Haryana State Board HBSE 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम Important Questions and Answers.
Haryana Board 12th Class Biology Important Questions Chapter 11 जैव प्रौद्योगिकी-सिद्धांत व प्रक्रम
वस्तुनिष्ठ प्रश्न-
1. निम्नलिखित कथन प्रतिबंधन एण्ड्रोन्यूक्लिएज एंजाइम के लक्षणों का वर्णन करते हैं। गलत कथन को चुनिए-
(अ) यह एंजाइम डी.एन.ए. पर एक विशिष्ट पैलीन्ड्रोमिक न्यूक्लियोटाइड अनुक्रम की पहचान करता है।
(ब) यह एंजाइम डी.एन.ए, पर पहचाने हुए स्थान पर डी.एन.ए. अणु को काटता है।
(स) यह एंजाइम डी.एन.ए. को विशेष स्थलों पर जोड़ता है और दो में से केवल एक लड़ी को काटता है।
(द) यह एंजाइम प्रत्येक लड़ी पर विशेष स्थलों पर शर्कराफास्फ्रेट रज्जु को काटता है।
उत्तर:
(स) यह एंजाइम डी.एन.ए. को विशेष स्थलों पर जोड़ता है और दो में से केवल एक लड़ी को काटता है।
2. विलोदित टैक जैव रिऐक्टर किस लिए अभिकल्पित किए गए हैं?
(अ) सारी प्रक्रिया के दौरान ऑक्सीजन की प्राप्यता बनाए रखने के लिए
(ब) प्रवर्धन नलिका में अवायवीय दशाओं को बनाये रखने के लिए
(स) उत्पादों के शुद्धिकरण के लिए
(द) उत्पादों में परिरक्षकों को मिलाने के लिए
उत्तर:
(अ) सारी प्रक्रिया के दौरान ऑक्सीजन की प्राप्यता बनाए रखने के लिए
3. निम्नलिखित में से कौनसा अनुप्रवाह प्रक्रमण का एक अवयव नहीं है ?
(अ) परिरक्षण
(ब) अभिव्यक्ति
(स) पृथक्करण
(द) शुद्धिकरण
उत्तर:
(ब) अभिव्यक्ति
4. निम्नलिखित में से कौनसा एक प्लाज्मिड का अभिलक्षण नहीं है?
(अ) स्थानान्तरण योग्य
(ब) एकल-रज्जुकीय
(स) स्वतंत्र प्रतिकृतीयन
(द) वृत्तीय संरचना
उत्तर:
(ब) एकल-रज्जुकीय
5. निम्नलिखित में से कौनसा एक प्रतिबंधन एंडोन्यूक्लिएज है?
(अ) डी.एन.एज. I
(ब) आर.एन.एज.
(स) हिन्द II
(द) प्रोटीएज
उत्तर:
(स) हिन्द II
6. प्रतिबन्ध एंजाइम प्राकृतिक रूप से पाये जाते हैं-
(अ) यूकैरियोटिक कोशिकाओं में
(ब) यीस्ट में
(स) जीवाणु में
(द) उपरोक्त सभी में
उत्तर:
(स) जीवाणु में
7. वे एन्जाइम जो DNA को विशिष्ट पहचान वाले स्थलों पर काटते हैं, वह हैं-
(अ) लाइगेज
(ब) एक्सोन्यूक्लिएज
(स) सीकामारी एन्डोन्यूक्लिएज
(द) DNA पॉलिमरेज
उत्तर:
(स) सीकामारी एन्डोन्यूक्लिएज
8. उच्च श्रेणी के पादपों में जीन क्लोनिंग हेतु कौनसा जीवाणु अधिक उपयोगी है-
(अ) ई.कोली
(ब) राइजोबियम
(स) एग्रोबैक्टीरियम
(द) स्यूडोमोनॉस
उत्तर:
(स) एग्रोबैक्टीरियम
9. जीन में हेर-फेर से तात्पर्य है-
(अ) आनुवंशिक पदार्थ को जोड़ना
(ब) आनुवंशिक पदार्थ को हटाना
(स) आनुवंशिक पदार्थ को ठीक करना
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
10. वांछित DNA को परपोषी कोशिका में पहुँचाने वाला अणु होता है
(अ) वाहक
(ब) परपोषी
(स) परजीवी
(द) एन्जाइम
उत्तर:
(अ) वाहक
11. निम्न में से कौनसा वांछित DNA हो सकता है-
(अ) संश्लेषित DNA
(ब) C-DNA
(स) जीनोमिक DNA
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी
12. सीमाकारी एन्जाइम EcoRI DNA को निम्न में से किस स्थान पर काटता है-
(अ) GATTC
(ब) GACCTG
(स) AAATTT
(द) GGGCCC
उत्तर:
(अ) GATTC
13. न्यूक्लिक अम्ल का एकल रज्जु जिसके साथ एक रेडियोधर्मी अणु जोड़ दिया गया हो, क्या कहलाता है?
(अ) वेक्टर
(ब) चयनशील मार्कर
(स) प्लाज्मिड
(द) प्रोब
उत्तर:
(द) प्रोब
14. तथाकथित ‘चिपचिपे सिर’ किससे बने होते हैं?
(अ) अयुग्मित क्षारकों से
(ब) DNA तंतुक के सिरे पर चिपचिपे पॉलिसैकेराइड से
(स) मिथाइल समूह से
(द) अयुग्मित RNA क्षारकों से
उत्तर:
(अ) अयुग्मित क्षारकों से
15. द्विबीजपत्रियों में जीन स्थानान्तरण हेतु सामान्यतः प्रयुक्त प्लाज्मिड है-
(अ) PBR 322
(ब) PBR 235
(स) Ti प्लाज्मिड
(द) कास्मिड
उत्तर:
(स) Ti प्लाज्मिड
16. प्रथम प्रतिबंधन एण्डोन्यूक्लिएज कौनसा पहचाना गया था?
(अ) EcoRI
(ब) Hind II
(स) Hind III
(द) Taq I
उत्तर:
(ब) Hind II
17. एग्रोबैक्टिरियम ट्यूमीफेशिएंस का DNA खंड (T-DNA) सामान्य पौधों की कोशिकाओं में क्या रोग उत्पन्न करता है-
(अ) कैंसर
(ब) अपघटन
(स) अर्बुद
(द) कुछ नहीं
उत्तर:
(स) अर्बुद
18. रीट्रोवाइरस (पश्च विषाणु) सामान्य जन्तु कोशिकाओं में कौनसा रोग उत्पन्न करता है?
(अ) कैंसर
(ब) विघटन
(स) अर्बुद
(द) कुछ नहीं
उत्तर:
(अ) कैंसर
19. एक रेस्ट्रीक्शन (प्रतिबंधन) एन्डोन्यूक्लिएज को EcoRI का नाम दिया गया है। इसमें भाग “co” किसके लिए है?
(अ) colon (वृहदांत्र)
(ब) coelom (देहगुहा)
(स) coenzyme (सहएन्जाइम)
(द) coli (कोलाई)
उत्तर:
(द) coli (कोलाई)
20. जीवाणु कोशिका में गुणसूत्रीय DNA के अतिरिक्त पाया जाने वाला वर्तुल (Circular) DNA कहलाता है-
(अ) एपीसोम
(ब) कोस्मिड
(स) प्लाज्मिड
(द) फेज्मिड
उत्तर:
(स) प्लाज्मिड
21. pBR322 वाहक में किसके प्रति प्रतिरोधक जीन होती है?
(अ) एम्पीसिलिन
(ब) टेट्रासाइक्लिन
(स) उपर्युक्त दोनों
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(द) इनमें से कोई नहीं
22. प्रतिबंधन एंडोन्यूक्लिएज द्वारा DNA के कटे खण्डों को किस तकनीक द्वारा अलग करते हैं?
