंगली किस्मों, प्रजातियों तथा कृषि योग्य प्रजातियों के संबंधियों का संग्रहण एवं परिरक्षण तथा उनके अभिलक्षणों का मूल्यांकन उनके समष्टि में उपलब्य प्राकृतिक जीन के प्रभावकारी समुपयोजन के लिए पूर्वापेक्षित होता है। किसी जाति के सम्पूर्ण आनुवंशिक द्रव्य या उसमें उपस्थित समस्त जीनों के योग को उस जाति का जनन द्रव्य (Germ plasm) कहते हैं। जनन द्रव्य को नष्ट होने से बचाने के लिए द्रव्य संरक्षण किया जाता है। जनन द्रव्य संरक्षण प्रायः पादपों/बीजों के रूप में किया जाता है।

(2) जनकों का मूल्यांकन तथा चयन (Evaluation and selection of parents)-पादपों की पहचान हेतु जर्म प्लाजम (Germ plasm) का आकलन किया जाता है जिससे वाँछित लक्षणों का समावेश किया जा सके। चयनित वांछित लक्षणों वाले उत्कृष्ट पाद्पों की संख्या में वृद्धि (बहुगुणन) करके इनको संकरण प्रक्रिया के लिए काम में लेते हैं। यदि आवश्यकता होती है तो शुद्ध वंशक्रम भी प्राप्त कर लिया जाता है।

(3) चयनित जनकों के बीच पर संकरण (Crops Hybridization among selected parents)-वांछित लक्षणों को बहुधा दो भिन्न पादपों (जनकों) से प्राप्त कर संयोजित किया जाता है। जैसे एक जनक में उच्च प्रोटीन उपस्थित है तथा दूसरे में रोग निरोधक गुण उपस्थित है तो ऐसे जनकों के गुणों का समावेश संकरण द्वारा संकर जाति में किया जाता है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

इस क्रॉस संकरण द्वारा निर्मित संकर जाति में उच्च गुणवत्ता का प्रोटीन व रोग प्रतिरोधक क्षमता दोनों ही पायी जाती हैं परन्तु यह अधिक प्रक्रिया कठिन एवं अधिक समय लेती है। इसके लिए वांछित गुणयुक्त नर के परागकणों को एकत्रित करके वांछित गुणों युक्त मादा पादप के वर्तिकाग्र पर छिड़काव किया जाता है। इसके फलस्वरूप बने पादपों में वांछित संयोजन की संभावना सैकड़ों हजारों में एक की ही रहती है।

(4) श्रेष्ठ पुनर्योगज का चयन तथा परीक्षण (Selection and Testing of Superior Recombination)-इसके अन्तर्गत संकरों की संतति के बीच से पाद्प का चयन किया जाता है जिनमें वांछित लक्षण संयोजित होते हैं। अतः संतति का वैज्ञानिक मूल्यांकन किया जाता है। इसके परिणामस्वरूप ऐसे पादप उत्पन्न होते हैं जो दोनों जनकों में श्रेष्ठ होते हैं। इनका कई पीढ़ियों तक स्वपरागण क्रिया तब तक कराते हैं जब तक कि समरूपता की अवस्था नहीं आ जाती (समयुग्मजता)। जिससे संतति में लक्षण विसंयोजित नहीं हो पाते।

(5) नये कंषणों का परीक्षण, निर्मुक्त होना तथा व्यापारीकरण (Test of New cultivative Release and Commercilization)-नव चयनित वंशक्रम का उनके उत्पादन, गुणवत्ता, कीट प्रतिरोधकता एवं रोग प्रतिरोधकता आदि के लक्षणों के आधार पर मूल्यांकन किया जाता है। मूल्यांकन की कसौटी पर खरा उतरने पर इन पादपों को आदर्श परिस्थितियों में अनुसंधान वाले खेतों में उगाया जाता है।

यहाँ पादपों में वांछित गुणों का मूल्यांकन करते हैं। इसके पश्चात् इन पौधों का परीक्षण देश भर में किसानों के खेत में कई स्थानों पर, कम से कम तीन ऋतुओं तक किया जाता है। यदि नई किस्में स्थानीय श्रेष्ठ किस्म से अधिक उत्कृष्ट होती हैं तो इसे किस्म के रूप में मोचित किया जा सकता है। नई किस्म के मोचन का प्रस्ताव किस्म मोचन समिति के समक्ष रखा जाता है।

प्रस्ताव स्वीकार होने पर इसे एक नाम देकर नई किस्म के रूप में मोचित कर दिया जाता है। भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) की लगभग 33 प्रतिशत आय तथा समष्टि की लगभग 62 प्रतिशत जनसंख्या को रोजगार कृषि से प्राप्त होता है। भारत की स्वतंत्रता के बाद देश के सामने मुख्य चुनौती उसकी बढ़ती हुई जनसंख्या के लिए पर्याप्त आहार का उत्पादन करना था।

1960 के मध्य गेहूँ तथा धान की बहुत-सी उच्च उत्पादन वाली प्रजातियों का विकास पादप प्रजनन तकनीकों के प्रयोग से किया गया। परिणामस्वरूप खाद्य उत्पादन में अत्यधिक वृद्धि हुई। यही प्रावस्था सामान्यतः हरित क्रान्ति के नाम से जानी जाती है। उच्च उत्पादन वाली किस्मों की भारतीय संकर फसलों को नीचे चित्र में प्रदर्शित किया गया है-
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति 1

गेहूं तथा धान (Wheat & Paddy)- 1960 से 2000 तक के वर्षों के दौरान गेहूं का उत्पादन ग्यारह मिलियन टन से बढ़कर पचहत्तर मिलियन टन हुआ। जबकि धान का उत्पादन पैंतीस मिलियन टन से बढ़कर 89.5 मिलियन टन तक पहुँच गया। इसका कारण गेहूं तथा धान की अर्द्धवामन किस्मों का विकसित होना है। मैक्सिको स्थित इंटरनेशनल सेंटर फॉर व्हीट एंड मेंज में नोबेल पुरस्कार पुरस्कृत डॉ. नॉरमैन ई. बारलौग ने गेहूं की अर्द्धवामन किस्म का विकास किया।

यह उसी का परिणाम है कि सन् 1963 में उच्च उत्पादन तथा प्रतिरोधी किस्मों की वंश रेखाएं जैसे सोनालिका तथा कल्याण सोना का विकास कर उन्हें भारत के गेहूं उत्पादक क्षेत्रों में प्रयोग किया। अर्द्धवामन धान की प्रजातियों को IR-8 (इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट IRRI, फिलिपींस में विकसित) तथा थाइचूंग नेटिव-I (ताइवान) से व्युत्पन्न किया गया। सन् 1966 में इन किस्मों को प्रयोग में लाया गया।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

बाद में और अधिक उत्पादन क्षमता वाली अर्द्धवामन प्रजातियों जया तथा रत्ना का विकास भारत में किया गया। गन्ना (Sugarcane)-सै के रम बारबरी (Saccharum barberi) को मूलत: उत्तरी भारत (North India) में उगाया जाता था।. लेकिन इसमें शर्करा की मात्रा कम एवं इसकी उत्पादन की क्षमता कम थी। दक्षिणी भारत में पैदा होने वाला उष्णकटिबंधीय गन्ना सैकेरम ऑफीसिनेरम (Saccharum officinarum) का तना मोटा एवं इसमें शर्करा की मात्रा कहीं अधिक थी, किन्तु यह उत्तरी भारत में सही ढंग से विकसित नहीं हो रहा था।

इन दोनों किस्मों को सफलतापूर्वक संकरित किया गया ताकि उच्च उत्पादन के वांछनीय गुण जैसे कि मोटा तना तथा उच्च शर्करा वाले पौधे प्राप्त हो सकें और साथ ही इसे उत्तरी भारत (North India) के गन्ना उत्पादन क्षेत्रों में भी पैदा किया जा सके। ज्वार (Millets)-संकर मक्का, ज्वार और बाजरा का सफलतापूर्वक विकास भारत में किया जा चुका है। इनका विकास संकर प्रजनन (Hybrid Breeding) के फलस्वरूप हुआ है। ये किस्में जल अभाव के प्रति प्रतिरोधी एवं उच्च उत्पादन वाली हैं।

प्रश्न 2.
रोग प्रतिरोधकता के लिए प्रजनन विधियों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
रोग प्रतिरोधकता के लिए पादप प्रजनन (Plant breeding for Disease Resistant)-
अनेक प्रकार के रोगकारक, जैसे-कवक, जीवाणु तथा विषाणु उष्णकटिबन्धीय जलवायु की कृष्य जातियों को व्यापक रूप से प्रभावित करते हैं। इन रोगकारकों के कारण फसलों को 20-30 प्रतिशत तक हानि या कभी-कभी पूर्ण हानि भी होती है। ऐसी परिस्थितियों में रोग के प्रति प्रतिरोधी खेतिहर जातियों में प्रजनन तथा विकास से खाद्य उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है।

इन्हें उगाने से जीवाणुनाशी तथा कवकनाशी पदार्थों का प्रयोग भी कम हो जाता है तथा उन पर आश्रितता कम हो जाती है। पोषी पादपों की प्रतिरोधकता उसकी रोगजनकों को रोग उत्पन्न करने से रोकने की क्षमता है तथा इसका निर्धारण पोषी पादप के आनुवंशिक ढाँचे द्वारा किया जाता है।

प्रजनन की क्रिया अपनाने से पहले रोगकारक जीव के बारे में जानकारी तथा उसके प्रसार की क्रियाविधि की जानकारी महत्वपूर्ण है। कवकों द्वारा उत्पन्न कुछ रोग निम्न हैं-गेहूं का भूरा किट्ट, गन्ने का रैड रॉट रोग तथा आलू पछेती अंगमारी। विषाणु द्वारा तथा जीवाणु द्वारा उत्पन्न रोग के उदाहरण क्रमशः निम्न हैं-तम्बाकू मोजेक, शलजम मोजेक, टमाटर का पर्ण बेलन आदि एवं जीवाणु द्वारा उत्पन्न रोग सिट्स कैकर चावल का किट्ट। रोग प्रतिरोधकता के लिए प्रजनन विधियाँ (Methods of Breeding for Disease Resistance)-
रोग प्रतिरोधकता उत्पन्न करने की परम्परागत विधियाँ निम्न प्रमुख हैं-

  1. संकरण (Hybridisation)
  2. चयन (Selection)

इसके अन्तर्गत निम्नलिखित पदों को अपनाते हैं-

  • प्रतिरोधकता स्रोतों के जनन द्रव्य को छानना
  • चयनित जनकों का संकरण
  • संकरों का चयन
  • मूल्यांकन
  • नयी किस्मों का परीक्षण
  • तथा उन्हें उत्पन्न करना

संकरण तथा चयन द्वारा प्रजनित कुछ शस्य कवकों, जीवाणुओं तथा विषाणुओं के प्रति रोग प्रतिरोधकता होती है। ये शस्य प्रजातियाँ नीचे तालिका में दी गई हैं –

फसलकिस्म/प्रजातिरोग के प्रति प्रतिरोधक
1. गेहूंहिमगिरीपर्ण तथा धारी किट्ट हिलबंट
2. सरसोंपूसा स्वर्णिमश्वेत किट्ट
3. फूलगोभीपूसा शुभ्रा, पूसा स्नोबॉल K-1कुंचित अंगमारी (शीर्णन) कृष्ण विगलन
4. लोबियापूसा कोमलजीवाणीय अंगमारी (शीर्णन)
5. मिर्चपूसा सदाबहारचिली मोजेक वायरस, तम्बाकू मोजेक वायरस तथा पर्ण कुंचन

रोग प्रतिरोधी जीन जो विभिन्न फसलों की प्रजातियों अथवा उनकी जंगली प्रजातियों में उपस्थित रहती है लेकिन इनकी सीमित संख्या में उपलब्धि के कारण पारम्परिक प्रजनन प्रायः निरुद्ध होता है। पादपों में विभिन्न प्रक्रियाओं द्वारा उत्परिवर्तन (Mutation) प्रेरित किया जाता है तथा बाद में प्रतिरोधकता के लिए पादप पदार्थों की स्क्रीनिंग द्वारा वांछनीय जीन की पहचान की जाती है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

वांछनीय लक्षण वाले पौधे को या तो सीधे ही गुणित किया जा सकता है अथवा इसका प्रयोग प्रजनन में किया जा सकता है। उत्परिवर्तन सोमाक्लोनल वैरिएंट तथा आनुवंशिक अभिंयान्त्रिकी में चुनाव की अन्य प्रजनन विधियाँ, जिनका प्रयोग इस कार्य में किया जाता है। उत्परिवर्तन (Mutation)-जीन के भीतर आधार अनुक्रम में परिवर्तन द्वारा जो आनुवंशिक भिन्नताएँ उत्पन्न हो जाती हैं, उसे उत्परिवर्तन (Mutation) कहते हैं। इसी के फलस्वरूप नये लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं जो अपने जनकों से भिन्न होते हैं।

उत्परिवर्तन को कृत्रिम रूप से रसायनों के प्रयोग अथवा विकिरण जैसे गामा विकिरण द्वारा प्रेरित किया जाता है। ऐसे पादपों के चयन एवं प्रयोग द्वारा जिनसे प्रजनन के लिए वांछनीय लक्षण स्रोत के रूप में उत्परिवर्तन प्रजनन (Mutation Breeding) कहलाता है। मूंग में जो पीत मोजेक वायरस (Yellow mosaic virus) तथा चूर्णिल आसिवा (Powdery mildew) के प्रति प्रतिरोधक क्षमता उत्परिवर्तन के कारण ही है।

पादपों की विभिन्न कृष्य प्रजातियों से सम्बन्धित अधिकांश जंगली पादप कुछ प्रतिरोधक लक्षण प्रदर्शित करते हैं परन्तु उनका उत्पादन बहुत ही कम होता है, अतः उच्च उत्पादन के लिए इन प्रजातियों के जीनों को कृष्य प्रजातियों के जीनों में मिलाने की आवश्यकता है। भिण्डी (एबेलमासकाल ऐस्क्यूलैटस) में पीत मोजेक वायरस (Yellow mosaic virus) के प्रति प्रतिरोधकता इसकी जंगली प्रजाति से स्थानान्तरित की गई है। जिसके परिणामस्वरूप ए. ऐसकुलैटस की एक नई किस्म परमनी क्रान्ति उत्पन्न हुई।

प्रश्न 3.
फसलों में सुधार की आधुनिक तकनीक का नाम बताइए। यह फसल सुधार में किस प्रकार लाभदायक है? समझाइए ।
अथवा
ऊतक संवर्धन पर निबन्ध लिखिये।
उत्तर:
फसलो में सुधार की आधुनिक तकनोंक उतक संवधन (Tissue Culture) है। जब पारम्परिक प्रजनन विधियों से फसलों की उन्नत किस्में तैजार की गई तब भी बढ़ती हुई खाद्यान्नों की मांगों को पूरा नहीं किया जा सका। अतः पर्याप्त उन्तत फसलों को तैयार करने व बढ़ती खाधान्न मांगों की आपूर्ति हेतु आधुनिक तकनीक ऊतक संवर्धन का सहारा लिया गया।

20 र्वी सदी के मध्य में जीच वैज्ञानिकों ने अनुसंधान करके बह ज्ञात किया कि पौधे के भाग से सम्पर्ण पौधों को युनर्जनित किया जाना सम्भव है, उसे कत्तोतक कहते हैं। किसी कोशिका कर्तोतक से पूर्ण पादप में जानत होने की क्षमता को पूर्णशक्तता कहते हैं। कर्तोतक का एक विशिष्ट पोश माध्यम में तथा रोगाणुरहित स्थिति में पात्रे संबर्धन किया जाता है। इस पोश माध्यम में कार्बन स्रोत जैसे सुक्रोज तथा अकार्यनिक लवण, विटामिन, अमीनो अम्ल तथा वृद्धि नियंत्रक जैसे-ऑंक्सिन, साइटोकाइटिन आदि उपस्थित होने चाहिए।

ऊतक संबर्धन विधि द्वारा पौधे के कायिक या वानस्पतिक प्रवर्धन को सूक्ष्म प्रवर्धन कहते हैं। इस विधि में बहुत छोटे कत्तोंतक का उपभोग करके बहुत छोटे-छोटे पौधे कम समय में उत्पादित करते हैं। इनमें प्रत्येक पादप आनुर्वंशिक रूप से मूल पादक के समान होते हैं, जहाँ से वह पैदा हुए हैं, इन्हें सोमाक्लोन (Somaclone) कहते हैं। ऊतक संवर्धन तक्रीक से रोगमुक्त पादपों का संबर्धन उत्पादन सम्भव है ।

प्रत्येक पादप विषाणु (Virus) से संक्रमित होते हैं, परन्तु उन पौधों के विभग्योतक (शीर्घ तथा कक्षीय) विषाणु से प्रभावित नहीं होते है। अतः विषाणुमुक्त पादप तैयार करने के लिए विभज्योतक को पृथक् कर उसका पात्रे संवर्धन करते हैं। संवर्धन से तैयार पादप विघाणु रोग से पूर्णतया मुक्त होते हैं। वैज्ञानिकों ने केला, गन्ना, आलू आदि में विभज्योतक संबर्धन द्वारा व्यापारिक स्तर पर रोगमुक्त पादप तैयार किये हैं।

कतक संवर्धन के अन्तर्गत चैज्ञानिकों ने पादपों से एकल कोशिकाएँ पृथक् कर उनकी कोशिका भित्ति को सैल्यूलोज तथा पैविट्नेज एन्जाइम की सहायता से प्लाज्मा झिल्ली द्वारा चिरा नग्न जीवद्रव्य पृथक कर लिया। प्रत्येक किस्म में वांधनीय लक्षण विद्यमान होते है। पादर्पों की दो आनुबंशिक रूप से भिन्न किस्मों से अलग किया गया जीवद्रव्य युग्मित होकर संकर जीवद्रव्य उत्पन्न करता है, जिससे नए पादप तैयार किये जाहे हैं।

यह संकर कायिक संकर, जबांक यह प्रक्रम कायिक संकरण कहलाता है। इस विधि के द्वारा पोमेटो (आलू तथा टमाटर के जोवद्रव्य संकरण से प्राप्त कायिक संकर) तथा ब्रोमेटो (थँगन तथा टमाटर के जीवद्रब्य संकरण से प्राप्त कायिक संकर) विकसित किये गये हैं। इन दोनों कायिक संकरों के पादपों में व्यावसायिक उपयोग हेतु वींहित्त समुचित अभिलक्षणों का अभाव था। ऊतक संवर्धन विधि का प्रयोग करते हुए वैज्ञानिकों ने पादपों में विभिन्नता प्राप्त की, उसे सोमाक्लोनल विभिन्नता कहते हैं। ये विभिन्नताएँ स्थायी होती हैं तथा कृषि के लिए उपयोगी होती हैं।

प्रश्न 4.
मत्स्य पालन पर एक निबन्धात्मक लेख लिखिए।
उत्तर:
मत्स्य पालन- मछलियों की उपयोगी व उच्च उत्पादक क्षमता से युक्त प्रजातियों का संवर्धन मत्स्य पालन कहलाता है। मछलियों से हमें उत्तम किस्म की खास प्रोटीन, विटामिन ए व डी तथा कई अन्य उपयोगी व उपउत्पाद प्राप्त होते हैं। इनकी अत्यधिक उपयोगिता के कारण इनके संवर्धन व पालन हेतु विशेष वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग किया जाता है।

मछलियों समेत कई अन्य जलीय जीव जैसे-प्रॉन, लोब्स्टर, मोलस्का इत्यादि के पालन व संवर्धन को जल संवर्धन या जल कृषि (एक्वाकल्चर) कहते हैं। भारत का चीन के बाद विश्व में मत्स्य पालन में दूसरा स्थान है। एवं सम्पूर्ण विश्व में चौथे स्थान पर है। तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, केरल तथा पंजाब में मत्स्य पालन चावल के खेतों, बांधों, सिंचाई नहरों, झीलों व तालाबों के जलीय स्रोतों में किया जाता है।

संवर्धन योग्य मछलियाँ – इन मछलियों को दो भागों में बाँटा गया है –
(1) पारंपरिक स्वच्छ जलीय मछलियाँ अलवणीय जल की मछलियाँ – इनका पालन स्वच्छ अर्थात् अलवणीय जल में किया जाता है; जैसे- नदियां, तालाब व जलाशय आदि। उदाहरण- लेबियो रोहिता या रोहूं, कतला कतला, सिरिनस म्रिगला या मृगल, लेबियो कालबासु, चन्ना मछलियों की प्रजातियां, वैलेगो अट्टू (मुल्ली) आदि।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

(2) लवणीय जल की मछलियाँ – जिनका पालन लवण जल में किया जाता है, लवणीय मछलियां कहलाती हैं। मछलियों का उत्पादन खारे पानी की तुलना में मीठे पानी में अधिक होता है। उदाहरण- हिल्ला, सरडाइन, मैकेरल तथा पामफ्रैट आदि । पालने हेतु ऐसी मछलियों का चयन किया जाता है जो उच्च खाद्य गुणों से युक्त, उच्च प्रजनन एवं वृद्धि दर दर्शाने वाली, रोग प्रतिरोधी क्षमता से युक्त, वातावरणीय

परिवर्तन के प्रति सहनशीलता, प्राकृतिक एवं कृत्रिम भोजन को आसानी से ग्रहण करने में समर्थ तथा वातावरण में उपस्थित अन्य मछलियों के प्रति न्यूनतम प्रतिस्पर्धा आदि गुण रखती हों। मेजर कार्प, लेबियो रोहिता, कतला कतला, सिरिनस म्रिगंला आदि इन सभी मछलियों का प्रमुख विदेशी कार्प मछलियों के साथ उचित अनुपात में एक साथ सरोवर में पालन किया जाता है। इस तकनीक को कम्पोजिट मत्स्य पालन कहते हैं।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न-

1. किस विधि द्वारा बीकानेरी ऐबीज एवं मैरीनो रेक्स से भेड़ की नई नस्ल ‘हिसारडेल’ तैयार की गई है? (NEET-2020)
(अ) उत्परिवर्तन प्रजनन
(ब) संकरण
(स) अंतःप्रजनन
(द) बहिःप्रजनन
उत्तर:
(ब) संकरण

2. अधिक दूध देने वाली गायों को प्राप्त करने के लिए किया गया कृत्रिम वरण क्या दर्शाता है? (NEET-2019)
(अ) स्थायीकारक वरण क्योंकि यह जनसंख्या में इस लक्षण का स्थायीकरण करता है।
(ब) दिशात्मक वरण क्योंकि यह लक्षण माध्य को एक दिशा में धकेल देता है।
(स) विदारक क्योंकि यह जनसंख्या को दो में विभाजित करता है, एक अधिक उत्पादन करने वाली एवं अन्य कम उत्पादन करने वाली।
(द) स्थायीकारक के बाद विदारक क्योंकि यह जनसंख्या में उच्च उत्पादक गायों का स्थायीकरण करता है।
उत्तर:
(ब) दिशात्मक वरण क्योंकि यह लक्षण माध्य को एक दिशा में धकेल देता है।

3. अनुचित कथन का चयन करो- (NEET-2019)
(अ) अंतःप्रजनन श्रेष्ठ जीनों के संग्रह एवं अवांछनीय जीनों के उन्मूलन में सहायता करता है।
(ब) अंतः प्रजनन समयुग्मता में वृद्धि करता है।
(स) अंतःप्रजनन किसी जानवर को शुद्ध वंशक्रम के विकित होने के लिए आवश्यक है।
(द) अंतःप्रजनन हानिकारक अप्रभावी जीनों का चयन करता है जो जननता एवं उत्पादकता कम करते हैं।
उत्तर:
(द) अंतःप्रजनन हानिकारक अप्रभावी जीनों का चयन करता है जो जननता एवं उत्पादकता कम करते हैं।

4. पशुओं में शुद्ध वंशक्रम में समयुग्मजी किस प्रकार प्राप्त किए जा सकते हैं? (NEET-2017)
(अ) एक ही नस्ल के सम्बन्धित पशुओं के संगम द्वारा
(ब) एक ही नस्ल के असंबंधित पशुओं के स्रोत द्वारा
(स) विभिन्न नस्लों के पशुओं के संगम द्वारा
(द) विभिन्न प्रजातियों के पशुओं के संगम द्वारा
उत्तर:
(अ) एक ही नस्ल के सम्बन्धित पशुओं के संगम द्वारा

5. एक वास्तविक प्रजनन पादप वह है जो कि- (NEET II-2016)
(अ) लगभग समजात हो और अपनी तरह की संतान उत्पन्न करता हो
(ब) अपने आनुवंशिक गहन में हमेशा समजात अप्रभावी हो।
(स) अपने आप प्रजनन कर सके।
(द) असंबद्ध पादपों के बीच पर-परागण से उत्पन्न किया गया हो।
उत्तर:
(अ) लगभग समजात हो और अपनी तरह की संतान उत्पन्न करता हो

6. निम्नलिखित खाद्यमछलियों में से कौनसी समुद्री मछली है जो ओमेगा-3 वसा अम्लों का उत्तम स्रोत है? (NEET-2016)
(अ) मिग्रल
(ब) मैकेरल
(स) मिस्टस
(द) मांगुर
उत्तर:
(ब) मैकेरल

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

7. लेग्यूम या घास को चारागाह में या चक्रीय फसल द्वारा मिट्टी की संरचना या उत्पादकता को सुधारने के लिए जो प्रक्रिया अपनाते हैं, कहलाती है- (NEET I-2016)
(अ) स्ट्रिपखेती
(ब) शिफ्टिंग कृषि
(स) ले खेती
(द) काउण्टर खेती
उत्तर:
(स) ले खेती

8. ‘जीवद्रव्यक’ एक कोशिका है- (NEET-2015)
(अ) केन्द्रक रहित
(ब) विभाजित हुई
(स) कोशिका भित्ति रहित
(द) प्रद्रव्यरहित
उत्तर:
(स) कोशिका भित्ति रहित

9. पशुपालन में बहि:प्रजनन एक महत्त्वपूर्ण क्रियाविधि है क्योंकि यह- (NEET-2015)
(अ) जन्तुओं के शुद्ध वंशक्रमों को उत्पन्न करने में उपयोगी है।
(ब) अन्तःप्रजनन के अवसाद को दूर करने में उपयोगी है।
(स) हानिकारक अप्रभावी जीनों को अनावृत कर देता है जिन्हें चयन द्वारा निष्कासित किया जा सकता है।
(द) बेहतर जीनों के एकत्रीकरण में मदद करता है।
उत्तर:
(ब) अन्तःप्रजनन के अवसाद को दूर करने में उपयोगी है।

10. ऊतक संवर्धन तकनीक द्वारा रोगी पादप से विषाणु मुक्त स्वस्थ पादपों को प्रास करने के लिए रोगी पादप के किस भाग/भागों को लिया जाएगा? (NEET-2014)
(अ) केवल शीर्ष विभज्योतक
(ब) पेलीसेड पेरेन्काइमा
(स) शीर्ष और अक्षीय विभज्योतक दोनों ही
(द) केवल अधिचर्म।
उत्तर:
(स) शीर्ष और अक्षीय विभज्योतक दोनों ही

11. पादपों में स्वपात्रे क्लोनीय प्रवर्धन किसके द्वारा चित्रित होता है- (NEET-2014)
(अ) पी.सी.आर. और आर.ए.पी.डी.
(ब) नार्दन शोषण
(स) वैद्युत कण संचलन और एच.पी.एल.सी.
(द) सूक्ष्मदर्शीकी।
उत्तर:
(अ) पी.सी.आर. और आर.ए.पी.डी.

12. सूक्ष्मप्रवर्धन के लिए वाइरस रहित पौधे बनाने के लिए कौनसा भाग सबसे उपयुक्त होगा- (NEET-2012)
(अ) छाल
(ब) संवहनीय ऊतक
(स) विभज्योतक
(द) नोड (पर्व)
उत्तर:
(स) विभज्योतक

13. भारत में हरित क्रान्ति किस दौरान हुई थी? (Mains-2012)
(अ) 1960 के दशक में
(ब) 1970 के दशक में
(स) 1980 के दशक में
(द) 1950 के दशक में
उत्तर:
(अ) 1960 के दशक में

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

14. किट्ट रोगजनक के विरुद्ध रोगरोधन के लिए संकरण तथा चयन द्वारा विकसित हिमगिरी किसकी एक किस्म है? (NEET-2011)
(अ) मिर्च
(ब) मक्का
(स) गन्ना
(द) गेहूं
उत्तर:
(द) गेहूं

15. भारत में सर्वाधिक आनुवंशिक विविधता प्रदर्शित करता है- (CBSE, 2011)
(अ) चावल
(ब) मक्का
(स) आम
(द) मूंगफली
उत्तर:
(स) आम

16. ट्रान्सजीनिक जन्तुओं के रूप में सर्वाधिक संख्या में पाये जाने वाले जीव हैं- (CBSE, 2011)
(अ) चूहे
(ब) गाय
(स) सूअर
(द) मछली
उत्तर:
(अ) चूहे

17. भारत में हरित क्रान्ति के लिए विकसित की गई ‘जया’ और ‘रत्ना’ किस्में हैं- (CBSE, 2011)
(अ) चावल की
(ब) गेहुँ की
(स) बाजरे की
(द) मक्के की
उत्तर:
(अ) चावल की

18. सोमेक्लोन (Somaclones) प्राप्त होते हैं- (NEET 2009, CBSE, 2010)
(अ) ऊतक संवर्धन द्वारा
(ब) पादप प्रजनन द्वारा
(स) विकिरणन द्वारा
(द) जीनी अभियान्त्रिकी द्वारा।
उत्तर:
(अ) ऊतक संवर्धन द्वारा

19. ट्रांसजीनिक बासमती चावल की उन्नत किस्म- (CBSE, 2010)
(अ) को रासायनिक उर्वरकों तथा वृद्धि हार्मोनों की आवश्यकता नहीं होती है।
(ब) उच्च उत्पादन तथा विटामिन- A से प्रचुर होती है।
(स) सभी कीट-पीड़कों तथा धान के रोगों के प्रति पूर्णतया प्रतिरोधक होती है ।
(द) उच्च उत्पादन करती है किन्तु इसमें कोई अभिलाक्षणिक सुगंध नहीं होती है।
उत्तर:
(ब) उच्च उत्पादन तथा विटामिन- A से प्रचुर होती है।

20. ऐसी फसलों के प्रजनन को, जिनमें खनिज प्रोटीन, विटामिन के स्तर ऊँचे हो, क्या कहते हैं? (NEET-2010)
(अ) जैव प्रबलीकरण
(ब) जैव आवर्धन
(स) सूक्ष्म प्रवर्धन
(द) कायिक संकरण
उत्तर:
(अ) जैव प्रबलीकरण

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

21. पॉली एथीलीन ग्लाइकॉल विधि का उपयोग किस काम के लिए किया जाता है- (NEET-2009)
(अ) मल जल (सीवेज) से ऊर्जा का उत्पादन
(ब) बिना किसी वेक्टर के जीन स्थानान्तरण
(स) बायोडीजल उत्पादन
(द) बीज रहित फल उत्पादन
उत्तर:
(ब) बिना किसी वेक्टर के जीन स्थानान्तरण

22. एक लोकप्रिय कवकनाशी के रूप में बोडों मिश्रण की खोज के साथ किसका सम्बन्ध रहा है? (NEET-2008)
(अ) गेहूं के श्लथ कंड
(ब) गेहूं का काला किट्ट
(स) चावल की जीवाण्विक पत्ती शीर्णता
(द) अंगूर की मृदुरोमिल आसिता
उत्तर:
(द) अंगूर की मृदुरोमिल आसिता

23. निम्नांकित सही मिलाया गया है- (RPMT, 2008)
(अ) एपीकल्चर-मधुमक्खी
(ब) पिसीकल्चर-सिल्कमॉथ
(स) सेरीकल्चर-मछली
(द) एक्वाकल्चर-मच्छर
उत्तर:
(अ) एपीकल्चर-मधुमक्खी

24. वह कौनसी एक पारजीनी खाद्य फसल है जिससे विकासशील देशों में रतौंधी की समस्या का समाधान हो सकता है? (NEET-2008)
(अ) फ्लैव सैव्र किस्म के टमाटर
(ब) स्टारालिंग मक्का
(स) Bt सोयाबीन
(द) गोल्डन राइस (सुनहरा चावल)
उत्तर:
(द) गोल्डन राइस (सुनहरा चावल)

25. सांड की तुलना में बैल अधिक सीधा-साधा (विनम्र) इसलिए होता है कि बैल के भीतर- (NEET-2007, CBSE-2007)
(अ) रक्त में ऐड्रीनलीन/नार ऐड्रीनलीन के निम्न स्तर होते हैं
(ब) कार्टिसोन के उच्च स्तर होते हैं
(स) थायरॉक्सिन केस्तर ऊँचे होते हैं
(द) रक्त टेस्टोस्टेरोन के स्तर निम्न होते हैं।
उत्तर:
(द) रक्त टेस्टोस्टेरोन के स्तर निम्न होते हैं।

26. निम्नलिखित में से कौनसी एक दशा मुर्गियों का एक विषाणु रोग है- (NEET-2007)
(अ) पाश्चुरेलोसिस
(ब) साल्मोनेलोसिस
(स) कोइराजा
(द) न्येकैस्टल रोग
उत्तर:
(द) न्येकैस्टल रोग

27. निम्नलिखित में से कौनसा एक जोड़ा गलत मिलाया गया है- (NEET-2007)
(अ) बाम्बिक्स मोराई-रेशम
(ब) पाइलाग्लोबोमा-मोती
(स) एपिस इण्डिका-शहद
(द) केनिया लाका-लाख।
उत्तर:
(अ) बाम्बिक्स मोराई-रेशम

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

28. मवेशियों के क्लोनिंग में एक निषेचित अण्डे की माता गऊ के गर्भाशय से निकालकर- (CBSE, 2007)
(अ) उस अण्डे को 4 जोड़ी कोशिकाओं में विभाजित किया जाता है जिन्हें अन्य गायों के गर्भाशयों में अन्तर्रोपित कर दिया जाता है।
(ब) उसकी आठ कोशिका अवस्था में, कोशिकाओं को पृथक् किया जाता है और उन्हें छोटे-छोटे भ्रूण बनने तक संवर्धित किया जाता है जिसके बाद उन्हें अन्य गायों के गर्भाशय में अन्तर्रोपित कर दिया जाता है।
(स) उसकी आठ, कोशिका अवस्था में, कोशिकाओं को विद्युत् परिवेश में पृथक् कर दिया जाता है और उससे आगे का परिवर्धन संवर्धन माध्यम में किया जाता है।
(द) उससे आठ अभिन्न जुड़वाँ बच्चे पैदा किये जा सकते हैं।
उत्तर:
(ब) उसकी आठ कोशिका अवस्था में, कोशिकाओं को पृथक् किया जाता है और उन्हें छोटे-छोटे भ्रूण बनने तक संवर्धित किया जाता है जिसके बाद उन्हें अन्य गायों के गर्भाशय में अन्तर्रोपित कर दिया जाता है।

29. मक्का में संकर ओज किससे सबसे ज्यादा प्राप्त होता है? (CBSE, 2006)
(अ) जीवद्रव्यक में DNA बॉम्बार्ड करके
(ब) दो अन्तःप्रजात वंशक्रमों के बीच संकरण करके
(स) सर्वाधिक उत्पादनशील पौधों से बीज एकत्रित करके
(द) उत्परिवर्तनों को प्रेरित करके
उत्तर:
(ब) दो अन्तःप्रजात वंशक्रमों के बीच संकरण करके

30. सुनहरा चावल एक बहुत ही सम्भावनापूर्ण पारजीनी फसल है। कृषि में उतारने पर यह किस चीज में सहायक होगा? (CBSE 2006)
(अ) विटामिन-A का अभाव दूर करने में
(ब) पीड़क प्रतिरोध में
(स) शाकनाशी सहनता में
(द) चावल से एक पेट्रोल-सरीखा ईंधन बनाने में।
उत्तर:
(अ) विटामिन-A का अभाव दूर करने में

31. ऊतक संवर्धन द्वारा विषाणु-मुक्त पौधे प्राप्त करने की सबसे अच्छी विधि क्या है ? (CBSE, PMT 2006)
(अ) एन्थर संवर्धन
(ब) विभज्योतक संवर्धन
(स) जीवद्रव्य संवर्धन
(द) भूरण रस्क्यू
उत्तर:
(ब) विभज्योतक संवर्धन

32. एकल कृषि में उगाए जाने वाले फसल पौधे कैसे होते हैं? (CBSE, 2006)
(अ) कम उत्पादन करने वाले
(ब) अंतःजातीय स्पर्धा से मुक्त
(स) क्षीण मूल तन्त्र के अभिलक्षण वाले
(द) पीड़कों के लिए अति प्रवृत्त।
उत्तर:
(द) पीड़कों के लिए अति प्रवृत्त।

33. निम्न में से कौन फसल के सुधार में प्रयुक्त नहीं होता- (Bihar CECE, 2006)
(अ) अन्तःप्रजनन
(ब) परिचय
(स) संकरण
(द) उत्परिवर्तन
उत्तर:
(अ) अन्तःप्रजनन

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति

34. यदि किसी पादप कोशिका में सम्मूर्ण पौधा बनाने की क्षमता पायी जाती है तब कोशिका के उस गुण को क्या कहते हैं? (HP PMT, 2005)
(अ) ऊतक संवर्धन
(ब) टोटीपोटेन्सी
(स) प्ल्यूरीपोटेन्सी
(द) जीन क्लोनिंग
उत्तर:
(ब) टोटीपोटेन्सी

35. कायिक संकरण उत्पन्न होता है- (Manipal 2005)
(अ) जीवद्रव्य संयुग्मन द्वारा
(ब) टिशु कल्चर द्वारा
(स) परागण कल्चर द्वारा
(द) हाइब्रिडोमा प्रक्रिया द्वारा
उत्तर:
(अ) जीवद्रव्य संयुग्मन द्वारा

36. खच्चर (Mule) उत्पन्न होता है- (AFMC, 2004)
(अ) ब्रीडिंग द्वारा
(ब) म्यूटेशन द्वारा
(स) हाइब्रिडाइ जेशन द्वारा
(द) इन्टरस्पेस्फिक हाइब्रिडाइजेशन द्वारा
उत्तर:
(स) हाइब्रिडाइ जेशन द्वारा

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 9 खाद्य उत्पादन में वृद्धि की कार्यनीति Read More »

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

Haryana State Board HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
क्या विलगित निकाय का ताप परिवर्तित हो सकता है ?
उत्तर:
हाँ; रुद्धोष्म प्रक्रम में विलगित निकाय का ताप परिवर्तित हो सकता है।

प्रश्न 2.
संलग्न चित्र में किसी गैस के लिए P-Vवक्र AB व AC प्रदर्शित है। बताइये इनमें कौन सा वक समतापीय एवं कौन-सा टोम वक्र है ?
उत्तर:
समतापीय वक्र कम ढाल एवं रुद्धोष्म वक्र दाब (P) अधिक ढाल वाले होते हैं।
अतः
AB – समतापीय वक्र
एवं AC – रुद्धोष्म वक्र

प्रश्न 3.
यदि दो निकाय A व B किसी तीसरे निकाय C से अलग-अलग ऊष्मीय साम्य अवस्था में हैं तो A व B क्या आपस में भी ऊष्मीय साम्य अवस्था में होंगे ?
उत्तर:
हाँ; ऊष्मागतिकी के शून्यांकी के नियमानुसार ।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 4.
क्या ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से किसी क्रिया के होने की दिशा का ज्ञान हो सकता है ?
उत्तर;
नहीं।

प्रश्न 5.
मेयर का सम्बन्ध लिखिए ।
उत्तर:
मेयर सम्बन्ध = CP – CV= R
जहाँ CP = नियत दाब पर गैस की मोलर विशिष्ट ऊष्मा
CV = नियत आयतन पर गैस की मोलर विशिष्ट ऊष्मा
R = सार्वत्रिक गैस नियतांक

प्रश्न 6.
किसी आदर्श गैस के रुद्धोष्म प्रसार में P व V के मध्य सम्बन्ध लिखिए ।
उत्तर:
PVγ जहाँ γ = \(\frac{C_P}{C_V}\)

प्रश्न 7.
ऊष्मा इंजन की दक्षता की विमा क्या होती है ?
उत्तर:
ऊष्मा इंजन की दक्षता
η = \(\frac{W}{Q_1}\) जहाँ W= कृत कार्य; Q1 = स्रोत से ली गई ऊष्मा
∵ W एवं Q की विमाएँ समान है, अतः दक्षता η विमाहीन राशि है।
∴ η का विमीय सूत्र [ M°LOT]

प्रश्न 8.
समदाबीय प्रक्रम में निकाय की अवस्था परिवर्तन से दाब में क्या परिवर्तन होता है ?
उत्तर:
समदाबीय प्रक्रम में दाब नहीं बदलता है अतः दाब में परिवर्तन ∆P = 0

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 9.
क्या किसी गैस के ताप में वृद्धि बिना ऊष्मा दिये की जा सकती है ?
उत्तर:
हाँ, रुद्धोष्म सम्पीडन में गैस पर किया गया कार्य निकाय का ताप बढ़ाता है क्योंकि कृत कार्य ऊष्मा में बदलकर आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि करता है।

प्रश्न 10.
ऊष्मागतिकी का शून्य नियम किस ऊष्मागतिकी चर को परिभाषित करता है ?
उत्तर:
ताप को ।

प्रश्न 11.
समतापीय व रुद्धोष्म प्रक्रम में किसी गैस की विशिष्ट ऊष्मा क्या होती है ?
उत्तर:
विशिष्ट ऊष्मा S = \(\frac{Q}{m.∆T}\)
समतापी प्रक्रम में ∆T = 0. ∴ S = ∞ (अनन्त)
रुद्धोष्म प्रक्रम में Q = 0 ∴ S = 0 (शून्य)

प्रश्न 12.
कार्नो चक्र किस प्रकार का प्रक्रम है ?
उत्तर:
कान चक्र उत्क्रमणीय चक्रीय प्रक्रम है।

प्रश्न 13.
कार्नो इंजन की दक्षता किस पर निर्भर करती हैं ?
उत्तर:
कान इंजन की दक्षता,
η = \(1-\frac{T_2}{T_1}\)
अतः दक्षता स्रोत के ताप (T1) व सिंक के ताप (T2) पर निर्भर करती है।

प्रश्न 14.
बन्दूक से चली गोली लक्ष्य से टकरा कर गर्म हो जाती है। क्यों ?
उत्तर:
लक्ष्य से टकराने पर गोली की गतिज ऊर्जा ऊष्मीय ऊर्जा में बदल जाती है, इसलिए गोली गर्म हो जाती है।

प्रश्न 15.
मोम का जलना कौन-सा परिवर्तन है ?
उत्तर:
मोम का जलना समतापी प्रक्रम है क्योंकि ताप नियत रहता है।

प्रश्न 16.
आन्तरिक ऊर्जा के कौन-कौन से स्वरूप हैं ?
उत्तर:
अणुओं की स्थानान्तरीय गतिज ऊर्जा, आन्तरिक घूर्णन ऊर्जा तथा काम्पनिक ऊर्जा; आन्तरिक स्थितिज ऊर्जा आदि ।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 17.
आदर्श गैस को स्थिर ताप पर संपीडित करने पर आन्तरिक ऊर्जा में क्या परिवर्तन होगा ?
उत्तर:
कोई परिवर्तन नहीं होगा क्योंकि आदर्श गैस की आन्तरिक ऊर्जा केवल ताप पर निर्भर करती है।

प्रश्न 18.
चक्रीय प्रक्रम से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
वह प्रक्रम जिसमें कोई निकाय विभिन्न अवस्थाओं से होता हुआ पुनः अपनी प्रारम्भिक अवस्था में आ जाता है, चक्रीय प्रक्रम कहलाता है।

प्रश्न 19.
किसी गैस के रुद्धोष्म संपीडन में गैस के बाहर से कोई ऊष्मा नहीं दी जाती है पर गैस का ताप बढ़ जाता है क्यों ?
उत्तर:
रुद्धोष्म संपीडन में गैस पर किया गया कार्य ऊष्मा में बदल जाता है, इसीलिए गैस का ताप बढ़ जाता है।

प्रश्न 20.
स्थैतिक कल्प प्रक्रम से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर;
किसी ऊष्मागतिक निकाय में चलने वाला कोई ऐसा प्रक्रम, जिसकी प्रत्येक स्थिति में निकाय बाह्य परिवेश के साथ तापीय व यान्त्रिक साम्य में रहता है, स्थैतिक कल्प प्रक्रम कहलाता है।

प्रश्न 21.
मुक्त निकाय किसे कहते हैं ?
उत्तर:
यह ऐसा निकाय होता है, जो बाह्य परिवेश ऊर्जा तथा पदार्थ दोनों का आदान-प्रदान कर सकता है

प्रश्न 22.
बन्द निकाय किसे कहते हैं ?
उत्तर:
ऐसा निकाय जो परिवेश के साथ केवल ऊर्जा का आदान-प्रदान कर सकता है, पदार्थ का नहीं बन्द निकाय कहलाता है।

प्रश्न 23.
समतापी प्रक्रम के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
बर्फ का गलना, ठोसों का पिघलना, द्रवों का उबलना आदि।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 24.
प्रावस्था समीकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर:
किसी ऊष्मागतिक निकाय के लिए ऊष्मागतिक चरों (P., V, T) के मध्य सम्बन्ध को प्रावस्था समीकरण कहते हैं।

प्रश्न 25.
ऊष्मा इंजन क्या है ?
उत्तर:
ऊष्मा इंजन चक्र (cycle) में काम करने वाली एक ऐसी युक्ति है जो अविरत रूप से ऊष्मा को यान्त्रिक कार्य में परिवर्तित करती हैं।

प्रश्न 26.
ऊष्मा इंजन की दक्षता की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
किसी ऊष्मा इंजन द्वारा प्रदत्त यान्त्रिक कार्य (W) एवं इंजन द्वारा स्त्रोत से ली गई ऊष्मा (Q) के अनुपात को इंजन की दक्षता कहते हैं और इसे ” से व्यक्त करते हैं। अतः
η = \(\frac{W}{Q}\)

प्रश्न 27.
दो दिये गये तापों T1 तथा T2(T1 > T2) के मध्य कार्य करने वाले कार्यों की दक्षता बताइये।
उत्तर:
कानों इंजन की दक्षता
η = \(1-\frac{T_2}{T_1}\)

प्रश्न 28.
कार्नो इंजन की दक्षता किस राशि पर निर्भर करता है ?
उत्तर:
केवल उन तापों पर निर्भर करती है जिनके बीच कार्नो इंजन कार्य कर रहा है।

प्रश्न 29.
क्या कानों इंजन की दक्षता कार्यकारी पदार्थ पर निर्भर करती है ?
उत्तर:
नहीं।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 30.
ऊष्मा पम्प किसे कहते हैं ?
उत्तर:
किसी ठण्डे स्थान से ऊष्मा लेकर गर्म स्थान को देने वाली युक्ति को ऊष्मा पम्प कहते हैं।

प्रश्न 31.
T1वे T2(T1 > T2) के मध्य करने वाले प्रशीतक के निष्पादन गुणांक का सूत्र लिखिए ।
उत्तर:
कानों के आदर्श प्रशीतक का निष्पादन गुणांक
ß = \(\frac{T_2}{T_1-T_2}\)

प्रश्न 32.
ऊष्मागतिकी के द्वितीय नियम का क्लॉसियस का प्रकथन बताइये ।
उत्तर:
इस कथन के अनुसार कोई ऐसा प्रक्रम सम्भव नहीं है जिसके द्वारा बिना बाह्य कार्य के किसी शीतल वस्तु से किसी तप्त वस्तु की ऊष्मा स्थानान्तरित की जा सके।

प्रश्न 33.
ऊष्मागतिकी के द्वितीय नियम का केल्विन प्लांक कथन बताइये ।
उत्तर:
इस कथन के अनुसार ऐसा कोई प्रक्रम सम्भव नहीं है जो किसी ऊष्मा भण्डार से ली गयी ऊष्मा को पूर्णतः कार्य में बदल सके।

प्रश्न 34.
कोई ऊष्मा इंजन एक चक्र में स्रोत से Q1 ऊष्मा लेता है तथा सिंक को Q2 ऊष्मा दे देता है। इंजन की दक्षता बताइये ।
उत्तर:
ऊष्मा इंजन की दक्षता
η = (\(1-\frac{Q_2}{Q_1}\))

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 35.
क्या कानों इंजन को व्यवहार में प्राप्त किया जा सकता है ?
उत्तर:
नहीं; यह एक आदर्श इंजन है जो व्यवहार में प्राप्त कर पाना में सम्भव नहीं है।

प्रश्न 36.
क्या किसी निकाय की सम्पूर्ण आन्तरिक ऊर्जा को कार्य में बदला जा सकता है ?
उत्तर:
नहीं।

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
CP का मान CV से अधिक होता है, क्यों ?
उत्तर:
मोलर विशिष्ट ऊष्मा की परिभाषा से-
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -1

प्रश्न 2.
क्या किसी गैस को ऊष्मा दिये बिना उसके ताप में वृद्धि सम्भव है ?
उत्तर:
हाँ जब गैस का रुद्धोष्म संपीडन किया जाता है तो उसका ताप बढ़ जाता है।

प्रश्न 3.
सिद्ध कीजिए कि दो दिये गये तापों के बीच कार्य करने वाला कोई भी इंजन उन्हीं तापों के मध्य कार्य करने वाले उत्क्रमणीय इंजन से अधिक दक्ष नहीं हो सकता है।
उत्तर:
कार्नो प्रमेय (Carnot’s Theorem)
इस प्रमेय के अनुसार,
(अ) किन्हीं तापों T1 व T2 (T1 > T2) के मध्य कार्य करने वाले इंजन की दक्षता उन तापों के मध्य कार्य करने वाले कार्नो इंजन की दक्षता से अधिक नहीं हो सकती है अर्थात् कार्नो (उत्क्रमणीय) इंजन की दक्षता अधिकतम होती है।
(ब) किन्हीं दो तापों T1 व T2 के मध्य कार्य करने वाले सभी कार्नो उत्क्रमणीय इंजनों की दक्षता समान होती है चाहे कोई भी कार्यकारी पदार्थ लिया जाये।

प्रश्न 4.
भाप का अतितप्त होना समदाबी प्रक्रम है या समतापी और क्यों ?
उत्तर:
भाप का अतितप्त होना समदाबी प्रक्रम है, क्योंकि भाप को ऊष्मा देते रहने पर भाप ताप बढ़ता है लेकिन दाब नियत रहता है।

प्रश्न 5.
जब एक कार का पहाड़ी पर एक नियत चाल से नीचे उतरती है तो ब्रेक ड्रम गर्म हो जाते हैं क्यों ?
उत्तर:
नियत चाल से चलते रहने पर गतिज ऊर्जा तो नियत रहती है परन्तु . नीचे उतरने के कारण गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा कम होती है जो आन्तरिक ऊर्जा में बदल जाती है जिसके कारण ड्रम गर्म हो जाते हैं।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 6.
किस निकाय को दी गयी ऊष्मा पूर्णतः कार्य में बदल जाती है ?
उत्तर-
समतापीय प्रक्रम में क्योंकि ताप समान रहने से आन्तरिक ऊर्जा नियत रहती है अर्थात्
dU = 0
dQ = dU + dW = 0 + dW
या dQ = dW

प्रश्न 7.
यदि गर्म वायु ऊपर उठती है, तो पहाड़ों की ऊंचाई पर समुद्र तल की अपेक्षा ठण्डी क्यों होती है ?
उत्तर:
समुद्र तल से ऊँचाई पर जाने से वायुदाब घटता है; अतः गर्म हवा के ऊपर उठने पर इसका रुद्धोष्म प्रसार होता है जिसके कारण ताप में कमी उत्पन्न होती है इसीलिए समुद्र तल की अपेक्षा पहाड़ों पर वायु ठण्डी होती है।

प्रश्न 8.
कार्नो इंजन में सिंक का ताप बढ़ने पर इंजन की दक्षता पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?
उत्तर:
कार्नो इंजन की दक्षता η = \(1-\frac{T_2}{T_1}\)
स्पष्ट है कि सिंक का ताप T2 बढ़ने पर n का मान कम होगा।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 9.
क्या दो समतापी वक्र एक दूसरे को काट सकते हैं ?
उत्तर:
नहीं; क्योंकि यदि दो समतापी वक्र काटते हैं तो कटान बिन्दु पर दो भिन्न तापों पर गैस के दाब व आयतन समान होंगे जोकि सम्भव नहीं हैं।

प्रश्न 10.
परम शून्य ताप शून्य ऊर्जा का ताप नहीं होता है; समझाइये।
उत्तर:
अणुओं की स्थानान्तरीय गतिज ऊर्जा ही ताप का फलन होती है, जबकि ऊर्जा के अन्य रूप जैसे अन्तराणविक स्थितिज ऊर्जा अणुओं के मध्य लगने वाले आणविक बलों एवं आणविक दूरी पर निर्भर करती है। अतः परम शून्य ताप पर केवल अणुओं की स्थानान्तरीय गतिज ऊर्जा तो शून्य हो जाती है लेकिन आणविक ऊर्जा के अन्य रूप शून्य नहीं होते हैं। इस प्रकार परम शून्य ताप शून्य ऊर्जा का ताप नहीं है।

प्रश्न 11.
स्काई लैब पृथ्वी पर गिरते समय जल गई थी, क्यों ?
उत्तर:
वायुमण्डल में प्रवेश करने पर वायु के घर्षण के कारण स्काई लैब घर्षण के विरुद्ध कार्य होने के कारण गर्म होने लगी। जिससे उसका ताप बढ़ने लगा। जैसे-जैसे वह पृथ्वी के समीप आती गई, वायुमण्डल का घनत्व बढ़ने से घर्षण भी बढ़ता गया और फलस्वरूप ताप बढ़ते रहने से एक स्थिति में वह जलने लगी।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 12.
“उत्क्रमणीयता एक आदर्श इंजन की कसौटी है।” उक्त कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
उत्क्रमणीय प्रक्रम में निकाय बाह्य परिस्थितियों में अल्प परिवर्तन से पुनः विपरीत क्रम में अपनी प्रारम्भिक स्थिति में लौट आता है फ्रान्सीसी इंजीनियर कार्नो ने उत्क्रमणीय क्रियाओं पर आधारित एक आदर्श इंजन की परिकल्पना की जिसको वास्तविक इंजन की सारी कमियों से मुक्त माना गया। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि उत्क्रमणीयता एक आदर्श इंजन की कसौटी है, यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि आदर्श इंजन मात्र एक कल्पना है, यह व्यावहारिक नहीं है।

प्रश्न 13.
ऊष्मा इंजन की दक्षता की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
ऊष्मीय इंजन की कार्यविधि एवं दक्षता:
ऊष्मा इंजन में, कार्यकारी पदार्थ स्रोत से ऊष्मा ग्रहण कर, इस ऊष्मा का कुछ भाग कार्य के रूप में परिवर्तित कर देता है तथा शेष भाग सिंक को दे देता है एवं अपनी प्रारम्भिक अवस्था में लौट आता है। ऐसे परिवर्तनों की श्रेणी चक्र (cycle) कहलाती है। चक्र की बार-बार पुनरावृत्ति से कार्य सतत् रूप से मिलता रहता है।
माना कार्यकारी पदार्थ स्रोत से Q1 ऊष्मा लेता है तथा उसमें से Q2 ऊष्मा सिंक को दे देता है अतः कार्यकारी पदार्थ द्वारा अवशोषित ऊष्मा की मात्रा (Q1 – Q2) होगी। चूँकि कार्यकारी पदार्थ अपनी प्रारम्भिक स्थिति में लौट आता है अतः आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन शून्य है।
इसलिए ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से,
dQ = dU + dW
लेकिन dU = 0
क्योंकि प्रारम्भिक तथा अन्तिम अवस्था एक ही है
∴ dQ = dW
या Q1 – Q2 = W …….(1)
इंजन की ऊष्मीय दक्षता (Thermal efficiency) कार्यकारी पदार्थ द्वारा एक चक्र में किये गये कुल कार्य तथा स्रोत से कार्यकारी पदार्थ द्वारा अवशोषित ऊष्मा का अनुपात होती है, अर्थात्

दक्षता (η) = \(\frac{\text { कार्य में परिवर्तित ऊष्मा }}{\text { स्रोत से अवशोषित ऊष्मा }}\)
या η = \(\frac{W}{Q_1}\)
η = \(\frac{Q_1-Q_2}{Q_1}\) (समी 1 से)
या η = \(1-\frac{Q_2}{Q_1}\) ……….(2)
समीकरण (2) से स्पष्ट है कि यदि Q2 = 0 तो η = 1 अर्थात् दक्षता 100% होगी। दूसरे शब्दों में, यदि एक ऐसा इंजन बनाया जाये, जो इस प्रकार कार्य करे कि कार्यकारी पदार्थ किसी भी चक्र में सिंक को कोई ऊष्मा न दे तो ऊष्मा का कार्य में शत-प्रतिशत रूपान्तरण हो जायेगा । परन्तु शत-प्रतिशत दक्षता का इंजन बनाना सम्भव नहीं है।

प्रश्न 14.
ऊष्मागतिकी क्या है ? ऊष्मागतिकी के शून्यांकी नियम की व्याख्या कीजिए तथा इसके महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:

ऊष्मागतिकी का शून्यांकी नियम (Zeroth Law Of Thermodynamics):
इस नियम के आधार पर ताप की अविधारणा दी जाती है। इस नियम को समझने के लिए तीन निकाय A, B व C की कल्पना करते हैं निकाय A व B एक रुद्धोष्म दीवार से पृथक हैं और इनमें से प्रत्येक एक तीसरे निकाय C से एक सुचालक दीवार से सम्पर्क में हैं [ चित्र 12.3] 1 निकायों की अवस्थाएँ तब तक परिवर्तित होती हैं जब तक A व B दोनों निकाय C के साथ तापीय साम्य में नहीं आ जाते हैं।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -4
अब यदि A व B के बीच रुद्धोष्म दीवार को सुचालक दीवार से प्रतिस्थापित कर दी जाती है तथा C को A व B से किसी रुद्धोष्म दीवार से पृथक दिया जाता है। (चित्र 12.4 ) तब यह देखा जाता है कि A व B की अवस्थाएँ अब और नहीं बदलती हैं अर्थात् वे दोनों तापीय साम्य में होती है।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -5
इससे ऊष्मागतिकी का शून्यांकी नियम दिया गया जिसके अनुसार, “यदि दो निकाय किसी अन्य तीसरे निकाय के साथ पृथक्-पृथक् रूप से तापीय साम्य में है तो वे परस्पर भी तापीय साम्य में होते हैं।
अतः यदि निकायों A, B व C के ताप यदि TA, TB E TC हों और TA = TC एवं TB = TC तो TA = TB

यही ऊष्मागतिकी का शून्यांकी नियम है अतः ताप पदार्थ का वह गुण है जो यह बताता है कि कोई निकाय अपने पड़ोसी निकाय के साथ ऊष्मीय साम्य में है अथवा नहीं। इस प्रकार ऊष्मागतिकी का शून्यांकी नियम ताप की अवधारणा को प्रदर्शित करता है।

प्रश्न 15.
एक निकाय की ऊष्मा, – कार्य व आन्तरिक ऊर्जा की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
ऊष्मा, कार्य एवं आंतरिक ऊर्जा (Heat, Work And Internal Energy):
ऊष्मागतिकी का शून्यांकी नियम ताप की अवधारणा प्रदान करता है। और ताप किसी वस्तु की ऊष्णता या शीतलता का बोध कराता है। दो भिन्न ताप की वस्तुएँ जब सम्पर्क में लाई जाती हैं तो उच्च ताप की वस्तु से निम्न ताप की वस्तु की ओर ऊष्मा का प्रवाह होता है और यह तब तक होता रहता है, जब तक दोनों के ताप समान नहीं हो जाते हैं अर्थात् जब तक ‘ऊष्मीय साम्य’ स्थापित नहीं हो जाता है। यहाँ तापान्तर के कारण एक वस्तु से दूसरी वस्तु की ओर ऊर्जा का प्रवाह ऊष्मा कहलाता है। इस प्रकार का ऊष्मा स्थानान्तरण एक अयांत्रिक ऊर्जा स्थानान्तरण (Non- mechanical energy transfer) है।

उदाहरणार्थ- कोई पिण्ड चालन अथवा विकिरण द्वारा ऊर्जा का क्षय कर रहा है अर्थात् वह चालन अथवा विकिरण द्वारा ऊष्मा दे रहा है जो कि पिण्ड एवं वातावरण के तापान्तर पर निर्भर हो लेकिन यदि निकाय किसी अन्य विधि द्वारा बाह्य यांत्रिक बलों के विरुद्ध कार्य करने में ऊर्जा क्षय कर रहा हो तो हम कह सकते हैं कि ‘कार्य’ (Work) हो रहा है। अब ऊष्मा का अन्य सम्बन्धित राशियों जैसे – कार्य व आंतरिक ऊर्जा के मध्य सम्बन्ध की विवेचना करनी है। ऊष्मागतिकी में कार्य एवं ऊष्मा अत्यन्त महत्त्वपूर्ण हैं, अतः निम्नलिखित बातों का ध्यान आवश्यक है-

