Haryana State Board HBSE 9th Class Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Ex 9.4 Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 9th Class Maths Solutions Chapter 9 समान्तर चतुर्भुज और त्रिभुजों के क्षेत्रफल Exercise 9.4
प्रश्न 1.
समांतर. चतुर्भुज ABCD और आयत ABEF एक ही आधार पर स्थित हैं और उनके क्षेत्रफल बराबर हैं। दर्शाइए कि समांतर चतुर्भुज का परिमाप आयत के परिमाप से अधिक है।
हल :
दिया है : एक समांतर चतुर्भुज ABCD और एक आयत ABEF एक ही आधार AB पर स्थित हैं और उनके क्षेत्रफल भी समान हैं।
सिद्ध करना है : समांतर चतुर्भुज ABCD का परिमाप > आयत ABEF का परिमाप।
प्रमाण : क्योंकि समांतर चतुर्भुज और आयत की सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं।
∴ AB = DC [∵ ABCD एक समांतर चतुर्भुज है।]
और AB = EF [∵ ABEF एक आयत है।]
⇒ DC = EF ……(i)
या AB + DC = AB + EF ……(ii)
क्योंकि दी गई रेखा के किसी बिंदु से खींचे जा सकने वाले सभी खंड इस पर स्थित नहीं हैं, अतः लंब खंड सबसे छोटा है।
∴ BE < BC व AF < AD
या BC > BE व AD > AF
या BC + AD > BE + AF ……(iii)
समीकरण (ii) व (iii) को जोड़ने पर,
AB + DC + BC + AD > AB + EF + BE + AF
या AB + BC + CD + DA > AB + BE + EF + FA
अतः समांतर चतुर्भुज ABCD का परिमाप > आयत ABEF का परिमाप। [इति सिद्धम]
प्रश्न 2.
आकृति में, भुजा BC पर दो बिंदु D और E इस प्रकार स्थित हैं कि BD = DE = EC है। दर्शाइए कि ar (ABD) = ar (ADE) = ar (AEC) है।
क्या आप अब उस प्रश्न का उत्तर दे सकते हैं, जो आपने इस अध्याय की ‘भूमिका’ में छोड़ दिया था कि “क्या बुधिया का खेत वास्तव में बराबर क्षेत्रफलों वाले तीन भागों में विभाजित हो गया है”?
हल :
दिया है : ΔABC की भुजा BC पर दो बिंदु D व E इस प्रकार हैं कि BD = DE = EC
सिद्ध करना है : ar (ΔABD) = ar (ΔADE) = ar (ΔAEC)
रचना : A से AL ⊥ BC खींचो।
प्रमाण : आकृति अनुसार, AL, ΔABD, ΔADE व ΔAEC का शीर्षलंब है।
ar (ΔABD) = \(\frac{1}{2}\) × BD × AL …..(i)
ar (ΔADE) = \(\frac{1}{2}\) × DE × AL …(ii)
ar (ΔAEC) = \(\frac{1}{2}\) × EC × AL …(iii)
परंतु BD = DE = EC (दिया है)…(iv)
समीकरण (i), (ii), (iii) व (iv) की तुलना करने पर,
ar (ΔABD) = ar (ΔADE) = ar (ΔAEC)
हां सभी त्रिभुजों के शीर्षलंब समान हैं। बुधिया इस प्रश्न के उत्तर द्वारा अपने खेत तीन समान भागों में बांट सकती है।
प्रश्न 3.
आकृति में, ABCD, DCFE और ABFE समांतर चतुर्भुज हैं। दर्शाइए कि ar (ADE) = ar (BCF) है।
हल :
दिया है : आकृति में ABCD, DCFE व ABFE तीन समांतर चतुर्भुज हैं।
सिद्ध करना है : ar (ΔADE) = ar (ΔBCF)
प्रमाण : क्योंकि समांतर चतुर्भुजों की सम्मुख भुजाएं बराबर होती हैं।
∴ AD = BC [|| चतुर्भुज ABCD की भुजाएं]
DE = CF [|| चतुर्भुज DCFE की भुजाएं]
AE = BF [|| चतुर्भुज ABFE की भुजाएं]
अब ΔADE और ΔBCF में,
AD = BC [प्रमाणित]
DE = CF [प्रमाणित]
AE = BF [प्रमाणित]
∴ ΔADE ≅ ΔBCF [भुजा-भुजा-भुजा सर्वांगसमता]
अतः ar (ΔADE) = ar (ΔBCF) [इति सिद्धम]
प्रश्न 4.