(अ) बायोरियक्टर
(ब) इलेक्ट्रोफोरेसिस
(स) बायोलिस्टिक
(द) माइक्राइंजेक्शन
उत्तर:
(ब) इलेक्ट्रोफोरेसिस
23. वह विधि जिसके द्वारा पुनर्योगज DNA को सीधे जंतु कोशिका के केन्द्रक के अन्दर अंतःक्षेपित कर सकते हैं, वह है-
(अ) जीन गन
(ब) बायोलिस्टिक
(स) माइक्रोइं जेक्शन
(द) बायोरियक्टर
उत्तर:
(स) माइक्रोइं जेक्शन
24. प्लाज्मिड जिसमें वांछित DNA खण्ड जुड़ा रहता है, उसे कहते हैं-
(अ) विजातीय प्लाज्मिड
(ब) काइमेरिक प्लाज्मिड
(स) सेलेरा प्लाज्मिड
(द) विदलनीय प्लाज्मिड
उत्तर:
(ब) काइमेरिक प्लाज्मिड
25. कौनसे एंजाइम DNA को खण्डित करते हैं-
(अ) लाइगेज
(ब) टाइप II रेस्ट्रिक्शन एण्डोन्यूक्लिएज
(स) पॉलीमरेज
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(ब) टाइप II रेस्ट्रिक्शन एण्डोन्यूक्लिएज
26. वाहक DNA है-
(अ) प्लाज्मिड
(ब) C-DNA
(स) संश्लेषित DNA
(द) उपर्युक्त DNA
उत्तर:
(अ) प्लाज्मिड
27. लेडरबर्ग के रेप्लीका प्लेटिंग प्रयगो में स्ट्रेप्टोमायसीन प्रतिरोधी विभेद प्राप्त करने हेतु किसका उपयोग किया गया?
(अ) न्यूनतम माध्यम एवं स्ट्रेप्टोमायसीन
(ब) पूर्ण माध्यम और स्ट्रेप्टोमायसीन
(स) केवल न्यूनतम माध्यम
(द) केवल पूर्ण माध्यम
उत्तर:
(अ) न्यूनतम माध्यम एवं स्ट्रेप्टोमायसीन
28. निम्नलिखित में से किसका जीन क्लोनिंग में उपयोग किया जाता है?
(अ) लोमासोम्स
(ब) मीजोसोम्स
(स) प्लाज्मिडस
(द) न्यूक्लिओइडस
उत्तर:
(अ) लोमासोम्स
29. निम्न में जैव प्रौद्योगिकी का भाग है-
(अ) जीन का संश्लेषण एवं उपयोग
(ब) डी.एन.ए. टीका का निर्माण या दोषमुक्त
(स) पात्रे (इनविट्रो) निषेचन द्वारा परखनली शिशु का निर्माण
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी
30. जीव के आनुवंशिक रूपांतर में मूलभूत चरण है-
(अ) वांछित जीनयुक्त डी.एन.ए. की पहचान
(ब) चिन्हित डी.एन.ए. का परपोषी में स्थानान्तरण
(स) स्थानान्तरित डी.एन.ए. को परपोषी में सुरक्षित रखना तथा उसकी संतति में स्थानान्तरित करना
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
लक्ष्य जीन को पृथक् करने के लिए कौनसे एन्जाइम की आवश्यकता होती है ?
उत्तर:
लक्ष्य जीन को पृथक् करने के लिए प्रतिबन्धन एण्डोन्यूक्लिएज एंजाइम की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 2.
कौनसा DNA पॉलीमरेज उच्च ताप पर भी सक्रिय रहता है?
उत्तर:
टेक (Taq) DNA पॉलीमरेज उच्च ताप पर भी सक्रिय रहता है।
प्रश्न 3.
किन्हीं तीन प्रतिबन्धन एण्डोन्यूक्लिएज एन्जाइमों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- EαRI,
- Hind II
- Hind III
प्रश्न 4.
PCR का पूर्ण नाम लिखिए। इसमें कौनसा एन्जाइम प्रयुक्त होता है?
उत्तर:
पॉलिमरेज शृंखला अभिक्रिया (Polymerase Chain Reaction), इसमें टेक (Taq) DNA पॉलीमरेज एन्जाइम प्रयुक्त होता है।
प्रश्न 5.
जीवाणुभोजी (Bacteriophage) किसे कहते हैं?
उत्तर:
जीवाणुओं को संक्रमित करने वाले विषाणु को जीवाणुभोजी कहते हैं।
प्रश्न 6.
प्रथम पुनर्योगज DNA का निर्माण किसमें हुआ था?
उत्तर:
जीवाणु सालमोनेला टाइफीमूरियम में।
प्रश्न 7.
आणविक कैंची किसे कहते हैं?
उत्तर:
प्रतिबंधन एन्जाइम (Restriction Enzyme) को आणविक कैंची कहते हैं।
प्रश्न 8.
हिंड II (Hind II) DNA अणु को कहाँ से काटता है?
उत्तर:
हिंड II, DNA अणु को उस विशेष बिंदु पर काटते हैं जहाँ पर छः क्षारक युग्मों (Base pairs) का विशेष अनुक्रम होता है।
प्रश्न 9.
पैलिंड्रोम (Palindrom) क्या है?
उत्तर:
ये वर्णों के समूह हैं जिन्हें आगे व पीछे दोनों तरफ से पढ़ने पर एक ही शब्द बनता है जैसे ‘मलयालम’।
प्रश्न 10.
चिपचिपे सिरे किस एंजाइम के कार्य में सहायता करते हैं?
उत्तर:
एंजाइम DNA लाइगेज के कार्य में सहायता प्रदान करता है।
प्रश्न 11.
DNA खंड किस प्रकार के आवेशित अणु होते हैं?
उत्तर:
ऋणात्मक आवेशित (Charged) अणु होते हैं।
प्रश्न 12.
इलेक्ट्रोफोरेसिस में DNA को देखने के लिये किससे अभिरंजित किया जाता है?
उत्तर:
इथीडियम ब्रोमाइड नामक यौगिक से अभिरंजित करते हैं।
प्रश्न 13.
रूपान्तरण (Transformation) क्या प्रक्रिया है?
उत्तर:
यह एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा DNA के एक खण्ड को परपोषी जीवाणु में प्रवेश कराते हैं।
प्रश्न 14.
पौधों व जन्तुओं की कोशिकाओं में पुनर्योगज DNA को किस विधि से अंतःक्षेपित किया जाता है?
उत्तर:
पौधों में बायोलिस्टिक या जीन गन से तथा जन्तुओं में माइक्रोइंजेक्शन विधि से अंतःक्षेपित किया जाता है।
प्रश्न 15.
पुनर्योगज DNA टेक्नोलॉजी के विभिन्न चरण बताइये ।
उत्तर:
DNA का विलगन, DNA का खंडन, DNA खंड का संवाहक से बंधन, पुनर्योगज DNA का परपोषी में स्थानांतरण, परपोषी कोशिकाओं का माध्यम में व्यापक स्तर पर संवर्धन व वांछित उत्पाद का निष्कर्षण।
प्रश्न 16.
DNA पृथक्करण हेतु विभिन्न कोशिकाओं को किस प्रकार तोड़कर खोलते हैं?
उत्तर:
जीवाणु कोशिकाओं को लाइसोजाइम, पादप कोशिकाओं को सेलुलेज तथा कवक कोशिकाओं को काइटिनेज एंजाइम द्वारा तोड़ा जाता है अर्थात् भित्तियों को इन एंजाइम की क्रिया से नष्ट करते हैं।
प्रश्न 17.
लाभकारी जीन का प्रवर्धन किस प्रक्रिया द्वारा होता है?
उत्तर:
प्रवर्धन पॉलीमरेज श्रृंखला अभिक्रिया (PCR) द्वारा होता है।
प्रश्न 18.
पुनर्योगज प्रोटीन किसे कहते हैं?
उत्तर:
यदि कोई प्रोटीन कूटलेखन ( इनकोडिंग ) जीन किसी विषमजात (हेटेरोलोगस) परपोषी में अभिव्यक्त होता है तो उसे पुनर्योगज प्रोटीन कहते हैं।
प्रश्न 19.
बायोरिएक्टर कितने प्रकार के उपयोग में लिये जाते हैं?
उत्तर:
दो प्रकार के साधारण विलोडन हौज बायोरिएक्टर (simple stirred tank bioreactor) तथा दंड विलोडक हौज बायोरिएक्टर (sparged strirred tank bioreactor )।
प्रश्न 20.
इलेक्ट्रोफोरेसिस में क्या होता है ?
उत्तर:
DNA खंड का पृथक्करण एवं विलगन ।
प्रश्न 21.
यूरोपीय जैव प्रौद्योगिकी संघ द्वारा जैव प्रौद्योगिकी की क्या परिभाषा दी गई है ?
उत्तर:
जैव प्रौद्योगिकी-नये उत्पादों तथा सेवाओं के लिए प्राकृतिक विज्ञान व जीवों, कोशिकाओं, इसके अंग एवं आण्विक अवरूपों के समायोजन को जैव प्रौद्योगिकी कहते हैं।
प्रश्न 22.