  • कार्य व ऊष्मा निकाय की परिसीमा एवं निकाय की अवस्था बदलने पर उत्पन्न होते हैं।
  • कार्य व ऊष्मा को परिवेश पर हुए प्रभाव द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है।
  • कार्य व ऊष्मा दोनों का धनात्मक एवं ऋणात्मक मान सम्भव हैं।
  • चूँकि कार्य व ऊष्मा निकाय की अवस्था परिवर्तन की विधि मार्ग पर निर्भर करते हैं अर्थात् अवस्था फलन नहीं होते हैं। अतः इन्हें ऊष्मागतिकीय ‘अवस्था चर’ नहीं माना जा सकता है।

प्रश्न 16.
ऊष्मागतिकीय निकाय, ऊष्मागतिकीय चर राशियों व ऊष्मागतिकीय प्रक्रम से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
ऊष्मागतिकीय निकाय (Thermodynamics System) : बहुत बड़ी संख्या में कणों का ऐसा निकाय जिसके ताप, दाब तथा आयतन के कुछ निश्चित मान हो अर्थात् जिसे ताप, दाब तथा आयतन के पदों में व्यक्त किया जा सके, ऊष्मागतिकीय निकाय कहलाता हैं उदाहरणार्थ – एक बर्तन में भरी गैस ये दो प्रकार के होते हैं-

  • सूक्ष्म निकाय (Microscopic System): सूक्ष्म निकाय में कणों की संख्या बहुत कम होती है जिससे प्रत्येक कण का स्वतन्त्र रूप से अध्ययन किया जा सके, जैसे- एक परमाणु ।
  • स्थूल निकाय (Macroscopic System): स्थूल निकाय में कणों की संख्या अत्यधिक होती है किसी पात्र में बन्द गैस स्थूल निकाय का उदाहरण है। इसमें अणुओं की संख्या अवोद्रो संख्या की कोटि की होती है।

प्रश्न 17.
साइकिल में हवा भरते समय पम्प गर्म हो जाता है, क्यों ?
उत्तर:
हवा भरते समय वायु का रुद्धोष्म संपीडन होता है, अतः यान्त्रिक कार्य ऊष्मा में बदल जाता है इसीलिए पम्प गर्म हो जाती है।

प्रश्न 18.
बन्द कमरे में बिजली का पंखा चलाने पर क्या कमरे की वायु ठण्डी हो जायेगी ?
उत्तर:
नहीं, बल्कि वायु गर्म हो जायेगी क्योंकि पंखा चलने पर वायु के अणुओं का वेग बढ़ने से उनकी गतिज ऊर्जा बढ़ेगी।

प्रश्न 19.
ठण्डे जल की बाल्टी में गर्म लोहे का टुकड़ा डाला गया। क्या जल की आन्तरिक ऊर्जा बढ़ेगी ? क्या लोहे ने कुछ कार्य किया ?
उत्तर:
जल की आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि होगी। यह वृद्धि ऊष्मा के स्थानान्तरण के कारण होती है इसीलिए लोहे के टुकड़े द्वारा कोई कार्य नहीं किया जाता है।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 20.
आदर्श गैस का नियत दाब पर 1°C ताप बढ़ने पर किये जाने वाले कार्य के लिए कितने कैलोरी ऊष्मा की आवश्यकता होती है ?
उत्तर:
एक मोल गैस पर किया गया कुल कार्य
∆W = ∆Q – ∆U
=CP. ∆T – CV ∆T
= (CP – CV) ∆T = R.∆T
यदि ∆T = 1°C
तो ∆W = R = 2 कैलोरी ।

प्रश्न 21.
यदि कमरे में रेफ्रीजरेटर का दरवाजा खुला रख दिया जाये तो बताइये कि क्या कमरा ठण्डा हो जायेगा ? या गर्म ?
उत्तर:
रेफ्रीजरेटर विपरीत दिशा में कार्यरत ऊष्मीय इंजन के समान है अर्थात् कम ताप वाली वस्तु से ऊष्मा ग्रहण करता है तथा उच्च ताप की वस्तु में ऊष्मा का परित्याग करता है। अतः कमरे से अवशोषित ऊष्मा की तुलना में अधिक ऊष्मा का परित्याग करेगा। अतः कमरा गर्म हो जायेगा।

प्रश्न 22.
यदि कार्नो के उत्क्रमणीय इंजन में ऊर्जा नष्ट या अपव्यय नहीं होती है तो इसकी दक्षता 100% से कम क्यों होती है ?
उत्तर:
कार्नो इंजन की दक्षता
η = \(1-\frac{T_2}{T_1}\)
जहाँ T1 → स्रोत का ताप एवं
T2 → सिंक का ताप
जब तक T1 एवं T2 के मान भिन्न रहेंगे तब तक \(\frac{T_2}{T_1}\) का मान कुछ न कुछ रहेगा और η का मान 100% से कम होगा। केवल एक स्थिति ऐसी है जब T2 = 0K हो तो η = 100% हो जायेगा और T2 = 0K प्राप्त करना सम्भव नहीं है।

प्रश्न 23.
संलग्न चित्र के अनुसार एक निकाय प्रारम्भिक अवस्था A से अन्तिम अवस्था B तक दो मार्गों अर्थात् प्रक्रमों I व II के द्वारा पहुँचता है। यदि इन प्रक्रमों के लिए आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन ∆UI व ∆UII हो तो इन दोनों में क्या सम्बन्ध होगा और क्यों ?
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -2
उत्तर:
∆UI = ∆UII
क्योंकि आन्तरिक ऊर्जा किसी स्थिति के लिए अद्वितीय फलन होती है और यह परिवर्तन के मार्ग पर निर्भर नहीं करती है।

प्रश्न 24.
संलग्न चित्र में प्रदर्शित सूचक आरेख में कुल कार्य की मात्रा का प्रकार (धनात्मक / ऋणात्मक) क्या होगा और क्यों ?
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -3
उत्तर:
चक्रीय प्रक्रम में किया गया कार्य बन्द वक्र के क्षेत्रफल से प्राप्त होता है। प्रक्रम (1) दक्षिणावर्त है अतः इसमें किया गया कार्य धनात्मक होगा और प्रक्रम (2) वामावर्त है अतः इसमें कृत कार्य ऋणात्मक होगा। चूँकि प्रक्रम (1) का क्षेत्रफल प्रक्रम (2) के क्षेत्रफल से कम है, अतः कुल कार्य ऋणात्मक होगा।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

प्रश्न 1.
ऊष्मागतिकी के शून्यांकी, प्रथम व द्वितीय नियम की विस्तारपूर्वक व्याख्या कीजिए ।
उत्तर;
ऊष्मागतिकी का शून्यांकी नियम (Zeroth Law Of Thermodynamics):
इस नियम के आधार पर ताप की अविधारणा दी जाती है। इस नियम को समझने के लिए तीन निकाय A, B व C की कल्पना करते हैं निकाय A व B एक रुद्धोष्म दीवार से पृथक हैं और इनमें से प्रत्येक एक तीसरे निकाय C से एक सुचालक दीवार से सम्पर्क में हैं 1 निकायों की अवस्थाएँ तब तक परिवर्तित होती हैं जब तक A व B दोनों निकाय C के साथ तापीय साम्य में नहीं आ जाते हैं।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -4
अब यदि A व B के बीच रुद्धोष्म दीवार को सुचालक दीवार से प्रतिस्थापित कर दी जाती है तथा C को A व B से किसी रुद्धोष्म दीवार से पृथक दिया जाता है। तब यह देखा जाता है कि A व B की अवस्थाएँ अब और नहीं बदलती हैं अर्थात् वे दोनों तापीय साम्य में होती है।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -5
इससे ऊष्मागतिकी का शून्यांकी नियम दिया गया जिसके अनुसार, “यदि दो निकाय किसी अन्य तीसरे निकाय के साथ पृथक्-पृथक् रूप से तापीय साम्य में है तो वे परस्पर भी तापीय साम्य में होते हैं।
अतः यदि निकायों A, B व C के ताप यदि TA, TB व TC हों और TA = TC एवं TB = TC तो TA = TB

यही ऊष्मागतिकी का शून्यांकी नियम है अतः ताप पदार्थ का वह गुण है जो यह बताता है कि कोई निकाय अपने पड़ोसी निकाय के साथ ऊष्मीय साम्य में है अथवा नहीं। इस प्रकार ऊष्मागतिकी का शून्यांकी नियम ताप की अवधारणा को प्रदर्शित करता है।

ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम (First Law Of Thermodynamics):
ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम दो भिन्न कथनों में निम्न प्रकार व्यक्त किया जाता है-
1. इस नियम के पहले कथन को ऊष्मा तथा कार्य की तुल्यता का नियम भी कहते हैं, इसके अनुसार जब ऊष्मा प्राप्त करने के लिए यांत्रिक कार्य किया जाता है तो कार्य की प्रत्येक इकाई द्वारा ऊष्मा की एक निश्चित मात्रा प्राप्त होती है। इसके विपरीत जब कार्य करने हेतु ऊष्मा दी जाती हैं तो इकाई कार्य प्राप्त करने के लिए ऊष्मा की समान मात्रा आवश्यक होती है अर्थात् कार्य एवं ऊष्मा एक दूसरे के तुल्य हैं। यदि W कार्य करने से Q ऊष्मा उत्पन्न होती है तो
W ∝ Q
या W =JQ
जहाँ J = 4.2 × 10³ Jkcal-1 होता है जिसे ऊष्मा का यांत्रिक तुल्यांक कहते हैं। उक्त नियम तभी सत्य है जब सम्पूर्ण कार्य ऊष्मा में या सम्पूर्ण ऊष्मा कार्य में परिणित हो रही हो।

2. इस नियम का दूसरा कथन ऊर्जा संरक्षण के नियम (Law of Conservation of Energy) पर आधारित है माना किसी निकाय को do ऊष्मा दी जाती है तो वह ऊष्मा दो रूपों में व्यय होती है- (i) अणुओं की आंतरिक ऊर्जा बढ़ाने में dU के रूप में और (ii) शेष भाग आन्तराण्विक आकर्षण बलों के विरुद्ध बाह्य कार्य करने में dW के रूप में इस प्रकार
dQ = dU + dW …………..(1)
इस समीकरण को ही ‘ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम’ कहते हैं, अर्थात् “किसी निकाय को दी गई ऊष्मा आंतरिक ऊर्जा में वृद्धि एवं किये गये बाह्य कार्य के योग के बराबर होती है।” यह नियम ऊर्जा संरक्षण के नियम का ही प्रतिपादन है जिसके अनुसार, “ऊर्जा को न तो उत्पन्न कर सकते है। और न ही नष्ट कर सकते हैं, केवल इसका रूपान्तरण सम्भव है।” जब भी हमें एक प्रकार की ऊर्जा प्राप्त होती है तो किसी अन्य प्रकार की ऊर्जा लुप्त होती है।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -6
माना संलग्न चित्र के अनुसार एक घर्षण रहित पिस्टन युक्त पात्र में गैस भरी है। पिस्टन का अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल A हैं और इस पर बाह्य दाब P कार्यरत है। यदि इस निकाय को dQ ऊष्मा दी जाती है। जिससे इसकी आंतरिक ऊर्जा में वृद्धि dU होती है और पिस्टन दाब P के विरुद्ध dx विस्थापन से विस्थापित होता है अतः बाह्य कार्य
dW = Fext × dx = P.A.dx
या dW = P.dV
जहाँ dV = A.dx आयतन में परिवर्तन
अतः dQ = dU + dW

ऊष्मागतिकी का द्वितीय नियम (Second Law Of Thermodynamics):
ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम ऊर्जा संरक्षण के नियम पर आधारित है। यह ऊष्मा तथा कार्य की तुल्यता का नियम है अर्थात् कार्य का ऊष्मा में अथवा ऊष्मा का कार्य में रूपान्तरण होने पर कार्य की निश्चित मात्रा से निश्चित ऊष्मा उत्पन्न होती है या निश्चित ऊष्मा से कार्य की निश्चित मात्रा उत्पन्न होती है, परन्तु उपलब्ध ऊष्मा का कितना भाग यांत्रिक कार्य में परिवर्तित होता है एवं इसकी शर्तें व सीमाएँ क्या है ? इसकी जानकारी ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम नहीं देता है।

उदाहरणार्थ – फर्श पर लुढ़कती हुई गेंद ऊष्मागतिकी के नियमानुसार उस समय रुक जायेगी जब उसकी सम्पूर्ण गतिज ऊर्जा (यांत्रिक ऊर्जा ) ऊष्मा में बदल जायेगी। परन्तु क्या इस प्रक्रिया का व्युत्क्रम अर्थात् फर्श पर रुकी हुई गेंद ऊष्मा अवशोषित करके गतिशील हो जायेगी ? इस प्रश्न का उत्तर स्पष्ट रूप से प्रथम नियम नहीं देता है। इस प्रकार किसी क्रिया के होने व न होने की जानकारी को प्राप्त करने के लिए अन्य नियम की आवश्यकता है जिसे ऊष्मागतिकी का द्वितीय नियम कहते हैं। यह नियम प्रथम नियम का पूरक है। ऊष्मागतिकी के द्वितीय नियम को विभिन्न वैज्ञानिकों ने भिन्न-भिन्न कथनों के रूप में प्रस्तुत किया है परन्तु व्यावहारिक दृष्टि से सभी कथन सत्य हैं। यहाँ हम दो कथनों पर विचार करेंगे जिनमें एक आन्तरिक ऊर्जा को कार्य में बदलने की सीमा के बारे में है और दूसरा ऊष्मा प्रवाह की दिशा के बारे में है।

1. केल्विन प्लांक का कथन (Statement of Kelvin Planck) : इस कथन के अनुसार, “इस प्रकार के इंजन का निर्माण सम्भव नहीं है, जो सम्पूर्ण चक्र में किसी वस्तु से ऊष्मा लेकर कार्यकारी निकाय में कोई परिवर्तन किये बिना उसे पूर्णतः कार्य में परिवर्तित कर दे।” अर्थात् कोई ऐसा ऊष्मा इंजन नहीं बन सका है, जो लोत से ली गई सम्पूर्ण ऊष्मा को कार्य में बदल सके और सिंक को कुछ भी न दे। दूसरे शब्दों में ऊष्मा के अविरल रूप से कार्य में बदलने के लिए ठण्डी वस्तु अर्थात् सिंक का होना आवश्यक है।

2. क्लासियस का कथन (Claussius’s Statement) : इस कथन के अनुसार, “किसी भी चक्रीय प्रक्रम में कार्यकारी पदार्थ द्वारा निम्न ताप वाली वस्तु से उच्च ताप वाली वस्तु की ओर ऊष्मा का प्रवाह नहीं हो सकता जब तक कि कार्यकारी पदार्थ पर बाह्य कार्य नहीं किया जाता है।” यह कथन प्रशीतक (refrigerator) के सिद्धान्त पर आधारित है जो ठण्डी वस्तु में से ऊष्मा अवशोषित कर गर्म वस्तु (कमरे की वायु) को प्रदान करता है, लेकिन इस कार्य को करने के लिए प्रशीतक में संपीडक (compressor) की आवश्यकता होती है अर्थात् बिना सम्पीडक की बाह्य सहायता के प्रशीतक वस्तुओं को ठण्डा नहीं कर सकता है।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 2.
समतापी व रुद्धोष्म प्रक्रम में अन्तर स्पष्ट करते हुए इन प्रक्रमों में किये गये कार्य की गणना कीजिए।
उत्तर:
समतापी प्रक्रम (Isothermal Process):
जब किसी ऊष्मागतिकीय निकाय में दाब (P), एवं आयतन (V) में परिवर्तन होता है, परन्तु ताप (T) नियत रहता है, तो ऐसे प्रक्रम को समतापी प्रक्रम कहते हैं। इस परिवर्तन के दौरान निकाय एवं परिवेश (Surroundings) के मध्य ऊष्मा का आदान-प्रदान आवश्यक है जब निकाय का प्रसार होता है तो निकाय द्वारा कार्य किया गया है, अतः इस कार्य के तुल्य ऊष्मा परिवेश से निकाय में आ जाती है जिससे निकाय का ताप नियत बना रहता है।

इसी प्रकार निकाय के संपीडन के समय निकाय पर किये गये कार्य के तुल्य ऊष्मा परिवेश से निकाय में आ जाती है। इससे निकाय का ताप नियत बना रहता है। इसी प्रकार निकाय के संपीडन के समय निकाय पर किये गये कार्य के तुल्य ऊष्मा निकाय से परिवेश को चली जाती है। यदि समतापीय परिवर्तन किसी भारहीन एवं घर्षण रहित पिस्टन युक्त सिलिण्डर में मौजूद किसी गैसीय निकाय के साथ पिस्टन की सहायता से किया जाता है तो समतापी प्रक्रम के लिए निम्नलिखित दो शर्तों को पूरा होना आवश्यक है-
(i) निकाय की परिसीमाएँ ( पिस्टन एवं सिलेण्डर) ऊष्मा की सुचालक होनी चाहिए ताकि उनसे होकर ऊष्मा का आदान-प्रदान हो सके।
(ii) परिवर्तन धीरे-धीरे होना चाहिए ताकि ऊष्मा के आदान-प्रदान के लिए पर्याप्त समय मिल सके।

मोल गैस के लिए आदर्श गैस समीकरण PV = nRT यदि n को नियत रखकर समतापी परिवर्तन किया जाता है, तो
अतः nRT = नियतांक
PV = नियतांक ……..(1)
उक्त समीकरण (1) को समतापी प्रक्रम का अवस्था समीकरण कहते हैं। यही बॉयल का नियम है, जिसके अनुसार,
P ∝ \(\frac{1}{V}\), V ∝ \(\frac{1}{P}\)
अर्थात् किसी निश्चित द्रव्यमान की गैस का स्थिर ताप पर दाब व आयतन परस्पर व्युत्क्रमानुपाती होते हैं।

प्रश्न 3.
समतापी प्रक्रम की व्याख्या कीजिए एवं इस प्रक्रम में कृत कार्य के लिए सूत्र स्थापित कीजिए।
उत्तर:
समतापी प्रक्रम में किया गया कार्य (Work done in an Isothermal Process):
माना किसी सिलेण्डर में n मोल आदर्श गैस का समतापीय प्रसार किया जाता है तो वह अपनी प्रारम्भिक अवस्था A(P1 V1) से अन्तिम अवस्था B(P2 V2) में पहुँच जाती है। यह प्रक्रम संलग्न सूचक आरेख चित्र में समतापी वक्र AB द्वारा प्रदर्शित किया गया है। यदि आयतन के सूक्ष्म परिवर्तन dV के लिए दाब को P पर नियत मान लें तो इस अन्तराल में कृत कार्य-
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -7
समी (1) व (2) समतापी प्रक्रम में n मोल आदर्श गैस के लिए किये गये कार्य को प्रदर्शित करते हैं। चूँकि समतापीय प्रक्रम के लिए अवस्था समीकरण
PV = नियतांक
अत: P dV + V.dP = 0
या V dP = -P dV
या \(\frac{d \mathrm{P}}{d \mathrm{~V}}=-\frac{\mathrm{P}}{\mathrm{V}}\)
अर्थात् समतापी प्रक्रम में P-V वक्र का ढाल (प्रवणता) ऋणात्मक होती है।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 4.
रुद्धोष्म प्रकरण के लिए अवस्था समीकरण के सूत्र का निगमन कीजिए।
उत्तर:
ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम का रुद्धोष्म प्रक्रम में अनुप्रयोग (First Law of Thermodynamics Applied to Adiabatic Process)
(अ) P व V के मध्य रुद्धोष्म सम्बन्ध (Adiabatic Relation between P and V):
ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से-
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -8
यह समीकरण रुद्धोष्म प्रक्रम में दाब एवं आयतन में सम्बन्ध है। इसे ‘पायसन सम्बन्ध’ (Poisson’s relation) कहते हैं।

प्रश्न 5.
ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम क्या है ? इसकी सहायता से आन्तरिक ऊर्जा की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम (First Law Of Thermodynamics):
ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम दो भिन्न कथनों में निम्न प्रकार व्यक्त किया जाता है-
1. इस नियम के पहले कथन को ऊष्मा तथा कार्य की तुल्यता का नियम भी कहते हैं, इसके अनुसार जब ऊष्मा प्राप्त करने के लिए यांत्रिक कार्य किया जाता है तो कार्य की प्रत्येक इकाई द्वारा ऊष्मा की एक निश्चित मात्रा प्राप्त होती है। इसके विपरीत जब कार्य करने हेतु ऊष्मा दी जाती हैं तो इकाई कार्य प्राप्त करने के लिए ऊष्मा की समान मात्रा आवश्यक होती है अर्थात् कार्य एवं ऊष्मा एक दूसरे के तुल्य हैं। यदि W कार्य करने से Q ऊष्मा उत्पन्न होती है तो
W ∝ Q
या W =JQ
जहाँ J = 4.2 × 10³ Jkcal-1 होता है जिसे ऊष्मा का यांत्रिक तुल्यांक कहते हैं। उक्त नियम तभी सत्य है जब सम्पूर्ण कार्य ऊष्मा में या सम्पूर्ण ऊष्मा कार्य में परिणित हो रही हो।

2. इस नियम का दूसरा कथन ऊर्जा संरक्षण के नियम (Law of Conservation of Energy) पर आधारित है माना किसी निकाय को do ऊष्मा दी जाती है तो वह ऊष्मा दो रूपों में व्यय होती है- (i) अणुओं की आंतरिक ऊर्जा बढ़ाने में dU के रूप में और (ii) शेष भाग आन्तराण्विक आकर्षण बलों के विरुद्ध बाह्य कार्य करने में dW के रूप में इस प्रकार
dQ = dU + dW …………..(1)
इस समीकरण को ही ‘ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम’ कहते हैं, अर्थात् “किसी निकाय को दी गई ऊष्मा आंतरिक ऊर्जा में वृद्धि एवं किये गये बाह्य कार्य के योग के बराबर होती है।” यह नियम ऊर्जा संरक्षण के नियम का ही प्रतिपादन है जिसके अनुसार, “ऊर्जा को न तो उत्पन्न कर सकते है। और न ही नष्ट कर सकते हैं, केवल इसका रूपान्तरण सम्भव है।” जब भी हमें एक प्रकार की ऊर्जा प्राप्त होती है तो किसी अन्य प्रकार की ऊर्जा लुप्त होती है।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -6.1
माना संलग्न चित्र के अनुसार एक घर्षण रहित पिस्टन युक्त पात्र में गैस भरी है। पिस्टन का अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल A हैं और इस पर बाह्य दाब P कार्यरत है। यदि इस निकाय को dQ ऊष्मा दी जाती है। जिससे इसकी आंतरिक ऊर्जा में वृद्धि dU होती है और पिस्टन दाब P के विरुद्ध dx विस्थापन से विस्थापित होता है अतः बाह्य कार्य
dW = Fext × dx = P.A.dx
या dW = P.dV
जहाँ dV = A.dx आयतन में परिवर्तन
अतः dQ = dU + dW

प्रश्न 6.
सूचक आरेख से क्या तात्पर्य है ? इसकी सहायता से बाह्य कार्य ज्ञात करने की प्रक्रिया समझाते हुए सिद्ध कीजिए कि बाह्य कार्य परिवर्तन के मार्ग पर निर्भर करता है।
उत्तर:
सूचक आरेख (Indicator Diagram):
किन्हीं दो चर राशियों द्वारा किसी ऊष्मागतिक निकाय की अवस्था का ग्राफीय प्रस्तुतीकरण निकाय का सूचक आरेख कहलाता है। यदि ग्राफ दाब व आयतन के मध्य खींचा जाये तो इस आरेख को P-V आरेख कहते हैं।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -9
माना किसी गैसीय निकाय का प्रसार होता है और A [P1, V1] प्रारम्भिक तथा B [P2, V2] अन्तिम अवस्थाएँ हैं। प्रक्रम को चित्र में दिये गये सूचक आरेख में प्रदर्शित किया गया है। प्रक्रम के दौरान दाब एवं आयतन में होने वाले परिवर्तन रेखा AB के विभिन्न बिन्दुओं द्वारा प्रदर्शित होंगे।

पूरे प्रक्रम (A → B) के लिए कार्य ज्ञात करने लिए आकृति ABCD का क्षेत्रफल ज्ञात करना होगा। इसके लिए माना दाब P पर सूक्ष्म आयतन परिवर्तन dV के संगत कृत कार्य
dW = PV आकृति EFGH का क्षेत्रफल
अत: A से B तक परिवर्तन के दौरान कृत कुल कार्य
या W = आकृति ABCD का क्षेत्रफल
\(\mathrm{W}=\int d \mathrm{~W}=\int_{\mathrm{V}_1}^{\mathrm{V}_2} \mathrm{P} . d \mathrm{~V}\)
अत: PV वक्र तथा आयतन अक्ष के मध्य घिरे क्षेत्रफल से किसी प्रक्रम में गैस द्वारा किया गया कार्य सीधे प्राप्त हो जाता है।

ऊष्मा के समान कार्य भी पथ का फलन होता है। किसी निकाय द्वारा किया गया कार्य अथवा निकाय पर किया गया कार्य प्रारम्भिक एवं अन्तिम अवस्थाओं के प्रक्रम के पथ पर भी निर्भर करता है। उदाहरण के लिए चित्र में प्रदर्शित सूचक आरेख में प्रारम्भिक अवस्था से अन्तिम अवस्था तक परिवर्तन के तीन पथ (i) if (ii) ior (iii) ib प्रदर्शित किये गये हैं। इन तीनों मार्गों के लिए कृत कार्य विभिन्न प्रकार से किये गये छायांकित भागों के क्षेत्रफलों द्वारा प्राप्त होगा। चित्र से स्पष्ट है-
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -10
Wiaf > Wif > Wibf
स्पष्ट है कि दो निश्चित अवस्थाओं के एक अवस्था से दूसरी अवस्था तक पहुँचने में कृत कार्य अपनाये गये पथ पर निर्भर करता है।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -11
यदि परिवर्तन के दौरान विभिन्न प्रक्रमों से होते हुए निकाय पुन: अपनी प्रारम्भिक स्थिति में लौट आता है तो ऐसे प्रक्रम को ‘चक्रीय प्रक्रम’ (Cyclic Process) कहते हैं। चक्रीय प्रक्रम में किया कुल कार्य बन्द चक्र के क्षेत्रफल से प्राप्त होता है साथ ही साथ प्रक्रम यदि दक्षिणावर्त (clockwise) है तो कार्य धनात्मक एवं प्रक्रम यदि वामावर्त (anticlockwise) है तो कार्य ऋणात्मक होता है। उदाहरण के लिए चित्र में प्रारम्भिक अवस्था A से ACB एवं BDA होते हुए निकाय पुनः अवस्था A में लौट आता है। इन दो प्रक्रमों में प्रक्रम ACB में कृत कार्य
W1 = + आकृति ACBYXA का क्षेत्रफल
एवं प्रक्रम BDA में
W2 = – आकृति BDAXYB का क्षेत्रफल
अत किया गया कुल कार्य
W = W1 + W2
= + ACBYXA का क्षेत्रफल – BDAXYB का क्षेत्रफल
या W = + ACBDA का क्षेत्रफल
अर्थात् किया गया कार्य बन्द लूप के क्षेत्रफल के बराबर होता है। चित्र में प्रदर्शित प्रक्रम दक्षिणावर्त है अतः कुल कार्य धनात्मक मिला है। यदि प्रक्रम वामावर्त अर्थात् ADBCA होता तो कुल कार्य इतना ही होता परन्तु ऋणात्मक होता।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 7.
रुद्धोष्म प्रक्रम की व्याख्या कीजिए एवं इसमें कृत कार्य के सूत्र का निगमन कीजिए।
उत्तर:
रुद्धोष्म प्रक्रम (Adiabatic Process):
रुद्धोष्म प्रक्रम वह प्रक्रम है जिसमें निकाय के ताप (T), दाब (P) तथा आयतन (V) तीनों परिवर्तित हो सकते हैं, लेकिन निकाय की ऊर्जा अपरिवर्तित रहती है अर्थात् निकाय एवं परिवेश के मध्य ऊष्मा का कोई आदान-प्रदान नहीं होता है। निकाय एवं परिवेश के मध्य ऊष्मा का आदान प्रदान न हो सके, इसके लिए निम्न दो शर्तों का पूर्ण होना आवश्यक है- (i) निकाय की परिसीमाएँ (पिस्टन एवं सिलिण्डर) ऊष्मा की कुचालक होनी चाहिए ताकि उनसे होकर ऊष्मा का आदान-प्रदान न हो सके।
(ii) परिवर्तन शीघ्रता से होना चाहिए ताकि ऊष्मा के आदान-प्रदान के लिए पर्याप्त समय न मिल सके।

रुद्धोष्म प्रक्रम में किया गया कार्य (Work done in Adiabatic Process):
माना चित्र के अनुसार एक भारहीन एवं घर्षण रहित पिस्टनयुक्त सिलिण्डर में एक गैस के मोल मौजूद पिस्टन एवं सिलेण्डर दोनों ऊष्मा के कुचालक हैं। माना गैस का दाब P में पिस्टन का अनुप्रस्थ क्षेत्रफल A है। यदि पिस्टन ऊपर की ओर $d x$ दूरी पर विस्थापित होता है तो गैस द्वारा कृत कार्य
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -12
dW = F.dx = (P.A).dx
या dW = P.Adx = P.dV
जहाँ dV = A.dx = आयतन में परिवर्तन
अब माना गैस का रुद्धोष्म प्रसार प्रारम्भिक अवस्था (P1, V1, T1)$ से कम अवस्था (P2, V2, T2) तक होता है तो गैस द्वारा किया गया कुल
\(\mathrm{W}_{\text {रुद्धोष्म }}=\int d \mathrm{~W}=\int_{\mathrm{V}_1}^{\mathrm{V}_2} \mathrm{P} d \mathrm{~V}\)
रुद्धोष्म प्रक्रम में गैसीय निकाय “पायसन के नियम” (Poisson’s Law) का पालन करता है। जिसके अनुसार
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -13
यह समी. (4) n मोल आदर्श गैस द्वारा रुद्धोष्म प्रक्रम में किये गये कार्य को निरूपित करता है। स्पष्ट है कि जब T1 > T2 तभी W का मान धनात्मक होगा और यदि T1 < T2 तो Wरुद्धोष्म का मान ऋणात्मक होता है।

प्रश्न 8.
समआयतनीय एवं समदाबीय प्रक्रम की व्याख्या करते हुए इन प्रक्रमों में कृत कार्य की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
समआयतनीय प्रक्रम (Isochoric Process):
ऐसा प्रक्रम जिसमें परिवर्तन के दौरान दाब (P) व ताप (T) में तो परिवर्तन होता है परन्तु आयतन नियत रहता है, सम आयतनीय प्रक्रम कहलाता है। अतः इस प्रक्रम में न तो गैस द्वारा कोई कार्य किया जाता है और न ही परिवेश द्वारा गैसीय निकाय पर कोई कार्य किया जाता है क्योंकि आयतन नियत होने से इस प्रक्रम में aV 0 होता है।

समआयतनीय प्रक्रम में ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम (First Law of Thermodynamics Applied to Isochoric Process):
ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम-
dQ = dU + dW
या dQ = dU + P.dV
∵ समआयतनीय प्रक्रम में आयतन नियत रहता है अतः $d V=0$
∴ P. dV = 0
अतः dQ = dU …………(1)
अर्थात् गैस द्वारा अवशोषित सम्पूर्ण ऊष्मा निकाय की आंतरिक ऊर्जा व उसके ताप को परिवर्तित करने में व्यय होती है।
∵ स्थिर आयतन पर मोलर विशिष्ट ऊष्मा-
\(\mathrm{C}_{\mathrm{V}}=\left(\frac{d \mathrm{Q}}{d \mathrm{~T}}\right)_{\mathrm{V}}\)
∴ dQ = CV.dT
अतः dQ = CV.dT ………….(2)

समदाबीय प्रक्रम (Isobaric Process):
ऐसा प्रक्रम जिसमें परिवर्तन के दौरान ताप (T) व आयतन (V) तो परिवर्तित होते हैं लेकिन दाब (P) नियत रहता है समदावीय प्रक्रम कहलाता है। अर्थात् जब पदार्थ की अवस्था परिवर्तित होती है तो दाब (P) नियत रहता है। उदाहरणार्थ- पानी का जमना (freezing of water); पानी का वाष्प बनना (formation of steam) इत्यादि ।

समदाबी प्रक्रम में किया गया कार्य (Work Done in an Isobaric Process):
माना नियत दाब (P) पर ऊष्मागतिकीय निकाय में मौजूद गैस का आयतन VI से V2 तक परिवर्तित होता है तो गैस द्वारा किया गया कार्य
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -14
चूँकि ताप परिवर्तन से आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन होता है। अतः समदाबीय प्रक्रम में अवशोषित ऊष्मा आंशिक रूप से आंतरिक ऊर्जा में वृद्धि करने तथा शेष ऊष्मा कार्य करने में व्यय होती है।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 9.
ऊष्मागतिकी के अध्ययन के आवश्यक महत्वपूर्ण पदों को परिभाषित कीजिए तथा ऊष्मीय साम्य की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
ऊष्मागतिकी निकाय (Thermodynamic System):
ब्रह्माण्ड का वह भाग जिसमें विशाल संख्या में अणु, परमाणु, आयन, इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन, फोटॉन आदि मौजूद हों तथा जिसका चयन ऊष्मागतिकी अध्ययन के लिए किया गया हो, ऊष्मागतिकी निकाय कहलाता है।
ऊष्मागतिकी निकाय निम्नलिखित प्रकार के होते हैं-
(i) सूक्ष्म निकाय (Microscopic System) – सूक्ष्म निकाय में कणों की संख्या बहुत कम होती है, जिससे प्रत्येक कण का स्वतन्त्र रूप से अध्ययन किया जा सके। जैसे-एक परमाणु।
(ii) स्थूल निकाय (Macroscopic System) – स्थूल निकाय में कणों की संख्या अत्यधिक होती है। किसी पात्र में बन्द गैस स्थूल निकाय के रूप में होती है क्योंकि इसमें अणुओं की संख्या अवागाद्रो संख्या की कोटि की होती है।
(iii) खुला निकाय (Open System)-यदि निकाय एवं वातावरण (परिवेश) के मध्य ऊष्मा तथा पदार्थ दोनों का आदान-प्रदान होता है तो उसे खुला निकाय कहते हैं।
(iv) बन्द निकाय (Closed System) – यदि निकाय एवं परिवेश के मध्ग केवल ऊष्मा का आदान-प्रदान होता है (पदार्थ का नहीं) तो उस निकाय को बन्द निकाय कहते हैं।
(v) विलगित निकाय (Isolated System) – यदि निकाय एवं परिवेश के मध्य ऊष्मा एवं पदार्थ का कोई आदान-प्रदान नहीं होता है तो उसे विलगित निकाय कहते हैं।
(vi) समांगी निकाय (Homogeneous System) – यदि किसी ऊष्मागतिक निकाय में उपस्थित सभी भाग समान प्रावस्था में हो तो वह समांगी निकाय कहलाता है। उदाहरणार्थ-शुद्ध ठोस, शुद्ध द्रव, शुद्ध गैस इत्यादि।
(vii) विषमांगी निकाय (Heterogeneous System)-यदि किसी ऊष्मागतिक निकाय में दो या दो से अधिक प्रावस्थाएँ हो तो वह विषमांगी निकाय कहलाता है। उदाहरणार्थ-अघुलनशील द्रवों का मिश्रण इत्यादि।

तापीय साम्य (Thermal Equilibrium):
यदि दो ऊष्मागतिक निकायों के ताप समान हो, तो वे दोनों ऊष्मीय साम्यावस्था में कहे जाते हैं।
माना दो भिन्न पात्रों A व B में दो गैसें भरी हैं और उन गैसों का दाब व आयतन (PA, VA) व (PB, VB) हैं। चित्र के अनुसार दोनों पात्र रुद्धोष्म दीवार (ऊष्मारोधी) द्वारा पृथक किये गये हैं जिससे A व B के मध्य ऊष्मा का विनिमय नहीं हो पाता है। यहाँ पर (PA, VA) के किसी भी सम्भावित युग्म का मान (PB, VB) के किसी भी सम्भव युग्म के मान के साथ साम्यावस्था में होगा।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -15
अब हम रुद्धोष्म दीवार के स्थान पर एक ऊष्मा पार्थ दीवार लेते हैं। उक्त दीवार ऊष्मा को एक निकाय से दूसरे निकाय में जाने देती है। इस समय हम पाते हैं कि निकाय A व B के स्थूल चर उस समय तक परिवर्तित होते हैं, जब तक दोनों निकाय साम्यावस्था की स्थिति प्राप्त नहीं कर लेते हैं। यह व्यवस्था चित्र में प्रदर्शित की गई है। माना कि A व B निकाय के चर परिवर्तित होकर (PA‘, VA‘) तथा (PB‘, VB‘) हो जाते हैं, ताकि नई अवस्था पुनः एक-दूसरे की साम्यावस्था में हो जाती हैं। यहाँ यह आवश्यक नहीं कि दोनों चर बदलें। इस समय निकाय A व B में ऊर्जा का प्रवाह नहीं होता है। ऐसी स्थिति में निकाय A व B ऊष्मीय साम्य में है।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -16
यहाँ यह उल्लेखनीय है कि ऊष्मागतिकी साम्य वह अवस्था है जब ऊष्मागतिकीय स्थूल निकाय के घर जैसे-दाब, ताप इत्यादि में समय के साथ परिवर्तन न हो। ये सामान्यतः तीन प्रकार के होते हैं-
(i) ऊष्मीय साम्य (Thermal Equilibrium) : ऊष्मीय साम्य वह अवस्था है, जब ऊष्मागतिकीय स्थूल निकाय के चर जैसे-दाब, ताप इत्यादि में समय के साथ परिवर्तन न हो।
(ii) रासायनिक साम्य (Chemical Equilibrium) : यदि किसी निकाय की रासायनिक संरचना समय के साथ नहीं बदलती है तो निकाय रासायनिक साम्य में होता है।
(iii) यांत्रिक साम्य (Mechanical Equilibrium) : यदि निकाय के विभिन्न हिस्सों तथा निकाय के परिवेश के मध्य किसी प्रकार के असन्तुलित बल कार्य नहीं करें तो निकाय परिवेश के साथ यांत्रिक साम्य में होता है।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 10.
कार्नो के उत्क्रमणीय इंजन की कार्यविधि लिखते हुए प्रत्येक प्रक्रम में किये गये कार्य को P-V वक्र द्वारा ज्ञात कीजिए तथा दक्षता का सूत्र व्युत्पन्न कीजिए।
उत्तर:
कार्नो चक्र (Cornat’s Cycle)
कार्नो इंजन की कार्य प्रणाली को संलग्न चित्र 12.21 की सहायता से समझा जा सकता है। इस चित्र में चार प्रक्रम प्रदर्शित हैं, जिनमें दो प्रक्रम समतापी एवं दो रुद्धोष्म हैं। इस चक्र को कार्नों चक्र कहते हैं।
अब हमें विस्तार से चारों चक्रों पर विचार करते हैं। माना सिलेण्डर में कार्यकारी पदार्थ का एक मोल है और प्रारम्भिक अवस्था $\mathrm{A}$ से प्रदर्शित है जहाँ दाब, आयतन एवं ताप क्रमशः P1, V1 व T1 हैं।
प्रक्रम 1 : समतापीय प्रसार (Isothermal Expansion): गैस सिलेण्डर को स्रोत पर रखकर पिस्टन के दाब को धीरे-धीरे कम करते हैं और गैस को प्रसारित होने दिया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान स्रोत नियत ताप T1 पर होता है। गैस के प्रसार के कारण गैस को बाह्य
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -19
कार्य करना पड़ता है अतः उसका ताप कम होता है परन्तु सिलेण्डर का आधार ऊष्मा का सुचालक होता है। इसलिए आवश्यक ऊष्मा गैसीय निकाय स्रोत से ले लेता है और फलस्वरूप उसका ताप T1 पर नियत रहता है। अतः यह समतापीय प्रसार चक्र के AB भाग द्वारा प्रदर्शित है। माना निकाय द्वारा स्रोत से अवशोषित ऊष्मा Q1 है तथा ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से समतापीय प्रसार के लिए यह ऊष्मा बाह्य कार्य के बराबर होनी चाहिए क्योंकि समतापीय प्रक्रम में dU = 0 होता है। यहाँ पर B बिन्दु पर दाब, आयतन व ताप क्रमश: P2, V2 व T1 हैं। यदि किया गया कार्य W1 है अत:
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -20

प्रश्न 11.
ऊष्मागतिकी के द्वितीय नियम के केल्विन प्लांक व क्लासियस के कथनों को लिखिए तथा स्पष्ट कीजिए कि उक्त कथन एक-दूसरे के तुल्य है।
उत्तर:
ऊष्मागतिकी का द्वितीय नियम (Second Law Of Thermodynamics):
ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम ऊर्जा संरक्षण के नियम पर आधारित है। यह ऊष्मा तथा कार्य की तुल्यता का नियम है अर्थात् कार्य का ऊष्मा में अथवा ऊष्मा का कार्य में रूपान्तरण होने पर कार्य की निश्चित मात्रा से निश्चित ऊष्मा उत्पन्न होती है या निश्चित ऊष्मा से कार्य की निश्चित मात्रा उत्पन्न होती है, परन्तु उपलब्ध ऊष्मा का कितना भाग यांत्रिक कार्य में परिवर्तित होता है एवं इसकी शर्तें व सीमाएँ क्या है ? इसकी जानकारी ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम नहीं देता है।

उदाहरणार्थ – फर्श पर लुढ़कती हुई गेंद ऊष्मागतिकी के नियमानुसार उस समय रुक जायेगी जब उसकी सम्पूर्ण गतिज ऊर्जा (यांत्रिक ऊर्जा ) ऊष्मा में बदल जायेगी। परन्तु क्या इस प्रक्रिया का व्युत्क्रम अर्थात् फर्श पर रुकी हुई गेंद ऊष्मा अवशोषित करके गतिशील हो जायेगी ? इस प्रश्न का उत्तर स्पष्ट रूप से प्रथम नियम नहीं देता है। इस प्रकार किसी क्रिया के होने व न होने की जानकारी को प्राप्त करने के लिए अन्य नियम की आवश्यकता है जिसे ऊष्मागतिकी का द्वितीय नियम कहते हैं। यह नियम प्रथम नियम का पूरक है। ऊष्मागतिकी के द्वितीय नियम को विभिन्न वैज्ञानिकों ने भिन्न-भिन्न कथनों के रूप में प्रस्तुत किया है परन्तु व्यावहारिक दृष्टि से सभी कथन सत्य हैं। यहाँ हम दो कथनों पर विचार करेंगे जिनमें एक आन्तरिक ऊर्जा को कार्य में बदलने की सीमा के बारे में है और दूसरा ऊष्मा प्रवाह की दिशा के बारे में है।

1. केल्विन प्लांक का कथन (Statement of Kelvin Planck) : इस कथन के अनुसार, “इस प्रकार के इंजन का निर्माण सम्भव नहीं है, जो सम्पूर्ण चक्र में किसी वस्तु से ऊष्मा लेकर कार्यकारी निकाय में कोई परिवर्तन किये बिना उसे पूर्णतः कार्य में परिवर्तित कर दे।” अर्थात् कोई ऐसा ऊष्मा इंजन नहीं बन सका है, जो लोत से ली गई सम्पूर्ण ऊष्मा को कार्य में बदल सके और सिंक को कुछ भी न दे। दूसरे शब्दों में ऊष्मा के अविरल रूप से कार्य में बदलने के लिए ठण्डी वस्तु अर्थात् सिंक का होना आवश्यक है।

2. क्लासियस का कथन (Claussius’s Statement) : इस कथन के अनुसार, “किसी भी चक्रीय प्रक्रम में कार्यकारी पदार्थ द्वारा निम्न ताप वाली वस्तु से उच्च ताप वाली वस्तु की ओर ऊष्मा का प्रवाह नहीं हो सकता जब तक कि कार्यकारी पदार्थ पर बाह्य कार्य नहीं किया जाता है।” यह कथन प्रशीतक (refrigerator) के सिद्धान्त पर आधारित है जो ठण्डी वस्तु में से ऊष्मा अवशोषित कर गर्म वस्तु (कमरे की वायु) को प्रदान करता है, लेकिन इस कार्य को करने के लिए प्रशीतक में संपीडक (compressor) की आवश्यकता होती है अर्थात् बिना सम्पीडक की बाह्य सहायता के प्रशीतक वस्तुओं को ठण्डा नहीं कर सकता है।

प्रश्न 12.
कान प्रमेय का कथन लिखते हुए व्युत्पन्न कीजिए।
उत्तर:
कार्नो प्रमेय (Carnot’s Theorem)
इस प्रमेय के अनुसार,
(अ) किन्हीं तापों T1 व T2 (T1 > T2) के मध्य कार्य करने वाले इंजन की दक्षता उन तापों के मध्य कार्य करने वाले कार्नो इंजन की दक्षता से अधिक नहीं हो सकती है अर्थात् कार्नो (उत्क्रमणीय) इंजन की दक्षता अधिकतम होती है।
(ब) किन्हीं दो तापों T1 व T2 के मध्य कार्य करने वाले सभी कार्नो उत्क्रमणीय इंजनों की दक्षता समान होती है चाहे कोई भी कार्यकारी पदार्थ लिया जाये।
व्युत्पत्ति (Proof) : कार्नो प्रमेय के प्रथम कथन (अ) की उपपत्ति के लिए समान स्रोत (T1 K) व समान सिंक (T2K) के मध्य कार्य करने वाले दो इंजन लेते हैं जिनमें एक अनुत्क्रमणीय (irreversible) एवं दूसरा उत्क्रमणीय (reversible) है। दोनों इंजनों में कार्यकारी पदार्थ का चयन इस प्रकार किया जाता है कि दोनों इंजनों का प्रत्येक चक्र में किया गया कार्य (W) समान हो । अब यदि अनुत्क्रमणीय इंजन स्रोत (ताप T1) से Q1 ऊष्मा लेकर उसके एक भाग को कार्य (W) में बदलकर अर्थात् W कार्य करके शेष ऊष्मा (Q1 – W) सिंक (ताप T2) को दे देता है तो इस अनुत्क्रमणीय इंजन की दक्षता,
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -21
\(\eta_I=\frac{W}{Q_1}\) ……………..(1)
इसी प्रकार यदि उत्क्रमणीय इंजन समान ताप T1 पर स्रोत से I ऊष्मा लेकर W कार्य करके सिंक को (Q1‘ – W) ऊष्मा देता है, तो किये गये उत्क्रमणीय इंजन की दक्षता
\(\eta_R=\frac{W}{Q_1′}\) ……………..(2)
यहाँ पर माना कि ηI > ηR
अतः \(\frac{\mathrm{W}}{\mathrm{Q}}>\frac{\mathrm{W}}{\mathrm{Q}_1^{\prime}} \Rightarrow \frac{1}{\mathrm{Q}_1}>\frac{1}{\mathrm{Q}_1^{\prime}}\)
या Q1‘ > Q1
अर्थात् (Q1‘ – Q1) = एक धनात्मक संख्या

अब यदि चित्र के अनुसार दोनों इंजनों को इस प्रकार जोड़ते हैं कि अनुत्क्रमणीय इंजन (i) सीधी दिशा में और उत्क्रमणीय इंजन (R) विपरीत दिशा में कार्य करें तो उत्क्रमणीय इंजन अनुत्क्रमणीय इंजन द्वारा चलित एक प्रशीतक (Refrigerator) की भाँति कार्य करता है तथा यह T2 ताप पर सिंक से (Q1 – W) ऊष्मा लेकर और इस पर W कार्य किया जाता है। यहाँ T1 ताप पर यह स्रोत को Q1‘ ऊष्मा देता है। उत्क्रमणीय इंजन पर किये गये कार्य W की सीधे अनुत्क्रमणीय इंजन द्वारा पूर्ति होती है तथा अनुत्क्रमणीय इंजन तथा प्रशीतक (उत्क्रमणीय) एक स्वचालित युक्ति की भाँति कार्य करते हैं।
यहाँ पर स्रोत अनुत्क्रमणीय इंजन को Q1 ऊष्मा देता है तथा उत्क्रमणीय इंजन से Q1‘ ऊष्मा लेता है
स्रोत द्वारा ली गई ऊष्मा (Q1‘ – Q1)
इसी प्रकार अनुत्क्रमणीय इंजन सिंक को (Q1 – W) ऊष्मा देता है और उत्क्रमणीय इंजन सिंक से (Q1‘ – W) ऊष्मा लेता है। अतः
सिंक द्वारा ऊष्मा क्षय = (Q1‘ – W) – (Q1 – W)
= (Q1‘ – Q1)
Q1‘ > Q1 अत: (Q1‘ – Q1) धनात्मक राशि है।
इसका अर्थ यह है कि प्रत्येक चक्र में T2 (निम्न ताप) पर सिंक से (Q1‘ – Q1) ऊष्मा की मात्रा बिना किसी बाह्य ऊर्जा स्रोत की सहायता से उच्च ताप T1 पर स्रोत को स्थानान्तरित कर रही है जो कि ऊष्मागतिकी के द्वितीय नियम के अनुसार सम्भव नहीं है अर्थात् हमारी परिकल्पना ηI > ηR सम्भव नहीं है अतः हम कह सकते हैं कि समान तापों के मध्य कार्य कर रहे इंजनों में उत्क्रमणीय (कार्नो) इंजन की दक्षता अधिकतम होती है।
कान प्रमेय के द्वितीय कथन हेतु हम अनुत्क्रमणीय इंजन के स्थान पर एक अन्य उत्क्रमणीय इंजन (R’) लेते हैं अर्थात् दो समान तापों T1 (उच्च) व T2 (निम्न) के मध्य दो उत्क्रमणीय इंजन कार्य कर रहे हैं। अब यदि R इंजन की दक्षता (ηR) को इंजन (R’) की दक्षता (η’R) से अधिक मानें तो प्राप्त होने वाला परिणाम पुनः ऊष्मागतिकी के द्वितीय नियम का उल्लंघन होगा अर्थात् ऊष्मा का स्थानान्तरण बिना किसी बाह्य ऊर्जा स्रोत की सहायता के निम्न ताप से उच्च ताप की ओर होना सम्भव नहीं है। अत: ηR > η’R ठीक नहीं होगा। इसी प्रकार η’R > ηR माने तो समान परिणाम व उल्लंघन प्राप्त होता है कि ηR = η’R माने तो होना चाहिए।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि समान तापों के मध्य कार्य रहे सभी उत्क्रमणीय इंजनों की दक्षता समान होती है, चाहे कार्यकारी पदार्थ कुछ भी लिया गया हो।

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 13.
ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम का उल्लेख करते हुए गैसों की विशिष्ट ऊष्माओं का मेयर सम्बन्ध Cp – Cy = R प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
CP व CV में मेयर सम्बन्ध (Mayer’s Relation Between CP And CV):
मोलर विशिष्ट ऊष्मा की परिभाषा से, नियत आयतन पर मोलर विशिष्ट ऊष्मा-
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -22

आंकिक प्रश्न (Numerical Questions)

ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम पर आधारित

प्रश्न 1.
संलग्न चित्र में किसी आदर्श गैस के ऊष्मागतिकीय प्रक्रियाओं का दाब आयतन आरेख दर्शाया गया है। इससे A → B, B → C तथा C → A प्रक्रमों में अलग-अलग कृत कार्य तथा सम्पूर्ण चक्र ABCA में कृत कार्य ज्ञात कीजिए ।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -23
उत्तर:
शून्य, 150 जूल गैस द्वारा, 375 जूल गैस पर, 225 जूल गैस पर

प्रश्न 2.
एक ऊष्मागतिक प्रक्रिया में किसी गैस को 300 जूल ऊष्मा दी जाती है तथा गैस पर 200 जूल कार्य भी किया जाता है। गैस की आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
500 जूल वृद्धि

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 3.
चित्र में किसी आदर्श गैस के एक चक्रीय प्रक्रम का दाब – आयतन आरेख दर्शाया गया है। गैस की आन्तरिक ऊर्जा का मान अवस्था A में 150 जूल, अवस्था B में 100 जूल तथा अवस्था C में 2500 जूल है, तो ज्ञात कीजिए-
(i) प्रक्रम A → B में गैस द्वारा दी गई ऊष्मा,
(ii) प्रक्रम B → C में गैस द्वारा कृत कार्य,
(iii) प्रक्रम B → C में गैस द्वारा ली गई ऊष्मा ।
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी -24
उत्तर:
(i) 50 जूल,
(ii) 20 जूल,
(iii) 170 जूल

प्रश्न 4.
1 cm³ जल उसके क्वथनांक पर 1671 cm³ आयतन भाप बनाने के लिए 540 कैलोरी ऊष्मा अवशोषित करता है। यदि वायुमण्डलीय दाब 1.013 × 105 N/m² है और ऊष्मा का यान्त्रिक तुल्यांक = 4.19 जूल / कैलोरी है, अन्तराण्विक बलों के विरुद्ध इस प्रक्रम में खर्च ऊर्जा ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
500 कैलोरी

प्रश्न 5.
एक मनुष्य का द्रव्यमान 60 kg है। यदि उसे भोजन से 105 cal ऊष्मा मिलती हो एवं उसके शरीर की दक्षता 28% हो तो वह मनुष्य कितनी ऊँचाई तक चढ़ सकता है ? [g = 9.8ms-2; J = 4.2 J.cal-1]
उत्तर:
200m

प्रश्न 6.
शीशे की एक गोली 150 ms-1 की चाल से एक लक्ष्य से टकराकर रुक जाती है यदि 80% गतिज ऊर्जा गोली में रह जाती है तो गोली के ताप में वृद्धि ज्ञात कीजिए। शीशे की विशिष्ट ऊष्मा 30 cal. kg-1C-1 है। (J = 4.2J cal-1)
उत्तर:
71.43°C

प्रश्न 7.
संलग्न चित्र में एक आदर्श गैस की ऊष्मागतिकी प्रक्रियाओं का P – V ग्राफ दिखाया गया है। इस ग्राफ से ज्ञात कीजिए-
(i) A → B
(ii) B → C
(iii) C → D
(iv) D → A प्रक्रमों में किया गया कार्य।
उत्तर:
(i) 6000; J
(ii) शून्य,
(iii) 1000J;
(iv) शून्य
HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी - 25

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी

प्रश्न 8.
ऊष्मागतिक प्रक्रम में किसी गैस के दाब में इस प्रकार परिवर्तन किया जाता है कि गैस के अणुओं के द्वारा 30J ऊष्मा निष्कासित होती है तथा गैस पर 10J का कार्य किया जाता है। यदि गैस की प्रारम्भिक ऊर्जा 40J हो तो अन्तिम आन्तरिक ऊर्जा का मान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
20 जूल

प्रश्न 9.
नियत वायुमण्डलीय दाब एवं 20°C प्रारम्भिक ताप वाले 1 kg द्रव्यमान के धातु के टुकड़े को 20000 J ऊष्मा दी जाती है। निम्न मानज्ञात कीजिए-
(a) ताप में परिवर्तन (b) कृत कार्य, (c) आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन ।
[दिया है- विशिष्ट ऊष्मा = 400 J kg-1 °C-1, आयतन प्रसार गुणांक (y) = 9 × 10-5/°C
घनत्व = 9000 kg/m³, वायुमण्डल दाब = 105 N/m²]
उत्तर:
(a) 50°C,
(b) 0.05 J,
(c) 19999.95 J

समतापी प्रक्रम पर आधारित

प्रश्न 10.
O2 गैस के एक मोल का आयतन 0°C पर एवं वायुमण्डलीय दाब पर 22.4 लीटर है। उसको समतापीय रूप से संपीडित करते हैं जिससे आयतन 11.2 लीटर तक घट जाता है। उस प्रक्रम में किया गया कार्य ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
1572.6 J

प्रश्न 11.
2 मोल आदर्श गैस का 27°C पर समतापी प्रसार किया जाता है जिससे उसका आयतन बढ़कर प्रारम्भिक आयतन का तीन गुना हो जाता है। गैस द्वारा कृत कार्य तथा अवशोषित ऊष्मा की मात्रा का परिकलन कीजिए। (R=8.31Jmol! K-1)
उत्तर:
5.48 × 103 J; 1.31 × 10° cal

प्रश्न 12.
किसी आदर्श गैस के 10 किलोग्राम अणुओं द्वारा कितनी ऊर्जा अवशोषित होगी यदि इसे 8 वायुमण्डलीय प्रारम्भिक दाब से 4 वायुमण्डलीय दाब तक स्थिर ताप 27°C पर प्रसारित किया जाए ?
उत्तर:
1.728107 J

रुद्धोष्म प्रक्रम पर आधारित

प्रश्न 13.
27°C पर एक आदर्श एवं एक परमाणु गैस के 2 मोल V आवतन घेरते हैं। गैस रुद्धोष्म प्रक्रम द्वारा 2V आयतन तक प्रसारित होती है। गणना कीजिए-
(i) गैस का अन्तिम ताप
(ii) गैस की आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन
(ii) इस प्रक्रम में गैस द्वारा कृत कार्य ।
(R = 8.31 J. mole-1 K-1)
उत्तर:
(i) 189 K;
(ii) -2767.2 J;
(iii) 2767.23

प्रश्न 14.
एक पिस्टन किसी गैस सिलिण्डर को दो भागों में विभाजित करता है प्रारम्भ में पिस्टन को ऐसे दबाते हैं जिससे एक भाग में दाब P तथा आयतन 5V है तथा दूसरे भाग में दाब 8P तथा आयतन V है। अब पिस्टन को स्वतन्त्र छोड़ दिया जाता है। रुद्धोष्म तथा समतापी प्रक्रियाओं के लिए नये दाब तथा आयतन ज्ञात कीजिए। (γ = 1.5)
उत्तर:
(i) समतापी – \(\frac{13P}{6}\), \(\frac{48}{13}\) V एवं \(\frac{30}{13}\)
(ii) रुद्धोष्म प्रक्रम – 1.84P, \(\frac{8V}{3}\) एवं \(\frac{10V}{3}\)

प्रश्न 15.
एक आदर्श गैस जिसका प्रारम्भिक दाब P आयतन V तथा ताप T है, रुद्धोष्म प्रक्रिया द्वारा तब तक फैलती है जब तक कि आयतन बढ़कर 5.66 V तथा ताप गिरकर T/2 हो जाता है। (i) गैस की परमाणुकता क्या है ? (ii) प्रसार के दौरान गैस द्वारा किया गया कार्य प्रारम्भिक दाब P व आयतन V के फलन के रूप में ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
(i) y = 1.4.
(ii) = PV

प्रश्न 16.
27°C पर एक आदर्श एवं एकपरमाणुक गैस के 3 मोल V आयतन घेरते हैं। गैस रुद्धोष्म प्रक्रम द्वारा 8 V आयतन तक प्रसारित होती है। गणना कीजिए-
(i) गैस का अन्तिम ताप,
(ii) गैस की आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन तथा
(iii) इस प्रक्रिया में गैस द्वारा किया गया कार्य दिया है- सार्वत्रिक गैस नियतांक R = 8.31 जूल / मोल K
उत्तर:
(i) 75 K,
(ii) 5609.251,
(iii) 5609.25 J

मेयर सूत्र पर आधारित

प्रश्न 17.
सामान्य ताप व दाब पर मोल ऑक्सीजन गैस का आयतन 22.4 लीटर है। ऑक्सीजन की दोनों मोलर ऊष्मा धारिताओं की गणना कीजिए।
उत्तर:
CV = 20.755 J. mol-1 K-1; CP = 29.085 J. mol-1 K-1

प्रश्न 18.
एक कान इंजन की दक्षता 50% तथा इसके सिंक का ताप 27°C है। यदि इसकी दक्षता 10% बढ़ा दी जाये तब इसके स्रोत के ताप में कितनी वृद्धि हो जायेगी।
उत्तर:
140K

प्रश्न 19.
500K तथा 400K तापों के मध्य कार्य करने वाला कार्नो इंजन यदि प्रत्येक चक्र में स्रोत से 2000 cal ऊष्मा ग्रहण करता है तो गणना कीजिए-
(i) प्रत्येक चक्र में सिंक में विसर्जित ऊष्मा की मात्रा
(ii) प्रत्येक चक्र में इंजन द्वारा किया गया बाह्य कार्य
(iii) इंजन की दक्षता
उत्तर:
(i) 1600 cal;
(ii) 1680 J;
(iii) 20%

प्रश्न 20.
किसी कार्नो इंजन की दक्षता 100K व TK तथा 180K व 900K के लिए समान है तब T की गणना कीजिए।
उत्तर:
500K

प्रश्न 21.
हिमांक व वाष्पन के मध्य कार्य कर रहे कार्नो इंजन की दक्षता की गणना कीजिए।
उत्तर:
27%

HBSE 11th Class Physics Important Questions Chapter 12 ऊष्मागतिकी Read More »

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ

Haryana State Board HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. एक मोल ऑक्सीजन में, ऑक्सीजन के अणुओं की संख्या होगी –
(1) 1
(2) 100
(3) 6·023 × 1023
(4) 0.6023 x 1023.
उत्तर:
(3) 6·023 × 1023

2. तुल्यांकी भार का मात्रक होता है-
(1) ग्राम
(2) किलोग्राम
(3) ग्राम प्रति लीटर
(4) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(4) इनमें से कोई नहीं

3. NTP पर प्रत्येक गैस के एक ग्राम अणु भार का आयतन –
(1) 224 लीटर होता है
(2) 224 c. c. होता है
(3) 2.24 लीटर होता है
(4) 22.4 लीटर होता है।
उत्तर:
(4) 22.4 लीटर होता है।

4. 44 ग्राम CO2 में उपस्थित अणुओं की संख्या है-
(1) 12 × 1023
(2) 3 × 1010
(3) 6 × 1023
(4) 1 × 1023
उत्तर:
(3) 6 × 1023

5. मानक ताप तथा दाब पर 0.25 मोल अमोनिया गैस का आयतन है-
(1) 2-24 लीटर
(2) 5.6 लीटर
(3) 11.2 लीटर
(4) 22.4 लीटर।
उत्तर:
(2) 5.6 लीटर

6. एक धातु के क्लोराइड का सूत्र MCl3 है और धातु का तुल्यांकी भार 9 है। तत्व का परमाणु भार होगा-
(1) 9
(2) 18
(3) 27
(4) 3
उत्तर:
(3) 27

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ

7. किसी तत्व की परमाणुकता प्रकट करती है—
(1) तत्व का परमाणु क्रमांक
(2) तत्व का परमाणु भार
(3) तत्व की आवोगाद्रो संख्या
(4) तत्व के अणु में उपस्थित परमाणुओं की संख्या।
उत्तर:
(4) तत्व के अणु में उपस्थित परमाणुओं की संख्या।

8. 111 ग्राम CaCl2 में आयनों की कुल संख्या होगी –
(1) एक मोल
(2) दो मोल
(3) तीन मोल
(4) चार मोल।
उत्तर:
(3) तीन मोल

9. वायु है-
(1) यौगिक
(2) मिश्रण
(3) तत्व
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(2) मिश्रण

10. एक मोल H2O में हैं-
(1) 6.02 × 1023 ऑक्सीजन के परमाणु
(2) 6.02 x 1023 हाइड्रोजन के परमाणु
(3) 18.1 × 1020 H2O के परमाणु
(4) H2O के 3 ग्राम अणु।
उत्तर:
(1) 6.02 × 1023 ऑक्सीजन के परमाणु

11. ऑक्सेलिक अम्ल (C2O4H2. 2H2O) का तुल्यांकी भार क्या है, यदि इसका अणु भार 126 है?
(1) 98
(2) 63
(3) 196
(4) 126
उत्तर:
(2) 63

12. पदार्थों का कौन सा युग्म गुणित अनुपात के नियम की व्याख्या करता है?
(1) CO तथा CO2
(2) H2O तथा D2O
(3) NaCl तथा NaBr
(4) MgO तथा Mg (OH)2
उत्तर:
(1) CO तथा CO2

13. MnSO4 का तुल्यांकी भार, अणु भार का आधा हो जाता है, जब यह परिवर्तित होता है-
(1) Mn2O3 में
(2) MnO2 मैं
(3) MnO4 मैं
(4) MnO42- में
उत्तर:
(4) MnO42- में

14. मोल X तथा 9 मोल Y निम्न क्रिया के अनुसार क्रिया करके बनाते हैं-
X + 2Y → Z
Z के कितने मोल बनेंगे ?
(1) 5 मोल Z
(2) 8 मोल 7
(3) 14 मोल Z
(4) 4 मोल Z
उत्तर:
(4) 4 मोल Z

15. 27 ग्राम एल्युमिनियम ऑक्सीजन के कितने ग्राम से पूर्णतः अभिक्रिया करेगी?
(1) 8 ग्राम
(2) 16 ग्राम
(3) 32 ग्राम
(4) 24 ग्राम।
उत्तर:
(4) 24 ग्राम।

16. चूने के पत्थर (CaCO) की कितनी मात्रा CaO के 56 किग्रा. देगी।
(1) 1000 किग्रा.
(2) 56 किग्रा.
(3) 2 किग्रा.
(4) 100 किग्रा.
उत्तर:
(4) 100 किग्रा.

