HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 6 लोकतांत्रिक अधिकार

Haryana Board 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 6 लोकतांत्रिक अधिकार

HBSE 9th Class Civics लोकतांत्रिक अधिकार Textbook Questions and Answers

लोकतांत्रिक अधिकार कक्षा 9 प्रश्न-उत्तर HBSE  प्रश्न 1.
इनमें से कौन-सा मौलिक अधिकारों के उपयोग का उदाहरण नहीं हैं?
(क) बिहार के मजदूरों का पंजाब के खेतों में काम करने जाना।
(ख) ईसाई मिशनों द्वारा मिशनरी स्कूलों की श्रृंखला चलाना।
(ग) सरकारी नौकरी में औरत और मर्द को समान वेतन मिलाना।
(घ) बच्चों द्वारा माँ-बाप की संपत्ति विरासत में पाना।
उत्तर-
(ग) सरकारी नौकरी में औरत व मर्द को समान वेतन मिले-यह मौलिक अधिकारों का उदाहरण नहीं है यह राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांमों का अंश हैं।

लोकतांत्रिक अधिकार Class 9 Questions And Answers HBSE प्रश्न 2.
इनमें से कौन-सी स्वतंत्रता भारतीय नागरिकों को नहीं हैं?
(क) सरकार की आलोचना की स्वतंत्रता
(ख) सशक्त विद्रोह में भाग लेने की स्वतंत्रता
(ग) सरकार बदलने के लिए आंदोलन शुरू करने की स्वतंत्रता।
(घ) संविधान के केंद्रीय मूल्यों का विरोध करने की स्वतंत्रता।
उत्तर-
(ख) व (घ) दोनों भारतीय को प्राप्त स्वतंत्रताएँ नहीं है। सशस्त्र विद्रोह करने की स्वतंत्रता किसी भी भारतीय को नहीं है संविधान के मूल्य हमारे मूल कर्तव्यों का अंश है।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 6 लोकतांत्रिक अधिकार

अध्याय 6 लोकतांत्रिक अधिकार के प्रश्न-उत्तर HBSE 9th Class प्रश्न 3.
भारतीय संविधान इनमें से कौन-सा अधिकार देता हैं?
(क) काम का अधिकार
(ख) पर्याप्त जीविका का अधिकार
(ग). अपनी संस्कृति की रक्षा का अधिकार
(घ) निजता का अधिकार।
उत्तर-
(ग) भारतीयों को अपनी संस्कृति की रक्षा का अधिकार प्राप्त है। इस सम्बन्ध में भारतीय शैक्षणिक संस्थाएँ बना सकते हैं।

लोकतांत्रिक अधिकार Class 9 Notes HBSE प्रश्न 4.
उस मौलिक अधिकार का नाम बताएँ जिसके तहत निम्नलिखित स्वतंत्रताएँ आती हैं?
(क) अपने धर्म का प्रचार करने की स्वतंत्रता
(ख) जीवन का अधिकार
(ग) छुआछूत की समाप्ति
(घ) बेगार पर प्रतिबंध।
उत्तर-
(क) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
(ख) स्वतंत्रता का अधिकार
(ग) समानता का अधिकार
(घ) शोषण के विरुद्ध अधिकार।

लोकतांत्रिक अधिकार के प्रश्न-उत्तर HBSE 9th Class प्रश्न 5.
लोकतंत्र और अधिकारों के बीच संबंधों के बारे में इनमें से कौन-सा ध्यान ज्यादा उचित है? अपनी पसंद के पक्ष में कारण बताएँ।
(क) हर लोकतांत्रिक देश अपने नागरिकों को अधिकार देता है। .
(ख) अपने नागरिकों को अधिकार देने वाला हर देश लोकतांत्रिक है।
(ग) अधिकार देना अच्छा है, पर यह लोकतंत्र के लिए जरूरी नहीं है।
उत्तर-
(क) यह बयान अपेक्षाकृत अधिक सही है। केवल लोकतांत्रिक देशों में नागारिकों के पास अधिकार होते हैं। लास्की ने सही कहा है कि एक राज्य की पहचान इस तथ्य पर निर्भर करती है कि उसने अपने नागरिकों को अधिकारों का आश्वासन दिया है के नहीं।

प्रश्न 6.
स्वतंत्रता के अधिकार पर ये पाबदियाँ क्या उचित हैं? अपने जवाब पक्ष में कारण बताएँ।
(क) भारतीय नागारिकों को सुरक्षा कारणों से कुछ सीमावर्ती इलाकों में जाने लिए अनुमति लेनी पड़ती है।
(ख) भारतीय लोगों के हितों की रक्षा के लिए कुछ इलाकों में बाहरी लोगों संपत्ति खरीदने की अनुमति नहीं है।
(ग) शासक दल को चुनाव मे नुकसान पहुंचा सकने वाली किताब पर सरकार बिबंध लगाती है।
उत्तर-
(क) अधिकारों पर प्रतिबन्ध होने चाहिए। अधिकार निरंकुश नहीं होते। इनके अधिकार तो होते हैं लेकिन देश की स्वतंत्रता का भी अपना महत्व होता हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि देश की स्वतंत्रता से कोई भी बड़ी स्वतंत्रता नहीं होती।

