Haryana Board 9th Class Social Science Solutions Civics Chapter 4 चुनावी राजनीति
HBSE 9th Class Civics चुनावी राजनीति Textbook Questions and Answers
चुनावी राजनीति कक्षा 9 प्रश्न-उत्तर HBSE प्रश्न 1.
चुनाव क्यों होते हैं, इस बारे में इनमें से कौन-सा वाक्य ठीक नहीं है?
(क).चुनाव लोगों को सरकार के कामकाज का फैसला करने का अवसर देते हैं।
(ख) लोग चुनाव में अपनी पसंद के उम्मीदवार का चुनाव करते हैं।
(ग) चुनाव लोगों को न्यायपालिका के कामकाज का मूल्यांकन करने का अवसर देते हैं।
(घ) लोग चुनाव से अपनी पसंद को नीतियाँ बना सकते हैं।
उत्तर-
(क), (ख) सही हैं तथा (ग) एवं (घ) ठीक नहीं हैं।
चुनावी राजनीति Class 9 Questions And Answers HBSE प्रश्न 2.
भारत के चुनाव लोकतांत्रिक हैं, यह बताने के लिए इनमें कौन-सा वाक्य सही कारण नहीं देता?
(क) भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा मतदाता हैं।
(ख) भारत में चुनाव आयोग काफी शक्तिशाली है।
(ग) भारत में 18 वर्ष से अधिक उम्र का हर व्यक्ति मतदाता है।
(घ) भारत में चुनाव हारने वाली पार्टियाँ जनादेश स्वीकार कर लेती हैं।
उत्तर-
(क) सही कारण नहीं देता। दुनिया के सबसे अधिक मतदाता चीन में हैं। परंतु इसका अर्थ यह नहीं है कि भारत लोकतांत्रिक नहीं है।
(ख) यह भी सही कारण नहीं है। ‘चुनाव आयोग शक्तिशाली हो’ का यह अर्थ नहीं कि चुनाव लोकतंत्रिक
(ग) तथा,
(घ) दोनों ठीक हैं।
अध्याय 3 चुनावी राजनीति के प्रश्न-उत्तर HBSE 9th Class प्रश्न 3.
निम्नलिखित में मेल ढूँढ़ें:
(क) समय-समय पर मतदाता सूची का नवीनीकरण आवश्यक है ताकि
(ख) कुछ निर्वाचन-छेत्र अनु. जाति और अनु, जनजाति के लिए आरक्षित हैं ताकि
(ग) प्रत्येक के सिर्फ एक वोट डालने का हक है ताकि
(घ) सत्ताधारी दल को सरकारी वाहन के इस्तेमाल की अनुमति नहीं क्योंकि .
1. समाज के हर तबके का समुचित प्रतिनिधित्व हो सके।
2. हर एक को अपना प्रतिनिधि चुनने का समान अवसर मिले।
3. हर उम्मीदवार को चुनावों में लड़ने का समान अवसर मिले।
4. संभव है कुछ लोग उस जगह से अलग चले गए हों जहाँ उन्होंने पिछले चुनाव में मतदान किया था।
उत्तर-
(क) 4;
(ख) 1.
(ग) 2;
(घ) 3।
चुनावी राजनीति Class 9 Notes HBSE प्रश्न 4.
इस अध्याय में वर्णित चुनाव संबंधी सभी गतिविधियों की सूची बनाएँ और इन्हें चुनाव में सबसे पहले किए जाने वाले काम से लेकर आखिर तक के क्रम में सजाएँ। इनमें से कुछ मामले हैं: चुनाव घोषण-पत्र जारी करना, वोटों की गिनती, मतदाता सूची बनाना, चुनाव अभियान, चुनाव नतीजों की घोषणा, मतदान, पुनर्मतदान के आदेश, चुनाव प्रक्रिया की घोषणा, नामांकन दाखिल करना।
उत्तर-
मतदाता सूची बनाना, चुनाव घोषणा-पत्र जारी करना, नामांकन दाखिल करना, चुनाव अभियान, मतदान, पुनर्मतदान के आदेश, वोटों की गिनती, चुनाव नतीजों की घोषणा करना।
Summary Of Electoral Politics HBSE 9th Class प्रश्न 5.
सुरेखा एक राज्य विधानसभा क्षेत्र में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने वाली अधिकारी है। चुनाव के इन कारणों में उसे किन-किन बातों पर ध्यान देना चाहिए? (क) चुनाव प्रचार, (ख) मतदान के दिन, (ग) मतगणना के दिन।
उत्तर-
(क) सुरेखा को चुनाव अभियान के नियमों पर नजर रखनी चाहिए।
(ख) उसे देखना चाहिए कि मतदान के दिन मतदान के सभी प्रबंध हो गए हैं।
(ग) उसे ध्यान में रखना होगा कि मतगणना के दिन से जुड़े सभी प्रबंध सही हो गए।
चुनावी राजनीति के प्रश्न-उत्तर HBSE 9th Class प्रश्न 6.
नीचे दी गई तालिका बताती है कि अमेरिकी कांग्रेस के चुनावों के विजयी उम्मीदवारों में अमेरिकी समाज के विभिन्न समुदाय के सदस्यों का क्या अनुपात था। ये किस अनुपात में जीते इसकी तुलना अमेरिकी समाज में इन समुदायों की आबादी के अनुपात से कीजिए। इसके आधार पर क्या आप ‘अमेरिकी संसद के चुनाव में भी आरक्षण का सुझाव देंगे? अगर हाँ तो क्यों और किस समुदाय के लिए? अगर नहीं, तो क्यों?
उत्तर-
अमरीकी कांग्रेस में एक प्रतिनिधित्व की सही व्यवस्था की जरूरत है। श्वेतों की कुल जनसंख्या 70% है, परंतु उन्हें 86% प्रतिनिधित्व प्राप्त है। दूसरी ओर हिस्पैनिक की जनसंख्या 13% है, परंतु उन्हें केवल 5% प्रतिनिधित्व प्राप्त है। इसी प्रकार, अश्वेत अमेरिका में 13% हैं, परंतु उनका प्रतिनिधित्व केवल 8% है।
चुनाव क्यों होते हैं Class 9 HBSE प्रश्न 7.
क्या हम इस अध्याय में दी गई सूचनाओं के आधार पर निम्नलिखित निष्कर्ष निकाल सकते हैं? इनमें से सभी पर अपनी राय के पक्ष में दो तथ्य प्रस्तुत कीजिए।
(क) भारत के चुनाव आयोग को देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करा सकने लायक पर्याप्त अधिकार नहीं हैं।
(ख) हमारे देश के चुनाव में लोगों की जबर्दस्त भागीदारी होती है।
(ग) सत्ताधारी पार्टी के चुनाव जीतना बहुत आसान होता है।
(घ) अपने चुनावों को पूरी तरह से निष्पक्ष और स्वतंत्र बनाने के लिए कई कदम उठाने जरूरी हैं।
उत्तर-
(क) चुनाव आयोग को पर्याप्त शक्तियाँ मिलनी चाहिए ताकि
(1) वह स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव करा सके;
(2) राजनीतिक दल चुनावों के दिनों सही आचरण की अभिव्यक्ति करें।
(ख) (1) चुनावों में भागीदारी लोकतंत्र को मजबूत करती है;
(2) इससे लोगों का राजनीतिक शिक्षण भी ‘बढ़ता है।
(ग) (1) राजनीतिक दल चुनाव अभियान में भाग लेते हैं;
(2) चुनावों से पहले वे चुनाव घोषण-पत्र भी जारी करते हैं।
(घ) (1) फर्जी मतदान को रोकने के लिए चुनाव पहचान-पत्र जारी किए जाने चाहिएँ;
(2) चुनावों में धन व धींगा मस्ती पर रोक लानी चाहिए।
चुनाव अभियान क्या है Class 9 HBSE प्रश्न 8.
