Haryana State Board HBSE 6th Class Social Science Solutions History Chapter 11 नए साम्राज्य और राज्य Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 6th Class Social Science Solutions History Chapter 11 नए साम्राज्य और राज्य
HBSE 6th Class History नए साम्राज्य और राज्य Textbook Questions and Answers
कल्पना करो:
प्रश्न हर्षवर्धन की सेना अगले हफ्ते तुम्हारे गाँव आने वाली है। तुम्हारे माता-पिता इसके लिए तैयारी कर रहे हैं। वर्णन करो कि वे क्या-क्या बोल रहे हैं और क्या कर रहे हैं?
उत्तर:
उर (सभा) के मुखिया ने कल बताया है कि हर्षवर्धन की रसद, खानसामों, अस्त्र-शस्त्रों, संगीतज्ञों (ढोल वादकों), तुरही वादकों आदि से सज्जित विशाल सेना हमारे गाँव में अगले सप्ताह आने वाली है। मैंने स्कूल से घर पहुंचने के बाद अपनी बस्ती और घर में माता-पिता सभी को जब यह सूचना दी तो लोग बताए गए रास्तों के आस-पास निर्मित गौशाला, घर आदि को अचानक खाली करने लगे। पालतू पशुओं को मार्ग से 1000 मी. की दूरी पर पहुँचाने लगे। हमारे कोल्हू में गुड़ बनाया जाने लगा। पूरे गाँव के लोगों में हडकंप या भय समा गया। लोग कानाफसी कर रहे थे कि पिछले वर्ष सेना के इस गाँव से कूच करने पर उन्हें पशुओं, खेतों, फसलों, अनाज, गुड आदि की क्षति और खर्चा दोनों झेलने पड़े थे। कुछ लोग सेना की ज्यादतियों के शिकार भी हुए थे-ऐसा मैंने सुना। गाँव की दिनचर्या सामान्य से विशेष और उत्तेजित सीमा तक दिखाई देने लगी।
माताजी इस तैयारी और चिन्ता में हम भाई-बहनों को भोजन कराना भी भूल जाती थीं और ध्यान आने पर कहती थीं कि-‘बच्चो! मुझे माफ करना, तुम लोग भूखे मत रहना, कच्चे चावल उबाल कर उनमें दूध और गुड़ मिलाना, सरल काम है। अत: खा लेना। एक सप्ताह बाद फिर मैं ऐसा कभी नहीं होने दूंगी।” पिताजी भी संगठन के सदस्यों के साथ उसमें भाग लेने रोज चले जाते थे। आकर कहते थे कि “प्रत्येक घर से 40 गुड़ की भेलियाँ, छ: किलो घी, बीस फूल माला और 10 हाँडी दही तथा चालीस मन घास की व्यवस्था करनी होगी और इन सभी चीजों को तीन दिन पहले ही सराय में उरू-अध्यक्ष को सौंपना होगा।” पिताजी हम भाई-बहनों के दूध में भी कटौती करने को कहने लगे। हर्षवर्धन के सैनिकों का आगमन गाँव की विपत्ति जैसा था और बच्चों को भूखा भी रहना पड़ता था।
आओ याद करें:
नए साम्राज्य और राज्य HBSE 6th Class Social Science प्रश्न 1.
सही या गलत बताओ:
(क) हरिषेण ने गौमती पुत्र श्री सातकर्णी की प्रशंसा में प्रशस्ति लिखी।
(ख) आर्यावर्त के शासक समुद्रगुप्त के लिए भेंट लाते थे।
(ग) दक्षिणापथ में बारह शासक थे।
(घ) गुप्त शासकों के नियंत्रण में दो महत्वपूर्ण केन्द्र तक्षशिला और मदुरै थे।
(ङ) ऐहोल पल्लवों की राजधानी थी।
(च) दक्षिण भारत में स्थानीय सभाएँ सदियों तक काम करती रहीं।
उत्तर:
(अ) असत्य
(ब) असत्य
(स) सत्य
(द) असत्य
(य) असत्य
(र) सत्य।
HBSE 6th Class Social Science नए साम्राज्य और राज्य प्रश्न 2.