17. Na2CO3 के 5-3 ग्राम 500 मिली में घुले हैं। विलयन की मोलरता होगी-
(1) 0.1 M
(2) 0.2 M
(3) 0.3 M
(4) 1.0 M
उत्तर:
(1) 0.1 M

18. निम्न में से अणुओं की न्यूनतम संख्या किसमें होगी?
(1) 0.1 मोल CO2 में
(2) 11 लीटर CO2 में
(3) 22 ग्राम CO2 मैं
(4) 22.4 x 10³ मिली CO2 में
उत्तर:
(1) 0.1 मोल CO2 में

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ

19. NaOH में ऑक्सीजन का प्रतिशत है-
(1) 40
(2) 16
(3) 8
(4) 1
उत्तर:
(1) 40

20. शुद्ध जल की मोलरता होती है.
(1) 55.6
(2) 50
(3) 100
(4) 18
उत्तर:
(1) 55.6

21. अणुओं की न्यूनतम संख्या निम्न में से किसमें है?
(1) I मोल SO2 में
(2) SO2 गैस के 1 × 1023 अणुओं में
(3) S. T.P. पर 11.2 लीटर SO2 मैं
(4) सभी में समान है।
उत्तर:
(3) S. T.P. पर 11.2 लीटर SO2 मैं

22. अणुओं की सबसे अधिक संख्या उपस्थिति है।
(1) 28 ग्राम CO मैं
(2) 36 ग्राम जल में
(3) 54 ग्राम N2O5 में
(4) 46 ग्राम C2H5OH में
उत्तर:
(2) 36 ग्राम जल में

23. 560 ग्राम Fe में उपस्थित परमाणुओं की संख्या होगी-
(1) 70 ग्राम नाइट्रोजन की दोगुनी
(2) 20 ग्राम हाइड्रोजन की आधी
(3) (1) तथा (2) दोनों सही हैं
(4) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(3) (1) तथा (2) दोनों सही हैं

24. यदि जल का घनत्व 1 ग्राम / सेमी³ है, तो जल के एक अणु का आयतन होगा-
(1) 18 सेमी.³
(2) 22400 सेमी
(3) 6.02 x 10-23 सेमी³
(4) 3.0 x 10-23 सेमी³
उत्तर:
(4) 3.0 x 10-23 सेमी³

25 00300 में सार्थक अंकों की संख्या है-
(1) एक
(2) दो
(3) तीन
(4) चार।
उत्तर:
(3) तीन

26. 0.05 g भार वाले जल की बूँद में H2O अणुओं की संख्या है-
(1) 1.5 × 1023
(2) 1.672 × 1021
(3) 1.5 x 1020
(4) 6.02 × 1022
उत्तर:
(2) 1.672 × 1021

27. निश्चित ताप एवं दाब के अधीन विभिन्न गैसों के समान आयतन में होता है-
(1) समान घनत्व
(2) समान द्रव्यमान
(3) समान परमाणु
(4) समान अणु
उत्तर:
(4) समान अणु

28. मैग्नीशियम फॉस्फेट, Mg3 (PO4)2 के कितने मोल में 0-25 मोल ऑक्सीजन परमाणु होंगे?
(1) 0.02
(2) 3·125 x 10-2
(3) 1.25 x 10-2
(4) 2.5 × 10-2
उत्तर:
(2) 3·125 x 10-2

29. सल्फर का एक परमाणु कार्बन के एक परमाणु से कितने गुना भारी होता है?
(1) 32 गुना
(2) 12 गुना
(3) \(\frac { 8 }{ 3 }\) गुना
(4) \(\frac { 12 }{ 32 }\) 32 गुना।
उत्तर:
(3) \(\frac { 8 }{ 3 }\) गुना

30. निम्नलिखित के द्रव्यमानों का सही अवरोही क्रम क्या है?
(i) ऑक्सीजन के 6.022 x 1023 परमाणु
(ii) H2S के 1.0 × 1023 अणु
(iii) ऑक्सीजन के 6.022 x 1023 अणु
(1) (i) > (ii) > (iii)
(2) (i) > (iii) > (ii)
(3) (iii) > (i) > (ii)
(4) (ii) > (i) > (iii)
उत्तर:
(3) (iii) > (i) > (ii)

31. 294.406, 280.208 एवं 24 के योग का सही लिखा गया उत्तर होगा-
(1) 598.61
(2) 599
(3) 598.6
(4) 598.614
उत्तर:
(2) 599

32. मोललता की इकाई है-
(1) मोल्स
(2) मोल्स/ किग्रा.
(3) मोल्स / लीटर
(4) ग्राम/लीटर।
उत्तर:
(2) मोल्स/ किग्रा.

33. मोल अंश की इकाई है-
(1) मोल्स
(2) मोल्स / किग्रा.
(3) ईकाई नहीं होती
(4) मोल्स / लीटर।
उत्तर:
(3) ईकाई नहीं होती

34. यदि NA आवागाद्रो संख्या है, तो 4.2 g नाइट्राइड आयन (N3-) में संयोजक इलेक्ट्रॉनों की संख्या है-
(1) 4.2 NA
(2) 2.4 NA
(3) 1.6 NA
(4) 3.2 NA
उत्तर:
(2) 2.4 NA

35. एक विद्यार्थी की लम्बाई 64.25 इंच है, इसकी लम्बाई फीट में होगी-
(1) 5.345 फीट
(2) 5 फीट
(3) 5.3 फीट
(4) 5.34 फीट।
उत्तर:
(1) 5.345 फीट

36. समस्थानिक होते हैं-
(1) न्यूट्रॉनों की संख्या में भिन्न
(2) प्रोटॉनों की संख्या में भिन्न
(3) उपर्युक्त दोनों
(4) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(3) उपर्युक्त दोनों

37. एक परमाण्वीय द्रव्यमान इकाई (amu) का मान है-
(1) 166 × 10-24 ग्राम
(2) 1.66 × 10-27 ग्राम
(3) 1.008 ग्राम
(4) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(3) 1.008 ग्राम

38. कैल्सियम का परमाणु भार 40 है। यदि इसकी संयोजकता दो हो तो कैल्सियम का तुल्यांक भार होगा
(1) 20
(2) 40
(3) 10
(4) 80
उत्तर:
(1) 20

39. किसमें सबसे अधिक परमाणु हैं ?
(1) 24 g C – 12
(2) 56g Fe – 56
(3) 27 g Al – 23
(4) 108 g Ag – 108.
उत्तर:
(1) 24 g C – 12

40. CO के 6.022 x 1024 अणुओं में ऑक्सीजन के ग्राम अणुओं की संख्या है-
(1) 10 ग्राम मोल्स
(2) 5 ग्राम मोल्स
(3) 1 ग्राम मोल
(4) 0.5 ग्राम मोल
उत्तर:
(2) 5 ग्राम मोल्स

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ

41. अभिव्यक्ति के किस ढंग में विलयन की संघनन क्षमता इसके तापमान से स्वतन्त्र होती है-
(1) मोलरता
(2) नॉर्मलता
(3) फॉर्मलता
(4) मोललता।
उत्तर:
(4) मोललता।

42. एक मोलल विलयन वह होता है जिसमें विलेय का एक मोल होता है –
(1) 1000 g विलायक में
(2) एक लीटर विलायक में
(3) एक लीटर विलयन में
(4) 22-4 लीटर विलयन में।
उत्तर:
(1) 1000 g विलायक में

43. 0.635 ग्राम कॉपर में उपस्थित परमाणुओं की संख्या होगी-
(1) 6·023 x 10-23
(2) 6·023 × 1023
(3) 6.023 x 1022
(4) 6·023 × 1021.
उत्तर:
(4) 6·023 × 1021.

44. यौगिक C66H122 के एक अणु का भार है—
(1) 1.4 × 10-21 ग्राम
(2) 1.09 × 1023 ग्राम
(3) 5.025 x 1023 ग्राम
(4) 16.023 x 1023 ग्राम।
उत्तर:
(1) 1.4 × 10-21 ग्राम

45. CO के 14 g के लिये असत्य कथन है-
(1) यह N.T.P. पर 2.24 लीटर घेरता है
(2) यह CO के \(\frac { 1 }{ 2 }\) मोल के लगभग है
(3) यह CO और N2 के समान मोलों के लगभग है
(4) यह CO के 3.01 × 1023 अणुओं के लगभग है।
उत्तर:
(1) यह N.T.P. पर 2.24 लीटर घेरता है

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रसायन के दो लाभ बताइए।
उत्तर:

  1. खाद्य पदार्थों की पैदावार बढ़ाने में।
  2. चिकित्सा क्षेत्र में।

प्रश्न 2.
रसायन का विनाशकारी रूप क्या है?
उत्तर:
परमाणु बम, हाइड्रोजन बम, विषैली गैसें जैसे मस्टर्ड गैस, टी. एन. टी. आदि रसायन के विनाशकारी रूप हैं।

प्रश्न 3.
रसायन विज्ञान के सिद्धान्तों का व्यावहारिक उपयोग किन-किन क्षेत्रों में होता है?
उत्तर:
रसायन विज्ञान के सिद्धान्तों का व्यावहारिक उपयोग मौसम विज्ञान, नाड़ी तन्त्र और कम्प्यूटर प्रचालन में होता है।

प्रश्न 4.
द्रव्य क्या है?
उत्तर:
द्रव्य वह वस्तु है जिसमें आयतन और द्रव्यमान होता है।

प्रश्न 5.
द्रव्य के सूक्ष्म कण को क्या कहते हैं?
उत्तर:
द्रव्य के सूक्ष्म कण को परमाणु कहते हैं।

प्रश्न 6.
द्रव्य भौतिक रूप में कितनी अवस्थाओं में पाया जाता है?
उत्तर:
द्रव्य भौतिक रूप में ठोस, द्रव तथा गैस तीन अवस्थाओं में पाया जाता है।

प्रश्न 7.
द्रव्य को विभिन्न अवस्थाओं में परिवर्तित किया जा सकता है या नहीं?
उत्तर:
ताप और दाब की परिस्थितियों के परिवर्तन द्वारा द्रव्य की इन तीनों अवस्थाओं को एक-दूसरे में परिवर्तित किया जा सकता है।

प्रश्न 8.
ऐसे द्रव्य का नाम बताइए जो द्रव्य की तीनों अवस्थाओं में पाया जाता है?
उत्तर:
जल।

प्रश्न 9.
मिश्रण क्या है?
उत्तर:
किसी मिश्रण में दो या दो से अधिक घटकों का अनुपात अनिश्चित होता है।

प्रश्न 10.
यौगिक किसे कहते हैं?
उत्तर:
यौगिक एक शुद्ध समांगी पदार्थ है जो दो या दो से अधिक तत्वों के निश्चित अनुपात में संयोग करने पर प्राप्त होता है।

प्रश्न 11.
निम्नलिखित को शुद्ध पदार्थ और मिश्रण के रूप में वर्गीकृत कीजिये।
(i) ग्रेफाइट, (ii) दूध, (iii) गैसोलीन, (iv) ऑक्सीजन, (v) आसुत जल, (vi) पीतल, (vii) सोडियम क्लोराइड, (viii) लोहा, (ix) इस्पात, (x) शर्बत, (xi) 24 कैरेट गोल्ड, (xii) ग्लूकोज, (xiii) 22 कैरेट गोल्ड, (xiv) शहद, (xv) बुझा हुआ चूना।
उत्तर:
शुद्ध पदार्थ – ग्रेफाइट, ऑक्सीजन, आसुत जल, सोडियम क्लोराइड, लोहा, 24 कैरेट गोल्ड, ग्लूकोज, बुझा हुआ चूना।
मिश्रण – दूध, गैसोलीन, पीतल, इस्पात, शर्बत, 22 कैरेट गोल्ड, शहद।

प्रश्न 12.
निम्नलिखित को तत्व, यौगिक और मिश्रण में वर्गीकृत कीजिये-
(1) गन्धक का तेजाब, (2) कोल्ड ड्रिंक, (3) चीनी, (4) संगमरमर, (5) टिन, (6) लैड, (7) आयोडीन युक्त खाद्य लवण, (8) नल का पानी, (9) हीरा, (10) दूध, (11) सीमेन्ट, (12) सिलिका, (13) प्लास्टर ऑफ पेरिस, (14) निकिल।
उत्तर:
तत्व – टिन, लैड, हीरा, निकिल।
यौगिक-गंधक का तेजाब, चीनी, संगमरमर, सिलिका, प्लॉस्टर ऑफ पेरिस ।
मिश्रण – कोल्डड्रिंक, आयोडीन युक्त खाद्य लवण, नल का पानी, दूध, सीमेंट।

प्रश्न 13.
विज्ञान की किस शाखा के अन्तर्गत पदार्थ के अणुओं तथा परमाणुओं से सम्बन्धित ज्ञान प्राप्त किया जाता है?
उत्तर:
रसायन विज्ञान के अन्तर्गत पदार्थ के अणुओं तथा परमाणुओं से सम्बन्धित अध्ययन किया जाता है। नहीं ।

प्रश्न 14.
किस द्रव्य का अवस्था आयतन निश्चित होता है, आकार
उत्तर:
द्रव का आयतन निश्चित होता है, आकार नहीं।

प्रश्न 15.
जल में नमक का मिश्रण विलयन क्यों है, जबकि तेल और जल का मिश्रण विलयन नहीं है?
उत्तर:
जल में नमक का मिश्रण विलयन है क्योंकि नमक व जल दोनों आपस मे मिलकर एक समांगी मिश्रण बनाते हैं अतः ये विलयन का निर्माण करते हैं। जबकि जल और तेल आपस में मिलकर असमांगी मिश्रण बनाते हैं अतः ये विलयन नहीं है।

प्रश्न 16.
वायु को कभी-कभी विषमांगी मिश्रण क्यों माना जाता है?
उत्तर:
वायु को कभी-कभी विषमांगी मिश्रण माना जाता है, जब उसमें धूल के कण उपस्थित हों।

प्रश्न 17.
निम्न को धातुओं एवं अधातुओं में वर्गीकृत कीजिए-
(i) आर्गन, (ii) पोटैशियम, (III) हीलियम, (iv) पारा, (v) हीरा, (vi) सिलिकन, (vii) सीसा (Hg), (viii) मैग्नीशियम (Mg)
उत्तर:
धातुएँ पौटेशियम, पारा, सीसा (Hg), मैग्नीशियम (Mg)।
अधातुएँ-आर्गन, हीलियम, हीरा, सिलिकन।

प्रश्न 18.
किसी एक पर्यावरण प्रदूषक का नाम लिखें।
उत्तर:
क्लोरो फ्लुओरोकार्बन (फ्रिऑन)।

प्रश्न 19.
किस द्रव्य अवस्था का आयतन तथा आकार दोनों ही अनिश्चित होते हैं।
उत्तर:
गैस का आयतन तथा आकार दोनों ही अनिश्चित होते हैं।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ

प्रश्न 20.
किस द्रव्य अवस्था का आयतन व आकार दोनों ही निश्चित होते हैं?
उत्तर:
ठोस का आयतन तथा आकार दोनों ही निश्चित होते हैं।

प्रश्न 21.
द्रव्य की किस अवस्था में अन्तरा अणुक अवकाश सबसे अधिक व किस अवस्था में सबसे कम होता है।
उत्तर:
द्रव्य की गैस अवस्था में अन्तरा अणुक अवकाश सबसे अधिक व ठोस अवस्था में अन्तरा अणुक अवकाश सबसे कम होता है।

प्रश्न 22.
अणु एक-दूसरे को किस विशेष आकर्षण बल द्वारा आकर्षित करते हैं?
उत्तर:
अणु एक-दूसरे को अन्तरा अणुक आकर्षण बल द्वारा आकर्षित करते हैं।

प्रश्न 23.
जल की गैसीय अवस्था वाष्प कहलाती है जबकि अमोनिया की गैसीय अवस्था गैस क्यों?
उत्तर:
उन पदार्थों की गैसीय अवस्था वाष्प कहलाती है जो कि कमरे के ताप पर द्रव होते हैं। चूँकि जल कमरे के ताप पर द्रव होता है अतः इसकी गैसीय अवस्था वाष्य कहलाती है परन्तु अमोनिया कमरे के ताप पर द्रव नहीं होती अतः इसकी गैसीय अवस्था गैस कहलाती है।

प्रश्न 24.
निम्न में से समांगी व असमांगी मिश्रण छॉटिये धुआँ, बादल, काष्ठ, नल का पानी
उत्तर:
समांगी मिश्रण धुआँ, बादल, काष्ठ। असमांगी मिश्रण नल का पानी।

प्रश्न 25.
लोहे का बुरादा एवं गन्धक का चूर्ण किस प्रकार का मिश्रण है।
उत्तर:
लोहे का बुरादा एवं गंधक का चूर्ण एक विषमांगी मिश्रण है।

प्रश्न 26.
मूल मात्रकों को व्यक्त करने के लिए कौन-सी पद्धति पूरे संसार में अपनाई जा रही है?
उत्तर:
मूल मात्रकों को व्यक्त करने के लिए पूरे संसार में अन्तर्राष्ट्रीय पद्धति (S. I.) अपनाई जा रही है।

प्रश्न 27.
मात्रकों की अन्तर्राष्ट्रीय पद्धति क्या है?
उत्तर:
मात्रकों की अन्तर्राष्ट्रीय पद्धति (फ्रांसीसी में Le system international d’ units) S. I. (एस. आई.) कहा जाता है को सन् 1960 में भार और माप के ग्यारहवें सर्व सम्मेलन (Conference Generale des Poios at Measures. CGPM) में स्वीकृत किया गया था।

प्रश्न 28.
कौन-सा संस्थान भारतीय राष्ट्रीय मापन के मानकों का अनुरक्षण करता है?
उत्तर:
भारत में मापन के मानकों के अनुरक्षण का कार्य राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला, नई दिल्ली द्वारा किया जाता है।

प्रश्न 29.
अन्तर्राष्ट्रीय प्रणाली में कितने मूल मात्रक हैं?
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय प्रणाली में सात मूल मात्रक हैं।

प्रश्न 30.
ताप का ऋणात्मक मान किस पैमाने पर सम्भव होता है तथा किस पर नहीं?
उत्तर:
0°C से कम ताप (अर्थात् ऋणात्मक मान) सेल्सियस पैमाने पर तो सम्भव है परन्तु केल्विन पैमाने पर ताप का ऋणात्मक मान सम्भव नहीं है।

प्रश्न 31.
मानक किलोग्राम को परिभाषित करने के लिए पेरिस (फ्रान्स) के सैवरेस में सन्दर्भ सिलिण्डर प्लेटिनम- इरीडियम का ही क्यों है?
उत्तर:
प्लेटिनम- इरीडियम रासायनिक अभिक्रिया के प्रति निष्क्रिय है।

प्रश्न 32.
लम्बाई का मात्रक क्या है?
उत्तर:
लम्बाई का SI मात्रक मीटर है।

प्रश्न 33.
एक माइकॉन में कितने मीटर होते हैं?
उत्तर:
10-6 मीटर।

प्रश्न 34.
एक मीटर में कितने एंग्स्ट्रॉम होते हैं?
उत्तर:
1010 एंग्स्ट्रॉम

प्रश्न 35.
एक सौर दिन में कितने सेकण्ड होते हैं?
उत्तर:
86400 सेकण्ड

प्रश्न 36.
प्रकाश वर्ष किस राशि का मात्रक है?
उत्तर:
दूरी का मात्रक है।

प्रश्न 37.
ऊर्जा का SI मात्रक क्या है?
उत्तर:
जल।

प्रश्न 38.
घनत्व का S. I मात्रक क्या है?
उत्तर:
kg/m³।

प्रश्न 39.
निम्न मात्रक कौन-सी भौतिक राशि दर्शाते हैं?
(i) kg m²s-2
(ii) kg m2-2
उत्तर:
(i) बल
(ii) कार्य।

प्रश्न 40.
आधार मात्रक व परिशुद्ध मात्रक में अन्तर बताइए।
उत्तर:
आधार मात्रक वे मात्रक हैं जो दूसरी भौतिक राशियों से प्राप्त होते हैं। परिशुद्ध मात्रक आधार मात्रकों से प्राप्त होते हैं।

प्रश्न 41.
मूल राशियाँ क्या हैं?
उत्तर:
वे भौतिक राशियाँ जो एक-दूसरे से स्वतन्त्र होती है। मूल राशियाँ कहलाती हैं ये राशियाँ अन्य राशियों पर निर्भर नहीं करती हैं।

प्रश्न 42.
व्युत्पन्न मात्रक क्या हैं?
उत्तर:
वे मात्रक जो मूल मात्रकों की सहायता से प्राप्त किये जाते हैं, व्युत्पन्न मात्रक कहलाते हैं।

प्रश्न 43.
जूल, मीटर किलोग्राम, किलोग्राम / मीटर सेकण्ड तथा ऐम्पियर में कौन-कौन मूल मात्रक हैं?
उत्तर:
मूल मात्रक किलोग्राम, सेकण्ड एम्पियर।
व्युत्पन्न मात्रक – जूल, किलोग्राम / मीटर।

प्रश्न 44.
माइकॉन से क्या समझते हो?
उत्तर:
इसे μ(म्यू) से प्रदर्शित करते हैं। इसके द्वारा अति सूक्ष्म जीवाणुओं के आकार को व्यक्त करते हैं।
1 माइक्रॉन = 106 मीटर

प्रश्न 45.
एंग्स्ट्रॉम (Å) क्या है?
उत्तर:
इसके द्वारा नाभिक का आकार तथा प्रकाश की तरंगदैर्ध्य मापी जाती है। इसे Å से प्रदर्शित करते हैं
1 एंग्स्ट्रॉम (Å) = 10-4
माइक्रॉन = 10-10 मीटर

प्रश्न 46.
एक परमाणु की त्रिज्या 10-10 m है। इसका माइक्रोमीटर में मान बताइये?
उत्तर:
10-10 m = \(\frac{10^{-10}}{10^{-6}}\) = 10-4 माइक्रोमीटर
चूँकि 1 माइक्रोमीटर = 10-6 मी.

प्रश्न 47.
वेनेडियम धातु लोहे के साथ मिलकर मिश्रधातु बनाती है। वेनेडियम का घनत्व 5.96g/cm³ है इसका SI मात्रक क्या होगा?
उत्तर:
S. I. मात्रक MKS पद्धति अर्थात् मी. किग्रा. सेकण्ड पद्धति, अतः वैनेडियम का घनत्व 5.96 kg/m³

प्रश्न 48.
40 कैलोरी को जूल में परिवर्तित कीजिए।
उत्तर:
1 कैलोरी = 4.2 जूल
अतः 40 कैलोरी = 4.2 x 40 जूल = 168.0 जूल

प्रश्न 49.
निम्न भौतिक राशियों की SI मात्रक लिखें।
(i) क्षेत्रफल, (ii) घनत्व, (iii) वेग, (iv) त्वरण (v) दाब,
(vi) सान्द्रता (vii) आवृत्ति, (viii) विद्युत आवेश, (ix) ऊर्जा (x) बल।
उत्तर:

भौतिक राशियाँS. I मात्रक
(i) क्षेत्रफलवर्ग मीटर (m²)
(ii) घनत्वकिग्रा. प्रति घनमीटर (kg/m²)
(iii) वेगमीटर प्रति सेकण्ड (m/s)
(iv) त्वरणमीटर प्रति सेकण्ड² (m/s²)
(v) दाबपास्कल या न्यूटन / मी.² (N/m²)
(vi) सान्द्रतामोल / मी.³ (mol/m³)
(vii) आवृत्तिहर्ट्ज (Hz या s-1)
(viii) विद्युत आवेशकूलॉम या एम्पियर सेकण्ड (As)
(ix) ऊर्जाजूल (kgm² s-2)
(x) बलन्यूटन (kgm/s²)

प्रश्न 50.
एक मील में कितने किलोमीटर व कितने मीटर होते हैं?
उत्तर:
एक मील में 1.6 किलोमीटर एवं 1609.3 मीटर होते हैं।

प्रश्न 51.
एक इंच में कितने मीटर होते हैं?
उत्तर:
एक इंच में 2.54 x 10-2 मीटर होते हैं।

प्रश्न 52.
एक अर्ग में कितने जूल होते हैं?
उत्तर:
एक अर्ग में 10-7 जुल होते हैं।

प्रश्न 53.
निम्न को मीटर में परिवर्तित करें
(1) माइक्रोमीटर (2) गीगा मीटर, (3) पिको मीटर, (4) सेन्टीमीटर।
उत्तर:
(1) एक माइक्रोमीटर = 10-6 मीटर
(2) एक गीगा मीटर = 109 मीटर
(3) एक पिको मीटर = 10-12 मीटर
(4) एक सेन्टी मीटर = 10-2 मीटर

प्रश्न 54.
2 फीट 2 इंच को S.I. इकाई में व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
1 फीट 12 इंच
2 फीट 2 इंच 26 इंच
1 इंच = 2.54 x 10-2 मी.
26 इंच = 2.54 × 10-2 × 26
= 66.04 × 10-2 मी.

प्रश्न 55.
0.000213 सेमी. को वैज्ञानिक पद्धति में लिखें।
उत्तर:
2.13 x 10-4 सेमी. अथवा 2.13 x 10-6 मीटर।

प्रश्न 56.
20°C को फारेनहाइट में परिवर्तित कीजिए।
उत्तर
°F = \(\frac { 9 }{ 5 }\) (°C) + 32
°F = \(\frac { 9 }{ 5 }\) × 20 + 32
= 36 + 32 – 68
अत: 20°C = 68°F

प्रश्न 57.
10°F को सेन्टीग्रेड में परिवर्तित कीजिए।
उत्तर:
°F = \(\frac { 9 }{ 5 }\) (°C) + 32
10 = \(\frac { 9 }{ 5 }\)(°C) + 32
10 – 32 = \(\frac { 9 }{ 5 }\)(°C)
– 22 = \(\frac { 9 }{ 5 }\)(°C) =
(°C) = – \(\frac { 22×5 }{ 9 }\) = – 12.22
10°F = – 12.22°C

प्रश्न 58.
किसी माप को लिखने की वैज्ञानिक विधि क्या है?
उत्तर:
किसी माप को 10 की घात में लिखने की विधि को वैज्ञानिक विधि कहते हैं।

प्रश्न 59.
मापन में सार्थक अंक से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
सार्थक अंक वे अर्थपूर्ण अंक होते हैं जो निश्चित रूप से ज्ञात होते हैं।

प्रश्न 60.
0.00018 को चर घातांकी संकेतन में लिखिए।
उत्तर:
1.8 × 104

प्रश्न 61.
परिशुद्धता और यथार्थपरकता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
परिशुद्धता किसी राशि के विभिन्न मापनों व सामीप्य को व्यक्त करती है। यथार्थपरकता किसी विशिष्ट प्रायोगिक मान के वास्तविक मान से मेल रखने को व्यक्त करती है।

प्रश्न 62.
7.00g तथा 70g में क्या अन्तर है?
उत्तर:
700g में तीन सार्थक अंक हैं जबकि 70g में दो सार्थक अंक हैं। अतः प्रथम माप द्वितीय माप की तुलना में अधिक परिशुद्ध है।

प्रश्न 63.
इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान में सार्थक अंक बताइये।
उत्तर:
इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान = 9.108 × 10-31kg
सार्थक अंक = 4 (चार)

प्रश्न 64.
निम्नलिखित संख्याओं को चार सार्थक अंकों सहित लिखिए।
(i) 7.024572
(ii) 2.6206 x 10³
उत्तर:
(i) 7.025
(ii) 2.621 × 10³

प्रश्न 65.
निम्नलिखित गणनाओं के परिणाम उपयुक्त सार्थक अंकों में व्यक्त कीजिए।
(i) \(\frac{3.24 \times 0.8606}{5.006}\)
(ii) 943 × 0.00345
उत्तर:
(i) \(\frac{3.24 \times 0.8606}{5.006}\) में तीनों संख्याओं में सार्थक अंक तीन, चार और चार हैं। अतः उपर्युक्त सार्थक अंकों में परिणाम 0.557 है।
(ii) 9.43 × 0-00345 का मान उपर्युक्त सार्थक अंकों में 0.0325 है।

प्रश्न 66.
निम्नलिखित संख्याओं में सार्थक अंकों की संख्या बताइये?
(i) 46.8, (ii) 0.00203, (iii) 3.630, (iv) 80.00
उत्तर:
(i) 46.8 में सार्थक अंकों की संख्या 3 है।
(ii) 0.00203 में सार्थक अंकों की संख्या 3 है।
(iii) 3.630 में सार्थक अंकों की संख्या 4 है।
(iv) 80.00 में सार्थक अंकों की संख्या 4 है।

प्रश्न 67.
निम्नलिखित में कितने सार्थक अंक उपस्थित हैं?
(i) 6000.0, (ii) 126,00, (iii) 4003, (iv) 2091, (v) 0.020, (vi) 52-82, (vii) 200
उत्तर:
(i) 60000 में पाँच सार्थक अंक हैं।
(ii) 126,00 में पाँच सार्थक अंक हैं।
(iii) 4003 में चार सार्थक अंक हैं।
(iv) 2091 में चार सार्थक अंक हैं।
(v) 0.020 में दो सार्थक अंक हैं।
(vi) 52.82 में चार सार्थक अंक हैं।
(vii) 200 में एक, दो व तीन सार्थक अंक हैं।

प्रश्न 68.
निम्न को वैज्ञानिक निरूपण में व्यक्त कीजिए-
(i) 0.0012, (ii) 213,0000, (iii) 2002, (iv) 600.0, (v) 5000, (vi) 7216:3
उत्तर:
(i) 0.0012 = 1.2 x 10-3
(ii) 213,0000 = 2.13 × 106
(iii) 2002 = 2.002 x 10³
(iv) 600.0 = 6.00 x 10²
(v) 5000 = 5.0 × 10³
(vi) 7216.3 = 7.2163 × 10³

प्रश्न 69.
C-12 के एक परमाणु का भार ग्राम में क्या है?
उत्तर:
1.992648 × 10-23 g ≈ 1.99 × 10-23 g.

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ

प्रश्न 70.
निम्न में से किस संख्या में सबसे अधिक सार्थक अंक हैं?
(i) 0.00423,
(ii) 4.8032,
(iii) 5.123
उत्तर:
उपर्युक्त संख्याओं में से 4-8032 में सर्वाधिक सार्थक अंक 5 हैं।

प्रश्न 71.
योग कीजिए-
(i) 92.8 + 2.02 + 10.222
(ii) 77.85 + 14.10 + 8.3
उत्तर:
(i) 92.8 + 2.02 + 10.222 = 105.042
= 105.0 (सार्थक अंक के नियमानुसार)
उत्तर:
105.0

(ii) 77.85 + 14.10 + 8.3 = 100.25
= 100.2 (सार्थक अंक के नियमानुसार)
उत्तर:
100.2

प्रश्न 72.
घटाव कीजिए-
(i) 5.16 – 0.015
(ii) 237.5 – 16.92
(iii) 0.08638 – 0.0604
उत्तर:
(i) 5.16 – 0015 = 5.145 = 5.14
(सार्थक अंक के नियमानुसार )

(ii) 237.5 – 16.92 = 220.58 = 220.6
(सार्थक अंक के नियमानुसार)

(iii) 0.08638 – 0.0604 = 0.02598 = 0.0260
(सार्थक अंक के नियमानुसार)

प्रश्न 73.
गुणा कीजिए –
(i) 210 x 120
(ii) 5.02 x 1023
(iii) 0.06204 x 296.4 x 1.002
उत्तर:
(i) 210 x 120 = 25200
= 2.52 x 104

(ii) 5.02 x 1023 = 5.02 x 1023

(iii) 0.06204 × 296.4 x 1.002 = 18.425433 = 18.4

प्रश्न 74.
निम्नलिखित को तीन सार्थक अंकों के रूप में व्यक्त कीजिए।
(i) 6.5089
(ii) 32.1912
(iii) 8.721 × 1024
(iv) 30000.
उत्तर:
(i) 6.5089 तीन सार्थक अंकों के रूप में 6.51
(ii) 32.1912 तीन सार्थक अंकों के रूप में 32.2
(iii) 8.721 x 104 तीन सार्थक अंकों के रूप में 8.72 × 104
(iv) 30000 तीन सार्थक अंकों के रूप में, 3.00 x 104

प्रश्न 75.
निम्नलिखित गणनाओं में कितने सार्थक अंक हैं?
(i) \(\frac{312.21 \times 0.0212 \times 0.01323}{0.3454}\)
(i) 5 × 2.138
(iii) 0.112 + 0.8932 + 0.0123
उत्तर:
(i) चूँकि इसमें न्यूनतम परिशुद्ध अंक (0.0212) में तीन सार्थक अंक है अतः उत्तर में तीन सार्थक अंक होने चाहिये।
(ii) दूसरे अंक (2-138) में चार सार्थक अंक हैं, अतः उत्तर में चार सार्थक अंक होने चाहिये
(iii) इस स्थिति में दशमलव स्थानों की न्यूनतम संख्या तीन है अतः उत्तर में तीन सार्थक अंक होने चाहिये।

प्रश्न 76.
किसी भी संख्या में किस स्थिति में शून्य को सार्थक नहीं माना जाता है।
उत्तर:
जब किसी संख्या में शून्य प्रथम गैर शून्य अंक के बाँयीं ओर लिखा हो तो वह सार्थक नहीं रहता है।
उदाहरण 0.014 में दोनों शून्य सार्थक नहीं हैं।

प्रश्न 77.
बताइये निम्न में से कौन-सा मापन अधिक यथार्थ है? 5.0g या 5.00g.
उत्तर:
5.0 g तथा 500g में से 500g अधिक यथार्थ है क्योंकि इसमें मापन दशमलव के बाद दो स्थानों तक किया जा सकता है।

प्रश्न 78.
चरघातांकी संकेतन या वैज्ञानिक संकेतन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जब किसी संख्या को N x 10n के रूप में व्यक्त किया जाता है, तो इस संकेतन को चरघातांकी संकेतन या वैज्ञानिक संकेतन कहते हैं। यहाँ N दशमलव के बार्थी तरफ एक गैर-शून्य अंक वाली संख्या है।
यहाँ n = पूर्णांक, जिसे घातांक (exponent) कहते हैं।

प्रश्न 79.
S. I मात्रक मीटर से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
मीटर (Metre) मीटर एक सेकण्ड के 1/299,792,458 वें समयान्तराल के दौरान निर्वात् में प्रकाश द्वारा तय किये गये पथ की लम्बाई होती है।

प्रश्न 80.
S. I मात्रक किलोग्राम को परिभाषित करें।
उत्तर:
किलोग्राम (Kilogram ) यह प्रारूपी ( Prototype) किलोग्राम के द्रव्यमान के बराबर होता है वास्तव में यह फ्रांस में भार और माप के अन्तर्राष्ट्रीय ब्यूरो में संग्रहित प्लेटिनम ब्लॉक का द्रव्यमान है।

प्रश्न 81.
तत्व द्रव्यमान के किस अनुपात में संयोग करते हैं
उत्तर:
स्थिर अनुपात के नियम के अनुसार।

प्रश्न 82.
द्रव्य की अविनाशिता का नियम किसने दिया था?
उत्तर:
यह नियम लोमोनोसोव ने 1756 ई. में दिया था।

प्रश्न 83.
amu से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
amu को परमाणु द्रव्यमान इकाई कहते हैं।

प्रश्न 84.
कार्बन का कौन सा समस्थानिक तत्व के सापेक्ष द्रव्यमान को व्यक्त करने में प्रयुक्त होता है?
उत्तर:
कार्बन-12(12C) समस्थानिक

प्रश्न 85.
तत्व के परमाणु द्रव्यमान अंशत: (Fractional) क्यों होते हैं?
उत्तर:
उनके समस्थानिकों की उपस्थिति के कारण।

प्रश्न 86.
मोल क्या है?
उत्तर:
किसी पदार्थ के मोल में उतने ही कण उपस्थित होते हैं जितनी कार्बन 12 समस्थानिक के 12g में परमाणुओं की संख्या होती है।

प्रश्न 87.
किसी तत्व के एक ग्राम परमाणु में कितने परमाणु होते हैं?
उत्तर:
6.023 x 1023 के तुल्य परमाणु।

प्रश्न 88.
परमाणु द्रव्यमान इकाई को समझाइए।
उत्तर:
कार्बन 12 के एक परमाणु का द्रव्यमान स्वेच्छा से 12 amu माना गया है। इसलिए- कार्बन 12 के एक परमाणु के द्रव्यमान के बारहवें भाग को परमाणु द्रव्यमान इकाई कहते हैं।
अतः 1 amu = \(\frac{1.9926 \times 10^{-23}}{12}\)
= 166 × 1024 g
1.9926 × 10-23, C-12 के एक परमाणु का वास्तविक द्रव्यमान।

प्रश्न 89.
औसत परमाणु द्रव्यमान से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
प्रकृति में तत्वों के समस्थानिक पाये जाते हैं। अतः तत्व के समस्थानिक परमाणु द्रव्यमानों के परिकलन में उनकी आपेक्षिक बाहुल्यता पर भी विचार किया जाता है। इस प्रकार परिकलित किया गया परमाणु द्रव्यमान औसत परमाणु द्रव्यमान कहलाता है।

प्रश्न 90.
आण्विक द्रव्यमान क्या है?
उत्तर:
किसी पदार्थ का आण्विक द्रव्यमान वह संख्या है जो यह प्रदर्शित करती है कि इस पदार्थ का एक अणु कार्बन 12 के एक परमाणु के 1/12 वें भाग से कितने गुना भारी है।

प्रश्न 91.
मोल संकल्पना क्या है?
उत्तर:
किसी पदार्थ का एक मोल उसकी वह मात्रा है जिसमें उतने ही कण उपस्थित रहते हैं जितनी C-12 समस्थानिक के ठीक 12g में परमाणुओं की संख्या होती है यह संख्या 6.023 x 1023 परमाणु / मोल होती है।

एक मोल में कर्णों की इस संख्या को आवोगाद्रो संख्या कहते हैं। इसे NA या N व्यक्त करते हैं।

प्रश्न 92.
मोलर द्रव्यमान क्या है?
उत्तर:
किसी पदार्थ के एक मोल में व्यक्त द्रव्यमान को मोलर द्रव्यमान कहते हैं। उदाहरणार्थ-
जल का मोलर द्रव्यमान = 18.02 g

प्रश्न 93.
हाइड्रोजन का आण्विक द्रव्यमान ज्ञात करो यदि उसकी परमाणुकता 2 हो?
उत्तर:
आण्विक द्रव्यमान परमाणु द्रव्यमान परमाणुकता = 1.008 x 2 = 2.016 u
∴ हाइड्रोजन का आण्विक द्रव्यमान 2.016 u होगा।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ

प्रश्न 94.
मैग्नीशियम के 2.5 ग्राम परमाणुओं का द्रव्यमान बताइये।
उत्तर:
मैग्नीशियम का ग्राम परमाणु 24 g
मैग्नीशियम का 2.5 ग्राम परमाणु 24 x 2.5 = 60 g

प्रश्न 95.
48u ओजोन में कितने ऑक्सीजन परमाणु उपस्थिति होते हैं?
उत्तर:
48u ओजोन (O3) में ऑक्सीजन के \(\frac { 48u }{ 16u }\) = 3 परमाणु होते हैं।

प्रश्न 96.
उन तीन तत्वों के नाम लिखिये जो कि मनुष्य के शरीर का 90% भाग बनाते हैं?
उत्तर:
कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन।

प्रश्न 97.
हाइड्रोजन गैस आसानी से आग पकड़ लेती है और ऑक्सीजन दहन में सहायक होती है। परन्तु जल आग बुझाने के लिये क्यों प्रयुक्त किया जाता है?
उत्तर:
चूँकि जल (H2O) एक यौगिक है, इस यौगिक के गुण हाइड्रोजन और ऑक्सीजन दोनों के गुणों से भिन्न होते हैं। अतः जल को आग बुझाने के लिये प्रयुक्त करते हैं।

प्रश्न 98.
आवागाद्रो संकल्पना क्या है?
उत्तर:
दाब व ताप की समान परिस्थितियों में दो गैसों के समान आयतनों में अणुओं की संख्या समान होती है।

प्रश्न 99.
बताइये कि निम्नलिखित नियमों का प्रतिपादन किसने किया-
(1) स्थिर अनुपात का नियम
(2) द्रव्यमान संरक्षण का नियम
(3) गुणित अनुपात का नियम
(4) व्युत्क्रम अनुपात का नियम
(5) गैसीय आयतन का नियम
उत्तर:
(1) प्राउस्ट, (2) लेवोशिए, (3) जॉन डाल्टन (4) रिक्टर (5) गैलुसाक।

प्रश्न 100.
गैलुसाक के आयतन के नियम का पालन कब नहीं होता?
उत्तर:
जब अभिकारकों अथवा उत्पादों में से कोई ठोस अथवा द्रव्य हो।

प्रश्न 101.
स्थिर अनुपात के नियम का पालन किन अवस्थाओं में नहीं होता है?
उत्तर:
वे यौगिक जिनमें समस्थानिक उपस्थित होते हैं जैसे H2O और D2O। इन यौगिकों में स्थिर अनुपात के नियम का पालन नहीं होता है।

प्रश्न 102.
परमाणु स्वतन्त्र अवस्था में नहीं रह सकता है, क्यों?
उत्तर:
अपना इलेक्ट्रॉनिक विन्यास पूर्ण करने के लिये परमाणु आपस में संयोग करके अणु बनाते इसलिये परमाणु स्वतन्त्र अवस्था में नहीं रह सकता है।

प्रश्न 103.
संख्या 3.82 में से 0.0016 को घटाइये तथा उत्तर सार्थक अंकों में दीजिए।
उत्तर:

3.82
– 0.016
3.8184     उत्तर = 3.82

प्रश्न 104.
यदि किसी जल के नमूने का भार 10 g है तो उसमें जल के कितने मोल उपस्थित हैं?
उत्तर:
जल का अणुभार = 2 + 16 = 18
जल में उपस्थित मोल = \(\frac { भार }{ अणुभार }\) = \(\frac { 10 }{ 18 }\) = 0.55 मोल

प्रश्न 105.
0.2 मोल CO2 में कितने ग्राम CO2 उपस्थित हैं?
उत्तर:
1 मोल CO2 = 12 + 32 = 44 g
0.1 मोल CO2 = 0.1 x 44 = 4.4 g

प्रश्न 106.
नाइट्रोजन गैस का आण्विक द्रव्यमान ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
नाइट्रोजन गैस का परमाणु द्रव्यमान 14 g/mol
अतः नाइट्रोजन गैस का द्रव्यमान 14 x 2
= 28 g/mol

प्रश्न 107.
S8 का आण्विक द्रव्यमान ज्ञात कीजिए?
उत्तर:
सल्फर का परमाण्विक द्रव्यमान = 32 g/mol
अतः S8 का आण्विक द्रव्यमान 32 × 8
= 256 g/mol

प्रश्न 108.
0.1 मोल CO में कितने ग्राम CO2 उपस्थित है?
उत्तर:
1 मोल CO2 = 12 + 2 × 16 = 44 g
0.1 मोल CO2 = 0.1 x 44 = 4.4 g

प्रश्न 109.
4 ग्राम ऑक्सीजन में परमाणुओं की संख्या ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
परमाणुओं की संख्या
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 1

प्रश्न 110.
1 अणु कार्बन मोनो ऑक्साइड (CO) के द्रव्यमान की गणना करें।
उत्तर:
CO का मोलर द्रव्यमान 12 + 16 = 28 g
6.02 x 1023 अणुओं का द्रव्यमान = 28 g
1 अणु CO का द्रव्यमान = \(\frac{28}{5.02 \times 10^{23}}\)
= 4.65 × 10-23 g

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में, रसायन विज्ञान का महत्वपूर्ण योगदान किस प्रकार है?
उत्तर:
रसायन विज्ञान का राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण योगदान उर्वरकों, क्षारों, अम्लों, लवण, रंग, बहुलकों, दवाओं, साबुन, अपमार्जकों, धातुओं, मिश्र धातुओं तथा कार्बनिक, अकार्बनिक रसायनों सहित नवीन सामग्री के निर्माण में लगे रासायनिक उद्योग द्वारा है।

प्रश्न 2.
कैन्सर चिकित्सा तथा एड्स के उपचार हेतु प्रयोग में लायी जाने वाली औषधियाँ बताइए।
उत्तर:

  1. कैन्सर चिकित्सा में सिस प्लैटिन तथा टैक्सॉल औषधियां प्रयुक्त होती हैं।
  2. एड्स से ग्रस्त रोगियों के उपचार हेतु ऐजिडोथाइमिडिन (AZT) जीवन रक्षक औषधि प्रयुक्त की जाती है।

प्रश्न 3.
रासायनिक सिद्धान्तों के आधार पर किन-किन पदार्थों का संश्लेषण सम्भव हो सका?
उत्तर:
रासायनिक सिद्धान्तों के आधार पर चुम्बकीय, विद्युतीय और प्रकाशीय गुणधर्म युक्त पदार्थ संश्लेषित करना सम्भव हो सका है जिसके फलस्वरूप अतिचालक, सिरेमिक, सुचालक, बहुलक, प्रकाशीय फाइबर (तन्तु) जैसे पदार्थ संश्लेषित किये जा सकते हैं।

प्रश्न 4.
रसायन विज्ञान द्वारा पर्यावरणीय प्रदूषण की समस्याओं को कैसे नियन्त्रित किया गया?
उत्तर:
समताप मण्डल (stratosphere) में ओजोन अवक्षय (Ozone depletion) उत्पन्न करने वाले एवं पर्यावरण प्रदूषक क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC) जैसे पदार्थों के विकल्प सफलतापूर्वक संश्लेषित किये गये हैं।

प्रश्न 5.
रसायन विदों की भावी पीढ़ियों के लिए कौन-कौन सी बौद्धिक चुनौतियाँ हैं?
उत्तर:

  1. पर्यावरण की अनेक समस्याएँ,
  2. ग्रीन हाउस गैसों (मेथेन, कार्बन डाइ ऑक्साइड),
  3. जैव रासायनिक प्रक्रियाओं की समझ,
  4. रसायनों का व्यापक स्तर पर उत्पादन,
  5. विभिन्न ऐन्जाइमों का उपयोग,
  6. नवीन उपयोगी पदार्थों का उत्पादन।

प्रश्न 6.
तत्व के सापेक्ष परमाणु द्रव्यमान को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
किसी तत्व का परमाणु द्रव्यमान वह संख्या है जो यह प्रदर्शित करती है कि तत्व का एक परमाणु कार्बन- 12 के परमाणु के बारहवें भाग द्रव्यमान अथवा हाइड्रोजन के 1.008 भाग द्रव्यमान से कितने गुना भारी है। किसी भी तत्व का परमाणु द्रव्यमान इसके परमाणु का औसत सापेक्ष द्रव्यमान होता है, जबकि उसकी तुलना कार्बन परमाणु (C12 समस्थानिक) का भार 12 मानकर की जाती है।

प्रश्न 7.
यौगिक के सूत्र से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
किसी यौगिक के अणु का इसमें उपस्थित विभिन्न तत्वों के प्रतीकों के रूप में संक्षिप्त प्रदर्शन यौगिक का सूत्र कहलाता है। इन्हें दो रूपों में वर्गीकृत किया जाता है।

  • मूलानुपाती सूत्र – यौगिक का वह सूत्र जो यौगिक के एक अणु में उपस्थित भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणुओं का सरलतम अनुपात बताता है।
  • आण्विक सूत्र – यौगिक का वह सूत्र जो उस यौगिक में उपस्थित भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणुओं का वास्तविक अनुपात प्रदर्शित करता है।

प्रश्न 8.
मूलानुपाती सूत्र व आण्विक सूत्र में सम्बन्ध बताएँ?
उत्तर:
आण्विक सूत्र =nx मूलानुपाती सूत्र
(यहाँ n = 1, 2, 3, 4 ……..)
मूलानुपाती व आण्विक सूत्रों में से आण्विक सूत्र यौगिक के वास्तविक सूत्र को व्यक्त करता है।

प्रश्न 9.
मोलरता एवं मोललता में अन्तर बताइए।
उत्तर:

मोलरतामोललता
1. यह 1 लीटर विलयन में घुले हुए हुए विलेय के मोलों की संख्या है।1. यह 1 किग्रा. विलायक में घुले हुए विलेय के मोलों की संख्या है।
2. यह ताप पर निर्भर करती है।2. यह ताप पर निभर्भर नहीं होती है।
3. इसका मात्रक mol L-1 है।3. इसका मात्रक mol L-1 है।

प्रश्न 10.
रूपान्तरण गुणक या विमीय विश्लेषण विधि से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
रूपान्तरण गुणक या विमीय विश्लेषण विधि – गणनाओं के लिये जो आँकड़े दिये जाते हैं, यह आवश्यक नहीं है कि वे सभी मात्रकों की एक ही पद्धति में हों। अत: कभी-कभी मात्रकों को एक पद्धति से दूसरी पद्धति में परिवर्तित करना पड़ता है। इस परिवर्तन के लिये जिस तकनीक का प्रयोग किया जाता है उसे विमीय विश्लेषण अथवा इकाई गुणक विधि या गुणक लेवल विधि या रूपान्तरण गुणक विधि कहते हैं।

प्रश्न 11.
एक व्यक्ति प्रति सेकण्ड दस लाख रुपये खर्च करता है। क्या वह अपने जीवन में 1 मोल खर्च कर सकता है।
उत्तर:
दस लाख रुपये खर्च करता है 1 सेकण्ड में,
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 2
अतः व्यक्ति अपने जीवनकाल में ये रुपये खर्च नहीं कर सकता।

आंकिक प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्न को हल कीजिए :
(i) 2.3 x 105 + 2.9 x 104
(ii) 6.0 × 104 – 4.0 × 10-5
(iii) (5.0 × 106) × (2.0 × 106)
(iv) ( 3.2 x 10-2) ÷ (80×102)
हल:
(i) दोनों संख्याओं के चरघातांकों को समान करके जोड़ने योग
= (2.3 × 105) + (0.29 × 104)
= 2.59 × 104

(ii) दोनों संख्याओं के चरघातांकों को समान करके घटाने पर-
घटाव = (6.0 × 10-4) – (0.40 × 104)
= 5.60 × 10-4

(iii)
= (5.0 × 106) × (2.0 × 106)
= (5·0 × 2·0) × (106+6)
= 100 × 1012 = 1.0 × 1013

(iv) (3.2 x 10-2) ÷ (8.0 × 102)
= \(\frac{3.2 \times 10^{-2}}{8.0 \times 10^2}\)
= \(\frac{3 \cdot 2}{8} \times 10^{-2-(2)}\)
= 0.4 × 10-4 = 4 x 10-5

प्रश्न 2.
2.12 g ग्लूकोज तथा 2.925 g नमक को 30.2 g पानी में मिलाया गया है, विलयन का द्रव्यमान ज्ञात कीजिए।
हल:
ग्लूकोज का द्रव्यमान = 2.12 g
नमक का द्रव्यमान = 2.925 g
पानी का द्रव्यमान = 30.2 g
विलयन का कुल द्रव्यमान = 35.245 g
यहाँ सही उत्तर 35.2g है क्योंकि यहाँ प्रश्न में दशमलव के बाद सबसे कम संख्या एक है।

प्रश्न 3.
चाँदी धातु का द्रव्यमान 6.342 g तथा घनत्व 1.2g/cm³ है। इसके आयतन की गणना करें।
हल:
चाँदी धातु का द्रव्यमान = 6.342 g
चौदी धातु का घनत्व = 1.2g/cm³
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 3
चूँकि दी गई संख्याओं में निम्नतम सार्थक अंक 2 है अतः अन्तिम परिणाम में भी दो सार्थक अंक होने चाहिये अतः परिणाम में से अन्तिम दो अंक 8 व 5 को हटाने के लिये 2 में एक अंक का योग हो जायेगा अतः सही उत्तर 5.3cm है।

प्रश्न 4.
हाइड्रोजन के एक परमाणु का द्रव्यमान 1008u है। अतः हाइड्रोजन के 10 परमाणुओं का द्रव्यमान कितना होगा ?
हल:
H के एक परमाणु का द्रव्यमान = 10.08 u
H के 10 के परमाणुओं का द्रव्यमान = 1008 × 10 = 10.08 u
चूँकि 10 एक यथार्थ संख्या है अतः इसके सार्थक अंक अनन्त होंगे। अतः अन्तिम परिणाम में सार्थक अंक दूसरी संख्या के सार्थक अंक के समान होना चाहिये। अतः कुल द्रव्यमान 10.08 है।

प्रश्न 5.
1.3 मिनट को सेकेण्ड में परिवर्तित करें।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 4

प्रश्न 6.
निम्नलिखित को अन्तर्राष्ट्रीय पद्धति (S.I.) में व्यक्त कीजिए।
(i) 90 मिलियन मील (यह सूर्य तथा पृथ्वी के बीच की दूरी है।
(ii) 90 मील प्रति घण्टा (राजधानी एक्सप्रेस की गति)
(iii) 5 फुट 6 इंच (भारतीय पुरुषों की औसत लम्बाई)
हल:
(i) 90 मीलियन मील दूरी की इकाई अन्तर्राष्ट्रीय पद्धति में मीटर होती है।
1 मील 1.60 कि.मी. = 160 x 103 मी.
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 5

(ii) 90 मील प्रति घन्टा
1 मील = 1.6 कि.मी. = 1.6 x 103 मीटर
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 6

(iii) 5 फुट 6 इंच 5×12 + 666 इंच
1 इंच = 2.54 × 10-2 मीटर
रूपान्तरण गुणांक = 2.54 x 10-2 HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 7
66 इंच = 66 इंच x रूपान्तरण गुणांक
= 66 x 2.54 × 10-2 मीटर
= 167.64 × 10-2 मीटर
= 1.68 मीटर

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ

प्रश्न 7.
10 दिनों में कितने सेकण्ड (4) होते हैं।
हल:
हम जानते हैं.
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 8

प्रश्न 8.
10 लीटर जल के आयतन को मीटर³ (m³) में व्यक्त कीजिए।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 9

प्रश्न 9.
ट्रेन की चाल मीटर/सेकेण्ड में बताइये जो कि 950 मील की दूरी 25 घण्टे में तय करती है। (दिया गया है कि 1 मील 1.60 कि. मी.)।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 9a

प्रश्न 10.
निम्नलिखित को हल करें तथा इसमें उपस्थित सार्थक अंकों को बताएँ।
(1) 3.412 × 11.5
(2) 80.674 + 6.2
(3) 6180.03546 + 406.27
हल:
(i) 3412 × 11.5 = 39.2380
चूँकि यहाँ पर न्यूनतम परिशुद्ध संख्या में तीन सार्थक अंक हैं, अतः परिणाम में कुल तीन सार्थक अंक होने चाहिये।
अतः सही उत्तर 39.2

(ii) \(\frac { 80.674 }{ 6.2 }\) = 13.0119
यहाँ भी उत्तर में दो सार्थक अंक होने चाहिये।
अत: सही उत्तर = 13

(iii) 6180.03546+ 406.27
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 10
यहाँ उत्तर में चार सार्थक अंक है क्योंकि गुणनफल में 618 एक परिशुद्ध अंक है तथा इसके सार्थक अंक तीन का प्रयोग उत्तर देने में नहीं किया जाता है।
21 . 91
406 . 27
428 . 18 उत्तर को दशमलव के दो स्थानों तक दें।
अतः सही उत्तर = 428.18

प्रश्न 11.
20.0 फुट³ एल्युमीनियम का भार ग्राम में ज्ञात करें यदि इसका घनत्व 2.70 g / cm³ है।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 11

प्रश्न 12.
4.9 ग्राम सल्फ्यूरिक अम्ल द्वारा सोडियम क्लोराइड का कितना द्रव्यमान वियोजित होगा, बंदि इस अभिक्रिया में 6g सोडियम बाइसल्फेट (NaHSO) तथा 1.825g हाइड्रोजन क्लोराइड बनता हो।
हल:
अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण निम्न है-
NaCl + H2SO4 → NaHSO4 + HCl
अभिकारकों का द्रव्यमान = NaCl का द्रव्यमान + H2SO4 का द्रव्यमान
= x + 4.9 g
उत्पादों का द्रव्यमान = NaHSO4 का द्रव्यमान + HCl का द्रव्यमान
= 6.0g + 1.825 g
= 7.825 g
द्रव्यमान संरक्षण के नियमानुसार,
अभिकारकों का द्रव्यमान = उत्पादों का द्रव्यमान
x + 4.9 g = 7.825 g
x = 7.825 – 4.9 = 2.925 g
अत: NaCl का द्रव्यमान = 2.925 g

प्रश्न 13.
10g कैल्सियम कार्बोनेट को गर्म करने पर मानक ताप व दाब पर 2.24L CO2 गैस व 5.6g CaO बना सिद्ध करें कि ये आँकड़े द्रव्य की अविनाशिता का नियम सिद्ध करते हैं।
हल:
अभिक्रिया का समीकरण
COCO3 → CaO + CO2
दिया गया है CaCO3 का द्रव्यमान = 10g
CaO का द्रव्यमान = 5.6g
∵ 22.4L CO2 का मानक ताप व दाब पर द्रव्यमान = 44 g
1L CO2 का मानक ताप व दाव पर द्रव्यमान = \(\frac { 44 }{ 22.4 }\)g
∴ 2.24 L CO2 का मानक ताप व दाब पर द्रव्यमान
= \(\frac {44×22.4 }{ 22.4 }\)g = 4.4g
उत्पादों का कुल द्रव्यमान = 5.6 + 4.4 = 10g
चूँकि इस अभिक्रिया में अभिकारकों का द्रव्यमान व उत्पादों का द्रव्यमान समान है, अत: उपर्युक्त आँकड़े द्रव्य की अविनाशिता का नियम सिद्ध करते हैं।