प्रश्न 7.
मनोज एक सरकारी दफ्तर में मैनेजर के पद के लिए आवेदन देने गया वहां किरानी ने उसका आवेदन देने से मना कर दिया और कहा, ‘झाडू लगाने वाले का बेटा होकर तुम मैनेजर बनना चाहते हो। तुम्हारी जाति का कोई कभी इस पद पर आया है? नगरपालिका के दफ्तर जाओ और सफाई कर्मचारी के लिए अर्जी दो।’ इस मामले में मनोज के किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है? मनोज की तरफ से जिला अधिकारी के नाम लिखे एक पत्र में इसका उल्लेख करो।
उत्तर-
मनोज का समानता का अधिकार छीने जाने की स्थिति में है। यह उसका मौलिक अधिकार है यह अधिकार अनुसूचित जाति के लोगों को विशेष सुविधाएँ देता है। मनोज का सम्बन्ध समाज की इस कमजोर जाति के साथ है। मनोज को जिला केलक्टर को एक पत्र लिखकर इन बातों पर जोर देना चाहिए।
(क) उसे मौलिक अधिकार से वंचित किया जा रहा है,
(ख) अनुसूचित जाति से जुड़ी उसकी स्थिति को स्वीकारा नहीं जा रहा,
(ग) संविधान द्वारा मिलने वाली सुविधाएँ उसे उपलब्ध नहीं हैं।

प्रश्न 8.
जब मधुरिमा संपत्ति के पंजीकरण वाले दफ्तर में गई तो रजिस्ट्रार ने कहा, “आप अपना नाम मधुरिमा बनर्जी, बेटी ए.के.बनर्जी” नहीं लिख सकतीं। आप शादीशुदा हैं और आपको अपने पति का ही नाम देना होगा। फिर आपके पति का उपनाम तो राव है। इसलिए आपका नाम भी बदलकर मधुरिमा राव हो जाना चाहिए। मधुरिमा इस बात से सहमत नहीं हुई। उसने कहा, “अगर शादी के बाद मेरे पति का नाम नहीं बदला तो मेरा नाम क्यों बदलना चाहिए।? अगर वह अपने नाम के साथ पिता का नाम लिखते रह सकते हैं तो मैं क्यों नहीं लिख सकती?” आपकी राय में इस विवाद में किसका पक्ष सही है? और क्यों?
उत्तर-
संविधान महिलाओं व पुरुषों को एक समान अधिकार दे रहा है शादी के बाद पत्नी पति के घर आ जाती है, वहाँ उसके नाम के साथ. उसके प्रति की जाति जुड़ जाती है। इस प्रकार मधुरिमा का नाम बनर्जी है। विवाह के बाद उसका नाम मधुरिमा राव हो जाता है क्योंकि उसके पति की जाति ‘राव’ है। इस प्रकार के विवाद का समाधान यह है ‘मधुरिमा बनर्जी’ का नाम ‘मधुरिमा बनर्जी राव’ हो जाना चाहिए।

प्रश्न 9.
मध्य प्रदेश होशंगाबाद जिले के पिपरिया में हजारों आदिवासी और जंगल में रहने वाले लोग सतपुड़ा राष्ट्रीय पार्क, बोरी वन्यजीव अभ्यारण्य और पंचमढ़ी वन्यजीव अभ्यारण्य से अपने प्रस्तावित विस्थापन का विरोध करने के लिए जमा हुए, उनका कहना था कि यह विस्थापन उनकी जीविका और उनके विश्वसों – पर हमला है। सरकार का दावा है कि इलाके के विकास और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए उनका विस्थापन जरूरी है। जंगल पर आधारित जीवन जीने वाले की तरफ से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को एक पत्र, इस मसले पर सरकार द्वारा दिया जा सकने वाला संभावित जवाब और इस मामले पर मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट तैयार करो।
उत्तर-
क्षेत्र का विकास तथा वन्यजीवन की रक्षा दोनों ही जरूरी होते हैं। यह भी ज़रूरी है कि वन में रहने वाले लोगों को वनों से निकाल कर उन्हें दर-बदर भटकने की आज्ञा नहीं देनी चाहिए। ऐसे लोगों के रोजगार का प्रबंध किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को चाहिए कि वह सरकार से प्रभावित लोगों के लिए रोजगार का प्रबंध करने पर जोर डाले।

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प्रश्न 10.
इस अध्याय में पढ़े विभिन्न अधिकारों को आपस में जोड़ने वाला एक मकड़जाल बनाएँ। जैसे आने-जाने की स्वतंत्रता का अधिकार तथा पेशा चुनने की स्वतंत्रता का अधिकार आपस में एक-दूसरे से जुड़े हैं। इसका एक कारण है कि आने-जाने की स्वतंत्रता के चलते व्यक्ति अपने गांव या शहर के अंदर ही नहीं, दूसरे गांव, दूसरे शहर और दूसरे राज्य तक जाकर काम कर सकता है। इसी प्रकार इस अधिकार को तीर्थाटन से जोड़ा जा सकता है। जो किसी व्यक्ति द्वारा अपने धर्म का अनुसरण करने की आजादी से जुड़ा है। आप इस मकड़जाल को बनाएँ और तीर के निशानों से बताएं कि कौन-से अधिकार आपस में जुड़ें हैं। हर तीन के साथ संबंध बताने वाला एक उदारहण भी दें।
उत्तर-
विद्यार्थी यह प्रश्न अपने अध्यापकों की सहायता से करें।

HBSE 9th Class Civics लोकतांत्रिक अधिकार Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
प्रतिज्ञा पत्र किसे कहते हैं?
उत्तर-
नियमों तथा सिद्धांतों को कायम रखने पर व्यक्ति, समूह या देशों का वायदा ऐसे बयान या संधि पर हस्ताक्षर करने वाले पर इसके पालने की कानूनी बाध्यता लेती है।

प्रश्न 2.
दावा का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
सभी नागरिकों, समाज या सरकार से किसी नागरिक द्वारा कानूनी या नैतिक अधिकारों की माँग।