ऐसे तीन लेखकों के नाम बताओ, जिन्होंने हर्षवर्धन के बारे में लिखा।
उत्तर:
1. स्वेनसांग
2. बाणभट्ट
3. रविकीर्ति।
प्रश्न 3.
इस काल में सैन्य संगठन में क्या बदलाव हुए?
उत्तर:
1. इस काल की सेना चतुरांगिनी अर्थात् पैदल, घुडसवार, गजाररूढ़ और रथारूढ़ थी।
2. जागीरदारों द्वारा अपना खर्च पर तैयार किया गया सैन्य संगठन था।
3. विविध राज्यों के सैनिक अलग-अलग वाहिनीयों में संगठित थे।
प्रश्न 4.
इस काल की प्रशासनिक व्यवस्था में तुम्हें क्या-क्या नई चीजें दिखती है?
उत्तर:
1. कुछ महत्त्वपूर्ण पदों को आनुवांशिक कर दिया गया अर्थात् पिता के पश्चात् पुत्र को स्वतः ही पिता का घर मिल जाता था। उदाहरणार्थ-पिता का महादण्डनायक पद उसके पुत्र हरिषेण को दिया गया।
2. किसी व्यक्ति को एक से अधिक विभागों का कार्यभार सौंपा गया। उदाहरणार्थ: समद्रगुप्त ने हरिषेण को महादण्डनायक, कुमार आमात्य और संधि विग्रह अमात्य जैसे तीन मंत्रालय एवं पदों का कार्य एक साथ सौपा था।
3. स्थानीय प्रशासन के लिए नगरश्रेष्ठि (नगर का मुख्य बैंकर या वाणिक), सार्थवाह (व्यापारियों के काफिले का मुखिया), प्रथम कुलिक (बढ़ई संघ का मुखिया) और कायस्थों (लेखकों) का मुखिया जिम्मेदार बनाया गया था।
4. अस्पृश्यता का विशेष बल मिला। उदाहरणार्थ-अस्पृश्य को आदेश था कि जब वह बाजार या सार्वजनिक क्षेत्र में प्रवेश करें तो दो डंडों को आपस में टकराता हुआ चले ताकि समाज के अन्य लोग उसके स्पर्श से बच सकें।
5. सेना के विशेषाधिकार दिए गए, सैनिकों को जनता से उपहार प्राप्त करने के स्वतंत्र अधिकार दिए गए। उनके कूच करते समय होने वाली क्षति की शिकायत नहीं की जा सकती थी और न मुआवजा ही दिया जाता था।
आओ चर्चा करें:
प्रश्न 5.
तुम्हें क्या लगता है कि समुद्रगुप्त की भूमिका अदा करने के लिए अरविन्द को क्या-क्या करना पड़ेगा?
उत्तर:
चूँकि समुद्रगुप्त महान योद्धा, पराक्रमी और युद्ध-प्रिय शासक था। अत: उसका अभिनय करने के लिए प्रसिद्ध है। शरीर में स्थान-स्थान पर परशु, भाले, तीर, गदा, तलवार, बरछा आदि के घाव दिखाने होंगे। जैसा कि हरिषेण ने प्रशस्ति में लिखा है। उसने एक संगीत-वादक के वस्त्र पहनकर और वीणा हाथ में लेकर भी बैठना होगा तथा सर-संगति करनी होगी क्योंकि समुद्रगुप्त एक कशल वीणवादक भी था। तात्पर्य यह है कि अरविन्द ने यद्ध के लिए तत्पर राजा और एक अति दयावान तथा संगीतप्रेमी राजा दोनों का एक साथ अभिनय करना होगा।
प्रश्न 6.