प्रश्न 14.
17g सिल्वर नाइट्रेट, सोडियम क्लोराइड से क्रिया करके 14.35g सिल्वर क्लोराइड तथा 8.5g सोडियम नाइट्रेट देता है। सोडियम क्लोराइड का द्रव्यमान क्या होगा?
उत्तर:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 12
द्रव्यमान संरक्षण के नियमानुसार
अभिकारकों का द्रव्यमान = उत्पादों का द्रव्यमान
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 13
17g + x = 14.35g + 8.5g
17g + x = 22.85g
x = 22.85g – 17g = 5.85g

प्रश्न 15.
2.16g धात्विक कॉपर को नाइट्रिक अम्ल के साथ गर्म कर जलाने पर प्राप्त कॉपर ऑक्साइड का भार 2.7g पाया गया। एक अन्य प्रयोग में, 1.15g कॉपर ऑक्साइड अपचयित होकर 0.92g कॉपर प्राप्त होता है। दर्शाइये कि दिये गये आँकड़े ‘स्थिर अनुपात के नियम’ का पालन करते हैं।
हल:
प्रथम प्रयोग में,
धात्विक कॉपर का द्रव्यमान = 2.16g
कॉपर ऑक्साइड का द्रव्यमान = 2.7 g
ऑक्सीजन का द्रव्यमान = 2.7 – 2.16 = 0.54g
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 14
ऑक्सीजन का प्रतिशत = 100 – 80 = 20%
द्वितीय प्रयोग में,
धात्विक कॉपर का द्रव्यमान = 0.92g
कॉपर ऑक्साइड का द्रव्यमान = 1.15g
ऑक्सीजन का द्रव्यमान = 1.15 – 0.92 = 0.23g
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 15
ऑक्सीजन का प्रतिशत = 100 – 80 = 20%
दोनों प्रयोगों कॉपर तथा ऑक्सीजन दोनों के द्रव्यमानों का अनुपात एक जैसा है अतः यह स्थिर अनुपात के नियम को दर्शाते हैं।

प्रश्न 16.
सिद्ध कीजिए कि निम्नलिखित आँकड़े स्थिर अनुपात के नियम की पुष्टि करते हैं। कार्बन मोनो ऑक्साइड के दो विभिन्न नमूनों में कार्बन का द्रव्यमान निम्न प्रकार से है- (i) 1.26g कार्बन, 1.42g मोनो ऑक्साइड में, (ii) 1008g कार्बन, 1.136g मोनो ऑक्साइड में
हल:
प्रथम नमूने में
कार्बन मोनो ऑक्साइड का द्रव्यमान = 1.42g
कार्बन का द्रव्यमान = 1.26g
ऑक्सीजन का द्रव्यमान = 1.42 – 1.26 = 0.16g
कार्बन का प्रतिशत = \(\frac { 1.26 }{ 1.42 }\) x 100 = 88.73%
ऑक्सीजन का प्रतिशत = 100 – 88.73 = 11.27%
दूसरे नमूने में,
कार्बन मोनोऑक्साइड का द्रव्यमान = 136g
कार्बन का द्रव्यमान = 1.008g
ऑक्सीजन का द्रव्यमान = 0.128g
कार्बन की प्रतिशतता
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 16
ऑक्सीजन का प्रतिशत = 100 – 88.73 = 11.27%
चूँकि यहाँ पर दिये गये नमूने में कार्बन व ऑक्सीजन का प्रतिशत मात्राएँ समान हैं अतः ये आँकड़े स्थिर अनुपात के नियम का पालन करते हैं।

प्रश्न 17.
एक प्रयोग में तत्व ‘X’ के 15g तत्व ‘Y’ के 25g से संयोग करके एक यौगिक बनाते हैं। जबकि दूसरे प्रयोग में तत्व ‘X’ के 3g तत्व ‘Y’ के Sg से संयोग करके यौगिक बनाते हैं। कारण सहित बताइये कि इन आँकड़ों से रासायनिक संयोग के किस नियम का सत्यापन होता है।
हल:
पहले प्रयोग में,
X : Y
15 : 25
3 : 5
दूसरे प्रयोग में,
X : Y
3 : 5
यहाँ X तथा Y के द्रव्यमानों में अनुपात होने के कारण स्पष्ट है कि उपर्युक्त आँकड़े स्थिर अनुपात के नियम की पुष्टि करते हैं।

प्रश्न 18.
कॉपर सल्फेट क्रिस्टल में 25.45% कॉपर तथा 36.07% जल है। यदि स्थिर अनुपात का नियम सत्य हो तो 40g कॉपर सल्फेट का क्रिस्टल प्राप्त करने के लिये आवश्यक कॉपर के भार की गणना कीजिए।
हल:
दिये गये आँकड़ों के अनुसार,
कॉपर का प्रतिशत = 25.45%
जल का प्रतिशत = 36.07%
अत: सल्फेट प्रतिशत = 100 – (25.45 + 36.07)
= 100 – 61.52 = 38.48%
यदि स्थिर अनुपात का नियम सत्य है तो स्थिर संघटन का प्रतिशत कॉपर सल्फेट के दूसरे क्रिस्टल में भी वही होना चाहिये।
अतः
100g CuSO4 क्रिस्टल में Cu = 25.45g
40g CuSO4 क्रिस्टल में Cu = \(\frac { 25.45×40 }{ 100 }\)
= 10.18 g

प्रश्न 19.
कार्बन दो प्रकार के ऑक्साइड बनाता है जिनमें क्रमशः 42.8% व 27.27% कार्बन उपस्थित है। सिद्ध कीजिए कि ये प्रेक्षण गुणित अनुपात क नियम को सिद्ध करते हैं।
हल:
कार्बन के दोनों ऑक्साइड में कार्बन व ऑक्सीजन की निम्न प्रतिशत मात्राएँ हैं।
प्रथम ऑक्साइड
C = 42.8%
O = 57.2%
द्वितीय ऑक्साइड
27.27%
72.73
प्रथम ऑक्साइड में,
57.2g ऑक्सीजन से = 42.8g कार्बन संयोग करता है।
1g ऑक्सीजन से =\(\frac { 42.8 }{ 57.2 }\) = 0.748g
दूसरे ऑक्साइड में,
72.73g ऑक्सीजन = 27.27g कार्बन संयोग करता है।
1g ऑक्सीजन = \(\frac { 27.27 }{ 72.73 }\) = 0.375g
उपर्युक्त दोनों ऑक्साइड में कार्बन की विभिन्न मात्राओं में (0.748 : 0.375) एक सरल अनुपात 21 है अतः यह आँकड़े गुणित अनुपात नियम को सिद्ध करते हैं।

प्रश्न 20.
एक तत्व के दो सल्फाइडों में सल्फर का द्रव्यमान क्रमशः 53.33% और 36.36% है सिद्ध कीजिये कि ये आँकड़े गुणित अनुपात नियम की पुष्टि करते हैं।
हल:
प्रथम सल्फाइड में,
सल्फर की मात्रा = 53.33%
तत्व की मात्रा = 100 – 53.33 = 46.47%
अतः तत्व व सल्फर के प्रतिशतों का अनुपात
= 46.67:53.33
= 1 : 1 . 14
द्वितीय सल्फाइड में,
सल्फर की मात्रा = 26.36%
तत्व की मात्रा = 100 – 36.36 = 63.64%
= 1 : 0.57
तत्व और सल्फर के अनुपात = 63.64:36.36
चूँकि दोनों सल्फाइडों में तत्व की मात्रा निश्चित है अतः दोनों सल्फाइडों में सल्फर तत्व की निश्चित मात्रा में संयोग करने वाली मात्राओं में परस्पर अनुपात 0.571.14 या 2 है, जो एक सरल गुणित अनुपात है, अतः इन आँकड़ों से गुणित अनुपात का नियम सिद्ध होता है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ

प्रश्न 21.
कार्बन हाइड्रोजन के साथ क्रिया करके तीन यौगिक A. B तथा C बनाता है। यौगिक A, B तथा C में हाइड्रोजन की प्रतिशत मात्र क्रमश: 25, 14.3 तथा 7.7 है ये आँकड़े किस नियम को सिद्ध करते हैं ?
हल:
यौगिक में
हाइड्रोजन की प्रतिशत मात्रा = 25.0%
कार्बन की प्रतिशत मात्रा 100 – 25 = 75%
अत: हाइड्रोजन का 25 भाग अभिक्रिया करता है 75 भाग कार्बन से, हाइड्रोजन का 1 भाग अभिक्रिया करेगा
= \(\frac { 75 }{ 25 }\) = 3 भाग कार्बन से।
यौगिक B में
हाइड्रोजन की प्रतिशत मात्रा = 14.3%
कार्बन की प्रतिशतता = 100 – 14.3
= 85.7%
अतः हाइड्रोजन के 14.3 भाग से अभिक्रिया करता है
= 85.7 भाग कार्बन,
हाइड्रोजन के 1 भाग से अभिक्रिया करेगा
= \(\frac { 85.7 }{ 14.3 }\) = 6 भाग कार्बन
यौगिक C में
हाइड्रोजन की प्रतिशत मात्रा = 7.7%
कार्बन की प्रतिशतता = 100.7.7 = 92.3%
7.7 भाग हाइड्रोजन अभिक्रिया करता है = 92.3 भाग कार्बन से
1 भाग हाइड्रोजन अभिक्रिया करेगा = \(\frac { 92.3 }{ 77 }\) = 120 भाग कार्बन से। चूँकि यौगिक A, B तथा C में हाइड्रोजन की समान मात्रा से
अभिक्रिया करने वाले कार्बन की मात्राओं का प्रतिशत निम्न प्रकार से है
3 : 6 : 12
1 : 2 : 4
जो कि एक सरल गुणित अनुपात है अतः यह आँकड़े गुणित अनुपात के नियम को सिद्ध करते हैं।

प्रश्न 22.
H2 एवं Cl2, सूर्य के प्रकाश में क्रिया करके HCI गैस बनाती है। 20ml हाइड्रोजन से HCl का कितना आयतन प्राप्त होता?
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 17
1 आयतन हाइड्रोजन से प्राप्त होता है = 2 आयतन HCl
20 ml हाइड्रोजन से प्राप्त होगी = 2 x 20 ml HCl
= 40ml HCl

प्रश्न 23.
एक धातु दो ऑक्साइड बनाती है। इन ऑक्साइडों के एक-एक g को अलग-अलग अपचयित करने पर क्रमशः 0-798g तथा 0.888g धातु प्राप्त हुई। ये परिणाम रासायनिक संयोग के किस नियम की पुष्टि करते हैं?
हल:
प्रथम ऑक्साइड में,
ऑक्साइड की मात्रा = 1.00 g
धातु की मात्रा = 0.798g
ऑक्सीजन की मात्रा = 1.00 – 0.798
= 0.202 g
0.202g ऑक्सीजन संयुक्त होती है = 0.798g धातु से
1g ऑक्सीजन संयुक्त होगी = \(\frac { 0.798 }{ 0.202 }\) = 3.95g धातु से
द्वितीय ऑक्साइड में,
ऑक्साइड की मात्रा = 100g
धातु की मात्रा = 0.888g
ऑक्सीजन की मात्रा = 1.00 – 0.888 = 0.112g
0.112g ऑक्सीजन संयुक्त होती है = 0.888g धातु से
1g ऑक्सीजन संयुक्त होगी = \(\frac { 0.888 }{ 0.202 }\) = 3.95 g धातु से
अत: 1g ऑक्सीजन से संयुक्त होने वाली धातु की मात्राएँ क्रमशः 3.95 और 7.92g हैं, जो कि 1 : 2 के सरल अनुपात में हैं, अतः दिये गये आँकड़े गुणित अनुपात के नियम की पुष्टि करते हैं।

प्रश्न 24.
यदि नाइट्रिक ऑक्साइड निम्नांकित समीकरण के अनुसार बनती है।
N2(g) + O2(g) → 2NO(g)
तो 30 L NO गैस बनाने के लिये नाइट्रोजन का कितना आयतन आवश्यक होगा?
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 18
2L NO प्राप्त करने के लिये आवश्यक होती है = 1L इट्रोजन
30L NO प्राप्त करने के लिये आवश्यक होती है।
15 L नाइट्रोजन

प्रश्न 25.
6.488 ग्राम सीसा 1.002 ग्राम ऑक्सीजन से क्रिया कराने पर लैड परऑक्साइड (Pb2O2) प्राप्त होता है। लैड परऑक्साइड को हम लैड नाइट्रेट को गर्म करके भी प्राप्त कर सकते हैं जिसमें 13.38% ऑक्सीजन है उपरोक्त सूचनाएं स्थिर संघटन नियम को सिद्ध करती हैं।
हल:
प्रथम ऑक्साइड में,
लैड परऑक्साइड का द्रव्यमान,
6.488g + 1.002 = 7.490g
7.49g लैंड परऑक्साइड में है = 1.002g O2
100g लैड परऑक्साइड में होगी = \(\frac { 1.002×100 }{ 7.49 }\)O2
= 13.38%
अत: ऑक्सीजन की प्रतिशतता = 13.38%
दूसरे प्रयोग में भी 13-38% ऑक्सीजन उपस्थित है। जो प्रथम प्रयोग में ऑक्सीजन की प्रतिशत मात्रा के समतुल्य है, अतः स्थिर अनुपात नियम की सत्यता सिद्ध होती है।

प्रश्न 26.
निम्नलिखित के मोलर द्रव्यमान की गणना कीजिए।
C2H5COOH, P4, S8, PCl5, SO2Cl2
हल:
(i) C2H5COOH का मोलर द्रव्यमान-
= 2 × 12 + 5 × 1 + 12 + 16 × 2 + 1
= 24 + 5 + 12 + 32 + 1
= 74 g/mol

(ii) P4 का मोलर द्रव्यमान-
= 31 × 4 = 124 g/mol

(iii) S8 का मोलर द्रव्यमान-
= 32 × 8 = 256g/mol

(iv) PCl5 का मोलर द्रव्यमान-
= 31 + 35.5 x 5
= 31 + 177.5 = 208.5 g/mol

(v) SO2 Cl2 का मोलर द्रव्यमान
= 32 + 16 × 2 + 2 × 35.5
= 32 + 32+ 71.0 = 135.0g/mol

प्रश्न 27.
नीचे दिये गए यौगिकों के सूत्र द्रव्यमान का परिकलन
कीजिए।
(i) MgO (ii) CaCl 2 (iii) CaCO3 (iv) AlCl3
हल:
(i) MgO का सूत्र द्रव्यमान
= 24 + 16 = 40g

(ii) CaCl2 का सूत्र द्रव्यमान
= 40+2 × 35.5
= 40 + 71 = 111g

(iii) CaCO3 का सूत्र द्रव्यमान
= 40 + 12 + 16 × 3
= 40 + 12 + 48 = 100g

(iv) AlCl3 का सूत्र द्रव्यमान
= 27 +3 × 35.5
= 27 + 106.5 = 133.5g

प्रश्न 28.
120g कार्बन में ग्राम परमाणु तथा परमाणुओं की संख्या ज्ञात कीजिए।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 19
परमाणुओं की संख्या = ग्राम-परमाणुओं की संख्या x 6.02 × 1023
= 10 × 6.02 x 1023
= 6.02 x 1024 परमाणु

प्रश्न 29.
एक कार्बन परमाणु का द्रव्यमान ज्ञात कीजिए।
हल:
कार्बन का परमाणु द्रव्यमान = 12 u
1 मोल कार्बन परमाणुओं का द्रव्यमान = 12 g
अर्थात् 6.02 x 1023 परमाणुओं का द्रव्यमान = 12g
अतः एक C. परमाणु द्रव्यमान का = \(\frac{12}{6.02 \times 10^{23}}\)g
= 1.99 × 10-23g

प्रश्न 30.
5.75 g सोडियम में मोल संख्या ज्ञात कीजिये।
(सोडियम का परमाणु द्रव्यमान 23u)
हल:
1 मोल = परमाणु द्रव्यमान
23g सोडियम = 1 मोल सोडियम
5.75g सोडियम = \(\frac { 5.75 }{ 23 }\) मोल सोडियम
= 0.25 मोल सोडियम

प्रश्न 31.
2.3 g सोडियम में सोडियम परमाणुओं की संख्या कितनी होगी (सोडियम का परमाणु भार 23 )।
हल:
23g सोडियम में सोडियम परमाणु = 6.022 x 1023
2.3g सोडियम में सोडियम परमाणु
= \(\frac{6.022 \times 10^{23} \times 2.3}{23}\)
= 6.022 × 1022 Na परमाणु

प्रश्न 32.
0.585 ग्राम NaCl में Cl आयनों की संख्या कितनी है।
(NaCl का सूत्र भार = 58.5)
हल:
58.5g NaCl में उपस्थित है
= 6.02 × 1023 NaCl अणु
0.585g NaCl में उपस्थित हैं
= \(\frac{6.02 \times 10^{23} \times 0.585}{58.5}\)NaCl अणु
= 6.02 × 1021 NaCl अणु
एक अणु NaCl में उपस्थित है Cl आयन
6.02 x 1021 अणु NaCl में उपस्थित है
= 6.02 × 1021 Cl आयन

प्रश्न 33.
नाइट्रोजन व हाइड्रोजन के संयोग से बनी अमोनिया का अणुसूत्र ज्ञात करो।
हल:
नाइट्रोजन + हाइड्रोजन = आयतन
1 आयतन + 3 आयतन = 2 आयतन
अमोनिया आवोगाद्रो नियम से 1n अणु + 3n अणु = 2n अणु यदि n = 1 रखने पर,
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 20
\(\frac { 1 }{ 2 }\) अणु नाइट्रोजन = 1 नाइट्रोजन परमाणु
\(\frac { 3 }{ 2 }\) अणु हाइड्रोजन = \(\frac { 3 }{ 2 }\) x 2 = 3 हाइड्रोजन परमाणु
अतः अमोनिया का अणुसूत्र NH3 होगा।
या (NH3) x n का द्रव्यमान = 17 n
परन्तु अमोनिया का आण्विक द्रव्यमान = 17
n = \(\frac { 17 }{ 17 }\) = 1
अतः अमोनिया का अणुसूत्र NH3 होगा।

प्रश्न 34.
3.01 × 1022 NH3 अणुओं का द्रव्यमान बताइए ?
हल:
NH3 का मोलर द्रव्यमान = 14 + 3 = 17g/mol
6.02 × 1023 NH3 अणुओं का द्रव्यमान = 17g/mol
3.01 × 1022 NH3 अणुओं का = \(\frac{17 \times 3.01 \times 10^{22}}{602 \times 10^{23}}\)
= 8.5 × 10-1
= 0.85g/mol

प्रश्न 35.
2.31 x 10-6 कॉपर में परमाणुओं की कितनी संख्या होगी? कॉपर का परमाणु द्रव्यमान 63.5a.m.u है।
हल:
63.5g कॉपर 6.02 x 1023 कॉपर परमाणु
2.31 × 10-6g कॉपर = \(\frac{602 \times 10^{23} \times 2.31 \times 10^{-6}}{63.5}\) कॉपर परमाणु
= 0.219 × 1017
= 2.19 × 1016 कॉपर परमाणु

प्रश्न 36.
द्रव मर्करी का घनत्व 13.6 ग्राम / सेमी. है। एक लीटर धातु में मर्करी के कितने मोल उपस्थित हैं ?
हल:
मर्करी का द्रव्यमान = घनत्व x आयतन
= 13.6 × 1000 = 13600g
मर्करी की मोल संख्या
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 21
मर्करी की मोल संख्या = 68 मोल

प्रश्न 37.
निम्नलिखित का द्रव्यमान ग्राम में ज्ञात कीजिए –
(i) 2 ग्राम परमाणु Ca
(ii) 3N परमाणु He
(iii) \(\frac { 1 }{ 2 }\) मोल N2
(iv) 3N अणु O2
ग्राम परमाणु परमाणु भार
हल:
(i) 2 ग्राम परमाणु Ca
द्रव्यमान = ग्राम परमाणु x परमाणु भार
= 2 x 20
= 40 ग्राम

(ii) 3N परमाणु He
He के N परमाणु = ग्राम – परमाणु द्रव्यमान
He के 3N परमाणु = 3 x 4 = 12 ग्राम

(iii) \(\frac { 1 }{ 2 }\) मोल Na2
द्रव्यमान = ग्राम अणु x अणु – भार
= \(\frac { 1 }{ 2 }\) x 28
= 14 ग्राम

(iv) 3N अणु O2
= O2 के N अणु = ग्राम – अणु द्रव्यमान = 32 ग्राम
O2 के 3N अणु = 3 × 32
= 96 ग्राम

प्रश्न 38.
4.9g H2SO4 में कितने g अणु होते हैं?
हल:
H2SO4 का आण्विक द्रव्यमान
= 2 × 1 + 32 + 16 × 4
= 2 + 32 + 64 = 98 g
98g H2SO4 में उपस्थित है = ग्राम मोल
4.9g H2SO4 में उपस्थित है = \(\frac { 1 }{ 98 }\) x 49 ग्राम मोल
= 0.05g ग्राम मोल
अर्थात् 0.05 ग्राम अणु

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ

प्रश्न 39.
सोडियम कार्बोनेट डेकाहाइड्रेट (NaCO3.10H2O) एक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक रसायन है। इसके सूत्र द्रव्यमान का परिकलन कीजिए।
हल:
Na2CO3. 10H2O का सूत्र द्रव्यमान
= [2 × 23 + 12 + 3 × 16 + 10 (2 × 1 + 16)]g
= [46 + 12 + 48 + 180] = 286g

प्रश्न 40.
निम्नलिखित के द्रव्यमान का परिकलन कीजिए.
(i) N के 1 मोल परमाणु
(ii) Al के 5 mol परमाणु
(iii) Na+ आयन के 5.0 मोल
(iv) NaOH के 10 mol
हल:
(i) N का परमाण्वीय द्रव्यमान = 14g
अतः N के मोल परमाणु का द्रव्यमान = 14g

(ii) Al के 5 mol परमाणु में द्रव्यमान
Al का परमाण्वीय द्रव्यमान = 27g
Al के 1 मोल परमाणु का द्रव्यमान = 27g
अत: Al के 5 मोल परमाणु = 27 x 5 = 135g

(iii) Na+ आयन के 5.0 mol का द्रव्यमान
Na+ आयन का परमाणु द्रव्यमान = 23g
Na+ आयन के 1 मोल का द्रव्यमान = 23g
अत: Na+ आयन के 5.0 मोल का द्रव्यमान = 23 x 5.0 = 115.0g

(iv) NaOH के 10 मोल का द्रव्यमान
NaOH का द्रव्यमान = 40g
NaOH के 1 मोल का द्रव्यमान = 40g
अत: NaOH के 10 मोल का द्रव्यमान
= 40 × 10g = 400g

प्रश्न 41.
निम्न को मोल में परिवर्तित करें।
(i) 12g SO2 गैस
(ii) 25g जल
(iii) 22g कार्बन डाई ऑक्साइड
हल:
(i) SO2 गैस का परमाणु भार = 32 + 32 = 64g
64g SO2 = 1 मोल SO2
12g SO2 = \(\frac { 12 }{ 64 }\) मोल SO2
= 0.1875 मोल SO2

(ii) 25g जल
जल (H2O) का अणु भार = 2 + 16 = 18g
18 ग्राम जल = 1 मोल जल
25 ग्राम जल = \(\frac { 25 }{ 44 }\) मोल जल
= 1.39 मोल जल

(iii) 22g कार्बन डाई ऑक्साइड
कार्बन डाई ऑक्साइड CO2 = 12 + 32 = 44g
44g CO2 = 1 मोल CO2
22g CO2 = \(\frac { 22 }{ 44 }\) मोल CO2
= \(\frac { 1 }{ 2 }\) = 0.5 मोल CO2

प्रश्न 42.
1.4g नाइट्रोजन गैस में उपस्थित कुल इलेक्ट्रॉनों की संख्या बताइए।
हल:
नाइट्रोजन गैस का मोलर द्रव्यमान
= 14 x 2 = 28g
28g नाइट्रोजन गैस में उपस्थित इलेक्ट्रॉन
= 14 मोल इलेक्ट्रॉन
1.4g नाइट्रोजन गैस में उपस्थित इलेक्ट्रॉन = \(\frac { 14×1.4 }{ 28 }\) मोल इलेक्ट्रॉन
= 0.7 मोल इलेक्ट्रॉन
= 0.7 × 6.02 × 1023 इलेक्ट्रॉन
= 4.214 1023 इलेक्ट्रॉन

प्रश्न 43.
3.42g सुक्रोज (C12H22O11) में उपस्थित प्रत्येक प्रकार के परमाणुओं की संख्या बताइये।
हल:
सुक्रोज (C12H22O11) का अणु भार
= 12 × 12 + 22 × 1 + 11 × 16
= 144 +22+ 176 = 342g
342g सुक्रोज में उपस्थित है = 6.02 x 1023 अणु
3.42g सुक्रोज में उपस्थित होंगे
= \(\frac{6.02 \times 3.42 \times 10^{23}}{342}\)अणु
= 6.02 × 1021 अणु
1 अणु सुक्रोज में है = 12 कार्बन परमाणु
6.02 x 1021 अणु सुक्रोज में उपस्थित होंगे
= 12 × 6.02 × 1021 कार्बन परमाणु
= 72.24 x 1021 कार्बन परमाणु
= 7.224 × 1022C परमाणु
1 अणु सुक्रोज में हैं = 22 हाइड्रोजन परमाणु
6.02 × 1021 अणु सुक्रोज में उपस्थित होंगे
= 22 × 6.02 × 1021
= 132.44 × 1021 हाइड्रोजन परमाणु
= 1.32 × 1023 H-परमाणु
1 अणु सुक्रोज में है = 11 ऑक्सीजन परमाणु
6.02 x 1021 अणु सुक्रोज में उपस्थित होंगे
= 11 × 6.02 × 1021 O-परमाणु
= 66.22 × 1021O-परमाणु
= 6.622 × 1022 O-परमाणु

प्रश्न 44.
1.21g ऐलुमिनियम ऑक्साइड (Al2O3) में उपस्थित एलुमिनियम आयन की संख्या बताइये।
हल:
Al2O3 का अणु भार
= 2 × 27 + 3 x 16 = 54 + 48
= 102 g/mol
102 g Al2O3 में उपस्थित है
= \(\frac{2 \times 1.21}{102}\) मोल एलुमिनियम आयन
= 0.024 मोल एलुमिनियम आयन
= 0.024 × 6.02 × 1023 एलुमिनियम आयन
= 0.144 × 1023 एलुमिनियम आयन
= 1.44 x 1022 एलुमिनियम आयन

प्रश्न 45.
कैल्सियम के कितने भार में परमाणुओं की संख्या 3.2g सल्फर में उपस्थित परमाणुओं की संख्या के बराबर होगी।
हल:
3.2g सल्फर में उपस्थित परमाणु
S का परमाणु भार = 32g
32g सल्फर में परमाणुओं की संख्या = 6.02 x 1023
3. 2g सल्फर में परमाणुओं की संख्या
= \(\frac{6.02 \times 3.2}{32}\) x 1023
= 6.02 × 1022
Ca के 6.02 x 1022 परमाणुओं का भार
Ca का परमाणु भार = 40g
6.02 × 1023 Ca-परमाणु का भार = 40g
6.02 × 10222 Ca-परमाणु का भार
= \(\frac{40 \times 6.02 \times 10^{22}}{602 \times 10^{23}}\)
= 4.0 g

प्रश्न 46.
SO2 के अणुओं की संख्या क्या होगी जिसमें 8.0g ऑक्सीजन उपस्थित हो।
हल:
SO2 का अणु भार = 32 + 2 × 16 = 64g
32 g ऑक्सीजन उपस्थित है = 64g SO2 में
8.0 g ऑक्सीजन उपस्थित होगी = \(\frac{64 \times 8 \cdot 0}{32}\)
= 16g SO2 में
64g SO2 में उपस्थित है
= 6.02 × 1023 अणु
16g SO2 में उपस्थित होगी
= \(\frac{6.02 \times 16}{64}\) x 1023 अणु
= 1.505 x 1023 अणु

प्रश्न 47.
200 mg H2S में से 1021 अणु हटा दिये गये हैं। बताइये कि H2S के कितने मोल शेष बचे।
हल:
H2S का अणु भार = 2 + 32 = 34g
34g H2S में अणुओं की संख्या = 6.02 × 1023
200 × 10-3g H2S में अणुओं की संख्या 6
= \(\frac{6.02 \times 10^{23} \times 200 \times 10^{-3}}{34}\)
= 35.41 × 1020
= 3.54 x 1021 अणु
इसमें से हटाये गये अणुओं की संख्या 1021
बचे अणुओं की संख्या = 3.54 x 1021 – 11.00 × 1021
= 2.54 x 1021 अणु
6.02 × 1023 H2S अणु उपस्थित है
= 1 मोल H2S में
2.54 × 1021 H2S अणु उपस्थित है।
= \(\frac{2.54 \times 10^{21}}{6.02 \times 10^{23}}\) मोल H2S में
= 0.42 × 10-2 मोल H2S
= 4.2 x 10-3 मोल H2S

प्रश्न 48.
1 मिली जल में उपस्थित अणुओं की संख्या क्या होगी ?
(यदि जल का घनत्व 1 ग्राम / मिली)
हल:
मिली जल का द्रव्यमान 1 x 1 = 1 ग्राम
1 मिली जल में मोलों की संख्या = \(\frac { 1 }{ 18 }\) मोल
अणुओं की संख्या = \(\frac { 1 }{ 18 }\)6.02 × 1023
= 3.34 x 1022 अणु

प्रश्न 49.
शरीर में पाये जाने वाले हार्मोन इन्सुलिन में 3.2% सल्फर पाया जाता है। इसका न्यूनतम अणुभार ज्ञात करो।
हल:
इन्सुलिन में न्यूनतम सल्फर परमाणु हो सकता है।
(सल्फर का परमाणु भार = 32g)
3.2% सल्फर से तात्पर्य है कि 100g इन्सुलिन में 3.2g सल्फर उपस्थित है।
3.2g ग्राम सल्फर उपस्थित है = 100 ग्राम इन्सुलिन में = 1000 ग्राम इन्सुलिन में
अतः इन्सुलिन का न्यूनतम अणु भार = 1000g

प्रश्न 50.
शरीर के रक्त में उपस्थित हीमोग्लोबिन का अणु भार 89600 है। इसमें 0.25% (भारानुसार) आयरन होता है। हीमोग्लोबिन के एक अणु में आयरन परमाणुओं की संख्या ज्ञात करो।
हल:
0.25% के अनुसार,
100 ग्राम हीमोग्लोबिन में Fe की मात्रा = 0.25g
89600 ग्राम में उपस्थित Fe की मात्रा
= \(\frac { 0.25 }{ 100 }\) × 89600 = 224 ग्राम Fe
1 मोल हीमोग्लोबिन में 224 ग्राम Fe उपस्थित है अर्थात् \(\frac { 224 }{ 56 }\) = 4 ग्राम-परमाणु Fe उपस्थित है।
अतः 1 अणु हीमोग्लोबिन में Fe के परमाणुओं की संख्या = 4 परमाणु Fe

प्रश्न 51.
किसी तत्व के 3 x 1023 परमाणुओं का भार 66 ग्राम है। तत्व का परमाणु भार ज्ञात करें।
हल:
3 x 1023 परमाणुओं का भार = 66 ग्राम
6.02 × 1023 परमाणुओं का भार = \(\frac{66 \times 6.02 \times 10^{23}}{3 \times 10^{23}}\)ग्राम
तत्व का परमाणु भार 132-44 ग्राम है।

प्रश्न 52.
किसी गैस का 1 ग्राम N. T.P. पर 1400 मिली आयतन घेरता है। गैस का अणु भार क्या है? N. T. P. पर, 1 मिली. गैस में कितने अणु हैं?
हल :
1400 मिली गैस का भार = 1 ग्राम
N.T.P. पर 22400 मिली गैस का भार = \(\frac { 22400 }{ 1400 }\) ग्राम = 16 ग्राम
गैस का अणु भार = 16 ग्राम
N.T.P. पर 22400 मिली. गैस में अणुओं की संख्या = 6.02 x 1023 अणु
अतः 1 मिली. गैस में अणुओं की संख्या
= \(\frac{6.02 \times 10^{23}}{22400}\)
= 2.688 ×1019 अणु

प्रश्न 53.
61g ऑक्सीजन के द्वारा N. T.P. पर ग्रहण करने वाला आयतन क्या होगा?
हल:
ऑक्सीजन (O2) गैस का भार = 16 x 2 = 32g
328 ऑक्सीजन का N. T. P. पर आयतन = 22.4 ली.
16g ऑक्सीजन का N. T. P. पर आयतन
= \(\frac { 22.4×16 }{ 32 }\)
= 11.2 ली.

प्रश्न 54.
110g कॉपर सल्फेट (CuSO4) से कितना कॉपर प्राप्त होता है ?
हल:
CuSO4 का अणु भार = 63.5 + 32 + 4 × 16
= 159.5 g
159.5 g CuSO4 में Cu का द्रव्यमान = 63.5 g
110g CuSO4 में Cu का द्रव्यमान
= \(\frac{63.5 \times 110}{159 \cdot 5}\)
= 43.79 g

प्रश्न 55.
कैल्सियम क्लोराइड के अशुद्ध नमूने का अध्ययन करने पर क्लोरीन का प्रतिशत 45.5 पाया गया। इस नमूने में शुद्ध कैल्सियम क्लोराइड का प्रतिशत कितना होगा।
हल:
शुद्ध कैल्सियम क्लोराइड (CaCl2) का अणु भार
= Ca का परमाणु भार + 2Cl
का परमाणु भार
=40 + 2 × 35.5
= 40 + 71 = 111g
शुद्ध CaCl2 में क्लोरीन की प्रतिशत मात्रा
= \(\frac{71 \times 100}{111}\)
= 63.96 %
यदि क्लोरीन का 63.96 भाग है तो CaCl2 है = 100 भाग
यदि क्लोरीन का 45.5 भाग है तो CaCl2 है
= \(\frac{100 \times 45.5}{63.96}\)
= 71.14%
अतः शुद्ध CaCl की प्रतिशतता = 71.14%

प्रश्न 56.
KClO3 में उपस्थित KCl व ऑक्सीजन तत्वों की % मात्राएँ ज्ञात कीजिए।
हल:
KClO3 का मोलर द्रव्यमान = 39 + 35.5 + 3 x 16 = 122.5
K की प्रतिशत मात्रा = \(\frac{39 \times 100}{122.5}\) = 31.83 %
Cl की प्रतिशत मात्रा = \(\frac{35 \cdot 5}{122 \cdot 5}\) x 100 = 28.97 %
O की प्रतिशत मात्रा = \(\frac { 48 }{ 122.5 }\) x 100 = 39.20 %

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ

प्रश्न 57.
एक यौगिक में Na, S, H व ऑक्सीजन तत्व उपस्थित हैं। इन तत्वों की % मात्राएँ क्रमशः 14 28%, 9.92%, 96.20% व 69-60% हैं। यौगिक का अणुसूत्र ज्ञात कीजिए। यौगिक में उपस्थित सभी हाइड्रोजन परमाणु H2O के रूप में स्थित हैं। क्रिस्टलीय यौगिक का सूत्र ज्ञात कीजिए, यदि इसका मोलर द्रव्यमान 322g हो।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 22
अतः यौगिक का मूलानुपाती सूत्र Na2SH20O14

मूलानुपाती सूत्र द्रव्यमान
= 23 × 2 + 32 + 20 + 14 x 16
= 46 + 32 + 20 + 224
= 322 g

यौगिक का मोलर द्रव्यमान = 322 g
मोलर द्रव्यमान = 322 g
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 23
यौगिक का अणु सूत्र Na2SH20O14, क्रिस्टलीय यौगिक का सूत्र Na2SO4.10H2O

प्रश्न 58.
एक कार्बनिक यौगिक का रासायनिक विश्लेषण करने पर C, H और ऑक्सीजन तत्वों की उपस्थिति पायी गयी। कार्बन व H की % मात्राएँ क्रमश: 40% तथा 6.67% प्राप्त हुईं। यदि यौगिक का मोलर द्रव्यमान 180g हो तो यौगिक का अणुसूत्र ज्ञात कीजिए।
हल:
यौगिक का मूलानुपाती सूत्र निम्न प्रकार ज्ञात करते हैं-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 24

प्रश्न 59.
धावन सोडे (Na2CO3. 10H2O) के शुद्ध नमूने में क्रिस्टलन जल की प्रतिशतता ज्ञात कीजिए ।
हल:
धावन सोडे (Na2CO3. 10H2O) का अणु भार
= 2 × Na का परमाणु भार + C का परमाणु भार + 3 x O का परमाणु भार + 10 x H2O का अणु भार
= 2 × 23 + 12 + 3 × 16 + 10 × 18
= 46+ 12 +48 + 180 = 286g
286g धावन सोडे के शुद्ध नमूने में जल = 180g
100g धावन सोडे के शुद्ध नमूने में जल = \(\frac { 180×100 }{ 286 }\)
= 62.94%

प्रश्न 60.
एक यौगिक का संघटन निम्न प्रकार से है.
C = 34·6%, H = 3 · 85% तथा O = 61.55% इस यौगिक का मूलानुपाती सूत्र ज्ञात कीजिए-
हल:

तत्वप्रतिशततापरमाणु द्रव्यमानआपेक्षिक संख्यासरलतम परमाणु संख्यासरलतम पूर्ण अनुपात
C34.612\(\frac { 34.6 }{ 12 }\) = 2.88\(\frac { 2.88 }{ 2.88 }\) = 11
H3.851\(\frac { 3.85 }{ 1 }\) = 38.5\(\frac { 3.85 }{ 2.88 }\) = 1.332
O61.5516\(\frac { 61.55 }{ 16 }\) = 3.85\(\frac { 3.85 }{ 2.88 }\) = 1.332

यौगिक का मूलानुपाती सूत्र CH2O2.

प्रश्न 61.
रासायनिक विश्लेषण से ज्ञात हुआ कि किसी यौगिक में 10 ग्राम आयरन क्लोराइड में 3.438 ग्राम आयरन और 6.560 ग्राम क्लोरीन है। आयरन क्लोराइड का मूलानुपाती सूत्र निकालिये।
हल:
आयरन क्लोराइड में आयरन की प्रतिशतता = \(\frac{3.438 \times 100}{10}\) = 34.38%
आयरन क्लोराइड में क्लोरीन की प्रतिशतता = \(\frac{6.560 \times 100}{10}\) = 65.6%

तत्वप्रतिशततापरमाणु द्रव्यमानआपेक्षिक संख्यासरलतम परमाणु संख्यासरलतम पूर्ण अनुपात
Fe34.3855.8\(\frac { 34.38 }{ 55.8 }\) = 0.616\(\frac { 0.616 }{ 0.616 }\) = 11
Cl65.635.5\(\frac { 65.6 }{ 35.5 }\) = 1.848\(\frac { 1.848 }{ 0.616 }\) = 33

मूलानुपाती सूत्र – FeCl3

प्रश्न 62.
एक C, H एवं N युक्त यौगिक में तत्वों का भार सम्बन्धी अनुपात 9:1: 3.5 है। यदि यौगिक का वाष्प घनत्व 54 हो तो अणुसूत्र ज्ञात कीजिए।
हल:
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 25

प्रश्न 63.
एक यौगिक का विश्लेषण करने पर प्रतिशत रचना निम्न प्रकार है।
C = 54.5%, H = 9.9%, O = 36.41%
यदि इस यौगिक का वाष्प घनत्व 44.1 हो तो अणुसूत्र निकालिए।
हल:

तत्वप्रतिशततापरमाणु द्रव्यमानआपेक्षिक संख्यासरलतम परमाणु संख्यासरलतम पूर्ण अनुपात
C54.512\(\frac {45.6 }{ 12 }\) = 4.5411\(\frac { 4.541 }{ 2.275 }\) = 22
H9.91\(\frac { 99 }{ 1 }\) = 99\(\frac { 9.9 }{ 2.275 }\) = 44
O36.4116\(\frac { 36.41 }{ 16 }\) = 2.275\(\frac { 2.275 }{ 2.275 }\) = 11

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 26

प्रश्न 64.
5.325 ग्राम कार्बनिक यौगिक का अध्ययन करने पर पाया गया कि उसमें 3.758 ग्राम कार्बन, 0.316 ग्राम हाइड्रोजन तथा 1.251 ग्राम ऑक्सीजन है। इस यौगिक का मूलानुपाती सूत्र व अणुसूत्र ज्ञात करो यदि इसका वाष्प घनत्व 68 हो।
हल:
यौगिक का द्रव्यमान = 5.325
ग्राम कार्बन का द्रव्यमान = 3.758 ग्राम
हाइड्रोजन का द्रव्यमान = 0.316 ग्राम
ऑक्सीजन का द्रव्यमान = 1.251 ग्राम
कार्बन की प्रतिशतता = \(\frac { 3.758 }{ 5.325 }\) × 100 = 70.57%
हाइड्रोजन की प्रतिशतता = \(\frac { 0.316 }{ 5.325 }\) = 5.93%
ऑक्सीजन की प्रतिशतता = \(\frac { 1.251 }{ 5.325 }\) x 100 = 23.50%

तत्वप्रतिशततापरमाणु द्रव्यमानआपेक्षिक संख्यासरलतम परमाणु संख्यासरलतम पूर्ण अनुपात
C70.571270.57/ 12 = 5.88\(\frac { 5.88 }{ 1.47 }\) = 44
H5.9315.93/1 = 5.93\(\frac { 5.93 }{ 1.47 }\) = 44
O23.501623.50/16 = 1.47\(\frac { 1.47 }{ 1.47 }\) = 11

यौगिक का मूलानुपाती सूत्र = CHO
मूलानुपाती सूत्र का अणुभार = (4 x 12) + (4 × 1) + 16 = 68
यौगिक का अणुभार = 2 x वाष्प घनत्व = 2 × 68 = 136
यौगिक का अणुसूत्र = (मूलानुपाती सूत्र)n
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 27

प्रश्न 65.
50g नाइट्रोजन और 8g हाइड्रोजन को मिला कर NH3(g) प्राप्त की गई है। सीमान्त अभिकर्मक कौन सा है? बनी हुई NH3 की मात्रा की गणना कीजिए।
हल:
अभिक्रिया की संतुलित समीकरण निम्न है-
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 28
समीकरण के अनुसार,
1.786 मोल N2 से क्रिया करने वाले H2 के मोलों की संख्या
= \(\frac { 3 }{ 1 }\) × 1.786 = 5.358 मोल
परन्तु H2 के उपस्थित मोल = 4
इसलिये सम्पूर्ण H2(g) अभिक्रिया में भाग लेगी अतः H2 सीमान्त अभिकर्मक है।
बनने वाली NH3
3 मोल H2 से बनी NH3 = 2 मोल
4 मोल H2 से बनी अमोनिया = \(\frac { 2 }{ 3 }\) × 4 मोल = 2.66 मोल
2.66 मोल = 2.66 × 17 = 45.22g

प्रश्न 66.
3.0g H2 व 30.0g O2 क्रिया करके जल बनाती है। इसमें सीमान्त अभिकर्मक क्या है? बनने वाले जल की मात्रा क्या होगी? एवं इसमें उस अभिकर्मक की मात्रा ज्ञात करें जो कि अनाभिकृत रह जाता है।
हल:
अभिक्रिया निम्न प्रकार होगी –
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 29
सीमान्त अभिकर्मक के लिये,
4g H2 क्रिया करती है = 32g O2 से
3g H2 क्रिया करेगी = \(\frac { 32×3 }{ 4 }\)
= 24g O2 से
परन्तु प्रश्न के अनुसार 30g O2 है अर्थात् O2 की मात्रा अधिक है।
यहाँ सीमान्त अभिकर्मक H2 है।
4g H2 से बनता है = 36g H2O
3g H2 से बनेगा = \(\frac { 36×3 }{ 4 }\)g H2O
= 27g H2O
चूँकि हम जानते हैं कि 3g H, क्रिया करती है 24g ऑक्सीजन से परन्तु प्रश्न के अनुसार 30g ऑक्सीजन है।
अत: O की शेष मात्रा 30 – 24 = 6g

प्रश्न 67.
1.0g Mg का एक बंद पात्र में दहन किया जाता है, जिसमें 0.5 g O2 उपस्थित है। सीमान्त अभिकर्मक क्या है ? तथा MgO अभिक्रिया में कितनी मात्रा में बनता है।
हल:
सन्तुलित अभिक्रिया निम्न प्रकार है.
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 30
सीमान्त अभिकर्मक का निर्धारण
48g Mg क्रिया करता है = 32 g O2 से
1g Mg क्रिया करता है = \(\frac { 32 }{ 48 }\) = 0.67g O2 से
परन्तु प्रश्नानुसार O2 की मात्रा = 0.5g
चूँकि उपलब्ध O2, आवश्यकता से कम है, अतः O2 एक सीमान्त अभिकर्मक है।
MgO की मात्रा का निर्धारण
32 g O2 मैग्नीशियम से क्रिया करके बनाती है = 80g MgO
∴ 0.5 g O2 मैग्नीशियम से क्रिया करके बनाती है।
= \(\frac { 80×0.5 }{ 32 }\)
= 1.25g MgO

प्रश्न 68.
एक लवण का अणुभार 40g mol-1 है। लवण की 4 ग्राम मात्रा 250 ग्राम जल में घोली गयी है, विलयन की मोललता बताएँ।
हल:
विलेय का अणुभार ‘MB‘ = 40g mol-1
विलेय का भार ‘WB‘ = 4 g
विलायक का भार ‘WA‘ = 250 g
मोललता (m) = \(\frac{\mathrm{W}_{\mathrm{B}} \times 1000}{\mathrm{M}_{\mathrm{B}} \times \mathrm{W}_{\mathrm{A}}}\)
= \(\frac{4 \times 1000}{40 \times 250}\)
= 0.4 मोल/ किग्रा.

प्रश्न 69.
यदि 10g ऑक्सेलिक अम्ल को 500ml विलयन (घनत्व = 1.1 g ml-1) में घोला जाए तो विलयन में ऑक्सलिक अम्ल का द्रव्यमान प्रतिशत क्या होगा?
हल:
विलेय का भार ‘WB‘ = 10 g
विलेय का घनत्व ‘d’ = 1.1 g/ml
विलयन का द्रव्यमान = आयतन x घनत्व = 500 x 1.1 = 550 g
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 31

प्रश्न 70.
सल्फ्यूरिक अम्ल के 49% (भार प्रतिशत) विलयन का घनत्व 1.109 ग्राम / मिली है विलयन की मोललता एवं मोलरता ज्ञात कीजिए।
हल:
49% (भार प्रतिशत) का अर्थ है कि 49 ग्राम विलेय 100 ग्राम विलयन में उपस्थित है।
विलेय का भार ‘WB‘ = 49g
विलायक का भार ‘WB‘ = 100 – 49 = 51 g
विलेय का अणुभार ‘MB‘ = 98g mol-1 (सल्फ्यूरिक अम्ल )
मोलरता
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 32

प्रश्न 71.
80 ग्राम जल तथा 90 ग्राम मेथिल ऐल्कोहॉल के मिश्रण में दोनों के मोल प्रभाज ज्ञात कीजिए।
हल:
जल का भार ‘WA‘ = 80g
जल का अणुभार ‘MA‘ = 18 g/mol
मैथिल ऐल्कोहॉल का भार ‘WB‘ = 90g
मेथिल ऐल्कोहॉल का अणुभार ‘MB‘ = 32g/mol
मेथिल ऐल्कोहॉल के मोल प्रभाज
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 33

प्रश्न 72.
सुक्रोज के विलयन का भार 214.2g है। इसमें 34.2g सुक्रोज घुला हुआ है। सुक्रोज की मोललता की गणना कीजिए।
हल:
सुक्रोज का भार ‘WB‘ = 34.2 g
जल का भार ‘WA‘ = विलयन का भार – विलेय का भार
= 214.2 – 34.2 = 180 g
सुक्रोज (C12H22O11) का मोलर द्रव्यमान
= 12 × 12 + 1 x 22 + 16 × 11
= 342g/mol
मोललता (‘m’) = \(\frac{\mathrm{W}_{\mathrm{B}} \times 1000}{\mathrm{M}_{\mathrm{B}} \times \mathrm{W}_{\mathrm{A}}}\)
= \(\frac{34.2 \times 1000}{342 \times 180}\)
= 0.55 m

प्रश्न 73.
5.85g सोडियम क्लोराइड को 500g जल में विलेय किया गया। प्राप्त विलयन की मोललता बताएँ।
हल:
विलेय का भार ‘WB‘ = 5.85g
विलेय का अणुभार ‘MB‘ = 2335.5
= 58.5g/mol
विलायक का भार ‘WA‘ = 500g
मोललता (m) = \(\frac{\mathrm{W}_{\mathrm{B}} \times 1000}{\mathrm{M}_{\mathrm{B}} \times \mathrm{W}_{\mathrm{A}}}\)
= \(\frac{5.85 \times 1000}{58.5 \times 500}\)
= 0.2 mol/kg

प्रश्न 74.
एथिलीन ग्लाइकॉल (C2H6O2) के मोल प्रभाज की गणना करो यदि विलयन में C2H6O2 का 20% द्रव्यमान उपस्थित हो।
हल:
20% C2H6O2 का मतलब है कि,
20g C2H6O2 100g विलयन में उपस्थित है।
अतः विलेय का भार WB = 20g
विलायक का भार WA = 100 – 20 = 80g
विलेय का मोलर द्रव्यमान MB
= 2 × 12 + 6 × 1 + 2 × 16 = 62g/mol
विलायक का मोलर द्रव्यमान
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 34
जल का मोल प्रभाज. = 1 – x(माइकल)
= 1 – 0.068 = 0.932
उत्तर-ग्लाइकॉल का मोल प्रभाज = 0.068
जल का मोल प्रभाज = 0.932

प्रश्न 75.
उस विलयन की मोलरता की गणना कीजिए। जिसमें 5g NaOH 450ml विलयन में घुला हुआ है।
हल:
विलेय का भार WB = 5g
विलेय का मोलर द्रव्यमान = MB = 40g/mol
विलयन का आयतन V = 450ml
मोलरता M = ?
M = \(\frac{W_B \times 1000}{40 \times 450}\)
= \(\frac{5 \times 1000}{40 \times 450}\)
= 0.278 mol/L
उत्तर. दिये गये विलयन की मोलरता 0.278 mol/ L है।

प्रश्न 76.
निम्नलिखित अभिक्रिया के लिए रासायनिक समीकरण लिखिए तथा इसे जाँच तथा भूल विधि द्वारा सन्तुलित कीजिए-
मैग्नीशियम नाइट्राइड + जल → मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड + अमोनिया
हल:
अभिक्रिया के लिए रासायनिक समीकरण निम्नवत् है
Mg3N2 + H2O → Mg(OH)2 + NH3
समीकरण को निम्नलिखित पदों में सन्तुलित किया जा सकता है
(i) Mg परमाणुओं को सन्तुलित करना
Mg3N2 + H2O → 3Mg(OH)2 + NH3

(ii) N परमाणुओं को सन्तुलित करना
Mg3N2 + H2O → 3Mg(OH)2 + 2NH3

(iii) O परमाणुओं को सन्तुलित करना
Mg3N2 + 6H2O → 3Mg(OH)2 + 2NH3
जाँच करने पर ज्ञात होता है कि H परमाणु पहले से ही सन्तुलित है अतः पूर्णतया सन्तुलित समीकरण निम्नवत् है-
Mg3N2 + 6H2O → 3Mg(OH)2 + 2NH3

प्रश्न 77.
100 किलो 90 प्रतिशत शुद्ध चूने के पत्थर (CaCO3) को गर्म करने पर प्राप्त CaO का द्रव्यमान ज्ञात करो ?
हल:
CaCO3 → CaO + CO2
CaCO3 का मोलर द्रव्यमान = 100g
90 प्रतिशत शुद्धता = 100kg CaCO3 में 90 kg शुद्ध CaCO3 उपस्थित है।
100kg CaCO3 में शुद्ध पदार्थ = 90kg
अभिक्रिया के अनुसार,
HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ 35
अतः समीकरण के अनुसार
100g CaCO3 से CaO बनता है = 56g
या 100kg CaCO3 से CaO बनेगा = 56kg
अत: 90kg CaCO3 से CaO बनेगा = \(\frac { 56 }{ 100 }\) x 90
= 50.4 kg

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 रसायन विज्ञान की कुछ मूल अवधारणाएँ Read More »

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 14 पर्यावरणीय रसायन

Haryana State Board HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 14 पर्यावरणीय रसायन Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 14 पर्यावरणीय रसायन

बहुविकल्पीय प्रश्न:

1. निम्न में से वायु प्रदूषण का प्राकृतिक स्रोत है-
(1) मोटर वाहन
(2) जंगल की आग
(2) खनन कार्य
(4) युद्ध।
उत्तर:
(2) जंगल की आग

2. निम्न में से ग्रीन हाउस गैस नहीं है-
(1) कार्बन डाइ-ऑक्साइड
(2) मेथेन
(3) फॉस्जीन
(4) नाइट्रस ऑक्साइड।
उत्तर:
(3) फॉस्जीन

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 14 पर्यावरणीय रसायन

3. ओजोन परत के अपक्षय से सम्बन्धित निम्न में से कौन-सा प्रभाव सही नहीं है?
(1) त्वचा कैंसर होना
(2) पेड़-पौधों में प्रकाश-संश्लेषण की दर में वृद्धि
(3) ध्रुवीय बर्फ का पिघलना
(4) आनुवंशिक लक्षणों में परिवर्तन।
उत्तर:
(4) आनुवंशिक लक्षणों में परिवर्तन।

4. प्राकृतिक वायु में ऑक्सीजन की मात्रा-
(1) कार्बन डाइ-ऑक्साइड से कम परन्तु नाइट्रोजन से अधिक होती है
(2) मेथेन से अधिक परन्तु हाइड्रोजन से कम होती है
(3) जल वाष्प से कम परन्तु आर्गन से अधिक होती है
(4) हीलियम और आर्गन से अधिक परन्तु नाइट्रोजन से कम होती है।
उत्तर:
(4) हीलियम और आर्गन से अधिक परन्तु नाइट्रोजन से कम होती है।

5. निम्न में से जल का सर्वाधिक शुद्ध स्रोत है-
(1) तालाब का जल
(2) झरने का जल
(3) नदी का जल
(4) पर्वतों पर जमी बर्फ।
उत्तर:
(4) पर्वतों पर जमी बर्फ।

6. औद्योगिक बहि: स्राव से प्रभावित होंगे-
(1) भूमि, जल स्रोत तथा वायु
(2) भूमि तथा जल स्रोत
(3) जल स्रोत तथा वायु
(4) वायु तथा भूमि।
उत्तर:
(1) भूमि, जल स्रोत तथा वायु

7. वायुमण्डल के कौन-से भाग में मौसमी परिवर्तन होते हैं ?
(1) क्षोभमण्डल
(2) समतापमण्डल
(3) आयनमण्डल
(4) मध्यमण्डल।
उत्तर:
(1) क्षोभमण्डल

8. एक मनुष्य 24 घण्टे में कितनी बार साँस लेता है?
(1) 2200 बार लगभग
(2) 22,000 बार लगभग
(3) 12000 बार लगभग
(4) 28,0000 बार लगभग।
उत्तर:
(2) 22,000 बार लगभग

9. किस गैस की उपस्थिति में हीमोग्लोबिन की ऑक्सीजन वहन क्षमता की कमी हो जाती है ?
(1) SO2
(2) NO2
(3) CO
(4) इनमें से सभी।
उत्तर:
(3) CO

10. प्रकाश रासायनिक कोहरे का मुख्य अवयव कौन-सा है ?
(1) NO
(2) N2
(3) O2
(4) इनमें से सभी।
उत्तर:
(1) NO

11. आँखों में जलन मुख्यतया इस गैस की वजह से होती है-
(1) HCN
(2) COCl2
(3) NH3
(4) H2
उत्तर:
(4) H2

12. ओजोन परत में क्षरण का कारण है-
(1) CFCs का प्रयोग
(2) क्लोरोफॉर्म का प्रयोग
(3) हैलोजेन का प्रयोग
(4) इनमें से सभी।
उत्तर:
(4) इनमें से सभी।

13. निम्न में से कौन-सी गैस तीव्रता से हीमोग्लोबिन से संयोग करती है ?
(1) CO
(2) CO2
(3) NO
(4) NO2
उत्तर:
(1) CO

14. ओजोन परत पृथ्वीवासियों को संरक्षित करती है-
(1) UV किरणों से
(2) IR किरणों से
(3) कॉस्मिक किरणों से
(4) लेसर किरणों से।
उत्तर:
(1) UV किरणों से

15. वायु प्रदूषण कम किया जा सकता है-
(1) जल छिड़ककर
(2) यूरो मानक के वाहनों का प्रयोग करके
(3) हरे पेड़ लगाकर
(4) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(4) उपर्युक्त सभी।

16. मार्बल उद्योग को प्रमुख सिंक (Sink) माना गया है।
(1) अम्ल वर्षा का
(2) भूकम्प का
(3) धात्विक प्रदूषण का
(4) चक्रवात का।
उत्तर:
(1) अम्ल वर्षा का

17. सबसे अधिक प्रदूषण उत्पन्न करती है-
(1) CH4
(2) C2H6
(3) C3H8
(4) C4H10
उत्तर:
(1) CH4

18. पर्यावरण के क्षेत्र में सन् 2005 में नोबेल पुरस्कार विजेता घोषित किया गया-
(1) येज चाउविन
(2) आर. एच. ग्रुब्स
(3) आर. आर. श्रोक
(4) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(4) उपर्युक्त सभी।

अति लयु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
पर्याबरण शब्द का अर्थ क्या है ?
उत्तर:
पर्यावरण दो शब्द्धों से मिलकर बना है-परि + आवरण। परि का अर्थ है-चारों और से एवं आवरण का अर्थ है घेरना। अर्थात् पर्यावरण शब्द का अर्थ है-चार्यों ओर से घेरना।

प्रश्न 2.
पर्यांवरण के मुख्य दो प्रकार कौन-से हैं ?
उत्तर:
पर्यावरण मुख्यतया दो प्रकार के होते है-

  • भौतिक पर्यावरण,
  • जैविक पर्यावरण।

प्रश्न 3.
प्राकृतिक वायु में कौन-सी गैसें पायी जाती हैं ?
उत्तर:
प्राकृतिक बायु में नाइट्रोजन (78%), औक्सीजन (21%), कार्बन डाह-ऊँक्साइड (0.3%) तथा शेष निष्किय गैसें पायी जाती हैं।

प्रश्न 4.
जल प्रदूषण करने चाले पदार्थौ को किन चार भागों में बाँटा जा सकता है ?
उत्तर:
जल प्रदृषण करने बाले पदार्थों को निम्नलिखित चार भागों में बाँटा जा सकता है-

  • औदोगिक पदार्थ,
  • वाहित मल,
  • मृत शरीर एवं जीव,
  • खनन एवं परिवहन।

प्रश्न 5.
प्रदूषण की परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
वायु, जल तथा भूमि में उन अवांछित और अत्यधिक पदायों का इकट्डा हो जाना जिनसे प्राकृतिक पर्यावरण में प्रतिकूल परिवर्तन आ जाते हैं, प्रदूषण कहलाता है।

प्रश्न 6.
प्रदूघण किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह पदार्थ या कारक जिसके कारण वायु, भूमि तथा जल के भौतिक, रासायनिक तथा औैविक लक्षणों में अवांछित परिवर्तन हो, प्रदूषण कहलाता है।

प्रश्न 7.
ओजोन अवक्षय के हानिकारक प्रभाव क्या होते हैं?
उत्तर:
ओजोन परत के छास से सूर्य की पराबँंगनी किरणों ( विकिरण) के अधिक मात्रा में पृथ्वी पर पहुँचने से औँखों तथा प्रतिरकी तन्त्र को क्षति होती है। इनके अतिरिक्त त्वबा का कैसर भी ओजोन अवक्षय का दुष्परिणाम है।

प्रश्न 8.
पेयजल के तीन लक्षण लिखिए।
उत्तर:

  • पेयजल पारदर्शी, रंगहीन तथा गन्धहीन होना चाहिए।
  • पेयजल में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन गैस घुली होनी चाहिए।
  • पेयजल हानिकारक रासायनों तथा जीवाणुओं से मुक्त होना चाहिए।

प्रश्न 9.
ओजोन परत को कौन-से रसायन नष्ट करते हैं ?
उत्तर:
मुख्यतः वातानुकूलित यन्त्रों, अग्निशामकों, विलायकों आदि के रूप में प्रयुक्त होने वाले रसायन जैसे-क्लोरो-फ्लुओरो कार्बन, हैलोजेन, क्लोरोफॉर्म, NO आदि रसायन ओजोन परत को नष्ट करते हैं।

प्रश्न 10.
स्मॉग किन अवयवों से मिलकर बनता है ?
उत्तर:
स्मॉंग मुख्यतया धुआँ (Smoke) और कोहरा (Fog) का सम्मिलित रूप है।

प्रश्न 11.
अम्ल वर्षा के लिए कौन-से वायु प्रदूषक उत्तरदायी होते हैं?
उत्तर:
अम्ल वर्षा के लिए मुख्यतया कार्बन, नाइट्रोजन एवं सल्फर के ऑक्साइड जो कि वायुमण्डल में पाए जाते हैं, उत्तरदायी होते हैं।

प्रश्न 12.
मुख्य औद्योगिक वायु प्रदूषक कौन से हैं?
उत्तर:
उद्योगों से निकलने वाले धुएँ में मुख्यतया कार्बन मोनोक्साइड, सल्फर डाइ ऑक्साइड, नाइट्रोजन के ऑक्साइड, वायु प्रदूषक के रूप में पाए जाते हैं।

प्रश्न 13.
दो गैसों के नाम लिखिए, जिनकी वायु में उपस्थिति ग्रीन हाउस प्रभाव देती है?
उत्तर:
CH2 एवं CO2

प्रश्न 14.
क्षोभमण्डल में पाई जाने वाली दो मुख्य गैसों के नाम लिखिए।
उत्तर:
नाइट्रोजन एवं ऑक्सीजन।

प्रश्न 15.
पृथ्वी के वायुमण्डल को कितने भागों में बाँटा जा सकता है? उनके नाम भी लिखिए।
उत्तर:
पृथ्वी के वायुमण्डल को मुख्यतः चार भागों में बाँटा जा सकता है-

  • ओभमण्डल
  • समतापमण्डल
  • मध्यमण्डल
  • आयनमण्डल

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 14 पर्यावरणीय रसायन

प्रश्न 16.
वायु प्रदूषण के कारण कौन-कौन सी बीमारी हो जाती है?
उत्तर:
वायु प्रदूषण के कारण श्वसन नली एवं फेफड़ों में जलन, छती में जकड़न, गले की खराश, टी.बी., अस्थमा आदि बीमारियाँ जन्म होती हैं।

प्रश्न 17.
पेट्टोल के दहन से निकला हुआ धुआँ खतरनाक होता है, क्यों ?
उत्तर:
पेट्रोल के दहन से निकलने वाले धुएँ में उपस्थित सीसे के कण लकवा, दमा, हड्डियों को गलाना एवं मस्तिष्क रोग सम्बन्धी बीमारियों का कारण होते है, इसलिए पेट्रोल से निकला धुआँ खतरनाक होता है।

प्रश्न 18.
रासायनिक दृष्टि से पूर्णतः शुद्ध जल में क्या छ्केता है?
उत्तर:
रासायनिक दृष्टि से पूर्णंतः शुद्ध जल में दो भाग हाइड्रोजन एवं एक भाग और्सीजन होती है।

प्रश्न 19.
राजस्थान में दो स्थान जहाँ कपड़ा रंगाई उद्योग के कारण वहाँ का भूमिगत जल भी रंगीन हो गया है, कौन से हैं ?
उत्तर:
पाली एवं बालोतरा।

प्रश्न 20.
‘मलिन-जल’ किसे कहते हैं ?
उत्तर:
घरेलू अपशिष्ट पदाधों से युक्त जल ‘मलि-जल’ कहलाता है।

प्रश्न 21.
बी. ओ, डी, क्या है ?
उत्तर:
बी. ओ. ही. जल में विलेय ऑक्सीजन की वह मात्रा है जो सूर्म जीवों द्वारा कार्बनिक एवं अकार्बनिक यौगिकों को ऑक्सीकृत करने के लिए आवश्यक होती है।

प्रश्न 22.
ओजोन परत का क्या कार्य है ?
उत्तर:
ओजोन परत पृथ्वी के चारों ओर एक रक्षा कवच का कार्य करती है। यह सूर्य की पराबँगनी किरणों से पृथ्वी को बचाती है।

प्रश्न 23.
वायु प्रदूषण रोकने के लिए मोटर वाहनों में पेट्रोल व डीजल की जगह क्या प्रयोग हो रहा है ?
उत्तर:
वायु प्रदूषण रोकने के लिए मोटर वाहनों में पेट्रोल व डीजल की जगह सम्पीडित प्राकृतिक गैस (CNG) का प्रयोग हो रहा है।

प्रश्न 24.
ऐसे दो प्रदूषकों के नाम लिखो, जिनमें सल्फर होती है और वे वायु में उपस्थित रहते हैं।
उत्तर:
H2S, SO3

प्रश्न 25.
क्या होगा यदि CO2 वातावरण से खत्म हो जाये ?
उत्तर:
यदि CO2 खत्म हो जायेगी तो पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया नहीं कर सकेंगे। इससे ऑक्सीजन भी उत्पन्न नहीं होगी।

प्रश्न 26.
जीवाश्म ईंधन किस प्रकार का प्रदूषण उत्पन्न करता
उत्तर:
वायु प्रदूषण।

प्रश्न 27.
हरे पौधे प्रकाश ऊर्जा को किसमें परिवर्तित कर देते हैं।
उत्तर:
हरे पौधे प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित कर देते हैं।

प्रश्न 28.
जल प्रदूषण किस बीमारी को उत्पन्न करता है।
उत्तर:
हैजा, पेचिश, टाइफॉइड, आँतों का अल्सर आदि।

प्रश्न 29.
दो जैव व दो अजैव निम्नीकरण प्रदूषकों का नाम लिखें?
उत्तर:
जैव निम्नीकरण प्रदूषण-घर का कूड़ा-करकट, मल-मूत्र। अजैव निम्नीकरणी प्रदूषण-प्लास्टिक, पीडकनाशक।

प्रश्न 30.
जल प्रदूषक का ‘बिन्दु स्रोत’ क्या है।
उत्तर:
जो स्रोत जल प्रदूषकों को सीधे ही जल में प्रवाहित कर देते है, उन्हें बिन्दु स्रोत कहते हैं।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 14 पर्यावरणीय रसायन

प्रश्न 31.
पुन:चकण किये जा सकने वाले पदार्थ लिखें।
उत्तर:

  • प्लास्टिक,
  • धातु,
  • पॉलीथीन।

प्रश्न 32.
रासायनिक यौगिकों के नाम बताओ जो ओजोन पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं।
उत्तर:
क्लोरोफ्लुओरो कार्बन, NO2 आदि।

प्रश्न 33.
उन गैसों के नाम लिखों जो अम्लीय वर्षा के कारक हैं।
उत्तर:
CO3, NO2, SO2, SO3.