आकृति में, ABCD एक समांतर चतुर्भुज है और BC को एक बिंदु Q तक इस प्रकार बढ़ाया गया है कि AD = CQ है। यदि AQ भुजा DC को P पर प्रतिच्छेद करती है, तो दर्शाइए कि ar (BPC) = ar (DPO) है।
हल :
दिया है : एक समांतर चतुर्भुज ABCD की भुजा BC को Q तक इस प्रकार बढ़ाया गया है कि AD = CQ, AQ भुजा DC को P पर प्रतिच्छेद करती है।
सिद्ध करना है : ar (ΔBPC) = ar (ΔDPQ)
रचना : A व C को मिलाओ।
प्रमाण : क्योंकि ΔADC और ΔADQ एक ही आधार AD और एक ही समांतर रेखाओं AD व CQ के मध्य स्थित है।
∴ ar (ΔADC) = ar (ΔADQ)
दोनों ओर से ΔADP का क्षेत्रफल घटाने पर,
ar (ΔADC) – ar (ΔADP) = ar (ΔADQ) – ar (ΔADP)
⇒ ar (ΔAPC) = ar (ΔDPQ) …(i)
इसी प्रकार ΔAPC और ΔPCB एक ही आधार PC तथा एक ही समांतर रेखाओं PC व AB के मध्य स्थित हैं।
∴ ar (ΔAPC) = ar (ΔPCB)
समीकरण (i) व (ii) की तुलना से,
ar (ΔPCB) = ar (ΔDPQ)
या ar (ΔBPC) = ar (ΔDPQ) [इति सिद्धम]
प्रश्न 5.
आकृति में, ABC और BDE दो समबाहु त्रिभुज इस प्रकार हैं कि D भुजा BC का मध्य-बिंदु है। यदि AE भुजा BC को F पर प्रतिच्छेद करती है, तो दर्शाइए कि
(i) ar (BDE) = \(\frac{1}{4}\)ar (ABC)
(ii) ar (BDE) = \(\frac{1}{2}\)ar (BAE)
(iii) ar (ABC) = 2 ar (BEC)
(iv) ar (BFE) = ar (AFD)
(v) ar (BFE) = 2 ar (FED)
(vi) ar (FED) = \(\frac{1}{8}\)ar (AFC)
हल :
दिया है : ΔABC और ΔBDE दो समबाहु त्रिभुज इस प्रकार हैं कि D भुजा BC का मध्य-बिंदु है। AE भुजा BC को F पर प्रतिच्छेद करती है।
सिद्ध करना है : (i) ar (ΔBDE) = \(\frac{1}{4}\)ar (ΔABC)
(ii) ar (ΔBDE) = \(\frac{1}{2}\)ar (ΔBAE)
(iii) ar (ΔABC) = 2 ar (ΔBEC)
(iv) ar (ΔBEF) = ar (ΔAFD)
(v) ar (ΔBFE) = 2 ar (ΔFED)
(vi) ar (ΔFED) = \(\frac{1}{8}\)ar (ΔAFC)
रचना : EC व AD को मिलाओं तथा EL ⊥ BC खींचो।
प्रमाण : माना समबाहु ΔABC की प्रत्येक भुजा = a मात्रक
(i) ar (ΔABC) = \(\frac{\sqrt{3}}{4}\)a2 …(1) [∵ समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = \(\frac{\sqrt{3}}{4}\)(भुजा)2]
ar (ΔBDE) = \(\frac{\sqrt{3}}{4}\left(\frac{a}{2}\right)^2\)
= \(\frac{\sqrt{3}}{4}\left(\frac{a^2}{4}\right)=\frac{\sqrt{3} a^2}{16}\)
= \(\frac{1}{4} \times \frac{\sqrt{3}}{4} a^2\)
= \(\frac{1}{4}\)ar (ΔABC) [समीकरण (1) से]
अतः ar (ΔBDE) = \(\frac{1}{4}\)ar (ΔABC) [इति सिद्धम]
(ii) ar (ΔBDE) = \(\frac{1}{2}\)ar (ΔBEC) …..(2)
[∵ ED, ΔBEC की माध्यिका है तथा माध्यिका A के दो समान भाग करती है।]
अब ∠EBC = ∠ACB [प्रत्येक = 60%]
परंतु यह एकांतर कोण हैं।
∴ BE || AC