क्या प्रशस्तियों को पढ़कर आम लोग समझ लेते होंगे? अपने उत्तर के कारण बताओ।
उत्तर:
इन प्रशस्तियों को संस्कृत भाषा में लिख गया था। हरिषेण, बाणभट्ट और रविकीर्ति सभी संस्कृत के विद्वान थे। संस्कृत आम-जनता की भाषा नहीं थी। फिर इस काल में जाति एवं वर्ण व्यवस्थाएँ बहुत कठोर हो गई थी। जैसा कि हवेनसांग ने लिखा है-“एक अस्पृश्य जाति के लोगों को गाँव की सीमान्त भूमियों में रखा जाता था और शहर तथा बाजार आदि सार्वजनिक स्थानों में प्रवेश करने पर वे लकड़ी के दो टुकड़ों को परस्पर बजाते हुए चलते थे। ताकि सवर्ण (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य) उसके स्पर्श से दूर रह सकें। संस्कृत भाषा को पढ़ने का अधिकार भी केवल सवर्णों को दिया गया था। महिलाएँ, दास, सेवक और शूद्र इस अधिकार से वंचित थे। ऐसी दशाओं में यह कहना कठिन है कि आम-आदमी इन प्रशस्तियों को पढ़ और समझ पाता होगा।
आओ करके देखें:
प्रश्न 7.
अगर तुम्हें अपनी वंशावली बनानी हो, तो तुम उसमें किन लोगों को शामिल करोगे? कितनी भावी पीढ़ियों को तुम इसमें शामिल करना चाहोगे? एक चार्ट बनाओ और उसे भरो।
उत्तर:
यह प्रश्न नितान्त छात्र के व्यष्टि वंश का है। अतः इसको केवल वही हल कर सकते हैं। वंशक्रम में पीढ़ियाँ आती हैं। एक वंश में प्रपितामह (परदादा), प्रपितामही (परदादी), उनके भाई-बहन, भाई-बहनों के परिवार, पितामह, पितामही, उनके भाई-बहन, भाई-बहनों के परिवार, पिता, माता, अपने भाई-बहनों एवं चचेरे भाई-बहनों आदि के नाम लिखे जाते हैं।
प्रपितामह एवं प्रपितामही (एक वंश)
बच्चे एवं उनके भाई-बहन
↓
पितामह एवं पितामही एवं उनके भाई-बहन
बच्चे
↓
पिता-माता, चाचा-चाची
↓
सन्तानें (आप एवं आपके भैया-बहिन, चाचाओं के पुत्रऔर पुत्रियाँ)
वंश-क्रम को वंश-वृक्ष के रूप में भी दिखाया जाता है। इसमें जड़ में मूल पुरुष और क्रमशः तना और शाखाएँ अनुवर्ती पीढ़ियाँ रहती हैं।
प्रश्न 8.
आज युद्ध का असर जनसाधारण पर किस तरह पड़ता है?
उत्तर:
1. सामान्य जन-सुविधाएँ यथा-बिजली, पानी, खाद्यान्न आदि की आपूर्ति गड़बड़ हो जाती है। बाजार में चीजों के मूल्य ऊँचे हो जाते हैं और सभी तरह के मौसमी रोजगारों पर नियंत्रण लग सकता है।
2. प्रत्येक नागरिक के मन में युद्ध से उत्पन्न होने वाले खतरों को आशंका छा जाती है। इस दशाओं में घरेलू, कारखानों एवं कार्यालय में कहीं भी सुचारु कार्य नहीं हो जाता है।
3. आम नागरिकों (श्रमिकों, दिहाड़ी पर कार्य करने वालों) का आजीविका साधन समाप्त हो जाता है क्योंकि पर्यटन, परिवहन और लोगों के आवगमन पर रोक लगा दी जाती है।
4. सीमा क्षेत्र के लोगों को सेना के कुँच करने, डेरा डालने, शिविर लगाने आदि के कारण कई तरह की राजनीतिक और मानव अधिकार से संबंधित समस्याएँ झेलनी पड़ती है। बम, गोलों, प्रक्षेपास्त्रों आदि से कई गाँव पूरी तरह बर्बाद हो जाते हैं।
HBSE 6th Class History नए साम्राज्य और राज्य Important Questions and Answers
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
प्रशस्तियाँ क्या हैं? इनकी भाषा क्या है?
उत्तर:
राजाओं के युद्ध कौशल और प्रशासन की प्रशंसा में उत्कीर्ण शिलालेख, इनकी भाषा संस्कृत हैं।
प्रश्न 2.
समुद्रगुप्त कौन था?
उत्तर:
गुप्तवंश के संस्थापक चन्द्रगुप्त (प्रथम) का पुत्र और महान विजेता।
प्रश्न 3.