प्रश्न 34.
वातावरण में धूल कणों की प्रशितता बढ़ने से पृथ्वी के ताप पर क्या प्रभाव पड़ता है।
उत्तर:
ताप बढ़ जाता है।

लयु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1.
वायु प्रदूषण के मुख्य स्त्रोत कौन-से हैं ?
उत्तर:
वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोत (Main Sources of Air Pollution)-वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोत निम्नलिखित हैं-

  • ज्वालामुखी विस्फोट से निकलने वाली गैसों (विषैली) व धूल से वायु प्रदूषित होती है।
  • उद्योगों से निकलने वाला धुँआ जो कि विषैली गैसों जैसेकार्बन मोनोक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, अमोनिया व मेथेन आदि का मिश्रण होता है, वायु प्रदूषण फैलाता है।
  • जनसंख्या वृद्धि व वनों का विनाश भी वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है।
  • रेडियो समस्थानिकों का बढ़ता उपयोग।
  • मोटर वाहनों से निकलने वाला धुँआ एवं तीव्र औद्योगीकरण।
  • खेती में कीटनाशकों एवं रासायनों का बढ़ता उपयोग।

प्रश्न 2.
पर्यावरण प्रदूषण की परिभाषा और प्रकार लिखिए।
उत्तर:
पर्यावरण प्रदूषण की परिभाषा-पर्यावरण प्रदूषण का शाब्दिक अर्थ है-पर्यावरण का दूषित होना या खराब होना। मनुष्य के क्रियाकलापों के कारण पर्यावरण में विनाशकारी अवांछित तत्व फैल जाते हैं, जो कि पर्यावरण के भौतिक एवं सजीव घटक दोनों के लिए हानिकारक होते हैं। पर्यावरण प्रदूषण फैलाने वाला कोई भी पदार्थ पर्यावरण प्रदूषक कहलाता है। पर्यावरण प्रदूषण वर्तमान विश्व के लिए एक कठिन समस्या है, जिसे सुलझाना अत्यन्त आवश्यक है। पर्यावरण प्रदूषण निम्न प्रकार का होता है-

(i) वायु प्रदूषण, (ii) जल प्रदूषण, (iii) भूमि प्रदूषण।

  • वायु प्रदूषण-वायु के नैसर्गिक गुण में आने वाला परिवर्तन जिससे जीवधारियों और पेड़-पौधों को हानि पहुँचती है, उसे वायु प्रदूषण (Air pollution) कहते हैं।
  • जल प्रदूषण-जल के अन्दर अपशिष्ट पदार्थ मिलने तथा प्राणियों के मृत शरीर एवं अन्य मानवीय गतिविधियों के कारण जल के गुणों में होने वाला परिवर्तन जल प्रदूषण (Water pollution) कहलाता है।

प्रश्न 3.
औद्योगिक बहिःस्त्राव क्या होता है तथा यह पर्यावरण को किस प्रकार प्रदूषित करता है ?
उत्तर:
औद्योगिक बहि:स्राव-उद्योगों में प्रयोग होने वाले जल को, उपयोग होने के बाद उद्योग परिसर से बाहर बहा देते हैं। प्रयोग के दौरान जल में रासायनिक पदार्थ मिल जाते हैं। यह प्रदूषित जल औद्योगिक बहिःस्राव कहलाता है। यह औद्योगिक बहि:साव उद्योग परिसर से बाहर निकलकर जल स्रोत, भूमि तथा वायु को प्रदूषित करता है। औद्योगिक बहि:स्राव में कार्बनिक तथा अकार्बनिक यौगिक मिले होते हैं।

रंगाई एवं वस्त्र उद्योग, कागज उद्योग, इस्पात उद्योग, चमड़ा उद्योग आदि से निकलने वाले बहिः-साव में अनेक हानिकारक पदार्थ पाए जाते हैं। इन हानिकारक पदार्थों में से अधिकांश का विघटन नहीं होता है जिससे यह जल को भारी मात्रा में प्रदूषित करते हैं। समुद्रों के किनारे स्थित उद्योगों के बहिःस्राव से समुद्री जल भी प्रदुषित होता है।

प्रश्न 4.
जल प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्रभावी उपाय क्या हैं? संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:
जल प्रदूषण की रोकथाम निम्नलिखित उपाय अपनाने से की जा सकती है-

  • औद्योगिक बहि:स्राव को बिना उपचार के पानी में न बहाने से।
  • उद्योगों की स्थापना आबादी वाले इलाकों से दूर करने पर।
  • जल का अनावश्यक उपयोग न करें, साबुन एवं अपमार्जकों का प्रयोग कम करें।
  • मृत जीवों को नदी में न डाला जाए।
  • जल प्रदूषण नियन्त्रण सम्बन्धी कानूनों का सख्ती से पालन किया जाए।
  • जल की पाइप लाइन को, सीवेज लाइन से दूर रखा जाए।

प्रश्न 5.
भूमि प्रदूषण मानव जीवन को किस प्रकार प्रभावित करता है ?
उत्तर:
भूमि प्रदूषण का मानव जीवन पर प्रभाव-भूमि प्रदूषण न केवल मिट्टी की गुणवत्ता पर प्रभाव डालता है, बल्कि भूमि में पाए जाने वाले जीव-जन्तुओं, मानव जीवन एवं वनस्पति पर भी प्रभाव डालता है। भूमि प्रदूषित होने के कारण उसमें पायी जाने वाली फसलें भी हानिकारक पदार्थ भूमि से ग्रहण कर लेती हैं। यह फसलें हानिकारक पदार्थों को मानव तक पहुँचा कर अनेक रोगों को जन्म देती हैं।

उदाहरणार्थ – क्लोरीन युक्त हाइड्रोकार्बन (DDT) जल में अपघटित नहीं होते तथा जल एवं खनिजों के अवशोषण के साथ में प्रदूषक पौधे के शरीर में पहुँच जाते हैं। यह प्रदूषक खाद्य श्रृंखला में प्रविष्ट होकर मानव शरीर तक पहुँच जाते हैं तथा अनेक रोगों को जन्म देते हैं। भूमि प्रदूषण के कारण भूमि की उर्वरा शक्ति घट जाती है। इससे उत्पादन में भारी कमी आ जाती है।

प्रश्न 6.
वायुमण्डल में नाइट्रोजन और उसके ऑक्साइडों द्वारा की जाने वाली रासायनिक अभिक्रियाओं का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वायुमण्डल में नाइट्रोजन और उसके ऑक्साइडों द्वारा की जाने वाली रासायनिक अभिक्रियाएँ निम्नलिखित हैं-
(1) वायुमण्डल में पायी जाने वाली नाइट्रोजन और ऑक्सीजन उच्च ताप (>1210°C) पर क्रिया करके नाइट्रिक ऑक्साइड बनाती है।
N2 → N + N
N + O2 → NO + O

(2) प्राप्त नाइट्रिक ऑक्साइड, O2 तथा O3 से ऑक्सीकृत होकर नाइट्रोजन हाइ-ऑक्साइड बनाती है जो अत्यन्त विषैली होती है।
2NO + O2 → 2NO2
NO + O3 → NO2 + O2
\(\mathrm{NO}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{NO}+\mathrm{O}\)

(3) NO2 जल से क्रिया करके नाइट्रिक अम्ल बनाती है।
2NO2 + H2O → HNO3 + HNO2

(4) NO2 प्रकाश अपघटन की क्रिया द्वारा ओजोन बनाती है।
\(\mathrm{NO}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{NO}+\mathrm{O}\)
O + O2 → O3

प्रश्न 7.
स्मॉंग किस प्रकार बनता है तथा इसके कुप्रभाव क्या हैं?
उत्तर:
साधारणतया स्मॉग (Smog), धुँआ (Smoke) एवं कुहरे से मिलकर बना होता है। स्मॉग मुख्यतया दो प्रकार का होता है(i) अपचायक स्मॉग, (ii) ऑक्सीकारक स्मॉग।

(1) अपचायक स्मॉंग-जब SO2, अमोनियम सल्फेट आदि धुएँ एवं कोहरे के साथ मिलकर स्मॉग बनाते हैं, इसे अपचायक स्मॉग कहते हैं।
2SO2 + O2 → 2SO3
SO3 + H2O → H2SO4
प्रभाव-(i) अपचायक स्मॉग मानव स्वास्थ्य एवं वनस्पति पर विपरीत प्रभाव डालता है।
(ii) अपचायक स्मॉग से धातुओं का संक्षारण (Corrosion) होता है।

(2) ऑक्सीकारक स्मॉग-जब नाइट्रोजन के ऑक्साइड तथा हाइड्रोकार्बन धुएँ व कोहरे के साथ सम्मिलित होते हैं, तो इसे ऑक्सीकारक स्मॉग कहते हैं।
N2 + O2 → 2NO
2NO + O2 → 2NO2
\(\mathrm{NO}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{NO}+\mathrm{O}\)
प्रभाव-

  • यह हानिकारक कार्बनिक रासायनिक पदार्थ बनाते हैं, जो आँखों में जलन उत्पन्न करते हैं।
  • यह पदार्थ श्वसन वन्त्र के लिए भी हानिकारक हैं।
  • यह स्मॉग बनस्पतियों पर विपरीत प्रभाव डालता है।

प्रश्न 8.
अम्ल बर्षा का क्या अर्घ है तथा यह पर्यावरण प्रदूषण को किस प्रकार प्रभावित करती है?
उत्तर:
अम्ल वर्षा (Acid Rain)-वायु में पायी जाने वाले सल्फर एवं नाइट्रोजन के औक्साइड, वर्षा के जल में विलेय होकर वर्षा के जल को अम्लीय बना देते हैं। इस जल का वर्षा के रूप में पृथ्वी पर आना अम्ल वर्षा (Acid rain) कहलाता है। इस वर्षा के जल का pH मान लगभग 4.5 से 3.5 के मध्य होता है।
H2O + CO2 → H2CO3
\(\mathrm{H}_2 \mathrm{CO}_3 \rightleftharpoons 2 \mathrm{H}^{+}+\mathrm{CO}_3^{2-}\)
अम्ल वर्षा के प्रभाव – अम्ल बर्घा सजीव एवं निज्जीव पदायों पर विपरीत प्रभाव डालती है। अम्ल वर्षी के कारण भूमि की उर्वरा शक्ति क्षीज हो जाती है, क्योंकि जमीन में अम्लीयता बक जाती है। अम्ल वर्षा संगमरमर तथा चूने के पत्थर द्वारा बनी हृम्नारतों का क्षरण करती है क्योंकि H2SO4 तथा HNO3 दोनों ही CaCO3 को घोलकर क्रमशः कल्शियम सल्फेट तथा कैल्शिखम नाइट्रेट बनाते हैं।

प्रश्न 9.
वायुमण्डल में ओजोन परत का अपक्षय करने वाली रासायनिक अभिक्रियाओं को समझाइए।
उत्तर:
वायुमण्डल में ओजोन परत के अपक्षय के लिए क्लोरो-फ्लुओरो कार्वन (CFCs) गैसे उत्तरदायी हैं, जो कि मानव द्वारा ही निम्मित हैं। क्लोरो-फ्लुओरो कार्बन का उपयोग रेफीजरेटरों, वातानुकूल संयन्त्रों आदि में किया जाता है। ओजोन परत के अपक्षाय में निम्नलिखित रासायनिक अभिक्रियाएँ होती हैं-
(i) \(\mathrm{CF}_2 \mathrm{Cl}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \cdot \mathrm{Cl}+\cdot \mathrm{CF}_2 \mathrm{Cl}\)
(ii) O3 + .Cl → .ClO + O2
(iii) .ClO + O → .Cl + O2
अत: क्रियाओं से स्पष्ट है कि क्लोरो-फ्लोरो कार्बन से उत्पादित क्लोरीन मूलक, ओजोन के कई अणुओं को नष्ट कर सकता है। सुपरसोनिक वायुयानों से निकली नाइट्रिक ऑक्साइड भी ओजोन परत में पहुँचकर उसे नष्ट कर देती है।
NO + O3 → NO2 + O2

प्रश्न 10.
औद्योगिक वायु प्रदूषण के मुख्य कारणों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
औद्योगिक वायु प्रदूषण के मुख्य कारण निम्नलिखित है-
(1) ईंधन दहन-ईधन दहन से निकलने वाले गैसीय पदार्थ, जैसे-सल्फर के ऑक्साइड, कार्बन के ऑक्साइड, ऐल्डिहाइड, अम्ल, वायु प्रदूषण उत्पन्न करते हैं।

(2) औद्योगिक प्रक्रम-औद्योगिक प्रक्रमों में उत्पादन के लिए होने वाली भौतिक एवं रासायनिक क्रियाओं से निकलने वाले गैसीय उत्पाद व कणीय पदार्थ, वायु प्रदूषण का कारण होते हैं।

(3) औद्योगिक चिमनियों द्वारा प्रदूषण-उद्योगों एवं कारखानों की चिमनियों द्वारा अनेक हानिकारक गैसें व कणीय पदार्थ वायुमण्डल में छोड़े जाते हैं, जो कि वायु को प्रदूषित करते हैं। उदाहरण- CO, NO2, HCHO, गैसोलीन, CO2, SO2 इत्यादि।

(4) रेडियोधर्मी पदार्थों द्वारा वायु प्रदूषण-आण्विक हथियारों के परीक्षण के फलस्वरूप निकलने वाले रेडियोधर्मी पदार्थ वायुमण्डल को दूषित करते हैं। α, β, γ -विकिरण समस्त जीवधारियों के लिए अत्यन्त हानिकारक हैं।

(5) यातायात के साधन-यातायात के लिए प्रयुक्त होने वाले मोटर वाहनों के कारण भी वायुमण्डल में हानिकारक गैसें निकलती हैं, जो कि वायु को प्रदूषित करती हैं।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 14 पर्यावरणीय रसायन

प्रश्न 11.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिष्णी लिखिए-
(क) क्षोभमण्डल
(ख) समतापमण्डल
उत्तर:
(क) क्षोभमण्डल-क्षोभमण्डल, वायुमण्डल की सबसे निचली परत है। क्षोभमण्डल समुद्र तल से 10 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। कोभमण्डल में ही नाइट्रोजन व ऑक्सीजन आदि कई गैसें पाई जाती हैं। मौसम में होने वाले सभी परिवर्तन इसी क्षोभमण्डल में होते हैं।

(ख) समतापमण्डल-वायुमण्डल में क्षोभमण्डल के बाद दूसरी परत समतापमण्डल है। समतापमण्डल समुद्र तल से 10 से 50 किमी तक ऊँचाई में फैला होता है। समतापमण्डल में ऊँचाई बढ़ने के साथ-साथ तापमान में भी वृद्धि होती है। सम्पूर्ण जल वाष्प एवं वायु का लगभग 80 प्रतिशत द्रव्यमान इस परत में पाया जाता है। ओजोन परत भी समतापमण्डल में पाई जाती है। समतापमण्डल में ओजोन परत सूर्य की पराबँंगनी किरणों को अवशोषित कर लेती हैं। समतापमण्डल में प्रदूषकों के पहुँचने के कारण ही ओजोन परत का क्षरण होता है।

प्रश्न 12.
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए-
(क) जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (बी. ओ. डी.)
(ख) रासायनिक ऑक्सीजन आवश्यकता (सी. ओ. डी.)
उत्तर:
(क) जीव रसायनी ऑक्सीजन आवश्यकता:
कार्बनिक एवं अकार्बनिक यौगिकों की प्रचुर मात्रा प्रदूषित -में उपलब्ध रहती है। जल में विलेय ऑक्सीजन के द्वारा सूक्ष्म जीव की उपस्थिति में यौगिक ऑक्सीकृत हो जाते हैं। अतः “जल में विलेय ऑक्सीजन की वहमात्रा जो सूक्ष्म जीवों द्वारा कार्बनिक एवं अकार्बनिक यौगिकों को ऑक्सीकृत करने के लिए आवश्यक होती है। उस जः की जैव रासायनक ऑक्सीजन मांग कहलाती है।”

(ख) रासायनिक ऑक्सीजन आवश्यकता (सी. ओ. डी.):
रासायनिक ऑक्सीजन आवश्यकता ज्ञात करने के लिए जल की ऑक्सीकारक की ज्ञात मात्रा से अभिक्रिया कराते हैं। यह ऑक्सीकारक 2 सभी कार्बनिक एवं अकार्बनिक यौगिकों को ऑक्सीकृत कर देता है। अपशिष्ट K2C2O7 को मोहर लवण द्वारा अनुमानित कर लेते हैं। इस क्रिया में प्रयुक्त K2C2O7 से ऑक्सीकरण के लिए उपयोग की गई ऑक्सीजन की मात्रा की गणना करते हैं। यह मान जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (सी. ओ. डी.) कहलाती है।

प्रश्न 13.
वायुमण्डल में सल्फर और उसके ऑक्साइडों द्वारा की जाने वाली रासायनिक अभिक्रियाओं का संक्षिप्त वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
वायुमण्डल में सल्फर और उसके ऑक्साइडों द्वारा की जाने वाली रासायनिक अभिक्रियाएँ निम्नलिखित हैं-
(i) SO2 स्वयं एक हानिकारक प्रदूषक है। SO2 प्रकाश की उपस्थिति में ऑक्सीकृत होकर SO3 में बदल जाता है।
\(2 \mathrm{SO}_2+\mathrm{O}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} 2 \mathrm{SO}_3\)

(ii) SO3, जल के साथ अभिक्रिया करके सल्फ्यूरिक अम्ल का निर्माण करती है।
SO3 + H2O → H2SO4

(iii) यह सल्फ्यूरिक अम्ल, अमोनिया के साथ क्रिया करके अमोनियम सल्फेट में बदल जाता है।
H2SO4 + 2NH3 → (NH4)2SO4

H2SO4 बनने के कारण अम्लीय वर्षा होती है। SO2 धुएँ के कण, (NH4)2SO4 तथा जल कोहरे के साथ मिलकर स्मॉग तैयार करते हैं।

प्रश्न 14.
वायुमण्डल के मुख्य प्रदूषकों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
वायुमण्डल के मुख्य प्रदूषणों के नाम निम्नलिखित हैं-
(i) सल्फर के ऑक्साइड – सल्फर के ऑक्साइड SO2, SO, मुख्य हानिकारक वायु प्रदूषक हैं। सल्फर के ऑक्साइड आँखों एवं श्वसन तंत्र के लिए हानिकारक होते हैं तथा इन्हीं ऑक्साइड के कारण अपचायक धूम्र का निर्माण होता है।

(ii) नाइट्रोजन के ऑक्साइड – नाइट्रोजन के ऑक्साइड NO तथा NO2 हैं। ये ऑक्साइड हानिकारक प्रकाश रासायनिक धूम्र उत्पन्न करते हैं।

(iii) कार्बन के ऑक्साइड कार्बन के प्रमुख ऑक्साइड CO तथा CO2 हैं। CO एक प्राणघातक गैस है क्योंकि CO हीमोग्लोबिन के साथ संयोग करके ऑक्सीजन के परिवहन में रूकावट उत्पन्न करती है। CO पेड़-पौधों पर भी हानिकारक प्रभाव डालती है।

(iv) हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S) – H2S के कारण आँखों और गले में जलन पैदा होती है।

(v) हाइड्रोजन सायनाइड (HCN ) – HCN शरीर की तंत्रिका कोशिकाओं पर बुरा प्रभाव डालती है।

(vi) फॉस्जीन – फॉस्जीन खाँसी तथा जलन उत्पन्न करती है। फॉस्जीन की अत्यधिक मात्रा अत्यन्त घातक होती है।

(vii) अमोनिया – अमोनिया श्वास सम्बन्धी रोगों को उत्पन्न करती हैं।

(vii) कणीय पदार्थ – कणीय पदार्थ आपस में मिलकर धुंध बनाते हैं, जिसके कारण वातावरण में स्पष्ट रूप से देखने में गतिरोध पैदा होता है।

प्रश्न 15.
क्षोभमण्डल में होने वाली सभी अभिक्रियायें लिखिए ।
(1) क्षोभमण्डल में होने वाली रासायनिक क्रियाएँ – पृथ्वी से वायुमण्डल की पहली परत क्षोभमण्डल है। क्षोभमण्डल में बिजली का चमकना तथा तूफानों का आना, ग्लोबल वार्मिंग एवं ग्रीन हाउस प्रभाव आदि क्रियाएँ होती हैं।
(a) नाइट्रोजन ऑक्साइडों से अभिक्रियाएँ-
(i) वायुमण्डल में पाए जाने वाली ऑक्सीजन एवं नाइट्रोजन उच्च ताप पर संयोग करके नाइट्रिक ऑक्साइड बनाती है।
N2 → N + N
N + O2 → NO + O

(ii) यह NO, O2 तथा O3 द्वारा शीघ्रता से ऑक्सीकृत होकर NO2 का निर्माण करती है।
2NO + O2 → 2NO2
NO + O3 → NO2 + O2

(iii) NO2, जल से अभिक्रिया करके नाइट्रिक अम्ल बनाती है।
2NO2 + H2O → HNO3 + HNO2

(iv) NO2, प्रकाश अपघटित होकर ओजोन का निर्माण भी करती
\(\mathrm{NO}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{NO}+\mathrm{O}\)
O + O2 → O3
(b) SO2 की अभिक्रियाएँ-
(i) SO2 सबसे हानिकारक गैसीय प्रदूषक है। यह स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालती है। SO2 ऑक्सीकृत होकर SO3 में बदल जाती है।
\(2 \mathrm{SO}_2+\mathrm{O}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} 2 \mathrm{SO}_3\)

(ii) जल द्वारा अभिक्रिया कर SO3 सल्फ्यूरिक अम्ल बनाती है जो अमोनिया से क्रिया करके उसे अमोनियम सल्फेट में बदल देता है।
SO3 + H2O → H2SO4
H2SO4 + 2NH3 → (NH4)2SO4

प्रश्न 16.
समतापमण्डल में होने वाली सभी अभिक्रियाएँ लिखिए । साथ ही मध्य एवं आयन मण्डल में होने वाली अभिक्रियाएँ भी लिखें?
उत्तर:
(1) समतापमण्डल (Stratophere) में होने वाली रासायनिक अभिक्रियाएँ – क्षोभमण्डल के ऊपर वाला भाग समताप मण्डल है। इसमें ऑक्सीजन का प्रकाश रासायनिक (Photochemical) विघटन होता है। समतापमण्डल में होने वाली अभिक्रियाएं निम्न प्रकार है-
(i) परमाण्वीय ऑक्सीजन से ओजोन का निर्माण होता है।
O2 → O + O
O + O2 → O3

(ii) पृथ्वी से प्राप्त होने वाले प्रदूषण जैसे- क्लोरोफ्लुओरो कार्बन (CFCs) ओजोन परत का अपक्षय करते हैं।
\(\mathrm{CF}_2 \mathrm{Cl}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{CF}_2 \mathrm{Cl}+\mathrm{Cl}\)
Cl + O3 → ClO + O2
ClO + O3 → ClO2 + O2
ClO + O → Cl + O2

(2) मध्य मण्डल एवं आयन मण्डल में होने वाली रासायनिक अभिक्रियाएँ पृथ्वी के 85 km और उससे ऊपर \(\mathrm{O}_2^{+}\), O+, NO+, \(\mathrm{N}_2^{+}\) आदि आयन पाए जाते हैं। इन आयनों के मध्य होने वाली अभिक्रियाएँ निम्नलिखित है-
\(\mathrm{NO} \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{NO}^{+}+e^{-}\)
\(\mathrm{O}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{O}_2^{+}+e^{-}\)
\(\mathrm{N}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{N}_2^{+}+e\)
\(\mathrm{O} \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{O}^{+}+e^{-}\)
N2 + O+ → NO+ + N
NO+ + e → N + O
N2+ + O → NO+ + N
N2+ + O2 → N2 + O2+

प्रश्न 17.
स्मॉग क्या होता है? इसको किस प्रकार वर्गीकृत किया गया है ? स्मॉग के दुष्प्रभाव क्या हैं ?
उत्तर:
स्मॉग (Smog) कोहरा (fog) एवं धुआँ (smoke) का मिश्रित रूप ही धूम्र होता है बड़े शहरों एवं औद्योगिक नगरों में प्रदूषण धूम्र के ही रूप में होता है।
धूम्र का वर्गीकरण (Classification of Smog)
संरचना की दृष्टि से धूम्र को मुख्यतया दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-

(i) सामान्य धूम्र या अपचायक धूम्र
(ii) प्रकाश रासायनिक या ऑक्सीकारक धूम्र

(i) सामान्य धूम्र या अपचायक धूम्र– यह स्मॉग ठण्डी एवं नम जलवायु में पाया जाता है। इस धूम्र के बनने का कारण है-ईंधन दहन के फलस्वरूप प्राप्त हुई SO2 की सान्द्रता में वृद्धि । अपचायक धूम्र मुख्यतया धुआँ, कोहरे से प्राप्त जल, SO2,(NH4)2SO4 आदि से मिलकर बना होता है। सूर्य के प्रकाश द्वारा SO2 ऑक्सीकृत होकर SO3 में परिवर्तित होती है यह SO3 जल से क्रिया करके सल्फ्यूरिक अम्ल का ऐरोसॉल बनाती है।
2SO2 + O2 → 2SO3
SO3 + H2O → H2SO4
अपचायक धूम्र के दुष्प्रभाव – अपचायक धूम्र मानव स्वास्थ्य एवं वनस्पति दोनों पर विपरीत प्रभाव डालता है यह धातुओं के संक्षारण के लिए भी उत्तरदायी होता है।

(ii) प्रकाश रासायनिक अथवा ऑक्सीकारक धूम्र-प्रकाश रासायनिक धूम्र मुख्यतया नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) तथा असंतृप्त हाइड्रोकार्बन और कुछ सल्फर यौगिकों से मिलकर बनी होती है।
पेट्रोल एवं डीजल में उच्च ताप पर N2 तथा O2 के संयोजन के फलस्वरूप NO बनता है जो वायु में ऑक्सीकृत होकर NO2 बनाता है। NO2 से विघटन के द्वारा नाइट्रिक ऑक्साइड बनता है।
N2 + O2 → 2NO
2NO + O2 → 2NO2
\(\mathrm{NO}_2 \stackrel{h v}{\longrightarrow} \mathrm{NO}+\mathrm{O}\)

ऑक्सीजन परमाणु O2 से संयोग करके ओजोन बनाते हैं।
O2 + O → O3
इस प्रकार O3, NO से क्रिया करके NO2 बनाता है।
O3+ NO → NO2 + O2

ऑक्सीकारक धूम्र के दुष्प्रभाव – ऑक्सीकारक धूम्र के फलस्वरूप बने कार्बनिक रसायन आँखों में जलन उत्पन्न करते हैं एवं यह श्वसन तन्त्र के लिए भी हानिकारक होते हैं। रबर, ओजोन के साथ अभिक्रिया करती है जिसके कारण उसमें दरार पड़ जाती हैं। इस प्रकार ऑक्सीकारक धूम्र भी वनस्पतियों पर विपरीत प्रभाव डालता है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 14 पर्यावरणीय रसायन

प्रश्न 18.
ऐसे दो तरीके सुझाइए जिनमें जैव-निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।
उत्तर:
जैवनिम्नीकरणीय पदार्थ निम्नांकित प्रकार से पर्यावरण को प्रभावित करते हैं-
(1) जैवनिम्नीकरण पदार्थों के विघटन से मुक्त विषाक्त एवं दुर्गन्धयुक्त गैसें वातावरण को प्रदूषित करती है।
(2) कार्बनिक जैवनिम्नीकरणीय पदार्थों की अधिकता से ऑक्सीजन की कमी हो जाने से सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते हैं, अपघटन प्रक्रिया प्रभावित होती है तथा वातावरण दुर्गन्धमय हो जाता है।

प्रश्न 19.
ऐसे दो तरीके बताइए जिनमें अजैवनिम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।
उत्तर:
अजैब निम्नीकरण पदार्थ निम्नांकित प्रकार से पर्यावरण को प्रभावित करते हैं-

(1) अजैवनिम्नीकरणीय पदार्थ लम्बे समय तक पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। ये पदार्थों के चक्रण (cycling) में बाधा पहुँचाते हैं।
(2) अनेक कीटनाशक एवं पीडकनाशक रसायन खाद्य श्रृंखला के माध्यम से जीवधारियों (मनुष्य) के शरीर में पहुँचकर उसे क्षति पहुँचाते हैं। प्रश्न 20. निम्नलिखित को उदाहरण सहित समझाइए– (1) अम्ल वर्षा

प्रश्न 20.
निम्नलिखित को उदाहरण सहित समझाइए–
(1) अम्ल वर्षा
(2) ओजोन की न्यूनता
(3) वैश्विक ऊष्मन या हरितगृह प्रभाव ।
उत्तर:
(1) अम्ल वर्षा (Acid Rain ) – अम्लवर्षा वायु में उपस्थित
नाइट्रोजन तथा सल्फर के ऑक्साइड के कारण होती है। ये गैसीय ऑक्साइड वर्षा के जल के साथ मिलकर क्रमश: नाइट्रिक अम्ल तथा सल्फ्यूरिक अम्ल बनाते हैं। वर्षा के साथ ये अम्ल भी पृथ्वी पर नीचे आ जाते हैं। इसे ही अम्लवर्षा या अम्लीय वर्षा (acid rain) कहते हैं। इसके कारण अनेक ऐतिहासिक भवनों, स्मारकों, मूर्तियों का संक्षारण हो जाता है जिससे उन्हें काफी नुकसान पहुँचता है।

अम्लीय वर्षा के कारण, मृदा भी अम्लीय हो जाती है जिससे धीरे-धीरे उसकी उर्वरता कम हो जाती है। इस कारण वन तथा कृषि उत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

(2) ओजोन की न्यूनता (Deficiency of Ozone) – विभिन्न स्रोतों जैसे- रेफ्रीजरेटर, अग्निशमन यन्त्र तथा ऐरेसॉल स्प्रे में उपयोग किए जाने वाले क्लोरोफ्लुओरोकार्बन (CFCs) से वायुमण्डल में ओजोन परत का ह्रास होता है।

हानियाँ (Losses) – ओजोन परत में ह्रास के कारण सूर्य से पराबैंगनी (UV) किरणें अधिक मात्रा में पृथ्वी पर पहुँचती हैं। पराबैंगनी विकिरण से आँखों तथा प्रतिरक्षी तन्त्र को नुकसान पहुँचता है। इससे त्वचा का कैंसर भी हो जाता है। ओजोन परत के ह्रास के कारण वैश्विक उष्मन पारिस्थितिक असन्तुलन तथा वैश्विक खाद्यान्नों की उपलब्धता पर भी प्रभाव पड़ता है।

(3) वैश्विक ऊष्मन या हरितगृह प्रभाव (Global Warming or Green House effect ) – जीवाश्म ईंधन (कोयला, पेट्रोलियम आदि) के जलने से उत्पन्न कार्बन डाइऑक्साइड तथा मेथेन जैसी गैसें पृथ्वी से होने वाले ऊष्मीय विकिरण को रोक लेती हैं। इस कारण पृथ्वी का ताप बढ़ता है, इस प्रभाव को हरितगृह प्रभाव कहते हैं जिससे मौसम में परिवर्तन के साथ-साथ समुद्र तल में भी वृद्धि हो रही है। ताप बढ़ने से पहाड़ों पर हिम से ढकी चोटियाँ तथा हिमखण्ड पिघलने लगेंगे जिससे बाढ़ आ सकती है।

प्रश्न 21.
सूर्य के प्रकाश का कौन-सा घटक हमारे लिए हानिकारक है ? सामान्यतः इसे हम तक पहुँचने से कैसे रोका जाता है? इस प्राकृतिक संरक्षक को किसके द्वारा नष्ट किया जा सकता हैं।
उत्तर:
सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणें हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। वायुमण्डल में उपस्थित ओजोन परत पराबैंगनी विकिरणों को हमारे पास आने से होते हैं। इस परत को नष्ट करने के लिए क्लोरोफ्लुओरो कार्बन (CFCs) उत्तरदायी होता है। ये यौगिक रेफ्रीजरेटर, अग्निशमन यन्त्र तथा ऐरोसॉल स्प्रे में प्रयोग किये जाते है।

प्रश्न 22.
ओजोन परत द्वारा अवशोषित की जाने वाली किरणों का नाम बताइए । ओजोन परत के क्षीण होने के कोई दो कारण बताइए। इस क्षीणता से होने वाली सम्भावित बीमारी का नाम भे बताइए ।
उत्तर:
पराबैंगनी किरणें ओजोन परत द्वारा अवशोषित की जाती हैं। कारण (Causes) — (i) क्लोरोफ्लुओरो कार्बन (CFC) ओजोन परत के क्षय के लिए उत्तरदायी है।
(ii) अत्यधिक क्रियाशाली धातुएँ भी ओजोन परत के क्षरण का कारण बन सकती हैं। सुपरसोनिक जेट भी ओजोन परत को क्षयित कर सकते हैं।
बीमारियाँ (Diseases) – (i) त्वचा का कैंसर हो सकता है तथा (ii) त्वचा जल सकती है।

HBSE 11th Class Chemistry Important Questions Chapter 14 पर्यावरणीय रसायन Read More »

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

Haryana State Board HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग Important Questions and Answers.

Haryana Board 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

वस्तुनिष्ठ प्रश्न-

1. किस रोग में फुप्फुस (lungs) के वायु कोष्ठ (एलव्यूलाई) संक्रमि हो जाते हैं-
(अ) टाइफाइड
(ब) न्यूमोनिया
(स) जुकाम
(द) हैजा
उत्तर:
(ब) न्यूमोनिया

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

2. निम्न में से मलेरिया के लिए उत्तरदायी है-
(अ) प्लै. वाइबैम्स
(ब) फ्लै. मेलिरिआई
(स) प्लै. फैल्सीपेरम
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी

3. मलेरिया परजीबी को अपना जीवन चक्र पूरा करने के लिए निम्न में से किस परपोषी की जरूरत पड़ेगी?
(अ) मनुष्य
(ब) मादा एनाफिलिज
(स) प्रोटोओओआ
(द) (अ) व (ब) दोनों
उत्तर:
(अ) मनुष्य

4. विषाणु संक्रमित कोशिकाएँ निम्न में से किस प्रोटीन का स्रावण करती है-
(अ) इंटरफेरॉन
(ब) टाइकोफाइटॉन
(स) एपिड्रोर्मोफाइटान
(द) क्लोस्ट्रम
उत्तर:
(अ) इंटरफेरॉन

5. ऐलर्जी, मास्ट कोशिकाओं से किस रसायन के निकलने से होती है
(अ) सीरोटोनिन
(ब) मीरोटोनिन
(ख) टौरोटोनिन
(द) लीरोटोनिन
उत्तर:
(अ) सीरोटोनिन

6. निम्न में से द्वितीयक लसीकाभ अंग है-
(अ) प्लीहा
(ब) टांसिल
(स) परिशेषिका
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी

7. संक्रमण होने एवं एड्स के लक्षप प्रकट होने के बीच अव्वधि होती है
(अ) 1 से 3 वर्ष
(ब) 5 से 10 वर्ष
(स) 12 से 15 वर्ष
(द) 3 माह से 9 माह तक
उत्तर:
(ब) 5 से 10 वर्ष

8. रक्त परिसंचरण की खोज करने वाले वैज्ञानिक हैं-
(अ) विलियम हार्चे
(ब) राबर्ट हुक
(स) श्लाईडेन एवं श्वान
(द) राबर्ट श्राउन
उत्तर:
(अ) विलियम हार्चे

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

9. खमीर से बनने वाला टीका है-
(अ) चेचक का टीका
(ब) यकृत शोथ-बी का टीका
(स) खसरे का टीका
(द) फ्लू का टीका
उत्तर:
(ब) यकृत शोथ-बी का टीका

10. तंबाकू में पाया जाने वाला रासायनिक पदार्थ है-
(अ) निकोटिन
(ब) कोकीन
(स) क्रैक
(द) बार्बीट्यूरेट
उत्तर:
(अ) निकोटिन

11. मलेरिया की रोकधाम के लिए मच्छर के लार्वा का भक्षण करने वाली मछली है-
(अ) बारबस
(ब) लेबियो
(स) गेम्बुसिया
(द) एक्सोसीट्स
उत्तर:
(स) गेम्बुसिया

12. ऐल्कोहॉल के चिरकारी उपयोग से सबसे ज्याद्रा शरीर के किस अंग की क्षति होती है-
(अ) आमाशय
(ब) मलाशाय
(स) फेफड़े
(द) यकृत
उत्तर:
(द) यकृत

13. हमारे शरीर में प्रतिरक्षा की पहली पंक्ति है-
(अ) फेफड़े
(ब) इ्वसन
(स) त्वचा
(द) मेक्रोफैजेज कोशिकायें
उत्तर:
(स) त्वचा

14. अर्बुद को नह करने में सहायक है-
(अ) Y – इन्टरफेरोन
(ब)) Z – इन्टरफेरोन
(स) X – इन्टरफेरोन
(द) Z – इन्टरफेरोन
उत्तर:
(अ) Y – इन्टरफेरोन

15. दुर्दम अबुर्द प्रयुरोद्भवी कोशिकाओं का पुंज कहलाता है-
(अ) कटिक्ट इसहिखिसन
(ब) नियोप्लास्टिक
(स) एलीसा एंजाइमा
(द) इम्यूनोजारवेट
उत्तर:
(ब) नियोप्लास्टिक

16. तम्बाकू के धुएँ में वपस्थित रासायनिक कैंसरजन किस अंग के कैसर के मुख्य कारण है-
(अ) यकृत
(ब) प्लीहा
(स) फेफड़े
(द) जननांग
उत्तर:
(स) फेफड़े

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

17. कैंसर उत्पन्न करने वाले विषाणु (वायरस) कहलाते हैं-
(अ) आंकोजोनिक वायरस
(ब) प्रोटो आंकोजेनिक बायरस
(स) मैटास्टेसिस वायरस
(द) कीटो आंकोजेनिक वायरस
उत्तर:
(अ) आंकोजोनिक वायरस

18. निम्न में से कौनसे बिषाणु फैक्ट्री (Factory) की तरह काम करते हैं-
(अ) पोलियो वाइरस
(ब) आर्थोमिम्सो वाइरस
(स) एच.आई. वाइरस
(द) पैरामिम्सो वाइरस
उत्तर:
(स) एच.आई. वाइरस

19. प्राकृतिक केनिबिनॉइड कैनेबिस सैटाइवा पौधे के किस भाग से प्राप्त किया जाता है-
(अ) जड़
(ब) पुष्पक्रम
(स) पुष्मासन
(द) तने
उत्तर:
(ब) पुष्पक्रम

20. मलेरिया रोगी में कंपकंपी का कारण है-
(अ) हीमोजॉइन
(ब) हिप्पनोटोक्सिन
(स) हीमेटिन
(द) मीरोजोइट्स
उत्तर:
(अ) हीमोजॉइन

21. साल्मोनेला टाइफा एक रोगजनक जीवाणु जिससे कौनसा ज्वर होता है-
(अ) न्यूमोनिया ज्वर
(ब) टाइफाइड ज्वर
(स) सामान्य जुकाम ज्वर
(द) मलेरिया ज्वर
उत्तर:
(ब) टाइफाइड ज्वर

22. असंक्रामक रोगों में मृत्यु का प्रमुख कारण है-
(अ) कैंसर
(ब) मलेरिया
(स) एड्स
(द) न्यूमोनिया
उत्तर:
(अ) कैंसर

23. हमारे रक्त में प्रोटीनों की सेना उत्पन्न करते हैं-
(अ) बी-लसीकाणु
(ब) टी-मारक कोशिका
(स) टी-निरोधी कोशिकाएँ
(द) टी-सहायक कोशि
उत्तर:
(अ) बी-लसीकाणु

24. किशोरावस्था माना जा सकता है-
(अ) 8 से 10 वर्ष
(ब) 12 से 18 वर्ष
(स) 19 से 22 वर्ष
(द) 23 से 25 वर्ष
उत्तर:
(ब) 12 से 18 वर्ष

25. ड्रग या एल्कोहल की नियमित मात्रा अचानक बंद कर वि पर किस सिन्द्रोम के रूप में व्यक्त होती है?
(अ) विद्ड्रावल सिन्ड्रोम
(ब) टर्नर सिन्ड्रोम
(स) क्लाइनफेल्टर सिन्ड्रोम
(द) डाउन सिन्ड्रोम
उत्तर:
(अ) विद्ड्रावल सिन्ड्रोम

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

26. ड्रगों की अत्यधिक मात्रा से होता है-
(अ) श्वसन पात (रेस्पाइरेटरी फेल्योर)
(ब) हृद्य पात (हार्ट फेल्योर)
(स) प्रमस्तिष्क रक्त स्राव (सरेब्रल हेमरेज)
(द) उपरोक सभी
उत्तर:
(द) उपरोक सभी

27. महिलाओं में उपचयी स्टेराइडों के सेवन से होता है-
(अ) मैस्कुलिनाइजेसन (यानी पुरुष जैसे लक्षण)
(ब) विनिवर्तन संलक्षण
(स) सुदम अर्बुद
(द) संस्पर्श सदमन
उत्तर:
(अ) मैस्कुलिनाइजेसन (यानी पुरुष जैसे लक्षण)

28. अमापन एलीसा किस रोग से सम्बन्धित है-
(अ) चेचक
(ब) कैंसर
(स) टायफाइड
(द) एडस
उत्तर:
(द) एडस

29. कौनसा अर्बुद सामान्यतया अपने मूल स्थान तक सीमित रहता है-
(अ) सुदम अर्बुद
(ब) दुर्दम अर्बुद
(स) अदुर्दम अर्बुद
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) सुदम अर्बुद

30. निम्न में से प्राथमिक लसिकाय अंग है-
(अ) आमाशय
(ब) यकृत
(स) अस्थिमज्ञा
(द) फुफ्फुस
उत्तर:
(स) अस्थिमज्ञा

31. प्लाजमोडियम की कौनसी जाति मनुष्य के लिए मृत्युजनक है-
(अ) प्लाजमोडियम फैल्सीपेरम
(ब) प्लाजमोडियम मैलेरी
(स) प्लाजमोडियम ऑवेल
(द) प्लाजमोडियम वाइवेक्स
उत्तर:
(अ) प्लाजमोडियम फैल्सीपेरम

32. मैरी मैलान पेशे से क्या थी?
(अ) मोची
(ब) धोबी
(स) रसोईया
(द) स्वीपर
उत्तर:
(स) रसोईया

33. मलेरिया का वाहक है-
(अ) मादा एनोफिलीज
(ब) नर क्यूलेक्स
(स) मादा क्यूलेक्स
(द) नर एनोफिलीज
उत्तर:
(अ) मादा एनोफिलीज

34. प्राकृतिक कैनिबिनाइड कैनेबिस सैटाइवा पौधे के किस भाग से प्रास किया जाता है-
(अ) जड़
(ब) पुष्प क्रम
(स) पुष्पाषन
(द) तना
उत्तर:
(ब) पुष्प क्रम

35. हमारे शरीर में एण्टीबॉडीज (प्रतिपिंड) किसके सम्मिश्र होते हैं?
(अ) लाइपोप्रोटीन्स
(ब) स्टेरायड्स
(स) प्रोस्टेग्लेंडिन्स
(द) ग्लोइकोप्रोटीन्स
उत्तर:
(ब) स्टेरायड्स

36. निम्नलिखित में से कौन मनुष्य के शरीर में सूक्ष्मजीवी के प्रवेश के विरुद्ध कार्यिकीय अवरोध (Physiological barrier) का कार्य करता है?
(अ) आँसू
(ब) मोनोसाइट्स
(स) त्वचा
(द) मूत्र जनन मार्ग की उपकला
उत्तर:
(अ) आँसू

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1.
फाइलेरिएसिस से पीड़ित व्यक्ति के पैरों में सूजन किसके द्वारा होती है ?
उत्तर:
पैरों की लिम्फेटिक नलिकाओं में फाइलेरिया कृमि, वुचेरिया बैक्राफ्टी के द्वारा फाइलेरिया रोग होता है ।

प्रश्न 2.
मैरी मैलॉन का उपनाम क्या है?
उत्तर:
मैरी मैलॉन का उपनाम टाइफाइड मैरी है।

प्रश्न 3.
मनुष्य के शरीर में प्रवेश करने के पश्चात् (HIV) जिन दो कोशिकाओं में गुणित होता है, उनके नाम लिखिए ।
उत्तर:
मैक्रोफेजेज तथा सहायक T – लिम्फोसाइट्स ।

प्रश्न 4.
न्यूमोनिया रोग में शरीर के कौनसे अंग संक्रमित होते हैं ?
उत्तर:
न्यूमोनिया रोग में फुफ्फुस (Lungs) के वायुकोष्ठ (Alveoli) संक्रमित होते हैं।

प्रश्न 5
तीव्र ज्वर, भूख की कमी, पेट में दर्द तथा कब्ज से पीड़ित लक्षणों के आधार पर चिकित्सक किस प्रकार पुष्टि करेगा कि व्यक्ति को टायफायड है, अमीबिएसिस नहीं ।
उत्तर:
टायफाइड रोग की पुष्टि विडाल परीक्षण के द्वारा की जाती है।

प्रश्न 6.
कुछ ऐलर्जनों (प्रत्यूर्जकों) से छींकों का आना तथा हाँफना शुरू हो जाता है। शरीर में इस प्रकार की अनुक्रिया न होना किससे होता है ?
उत्तर:
शरीर में इस प्रकार की अनुक्रिया ऐलर्जनों के प्रति एलर्जी (Allergy) के कारण होती है।

प्रश्न 7
संक्रामक रोग किसे कहते हैं?
उत्तर:
जो रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से संचारित होते हैं संक्रामक रोग कहलाते हैं।

प्रश्न 8.
एल. एस. डी. का पूरा नाम लिखिए ।
उत्तर:
लाइसार्जिक अम्ल डाइएथिल एमाइड्स।

प्रश्न 9.
कैंसर उत्पन्न करने वाले विषाणु क्या कहलाते हैं?
उत्तर:
कैंसर उत्पन्न करने वाले विषाणु अर्बुदीय विषाणु ( आंकोजेनिक वाइरस) कहलाते हैं।

प्रश्न 10.
विशिष्ट इम्यूनिटी को प्राप्त करने के लिए आवश्यक दो मुख्य कोशिकाओं के समूहों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • T – लिम्फोसाइट्स
  • B लिम्फोसाइट्स |

प्रश्न 11.
हेरोइन क्या है? इसका शरीर पर पड़ने वाले एक प्रभाव को बताइए ।
उत्तर:
हेरोइन एक तीव्र स्वापक (narocotic) नशा है। इससे शरीर में आलस्य व उदासीनता आती है ।

प्रश्न 12.
लसीकाभ अंग किसे कहते हैं?
उत्तर:
वे अंग जिनमें लसीकाणुओं की उत्पत्ति, परिपक्वन एवं प्रचुरोद्भवन होता है लसीकाभ अंग कहते हैं ।

प्रश्न 13.
अस्थिमज्जा और थामइस टी- लसीकाणुओं के परिवर्धन एवं परिपक्वन के लिए क्या मुहैया कराते हैं?
उत्तर:
अस्थिमज्जा और थाइमस टी- लसीकाणुओं के परिवर्धन एवं परिपक्वन के लिए सूक्ष्म-पर्यावरण मुहैया कराते हैं।

प्रश्न 14.
कोकिन किस पादप से प्राप्त की जाती है एवं यह पौधा मूल रूप से किस देश का है?
उत्तर:
कोकिन एरिप्रोजाइलम कोका से प्राप्त की जाती है। यह पौधा मूल रूप से दक्षिण अमेरिका का है।

प्रश्न 15.
एक चिकित्सक के द्वारा यह पुष्टि की गयी कि किसी व्यक्ति के शरीर का प्रतिरोधी तंत्र (Immune System) अवरोधित हो गया है। व्यक्ति को कौनसा रोग है तथा इसका कारक क्या है?
उत्तर:
व्यक्ति को एड्स रोग है। इसका कारक HIV (Human Immuno Deficiency Virus) है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

प्रश्न 16.
वर्तमान में देश के विभिन्न भागों में चिकनगुनिया रोग की पुष्टि हुई है। इस रोग के लिए उत्तरदायी (बैक्टर) वाहक का नाम लिखिए।
उत्तर:
चिकनगुनिया रोग के लिए उत्तरदायी (बैक्टर) वाहक का नाम एडीज मच्छर है।

प्रश्न 17.
बचपन और प्रौढ़ता को जोड़ने वाले पुल का नाम लिखिए।
उत्तर:
बचपन और प्रौढ़ता को जोड़ने वाले पुल का नाम किशोरावस्था है।

प्रश्न 18.
प्रतिरक्षा कितने प्रकार की होती है ? नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रतिरक्षा दो प्रकार की होती है, जिन्हें क्रमशः सहज प्रतिरक्षा एवं उपार्जित प्रतिरक्षा कहते हैं।

प्रश्न 19.
वयस्क कृमि (वूचेरिया) कहाँ पाया जाता है?
उत्तर:
वयस्क कृमि लिम्फ ग्रंथियां व लिम्फ मार्ग में पाया जाता है।

प्रश्न 20.
अर्बुद कितने प्रकार के होते हैं? नाम लिखिए।
उत्तर:
अर्बुद दो प्रकार के होते हैं-

  • सुदम (बिनाइन)
  • दुर्दम (मैलिग्नेंट)।

प्रश्न 21.
विषाणुओं का कौनसा समूह है जो मानव में सबसे ज्यादा संक्रामक रोग सामान्य जुकाम (Common Cold) फैलाता है ?
उत्तर:
नासा विषाणुओं का समूह (Rhinoviruses – राइनोवाइरस) जो मानव में सबसे ज्यादा संक्रामक रोग सामान्य जुकाम फैलाता है।

प्रश्न 22.
रिंगवर्म ( दाद) के लिए कौनसा कवक उत्तरदायी है? केवल एक नाम लिखिए।
उत्तर:
रिंगवर्म (दाद) के लिए माइक्रोस्पोरम नामक कवक उत्तरदायी है।

प्रश्न 23.
मलेरिया परजीवी को अपना जीवन चक्र पूरा करने के लिए कितने परपोषियों की आवश्यकता पड़ती है? नाम लिखिए।
उत्तर:
मलेरिया परजीवी को अपना जीवन चक्र पूरा करने के लिए दो परपोषियों की आवश्यकता पड़ती है-

  • मनुष्य
  • मच्छर (मादा एनोफिलीज) ।

प्रश्न 24.
चोट लगने के स्थान पर लाल रंग हो जाता है, इसका कारण बताइये ।
उत्तर:
चोट लगने के स्थान पर लाल रंग सक्रिय प्रतिरक्षा के कारण होता है।

प्रश्न 25.
भांग पीने वाला व्यक्ति हँसता है तो हँसता रहता है और रोता है तो रोता जाता है, क्यों?
उत्तर:
भांग सोचने व समझने की क्षमता को समाप्त कर मस्तिष्क को अनियंत्रित कर देती है जिसके कारण व्यक्ति इस प्रकार का व्यवहार करता है।

प्रश्न 26.
एड्स रोग से शरीर को कौनसी प्रमुख हानि होती है?
उत्तर:
एड्स रोग से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता नष्ट हो जाती है।

प्रश्न 27.
गुटका सेवन करने वाले व्यक्ति के जबड़े की मांसपेशियाँ कठोर हो जाने के कारण उसका जबड़ा ठीक से नहीं खुलता है। संभावित रोग का नाम बताइये।
उत्तर:
सबम्यूकस फाइब्रोसिस रोग होता है।

प्रश्न 28.
डी पी टी टीके का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर:
डिफ्थीरिया पर्टुसिस टिटेनस ।

प्रश्न 29.
कैंसर में दी जाने वाली दवाओं व उपचार के अनुषंगी प्रभाव (Side effect) बताइये ।
उत्तर:
बालों का झड़ना एवं एनिमिया ।

प्रश्न 30.
NAC का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर:
नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ।

प्रश्न 31
मरीजुआना किस पौधे का सत्व (Extract) है? नाम बताइये ।
उत्तर:
भांग ( केनाविस सेटाइवा ) ।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

प्रश्न 32.
अफीम, मार्फीन, हेरोइन, पेथीडीन तथा मेथेडोन को सामूहिक रूप से क्या कहते हैं?
उत्तर:
ओपिमेट नारकोटिक्स ।

प्रश्न 33.
दो तकनीकी विधियों के नाम लिखिए जिनके द्वारा जीवाणु या विषाणु संक्रमित रोग के लक्षण शरीर पर प्रकट होने से पहले चिन्हित कर लिये जाते हैं।
उत्तर:

  1. रिकॉम्बिनेन्ट डी एन ए तकनीकी
  2. एन्जाइम लिंक्ड इम्यूनोसॉर्बन्ट एसे ( ELISA ) ।

प्रश्न 34.
मनुष्य में मैलिग्नेंट मलेरिया उत्पन्न करने वाले पैथोजन का वैज्ञानिक नाम लिखिए ।
उत्तर:
मनुष्य में मैलिग्नेंट मलेरिया उत्पन्न करने वाले पैथोजन का वैज्ञानिक नाम प्लाज्मोडियम फैल्सीपेरम |

प्रश्न 35.
AIDS के दो लक्षण बताइए ।
उत्तर:

  • बार-बार बुखार आना
  • वजन में कमी आना।

प्रश्न 36.
निकोटिन के क्या प्रभाव हैं?
उत्तर:
निकोटिन के निम्न प्रभाव हैं –

  1. रुधिर वाहिकाओं के संकीर्णन को बढ़ाता है।
  2. धड़कन, रक्तदाब की दर को बढ़ाता है।
  3. पेशियों को विश्रान्त करता है।

प्रश्न 37.
दो लैंगिक संचारित रोगों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • एड्स
  • सिफिलिस ।

प्रश्न 38.
मेटास्टेसिस से क्या समझते हैं?
उत्तर:
अर्बुद की विभाजनशील कोशिकाएँ शरीर के किसी स्थान विशेष में सीमित न रहकर या लसिका में मिलकर शरीर के अन्य भागों में पहुँच जाती है तथा वहां अर्बुद उत्पन्न करती है। ऐसे अर्बुद को दुर्दम अर्बुद कहते हैं। इसको मेटास्टेसिस कहते हैं।

लघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1.
स्वास्थ्य को किस प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है? स्वास्थ्य किन बातों से प्रभावित होता है? लिखिए।
उत्तर:
स्वास्थ्य का अर्थ है मात्र रोग की अनुपस्थिति अथवा शारीरिक स्वस्थता नहीं है। इसे पूर्णरूपेण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।

स्वास्थ्य निम्न बातों से प्रभावित होता है –

  1. आनुवंशिक विकार ( Genetic Disorders) – वे अपूर्णताएं जिनको लेकर बच्चा जन्मता है और वे अपूर्णताएँ जो बच्चे को जन्म से ही माता-पिता से वंशागत रूप से मिलती हैं ।
  2. संक्रमण और
  3. हमारी जीवन शैली जिसमें जो खाना हम खाते हैं और जो पानी हम पीते हैं, जो विश्राम हम शरीर को देते हैं और जो व्यायाम हम करते हैं, जो स्वभाव हमारे भीतर है और जिनकी हम में कमी है आदि शामिल हैं।

