Haryana State Board HBSE 6th Class Maths Solutions Chapter 2 पूर्ण संख्याएँ InText Questions and Answers.
Haryana Board 6th Class Maths Solutions Chapter 2 पूर्ण संख्याएँ InText Questions
पृष्ठ सं. 29 से (प्रयास कीजिए)
प्रश्न 1.
19, 1997, 12000, 49, 100000, 2440701, 100199 और 208090 के पूर्ववती और परवती लिखिए।
हल:
- 19 का पूर्ववर्ती = 19 – 1 = 18
- 1997 का पूर्ववर्ती = 1997 – 1 = 1996
- 12000 का पूर्ववर्ती = 12000 – 1 = 11999
- 49 का पूर्ववर्ती = 49 – 1 = 48
- 100000 का पूर्ववती = 100000 – 1 = 99999
- 2440701 का पूर्ववर्ती = 2440701 – 1 = 2440700
- 100199 का पूर्ववर्ती = 100199 – 1 = 100198
- और 208090 का पूर्ववर्ती = 208090 – 1 = 208089.
- अब, 19 का परवर्ती = 19 + 1 = 20
- 1997 का परवर्ती = 1997 + 1 = 1998
- 12000 का परवर्ती = 12000 + 1 = 12001
- 49 का परवर्ती = 49 + 1 = 50
- 100000 का परवर्ती = 100000 + 1 = 100001
- 2440701 का परवर्ती = 2440701 + 1 = 2440702
- 100199 का परवर्ती = 100199 + 1 = 100200
- और 208090 का परवर्ती = 208090 + 1 = 208091.
प्रश्न 2.
क्या कोई ऐसी प्राकृत संख्या है जिसका कोई पूर्ववर्ती नहीं है ?
हल :
हाँ, प्राकृत संख्या 1 का कोई पूर्ववर्ती नहीं होता है।
प्रश्न 3.
क्या कोई ऐसी प्राकृत संख्या है जिसका कोई परवती नहीं है ? क्या कोई अन्तिम प्राकृत संख्या है ?
हल :
नहीं, ऐसी कोई प्राकृत संख्या नहीं है जिसका कोई परवर्ती नहीं है। अर्थात् प्रत्येक प्राकृत संख्या का परवर्ती होता है। कोई अन्तिम प्राकृत संख्या नहीं है अर्थात् सबसे बड़ी प्राकृत संख्या अज्ञात है।
पृष्ठ सं. 30 से
प्रश्न 1.
क्या सभी प्राकृत संख्याएँ पूर्ण संख्याएँ भी
हल :
हाँ, सभी प्राकृत संख्याएँ पूर्ण संख्याएँ भी हैं।
प्रश्न 2.
क्या सभी पूर्ण संख्याएँ प्राकृत संख्याएँ भी हैं?
हल :
नहीं, क्योंकि 10 एक पूर्ण संख्या है लेकिन प्राकृत संख्या नहीं है।
प्रश्न 3.
सबसे छोटी पूर्ण संख्या कौन-सी है?
हल :
सबसे छोटी पूर्ण संख्या शून्य (0) है।
प्रश्न 4.
सबसे बड़ी पूर्ण संख्या कौन-सी है?
हल :
सबसे बड़ी पूर्ण संख्या ज्ञात करना सम्भव नहीं
पृष्ठ सं. 31 से
प्रश्न 1.