समुद्रगुप्त के शरीर में विभिन्न अस्व-अस्त्रों के घाव बताकर हरिषेण क्या सिद्ध करना चाहता है?
उत्तर:
हरिषेण समुद्रगुप्त को महान योद्धा, विजेता और शक्तिशाली शासक सिद्ध करना चाहते हैं।
प्रश्न 4.
युद्ध में समुद्रगुप्त की सेना कौन-कौन से अस्त्र-शस्त्रों से लड़ती थी?
उत्तर:
सेना के अस्त्र-शस्त्र थे-परशु, गदा, भाले, कृपाण, बरछा, तलवार, पाश, कंटीले बाण आदि।
प्रश्न 5.
आर्यावर्त में कितने राज्य थे? उन साधनों के नाम लिखिए।
उत्तर:
नौ राज्य: बुंदेलखण्ड, मालवा, राजपूताना, दोआब (गंगा-यमुना का मैदान), रुहेलखंड और बंगाल। यहाँ नागवंश का शासन था।
प्रश्न 6.
दक्षिणापथ में कितने राज्य थे?
उत्तर:
बारह राजा।
प्रश्न 7.
समुद्रगुप्त ने कौन-कौन से गण-संघों को पराजित किया?
उत्तर:
वैशाली, सुश्रीनगर, श्रावस्ती, अयोध्या, कन्नौज आदि नाम राज्यों को।
प्रश्न 8.
समुद्रगुप्त ने किन लोगों के साथ मैत्री-संबंध बनाया?
उत्तर:
कुषाण एवं शक राजवंशों के और श्रीलंका के शासक के साथा श्रीलंका के शासक ने उसके साथ अपनी पुत्री का विवाह किया था।
प्रश्न 9.
गुप्त शासकों के महत्त्वपूर्ण नगर कौन से थे?
उत्तर:
प्रयाग (इलाहाबाद), उज्जैन और पाटलिपुत्र (पटना)।
प्रश्न 10.
समुद्रगुप्त ने आर्यावर्त और दक्षिणापथ के राजाओं से कैसा व्यवहार किया? .
उत्तर:
आर्यावर्त के शासकों की हत्या करने उनका राज्य गुप्त साम्राज्य में मिला लिया। दक्षिणापथ के राजाओं ने उसके आगे समर्पण कर दिया था। अत: गुप्त साम्राज्य की अधीनता में उन्हें पूर्ववत शासन करने की अनुमति दी गई।
प्रश्न 11.
आर्यावर्त्त और दक्षिणापथ के राजाओं के साथ भिन्न व्यवहार क्यों किया गया होगा?
उत्तर:
आर्यावर्त के राजाओं ने समुद्रगुप्त के साथ युद्ध किया जबकि दक्षिणापथ के राजाओं ने आत्मसमर्पण और संधि कर ली थी।
(i) आर्यावर्त के राज्य समुद्रगुप्त की राजधानी पाटलिपुत्र के निकट थे अत: वहाँ पर प्रत्यक्ष शासन किया जा सकता था जबकि दक्षिणापथ के राज्य बहुत दूर थे। अतः वहाँ करद/अधीनस्थ राज्याओं के माध्यम से ही प्रशासन कार्य किया जा सकता था।
उक्त कारणों से ही समुद्रगुप्त ने आर्यावर्त्त के राजाओं को अपने साम्राज्य में मिला लिया था परंतु दक्षिणापथ के राजाओं को अपना करद/अधीनस्थ बना लिया था।
प्रश्न 12.
समुद्रगुप्त के परदादा, दादा, पिता और माता कौन थीं?
उत्तर:
ये क्रमशः श्रीगुप्त घटोत्कच गुप्त, चन्द्रगुप्त (प्रथम) और कुमारदेवी थे। उसकी माता कुमारदेवी लिच्छवी गण की थी और पिता प्रथम महाराजाधिराज थे। उसके दादा और दादी केवल महाराज ही रहे थे।
प्रश्न 13.
चन्द्रगुप्त (द्वितीय) को शकारि विक्रमादित्य क्यों कहा जाता था?
उत्तर:
उसने शकों का समूल विनाश कर दिया था और विक्रम संवत् चलाया था।
प्रश्न 14.
चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के राज-दरबार में कौन-कौन विद्वान रहते थे?
उत्तर:
कालिदास और आर्यभट्ट। कालिदास महान नाटककार और आर्यभट्ट खगोलशास्त्री था। वराहमिहिर भी उसी के दरबारी विद्वान थे।
प्रश्न 15.
गुप्तकाल के साहित्यकारों के नाम लिखिए।
उत्तर:
कालिदास, विशाखादत्त, मास, शूद्रक, भट्टी, दंडी, मर्तृहरि, हरिषेण और अमरसिंह आदि।
प्रश्न 16.
गुप्तकाल. के दार्शनिक कौन-कौन थे?
उत्तर:
ईश्वर, कृष्ण, वात्स्यायन, असंग, सुबंधु-धर्मपाल, शंकरस्वामी, चन्द्रकीर्ति आदि।
प्रश्न 17.
कालिदास ने कौन-कौन से ग्रंथ लिखे?
उत्तर:
(क) नाटक: अभिज्ञानशांकुतलम, मालविकानिमिगम, विक्रमोर्दशी।
(ख) महाकाव्य: रघुवंश और कुमारसंभव।
(ग) गीतिकाव्य: मेघदूत और ऋतुसंहार।
प्रश्न 17.
वाणभट्ट कौन था? उसने कौन-कौन से ग्रंथ लिखे?
उत्तर:
हर्षवर्धन का दरबारी कवि था। कादंबरी, हर्षचरित और अष्टांगदृश्य आदि ग्रंथ लिखे।
प्रश्न 18.
हर्ष अपने पिता और ज्येष्ठ भ्राता की मृत्यु के पश्चात् गद्दी पर क्यों बैठा होगा?
उत्तर:
उस काल में राजतंत्र था। राजा का पद अनुवांशिक होने के कारण उस पर पहला अधिकार ज्येष्ठ पुत्र का होता था।
प्रश्न 19.
हर्ष ने कौन-कौन से राज्य जीते?
उत्तर:
पंजाब, कन्नौज (कानपुर), बंगाल, बिहार, उड़ीसा, बल्लभी (गुजरात), कामरूप (असम), सिंध, नेपाल और कश्मीर राज्य जीते थे।
प्रश्न 20.
चालुक्य और पल्लव राजा आपस में लड़ते क्यों रहते थे?
उत्तर:
ये दोनों राज्य तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र-प्रदेश के बीच में होने से इनकी सीमाएँ सुनिश्चित करनी कठिन थी। कोई प्राकृतिक भू-आकृति ऐसी नहीं थी जो इन्हें अलग-अलग पहचान देती हो। राज्य विस्तार के लिए इनमें युद्ध होना स्वाभाविक था।
प्रश्न 21.
चालुक्य और पल्लव राजाओं के बाद दक्षिण भारत में कौन से राजवंश उदय हुए?
उत्तर:
राष्ट्रकूट और चोल वंश।
प्रश्न 22.
सामन्त कौन थे?
उत्तर:
राजा की ओर से विशाल जागीर उपहार में प्राप्त करने वाले सेनापति। इन्हें जागीर से कर/लगान वसूल करने एक बड़ी सेना का प्रबंध स्वयं करना पड़ता था।
प्रश्न 23.
गुप्तकाल को प्राचीन भारत का स्वर्ण युग क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
राजनैतिक एकीकरण, केन्द्र सरकार की स्थापना, राज्य व्यवस्था में सुधार, साहित्य, विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति के आधार पर ही इस काल को स्वर्ण युग कहा जाता है।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
गुप्त काल में धर्म तथा आचार-विचार में कौन से परिवर्तन हुए?
उत्तर:
गुप्तकाल में हिन्दू-धर्म बहुत शक्तिशाली बन गया था। इस युग में शिव और विष्णु की उपासना की जाती थी। धार्मिक कर्मकाण्ड और ब्राह्मणों को सर्वोच्च स्थान प्राप्त था। रामायण, महाभारत और पुराण इसी काल में लिखे गए। मूर्ति-पूता को विशेष समर्थन मिला अतः देवालयों और देवमूर्तियों की स्थान-स्थान पर स्थापना की गई।
प्रश्न 2.