प्रश्न 3.
‘दलित’ का क्या अर्थ हैं।
उत्तर-
ऐसी जाति में जन्मा व्यक्ति जिसे दूसरी जातियों के व्यक्ति छूने लायक नहीं मानते। दलितों के लिए अनुसूचित जाति, वर्ग जैसे शब्दों का भी प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 4.
‘जातीय समूह’ से आपका क्या अभिप्राय
उत्तर-
मानव जाति का ऐसा समूह जिसमें लोग आपस में किए मूल या सतयक वंश के हों। एक जातीय समूह के सांस्कृतिक आचरणों, धार्मिक विश्वासों और ऐतिहासिक स्मृतियों के जरिए जुड़े होते हैं।

प्रश्न 5.
‘अवैध व्यापार’ का अर्थ बताइए।
उत्तर-
अनैतिक कामों के लिए स्त्री, पुरुष या बच्चों की खरीद व बिक्री।

प्रश्न 6.
सम्मन से आपका क्या अर्थ लेते हैं?
उत्तर-
अदालत द्वारा जारी एक आदेश जिसमें किसी व्यक्ति को अदालत के सामने पेश होने के लिए कहा गया हो।

प्रश्न 7.
“रिट’ का क्या अर्थ हैं?
उत्तर-
उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सरकार को जारी किया गया एक औपचारिक लिखित आदेश

प्रश्न 8.
‘एमनेस्टी इंटरनेशलन’ क्या हैं?
उत्तर-
एमनेस्टी इंटरनेशनल मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं का एक अंतराष्ट्रीय संगठन है। यह संगठन दुनिया भर में मानवाधिकारों के उल्लघंन पर स्वतंत्र रिपोर्ट जारी करता है।

प्रश्न 9.
भारत के नागरिकों को कितने मूल “अधिकार प्राप्त हैं?
उत्तर-
1950 में जब संविधान लागू हुआ था, तब भारतीयों को सात मूल अधिकार प्राप्त थे। 1978 में सम्पति के अधिकारों की सूची से निकाल दिया गया। फलस्वरूप आज भारत के नागरिकों को छः मूल अधिकार प्राप्त हैं।

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प्रश्न 10.
मूल अधिकारों का मुख्य उद्देश्य क्या हैं?
उत्तर-
मूल अधिकारों का मुख्य उद्देश्य ऐसी राज्य व्यवस्था बनाना है जहाँ नागरिक अपना विकास कर सकें तथा राज्य के उत्पीड़न से मुक्ति प्राप्त कर सकें।

प्रश्न 11.
मूल अधिकारों को किस अवस्था में निलंबित किया जा सकता हैं?
उत्तर-
मूल अधिकारों का निलम्बन आपातकालीन स्थिति में हो सकता है। परन्तु जब ऐसी स्थिति नहीं रहती, तब इन्हें फिर से प्रभावी बना दिया गया है।

प्रश्न 12.
किस मूल अधिकार से यह आभास होता है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य हैं?
उत्तर-
धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार से यह आभास होता है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष, अर्थात् पंथनिरपेक्ष राज्य है। राज्य सभी धर्मों को समान दृष्टि से देखता है तथा सब धर्मों का सम्मान करता है।

प्रश्न 13.
भातीयों को प्राप्त मूल अधिकारों की सूची तैयार कीजिए।
उत्तर-
भातीयों को प्राप्त मूल अधिकारों का वर्णन निम्नलिखित किया जा सकता है।

  1. समाता का अधिकार
  2. स्वतंत्रता का अधिकार
  3. शोषण के विरुद्ध अधिकार
  4. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
  5. संस्कृति और शिक्षा सम्बन्धी अधिकार ।
  6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार।

प्रश्न 14.
अस्पृश्यता उन्मूलन से सम्बन्धित भारत के संविधान में क्या प्रावधान है?
उत्तर-
अस्पृश्यता उन्मूलन से सम्बन्धित प्रावधान समता के अधिकार में किया गया है। संविधान अस्पृश्यता को अपराध घोषित करता है। इसे व्यवहार में लाने वाले व्यक्ति को दण्डित किया जा सकता है।

प्रश्न 15.
स्वतंत्रता के अधिकार पर लगे प्रतिबन्धों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
स्वतंत्रता के अधिकार पर कुछेक प्रतिबंध लगाए गए हैं। देश की स्वतंत्रता, संप्रभुता, तथा अखण्डता के हित में सरकार इन स्वतंत्रताओं पर अंकुश लगा सकती है। इस प्रकार राज्य नैतिकता व सार्वजनिक शान्ति व व्यवस्था को बनाए रखने के लिए भी स्वतत्रंताओं पर प्रतिबन्ध लगा सकता है।

प्रश्न 16.
‘कानून के समक्ष समानता’ का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
काननू के समक्ष समानता का अर्थ है कि कानून की नजर में सब एक समान है। दूसरे शब्दों में इसका अर्थ यह कि राज्य लोगों के बीच जाति, रंग, भाषा, नस्ल, क्षेत्र, लिंग आदि किसी भी आधार पर भेद नहीं करेगा। राज्य व कानून की नजर में कानून तोड़ने वाला अपराधी है वह कोई भी क्यों न हो अमीर हो अथवा गरीब, छोटा हो अथवा बड़ा। इसका अर्थ यह भी है कि कानून सबको एक समान अवसर प्रदान करता है।

प्रश्न 17.
समता के अधिकार में निहित प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर-

  • कानून के समक्ष सब समान हैं।
  • कानून समान संरक्षण का आश्वासन हैं।
  • राज्य, बिना किसी भेदभाव के, सबको एक समान अवसर प्रदान करता है।
  • राज्य द्वारा नागरिकों में किसी भी आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा।
  • सैनिक व शिक्षा सम्बन्धी उपाधियों को छोड सभी अन्य उपाधियों की व्यवस्था नहीं होगा।
  • अस्पृश्यता उन्मूलन का प्रयोजनः अस्पृश्यता को व्यवहार में लाना दण्डनीय अपराध हैं।