जीवाणु कोशिका में मिलने वाले वर्तुल डी एन ए का प्रमुख कार्य बताइए।
उत्तर:
यह संवाहक (वेक्टर) की तरह कार्य करता है।
प्रश्न 23.
किण्वक से आपका क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
व्यावसायिक पैमाने पर सूक्ष्मजीवियों को पैदा करने के लिए बड़े बर्तन की आवश्यकता होती है जिसे किण्वक या फरमैंटर कहते हैं ।
प्रश्न 24.
उस तकनीक का नाम लिखिए, जिसके द्वारा डीएनए खंडों को अलग कर सकते हैं।
उत्तर:
जैल वैद्युत का संचलन (Electrophoresis)
प्रश्न 25.
क्षारक युग्मों के ऐसे अनुक्रम को क्या कहते हैं, जिसे पढ़ने के अभिविन्यास को समान रखने पर डीएनए की दोनों लड़ियों को एक जैसा पढ़ा जाता है?
उत्तर:
पैलिंड्रोम क्षारक युग्म।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
विजातीय DNA के खंड को परपोषी जीवों में पहुंचाने के लिये संवाहक का विचार जैव प्रौद्योगिकी वैज्ञानिकों के मस्तिष्क में कैसे आया?
उत्तर:
जैव प्रौद्योगिकी में हम जानते हैं कि प्लाज्मिड DNA संवाहक (Vector) की तरह कार्य करता है जो इससे जुड़े DNA को स्थानान्तरित करता है। यह विचार मच्छर व कीट संवाहकों से उत्पन्न हुआ। प्रायः मच्छर, कीट संवाहक के रूप में मलेरिया परजीवी को मानव शरीर में स्थानान्तरित करता है। ठीक उसी तरह से प्लाज्मिड को संवाहक के रूप में प्रयोग कर विजातीय DNA के खंड को परपोषी जीवों में पहुंचाया जाता है।
प्रश्न 2.
प्रतिबंधन एंडोन्यूक्लिएज एंजाइमों का नामकरण किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर:
इन एंजाइमों के नामकरण में परंपरानुसार नाम का पहला शब्द वंश व दूसरा एवं तीसरा शब्द प्राकेंद्रकी कोशिकाओं की जाति से लिया गया है, जिनसे ये पृथक् किए गए थे। जैसे – ईको आर I ( EαRI) एशरिशिया कोलाई RY13, ईको आर I में अक्षर ‘आर (R) ‘ प्रभेद के नाम से लिया गया है। नाम के बाद रोमन अंक उस क्रम को दर्शाते हैं जिसको जीवाणु के प्रभेद से एंजाइम पृथक् किए गए थे।
प्रश्न 3.
पुनर्योगज DNA को जीवाणु में प्रवेश करवाने के लिये क्या विधि अपनाई जाती है?
उत्तर:
DNA जलरागी (Hydrophillic) अणु है, इस कारण यह कोशिका झिल्ली के द्वारा प्रवेश नहीं कर पाता है। अतः जीवाणु को प्लाज्मिड ग्रहण करने हेतु सक्षम बनाया जाता है। इसके लिये कैल्सियम की विशिष्ट सान्द्रता के साथ संसाधित किया जाता है जिससे DNA को जीवाणु की कोशिका भित्ति में स्थित छिद्रों से प्रवेश करने में सहायता मिलती है। इन कोशिकाओं को पुनर्योगज DNA के साथ पहले बर्फ पर रखते हैं फिर पुनर्योगज DNA को उन कोशिकाओं में बलपूर्वक प्रवेश कराया जाता है। इसके पश्चात् कोशिकाओं को कुछ समय के लिए 42° सेल्शियस (तापप्रघात) पर रखते हैं व पुनः बर्फ पर रखते हैं। इससे पुनर्योगज DNA जीवाणु में प्रवेश कर जाता है।
प्रश्न 4.
परपोषी कोशिकाओं में विजातीय DNA को प्रवेश करवाने की अन्य विधियों के विषय में बताइये ।
उत्तर:
परपोषी कोशिकाओं में विजातीय डीएनए को प्रवेश कराने हेतु अन्य विधियाँ भी हैं। जैसे सूक्ष्म अंतःक्षेपण (microinjection) विधि में पुनर्योगज डीएनए को सीधे जंतु कोशिका के केंद्रक के भीतर अंतःक्षेपित किया जाता है।
दूसरी विधि जो पौधों के लिए उपयोगी है, कोशिकाओं पर डीएनए से विलेपित, स्वर्ण या टंग्स्टन के उच्च वेग सूक्ष्म कणों से बमबारी करते हैं जिसे बायोलिस्टिक या जीन गन (Biolistics or Gene gun) कहते हैं। अंतिम विधि जिसमें अहानिकारक रोगजनक संवाहक का उपयोग किया जाता है। इन संवाहकों को जब कोशिकाओं को संक्रमित करने दिया जाता है तब ये पुनर्योगज डीएनए को परपोषी में स्थानांतरित कर देते हैं।
प्रश्न 5.
पौधों तथा जन्तुओं में जीन क्लोनिंग हेतु संवाहक सम्बन्ध में टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
जीवाणु व विषाणुओं से ज्ञान अर्जित कर पौधों व जन्तुओं में भी जीन क्लोनिंग करवाई गई। कुछ इस प्रकार के जीवाणु व विषाणुओं का अध्ययन किया गया जो पादप व जन्तुओं में रोगजनक पैथोजन है। उदाहरणार्थ- एग्रोबैक्टीरियम ट्यूमीफेशिएंस कई द्विबीजपत्री पौधों का रोगजनक पैथोजन है।
वह डीएनए के एक खंड जिसे ‘टी- डीएनए’ कहते हैं, को स्थानांतरित कर सामान्य पौधों की कोशिकाओं को अर्बुद (ट्यूमर) में रूपांतरित करता है और ये अर्बुद कोशिकाएँ रोगजनक के लिए जरूरी रसायनों का उत्पादन करते हैं। ठीक इसी तरह से जंतु कोशिकाओं में पश्चविषाणु ( रीट्रोवायरस) सामान्य कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं पर रूपांतरित कर देते हैं। रोगजनकों द्वारा अपने सुकेंद्रकी परपोषी में जीन स्थानांतरण की कला को अच्छी तरह से समझ कर रोगजनकों की इस विधि का उपयोग कर, अच्छे संवाहक के रूप में प्रयोग कर, मानव के लिए उपयोगी जीन का स्थानांतरण कर सकते हैं।
एग्रोबैक्टीरियम ट्यूमीफेशियंस का टी आई (Ti) प्लाज्मिड क्लोनिंग संवाहक के रूप में अब रूपांतरित कर दिया गया है जो पौधों के लिए रोगजनक नहीं है, लेकिन इसका उपयोग अपनी अभिरुचि के जीन को अनेक पौधों में स्थानांतरित करने में किया जाता है। ठीक इसी तरह से पश्चविषाणु को अहानिकारक बनाकर जंतु कोशिकाओं में वांछित जीन को रूपांतरित करने में उपयोग किया जाता है। इस तरह से जब एक जीन या डीएनए के खंड को उचित संवाहक से जोड़ दिया जाता है तब इसे जीवाणु, पौधों व जंतु परपोषी में स्थानांतरित किया जाता है (जहाँ यह गुणित होता रहता है)।
प्रश्न 6.
क्लोनिंग के लिये ई. कोली जीवाणु को उपयुक्त परपोषी क्यों माना जाता है?
उत्तर:
क्लोनिंग के लिये ई. कोली जीवाणु को उपयुक्त परपोषी निम्न गुणों के कारण माना जाता है-
- यह आसानी से रूपान्तरित हो जाता है ।
- इसमें कार्यशील सीमाकारी एन्जाइमों का अभाव होता है।
- यह पुनर्योगज डी.एन.ए. की पुनरावृत्ति में सहायता करता है।
- इसके डी. एन. ए. की संरचना व अन्य जैव रासायनिक क्रियायें पूर्णत: ज्ञात हैं।
- इसके प्लाज्मिड व जीवाणुभोजियों को स्पष्ट रूप से अभिलक्षित किया जा चुका है।
प्रश्न 7.