ΔBEC तथा ΔBEA एक ही आधार BE तथा एक ही समांतर रेखाओं BE व AC के मध्य स्थित हैं।
∴ ar (ΔBEC) = ar (ΔBEA) …..(3)
\(\frac{1}{2}\)ar (ΔBEC) = \(\frac{1}{2}\)ar (ΔBEA) …..(3)
समीकरण (2) व (3) की तुलना से,
ar (ΔBDE) = \(\frac{1}{2}\)ar (ΔBAE) [इति सिद्धम]
(iii) ar (ΔBDE) = \(\frac{1}{4}\)ar (ΔABC) ….(4) [प्रमाणित]
ar (ΔBDE) = \(\frac{1}{2}\)ar (ΔBEC) ….(5) [प्रमाणित]
समीकरण (4) तथा (5) की तुलना से,
\(\frac{1}{4}\)ar (ΔABC) = \(\frac{1}{2}\)ar (ΔBEC)
ar (ΔABC) = 2 ar (ΔBEC) [इति सिद्धम]
(iv) ∠ABD = ∠BDE [प्रत्येक = 60%]
परन्तु यह एकांतर कोण हैं।
∴ AB || DE
अब ΔBED व ΔAED एक ही आधार ED तथा एक ही समांतर रेखाओं ED और AB के मध्य स्थित हैं।
∴ ar (ΔBED) = ar (ΔAED)
दोनों ओर से ΔEDF का क्षेत्रफल घटाने पर,
ar (ΔBED) – ar (ΔEDF) = ar (ΔAED) – ar (ΔEDF)
∴ ar (ΔBFE) = ar (ΔAFD) …..(6) [इति सिद्धम]
(v) ΔABD में,
AD2 = AB2 – BD2
= (a2) – (\(\frac{a}{2}\))2
= \(a^2-\frac{a^2}{4}=\frac{3 a^2}{4}\)
AD = \(\frac{\sqrt{3} a}{2}\)
ΔLED में,
EL2 = DE2 – DL2
समीकरण (7) व (8) से,
ar (ΔAFD) = 2 ar (ΔEFD)
समीकरण (6) व (9) से,
ar (ΔBEF) = 2 ar (ΔEFD)
(vi) अब ar (ΔBDE) = \(\frac{1}{4}\)ar (ΔABC) [प्रमाणित]
ar (ΔBEF) + ar (ΔFED) = \(\frac{1}{4}\) × 2 ar (ΔADC)
2 ar (ΔFED) + ar (ΔFED) = \(\frac{1}{2}\)ar (ΔADC) {∵ ar (ΔBEF) = 2ar (ΔFED) प्रमाणित}
3 ar (ΔFED) = \(\frac{1}{2}\)[ar (ΔAFC) – ar (ΔAFD)]
3 ar (ΔFED) = \(\frac{1}{2}\)ar (ΔAFC) – \(\frac{1}{2}\) × 2ar (ΔFED)
{∵ ar (ΔAFD) = 2 ar (ΔFED) प्रमाणित}
4 ar (ΔFED) = \(\frac{1}{2}\)ar (ΔAFC)
ar (ΔFED) = \(\frac{1}{8}\)ar (ΔAFC) [इति सिद्धम]
प्रश्न 6.
चतुर्भुज ABCD के विकर्ण AC और BD परस्पर बिंदु P पर प्रतिच्छेद D करते हैं। दर्शाइए कि ar (APB) × ar (CPD) = ar (APD) × ar (BPC) है।
हल :
दिया है : चतुर्भुज ABCD के विकर्ण AC और BD परस्पर बिंदु P पर प्रतिच्छेद करते हैं।
सिद्ध करना है : ar (ΔAPB) × ar (ΔCPD) = ar (ΔAPD) × ar (ΔBPC)
रचना : AM ⊥ BD व CN ⊥ BD खींचिए।
प्रमाण: ar (ΔAPB) = \(\frac{1}{2}\) × PB × AM …(i)
ar (ΔCPD) = \(\frac{1}{2}\) × DP × CN …(ii)
ar (ΔAPD) = \(\frac{1}{2}\) × DP × AM….(iii)
ar (ΔBPC) = \(\frac{1}{2}\) × PB × CN …(iv)
समीकरण (i) व (ii) से,
ar (ΔAPB) × ar (ΔCPD) = \(\frac{1}{2}\) × PB × AM × \(\frac{1}{2}\) × DP × CN …(v)
समीकरण (iii) व (iv) से,
ar (ΔAPD) × ar (ΔBPC) = \(\frac{1}{2}\) × DP × AM × \(\frac{1}{2}\) × PB × CN …(vi)
समीकरण (v) व (vi) से,
ar (ΔAPB) × ar (ΔCPD) = ar (ΔAPD) × ar (ΔBPC) [इति सिद्धम]
प्रश्न 7.