प्रश्न 18.
क्या किसी व्यक्ति को कानून के नियमों से अधिक दण्ड दिया जा सकता हैं?
उत्तर-
भारतीयों को स्वतंत्रता के अधिकार में कुछेक स्वतंत्रताओं का आश्वासन दिया गए है। साथ ही, उन्हें यह भी आवश्वासन प्राप्त है कि नियमों के दायरे में ही एक व्यक्ति को दण्ड दिया जा सकता; एक अपराध के लिए एह ही दण्ड का प्रावधान है; नियमों के विपरीत अधिक दण्ड दिए जाने की मनाही है। संविधान कहता है “किसी भी व्यक्ति को केवल कानून के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में अपराधी ठहराया जा सकता है. तथा उसे कानून में दिए गए दण्ड से अधिक दण्ड नहीं दिया जाएगा।”

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प्रश्न 19.
क्या भारतीयों को जीवन व व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है?
उत्तर-
भारतीयों को संविधान के अंतर्गत जीवन व वैयक्तिक स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है। संविधान कहता है किसी भी व्यक्ति को उसके जीवन से वंचित नहीं किया जाएगा और न ही उसकी स्वतंत्रता को उससे छीना जाएगा। यदि ऐसा करना भी हो, तो केवल कानूनी प्रावधान के ‘अंतर्गत ही किया जा सकता हैं। –

प्रश्न 20.
स्वतंत्रता के अधिकार में निहित . स्वतंत्रताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
स्वतंत्रता के अधिकार में निम्नलिखित स्वतंत्रताएँ दी गई हैं।

  • अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
  • शांतिपूर्ण ढंग से जमा होने की स्वतंत्रता
  • संघठन और संघ बनाने की स्वतंत्रता
  • देश में कहीं भी आने-जाने की स्वतंत्रता
  • देश के किसी भी भाग में रहने-बसने की स्वतंत्रता और
  • कोई भी काम करने, धंधा चुनने या पेशा करने की स्वतंत्रता।

प्रश्न 21.
क्या ये उदाहरण स्वतंत्रता के अधिकार के उल्लंघन के हैं? अगर हाँ, तो प्रत्येक में संविधान के कौन-से प्रावधान का उल्लंघन हुआ हैं?
(1) भारत सरकार ने सलमान रुश्दी की किताब ‘सैटैनिक वर्सेज’ को इस आधार पर प्रतिबंधित कर दिया कि इसमें पैगंबर मोहम्मद के प्रति अनादार का भाव दिखाया गया और इससे मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है।
(2) हर फिल्म को सार्वजनिक प्रदर्शन से पूर्व भारत सरकार के सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र लेना होता है पर वही कहानी अगर किताब या पात्रिका में छपे तो उस पर ऐसी पाबंदी नहीं है।
(3) सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि कुछ खास औद्योगिक क्षेत्रों या अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्रों में काम करनक वालों को यूनियन बनाने और हड़ताल पर जाने का अधिकार नहीं होगा।
(4) नगर प्रशासन ने माध्यमिक परीक्षाओं के मद्देनजर शहर में रात 10 बजे के बाद सार्वजनिक लाउडस्पीकर के प्रयोग पर पाबंदी लगा दी हैं।
उत्तर-
(1) स्वतंत्रता का अधिकार, लेखन का अधिकार, परन्तु यह धार्मिक ठेस पहुँचाती है।
(2) प्रेस की स्वतंत्रता।
(3) यह सभा बनाने की स्वतंत्रता का विरोध हैं।
(4) इस निर्णय का सम्मान हो। यह स्वतंत्रता के अधिकार का गलत प्रयोग नहीं हैं। .

प्रश्न 22.
बंदियों से सम्बन्धि उनकी स्वतंत्रताओं अवसरों का संविधान में जो उल्लेख है, उनका वर्णन कीजिए।
उत्तर-

  • बन्दी को जिस आरोप में बन्दी बनाया जाता है, उसे उसकी सूचना दी जाती है।
  • ऐसा व्यक्ति अपनी पसंद का अधिवक्ता निश्चित कर सकता है।
  • उसे 24 घंटे के भीतर नजदीकी मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया जा सकता है।
  • साधारणतया उसे 2 महीने तक बन्दी रखा जा सकता है। अधिक अवधि बढ़ाने के लिए उच्च न्यायाधीशों पर आधारित सलाह बोर्ड की सलाह ली जाती हैं।

प्रश्न 23.
इन खबरों को पढ़िए और प्रत्येक में जिस अधिकार की चर्चा है। उसकी पहचान कीजिए।
(i) शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की आपात बैठक में हरियाणा के सिख धार्मिक स्थलों के प्रबंधन के लिए अलग संगठन बनाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया। सरकार को यह चेतावनी दी गई कि सिख समुदाय अपने धार्मिक मामलों में किसी भी किस्त की दखलंदाजी बरदाश्त नहीं करेगा (जून 2005) (ii) इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक दर्जा देने वाले केंद्रीय कानून को रद्द कर दिया और मेडिकल स्नातकोत्तर डिग्री कोर्स में सीटों के आरक्षण को गैर-कानूनी करार दिया। (जनवरी 2005)
(iii) राजस्थान सरकार ने धर्म परिवर्तन विरोधी कानून बनाने का फैसला किया है। ईसाई नेताओं का कहना है कि इस विधेयक से अल्पसंख्यकों में डर और असुरक्षा की भावना बढ़ेगी। (मार्च 2005)
उत्तर-
(i) यह धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के विरुद्ध हैं।
(ii) यह सांस्कृतिक व शैक्षणिक अधिकार के विरुद्ध है। यह अधिकार अल्पसंख्या वर्गो को उनकी संस्कृति बनाए रखने का आश्वास देता है, आरक्षण नहीं।
(iii) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार जबर्दस्ती धर्म बदलने का अधिकार नहीं देता। .