वाहक के रूप में जीवाणुभोजी की उपयोगिता पर संक्षिप्त लेख लिखिए ।
उत्तर:
जीवाणुभोजी में सामान्य रूप से एक रैखिक डी. एन. ए. अणु पाया जाता है। इसको एक स्थान से तोड़ने पर दो खण्ड बन जाते हैं। इन दोनों खण्डों के बीच वांछित डी.एन.ए. के निवेशन से पुनर्योगज डी.एन.ए. का निर्माण हो जाता है। जीवाणुभोजी जीवाणुओं को संक्रमित कर लयन चक्र पूरा कर पुनर्योगज डी.एन.ए. की कई प्रतियाँ निर्मित कर लेता है। इस वन्य जीवाणुभोजी डी.एन.ए. में से आवश्यक भाग को हटाकर इसका पुनः निर्माण किया जाता है। इस पुनः निर्मित जीवाणुभोजी डी.एन.ए. में 20-25 Kb बाहरी DNA निवेशित किया
जाता है। कई जीवाणुभोजियों, मुख्य रूप से (लेम्डा) व M13 फाजी का वाहक के रूप में उपयोग करते हैं।
प्रश्न 8.
उत्तम वाहक के कोई चार गुणधर्म लिखिए ।
उत्तर:
उत्तम वाहक के गुणधर्म निम्न हैं-
- इसका बिलगन एवं शोधन सरल एवं सुविधाजनक होना चाहिए।
- इसको परपोषी कोशिका में सफलतापूर्वक प्रविष्ट कराया जा सके अर्थात् इसके द्वारा रूपान्तरण दक्ष एवं सरल होना चाहिए।
- इसको वांछित DNA की अभिव्यक्ति करनी होती हैं। इसलिए वाहक में प्रमोटर ऑपरेटर जैसे नियामक अवयव एवं अन्य आवश्यक क्रमों का उपस्थित होना आवश्यक है।
- जीन रूपान्तरण के लिए वाहक में यह क्षमता होनी चाहिए कि या तो वह स्वयं या अपने DNA निवेश को परपोषी क्रोमोसोम में समाकलित कर सके।
- इसमें उपयुक्त रिपोर्टर जीन होने चाहिये जिससे रूपान्तरित परपोषी कोशिकाओं का आसानी से वरण किया जा सके।
प्रश्न 9.
pBR322 क्या है? इसका चित्र बनाकर वर्णन कीजिये।
उत्तर:
इस प्लाज्मिड का क्लोनिंग वाहक के रूप में उपयोग किया जाता है। इसमें p = प्लाज्मिड BR इसे बनाने वाले वैज्ञानिक बोलिवर तथा रोड्रिगन के नाम का प्रथम अक्षर तथा 322 उनके प्रयोग पर आधारित संख्या है। इनका आकार 1.5 Kb से लेकर 1500 Kb तक हो सकता है। इसमें तीन जीनों से लेकर कई हजार जीन हो सकते हैं।
इन वाहकों में 15 Kb से छोटे DNA खण्डों का ही क्लोन कर सकते हैं। इसमें दो प्रतिजीव प्रतिरोधिता जीनें पाई जाती हैं। एक जीन ऐम्पिसिलिन तथा दूसरी टेट्रासाइक्लिन में प्रतिरोधिता प्रदान करती है। इसमें अनेक विशिष्ट सीमाकारी एन्जाइमों का अभिज्ञान स्थल पाये जाते हैं। इसमें 4361 क्षार युग्म पाये जाते हैं तथा इसे शुद्ध रूप से प्राप्त किया जाता है।
प्रश्न 10.
पॉलीमरेज श्रृंखला अभिक्रिया तथा जीन क्लोनिंग ‘तुलना कीजिए।
उत्तर:
पॉलीमरेज शृंखला अभिक्रिया (Polymerase chain reaction = PCR) | जीन क्लोनिंग (Gene cloning) |
1. इसमें बहुत कम DNA की आवश्यकता होती है, यहाँ तक जीन की एक प्रति भी पर्यास होती है। | इसमें अधिक DNA की आवश्यकता होती है। |
2. यह एक सस्ती विधि है क्योंकि इसमें महंगे प्रतिबन्धन एन्जाइम, लाइगेज व वाहक DNA की आवश्यकता नहीं होती है। | इसमें इन सब की आवश्यकता होती है अतः यह एक महंगी विधि है। |
3. इसमें कम समय (4-5 घन्टे) श्रम व दक्षता की आवश्यकता होती है। | इसमें अधिक समय (2-4 दिन), श्रम व दक्षता की आवश्यकता होती है। |
4. इसके अनेक अनुप्रयोग हैं और वर्तमान में नये अनुप्रयोग विकसित हो रहे हैं। | इसके सीमित अनुप्रयोग हैं। |
5. यह एक पूर्णरूप से स्वचालित विधि है। | स्वचालित नहीं है। |
प्रश्न 11.
आनुवंशिक अभियान्त्रिकी में प्रयुक्त कौनसे एन्जाइम आण्विक कैंची के नाम से प्रख्यात हैं? ये कितने प्रकार के होते हैं? प्रत्येक का नाम व कार्यों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
आनुवंशिक अभियान्त्रिकी में प्रयुक्त प्रतिबन्धन एन्जाइम (Restriction Enzyme) आण्विक कैंची के नाम से प्रख्यात है।
ये दो प्रकार के होते हैं –
1. प्रतिबंधन एक्सोन्यूक्लिएज (RestrictionExonuclease) – कार्य ये DNA के सिरे से न्यूक्लियोटाइड को अलग करते हैं।
2. प्रतिबंधन एंडोन्यूक्लिएज (Restriction Endonuclease) – कार्य ये DNA के भीतर विशिष्ट स्थलों पर काटते हैं। प्रत्येक प्रतिबंधन एंडोन्यूक्लिएज DNA अनुक्रम की लंबाई के निरीक्षण पश्चात् कार्य करता है। जब यह अपना विशिष्ट पहचान अनुक्रम पा जाता है तब यह DNA से जुड़ता है तथा द्विकुंडलिनी की दोनों लड़ियों को शर्करा – फॉस्फेट आधारस्तंभों के विशिष्ट केन्द्रों पर काटता है।
प्रश्न 12.
पुनर्योगज डी एन ए किसे कहते हैं? परपोषी कोशिकाओं में विजातीय डी एन ए के प्रवेश करवाने की सूक्ष्म अंतःक्षेपण तथा जीन गन विधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
किसी एक जीव से DNA का एक खण्ड लेकर उसका दूसरे जीव के DNA के साथ संकरण करवाना पुनर्योगज DNA कहते हैं। इस तकनीक में एक जाति के DNA को दूसरी प्रजाति के DNA में प्रवेश करवा कर पुनर्योगज DNA (recombinant DNA ) प्राप्त किया जाता है।
सूक्ष्म अंतःक्षेपण (Microinjection) – इसमें DNA को प्रोटोप्लास्टों अथवा परागकणों अथवा सीधे ही विकासशील पुष्पक्रमों में दबाव के साथ अंत:क्षेपित (inject) कर प्रवेश करा दिया जाता है। जीन गन (Gene Gun) – DNA से विलोपित ( coated) स्वर्ण या टंग्स्टन के 1-3 माइक्रो मी. व्यास वाले कणों को बुलेट ( bullet) के द्वारा उच्च वेग से लक्ष्य कोशिकाओं में दाग दिया जाता है। इससे कोशिका भित्ति को भेदकर कोशिका के अन्दर प्रविष्ट हो जाते हैं।
प्रश्न 13.
प्रतिबन्धित एन्जाइम किसे कहते हैं? जैल वैद्युत- संचलन तकनीक से डी एन ए खण्ड के पृथक्करण एवं विलगन की प्रक्रिया समझाइए |
उत्तर:
वे एन्जाइम जो DNA को निश्चित बिन्दुओं पर काटकर उसको निश्चित आकार के छोटे-छोटे टुकड़ों में कर देते हैं, इन्हें सीमाकारी या प्रतिबंधित एन्जाइम (Restriction enzyme) कहते हैं। जैल वैद्युत संचलन (Electrophoresis ) से DNA खण्ड का पृथक्करण एवं विलगन कर सकते हैं।
DNA खण्ड ऋणात्मक आवेशिक (charged) अणु होते हैं, इसलिए इन्हें विद्युत क्षेत्र में माध्यम / आधात्री द्वारा एनोड की तरफ बलपूर्वक भेजकर अलग कर सकते हैं। इसमें ऐगारोज माध्यम का उपयोग होता है। DNA खण्डों को ऐगारोज जैल के छलनी प्रभाव द्वारा उनके आकार के अनुसार अलग करते हैं। इस कारण खण्ड जितने छोटे आकार के होंगे, वे अधिक दूर तक जायेंगे।
इथीडियम ब्रोमाइड अभिरंजित जैल को पराबैंगनी प्रकाश से अनावृत करने पर DNA की चमकीली नारंगी रंग की पट्टी दिखाई पड़ती है। DNA की पृथक्कृत पट्टियों को ऐगारोज जैल से काट कर निकालते हैं और जैल के टुकड़ों से निष्कर्षित (extract) कर लेते हैं। इस प्रकार शुद्ध किये गये DNA को क्लोनिंग संवाहक से जोड़कर, पुनर्योगज DNA निर्माण में उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 14.