Pऔर Q क्रमशः त्रिभुज ABC की भुजाओं AB और BC के मध्य-बिंदु हैं तथा R रेखाखंड AP का मध्य-बिंदु है। दर्शाइए कि:
(i) ar (PRQ) = \(\frac{1}{2}\)ar (ARC)
(ii) ar (RQC) = \(\frac{3}{8}\)ar (ABC)
(iii) ar (PBQ)= ar (ARC)
हल :
दिया है : ΔABC की भुजाओं AB और BC के मध्य-बिंदु क्रमशः P व Q है। R रेखाखंड AP का मध्य-बिंदु है।
सिद्ध करना है :
(i) ar (ΔPRQ) = \(\frac{1}{2}\)ar (ΔARC)
(ii) ar (ΔRQC) = \(\frac{3}{8}\)ar (ΔABC)
(iii) ar (ΔPBQ) = ar (ΔARC)
रचना : AQ तथा PC को मिलाओ।
प्रमाण : (i) ∵ ar (ΔPQR) = \(\frac{1}{2}\)ar (ΔAPQ) [∵ QR त्रिभुज APQ की माध्यिका है जो त्रिभुज को दो समान क्षेत्रफलों वाले त्रिभुजों में बांटती है]
= \(\frac{1}{2} \times \frac{1}{2}\)ar (ΔABQ) [∵ QP त्रिभुज ABQ की माध्यिका है]
= \(\frac{1}{4}\)ar (ΔABQ)
= \(\frac{1}{4} \times \frac{1}{2}\)ar (ΔABC) [∵ AQ त्रिभुज ABC की माध्यिका है।]
= \(\frac{1}{8}\)ar (ΔABC) …..(i)
अब ar (ΔARC) = \(\frac{1}{2}\)ar (ΔAPC) [∵ CR त्रिभुज APC की माध्यिका है।]
= \(\frac{1}{2} \times \frac{1}{2}\)ar (ΔABC) [∵ CP त्रिभुज ABC की माध्यिका है।]
= \(\frac{1}{4}\)ar (ΔABC) ……(ii)
समीकरण (i) व (ii) की तुलना से,
ar (ΔPQR) = \(\frac{1}{8}\)ar (ΔABC)
= \(\frac{1}{2} \times \frac{1}{4}\)ar (ΔABC)
= \(\frac{1}{2}\)ar (ΔARC) [इति सिद्धम]
(ii) ar (ΔRQC) = ar (ΔRQA) + ar (ΔAQC) – ar (ΔARC) ….(iii)
अब ar (ΔRQA) = \(\frac{1}{2}\)ar (ΔPQA) [∵ RQ, ΔPQA की माध्यिका है।]
= \(\frac{1}{2} \times \frac{1}{2}\)ar (AQB) [∵ PQ, ΔAQB की माध्यिका है।]
= \(\frac{1}{4}\)ar (AQB)
= \(\frac{1}{4} \times \frac{1}{2}\)ar(ABC) [∵ AQ, ΔABC की माध्यिका है।]
= \(\frac{1}{8}\)ar (ΔABC) …..(iv)
अतः ar (ΔAQC) = \(\frac{1}{2}\)ar (ΔABC) …..(v)
[∵ AQ, ΔABC की माध्यिका है।]
या ar (ΔARC) = \(\frac{1}{2}\)ar(ΔAPC) [∵ CR, ΔAPC की माध्यिका है।]
= \(\frac{1}{2} \times \frac{1}{2}\)ar (ΔABC) [∵ CP, ΔABC की माध्यिका है।
= \(\frac{1}{4}\)ar (ΔABC) …..(vi)
समीकरण (iii), (iv), (v) व (vi) की तुलना से,
ar (ΔRQC) = \(\frac{1}{8}\)ar (ΔABC) + \(\frac{1}{2}\)ar(ΔABC) – \(\frac{1}{4}\)ar(ΔABC)
= \(\frac{3}{8}\)ar (ΔABC) [इति सिद्धम]
(iii) ∵ ar (ΔPBQ) = \(\frac{1}{2}\)ar (ΔABQ) [∵ PQ, ΔABQ की माध्यिका है।]
= \(\frac{1}{2} \times \frac{1}{2}\)ar (ΔABC) [∵ AQ, ΔABC की माध्यिका है।]
= \(\frac{1}{4}\)ar (ΔABC)
= ar (ΔARC) [समीकरण (iv) से]
[इति सिद्धम]
प्रश्न 8.