प्रश्न 2.
निम्न को परिभाषित कीजिए-
(i) प्रतिरक्षा
(ii) एन्टीजन
(iii) एन्टीबॉडी
(iv) टॉक्साइड
(v) प्रतिरक्षा तंत्र |
उत्तर:
(i) प्रतिरक्षा (Immunity ) – शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रतिरक्षा कहलाती है।

(ii) एन्टीजन (Antigen ) – शरीर में प्रवेश करने वाले जीवाणुओं, विषाणुओं एवं विषैले पदार्थों को प्रतिजन (Antigen) कहते हैं। इनको सीधे अथवा विशेष प्रतिरक्षी पदार्थों, एन्टीबॉडीज के द्वारा नष्ट किया जाता है। एन्टीजन, एन्टीबॉडीज के उत्पादन को उद्दीप्त प्रेरित करने वाले रसायन एन्टीजन कहलाते हैं।

(iii) एन्टीबॉडी (Antibody) – शरीर में एन्टीजन के प्रवेश होने पर इस एन्टीजन के विरुद्ध शरीर की B लिम्फोसाइट कोशिकाओं द्वारा स्रावित ग्लाइको प्रोटीन पदार्थ एन्टीबॉडी (Antibody) कहलाते हैं।

(iv) टॉक्साइड (Toxoid) – यह एक बैक्टीरियल बाह्य विष होता है जो एक विशिष्ट प्रक्रिया द्वारा अविष (Detoxication) में परिवर्तित किया जाता है तथा जो इम्यूनाइजेशन में रोगों के विरुद्ध सावधानीपूर्वक कार्य करते हैं।

(v) प्रतिरक्षा तंत्र ( Immune system) – शरीर का वह तंत्र जो शरीर को बीमारी से सुरक्षा प्रदान करता है, प्रतिरक्षा तंत्र कहलाता है ।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

प्रश्न 3.
इन्टरफेरॉन्स तथा प्रतिरक्षी में कोई चार अंतर लिखिए।
उत्तर:
इन्टरफेरॉन्स तथा प्रतिरक्षी में अन्तर (Difference between Interferons and Antibodies)

इन्टरफेरॉन्स (Interferons)प्रतिरक्षी (Antibodies)
1. ये तीव्र प्रतिक्रिया दर्शाते हैं।जबकि ये धीमी क्रिया वाले होते हैं।
2. ये अस्थाई सुरक्षा प्रदान करते हैं।ये दीर्घकालीन सुरक्षा प्रदान करते हैं।
3. ये शरीर का द्वितीय रक्षा स्तर बनाते हैं।ये शरीर का तीसरा स्तर बनाते हैं।
4. इन्टरफेरान्स कोशिकाओं के अंदर क्रिया करते हैं।जबकि प्रतिरक्षी कोशिका के बाहर क्रिया करते हैं।
5. ये सूक्ष्म जीव से संक्रमित किसी भी कोशिका से स्रावित होते हैं।जबकि ये केवल प्लाज्मा (Plasma) की B-कोशिकाओं से उत्पन्न होते हैं।
6. संक्रमित कोशिका से समीपवर्ती स्वस्थ कोशिका में प्रवेश कर उन्हें संक्रमणरोधी बनाते हैं।प्रतिजन (Antigen) से लड़ने के लिए रक्त (Blood) लसीका (Lymph) में भ्रमण करते हैं।

प्रश्न 4.
मानव में सबसे ज्यादा कौनसा संक्रामक रोग फैलता है ? इस रोग का संक्रमण एवं लक्षण का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मानव में सबसे ज्यादा संक्रामक रोग सामान्य जुकाम (Common Cold) फैलता है। इस रोग का रोगकारक राइनोवायरस (Rhinoviruses) है। संक्रमण-ये नाक और श्वसन पथ को संक्रमित करते हैं। संक्रमित व्यक्ति की खांसी या छींकों से निकले बिंदुक (Droplets) जब स्वस्थ व्यक्ति द्वारा श्वास लेने पर अंदर जाते हैं अथवा पेन, किताबों, प्यालों, दरवाजे के हत्थे, कम्प्यूटरों के की-बोर्ड (Key Board) या माउस आदि जैसी संदूषित हुई वस्तुओं के संपर्क में आता है, तो उसे भी संक्रमण हो जाता है। रोग के लक्षण – नासीय संकुलता (Nasal congestion) और आस्राव (Discharge), कंठदाह ( Sore throat), स्वरुक्षता अर्थात् फटी आवाज, खाँसी (Cough), सिर दर्द, थकावट आदि । ये लक्षण प्रायः 3-7 दिन तक रहते हैं।

प्रश्न 5.
कैंसर किसे कहते हैं? अर्बुद के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कैंसर (Cancer) – कोशिकाओं में होने वाला अनियंत्रित विभाजन जिसके कारण गाँठ या ट्यूमर का निर्माण होता है, कोशिकाओं का यह समूह कैंसर कहलाता है।
अर्बुद (Tumour) दो प्रकार के होते हैं –
(1) सुदम अर्बुद (Benign Tumour) – ये हानिकारक नहीं होते हैं एवं स्थानीय होते हैं अर्थात् शरीर के दूसरे भागों या आस-पास की कोशिकाओं में नहीं फैलते हैं। इस कारण इसे नॉन मेटास्टेसिस (Non Metasis) कहते हैं। स्थान विशेष पर अर्बुद बनती है जो आकार में धीरे-धीरे बढ़ती जाती है। इसे शल्य क्रिया द्वारा शरीर से अलग करने पर रोग से मुक्ति मिल जाती है।

(2) दुर्दम अर्बुद (Malignant Tumour) – इसमें विभाजनशील कोशिकाएँ शरीर के किसी स्थान विशेष में सीमित न रहकर या लसिका में मिलकर शरीर के अन्य भागों में पहुँच जाती हैं तथा वहाँ अर्बुद उत्पन्न करती हैं। ऐसे अर्बुद को दुर्दम अर्बुद कहते हैं। इसको मेटास्टेटिस (Metasis) कहते हैं। ऐसे अर्बुद खतरनाक होते हैं जिसके कारण मनुष्य की मृत्यु हो जाती है।

प्रश्न 6.
ऐल्कोहॉल क्या है? इसके सेवन से होने वाले प्रभाव लिखिये ।
उत्तर:
ऐल्कोहॉल (Alcohol) – यह मदिरा का मुख्य संघटक है. जो कि प्रतिरोधी एवं विलायक के रूप में उपयोगी है।
ऐल्कोहॉल के प्रभाव –

  1. इसके सेवन से विकृत सोच, उत्तेजनशीलता, उच्चारण अस्पष्टता एवं निद्राजनक प्रभाव उत्पन्न होते हैं।
  2. ऐल्कोहॉल के सेवन से सेरीबेलम भाग प्रभावित होता है। इससे पेशीय समन्वय नहीं हो पाता है। इससे व्यक्ति लड़खड़ाने लगता है।
  3. याददाशत में कमी आ जाती है।
  4. ऐल्कोहॉल के सेवन से आमाशय की भित्ति में सूजन आ जाती है।
  5. रुधिर में ऐल्कोहॉल की अत्यधिक मात्रा यकृत में वसा के संश्लेषण को बढ़ा देती है और यह वसा, यकृत कोशिकाओं तथा पित्त नली में जमा होने लगती है। इसे फेटी लिवर सिन्ड्रोम कहते हैं। फेटी लिवर तथा लिवर सिरोसिस हो जाता है।

प्रश्न 7.
निम्न रोगों के रोगकारक, संक्रमण एवं लक्षणों का संक्षिप्त में वर्णन कीजिए।
(i) अमीबा
(ii) हैजा
(iii) मलेरिया ।
उत्तर:

रोग का नामकारकसंक्रमणलक्षण
1. अमीबता (Amoebiasis)एन्ट अमीबा (हिस्टोलिटिका)दूषित जल और भोजन द्वारा, बिना धुली सक्जियों द्वारा एवं मक्खियों द्वाराउद्रीय दर्द, प्रतिदिन 5 से 6 रक्त युक्त एवं रक्त श्लेष्मल युक्त मल का आना।
2. हैजा (Cholera)जीवाणु (बिब्रियो कोलेरी)दूषित भोजन व जल रोगी के मल में उपस्थित रोगाणुओं सेपतले दस्त, पेशी ऐंठन एवं वमन निर्जलीकरण।
3. मलेरिया (Malaria)मलेरिया परजीवी (प्लाजमोडियम)मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने परएक-दो दिन छोड़-छोड़कर तेज बुखार का आना, शरीर में ठण्ड लगकर कंपकंपी आना, सिर-दर्द प्लीहा एवं यकृत का बढ़ना।

प्रश्न 8.
प्रतिजन व प्रतिरक्षी में विभेद कीजिए ।
उत्तर:
प्रतिजन व प्रतिपक्षी में विभेद (Difference between Antigen and Antibody)

प्रतिजन (Antigen)प्रतिरक्षी (Antibody)
1. शरीर में प्रवेश करने वाले जीवाणुओं, विषाणुओं एवं विषैले पदार्थों को प्रतिजन (Antigen) कहते हैं।शरीर में एन्टीजन के प्रवेश होने पर एन्टीजन के विरुद्ध शरीर की B – लिम्फोसाइट कोशिकाओं द्वारा स्रावित ग्लाइको प्रोटीन पदार्थ प्रतिरक्षी (Antibody) कहलाते हैं।
2. ये रोग उत्पन्न करते हैं।ये रोग उत्पन्न नहीं करते बल्कि रोगाणुओं को नष्ट करते हैं।
3. ये मेक्रोफेजेज से संयुक्त होकर T- सहायक कोशिका को सक्रिय कर प्रतिरक्षा उत्पन्न करते हैं।ये सीधे ही प्रतिजन पर आक्रमण कर समिश्र बनाते हैं और प्रतिजन को नष्ट कर देते हैं।
4. एन्टीजन बाहर से प्रवेश करते हैं।जबकि प्रतिरक्षी शरीर के अंदर बनते हैं।
5. ये सूक्ष्म जीवों के शरीर की सतह पर या स्वतंत्र अवस्था में पाये जाते हैं।ये रक्त प्लाज्मा कोशिका की सतह पर या शरीर के ऊतक द्रव्य में पाये जाते हैं।
6. ये विभिन्न प्रकार के होते हैं, जैसे-जीवाणु, विषाणु प्रोटोजोअल, परागकण, दवाइयां, विष आदि।जबकि ये पाँच प्रकार के होते हैं-
IgM, IgG, IgA, IgE, IgD.

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

प्रश्न 9.
तंबाकू का प्रयोग किस रूप में किया जाता है? इससे होने वाले दुष्प्रभावों का वर्णन कीजिए।
अथवा
धूम्रपान से तीव्र ड्रगों के सेवन का रास्ता खुल जाता है। इससे क्या तात्पर्य है? समझाइए ।
उत्तर:
तंबाकू का प्रयोग मनुष्य चार सौ वर्षों से भी अधिक समय से करता आ रहा है। तंबाकू (धूमपान ) पीया जाता है, चबाया जाता है या सूंघा जाता है। तंबाकू में बहुत से रासायनिक पदार्थ होते हैं जिनमें एक एल्केलाइड भी शामिल है, जिसे निकोटिन (Nicotine) कहते हैं। निकोटीन अधिवृक्क ग्रंथि (Adrenal gland) को उद्दीपित करता है जिसके फलस्वरूप अधिवृक्क ग्रंथि से एड्रिनलीन (Adrenaline) और नॉर एड्रिनलीन (Nor Adrenaline) का स्रावण रक्त परिसंचरण (Blood circulation) किया जाता है।

ये दोनों हार्मोन रक्तचाप (Blood pressure) एवं हृदय के स्पंदन ( Heart beat ) की दर को बढ़ाते हैं। धूम्रपान फुफ्फुस, मूत्राशय और गले के कैंसर, श्वसनी शोध (Bronchitis), वातस्फीति (Emphysema), हृदय रोग, जठर व्रण (Gastric Ulcer) से संबद्ध है। धूम्रपान से रक्त में कार्बन मोनो ऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है और हीमआबद्ध ( Heambound ) ऑक्सीजन की सांद्रता घट जाती है। इससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।

प्रश्न 10.
B- कोशिकाओं तथा T – कोशिकाओं में अंतर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
B- कोशिकाओं तथा T- कोशिकाओं में अंतर (Difference between B-cells and T-cells)

B-कोशिकाएँ (B-cells)T-कोशिकाएँ (T-cells)
1. इन कोशिकाओं का निर्माण प्लाज्मा कोशिकाओं के विभाजन के फलस्वरूप होता है।जबकि इनका लिम्फोलाइट, मारक, सहायक तथा निरोधक कोशिकाओं के विभाजन से होता है।
2. प्लाज्मा कोशिकाओं में प्रतिरक्षा दमन की क्षमता नहीं होती है।निरोधक कोशिकाओं में दमन की क्षमता होती है।
3. प्लाज्मा कोशिकाएँ संक्रमण स्थल पर नहीं जाती हैं।जबकि लिम्फोब्लास्ट संक्रमण स्थल पर पहुँच जाती है।
4. ये कोशिकाएँ तरल या संचारी माध्यित प्रतिरक्षा तंत्र बनाती हैं।जबकि ये कोशिकाएं माध्यित प्रतिरक्षा तंत्र बनाती हैं।
5. ये कोशिकाएँ प्रमुख रूप से पेयर्ज पेचेज, फीटल यकृत एवं टॉन्सिल में ही सीमित रहती हैं।ये थाइमस ग्रंथि में विभेदित होती हैं।
6. प्लाज्मा कोशिकाएँ केंसर (Cancer) कोशिकाओं से नहीं लड़तीं।जबकि मारक कोशिकाएँ केंसर कोशिकाओं से लड़ती हैं।
7. प्लाज्मा कोशिकाएँ प्रतिरक्षी (Antibody) का स्रावण करती हैं जो रुधिर व लसीका द्वारा संक्रमण स्थल पर पहुँचकर एंटीजन से लड़ती हैं।मारक कोशिका संक्रमण स्थल पर पहुँचकर सूक्ष्म जीवों की कोशिका को भेदकर उन्हें नष्ट करती हैं।

प्रश्न 11.
सामुदायिक स्वास्थ्य किसे कहते हैं? सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों द्वारा किए जाने वाले किन्हीं सात महत्वपूर्ण कार्यों को लिखिए।
उत्तर:
सामुदायिक स्वास्थ्य सरकार अथवा स्थानीय संगठनों द्वारा लोगों का स्वास्थ्य बनाए रखने की गतिविधियाँ, सामुदायिक स्वास्थ्य कहलाती हैं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों द्वारा किए जाने वाले सात महत्त्वपूर्ण कार्य निम्न हैं –

  1. स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करना ।
  2. खाद्य पदार्थों का मानक बनाए रखना, खाद्य भंडारों, मांस व दुग्ध केन्द्रों का नियमित निरीक्षण करना ।
  3. स्वच्छ व रोगाणुरहित पेयजल उपलब्ध कराना ।
  4. बस्तियों के कचरे का निकास व उचित स्वच्छता का प्रबंधन ।
  5. हानिकारक कीटों के विनाश के लिए कीट रसायनों का छिड़काव करना ।
  6. किसी बीमारी के फैलने का खतरा उत्पन्न होने पर विभिन्न प्रतिरक्षाकरण कार्यक्रमों तथा कई अन्य स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों को चलाना ।
  7. मच्छरों का प्रजनन रोकने के लिए खुली नालियों का ढकाव व रुके हुए पानी की सतह पर कैरोसिन तेल का डालना ।

प्रश्न 12.
टाइफॉइड ज्वर के रोगजनक का नाम बताइए। इस रोग का संचरण एवं लक्षणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
टाइफॉइड ज्वर ( Typhoid fever) का रोगजनक साल्मोनेला टाइफी (Salmonella typhi) नामक जीवाणु है। रोग का संचरण यह रोगजनक आमतौर से संदूषित ( Contaminated) भोजन और पानी द्वारा छोटी आंत में प्रवेश कर जाता है और वहाँ से रुधिर द्वारा शरीर के अंगों में पहुँच जाता है। आयुर्विज्ञान में एक चिरप्रतिष्ठित मामला मैरी मैलान (उपनाम टाइफाइड मैरी) का है। वह पेशे से रसोइया थी जो खाना वह बनाती थी, उसके द्वारा वर्षों तक टाइफॉइड वाहक ( Typhoid Carrier) के रूप में टाइफॉइड फैलाती रही।

रोग के लक्षण –

  1. रोगी को लगातार उच्च ज्वर (39° से 40° सेंटी.) आना
  2. कमजोरी आना
  3. आमाशय में पीड़ा
  4. कब्ज
  5. सिर दर्द
  6. भूख न लगना ।
    गंभीर मामलों में आंत्र में छेद और मृत्यु भी हो सकती है।

प्रश्न 13.
वेस्टर्न ब्लाट परीक्षण से किस रोग का निदान किया जाता है? इस रोग के रोगजनक का वैज्ञानिक नाम व चार लक्षण लिखिए।
उत्तर:
वेस्टर्न ब्लाट परीक्षण से एड्स रोग का निदान किया जाता है। इस रोग के रोगजनक का वैज्ञानिक नाम ह्यूमन इम्यूनो- डेफीशियन्सी वायरस (HIV) है।
इस रोग के चार लक्षण निम्न हैं-

  1. रोगी को लगातार बुखार आना।
  2. लंबे समय तक लगातार खाँसी होना।
  3. शरीर का भार कम होना।
  4. लसीका गाँठों में सूजन आना ।

प्रश्न 14.
सहज प्रतिरक्षा किसे कहते हैं? इसमें पाये जाने वाले रोधों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सहज प्रतिरक्षा (इनेट इम्यूनिटी) एक प्रकार की अविशिष्ट रक्षा है जो जन्म के समय मौजूद होती है। यह प्रतिरक्षा हमारे शरीर में बाह्य कारकों के प्रवेश के सामने विभिन्न प्रकार के रोध खड़ा करने से हासिल होती है। सहज प्रतिरक्षा में चार प्रकार के रोध होते हैं।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

जैसे –
(1) कार्यिकीय रोध (फीजियोलॉजिकल बैरियर) – आमाशय अम्ल, मुँह में लार, आँखों में आँसू, ये सभी रोगाणीय वृद्धि को रोकते हैं।

(2) शारीरिक रोध (फिजिकल बैरियर) – हमारे शरीर पर त्वचा मुख्य रोध है जो सूक्ष्मजीवों के प्रवेश को रोकता है। श्वसन, जठरांत्र (गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल) और जननमूत्र पथ को आस्तरित करने वाली एपिथीलियम का श्लेष्मा आलेप (म्यूकस कोटिंग) भी शरीर में घुसने वाले रोगाणुओं को रोकने में सहायता करता है।

(3) कोशिकीय रोध (सेल्युलर बैरियर) – हमारे शरीर के रक्त में बहुरूप केंद्रक श्वेताणु उदासीनरंजी (पी.एम.एन.एल., न्यूट्रोफिल्स) जैसे कुछ प्रकार के श्वेताणु और एककेंद्रकाणु (मोनासाइट्स) तथा प्राकृतिक, मारक लिंफोसाइट्स के प्रकार एवं ऊतकों में वृहत् भक्षकाणु (मैक्रोफेजेज) रोगाणुओं का भक्षण करते और नष्ट करते हैं।

(4) साइटोकाइन रोध-विषाणु संक्रमित कोशिकाएँ इंटरफेरॉन नामक प्रोटीनों का स्रावण करती हैं जो असंक्रमित कोशिकाओं को और आगे विषाणु संक्रमण से बचाती हैं। लिखिए ।

प्रश्न 15.
एलर्जन से आप क्या समझते हैं? इसके दो उदाहरण ( माध्य. शिक्षा बोर्ड, 2007)
उत्तर:
एलर्जन-जिन पदार्थों के प्रति एलर्जी होती है, उनको एलर्जन कहते हैं। जैसे- कार्बन कण, पराग कण, धूल कण आदि ।
कभी-कभी एलर्जन पदार्थ अत्यन्त तीव्र, उग्र व घातक प्रकार की प्रतिक्रिया उत्पन्न करते हैं। ऐसे एलर्जन को तीव्रग्राहिता कहते हैं। उदाहरण- पेनिसिलीन, इन्सुलिन तथा कुछ भोज्य पदार्थ, जैसे-मछली, अण्डे आदि ।

प्रश्न 16.
प्लाज्मोडियम की विभिन्न जातियों के नाम लिखिए। इनमें सबसे घातक जाति कौनसी है और क्यों?
उत्तर:
प्लाज्मोडियम (Plasmodium) की निम्न जातियाँ हैं-
(1) प्लाज्मोडियम वाइवैक्स (Plasmodium vivax)
(2) प्लाज्मोडियम मेलिरिआई (Plasmodium malariae)
(3) प्लाज्मोडियम फैल्सीपेरम (Plasmodium falciparum) मलेरिया परजीवी अथवा प्लाज्मोडियम की सबसे घातक जाति प्लाज्मोडियम फैल्सीपेरम (Plasmodium falciparum) है। इसके द्वारा उत्पन्न मलेरिया ज्वर प्रत्येक 36 और 46 घंटे बाद आता है। इस प्रकार के मलेरिया से मनुष्य की मृत्यु दर अधिक होती है। इसलिए यह सबसे घातक मलेरिया है। इस मलेरिया से संक्रमित RBC रुधिर कोशिकाओं को अवरुद्ध कर देती है जिससे रक्त प्रवाह रुक जाता है। और रोगी की मृत्यु हो जाती है ।

प्रश्न 17.
प्लाज्मोडियम को परपोषी की आवश्यकता क्यों होती है? उत्तर – प्लाज्मोडियम को अपना जीवन चक्र पूरा करने हेतु परपोषी की आवश्यकता होती है। प्लाज्मोडियम के दो परपोषी (Host) हैं-

  1. मनुष्य
  2. मादा एनोफिलीज ।

मनुष्य प्राथमिक ( Primary ) एवं मादा एनोफिलीज द्वितीयक परपोषी (Secondary Host) है। यदि दोनों में से एक भी परपोषी नहीं मिलता है तो इसका जीवन समाप्त हो जायेगा । प्लाज्मोडियम एक अन्त: परजीवी (Endoparasite) है जो भोजन के लिए इन परपोषियों पर निर्भर है।

प्रश्न 18.
अच्छा स्वास्थ्य बनाये रखने के लिए क्या आवश्यक है? अच्छे स्वास्थ्य के कोई चार लाभ लिखिए।
उत्तर:
अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए निम्न आवश्यक हैं-

  1. संतुलित आहार
  2. व्यक्तिगत स्वच्छता
  3. नियमित व्यायाम
  4. संक्रामक रोगों के प्रति टीकाकरण
  5. अपशिष्टों का समुचित निपटान
  6. नियमित रूप से योग का अभ्यास
  7. रोग एवं शरीर के विभिन्न प्रकार्यों पर उनके प्रभाव के बारे में जागरूकता
  8. रोगवाहकों का नियंत्रण
  9. खाने-पीने के संसाधनों का स्वच्छ रख-रखाव अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक ।

अच्छे स्वास्थ्य के लाभ-

  1. व्यक्ति स्वस्थ होते हैं तो वे काम में अधिक सक्षम होते हैं।
  2. इससे उत्पादकता बढ़ती है।
  3. आर्थिक संपन्नता आती है।
  4. आयुकाल बढ़ता है।
  5. शिशु तथा मातृ मृत्युदर में कमी होती है।

प्रश्न 19.
आदर्श टीके की कोई चार विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
आदर्श टीके की विशेषताएँ निम्न हैं-

  1. टीका प्रयोग करने में नितांत सुरक्षित होना चाहिए।
  2. आदर्श रूप में एक बार लगाने पर ही प्रभावी होना चाहिए।
  3. टीका प्रतिरक्षित प्राणी में जीवनपर्यन्त प्रतिरोधकता क्षमता प्रदान करने में सक्षम होना चाहिए।
  4. टीका सुगमतापूर्वक उपलब्ध हो व उत्पादन लागत अधिक न हो ।

प्रश्न 20.
कोशिका माध्यित प्रतिरक्षा व तरल माध्यित प्रतिरक्षा में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कोशिका माध्यित प्रतिरक्षा व तरल माध्यित प्रतिरक्षा में अंतर (Difference between Cell Mediate Immunity \& Humoral Mediate Immunity)

कोशिका माध्यित प्रतिरक्षा (Cell Mediate Immunity)तरल माध्यित प्रतिरक्षा (Humoral Mediate Immunity)
1. टी-कोशिकायें माध्यित प्रतिरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं।तरल या संचारी माध्यित प्रतिरक्षा के लिए B – लिम्फोसाइट कोशिकायें जिम्मेदार हैं।
2. ये कोशिकायें ऐसे पदार्थों का स्रावण करती हैं, जो कि लक्ष्य कोशिकाओं की कोशिका कला को घोल कर इसमें छिद्र उत्पन्न कर नष्ट कर देते हैं।प्रविष्ट होने वाले विभिन्न पदार्थों के लिए भिन्न-भिन्न B -लिम्फोसाइट्स होती हैं जो नष्ट करने का कार्य करती हैं।
3. सक्रिय लसिका कोशिकाओं से लिम्फोकाइन्स नियमनकारी प्रोटीन्स मुक्त किये जाते हैं।किसी विशिष्ट प्रकार के आक्रमण जीव या विष को नष्ट करने के लिए विशिष्ट एन्टीबॉडी का निर्माण किया जाता है।
4. यह नियमनकारी प्रोटीन्स अथवा लिम्फोकाइन्स वृहत् भक्षकाणुओं की कोशिका भक्षण किया, इनकी संख्या एवं समूहन क्षमता में वृद्धि करती है। जिसके फलस्वरूप संक्रमित कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है।यह एन्टीबॉडी रुधि लसिका तथा ऊतक द्रव्य में संचरित होकर रोगकारी जीवों या विष पदार्थों को नष्ट करती है।
5. तपेदिक, कैंसर, कोढ़ आदि रोगों से यह सुरक्षा करती है।यह टिटनेस, जुकाम, चेचक, खसरा, हैजा आदि रोगों से रक्षा करती है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

प्रश्न 21.

  • संलग्न दिये गये आरेख में क्या चीज दर्शायी गई है?
  • ‘a’ तथा ‘b’ नामांकित भागों के नाम लिखिए।
  • इस अणु को बनाने वाले कोशिका प्रारूप का नाम लिखिए ।

उत्तर:
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग - 1

  • एण्टीबॉडी (Antibody) अणु की संरचना ।
  • ‘a’ प्रतिजन बंधक स्थल (Antigen Binding site ) तथा b – भारी श्रृंखला का परिवर्ती क्षेत्र ।
  • यह B – लिम्फोलाइट (Lymphocyte) से बनता है।

प्रश्न 22.
(i) मलेरिया परजीवी के उस स्वरूप का नाम लिखिए जिसमें वह क्रमश:
(a) मानव शरीर में तथा
(b) मादा ऐनाफिलीज के शरीर में प्रवेश करता है।

(ii) उन परपोषियों का नाम लिखिए जिनके भीतर मलेरिया परजीवी का क्रमशः लैंगिक एवं अलैंगिक जनन होता है।

(iii) मानव में मलेरिया के रोग लक्षण प्रकट करने वाले उत्तरदायी टॉक्सिन का नाम लिखिए। ये रोग लक्षण आवर्ती प्रकार के क्यों हुआ करते हैं?
उत्तर:
(i) (a) मानव शरीर में स्पोरोजोइट (Sporozoite)
(b) मादा ऐनाफिलीज के शरीर में गेमीटोसाइट (Gametocyte)

(ii) मनुष्य – अलैंगिक जनन (Asexual Reproduction) मादा एनोफिलीज – लैंगिक जनन (Sexual Reproduction)

(iii) मानव में मलेरिया के रोग लक्षण प्रकट करने वाले उत्तरदायी टॉक्सिन का नाम हीमोज्वाइन (Haemozoin) है। इस रोग के लक्षण आवर्ती होते हैं। अर्थात् स्पोरोजोइट RBC पर आक्रमण करके उन्हें नष्ट कर देता है। इसे रुधिर कोशिका चक्र (Erythocytic cycle) कहते हैं। एक चक्र के पूरा होने में जितना समय लगता है उसके बाद उस रोग के लक्षण दिखाई देते हैं।

प्रश्न 23.
सुद ट्यूमर तथा दुर्दम ट्यूमर में अंतर बताइए ।
उत्तर:
सुद ट्यूमर तथा दुर्दम ट्यूमर में अंतर

सुदम ट्यूमर (Benign Tumour)दुर्दम ट्यूमर (Malignant Tumour)
1. ये हानिकारक नहीं होते हैंये खतरनाक व हानिकारक होते हैं।
2. ये स्थानीय होते हैंभ्रमणशील होते हैं।
3. इन्हें नॉन मेटास्टेसिस कहते हैं।इन्हें मेटास्टेटिस कहते हैं।
4. इनसे कैंसर रोग नहीं होता हैइन ट्यूमर से कैंसर रोग होता है।
5. इनकी वृद्धि धीरे-धीरे होती है।इनकी वृद्धि तेजी से होती है।

प्रश्न 24.
एन्टीबॉडी किसे कहते हैं? एन्टीबॉडी (प्रतिरक्षी ) अणु की संरचना का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
एन्टीबॉडी (Antibody ) – शरीर में एन्टीजन के प्रवेश होने पर इस एन्टीजन के विरुद्ध शरीर की B लिम्फोसाइट कोशिकाओं द्वारा स्रावित ग्लाइको प्रोटीन पदार्थ प्रतिरक्षी अथवा एन्टीबॉडी कहलाते हैं । एन्टीबॉडी की संरचना (Structure of Antibody) – यह जटिल ग्लाइको प्रोटीन से मिलकर बना अणु होता है।

जिसमें चार पोलीपेप्टाइड श्रृंखलायें दो भारी (440 अमीनो अम्ल) तथा दो हल्की श्रृंखला (220 अमीनो अम्ल) आपस में डी – सल्फाइड बंध द्वारा जुड़कर Y आकृति बनाती हैं, देखिए नीचे चित्र में एन्टीबॉडी को H2L2 के रूप में प्रदर्शित किया जाता है। यह अणु शीर्ष पर उपस्थित दो बिंदुओं पर एंटीजन (बड़ा और जटिल बाह्य अणु, मुख्य रूप से प्रोटीन जो विशिष्ट प्रतिरक्षा को सक्रिय करता है)

से ताला कुंजी (Lock & Key) के सिद्धांत के अनुसार. जुड़कर एंटीजन एंटीबॉडी कॉम्पलेक्स बनाता है। एंटीबॉडी का पुच्छीय भाग (Tail portion) भारी श्रृंखला से बना होता है, यह स्थिर खण्ड कहलाता है। हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के एंटीबॉडी उत्पन्न किये जाते हैं जिनमें से कुछ निम्न हैं- IgA, IgM, IgE एवं IgG।
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग - 2

प्रश्न 25.
निम्नलिखित औषधियाँ किन पादपों से प्राप्त की जाती हैं? केवल नाम लिखिए।
(i) एल एस डी
(ii) कैफीन
(iii) अफीम
(iv) कोकेन
(v) चरस ।
उत्तर:

औषधि का नामपौधे जिससे औषधि प्राप्त की जाती है
1. एल एस डीक्लैविसेप्स परप्यूरिया
2. कैफीनकोफिआ अंरैबिका
3. अफीमपापी के अपरिपक्व कैम्पसूल
4. कोकेनकोफिआ अरैबिका
5. चरसकैनाविनस सैटाइवा

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

प्रश्न 26.
कैंसर को परिभाषित कीजिए। इसके प्रमुख कोई पाँच लक्षण लिखिए ।
उत्तर:
कैंसर की परिभाषा – कोशिकाओं में होने वाला अनियंत्रित विभाजन जिसके कारण गाँठ या ट्यूमर का निर्माण होता है, कोशिकाओं का यह समूह कैंसर कहलाता है।
कैंसर के प्रमुख लक्षण-

  1. किसी ठोस कारण के बिना वजन में कमी होना ।
  2. कोई तिल या मस्सा जो बढ़ता जा रहा हो व उसमें खुजली या रक्तस्राव होता हो।
  3. लगातार पुनरावृत्त होने वाला तीव्र सिरदर्द ।
  4. कोई छाला, घाव या चकत्ता जो तीन सप्ताह में भी ठीक नहीं हो पा रहा हो।
  5. लगातार गले में खराश व बलगम में खून आना।
  6. स्तनों में गांठें व उनमें विरूपता ।
  7. मल-मूत्र विसर्जन के स्वभाव में परिवर्तन आना।
  8. योनि द्वारा रक्तस्राव व मासिक चक्र के बीच-बीच में रक्तस्राव होना ।
  9. वृषणों की आकृति एवं आकार में परिवर्तन होना ।

प्रश्न 27.
औषधि निर्भरता को समझाइये |
उत्तर:
औषधि निर्भरता (Drug Dependence ) – कुछ औषधियों के लंबे समय तक गैर-चिकित्सकीय प्रयोग के कारण व्यक्ति धीरे-धीरे ऐसी स्थिति में पहुँच जाता है कि उस औषधि के प्रयोग को बंद करने से उसकी शारीरिक एवं मानसिक क्रियाएँ सामान्य रूप से संचालित नहीं हो पाती हैं तथा वह व्यक्ति उस विशेष औषधि का सेवन करने का प्रयास करता है। ऐसी स्थिति को औषधि निर्भरता कहते हैं । औषधि निर्भरता शारीरिक या मानसिक या दोनों प्रकार की हो सकती है, किंतु मानसिक औषधि निर्भरता अधिक चिंतनीय होती है व इसका समाधान मुश्किल होता है।

प्रश्न 28.
उपार्जित प्रतिरोधकता के विशिष्ट लक्षण लिखिये ।
उत्तर:
उपार्जित प्रतिरोधकता के विशिष्ट लक्षण निम्न हैं-
(1) प्रतिजनी विशिष्टता (Antigenic Specificity) – यह प्रत्येक रोगकारक जीवाणु, विषाणु तथा रोग के लिए विशिष्ट होती है। तथा अलग-अलग रोगकारक पर अलग-अलग प्रकार से प्रक्रिया कर उन्हें विशिष्ट रूप से नष्ट करती है।

(2) विविधता (Diversity) – इनमें अनेक प्रकार के रोगकारकों को पहचानने की आश्चर्यजनक विविधता पाई जाती है।

(3) प्रतिरक्षात्मक स्मृति ( Immunological Memory) – प्रतिरक्षित तंत्र द्वारा एक बार किसी प्रतिजन का अभिज्ञान होने व उसके प्रति प्रतिरक्षी अनुक्रिया दर्शाने के बाद जीव में उस विशिष्ट प्रतिजन के लिए स्मृति स्थापित हो जाती है। यदि इस विशिष्ट प्रतिजन का भविष्य में पुनः संक्रमण होता है तो प्रतिरक्षात्मक स्मृति के कारण प्रतिरक्षित तंत्र अनुक्रिया पूर्व की प्रतिक्रिया की तुलना में अधिक तीव्र होती है।

(4) दीर्घकालिकता (Longevity) – किसी विशेष रोग की विशिष्ट प्रतिरक्षियाँ उत्पादित होने के बाद व्यक्ति विशेष को उस खास रोग से दीर्घकालीन सुरक्षा प्रदान करती हैं। क्योंकि ये प्रतिरक्षियाँ लंबी अवधि तक शरीर में बनी रहती हैं।

(5) अपने एवं पराये (Self & Non-self)- यह सिद्धांत फ्रेंक मैक़फारलेन बर्नेट ने प्रतिपादित किया। उपार्जित असंक्राम्यता प्रणाली विजातीय या पराये अणुओं की पहचान कर उनके विरुद्ध प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया दर्शाने में समर्थ होती है। दूसरी तरफ स्वयं के शरीर में उपस्थित अणुओं के प्रति अनुक्रिया नहीं प्रदर्शित करती है।

प्रश्न 29.
सक्रिय एवं निष्क्रिय प्रतिरक्षा को समझाइए।
उत्तर:
जब परपोषी प्रतिजनों (एंटीजेंस) का सामना करना है तो शरीर में प्रतिरक्षी पैदा होते हैं। प्रतिजन, जीवित या मृत रोगाणु या अन्य प्रोटीनों के रूप में हो सकते हैं। इस प्रकार की प्रतिरक्षा सक्रिय प्रतिरक्षा ( एक्टिव इम्यूनिटी) कहलाती है। सक्रिय प्रतिरक्षा धीमी होती है और अपनी पूरी प्रभावशाली अनुक्रिया प्रदर्शित करने में समय लेती है। प्रतिरक्षीकरण (इम्यूनाइजेशन) के दौरान जानबूझकर रोगाणुओं का टीका देना अथवा प्राकृतिक संक्रमण के दौरान संक्रामक जीवों का शरीर में पहुँचना सक्रिय प्रतिरक्षा को प्रेषित करता है।

जब शरीर की रक्षा के लिए बने बनाए प्रतिरक्षी सीधे ही शरीर को दिए जाते हैं तो यह निष्क्रिय प्रतिरक्षा (पैसिव इम्यूनिटी) कहलाती है। दुग्धस्रावण ( लैक्टेशन) के प्रारंभिक दिनों के दौरान माँ द्वारा स्रावित पीले से तरल पीयूष (कोलोस्ट्रम) में प्रतिरक्षियों (IgA) की प्रचुरता होती है जो शिशु की रक्षा करता है। सगर्भता (प्रेग्नेंसी) के दौरान भ्रूण को भी अपरा (प्लेसेंटा) द्वारा माँ से कुछ प्रतिरक्षी मिलते हैं। ये निष्क्रिय प्रतिरक्षा के कुछ उदाहरण हैं।

प्रश्न 30.
T सहायक कोशिकाओं व T-मारक कोशिकाओं. में अंतर समझाइए |
उत्तर:
T- सहायक कोशिकाओं व T-मारक कोशिकाओं में अंतर

T-सहायक कोशिकाएंT-मारक कोशिकाएं
1. ये कोशिकाएं इन्टरल्यूकिन्स पदार्थ का स्रावण कर टी-मारक कोशिकाओं तथा सुग्राहित टी-कोशिकाओं की क्रियाशीलता बनाती है।जबकि ये कोशिकाएं सूक्ष्म जीवों के संपर्क में आने के बाद एक साइटोटाक्सिक पदार्थ का स्रावण सीधे ही सूक्ष्म जीव के शरीर से कर इसे नष्ट करती हैं।
2. ये वृहत् भक्षकाणुओं को कोशिकाभक्षी क्रिया हेतु उद्दीपित करती हैं। एड्स विषाणु इन कोशिकाओं को ही निष्क्रिय या नष्ट करके प्रतिरक्षा प्रणाली को पंगु बना देते हैं।ये मारक कोशिकाएं विषाणुओं से संक्रमित ऊतक कोशिकाओं का भी भक्षण करती हैं।

प्रश्न 31.
स्वाभाविक प्रतिरक्षा के अंतर्गत किस प्रकार से सुरक्षात्मक प्रक्रियाओं के द्वारा स्वतः वातावरणीय कीटाणुओं से सुरक्षा की जाती है?
अथवा
स्वाभाविक प्रतिरक्षा में बाह्य रोगकारी कारकों के प्रवेश को किस प्रकार रोकते हैं? समझाइये।
उत्तर:
इससे निम्नलिखित सुरक्षात्मक प्रक्रिया द्वारा स्वतः वातावरणीय कीटाणुओं से सुरक्षा होती रहती है-

  1. त्वचा सतत रूप से विभिन्न कीटाणुओं के प्रवेश को रोकती है ।
  2. रक्त में WBC व एन्टीबॉडीज विभिन्न विषैले पदार्थों को नष्ट करते रहते हैं।
  3. ऊतकों में मैक्रोफेज कोशिकायें जीवाणुओं का भक्षण करती रहती हैं।
  4. जठर रस का HCL तथा इसके पाचक रस कीटाणुओं को नष्ट करते रहते हैं।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

प्रश्न 32.
मनुष्य के शरीर पर मलेरिया से होने वाले प्रभावों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मनुष्य के शरीर पर मलेरिया का प्रभाव –

  1. इरिथ्रोसाइटिक चक्रों के परिणामस्वरूप RBC की संख्या घट जाती है। इससे रक्तक्षीणता (anaemia) की उत्पत्ति होती है।
  2. प्रीइरिथ्रोसाइटिक व एक्सोइरिथ्रोसाइटोसिस के परिणामस्वरूप यकृत कोशिकाएँ नष्ट हो जाती हैं।
  3. हीमोग्लोबिन के नष्ट होने से बिलिरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है व पीलिया (Jaundice) हो जाता है।
  4. प्लीहा का आकार बड़ा हो जाता है व इससे लाइसोलेसिथन का स्रावण होता है जिससे RBC नष्ट होती है। कभी- कभी प्लीहा फट जाता है।
  5. परजीवी द्वारा हीमोलाइसिन का स्रावण होता है जो हीमोलाइसिस के लिये उत्तरदायी है।
  6. प्लीहा का बढ़ना स्पलीनोमिगेली व यकृत का बढ़ना हिपेटोमिगेली (Hepatomegaly) कहलाती है।
  7. थ्रोम्बोसिस (Thrombosis) हो जाता है। यह प्रभाव प्लाज्मोडियम फैल्सीपेरम में देखने को मिलता है।
  8. प्लाज्मोडियम की उपस्थिति में अनिद्रा (insomnia) उत्पन्न होती है।
  9. शरीर में लिम्फोसाइट्स की संख्या भी बढ़ जाती है।

प्रश्न 33.
अमिबिएसिस रोग के विशिष्ट लक्षण क्या-क्या हैं? सूची बनाइए। इसके उत्पन्नकर्ता जीव का नाम लिखिए । उत्तर- अमिबिएसिस रोग के लक्षण-

  1. कोष्ठबद्धता (कब्ज)
  2. उदरीय पीड़ा
  3. ऐंठन
  4. अत्यधिक श्लेष्मल और रक्त के थक्के वाला मल । इस रोग के उत्पन्नकर्ता जीव का नाम एन्ट अमीबा हिस्टोलाइटिका (Ent Amoeba Histolytica) है।

प्रश्न 34.
तम्बाकू का प्रयोग किसी भी रूप में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। समझाइए ।
उत्तर;
तम्बाकू का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, क्योंकि-

  1. तम्बाकू में उपस्थित निकोटिन रक्त चाप (Blood Pressure) एवं हृदय के स्पंदन (Heartbeat ) की दर को बढ़ाता है।
  2. तम्बाकू को चबाने से मुख का कैंसर हो जाता है।
  3. धूम्रपान से रक्त में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है अर्थात् हाइपोक्सिया (Hypoxia) हो जाता है।
  4. धूम्रपान फेफड़ों की जैव क्षमता (Vital Capacity) को कम करता है।
  5. खाँसी एवं ब्रोंकाइटिस हो जाता है।
  6. आमाशय एवं डयूडोनम में अल्सर हो जाते हैं।

प्रश्न 35.
पोषक तथा स्थान बताइए जहाँ मलेरिया परजीवी के जीवन चक्र में निम्नलिखित अवस्थाएँ होती हैं-
(a) गेमिटोसाइट का निर्माण
(b) गेमिटोसाइट का संलयन ।
उत्तर:
(a) गेमिटोसाइट ( Gametocytes) का निर्माण मनुष्य की RBC में होता है।
(b) मादा एनाफिलिज मच्छर के आमाशय में संलयन होता है।

प्रश्न 36.
(i) फाइलेरिएसिस पैदा करने वाले फाइलेरिआई कृमियों की दो स्पंशीज के वैज्ञानिक नाम लिखिए।
(ii) संक्रमित व्यक्तियों के शरीर को ये किस प्रकार प्रभावित करते हैं?
(iii) यह रोग किस प्रकार फैलता है?
उत्तर:
(i) (a) वुचेरिया ब्रैकाँफ्टी
(b) वुचेरिया मैलेगी।

(ii) इस कृमि के अधिक संक्रमण से मनुष्य की लसिका ग्रन्थियाँ एवं वाहिनियों में जीवित एवं मृत कृमि एकत्रित होने लग जाते हैं और अन्त में लसिका वाहिनियाँ तथा ग्रन्थियाँ अवरुद्ध हो जाती हैं। जिसके कारण हाथ-पैर तथा जनन अंगों में सूजन आ जाती है।

(iii) क्यूलेक्स या ऐडीज मच्छर वाहक का कार्य करते हैं।

प्रश्न 37.
नीचे दी गई तालिका में a, b, c तथा d की पूर्ति कीजिए-
उत्तर:

ड्रूग का नामपादप स्रोतप्रभावित अंग का नाम
1. aपॉपी पौधाb
2. मैरिजुआनाcd

(a) मार्फीन
(b) केन्द्रीय तन्त्रिका तंत्र
(c) कैनाबिस सटाइवा
(d) कॉर्डियोवेस्कुलर तन्त्र ।

प्रश्न 38.
तम्बाकू का प्रयोग किसी भी रूप में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है? समझाइए ।
उत्तर:
इनके सेवन करने से मनुष्य पर घातक दुष्प्रभाव होता है क्योंकि ये पदार्थ शारीरिक उपापचयी क्रियाओं, अंगों, येशियों व मानसिक क्रियाओं को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं। शीघ्र ही सेवनकर्ता व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य खराब हो जाता है। खेद की बात है कि आज की युवा पीढ़ी में नशीले पदार्थों के सेवन की प्रवृत्ति निरंतर बढ़ती जा रही है।

आज युवा वर्ग विज्ञापन संस्कृति से प्रभावित होकर मुख्य रूप से तंबाक युक्त पदार्थ जैसे बीड़ी, सिगरेट, सिगार, चिलम, खाने वाला तंबाकू, पान मसाले के विभिन्न रूप जो पुड़िया में मिलते हैं। इनके अतिरिक्त शराब, अफीम, हिरोइन, मार्फिन, स्मैक, गांजा, भांग, हशीश, चरस, मैरिजुआना आदि कई नशीले पदार्थों (डूग्स) का उपयोग करने लगा है। ये नशीले पदार्थ देश की युवा पीढ़ी को नशे का गुलाम व अकर्मण्य बना रहे हैं।

आम तौर पर जिन ड्रगों का कुप्रयोग किया जा रहा है वे निम्न हैं –
(1) ओपिऑइड्स (Opioids)
(2) कैनेबिनाइड्स (Canabinoids)
(3) कोका एल्कैलाइड्स (Coca-alkaloids)

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

(1) ओपिऑइड्स (Opioids)-ओपिऑइड्स ऐसे ड्रग हैं जो हमारे केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र (Central Nervous System) और जठरांत्र पथ (Gastrointestinal tract) में उपस्थित विशिष्ट ओपिऑइ इ्स ग्राहियों से जुड़ जाते हैं। सामान्यतः स्मैक (Smack) के नाम से मशहृर  हिरोइन (Heroin),

रासायनिक रूप से ड T इ एसिटि ल मार्फीन (Diacetyl morphin) है जो एक सफेद, गंधहीन, तीखा रवेदार यौगिक है। यह मार्फीन के एसीटिलीकरण से देखिए सामने चित्र में मॉर्फीन की रासायनिक संरचना है। जो पोस्त के पौधे पैपेवर सोम्नीफेरम (Papaver Somniferum) के लेटेक्स के निष्कर्षण द्वारा प्राप्त किया जाता है देखिए आगे चित्र में।
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग - 13
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग - 14
हिरोइन (Heroin) सबसे ज्यादा खतरनाक ओपिएट है और चिकित्सीय उपयोग के लिए प्रतिबंध लगा हुआ है। यह बहुत ज्यादा व्यसनी बना देने वाला ड्रग है। हिरोइन को गैर कानूनी तरीके से बनाया और बेचा जाता है क्योंकि इसमें पैसे का बहुत ज्यादा लाभ होता है। महंगी होने के कारण इसमें अव्सर हानिकारक पदार्थों की मिलावट कर दी जाती है। जिससे दूसर किस्म की बीमारियां हो जाती हैं।

ड्रग्स लेने वाले अपनी लूइयों के लिए लापरवाह होते हैं जिसके कारण उन्हें रक्त के विषावतन, सीरम हिपिटाइटिस तथा एड्स का खतरा होता है। हिरोइन का प्रयोग मुख द्वारा, सूंघकर या इंजेक्शन के द्वारा किया जाता है। यह आलस्य एवं निद्रा लाने वाला ड्रिग है। यह मनुष्य व नशेड़ी में अवसाद उत्पन्न करती है। इसके साथ ही शारीरिक क्रियाओं व प्रकार्यों को धीमा कर देती है जिससे स्वास्थ्य को हानि पहुंचती है।

(2) कैनेबिनॉइड (Canabinoids)-कैनेबिनॉइ ड्स रसायनों का समूह है जो मुख्य रूप से मस्तिष्क में मौजूद कैनेबिनॉइड्स ग्राहि यों से पारस्परिक क्रिया करते हैं। देखिए चित्र कैनेबिनॉइड्स अणु की संरचना। पाक् ति क कै नेंबनाइ ड कैनेबिस सैटाइला (Canabis sativa) पौधे के पुध्यक्रम (Inflorescences) से प्राप्त किया जाता है।

भांग के फूलों के शीर्ष, पत्तियाँ और राल (Resin) के विभिन्न संयोजन से मैरिजुआना (Marijuana), हशीश (Hashish), चरस (Charas) और गाँजा (Ganja) बनाने के काम आते हैं। देखिए सामने चित्र में कैनेबिस सैटाइवा (भांग) की पत्तियाँ। आमतौर पर अंतःश्वसन और मुँह द्वारा खाए जाने वाले मादक द्रव्य (Drugs) शरीर के हृदय वाहिका तंत्र (Cardio vascular system) को प्रभावित करते हैं।
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग - 15
(3) कोका एल्कैलाइड्स (Coca-alkaloids)-कोका एल्कैलाइड्स या कोकेन कोका पादप ऐरिथ्रोज़ाइलम कोका (Erythroxylum Coca) से प्राप्त किया जाता है। यह मूलरूप से दक्षिणी अमेरिका का पौधा है। यह तंत्रिकाप्रेषक (Neurotransmeter) डोपेमीन के परिवहन में बाधा डालता है। कोकेन जिसे सामान्यतः कोक (Coke) या क्रेक (Crack) कहते हैं, यह एक सफेद रंग का क्रिस्टलीय कड़वा पाउडर होता है। यह एक वाहिनी संकुचकन कारक है। इसके प्रयोग से स्थायी चेतना शून्यता के लिए प्रयोग किया जाता है।
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग - 16
कोकेन का प्रयोग चबाकर, खाकर पेय पदार्थ में डालकर किया जाता है। इसको इंजेक्शन के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। इसके पाउडर को जोर से श्वास लेकर अंदर खींचा जाता है। जिसके फलस्वरूप केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र (Central Nervous System) पर जोरदार उद्दीपक असर पड़ता है, जिससे सुख की अनुभूति होती है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

कोकेन की अत्यधिक मात्रा से विभ्रम (Hallucination) हो जाता है। अन्य प्रसिद्ध पादप जिनमें विभ्रम उत्पन्न करने का गुण है, जैसे एट्रोपा बेलेडोना और धतूरा हैं। देखिए ऊपर चित्र में। वर्तमान में विभिन्न खेलों के कुछ खिलाड़ी भी इन कैनेबिनाइडों का दुरुपयोग कर रहे हैं ताकि स्पर्धा में विजेता को हासिल कर सकें।

लाइसर्जिक अम्ल डाइएथिल एमाइड्स (एल एस डी)-यह एक प्रबल हैल्यूसिनोजन है। इसे क्लेविसेप्स परफ्यूरिया (Claviceps perfuria) नामक कवक के फलनकाय (Fruiting body) से प्राप्त किया जाता है। इसका उपयोग व्यक्ति धूम्र के रूप में करते हैं। इसके प्रभाव से व्यक्ति भ्रमित हो जाता है एवं इसमें मानसिक रूप से उत्तेजना आ जाती है अर्थात् मानसिकता गड़बड़ा जाती है। वैसे एल एस डी का प्रयोग गर्भाशय की पेशियों के संकुचन को प्रेरित करने एवं हेमरेज को रोकने के लिए इसे औषधि के रूप में किया जाता है।

यह सबसे ज्यादा लत पड़ने वाली ड्रूग है। अधिक सेवन से निम्न प्रभाव हो सकते हैं –

  1. मचलियाँ आना
  2. उल्टियाँ
  3. दस्त
  4. क्रोमोसोमो में विंपथन
  5. गर्भ में असामान्यताएँ
  6. केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र को गंभीर क्षति
  7. अचेतनता और यहां तक कि मृत्यु तक हो सकती है।

एम्फीटेमिन्स (Amphetamins)-इसे अनिद्रा औषधि कहते हैं। इसके सेवन से नींद नहीं आती है। यह एक संश्लेषित औरधि है जिसे सामान्यतया पेप पिल्स (Pep Pills) भी कहते हैं। इस औरधि का दुरुपयोग रात्रिकालीन कर्मचारी, ट्रक ड्राइवर, छात्र आदि जागने के लिए करते हैं। लेकिन इसके प्रभाव से निर्णय शक्ति एवं आंखें कमजोर हो जाती हैं।

एम्फीटेमिन्स का उपयोग खाँसी व अस्थमा के लिए इन्हेलेन्ट स्ट्रे के बनाने में औरधि के रूप में काम में लिया जाता है। बर्बिट्यूरेट (Barbiturates), बें जोडायजे पीन (Benzodiazepin) आदि औरधियों का उपयोग ऐसे लोग जो नशा छोड़ने में असमर्थ होते हैं तथा व्यक्ति अवसाद् (डिप्रेशन) एवं अनिद्रा (इनसोम्नीया) एवं मानसिक रोगों से ग्रसित हो उनके लिए फायदेमंद है। लेकिन इनका भी कुप्रयोग नशे के लिए किया जाने लगा है।

विभमी गुणों वाले अनेक पौधे, फल, बीजों का विश्व भर में लोक औषधि, धार्मिक उत्सवों और अनुष्ठानों में सैकड़ों वर्षों से उपयोग हो रहा है। जब ये औषधियाँ चिक्रित्सा के बजाय दूसरे उद्देश्य से ली जाती हैं या इतनी मात्रा में ली जाती हैं कि व्यक्ति की शारीरिक कार्यिकी अथवा मनोवैज्ञानिक प्रकार्यों को असंतुलित कर देती हैं तो यह ड्रगों का कुप्रयोग बन जाता है।

तम्बाकू (Tobacco)-प्रयोग में लिये जाने वाला तम्बाकू निकोटिआना टोबेकम (Nicotiana tobacum) एवं निकोटिआना रस्तिका (Nicotiana Rustica) नामक पौधे की सूखी पत्तियाँ हैं। जिनका प्रयोग मनुष्य चार सौ वर्षों से भी अधिक समय से करता आ रहा है। तंबाकू (धूम्रपान) पीया जाता है, चबाया जाता है या सूंघा जाता है। तंबाकू में बहुत से रासायनिक पदार्थ होते हैं जिनमें एक एल्केलाइड भी शामिल है, जिसे निकोटिन (Nicotine) कहते हैं।

निकोटिन के प्रभाव (Effect of Nicotine)-
(i) निकोटीन अधिवृक्क ग्रंथि (Adrenal gland) को उद्दीपित करता है जिसके फलस्वरूप अधिवृक्क ग्रंथि से एड्रिनलीन (Adrernaline) और नॉरएड्रिनलीन (Nor-Adrenaline) का स्रावण रक्त परिसंचरण (Blood circulation) में किया जाता है। ये दोनों हार्मोन रक्तचाप (Blood pressure) एवं हृदय के स्पंदन (Heart beat) की दर को बढ़ाते हैं।

  • पेशियों में शिथिलन आ जाता है।
  • तंत्रिका आवेगों का प्रवाह तीव्र हो जाता है।
  • रुधिर वाहिकाओं के संकीर्णन को बढ़ाता है।

धूम्रपान और रोग (Tobaco Smoking and Disease)तम्बाकू के निरंतर सेवन से निम्नांकित रोग होने की संभावना रहती है –

  • फुफ्फुस, मूत्राशय और गले का कैंसर
  • वातस्फीति (Emphysema)
  • हदय रोग
  • आमाशय एवं ड्यूडोनम में अल्सर
  • खाँसी एवं ब्रोंकाइटिस
  • धूम्रपान से रक्त में कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है और हीमआबद्ध (Heambound) ऑक्सीजन की सांद्रता घट जाती है। इससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है अर्थात् हाइपोक्सिया (Hypoxia) हो जाता है।
  • धूम्रपान फेफड़ों की जैव क्षमता (Vital Capacity) को कम करता है।
  • गर्भवती स्त्रियों द्वारा धूम्रपान करने से गर्भ में स्थित शिशु के विकास पर दुष्प्रभाव पड़ता है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

इसके उपयोग को रोकने हेतु 31 मई को विश्व में तम्बाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है। हमारे देश में 1 दिसंबर 2004 को लागू किया गया कि शिक्षण संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में कोई भी तंबाकू का विक्रय नहीं होना चाहिये। इसी प्रकार सिगरेट एवं तम्बाकू के प्रत्येक पैकिट पर भी वैधानिक चेतावनी अनिवार्य रूप से अंकित होती है। वर्तमान में हमारे देश में तम्बाकू एवं तम्बाकू से बनी सभी वस्तुओं के सार्वजनिक विजापन पर प्रतिबंध है।

प्रश्न 39.
(i) मानवों में टाइफॉयड (मियादी बुखार) के पैदा करने वाले कर्ता का नाम लिखिए।
(ii) इस रोग की पुष्टि करने वाले परीक्षण का नाम लिखिए।
(iii) इसका रोगजनक मानव शरीर में किस प्रकार प्रवेश करता है? इसके नैदानिक रोग लक्षण लिखिए और गम्भीर मामलों में शरीर का जो अंग इससे प्रभावित होता है, उसका नाम लिखिए।
उत्तर:

  • साल्मोनेला टाइफी ( Salmonella Typhi)
  • विडाल परीक्षण (Widal Test)
  • संदूषित (Contaminated) भोजन और पानी द्वारा रोगजनक छोटी आन्त्र में प्रवेश करते हैं।

रोग के लक्षण

  • रोगी को लगातार उच्च ज्वर आना
  • कमजोरी आना
  • आमाशय में पीड़ा
  • कब्ज
  • सिरदर्द
  • भूख न लगना
  • गम्भीर अवस्था में आंत्र में छेद। प्रभावित अंग-आंत्र की दीवार।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्न पर टिप्पणियाँ लिखिए-
(1) कोकेन
(2) दाद
(3) एस्केरिएसिस
(4) तरल प्रतिरक्षा अनुक्रिया।
उत्तर:
(1) कोका एल्केलाइड या कोकेन कोका पादप ऐरिथ्रोजाइलम कोका (Erythroxylum coca) से प्राप्त किया जाता । यह मूल रूप से दक्षिणी अमेरिका का पौधा है। यह तंत्रिकाप्रेषक Neurotransmitter) डोपेमीन के परिवहन में बाधा डालता है। कोकेन जिसे सामान्यतः कोक (Coke) या क्रैक (Crack) कहते हैं। इसे जोर से श्वास द्वारा खींचा जाता है।

इसका केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central nervous system) पर जोरदार उद्दीपक असर पड़ता है जिससे सुख की अनुभूति (Euphoria) एवं ऊर्जा में वृद्धि की अनुभूति होती है। कोकेन की अत्यधिक मात्रा से विभ्रम (Hallucinations) हो जाता है। अन्य प्रसिद्ध पादप जिनमें विभ्रम उत्पन्न करने का गुण है। जैसे एट्रोपा बेलेडोना एवं धतूरा। देखिए सामने चित्र में। रोग
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग - 3

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

(2) दाद (Ringworm) – यह माइक्रोस्पोरम (Microsporum), ट्राइको फाइटॉन (Trichophyton) और एपिडर्मोफाइटॉन (Epidermophyton) आदि वंश के कवक के द्वारा होता है। यह एक मनुष्य में सामान्य संक्रामक रोग हैं। शरीर के विभिन्न भागों जैसे त्वचा, नाखून और शिरोवल्क (Scalp) पर सूखी, शल्की विक्षतियां (Scaly lesions ) इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं।

इन विक्षतियों में तेज खुजली होती है। उष्मा और नमी इन कवकों को त्वचा के वलनों, जैसे ग्रोइन अथवा पादंगुलियों के बीच पनपने में मदद करती है। दाद आमतौर पर मिट्टी से या संक्रमित व्यक्तियों के कपड़े, तौलिए या कंघे तक का प्रयोग करने से हो जाता है।

(3) एस्केरिएसिस (Ascariasis) – यह रोग एस्केरिस नामक गोलकृमि (roundworms) के द्वारा होता है। यह कृमि मनुष्य की आंत्र में पाया जाने वाला परजीवी है। आंतरिक रक्तस्राव, पेशीय पीड़ा (muscular pain), ज्वर, अरक्तता ( anemia) एवं आंत्र का अवरोध होना इस रोग के लक्षण हैं। इस परजीवी (ऐस्केरिस) के अंडे संक्रमित व्यक्ति के मल के साथ बाहर निकलते हैं और मिट्टी, जल, पौधों आदि को संदूषित कर देते हैं। स्वस्थ व्यक्ति में संक्रमण जल, शाक-सब्जियों, फलों आदि के सेवन से हो जाता है।
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग - 4