आनुवंशिक इंजीनियरिंग किसे कहते हैं? पुनर्योगज डीएनए निर्माण की तकनीक समझाइए ।
उत्तर:
वह तकनीक जिसमें एक जाति के DNA को दूसरी प्रजाति के DNA में प्रवेश करवा कर पुनर्योजी DNA (recombinant (DNA) प्राप्त किया जाता है, आनुवंशिक इंजीनियरिंग कहते हैं। आनुवंशिक इंजीनियरिंग में जीन क्लोनिंग एवं जीन स्थानांतरण का उपयोग कर पुनर्योगज डीएनए का निर्माण किया जाता है। प्रथम पुनर्योगज DNA का निर्माण सालमोनेला टाइफीमूरियम के प्लाज्मिड में प्रतिजैविक प्रतिरोधी कूटलेखन जीन के जुड़ने से हुआ था।
स्टेनले कोहेन व हरबर्ट बोयर ने 1972 में यह कार्य प्लाज्मिड से DNA का टुकड़ा काटकर सम्पन्न किया, जिसमें प्रतिजैविक प्रतिरोध प्रदान करने के लिए जिम्मेदार जीन थी। आणविक कैंची कहे जाने वाले ‘प्रतिबंधन एन्जाइम’ (Restriction Enzyme) की खोज से DNA को विशिष्ट जगहों पर काटना संभव हो सका। कटे हुए DNA का भाग प्लाज्मिड DNA से जोड़ा जाता है।
यह प्लाज्मिड DNA संवाहक ( vector) की भांति कार्य करता है जो इससे जुड़े DNA को स्थानांतरित करता है। प्रतिजैविक प्रतिरोधी जीन को संवाहक के साथ जोड़ने का काम एंजाइम DNA लाइगेज के द्वारा होता है जो DNA अणु के कटे हुए भाग पर कार्य कर उसके किनारों को जोड़ने का काम करता है। इस संयोजन से पात्रे ( in vitro) नये गोलाकार स्वतः प्रतिकृति बनाने वाले DNA का निर्माण होता है जिसे पुनर्योगज DNA कहते हैं। जब यह DNA एशरिकिआ कोलाई में स्थानांतरित किया जाता है तो यह नए परपोषी के DNA पॉलीमरेज एंजाइम का उपयोग कर अनेक प्रतिकृतियाँ बना लेता है।
प्रश्न 15.
बायोरिएक्टर क्या है? इसकी कार्यप्रणाली समझाइए ।
उत्तर;
लगभग सभी पुनर्योगज प्रौद्योगिकियों का मुख्य उद्देश्य वांछित प्रोटीन का उत्पादन करना होता है। इसके लिए वांछित जीन को क्लोन करने, लक्ष्य प्रोटीन की अभिव्यक्ति को प्रेरित करने वाली परिस्थितियों को अनुकूलतम बनाने के पश्चात् इनका व्यापक स्तर पर उत्पादन सम्भव है। लाभकारी जीनों को आश्रय देने वाली कोशिकाओं का छोटे पैमाने पर प्रयोगशाला में वर्धन किया जा सकता है।
संवर्धन को वांछित प्रोटीन का निष्कर्षण कर पृथक्करण की विभिन्न विधियों का प्रयोग कर प्रोटीन का शोधन कर सकते हैं। कोशिकाओं को सतत संवर्धन तंत्र में गुणित कर सकते हैं, जिसमें उपयोग किये गये माध्यम को एक तरफ से निकालकर दूसरी तरफ से ताजा माध्यम को भरते हैं ताकि कोशिकाएँ अपने क्रियात्मक रूप से सर्वाधिक सक्रिय लॉग (exponential) प्रावस्था में बनी रहें।
यह संवर्धन विधि अधिक जैव मात्रा के उत्पादन में वांछित प्रोटीन के अधिक उत्पादन हेतु उपयोगी है। इन उत्पादों के अधिक मात्रा में उत्पादन हेतु बायोरिएक्टर का उपयोग किया जाता है। बायोरिएक्टर एक बर्तन के समान होते हैं, जिसमें सूक्ष्मजीवों, पौधों, जन्तुओं व मानव कोशिकाओं का उपयोग करते हुए कच्चे माल को जैव रूप से विशिष्ट उत्पादों व्यष्टि एन्जाइम आदि में परिवर्तित किया जाता है। बायोरिएक्टर वांछित उत्पाद प्राप्त करने के लिए अनुकूलतम परिस्थितियाँ उपलब्ध करता है।
तापमान, PH, क्रियाधार, लवण, विटामिन, ऑक्सीजन आदि वृद्धि हेतु अनुकूलतम परिस्थितियाँ हैं । प्रायः विलोडन ( stirring) प्रकार का बायोरिएक्टर सर्वाधिक उपयोग में लाया जाता है। विलोडित हौज बायोरिएक्टर (stirred tank bioreacter) बेलनाकार होते हैं। इसके आधार घुमावदार होने से बायोरिएक्टर के अंदर अंतर्वस्तु के मिश्रण में सहायता मिलती है। बायोरिएक्टर में ऑक्सीजन की उपलब्धता तथा मिश्रण मिलाने की विलोडन ( stirrer ) सुविधा होती है। एकान्तर में बायोरिएक्टर में हवा बुलबलों के रूप में भेजी जाती है।
बायोरिएक्टर में एक प्रक्षोभक तंत्र (agitator system), ऑक्सीजन प्रदाय तंत्र, झाग नियंत्रण तंत्र, पीएच नियंत्रण तंत्र, तापक्रम नियंत्रण तंत्र व प्रतिचयन प्रद्वार (sampling ports ) लगा होता है जिससे संवर्धन की थोड़ी मात्रा समय-समय पर निकाली जा सकती है।
प्रश्न 16.