संख्या रेखा का प्रयोग करके, 4 + 5; 2 + 6; 3 + 5 और 1 + 6 को ज्ञात कीजिए।
हल :
(i) दो पूर्ण संख्याओं (4 + 5) के योग को संख्या रेखा द्वारा निम्न प्रकार ज्ञात करते हैं :
तीर के सिरे पर विन्दु 4 से प्रारम्भ करते हैं। चूँकि हमें इस संख्या में 5 जोड़ना है. इसलिए हम दाई ओर 5 कदम अर्थात् 4 से 5, 5 से 6, 6 से 7, 7 से 8 और 8 से 9 चलते हैं; पाँचवें कदम के अन्तिम तौर के सिरे पर बिन्दु 9 है।
इस प्रकार 4 + 5 = 9 है।
(ii) दो पूर्ण संख्याओं (2 + 6) के योग को संख्या रेखा द्वारा निम्न प्रकार से ज्ञात करते हैं :
तीर के सिरे पर बिन्दु 2 से प्रारम्भ करते हैं। चूँकि हमें इस संख्या में 6 जोड़ना है। इसलिए हम दाईं ओर 6 कदम अर्थात् 2 से 3,3 से 4,4 से 5,5 से 6, 6 से 7 और 7 से 8 चलते हैं। छठवें कदम के अन्तिम तीर के सिरे पर बिन्दु 8 है।
इस प्रकार 2 + 6 = 8 है।
(iii) दो पूर्ण संख्याओं (3 + 5) का योग संख्या रेखा द्वारा निम्न प्रकार से ज्ञात करते हैं :
तीर से सिरे पर बिन्दु 3 से प्रारम्भ करते हैं। चूँकि हमें इस संख्या में 5 जोड़ना है। इसलिए हम दाईं ओर पाँच कदम अर्थात् 3 से 4, 4 से 5, 5 से 6, 6 से 7 और 7 से 8 चलते हैं। पाँचवें कदम के अन्तिम तौर के सिरे पर बिन्दु 8 है।
इस प्रकार 3 + 5 = 8 है।
(iv) दो पूर्ण संख्याओं (1 + 6) के योग को संख्या रेखा द्वारा अग्न प्रकार से ज्ञात करते हैं :
तोर के सिरे पर बिन्दु । से प्रारम्भ करते हैं। चूँकि हमें इस संख्या में 6 जोड़ना है। इसलिए हम दाईं ओर 6 कदम अर्थात् 1 से 2, 2 से 3, 3 से 4, 4 से 5, 5 से 6 और 6 से 7 चलते हैं। छठवें कदम के अन्तिम सिरे पर बिन्दु 7 है।
इस प्रकार 1 + 6 = 7 है।
पृष्ठ सं. 32 से
प्रश्न 1.
संख्या रेखा का प्रयोग करके, 8 – 3; 6 – 2 और 9 – 6 ज्ञात कीजिए।
हल :
(i) दो पूर्ण संख्याओं (8 – 3) का व्यवकलन (घटाना) संख्या रेखा द्वारा निम्न प्रकार से ज्ञात करते हैं :
तीर के सिरे पर बिन्दु 8 से प्रारम्भ करते हैं। चूकि इस संख्या में से 3 घटाना है। इसलिए हम बाई ओर तीन कदम चलने पर बिन्दु 5 पर पहुँचते हैं।
इस प्रकार 8 – 3 = 5 प्राप्त होता है।
(ii) दो पूर्ण संख्याओं (6 – 2) का व्यवकलन (घटाना) संख्या रेखा द्वारा निम्न प्रकार से ज्ञात करते हैं :
तीर के सिरे पर बिन्दु 6 से प्रारम्भ करते हैं। चूँकि इस संख्या में से 2 घटाना है। इसलिए हम बाईं ओर दो कदम अर्थात् 6 से 5 और 5 से 4 चलते हैं, तो हमें बिन्दु 4 प्राप्त होता है।
इस प्रकार 6 – 2 = 4 प्राप्त होता है।
(iii) दो पूर्ण संख्याओं (9 – 6) का व्यवकलन (घटाना) संख्या रेखा द्वारा निम्न प्रकार से ज्ञात करते हैं :
तीर के सिरे पर बिन्दु 9 से प्रारम्भ करते हैं। चूंकि इस संख्या में से 6 घटाना है। इसलिए हम बाई ओर 6 कदम चलने पर बिन्दु 3 पर पहुँचते हैं। इस प्रकार 9 – 6 = 3 प्राप्त होता है।
पृष्ठ सं. 32 से
प्रश्न 1.
