Haryana State Board HBSE 6th Class Social Science Solutions Civics Chapter 6 गाँव का प्रशासन Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 6th Class Social Science Solutions Civics Chapter 6 गाँव का प्रशासन
HBSE 6th Class Civics गाँव का प्रशासन Textbook Questions and Answers
गाँव का प्रशासन प्रश्न उत्तर HBSE 6th Class Social Science प्रश्न 1.
पुलिस का क्या काम होता है?
उत्तर:
- अपने अधिकारिता क्षेत्र (Jurisdiction) में कानून और व्यवस्था बनाए रखना अर्थात् व्यष्टि, परिवार और समुदाय इकाइयों के मनोविकार से उत्पन्न हिंसात्मक घटनाओं को रोकना।
- क्षेत्र को अपराध तथा अपराधियों से मुक्त करना।
- लोगों के बीच झगड़ों को हल करना।
गाँव का प्रशासन class 6 HBSE Social Science प्रश्न 2.
पटवारी के कोई दो काम बताइए।
उत्तर:
- भूमि को मापना तथा उसका अभिलेख रखना
- गाँव से राजस्व (लगान/कृषि कर) की वसूली करना।
गाँव का प्रशासन प्रश्न उत्तर कक्षा 6 HBSE Social Science प्रश्न 3.
तहसीलदार का क्या काम होता है?
उत्तर:
एक जिले को कई तहसीलों में बाँटा गया है। तहसीलदार एक तहसील (जनसंख्या के आधार पर एक या दो विकास समितियों का क्षेत्र) का राजस्व अधिकारी है। उसका कार्य पटवारी/कानूनगो के कार्य का निरीक्षण, पुनरीक्षण करना है। भूमि अभिलेख को तहसील में सामाजिक परिवर्तनों सहित अद्यतन रखवाना और राजस्व (लगान) का संग्रह सुनिश्चित कराना ही उसके प्रमुख कार्य हैं।
गाँव का प्रशासन HBSE 6th Class Social Science प्रश्न 4.
‘एक बिटिया की चाह’ कविता में किस मुद्दे को उठाने की कोशिश की गई है? क्या आपको यह मुद्दा महत्त्वपूर्ण लगता है? क्यों?
उत्तर:
इसमें दहेज के स्थान पर बालिका एवं महिला द्वारा अपने पिता और पति की भूमि तथा अन्य स्थावर संपत्ति का दावा किया गया है। इस कविता में पाश्चात्य संस्कृति के अंधानुकरण से उत्पन्न लिंग-भेद के कारण महिलाओं को होने वाली पीड़ा/मनोव्यथा को व्यक्त किया गया है।
वात्सल्य, प्रेम, स्नेह तथा त्याग जैसी भाववाचक संज्ञाओं (गुणों) का स्वस्थ मनोवृत्ति और वाणी से लोप हो जाने के कारण ही आधुनिक समाज में महिलाओं की पीड़ाएँ बढ़ गई हैं। महिला सशक्तीकरण की दिशा में यह एक स्तुत्य प्रयास है जो सामाजिक घटनाओं, जन-इच्छाओं तथा प्रतिनिधियों द्वारा संसद में विचारित होकर अब हिन्दू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2005 नामक कानून के रूप में प्रभाव प्राप्त है। इसके प्रभाव से अब पीड़ित महिलाएं अपने पति और पिता दोनों से अपना विरासती अधिकार प्राप्त कर पाएँगी और पंचायती राज स्वशासन रुग्ण रहने की दशा में न्यायालय में भी दावा कर सकेंगी।
गाँव का प्रशासन प्रश्न उत्तर HBSE 6th Class Social Science प्रश्न 5.
पिछले पाठ में आपने पंचायत के बारे में पढ़ा। पंचायत और पटवारी का काम एक-दूसरे से कैसे जुड़ा हुआ है?