चिनप्पा को दहेज के लिए अपनी पत्नी को परेशान करने के जुर्म में सजा मिली थी। सतबीर को छुआछूत मानने का दोषी माना गया था। दोनों को अदालत ने चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी। क्या यह फैसला लोकतांत्रिक चुनावों के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ जाता है? अपने उत्तर-के पक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर-
चिनप्पा व सतबीर द्वारा चुनावों में चुनाव न लड़ने का आदेश लोकतांत्रिक चुनावों का विरोध नहीं है। न्यायालय को ऐसा आदेश जारी करने का पूरा अधिकार है।
Chunavi Rajniti Class 9 In Hindi Question Answer HBSE प्रश्न 9.
यहाँ दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चुनावी गड़बड़ियों की कुछ रिपोर्ट दी गई हैं । क्ध्या ये देश अपने यहाँ चुनावों में सुधार के लिए भारत से कुछ बातें सीख सकते हैं? प्रत्येक मामले में आप क्या सुझाव देंगे?
(क) नाइजीरिया के एक चुनाव में मतगणना अधिकारी ने जान-बूझकर एक उम्मीदवार को मिले वोटों की संख्या बढ़ा दी और उसे जीता हुआ घोषित कर दिया। बाद में अदालत ने पाया कि दूसरे उम्मीदवार को मिले पाँच लाख वोटों को उस उम्मीदवार के पक्ष में दर्ज कर लिया गया था।
(ख) फिजी में चुनाव से ठीक पहले एक परचा बाँटा गया जिसमें धमकी दी गई थी अगर पूर्व प्रधानमंत्री महेंद्र चौधरी के पक्ष में वोट दिया गया तो खून-खराबा हो जाएगा। यह धमकी भारतीय मूल के मतदाताओं को दी गई थी।
(ग) अमेरिका के हर प्रांत में मतदान, मतगणना और चुनाव संचालन की अपनी-अपनी प्रणालियाँ हैं। सन् 2000 के चुनाव में फ्लोरिडा प्रांत के अधिकारियों ‘ ने जॉर्ज बुश के पक्ष में अनेक विवादास्पद फैसले लिए पर उनके फैसले को कोई भी नहीं बदल सका।
उत्तर-
(क) नाइजीरिया के चुनाव अधिकारी को भारतीय चुनावों से यह सीखना चाहिए कि उसके पास ऐसा कोई अधिकार नहीं होता है कि वह किसी उम्मीदवार को ‘मिले वोटों की संख्या बढ़ा दे। उसने तो यह देखना होता है कि मतगणना ईमानदारी से की जानी चाहिए।
(ख) फिजी में ऐसा परचा बाँटना कि पूर्व प्रधानमंत्री महेंद्र चौधरी के पक्ष में वोट देने पर खून-खराबा हो गया लोकतांत्रिक नहीं है। चुनावों में धमकाना व डराना लोकतांत्रिक नहीं होता।
(ग) चुनाव से जुड़े सभी नियम एक समान व एक जैसे होने चाहिए तथा उन्हें एक प्रकार से लागू किया जाना चाहिए। लोकतंत्र का यह ही तो सार है।.
प्रश्न 10.
भारत में चुनावी गड़बड़ियों से संबंधित कुछ रिपोर्ट यहाँ दी गई हैं। प्रत्येक मामले में समस्या की पहचान कीजिए इन्हें दूर करने के लिए क्या किया जा सकता है?
(क) चुनाव की घोषणा होते ही मंत्री महोदय ने बंद पड़ी चीनी मिल को दोबारा खोलने के लिए वित्तीय सहायता देने की घोषणा की।
(ख) विपक्षी दलों का आरोप था कि दूरदर्शन और आकाशवाणी पर उनके बयानों और चुनाव अभियान को उचित जगह नहीं मिली। – (ग) चुनाव आयोग की जाँच से एक राज्य की मतदाता सूची में 20 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम मिले। .. (घ) एक राजनैतिक दल के गुंडे बंदूकों के साथ घूम रहे थे, दूसरी पार्टियों के लोगों को मतदान में भाग लेने से रोक रहे थे और दूसरी पार्टी की चुनावी सभाओं पर हमले कर रहे थे।
उत्तर-
(क) चुनावों की घोषणा होते ही मंत्री द्वारा बंद पड़ी चीनी मिल को दोबारा खोलने के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा लोकतंत्र व चुनाव नियमों के विरुद्ध है।
(ख) राजनीतिक दलों में विपक्ष के दलों की यह शिकायत कि चुनाव अभियान में उनके दलों को दूरदर्शन व आकाशवाणी पर उनके बयानों को उचित जगह नहीं दी गयीए लोकतांत्रिक शिकायत है।
(ग) चुनावों में मतदाता सूची सही तैयार करनी चाहिए। 20 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम सूची में आना एक गंभीर मामला है। .
(घ) किसी राजनीतिक दल द्वारा चुनावों में गुंडों की सहायता लेना, उनके द्वारा मतदाताओं को डराना-धमकाना चुनावी नियमों के विरुद्ध तो है ही यह लोकतंत्र के नियमों को भी अवहेलना है। ऐसे राजनीतिक दलों की गतिविधियों पर रोक लगानी चाहिए तथा उन दलों को दंड दिया जाना चाहिए।
प्रश्न 11.
जब यह अध्याय पढ़ाया जा रहा था तो रमेश कक्षा में नहीं आ पाया था। अगले दिन कक्षा में आने के बाद उसने अपने पिताजी से सुनी बातों को दोहराया। क्या आप रमेश को बता सकते हैं कि । उसके इन बयानों में क्या गड़बड़ी है?
(क) औरतें उसी तरह वोट देती हैं जैसा पुरुष उनसे कहते हैं इसलिए उनको देने का कोई मतलब नहीं है।
(ख) पार्टी-पॉलिटिक्स से समाज में तनाव पैदा होता है। चुनाव में सबकी सहमति वाला फैसला होना चाहिए, प्रतिद्वंद्विता नहीं होनी चाहिए।
(ग) सिर्फ स्नातकों को ही चुनाव लड़ने की इजाजत होनी चाहिए।
उत्तर-
(क) यह कथन गलत है कि महिलाएं पुरुषों के कहने पर ही मत देती हैं क्या हमें महिलाओं को मताधिकार से वंचित करना चाहिएं। कदापि नहीं।
(ख) लोकतंत्र में भिन्न-भिन्न विचारों का होना लोकतांत्रिक है। भिन्न विचारों से तनाव पैदा होते हैं, इसलिए जन-सहमति को अपनाना चाहिए, कुछ सही युक्ति नहीं है। प्रतिद्वंद्विता नहीं होनी चाहिए. यह युक्ति ठीक है। अलग विचारों की बहस होनी चाहिए, उन्हें दबाना सही नहीं है।
(ग) यह कथन सही नहीं है। उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यताएँ आवश्यक नहीं होनी चाहिए। शिक्षा आवश्यक है, परंतु निरक्षर को भी चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध नहीं होना चाहिए।
HBSE 9th Class Civics चुनावी राजनीति Important Questions and Answers
प्रश्न 1.
पता करो कि तेरहवें आम चुनाव में मतदान करने वाले मतदाओं का प्रतिशत कितना था?
उत्तर-
तेहरवें आम चुनाव में मतदान करने वाले मतदाताओं का प्रतिशत लगभग 65% था।
प्रश्न 2.
किसी गलत प्रकाशित समाचार का उदाहरण दीजिए और उसके प्रभावों पर विचार-विमर्श कीजिए।
उत्तर-
समाचार-पत्रों का लोगों के जीवन व उनके विचारों पर खासा प्रभाव होता है। कोई भी गलत प्रकाशित समाचार किसी भी प्रतिकूल वातावरण को बनाने में सहायक हो सकता है।
प्रश्न 3.