जीन क्लोनिंग में एग्रोबैक्टीरियम ट्यूमीफेसिएंस के कार्य को समझाइए ।
उत्तर:
जीन क्लोनिंग में एग्रोबैक्टीरियम ट्यूमीफेसिएंस का उपयोग होता है। वैसे एग्रोबैक्टीरियम ट्यूमीफेसिएंस अनेक द्विबीजपत्री पौधों का रोगजनक पैथोजन है। यह DNA के एक खण्ड जिसे ‘टी. डीएनए’ कहते हैं, को स्थानान्तरित कर सामान्य पौधों की कोशिकाओं को अर्बुद (Tumor ) में रूपान्तरित करता है और ये अर्बुद कोशिकाएँ रोगजनक के लिए आवश्यक रसायनों का उत्पादन करते हैं। इसी आधार पर एग्रोबैक्टीरियम ट्यूमीफेसिएंस का टीआई (Ti) प्लाज्मिड क्लोनिंग संवाहक के रूप में अब रूपान्तरित कर दिया गया है जो पौधों के लिए रोगजनक नहीं है, परन्तु इसका उपयोग अपनी अभिरुचि के जीन को अनेक पौधों में स्थानान्तरित करने में किया जाता है।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
आनुवंशिक अभियान्त्रिकी को परिभाषित कीजिए । इसके प्रमुख चरणों का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर:
आनुवंशिक अभियान्त्रिकी (Genetic Engineering)-इस तकनीक द्वारा आनुवंशिक पदार्थों (डी.एन.ए. या आर.एन.ए.) के रसायन में परिवर्तन कर इसे परपोषी जोवों में प्रवेश कराकर इसके समलक्षणी (फीनोटाइप) में परिवर्तन करते हैं।
आनुवंशिक अभियांत्रिकी के मुख्य चरण निम्नलिखित हैं –
(1) वांछित जीन अथवा लक्ष्य जीन की पहचान व पृथक्करण किसी भी जीन का चयन उसकी उपयोगिता पर निर्भर करता है। वैज्ञानिकों का उद्देश्य सूक्ष्मजीवों के जीनों का उपयोग कर मानव के लिए आवश्यक हार्मोन का संश्लेषण करना, रोगों का निदान करना, आवश्यक एन्जाइमों, विटामिन, ऐन्टीबायोटिक का उत्पादन बढ़ाना, ऐसे सूक्ष्म जीव उत्पन्न करना जो उपयोगी पौधों को शाकनाशी एवं कीटनाशियों के प्रभाव से बचा सकें। उच्च श्रेणी के पौधों की प्रकाश संश्लेषण की दक्षता बढ़ाना, लेग्यूमिनोसी कुल के अतिरिक्त अन्य पौधों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण की क्षमता विकसित करना, फसल की पैदावार एवं पोषणिक मान बढ़ाना आदि हो सकते हैं। अतः वांछित DNA का चयन उद्देश्य पर निर्भर करता है।
वांछित डी. एन. ए. तीन प्रकार का होता है –
- जीनोमिक DNA
- C – DNA
- संश्लेषित DNA
क्लोनिंग के लिए वांछित जीन की पहचान कर उसे पृथक् करने का कार्य सीमाकारी एन्जाइम द्वारा किया जाता है।
(2) पुनर्योगज DNA ( Recombinant DNA = r.DNA) या काइमेरिक DNA (Chimeric DNA ) का निर्माण – इस चरण में पृथक् की गई वांछित जीन को वाहक DNA के साथ जोड़ा जाता है। यह प्रक्रिया DNA लाइगेज नामक एन्जाइम द्वारा उत्प्रेरित होती है। यह एन्जाइम प्रत्येक कोशिका में संश्लेषित होता है। वांछित जीन वाहक DNA में जोड़ने से पुनर्योगज DNA का निर्माण हो जाता है।
(3) पुनर्योगज DNA का परपोषी कोशिका अथवा ग्राही कोशिका में स्थानान्तरण- पुनर्योगज DNA का जीवाणु कोशिका में प्रवेश रूपान्तरण क्रिया द्वारा किया जाता है। इस हेतु पुनर्योगज DNA को जीवाणु कोशिकाओं के साथ 37-43°C वाले उष्ण विलयन में स्थानान्तरित कर इन्हें ताप प्रघात दिया जाता है जिससे r DNA जीवाणु कोशिका में प्रवेश कर जाता है।
यूकैरियोटिक जीन स्थानान्तरण के लिए यीस्ट कोशिकाओं तथा वाहक के रूप में यीस्ट प्लाज्मिड का उपयोग करते हैं। पादप कोशिकाओं में जीन स्थानान्तरण के लिए एग्रोबैक्टिरियम के Ti एवं Ri प्लाज्मिड का उपयोग होता है। संवर्धित माध्यम की कोशिकाओं में पुनर्योजी DNA का स्थानान्तरण ट्रांसफेक्शन के द्वारा किया जाता है।
(4) पुनर्योगज DNA युक्त परपोषी कोशिकाओं का चयन एवं गुणन निवेशित जीन की सफलता जानने के लिए सामान्यतः प्रतिजैविकों के लिए प्रतिरोधकता प्रदान करने वाली जीनों को चिन्हक जीनों के रूप में उपयोग किया जाता है। ये ऐम्पिसिलिन, टेट्रासाइक्लिन, केनामाइसिन आदि प्रतिजैविकों के लिए प्रतिरोधी जीन हो सकती हैं।
जिन कोशिकाओं में क्लोनित जीन की उपस्थिति का परीक्षण करना हो उनका संवर्धन उपर्युक्त प्रतिजैविकों युक्त माध्यम में किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि ऐम्पिसिलिन के प्रतिरोधी जीन चिन्हक के रूप में प्रयोग की गई है और पुनर्योगज DNA युक्त कोशिकाएँ ऐम्पिसिलिन माध्यम में वृद्धि करती हैं तो इसका तात्पर्य है कि क्लोनित जीन ठीक स्थान पर निवेशित हुई ।
इसके विपरीत यदि इस माध्यम में कोशिकाओं की वृद्धि नहीं होती है तो निश्चित ही पुनर्योगज DNA में क्लोनित जीन ठीक स्थान पर निवेशित नहीं हुई है। चयनित जीवाणु कोशिकाओं को ठोस माध्यम पर संवर्धित किया जाता है। जहाँ प्लाज्मिड युक्त जीवाणुओं की कालोनियां बन जाती हैं, जीवाणु कोशिका में वृद्धि के साथ-साथ वांछित जीन की संख्या में भी वृद्धि हो जाती है। इस क्रिया को क्लोनिंग कहते हैं।
(5) चयनित क्लोनों से वांछित जीन की ग्राही कोशिका में अभिव्यक्ति – चयनित पुनर्योगज कोशिकाओं व निवहों को विलगित कर वांछित उद्देश्य के अनुसार उपयोग किया जाता है। इन्हें वांछित प्रोटीन के संश्लेषण के लिए संवर्धित करते हैं। आवश्यकतानुसार इन जीनों को विभिन्न माध्यमों द्वारा जीवाणु, या यीस्ट, पादप व जन्तुओं में स्थानान्तरित किया जाता है।
इस तरह वांछित जीनों को अन्य जीवों में स्थानान्तरित कर इन जीवों को वांछित कार्य करने के लिए तैयार कर लिया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी पादप में रोगाणु प्रतिरोधी जीन का निवेशन करवाया जाता है तो वह पादप रोग के प्रति प्रतिरोधी हो जाते हैं।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न-
1. एक वेक्टर में सहलग्नी डी. एन. ए. की प्रति की संख्या को नियंत्रित करने वाले अनुक्रम को क्या कहा गया है? (NEET 2020)
(अ) ओरी साइट
(ब) पेलीड्रोमिक अनुक्रम
(स) रिकॉग्नीशन (पहचान ) साइट
(द) चयनयुक्त मार्कर
उत्तर:
(अ) ओरी साइट
2. जैल इलेक्ट्रोफोरेसिस में पृथक् हुए डी.एन.ए. के खण्डों को किसकी सहायता से देखा जा सकता है? (NEET-2020)
(अ) UV विकिरण में एथिडियम ब्रोमाइड से
(ब) UV विकिरण में एसीटोकार्यिन से
(स) अवरक्त विकिरण में एथिडियम ब्रोमाइड
(द) चमकीले नीले प्रकाश में एसीटाकार्यिन से
उत्तर:
(अ) UV विकिरण में एथिडियम ब्रोमाइड से
3. प्रतिबंधन एंजाइमों के विषय में गलत कथन को पहचानिए- (NEET-2020)
(अ) ये डी.एन.ए. की लड़ी को पैलिन्ड्रोमिक स्थलों पर काटते हैं
(ब) ये आनुवंशिक इंजीनियरिंग में उपयोगी हैं।
(स) चिपचिपे सिरे डी. एन. ए. लाइगेज द्वारा जोड़े जा सकते हैं।
(द) प्रत्येक प्रतिबंधन एंजाइम डी.एन.ए. क्रम की लम्बाई का निरीक्षण करके कार्य करते हैं।
उत्तर:
(स) चिपचिपे सिरे डी. एन. ए. लाइगेज द्वारा जोड़े जा सकते हैं।
4. निम्नलिखित में से सही युग्म को चुनिए-( NEET 2020 )
(अ) पॉलिमरेज डी.एन.ए. को खण्डों में तोड़ता है
(ब) न्यूक्लियेज डी.एन.ए. के दो रज्जुकों को पृथक् करता है
(स) एक्सोन्यूक्लियेज डी.एन.ए. में विशिष्ट स्थानों पर काट लगाता है।
(द) लाइगेज दो डी.एन.ए. के अणुओं को जोड़ता है।
उत्तर:
(द) लाइगेज दो डी.एन.ए. के अणुओं को जोड़ता है।
5. इको आर I द्वारा पहचाने जाने वाला पैलिन्ड्रोमिक क्रम है-(NEET-2020)
(अ) 5′ GGACC – 3′
3′ CCTTGG – 5′
(ब) 5′- CTTAAG – 3′
3′ – GAATTC – 5′
(स) 5′-GGATCC -3′
3′ CCTAGG – 5′
(द) 5′ GAATTC – 3′
3′ CTTAAG – 5′
उत्तर:
(द) 5′ GAATTC – 3′
3′ CTTAAG – 5′
6. जैव जीवाणुओं के एक मिश्रण में किससे उपचार करके डी.एन.ए. अवक्षेपण को प्राप्त किया जा सकता है? (NEET-2019)
(अ) शीतित क्लोरोफार्म से
(ब) आइसोप्रोपेनॉल से
(स) शीतित इथेनॉल से
(द) कमरे के तापमान पर मिथेनॉल से
उत्तर:
(स) शीतित इथेनॉल से
7. पॉलिमरेज श्रृंखला अभिक्रिया (PCR) में चरणों का सही क्रम क्या है? (NEET-2018)
(अ) विकृतिकरण, विस्तारण, अनीलन
(ब) अनीलन, विस्तारण, विकृतिकरण
(स) विस्तारण, विकृतिकरण, अनीलन
(द) विकृतिकरण, अनीलन, विस्तारण
उत्तर:
(द) विकृतिकरण, अनीलन, विस्तारण
8. एमरोज जैल में पृथक् हुए डी.एन.ए. खण्ड को किसके अभिरंजन के बाद देखा जा सकता है? (NEET-2017)
(अ) ब्रोमोफिनोल ब्ल्यू
(ब) एसिटोकार्यिन
(स) एनिलीन ब्ल्यू
(द) इथिडियम ब्रोमाइड
उत्तर:
(द) इथिडियम ब्रोमाइड
9. डी. एन. ए. के खण्ड कैसे होते हैं?