गुप्तकाल की विज्ञान, गणित और चिकित्सा के क्षेत्र की उपलब्धियाँ लिखिए।
उत्तर:
गुप्तकाल में गणित, विज्ञान तथा औषधियों (चिकित्सा) के क्षेत्र में अभूतपूर्व उन्नति हुई। भारतीय गणितज्ञों ने “दशमलव पद्धति” का श्रीगणेश किया। उन्हें शून्य का ज्ञान भी था। यहाँ की संख्या पद्धति अन्य देशों की पद्धति से भिन्न थी। आर्यभट्ट और बराहमिहिर जैसे गणितज्ञ और खगोलशास्त्री नई-नई खोजों में लगे थे। आर्यभट्ट ने यह बताया कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है। आयुर्वेद की पुस्तकें यथा-शरीरशास्त्र, चरकसंहिता आदि लिखी गई।
प्रश्न 3.
गुप्तकाल में कला के क्षेत्र में क्या उपलब्धियाँ रहीं?
उत्तर:
1. अनेक हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियाँ और गौतम बुद्ध की मूर्तियाँ बनाई गई।
2. बौद्ध विहार तथा मंदिरों में सुन्दर चित्रकारियों की गई। देवगढ़ (साँची) का मंदिर और सारनाथ का बौद्ध -विहार गुप्तकाल में ही बनाया गया है।
प्रश्न 4.
प्राचीनकाल के राजा प्रशस्तियाँ क्यों लिखवाने होंगे? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्रशस्ति लिखवाने का कारण:
1. उस काल में सूचना और प्रौद्योगिकी विकसित नहीं थी। अत: राजकीय आदेशों, अध्यादेशों, आज्ञाओं, घोषणाओं को संबंधित राजा का परिचय देते हुए लिखा जाता था।
2. आनुवांशिक पद होने से राजा अपनी वंशावली से भावी पीढ़ी को परिचित कराने के लिए प्रमाणस्थल ऐसा किया करते थे।
3. चूँकि कवि, विद्वान एवं कलाकारों को इस काल के राजाओं ने विशेष संरक्षण दिया था। अतः हो सकता है कि राजा का गुणगान करने के लिए उन्हें प्रशस्ति लिखने का स्वयं विचार आया हो।
4. आम-प्रजा और पड़ोसी राजाओं पर प्रभाव जमाने के लिए भी ऐसा किया गया होगा।
5. हो सकता है कि उस काल में राज वैभव और प्रभाव का प्रचार-प्रसार करने की यही प्रथा हो।
प्रश्न 5.
गुप्तकाल में व्यापार की उन्नति के क्या कारण रहे होंगे?
उत्तर:
जैसा कि हम जानते हैं कि व्यापार करने के लिए साम्राज्य में शांति-व्यवस्था, बड़ी बाजार, राजकीय प्रोत्साहन और परिवहन के उन्नत साधनों का रहना आवश्यक होता है। गुप्त वंश के शासकों ने इन सभी बातों का ध्यान दिया था। समुद्रगुप्त ने अपना राजय लगभग समूचे भारत में फैला दिया था। वहीं उसके करद राजा थे तो कहीं मित्र राज्य थे। आर्यावर्त के सभी 9 राज्यों को जीत कर साम्राज्य में मिला लिया गया था। भृगुकच्छ, ताम्रलिपि जैसे बंदरगाह उसके अधीन थे।
अपने जीते हुए राज्यों को उसने चार तरीकों से व्यवस्थित किया था। सर्वत्र सुख-शांति थी। गुप्त शासकों ने सड़कें बनवाई, उनके किनारें छायादार वृक्ष लगवाए और विभिन्न सरायों का निर्माण करवाया। विदेशों से आने वाले व्यापारियों को पूरी, सुरक्षा और सुविधाएँ दी जाती थीं। भारत के पश्चिमी और पूर्वी दोनों तटों से व्यापार मार्ग थे। रेशम-मार्ग भी पूर्णतः खोल दिया गया था। इन कारणों से ही गुप्तकाल में व्यापार की अभूतपूर्व उन्नति हुई होगी।
प्रश्न 6.