चुनाव में प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
उत्तर-
चुनाव में प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न की आवश्यकता इसलिए पड़ती है कि निरक्षर व्यक्ति भी चिह्न देखकर अपना वोट अपनी पसंद के उम्मीदवार को दे सकते हैं।
प्रश्न 4.
आजकल मतदान के लिए इलैक्ट्रानिक _मशीनों का प्रयोग किया जाता है। पता लगाइए वे क्या
उत्तर-
आजकल मतदान के लिए इलैक्ट्रॉनिक मशीनों का प्रयोग किया जाता है। 2001 में लगभग 1,55,000 ऐसी मशीनों का प्रयोग 2.45 लाख निर्वाचन क्षेत्रों में किया गया था। इसके अंतर्गत एक मतदाता अपनी पसंद के उम्मीदवार को (मशीन पर अंकित उम्मीदवारों) उसके नाम के सामने बटन दबाकर वोट दे सकता है। .
प्रश्न 5.
पता करिए कि लेफ्ट फ्रंट (वामपंथी दलों) में कौन-कौन से दल सम्मिलित थे?
उत्तर-
लेफ्ट फ्रंट में सम्मिलित दलों में मार्क्सवादी साम्यवादी दल, साम्यवादी दल, फार्वर्ड ब्लाक, रेबोलुशनरी सोशलिस्ट पार्टी आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।
प्रश्न 6.
शिक्षक की सहायता से पता लगाइए कि भारतीय जनता पार्टी में सहयोगी.दल. कौन-सी हैं?
उत्तर-
भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दलों में समता पार्टी, जनता पार्टी (शरद यादव), नेशनल कांफ्रेस,अकाली दल, लोकदल, तेलुगू देशम, असम गण परिषद्, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम आदि उल्लेखनीय हैं।
प्रश्न 7.
चार क्षेत्रीय दलों के नाम लिखिए।
उत्तर-
तेलुगू देशम, अकाली दल, इंडियन नेशनल लोकदल, हिमाचल विकास कांग्रेस।
प्रश्न 8.
भारत में कौन मतदाता हो सकता है?
उत्तर-
भारत में वह मतदाता हो सकता/सकती है जिसने कम से कम 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली हो तथा जो भारत का नागरिक हो और जिसे न्यायालय द्वारा मतदाता के लिए अघोषित न ठहराया गया हो।
प्रश्न 9.
स्वस्थ जनमत के लिए दो शर्तों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-
एक स्वस्थ जनमत के लिए दो शर्तों का उल्लेख निम्नलिखित किया जा सकता है
(1) जनमत की अभिव्यक्ति व निर्माण के साधन निरपेक्ष होने चाहिएँ:
(2) जनमत की स्वच्छता लोगों के शिक्षण से संबंधित होती है।
प्रश्न 10.
लोकतंत्र में जनमत का महत्त्व बताइए।
उत्तर-
लोकतंत्र में जनमत का विशेष महत्त्व होता है। वास्तव में, जनमत लोकतंत्र के लिए एक आधार का कार्य करता है। स्वस्थ जनमत स्वस्थ लोकतंत्र को जन्म देता है। जहाँ जनमत की अवहेलना की जाती है, वहाँ लोकतंत्र का संचालन असंभव हो जाता है।
प्रश्न 11.
किन लोगों को मताधिकार नहीं दिया जाता?
उत्तर-
जो लोग दिवालिया या मानसिक रूप से विक्षिप्त होते हैं, उन्हें वोट देने के अधिकार से वंचित किया जाता है। ___ गंभीर प्रकार के अपराधी भी मताधिकार से वंचित किए जाते हैं।
प्रश्न, 12.
लोकतांत्रिक व्यवस्था में नागरिकों के सरकार के संदर्भ में जैसी जागरूकता होनी चाहिए।
उत्तर-
सरकार के संदर्भ में नागरिकों की जागरुकता सदैव बनी रहनी चाहिए। सरकार की नीतियों व कानूनों के विषय में नागरिकों की आँखें व कान खुले रहने चाहिएँ।
प्रश्न 13.
कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिह्न बताइए।
उत्तर-
कांग्रेस का चुनाव चिह्न ‘हाथ’ है। भारतीय __ जनता पार्टी का चुनाव चिहन ‘कमल’ का फूल है।
प्रश्न 14.
किसी सार्वजनिक मामले पर किसी एक वर्ग अथवा जनता के सुनिश्चित विचार जो लोकहित के सार्थक हो, उसे लोकमत/जनमत कहा जाता है।
उत्तर-
किसी सार्वजनिक मामले पर किसी एक वर्ग अथवा जनता के सुनिश्चित विचार जो लोकहित के सार्थक हों, उसे लोकमत/जनमत कहा जाता है।।
प्रश्न 15.
भारतीय साम्यवादी दल तथा भारतीय साम्यवादी (मार्क्सवादी) दल के चुनाव चिहन बताइए।
उत्तर-
भारतीय साम्यवादी दल का चुनाव चिह्न हँसिया एवं धान की बालियाँ तथा मार्क्सवाद साम्यवादी दल का चुनाव चिह्न हँसिया, हथौड़ा तथा सितारा है।
प्रश्न 16.
लोकतंत्र में सरकार व जनता. के बीच सामान्यतया कैसे संबंध होने चाहिएँ।
उत्तर-
लोकतंत्र में सरकार व जनता के बीच सामान्यतया सम्बन्ध सहिष्णु व धैर्यवान होने चाहिएँ। सरकार को चाहिए कि वह जनमत का आदर भी करे तथा उसे महत्त्व भी दे। जनमत को चाहिए कि वह कानूनों को पालन करे तथा विभिन्न मतों को सहन करें।
प्रश्न 17.
क्षेत्रीय दल कयों आवश्यक होते हैं? दो कारण बताइए।
उत्तर-
(1) क्षेत्रीय आकांक्षाओं के प्रतिनिधित्व के लिए क्षेत्रीय दल आवश्यक होते हैं। (2) ऐसे क्षेत्रीय दल क्षेत्रीय उम्मीदवारों को सामने लाने में सहायक होते हैं।
प्रश्न 18.
किन्हें लोकतंत्र का वायुदाब मापी कहा जाता है।
उत्तर-
चुनावों को।
प्रश्न 19.
“एक व्यक्ति, एक मत’ किस नियम पर आधारित है?
उत्तर-
सार्वजनिक व्यस्क माताधिकार।
प्रश्न 20.
राजनीतिक समानता का अर्थ बताइए।
उत्तर-
सब नागरिक एक सामन हैं।
प्रश्न 21.
गुलबर्गा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेसी उम्मीदवार कितने प्रतिशत से चुनाव जीता था।
उत्तर-
38 प्रतिशत, 3.12 लाख मत प्राप्त किए थे।
प्रश्न 22.
गुलबर्गा चुनाव क्षेत्र में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की क्या संख्या थी?
उत्तर-
ग्यारह। .
प्रश्न 23.
1997 के चुनाव में वामपंथी मोर्चा ने किस नारे से चुनाव लड़ा था? ।
उत्तर-
‘जमीन जोतने वाले को जमीन दो’।
प्रश्न 24.
1983 में आंध्र प्रदेश में टी. एन. रामाराव ने किस नारे का प्रयोग किया था? .
उत्तर-
तेलुगू जनता के आत्म-सम्मान की रक्षा करो।
प्रश्न 25.
1977 के चुनावों में जनता पार्टी का क्या नारा था?
उत्तर-
लोकतंत्र बचाओं।’
प्रश्न 26.
1971 के आम चुनावों में कांग्रेस का क्या नारा था?
उत्तर-
गरीबी हटाओं।
प्रश्न 27.
भारत में सबसे बड़ा चुनाव क्षेत्र कौन-सा हैं?
उत्तर-
लद्दाख (जम्मू-काश्मीर), 1,73,266.37 वर्ग किमी.।
प्रश्न 28.