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प्रश्न 24.
दक्षिणी अफ्रीका के नागरिकों को प्राप्त कुछेक अधिकारों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
दक्षिणी अफ्रीका के नागरिकों के कुछेक अधिकार निम्नलिखित हैं :

  1. निजता का अधिकार-इसके कारण नागरिको और उनके घरों की तलाशी नहीं ली जा सकती, उनके फोन टैप नहीं किए जा सकते, उनकी चिट्ठी-पत्री को खोलकर पढ़ा नहीं जा सकता।
  2. पर्यावरण का अधिकार-ऐसा पर्यावरण पाने का अधिकार जो नागरिकों के स्वास्थ्य या कुशलक्षेम के प्रतिकूल न हो।
  3. पर्याप्त आवास पाने का अधिकार।
  4. स्वास्थ्य सेवाओं, पर्याप्त भोजन और पानी तक – पहुँच का अधिकार; किसी को भी आपात् चिकित्सा देने से इंकार नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 25.
“संवैधानिक उपचारों का अधिकार अत्यंत विशिष्ट अधिकार है।” इस अधिकार की विशिष्टता क्या हैं?
उत्तर-
भारतीय नागरिकों को प्राप्त मूल अधिकारों में एक अधिकार संवैधानिक उपचारों का अधिकार है इस अधिकार के. अंतर्गत भारतीय अपने मूल अधिकारों की रक्षा हेतु उच्च न्यायालय व उच्चतम न्यायालय जा सकते हैं। यदि कोई अन्य नागरिक, कोई समुदाय अथवा सरकार नागरिकों के अधिकारों पर आक्रमण करते हैं, तो वह न्यायालयों में जाकर अपने अधिकारों की रक्षा का आश्वासन मांग सकते हैं। इस संदर्भ में हमारे उच्च-न्यायालयों व उच्चतम न्यायालय को प्रलेख अर्थात् ‘रिट’ जारी करने का अधिकार प्राप्त है। यह ‘रिट’ हैं बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, अधिकार-पृच्दा तथा उत्प्रेषण।

प्रश्न 26.
सक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
(i) शोषण के विरुद्ध अधिकार।
(ii) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
(iii) सांस्कृतिक और शिक्षा सम्बन्धी अधिकार।
उत्तर-
(i) शोषण के विरुद्ध अधिकार-शोषणा के विरुद्ध अधिकार बेगार की मनाही करता है। इस अधिकार के अंतर्गत बाल्य आयु के बच्चों को जोखिम व बड़े-बड़े कारखानों व खदानों में काम पर ल लगाने की बात कही गयी है तथा करना दण्डनीय अपराध माना गया है।
(ii) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार-धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार सबको धर्म अपनाने, पूजा करने व उपासना करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है। साथ ही, यह अधिकार धार्मिक मामलों के प्रबन्ध की स्वतंत्रता भी देता है। ऐसा प्रावधान है कि राज्य धार्मिक संस्थाओं व गैर-धार्मिक संस्थाओं के बीच अनुदान देते समय कोई भेद नहीं करेगा और न ही ऐसा कर लगाएगा जिसकी जमा-पूँजी किसी धर्म विशेष पर खर्च हो।
(iii) सांस्कृतिक व शिक्षा सम्बन्धी अधिकारसांस्कृतिक व शिक्षा सम्बन्धी अधिकार सभी प्रकार के गैर-राजनीतिक अल्पसंख्यकों को यह अधिकार देता है कि
वे अपने संस्कृतिक, लिपि व भाषा आदि को बनाए रखने – में स्वतंत्र हैं तथा राज्य उन संस्थाओं द्वारा चलाई जा रही
शिक्षा संस्थाओं के साथ भेदभाव नहीं करेगा।

प्रश्न 27.
समानता के अधिकार को विस्तार में बताइए।
उत्तर-
भारतीयों को प्राप्त मूल अधिकारों में समानता का अधिकार एक महत्त्वपूर्ण अधिकार है। इसकी मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित है-

  • राज्य सब व्यक्तियों को कानून के समान संरक्षण का आश्वासन देगा। कानून सबके लिए समान होगा।
  • राज्य धर्म जाति, लिंग, जन्म-स्थान आदि के आधार पर नागरिकों में भेदभाव नहीं करेगा अर्थात् किसी भी नागरिक को दुकान, जलपान गृह, होटल, सार्वजनिक मनोरजन के स्थान आदि पर जाने से वंचित नहीं किया जा सकता। प्रत्येक नागरिक कुएँ, तालाब, स्नानघाट आदि का प्रयोग कर सकता है चाहे वह पूर्णतः राज्य के हैं या अंशातः।
  • राज्य के अन्तर्गत नौकरी प्राप्त करते समय सब नागरिकों को समान अवसर दिए जाएंगे। धर्म, जाति, लिंग, निवास या जन्म-स्थान के आधार पर कोई भी भेद नहीं किया जाएगा।
  • भारत में वास्तविक समानता को स्थपित करने के लिए अस्पृश्यता को समाप्त कर दिया गया है तथा इसमें किसी प्रकार का विश्वास रखना कानूनी अपराध समझा जाता है तथा कानून के अनुसार दण्ड दिया जा सकता है।
  • भारत के संविधान में उपाधियाँ तथा सम्मान देने की प्रथा को समाप्त कर दिया गया है तथा इसमें किसी प्रकार का विश्वास नहीं रखा जाता। केवल सैनिक और शिक्षा सम्बन्धी उपादियां दी जाती है। भारत का कोई नागरिक विदेशों से उपधियाँ ग्रहण नहीं कर सकता। यदि कोई व्यक्ति भारतीय है. और भारत राज्य में कार्य करता है, वह भी बिना राष्ट्रपति की अनुमति के विदेशों से उपाधियाँ तथा सम्मान प्राप्त नहीं कर सकता।
  • धर्म, वंश भाषा, जाति के आधार पर किसी भी नागरिक के साथ विद्यालय में प्रवेश के समय भेदभाव नहीं किया जा सकता यदि यह राजकीय विद्यालय है या राज्य की सहायता से चलाया जाता हैं।
  • परन्तु समानता का अधिकार निरंकुश नहीं है तथा कुछ अवस्थाओं में इस अधिकार का अपवाद किया जा सकता है। उदाहरणतः राज्य स्त्रियों, बच्चों, अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वालों के लिए विशेष कानून बना सकता है।