(4) तरल प्रतिरक्षा अनुक्रिया (Humoral Immune Response) – इस प्रकार की प्रतिरक्षा में शरीर में प्रवेश होने वाले विभिन्न प्रकार के जीवाणुओं, विषाणुओं तथा विषैले पदार्थों के प्रभाव को नष्ट करने हेतु अलग-अलग प्रकार की बी लसीका कोशिका निर्धारित होती है। किसी विशिष्ट प्रकार के आक्रमणकारी जीव या विष पदार्थ को नष्ट करने के लिए विशेष प्रकार की लसिकाणु विशिष्ट ग्लोब्यूलिन प्रोटीन उत्पन्न करती है।

यह प्रोटीन रुधिर, लसीका तथा ऊतक द्रव्य में से होकर रोगकारी जीवों या विष पदार्थों का नाश करती है। ऐसी प्रोटीन्स प्रतिरक्षी ग्लोब्यूलिन्स प्रकृति की होती है व प्रतिरक्षी या प्रतिपिंड कहलाती है। चूंकि इन प्रतिपिंडों एवं प्रतिजनों के मध्य विशिष्ट अंतर्क्रिया सामान्यतः रक्त या लसीका जैसे तरल माध्यम में होती है इसलिए इसे तरल या संचारी माध्यित प्रतिरक्षा अथवा तरल प्रतिरक्षा अनुक्रिया कहते हैं।

प्रश्न 2.
प्रतिरक्षा किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार की होती है ? सहज प्रतिरक्षा का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हमारे शरीर में प्रतिदिन वातावरण में उपस्थित कई प्रकार के रोगाणुओं जैसे जीवाणुओं, विषाणुओं, परजीवी जन्तुओं तथा कवकों इत्यादि का आक्रमण होता रहता है। इसके अलावा कई विषैले पदार्थ भी वातावरण से शरीर में पहुँच जाते हैं। शरीर के ही रोगग्रस्त ऊतकों तथा आक्रमणकारी जीवों द्वारा विषैले पदार्थ मुक्त होते रहते हैं। शरीर में प्रविष्ट होने वाले ऐसे रोगकारक विघैले पदार्थ प्रतिजन (Antigen) कहलाते हैं।

जन्तु शरीर में विभिन्न प्रतिजनी पदार्थों के निरन्तर प्रवेश करने के बावजूद भी सामान्यतः शरीर रोगग्रस्त नहीं होता है। ऐसा जन्तुओं में उपस्थित एक विशेष क्षमता के कारण होता है जो रोगकारी प्रतिजन पदार्थों को सीधे अथवा विशेष प्रतिरक्षी पदार्थों (Antibodies) के द्वारा नष्ट कर शरीर को सुरक्षित रखती है। जन्तुओं की क्षमता को प्रतिरोधक क्षमता या असंक्राम्यता अथवा प्रतिरक्षा (Immunity) कहते हैं।

वे समस्त संरचनाएँ जो रोगप्रतिरोधक क्षमता से संबंधित होती हैं प्रतिरक्षित तन्त्र (Immune System) का निर्माण करती हैं। प्रतिरक्षित तन्त्र के अध्ययन को प्रतिरक्षा विज्ञान (Immunology) कहा जाता है। इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने के कारण एमिल वॉन बेरिंग (Emil Von Behring) को पतिरक्षा विज्ञान का जनक (Father of Immunology) कहा जाता है।

प्रतिरक्षा प्रमुखतः दो प्रकार की होती है –

  • सहज प्रतिरक्षा (Innate Immunity)
  • उपार्जित प्रतिरक्षा (Acquired Immunity)

सहज प्रतिरक्षा (Innate Immunity):
इसे प्राकृतिक एवं स्वाभाविक प्रतिरक्षा के नाम से भी जाना जाता है। यह शरीर की सामान्य प्रतिरक्षा प्रणाली होती है जो कि जन्मजात (Inborn) उपस्थित होती है। इसमें वे सभी अवरोध शामिल हैं जो बाह्य रोगकारी कारकों के प्रवेश को रोकते हैं। यदि किसी प्रकार से रोगकारक शरीर में प्रविष्ट होने में सफल भी हो जाते हैं तो सहज प्रतिरक्षा के घटक जैसे वृहत् भक्षाणु उन्हें समाप्त कर देते हैं। अतः यह जीवों की सुरक्षा हेतु प्रथम रक्षा पंक्ति (First Line of Defence) बनाती है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

सहज प्रतिरक्षा में चार प्रकार के रोध होते हैं –
(i) सहज रोध (Physical Barriers)-इस प्रकार का अवरोध रोगाणुओं को शरीर में अन्दर प्रवेश होने से रोकता है। त्वचा की बाह्य परत किरैटिन की बनी होती है और रोगाणुओं के लिये लगभग अभेद्य होती है। त्वचा की तैल ग्रन्थियां लैक्टिक अम्ल उत्पन्न करके अम्लीय वातावरण का निर्माण करती हैं जो रोगाणुओं को नष्ट करता है।

श्वसन तन्त्र जठरांत्र (Gastrointestinal) और जनन मूत्र पथ को आस्तरित करने वाली एपिथीलियम का श्लेष्मा (Mucous) आवरण भी शरीर में प्रवेश करने वाले रोगाणुओं को रोकने में सहायता करता है। इसी प्रकार शरीर के साव जैसे पसीना भी रोगाणुओं को दूर बनाये रखता है ।

(ii) कार्यिकीय रोध (Physiological Barriers)-जंतु शरीर का ताप, विभिन्न अंगों द्वारा स्रावित पदार्थ एवं पी.एच. (pH) प्रमुख कार्यिकीय अवरोधकों का कार्य करते हैं। आमाशय की ग्रंथियों द्वारा स्रावित HCl, निम्न (pH) माध्यम उत्पन्न करता है जो कि भोजन के साथ प्रविष्ट सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर देता है।

जंतु कोशिकाओं व ऊतकों द्वारा उत्पन्न अन्य विलेय कारक जैसे श्लेष्म एवं अश्रुस्राव में उपस्थित लाइसोजाइम, रक्त सीरम में मिलने वाले संपूरक कारक तथा वायरस संक्रमित कोशिकाओं द्वारा उत्पन्न इंटरफेरॉन्स (Interferons) प्रोटीन भी कार्यिकी अवरोधों का कार्य करते हैं। लाइसोजाइम जलअपघटनी क्रिया द्वारा जीवाणुओं की कोशिका भित्ति में उपस्थित पेप्टाइडोग्लाइकन स्तर को विघटित कर देते हैं। इन्टरफेरॉन प्रोटीन्स कोशिकाओं को विषाणुओं के संक्रमण से सुरक्षित रखती है।

(iii) भक्षकाणिवक अवरोध (Phogocytic Barriers)-शरीर में उपस्थित विशिष्ट कोशिकाएँ जैसे रक्त की मोनोसाइट्स (Monocytes), न्यूट्रोफिल्स (Neutrophils) कोशिकाओं व ऊतकों को वृहत् भक्षकाणु जंतुओं के अंदर प्रवेश करने वाले बाह्य कोशिकीय कणिकीय पदार्थों जैसे रोगजनक सूक्ष्मजीवों को कोशिकाशन (Phagocytosis) द्वारा नष्ट करते रहते हैं।

कोशिकाशन (Phagocytosis) एक महत्वपूर्ण स्वाभाविक प्रतिरक्षी क्रिया है। इसके अतिरिक्त ऊतकों में उपस्थित प्राकृतिक मारक कोशिकाएँ शरीर में उपस्थित अर्बुद कोशिकाओं एवं विषाणु संक्रमित कोशिकाओं को नष्ट कर देती हैं। भक्षकाणु कोशिकाएं दो प्रकार की होती हैं, जिन्हें सूक्ष्म भक्षकाणु (Microphase) और महाभक्षकाणु (Macrophase) कहते हैं।

सूक्ष्मभक्षकाणु (Microphase)-ऐसी श्वेत रक्त कोशिकाएँ हैं जिनमें दो या दो से अधिक पाली वाला केन्द्रक होता है। ये आकार में छोटी और अल्प-जीवी होती हैं। महाभक्षकाणु (Macrophase)-एककेन्द्री भक्षक कोशिकाएं होती हैं जो आकार में बड़ी और दीर्घ जीवी होती हैं। ये लगभग सभी अंगों और ऊतकों में पायी जाती हैं। लेकिन विशेष रूप से ये फेफड़ों, यकृत व प्लीहा में पायी जाती हैं।

(iv) शोथ अवरोध (Inflammatory Barriers)-शरीर के ऊतकों के घाव, चोट या रोगजनक सूक्ष्मजीवों के आक्रमण से क्षतिग्रस्त होने की अवस्था में कई जटिल व क्रमबद्ध प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न होती हैं जिन्हें संयुक्त रूप से शोथ अनुक्रिया कहते हैं। इस अनुक्रिया में क्षतिग्रस्त ऊतकों की मास्ट कोशिकाओं (Mast cells) द्वारा उत्पन्न हिस्टामीन व प्रोस्टाग्लेंडिन एवं रक्त प्लाज्मा में उपस्थित काइनिन्स प्रमुख मध्यस्थ अणुओं का कार्य करते हैं।

इस अनुक्रिया के फलस्वरूप प्रभावित ऊतकों व अंगों में लाली, दर्द, सूजन व गर्माहट के लक्षण उत्पन्न होते हैं। मेश्नीकॉफ ने इसे एक सुरक्षात्मक (Protective) अनुक्रिया बताया। इस क्रिया के माध्यम से हानिकारक कारकों के प्रभाव को प्रभावित ऊतकों तक ही सीमित रखकर ऊतकों की मरम्मत एवं सुरक्षा की जाती है।

प्रश्न 3.
ड्रगों का दुरुपयोग खिलाड़ियों के द्वारा क्यों किया जाता है? इन ड्रगों के अनुषंगी प्रभावों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
ड्रगों का दुरुपयोग कुछ खिलाड़ियों द्वारा अपने प्रदर्शन को और बेहतर करने के लिए किया जाता है। वे खेलों में स्वापक पीड़ाहर (narcotic analgesics), उपचयी स्टेराइडों (anabolic steroids), मूत्रल दवाओं (Diuretics) एवं कुछ हार्मोन का कुप्रयोग, मांसपेशियों को शक्तिशाली बनाने और आक्रामकता को बढ़ाने और फलस्वरूप खेल प्रदर्शन के लिए करते हैं। ड्रगों के अनुषंगी प्रभाव (Side-effects of Drugs) – महिलाओं में उपचयी स्टेराइडों के सेवन के अनुषंगी प्रभाव निम्न हैं –

  1. पुंस्त्वन (Masculinisation) अर्थात् पुरुष जैसे लक्षण
  2. बढ़ी आक्रामकता (Increased aggresiveness)
  3. भावदशा में उतार-चढ़ाव
  4. अवसाद
  5. असामान्य आर्तव चक्र
  6. मुँह तथा शरीर पर बालों की अत्यधिक वृद्धि
  7. आवाज का भारी होना।

पुरुषों में ड्रगों के सेवन से निम्न अनुषंगी प्रभाव होते हैं-

  1. पुरुषों में मुँहासे
  2. बढ़ी आक्रामकता
  3. भावदशा में उतार-चढ़ाव
  4. अवसाद
  5. वृषणों (Testis) के आकार में कमी
  6. शुक्राणु उत्पादन में कमी
  7. यकृत (Liver) एवं वृक्क (Kidney) की संभावित दुष्क्रियता
  8. स्तनों में वृद्धि
  9. समय से पूर्व गंजापन
  10. प्रोस्टेट ग्रंथि की वृद्धि ।

लंबे समय तक सेवन करने से उक्त प्रभाव स्थायी हो सकते हैं । युवा पुरुष या महिलाओं में मुँह और शरीर के सख्त मुँहासे और लंबी अस्थियों के वृद्धि केन्द्रों के समय पूर्व बंद होने के फलस्वरूप वृद्धि रुक जाती है।

प्रश्न 4.
व्यसन किसे कहते हैं? ड्रग ऐल्कोहॉल के कुप्रयोग के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
व्यसन और निभरंरता (Addiction and Dependence):
व्यक्ति की किसी भी पदार्थ पर जैसे कि तम्बाकू, ऐेल्कोहॉल तथा ड्रूस पर शारीरिक तथा मान्नसक निर्भरता व्यसन (Addiction) कहलाती है । ड्रग्स का उपवोग करने वाले व्यक्ति की मानसिक तथा शारीरिक दशा बदल जाती है। इसके लगातार ग्रहण करने से व्यक्ति इूस के लिए व्यसनी (लती) हो जाता है क्योंकि इ्रगों के ब्यार-बार उपबोग से हमारे शरीर में उपस्थित ग्राहियों का सद्ध स्तर बढ़ जाता है।

इसके फलस्वरूप ग्राही, इूगों या ऐल्कोहॉल की केक्ल उध्तम मात्रा के प्रति अनुक्रिया करते हैं, जिसके कारण अधिकाधिक मात्रा में लेने की लत पड़ जाती है अथात् निर्भर हो जाता है एवं इनके बिना उसका नीना कटिन हो जाता है। जब किसी आदतन ड्रग/ऐल्कोहॉल लेने वाले ख्यक्ति की नियमित मात्रा को अचानक बंद कर दिया जाता है तो उसे शई प्रकार के सम्मिलित जटिल प्रभावों युक्त लक्षणों का आभास होता है। ये लक्षण विनिवरंन संलक्षण (Withdrawal Syndrome) करलाते हैं। ऐसे सक्षण निम्न हैं –

  1. ड्रास्स के बार-बार उपयोग करने की मारसिक इ्चा
  2. हल्के कंषन
  3. प्रबल दौरे
  4. उद्धेग
  5. तरित बेहोशी
  6. पसीना आन्ता
  7. बिंता
  8. मिचली आना
  9. ब्दय की गति बढ़ जाना
  10. सहनता (शारीर में ड्रग्स की बढ़ती जाती सहनता के कारण व्यसनी को उसकी और ज्यादा मात्रा का चाहना)
  11. ड़स्स से कुछ समब दूर रहने के बाद भी ड्रग का व्यसन।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

कई बार यह स्थिति काफी गंभीर हो सकती है व पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। अनः वापसी अबधि चिकित्सकीय देख-रेख में होनी चाहिए। प्रयोग की जा रही ड्राग को अचानक बंद करने या परिवर्जन (Abstinence) के कारण वह्ठ व्यक्ति याचना करने लगता है। ऐसे व्यक्ति को मानसिक सहारा (Psychological Support) की अत्बन्त आवश्यकता होती है तधा ऐसे संमय में परिवार के सद्स्यों एवं मित्रों का सकारान्मक सहियोग होना चाहिये।

ड्रग/ऐल्कोहॉल कुप्रयोग के प्रभाव (Impact of Drug) Alcohol Abuse):
इूगों की अत्यधिक मात्रा के सेबन से श्वसन पात्त (Respiratory Failure), हदय पात (Heart Faliure) अथवा प्रमस्तिष्क रक्तम्नांव (Cerebral bemorrhage) के कारण व्यक्ति कोमा में चला जाता है अन्ततः मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। विशेष तौर से किशोरों के इस व्यसनों की चपेट में आने के मुख्य कारण अग्र हैं –

  1. शैक्षिक क्षेत्र में प्रदर्शन में कमी,
  2. बिना किसी स्पष्ट कारण के विद्यालय अथवा महाविद्यालय (College) से अनुपस्थिति,
  3. व्यक्तिगत स्वच्छता की रुचि में कमी,
  4. विनिवर्तन,
  5. एकाकीपन,
  6. अवसाद, थकावट,
  7. आक्रमणशील और विद्रोही व्यवहार,
  8. परिवार और मित्रों से बिगड़ते संबंध,
  9. शौक की रुचि में कमी,
  10. सोने और खाने की आदतों में परिवर्तन,
  11. भूख और वजन में कमी अथवा बढ़ना।

ड्रग अथवा ऐल्कोहॉल के कुप्रयोग के दूरगामी परिणाम भी हो सकते हैं। व्यक्ति (व्यसनी) अपने परिवार व मित्रों के लिए भी मानसिक संताप का कारण बन जाता है। अपना शौक पूरा करने के लिए ड्रग व ऐल्कोहॉल के लिए चोरी करना, घर का सामान बेचना, घर को बेचना आदि कृत्य करता है।

जो लोग (व्यसनी) सूई (Injection) से नशा करते हैं उनमें HIV/AIDS या यकृत शोथ (Hepatitis) होने व उसके स्थानान्तरण का खतरा अधिक होता है क्योंकि व्यसनी एक-दूसरे के सूई (Injection) का इस्तेमाल करने अथवा संक्रमित सूई द्वारा ड्रगग लेने से एक-दूसरे से वायरस (Virus) स्थानान्तरित हो जाते हैं। अधिक ऐल्कोहॉल पीने से यकृत (Liver) में ग्लाइकोजन (Glycogen) का संचय होने की बजाय वसा का संचय होता है, जिससे वसा-यकृत सिन्ड्रोम की दशा बन जाती है जिससे सिरोसिस (Cirrhosis) बन जाता है।

(यकृत कड़ा हो जाता है तथा सूख जाता है)। अधिक सांद्रता वाले ऐल्कोहॉल के सेवन से आमाशय में दर्द युक्त प्रदाह होता है। इसे गेस्ट्राइटिस (Gastritis) कहते हैं। गर्भावस्था के दौरान ऐल्कोहॉल अथवा ड्रगों का उपयोग गर्भ पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। आजकल खिलाड़ी अपनी मांसपेशियों की थकान दूर करने एवं उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु ड्रगों का दुरुपयोग करते हैं।

इन ड्रग्स में स्वापक पीड़ानाशक (Narcotic Analgesic), स्टीरॉइड्स (Steroids), मूमल ड्रग्स एवं विभिन्न प्रकार के हार्मोन होते हैं। स्त्रियों में उपचयी स्टेरॉइडों के प्रयोग से स्त्रियों में पुरुषों के लक्षण (masculinisation) विकसित हो जाते हैं, इसके अतिरिक्त निम्न लक्षण प्रकट हो जाते हैं –

  • भावदशा में उतार-चढ़ाव
  • असामान्य आर्तव चक्र (menstrual cycle)
  • मुंह और चेहरे पर बालों की अत्यधिक वृद्धि
  • भगशेफ (Clitoris) का बढ़ जाना
  • आवाज गहरा होना
  • बड़ी आक्रामकता, अवसाद आदि।

पुरुषों में इन ड्रग्स को लेने से उत्पन्न लक्षणों में वृषणों (Testis) के आकार का घटना, शुक्राणुओं (Sperms) के उत्पादन में कमी, स्तनों (Mammary Glands) का आकार में बढ़ना, प्रोस्टेट ग्रंथि (Prostate gland) का बढ़ना, समय से पहले बाल उड़ना (गंजापन), चेहरे पर मुंहासे, बढ़ी आक्रामकता भावदशा में उतार-चढ़ाव, अवसाद, वृक्क (Kidney) की संभावित अक्रियाशीलता आदि शामिल हैं। लंबे समय तक सेवन से ये प्रभाव स्थायी हो सकते हैं।

प्रश्न 5.
स्वप्रतिरक्षा किसे कहते हैं? मानव में स्वप्रतिरक्षा रोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
स्वप्रतिरक्षा (Auto Immunity):
प्रतिरक्षा तंत्र में आत्मस्थ (अपने) घटक तथा आत्मेतर (पराया) घटकों के बीच भेद कर सकने की क्षमता होती है। सामान्यतः आत्मस्थ घटकों के साथ कोई प्रतिक्रिया नहीं होती यानी अपने ही ऐन्टीजनों को सहन कर लिया जाता है। इस प्रक्रिया को स्वःसहायता कहते हैं। कभी-कभी शरीर में अपने ही ऊतकों के प्रति शरीर द्वारा एंटीबॉडी माध्यित (तरलीय) अथवा कोशिका माध्यित आक्रमण होने लगता है जिससे स्वप्रतिरक्षा पैदा हो जाती है। इससे कोशिका अथवा ऊतक क्षति होती है या इनके कार्यों में अंतर आ जाता है।

इस प्रकार पैदा होने वाले दोषों को स्वप्रतिरक्षा दोष अथवा रोग कहते हैं। ऐसी एंटीबॉडियों, जो आत्मस्थ घटकों अथवा आत्मस्थ ऐंटीजनों (स्व एंटीजनों) के साथ प्रतिक्रिया कर सकते हैं, को स्व एंटीबॉडी कहते हैं। स्वप्रतिरक्षा रोग 5-10 प्रतिशत मानव जनसंख्या को प्रभावित करते हैं। ये रोग चिरकालिक कमजोरी समस्याओं के बाद आ जाते हैं। पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों में स्वप्रतिरक्षा ज्यादा होती है। मानव में स्वप्रतिरक्षा रोग निम्न हैं-

  • मायस्थेनिया ग्रेविस (Myasthenia Gravis)-पेशियों का स्वयं नष्ट होना।
  • जीर्ण रक्ताल्पता (Chronic Anaemia)-स्वयं की लाल रुधिर कणिकाओं (RBC) का नष्ट होना।
  • हाशिमोटो रोग (Hashimoto disease)-इसे थाइरॉइड की आत्महत्या भी कहते हैं।
  • जीर्ण यकृत शोथ (Chronic hepatitis)-यकृत द्वारा स्वयं की कोशिकाओं को नष्ट करना।
  • आमावाती संधिशोथ (रुमेटोयाड आर्थाइटिस), इंसुलिननिर्भरता मधुमेह एवं बहुस्थानिक स्क्लेरोसिस आदि।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

प्रश्न 6.
पश्चविषाणु (रेट्रोवायरस) किसे कहते हैं? पश्चविषाणु की प्रतिकृति को चित्र की सहायता से प्रदर्शित कीजिए ।
उत्तर:
पश्चविषाणु (रेट्रोवायरस ) – एड्स एक विषाणु रोग है जो मानव में प्रतिरक्षा न्यूनता विषाणु (एच. आई. वी. ह्यूमन इम्यूनो डिफिसिएंसी वायरस) के कारण होता है। एच. आई. वी. विषाणुओं के उस समूह में आता है जिसे पश्चविषाणु रेट्रोवायरस कहते हैं, जिनमें आर.एन.ए. जीनोम को ढकने वाला आवरण होता है। देखिए आगे चित्र में।
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग - 5

प्रश्न 7.
टीकाकरण और प्रतिरक्षीकरण पर लेख लिखिए।
उत्तर:
टीकाकरण और प्रतिरक्षीकरण (Vaccination and Immunisation):
किसी अनुग्र (Non-virulent) या मृत (killed) सूक्ष्मजीवों या उनके द्वारा आविषों (Toxins) की अति सूक्ष्म मात्रा को शरीर में प्रविष्ट कराना टीकाकरण कहलाता है तथा जो पदार्थ प्रविष्ट कराया जाता है उसे टीका कहते हैं। इस क्रिया द्वारा जीव में किन्हीं विशिष्ट रोगों के प्रति प्रतिरोधकता विकसित हो जाती है। एडवर्ड जेनर ने गो-चेचक का प्रयोग करके 1796 में चेचक से प्रतिरक्षण का टीका (Vaccine) प्रारंभ किया। इस उल्लेखनीय योगदान के कारण उन्हें प्रतिरक्षण का जनक (Father of Immunisation) कहा जाता है।

टीकाकरण या प्रतिरक्षण क्रिया सिद्धांत प्रतिरक्षा तंत्र की स्मृति कोशिकाओं के ऊपर आधारित है। टीकाकरण के द्वारा प्रविष्ट विशिष्ट प्रतिजनी पदार्थ शरीर में पहुँचकर प्राथमिक प्रतिरक्षा अनुक्रिया उत्पन्न करता है व साथ ही स्मृति B व T कोशिकाएँ उत्पन्न होती हैं। भविष्य में वह व्यक्ति या जीव यदि उसी विशिष्ट रोगकारक द्वारा संक्रमित होता है तो वहां उपस्थित B व T कोशिकाएं उस रोगकारक को तुरंत पहचान कर प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय कर शरीर को सुरक्षा प्रदान करती हैं।

एक आदर्श टीके (Vaccine) में निम्न विशेषताएं होनी चाहिए –

  • टीका प्रतिरक्षित प्राणी में जीवनपर्यंत प्रतिरोधकता क्षमता प्रदान करने में सक्षम होना चाहिए।
  • टीका सुगमतापूर्वक उत्पन्न हो सके व उत्पादन लागत अधिक न हो।
  • आदर्श रूप में एक बार लगाने पर ही प्रभावी होना चाहिए।
  • टीका प्रयोग करने में नितांत सुरक्षित होना चाहिए।

टीके के प्रकार (Types of Vaccines)-सामान्यतः टीके निम्नलिखित प्रकार के होते हैं –

  • आविषाभ टीके (Toxoids)-आविषाभ (Toxoids) एक रासायनिक व भौतिक रूप से परिष्कृत जीव-विष है जो कि हानिकारक तो नहीं होता है किंतु इसकी प्रतिरोग क्षमताजनकता बनी रहती है। उदाहरण-डिफ्थीरिया एवं टिटेनस के टीके।
  • जीवाणुजन्य टीके (Bacterial Vaccines)-इन टीकों के निर्माण में मारे गये जीवाणुओं का प्रयोग किया जाता है। उदाहरणटायफाइड, हैजा, कुकर खाँसी, तपेदिक, प्लेग के टीके।
  • विषाणुजन्य टीके (Viral Vaccines)-इन टीकों के निर्माण में जीवित क्षीणीकृत (Living attenuated) अथवा मारे गये विषाणुओं का उपयोग किया जाता है। उदाहरण-खसरा, चेचक, इन्फ्लुएंजा (Influenza) व पोलियो के टीके।
  • न्यूक्लिक अम्ल टीके (Nucleic acid Vaccines)-इन टीकों के निर्माण में नग्न डी.एन.ए. का उपयोग किया जाता है अर्थात् ये नग्न DNA से निर्मित होत्रे हैं। उदाहरण-हिपेटाइटिस-बी का टीका।
  • संयुग्मित टीके (Conjugated Vaccines)-ये प्रोटीन अणुओं से योजित पॉलिसैकेराइड्स से निर्मित होते हैं। उदाहरणन्यूमोनिया के टीके।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

प्रश्न 8.
मानव में विभिन्न प्रकार की प्रतिरक्षी ग्लोब्यूलिन्स का विवरण दीजिये ।
उत्तर:
तालिका – मानव में विभिन्न प्रकार की प्रतिरक्षी ग्लोब्यूलिन्स का विवरण

प्रतिरक्षियों का वर्गकुल मात्राप्रमुख लक्षण एवं उपस्थितिकार्य
1. IgA10नवदुग्ध (Colostrum) में उपस्थित प्राथमिक प्रतिरक्षी; अणु भार 1,60,000; लार, श्लेष्मा व अन्य बाह्य स्रावों में उपस्थितश्लेष्मी कलाओं (Mucous Membranes), देह की बाह्य सतह की सुरक्षा तथा निःश्वसित (Inhaled) एवं अन्तर्रहित रोगाणुओं से सुरक्षा प्रदान करना
2. IgD1-3अति सूक्ष्म मात्रा में रक्त में लसिका कोशिकाओं की सतह पर उपस्थित; अणुभार -1,85,000बी-लसिका कोशिकाओं का सक्रियण, प्रतिरक्षी अभिक्रिया के विकास एवं परिपक्वन में भूमिका
3. IgE0.05अत्यन्त कम मात्रा में उपस्थित; मास्ट कोशिकाओं व बेसोफिल्स से विशिष्ट सहलग्नता दर्शाने वाली; अणुभार- 2,00,000मास्ट कोशिकाओं का उत्तेजन, प्रत्यूर्जता (Allergy) अभिक्रियाओं से संबंधित परजीवियों से सुरक्षा
4. IgG75-80सर्वाधिक प्रचुरता में मिलने वाली; ऑवल (Placenta) से पार होने की क्षमता युक्त, अणुभार -1,50,000 रक्त एवं अंतराली द्रवों का प्रमुख प्रतिरक्षी ग्लोब्यूलिनसंपूरक तंत्र को उत्तेजित करना, मानव भ्रूण को रोग क्षमता प्रदान करना, भक्षाणु कोशिकाओं से भक्षाणुनाशन हेतु विशिष्ट सहलग्नता
5. IgM5-10प्रतिजन की अनुक्रिया में उत्पन्न प्रथम प्रतिरक्षी; रक्त प्लैज्मा व अंतराली द्रवों प्रतिरक्षी; रक्त प्लैज्मा व अंतराली द्रवों में उपस्थित; अणुभार -9,00,000 पेन्टामर के रूप में; सर्वाधिक वृहत् प्रकार का प्रतिरक्षी ग्लोब्यूलिन।जीवाणुओं से सुरक्षा की प्रथम पंक्ति बनाते हैं, समूहन क्रिया का प्रभावीकरण, संपूरक स्थिरन व प्रतिजन के स्कन्दन में प्रभावी।

प्रश्न 9.
कैंसर क्या है? कैंसर के प्रमुख प्रकार लिखिए। कैंसर के कम से कम तीन घातक संकेतों के नाम लिखिए।
उत्तर:
कोशिकाओं में होने वाला अनियंत्रित विभाजन जिसके कारण गाँठ या ट्यूमर का निर्माण होता है, कोशिकाओं का यह समूह कैंसर कहलाता है।
अर्बुद या ट्यूमर (Tumour) दो प्रकार के होते हैं –
(1) सुदम अर्बुद (Benign Tumour)
(2) दुर्दम अर्बुद (Malignant Tumour)
(1) सुदम अर्बुद (Benign Tumour)-ये हानिकारक नहीं होते हैं एवं स्थानीय होते हैं अर्थात् शरीर के दूसरे भागों या आस-पास की कोशिकाओं में नहीं फैलते हैं। इस कारण इसे नॉनमेटास्टेसिस (non-metasis) कहते हैं। स्थान विशेष पर अर्बुद बनती है जो आकार में धीरे-धीरे बढ़ती जाती है। इसे शल्य-क्रिया द्वारा शरीर से अलग करने पर रोग से मुक्ति मिल जाती है।

(2) दुर्दम अर्बुद (Malignant Tumour)-इसमें विभाजनशील कोशिकायें शरीर के किसी स्थान विशेष में सीमित न रहकर या लसिका में मिलकर शरीर के अन्य भागों में पहुँच जाती हैं तथा वहाँ अर्बुद उत्पन्न करती हैं। ऐसे अर्बुद को दुर्दम अर्बुद कहते हैं। इसको मेटास्टेटिस (Metasis) कहते हैं। ऐसे अर्बुद खतरनाक होते हैं जिसके कारण मनुष्य की मृत्यु हो जाती है।

कैंसर के प्रकार (Types of Cancer)-कैंसर निम्न प्रकार का होता है –

  • कार्सीनोमास (Carcinomas)-कैंसर का यह प्रकार सर्वाधिक रूप में पाया जाता है। यह मुख्य रूप से उपकला ऊतकों में होने वाली अनियंत्रित वृद्धि का परिणाम है। उदाहरण के लिए छाती का कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, अग्न्याशय का कैंसर तथा आमाशय का कैंसर।
  • सारकोमास (Sarcomas)-यह पेशी व लसीका ग्रंथियो का कैंसर है। भ्रूणीय मीसोडर्म से व्युत्पन्न संयोजी ऊतकों में होने वाली दुर्दम वृद्धि सारकोमा कहलाती है।
  • ल्यूकीमिआ (Leucaemia)-रुधिर तथा अस्थिमज्जा की कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से विभाजित होकर ल्यूकीमिआ कैंसर उत्पन्न करती हैं। इस रोग से ग्रसित रोगी में ल्यूकोसाइट की संख्या में अधिक मात्रा में वृद्धि हो जाती है। उदाहरण के लिए-रक्त कैंसर।
    इसके अतिरिक्त कभी-कभी छोटे बच्चों में नेत्र, वृक्क तथा प्रमस्तिष्क में अति दुर्दम ट्यूमर पाये गये हैं।

उपर्युक्त के अतिरिक्त कैंसर के कुछ अन्य प्रकार निम्न हैं-

  1. मायोमा (Myoma)-पेशी ऊतकों का कैंसर
  2. एडीनोमा (Adenoma)-ग्रंथियों का कैंसर
  3. मैलानोमा (Melanoma)-त्वचा की वर्णक कोशिकाओं का कैंसर
  4. लिम्फोमा (Lymphoma)-लसिका ऊतकों का कैंसर
  5. ग्लियोमा (Glioma)-केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र की ग्लियल कोशिकाओं का कैंसर।

मनुष्य में सबसे अधिक प्रकार का कैंसर फेफड़ों का होता है जो द्वितीय स्थान के कैंसर त्वचा कैंसर की तुलना में लगभग दो गुणा व्यक्तियों को प्रभावित करता है। महिलाओं में स्तन कैंसर सर्वाधिक होता है। (भारत में मनुष्यों में मुख, गला कैंसर एवं महिलाओं में गर्भाशयी सर्विक्स कैंसर सामान्य कैंसर हैं।)

कैंसर के कारण (Causes of Cancer)-सामान्य कोशिकाओं का कैंसर कोशिकाओं में परिवर्तन भौतिक, रासायनिक अथवा जैविक कारकों के द्वारा होता है। इन कारकों को कैंसरजन (Carcinogens) कहते हैं। आयनकारी विकिरण जैसे एक्स किरणें, गामा किरणें और अनायनकारी विकिरण जैसे पराबैंगनी विकिरण DNA को नष्ट कर नवद्रव्यी अथवा कैंसर कोशिकाओं का निर्माण करती हैं। रासायनिक कैंसरजन (Carcinogen) तंबाकू के धुएँ में पाया जाता है जो कि फेफड़ों के कैंसर के लिए उत्तरदायी है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

कैंसर उत्पन्न करने वाले वायरस को अर्बुदीय विषाणु (Oncopgenic Viruses) कहते हैं। इनमें पायी जाने वाली जीन को विषाणुवीय अर्बुदजीन (Viral oncogenes) कहते हैं। इसके अतिरिक्त सामान्य कोशिकाओं में कई जीनों का पता चला है जिन्हें कुछ विशेष परिस्थितियों में सक्रिय किए जाने पर वे कोशिकाओं का कैंसरजनी रूपान्तरण कर देते हैं। ये जीन कोशिकीय अर्बुदजीन (Cellular oncogenes) अथवा आदि अर्बुदजीन (Proto oncogenes) कहलाते हैं।

कैंसर का प्रसार (Spread of Cancer)-कैंसर शरीर में निम्न प्रकार से फैलता है-

  • किसी स्थान विशेष पर कैंसर कोशिकाएं विभाजन करके अर्बुद (Tumor) बना लेती हैं। अब यह अर्बुद समीपवर्ती ऊतकों के ऊपर फैलकर उन्हें नष्ट कर देती है।
  • कभी-कभी कैंसर कोशिकाएं अर्बुद से पृथक् होकर लसीका संचरण के साथ शरीर के अन्य भागों में पहुँच कर विभाजन कर देती हैं। इन्हें द्वितीयक वृद्धि या मेटास्टेसिस कहते हैं। इस प्रकार का कैंसर सबसे घातक होता है। एक बार मेटास्टेसिस बनना प्रारंभ होने पर उसका निवारण असंभव होता है। अंततः रोगी की मृत्यु का कारण बनते हैं।
  • अस्थि मज्जा तथा संयोजी ऊतक में उत्पन्न कैंसर अर्बुद की कोशिकाएँ रुधिर के साथ तीव्रता से शरीर के अन्य भागों में स्थानान्तरित होती हैं।

कैंसर रोग के प्रमुख लक्षण –

  1. शरीर के वजन में तेजी से कमी होना
  2. घाव का लंबे समय तक नहीं भरना
  3. बारंबार तेज सिरदर्द का होना
  4. लगातार पेटदर्द् रहना
  5. वृषणकोष/ स्तन ग्रंथियों की आकृति में परिवर्तन
  6. मूत्र के साथ बिना दर्द के रक्त निकलना
  7. तिल में परिवर्तन होना
  8. छाती में गांठ का होना
  9. लगातार खाँसी होना
  10. स्त्रियों में रजोधर्म के समय अधिक रुधिर आना
  11. सूजन आना, गले का प्राय: दुखना
  12. पाचन तथा शौच आदतों में लगातार परिवर्तन होना।

कैंसर का अभिज्ञान एवं निदान (Cancer detection and diagnosis)-कैंसर का अभिज्ञान ऊतकों की जीवूतिपरीक्षा (Biopsy) और ऊतक विकृति (Histopathological) अध्ययनों तथा बढ़ती कोशिका गणना के लिए रुधिर (Blood) तथा अस्थिमज्जा (Bonemarrow) पर आधारित है। जैसा कि अधिश्वेतरक्तता (Lukemias) के मामले में होता है।

जीवूतिपरीक्षा (biopsy) में जिस ऊतक पर शंका होती है, उसका एक टुकड़ा लेकर पतले अनुच्छेदों (Sections) में काटकर अभिरं जित कर के रोगविज्ञानी (Pathologist) परीक्षण किया जाता है। आंतरिक अंगों (Internal organs) के कैंसर का पता लगाने के लिए विकिरण चित्रण (Radiography), अभिकलित टोमोगफफी (Computed Tomography) एवं चुम्बकीय अनुनादी इमेजिंग (MRIMagnetic resonance imaging) तकनीकें बहुत उपयोगी हैं।

अभिकलित टोमोग्राफी एक्स किरणों का उपयोग करके किसी अंग के भीतरी भागों की त्रिविम प्रतिबिंब (Three-dimensional image) बनाती है। जीवित ऊतकों में वैकृतिक (Pathological) और कार्यिकीय (Physiological) परिवर्तनों का सही पता लगाने के लिए एम-आरआई में तेज चुंबकीय क्षेत्रों और अनायनकारी विकिरणों का उपयोग किया जाता है। कुछ कैंसरों का पता लगाने के लिए कैंसर विशिष्ट प्रतिजनों के विरुद्ध प्रतिरक्षियों (Antibodies) का भी उपयोग किया जाता है।

कुछ कैंसरों के प्रति वंशागत सुग्राहिता वाले व्यक्तियों में जीनों का पता लगाने के लिए आण्विक (Molecular) जैविकी की तकनीकों को काम में लाया जाता है। ऐसे जीनों की पहचान, जो किसी व्यक्ति को विशेष कैंसरों के प्रति प्रवृत्त (Predispose) करते हैं, कैंसर की रोकथाम के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। ऐसे व्यक्तियों को कुछ ऐसे विशेष कैंसरजनों से, जिनके प्रति वे सुग्राही हैं, जैसे फुफ्फुस कैंसर में तंबाकू के धुएँ से बचने की सलाह देनी चाहिये।

कैंसरों का उपचार (Treatment of Cancer)-

  • आमतौर पर कैंसरों के उपचार के लिए शल्यक्रिया (Surgery), विकिरण चिकित्सा (Radiation therapy) एवं प्रतिरक्षा चिकित्सा (Immuno therapy) का उपयोग किया जाता है।
  • सामान्यतः रोगग्रस्त भाग को शल्यक्रिया द्वारा निकाला जाता है।
  • कैंसर कोशिकाओं को विकिरण द्वारा नष्ट कर दिया जाता है (Radiotherapy)।
  • कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने हेतु अनेक रसोचिकित्सीय (Chemotherapeutic) औरधियों का उपयोग किया जाता है। इनमें से कुछ औषधियाँ विशेष अर्बुद के लिए विशिष्ट होती हैं।
  • अधिकांश कैंसर का उपचार शल्यकर्म, विकिरण चिकित्सा और रसोचिकित्सा के संयोजन से किया जाता है।
  • अर्बुद कोशिकाएँ प्रतिरक्षा तंत्र द्वारा पता लगाए जाने और नष्ट किए जाने से बचती हैं। इसलिए रोगी को ऐसे पदार्थ दिये जाते हैं जिन्हें जैविक अनुक्रिया रूपांतरण (Biological response modifiers) कहते हैं। जैसे Y- इंटरफेरॉन, जो उनके प्रतिरक्षा तंत्र को सक्रिय करता है एवं अर्बुद को नष्ट करने में सहायता करता है।

प्रश्न 10.
प्लाज्मोडियम के जीवन चक्र का चित्र बनाकर संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
अथवा
प्लाज्मोडियम के जीवन चक्र की विभिन्न अवस्थाओं का नामांकित चित्र बनाकर संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
प्लाज्मोडियम का जीवन चक्र (Life cycle of Plasmodium ) – जब संक्रमित मादा एनोफेलीज मनुष्य को काटती है तो प्लाज्मोडियम जीवाणुज अथवा स्पोरोजॉइट्स (Sporozoites) के रूप में मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। स्पोरोजॉइट्स संक्रामक रूप है। प्रारंभ में परजीवी यकृत में अपनी संख्या बढ़ाते रहते हैं और फिर लाल रुधिर कणिकाओं (RBC) पर आक्रमण करते हैं जिसके फलस्वरूप लाल रुधिर कणिकाएँ फट जाती हैं। RBC के फटने के साथ ही एक विषैला पदार्थ भी निकलता है जिसे हीमोजोइन (Haemozoin) कहते हैं।

इस पदार्थ के रुधिर में मुक्त होते ही यह मनुष्य के रुधिर के प्लाज्मा में घुल जाता है तथा इसकी वजह से ही मनुष्य को जाड़ा व कंपकंपी देकर मलेरिया बुखार चढ़ने लगता है जब मादा एनोफेलीज मच्छर किसी संक्रमित मनुष्य को काटती है। तब परजीवी उसके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और उनका आगे का परिवर्धन मादा एनोफेलीज में होता है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

ये परजीवी मादा एनोफेलीज में बहु संख्यात्मक रूप से बढ़ते रहते हैं और स्पोरोजोइट्स (Sporozoites) बन जाते हैं जो मादा एनोफेलीज की लार ग्रंथियों (Salivary glands) में जमा हो जाते हैं अब यह मादा एनोफेलीज किसी स्वस्थ मनुष्य को काटती है तो स्पोरोजोइट्स उसके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं एवं मनुष्य को संक्रमित कर देते हैं।

इस प्रकार मलेरिया परजीवी अर्थात् प्लाज्मोडियम अपना जीवन चक्र पूरा करता है। इस प्रकार प्लाज्मोडियम को अपना जीवन चक्र पूरा करने के लिए दो परपोषियों की आवश्यकता होती है जिन्हें मनुष्य एवं मादा एनोफेलीज़ कहते हैं। मनुष्य प्राथमिक एवं मादा एनोफेलीज द्वितीयक परपोषी होते हैं। मादा एनोफेलीज रोगवाहक (Transmitting agent ) का कार्य करती है।
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग - 6

प्रश्न 11.
मानव में पाये जाने वाले प्रतिरक्षा तंत्र का चित्र बनाकर वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मानव प्रतिरक्षा तंत्र (Immune System) निम्न रचनाओं से मिलकर बना होता है-

  1. लसीकाभ अंग ( Lymphoid organs)
  2. कोशिकाएँ (Cells)
  3. ऊतक (Tissues )
  4. घुलनशील अणु जैसे प्रतिरक्षी ( Soluble molecule like antibodies)

प्रतिरक्षा तंत्र विजातीय प्रतिजनों को पहचानता है, इनके प्रति अनुक्रिया करता है और इन्हें याद रखता है। प्रतिरक्षा तंत्र एलर्जी प्रतिक्रियाओं (allergic reactions ), स्व-प्रतिरक्षा रोगों (auto- immune diseases) और अंग प्रतिरोपण (Organ transplantation) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

लसीकाभ अंग (Lymphoid Organs) – ये वे अंग हैं जिनमें लसीकाणुओं की उत्पत्ति अथवा परिपक्वन और प्रचुरोद्भन होता है।

लसीकाभ अंग दो प्रकार के होते हैं –

  1. प्राथमिक लसीकाभ अंग ( Primary Lymphoid Organs) – ऐसे अंग जिनमें अपरिपक्व लसीकाणु, प्रतिजन संवेदनशील लसीकाणुओं में विभेदित होते हैं, प्राथमिक लसीकाभ अंग कहलाते हैं। उदाहरण- अस्थिमज्जा एवं थाइमस ।
  2. द्वितीयक लसीकाभ अंग (Secondary Lymphoid Organs) – परिपक्वन के पश्चात् लसीकाणु द्वितीयक लसीकाभ अंगों में चले जाते हैं।

जहाँ लसीकाणुओं की प्रतिजन के साथ पारस्परिक क्रिया होती है जो बाद में प्रचुर संख्या में उत्पन्न होकर प्रभावी कोशिकाएँ बन जाते हैं। उदाहरण – प्लीहा, लसीका ग्रंथियाँ, टांसिल क्षुद्रांत्र के पेयर पेंच एवं परिशेषिका। मानव के शरीर में लसीकाभ अंगों की स्थिति हेतु देखिए चित्र में। अस्थिमज्जा (Bonemarrow) एक मुख्य लसीकाभ अंग है जिसमें लसीकाणुओं एवं सभी रुधिर कोशिकाओं का निर्माण होता है। थाइमस (Thymus) एक पालियुक्त अंग है जो हृदय के पास उरोस्थि (Sternum) के नीचे स्थित होती है।

जन्म से थाइमस काफी बड़ी होती है लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे इसका आकार घटता जाता है और यौवनावस्था आने पर यह बहुत छोटे आकार की रह जाती है। अस्थि मज्जा एवं थामइस दोनों ही टी- लसीकाणुओं के परिवर्धन और परिपक्वन के लिए सूक्ष्म पर्यावरण (Micro environment) उपलब्ध करवाते हैं।
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग - 7

प्लीहा (Spleen) की आकृति सेम के बीज के समान होती है। एवं आकार में बड़ा होता है। इसमें मुख्य रूप से लसीकाणु (Lymphocytes) और भक्षकाणु (Phagocytes) पाये जाते हैं। यह रुधिर में उत्पन्न होने वाले सूक्ष्म जीवों को फांसकर रुधिर निस्यंदक ( Filter) के रूप में कार्य करते हैं। प्लीहा लाल रुधिर कणिकाओं (RBC) का भण्डार होता है।

लसीका ग्रंथियाँ लसीका तंत्र पर भिन्न- भिन्न स्थलों पर स्थित होती हैं। ये लसीका ग्रंथियाँ आकार में छोटी एवं ठोस होती हैं। लिम्फ ग्रंथियाँ जो सूक्ष्म जीव या दूसरे प्रतिजन लसीका एवं ऊतक तरल में आ जाते हैं, उन्हें फाँस लेती हैं। लसीका ग्रंथियों में फंसे प्रतिजन वहाँ उपस्थित लसीकाणुओं के सक्रियण और प्रतिरक्षा अनुक्रिया के लिए उत्तरदायी हैं।

श्लेष्म संबद्ध लसीकाभ ऊतक – प्रमुख पथों जैसे श्वसन, पाचन और जननमूत्र पथ आदि के आस्तरों के भीतर लसीकाभ ऊतक स्थित होते हैं जिन्हें श्लेष्म संबद्ध लसीकाभ ऊतक (Mucosal Associated Lymphoid Tissue) कहते हैं। यह मानव शरीर के लसीकाभ ऊतक का लगभग पचास प्रतिशत है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

प्रश्न 12.
डिफ्थीरिया रोग का कारक, रोग लक्षण एवं बचाव के उपाय लिखिए।
उत्तर:
डिफ्थीरिया (Diphtheria)-इस रोग का रोगजनक कॉर्निबैक्टीरियम डिफ्थेरी (Cornybacterium diphtherea) है।
यह रोग प्राय: 1 से 5 वर्ष के बच्चों से होता है। संक्रमण अथवा संचरण वायु द्वारा होता है। इसकी उद्भवन अवधि 2-4 दिन की है।

रोग के लक्षण-

  1. हल्का ज्वर
  2. गले में दर्द
  3. गले में अर्ध ठोस पदार्थ का निकलना जो एक कठोर झिल्ली के रूप में बदल जाता है।
  4. इस झिल्ली से वायु पथ अवरुद्ध हो जाने से मृत्यु हो जाती है।

रोकथाम एवं उपचार-

  1. शिशुओं को डीपीटी का टीका लगाना चाहिये
  2. संक्रमित शिशु के थूक (कफ), मुख व नासिका स्रावों का निस्तारण किया जाना चाहिये।
  3. संक्रमित शिशु को अलग रखना चाहिये।
  4. चिकित्सक की देखरेख में एंटीबायोटिक औषधियाँ दी जा सकती हैं।

प्रश्न 13.
एड्स के HIV वायरस की संरचना बनाते हुए इसके संचरण, लक्षण व उपचार दीजिए।
अथवा
HIV का नामांकित चित्र बनाइए। इसकी संरचना का वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
एड्स का पूरा नाम उपार्जित प्रतिरक्षा न्यूनता (Acquired Immuno Deficiency Syndrome) इसका अर्थ है प्रतिरक्षातंत्र की न्यूनता, जो व्यक्ति के जीवन काल में उपार्जित होती है। 1981 में सबसे पहले एड्स का पता चला और पिछले 25 वर्षो में सारे संसार में फैल गया। इस रोग के कारण 2 करोड़ पचास लाख व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। एड्स एक विषाणु (Virus) जनित रोग है जो मनुष्य में प्रतिरक्षा न्यूनता विषाणु (Human Immuno- deficiency Virus, HIV) के कारण होता है। एचआईवी RNA से निर्मित रिट्रोवायरस (Retrovirus) श्रेणी का वायरस है।

एच.आई.वी. की संरचना (Structure of HIV)-वायरस की सतह चारों ओर से फॉस्फोलिपिड (Phospholipid) की दो परतों से बनी होती है। जिसमें दो प्रकार की ग्लाइकोप्रोटीन्स, जी पी- 120 एवं जीपी -41 धँसी रहती हैं। विषाणु के मध्य में एक सूत्रीय आर एन ए के दो अणु पाये जाते हैं जिनसे रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेज (Reverse transcriptase) अणु जुड़े होते हैं।

आर एन ए अणु दो प्रोटीन आवरणों से घिरे होते हैं। जिनमें अंत आवरण (Inner coat) P-24 प्रोटीन्स से तथा बाह्य आवरण (Outer coat) P-17 प्रोटीन्स से निर्मित होता है। देखिए आगे चित्र में। रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेज एन्जाइम की सहायता से एच आई वी RNA से DNA का निर्माण कर सकता है। एच आई वी दो प्रकार के होते हैं-

  1. एच आई वी-1
  2. एच आई वी-2

एच आई वी-1 (HIV-1) को एड्स रोग के लिए वर्तमान में जिम्मेदार मानते हैं।
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग - 17
रोग का संचरण एच आई बी संचरण (Transmission of HIV)-एच आई वी सामान्यतः संक्रमित व्यक्ति के रक्त, बीर्य एवं योनि स्रावों में उपस्थित रहते हैं। अतः इनका संचरण ऐसी क्रियाओं के माध्यम से होता है जिनसे ये द्रव स्वस्थ व्यक्ति के संपर्क में आते हैं सामान्यतः रोग का संचरण लैंगिक तथा रक्त संपर्क से होता है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

एच आई वी का संचरण निम्न माध्यमों द्वारा होता है –

  1. समलैंगिक व्यक्तियों के बीच गुदा मैथुन क्रिया द्वारा
  2. संक्रमित व्यक्ति के रक्त आधान
  3. एक ही सुई द्वारा नशीले पदार्थों का उपयोग
  4. माता से शिशु में प्लेसेन्टा द्वारा
  5. संक्रमित व्यक्ति का किस (Kiss) लेने से HIV का संचरण हो जाता है जिसके मुंह में घाव होता है
  6. संक्रमित व्यक्ति से यौन संपर्क

एड्स एक संक्रामक रोग है लेकिन यह छूत का रोग नहीं है। एड्स ग्रसित व्यक्ति से हाथ मिलाने, उसके कपड़े उपयोग में लाने, शुष्क चुम्बन, बर्तनों के प्रयोग से, टॉयलेट सीट के माध्यम से, पूर्ण निर्जर्मीकृत सूइयों का प्रयोग कर रक्ताधान तथा रोगी की देखभाल से एड्स का संक्रमण नहीं होता है।

रोगजनकता एवं लक्षण-एड्स विषाणु अर्थात् एच आई वी शरीर में प्रवेश करने पर मुख्यतः सहायक टी लसीका कोशिकाओं को संक्रमित करता है। इन लसीका कोशिकाओं पर सी डी -4 ग्राही अणु उपस्थित होते हैं जिनसे विषाणु जुड़ जाते हैं। अब ये विषाणु इन कोशिकाओं (T4 Cells) को नष्ट करने लगते हैं।

चूंकि T- सहायक कोशिकाओं का कार्य अन्य लसीका कोशिकाओं को प्रतिरक्षा क्रिया के लिए सक्रिय करने का होता है, अतः T- सहायक कोशिकाओं की निरंतर कमी के कारण संक्रमित व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली पूर्णतः शिथिल हो जाती है व रोगी कई प्रकार के गंभीर संक्रमणों का शिकार होकर अंततः मृत्यु को प्राप्त होता है।

संक्रमण होने और एड्स के लक्षण प्रकट होने की अवधि कुछ महीनों से लेकर कई वर्षों (प्राय: 5-10 वर्ष) की हो सकती है। अतः संभव है कि संक्रमित व्यक्ति कई वर्षों तक स्वयं रोगग्रस्त न हो किंतु वह एच आई वी के संचरण का माध्यम बना रह सकता है जबकि कुछ अन्य अपेक्षाकृत कम अवधि में ही रोगग्रस्त हो जाएँ व कुछ वर्षो बाद मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। एड्स दरअसल में कोई एक रोग नहीं है किंतु एक ऐसी दशा है जिसमें एड्स विषाणु संक्रमित व्यक्ति की रोगाणुओं से लड़ने की क्षमता को समाप्त कर देता है। जिससे वह कई रोगों से ग्रसित हो जाता है।

जिसके फलस्ववरूप निम्न लक्षण प्रकट होते हैं –

  • बार-बार बुखार आना
  • वजन में कमी आना
  • लसीका गांठों का फूलना
  • लंबे समय तक लगातार खाँसी होना
  • अतिसार के लक्षण उत्पन्न होना
  • त्वचा पर कैंसर के लक्षण।

एड्स वास्तव में रोग की अंतिम अवस्था है जिसमें सर्वाधिक प्रमुख लक्षणों में न्यूमोसिस्टिस कैरीनाई न्यूमोनिया तथा कैपोसी का सार्कोमा (Kaposi’s Sarcoma) शामिल है। निदान-संक्रमण के पश्चात् छः से आठ सप्ताह के अंदर शरीर में प्रतिरक्षी अनुक्रिया प्रकट होना प्रारंभ हो जाती है।

इसके परीक्षण हेतु निम्नलिखित तीन परीक्षण किये जाते हैं –

  • एलाइजा परीक्षण (Enzyme Linked Immunosorbent Assay)-इसमें AIDS-KIT का प्रयोग करते हैं जो कि HIV प्रतिंजन से युक्त होती है।
  • वेस्टर्न ब्लाड परीक्षण (Western Blod Test)-यह परीक्षण महंगा नहीं होता है। इसके साथ ही यह विश्वसनीय व सटीक परीक्षण है। इस परीक्षण में समय भी कम लगता है।
  • लार परीक्षण (Saliva Test)-यह परीक्षण लार (Saliva) का परीक्षण है व ऐसी मान्यता पर आधारित है कि एड्स का संचरण लार द्वारा होता है।

उपचार (Treatment)-एड्स के उपचार की कोई निश्चित रूपरेखा नहीं है। संक्रमण जो बढ़ते हैं या हो गये हैं, का उपचार संभव है। सामान्य प्रबंध, जाँच व विशिष्ट एंटी HIV एजेंट का उपयोग किया जाता है। मौकापरस्त संक्रमणों व अर्बुदों का उपचार प्राथमिक अवस्था में लाभदायक होता है एवं रोगी सामान्य जीवन लंबे समय तक व्यतीत करने योग्य बना रहता है। विषाणुओं को नष्ट करने योग्य औष्षधियां जैसे इंटरफेरॉन, रोबाविरीन, सूरामिन, फासकारनेट आदि उपयोग में लायी जा रही हैं।

जीडोव्यूडीन AZT विशेष तौर पर उपयोगी पाई गयी है। दो न्यूक्लिओक्साइड एनालोग AZT अर्थात् जीडोब्यूडीन (3 azido-3′ deoxy thymidine) तथा लेमीब्यूडीन (3 TC) एवं एक प्रभावी प्रोटीएज अवरोधक (Inhibitor) इन्डिनेविर (Indinavir) द्वारा रक्त में विषाणु की मात्रा 20,000 से 10 Lac RNA की प्रतियां प्रति 1 मिलि प्लाज्मा में घटने के प्रमाण मिले हैं। यह कमी 90% रोगियों में लगभग एक वर्ग तक बनी रहती है।

इसके अतिरिक्त एड्स के उपचार के लिए प्रभावी टीके (Vaccines) के निर्माण में वैज्ञानिक प्रयासरत हैं। कुछ टीके जैसे HIV-HiG बायोसिन आदि का विकास संभव हो पाया है। किंतु व्यावहारिक तौर पर अभी तक कोई भी टीका एड्स से पूर्ण बचाव करने में सक्षम नहीं है।

ऐसी स्थिति में जबकि एड्स का कोई संपूर्ण व प्रभावी इलाज उपलब्ध नहीं है. व इसके कारकों से बचाव ही रोग से बचने के उपाय हैं तो सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के द्वारा व्यापक स्तर पर जनसाधारण को इसकी समुचित जानकारी देना व संक्रमण से बचने के उपायों के अनुरूप जीवन पद्धति अपनाने को प्रेरित करना अत्यन्त महत्वपूर्ण व आवश्यक है।

निम्नलिखित उपाय एड्स से बचाव करने में उपयोगी हैं-

  1. सदैव निर्जर्मीकृत सुई का प्रयोग करना चाहिये।
  2. रक्त आधान में एच.आई.वी. मुक्त रक्त ही स्थानान्तरित करना चाहिये।
  3. वेश्यावृत्ति को नकारा जाना चाहिये।
  4. समलैंगिकता को नकारा जाना चाहिये।
  5. एक से अधिक स्त्री या पुरुष से शारीरिक संबंध स्थापित नहीं करने चाहिए।
  6. नशीली दवाओं के रुधिर के माध्यम से प्रयोग पर रोक लगानी चाहिये।
  7. आम जनता को इस रोग के बारे में शिक्षित कर उससे बचाव हेतु जागरूक बनाना चाहिये।

हमारे देश में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संघटन (National AIDS Control Organisation) और अन् गैर सरकारी संगठन (NGO) लोगों को एड्स के बारे में शिक्षित करने के लिए बहुत कार्य कर रहे हैं। एच आई वी संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अनेक कार्यक्रम प्रारंभ किये।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

इन कार्यक्रमों में निम्नलिखित पर ध्यान दिया जा रहा है-

  • निरोधों (कण्डोम) का निःशुल्क वितरण।
  • सुरक्षित यौन संबंधों पर जोर।
  • सार्वजनिक एवं निजी अस्पतालों में केवल डिस्पोजेबल सुइयाँ या सीरिज का ही उपयोग हो।
  • रुधिर एवं रुधि उत्पादों का अनिवार्य रूप से एच आई वी मुक्त होना।
  • एच आई वी के लिए नियमित जाँच को बढ़ावा देना।
  • ड्रग के कुप्रयोगों को नियंत्रित करना।

प्रश्न 14.
व्यसन एवं निर्भरता से आप क्या समझते हैं? व्यसनी बनाने वाली किसी एक ड्रग का वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
व्यसन और निर्भरता (Addiction and Dependence):
व्यक्ति की किसी भी पदार्थ पर जैसे कि तम्बाकू, ऐल्कोहॉल तथा ड्रग्स पर शारीरिक तथा मानसिक निर्भरता व्यसन (Addiction) कहलाती है। ड्रग्स का उपयोग करने वाले व्यक्ति की मानसिक तथा शारीरिक दशा बदल जाती है। इसके लगातार ग्रहण करने से व्यक्ति ड्रग्स के लिए व्यसनी (लती) हो जाता है क्योंकि ड्रगों के वार-बार उपयोग से हमारे शरीर में उपस्थित ग्राहियों का सह़्ा स्वर बढ़ जाता है।

इसके फलस्वलूप ग्राही, ड्रगों या ऐल्कोहॉल की केवल उच्चतम मात्रा के प्रति अनुक्रिया करते हैं, जिसके कारण अधिकाधिक मात्रा में लेने की लत पड़ जाती है अर्थात् निर्भर हो जाता है एवं इनके बिना उसका जीना कठिन हो जाता है। जब किसी आदतन ड्रग/ऐल्कोहॉल लेने वाले व्यक्ति की नियमित माश्रा को अचानक बंद कर दिया जाता है तो उसे कई प्रकार के सम्मिलित जटिल प्रभावों युक्त लक्षणों का आभास होता है। ये लक्षण विनिवर्तन संलक्षण (Withdrawal Syndrome) कहलाते हैं। ऐसे लक्षण निम्न हैं-