भारत में सबसे छोटा चनाव क्षेत्र कौन-सा है?
उत्तर-
चाँदनी चौक (दिल्ली), 10.59 वर्ग किलोमीटर।
प्रश्न 29.
भारत में कौन-से राज्य ऐसे हैं जिनमें लोकसभा सदस्यों की संख्या 35 से भी अधिक है?
उत्तर-
आंध्र प्रदेश (42), बिहार (40), महाराष्ट्र (48), तमिलनाडु (39), उत्तर-प्रदेश (80), पश्चिमी बंगाल (92)।
प्रश्न 30.
अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए लोकसभा में कितनी सीटें आरक्षित की गयी
उत्तर-
अनुसूचित जाति : 79; अनुसूचित जनजाति, ___41 सीटें।
प्रश्न 31.
जगदीप और नवप्रीत ने इस कथा को पढ़ा और निम्नलिखित निष्कर्ष निकाले। क्या आप बात सकते हैं कि इनमें कौन-से निष्कर्ष सही हैं और कौन-से गलत। (या फिर इस कथा में दी गई सूचनाओं के आधार पर सही -गलत का फैसला नहीं हो सकता)
(क) चुनाव से सरकारी नीतियों में बदलाव हो सकता है।
(ख) राज्यपाल ने देवी लाल के भाषणों से प्रभावित होकर उन्हें मुख्यमंत्री बनने का न्यौता दिया।
(ग) लोग हर शासक दल से नाराज रहते हैं और हर अगले चुनाव में उसके खिलाफ वोट देते हैं।
(घ) चुनाव जीतने वाली पार्टी सरकार बनाती
(ङ) इस चुनाव से हरियाणा के आर्थिक विकास में काफी मदद मिली।
(च) अपनी पार्टी के चुनाव हारने के बाद कांग्रेसी मुख्यमंत्री को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं थी।
उत्तर-
(क) सही, (ख) गलत, (ग). सामान्यतः, (घ) सही, (ङ) सही, (च) गलत।
प्रश्न 32.
हमें चुनावों की जरूरत क्यों होती है?
उत्तर-
(क)-चुनाव लोकतंत्र को मजबूत करते हैं।
(ख) ये लोगों को उनके प्रतिनिधियों के कार्यो पर निर्णय देने में सहयोग देते हैं। ‘
(ग) ये लोगों को शासकों द्वारा अपनायी गयी नीतियों का स्पष्टीकारण देते हैं।
(घ) ये विपक्ष को यह अवसर प्रदान करते हैं कि वे सरकार की नीतियों की अलोचना कर सकते हैं।
प्रश्न 33.
चुनावों में मतदाताओं की क्या भूमिका होती है?
उत्तर-
चुनावों में मतदाताओं की भूमिका को संक्षेप में निम्नलिखित. बताया जा सकता है। ___(क) वे अपने लिए कानून बनाने वाले का चुनाव कर सकते हैं।
(ख) वे सरकार बनाने और बड़े फैसले करने वाले का चुनाव कर सकते हैं।
(ग) वे सरकार और उसके द्वारा बनने वाले कानूनों का दिशा-निर्देश करने वाली पार्टी का चुनाव कर सकते
प्रश्न 34.
क्या राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का होना अच्छा है?
उत्तर-
चुनाव होते हैं तो चुनावी प्रतिद्वंद्विता होती है। इसके कुछ नुकसान भी हैं। इससे हर बस्ती, हर गली व हर घर में बंटवारे जैसी स्थिति हो जाती है। लोग पार्टी , पालिटिक्स के फैलने की शिकायत करते हैं। विभिन्न दलों के लोग और नेता अकसर एक-दूसरे के खिलाफ आरोप लगाते हैं। पार्टियाँ और उम्मीदवार चुनाव जीतने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं।
प्रश्न 35.
हमारे संविधान में समाज के कमजोर वर्गों के लिए क्या व्यवस्था की है? उदाहरण सहित • समझाइए।
उत्तर-
हमारे संविधान निर्माताओं ने कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र की विशेष व्यवस्था की है इसी कारण कुछ चुनाव क्षेत्र अनुसूचित जातियों के लोगों के लिए आरक्षित हैं तो कुछ क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर केवल अनुसूचित जाति का ही व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है। इसी तरह सिर्फ अनुसूचित जनजाति के ही व्यक्ति अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित चुनाव क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं। लोकसभा की 79 सीटें अनुसूचित जातियों के लिए और 41 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित है। ये सीटें पूरी आबादी में इन समूहों के हिस्से के अनुपात में हैं।
प्रश्न 36.
भारत की चुनाव प्रणाली की कुछ विशेषताएँ और कुछ सिद्धांत दिए गए हैं। इसके सही जोड़े बनाएँ। सिद्धांत चुनाव प्रणाली की विशेषता
(क) सार्वभौम वयस्क मताधिकार 1. हर चुनाव क्षेत्र में लगभग बराबर मतदाता
(ख) कमजोर वर्गों को प्रतिनिधित्व 2. 18 वर्ष और उससे ऊपर के सभी को मताधिकार
(ग) खुली राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता 3. सभी को पार्टी बनाने या चुनाव लड़ने की आजादी
(घ) एक मत, एक मोल 4. अनुसूचित जातियों जनजातियों के लिए सीटों का आरक्षण।
उत्तर-
(क) (2), (ख) (4), (ग) (3), (घ) ।।
प्रश्न 37.
चुनावों में उम्मीदवार या राजनीतिक दल कुछेक काम नहीं कर सकते? कौन से काम? वर्णन करें।
उत्तर-
उम्मीदवार या दल ये सब काम नहीं कर सकते:
(क) मतदाता को प्रलोभन देना, घूस देना या धमकी देना।
(ख) उनसे जाति या धर्म के नाम पर बोट माँगना।
(ग) चुनाव अभियान में सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल करना।
(घ) लोकसभा चुनाव में एक निर्वाचन क्षेत्र में 25 लाख या विधानसभा चुनाव में 10 लाख रुपए से ज्यादा खर्च करना।
प्रश्न 36.
चुनावों में उम्मीदवारों व राजनीतिक दलों को कुछेक काम करने की मनाही होती हैं? किन कामों की, बताइए?
उत्तर-
उम्मीदवारों और पार्टियों को करने की मनाही चुनाव प्रचान के लिए किसी धर्मस्थल का उपयोग।
सरकारी वाहन, विमान और अधिकारियों का चुनाव में उपयोगा
चुनाव की अधिघोषणा हो जाने के बाद मंत्री किसी बड़ी योजना का शिलान्यास, बड़े नीतिगत फैसले या लोगों को सुविधाएँ देने वाले वायदे नहीं कर सकते।
प्रश्न 39.
इनमें कौन-सा काम आदर्श चुनाव संहिता का उल्लघंन है, कौन-सा नहीं?
(क) मतदान की तारीख से पहले मंत्री द्वारा अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए नई रेलगाड़ी को हरी झंडी दिखाकर रवाना करना।
(ख) एक उम्मीदवार ने वायदा किया कि चुने जाने पर वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में नई रेलगाड़ी चलवाएगा।
(ग) एक उम्मीदवार के समर्थकों द्वारा मतदाताओं को एक मंदिर में ले जाकर उनसे उसी उम्मीदवार को वोट देने की शपथ दिलाना।
(घ) किसी उम्मीदवार के समर्थकों द्वारा झुग्गी बस्ती में वोट के वायदे लेकर कंबल बाँटना।
उत्तर-
(क) चुनाव सहिंता का उल्लंघन हैं।
(ख) चुनाव संहिता का उल्लघंन नहीं है।
(ग) चुनाव संहिता का उल्लंघन है।
(घ) चुनाव संहिता का उल्लंघन है।
प्रश्न 40.
उदाहरण सहित बताइए कि चुनावों में किस-किस प्रकार की गड़बड़ियाँ की जाती हैं?