प्रश्न 28.
स्वतंत्रता के अधिकार में प्राप्त स्वतंत्रताओं का वर्णन कीजिए। इस अधिकार में और कौन-कौन सी व्यवस्थाएं विशेषताएँ हैं?
उत्तर-
स्वतंत्रता के अधिकार (विशेष रूप में अनुच्छेद 19 में) निम्नलिखित स्वतंत्रताएँ प्रदान की गई हैं.

  • भाषण देने तथा विचार प्रकट करने की स्वतंत्रता।
  • बिना हथियार शान्तिपूर्वक इकटठा होने की स्वतंत्रता।
  • संघ या संस्था बनाने की स्वतंत्रता।
  • भारत में कहीं भी घूमने की स्वतंत्रता।
  • भारत में किसी भी भाग में रहने व बसने की स्वतंत्रता।
  • किसी भी आजीविका, व्यापार या कारोबार करने की स्वतंत्रता।

परन्तु स्वतंत्रता का अधिकार भी निरंकुश नहीं है, बल्कि इस पर भी कुछ बन्धन लगाए गए हैं। भाषण की स्वतंत्रता पर उस समय बन्धन लगाए जा सकते है। जब देश की प्रभुसत्ता या अखण्डता को खतरा उत्पन्न हो जाए, विदेशी सम्बन्धों पर असर पड़े या अशान्ति फैलने की संभावना हो। किसी भी संघ या संस्था की स्वतंत्रता को अशान्ति फैलाने से बचाने के लिए नागरिकों को सारे भारत में घूमने से वंचित किया जा सकता है।
अनुच्छेद 20 से 22 में नागरिकों को और भी स्वतंत्रताएँ दी गई है-

HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 6 लोकतांत्रिक अधिकार

  • किसी भी व्यक्ति को दण्ड नहीं दिया जा सकता है तब तक किया वह अपराध करते समय स्थापित कानून का उल्लंधान नहीं करता।
  • किसी भी व्यक्ति को एक ही अपराध के लिए एक से अधिक बाद दण्ड नहीं दिया जा सकता और न ही किसी व्यक्ति को अपने ही मामले में गवाही के लिए बाध्य किया जा सकता है या कानून में लिखित दण्ड से अधिक दण्ड उसे दिया जा सकता है।
  • किसी भी व्यक्ति को व्यक्तिगत या जीवन की स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जा सकता जब तक कि कानून उसे ऐसा करने को न कहे।
  • बंदियों को कुछ सीमाओं में कुछेक अन्य सुविधाएँ प्राप्त हैं।

प्रश्न 29.
शोषण के विरुद्ध अधिकार का विवेचन कीजिए।
उत्तर-
भारतीयों को प्राप्त मूल अधिकारों में एक अधिकार शोषण के विरुद्ध अधिकार है। इसका सम्बन्ध अनुच्छेद 23 व 24 से है। इस अधिकार का वर्णन निम्नलिखित किया जा सकता है।
1. बेगार तथा जबर्दस्ती के लिए गए श्रम का निषेध-धारा 23 के प्रथम उपभाग के अन्तर्गत मानव क्रय-विक्रय की मनाही की गई है। बेगार तथा इसी प्रकार । का कोई भी अन्य जबर्दस्ती से लिया गया श्रम निषिद्ध ठहराया गया है। जो व्यक्ति इस प्रकार का अपराध करता । है उसे कानून-अनुसार दण्ड का पात्र समझा जाएगा।

संविधान में शोषण के विरुद्ध अधिकार इसलिए आवश्यक , समझा गया है कि शताब्दियों से हमारे देश में दासता । किसी-न-किसी रूप में विद्यमान रही है जिसके फलस्वरूप । असंख्य व्यक्ति दासता का जीवन भोगते हुए रह रहे हैं। , बच्चों के भारी कारखानों में कार्य पर निषेध-शोषण । का दूसरा रूप यह भी होता है जबकि छोटी आयु के बच्चों । को भारी कारखानों तथा खानों में कार्य करने पर विवश 1 किया जाता है संविधान की 24वीं धारा द्वारा चौदह वर्ष से . कम आयु वाले किसी बच्चे को कारखानों अथवा अन्य . किसी जोखिम भरे कार्य पर नियुक्ति की मनाही की गई है।

प्रश्न 30.
धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार पर एक | नोट लिखिए।
उत्तर-
भारतीयों को प्राप्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार से भारत के पंथनिरपेक्ष स्वरूप को स्पष्ट देखा जा सकता है। र इस अधिकार की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं-