संख्या रेखा का प्रयोग करके 2 × 6, 3 × 3 और 4 × 2 को ज्ञात कीजिए।
हल :
संख्या रेखा पर पूर्ण संख्याओं के गुणन को निम्न प्रकार से ज्ञात कर सकते हैं:
(i) 2 × 6
संख्या रेखा पर 0 से प्रारम्भ करते हैं और दाईं ओर एक बार में 2 मात्रकों के बराबर छ: कदम चलते हैं, तो हम बिन्दु 12 पर पहुँचते हैं। इस प्रकार 2 × 6 = 12 प्राप्त होता है।
(ii) 3 × 3
संख्या रेखा पर 0 से प्रारम्भ करते हैं और दाईं ओर एक बार में 3 मात्रकों के बराबर तीन कदम चलने पर हम बिन्दु 9 पर पहुंचते हैं। इस प्रकार 3 × 3 = 9 प्राप्त होता है।
(iii) 4 × 2
संख्या रेखा पर 0 से प्रारम्भ करते हैं और दाईं ओर एक बार में 4 मात्रकों के बराबर दो कदम चलने पर बिन्दु 8 पर पहुँचते हैं। इस प्रकार 4 × 2 = 8 प्राप्त होता है।
पृष्ठ सं. 37 से (जाँच कीजिए)
प्रश्न (i)
पूर्ण संख्याओं के लिए, व्यवकलन (घटाना) क्रमविनिमेय नहीं है। इसकी जांच संख्याओं के तीन विभिन्न युग्म लेकर कीजिए।
हल :
(i) यदि a तथा b दो पूर्ण संख्याएँ हैं, तो व्यवकलन (a – b), (b – a) के बराबर नहीं होता।
हम जानते हैं कि 9 – 3 = 6 परन्तु 3 – 9 सम्भव नहीं है। 26 – 8 = 18 लेकिन 8 – 26 सम्भव नहीं है।
130 – 125 = 5 लेकिन 125 – 130 सम्भव नहीं है। इसलिए दो पूर्ण संख्याओं के लिए यदि a > b तब (a – b)
पूर्ण संख्या है लेकिन (b – a) सम्भव नहीं है। यदि b > a तब (b – a) पूर्ण संख्या है लेकिन (a – b) सम्भव नहीं है।
∴ पूर्ण संख्याओं के लिए घटाना क्रमविनिमेय नहीं है।
(ii) क्या (6 ÷ 3) वही है जो (3 ÷ 6) है?
हल:
6 ÷ 3 = 2 तथा 3 ÷ 6 = \(\frac {1}{2}\)
∴ 6 ÷ 3 ≠ 3 ÷ 6
अत: (6 ÷ 3) वह नहीं है जो (3 ÷ 6) है।
कुछ और उदाहरण लेते हैं।
(a) 21 ÷ 7 = 3 तथा 7 ÷ 21 = \(\frac {1}{3}\)
∴ 21 ÷ 7 ≠ 7 ÷ 21
(b) 35 ÷ 5 = 7 तथा 5 ÷ 35 = \(\frac {1}{7}\)
∴ 35 ÷ 5 ≠ 5 ÷ 35.
(c) 42 ÷ 6 = 7 तथा 6 ÷ 42 = \(\frac {1}{7}\)
∴ 42 ÷ 6 ≠ 6 ÷ 42.
पृष्ठ सं. 38 से (सोचिए और ज्ञात कीजिए)
प्रश्न 1.
कौन-सा गुणन सरल है और क्यों?
(a) (6 × 5) × 3 या 6 × (5 × 3)
(b) (9 × 4) × 25 या 9 × (4 × 25)
हल :
(a) (6 × 5) × 3 या 6 × (5 × 3)
(i) (6 × 5) × 3 = 30 × 3 = 90
(ii) 6 × (5 × 3) = 6 × 15 = 90
स्पष्टतः (6 × 5) × 3 गुणन सरल है। उत्तर
(b) (9 × 4) × 25 या 9 × (4 × 25)
(i) (9 × 4) × 25 = 36 × 25 = 900
(ii) 9 × (4 × 25) = 9 × 100 = 900
स्पष्टत: 9 × (4 × 25) गुणन सरल है। उत्तर
पृष्ठ सं. 39 से
प्रश्न 1.
7 + 18 + 13 और 16 + 12 + 4 को ज्ञात कीजिए।
हल :
सहचारिता (साहचर्य) और क्रमविनिमेय गुणों के आधार पर योग:
(i) 7 + 18 + 13 = (7 + 13) + 18
= 20 + 18 = 38
अथवा
= (7 + 18) + 13
= 25 + 13 = 38.
(ii) 16 + 12 + 4 = (16 + 4) + 12
= 20 + 12 = 32
अथवा
= (16 + 12) + 4
= 28 + 4 = 32. उत्तर
पृष्ठ सं. 39 से
प्रश्न 1.
ज्ञात कीजिए:
(i) 25 × 8358 × 4
(ii) 625 × 3759 × 8
हल :
(i) 25 × 8358 × 4 = (25 × 4) × 8358
(साहचर्य गुणधर्म से)
= 100 × 8358
= 835800. उत्तर
(ii) 625 × 3759 × 8 = (625 × 8) × 3759
(साहचर्य गुणधर्म से)
= 5000 × 3759
= 18795000. उत्तर
पृष्ठ सं. 39 से (सोचिए, चर्चा कीजिए और लिखिए)
प्रश्न 1.
क्या (16 ÷ 4) ÷ 2 = 16 ÷ (4 ÷ 2) है ? क्या विभाजन के लिए साहचर्य गुण लागू होता है ?
अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए। क्या (28 ÷ 14) ÷ 2 और 28 ÷ (14 ÷ 2) बराबर हैं ?
हल :
यहाँ (16 ÷ 4) ÷ 2 = (16 × \(\frac {1}{4}\)) ÷ 2
= 4 ÷ 2 = 4 × \(\frac {1}{2}\) = 2
तथा 16 ÷ (4 ÷ 2) = 16 ÷ (4 × \(\frac {1}{2}\))
= 16 ÷ 2 = 16 × \(\frac {1}{2}\) = 8
∴ (16 ÷ 4) ÷ 2 ≠ 16 ÷ (4 ÷ 2)
विभाजन के लिए साहचर्य गुण लागू नहीं होता है।
पुनः (28 ÷ 14) ÷ 2 = (28 × \(\frac {1}{4}\)) ÷ 2 = 2 ÷ 2
= 2 × \(\frac {1}{2}\) = 1
तथा 28 ÷ (14 ÷ 2) = 28 ÷ (14 × \(\frac {1}{2}\))
= 28 ÷ 7
= 28 × \(\frac {1}{7}\) = 4
∴ (28 ÷ 14) ÷ 2 ≠ 28 ÷ (14 ÷ 2)
पृष्ठ सं. 40 से
प्रश्न 1.
वितरण (या बंटन) गुण का प्रयोग करके 4 × (5 + 8); 6 × (7 + 9) और 7 × (11 + 9) को ज्ञात कीजिए।
हल :
(i) 4 × (5 + 8) = 4 × 5 + 4 × 8
= 20 + 32 = 52. उत्तर
(ii) 6 × (7 + 9) = 6 × 7 + 6 × 9
= 42 + 54 = 96. उत्तर
(iii) 7 × (11 + 9) = 7 × 11 + 7 × 9
= 77 + 63 = 140. उत्तर
पृष्ठ सं. 41 से
प्रश्न 1.
वितरण गुण का प्रयोग करते हुए, 15 × 68, 17 × 23 और 69 × 78 + 22 × 69 के मान ज्ञात कीजिए।
हल :
(i) 15 × 68 = 15 × (70 – 2)
(व्यवकलन पर गुणन का वितरण गुणधर्म से)
= 15 × 70 – 15 × 2
= 1050 – 30 = 1020. उत्तर
(ii) 17 × 23 = 17 × (20 + 3)
(योग पर गुणन का वितरण गुणधर्म से)
= 17 × 20 + 17 × 3
= 340 + 51 = 391. उत्तर
(iii) 69 × 78 + 22 × 69
= 69 × (78 + 22)
(योग पर गुणन का वितरण गुणधर्म से)
= 69 × 100 = 6900. उत्तर
पृष्ठ सं. 44 से
प्रश्न 1.
कौन-सी संख्याएँ केवल रेखा के रूप में दाई जा सकती हैं ?
हल :
2, 5, 7, 11, 13, … संख्याएँ केवल रेखा के रूप में दर्शाई जा सकती हैं। उत्तर
प्रश्न 2.
कौन-सी संख्याएँ वर्गों के रूप में दशाई जा सकती हैं?
हल :
9, 16, 25….. संख्याएँ वर्गों के रूप में दर्शाई जा सकती हैं। उत्तर
प्रश्न 3.
कौन-सी संख्याएँ आयतों के रूप में दाई जा सकती हैं ?
हल :
4, 6, 8, 9, 10, 12, ……. संख्याएँ आयतों के रूप में दर्शाई जा सकती हैं। उत्तर
प्रश्न 4.
प्रथम सात त्रिभुजाकार संख्याओं को लिखिए (अर्थात् वे संख्याएँ जिन्हें त्रिभुजों के रूप में व्यवस्थित किया जा सकता है) 3, 6, ….
हल :
प्रथम सात त्रिभुजाकार संख्याएँ निम्नलिखित हैं :
3, 6, 10, 15, 21, 27 और 35. उत्तर
प्रश्न 5.
कुछ संख्याओं को दो आयतों के रूप में दर्शाया जा सकता है। उदाहरणार्थ,
इसी प्रकार के कम-से-कम पाँच उदाहरण दीजिए।
हल :
12 के अतिरिक्त 5 संख्याएँ जिनको कि दो आयतों द्वारा दिखाया जा सकता है :
16 → 2 × 8, 4 × 4
18 → 3 × 6, 2 × 9
20 → 2 × 10, 4 × 5
24 → 3 × 8, 4 × 6
28 → 2 × 14, 4 × 7 उत्तर