उत्तर-
निम्नलिखित कुछ उदाहरण दिए गए हैं जो चुनावों में हुई गड़बड़ियों का संकेत देते है-
(1) मतदाता सूची में फर्जी नाम डालने और असली नामों को गायब करने की।
(2) शासक दल द्वारा सरकारी सुविधाओं और अधिकारों के दुरुपयोंग की।
(3) अमीर उम्मीदवारों और बड़ी पार्टियों द्वारा बड़े पैमान पर धन खर्च करने की।
(4) मतदान के दिन चुनावी धाधली; मतदाताओं को डराना और फर्जी मतदान करना।
प्रश्न 41.
निम्नलिखित सुर्खियों को ध्यान से पढ़िए और पहचानिए कि स्वतंत्र और पिष्पक्ष चुनाव के लिए चुनाव आयोग किन शक्तियों का प्रयोग कर रहा है .
(1) चुनाव आयोग ने 14वीं लोकसभा के गठन की अधिसूचना जारी की।
(2) बिहार के चुनाव में मतदान के लिए फोटो पहचान पत्र अनिवार्य।
(3) चुनाव आयोग ने चुनाव खर्च पर नकेल कसी।
(4) चुनाव आयोग का एक और गुजरात दौरा, चुनावी तैयारियों का जायजा लिया।
(5) चुनाव आयोग ने गृह मंत्रालय के चुनाव सुधार संबंधी सुझाव नकारे।
(6) चुनाव के गुप्त खर्च पर चुनाव आयोज की नजर।
(7) उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग से अपराधी नेताओं पर रोक लगाने को कहा।
(8) चुनाव आयोग को हरियाणा के लिए पुलिस प्रमुख की नियुक्ति स्वीकार।
(9) चुनाव आयोग ने 398 मतदान केंद्रों पर फिर से वोट डालने के आदेश दिए।
(10) राजनैतिक विज्ञापनों पर सेंसर का अधिकार हो : चुनाव आयोग।
(11) ‘एक्जिट पोल’ पर प्रतिबंध लगाने की फिलहाल कोई योजना नहीं चुनाव आयोग है।
उत्तर-
(1), (2), (3), (4), (6), (8), (9), (10), (11) यह सब चुनाव आयोग के अधिकार में आते है।
प्रश्न 42.
ये भारतीय चुनावों के बारे में कुछ तथ्य हैं। इनमें से प्रत्येक पर टिप्पणी करके यह बताइए कि ये चीजें हमारी चुनाव प्रणाली की शक्ति को बढ़ाती हैं या कमजोरी को।
(1) लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या 10 फीसदी से कम ही रही है।
(2) चुनाव कब हों इस बारे में अकसर चुनाव आयोग सरकार की नहीं सुनता।
(3) वर्तमान लोकसभा के 145 से अधिक सदस्यों की संपत्ति एक करोड़ से भी अधिक है।
(4) चुनाव हारने के बाद एक मुख्यमंत्री ने कहा, “मुझे जनादेश मंजूद हैं।’ .
उत्तर-
1. हमारी चुनाव प्रणाली को कमजोर करती है। महिलाओं की लोकसभा में सदस्य संख्या बढ़नी चाहिए।
2. यह चुनाव प्रणाली को शक्ति प्रदान करता है। चुनाव कराना चुनाव आयोग का काम है वह ही चुनाव समय निश्चित करे।
3. यह चुनाव प्रणाली को कमजोर करता हैं। चुनावों में संपत्ति व धन का महत्त्व कम होना चाहिए।
4. यह तथ्य चुनाव प्रणाली को शक्ति देता हैं। .
प्रश्न 43.
चुनाव घोषण-पत्र क्या है?
उत्तर-
चुनाव घोषणा-पत्र वह दस्तावेज/लेख होता है जो राजनीतिक दल अथवा किसी निर्दलीय प्रत्याशी द्वारा चुनाव से पूर्व मतदाताओं के लिए तैयार किया जाता है। चुनाव घोषणा-पत्र में चुनावी संकप्न वचन कार्यक्रम का विवरण होता है जिसके माध्यम से दल अथवा प्रत्याशी अपने मतदाताओं को लुभाते हैं तथा उसके माध्यम से उनका समर्थन प्राप्त करते हैं। . ..
प्रश्न 44.
“चुनाव लोकतंत्र का मापन-यंत्र है।” इस वाक्य से आप क्या समझ हैं?
उत्तर-
यह सही है कि चुनाव लोकतंत्र का मापन-यंत्र होते हैं। चुनाव में सभी नागरिकों को भाग लेने का अवसर मिलता है। चुनावी दिनों में नागरिक देश की सामाजिक आर्थिक राजनीतिक समस्याओं को समझने का प्रयास करते हैं तथा उनके समाधान हेतु अपने विचारों को दिशा प्रदान करते हैं। इस प्रकार चुनाव एक ऐसा परिदृश्य प्रस्तुत करते हैं जहाँ मतदाता, स्वतंत्र, निष्पक्ष व पारदर्शी ढंग से मतदान द्वारा अपने विचार व्यक्त करते हैं।
प्रश्न 45.
आपके मत में भारतीय निर्वाचन व्यवस्था में कौन-से चार सुधार लाने आवश्यक हैं?
उत्तर-
भारतीय निर्वाचन व्यवस्था में लाए जाने वाले सुधारों में निम्नलिखित का उल्लेख किया जा सकता है।
(1) फर्जी मतदान को रोकने के लिए पहचान-पत्र जारी किया जाना चाहिए।
(2) चुनावों के दौरान सरकारी तंत्र का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
(3) ऐसे प्रयास किये जाने चाहिए कि मतदाताओं को दबाया न जा सके।
(4) चुनावों की घोषणा के बाद सरकार की ओर से सुविधाएँ देने की मनाही की जाए।
प्रश्न 46.
“मताधिकार एक अधिकार ही नहीं होता, अपितु एक कर्त्तव्य भी हैं।’ टिप्पणी कीजिए।
उत्तर-
मताधिकार से हमारा अभिप्राय मत का प्रयोग होता है। मताधिकार की प्राप्ति व उसे सार्वजनिक रूप से सभी को दिलाने के लिए बड़े-बड़े त्याग किये गए। मताधिकार मात्र एक अधिकार ही नहीं है, अपितु यह एक कर्त्तव्य भी है। हमें अपने मताधिकार के प्रयोग को ईमानदारी व समझदारी से करना चाहिए। मताधिकार के सही प्रयोग से सही प्रतिनिधि चुने जाते हैं तथा सरकार का सही गठन भी ठीक होता है जब हम मताधिकार का ठीक प्रयोग नहीं करते, तो हम गलत सरकार का चयन करते हैं।
प्रश्न 47.
भारत में मतदान की न्यूनमत आयु 21 वर्ष के स्थान पर 18 वर्ष निर्धारित करने के क्या कारण थे? . . . –
उत्तर-
भारत में मतदान का न्यूनमत आयु को 21 वर्ष से 18 वर्ष तक निर्धारित करने के कारणों में निम्नलिखित का उल्लेख किया जा सकता है।’
(1) लगभग संसार के सभी बड़े-बड़े देशों में मतदान की आयु 18 वर्ष है जैसे ब्रिटेन अमेरिका, चीन आदि।
(2) भारतीय युवकों को राजनीतिक मामलों में भागीदारी देने के लिए मतदान के लिए न्यूनतम आयु को कम करना आवश्यक था।
(3) राजनीतिक दल बहुत समय से मतदान की आयु कम दिए जाने की योग्यता पर जोर दे रहे थे।
प्रश्न 48.