(अ) धनात्मक आवेशित
(ब) ऋणात्मक आवेशित
(स) उदासीन
(द) वे अपने आमाप के अनुसार धनात्मक या ऋणात्मक आवेशित हो सकते हैं।
उत्तर:
(ब) ऋणात्मक आवेशित
10. बाजार में भेजने से पहले अभिव्यक्त प्रोटीन के पृथक्करण और शुद्धिकरण की प्रक्रिया को क्या कहा जाता है? (NEET-2017)
(अ) प्रतिप्रवाह प्रक्रमण
(ब) अनुप्रवाह प्रक्रमण
(स) जैव प्रक्रमण
(द) पश्च उत्पादन प्रक्रमण
उत्तर:
(ब) अनुप्रवाह प्रक्रमण
11. एक ही प्रतिबंधन एण्डोन्यूक्लिएज से काटे गये एक विजातीय DNA और प्लाज्मिड को पुनर्योगज प्लाज्मिड बनाने के लिए जिसका उपयोग करके इन्हें जोड़ा जा सकता है- (NEET II-2016)
(अ) पॉलिमरेज-III
(ब) लाइगेज
(स) EαRI
(द) टेक पॉलिमरेज
उत्तर:
(ब) लाइगेज
12. DNA को विशिष्ट स्थानों पर काट देना किसके आविष्कार से सम्भव हुआ? (NEET-2016)
(अ) प्रोब्स
(स) लाइगेज
(ब) सलैक्टेबल मार्करस
(द) रेस्ट्रिक्शन एंजाइम
उत्तर:
(द) रेस्ट्रिक्शन एंजाइम
13. निम्नलिखित में से कौनसा प्रतिबंधित एंजाइम कुंठित सिरे उत्पन्न करता है? (NEET-2016)
(अ) Xαl
(ब) Hind III
(स) Sal I
(द) EαRV
उत्तर:
(द) EαRV
14. DNA अंगुलिछापी की किसी भी तकनीक के लिए निम्नलिखित में से किसी एक की आवश्यकता नहीं होती? ( NEET – 2016 )
(अ) प्रतिबंधित एन्जाइम
(ब) DNA-DNA संकरण
(स) पॉलिमरेज श्रृंखला अभिक्रिया
(द) जिंक अंगुलि विश्लेषण
उत्तर:
(ब) DNA-DNA संकरण
15. उस DNA को क्या कहते जिसमें क्लोनिंग के लिए रूचि वाली जीन को समाकलित किया जाता है? (NEET-2015)
(अ) टेम्पलेट
(ब) वेक्टर
(स) करियर
(द) रूपान्तरक
उत्तर:
(ब) वेक्टर
16. कौनसा संवाहक DNA के केवल एक छोटे टुकड़े को क्लोन कर सकता है? (NEET-2014)
(अ) जीवाणु का कृत्रिम गुणसूत्र
(ब) यीस्ट का कृत्रिम गुणसूत्र
(स) प्लाज्मिड
(द) कॉस्मिड
उत्तर:
(स) प्लाज्मिड
17. मानव जीनोम अनुक्रमण के लिए आमतौर पर प्रयुक्त वेक्टर है- (NEET-2014)
(अ) T-DNA
(ब) बी.ए.सी. और बाई. ए.सी.
(स) अभिव्यक्ति वेक्टर
(द) T/A क्लोनिंग वेक्टर
उत्तर:
(ब) बी.ए.सी. और बाई. ए.सी.
18. जीव और उसकी कोशिका भित्ति निम्नकारक एंजाइम के लिए निम्नलिखित में से कौन सही सुमेलित नहीं है? (NEET-2013)
(अ) जीवाणु – लाइसोजाइम
(ब) पादप कोशिकाएँ – सेलुलोज
(स) शैवाल मिथाइलेज
(द) कवक काइटीनेज
उत्तर:
(स) शैवाल मिथाइलेज
19. बायोलिस्टिक (जीन गोलाबारी) किसके लिए उपयुक्त है? (NEET-2012)
(अ) रोगजनक संवाहकों को निष्क्रिय करना
(ब) पादप कोशिकाओं का रूपान्तरण
(स) संवाहकों के साथ जोड़कर पुनर्योग्ज DNA का बनाना
(द) DNA फिंगर प्रिंटिंग
उत्तर:
(ब) पादप कोशिकाओं का रूपान्तरण
20. EαRI क्लोनिंग वेक्टर pBR322 के दिये जा रहे आरेखिये प्रतिदर्श में निम्नलिखित में से किस एक विकल्प के भाग को सही पहचान की गई है? [CBSE PMT] (Pre) – 2012, NEET-2012)
(अ) Ori-मूल कर्तन एंजाइम
(ब) rop घट गयी परासरणी दाब
(स) Hind III EcoRI चयनशील
(द) amp tet ऐन्टीबायोटिक प्रतिरोधी जीन
उत्तर:
(द) amp tet ऐन्टीबायोटिक प्रतिरोधी जीन
21. रूपान्तरण हेतु DNA से लेपित सूक्ष्म कण जिनको “जीन गन” से दागा जाता हो, किसके बने होते हैं? ” (NEET-2012)
(अ) रजत अथवा प्लेटिनम
(ब) प्लेटिनम अथवा जिंक
(स) सिलिकॉन अथवा प्लेटिनम
(द) स्वर्ण अथवा टंगस्टन
उत्तर:
(द) स्वर्ण अथवा टंगस्टन
22. एक कोई रोगी जो अनुमानतः एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिसिएंसी सिन्ड्रोम (उपार्जित प्रतिरक्षा न्यूनता संलक्षण) से पीड़ित है इसकी पहचान के लिए आप कौनसी निदान तकनीक की सलाह देंगे? (NEET-2012)
(अ) एलिसा
(ब) एम.आर.आई.