ह्वेनसांग ने तत्कालीन प्रशासन, शिक्षा, सामाजिक दशा और धार्मिक मान्यताओं के बारे में क्या लिखा हैं?
उत्तर:
स्वेनसांग चीनी तीर्थयात्री था। वह भारत में पन्द्रह वर्ष रहा। उसने लिखा है कि शायद सभी कार्यों के लिए अंतिम रूप से जिम्मेदार था। दण्ड-व्यवस्था अत्यधिक कठोर थी। किसानों से उत्पादन का 1/6वाँ हिस्सा लगान के रूप में लिया जाता था। अन्य कर बहुत कम थे। चिकित्सा आदि की समुचित व्यवस्था थी। देश में शांति-व्यवस्था थी। व्यापार उन्नति पर था एवं प्रजा सुखी और संपन्न थी। शिक्षा निःशुल्क थी क्योंकि लगान की एक निश्चित राशि शिक्षालयों को दान दी जाती थी।
लोग शिक्षित थे और सत्कर्म की ओर ध्यान देते थे। जाति-भावना उग्र रूप में थी, सती प्रथा प्रचलित थी। हिन्दू धर्म का अग्रणी विकास हो रहा था। हिन्दू, बौद्ध और जैन तीन धर्म प्रचलन में थे। चीन तथा ईरान आदि लोगों के साथ व्यापार होता था। लोगों का प्रमुख धंधा कृषि कार्य था। पशुपालन, शिल्पकार्य, लेखन और व्यापार अन्य काम-धन्धे एवं व्यवसाय थे।
प्रश्न 7.
“सेना में सामन्त पद्धति अपनाना गुप्त वंश के शासकों हेतु खतरनाक सिद्ध हुआ।” इस कथन का औचित्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
शासन की इस महाराजाधिराज व्यवस्था में प्रत्यक्ष और परोक्ष शासन सम्मिलित हो गया था। साम्राज्य विस्तार अत्यधिक होने के कारण गुप्त शासकों को विशाल सेनाएँ रखनी पड़ती थी। उन्होंने शक्तियों के विकेन्द्रीकरण की नीति, सैन्य व्यवस्था में भी अपनाई। इसके अनुसार सेनानायकों को बहुत बड़ा सूबा या प्रांत अनुदान में दे दिया जाता था। इस सूबे से सेनानायक भूमि, राजस्व वसूल करते थे और राज्य के आदेश अनुसार सेना की व्यवस्था तथा अस्त्र-शस्त्र की आपूर्ति स्वयं ही करते थे। कुछ काल तक सब कुछ ठीक चलता था लेकिन धीरे-धीरे ये सामन्त (सेनानायक) अपने को स्वतंत्र घोषित करने लगे तथा इन्होंने सैन्य विद्रोह करना आरंभ किया। आगे चलकर यह सामंती व्यवस्था गुप्त वंश के पतन का कारण बनी।
प्रश्न 8.
स्थानीय सभाएं कौन-कौन सी थीं? और उनके क्या कार्य थे?