चुनाव अधिकारी तथा मतदान केंद्र के प्रधान अधिकारी के कार्यों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर-
चुनाव अधिकारी को चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त किया जाता है। जो भी व्यक्ति चुनाव में भाग लेना चाहता है वह चुनाव अधिकारी के पास नामांकन पत्र देता है। नामांकन-पत्र के साथ वह कुछ धन जमा करता है। यदि वह कुल मत का 1/6 भाग नहीं पाता तो उसका जमा धन जब्त कर लिया जाता है। । ।
मतदान केंद्र का प्रधान अधिकारी इसे भी चुनाव आयोग द्वारा चुना जाता है। यह मतदान केंद्र पर हो रही कार्यवाही को देखता है। उसे देखना होता है कि चुनाव ठीक तरह से हो। इसमें किसी प्रकार की बेईमानी न हो। उसका कर्तव्य है कि वह मत पेटियों को चुनाव केंद्र तक ठीक स्थिति में पहुँचाए। … प्रश्न 49. (क) आम चुनाव,
(ख) मध्यावधि चुनाव;
(ग) उप-चुनाव को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
(क) आम चुनाव-(लोक सभा व विधान सभा) चुनाव प्रत्येक पाँच वर्ष के पश्चात् होते हैं। लोकसभा व विधान सभा के चुनाव को आम चुनाव कहते हैं।
(ख) मध्यावधि चुनाव-यदि लाक सभा अथवा विधान सभा के चुनाव पांच वर्ष से पूर्व होते हैं, उसे मध्यावधि चुनाव कहते हैं।
(ग) उप-चुनाव-यदि किसी सदस्या की मृत्यु हो जाती है या वह इस्तीफा दे देता है और उसका स्थान खाली हो जाता है तो चुनाव आयोग उस स्थान की पूर्ति के लिए चुनाव करवाता है। इसे उप-चुनाव कहते हैं।
प्रश्न 50.
मिली-जुली सरकार कब अस्तित्व में -आती है?
उत्तर-
जब आम चुनावों के पश्चात् विधानपालिका में कोई भी राजनीतिक दल स्पष्ट बहुमत प्राप्त नहीं करता अथवा कोई एक दल सरकार बनाने में असमर्थ रहता है तो मिली-जुली सरकार अस्तित्व में आती है। ऐसी मिली-जुली सरकारें केंद्र में भी बन सकती है तथा राज्यों में भी। भारत में 1996 के पश्चात् केंद्र में मिली-जुली सरकारें ही गठित होती रही हैं। 1998 से भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक मोर्चा की सरकार केंद्र में सत्ता में हैं।
प्रश्न 51.
निर्वाचन आयोग के कार्यों का विवेचन कीजिए।
उत्तर-
निर्वाचन आयोग में एक मुख्य आयुक्त व दो अन्य आयुक्त होते हैं। निर्वाचन आयोग के मुख्य कार्यो का वर्णन निम्नलिखित किया जा सकता है
(1) यह आयोग मतदाताओं की सूची तैयार करता है।
(2) देश में स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराना आयोग का एक अन्य कार्य है।
(3) राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों तथा मतदाताओं के लिए चुनावी आचार संहिता का दिशा निर्देश करता है।
(4) चुनावी कार्यक्रम का निर्धारण करता है तथा चुनावों की देख-रेख करता है।
(5) राजनीतिक दलों को मान्यता प्रदान करता है। (6) चुनाव चिह्न प्रदान करता है।
प्रश्न 52.
उपचुनाव व मध्यावधि चुनाव में क्या अंतर हैं?
उत्तर-
उपचुनाव उस प्रकार के चुनाव को कहा जाता है जब किसी निर्वाचन क्षेत्र के निवाचित सदस्य की मृत्यु हो जाती है तो उस स्थान के लिए चुनाव कराया जाता है। मध्यावधि चुनाव विधानपालिका की अवधि से पूर्व उसके भंग होन की स्थिति में कराया जाता है। दोनों प्रकार के चुनावों में अंतर निम्नलिखित होता है
(1) उपचुनाव में निर्वाचन क्षेत्र के रिक्त होने पर चुनाव होता है चाहे प्रतिनिधि की मृत्यु हो, वह त्याग-पत्र दे दे अथवा किसी अन्य कारण उसका स्थान रिक्त हो, मध्यावधि चुनाव विधानपालिका के लिए उनकी अवधि की समाप्ति के पहले के लिए हुए चुनावों की कहते हैं।
(2) उपचुनाव की स्थिति में उम्मीदवार को उतनी शेष अवधि के लिए चुना जाता है। जितनी अवधि रिक्त स्थान. वाले प्रतिनिधि की रहती है। मध्यावधिक चुनाव अगली उस अवधि के लिए होता है। जितनी अवधि विधानपालिका की सामान्तया होती है।
(3) उपचुनाव केवल उस निर्वाचन क्षेत्र के लिए होता है, अन्य निर्वाचन क्षेत्रों के लिए नहीं; मध्यावधि विधानपालिका के सभी निर्वाचन क्षेत्रों के लिए होता है।
प्रश्न 53.
निर्वाचन की सम्पर्ण प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में निर्वाचन प्रक्रिया (यह किसी अन्य देश के लिए भी वर्णित की जा सकती __ है) का संचालन, नियंत्रण तथा पर्यवेक्षण एक स्वंतत्र व निष्पक्ष चुनाव आयोग द्वारा किया जाता है। चुनाव प्रक्रिया में निम्नलिखित कार्यों को सम्पन्न किया जा सकता है।
(1) चुनाव तिथि की घोषणा की जाती है। इस घोषणा के पश्चात् शेष सभी कार्य चुनाव आयोग की देख-देख में होते हैं।
(2) निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण तथा मतदाताओं की सूचियाँ तैयार की जाती है।
(3) नामांकन पत्रों को एक निश्चित तिथि तक भरने की घोषणा की जाती है।
(4) एक अगली तिथि तक चुनाव नामांकन पत्रों की जांच की जाती है और फिर चुनावों से अपना नाम वापस लेने का प्रावधान भी किया जाता है।
(5) तत्पश्चात् चुनाव अभियान चलाए जाते हैं। राजनीतिक दल व निर्दलीय उम्मीदवार अपने-अपने चुनाव घोषणा पत्रों व अन्य तरीकों से चुनाव प्रचार करते हैं।
(6) एक निश्चित तिथि पर मतदान किया जाता है। प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र तथा प्रत्येक मतदान केंद्र पर सरकारी अधिकारियों की देख-रेख में मतदान होता है।
(7) मतदान गुपत रूप से मत-पत्रों अथवा इलैक्ट्रॉनिक मशीनों द्वारा किया जाता है।
(8) मत पेटियाँ अथवा इलैक्ट्रॉनिक मशीन से प्राप्त परिणामों के बाद मतों की गिनती होती है तथा जो प्रत्याशी एक निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक मत प्राप्त करता है, उसे उस निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित प्रतिनिधि घोषित किया जाता है।
(9) चुनावों से संबंधित किसी शिकायत की सुनवाई निर्वाचन आयोग द्वारा होती है। तथा इस संदर्भ में निर्णय भी आयोग लेता है।
प्रश्न 54.
लोकतंत्र में राजनीतिक दलों का क्या महत्त्व हैं?
उत्तर-
लोकतंत्र में राजनीतिक दलों के महत्व को निम्नलिखित बताया जा सकता है.
(1) राजनीतिक दल चुनावों के लिए उम्मीदवारों का चयन करते हैं, चुनाव घोषणा पत्र तैयार करते हैं, अपने प्रत्याशियों को सफल बनाने के लिए चुनावी जोड़-तोड़ करते हैं, चुनाव अभियान चलाते हैं।
(2) चुनावों के पश्चात् विधानपालिकाओं में जाकर वह सरकार बनाते हैं अथवा विपक्ष। यदि कोई राजनीतक दल बहुमत सीटें प्राप्त कर लेता है तो वह सरकार बनाता है और शेष दल विपक्ष चलाते हैं।
(3) सत्तारूढ़ दल के रूप में राजनीतिक दल सरकार/प्रशासन का संचालन करते हैं। जो विपक्ष बनाते हैं, वह सरकार की नीतियों पर नजर रखते हुए उसे मनमानी करने से रोकते हैं।
(4) राजनीतिक दल सत्ता हस्तांतरण शान्तिपूर्वक ढंग से करा देते हैं। दलों के बिना सत्ता परिवर्तन का एकमात्र तरीका हिंसा का प्रयोग होता है। . .