(स) अल्ट्रासाउण्ड
(द) विडाल
उत्तर:
(अ) एलिसा
23. निम्न में से कौनसी एक तकनीक आनुवंशिकी अभियांत्रिक जीवित जीवों को सम्भव बनाती है? (CBSE PMT Mains 2011, NEET 2011 )
(अ) संकरण
(ब) पुर्नसंयोजित DNA तकनीक
(स) X किरण परावर्तन
(द) भारी समस्थानिकों द्वारा चिन्हित करना
उत्तर:
(ब) पुर्नसंयोजित DNA तकनीक
24. अनुषंगी DNA किस एक क्षेत्र में उपयोगी साधन होता है ? (NEET-2010)
(अ) लिंग निर्धारण
(ब) फोरेन्सिक विज्ञान
(स) आनुवंशिक इंजीनियरिंग
(द) अंग प्रतिरोपण
उत्तर:
(ब) फोरेन्सिक विज्ञान
25. DNA प्रतिलिपिकरण के लिये आवश्यकता होती है- (CBSE-2010)
(अ) DNA पॉलीमरेज की
(ब) DNA लाइगेज की
(स) DNA पॉलीमरेज तथा DNA लाइगेज की
(द) ट्रांसलोकेज तथा RNA पॉलीमरेज की
उत्तर:
(स) DNA पॉलीमरेज तथा DNA लाइगेज की
26. प्रतिबन्धन एन्जाइम (Restriction enzyme ) – (RPMT-2010)
(अ) संवाहक हीन प्रत्यक्ष जीन के अन्तरण में सहायक होते हैं।
(ब) DNA खंडों को काटते या जोड़ते हैं
(स) एण्डोन्यूक्लिवेज होते हैं, जो DNA को विशेष स्थलों पर विदलित करते हैं
(द) विद्यमान DNA या RNA को पूरक DNA बनाते हैं।
उत्तर:
(स) एण्डोन्यूक्लिवेज होते हैं, जो DNA को विशेष स्थलों पर विदलित करते हैं
27. जैल इलेक्ट्रोफोरेसिस (Gel electrophoresis ) का प्रयोग होता है- (RPMT-2010)
(अ) DNA अणु के विगलन के लिये
(ब) DNA को खण्डों में काटने के लिये
(स) DNA अणुओं को उनके आकार के अनुसार पृथक् करने के लिए
(द) क्लोनकारी संवाहक को जोड़कर पुनर्योगज DNA निर्माण के लिए
उत्तर:
(स) DNA अणुओं को उनके आकार के अनुसार पृथक् करने के लिए
28. आनुवंशिकी अभियांत्रिकी में ‘आण्विक कैंची’ की तरह उपयोग किया जाता है- (KCET 2000; WBJWW-2009)
(अ) DNA पॉलीमरेज
(ब) DNA लाइगेज
(स) हेलिकेज
(द) रेस्ट्रिक्शन एण्डोन्यूक्लिएज
उत्तर:
(द) रेस्ट्रिक्शन एण्डोन्यूक्लिएज
29. निम्नलिखित में से किस एक विजातीय DNA को फसली पौधों में डलने के लिए सामान्यतः उपयोग में लाया जाता है? (NEET-2009)
(अ) पेनिसीलियम एम्सपैसम
(ब) ट्राइकोडर्मा हरजिएनम
(स) मेलॉयडोगाइन एन्कोनिआ
(द) एप्रोबैक्टीरियम ट्यूमीफेसिएंस
उत्तर:
(द) एप्रोबैक्टीरियम ट्यूमीफेसिएंस
30. ऐन्टीबायोटिक प्रतिरोध जीन का प्लाज्मिड वाहक के साथ जोड़ा जा सकना किससे सम्भव हुआ? (CBSE PMT 2008, NEET 2008)
(अ) DNA पॉलीमरेजों से
(ब) एक्सोन्यूक्लिऐजों से
(स) DNA लाइगेज से
(द) एण्डोन्यूक्लिएजों से
उत्तर:
(स) DNA लाइगेज से
31. शाकनाशी- प्रतिरोधी आनुवंशिकता : रूपान्तरित (GM) फसलों के उत्पाद / उपयोग का मुख्य उद्देश्य क्या है? (CBSE PMT-2008, NEET-2008)
(अ) पर्य- प्रेमी शाकनाशियों को बढ़ावा देना
(ब) स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए खाद्य वस्तओं में शाकनाशी का संचयन कम करना
(स) मानव श्रम का उपयोग किए बिना ही खेत से खरपतवारों का सफाया कर देना
(द) बिना शाकनाशियों का उपयोग किए ही खेत से खरपतवारों को दूर कर देना
उत्तर:
(ब) स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए खाद्य वस्तओं में शाकनाशी का संचयन कम करना
32. pBR322 वाहक में किसके प्रति प्रतिरोधक जीन होती है- (CBSE PMT-2006)
(अ) एम्पीसिलिन
(ब) टेट्रासाइक्लिन
(स) उपर्युक्त दोनों
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(स) उपर्युक्त दोनों
33. प्रतिबन्धन एन्डोन्यूक्लिएज काटता है- (Haryana PMT-2006)
(अ) DNA के दोनों रज्जुकों को
(ब) एक DNA रज्जु को विशिष्ट स्थल पर
(स) DNA के दोनों रज्जुओं को किसी भी स्थल पर
(द) एकल रज्जुकी RNA को किसी भी स्थान पर
उत्तर:
(अ) DNA के दोनों रज्जुकों को
34. आनुवंशिक अभियांत्रिकी में प्रयोग होने वाले दो महत्त्वपूर्ण जीवाणु हैं- (CBSE PMT 2006 )
(अ) नाइट्रोबैक्टर एवं एजेटोबैक्टर
(ब) राइजोबियम एवं डिप्लोकोकस
(स) नाइट्रोसोमोनॉस एवं कैलिबसिल्ला
(द) इश्वीरिचिया एवं एग्रोबैक्टिरियम
उत्तर:
(द) इश्वीरिचिया एवं एग्रोबैक्टिरियम
35. प्लाज्मिड (Plasmid ) है, एक ( Haryana PMT-2006)
(अ) जीवाणु
(ब) कवक
(स) प्लाज्मा झिल्ली का एक भाग
(द) जीवाणु कोशिका में अतिरिक्त गुणसूत्रीय DNA
उत्तर:
(द) जीवाणु कोशिका में अतिरिक्त गुणसूत्रीय DNA
36. प्रतिबन्धन एण्डोन्यूक्लिएज का प्रयोग पुनर्योगज DNA तकनीक में व्यापक रूप से किया जाता है। ये प्राप्त किये जाते हैं- (KCET-2006)
(अ) प्लाज्मिड से
(ब) सभी प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं से
(स) जीवाणुभोजी से
(द) जीवाणु कोशिका से
उत्तर:
(द) जीवाणु कोशिका से
37. पारजीनी जीवों में लक्ष्य ऊतक में पारजीन की अभिव्यक्ति किसके द्वारा निर्धारित होती है ?
(अ) पारजीन (ट्रांसजीन)
(ब) रिपोर्टर द्वारा
(स) संवाहक (रिपोर्टर)
(द) संवृद्धिकर (एन्हेंसर) में ट्रांसजीन की ट्रांसजेनिक
उत्तर:
(स) संवाहक (रिपोर्टर)
38. लक्ष्य ऊतक (Target tissue) अभिव्यक्ति निर्धारित होती है-(NEET-2004)
(अ) इन्हेन्सर द्वारा
(ब) उन्नायक (प्रमोटर )
(स) प्रमोटर द्वारा
(द) ट्रांसजीन द्वारा
उत्तर:
(ब) उन्नायक (प्रमोटर )
39. आनुवंशिक पदार्थ पृथक् करने के लिए एन्जाइम का उपयोग होता है- (APMC-2004)
(अ) हाइड्रोलेज
(ब) एमाइलेज
(स) लाइगेज
(द) रेस्ट्रिक्शन एण्डोन्यूक्लिएज
उत्तर:
(द) रेस्ट्रिक्शन एण्डोन्यूक्लिएज
40. निम्नलिखित में से कौनसा एक जीवाणु पौधों में आनुवंशिक इंजीनियरिंग में सर्वाधिक उपयोग में लाया जाता है? (NEET-2003)
(अ) क्लास्ट्रिडियम सेप्टिकम
(ब) जेन्थेमोनास बिट्राइ
(स) बेसिलस कोएगुलेन्स
(द) एग्रोबैक्टिरियम ट्यूमीफेसिएन्स
उत्तर:
(द) एग्रोबैक्टिरियम ट्यूमीफेसिएन्स
41. किसकी खोज के कारण आनुवंशिक अभियांत्रिकी में DNA का तोड़-फोड़ सम्भव हो सका ? (NEET-2002)
(अ) रेस्ट्रिक्शन एन्डोन्यूक्लिएज
(ब) DNA लाइगेज
(स) ट्रांसक्रिप्टेज
(द) प्राइमेज
उत्तर:
(अ) रेस्ट्रिक्शन एन्डोन्यूक्लिएज
42. अभी तक खोजे गये प्लाज्मिड्स में अधिकतम क्षारकों की संख्या (MP PMT-2000)
(अ) 50 किलो बेस
(ब) 500 किलो बेस
(स) 5000 किलो बेस
(द) 5 किलो बेस अभियान्त्रिकी में प्रयुक्त होता
उत्तर:
(ब) 500 किलो बेस
43. निम्न में से कौन-सा आनुवंशिक (NEET-2001)
(अ) RNA पॉलीमरेज
(ब) DNA पॉलीमरेज’
(स) प्रतिबन्धन एण्डोन्यूक्लिएज
(द) न्यूक्लिएज
उत्तर:
(स) प्रतिबन्धन एण्डोन्यूक्लिएज
44. निम्न में से किसके द्वारा पादपों और जन्तुओं को इच्छित (desired) लक्षणों के साथ प्रजनन करना सम्भव है- (KCET-1994)
(अ) आनुवंशिक इंजीनियरिंग द्वारा
(ब) गुणसूत्र इंजीनियरिंग द्वारा
(स) आइकेबाना विधि द्वारा
(द) ऊतक संवर्धन द्वारा
उत्तर:
(अ) आनुवंशिक इंजीनियरिंग द्वारा