उत्तर:
(i) ग्राम पंचायत द्वारा की गई कई कार्यवाहियों और विकास कार्यों के अनुसार पटवारी अपने भूमि-अभिलेख में उचित परिवर्तन करता रहता है।
(ii) ग्राम पंचायतें भूमि के लगानाकर की वसूली से प्राप्त राशि पटवारी को सौंपती हैं और इस तरह तहसीलदार से होते हुए यह रकम जिलाधीश/कलक्टर के पास पहुँचती है तथा जिला-कोषागार में जमा हो जाती है।
(iii) यदि किन्हीं दो किसानों का भूमि से संबंधित विवाद होता है तो सबसे पहले ग्राम पंचायत इसका समाधान कर देती है परंतु यदि आय के मामले में किसी तरह का संदेह उत्पन्न होता है तो पटवारी को बुलाया जाता है और वह प्राधिकृत स्थिति को सुस्पष्ट कर देता है जिनको मानना दोनों पक्षकारों के लिए जरूरी हो जाता है।
प्रश्न 6.
किसी पुलिस थाने जाइए और पता कीजिए कि यातायात नियंत्रण, अपराध रोकने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस क्या करती है, खासकर त्योहार या सार्वजनिक समारोहों के दौरान।
उत्तर:
कानून और व्यवस्था कायम रखने में पुलिस के कार्य :
- त्योहारों, मेले आदि की पंचायत से सूचना मिलने पर अथवा सामाजिक परंपरा अनुसार थानाध्यक्ष पहले ही दिन अनुमानित भीड़ के अनुसार पुलिस-दलों को निरीक्षण का कार्य सौंपता है।
- थाने से इस हेतु प्रतिनियुक्त पुलिस अधिकारी उपस्थित जन-समुदाय पर गहरी नजर रखते हैं।
- कभी-कभी संवेदनशील इलाकों में पुलिस टीम सादे वस्त्रों में भी घूमती है और अप्रत्यक्ष रूप से होने वाले अपराधों पर रोक लगाती है।
- भीड़ पर नियंत्रण लगाने और भगदड़ की स्थिति रोकने के लिए स्थान-स्थान पर निरीक्षण-चौकी और जाँच-अवरोध लगाए जाते हैं।
- एक निश्चित स्थान से आगे हथियार या अस्त्र-शस्त्र ले जाने पर रोक लगा दी जाती है। यदि कोई व्यक्ति इन्हें लेकर आता है वो इस स्थान पर जमा करवा दिया जाता है।
प्रश्न 7.
एक जिले में सभी पुलिस थानों का मखिया कौन होता है? पता करें।
उत्तर:
एक जिले के सभी पुलिस थानों का मुखिया वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक होता है। छोटा जिला होने की दशा में इसका मुखिया जिला पुलिस अधीक्षक ही रहता है।
प्रश्न 8.
चर्चा कीजिए कि नए कानून के तहत महिलाओं को किस तरह फायदा होगा।
उत्तर:
नई विधि : हिन्दू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम, . 2005 है। – महिलाओं को इससे यह राहत मिलेगी कि पति या पिता घर से किसी तरह का कष्ट मिलने पर वे न्यायालय में अपने अधिकारों का दावा कर सकेंगी। उन्हें दोनों घरों में स्थावर संपत्ति का समान हिस्सा पाने का कानूनी अधिकार दिया गया है।
प्रश्न 9.
आपके पड़ोस में क्या कोई ऐसी औरत है जिसके नाम ज़मीन-जायदाद हो? यदि हाँ, तो उसे यह संपत्ति कैसे प्राप्त हुई?
उत्तर:
हाँ, हमारे पड़ोस में दो महिलाएं ऐसी हैं। घरों में विवाद की स्थिति उत्पन्न होने के बाद ही उन्होंने गाँव के पटवारी की सहायता से पिता की संपत्ति में अपने भाई-बहनों के बराबर हिस्सा पाया।
HBSE 6th Class Civics गाँव का प्रशासन Important Questions and Answers
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
यदि आपके घर में चोरी हो जाए तो आप अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए कौन से पुलिस थाने में जाएंगे?
उत्तर:
इसके लिए सबसे पहले यह पता लगाना आवश्यक होगा कि हमारा गाँव कौन से थाने की अधिकारिता के अंतर्गत है। उसी थाने में प्राथमिकी सूचना दर्ज कराई जाएगी।
प्रश्न 2.
मोहन और रघु के बीच कौन सा विवाद उठ खड़ा हुआ था?
उत्तर:
खेतों के सीमाकन-चिह्न (बंध मेंड) को इधर-उधर सरका कर भूमि हथियाने से संबंधित विवाद।
प्रश्न 3.
मोहन को रघु के साथ झगड़ा होने की आशंका क्यों थी?