(5) राजनीतिक दल लोकतंत्र हेतु जनमत तैयार करने व उसकी अभिव्यक्ति में सहायक होते हैं।
(6) राजनीतिक दल जनता व सरकार के बीच कड़ी , का कार्य करते हैं। ऐसी व्यवस्था लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाती हैं।
प्रश्न 55.
लोकतांत्रिक चुनावों के लिए जरूरी न्यूनतम शर्तों का वर्णन करें।
उत्तर-
लोकतांत्रिक चुनावों के लिए जरूरी न्यूनतम शर्ते मुख्यतः निम्नलिखित बतायी जा सकती हैं- पहली, हर किसी को चुनाव करने की सुविधा हो। यानि हर किसी को मताधिकार हो और हर किसी के मत का समान मोल हो। दूसरी, चुनाव में विकल्प उपलब्ध हों। पार्टियों और उम्मीदवारों को चुनाव में उतरने की आजादी हो और वे मतदाताओं के लिए विकल्प पेश करें। तीसरी, चुनाव का अवसर नियमित अंतराल पर मिलता रहे। नए चुनाव कुछ वर्षों में जरूर कराए जाने चाहिए।
चौथी, लोग जिसे चाहें वास्तव में चुनाव उसी का होना चाहिए।
पाँचवीं, चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष ढंग से कराए जाने चाहिए। जिससे लोग सचमुच अपनी इच्छा से व्यक्ति का चुनाव कर सकें।
प्रश्न 56.
भारतीय चुनाव व्यवस्था की सीमाओं व चुनौतियों से जुड़े मनुष्य मुद्दों की चर्चा कीजिए।
उत्तर-
भारतीय चुनाव व्यवस्था की सीमाओं व चुनौतियों से जुड़े मुख्य मुद्दे निम्नलिखित बताए जा सकते हैं
(1) ज्यादा रुपये-पैसे वाले-उम्मीदवार और पार्टियां गलत तरीके से चुनाव जीत ही जाएँगे। यह कहना मुश्किल है, पर उनकी स्थिति दूसरों से ज्यादा मज़बूत रहती है।
(2) देश के कुछ इलाकों में आपराधिक पृष्ठभूमि और संबंधों वाले उम्मीदवार दूसरों को चुनाव मैदान से बाहर करने और बड़ी पार्टियों के टिकट पाने में सफल होने लगे हैं।
(3) अलग-अगल पार्टियों में कुछेक परिवारों का जोर है और उनके रिश्तेदार आसानी से टिकट पा जाते हैं।
(4) अकसर आम आदमी के लिए चुनाव में कोई ‘ढंग का विकल्प नहीं होता क्योंकि दोनों प्रमुख पार्टियों की नीतियाँ और व्यवहार कमोबेश एक-से होते हैं।
(5) बड़ी पार्टियों के तुलना में छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों को कई तरह की परेशानियाँ पड़ती हैं।
प्रश्न 57.
उदाहरण देकर बताइए कि भारत के चुनाव आयोग के विश्वभर के चुनाव आयोगों से अधिक शक्तियाँ प्राप्त हैं?
उत्तर-
दुनिया के शायद ही किसी चुनाव आयोग को भारत के चुनाव आयोग जितने अधिकार प्राप्त होंगे।
(1) चुनाव आयोग चुनाव की अधिसूचना जारी करने से लेकर चुनावी नतीयों की घोषणा तक, पूरी चुनाव प्रक्रिया के संचालन के हर पहलू पर निर्णय लेता है।
(2) यह आदर्श चुनाव संहिता लागू कराता है और इसका उल्लंघन करने वाले उम्मीदवारों और पार्टियों को सजा देता है।
(3) चुनाव के दौरान चुनाव आयोग सरकार को दिशा-निर्देश मानने का आदेश दे सकता है। इसमें सरकार द्वारा चुनाव जीतने के लिए चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग रोकना या अधिकारियों का तबादला करना भी शामिल है। …
(4) चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारी सरकार के नियंत्रण में न होकर आयोग के अधीन काम करते हैं।
प्रश्न 58.
चुनावों में दल किन्हीं नारों का प्रयोग करते हैं। उदाहरण देकर बताइए कि भारत में ऐसे नारों का प्रयोग होता है।
उत्तर-
चुनाव अभियान के दौरान राजनैतिक पार्टियाँ लोगों का ध्यान कुछ बड़े मुद्दों पर केंद्रित करवाना चाहती हैं। वे लोगों को इन मुद्दों पर आकर्षित करती हैं और अपनी पार्टी के पक्ष में वोट देने की कहती है। विभिन्न चुनावों में विभिन्न दलों द्वारा उठाए गए कुछ सफल नारे निम्नलिखित हैं
(1) इंदिरा गाँधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी ने 1971 के लोकसभा चुनरवों में ‘गरीबी हटाओं’ का नारा दिया था। पार्टी ने वायदा किया कि वह सरकार की सारी नीतियों में बदलाव करके सबसे पहले देश से गरीबी हटाएगी।
(2) 1977 में हुए अगले लोकसभा चुनावों में जनता पार्टी ने नारा दिया ‘लोकतंत्र बचाओ।’ पार्टी ने आपातकाल के दौरान हुई ज्यादतियों को समाप्त करने और नागरिक आजादी को बहाल करने का वायदा किया।
(3) वामपंथी दलों ने 1977 में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ‘जमीन-जोतने वाले को’ का नारा दिया था।
(4) 1983 के आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनावों में तेलुगु देशम पार्टी के नेता एन.टी. रामाराव ने ‘तेलुगु स्वाभिमना’ का नारा दिया था।
प्रश्न 59.
चुनाव नतीजों से किन तथ्यों की जानकारी मिलती है? बताइए।
उत्तर-
भारत में चुनावी नतीजें खुद ही काफी कुछ कह देते हैं। उदहारण या
(1) भारत में शासक दल राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर पर अकसर चुनाव हारते रहे हैं। बल्कि पिछले पंद्रह वर्षों में भारत में जितने चुनाव हुए हैं उनमें से प्रत्येक तीन में से दो में शासक पार्टियाँ हारी ही हैं।
(2) अमेरिका में मौजूदा चुना हुआ प्रतिनिधि शायद ही कभी चुनाव हारता है। भारत में निवर्तमान सांसदों और विधायकों में से आधे चुनाव हार जाते हैं।
(3) ‘वोट खरीदने’ में सक्षम पैसे वाले उम्मीदवार हो या आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार, उनका भी चुनाव हारना बहुत आम हैं। . (4) कुछेक अपवादों को छोड़ दें तो अकसर हारी हुई पार्टी भी चुनाव नतीजों को जनादेश मानकर स्वीकार कर लेती हैं।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1. निम्नलिखित वाक्यों में सही (√) व गलत (x) की पहचान करें।
(i) हमारे देश में चुनाव गुप्त मतदान द्वारा किया जाता है
(ii) चुनावी उम्मीदवारों को अपना नाम वापस लेने के लिए एक निश्चित तिथि दी जाती है।
(iii) चुनाव लोकतंत्र के लिए मापन यंत्र का काम करते हैं।
(iv) चुनावों में जीत-हार की भविष्यवाणी निश्चित नहीं बतायी जा सकती हैं।
(v) विपक्ष द्वार पूरे देश में सत्ता का प्रयोग होता है।
उत्तर-
(i) √,
(ii) √,
(iii) √,
(iv) √,
(v) x,
प्रश्न 2. निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(i) 1998 तक भारत में ………आम चुनाव हो चुके थे। (12, 13)
(ii) मतदाताओं द्वारा मतदान में उचित भाग न लेने से नागरिक ………….हो जाते हैं।( उदासीन, प्रसन्न)
(iii) नवभारत टाइम्स………..का एक दैनिक समाचार पत्र है। (हिंदी, अंग्रेजी)
(iv) बहुजन समाज पार्टी एक……….दल हैं। (क्षेत्रीय, राष्ट्रीय)
(v) नेशनल कांफ्रेंस………..का तक राजनीतिक दल है। (पंजाब, जम्मू-कश्मीर)
उत्तर-
(i) 13,
(ii) उदासीन,
(iii) हिंदी,
(iv) राष्ट्रीय,
(v) जम्मु-कश्मीर।
प्रश्न 3. निम्नलिखित विकल्पों में सही विकल्प का चयन करें।
(i) 1987 में चौधरी देवी लाल ने निम्न समिति बनायी थी।
(a) न्याय
(b) संघर्ष
(c) विधान
(d) सेवा
उत्तर-
(b) संघर्ष
(ii) आज लोकसभा की सदस्य संख्या निम्नलिखित
(a) 540
(b) 541
(c) 542
(d) 543
उत्तर-
(d) 543
(iii) लोकसभा में अनुसूचित जाति के सदस्यों की निम्नलिखित संख्या है
(a) 76
(b) 77
(c) 78
(d) 79
उत्तर-
(d) 79
(iv) लोकसभा में अनुसूचित जनजाति के सदस्यों की निम्नलिखित संख्या हैं।
(a) 41.