  • ड्रत्स के बार-बार उपयोग करने की मानसिक इच्छा
  • हल्के कंपन
  • प्रबल दौरे
  • उद्वेग
  • त्वरित बेहोशी
  • पसीना आना
  • घिंता
  • मिचली आना
  • हुदय की गति बढ़ जाना
  • सहनता (शरीर में ड्रग्स की बढ़ती जाती सहनता के कारण व्यसनी को उसकी और ज्यादा मात्रा का घाहना)
  • ड्रग्ल से कुछ समय दूर रहने के बाद भी डूग का व्यसन।  सकारात्मक सहयोग होना चाहिये।

कई बार यह स्थिति काफी गंभीर हो सकती है व पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। अतः वापसी अवधि चिक्रिसकीय देख-रेख में होनी चाहिए। प्रयोग की जा रही ड्रग को अचानक बंद करने या परिवर्जन (Abstinence) के कारण वह व्यक्ति याचना करने लगता है। ऐसे व्यक्ति को मानसिक सहारा (Psychological Support) की अत्यन्त आवश्यकता होती है तथा ऐसे समय में परिवार के सदस्यों एवं मित्रों का।

प्रश्न 15.
उपार्जित असंक्राम्यता की परिभाषा दीजिए तथा इसके प्रकारों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर:
उपार्जित प्रतिरक्षा (Acquired Immunity):
यह एक प्रतिरोध है जो व्यक्ति विशेष को जीवन के दौरान प्राप्त होता है। यह सूक्ष्म जीवों के संपर्क के प्रभाव से उत्पन्न होता है। इस प्रकार की प्रतिरक्षा केवल कशेरुकों में पायी जाती है। इसे विशिष्ट प्रतिरक्षा भी कहते हैं। यह प्रतिरक्षा जन्म के पश्चात् व्यक्ति द्वारा अर्जित की जाती है तथा इसके द्वारा किसी भी जीवाणु के शरीर में प्रवेश करने पर पहचान कर विशिष्ट क्रिया द्वारा नष्ट किया जाता है।

उपार्जित प्रतिरक्षा के विशिष्ट लक्षण –

  1. प्रतिजनी विशिष्टता (Antigenic Specificity)-यह प्रत्येक रोगकारक जीवाणु, विषाणु तथा रोग के लिए विशिष्ट होती है तथा अलग-अलग रोगकारक पर अलग-अलग प्रकार से प्रक्रिया कर उन्हें विशिष्ट रूप से नष्ट करती है।
  2. विविधता (Diversity)-इनमें अनेक प्रकार के रोगकारकों को पहचानने की आश्चर्यजनक विविधता पाई जाती है।
  3. प्रतिरक्षात्मक स्मृति (Immunological Memory)प्रतिरक्षित तंत्र द्वारा एक बार किसी प्रतिजन का अभिज्ञान होने व उसके प्रति प्रतिरक्षी अनुक्रिया दर्शाने के बाद जीव में उस विशिष्ट प्रतिजन के लिए स्मृति स्थापित हो जाती है। यदि इस विशिष्ट प्रतिजन का भविष्य में पुनः संक्रमण होता है तो प्रतिरक्षात्मक स्मृति के कारण प्रतिरक्षित तंत्र अनुक्रिया पूर्व की प्रतिक्रिया की तुलना में अधिक तीव्र होती है ।
  4. दीर्घकालिकता (Longevity)-किसी विशेष रोग की विशिष्ट प्रतिरक्षियाँ उत्पादित होने के बाद व्यक्ति विशेष को उस खास रोग से दीर्घकालीन सुरक्षा प्रदान करती है। क्योंकि ये प्रतिरक्षियाँ लंबी अवधि तक शरीर में बनी रहती हैं।
  5. अपने एवं पराये (Self & Non-self)-यह सिद्धांत फ्रेंक मैकफारलेन बर्नेट ने प्रतिपादित किया। उपार्जित प्रतिरक्षा प्रणाली विजातीय या पराये अणुओं की पहचान कर उनके विरुद्ध प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया दर्शाने में समर्थ होती है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

दूसरी तरफ स्वयं के शरीर में उपस्थित अणुओं के प्रति अनुक्रिया नहीं प्रदर्शित करती है प्रतिरक्षा तंत्र की कोशिकाएं (Cells of Immunne System) –
(1) लसीका कोशिकाएं (Lymphocytes)-ये सभी आरंभ में अस्थिमज्ञा की रुधिर उत्पन्न करने वाली, स्टेम सेल अथवा वृंत कोशिकाओं से व्युत्पन्न होती हैं। वृन्त कोशिकाओं का अर्थ अविभेदित कोशिकाओं से है जिनमें असीमित विखंडन हो सकता है और जो एक या अनेक प्रकार की कोशिकाओं को उत्पन्न कर सकती हैं।

अस्थि मज्जा स्टेम कोशिकाएं बंट कर लाल रुधिर कणिकाएँ (erythrocytes), रक्त बिम्बाणु (blood platelets), एककणिकीय श्वेत रुधि कोशिकाएं (Granulocytes) व श्वेत रक्त कोशिकाएं (Monocytes) बनाती हैं। ये श्वेत रुधिर कोशिकाओं से व्युत्पन्न होती हैं। प्रतिरक्षण कार्य करने के लिए उत्तरदायी मुख्य कोशिकीय प्रकार लसीका कोशिकाएं हैं। लगभग 1012 लसीका कोशिकाएं परिपक्व लसीका प्रणाली का निर्माण करती हैं।

कार्य के अनुसार इन्हें दो भागों में बांटा गया है-
(क) B कोशिकाएं या B लसीका कोशिकाएं
(ख) T कोशिकाएं या T लसीका कोशिकाएं
आकृति के आधार पर इन कोशिकाओं में भेद नहीं किया जा सकता है लेकिन क्रियात्मक रूप से ये भिन्न होती हैं। प्रतिरक्षा तंत्र की कोशिकाओं में विशिष्ट कोशिका सतही संकेतक की उपस्थिति या अनुपस्थिति के आधार पर भेद किया जा सकता है ।
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग - 18

(क) B कोशिकाएं (B-लसीका कोशिकाएं एवं इनकी उत्पत्ति)
‘B’ Bursa बर्सा (श्लेषपुटी) के लिए प्रयुक्त होता है। पक्षियों पर किये गये अध्ययन से पता चलता है कि पक्षियों में पाया जाने वाला फेब्रिसियस की श्लेषपुटी पश्च आहार नली का लसीका अंग एंटीबॉडी कोशिकाओं के आरंभिक विकास का स्थान था। इन कोशिकाओं को B-कोशिकाएं कहा जाता है। (B की व्युत्पत्ति Bursa of Fabricius से हुई है)।

B- कोशिकाएं अस्थिमज्जा में परिपक्व होती हैं और तत्पश्चात् रक्त द्वारा परिधीय लसीका अंगों को ले जायी जाती हैं। स्तनधारियों में B-कोशिका वंश आरंभ में भ्रूणीय यकृत में उत्पन्न होते हैं। यह प्रक्रिया मानव गर्भावस्था के आठवें सप्ताह में प्रारंभ होती है। भ्रूणीय यकृत B- कोशिकाओं के उत्पादन का प्रमुख स्थान है और गर्भावस्था के 4 से 6 माह तक बना रहता है। स्टेम कोशिकाएं फिर अस्थि मज्ञा में बस जाती हैं। इसके बाद उम्र भर B- कोशिकाएं अनवरत रूप से अस्थि मज्ञा में उत्पन्न होती रहती हैं।

B कोशिकाओं के प्रमुख कार्य –

  • एन्टीबॉडी माध्यमित प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को प्रारंभ करना
  • एन्टीबॉडी बनाने वाली प्लाज्मा कोशिकाओं में रूपान्तरित होना।

कोशिकाओं के विशिष्ट लक्षण :

  1. B कोशिकाएं इम्यूनोग्लोब्यूलिन को अपनी कोशिका झिल्ली के एकीकृत प्रोटीन के रूप में दर्शाती हैं।
  2. यह सतही इम्यूनोग्लोब्यूलिन (एंटीबॉडी) इसके विशिष्ट (ऐन्टीजन) प्रतिजन के लिए अभिग्राहक का काम करती है।
  3. B कोशिकाएं एंटीबॉडी के निर्माण के लिए उत्तरदायी हैं। सक्रियत B कोशिकाएं प्लाज्मा कोशिकाओं में परिवर्तित होती हैं।
  4. B-कोशिकाओं की कुछ संततियां प्लाज्मा-कोशिकाओं में विभेदित नहीं होती हैं, वरन् स्मृति कोशिकाएं (Memory Cells) बन जाती हैं जो प्रतिजन के भविष्य में पुनः प्रकट होने की स्थिति में ऐंटीबॉडी बनाती हैं।
    HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग - 19

(ख) T-कोशिकाएँ (T-लसीका-कोशिकाएँ )-Bकोशिकाओं के विपरीत दूसरी लसीका कोशिकाएं भूणीय अवस्था या जीवन की आरंभिक अवस्था में अस्थि मज्ञा छोड़ देती हैं। ये थाइमस में ले जायी जाती हैं। इस अंग में परिपक्व होती हैं तदुपरांत परिधीय लसीका (लिम्फ) अंगों की ओर गमन करती हैं। ये कोशिकाएं द्वितीय लसीका कोशिकीय वर्ग का निर्माण करती हैं जिन्हें T- लसीका कोशिकाएँ या T-कोशिकाएँ कहते हैं। T की व्युत्पत्ति थाइमस (Thymus) से हुई है। लेकिन B-कोशिकाओं की भाँति इनका भी परिधीय लसीका-अंगों में सूत्री विभाजन होता है और संतति कोशिकाएँ मूल T कोशिकाओं के समरूप होती हैं।

T-कोशिकाओं के कार्य –

  1. प्रतिरक्षण प्रतिक्रिया का नियमन
  2. कोशिका माध्यित प्रतिरक्षा-अनुक्रिया की मध्यस्थता।
  3. प्रतिरक्षा बनाने के लिए B कोशिकाओं को प्रेरित करना।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

T कोशिकाओं को उनकी क्रियाशीलता के अनुसार तीन वर्गों में विभाजित किया गया है –

  1. सहायक T कोशिकाएँ (TH) -B कोशिकाओं की अनुक्रिया को बढ़ाती हैं जिससे ऐंटीबॉडी का निर्माण होता है। अन्य T कोशिकाओं को क्रियाशील बनाती हैं।
  2. कोशिका विष T कोशिकाएं (TC) – ये विषाणुओं से संक्रमित व अबुर्द कोशिकाओं को नष्ट करती हैं।
  3. संदमक T कोशिकाएं (TS) – ये सहायक T कोशिकाओं और संभवतः B कोशिकाओं का दमन करती हैं और B कोशिकाओं की क्रियाशीलता का नियमन करती हैं।

इस प्रकार हम देखते हैं कि T कोशिकाएँ दो सामान्य प्रकार के प्रतिरक्षी कार्य करती हैं –

  • प्रभावकारक
  • नियामक

संरचनात्मक रूप से, T कोशिकाओं को कुछ विशिष्ट सतही अणुओं (T कोशिका अभिग्राहकों) की उपस्थिति या अनुपस्थिति के आधार पर विभेदित किया जाता है। B कोशिकाएं व T कोशिकाएं एकदूसरे के लिए सहयोगी हैं।

उपार्जित प्रतिरक्षा दो प्रकार की होती है –
(1) कोशिका माध्यित प्रतिरक्षा-कोशिका माध्यित प्रतिरक्षा के लिए T कोशिकाओं का एक उपसमूह T मारक कोशिकाएं अथवा कोशिका विष T कोशिकाएं जिम्मेदार हैं। T- मारक कोशिकाएं एक ऐसे पदार्थ का निर्माण करती हैं जो पर्फोरिन्स प्रोटीन से निर्मित होता है। इसकी सहायता से लक्ष्य कोशिकाओं की कोशिका कला को घोल कर उसमें छिद्र उत्पन्न करके नष्ट कर दिया जाता है ।
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग - 20
किसी रोगजनक परजीवी या प्रतिजन के किसी जंतु की कोशिका को संक्रमित करने पर विशिष्ट प्रकार की T संवेदी कोशिका उस प्रतिजन के प्रतिजनी निर्धारक स्थलों के संपर्क में आती है। यह कोशिका अब क्लोन बनाने का कार्य प्रारंभ कर देती है। सक्रिय लसीका कोशिकाओं द्वारा लिम्फोकाइन्स पदार्थ मुंक्त किये जाते हैं।

इन लिम्फोकाइन्स को इन्टरल्यूकिन्स भी कहते हैं। ये लिम्फोकाइन्स नियमनकारी प्रोटीन्स होते हैं जो वृहत् भक्षकाणुओं की कोशिका भक्षण क्रिया, इनकी संख्या एवं समूहन क्षमता में वृद्धि करते हैं जिसके फलस्वरूप संक्रमित कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। इस प्रतिरक्षा की सहायता से धीरे-धीरे बढ़ने वाले रोगों से सुरक्षा की जाती है जैसे कैंसर, तपेदिक, कुष्ठ, ब्रुसैलोसिर्स, कैन्डीडियासिस, रिकैटशिया आदि।

(2) तरल या संचारी माध्यित प्रतिरक्षा-इस प्रकार की प्रतिरक्षा में शरीर में प्रवेश होने वाले विभिन्न प्रकार के जीवाणुओं, विषाणुओं तथा विषैले पदार्थों के प्रभाव को नष्ट करने हेतु अलग-अलग प्रकार की B-लसीका कोशिका निर्धारित होती हैं। किसी विशिष्ट प्रकार के आक्रमणकारी जीव या विष पदार्थ को नष्ट करने के लिए विशेष प्रकार की लसिकाणु विशिष्ट ग्लोब्यूलिन प्रोटीन उत्पन्न करती है।

ये प्रोटीन रुधि, लसीका तथा ऊतक द्रव्य में से होकर रोगकारी जीवों या विष पदार्थों का नाश करती हैं। ऐसी प्रोटीन्स प्रतिरक्षी ग्लोब्यूलिन्स प्रकृति की होती हैं व प्रतिरक्षी या प्रतिपिंड कहलाती हैं।

चूंकि इन प्रतिपिंडों एवं प्रतिजनों के मध्य विशिष्ट अंतक्रिया सामान्यतः रक्त या लसीका जैसे तरल माध्यम से होती है इसलिए इसे तरल या संचारी माध्यित प्रतिरक्षा कहते हैं। प्रतिरक्षी अणु ( एंटीबॉडी) की संरचना (Structure of Antibody)-यह जटिल ग्लाइको प्रोटीन से मिलकर बना अणु होता है जिसमें चार पॉलीपेप्टाइड श्रृंखलाएँ दो भारी ( 440 अमीनो अम्ल) तथा दो हल्की श्रृंखला ( 220 अमीनो अम्ल) आपस में डी-सल्फाइड बंध द्वारा मुड़कर Y आकृति बनाती हैं, देखिए नीचे चित्र में। एंटीबॉडी को H2 L2 के रूप में प्रदर्शित किया जाता है।
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग - 21
यह अणु शीर्ष पर उपस्थित दो बिंदुओं पर एंटीजन (बड़ा और जटिल बाह्य अणु, मुख्य रूप से प्रोटीन जो विशिष्ट प्रतिरक्षा को सक्रिय करता है) से ताला-कुंजी (Lock \& Key) के सिद्धांत के अनुसार जुड़कर एंटीजन एंटीबॉडी कॉम्पलेक्स बनाता है। एंटीबॉडी का पुच्छीय भाग (Tail portion) भारी श्रृंखला से बना होता है, यह स्थिर खण्ड कहलाता है। हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के एंटीबॉडी उत्पन्न किये जाते हैं जिनमें से कुछ निम्न हैं- IgA IgM}, IgE एवं lg।

अंग प्रत्यारोपण (Organ Transplanation)-जब शरीर के किसी अंग का संतोषजनक रूप से काम करना बंद कर दे अथवा दुर्घटना में क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण, एकमात्र उपचार प्रत्यारोपण होता है। इन अंगों के स्थान पर किसी उपयुक्त दाता से प्राप्त स्वस्थ अंग को आरोपित किया जाता है। इस प्रक्रिया को अंग प्रत्यारोपण कहते हैं।

हृदय, नेत्र, वृक्क, यकृत, अग्नाशय, फेफड़े आदि अंगों का प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक किया जाता है। अंग प्रत्यारोपण की सफलता शरीर कोशिकाओं पर उपस्थित मुख्य ऊतक संयोज्यता प्रतिजनों के मध्य उचित मिलान (Proper matching) होने पर निर्भर करती है।

मानव में ये प्रतिजनी पदार्थ मानव श्वेताणु प्रतिजन कहलाते हैं। मानव श्वेताणु प्रतिजन जीन के युग्मविकल्पी सहप्रभावी होते हैं। इन जीन्स के उत्पाद दाता व ग्राही के ऊतकों के मध्य ऊतक संयोज्यता का निर्धारण करते हैं। अंग प्रत्यारोपण को कई बार ग्राही द्वारा अस्वीकार कर दिया जाता है क्योंकि ग्राही के प्रतिरक्षा तंत्र द्वारा प्रत्यारोपित अंग को प्रोटीन्स की पराये या विजातीय की तरह पहचान की जाती है व

ग्राही का प्रतिरक्षा तंत्र उसके विरुद्ध प्रतिपिंड (Antibodies) उत्पन्न करने लगता है और कोशिका माध्यित प्रतिरक्षा द्वारा प्रत्यारोपित अंग को अस्वीकार कर दिया जाता है। ऊतक अस्वीकार्यता को रोकने हेतु ग्राही को प्रतिरक्षी क्रिया दमनक औषधियाँ (Immuno Suppressive drugs) दी जाती हैं। वृक्क, हदय एवं यकृत प्रत्यारोपण के समय साइक्लोस्पोरीन नामक औषधि दी जाती है जो कि T कोशिकाओं की क्रियाशीलता को रोकती है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

प्रश्न 16.
‘टाइफॉयड’ रोग का निम्नांकित शीर्षकों के अन्तर्गत वर्णन कीजिए-
(i) रोगजनक का नाम
(ii) रोग की पुष्टि हेतु परीक्षण का नाम
(iii) संक्रमण का तरीका
(iv) रोग के चार प्रमुख लक्षण
(v) प्रतिरक्षी अणु की संरचना का चित्र ।
उत्तर:
(i) साल्मोनेला टाइफी (Salmonella typhi)
(ii) विडाल परीक्षण ( Widal test)
(iii) यह रोगजनक आमतौर से संदूषित (contaminated) भोजन और पानी द्वारा छोटी आंत में प्रवेश कर जाता है और वहाँ से रुधिर द्वारा शरीर के अंगों में पहुँच जाता है।
(iv) रोग होने पर निरन्तर उच्च ज्वर (39 से 40 सेंटी.) आना, कमजोरी, आमाशय में पीड़ा, कब्ज, सिरदर्द, भूख न लगना आदि लक्षण उत्पन्न होते हैं। गंभीर अवस्था में आंत्र में छेद और मृत्यु भी हो सकती है ।
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग - 8

प्रश्न 17.
‘एड्स’ रोग का निम्नांकित शीर्षकों के अन्तर्गत वर्णन कीजिए-
(i) रोगजनक का नाम
(ii) रोग की पुष्टि हेतु परीक्षण का नाम
(iii) रोग के चार प्रमुख लक्षण
(iv) रोकथाम के चार उपाय
(v) पश्च विषाणु की प्रतिकृति का चित्र |
उत्तर:
(i) यह रोग HIV के कारण होता है। HIV का पूरा नाम Human immuno deficiency Virus विषाणु है।
(ii) एड्स परीक्षण हेतु एलीसा टेस्ट (Elisa test) किया जाता मानव प्रतिरक्षा न्यूनता हैं।
(iii) (क) शरीर में प्रतिरक्षा क्षमता कम हो जाती है।
(ख) संक्रमित व्यक्ति में थकावट, ज्वर, सिरदर्द, खांसी आदि प्रारम्भिक लक्षण होते हैं।
(ग) लिम्फ ग्रन्थियों (Lymph glands) में सूजन आ जाती है।
(घ) सामान्य उपचार के बाद ठीक न होना।

(iv) (क) रुधिर आधान के समय यह जाँच कर लेनी चाहिए कि रुधिर HIV मुक्त हो ।
(ख) लैंगिक सम्बन्ध स्थापित करने में सावधानी रखनी चाहिए, कण्डोम का उपयोग करना चाहिए।
(ग) दाढ़ी बनाने के लिए सदैव अपना ही ब्लैड प्रयुक्त करना चाहिए।
(घ) इंजेक्शन की सुई का प्रयोग एक बार ही करना चाहिए।
(v) पश्चविषाणु की प्रतिकृति का चित्र [नोट- यह चित्र निबन्धात्मक प्रश्न संख्या 6 के उत्तर में देखें ।]

प्रश्न 18.
प्रतिरक्षा ( इम्यूनिटी) से क्या तात्पर्य है ? सहज प्रतिरक्षा के चार रोध कौन-कौन से हैं? समझाइए । प्रतिरक्षी अणु की संरचना का नामांकित चित्र बनाइए ।
उत्तर:
प्रतिरक्षा (Immunity) – शरीर में रोग या रोगाणुओं से लड़कर स्वयं को रोग से सुरक्षित बनाये रखने की क्षमता को प्रतिरक्षा (Immunity) कहते हैं। सहज प्रतिरक्षा में चार प्रकार के रोध होते हैं। जैसे-
(1) कार्यिकीय रोध (फीजियोलॉजिकल बैरियर) – आमाशय में अम्ल, मुँह में लार, आँखों में आँसू, ये सभी रोगाणीय वृद्धि को रोकते हैं।

(2) शारीरिक रोध (फिजिकल बैरियर) – हमारे शरीर पर त्वचा मुख्य रोध है जो सूक्ष्मजीवों के प्रवेश को रोकता है। श्वसन, जठरांत्र (गैस्ट्रोइंटेटाइनल) और जननमूत्र पथ को आस्तरित करने वाली एपिथीलियम का श्लेष्मा आलेप (म्यूकस कोटिंग) भी शरीर में घुसने वाले रोगाणुओं को रोकने में सहायता करता है।

(3) कोशिकीय रोध (सेल्युलर बैरियर) – हमारे शरीर के रक्त में बहुरूप केंद्रक श्वेताणु उदासीनरंजी (पी एम एन एल- न्यूट्रोफिल्स) जैसे कुछ प्रकार के श्वेताणु और एककेंद्रकाणु (मोनासाइट्स) तथा प्राकृतिक, मारक लिंफोसाइट्स के प्रकार एवं ऊतकों में वृहत् भक्षकाणु (मैक्रोफेजेज) रोगाणुओं का भक्षण करते और नष्ट करते हैं।

(4) साइटोकाइन रोध-विषाणु संक्रमित कोशिकाएँ इंटरफेरॉन नामक प्रोटीनों का स्रवण करती हैं जो असंक्रमित कोशिकाओं को और आगे विषाणु संक्रमण से बचाती हैं।

प्रश्न 19.
एड्स शब्द का पूरा नाम लिखिए। इस रोग के कारक वाइरस को किस नाम से जाना जाता है? एड्स रोग के लक्षण व रोकथाम के उपाय बताइये। एड्स वाइरस की प्रतिकृति का नामांकित चित्र बनाइए ।
उत्तर:
एड्स शब्द का पूरा नाम उपार्जित प्रतिरक्षा न्यूनता संलक्षण (एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिसियेंसी सिन्ड्रोम) है। इस रोग के कारक वाइरस को एच आई वी (ह्यूमन इम्यूनो डिफिसिएंसी वायरस) के नाम से जाना जाता है। एड्स रोग में व्यक्ति की रोगाणुओं से लड़ने की क्षमता समाप्त हो जाती है जिससे वह कई गम्भीर रोगों से ग्रसित हो जाता है।

जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति में निम्न लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं –

  • रोगी को लगातार बुखार आना ।
  • लम्बे समय तक लगातार खाँसी आना ।
  • शरीर का भार कम होना ।
  • लसीका गांठों में सूजन आना।
  • अतिसार के लक्षण उत्पन्न होना ।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

एड्स रोग के रोकथाम के उपाय –

  • एच आई वी संक्रमण से युक्त व्यक्ति के साथ कोई भी यौन सम्पर्क नहीं होना चाहिए।
  • डिस्पोजल ( एक बार प्रयोगी) सूइयों का उपयोग किया जाना चाहिये।
  • जरूरतमंद व्यक्ति के लिए चढ़ाया जाने वाला रक्त, HIV रोगाणु मुक्त होना चाहिए।
  • वेश्यागमन तथा समलैंगिकता से बचना चाहिए।
  • कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए ।
  • एड्स पीड़ित स्त्री को माँ नहीं बनने देना चाहिए।
  • समष्टि में एच आई वी के लिए नियमित जाँच को बढ़ावा देना ।
  • इस रोग के फैलाव को समाज और चिकित्सक वर्ग के सम्मिलित प्रयास से रोका जा सकता है।

पश्चविषाणु (रेट्रोवायरस ) – एड्स एक विषाणु रोग है जो मानव में प्रतिरक्षा न्यूनता विषाणु (एच. आई. वी. ह्यूमन इम्यूनो डिफिसिएंसी वायरस) के कारण होता है। एच. आई. वी. विषाणुओं के उस समूह में आता है जिसे पश्चविषाणु रेट्रोवायरस कहते हैं, जिनमें आर.एन.ए. जीनोम को ढकने वाला आवरण होता है। देखिए आगे चित्र में।
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग - 5

प्रश्न 20.
(i) प्रतिरक्षा किसे कहते हैं?
(ii) सक्रिय प्रतिरक्षा एवं निष्क्रिय प्रतिरक्षा में अन्तर लिखिए ।
(iii) निष्क्रिय प्रतिरक्षीकरण को समझाइए ।
(iv) मच्छर परपोषी में प्लाज्मोडियम के जीवन चक्र की अवस्थाओं का नामांकित चित्र बनाइए ।
उत्तर:
(i) प्रतिरक्षा (Immunity ) – शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रतिरक्षा कहलाती है।
(ii) सक्रिय और निष्क्रिय प्रतिरक्षा में अन्तर (Difference between Active and Passive Immunity)-

सक्रिय प्रतिरक्षा (Active Immunity)निष्क्रिय प्रतिरक्षा (Passive Immunity)
1. जब परपोषी प्रतिजनों (एंटीजेंस) का सामना करता है तो शरीर में प्रतिरक्षी पैदा होते हैं। प्रतिजन जीवित या मृत रोगाणुओं या अन्य प्रोटीनों के रूप में हो सकते हैं। इस प्रकार की प्रतिरक्षा सक्रिय प्रतिरक्षा कहलाती है।1. जब शरीर की रक्षा के लिए बने बनाए प्रतिरक्षी सीधे ही शरीर को दिए जाते हैं तो यह निष्क्रिय प्रतिरक्षा कहलाती है।
2. सक्रिय प्रतिरक्षा धीमी होती है।2. जबकि निष्क्रिय प्रतिरक्षा तेज होती है।
3. यह अपनी पूरी प्रभावशाली अनुक्रिया प्रदर्शित करने में समय लेती है।3. यह अपनी पूरी प्रभावशाली अनुक्रिया प्रदर्शित करने में समय नहीं लेती है।
4. यह पूरे जीवन कार्य करती है। उदाहरण-मानव में चेचक रोग के प्रति प्रतिरक्षा।4. इसका प्रभाव कुछ समय के लिए होता है। उदाहरण-मानव में सांप के जहर (वेनम), टिटेनस, रैबीज रोग के टीकाकरण द्वारा प्रतिरक्षा।

(iii) निष्क्रिय प्रतिरक्षीकरण (Passive Immunity) – कुछ रोगों से बचाव के लिए प्रयोगशाला में उपयुक्त एण्टीबॉडीज तैयार करके, रोग की सम्भावना से पहले ही शरीर में इंजैक्ट कर दिये जाते हैं। ये कुछ समय के लिए शरीर में सक्रिय बने रहते हैं। यदि इस बीच सम्बन्धित रोगाणु या एण्टीजेन्स शरीर में पहुंच जाते हैं तो ये एण्टीबॉडीज इन्हें नष्ट कर देते हैं। इसे शरीर की निष्क्रिय प्रतिरक्षा कहते हैं ।

यह विधि टिटेनस, पोलियो, हिपैटाइटिस से प्रतिरक्षा में काम आती है। माता के रुधिर परिसंचरण से एण्टीबॉडीज ऑवल या अपरा (placenta ) द्वारा गर्भस्थ शिशु को प्राप्त होती है। नवजात शिशु को माता के दुग्धपान द्वारा निष्क्रिय प्रतिरक्षा मिलती है। इसमें IgA एण्टीबॉडीज होती है।

शिशु जन्म के पश्चात् पहली बार बच्चे को दूध जैसा पदार्थ कोलस्ट्रम (colstrum) इसीलिए दिया जाता है कि उसमें IgA एण्टीबॉडीज प्रचुर मात्रा में उपस्थित होती है। ये शिशु की किसी भी रोग के रोगाणुओं के संक्रमण के प्रति प्रतिरक्षा सुरक्षा प्रदान करती है। इस प्रकार निष्क्रिय प्रतिरक्षा उपार्जित प्रतिरक्षा होती है।

(iv) मच्छर परपोषी में प्लाज्मोडियम के जीवन चक्र की अवस्थाओं का नामांकित चित्र-
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग - 9

(i) कैंसर रोग के कारण लिखिए।
(ii) कैंसर अभिज्ञान को समझाइए ।
(iii) लसीका तंत्र का आरेखीय चित्र बनाइए ।
उत्तर:
(i) कैंसर रोग के कारण (Causes of Cancer) – इस रोग में कोशिका विभाजन अनियन्त्रित, अनियमित तथा तीव्र गति से होता है। ये कोशिकाएँ न तो क्रियाकारी (functional) होती हैं और न इनका विभेदीकरण (differentiation) होता है। ये कोशिकाएँ अन्य कोशिकाओं को पोषक पदार्थों को ग्रहण नहीं करने देतीं, जिससे उनकी मृत्यु होने लगती है। इस प्रकार के तीव्र कोशिका विभाजन से उस स्थान विशेष पर गाँठ या अर्बुद (tumour) बन जाती है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

शरीर में कोशिका वृद्धि तथा विभेदन अत्यन्त नियमित एवं नियन्त्रित क्रिया विधि के द्वारा होता है। प्रसामान्य कोशिकाओं में यह गुण जिसे संस्पर्श संदमन (contact inhibition) कहते हैं, दूसरी कोशिकाओं की अनियन्त्रित वृद्धि को संदमित करता है। कैंसर कोशिकाओं में इस प्रकार का संदमन समाप्त हो जाता है।

कैंसर का कारण कोशिकाओं में उपस्थित ऑन्कोजीन्स (onchogenes) का सक्रिय होना माना जाता है। यद्यपि ऑन्कोजीन्स सभी कोशिकाओं में होती हैं, किन्तु सामान्यतः ये निष्क्रिय होती हैं। किसी विशेष कारण से वे सक्रिय हो सकती हैं। इन कारणों में क्रोमियम, निकिल, एस्बेस्टॉस, धुआँ, कोलतार, तम्बाकू अथवा कुछ विषाणु आदि कारक हो सकते हैं।

(ii) कैंसर का अभिज्ञान (Cancer detection) – कैंसर का अभिज्ञान ऊतकों का जीवतिपरीक्षा (Biopsy) और ऊतक विकृति (Histopathological) अध्ययनों तथा बढ़ती कोशिका गणना के लिए रुधिर (Blood) तथा अस्थिमज्जा (Bonemarro) पर आधारित है। जैसाकि अधिश्वेतरक्तता (Lukemias) के मामले में होता है जीवूतिपरीक्षा (biopsy) में जिस ऊतक पर शंका होती है, उसका एक टुकड़ा लेकर पतले अनुच्छेदों (Sections) में काटकर अभिरंजित करके रोगविज्ञानी (Pathologist) परीक्षण किया जाता है।

आन्तरिक अंगों (Internal organs) के कैंसर का पता लगाने के लिए विकिरण चित्रण (Radiography), अभिकलित टोमोग्राफी (Computed Tomography) एवं चुम्बकीय अनुनादी इमेजिंग (MRI- Magnetic resonance imaging) तकनीकें बहुत उपयोगी हैं। अभिकलित टोमोग्राफी एक्स किरणों का उपयोग करके किसी अंग के भीतरी भागों की त्रिविम प्रतिबिंब (Three-dimensional image) बनाती है।

जीवित ऊतक में वैकृतिक (Pathological) और कार्यिकीय (Physiological) परिवर्तनों का सही पता लगाने के लिए एम.आर.आई. में तेज चुम्बकीय क्षेत्रों और अनायनकारी विकिरणों का उपयोग किया जाता है। कुछ कैंसरों का पता लगाने के लिए कैंसर विशिष्ट प्रतिजनों के विरुद्ध प्रतिरक्षियों (Antibodies) का भी उपयोग किया जाता है।

कुछ कैंसरों के प्रति वंशागत सुग्राहिता वाले व्यक्तियों में जीनों का पता लगाने के लिए आण्विक (Molecular) जैविकी की तकनीकों को काम में लाया जाता है। ऐसे जीनों की पहचान, जो किसी व्यक्ति को विशेष कैंसरों के प्रति प्रवृत्त (Predispose) करते हैं, कैंसर की रोकथाम के लिए बहुत उपयोगी हो सकते हैं। ऐसे व्यक्तियों को कुछ ऐसे विशेष कैंसरजनों से, जिनके प्रति वे सुग्राही हैं, जैसे फुफ्फुस कैंसर में तंबाकू के धुएँ से बचने की सलाह देनी चाहिये।

(iii) लसीका तंत्र का आरेखीय चित्र-
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग - 10

प्रश्न 21.
पश्च विषाणु की प्रतिकृति का चित्र बनाइए। एड्स रोगजनक का पूरा नाम लिखिए। इसका संकरण कैसे होता है? मानव शरीर में एड्स के लक्षणों को समझाइए।
उत्तर:
पश्चविषाणु (रेट्रोवायरस ) – एड्स एक विषाणु रोग है जो मानव में प्रतिरक्षा न्यूनता विषाणु (एच. आई. वी. ह्यूमन इम्यूनो डिफिसिएंसी वायरस) के कारण होता है। एच. आई. वी. विषाणुओं के उस समूह में आता है जिसे पश्चविषाणु रेट्रोवायरस कहते हैं, जिनमें आर.एन.ए. जीनोम को ढकने वाला आवरण होता है। देखिए आगे चित्र में।
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग - 5
एड्स रोगजनक का नाम-
HIV =  Human Immuno Deficiency Virus प्रतिरक्षा न्यूनता विषाणु
रोग का संचरण – एचआईवी सामान्यतः संक्रमित व्यक्ति के रक्त, वीर्य एवं योनि स्त्रावों में उपस्थित रहते हैं। अतः इनका संचरण ऐसी क्रियाओं के माध्यम से होता है जिनसे ये द्रव स्वस्थ व्यक्ति के संपर्क में आते हैं। सामान्यतः रोग का संचरण लैंगिक तथा रक्त संपर्क से होता है। एचआईवी का संचरण निम्न माध्यमों द्वारा होता है –

  • समलैंगिक व्यक्तियों के बीच गुदा मैथुन क्रिया द्वारा।
  • संक्रमित व्यक्ति के रक्त आधान।
  • एक ही सुई द्वारा नशीले पदार्थों का उपयोग।
  • माता से शिशु में प्लेसेन्टा द्वारा।
  • संक्रमित व्यक्ति के मुँह में घाव होता है अतः ऐसे व्यक्ति का किस (Kiss ) लेने से HIV का संचरण हो जाता है।
  • संक्रमित व्यक्ति से यौन संपर्क।

एड्स एक संक्रामक रोग है परन्तु यह छूत का रोग नहीं है। एड्स ग्रसित व्यक्ति से हाथ मिलाने, उसके कपड़े उपयोग में लाने, शुष्क चुम्बन, बर्तनों के उपयोग से, टॉयलेट सीट के माध्यम से, पूर्ण निर्जर्मीकृत सूइयों का प्रयोग कर रक्ताधान तथा रोगी की देखभाल से एड्स का संक्रमण नहीं होता है।

मानव शरीर में एड्स के लक्षण- एड्स वास्तव में कोई एक रोग नहीं है किंतु एक ऐसी दशा है जिसमें एड्स विषाणु संक्रमित व्यक्ति की रोगाणुओं से लड़ने की क्षमता को समाप्त कर देता है। जिससे वह कई रोगों से ग्रसित हो जाता है जिसके फलस्वरूप अग्र लक्षण प्रकट होते हैं –

  • बार-बार बुखार आना
  • वजन में कमी आना
  • लसीका गांठों का फूलना
  • लंबे समय तक लगातार खाँसी होना
  • अतिसार के लक्षण उत्पन्न होना
  • त्वचा पर कैंसर के लक्षण।

अथवा
टाइफाइड के रोगजनक का नाम दीजिए। मलेरिया परजीवी के जीवन चक्र को नामांकित चित्र की सहायता से समझाइए । उत्तर- टाइफाइड ज्वर का रोगजनक साल्मोनेला टाइफी (Salmonella typhi) नामक जीवाणु है। मलेरिया परजीवी या प्लाज्मोडियम का जीवन चक्र – जब संक्रमित मादा एनोफेलीज मनुष्य को काटती है तो प्लाज्मोडियम जीवाणुज अथवा स्पोरोजॉइट्स (Sporozoites) के रूप में मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। स्पोरोजॉइट्स संक्रामक रूप है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

प्रारंभ में परजीवी यकृत में अपनी संख्या बढ़ाते रहते हैं और फिर लाल रुधिर कणिकाओं (RBC) पर आक्रमण करते हैं जिसके फलस्वरूप लाल रुधिर कणिकाएँ फट जाती हैं। RBC के फटने के साथ ही एक विषैला पदार्थ भी निकलता है जिसे हीमोजोइन (Haemozoin) कहते हैं। इस पदार्थ के रुधिर से मुक्त होते ही यह मनुष्य के रुधिर के प्लाज्मा में घुल जाता है तथा इसकी वजह से ही मनुष्य को जाड़ा व कंपकंपी देकर मलेरिया बुखार चढ़ने लगता है।

जब मादा एनोफेलीज मच्छर किसी संक्रमित मनुष्य को काटती है। तब परजीवी उसके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और उनका आगे का परिवर्धन मादा एनोफेलीज में होता है। ये परजीवी मादा एनोफेलीज में बहु संख्यात्मक रूप से बढ़ते रहते हैं और स्पोरोजोइट्स (Sporozoites) बन जाते हैं जो मादा एनोफेलीज की लार ग्रंथियों (Salivary glands) में जमा हो जाते हैं।

अब यह मादा एनोफेलीज किसी स्वस्थ मनुष्य को काटती है तो स्पोरोजोइट्स उसके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं एवं मनुष्य को संक्रमित कर देते हैं। इस प्रकार मलेरिया परजीवी अर्थात् प्लाज्मोडियम अपना जीवन चक्र पूरा करता है। इस प्रकार प्लाज्मोडियम को अपना जीवन चक्र पूरा करने के लिए दो परपोषियों की आवश्यकता होती है जिन्हें मनुष्य एवं मादा एनोफेलीज कहते हैं। मनुष्य प्राथमिक एवं मादा एनोफेलीज द्वितीयक परपोषी होते हैं। मादा एनोफेलीज रोगवाहक ( Transmitting agent ) का कार्य करती है।
(चित्र के लिए अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नों के निबन्धात्मक प्रश्न संख्या 10 को देखिए।)

वस्तुनिष्ठ प्रश्न-

1. प्लाज्मोडियम की संक्रामक अवस्था जो मानव शरीर में प्रवेश करती है- (NEET-2020)
(अ) जीवाणुज (स्पोरोजॉइट)
(स) नर युग्मकजनक
(ब) मादा युग्मकजनक
(द) पोषाणु
उत्तर:
(अ) जीवाणुज (स्पोरोजॉइट)

2. निम्न रोगों को उनके पैदा करने वाले जीवों के साथ मिलान कर सही विकल्प का चयन करो। (NEET-2020)

स्तम्भ-Iस्तम्भ-II
(1) टाइफाइड(i) वुचैरिया
(2) न्यूमोनिया(ii) प्लाज्मोडियम
(3) फाइलेरिएसिस(iii) साल्मोनेला
(4) मलेरिया(iv) हीमोफिलस
कूट :(1)(2)(3)(4)
(अ)(iii)(iv)(i)(ii)
(ब)(ii)(i)(iii)(iv)
(स)(iv)(i)(ii)(iii)
(द)(i)(iii)(ii)(iv)

उत्तर:

(ब)(ii)(i)(iii)(iv)

3. प्रतिरक्षा के संदर्भ में गलत कथन को पहचानिये- (NEET-2020)
(अ) जब बने बनाये प्रतिरक्षी प्रत्यक्ष रूप से दिए जाते हैं, इसे ‘निष्क्रिय प्रतिरक्षा’ कहते हैं।
(ब) सक्रिय प्रतिरक्षा जल्दी होती है और पूर्ण प्रतिक्रिया देती है।
(स) श्रूण माता से कुछ प्रतिरक्षी प्राप्त करता है यह निष्क्रिय प्रतिरक्षा का उदाहरण है
(द) जब परपोषी का शरीर (जीवित अथवा मृत) प्रतिजन के सम्पर्क में आता है और उसके शरीर में प्रतिरक्षी उत्पन्न होते हैं। इसे सक्रिय प्रतिरक्षा कहते हैं।
उत्तर:
(ब) सक्रिय प्रतिरक्षा जल्दी होती है और पूर्ण प्रतिक्रिया देती है।

4. दुग्ध स्रावण के आरम्भिक दिनों में माता द्वारा स्रावित पीला तरल कोलोस्ट्रेम नवजात में प्रतिरक्षा प्रदान करने के लिए अत्यन्त आवश्यक है क्योंकि इसमें होती है- (NEET-2019)
(अ) इम्युनोग्लोबुलिन A
(ब) प्राकृतिक मारक कोशिकाएँ
(स) एक केन्द्रकाणु
(द) भक्षाणु
उत्तर:
(अ) इम्युनोग्लोबुलिन A

5. ‘हेरोइन’ नामक ड्रग कैसे संश्लेषित की जाती है? (Kerala PMT-2009, NEET-2019)
(अ) मार्फिन के नाइट्रीकरण से
(ब) मार्फिन के मिथाइलीकरण से
(स) मार्फिन के एसीटाइलीकरण से
(द) मार्फिन के ग्लाइकोसीकरण से
उत्तर:
(स) मार्फिन के एसीटाइलीकरण से

6. निम्नलिखित में से कौनसा स्वप्रतिरक्षा रोग नहीं है- (NEET-2018)
(अ) एल्जाइमर
(ब) रूमेटी संधिशोथ
(स) सोरिऐसिस
(द) विटिलिगो
उत्तर:
(अ) एल्जाइमर

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

7. “स्मैक” नामक ड्रगग पोस्त पौधे के किस भाग से प्रास होती है- (NEET-2018)
(अ) जड़ों से
(ब) लैटेक्स से
(स) फूलों से
(द) पत्तियों से
उत्तर:
(ब) लैटेक्स से

8. ऊतकों/अंगों का प्रतिरोपण अधिकतर रोगी के शरीर द्वारा अस्वीकृति के कारण असफल हो जाता है। इस प्रकार के निराकरण के लिए कौनसी प्रतिरक्षी अनुक्रिया उत्तरदायी है? (NEET-2017)
(अ) स्व-प्रतिरक्षा अनुक्रिया
(ब) कोशिका-मध्यित प्रतिरक्षा अनुक्रिया
(स) हॉर्मोनल प्रतिरक्षा अनुक्रिया
(द) कार्यिकीय प्रतिरक्षा अनुक्रिया
उत्तर:
(ब) कोशिका-मध्यित प्रतिरक्षा अनुक्रिया

9. रोगों का निम्नलिखित में से कौनसा समूह जीवाणुओं द्वारा संक्रमित होता है? (NEET II-2016)
(अ) टिटेनस और गलसुआ
(ब) हर्पीज और इन्फ्लुएंजा
(स) हैजा और टिटेनस
(द) टाइफाइड और चेचक (स्मॉलॉॉक्स)
उत्तर:
(स) हैजा और टिटेनस

10. यदि आप किसी व्यक्ति में प्रतिरक्षियों की गंभीर कमी का अनुमान लगा रहे हैं तो आप पुष्टि के निम्नलिखित में से किससे प्रमाण प्रात्त करेंगे? (NEET-2015)
(अ) सीरम एल्ब्यूमिन
(ब) हीमोसाइट
(स) सीरम ग्लोब्यूलिन
(द) प्लाज्मा में फाइब्रोनोजन
उत्तर:
(स) सीरम ग्लोब्यूलिन

11. निम्नलिखित में से कौनसा रोग प्रोटोजोआ के कारण होता है? (NEET-2015)
(अ) इन्फ्लूएंजा
(ब) बैबसिओसिस
(स) ब्लास्टोमाइकोसिस
(द) सिफलिस
उत्तर:
(ब) बैबसिओसिस

12. वह कौनसा विशेष प्रकार का मादक द्रव्य है जो उस पौधे से प्रास होता है जिसकी एक पुष्पित शाखा नीचे दिखाई गई है? (NEET-2014)
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग - 11
(अ) हेलुसिनोजन
(ब) अवनमक
(स) उद्दीपक
(द) दर्द-निवारक
उत्तर:
(अ) हेलुसिनोजन

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

13. एस्केरिस का संक्रमण सामान्यतः किसके कारण होता है? (NEET-2013)
(अ) एस्केरिस के अण्डों से युक्त जल के पीने के कारण
(ब) अपूर्ण रूप से पकाए गये सूअर के मांस को खाने के कारण
(स) सेट्सी मक्खी द्वारा
(द) मच्छर के काटने से
उत्तर:
(अ) एस्केरिस के अण्डों से युक्त जल के पीने के कारण

14. मानव शरीर में कोशिका-मध्यित प्रतिरक्षा किसके द्वारा कार्यान्वित होती है? (NEET-2013)
(अ) T – लिम्फोसाइट्स द्वारा
(ब) B – लिम्फोसाइट्स द्वारा
(स) श्रोम्बोसाइट्स द्वारा
(द) रक्ताणुओं द्वारा
उत्तर:
(अ) T – लिम्फोसाइट्स द्वारा

15. यकृत (जिगर) का सिरोसिस रोग किसके लगातार सेवन से होता है? (NEET-2012)
(अ) अफीम
(ब) एल्कोहॉल
(स) तम्बाकू (चबाना)
(द) कोकीन
उत्तर:
(ब) एल्कोहॉल

16. नीचे दिखाये जा रहे अणुओं (A) तथा (B) को पहचानिये तथा उनके स्रोत एवं उपयोग के विषय में सही विकल्प चुनिये- (Mains-2012)
HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग - 12

विकल्प :आद्नस्रोतउपयोग
(अ)(A) कोकीनएरिथ्रोजायलम कोकाडोपैमीन के परिवहन को तीव्रतर बना देती है।
(ब)(B) हेरोइनकैनेबिस सैटाइवाशामक तथा देह कार्यों को धीमा करती है।
(स)(C) कैनेबिनॉइडऐट्रेपा बेलाडोनाविभ्रम पैदा करता है।
(द)(D) मॉर्फीनपैपेवर सोम्नीफेरमशामक तथा पीड़ानाशक

उत्तर:

(द)(D) मॉर्फीनपैपेवर सोम्नीफेरमशामक तथा पीड़ानाशक

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

17. विडाल टेस्ट द्वारा किसकी पहचान की जाती है- (NEET-2012)
(अ) मलेरिया
(ब) मधुमेह
(स) HIV/AIDS
(द) टाइफाइड ज्वर
उत्तर:
(द) टाइफाइड ज्वर

18. सामान्य जुकाम प्रतिजैविकों द्वारा सही नहीं होती है क्योंकि यह- (NEET-2011)
(अ) संक्रमण रोग नहीं है
(ब) विषाणु द्वारा होती है
(स) ग्राम – धनात्मक जीवाणु द्वारा होता है
(द) ग्राम – ऋणात्मक जीवाणुओं द्वारा होता है
उत्तर:
(ब) विषाणु द्वारा होती है

19. एक रोगी के एक्वायर्ड इम्यूनो डेफीशिएन्सी सिण्डूरम से पीड़ित होने का संदेह है। इसकी पुष्टि हेतु आप किस नैदानिक तकनीक का सुझाव देंगे? CBSE, 2011)
(अ) MRI
(ब) अल्ट्रासाठण्ड
(स) विडाल
(द) ELISA
उत्तर:
(द) ELISA

20. मलेरिया परजीवी के स्पोरोजॉएट (Sporozoites) हेतु आप कहाँ देखेंगे? (CBSE, 2011)
(अ) मलेरिया से पीड़ित व्यक्ति की लाल रुधिर कणिकाओं में
(ब) संक्रमित मनुष्य की प्लीहा में
(स) ताजे निर्मोचित मादा एनॉफिलीज मच्छर की लार ग्रंथियों में
(द) संक्रमित मादा एनॉफिलीज मच्छर की लार में
उत्तर:
(द) संक्रमित मादा एनॉफिलीज मच्छर की लार में

21. निम्नलिखित में से किसके निदान हेतु विडाल परीक्षण का प्रयोग किया जाता है? (CBSE, 2010)
(अ) मलेरिया
(ब) न्यूमोनिया
(स) ट्यूबरकुलोसिस
(द) टायफॉइड
उत्तर:
(द) टायफॉइड

22. एड्स के सम्बन्ध में निम्नलिखित में से कौनसा कथन सही है? (CBSE, 2010)
(अ) एच आई वी किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ भोजन करने से संचारित हो सकता है।
(ब) ड्राग्स के आदी व्यक्ति एच आई वी संक्रमण के प्रति सबसे कम सुग्राह्य होते हैं।
(स) उचित देखभाल तथा पोषण के द्वारा एड्स के रोगियों का पूर्ण रूप से शत प्रतिशत उपचार किया जा सकता है।
(द) रोगकारी एच आई वी रिट्रोविषाणु सहायक टीलिम्फोसाइटस में प्रवेश कर जाता है तथा उनकी संख्या को घटा देता है।
उत्तर:
(द) रोगकारी एच आई वी रिट्रोविषाणु सहायक टीलिम्फोसाइटस में प्रवेश कर जाता है तथा उनकी संख्या को घटा देता है।

23. निम्नलिखित कथनों में से सही कथन का चयन कीजिए- (CBSE, 2010)
(अ) जब अपराधियों को शमनकारक औषधियाँ दी जाती हैं तो वे सत्य बोलने लगते हैं।
(ब) ऐसे व्यक्ति जिनकी शल्य-चिकित्सा की गई हो, उन्हें दर्द-निवारक के रूप में प्रायः मॉर्फीन दी जाती है।
(स) तम्बाकू चबाने से रक्त दाब तथा हुदय दर कम हो जाते हैं।
(द) शल्य चिकित्सा के उपरांत रोगी को कोकेन दिया जाता है, क्योंकि यह स्वास्थ्य की पुनः प्राप्ति (Recovery) को प्रेरित करता है।
उत्तर:
(ब) ऐसे व्यक्ति जिनकी शल्य-चिकित्सा की गई हो, उन्हें दर्द-निवारक के रूप में प्रायः मॉर्फीन दी जाती है।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

24. ट्यूबरकुलोसिस (Tuberculosis) के लिए कौनसा टीका प्रयुक्त किया जाता है? (AFMC, 2010)
(अ) BCG
(ब) DPT
(स) TT
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(अ) BCG

25. मनुष्य में दाद (Ringworm) नामक रोग उत्पन्न होता है- (CBSE, 2010)
(अ) जीवाणु द्वारा
(ब) कवक द्वारा
(स) निमेटोड द्वारा
(द) विषाणु द्वारा
उत्तर:
(ब) कवक द्वारा

26. निम्नलिखित में से किसमें प्रति हिस्टेमाइन तथा स्टीरॉएड का प्रयोग तुरन्त आराम देता है? (CBSE, 2009)
(अ) एलर्जी
(ब) मतली
(स) खाँसी
(द) सिरदर्द
उत्तर:
(अ) एलर्जी

27. एण्ट अमीबा हिस्टोलाइटिका की संक्रामक अवस्था होती है- (RPMT, 2009)
(अ) ट्राफोज्वॉइट अवस्था
(ब) द्विकेन्द्रकीय पुटी अवस्था
(स) चतुष्केन्द्रकीय पुटी अवस्था
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(स) चतुष्केन्द्रकीय पुटी अवस्था

28. निम्नलिखित में से कौनसा युग्म विषाणु जनित रोगों को प्रदर्शित करता है? (CBSE, 2009)
(अ) दाद एड्स
(ब) सामान्य शीत, एड्स
(स) अतिसार, सामान्य शीत
(द) टायफॉइड ट्यूबरकुलोसिस
उत्तर:
(ब) सामान्य शीत, एड्स

29. शिशु को कोलोस्ट्रम (colostrum) देने पर कौनसी प्रतिरक्षा प्रणाली उत्पन्न होगी- (AMU, 2009)
(अ) ऑटो प्रतिरक्षा
(ब) अक्रिय प्रतिरक्षा
(स) सक्रिय प्रतिरक्षा
(द) स्वाभाविक प्रतिरक्षा
उत्तर:
(ब) अक्रिय प्रतिरक्षा

30. निम्नलिखित में से कौनसा कथन सत्य है? (CBSE, 2009)
(अ) शल्य चिकित्सा वाले रोगियों को दर्द निवारण हेतु कैनेबिनाएँड दिये जाते हैं।
(ब) बेनाइन ट्यूमर, मेटास्टेसिस दर्शाते हैं।
(स) हेरोइन शरीर क्रियाओं में वृद्धि करती है।
(द) मैलिग्नेण्ट ट्यूमर मेटास्टेसिस प्रदर्शित करते हैं।
उत्तर:
(द) मैलिग्नेण्ट ट्यूमर मेटास्टेसिस प्रदर्शित करते हैं।

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

31. एच.आई ,वी. घटाता है- (BHU 2000, 2008)
(अ) केवल T- सहायक कोशिकाओं को
(ब) सभी T- कोशिकाओं को
(स) केवल B-कोशिकाओं को
(द) दोनों B एवं T- कोशिकाओं को
उत्तर:
(अ) केवल T- सहायक कोशिकाओं को

32. मनुष्य में कार्डियोवेस्कुलर प्रभाव को बढ़ाने में उपयोगी ड्रग है- (J\&KCET, 2008)
(अ) कोकीन
(ब) बार्बीट्यूरेट
(स) बेजोडायजेपिन
(द) इन्सुलिन
उत्तर:
(अ) कोकीन

33. मुँह की लार तथा आँखों से निकले आँसू, सहज प्रतिरक्षा के अन्तर्गत किस रोधी प्रारूप के वर्ग में आते हैं? (NEET-2008)
(अ) कार्यिकी रोधी
(ब) भौतिक रोधी
(स) साइटोकाइनिन रोधी
(द) कोशिकीय रोधी
उत्तर:
(अ) कार्यिकी रोधी

34. किसी विशिष्ट मनोवृत्ति औषधि के विषय में निम्नलिखित में से कौनसा एक कथन सही है? (NEET-2008)
(अ) मार्फीन से भ्रांतियाँ पैदा होती हैं एवं गलत भावनाएँ आने लगती हैं
(ब) बार्बिट्यूरेटा से विश्रांति तथा अस्थाई सुख-बोध पैदा होता है
(स) भांग से अनुबोध अवगम तथा विभ्रम पैदा होता है
(द) अफीम से तंत्रिका तंत्र उत्तेजित होता है तथा विभ्रम पैदा होता है
उत्तर:
(स) भांग से अनुबोध अवगम तथा विभ्रम पैदा होता है

35. कैंसर की कोशिकाएं आसानी से विकिरणों द्वारा नष्ट की जा सकती हैं, इसका कारण है- (RPMT, 2007)
(अ) तीव्र कोशिका विभाजन
(ब) पोषण की कमी
(स) तेज परिवर्तन
(द) ऑक्सीजन की कमी
उत्तर:
(स) तेज परिवर्तन

36. यदि आपको किसी व्यक्ति में प्रतिपिण्डों (एण्टीबॉडीज) के बड़े अभाव का शक है तो आप निम्नलिखित में से किसका पुष्टीकरण प्रमाण जानना चाहेंगे? (CBSE, 2007)
(अ) सीरम एल्बुमिनो का
(ब) सीरम ग्लोब्यूलिनो का
(स) प्लाज्मा में फाइब्रिनोजेन का
(द) रुधिराणुओं का
उत्तर:
(ब) सीरम ग्लोब्यूलिनो का

37. उपार्जित प्रतिरक्षा की विशेषता है- (DPMT, 2007)
(अ) एण्टीजन की विशेषता
(ब) विभेदन करना (सेल्फ तथा नॉन-सेल्फ एण्टीजन)
(स) स्मृति को बनाये रखना
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

38. कुछ खास ऋतुओं में बढ़ते जाते दमा रोग का सम्बन्ध किससे होता है? (NEET-2007)
(अ) घटता तापमान
(ब) गर्म एवं नमी वाला पर्यावरण
(स) टिन के डिब्बों में परिलक्षित फलों का खाना
(द) ऋतुपरक पराग का सांस द्वारा भीतर जाना
उत्तर:
(द) ऋतुपरक पराग का सांस द्वारा भीतर जाना

39. हमारे शरीर में एंटीबॉडीज (प्रतिपिण्ड) किसके सम्मिश्र होते हैं? (NEET-2006)
(अ) लाइपोप्रोटीन्स
(ब) स्टेरॉयड्स
(स) प्रोस्टेलैडिन्स
(द) ग्लाइकोप्रोटीन्स
उत्तर:
(द) ग्लाइकोप्रोटीन्स

40. एस्केरिस पाया जाता है- (RPMT, 2004)
(अ) देहगुहा में
(ब) लिम्फनोड में
(स) ऊतक में
(द) आहार नाल में
उत्तर:
(द) आहार नाल में

41. ह्यूमोरल प्रतिरक्षा का कारण होता है। (Orrisa PMT, 2004)
(अ) B – लिम्फोसाइट्स
(ब) T- लिम्फोसाइट्स
(स) L – {लिम्फोसाइट्स}
(द) P-लिम्फोसाइट्स
उत्तर:
(अ) B – लिम्फोसाइट्स

42. प्लाज्मोडियम की मानव को संक्रमित करने वाली अवस्था है- (RPMT, 2004)
(अ) स्पोरोज्वॉइट
(ब) ट्रोफोज्वॉइट
(स) गैमीटोसाइट्स
(द) मीरोज्वाइट
उत्तर:
(अ) स्पोरोज्वॉइट

43. T – कोशिकायें एक प्रकार की लिम्फोसाइट्स होती हैं जो कि कोशिकीय प्रतिरक्षा उत्पन्न करती हैं। ये कोशिकाएँ किससे उत्पन्न होती हैं- (MP PMT, 2003)
(अ) थाइमस
(ब) यकृत
(स) प्लीहा
(द) रक्त वाहिनियों की एण्डोथीलियम
उत्तर:
(अ) थाइमस

44. निम्न में से कौन एस्केरिस संक्रमण हेतु प्रभावी है- (RPMT, 2003)
(अ) क्लोरोक्वीन
(ब) सिनकोना
(स) कोल्चीकम
(द) चीनोपोडियम का तेल
उत्तर:
(द) चीनोपोडियम का तेल

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

45. एड्स दिवस कब होता है- (RPMT, 2003)
(अ) 1 जून
(ब) 1 मई
(स) 1 दिसम्बर
(द) 20 दिसम्बर
उत्तर:
(स) 1 दिसम्बर

46. हीमोज्वॉइन क्या है? (RPMT, 2002)
(अ) प्लाज्मोडियम की ट्राफोज्वाइट द्वारा रुधिर का अपचयित भाग
(ब) एनोफिलीज का रुधिर वर्णक
(स) मीरोज्वाइट में विखण्डित रुधिर
(द) संक्रमित मनुष्य के रुधिर में अणु
उत्तर:
(अ) प्लाज्मोडियम की ट्राफोज्वाइट द्वारा रुधिर का अपचयित भाग

47. एल.एस.डी. है- (NEET-2001)
(अ) विभ्रामक
(ब) सेडेटिव
(स) उत्तेजनात्मक
(द) ट्रांसक्वेलाइजर
उत्तर:
(अ) विभ्रामक

48. कौनसा सबसे अधिक संक्रमणकारी रोग है? (NEET-2001)
(अ) हीपेटाइटिस-B
(ब) एड्स
(स) खाँसी तथा जुकाम
(द) मलेरिया
उत्तर:
(अ) हीपेटाइटिस-B

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग

49. ‘सक्रिय इम्यूनिटी’ का अर्थ है- (CBSE PMT, 1999)
(अ) रोग के पश्चात् उत्पन्न प्रतिरोध
(ब) रोग के पूर्व उत्पन्न प्रतिरोध
(स) हृदय गति दर में प्रतिरोध
(द) रक्त मात्रा में वृद्धि
उत्तर:
(अ) रोग के पश्चात् उत्पन्न प्रतिरोध

50. कैंसर सम्बन्धित है-
(अ) ऊतकों की अनियंत्रित वृद्धि से
(ब) नॉन-मेलिगनेन्ट ट्यूमर से
(स) ऊतकों के नियंत्रित विभाजन से
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) ऊतकों की अनियंत्रित वृद्धि से

HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 8 मानव स्वास्थ्य तथा रोग Read More »