उत्तर:
मोहन के मन में यह आशंका थी कि रघु को अपने चाचा पर घमंड होगा क्योंकि उसके चाचा गाँव के सरपंच हैं। दूसरा रघु के पास उसकी तुलना में अधिक भूमि भी थी। यह अज्ञानजनित भय था क्योंकि कानून की दृष्टि में सभी लोग (धनवान हों या निर्ध) एक समान हैं। इतना अवश्य है कि इस डर से चुप्पी साध लेने की दशा में अपराध की प्रवृत्ति को और अधिक बढ़ावा मिलता है।
प्रश्न 4.
कुछ लोग मोहन को इस घटना की शिकायत थाने में दर्ज कराने की सलाह देते हैं जबकि कुछ अन्य चुपचाप रहने को कहते हैं। बताइए कि उन्होंने क्या तर्क दिए होंगे?
उत्तर:
थाने में शिकायत की सलाह देने वाले लोग कानूनी-साक्षर हैं और जानते हैं कि मार-पीट की घटना की शिकायत पुलिस थाने में ही कराई जानी चाहिए। दूसरे लोग रघु से डर रहे हैं क्योंकि उनका यह मानना है कि अधिक भूमि होने तथा चाचा के ग्राम-पंचायत का सरपंच होने के कारण उसका थाने में भी दवदवा है और वह ऐसी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं होने देगा। ऐसा सोचना लोगों की कायरता और अज्ञान के कारण है।
प्रश्न 5.
मोहन और रघु का विवाद शांतिपूर्वक कैसे निपटाया जा सकता था?
उत्तर:
दोनों ने ग्राम पंचायत के सरपंच के पास जाना था और वहाँ से भूमि अभिलेख की प्रति लेकर पंचों के सामने पटवारी से अपने-अपने हिस्से की माप फिर से करानी थी। ऐसा करने से संदेह भी दूर हो जाता और आगे से इस संबंध में विवाद होने की आशंका भी नहीं रहती।
प्रश्न 6.
प्राथमिकी या घटना की प्रथम सूचना क्या है?
उत्तर:
मूल अधिकारों का हनन होने की दशा में पीड़ित पक्षकार संपूर्ण विवरण सहित विवाद के कारण और परिणाम तथा इच्छित न्याय/दावे का उल्लेख करता है। घटना का यही विवरण प्राथमिकी है।
प्रश्न 7.
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद थानेदार क्या करता है?
उत्तर:
मामले के अनुसार तुरन्त या फिर अगले दिन किसी हवलदार को मामले का अन्वेषण अधिकारी बनाया जाता है और जाँच करने के लिए भेजा जाता है। धमकी आदि रहने की दशा में आरोपी को 24 घंटे की समयावधि तक निरुद्ध (थाने में बंद) भी किया जा सकता है। प्राथमिकी को अन्त में न्यायालय को सौंपा जाता है।
प्रश्न 8.
मोहन और रधु का विवाद क्या था?
उत्तर:
भूमि की सीमा में परिवर्तन किया गया है या फिर कोरी आशंका है।
प्रश्न 9.
पटवारी भूमि की माप कैसे करता है?
उत्तर:
भूमि के अभिलेखों का अध्ययन करके उसमें अंकित खेतों की लंबाई-चौड़ाई को पुन: मापता है और प्रमाणिक स्थिति को सुस्पष्ट कर देता है। इसके लिए संबंधित ग्रामीण ने कुछ फीस जमा करनी होती है। यह माप एक लंबी जंजीर या जरीब से की जाती है। पैमाने एअर, डेकाएयर तथा हेक्टेयर में होते हैं।
प्रश्न 10.
आपके राज्य में पटवारी को क्या कहा जाता है? क्या उसके अन्य पव-नाम भी होते हैं?
उत्तर:
हमारे राज्य में उसको पटवारी ही कहा जाता है। उसके अन्य नाम हैं-लेखपाल, कानूनगो, कर्मचारी और ग्राम अधिकारी।
प्रश्न 11.
पुलिस थाने का मुखिया कौन है?
उत्तर:
थानेदार या थानाध्यक्षा।
प्रश्न 12.
पटवारी कौन है?
उत्तर:
ग्राम स्तर पर भू-राजस्व अधिकारी। वह ग्रामीण भूमि का अभिलेख रखता है।
प्रश्न 13.
पटवारी का क्या कार्य है?