  • भारत का प्रत्येक नागरिक किसी भी धर्म का प्रचार च कर सकता है, किसी भी धर्म को मान सकता है या किसी 5 भी धर्म का प्रचार कर सकता है, किसी भी स्वतंत्रता लोकहित के विरुद्ध नहीं होनी चाहिए।
  • प्रत्येक नागरिक को धार्मिक सहायता के उद्देश्य 5 के अन्तर्गत किसी भी संस्था या संगठन को बनाने का अधिकार है। इस उद्देश्य के लिए वह धार्मिक मामलों का प्रबन्ध कर सकता है।
  • राज्य धर्म के आधार पर किसी भी नागरिक को न नौकरी देने से वंचित नहीं कर सकता।
    उक्त लिखित अधिकारों से स्पष्ट होता है कि संविधान र निर्माता भारत को धर्मनिरपेक्ष राज्य बनाना चाहते थे।

प्रश्न 31.
संस्कृति तथा शिक्षा सम्बन्धी अधिकार 7 का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
संविधान के अनुच्छेद 29 से 30 में संस्कृति – तथा शिक्षा सम्बन्धी अधिकारों का वर्णन है जो इस प्रकार है।
(i) अनुच्छेद 29 के अनुसार नागरिकों का कोई वर्ग जो भारत के किसी भी भाग में रहता हो तथा उसकी कोई भी भाषा, लिपि, साहित्य और संस्कृतिक हो वह इसकी
रक्षा का पूर्ण अधिकार रखता है कोई भी राजकीय या अराजकीय संस्था किसी भी नागरिक को जाति, धर्म, लिंग या भाष आदि के भेदभाव के आधार पर प्रवेश के लिए नहीं रोक सकती।
(ii) अनुच्छेद 30 के अनुसार सभी धार्मिक या भाषायी अल्पसंख्यक वर्गो को अपने विद्यालय तथा शिक्षा संस्थान स्थापित करने का अधिकार है तथा राज्य वित्ततीय सहायता देते समय उनमें किसी भी प्रकार को भेदभाव स्थापित नहीं कर सकता।

प्रश्न 32.
संवैधानिक उपचारों के अधिकार से आप क्या समझते हैं? इसके महत्त्व का परीक्षण कीजिए।
उत्तर-
संवधानिक उपचारों का अधिकार एक मूल अधिकार है। इस अधिकार का वर्णन संविधान के अनुच्छेद 32 में किया गया है। यह अधिकार संविधान में दिए गए नागरिकों के मूल अधिकारों को प्रभावी ढंग से लागू कराने का आश्वासन देता है। यदि यह अधिकार न हो, तो अन्य अधिकारों का कोई महत्त्व नहीं रहता।
संवैधानिक उपचारों के अधिकार में निहित भाव निम्नलिखित हैं-

  • नागरिकों को अपने मूल अधिकारों की प्राप्ति के लिए सर्वोच्च न्यायालय की शरण लेने का अधिकार इसी अधिकार से प्राप्त है।
  • यदि कोई व्यक्ति संस्था अथवा राज्य नागरिकों को प्राप्त मूल अधिकारों को छीनने का प्रयास करता है तो नागरिक उच्च न्यायालय अथवा सर्वोच्च न्यायालय में इन अधिकारों की रक्षा हेतु जा सकते हैं। .
    उच्च न्यायालय अथवा सर्वोच्च न्यायालय नागरिकों के मूल अधिकारों की रक्षा हेतु प्रलेख/रिट जारी कर सकते हैं। इन प्रलेख रिटों में बन्दी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, निषेधाज्ञा, उत्प्रेषण, अधिकार पृच्छा आदि का उल्लेख किया जा सकता है।

HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 6 लोकतांत्रिक अधिकार

प्रश्न 38.
गुआंतानामों का उदाहरण देते हुए बताइए कि कैसे कुछ लोगों को उनके मानवीय अधिकारों से वंचित किया गया।
उत्तर-
अमेरिकी फौज ने दुनिया भर के विभिन्न । स्थानों से 600 लोगों को चुपचाप पकड़ लिया। इन लोगों को गुआंतानामों में स्थित एक जेल में डाल दिया। क्यूबा के निकट स्थित इस आपू पर अमेरिकी नौसेना का कब्जा है। अमेरिकी सरकार कहती है कि ये लोग अमेरिका के दुश्मन हैं और न्यूयॉर्क में हुए 11 सितंबर 2001 के हमलों से इनका संबंध है। अनस के पिता जमिल अलबन्ना उन 600 लोगों में एक हैं जिन्हें केवल संदेह के आधार पर पकड़ कर जेल में डाल दिया गया। अधिकांश मामलों में, गिरफ्तार लोगों के देश की सरकार को उनकी गिरफ्तारी और जेल में डालने की सूचना भी नहीं दी गई। इन कैदियों की तरह जमिल के परिवार वालों को भी अखबारों के माध्यम से ही खबर मिली कि उसे भी जेल में रखा गया है। इन कैदियों के परिवारवालों, मीडिया के लोगों और यहाँ तक कि संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों को भी उनसे मिलने की इजाजत नहीं दी जाती । अमेरिकी सेना ने उन्हें गिरफ्तार किया, उनसे पूछताछ की और उसी ने फैसला किया कि किसे जेल में डालना है किसे नहीं न तो किसी कभी जज के सामने मुकदमा चला और ना ही ये कैदी अपने देश की अदालतों का दरवाजा खटखटा सके।

एक अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटनेशनल ने गुआतांनामो बे के कैदियों की स्थिति के बारे में सूचनाएँ इकट्ठी की और बताया कि उनके साथ ज्यादती की जा रह रहे हैं।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. निम्नलिखित वाक्यों में सही (√) व गलत (x) का चयन करें।