उत्तर:
स्थानीय सभाएँ-ब्राह्माणों की समिति, इस सभा की उप-समितियाँ, उरू (ब्राह्माणों से भिन्न वर्ण) अर्थात् ग्राम समिति तथा व्यापारियों का संघ नगरम थी। संक्षेप में- (i) समिति, (ii) उपसमितियाँ, (10 उरू (ग्रामीण समिति), (iv) नगरम (व्यापारियों की समिति/संघ)। समिति ने सिंचाई, कृषि-कार्यों, सड़कों के निर्माण और स्थानीय मंदिर निर्माण करने के लिए अनेक-अनेक उप-समितियाँ बनाई थी। अब्राह्मणों सकायों से बनी उस गाँव की व्यवस्था देखती थी और नगरम को व्यापार प्रबंध देखना होता था।
नए साम्राज्य और राज्य Class 6 HBSE Notes in Hindi
1. अरविन्द का आश्चर्य क्यों हुआ?: पूर्व-कल्पना के विपरीत वीणा वादक राजा का अभिनय करने में।
2. प्रशस्ति क्या है?: राजाओं की प्रशंसा में शिला स्तंभों पर उत्कीर्ण की गई संस्कृत कविता।
3. समुद्रगुप्त की प्रशस्ति किसने लिखी थी?: हरिषेण कवि ने।
4. समुद्रगुप्त के पिता का नाम क्या था?: चन्द्रगुप्त (प्रथम)।
5. भिन्न-भिन्न किस्म के राजाओं के नाम क्या थे?: आर्यावर्त के राजा, दक्षिणापथ के राजा, पड़ोसी राजा और दूरस्थ राजा।
6. गुप्त शासन काल के महत्त्वपूर्ण नगर कौन थे?: प्रयाग (इलाहाबाद), पाटलिपुत्र (पटना) तथा उज्जैन।
7. चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के बारे में किन चीजों से जानकारी मिलते हैं?: उस काल के शिलालेखों और सिक्कों से, कालिदास और आर्यभट्ट की कृतियों से।
8. “हर्ष चरित” किसने लिखा?: हरिषेण नामक कवि ने।
9. हर्ष का साम्राज्य विस्तार बताइए?: उत्तर में पंजाब, पश्चिम में सौराष्ट्र (गुजरात), पूर्व में पश्चिम बंगाल, असम तथा दक्षिण में मध्य प्रदेश।
10. दक्षिण भारत में राजवंश कौन थे?: पल्लव और चालुक्य राजवंश।
11. पल्लवों की राजधानी कहाँ थी?: कांचीपुरम (कोची), तमिलनाडु।
12. चालुक्यों की राजधानी कहाँ थी?: एहोल (कर्नाटक) में।
13. कृष्ण, कावेरी और तुंगभद्रा नदियाँ किस शासन की सीमाएँ थीं? चालुक्य वंश के शासकों की।
14. रविर्कीति कौन था?: चालुक्य शासक पुलकेशिन (द्वितीय) की प्रशस्ति रचना करने वाला कवि।
15. “पुलकेशिन ने जब हर्षवर्धन को पराजित किया तो वह हर्ष नहीं रह गया।” किसने लिखा है?: रविकीर्ति ने।
16. चालुक्य प्रशासन की विशेषता क्या थी?: इसमें आर्थिक, सामाजिक या राजनैतिक और सैन्य शक्ति वाले जनसमूह, संगठन आदि को विशेषाधिकार दिए गए थे।
17. चालुक्य प्रशासन का पतन क्यों हुआ?: विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग द्वारा शक्तियों का दुरूपयोग किए जाने एवं स्वयं को स्वतंत्र घोषित करने के कारण।
18. “उर” क्या था? उन क्षेत्रों में स्थापित एक “सभा” जहाँ जमींदार ब्राह्माण नहीं थे।
19. सभा क्या थी?: ब्राह्माण जमींदारों की सभा/संगठन/ समिति।
20. नगरम क्या था?: व्यापारियों का एक संघ या संगठन।।
21. शकन्तुला की अंगूठी को राजा तक पहुँचने वाले मछुआरे को सुरक्षा व्यवस्था (चौकीदार) और पुलिस विभाग (जाँच अधिकारी) का दुर्व्यवहार क्यों झेलना पड़ा?: पद का दुरुपयोग करके अनुचित लाभ पाने की सेवक तंत्र (Bureaucracy) की शाश्वत चेष्टा के कारण।
22. क्या आज की अगूंठी की रिपोर्ट पुलिस में देने पर मछुवारे के साथ वैसा ही दुर्व्यवहार होता?: उससे भी अधिक क्योंकि भौतिक आवश्यकताएँ और सुख-साधन पहले से अधिक बढ़ गए हैं।
23. बाणभट्ट क्यों कहता है कि समूचा संसार धूल में ढक गया?: शासक की विशाल सेना के कूच करने की प्रशंसा करता है।
24. अरबवासियों का विश्व इतिहास में क्या महत्त्व है?: यूरोप और भारत के बीच समुद्र मार्ग खोजने वाले थे।
25. इस्लाम धर्म का सार क्या हैं?: मानवीय गुणों में ओत-प्रोत मनुष्य को क्षमा करने तथा जीवन में महान उपलब्धियाँ देने के लिए अल्लाह (ईश्वर, परमात्मा) हर समय तत्पर हैं।