उत्तर:
गाँव की भूमि का अभिलेख रखना और भू-राजस्व का संग्रह करना।
प्रश्न 14.
थाना किसे कहते हैं? थाने की पंचायती राज – में क्या भूमिका है?
उत्तर:
कई गाँवों और कहीं-कहीं जनसंख्या के अनुसार पंचायत समिति या क्षेत्र विकास समिति में पुलिस की व्यवस्था रहती है। पुलिस विभाग का यह कार्यालय ही थाना है। इसमें प्रधान सिपाही (हवलदार), सहायक निरीक्षक, उप-निरीक्षक और निरीक्षक (थानेदार) जैसे अधिकारी और पुलिसकर्मी होते हैं। इनका कार्य अपने क्षेत्र में कानून और व्यवस्था कायम रखने का है।
प्रश्न 15.
गवाह या साक्षी किन्हें कहते हैं?
उत्तर:
घटना के घटित होते समय उपस्थित लोग घटना के गवाह (प्रत्यक्ष दृष्टा) कहलाते है।
प्रश्न 16.
साक्षियों की आवश्यकता कब पड़ती है?
उत्तर:
न्यायालय में या फिर किसी न्यायिक मंच पर उस दशा में जब संबंधित अधिकारी कार्यवाही न कर रहा हो अथवा पीड़ित पक्षकार द्वारा कही गई बात पर विश्वास न कर रहा हो। यह भी हो सकता है कि वह बहाना कर रहा हो। मामले की पुष्टि के लिए साक्षी का कथन आवश्यक होता है।
प्रश्न 17.
इस अध्याय में थाने का अधिकारी प्राथमिकी दर्ज कराने में रुचि क्यों नहीं लेता है?
उत्तर:
इसके कई कारण हो सकते हैं:
- दूसरे पक्षकार के थानेदार के साथ विधि विरूद्ध-संबंधों का रहना
- दूसरे पक्षकार का धनवान या ऊँची सामाजिक प्रास्थिति वाला होना
- थाने में अपराधों की संख्या का अभिलेख वास्तविक से कम रखकर अपनी प्रोन्नति निश्चित करने की प्रवृत्ति
- रिपोर्ट लिखवाने वाले पीड़ित पक्षकार के भौरु या डरपोक स्वभाव होने की जानकारी रहना।
प्रश्न 18.
क्या इस अध्याय में वर्णित थानेदार का व्यवहार कई मामलों में ऐसा ही रहता है?
उत्तर:
हाँ। कुछ कर्तव्यनिष्ठ थानेदारों के अलावा अन्य सभी की कार्य-प्रणाली ऐसी ही रहती है क्योंकि अपराधियों की ओर से उन्हें चढ़ावे में ऊँची रकम दी जाती है। उदाहरणार्थ-जेसिका लाल का मामला।
प्रश्न 19.
यदि पुलिस कार्यनिष्ठ रहे तो क्या अपराध बढ़ सकते हैं?
उत्तर:
कदापि नहीं, क्योंकि थाना, चौकी, हलका (बीट) आदि पर्याप्त संख्या में रहते हैं और पुलिसकर्मियों को बहुधा संभावित अपराध का संकेत पहले ही मिल जाता है या फिर अपराधी तत्त्व उनसे मिलकर ही ऐसी योजना को अंजाम देते हैं। इसमें मूलतः पुलिसकर्मी नहीं बल्कि जनता ही दोषी होती है।
प्रश्न 20.
पुलिस प्रशासन में सुधार कब आ सकता है?
उत्तर:
जब नियम और कानूनों की देश की जनता को पूरी जानकारी रहे और वे संतुलित मस्तिष्क तथा सर्वहित की भावना से काम करें। अपराध रोकने का मूल उपाय है-व्यष्टि स्तर पर मानवीय मूल्यों को ध्यान में रखकर कार्य करने की प्रवृत्ति का आना।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
पटवारी के पास विद्यमान भूमि का अभिलेख क्या कहलाता है? इसमें भू-स्वामियों की भूमि का पता कैसे लगाया जाता है?