(b) 42
(c) 43
(d) 44
उत्तर-
(a) 41.
चुनावी राजनीति Class 9 HBSE Notes in Hindi
अध्याय का सार
भारत एक लोकतांत्रिक राज्य है। इसे विशालतम लोकतंत्र इस कारण कहा जाता है कि इस देश की सरकार के चयन में विश्वभर में सबसे अधिक लोग भाग लेते हैं। जनवादी चीन में साम्यवादी एक दलीय सरकार का गठन होता है। भारत में मतदाता न केवल केंद्र की सरकार के चयन में भाग लेते हैं अपितु वे राज्य व स्थानीय सरकारों के चुनाव में भी भाग लेते हैं। अतः स्पष्ट है कि भारत में सार्वभौम वयस्क मताधिकार लागू किया है।
सार्वभौम वयस्क मताधिकार उस.मताधिकार को कहा जाता है जहाँ एक निश्चित न्यूनतम आयु प्राप्त कर सबको, बिना किसी भेदभाव के, मताधिकार प्राप्त होता है। इसके अंतर्गत “एक व्यक्ति एक मत” के सिद्धांत को स्वीकार जाता है। भारतीय व्यवस्था में प्रत्येक ऐसे व्यक्ति को जिसकी आयु 18 वर्ष हो, मत देने का अधिकार दिया गया है। यह और बात है कि मतदान करने सभी मतदाता नहीं आते। यह भी और बात है कि न्यायालय कुछेक गंभीर अपराधियों को मतदान से वंचित कर देते हैं।
लोकतंत्र लोगों द्वारा बनायी गयी व्यवस्था है। अतः लोकतांत्रिक सरकार लोकमत पर आधारित सरकार होती है। सार्वजनिक मामलों पर बना मत जो लोकहित की साधना करता हो, उसे लोकमत कहा जाता है। जागरुक लोकमत शासन को कुशासन नहीं बनने देता; जागरुक जनमत प्रत्येक प्रकार की सरकार का सम्मान करता है तथा शासन संचालन में उससे प्रेरित रहता है। जो सरकार लोकमत के अनुरूप नहीं चलती, वह अलोकप्रिय तो हो ही जाती है, वह सरकार अधिक समय तक टिकती भी नहीं। लोकमत/जनमत के निर्माण में अनेक साधन कार्य करते हैं-प्रिंट मिडिया के अंतर्गत समाचार-पत्र, पत्र व पत्रिकाएँ आदि को सम्मिलित किया जाता है। यह जनमत बनाते भी हैं तथा जनमत की अभिव्यक्ति में भी सहायक भूमिका निभाते हैं। इलैक्ट्रानिक मीडिया के अंतर्गत रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा आदि को सम्मिलित किया जा सकता है। जनमत के निर्माण व अभिव्यक्ति में इनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका होता है। राजनीतिक दल, सार्वजनिक सभाएँ, शिक्षा सम्बन्धी समस्याएँ भी जनमत के साधन कहे जा सकते हैं।
लोकतांत्रिक सरकारें प्रतनिधिमूलक सरकारें होती हैं। अतः ऐसी व्यवस्थाओं में निर्वाचन व्यवस्था का होना अनिवार्य होता है। स्वतंत्र व निरपेक्ष चुनावों के लिए स्वच्छ निर्वाचन प्रणाली का होना नितांत आवश्यक है। इस संदर्भ में चुनाव आयोग की विशेष भूमिका होती है। चुनाव आयोग स्वतंत्र व पक्षपात चुनाव करने में सहयोग दे सकता है। मतदाता सूची, निर्वाचन क्षेत्र का निर्धारण, उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न प्रदान करना, राजनीतिक दलों को चुनावी मान्यता देना, चुनाव अभियानों का निरीक्षण करना, चुनावी समस्याओं का समाधान करना, चुनाव सम्बन्धी घोषणाएँ करना आदि ऐसे कार्य हैं जो चुनाव आयोग करता है। चुनाव प्रायः एक निश्चित अवधि के बाद होते हैं। सरकार के पतन पर मध्यावधि चुनावों की व्यवस्था की जाती है। किसी प्रतिनिधि की मृत्यु के कारण उपचुनावों का प्रयोजन भी किया जाता है चुनाव प्रक्रिया स्वंय में एक जटिल प्रक्रिया प्रतिनिधिमूलक सरकार के निर्माण में चुनाव तथा चुनावों के लिए राजनीतिक दलों का होना अनिवार्य होता है। राजनीतिक दल सार्वजनिक मामलों पर एक जैसे विचार रखने वाले लोगों का वह संगठन होता है जो संयुक्त व साँझे प्रयासों व चुनावी तरीकों से सत्ता प्राप्त करे के पश्चात् अपनी नीतियों को कार्यरूप देते हैं। राजनीतिक दल प्रणाली एकदलीय, द्विदलीय, बहुदलीय, एकदलीय प्रधान अथवा राज्य-क्षेत्रीय संयुक्त प्रणाली भी हो सकती है।
भारत में अब तक तेरह आम चुनाव हो चुके हैं। 1967 तक केंद्र व राज्यों में अधिकांशतः कांग्रेस सरकार ही कार्य करती है। उसके पश्चात् राज्यों में क्षेत्रीय दलों को तेजी से उदय हुआ जिसका प्रभाव केंद्र की कांग्रेस सरकार पर भी पड़ा। राज्यों में मिली-जुली सरकारें बननी आरंभ हो गई और केंद्र में भी संयुक्त मोर्चे की सरकार-कभी कांग्रेस के समर्थन पर और कभी गैर-कांग्रेसी दलों के समर्थन पर। 1998 में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक मोर्चे की सरंकार का गठन हुआ। बाद में 2003 में कांग्रेस के नेतृत्व में यू.पी.ए. की सरकार बनी। राज्यों में समय-समय पर क्षेत्रीय दलों की सरकारें बनती रही हैं।
राजनीतिक दलों की सहायता हेतु तथा अपने-अपने विशेष हितों की पूर्ति के लिए हित समूहों पर दबाव समूहों की भूमिकाएँ लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में नकारी नहीं जा सकतीं। भारत में भी दबाव समूह व हित समूह सक्रिय रहे हैं।