आकृति में, ABC एक समकोण त्रिभुज है जिसका कोण A समकोण है। BCED, ACFG और ABMN क्रमशः भुजाओं BC, CA और AB पर बने वर्ग हैं। रेखाखंड AX ⊥ DE भुजा BC को बिंदु Y पर मिलता है। दर्शाइए किः
(i) ΔMBC ≅ ΔABD
(ii) ar (BYXD) = 2 ar (MBC)
(iii) ar (BYXD) = ar (ABMN)
(iv) ΔFCB ≅ ΔACE
(v) ar (CYXE) = 2 ar (FCB)
(vi) ar (CYXE) = ar (ACFG)
(vii) ar (BCED) = ar (ABMN) + ar (ACFG)
हल :
दिया है : समकोण ΔABC में ∠A समकोण है। BCED, ACFG व ABMN क्रमशः भुजाओं BC, CA व AB बने तीन वर्ग हैं। रेखाखंड AX ⊥ DE भुजा BC को बिंदु Y पर मिलता है।
सिद्ध करना है :
(i) ΔMBC ≅ ΔABD
(ii) ar (BYXD) = 2 ar (MBC)
(iii) ar (BYXD) = ar (ABMN)
(iv) ΔFCB ≅ ΔACE
(v) ar (CYXE) = 2 ar (FCB)
(vi) ar (CYXE) = ar (ACFG)
(vii) ar (BCED) = ar (ABMN) + ar (ACFG)
प्रमाण : (i) ∠BAC + ∠CAG = 180° (प्रत्येक = 90°)
∴ BAG एक सरल रेखा है।
इसी प्रकार CAN एक सरल रेखा है।
∠MBA = ∠CBD (प्रत्येक = 90°)
दोनों ओर ∠ABC जोड़ने पर,
∠MBA + ∠ABC = ∠CBD + ∠ABC
⇒ ∠MBC = ∠ABD
ΔMBC तथा ΔABD में,
BC = BD [वर्ग BCDE की भुजाएं]
MB = AB [वर्ग ABMN की भुजाएं]
∠MBC = ∠ABD [प्रमाणित]
∴ ΔMBC ≅ ΔABD [भुजा-कोण-भुजा सर्वांगसमता]
[इति सिद्धम]
(ii) ΔABD तथा आयत BYXD एक ही आधार BD तथा एक ही समांतर रेखाओं BD एवं AX के मध्य स्थित हैं।
∴ ar (आयत BYXD) = 2 ar (ΔABD)
∴ ar (आयत BYXD) = 2 ar (ΔMBC) …..(i)
[∵ ΔABD = ΔMBC प्रमाणित] [इति सिद्धम]
(iii) ΔMBC तथा वर्ग ABMN एक ही आधार MB तथा एक ही समांतर रेखाओं MB तथा NC के मध्य स्थित हैं।
∴ ar (वर्ग ABMN) = 2 (ar AMBC) …..(ii)
समीकरण (i) व (ii) से,
ar (आयत BYXD) = ar (वर्ग ABMN) [इति सिद्धम]
(iv) ΔFCB तथा ΔACE में,
CB = CE [वर्ग BCED की भुजाएं]
FC = AC [वर्ग ACFG की भुजाएं]
∠FCB = ∠ACE [प्रत्येक = ∠ACB+ 90°]
∴ ΔFCB ≅ ΔACE [भुजा-कोण-भुजा सर्वांगसमता] [इति सिद्धम]
(v) ΔACE तथा आयत CYXE एक ही आधार CE तथा एक ही समांतर रेखाओं के मध्य स्थित हैं।
∴ ar (आयत CYXE) = 2 ar (ΔACE)
∴ ar (आयत CYXE) = 2 ar (ΔFCB) ….(iii) [इति सिद्धम]
[∵ ΔACE ≅ ΔFCB प्रमाणित] [इति सिद्धम]
(vi) ΔFCB तथा वर्ग ΔCFG एक ही आधार CF तथा एक ही समांतर रेखाओं के मध्य स्थित हैं।
∴ ar (वर्ग ΔCFG) = 2 ar (ΔFCB) ….(iv)
समीकरण (iii) व (iv) की तुलना से,
ar (आयत CYXE) = ar (वर्ग ACFG)
(vii) ar (वर्ग BCED) = ar (आयत BYXD) + ar (आयत CYXE)
⇒ ar (वर्ग BCED) = ar (वर्ग ABMN) + ar (वर्ग ACFG)
{∵ ar (आयत BYXD) = ar (वर्ग ABMN) तथा ar (आयत CYXE) = ar (वर्ग ACFG)}
[इति सिद्धम]