उत्तर:
पटवारी के पास भूमि का अभिलेख “खसरा” के रूप में रहता है। इनमें खसरा संख्याएँ अंकित रहती हैं। भूमि का क्रय, भूमि का क्षेत्रफल, स्वामी का नाम (पिता/पति), किराए पर दी | जाने के दशा में संबंधित किसान का नाम और किराए/लगान की निश्चित रकम, वर्ष में उगाई गई फसलों का नाम, क्षेत्र (जितनी भूमि में उगाई गई), दूसरी फसल का विवरण, खाली पड़ी हुई भूमि (परती भूमि) तथा कुएँ, बावड़ी, चरागाह आदि सार्वजनिक संपत्ति
का विवरण रहता है। प्रत्येक खसरे के सामने के पृष्ठ पर एक मानचित्र दिया रहता है। इसमें खेतों की बनावट, उगे हुए वृक्ष, चरागाह, कच्ची सड़क, पक्की सड़क आदि सभी को उपयुक्त चिह्नों से दर्शाकर कल्पित माप (1 इंच – 100 फीट) का संदर्भ दे दिया जाता है। उक्त मानचित्र और विवरण की सहायता से पटवारी को भू-स्वामी के स्वामित्व वाली भूमि का सही पता चल जाता है। कुछ फीस देकर इस खसरे की नकल भी प्राप्त की जा सकती है।
प्रश्न 2.
कानून तथा व्यवस्था को कायम रखने और गाँवों की भूमि के अभिलेखों को तैयार करने तथा राजस्व वसूल करने की पंचायती राज की प्रशासन व्यवस्था का निरूपण एक तालिका से कीजिए:
प्रश्न 3.
पंचायत सचिव कौन है?
उत्तर:
जिलाधीश या जिला कलक्टर द्वारा नियुक्त किया गया अधिकारी। यह वैतनिक पद है तथा पंचायत सचिव का कार्य पंचायत की कार्यवाहियों का अभिलेख रखना है। वह स्थाई सेवा वाला कर्मचारी है।
प्रश्न 4.
यदि आप ग्रामवासी हो तो यह पता लगाओ कि आपके क्षेत्र का पटवारी कितने गाँवों का अभिलेख रखता है?
उत्तर:
दो या दो से अधिक गाँवों का फिर एक विकास-क्षेत्र का एक पटवारी होता है। गाँव की आबादी के आधार पर पटवारी के कार्य क्षेत्र (गाँवों) का विस्तार रहता है। पटवारी बहुधा गाँव में बने पंचायत घर में अपना कार्यालय रखता है। वह भूमि और राजस्व के सभी अभिलेखों को रखता है। किसी क्षेत्र में उसको पुलिस प्राधिकार भी दिया जाता है अर्थात् वह विवादों का निपटारा भी करता है।
प्रश्न 5.
किसानों को अपनी भूमि के अभिलेख की नकल कौन-कौन सी दशाओं में लेनी पड़ती है?
उत्तर:
भूमि के अभिलेख की प्रति लेने की आवश्यक दशाएँ :
- जब किसान अपनी भूमि को बेचना चाहे।
- जब अपनी भूमि में कुआँ खोदने या कुल्या बनाने के लिए उसको बैंकों से ऋण लेने की आवश्यकता होती है। कभी-कभी साहूकार भी इसको अपने पास बंधक रखकर ऋण देते हैं।
- जब किसान को अपनी संपत्ति का बँटवारा अपने पुत्र तथा पुत्रियों में करना होता है।
प्रश्न 6.
नया कानून अर्थात् हिन्दू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2005 क्या है?
उत्तर:
महिलाओं का अपने पिता और पति दोनों पक्षकारों की भूमि पर हक प्राधिकृत करने वाला कानून है। उन्हें पुत्रों की तरह ही ऐसी संपत्ति को बेचने का अधिकार भी दिया गया है।
प्रश्न 7.
भिन्न-भिन्न राज्यों में पटवारी के भिन्न-भिन्न नाम कौन से हैं?