(i) बेगार एक अपराध है तथा कानून की दृष्टि में गैर-कानूनी।
(ii) संविधान ने अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा हेतु कुछ प्रावधान किए हैं।
(iii) संवैधानिक उपचारों का अधिकार एक महत्त्वहीन अधिकार है।
(iv) संविधान ने मूल अधिकारों पर कोई प्रतिबन्ध नहीं लगाया है।
(v) सर्वोच्च न्यायालय नागरिकों के अधिकारों की – रक्षा करता है।
उत्तर-
(i) √,
(ii) √,
(ii) x,
(iv) x,
(v) √,

(i) प्रस्ताव,
(ii) राष्ट्रपति,
(iii) छः,
(iv) स्पीकर,
(v) मंत्रिपरिषद्।

प्रश्न 2. निम्नलिखित वाक्यों में उपयुक्त शब्दों को भरें

(i) लोकतंत्र मात्र………….अवधारणा नहीं हैं।
(ii) समानता के अधिकार……….का प्रयोजन है।
(iii) स्वतंत्रता का अधिकार………..प्रकार की स्वतंत्रताएँ देता है।
(iv) सार्वजनिक सम्पत्ति की रक्षा एक……….कर्तव्य है।
(v) संवैधानिक…………..के अधिकार से अधिकारों को संरक्षण मिलता है।
उत्तर-
(i) राजनीतिक,
(ii) समानता,
(iii) छः,
(iv) मौलिक,
(v) उपचारों।

प्रश्न 3. निम्नलिखित विकल्पों में सही विकल्प का चयन करें।

(i) भारतीय संविधान ने नागरिकों को…………. अधिकार दिए हैं।
(a) 5
(b) 6
(c) 7
(d) 8
उत्तर-
(b) 6

(ii) हमारे अधिकारों की रक्षा निम्नलिखित अधिकार द्वारा होती हैं
(a) समानता के अधिकर
(b) स्वतंत्रता के अधिकार
(c) संवैधानिक उपचारों के अधिकार
(d) इनमें किसी अधिकार द्वारा द्वारा नहीं।
उत्तर-
(c) संवैधानिक उपचारों के अधिकार

(iii) समानता के अधिकार में निम्न पहलू है
(a) कानूनी
(b) सामाजिक
(c) राजनीतिक
(d) ये सभी
उत्तर-
(d) ये सभी

HBSE 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 6 लोकतांत्रिक अधिकार

(iv) निनिलिखि अधिकार मौलिक अधिकार नहीं हैं
(a) समानता का अधिकार
(b) सम्पत्ति का अधिकार
(c) स्वतंत्रता का अधिकार
(d) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार।
उत्तर-
(b) सम्पत्ति का अधिकार

(v) निम्नलिखित देश में महिलाओं को मताधिकार प्राप्त नहीं हैं
(a) अमेरिका
(b) ब्रिटेन
(c) सऊदी अरब
(d) स्विट्जरलैंड।
उत्तर-
(c) सऊदी अरब

लोकतांत्रिक अधिकार Class 9 HBSE Notes in Hindi

अध्याय का सार

भारत का संविधान भाग तीन में कुछ मूल अधिकारों (जिन्हें मौलिक अधिकार भी कहा जाता है) की व्यवस्था करता है। यह मौलिक अधिकार इसलिए है कि इन अधिकारों की प्राप्ति के फलस्वरूप ही व्यक्ति अपना विकास कर सकता है। इन मौलिक अधिकारों में (1) समानता का अधिकार, (2) स्वतंत्रता का अधिकार, (3) शोषणा के विरुद्ध अधिकार, (4) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, (5) सांस्कृतिक तथा शिक्षा सम्बन्धी अधिकार, (6) सवैधानिक उपचारों का अधिकार उल्लेखनीय हैं। 44वें संशोधन से पूर्व भारतीयों को सम्पत्ति का अधिकार प्राप्त था, परन्तु आज यह अधिकार मौलिक अधिकार न होकर ‘साधारण कानून के अंतर्गत एक अधिकार है।

– भारतीय संविधान में दिए गए मौलिक अधिकार निरंकुश नहीं है। इन मौलिक अधिकारों का प्रयोग कुछ एक प्रतिबन्धों (जैसे देश की सुरक्षा, शिष्टाचार, सार्वजनिक काननू व्यवस्था आदि) के दायरे में ही किया जा सकता है भारतीय संसद् को यह अधिकार है कि वह इन मौलिक अधिकारों में संशोधन कर सकती है, परन्तु उच्च न्यायालयों तथा सर्वोच्च न्यायालय की भी यह शक्ति है कि वे ससंद के ऐसे कानूनों को असंवैधानिक घोषित कर दें जो संविधान के प्रतिकूल हों। आपात्काल स्थिति में मौलिक अधिकार निलम्बित किए जा सकते हैं।

संविधान के 42वें संशोधन द्वारा संविधान में भाग चौथा-अ (धारा 51-अ) जोड़ा गया था। इस धारा में उन मौलिक कर्त्तव्यों का वर्णन किया गया है जिनकी पालन की आशा भारतीय नागरिकों से की जाती है। इन मौलिक कर्तव्यों में संविधान, राष्ट्रीय ध्वज, तथा राष्ट्रीय गान का सम्मान, देश की प्रभुसत्ता एकता तथा अखण्डता की रक्षा, देशवासियों में बन्धुत्व की भावना बढ़ाने पर जोर, प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा, सार्वजनिक सम्पत्ति की रक्षा आदि उल्लेखनीय है।
संविधान-निर्माताओं ने संविधान की प्रस्तावना द्वारा भारती में एक ऐसे समाज की कल्पना की थी जिसमें सभी नागरिको को न्याय, स्वतंत्रता, समानता, प्राप्त हो सके तथा उनमें बन्धुत्व की भावना बढ़ सके। इस उद्देश्य के लिए संविधान के चौथे भाग में धारा 36 में 51 तक की धाराओं में राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों का वर्णन किया गया है।

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