उत्तर:
ग्राम स्तर का राजस्व अधिकारी या पटवारी भारत के राज्यों में अलग-अलग पदनामों से जाना जाता है। कहीं उसको लेखपाल कहा जाता है, कहीं कानूनगो, कहीं ग्राम अधिकारी और कुछ अन्य राज्यों में कर्मचारी कहा जाता है। पंजाब, हरियाणा और उत्तर भारत के लगभग सभी राज्यों में उसको पटवारी ही कहा जाता है।
गाँव का प्रशासन Class 6 HBSE Notes in Hindi
1. दो लोगों के भूमि वितरण में मेंड़ का क्या उपयोग है? यह ग्रामीण प्रशासन में कृषि-भूमि पर स्वामित्व के क्षेत्र का सीमांकन
2. गाँवों में लोगों की भूमि दूर-दूर और छोटे-छोटे टुकड़ों में क्यों बँटी होती है? छोटी-छोटी कृषि जोतें (Land Holdings) होने के कारण।
3. गाँवों की कृषि जोतें छोटी क्यों होती हैं? सीमित भूमि होने और जनसंख्या वृद्धि के कारण।
4. गाँवों में अधिकतर झगड़े क्यों होते हैं? सीमांकन प्रतीक बंध को इधर-उधर सरकाने, पेड़ों पर कब्जा जमाने जैसे विवाद्यको (issues) को उत्पन्न होने के कारण।
5. भूमि संबंधी विवाद होने पर क्या करना चाहिए? पटवारी या ग्राम पंचायत में उपलब्ध “खसरा” की प्रति लेकर किसी समुचित प्राधिकारी (पटवारी/सरपंच) को वास्तविक स्थिति बताना।
6. मारपीट और वाक युद्ध (कलह) का क्या कारण है? स्वयं को सामाजिक निर्णयों से ऊपर समझने का किसी पद, स्तर, प्रास्थिति या अवस्था के कारण उत्पन्न दंभ या अज्ञान।
7. क्या मारपीट के मनोवैज्ञानिक कारण भी होते हैं? हाँ। पूर्वाग्रह, कुंठाएँ, आत्मग्लानि और जीवन के प्रति निराशा के भाव।
8. विवाद के हेतुक मन में कब उत्पन्न होते हैं? घटना के घटित होने से बहुत समय पहले। किसी अनुचित बात का किसी व्यक्ति द्वारा समर्थन कर दिए जाने से ऐसी दुद्धि या अज्ञान की पाठशाला खल जाती है। आत्म-निरीक्षण/विश्लेषण ही पर रोक लगाता है।
9. इस अध्याय में कुछ लोगों द्वारा यह कहा जाना-“रघु ने अभी तक पुलिस थाने से भी संपर्क कर लिया होगा” क्या दर्शाता है? समाज में व्याप्त अज्ञानता जनित भय और “चेरी छोड़ होयें जिन रानी” की आपराधिक-मन:स्थिति को खाद देने वाली जन-प्रवृत्ति।
10. रघु के पिता का सरपंच होना, मोहन के मन में भय क्यों उत्पन्न करता है? स्वशासन के मुखियाओं का चुनाव भी अवसरवादिता और अज्ञान से क्षीण एवं बीमार जन-मन द्वारा किया जाना।
11. आयरलैण्ड के संविधान से उधत “राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत” क्या है? विकार पीडित जन-मन के स्वास्थ्य लाभ पश्चात् दिखाई देने वाली स्वच्छ प्रशासन की एक आदर्श झलक।
12. “जन-गण-मन अधिनायक” से क्या तात्पर्य है? प्रति इकाई (नागरिक) अथवा जन (जनता) के मन का संयम या प्रशासन।
13. जनतंत्र में जन-गण-मन की क्या प्रासंगिकता है? स्वस्थ या बीमार प्रशासन और स्वशासन की स्थिति का चित्र छिपा है।
14. “खसरा’ क्या है? शेरशाह सूरी के शासन काल से ‘कृषि-अभिलेख’ के लिए प्रयुक्त शब्द। इसमें खेत, घर, कुआँ, बावड़ी, वृक्ष आदि का संपूर्ण विवरण रहता है।
15. हिन्दू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2005 क्या दर्शाता है? जन-गण-मन की सामूहिक बीमार अवस्था (संयुक्त परिवार का विघटन) के लिए किया जाने वाला प्रशासनिक उपचार।
16. अति-आधुनिक जन-गण-मन की तुलना किस काल से की जा सकती है? प्राचीन इतिहास के मौर्यकाल (आज से 2300 वर्ष पहले) के साथ। संदर्भ : गुप्तचर विभाग के माध्यम से प्रशासन-आधुनिक-दूरभाष टेप करना और इलेक्ट्रानिक युक्ति के बहुत से दुरुपयोग।
17. पटवारी कौन है? कुछ गाँवों का राजस्व अधिकारी।
18. तहसीलदार क्या है? क्षेत्रीय अधिकारिता के आधार पर आटित जिले के एक खंड का प्रशासनिक अधिकारी।